11-15-2018, 12:21 PM,
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RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
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गतान्क से आगे.....................
फिर कमला उठ कर वापिस आ गयी…और मेरी बगल मे ही लेट गयी…
मुझे अब नींद नही आ रही थी…जैसे ही वासना का भूत मेरे सर से उतरा, तो मुझे अपनी ग़लती का अहसास हुआ…मे हाथ पैर डर के मारे कँपने लगे…मे ये सोच कर घबरा गया,की कहानी वो मम्मी पापा से मेरे शिकायत ना कर दे…मेरी तो फटी जा रही थी…फिर सोचा मे कमला से माफी माँग लूँ…और यहीं मामला सेट्ल कर लूँ…अगर पैसे देने से भी काम बन जाएगा..तो मे उसे पैसे भी दे दूँगा… पर अचानक मेरा ध्यान कमला की तरफ गया….
कमला का एक हाथ कंबल के अंदर उसकी चूत के ऊपेर से हिल रहा था…वो आँखें बंद किए…अपनी चूत को मसल रही थी…और अपने होंटो को अपने दाँतों से दबाए हुए थी…एक बार फिर मे सारा डर भूल गया…और ये सोच कर कि कमला अपनी चूत को अपनी उंगली से चोद रही है…मेरा लंड फिर से झटके खाने लगा….मेने थोड़ा सोचने के बाद फिर से अपने मन को कमला को चोदने के लिए पक्का कर लिया…
मेने अपनी हिम्मत जुटा कर अपने हाथ को कमला की चूत पर रख दिया…उसके हाथ की एक उंगली उसकी चूत मे थी…वो एक दम से चोंक पड़ी…और मेरी तरफ देखने लगी…
मे: अपने हाथ को क्यों तकलीफ़ दे रही हो…एक बार मुझे अपनी सेवा का मोका दे कर तो देखो…
कमला: (एक दम से उठ कर बैठ गयी) ये क्या कर रहे हो बाबू जी…
मे: मे तो तुम्हारी मदद कर रहा था…एक बार मुझे आज़मा के तो देख…तेरी तबीयत रंगीन कर दूँगा….
कमला: नही बाबू जी ये ठीक नही है…आप अभी बहुत छोटे हो…और अगर किसी को पता चल गया, तो मे कहीं की नही रहूंगी.
मे: मे क्या तुम्हें बच्चा नज़र आता हूँ.एक बार मेरा लंड पकड़ कर के तो देख.
और मे खड़ा हो गया.और अपना अंडरवेर उतार कर निकाल दिया.फिर कमरे के लाइट ऑन कर दी…जैसे ही मे कमला की तरफ घुमा.कमला हैरानी भरी नज़रों से मेरे लंड को देख रही थी…मे कमला के पास जाकर खड़ा हो गया…मेरा लंड तन कर हवा मे झटके खा रहा था…और गुलाबी रंग का सुपाडे एक दम फूला हुआ था…
मे: देख मे क्या बच्चा नज़र आता हूँ…
कमला एक टक मेरे लंड को देख रही थी…फिर उसने अपने नज़रें झुका ली…
कमला: नही बाबू जी.ये ठीक नही है…मे बहुत ग़रीब हूँ…और मेरी इस इज़्ज़त के सिवा मेरे पास और कुछ नही..अगर किसी को पता चल गया तो मे कही की नही रहूंगी.
मे: (कमला के पास बैठ कर अपना हाथ उसकी चुचि पर रख दिया) कमला देख मेरा लंड कैसे आकड़ा हुआ है…प्लीज़ एक बार मुझे करने ना दो ना…मे वादा करता हूँ…मे किसी को नही बताउन्गा…प्लीज़ एक बार, ये बात हम दोनो के बीच मे ही रहेगी..
कमला सोच मे पड़ गयी…और मे मोके फ़ायदा उठाते हुए…धीरे-2 उसकी चुचियो को सहलाने लगा…वो एक दम से चूक गयी…
कमला: नही बाबू जी…ये ठीक नही है..हमारे बीच ऐसे संबंध ठीक नही है…
मे उठ कर खड़ा हो गया…और कमला के हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख कर..उसके हाथ को मुट्ठी बना कर अपने लंड पर कस दिया…कमला ने अपना हाथ वापिस नही खींचा…
मे: देख ना मेरा लंड कैसे तड़प रहा है…बस आज की रात की बात है…मे तुझसे वादा करता हूँ..कि मे फिर तुम्हें कभी तंग नही करूँगा…और किसी को आज के रात के बारे मे नही बताउन्गा…
मेने अपना हाथ कमला के हाथ के ऊपेर से हटा लिया…और कमला ने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़े रखा…
मे: अहह कमला तेरे हाथों मे तो जादू है…देख कैसे इसकी नसें फूल गयी हैं..अब मान भी जा…
कमला ने मेरी तरफ देखा…उसके होंटो पर वासना से भरी हल्की मुस्कान आ गयी थी…
कमला: पक्का ना बाबू जी…आप किसी को बताओगे तो नही…
मे एक दम खुस हो गया….
मे: नही..बताउन्गा…पक्का….
कमला: अच्छा तो देखें तो सही…हमारे छोटे बाबू का लंड कैसा है…बाबू जी अब बड़े होगये हैं…
और कमला मेरे लंड को मुति मे भर कर आगे पीछे करने लगी…उसकी आँखों मे मेरे 7 इच के लंड को देख कर चमक आ गयी…मेने कमला के सर को पकड़ कर अपने लंड पर झुकाना चालू कर दिया….
कमला मेरे मन की बात को समझ गये…और अपने मुँह खोल कर अपनी जीभ बाहर निकाल कर मेरे लंड के गुलाबी सुपाडे को चाटने लगी…वो सुर्प-2 कर मेरे लंड के सुपाडे को चारो तरफ से अपनी जीभ से चाट रही थी…मे मस्ती मे पागल हुआ जा रहा था..
कमला की आँखों मे अब वासना के लाल डोर्रे तेर रहे थे…वो साथ-2 मेरे लंड की मूठ भी मार रही थी..और अपनी नशीले आँखों से मेरी तरफ देख रही थी…
फिर कमला ने अपने मुँह को खोल कर अपने होंटो को मेरे लंड के सुपाडे पर कस लिया…और धीरे -2 मेरे लंड के सुपाडे को मुँह के अंदर बाहर करके चूसने लगी.
मे मस्ती मे आकर अपनी आँखों को बंद किए मज़े से कमला से लंड को चुस्वा रहा था…और कमला पूरे ज़ोर से मेरे लंड के सुपाडे को चूस रही थी…
कमला ने 5 मिनट तक मेरे लंड के सुपाडे को चूस-2 कर अपने थूक से गीला कर दिया… मेरा लंड तन कर झटके खा रहा था….कमला ने अपने बदन पर पड़ी ढीली हो चुकी चादर को हटा कर एक साइड मे रख दिया…और पीठ के बल लेट कर अपनी जाँघो को फैला दिया…
मे कमला की जाँघो के बीच मे आ गया…और अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर,लंड के सुपाडे को कमला की चूत के छेद पर लगा दिया…कमला के मुँह से सीईइ की आवाज़ निकल गयी…मे एक हल्का सा धक्का दिया…मेरे लंड का सुपाड़ा कमला की गरम और लबलबा रही चूत मे समा गया…कमला ने अपने हाथों से तकये को कस के पकड़ लिया…मेने फिर से एक और धक्का मारा, इस बार मेरा आधा लंड कमला की चूत मे समा गया…
मे कमला के ऊपेर झुक गया…और कमला की एक चुचि को मुँह मे ले लिया…और ज़ोर-2 से चूसने लगा…कमला मेरे होन्ट अपने चुचि पर पड़ते ही तड़प उठी..
कमला: अहह बबुऊउ जीए इन्हीईए नाअ चुस्स्सूऊ बहुत गुदगुडिई होती हाईईईई अहह ओह बाबू जीई आह बस करूऊओ नाअ
मे कमला की बात पर ध्यान दिए बिना पूरे जोश मे उसके निपल को चूस रहा था…उसका काला निपल और कड़ा हो कर मोटा और बढ़ चुका था…उसके निपल करीब आधे इंच के थे…मे कमला के निपल को अपने होंटो के बीच मे लेकर मसल्ने लगा…कमला एक दम से चुदास से भर गयी…और अपनी चूत को मेरे लंड पर ऊपेर की तरफ उछालने लगी…लंड फतच-2 की आवाज़ करता हुआ…अंदर बाहर जाने लगा…और मेरे लंड का सुपाड़ा कमला की बच्चेदानी से जा टकराया…
कमला: अहह बबुउुुुउउ जीए मेन्णन मॅर गइईए ओह्ह्ह ओह्ह्ह बाबू जीए आपका तो सच मे बहुत तगड़ा हाीइ हाईए माया…आह मोरी चूत्त्त्त्त फटी रीईई…..
मे कमला की चुचि को चूस्ते हुए धीरे-2 अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा…कमला भी अपनी गांद को उछाल-2 कर मेरे लंड को अपनी चूत मे ले रही थी..
और अपने हाथों से मेरे बालों को सहला रही थी…मे धना धन लगतार अपने लंड को कमला की चूत के अंदर बाहर कर रहा था…
कमला: आह बाबू जीई और जोर्र्र से चोदीए ह ह ओह फदद्ड़ दएजी मेरीई चूत ओह आपकीए लौडईए मे तो सच मे बहुत जान हाईईइ अहह आहह ओह्ह…
मैने कमला की टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर कर दिया…और अपने लंड को उसकी चूत की गहराईयो तक ठोकने लगा…वो मेरे हर धक्के के साथ आह आह ह कर रही थी…और मुझे और ज़ोर से चोदने के लिए कह रही थी…मेने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला…और उसकी टाँगों को पकड़ कर उसे उल्टा कर दिया…अब वो मेरे सामने डॉगी स्टाइल मे थी…
मेने पीछे से उसकी चूत के छेद पर अपने लंड को टिका दिया…और उसकी गांद को दोनो हाथों से फैला कर अपने पंजों मे कस लिया…और एक ज़बरदस्त धक्का मारा…लंड चूत की दीवारों से रगर्ता हुआ पूरा का पूरा एक ही बार मे कमला की चूत मे समा गया…
कमला: हइईए रीईए जालिमम्म्म बाबू किया कारर्र रहे हू फदद्ड़ डीईए ना मेरे ब्ौस्दी अहह मररा डल्ला….कुतिया समझ कार्ररर चोद्द्द्द्द रहे हू बबुऊउ…अपने गधे जैसी लुंदड़ से मेरी नाज़ुक बुर्र्रर को ऐसी क्यों चोद्द्द रहीई हूओ…आह
मेने कमला की गांद को थामें हुए, तेज़ी से धक्के लगाने चालू कर दिए…लंड फतच-2 की आवाज़ से अंदर बाहर होने लगा…मेरे लंड का सुपाड़ा बार उसकी बच्चेदानी से जा टकराता..और कमला आहह ओह्ह्ह्ह्ह उईइ माआ कर उठती…मे अपने लंड को पूरी ताक़त से कमला की चूत मे पेल रहा था…
पूरे कमरे मे आहह ओह्ह्ह फतच-2 की आवाज़ गूँज रही थी…अब हम दोनो मे से किसी को ठंड नही लग रही थी…कमला भी अपनी चूत को पीछे के तरफ पटकने लगी…
कमला: अहह बाबू जीए और्र जोर्र्र्र से चोदूओ अह्ह्ह्ह मेरी चूत कितना पानी छोड़ रही है…ह आह आह बाबू जीई….
मे कमला के चुतडो को थामे ज़ोर -2 अपने लंड को चूत मे पेल रहा था…पूरा ज़ोर लगने के कारण मेरे मुँह से हा हा हा की आवाज़ आ रही थी…
कमला : अहह बाबू जीए मेरीई चूत पानी छोड़ेंंणणन् वाली है…और ज़ोर से ठोको…और ज़ोर से तुखाई करो…..अहह अहह माइईई रीए चूत्त्त्त गय्ाआ मेरी पाणिीईई
और कमला की कमर झटके खाने लगी…कमला की चूत मे से पानी बह कर बाहर आने लगा…और मेरा लंड पूरी तराहा गीला हो गया..और कुछ झटकों के बाद मेने भी कमला की चूत मे अपना लावा उगलना चालू कर दिया…और मे कमला के ऊपेर लूड़क गया…कमला मेरे वजन के कारण पेट के बल लेट गयी..मे उसके ऊपेर लेटा हुआ तेज़ी से साँसें लेने लगा…और कुछ देर बाद मे उठ कर उसकी बगल मे लेट गया….
मे अभी की बातों को सुन कर एक दम से गरम हो चुकी थी…और अपनी चूत के क्लिट को मसल रही थी…
मे: वा बाबू जी..अपने तो बेचारी कमला की चूत को फाड़ ही दिया…फिर क्या हुआ…फिर आप ने उसको चोदा…
अभी: उस रात तो नही…क्योंकि मे दो बार झड़ने के कारण थक चुका था…और मेने कमला से वादा भी किया था.कि मे उसे दोबारा तंग नही करूँगा…जब अगले दिन हम घर आए तो..उसके बाद से वो मुझसे दूर -2 रहने लगी…मे उसको अकेले मे पकड़ कर उसकी चुचि को दबा देता…तो वो मुझे डाँट देती…और कहने लगती…बाबू जी अपनी हद मे रहो..आपने मुझसे क्या वादा किया था…अगर कही मेरे पति को पता चल गया..कि मे एक जवान लड़के के लंड से अपनी चूत की खुजली मिटा रही हूँ..तो वो मुझे जान से मार देगा…
फिर एक दिन मे अपने घर की छत पर टहल रहा था…कमला छत पर झाड़ू लगा रही थी…हमारे घर के पीछे की जगह खाली थी..उसमे बहुत ही झाड़िया उगी हुई थी…कमला ने झाड़ू लगा कर सारा कूड़ा करकट इकट्ठा किया…और उसे पीछे के खाली प्लॉट मे फेंकेन के लिए छत के पीछले हिस्से की तरफ गयी…कूड़ा करकट फेंकने के बाद वो नीचे देखने लगी…
अचानक मेरे ध्यान कमला पर पड़ा…मे सोच मे पढ़ गया…कि आख़िर कमला नीचे क्या देख रही है…कमला कुछ देर नीचे देखने के बाद मूडी..और उसकी नज़रें मुझ से मिली…और वो एक दम सी झेंप गयी…मे उसके पास जाकर देखने लगा…नीचे एक कुत्ता कुतिया को चोद रहा था…फिर मेने कमला की तरफ देखा...उसने सर को झुका लिया
और तेज़ी से नीचे चली गयी…
क्रमशः.................
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