Kamukta Kahani दामिनी
11-17-2018, 12:47 AM,
#21
RE: Kamukta Kahani दामिनी
मम्मी ने उनकी गर्दन अपने हाथों से जाकड़ ली ,अपनी ओर खींचते हुए कहा.." अभी ..आज तुम बिल्कुल अपने पापा के जवानी के दिनों की याद दिला रहे हो...लगता है ..तुम अभय ही हो ....हाँ तुम अभय ही हो.....हाँ अभय ..तुम से रहा नहीं गया ना ...आख़िर मेरी चूत ने तुम्हें वापस बुला ही लिया ...ऊवू आओ ना मुझे अपनी बाहों में ले लो .....अयाया मुझे प्यार करो ना मेरी जान..मुझे चोद डालो ....आआआः ...आओ ना ...रुक क्यूँ गये..."

उनकी बातें सुन हम दोनों मुस्कुरा रहे थे ..भैया की तो बस लॉटरी निकल गयी थी ...मम्मी उन्हें पापा समझ बैठी थी नशे में ....उनका काम आसान हो गया था..

" वाह भैया ..आज आप के तो मज़े हैं ..मम्मी आप में पापा देख रहीं हैं ...ऊ मस्त चुद्वायेन्गि आप से ...और मैं बाहर दरवाज़े से लग कर खड़ी हो गयी .. देखने लगी इस नायाब शो को

उस दिन मैने मम्मी का वो रूप देखा जो मैने आज तक नहीं देखा था...नशे में उनको भैया ,पापा लग रहे थे ..जवानी के दिनों के पापा ...उनको भी अपनी जवानी याद आ रही थी...

वो बार बार भैया से चिपकती जातीं उन्हें चूमती ..चाट ती ..और कुछ कुछ बड़बड़ाती जातीं ..

." मेरा सोना ...मेरे राजा ...ऊवू मेरा अभय कितना मस्त है.....ऊवू मेरा अभय जवान है..मैं भी जवान हूँ ...अया..देखो ना मेरी जवानी देखो ..देखो ना अभय मुझे नंगी देखो .." और उन्होने अपने कपड़े उतार दिए ...एक एक कर ...सारी ..ब्लाउस ..ब्रा पैंटी ...बिल्कुल नंगी उनके सामने घुटनो के बल बैठ गयीं .....नशे में उन्हें अभी और अभय दोनों एक जैसे लग रहे थे और भैया इस महसूस से के मम्मी उन्हें अपना पति समझ रही हैं ..एक अजीब रोमांच से सिहर रहे थे ..ये बात उन्होने मुझे बाद में बताई .

" अभय ..लो इन्हे चूसो ना ..." और अपनी चुचियाँ अपने हाथों से भाइय्या के मुँह में डाल डी ... '

" हाँ चूसो , चूसो ना ..और ज़ोर से ..और ज़ोर से ..आज तुम इतने शर्मा क्यूँ रहे हो अभय ..? " भैया ने भी उनकी चुचियाँ .पपीते के समान चूचियो को अपने हाथ से थामते हुए जोरों से चूसना शुरू कर दिया ...चप्प....चुउप्प की आवाज़ आ रही थी ...'

"हाँ बस ऐसे ही चूसो ....बस मेरी चूची खाली कर दो ..खा जाओ ....अयाया ...हाह....ऊवू लग रहा है मेरा सब कुछ चूची से तुम्हारे मुँह में जा रहा है......अयाया ..." भैया भी जोरों से चूसे जा रहे थे ... फिर भैया ने दूसरी चूची भी मुँह में ले ली ...उनकी निपल्स एक दम लाल पड गये थे ..भैया की चुसाइ से ..उनका चूसना इतना जोरदार होता ,,मम्मी के निपल्स सूख जाते ..भैया उन पर जीभ फिराते ..गीली करते ..फिर चूस्ते ...मम्मी अयाया...ऊवू ..अभय ..अभय आज तुम इतने बेचैन हो ....आह हाँ मेरे राजा ..चूस लो ...पूरे का पूरा मुझे ही चूस लो.....उफफफफफ्फ़ ......"

क्रमशः……………………..
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11-17-2018, 12:47 AM,
#22
RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--12

गतान्क से आगे…………………..

भैया के मुँह में उनकी चूची थी और मम्मी उनकी पॅंट उतार रही थी ...एक झट्के में उनका शॉर्ट्स बाहर था ...और मम्मी ने उनका लौडा अपने हाथों में थाम लिया और सहलाने लगीं ..

""अया अभय ..तुम्हारा लौडा भी कितना कड़क है आज ...देखो ना कितना लंबा और मोटा होता जा रहा है मेरे हाथ में.." और मैं देख रही थी भैया का लंड उनके सहलाने से बढ़ता जा रहा था ...जैसे साँप बिल से बाहर आ रहा हो....मैं भी सिहर उठी ...

मैने भी अपनी पैंटी उतार दी और अपनी गीली चूत में उंगली करने लगी ...

दोनों पागल हो रहे थे ...मम्मी ने भैया को अचानक अपने से चिपका लिया बुरी तरह ...जैसे उनके अंदर घुस जाएँगी ..भैया ने भी उन्हें अपने हाथों से जाकड़ लिया और दोनों एक दूसरे से लिपटे एक दूसरे को चूस रहे थे ..चाट रहे थे ..चूम रहे थे ..कहीं भी ..उनके पूरे शरीर में एक दूसरे का थूक और लार लगा था ...मम्मी के मुँह में भैया जीभ डाले मम्मी की जीभ चूस रहे थे ..उनका टेस्ट उन्हें शायद और भी अच्छा लग रहा होगा ..आल्कोहॉल के मारे ..मम्मी भी आखें बंद किए चूस्वा रही थी ...

" अयाया ...हाँ मेरे राजा ...हाँ ऐसे ही चूसो ना ..और ज़ोर से ..चूसो पूरा चूस लो ना ..मैं तो तुम्हारे अंदर समा जाना चाहती हूँ ....ऊऊओ " मम्मी भैया की गोद में थी ..टाँगें फैलाए ..चूत फैलाए ...

उनकी टाँगें थरथरा रहीं थी ..भैया की गोद में ...उछल उछल कर उनको जाकड़ लेतीं चूम लेती ...अब मम्मी ने भी भैया की जीभ अपने जीभ से चाटना शुरू कर दिया ...चूसना शुरू कर दिया ..दोनों की साँसें एक हो गयीं थी ...दोनों हाँफ रहे थे ..

भैया उनको बेड के एक छोर पर ले आए ..उनकी टाँगें नीचे लटकी थी ..भैया उनके टाँगों के बीच बैठ ते हुए मम्मी की टाँगें फैला दी ...उनका चूत खुला था..उनकी फांके खूलीं थी ...गुलाबी चूत ..मखमली चूत ...भैया ने पहले उनकी चूत में हाथ फिराया...अपनी उग्लियों से हल्के से दबाया ,,मम्मी कराह उठी ..'हाई " ..उनके चूतड़ उछल पड़े ...और अपना मुँह वहाँ लगाते हुए उनकी चूत की फांकों को अपने होंठों से लगाते हुए खूब जोरों से चूसना शुरू कर दिया ....इतनी सिहरन हुई मम्मी को ..उनके चूतड़ उछल रहे थे ...उनकी टाँगें कांप रही थी ...भैया ने उनके चुतदो को हाथो से जकड़े रखा और उनकी चूत चूस्ते रहे ...उनका सारा पानी भैया चूसे जा रहे थे ....

मम्मी चिल्ला रही थी " अभय ..अभय ..हाँ हाँ चूसो चूसो ....आज तो बस मैं तुम्हारी जवानी से निहाल हो गयी ..मैं भी जवान हो गयी ..बस अब और नहीं राजा ...मुझे चोद डालो ....चोदो ..जल्दी करो ...अया ..ऊवू प्लज़्ज़्ज़ ..अपना मोटा लंड पेल दो ..." और मैने देखा भैया का लंड भी फूँफ़कार रहा था ...हीले जा रहा तहा और उस से पानी टपक रहा था ..दोनों बुरी तरह एग्ज़ाइटेड थे ...पागल थे

अब भैया खड़े हो गये ..मम्मी की टाँगों को फैला दिया और अपना तननाया लंड मम्मी की मुलायम और फूली चूत की फांकों के बीच उपर नीचे किया ....मैं भी सिहर उठी ..और मम्मी तो फिर से चूतड़ उछाल रही थी ..एक दो बार उपर नीचे करते हुए उन्होने अपने कड़क लौडे को उनकी गीली चूत में पेल दिया ..पूरे का पूरा लंड उनकी चूत में ऐसे धंसा जैसे छुरी मक्खन में....मम्मी का पूरा बदन ऐंठ गया........अकड़ गया ...उनका मुँह खूल गया मस्ती में ..."आआआआआआआआआआआह ..हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ..."" कर बैठी

भैया भी सिहर उठे थे मम्मी की चूत की अंदर के मज़े से ..मैं देख रही थी ..उनकी चूत में कितनी गर्मी लग रही होगी उनके लौडे को ..कितना सॉफ्ट महसूस हो रहा होगा ...उसके बाद भैया ने ऐसे धक्के लगाए ..हर धक्के में मम्मी " हाई ..हाईईईईईईईईईईई ...आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ..हाँ ह्हन्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न ...आज जवानी का मज़ा ...हाँ मेरे राजा ..मेरे अभय जवान अभय ....अयाया ..तू...तुम्हारा लौडा आज ....उूउउ ..इतना कड़ा है ....ऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी चूत ....उफफफफफफ्फ़ ....इतना लंबा .....इतना अंदर जा रहा है ....फाड़ डालो ...मेरे राजा ... ' की रॅट लगाती जातीं ...

भैया के धक्के ने बड़ी तेज़ी पकड़ ली ..उन्होने मम्मी की टाँगें अपने दोनो हाथों से उपर कर लिया था ...मम्मी की गान्ड और चूत दोनो सामने थे...ठप ठप ..फतच फतच ...की आवाज़ आ रही थी ..मम्मी मुँह खोले थी ...''आआआः ....उूुुउउहह ..." और साँसें उनकी तेज़ होती जातीं

.आह मेरी चूत से भी लगातार पानी रीस रहा था..मेरी पूरी हथेली चीपचीपी हो गयी थी ...

मम्मी ने एक दम से अपनी चूतड़ उछाल दी ...हवा में ...तीन चार बार ..."आआआआआआः ..ऊवू ..आभ्ााआययययी एयाया . ...अया मैं गाइिईईईईईईईईईईई " और ढीली पड गयीं ...बड़ा जोरदार ऑर्गॅज़म था उनका ... भैया भी बड़ी तेज़ी से धक्के लगाते लगाते मम्मी को बुरी तरह जाकड़ लिया ..अपना लौडा उनकी चूत में धंसाए रखा ..जड़ तक ..और उनका कमर झट्के पे झटका खा रही थी ...चूतड़ झट्के खा रहे थे ..उनका गरम लावा जैसा वीर्य मम्मी की चूत में धार मार रहा था ...मम्मी के चेहरे से समझ आ रहा था उन्हें भी कितना अच्छा लग रहा था ...उनका मुँह और , अओर ख़ूलता जाता हर झट्के के साथ ...

भैया उनके सीने से चिपक कर पड़े थे .अपनी मम्मी के सीने से ...

उस सीने से जिसने उन्हें गर्मी दी बचपन में ...और आज भी जब वे जवान हैं .....भैया के चेहरे में एक शांति थी ..जैसे उन्हें आज सब कुछ मिल गया ...उन्हें उनकी जिंदगी मिल गयी थी ,,,माँ का सीना ,,..माँ की चूत ....

और मैं भी अपनी चूत फैलाए ..आँखें बंद किए झड़ती जा रही थी ...मेरी चूत से पानी पेशाब की तरह धार मार रहा था ..मैं अंदर से बिल्कुल खाली हो गयी थी ..मैं फर्श पर निढाल हो कर बैठी थी ..टाँगें फैलाए...हाँफ रही थी मैं...

थोड़ी देर बाद मैं नॉर्मल हुई ..अंदर देखा ....उफफफफ्फ़..क्या सीन था ..मैं बस देखती रही ....मम्मी हाथ और टाँगें फैलाए लेटी थी ...बेसूध ....आँखें बंद ..... भैया उनके सीने से लगे ..अपने हाथ उनकी कमर को लपेटे ....लेटे थे ...दोनों का चेहरा शांत था ..जैसे उन्हें सब कुछ मिल गया हो ...

तभी मम्मी के बदन में कुछ हलचल हुई ...उन्होने अपनी आँखें खोलीं ...उनकी आँखें फटी की फटी रह गयी... जैसे उन्हें गहरा शॉक लगा हो ....वो एक दम से उठ बैठी ..उनका नशा अब पूरी तरह उतर चुका था .

" हे भगवान .... ये सब क्या है ....मुझे क्या हो गया ..?? अभी मेरे उपर नंगा ..?? हे भगवान मैने क्या किया..?? इतना बड़ा पाप ..?? " और फिर बार बार अपनी आँखें मल्ति..अपना सर सहलाती ..."उउफ़फ्फ़ अब आज से मैं कभी नहीं पियूँगी .." और फिर वहीं बैठ सर पकड़ रोने लगीं ..."भगवान मुझे माफ़ कर दो..ये पाप मुझ से अंजाने में हुआ है ......"

भैया मम्मी को रोता देख भौंचक्के थे ..कहाँ इतनी मस्त चुद्वा रही थी थोड़ी देर पहले और अब रो रही हैं ....

"मम्मी ..मम्मी क्या हुआ क्यूँ रो रही हो ..?? "

" अरे नालयक रौउँ नहीं तो और क्या करूँ ..?? अपने बेटे के सामने ..इस तरह नंगी बैठी हूँ .." और अपनी गीली चूत की ओर इशारा किया " और शायद चुद भी गयी ....इस बेशर्मी पर क्या हंसु ..?? पर हरामजादे ..तू तो होश में था ना ...मुझे रोका क्यूँ नहीं .... मम्मी की चूत देखी और पिल पड़े ...? ये भी नही सोचा मैं तेरी माँ हूँ ....." और फिर फूट फूट कर रोने लगीं...

भैया समझ गये अभी बड़ी सावधानी बरतनी पडेगि .... मामला बड़ा नाज़ुक था ....

" देखो मम्मी इसमें रोनेवाली कोई बात है ही नहीं ...तुम जानती हो मैं तुम से कितना प्यार करता हूँ ...और शायद तुम भी... तुम मुझे पापा समझ मुझ से ऐसे लिपट गयीं ..मुझे हिम्मत नहीं हुई अपने आप को छुड़ाने की .... तुम्हें जो आनंद और सूख मिल रहा था ...तुम कितनी खूश थी ...तुम पापा के साथ अपनी जवानी के दिनों में हिचकोले ले रही थी ...ऐसा मौका क्या हमेशा मिलता है ..? अगर भगवान ने तुम्हें ये दिन देखने को दिया ... ये सूख भोगने को दिया ..मैं कौन होता हूँ उसे रोकने वाला ..?? और मम्मी , हम माँ और बेटा तो बाद में हैं .. एक मर्द और औरत पहले ....."

भैया बोले जा रहे थे ..मम्मी सुनते जा रही थी ..उनका रोना बंद हो चुका था ..मैं भी दंग थी भैया की बात से ..इतनी जोरदार तरीके से वो मम्मी को कन्विन्स कर रहे थे ...

" सच बताओ मम्मी ..अपने दिल पर हाथ रख कर कहो ..क्या तुम मुझ से प्यार नहीं करती ..क्या तुम आज मुझ से सिर्फ़ इसलिए चुदि कि मैं पापा जैसा हूँ..क्या तुम ने एक बार भी मुझे अभी समझ गले नहीं लगाया ..क्या एक बार भी अपना बेटा समझ मुझे नहीं चूमा ....बोलो ना मम्मी ..बोलो ..चूप क्यूँ हो ..??? " मैं भैया की बातें सुन दंग थी..कितना ज़ोर था ..कितना प्यार था उनकी बातों में ..

थोड़ी देर तक भैया चूप रहे ..फिर उन्होने मम्मी की ठुड्डी पकड़ उनका चेहरा अपनी तरफ किया और कहा :

" अगर मोम आप को अभी भी शर्मिंदगी महसूस हो रही है ..ये समझ रही हैं के आप ने कुछ ग़लत किया है...तो ठीक है ..मैं अभी के अभी चला जाता हूँ .....मैं कभी भी अपनी मनहूस शकल नहीं दीखाऊंगा आप को ..कभी नहीं...." और वे उठ खड़े हुए ..शॉर्ट्स पहेन ली और जाने के लिए आगे बढ़े ....

मम्मी सन्न थी ..मैं शॉक्ड थी ...मेरा दिल किया अभी अंदर जाऊं और उन्हें रोक लूँ ....

तभी मम्मी उठी ..भैया को कंधे से थामते हुए अपनी ओर खींचा और दोनों गालों पर एक के बाद एक झन्नाटेदार तमाचा लगाया ...

" वाह रे वाह ....येई है दम तेरे प्यार का..? ज़रा सी मुश्किल आई नहीं के भाग खड़े हुए .... मर्द हो तुम , तुम्हें तो मुझे सहारा देना है यह मंझधार में छोड़ भाग जाना है ...??"

भैया मम्मी के तमाचे से ज़रा भी नहीं हीले ..बस यूँ खड़े रहे जैसे कुछ हुआ ही नहीं ...

" नहीं मोम ..नहीं मोम ....नो नो ....तुम ने मुझे ग़लत समझा ..मैं इसलिए नहीं जा रहा के मैं इस मुश्किल का सामना नहीं कर सकता ..तुम कहो तो मैं अभी सब के सामने कह सकता हूँ ..हाँ सारी दुनिया के सामने , के मुझे तुम से प्यार है ..हाँ ...मैं पापा को भी बोल सकता हूँ ...पर मुझे अपने से ज़्यादा आप की चिंता है मोम ..मैं नहीं चाहता मेरी वजेह आप पर कोई आँच आए ..कोई आप पर उंगली उठाए ..मैं आप से बे इंतहा प्यार करता हूँ मोम ..बे इंतहा ....."

और वे फूट फूट कर रोने लगे ....

" मोम आप ने ग़लत समझा ...मोम ..मोम ..आइ लव यू ..आइ लव यू मोम "

उनकी आँखों से लगातार आँसू टपक रहे थे ....

मैं भी रो रही थी ..मैं जानती थी भैया मुझे भी उतना ही प्यार करते हैं ....सिर्फ़ मेरी वजेह से उन्होने अभी ये बात मोम से नहीं कही ..

क्रमशः……………………..
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11-17-2018, 12:47 AM,
#23
RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--13

गतान्क से आगे…………………..

मम्मी फिर से सकते में आ गयीं ...उनकी आँखों से भी आँसू टपक रहे थे ,पर अब दूख से नहीं अपने बेटे के बेइंतहा प्यार से ..उन्होने आगे बढ़ भैया की शॉर्ट्स उतार दी एक झट्के में और उनसे बुरी तरह चिपक गयीं ,उन्हें चूमते हुए कहा ..

" अरे बूद्धू ..जिस के लिए तू सब कुछ छोड़ने को तैयार है ..क्या उसे यूँ ही बिना चोदे छोड़ देगा ..?? अभय बन कर तो चोद लिया मुझे ..अब अभी बन कर मुझे कौन चोदेगा ? तेरा बाप ..??"

"ऊवू मोम मोम यू अरे ग्रेट ,,तुस्सी ग्रेट हो जी ....हा हा .हो हो ..ऊवू मोम .." भैया ने मम्मी को अपनी गोद में उठा लिया और पागलों की तरह चूमने लगे और बीस्तर पर पटक दिया ...

मैं रो रही थी खुशी के आँसू मेरी आँखों से लगातार बहे जा रहे थे...

मोटे गद्देदार बिस्तर पर मम्मी भैया के पटाकने से उछल रही थी...भैया उन पर टूट पड़े ..उनसे बुरी तरह लिपट गये , अपने लौडे को मम्मी की चूत के उपर दबाए जा रहे थे ..घिस रहे थे ..उन्हें चूम रहे थे पागलों की तरह ..कभी होंठ चूमते ..कभी चुचियाँ चूस्ते ..कभी चूचिया मसल देते ...कभी पेट चूमते ..बस उन्हें चूमे जा रहे थे ..मम्मी मुँह खोले " अया ..ऊओह हाऐी .." किए जा रही थी ... फिर उन्होने उनके होंठ अपनी होंठों से जाकड़ लिया और जोरों से चूसने लगे ...जैसे उसका पूरा रस ..पूरा गीलापन अपने अंदर ले लेंगे ..मम्मी उनकी बाहों में छट पटा रही थी ..उनकी जवान और मजबूत बाहों में , अपने बेटे अभी की बाहों में ... उन्हें एक एक हड्डी टूटने का अहसास हुआ ...

""बेटा ..मैं मर जाउन्गि .आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह चूसो , चूसो ..आज मम्मी को चूस डालो ..." उन्होने अपनी टाँगों से भैया को जाकड़ लिया था और अपनी ओर खींचे जा रहीं थी ..जैसे दोनों एक दूसरे में समा जाना चाहते हों ...मम्मी भी नीचे से अपनी चूतड़ घूमाते हुए भैया के लौडे को घिस रहीं थी ...उनका लौडा कड़ा और कड़ा होता जा रहा था ...फिर एक दम से भैया उठे ,मम्मी को गोद में उठाया ..मम्मी उनके कंधों पर अपना सर रखे अपने आप को उन के उपर छोड़ दिया था ,,सौंप दिया था ..भैया ने उन्हें बगल में रखे टेबल पर बिठा दिया ...उनकी टाँगें टेबल से नीचे लटक रहीं थी...उनकी चूत से पानी रीस रहा था ...भैया उनकी टाँगों के बीच एक कुर्सी रख बैठ गये ..उनकी टाँगें फैला दी ..मम्मी की चूत फैली थी ..उसकी गुलाबी फांके चमक रही थी ...गीलेपन की वाज़ेह से और भी खूबसूरत लग रही थी मम्मी की चूत ...उन्होने चूत की फांके हथेली से फैला दी ...और एक दम से अपनी जीभ चूत की फांकों के बीच उपर नीचे करने लगे ...मम्मी कराह उठी ...

"अया...ऊवू उईईईई......उूुुउउ...हाई.. क्या कर रहे हो अभी.....मैं मर जाउन्गि ..." उनके पैर कांप रहे थे ..बदन सिहर रहा था ...और पानी टपक रहा था चूत से लगातार ...भैया लॅप लॅप चाटे जा रहे थे उनकी चूत ..उस चूत को चाट रहे थे ..उस चूत का स्वाद ले रहे थे जिस से खुद बाहर आए थे ...इस सोच से भैया भी शायद बहुत एग्ज़ाइटेड थे ..उनका लौडा इतना कड़ा कभी नहीं था ...मम्मी पागल हो रहीं थी ...भैया ने उनकी चूतड़ भी हाथो से जाकड़ रखी थी ..उनकी सॉफ्ट और गुदाज चूतड़ ...चूतड़ मसल रहे थे और चूत चाट रहे थे ...मम्मी का पूरा पानी चूस रहे थे ... फिर उन्होने अपनी जीभ उनकी चूत में डाल दी ..और अपनी जीभ से ही चोदने लगे ...

मम्मी उछल रहीं थी ..उनका चूतड़ उछल रहा था ...हिचकोले ले रहा था ..

""आआआह्ह्ह्ह ...मेरे राजा बेटा ...कितना चूसोगे अपनी माँ की चूत ..ऊवू इतना मज़ा मुझे आज तक नहीं आया ...ऊवू ...अब चोद डालो ना अभी ....मैं और से नहीं सकती .....देखो ना तुम्हारा लौडा भी कितना सख़्त है "... और उन्होने थोड़ा नीचे झूकते हुए उनका लौडा हाथ से थाम लिया ...उनकी मुट्ठी से बाहर था उनका लंड ..उनके हथेली में समा भी नही रहा था ..इतना मोटा और लंबा था ...मम्मी के सहलाने से भैया कराह उठे ..."आआह्ह्ह्ह ...मम्मी ...अया .."

और फिर वे कुर्सी से उठ गये ,खड़े हो गये ..अपना लौडा अपने हाथों में लिया और मम्मी की चूत में घिसते हुए उनकी गुलाबी चूत में धंसा दिया ...मम्मी का मुँह खूल गया .."आआआह ...' उनकी आँखें बंद हो गयीं ..भैया ने उनके कमर को हाथों से जकड़ते हुए अपनी ओर खींचते हुए धक्के पे धक्का लगाना शुरू कर दिया ...मम्मी हर धक्के में कराह उठती ..चिल्ला उठती

"" अया हाँ बेटा ,,चोदो ..ज़ोर से चोदो ..ऊह तेरा लंड कितना मोटा और लंबा है ....मेरी चूत में इतना अंदर आज तक लंड नहीं गया ...आह मेरी चूत की खुजली ...आह आज खुजली मिट रही है...पेलो अभी ..मेरा राजा बेटा ..माँ की चूत पेल दो ..फाड़ दो ...अया "

भैया मम्मी से चिपके खड़े खड़े चोदे जा रहे थे ..खड़े खड़े चोदने से धक्के में इतना ज़ोर रहता था मम्मी का पूरा बदन हिल जाता ... पूरा बदन झनझणा उठता ...भैया भी कभी उनकी चूची चूस्ते ..कभी उनके होंठ ..

.वाह क्या नायाब तरीका था चोदने का टेबल पर ..अगली बार मैं भी ऐसे ही चुद्वाउन्गि भैया से..

अभिईीईईईईई आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और नहीं बेटा ..अब मैं और नहीं सह सकती ...मैं आने वाली हूँ ..." भैया ने फ़ौरन अपना लंड बाहर कर दिया और उन्हें फिर गोद में ले बीस्तर पर लीटाया और उनके टाँगों के बीच लेट ते हुए उनकी चूत अपने होंठों से जाकड़ ली और चूसने लगे ..मम्मी की चूतड़ उछल रही थी ..उपर , उपर और उपर उठती जाती उनकी चूतड़ ..उनका पानी भैया के मुँह में फव्वारे की तरह जा रहा था ..भैया पूरे का पूरा मुँह मे गटक रहे थे ..अपनी मम्मी का पानी ...उनका शरीर जिस पानी से बना ...अया भैया के चेहरे पे एक अजीब मस्ती थी "बेटॅयायीययाया ...मैं गाइिईई ऊऊहह "...मम्मी चुटड उछाल उछाल कर ढीली पड गयीं ...

भैया का लंड जो अब इतना कड़ा था ...वीर्य के उसमें भरे होने की वाज़ेह से ..हिल रहा था ..हल्का हल्का झट्के खा रहा था ..मम्मी ने फ़ौरन उसे अपने हाथों में लिया और अपनी जीभ सुपाडे पर चलाते हुए मुँह के अंदर ले लिया..मुँह की गर्मी और जीभ के स्पर्श से ..भैया रोक नहीं सके अपने आप को और मम्मी के मुँह में झट्के देते देते झडने लगे ....मम्मी उनके गर्म वीर्य की पिचकारी पूरे का पूरा अपने मुँहे में ले रहीं थी ... " आआह ऊवू ..मोम ..मोम हहान आआआआआआः .."

दोनों शांत हो गये एक दूसरे के अंदर अपने अपने रस डाल ... भैया मम्मी के उपर ढेर हो गये हानफते हुए ..मम्मी ने उनके सर पर हाथ फिराते हुए उन्हें अपनी ओर खींचते हुए अपने सीने पर रख दिया ...दुनिया की सब से महफूज़ जागेह ..माँ का सीना...भैया निश्चिंत थे वहाँ ....

इधर मैं भी बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी अपनी चूत से ,,मेरी हथेली पूरी गीली हो गयी थी ..इतना पानी निकला था मेरी हथेलियों से टपका रहा था ...

माँ और बेटे की चुदाई शायद दुनिया की हर चुदाई से नायाब होती है ......

भैया और मम्मी की चुदाई का ग्रांड शो देखते देखते मैं भी कई बार झड़ी , दोनों की चुदाई से ज़्यादा मज़ा मुझे उनका एक दूसरे के लिए प्यार और तड़प देखने में आ रहा था ..भैया के हर धक्के में एक ऐसी भूख होती थी ..ऐसी कशिश होती जैसे वो मम्मी के अंदर घुस जाना चाहते हों .उनसे मिल जाना चाहते हों ...और मम्मी भी इतनी मस्त चुद्वा रहीं थी ...टाँगें इस तरह फैला रखीं थी उन्होने जैसे वे भैया को वापस अपने अंदर लेना चाहती हों ..वापस उनका और अपना वज़ूद एक कर लेना चाहती हों .....माँ और बेटा एक शरीर के दो रूप ...फिर से आपस उनके मिलने की कसक ..तड़प ...इस कोशिस को कामयाब करने का ..हसील करने का .छुदाई से बढ़ कर और कोई ज़रिया नहीं हो सकता ...और भैया और मम्मी की कोशिश जोरों से जारी थी ...देर रात तक....

मम्मी दो दो बार अपने जवान बेटे के लंड से ताबड तोड़ चुद्ने के बाद थक गयीं थी ..उनकी आँखें लग गयीं ..दोनों एक दूसरे की बाहों में सो गये ...दुनिया से बे परवाह ..बेख़बर ..

मैं भी अपने कमरे में बीस्तर पर लेट गयी ...ये सोच ने लगी के अगर आज मैं भी इन के साथ शामिल रहती तो कितना मज़ा आता ...ये ख़याल आते ही मैं सिहर उठी ...ऊवू ...कैसा रहेगा जब मम्मी बीच में होंगी और एक तरफ भैया और दूसरी तरफ मैं ..उनकी एक चूची मैं चूसू और दूसरी भैया ..मम्मी दोनों को अपनी बाहों में ले कर अपनी चूचियों की ओर खींचें ..आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और बीच बीच में भैया का मुँह चूची से हट कर मेरे मुँह से लग जाए ..और वो मेरे होंठ चूसें .....आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह इस कल्पना से ही मैं झडने लगी ...मेरी पैंटी फिर से गीली हो गयी ..इतने बार झडने की वजेह से मैं बिल्कुल सूस्त पड गयी ...और अपनी टाँगें फैलाए आँखें बंद कर पड़ी रही...और मैं मम्मी की गोद की कल्पना करते करते नींद की गोद में चली गयी..

सुबह उठते के साथ मैं भागते हुए मम्मी के कमरे की ओर गयी ...और देखा दरवाज़ा अभी भी भिड़ा था ..किसी को भी रात में दरवाज़ा बंद करने का होश नहीं था ...मैने देखा मम्मी जागी थी..और भैया अभी भी गहरी नींद में थे ...मम्मी ने उन्हें बड़े प्यार से अपने सीने से अलग किया और उन्हें चूमते हुए जगाने की कोशिश की...भैया ने आँखें खोल दी..मम्मी ने उनके चेहरे को अपने हाथों से थामते हुए कहा

" बेटा उठ , अपने कमरे में जा..पता नहीं कहीं दामिनी आ गयी तो क्या सोचेगी .."

भैया ने कुछ सोचा , फिर मुस्कुराए और जल्दी से उठ कर कहा

" ठीक है मोम ..मैं जाता हूँ..पर तुम अभी लेटी रहो ...तुम काफ़ी थकि लग रही हो ...थोड़ा और आराम कर लो फिर उठना ..."

"वाह मेरे बेटे को मेरा इतना ख़याल है..मैं तो निहाल हो गयी ..इतना प्यारा बच्चा है मेरा ...और उस से भी प्यारा है उसका ये ..." और ये कहते हुए उन्होने उनके लंड को अपने हाथों से जकड़ते हुए चूम लिया ..

" उफफफफफफ्फ़..मोम ..अया अगर दामिनी का ख़याल नहीं होता ना तो मैं अभी के अभी चोद डालता ..."

" बिल्कुल ..अपने बाप पे गया है ..इतनी बेसब्री ..मेरे लाल..?? अब तो सभी रातें हमारी हैं . मैं भी कहीं भागी नही जा रही ..? जा बेटा अब जा ... "

भैया ने मम्मी को गले से लगाया ..एक जोरदार किस की उनके होंठों पर ...फिर

शॉर्ट्स पैर में डाला और रूम के बाहर निकलते हुए ये कहना नहीं भूले "पर आप अभी लेटी रहना .."

क्रमशः……………………..
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11-17-2018, 12:48 AM,
#24
RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--14

गतान्क से आगे…………………..

मैं समझ गयी वे मम्मी को लेटी रहने को क्यूँ बार बार बोल रहे थे..उन्हें पता था के मैं ज़रूर बाहर खड़ी हूँ ..और कहीं मम्मी मुझे देख ना लें ....मैं मन ही मन हँसी जा रही थी ...

भैया बाहर आए ,दरवाज़ा फिर से उधका दिया , और अब मैं अपने आप को रोक नहीं सकी ...मैं उछलते हुए भैया की गोद में आ गयी ..उनके कमर की गिर्द अपनी टाँगें करते हुए और गर्दन के गिर्द हाथ रखते हुए उन्हें जाकड़ लिया और उन्हें पागलों की चूमे जा रही थी...भैया ने भी मुझे अपने से चिपकाते हुए अपने कमरे की ओर जाने लगे...मैं उन्हें चूमे जा रही थी और कहती जाती ..

"ओओओओह ..भैया ..भैया ..यू आर ग्रेट , सिंप्ली ग्रेट ..क्या चुदाई की ..ऊओह ..उफफफफफ्फ़ .."

"उफफफफ्फ़...हाँ दामिनी ..मैने आखीर मन की मुराद पूरी कर ली....ऊवू मम्मी को चोद लिया ....ऊऊह क्या चूत है उनकी...दामिनी .... " भैया भी खुशी से पागल थे ..

"हाँ ..अब तो मेरी चूत को कौन पूछता है .....???अब तो आप को उठते बैठ ते बस मम्मी की चूत दिखेगी ..अब मैं कहाँ और मेरी चूत कहाँ ...??"

" दामिनी देख मैं आखरी बार बोलता हू..तू फिर कभी ऐसी बात नहीं करेगी ..तू जानती है ना मैं तुझे

कितना प्यार करता हूँ ? उनकी चूत और तुम्हारी चूत में कोई कंपॅरिज़न नहीं ..दोनों नायाब हैं ..अपनी

अपनी जागेह बेमिसाल ..मेरी रानी बहना .. तुझे भी तो पापा का लंड इतना अच्छा लगा ...पर क्या

मेरा लंड तू भूल गयी..?? बोलो ..??"

" ऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भैया ..मान गये आप को क्या मिसाल दी आप ने ....आइ लव यौउउउउउउ...सो मच..."

कमरे में पहुँचते ही उन्होने मुझे लीटा दिया और मेरे बगल लेट गये ..मैं उनके सीने पर अपना सर रख दिया और हथेली से सीना सहलाते हुए कहा " भैया...."

" क्या है दामिनी ..?? " उन्होने मेरी चुचियाँ दबाते हुए कहा

मैं चिहूंक उठी " अया ..रात भर मम्मी की चूचियों से मन नहीं भरा ..?? ...भैया मैं भी तुम दोनों के साथ शामिल होना चाहती हूँ .." मैने इठलाते हुए कहा..''प्ल्ज़्ज़ भैया कुछ करो ना ..."

" हाँ दामिनी ..मैं भी येई सोच रहा था...कितना मस्त रहेगा ..मेरे दोनों सब से अज़ीज़ और प्यारे मेरे साथ रहेंगे ...साथ मज़ा लेंगे एक दूसरे का ... पर मम्मी को कैसे राज़ी किया जाए ..??"

" वो आप मुझ पर छोड़ दो मेरे भैया ..बस तुम देखते जाओ .." मैने उनके निपल्स दबाते हुए कहा ...

" आआअह ..दामिनी तुम भी ना .. हाँ दामिनी तू तो है ही दिमाग़ वाली ...तेरी चूत और दिमाग़ दोनों मस्त ..." और उन्होने मेरी चूत मसल दी ..

" उईईईईईईई ....क्या भैया ..देखते नहीं कितनी गीली है ..तुम दोनों की चुदाई देखते देखते कितनी फडक रही है ..भैया प्ल्ज़्ज़ चोदो ना ..जल्दी से ... कुछ तो रहेम करो ...मैं कितनी चुदासी फील कर रही हूँ...रात भर तुम दोनों को देख ..प्ल्ज़्ज़ भैया ..?"

" उफ़फ्फ़ .मेरे पास कोई चाय्स है क्या ..? मुझे मालूम है तू मानेगी नहीं ...चल खोल अपने शॉर्ट्स .."

उनका लंड तो पहले ही कड़क था मेरी बातों से और मेरे चिपकने से ..मैने फटाफट शॉर्ट्स उतारी और अपनी टाँगें फैलाए उनके लौडे का बेसब्री से इंतेज़ार करने लगी ..

भैया फ़ौरन मेरी टाँगों के बीच आए और एक ही झट्के में लौडा अंदर पेल दिया ...चूत इतनी गीली थी के उनका लौड फतच से पूरा अंदर , टाइट फिट होता हुआ धँस गया ..और मेरी चूतड़ थामे धक्के लगाने लगे ...दोनों चुदाई में मस्त थे ..

एक दम से दरवाज़ा खुला ..मैं चौंक गयी ...भैया की पीठ थी दरवाज़े की तरफ ..उन्हें कुछ मालूम नहीं पड़ा ..

मम्मी हाथ में चाइ की ट्रे लिए दरवाज़े के अंदर आ रही थी ....

मुझे तो काटो खून नहीं ...भैया भी मुझे सकपकाया देख चौंक गये ...उनका धक्का लगाना ऐसे रुका जैसे एक दम से ब्रेक लगाने पर कोई कार..." क्या हुआ दामिनी ..तुम ऐसे क्या देख रही हो ..." उन्होने झल्लाते हुए कहा ...

मैने चूप थी ..क्या बोलती ..बस आँखें फाड़ मम्मी की तरफ एक तक देखे जा रही थी ...भैया समझ गये शायद कोई बला उनके पीछे खड़ी है.उन्होने अपनी गर्दन मोडते हुए पीछे देखा ..

मम्मी अब तक दरवाज़ा बंद कर अंदर आ चूकी थी और हम दोनों इतने घबडाये थे के हमें जैसे लकवा मार गया हो..हमें कपड़े पहेन ने का भी होश नहीं था ..हम बस वैसे की वैसे पड़े थे ,,सिर्फ़ भैया मेरे उपर से हट कर बिस्तर के चोर पर सर झूकाए बैठे थे..

मम्मी ने चाइ की ट्रे साइड टेबल पर रख दी ..हम दोनों अगल बगल सर झूकाए बैठे थे ...

मम्मी हम दोनों की तरेफ देखते हुए खड़ी थी कमर पर हाथ ..चेहरा एक दम सीरीयस ...

और फिर जो उन्होने कहा ..हम दोनों दुबारा भौंचक्के थे ...

उन्होने हम दोनो की ओर चिल्लाते हुए कहा , " अरी बेवकूफो ...ऐसी हरकत करने के पहले कम से कम दरवाज़ा तो ठीक से बंद कर लिया होता ..जानें तुम लोगों को कब अकल आएगी..??".....

मम्मी का ये रूप भी मैने कभी नहीं देखा .... कहाँ तो भैया के साथ चुदाई के पहले कितना रोई , और अभी हमे चुदाई करते देख ..गुस्सा करना तो दूर ..हमें हिदायत दी जा रही थी दरवाज़ा बंद रखने की..मैं हैरान थी ,,भैया भी मुँह फाडे देख रहे थे .... हम दोनों एक दूसरे को बस ऐसे देखे जा रहे थे ..मानों मम्मी ने अब बम फोड़ा ... पर ऐसा कुछ नहीं हुआ .

रूम में एक अजीब सन्नाटा था ....मम्मी कुछ बोल नहीं रही थी और हमे उनके बोलने का इंतेज़ार था .

तभी मम्मी ने हम दोनों की जांघों को थामते हुए अलग किया और हम दोनों के बीच बैठ गयीं

मैं मम्मी की एक एक हरकत से एक अजीब सी उलझन में थी ..आख़िर ये चाहती क्या हैं..? कुछ बोलती क्यूँ नहीं ,,डाँट ती क्यूँ नहीं ..?? हंगामा खड़ा क्यूँ नहीं करतीं..?? और तो और अब हम दोनों के बीच बैठ भी गयीं ...मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था....

अगर जंगली शेरनी आप के सामने आप को अपना मुँह खोले , बजाय आप को खाने के अपनी जीभ से आपको सहलाए तो कैसा फील होगा ..?? कुछ वैसी ही हालत हमारी थी ..कभी खुश होते की चलो मम्मी ने बुरा नहीं माना ..पर फिर डर भी लगता के पता नहीं ये चूप्पि आनेवाले तूफान का इशारा तो नहीं ....

फिर शायद मम्मी ने हमें और ज़यादा सस्पेंस में रखना ठीक नहीं समझा ..शायद उनको हम पर तरस आ गया .....वो ठहाका लगा जोरों से हँसने लगीं ...उनकी हँसी से हमारी जान में जान आई ..चलो और कुछ भी हो कम से कम मम्मी गुस्सा तो नहीं हैं ...

फिर उन्होने अपनी बाहें फैलाते हुए दोनों को अपने सीने से लगाया और कहने लगी

"मैं जानती हूँ तुम दोनों भाई बहेन को इस हालत में देख मेरे रिक्षन से तुम लोगों को हैरानी हो रही होगी ...पर मैं और मम्मियो की तरह नहीं मेरे बच्चे ..अगर मैं अभी से चुद्वा सकती हूँ ..तो मेरी दामिनी अगर अभी से चुद्वाये तो क्या गुनाह है..?? तुम दोनों मेरे बच्चे हो ,मुझे मालूम है तुम जो करोगे सोच समझ कर ही करोगे ... इस तरह की रिलेशन्षिप में कितना प्यार , कितना ख़याल और एक दूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की हिम्मत आ जाती है ...है ना ..??"

" हाँ वो तो है मम्मी ..पर आप को ये कैसे मालूम हुआ के मुझे आप के और भैया के बारे पता चल गया ..?? "मैने हैरान होते हुए पूछा ..

" ह्म्‍म्म ...जिस दरवाज़े से तू रात भर हमारी चुदाई देख रही थी ना मेरी दामिनी रानी ..मैने जान भूझ कर खुला रखा था ...मैं इतनी भी नशे में नहीं थी ..मैं चाहती हूँ कि हमारे परिवार में एक अटूट प्यार और स्नेह का रिश्ता रहे ..जो बिना सेक्स के पूरा नहीं होता ...इस से हमारे बंधन और भी मजबूत होते हैं ... "

हम दोनों मम्मी से लिपट गये और उन्हें चूमने लगे ...." ऊऊओ मोम यू आर दा ग्रेटेस्ट मोम ..हम दोनों कितने लकी हैं ..आप जैसी मों हमें मिलीं .." हम दोनों एक साथ बोल उठे ..

" और मैं भी लकी हूँ मेरे बच्चे ..तुम दोनों जैसे समझदार और प्यारे प्यारे बच्चों को जन्म दे कर .... अच्छा दामिनी एक बात बता तू अपने पापा से चुदि या नहीं ....जैसा तुम दोनो के बीच चल रहा था ..अब तक तो ये शूभह कम हो जाना चाहिए था...?'"

" हाँ मोम ..शुभ काम हो गया है.... ऊओह मोम पापा कितने अच्छे हैं ..कितने प्यार से चोद्ते हैं .. आप कितनी लकी हैं ...और मोम मैने तो कसम खाई थी के मेरी चूत पे पहला हक़ पापा का है ....जब तक वो मुझे नहीं चोद्ते ना ..मैं किसी और से नहीं चुद्ति ..चाहे मुझे जिंदगी भर कुँवारी ही क्यूँ ना रहनी पड़ता...! "

" वाह इतना प्यार अपने पापा से ..? "

क्रमशः……………………..
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11-17-2018, 12:48 AM,
#25
RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--15

गतान्क से आगे…………………..

तभी भैया भी बोल उठे " मम्मी मेरी भी तारीफ करो ना ..मैने भी तो कसम खाई थी बिना तुम्हें और दामिनी को चोदे कभी किसी को नही चोदून्गा ..." और उनका सीना चौड़ा हो गया..

" देखा ..कितना प्यार है हमारे बीच ...पर एक बात का ख़याल रखना अभी ये बात सिर्फ़ हम तीनों तक ही रहेगी ..पापा को मत बताना ..समय आने पर मैं उन्हें खूद बताऊंगी ..दामिनी तुम ये ख़याल रखना के पापा ये समझें कि तुम्हारे और उनके बीच की बात सिर्फ़ तुम दोनों ही जानते हो ...और कोई नहीं ..समय आने पर सब को सब मालूम हो जाएगा ..ठीक है ना ..??"

" ऊओह मोम आप चिंता मत करो ..आप जैसा कहेंगी वैसा ही होगा .... " हम दोनों एक आवाज़ में बोल उठे ..

" और एक बात मेरे प्यारे बच्चो... देखो हम जिस रिश्ते में हैं ये बड़ा ही नज़ूक रिश्ता है..हमें अपनी जिंदगी में और भी रिश्ते करने होंगे ... जो ज़रूरी हैं ..और साथ में इस रिश्ते को भी बनाए रखना है ..मेरा मतलब जब तुम दोनों की शादियाँ होंगी ... इस के लिए बहुत सी बातें जान ना ज़रूरी है ..जो किसी स्पेशलिस्ट से जाना जा सकता है ... वो तुम को बताएँगे कैसे दोनों रिश्तों में ताल मेल रखा जाए ..."

" पर मोम अभी तो शादी वादी बहुत दूर की बात है....जब होगी तब देखेंगे ... '"

" नहीं बेटे हो सकता है शादी से पहले भी तुम दोनों के अफेर्स होंगे ..?? उन्हें कैसे संभाला जाए ..? यह कहीं हमारे रिश्ते से तुम लोग इतना प्रभावित तो नहीं हो गये के उन रिश्तों की अहमियत भूल गये ..? यह फिर किसी और से सेक्स करने में नाकामयाब हो गये ..?? ये सब बातें अभी से मालूम होने से बाद में प्राब्लम नहीं होता है .."

" हाँ मम्मी आप बात तो बिल्कुल सही कह रहीं हैं .... " भैया ने कहा ..

" हाँ बेटे अभी मैं इसलिए भी कह रहीं हूँ के मेरी एक बड़ी अच्छी दोस्त हैं ..मेरे क्लब की दोस्त ..डॉक्टर. पायल ...वो सेक्शोलॉजिस्ट हैं और इनसेस्चूयियल रिलेशन्षिप की स्पेशलिस्ट हैं ... बहुत भरोसे की हैं ..मैं चाहती हूँ तुम दोनों एक बार उन से मिल लो ..तुम उनसे सब कुछ कह सकते हो ..बस ये समझो तुम मुझ से ही बातें कर रहे हो ...बिल्कुल बेझिझक .... उन से बातें कर के देखना तुम्हें कितना अच्छा लगेगा ... "

"ओके मोम ....बोलिए कब जाना है ..? उनकी उम्र तो काफ़ी होगी ..??" भैया ने कहा ...भैया अब तक मम्मी की नाइटी के अंदर से उनकी एक चूची से खेल रहे थे और मैं दूसरी से ... मम्मी भी मज़े ले रहीं थी ..

" नहीं रे ..येई तो खूबी है , उनकी उम्र सिर्फ़ 30 साल है ...और बाकी तुम खूद ही देख लेना ...बहुत होशियार हैं डॉक्टर. पायल .. "

" ओऊओह मोम आप कितना ख़याल रखती हैं हमारा .... " भैया ने अब तक उनकी नाइटी सामने से खोल दी थी ... मम्मी अब नंगी थी सामने से ....और अपनी टाँगें फैला दी थी ..उनकी चूत भी फैली थी ...पर रात की कोई निशानी नहीं थी ..बिल्कुल साफ ..गुलाबी और फ्रेश .. पर पानी की बूँदें चमक रही थी..जैसे सुबह सुबह गुलाब की पंखुड़ियों में ओस की बूँदें ....भैया से रहा नही गया और वी उनकी टाँगों के बीच बैठ कर उनकी चूत पर टूट पड़े ..मुँह डाल दिया और चूसने लगे ...

मेरा बुरा हाल था ..लगातार पानी टपक रहा था मेरी चूत से ... ..

." भैया ...दिस ईज़ अनफेर ..एक तो आधे रास्ते मुझे लटका दिया ...और अब मेरी चूत छोड़ मम्मी की चूत चाट रहे हो ..मम्मी आप ही कहो ना ये कहाँ का इंसाफ़ है .."

" हाँ बेटा दामिनी बिल्कुल सही है ..बिचारी रात भर से तरस रही है... और मेरे अचानक आने से आधे रास्ते में ही लटक गयी ...ठीक है अभी बेटा तुम लेट जाओ .....मैं अपनी चूत तुम्हारे मुँह से सटा कर लेट ती हूँ ..तुम मेरी चूत भी खाओ और दामिनी तुम्हें चोदेगि ..क्यूँ ठीक है ना बेटी ...??"

" बिल्कुल ठीक है मम्मी ..."

और भैया लेट गये उनका तननाया लौडा उनकीी जांघों के बीच से उपर लहरा रहा था ..मम्मी अपनी चूत उनके मुँह से लगा कर लेट गयीं और मैं अपनी टाँगें भैया के दोनो तरफ कर उनके तननाए लौडे पर धीरे धीरे बैठ गयी ..घतचक ..और मेरी चूत उनके लौडे की जड़ तक पहुँच गयी ..मेरी चूत इतनी गीली थी और उनका लौडा इतना मोटा हो गया था ..उनके लौडे और मेरी चूत की दीवार से पानी का फवारा मेरी जांघों पर पड़ा...मैं इतनी एग्ज़ाइटेड हो गयी ...धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया ..हर बार मेरी जंघें उनकी जांघों से टकराती .... अयाया मैं मस्ती में भैया को चोद रही थी और भैया मम्मी की चूत चूसे जा रहे थे ...पूरे का पूरा अपने होंठों से दबाते हुए ..मम्मी का पूरा पानी उनके मुँह में जा रहा था ...मैं चूतड़ भैया की जांघों पर उछाल रही थी और मम्मी अपने चूतड़ उनके मुँह से ... भैया एक साथ माँ और बहेन का मज़ा ले रहे थे ..एक साथ पूरी फॅमिली मस्ती के सागर में गोते लगा रही थी ...लौडे और चूत से पानी की गंगा बह रही थी..और हम सब सिसकारियाँ ले रहे थे ....कराह रहे थे ...एक दूसरे को चूस रहे थे , चाट रहे थे ..चोद रहे थे ....उफफफफफ्फ़ एक अजीब मौज़ की लहर में तीनों हिचकोले ले रहे थे

फिर मम्मी जोरों से अपनी चूतड़ उछालते हुए अपने चूत से पानी का फव्वारा छोड़ने लगी भाई के मुँह में ..उन्हें देख मैं भी एग्ज़ाइटेड हो गयी और मेरी चूत से भी पानी छूटने लगा ..भैया की जांघों में ..भैया भी एक साथ दो दो हसीन चूतो के पानी की धार बर्दाश्त नहीं कर पाए ...और उनके लंड ने भी मेरी चूत में गरम गरम वीर्य की पिचकारी छोड़ना चालू कर दिया ..मैं कांप उठी ..मेरा रोम रोम सिहर उठा ... और मैं भैया की लंड अपनी चूत से जाकड़ उनके लौडे के झट्के का मज़ा ले रही ठेए....

थोड़ी देर बाद तीनों हानफते हुए ढेर हो गये ..

सब से पहले मम्मी उठी , नाइटी पहनी ..फिर बाहर जाते हुए हमें कहा " तुम दोनों जल्दी तैयार हो जाओ ...कामवाली बाई आती ही होगी ..और हाँ आज या कल शाम को डॉक्टर. पायल से ज़रूर मिलना "

" हाँ मोम ..मैं भी बहुत बेचैन हूँ अब उन से , पायल आंटी से मिलने को .." भैया ने कहा .

मम्मी बाहर निकल गयीं और भैया ने मुझे फिर से चिपकते हुए चूमा और चले गये बाथरूम ..

मैं लेटी थी , मुस्कुरा रही थी और सोच रही थी मम्मी ने कितना सही कहा था ..ये हमारा रिलेशन्षिप कितना प्यारा ..कितना मधुर और कितना मज़ेदार था ...और शायद पायल आंटी से मिलने का बाद और भी मधुर हो जाए....??

मम्मी ने तो बस रंग ही जमा दिया उस दिन ..क्या एंट्री मारी उन्होने ..मैं और भैया तो बस देखते ही रह गये ...उनकी सोच कितनी उँची थी ..औरों से बिल्कुल अलग ..उनका कहना कितना सही था ...अब हमारे बीच कोई टेन्षन नहीं था ..मैं एक आज़ाद पंछी की तरह महसूस कर रही थी ..हम आपस में किसी भी तरह बेरोक टोक मिल सकते थे ..एक दूसरे से कोई परदा नहीं ..ना सोच में ना व्यवहार में ..हम कुछ भी कर सकते थे , कुछ भी बोल सकते थे...इस भावना से कितनी शक्ति मिलती है..कितना हिम्मत बढ़ जाता है..कुछ भी कर गुजरने का हौसला हो जाता है...और कितना रिलॅक्स्ड फील होता है ...

"मोम यू आर दा ग्रेटेस्ट मोम ...."

उस दिन नाश्ते के टेबल पर तो बस मज़ा ही आ गया ...

भैया पहले से ही तैयार हो कर बैठे थे टेबल पर ..की मैं भी आ गयी .. मैने जीन्स ओर टॉप पहने थे कॉलेज के लिए ..जीन्स काफ़ी लो थी ..ओर टॉप काफ़ी उपर ..और मेरी चूचियों की गोलाई टॉप से मानों बाहर उछल कर आना चाहती थी ..भैया बस देखते रहे ..मैं उनके सामने वाली कुर्सी पर बैठ गयी ..

भैया अपनी कुर्सी से उठे और आ कर मेरी बगल वाली कुर्सी पर बैठ गये ..

" भैया प्ल्ज़्ज़ ...अब कुछ मत करो ..मेरी पैंटी गीली हो जाएगी ...अभी कॉलेज जाना है .प्ल्ज़ .."

" अब देख दामिनी ..तू इतनी मस्त लग रही है ..अगर तुझे थोड़ा बहुत छू छा नहीं किया तो तुझे बुरा लगेगा ..लगेगा ना..? आइ प्रॉमिस मैं ज़्यादा कुछ नहीं करूँगा..मुझे भी तो कॉलेज जाना है ना..आ मेरी गोद में बैठ जा ..मैं अपने हाथ से तुझे खिलाऊँगा."

भैया की इतनी प्यारी प्यारी बातों से मैं झूम उठी .और मैं धीरे से उनकी गोद में आ गयी ..

उन्होने अपनी नाक मेरे चेहरे से लगाते हुए कहा " आआह कितनी अच्छी स्मेल है दामिनी तेरे पर्फ्यूम की .. "

''हाँ भैया ... आप को पसंद आई..मैं अब इसे ही लगाऊंगी रोज .." मैं उनके गाल पर अपनी उंगलियाँ फेर रही थी ..भैया मेरे पेट सहला रहे थे ..कितना अच्छा लग रहा था ...

तभी मम्मी भी आ गयीं ..और हम दोनों को देख कर कहा " वाह देख दोनों भाई -- बहेन कितने प्यारे लग रहे हैं , कितना प्यार है दोनों में ..."

मैने कहा " मोम आप भी आ जाइए ना हम एक साथ नाश्ता करेंगे ..प्ल्ज़्ज़ आइए ना ..कितना अच्छा रहेगा .."

" हाँ मोम ..दामिनी ठीक कह रही है आइए ना प्ल्ज़्ज़ .." भैया ने भी मेरे हाँ में हाँ मिलाई .

" तुम लोग भी ना ... " और हमारे बगल की चेर पर बैठ गयीं

" मम्मी ऐसे नहीं ...तुम बीच में आ जाओ .." मैने कहा और भैया की गोद से उतर कर मम्मी के बगल में आ गयी .." और आप बस बैठी रहो ..हम दोनों आप को खीलाएँगे ..है ना भैया ..?"
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11-17-2018, 12:48 AM,
#26
RE: Kamukta Kahani दामिनी
अब एक कौर मैं खीलती मोम को तो दूसरा भैया ..बड़े प्यार से हम नाश्ता करते रहे ..फिर अचानक भैया ने मम्मी के मुँह में अपना मुँह लगा दिया और मम्मी के मुँह का नीवाला अपनी मुँह में ले लिया और पूरा गटक गये

" उफ़फ्फ़ मोम ..तुम्हारे मुँह में जाते ही देखो ना इसका टेस्ट कितना मस्त हो गया ,,अब तो मैं हमेशा तुम्हारे मुँह से ही खाऊंगा .."

" मैं भी मोम.." मैं भी बोल पड़ी ..

मम्मी तो बस हमें देखे जा रहीं थी ....इस समय हमारे अंदर ना कोई सेक्स की भावना ना कोई वासना थी ..था तो बस सिर्फ़ एक दूसरे के लिए अटूट और बे - इंतहा प्यार ...

मम्मी अब बड़े आहिस्ता आहिस्ता चबातीं और दोनों के मुँह में बारी बारी डालती जातीं ...

हम सब प्यार , स्नेह और एक दूसरे के साथ में डूबे थे ... एक निस्चल प्यार की गंगा बहे जा रही थी ..

नाश्ता ख़त्म हुआ ..हम ने मम्मी से चिपकते हुए उनको चूमा और अपने अपने कॉलेज चल पड़े..

जाते जाते मूड के देखा तो मम्मी की आँखों से खुशी के आँसू टपक रहे थे ...

और ये सब हुआ सिर्फ़ मम्मी के आज़ाद और सब से अलग ख्यालातो की वाज़ेह से..

क्रमशः……………………..
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11-17-2018, 12:49 AM,
#27
RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--16

गतान्क से आगे…………………..

शाम को मैं कॉलेज से वापस आते ही मम्मी से लिपट गयी ,उन्हें बेतहाशा चूमे जा रही थी ..और वह भी मुझ से ऐसे लीपटी थी जैसे हम दोनों बरसों बाद मिले हों ..

" मोम आज ऐसा क्यूँ लग रहा है .जैसे आप से मिले कितना अरसा हो गया है ..हम तो रोज कॉलेज जाते हैं ,पर पहले तो ऐसा कभी फील नहीं हुआ .."

उन्होने मुझे खींचते हुए अपने साथ सोफे पर बिठा लिया , एक हाथ मेरी पीठ पर था और दूसरा हाथ मेरी गोल गोल चुचियाँ सहला रही थी..मम्मी के हाथों में जादू था ..मैं आँखें बंद किए थी ..मेरी सारी थकान दूर हो गयी ...

" ऐसा इस लिए है दामिनी रानी क्यूंकी हमारे रिश्ते में अब कोई बंधन नहीं ...कोई दूरी नहीं...हम एक दूसरे के ही दो रूप हैं ...और अपने से ही कोई कैसे दूर रह सकता है ...?"

" हाँ मम्मी आप बिल्कुल ठीक कह रही हैं ...हम अब तीन शरीर पर एक जान हैं ....."

और तभी भैया भी आ गये और हमारा त्रिकोण पूरा हो गया ...

हम तीनों एक दूसरे से लिपटे थे ..एक दूसरे को प्यार कर रहे थे ..मम्मी और भैया अगल बगल थे और मैं कभी भैया की गोद में तो कभी मम्मी की गोद में प्यार के हिचकोले ले रही थी ..

तभी फोन की घंटी बजी ...

मम्मी ने उठाया और थोड़ी देर किसी से मजाकिये लहज़े में बातें करती रहीं .फहीर उन्होने फोन रख दिया और हमारी ओर देखते हुए कहा .." पायल का फोन था ..कह रही थी तुम दोनों का इंतेज़ार कर रही हैं .."

" अरे मैं तो बिल्कुल भूल ही गया था उनके बारे ..चल दामिनी जल्दी तैयार हो जा . चलें ज़रा देखें क्या कहती हैं अपनी पायल आंटी ..?" भैया ने मुझे आँख मारते हुए कहा .फिर मोम की तरफ देखते हुए कहा " पर मोम जाना कहाँ है ..? "

" अरे ज़्यादा दूर नहीं पास ही है .." और उन्होने भैया को अच्छी तरह समझाया कहाँ जाना था ..

हम दोनों ने चाइ पी और फिर तैयार हो कर भैया के साथ कार में पायल आंटी के क्लिनिक की ओर चल पड़े.

रास्ते में मैने भैया से पूछा " भैया ...मम्मी आख़िर हमे पायल आंटी से मिलवाना क्यूँ चाहती हैं ..? "

" मैं भी उतना ही हैरान हूँ दामिनी , जितना तुम ..पर इतना तो ज़रूर है अगर मम्मी ने कहा है तो इसके पीछे कोई अच्छी बात ज़रूर होगी. अब तो उन से मिल कर ही पता चलेगा ... "

" हाँ भैया ...अपनी मम्मी कितनी अच्छी हैं ..औरों से बिल्कुल अलग ..देखो ना सब कुछ उन्होने कितने अच्छे ढंग से संभाल लिया .... कल सुबह जब वो अचानक हमारे कमरे में आईं ..मेरी तो चूत ..गान्ड सब फॅट गयी थी भैया..."

'" हाँ दामिनी और मेरा लौडा भी बुरी तरह पन्चर हो गया था ...पर वाह रे मम्मी ..और अब कितना अच्छा ..कितना हल्का महसूस हो रहा है...किसी चीज़ की कोई टेन्षन नहीं ..."

और ऐसे ही बातें करते करते हम डॉक्टर. पायल की क्लिनिक पहुँच गये .....

डॉक्टर. पायल की क्लिनिक एक पॉपुलर शॉपिंग कॉंप्लेक्स के फर्स्ट फ्लोर में थी. उनके नाम का बोर्ड लगा था ..इसलिए ढूँढने में कोई दिक्कत नहीं हुई .

हम सीधे सीढ़ियाँ चढ़ते उपर पहुँच गये ..उनके चेंबर के बाहर खूबसूरती से सज़ा वेटिंग लाउंज था ..उसकी दीवार पर अजंता , खजुराहो ,एल्लोरा जैसी जगहों से ली हुई बहुत ही अच्छी अच्छी अलग अलग पोज़ में तस्वीरें टगी थी ...इन्हें देख कर लगता था जैसे सेक्स करना भी एक पूजा है...जिस तरह लोग तस्वीरों में सेक्स कर रहे थे उसे देख कर यही लगता था ... हम पोर्नॉग्रॅफिक तस्वीरों यह वीडियो में देखते थे उस से बिल्कुल अलग ..पॉर्न पिक्चर्स में कितने भद्दे तरीके से दिखाया जाता है..पर यहाँ इसे इतनी खूबसूरती से दिखाया गया था...मन में कोई भी गंदे ख़याल नहीं आते ...

तभी एक लड़की आई ..काफ़ी सलीके दार ..उस ने हमारा नाम पूछा ..अंदर गयीं ..और थोड़ी देर बाद बाहर आई और हमें कहा " आप बस 5 म्न्ट वेट करो ...मेडम थोड़ा बिज़ी हैं ..आप चाइ लेंगे यह कॉफी..?"

" ओह नो थॅंक्स ..हम ऐसे ही ठीक हैं ..." भैया ने कहा ..मैं तो दीवार में लगी तस्वीरें देखने में मग्न थी.

हम दोनों भाई बहेन तस्वीरों में खोए थे कि उस लड़की ने कहा " आप अंदर जाइए..मेडम बूला रही हैं..."

हम दोनो अंदर दाखील हुए ...अंदर जाते ही एक आकर्षक महिला ने हमारा स्वागत किया

" मैं डॉक्टर. पायल .और तुम दोनों अभिजीत और दामिनी हो ना...? आओ बैठो .." उन्होने अपने सामने टेबल की दूसरी छोर पर लगी कुर्सिओ की ओर इशारा करते हुए कहा .

जिस तरह बेतकलुफि से उन्होने कहा ..हमारी घबड़ाहट आधी से ज़्यादा दूर हो गयी ...

अब हम ने उन्हें और नज़दीक से देखा ..आकर्षक कहना उन के साथ बेइंसाफी थी ...ऐसा लग रहा था जैसे जिन तस्वीरों को हम बाहर लाउंज में देख रहे थे उन्ही तवीरों से उतर आई कोई औरत हो . छ्हर्हरा कद... सुडौल पर भारी चुचियाँ .. पेट एक दम सपाट पर फिर भी मांसल और तीखे नयन नक्श ...और कपड़े भी उसी तरह पहनी थी उन्होने ...पतली सिल्क की सारी ...बदन से चिपकी ..ब्लाउस और ब्रा दोनों एक साइज़ के..बहुत हल्का मेक अप और रंग चमकीला सांवला ...सेक्स की देवी लग रहीं थी ...उपर से नीचे सेक्शोलॉजिस्ट ... ..

भैया ने मेरी जंघें दबाई जैसे कह रहें हो "वाउ ...!! "

फिर उन्होने कहा " तुम्हारी मम्मी मेरी बहुत अच्छी दोस्त हैं ...बिल्कुल अपनी सग़ी बहेन ...हम आपस में कुछ भी नहीं छुपाते ...और साथ में एक बहुत ही सुलझी हुई इंसान भी..."

" हाँ आंटी ..उन्होने हम से कहा था आप के बारे .." हम दोनों ने साथ ही कहा .

वो हंस पडी ...और उनकी मोतियों जैसी शेप्ली दांतें चमक उठी ...मैं तो एक लड़की थी ,फिर भी मुझे ऐसा लगा उनके दाँत चूम लूँ ..चाट लूँ ..जाने भैया पर क्या बीत रही थी उस समय ..

" अच्छा चलो हम ज़्यादा समय बर्बाद नहीं करते और सीधा काम की बातें करते हैं ...कम यानी सेक्स .." उन्होने फिर अपनी दांतें चम्काते हुए कहा ..

" देखो अभी और दामिनी ...मम्मी ने तुम्हें इसलिए यहाँ मेरे पास भेजा है के तुम को सेक्स के बारे सही जानकारी हो ..और खास कर तुम लोगों को ..."

" ऐसा क्यूँ आंटी ..सिर्फ़ हमें क्यूँ ..?"

" तुम ने बिल्कुल सही कहा ...इसे जान ना तो सब के लिए ज़रूरी है..पर क्योंकि तुम लोग एक ऐसे रिलेशन्षिप में हो जिसे समाज बुरा समझता है ...ग़लत समझता है ..और इस के चलते तुम लोगों में कहीं डर और अपने उपर दोष डालने की भावना ना आ जाए ..के तुम लोग कुछ ग़लत कर रहे हो ..इस भावना को हटाने के लिए "

" तो क्या आप के ख़याल में हम लोग ठीक कर रहें हैं..??"

" हाँ अभी और्डामिनि ..बिल्कुल ठीक है तुम्हारा अपनी माँ से सेक्षुयल रिलेशन्षिप रखना ..इस से आपसी प्रेम भाव बढ़ता है ..और दूसरी बात कोई भी सेक्षुयल रिलेशन्षिप अगर दोनों की मर्ज़ी से हो तो किसी से भी संबंध बनाने में हर्ज़ नहीं ..."

हम लोग बस सुनते जा रहे थे उनकी बातें ... वो बोलती जा रहीं थी ' अगर कोई भी सेक्षुयल रिलेशन्षिप किसी की मर्ज़ी के खिलाफ है तो ग़लत है चाहे हज़्बेंड वाइफ के बीच ही क्यूँ ना हो.."

इस बात से मैं तो दंग रह गयी ..यानी अगर हज़्बेंड यह वाइफ भी अगर बिना मर्ज़ी के सेक्स करें तो ग़लत ..ये मैने पहली बार सुना ...कितनी वाइव्स बेचारी इस ज़बरदस्ती का शिकार होती हैं ...

" और अगर दोनों की मर्ज़ी से हो रहा है तो चाहे माँ बेटे के साथ भी हो तो कोई बुराई नहीं ...इस लिए तुम लोग अपने दिल में कोई भी डर यह शंका मत रखो ..अपने को दोष मत दो ..."

" वाह आंटी आपने कितनी अच्छी बातें कहीं , अब हमें कितना हल्का महसूस हो रहा है ..अंदर ही अंदर हम थोड़ा परेशान थे ..है ना भैया,..??"

'" हाँ दामिनी ..मैं भी थोड़ा परेशान था ..अब अच्छा लग रहा है.."

" अच्छा चलो अब हम लोग सोफे पर बैठ कर आराम से बातें करते हैं ...ऐसे टेबल के आमने सामने एक फॉरमॅलिटी सी हो जाती है " आंटी ने कहा और उठ कर दीवाल से लगे सोफे पर बैठ गयीं और हम दोनो को अपने अगाल बगल बैठने को कहा .

हम भी अब तक काफ़ी रिलॅक्स्ड थे उनके साथ ..

उन्होने बड़ी बेतकलुफि से एक हाथ मेरी जाँघ पर रखा और दूसरा हाथ भैया की जाँघ पर और हल्के हल्के अपनी हथेलियों से सहलाने लगीं ...उनके हाथों में जादू था ...हम दोनो सिहर उठे ..

" देखो अब मैं जो कहने जा रही हूँ आज मिलने का असल मक़सद येई है .."

" वो क्या है आंटी "..हम ने पूछा ..उनका हाथ अब धीरे धीरे मेरी जांघों से बढ़ता हुआ जांघों के बीच मेरी चूत तक पहुँच गया था ..और वैसे ही दूसरा हाथ भैया के लंड के उपर ...हम दोनों मस्ती में थे ..भैया का तंबू साफ दीख रहा था..

" तुम दोनों अपने आपस के रिलेशन्षिप के चलते कहीं किसी और से रिलेशन्षिप रखने में हिचकिचाओगे तो नहीं ..इसकी टेस्ट आज होगी ..."

हम दोनों हैरान थे ...ये टेस्ट आज ही और शायद यहीं होगा पर कैसे ...हमारे चेहरे पर आश्चर्य था .

वो समझ गयीं .

" देखो घबडाओ नहीं ..." उन्होने कहते हुए अपनी हथेलियों की हरक़तों में तेज़ी लाना शुरू कर दिया ...मेरी चूत में मेरी जीन्स के उपर से ही उंगली करने लगीं बड़े नपे तुले ढंग से और भैया का लंड तो जैसे उन्होने जाकड़ लिया था उनके पॅंट के उपर ही से ..." मैं नॉर्मली ये काम अपने किसी असिस्टेंट को देती हूँ ..पर क्योंकि तुम मेरे खास क्लाइंट हो और मेरी खास दोस्त कामिनी के बेटे बेटी हो मैं खुद ही टेस्ट करूँगी ...तुम लोग बे हिचक मुझसे कुछ भी कर सकते हो .." अब तक मेरी चूत से पानी रीस रहा था और भैया का लंड पॅंट फाड़ बाहर आने को तैयार ...

ये सुनते ही हमारी हिम्मत बढ़ गयी ...मैं उन से चिपक गयी और उनकी चुचियाँ उनके ब्लाउस से बाहर खींच खींच कर निकाल दी.. बाहर आते ही चुचियाँ उछल पडी और एक सुडौल चूची सहलाने लगी..क्या चुचियाँ थी ..गोल गोल ...ना ज़्यादा टाइट ना ढीली ..बस ऐसा लग रहा था किसी पानी से भरे बलून को दबा रहे हों...और भैया ने उनकी दूसरी चूची अपने मुँह में ली और धीरे धीरे चूसने लगे ..उन पर भी अब कुछ कुछ असर हो रहा था..उनकी आवाज़ भराई थी ..उन्होने अपनी पीठ का वेट सोफे की बॅक रेस्ट पर डाल दिया और अपना सर भी पीछे कर लिया ...उनका हाथ अब मेरे पेट सहला रहा था ..और दूसरा हाथ भैया की पॅंट की ज़िप खोल कर उनके लौडे को आज़ाद कर दिया था .और वह उसे धीरे धीरे सहला रहीं थी और अपनी भार्राई आवाज़ में कहे जा रही थी

" देखो ना सेक्स कितनी अच्छी चीज़ है ..अपनी भावनाओं को बाहर लाने के लिए ..पर हमारे समाज में इसे जाने क्यूँ इतना बुरा समझते हैं ..."

उनकी और हमारी हरकतें अब तेज़ पकड़ती जा रहीं थी ,भैया अब उनकी चूची तो चूस ही रहे थे ,साथ ही साथ उन्होने उनकी पतली सारी के उपर ही से उनकी जांघों को भी सहलाना शुरू कर दिया ..मैने भी दूसरी जाँघ पर हाथ रखा ...ओूह कितना मखमली था ..सॉफ्ट और चिकना ,,जैसे हाथ फिसल जाए ..

क्रमशः……………………..
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11-17-2018, 12:49 AM,
#28
RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--17

गतान्क से आगे…………………..

पायल आंटी बहुत एक्सपर्ट थी ...उनकी मस्ती भी बढ़ रही थी उनकी आवाज़ और भी भर्राये जा रही थी , उन्होने अपनी टाँगें फैलाते हुए कहा

" इसलिए जिन देशों में सेक्स को अच्छा समझा जाता है और जहाँ प्रॉस्टिट्यूशन लिगलाइज़्ड है ना ..उन देशों में रेप या सेक्षुयली रिलेटेड क्राइम्स नहीं के बराबर होते हैं ...जैसे हॉलॅंड , ऑस्ट्रेलिया , स्वीडन आदि आदि .."

हम इतने एग्ज़ाइटेड थे अब उनकी आवाज़ ऐसे लग रही थी जैसे कहीं दूर से आ रही हो ...भैया तो उनकी सारी पैरों से उपर उठाते हुए उनकी जाँघ पर ले आए थे और जांघों के बीच हथेली फिरा रहे थे ...इस हरकत से पायल आंटी भी सिहर उठी ...

" ह्म्‍म्म लगता है तुम दोनों टेस्ट में अव्वल नंबर लाओगे ...

..चलो अंदर चलते हैं ..अपने टेस्ट रूम में वहाँ करेंगे बाकी का टेस्ट ,,अभी तक तो तुम लोग टेस्ट में सही ही जा रहे हो ...'' उन्होने मुस्कुराते हुए कहा ..

और हम तीनों एक दूसरे को चूमते , चाट ते चूस्ते टेस्ट रूम की ओर चल पड़े..

हम तीनों एक दूसरे में खोए थे और पायल आंटी ने हम दोनों को अपनी बाहों में लिए इस तरह आराम से जाकड़ रखा था ..हम उनके सीने से चिपके थे और दोनों उनकी एक एक चूची मुँह में लिए चूसे जा रहे थे ..और भैया उनकी जांघों के बीच आपे हाथ सहलाए जा रहे थे ...भैया ने बाद में मुझे बताया था ....उनकी चूत इतनी मुलायम और फूली फूली थी और कहीं भी बालों का नामोनिशान नहीं ...एक दम सपाट ..उनके हाथ फिसल रहे थे ...पायल आंटी भी भैया की हरकतों से बहाल हो रहीं थी ,,उनके घूटने सिहरन से झुके जा रहे थे ..

हम उनके टेस्ट रूम में दाखील हो गये ...वहाँ डिम और दूधिया लाइट थी ..और बड़ा सा गद्देदार पलंग था ...हल्की हल्की बहुत रोमॅंटिक म्यूज़िक कन्सील्ड स्पीकर्स से आ रहे थे ...

पलंग पर बीच में आंटी लेट गयीं और उनके दोनों ओर मैं और भैया ..

" देखो ..जो करना है तुम दोनों करोगे ...टेस्ट तुम्हारा है..में सिर्फ़ रेस्पॉंड करूँगी ...तुम्हें जो करना है बेझिझक करो .." और वे आँखें बंद किए ,टाँगें फैलाए लेटी थी , उनके होंठों पर हल्की हल्की मुस्कान थी ...उनकी बात करने का तरीका भी इतना सेक्सी था ...

भैया ने सब से पहले तो अपने कपड़े उतारे और उनके सीने से चिपकी सारी का आँचल हटाया ..और उनके ब्रा और ब्लाउस भी हटा दिए ..वो उपर से बिल्कुल नंगी थी ...उफफफफ्फ़ दूधिया लाइट में उनका बदन चमक रहा था ..गोल गोल सुडौल चुचियाँ ..अब तक की हमारी चुसाइ से एक दम कड़क हो गये थे और निपल्स इतने कड़े थे के हिल रहे थे..भैया इतने एग्ज़ाइटेड थे कि कांप रहे थे ...फिर वे उनके उपर आ गये ,,उनकी टाँगों को जकड़ते हुए उनके होंठों को चूसना शुरू कर दिया ..आंटी ने भी अपना मुँह खोल दिया था ...भैया ने अपनी जीभ अंदर डाल दी ... पायल आंटी ने उनका जीभ अपने होंठों के बीच जाकड़ते हुए चूसना चालू कर दिया ..जैसे वो उनका पूरा रस अंदर ले लेंगी ...अब मैं भी हरकत में आ गयी ..मैने पहले तो अपने कपड़े उतारे और भैया की टाँगों के बीच , पायल आंटी की जांघों पर अपना सर रख भैया के कड़क लंड अपने मुँह में ले लिया ..और चूसने लगी ...उनकी जाँघ का पिल्लो कितना सॉफ्ट था ..और उनसे एक अजीब मादक खूशबू आ रही थी ..भैया ने अपने चूतड़ घुटनो के बल लेट ते हुए उठा दिए थे जिस से मुझे उनका लंड चूसने में बड़ी आसानी हो रही थी ..

तीनों चूस रहे थे एक दूसरे को ... एक दूसरे का रस अपने अंदर ले रहे थे ... भैया ने अपनी हथेली से ऑंटी के बिल्कुल बाल रहित और मुलायम आर्म्पाइट सहलाने लगे ...आंटी कराह उठी और उनका भैया की जीभ चूसना तेज़ हो गया ..उन्होने अपने हाथ भैया के गले में डाल दिए थे और अपनी तरफ खींच रही थी ..भैया का लंड मेरे मुँह में ही कड़ा और कड़ा होता जा रहा था ...और लगातार पानी रीस रहा था ..मैं पूरे का पूरा गटक रही थी ...अब भैया ने आंटी की पतली जीभ को अपने होंठों मे लिया और बुरी तरह चूसने लगे ...उनका थूक और लार भैया के मुँह मे जा रहा था ...उसमें भी एक मादक सुगंध थी ...आंटी का बदन अब कांप रहा था ..मैं फील कर रही थी ..उनके मुँह से भी सिसकारियाँ निकल रही थी'

भैया आंटी की टाँगों के बीच आ गये ...मैं भी नीचे खिसक गयी उनका लंड मुँह में लिए लिए ...पलंग काफ़ी लंबा और चौड़ा था ..भैया ने पायल आंटी की साँवली चूत को अपने उंगलियों से फैलाया , साँवली चूत के अंदर गुलाबी फाँक और उनमें पानी रीस्ता हुआ ...चमकता हुआ ...और मादक सुगंध ...भैया टूट पड़े इस स्वादिष्ट चूत पर ..जैसे पूरे का पूरा निगल जाएँगे ....अपने होंठों के बीच उनकी चूत को जाकड़ लिया और इतनी जोरों से चूसा उनकी चूत की फांके उनके मुँह के अंदर चली गयी ..आंटी चिल्ला उठी ...

""आआआआआआः ...वाआह ..मेरे राजा ..चूसो ..खाओ ...उफ़फ्फ़ .." और उनके चुटड उछाल मारने लगे ..

और मैं हाथों और अपने होंठों से भैया के लंड का मज़ा ले रही थी ..इतना कड़ा और मोटा हो गया था भैया का लंड ... जितनी जोरों से मैं चूस्ति उतने ही जोरों से भैया भी आंटी की चूत चूस डालते ...चप .चॅप ..पच पूच की आवाज़ आ रही थी .... आंटी तो बस निहाल थी ..शायद ऐसी चूत की चुसाइ उनके किसी क्लाइंट ने नहीं की थी आज तक ..वो उछल रही थी ...कराह रही थी और लगातार पानी छोड़े जा रहीं थी ,,

उनसे रहा नहीं गया " अभी ..और नहीं ...अब मुझे चोद डालो ...हॅयाययी आज तक मैने ऐसा किसी से नहीं कहा जानू ..तुम पहले क्लाइंट हो मेरे जिसे मैं चोदने को कह रही हूँ ...चोदो बस अब जल्दी करो ...प्लज़्ज़्ज़ "

भैया के लंड का भी बुरा हाल था और मेरी चूत भी नदी बहा रही थी ...

आंटी उठ गयीं और अपने घुटनो के बल अपने चूतड़ उपर कर डॉगी स्टाइल में आ गयीं और मैं उनके मुँह के नीचे लेट गयी अपनी चूत के नीचे तकिया लगाए ...आंटी ने अपनी पीठ इतनी मस्त झुकाई के उनकी गान्ड उपर उठी थी चूत समेत ...भैया तो बस देखते ही रहे ..उनकी दोनों होल एक सीध में ...

उनकी चूत से पानी टपक रहा था ..आंटी ने कराहते हुए कहा

" अभी ....प्ल्ज़्ज़ अपने हाथ मेरी कमर और पेट पर रख लेना और जोरों से जकड़ते हुए धक्के लगाना ..."

"हाँ आंटी ..आप बेफिकर रहो ..." अब आंटी मेरी तकिया से उपर उठी चूत में अपनी जीभ लगाए सतसट चाट रहीं थी और भैया ने उनकी कमर के गिर्द हाथ रखा और हथेलियों से पेट जाकड़ते हुए उसे हल्के से उपर उठाया ...और अपने तननाए लौडे को फैली हुई चूत की फाँक में रखते हुए अंदर पेल दिया ...फत्चाक ....और लंड अंदर और आंटी का पूरा बदन सिहर उठा ...कांप गया ..

" उफफफ्फ़ ...उईईईईई अभी कितना लंबा और मोटा है तुम्हारा लंड ...मेरे पेट में पहुँच गया ...ऊ अब रूको मत मेरी जान ..."

भैया भी अब ताबड तोड़ धक्के लगाए जा रहे थे हर धक्के में आंटी की कमर झूक जाती और उनका पूरा बदन सिहर उठता और उनकी जीभ मेरी चूत को ज़ोर और जोरों से चाट ने लगती ..उनकी पतली पतली जीभ मेरी चूत की पूरी लंबाई फटाफट चाटि जा रही थी ..मेरी चूत से पानी लगातार निकलता जा रहा था ..मेरी चूत की फाँक फैलती जा रही थी ..अब आंटी ने अपनी पतली जीभ मेरी चूत में घुसेड दी और मुझे चोदने लगीं ....उफफफफ्फ़ ..मैं सिहर उठी ... उन्होने जीभ को गोल मोड़ लिया था जिस से जीभ मोटी हो गयी थी ....भैया उनकी चूत में धक्के लगाते पेट को जाकड़ते हुए और इधर आंटी उसी ताल में मुझे अपनी जीभ से चोद्ति जातीं...भाई चोद रहा था , बहेन चुद रही थी ..और आंटी चोद भी रही थी और चुद भी रही थी ......आह क्या मंज़र था ...

हम तीनों मस्ती की चरम शिखर पर थे ..हवा में उड़ रहे थे ..भैया ने बाद में बताया था आंटी का पेट कितना मुलायम था ...मखमली ..उनके नाभि में उंगली डाल दी थी उन्होने ...पेट उठा उठा कर ..नाभि में उंगली फिरा फिरा कर धक्के लगाए जा रहे थे ..आंटी चूतड़ उछाल रहीं थी .. मैं उनके मुँह में अपने चूतड़ उछाल रही थी ..

फिर भैया जोरों से कराह उठे ...''आआआआआआआआआआआह ..आंटी ..आंटी .." और अपने गरम वीर्य की पिचकारी उनकी चूत में चोद्ने लगे ..उनकी पेट अपनी ओर खींचते हुए ..उनकी चूतड़ अपने लंड से चिपकाते हुए ..और आंटी भी भैया के वीर्य की तेज़ धार अपनी चूत में संभाल नही सकीं और चूतड़ उछाल उछाल कर झडने लगीं और दोनों की मस्ती देख मैं भी आंटी के मुँह में अपने चूतड़ उछाल कर झडने लगी ..

तीनों एक साथ झाड़ रहे थे , भैया आंटी की चूत में अपना लंड धंसाए उनकी पीठ पर ढेर हो गये और आंटी मेरी चूत में मुँह लगाए पडी थी ..मैं हाथ पावं ढीले किए पडी थी ..हम सभी हाँफ रहे थे ...अंदर से खाली ..और हल्का महसूस कर रहे थे ....भैया का लंड , जैसे ही आंटी की पीठ सीधी हुई ,पॅक से चूत के बाहर आ गया और उनके चूतड़ की फकॉं में फँस गया.. उनके लंड से धीरे धीरे वीर्य रीस रहा था ..आंटी के चुटडो की फाँक से बहता हुआ नीचे चूत की ओर जा रहा था...

तीनों के चेहरे पर मस्ती और मदभरी मुस्कान थी ..जैसे हम ने स्वर्ग पा लिया हो...

भैया थोड़ी देर बाद उठे और आंटी की पीठ पर लेटे ही लेटे उनका चेहरा उपर किया और चूमने लगे .उनके चेहरे पर मेरी चूत का पानी लगा था ..उसे बड़े प्यार से चाटा और कहा

" ऊफ्फ दामिनी तेरी चूत का पानी भी कितना मस्त लगता है...सच बताऊं दामिनी ..."

" क्या भैया ..." मैं भी अब नॉर्मल हो गयी थी और टाँगें फैलाए लेटी थी ..

" बिना तुम्हारी चूत का पानी पिए आज कल मुझे चैन नहीं आता बहना ... अब मुझे अच्छा लग रहा है .."

" ऐसा है भैया ..मुझ से कहा क्यूँ नहीं ..अब से रोज सुबह मैं आपके कमरे में आ जाउन्गि .आप मेरी चूत का पानी पी कर ही उठना बीस्तर से ..ठीक है ना .."

" हाँ दामिनी और सोने के पहले भी ...अच्छा अभी देखते हैं आंटी की चूत का कैसा टेस्ट है ..मेरे वीर्य और उनके रस का मिला जुला टेस्ट ..."

और आंटी की टाँगों को फैलाते हुए उन्हें पीठ के बल लीटा दिया और उनकी गीली और चीपचीपी चूत लॅप लॅप चाटने लगे ..आंटी भी अब पूरे होशोहवास में थी और आँखें बंद किए मस्ती की आलम में गोते लगा रहे थे ..

"आअह ..उईईइ हॅयियी ..मान गये अभी और दामिनी ..तुम दोनों भाई बहेन की कितनी अच्छी अंडरस्टॅंडिंग है ... आज तुम दोनों टेस्ट में पूरी तरह कामयाब हो ...ऊह ..हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई क्या कर रहे हो अभी ..." भैया ने अचानक उनकी चूत को दाँतों से हल्के से काट लिया था ...

" क्या करें आंटी .आप की चूत है ही ऐसी .कितनी फूली फूली हैं ..जैसे ब्राउन ब्रेड होता है ना ..मन करता है उन्हें चबा जाऊं ...उफफफफफ्फ़ आंटी .... आप ने कितना अच्छा मेनटेन किया है अपने आप को ..."

" अच्छा अच्छा बस जल्दी से चाट जाओ पूरा ..और उठो ..मन तो नहीं करता अभी ....पर हम ने एक और क्लाइंट को टाइम दिया है , वो आती ही होगी ..फिर कभी हम लोग इतमीनान से मिलेंगे ...तुम दोनों हर तरह से सेक्स करने में माहिर हो ..मैं कामिनी को बता दूँगी ...चलो उठो और जल्दी तैयार हो जाओ .. सामने बाथ रूम है .."

क्रमशः……………………..
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11-17-2018, 12:49 AM,
#29
RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--18

गतान्क से आगे…………………..

आंटी उठ गयीं और हमने भी बाथरूम से वापस आ कर कपड़े पहेने आंटी को थॅंक्स बोला और बाहर निकल गये .

कार में बैठते ही मैने कहा " भैया ..कितना अच्छा हुआ ना हम लोग पायल आंटी से मिले..!"

" हाँ दामिनी ... मुझे कितना रिलॅक्स्ड फील हो रहा है..उनकी बातों से ... बहुत से डाउट्स ...झिझक जो अब तक थे सब दूर हो गये ..है ना दामिनी...?"

" हाँ भैया ....मम्मी ने कितना अच्छा काम किया हमें उनके पास भेजा..... वी आर सो लकी टू हॅव सच आ ग्रेट मोम....."

" और तुम ने एक बात नोटीस की दामिनी ..? "

"क्या भैया ..??"

"पायल आंटी भी ग़ज़ब की हैं ....क्या फिगर है उनकी ...30 साल की हैं ..पर लगती बिल्कुल तुम्हारी तरह ..सिर्फ़ उनका चूतड़ थोड़ा ज़्यादा मोटा है तेरे से ....32-28-36 होगी..... है ना ..??"

" ह्म्‍म्म्म ..लगता है भैया उनकी फिगर में उलझ गये ..हा हहा !! "

" और क्या चुद्ति थी दामिनी ...जब मैं धक्के लगाता वो अपनी चूत पता नहीं कैसे सीकोड लेती थी ..जैसे मेरे लौडे को चूस रही हों ...उफफफफ्फ़ चूत टाइट हो जाती थी और लगता था जैसे तुम्हें ही चोद रहा हूँ .... हाँ दामिनी बिल्कुल वैसा ही लग रहा था ..तभी तो मैं इतनी जल्दी झाड़ गया.. "

"अच्छा .मतलब भैया को मेरी चूत इतनी पसंद है .... मेरी चूत की याद आते ही झाड़ गये आप..???"

" हाँ दामिनी ...सच में तुम्हारी चूत कितनी टाइट है ..लगता है जैसे मेरे पूरे लौडे को चूस लेगी ...उफफफ्फ़ ..दामिनी ...एक बात बोलूं मेरी बहना ..??"

" एक नहीं चार बात बोलो ना भैया .." और मैं उनके लौडे को पॅंट के उपर से ही सहलाने लगी ..

" ऐसा क्यूँ है ..मुझे कभी लगता है मैं तुम्हारे बिना कैसे रहूँगा ..?? तुम साथ रहती हो ना दामिनी तो ऐसा लगता है मैं सारी दुनिया जीत लूँगा .....चाहे कितनी बड़ी मुश्किल आ जाए हंसते हंसते उसे आसान कर दूँगा ...दामिनी आइ लव यू बहना ...सो मच ..."

" हाँ भैया मुझे भी अब कुछ ऐसा ही फील होता है ...."

" जब तुम्हारी शादी हो जाएगी ..मैं क्या करूँगा दामिनी..?? मैं मर जाऊँगा दामिनी ..मैं सच कह रहा हूँ ..तुम्हारे बिना मैं मर जाऊँगा ...."

"भैया ..अभी तो मैं आप के साथ हूँ ना ...अभी शादी की बात क्यूँ सोचते हैं आप....अभी बहुत दिन हैं ... उसके बाद भी कुछ रास्ता निकल ही जाएगा .मेरे प्यारे भैया .." मैने उनके लौडे को बड़े प्यार से सहलाया ..मैने उसे उनके पॅंट से बाहर निकल दिया था ,,मुझे भी उनका लौडा सहलाना , चूसना कितना अच्छा लगता था ...

" हाँ दामिनी कुछ रास्ता निकालेंगे .... " और ऐसी ही प्यारी प्यारी बातें करते हम घर पहुँच गये .

सामने मम्मी खड़ी थी ..सिर्फ़ शॉर्ट्स और टॉप पहने ..क्या लग रही थी ..

अंदर जाते ही उन्होने हमें अपनी बाहों में ले लिया ... हम भी उन से लिपट गये ..

" डॉक्टर. पायल का फोन आया था ..तुम दोनों की बहुत तारीफ़ कर रही थी ... मैं बहुत खुश हूँ तुम दोनों से ..."

" ये सब आप का ही कमाल है मोम ..." मैने कहा , भैया तो बस मम्मी की चूची चूसने में ही मगन थे ...उन्हें मेरी चूत और मम्मी की चूचियों के सामने और कुछ नहीं दिखता था ...मेरे स्वीट स्वीट भैया ..

उन्होने भैया के गालों पर हल्के से चपत लगाते हुए कहा " बस बस बहुत चूस लिया मेरी चूची ...अरे पागल खाना भी खाएगा यह फिर इन्हें ही चूस्ता रहेगा ..? चल खाना खा ले ..."

" मोम क्या करूँ आप की चूची मुझे इतनी अच्छी और टेस्टी लगती है , मन करता है हमेशा मुँह में डाले चूस्ता रहूं ..."

'' ठीक है बाबा चूसना रात भर ..पर अभी चल खाना खा ले .."

" खाएँगे पर सिर्फ़ आप के मुँह से ..."हम दोनों एक साथ बोल उठे ..

"तुम दोनों ना ....अच्छा चलो तो सही ..."

फिर हम बाथरूम से फ्रेश हो कर कपड़े बदल मम्मी को बीच में किया और डाइनिंग टेबल पर बैठ गये ..

मम्मी खाना चबा कर हम दोनों के मुँह में बारी बारी अपना मुँह डाल ते हुए हमें खिला रही थी....

कितना प्यार था ..कितना स्नेह था ...

इसी तरह हमारी जिंदगी गुजर रही थी ..हम तीनो के बीच प्यार ,स्नेह और दोस्ती की गंगा उमड़ पड़ी थी ..हमारे बीच कोई भेद भाव ..कोई छल कपट नहीं ..हम लोग एक दूसरे से पूरी तरह ख़ूले थे .. साथ उठ ते , साथ खाते साथ सोते और साथ साथ चुदाई भी करते ..बस अब सिर्फ़ पापा को अपने में शामिल करने की देर थी ,..

वैसे मुझ से तो पापा बिल्कुल फ्री हो गये थे और मेरी छुट्टियो में अपने साथ टूर पर ले जानेवाले थे ..मैं अपनी छुट्टियों का बड़ी बेसब्री से इंतेज़ार कर रही थी ..पर मन के किसी कोने में ये ख़याल आ जाता के " अगर भैया भी साथ होते तो कितना मज़ा रहता.."

मैं भी अब ये फील करती थी के मुझे भी भैया के बिना अच्छा नहीं लगता था ..उनके साथ रहने से कितनी मस्ती रहती थी..... चुदाई का मज़ा कितना बढ़ जाता था ..

पर ऐसा नहीं था के मुझे पापा से चुद्ना अच्छा नहीं लगता ..दोनों का मज़ा अलग अलग था ,,पापा की चुदाई में लग्षुरी कार की सैर का मज़ा था ... धीरे धीरे मस्ती बढ़ती , तो भैया की चुदाई में स्पोर्ट्स कार की मस्ती भरी रोमांच और तेज़ हवा के झोंको का सिहरन ...आ दोनों मेरे लिए नायाब थे ...

पर जहाँ साथ की बात थी , मैं अब फील कर रही थी की भैया मेरी जिंदगी में बुरी तरह रम गये हैं ...

एक दिन मैने मम्मी से पूछा " मम्मी ..कितना अच्छा होता अगर पापा भी अपने साथ शामिल हो जायें ..?"

" हाँ बेटी मैं भी येई चाहती हूँ ..पर इसमें जल्दी करना नहीं चाहती ...पता नहीं उन्हें मेरा अभी के साथ चुद्ना पसंद आए या नहीं..? मेरे लिए वो बहुत पस्सेसिव हैं... कॉलेज के दिनों में कोई भी मुझे देख लेता तो गुस्से से बेक़ाबू हो जाते .इसलिए बेटा डरती हूँ कहीं हमारा इतना अच्छा प्यारा स्मबंध कहीं एक झट्के में ख़त्म ना हो जाए ...तू धीरज रख ..अभी जैसा चल रहा है चलने दे ..धीरे धीरे मैं कुछ करूँगी ..पर बेटी तू कुछ ना करना ..."

" हाँ मोम मैं समझती हूँ आप की बात ...मुझ पर भरोसा रखिए ,,मैं ऐसा वैसा कुछ नहीं करूँगी .."

और उसके बाद कुछ ही दिनों में भैया और मेरे एग्ज़ॅम्स चालू हो गये ... हम दोनों पढ़ाई मे बिज़ी थे ..पर अब पढ़ाई भी बड़ी मस्ती में होती थी..मैं भैया की गोद में ..तो कभी मम्मी की गोद में बैठ पढ़ती थी..वह दोनों भी मुझ से पढ्ते वक़्त ज़्यादा छेड़खानी नहीं करते ..बस उनके गोद की गर्मी .... अपनापन और एक निश्चिंत ता का अहसास होता ..जिस के कारण पढ्ने में काफ़ी कॉन्सेंट्रेशन होता था ....और इसका नतीज़ा ...मैने काफ़ी अच्छे नंबर लाए ..और भैया भी ...

पूरे एग्ज़ॅम्स. तक हम ने चुदाई नही की थी ..मेरी चूत फडक रही थी , मैं काफ़ी चुदासी थी उस दिन जब एग्ज़ॅम्स ख़त्म हुए ..मन कर रहा था भैया को पटक उन के लौडे पर बैठ जाऊं ..और तबाद तोड़ उन्हें चोद डालूं..

पर मैं भैया को आज चुदाई में कुछ नया देना चाहती थी...कुछ नयी चीज़ ..कुछ ऐसा अनुभव जो भैया याद रखें ...क्यूंकी एक दो दिनों बाद हमारी छुट्टियाँ शुरू हो रहीं थी और मैं और पापा जानेवाले थे साथ ..भैया और मम्मी को छोड़ कर ..

मैने दिमाग़ पर ज़ोर डाला ...और फिर मैं मुस्कुराने लगी ...आइडिया आ गया था ..

तभी भैया भी आ गये थे कॉलेज से ..उन्होने आते ही मुझे गोद में उठा लिया

" दामिनी ...उफफफ्फ़ ..कितने दिन हो गये ना .. तुम्हारी चूत देखे नहीं बहना ...आज तो बस तुम्हारी चूत चाटूँगा ...खाऊंगा और बस चोदून्गा ..चोदून्गा रात भर ...मैं तो बस पागल हो रहा हूँ ..."

और उन्होने मेरे जीन्स के अंदर हाथ डाल पैंटी के अंदर घुसा दिया और मेरी चूत मुठियों से जाकड़ मसल्ने लगे..और अपना मुँह मेरे मुँह से लगा मेरे होंठ चूसे जा रहे थे..

'उफफफ्फ़ ..तुम भी ना ...ज़रा सब्र करो ना मेरे राजा भैया ..." मैने अपने को बड़ी मुश्किल से चुदते हुए कहा .." मैं भी तो पागल हो रही हूँ आप के लंड के लिए ..".रात होने दो ना पापा मम्मी अपने कमरे में और हम अपने कमरे में ..."

"ठीक है दामिनी , पर कम से कम चूत तो मसल्ने दो ना ..." और हम दोनो सोफे पर बैठ अंदर ही अंदर वो मेरी चूत मसल रहे थे और मैं उनका लंड ..

तभी मम्मी भी आ गयीं चाइ लिए ...और हमारे साथ वो भी शामिल हो गयीं ..पापा अभी तक ऑफीस से नहीं आए थे ..

हम चाइ भी पीते और मज़े भी ले रहे थे ...भैया को तो अपनी सब से प्यारी चीज़ों को एक साथ मसल्ने का अच्छा मौका मिल गया था ...एक हाथ उनका मम्मी की मुलायम और गुदाज चुचियाँ मसल रहीं थी और दूसरा हाथ उनका मेरी चूत ..और मम्मी उन्हें अपने हाथों से चाइ पीला रही थी ..और मैं एक हाथ मम्मी की चूत में डाल रखी थी और दूसरे हाथ से भैया का लंड सहला रही थी .....मम्मी हमारे सामने बैठी हम दोनों को चाइ पीला रहीं थी .....भैया तो बस चाइ के साथ मम्मी के निपल्स की भी चूस्कियाँ ले रहे थे .. मम्मी कभी कभी उनके सर के पीछे हाथ रख उन्हें अपने सीने से चिपका लेतीं ...

क्रमशः……………………..
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11-17-2018, 12:49 AM,
#30
RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--19

गतान्क से आगे…………………..

हम तीनों एक साथ चाइ और एक दूसरे का मज़ा ले रहे थे ...ऐसा मज़ा जो इस रिश्ते की मधुरता में ही मिल सकता था ...कितना मधुर , कितना मादक था हमारा ये रिश्ता ,,,

मैं रात को होनेवाली चुदाई के बारे सोच सोच मुस्कुरा रही थी ..और सिहर उठ ती ..

भैया और हमे बस रात होने का बेसब्री से इंतेज़ार था...

डिन्नर के टेबल पर उस रात कोई खास बात नहीं हुई ..बस ऐसे ही थोड़ी छेड़ छाड़ ,,सभी को जल्दी बेड रूम जाने की पड़ी थी ..और पापा भी ऑफीस से काफ़ी देर से आए थे ..थके थे ...मम्मी और पापा जल्दी ही अपने कमरे में चले गये ..और इधर भैया पहुँच गये मेरे कमरे में.

आते ही मुझे चिपका लिया और सारा बदन चूमने लगे..इतने दिनों की प्यास थी ,,मैं भी उनसे लिपट गयी थी .जैसे पेड़ से लता ..पागलों की तरह एक दूसरे को चूसे चाटे जा रहे थे..हाँफ रहे थे दोनों .थोड़ी देर रुक कर सांस लेटे फिर टूट पड्ते एक दूसरे पर ..जैसे हम एक दूसरे को खाने पर उतारू थे ..एक दूसरे को अपने में सिमट लेना चाहते थे ..सिसक रहे थे ..

" भैया ..भैया ..आइ लोवे योउ ...लव यू सो मच .." और भैया " दामिनी ..दामिनी ..मेरी रानी बहना ..लव यू टू.." की रट लगाए थे ..थोड़ी देर बाद हम शांत हुए और अगल बगल हानफते हुए लेट गये ..

" दामिनी ..." भैया ने कहा

" हाँ भैया बोलो ना .."

" तू तो और एक दो दिनों में पापा के साथ चली जाएगी छुट्टियाँ मानने ..मैं यहाँ अकेला रह जाऊँगा .." बड़े उदास होते हुए उन्होने कहा .

मैने उनका चेहरा अपनी तरफ खींचा

" अकेले कहाँ भैया ..मम्मी तो रहेंगी ना आप के साथ ..खूब मज़े करना ..तुम लोग भी खूब घूमना यहाँ .."

" हाँ वो तो है पर दामिनी तू तो जानती है ना के तेरे बिना मुझे कितना सूना सा लगता है सब कुछ .." उन्होने मेरे बाल सहलाते हुए कहा ..

" आप मुझे इतना प्यार करते हो भैया .. ??"

"हाँ दामिनी .बे-इंतहा .. "

" मैं जानती हूँ भैया .. मैं आप को एक नायाब तोहफा दूँगी , जिसे आज तक किसी को नहीं दिया ..पापा को भी नहीं .."

भैया की आँखों में चमक आ गयी " अच्छा क्या है वो नायाब तोहफा .दामिनी..??"

" भैया ...पापा को मैने अपनी चूत दी थी ...पहला लंड उनका था ..और आज अपना दूसरा होल तुम्हें दूँगी ..वहाँ तुम्हारा लंड जाएगा आज पहली बार.."

ये सुनते ही उनकी आँखों की चमक गायब हो गयी और फिर चिल्लाते हुए बोल उठे ....

" ऊ दामिनी ...तू जानती है क्या बोल रही है..?? कितना दर्द होगा ? पहली बार चूत में लंड जाता है उस से भी ज़्यादा ...और तू क्या सोचती है मैं तुझे इतना दर्द दे सकता हूँ.? तुम्हे इतना दर्द सहते देख सकता हूँ ...? तेरे दर्द से मुझे कितना दर्द होगा .? क्या तू मुझे इतना दर्द देगी..? "

कहाँ मैं सोचती थी भैया उछल पडेन्गे मेरे गान्ड की ऑफर से , पर यहाँ तो पासा उल्टा ही पड गया ..पर मुझे तो बस गान्ड मर्वानी थी भैया से तो बस मर्वानी थी ...

" पर भैया मैने सुना है इसमें मज़ा भी बहुत आता है बाद में ... चूत से तो नदी बहती है .....उफ़फ्फ़ कितना मज़ा आएगा भैया गान्ड में तुम्हारा लंड और चूत से पानी.... भैया ..भैया ...मेरे राजा भैया ..प्ल्ज़्ज़ मान जाओ ना .......इतने मज़े के लिए थोड़ा दर्द सह लूँगी ...प्लज़्ज़्ज़...."

और मैने अपने शॉर्ट्स उतार अपनी गान्ड उनके लौडे के उपर घिसने लगी ..."प्ल्ज़्ज़ भैया ..देखो ना कितनी मस्त है मेरी गान्ड..." और उनके हाथ पकड़ अपनी चूतड़ पर लगा दिया ..." दबाओ ना इन्नहें भैया ..."

" देख दामिनी ....क्यूँ मुसीबत मोल ले रही है ...मैं जानता हूँ बहाना ..मुझे भी बहुत मज़ा आएगा ...पर अपने मज़े के लिए मैं तुम्हें इतना दर्द कैसे दे सकता हूँ ... कैसे मेरी बहना..??"

" देखो भैया मैं वो सब कुछ नहीं जानती ... अगर तुम सीधे सीधे नहीं मानते ..तो मैं अपनी सूखी गान्ड लिए ही तुम्हारे कड़क लंड के उपर बैठ जाउन्गि... और फिर कितना दर्द होगा मुझे ये भी तुम जानते हो ..और मैं ऐसा कर सकती हूँ ये भी तुम जानते हो .....अब चाय्स तुम्हारी है ...तुम क्या चाहते हो ...आज मेरी गान्ड में तुम्हारा लंड जाएगा ,,यह ऐसे यह वैसे.....अब कैसे ये तुम सोचो"... ""

" तू भी ना दामिनी ... बहुत ज़िद्दी है ..मानेगी नहीं ..." और उन्न्होने नीचे खिसकते हुए अपना मुँह मेरी चूतड़ पर लगाया और उसे चूम लिया .. " पर देख मैं अपने हिसाब से करूँगा ..ठीक है ..? तुम बीच में कुछ मत बोलना ...बस चूप चाप लेटी रहना ....."

"ऊवू ..मेरे राजा भैया ....बस मैं वोई करूँगी जो आप बोलोगे ..बस मुझे आप से ही गान्ड मर्वानी है ....आइ लव यू भैया ..यू आर सो स्वीट ..""

भैया ने उस समय तक अपने कपड़े नहीं उतारे थे ..वो बेड से नीचे आ गये , किचन की ओर गये ...और झट वापस भी आ गये ..उनके एक हाथ में उनके फॅवुरेट फ्लेवर वाली आइस क्रीम का बड़ा पॅकेट था और दूसरे हाथ में ऑलिव आयिल की छोटी वाली बॉटल..

मेरे कुछ कुछ समझ में आ रही थी भैया इन सब चीज़ो का क्या करने वाले हैं ..पर मैं चूप थी और मन ही मन आनेवाली हरकतों की कल्पना में खोई थी .

भैया ने दोनो चीज़े साइड टेबल पर रख दी ..गर्मी के दिन थे इसलिए ए/सी ऑन था कमरे में ..आइस क्रीम के पिघलने का चान्स कम था ...

भैया ने अपने कपड़े उतार दिए ..मैं तो पहले से नंगी लेटी थी बीस्तर पर ..

उन्होने मुझे पेट के बल लीटा दिया और दो तकिये मेरी चूत के नीचे रख दिया ..मेरी चूतड़ उपर उठ गयी थी ..मैं मुस्कुरा रही थी ..पर चूप थी ..बस आँखें बंद किए वो जो भी करते उन्हें करने देती जाती..

भैया ने मेरी टाँगें फैला दी और मेरी टाँगों के बीच लेट ते हुए अपना मुँह मेरे चुटड पर लगा दिया और चाट ने लगे ..मैने आज वहाँ की सफाई की थी ..एक भी बाल नहीं था वहाँ ..एक दम चिकने चूतड़..उन्नकि जीभ फिसल रही थी ... मुझे गुदगुदी हो रही थे .. दोनों चुटडो को पहले उन्होने जी भर चाटा ...

फिर दोनों चूतड़ हथेली से जकड़ते हुए अलग किया ....भैया अंदर का नज़ारा देख बोल उठे .." उफफफ्फ़ दामिनी ..तुम ने लगता है पूरी तैयारी की है आज ..देखो ना अंदर एक भी बाल नहीं ......ऊवू कितना चिकना है यहाँ ...और कितनी मस्त सुगंध है ..."

"हाँ भैया मैने आपकी वोई फॅवुरेट पर्फ्यूम लगाई है वहाँ ..आप को अच्छी लगी ना .." मैने पड़े पड़े ही कहा ...

" बहुत पसंद है रानी बहाना ...बहुत " और उन्होने अपना मुँह मेरी चुतड़ों के अंदर घुसा दिया और चूतड़ के बीच की जागेह दाँतों से हल्के हल्के चबाने लगे ...मैं सिहर गयी ... जीभ से चाट ते और फिर दाँत लगा देते ....मुझे इतनी गुदगुदी हो रही ठेए ..

" उफफफफ्फ़ दामिनी मन करता है तुम्हारे चूतड़ खा जाऊं ....कितनी मस्त है ..ज़रा भी फट नहीं ..बस सिर्फ़ गुदा ही गुदा है .... "

काफ़ी देर तक वो चाट ते रहे मेरी चूतड़ के बीच ..जीभ की गर्मी से मैं बहाल थी ..मेरी चूत से लगातार पानी रीस रहा था .....

वहाँ चाट ने से मेरी गान्ड का होल कुछ मुलायम हो गया था ..अब उन्होने चूतड़ को फैलाया और गान्ड के होल को एक्सपोज़ किया ...

गोल गोल गुलाबी होल ...भैया तो बस देखते ही रहे .. उन्होने मेरी गान्ड के होल को जितना हो सकता था फैलाया ..और अपनी जीभ वहाँ डाल दी ..हथेलियों से चूतड़ फैलाए हुए थे और जीभ अंदर डाल चाट रहे थे मेरी गान्ड .....

" आआआआआआआआआह ऊवू भैया ..क्या कर रहे हो आप ...उफफफफफ्फ़ ..." मैं सिसकारियाँ ले रही थी ..मस्ती में ..

"दामिनी तेरी गान्ड का टेस्ट तो ऐसे ही कितना मस्त है मेरी बहना ..उउफफफफफ्फ़ मन करता है बस चाट ता रहूं .." काफ़ी देर तक वो चाट ते रहे ..लॅप लॅप..चॅप..चॅप ...कभी कभी दाँतों से हल्के से जाकड़ पूरा चूस जाते ....."

मेरी चूतड़ उछल रही थी उनके मुँह पर उनकी चुसाइ , चाटाई से . और गान्ड के होल में बार बार जितनी बार भैया की जीभ लॅप लापते हुई अंदर जाती..मैं कांप उठती ...इस चाट ने में कितना प्यार और मेरे लिए उनका स्नेह भरा था ...मैं समझ रही थी वो इतना क्यूँ चाट रहे थे मेरी गान्ड ..एक तो उनका प्यार और दूसरा कारण था ...उनके चाटने की वाज़ेह से मेरी होल काफ़ी मुलायम हो गयी थी , वो मेरी तकिलफ कम कर रहे थे ...जिस से उनका दम दमाता लौडा आसानी से अंदर जा सके ..उन्हें कितना ख़याल था मेरा ...मैं आनंद विभोर थे उनके इस लाड और प्यार से.

मैने एक बार अपना हाथ पीछे करते हुए उनके लौडे को अपनी हथेली से थामा ...उफफफफ्फ़ ..कितना कड़क हो गया था ..और उनके लौडे से पानी टपक रहा था ...

"भैया ...अब डाल दो ना ..प्ल्ज़्ज़ .."

" अरे अभी नहीं दामिनी ..बस ज़रा थोड़ी देर और ..."

अब उन्होने साइड टेबल पर रखी ऑलिव आयिल के बॉटल को अपने हाथ में लिया और चूतड़ की फाँक में थोड़ा सा तेल डाल दिया ..चाटना बंद होने से होल भी बंद था इसकी वाज़ेह से तेल जमा था ..फिर उन्होने अपनी उंगलियों का जो कमाल दिखाया ,,मैं सिहर उठी ..

उन्होने अपने अंगूठे को मेरे गान्ड के होल पे रखते हुए दबाया ..गान्ड का होल खूल गया ...और वहाँ जमा तेल होल के अंदर धीरे धीरे रीस्ने लगा ..तेल के अंदर जाने से मुझे थोड़ी ठंडक का अहसास हुआ उफफफफ्फ़ तेल के रिसाव से एक अजीब झूरजूरी सी महसूस हुई मुझे ..फिर उन्होने गान्ड की होल में अंगूठा धीरे धीरे डाल ते हुए वहाँ मालिश करने लगे .....पहले हल्का सा दर्द महसूस हुआ फिर तो बस मैं बयान नहीं कर सकती ..इतना मज़ा आ रहा था ...मालिश करते करते तेल सूख गया ...फिर उन्होने और तेल डाला वहाँ और अब अपनी एक उंगली वहाँ हल्के से घुसाया और बार बार अंदर बाहर करते करते और गान्ड की दीवारों को छूते हुए मालिश करने लगे ..बीच बीच में गान्ड चाट ते भी जाते ...

अब गान्ड काफ़ी मुलायम हो गयी थी और उनकी उंगली भी आराम से जा रही थी ..

क्रमशः……………………..
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