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RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
तड़पति जवानी-पार्ट-29
गतान्क से आगे........
.मैने फिर से बड़ा इठलाते हुए उसे जलाते हुए अपनी ब्रा भी उतार दी. और अपनी दोनो चुचियो को अपने हाथ मे ले कर खुद ही दबा दबा कर उसे चिढ़ाने लग गयी.
वो बला की फुर्ती के साथ एक दम से मेरे पास आ गया और मेरे हाथ के उपर से ही उसने अपने दोनो हाथ रख कर मेरे उरोजो को मसलना शुरू कर दिया. वो इतनी बुरी तरह मसल रहा था कि मेरे हाथ मे भी दर्द होने लग गया तो मैने अपने हाथ हटा लिए और अब वो मेरे दोनो उभारो को मसलने मे लग गया.
यूँ तो मेरे उभारो को मनीष भी खूब मसलते है और पीनू ने भी खूब मसला था पर मुकेश के हाथो मे जैसे जादू है उसे पता है की औरत के उभारो को कैसे और कितने ज़ोर से मसलना चाहिए जिसे उसे मज़ा आने लगे. अचानक उसने मेरे उरोजो को इतनी ज़ोर से दबा दिया कि मेरे मुँह से चीख निकलते निकलते रह गयी… “आअहह…. आरामम्म से दबाओ “ मेरे मुँह से केवल कितना ही निकला और मैने मज़े के कारण फिर से अपनी आँखे बंद कर ली.
“आराम से तो कुछ नही होगा मेरी जान तुझे मज़े लेने है तो थोड़ा ज़ोर से तेरे चुचियो को दबाना पढ़ेगा बड़ी टाइट चुचिया है तेरी, आज तक मैने ऐसी चुचिया नही दबाए है अपनी जिंदगी मे” उसने बेशर्मी से हस्ते हुए कहा.
“मुझे कोई मज़े नही लेने हट जाओ, और जाने दो मुझे यहाँ से” मैने गुस्से मे उस से कहा मुझे डर लग रहा था कि कही कोई हमारी आवाज़ सुन कर यहाँ आ ना जाए. “अरे रुक ना चल अच्छे से दबाता हू” कह कर वो अलग अलग तरह से बेदर्दी के साथ मेरे दोनो उरोजो को मसलता रहा. उसके इस तरह अलग-अलग तरह से उरोज को दबाने से मुझे सच मे एक अलग ही मज़ा आ रहा था. मुझे मेरे उभारो मे एक अजीब तरह की बेचैनी हो रही थी, जो मुझे आज तक कभी महसूस नही हुई थी… ऐसा लग रहा था जैसे मेरे दोनो उरोज उसके हाथो के लिए ही बने है और उन हाथो को आज पा कर उनकी ख़ुसी का ठिकाना ही नही रहा था.
उरोज दबाते दबाते ही उसने एक उभार के निपल को अपने मुँह मे ले लिया… उसके निपल मुँह मे लेते ही इतनी देर से जो आअहही मैने रोक कर रखी थी. वो निकलने लग गयी.जिसे सुन कर वो अपने मुँह से निपल निकाल कर वो बोला “ये हुई ना बात तुझे ऐसे ही आवाज़ करते हुए मज़े लेने चाहिए कोई बात नही अभी तो शुरुआत है..हहहे”
उसकी बात सुन कर मैने फॉरन उसके सर से हाथ हटा लिया और खुद पर काबू पाने की कोसिस करने लगी… “अरे हाथ क्यू हटा लिया रख ले आराम से रख ले मुझे भी अच्छा लगा रहा है तेरे हाथ अपने सर पर घूमते हुए” पर मैने वापस उसके सर पर हाथ नही रखा,,,, क्यूकी मैं उसे फिर से खुद पर हंसते हुए नही देखना चाहती थी.
वो बारी बारी से मेरे दोनो निपल को अपने मुँह मे ले कर चूस्ता रहा और मैं चुप-चाप उसके चुसाइ करने से मदहोश हो कर मज़े लेने लगी. “तेरे अंगूर बोहोत मीठे है शहद भर रखा है तूने इसमे. मज़ा आ गया आज तक इतने मीठे अंगूर नही चखे मैने” उसकी बात सुन कर मैं शर्म से लाल हो गयी.
थोड़ी देर और मेरे उभारो को दबा कर चूसने के बाद वो वहाँ से हट गया और मेरी टाँगो के नीचे आकर बैठ गया. उसने अपना एक हाथ मेरी योनि पर फिराया और अपना मुँह मेरी योनि पर वापस लगा कर उसे चूसने लग गया. मैं फिर से बोहोत बुरी तरह से मदहोश होने लग गयी और इसी मदहोशी मे होने के कारण मैने अपने हाथ उसके सर पर रख कर उसके सर को सहलाने लग गयी. थोड़ी देर तक योनि चूसने के बाद वो हट गया. मुझे समझ मे नही आ रहा था कि अब वो क्या करना चाहता है.
हम दोनो ही उस कमरे मे एक दम नंगे थे उसका लिंग मेरी आँखो के सामने झूल रहा था जिसके नीचे उसके टटटे भी लटक रहे थे. मैं उसके लिंग को सहमी सहमी नज़रो से देख रही थी. पीनू का लिंग अंदर ले कर दर्द हुआ था आज भी क्या वैसा ही दर्द होगा यही सोच सोच कर मेरी हालत खराब होती जा रही थी.
मुकेश ने मुझे मेरी सदी को ज़मीन पर बिछा कर उस पर लिटा दिया और खुद मेरी दोनो टाँगो के बीच मे आ गया. उस समय मैं एक दम डर गयी थी पता नही आगे क्या होने वाला है सोच कर ही मेरी आँखे अपने आप बंद हो गयी. उसने अपने लिंग को हाथ मे लिया और बोला “आज तो मेरे लंड को गाँव की सबसे हसीन चूत मिलेगी.. आज तो मेरे लंड के नसीब खुल गये जो इतनी प्यारी हसीना की हसीन चूत मे जा रहा है.” उसके मुँह से ऐसी बाते सुन कर मैने शरम से अपने चेहरे को अपने हाथो मे ले कर छुपा लिया.
“अरे रानी ऐसे शरमाने से काम नही चलेगा अरे देखो तो सही मेरा लंड तुम्हारी चूत को देख कर कैसे लार टपका रहा है” मैने अपनी आँखे खोल कर देखा तो उसके लंड से सच मे कुछ पानी की बूँद निकल रही थी. मैं इसके बारे मे जानती थी मनीष के साथ साथ पीनू ने भी मुझे अपने लिंग से ऐसे ही पानी की बूँद निकलते हुए दिखाई थी, उसी समय मुझे पता चला था कि लंड से पानी की ऐसी बूँद भी निकलती है.
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RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
“अरे वाह तू तो अभी से मज़े लेने लग गयी. हहहे तेरा यूँ मज़े लेना मुझे बोहोत अच्छा लग रहा है आज तो तुझे खुल कर मज़े करवाता हू.”
“ये सब तुम्हारे कारण हो रहा है जो मैं इस हालत मे आ गयी हू” मैने उसके गले मे हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए कहा.
“मैं तो तेरे हुस्न का दीवाना हो गया हू जब से तुझे देखा है तब से कुछ और चीज़ दिखाई ही नही दे रही थी बार बार आँखो के आगे तेरे मद मस्त संतरे और तेरी मटकती लचकति बलखाती हुई गांद आँखो के आगे घूम जाती थी. बस एक बार तेरे को दिल भर के चोदना चाहता हू.”
मैं मुकेश से कहना चाहती थी कि आराम से करे ताकि मुझे दर्द ना हो. वरना दर्द के कारण अगर मेरी आवाज़ बाहर चली गयी और किसी ने सुन ली तो बोहोत दिक्कत हो जाएगी. पर मुझे मुकेश से कुछ भी कहने की ज़रूरत नही पड़ी. मुकेश ने बोहोत धीरे धीरे से अपना लंड अंदर डालना शुरू किया. मुकेश का लंड भी थोड़ा मोटा और लंबा था जिस कारण मुझ दर्द तो हो रहा था पर वो इतने प्यार से अंदर कर रहा था कि वो दर्द मैं आराम से सहन कर सकती थी. जबकि पीनू तो बिना मेरे दर्द की चिंता किए ही अपना मोटा लिंग घुसा देता है.
अपना आधा लिंग अंदर करने के बाद मुक्केश बोला “जानेमन दर्द तो नही हो रहा है ना तुम्हे.”
मुझे ना जाने क्या हो गया था, मैने उसकी तरफ प्यार से देख कर कहा, “नही, तुम अपना लिंग पूरा डाल दो, मैं दर्द झेल लूँगी.”
ये सुनते ही उसने एक झटके में पूरा लिंग मेरी योनि में घुसा दिया.
मैं अब दर्द से चीन्ख पड़ी आआआआययययययययीीईईईईईईईईईईईईइमाआआआआआआ पर उतना तेज नही जिस से कोई मेरी आवाज़ बाहर से सुन कर अंदर आ जाए.. मैने मुकेश से तरफ दर्द भरी आवाज़ मे कहा “मैने एक साथ तो पूरा अंदर घुसाने को नही कहा था.”
वो बेशर्मी से अपने दाँत दिखाता हुआ बोला ”तुमने ही तो कहा था कि मैं झेल लूँगी.”
मैं उसकी बात सुन मारे शरम के ज़मीन मे गढ़ गयी. पता नही मुझ पर उस समय कैसा खुमार च्छा गया था कि बजाए उसको कुछ बोलने को मैने उसकी तरफ मुस्कुराते हुए बोली.. “तुम बहुत बदमाश हो.”
वो भी अपने दाँत दिखाते हुए बोला “वो तो मैं हू, तुम्हारी चाची भी यही कहती है पर मैं जैसा भी हू तेरा देवाना हू.”
मुकेश पूरा मेरे उपर झुक गया, और अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख दिया. उसके मुँह से शूकर था कि कोई बदबू नही आ रही थी इस लिए मैने भी उसको मना नही किया और वो मेरे होंटो को किस करने लग गया.
इस समय उसका लिंग पूरा का पूरा मेरे अंदर समाया हुआ था. और वो उसी तरह अपने लिंग को अंदर किए हुए ही मेरे होंठो को किस कर रहा था ये एहसास मुझे और भी ज़्यादा पागल कर रहा था. जिसका नतीजा ये हुआ कि मुझे खुद पर काबू पाना मुश्किल हो गया और मैं भी उसके किस का जवाब उसके होंठो को किस करके देने लग गयी. ये पल ऐसा था कि मैं सब कुछ भूल चुकी थी की मैं कहाँ पर हू और क्या हालत है. वहाँ की स्थिति से पूरी तरह बेख़बर हो कर मैं उस बूढ़े मुकेश के साथ सेक्स का मज़ा ले रही थी.क्रमशः................
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RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
तड़पति जवानी-पार्ट-30
गतान्क से आगे.........
थोड़ी देर बाद मुकेश मेरे होंठो को किस करना छोड़ कर अपना सर उठा कर मेरी तरफ देखते हुए बोला.. “तो जानेमन अब चुदाई का खेल शुरू किया जाए”.
मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया और उसकी तरफ देख कर सिर्फ़ एक अदा के साथ मुस्कुरा दी..
मुकेश अच्छी तरह से जानता था कि किस तरह औरत को पूरी तरह से तडपाया जा सकता है.. इसी लिए वो बेशर्मी से मेरे चेहरे को अपने हाथ मे लेते हुए बोला कि, “ जाने मन बताओ ना, चुदाई का खेल शुरू किया जाए ?”
मैं भी अब बुरी तरह से तड़प रही थी इस लिए मैने उस से शरमाते हुए कहा “अब जल्दी करो जो करना है, कोई आ गया तो हम मुशिबत में फँस जाएँगे. बाहर लोगो की चहल पहल भी बढ़ती जा रही है.”
वो मुस्कुराते हुए बोला, “ठीक है जानेमन जैसा तुम चाहो” ये कह कर उसने अपना पूरा लिंग बाहर खींच लिया.केवल उसके लिंग का उपर का भाग ही अंदर रह गया था.
उसके इस तरह से लिंग को बाहर निकालने से मैं बुरी तरह से चोव्न्क गयी “अब क्या हुआ निकाल क्यू लिया ?”
वो मेरी हालत देख कर मुस्कुराते हुए बोला “कुछ नही ये एक बोहोत ही मजेदार प्यारा खेल है, थोड़ी ही देर मे तुम अपने आप समझ जाओगी”
“मुझे कोई खेल नही खेलना है… तुम जल्दी से करो ओर मुझे फ्री करो इस से पहले की छत पर भीड़ बढ़े” मैं बुरी तरह से तड़प रही थी सेक्स के लिए और उसे खेलने की पड़ी हुई थी इसलिए मैने उसपर झल्लाते हुए कहा.
“अरे मेरी जान तुम तो बेकार मे नाराज़ हो रही हो मैने कब मना किया कि मैं तुम्हारी चुदाई नही करूगा… हम दोनो के बीच मे चुदाई होगी पर एक अलग तरह से देखो मैं अपना पूरा लंड निकाल कर वापस जब तेरी चूत मे घुसाउन्गा तो तुझे बोहोत मज़ा आएगा”
उसने एक झटके में पूरा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया मई फिर से छींख उठी, आआआयययययययीीईईईई…अहह ज़रा धीरे से मुकेश, मुझे दर्द हो रहा है.
वो उसी तरह अपनी बत्तीसी निकालते हुए बोला “सॉरी-सॉरी जाने मन मुझे ध्यान ही नही रहा. कि तुम्हारी चूत को अभी मोटे और लंबे लिंग झेलने की आदत कम है”
उसने फिर से लिंग बाहर निकाल कर धीरे से मेरे अंदर घुस्साया और अपने चेहरे को मेरे चेहरे के एक दम नज़दीक लाते हुए बोला.. “अब बताओ जाने मन इस तरह तो तुम्हे दर्द नही हो रहा है ये तरीका ठीक है.”
सच मे उसने जिस तरह से इस बार अपने लिंग को अंदर किया मुझे ज़रा भी दर्द नही हुआ पर मैने उसे ना तो हां मे जवाब दिया और ना ही ना मैं बस अपनी आँखे बंद करके उसके लिंग को अपने अंदर महसूस करने लग गयी.
उसने मेरे चेहरे एक दम नज़दीक आते हुए मेरे गले को चूमते हुए फिर से पूछा “बताओ ना जानेमन ये तरीका तो ठीक है ना अब तो तुम्हे कोई दर्द नही हो रहा है ना ?”
मैने शरमाते हुए अपना सिर हां मे हिला दिया.
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RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
थोड़ी देर तक मुकेश यूँ ही करता रहा और मेरी बेचनि बढ़ती चली गयी. हम दोनो की साँसे इस समय बोहोत तेज़ी के साथ चल रही थी.. एक तो गर्मी का मौसम और उपर से इस दोपहरी मे सेक्स से हम दोनो का शरीर पूरी तरह से पसीने से नहा चुक्का था.
फिर अचानक मुकेश अपना लिंग पूरा मेरे अंदर घुस्सा कर रुक गया और बोला “ सच मे अपनी पूरी जिंदगी मे मैने आज तक इतनी हसीन और प्यारी मजेदार चूत नही मारी कितनी मजेदार है तेरी चूत कि बस मज़ा आ रहा है, तुम्हे कैसा लग रहा है मज़ा तो आ रहा है ना तुम्हे.?”
मैं तो पूरी तरह से सेक्स के खेल मे खो गयी थी पर उसके इस तरह बीच मे रुक जाने से मुझे कुछ अच्छा नही लगा इस लिए मैने अपनी आँखे खोल के उसकी तरफ घूर कर देखा तो वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दिया. मेरे चेहरे पर आए गुस्से के भाव को देख कर वो समझ गया था कि मुझे मज़ा आ रहा है इस लिए उसने वापस धक्के लगाना शुरू कर दिया.
अचानक ही मुकेश ने तेज़ी के साथ लग रहे धक्को को अचानक हल्के हल्के धक्को मे बदल दिया उसके ऐसा करने से मेरी साँसे और भी तेज़ी के साथ फूलने लगी. आज तक सेक्स मे मुझे इतना मज़ा नही आया था जितना कि इस समय आ रहा था. मैं तो पूरी तरह से अपनी आँखे बंद करके उन पॅलो मे खो गयी.
“अब कैसा लग रहा है ?” उसने धीरे धीरे धक्का लगाते हुए ही मेरे कान के पास अपना मुँह लाते हुए कहा.
उसके इस तरह से मेरे कान के पास आने से उसकी निकलती हुई साँस जैसे ही मेरे कान से टकराई मेरे पूरी शरीर मे एक अजीब सी सनसनी की लहर दौड़ गयी. उसका यूँ बार मुझसे पूछना मुझे अच्छा भी लग रहा था कि वो सेक्स के दौरान कितना ख़याल रखता है पर दूसरी तरफ मुझे शरम भी आ रही थी..
वो मेरे जवाब ना देने से बीच मे ही रुक गया जिस वजह से मैने अपनी आँखे खोल ली वो मेरी तरफ देखते हुए बोला “जानेमन अगर तुम मुझे बतओगि नही तो मुझे पता कैसे चलेगा कि तुम्हे मज़ा आ रहा है या नही.
मैने उसकी तरफ अपनी दोनो आँखे बड़ी करते हुए कहा कि “तुम्हारी इतनी उमर हो गयी और तुमने पता नही कितनी बार सेक्स किया है तुम्हे मेरी हालत से पता नही चलता है कि मुझे मज़ा आ रहा है या नही.. तुम्हे क्या लगता है मुझे मज़ा आ रहा है या नही ?”
वो मुस्कुराते हुए बोला “वो तो ठीक है पर चुदाई करते हुए आपस मे इस तरह बात करने का अपना ही मज़ा होता है इस लिए. तुम्हारे मुँह से सुनना ज़रूरी है. और वैसे भी अगर तुम बोल कर बता देगी तो तुम्हारा कुछ घिस तो नही जाएगा.”
मैने बस उसके धक्के लगाने का इंतजार कर रही थी क्यूकी जब जब मैं अपने मंज़िल के करीब होती थी वो इसी तरह बीच मे रुक जाता था. मैने चिड के कारण उसको कोई जवाब नही दिया.वो मेरे चेहरे के भाव समझ कर फिर से धक्के लगाने लगा, पर इस बार उसकी स्पीड थोड़ी बढ़ गयी थी.
थोड़ा झुक कर उसने मेरे एक निपल को मूह में दबा लिया और फिर उसे चूस्ते हुए मेरी योनि में तेज़ी से धक्के मारने लगा.मेरा मज़ा बढ़ता ही जा रहा था, अब मेरी योनि और मेरे उभार दोनो एक साथ मुकेश के हाथो का खिलोना बने हुए थे. उसके इस तरह से करने से मैं मज़े की एक अलग दुनिया मे खोती जा रही थी. ऐसा मज़ा की मुझे इस समय किसी की परवाह नही थी.
वो जिस तरह से सेक्स कर रहा था मानो ऐसा लग रहा था जैसे की उसके अंदर खुद कामदेव उतर आए है, मैं इस कदर मदहोश हो रही थी. थी बस कुछ ही देर मे मुझे मेरी मंज़िल नज़दीक आते हुए दिखाई देने लगी.
अचानक मुकेश मेरे उभारो से हट गया और मेरी योनि से भी लिंग बाहर निकाल लिया.
मैने धीरे से पूछा क्या हुवा ?
वो बोला, कुछ नही, थोड़ा घूम जाओ तेरी पीछे से डाल कर मारूँगा.
मैने बाहर से आती हुई आवाज़ जो बिल्कुल ख़तम हो गयी थी. कहा कि “देखो तुम्हे जो करना है ऐसे ही कर लो वरना मैं अब जा रही हू.” पर सच्चाई तो ये थी कि मुझे उसके आगे वो पोज़िशन लेने में झीजक हो रही थी. क्यूकी जिस तरह से अमित ने मेरे पीछे तीन बार लिंग घुसाया था मारे दर्द के मुझसे ढंग से लेटा तक नही गया था. इस लिए मैने उसकी बात को सॉफ इग्नोर कर दिया.
वो बोला “अरे सोच क्या रही हो, चलो घुमो ना, तुम्हे और ज़्यादा मज़ा आएगा, तुम्हे पता है ना डॉगी स्टाइल इंशान की सेक्स करने की सबसे नॅचुरल पोज़िशन है”.
उसकी बात सुन कर मुझे हँसी भी आ रही थी और उस पर गुस्सा भी मैने उस से कहा “तुम क्या मुझे काम्सुत्र पढ़ा रहे हो ?”
वो बेशर्मी से बोला, “नही जानेमन तुम्हे चूत देने की सबसे सेक्सी पोज़िशन बता रहा हू…. हहे”
मैं और ज़्यादा समय बर्बाद नही करना चाहती थी इस लिए अपनी साड़ी पर ही मैं घुटनो के बल डॉगी स्टाइल मे हो गयी.. उसने पीछे से मेरे नितंबो को थाम लिया और एक झटके में अपना पूरा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया.. मेरे मूह से हल्की सी आआहह निकल गयी.
“क्या हुआ जानेमन मज़ा नही आया क्या ?”
“अब तुम मेरे मज़े की छ्चोड़ो और जल्दी से करो. मुझे नीचे भी जाना है सब लोग मेरा इंतजार कर रहे होगे.”
मेरी बात सुन कर वो बोला, “ठीक है, थोड़ी देर तुम बस अब आराम से मज़ा लो.” ये कह कर वो मेरी योनि में पीछे से धक्के मारने लगा.
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मेरे उभार इस पोज़ीशन में मुकेश के धक्को के कारण हवा में झूल रहे थे.
उसने फिर से पूछा “कैसा लग रहा है ?”
मैने उसके सवाल का कोई जवाब नही दिया. उसने मेरे कानो के पास आ कर कहा “तुम्हारी गांद बोहोत प्यारी है कहो तो तुम्हारी गांद भी मार लू.”
गांद मारने की बात सुन कर मेरी हालत खराब हो गयी.. इस लिए मैने उस से झीज़कते हुए कहा… “नही आज नही, तुम जल्दी से, जो कर रहे हो, वो ख़तम करो ना. मुझे नीचे शादी मे भी जाना है”
वो मेरी बात सुन कर बोला “ठीक है, तुम्हे जल्दी का मज़ा चाहिए ना, तो अब तैयार हो जाओ और ये लो सम्भालो फिर.” ये कह कर उसने बहुत तेज तेज मेरी योनि में अपना लिंग अंदर बाहर धकैल्ना शुरू कर दिया. मैं इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नही थी. मेरा पूरा शरीर ज़मीन पर बुरी तरह से हिले जा रहा था.
थोड़ी ही देर में मुझे इतना मज़ा आने लगा कि मेरा मन और तेज़ी की चाहत करने लगा. पर मैने मुकेश से कुछ नही कहा. मेरी साँसे और मेरी धड़कन मुकेश के धक्को की तेज़ी के साथ कदम मिलाने की कोशिश कर रही थी.. उसका लिंग मेरी योनि में इतनी तेज़ी से रगडे खा रहा था कि मुझ से होश संभालना मुस्किल हुआ जा रहा था..
मुकेश बिना रुके थोड़ी देर तक यू ही उसी स्पीड में धक्के लगाता रहा. मुकेश का लिंग मेरी योनि की गहराई तक जा कर मेरी बच्चेदानी से रगड़ खा रहा था और मैं उसके हर धक्के का मज़ा ले रही थी.
उसने वैसे ही धक्के लगाते हुए कहा..”बताओ जानेमन कब तक ये चुदाई का खेल खेलना चाहोगी ?”
मैने धक्को की वजह से हड़बड़ाते हुए कहा “अब जल्दी ख़तम करो, मुझे घर का काम भी करना है. पता नही कोई मुझे यहाँ पर ढूंढता हुआ ना आ जाए इस लिए इस खेल को जल्दी ख़तम करो अब.
मुकेश ने मेरी बात सुन कर अपनी स्पीड और ज़्यादा बढ़ा दी. जिस कारण मेरी साँसे भी और ज़्यादा रफ़्तार पकड़ने लगी. मुकेश के हर धक्के के साथ मैं अपनी मंज़िल के और भी नज़दीक आती जा रही थी. मेरे आनंद की कोई सीमा नही रही, इतना मज़ा आ रहा था कि मुझ से बर्दास्त करना मुश्किल हो रहा था. मैं अपनी मंज़िल के इतना नज़दीक आ चुकी थी कि किसी भी वक़्त मैं झाड़ सकती थी. और मुकेश के एक दो तीन और पड़ते धक्को के साथ मेरा पूरा शरीर अकड़ने लग गया और मेरे शरीर ने झटके खाना शुरू कर दिया और मेरी योनि ने पानी छोड़ दिया.
योनि के पानी छ्चोड़ते ही मैने हड़बड़ाते हुए मुकेश से कहा की “प्लीज़ मुकेश अब रुक जाओ अब मुझसे नही सहा जा रहा है.”
वो भी अपनी फूलती हुई सांसो के साथ धक्के लगाता हुआ बोला “बस जानेमन थोड़ी देर और सहन कर लो मेरा भी अब निकलने वाला है”.
“ठीक है पर जल्दी करो. मैं अब और ज़्यादा देर यहा नही रुक सकती हू.” मैने डॉगी स्टाइल मे पोज़िशन बनाए हुए ही कहा.
मुकेश बहुत तेज़ी के साथ मेरी योनि पर धक्के लगा रहा था और थोड़ी ही देर मे उसका भी शरीर अकड़ने लग गया.. और उसके लिंग ने मेरी योनि के अंदर ही झटके खाते हुए मेरी पूरी योनि को अपनी पानी से भर दिया.. मेरी योनि से धीरे धीरे करके पानी रिस-रिस कर बाहर आ रहा था वो उसी हालत में मेरे उपर गिर गया. मैं भी इतनी लंबी चुदाई के कारण बुरी तरफ से थक गयी थी जिस वजह से मैं भी लड़खड़ा कर नीचे लेट गयी. उसका लिंग अभी भी मेरी योनि में घुस्सा हुवा था.
थोड़ी देर बाद जब हमारी हालत कुछ नॉर्मल हुई तो मैने फॉरन उसे अपने से दूर किया उसका लिंग मेरी योनि से छ्होटा हो कर अपने आप ही बाहर निकल आया था उसका लिंग बाहर आ जाने से जो वीर्य अब तक योनि मे भरा हुआ थॉ वो भी बाहर आ कर ज़मीन पर बिछि हुई मेरी साडी पर गिरने लग गया था. मैं फॉरन खड़ी हुई और अपने कपड़े जो इधर उधर बिखर गये थे उनको जल्दी जल्दी पहनना शुरू कर दिया. मैने वापस उसकी तरफ पलट कर भी नही देखा कि वो क्या कर रहा है वो अब भी मेरी साड़ी पर वैसे ही लेटा हुआ था.
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