Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
01-10-2019, 01:30 PM,
#71
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
अब इमरान ने राफिया के नीचे लटकते और गोल गोल घूमते मम्मों को अपने हाथों में पकड़ कर दबा लिया था।और पीछे से उसकी चूत में तूफानी धक्कों का सिलसिला जारी रखा था। इस स्थिति में इमरान की नाभि का भाग और राफिया के नितंब एक दूसरे के काफी करीब थे क्योंकि इमरान ने आगे बढ़कर राफिया के मम्मे अपने हाथों में पकड़ रखे थे। इमरान और राफिया के शरीर के मिलान से उत्पन्न होने वाली धुप्प धुप्प की आवाज अब काफी तेज थी और उसके साथ ही रफिया की सिसकियाँ कमरे में गूंज रही थीं और अब राफिया फिर इमरान को बता रही थी आईएम कमिंग बेबी,वॅन्स मोर आईएम कमिंग , फक मी हार्ड, ये बेबी, फक मी हार्ड, हारडर, मोर हार्ड .... फक मी लाइक ए बिच, फक मी ..... आह .. आह .... आह .... आह .... कमिंग ... कमिंग ......आह आह आह ........ और इसके साथ ही राफिया की चूत ने पानी छोड़ दिया। राफिया की चूत में पानी की धारा बह रही थी मगर इमरान का लंड रुकने का नाम नहीं ले रहा था। वह धक्के पर धक्के लगा रहा था और राफिया की चूत अब सारा पानी छोड़ने के बाद बहुत आसानी के साथ लंड के लिए जगह बना रही थी। राफिया की चूत का पानी अंदर भरा था और उसने इमरान के लोड़े को चिकना कर दिया था, जिसकी वजह से अब लंड ऐसे अंदर बाहर जा रहा था जैसे तेल लगाने के बाद एक दरवाजे की कुंडी प्रवाह के साथ खुलती और बंद होती है।कुछ देर तक इमरान ने इसी तरह राफिया की चूत में मशीन चलाना जारी रखी और फिर उसके मम्मे छोड़कर अपने धक्के कम करने लगा और कुछ धक्कों के बाद उसने धक्के बिल्कुल ही बंद कर दिए। और अपना लंड राफिया की चिकनी चूत से बाहर निकाल लिया। 

राफिया अब बुरी तरह से थक चुकी थी और उसमें और चुदाई करवाने की हिम्मत नहीं थी, मगर इमरान का लोड़ा अभी और चोदने के चक्कर में था। इमरान ने लंड निकाला तो राफिया समझी कि उसकी जान छूट गई है। वह लंड निकलने के बाद लेटने लगी तो इमरान ने उसको गाण्ड से पकड़ लिया और बोला अभी नहीं मेरी जान, अभी मेरा पानी निकलना बाकी है। राफिया ने यह सुना तो बोली ये किसी इंसान का लोड़ा है या फिर किसी घोड़े का है जो छूटने का नाम ही नहीं ले रहा ??? इमरान मुस्कुराया और बोला बस जान थोड़ी देर और। तुम यह चुदाई जीवन भर याद रखोगी अब इमरान ने राफिया को डॉगी स्टाइल बनाने को कहा तो राफिया ने कहा, बस करो इमरान बहुत थक गई हूँ, मगर इमरान कहाँ रुकने वाला था, उसने राफिया को चूतड़ों से पकड़ कर पीछे खींचा और उसकी गाण्ड अपने लंड के पास ले आया , राफिया अब ना चाहते हुए भी घोड़ी बन गई थी यानी डॉगी स्टाइल में चुदवाने के लिए पोज़ीशन ले चुकी थी। इमरान ने अपना लंड राफिया की चूत में फिट किया और एक ही झटके में पूरा लंड राफिया की चूत में उतार दिया जो पिछले आधे घंटे से अधिक की चुदाई से अब सूज कर योनी से भोसडा हो चुकी थी। लंड अंदर जाते ही इमरान ने अपनी मशीन चला दी और पूर्ण गति के साथ राफिया को चोदना शुरू कर दिया। राफिया के मम्मे हवा में लटक रहे थे जो इमरान के हर धक्के पर आगे पीछे हिलते थे और राफिया हर धक्के पर सिसकी निकालती थी। जबकि वह काफी थक चुकी थी और उसकी चूत अब थोड़ा आराम चाहती थी मगर उसके बावजूद इमरान के हर धक्के पर राफिया को एक अलग ही आनंद मिलता था और उसकी एक सिसकी निकलती थी




इमरान तूफानी अंदाज में राफिया को चोद रहा था और अब भी राफिया के चूतड़ इमरान के शरीर से टकरा कर कमरे में धुप्प धुप्प की आवाज पैदा कर रहे थे। और राफिया की चूत जो पानी से भरी हुई थी इमरान के लंड के अंदर आने पर पिचक पिचक की आवाजें निकाल रही थी। कुछ देर और ऐसे ही घोड़ी बनकर चुदाई करवाने के बाद राफिया के लिए अब इस स्थिति को बनाए रखना असंभव हो गया था, उसने अपने हाथ साइड मे फैला लिए और आगे से पूरा शरीर झुकाकर बेड के साथ लगा लिया, उसका चेहरा अब बेड के साथ लगा हुआ था और मुंह उसने साइड में मोड़ लिया था और उसके हाथ भी बेड के साथ लगे हुए थे, मगर उसकी गाण्ड अभी इतनी ऊंची थी कि पीछे से इमरान आसानी से उसकी चुदाई जारी रखे हुए था। फिर इमरान ने राफिया की चूत से अपना लंड निकाला और राफिया के मुंह के पास ले गया राफिया की चूत का पहले ही चुदवा चुदवा कर बुरा हाल हो गया था उसने ऊपर वाले का धन्यवाद किया कि इमरान ने उसकी चूत की जान तो छोड़ी अब राफिया ने सोचा कि चलो मुंह में लेकर ही इसका वीर्य निकाल देती हूँ, रफिया ने उत्साह मे लंड मुंह में लिया और चुसाइ शुरू कर दी , राफिया की चूत के रस का स्वाद राफिया को अब अपने मुँह में लग रहा था क्योंकि इमरान का लंड राफिया की चूत के पानी से भरा था। राफिया बड़ी बेताबी से इमरान के लंड को चूस रही थी क्योंकि वह जल्द से जल्द इमरान को खाली करवाना चाहती थी। 

मगर इमरान था कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। थोड़ी देर चुसाइ लगवाने के बाद इमरान अब बेड पर लेट गया और राफिया को अपने ऊपर आने को कहा। मरती क्या ना करती राफिया को इमरान के ऊपर आना ही पड़ा, राफिया अपने घुटनों को इमरान के दोनो साइड में करके इमरान के ऊपर आकर बैठ गई तो इमरान ने अपने लंड का टोपा पकड़कर राफिया की चूत में फिट किया और एक ही झटके में राफिया की चिकनी चूत में अपना लंड घुसा दिया, और नीचे से राफिया की चूत पर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए। इमरान को भी अब थकान महसूस होने लगी थी मगर उसका लंड था कि हार मानने का नाम ही नहीं ले रहा था। इमरान खुद भी हैरान था कि आज तो कुछ ज्यादा ही लंबी चुदाई हो गई है। राफिया अब इमरान के ऊपर झुकी हुई थी, इमरान ने राफिया को थोड़ा आगे किया और उसके प्यारे प्यारे मम्मे अपने मुँह में लेकर चूसने लगा, उसने अपना एक हाथ पीछे ले जा कर राफिया की गाण्ड पर फेरना शुरू किया और नीचे से अपने लंड के धक्कों की गति और भी बढ़ा दी। गाण्ड पर हाथ फेरते फेरते इमरान ने अपने हाथ की बड़ी उंगली राफिया की गाण्ड के छेद पर रख कर अंदर दबा तो उंगली गांड के अन्दर चली गई और साथ ही राफिया की सिसकी भी निकली।

इमरान ने उंगली का दबाव बढ़ाना जारी रखा और धीरे धीरे आधी उंगली राफिया की गाण्ड में उतार दी। चूत में तो पहले ही मिर्च लगी हुई थीं अब राफिया की गाण्ड में भी मिर्च लग गईं थीं। और अब राफिया लगातार ओह, ओह, आह आह ...... उफ़, आह आह .... उम आह .... उफ़ उफ़ ऊच आह आह आह की आवाज निकाल रही थी। राफिया के निपल्स इमरान मुंह में थे, उसकी गाण्ड में इमरान की उंगली थी और चूत में इमरान का 8 इंच लंबा लंड चुदाई कर रहा था राफिया को मज़ा भी बहुत आ रहा था मगर इतनी लंबी चुदाई ने उसका अंग अंग हिला कर रख दिया था और दुआएं कर रही थी कि हे खुदा किसी तरह लंड का वीर्य निकलवा दे
अचानक राफिया के मोबाइल पर बेल बजने लगी, राफिया हैरान हुई कि रात के 3 बजे किसकी कॉल हो सकती है। उसका मोबाइल बेड पर ही तकिए के साथ रखा था राफिया ने मोबाइल उठाकर देखा तो फ़ैयाज़ की कॉल थी। राफिया ने इमरान के ऊपर उछलते हुए कहा इस भड़वा को भी अभी कॉल करनी थी। इमरान ने पूछा किसकी कॉल है तो रफिया ने बताया कैप्टन फ़ैयाज़ की कॉल है। इमरान ने कहा अटेंड कर लो और उसको अपनी आवाज सुना दो फिर कॉल नहीं करेगा . राफिया ने इमरान की बात सुनी और उसकी आंखों में एक चमक आ गई। वह जानती थी कि कप्तान फ़ैयाज़ की गंदी नजर राफिया के शरीर पर रहती हैं और उसका लंड राफिया को चोदने के लिए बेताब रहता है मगर उसके पापा के कारण कप्तान फ़ैयाज़ ने कभी कोई कदम नहीं बढ़ाया था। यह अच्छा मौका था उसको जलाने की। राफिया जो पहले इमरान के ऊपर झुकी हुई थी अब उठ कर बैठ गई मगर उसकी चूत में अब तक इमरान का लंड धक्के मार रहा था। राफिया ने कॉल अटेंड की और बोली: 
आह आह .... एक मिनट इमरान ... हाय, यह कौन सा समय है कॉल करने के लिए। ??? 

फ़ैयाज़ को सही समझ नहीं आया कि यह राफिया ने एक मिनट इमरान क्यों बोला उसने कुछ ध्यान ना देते हुए कहा मेडम आपकी खैरियत मालूम करनी थी क्या आप ख़ैरियत से मुर्री पहुंच गई हैं?

आगे राफिया की आवाज़ आई, हाँ आह आह ..... उफ़ इमरान जान थोड़ी देर के लिए रुक जाओ ना .... हाँ पहुँच गई थी ... आह आह ऊच .... तुम कब .... आह आह आह आह .... तुम कब पहुंचे ?? / 

अब कैप्टन फ़ैयाज़ समझ गया था कि राफिया इस समय इमरान के लंड की सवारी कर रही है। यह सोचते ही उसके तन बदन में आग लग गई थी जो इतने समय से राफिया को चोदने की इच्छा मन में लिए बैठा था इमरान 1 दिन पहले ही राफिया से मिला और आज अपना लंड उसकी चूत में भी घुसा दिया। मगर उसने अपने गुस्से पर काबू पाते हुए कहा मेडम मैं अभी कुछ देर पहले ही मुर्री पहुंचा हूं। आपने कहाँ स्टे किया है? और आपके साथ जो लड़की थी उसने कहाँ स्टे किया है
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01-10-2019, 01:30 PM,
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आगे राफिया की आवाज़ मे बस हह, ओह, ऊच, आह आह की लगातार आवाज फ़ैयाज़ कानों से टकरा रही थीं। राफिया के लबों पर मुस्कान थी और अब वह खुद भी इमरान के लंड ऊपर उछल उछल कर अपनी चुदाई करवा रही थी, उसको अब बेहद मज़ा आने लगा था चुदाई का। उसने इमरान के लंड के ऊपर उछल उछल कर कहा में इमरान आह आह इमरान के साथ हूँ .... आह आह और समुद्र तट पर एक हट लिया है .... आह आह कम ऑन बेबी, आईएम कमिंग, फक मी हार्ड बेबी, फक मी हार्ड, आईएम कमिंग आह आह .... एक मिनट फ़ैयाज़, रुको आह आह रुको ज़रा .... आह आह इमरान बेबी, फक मी हारडर, आई लव यू .... आह आह बहुत मज़ा आ रहा है बेबी ... फक मी, बस में फारिग होने वाली हूँ आह, हारडर बेबी, आह, डांट स्टॉप, फक मी, फक मी ...आह आह ... आह, राफिया की सिसकियाँ अपने चरम पर पहुंच चुकी थीं और साथ ही अब इमरान की भी कुछ सिसकियाँ निकली और इमरान के लंड से गाढ़े वीर्य की वर्षा होने लगी और उसने राफिया की चूत के अंदर पानी पानी कर दिया, इमरान के गर्म गर्म लावे का एहसास होते ही राफिया की चूत ने भी इमरान के लंड को अपनी गर्मी से नहलाना चाहा और पानी छोड़ दिया। इस दौरान राफिया की सिसकियाँ और चीखें फ़ैयाज़ को एक गाली से कम नहीं लग रही थीं। वह फोन भी बंद नहीं कर सकता था कि कहीं कर्नल साहब की बेटी बुरा ना मान जाएं और इन आवाजों को सुनने का साहस भी नहीं था उसमें .

मगर राफिया की मजे से भरपूर इन सिसकियों को सुनकर फ़ैयाज़ ने दिल में पक्का इरादा कर लिया था कि जीवन में एक बार वह राफिया की चूत में अपना लंड ज़रूर डालेगा और उसे ऐसे चोदेगा कि वह मज़ा करना भूल जाएगी।अंततः कुछ देर बाद फ़ैयाज़ को राफिया की आवाज फिर से सुनाई दी, और वह बोली हां फ़ैयाज़ तुम क्या कह रहे थे ??? फिर खुद ही राफिया बोली कि हां वह मेरी साथी वह अलग एक होटल में रुकी है उसके साथ ही रफिया ने फ़ैयाज़ को उस होटल का नाम भी बता दिया और अपनी आवाज में थोड़ी शरारत भरते हुए पूछने लगी और कुछ और सुनना चाहते हैं ?? ? फ़ैयाज़ जो पहले से ही गुस्से में था उसने जलकर जवाब दिया जी बहुत बहुत धन्यवाद, और यह कह कर उसने फोन बंद कर दिया जबकि राफिया इमरान के गले लगकर ऊंचे ऊंचे ठहाके लगाने लगी। इमरान ने उसको 45 मिनट तक चोदा था और इस दौरान इमरान महज कुछ मिनट के लिए ही रुका होगा वरना इमरान का मजबूत लंड लगातार राफिया की चूत में धक्के मारता रहा था जिससे राफिया की चूत का बुरा हाल हो गया था ..और वह बुरी तरह थक गई थी, मगर वीर्य निकालते हुए राफिया ने इमरान के कहने पर जो शरारत की थी उसने राफिया को फ्रेश कर दिया था और वह अपनी चूत की चुदाई से होने वाली थकान को भूल गई थी .

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अंजलि ने जाम तैयार करने के बाद अपने मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन कर उसे सामने लगेफ्रेम के साथ सेट कर दिया जहां से उसकी और लोकाटी की वीडियो बन सके। लोकाटी की नजरें तो अंजलि की मोटी गाण्ड और उसके नग्न शरीर पर थी उसे इस बात का कोई होश नहीं था कि अंजलि वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन कर आई है। रिकॉर्डिंग करने के बाद अंजलि अपनी गाण्ड को दाँये बाएँ घुमाते और लचकाते हुए चलती लोकाटी के करीब पहुंच गई थी। वहाँ पहुँच कर वो लोकाटी के दाहिने पैर पर बैठ गई और पैर पर पैर रखकर एक हाथ से लोकाटी को जाम पिलाने लगी। लोकाटी ने ललचाती हुई नजरों से अंजलि के 36 आकार के मम्मों को देखा जो अब तक ब्रा में छिपे हुए थे और अंजलि के हाथों से जाम पीने लगा। अंजलि ने एक ही झटके में लोकाटी से पूरा जाम खाली करवा लिया था जिसके बाद अब उस पर पूरी तरह नशा हावी हो चुका था, अंजलि का अपना गला भी चुदाई के बाद सूख चुका था इसीलिए उसने अपने दूसरे हाथ में मौजूद जूस पीकर अपने गले को तर किया . जूस पीने के बाद अंजलि ने जाम और ग्लास साथ पड़ी टेबल पर रख दिया और अब लोकाटी की गोद से उतरी मगर फिर लोकाटी की गोद में इस तरह बैठ गयी कि उसने अपने दोनों पैर साइड मे फैला लिए थे और अंजलि की चूत और लोकाटी का फीका हुआ लंड बहुत करीब हो गए थे, अंजलि ने अपने घुटनों की मदद से थोड़ा अपने आप को ऊपर उठाया और अपने मम्मे लोकाटी के चेहरे के पास कर दिए, अंजलि के सुंदर मम्मों को इतने करीब देखकर लोकाटी से रहा नहीं गया और उसने एक बच्चे की तरह जिसको बहुत मुश्किल से उसका पसंदीदा खिलौना मिला हो, अंजलि के बूब्स से खेलना शुरू कर दिया। लोकाटी ने अपने दोनों हाथ अंजलि के मम्मों पर रखे हुए थे और उन्हें जोर से दबा रहा था जबकि उसकी ज़ुबान अंजलि के मम्मों के बीच वाली घाटी पर थी

कुछ देर लोकाटी इसी तरह अंजलि के बूब्स को दबाता रहा और अपनी जीभ उसके मम्मों के बीच की लाईन पर फेरता रहा, तब अंजलि ने लोकाटी का चेहरा ऊपर उठाया और बोली जान केवल चाटते ही रहोगे मेरे मम्मों को?उन्हें देखना नहीं चाहते हो क्या?

लोकाटी ने कहा हाँ हाँ दिखाओ मुझे अपने प्यारे प्यारे से मम्मे।

अंजलि अपने दोनों हाथ कमर पर पीछे की ओर ले गई और अपनी ब्रा के हुक खोल दिए, मगर उसने अपना ब्रा उतारा नहीं, अपने दोनों हाथ अपने मम्मों पर रख लिए और बोली जान पहले यह बताओ क्या मेरे मम्मे खाना पसंद करोगे ?? ?

लोकाटी जो इस समय अपने होश में नहीं था वह किसी बच्चे की तरह जवाब दे रहा था, हाँ हाँ मैं तुम्हारे ये बड़े मम्मे खा जाउन्गा होगा, मुझे दिखाओ जल्दी ....

अंजलि ने पूछा और यह बताओ मेरे छोटे नपल्स को अपने मुँह में लेकर चूसोगे ???

लोकाटी ने अपने होंठों पर जीभ फेरते हुए कहा हां मैं तुम्हारे निपल्स मुंह में लेकर जोर से चुसूँगा, अपनी उंगलियों से पकड़ कर उन्हें मरोड़ दूँगा, और अपने दांतों से काटुन्गा, प्लीज़ मुझे अपने ये दूध से भरे हुए मम्मे दिखाओ .

अंजलि जो अपने हाथ अपने मम्मों पर ही रखकर बैठी थी उसने अपनी ब्रा को पकड़ का अपने बूब्स से ऊपर उठा दिया और अपनी गर्दन बुरा निकाल कर दूर फेंक दिया

लोकाटी अपनी फटी फटी आँखों से अंजलि के उभरे हुए और कसे हुए मम्मे देखने लगा। ब्रा उतारने के बावजूद अंजलि के मम्मे नीचे नहीं लुढ़के बल्कि अभी भी पूरी शान के साथ अंजलि के सीने पर ऐसे खड़े थे जैसे किसी ने बड़े आकार की गेंद किसी के सीने पर रख दीं हो। लोकाटी कुछ देर तक तो अंजलि के तने हुए मम्मों को देखता रहा फिर एकदम से उसके मम्मों को अपने हाथ में पकड़ कर दबा दिया और अपना मुंह अंजलि के एक मम्मे पर रख कर उसको चूसने लगा, जबकि दूसरे हाथ से लोकाटी अंजलि के दूसरे मम्मे को दबाने लगा। लोकाटी कभी अंजलि के एक मम्मे को मुँह में लेकर चूसता तो कभी उस पर अपनी ज़ुबान फेरता और दूसरे हाथ से उसने उंगली और अंगूठे की मदद से अंजलि के निप्पल को पकड़ रखा था जिसे वह हौले हौले रगड़ रहा था और अंजलि के मुँह से सिसकियाँ ओह्ह्ह्ह्ह्ह, , आह्ह्ह्ह्ह्ह, ऊचह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, आह, आह आह आह, ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, उफ़फफफफफ्फ़ आह आहह्ह्ह्ह्ह्ह निकल रही थीं। लोकाटी को ऐसे ताज़ा मम्मे काफी समय बाद नसीब हुए थे ज्यादतर वो गश्तियो से ही गुज़ारा करता था जिनके मम्मे लुढ़के हुए होते थे और उनमें ऐसी जान नहीं होती थी जो अंजलि के बूब्स में थी। अब लोकाटी ने अंजलि के पहले वाला मम्मा मुंह से निकाला और दूसरे मम्मे को मुँह में लेकर चूसने लगा और अब उसके दोनों हाथ अंजलि की कमर पर मालिश कर रहे थे। कभी कभी उसका एक हाथ अंजलि के चूतड़ों को भी पकड़ कर दबा देता और वापस फिर कमर की मालिश करने लगता, अंजलि मजे की तीव्रता से कराह रही थी और उसका शरीर अंगड़ाइयाँ ले रहा था उसने अपने हाथ लोकाटी के बालों में फसाया हुआ था और उसके सिर पर हाथ फेर रही थी जबकि लोकाटी अब अपने दांतों से अंजलि के बूब्स को काट रहा था जिससे अंजलि की सिसकियों में और भी इजाफा होने लगा था

लोकाटी का लंड अभी तक ढीला था और उसका आकार मुश्किल से 2 इंच के बराबर होगा। मगर अंजलि की चूत इस समय अंगारा बनी हुई थी जिसे हाथ लगाओ तो हाथ जल जाए। अंजलि की चूत से निकलने वाला थोड़ा थोड़ा पानी उसके अंगारे को शांत करने की कोशिश कर रहा था मगर इस अंगारे की वार्मिंग में लगातार वृद्धि होती जा रही थी। अब अंजलि ने लोकाटी को चेहरे से पकड़ कर अपने बूब्स से दूर हटाया और बोली जान मुझे अंदर बेड पर ले जा कर चोदो ... तो लोकाटी जल्दी अपनी जगह से खड़ा हुआ और बोला चलो बेडरूम में चलते हैं, अंजलि उसकी गोद में ही थी अंजलि ने कहा जानू जैसे आपने बाहर मुझे बहुत अच्छे से चोदा, मैं चाहती हूँ कि अभी वैसे ही तुम मुझे चोदो और मैं चुदाई की वीडियो भी बनाऊ, लोकाटी जो नशे में धुत था उसे भला क्या एतराज हो सकता था उसके सोचने-समझने की क्षमता खत्म हो चुकी थी, उसने कहा हां बना लो, तो अंजलि उसकी गोद से उतरी और अपना मोबाइल जिस पर पहले से वीडियो बन रहा था वह उठा लाई और लोकाटी को फिर उसके मुरझाए हुए लंड से पकड़ कर बेड रूम में ले गई। बेड रूम में जाकर अंजलि खुद जल्दी से बेड पर लेट गई और कैमरे का रुख लोकाटी की ओर कर दिया और बोली चलो अब मेरे शरीर को प्यार करो, लोकाटी तुरंत अंजलि के आदेश का पालन करते हुए उसके मम्मों पर टूट पड़ा और अंजलि के ऊपर लेट कर उसके मम्मों को चूसने लगा, अंजलि सिसकियाँ भी लेती जा रही थी और साथ ही लोकाटी की वीडियो भी बना रही थी। मम्मे चूसते चूसते लोकाटी धीरे धीरे नीचे की ओर जाने लगा और अंजलि के पेट से होते हुए उसकी नाभि में अपनी जीभ डाल कर प्यार करने लगा, अंजलि की सांसें अभी धौंकनी की तरह चल रही थी और अगर कैमरे से बनती हुई वीडियो को देखा जाता तो सबसे आगे अंजलि के बड़े मम्मे दिख रहे थे जिन पर छोटे निपल्स बहुत सुंदर लग रहे थे और इससे आगे लोकाटी का सिर नजर आ रहा था और लोकाटी अंजलि के गोरे बदन पर हाथ फेर रहा था और अपनी जीभ से अंजलि की नाभि में प्यार कर रहा था।

फिर लोकाटी और नीचे गया और अंजलि की चूत से कुछ ऊपर अपनी ज़ुबान फेरने लगा और अपने हाथ अंजलि की नाजुक नरम और मुलायम जाँघो पर फेरने लगा। फिर लोकाटी और नीचे गया और अपनी ज़ुबान से अंजलि की थाई से लेकर उसके पांव तक मसलता चला गया। फिर लोकाटी ने अंजलि के पैर उठाया और उसकी गाण्ड भी ऊपर कर दी और खुद नीचे लेट कर उसके चूतड़ों पर और उसकी पैन्टी की साईड पर प्यार करने लगा। वह एक रोमांटिक पति की तरह अंजलि के शरीर पर प्यार कर रहा था और अंजलि को यह सब बड़ा अच्छा लग रहा था



कुछ देर अंजलि के चूतड़ों और उसकी योनी के आसपास की जगह पर प्यार करने के बाद अंजलि ने लोकाटी से कहा कि जानू मेरी पैन्टी उतार कर मेरी चूत का भी दर्शन करो और मुझे बताओ तुम्हें मेरी चूत कैसी लगी। लोकाटी ने तुरंत अंजलि की गीली पैन्टी उतार दी और उसकी चूत को गौर से देखने लगा, मगर फिर बिना कुछ बोले उसने अपनी ज़ुबान निकाली और अंजलि की चूत के लबों पर रखकर उन पर अपनी ज़ुबान फेरने लगा। अंजलि की एक सिसकी निकली और वह थोड़ा ऊपर होकर बैठ गई और कैमरा इस तरह सेट किया कि कुछ हद तक लोकाटी का चेहरा भी नजर आ सके और अंजलि की चूत में उसकी ज़ुबान भी कैमरे की नजर में आ सके। कुछ देर अंजलि की चूत के लबों को चूसने के बाद लोकाटी ने चूत के लबों को खोला और अपनी जीभ अंदर डाल दी और उसको तेज तेज चलाने लगा। अंजलि की चूत जो पहले से ही किसी अंगारे की तरह दहक रही थी अब तो वह एक ज्वालामुखी की तरह उबलने लगी थी और जल्द ही अपना लावा उगलने वाली थी। अंजलि अभी एक हाथ से वीडियो बना रही थी और दूसरा हाथ लोकाटी के सिर पर रख कर उसको अपनी चूत पर दबा रही थी और सिसकियाँ लेने के साथ साथ लोकाटी को कह रही थी जान और जोर से चाटो मेरी चूत को, खा जाओ मेरी चूत जान ... आह आह आह ... आई लव यू .... जोर से चाटो .... आह आह आह ........ में गई ....... आह ........ और इसके साथ ही अंजलि की चूत से उबलता हुआ लावा निकला और जिसने लोकाटी के चेहरे को झुलसा कर रख दिया। अंजलि के शरीर ने कुछ झटके खाए और उसके बाद शांत हो गई, अंजलि ने लोकाटी को साइड पर हटाया और उसे बेड पर लिटा कर खुद उसके ऊपर बैठ गई और उसके सीने पर हाथ फेरने लगी जबकि दूसरे हाथ से वह अब भी वीडियो बना रही थी । 
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01-10-2019, 01:31 PM,
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RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
अंजलि ने अब लोकाटी से पूछा जान तुम मुझे अपने साथ इंडिया ले जा सकते हो ??? तो लोकाटी ने कहा तुम मेरे साथ जाना चाहोगी इंडिया ?? अंजलि ने कहा, हां। मैं भी देखना चाहती हूँ कि तुम वहाँ हमारे लिए कैसे काम कर रहे हो। लोकाटी जो शराब के नशे में धुत्त था बोला तुम चिंता मत करो मेरी आंदोलन अपने चरम पर है और तुम्हे देखकर खुशी होगी। अब अंजलि ने पूछा कि तुम्हें यकीन है कि कश्मीर के लोग इस आंदोलन में तुम्हारा साथ देंगे ??? लोकाटी ने कहा मेरे प्रांत के आम लोगों को तो मैंने अनपढ़ रखा है वह डायरेक्ट मेरा साथ तो नहीं देंगे मगर वहां की प्रभावशाली हस्तियाँ मेरे कहने पर चलती हैं और विभिन्न जनजाति के प्रमुखों को मैंने बड़े सपने दिखा रखे हैं कि पाकिस्तान मे शामिल होनेके बाद उन्हे बड़े पद और डॉलर मिलेंगे।इसलिए वे मेरे साथ हैं और जैसा वो कहेंगे वैसा ही वहां की जनता भी फैसला करेगी

अंजलि अब थोड़ा नीचे होकर बैठ गई और लोकाटी के मुरझाए हुए लंड को हाथ में पकड़ कर उसको धीरे धीरे मसलने लगी और लोकाटी से पूछा मगर इतने डॉलर तुम कैसे दोगे उन लोगों को ??? लोकाटी ने एक ठहाका मारा और बोला उन पागलों को क्या मिलना है उन्होंने पाकिस्तान में विलय की घोषणा करनी है और जब पाकिस्तानी सेना मेरे प्रांत मे पहुंचकर वहां कब्जा कर लेगी तो पहले उन लोगो का ही सफाया करना है। में अपने धन और राज्य के शासन में किसी और को नहीं जोड़ सकता। यह सुनकर अंजलि के शरीर में सनसनी दौड़ गई लेकिन उसे अब अपना और काम करना था। अब वह आगे नीचे झुकी और लोकाटी के लंड को जो कुछ हद तक खड़ा हो चुका था मगर अब भी बहुत ढीला था अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। कुछ देर तक चूसने से लोकाटी का 7 इंच का लंड अब अपनी पूरी ग्लो के साथ लहरा रहा था और अंजलि उसको बहुत बेरहमी से चूस रही थी जिससे लोकाटी को बहुत मज़ा आ रहा था। 


इतनी जवान और गर्म लड़की को उसने काफी समय से नहीं चोदा था आज तो लोकाटी का उत्सव था कि ऐसी जवान और गर्म हसीना उसका लंड चूस रही थी और कुछ ही देर में उसके लंड की सवारी भी करने वाली थी। जब लंड अच्छी तरह खड़ा हो गया तो अंजलि ने लंड मुंह से निकाला और अपने हाथ से उस पर मालिश करने लगी और फिर से लोकाटी से मुखातिब हुई कि तुम अपने प्रांत को इंडिया से अलग करने में कामयाब हो गए तो मैं तुमसे शादी कर लूंगी। क्या तुम मुझसे शादी करना चाहोगे ???अंजलि की बात सुनकर लोकाटी होश और जोश में भी होता तो शायद अपने होश खो बैठता बुढ्ढे आदमी के लिए 20 वर्षीय जवान गर्म हसीना से शादी की पेशकश होश उड़ाने वाली ही तो बात थी, लोकाटी ने तत्काल कहा हां मैं तुमसे शादी करूँगा और हम दोनों मिलकर अपने राज्य पर शासन करेंगे

फिर अंजलि दोबारा बोली मगर मुझे यह बताओ कि क्या पाकिस्तान सरकार तुम्हें तुम्हारे राज्य पर शासन करने देगी? अगर उन्होने तुम्हें मरवा दिया और तुम्हारी जगह किसी अपने वफादार ले आए तो ??? इस पर लोकाटी हंसा और बोला पूरे पाकिस्तान में मुझसे ज्यादा पाकिस्तान सरकार का वफादार और कोई नहीं। और अगर उन्होंने ऐसा किया तो वहां के लोग पाकिस्तान के खिलाफ भी बगावत कर देंगे और फिर इंडियन सेना भी फिर से अपने प्रांत को वापस लेने के लिए स्थिति का लाभ उठाते हुए हमला कर देंगी जिसको पाकिस्तान सहन नहीं कर सकता। इसलिए मेरा भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल है। 

अंजलि ने लोकाटी के चमकते हुए लंड पर एक प्यार भरी किसकी और बोली मगर सरकार तो तुम अब भी चला रहे हैं पाकिस्तान में विलय के बाद सरकार से तुम्हें क्या लाभ होगा? लोकाटी बोला बहुत सारे डॉलर मिलेंगे जो अभी मेरे पास नहीं हैं, मेरे प्रांत के पहाड़ों में छिपा सोना पाकिस्तान सरकार को मिल जाएगा और उसमे 25 फीसदी मेरा हिस्सा होगा इसके अलावा पाकिस्तान की सुंदर हसीनाएँ दिन रात मेरे लंड की सेवा करेंगी। दिन रात कोई ना कोई गर्म और जवान लड़की मेरी गोद में हुआ करेगी। अंजलि बुरा सा मुंह बनाते हुए बोली मगर फिर तो तुम मुझे भूल जाओगे ??? लोकाटी अंजलि को प्यार से देखते हुए बोला अरे नहीं, तुम जैसी गर्मी किसी और लड़की में नहीं है, वह तो पैसे के लिए चुदवाती हैं तुम अपनी खुशी से चुदवा रही हो और मेरा लोड़ा मुँह में लेकर चूस रही हो। किराए की रंडियां यह सब नहीं करतीं न ही इतना मज़ा दे सकती हैं जो तुम कर रही हो। तुमसे शादी करके तुम्हें रानी बनाकर रखूंगा। मगर मेरा लंड भी सप्ताह में एक बार नई चूत का तलबगार होता है जो मुझे पाकिस्तान की हसीनाएँ दिया करेंगी

लोकाटी का लंड अब अपने फुल जोबन पर था और उसके साथ ज्यादा देर तक खेलना भी उचित नहीं था क्योंकि वह किसी भी समय अपना लावा निकाल सकता था, और अंजलि भी लोकाटी से काफी अंदर की बातें उगलवाने में लीन थीं। अंजलि अब अपनी एक टांग उठाकर लोकाटी के दूसरी साइड पर रख चुकी थी और उसकी चूत का मुंह लोकाटी के लंड की टोपी के बिल्कुल ऊपर था। और उसके हाथ में कैमरा कभी लोकाटी के चेहरे को फोकस कर रहा था तो कभी लोकाटी के लोड़े और अपनी चूत के होने वाले मैच के दृश्य को अपने अंदर क़ैद कर रहा था। फिर अंजलि ने दूसरे हाथ से लोकाटी के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के साथ लगाया और एक ही झटके में उसे अपनी चिकनी चूत की गहराई में उतार लिया और उस पर उछलने लगी। लोकाटी के लंड पर उछलते हुए अंजलि के मम्मे ऊपर नीचे उछल रहे थे जिन्हें लोकाटी बड़ी उत्सुकता से देख रहा था। कक्ष अब अंजलि की आवाजों से गूंज रहा था और वह लगातार लोकाटी के लंड पर उछल उछल कर अपनी चूत को आराम पहुंचा रही थी

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राफिया से बात करने के बाद कैप्टन फ़ैयाज़ काफी देर तक गुस्से से कांपता रहा, राफिया की बर्बर सिसकियाँ और उसमें लगने वाला जोश कैप्टन फ़ैयाज़ को पागल किए दे रहा था। वह समझ गया था कि राफिया ने जानबूझ कर उसे जलाने के लिए इमरान से चुदवाते हुए उसका फोन अटेंड किया और फिर इमरान ने भी बिना रुके उसकी चुदाई जारी रखी जिससे राफिया की सिसकियाँ और कामुकता से भरी आवाज फ़ैयाज़ के कानों में लावा बन कर छेद करती रहीं। कुछ देर के बाद जब फ़ैयाज़ सामान्य हुआ तो अब उसे समीरा का विचार आया। फ़ैयाज़ को पूरा विश्वास था कि रास्ते में खराब कार में से रफिया की कार में लिफ्ट लेने वाली समीरा ही हो सकती है। मगर उसको यह बात परेशान किए दे रही थी कि राफिया उसको अपनी दोस्त क्यों कह रही है ??? 



कहीं ऐसा तो नहीं कि मेजर राज ने राफिया की ही एक दोस्त को अपने साथ मिला लिया हो और फिर यह सारा नाटक रचाया हो। मगर फिर उसने इस विचार को मन से निकाल दिया कि अगर राफिया को गुंडों से बचाने वाला मेजर राज होता तो वह उसे कर्नल इरफ़ान के घर ही क्यों लेकर जाता वह उसे अगवा करके अपनी बात मनवा सकता था मगर उसने ऐसा नहीं किया इसका मतलब वह कोई साधारण व्यक्ति ही है जिसने मेजर राज जैसे अनुभवी और प्रतिभाशाली रॉ एजेंट की कोशिस नाकाम कर दी थी। मगर समीरा से वो अभी तक संतुष्ट नहीं था। उसका विचार था कि मेजर राज ने अपनी पहली असफलता के बाद समीरा को मैदान में उतारा है और उसने इमरान और राफिया की कार में लिफ्ट लेकर उनका विश्वास जीत लिया है और अब वह जल्द ही मेजर राज को कॉल करके मुर्री बुलाएगी ताकि वह फिर से राफिया का अपहरण कर सकें। अब कैप्टन फ़ैयाज़ ने राफिया की हरकत को नजरअंदाज करते हुए समीरा को ठिकाने लगाने का इरादा बना लिया था। वह पहले भी एक बार फ़ैयाज़ के हाथों से बाल-बाल बची थी जब फ़ैयाज़ ने लाहोर में जिन्ना नगर में मौजूद टैक्सी चालक की मुखबिरी पर एक घर पर छापा मारा था। मगर अब फ़ैयाज़ को विश्वास था कि रात के इस पहर में समीरा सो रही होगी और वो बा आसानी उसको धर सकता है



उसने अपनी जेब की एक साइड पर एक छोटे पिस्टल को रखा और अपनी कार को राफिया के बताए हुए पांच सितारा होटल के सामने जाकर रोक दिया और सीधा रिसेप्शन पर पहुंच गया। रेशीपशन पर मौजूद एक खूबसूरत जवान हसीना ने केप्टन का स्वागत किया तो कैप्टन ने उससे पूछा कि उसके होटल में कुछ देर पहले किसी समीरा नाम की नामक लड़की ने बुकिंग कराई है? तो उस हसीना ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया सॉरी सर हम ऐसी जानकारी किसी को बताने की पर्मीशन नहीं है आप उन्हें जानते हैं तो उन्हें फोन कर के कमरा नंबर पता कर लीजिए हम आपको उस कमरे में पहुंचा देंगे।अब कैप्टन ने अपनी जेब से अपना कार्ड निकाला और अपना नाम बताया तो उस हसीना के सुंदर लबों पर मौजूद मुस्कान एकदम गायब हो गई और वह इंतिहाई नर्म लहजे मे बोली जी सर मैं अभी चेक करती हूँ। उसने अपने सामने मौजूद कंप्यूटर पर चेक किया और फ़ैयाज़ को बताया कि समीरा नामक किसी भी लड़की ने चेक इन नहीं किया आज रात में। अब फ़ैयाज़ ने पूछा अच्छा यह बताओ किसी राफिया मेडम के नाम पर कोई कमरा बुक हुआ है? उस हसीना ने एक बार फिर अपने कंप्यूटर पर चेक किया और उसे बताया कि नहीं राफिया मेडम के नाम पर भी कोई कमरा बुक नहीं हुआ।
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01-10-2019, 01:31 PM,
#74
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
अब कैप्टन ने कुछ देर सोचा और फिर उससे पूछा अच्छा मुझे यह बताओ पिछले 4 से 5 घंटे के बीच कौन कौन से कमरे की बुकिंग हुई है। उस हसीना ने अब फिर से जाँच की और केप्टन को रूम नंबर 35, रूम नबर 315 और रूम नंबर 507 के बारे में बताया कि ये तीन कमरे हैं जिनकी बुकिंग हुई है और इनमें से एक कमरे के अलावा बाकी 2 कमरे में परिवार हैं जबकि रूम नंबर 507 में मिस अंजली हैं। कैप्टन यह सुनते ही मुस्कुराया और एक लंबी सी साँस छोड़ी वह समझ गया था कि समीरा अपना नाम बदल कर यहाँ आई है। और अंजलि समीरा ही है। राफिया ने भी फोन पर अंजलि नाम ही बताया था।अब कैप्टन फ़ैयाज़ ने उस हसीना को धन्यवाद दिया और बोला वह एक गैंगस्टर है उसे पकड़ने आया हूँ मुझे उसके रूम की डुप्लीकेट चाबी चाहिए और खबरदार जो उस कमरे में कोई वेटर गया। वहाँ हर किसी के आने जाने पर प्रतिबंध लगा दो। यह आदेश देकर फ़ैयाज़ ने अपनी जींस की एक साइड से छोटी पिस्टल निकाली और लिफ्ट के माध्यम से ऊपर जाने लगा जबकि उस हसीना ने सभी वेटर्स को निर्देशित दे दिया कि उस कक्ष से दूर रहें और वहां न जाएं। 


कैप्टन फ़ैयाज़ कुछ ही देर में पांचवीं मंजिल पर पहुंच चुका था और वहां से वह दूसरे गलियारे में गया जहां 506 से लेकर 510 नंबर रूम मौजूद थे। रूम नंबर 507 के दरवाजे के बाहर 2 हटे कटे गनमैन मौजूद थे जो वास्तव में लोकाटी के बॉडीगार्ड थे, यहां पहुंचकर फ़ैयाज़ अपनी पिस्टल छुपा चुका था। कमरे के सामने पहुंचकर वह रुका तो गनमैन को देखकर उसने सोचा कि हो न हो यह कोई बहुत बड़ा गैंगस्टर है जिसने अपने साथ गनमैन भी रखे हुए हैं। वह कमरे के सामने जाकर रुका और और बाहर खड़े गनमैन को देखकर मुस्कुरा कर बोला वह मुझे मेडम अंजलि ने बुलाया था उनसे मिलने आया हूँ। उनमें से एक गनमैन ने कर्कश स्वर में कहा इस समय कोई भी अंदर नहीं जा सकता मगर फ़ैयाज़ वहीं खड़ा मुस्कराता रहा और गनमैन को आँख मारते हुए बोला मेडम के साथ कोई और भी है क्या अंदर ??? गनमैन ने फ़ैयाज़ को दहकती हुई आँखों से घूर कर देखा और बोला इधर से दफ़ा होते हो या तुम्हें यहीं भून के रख दूँ?


फ़ैयाज़ बोला भैया तुम मुझे भून कर रख दो मैं तो यहां से जाने वाला नहीं मेडम अंजलि से मिल कर ही जाऊंगा।इस पर गनमैन ने अपने हाथ अपनी गन की ओर बढ़ाए जो उसके कंधे पर लटक रही थी मगर इससे पहले कि वह अपनी बंदूक पकड़ कर फ़ैयाज़ को डराता फ़ैयाज़ की शक्तिशाली लात गनमैन की दोनों टांगों के बीच जोर से जाकर सीधे उसके आंडो पर लगी जिससे उस गनमैन की एक चीख निकली और वह नीचे झुकता चला गया नीचे झुकते ही अब की बार फ़ैयाज़ का पैर उसके मुंह पर पड़ा और वह औंधे मुंह ज़मीन पर आ गिरा , इसी दौरान दूसरा गनमैन भी आगे बढ़कर फ़ैयाज़ पर हमला करना चाहता था मगर फ़ैयाज़ ने नीचे गिरते हुए गनमैन की कमर पर पांव रखकर एक जंप लगाया और बिजली की सी तेजी के साथ दूसरे गनमैन के सिर पर अपनी दोनों कोहनियो को पूरी ताकत से मारा जिससे वह किसी कटे हुए सिर की तरह जमीन पर आ रहा। अब दोनों गन मेंन समीरा के रूम के सामने बेहोश पड़े थे।


कैप्टन फ़ैयाज़ ने अपनी जेब से उसके कमरे की दूसरी चाबी निकाली और दरवाजे के लॉक में चाबी डाल के चाबी घुमाई तो लॉक खुल गया। फ़ैयाज़ ने दरवाजे का हैडल घुमाया और हल्का सा दबाव डाला तो दरवाजा बिना कोई आवाज पैदा किए खुलता चला गया। कैप्टन ने अब अपनी पिस्टल हाथ में पकड़ ली थी और अत्यंत सावधानी से धीरे धीरे अंदर घुस गया, सामने एक बड़ा सा कमरा था जिसमें कुछ सोफे पड़े थे और एक साइड पर फ्रिज था, सोफे पर एक नाइट पड़ी दिख रही थी, जबकि दूर एक साइड पर एक ब्रा पड़ा हुआ था। कैप्टन और चौकन्ना हो गया था क्योंकि उसके विचार में मेजर राज और समीरा दोनों इस वक्त कमरे में रंगरलियाँ मनाने के बाद अब सो रहे होंगे, केप्टन अब कुछ खुशी मगर सावधानी के साथ आगे बढ़ रहा था। उसके दिल में कहीं डर भी था कि नाजाने वह मेजर राज पर नियन्त्रण पा पाएगा या नहीं ??? और खुशी भी थी कि आज मेजर राज और समीरा दोनों ही उसकी गिरफ्त में होंगे और कर्नल इरफ़ान को यह सुसमाचार सुना कर वह पदोन्नति की फरमाइश भी करेगा .


कैप्टन इन्हीं सोचों के साथ बहुत सावधानी के साथ आगे बढ़ रहा था कि अचानक उसके कानों में फिर वही आवाजें आने लगीं जो कुछ देर पहले वह फोन पर सुनकर आया था जिन आवाजों ने उसके तन बदन में आग लगा दी थी। आह आह .... ओह्ह्ह्ह ओह और जोर से जानू, और तेज चोदो .... आह आह .... उह आह आह आह ...... फाड़ दो मेरी चूत जानू, तेज तेज करो, और तेज, और तेज ... आह आह आह ..... मगर इस बार यह आवाज राफिया की बजाय समीरा की थी जो इस समय लोकाटी के लंड पर सवार थी और लोकाटी उसको अपनी पूरी ताकत के साथ चोद रहा था

अंजलि ने अपनी पूरी ताकत के साथ लोकाटी के लंड पर छलाँगें लगाई थी इससे अंजलि को मज़ा तो बहुत मिला मगर कुछ ही देर में वह थक गई थी, अब वह अपने घुटने बेड के साथ लगाए अपनी गांड हवा में उठा कर बैठी थी और नीचे से लोकाटी अपना लंड अंजलि की टाइट मगर चिकनी चूत में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था और अंजलि की मजे के मारे सिसकियाँ निकल रही थीं। कुछ देर के बाद लोकाटी नेझटके लगाने बंद किए तो अंजलि ने अपनी गाण्ड को लोकाटी के लंड पर घुमाना शुरू कर दिया। अंजलि अपने चूतड़ों को गोल गोल घुमा रही थी जिससे लोकाटी का लंड अंजलि की चूत में चारों साईड पर गोल गोल घूम रहा था और अंजलि की चूत में रगड़ दे रहा था जिससे अंजलि की चूत में आग पहले से ज्यादा तेज हो गई थी और उसका जी स्पॉट लोकाटी के लंड की टोपी से टकरा रहा था। फिर एकदम से लोकाटी ने फिर से अंजलि की चूत में झटके लगाने शुरू किये ...


अब की बार अंजलि वीडियो बनाने के साथ साथ लोकाटी को कह रही थी, जानू मुझे जोर से चोदो, ऐसे चोदो जैसे आप ने अपने देश की जनता को चोदा ... आह आह .... और जोर से चोदो जानू .....कश्मीर को पाकिस्तान का राज्य बनवा दो फिर मैं तुम्हें अपनी चूत इसी तरह दिया करूंगी, आपको और अपनी गाण्ड भी .... आह आह ..... ओस्स्सस्स उफ़ उफ़ .... तुम्हारा लंड .... उफ़ उफ़ उफ़ .... आह आह आह .... मेरी चूत .... आह आह आह ....... और जोर से धक्के मारो जानू .... आह आह ..... फिर अंजलि ने एक लंबी आह आह कर सिसकी ली और उसकी चूत ने लोकाटी के लंड को अपने पानी से नहलाने दिया।


जब अंजलि की चूत ने सारा पानी छोड़ दिया तो वह लोकाटी के लंड से उतर गई और बेड पर लेट कर लोकाटी को अपने ऊपर आकर चोदने को आमंत्रित किया। मगर लोकाटी ने कहा ऐसे नहीं डार्लिंग। कुतिया बन जाओ, तुम्हें अब मैं डागी स्टाइल में चोदुन्गा अंजलि को भी डागी स्टाइल पसंद था वह भी जल्दी उठ गई और लोकाटी की ओर अपनी गाण्ड करके दूसरी ओर झुकी और बेड के साथ हाथों के सहारे डागी स्टाइल बनाकर मुंह पीछे करके बोली आ जाओ जानू, डाल दो अपना लंड मेरी चूत में । चोद दो मुझे ....


लोकाटी भी जल्दी से अंजलि के पीछे आया और पहले उसके चूतड़ों पर 2, 3 जोरदार चमाट मारें और उसके बाद उसके चूतड़ों को खोल कर उसकी गाण्ड पर अपनी जीभ फेरने लगा। गाण्ड में ज़ुबान का स्पर्श महसूस कर राफिया को बहुत मज़ा मिला था। उसके मुंह से अब सिसकारियाँ निकल रही थीं और वो अपनी गाण्ड को पीछे की ओर धकेल कोशिश कर रही थी कि लोकाटी की ज़ुबान के साथ साथ उसका पूरा मुंह उसके चूतड़ों की लाइन में गायब हो जाए। लोकाटी ने भी कुछ देर अंजलि की गांड चाटी और फिर घुटनों के बल बेड पर बैठ कर अपना लंड अंजलि की चूत पर रख दिया


जैसे ही अंजलि को लंड की टोपी अपनी चूत के छेद पर महसूस हुई वो खुद ही पीछे की ओर गाण्ड करने लगी, जैसे ही अंजलि ने अपनी गाण्ड पीछे की ओर धकेली तो चूत की चिकनाहट के कारण अंजलि की चूत ने लोकाटी के लंड को अपने अंदर प्रवेश करने की अनुमति दी और लोकाटी का आधा लंड अंजलि की चूत में चला गया। एक बार अंजलि अब वापस आगे की ओर गई और जब उसे लगा कि अब मात्र लोकाटी के लंड की टोपी ही उसकी चूत में रह गई है वह फिर से पीछे की ओर अपनी गाण्ड को धकेला जिससे लोकाटी का आधा लंड फिर से अंजलि की चूत में फिसलता चला गया। अब अंजलि ने लगातार अपनी गाण्ड को आगे पीछे गति देना शुरू कर दिया था जबकि लोकाटी बिना हरकत किए अंजलि की हरकतों को एंजाय कर रहा था। ऐसी चुदाई में अधिक गति पकड़ना संभव नहीं था क्योंकि लड़की उस गति के साथ अपनी गाण्ड नहीं हिला सकती जिस गति से कोई भी पुरुष अपना लंड लड़की की चूत में आगे पीछे कर सकता है। मगर फिर भी लोकाटी अंजलि को पूरा मौका दे रहा था कि वह खुद से अपनी गाण्ड हिला हिला कर अपनी चुदाई करवाए। अविराम अंजलि के चूतड़ों पर लोकाटी के थप्पड़ पड़ रहे थे जिससे अंजलि के चूतड़ जेली की तरह हिलते, और उन पर अब लोकाटी की उंगलियों के लाल निशान पड़ चुके थे इस दौरान जब अंजलि अपनी गाण्ड पीछे की ओर धकेलटी तो वह अपने मुंह से एक लंबी आह ह ह ह ह ....... आवाज निकालती और इस दौरान अपनी चूत को भी टाइट कर लेती, और जब वापस आगे की ओर जाने लगती तो अपनी चूत को ढीला छोड़ देती और एक लंबी उफ़ एफ एफ एफ एफ एफ एफ एफ आवाज निकालती . 


कुछ देर अंजलि की इसी तरह चुदाई करवाने के बाद लोकाटी ने अब अंजलि की चूत में अपने लंड से धक्के लगाने शुरू कर दिए थे। लोकाटी के धक्के शुरू हुए तो अब अंजलि के लिए संभव नहीं था कि अपनी गाण्ड को आगे पीछे हिला सके इसलिए अब वह बिना हरकत किए लोकाटी के धक्के सहन कर रही थी, लोकाटी का हर धक्का अंजलि को आगे की ओर धकेल देता था और वह पूरी कोशिश करती अपने शरीर को रोकने की क्योंकि अगर उसका शरीर ज़्यादा आगे जाता तो लोकाटी का लंड अंजलि की चूत की गहराई तक जाकर चुदाई नहीं कर सकता था, इसलिए अंजलि की हर धक्के पर कोशिश होती कि अपनी पूरी ताकत के साथ अपने शरीर को वहीं रोके रखे ताकि लोकाटी का लंड उसकी चूत की गहराई तक जा सके और अपने अंदर आने का एहसास दिलाए मगर फिर भी जब लोकाटी का शरीर अंजलि के चूतड़ों से टकराता तो वह अंजलि को आगे की ओर धकेल देता और साथ में धुप्प धुप्प की आवाज भी निकलती .


लोकाटी ने अब थोड़ा आगे की ओर झुक कर अंजलि के मम्मों को अपने हाथों से पकड़ लिया था और उन्हें हर धक्के के साथ एक बार जोर से दबाता और लंड बाहर निकालते हुए मम्मों पर हाथों का दबाव हल्का कर देता अगले धक्के में एक बार फिर वह अंजलि के बूब्स को जोर से दबाता इस तरह लोकाटी के चोदने की गति भी बढ़ गई और उसके आँड जब नीचे से अंजलि की चूत पर टकराते तो अंजलि को उसका भी मज़ा मिलता।अंजलि फुल मजे में थी और अपनी चुदाई को एंजाय कर रही थी। थोड़ी थोड़ी देर बाद अंजलि लोकाटी को पीछे मुड़कर एक हवाई चुम्बन देती और उसको तेज गति के साथ चोदने का कहती . साथ ही साथ अंजलि की सिसकियों में वृद्धि होती जा रही थी ... आह ह ह ... आह ह ह ह ... उम म म म .... उफ़ एफ एफ एफ एफ ... आह ह ह ह ह, आह ह ह ह, आह आह आह .... जोर से चोदो ना जानू आह आह .... और लोकाटी भी अंजलि के उकसाने पर अपनी गति को बढ़ा देता था। कुछ देर और डागी स्टाइल में चुदाई करवाने के बाद अब अंजलि ने लोकाटी से फरमाइश की कि वो एक बार फिर से उसके लंड की सवारी करना चाहती है तो लोकाटी ने न चाहते हुए भी अंजली की चिकनी चूत से अपना लंड निकाल दिया और खुद फिर से बेड पर लेट गया। वह इतनी सुंदर और गर्म लड़की को नाराज नहीं करना चाहता इसलिए वह उसे उसकी इच्छा के अनुसार चोद रहा था वैसे भी डागी स्टाइल में चोदने का मज़ा तो लोकाटी ले ही चुका था
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01-10-2019, 01:31 PM,
#75
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
लोकाटी अब नीचे लेटा था और अंजलि अपने पांवों के बल लोकाटी के ऊपर आ गई थी और लोकाटी के लंड को अपनी चूत के छेद पर रख कर उसने एक जोरदार झटका नीचे मारा लोकाटी का पूरा लंड अंजलि की चूत में गायब हो गया। अंजलि ने अब लोकाटी के सीने पर हाथ रखकर सहारा लिया और अपनी गाण्ड ऊपर उछाल उछाल कर लोकाटी के लंड पर गिराने लगी। किसी भी लड़की के लिए इस तरह चुदाई करवाना बहुत मुश्किल होता है लेकिन अंजलि की चूत इस समय बहुत गर्म हो रही थी और वह पूरी तरह से अपनी चूत को आराम पहुंचाना चाहती थी इसलिए वह उसी स्थिति में अपनी चुदाई जारी किए हुए थी, अंजलि जब अपने पूरे वजन के साथ अपनी गाण्ड को लोकाटी के ऊपर गिराती तो लोकाटी का लंड पूरी तरह से अंजलि की चूत में गुम हो जाता मात्र उसके आँड ही चूत से बाहर रहते। 2, 3 मिनट इसी तरह चुदाई करवाने के बाद अब अंजलि थक चुकी थी अब उसने अपने घुटने भी बेड के साथ लगा लिए थे और अपने हाथ बदस्तूर लोकाटी के सीने पर रख कर अपनी गाण्ड को हवा में उठा लिया था और लोकाटी ने नीचे से अब धक्के मारने शुरू कर दिए थे

अंजलि की चूत की गर्मी काफ़ी हद तक बढ़ चुकी थी और किसी भी समय उसकी चूत पानी छोड़ सकती थी।लोकाटी अपनी फुल स्पीड के साथ अपने लंड के अंजलि की चिकनी मगर टाइट चूत में धक्के मार रहा था, अंजलि लोकाटी को और तेज चोदने का कह रही थी उसके साथ ... आह आआह आह आह उफ़ उफ़ .... आह आह आह और तेज जानू, और तेज चोदो अपनी जान को .... आह आह आह .... की आवाज लगातार अंजलि के मुँह से निकल रही थी

लोकाटी के लंड पर सवारी करते करते अंजलि को अचानक लगा कि जैसे उसके दरवाजे के बाहर कोई है।अंजलि ने दरवाज़े की ओर देखा, लेकिन वहां कोई नहीं था, वह लगातार चुदाई जारी रखती हुई और लोकाटी को और तेज चोदने उकसाने लगी मगर उसके बाद फिर से अंजलि को लगा कि दरवाजे पर कोई है, अब की बार अंजलि ने दरवाज़े की ओर देखा तो उसकी चिकनी और गीली चूत पूरी सूख गई, दरवाजे केप्टन फ़ैयाज़ खड़ा था और उसकी पिस्तौल का रुख अंजलि की ओर था। अंजलि एकदम से अपनी सिसकियाँ भूल गई और उसके मन में विस्फोट होने लगे कि यह कमीना कहाँ से आ गया ??? अंजलि अब कोई फैसला नहीं कर पा रही थी कि वह क्या करे क्योंकि वह जानती थी कि उसके पास भागने का कोई रास्ता नहीं है एक यही दरवाजा है जो केप्टन फ़ैयाज़ गन थामे खड़ा है। जबकि लोकाटी इस बात से बेखबर अंजलि की चूत में धक्के लगाए जा रहा था

कैप्टन फ़ैयाज़ जो अब अंजलि के दरवाजे पर था वह एक पल के लिए तो अंजलि को लंड की सवारी करते देख कर स्तब्ध हो गया। अंजलि के गोरे गोरे बड़े आकार के मम्मे जो लोकाटी के हर धक्के के साथ हवा में हिलते देखकर फ़ैयाज़ होश खो बैठा था। इससे पहले उसने इस हसीना मम्मे जामनगर के डांस क्लब में नशे की हालत में देखे थे और उसके मन में इन सुंदर कसे हुए मम्मों की धुंधली सी तस्वीर थी, लेकिन इस समय वह अपने पूरे होश में अंजलि के खूबसूरत मम्मे देख कर मदहोश हो गया था

अब कैप्टन फ़ैयाज़ अंजलि के मम्मों के जादू में ही गिरफ्तार था कि उसने देखा अंजलि की नजरें केप्टन फ़ैयाज़ पर नहीं बल्कि अंजलि कैप्टन फ़ैयाज़ के पीछे देख रही थी .... जैसे ही कैप्टन फ़ैयाज़ ने यह महसूस किया कि अंजलि केप्टन फ़ैयाज़ के पीछे किसी और चीज़ को देख रही है तो कैप्टन को जल्दी ही खतरे का एहसास हुआ और उसने बिजली की सी तेजी के साथ पीछे घूम कर देखना चाहा कि वहाँ कौन है, मगर उसे देर हो चुकी थी। जितनी देर में केप्टन फ़ैयाज़ पीछे घूमा इतनी देर में मेजर राज का जोरदार घूंसा कैप्टन फ़ैयाज़ की कनपटी पर लग गया था जिसने फ़ैयाज़ को दिन में ही कमरे के अंदर ही तारे दिखा दिए थे। इससे पहले केप्टन फ़ैयाज़ और कोई वार करता मेजर राज का दूसरा वार कैप्टन फ़ैयाज़ की गर्दन पर हुआ और केप्टन फ़ैयाज़ कटे हुए पेड़ की तरह लहराता हुआ जमीन पर आ रहा। मेजर राज ने उसे नीचे नहीं गिरने दिया बल्कि गिरने से पहले ही उसे सहारा देकर एक साइड पर लिटा दिया। फिर उसने एक नज़र फिर से कमरे के अंदर डाली जहां अंजलि अब तक हैरान परेशान कमरे से बाहर देख रही थी और लोकाटी इस पूरी प्रक्रिया से अनजान अंजलि की चूत में धक्के पे धक्का मार रहा था। मेजर राज ने अब अंजलि को मुस्कुराते हुए देखा और उसके मम्मों की ओर इशारा करते हुए उसकी तारीफ करने लगा साथ ही उसकी चुदाई पर हंसने भी लगा

इतने में अंजलि को भी होश आया जब उसे लोकाटी की आवाज आई डार्लिंग में फारिग होने वाला हूँ, तभी अंजलि को भी अपनी चूत में सुई चुभती हुई महसूस होने लगी, उसकी चूत भी पानी छोड़ने वाली थी जबकि सामने कमरे के दरवाजे पर मेजर राज ये सारा दृश्य देखकर आनन्दित हो रहा था। लोकाटी की आवाज सुनकर अंजलि ने फिर से अपना ध्यान अपनी चुदाई की ओर लगाया और लोकाटी के धक्कों साथ रधम बनाते हुए अपनी गाण्ड को उछालने लगी और बोली निकाल दो जान अपना वीर्य मेरी चूत में, मेरे अंदर ही फारिग हो जाओ, मेरी चूत भी पानी छोड़ रही है ... ये शब्द कहते हुए अंजलि के चेहरे पर भी मुस्कान थी और वह मेजर राज की ओर देख रही थी जबकि लोकाटी आंखें बंद किए अंजलि की चूत में धक्के मार रहा था और इंतजार कर रहा था कि कब उसके लंड में एक मजे की लहर उठकर उसकी सारा वीर्य अंजलि की चूत में निकल जाए। 


फिर अचानक लोकाटी ने 2, 3 जोरदार धक्के मारे और अपनी सारी वीर्य अंजलि की चूत में निकाल दिया, जबकि अंजलि ने भी अपनी गाण्ड को झटके दिए और उसने भी लोकाटी के गर्म गर्म पानी के साथ अपनी चूत का गर्म पानी मिला दिया । जब अंजलि अपना सारा पानी निकाल चुकी तो वह लोकाटी के सीने के ऊपर लेट गई और मेजर राज को आँखों से इशारा किया कि वह अब जाए यहाँ से। मेजर राज जो अंजलि की चुदाई से आनन्दित हो रहा था वह भी अपने होश में वापस आया और अपने साथ बेहोश पड़े कैप्टन फ़ैयाज़ को उठाकर बाहर वाले कमरे की ओर ले गया, वहां मौजूद अंजलि की नाइटी उठाकर मेजर राज ने कैप्टन फ़ैयाज़ के मुंह में ठूंस दी, उसके बाद अंजलि का ब्रा उठाकर केप्टन के हाथ पीठ पर ले जा कर उनको भी बांध दिया। मगर फिर मेजर ने महसूस किया कि यह ब्रा बहुत कमजोर है तो उसने इधर उधर नज़रें दौड़ाई तो उसे एक कोठरी दिखी। मेजर ने अलमारी खोली तो उसमें उसे अंजलि का एक और सूट मिल गया, यह भी नाइट ड्रेस था मगर वायर्ड कपड़े का था जो थोड़ा मज़बूत था। अब की बार मेजर राज ने कैप्टन बंधे हाथों को फिर अंजलि की नाइट ड्रेस से और मज़बूती के साथ बांध दिया। फिर उसने केप्टन फ़ैयाज़ की पेंट की बेल्ट खोल ली और केप्टन के पांव पीछे की ओर मोड़ कर बांध दिए और इसी बेल्ट को आगे पीछे खींचकर कैप्टन के बंधे हाथों से बांध दिया। अब कैप्टन फ़ैयाज़ का शरीर दोहरा हो गया था पीछे की ओर, होश में आने के बाद भी उसके लिए हरकत करना संभव नहीं था, अब मेजर राज ने कैप्टन को उठाकर उसी कोठरी में बंद कर दिया जिसमें अंजलि के कपड़े थे।
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01-10-2019, 01:32 PM,
#76
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
अब मेजर राज वापस जाने की तैयारी करने लगा तो उसे लगा जैसे कमरे में कुछ हलचल हो रही है, वह देखने के लिए हौले से आगे हुआ तो लोकाटी अब भी आंखें बंद किए बेड पर लेटा था, बूढ़े होने के कारण वह आज की चुदाई से काफी थक गया था, जबकि समीरा ने अब कमरे में पड़ा एक टावल अपने शरीर पर लपेट लिया था और वह कमरे से बाहर आ रही थी, कमरे से बाहर आते ही उसने मेजर राज से पूछा कि वो यहाँ तक कैसे पहुंच गया ??? और उसे कैसे पता लगा उसके बारे में ?? तो मेजर राज ने उसे हल्की आवाज में बताया कि लाहोर से ही वो हमारे पीछे था और उसे रास्ते में तुम्हारी कार भी मिली थी, और उसका मानना है कि राफिया का अपहरण करने में उसी कार का उपयोग हुआ है जो उसे रास्ते से तुम्हारी छोड़ी हुई गाड़ी मिली है। उसने राफिया को फोन करके तुम्हारे बारे में पूछा था तो राफिया ने बता दिया कि तुम्हें इस होटल में छोड़ा है तभी मैंने सोचा कि हो न हो ये तुम्हारा पीछा करते हुए तुम्हारे कमरे तक जरूर पहुंचेगा, तभी राफिया को सोता छोड़कर तुरंत उसकी कार लेकर में यहाँ आ गया, कमरे से बाहर आया तो देखा कि 2 गन मॅन बेहोश पड़े हैं और अंदर दाखिल हुआ तो कैप्टन फ़ैयाज़ तुम्हारा और इस लोकाटी का सेक्स एंजाय कर रहा था। यह कहते हुए मेजर की आँखों में शरारत भरी चमक थी, अंजलि ने कहा, ये सब छोड़ो और अब आगे बताओ? मेजर राज ने कहा वो कैप्टन साहब तुम्हारे कपड़ों वाली कोठरी में कैद हैं उम्मीद है अब वह कल शाम को ही होश में आएंगे। तुम सुबह होते ही कोशिश करना कि लोकाटी को समुद्र में ले आना और अधिक से अधिक रहस्य उगलवाने की कोशिश करना ... मैं तुम्हें वहीं मिलूंगा राफिया के साथ। यह कह कर मेजर राज वापस जाने लगा, मगर फिर मुड़ा और समीरा से पूछा अभी मजे ही किए हैं या कोई काम की बात भी मिली है ??? 

अब की बार समीरा इतराते हुई बोली तुम्हें इससे क्या जितने मर्जी मजे ., तुम क्यों जल रहे हो ?? समीरा की बात पर मेजर राज धीरे हंसा और बोला मैं तुम से क्यों जलुन्गा तुम बुढ्ढे के साथ मजे कर रही हो, मेरे साथ तो तुम जैसी जवान हसीना मौजूद है मैं तुम से ज्यादा मजे कर रहा हूँ ... यह कह कर मेजर राज कमरे से निकल गया, वह समझ गया था कि समीरा ने कोई ना कोई काम की बात उगल. ली है लोकाटी से। दोनों ने ये बातें बहुत धीरे आवाज में की थीं। अब मेजर राज बाहर जाने लगा तो उसे पीछे से लोकाटी की आवाज आई कहां रह गई हो जानेमन ??? साथ ही समीरा की आवाज़ आई, प्यास लग रही थी जान, पानी पी रही हूँ, और तुरंत फ्रिज की ओर भागी जबकि मेजर राज समीरा के कमरे के बाहर पड़े गनमैन को वहीं छोड़ कर नीचे की ओर भागा और होटल से निकलकर सीधा राफिया के पास पहुंच गया जहां राफिया अपने नए प्रेमी इमरान से एक विनाशकारी चुदाई करवाने के बाद आराम से सो रही थी. 

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समीरा अमजद को अपनी जान से ज्यादा प्यारी थी, उसने समीरा को अपनी छोटी बहन की तरह पाला था, और ऐसे किसी भी मिशन में समीरा को जोड़ते हुए घबराता था, मगर समीरा के अलावा वह किसी और पर भरोसा नहीं कर सकता था इसलिए मजबूरन वह समीरा को अपने साथ रखता। लेकिन इस समय वह समीरा से बेफिक्र था क्योंकि वह जानता था कि मेजर राज के साथ समीरा को कोई खतरा नहीं, मेजर राज समीरा की रक्षा कर सकता था, लेकिन सरमद से वह खासा चिंतित था। कर्नल इरफ़ान कमरे से गए खासी देर हो चुकी थी, शायद पूरा दिन बीत चुका था मगर अमजद को इस बात का इल्म नहीं था, वह तो बस एक अंधेरे कमरे में कैद था जहां बाहर होने वाले मामलों का उसको पता नहीं था।कुर्सी पर बैठे बैठे अमजद को अब तकलीफ होने लगी थी, ना जाने कब से वह इसी कुर्सी पर बंधा हुआ था और तो और पिछले काफी घंटों से न तो अमजद को पानी पीना नसीब हुआ था और न ही खाने को कुछ मिला था। परेशानी के कारण उसका गला सूख रहा था मगर उसको यहाँ पानी देने वाला कोई नहीं था

अमजद ने 2, 3 बार चिल्लाकर पानी भी मांगा मगर उत्तर में उसको ना तो कोई आहट सुनाई दी और न ही कोई उसे पानी पिलाने आया। आज अमजद को महसूस हो रहा था कि मौत का इंतजार करना मौत को गले लगाने से कितना मुश्किल काम था। अब काशफ और सरमद के बारे में ही सोच रहा था कि उसको कमरे से बाहर कुछ कदमों की आवाज सुनाई दी। अब अमजद चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आई वह समझ गया था कि शहादत का समय अब आ रहा है। इतनी देर से जो वह यातनादायक प्रतीक्षा कर रहा था वह इंतजार खत्म होने को है, कर्नल इरफ़ान की पिस्टल से अब एक गोली चलेगी और अमजद के सीने से पार हो जाएगी, और वह दूसरे देश के एक सैनिक को बचाने की खातिर अपनी जान की बलि देकर शहादत के रुतबे पर आसीन हो जाएगा। इस सोच ने अमजद के अंदर एक अजीब सी हिम्मत पैदा कर दी थी। अब कर्नल इरफ़ान उसके शरीर के टुकड़े कर डालता तब भी वे उससे कुछ उगलवा नहीं सकता था

क़दमों की आवाज़ अब खासी करीब आ चुकी थी। कमरे के भीतर ज़ीरो वाट का एक बल्ब जल गया था जिससे कमरे में कुछ रोशनी पैदा हुई थी, कमरे का दरवाजा खुला और रस्सियों में जकड़ा व्यक्ति औंधे मुंह अंदर आ गिरा ... उसके पीछे एक और व्यक्ति था वह भी रस्सियों से बंधा हुआ था और एक आदमी उसे बालों से पकड़कर खींचता हुआ अमजद के पास ले आया था। रस्सियों में जकड़ा यह व्यक्ति अमजद के पास आया तो अमजद ने उसको पहचान लिया था। ये सरमद था जिसके चेहरे पर इस समय अनगिनत घाव थे और उसकी आंखें सूजी हुई थीं मगर आश्चर्यजनक रूप से उसके चेहरे पर एक विजयी मुस्कान थी। अमजद को देखकर उसने बहुत मुश्किल से बोलना शुरू किया और महज इतना ही कहा: कुछ नहीं उगलवा सके कि ये कुत्ते मेरे मुंह से

सरमद के मुंह से ये बात सुनकर अमजद के चेहरे पर भी एक विजयी मुस्कान आ गई थी। वह आगे बढ़कर सरमद को गले लगाना चाहता था मगर अफसोस कि अपनी कुर्सी से उठने के लायक नहीं था वह . अब अमजद ने नीचे गिरे हुए व्यक्ति को देखा जो अब तक औंधे मुंह पड़ा था अमजद ने ध्यान से उसका निरीक्षण किया तो उसे भी पहचान लिया, यह काशफ था, मगर उसकी हालत बहुत बुरी थी। कर्नल इरफ़ान ने उस पर टारचर के पहाड़ तोड़ दिए थे, अमजद की नजर जब काशफ के पैर पर पड़ी तो उसके होश फाख्ता हो गए, उसकी टांग पर बहुत ज्यादा खून जमा हुआ था और अब भी थोड़ा सा खून उसकी टांग से रिस रहा था । उसके साथ कर्नल इरफ़ान खड़ा था जिसके चेहरे पर दुख और गुस्से के स्पष्ट संकेत देखे जा सकते थे।उसको शायद अपनी विफलता का गुस्सा था कि इन तीनों में से किसी से भी वह यह नहीं उगलवा सका था कि आखिर मेजर राज और समीरा इस समय कहाँ है? कर्नल इरफ़ान के साथ 2 लोग और थे मगर इस बार वह हंटर वाली हसीना कर्नल के साथ नहीं थी . कमरे की रोशनी अब कर्नल इरफ़ान के कहने पर ऑन कर दी गई थीं। रोशनी ऑन होने के बाद अमजद ने अब फिर काशफ को देखा तो पता चला कि आखिर काशफ के साथ हुआ क्या है। उसकी टांग में ड्रिल मशीन के माध्यम से छेद किया गया था। उसने अपना दाहिना पैर फ़ोल्ड कर के रखा था जबकि बाएं पैर को वह धीरे धीरे जमीन पर मार रहा था। मगर उसका बाकी पूरा शरीर सुन्न था, उसका चेहरा नीला हो रहा था और उसके कपड़े फटे हुए थे। काशफ की यह हालत देखकर अमजद की आँखों में खून उतर आया था। उसका बस नहीं चल रहा था कि वह अब अपनी जगह से उठे और कर्नल इरफ़ान के टकड़ टुकड़े कर डाले ...... मगर अफसोस कि वह इस समय कुछ नहीं कर सकता था। कर्नल इरफ़ान के साथ आए बाकी दो लोगों ने अब काशफ को जमीन से उठाया और अमजद के साथ एक और कुर्सी पर बिठा दिया जबकि सरमद अब तक खड़ा था मगर वह रस्सियों में जकड़ा हुआ था वह अपनी मर्जी से ज़्यादा हरकत नहीं कर सकता था सिवाय छोटे छोटे कदमों के साथ धीरे धीरे चलना। इसलिए कर्नल इरफ़ान को उससे कोई खास खतरा महसूस नहीं हो रहा था। 



कर्नल इरफ़ान ने अभी अमजद से कहा और बोला यह अपने दोस्त की हालत देख रहे हो ??? मुझे सब कुछ सच सच बता दो कि मेजर राज इस समय कहाँ है अन्यथा। । । । । । । । इससे पहले कि कर्नल इरफ़ान का वाक्य पूरा होता अमजद ने एक जोरदार व्यंग्य का ठहाका लगाया तो कर्नल इरफ़ान कुछ गुस्से और कुछ आश्चर्य मिश्रित प्रतिक्रिया के साथ उसे देखने लगा। अमजद बोला कर्नल किस को डरा रहे हो? मेरे दोस्त की हालत तुम्हारे सामने है, जब वह तुम्हारा बर्बर अत्याचार सहन कर गया और आप उससे कुछ न उगलवा सके तो तुम्हें ऐसा क्यों लगता है कि मैं तुम्हारे अत्याचार को सहन नहीं कर पाउन्गा और तुम्हें कुछ बताउन्गा ....

अमजद की बात सुनकर उसके साथ खड़े सरमद ने भी एक ठहाका लगाया और कुर्सी पर बैठे काशफ ने भी अपनी धीमी और पीड़ा से भरपूर आवाज में एक व्यंग्य का ठहाका लगाया। तीनों को यूँ ठहाके लगाते देखकर कर्नल इरफ़ान को अपना अपमान महसूस हो रहा था . वह सोच भी नहीं सकता था कि काशफ को इस हालत में देखने के बाद भी अमजद में हिम्मत बाकी रहेगी, उसका विचार था कि अमजद सब कुछ उगल देगा काशफ की ये हालत देखकर। मगर यहां तो मामला ही उलट था, वह तीनों तो एक दूसरे को देखकर खुश हो गए थे और उनमें पहले सा साहस आ चुका था, और तो और काशफ जिसके पैर में कर्नल इरफ़ान छेद कर चुका था और उसमे बोलने तक की हिम्मत नहीं थी उसका चेहरा नीला हो रहा था और उसके शरीर से खून निचोड़ लिया गया था वह भी व्यंग्य के ठहाके लगा रहा था

कर्नल इरफ़ान के लिए इससे अधिक अपमान वाली बात और कोई नहीं थी उसने अपनी पिस्टल निकाली और उसका सुरक्षा लॉक खोल कर उसका रुख अमजद की ओर कर दिया और बोला तुम्हारे पास मात्र 2 मिनट हैं मुझे मेजर राज के बारे में बताओ नहीं तो यह गोली तुम्हारी मौत बनकर आएगी। कर्नल इरफ़ान की बात सुनकर काशफ और सरमद तो हँसे ही थे अमजद ने भी ठहाका लगा दिया। काशफ बोला ये खड़ूस अब भी समझ रहा है कि हम मृत्यु से डरते हैं। फिर उसने बहुत मुश्किल से अपना चेहरा अमजद की ओर किया तो उसकी आंखों में आंसू थे। काशफ अमजद से माफी माँग रहा था कि वो कर्नल इरफ़ान का अत्याचार सहन नहीं कर सका तो उसने अपने बारे में सब कुछ बता दिया और सरमद का पता भी बता दिया मगर मेजर राज और समीरा कहां हैं यह उसने नहीं बताया। उसने सरमद की ओर भी देखा और माफी माँगी कि मैंने तुम्हारा पता बता दिया मगर सरमद की आंखों में एक अजीब सी चमक थी, उसे काशफ से कोई शिकायत नहीं थी उसने काशफ को आँखों ही आँखों में हौसला दिया और महज इतना बोला चिंता मत करो दोस्त। हमारी मंज़िल अब करीब है

कर्नल ने जब देखा कि उसकी धमकी का इन तीनों पर कोई असर नहीं हुआ बल्कि वह कर्नल को जवाब देने की बजाय में बातें कर रहे हैं तो उसका पारा और भी ऊँचा होगया, उसने पिस्टल का रुख अमजद के पैर की ओर किया और गोली मार दी। पिस्टल से निकली हुई गोली अमजद के पैर के मांस को चीरती हुई पीछे की दीवार में जा लगी और अमजद की एक जोरदार चीख से कमरा गूंज उठा। एक चीख मारने के बाद अमजद ने अपना मुंह सख्ती से बंद कर लिया था और दुख को सहन करने की कोशिश कर रहा था, मगर तमाम प्रयासों के बावजूद उसे अपनी टांग में ऐसा लग रहा था जैसे कोई चाकू के साथ लगातार उसके मांस को काट रहा हो। अब की बार काशफ और सरमद के चेहरे पर परेशानी के आसार देखे जा सकते थे। कर्नल इरफ़ान को अब ऐसा लगने लगा था जैसे इन तीनों में से कोई न कोई मेजर राज का पता उगल देगा। मगर कुछ देर इंतजार के बाद उसे अपने कानों की सुनवाई पर शक होने लगा जब उसके कानों में अमजद की हल्की-हल्की हंसी की आवाज सुनाई दी जो अब धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी। अमजद को हंसते देखकर काशफ और सरमद भी अब मुस्कुरा रहे थे। अमजद ने एक जोरदार ठहाका लगाया और उसके बाद गरजती हुई आवाज में बोला अबे ओए कर्नल ... तू क्या समझता है कि अत्याचार करके हमसे मेजर राज का पता मालूम कर लेगा क्या? अरे तू हमारी बोटी-बोटी कर दे तो भी तो हम तीनों में से किसी की ज़ुबान नहीं खुलवा सकता, यह जेहादियों का खून है जो वफ़ा भी है और जज़्बे जिहाद भी तेरी तरह के मुसलमान होते होंगे जो थोड़ा सा अत्याचार सह कर अपनी धरती के साथ विश्वासघात कर जाए। हम शहीद तो हो सकते हैं, लेकिन अपनी कॉम के साथ गद्दारी नहीं कर सकते, अबे ओ किन्नरों के कर्नल, अगर हिम्मत है तो यहाँ मेरे दिल में गोली मार और अगर मेरे दिल में गोली मारने के बाद भी तुझे मेरी आँखों में भय नज़र आ जाए तो मेरे शव को कुत्तों के आगे फेंक देना

अमजद की आँखों में इस समय अंगारे बरस रहे थे और वहाँ डर नाम की कोई चीज नहीं थी वहाँ केवल एक चीज की तमन्ना थी और वह थी शहादत। कर्नल इरफ़ान इस समय अपने आप को पूरी तरह से असहाय महसूस कर रहा था। उसने काशफ पर हर तरह के टॉर्चर से देख लिया था यहां तक कि उसको करंट भी लगाया था उसके पैर में छेद कर दिया मगर वह टस से मस न हुआ। सरमद के साथ भी उसने हर तरह का टॉर्चार आज़मा लिया था, उसका चेहरा उबलते पानी में डाल दिया था और पानी से चेहरा निकालते ही उसका चेहरा फिर से बर्फ जैसे ठंडे पानी में डाल दिया था। गर्म पानी के टॉर्चर का तो कोई भी इंसान सामना कर सकता है, लेकिन गर्म पानी के तुरंत बाद बर्फ जैसा ठंडा पानी सहना आम इंसान के बस की बात नहीं होती, मगर सरमद इस टॉर्चर के बाद भी कर्नल इरफ़ान को कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं था
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01-10-2019, 01:32 PM,
#77
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अमजद के शरीर को उसने कांटे लगे हंटर से छलनी कर दिया था, लेकिन वह कुछ नहीं बोला और अब उसकी टांग में गोली मारने के बाद भी वो पूरे उत्साह के साथ कर्नल को चुनौती दे रहा था कि गोली मारनी है तो सीने में दिल पर मारे। अमजद ने कर्नल इरफ़ान के सामने अब और कोई रास्ता नहीं छोड़ा था, वह पूरी तरह से निराश हो चुका था उन तीनों से। कर्नल ने अब अपनी पिस्टल का रुख अमजद के सीने की ओर किया और सरमद को संबोधित करके बोला, तुम्हारे पास आखिरी मौका है अमजद का जीवन बचाने का, अगर तुमने मेजर राज का पता बता दिया होगा तो अमजद की जान बच जाएगी। मगर सरमद ने मेजर राज का पता बताने की बजाय कर्नल इरफ़ान को कहा देर किस बात की है, इसी शहादत की मौत का तो हर जेहादी को इंतजार है, चला गोली और फिर देख शहीद चेहरे की मुस्कान

सरमद की इस बात के बाद अब कर्नल इरफ़ान इरादा कर चुका था उन तीनों को मौत के घाट उतारने का वह गोली चलाने ही वाला था कि उसके साथ खड़े सेना के जवान के हाथ में मौजूद कर्नल इरफ़ान के मोबाइल की घंटी बजी, कर्नल ने गुस्से के साथ उसको देखा जो फोन को एक कर्नल के पास ला रहा था, कर्नल ने गरजते हुए कहा बंद करो उसको वरना यही गोलीतुम्हारे सीने में उतार दूंगा। वह जवान वहीं रुक गया और काँपती हुई आवाज़ में बोला सर बीबीजी का फोन है। । कर्नल के चेहरे पर चिंता के संकेत दिखे और उसने तुरंत उस सैनिक से फोन पकड़ लिया और बोला हां बेटा सब कुशल तो है ना? यह पूछ कर कर्नल इरफ़ान शांत हुआ मगर अमजद देख रहा था कि कर्नल के चेहरे पर परेशानी के आसार बढ़ते जा रहे थे और उसके माथे पर पसीने की बूँदें दिखाई देना शुरू हो गई थी . अब कर्नल इरफ़ान बोला तो उसकी आवाज कांप रही थी और वह पहले से कहीं अधिक बेबस दिखाई दे रहा था। कर्नल इरफ़ान फोन पर काँपती आवाज़ में कह रहा था "देखें। त्त त तुम ऐसा न न नहीं कर सकते"। । । । । । ।


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समुद्र तट पर अंजलि लोकाटी के साथ समुद्र की लहरों के साथ साथ चल रही थी। अंजलि ने वहां फिरने वाली बाकी सभी लड़कियों की तरह सिर्फ ब्रा और पैन्टी पहन रखी थी जबकि पैन्टी के ऊपर उसने एक ठीक जाली का छोटा सा रूमाल इस तरह बांध रखा था कि वह कपड़ा अंजलि के चूतड़ों को पूरी तरह से और सामने उसकी चूत को छुपा रहा था जबकि उसकी वायर्ड नरम और मुलायम पैर पूरी तरह से नग्न थे . समुद्र की इस साइड पर विशिष्ट लोगों को ही आने की अनुमति थी यहां ज्यादातर उच्च वर्ग की लड़कियों या फिर विदेशी यूरोपीय और अमेरिकी लोगों को ही आने की अनुमति थी। और यही वजह थी कि यहां फिरने वाली हर लड़की ब्रा और पैन्टी पहने हुए थी या फिर जो पाकिस्तानी लड़कियां थीं उन्होंने अंजलि की तरह पैन्टी के ऊपर कोई कपड़ा बांध रखा था या फिर छोटी छोटी निक्कर पहन रखी थी जो शायद उनके चूतड़ों के उभारों को ही छिपाती थी बाकी गोरी जांघे निमंत्रण देती थी। लोकाटी भी बड़ी शान के साथ अंजलि के साथ चल रहा था। वो आस पास से गुजरकर थोड़ा अधेड़ उम्र के जोड़े की ओर गर्व से देखता। क्योंकि इस उम्र में भी उसके साथ में एक 20 वर्षीय किशोर सेक्सी हसीना थी जबकि बाकी जो उसके हमउम्र या आधी उम्र के भी पुरुष मौजूद थे उनके साथ मध्यम आयु और लुढ़के हुए शरीरों वाली औरतें थीं। केवल युवा लड़कों के साथ ही युवा लड़कियां थीं या फिर एक ही था लोकाटी की उम्र का वो लोकाटी ही था जिसके पहलू में एक परमाणु बम मौजूद था जो अपने सारे हुश्न के साथ समुद्र में मौजूद जवान लड़के और पुरुष तो एक तरफ बुजुर्ग के लोड़ों में भी जान पैदा कर रही थी। 



लोकाटी का एक हाथ अंजलि की चिकनी कमर पर था और उसने कस कर अंजलि को पकड़ रखा था जैसे उसे डर हो कि अंजलि को कोई मनचला युवक न ले उड़े। जबकि अंजलि अब लोकाटी के साथ काफी बोर हो चुकी थी। रात 2 बार लोकाटी से चूत मरवाने के बाद सुबह भी लोकाटी ने उठते ही अपना तना हुआ लंड एक बार फिर से अंजलि की चूत में डाल कर उसे खूब चोदा था। और उसके साथ ही अंजलि ने लोकाटी से कुछ और काम की बातें उगलवा ली थीं। अब वह किसी तरह लोकाटी से जान छुड़ाना चाह रही थी। मगर लोकाटी तो अंजलि को अपने साथ इंडिया लेजाने की सोच रहा था, उसने पाकिस्तान में मौजूद अपने कुछ विशिष्ट दोस्तों को कहलवा दिया था कि वह अंजलि के लिए जाली पासपोर्ट तैयार करें ताकि आज रात इंडिया जाते हुए वो हुश्न की इस देवी को अपने साथ इंडिया ले जा सके। रात जब अंजलि इमरान को अपने अपार्टमेंट से निकालने के बाद फिर लोकाटी के साथ बेड पर लेटी तो तब अंजलि ने लोकाटी को बताया था कि वह उसके साथ इंडिया नहीं जा सकती क्योंकि उसका पासपोर्ट नहीं बना हुआ और न ही यहाँ उसके पास राशन कार्ड या आई एसडी कार्ड है जिससे उसकी पहचान हो सके। मगर लोकाटी को इन बातों की चिंता नहीं थी, पाकिस्तान और इंडिया में उसके ऐसे परिचित लोग थे जो महज कुछ घंटों में नकली पासपोर्ट बना सकते थे और लोकाटी ने सुबह होते ही पाकिस्तान में मौजूद अपने एजेंट को पासपोर्ट बनवाने का कह दिया था और अंजलि को भी इस बारे में पता था, लेकिन वह लोकाटी के साथ अभी तंग आ चुकी थी 

हालाँकि लोकाटी ने अंजलि की चूत के साथ खूब मजे किए थे और कहीं न कहीं अंजलि ने भी चुदाई का मज़ा लिया था मगर चुदाई के अलावा लोकाटी में और कोई विशेष बात नहीं थी वह एक बूढ़ा और सूखी तबीयत रखने वाला आदमी था जबकि अंजलि शोख़ और चंचल एक युवा हसीना थी जो अपने किसी हमउम्र या फिर चंचल मर्द के साथ समय बिताना चाहती थी। मगर उसे जो पुरुष पसंद आ रहा था उसके साथ अंजलि की बजाय राफिया मौजूद थी। अंजलि उत्सुकता से इमरान और राफिया का इंतजार कर रही थी क्योंकि इमरान ने उसे बीच पर आने के लिए कहा था। अंजलि का यह इंतजार जल्द ही खत्म हो गया जब उसे दूर से इमरान और राफिया आते दिखाई दिए। इमरान ने महज एक छोटी हाफ़पेंट पहन रखी थी जो शायद उसके घुटनों तक थी, जबकि ऊपर से शर्ट नाम की कोई चीज इमरान के शरीर में मौजूद नहीं थी और उसका मांसल शरीर बीच पर सभी युवा लड़कियों को आकर्षित कर रहा था। राफिया भी बाकी लड़कियों की तरह एक छोटी सी पैंटी पहने इमरान के साथ थी जबकि ब्रा के ऊपर से राफिया ने एक हल्की सी नेट शर्ट पहन रखी थी जिसके पार राफिया का लाल रंग का ब्रा नज़र आ रहा था

कुछ ही देर बाद राफिया और इमरान अंजलि के पास पहुंच चुके थे, लोकाटी भी राफिया को देखकर खुश हुआ और उसे दिखाने के लिए अब की बार उसने अंजलि को अपने और भी करीब कर लिया था वह दिखाना चाहता था कि उसने बुढ़ापे में भी राफिया की दोस्त कैसे पटा लिया और अब वह उसकी प्रेमिका बनकर उसके साथ समुद्र तट की सैर कर रही थी। इमरान की नजर अंजली के उदास चेहरे पर पड़ी तो वह भी समझ गया कि बेचारी बुढ्ढे के साथ रात बिताने से काफी तंग है, इमरान ने आगे बढ़कर अंजलि और लोकाटी से हाथ मिलाया जबकि राफिया और अंजलि गले मिली और अरबी शैली में एक दूसरे के गाल भी चूमे। जबकि राफिया ने लोकाटी के साथ हाथ मिलाया, लोकाटी की टकटकी राफिया की शर्ट के पीछेउसके लाल ब्रा में थी, उसने नीचे से ऊपर तक राफिया के सुंदर शरीर की समीक्षा की और दिल ही दिल में यह इच्छा जताई कि काश राफिया और अंजलि दोनों उसके नीचे आ जाएँ और वो दोनों की जी भर कर चुदाई कर दे। कुछ देर चारों इधर उधर की बातें करते रहे, इस दौरान लोकाटी ने राफिया को बताया कि तुम्हारी दोस्त को इंडिया जाने का बहुत शौक है आज रात की फ्लाइट से यह मेरे साथ इंडिया जा रही है। यह सुनकर इमरान ने थोड़ा आश्चर्य के साथ अंजलि को देखा कि यह क्या नई फिल्म है मगर अंजलि ने किसी भी प्रकार का कोई रिएक्शन नहीं दिया। इसी दौरान राफिया ने अंजलि को बताया कि हम अभी वाटर स्कूटर पर समुद्र की सैर करके आए हैं बहुत मज़ा आया। वाटर स्कूटर का नाम सुनते ही अंजलि की आंखें खुल गईं उसको भी बहुत शौक था वाटर स्कूटर का और वह इसमें काफी विशेषज्ञ भी थी

उसके मन में उत्साह और लोकाटी से जान छुड़ाने का आइडिया आया, उसने तुरंत लोकाटी से कहा चलो डार्लिंग हम भी वाटर स्कूटर का आनंद लें ...मगर लोकाटी की उम्र इसकी अनुमति नहीं देती थी वह स्कूटर चला सके और पानी में जाने का जोखिम ले सके, उसने तुरंत ही अंजलि को कहा नहीं नहीं खतरनाक है, मैं यह काम नहीं कर सकता, अंजलि ने एक बार फिर उसे कहा कि कुछ नहीं होता प्लीज़ चलो ना मुझे बहुत शौक है ...मगर लोकाटी भला ऐसा जोखिम कैसे ले सकता था इस उम्र में उसने सख्ती से अंजलि को मना किया तो अंजलि ने कहा ठीक है फिर इमरान के साथ चली जाती हूँ। इमरान ने भी तुरंत हामी भर ली वह तो पहले ही अंजलि का सेक्सी बदन देख कर उसके पास होना चाह रहा था और कल रात तो उसने अंजलि के बड़े मम्मे देख लिए थे जब वह अपनी चूत में लोकाटी के लंड को लेकर उछल उछल कर अपनी चुदाई करवा रही थी। अंजलि तुरंत इमरान की ओर बढ़ी और उसका हाथ पकड़ कर उसी ओर चल पड़ी जिस तरफ से इमरान और राफिया आए थे, इमरान भी तुरंत अंजलि को साथ लिए दूसरी ओर चल पड़ा। राफिया को हालांकि ये बात बुरी लगी क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि इमरान एक और लड़की के साथ हो, खासकर जब लड़की भी राफिया की तरह सेक्सी और जवान हो। मगर वह कुछ नहीं बोली क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि कोई उसे संकीर्ण होने का ताना दे


राफिया से कुछ दूर जाते ही मेजर राज ने समीरा को संबोधित किया और बोला कोई विशेष बात पता लगी? तो समीरा ने उसे बताया कि हाँ, बहुत जल्द इंडिया में कोई बड़ा आतंकवादी हमला होने वाला है जिसमें लोकाटी हाथ होगा और यह किसी ऐतिहासिक इमारत को निशाना बनाना चाहते हैं लेकिन यह पता नहीं चल सका कि वह कौन-सी इमारत हो सकती है। उसके बाद इंडिया विरोधी आंदोलन जोर पकड़ जाएगा, और उन्हीं दिनों में पाकिस्तान की मशहूर अभिनेत्री इंडिया जाएगी और वहां उसकी एक फिल्म रिलीज की जाएगी। यह फिल्म विशेष रूप से कश्मीर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी और उसमें भी यही दिखाया जाएगा कि उस प्रांत में लोगों को इंडियन सरकार की ओर से अधिकार नहीं दिए जा रहे, यह फिल्म कश्मीर के सीधे साधे लोगों के दिलों में इंडिया के लिए अधिक नफरत पैदा करेगी और फिर कोई उचित मौका देखकर इस लोकाटी ने इंडिया से अलग होने की घोषणा कर देना है। और पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर में अपना नियंत्रण संभालना है।हालात काफी खराब हैं
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01-10-2019, 01:32 PM,
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RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
यह सब बातें सुनकर एक पल के लिए मेजर राज के माथे पर पसीने आए, मगर उसने बहुत जल्दी खुद पर नियंत्रण किया और अपने दिमाग़ के तनाव को बहाल करते हुए बोला पाकिस्तानी साजिश कभी सफल नहीं होगी, हम अपनी जान पर खेलकर इस साजिश को असफल बनाएंगे। फिर मेजर राज ने पूछा यह भारत जाने वाली बात जो लोकाटी ने कही क्या यह सही है ?? 

राफिया ने कहा कि हां रात को रहस्य उगलवाने के लिए उससे प्यार का इज़हार किया था और कहा था कि मैं तुमसे शादी करना चाहती हूँ और इंडिया देखना चाहती हूँ तो वह बुड्ढा ठरकी पागल हो गया है और मुझे साथ ले जाने के लिए उसने सभी प्रबंध कर लिए हैं। आज शाम उसकी स्पेशल फ्लाइट है। मगर मैं नहीं जाउन्गी उसके साथ मैं यहीं से गायब हो जाउन्गी इस पर मेजर राज ने समीरा को कहा कि नहीं तुम जाओ उसके साथ। उसको तुम पर भरोसा है और जो हालात बन रहे हैं पल पल की खबर मुझ तक पहुँचनी चाहिए। उसके लिए एक विश्वसनीय साथी का होना ज़रूरी है जो लोकाटी के साथ रहे। वैसे भी वह तुम्हारे शरीर का दीवाना हो गया है तो उसका फायदा उठाओ, उसके साथ इंडिया जाओ, मैं भी 2 दिन में इंडिया आ जाउन्गा और फिर इस लोकाटी की व्यवस्था करते हैं मिलकर . समीरा ने इमरान को देखा और बोली चलो ठीक है तुम कहते हो तो चली जाती हूँ, लेकिन अमजद भाई बुरा न मान जाए कि उनसे पूछे बिना इंडिया चली गई। मेजर राज ने कहा उसकी चिंता तुम मत करो, वह समझदार व्यक्ति है बल्कि उसको खुशी होगी कि तुम हमारे वतन के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रही हो, वह समझ जाएगा। तुम बस आज शाम लोकाटी के साथ इंडिया जाओ और मुझे पल पल की खबर दो

इस दौरान मेजर राज उस जगह पहुंच चुका था जहां वाटर स्कूटर उपलब्ध थे। राज ने एक स्कूटर हायर किया और लाइफ जैकेट लेकर समीरा को दी मगर उसने पहनने से इनकार कर दिया और बोली उसकी जरूरत नहीं हम ऐसे ही वाटर स्कूटर एंजाय करेंगे। राज ने समीरा को फिर लाइफ जैकेट पहनने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया और बोली में ये पहली बार नहीं कर रही मुझे उसका अनुभव है तुम चिंता ना करो। यह कह कर वह वाटर स्कूटर के पास चली गई, मेजर राज भी वाटर स्कूटर के पास गया और उस पर बैठने लगा तो समीरा ने उसको मना कर दिया और बोली तुम मेरे पीछे बैठो स्कूटर मैं चलाउन्गि मेजर राज ने उसे हैरानी से देखा और बोला क्या तुम्हें यकीन है कि तुम यह कर सकती हो? समीरा ने इठलाते हुए राज की ओर देखा और बोली अब तुम समीरा की क्षमताओं से परिचित नहीं। इस पर राज ने मुस्कुराते हुए कहा नहीं तुम्हारा कौशल तो रात अपनी आँखों से देख चुका हूँ, यह कहते हुए राज की नजरें समीरा के मम्मों पर थीं जो उसके बदन पर मौजूद ब्रा मे से बहुत सुंदर क्लिवेज बना रहे थे। राज की दृष्टि से समीरा भी समझ गई थी कि राज क्या बात कर रहा है लेकिन उसने बुरा मानने की बजाय राज को कहा देख लो तो तुम्हें कितने काम की जानकारी भी तो दी हैं ना अपने कौशल की बदौलत

समीरा अब वाटर स्कूटर पर बैठ चुकी थी जबकि मेजर राज उसके पीछे बैठकर अपने हाथ उसकी टांगों पर रख चुका था। समीरा के पैरों पर हाथ रखते ही मेजर राज को एक झटका लगा था, समीरा की जांघे रूई की तरह नरम और मुलायम थीं और उनकी गर्मी से राज के हाथ जलने लगे थे। स्कूटर स्टार्ट था और पानी वहाँ इतना था कि समीरा उसको बा आसानी दौड़ देकर कुछ गहरे पानी में ले गई और एक ओर तेजी से स्कूटर की गति बढ़ाने लगी। उसने मेजर राज का एक हाथ अपनी टांग से उठा कर अपनी पीठ पर रख लिया था और पीछे मुंह करके राज को बोली कि संभलकर बैठो कहीं गिर ही ना जाना। यह कह कर समीरा ने स्कूटर की गति में वृद्धि कर दिया था। राज ने भी समीरा को कसर कर पकड़ लिया था और उसका हाथ समीरा के मम्मों से थोड़ा नीचे पेट और सीने के मिलान पर था और राज पहले की तुलना में समीरा के और पास होकर बैठ गया था, उसकी नज़रों के सामने समीरा की नग्न कमर थी जिस पर सिर्फ ब्रा की डोरी थी जिसको समीरा ने कमर पर बांध रखा था जबकि नीचे चूतड़ों तक जहां समीरा की सेक्सी कमर राज के दिल में हलचल पैदा कर रही थी। समीरा एक विशेषज्ञ ड्राइवर की तरह वाटर स्कूटर चला रही थी, राज को अंदाज़ा हो गया था कि उसने वाटर स्कूटर की ट्रेनिंग ले रखी है

मेजर राज अब समीरा के साथ जुड़कर बैठा था क्योंकि स्कूटर की गति बहुत अधिक थी और वह पानी में उछलता हुआ झटके खाता आगे की ओर बढ़ रहा था जबकि समीरा भी स्कूटर पानी में उछालने के लिए तरंगों का सहारा ले रही थी। समीरा का स्कूटर वहां पर मौजूद अन्य लोगों की तुलना में अधिक गहरे पानी में था क्योंकि वह इस काम में माहिर थी ... और उसकी गति भी बाकी लोगों से अधिक थी। मेजर राज काफी देर से समीरा के पेट पर अपना हाथ रखकर बैठा था जिसकी वजह से उसकी हाफ़ पेंट में लंड ने सिर उठाना शुरू कर दिया था और अब उसका लंड समीरा की कमर के साथ टच कर रहा था, लेकिन वह अब तक पूरे जोबन पर नहीं था ... मगर समीरा अपनी कमर पर एक सख्त चीज़ को महसूस कर रही थी और वह जानती थी कि यह राज का लंड है जो समीरा की नग्न कमर और सेक्सी बदन की वजह से खड़ा हो रहा है। समीरा ने अब एक लंबा मोड़ काटा और वाटर स्कूटर को वापसी के लिए मोड़ने लगी। ये मोड़ तेज गति से काटा गया था और काफी खतरनाक था, एक पल के लिए मेजर राज को लगा कि स्कूटर अपना संतुलन खो देगा और दोनो पानी में गिर जाएंगे जिसकी वजह से मेजर राज समीरा के और भी करीब हो गया और उसको कस कर पकड़ लिया था मगर समीरा ने काफ़ी कौशल के साथ मोड़ काट लिया था और वह अब वापसी पर जा रही थी। मगर मेजर राज का लंड अब फुल जोबन पर आ चुका था और समीरा की कमर में छेद करके उसमें घुसने की कोशिश कर रहा था। मेजर के मन में कहीं न कहीं यह विचार था कि पता नहीं समीरा क्या सोचेगी उसके बारे में और वह अपने लंड को बिठाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन ऐसा संभव नहीं था कि एक सेक्सी लड़की से कोई आदमी इतना चिपट कर बैठे और उसका लंड सिर न उठाए। अब समीरा की सहनशक्ति भी जवाद दे रही थी, राज की बॉडी देख कर उसका नाज़ुक दिल किया था उसकी बाहों में सिमटने, और इससे पहले जब डांस क्लब में समीरा मेजर राज की गोद में बैठी थी और उसको अपने चूतड़ों के नीचे राज के शक्तिशाली लंड का अहसास लगा था तब से उसकी इच्छा थी ऐसे मस्त लंड की सवारी करने के लिए, और अब तो वही लंड काफी देर से उसकी पीठ से लगा हुआ था
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01-10-2019, 01:32 PM,
#79
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
समीरा के लिए अब मुश्किल हो रहा था अपने ऊपर नियंत्रण करना और उसकी शर्म भी समाप्त हो चुकी थी राज से वो कल रात ही तो इमरान की आँखों के सामने लोकाटी के लंड की सवारी कर रही थी। अंततः समीरा के सब्र का पैमाना भर गया तो उसने वाटर स्कूटर चलाते चलाते थोड़ा खड़ी होकर अपने चूतड़ ऊपर उठाए और पीछे होकर फिर से इस तरह बैठ गयी कि मेजर राज का लंड अब समीरा की गाण्ड के नीचे था। राज के लिए समीरा की ये हरकत आश्चर्यजनक नहीं थी क्योंकि वह भी महसूस कर रहा था कि समीरा का शरीर लगातार गर्म हो रहा था और वो थोड़ी थोड़ी देर बाद अपनी कमर को पीछे धकेल कर अपनी ओर से अप्रत्यक्ष तरीके के साथ लंड के साथ रगड़ती थी, मगर राज उसकी उत्सुकता को समझ रहा था और अब जो समीरा ने अपनी गाण्ड उठा कर राज के लंड पर रख दी थी तो राज ने भी अपना एक हाथ समीरा की थाई पर फेरना शुरू कर दिया था और उसका हाथ जो पेट पर था वह थोड़ा ऊपर सरक गया था और समीरा के मम्मों के नीचे से छूने लगा था


समीरा अभी भी कौशल के साथ वाटर स्कूटर चला रही थी और उसकी कोशिश थी कि वो दूसरे लोगों से दूर रहकर ही चला रहे थे और अब वह धीरे धीरे अपनी गाण्ड को राज के लंड के ऊपर रगड़ रही थी जिससे राज को विश्वास हो गया था कि समीरा की चूत राज के लंड के लिए बेताब है लेकिन समीरा को चोदने के लिए मौका कैसे बनाया जाए, जबकि रफिया भी साथ है उसकी समझ मे नहीं आ रही थी। वह खुद भी समीरा की चूत में अपना लंड फंसाने के लिए बेताब था और अब तो समीरा ने अपनी गाण्ड खुद से राज के लंड पर रख कर उसको खुला निमंत्रण दे डाली थी कि मुझे चोद दो .... लेकिन कैसे ??? ये राज को समझ नहीं आ रही थी जबकि उसके पास अब समय भी कम था कुछ ही घंटे बाद उसे लोकाटी के साथ इंडिया रवाना होना था। ऐसे में असंभव था उसे समीरा को चोदने का कोई मौका मिले। इसलिए उसने उसी को सही माना कि जब तक स्कूटर पर हैं समीरा के मम्मों को ही मज़ा ले लिया जाए। यह सोच कर राज ने बिना हिचक अपना हाथ जो पहले समीरा के मम्मों के नीचे हल्का सा छू रहा था वह उठाकर समीरा के मम्मे पर रख दिया और उसे जोर से दबा दिया। मेजर राज की इस हरकत से समीरा के मुंह से एक सिसकी निकली और साथ ही उसने अपनी गाण्ड को जोर से राज के लंड के और भी करीब कर दिया। अब राज ने अपना दूसरा हाथ जो समीरा की थायज़ को सहला रहा था उठा कर उसकी चूत के साथ ले आया और उसकी टांग पर धीरे धीरे मालिश करने लगा। समीरा ने स्कूटर की गति अभी बहुत धीमी कर दी थी क्योंकि अब उसका सारा ध्यान सैक्स की ओर था


समीरा लगातार अपनी गाण्ड को राज के लंड पर मसल रही थी जबकि राज अपने एक हाथ से समीरा के मम्मे को जोर से दबा रहा था और साथ ही समीरा की गर्दन पर अपने होठों से प्यार कर रहा था जिससे समीरा की बेताबी बढ़ रही था। और उसका शरीर जलने लगा था। उस पर सितम राज का हाथ जो समीरा की चूत के बिल्कुल साथ उसकी टांग के भीतरी भाग की मालिश कर रहा था अब धीरे धीरे सरकता हुआ समीरा की चूत पर आ चुका था। समीरा की सिसकियों में काफी हद तक उन्माद बढ़ चुका था और उसकी चूत गीली हो रही थी जबकि राज का लंड भी समीरा की गाण्ड पर अपना दबाव बढ़ा रहा था। वाटर स्कूटर जब पानी पर उछलता और हवा में हल्का सा ऊंचा होता तो संतुलन बनाए रखने के लिए समीरा स्कूटर से थोड़ा ऊपर उठती और वापस राज के लंड अपनी गाण्ड रख देती। दोनों इस स्थिति को बहुत अधिक एंजाय कर रहे थे।अब फिर से समीरा ने वाटर स्कूटर मोड़ा और अब की बार राज ने अपने दोनों हाथ समीरा के 36 आकार के गोल और कसे हुए मम्मों पर रख कर उन्हें जोर से पकड़ लिया, जबकि समीरा ने भी अपनी गाण्ड राज के लंड पर जमा दी थी। वाटर स्कूटर का रुख दूसरी ओर मोड़ने के बाद एक बार फिर समीरा ने मेजर राज के लंड पर वाटर स्कूटर के हचकोलों के साथ उछलना शुरू कर दिया और मेजर राज का एक हाथ फिर से समीरा की चूत को सहलाने लगा, जबकि दूसरे हाथ से वह लगातार समीरा के मम्मों को दबा कर मजे ले रहा था


कुछ देर इसी तरह मज़े लेने के बाद अब समीरा मेजर राज लंड उठी और आगे होकर बैठ गई, आगे होकर समीरा ने मेजर राज को कहा वह भी थोड़ा आगे हो, इस दौरान समीरा ने वाटर स्कूटर की गति बहुत धीमी कर दी थी । जब मेजर राज एक बार फिर अपने लंड को समीरा कमर से लगा कर बैठ गया और अपना हाथ समीरा की चूत पर रख दिया तो समीरा ने उसका हाथ पकड़ कर वहां से हटा दिया और बोली कि अब तुम पीछे बैठ कर वाटर स्कूटर का हैंडल नियंत्रण करो। राज ने कहा अब क्या हो गया? ड्राइव अभी तुम्ही करो .


मगर समीरा ने जोर देकर कहा कि अब मेजर राज वाटर स्कूटर को नियंत्रण करे तो मेजर राज ने न चाहते हुए भी अपना हाथ समीरा के मम्मों से हटाया और दोनों हाथों से वाटर स्कूटर का हैंडल पकड़ लिया, फिर समीरा जो वाटर स्कूटर पर राज के आगे बैठी थी अपनी जगह पर खड़ी हो गई। खड़ी होकर समीरा ने अपने दोनों हाथ खोलकर हवा में लहराए, उसके बाल अब हवा में उड़ रहे थे और वह मुंह ऊपर करके ठंडी हवा का मज़ा ले रही थी। मगर राज का चेहरा अब समीरा की गाण्ड के ठीक सामने था जिस पर समीरा ने एक छोटा सा रूमाल बांध रखा था। मेजर राज थोड़ी थोड़ी देर के बाद अपना चेहरा साइड पर कर के सामने देख रहा था कि कोई और स्कूटर तो नहीं आ रहा और उसके बाद फिर से अपना चेहरा समीरा की गाण्ड के ऐन बीच में ले आता। अब वह सोच ही रहा था कि समीरा की गाण्ड से छेड़छाड़ की जाए कि समीरा ने अपने दोनों हाथों से अपना रूमाल खोला और वह भी एक हाथ में पकड़ कर हवा में लहराने लगी। रूमाल खोला तो समीरा के गोरे गोरे मांस से भरे हुए चूतड़ मेजर राज आमंत्रित करने लगे। समीरा के चूतड़ों की लाईन काफी गहरी मालूम हो रही थी क्योंकि उसकी बॉडी के हिसाब से उसके चूतड़ों का आकार काफी बड़ा था जिससे उसकी गाण्ड बाहर निकली हुई थी। मगर राज समीरा के चूतड़ों की लाइन के अंदर नहीं देख सकता था क्योंकि समीरा ने पैन्टी भी पहन रखी थी जो समीरा की गाण्ड की रेखा के साथ उसके चूतड़ों के कुछ हिस्से को भी छुपा रही थी


समीरा जो अपने दोनों हाथ हवा में फैला ठंडी हवाओं का मज़ा ले रही थी अचानक उसको अपने चूतड़ों पर कुछ गीला गीला महसूस हुआ। ये मेजर राज की ज़ुबान थी जो अब समीरा के भरे हुए चूतड़ों को चूस रही थी समीरा ने भी उसे मना नहीं किया क्योंकि वो पहले से ही गर्म हो रही थी और यहाँ कोई विशेष देखने वाला व्यक्ति भी मौजूद नहीं था, अगर कोई होता भी तो ऐसी परेशानी वाली बात नहीं थी क्योंकि यहां पर जितने भी जोड़े आते हैं चाहे शादीशुदा हों या अविवाहित उनकी उद्देश्य समुद्र तट को एंजाय करने के बजाय चुदाई का ही होता है। समीरा ने अब अपने चूतड़ थोड़ा झुक कर पीछे की ओर निकाल दिए थे ताकि मेजर राज उनको अच्छी तरह चाट सके, मेजर राज भी कुछ पल चेहरा साइड से हटा कर सामने देखने के बाद अब फिर से समीरा के भरे हुए चूतड़ों को अपनी जीभ से चाट रहा था, उसकी कोशिश थी कि समीरा के चूतड़ों का मांस मुँह में लेकर उसको खा जाए, इसी कोशिश में राज के दांत के निशान समीरा के चूतड़ों पर पड़ते जा रहे थे। और समीरा की चूत अब ऐसे गीली थी जैसे कुछ ही देर में वह अपना पानी छोड़ने वाली हो


अब समीरा ने एकदम से राज का सिर पकड़ कर पीछे किया फिर से बैठ गया, वह अपना रूमाल जो उसने पैन्टी के ऊपर से बांध रखा था समुद्र के पानी में फेंक चुकी थी। लेकिन अब की बार समीरा के बैठने का अंदाज कुछ निराला था। वह अपने घुटने स्कूटर पर रखकर इस तरह बैठ गई कि उसके पैर पीछे की ओर फ़ोल्ड हो गये और उसने स्कूटर का हैंडल भी खुद संभाल लिया, वो अब डॉगी स्टाइल में स्कूटर पर बैठी थी और उसकी गाण्ड अब मेजर राज के बिल्कुल सामने थी जिसको वह दिल खोलकर चाट सकता था। जैसे ही समीरा ने स्कूटर का नियंत्रण संभाला और डागी स्टाइल मे स्कूटर पर बैठी, मेजर राज ने अपने हाथों से समीरा के चूतड़ों को पकड़ कर जोर से दबा दिया और उन पर जोर से काट लिया।जिससे समीरा की एक सिसकी निकली। फिर मेजर राज ने समीरा की पैन्टी को अपने हाथों से पकड़ा और एक ही झटके में नीचे कर दिया।समीरा की गाण्ड अब मेजर राज के सामने थी,
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01-10-2019, 01:32 PM,
#80
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
उसकी गाण्ड का छेद समीरा के चूतड़ों की लाइन में छिपा हुआ था मांस से भरे हुए चूतड़ आपस में मिले हुए थे जिसकी वजह से उसकी गाण्ड का छेद नजर नहीं आ रहा था, लेकिन मेजर राज ने उसके चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर खोल दिया और अपने हाथ की 2 उंगलियों गाण्ड की लाइन में फेरने लगा। इस दौरान उसकी उंगली समीरा की गाण्ड के छेद को छू गई जिससे समीरा की सिसकियाँ निकलने लगी और मेजर राज ने मौके का फायदा उठाते हुए अपना मुंह समीरा की गाण्ड में इस तरह रखा की उसका नाक और जीभ गाण्ड लाइन में गुम हो चुके थे। मेजर राज की ज़ुबान अब समीरा की गाण्ड के छेद में थी और वह वाटर स्कूटर उस क्षेत्र से दूर ले चुकी थी जहां बाकी के लोग स्कूटर चला रहे थे। मेजर राज समीरा को चूतड़ों से पकड़ कर लगातार उसकी गाण्ड चाट रहा था। समीरा की गाण्ड का स्वाद मेजर राज को बहुत अच्छा लग रहा था वह अधिक से अधिक प्रयास कर रहा था कि अपनी ज़ुबान समीरा की गाण्ड के छेद में फंसा सके। मगर उसकी गाण्ड का छेद बहुत तंग था, राज समझ गया था कि समीरा की गाण्ड अभी कुंवारी है किसी ने इसमें लंड डालने की हिम्मत नहीं की। शायद यही वजह थी कि उसको समीरा की गाण्ड चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था। जैसे-जैसे राज की ज़ुबान समीरा की गाण्ड की मालिश कर रही थी समीरा की मस्ती में वृद्धि होती जा रही थी। अब समीरा के शरीर में सुई चुभने लगी थीं और उसे लग रहा था कि उसकी चूत में आग ही आग है। कुछ देर और इसी तरह वाटर स्कूटर पर डॉगी बनकर गांड चटवाने के बाद समीरा के शरीर में झटके लगे और उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया जिससे वाटर स्कूटर की जगह जहां समीरा पहले बैठी थी गीली हो गई थी


समीरा कुछ देर इसी स्थिति में अपनी चूत से पानी निकलने का इंतजार करती रही, जब उसकी चूत ने सारा पानी निकाल दिया तो उसने गहरी साँस ली और राज ने भी उसकी गाण्ड से मुँह हटा कर उसकी पैन्टी पुनः ऊपर कर दी। समीरा भी फिर से वाटर स्कूटर पर सीधी होकर बैठ गई और स्कूटर का रुख फिर से वापसी की ओर मोड़ दिया। लेकिन अब की बार वह राज के लंड पर बैठना नहीं भूली थी क्योंकि वह जानती थी कि उसने अपनी गर्मी समाप्त कर ली मगर राज के लंड में अब गर्मी मौजूद है जो उसने निकालनी है। राज के लंड पर बैठकर समीरा ने पहले की तुलना में अधिक तेजी से उसके लंड पर अपनी गाण्ड को मसलना शुरू कर दिया था और वाटर स्कूटर की गति भी धीमी रखी थी ताकि वापस आने से पहले पहले वह राज के लंड पानी निकलवा सके।


राज को भी मज़ा आ रहा था उसने समीरा को कमर से पकड़ रखा था और खुद भी कोशिश कर रहा था कि अपना लंड उसकी गाण्ड में ज्यादा तेजी से मसल सके, मगर इतनी जल्दी उसके लंड पानी निकलना संभव नहीं था।अब कल रात ही तो उसने राफिया की जी भर कर चुदाई की थी तो कैसे संभव था कि इतनी जल्दी उसका लंड पानी छोड़ जाए। समीरा की सभी कोशिशों के बावजूद राज के लंड से पानी नहीं निकला ... मंजिल के करीब पहुंचने से पहले समीरा ने मुड़ कर राज को देखा और बोली तुम हुए नहीं फारिग अभी ??? मेजर राज ने मुस्कुरा कर समीरा से कहा यह इतनी जल्दी नहीं होगा। बस अब तुम वाटर स्कूटर वापस ले चलो, राफिया इंतजार कर रही होगी, उसे शक न हो जाए अब वापस चलते हैं। तुम आज लोकाटी के साथ इंडिया जाओ, मैं भी कुछ दिनों तक इंडिया लौटने की व्यवस्था कर लूंगा, तब वहाँ मेरी पानी निकासी तुम पर उधार रहेगी .


राज की बात सुनकर समीरा ने खुश होते हुए कहा कि यह बेहतर है ..... मगर ...... राज बोला मगर क्या? समीरा ने बुरा सा मुंह बनाते हुए कहा तब तक लोकाटी पता नहीं मेरे साथ क्या क्या करेगा ??? राज ने एक जोरदार ठहाका मारा और बोला वही करेगा जो इस समय में करना चाह रहा हूँ और वह क्या का सकता है तुम्हारे साथ ?? समीरा ने घबराते हुए कहा नहीं मेरा मतलब है अगर उसे पता लग गया मेरे बारे में कि मैं तुम्हारे लिए काम कर रही हूँ तो ?? राज ने आश्वस्त स्वर में कहा मुझे तुम्हारी बुद्धि पर पूरा विश्वास हो तुम ऐसा कोई काम नहीं करोगी जिससे उसे तुम पर शक हो। इतनी देर में समीरा और राज वापस उसबिंदु पर पहुंच चुके थे जहां से उन्होंने वाटर स्कूटर लिया था। कुछ ही दूर राफिया और लोकाटी भी मौजूद थे जो न जाने किस बारे में बात कर रहे थे। राज ने समीरा को स्कूटर से उतरने में मदद की और दोनों राफिया की ओर जाने लगे। राफिया की नज़र समीरा पर पड़ी तो एक पल के लिए वह सटपटा गई, उसकी नजरें राफिया के नीचे यानी उसकी चूत पर थीं जहां यह केवल एक पैन्टी दिख रही थी जबकि जाते हुए पैन्टी के ऊपर से उसने एक रूमाल भी बांध रखा था । राफिया सारा माजरा समझ गई थी और दिल ही दिल में समीरा को बुरा भला कह रही थी। मगर मरती क्या न करती उसको ये बात व्यक्त किए बिना खुश दिली से समीरा और राज को वेलकम कहना पड़ा। लोकाटी ने समीरा को पैन्टी में देखा तो उसने आगे बढ़कर समीरा को गले लगाया और उसके चूतड़ पकड़ कर दबाते हुए बोला डार्लिंग तुम तो बहुत सेक्सी लग रही हो मुझे डर है यहीं तुम मेरे लंड का पानी निकाल दोगी यह बात लोकाटी ने धीरे से की थी। समीरा ने भी धीरे से जवाब दिया चिंता नहीं करो, भारत पहुंचते ही तुम्हारे लंड की सवारी करके अपना पानी निकल्वाउन्गी .


लोकाटी समीरा की यह बात सुनकर खुश हो गया और बोला चलो फिर हम चलते हैं अभी चलने की तैयारी भी करनी है। समीरा ने पूछा कब तक निकलना है इधर से तो लोकाटी ने कहा बस 4 बजे तक यहां से हेलीकाप्टर पर निकलेंगे जो हमें एयरपोर्ट पहुंचा देगा और वहां से फिर हमारी फ्लाइट होगी 5 बजे। समीरा ने कहा अभी तो बहुत समय है, तुम ऐसा करो वापस जाकर अपनी तैयारी करो मैं कुछ समय राफिया के साथ गुजार लूँ, मुझे तैयार होने में अधिक समय नहीं लगेगा। लोकाटी ने कहा चलो जैसे तुम्हारी इच्छा। लेकिन कोशिश करना जल्दी होटल पहुंचने की ताकि हम समय पर वहाँ से निकल सकें। समीरा ने कहा तुम चिंता नही करो डार्लिंग में पहुंच जाउन्गी


लोकाटी के वहां से जाने के बाद अब राज के एक तरफ राफिया थी तो दूसरी ओर अपनी सारी अदाओं के साथ और सेक्सी शरीर के साथ समीरा थी और इमरान यानी राज अपने आप को दुनिया का भाग्यशाली आदमी समझने की कल्पना कर रहा था। कुछ देर इधर उधर टहलने के बाद इमरान ने अंजलि और राफिया से वॉलीबॉल खेलने की फरमाइश की तो दोनों तुरंत राजी हो गईं, सामने ही कुछ लड़के और लड़कियाँ वॉलीबॉल खेल रहे थे, ये तीनों भी उनके पास गए और अपनी इच्छा व्यक्त की, समीरा को देखते ही वहां मौजूद लोगों ने तुरंत हामी भर ली और फिर से एक टीम बना ली। अब राज के साथ राफिया के अलावा और 2 लड़कियां थीं जो पहले वाले समूह के साथ थीं और 2 ही लड़के थे। तो टोटल 6 लोगों की टीम बन गई थी।इसी तरह दूसरी ओर समीरा के साथ 2 और उसकी की तरह गर्म गर्म सेक्सी लड़कियाँ मौजूद थीं और 3 लड़के थे जिनका ध्यान अब खेल से ज्यादा समीरा के सुंदर शरीर की ओर था। मगर उसे इस बात की कोई परवाह नहीं थी। 20, 24 मिनट तक वॉलीबॉल का यह खेल जारी रहा उसके बाद अंजलि ने इमरान से कहा कि वह थक चुकी है। तो इमरान ने कहा चलो फिर बस करते हैं, राफिया भी थक गई थी उसने भी खेल खत्म करने में ही भलाई जानी। बाकी साथियों से अनुमति लेकर इमरान राफिया और अंजलि खेल से अलग हो गए और पहले वाला समूह फिर से खेल में व्यस्त हो गया


राफिया ने इमरान से कहा चलो हट पर वापस चलते हैं बहुत थक गई हूँ थोड़ा रेस्ट करना है। इमरान ने कहा चलो चलते हैं फिर वापस। अंजलि भी उनके साथ चलने लगी, जबकि राफिया को अंजलि का इमरान के साथ फ्री होना बुरा लग रहा था मगर फिर भी वह अंजलि के साथ सामान्य तरीके से बातचीत कर रही थी। कुछ ही देर बाद तीनों अपने हट में पहुँच चुके थे, कमरे में घुसते ही इमरान सामने पड़े सोफे पर ढह गया जबकि राफिया भी उसके साथ ही बैठ गई और अपना वजन इमरान पर डाल दिया, जबकि अंजलि दूसरे सोफे पर आराम से बैठ गई। राफिया कुछ ज्यादा ही थकी हुई लग रही थी। तीनों के शरीर पर रेत भी थी, राफिया ने सोचा क्यों न ठंडे पानी से नहा लिया जाए, शरीर भी साफ हो जाएगा और थकान भी दूर होगी। यह सोच कर राफिया अपनी जगह से उठी और कमरे में मौजूद अटैच बाथरूम का दरवाजा खोलकर अंदर चली गई और इमरान को कह गई जानू अभी अब फ्रेश होकर आती हूँ


बाथरूम में जाते हुए राफिया के दिल में ख्याल आया कि पीछे कहीं अंजलि फिर से इमरान के गले ना पड़ जाए, तब उसकी हालत भी ऐसी ही थी कि उसे देखकर इमरान का दिल भी खराब हो सकता था, लेकिन इस समय राफिया को सख्त जरूरत महसूस हो रही थी और उसने मन में सोचा कि बस कुछ ही देर लगाएगी बाथरूम में ताकि अंजलि को और समय न मिल सके इमरान के साथ बैठने का। राफिया ने बाथरूम में जाकर बाथरूम का दरवाजा बंद किया और पहले अपना ब्रा उतारा। फिर उसने अपनी हाफ़ पेंट बटन और ज़िप खोल कर वो भी उतार दी और उसके बाद अपनी छोटी सी पैन्टी उतार कर नंगे होकर शॉवर खोला और शावर के नीचे खड़ी हो गई। जैसे ही ठंडा पानी राफिया के शरीर पर पड़ा उसको राहत मिल गई, राफिया ने मुंह ऊपर किया और अपने चेहरे पर हाथ रखकर चेहरे को हौले हौले मसलने लगी। राफिया के लंबे बाल उसकी कमर तक जा रहे थे और पानी बालों से निकल कर उसकी कमर से होता हुआ चूतड़ों को गीला कर रहा था। राफिया को अभी कुछ मिनट ही हुए थे कि बाथरूम के दरवाजे पर दस्तक हुई। राफिया ने अपनी बंद आंखें खोलीं और बोली कौन ?? 


बाथरूम के दरवाजे के दूसरी ओर से आवाज आई राफिया इफ यू डांट माइंड मे आइ कम इन प्लीज़? दरअसल मुझे देर हो रही है लोकाटी साहब मेरा वेट कर रहे होंगे में भी बाथ लेकर वापस होटल जाउन्गी .... अंजलि की बात अभी पूरी नहीं हुई थी राफिया ने दरवाजा खोला क्योंकि वह तो चाहती थी कि अंजलि को वहाँ से तो उसको इमरान के साथ हसीन क्षण बिताने का मौका मिल रहाहै। मगर वो इस बात से अनजान थी कि अंजलि के मन में इस समय कुछ और ही चल रहा है। राफिया ने दरवाजा खोला तो अंजलि तुरंत ही अंदर चली गई और पीछे इमरान कमरे में अकेला बैठा आहें भरने लगा। उसका बस नहीं चल रहा था कि वह भी फौरन उठे और बाथरूम में जाकर दोनों सेक्सी लड़कियों के साथ शॉवर ले।मगर ...... उसमें ऐसा करने की हिम्मत नहीं थी
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