Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
09-17-2018, 01:58 PM,
#41
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
थोड़ी देर तक मैं वही चुप चाप खड़ी रही और उसके जाने का इंतजार करती रही. जैसे ही वो चली गयी दीवार के पीछे से निकल कर मैं भी अमित की छत की तरफ बढ़ गयी. मैं बोहोत ही दबे पाँव चल रही थी ताकि कोई मुझे देख ना सके. जैसे ही मैं चलते हुए छत पर बने एक अधूरे कमरे की तरफ आई जहाँ पर तमाम सारा कबाड़ सा भरा हुआ दिख रहा था कंडे गोबर भी जमा थे, वहाँ कॅंडो के पीछे से आती हुई आवाज़ ने मुझे चौंकने पर मजबूर कर दिया.

“औऊिईए माआआअ धीरे दब्ाओ ना दर्द हो रहा है आराम से करो ना” सुजाता ने बोहोत ही धीमे से दर्द भरी आवाज़ के साथ कहा.

“अरे जानेमन पुच…पुच कब से इन्हे हिला हिला के नाच रही थी नीचे. और मेरे हाथो मे खुजली हो रही थी इन्हे दबाने के लिए और तू कह रही है कि आराम से दबौउ” अंदर से बोहोत धीमे से बोलने की आवाज़ आ रही थी. मुझे अमित से इसी तरह की घटिया किस्म की उम्मीद थी कि वो सुजाता के साथ इसी तरह की हरकत करेगा.

“ आप को केवल मेरे ही हिलते हुए नज़र आ रहे थे निशा भाभी भी तो साथ मे नाच रही थी उनके भी तो हिल रहे थे उनके नही दिखे आप को ? और वो तो कितने कसे हुए कपड़े पहनी थी उनके तो ब्लाउस मे से आधे से ज़्यादा निकल निकल कर बाहर आ रहे थे” सुजाता ने आहे भरती हुई आवाज़ के साथ मे बोहोत धीरे से कहा.

मुझे आवाज़ सॉफ नही सुनाई दे रही थी इस लिए मैने इधर उधर देखना शुरू कर दिया ताकि मुझे कुछ दिखाई दे तभी मुझे पास ही मे लकड़ी की एक छोटी सी चोकी दिखाई दी मैं उसके उपर ही खड़े हो कर अंदर देखने की कोसिस की ताकि सॉफ सुनाई दे और दिखाई भी दे जाए. कॅंडो के बीच मे होने के कारण मुझे कोई भी नही देख सकता था पर मैं अंदर की तरफ सब देख सकती थी. लेकिन मुझे अभी भी अंदर कुछ दिखाई नही आ रहा था कि वो दोनो कहाँ है. मैने और गौर से देखने की कोसिस की तो थोड़ी दूर पर दो साए एक लड़के और लड़की का दिखाई दिया जो एक दूसरे के साथ चिपके हुए थे, जिसे देख मुझे समझने मे ज़रा भी देर नही लगी कि वो अमित और सुजाता है.

“ अरे मेरी जान बोहोत तडपा हू मैं तेरे लिए आज बड़ी मुश्किल से मौका मिला है. आज तो जी भर कर तेरे साथ मज़े करूगा. अब खोल भी दे ना कितना तडपाएगी अपने इन मस्त संतरो को चुसवाने मे…” आवाज़ बोहोत धीमे से आ रही थी. जिसे समझने के लिए मुझे बोहोत ध्यान लगाना पड़ रहा था.

“मुझे बोहोत शरम आ रही है. आप ही उतार लो मुझसे नही उतारा जाएगा…” सुजाता ने फिर से आहे भरते हुए धीमी सी आवाज़ मे कहा.

मैं अभी ध्यान से आवाज़ सुन ही रही थी कि मुझे अपने नितंब पर किसी का हाथ महसूस हुआ. मैने पलट कर देखा तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया आँखे बाहर की तरफ आने को हो गयी. अमित गंदी सी हँसी हंसते हुए मेरे नितंब पर अपने हाथ चला रहा था. मैं बुरी तरह से हड़बड़ा गयी. मैने अंदर की तरफ देखा तो वो दोनो साए अब भी एक दूसरे से चिपके हुए थे और एक दूसरे को किस कर रहे थे. “अगर तुम यहाँ पर हो तो अंदर कॉन है ?” मैने बुरी तरह से चौक्ते हुए उस से सवाल किया.

“अंदर जिसे होना चाहिए वही है पर आपके छुप-छुप कर देखने की आदत अभी तक नही गयी..हहे..” कह कर वो दाँत फाड़ कर अपनी गंदी हँसी मे हंस ने लग गया.

“बंद करो अपनी ये गंदी हँसी.. और ये बताओ कि अंदर कॉन है उस लड़की के साथ” मैने गुस्से से उस से सवाल किया.

“बड़ी उतावली हो रही हो भाभी जी चुदाई देखने को.” कह कर उसने अपने हाथ को अपने लिंग पर फिराना शुरू कर दिया.. मैने उसकी तरफ गुस्से से देखने लगी और अंदर जाने ही वाली थी कि उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खींच लिया मुझे अपने से चिपका लिया. उसके यूँ अचानक से मुझे खींचने से मैं उस से एक दम चिपक गयी जिस वजह से मेरे दोनो उरोज उसके सीने मे दब गये और उसका खड़ा हुआ लिंग मुझे मेरी योनि के उपर दस्तक देता हुआ महसूस हुआ. उसके लिंग को अपनी योनि पर महसूस होते ही मुझे मेरे शरीर मे बिजली का सा एक झटका महसूस हुआ. मैं अपनी पूरी ताक़त लगा कर उस से एक ही झटके मे अलग हो गयी.
क्रमशः................
Reply
09-17-2018, 01:59 PM,
#42
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
तड़पति जवानी-पार्ट-14

गतान्क से आगे.........
“ये क्या बदतमीज़ी है देहाती गँवार, मैं तेरी शिकायत मनीष से करूगी. अगर तुझे पूरे गाँव मे नही पिटवाया तो मेरा नाम भी निशा नही” मैने गुस्से से उसे हड़कते हुए कहा.

“हहहे.. मज़ाक अच्छा करती हो तुम.. भूल गयी वो रात… उस रात की कुछ यादे मेरे पास अभी भीहै..” कह कर वो फिर से मुस्कुरा दिया और मेरे पास कदम बढ़ाता हुआ आने लगा.

वो रात कैसे भूल सकती हू. सोच कर उस बीती रात की सारी घटना मेरे दिमाग़ मे घूमने लग गयी, जब अमित ने मेरे साथ वो सब किया था जो नही होना चाहिए था.
फ्लेश बॅक.....................................
कमरे मे आते ही मैने कमरे को अंदर से कुण्डी लगा कर बंद कर लिया. ऑर बेड पर लेट गयी. नहा लेने से अब कुछ हल्का हल्का अच्छा लग रहा था. पर मेरा दिमाग़ इस बात को लेकर काफ़ी गुस्से मे था कि वो हर वक़्त मुझ पर नज़र रखे हुए है. ऑर तो ऑर उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गयी है कि बाथरूम के अंदर मुझे नंगा देख रहा था.

क्या सोच रहा होगा मेरे बारे मे.? कही उसने बाथरूम मे मेरी फोटो तो नही ले ली ? उसका कोई भरोसा नही है. कुछ भी कर सकता है. अगर उसने वो सब अपने मोबाइल मे फीड कर लिया होगा तो ? गाँव मे जाकर सब को दिखाएगा.. सोच कर ही डर के मारे मेरी हालत खराब हो गयी. अब मैं क्या करू ?

मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि कैसे उसके मोबाइल से अपनी फोटो डेलीट की जाए. मैं अपने कमरे मे आ कर रात होने का इंतजार कर रही थी. कि कब रात हो और वो सोए तो मैं उसके कमरे मे जा कर उसके मोबाइल से अपनी पिक्चर डेलीट करू. धीरे-धीरे धड़कते दिल के साथ मैं रात का इंतजार करने लगी और रात भी हो गयी. रात के 11.30 बज रहे थे मुझे लग रहा था कि वो सो गया होगा. यही सोच कर मैने डरते हुए दिल के साथ अपने कमरे का दरवाजा खोल कर बाहर देखा. बाहर एक दम सन्नाटा फैला हुआ था. मैं डरते हुए कदमो के साथ अमित के कमरे की तरफ बढ़ती जा रही थी. जैसे जैसे मैं एक-एक कदम बढ़ा रही थी डर के मारे मेरी हालत खराब होती जा रही थी. मेरे दिमाग़ मे बार बार यही चल रहा था कि वो सोया भी होगा या नही. अगर वो जाग रहा होगा तो… तो क्या मैने वापस अपने कमरे मे आ जाउन्गि..

यही सब सोचते हुए मैं उसके कमरे की तरफ बढ़ रही थी. धीरे धीरे दबे कदमो के साथ मैं उसके कमरे के दरवाजे तक आ गयी. कमरे के दरवाजे पर आते ही मेरा दिल बुरी तरह से धड़कने लग गया. कमरे के दरवाजा भिड़ा हुआ था. पता नही अंदर से बंद है या खुला हुआ है. समझ मे नही आ रहा था. मुझे बोहोत डर लग रहा था दरवाजे को खोलने मे कही वो जाग रहा होगा तो..

पर उसके मोबाइल मे अपनी फोटो वाली बात सोच कर मैने अपने आप को हिम्मत बँधाई. और बोहोत धीमे से दरवाजे को अंदर की तरफ धकेल कर चेक किया कि वो खुल रहा है या बंद है. मुझे उम्मीद थी कि उसने अपने कमरे के दरवाजे की कुण्डी नही लगाई होगी और वैसा ही हुआ. हल्का सा पुश करते ही दरवाजा अंदर की तरफ को हो गया जिस से कमरे के अंदर देखने लायक जगह हो गयी. पर कमरे मे उसने नाइट बल्ब जल रहा था जिस वजह से मुझे अंदर की आक्टिविटी समझने काफ़ी टाइम लग रहा था. और जब समझ मे आया तो अंदर वो बेड पर सो रहा था. उसको सोता हुआ देख कर मुझे थोड़ा सुकून मिला और मैने हिम्मत करके थोडा और दरवाजा खोला जिस से बाहर से आई हुई लाइट अंदर आने लग गयी. और मैं जल्दी से अंदर आ कर इधर उधर देखने लग गयी ताकि उसका मोबाइल दिखाई दे. मैने इधर उधर देखा पर मुझे कही भी उसका मोबाइल नज़र नही आया और जब मैने उसकी बेड पर उसकी तरफ देखा तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी. वो बिस्तर पर एक दम नंगा लेटा हुआ था और उसका भीमकाय जैसा लिंग एक दम तना हुआ था. उसका तना हुआ लिंग देख कर एक पल के लिए मेरी नज़र वही की वही अटक गयी. और ना चाहते हुए भी मेरी साँसे अपने आप तेज़ी के साथ चलने लग गयी. थोड़ी देर यूँ ही एक तक उसके लिंग को देखने के बाद मैने अपने आप को संभाला और तुरंत अपनी निगाह उसके लिंग से हटा कर वापस दूसरी तरफ देखने लग गयी….
Reply
09-17-2018, 01:59 PM,
#43
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
मुझे समझ नही आ रहा था कि उसने अपने मोबाइल को कहाँ रखा हुआ है. “कहाँ ढूंढू अब” मैने थक हार कर अपने आप से ही कहा. मेरा ध्यान बार-बार ना जाने क्यू अमित के तने हुए लिंग की तरफ चला जा रहा था. मैने अपने आप को बड़ी मुश्किल से समझाया उसके लिंग को ना देखने के लिए और टेबल की तरफ मोबाइल को देखने के लिए पलट गयी. मैं टेबल पर देख ही रही थी कि तभी दो हाथो ने मुझे पीछे से पकड़ लिया. उन हाथो को अपने शरीर पर महसूस करते ही मेरे पूरे शरीर मे एक बिजली सी कोंध गयी.

“तो आप आ ही गयी मेरे पास अपनी प्यास बुझाने के लिए” उसने मेरे कान मे धीमे से कहा और अपना एक हाथ आगे बढ़ा कर कमरे की लाइट ऑन कर दी.

अब पूरा कमरे लाइट से जाग मगा रहा था. वो मेरे से इस तरह से चिपक कर खड़ा हुआ था कि उसका मोटा भीमकाय लिंग मुझे मेरे दोनो नितंब के बीच मे गढ़ता हुआ महसूस हो रहा था. वो वैसे ही खड़े खड़े अपने लिंग को मेरे नितंब की दरार मे उपर नीचे करने लग गया.उसकी पकड़ बोहोत मजबूत थी. मैने उसकी पकड़ से छूटने की कोसिस की पर कामयाब ना हो सकी.

“छ्चोड़ो मुझे क्या कर रहे हो तुम” मैने थक हार कर उस से गुस्से से कहा.

“वही कर रहा हू जिसके लिए आप अपने कमरे से यहाँ पर आई हो.” कहते हुए उसने मेरी गर्दन को किस कर लिया.

उसकी पकड़ से निकलने के लिए मैने हाथ पाँव चलाने शुरू कर दिए जिसका नतीजा ये हुआ कि मैं टेबल पर और भी झुक गयी जिसकी वजह से उसका मोटा लिंग अब पूरी तरह से मुझे नितंब छेद पर महसूस हो रहा था. उसके लिंग की रगड़ से मैं भी अपने आप को मदहोश होने से रोक नही पा रही थी पर मुझे ये पता था कि ये सब बिल्कुल ग़लत है. और ऐसा बिल्कुल नही होना चाहिए. “छोड़ दे देहाती मुझे… क्या कर रहा है.” मैने फिर से एक बार गुस्से मे उस से कहा.

“छ्चोड़ दे नही भाभी जी कहो कि चोद दे मुझे.. हहहे” कह कर वो हस्ने लग गया और फिर से मेरी गर्दन को किस करने लग गया. उसके दोनो हाथ मेरी छाती पर थे. उसने अपने दोनो हाथो से मेरे दोनो उरोज थाम लिए. और उन्हे हल्के हल्के मसलने लग गया. “मज़ा आ रहा है ना भाभी जी…” उसने फिर से अपनी गंदी सी हँसी हंसते हुए कहा.

मज़ा तो आ रहा था पर ये सब ग़लत था. और मुझे ये सब जो हो रहा था वो सब नही होने देना था. एक बात तो मेरी समझ मे आ गयी थी की ज़ोर ज़बरदस्ती करने से कोई भी फ़ायडा नही है. इस लिए इसको प्यार से ही समझाना होगा. अगर मैं इसका पानी निकलवा दू तो फिर ये झड़ने के बाद शांत हो जाएगा और कुछ भी नही कर पाएगा. और ये काम मैं अपनी छाती दिखा कर और इसके साथ सेक्सी बाते करके बड़े प्यार से कर सकती हू… और फिर बातो मे फँसा कर अपनी पिक्चर भी इसके मोबाइल से डेलीट करवा दुगी.

“ये क्या कर रहे हो… अमित अपनी भाभी के साथ ज़बरदस्ती करोगे..” मैने एक दम मदहोश होने वाले अंदाज मे कहा ताकि उसे लगे कि मैं पूरी तरह से मदहोश हो गयी हू.

मेरी बात सुन कर वो एक पल के रुक गया. और कुछ सोचने के बाद अपनी पकड़ हल्के करते हुए बोला “नही भाभी जी कोई ज़बरदस्ती नही.. “

“तो फिर पहले मुझे छ्चोड़ो.. ये हम आराम से भी तो कर सकते है..” मैने उसे लालच देने वाले अंदाज मे कहा.. और वो मेरे लालच मे आ गया और उसने मुझ पर अपनी पकड़ बिल्कुल हटा ली.. पर अब भी उसके दोनो हाथ मेरे उरोज पर रखे हुए थे.

मैने बड़े प्यार से उसके दोनो हाथो को अपने उरोज से हटा कर नीचे किया और पलट कर उसकी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी. “तुम्हे ज़रा भी भी नही पता कि तुम इस तरह मेरे साथ ये जो भी कुछ कर रहे थे इसको रॅप कहते है… रॅप मतलब समझते हो बलात्कार…..” कह कर मैं उसकी तरफ बस एक तक देखे जा रही थी कि मेरी बात का उस पर क्या असर होता है.

“सॉरी भाभी मुझे माफ़ कर दो…. मैं एक दम पागल हो गया हू जब से आप को देखा है मुझे कुछ समझ मे ही नही आता है. हर वक़्त आप ही आप नज़र आते हो.. आप की उपर नीचे होती मोटी मोटी मस्त चुचिया मेरी आँखो के आगे घूमती रहती है.. और आप की गांद की थिरक ने तो मुझे पागल ही कर दिया है.. मैं बस आप को एक बार जी भर कर प्यार करना चाहता हू…” कह कर वो मेरी तरफ देखने लग गया.
Reply
09-17-2018, 01:59 PM,
#44
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
“तो तुम मेरा रॅप करके मुझे प्यार करोगे ??” अपने बारे मे उसकी सोच जान कर मुझे ज़रा भी हैरत नई हुई क्यूकी उसकी हरकते देख कर मुझे उसकी सोच का पता चल गया था कि वो मेरे बारे मे क्या सोचता है इसलिए मैने एक दम मासूम बनते हुए उसकी आँखो मे देखते हुए कहा. उसका लिंग अब भी तन कर उपर नीचे की तरफ झटके मार रहा था जिसे मैं चोर नज़रो से देख रही थी.

“नही भाभी जी मैं… मुझे माफ़ कर दो अब आप जैसा बताओगे मैं वैसा ही करूगा” उसने इस तरह से जवाब दिया जैसे उसे उसकी ग़लती समझ मे आ गयी हो..

“देखो तुम अच्छे से जानते हो कि मैं मनीष से प्यार करती हू और मैं उसे धोखा नही दे सकती हू” मैने उसे थोड़ा और एमोशनल हो कर समझाते हुए कहा.

“तो भाभी मैं कब आप को धोका देने को कह रहा हू.” उसने अपना बुरा सा मुँह बनाते हुए कहा.

“अमित ये धोका नही तो और क्या है..”

“भाभी तो आप ही बताओ मैं क्या करू..” उसने उदास से लहजे मे कहा..

“अच्छा एक बात बताओ कि तुम्हे मुझ मे क्या अच्छा लगा… मुझे तो खुद मे कुछ भी ऐसा नही दिखता है कि जिसे देख कर तुम पागल ही हो जाओ और मेरा रॅप करने पर उतर आओ..”

“ मैने उसे और उकसाते हुए कहा ताकि वो मेरी ज़्यादा से ज़्यादा तारीफ करे..

“भाभी जी आप तो सर से पाँव तक तारीफ ही तारीफ हो. क्या नही है आप मे उपर वाले ने आप को बोहोत फ़ुर्सत से बनाया है. आप के शरीर का हर एक हिस्सा उसने बड़ी बारीकी से सेट किया है. आप की छाती की दोनो गोलाइयाँ हो या आप की गांद…. मतलब आप के दोनो तरबूज जैसे गुंबद, आप के रसीले पंखुड़ियो जैसे होंठ हो या फिर आप का चाँद जैसा चेहरा सब कुछ आप का कमाल है. बस भाभी अगर एक बार इस सब को अपने हाथ से छूने को इसे प्यार करने को मिल जाए तो मैं अपने आप को इस दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान समझुगा.” कहते हुए वो फिर से मेरे करीब आ गया,

पता नही मुझे क्या हुआ मैं भी उसके थोड़ा करीब हो कर उसकी आँखो मे देखने लगी कि वो सच मे मेरी तारीफ कर रहा है या ये सब मुझे रिझाने के लिए कह रहा है पर जो भी था अपने बारे इस तरह की तारीफ सुन कर मुझे अच्छा लग रहा था जैसा की हर औरत या लड़की को अपने हुस्न की तारीफ सुन ना अच्छा लगता है वैसे ही मैं भी अपनी तारीफ सुन कर फुल्ले नही समा रही थी. उसका हाथ उसके लिंग को सहला रहा था एक पल के लिए मेरी निगाह उसके लिंग पर गयी और मेरी आँखे के आगे रूपा का चेहरा घूम गया जब रूपा अमित के लिंग को अपने मुँह मे ले कर चूस रही थी.

उस सीन को याद करते ही मेरी नज़र शर्म से नीचे झुक गई.. “शरमाओ मत भाभी आप का ही है लो हाथ लगा कर देख लो” कहकर उसने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने लिंग पर टिका दिया.

,मैने अपना हाथ हटाने की कोसिस की पर उसने मेरे हाथ को मजबूती से पकड़ रखा था और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर आगे पीछे चला रहा था. थोड़ी देर तक वो इसी तरह से अपने हाथ को चलाता रहा फिर उसने अपना हाथ हटा लिया. और मेरा हाथ वैसे ही उसके लिंग पर चलने लग गया.

जब मुझे होश आया कि मैं क्या कर रही हू मैने फॉरन अपना हाथ वहाँ से हटा लिया. “क्या हुआ भाभी अच्छा नही लगा क्या” उसने मेरे हाथ हटा ते ही मुझसे कहा.

“मैं तुम्हारे साथ कुछ भी नही कर सकती तुम समझने की कोसिस क्यू नही करते हो. मैं एक शादी शुदा औरत हू और मैं मनीष को धोका नही दे सकती हू. फिर तुम क्यू मेरे साथ ये सब करने की ज़िद कर रहे हो” मैने फिर से उसे समझाते हुए कहा.

“भाभी किसी को कुछ पता नही चलेगा. और वैसे भी हम दोनो के अलावा है ही कॉन यहाँ पर” उसने मेरे और करीब आ कर मेरे चेहरे को अपने हाथ से अपनी तरफ करते हुए कहा. और अपने होंठो को मेरे होंठ से टिका दिया.

उसकी इस हरकत से मैं एक दम हैरान रह गयी थी. वो मस्ती के साथ मेरे होंठो को चूसे जा रहा था. और उसके हाथ मेरी कमर को सहला रहे थे. मैने अपने आप को उस से अलग करने की कोसिस की पर नाकाम रही. थोड़ी देर तक होंठ चूसने के बाद वो मुझसे अलग हुआ तो उसके चेहरे पर एक विजयी मुस्कान थी. और मुस्कुराते हुए ही बोला “भाभी कसम से मज़ा आ गया आप के होंठ तो बोहोत रसीले है मनीष भैया को तो मज़ा ही आ जाता होगा आप के होंठो चूस कर.”

मैं तो शर्म से ज़मीन मे धसि जा रही थी. क्या कहती क्या करती कुछ नही सूझ रहा था इस लिए मैने उस से डाइरेक्ट ही कह दिया “अमित देखो तुमने जो मेरी फोटो अपने मोबाइल से खींची है वो सब डेलीट कर दो प्लीज़ अगर किसी और ने देख ली तो मेरी बोहोत बदनामी होगी.” मैने उस से रिक्वेस्ट करते हुए कहा.

“ठीक है भाभी जी जैसा आप कहो. मैं सब फोटो डेलीट कर दूँगा पर उस से पहले एक शर्त है. आप को अपने पूरे कपड़े उतार कर मुझे दिखाना होगा.” कह कर उसने अपने तकिये के पास से अपने मोबाइल को उठाया और अपने हाथ मे ले लिया.

“तुमने सब कुछ तो देख लिया है फिर क्यू मुझे ये सब करने पर मजबूर कर रहे हो प्लीज़ डेलीट कर दो” मैने उस से फिर से रिक्वेस्ट करते हुए कहा.

“कहा तो भाभी जी कर दूँगा. पर पहले आप के रूप को अपनी नज़रो मे एक बार ढंग से बसा लू.”

मेरे मन मे ख़याल आया कि इसने सब कुछ देख तो लिया है अब इसके सामने कपड़े उतारने मे ज़्यादा फरक भी नही पड़ेगा पर अगर इसने कुछ किया तो.. यही ख़याल आते ही मैने उस से कहा “ठीक है मैं तैयार हू पर एक शर्त है कि तुम दूर से ही देखोगे और मुझे च्छुने की कोसिस नही करोगे”

“ये क्या भाभी अगर छूउँगा नही तो फिर आप की इस जवानी को कैसे महसूस कर पाउन्गा” उसने किसी छ्होटे बच्चे के रोने जैसा चेहरा बनाते हुए कहा.

“तुम्हे मंजूर है तो बोलो वरना मेरे फोटो तो तुम्हे अपने मोबाइल से डेलीट करने ही पड़ेगा” इस बार मैने थोड़ा गुस्से से बोला.

“ठीक है भाभी जी पर आप की पॅंटी मैं ही उतारूँगा.. प्ल्ज़ मना मत करना..” उसने फिर से उसी तरह रिक्वेस्ट करते हुए कहा.

मैं उसे साफ मना कर दिया कि “नही कुछ भी नही.. तुम कुछ नही करोगे अगर तुम्हे देखना है तो तो चुप-चाप दूर से ही देखोगे.”

“ठीक है”
क्रमशः................
Reply
09-17-2018, 01:59 PM,
#45
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
तड़पति जवानी-पार्ट-15

गतान्क से आगे.........
मैने अपना गाउन(मॅक्सी) जो मैने नहा कर पहना था उसके बटन एक एक करके खोलना शुरू कर दिए. उसके नज़र मेरी छाती पर चिपकी हुई थी. वो एक तक मेरी छाती की तरफ देखे जा रहा था. उस समय उसके सामने कपड़े उतारते हुए मैं शरम से ज़मीन मे गढ़ी जा रही थी. धीरे धीरे करके मैने अपने सारे बटन खोल दिए. बटन के खुलते ही उसमे से मेरी ब्रा और पॅंटी सॉफ नज़र आने लगी. वाइट कलर की ब्रा और पॅंटी मेरा जिस्म खूब खिल रहा था. मैने अपनी मॅक्सी को अपने शरीर से अलग कर दिया. वो मुँह फेड मेरे को देखे जा रहा था.

ब्रा मे से मेरे दोनो उरोज इस तरह से झाँक रहे थे कि अभी ब्रा मे से निकल कर बाहर आ जाएगे.. और नीचे पॅंटी हल्की हल्की गीली हो गयी थी जिसकी वजह से मेरी योनि की कटान उस पर सॉफ उभर आई थी.. मैने अपने हाथो को पीछे ले जा कर अपनी ब्रा के हुक को खोल दिया जिस से मेरी ब्रा मेरी छाती पर एक दम ढीली हो गयी. मैने अपनी ब्रा को अपने हाथो से थाम लिया. अपने शरीर से अपनी ब्रा को अलग करते हुए मैं बुरी तरह से शर्म से ज़मीन मे गढ़ी जा रही थी.

“भाभी अपने हाथो से ब्रा को अब हटा भी दो… ताकि इन मतवाले रसभरे सन्तरो का दीदार ढंग से कर सकु” उसकी बात सुन कर मैं बुरी तरह से शर्मा गयी. मैने क्या करती मुझसे हिम्मत नही हो रही थी कि मैने अपने शरीर से ब्रा को अलग करू.. मुझे इस तरह से देख कर वो फिर से बोला कि “भाभी ये ग़लत है आप ने कहा था कि आप खुद सब दिखओगि. अब हाथ मे से ब्रा को हटा भी दो” मरती क्या ना करती मैने अपने हाथ से अपनी ब्रा को जैसे ही अलग करके टेबल पर रखा मानो मेरे आधे प्राण निकल गये.

शरम के मारे मैने अपने दोनो हाथो से अपने उरोजो को ढँक लिया. “क्या भाभी जी आप तो ऐसे शर्मा रहे हो जैसे आज आप पहली बार किसी के आगे नगी हो रही हो. मनीष भैया तो रोज ही आप की लेते है और उस दिन तो आप कितना शोर मचा रहे थे… आहह… कम ऑन… कम ऑन करके” उसकी बाते सुन कर मैं शर्म से मरी जा रही थी और वो मज़े से मुझे देख कर दाँत फाडे जा रहा था.

मैने अपने हाथ अपने उरोजो से हटाए ही थे कि वो बोल पड़ा “कसम से भाभी जी आप की दोनो चुचिया एक दम मस्त है. और उनकी घुंडी तो क्या कहु आज तक मैने ऐसी चुचिया नही देखी एक दम गोल कटोरी जैसे” उसकी बाते मुझे अंदर तक छू रही थी एक अजीब सा एहसास मुझे मेरे अंदर महसूस हो रहा था.

“भाभी जी अब अगर आप की ये चड्डी भी अगर अलग हो जाए तो मैं आप की जवानी का मज़ा ले लू देख कर” उसने मुझे यूँ शरमाते हुए देख कर कहा.

मेरी तो हिम्मत ही नही हो रही थी कि मैं अपने हाथो से अपनी पॅंटी को अलग कर सकु.. “भाभी जी क्या हुआ आप से नही उतर रही है तो मुझे बताओ मैं उतार देता हू” मैं अभी सोच ही रही थी कि वो फिर से बोल पड़ा.. उसकी बात सुन कर मुझसे बर्दास्त नही हुआ और मैने उसे कहा कि “तुम एक नंबर के हरामी आदमी हो.. मैं शर्म से मरी जा रही हू और तुम मुझ पर हंस रहे हो जाओ मैं कुछ नही दिखाती” कह कर मैने टेबल से अपनी ब्रा को अपने हाथ मे पकड़ने ही वाली थी कि वो बोल उठा..

“अरे भाभी जी मैं कहाँ हंस रहा हू आप ने ही कहा था कि आप अपने हाथो से अपने कपड़े उतारोगे.. मैने तो आप से कहा भी था कि आप की आप की चड्डी मैं उतारूँगा पर आप ने मना कर दिया. अब इसमे ग़लती किसकी है मेरी या आप की आप ने मुझसे छूने को मना किया मैने अपनी बात रखी आप भी अपनी बात रखो ना.. इस तरह आप अपनी बात से नही मुकर सकते” उसने इस तरह से कहा कि मैने जो ब्रा पकड़ी हुई थी वो वापस मेरे हाथ से निकाल कर टेबल पर ही रह गयी.

“मुझसे नही होगा.. अमित” मैने अपनी परेशानी उसे बताते हुए कहा.

“मैं उतारू आप कहो तो” कह कर वो एक कदम जैसे ही मेरी तरफ बढ़ा मैने उसे हाथ से इशारा करके वही रोक दिया. “तुम जहाँ हो वही रहो मैं अपने आप उतार दुगी.”

“मैं उतारू आप कहो तो” कह कर वो एक कदम जैसे ही मेरी तरफ बढ़ा मैने उसे हाथ से इशारा करके वही रोक दिया. “तुम जहाँ हो वही रहो मैं अपने आप उतार दुगी.”

मैने अपने कंपकँपाते हुए हाथो को अपनी पॅंटी पर लगाया और पॅंटी को उतारने के लिए थोड़ा झुकी जिसकी वजह से मेरे दोनो उरोज नीचे की तरफ झूल गये. उस समय मेरे दिल पर क्या बीत रही थी ये मैं ही जानती थी. अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए अपने ही हाथो से उसे बर्बाद कर रही थी. मैने धड़कते हुए हुए दिल के साथ अपनी पॅंटी को नीचे की तरफ सरका दिया. वो मेरी तरफ घूरे जा रहा था. समझ मे नही आ रहा था कि क्या करू.

“वाह भाभी जी आप की छोटी छोटी झाँते क्या मस्त लग रही है आपने तो इन पर डिज़ाइनिंग भी कर रखी है.” उसने खुस होते हुए कहा.

“अब तुमने देख लिया सब कुछ अब मैं अपने कपड़े पहन लेती हू.” कह कर मैं जैसे ही अपनी पॅंटी को हाथ मे लेकर उपर को करने लगी वो बोल पड़ा “भाभी जी अभी कहाँ पूरा दिखाया है आप ने असली चीज़ तो आप ने टेबल की तरफ कर रखी है वो तो मैने देखी ही नही है. आप थोड़ा पलट जाओगे तो वो देखने को मिल जाएगा जिसने मुझे पागल किया हुआ है.
Reply
09-17-2018, 01:59 PM,
#46
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
मैं तो उसकी बाते सुन कर शरम से ज़मीन मे धँसी जा रही थी. मरती क्या ना करती मैं पलट गयी. मेरा मुँह टेबल की तरफ हो गया और वो पीछे बैठा हुआ मुझे देखे जा रहा था. “देख लिया अब मैं अपने कपड़े पहन लू.” मैने वैसे ही खड़े खड़े उस से पूछा..

“भाभी जी अपने दोनो हाथो से अपने चूतरो को थोड़ा चौड़ा तो करो आप का हसीन छेद दिखाई नही दे रहा है.” उसकी बात सुन कर मुझे बोहोत शरम आ रही थी. मैने अपने दोनो हाथो से अपने नितंबो को खींच कर फैला दिया और उस से पूछा “अब ठीक है अब तो देख लिया.” मैं अभी पूछ ही रही थी कि मैं बुरी तरह से हड़बड़ा गयी.

वो मेरे ठीक पीछे आ कर बैठ गया था. और अपने हाथो से मेरे दोनो नितंबो को पकड़ कर फैला रहा था. उसके हाथ लगाने से मैं थोड़ा हड़बड़ा गयी जिसकी वजह से मैं गिरने को हुई तो मैने अपने दोनो हाथ टेबल पर टिका दिए जिस कारण मेरे दोनो नितंब और भी ज़्यादा खुल कर उसके सामने आ गये. उसने अपने मुँह से थूक गिरा कर मेरे नितंब छेद गिरा दिया और अपने हाथ से उसे घिस कर छेड़ पर मलने लगा.

“ये क्या कर रहे हो तुम?” मैने गुस्से से कहा..

“कुछ नही भाभी देख रहा था” वो अभी अपनी बात पूरी करता उस से पहले ही मैं उस से गुस्से मे बोली “तुमने वादा किया था कि तुम हाथ नही लगाओगे फिर तुमने मुझे छुआ कैसे”

“भाभी जी दूर से कुछ दिखाई नही दे रहा था और जब पास से देखा तो आप की गांद के बालो ने आप के छेद को ढँक रखा था इस लिए थूक लगा कर उन्हे सही कर रहा था.” वो इतनी गंदी तरह से बात करता कि मैं शर्म से पानी पानी हो जाती..

“अब तो देख लिया अब छ्चोड़ो मुझे और कपड़े पहनने दो.” मैने अपने आप को उससे दूर करने की कोसिस की पर उसकी पकड़ बोहोत मजबूत थी. मैं ज़रा भी हिल डूल नही पा रही थी. मैने अपनी गर्दन घुमा कर देखा तो उसका भीमकाय जैसा लिंग एक दम तना हुआ ठीक मेरे नितंबो के उपर ही था और उसने अपने लिंग पर भी तमाम सारा थूक लगा रखा था.

मैं ये देख कर बुरी तरह से डर गयी की ये क्या कर रहा है. पर इस से पहले की मैं कुछ समझ पाती या कह पाती वो पीछे से मुझसे एक दम चिपक सा गया. उसका तना हुआ लिंग मेरे गुदा छेद से एक दम जुड़ गया. उसने मुझे टेबल पर थोड़ा सा आयेज की तरफ ओर झुका दिया जिस वजह से उसका लिंग एक दम मेरे छेद के अंदर की तरफ होने की कोसिस करने लगा. मैं उसे अपने से दूर करने की कोसिस करने ही वाली थी कि उसने एक ज़ोर दार धक्का मेरे गुदा छेद पर लगा दिया उसके लिंग का सूपड़ा मेरे अंदर घुस गया.

दर्द के मारे मेरी हालत बोहोत बुरी हो गयी थी पर उसने मुझे टेबल पर इस तरह से झुका दिया था कि मैं कुछ नही कर पा रही थी बस दर्द के कारण चीखे जा रही थी…”आआआअहह मार्र गाइिईईईईईईईई निकाआाालल्ल्ल्ल्ल्ल लीईई डीएहहाआटीईई…… मैंन्न्न् मारीइ जाआअ रहियीईईईईईईई हुउऊउउ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ निकलल्ल्ल्ल लूओ ईसीईईई” पर उस समय तो जैसे उसपर भूत सा स्वार था…

“कुछ नही होगा भाभी बस थोड़ा हिम्मत से काम लो बस हो गया” बोल कर उसने अपनी पकड़ मेरे उपर और मजबूत करके एक धक्का और तेज़ी के साथ दिया जिस से उसका आधे से ज़्यादा लिंग मेरे गुदा छेद मे चला गया. मेरी हालत तो दर्द से इतनी खराब हो गयी थी.. कि ऐसा लग रहा था कि मैं अभी मर जाउन्गि.. उस पर उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि मैं हिल डॉल भी नही सकती थी. मैं बुरी तरह दर्द से छटपटा रही थी. और वो मज़े से अपने लिंग को मेरे गुदा छेद मे डाल कर अंदर बाहर कर रहा था. थोड़ी ही देर मैं उसके अंदर बाहर लिंग करने के बाद मुझे कुछ राहत मिली ही थी कि उसने अपना बचा हुआ लिंग भी एक धक्के के साथ अंदर कर दिया. मेरी फिर से दर्द के कारण चीख निकल गयी.

वो अपनी मस्ती मे मस्त मेरे मे आराम से धक्के लगा रहा था. थोड़ी ही देर मे उसके धक्के लगाने से मुझे दर्द कुछ कम हुआ. पर मेरा गुस्सा अब भी बरकरार था. मेरी आँखो मे आँसू आ गये थे. दर्द के कारण जिन्हे मैने खून का घूँट समझ कर पी लिया. थोड़ी ही देर मे उसने अपने धक्को की रफ़्तार तेज कर दी.. जैसे जैसे उसकी रफ़्तार तेज होती गयी मुझे भी मज़ा आने लगा. और मज़े मे होने के कारण मैं उसे और तेज़ी के साथ धक्के लगाने को बोलने लगी..
Reply
09-17-2018, 01:59 PM,
#47
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
उसने जब देखा कि मैं भी अब मज़े मे आ गयी हू तो उसने अपनी पकड़ मेरे उपर ढीली कर दी और अपने दोनो हाथो से मेरे नितंबो को दबा दबा कर सहलाते हुए धक्के लगाने लगा. जिस से मुझे और भी ज़्यादा मज़ा आने लगा.. वो जिस रफ़्तार से तेज़ी के साथ धक्के लगा रहा था उस से हम दोनो की ही साँसे फूल गयी थी. थोड़ी ही देर बाद उसके लिंग ने मेरी गुदा मे अपना सारा लावा उगल दिया.

उस का वीर्य मेरी गुदा से निकल कर मेरी जाँघो पर आने लगा था. वो अब भी मुझसे वैसे ही चिपका हुआ था. जोश का वो तूफान जब थमा और उसके थोड़ी देर बाद जब मुझे होश आया कि मैं ये सब क्या कर रही हू. मैने फॉरन उसे अपने उपर से धक्का देकर दूर किया.

वो मुझसे दूर खड़े हो कर मुस्कुरा रहा था. और उस समय उसकी वो हँसी मुझे किसी दुश्मन की जीत हासिल करने वाली हँसी से कम नही लग रही थी. मैने टेबल से जल्दी से अपने कपड़े उठाए और उन्हे पहनने लगी इस से पहले कि वो कुछ और हरकत करता, मैने अपने कपड़े जल्दी से पहन लिए. कपड़े पहनते के साथ ही मैं उस से बोली कि “अब अपने मोबाइल से चुप-चाप मेरी फोटो डेलीट करो.”

“हहे… कॉन सी फोटो भाभी जी मेरे मोबाइल मे तो कोई फोटो नही है” उसने वैसे ही अपने दाँत फाड़ते हुए कहा.

इस बार उसकी बात सुन कर मुझे बोहोत तेज गुस्सा आ गया. “देख देहाती सीधे तरीके से अपपने मोबाइल से मेरी फोटो डेलीट कर दे वरना अच्छा नही होगा”

“भाभी मैं आप से झूठ कैसे बोल सकता हू आप ने तो अभी अभी अपनी गांद मरवा कर मुझे वो तोहफा दिया दिया है की उसके बदले आप जो चाहे वो माँग सकते हो मुझसे एक मिनट रूको..” बोल कर वापस अपने बेड की तरफ मूड गया. और अपने बॅग मे कुछ ढूँढने लग गया. उसकी बात सुन कर मैं अपने आप को एक दम ठगा सा महसूस कर रही थी. कि किस तरह से उस देहाती ने मुझे बना कर मेरे साथ…

उसने अपने बॅग मे से एक बॉक्स सा निकाला और उसे खोल कर मेरे करीब आ कर मुझसे बोला..”आज आप को मैने पूरी तरह से औरत बना दिया है. मनीष भैया से आप की शादी ज़रूर हुई थी पर एक लड़की को औरत बनाने के लिए पति को उसकी चूत के साथ-साथ गांद भी मारनी होती है. अब मनीष भैया ने आप की चूत मार कर आप को आधी औरत तो बना दिया पर आप की गांद छ्चोड़ दी थी. पर आज आप की गांद मार कर मैने आप को पूरी औरत बना दिया. मेरे लंड ने तुम्हारी गांद पर अपनी मोहर लगा दी है. ये देखो तुम्हारा खून.” जैसे ही उसने खून बोल कर इशारे से मुझे ज़मीन पर देखने को कहा तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी. ज़मीन पर सच मे खून के निशान बन गये थे. “तुम्हारी गांद मार कर तुम्हे औरत बनाने के हिसाब से मैं तुम्हारा पति हुआ इस लिए अपने इस पति की तरफ से ये लो…” बोल कर उसने उस बॉक्स मे से सोने की एक चैन मेरी तरफ बढ़ा दी.

एक तो मैं पहले से ही गुस्से मे थी उपर से अपना खून और उसकी इस हरकत से मैं और भी ज़्यादा गुस्सा मे आ गयी.. “शकल देखी है अपनी आयने मे. कह कर मैने उसके बढ़ाए हुए हाथ को झटक दिया जिस वजह से वो चैन उसके हाथ से झटक कर दूर जा गिरी. “अपनी ये बेकार की बकवास अपने ही पास रखो समझे कि नही. मुझे अच्छे से पता है कि तुमने अपने मोबाइल मे मेरी फोटो खींची है अब सीधी तरह से अपने मोबाइल से मेरी फोटो डेलीट कर दो..”

“सच कह रहा हू भाभी मैने आप की कोई फोटो नही खींची है. मैने तो आप से वैसे ही कहा था कि मैने आप की फोटो मोबाइल मे ले ली है पर सच मे भाभी अब से पहले मैने आप की फोटो नही ली थी.” कहते हुए वो उसने उस गिरी हुई चैन को उठाया और मुस्कुराने लगा.

“अब से पहले…” उसकी बात सुन कर मैं बुरी तरह से चौंक गयी.. “क्या मतलब है तुम्हारा… ?”

“वही जो तुम ने समझा है भाभी..” कह कर वो फिर से अपनी बत्तीसी दिखाने लग गया. “आप के यहाँ पर आने से लेकर आप के ये मेक्शी पहन ने तक की सारी फिल्म बना ली है मैने.” कह कर उसने अपने हाथ मे लगे मोबाइल को चालू कर दिया. उस मोबाइल मे सच मे उसने इस पूरे सीन को रेकॉर्ड कर लिया था. जिसमे मैने अपने हाथो से ही अपने कपड़े उतारे थे.

******************************
वर्तमान मे............................
“क्या हुआ भाभी कहाँ खो गयी.. आज भी वो फिल्म मेरे पास रखी हुई है आप की निशानी के रूप मे सोचो कि अगर वो फिल्म गाँव मे किसी ने देख ली तो.. बाबू जी तो किसी को मुँह दिखाने लायक नही रहेगे कि उनकी पढ़ी लिखी बहू…” उसने अपनी बात अधूरी छ्चोड़ दी क्यूकी उसकी पूरी बात का मतलब सॉफ था.

“देखो तुम ऐसा कुछ नही करोगे..” मैने घबराते हुए उस से कहा.

“तो भाभी उस रात जैसे आप पूरी नंगी हो कर अपनी जवानी का जलवा दिखाए थे वैसे ही आज भी दिखा दो..”

उसकी बात सुन कर मैं एक दम शरम से पानी पानी हो गयी. पर इस समय वो मुझसे जिस तरह की बात कह रहा था वो मेरे लिए नामुमकिन था और दूसरा मुझे अंदर कॉन है ये जान ने की उत्सुकता ज़्यादा थी. “देखो उस रात जो हुआ सो हुआ उस रात की बात अब दोबारा करने की कोई ज़रूरत नही है. और मुझे ये बताओ कि सुजाता के साथ अंदर कॉन है..”

वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराया और कुछ सोचते हुए मेरे पास आ कर बोला कि “मैं क्या बताऊ.. आप मेरे साथ आ जाओ मैं आप को सब दिखा देता हू. इधर से कुछ भी नही दिखाई देगा आप को सब कुछ साफ़ साफ़ दिखाता हू.. हहे” बोल कर उसने अपने दाँत फाड़ दिए.
क्रमशः................
Reply
09-17-2018, 02:00 PM,
#48
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
तड़पति जवानी-पार्ट-16

गतान्क से आगे.........
मुझे जान ने की उत्सुकता ज़्यादा थी कि कॉन है अंदर इस लिए मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया और उसके पीछे पीछे चलने लग गयी. वो उस तरफ से घूम कर मुझे दीवार की दूसरी तरफ ले आया. वहाँ एक दम घुप अंधेरा था और दूसरा कंडे बोहोत सारे रखे हुए थे. जिसकी बदबू बोहोत आ रही थी. पर अंदर कॉन है जान ने की उत्सुकता के कारण मैं वो सब सहन कर रही थी.

“भाभी जी इधर से आ जाओ और चुप रहना अगर कुछ देखना है तो.” बोल कर उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने पास बुला लिया. कंडे इधर उधर बिखरे पड़े हुए थे जिस वजह से मुझे चलने मे काफ़ी दिक्कत हो रही थी. इस लिए उस समय मैने उसका हाथ पकड़ने मे ही भलाई समझी.. उसका हाथ पकड़ कर मैं वहाँ आ तो गयी पर वहाँ खड़े होने की जगह बोहोत कम थी. जगह इतनी कम थी कि हम दोनो मुस्किल से खड़े हो पा रहे थे.

“ये कहाँ ले आए हो यहाँ पर खड़े होने की जगह भी है.” मैने गुस्से से झल्लाते हुए उस से कहा.

“श्ह्ह्ह आवाज़ मत करो.. और आप यहाँ पर आ जाओ यहा से देखो आप को सब दिखाई देगा.” कह कर उसने मुझे अपने आगे की तरफ खड़ा कर दिया और दीवार से अंदर की तरफ देखने को कहा.

मैं उसके आगे की तरफ हो गयी थी और जगह ना होने के कारण वो मुझसे पूरी तरह से चिपक गया था. एक तो गर्मी पड़ रही थी दूसरा मैने इतने टाइट कपड़े पहने हुए थे और अब ये मुझसे चिपक गया था. मैं बोहोत बुरी तरह से खिसिया रही थी पर उस से कुछ कह भी नही सकती थी कही वो मेरी बात का बुरा मान कर उस रात वाली वीडियो को किसी को दिखा ना दे ये सोच कर मैने उस वक़्त चुप रहना ही ठीक समझा. और चुप चाप अंदर की तरफ देखने लग गयी.

“अरे वाह… क्या बात है आज तो तुम पूरी तरह से मुझ पर मेहरबान हो. क्या बात है.? चल जल्दी से अपने दोनो हाथ उपर की तरफ कर ले अभी तेरा कुर्ता उपर करके उतारता हू. देखु तो सही कि तेरे संतरे कैसे है. हहहे” अंदर से आती हुई आवाज़ थोड़ा गूँज रही थी जिसकी वजह से सॉफ तरह से समझ मे नही आ रही थी पर आवाज़ सुन कर लग रहा था कि किसी बोहोत ही करीब वाले की आवाज़ है. लड़के की पीठ मेरी तरफ थी जिस वजह से उसकी शक्ल देखाई नही दे रही थी पर वो जिस तरह से सुजाता से चिपका हुआ था. साफ पता चल रहा था कि दोनो एक दूसरे को किस कर रहे है.

मैं अंदर देख ही रही थी कि मुझे मेरे नितंब पर अमित के लिंग का दवाब महसूस हुआ जिस वजह से मैं थोडा सा आगे की तरफ हो गयी. मैने उसकी तरफ पलट कर देखा तो वो मुस्कुरा रहा था. “उधर देखो ना भाभी जी इधर मेरी तरफ क्या देख रहे हो.हहहे”

मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया. और वापस अंदर की तरफ देखने लग गयी.

मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया. और वापस अंदर की तरफ देखने लग गयी. वो लड़का उसकी सलवार उतार रहा था. उसने सुजाता की सलवार उपर करके उतार दी और उसे वही एक तरफ फेंक दिया. “बोहोत तडपया है मेरी जान तेरे इन दोनो रस भरे सन्तरो ने आज तो इनका स्वाद ले कर ही रहुगा” कह कर उसने अपने दोनो हाथ से सुजाता के उभार ब्रा के उपर से ही पकड़ कर दबाने शुरू कर दिए.

“आहह… उउई मा हल्के से दबाइए ना आहह…. दर्द हो रहा है. “ सुजाता अपनी आँखे बंद करते हुए दर्द भरे भाव चेहरे पर लाते हुए बोली. इधर मुझे फिर से अपने नितंबो पर अमित का लिंग दबता हुआ महसूस हुआ.

“ठीक से खड़े नही हो सकते हो तुम.. ये बार बार चिपक क्यू रहे हो ?” मैने बोहोत धीमी सी आवाज़ मे उस पर गुस्सा करते हुए कहा.

“सही तो खड़ा हू.. वो पीछे की तरफ सही से खड़ा नही हो रहा हू. सामने देखो भाभी सुजाता की ब्रा भी उतर रही है..हहे”

मैं फिर से थोड़ा सा और आगे की तरफ हो गयी और वापस अंदर की तरफ देखने लग गयी. उस ने अब सुजाता की ब्रा भी उतार दी थी जिस वजह से सुजाता के दोनो उरोज निकल कर हवा मे झूलने लग गये.

“अरे वह तेरे दोनो संतरे तो सच मे मस्त है. ला इन्हे चुस्के देखु कि कैसे है इनका स्वाद” कह कर उसने अपना मुँह सुजाता के उभरो पर टिका दिया. वो एक उरोज को मुँह मे लेकर चूस रहा था और दूसरे को अपने एक हाथ से दबा रहा था. और सुजाता अपनी दोनो आँखे बंद कर के उसके साथ उरोज चुसवाने का मज़ा लेने लगी.

“आहह प्लज़्ज़्ज़ काटो मत निशान पड़ जाएगे वहाँ पर.. उउउइइ मा…. क्या कर रहे हो” सुजाता ने अपने नचले होंठ को अपने दाँत से दबा कर सिसकारी निकालते हुए बोला.

मैं वहाँ से ये सब देख रही थी पर मेरी खुद की हालत ये सब देख कर खराब हो गयी थी मेरा पूरा गला सुख गया था और साँसे तेज़ी के साथ चलने लग गयी थी. उस पर अमित फिर से आगे की तरफ हो गया था इस बार तो उसकी हिम्मत और ज़्यादा बढ़ गयी थी उसने मेरी कमर पर हाथ फिराना शुरू कर दिया था.

एक तो गर्मी उपर से टाइट कपड़े और फिर यहाँ ज़रा सी जगह मे खड़े होना उस पर ये सब देखना मेरी हालत बोहोत ज़्यादा खराब हो गयी थी. और इस अमित के हाथ लगते ही और भी ज़्यादा मेरी योनि जो पहले हल्के हल्के रिस रही थी अब और भी तेज़ी के साथ उसने बहना शुरू कर दिया. अमित के हाथ जिस तरह मेरी कमर पर चल रहे थे मैं एक बार को तो खोती चली गयी इस नशे मे.. पर अगले ही पल मुझे होश आया और मैने उसके दोनो हाथ झटक कर दूर कर दिए.
Reply
09-17-2018, 02:00 PM,
#49
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
मैं उस से कुछ कहती इस से पहले ही अंदर से उस लड़के की आवाज़ जो मुझे काफ़ी परेशान कर रही थी वो समझ मे आ गयी और अगले ही पल उसका चेहरा भी दिख गया. ये मेरा देवर विकास था. जो सुजाता के साथ था. मैने एक नज़र सामने देखा और पलट कर वापस अमित की तरफ देखा वो मेरे चेहरे पर हेरनी के भाव देख कर मुस्कुरा रहा था. “ये…. ये तो विकास है ये सुजाता के साथ क्या कर रहा है..” मैने हैरान होते हुए उस से पूछा.

“तो आप को क्या लगा था कि कॉन होगा.. अपने विकास भाई का मन आ गया था इस सुजाता पर कयि दिनो से बोल रहे थे कि कोई जुगाड़ करवा कर इसकी चूत दिलवा दे” उसने मुस्कुराते हुए कहा.

विकास को देख कर मेरा दिमाग़ खराब हो गया था. मुझे लगा था कि कोई और होगा पर विकास होगा ये मैने कभी नही सोचा था.

“ले पकड़ ना ऐसे क्या शर्मा रही है.. रोज़ तो मेरा देखती थी पीनू की छत पर आ कर नहा ते हुए जब मैं अंडरवेर बदल रहा होता था अब जब तेरे सामने है तो शर्मा रही है.. ले पकड़ कर देख तेरा ही है.. पकड़ ना..” अंदर से आती हुई आवाज़ ने फिर से मेरा ध्यान वही की तरफ कर दिया मैने अंदर देखा तो विकास ने अपनी पॅंट उतार दी थी और अपना लिंग सुजाता के हाथ मे पकड़ा रहा था. विकास का लिंग भी अमित के भीमकाय लिंग जैसा ही था. अमित का लिंग जहाँ एक दम सीधा था वही विकास का लिंग थोड़ा टेडा था.

सुजाता ने विकास के लिंग को देख कर हैरान होते हुए कहा. “ये तो बोहोत बड़ा है.”

“अरे मेरी रानी बड़ा है पर तेरा है और बड़े लंड से चुदवाने का जो मज़ा है वो तो अलग ही है. अब जल्दी से इसे अपने मुँह मे लेकर थोडा गीला कर दे और अपनी सलवार खोल ले.. इस से पहले की कोई आ जाए हमे अपना काम ख़तम कर लेना चाहिए.” कह कर विकास ने उसके कंडे पर हाथ रख कर नीचे की तरफ बैठा दिया.

मुझे तो यकीन ही नही हो रहा था कि विकास इस तरह की कोई भी हरकत कर सकता है. क्यूकी जिस तरह से वो रहता था और बात करता था उससे कभी ऐसा महसूस नही हुआ कि वो इस तरह की भी हरकत कर सकता है और अब तो इसकी शादी हो रही है और ये यहाँ पर सुजाता के साथ.. किसी ने देख लिया तो कितनी बदनामी होगी हमारी.. मैं अभी सोच ही रही थी कि अमित का हाथ अब धीरे धीरे करके मेरे पेट के उपर घूमने लग गया. मैं वापस उसकी तरफ गुस्से से पलटी पर वो तो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराए जा रहा था. उसको मुस्कुराता हुआ देख कर मेरा खून जला जा रहा था.

“अपनी औकात मे रहो और खबरदार जो अब की बार मुझे छूने की कोसिस भी की तो” मैने उसकी तरफ गुस्से से देखते हुए कहा. उसकी तरफ गुस्से से पलटी पर वो तो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराए जा रहा था. 

“क्या हुआ भाबी उस रात तो आप कैसे मज़े ले रही थी मेरे छुने से.. अब फिर से इतने भाव क्यू खा रही हो?” उसने फिर से अपने दाँत फाड़ते हुए कहा.

“शकल देखी है अपनी कभी.. सुबह ब्रश किया था क्या दांतो पर.... आक्च्युयली क्या है कि दांतो का पीला पन ओर बदबू यहाँ तक आ रही है..इसलिए फॉरन मुँह बंद करो नहीं तो एक ही घूँसे मे पूरे दाँत बाहर निकाल दुगी.” मैने गुस्से से कहते हुए वापस उसके हाथ जो मेरे पेट पर चल रहे थे उन्हे दूर झटक दिया.
Reply
09-17-2018, 02:00 PM,
#50
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
मैं अभी खड़ी ही हुई थी कि नीचे से मनीष की आवाज़ आती हुई सुनाई दी वो भी शायद छत पर ही आ रहे थे. मेरा तो दिल ही बैठा जा रहा था पता नही क्या होगा. पर अमित को तो जैसे इस से कोई फरक ही नही था वो अपनी ही धुन मे मस्त बत्तीसी फाड़ते हुए बोला..

“भाभी अब भी आप के वो मज़े लेने वाली यादे मेरे पास है.. आप यकीन नही करोगे कि ऐसी कोई रात नही है आप के घर से वापस आने के बाद जब मैने आप को ना देखा हो. और आज भी आप को याद ही कर रहा था कि आप सच मे आ गयी.”

वो जो बोल रहा था उस समय उस से ज़्यादा मुझे नीचे से उपर की तरफ आते हुए मनीष की चिंता हो रही थी मेरा दिल बार बार इस बात को लेकर बैठा जा रहा था कि मनीष मुझे ढूँढते हुए तो नही आ रहे है.? कही किसी ने मुझे छत पर आते हुए तो नही देख लिया था और मनीष को बता दिया हो कि मैं छत पर ही हू… हाय राम……. क्या करू मैं…. अगर मनीष ने मुझे यहाँ इस हालत मे देख लिया तो… नही… मेरा दिल बुरी तरह से घबरा रहा था और इधर ये अमित मुझे चैन नही लेने दे रहा था. मेरी हालत इस समय बोहोत बुरी तरह से खराब होती जा रही थी डर के मारे मेरा पूरा चेहरा पसीने से भीगा जा रहा था.

“ढंग से चूस ना पूरा मुँह मे ले कर इतनी हड़बड़ा क्यू रही है ?” अंदर से आती हुई आवाज़ ने फिर से मेरा ध्यान उस तरफ खींच लिया. विकास ने अपनी पेंट के साथ अपनी शर्ट भी उतार दी थी और सुजाता के सर पर हाथ रख कर उसके सर को अपने लिंग पर दबा रहा था.

अब मुझे विकास की भी चिंता होने लगी की कही मनीष ने विकास को देख लिया तो.. विकास मनीष की बोहोत इज़्ज़त करता था और मनीष भी उसे बोहोत प्यार करते थे पर अगर मनीष ने उसे इस तरह देख लिया तो.. एक बार को तो मेरा मन किया कि मैं आवाज़ लगा कर विकास को बता दू की मनीष आ रहे है पर फिर मैने अपने आप को समझाते हुए चुप ही रहने का फ़ैसला किया और मन ही मन मनीष के वापस नीचे जाने की दुआ माँगने लग गयी. थोड़ी ही देर मे मनीष भी छत पर ही आ गये वो शायद किसी से फ़ोन पर बात कर रहे थे.

उन्हे छत पर फ़ोन पर बात करते हुए देख कर मैने राहत की एक साँस ली पर जिस तरह से वो छत पर टहल रहे थे उसे देख कर तो मेरी हालत और भी ज़्यादा खराब होती जा रही थी बार बार मेरा दिल ये सोच कर घबरा रहा था कि कही मनीष इस तरफ ना आ जाए.. मैं अभी सोच ही रही थी कि अमित ने फिर से अपनी लिंग को मेरे नितंब पर दबाना शुरू कर दिया. मैं पूरी तरह से दीवार से सॅट कर खड़ी थी अगर थोड़ा और आगे की तरफ होती तो जो कंडे रखे हुए थे वो विकास की तरफ गिरना शुरू हो जाते और अगर अमित को कुछ करने से रोकती तो मेरी आवाज़ सुन कर मनीष वहाँ आ जाते इस लिए मैने खामोश रहना ही ठीक समझा..

वो अपने लिंग का दवाब मेरे नितंब पर बढ़ाए चला जा रहा था. जिस वजह से मेरी हालत और भी ज़्यादा खराब होती जा रही थी. इधर आँखो के सामने सुजाता विकास के लिंग को मुँह मे लेकर आराम से चूसे जा रही थी. और विकास उसके सर पर हाथ फिरा कर उसे और और तेज़ी के साथ लिंग चूसने का इशारा कर रहा था.
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,487,379 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,885 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,226,340 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 927,500 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,646,002 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,073,921 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,939,603 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,019,291 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,017,861 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,596 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)