11-15-2018, 12:17 PM,
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sexstories
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RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
मे उसकी हर बात पर शर्मा जाती…अभी बेड पर आ गया….और मुझे पीठ के बल लेटा कर मेरी जाँघो को फैला कर, मेरी जाँघो के बीच घुटनो के बल बैठ गया….मेने अभी भी अपनी चुचियो को अपने हाथों से ढक रखा था…पर मेरी चूत मेरी जाँघो के फैलने के कारण खुल कर,उसकी आँखों के सामने आ गयी थी….
अभी ने मेरे हाथों को मेरी चुचियो से हटा दिया…और मेरे हाथों को बेडशीट से सटा दिया…और मेरे हाथों की हथेलियो से अपने हाथों की हथेलियो को मिला कर मेरे हाथों की उंगलयों को अपने हाथों के उंगलयों से कस लिया….और मेरे ऊपेर झुक कर मेरे एक तने हुए निपल को मुँह मे ले लिया…जैसे ही उसकी जीभ मेरे तने हुए निपल पर पड़ी…मेरे बदन मे करेंट सा दौड़ गया….और मेरे मुँह से सीईइ के आवाज़ निकल गयी.
अभी मेरे एक निपल को चूसने लगा…मे एक दम मस्त हो चुकी थी…उसका मोटा लंड मेरी चूत के छेद पर रगड़ खा रहा था…मे आज फिर से कितने दिनो बाद चुदवाने वाली थी….अभी का लंड इतना मोटा और लंबा था, कि आज तक मेने ऐसा लंड नही देखा था, यहाँ तक के मेरे जेठ जी का लंड भी मुझे इसके सामने छोटा मालूम हो रहा था…अभी को देखने से ऐसे नही लगता था…कि उसका औजार इतना बड़ा होगा…उसका लंड एक दम गोरा था…और लंड का सुपाड़ा किसी छोटे सेब जितना मोटा और लाल था…
वो पागलों के तराहा मेरी चुचि को चूस रहा था…मेरे हाथों के उंगलिया उसके हाथों पर कसने लगी थी…मेरे मुँह से दबी हुई सिसकारिया निकल रही थी…अभी बिल्कुल भी जल्दी मे नही था, वो करीब 10 मिनट तक मेरी के चुचि को चूस्ता रहा…और फिर उसने मेरी दूसरी चुचि को मुँह मे ले लिया…और चूसने लगा…मे मस्ती मे आकर अहह ऑश ऑश सीईईईईईईईईई उंह कर रही थी…मेरी चुचियो के निपल एक दम कड़े हो गये थे..और ज़्यादा लंबे हो कर तन चुके थे…उसका लंड नीचे से एक दम तना हुआ था…जो मेरी चूत के एक साइड मे रह-2 कर झटके खा रहा था…वो मेरी जाँघो के जोड़ो के बीच मे रगड़ खा रहा था…मेरी चूत पानी से पूरी तराहा गीली हो चुकी थी…
अभी मेरी चुचि को चूस्ते हुए अपने लंड को बिना किसी सहारे के मेरी चूत मे घुसाने की कॉसिश करने लगा…पर अभी का लंड मेरी चूत की फांकों पर रगड़ खा कर इधर उधर हो जाता…उसने कई बार ऐसा किया…पर लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के छेद तक नही पहुच पा रहा था…क्योंकि आज तक ना तो मेरे पति ने और ना ही मेरे जेठ जी ने कभी,मेरी चूत को देखे बिना और हाथ के सहारे के बिना मेरी चूत मे लंड डाला था…अब मेरी बर्दास्त की हद से बाहर हो रहा था....मुझसे रहा नही गया….
मे: (शरमाते हुए) ऐसे कैसे अंदर जाएगा
अभी (मुस्करते हुए) और कैसे जाएगा तुम ही बता दो….
मे: (अपने फेस को दूसरी तरफ घूमाते हुए) मुझे नही पता….
अभी : अगर मेने ऐसे ही तुम्हारी फुदीदी मे अपने लंड को डाल दिया तो……
मे: कैसे…
अभी: अपनी टाँगों को थोड़ा सा ऊपेर उठाओ
मेने अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठा लिया….मेरी चूत एक दम गीली हो चुकी थी…अभी ने अपने आप को थोड़ा सा अड्जस्ट किया तो, उसके लंड का मोटा सुपाड़ा मेरी चूत के छेद पर आकर टिक गया…मेरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी…मेने अपने होंटो को अपने दाँतों मे भींच लिया….अभी ने मेरे फेस को अपनी तरफ घुमाया.. मेरे होंटो को अपने होंटो मे ले लिया, और मेरे होंटो को चूसने लगा…और अपने लंड को मेरी चूत मे घुसाने लगा…लंड का मोटा सुपाड़ा मेरी चूत के छेद को फैलाता हुआ अंदर होने लगा…मुझे अभी का लंड अंदर लेने मे दिक्कत हो रही थी.मेरी चूत का छेद अभी के लंड से एक दम से कस गया….मुझे थोड़ा सा दर्द भी हो रहा था…आज तक मेरी कसी हुई चूत ने इतना मोटा और तगड़ा लंड नही लिया था…अभी अपने लंड के सुपाडे को ही मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा…
क्रमशः.................
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