11-17-2018, 12:55 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamukta Kahani दामिनी
आंटी की चूत से पानी नीचे टपक रहा था ..उनसे रहा नहीं गया ..और अपने हाथों को पीछे करते हुए अपनी चूतड़ को जोरों से फैलाया , गान्ड का होल और भी खूल गया ..उसके अंदर वाइन तो थी ही पहले से , वो पापा के कड़क लंड पर अपनी गान्ड का होल रख बैठ गयीं ......
उफफफ्फ़ क्या नज़ारा था ...पापा के चाटने से और वाइन की मौज़ूदगी से गान्ड अंदर काफ़ी मुलायम था और खुला भी था ..उनका आधा लंड फतच से आंटी की गान्ड में था ..
." हाईईईईईई मर गयी मैं ...उफफफ्फ़ जीजू पूरा पेल दो ना ....आधे में मत रोको ...आआआआआआः आज गान्ड और चूत दोनों की खूजली साथ साथ मीटानी है .......अभी आ जा ना .....सामने से मेरी चूत फाड़ दे ना मेरे राजा ..आआ.." आंटी मदहोशी में बके जा रहीं थी
तभी पापा नेआंटी की कमर को जाकड़ थोड़ा उपर कर लिया और नीचे अपने लौडे को पुश किया ....पूरा लौडा उनकी गान्ड में जड़ तक अंदर था ...और आंटी ने अपने पैर फैला दिए उनके पंजे नीचे कालीन पर ही टीके थे ...और अपनी पीठ पापा के सीने से लगाते हुए , उन पर पीठ के बल लेट गयी , पापा ने उन्हें अपने हाथों से जाकड़ लिया ..उनका चेहरा अपनी तरफ घूमाते हुए आंटी के होंठ चूस रहे थे ..और लौडा अंदर ही अंदर गान्ड में हिला रहे थे .....आंटी को अब गान्ड में लंड का दर्द नहीं था और मज़ा आ रहा था ..
उनकी चूत खुली थी और पानी रीस रहा था ...तभी मम्मी ने भैया को कहा " अरे देखता क्या है ...देखता नहीं पायल की चूत कितनी खुली है ? पेल दे अपना कड़क लौडा ..उन्हें भी आज एक साथ दो दो लौडे का मज़ा लेने दे ना .....हमारी चिंता छोड़ ,,हमें देखने मैं ही कितनी मस्ती आ रही है..."
और उन्होने भैया का कड़क लौडा अपने हाथों में लेते हुए पायल आंटी की चूत के उपर रख दिया ..भैया ने आंटी की कमर जकड़ते हुए एक जोरदार धक्का लगाया और उनका लॉडा भी जड़ तक अंदर था ...
मैने ऐसी चुदाई आज तक नहीं देखी थे , पापा का लौडा गान्ड में और भैया का उनकी चूत में और पायल आंटी मस्ती में कराह रहीं थी ...
भैया धक्के लगाए जा रहे थे
भैया का लौडा जब अंदर जाता ..उनके बॉल्स पापा के लौडे को छूते ....इस स्पर्श से दोनों की मस्ती और बढ़ जाती ... पापा अपना लंड अंदर ही अंदर हिला रहे थे ...घूमा रहे थे ...
हम दोनों मम्मी और मैं अपनी चूत उंगली से सहलाए जा रहे थे ...
क्या चुदाई हो रही थी आज आंटी की .वो मस्ती में कराह रही थी , सीसक रही थी ..चिल्ला रहीं थी
" हाँ मेरे राजा ..मेरे जीजू राजा ..हाँ हाँ ऐसे गान्ड में लौडा पेले रहो ....उफफफ्फ़ अभी ..मारो मारो ..चोदो ..फाड़ दो आज मेरी चूत ..रौंद डालो .....अया ....उईईईई "
और भैया का लंड पापा के लंड से छूता हुआ लगातार अंदर बाहर हो रहा था ..आंटी की चूत के हर हिस्से में रौंद रहा था ..और
फिर उनका धक्का और , और , और तेज़ होता गया ..पापा भी उनके धक्के से सिहर जाते .उनका लंड भी भैया के लंड से घिस रहा था
और फिर भैया अपना लंड आंटी की चूत में धंसाए धंसाए ही झडने लगे ....झट्के पे झटका खा रहा था उनका लौडा ..उनका चूतड़ उछाल रहा था ....उनका वीर्या चूत से रीस्ता हुआ गान्ड की तरफ जा रहा था ....गान्ड और गीली हो रही थी पापा के लंड में भी वीर्या लग रहा था ..पापा ने इस मौके का फ़ायदा उठाते हुए ऑंटी के वीर्य से गीली गान्ड में लंड अंदर बाहर करना चालू कर दिया ......आह आंटी तो मानो स्वर्ग में थी ..चूत की चुदाई ख़त्म होते ही गान्ड की शुरू हो गयी थी ..उनका पूरा बदन कांप रहा था ..पापा ज़्यादा देर टिक नहीं सके ..पहले से काफ़ी मस्ती में थे ..दो चार धक्कों के बाद उन्होने भी अपना लंड गान्ड के अंदर डाले रखा और बुरी तरह झडने लगे ....और आंटी की चूत से तो बस गंगा बहे जा रही थी ... चूत से उनका रस और भैया का वीर्य रीस रहा था और गान्ड में पापा का वीर्य भर गया था
भैया और पापा के बीच आंटी पापा की गोद में पडी थी , निढाल , पस्त , आँखें बंद और होंठों पर एक तृप्ति और मस्ती से भरी मुस्कान .
|
|
11-17-2018, 12:55 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamukta Kahani दामिनी
आज पायल आंटी ने दीखा दिया वो भी सेक्स की देवी ना सही तो सेक्स की बहुत ही जानी मानी पुजारन तो थी ही ...
उस रात हम सब एक अजीब ही मस्ती , आनंद और मदहोशी के सागर में गोते लगा रहे थे . एक दूसरे के नशे में चूर ..वहाँ कौन किस के साथ था , किसके साथ क्या कर रह था किसी को कोई होश नहीं था ..बस एक दूसरे के बदन से खेल रहे थे ...मज़ा ले रहे थे ....
पायल आंटी तो आज इतनी मस्त हो गयीं थी , दो दो राउंड चुदाई के बाद एक दम ढीली और मस्त थी ....टाँगें फैलाए , हाथ फैलाए नीचे कालीन पर आँखें बंद किए मंद मंद मुस्कुरा रहीं थी ...उनकी चूत और गान्ड से वीर्य , वाइन और चूत रस रीस रहे थे ..
पापा और भैया अब तक फिर से वापस अपने रंग में आ चूके थे .....पापा सोफे पर बैठे थे और भैया नीचे कालीन पर .
पापा ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया ...मैं भी अपनी टाँगें उनकी कमर के गिर्द रखते हुए उनसे चिपक गयी ... उन्होने मुझे अपने और करीब कर लिया और मेरे होंठ चूसने लगे ....चुचियाँ मसल्ने लगे ..और मैने उनके मुरझाए लौडे से खेलना चालू कर दिया ....
और भैया मम्मी के उपर लेट गये उनको अपने सीने से चिपका लिया और उनके भरे भरे मुलायम होंठों को चूसना शुरू कर दिया ...उनका लौडा मम्मी की कमरबन्द से टकरा रहा था ..उनके बदन में सिहरन उठ जाती .और लौडा कड़क होता जा रहा था ... मम्मी के गहने भी कम सेक्सी नहीं थे ....उन्होने अपनी बाहें भैया के पीठ पर रख अपनी चूड़ियों से उन्ँके पीठ रगड रही थी और कमरबन्द उनके लौडे को ..भैया मस्ती में थे ...और उनका होंठ चूसना और तेज़ होता जाता ....पीठ और लौडे में गुदगुदी होती थी ...भैया इतनी मस्ती में आ गये थे उन्होने मम्मी के मुँह को बुरी तरह अपने मुँह से लगाया , जैसे उनका मुँह खा जाएँगे ...और पूरा मुँह चूस रहे थे.... जीभ चूस रहे थे ..मम्मी का थूक और लार अंदर लिए जा रहे थे ...
क्रमशः……………………..
|
|
11-17-2018, 12:56 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamukta Kahani दामिनी
उफफफ्फ़ मैं तो जैसे स्वर्ग में थी ..पापा का लंड चूत में और मम्मी की लपलपाति जीभ मेरी गान्ड के होल में .....गान्ड चाटने से चूत भी सिहर जाती ...."ऊऊऊऊऊऊओ उउउउउउउउउउउउ ...आहह " की रट मैं लगाई थी
और उधर भैया पीछे से मम्मी की कमर जकड़ते हुए पहले उनकी गान्ड पर हमला बोल दिया .....मैने पीछे सर मोड़ कर देखा .....मम्मी चीहूंक गयीं और उनका मेरा गान्ड चाटना और तेज़ी पकड़ लिया .....और मेरी चूत लगातार पापा के लंड को शराबोर किए जा रही थी ..पापा को धक्के लगाने में खूब मज़ा आ रहा था ..इतनी गीली हो गयी थी मेरी चूत .....पानी जैसे बह रहा था ...इतनी फिस्लन थी अंदर ..पापा थोड़ा सा पुश करते और लंड फिसलता हुआ जड़ तक पहुचता था
और भैया के लंड को तो दो दो होल का मज़ा मिल रहा था ..वे बारी बारी से मम्मी की गान्ड और चूत दोनों का मज़ा ले रहे थे ..दो बार गान्ड में डालते तो दो बार उनकी चूत में .....मम्मी कहती जातीं ....
"वाह ..वा मेरे राजा ..आख़िर है तो मेरा बेटा ..अब चुदाई एक्सपर्ट हो गया है ...हाँ हाँ आज फाड़ डाल मेरी गान्ड और चूत ....उफफफफफफफफफफ्फ़ .....आआआआआअहह ........हाई ..हाई ..उईईईईईईईईईईईईईईईईईईई"
और उनका मेरा गान्ड चाटना खूब तेज़ हो गया था ..उनके चाटने से गान्ड का होल खूल गया था ..मम्मी अब जीभ अंदर डाल दी मेरी गान्ड में और जीभ से मेरी गान्ड चोदने लगीं .......'
मेरी चूत और गान्ड दोनों चुद रहे थे ....चूत में पापा का लंड और गान्ड में मम्मी की जीभ ..माँ और बाप दोनों बेटी को चोद रहे थे
बेटा माँ की गान्ड और चूत दोनों ले रहा था ..क्या चुदाई थी ..पूरी फॅमिली एक साथ .......उफफफफफफ्फ़ ....उस दिन जैसा मज़ा कभी नहीं आया ..
पापा के धक्के ज़ोर पकड़ते गये ..मेरा भी उनके लंड पर उछलना उनके धक्कों के साथ ताल मिलता था ..और मम्मी की चुदाई जितनी ज़ोर पकड़ती उतने जोरों से मेरी गान्ड जीभ डाल देतीं ..उनकी तो गान्ड और चूत दोनों बारी बारी से चुद रहे थे ....
और पायल आंटी लगातार अपनी चूत में उंगली डाले जा रहीं थी ..पैर फैलाए ...हाीइ हाईईइ अफ उफफफ्फ़ कर रही थी
फिर पापा और भैया के धक्कों ने बड़ी ज़ोर पकड़ ली ..मम्मी की कमर झूक जातीं
''बेटा मेरी चूत में ही झड़ना ..." जब उन्हें ऐएहसास हुआ के भैया अब झडने वाले हैं उन्होने उन्हें समझा दिया
"हाआँ मम्मी ..हाां ....आआआआआआआअहह ऊहह " उन्होने उनकी चूत में लंड डाल जोरों से धक्के लगाना शूर्रू कर दिया था .और इधर पापा भी झडने के करीब थे ..मैं उनसे चिपक गयी ..और चूत उनके लंड पर दबाए रखा ..पापा ने भी मुझे जाकड़ लिया ..मुझे चूमने लगे ..मेरी चुचियाँ चूसने लगे और मेरी चूत में उनका लौडा झट्के ख़ाता झाड़ रहा था
भैया भी मम्मी की पीठ पर उनकी कमर जकड़े ढेर थे और लंड उनकी चूत में गर्म गर्म वीर्या की धार लगातार झट्के ख़ाता चोदे जा रहा था .......
हम चारों एक दूसरे पर निढाल हो कर पड़े थे ....
और पायल आंटी भी झाड़ रही थी ...
वो रात हमें हमेशा याद रहती है ....ऐसी रात जिसमें चुदाई का कोई अंत नहीं था ..मस्ती की कोई सीमा नहीं थी , हम सब मदहोश थे .....
हम सब एक ऐसी दुनिया में खोए थे , जहाँ हम अपने आप को भूल बैठे थे ....और एक दूसरे में खो गये थे ....एक दूसरे का मज़ा ले रहे थे , एक दूसरे को मज़ा दे रहे थे ..वहाँ कौन छोटा , कौन बड़ा , कौन बाप , कौन बेटी , कोई रिश्ता नहीं था ....रिश्ता था तो सिर्फ़ चूत और लंड का ...भाषा भी इन्हीं दोनों की थी ....इसी भाषा में हम अपनी भावनाए व्यक्त कर रहे थे ....और ये ऐसी भाषा थी जो सब रिश्तों से उपर प्यार और नज़दीकी की भाषा थी ....जिसस्में ज़ुबान कम और स्पर्श का ज़्यादा काम होता ...
खूब चुदाई , चुसाइ हुई..
|
|
|