Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
09-17-2018, 02:06 PM,
#81
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
वो मायूस हो गया. मैने उसे मुस्कुराते हुए पूछा कि “तुमने पीनू और मेरे बीच और क्या क्या देखा था होते हुए ? क्या तुमने ये भी देखा था कि मैने उसका वो भी हिलाया था और चूसा भी था” मेरे मूह से ये सुन कर वो हैरान हो गया. उसकी हालत देखने वाली थी. क्यूकी मैं अब पूरी तरह से खुल कर बोल रही थी.
मैने फिर अपने होंटो को धीरे से अपने दातों से दबा लिया. यह देख वो पागल हो उठा और ज़ोर से अपने लिंग को हाथ से हिलाने लगा जैसे की हस्तमैथुन कर रहा हो. वो बोला कि अगर तुम्हे बुरा ना लगे तो क्या मैं मूठ मार सकता हूँ.
“बिल्कुल करो पीनू तो अक्सर मेरे सामने करता था ये. मुझे अच्छा लगता है ये देखना. चलो स्टार्ट करो.” मैने उसे उकसाने के लिए कहा.
वो ज़ोर ज़ोर से अपने लिंग को अपनी हाथों की उंगलियों में लेकर हस्तमैथुन करने लगा. जब 5 मिनिट हो गयी और उसने आँखे बंद कर ली तो मैं समझ गयी अब ये झदाने वाला है. यही तो मैं चाहती थी.
वो भी अब मुझसे कुछ कुछ बोलने लगा, मेरी शरीर के बारे में. मुझे भी मज़ा तो आ ही रहा था.
“आहह कब आएगा वो दिन जब मैं तुम्हारी मखमली गांद मारूँगा.”
“जल्दी आएगा सब्र करो तुम. और धीरे बोलो.”
“तुम्हारी चुचियाँ बिल्कुल बड़े बड़े संतरों जैसी हैं. नही संतरे नही नारियल जैसी है” वो झटके लेता हुवा बोला.
“धत्त शरारती कही के.”
अचानक मेरा ध्यान बाहर की हलचल पर चला गया. तभी उसने एक हाथ से मेरे बायें उभार को दबोच लिया. “वाह क्या संतरें हैं.”
मैने गुस्से में उसका हाथ झटक दिया और बोली, “ मेरे संतरे हर किसी के लिए नही है. “
वो मायूस हो गया.
“पीनू ने तो मेरे सन्तरो पर आइस क्रीम लगा कर चॅटी थी. क्या तुम ऐसा कर सकते हो” मैने उसे और चढ़ाने के लिए अपने और पीनू की झूठी बातें बोलने लगी
मगर यह सब कहते कहते मैं खुद ही एग्ज़ाइट होने लगी…लेकिन मैं डरने भी लगी कि कहीं कोई आ ना जाए…आंड मोरोवर इसका झाड़ भी नही रहा था…व्हाट टू डू.
“चल दीखा तो दे ये संतरे एक बार. मेरा पानी छ्छूटने में आसानी होगी.”
“अभी नही फिर कभी दिखाउन्गि, तुम तो खुद देख रहे हो कि सब लोग छत पर ही है कोई अगर यहाँ पर आ गया तो.? मुझे बोहोत डर लग रहा है” मैने उसे समझाते हुए कहा ताकि वो मुझसे दूर रहे.
“अरे मेरी रानी कोई नही आएगा यहाँ कोई नही आता है. तू बस अब खोल दे जल्दी से” उसने वही से बैठे बैठे मेरी छाती को एक टक देखते हुए कहा. ” पीनू को तो तुमने बड़े प्यार से अपनी चूत भी दी थी और अपने संतरे भी चुस्वाए थे. मुझे भी थोड़ा दिखा दो तो मेरा भी काम हो जाएगा.”
मुकेश की बात सुन कर मैं एक दम हैरान हो गयी. यानी इस बुड्ढे हरामी ने उस दिन छत पर सब देख लिया था. “ क्या क्या देखा था तुमने ?” मैने उस से जिग्यासा वश पूछा ताकि पता चले कि पीनू और मेरे बीच उसने क्या देखा था.
“यही कि पीनू ने तुम्हारे संतरो को खूब जी भर कर चूसा था और तुमने भी खूब मज़े से अपने संतरो को चुस्वाया था. तुम दोनो की सब स्टोरी जो भी उस रात छत पर हुई थी मुझे सब पता है..हहहे” उसने वही गंदी सी हँसी हस्ते हुए कहा.
“क्या देखा है तुमने मेरे और पीनू के बीचे मे मुझे भी तो पता चले. कि कितनी झूठी सच्ची और मंगडंत बाते तुम बना रहे हो ?” मैने उस से सब कुछ उगलवाने के लिए उसे और उकसाया. छत पर अब भी लोगो की भीड़ वैसे ही जमा थी. अंदर ही अंदर मेरा दिल बुरी तरह से इस बात को लेकर धड़क रहा था कि कही कोई आ ना जाए.
मुकेश ने कहा “देखो कोई देख लेगा, मुझे जल्दी से दिखा दो ताकि मैं अपना पानी निकाल सकु वरना अगर कोई अंदर आ गया तो तुम सोच लो.”
मुझे पता तो था कि वो ये सब क्यो कह रहा है पर फिर भी दरवाजे पर हो रही हलचल और आती हुई आवाज़ो ने मुझे बोहोत बैचैन कर दिया था समझ मे नही आ रहा था कि क्या करू क्या ना करू.
“देखो तुमने जब पीनू को दे दी तो मुझे देने मे इतने नखरे क्यू कर रही हो ?” उसने फिर से एक बार गिड़गिदते हुए कहा.

“तुम समझते क्यू नही हो मैने पीनू के साथ कुछ नही किया है तुमने जो भी देखा आइ डॉन’ट नो व्हाट एवर यू सीन वो सब ग़लत है और यहाँ पर मुझे ये सब बिल्कुल भी ठीक नही लग रहा है.” मैने फिर से उसे एक बार समझाने की नाकाम कोसिस करते हुए कहा.

मुकेश- “इस में ठीक लगने, ना लगने की क्या बात है ? ये तो एक खेल है, मज़े से खेलो और भूल जाओ, तुम बेकार में चिंता कर रही हो.” उसने मेरी तरफ ललचाई हुई नज़ारो से देखते हुए कहा.

“तुम आदमी हो, एक औरत की मजबूरी तुम नही समझ सकते.” मैने उसे फिर से समझाते हुए कहा.

“अगर मैं तुमको मजबूर कर रहा हूँ तो मैं ज़रूर ग़लत हू, पर अगर तेरा मन खुद मेरे साथ चुदाई करने का कर रहा है तो तू क्यू अपने मन को मार रही है. अपने मन को ज़बरदस्ती मारना बिल्कुल ग़लत है.” उसने मेरी आँखो को शायद पढ़ लिया था जिनमे इस समय वासना की लहरो ने बोहोत धीमे ही सही पर उठना शुरू कर दिया था.
“तुम समझ नही रहे हो. मैं एक शादी शुदा औरत हू और बाहर मेरे पति मनीष खड़े हुए है अगर उन्हे ज़रा भी पता चल गया तो तुम नही जानते कि क्या हो जाएगा. प्लीज़ तुम अपना जल्दी जल्दी हिला कर पानी निकाल लो.
“अगर तेरा पति तुझे सही तरीके से चोद पता तो तू पीनू से क्यू चुदवाती तूने तो पीनू से अपनी गांद भी मरवाई थी.” उसने मुझे फिर से टोन्ट कसते हुए कहा. उसकी बात सुन कर मैं शर्म से ज़मीन मे गढ़ी जा रही थी.
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09-17-2018, 02:06 PM,
#82
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
उसकी बात सुन कर मुझे बोहोत तेज गुस्सा आ गया और मैं उस के उपर बरस पड़ी “शकल देखी है तूने कभी अपनी आयने मे जो मेरे से इस तरह बात कर रहा है, अपनी शकल देख जा कर आयने मे तब मुझसे बात करियो” मैं उस पर बोहोत बुरी तरह से बरस पड़ी जिस से वो बुरी तरह सक-पका गया.
मुझे डर लग रहा था कि कही वो मेरे इतना तेज गुस्सा करने से कुछ उल्टा सीधा ना कर दे जो मेरे गले की हड्डी ना बन जाए. पर इसके उल्टे वो मेरे कदमो में बैठ गया और धीमे से बोला, “तुम गुस्से में और भी ज़्यादा प्यारी लग रही हो”
मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया. और चुप-चाप उसको घूरती रही.
“प्लीज़ मुझ पर रहम खाओ, मैं तुझसे फिर से माफी माँगता हू. केयी सारी रात मैं तेरे लिए तड़प्ता रहा हू, तुझे क्या पता मेरी क्या हालत हो रही है तेरे प्यार में. तेरे जिस्म ने मुझे पागल कर दिया है बस एक बार अपने संतरे दिखा दे मेरा पानी निकल जाएगा.” उसने मेरे कदमो मे गिड-गिदते हुए कहा.


मेरे मन में यह भी था कि अगर मैं किसी तरह इसका वीर्य निकालने में कामयाब हो गयी तो शायद यह शांत हो जाएगा, क्यूंकी आदमी के अंदर जोश तबतक रहता है जबतक उसके अंदर वीर्य रहता है. एक बार अगर उसका वीर्य बाहर निकल गया तो फिर उसके आगे कितनी भी सुंदर से सुंदर औरत हो वो कुछ नही कर सकता है.
क्रमशः................
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09-17-2018, 02:06 PM,
#83
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
तड़पति जवानी-पार्ट-27

गतान्क से आगे.........
“अगर तुम्हे मेरी चुचिया देखनी है तो मुझे वो सब बाते बताओ जो तुमने मेरे और पीनू के बीच मे छत पर देखी थी.”
“तुम्हे वो सब सुनना है तो सुनो” कह कर उसने बड़ी चालाकी से अपने लौदे से अपना हाथ हटा लिया और मुझे पीनू ने जो मेरे साथ किया था वो बताने लग गया.
“पीनू ने जब तुम से कहा था कि एक बार दे दो ना. और तुम्हारे होंटो से अचानक निकल गया, क्या ? और तुम ना चाहते हुवे भी शर्मा गयी थी. जिस पर पीनू ने तुमसे बेशर्मी से हंसते हुवे कहा, वही दे दो जहा मनीष भैया तुम्हारी लेते है, सच जब से तुम्हारी ली है रात मे मेरा लंड मेरे को कोस्ता रहता है कि मनीष ने क्या किशमत पाई है.”
ये सुन कर एक पल को मेरे होश उड़ गये. मेरे मन का एक कोना भी तो ऐसा ही चाहता था पीनू का जब से लिंग देखा था मेरी आँखो के आगे तो बस वही सब घूम रहा था. पर ये बुढहा आधी बात अपने मन की और आधी सही बोल रहा था शायद इस समय इसके उपर शराब के नशे का असर हो रखा था. जो वो ये सब बोल रहा था पर इस नशे की हालत मे भी ये गनीमत थी कि वो ज़्यादा तेज जैसा की आम तौर पर और नशेड़ी करते है जो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लग जाते है वैसा कुछ नही कर रहा था.
पर फिर मैने खुद को संभाला और कहा “चुप करो, मैं ऐसा नही कर सकती, पीनू और उसके साथ तुमने जिसे भी देखा हो पर वो मैं नही थी और अब ये अपनी झूठी कहानी सुनाना बंद करो.” मैने मुकेश को घुस्से से डाँटते हुए कहा.
मुकेश ने कहा “सच बताना क्या दुबारा तुझे लंड लेने की इच्छा नही हो रही है मेरा लॉडा देख कर ? क्या तुझे इस समय वो पल याद नही आया जब पीनू ने तेरी गांद मारी थी ? मेरे लॉड को देख कर सच सच बता”
ये सब सुन कर मैं फिर से अपने होश खो बैठी, मेरी आँखो में फिर से वो पल घूम गया जब पीनू बहुत तेज-तेज मेरे नितंबो में धक्के लगा रहा था और मैं उसके हर धक्के का मज़ा सिसकारिया भर कर ले रही थी.
उसने फिर पूछा, बता ना शर्मा मत क्या सच मे तूने पीनू को अपनी गांद मारने दी थी. मैने तो छत पर देखा भी था कि छत पर उस तरफ साइड मे जहाँ पर उस दिन कंडे रखे हुए थे उसने तेरी गांद मे पूरा लॉडा घुसेड दिया था जिस से तेरी बुरी तरह से चीख निकल गयी थी. जब से पीनू और तेरी चुदाई देखी है तब से उपर वाले से यही दुआ माँग रहा हू कि मुझे भी पीनू की तरह एक बार तेरी गांद की सेवा करने का मौका मिल जाए. मैं भी तेरी गांद का एक बार मज़ा ले सकु देखु तो सही की तेरी मस्तानी गांद का कैसा मज़ा आता है.
वो ऐसी बाते कर रहा था कि कोई भी सुन कर बहक जाता, मैं भी थोड़ा सा बहक गयी, पर फिर मैने कहा, “नही मुझे कुछ याद नही आया, तुम अब चुप चाप अपना हिलाओ, और मेरा पीछा छोड़ दो और मुझे मेरे परिवार में खुश रहने दो. मैं एक शादी शुदा औरत हू और तुमने ये सोच भी कैसे लिया कि मैं तुम्हारे या उस हरामी पीनू के साथ ऐसा कुछ कर भी सकती हू”
वो बोला, “तू तो खुश ही है मैं ही दीवानो की तरह यहा तेरी गांद के चक्कर मे भटक रहा हू, देख तेरे सन्तरो की एक झलक पाए बिना मेरे लंड ने भी पानी निकालना बंद कर दिया है.. ये भी तेरे सन्तरो की एक झलक का दीदार करना चाहता है..”
मैने उसकी हालत देख कर उसको और ज़्यादा चिढ़ाते हुए कहा “तो मैं क्या करूँ मैने तो तुम्हे अपने पीछे नही लगाया ना और ना मैने तुम्हे मेरे पीछे यहाँ पर आने को कहा था?”

वो बोला, “ठीक है ग़लती मेरी ही है, जो सब कुछ छोड़ कर तेरे पीछे पड़ा हूँ, मैं चला जाउन्गा पर एक बार अपने संतरे तो दिखा दो”
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09-17-2018, 02:06 PM,
#84
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
उसकी बात सुन कर मैं कुछ नही कह पाई और खामोशी से उसकी बेबसी देखती रही मुझे उसको यूँ तड़प्ता हुआ देख कर बड़ा अच्छा लग रहा था. मुझे ये बात अच्छे से समझ मे आ गयी थी कि ये इस तरह चुप नही रहेगा. क्या मुझे इसको को-ऑपरेट करना सही होगा.? मेरे मन मे एक सवाल उठा और जल्दी ही उसका जवाब भी मिल गया. हां अगर मैं इसको को-ऑपरेट करू तो ये सब सुन कर ये उत्तेजित हो जाएगा और इसका पानी निकल जाएगा. एक बार ये झाड़ गया तो फिर सब कुछ नॉर्मल हो जाएगा.
“हां तुम सही कह रहे हो पीनू ने मेरे साथ बोहोत अच्छे से किया. मुझे नही लगता कि तुम उस तरह से कर भी पाओगे. तुम अपनी हालत तो देखो. तुम्हारे इस बुढहे दुबले पतले शरीर मे इतनी जान है कि तुम पीनू की तरह मुझे खुश कर सको” कह कर हल्के हल्के हँसने लग गयी.
मुकेश मेरी बात सुन कर उत्तेजित हो जाता है और कहता है “क्या किया था ऐसा पीनू ने जो मैं नही कर सकता मेरा लंड भी तो पीनू के बराबर ही बड़ा है और जो मेरे लंड से एक बार चुद ले तो फिर वो मेरी गुलाम हो कर रह जाती है.”
“मुझे नही लग रहा तो मैं क्या करू” मैने उसे और ज़्यादा चिढ़ाते हुए कहा.
मुकेश मेरी बात सुन कर बोहोत ज़्यादा उत्तेजित हो जाता है और अपने लंड को हाथ मे पकड़ कर हिलाते हुए कहता है “मेरे लंड को देखो और पीनू के लंड का साइज़ याद करो पीनू का लंड मेरे से छ्होटा है. जब मेरा लंड तुम्हारी चूत मे जाएगा तो तुम्हे इतना मज़ा आएगा जितना तुम्हे पीनू के साथ भी नही आया था.”
जब मेरी नज़र बुढहे के लंड पर जमती है तो सच मे इस बुढहे मुकेश का लंड पीनू से बड़ा था और मोटा भी पीनू के लंड को थोड़ी देर यूँ एक तक देखने से मेरी चूत ने भी जवाब दे दिया था मैं भी पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. पर मैं इस बुढहे के साथ उस तरह का कुछ भी नही करना चाहती थी इसलिए मैने सोचा कि इसको सिर्फ़ बाते करते हुए झाड़वाना ठीक होगा.
“तुम्हे पता है पीनू का सूपड़ा कितना मोटा है. पीनू ने तू मुझे अपना लंड चुस्वाया था उनके लंड का स्वाद भी एक दम बढ़िया था. मैने मज़े मज़े मे दो बार पीनू के लंड की चुसाइ की थी और पीनू ने भी मेरी चूत को जम कर चॅटा था उसकी पूरी जीभ मेरी चूत को चाट चाट कर सॉफ कर रही थी. अभी भी मुझे पीनू की जीभ अपनी चूत पर सॉफ महसूस होती है.” मैने उसको और ज़्यादा उत्तेजित करने के लिए कहा. ताकि उसका ये सब बाते सुन कर पानी निकल जाए.
मुकेश अपना लंड अपने हाथ से हिलाते हुए काफ़ी थक जाता है और कहता है कि “अरे मेरी जान मेरी मदद करो ना मेरा हाथ थक गया है लंड हिलाते हिलाते पर पानी नही निकल रहा है” मुकेश ने एक नज़र मेरी तरफ देखा जो ठीक उसके लंड को ललचाई हुई नज़रो से देख रही थी इसी बात को समझ कर “तुम अपने हाथ से हिलाओ ना तुम्हारे हाथ का स्पर्श पा कर शायद मेरा पानी निकल जाए और मैं झाड़ जाउ.”
“खबर दार जो मुझे जान कहा तो अपनी शकल देखी है कभी आयने मे. और तुमने सोच भी कैसे लिया कि मैं तुम्हारे जैसे आदमी का लंड अपने हाथ मे लेकर हिलाउन्गि” मैने उसे बुरी तरह से हड़काते हुए कहा, मेरे इस तरह हड़काने से वो बुरी तरह झेंप गया. बाहर से आने वाली आवाज़ भी अब आना कम हो गयी थी इसलिए मैने उस से कहा “मैं जा रही बाहर सब चले गये है इस से पहले कि कोई छत पर वापस आ जाए मैं जा रही हू.” ये कहते हुए जैसे ही मैं मूड कर दरवाजे तक आई तो मेरा दिल बुरी तरह से धड़क उठा बाहर छत पर मनीष खड़े हुए थे. और अगर मैं मनीष के सामने इस तरह से बाहर निकलती तो मेरी क्या इज़्ज़त रह जाती. यही सोच कर डर के कारण मैं वापस पीछे की तरफ हो गयी. मेरे वापस पीछे होते ही मुकेश मेरे कदमो मे गिर गया और मेरे पैर पकड़ कर बोला “एक बार दिखा दे ना अपने संतरे मेरे से अब बर्दाश्त नही हो रहा है” वो नशे मे होने के कारण थोड़ा तेज़ी से बोल रहा था जिस से मेरे प्राण और हलक मे आ कर अटक गये, कही मनीष ना कुछ सुन ले. इस समय मेरी उपर की साँस उपर और नीचे की नीचे बीच मे पेट खाली वाली स्थिति हो गयी थी.
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09-17-2018, 02:07 PM,
#85
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
“दिखा दे ना एक बार मेरा निकल जाएगा” मुकेश ने फिर से मेरे पैरो मे गिरते हुए कहा.

मैं अजीब इस्थिति मे फँस गयी थी की क्या करू क्या ना करू कुछ भी समझ मे नही आ रहा था एक तरफ बाहर मनीष खड़े हुए थे और दूसरी तरफ ये मुकेश मेरे पीछे पड़ा हुआ था. पर उसका यूँ मेरे पैरो मे गिड़गिदते हुए भीक माँगना मुझे बोहोत अच्छा लग रहा था. अभी मैं उसकी तरफ गौर करती इस से पहले ही मनीष की आवाज़ मेरे कानो मे आई वो नीचे जा रहे थे इस बात को सुन कर मेरे दिल ने राहत की साँस ली पर उनके जाने का जो फ़ायदा हुआ उसके बदले छत पर और लोग आ गये. मैं तो यहाँ इस छत पर आ कर बुरी तरह से फँस गयी थी.

छत से जब मैने अपना ध्यान हटाया तो इधर मुकेश लगातार मेरे पैरो मे गिर कर मुझसे एक बार दिखा देने की भीख माँग रहा था. उसको यूँ गिड-गिडता हुआ देख कर मेरे मन मे उसके लिए दया आ गयी. और मैने उस से कहा “अच्छा ठीक है मैं तुम्हारा अपने हाथो से हिला देती हू ताकि तुम्हारा पानी निकल जाए और तुम आसानी से झाड़ जाओ” मेरी बात सुन कर वो ख़ुसी से पागल हो गया.
वो जल्दी से मेरे पैरो से उठ कर खड़ा हो गया और मैं उसके पास ही खड़े हो कर उसका लॉडा हाथ मे पकड़ लिया हिलाने के लिए. पर जैसे ही उसका लंड मैने अपने हाथ मे लिया मेरे पूरे शरीर मे एक सनसनी सी दौड़ गयी. मेरी योनि बुरी तरह से गीली होना शुरू हो गयी. मुकेश के लंड को हाथ मे पकड़ कर मैने सोचा अगर मैं इस से थोड़ी गंदी बाते करू तो इसको जल्दी पानी निकल जाएगा.
मैने उसके लंड को पकड़ कर उसकी खाल को जैसे ही पीछे किया उसके लंड का सूपड़ा निकल आया “अरे वाह मुकेश तुम्हारे लंड का सूपड़ा तो बोहोत चिकना और एक दम लाल रखा हुआ है इस उमर मे भी तुम्हारा लंड एक दम लोहे की रोड की जैसे सख़्त हो जाता है कैसे क्या करते हो तुम और ये तुम्हारा लंड इतना बड़ा कैसे हो गया.” मैं मुकेश का लंड हिलाते हुए उस से इस तरह की बात करना शुरू कर दिया ताकि उसका पानी जल्दी से निकल जाए और वो झाड़ कर शांत हो जाए और मैं वापस आराम से नीचे जा सकु.
मुकेश मेरी बात सुन कर मुस्कुरा देता है और कहता है “अरे अब क्या बताऊ बस बचपन से ही मेरा ऐसा है”
“वैसे मुकेश अब तक कितनी चूत और गांद चोद चुका है तुम्हारा ये मोटा घोड़े जैसा लंड?” मैं भी अब खुल कर उसके साथ चूत लंड गांद बोल रही थी.
“कितनी चूते चोदि है ये तो नही पता पर तुम्हारी एक बार चूत मिल जाए तो मैं जिंदगी भर तुम्हारी गुलामी करता रहुगा. तुम्हारी गांद देख कर तो ऐसा लगता है कि बस सीधा लंड पकड़ कर तुम्हारी गांद मे पेल दू.” कह कर उसने फिर अपनी गंदी सी हँसी हंस दी पर अब मुझे उसकी हँसी गंदी नही लग रही थी. क्यूकी वो मेरी इतनी तारीफ करता जा रहा था. हर औरत की इच्छा होती है कि कोई हो जो उसके हर अंग की तारीफ करे की वो कैसी दिखती है जब वो चलती है तो उसकी बाल खाती हुई लचक मारती हुई कमर लोगो की नींद उड़ा देती है. उसके गांद के दोनो गुंबद जैसे तरबूज जब किसी तराजू की तरह उपर नीचे को होते है तो अच्छे अच्छे आदमियो के ईमान डोल जाते है. छाती के दोनो मस्त गोल उभारो को देख कर तो ऐसा लगता है की बस अभी खोल कर इन्पे अपना मुँह लगा लू और दोनो हाथो से कस कर रगड़ दू. हर औरत ये सब सुनने को बेकार होती है पर होती तो एक औरत ही है इसलिए अपने मन की बात को मन मे रखती है. पर मुकेश और पीनू दोनो ने मेरे पूरे शरीर की इतनी तारीफ की थी कि मैं अपने आप ही बहक गयी. जो तारीफ मैं मनीष के मुँह से अपने लिए सुनना चाहती थी वो आज यहाँ इस कोठरी मे इस बुढहे मुकेश के मुँह से सुनने को मिल रही थी.
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09-17-2018, 02:07 PM,
#86
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
उसके मुँह से अपने लिए तारीफ सुन कर मैं और भी ज़्यादा मस्त हो गयी और मस्ती मे आने के कारण मैने उसके दोनो बॉल्स को भी अपने हाथ से सहलाना शुरू कर दिया. मुझे लग रहा था कि मुकेश का पानी अब निकल जाएगा पर मुकेश बोहोत चालक था उसने बड़ी चालाकी से जैसे ही पानी निकलने वाला होता था वो मेरे हाथ को रोक देने को कहता और थोड़ा पीछे को खिसक जाता था. इस तरह बीच मे रुक जाने से सारा किया धारा बेकार हो जाता और उसका पानी नही निकल पाता. मेरे हाथ मुकेश की गांद पर भी चल रहे थे. मैने मज़े लेने के लिए अपनी एक उंगली मुकेश की गांद मे घुसा दी. मेरे यूँ अचानक गांद मे उंगली घुसा देने से मुकेश बुरी तरह उछल गया. और मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखते हुए बोला “बोहोत शरारती हो तुम” कह कर मुस्कुरा दिया.
उसको मुस्कुराता हुआ देख कर मैं भी मुस्कुरा दी और बोली “मज़ा आ रहा है या नही ?”
“कसम से आज तक इतना मज़ा नही मिला जितना अब आ रहा है. तुम्हारे हाथो मे तो जादू है” कहते हुए वो एक बार फिर से मुस्कुरा दिया. “फूलो से भी नाज़ुक है तुम्हारे ये हाथ. मन तो कर रहा है कि इन हाथो को चूम लू. पर तुम नाराज़ हो जाओगी. हहहे”
अपने बारे मे मुकेश के मुँह से तारीफ सुन सुन कर मैं और भी ज़्यादा उसकी तरफ होती जा रही थी. जिस से मेरा हाथ मुकेश के लंड पर और भी तेज़ी के साथ चल रहा था. और दूसरे हाथ से दो उंगली भी उसकी गांद मे घुस देती थी बीच बीच मे. लेकिन काफ़ी देर तक मुकेश का लंड हिलाने के बाद भी जब मुकेश का पानी नही निकलता है तो मैं बुरी तरह से मुकेश पर फ्रस्टरेट हो जाती हू और उस को झल्लाते हुए कहतू हू कि “तुम गाँव वाले साले सब के सब बीमार हो.. तुम लोगो मे तो वीर्य है ही नही निकलेगा तो जब, जब होगा” कह कर ना जाने क्यू मेरी अपने आप हँसी निकल जाती है.
“मैने तुम्हे बताया ना कि मेरा ऐसे नही निकलता है. जब तक मैं तुम्हारी चूत ना देखु लू तब तक मेरा पानी नही निकलेगा. तुम मेरी तकलीफ़ को समझो ना जब तुम पीनू को दे सकती हो तो मुझे दिखाने मे तुम्हारा क्या घिस जाएगा ? केवल एक बार दिखा दो मेरा अपने आप देख कर आसानी से निकल जाएगा जब तुम इतनी गरम हो तो तुम्हारी चूत तो तुम से भी ज़्यादा गरम होगी और तुम्हारी चूत की गरमी को देख कर मैं महसूस करते हुए अपने आप झाड़ जाउन्गा” कहते हुए वो फिर से एक बार मेरे कदमो मे गिर कर भीख माँगने लग गया. “दिखा दो ना एक बार” वो फिर से एक बार गिड-गिदाया. ज़बरदस्ती वो कर नही सकता था क्यूकी मैने आते ही उसके गाल पर रसीद काट दी थी इस लिए वो केवल मुझसे रिक्वेस्ट कर सकता था और वही वो कर रहा था.
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09-17-2018, 02:07 PM,
#87
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
छत पर भी अब लोगो की आवाज़े आना कम हो गया था और मुझे यहाँ पर आए हुए भी काफ़ी वक़्त हो गया था. इस लिए मैं वहाँ से जल्दी से जल्दी निकल लेना चाहती थी. पर ये मुकेश बार-बार मेरे कदमो मे गिर कर मुझसे इस तरह गिड-गीडा कर भीख माँग रहा था और मैं भी पूरी तरह से गरम हो चुकी थी इस लिए मैने मुकेश के लंड को ब्लो जॉब देने की सोची ताकि उसका आसानी से निकल जाए. मैं मुकेश को दीवार के सहारे से खड़ा कर दिया और वही उसके कदमो मे बैठ कर उसके लंड को हाथ मे पकड़ लिया और एक नज़र मुकेश की तरफ देखा वो अब भी मेरी तरफ रहम भरी नज़रो से देख रहा था. उसकी आँखो मे भीख देख कर मैं बोहोत खुस थी.
मैने मुकेश के लंड की खाल को एक झटके से पूरा का पूरा पीछे कर दिया जिस से मुकेश के मुँह से एक दर्द भरी आआआहह निकल गयी “आराम से करो ना” मुकेश के मुँह से जैसे ही ये शब्द निकले मैं मुकेश की तरफ देख कर मुस्कुरा दी और बोली “क्यू मज़ा नही आ रहा है ?”
“मज़ा तो आ रहा है पर थोड़ा आराम से करो ना तो और मज़ा आएगा” मुकेश ने मेरे सर पर अपना हाथ फिराते हुए कहा
“ठीक है आराम से करती हू” कह कर मैने मुकेश के लिंग पर अपनी जीभ फिरा दी.
मेरे झीभ फिरते ही मुकेश के पूरे शरीर मे एक सनसनी की सी लहर फैल गयी. “आहह क्या कर रही हो” मुकेश ने मज़े से अपनी आँखे बंद करे हुए ही कहा.
मैं भी मज़े से मुकेश के लंड को अपने मुँह मे ले कर चुस्ती रही कभी उसके सूपदे पर जीभ घुमाती तो कभी उसके लंड को मुँह मे लेकर चुस्ती. उसका लंड चूसने मे मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था. मुकेश ने भी अब मेरे सर को पकड़ कर अपने लंड पर कसना शुरू कर दिया जिस से उसका लंड मेरे गले तक आ कर अटक जाता. यूँ ही काफ़ी देर तक मुकेश का लंड चूसने के बाद भी जब मुकेश का पानी नही निकला तो मैं बोहोत बुरी तरह से उस पर खिस्या गयी “तुम्हारे अंदर वीर्य है भी या नही इतनी देर हो गयी मुझे तुम्हारा पानी अभी तक नही निकला. हाथ से भी हिला दिया. ब्लो जॉब भी दे दी फिर भी तुम्हारा पानी नही निकल रहा है.” मैने बुरी तरह से उस पर खिस्याते हुए कहा पर फिर मेरे दिमाग़ मे ना जाने क्या आया कि इस से और मज़े लिए जाए “मैं अब यहाँ नही रुक सकती मैं जा रही हू.” बोल कर मैं खड़ी हो गयी और दरवाजे की तरफ देखने लगी.
क्रमशः................
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09-17-2018, 02:07 PM,
#88
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
तड़पति जवानी-पार्ट-28

गतान्क से आगे.........
मुकेश ये सुन कर बुरी तरह से चोव्न्क गया. “क्या हुआ जानू अभी तो तुम इतने अच्छे से लंड चूस रही थी फिर यूँ अचानक जाने की बात क्यू कर रही हो ? मैने तुम्हे बताया ना कि मेरे लंड से पानी तभी निकलेगा जब वो तुम्हारी चूत देख लेगा जब तक चूत नही देख लेता ये पानी नही छ्चोड़ता है.” मुकेश ने अपने लंड पर हाथ फिराते हुए कहा.

“अब तुम्हरा पानी निकले या ना निकले मुझे इस से कोई लेना देना नही है. मैं जा रही हू यहाँ से बस.” कह कर मैं वहाँ से वापस मूड गयी. उसने बैठे बैठे मेरे नितंबो को थाम लिया और साड़ी के उपर से ही मेरी योनि पर मूह रगड़ने लगा.



मैं उसकी इस हरकत से हड़बड़ा कर पीछे हट गयी. और उस से बोली “छ्चोड़ो मुझे ये क्या कर रहे हो”

उसने कहा “अब कम से कम च्छू कर उपर से महसूस ही कर लेने दो दिखा तो तुम रही हो नही उपर से ही महसूस कर के मैं तुम्हारी चूत को महसूस कर लू”

मैने उसे कोई जवाब नही दिया उस वक़्त ना जाने मुझे क्या हो गया था कि मैं उसे रोक ही नही पा रही थी. ओर मैं वही किसी पत्थर की मूर्ति के जैसे जम गयी थी. और वो साड़ी के उपर से ही मेरी योनि को चाटने मे लगा रहा. मैं इस समय चाह कर भी खुद से उसको रोक नही पा रही थी जब की मुझे अच्छे से पता था कि अगर मैं बहक गयी तो मेरा खुद का थमना मुश्किल नही ना मुमकिन हो जाएगा. पर ना जाने क्यू मैं उसे नही रोक पा रही थी और वो बराबर मेरी साड़ी के उपर से ही मेरी योनि पर अपना मुँह लगा रहा था.

वक्त जैसे खुद को दोहरा रहा था, जैसा कल हुआ था, वैसा ही आज भी हो रहा था. फ़र्क सिर्फ़ इतना था कि कल पीनू था और आज ये मुकेश. मैं चुपचाप वहाँ खड़ी रही और वो मेरी योनि को कपड़ो के उपर से ही चूमता रहा, मैने खुद को थामने की बहुत कॉसिश की पर मैं मदहोश होती चली गयी. उसके दोनो हाथ मेरे नितंबो को आटे की तरह घूथे जा रहे थे. जिस कारण मेरी मदहोशी और भी बढ़ती जा रही थी. मैं कयि दिनो से चाहती थी कि मनीष मेरे नितंबो को इसी तरह जैसे आज ये बुढहा मुकेश मसल मसल कर दबा रहा है ऐसे ही दबाए.. पर वो ना हो सका और आज हुआ भी तो इस मरियल बुढहे के हाथो से.


थोड़ी देर बाद यूँ ही साड़ी के उपर से योनि को चूमने के बाद वो बोला “जान मज़ा नही आ रहा अपनी साड़ी खोल दो ना.”

पीनू के साथ एक्सपीरियेन्स के कारण मैं खुद ऐसा ही चाहती थी, पर मैं खुद उसके लिए अपनी साडी नही खोल सकती थी. उसकी बात सुन कर भी मैने अनसुनी कर दी.

जिस पर उसने फिर से गिड-गिदाते हुए कहा “प्लीज़ जानेमन खोल दो ना, मज़ा नही आ रहा.”

मेरी साँसे तेज हो गयी, मुझे समझ नही आ रहा था कि क्या करूँ क्या नही. बाहर से लोगो की आवाज़ आनी भी लगभग अब ना के बराबर रह गयी थी एक बार को तो मन मे आया कि अब बाहर निकल जाउ पर मेरे सरीर ने मेरा साथ छ्चोड़ दिया वो इस समय पूरी तरह से बहक गया था.
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09-17-2018, 02:07 PM,
#89
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
मुकेश अपने दोनो हातो से मेरे नितंबो को लगातार मसल रहा था और मेरी योनि पर यहाँ वहाँ मूह रगड़ रहा था. उसकी इस हरकत से मेरी हालत और भी ज़्यादा कराब होती जा रही थी.

मुकेश ने फिर से कहा “थोड़ा खोल दो ना तुम्हे और ज़्यादा मज़ा आएगा कल जो मज़ा पीनू ने तुम्हे दिया था उस से भी ज़्यादा मज़ा आएगा तुमको”

मैने झीज़कते हुए मुकेश से कहा “तुम खुद ही खोल लो ना “

मुकेश समझ गया था वो पक्का खिलाड़ी था इन सब मामलो मे उसने मेरी तरफ सर उठा कर मुस्कुराते हुए देखा और बोला “ना बाबा ना, तुम खुद ही खोलो. मैं खोलूँगा तो ऐसा लगेगा कि मैं तुम्हारे साथ ज़बरदस्ती कर रहा हू. और अगर कल को तुमने मुझे रॅप केस मे अंदर करा दिया तो. इस लिए तुम खुद ही अपनी मर्ज़ी से अपने आप अपनी साड़ी खोलो” मुकेश के हाथ अब भी बराबर मेरे दोनो नितंबो को आटे की तरह से मसले जा रहे थे.

मैं ना चाहते हुए भी बहकति चली गयी. उसका मुँह अब भी बराबर साडी के उपर से मेरी योनि पर अपना जादू डाल रहा था.उसने फिर से अपने सर को उपर उठा कर कहा “प्ल्ज़ खोल दो ना अपनी साडी”

मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा था कि क्या करू क्या ना करू मैं इस समय बोहोत बुरी तरह से फँस चुकी थी बाहर जाने का रास्ता एक दम सॉफ हो गया था पर मेरा सरीर इस समय मेरे काबू मे नही था. मैने अपनी दोनो आँखे बंद कर ली और अपने हाथो से अपनी साडी को खोल दिया. उस समय मैं अंदर ही अंदर थोड़ा घबरा भी रही थी कि कही कोई आ गया तो क्या होगा पर उस से ज़्यादा मैं मदहोश हो गयी थी और यही सब सोचते हुए मेरी साडी मेरे सरीर से अलग हो चुकी थी अब मैं सिर्फ़ पेटिकोट और ब्लाउस मे रह गयी थी.

साडी के हटते ही उसने कहा “ये हुई ना बात अब आएगा असली मज़ा. आज मैं तुम्हे जवानी का असली मज़ा दुगा जो पीनू ने भी तुम्हे नही दिया होगा. आज उस से भी ज़्यादा मज़ा आएगा तुम्हे” मैने अपनी आँखे खोल कर देखा तो वो मुस्कुरा रहा था और मेरी योनि की तरफ ही देखे जा रहा था. “जवानी का असली मज़ा लेने के लिए तुम्हे एक काम और करना पड़ेगा बस अपने पेटिकोट का ये नाडा और खोल दो”

मुकेश के हाथ अब भी बराबर मेरे नितंबो को मसले जा रहे थे. नितंबो को मसल्ते मसलते ही उसने अपनी एक उंगली मेरी गांद के छेद पर रख कर पेटिकोट के उपर से ही अंदर कर दी. मेरे मुँह से एक हल्की मस्ती भरी आआहह निकल गयी.

मैं पूरी तरह से मदहोश हो कर अपनी दोनो आँखे बंद किए हुए उसके द्वारा मसले जा रहे नितंबो का मज़ा ले रही थी.

वो फिर से बोला “जानेमन अपने पेटिकोट का नाडा और खोल दो ताकि तुम्हे जवानी का असली मज़ा दे सकु”

उसकी बात सुन कर मैं बुरी तरह से उस पर झल्ला गयी. “तुम अपने आप नही खोल सकते हो क्या ?” पर हक़ीकत मे मैं यही तो चाहती थी की वो मुझसे खुद मेरे एक एक कपड़े उतारने की भीख माँगे जैसे वो अभी माँग रहा है.
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09-17-2018, 02:07 PM,
#90
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
उसके यूँ बराबर मेरी योनि को चूमने से मैं और भी ज़्यादा बेचैन होती जा रही थी. पता नही मुझ पर उसके चूमने का क्या असर हुआ कि मैं खुद को नही रोक पाई और एक ही पल मे मैने अपने पेटिकोट का नाडा खोल दिया. नाडा खुलते ही मेरा पेटिकोट उतर कर सीधा मेरे पैरो मे जा गिरा.
मेरा पेटिकोट उतरते ही मैं उसके सामने नीचे से पूरी नंगी हो गयी. मैने उस वक़्त पॅंटी नही पहनी हुई थी. ”तू सच मे बोहोत अच्छी है” उसने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए कहा.
मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया और अपनी आँखे बंद कर ली. मुकेश ने मेरी योनि की दोनो पंखुड़ियो को फैलाया और फैला कर मेरी योनि को कुत्ते की तरह चाटने लगा. उसके थूक से मेरी योनि जो पहले से ही पूरी गीली थी और भी ज़्यादा गीली हो गयी. मैं मन ही मन सोच रही थी कि ये सब मुकेश ने कहाँ से सीखा इतने अच्छे से तो मनीषने भी नही चाती थी मेरी पर इसने तो कमाल ही कर दिया.
मुकेश नीचे मेरी योनि की पंखुड़ियो को अपने होंठो मे दबा कर चूस रहा था कभी वो एक तरफ की तो कभी दूसरी तरफ की… उसके ऐसे चूसने से मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं सब भूल गयी थी कि मैं कहाँ हू और क्या हू. बस दिमाग़ मे जो चल रहा था वो था मुकेश का मेरी योनि को चूसना. मज़े मैं होने के कारण मैने अपने दोनो हाथ मुकेश के सर पर टिका दिए.
थोड़ी देर योनि चूसने के बाद उसने अपना सर वहाँ से हटा कर मुझसे पूछा कि “मज़ा आ रहा है ?”
मज़ा तो मुझे इतना आ रहा था कि मैं बता नही सकती पर मैं उसे इस बात का एहसास नही होने देना चाहती थी. “मुझे नही पता और तुम जल्दी से अपना पानी निकालो और मुझे जाने दो यहाँ से”
“तुम कैसी बात करती हो.. अभी तो शुरुआत की है और तुम कहती हो कि जल्दी से अपना पानी निकाल लो.. मेरे लंड का क्या होगा जो कब से तेरी चूत मे घुस कर पानी निकालने के लिए बेताब हुआ बैठा है.” मुकेश ने अपनी उंगली से मेरी योनि के भज्नसे को मसलते हुए कहा. उसे अच्छे से पता था कि उस को मसलने से औरत अपने काबू मे नही रहती है इस लिए वो बार बार कभी अपने जीब से तो कभी होंठो से तो कभी हाथ से मेरे उस दाने को छेड़े जा रहा था.
मुकेश की इस हरकत से मेरी साँसे और भी ज़्यादा तेज़ी के साथ चलने लग गयी.. बाहर से आती हुई खत-पट की आवाज़ से मेरे दिल की धड़कने और बढ़ गयी थी. “मुकेश कोई आ नही जाए यहा पर मुझे बोहोत डर लग रहा है” मैने अपने दिल की बात मुकेश को बता दी.
“अरे कोई नही आता मेरी रानी यहा पर तू तो बेकार मे डर रही है.” मुकेश भी अब खुल कर बोल रहा था मेरी योनि को चाटने के बाद उनमे जैसे हिम्मत आ गयी हो. ये कह कर वो फिर से मेरी पर मुँह लगा कर उसे चूसने लग गया. उसकी जीब मेरी योनि पर हर जगह घूम रही थी और उस जगह को इस तरह से चाट रही थी कि मुझे मेरे शरीर मे एक अजीब सी बेचैनी होने लग जाती थी. मुकेश के योनि चूसने मे मुझे पीनू और मनीष से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था. मेरा मन कर रहा था की अपनी पूरी योनि उसके मुँह मे घुसा दू. और मैं ऐसा ही करती कि उस से पहले ही उसने अपना मुँह योनि से हटा लिया..
उसकी इस हरकत से मैं अपनी आँखे खोल कर देखी तो वो वहाँ से हट कर खड़ा हो गया था और अपना लंड पकड़ कर हाथ मे ले कर मुस्कुरा रहा था. मुझे अपनी तरफ यूँ एक तक देख कर बोला “मुझसे अब रुका नही जा रहा है देख मेरा लंड भी कैसे खड़ा हो कर तेरी चूत मे जाने के लिए बेकरार हो रहा है,, बता डाल दू अंदर तेरी चूत मे ?”
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