Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
11-15-2018, 12:22 PM,
#41
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
गतान्क से आगे.....................

मेरे जांघे चूत सब अभी के वीर्ये और मेरे पेशाब से सनी हुई थी…मेने मुँह बनाते हुए अभी को कहा

मे: देखे ना बाबू जी आप ने क्या कर दिया….

और मे उठ कर नल को चला कर अपने चूत और जाँघो को सॉफ करने लगी…अभी मेरे पीछे खड़ा अपने लंड को हाथ मे थामें मूत रहा था…मे अपने आप को सॉफ करके बाहर आ गयी….थोड़ी देर बाद अभी भी अपने आप के बदन को सॉफ करके मेरी बगल मे आकर लेट गया….

मे: बाबू जी आज तो आप ने हद कर दी…

अभी: क्यों क्या हुआ….

मे: ऐसे भी कोई करता है….

अभी: क्यों नही करते…इससे चुदाई का मज़ा और बढ़ जाता है…

मे: पर मुझे तो मज़ा नही आया (जान बुझ कर अभी को चिड़ाते हुए)

अभी: तो फिर से तेरी भोसड़ी की ठुकाई करूँ…

मे: नही अभी नही….पहले ये बताओ कमला के बाद आप ने किस की चूत को चोदा…

अभी: किसी को बताओगि तो नही…..

मे: नही बताउन्गि…बताओ ना….

अभी: बता तो रहा हूँ ज़रा सबर करो…..

अभी ये तब की बात है…जब मे 12थ के एग्ज़ॅम देने के बाद अपने एंट्रेन्स एग्ज़ॅम के तैयारी कर रहा था…मेरे एंट्रेन्स एग्ज़ॅम का सेंटर अमृतसर मे आया था…मुझे वहाँ एग्ज़ॅम देने जाना था…मेरे तीन एग्ज़ॅम होने थे…इसलिए मुझे वहाँ 5 दिन रुकना था… और वहाँ पर मेरे मामा जी रहते थे.

पापा ने मोहन मामा जी से फोन पर बात करके बता दिया था…और मोहन मामा ने पापा से कहा…कि अभी हमारे घर पर रुक सकता हैं… मोहन मामा जी मेरे सगे मामा नही थे. वो मेरी मा के कज़िन थे. दूर की रिस्तेदारी मे. इसलिए मे पहली बार उनके घर जा रहा था. बस एक दो बार सिर्फ़ मोहन मामा जी को ही फॅमिली फंक्षन्स मे देखा था. ना तो उनकी वाइफ को मेने देखा था. और ना ही बच्चो को

दो दिन बाद मेरा पहला एग्ज़ॅम था…मे दोपहर को ट्रेन से अमृतसर पहुच गया…मोहन मामा बेसिकली कलकत्ता से थे..जब मे अमृतसर पहुचा…तो वो मुझे लेने स्टेशन पर आए हुए थे…मे उनको पहले भी देख चुका था…इसलिए उन्हे पहचानने मे कोई दिक्कत नही हुई…

मेने सबसे पहले उन्हे विश किया…और हम स्टेशन से बाहर आ गये…और मामा के स्कूटर पर उनके घर आ गये…मामा ने डोर बेल बजाई…थोड़ी देर बाद उनकी पत्नी (मामी) नीलम ने डोर खोला…नीलम बिल्कुल टिपिकल बिंगाली औरत की तरहा थी…बड़ी-2 आँखें पतली कमर लंबे बाल. उसने येल्लो कलर के प्रिंटेड सारी पहनी हुई थी…नीलम तब 30 साल की थी…और दो बच्चो की मा थी…

मोहन: बेटा ये मेरी वाइफ है नीलम…अंदर आओ मे तुम्हें अपने बच्चो से मिलाता हूँ…

मे: नमस्ते मामी…

नीलम: नमस्ते…

मे मामा के साथ अंदर आ गया…उनके एक बेटा था…जो १२ का साल था…और एक बेटी जो१५साल की थी…दोनो स्कूल मे पढ़ते थे..

मामा: ये मेरा बेटा रवि और ये मेरे बेटी हेमा है…

मे: आप के बच्चे बहुत ही क्यूट हैं…

मोहन: नीलम ऊपेर वाला रूम सॉफ कर दिया ना…

नीलम: जी कर दिया है….

मोहन: आओ भी मेरे साथ आओ..तुम्हें तुम्हारा रूम दिखा दूं…

मे मामा के साथ ऊपेर आ गया…मामा ने रूम खोला, और हम दोनो रूम के अंदर आ गये…मामा ने मेरा बॅग बेड के पास रख दिया….

मामा: देखो बैठा ठीक है…किसी और चीज़ की ज़रूरत तो नही…

मेने रूम को देखा…रूम मे एक सिंगल बेड लगा हुआ था…और एक स्टडी टेबल भी था…रूम के साथ ही अटॅच्ड बाथरूम भी था…

मे: बिल्कुल पर्फेक्ट मामा…और किसी चीज़ की ज़रूरत नही…

मामा: तो ठीक है…चेंज करके फ्रेश हो जाओ…मे नीचे जाकर नीलम को खाना लगाने के लिए बोल देता हूँ…नीचे आकर खाना खा लेना…अब मे ऑफीस जा रहा हूँ.. रात को मिलेंगे

मे: ठीक है मामा जी…

और मामा के बाहर जाने के बाद मेने अपने बॅग्स से अपने लिए टीशर्ट और शॉर्ट निकाला..और बाथरूम मे घुस्स गया…और कपड़े उतार कर हाथ मुँह धोने लगा…मे कपड़े चेंज करके नीचे आ गया…

नीचे नीलम डिन्निंग टेबल पर खाना लगा रही थी…मुझे देखते ही बोली..

नीलम आओ बैठो … मे खाना ही परोस रही थी…

मे चेर पर बैठ गया…और खाना खाने लगा…इतने मे मामा का लड़का रवि मेरे पास आ गया…

रवि: भैया चलो वीडियो गेम खेलते हैं…मेरे पास बहुत सी हैं…

नीलम: (रवि को डाँटते हुए) क्या वीडियो गेम चलो जाकर होमवर्क करो…पहले भैया को खाना तो खाने दो…

मे: (रवि को उदास होते देख) क्यों डाँट रहे हैं आप.. आख़िर बच्चे हैं…

नीलम: नही ऐसी कोई बात नही…पहले आप खाना तो खा लो..

मे: ये आप मुझे आप -2 कह कर क्यों बात कर रही हैं…मे तो आप से बहुत छोटा हूँ…मेरा नाम अभी है, और आप मुझे अभी ही बुलाओ..

नीलम: ठीक है अभी…अब तो खाना शुरू करो…

मे खाना खाने लगा…खाना खाने के बाद मे थोड़ी देर तक रवि के साथ वीडियो गेम खेलने लगा…रवि मुझ से थोड़े ही टाइम मे बहुत ही गुलमिल गया था…नीलम अपने घर के काम मे लगी हुई थी…थोड़ी देर बाद मे ऊपेर रूम मे आ गया..और बेड पर लेट गया…मुझे कब नींद आ गयी…मुझे पता ही नही चला…शाम के 6 बजे. नीलम मामी मुझे ऊपेर उठाने आई…जब मे उठा तो मुझे अपनी हालत का अंदाज़ा हुआ…मेरा लंड मेरे शॉर्ट मे एक दम तन कर तंबू बनाए हुए था…मे झेंप गया,और अपने सर को झुका लिया…मेने तिरछी नज़रों से नीलम मामी की ओर देखा…उसके होंटो पर हल्की सी मुस्कान थी…

नीलम: नीचे आ जाओ, चाइ बन गयी है,

मे: जी अभी आता हूँ….

मे बाथरूम मे घुस्स गया, और पेशाब करने लगा…पेशाब करने के बाद मेरा लंड सुस्त पढ़ गया…और मे हाथ धो कर नीचे आकर सोफे पर बैठ गया…नीलम मामी ट्रे मे कुछ स्नॅक्स और चाइ लेकर आई,और मेरे सामने टेबल पर रख दी…वो मुझसे नज़रें नही मिला रही थी…वो मूड कर वापिस जाने लगी..

मे: आप भी तो चाइ लो…

नीलम: जी मे चाइ नही पीती…

और नीलम वापिस किचन मे चली गयी…मेने चाइ पी, और फिर से रवि के साथ वीडियो गेम खेलने लगा…मेरा अच्छा टाइम पास हो रहा था…रात को 9 बजे मोहन मामा घर पर आ गये.हम सब साथ बैठ कर खाना खाने लगे..

मामा: (खाना खाते हुए) नीलम तुम रोज सुबह अभी को 5 बजे उठा देना…ताकि वो सुबह उठ कर पढ़ाई कर सकें…और हां अगर किसी चीज़ के ज़रूरत हो तो बता देना..

नीलम: जी ठीक है….

मामा: और अभी तुम सुनो…तुम्हारा दिल तो लग गया यहाँ पर…

मे: जी मामा रवि के साथ कैसे टाइम पास हो गया…पता ही नही चला…

मामा: वो तो ठीक है…परसों तुम्हारा पहला एग्ज़ॅम है…अब एग्ज़ॅम की तैयारी शुरू कर देना…

मे: जी ठीक है मामा….

हम सब ने खाना खा लिया था…मे हाल मे बैठा टीवी देख रहा था…तभी मोहन मामा भी हाल मे आ गये..नीलम मामी किचन मे बर्तन सॉफ कर रही थी…

मोहन मामा मेरे पास आकर बैठ गये…वो एक बुक पढ़ रहे थी…उसका टाइटल था ब्रह्मचर्य…मे मामा के हाथ मे ऐसी बुक देख कर थोडा सा हैरान रह गया.. मे मामा के बारे मे बता दूं कि, उन्होने सीए किया था…वो अपने ऑफीस जाने से पहले रोज सुबह 5 से 9 बजे तक एक अकाउंट्स अक्द्ड़ेमी मे अकाउंट्स स्टूडेंट को कोचैंग भी देते थे…

मे सोफे पर बैठा मूवी देख रहा था…तभी नीलम मामी किचन से निकल कर अपने रूम मे गयी…और मामी ने मामा को रूम से आवाज़ दी…मामा बुक को सोफे पर रख कर रूम मे चले गये…मे उस बुक को देखने से अपने आप को रोक ना सका…और बुक उठा कर पढ़ने लगा…

उसमे ब्रह्मचर्य के बारे मे बताया गया था…उस बुक मे सेक्स को आदमी की सबसे बड़ी कमज़ोरी बताया गया था…तभी मुझे मामा के आने की आहट हुई..मेने जल्दी से बुक वापिस रख दी..और टीवी देखने लगा…

कुछ देर बैठने के बाद मुझे नींद आने लगी…और मे उठ कर अपने रूम मे आकर सो गया…

और मे उठ कर अपने रूम मे आकर सो गया…मामा ने मुझे ऊपेर जाने से पहले कहा था…कि ऊपेर जाकर 5 बजे का आलराम सेट कर लूँ…ताकि मे सुबह उठ कर पढ़ सकूँ…

पर मेने अलार्म नही लगाया..,.और ऐसे ही लेट गया…और मुझे नींद आ गयी…सुबह के 5 बजे मुझे नीलम मामी ने मेरे कंधे से हिला कर उठाया…

नीलम: उठो 5 बज गये हैं…उठ कर थोड़ा सा पढ़ लो…

मे अपनी आँखें माल्ता हुआ खड़ा हुआ…और बाथरूम मे घुस्स गया…मे जब फ्रेश हो कर बाहर आया, तो जो मेने देखा उसे देख कर मे एक दम से हैरान रह गया…नीलम मामी सामने मेरे बेड पर लेटी हुई थी…उसकी पीठ मेरी तरफ थी…उसकी बॉडी को देख मे पागल सा हो गया…उसकी वो पतली कमर ने मुझ पर नज़ाने के जादू सा कर दिया था..जो मे अपने होश को खो बैठा…

पीछे से उसकी गोरी नागिन सी बाल खाती हुई कमर को देख मेरा लंड एक दम से तन गया.. वो शायद नींद ना पूरी होने के कारण बेड पर लेटी सो गयी थी… मे एक बात और बता दूँ कि, मामा के सुबह 5 बजे कोचैंग सेंटर जाने से पहले नीलम मामी 4:30 बजे उठ कर उनके लिए चाइ बनाती थी…

ऐसे मे किसी की नींद कैसे पूरी हो सकती है…इसलिए वो यहीं सो गयी…शायदा कल रात से बहुत थक गई होंगी…मे ये सोच कर बेड पर आकर बैठ गया…और पीछे नीलम मामी के गदराए हुए मस्त बदन को देखने लगा

क्या मस्त और सेक्सी बदन था नीलम मामी का… 36 साइज़ की कसी हुई चुचिया…नीचे गतेला और स्लिम पेट और नागिन सी बाल खाती कमर उफ़फ्फ़ कूल्हे तो पूछो ही मत क्या गोल मटोल चूतड़ थे…मे अपने आपे से बाहर हो गया…नीलम को देख कर मेरा लंड एक दम से तन कर, मेरे शॉर्ट मे झटके खाने लगा…मेने विंडो से बाहर देखा…

बाहर अभी भी अंधेरा था…अब मेरे दिमाग़ मे वासना का तूफान उठ चुका था…मेने जल्दी से लाइट ऑफ की,और बेड के दूसरे साइड पर लेट गया…बेड सिंगल था. इसलिए मेरे और नीलम मामी के बीच सिर्फ़ 7-8 इंच का फासला था…

नीलम मामी के इतना करीब लेटे होने कारण…मेरा लंड मेरे अंडरवेर मे हलचल मचाए हुए था…अब मुझसे रहा नही जा रहा था…मे मामी के करीब खिसक गया..मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा…मे डर रहा था..कि कही मामी जाग ना जाए… पर वासना के नशे मे आकर मे आगे खिसक गया…और नीलम मामी से एक दम सॅट गया…मेरा तना हुआ लंड अब नीलम मामी की सारी के ऊपेर से उसके चुतड़ों पर रगड़ खा रहा था…मे काफ़ी देर ऐसे ही लेटा रहा…जैसे मे नींद मे हूँ….

जब थोड़ी देर तक मामी नही हिली…तो मे हिम्मत करके और करीब खिसक गया…और मेरा लंड नीलम मामी की गांद से और सॅट गया…नीलम मामी ने सारी पहनी हुई थी..जिसके कारण मेरा लंड उनके चुतड़ों की दर्रार मे नही जा पा रहा था..पर वैसे ही लेटा-2 अपने लंड को शॉर्ट्स के ऊपेर से पकड़ कर नीलम मामी के गदराए हुए चुतड़ों पर रगड़ने लगा…

मे साथ मे मामी के ऊपेर नज़र जमाए हुए था…पर वो बिल्कुल शांत लेटी हुई थी..अब मेरा लंड बिकुल अकड़ चुका था…और मे झड़ने के बिकुल करीब था… मेने अपना एक हाथ नीलम मामी की चिकनी और मखमल जैसे गोरी कमर पर रख दिया…

इस बार नीलम मामी थोड़ा सा हिली..और फिर से शांत पड़ गयी…पर उसके हिलने से मेरा लंड नीलम की सारी को दबाता हुआ उसकी गांद की दर्रार मे थोड़ा सा धँस गया था.. मुझे ऐसे लगा. जैसे वो जान बुझ कर रही हैं…पर मे श्योर नही था… इसलिए मे वैसे ही लेटा रहा…

क्रमशः.................
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11-15-2018, 12:22 PM,
#42
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
गतान्क से आगे.....................

सुबह के 6 बज चुके थे…मे अभी भी जागा हुआ था…अचानक नीलम मामी करवट लेकर सीधी हो गयी…और फिर उठ कर बैठ गयी…मे अपनी आँखों को बंद किए हुए था… पर थोड़ा सा आँख खोल कर देख रहा था…मे उसके फेस के रिक्षन को नोट करना चाहता था पर. उसके फेस पर तो कोई भी भाव नही थे…

नीलम मामी ने मेरे हाथ को अपने हाथ से हटा कर नीचे रख दिया…और उठ कर चली गयी…मामी की जाते ही मे भी उठ गया…और पढ़ने लगा…

मे 8 बजे तक पढ़ता रहा…तभी रवि रूम मे आया…

रवि: अभी भैया.. पापा नीचे बुला रहे हैं…

मुझे पता ही नही चला कि मोहन मामा कब घर पर आ गये…रवि और हेमा दोनो स्कूल जाने के लिए तैयार थे…जैसे ही मे नीचे आया..

मामा: बेटा मे अब बच्चो को स्कूल छोड़ कर ऑफीस जा रहा हूँ…तुम नाश्ता करके एक बार अपने एग्ज़ॅम सेंटर को देख आओ…ताकि एग्ज़ॅम के दिन ढूँढना ना पड़े…

और मोहन मामा बच्चो को लेकर चले गये…मे डिन्निंग टेबल पर बैठ गया…नीलम चाइ और नाश्ता प्लेट मे लगाने लगी…मे नीलम की आँखों को पढ़ने के कॉसिश कर रहा था…पर पूरा टाइम मेरी नज़रें उससे नही मिली…नाश्ते के बाद मे बाहर आ गया…और जिस कॉलेज मे मेरा एग्ज़ॅम होना था…उसे ढूँढने निकल पड़ा…जब मुझे एग्ज़ॅमिंटेशन सेंटर मिल गया…तो मे घर वापिस आ गया...मे थोड़ी देर हाल मे बैठ नीलम को घर का काम करते हुए देखता रहा…पर वो अपने काम मे व्यस्त थी…हां बीच-2 मे एक दो बार उसने ये ज़रूर पुछा कि भूक तो नही लगी…

मुझे सारा कुछ मिट्टी मे मिलता नज़र आ रहा था…आख़िर कार मेने अपने मन को समझा लिया..था कि वो सुबह शायद ज़्यादा थॅकी हुई थी..इसलिए उन्होने ने सोने से पहले ये नही देखा कि वो कहाँ सो रही हैं…

मे उठ कर अपने रूम मे आ गया…और पढ़ने लगा…दोपहर के 3 बज रहे थे..मे काफ़ी देर तक पढ़ता रहा, फिर मुझे नीचे से बच्चो का शोर सुनाई दिया.. मेने सोच चलो रवि आ गया है…नीचे जाकर उसके साथ वीडियो गेम खेलता हूँ. मे नीचे आकर बैठ गया. रवि और नेहा के साथ नीलम ने मुझे भी खाना दिया…खाना खने के बाद मे रवि के साथ गेम खेलने लगा…

पर मेरा ध्यान बार-2 नीलम मामी की तरफ जा रहा था…जो सोफे पर बैठी एक मॅगज़ीन पढ़ रही थी…पर अब मे कर भी क्या सकता था…मे अपने आप को रवि के साथ बिज़ी रखने की कॉसिश कर रहा था

खैर जैसे तैसे रात हुई…अगले दिन मेरा पहला एग्ज़ॅम था…इसलिए मे खाना खाने के बाद सीधा ऊपेर आ गया, और पढ़ने लगा… मे रात के 12 बजे तक पढ़ता रहा. फिर मुझे नींद आने लगी…और मे बेड पर लेट गया…मुझे कब नींद आ गये.मुझे पता नही चला…पर उस दिन सोने से पहले मे 5 बजे का अलार्म सेट कर दिया था…पर मे सुबह अलार्म बजने से पहले ही उठ गया था…

जैसे ही मे उठा…मेरे दिमाग़ मे एक प्लान आया…मेने जल्दी से उठ कर अलार्म ऑफ किया और.अपना शॉर्ट्स और टीशर्ट उतार कर रख दी…मे अब सिर्फ़ अंडरवेर मे था…और मे बेड पर लेट गया. मुझे नीचे से कुछ आवाज़ आ रही थी..शायद मोहन मामा जा रहे थे.

मे अपने दिल की धड़कनो संभालते हुए इंतजार करने लगा…थोड़ी देर बाद मुझे ऊपेर चढ़ते कदमों की आवाज़ आई.मेने आँखों को हल्का सा बंद कर लिया…मे पीठ के बल लेटा हुआ था…और मेरा तना हुआ लंड मेरे अंडरवेर को आगे से ऊपेर उठाए हुए था..

तभी मेरे दिल की धड़कन बढ़ गयी…रूम मे 0 वाट का बल्ब जल रहा था…मे नीलम मामी को देख रहा था…वो अंदर आई और बेड के किनारे आकर खड़ी हो गयी…

उसने मुझे एक बाद देखा..मेरा फेस पर देखते हुए उसने मुझे आवाज़ लगाई…अभी अभी उठ जाओ 5 बज गये हैं…पर मे जान बुझ कर गहरी नींद मे सोने आक्टिंग करता रहा.

नीलम मामी ने मुझे दो बार और आवाज़ लगाई…पर मे टस से मस नही हुआ, और वैसे लेटा रहा…फिर वो थोड़ा सा झुक कर मुझे अपने हाथ से हिलाने लगी…पर मे ऐसे ही लेटा रहा,मुझे उठता ना देख, वो बेड के किनारे बैठ गयी…

और एक जम्हाई के साथ अंगड़ाई लेते हुए मेरी तरफ देखने लगी…

नीलम: अभी उठो ना.. देख कितना टाइम हो गया है….

पर मे जानबूझ कर थोड़ा सा कसमसा के फिर से वैसे ही लेट गया…नीलम ने मेरी ओर देखा…और फिर से जमहाई ली…उसे देख कर ऐसा लग रहा है था, कि उसे बहुत नींद आ रही थी..

फिर वो हुआ जिसकी मुझे ज़रा भी उम्मीद नही थी…वो मेरी तरफ पीठ करके लेट गयी. मेरी दिल की धड़कन बढ़ गयी…लाखों सवाल मेरे मन मे उठने लगे… क्या वो जान बुझ कर ऐसे मेरे साथ लेटी है, अगर उसे नींद आ रही थी, तो वो नीचे जाकर भी सो सकती थी..शायद वो जान बुझ कर ही सोई है…नही -2 हो सकता है..वो ज़्यादा थॅकी हुई हों…मे करीब 5 मिनट तक यही सब सोचता रहा….

आख़िर मे मेने फैंसला कर लिया…चाहे वो जो भी सोच कर यहाँ लेटी हो…पर मे ऐसा मोको हाथ से नही जाने दूँगा…मी अपने आँखें खोल कर गोर से देखा…मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नही हुआ..नीलम मामी आज सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकॉट मे थी..

मेरा तो लंड एक ही पल मे खड़ा हो कर झटके खाने लगा…पीछे उसकी मस्त चिकने गोरे बदन को देख कर मुझसे रहा नही गया…और मे उसकी तरफ खिसक कर उससे सॅट गया…और धीरे -2 अपने और नीलम मामी के बीच के गॅप को कम करने लगा…और कुछ ही देर मे मैं नीलम मामी के बदन से पीछे से चिपक गया…इस बार मेरा तना हुआ लंड उसकी गांद की दर्रार मे धँस गया…

मामी थोड़ा सा कसमासाई…और अपने चुतड़ों को पीछे मेरे लंड पर दबा दिया…मेरा लंड नीलम मामी के पेटिकॉट को उसकी गांद की दर्रार मे आगे सरकता हुआ…उसके चुतड़ों की दर्रार मे धँस गया…पर वो ये सब ऐसे कर रही थी…जैसे वो बहुत ही गहरी नींद मे हो…इसलिए मे कुछ भी खुल कर नही कर सकता था…

मे धीरे-2 अपनी कमर को हिला कर अपने लंड को उसकी गांद के दर्रार मे रगड़ने लगा.. वो बिना हीले दुले वैसे ही पड़ी हुई थी….नीलम मामी अब तेज़ी से साँसें ले रही थी. पर मे बिल्कुल सपस्ट नही था, कि वो जाग रही हैं…या सोई हुई हैं…

पर तब एक मेरे ऊपेर वासना के नशे का असर होने लगा था…मेने धड़केते दिल के साथ अपना एक हाथ उसकी नंगे पेट पर रख दिया…और कुछ देर लेटे रहने के बाद भी जब कोई हरकत ना हुई…तो मे धीरे-2 अपने हाथ को मामी की चुचियो की तरफ बढ़ाने लगा… और कुछ ही मिनिट मे मेरा हाथ मामी के ब्लाउस के ऊपेर उनकी चुचियो पर था..

जैसे ही मेरा हाथ नीलम मामी के ब्लाउस के ऊपेर से उनकी चुचियो पर पड़ा… मे मस्ती मे एक दम पागल सा हो गया…उनकी नरम और गुदाज चुचिया उनके तेज़ी से साँस लेने के कारण ऊपेर नीचे हो रही थी… मे उनके नाक से साँस लेने के आवाज़ को भी सॉफ-2 सुन पा रहा था…

फिर मे कोई 5 मिनट तक ऐसे ही अपना हाथ उनकी चुचि पर रखें अपने लंड को उनकी चुतड़ों के दर्रार मे आगे पीछे करता हुआ रगड़ता रहा…फिर मेने हिम्मत करके धीरे-2 नीलम मामी की चुचि को अपने हाथ से सहलाना चालू कर दिया…

मे अपना सर उठा कर नीलम मामी के फेस और आँखों पर नज़र जमाए हुए था…ताकि अगर वो उठ भी जाए तो, मे अपना हाथ पीछे खींच लूँ…पर मेरे अंदर वासना का तूफान बढ़ता ही जा रहा था…

और फिर मेने अपना आपा खो कर धीरे-2 नीलम मामी के चुचि को मसलना शुरू कर दिया…वो एक पल के लिए थोड़ा सा कसमासाई…और उनके मुँह से उंह की हलकी से आवाज़ निकल गयी…पर वो ऐसे निकली जैसे वो नींद मे हो….

मे एक पल के लिए उनकी आवाज़ सुन कर अपने हाथ को वहीं रखे हुए थम गया… और जब थोड़े से इंतजार के बाद उनकी तरफ से कोई रिक्षन नही हुआ…तो मे फिर से अपने हाथ से धीरे-2 नीलम मामी की मस्त चुचि को मसलने लगा…अब मेरे हाथ का दबाव उसकी चुचि पर बढ़ता जा रहा था….

मेरा तना हुआ लंड अब और ज़्यादा अकड़ चुका था…मेने अपने हाथ को नीलम मामी के चुचि से हटा कर, उनकी जाँघ पर रख दिया…और धीरे धीरे जाँघ को सहलाते हुए,नीचे आने लगा…जब मेरा हाथ उनके घुटने तक पहुचा…मेने मामी के पेटिकॉट को धीरे-2 ऊपेर उठाना चालू कर दिया…

मेरे हाथ पैर उतेजना के मारे काँप रहे थे…मे मामी के फेस की ओर सर उठा कर देखते हुए…मामी के पेटिकॉट को ऊपेर उठाने लगा…जैसे-2 उनका पेटिकॉट ऊपेर उठ रहा था,मेरे दिल की धड़कन और तेज होने लगी…धीरे-2 मेने उनके पेटिकॉट को उनकी जाँघो तक उठा दिया…और फिर एक बार मामी के फेस की ओर देखा… उनकी आँखें अब भी बंद थी…पर उनके फेस पर अजीब से भाव थे…मेने उनकी जाँघो को धीरे-2 सहलाना चालू कर दिया...

फिर मे थोड़ी देर के लिए रुका…और अपने लंड को पीछे करके, उनके पेटिकॉट को और ऊपेर उठाना चालू कर दिया…उनका पेटिकॉट अब उनकी जाँघो की जड़ो तक ऊपेर हो चुका था…और उनकी वाइट कलर के पॅंटी को देख मे और पागल हो गया…

मेने अपना सारा कुछ ताक पर रखते हुए…अपने शॉर्ट को नीचे सरका कर अपने तने हुए लंड को बाहर निकाल लिया…और उनकी पॅंटी के ऊपेर से अपने लंड को उनके चुतड़ों की दर्रार मे रगड़ने लगा…मे अब पूरी तरहा मस्त हो चुका था…

मेरा दिल कर रहा था, कि मे अभी मामी की पॅंटी को निकाल कर अपना लंड उनकी गांद के छेद मे पेल दूं…और खूब कस कस के मामी को चोदु… पर मेरी हिम्मत नही पड़ रही थी… और मामी भी कुछ सिग्नल नही दे रही थी…अब मेरे लंड की नसें फूलने लगी थी…

मेरा लंड अब अपना पानी छोड़ने वाला था…मे मामी के बदन से एक दम चिपक गया…मेरे लंड का सुपाड़ा मामी की पॅंटी को उनकी दरार मे पेलता हुआ…उसकी गांद के छेद मे पॅंटी के ऊपेर से सॅट गया….

इसबार फिर मामी के मुँह से उंह की आवाज़ निकल गयी…मेने अपने हाथ को आगे लेजा कर उनकी चुचि पर ब्लाउस के ऊपेर से रख दिया…और अपनी कमर को धीरे-2 हिलाने लगा.. अचानक मुझे अपने बदन का सारा खून अपने लंड की नसों मे इकट्ठा होता महसूस होने लगा….और मेरे लंड से वीर्ये की बोचार होने लगी…मेरा पूरा बदन काँप गया…

जब मुझे होश आया…तो मेरी डर के मारे गांद फटने लगी…मे जल्दी से पीछे हो गया…और बेड से उठ कर एक कपड़े को उठा कर बेड पर आ गया, और पहले अपने लंड और बेड पर गिरे वीर्ये को सॉफ किया…फिर मामी के जाँघो को बढ़े ध्यान से सॉफ किया.. मामी की पॅंटी तो मेने सॉफ कर दी..पर मेरे वीर्ये से कुछ गीली हो गयी थी…मेने हल्के हाथ से मामी के पेटिकॉट को नीचे कर दिया…और बेड पर लेट गया…

करीब 10 मिनट बाद नीचे से रवि की आवाज़ आई… ममा ममा कहाँ हो आप…. मे अपनी आँखें बंद किए लेटा हुआ था…और थोड़ी सी आँखें खोल कर नीलम मामी को देख रहा था…नीलम मामी बेड पर उठ कर बैठ गयी…मामी ने एक बार मेरी तरफ देखा.. उनके फेस पर कोई एक्सप्रेशन नही था…जिससे मुझे पता चल सकें कि.. वो सोई हुई थी..

या जाग रही थी….

फिर मामी उठ कर खड़ी हो गयी,और अपने कपड़े ठीक करके बाहर चली गयी…मेने राहत के साँस ली… उस दिन मेरा पहला एग्ज़ॅम था, और मामी के जाते ही, मे उठ कर खड़ा हो गया, और बाथरूम मे घुस गया….

जब मे फ्रेश होकर नीचे आया, तो मोहन मामा वापिस आ चुके थे…रवि और हेमा स्कूल जाने के लिए तैयार थे…और डिन्निंग टेबल पर बैठे नाश्ता कर रहे थे…

मामा: (मुझे देखते हुए) अर्रे आओ अभी…बैठो नाश्ता कर लो… नीलम अभी का नाश्ता भी ले आओ…

मे मामा के सामने वाली चेर पर बैठ गया….इतने मे नीलम मामी भी मेरा नाश्ता प्लेट मे डाल कर ले आई…

मामा: और सूनाओ अभी…एग्ज़ॅम के लिए तैयार हो ना…

मे: जी हां मामा…

मामा: गुड अब अच्छे से एग्ज़ॅम लिखना…

मे: जी मामा….

मामा और बच्चो ने नाश्ता कर लिया था…मेरा अभी बाकी था…मामा और बच्चे नाश्ते के बाद स्कूल के लिए निकल गये….

जब मेरा नाश्ता ख़तम हुआ, तो नीलम मेरी खाली प्लेट उठाने आई…मेने मामी की आँखों मे झाँकने की कॉसिश की…कहीं तो कोई हिंट मिल जाए..पर वो मेरी तरफ एक बार देख कर बोली और कुछ चाहिए….और मुझे उनकी आँखों मे कोई हिंट नही मिला…वो मुझसे ऐसे पेश आ रही थी, जैसे कुछ हुआ ही ना हो…

मे अपने सर को झटकते हुए खड़ा हुआ, और अपने एग्ज़ॅम के तैयारी कर घर से एग्ज़ॅमिनेशन सेंटर की तरफ निकल पड़ा…मेरा एग्ज़ॅम अच्छे से हो गया… मे 12 बजे तक एग्ज़ॅम दे कर फ्री हो गया…और जल्दी से घर की तरफ चल पड़ा…

क्योंकि मुझे मालूम था, कि नीलम मामी इस समय घर पर अकेली होगी…शायद उनसे कुछ बात ही बन जाए…आधे घंटे मे घर के बाहर खड़ा था…मेने डोर बेल बजी. थोड़ी देर बाद नीलम मामी ने गेट खोला…

नीलम: (मुझे देखा कर) आ गये कैसा हुआ एग्ज़ॅम

मे: (घर के अंदर आते हुए)जी बहुत अच्छा हुआ…

नीलम: तुम बैठो मे तुम्हारे लिए चाइ बनाती हूँ….

मे: नही मामी चाइ रहने दो…बस एक ग्लास पानी दे दो…

नीलम किचन मे चली गयी…और एक ग्लास पानी ले आई…मेने पानी पाया,और नीलम की आँखों मे झाँकते हुए, पानी का ग्लास नीलम मामी को पकड़ा दिया…

पर नीलम मामी ने मेरी तरफ देखा तो सही…पर मे जो उनकी आँखों मे ढूँढ रहा था…वो मुझे नही मिला…मे उदास सा होकर सोफे पर बैठ गया…नीलम मामी ग्लास रख कर वापिस आ गयी. उनके हाथ मे सब्जी थी…जिसे वो मेरे सामने सोफे पर बैठ कर काटने लगी…

हम दोनो इधर उधर के बातें करते रहें…पर मेरी ज़रा भी हिम्मत नही हुई, कि मे उनसे सुबह की बात कर सकूँ…मे हार कर ऊपेर आ गया…और बेड पर लेट गया…मुझे कब नींद आ गयी…मुझे पता नही चला…

दोपहर के 3 बजे रवि ने मुझे ऊपेर आकर उठाया…मे उठ कर बैठ गया…

अभी: भैया मम्मी नीचे खाने के लिए बुला रही हैं….

मे उठ कर रवि के साथ नीचे आ गया…और नीचे आकर खाना खाने लगा…खाना खाने के बाद मे रवि के साथ वीडियो गेम खेलने लगा…नीलम मामी कल की तराहा सोफे पर बैठ कर मॅगज़ीन पढ़ रही थी…

मे बार-2 नीलम मामी को देख रहा था…ताकि मेरी नज़रों से उनके नज़र मिले.. शायद कुछ बात बन जाए…पर कोई फ़ायदा नही..मे अपने ध्यान को वीडियो गेम पर लगाने लगा…

वीडियो गेम खेलते -2 करीब आधे घंटे के बाद मेने फिर से नीलम मामी की तरफ देखा…पर इसबार मेरे दिल मे कुछ हलचल से हुई…नीलम मामी मेरी तरफ देख रही थी. पर जैसे ही मेने उनकी तरफ देखा. वो मॅगज़ीन मे देखने लगी…

मेरे दिमाग़ के घोड़े एक बार फिर से दौड़ने लगी…हां-2 वो मेरे तरफ देख रही थी…पर इसमे ऐसे किया खास बात है…हो सकता है उनका ध्यान ऐसे ही मुझ पर पड़ गया हो. जाने फिर वो मुझे नही रवि को देख रही हो…

ये सब बातें सोच-2 कर दिमाग़ का कबाड़ा बन चुका था….आख़िर मे उठ कर ऊपेर अपने रूम मे आ गया…और अगले दिन के एग्ज़ॅम के तैयारी करने लगा…और काफ़ी देर तक पढ़ता रहा…शाम कब ढल गयी..मुझे पता नही चला…

रात के 9 बजे मुझे नीचे से मोहन मामा की आवाज़ आई…मे रूम से बाहर आकर नीचे देखने लगा..

मामा: (मुझे देखते हुए) अभी बेटा नीचे आकर खाना खा लो…फिर बाद मे पढ़ लेना…

क्रमशः.................
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11-15-2018, 12:22 PM,
#43
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
गतान्क से आगे.....................

मे नीचे आ गया…बच्चे सो चुके थे…मे मामा मामी के साथ खाना खाने लगा..और बीच-2 मे चोर नज़रों से नीलम मामी की कातिल जवानी को देख रहा था…आज नीलम मामी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी…उन्होने ने महरूण कलर के सारी पहनी हुई थी…

मामा: (खाना खाते हुए) और बातों अभी आज का एग्ज़ॅम कैसा रहा…

मे: जी बहुत अच्छा था…

मामा: अब कल के एग्ज़ॅम के तैयारी कर ली….

मे: जी मामा…

मामा: अब जल्दी सो जाना…ज़यादा देर तक ना पढ़ना…कल सुबह मे 4 बजे की ट्रेन से लुधियाना जा रहा हूँ…तुम सुबह जल्दी उठ कर पढ़ लेना...हां और हो सके तो बच्चो को बाहर रोड तक आगे कर आना…वहाँ से उनकी स्कूल बस आती है….उन्हे वहाँ से बस मे बैठा देना…

मे: जी ज़रूर मे बैठा आउन्गा….

मामा: ठीक है नीलम कल सुबह अभी को जल्दी उठ देना..

मामी: जी ठीक है

मे मामी के तरफ देखने लगा….ये सोच कर सुबह उठाने की बात को लेकर शायद उनके चेहरे पर कुछ भाव आ जाएँ. पर वैसे कुछ भी नही हुआ…वो चुप-2 खाना खाती रही…

खन्ना खाने के बाद मे उठ कर जाने लगा…तो अचानक मुझे याद आया कि, मेरे रूम के बाथरूम मे हेर ओयल ख़तम हो गया था…

मे: मामा वो ऊपेर हेर आयिल ख़तम हो गया है…

मामा: कोई बात नही…हमारे बेड रूम के बाथरूम मे दो बॉटल पड़ी हैं…वहाँ से ले लो…

मे मामा के रूम मे आ गया…और बाथरूम मे घुस गया…जैसे ही मे बाथरूम मे पहुचा…तो वहाँ सबसे पहले मेरी नज़र वाइट कलर की पॅंटी पर पड़ी.मेने उसे उठा कर देखा तो, पता चला कि ये वोही पॅंटी है. जो सुबह मामी ने पहनी हुई थी…उसपर मेरे कम के दाग अभी भी पड़े हुए थे….

दाग काफ़ी बड़ा था…जो आसानी से दिख जाए…मुझे ये अहसास हो गया, कि मामी चाहे सो ही रही हों…पर उन्होने ने इस दाग को ज़रूर देखा होगा…अगर वो चुदाना चाहती है. तो कम से कम कोई हिंट तो दे..

फिर मेने पॅंटी को वहीं रख दिया…और आयिल की बॉटल को लेकर ऊपेर आ गया….मेने जल्दी से सुबह 3:30 बजे का अलार्म लगा दिया…और फिर कुछ देर पढ़ने के बाद सो गया..

सुबह 3:30 पर अलार्म बजा…मेने जल्दी से उठ कर अलार्म बंद किया…और अपने टीशर्ट और शॉर्ट्स उतार कर सिर्फ़ अंडरवेर मे लेट गया…और इंतजार करने लगा…4 बजे के करीब मुझे नीचे से कुछ आवाज़ सुनाई दी…

मेने अंदाज़ा लगाया. कि मामा अब जा रहे हैं…मेरे दिल की धड़कन एक बार फिर से बढ़ गयी…अब मामी ऊपेर आने वाली थी…क्या वो आज ऊपेर आएगी…कहीं कल उन्होने ने अपनी पॅंटी देखी होगी..तो शायद वो ना आए…अगर आज वो ऊपेर नही आई तो इसका मतलब वो सच मे कल सो रही थी…

15 मिनट के इंतजार के बाद. मुझे ऊपेर आते हुए कदमों की आवाज़ आई…मे अपने दिल को साधे लेट गया…और कुछ ही पलों मे मेरे रूम का डोर धीरे से खुला…और वो हसीना मेरे रूम मे आ गयी…अब मे अपने दिल के धदकनो को थामे उसकी पहली हरकत का इंतजार करने लगा….

रूम मे 0 वाट का बल्ब जल रहा था…नीलम मामी ने सारी उतारी हुई थी…पर रात वाला महरूण कलर का ब्लाउस और पेटिकॉट पहना हुआ था…नीलम मामी ने एक बार मेरी तरफ देखा…फिर मेरे तने हुए लंड को जो कि अंडरवेर को आगे से फैलाए हुए था… फिर उन्होने जल्दी से मेरे फेस की ओर देखते हुए आवाज़ दी…अभी उठो….

पर मे नही उठा…उन्होने ने फिर से आवाज़ दी…पर मे वैसे ही लेटा रहा…नीलम मामी कल के तराहा बेड पर बैठ गयी…और मुझे मेरे कंधे पर हाथ रख कर हिलाने लगी.. पर मे टस से मस नही हुआ, और वैसे ही लेटा रहा…पर इस बार उन्होने मुझे ज़ोर से हिलाया…अब सोने का नाटक करना बेकार था…

मे आँखों को मलते हुए उठ कर बैठ गया….

मे: जी मामी….

मामी: (सुस्त आवाज़ मे) चलो उठ जाओ…और थोड़ी देर पढ़ लो…

मे उठ कर बाथरूम मे चला गया…और पेशाब करने लगा…मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था…और मन मे यही दुआ कर रहा था…कि मामी आज भी बेड पर लेट जाए…

मे जब पेशाब करके बाहर आया…तो मेरा लंड खुशी के मारे कुलाँचे भरने लगा… सामने वो दिल कश हसीना मेरे बेड पर लेटी हुई थी…उसकी पीठ आज भी मेरी तरफ थी…मेने गॉर से देखा…मामी का पेटिकॉट उनके घुटनो तक ऊपेर चढ़ा हुआ था.. जैसे आज वो उसे जान बुझ कर ऊपेर उठ कर लेटी हुई हों…

मे बिना एक पल के देरी किए बेड पर आ कर उनकी बगल मे लेट गया…और धीरे-2 उनकी तरफ खिसकने लगा…जब मे मामी के बिल्कुल सॅट गया…तो मेरा लंड एक दम अकड़ गया.. और मेरे अंडरवेर को ऊपेर उठा दिया…मुझे लंड को अंडरवेर मे रखने मे दिक्कत होने लगी…

मेने तोड़ा सा पीछे हो कर अपने लंड को अंडरवेर से बाहर निकाल लिया…और मामी के पीछे से सॅट गया…मेरा लंड उनके महरूण कलर के पेटीकोत को उनकी गांद के दर्रार मे धकेलटा हुआ उनकी गांद के छेद पर जा लगा….

मामी थोड़ा सा कसमासाई, और पीछे की तरफ अपनी गांद को थोड़ा सा दबा दिया…जैसे वो नींद मे ये सब कर रही हो…मेने मामी के पेटिकॉट को धीरे-2 ऊपेर करना चालू कर दिया…जो पहले से उनके घुटनो तक उठा हुआ था…

मे बढ़े ध्यान से मामी के पेटीकोटे को ऊपेर उठाता रहा…और जब उनका पेटिकॉट उनके चुतड़ों तक ऊपेर उठ गया…मेने अपने लंड को पीछे करके मामी के पेटीकोत को ऊपेर उठा दिया…वाउ सामने का नज़ारा देख मेरे लंड की नसें फूलने लगी…

आज मामी ने रेड कलर के नाइलॉन वशेप पॅंटी पहनी हुई थी…जैसे आज पूरी तैयारी के साथ आई हो…मे अपने आप पर काबू ना रख सका… रेड कलर की नेट वाली वी शेप पॅंटी मामी के भारी-2 गॉट मटोल सुडल चुतड़ों को नाम मात्र ही ढक पा रही थी…अब मे एक दम पागल हो चुका था…

मे पिछले दो तीन दिनो से चूत के लिए तड़प रहा था…इसलिए मुझसे रहा नही गया… और बिना किसी बात की परवाह किए बेगैर मे अपने लंड को हाथ मे पकड़ कर उनकी गांद के नीचे से उनकी चूत पर लगा दिया…

मे तो मानो जैसे स्वर्ग मे उड़ रहा था…इस बार मामी फिर से थोड़ा सा हिली पर फिर से शांत पड़ गयी…मे धीरे-2 अपने लंड को मामी की पॅंटी के ऊपेर उनकी चूत की फांकों पर रगड़ने लगा….

पर मामी के जांघे आपस मे सटी हुई थी…जिससे मेरा लंड गांद के नीचे से थोड़ा ही आगे जा पा रहा था…मे अपने लंड को धीरे-2 रगड़ता हुआ आगे पीछे करने लगा.. पर हर बार मामी की जाँघ के कारण आधे रास्ते मे रुक जाता…

मामी की रेड पॅंटी मे मुझे अपने लंड पर कुछ-2 गीला सा महसूस हुआ…ओह्ह्ह्ह ये तो मामी की चूत गीली हो चुकी थी…क्या वो जाग रही हैं….हां शायद वो कुछ बोले बिना ही मज़ा लेना चाहती हैं…

मे अपने लंड को पीछे उनकी चूत पर पॅंटी को ऊपेर से रगड़ते हुए…और आगे करने के कॉसिश करने लगा…फिर वो हुआ जिसका मुझे बेसब्री से इंतजार था…

मामी ने अपनी ऊपेर वाली जाँघ को हल्का सा ऊपेर कर लिया…जैसे ही मामी की जाँघ ऊपेर हुई…मेरा तना हुआ लंड मामी की दोनो जाँघो के बीच मे से उनकी चूत की फांकों के बिल्कुल बीचो-बीच सॅट गया….

मेरे पूरे बदन मे वासना की लहर दौड़ गयी…दिल उतेजना के मारे तेज़ी से धड़कने लगा…मामी ने फिर धीरे-2 अपनी ऊपेर वाली जाँघ को नीचे वाली जाँघ पर वैसे ही रख दिया…मेरा तना हुआ लंड मामी के धकति हुई जाँघो और चूत मे सटा हुआ था..

मत पूछो मुझे आज तक इतना मज़ा कभी नही आया…अब मेरा हॉंसला बढ़ चुका था…पर मे फिर भी थोड़ा सा डर रहा था…मे ये सोच लिया…जैसे नीलम मामी को पसंद हैं…मे भी बिना कुछ बोले ही उनको सारी दुनाया का प्यार आज दे दूँगा..

मेने थोड़ी देर लेटने के बाद…अपना हाथ आगे लेजा कर उनके ब्लाउस के ऊपेर से उनकी चुचि पर रख दिया…ओह्ह्ह्ह क्या नरम और कसी हुई चुचिया हैं मामी की…मे धीरे-2 मामी के चुचि को ऊपेर से मसलने लगा…जैसे-2 मे मामी की चुचि को मसल रहा था…

वैसे -2 मामी अपने चुतड़ों को पीछे की और हल्के-2 दबा रही थी…ताकि मुझे पता ना चले..पर मे तो पहले से ही सब महसूस कर रहा था…मामी का ब्लाउस बहुत ही डीप नेक वाला था…पीछे मामी के ब्लाउस के ऊपेर का हिस्सा काफ़ी खुला था….

मेने अपने कांप रहे होंटो को, उनके ब्लाउस के ऊपेर के खुले हिस्से पर लगा दिया… जैसे ही मेरे होन्ट उनके नंगी पीठ पर पड़े…वो एक दम से सीईईई कर उठी…आवाज़ बहुत धीमी थी…पर मुझे सुनाई दे गयी….मे मामी की पीठ पर अपने होंटो को रगड़ने लगा…मामी बिल्कुल मुझसे सॅट गयी…

नीलम मामी की साँसें और तेज़ी से चलने लगी…मेरा हाथ उनके ब्लाउस के ऊपेर से उनकी चुचि को सहला रहा था…मामी की तेज होती साँसों से उनकी चुचिया तेज़ी से ऊपेर नीचे हो रही थी…जो मे अपने हाथ से अच्छी तराहा से महसूस कर रहा था…

अब मेरी बर्दास्त से बाहर हो चला था…मेने अपने होंटो को मामी के बदन पर रगड़ते हुए…उनकी नेक पर आ गया…और पीछे से उनकी नेक को चूमने लगा…मे मामी के फेस से उठ रही गरमी को सॉफ महसूस कर रहा था..उनके नाक से साँस लेने तक की आवाज़ भी मे सॉफ-2 सुन पा रहा था….

मेने मामी की चुचि से अपना हाथ हटा कर, उनके कंधे के नीचे बाजू पर रख दिया…

और अपनी कमर के नीचले हिस्से को पीछे कर अपने लंड को उनकी जाँघो के बीच मे से खींच लिया…और थोड़ा सा पीछे हो कर उनके बाजू को पकड़ कर अपनी तरफ करने लगा…

थोड़ी ही देर मे मामी ने धीरे-2 मेरी तरफ करवट बदल ली…अब मामी पीठ के बल लेटी थी…तेज़ी से चल रही साँसों से उनकी 36 साइज़ के तनी हुई चुचियाँ ऊपेर नीचे हो रही थी, और मे अपनी वासना से भरी नज़रों से देख रहा था…

मे मामी के ऊपेर झुक गया…मेरा कमर का नीचे का हिस्सा बेड पर था…और बाकी का हिस्सा मामी के ऊपेर था…पर मेने उन पर वजन नही डाला था…मामी अभी भी अपनी आँखें बंद किए हुए थी…उनके होन्ट कांप रहे थी…आँखों की पलकें हिल रही थी…और उनकी पतली कमर उत्तेजना के मारे कांप रही थी…

मेने अपना एक हाथ मामी के ब्लाउस के ऊपेर रख दिया…और उनके ब्लाउस के बटन खोलने लगा…जैसे-2 उनके ब्लाउस के बटन खुल रहे थे…मेरे दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी…एक करके ब्लाउस के सारे बटन खुल गये...

मेने अपनी उत्तेजना के मारे कांप रहे हाथों से उनके ब्लाउस के कप्स को पकड़ कर साइड मे कर दिया…वॉववववव सामने क्या नज़ारा था…मामी ने मॅचिंग रेड ब्रा पहनी हुई थी…नेट ब्रा मे उनकी चुचियो के ब्राउन कलर के निपल सॉफ दिख रहे थे…

मेने ब्रा के ऊपेर से मामी की एक चुचि पर हाथ रख दिया…वाहह मामी के चुचि मेरे हाथ मे समा नही रही थी…मे धीरे-2 मामी की चुचियो को सहलाने लगा…

मेने मामी के फेस की तरफ देखा..उनके होन्ट और मुँह थोड़ा सा खुल गया…शायद वो साँस लेने मे दिक्कत महसूस कर रही थी..

मामी ने अपनी चिन को ऊपेर की तरफ उठाया हुआ था…उनकी खूबसूरत गर्दन और चिन का निचला हिस्सा पागल कर देने वाला था…मामी का मंगल सूत्र उनकी चुचियो के बीच मे ब्रा के ऊपेर पड़ा हुआ था

मेने अपने होंटो को मामी के नेक पर रख दिया…और नेक को चूमने लगा…मेरे होंट मामी की नेक के हर हिस्से को चूम रहे थे…मेने मामी के हाथों की तरफ देखा…मामी अपने हाथों से अपने कमर के पास बेड शीट को कस्के पकड़े हुई थी… मे मामी की नेक को किस करता हुआ नीचे आने लगा…और उनकी बूब्स के ऊपेरी हिस्से को अपने होंटो से चूमने लगा…

अब मे हिम्मत करके उनके ऊपेर आ गया…मामी ने अपने टाँगों को घुटनो से मोड़ा हुआ था…जिससे उनका पेटिकॉट सरक कर उनकी जाँघो की जड़ो तक आ गया था…और उनकी रेड कलर के वशेप की पॅंटी सॉफ दिख रही थी…उनकी गोरी चिकनी जांघे एक दम सॉफ थी…ऐसे लग रहा था…जैसे उन्होने कल ही वॅक्सिंग करी हो…

जैसे ही मे नीलम मामी के ऊपेर आया… तो मामी ने अपनी जाँघो को फैला लिया… मे नीलम मामी की टाँगों के बीच मे घुटनो के बल हो गया…और अपने दोनो हाथों से नीलम मामी की छोटी सी रेड कलर के ब्रा मे क़ैद तनी हुई,गुदाज चुचियो को हाथ मे ले लिया….

मेरा लंड मामी की रेड कलर की वशेप पॅंटी की एक तरफ से उनकी फांकों के नज़दीक रगड़ खा रहा था….मामी का फेस एक दम लाल हो चुका था…और वो अपने सर को ऊपेर की तरफ उठाए हुए, अपने होंटो और मुँह को थोड़ा सा खोल कर ठीक से साँस लेने के कॉसिश कर रही थी….

मेने मामी की चुचियो को दोनो हाथों मे लेकर धीरे-2 मसलना चालू कर दिया… उनकी मुलायम चुचियो को मसल कर मे और गरम हुआ जा रहा था…पर अब वक़्त आ गया था…जब मे अपने आप को रोक ना सका…

और मामी के ब्रा के कप्स को नीचे से पकड़ कर ऊपेर उठाने के कॉसिश करने लगा.. पर ब्रा बेहद टाइट थी… और ब्रा के हुक्स मामी की पीठ पर थी…और मामी पीठ के बल लेटी हुई थी… अब मेरा दिल मामी की नेट की ब्रा मे दिख रहे ब्राउन कलर के आधे इंच के निपल्स को मुँह मे लेकर चूसने को कर रहा था…

मेने मामी की पीठ के दोनो साइड से अपने हाथों को मामी के पीठ के नीचे ले जाने की कॉसिश करने लगा…पर मामी की पीठ नीचे बिस्तर से सटी हुई थी…और मे अपने हाथों को नीचे ब्रा के हुक्स के पास नही ले जा रहा था…

पर फिर वो हुआ जिससे मेरा लंड और झटके खाने लगा…मामी ने अपनी आँखों को बंद किए हुए अपनी पीठ को थोड़ा सा ऊपेर उठा दिया…मेरी ख़ुसी का कोई ठिकाना नही था…मेने जल्दी से अपने हाथों को मामी की पीठ के पीछे लेजा कर मामी के ब्रा के हुक्स को खोल दिया, और अपने हाथों को आगे लेजा कर मामी के ब्रा के कप्स को ऊपेर उठा दिया….

मेरा तो जैसे गला ही सूख गया…एक दम पूर्ण रूप से विकिसित मामी के 36 साइज़ के एक दम कसी हुई गुदाज चुचियाँ मेरी आँखों के सामने थी…चुचियो के निपल तन कर एक दम कड़े हो चुके थे…ब्राउन कलर के निपल को देख कर मे एक दम पागल हो गया….

मामी के वेल शेप्ड बूब्स को देख कर मे एक दम से पागल हो गया…और मामी की दोनो चुचियो को अपने हाथों मे पकड़ कर मसलने लगा…जिससे मामी की चुचियो के निपल और नुकीले हो कर बाहर की तरफ आ गये….

मेने मामी की चुचियो के एक निपल को मुँह मे ले लिया…और धीरे-2 चूसने लगा…मामी ने अपने हाथों से बेड शीट को कस के पकड़ लिया…और उनके मुँह से एक हल्की सी आह निकल गयी..

अब मे किसी भी बात पर ध्यान दिए बिना. मामी की चुचि के निपल को चूस रहा था…मामी का बदन मस्ती मे गरम हो कर कांप रहा था…मे मामी की चुचि को ज़ोर-2 से चूसने लगा….मामी के मुँह से आ सीयी के बहुत ही धीमी आवाज़ निकल रही थी…और वो अपने होंटो को अपने दाँतों मे भींचे हुए अपने आवाज़ को दबाए हुए थी

मे अपने एक हाथ से मामी की दूसरी चुचि को धीरे-2 मसल रहा था..मामी के निपल और कड़े हो कर तन चुके थे…मे मामी की दूसरी चुचि के निपल को अपने हाथ की उंगलियो मे लेकर मसलने लगा, और मामी और ज़्यादा कसमसाने लगी…

क्रमशः.................
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11-15-2018, 12:22 PM,
#44
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
मामी के बाल बिखर चुके थे…और मे मामी की चुचि को लगतार किसी बच्चे की तरहा चूसे जा रहा था…मेने करीब 5 मिनट तक मामी की एक चुचि को चूस-2 कर लाल कर दिया था…मेने मामी की चुचि को मुँह से निकाल कर, मामी की दूसरी चुचि को मुँह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया…

और पहले वाली चुचि को अपने हाथ मे लेकर मसलने लगा…मामी के आँखें अभी भी बंद थी…वो शायद अपनी आँखें खोल कर मेरा सामना नही करना चाहती थी.. मे भी मामी को बिना कुछ बोले, मामी की चुचि को चूस रहा था…करीब 15 तक मामी के दोनो चुचियो को चूसने और मसलने के बाद मे धीरे-2 अपने होंटो को मामी के बदन पर रगड़ता हुआ, नीचे आने लगा….

मे मामी की चुचियो को अपने मुँह से निकाल कर, मामी के बदन को चूमता हुआ, नीचे की ओर आने लगा…मेरे होन्ट मामी के बदन के हर इंच को रगड़ रहे थे, और मे मामी के बदन पर अपनी जीभ फेर कर चाट रहा था…

मे अपनी आँखों को ऊपेर करके, मामी के फेस को देख रहा था…उनके फेस पर पसीना आ चुका था…होन्ट थरथरा रहे थी….और बालों की लते माथे और फेस पर बिखरी हुई थी… और वो तेज़ी से साँस ले रही थी…

मे मामी के बदन को अपने होंटो और जीभ से चूमता हुआ, मामी की नाभि पर आ गया…और अपनी जीभ निकाल कर मामी की नाभि के चारों तरफ गोल-2 घुमा कर चाटने लगा.मामी बुरी तराहा कसमसा गयी…और अपने हाथों को एक झटके मे ऊपेर करके तकिये को दोनो साइड से अपने हाथों मे कस कर पकड़ लिया….

मामी के पेट मे कंपन के कारण हल्की -2 लहरे उठ रही थी…मामी का पेट की हल्की चर्बी कंपन के कारण थरथरा रही थी….और वो अपने होंटो को दाँतों मे दबाए हल्की आवाज़ मे उंह उंघ कर रही थी….

मे अपनी जीभ निकाल कर मामी की नाभि मे डाल कर चाटने लगा…मामी एक दम से मस्त हो गयी…उनकी कमर झटके खाने लगी….उनका पेटिकॉट सरक कर उनकी कमर पर आ चुका था…और वशेप पॅंटी चूत के छेद की जगह से एक दम गीली हो चुकी थी…

मे मामी की नाभि को 5 मिनट तक चाटता रहा…और फिर नाभि को छोड़ कर नीचे की तरफ आने लगा…जैसे-2 मे नीचे की ओर आ रहा था…मामी के साँस लेने की आवाज़ और तेज होती जा रही थी…

मे मामी के बदन के हर एक इंच को चूमता हुआ, मामी की पॅंटी के ऊपेर आ गया…और मामी की पॅंटी के ऊपेर अपने होंटो को रगड़ने लगा…मामी मेरी इस हरकत से और कसमसाने लगी….

मे मामी की चूत को मामी की पॅंटी के ऊपेर से चाटने लगा…मामी की जांघे मेरे सर पर कसने लगी…जब मुझे थोड़ी दिक्कत होने लगी…मेने मामी की जाँघो को दोनो हाथों से पकड़ कर फैला दिया….और घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठ दिया… और मामी की चूत के छेद के ठीक ऊपेर पॅंटी के ऊपेर से चाटने लगा….

मामी की जाँघो को ऊपेर करने के बाद, मेने अपने हाथों को मामी की टाँगों से हटा दिया…और मामी की पॅंटी के ऊपेर लाकर, मामी की पॅंटी को चाटते हुए, उनकी चूत को धीरे-2 मसलने लगा….मामी के पैर फिर से धीरे-2 नीचे की ओर आने लगे…

मे समझ गया था, कि मामी से बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा है…मे सीधा होकर उनकी जाँघो के बीच घुटनो के बल बैठ गया….और उनकी पॅंटी को दोनो हाथों से पकड़ कर नीचे सरकाने लगा….

इस बार मामी ने बिना कोई देर किए….अपने चुतड़ों को थोड़ा सा ऊपेर उठा दिया…मेरे होंटो पर मुस्कान फेल गयी…आज मुझे हसीन चूत जो मिलने वाली थी…मेने पॅंटी को धीरे-2 नीचे सरकाना चालू कर दिया…जैसे-2 मामी की चूत मेरी आँखों के सामने आ रही थी…वैसे-2 मेरा लंड हवा मे झटके खा रहा था…

मेने पॅंटी को मामी की टाँगों से निकाल कर बेड के एक साइड मे रख दिया…और मामी की जाँघो को पूरी तरहा फैला कर ऊपेर कर दिया…जैसे ही मामी की घुटनो से मूडी हुई टाँगें ऊपेर हुई…मामी के फूली हुई चूत, जो मामी की चूत के गाढ़े पानी से लबालब थी… मेरी आँखों के सामने थी…

मामी की चूत की फाँकें आपस मे सटी हुई थी…और वासना के कारण थोड़ी खुल और बंद हो रही थी…मेने मामी घुटनो से पकड़ कर मामी की टाँगों को और ऊपेर करके फैला दिया…जिससे मामी की चूत की फाँकें थोड़ा सा फेल गयी…और उनकी चूत का गुलाबी छेद जो उनके काम रस से भीगा हुआ था, मुझे थोड़ा-2 दिखाई देने लगा….

मे नीचे झुक गया…और उनकी चूत की फांकों को दोनो हाथों की उंगलयों से फैला दिया…मामी की चूत का गुलाबी छेद उनके काम रस से भीगा हुआ था…और उसमे उतेजना के मारे संकुचन हो रहा था…

मेने बिना टाइम वेस्ट किए, मामी की चूत के पानी से लबलबा रहे छेद पर, अपने मुँह को रख दिया…और अपनी जीभ निकाल कर मामी की चूत के छेद को चाटने लगा… मामी बुरी तरहा छटपटाने लगी…मामी की कमर नीचे से झटके खाने लगी…और उन्होने तकिये को कस कर दोनो हाथों से पकड़ लिया….

मे अपनी आँखों को ऊपेर करके मामी को देखने लगा…मामी अपने होंटो को दाँतों मे दबाए हुए…अपने सर को इधर से उधर पटक रही थी…और मामी के मुँह से सीईइ अहह सीयी अहह के धीमी-2 आवाज़ आ रही थी…

मे मामी की चूत की फांकों को फैला कर उनकी चूत के गुलाबी छेद को जीभ से अंदर तक चाट रहा था….बीच-2 मे में मामी की चूत की फांकों को अपने होंटो मे भींच कर खींच देता…मामी और कसमसाने लग जाती….करीब 5 मिनट चूत को चाटने के बाद…मेने मामी के क्लिट जो उतेजना के मारे काफ़ी फूल चुका था…उसे मुँह मे ले लिया…

जैसे ही मेने मामी के क्लिट को मुँह मे लिया…मामी की कमर झटके खाने लगी… और वो और ज़ोर से अपने सर को इधर से उधर पटकने लगी…पर अभी तक उनके मुँह से सिसकारियो के एलवा एक शब्द नही निकला था….

मे मामी की चूत के क्लिट को पागलों के तरहा चूस रहा था…मे मामी के क्लिट को मुँह मे भर कर अपनी जीभ से कुरेदने लग जाता…मामी पूरी तराहा गरम हो कर सीयी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह करते हुए, अपनी गांद को हिला रही थी…मामी की चूत उनके काम रस से भीग चुकी थी….

मेने मामी की चूत पर से अपना मुँह हटा लिया…और सीधा होकर घुटनो के बल बैठ कर उनकी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर उनकी जाँघो को फैला दिया…. और अपने लंड के सुपाडे को मामी की चूत पर लगा दिया….

जैसे ही मेरे लंड का सुपाड़ा उनकी दहकती चूत के छेद पर लगा…मामी के बदन ने एक झटका खाया…और उनके होंटो पर एक हल्की से मुस्कान फेल गयी…जिससे सॉफ पता चल रहा था, कि वो चुदाई के इस खेल का पूरा मज्जा ले रही हैं….

मामी की चूत उनके कामरस से एक दम भीगी हुई थी…इसलिए जैसे ही मेने हल्का सा झटका दिया…मेरे लंड का सुपाड़ा सरकता हुआ,उनकी चूत के छेद मे समा गया…मामी ने दो बच्चो को जनम दिया हुआ था…इसलिए उनकी चूत बहुत ज़्यादा टाइट नही थी…पर लग रहा था, कि वो काफ़ी दिनो से चुदी नही है….

दो बच्चो को जनम देने के बावजूद भी उनकी चूत की दीवारें मुझे अपने लंड पर कसी हुई महसूस हो रही थी….और उनकी चूत की दीवारें मेरे लंड के सुपाडे को कस और छोड़ रही थी….मे अपने लंड के सुपाडे पर मामी के चूत के दीवारों के संकुचन को सॉफ-2 महसूस कर पा रहा था…

मामी की चूत एक दम गरम और गीली हो चुकी थी…मे बिना कोई देर किए, एक और झटका मारा…मेरा आधा लंड मामी की चूत मे समा गया…और मामी के मुँह से एक और दबी हुई आहह निकल गयी…

जैसे ही मेरा आधा लंड मामी की चूत मे घुस्सा…मे मामी के ऊपेर झुक गया…मामी के तने हुए एक निपल को मुँह मे लेकर चूसने लगा…और दूसरा हाथ नीचे लेजा कर मामी के क्लिट को अपने हाथ के उंगुठे से मसलने लगा. जैसे-2 मे मामी की चूत के क्लिट को अपने उंगुठे से रगड़ रहा था…वैसे-2 मामी अपनी कमर को नीचे से हिला रही थी…

मामी की चुचियो को मे पागलों की तरहा चूस रहा था…फिर थोड़ी देर बाद मेने नीचे से हाथ हटा लिया…और अपने दोनो हाथों से मामी के चुचियो को चूस्ते हुए मसलने लगा…

अब मामी बहुत गरम हो चुकी थी…उसकी साँसे बहुत तेज़ी से चल रही थी…मामी ने नीचे अपनी चूत को धीरे-2 ऊपेर मेरे लंड पर दाबना चालू कर दिया…मामी की गीली चूत मे मेरा लंड उनकी चूत के दीवारों को फेलता हुआ अंदर घुसने लगा…और कुछ ही पलों मे मेरा पूरा का पूरा लंड मामी की चूत मे समा गया…और उनकी बच्चेदानी से जाकर सॅट गया….

मेने मामी के फेस की तरफ देखा…मामी की आँखें अभी भी बंद थी…साँसें तेज़ी से चल रही थी…और वो अपने होंटो को दाँतों मे दबाए हुए थी…

मे: मामी आप की चूत बहुत गरम और टाइट है…देखों ना मेरा लंड कैसे आपके काम रस से भीगा हुआ है…

पर ये बात सुनते ही, मामी ने अपने होंटो को दाँतों से निकाल लिया….और मेरी बात को सुनते ही उनके होंटो पर एक कातिल से मुस्कान आ गयी…पर ना तो उन्होने अपनी आँखों को खोला और ना ही वो कुछ बोली….शायद वो बोलना ही नही चाहती थी….

मे अपने लंड को धीरे-2 अंदर बाहर करने लगा…लंड मामी की चूत से बह रहे काम रस से चिकना हो कर धीरे-2 अंदर बाहर हो रहा था…मामी ने एक बार फिर से अपने होंटो को दाँतों से काटना शुरू कर दिया था….

मे मामी की चुचियो को चूस्ते हुए अपने लंड को बाहर निकाल कर अंदर पेल रहा था… लंड फतच-2 की आवाज़ से अंदर बाहर हो रहा था…मामी ने अपने टाँगों को घुटनो से मोड़ कर मेरी कमर के ऊपेर रख लिया था… ताकि वो मेरे लंड को अपनी चूत की गहराईयो मे महसूस कर सकें….

मे: अहह मामी आपकी चूत सच मे बहुत टाइट हैई….मेरे लंड को अपने अंदर लेकर मसल रही हैं….

मे मामी के फेस की तरफ देखते हुए…अपने लंड को उनकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था…पर मामी बिना कुछ बोले अपनी आँखों को बंद किए लेटी रही…मे मामी को बुलवाना चाहता था….चाहे एक वर्ड ही सही….

मे सीधा हो कर घुटनो के बल बैठ गया….और मामी की टाँगों को घुटनो से पकड़ कर धीरे-2 अपने लंड को उनकी चूत से बाहर निकालने लगा…मेरे लंड का सुपाड़ा मामी की गीली और गरम चूत के दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ बाहर आने लगा….

जैसे ही मेरा लंड सुपाडे तक मामी की चूत से बाहर निकाला…मेने एक गहरी साँस ली... और अपनी पूरी ताक़त लगाकर एक जोरदार धक्का मारा…लंड का सुपाड़ा पूरी तेज़ी से मामी की चूत की दीवारों को फैलाता हुआ. अंदर घुस्स गया…धक्का इतना ज़बरदस्त था, कि मामी के मुँह से अहह की हल्की से चीख निकल गयी…

अब मेने ये मान लिया था…कि मे चाहे जितनी भी कॉसिश करूँ…मामी नही बोले गी.. मे वापिस मामी के ऊपेर झुक गया, और मामी की चुचियो को चूस्ते हुए अपने लंड को तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा…

लंड फतच-2 की आवाज़ से अंदर बाहर होने लगा…मेरे हर धक्के के साथ मामी के मुँह से हल्की से उंघ के आवाज़ निकल जाती…और कभी आह सीईइ के आवाज़ सुन जाती…. लंड अब आसानी से मामी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था…
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11-15-2018, 12:22 PM,
#45
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
मेने मामी की चुचियो को छोड़ कर अपने होंटो को मामी के रसीले होंटो के तरफ बढ़ा दिया…और मामी ने जैसे ही मेरे होंटो को अपने होंटो पर महसूस किया…मामी ने अपने होंटो को खोल लिया…मे मामी के गुलाबी रस से भरे होंटो को चूसने लगा… मामी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी….मेने धीरे-2 अपने धक्को की रफ़्तार को और बढ़ा दिया…

मामी का बदन अकड़ने लगा…और वो तेज़ी से ह अहह सीईईईईई उंह करने लगी… मामी झड़ने के करीब थी…मे और जोश मे आकर अपने लंड को और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा…आख़िर कार मामी का बदन एन्थ गया…और उन्होने अपने होंटो को मेरे होंटो से अलग करके तेज़ी से हाँफने लगी….

मामी झाड़ चुकी थी…सन्तुस्ति से भरी मुस्कान उनके होंटो पर फेल चुकी थी…मे भी तेज़ी से अपने लंड को उनकी चूत मे पेलते हुए…अपने लंड के वीर्ये से उनकी चूत के दीवारों को भिगोने लगा…और झाड़ कर उनके ऊपेर गिर पड़ा…

मामी अभी भी अपने हाथों से तकिये को थामें हुए थी…मे मामी के ऊपेर से हट कर उनकी बगल मे लेट गया…और अपनी साँसों को दुरस्त करने लगा…

थोड़ी देर बाद मेने देखा…मामी उठ कर अपने पैरो को लटका कर बेड के किनारे बैठ गयी…उन्होने ने अपनी पॅंटी को उठाया…और झुक कर पहनने लगी…जैसे ही उन्होने अपने पॅंटी पहनी…और वो उसके बाद अपने हाथों को पीछे लेजा कर अपनी ब्रा के हुक्स को बंद करने की कोसिस करने लगी…

मे उनके पीछे लेटा हुआ सब देख रहा था…मे मामी को बुलाना नही चाहता था…पर उनसे उनकी ब्रा के हुक्स बंद नही हो रहे थे..क्यों कि ऊपेर उन्होने ने ब्लाउस पहन रख था….मे उठ कर मामी के पीछे बैठ गया…और अपने हाथों को उनके ब्रा के स्ट्रॅप्स पर रख दिया…

जैसे ही मेरे हाथ उनके हाथों से टकराए…मामी ने अपने हाथों को झट से आगे कर लिया…मेने मामी की ब्रा के हुक्स को बंद कर दिया…फिर मामी पीछे देखे बिना ही अपने ब्लाउस के बटन्स को बंद करने लगी…ब्लाउस के बटन्स को बंद करके…वो खड़ी हो गयी…और नीचे जाने लगी….

मेने आगे बढ़ कर उनका हाथ पकड़ लिया….मामी वहीं रुक गयी…मे बेड से खड़ा हुआ…उनके पीछे से उनके पास जाकर सॅट गया…मेने मामी को अपनी तरफ घुमा लिया.. इस बार मेने पहली बार मामी के आँखों को खुला देखा…जो वासना से सन्तुस्ति को बयान कर रही थी…उनके होंटो पर हल्की से कातिल मुस्कान थी…

मेने अपने होंटो को मामी के होंटो के तरफ बढ़ाना चालू कर दिया…मामी ने अपने आँखों बंद कर लिया…और मे मामी के होंटो को अपने होंटो मे लेकर किस करने लगा. हम दोनो 5 मिनट तक एक दूसरे को किस करते रहे…

जब मामी ने अपने होंटो को मेरे होंटो से हटाया…तो उनकी आँखें शरम के मारे झुकी हुई थी…

मे: मामी आज तो मे आप को पा कर बहुत खुस हूँ…आप को कैसा लगा…किया मे आप को सन्तुस्त कर पाया…

मामी ने हां मे सर हिला दिया….और नीचे जाने लगी…पर मेने मामी का हाथ पकड़ा हुआ था…

मामी: (कांपती हुई आवाज़ मे) बच्चे उठने वाले हैं….

मे और कुछ नही बोला, और मामी का हाथ छोड़ दिया…मामी नीचे चली गयी…और मे बाथरूम मे घुस्स कर फ्रेश होने लगा….जब मे फ्रेश हो कर नीचे आया

तब बच्चे तैयार हो चुके थे…मे उनके लेकर बाहर मे रोड तक आ गया…और थोड़ी देर इंतजार करने के बाद उनकी बस आ गयी…बच्चो को बस मे बैठा कर मे घर वापिस आ गया….मामी ने नहा कर अपनी सारी चेंज कर ली थी…

मे सीधा किचन मे चला गया…और मामी को पीछे से बाहों मे भर लिया.. मामी एक दम से घबरा गयी….और मेरी तरफ घूम कर बोली……..

मामी: ये क्या कर रहे हो…बच्चो को छोड़ आए….

मे: जी छोड़ आया….

और मे मामी की कमर मे अपने बाहों को कस कर उनसे चिपक गया….और उनके होंटो को किस करने लगा…

मामी: (अपने होंटो को मेरे होंटो से अलग करते हुए) नही अभी नही…पहले मुझे नाश्ता बनाने दो….आज तुम्हारा एग्ज़ॅम है ना….

मे: (मामी से अलग होते हुए) जी पर मे आप से कुछ पूछ सकता हूँ…

मामी: (नाश्ते को प्लेट मे डालते हुए) जी पूछिए…

मे: मामी जब आप भी यहीं चाहती थी..तो आप ने पूरा टाइम मेरे से कोई बात क्यों नही की…

मामी: वो मे बस मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था..और मेरे बोलने की हिम्मत नही हो रही थी…

मे मामी के पीछे-2 डिन्निंग टेबल पर आ गया…और नाश्ता करने लगा…

मामी: अभी तुम्हारा एग्ज़ॅम कब तक ख़तम हो गा….

मे: जी 12 बजे…..

मामी: तो तुम आज मामा का स्कूटर ले जाओ…..

मे: नही मामी मे चला जाउन्गा….

मामी: (शर्मा कर मुस्कराते हुए) वो तुम जल्दी घर वापिस आ जाओ गे…बच्चे स्कूल से 3 बजे वापिस आते हैं….

मे: और मामा लुधियाना से कब वापिस आने वाले हैं….

मामी: रात तक आ जाएँगे….

मे: ठीक है जैसे आप कहों….वैसे कुछ स्पेशल प्लान क्या है….

मामी शर्मा कर मुस्कुराने लगी…मे नाश्ता करके घर से मामा के स्कूटर पर निकल पढ़ा…जैसे ही मेरा एग्ज़ॅम ख़तम हुआ….मे जल्दी से मामा का स्कूटर उठा कर वापिस घर के तरफ चल पड़ा….

क्रमशः.................
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11-15-2018, 12:23 PM,
#46
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
गतान्क से आगे.....................

रास्ते मे मेरी नज़र मेडिकल स्टोर पर पड़ी…मेने स्कटर रोका..और एक वाइग्रा पर्चेस कर ली..और घर की तरफ आने लगा…घर पहुँच कर मेने डोरबेल बजाई…थोड़ी देर बाद नीलम मामी ने डोर खोला…वाउ सामने नीलम मामी ब्लॅक कलर की सारी मे खड़ी थी…मे अपनी नज़रें मामी से हटा नही पा रहा था….

मामी का साँचे मे ढाला हुआ बदन किसी भी मॉडेल को मात दे सकता था…उन्होने सारी को नाभि से 3 इंच नीचे बाँधा हुआ था…क्या माल लग रही थी…

मामी: (मुझे अपनी तरफ देखते देख कर मुस्कराते हुए) अब वहीं खड़े रहो गे..चलो स्कटर अंदर करो…

मेने स्कटर को घर के अंदर किया…और मामी ने पीछे से गेट बंद कर दिया…अंदर पहुच कर मेने टाइम देख तो 12:15 मिनट हो रहे थे…मे जल्दी से ऊपेर अपने रूम मे गया…और फ्रेश होकर धुला हुआ टीशर्ट और शॉर्ट्स पहन कर नीचे आ गया…

मामी किचन मे थी…मेने किचन जाकर उनके पीछे से उन्हे बाहों मे ले लिया…और अपने होंटो को उनकी नेक पर रख दिया…वो एक दम से कसमसाने लगी…

और अपने हाथों को पीछे लेजा कर मेरे सर को पकड़ लिया….

मामी: आह क्या कर रहे हो…पहले खाना तो खा लो….

मे: (नीलम मामी की नेक पर अपने होंटो को रगड़ते हुए) नही मुझे अभी भूक नही..

मामी: अच्छा ठीक है…कम से कम ये जूस तो पी लो….

मेने मामी के छोड़ दिया…और उनके हाथ से जूस का ग्लास लेकर जूस पीता हुआ बाहर आ गया…मामी किचन मे कुछ काम कर रही थी….थोड़ी देर बाद मामी बाहर आकर सोफे पर मेरे साथ बैठ गयी…

मे: आज आप ने लंच जल्दी तैयार कर लिया….

मामी: (मुस्कराते हुए) हां फिर बच्चो के आने का टाइम हो जाएगा…..

मेने जूस का ग्लास ख़तम किया…और ग्लास को टेबल पर रख कर मामी के गले मे बाहें डाल कर उनके होंटो को किस करने लगा…मामी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी… मे मामी के होंटो को चूस्ते हुए…अपने एक हाथ को उनके ब्लाउस के ऊपेर से चुचि पर ले गया…और धीरे-2 उनकी चुचि को मसलने लगा…

मामी गरम होने लगी….मामी ने अपने होंटो को मेरे होंटो से हटाया…और कनपटी हुई मदहोशी से भरी आवाज़ मे बोली….

मामी: अभी चलो बेड रूम मे चलते हैं….

मे सोफे से खड़ा हुआ…और मामी के हाथ को खींच कर उन्हे खड़ा कर दिया…और नीचे झुक कर उनको अपनी बाहों मे उठा लिया….

मामी: ओह ओह्ह अभी ध्यान से ध्यान से

मे: कुछ नही होगा मे आप को गिरने नही दूँगा.

और मे मामी को अपने बाहों मे उठा कर उनके बेड रूम की तरफ ले जाने लगा. मामी की आँखें बंद थी. उनके बालों की लते, उनके माथे पर आ चुकी थी. जैसे ही मे मामी को उठा कर बेड रूम मे पहुचा. मेने मामी को नीचे उतार दिया. और रूम की लाइट ऑन कर दी.

जैसे ही रूम मे ट्यूब लाइट की रोसनी चारो तरफ फैली. मामी ने अपने सर को शरम के मारे झुका लिया. मे मामी के पास गया, और मामी की कमर को अपने बाहों मे कस लिया. मामी ने अपनी आँखों को बंद कर लिया.

मे: क्या हुआ?मामी जी आप तो अभी भी शर्मा रही हो. मुझसे क्या शरमाना.

मामी: (अपनी आँखों को खोलते हुए) अब अगर कोई 20साल का लड़का मेरे साथ ये सब करे तो मुझे शरम नही आएगी क्या.

मे: तो सुबह शरम नही आ रही थी…

मामी: आ रही थी.पर जब से तुम जहाँ आए हो. मेरी नींद हराम कर रखी है तुम्हारे हथियार ने.

मेने मामी को अपनी बाहों मे कस लिया. मेरे हाथ मामी की नंगी कमर को सहला रहे थे.मे मामी की आँखों मे देख रहा था. जो मामी के गरम होने की वजह से बंद हुई जा रही थी. मे अपने होंटो को मामी के होंटो की तरफ बढ़ने लगा. मामी ने अपने दोनो हाथों से मेरे टीशर्ट के कॉलर को कस के पकड़ लिया. और अपनी आँखें बंद करके अपने होंटो को मेरे होंटो की तरफ बढ़ाने लगी.

मामी की तेज़ी से चल रही गरम साँसे मे अपने फेस और होंटो पर महसूस कर रहा था. मे मामी की उतेजना और वासना के कारण लाल सुर्ख हो कर दहक रहे फेस को देख रहा था. मेरी नज़र उनके फेस से हट नही रही थी.

मामी के काँपते होन्ट बेसबरे से मेरे होंटो के मिलने का इंतजार कर रहे थे.जब मेने थोड़ी देर तक उनके होंटो को नही चूमा तो वो मदहोशी से भरी हुई कांपती आवाज़ मे बोल पड़ी.

मामी: ओह्ह अभी; क्या सोच रहे हो. क्यों मुझे और मेरे होंटो को तड़पा रहे हो.

मेने नीलम मामी की बात को सुनते ही. मामी के होंटो पर अपने होंटो को रख दिया.जैसे ही मेरे होन्ट मामी के होंटो से सटे. मामी ने अपने हाथों को मेरी कॉलर से हटा कर. मेरे सर के पीछे लेजा कर कस लिया. और मामी मुझसे एक दम चिपक गयी.

मामी की कसी हुई चुचिया मुझे ब्लाउस के ऊपेर से अपनी चेस्ट पर महसूस हो रही थी. मे एक 32-33 साल की एक दम मस्त और जवानी से भरपूर औरत को अपने बाहों मे कसे हुए. उनके होंटो को चूस रहा था.

मामी अपने होंटो को खोल कर मुझे अपने होंटो को आराम से चूसने दे रही थे. मेने मामी के होंटो से अपने होंटो को हटा कर, उनके पूरे फेस और गालो को चूमा.

मामी: (मस्ती से भरी आवाज़ मे) अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह अभिइ हन्णन्न् ऐसी हीए मुझे प्यार करू मे बहुत तदपि हूँ अहह अभीइ. मुझे अपनईए साथ कहीं भगा कारर्र ले चलो.

मे मामी की बातों पर ध्यान नही दे रहा था. मे जानता था कि वो इस वक्त वासना के नशे मे चूर हैं. मे अपने दोनो हाथों से मामी के चुतड़ों को सारी के ऊपेर से मसल रहा था. चुतड़ों के मसलने के कारण मामी मुझसे और चिपकी जा रही थी.

मे मामी को चूमता हुआ नीचे आने लगा. मामी की सारी का पल्लू सरक कर नीचे लूड़क चुका था. मामी की तनी चुचिया ब्लाउस की क़ैद से निकलने के लिए छटपटा रही थी. मे मामी के नेक को किस करता हुआ. मामी की चुचियो के बीच की दरार मे अपनी जीभ से चाटने लगा.

नीलम मामी अपने दोनो हाथों से मेरे सर को कस के पकड़े हुई थी. मामी के हाथों की उंगलिया मेरे बालों मे घूम रही थी. मे मामी की चुचियो को दोनो हाथों से मसलते हुए. मामी के ब्लाउस के ऊपेर से मामी की चुचियो को मुँह मे भर कर चूसने लगा. मेरी उतेजना और अपनी मस्ती के कारण मामी ने अपने हाथों को मेरे सर से हटा दिया.

और अपने ब्लाउस पर ले आई. और तेज़ी से ब्लाउस के हुक्स खोलने लगी. मामी ने सिर्फ़ आधे मिंट मे अपने ब्लाउस के सारी हुक्स खोल दिए. नीचे मामी की ब्लॅक ब्रा मे कसी हुई तनी गोरे रंग की चुचियाँ देख मे एक दुमाम से पागल हो गया.

मामी ने अपने ब्रा के हुक्स खोले बिना ब्रा के कप्स को पकड़ कर ऊपेर उठा दिया. मामी के गोरे रंग की एक दम तनी हुई चुचियाँ उछल कर बाहर आ गयी. और मे किसी भूखे बचे के तरहा, मामी की चुचियो पर टूट पढ़ा. और मामी की गुदाज चुचियो को अपने दोनो हाथों मे लेकर मसलने लगा.

मामी की चुचियो के निपल्स एक दम तने हुए थे. ब्राउन कलर के निपल्स को देख कर मे एक दम से पागल हो गया. और मामी के निपल को झुक कर मुँह मे ले लिया. मामी ने मुझे अपनी बाहों मे कस लिया.उनके हाथ तेज़ी से मेरे सर और पीठ पर घूमने लगे. मामी मुझे अपने बदन पर कस के चिपकाए हुए थी.

मामी: अहह अभिईीईई और्र्रर चूसो बएटााआ अहह और चूसूऊ बहुत मज्जाआअ रहा हाईईइ और ज़ोर सीए चूसो ह अभिईीई

मे मामी की दोनो चुचियो को बारी-2 चूस रहा था.मामी पूरी तरहा गरम हो चुकी थी.और वो छटपटाए जा रही थी.

मामी: ओह्ह्ह्ह अभीइ मुझे बेड पर्र्ररर ले चलो.

मे मामी को बाहों मे उठा कर बेड पर लाकर लेटा दिया.और मामी के ऊपेर झुक कर उनकी चुचियो को चूसने लगा.मे अपने हाथों को नीचे ले गया. और मामी के सारी और पेटीकोटे को एक साथ ऊपेर करने लगा.धीरे-2 मामी के सारी और पेटीकोटे उनकी कमर तक ऊपेर हो गया.मामी ने अपने हाथों से मेरे शॉर्ट्स को पकड़ कर नीचे कर दिया.
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11-15-2018, 12:23 PM,
#47
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
मे वापिस आने के बाद अपना अंडरवेर उतार दिया था. जैसे ही मेरा शॉर्ट्स नीचे हुआ मेरा तना हुआ 8 इंच का मोटा लंड बाहर आकर झटके खाने लगा.मामी ने फिर बहुत ही तेज़ी से अपनी पॅंटी को सरका कर नीचे कर के उतार दिया. और बेड के किनारे पीठ के बल लेट गयी.

मे: मामी क्या हुआ इतनी जल्दी क्या है.

मामी: अभी मे तुम्हें सुबह बताना भूल गये तीए. आज सॅटर्डे है. आज बच्चो का स्कूल 12:30 पर बंद हो जाएगा. और वो 1 बजे तक आ जाएँगे.

मेने टाइम देखा 1 बजने मे सिर्फ़ 15 मिनट बाकी थे. मेने मामी की टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठा दिया. मामी ने अपने हाथों से अपनी टाँगों को पकड़ कर फैला दिया. और कांपती आवाज़ मे बोली.

मामी: अभी जल्दी करो.

मे बेड के किनारे खड़ा हो गया. और अपने लंड के सुपाडे को मामी की चूत के छेद पर लगा कर, बिना एक पल देर किए एक धक्का मारा. मामी की चूत उनके काम रस से भीगी हुई थी. मेरे लंड का सुपाड़ा मामी की चुकनी चूत मे फिसलता हुआ अंदर घुस्स गया. मामी के मुँह से आह निकल गयी..

जैसे ही मेरे लंड का सुपाड़ा मामी की चूत मे गया. मामी ने मुझे मेरी टीशर्ट से पकड़ कर अपने ऊपेर खींच लिया. और अपने होंटो को मेरे होंटो पर रख कर पागलों की तरहा चूमने लगी.

मे किसी औरत को पहली बार इतना कामुक देख रहा था. मामी ने अपनी बाहों को मेरी पीठ पर कस लिया. और मेरे होंटो को चुस्ती हुई. अपनी गांद को ऊपेर की ओर उछाल-2 कर अपनी चूत को मेरे लंड पर पटकने लगी. चूत गीली होने के कारण मेरा लंड कुछ ही पलों मे जड़ तक मामी की चूत मे समा गया.

जैसे ही मेरे लंड का सुपाड़ा मामी की बच्चेदानी से जाकर टकराया. मामी ने अपने होंटो को मेरे होंटो से हटा लिया. और तेज़ी से हान्फ्ते हुए बोली.

मामी: अहह अभिईिइ अब करो नाअ देखो मे कैसी तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही हूँ. अब और ना तड़पाओ.

मेने मामी और मोके की नज़ाकत को समझते हुए अपने लंड को बाहर निकाला और फिर से पेल दिया. मामी की चूत उनके काम रस से भीगी हुई थी. मे अपने लंड को तेज़ी से मामी की चूत के अंदर बाहर करने लगा. मामी भी अपनी जाँघो को पूरी तरहा फैला कर अपनी चूत को उछाल-2 कर मेरे लंड पर पटक रही थी.

मामी: अहह अभिईीई और जोर्र्र्रर सीईईई अहह अभिईिइ और तेज और ज़ोर सीए मारो मेरी चूत आह अहह हां आईसीए हीई अहह अहह अहह ह

मे मामी की चूत मे तबड तोड़ धक्के लगा रहा था. मामी मुझे अपने बाहों मे कसे हुए नीचे से अपनी कमर हिला कर मेरे लंड को अपनी चूत मे लेकर चुदवा रही थी. लंड फतच-2 की आवाज़ से अंदर बाहर हो रहा था. और मेरे लंड का सुपाड़ा मामी की चूत की गहराईयो मे चोट कर रहा था.

मामी: अहह अभिईीईई मेरीई निकालने वाला हाईईइ… ह अभिइ और ज़ोर सीए ई आम कुम्मींगगग ओह्ह्ह्ह अभी मे तुम्हें बहुत मिस करूँगी.. अहह और ज़ोर सी.

मे पसीने से तरबतर हो कर मामी की चूत की अपने मोटे लंड से थुकाइ कर रहा था. मामी की सिसकारिया और फतच-2 की चुदाई की आवाज़ पूरे रूम मे गूँज रही थी. तभी डोर बेल बजी. मेने सबसे पहले वॉल क्लॉक पर देखा. 1 बज रहा था. मे रुक गया. और मामी की तरफ देखने लगा.

मामी: हाफ्ते हुए) अभी जल्दी करो लगता हैं बच्चे आ गये. मेने मामी की जाँघो को अपने कंधों पर रख लिया. और पूरी रफ़्तार के साथ अपने लंड को मामी कर चूत के अंदर बाहर करने लगा. मामी अपने होंटो को दाँतों से काटने लगी.

मामी: अहह ह अभिईीईईई बुसस्स्स्स मेराअ होने वाला हाई. ओह अभिईिइ बस हू गाईए अहह अहह ओह अभिइ

और मामी का बदन ढीला पढ़ गया. मे ने भी दो चार और बार मामी की चूत मे लंड पेला और मेरे लंड से वीर्ये की बोछर मामी की चूत मे निकल गयी. जैसे ही मे झाड़ा.

मामी: अभी जल्दी से पीछे हटो और बाहर जाकर गेट खोलो.

मेने अपने पैरो मे पड़े शॉर्ट्स को ऊपेर खींच कर पहन लिया. और बाहर जाने लगा. मामी ने अपनी पॅंटी उठाई. और बाथरूम मे घुस्स गयी. मेने बाहर आकर गेट खोल तो बाहर रवि और हेमा खड़े थे.

रवि: (मुझे देख कर मुस्कराते हुए) अभी भैया. ममा कहाँ हैं..

मे: वो नहा रही हैं.

रवि और हेमा के अंदर आते ही. मेने गेट बंद कर दिया.और सीधा अपने रूम मे चला गया. और बाथरूम मे जाकर नहाने लगा.नहाने के बाद मे बेड पर लेट गया. मुझे पता नही चला मुझे कब नींद आ गयी.

करीब 3 बजे आकर मुझे रवि ने उठाया. और मुझे खाने के लिए नीचे आने के लिए बोल गया. कल सनडे था. पर मेरा आख़िरी एग्ज़ॅम भी कल ही था. इसका मतलब मुझे कल ही वापिस लोटना था. और कल सुबह क्या पता मुझे मामी को दोबारा चोदने का मोका मिलता या नही. ये सोचते हुए मे नीचे आ गया. और डिन्निंग टेबल पर बैठ कर खाना खाने लगा.

खाना खाने के बाद मे करीब 1 घंटे तक रवि के साथ वीडियो गेम खेलता रहा. और फिर ऊपेर आकर पढ़ने लगा. रात के करीब 8 बजे मे नीचे आ गया. मुझे बहुत भूक लग रही थी. नीचे मामी खाना बना चुकी थी. रवि और हेमा खाना खा रहे थे. मे चुप-चाप आकर डिननिग टेबल पर बैठ गया.

थोड़ी देर बाद नीलम मामी आई. और मुझे खाने के बारे मे पूछने लगी. मेने उनको खाना लाने के लिए कह दिया. और मामी थोड़ी देर मे मेरे लिए खाना ले आई. और मे खाना खाने लगा. मोहन मामा अभी तक नही आए थे. जैसे ही मेने खाना शुरू किया, मामी का मोबाइल बजने लगा.

क्रमशः.................
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11-15-2018, 12:23 PM,
#48
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
गतान्क से आगे.....................

मामी भाग कर अपने रूम मे गयी. और मोबाइल पर बात करने लगी. मे बाहर खाना खा रहा था. करीब 10 मिनट बाद नीलम मामी रूम से बाहर आई. तब तक मे खाना खा चुका था. नीलम मामी ने मुझे इशारे से किचन मे बुलाया.

मे उठ कर किचन मे चला गया.

मे: जी मामी किया बात है.

मामी के होंटो पर एक अजीब सी मुस्कान थी. वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराए जा रही थी. जैसे उन्हे कोई खजाना मिल गया हो.

मे: मामी बताओ ना क्या हुआ.

मामी: वो मोहन का फोन आया था.

मे: तो क्या कहा उन्होने.

मामी: वो आज नही आ रहे हैं. वो कल सुबह को ही आएँगे.

मे खुशी के मारे पागल हो उठा. और मामी को अपनी बाहों मे भर लिया. मामी ने मुझे पीछे धकेल दिया.

मामी: पागल हो क्या. बच्चे बाहर हैं.

और मामी कुछ सोच मे पड़ गयी. मामी को ऐसे सोचते देख. मेने मामी से पूछ लिया.

मे: मामी क्या हुआ. क्या सोच रही हो आप.

मामी: अभी पर रवि और हेमा हमारे बेड रूम मे सोते हैं. उनका क्या करेंगे.

मे: रवि और हेमा की नींद कैसी है. मतलब वो गहरी नींद मे सोते हैं.

मामी: हां सोते तो गहरी नींद मे हैं. पर मे फिर भी रिस्क नही ले सकती. तुम ऐसे करो जाकर रवि और हेमा के साथ वीडियो गेम खेलो.मे कुछ सोचती हूँ. मे बाहर आ कर बच्चो के साथ वीडियो गेम खेलने लगा. मे करीब 10:30 बजे तक रवि और हेमा के साथ वीडियो गेम खेलता रहा. 10 बजे नीलम मामी हाल मे आई. और मुझे इशारे से बेड रूम मे बुला लिया. हेमा और रवि दोनो वीडियो गेम मे बिज़ी थे.

मे उठ कर नीलम मामी के पीछे उनके बेड रूम मे आ गया.रूम के अंदर आते ही नीलम मामी मुझसे बोली.

मामी: अभी मेने किचिन मे फर्श पर बिस्तर लगा लिया है. ये टेबल फॅन को उठ कर किचन मे ले चलो. और इसे वहाँ लगा दो. जैसे ही बच्चे सो जाएँगे. मे किचन मे आ जाउन्गी. मे अब बच्चो को लेकर बेड रूम आती हूँ. और उन्हे सुलाती हूँ.

मेने मामी के रसीले लिप्स को किस किया. और जल्दी से टेबल फॅन उठा कर किचन मे आ गया. और सारी सेट्टिंग कर ली. मे वहीं किचन मे नीचे लगे बिस्तर पर लेट गया. और मामी का इंतजार करने लगा. रात के११ बजे के करीब मुझे मामी के रूम के डोर खुलने की आवाज़ आई.

मेरा लंड पहले से तना हुआ था. थोड़ी देर बाद मामी किचन मे आ गयी. मे झट से खड़ा हो गया. मामी ने लाइट पिंक कलर की नाइटी पहनी हुई थी. नाइटी बहुत ही पतले कपड़े की थी. मामी की चुचिया उसमे से सॉफ नज़र आ रही थी.

मामी नीचे ब्रा और पॅंटी नही पहनी हुई थी.

मे: बच्चे सो गये क्या.

मामी: हां.

और मामी ने अपनी बाहों को मुझ से सटा कर मेरी पीठ पर कस लिया. और मेने एक पल देर किए बिना मामी के होंटो को अपने होंटो मे ले लिया. और मामी के कांप रहे होंटो को चूसने लगा. मामी भी अपने होंटो को ढीला छोड़ कर चुसवाने लगी. मे अपने हाथों को पीछे लेजा कर मामी के मस्ताने और मोटे चुतड़ों को हाथों मे लेकर मसलने लगा.

मामी मेरी बाहों मे छटपटाए जा रही थी.

मामी: (अपने होंटो को अलग करते हुए) ओह्ह्ह अभिइ मे तुम्हें बहुत मिस करूँगी. मे कैसे तुम्हारे बिना रहूंगी. प्लीज़ अभी मुझे आज जी भर कर के प्यार करो.

मे: मामी मे आज आपको रात भर प्यार करूँगा.

और मेने अपने दोनो हाथों से मामी की कमर से मामी की नाइटी को पकड़ कर ऊपेर उठाना चालू कर दिया. मामी ने मेरा साथ देते हुए. अपने बाहें ऊपेर कर ली. मेने मामी की नाइटी को निकाल कर किचन के सेल्फ़ पर रख दिया. Wऊव सामने मामी किसी हसीन मॉडेल के तराहा खड़ी थी. उनके खुले हुए बाल उनकी कमर तक आ रहे थी. मेरा लंड मामी को यूँ अपने सामने नंगा खड़ा देख शॉर्ट्स मे एक दम से तन गया. मामी नीचे बिछे बिस्तर पर घुटनो के बल बैठ गयी. और मुझे अपने पास आने को कहा. जैसे ही मे मामी के पास बिस्तर के ऊपेर आया. मामी ने मेरी आँखों मे देखते हुए. मेरे शॉर्ट्स को नीचे उतार दिया. और मेरे तने हुए लंड को हाथ मे पकड़ लिया. लंड को जड़ से हाथ मे पकड़ने के बाद मामी ने अपनी वासना भरी नज़रों से मेरी तरफ देखा. और फिर मेरे लंड की चॅम्डी को पीछे करके लंड के गुलाबी सुपाडे को बाहर निकाल कर देखने लगी.

मेरे लंड का सुपाड़ा किसी छोटे सेब की तरहा फूला हुआ था. मामी ने धीरे-2 लंड को हिलाना चालू कर दिया. मेरा लंड मामी के हाथों का सपर्श पाते ही और कड़ा हो गया. मामी ने फिर अपने होंटो को थोड़ा सा खोल कर मेरी आँखों मे देखते हुए. मेरे लंड की तरफ अपने होंटो को बढ़ाने लगी.मे ये सोच कर बहुत उतेज़ित हो गया कि, आज एक हुश्न के मालिका मेरे लंड की इस कदर दीवानी हो गयी है.

मामी ने अपने होंटो को खोल कर मेरे लंड के सुपाडे को मुँह मे ले लिया. मामी के होन्ट मेरे लंड के सुपाडे पर कस गये. मामी ने अपने होंटो का दबाव मेरे लंड के सुपाडे पर बढ़ाते हुए. अपने होंटो को मेरे लंड के सुपाडे कर रगड़ते हुए.लंड के सुपाडे को मुँह के अंदर बाहर करने लगी. जैसे ही मेरे लंड का सुपाड़ा मामी के मुँह मे उनके होंटो से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर जाता. मेरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ जाती. थोड़ी देर मामी मेरे लंड के सुपाडे पर ऐसे ही अपने होंटो को रगड़ते हुए अपने मुँह मे लेती रही. फिर मामी ने अपने मुँह को थोड़ा सा और खोल किया. और अब मेरे लंड के सुपाडे से भी ज़्यादा अपने मुँह मे लेकर चूसने लगी. मामी की जीभ मेरे लंड के सुपाडे को बीच-2 मे कुरेद रही थी. मे मस्ती मे पागल हुआ जा रहा था.

मामी अब पूरे जोश के साथ मेरे लंड को चूस रही थे.मेरा लंड मामी के थूक से सन चुका था. मामी ने अपने एक हाथ से मेरे तटों को पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया. जैसे-2 मेरा लंड मामी के मुँह के अंदर बाहर हो रहा था. वैसे-2 मामी के मुँह से पुत्च-2 की आवाज़ आ रही थी.

मामी ने मेरे लंड को मुँह से निकाल दिया. और हन्फते हुए नीचे बिछे बिस्तर पर लेट गयी. मे मामी के पैरो की तरफ आ गया. जैसे ही मे मामी के पैरो की तरफ आया. मामी ने अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर उठा लिया. और दोनो को विपरीत दिशा मे फैला दिया. मे मामी की जाँघो के बीच मे बैठ गया. और मामी की जाँघो को चूमता हुआ. उनकी चूत की तरफ बढ़ने लगा. जैसे-2 मे मामी की जाँघो पर अपने होंटो को रगड़ता हुआ उनकी चूत की तरफ बढ़ रहा था. वैसे-2 मामी की साँसें तेज हो रही थी. मेने अपने हाथों से मामी की चूत की फांकों को फैला दिया.

मामी: ओह्ह्ह अभी ऐसे क्या देख रही हो. मुझे शरम आती है. आह्ह्ह्ह ओह अभिइ

मेने मामी की चूत की फांकों को अपने हाथों से अच्छी तरहा फैला दिया.और अपनी जीभ बाहर निकाल कर मामी की चूत के गुलाबी छेद पर रगड़ने लगा. मेरी जीभ मामी की चूत पर पड़ते ही. मामी एक दम से मचल उठी. और अपने हाथों को मेरे सर पर रख कर कस के पकड़ लिया.

मामी: ओह अभिईीई मीरीई जाअंन्न निकलल्ल्ल रही हाीइ ओह ओह उंह अभिईीईई बुसस्स्स हात्त्त्त जाऊओ नहियीईईईई

मे मामी की बात पर ध्यान दिए बिना मामी की चूत को जोरों से चाते जा रहा था. मामी ने नीचे अपनी कमर को हिलाना चालू कर दिया. उनकी कमर रह-2 कर झटके खा रही थी.मामी की गुलाबी चूत का छेद उनके काम रस से एक दम भीग चुका था. मे मामी की चूत की फाको को फैला कर मामी की चूत के छेद के अंदर तक चाट रहा था. मामी मस्ती मे आ ओह्ह्ह्ह करके अपनी कमर हिला रही थी.

फिर मामी ने मेरे कंधों को पकड़ कर मुझे अपने ऊपेर खींच लिया. और अपनी टाँगों को चोडा कर ऊपेर उठा लिया. और मेरी आँखों मे देखते हुए. अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर टिका लिया.

मामी: (मदहोशी से भरी आवाज़ मे) ह अभिइ मेरी चूत को इसकी ज़्यादा ज़रूरत है. बस अब इसे घुस्सा कर मुझे चोद डालो.

मेने मामी के ऊपेर झुकते हुए. मामी की चुचियो को मुँह मे ले लिया. और चूसने लगा. मामी ने अपनी टाँगों को उठा कर मेरी कमर पर चढ़ा लिया. और अपनी चूत को ऊपेर उछाल कर मेरे लंड को अंदर लेने के कॉसिश करने लगी. मेने भी बिना देर के धीरे-2 अपने लंड को उनकी चूत मे पेलना चालू कर दिया.पहले ही धक्के मे मेरे लंड का सुपाड़ा मामी की लबलबा रही दहकती चूत के छेद मे घुस्स गया.

मामी: अह्ह्ह्ह अभी पूरा घुस्स डूऊ अहह अभिईीई जल्दी करोनन्न. देखों ना मेरी चूत तुम्हारे लंड को अपने अंदर लेने के लिए कैसे पानी बहा रही है.

मामी मेरे सीने से बिकुल चिपक गयी. मामी के गुदाज नरम चुचियाँ मेरे चेस्ट मे धँसी हुई थी. मेने बिना रुके अपने लंड को मामी की चूत मे पेलना चालू रखा. और कुछ ही धक्को के बाद मेरा लंड मामी की चूत मे गहराई मे उतर गया.मामी ने मेरे होंटो को अपने होंटो मे ले लिया. और पागलों की तरह किस करने लगी.जैसे ही मेने अपनी जीभ को मामी के मुँह मे ठेला.मामी मेरी जीभ को चूसने लगी.

मामी के इतने कामुक रूप को देख कर मे अपने आप पर कंट्रोल ना रख सका. और मामी की चूत मे अपने लंड को पूरी ताक़त के साथ पेलने लगा. मामी भी अपनी बाहों को मेरी पीठ मे कसे हुए अपनी गांद को उछाल-2 कर मेरे लंड पर अपनी चूत को पटकने लगी. मे मामी की ऊट मे अपने लंड को डाले हुए ही उनको बाहों मे भर कर पलट गया. अब नीलम मामी मेरे ऊपेर थी.

मामी ने अपनी आँखों को खोल कर मेरी तरफ देखा. और मुस्कराते हुए अपने काँपते हुए होंटो से मुझे किस करते हुए बोली.

मामी: अहह अभीइ तुम किसी भी औरत को खुस कर सकते हो. आज रात भर मुझे चोदोगे ना.. हाआँ बालो.

मे: (मामी के चुतड़ों को दोनो हाथों से दबोचते हुए) हां मामी जी. अब मे ये लंड आपकी चूत से सुबह ही बाहर निकालूँगा.

मामी: ओह्ह्ह्ह अभिइ तो रोकाआअ किस ने हैइ. चोदो मुझे आज जीए भर कर मेरी चूत मे अपना लुंदड़ड़ पेल दो.

मे मामी के चुतड़ों को हाथों से मसलते हुए. नीचे से कमर हिला कर अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. मामी एक दम मस्त हो कर अपनी गांद उछाल-2 कर मेरे लंड पर अपनी चूत को पटाकने लगी.

मामी: अहह अभिइ और ज़ोर से चोदो ह अहह उईईई माआअ अपने लंड से मेरीए चूत को रगडूऊ ह बहुत खुजलती हाईईइ मेरी फुददी..

और मामी थोड़ा सा सीधी हुई. और अपने पैरो के पंजों के बल बैठ गयी..और अपनी चूत को मेरे लंड पर पूरा दबा दिया. जैसे ही मेरा लंड मामी की चूत की गहराईयो मे उतरा. तो मामी मेरे चेस्ट पर अपने हाथों को रख कर. अपनी गांद को गोल-2 घुमाने लगी. जैसे वो मेरे लंड को अपनी चूत मे लिए हुए. अपनी चूत पर रगड़ रही हों.

मे: ये क्या कर रही हैं..

मामी: (मेरे होंटो पर अपनी उंगली रखते हुए श्ह्ह्ह्ह्ह्ह) चुप राहूओ मुझे अपनी चूत की खुजली मिटाने दो.. ह अभिईीई बहुत अच्छा लग रहा है. ओह्ह्ह्ह आज्ज्जज्ज मेरी चूत्त की खुजली मिटा दीए अभीइ

मुझे अपना लंड मामी की चूत के दीवारों पर गोल-2 रगड़ ख़ाता हुआ महसूस हो रहा था. सच मे आज तक इतना मज़ा कभी नही आया था.

मे: अहह मामी ऐसे तो मेरा छूट जाएगा..

मामी: कोई बात नही….निकाल दे अपना पानी मेरी चूत मे. बहुत प्यासी है. मेरी फुददी.

और फिर मामी मुझे पर झुक गयी. और अपनी गांद को तेज़ी से उछालने लगी. मे भी मामी के चुतड़ों को पकड़ कर नीचे से धक्के लगा कर मामी की चूत को चोदने लगा. मे झड़ने के बिकुल करीब था. मेने अपने धक्को की रफ़्तार को बढ़ा दिया. और मेरे लंड से वीर्ये की बोछर छूट पड़ी. और मे ढीला पड़ने लगा. मुझे सुस्त पड़ता देख मामी ने अपनी गांद को और तेज़ी से मेरे लंड पर पटकना चालू कर दिया.

मामी: अहह अभिईीईई बुसस्स्स थोड़िईईईई देर रुकूऊव मेन्णन्न् आने वाली हुन्न्ञन् ह ओह अभिईीई

और मामी मेरे ऊपेर निढाल हो कर गिर पड़ी. जब थोड़ी देर बाद मामी की साँसें दुरस्त हुई. तो मामी ने मेरे होंटो को चूमा. और बोली

मामी: ओह्ह्ह अभी मे तुम्हें बहुत मिस करूँगी. आइ लव यू.

मेने मामी के होंटो को अपने होंटो मे ले लिया और चूसने लगा. उस रात मेने मामी की जी भर कर चुदाई की. और अगले दिन एग्ज़ॅम के बाद मे घर वापिस आ गया.

............................

अब मे रचना आगे शुरू करती हूँ.

अभी की चुदाई से भरपूर जीवन गाथा सुन कर मेरी चूत एक बार फिर से पानी छोड़ने लगी थी. रात के 3 बज रहे थे. पर नींद मेरी आँखों से कोसो दूर थी. मे अभी के लंड पर झुक गयी. और उसे मुँह मे लाकर चूसने लगी. अभी मेरी ओर देख कर मुस्करा रहा था.

अभी: रचना तुम तो सच मे रंडी बनती जा रही हो.

मे: (अभी के लंड को मुँह से निकालते हुए) हां बाबू जीईए मे आप की रांड़ बन कर सारी ज़िदगी रह लूँगी. बस मुझे अपना मोटा लंड देते रहना.

और मे अभी के लंड को फिर से मुँह मे लेकर चूसने लगी. कुछ ही पलों मे अभी का लंड एक दम लोहे के रोड के तरहा खड़ा हो गया. और मे अभी के लंड को मुँह से निकाल कर अभी के ऊपेर आ गयी. और अभी के लंड को एक हाथ से पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर टिका दिया.

मे: आह बाबू जीई बस एक बार और तबीयत से चोद दो..

अभी: देख मे तेरी तबीयत कैसे खुश करता हूँ

और अभी ने मुझे मेरे कमर से पकड़ कर ऊपेर के तरफ अपनी कमर को उछाला. चूत पहले से गीली थी. लंड चूत की दीवारों को फैलता हुआ अंदर घुस गया. मेरे मुँह से आह निकल गयी. मे अभी के ऊपेर झुक गयी. और तेज़ी से अपनी गांद को उछाल-2 कर अभी के लंड को अपनी चूत मे लेने लगी. लंड फतच-2 की आवाज़ से अंदर बाहर हो रहा था. मे इस चुदाई मे तीन बार झड़ी. और आख़िर बार अभी भी मेरे साथ झाड़ा.

सुबह मेरी नीड तब खुली . जब नेहा ने बाहर से डोर नॉक किया. मेने जल्दी से अपने ब्लाउस और पेटिकॉट पहना. और डोर खोला. नेहा मेरी तरफ अजीब सी नज़रों से देख रही थी. अंदर बेड अस्त व्यस्त था. मेरे बाल बिखरे हुए थे. रात की जबरदस्त चुदाई से मेरा बदन टूट रहा था. मे नेहा की तरफ देखे बिना. बाहर बाथरूम मे चली गयी.

जब मे थोड़ी देर बाद बाथरूम से वापिस आई तो. नेहा चाइ कप्स मे डाल रही थी.

मे: चाइ बना ली.

नेहा: जी मा.

नेहा ने एक कप मुझे दिया. और दूसरा कप लेकर बाहर जाने लगी.

मे: कहाँ जा रही है.

नेहा: वो बाबू जी को चाइ देने

मे: वो तो अभी सो रहे हैं

नेहा वहीं रुक गयेए. और वापिस किचन मे आ गयी.

मे: (कुछ सोच कर) अच्छा चल जा चाइ दे आ . बाबू जी को उठा देना.

नेहा मेरी बात को सुन कर अभी के रूम की तरफ जाने लगी. जैसे ही वो अभी के रूम के अंदर गयी. मे पीछे से दबे पावं अभी के रूम के डोर पर आ गयी और अंदर झाँकने लगी.

क्रमशः.................
Reply
11-15-2018, 12:23 PM,
#49
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
गतान्क से आगे.....................

अंदर नेहा बेड के पास खड़ी थी. अभी के बदन पर सिर्फ़ एक चादर थी. जो उसकी कमर तक धकि हुई थी. बाकी अभी का ऊपेर का बदन सॉफ दिख रहा था. नेहा ने अभी की तरफ देखा. और कांपती हुई आवाज़ मे अभी को आवाज़ लगाई.

नेहा: बाबू जी चाइ.

अभी अपनी आँखों को मालता हुआ तकिये का सहारा लेकर बेड पर बैठ गया. जैसे ही अभी बेड पर बैठा. अभी की एक जाँघ चादर से बाहर आ गयी. नेहा ने अपने नज़रें झुका ली. और अपनी तिरछी निगाहो से अभी की मांसल जाँघ को देखने लगी.

अभी: एक मिनट यहाँ बैठों मे ज़रा मूत कर आता हूँ.

नेहा: कांपती हुई आवाज़ मे) बाबू जी चाइ यहाँ पर रख दूं.

अभी: क्यों कोई काम है.

नेहा: जी नही वो मा बाहर है.

अभी: तो क्या हुआ. बस एक मिनिट बैठ. मे अभी मूत कर आता हूँ.

जैसे ही अभी उठने को हुआ. तो शायद उसे अहसास हो गया. कि उसने नीचे कुछ पहना नही है.

अभी: एक मिनिट अपनी आँखों को बंद करो.

नेहा: (घबराते हुए) क्या बाबू जी.

अभी: अर्रे कुछ नही. मेने नीचे कुछ नही पहना है. मे नंगा हूँ. तो ज़रा आँखें बंद कर ले. मे बाथरूम मे जाता हूँ.

नेहा: मे बाहर जा रही हूँ बाबू जी.

अभी: मेने कहा ना यहीं बैठ मुझे तुम से कुछ बात करनी है.

नेहा बेड पर बैठ गयी.और अपनी आँखों को बंद कर लिया.

अभी: आँखें बंद कर ली.

नेहा: जी.

अभी ने चादर को अपने ऊपेर से उठाया. और बेड से नीचे उतर कर नीचे गिरा हुआ अंडरवेर पहन लिया. मुझे यकीन है नेहा ने ज़रूर अभी के झूल रहे लंड को देखा होगा.

अभी: अच्छा अपनी आँखें खोल लो. मेने अंडरवेर पहन लिया है.

नेहा ने अपनी आँखें खोली और एक झलक अभी की तरफ देखा. और फिर से नज़रें झुका ली. नेहा के गाल एक दम लाल सुर्ख हो चुके थे. नेहा मुझसे भी कहीं ज़्यादा गोरी थी. अभी बाथरूम मे चला गया. जब वो बाथरूम से बाहर आया तो. वो फिर से नेहा के पास आकर बैठ गया. और नेहा के हाथ से चाइ का कप ले लिया.

नेहा: जी बाबू जी मे अब जाऊ. (नेहा के आवाज़ लड़खड़ा रही थी)

अभी: मेने कहा था ना तुमसे कुछ बात करनी है.

नेहा: जी.

अभी: क्या तुम आज मेरी मालिश कर दोगी. सच मे तुम्हारे मुलायम हाथों मे कमाल का जादू है. सारी थकान मिट जाती है.

नेहा: (कांपती हुई आवाज़ मे) वो मा दाँटेगी.

अभी: क्यों कल क्या तुम्हारी मा ने डांटा था.

नेहा: जी नही

अभी: तो फिर.

नेहा: पर मा

अभी: (नेहा को बीच मे टोकते हुए) मे उसे बोल दूँगा. और आज छत पर चल कर मालिश करना. आज धूप बहुत अच्छी खिली है. अछा अब तुम जाओ और मा के साथ नाश्ता बनाओ.

मे जल्दी से किचन मे वापिस आ गयी. और छाई पीने के बाद मे नहाने चली गयी. जब मे नहा कर बाहर आई तो मुझे किचन से कुछ आवाज़ आई. अंदर अभी नेहा के साथ कुछ बात कर रहा था. और नेहा शरमाते हुए ना मे सर हिला रही थी.

अभी: अच्छा ठीक है मे रचना को बोल देता हूँ कुछ नही कहेगी वो.

और अभी बाहर आ गया और अपने रूम मे जाते हुए मुझे आवाज़ दी.

मे अभी के रूम मे चली गयी.

मे: क्या हुआ बाबू जी.

अभी: वो मेने आज का प्रोग्राम सेट कर लिया है. नेहा और मे आज ऊपेर छत पर जाएँगे. नाश्ते के बाद उसे जो मे ड्रेस उसके लिए लाया था. उसे दे देना. और उसे पहनने के लिए बोल देना.

मे: जी ठीक है बाबू जी.

और मे बाहर आ गयी और नाश्ता बनाने लगी. मेने किचन मे से देखा. नेहा नहाने जा रही थी. मेने नेहा को आवाज़ लगाई. नेहा मेरी आवाज़ सुन कर किचन मे आ गयी.

मे: नेहा जो ड्रेस तुझे बाबू जी ने दी थी ना. आज तूँ वो पहन कर मुझे दिखा. बाबू जी तेरे लिए कितने प्यार से लाए हैं.

नेहा ने अपने सर को झुका लिया. वो कुछ नही बोल रही थी. मेने प्यार से नेहा के गालो पर हाथ फेरा. और उसके फेस को ऊपेर उठा कर उसके माथे को चूमते हुए बोली.

मे: तुम उन कपड़ो मे बहुत सुंदर लगो गी. मे भी तो देखू मेरे राजकुमारी शहरी लिबास मे कैसी लगती है.

मे नेहा का हाथ पकड़ रूम मे ले गयी. और उसे वो ड्रेस पकड़ा दी. और फिर उस बॅग को खोला जिसमे अभी मेरे और नेहा के लिए ब्रा और पॅंटी के सेट लेकर आया था. उसमें से मेने नेहा को एक ब्लू कलर की ब्रा और पॅंटी निकाल कर दे दी. ब्रा और पनटी दोनो नय्लोन की थी. पॅंटी और ब्रा पर नेट के ट्रणस्परेंट का नेट लगा हुआ था.

मे: ये ले ये भी बाबू जी तुम्हारे लिए लाएँ थे.

नेहा ने मेरे हाथ से ब्रा और पॅंटी ले ली. और बाथरूम मे चली गयी. मेरे होंटो पर मुस्कान फेल गयी. आख़िर मे भी यही चाहती थी. कि नेहा भी हमारे खेल मे शामिल हो जाए. और हम तीनो चुदाई का आनंद खुल कर ले सकें. मे नाश्ता तैयार किया और अभी को नाश्ता दे आई. नेहा नहा कर रूम मे आ गयी. ब्लॅक कलर का स्कर्ट उसके घुटनो तक मुस्किल से पहुच रहा था. जब वो चलती तो उसकी गोरी चिकनी जांघे सॉफ-2 दिखाई देती. पिंक कलर के टॉप मे उसकी चुचियो एक दम कसी हुई लग रही थी. पिंक कलर का टॉप नेहा के गोरे रंग पर और खिल रहा था.

नाश्ते करने के बाद अभी अपने रूम मे जाकर सो गया. अभी के ऐसे सो जाने पर मे थोड़ा हैरान ज़रूर थी. मे भी अपने रूम मे आकर लेट गयी. नेहा पहले से पलंग पर लेटी हुई थी. मुझे कब नींद आ गयी. मुझे पता नही चला.

दोपहर के करीब 1 बजे मुझे अभी ने उठाया. मे अभी को अपने रूम मे देख कर थोड़ा सा सकपका गयी. मेने पलंग के दूसरी तरफ नज़र डाली. नेहा वहाँ नही थी.

अभी: (मुस्कराते हुए) वो ऊपेर गयी है. मेने उसे ऊपेर जाने के लिए कहा है. अब मे भी ऊपेर जा रहा हूँ. तुम्हें बताने आया था, कि तुम कही मुझे और नेहा को ढूँढते हुए ऊपेर ना आ जाओ. और सारा काम बिगाड़ दो.

अभी ये बोल कर ऊपेर चला गया. पर मुझे देखना था, कि अभी और नेहा ऊपेर जाकर क्या करेंगे. मे थोड़ी देर बाद ऊपेर जाने लगी. और छत पर पहुचने के बाद मे सीडयों पर ही रुक कर देखने लगी. अभी का घर दो मंज़िला था. नयी कॉलोनी मे होने के कारण आस पास कोई घर नही था. चारो तरफ 5-5 फुट उँची दीवारें थी. इस लिए कोई देख नही सकता था.

अभी एक पुराने से गद्दे पर लेटा हुआ था. ऊपेर आने के बाद उसने अपनी टीशर्ट और शॉर्ट्स उतार दिया था. और सिर्फ़ अंडरवेर मे लेटा हुआ था. नेहा उसकी जाँघो के पास एक तरफ बैठी हुई थी.

अभी: चल अब क्या सोच रही है. जल्दी से मालिश कर दे. मुझे नहाना भी है. सुबह से नहाया नही हूँ.

नेहा: वो मा जाग गयी तो,

अभी: मे उसे बोल कर आया हूँ. वो ऊपेर नही आएगी. चल अब जल्दी से मालिश शुरू कर. ज़्यादा टाइम लगाएगी तो फिर ज़रूर ऊपेर आ जाएगी.

नेहा ने सर को झुकाए हुए बॉटल मे से थोडा सा तेल अपने हथेली मे लिया. और कांपती आवाज़ मे बोली

नेहा: बाबू जी पहले कहाँ (वो घबराई हुई लग रही थी. शायद मेरी वजह से या फिर अभी की हरकतों से)

अभी: पहले मेरे सीने से शुरू करो.

नेहा अभी के ऊपेर थोड़ा सा झुक गयी. और अपने काँपते हाथों से अभी के चेस्ट की मालिश करने लगी. वो शर्मा कर अपनी नज़रें झुकाए हुए थी. अभी ने अपना एक हाथ थोड़ी देर बाद उसकी कमर मे रख दिया. जैसे ही अभी का हाथ नेहा की कमर पर पड़ा. नेहा एक पल के लिए रुक गयी.

उसका बदन थोड़ा सा काँप रहा था. नेहा ने एक बार अभी की तरफ देखा. अभी ने मुस्कुराते हुए. उसे मालिश करने को कहा. नेहा अभी की जाँघो से सॅट कर बैठी थी. उसका मुँह अभी की तरफ था. और अभी का हाथ उसकी कमर को धीरे-2 सहलाता ऊपेर नीचे हो रहा था.

अभी का हाथ नेहा की कमर को सहलाता हुआ. धीरे-2 नेहा की स्कर्ट के ऊपेर से उसके चुतड़ों की तरफ बढ़ रहा था. जैसे-2 अभी का हाथ नेहा के चुतड़ों की तरफ बढ़ रहा था. नेहा कसमासाए जा रही थी. और बार- 2 अपनी कमर की तरफ देख कर अभी के हाथ को देख रही थी.

थोड़ी देर मे ही अभी के हाथ नेहा के टॉप और स्कर्ट के बीच मे था. अभी ने नेहा के टॉप को थोड़ा सा ऊपेर उठा दिया. और अपने हाथों को उसकी नंगी कमर पर रख दिया. नेहा एक दम से काँप गयी.

नेहा: लड़खड़ाती हुई आवाज़ मे) बाबू जी मा वो माआ तो ऊपर नही आएगी ना.

अभी: (नेहा के घबराहट को समझते हुए) नही आएगी. मेने पहली मंज़िल की सीडयों का डोर लॉक कर दिया है. वो ऊपेर नही आ सकती. तुम बस अपने फूल जैसे मुलायम हाथों से मेरी मालिश करके मुझे खुस कर दो.

और अभी ने अपने पूरे हाथ को नेहा के टॉप के अंदर करके उसकी पीठ को सहलाना चालू कर दिया. ये सब देख कर मेरी चूत मे कुलबुलाहट होने लगी. नेहा सर झुकाए अभी के चेस्ट की मालिश कर रही थी.

अभी: (नेहा के टॉप के अंदर से उसकी कमर और पीठ को सहलाते हुए) एक बात कहूँ तुमसे.

नेहा: (कांपती हुई आवाज़ मे उसकी आवाज़ मे मस्ती से भरी हुई मदहोशी सॉफ पता चल रही थी) जी बाबू जी

अभी: उस दिन तुम्हारे होंटो के शहद जैसे रस को चूस कर बहुत मज़ा आया. तुम्हारे होंटो के रस की मिठास अभी भी मेरे मुँह मे हैं. प्लीज़ एक बार और अपने होंटो का रस पीला दो. (और अभी ने नेहा की कमर को अपने हाथों से मसल दिया.)

नेहा: ( थोड़ा सा घबराते हुए) आह बाबू जी. नही मुझे शरम आती है. अगर मा मा को पता चल गया तो.

अभी: ( नेहा की कमर को दूसरी तरफ से अपने हाथ मे थामते हुए उसको अपने ऊपेर झुका लिया) तुम रचना से क्यों डरती हो. कुछ नही कहेगी. मेरे होते हुए. बस एक बार अपने होंटो का रस पिला दो.

नेहा अभी के ऊपेर झुक गयी थी. और अभी के होंट नेहा के होंटो की तरफ बढ़ रहे थे. नेहा ने शरम के मारे अपने फेस को दूसरी तरफ घुमा लिया. जैसे ही नेहा ने साइड को फेस घुमाया. मुझे उसके होंटो पर अल्हड़ पन वाली स्माइल दिखाई दी. वो शर्मा कर मुस्करा रही थी.

अभी: (अपने एक हाथ को नेहा की कमर से हटा कर उसके फेस पर रख कर फेस को अपनी तरफ घूमाते हुए) प्लीज़ एक बार अपने होंटो को और चूसने दो ना.

अभी उठ कर बैठ गया. और उसकी कमर को अपनी बाहों मे कस लिया. अभी थोड़ा घूम गया.जिससे मुझे अभी की साइड वाला हिसा नज़र आ रहा था. अभी ने नेहा को अपनी बाहों मे कसे हुए. उसे अपनी गोद मे खींच लिया. अभी अपनी टाँगों को सीधा करके बैठा था. जैसे ही नेहा अभी की गोद मे आई. नेहा के पैर अभी की जाँघो के दोनो तरफ हो गये.

नेहा: (कसमसाते हुए) उईइ माआ क्या कर रहे हो बाबू जी कोई देख लेगा छत पर.

अभी: (मुस्कराते हुए) किसी की नज़र नही पड़ेगी.

और अभी ने नेहा की कमर से हाथों को हटा कर उसके स्कर्ट के ऊपेर से उसके चुतड़ों पर रख कर दबोच लिया. नेहा आह करती हुई उसके बाहों मे छटपटा गयी. नेहा को गोद मे लेने से नेहा के होन्ट अभी के होंटो की बिकुल सीध मे आ गये थे. नेहा के होन्ट कांप रहे थे. नेहा के हाथ अभी के कंधों पर थे.

अभी: अब तो दे दो. कितना तडपाओगी अपने दीवाने को.

नेहा: (घबराते हुए)बाबू जी मुझे छोड़ दो. कोई देख लेगा अह्ह्ह्ह

अभी: (नेहा के चुतड़ों को मसलता हुआ) फिर जल्दी से किस दे दो ना. नही तो ऐसे ही बैठी रहो. और अगर सच मे किसी ने देख लिया तो मुझे बाद मे ना कहना.

नेहा: (लड़खड़ाती आवाज़ मे) बाबू जी आप किसी को आप बताओ गे तो नही.

अभी: नही ये भी कोई बताने वाली बात है.

क्रमशः.................
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11-15-2018, 12:24 PM,
#50
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
गतान्क से आगे.....................

और अभी नेहा के होंटो की तरफ अपने होंटो को बढ़ाने लगा. नेहा का फेस और गाल एक दम लाल सुर्ख हो कर दहक रहे थे. नेहा ने अपनी आँखें बंद कर ली. अभी ने एक बार मुस्करा कर नेहा के भोले मासूम फेस को देखा और फिर अपने होंटो को नेहा के होंटो पर रख दिया. नेहा अभी की बाहों मे छटपटा उठी. और अभी के कंधों पर रखे हुए उसके हाथ खिसक कर अभी की पीठ पर आ चुके थे.

थोड़ी देर बाद अभी ने अपने होंटो को नेहा के होंटो से हटाया. और नेहा को देखने लगा. नेहा ने अपनी भारी हो चुकी आँखों को बड़ी मुस्किल से खोला और अभी की तरफ शर्मा कर देखते हुए बोली.

नेहा: (मदहोशी से भरी कांपती आवाज़ मे) अब तो छोड़ दो बाबू जी,

अभी: क्या छोड़ दो. किस तो ढंग से करने दिया नही. होंटो को थोड़ा खोलना तो था. तभी तुम्हारे होंटो को चूस पाता. अब चल अपने होंटो को खोल मुझे ठीक से तेरे होंटो का रस चूसना है.

नेहा: (अभी की बात सुन का शर्मा गयी. और अपने आँखें झुका ली) मुझे वो शरम आती है बाबू जी.

अभी: अच्छा शरम आती है. जब छुप-2 कर मेरे रूम मे झाँकने के कॉसिश करती है तब कहाँ चली जाती है शरम. देख मे तुम्हारी मा को बता दूँगा. कि उस रात मेने तुझे मेरे रूम मे तन्क झाँक करते हुए पकड़ लिया था.

नेहा: (घबराती हुई) नही बाबू जी मा को मत बताना. वो तो मे मा की आवाज़ सुन कर आई थी. मेने अंदर कुछ नही देखा.

अभी: (नेहा के भोले पन पर मुस्कुराते हुए) अच्छा नही देखा. तो ये बता दो तुमने क्या सुना. नही तो मे सच मे रचना को बता दूँगा.

नेहा: (घबराते हुए) वो मा शायद दर्द के कारण चीख रही थी.

अभी: तो क्या मे तुम्हारी मा को मार रहा था. जो वो चीख रही थी.

नेहा: (नेहा बुरी तरहा घबरा चुकी थी. उसके चेरे का रंग उड चुका था) नही बाबू जी मेने ऐसे नही कहा.

अभी: तो चल मे जैसे कहता हूँ वैसे कर मे रचना को नही बताउन्गा.

नेहा ने हां मे सर हिला दिया.

अभी: अब मेरी बातों को सच-2 जवाब देना. अच्छा ये बता जब मे तुम्हारे होंटो को चूमता हूँ कैसा लगता है.

नेहा: (शरमाते हुए) मुझे शरम आती है कहने मे.

अभी: देख अब अगर तूने सही से जवाब नही दिया. तो मे सच मे अभी रचना को बता दूँगा.

नेहा: (शरमाते हुए काँपते होंटो से) जी अच्छा लगता है.

अभी: फिर तुम इतने नखरें क्यों करती हो.

नेहा: (अपने गले मे थूक गतकते हुए) वो मुझे शरम आती है. और मा को पता ना चल जाए. इस लिए.

अभी: अच्छा अब तू मेरे होंटो को चूस के बता. देख अपने होंटो को थोड़ा सा खोल कर मेरे दोनो होंटो को एक-2 करके अपने होंटो मे लेकर चूस.

नेहा अभी की बात सुन कर थोड़ा झेंप गयी. और फिर अपने गले मे अटके थूक को गटकते हुए एक गहरी साँस ली. और फिर अपनी आँखों को बंद करके अपने होंटो को थोड़ा सा खोल कर अपने थरथरा रहे होंटो को अभी के होंटो की तरफ बढ़ाने लगी. अभी ने नेहा की स्कर्ट को धीरे -2 ऊपेर कमर तक कर दिया. और नेहा के चुतड़ों को पॅंटी के ऊपेर से पकड़ लिया. नेहा के बदन ने एक दम से झटका खाया, और नेहा के मुँह से आह निकल गयी.

नेहा ने अपने वासना मे थरथरा रहे होंटो को अभी के होंटो पर रख दिया. और धीरे -2 अभी के नीचे वाले होंट को रुक-2 कर किस करने लगी. नीचे अभी नेहा के चुतड़ों को पॅंटी के ऊपेर से अपने दोनो हाथों मे थामें धीरे-2 मसल रहा था. शायद इस लिए नेहा रुक-2 कर अभी के नीचले होंटो को चूस रही थी. टंकी वो ठीक से साँस ले पाए.

मे नेहा की किस्मत देख कर एक दम जल भुन गयी. काश मेरा पति भी मुझे इतने प्यार से पहली बार चोदता. मेरे कुंवारे पन को प्यार से भंग करता. नेहा ने अब अभी के नीचले होंट को अपने होन्ट मे लिया. और धीरे-2 चूसने लगी. फिर थोड़ी देर बाद नेहा ने अपने होंटो को अभी के होंटो से हटा लिया. और अपनी आँखों को खोल कर अभी की तरफ देखते हुए बोली.

नेहा: बाबू जी अब तो मुझे छोड़ दो.

अभी: अभी तो मेने तुम्हारे होंटो को चूसा ही नही.तुम ने तो मेरे होंटो को चूस कर मज़ा ले लिया. अब मेरी बारी आई तो छोड़ दो.

नेहा अभी की बात सुन कर हस पड़ी. और फिर अपने हस्ने पर शर्मा कर उसने अपने सर को झुका लिया. अभी ने नेहा के होंटो की तरफ अपने होंटो को बढ़ा दिया. और नेहा का सर ऊपेर करके होंटो को खोलने के लिए कहा. नेहा ने बिना कोई इतराज किए अपने सर को उठ लिया और आँखों को बंद करके अपने कांप रहे होंटो को थोड़ा सा खोल लिया.अभी के होंटो पर कमीनी मुस्कान आ गयी.

और अभी ने नेहा के होंटो को अपने होंटो मे ले लिया. और नीचे अपने दोनो हाथों से धीरे-2 नेहा के चुतड़ों को पॅंटी के ऊपेर से मसलने लगा. नेहा अभी की बाहों मे कस्मसाये जा रही थी. अभी नेहा के होंटो को खूब तबीयत से चूस रहा था. और नेहा भी अपने होंटो को ढीले छोड़ कर अभी के कंधों के ऊपेर से अपनी बाहों को अभी की पीठ पर कसे हुए चुस्वा रही थी. ये सब देख कर मेरी चूत पनिया गयी थी.

अभी ने जी भर के नेहा के होंटो को चूसा. और फिर अपने होंटो को नेहा के होंटो से हटा लिया. नेहा तेज़ी से साँसे ले रही थी. नेहा अपनी आँखों को शरम के मारे खोल नही पा रही थी.

अभी: क्या हुआ नेहा.

नेहा: (आँखों को धीरे-2 खोलते हुए) कुछ नही.

अभी: मज़ा आया.

नेहा ने शर्मा कर हां मे सर हिला दिया

अभी ने नेहा के चुतड़ों को मसलते हुए अपने हाथ की एक उंगली को उस छोटी सी वशेप पॅंटी के एक साइड से अंदर डाल दिया. नेहा एक दम मचल उठी.

नेहा: अह्ह्ह्ह बाबू जी.

अभी: बोल दे गी मुझे.

नेहा अपने नंगे चुतड़ों पर अभी के हाथ को महसूस करके कस्मसाने लगी. उसकी साँसें फूलने लगी थी. और उसका फेस एक दम लाल हो चुका था.

नेहा: क्या बाबू जी.

अभी: एक मिनिट अभी बता हूँ.

और अभी ने नेहा के चुतड़ों को पकड़ कर नेहा को थोड़ा सा ऊपेर उठा दिया. और अपने एक हाथ की उंगली को वशेप पॅंटी की साइड से घुसा कर कुछ टटोलने लगा. शायद वो नेहा की चूत का छेद ढूँढ रहा था. तभी नेहा के मुँह से अहह निकल गयी.

नेहा: अहह माईईए रीए ओह बाबू जीईए मुझे कुछ हो रहा हाईईईईई. वहाँ से हथ्ह्ह्ह हटा लूओ.

अभी नेहा की पॅंटी के अंदर से उसकी चूत को उंगलियो से सहलाने लगा. नेहा आह सीईइ ओह्ह्ह्ह कर रही थी.

अभी: बोल देगी ना ये मुझे.

नेहा: अह्ह्ह्ह बाबू जीई नहियीईई मत करूओ.

अभी: तो जल्दी बोल

नेहा: नही बाबू जीए नहिी ह उईमाआ ओह

अभी: क्यों मज़ा नही आ रहा .

नेहा: नहियीई बाबू जीईए माआ को पता.

अभी: (नेहा को बीच मे टोकते हुए) तो क्या हो जाएगा. साली बात-2 पर मा को बीच मे क्यों ले आती हो. वो साली तो खुद उछल-2 कर मेरे लंड को अपनी चूत मे लेकर चुदति है.

नेहा हैरानी से अभी को देखने लगी. उसके फेस का रंग उड़ गया था.

नेहा: क्या बाबू जी.

अभी: उस रात जब तूने अपनी मा के मस्ती भरी सिसकारिया सुनी थी. तब वो मेरे ऊपेर उछल-2 कर मेरे लंड से अपनी भोसड़ी को चुदवा रही थी. बोल तू मुझ से चुदवाये गी.

नेहा: नही बाबू जी. आप बहुत गंदे हो. मेरी मा के बारे मे ऐसे बोल रहे हो..

अभी: सच कह रहा हूँ. और अब तुझको रात दिन चोदुन्गा.

नेहा: तो क्या मा ऐसी है.

अभी: नही हर औरत का मन करता है चुदवाने का. और तेरे मा भी तो अभी जवान है. अब वो बाहर जाकर किससे अपनी प्यास बुझाए. एक बात याद रखना “औरत धन के बिना रह सकती है. पर लंड के बिना नही” बोल चुदवाये गी मुझसे. मे तुझे अपने दिल की रानी बना कर रखूँगा.

नेहा: अहह नही बाबू जीए वहाँ से हथ्ह्ह्ह्ह हटा लो मुझे कुछ हो रहा है.

अभी: पहले बोल चुदेगी कि नही मुझसे..

नेहा: नही बाबू जी. अगर कुछ हो गया तो.

अभी नेहा की पॅंटी के अंदर से नेहा की चूत को ज़ोर -2 मसलने लगा. नेहा अभी की बाहों मे एक दम से तड़प उठी.

नेहा: ओह बाबू जीए मत करूओ ओह बुसस्स बाबू जीईई मुझे कुछ होता हाईईइ ह उईमाआ माआआआ ओह उंह बाबू जीए.

अभी: क्या हो जाएगा.

नेहा: बच्चा बाबू जी.

अभी: तुम क्यों फिकर कर रही हो. मे कुछ ग़लत नही होने दूँगा.

अभी ने नेहा के चुतड़ों से हाथों को हटा लिया. और नेहा के तरफ देखते हुए बोला.

अभी: अच्छा अब तुम नीचे चलो मे अभी आता हूँ. और चुप कर मेरे रूम मे देखना जब तुम्हारी मा मुझसे चुदति है. तो कैसे मस्त रंडी की तरहा मेरे लौदे को अपनी चूत मे लेकर मेरे लंड पर कैसे उछलती है. और देखना कैसे चुद-2 कर मज़ा लेती है. और अगर दिल करे तो मुझे बता देना. आज रात को तुम्हारी चूत को भी अपने लंड का स्वाद चखा दूँगा. फिर देखना तुम भी मुझ से रोज चुदवाने की भीख माँगों गी

जैसे ही नेहा अभी के ऊपेर से उठी. तो उसके चूतड़ मुझे साइड दिखाई दे गये. उसकी पॅंटी उसके काम रस से पूरी तरहा से भीगी हुई थी. नेहा की स्कर्ट उसकी कमर मे अटक गयी थी. नेहा ने अपनी स्कर्ट को ठीक किया. और तेल की बॉटल उठाने लगी.

मे जल्दी से नीचे आ गयी. थोड़ी देर बाद जब नेहा नीचे आई. तो उसके फेस पर अभी भी वासना सॉफ झलक रही थी. मे किचन मे थी. ताकि वो समझे मे दोपहर का खाना बना रही थी. मेने नेहा को आवाज़ दी.

मे: नेहा इधर आना.

नेहा किचन मे आ गयी.

मे: क्या हुआ नेहा. कुछ परेशान सी लग रही है.

नेहा: ( हड़बदाते हुए) वो वो कुछ नही कुछ नही वो मा मे थक गयी. मुझे रात को ठीक से नींद नही आई थी.

मे: (अपने हँसी को दबाते हुए) कोई बात नही तू जाकर लेट कर आराम कर ले मे खाना बना लेती हूँ.

नेहा रूम मे चली गयी. मेने दोपहर का खाना बनाया. और अभी के रूम मे गयी.अभी अपने कंप्यूटर मे कुछ कर रहा था.अभी मेरी तरफ देखने लगा.

मे: बाबू जी खाना लगाऊ.

अभी: (कुछ देर सोचने के बाद) नेहा कहाँ हैं.

मे: अपने रूम मे सो रही है.

अभी: (फिर से कुछ देर सोचने के बाद) जा उसे उठा कर खाना दे कर मेरे रूम मे आ जा.

मे: आप का खाना भी लगा दूं.

अभी: नही जैसे मेने कहा है वैसे ही कर.

मे : ठीक है बाबू जी.

और मे किचन मे आ गयी. और सोचने लगी, आख़िर बाबू जी के दिमाग़ मे क्या चल रहा है, मेने एक प्लेट मे खाना डाला. और अपने रूम मे आ गयी. नेहा पलंग पर लेटी सो रही थी. उसकी स्कर्ट उसकी जाँघो तक तक चढ़ि हुई थी. उसकी गोरी चिकनी जांघे सच मे किसी को भी पागल बना सकती थी. मेने पास पड़े छोटे से टेबल पर खाने की प्लेट को रखा. और प्लन्ग पर बैठ गयी.

मेने नेहा के माथे पर बिखरे हुए बालों को ठीक किया. और उसे आवाज़ दी. नेहा थोड़ा सा घबरा कर उठ गयी. और मुझे अपने पास यूँ बैठा देख कर बोली.

नेहा: क्या हुआ मा.

मे: कुछ नही. उठ कर खाना खा ले. मुझे बाबू जी ने बुलाया है. मे अभी उनसे पूछ कर आती हूँ.

मे उठ कर अभी के रूम मे आ गयी. अभी मेरा ही इंतजार कर रहा था. मुझे देखते ही. उसने आगे बढ़ कर मुझे अपने पास खींच लिया. और मेरे चुतड़ों को ज़ोर -2 से मसलने लगा. मे एक दम आह कर उठी.

मे: अहह बाबू जीए क्या कर रहे हैं. डोर खुला है और नेहा नीचे है.

अभी: तो क्या हुआ उसी साली ने सुबह से लंड खड़ा कर रखा है. चल नीचे बैठ कर मेरा लौदा चूस.

मे: बाबू जी पहले डोर तो बंद कर दो.

अभी: साली उसी को तो आज चुदाई का खेल दिखाना है. और तू नखरे कर रही है. चल जल्दी कर अब ये शरम छोड़ दे. आज तेरी बेटी की सुहागरात है मेरे साथ. फिर कल से जब चाहे खुले आम मेरा लौदा अपनी भोसड़ी मे लेकर चुदवा लेना.

क्रमशः.................
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