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RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--34
गतान्क से आगे…………………..
हम तीनों बड़ी मस्ती कर रहे थे और चाइ भी पी रहे थे ..भैया बीच में बैठे थे . मैं एक हाथ से खुद चाइ पीती और दूसरे हाथ से उनको पिलाती ...और भैया एक हाथ से मेरी चूत सहला रहे थे और दूसरे हाथ से मम्मी की चूत ..उनकी तो बस चाँदी थी....दो सब से हसीन चूत उनकी मुट्ठी में थी ...उनका लौडा उनकी पॅंट का तंबू बनाए शान से खड़ा था और मम्मी उसे पॅंट के उपर से ही सहलाए जा रही थी ...इतने कड़क लौडे को हाथ में लेना भी कितना मज़ेदार ताजूर्बा होता है ... मैने भी जल्दी चाइ पीना ख़त्म कर उनके लौडे से खेलने लगी ...
तीनों मस्ती में थे ..तभी कॉल बेल बजी ...मम्मी ने झट उठते हुए बाहर दरवाज़े के होल से झाँका ..
" लगता है आज पापा जल्दी आ गये ..." दरवाज़ा खोलते ही पापा अंदर आए और मम्मी को अपनी बाहों में ले लिया और उन्हें चूमते हुए अपने सीने से लगाए सोफे पर बैठ गये
" मेरी रानी /....मेरी कामिनी रानी ...तुम्हारे मुँह के टेस्ट से कभी जी नहीं भरता .... उफ़फ्फ़ .."और वे काफ़ी देर तक मम्मी के होंठ चूस्ते रहे .....
मम्मी उनकी बाहों से छूटने की नाकामयाब कोशिश में थी और मंद मंद मुस्कुराए जा रहीं थी ..
तभी पापा की नज़र मेरे और भैया पर पड़ी ..मैं भैया के लंड से खेल रही थी और भैया मेरी चूत से...
" वाह वाह क्या प्यारा नज़ारा है ..दोनों भाई बहेन में खूब प्यार हो रहा है ....आओ ना मेरी रानी हम भी कुछ करें ", और उन्होने मम्मी को अपनी गोद में बिठा लिया ...और उनके चेहरे पर हाथ फेरने लगे ...उनके होंठों पर अपनी उंगलियाँ फेरने ल्गे ....
तभी मम्मी ने कहा " बस बस .मेरे राजा ..ज़रा सब्र करो और अपना प्यार ज़रा बचा कर ही रखो....आज तुम्हारी फॅवुरेट साली आ रही है .ज़रा उसका भी ख़याल रखना ...."
" कौन ...मेरी तो बस एक ही साली है .... यानी पायल ..?? "
"हाँ अभय ..आज उसको तुम्हारे लंड की याद आ गयी पता नहीं क्यूँ....अभी थोड़ी देर में ही आने वाली है ....तुम दोनों जम कर चुदाई करो उसकी "
"उफ़फ्फ़ ...मेरी रानी ....फिर तो आज जश्न मनाएँगे हम सब ....ओक मैं अभी आया तैयार हो कर .."
और वह अपने रूम की ओर चले गये ...
भैया ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया था और मेरी चूचियों से खेल रहे थे ... और मैं तो उनके लौडे को सहलाए जा रही थी ..बड़ा ही रिलॅक्स्ड और मस्ती का आलाम था .
थोड़ी देर बाद पापा भी फ्रेश हो कर शॉर्ट्स और टॉप में रूम से बाहर निकले ....एक दम जवानी की जोश में थे ..आते ही उन्होने मम्मी को अपनी गोद में ले कर उनके होंठों को चूसना शुरू कर दिया ...भैया को मेरी चूची और पापा को मम्मी के होंठो से खेलने , चूसने और चाटने से कभी भी जी नहीं भरता ....
हम चारों मस्ती में पायल आंटी का इंतेज़ार कर रहे थे...
कितना प्यार , कितना स्नेह और एक दूसरे के लिया कितना लगाव टपक रहा था ...एक दूसरे को छूने , चूमने और सहलाने से बढ़कर अपने भावनाओं को व्यक्त करने का कोई दूसरा तरीका नहीं होता....हम एक दूसरे में खोए थे ...मस्ती करते..कभी चूमते , कभी चाट ते , कभी गले लगते ...हम चारों एक साथ जुटे थे ...
और आज तो हमारे साथ एक और हसीन सख्शियत जुड़ने वाली थी ..पायल आंटी....अब तो वो भी हमारे परिवार की ही तरह हो गयीं थी..इतनी घूल मिल गयीं थी.... सब से ...उनके आने का बड़ी बेसब्री से सब को इंतेज़ार था ..खास कर भैया और पापा को.....और क्यूँ हो..उनके चुद्ने का अंदाज़ ही कुछ और था .जी और चूत पूरा खोल देतीं थी वो ....
तभी बाहर किसी के आने की आहट हुई ..मम्मी झट उठी और दरवाज़ा खोला तो सामने पायल आंटी मुस्कुराते हुए खड़ी थी..
मैं अभी भी भैया की गोद में थी और पापा बैठे थे पर उनका लंड अभी भी कड़क था और उनके शॉर्ट से बाहर झाँक रहा था ..
मम्मी के के कपड़े भी अस्त व्यस्त थे ...पायल आंटी अंदर आईं और देखते ही कहा
"लगता है छोटा परिवार और सुखी परिवार का जीता जागता नमूना है तुम्हारा परिवार .कामिनी ...वाह क्या प्यार टपक रहा है... दोनों भाई बहेन को तो देखो ज़रा ..और जीजा जी भी अपने हथियार बाहर निकाले तैयार हैं मेरे स्वागत को......हे हे हे हे !! " पायल आंटी ने अपने चहकते अंदाज़ में कहा .
" अरे क्यूँ नहीं ..मेरी पायल रानी....आप भी तो हमारे परिवार में शामिल हो...आप हमारे परिवार के प्यार से क्यूँ अलग रहो..?? " पापा ने अपना हाथ बढ़ाया और उन्हें बड़े प्यार से अपने बगल बिठा लिया और अपने से चिपका लिया ..
पायल आंटी के आते ही वातावरण में उनकी खूबसूरती , उनकी खुश्बू और उनकी हँसी छा गयी थी ...उन्होने भी एक लो कट ब्लाउस और मिनी स्कर्ट पहेन रखा था जो अच्छी फिगर के चलते वो एक कमसिन लड़की लग रहीं थी ..... अंदर उन्होने पैंटी पहेनी थी ....बहुत ही छोटा ..सिर्फ़ चूत को ढँकता हुआ ...और पारदर्शी ..उनकी चीकनी चूत की चमक बाहर झलक रही थी ..
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RE: Kamukta Kahani दामिनी
" आप के इसी अंदाज़ पर तो मैं फिदा हूँ जीजू ....बस मौका मिलते ही लपक लेते हो आप मुझे ...हे हे हे ! " पायल आंटी ने उन से और भी चिपकते हुए कहा और उनके बाहर झाँकते हुए लौडे को हाथ से थाम लिया ..." और आप का ये हथियार हमेशा तैयार रहता है मेरे लिए ....उफ्फ ..क्या कड़क है ..."
"हाँ पायल देखो ना तुम्हारे आने के नाम से ही बेचारा बाहर झाँक रहा है ..तुम्हारा रास्ता बड़ी बेसब्री से देख रहा है...." और पापा ने उनकी एक टाँग उठाते हुए अपनी जांघों पर रख लिया और उनकी फैली चूत को पैंटी के उपर से ही सहलाने लगे ....उनकी पैंटी अब तक पूरी तरह गीली थी और चमक रही थी ... पायल आंटी की सुडौल जंघें भी नंगी थी अब ..उनका स्कर्ट उनके बैठ ते ही उपर हो गया था ...पापा का लंड उनकी हथेली में और उनकी चूत पापा की हथेली में ....
और ये सब देख भैया ने मुझे अपने से और भी चिपका लिया और मेरे होंठ जोरों से चूसने लगे और मेरी छूत अपनी हथेली से जोरों से दबा दी ''आआआआआआआआआआआआआह भैया ,,ज़रा धीरे ...." मैं चीख उठी ..और पायल आंटी का ध्यान हमारी तरेफ बँट गया ..
" अर्रे अभी ..आज लगता है अपनी प्यारी बहेन की चूत और होंठ तू खा ही जाएगा .....आ ना मेरे पास बैठ ..कितने दिनों बाद तो तुझे देख रही हूँ ....दामिनी की चूत तो तुझे रोज ही मिलेगी .....पर मुझे तेरे जैसा लंड रोज नहीं मिलता ना.....आज तो जी भर अभय और अभी के लंड से मुझे खेलना है ...आ मेरे पास आ... "
" हाँ हाँ भैया ..जाइए ना ...."
" अरे नहीं दामिनी ....तू भी मेरे साथ रहेगी ..." और उन्होने मुझे अपनी गोद में उठाया और पायल आंटी से चिपक कर बैठ गये .
" वाह क्या प्यार है दोनों भाई बहेन में ...."और उन्होने भैया का लंड अपने दूसरे हाथ से थाम लिया ....
उधर मम्मी पापा के दूसरे बगल में बैठ उन्हें चूम रही थी और उनके होंठ पर अपने होंठ रखे चूस रही थी ....
क्या माहौल था ..सभी एक दूसरे में मस्त ....एक दूसरे से चिपके , एक दूसरे को चूस रहे थे ,चाट रहे थे और सहला रहे थे ...भैया ने मुझे मेरे चुतडो को थामते हुए उपर उठा लिया था और मैं उनके गर्दन में बाहें डाले उन्हें बुरी तरह चूम रही थी और उनका लंड पायल आंटी अपने हाथों से जकड़े सहलाए जा रही थी इस तरह के वो शायद उसे कभी छोड़ें नहीं .....भैया का बुरा हाल था ..उपर मैं थी और नीचे पायल आंटी ...मस्ती में कराह रही थी ...फिर मैने अपनी चूची उनके मुँह में अपने हाथों से डाल दी और वह उसे बुरी तरह चूसने लगे ...उनका एग्ज़ाइट्मेंट काफ़ी ज़्यादा था ...पायल आंटी का लौडा सहलाना था ही इस कदर मस्त ...उनके लौडे से प्री-कम रीस्ता जाता ..पायल आंटी का हाथ गीला होता और वह उसे चाट जातीं ....
उधर मम्मी की चूत में भी पापा ने उंगली करनी शुरू कर दी थी ..एक हाथ पायल आंटी की चूत में और दूसरा मम्मी को चूत में ..उनके तो दोनों हाथों में चूत ही चूत ..और शायद दुनिया की सब से नायाब दो चूत ...एक कड़ी , टाइट और फूली फूली पायल आंटी की तो दूसरी सॉफ्ट ..गुदाज और फैली फैली फाँक्कों वाली मम्मी की ....
आआआह सब कराह रहे थे ..सिसक रहे थे ...पायल आंटी की चूत से तो नदी बह रही थी इतनी गीली हो गयी थी ....
" उफफफफफ्फ़..अब मुझ से रहा नहीं जाता .....जीजू..जीजू ..आओ ना मुझे चोद डालो ..कितनी प्यासी है हूँ मैं आप के लंड के लिए .... अया अभी तेरा लंड भी मुझे चखना है "...ऐसा कहते हुए उन्होने दोनों लंड अपने हाथों से और भी जोरों से जाकड़ लिया ..जैसे उन्हें निचोड़ लेंगी ..पापा और भैया दोनों तड़प उठे ...
मैं भैया की गोद में ही थी चुसाइ कर रही थी और चूची चूस्वा रही थी
"हाँ पायल तेरे हाथों में लगता है मेरा लंड उखड़ जाएगा ..बहुत टाइट और कड़क हो गया ....अब इसे तुम्हारी गर्म और नरम चूत की ज़रूरत है ..." पापा ने भर्राई आवाज़ में कहा
तभी भैया बोल उठे " कोई मेरी भी सुनेगा ...? मेरा लौडा भी जड़ से उखाड़ने वाला है ..पायल आंटी क्या दो दो लंड लेंगी एक साथ ..?"
" अरे मेरे रहते कोई भी लंड नहीं उखाड़ने वाला ...मैं दोनों लंड लूँगी एक मूँह से मैं चोदून्गि और दूसरा मेरी चूत फाड़ेगा ...." पायल आंटी बोल उठी.
औरउन्होने डॉगी पोज़िशन में होते हुए भैया का लंड अपने मुँह में ले कर होंठों से लगाया और मुँह अंदर बाहर कर चोदने लगीं और पापा पीछे से उनकी चूत में एक ही झट्के में अपना तननाया लौडा पेल दिया ...पायल आंटी है कर बैठी और भैया का लौडा और भी जोरों से चूसने लगीं , जैसे अपने होंठों से नीचोड़ ही डालें ..और मुझे भैया ने और भी जोरों से मेरी चूतड़ को जकड़ते हुए भींच लिया ....और मेरे होंठ चूसने लगे ..मैने भी उन्हें अपने बाहों से अपने से और करीब कर लिया ...और अपना मुँह पूरा खोल दिया ..भैया की जीभ मेरे मुँह में लॅप लपाते हुए जा रही थी और मुझे अंदर ही अंदर चाट रही थी ..
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11-17-2018, 12:55 AM,
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RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--35
गतान्क से आगे…………………..
मम्मी तो इतनी मस्त थी ये सब देख , अपनी चूत सहला सहला कर उनका तो पानी छूट रहा था ...
फिर भैया पायल आंटी के गर्म गर्म होंठों , जीभ और मुँह की चुदाई से रोक नहीं पाए अपने को और पायल आंटी की मुट्ठी से जकड़े लौडे को झटका देते देते उनके मुँह में झडने लगे ....पायल आंटी ने पूरे का पूरा अंदर ले लिया ..उसे पी गयीं ..गले से नीचे उतारती गयीं ....और जो भी थोड़ा उनके होंठों और ठुड्डी में लगा था जीभ से चाट गयीं
और इधर पापा भी धक्के पे धक्का लगाते लगाते उनकी पीठ जकड़ते हुए अपना लंड उनकी चूत में धंसाए झाड़ते जा रहे थे ....झाड़ते जा रहे थे और पायल आंटी तो दो दो लंड की चुदाई के सिहरन से मस्ती में चीत्कार रही थी ....और झड़ती जा रही थी .....उनकी चूतड़ उछाल रही थी ..."उईईईईई माअं ....हाँ ...आज मेरी चूत को शांति मिली .....उफफफ्फ़ ....आआआआआआआआआआः ...." और पायल आंटी भैया के लौडे को मुँहे में लिए लिए उनकी जांघों पर अपना सर रख दिया..
और अंत में मैने भी भैया के मुँह में अपना चूत रस छोड़ना शुरू कर दिया ....
हम सब लंबी लंबी साँसें ले रहे थे और एक दूसरे पर ढेर थे और एक दूसरे के बदन के स्पर्श का आनंद ले रहे थे ......
तभी मम्मी के पैरों की पायल की खनक सुनाई दी ...वह पापा के मुरझाए लौडे को अपने पैरों के तलवों से जाकड़ , सहला रही थी ... पैर के हीलने से पायल की मधुर खनक की आवाज़ ने सब को फिर से मदहोशी के आलाम से वापस जगाया ....
पापा का लौडा भी अपनी नींद से धीरे धीरे जाग रहा था .." ओह डार्लिंग ...तुम्हारा भी जवाब नहीं कम्मो..तुम्हारे हर अंग से सेक्स बोलता है ....उफफफ्फ़ ..क्या मस्त हैं तुम्हारे पैरों का कमाल और उन से निकलती मधुर संगीत ....तुम सही में सेक्स की देवी हो.."
और उन्होने मम्मी को गले से लगाते हुए चूमना शुरू कर दिया ..
" क्या करूँ अभय..तुम्हारा लौडा भी तो कितना मस्त है ...जो इसे छू ले और अंदर ले वोई जान सकता है इसका कमाल ..क्यूँ पायल मैने ठीक कहा ना.."" मम्मी ने पायल आंटी को आँखें मारते हुए कहा .
"हाँ कम्मो ..तुम ने ठीक कहा ....क्या लौडा है और क्या चुदाई है अभय की...चूत के एक एक कोने को चोद डालता है ..पूरी चूत भर उठती है ..दोनों बाप बेटे को तुम ने अच्छी ट्रैनिंग दी है चोदने की .....देखो ना मेरी चूत अभी भी फडक रही है ...... " पायल आंटी ने मस्ती लेते हुए कहा ..
मैने देखा उनका चूत सही में अभी भी मस्ती से कांप रहा था ....
फिर मम्मी ने पापा का लंड अपने हाथों में लिया और सहलाने लगी ...और उनके हाथ की चूड़ीयाँ खनकने लगीं ....उफ्फ क्या अंदाज़ था उनका ...एक मुट्ठी नीचे और उसके उपर दूसरी मुट्ठी और एक के बाद एक मुट्ठी उनके लौडे की चॅम्डी को उपर नीचे करती और चूड़ीयाँ खनक जातीं ...बहुत ही सेक्सी अंदाज़ था ....
पापा का लौडा एक दम कड़क हो मम्मी के हाथों में लहरा रहा था....
मम्मी की आँखों में मस्ती टपक रही थी ...." भाई मैं तो अब रुक नहीं सकती ..अभय तुम लेटे रहो मैं तुम्हें चोदून्गि ...." और उन्होने पायल आंटी की तरफ देखते हुए कहा " किसी को कोई ऐतराज़ ..??"
पायल आंटी ने हंसते हुए कहा " नो ऑब्जेक्षन्स मी लॉर्ड....अपने पति को चोद ने में मुझे क्या ऐतराज़ , और तुम ने कितनी मेहनत की इसे खड़ा करने में ..बस चोद डाल कम्मो ..हम सब देखते हैं ..."
और फिर मम्मी पापा के तननाए लौडे पर अपनी फूली फूली और गुलाबी फांकों वाली चूत को रखते हुए बैठ गयीं .....उफफफ्फ़ क्या नज़ारा था .....उनका पूरा चूत धँस गया ...पापा का लौडा पूरा अंदर था ....मम्मी बस उस पर सवार उपर नीचे , उपर नीचे उछल रही थी और उनके गले का हार , उनके कान की बलियाँ सभी उछल रहे थे ...और मम्मी एक अजीब ही मस्ती में थी ...उनके झट्के से उनके कमर का कमरबन्द भी झटके ख़ाता नीचे लहराते हुए पापा के सुपाडे से छू जाता और पापा इस स्पर्श से सिहर उठ ते ...चूत और गहनों से उनकी चुदाई ..मम्मी ही कर सकतीं थी ..पापा की मस्ती बढ़ती जाती ....वह कराह उठ ते ...कांप उठ ते मम्मी के हर धक्के से और इधर मम्मी भी आँखें बंद किए चूत के हर कोने में पापा के लंड का अहसास ले रही थी .....बीच बीच में पापा भी अपनी कमर उठा उठा कर उनके धक्कों से मिलाते हुए अपना धक्का भी लगा देते .......
.हम सब इस चुदाई को देख देख मस्ती में थे ....और भैया मुझे और पायल आंटी को अगल बगल दबाए दोनों हाथों से चुचियाँ मसल रहे थे और हमे बारी बारी चूमे जा रहे थे ...और मैं और पायल आंटी उनके लौडे को सहलाए जा रहे थे..उनका कड़क और तननाया लौडा ....उफफफफ्फ़ क्या मस्ती थी ...आज तो बस हम सब इस चुदाई ..चुसाइ के खेल में डूबे थे ..ऐसी मस्ती हमें कभी नहीं आई थी ..हम दोनों की चूत से भी लगातार पानी रीस रहा था ....
और भैया का लौडा हवा में लहरा रहा था ...इतना कड़क था के हिल रहा था ....मुझ से रहा नहीं गया ..मैं भैया के बगल से उठी और अपनी टाँगें उनके दोनों ओर रखते हुए उनके लौडे पर बैठ गयी ..चूत इतनी गीली थी मेरी और लौडा उनका इतना टाइट ..मेरे चूतड़ तक मेरी चूत धँस गयी .फतच से ..और मैं सिहर गयी ....भैया ने मुझे और जाकड़ लिया अपने से और पायल आंटी ने मेरी फैली चूतड़ के बीच से मेरी गंद में अपनी उंगली में थूक लगाते हुए पेल दी ......आआआः ...मैं चिहुक गयी ..इस से मेरी चूत और फैल गयी ....और चूत गीली होती गयी ..पानी बहे जा रहा था और मैं भैया के लंड पर उछल उछल कर बैठ ती जाती ..
और मम्मी पापा तो बस अपने में खोए थे .मम्मी के पायल और चूड़ियों का खनकना जारी था ..जोरों से पापा की चुदाई हो रही थी ....माँ मेरे बाप को चोद रही थी और बहेन अपने भाई को ....और आंटी मेरी गान्ड में उंगली किए जा रही थी और अपनी चूत भी मसल रही थी...
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11-17-2018, 12:55 AM,
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RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--36
गतान्क से आगे…………………..
पायल आंटी तो बस उछल पडी वाइन्स के बॉटल्स को देख " अरे वाह ..जीजू आप भी जानते हो महफ़िल में कैसे रंग ज़माना है.....चुदाई की राउंड के बाद वाइन का एक राउंड ...फिर मस्ती का आलाम और फिर धक्कम पेल चुदाई ....उफफफफ्फ़ .जीजू आइ लव युवूयूयूयुयूवयू....."
और झट उठते हुए पापा के हाथ से ट्रे ले ली और टेबल पर रखा और सब के लिए ड्रिंक्स बनाने लगीं .
सभी ने चियर्स किया " आआज की चुदाई के नाम .... " और सब वहीं कालीन पर नीचे बैठ कर ड्रिंक्स के साथ स्नॅक्स भी ले रहे थे ...
पापा और पायल आंटी एक साथ चिपक सोफे पर बैठ गये ...कभी पापा अपने मुँह से पायल आंटी के मुँह में वाइन डाल देते तो कभी पायल आंटी के मुँह से पापा पूरे का पूरा ड्रिंक चूस लेते ....
और सब से मस्त आइडिया तो भैया ने लगाया ..उन्होने अपना तननाया लौडा मेरे मुँह में सिर्फ़ मेरे होंठों पर रखा और अपनी ग्लास से लौडे पर वाइन डालना चालू किया और मुझे लौडा चूसने को कहा ,, मैं जैसे जैसे लौडा चूस्ति वाइन भी मेरे मुँह में जाता , अफ सतासट उसे चाटि और फिर चूसने लगी.....क्या टेस्ट था ..वाइन , वीर्य और चूत रस के मिला जूला टेस्ट .....
फिर थोड़ी देर बाद मम्मी ने उनका लौडा मेरे हाथों से झपट लिया और अपने मुँह में डाल लिया ...और उन्होने भी इस अद्भुत टेस्ट वाले वाइन का मज़ा लिया ....
हम सब मस्ती में आ चूके थे ....हम सब पर एक अजीब ही शुरूर छाया था , नशे में मदहोश थे झूम रहे थे ....
पापा और पायल आंटी एक दूसरे से लिपटे सोफे पर बैठे थे .एक दूसरे से मस्ती कर रहे थे ...पापा का लौडा उनके हाथ में था ....उसे पायल आंटी सहलाती , निचोड़ती , भींचतीं , चॅम्डी उपर नीचे करतीं ...वो पापा के लंड के लिए पागल थी , कभी झूक कर उसे चूम लेती ....कभी चूसने लगती..पापा तो पहले से ही मस्ती में थे , और फिर पायल आंटी की इन हरकतों से वो भी सिहर रहे थे ..पागल हो रहे थे..उन्होने आंटी को बुरी तरह अपने सीने से लगा रखा था ,,आंटी की चुचियाँ उनके सीने से चिपकी थी , पापा ने एक चूची अपने मुँह में लिया और जोरों से चूसने लगे ...और दूसरा हाथ उनकी चूत में रखते हुए उनके सॉफ्ट चूत को उंगलियों से मसल्ने लगे ..आंटी कांप उठी .उनके चूतड़ उछल रहे थे ...और उन्होने पापा के लंड को अपनी मुट्ठी से और भी जाकड़ लिया ...उनके सुपडे की छेद से लगातार पानी रीस रहा था और आंटी के हाथ में ही कड़क और कड़क होता जा रहा था ...
फिर ना जाने पापा को क्या सूझा उन्होने अपना हाथ जो चूत सहला रहा था उसे वहाँ से हटाया और आंटी के सॉफ्ट पर सुडौल चूतड़ के नीचे से ले जाते हुए उनकी गान्ड की छेद में एक उंगली रख धीरे धीरे हिलाने लगे ...उसे अंदर नही ले गये .....आंटी मस्ती में सिहर उठी ...फिर पापा ने उनको अपने सामने खड़ा कर लिया ...आंटी की कमर थोड़ी झूका दी ..अब आंटी की गान्ड उनके मुँह के सामने था ..पापा ने आंटी की चूतड़ अपने हाथों से फैलाते हुए उनकी गान्ड की छेद खोल दी और अपनी लपलपाति जीभ से टूट पड़े ....चाटने लगे आंटी की गान्ड ..फिर उन्होने वाइन की बॉटल से थोड़ी वाइन गान्ड के होल में डाल दी ...आंटी सिहर गयीं ....और पापा उस मस्त , सॉफ्ट और सुगन्धीत गान्ड से वाइन सतासट चाट रहे थे ..मुझे लगा पापा शायद आज आंटी की गान्ड मारने ही वाले हैं ....
हम तीनों बस एक दूसरे से चिपके पापा और आंटी की मस्ती देख रहे थे ... भैया का लौडा भी इस मस्ती को देख झूम रहा था ..लहरा रहा था ...
आंटी हाई हाई कर रहीं थी ..मस्ती की लहरों में गोते लगा रहीं थी .....पापा का लौडा तो इतना कड़क था , और हिल रहा था ..पापा उनके चूतड़ सहला रहे थे , गान्ड चाट रहे थे और कभी काभ नीचे हाथ ले जा उनकी चुचियाँ भी मसल देते
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