Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
11-15-2018, 12:18 PM,
#21
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
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गतान्क से आगे.....................

मे अभी की आँखों मे देख रही थी…पट्च के आवाज़ सुन कर मे शर्मा गयी…

मे अभी की बगल मे लेट गयी…आज मे अपनी जिंदगी मे पहली बार 1 घंटे के अंदर दो बार झड़ी थी…मे अभी के जबरदस्त लंड से चुद कर निहाल हो गयी थी…

जो लड़का मुझे कुछ देर पहले अंजाना लग रहा था…पता नही क्यों मे उसके वश मे हो गयी…अभी ने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया…जो अभी भी तना हुआ था…मे एक दम से हैरान हो गयी…आख़िर ये लड़का ख़ाता क्या है…लंड अभी भी एक दम लोहे की रोड की तरह सख़्त था….और मेरी चूत के पानी से एक दम गीला हो चुका था…

अभी: देख तेरी चूत कितना पानी छोड़ती है….सच मे आज तेरी चूत को चोद के मज़ा आ गया…तेरी चूत सच मे बहुत टाइट है…मेरे लंड को तो निचोड़ लिया…देख मेरा लंड तेरी चूत के पानी से कैसे भीगा हुआ है…तेरी चूत बहुत गरम है…

मुझे अब अभी की ऐसी गंदी बातों को सुन कर मज्जा आने लगा था…मे भी अभी के साथ खुलने लगी…अभी का तना हुआ लंड मेरे हाथ मे था..अभी ने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर हिलाना शुरू कर दिया….

अभी: ऐसे ही पकड़ कर लेटे रहे गी इसे हिल्ला तो सही….

मे: (शरमाते हुए अभी के लंड को हाथ से हिलाने लगी) आप का ये हमेशा ऐसे खड़ा रहता है क्या

अभी: नही जब तुम्हारी जैसे टाइट चूत वाली कोई साथ मे लेटी हो…तो ये साला ऐसे ही खड़ा रहता है…अच्छा एक बात बताओ तुम लोग यूपी मे इसे क्या कहते हो,

मे: (शरमाते हुए) लंड

अभी: और इस छेद को (मेरी चूत के छेद मे अपनी उंगली को घुसाते हुए)

मे: आहह चूत (मुझे भी अभी के साथ ऐसी बातें करने मे मज्जा आ रहा था)

अभी: और ? (और मेरी चूत के दाने (क्लिट ) को तेज़ी से मसलने लगा

मे: ह उिंाआ ह अहह सीईईईईईई उंघह बुर चूत्त्त्त्त्त भोसड़ीई ह

अभी एक दम से मेरे ऊपेर आ गया…और अपने तने हुए लंड की चमड़ी को पीछे करके अपने लंड के गुलाबी सुपाडे को बाहर कर दिया…और मेरे मुँह के पास आकर अपने लंड के सुपाडे को मेरे होंटो पर रख दिया…अपने होंटो पर अभी के लंड की रगड़ महसूस करके मे एक दम से सिहर गयी….

मे: ये क्या कर रहें है आप

अभी: चल जल्दी कर…अपना मुँह खोल कर लंड ले और चूस इसे…

मे: नही मेने कभी मुँह मे नही लिया है….

अभी: हर काम आदमी जिंदगी मे पहली बार करता है….अब जल्दी कर मेरे लंड को चूस…जल्दी कर

मे अभी के अधीन हो चुकी थी…नज़ाने क्यों मे अभी को किसी बात के लिए मना नही करना चाहती थी…मेने अपने मुँह को खोल कर अभी के लंड के सुपाडे को मुँह मे ले लिया…और धीरे-2 चूसने लगी….एक बहुत ही अजीब सा स्वाद मेरे मुँह मे घुल गया था..अभी मेरे ऊपेर से खड़ा हो गया…जिससे उसका लंड मेरे मुँह से बाहर आकर झटके खाने लगा…अभी ने मेरे हाथ पकड़ मुझे घुटनो के बल बैठा दिया…और अपने लंड को अपने हाथ मे लेकर हिलाते हुए, मेरे मुँह के पास ले आया….मेने इस बार बिना कोई देर किए अपना मुँह खोल कर अभी का लंड मुँह मे ले लिया, और धीरे-2 चूसने लगी…

अभी ने मेरे खुले हुए बालों को हाथ मे पकड़ लिया…और अपनी कमर हिला कर मेरे मुँह मे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा…लंड पुत्च-2 की आवाज़ से मेरे मुँह के अंदर बाहर होने लगा…उसने मेरे बालों को बहुत ज़ोर से खींच रखा था…वो बिल्कुल मुझे रंडी के तराहा मेरे मुँह मे अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था…उसका लंड मेरे थूक से एक दम सन चुका था.

अभी: क्या हुआ साली क्या दम नही तुझ मे ज़ोर से चूस…मेरे टेटो को चाट…

मे किसी बाजारू औरत की तराहा अभी के लंड को हाथ मे लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी…अभी मस्ती मे अपनी कमर को हिला रहा था…

अभी: आहह आईसीए हीई बहुत अच्छा चूस रही है….मेरे जान अहह चल अब मेरे टेटो को चाट…

और अभी ने मेरे बालों को पकड़ कर पीछे खींच दिया….अभी का लंड मेरे मुँह से बाहर आ गया…मेने अभी के लंड को हाथ मे पकड़ कर ऊपेर कर दिया…जिसे उसके बॉल्स मेरे मुँह के सामने आ गये…और उसके तटों को चाटने लगी…अभी मस्ती मे आकर मुझे रंडी बेहन के लोदि जैसी गालिया देने लगा…पर मे उस वक़्त अभी की गुलाम सी बन गयी थी…उसकी कही गयी हर बात को किसी रंडी के तराहा मान रही थी…

अचानक उसने मुझे खड़ा कर दिया…मेरी साँसें बहुत तेज़ी से चल रही थी…अभी ने मुझे घुमा कर दीवार की तरफ कर दिया…मेरी पीठ उसकी तरफ हो गयी…और अभी घुटनो के बल नीचे बेड पर बैठ गया…

मे अपने साँसों को संभालते हुए….अभी की अगली हरकत का इंतजार कर रही थी….अभी ने मेरी जाँघो को छोड़ कर मुझे थोड़ा सा झुका दिया…जिससे मेरी चूत पीछे की तरफ से बाहर आ गयी…अभी ने मेरे चुतड़ों को दोनो तरफ से पकड़ कर फैला दिया…इससे पहले मे कुछ समझ पाती…अभी ने अपनी जीभ को निकल कर मेरी चूत की फांकों को चाटना शुरू कर दिया….मे एक दम से तिलमिला उठी…अभी की जीभ जैसे ही मेरी चूत की फांकों पर लगी., मेरी साँसें मेरे गले मे ही अटक गयी….पूरे बदन मे वासना से भरी मस्त लहर दौड़ गयी….

मे: नही ह अहह ओह ओह ओह मेरीईई माआआ ओह उंह सीईईईईईई अहह अहह ओह ईईई किय्ाआ कार्रर्ररर रहीई हाईईईईिन अप्प्प्प्प्प नहियीई ओह
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11-15-2018, 12:18 PM,
#22
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
मुझसे एक भी शब्द सही से नही बोला जा रहा था…आज तक मे इतना गरम कभी नही हुई थी…मे अपने परों पर खड़ी ना रह सकी , और बेड पर धदाम से बैठ गयी…मुझसे साँस भी नही ली जा रही थी…उसने मुझे साँस लेने का भी मोका नही दिया…और मुझे बेड पटकते हुए लेटा दिया,और मेरी जाँघो को फैला कर ऊपेर कर दिया…

अभी मेरी जाँघो के बीच मे आकर बैठ गया…मेरी चूत का छेद उसकी आँखों के सामने था…जो सिकुर और फेल रहा था…अभी एक दम से ऊपेर झुक गया…और मेरी चूत की फांकों को फैला कर अपना मुँह मेरी चूत के छेद पर लगा दिया…इस बार उसकी जीभ सीधा मेरी चूत के छेद पर महसूस करके मे और मचल उठी…मे मस्ती मे आकर अपनी गांद को हवा मे उछालने लगी…जैसे ही अभी की जीभ मेरी चूत के छेद पर और रगड़ खाने लगी…मेरा दिल बहुत ही तेज़ी से धड़क रहा था…

अभी बिना रुके मेरी चूत को चाट रहा था….मेने अपने बालों को नोचना शुरू कर दिया…मुझसे अभी की जीभ अपनी चूत पर रगड़ खाती हुई बर्दास्त नही हो रही थी…मेरी चूत एक बार फिर से अपना लावा उगलने वाली थी….

मे: अहह ओह और्र्रर चटूऊऊओ आब्ब्ब्ब रुकन्ाअ नहियीई ओह ऑश

और मेरी कमर झटके खाने लगी…मेरी चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया….अभी ने अपना मुँह मेरी चूत से हटा लिया…मे बेड पर अपनी आँखें बंद किए लेटी रही…अभी बेड से नीचे उतर गया…पर मेने उसे नही देखा…वो क्या कर रहा था…

अभी जब थोड़ी देर बाद बेड पर आया…तो उसके हाथ मे एक पुराना कपढ़ा था….उसने मेरी जाँघो को फैला कर मेरी चूत को सॉफ किया…उसने मेरी चूत को अच्छी तरह सूखा दिया…फिर उसने वो कपढ़ा बेड के नीचे फेंक दिया….

अभी: कैसे लगा रानी…

मे बस मुस्करा कर रह गयी…अभी ने मेरी टाँगों को घुटनो से मोड़ दिया…और मेरी टाँगों को अपने कंधों पर रख लिया…जिससे मेरी टाँगें मेरे सर के ऊपेर हो गयी…अभी ने अपने लंड के सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर टिका कर अपनी कमर को तेज़ी से आगे की तरफ हिलाया…लंड का सुपाड़ा मेरी चूत को फैलाता हुआ अंदर घुस्स गया…कुछ देर पहले सॉफ की हुई चूत एक दम सूखी थी…जिससे अभी के लंड के सुपाडे का घर्सन और ज़्यादा बढ़ गया…अभी ने बिना रुके 2 बार अपनी कमर को हिलाया…अभी का लंड जड़ तक मेरी चूत मे घुस्स गया…

अभी ने एक गहरी साँस ली…और फिर धना धन मेरी चूत मे अपना लंड को अंदर बाहर कर पेलने लगा…मेरी चूत की दीवारें उसके मोटे लंड पर कसी हुई थी…अभी के गधे जैसे मोटे लंड के कुछ ही धक्को मे मेरी चूत मे फिर से पानी आने लगा…मे एक दम हैरान थी…कि अभी के लंड मे ऐसा क्या जादू है…जो मेरी चूत उसके अंदर जाते ही पानी छोड़ने लगी थी….अभी की जांघे मेरे चुतड़ों पर टकरा रही थी…मेरी टाँगें अभी के कंधों पर थी…जिसके कारण मेरी गांद बेड से 1-2 इंच ऊपेर उठी हुई थी…जैसे ही अभी अपना लंड पूरा मेरी चूत मे घुसता…उसके वजन से मेरी गांद बेड से जा कर टिक जाती…और जब वो अपना लंड बाहर निकालता मेरी गांद फिर से थोड़ा ऊपेर उठ जाती…अभी ने 5 मिनट तक मेरी चूत को चोदा…फिर अचानक वो सीधा हो गया…और मेरी टाँगों को अपने कंधों से उतार कर नीचे कर दिया…और मुझे उल्टा कर दिया…मे अब किसी कुतिया की तराहा अभी के सामने घुटनो और अपने हाथों के बल थी…जिसे आप शहरी लोग डॉगी स्टाइल कहते हैं…अभी ने अपने लंड को हाथ मे पकड़ कर मेरी चूत के छेद पर टिका दिया….और मेरी कमर को दोनो तरफ से पकड़ कर एक ज़ोर दार धक्का मारा
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11-15-2018, 12:18 PM,
#23
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
इस बार धक्का इतना जबरदस्त था…कि लंड एक ही बार मे मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस्स गया…मे दर्द से चिल्ला उठी….

मे: हइईए माअररर डाअला बाबू धीरीईए ओह

पर अभी के ऊपेर मेरे चीखने का कोई असर नही हुआ…उसने मेरे खुले हुए बालों को पकड़ कर खींचा जिससे मेरी गर्दन ऊपेर की ओर हो गयी…और कमर अंदर हो गयी…और चूत पीछे बाहर आकर ऊपेर की तरफ हो गयी…अभी अपनी पूरी रफ़्तार से मेरी चूत को अपने मोटे लंड से चोदे जा रहा था…वो अपना पूरा लंड बाहर निकालता और फिर से पूरी ताक़त से लंड को चूत मे पेल देता…मे अब फिर से मस्त हो चुकी थी…और फिर से झड़ने के करीब थी….अभी का एक हाथ मेरी गांद पर था…जिसे उसने अपनी हथेली मे दबोच रखा था…अब मे भी उत्तेजित हो कर अपनी गांद को पीछे की तरफ पटकने लगी…दोनो तरफ से आग बढ़ चुकी थी…एसी चलने के बाद भी हम दोनो पसीने से भीग चुके थे….

अभी: आह ले साली ओर ले अहह तेरी चूत्त बहुत टाइट हॅयियी आज मे तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा…

मे: हां अह्ह्ह्ह अहह अहह ओह बाबू जीई हां फद्द्द्दद्ड डूऊ मेरीए चूत्त्त्त आज पूरी रात मुझे चोद्द्द्द चोद्द्द्द्द कर मेरी चूत का भोसड़ा बना दो….

और ज़बरदस्त धक्को के कारण मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया…..और अभी भी मेरी चूत मे झड़ने लगा….और कुछ देर लंड पेलने के बाद वो रुक गया…मे आगे की तरफ लूड़क गयी….और हाँफने लगी…पिछले दो घंटों मे मैं दो चार बार झाड़ चुकी थी…और तीन बार अभी के लंड ने मेरी चूत को अपने वीर्ये से भिगों कर निहाल कर दिया था….

अभी ने मेरी गांद पर हल्का सा थपद जड़ दिया…मेरे मुँह से आहह निकल गयी…मे सीधी हो कर लेट गयी…और अभी की तरफ देखने लगी…

अभी: सच मे आज तक जितनी भी रंडियो को चोदा है…इतना मज़ा किसी ने नही दिया…तेरी चूत ने मेरे लंड का सारा पानी निचोड़ लिया है…

अभी मेरे बगल मे लेट गया…मे अभी से सॅट गये…कुछ देर चुप लेटे रहने के अभी मेरे और मेरे परिवार के बारे मे पूछने लगा…नज़ाने क्यों मे अपनी कोई भी बात उससे छुपा नही पे…बस अपने और मेरे जेठ जी के बीच जो संबंध बने थे..मेने उसके बारे मे नही बताया…

उस रात अभी ने मुझे 3 बार और चोदा…उसकी जबरदस्त चुदाई का असर मुझे सुबह मालूम हुआ…जब मुझे मेरी चूत पर कुछ दर्द महसूस हुआ…मेरे चूत सूज गयी थी…और उसमे अजीब तरह की खुजली हो रही थी…

सुबह अभी ने मुझे अपना मोबाइल नंबर दिया…और बोला अगर फिर से मिलने का इरादा हो…तो मुझे फोन कर लेना…पर मे कुछ नही बोली और नंबर. की स्लिप लेकर अपनी ब्रा के अंदर डाल ली..और वीनू दीदी के साथ घर आ गयी…वीनू दीदी ने मुझे 2000 रुपये दिए…

वीनू: देख रचना मे जानती हूँ…तू एक अच्छी औरत है…पर मे तुझे एक सलाह देती हूँ…तू एक दो महीने यहीं रुक जा…तूँ बहुत पैसा कमाएगी….

मे: नही दीदी मे ये काम नही कर सकती….कल तो मे आप के खातिर चली गयी थी….पर अब और नही…अब मे अपने गाँव वापिस जाना चाहती हूँ

वीनू: चल ठीक है….जैसी तेरी मर्ज़ी

उस दिन मेने अपने पति को पैसे दिए….और ये बोला के वीनू दीदी ने मदद की है….गोपाल ट्रेन के टिकेट लाने चले गये….और अगले दिन हम अपने गाँव के लिए निकल पड़े….
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11-15-2018, 12:18 PM,
#24
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
गाँव पहुचने के बाद भी हमे गोपाल का बहुत इलाज करवाया…पर उनका घाव कम होने के बजाय और बढ़ता जा रहा था…एक महीने के अंदर हमारी सारी खेती की ज़मीन भी बिक गयी…पर कोई राहत नही मिली…अब घर के हालत बहुत बुरे हो चुके थी…और दो महीने के बाद मेरे पति गोपाल के मौत हो गयी…मे अब बिकुल अकेली पड़ गयी थी…अब सिर्फ़ एक घर ही बचा था….पर घर चलने के लिए पैसे नही थे…मे अपने माता पिता के घर आ गयी…पर वहाँ भी मेरी भाभी ने मुँह फूला लिया…मे ज़िल्लत की जिंदगी नही जीना चाहती थी…जब मुझे हर तरफ से दुतकार दिया गया तो मेने फिर से लुधियाना आने का मन बना लिया…क्योंकि लुधियाना मे मेने बहुत सी हमारी साइड की औरतों को काम करते देखा था…मेने मन मे ठान लिया था..कि मे किसी पर बोझ नही बनूँगी…और मे फिर से नेहा के साथ लुधियाना आ गयी….पर जब मे लुधियाना पहुचि तो मेरे पास महज 300 रुपये बचे थे…जो मेरे पिता जी ने मुझे लुधियाना आने से पहले दिए थे….

मे लुधियाना तो आ गयी थी…पर अब मेरे सामने ये सवाल था…के मे जाऊ कहाँ….मेरे दिमाग़ मे वीनू दीदी के पास जाने का विचार आया…और मे रिक्क्षा पकड़ कर नेहा के साथ वीनू दीदी के घर पर आ गयी….पर जब हम वहाँ पहुचे तो उनके घर को ताला लगा हुआ था….मेने पड़ोस के घर आके डोर नॉक किया…..और एक आंटी बाहर आई…जिसे मे थोड़ा बहुत जानती थी…

आंटी: अर्रे रचना तू…वापिस आ गयी….और कैसी हो

मे: मे ठीक हूँ आंटी पर ये वीनू दीदी कहाँ गयी हैं….

आंटी: उसका तो नाम ना ले चल अंदर आ

मे नेहा को साथ लेकर अंदर आ गयी…आंटी ने हमे बैठा दिया…और चाइ नस्ता करवाया…

आंटी: ओर्र बताओ सब ठीक ठाक है…(और तुम्हारा पति कहाँ हैं )

मेरे आँखों मे आँसू आ गये…मेने उन्हे सब बात बता दी…

आंटी: ओह्ह सॉरी रचना मुझे पता नही था…वैसे तुमने अच्छा किया जो तुम गाँव चली गयी…अगर यहाँ रहती तो पोलीस वाले उस रांड़ वीनू के साथ-2 तुझे और तेरी बेटी को भी उठा कर जैल मे डाल देते…

मेरे पैरो के तले से जामीन खिसक गयी….

मे: क्यो पर क्यों

आंटी: अर्रे तुम्हें नही पता…वो औरतों के जिस्मों का धंधा करती थी….सुन अब तू उसके बारे मे किसी से बात भी ना करना…एक हफ्ते पहले उसके घर पर रेड पड़ी थी…उसके साथ कुछ और लोगों को भी पोलीस उठा कर ले गयी…अच्छा हुआ तू यहाँ नही थी…

आंटी के बातें सुन कर मेरे ऊपेर फाड़ टूट पड़ा…अब मेरे पास और कहीं जाने के कोई जगह भी नही थी….मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था…कि अब मे क्या करूँ…गाँव भी वापिस नही जा सकती थी…और जाकर करती भी क्या….आंटी मेरे उदास चहरे को देख कर मेरी परेशानी समझ गयी….

आंटी: देख रचना मे तुम्हें 2-3 दिन अपने घर पर रख सकती हूँ…अगर तू यहाँ रहना चाहती है तो….उसके बाद तू कोई काम ढूँढ ले…और अपने लिए कोई रूम रेंट पर ले ले….

क्रमशः.................
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11-15-2018, 12:19 PM,
#25
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
गतान्क से आगे.....................
आंटी ने हमे दोपहर को खाना खिलाया…पर मे जानती थी…कि मे यहाँ ज़यादा देर नही रुक सकती….तभी अचानक बैठे-2 मेरे दिमाग़ मे अभी का ख़याल आया…हो सकता है वो मेरे कुछ मदद कर दे…मे आंटी को ये बोल कर के मे किसी काम से बाहर जा रही हूँ…बाहर मार्केट मे आ गयी…और पीसीओ से अभी को फोन किया….



अभी: हेलो कॉन

मे: हेलो जी मे रचना बोल रही हूँ

अभी: कोन रचना…

मे: जी वो उस दिन मे वीनू दीदी के साथ….

अभी: ओह्ह अच्छा तुम….और सूनाओ कैसे याद किया….

मे: मुझे आप से कुछ काम था…

अभी: बोलो क्या बात है….

मे: नही फोन पर नही बता सकती….आप से मिल कर बात करूँगी

अभी: ठीक है…तुम्हें घर को तो पता है ना….घर पर आ जाओ…

मे: ठीक है…अभी आ जाऊ

अभी: हां आ जाओ मे घर पर ही हूँ….

मे पीसीओ वाले को पैसे दिए…और अभी के घर के तरफ चल पड़ी….अभी के घर पहुच कर मेने डोर बेल बजाई…थोड़ी देर मे अभी ने गेट खोला….

अभी: आओ अंदर आजाओ

मे अंदर आ गयी…अभी ने गेट बंद कर लिया…हम दोनो हाल मे आ गये…और मे अभी के साथ सोफे पर बैठ गयी…

अभी: हां बोलो क्या बात है…

मेने अभी को सारी बात बता दी….

मे: बाबू मे आपके पास बहुत उमीद लेकर आई हूँ…

अभी: देखो रचना मे तुम्हारे लिए कोई काम नही ढूँढ सकता…पर हां जब तक तुम चाहो मेरे घर मे रह सकती हो…तुम्हें यहाँ किसी चीज़ के कमी नही हो गी…

मे: मे आप का ये अहसान कभी नही भूलूगी…

अभी: देखो मे कोई अहसान नही कर रहा हूँ…वैसे भी मे घर पर किसी काम करने वाली औरत को ढूँढ रहा था…मेरी मम्मी पापा अमरेका मे रहते हैं…और अगर तुम घर का काम करो…तो ये समझ लेना तुम यहीं नौकरी कर रही हो…

मे : जैसे आप कहें…..

अभी: (मुस्करते हुए) घर के साथ -2 मेरा भी ख्याल रखोगी…?

मे: क्या

अभी: मेरा और मेरे लंड का….

मे कुछ ना बोल पे…बस एक मुस्कान के साथ मे सोफे से खड़ी हो गयी…

मे: ठीक है बाबू जी….पर मे आप से हाथ जोड़ कर विनती करती हूँ….मेरी बेहन के बेटी मेरे साथ है…उसके सामने मुझे शर्मिंदा तो नही करोगे ना…

अभी: तुम बेफिकर हो जाओ…

मे आंटी के घर वापिस आ गयी…और नेहा को साथ लेकर अभी के घर पर रहने आ गयी….मेने रास्ते मे नेहा को ये बताया के वीनू दीदी के रिस्तेदार के घर पर सॉफ सफाई का काम मिला है…आज से हम वहीं रहेंगी….और हां बाबू जी का ध्यान रखना…

जब मे नेहा को साथ लेकर अभी के घर पहुचि…तो अभी ने हमे एक रूम रहने के लिए दे दिया…उस रूम मे एक पलंग लगा हुआ था…जो मेरे और नेहा के सोने के लिए काफ़ी था…हमने अपना समान रखा…

अभी: आओ मे तुम्हें घर दिखा दूं….फिर तुम खाना बना कर खा लेना…और बाद मे सॉफ सफाई कर लेना…

मैने नेहा को रूम मे बैठने को कहा…और मे अभी के साथ बाहर आ गयी…अभी मुझे घर दिखाने लगा…घर मे नीचे 3 रूम थी…एक हॉल…और किचन था…दो रूम्स मे अटॅच बाथरूम था…जो रूम अभी ने हमे दिया था…उसमे बाथरूम नही था…और एक रूम लॉक था…और अभी का रूम ही बचा था..जिसमे अटॅच बाथरूम था

अभी: चलो अब तुम्हें ऊपेर के रूम भी दिखा दूं…वैसे तो रूम्स खाली है…और बंद रहते हैं…उनकी सफाई करने के ज़रूरत नही है…पर महीने मे एक दो बार कर दिया करना

मे : जी ठीक हैं

और मे अभी के साथ ऊपेर की मंज़िल पर आ गयी…ऊपेर काफ़ी अंधेरा था…पर बहुत ज़्यादा नही था…जैसे ही हम ऊपेर पहुचे…अभी मुझे एक रूम मे ले गया….उस रूम मे भी एक पलंग लगा हुआ था…मे अपने ध्यान मे रूम को देख रही थी…पर अचानक अभी ने पीछे से मुझे अपनी बाहों मे ले लिया…और मेरी चुचियो को मसलने लगा…मे एक दम से सकपका गयी…

मे: ओह्ह्ह बाबू जे क्या कर रहे हो….नेहा नीचे है…

अभी: तो क्या हुआ जानेमन नीचे ही है…ऊपर तो नही है…

और अभी ने मुझे अपनी तरफ घुमा कर मेरे होंटो पर अपने होंटो रख दिए…मे अभी के बाहों मे कसमसाने लगी…अभी मेरे होंटो को चूसे जा रहा था…अभी ने अपने हाथों को मेरी सारी के ऊपेर से मेरे चुतड़ों पर रख दिया…और मसलने लगा…मे एक दम से सिहर गयी….अभी ने अपने होंटो को मेरे होंटो से हटाया…

अभी: एक बात कहूँ नेहा….

मे: (शरमाते हुए) जी

अभी: मुझे और मेरे लंड को तेरी चूत के बहुत याद आई…तुझे कभी मेरे लौदा याद आया के नही….

मे एक दम से शर्मा गयी….

अभी: अच्छा अब नीचे चलो…और खाना बनाओ….किचन मे सारा समान है….


मे अभी के साथ नीचे आ गये…और किचन मे जाकर खाना बनाने लगी….खाना बनाने के बाद हमे खाना खाया…रात के 9 बज चुके थी…मे और नेहा अभी के रूम मे बेड के साथ नीचे कार्पेट पर बैठी मूवी देख रही थी…नेहा ने आज पहली बार ल्सीडी देखी थी…वो तो अपनी नज़रों को लसीडी पर गढ़ाए बैठी थी…अभी बेड पर आधा लेटा हमे देख रहा था…और अपने हाथ से अपने पाजामा के ऊपेर से अपने लंड को मसल रहा था…मे चोर नज़रों से अभी को देख रही थी…

अभी: एक ग्लास पानी मिलेगा

मे उठ कर किचन मे गयी….और एक ग्लास पानी ले कर अभी के पास आकर खड़ी हो गयी….नेहा बेड के दूसरी तरफ नीचे बैठ कर टीवी देख रही थी…उसकी पीठ हमारी तरफ थी…अभी ने मेरे हाथ से ग्लास लेया…और बहुत ही धीरे से बोला…

अभी: तुम आज यहीं सो जाओ…

मेने नेहा की तरफ इशारा किया….

अभी: वो तुम मुझ पर छोड़ दो….

मे आगे आकर नीचे बैठ गयी…रात के 11 बज चुके थे…मूवी ख़तम हो गयी थी…जैसे ही मे और नेहा उठ कर जाने लगी…

अभी: रचना आज मेरी तबीयत कुछ खराब लग रही है…तुम यही ज़मीन पर सो जाओ…मुझे पानी वगेरह दे देना…मुझे आराम रहेगा….

मे: कुछ नही बोली…और नेहा को साथ लेकर अपने रूम मे आ गयी…

मे: (कुछ देर सोचने के बाद) नेहा तुम सो जाओ…मे बाबू जी के रूम मे सो जाती हूँ…उनकी तबयत खराब है….

नेहा मुझे अजीब सी निगाहो से देखने लगी…आख़िर अब वो भी 13 साल की हो चुकी थी…और अब तक कुछ कुछ समझने लगी थी…पर वो कुछ नही बोली…और पलंग पर लेट गयी…मे रूम के लाइट ऑफ करके बाहर आ गयी…

मेरे दिल जोरों से धड़क रहा था…मे कंम्पते हुए कदमों के साथ अभी के रूम मे पहुच गये…अभी ने मुझे इशारे डोर लॉक करने को कहा…मेने डोर लॉक कर दिया…रूम मे बेड लॅंप के रोशनी चारो तरफ फेली हुई थी…


अभी ने मुझे बेड पर आने का इशारा किया…मे बेड की तरफ गयी….

अभी: एक काम कर अपनी सारी उतार दे…

मेने अभी की बात को मानते हुए…अपनी सारी उतार दी…अब मेरे बदन पर सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकॉट ही था…मेने नीचे ब्रा और पॅंटी भी नही पहनी हुई थी…मे बेड पर आ गयी…बेड पर आते हुए..अभी ने मुझे बेड पर पीठ के बल लेटा दिया…और मेरी चुचियो को मेरे ब्लाउस के ऊपेर से मसलने लगा…मे कसमसाने लगी…अभी मेरे ऊपेर आ गया…और मेरे होंटो को अपने होंटो मे लेकर चूसने लगा…मेरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गये…मे अभी के छूने भर से ही गरम हो चुकी थी…एक बार फिर से महीनो के बाद मेरी चूत को लंड मिलने वाला था…ये सोचते ही मेरी चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया…

अभी अपने दोनो हाथों से मेरी चुचियो को मसलता हुआ…मेरे होंटो को चूस रहा था…मेरी बाँहे अभी की पीठ पर कस्ति चली गयी…मेरी साँसें गरम होने लगी थी..और दिल तेज़ी से धड़क रहा था…मस्ती के कारण मेरी आँखें बंद हो चुकी थी..
क्रमशः.................
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11-15-2018, 12:19 PM,
#26
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
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गतान्क से आगे.....................
अभी ने मेरे ब्लाउस के हुक्स को खोल दिया…जैसे ही मेरे ब्लाउस के हुक्स खुले मेरी 38 साइज़ की तनी हुई चुचिया उछल कर बाहर आ गयी…अब मौसम बदल चुका था दिसंबर का महीना चल रहा था…इसलिए ठंड भी बढ़ चुकी थी…अभी ने अपने ऊपेर रज़ाई खींच ली…और मेरी चुचियो को मुँह मे भर कर चूसने लगा…मेरे निपल कड़े हो कर तन चुके थे…अभी एक हाथ से मेरी दूसरी चुचि के निपल को उंगलियो मे लेकर मसल रहा था…

मे मस्ती मे आकर आह ओह्ह करने लगी….अभी के जीभ मेरी चुचि के निपल पर रगड़ खा रही थी…जिससे मेरे निपल और तन चुके थे…मेरी चूत पानी से भीग चुकी थी…मेरे से बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था…अभी ने मेरे निपल को मुँह से निकाला और खड़ा हो कर अपना शॉर्ट्स और टीशर्ट उतार कर फेंक दी…और फिर से मेरे ऊपेर आकर मेरे दूसरे निपल को मुँह मे ले लिया….मे एक दम मस्त हो चुकी थी…मेरी चूत मे खुजली होने लगी…और अभी का लंड लेने के लिए फुदकने लगी..
अभी ने मेरे पेटिकॉट का कमर तक चढ़ा दिया….और मेरी जाँघो को फैला कर देखने लगा…मेने अपनी टाँगों को घुटनो से पकड़ कर ऊपेर उठा लिया…और दोनो टाँगों को विपरीत दिशा मे फैला दिया… जिससे मेरी टाँगें मेरे सर के ऊपेर हो गयी…

और मेरी चूत खुल कर उसके सामने आ गयी…अभी ने बिना कोई देर किए…मेरी चूत की फांकों को फैला कर अपना मुँह मेरी चूत के छेद पर लगा दिया…मे एक दम से तडप उठी…मस्ती के मारे मेरी कमर ऊपेर की तरफ उछलने लगी….मे आहह ओह्ह आहह करने लगी…मेरी सिसकारियाँ पूरे रूम मे गूँज रही थी…

अचानक अभी उठ कर पीठ के बल लेट गया….और मुझे अपने ऊपेर खींच लिया…अभी का लंड मेरी गान्ड की दर्रार मे धँस गया…अभी के लंड को गांद की दर्रार मे महसूस करके मे एक दम सिहर गयी…अभी ने अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मेरी चूत के छेद पर टिका दिया…और ऊपेर की तरफ अपनी कमर को उछाला…अभी के लंड का मोटा सुपाड़ा मेरी चूत के छेद मे घुस्स कर फँस सा गया…मेरे पूरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी…आज फिर 6-7 महीनो बाद मेरी प्यासी चूत को ठंडक मिलने जा रही थी…मे अपने आप को रोक ना सकी…और अपनी चूत को अभी के लंड पर दबाने लगी…अभी के लंड का मोटा सुपाड़ा मेरी चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुसने लगा…मेरी चूत मे सरसारहात होने लगी…मस्ती मे आकर मेरी आँखें बंद हो चुकी थी…मेरा पूरा बदन रोमांच और उतेज्ना के मारे कांम्प रहा था…अभी ने मुझे पकड़ कर अपने ऊपेर झुका लिया…और मेरे होंटो को अपने होटो मे लेकर चूसने लगा…

अभी ने मेरे चुतड़ों को दोनो हाथों से पकड़ कर ऊपेर की तरफ अपनी कमर उछाली…लंड का मोटा सुपाड़ा मेरी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर घुस कर मेरी बच्चेदानी से जा टकराया…और मे मस्ती मे आकर चीख से पड़ी….अभी ने मेरे होंटो को अपने होंटो मे ले रखा था…जिसके कारण मेरी आवाज़ हम दोनो के मुँह मे घुट कर रह गयी….मेरे पूरे बदन मे आग लग चुकी थी…चूत की दीवारें लंड को कसने लगी…और मेरी गांद अपने आप हिलने लगी…हर बार मेरी रफ़्तार बढ़ जाती…और कुछ ही पलों मे तेज़ी से अपनी गांद को ऊपेर की ओर उछाल-2 कर अभी के लंड पर अपनी चूत पटकने लगी….

मे: आह अहह अहह बाबू जीए अहह बहुट्त्त मज़ा एयाया रहा हाईईइ..

अभी: एक बात बता…तुझे कभी मेरी याद नही आए…कभी वो रात को याद करके तेरी चूत ने पानी छोड़ा…जब तू इस तराहा अपनी गांद को उछाल-2 कर मेरा लंड अपनी चूत मे ले रही थी…

मे: हाआंन्‍नणणन् बबुऊ जीई बहुत्त्त्त याद्द्ड़ कियाअ आआआप कीयेयी इश्स मोटे लौदी कूऊ मेरीए ये कमीनी चूत्त्त्त्त आपके लंड को याद करक्की रोज पनीईई छोड़तिीई थी..
ओह्ह्ह्ह बाबू जीईए और ज़ोर सीई चोदू अहह अहह मेरी चूत के खुजलिइीइ मिटा दू…

मे अब पागलों के तराहा अपनी गांद को उछाल-2 कर अभी के लंड पर अपनी चूत को पटक रही थी…लंड का सुपाड़ा अंदर बाहर होता हुआ…मेरी चूत की दीवारों का रगड़ खा जाता…और मेरे पूरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी…

अभी: हान्ं राणििइ मेरी लौड़ीईए नी भीई टर्ररर चूत्त के बारे मे सोच सोच कर बहुत पानी बाह्या है….अब मेरा लौदा तेरी चूत और अपनी दोनो के प्यसस बुजयगा…

मे: हान्न्न बाबू जीए ओह्ह्ह्ह जितना मर्ज़ी चोदेयीए अहह अपने लंड के पानी सीई मेरीए चूत मे बारिश कर दूऊ…अहह मेरी चूत्त तो जैसे बरसों के प्याससी हाीइ…

अभी ने मेरे चुतड़ों को दोनो तरफ से पकड़ रखा था…और अभी ने अपनी उंगली मेरी गांद के छेद मे डाल कर अंदर बाहर करना चालू कर दिया…हल्का दर्द और गांद के छेद पर अजीब सी सिहरन दौड़ने लगी….मे और तेज़ी से अभी के लंड पर कूदने लगी..
मेरी चूत अब पानी छोड़ने के बिकुल करीब थी…और मे अब रुकना नही चाहती थी..

मे: हान्णन्न् अहह बबुऊउ जीईई और्र्रर जोर्र्र से लुंदड़ पेलूओ अहह और जोर्र्र से चोदूओ अहह मे झदेनन्न वाली हूँ…..

अभी ने मेरी गांद से उंगली निकाली…और चुतड़ों को कस के पकड़ कर पूरे जोश मे आकर अपना लंड मेरी चूत मे पेलने लगा…अभी के तटे मेरी गांद के छेद से टकराने लगे…और पूरे कमरे मे ठप-2 के आवाज़ गूंजने लगी…और 1 मिनट बाद मेरी चूत मे से पानी की धार छूट पड़ी….मे हाँफने लगी…मेरी चूत पानी से बिकुल भीग चुकी थी…अभी का लंड अभी भी तेज़ी से मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था…लंड के अंदर बाहर होने से फतच-2 की आवाज़ हो रही थी….और फिर अभी ने आख़िरी धक्का मारा…लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के अंदर बच्चेदानी से जा कर सॅट गया…और एक एक करके..अभी का लंड वीर्ये की पिचकारियाँ छोड़ कर…मेरी बच्चेदानि को अपने गाढ़े पानी से भरने लगा…मे अभी के लंड को चूत मे लिए…उसके ऊपेर पसर गयी….थोड़ी देर बाद जब मेरी साँसें नॉर्मल हुई…तो मे अभी के ऊपेर से उठ कर उसकी बगल मे लेट गयी…

मे अभी के ऊपेर से उठ कर उसकी बगल मे लेट गयी…

मुझे आज भी अपने पर हैरानी हो रही थी…कि इस 25साल के लड़के मे ऐसा क्या जादू है…जो मे इसके सामने इसकी गुलाम बन जाती हूँ….और शरम हया की सारें हदें पार करके इसकी हर बात को मानने पर मजबूर हो जाती हूँ…मे अभी के बारे मे ज़्यादा कुछ नही जानती थी…मेने बातों-2 मे अभी को जानने की कॉसिश करने का फ़ैसला किया.

मे: बाबू जी एक बात पूछूँ (अभी के तरफ करवट करके लेटते हुए)

अभी: हां पूछ

मे: बाबू जी आप ने पहली बार ये सब कब किया था…

अभी: क्या किया था…सॉफ-2 बोलो..

मे: मतलब आप ने पहली बार किसी को कब चोदा था…क्या वो आप की कोई गर्लफ्रेंड थी…

अभी: क्या करोगी जान कर

मे: नही वैसे ही…जैसे आप मुझे चोदते हैं…ऐसी चुदाई तो कोई आम आदमी नही कर सकता…और आप की एज भी बहुत कम है…आप के साथ चुदाई करके ऐसे लगा…जैसे आप इसमे कई सालों से माहिर हो….बताओ ना साहब…

अभी: अच्छा ठीक है…सुनो जब मे 16 साल का था…तब पहली बार मेने सेक्स किया था…वो मेरे पड़ोस मे रहती थी…उसका नाम नीता था…और तब वो 24 साल की थी…और एक हॉस्पिटल मे नर्स का जॉब करती थी…

मे अभी के बात सुन कर एक दम हैरान रह गयी…मुझे अभी की बातों पर बिकुल भी यकीन नही हो रहा था…पर जिस तरह अभी चुदाई करने मे माहिर था…उसकी बात सही लग रही थी…

मे: बाबू जी अच्छे से बताओ ना…पूरी बात बताओ….

अभी: अच्छा ठीक है ठीक है….

तो सुनो ये आज से 8 साल पहले की बात है…जहाँ पर हम पहले रहते थे…उसी गली मे मेरा एक दोस्त था…उसका नाम ठिंकू था…ठिंकू मुझसे 3 साल छोटा था…वो इन सब बातों से बिकुल अंजान था…हम दोनो स्कूल से आने के बाद खेलते रहते थे…हम अक्सर उसके घर पर ही खेलते थे…क्योंकि उसके घर का आँगन बहुत बड़ा था…

उस समय मुझे भी सेक्स के बारे मे कुछ ज़्यादा पता नही था…बस इतना ही जानता था कि, लड़को के लंड होता है…और लड़कियो के चूत होती है…जिसमे लड़के अपना लंड डालते हैं..और लड़कियो को चोदते हैं….

मे अभी की बातों को बड़े ध्यान से सुन रही थी…

अभी: एक दिन की बात है…मे और ठिंकू उसके घर के आँगन मे खेल रहे थे…उसकी बेहन की छुट्टी थी…और उसकी मम्मी किसी रिस्तेदार के घर शादी मे गयी हुई थी…और चार पाँच दिन बाद आने वाली थी…हम खेल रहे थे…तभी नीता रूम से बाहर आई…और ठिंकू को पुकारने लगी…

नीता का रंग बिकुल गोरा था…उसकी बदन बिल्कुल पतला था…और चुचिया 36 साइज़ से ज़्यादा नही थी…उसकी कमर एक दम पतली थी…

नीता: ठिंकू चलो आ कर आपना होमवर्क कर लो…बहुत खेल लिया…

ठिंकू: बस दीदी थोड़ी देर और खेलने दो ना…मे अभी आता हूँ…

नीता: नही अभी अंदर चलो…नही तो पापा को बता दूँगी…

ठिंकू उदास सा मुँह लेकर रूम मे जाने लगा…दोपहर का टाइम था…मे जैसे ही घर पर वापिस जाने लगा…ठिंकू ने मुझे आवाज़ लगाई

ठिंकू: यार अभी रुक तो सही…मे थोड़ी देर मे होमवर्क कर लूँगा…फिर खेलते हैं…तूँ अंदर आ जा…

नीता: हन अभी तूँ अंदर आ जा…नही तो ये होमवर्क भी नही करेगा
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11-15-2018, 12:19 PM,
#27
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
मे ठिंकू और नीता के साथ रूम मे आ गया…ठिंकू ने अपनी बुक्स उठाई…और बेड पर बैठ गया…नीतू उसकी बगल मे लेट गयी…उसके बाद मे बेड के किनारे बैठ गया…और इधर उधर देखने लगा…अचानक मेरा ध्यान नीता पर पड़ा…जो करवट के बल लेटी हुई थी…उसने अपने हाथ को अपने सर के नीचे से सहारा देकर अपने सर को थोड़ा सा ऊपर उठा रखा था…और ठिंकू को उसके होमवर्क मे हेल्प कर रही थी…

मे नीता के पीछे बैठा हुआ था…उसकी कमीज़ का पल्ला सरक कर बिस्तर पर इकट्ठा हो चुका था…उसने वाइट कलर की पतली से सलवार पहन रखी थी…जैसे ही उसकी कमीज़ का पल्ला नीचे बिस्तर पर आया…मुझे पीछे से उसकी गांद दिखने लगी…उसकी वाइट सलवार मे से उसकी ब्लॅक कलर के पॅंटी सॉफ दिख रही थी…मेरा लंड उसे देखते ही खड़ा हो गया….उस दिन पहली बार मेरा लंड किसी को देख कर खड़ा हुआ था…मेरे लंड मे इतना तानव आया के मे सहन नही कर पाया…सामने का सीन देख कर मेरे हाथ पैर कंम्पने लगे…ठिंकू का ध्यान अपनी बुक मे था…और वो नीता के दूसरी तरफ बैठा था…उस समय मे बिल्कुल नादान था…और मेने नादानी मे ऐसी हरकत कर दी…जिस मे अब करना चाहूं…तो डर के मारे कर ना पाऊ

मे अपना हाथ धीरे -2 बेड के साथ रेंगता हुआ आगे करने लगा…मेरे दिल जोरो से धड़क रहा था…मेरे हाथ उसकी जाँघ तक पहुच गया…और मेने अपने हाथ की एक उंगली को उसकी जाँघ पर रख दिया…और धड़कते हुए दिल के साथ कुछ देर वेट करने लगा
नीता उसी तराहा लेटी रही…वो ठिंकू को काम करते हुए देख रही थी…मेरा कुछ हॉंसला सा बढ़ गया…और मेने अपना हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया…और उसकी जाँघ के पीछले हिस्से को धीरे-2 सहलाने लगा…वो फिर भी उसी तराहा बिना हीले दुले लेटी रही…मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था…मे अपने हाथ को गोल-2 घुमा कर उसकी जाँघ को सहलाने लगा…पर अचानक ठिंकू ने मेरी तरफ देखा…मेने झट से अपना हाथ नीता की जाँघ से हटा लिया..ठिंकू मेरी तरफ देख कर मुस्कुराया,और फिर से अपना होमवर्क करने लगा..

मेरे हाथ पैर डर के कँपने लगे थे….मेने राहत के साँस ली…और मन ही मन मे भगवान को धन्यवाद किया, कि ठिंकू को मेरी इस हरकत के बारे मे पता नही चला…अब मेरी दोबारा कुछ करने के हिम्मत नही हो रही थी…मे वैसे ही बेड के किनारे चुप-2 बैठ गया….पर होनी को शायदा कुछ और ही मंजूर था…थोड़ी देर बाद नीता दीदी ने अपना फेस पीछे घुमा कर देखा…उसका गाल और फेस उतेजना के मारे एक दम लाल हो चुके थे…उसकी आँखों मे वासना के लाल डोरे नज़र आ रहे थे…जिसे मे उस उमेर मे समझ नही पा रहा था…उसने मुझे अपनी वासना से भरी नज़रों से देखा, और मेरएआ तरफ देख कर मुस्करा पड़ी…मुझे कुछ समझ मे नही आया…आख़िर नीता मेरी तरफ देख कर मुस्करा क्यों रही है….मेने अपना सर झुका लिया….पता नही क्यों पर मे उसकी तरफ दोबारा देख नही पाया…पर उस उमेर मे इन सब बातों को समझना मेरे लिए आसान नही था…

उस रात मे जब अपने घर पर हाल मे टीवी देख रहा था…तो चैनल चेंज करते-2 अचानक टीबी6 चैनल आ गया…जो एक रशियन चैनल था…उस पर रशियन मूवी आ रही थी…जिसमे बहुत ही हॉट सीन चल रहा था…उस सीन को देख कर मेरा हाथ मेरे लंड पर चला गया….और मे अपने लंड को अपने हाथ मे लेकर सहलाने लगा…उस मूवी का हर सीन मेरे दिमाग़ मे बस गया था…उसमे एक आदमी एक लड़की की चुचियो को चूस रहा था…और नीचे से अपनी कमर हिला कर उस लड़की को चोद रहा था…उस दिन मुझे लगभग ये तो पता चल ही गया था…ये काम करने मे ज़रूर मज़ा आता होगा…और मेरे दिमाग़ मे नीता की गांद और उसकी स्माइल घूमने लगी….

अगले दिन सनडे था…स्कूल से छुट्टी थी…मे दोपहर के करीब 12 बजे अपने घर से निकल कर ठिंकू के घर पर आ गया…उसके पापा ऑफीस जा चुके थे…नीता और ठिंकू घर पर अकेले थे…नीता अपने घर के आँगन मे झाड़ू लगा रही थी…जैसे ही मे उसके घर के अंदर आया…तो मेरी नज़र नीता दीदी पर पड़ी….वो झुक कर झाड़ू लगा रही थी…उसने लाइट ब्लू कलर की सलवार कंमीज़ पहना हुआ था…और दुपट्टा नही लिया हुआ था..उसकी चुचिया झुकने के कारण बाहर की तरफ झलक रही थी…पहले तो उसका ध्यान मुझ पर नही पड़ा…जब उसने मुझे देखा…तो उसने मुझे अपनी चुचियो को घूरते हुए देख लिया…उसके होंटो पर मुस्कान आ गयी..और बड़ी ही कातिल मुस्कान से मुझे देखने लगी…

मे: दीदी वो ठिंकू कहाँ हैं…

नीता: वो दुकान पर कुछ समान लाने गया है….

मे: अच्छा ठीक है.,.. मे बाद मे आता हूँ….

नीता: अर्रे बैठो ना अभी आ जाएगा….

मेरे हाथ पैर कामुकता के मारे कांम्प रहे थे….उसने झाड़ू लगा ली….और अंदर जाने लगी….

नीता: अभी अंदर आ जा…बाहर तो बहुत गरमी है…

मे उठ कर नीता के पीछे अंदर चला गया…नीता और मे एक रूम मे बैठ गये…इतने मे ठिंकू भी आ गया…और मे ठिंकू के साथ उसके आँगन मे आकर क्रिकेट खेलने लगा…गरमी बहुत ज़्यादा थी….इस लिए हम दोनो जल्द ही थक गये…और मे ठिंकू के साथ अंदर आ गया…मे भी बहुत थक गया था…

ठिंकू: यार अभी मुझे बहुत नींद आ रही है…मे तो सोने जा रहा हूँ…नीता वहीं खड़ी हमारी बातें सुन रही थी....

मे: ठीक हैं मे भी चलता हूँ….

और मे भी घर पर आ गया…और सो गया…मे काफ़ी देर तब सोता रहा…रात को जब मे खाना खा रहा था…तो ठिंकू घर पर आया…और मेरी मम्मी से बोला….

ठिंकू: आंटी क्या अभी भैया आज हमारे घर पर सो सकतें हैं…आज पापा की नाइट ड्यूटी लग गयी है…और कल सुबह घर आएँगे…और मा तो पहले से ही गाँव गयी हैं शादी के लिए…
मेरी मम्मी ने ठिंकू को हां बोल दिया…ये बात सुन कर मेरे दिल मे अजीब सी हलचल मच गयी…मे बहुत नर्वस फील कर रहा था…खाना खाने के बाद मे ठिंकू के साथ उसके घर पर आ गया…जैसे ही हम अंदर आए…तो नीता रूम से बाहर आ गयी…और उसने गेट को लॉक कर दिया…और मेरी तरफ देख कर मुस्कराते हुए अंदर चली गयी…

मे ठिंकू के साथ उसके रूम मे आ गया…मेने टीशर्ट और शॉर्ट्स निक्केर पहना हुआ था…गर्मी के वजह से मेने नीचे अंडरवेर नही डाला हुआ था…मे और ठिंकू उसके बेड पर लेट गये…रूम मे 0 वाट का बल्ब जल रहा था…अभी हम लेटे ही थे, कि नीता रूम मे आ गयी…और हम दोनो के बीच मे बेड पर लेट गयी….मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा…

ठिंकू: दीदी आप यहाँ क्यों आ गयी……

नीता: मुझे अकेले नींद नही आती….तुझे तो पता है…मे हमेशा मा के साथ सोती हूँ…

और ठिंकू दूसरी तरफ करवट के बल लेट गया…मे सबसे लास्ट मे दीवार की तरफ था…नीता बीच मे लेटी हुई थी…उसमे और मुझमे सिर्फ़ 6-7 इंच का फासला था…नीता ने मेरी तरफ देखा और एक कामुक सी स्माइल पास कर दी…मे तब इन्सब बातों को हॅंडेल करने लायक नही था…और कैसे रिक्ट किया जाता है…मुझे नही पता था…मेने डर के मारे दूसरी तरफ फेस कर लिया…
क्रमशः.................
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11-15-2018, 12:19 PM,
#28
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
11

गतान्क से आगे.....................
पर सेक्स का कीड़ा तो हर इंसान के अंदर होता है…रात के करीब 11 बज रहे थे…मे सोया नही था…दूसरी तरफ ठिंकू बहुत ही गहरी नींद मे था…मेने आँख खोल कर देखा…नीता मेरी तरफ पीठ करके लेटी हुई थी…मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा…लंड मे तनाव आने लगा…क्योंकि वो मेरे से अब सिर्फ़ 1-2 इंच के फंसले पर लेटी हुई थी..मे उसके बदन से उठी रही गरमी को सॉफ-2 महसूस कर रहा था…उसने टीशर्ट और सलवार पहनी हुई थी…और टीशर्ट उसकी पीठ पर थोड़ा ऊपेर चढ़ि हुई थी…जिसके कारण उसकी ब्लॅक पॅंटी की एलास्टिक सलवार से बाहर दिख रही थी…मे अपने आप पर से कंट्रोल खोने लगा…मेरा लंड एक दम तन चुका था…मे हिम्मत करके नीता के और करीब खिसक गया..जिसके कारण मेरा लंड उसकी गांद के दरार मे उसकी सलवार के ऊपेर से धँस गया…नीता थोड़ा सा कसमासाई…और फिर शांत पड़ गयी…

मेरी हिम्मत अब और बढ़ने लगी थी…मेने दिल मे सोच लिया था…अब चाहे जो भी हो जाए…मे पीछे नही हटूँगा…मेने अपना एक हाथ उसकी कमर पर रख दिया…और थोड़ी देर इंतजार करने के बाद जब नीता उसी तराहा पड़ी रही…तो मेरी हिम्मत और बढ़ गयी…मेरा हाथ सरकता हुआ उसकी कमर से पेट पर आ गया…जैसे ही मेरा हाथ उसके पेट पर आया…मेरा दिल और जोरों से धड़कने लगा…उसकी टी शर्ट उसके पेट से ऊपेर उठी हुई थी…मेरा हाथ उसकी नाभि पर था…जैसे ही मेरा हाथ उसकी नाभि पर लगा…नीता फिर से कसमासाई…और इस बार उसने अपनी गांद को मेरे लंड पर दबा दिया…मेरे होश उड़ गये..कहीं वो जाग तो नही रही है….कोई बात नही जो होगा देखा जाएगा….मे धीरे-2 उसके पेट को सहलाने लगा…कई बार मेरी उंगलिया उसकी सलवार के जबरन को छू जाती….और उसका पेट मे थरथराने के कारण कंपन पैदा हो जाता…

अचानक वो मेरी तरफ घूम गयी…और उसने मेरे ऊपेर हाथ रख लिया…अब हम दोनो एक दूसरे की तरफ करवट ले लेटे हुए थे….उसकी तेज़ी से चल रही साँसों को मे अपने फेस पर महसूस कर रहा था…हम दोनो एक दूसरे से सॅट गये थी…उसकी चुचिया मेरे चेस्ट मे धँस गयी थी…उस नरम अहसास को मे आज भी नही भूल पाता हूँ.
उसके साँसें बहुत तेज़ी से चल रही थी…जो इस बात का सबूत थी..कि वो सो नही रही है…

मेरी भी हिम्मत बढ़ गयी…और मेने अपना हाथ उसकी कमर मे डाल दिया…वो मुझसे और चिपक गयी…और उसने अपनी बाहों को मेरी पीठ पर कस लिया…मेरे होंठ उसकी टीशर्ट के ऊपेर से उसकी चुचियो को टच हो रहे थे…मेने अपने हाथ को धीरे-2 उसके चुतड़ों के तरफ बढ़ाना चालू कर दिया…जैसे ही मेरा हाथ उसके चुतड़ों पर आया…वो एक दम से कसमसा गयी…और अपनी जाँघ को उठा कर मेरी जाँघ पर रख दिया…मे नीता के फेस की तरफ देखने लगा…उसकी आँखें बंद थी…पर थोड़ी देर बाद उसने अपनी आँखें खोली और मेरी तरफ देखा…उसकी आँखों मे वासना की लहरे उमड़ रही थी…



उसने मेरे आँखों मे देखा…और एक कामुक सी मुस्कान उसके होंठो पर आ गयी…उसके होन्ट काँप रहे थे…उसने अपने सर को हिलाया…जैसे वो मुझसे अपनी सहमति जता रही हो…और फिर से अपनी आँखें बंद कर ली…और अपने होंटो को मेरे होंटो की तरफ बढ़ाने लगी…मेरा लंड नीचे से एक दम तन गया…जैसे ही मे अपने होंटो को नीता के होंटो की तरफ बढ़ाने लगा…मेरे हिलने से मेरा लंड उसकी सलवार और पॅंटी के ऊपेर से उसकी चूत की फांकों से जा टकराया…उसके मुँह से सीईइ के आवाज़ निकल गयी…और उसने अपने होंटो को मेरे होंटो पर रख दिया…और मेरे होंटो को चूसने लगी…ये पहली बार था…जब मे किसी को किस कर रहा था…मुझे पहले थोड़ा सा अजीब लगा..पर फिर मज़ा आने लगा…और मे नीता के होंटो को चूसने लगा…वो मेरे पूरा साथ दे रही थी…जैसे ही मेने नीता के होंटो को चूसना शुरू किया…नीता ने अपने होटो को ढीला छोड़ दिया…और अपने होंटो को थोड़ा सा खोल लिया..ताकि मे नीता के होंटो अच्छी तरह से चूस सकूँ….

नीता बिकुल भी अपने होंटो को हिला नही रही थी…मे अपनी मर्ज़ी के मुताबिक उसके दोनो होंटो को बारी-2 चूस रहा था…नीता पूरी तराहा गरम हो चुकी थी…और वो नीचे से धीरे-2 अपनी कमर को हिला कर अपनी चूत को सलवार के ऊपेर से मेरे लंड के ऊपेर रगड़ने लगी…

मेरा डर अब बिकुल ख़तम हो चुका था…और मे नीता के होंटो को चूस रहा था…5 मिनट लगातार नीता के होटो को चूसने के बाद…मेने अपने को आगे करके नीता की टीशर्ट के नीचे से उसकी चुचियो की तरफ बढ़ने लगा…पर नीता ने मेरा हाथ पकड़ लिया…और अपने होंटो को अलग करती हुई धीरे से फुसफ्साई….नही यहाँ नही…ठिंकू जाग जाएगा…

मे नीता की तरफ हैरानी भरी नज़रों से देखने लगा…नीता मुझ से अलग हुई..और उठ कर रूम की लाइट ऑन कर दी…मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था…लाइट ऑन करने के बाद उसने ठिंकू को हिला कर जगा दिया….

ठिंकू: (अपनी आँखों को मलते हुए) क्या है दीदी…सोने क्यों नही दे रही….

नीता: (जान बुझ कर खीजते हुए) तुम तो घोड़े बेच कर सो रहे हो…और अपने ख़र्राटों से मेरी और अभी के नींद खराब कर रखी है…मे और अभी दूसरे रूम मे जा रहे हैं….

ठिंकू जो उसे समय नादान था….उसकी समझ मे ऐसी कोई बात नही आई…
ठिंकू: (गुस्से से) तो जाओ ना…मुझे क्यों उठा दिया

और ठिंकू बुडबाता हुआ फिर से लेट गया…नीता ने बड़ी ही कामुक मुस्कान से मेरी तरफ देखा…और मुझे इशारे से बाहर आने को कहा…मे भी मुस्कराते हुए उठ कर बाहर आ गया,और नीते के पीछे -2 दूसरे रूम मे आ गया…

नीता जब अपनी गांद मटका कर मेरे आगे चल रही थी…तो मेरा लंड झटके खा कर उसकी गांद को सलमी दे रहा था..नीता और मे दूसरे रूम मे पहुच गये…नीता ने डोर लॉक किया…और मूड कर मेरी तरफ देखा…मेरी साँसे भी बहुत ही तेज़ी से चल रही थी…नीता मेरी तरफ आइ…और मेरे पास खड़ी हो गयी…और मेरी तरफ देखते हुए बोली….

नीता: (अपनी चुचियो को अपने हाथों से टीशर्ट के ऊपेर से पकड़ते हुए) तुम्हे ये अच्छी लगती है ना…मेरे हाथ पैर रोमांच के मारे कांम्प रहे थे…मेने अपने गले के थूक को गटकते हुए…हां मे सर हिला दिया….नीता की हाइट उस टाइम मुझसे 3 इंच ज़्यादा थी..वो करीब 5 फुट 5 इंच की थी…और मे 5,2 का था…नीता ने मेरी ओर वासना भरी नज़रों से देखते हुए…अपनी टीशर्ट को दोनो हाथों से पकड़ कर उतारना चालू कर दिया…जैसे ही उसने अपनी टीशर्ट निकाली…और 36 साइज़ का तनी हुई चुचिया छोटी सी ब्लॅक कलर की ब्रा मे कसी हुई मेरी आँखों के सामने आ गयी….

मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था…कि अब आगे क्या करूँ…नीता ने अपना हाथ आगे बढ़ा कर मेरे हाथ को पकड़ लिया…मेरी तो हालत खराब हो चुकी थी…और नीता ने मेरी तरफ देखते हुए…मेरे हाथ को अपनी राइट चुचि पर रख दिया…मेरे हाथ कांम्प रहे थे…नीता ने मेरे हाथ को अपने हाथ से दबाया…और बड़ी ही अदा के साथ अपने होंटो को,अपने दाँतों मे भीचते हुए उंह के आवाज़ निकाली…नीता ने अपनी वासना से भरी आँखों को एक बार बंद कर लिया….और गहरी साँस लेते हुए…फिर से अपनी आँखों खोल लिया…..

नीता: (मदहोशी से भरी हुई आवाज़ मे) अभी मेरे मम्मो को दबाओ….कस कस के दबा आह अभिइ मेरी जानं….

और नीता ने मेरा दूसरा हाथ पकड़ कर, अपनी दूसरी चुचि पर रख दिया….और मेरे गले मे अपनी बाहों को डाल दिया….और मेरे साथ सॅट कर धीरे से मेरे कान मे मदहोशी से भरी हुई कांपति आवाज़ मे बोली….

नीता: आह अभी जल्दी कर….कहीं वो ठिंकू का बच्चा उठ कर यहा ना आ जाय…

मेने अपने दोनो हाथों से नीता के चुचियो को धीरे-2 मसलना चालू कर दिया…नीता छटपटाती हुई…मुझसे और चिपक गयी…

नीता: ओह्ह्ह अभी मेरे बुल्लं नू (होंटो को ) चूस….मे उस दिन से तरस रही हूँ…

और नीता ने अपने होंटो को मेरे होंटो की तरफ बढ़ा दिया….मेने अपने होंटो को नीता के होंटो पर रख दिया…हम दोनो पागलों के तराहा एक दूसरे के होंटो को चूसने लगे…नीता ने अपनी जीभ को मेरे मुँह मे थेल दिया…उसकी जीभ मेरी जीभ से टकराने लगी..मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा था…और सारा डर भूल कर नीता की जीभ को चूस रहा था..

थोड़ी देर बाद मेने अपने हाथों को उसकी चुचियो से हटा लिया…क्योंकि नीता मुझे सटी हुई थी…मेरे हाथ नीता की पीठ पर आ चुके थे…और नीता की नंगी पीठ को सहलाने लगा था...नीता अब पूरी तराहा मदहोश हो चुकी थी…और जैसे-2 मेरे हाथ उसके नंगी पीठ पर टहल रहे थे…उसका बदन उतेजना के मारे काँप रहा था…नीता अब पूरी तरहा से गरम हो चुकी थी…और अब मे उस पर हावी होने लगा था…उसने अपने होंटो को ढीला छोड़ दिया था…और उसके होंटो को मनचाहे ढंग से चूस रहा था…और बीच-2 मे उसके होंटो को हल्के दाँतों से काट रहा था…

मेरे हाथ नीता के पीठ से होते हुए…उसके चुतड़ों पर आ गये…मेने नीता के चुतड़ों को दोनो हाथों से सलवार के ऊपेर से थाम लिया…और धीरे-2 मसलने लगा…नीता मेरी बाहों मे कसमसाने लगी…वो अपने हाथों से मेरी पीठ को मेरी टीशर्ट के अंदर से सहलाने लगी…मेने भी मस्ती मे आकर उसकी गांद की दर्रार मे अपनी उंगली डाल कर ऊपेर नीचे करके रगड़ने लगा…नीता एक दम से सिहर उठी….

नीता: हाए ओह्ह राबाआ की कर्दाआ हाईन्न्णणन् ओह मेरे जान कढ़ह लाई (ओह क्या रहे हो मेरी जान निकाल के रहोगे..)
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11-15-2018, 12:19 PM,
#29
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
नीता अब पूरी तराहा से गरम हो चुकी थी…नीता एक दम से पीछे हटी…और अपने दोनो हाथों को पीछे लेजा कर अपनी ब्रा के हुक्स खोल दिए…और बड़ी तेज़ी से चलते हुए…अलमारी के पास गयी…और अपनी ब्रा को अलमारी मे रख दिया…मे एक दम भोन्दु की तराहा वहाँ खड़ा नीता को देख रहा था…ब्रा को अलमारी मे रखने के बाद नीता ने अपनी त-शर्ट पहन ली…मुझे कुछ समझ मे नही आया…कि आख़िर नीता ने टीशर्ट को क्यों पहन लिया…कहीं मेरा सेक्स का सफ़र यहीं तो ख़तम नही होने वाला…पर मे चाहते हुए भी नीता को कुछ बोल नही पाया…नीता ने टीशर्ट पहनने के बाद मेरी तरफ देखा,और मुस्करा कर फिर से अलमारी के पास गयी…उसकी पीठ मेरी तरफ थी…मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था,कि आख़िर नीता क्या चाहती है…उसके मन मे क्या है…पर अगले ही पल जो नीता ने किया…उसने मेरे दिल की धदकनो को कुछ पलों के लिए रोक दिया…

नीता ने अलमारी खोली…उसकी पीठ अभी भी मेरी तरफ थी…उसके दोनो हाथ आगे उसकी नाभि के पास चले गये…मुझे पीछे से कुछ ठीक से दिखाई नही दे रहा था…उसके हाथों मे पहने हुए कॅगन की आवाज़ मुझे सुनाई दे रही थी…उसने अपनी टी शर्ट को आगे से थोड़ा ऊपेर उठया…फिर उसके हाथ उसकी जबरन तक पहुच गये…मे जो बता रहा हूँ…वो मे वहाँ उसके पीछे खड़े रह कर अंदाज़ा ही लगा रहा था…मुझे पीछे से ऐसा लगा जैसे वो अब अपनी सलवार का नाडा खोल रही थी…उसकी नज़र नीचे की तरफ थी…और मेरा अंदाज़ा ब्लिकुल सही निकाला…उसने अपनी सलवार का नाडा खोल दिया…और झुक कर अपनी सलवार को उतारने लगी…जैसे ही वो अपने सलवार को उतारने के लिए झुकी…उसकी गांद पीछे की तरफ बाहर आ गयी…उसकी छोटी सी ब्लॅक कलर के पॅंटी मे कसे हुए चुतड़ों को देख मेरा लंड इतना टाइट हो गया…कि अब वो मेरे शॉर्ट निक्केर को फाड़ कर बाहर आने वाला था…

नीता ने अपनी सलवार को अपने पैरो से निकल कर अपने कंधे पर रख लिया…और फिर अपनी ब्लॅक कलर की पॅंटी के एलास्टिक मे दोनो तरफ से दोनो हाथों के उंगलयों को डाल कर नीचे सरका दिया…इस बार जैसे ही वो अपनी पॅंटी उतारने के लिए झुकी…तो एक बार फिर से उसके चूतड़ बाहर की तरफ आ गये…उसने जल्दी से अपनी पॅंटी को निकाल कर आलामरी मे रख दिया…और फिर कंधे पर पड़ी सलवार को उतार कर पहनने लगी…

मुझे तब तक भी कुछ समझ मे नही आ रहा था…कि आख़िर वो कर क्या रही है…सलवार पहनने के बाद वो फिर से मेरे पास आई…और मेरे होंटो को चूमते हुए बोली…

नीता: चल आ तेनू आज जन्नत दी सैर कारवाँ (चल आ आज तुझे जन्नत की सैर कराऊ)

नीता मेरा हाथ पकड़ कर बेड की ओर ले गयी…और बेड पर लेट गयी…नीता ने मेरे हाथ पकड़ कर मुझे अपने ऊपेर खींच लिया…अब मे भी बहुत ज़्यादा गरम हो चुका था…नीचे मेरे लंड ने मेरा बुरा हाल कर रखा था…जैसे ही मे नीता के ऊपेर आया…नीता ने अपनी टाँगों को फैला लिया…जिसे मेरी टाँगें नीता की टाँगों के बीच मे आ गयी…और मेरा लंड उसकी चूत पर उसकी सलवार के ऊपेर से सॅट गया…नीता के मुँह से आह निकल गयी…उसने मुझे अपनी बाहों मे भीच लिया…मेरा लंड उसकी चूत पर उसकी पतली से सलवार के ऊपेर से रगड़ खा रहा था…नीता एक मस्ती मे एक दम पागल सी हो गयी…और मेरे पूरे फेस को चूमने लगी..और बीच-2 मे बुदबुदा रही थी..

नीता: ह अभिईिइ ओह तेरा लंड तीई ह बड़ा सख़्त हाईईईई अहह मेरी फुदीी पानी चढ़ह रही हाईईइ ओह्ह अभिईिइ

नीता ने अपने हाथों से एक झटके मे अपनी टीशर्ट को ऊपेर उठा दिया…उसकी 36 साइज़ कर नरम और मोटी चुचियाँ मेरी आँखों के ठीक सामने थी…मेरे हाथ अपने आप ही उसकी चुचियो पर आ गये…मे ना तो लेटा हुआ था…और ना ही बैठा हुआ था…मे नीता की जाँघो के बीच घुटनो के बल बैठ कर उसपर थोड़ा सा झुका हुआ था…मेने नीता की चुचियो को दोनो हाथों मे ले लिया…और पूरे जोश मे आकर मसलने लगा… नीता के मुँह से सिसकारिया निकलने लगी…वो आहह ओह सीईईईईईईंह कर रही थी…

नीता ने मेरे सर को अपने हाथों मे लेकर मुझे अपनी चुचियो पर झुकाना चालू कर दिया…मुझे समझते देर ना लगी, की अब मुझे आगे क्या करना है….मेने झुक कर नीता की लेफ्ट भूरे रंग की निपल को मुँह मे ले लिया…जो पहले से काफ़ी कड़े हो चुके थे..और तन कर आधे इंच के हो चुके थे…जैसे ही मेने नीता के निपल को मुँह मे लिया..नीता एक दम से छटपटा उठी…उसने अपनी बाहों को मेरी पीठ पर कस लिया…और मेरी पीठ को तेज़ी से सहलाने लगी…

नीता: ह अभिईिइ और्र्रर जोर्र्र्ररर से चुस्स्स्स… मेरे मुम्मो कू अहह मे कबब्ब्ब से तरस रहियीईई हून्णन्न्….तूने कल मेरी चूत की आग को बढ़ा दिया था…अब मेरी फुदी के आग्गग को अपने लंड सीई ठंडा कर दी आह अभिईीई

मे अब पूरे जोश मे आ चुका था…और नीता के निपल को पागलों के तरहा चूस रहा था…नीता मस्ती मे आकर नीचे अपनी कमर हिला-2 कर अपनी चूत को सलवार के अंदर से मेरे लंड पर रगड़ रही थी…और मे भी नीता की दूसरी चुचि को मसलने लगा…नीता की नरम-2 चुचियो का अहसास मुझे और गरम कर रहा था…

नीता: हान्ं अभीइ आईसीई हीईई चूसू…तुम बहुत अच्छी तरहन्न्न चुस्स्स्स रही हूओ ओह्ह्ह्ह मेरे मुम्मो का रस्स्स पेओ…और ज़ोर से मसल मेरे मुममे कू अहह अभीइ मेरीए फुडीई मे आगगज्ग लगाअ दीए तुंईए ऑश अभिईिइ

नीता के हाथ मेरी पीठ पर तेज़ी से चल रहे थे…मेने नीता की लेफ्ट चुचि को मुँह से निकाल कर दूसरी चुचि के निपल को मुँह मे ले लिया…नीता की गोरे रंग की चुचियो पर हरी नसें सॉफ दिखाने लगी थी…और निपल और कड़े हो कर तन चुके थे… 

मेने अब नीता की दूसरी चुचि को चूस्ते हुए…नीता की लेफ्ट चुचि को हाथ मे ले लिया…और धीरे-2 मसलने लगा…नीता पूरी तराहा मस्त हो चुकी थी…और अपनी आँखें बंद करके अपनी निपल की चुसाइ का मज़ा ले रही थी…उसकी सिसकारियाँ अब और बढ़ चुकी थी…मेने नीता के निपल्स को चूस-2 कर लाल कर दिया था…उसकी कसी हुई चुचिया और कस चुकी थी…नीता के हाथ अब मेरी पीठ से होते हुए…मेरे चुतड़ों पर आ गये थे…उसने मेरी शॉर्ट निक्केर को दोनो हाथों से पकड़ कर नीचे की तरफ खींचना चालू कर दिया…निकर मेरी जाँघो पर आ कर अटक गया…नीता के हाथ अब और नीचे तक नही पहुच सकते थे…मेने नीता के दिल की बात को समझते हुए…नीता की चुचि को मुँह से निकाल दिया…और नीता की जाँघो के बीच मे घुटनो के बल हो कर अपनी निक्कर को उतार दिया…नीता ने अपनी आँखें खोली…और मेरे साढ़े 6 इंचके तने हुए मोटे लंड पर उसकी नज़र गढ़ गयी….

नीता: (चोन्कते हुए) हाए ओई तेरा ते बड़ा वाडा है (तुम्हारा तो बहुत बड़ा है…)

और नीता ने मेरी आँखों मे देखा…और उसकी आँखों मे मेरा लंड अपनी चूत मे लेने के लिए तड़प को देख कर मे और पागल सा हो गया…और अपने लंड को अपने हाथ मे लेकर आगे पीछे करने लगा…

नीता ने मेरी तरफ देखते हुए…अपने हाथों को अपनी सलवार के जबरन पर ले आई…और अपनी सलवार के नाडे को खोल दिया…नीता ने फिर से मेरी तरफ देखा…और मुस्करा दी..
नीता ने फिर अपनी सलवार को दोनो तरफ से पकड़ कर नीचे करना चालू कर दिया…नीता ने अपनी गांद को थोड़ा सा बिस्तर से उठा कर…अपने चुतड़ों से सलवार नीचे कर दी…और सलवार को घुटनो तक उतार दिया…

मे: इसे उतार दो…(काँपति हुई आवाज़ मे)

नीता: नही अगर ठिंकू जाग गया तो कपड़े पहनने मे देर लगेगी…और उसको शक हो जाएगा…

मे: फिर ऐसे कैसे करेंगे

नीता: (मुस्कराते हुए) तूँ बस देखता जा…

और नीता ने अपनी सलवार को घुटनो तक नीचे कर लिया…और अपनी टाँगों को घुटनो से पकड़ कर ऊपेर उठा लिया…और दोनो जाँघो को फैला दिया…नीता के काम रस से भीगा हुआ चूत का छेद मेरी आँखों के सामने आ गया…मे घुटनो के बल बैठा अपने लंड को हाथ से मुठया रहा था…नीता की चूत के छेद देख मेरा लंड और झटके खाने लगा..

नीता: (मदहोशी से भरी आवाज़ मे) चल जल्दी कर…अब अपना लौदा मेरे फुदी मे घुसा दे…अब और रहा नही जाता…

मे: पर घुसाना कहाँ हैं…
नीता अपनी टाँगों को ऊपेर उठाए हुए…अपने हाथों को अपनी गांद के दोनो तरफ से चूत पर ले आई…और अपनी चूत की फांकों को फैला दिया…अब नीता की चूत का छेद मेरी आँखों के सामने था…

नीता: थोड़ा सा और आगे हो…

मे नीता के कहे अनुसार और आगे हो गया…नीता ने अपनी टाँगों को मेरे कंधों पर रख दिया…और मेरे तने लंड को एक हाथ से पकड़ कर…मेरे लंड की चॅम्डी को पीछे करके…मेरे लंड के सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर लगा दिया…नीता की टाँगे मेरे कंधों पर थी…जिससे मेरा पूरा वजन उसकी टाँगों पर पड़ रहा था…जैसे ही नीता ने मेरे लंड के सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर लगा कर छोड़ा…मेरे लंड का सुपाड़ा मेरे वजन के कारण की नीता के टाइट चूत के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुस्स गया…

नीता: अहह अभिईिइ जाअँ निकाल दीई तेरे लौड़ीई नईए साला बहुत गरम हीई तेरे लंड का टोपा…मज़ा आ गया….आह जल्दी कर अब घुस्सा तेरा लंड मेरे फुददी मे…आ उंह हाई मुम्मय्यययी मररर गयी…
क्रमशः.................
Reply
11-15-2018, 12:20 PM,
#30
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
12

गतान्क से आगे.....................

नीता जो कि पहले अपने किसी बाय्फ्रेंड से चुद चुकी थी…तब उस समय मुझे वर्जिनिटी के बारे मे पता नही था….और मेने अपनी कमर को आगे की तरफ धक्का दिया…मेरे लंड का सुपाड़ा नीता की चूत के दीवारों को फैलाता हुआ और अंदर घुस्स गया…मेरा आधा लंड नीता की चूत के छेद मे समा चुका था…नीता अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी…उसने मेरी जाँघो को पकड़ कर ऊपेर के तरफ अपनी गांद को उछाला…लंड फिर से गीली चूत मे और अंदर चला गया…अब मुझे कुछ और सीखने के ज़रूरत नही थी…मेनू नीता की जाँघो को पकड़ कर अपनी कमर तेज़ी से आगे की तरफ हिलाई…मेरा लंड नीता की टाइट गीली चूत मे पूरा का पूरा घुस्स गया….

नीता: अहह ऑश अभिईिइ तेरा लौदा सच मेन्णन बहुत मोटा हाईईइ…आह चोद्द मेरी चुचियो को चुस्स….अहह चोद्द नाआअ….

में जैसे ही नीता की चुचि को मुँह मे लेने के लिए झुका…तो उसकी सलवार बीच मे रुकावट बन गयी…..

मे: इसे उतार दो ना ठीक से नही हो रहा….

नीता: नहिी अभीइ समझा कारर्र अहह

मेने नीता की जाँघो को को घुटनो से मोड़ कर तेज़ी से अपना लंड अंदर बाहर करना चालू कर दिया…लंड नीता की गीली चूत मे फतच-2 के आवाज़ से सरसरता हुआ अंदर बाहर होने लगा…

नीता: ह ओह अहह अभिईीईई धीरे-2 नही ऑश अभिईीईई और्र जोर्र्र्र से धक्का मार्र आ ओह उंघह उंघह आह उंह बहुत मज़ा आ रहा है…..और ज़ोर सीई अपना लौदी को मेरीए फुडीईईई मे ठोकक ह मररर सूत्या…

मेने अपनी लंड को तेज़ी से नीता के चूत के अंदर बाहर करते हुए….उसकी सलवार को पकड़ कर उसकी टाँगों मे से निकाल दिया…जैसे ही उसकी टाँगें सलवार से आज़ाद हुई…नीता ने अपनी जाँघो को और फैला लिया…और मुझे अपने ऊपेर खींच लिया…और पागलों के तराहा मेरे होटो को चुसनी लगी…मेने भी अपने दोनो हाथों से नीता की चुचियो को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया…नीता ने अपनी जाँघो को उठा कर मेरी कमर पर चढ़ा लिया…जिससे अब मेरा लंड उसकी चूत मे और गहराई तक जाकर चोट करने लगा था…नीता ने मेरी टीशर्ट को मेरी पीठ से थोड़ा ऊपेर कर दिया…और अपने हाथों से मेरी पीठ को सहलाने लगी…नीता ने मेरे होंटो को छोड़ दिया…और मेरी तरफ तेज़ी से साँसे लेती हुई देखने लगी…

नीता: ह अभिईिइ मेरे मुम्मोनन कूऊ चुस्स्स्सस्स आआअहह ह चुस्स्स अभिईिइ अहह तेरे लौदी नी तीए मेरिइईई फुददी मे आग्गग लगाआ डीईई हाईईइ…तेरा लौदा आज्ज्जज्ज्ज मेरीई फुददी कूऊव पढ़ह कर हीईई दूं लेगा… आह ह छोद्द्द्द्दद्ड मॅर मेरी फुडीई और्र जोर्र्र्र सीईई हन आशीए हीए अपना लौदाअ अंदर दीए मेरीए फुद्दिईई मेन्णन्न्

मे अब पूरी रफतार से अपने लंड को नीता की चूत मे अंदर बाहर कर रहा था…मेरे लंड की नसें फूलने लगी…और नीता का बदन एंथने लगा…

नीता: अहह अहह अहह ओह ओह ऑश अभिईिइ रुकना नहिी आह मेरी फुद्दिईईई पानी चोदेन्न्न्न्न वालीी हाईईईईई मेरे काम होनईए वाला हाईईईई हाईए ओह्ह मज्जा आ गया….

और नीता का बदन झटके खाने लगा…और फिर एक दम से एन्थ गया…और फिर नीता के होंटो पर मुसकन फैल गयी…और आँखें बंद करके अपनी चूत के पानी से मेरे लंड को भिगोने लगी…और कुछ ही धक्को के बाद मेरे लंड ने भी पहली बार अपने वीर्य की बोछर नीता की चूत की दीवारों पर कर दी…मेरे लंड से एक के बाद एक 3-4 बार वीर्य की पिचकारी छूटी…हर बार नीता की कमर नीचे से थोड़ा झटका खाती…और उसकी चूत मेरे लंड को अंदर ही अंदर…कस कर निचोड़ने लग जाती…मे नीता के ऊपेर गिर पड़ा…थोड़ी देर लेटा रहने के बाद मेने नीता की तरफ देखा…उसकी आँखें बंद थी…होंटो पर सन्तुस्ति से भरी मुस्कान फेली हुई थी..

मे अभी के पहले सेक्स के बारे मे सुन कर एक दम गरम हो चुकी थी….चूत के दीवारों पर सरसारहात होने लगी थी…

मे: फिर तो आप ने नीता को खूब चोदा होगा…वो तो रोज आपके लंड को अपने चूत मे लेती हो गी…

अभी: नही क्योंकि कुछ ही दिनो मे उसकी सगाई हो गयी…और फिर शादी हो गयी…मतल्ब उसके बाद आप ने उसे नही चोदा…उसे तो नही पर उसकी शादी के बाद मे चूत के लिए तरस गया था…और फिर एक दिन मेने अपनी नौकरानी को चोद दिया…साली बहुत ही गरम माल थी…उसकी स्टोरी भी सुनाऊ क्या…

मे: नही अभी नही….बाबू आप की कहानी सुन कर मेरी चूत पानी छोड़ने लगी है…पहले एक बार अपने लौदे से इसकी खुजली मिटा दो ना…

अभी: अच्छा ठीक है….चल पहले मेरा लौदा चूस कर खड़ा कर…फिर तेरी चूत को फाड़ुँगा….

मे उठ कर अभी की जाँघो पर आ गयी….और झुक कर अभी के लंड को मुँह मे ले लिया..उसके लंड पर मेरी चूत का पानी लगा हुआ था…मे एक दम से मदहोश हो कर अभी के मोटे लंड को चूसने लगी…अभी ने मेरे सर को कस के पकड़ लिया…और अपनी कमर को ऊपेर की तरफ उछाल कर मेरे मुँह को चोदने लगा…उसका आधे से ज़्यादा लंड मेरे मुँह के अंदर बाहर हो रहा था….और कुछ ही पलों मे अभी का लंड एक दम से अकड़ कर खड़ा हो गया….

मे: एक बात बोलू बाबू जी…

अभी: हां बोलो…

मे: आप पंजाबी लोग क्या खाते हो…जो आपके लंड मे इतना दम होता है…

अभी: ये तो पंजाबियो के खून मे ही ऐसे ताक़त होती है…अब आगे -2 देख दिन रात मे तुम्हारी चूत मे अपना लौदा घुसा कर चोदता रहूँगा….

मे: बाबू जी मे भी यही चाहती हूँ…मे तो आप के लंड के दासी बन गयी हूँ…पर क्या करूँ नेहा का ध्यान भी रखना पड़ेगा…कहीं उसे पता ना चल जाए

अभी: तूँ क्यों फिकर कर रही है…अगर पता चल भी गया तो क्या होगा…अब वो भी जवान हो चुकी है…कुछ नही कहेगी…

मे: नही-2 बाबू जी…उसे किसी कीमत पर पता नही चलना चाहिए…

अभी: तूँ तो ऐसे ही फिकर कर रही है…तूँ कहे तो उसे भी इस चुदाई के खेल मे शामिल कर दे…फिर दोनो मा बेटी मिल कर मुझसे चुदवाना…

मे: नही -2 बाबू जी… ये आप क्या कह रहे हैं…वो तो अभी…उसकी उमेर ही क्या है….और अगर उसने किसी को बता दिया तो…नही -2 बाबू जी आप ऐसे कोई हरकत नही करोगे…

अभी ने मेरे बालों को पकड़ कर खींच कर ऊपेर कर दिया…और मे अभी के ऊपेर आ गयी…अभी ने अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर टिका दिया…और अपनी कमर को ऊपेर की तरफ उछाला…धक्का इतना जबरदस्त था…के अभी का गधे जैसा मोटा लंड भी…मेरी चूत के दीवारों को चीरता हुआ अंदर घुस्स गया…मे दर्द से चीख पड़ी…

अभी ने मेरी गांद को दोनो तरफ से पकड़ कर…मेरी गांद को अपनी जाँघो से थोड़ा सा ऊपेर उठा दिया…और अपना लंड अपने सुपाडे तक फिर से बाहर निकाल एक झटके मे पेल दिया..लंड फिर से एक बार मेरी चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस्स गया…मे दर्द से बिलबिला रही थी…

मे: अहह बाबू जीए क्या कारर्र रही हूओ धीरीए मेरीईए भोसड़िइईई चिल गाईए अहह बबुऊ जीईए धीरीई…

तब तक अभी मेरी चूत मे अपने मोटे लंड को 4-5 बार बड़ी बेदर्दी से अंदर बाहर कर चुका था…

अभी: अब बोल साली अपनी बेटी मुझसे चुदवाएगी….

मे: ईए आप्प्प क्या कह रहीए हैं बाबू जीई…अगर उसने किसी को बता दिया तो…

अभी: एक बात बता तुझे मेरा लंड चाहिए कि नही….

मे: हाां बबुउुउउ जीईए चहीए…ईए चूत्त आप की हैइ….मे अब और तरस कर नही जीना चाहती अहह धीरे….(अभी ने फिर से अपने लौदे को पूरा निकाल कर मेरे चूत मे पेल दिया ) आह पार…अगर वू नाआ मनी और उसने किसी को बता दिया तो…
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