Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
09-17-2018, 02:02 PM,
#61
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
थोड़ी ही देर मे हम टेलर की दुकान पर आ गये.. मैने रिक्शे से उतार कर दुकान की तरफ देखा तो वो शॉप पर कोई भी अटेंड करने को नही था. देखने से कोई अच्छे टेलर की शॉप नही लगती थी वो. शॉप की हालत बिल्कुल ख़स्ता थी. रिसेप्षन टेबल बाबा आदम के जमाने का लगता था. टेबल के पीछे एक टूटी फूटी कुर्सी रखी थी. कॉस्टुमेर के बैठने के लिए एक टूटी फूटी सी बेंच भी रखी थी. शॉप के पीछे भी शायद कुछ कमरे थे क्योंकि एक पुराना सा परदा टंगा हुवा था पिछली तरफ दरवाजे पर. उस दुकान को देख कर अपने ब्लाउस और पेटिकोट सिलवाने के सारे अरमान चकना चूर हो गये. पर गाँव के हिसाब से दुकान थी और गाँव के लोगो को जैसे कपड़े पसंद होते है वो टेलर भी शायद वैसा ही होगा.

“ये कैसी बेकार बदहाल सी दुकान है अनिता” मैने दुकान को पूरी तरह से देखते हुए कहा. और फिर वहाँ पर टाँगे एक दो कपड़ो को देख कर बोला कि “लगता नही यहा पर कोई अपने कपड़े सिलवाने भी आता होगा”

“अरे नही भाभी ये गाँव के सबसे फेमस टेलर की शॉप है. औरत और आदमी दोनो के कपड़े यहाँ पर सिले जाते है.” अनिता ने मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहा.

“इस शॉप की हालत तो देखो हालत देख ही सॉफ पता चल रहा है” मैं आपने लाए कपड़ो की तरफ देखा और उन्हे वैसे ही पॉलयथीन बॅग मे कस कर पकड़ लिया..

“अरे भाभी जी आप बेकार मे घबरा रहे हो. मैने आप कल जो कपड़े पहनने को दिए थे वो मैने यही से सिलवाए थे.” अनिता ने मुझसे कहा और उस शॉप का डोर खाट-खता दिया. जिसकी आवाज़ सुन कर अंदर से एक औरत निकल कर आई.

“अरे अनिता बेटी तुम आओ आओ अंदर आओ धूप मे क्यू खड़ी हो” कह कर उस औरत ने मुझे और अनिता को शॉप के अंदर बुला लिया. वो औरत कोई 45 साल के आस पास की एज की रही होगी जिसके बारे मे मुझे अनिता ने बाद मे बताया पर उनको देख कर लग ही नही रहा था कि 35 साल से ज़्यादा की है.

मैं जैसे ही शॉप के अंदर आई तो गर्मी का एक भबका सा निकला रहा था उस शॉप के अंदर से उपर से उस शॉप मे कोई फन भी नही था. वो अंदर गयी और हाथ से घूमने वाला पंखा और दो गिलास पानी ले कर आ गयी. गर्मी के कारण प्यास तो बोहोत ज़ोर से लग रही थी. पानी पीने के बाद अनिता ने उस से कहा कि “वो परसो जो कपड़े सिलवाने के लिए दे कर गयी थी वो सिल गये क्या ?”

“बिटिया ये तो वही बता पाएगे कि कपड़े सील गये या नही.. वो बाजार गये है कुछ सामान लाने के लिए अभी आते ही होगे. और आप बताओ विकास भैया की शादी की तैयार कैसी चल रही है” उस औरत ने भी एक हाथ से अपने उपर पंखे से हवा करते हुए कहा.

यानी अब हमे यहा पर इस सदी गर्मी मे और बैठना पड़ेगा.. मैं सोच ही रही थी कि वो औरत फिर से बोली

“अनिता बेटी ये कॉन है तुम्हारे साथ” उस औरत ने मेरी तरफ देखते हुए कहा.

“ये..! ये हमारी भाभी है. कल ही आई है मनीष भैया के साथ” अनिता ने मेरा इंट्रो देते हुए कहा.

“अरे बोहोत सुंदर दुल्हनिया है..” कह कर उसने अपने दोनो हाथो को मेरे कान तक लाई और फिर वापस उनको अपने कान के पास तक ले गयी. इस तरह से शायद उसने मेरी नज़र उतारी थी. “तो तुम्हे भी शादी के लिए कपड़े सिलवाने है ?” उस औरत ने मेरे हाथ मे लगा पॉलयथीन का बॅग देख कर कहा.

“मर गयी भाभी..! वो रिक्षेवाला..!” कह कर अनिता बुरी तरह से हड़बड़ाते हुए टेबल से उठ गयी.

उसको इस तरह से घबराया हुआ देख कर मैं भी घबरा गयी और वो औरत भी..

“क्या हुआ ?” मैने अनिता से उसको इस तरह से घबराता हुआ देख कर कहा.

“क्या हुआ अनिता बिटिया क्यू इतना परेशान हो रही हो ?” उस औरत ने भी अनिता को यूँ घबराया हुआ देख कर कहा.

“वो भाभी हमारी पायल…! हमारी पायल उस रिकशे मे गिर गयी है” कह कर वो दुकान से बाहर की तरफ आई और चारो तरफ देखने लगी..

मैने भी अपनी नज़र चारो तरफ घुमा कर देखा पर वो रिक्शे वाला दूर दूर तक कही दिखयी नही दे रहा था.

“वो रिक्शे वाला तो कही नही दिखाई दे रहा है” मैने अनिता की तरफ देख कर कहा.

“भाभी वो पायल गायब हो गयी है अगर मा या पिता जी को पता चला तो मेरी आफ़त आ जाएगी.. भाभी जी आप यही रुकिये मैं उस रिक्शे वाले को अभी ढूँढ कर आती हू..

“अरे ऐसी धूप मे कहा ढूँधोगी उसको पता नही वो कहाँ गया होगा” मैने अनिता को समझाते हुए कहा.

“नही भाभी जी…! मुझे उस रिक्शे वाले को ढूँढना ही होगा. यहाँ पास मे ही रिक्शे वाले खड़े होते है मैं उसे वहाँ पर देखती हू. आप यही पर रूको मैं उसे देखती हू.” कह कर वो वहाँ से हड़बड़ाहट मे सड़क की तरफ चल दी. मैं भी उसके साथ जाना चाहती थी पर वो इतने हड़बड़ाहट मे कह कर भाग गयी की मुझे आगे कुछ कहने का मौका ही नही मिला.

वो औरत मुझे वापस से अपने साथ उस शॉप मे अंदर की तरफ ले आई.

क्रमशः................
Reply
09-17-2018, 02:02 PM,
#62
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
तड़पति जवानी-पार्ट-20

गतान्क से आगे.........

मैं उसके साथ अंदर तो आ गयी पर मेरा मन अनिता को लेकर बोहोत परेशान हो रहा था पता नही वो कहाँ ढूँढेगी उस रिक्शे वाले को ? कही वो किसी मुसीबत मे ना फँस जाए मेरे दिमाग़ मे ज़रा सी देर मे कयि सारे उल्टे सीधे ख़याल आने लग गये.

“अरे बेटी क्या हुआ ? क्या सोच रही हो ?” उस औरत ने मुझे बाहर दरवाजे की तरफ सोच मे डूबे हुए देख कर कहा.

“कुछ नही बस अनिता को देख रही हू” उसकी आवाज़ सुन कर मैने अपनी सोच से बाहर आकर जवाब देते हुए कहा.

“अरे बेटी तुम अनिता की फिकर मत करो वो गाँव की हर गली से अच्छी तरह वाकिफ़ है.” उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया. वो जिस तरह से मुस्कुराइ उसकी मुस्कुराहट देख कर मुझे बड़ा अजीब लगा. एक अजीब ही तरह की मुस्कुराहट थी उसके चेहरे पर जिसे समझना मेरे लिए थोड़ा मुस्किल था. मैं उसकी बात सुन कर चुप-चाप बैठ गयी.

“और बिटिया बच्चे का कुछ सोचा है ?” उस ने इस बार अपने चेहरे के भाव बदलते हुए पूछा.

“नही अभी नही. वैसे भी अभी मनीष का जॉब ऐसा है कि उन्हे बाहर रहना पड़ता है और अभी हमारी शादी को ज़्यादा टाइम भी नही हुआ है इस लिए अभी बच्चे के लिए कुछ सोचा नही है”

“अरे ये क्या बात हुई ? बच्चा तो शादी के जितनी जल्दी हो जाए उतना ही अच्छा रहता है. घर मे अकेलापन महसूस नही होता है”

“आप की बात तो सही है पर अभी इस बारे मे कुछ सोचा नही है”

“तो कब सोचेगे ? वैसे मनीष खुस तो रखता है ना तुम्हे ?” उसने फिर से इस बार एक अजीब तरह की मुस्कुराहट अपने चहरे पर लाते हुए कहा. मैं उसकी बात का मतल्ब नही समझ पा रही थी कि वो किस तरह के खुश रहने की बात कर रही है.

“हां मनीष तो मेरा बोहोत ख़याल रखते है. हम दोनो अपनी शादी शुदा जिंदगी से बोहोत खुस है”

“तो कितनी बार हो जाता है तुम दोनो के बीच” उसने एक दम से ही ये सवाल मेरे उपर छ्चोड़ दिया मुझे उस से इस तरह के सवाल की ज़रा भी उम्मीद नही थी.

“जी..! मैं कुछ समझी नही” मैने हैरान हो कर उसकी तरफ देखते हुए कहा.

“अरे मेरे कहने का मतलब ये है कि तेरा पति रात को तेरा ध्यान रखता है कि नही.. क्यूकी मनीष को जानती हू वो बोहोत शर्मीले स्वाभाव का है. अपने शर्मीले पन के कारण तेरा ध्यान ही नही रखता हो” वो फिर से मेरी तरफ देख कर हंसते हुए बोली.

“हां पूरा ख़याल रखते है” मैने भी इस बार शरमाते हुए मुस्कुराते हुए कहा.

“तो रोज होता है या कभी कभी ?” उसने फिर से ऐसा सवाल कर दिया जिसका जवाब देते हुए मुझे बड़ी शर्म सी महसूस हो रही थी. समझ मे नही आ रहा था की क्या जवाब दू.. “अरे बताओ ना रोज होता है तुम दोनो के बीच या कभी कभी ?”
Reply
09-17-2018, 02:02 PM,
#63
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
“जी लगभग रोज ही होता है” मैने उसे जवाब दे तो दिया था पर मैं शर्म से ज़मीन मे गढ़ी जा रही थी.

“हां रोज तो करेगा ही तुम खूबसूरत जो हो इतनी..” उसने एक अजीब तरह से अपनी नज़रे मेरे पूरे बदन पर चलाई जिसे देख कर मेरी नज़रे खुद बा खुद शरम से नीचे की तरफ झुक गयी

“मेरे मियाँ तो इस उमर मे भी ऐसा कोई दिन नही जाता जब मेरे उपर ना चढ़ते हो. जब भी मौका मिलता है शुरू हो जाते है. हमारी शादी जब हुई थी तो शादी के 2 महीने तक तो दिन और रात पता ही नही चलते थे कभी भी शुरू हो जाते थे.” उसने पूरी तरह से खुल कर गंदी गंदी बात करना शुरू कर दिया था और मैं शर्म से ज़मीन मे गढ़ी जा रही थी.

“अभी आते होगे बाज़ार से तब तुम ही देखना कि कैसी बाते करते है. मैं चाहे लाख कोसिस करू इनकार करने की पर ना जाने क्या जादू है उनके बात करने मे मुझे तुरंत राज़ी कर लाते है. लड़के बच्चे बड़े हो गये है और काम काज करने सहर चले गये है. तो घर पर कोई होता नही है. अगर ये काम काज ना हो तो ये तो बस मेरे उपर ही चढ़े रहे.. हहहे. पर जो मज़ा उस समय आता था वो मज़ा अब नही आता है. हर वक़्त डर लगा रहता है कि कही किसी ने देख लिया तो क्या सोचेगे कि इस उमर मे भी बुड्ढे बुढ़िया को चैन नही है” उसने फिर से मुस्कुराते हुए कहा.

“वैसे आप को देख कर कोई नही कह सकता है आप बूढ़े हो गये हो” मैने भी इस बार थोड़ी सी मस्ती भरे अंदाज मे कहा.

“अरे अब कहाँ ये तो सब केवल अपने मियाँ को खुस करने के लिए बाल काले पीले कर लेती हू. वरना बुढ़ापा तो आ ही गया है. अब तो जैसे ही मेरा निकल जाता है करने की इच्छा ही नही होती है. और ये मानते ही नही है.”

उसकी बात सुन कर मुझे बड़ी शर्म आ रही थी और हँसी भी की कैसे वो अपनी पर्सनल लाइफ को किसी और के साथ मे शेर कर रही है.. मैं भी उसकी बात सुन कर दबी हुई हँसी हंस दी.

हम दोनो को बात करते हुए काफ़ी समय हो गया था और अभी तक अनिता का कोई पता नही था घर भी वापस जाना था मुझे चिंता होने लग गयी.

मैं वहाँ से उठ कर अनिता को देखने बाहर जाने ही वाली थी कि तभी दरवाजे पर एक बुड्ढ़ा आ कर खड़ा हो गया उसके हाथ मे एक बॅग था और वो मुझे बोहोत हैरत भरी नज़ारो से देख रहा था. वो आदमी अपने हाथ मे बॅग पकड़े हुए ही अंदर आ गया और कभी उस औरत की तरफ तो कभी मेरी तरफ हैरत भरी नजारो से देख रहा था. उसको देख कर मुझे लगा कि वो भी कोई गाँव वाला है और इस शॉप पर अपने कपड़े सिलवाने के लिए आया है.

पर अगले ही पल उसने उस औरत को आँखो ही आँखो मे कुछ इशारा किया और वो औरत उसके हाथ से बॅग लेकर अंदर की तरफ चली गयी. वो आदमी एक टक मुझे उपर से नीचे तक देखे जा रहा था उसकी नज़रे मुझे अपने जिस्म पर किसी आरी के जैसे चलती हुई महसूस हो रही थी मेरे जिस्म से होती हुई उसकी नज़र आ कर मेरे हाथ मे लगी पॉलयथीन बॅग जिसमे मैं सिलवाने के लिए कपड़े ले कर आई थी पर टिक गयी.

उस आदमी के सर पर एक मुस्लिम टोपी लगी हुई थी और दाढ़ी के बाल बढ़े हुए थे बाल ज़रूरत से ज़्यादा काले हो रखे थे जिस से सॉफ पता चल रहा था कि उसने अपनी दाढ़ी को कलर/डाई किया है. बिल्कुल दुबला सा शरीर था उसका अगर कोई एक हाथ उसमे जमा कर मार दे तो वो वही के वही अपना दम तोड़ दे. कद भी ज़्यादा नही था. मगर उसे ठिगना भी नही कहा जा सकता था. सफेद कुर्ता पायज़मा पहन रखा था उसने जो की सफेद कम काला ज़्यादा लगता था. ऐसा लगता था जैसे बरसो से धोया नही है. एक दो जगह से उसका कुर्ता फटा भी हुवा था. ऐसे बेकार से टेलर को देख कर मेरा खून खोल गया और मुझे अनिता पर गुस्सा आने लगा. अनिता का ख़याल आते ही मुझे और भी चिंता होने लगी पता नही कहाँ रह गयी वो अभी तक आई क्यू नही..

“जी कहिए मोहतार्मा क्या सिलवाना है आप को ?” उस आदमी ने अपनी आँखो पर लगे चश्मे को जो गाँधी टाइप वाले स्टाइल मे था को अपनी आँखो पर सही करते हुए कहा.

“आप टेलर है ?” मुझे अभी भी यकीन नही आ रहा था इस लिए मैने उस से सवाल पूछ लिया.

“क्या बात कर रही हैं मोहतार्मा गाँव का बच्चा बच्चा जावेद टेलर को अच्छे से जानता है अरे हमारी सिलाई के किस्से तो दूर दूर के गाँव तक माशूर है. और आप हम से हमारे ही पेशे के बारे मे ऐसा सवाल कर रही है.” उसने मेरी तरफ फिर से हैरानी भरे अंदाज मे देखते हुए कहा. पर इस बार मैने गौर किया कि उसकी निगाहे मेरी छाती पर ही जमी हुई है जैसे वो आँखो ही आँखो मेरी छाती को मापने की कोसिस कर रहा हो.. “अब भी आप को यकीन ना आए तो अंदर जो हमारी जाने जिगर जानेमन जाने तम्म्न्ना हमारी बेगम है उसने गवाही दिलवादे कि हम है इस गाँव के माशूर टेलर मास्टर मियाँ जावेद ख़ान”

“जी उसकी कोई ज़रूरत नही” मैने उस से कम बातो मे ही पीछा छुड़ाने की सोची.

“तो मोहतार्मा आप को क्या सिलवाना है” उसने मेरे हाथ मे लगी पॉलयथीन को देखते हुए कहा..

“जी कुछ नही” मैने अपने कपड़ो की इज़्ज़त बचाने के लिए कहा.

“मोहतार्मा आप दुकान और हमारी हालत पर ना जाए हम बोहोत ही कम दाम मे बढ़िया कपड़े सील कर देते है. वैसे आप को क्या सिलवाना है ?”

पता नही मुझे क्या हुआ कि मैं ना चाहते हुए भी बोल गयी कि “पेटिकोट और ब्लाउस सिलवाने है”
Reply
09-17-2018, 02:02 PM,
#64
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
“आप चिंता ना करे.. आप को बिल्कुल सही तरह से कपड़े सिले हुए मिलेगे. जिसे पहन कर आप की सुंदरता और भी बढ़ जाएगी. वैसे कितने कपड़े सिलवाने है आप को ?”

“तीन पेटिकोट और ब्लाउस है.. चार्ज कितना करते हो ?”

“मोहतार्मा आप दाम की चिंता ना करे आप काम देखे अगर आप को पसंद आया तभी आप पैसे दीजिएगा”

“ठीक है पर मैं पहले एक ही ब्लाउस और पेटिकोट सिल्वा कर देखुगी की सही सिलाई हुई है या नही बाकी उसके बाद ही सिल्वाउन्गि”

“बिल्कुल मोहतार्मा आप जैसा ठीक समझे वैसे आप यकीन नही करेगी कि आज तक मास्टर जावेद ख़ान के काम मे आज तक किसी ने भी नुखस नही निकाला है. सब तारीफ ही करते है. अगर आप को काम पसंद नही आया तो आप मेरा नाम मास्टर जावेद ख़ान नही” उसने अपनी बात पूरी करी और मेरी तरफ हाथ बढ़ा कर मुझसे कपड़े दिखाने के लिए इशारा करने लग गया.

मैने उसे पॉलयथीन मे से एक जोड़ी ब्लाउस और पेटिकोट का पीस निकाल कर दे दिया. उसने कपड़े को ध्यान से देखा और फिर अपने इंची टॅप से नाप कर बोला..

“आइए मोहतार्मा आप का नाप ले लेता हू”

मेरे दिल मे ना जाने क्यू बार बार यही ख़याल आ रहा था कि कही ये मेरे कपड़े को खराब ना कर दे उल्टा सीधा सिल कर..

“आइए मोहतार्मा आप का नाप ले लू कपड़े सीलने के लिए.. कहाँ खो गयी आप” उसने दोबारा से मुझे आवाज़ देते हुए कहा.

वो वहाँ थोड़ी दूरी पर खड़ा था और मुझे गेट के सामने से साइड मे आने को बोल रहा था मैं भी उसके पीछे पीछे हो गयी. कमरे में मध्यम सी रोशनी थी. दीवार पर हर तरफ बड़े बड़े पोस्टर थे. सभी पोस्टर में मॉडेल्स सूट सलवार पहने थी. पोस्टर काई साल पुराने लग रहे थे. मैं उस छ्होटी सी शॉप को देख रही थी एक तो गर्मी बोहोत थी जिस कारण मुझे पसीना बोहोत आ रहा था दूसरा उसकी शॉप मे कोई ढंग की व्यवस्था भी नही थी कस्टमर के लिए.

“ठंडा चाइ वगेरह कुछ लेंगी आप ?” उसने मेरी तरफ एक अजीब तरह की नज़रो से देख कर मुस्कुराते हुए कहा.

“जी नही इस की कोई ज़रूरत नही है आप जल्दी से नाप ले लीजिए मुझे वापस जाना है” मैने उसकी बात का जवाब देते हुए कहा.

“अरे कैसी बात कर रही है मोहतार्मा आप पहली बार हमारी दुकान पर आई है और हम आप को ऐसे ही जाने दे.. एक मिनट अभी रूको.” कह कर वो वहाँ से थोड़ी दूरी पर जो अंदर की तरफ गेट था उसके पास जा कर “अरे बेगम सुनती हो ? अरे इन मेम्साब को कुछ ठंडा वगेरह पिलवाओ.” उसकी बात सुन कर उसकी बीवी बाहर आ गयी. दोनो ने एक दूसरे से बोहोत ही आहिस्ता-आहिस्ता बात करी जो मेरी समझ मे नही आई पर उसकी बीवी वापस अंदर चली गयी.

“देखिए आप जल्दी से नाप ले लीजिए ठंडा वगेरह बाद मे पी लेंगे अभी मुझे थोड़ी जल्दी है” मैने उसे अपनी परेशानी बताते हुए कहा.

“हां… हां वो भी हो जाएगा आप उसकी चिंता ना करे आप थोड़ा आराम से बैठिए”

थोड़ी ही देर मे उसकी बीवी अंदर से दो गिलास नींबू पानी बना कर ले आई एक ग्लास उसने मुझे और दूसरा अपने पति को दे दिया. प्यास तो मुझे बोहोत ज़ोर की लगी हुई थी इस गर्मी की वजह से मैने ग्लास खाली करके वापस उस औरत को दे दिया जिसे ले कर वो वापस अंदर की तरफ चली गयी.

"मोहतार्मा आपको थोड़ा खड़ा होना पड़ेगा." उसने मुझे स्टूल से उठने का इशारा करते हुए कहा.

"ओह हां...थोड़ा जल्दी कीजिए मुझे कुछ और भी काम है." मैने खड़े होते हुए कहा. गर्मी से पसीना निकलने के कारण मेरा पूरा ब्लाउस गीला हो गया था. वाइट कलर का ब्लाउस होने के कारण मेरी छाती का ज़्यादातर हिस्सा सॉफ नज़र आ रहा था. ये बात मैने स्टूल से खड़े होने के बाद नॉटिक की जब उस टेलर मास्टर की नज़रो को वापस अपनी छाती पर तीर की तरह चुभते हुए महसूस किया.

"चिंता मत कीजिए मोहतार्मा बस थोड़ा ही वक़्त लगेगा आपका." कह कर उसने जेब से इंची टेप निकालते हुए कहा.

सबसे पहले उसने मेरे कंधो का नाप लिया. फिर बाजू का नाप लेते वक्त बोला, "बाजू छ्होटी चलेगी या बड़ी रखनी है?."

"नही ज़्यादा नही..जितनी होती है...नॉर्मल उतनी ही." मैने उसकी बात का जवाब देते हुए कहा.

"थोड़ा हाथ उपर कीजिए" उसने इंची टॅप को मेरी बगल के पास रखते हुए कहा. जिस कारण उसका हाथ हल्के हल्के मेरे उरोजो से टच हो रहा था या वो जान बुझ कर रहा था पर मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था.

क्रमशः................
Reply
09-17-2018, 02:03 PM,
#65
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
तड़पति जवानी-पार्ट-21

गतान्क से आगे.........

मैने हाथ उठा लिए. उसने इंच टेप मेरे उभारो के उपर से ले जा कर थोड़ा कस दिया. वो जिस तरह से इंची टॅप को मेरे उभरो पर कस रहा था मेरी साँसे हल्की हल्की भारी होने लगी थी. वो इंची टॅप को सही करने के बहाने से बार बार अपने हाथ को मेरे उरोजो पर टच कर रहा था और उसके इंची टॅप का दवाब धीरे धीरे मेरे उभारो पर बढ़ता जा रहा था जो मेरे अंदर एक अजीब सी बेचैनी पैदा कर रही थी मैं उसकी पकड़ को ढीला करना चाहती थी पर पता नही क्यू मेरे मुँह से उस वक़्त एक भी शब्द नही निकल रहा था.

पता नही मुझे क्या हो रहा था कुछ भी समझ मे नही आ रहा था. उसके इंची टेप का दवाब मेरे स्तनो पर धीरे धीरे करके बढ़ता ही जा रहा था..

“अरे क्या कर रहे है आप इतना टाइट ब्लाउस नही सिलवाना है मुझे” मैने अपने दोनो हाथो को वापस नीचे करते हुए उस से कहा.

“माफ़ कीजिएगा वो मेरा ध्यान..” कहते कहते वो बुढहा एक दम रुक गया.. और घूर कर मेरे उरोजो की तरफ देखने लग गया.

उसका इस तरह से उरोजो की तरफ देखना मुझे बोहोत अजीब लगा और मेरे मन मे यही ख़याल आया कि क्या सभी मरद एक जैसे होते है. हर आदमी औरत को सिर्फ़ सेक्स की ही नज़र से देखता है.. खेर.. वो वापस से अपने इंची टेप को हाथ मे लेकर मेरे साइड मे आ गया.

मेरा आधा ध्यान अपना नाप देने और आधा ध्यान अनिता की फिकर मे था पता नही कहा रह गयी अभी तक आई क्यू नही है.

मैं अभी अनिता के बारे मे सोच ही रही थी कि मैं बुरी तरह से मचल उठी. बूढ़े का हाथ मेरी कमर पर चल रहा था. वो इंची टेप को इस तरह से मेरी कमर मे घुमा रहा था जिस से उसके हाथ का ज़्यादा से ज़्यादा स्पर्श मुझे मेरे पेट और कमर होता हुआ महसूस हो रहा था.

“सही से नाप लीजिए.. आप का हाथ बार बार मुझे लग रहा है” मैने बुढहे को टोकते हुए कहा

“अब नाप लेगे तो हाथ तो लगेगा ही.. और वैसे भी आप को सिर्फ़ हाथ ही लगा सकते है और कुछ तो लगा नही सकते.. हहे” कहते हुए वो अपनी बत्तीसी निकाल कर हंस दिया.

वो क्या लगाने की बोल रहा था मुझे सॉफ मालूम हो रहा था और इसी लिए मैने उस से इस मामले मे आगे बात करना ज़रूरी नही समझा.

नाप लेने के लिए वो टेलर मेरे पीछे आ गया और इंची टेप को मेरे नितंबो पर कस दिया. मेरे मन फिर से अनिता को ले कर परेशान हो रहा था. तभी बूढ़े का हाथ मुझे मेरे नितंब पर दब्ता हुआ महसूस हुआ.

“ये क्या बदतमीज़ी है” कहते हुए मैं उस बूढ़े से अलग हो कर थोड़ा दूर हो गयी. “आप को शरम नही आती. शादी शुदा हो कर आप इस तरह की हरकत कर रहे है."

"तुम्हारे जैसी हसीना आज तक मेरी दुकान पर नही आई. तुम्हारे जैसी हसीना को अब तक टीवी पर ही देखा है. तुम्हारे तरबूजो को हाथ मे लेकर दबाने को मिल जाए तो जन्नत मिल जाए मुझे." बूढ़ा अपनी असलियत पर उतर आया. और अब बिल्कुल सॉफ सॉफ बोल रहा था.

“ये क्या बदतमीज़ी है ? इसी तरह से आप अपने कस्टमर के साथ बिहेव करते हो ?” मैने लगभग बुरी तरह से उस पर बिगड़ते हुए कहा. पर वो टेलर तो जैसे मेरी बात को सुन ही नही रहा था. और अपनी मस्ती मे मस्त हो कर सिर्फ़ मुस्कुराए जा रहा था. एक का एक मेरे दिमाग़ मे उसकी बीवी ने जो थोड़ी देर पहले उसके बारे मे बात कही थी वो मेरे दिमाग़ मे घूमने लग गयी. सच मे ये बूढ़ा तो पूरी तरह से थर्कि है.

पता नही उसकी बीवी की बात को याद करते ही मुझे ना जाने क्या हुआ और मैं जो बोहोत गुस्से मे थी एका एक मेरा गुस्सा अपने आप ही गायब हो गया. लेकिन वो दोबारा इस तरह की हरकत ना करे इस लिए मैने उस पर वैसे ही झूठा गुस्सा करते हुए कहा

“तुम ने जो हरकत अभी की है मैं इसके बारे मे अभी तुम्हारी बीवी से शिकायत करूगी”

"माफ़ करना मोहतार्मा मैं आपको देख कर बहक गया था." अपनी बीवी का नाम सुनते ही वो घबराते हुए बोला.

मैं मन ही मन मुस्कुरा उठी. मैने बूढ़े की हालत पतली कर दी थी. अब वो माफी माँग कर चुपचाप नाप लेने में लग गया.
Reply
09-17-2018, 02:03 PM,
#66
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
"आप मेरी बेगम को बताना मत. वो मेरी बहुत इज़्ज़त करती है. पहली बार मेरे साथ ऐसा हुवा है. मुझे माफ़ कर दीजिए"

"ठीक ठीक है... पर आपको ऐसी बाते सोभा नही देती. जब की आप की तो बीवी भी है”

“मुझे पता है मेरी बीवी है.. पर उसका होना ना होना एक बराबर ही है.. आज पूरे 5 साल हो गये है और 5 साल से मैं उसके जितना नज़दीक जाने की कोसिस करता हू वो मुझसे उतना ही दूर भागती है. जब से किसी बाबा ने कहा है कि तुम्हारे पति की लंबी उमर के लिए तुम्हे अपने पति से दूर रहना होगा. तब से वो मेरे साथ हो कर भी मेरे साथ नही है और जब आज तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत को देखा तो मैं बहक गया समझ मे ही नही आया कि क्या सही है और क्या ग़लत..”

उसकी बात सुन कर मैं हैरान रह गयी क्यूकी अभी थोड़ी देर पहले उसकी बीवी ने कुछ कहा और अब वो कुछ और ही कह रहा है.. पर मुझे ना जाने क्यू उसकी बातो मे सच्चाई सी महसूस होने लगी..”चलिए छ्चोड़िए इन सब बातो को.. मैं आप की बेटी की उमर की हू आप ने ये तो सोचा होता”

“इतना जॅलील ना करो कि मैं शर्म से मर जाउ.. इंसान हू और इंसान से ग़लती हो जाती है.”

बूढ़ा सही कह रहा है इंसान से ही ग़लती होती है.. इस बात के जहाँ मे आते ही मुझे अमित और अपने बीच वाली घटना याद आ गयी.

“वैसे एक बात कहु बुरा तो नही मानोगी ?” बूढ़े ने बोला और खामोश हो गया.. मैं सोच ही रही थी कि अब पता नही ये क्या कहने वाला है “आप की तारीफ मे ही कहुगा”

“हां बोलो” मैने भी अपनी तारीफ सुनने के लालच मे उस से कह दिया. बोलने को.

वो मेरे पास मे ही था और अब भी उसका इंची टेप मेरे नितंबो पर ही टिका हुआ था. “उपर वाले ने बोहोत खूबसूरत बनाया है तुम्हारे शरीर को.. कोई भी बहक सकता है तुम्हारी इस कमसिन जवानी को देख कर.. आज तक मैने तुम जैसी गदराई भरी जवानी वाली औरत को पास से नही देखा था.. पूरे शरीर का एक एक हिस्सा उपर वाले ने बोहोत महनत से बनाए है.. कहाँ पर कितना कटान होना चाहिए सब कुछ एक दम नपा तुला है.. वैसे इस गाँव की तो तुम हो नही शहर की लगती हो” उसने अपने इंचिटपे को मेरे नितंबो पर थोड़ा सा और ज़्यादा टाइट करते हुए कहा.

“हां मैं शहर से ही हू पर तुम फिर से शुरू हो गये.. अभी माफी माँगी थी तुमने..” मैने उस टेलर पर झूठा गुस्सा दिखाते हुए कहा.

“आप तो बुरा मान गयी मेरी बात का मैं तो केवल आप की तारीफ कर रहा था.”

“तारीफ करने से कोई फ़ायडा नही है.. जो तुम सोच रहे हो वो सब ग़लत है.” मैने भी थोड़ा मज़े लेने वाले अंदाज मे उसकी बात का जवाब देते हुए कहा.

“मुझे पता है कि कोई फ़ायडा नही है पर जो सच है वो कह दिया.” उसने भी फिर से मक्खन लगाने वाले अंदाज मे कहा. उसका इंचिटपे अब भी मेरे नितंबो पर टिका हुआ था.

“अब अगर तुम्हारा नाप लेना हो गया हो तो इस इंचिटपे को हटा लो..” मैने थोड़ा सा मुस्कुराते हुए कहा.

“नाप तो हो गया पर…..” वो बोलते बोलते रह गया.

“पर… क्या अब क्या बचा है ?” मैने थोड़ा हैरान होते हुए कहा.

“अगर तुम बुरा ना मानो तो क्या मैं तुम्हारे तरबूजो को छू कर देख सकता हू.. बड़ा मन कर रहा है.. बस एक बार… मैं तुम्हारा ये एहसान जिंदगी भर नही भूलुगा”

मैं कुछ कहते या समझती उसने अपने दोनो हाथो को मेरे नितंबो पर कस कर जमा दिया और जिस तरह से कल अमित ने इन्हे मसला था ठीक वैसे ही उसने मसलना शुरू कर दिया. उसके हाथो की कठोरता अपने नितंबो पर महसूस करते ही मेरे पूरे शरीर मे एक अजीब सी सनसनी की लहर दौड़ गयी. मैं उसे मना करने ही वाली थी कि उसने अपने बदन को मेरे बदन से बिल्कुल चिपका दिया.

उसका इस तरह से खुद के शरीर को मेरे शरीर के साथ चिपकने से उसका तना हुआ लिंग मुझे मेरे नितंबो की दरार मे महसूस होने लग गया. बूढ़े के लिंग का एहसास होते ही मैने अपने आप को उस से अलग करने की कोसिस की पर उसने अपने दोनो हाथो की पकड़ मेरे नितंब पर बोहोत मजबूत बना रखी थी जिस वजह से मैं चाह कर भी खुद को उस से अलग नही कर पाई.

पता नही मुझे अचानक क्या हुआ.. खुद को उस से दूर करने की जगह मैं अपने दिमाग़ मे उसके लिंग को महसूस करके इस बात का अंदाज लगाने लगी कि उसका लिंग कितना मोटा है…

वो पूरी मस्ती के साथ अपने दोनो हाथो से मेरे नितंबो को मसले जा रहा था और मैं अपनी आँखे बंद किए हुए उसके हाथो का और उसके मोटे लिंग का एहसास महसूस कर रही थी. उसके हाथो की छुवन और उसके मोटे लिंग का एहसास मुझे एक अजीब सी खुमारी मे डूबा जा रहा था. उसके हाथो की मजबूत पकड़ से मेरे मुँह से अपने आप कामुक सिसकारिया निकलने लग गयी. अभी मुश्किल से दो मिनट भी नही हुए थे कि मुझे अचानक से ख्याल आया कि मैं ये जो कुछ भी कर रही हू वो सब ग़लत है. मैं एक शादी शुदा औरत हू मुझे इस तरह का कोई भी काम शोभा नही देता. अपने शादी शुदा होने की बात का ख़याल आते ही मनीष का चेहरा मेरी आँखो के आगे घूमने लग गया. और मैने एक झटके के साथ ही उसे अपने से दूर कर दिया.
Reply
09-17-2018, 02:03 PM,
#67
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
“क्या हुआ” उसने बड़ी उदासी भरा चेहरे बनाते हुए कहा.

“तुम से ज़रा हंस कर बात क्या कर ली बुड्ढे तुम तो अपनी औकात ही भूल गये” मैने उस पर गुस्सा करते हुए कहा.

“ये अचानक तुम्हे क्या हो गया ? अभी तो कितने अच्छे से बात कर रही थी?” उसने अपने बुरे से चेहरे को रोनी सूरत मे और भी बुरा बनाते हुए कहा

“अच्छे से ही बात करती अगर तुम अच्छे से बात करने लायक होते” मैने अपनी आवाज़ मे और भी ज़्यादा गुस्सा और कठोरता लाते हुए कहा.

“पर मैने तूऊ..” वो अपनी पूरी बात कह पता इस से पहले ही उसकी बीवी दरवाजा खोल कर अंदर की तरफ आ गयी.

उसकी बीवी के आते ही मुझे अनिता का ख़याल आया उसे काफ़ी देर हो चुकी थी गये हुए और वो अभी तक वापस नही आई थी मेरा दिल जोरो से धड़कने लग गया. मुझे अंदर ही अंदर एक अंजाना डर सताने लग गया. क्यूकी जिस तरह के लोग यहा इस देहात मे मिल रहे थे मुझे अनिता को लेकर और भी ज़्यादा चिंता होने लग गयी थी. एक तो कुवारि लड़की उपर से अकेले यही सब सोच सोच कर मेरा दिल बैठा जा रहा था. मेरी नज़रे बार बार दरवाजे पर जा कर टिक जा रही थी.

“क्या हुआ नाप हो गया ?” जावेद की बीवी ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देख कर कहा.

मैने उनके सवाल के जवाब मे गर्दन हां मे हिलाई और वापस दरवाजे की तरफ देखने लग गयी.

“क्या हुआ तुम बार बार दरवाजा की तरफ क्या देख रही हो ?” जावेद की बीवी ने मुझसे कहा तो जावेद भी मेरी तरफ असमजस भरी नज़रो से देखने लग गया.

“अनिता को देख रही हू, उसे गये हुए काफ़ी टाइम हो गया है वापस नही आई है अभी तक घर पर सब परेशान हो रहे होगे..” कह कर मैं अपने कपड़े वही पर छ्चोड़ कर बाहर जाने लगी

“अरे मोहतार्मा आप अपने विकास भैया के यहा से हो ?” जावेद ने एक दम बुरी तरह से हैरान होते हुए कहा, उसे तो चेहरे की एक दम हवैया सी ही उड़ गयी थी.

“अरे.. जुंमन के अब्बू आप ने इन्हे पहचाना नही ये मनीष की बेगम है” जावेद की बीवी ने जावेद को मुस्कुराते हुए बताया.

“अरे तो ये मनीष की बेगम साहिबा है, आप ने पहले बताया ही नही कि आप विकास भैया की भाभी हो,,” कह कर वो मेरी तरफ देख कर एक पल को मुस्कुराया पर फिर से उसके चेहरे के भाव उड़े उड़े नज़र आ रहे थे, मुझे अच्छे से पता था कि उसके चेहरे के भाव क्यू उड़े हुए है. उसे डर था कि कही मैं उसकी शिकायत घर पर ना कर दू.

ये सब बाते अभी सब सोचने का नही था मुझे अनिता को देखना था. इस लिए मैं वहाँ से जाने को हुई ही थी कि जावेद की बीवी मेरे से बोल पड़ी “अरे बेटी धूप मे कहाँ बेकार मे परेशान होगी थोड़ी देर और इंतजार कर लो अनिता बेटी आ जाएगी”

“नही मैं वैसे भी काफ़ी लेट हो चुकी हू. अब और इस इंतजार करना…” मेरी बात को बीच मे काट ते हुए वो बोली

“अरे बेटी तुम चिंता ना करो अनिता बिटिया यहाँ की एक एक गली को अच्छे से जानती है, तुम उसकी चिंता मत करो”

जावेद की बीवी ने मुझे तसाल्लि देते हुए कहा

क्रमशः................
Reply
09-17-2018, 02:03 PM,
#68
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
तड़पति जवानी-पार्ट-22

गतान्क से आगे.........

पर मुझे उस वक़्त तसल्ली से ज़्यादा अनिता की फिकर हो रही थी इस लिए मैं उन दोनो के लाख रोकने पर भी नही रुकी और वहाँ से बाहर निकल आई और उस तरफ़ जिस तरफ अनिता गयी थी उस दिशा मे चल दी. पूरे रास्ते चलते हुए मेरे कई उल्टे सीधे ख्यालात आ रहे थे समझ मे नही आ रहा था कि वो उस रिक्शे वाले को ढूँढने कहाँ पर गयी होगी.. धूप इतनी तेज पड़ रही थी कि थोड़े दूर चलते ही मेरा सर तेज धूप से चकराने लगा मुझे चक्कर से आने लग गये थे. थोड़ी छाँव की तलाश करते हुए मैं इधर उधर देखने लगी पर कही कोई छायादार जगह दिखाई ही नही दे रही थी हर तरफ बस खेत ही खेत और सर के उपर सूरज से निकलती हुई आग… गर्मी के कारण मेरा पूरा गला सुख गया था मुझे बोहोत जोरो की प्यास लगी हुई थी.

मैं मन ही मन अनिता को और फिर अपने आप को कोसने लग गयी. की मैं अनिता के साथ आई ही क्यू यहाँ ?

पर अब किया भी क्या जा सकता था चलते चलते थोड़ी ही दूरी पर एक झोपड़ी सी नज़र आने लगी जो एक खेत मे बनी हुई थी. उसके छप्पर मे थोड़ी छाया सी दिखाई दी और साथ ही एक हॅंड-पंप भी प्यास तो बोहोत ज़ोर से लगी हुई थी हॅंड-पंप देख कर मुझसे रहा नही गया और मैं सीधा उस झोपड़ी की तरफ चल दी.

झूपड़ी के पास आते ही मुझे झूपड़ी के अंदर से आपस मे बात करने की आवाज़े आती हुई सुनाई दी.. अंदर से जो आवाज़े आ रही थी ऐसा लग रहा था जैसे मैने वो आवाज़ पहले भी कही सुनी है. उन आवाज़ो को सोचने के चक्कर मे मे अपनी प्यास को भूल गयी और मेरे कदम खुद-ब-खुद उस झोपड़ी के दरवाजे की तरफ हो लिए.

जैसे ही मैं झोपड़ी के थोड़े और पास आई और जब आवाज़ दोबारा से आई तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया. अंदर से आती हुई आवाज़े किसी और की नही बल्कि अनिता की थी. और दूसरे आवाज़ उस लड़के की जो कल रात अमित के साथ था.

“दीपक मुझे बोहोत डर लग रहा है” अनिता की आवाज़ मे कुछ ऐसा था जो जिस कारण उसकी आवाज़ बोहोत डरी हुई सी लग रही थी या तो वो… अंदर वो सब कुछ चुकी थी या करने के लिए डर रही थी.

“मैने कहा ना कुछ नही होगा, तुम तो बेकार मे डर रही हो. अगर कुछ हुआ भी तो मैं हू ना.” उस लड़के की आवाज़ आती है..

“मुझे बोहोत डर लग रहा है दीपक” अनिता की आवाज़ मे एक डर सॉफ झलक रहा था.

“डरने वाली कोई बात नही है. ये तो हर लड़की के साथ होता है जब पहली बार करते है तो ऐसा ही होता है. अगर तुम्हे मेरी बात पर भरोसा ना हो तो अपनी किसी सहेली से पूछ लेना. इस खून को देख कर तुम्हे डरने की कोई ज़रूरत नही है.” उस लड़के की बात सुन कर मेरा शक़ यकीन मे बदल गया.

मैं झोपड़ी के बाहर खड़ी हुई थी सर पर बुरी तरह से धूप पड़ रही थी और पूरा गला भी सुख रहा था. मुझे समझ मे नही आ रहा था कि क्या करू. क्या मेरा दरवाजा खटखटा कर दोनो को डांटना सही होगा. जो ये दोनो कर रहे है वो ग़लत है.

“नही दीपक अब नही बोहोत दर्द हो रहा है..” अनिता की दर्द भरी आवाज़ मेरे कानो मे पड़ी.

“अरे बिल्कुल दर्द नही होगा.. जितना दर्द होना था वो हो गया अब सिर्फ़ मज़ा आएगा. ऐसा मज़ा जो तुम्हे कभी नही आया होगा. बस तुम थोड़ा सा खुल जाओ.”

“दीपक बोहोत देर हो गयी है. भाभी भी परेशान हो रही होगी.” अनिता की वही दर्द भरी आवाज़.

“बस 10 मिनट की बात है अनिता..”

उन दोनो की बाते सुन कर मेरी हालत जो गर्मी की वजह से पहले ही खराब थी और भी ज़्यादा खराब होने लग गयी. मेरी छाती के दोनो उभार एक दम सख़्त होने लग गये और नीचे मेरी योनि ने अपनी लार टपकाना शुरू कर दिया. सर पर गिरती तेज धूप जो थोड़ी देर पहले तक परेशान कर रही थी अब तो उसका नाम ओ निशान भी महसूस नही हो रहा था.

“थोड़ा इधर की तरफ हो जाओ.” उस लड़के की आवाज़ सुन कर सॉफ पता चल रहा था कि वो क्या करने की कह रहा था. मेरा मन अब और भी ज़्यादा बेचैन होने लग गया था. मेरी निगाहे इधर उधर अंदर का नज़ारा देखनेके लिए बेचैन होने लग गयी. थोड़ी देर इधर उधर देखने के बाद मैं जैसे ही झोपड़ी के दूसरी तरफ को गयी वहाँ पर छाँव भी अच्छी थी और दूसरा खिड़की भी बनी हुई थी.. खिड़की ज़्यादा बड़ी नही थी छ्होटी सी थी पर अंदर का नज़ारा देखने के लिए काफ़ी थी. पर उस खिड़की से अंदर देखने मे एक मुस्किल थी वो खिड़की थोड़ा उपर की तरफ थी और मैं उस खिड़की पर ठीक से नही पहुँच पा रही थी. कई बार मैने उचक कर अंदर देखने की कोसिस की पर नही देख सकी. पास ही पड़े एक पत्थर पर निगाह पड़ते ही मैने उसे खिड़की के नीचे लगाया और उस पर खड़े हो कर देखने लगी उस पत्थर को लगाने के बादभी मुझे अपने दोनो पंजो पर खड़े हो कर देखना पड़ रहा था. अंदर का नज़ारा देख कर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया.

झोपड़ी के अंदर ज़मीन पर अनिता एक दम नंगी लेटी हुई थी और उसके पास ही वो लड़का दीपक बैठा हुआ था. जहाँ अनिता लेटी थी उसकी दोनो टाँगो के नीचे और उसकी योनि पर लाल लाल खून के दाग लगे हुए थे जिस से सॉफ पता चल रहा था कि उसने अपनी वर्जिनिटी खो दी है. अनिता से हट कर जब मेरी नज़र उस लड़के पर पड़ी तो मेरी आँखे एक दम हैरत मे खो गयी. उस लड़के का लिंग भी अमित के जैसा ही भीमकाय था. पर अमित और उसमे काफ़ी फ़र्क था.. जहा अमित एक दम देहाती अनपढ़ गँवार लगता था वही वो पढ़ा लिखा स्मार्ट था. उसका लिंग पूरी तरह से तना हुआ था और उसके लिंग पर भी खून के लाल लाल धब्बे लगे हुए थे. उसका लिंग पूरी तरह तन कर उपर नीचे की तरफ झटके ले रहा था.
Reply
09-17-2018, 02:03 PM,
#69
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
वो वही अनिता के पास ही बैठा हुआ था उसका चेहरा अनिता के चेहरे के उपर झुका हुआ था. और उसका एक हाथ अनिता के उरोज को पकड़ कर मसल रहा था और दूसरा हाथ अनिता के नितंबो पर था जो उसे सख्ती के साथ मसल रहे थे. बाहर से खड़े हो कर देखने और उपर की तरफ उचकने की वजह से मेरे पैरो मे काफ़ी दर्द सा महसूस होने लग गया. पर उस समय तो जैसे मुझे वो दोनो आगे क्या करते है ये देखना ज़्यादा इंपॉर्टेंट लग रहा था.

वो लड़का अनिता के उपर और ज़्यादा झुका और उसके होंठो को अपने होंठ से जकड़ने ही वाला था कि अनिता ने उसकी आँखो मे आँखे डाल कर फर्याद करते हुए लहजे मे कहा.

“प्लीज़ दीपक मान जाओ ना.. बोहोत लेट हो गयी हू.. अगर भाभी घर चली गयी बिना मुझे लिए तो मेरे लिए दिक्कत हो जाएगी..”

“बस एक बार करूगा फिर तुम आराम से चली जाना” कह कर उसने अपने होंठो को अनिता के होंठो पर टिका दिया.

उन दोनो को यूँ किस्सिंग करते हुए देख कर मेरी खुद की योनि मे जैसा आग सी लगी जा रही थी जिसकी वजह से वो और भी ज़्यादा पानी बहाने लग गयी. पता नही ये सब अचानक से मेरे साथ क्या होने लग गया था. मैं कभी भी इस तरह की नही थी जैसी की आज हो गयी हू.. ये सब उस अमित की वजह से हुआ है ना वो हमारे घर आता ना हम दोनो के बीच मे वो सब होता और ना ही मैं इस तरह से ये सब… ऐसा ख़याल आते ही एक पल के लिए मुझे अपने आप पर शरम सी आई और मैं वहाँ से हटने ही वाली थी की अंदर से आती हुई अनिता की सिसकारी ने मेरे पूरे तन बदन मे एक सनसनी सी दौड़ा दी…

ष्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…

… आआआआआईयईईईईईइइम्म्म्ममाआआअ….

और मैं वापस खिड़की जा लगी.. अंदर देखा तो उस लड़के ने अनिता के होंठो को छ्चोड़ कर अपना मुँह उसके उरोज पर लगा दिया है और बारी बारी से उसके दोनो उरोजो को ज़ोर ज़ोर से चूसे जारहा था. और अनिता मस्त हो कर उसके साथ मज़े लेते हुए सिसकारिया निकाल रही थी. उरोज चूस्ते हुए ही उस लड़के ने अपने एक हाथ को अनिता की योनि पर रख दिया और उसकी योनि पर बोहोत आराम से उपर नीचे फिराने लग गया. वो अपने हाथ को थोड़ी देर तक तो गोल गोल घुमाता रहा लेकिन थोड़ी ही देर मे उसने अपने हाथ को घुमाने की जगह पर अपनी उंगलियो को अनिता की योनि पर उपर नीचे करना शुरू कर दिया जिस से अनिता और भी बुरी तरह से मचलने लग गयी और उसकी सिसकारियो की आवाज़े और भी तेज हो गई.

अनिता के मुँह से निकलती हुई आवाज़े मुझ पर एक अजीब ही तरह का नशा कर रही थी जिस से मेरे पूरे शरीर मे एक अजीब ही किस्म की सनसनी सी होने लग गयी थी सोचने-समझने की तो जैसे मुझमे ज़रा भी ताक़त ही नही थी. उस लड़के का हाथ धीरे धीरे उसकी योनि पर तेज़ी के साथ चलने लग गया, जिस से अनिता और भी बुरी तरह से मचलने लग गयी उसके मचलने की हालत इस बात से ही पता चल रही थी कि वो अपने दोनो नितंबो को हवा मे उठा कर उस लड़के के हाथ पर रगड़ रही थी. अनिता ने अपनी दोनो आँखे बंद कर ली थी. और वो आँखे बंद किए हुए ही अपने नितंब को उठा कर उस लड़के के साथ मज़े ले रही थी. अनिता के नितंबो को उठाने से उसका पूरा शरीर इस तरह से हिल रहा था कि उसके दोनो उरोज एक दम से उपर हवा मे उठ जाते और फिर एक ही पल मे नीचे की तरफ हो जाते.

ये सब नज़ारा देख कर मेरी हालत और भी ज़्यादा खराब हो गयी. गर्मी से मेरा गला जो पहले ही सूखा हुआ था ये सब देखने के बाद तो हालत और भी ज़्यादा खराब हो गयी थी. दोनो पैरो के पंजो पर खड़े हो कर देखने की वजह से मेरी योनि से बहता हुआ पानी मेरी दोनो टाँगो पर गिर कर चिपकने लग गया था. जो मुझे और भी अजीब हालत मे ले जा रहा था. मैने अपना एक हाथ उपर खिड़की से हटा कर अपनी योनि पर रख कर योनि को सहलाना शुरू कर दिया और अपने दोनो उरोजो को उस झोपड़ी से दबाने लगी. जैसे जैसे मेरा हाथ मेरी योनि पर चल रहा था और अंदर से अनिता की सिसकारियो की आवाज़ो ने तो जैसे मुझे एक अलग ही दुनिया मे ले जा कर खड़ा कर दिया और उस मदहोशी के आलम मे मेरा हाथ मेरी योनि पर और भी तेज़ी के साथ चलने लगा.. मेरी दोनो आँखे अपने आप बंद हो कर उस पल मे डूबने लग गयी.

अभी मुझे अपनी आँखे बंद किए हुए कुछ ही पल हुए थे की अचानक से अंदर से अनिता की एक दर्द भरी आवाज़ ने मुझे मेरी आँखे खोलने पर मजबूर कर दिया. मैने अपने हाथ को अपनी योनि से हटा कर वापस खिड़की पर टिका दिया और पंजो पर उचक कर देखा तो उस लड़के ने अपनी दो उंगली अनिता की योनि मे डाल दी है और उसे बड़े मज़े के साथ उसकी योनि मे घुमा रहा है. वो अपनी उंगलियो को पूरी तेज़ी के साथ उसकी योनि मे अंदर बाहर कर रहा था और अनिता ने उसके सर को अपने दोनो हाथो से कस कर पकड़ लिया था. उसकी तेज़ी के साथ चलती हुई उंगलिया पूरी तरह से अनिता के योनि रस मे गीली हो चुकी थी. अचानक उसने अपनी तेज़ी के साथ चलती हुई उंगलियो को रोका और अनिता की योनि से अपनी उंगलियो को बाहर निकाल कर अपने मुँह के करीब तक लाया और बोहोत धीरे से शायद उसकी खुद की साँसे भी मदहोशी के कारण उखड़ सी गयी थी बोला-
Reply
09-17-2018, 02:03 PM,
#70
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
“अनिता तुम्हारी चूत से आती हुई खुसबू ने तो मुझे पागल ही कर दिया है पानी का टेस्ट करके भी देखु कि वो कितना मजेदार है” बोल कर उसने अपनी दोनो उंगलिया अपने मुँह मे डाल ली और लोलीपोप के जैसे उन्हे चूसने लग गया.

अनिता उसकी इस हरकत को देख कर पहले तो मुस्कुराइ और फिर शरम के कारण अपने दोनो हाथो से अपना चेहरा ढँक लिया.

“जल्दी करो दीपक वहाँ दुकान पर भाभी मेरा इंतजार कर रही होगी” अनिता ने वैसे ही अपने हाथो को अपने चेहरे पर लगाए हुए ही कहा.

“भाभी की चिंता हो रही है… और मैं..!!! जो इतने दिनो से तुम्हारे लिए पागल दीवानो की तरह से घूम रहा था उसका कुछ नही ?” कह कर वो अनिता के पास से खिसक कर अनिता की दोनो टाँगो के बीच मे आ गया… उसके लिंग ने पहले से भी तेज़ी के साथ उपर नीचे की तरफ झटके लेना शुरू कर दिया था. अनिता की दोनो टाँगो के बीच मे आ कर उसने उसकी दोनो टाँगो को पूरी तरह से फैला दिया और अपना मुँह अनिता की योनि पर लगा दिया. उस लड़के ने जैसे ही अपनी जीभ को योनि पर घुमाया अनिता के पूरे शेरर मे एक झटका सा लगा और उसने उस लड़के के सर को पकड़ कर अपनी योनि पर दबा दिया.

थोड़ी देर उसने उसकी योनि को अपनी जीभ से चाटना चालू रखा. वो कभी तो अपनी जीभ को अनिता की योनि पर उपर से नीचे तक घुमाता तो कभी अपनी जीब को उसकी योनि के अंदर डाल देता. इस सब से अनिता बोहोत खुस हो कर मज़े ले रही थी. पर ये सब देख कर मेरी हालत और भी ज़्यादा खराब होती जा रही थी. धूप और गर्मी की वजह से मेरी हालत वैसे ही खराब थी उपर से ये सब देख कर तो और भी ज़्यादा हो गयी. अंदर का नज़ारा देख कर मेरा हाथ वापस मेरी योनि को प्यार से सहला कर दिलासा देने लग गया.

“दीपक और तेज बस मे झड़ने वाली हू.. आअहह दीपक तेज और तेज…” अंदर से आती हुई आवाज़ ने मुझे फिर से अंदर झाँकने पर मजबूर कर दिया. अंदर देखा तो अनिता अपने दोनो नितंबो को हवा मे उठा कर उस लड़के के मुँह पे ज़्यादा से ज़्यादा दबाने की कोसिस कर रही थी. शायद वो अपनी आखरी मंज़िल पर थी. इस लिए वो पूरी मस्ती के साथ अपने नितंबो को हवा मे उपर उठा रही थी. वो पूरी मस्ती मे आई ही थी कि वो लड़का एका एक रुक गया. और उसको उल्टा होने का इशारा करने लग गया.

अनिता इस समय पूरी मस्ती मे थी इस लिए वो बिना किसी जवाब सवाल के पलट गयी. अब अनिता के नितंब ठीक उस लड़के के लिंग से रगड़ खा रहे थे. उस लड़के ने अनिता की पीठ पर हाथ रख कर उसको थोड़ा सा आगे की तरफ और झुका कर अपनी जगह बनाई. और अपने दोनो हाथो से उसके नितंबो को धीरे धीरे कर के मसलना शुरू कर दिया. अनिता इस समय पूरी मस्ती के साथ सिसकारिया निकालते हुए मज़े ले रही थी. थोड़ी ही देर मे उस लड़के ने अपनी पोज़िशन बना कर हल्के हल्के अपने लिंग को अनिता की योनि मे डालना शुरू कर दिया. लिंग के योनि मे जाते ही अनिता की दर्द भरी चीख निकलने लगी. पर वो उस समय पूरी तरह मस्ती मे थी इस लिए उसने उस लड़के को रोका नही. थोड़ी ही देर मे हल्की हल्की दर्द भरी चीख निकालते हुए अनिता ने उस लड़के के भीमकाय जैसे लिंग को पूरा का पूरा अपनी योनि मे ले लिया.

ये सब देख कर मुझसे अब बर्दास्त करना मुश्किल होता जा रहा था. इस लिए मैं वहाँ से हट कर थोड़ा दूर झोपड़ी से सॅट कर खड़ी हो गयी और कब मेरा हाथ मेरी योनि के साथ खेलने लगा मुझे इस बात का एहसास ही नही हुआ. मेरे हाथ की और मेरी योनि की इस समय जंग सी च्चिड गयी थी. पता करना मुश्किल था कि कॉन किसका दुश्मन है. थोड़ी ही देर मे हाथ और योनि की जंग मे हाथ की जीत हुई और योनि ने अपने मुँह से उल्टिया करके अपनी हार मान ली. इधर अंदर से अनिता के सिसकारिया लेने की आवाज़े भी आना बंद सी हो गयी थी. आवाज़े ना आने का मतलब सॉफ था कि अनिता सेक्स का मज़ा ले चुकी है और किसी भी वक़्त बाहर आ सकती है. इस लिए मैं अपने कपड़े सही करके वहाँ से जल्दी से दूर सड़क की तरफ आ गयी. थोड़ी ही देर मे अनिता भी आ गयी. मैं दूसरी तरफ मुँह करके खड़ी हुई थी ताकि वो उस झोपड़ी से आसानी से बिना किसी शर्म-ओ-हया के बाहर निकल सके.

क्रमशः................
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,541,665 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 549,009 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,249,657 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 944,715 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,677,755 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,100,799 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,985,230 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,168,460 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,074,156 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 288,844 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)