Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
09-17-2018, 02:10 PM,
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
तड़पति जवानी-34

पूरी कार मे एक अजीब ही तरह की खामोशी फैली हुई थी. कार अपनी रफ़्तार से सड़क पर दौड़े जा रही थी और खामोशी वैसे ही बरकरार बनी हुई थी. मैं अमित से बात करना चाह रही थी कि जो कुछ भी संजय के घर पर हुआ. उसमे मेरी कोई भी ग़लती नही है. पर समझ नही आ रहा था कि बात कहाँ से शुरू करी जाए. क्यूकी अगर उसने मुझसे पूछा कि मैं संजय के घर पर क्यू गयी थी तो मुझे मुकेश वाला पूरा किस्सा बताना पड़ेगा जो मैं नही सुनाना चाहती थी. लेकिन उसकी आँखो मे अपने लिए गुस्सा मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा था.

“अमित..!!” मैने बहुत झिझकते हुए लहजे मे कहा. उसने मेरी बात का जवाब देने की जगह पर मुझे और भी ज़्यादा गुस्से से मेरी तरफ देखा. 

“देखो अमित मेरी कोई ग़लती नही” मैने गाड़ी चलाते हुए उसकी तरफ देखते हुए कहा. पर वो फिर भी खामोश रहा.

“मैं दिल से तुम्हारा थॅंक्स करना चाहती हू अगर आज तुम सही वक़्त पर नही आते तो मैं….” मैने अपनी बात अधूरी छोड़ कर उसकी तरफ अपनी भीग चुकी पलके ले कर देखते हुए कहा.

“थॅंक्स कहना चाहती हो या गाली देना चाहती हो ? मैने तुम्हारा खेल बीच मे ही आकर खराब कर दिया.” उसने अपनी जहर उगलती हुई आँखो से मेरी तरफ देखते हुए कहा.

“तुम समझ नही रहे हो अमित.. उन दोनो ने मुझे बहुत चालाकी से अपने जाल मे फँसा लिया था.” मैने उसे समझाते हुए कहा.

“उन कल के लौन्डो ने तुम्हे फँसा लिया और तुम फँस गयी. सीधे सीधे क्यू नही बोल रही हो कि तुम्हे उन दोनो से चुदवाना था” उसने मेरी तरफ गुस्से बोल कर अपना मुँह दूसरी तरफ फेर लिया.

“ऐसी कोई बात नही है अमित तुम मुझे ग़लत समझ रहे हो.”

“ग़लत नही बहुत अच्छी तरह से समझ गया हू मैं तुम्हे” उसने मेरी बात को बीच मे काट ते हुए कहा. उसकी आँखो मे अचानक अपने लिए इतनी नफ़रत देख कर मुझे बहुत गिल्टी फील हो रही थी.

कैसे समझाऊ इसे कि जो कुछ भी मेरे साथ हुआ वो सब कब हुआ कैसे हुआ क्यू हुआ मुझे खुद नही पता है. मैं अपनी सोच मे डूबी हुई कार चला ही रही थी कि अचानक से कार चलते चलते बंद हो गयी. एक तो मैं वैसे ही परेशान थी उस पर ये कार का इस तरह से बंद हो जाना. मैं बुरी तरह से घबरा गयी थी. एक तो मैं संजय के घर जाने के चक्कर मे पहले ही लेट हो गयी थी उस पर अब ये कार का यूँ अचानक खराब हो जाना. किसी ने सच ही कहा है जब इंसान का बुरा टाइम आता है तो वो चाहे जितना भी अच्छा करने की सोचे उसके साथ सब बुरा ही होता है. 

मैने कार से उतर कर अमित की तरफ देखा उसकी आँखो मे मेरे लिए अब भी नफ़रत भरी हुई थी. 

“अमित ये कार पता नही अचानक चलते चलते बंद हो गयी है. और मुझे तुरंत स्टेशन जाना है. यहाँ से स्टेशन तक जाने मे करीब 1 घंटा लग जाएगा. और शाम भी हो रही है.” मैने कार की तरफ देखा और फिर एक नज़र अमित की तरफ उसकी आँखो मे मेरे लिए वैसा ही गुस्सा अब भी बरकरार था. जैसे तैसे करके हम ने धक्का लग कर कार को रोड के एक साइड मे किया. 

शाम पूरी तरह से फैल चुकी थी और रोड पर हल्का हल्का अंधेरा छाने लग गया था. कुछ समझ मे नही आ रहा था कि क्या किया जाए. मैं अभी सोच ही रही थी कि क्या करूँ क्या ना करूँ. मेरे पर्स मे रखा फ़ोन बजने लग गया. मैने फ़ोन निकाल कर नंबर देखा तो मनीष का कॉल था. मैने तुरंत कॉल रिसिव किया. 

“हेलो क्या हुआ ? मिश्रा जी को रिसिव कर लिया ?” मनीष ने दूसरी तरफ से फ़ोन पर पूछा.

“जी वो… कार बीच रास्ते मे ही खराब हो गयी है. कुछ समझ मे नही आ रहा है कि क्या दिक्कत है.” मैने अपनी परेशानी फ़ोन पर मनीष को बताते हुए कहा.

“क्या यार तुम से पहले ही कहा था कि निकल जाओ…. तुम पता नही किस दिमाग़ मे रहती हो. अब एक काम करो कहाँ पर हो तुम ?” मनीष ने फ़ोन पर गुस्सा करते हुए कहा. मनीष जब से गाँव मे आए थे उनके बिहेवियर मे चेंज आ गया था वो अक्सर ही मुझ पर गुस्सा कर लग गये थे.

“जी पता नही” मेरी समझ मे नही आ रहा था कि मैं इस समय कहाँ पर हू पर इतना पता था कि यहाँ से करीब 1 घंटे का रास्ता है स्टेशन के लिए. मैने उन्हे पूरी बात बताने ही वाली की थी कि उन्होने बीच मे ही फ़ोन पर मेरी बात को काटते हुए कहा कि 

“पीनू तुम्हारे साथ ही है उसको फ़ोन दो.” मैने मनीष की बात सुन कर तुरंत फ़ोन अमित की तरफ बढ़ा दिया. उन दोनो मे थोड़ी देर बात चीत हुई. फिर अमित ने फ़ोन मेरी तरफ कर दिया.

“देखो पीनू कार को किसी ना किसी तरह से सही करवा कर ले आएगा तुम उसे कार की चाबी दे कर वहाँ से पीनू के साथ थोड़ी ही दूर से बस जाती है. तुम किसी भी बस मे बैठ कर स्टेशन के लिए निकल जाओ.” मनीष ने कहा तो मैने हाँ मे उनकी बात का जवाब दिया. कार को लॉक करके मैने अमित की तरफ चाबी को बढ़ा दिया. उसने चाभी ले तो ली पर उसकी आँखो मे मेरे लिए अब भी वैसा ही गुस्सा बरकरार था. 

चाबी ले कर हम दोनो सड़क पर जहाँ से बस जाती थी वहाँ तक आ जाते है. वहाँ पर हम दोनो ही चुप चाप खड़े हो कर बस का इंतजार कर रहे होते है... तभी मेरी नज़र मेरे सामने ही खड़े हुए एक आदमी पे जाती है जो कि कॉन्स्टेंट्ली मुझे घूर रहा होता है. ही लुक्स ड्रंक आंड कोई गाओं का ही आदमी लग रहा था. थोड़ा बुड्ढ़ा टाइप था. वो बार बार मुझे देखके अपनी जीभ निकालता और अपने मुँह पर फिराने लग जाता. गेट्स अनाय्ड. बट मैं कुछ नही बोलती अमित अब भी मुझसे वैसे ही नाराज़ मेरे बगल मे खड़ा हुआ था. मुझे बहुत ज़ोर की प्यास लग रही थी और मैं पानी की बोतल भी नही लाई थी. 

“अमित मैं अभी सामने दुकान से पानी की बोतल ले कर आती हू.” मैने कहा और अपना पर्स ले कर सामने दुकान की तरफ जाने लगी तो उसने मुझे वही खड़े रहने का इशारा किया और खुद पानी लेने के लिए चला गया. अमित के मेरे पास पास से हट ते ही वो आदमी मौका देखके मेरे बगल मे आके अपनी जीभ निकालके खड़ा हो जाता है. और अपनी लूँगी के उपर से ही अपने लिंग को सहलाता है. उसकी इस हरकत को देख कर मैने बुरा सा मुँह बनाया और दूसरी तरफ मूड गयी. 

मेरे इस तरह से उसकी तरफ पीठ कर लेने से वो आदमी अपना आपा खो देता है आंड अचानक पीछे से आ कर मेरा हाथ पकड़ लेता है. उसने मुझे पीछे से पूरी तरह से अपनी बाहो मे जाकड़ लिया था जिस वजह से उसका लिंग मुझे मेरे नितंबो पर गढ़ता हुआ सॉफ महसूस हो रहा था.

मैं उसकी हरकत पर गुस्से से चिल्ला कर उसे अपने से झटक कर अलग कर देती हू. मेरी आवाज़ सुन कर दुकान से पानी की बोतल कर दौड़ता हुआ मेरे पास आ जाता है और उस अददमी को खूब पीटता है. वो उस आदमी को मार कर अपना सारा गुस्सा उस पर निकाल रहा था. मेरी आवाज़ सुन कर बाकी लोग भी जो वहाँ खड़े हुए थे जमा हो जाते है आंड स्टार्ट बीटिंग दट ओल्ड मॅन. बुड्ढ़ा बुरी तरह से ज़मीन पर गिर जाता है...आंड अमित फोर्सस हिम टू अपॉलॉजाइज़ टू मी. अमित उस से मेरे पैर छू कर मुझसे माफी माँगने को कहता है.. वो मेरे पैरों में गिर के माफी माँगता है. मैं अमित का इस तरह मेरे लिए उस आदमी को मारने से काफ़ी खुश हो गयी उसकी बहादुरी देख कर तो मुझे और भी ज़्यादा खुशी हो रही थी.

मैने इस मौके का फ़ायदा उठना चाहा और अमित की तरफ देख कर बोली “क्या अब भी तुम ये कहोगे कि ये सब मैने अपनी मर्ज़ी से किया है.” मैने अमित से बात करते हुए अपना चेहरा एक दम मासूम वाला बना लिया था. “जिस तरह इस ने मेरे साथ किया ठीक उन दोनो लड़को ने भी मेरे साथ वैसा ही किया. मैं तो मम्मी ने जो काम बताया था वो काम करने जा रही थी और तभी संजय ने मुझे उसकी हेल्प करने की रिक्वेस्ट की छोटा बच्चा समझ कर मैने उसकी हेल्प करनी चाही पर मुझे नही पता था कि वो मेरे साथ ऐसा कुछ करेगा” ये बोलते बोलते ना जाने मुझे क्या हुआ और मेरी आँखो मे अपने आप आँसू आ गये.

“भाभी मुझे माफ़ कर दो. मैं ये भूल गया था कि तुम उपर वाले का बनाया हुआ वो नायाब हीरा हो जिसे हर कोई अपना बनाना चाहता है. मुझे तुम्हारी बहुत चिंता हो रही है तुम इस तरह अकेले बस मे जाओगी. मुझे ठीक नही लग रहा है. कहो तो मैं चलता हू तुम्हारे साथ” अमित ने एक ही पल मे अपना गुस्सा पूरा का पूरा भुला दिया.

“रेलेक्स अमित मुझे नही लगता है कि अब कोई भी मुझे छेड़ने की ज़रा भी सोचेगा” ये बोल कर हम दोनो हँसने लग जाते है. थोड़ी ही देर मैं बस आ जाती है और मैं बस मे बैठ जाती हू. बस बिल्कुल खाली सी ही थी एक दो सवारिया ही बैठी थी बस मे इस लिए मैं बस मे विंडो की तरफ जा कर बैठ जाती हू. थोड़ी ही देर मे बस चालू हो जाती है और ठंडी ठंडी हवा चेहरे पर महसूस होते ही मैं उस पल मे आँखे बंद कर उसे महसूस करने लग जाती हू. जैसे ही मेरी आँख खुलती है तो वो बुड्ढ़ा मेरे बगल मे बैठा हुआ था.
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इससे पहले मैं कुछ बोलती..वो आदमी हाथ जोड़के हुए बोलता है “ देखो शोर मत मचाना मैं तुम्हे कुछ नही करूगा” 

उसे अपने बराबर से बैठा देख कर मैं गुस्से मे उस पर बुरी तरह से चीखते हुए बोली “तेरी हिम्मत कैसे हुई ख़ूसट बुड्ढे मेरी बगल मे बैठने की. भूल गया तू अभी तेरा क्या हाल हुआ था. इतने जूते खाने के बाद भी तुझे शरम नही आई जो फिर से पिटने के लिए चला आया मेरे पीछे पीछे.” 

“मेरी कोई ग़लती नही है.. तुम हो ही इतनी सुंदर कि तुम्हे देख कर कोई भी अपना आपा खो दे” बुड्ढे ने अपनी ग़लती मानते हुए कहा. पर मुझे उसकी कोई भी बात पर विश्वास नही था इस लिए मैं उसको बार बार वहाँ से जाने को बोल रही थी. मुझे इस समय जल्दी से जल्दी स्टेशन जाना था जहाँ पर वान्या और उसका पति मेरा वेट कर रहे होगे. और ये बुड्ढ़ा तो मेरे पीछे हाथ धो कर पीछे पड़ने के मूड मे लग रहा था.

“मेरी बात समझने की कोसिस तो करो” बूढ़े ने फिर से गिडगिडाते हुए कहा.

“मुझे तुम्हारी कोई बात नही सुननी है इस से पहले कि मैं शोर मचा कर तुम्हे दोबारा पिटवाऊं… अपनी भलाई चाहते हो तो यहाँ से उठ कर अभी के अभी चले जाओ” मैने गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए कहा.

“मैं सच कहता हू कि मैं कुछ नही करूगा मैं तो बस तुमसे अपने किए की माफी माँगने आया हू. मैं अपने किए पर बहुत शर्मिंदा हू. मुझे पता है कि मुझे तुम्हारे साथ ऐसी हरकत नही करनी चाहिए थी पर मैं क्या करू.” बूढ़ा कहते हुए अचानक से रोने लग गया. उसकी आँखो मे आँसू देख कर मैं हैरान हो गयी समझ मे नही आ रहा था कि क्या कहूँ क्या ना कहूँ. पर वो मेरे सामने बुरी तरह से रोने लग गया जिस से मेरा दिल उसके लिए थोड़ा सा फिघल गया.

“मैं सच मे तुमसे माफी माँगना चाहता हू. उस वक़्त तुम्हे देख कर ना जाने मुझे क्या हो गया था मैं खुद पर काबू नही कर पाया और तुम्हारे साथ वो सब हरकत कर बैठा जो मुझे नही करनी चाहिए थी.” उसकी बात सुन कर और उसकी आँखो मे आँसू देख कर मुझे लगा कि वो सच मे अपनी की गयी ग़लती के लिए शर्मिंदा है और मुझसे माफी माफी माँग रहा है. 

“ठीक है. कोई बात नही है पर आगे से ध्यान रखना मेरे साथ ही नही किसी भी औरत के साथ ऐसी हरकत करने की कोसिस मत करना” मैने उसकी आँखो मे बहते हुए आँसू देख कर उसपर भरोसा करते हुए कहा.

“मेरी बीवी कोई मरे 5 साल से ज़्यादा हो गया है और मेरे पास इतने पैसे भी नही होते है कि कही जा कर अपनी प्यास को भुजा लूँ. जब भी किसी खूबसूरत औरत को देखता हू तो मुझे पता नही क्या हो जाता है मैं खुद पर काबू नही रख पाता हू. मेरा लंड बेकाबू हो जाता है उस वक़्त भी ऐसा ही हुआ था” कहते कहते उसने अपने हाथ को अपने लंड पर रख लिया. 

“ये क्या कर रहे हो तुम फिर से वही हरकत कर रहे हो..” मैने उसकी इस हरकत पर उस पर गुस्सा होते हुए कहा. 

“नही.. नही.. मैं कोई हरकत नही कर रहा हू वो तुम्हारे पास मे बैठा हू तो यही बात सोच कर मेरे लंड ने झटके मारना शुरू कर दिया है और लूँगी पहने होने की वजह से कही बाहर ना आ जाए इस लिए हाथ लगा कर पकड़ लिया है. वरना तुम कही फिर से नाराज़ हो कर मुझे पिटवा ना दो” उसने शर्मिंदगी से भरे हुए लहजे मे कहा. मुझे ना जाने क्यू उसकी बातो मे सच्चाई लग रही थी कि वो सच कह रहा है. पर मेरे मन मे जो सवाल उठ रहा था कि इस बूढ़े का खड़ा भी होता होगा शकल से देखने से तो लग रहा है कि साले का लंड है भी कि नही. 

“तुम्हे इस उमर मे ये सब करने की सुझती कैसे है इस उमर मे तुम्हे सन्यास ले कर कही मंदिर वगेरह पर चले जाना चाहिए और तुम सेक्स के बारे मे सोच रहे हो” मैने एक नज़र उसकी हालत पर डालते हुए कहा

“तुम्हारा कहना सही है पर.. 5 साल से रोके हुए हू. अब बर्दाश्त नही होता है. वैसे मैं ऐसा कभी नही करता हू पर तुम्हारी खूबसूरती देख कर मैं खुद पर काबू नही कर पाया. तुम्हारे जैसे खूबसूरत लड़की मैने आज तक नही देखी” बूढ़े के मुँह से अपनी तारीफ सुन कर मुझे मन ही मन बहुत ख़ुसी हो रही थी. मैने सोचा चलो बूढ़े के साथ थोड़े मज़े लिए जाए. वैसे भी समय तो काटना ही है. देखते है ये क्या कहता है और क्या करता है. 

तभी बूढ़ा बोला “तुम्हे बुरा ना लगे तो मैं अपना हिला लूँ बहुत बुरी तरह से दर्द हो रहा है” उसकी बात सुन कर मैं एक दम दंग रह गयी.

मैने उसे कहा कि “तुम फिर से उसी घटिया हरकतों पर आ गये” उसकी इस हरकत से मुझे बहुत ज़ोर का गुस्सा आ गया. और मैने उसे उल्टा सीधा कहना शुरू कर दिया. “तेरी इतनी हिम्मत बूढ़े की अभी लात घुसे खा कर भी तुझे चैन नही है. अभी तुझे समझाया था कि आगे से सब औरतो की इज़्ज़त करना पर तू गंदी नाली का वो कीड़ा है जिसे गटर ही पसंद है, मैं ग़लती की जो तुझे यहाँ अपने पास बैठने दिया. अब यहाँ से हट जा वरना बस मे शोर मचा कर तुझे दोबारा से इतना पिटवाउंगी की यही तेरा दम निकल जाएगा.” मेरे इतना गुस्सा हो जाने से वो बुरी तरह से डर गया और वहाँ से उठ कर दूसरी सीट पर जा कर बैठ गया. 

उसके जाने के बाद मैने सुकून की एक साँस ली और चुप चाप अपनी आँख बंद करके खिड़की पर सर टिका कर सो गयी. थोड़ी ही देर मे मुझे कंधे पर हाथ महसूस हुआ मैं बुरी तरह चौंक गयी और आँख खोल कर जब देखा तो वो बूढ़ा फिर से मेरे पास आ कर खड़ा हो गया था. मैने उसे दोबारा से डाँट कर भागने ही वाली थी कि वो बोल पड़ा “एक तो तेरे पति ने मुझे इतना पीटा और उपर से बाकी सब लोगो से भी पिटवाया मैने तेरे से माफी भी माँग ली. कुछ तो दया करो मुझ पर मैं बोहोत प्यासा हू. मेरी ग़लती क्या है ? तुम इतनी खूबसूरत हो और तुम्हे देख कर कोई भी अपना आपा खो सकता है. अगर मैने तुम्हारे साथ कुछ कर दिया तो इस मे मेरी कोई ग़लती नही है तुम हो ही इतनी खूबसूरत. वैसे एक बात कहूँ जब तुमने ज़रा भी सोच कर समझ कर शादी नही कि तुम इतनी खूबसूरत हो और तुम्हारा पति..” वो बूढ़ा बिना ब्रेक की गाड़ी के जैसे बोले ही जा रहा था और मेरा दिमाग़ खराब हो रहा था उसकी बात सुन कर मैने उसको बीच मे ही टोकते हुए कहा “बंद करो अपनी ये बकवास और यहाँ से दफ़ा हो जाओ” 

वो मेरी बात सुन कर एक दम खामोश हो गया और भीख माँगने वाली सूरत से मेरी तरफ देखने लग गया. उसे देख कर मैने उस से दोबारा कहा “इस से पहले कि मैं शोर मचाऊ यहा से दफ़ा हो जाओ.” मेरी बात सुन कर उसकी सूरत एक दम रोनी सी हो गयी. “मुझे माफ़ कर दो, मेरा मतलब तुम्हे गुस्सा करने का बिल्कुल भी नही था. पर तुम्हे देख कर मुझे मेरी मरी हुई पत्नी की याद आ गयी” कह कर वो एक दम चुप सा हो गया.
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09-17-2018, 02:11 PM,
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उसकी बात सुन कर मैं थोड़ा चौंक गयी कि मुझे देख कर उसे उसकी बीवी याद आ गयी. उसे देख कर कोई नही कह सकता था कि उस से किसीने शादी भी की होगी.… वो अब भी मेरे पास मे ही खड़ा हुआ था. “मुझे देख कर तुम्हे तुम्हारी बीवी की याद आ गयी मतलब ?” मैने अपनी दिमाग़ मे चल रहे सवाल को उस से पूछ लिया. ये सवाल पूछना ही मेरी सबसे बड़ी ग़लती साबित हुई और बूढ़े के लिए एक गोल्डन चान्स जिसे उसने बोहोत अच्छे से यूज़ किया.

“वो एक दम तुम्हारी तरह ही बोहोत खूबसूरत थी. और मुझसे बोहोत प्यार करती थी. वो उमर मे मुझसे करीब 15 साल छोटी थी. पर बुरा हो इस कॅन्सर नाम की बीमारी का जिसने उसे मुझसे छीन लिया भगवान ना करे कि ये ला-इलाज बीमारी किसी को भी हो. मैने उसका इलाज करवाने के लिए अपना सब कुछ बेच दिया. पर वो नही बची और मुझे छोड़ कर इस दुनिया से चली गयी. आज मेरी जो भी हालत है वो मेरा मेरी बीवी से बे-इंतिहा प्यार करने का नतीजा है. आज से पाँच साल पहले मैं भी तुम्हारी तरह ही अच्छा भला दिखता था और खूब पैसे वाला था..” बोलते बोलते उसकी आँखो मे आँसू आ गये. उसकी आँखो मे आँसू देख कर मुझे उस पर तरस आ गया. और मैने उसे अपने पास बैठने का इशारा कर दिया. मेरा इशारा देख कर उसने एक शरीफ आदमी के जैसे मुझे शुक्रिया कहा. 

“तुम अपनी पत्नी को इतना प्यार करते थे कि उसके लिए तुमने अपना सब कुछ बेच दिया.” मैने फिर से उस से सवाल किया. 

“हां… वो भी तो मुझे बोहोत प्यार करती थी और हमेशा मुझे खुश रखती थी. अपनी बीमारी मे भी उसने जब मुझे देखा कि मैं चुदाई के लिए परेशान हू. उसने मेरी परेशानी को समझते हुए. बीमारी मे भी मुझे खुश रखा.” 

उसकी बात सुन कर मैं एक दम बुरी तरह चौंक गई. समझ नही आ रहा था कि वो क्या कह रहा है और कोई बीमार पत्नी के साथ सेक्स कैसे कर सकता है. “क्या तुमने अपनी बीमार पत्नी के साथ सेक्स किया ये जानते हुए भी कि वो बीमार है.” मैने उस से फिर से सवाल कर दिया. 

बूढ़े ने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर बोला “ नयी नयी शादी हुई थी हमारी और उसकी उमर बिल्कुल तुम्हारे जितनी ही थी और देखने मे भी बिल्कुल तुम्हारी ही तरह लगती थी. और जिस लड़की की नयी नयी शादी होती है वो चुदाई के लिए कितना मचलती है. ये बात तो तुम भी अच्छे से जानती होगी.. तुम भी अपने पति के साथ खूब चुदाई करती होगी” उसकी बात सुन कर मैं शरमा गयी उसकी बात मे सच था. मैं भी मनीष के साथ खूब मज़े करती थी. और वो भी जब मौका मिलता था तब शुरू हो जाते थे. 

“तुम अपनी बीवी को इतना प्यार करते थे और उसके लिए अपना सब कुछ बेच दिया और रोड पर आ गये फिर ये सेक्स के लिए क्यू अपने प्यार को धोका दे रहे हो ? क्यू तुम इतना सेक्स के लिए पागल हो ?” मैने उस से फिर से एक सवाल किया.

“तुम्हारा कहना सही है, पर जिस्म की भूख पेट की भूख से भी ज़्यादा बुरी होती है. और मैं पिछले 5 सालो से इस जिस्म की भूक पर काबू किए हुए हू. लेकिन जैसे ही तुम्हे देखा तुम्हे देख कर मुझे मेरी बीवी की याद आ गयी जो मुझे बोहोत प्यार करती थी. तुम्हारे रूप मे मुझे वो दिखने लगी और मैं जो अब तक खुद पर काबू किए हुए था वो सबर का बाँध टूट गया और तुम्हारे साथ वो हरकत कर बैठा.” बूढ़े ने अपनी बात पूरी करके फिर से मेरी तरफ देखा.

उसकी बात सुन कर मुझे ना जाने क्या हुआ और मैने उस से पूछ लिया “तो तुमने लास्ट टाइम सेक्स 5 साल पहले अपनी बीवी के साथ किया था या कही और ?”

“अपनी बीवी के साथ ही किया था तब से अब तक मौका ही नही मिला है. पैसे भी नही रहे जिस से किसी रंडी के पास चला जाता.” कह कर बूढ़ा मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लग गया. उसका हाथ अब भी उसके लिंग के उपर था.

“मतलब जब से तुमने सेक्स ही नही किया है… बड़ी ताज्जुब की बात है तुम्हारे जैसा इंसान 5 साल तक बिना सेक्स किए रह सकता है. मुझे तो यकीन ही नही हो रहा है जो आदमी मुझे देख कर इस तरह की हरकत कर सकता है वो बिना सेक्स के 5 साल भी रह सकता है.. वैसे लास्ट टाइम क्या कहा था तुम्हारी बीवी ने ? उसने तुम्हे कहा नही कि तुम दूसरी शादी वगेरह या कुछ इस तरह का कर लो..?” मुझे उसकी स्टोरी दिल चस्प लग रही थी. इस लिए मैं मज़े से उस से सवाल पूछे जा रही थी.

“हर रात की तरह उस रात भी मैं अपने बिस्तर पर लेटा हुआ ही था कि थोड़ी ही देर मे मेरी बीवी अपने बिस्तर से उठ कर मेरे बिस्तर की तरफ आ गयी और मुझसे बोली “अजी सुनो….!!!” मैने उठ कर देखा वो मेरे पास ही खड़ी हुई थी उसे अपने पास देख कर मैं परेशान हो गया और उठ कर उसकी तरफ देखने लगा. हम दोनो बिल्कुल दो कदम की दूरी पर आमने सामने खड़े थे. उसे इस तरह अपने सामने पा कर मेरी तो बोलती ही बंद हो गयी थी. उसे सामने देख कर अंदर से एक अजीब ही तरह की ख़ुसी महसूस हो रही थी पर मुझे एक डर भी लग रहा था क्यूकी उसकी आँखो मे जो दिख रहा था वो मैं अच्छे से जानता था.. हम दोनो की निगाहें एक दूसरे से टकराई वो मेरी तरफ एक अजीब ही कातिलाना मुस्कुराहट के साथ देख रही थी उसकी मुस्कुराहट देख कर मैं भी हल्का सा मुस्कुरा दिया. तभी वो मेरे पास एक कदम ऑर बढ़ी उसके इस तरह बढ़ कर मेरे करीब आने से मेरे दिलने जोरो से धड़कना सुरू कर दिया. फिर उसने एक ही झटके मे अपने सरीर से लिपटा हुआ सोल उतार कर मेरे बिस्तर पर फैंक दिया. उसके सोल उतारते ही उसके उरोज मेरे सामने आ गये. सोल के नीचे उसने कुछ नही पहना हुआ था. ये मेरे लिए दूसरा झटका था. उसके उरोज इतनी पास से देख कर मेरे अंडर वेर मे भयंकर हलचल मचने लगी. उसके उरोज जो एक दम दूध के समान गोरे रखे हुए थे. उसपर निप्पलो के नीचे छोटी सी गोलाई थी जो हल्के गुलाबी रंग की थी. फिर उसके निप्पल वो भी गुलाबी रंग के थे. उसके उरोज उसके साँस लेने से हल्के हल्के उपर नीचे हिल रहे थे. मेरी निगाहे तो उसके उरोज से जैसे चिपक सी गई हो वहाँ से हटने का नाम ही नही ले रही थी. 
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09-17-2018, 02:11 PM,
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“मैने उस से कहा कि ये सब ठीक नही है तुम बीमार हो और तुम्हारी बीमारी मे ये सब ठीक नही है” पर उसने मेरी एक नही सुनी और मुझे चुप रहने का इशारा किया.फिर भी मैं हिम्मत करके अपनी नजरो को उसके उरोजो से हटा कर उसके चेहरे पर ले गया उसके चेहरे पर अब भी एक कातिल मुस्कुराहट थी. फिर उसने अपनी नज़रो से मुझे इशारा किया कि मैं उसके उरोजो को चुसू. उसके इस इशारा करने की अदा ने तो मेरी धड़कनो ऑर भड़का दिया. उस रात से पहले हम दोनो के बीच करीब 1 महीने से कुछ भी नही हुआ था. पर उस रात जाने मुझे क्या हुआ था कि मुझे खुद पर काबू रखने की जगह मैं बुरी तरह से उत्तेजित हुआ जा रहा था. मैने उसका इशारा पाते ही अपने मुँह को सीध ले जा कर उसके एक उरोज पर टिका दिया. ऑर उस पर अपनी जीब हल्के हल्के फिराने लगा. मेरे इस तरह जीब फिराने से उसके मुँह से एक हल्की सी आवाज़ आअहह के रूप मे निकल गयी. उसके मुँह से ये सिसकारी सुनकर मैं ऑर भी ज़्यादा उत्तेजित हो गया ऑर अपना एक हाथ को उसके दूसरे उरोज पर गोल-गोल फिराने लगा. अब तो वो ओर ज़ोर-ज़ोर से सिसकारी लेने लगी. आआहह.... आआहह.... उन्न्नह.... फिर मैं अपने मुँह से उसके उरोज के निप्पल के दाने को पकड़ कर चूसने लगा. ऑर दूसरे वाले उरोज के निप्पल को हाथ से पकड़ कर कर मसल्ने लगा. मेरे ऐसे करने से उसके मुँह से हल्की सी चीख निकल गई. आआईयइ..... आआहह.... ऊऊहह.... आआहह....


मैने उसके उरोज को ऑर ज़ोर से चूसना चालू कर दिया. मैने उरोज चूस्ते-चूस्ते ही अपना सिर उठा कर उसके चेहरे की तरफ देखा तो उसकी आँखे बंद थी ऑर माथे पर उत्तेजना के कारण लकीरे गाढ़ी हो कर सॉफ नज़र आ रही थी.
उसके चेहरे पर हर पल उत्तेजना से भरपूर अलग-अलग तरह के भाव दिख रखे थे उसके चेहरे के ये भाव देख कर मैं ऑर भी ज़्यादा उत्तेजित हो गया ऑर अपना मुँह दोबारा उसके एक उरोज पर लगा कर उसे पूरा मुँह मे ले कर पूरे जोरो से चूसने लगा ओर दूसरे उरोज को अपने एक हाथ से ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा मेरे इतनी ज़ोर से उसके उरोज चूसने ओर दबाने से उसके मुँह से हल्की हल्की चीखे निकलने लगी... आऐईइ.... उउउफ़फ्फ़.... न्न्नाआहहिी... आअहह.... उसकी इस तरह की आवाज़ ने मुझे पागल बना दिया था. 

मैने उसके एक उरोज को मुँह मे पकड़े हुए ही उसे अपनी गोदी मे उठा कर अपने बिस्तर पर लिटा दिया ओर उसका एक उरोज मुँह से निकाल दूसरा उरोज मुँह मे ले लिया ऑर उसे भी ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. उसकी हल्की हल्की चीखे अब भी बदस्तूर जारी थी. मैं अपना मुँह उसके उरोज से हटा कर उसके चेहरे को देखने लगा. मेरा मुँह उसके उरोज से हट जाने की वजह से उसने अपनी बंद आँखे खोल दी ओर मेरी तरफ ऐसे सवालिया निशान की तरह देखने लगी कि मैने उसके उरोज चूसने बंद क्यू कर दिए. उसकी आँखे काम वासना के कारण एक दम गुलाबी हो गयी थी. उसके होंठ एक दम तुम्हारे ही जैसे गुलाब की पंखुड़ियो के जैसे गुलाबी रखे हुए थे. मैने अपना हाथ आगे बढ़ाया ऑर अपनी एक उंगली ले कर उसके पूरे चेहरे पर माथे से फिराते हुए उसके गाल से होते हुए उसके गुलाबी होंठो पर रख दी. मेरे इस तरह उंगली फिराने से उसने अपनी आँखे बंद कर ली. फिर मैं कुछ देर इसी तरह पूरे चेहरे पर अपनी उंगली फिराता रहा. 

जब मैने उंगली फिराना बंद किया तो उसने अपनी आँखे दोबारा खोल दी. मैने वही उंगली पहले अपने होंठो पर लगाई ओर फिर उसके होंठो पर. वो मेरे चेहरे को एकटक देखे जा रही थी. मैने फिर अपने दोनो हाथो को उसकी पीठ को पकड़ते हुए उसे भी अपनी तरह बिस्तर पर बैठा दिया. फिर मैने अपने चेहरे को उसके चेहरे के इतने नज़दीक ले गया कि मुझे उसकी ऑर उसे मेरी साँसे सॉफ चेहरे पर महसूस हो. मैने बिना देर किए अपने होंठो को उसके होंठो पर लगा दिया ऑर उसके नीचे वाले होंठ को अपने मुँह मे लेकर पहले हल्के हल्के फिर जोरो से चूसने लगा. उसके होंठ इतने मीठे थे कि कुछ कहने का नही. मैने काफ़ी देर तक उसके होंठो को इसी तरह चूस्ता रहा पहले तो उसने कोई रेस्पोन्स नही दिया पर मेरे लगातार होंठ चूसने से उसने भी होंठ चूसा मे मेरा साथ देना सुरू कर दिया हम दोनो की होंठ चूसा करीब 12-13 मिनट तक चलती रही कभी वो मेरे होंठो को ज़ोर ज़ोर से चुस्ती कभी मे उसके होंठ को ज़ोर ज़ोर से चूस्ता. जब हम दोनो ने होंठ चूसना बंद किया तो दोनो की ही साँसे बोहोत ज़ोर ज़ोर से चल रही थी. मैने जब उसके चेहरे को देखा तो वो मंद मंद मुस्कुरा रही थी.

उसकी मुस्कुराहट देख कर मैं ऑर पागल हो गया ऑर अपने दोनो हाथ से उसके दोनो कंधे पकड़ कर उसके पूरे गले पर जोरो से चूमना चालू कर दिया. उसके गले से हटा तो उसके गालो पर आ गया उसके दोनो गाल आँखे पूरा माथा सब को चूम लिया. जब मैं उसे चूम कर हटा तो उसने भी मुझे मेरे ही अंदाज मे चूमा चालू कर दिया क्या बताऊ जब उसके दहकते हुए होन्ट मेरे चेहरे पर जहाँ जहाँ पड़ते मैं उसके दहकते हुए होंठो का स्पर्श पा कर अंदर से सिहर सा जाता था. जब वो मुझे पूरी तरह चूम कर मुझ से अलग हुई ऑर जब हम दोनो की नजरे एक दूसरे से मिली तो हम दोनो ही मुस्कुरा दिए.

फिर मैने उसे आँखो से ही खड़े होने का इशारा किया ऑर वो तुरंत ही बिस्तर से उतर कर नीचे खड़ी हो गयी. मैं इस समय अपने अंडरवेअर ऑर बनियान मे था ऑर वो सिर्फ़ एक साड़ी मे वो जैसे ही मेरे बगल मे नीचे खड़ी हुई मेरे मुँह से कुछ इंच की दूरी पर उसका पेट था मैने अपने दोनो हाथ उसकी कमर मे डाले ऑर उसे अपने बिल्कुल नज़दीक खींच लिया. मैने जैसे ही अपने मुँह को उसके पेट पर लगाया वो उपर से नीचे तक कंप-कंपा गयी. ओर उसके मुँह से फिर एक हल्की सी आअहह निकल गयी फिर मैने उसके पूरे पेट के उपर चुंबनो की बरसात सी कर दी मेरे इन चुंबनो की बरसात ने उसे हिला कर रख दिया था ऑर वो उत्तेजना के कारण अपने दोनो हाथो को मेरे सिर के बालो मे घुमाने लगी. उसके कंप-कंपा ने से उसके मुँह से हल्की हल्की सिसकियाँ फुट रही थी. आआहह... आआहह.... उउई... आऐईइ.... आआहह.... उम्म्म्ममम....... आआआअहह.........


उसकी सिसकियों की आवाज़ो से मेरे सबर का बाँध टूट ता जा रहा था मैं अपना मुँह उसकी नाभि पर लगाया ओर उसे ज़ोर ज़ोर से चूमने लगा. मेरे इस तरह उसकी नाभि को चूसने से उसका पूरा सरीर बोहोत ज़ोर से कांप गया ओर उसके काँपने से मेरे दोनो हाथ उसकी कमर से फिसल कर उसके चुतडो पर आ गये. जैसे ही मेरे हाथ उसके चुतडो पर आए तो मुझे उसके चुतडो की रूप रेखा समझ मे आई कि उन दोनो चुतडो की थिरकन क्या कहना चाह रही है. उसके दोनो तरबूजो जैसे चुतड गजब का आकार लिए हुए थे साड़ी के उपर से ही मैने उसके चुतडो को सहलाना ओर दबाना चालू कर दिया. यही एक चीज़ आप की मेरी बीवी से भी ज़्यादा गजब की है. जहाँ उसके दोनो चुतड खूबसूरत थे पर तुम्हारे तो उस से भी ज़्यादा खूबसूरत… जब तुम मेरी तरफ अपनी गान्ड करके खड़ी हो गयी थी और साड़ी के उपर से तुम्हारे दोनो चुतडो की रूप रेखा दिखाई दी तो बस मुझसे बर्दास्त नही हुआ था…” कह कर बूढ़े ने हंसते हुए मेरी तरफ देखा और फिर आगे बोलना शुरू कर दिया.
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09-17-2018, 02:11 PM,
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“उसकी आँखे अब भी बंद थी ऑर मुँह से सिसकियों की आवाज़ बदस्तूर जारी थी फिर मैं अपना एक हाथ आगे करके उसकी साड़ी को खोलने लगा जैसे ही उसकी साड़ी खुली मैं हैरान रह गया उसने अंदर पेटिकोट नही पहना हुआ था. बस एक छोटी सी चड्डी पहने हुए थी जो इतनी गीली हो रही थी कि उस चड्डी के उपर से ही उसकी चूत की पूरी रूप-रेखा उसकी चड्डी पर बनी हुई सॉफ-सॉफ नज़र आ रही थी. मैने फिर बिना देर किए ही उसकी चड्डी को उतारना सुरू कर दिया. चड्डी उतारते समय मेरा चेहरा उसकी चड्डी से कुछ इंच की दूरी पर ही था उसकी चड्डी से एक अजीब तरह की खुसबु आ रही थी जिसकी महक ने मुझे और भी ज़्यादा पागल बना दिया था..

1 महीने से रोका हुआ था अपने आप को इस लिए उस रात तो जैसे वो मुझे अपनी शादी की पहली रात के जैसे ही एक दम कुवारि जवान लड़की लग रही थी. जैसे ही मैने उसकी चड्डी को उसके जिस्म से अलग किया मुझे उसकी चूत सॉफ नज़र आई जो बिना झान्टो की थी मुझे लग रहा था कि 1 महीने तक चुदाई ना करने के कारण उसकी झान्टे लंबी लंबी जटा का रूप ले चुकी होगी पर वो तो एक दम चिकनी रखी हुई थी. उसकी चूत की दोनो फांके एक दूसरे से कस कर चिपकी हुई थी ऐसा लग रहा था कि उसकी चूत एक दम कुवारि लड़की के जैसी है, मैने अपने एक हाथ को उसकी चूत पर फिराया जिससे वो बुरी तरह सिहर गयी फिर उसी हाथ से उसकी चूत के लबो को हल्का सा खोला उसकी चूत के एक अंदर हल्के गुलाबी रंग का एक छेद था जिसके उपर एक हल्के गुलाबी रंग की घुंडी सी बनी हुई थी. फिर मैं अपने दोनो हाथ से उसके दोनो हाथ पकड़े ऑर उसे हल्के हल्के अपने करीब करते हुए पीठ की दिशा से अपनी गोद मे बिठा लिया. जैसे ही वो मेरी गोद मे बैठी वो एक पल के लिए उछल सी गयी क्योकि मेरा लंड ठीक उसकी गान्ड की दरार मे जा टकराया था. हम दोनो ही एक दूसरे के चेहरे को देख कर मुस्कुरा दिए. फिर वो थोड़ा सा आगे सरक कर मेरी गोद मे इस तरह बैठी की मेरा लंड तिरछा हो कर उसकी चूत पर झटके मार रहा था. मैने उसकी गर्दन से उसे चूमना सुरू किया ऑर उसकी पूरी पीठ पर चुंबनो की बारिश करना सुरू कर दी. अपने दोनो हाथो को आगे ले जाकर उसके उरोज पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा ऑर दबाने लगा उसके मुँह से सिसकियाँ लेने की आवाज़ बढ़ती ही जा रही थी. आआआआअहह..................
आआआआआआअहह..................
उउईईईईईईईईई..,
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09-17-2018, 02:11 PM,
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
मैने थोड़ी देर यही सिलसिला जारी रखा उसकी चूत से तो मानो पानी की नादिया बह रही थी जो उसकी चूत से निकल कर मेरी जाँघो पर मुझे सॉफ महसूस हो रही थी. जब मैने उसे चूमना बंद किया ओर उसका चेहरा घुमा कर अपनी तरफ किया उसका पूरा चेहरा भयंकर रूप से लाल हो चुका था ऑर वो बोहोत जोरो से साँसे ले रही थी. उसने अपनी आँखे खोली ऑर अपने दोनो हाथ बढ़ा कर मेरी बनियान उतार कर मेरे सरीर से अलग कर दी. ओर मुझे हल्का सा धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दिया. ओर मेरी छाती को चूमने लगी उसके चुंबन लेने तक तो ठीक था लेकिन जब उसने अपनी जीभ को मेरी पूरी छाती पर फिराना सुरू किया गुदगुदी के कारण मेरा पूरा सरीर ज़ोर ज़ोर से कंप-कँपाने लगा. उस दिन तो वो जिस तरह से कर रही थी मेरे साथ उसे देख कर लग रहा था कि आज कामदेव उसमे पूरी तरह से समा गया हो. उसकी हर बात आज एक नया रूप लिए हुए थी. उसने अभी तक जो कुछ भी नही किया था वो आज ख़ुसी से अपने आप ही कर रही थी. उसके इस तरह से करने के कारण मेरे मुँह से भी हल्की हल्की आन्ह्हे निकलने लग गयी. कुछ देर तक उसने मेरी छाती यूँही चूमि ऑर चूमते चूमते नीचे मेरे अंडरवेर के पास तक आ गयी मेरे अंडरवेर मे तंबू बना हुआ था. उसने अपने हाथ बढ़ा कर मेरे अंडरवेर को उतारना सुरू कर दिया मैने भी अपने चूतर उठा कर उसे उंडरवेार उतारने मे मदद की. ये उस रात पहली बार हो रहा था कि वो खुद अपने आप अपने हाथो से मेरा अंडरवेर उतार रही थी वरना उसने कभी भी अपने हाथ से मेरा अंडरवेर नही छुआ था.

उसने मेरे अंडरवेर को जैसे ही नीचे सरका कर उतारा उसकी आँखे मेरे तने हुए लंड पर तन गयी. वो बड़े गोर से मेरे झटके खाते हुए लंड को देख रही थी मेरे लंड को देख कर उसकी आँखो मे एक अजीब तरह की चमक आ गयी थी उसने फिर मेरी तरफ देखा ओर मुस्कुरा दी. उसकी मुस्कान देख कर मेरे लंड ने ओर ज़ोर से झटके लगाने सुरू कर दिए. आज हमारे कमरे मे लाइट भी जल रही थी और वो पूरी तरह से जैसा मैं उस से हमेशा चाहता था खुल कर मेरे लंड के साथ खेल रही थी. वरना जब भी मैं उसकी लेता था लाइट बंद करवा देती थी. थोड़ी देर तक मेरे लंड को जोरो के झटखे ख़ाता देखने के बाद उसने अपने एक हाथ से हल्का सा चाँटा मेरे झटके खाते हुए लंड पर लगा दिया. उसके हल्के से चान्टे से मेरे मुँह से एक सिसकी सी निकल गयी स्शह.... ऑर फिर उसने अपना दोनो हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ा ऑर सहलाने लगी मैं उसके हाथ अपने लंड पर पड़ते ही मज़े की एक नयी दुनियाँ मे चला गया. उस रात उसने पहली बार मेरे लंड को अपने मुलायम हाथो से छुआ था.

मैने उसे इशारे से समझाया कि वो घूम जाए ऑर मेरा इशारा समझ कर घूम गयी उसकी चूत ऑर चुतड दोनो मेरी आँखो के सामने मेरे मुँह से कुछ इंच की दूरी पर थे मैने फॉरन अपने दोनो हाथो से उसकी कमर पकड़ी ऑर अपनी जीभ उसकी पानी टपकाती हुई चूत पर लगा दी. उसकी चूत से निकलते हुए पानी का स्वाद आज कुछ ज़्यादा ही नमकीन था जो चूसने मे मुझे बोहोत ही स्वादिष्ट लग रहा था. उसकी चूत पर मैने जैसे ही अपनी जीभ फिराना शुरू किया उसके मुँह से आँहे निकल कर पूरे कमरे मे जोरो से गूँज ने लगी. उसके मुँह से निकलती आन्हो ने मुझ पर ऐसा जादू कर दिया था कि मैने उसकी चूत के छेद मे अपनी जीभ को अंदर घुमाना सुरू कर दिया. उधर उसने भी अपनी जीभ को मेरे लंड पर फिराना सुरू कर दिया उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड की चमड़ी को नीचे सरका दिया ऑर मेरे लंड के सुपाडे को मुँह मे ले कर लोली-पोप की तरह चूसने लगी. उसने जैसे ही मेरे लंड को अपने मुँह मे लिया मैं हैरत और उत्तेजना के कारण सातवे आसमान पर था. उसके ऐसा करने से मेरी अंदर से हालत खराब हो रही थी ऑर मैने दोनो हाथ से उसकी चूत को छोड़ कर उसकी चूत के अंदर के भग्नासे को मुँह मे भर लिया ऑर उसी की अदा मे चूसने लग गया.
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09-17-2018, 02:11 PM,
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
ये सिलसिला करीब 10 मिनट तक चला ऑर आगे भी चलता पर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. पानी छोड़ने से 2 मिनट पहले ही मैने अपनी जीभ से उसकी चूत के छेद को बुरी तरह से चोदना शुरू कर दिया था क्योकि उसके मुँह मे मेरा लंड था तो उसके मुँह से सिसकिया घहूऊ घहूओ जैसी आवाज़ मे आ रही थी. जैसे ही वो पानी छोड़ ने के करीब पहुची उसका पूरा बदन एक दम सख़्त हो ता चला गया ओर उसने घहू..... घू की आवाज़ करते हुए आधे से ज़्यादा अपने मुँह मे ले लिया था. उसकी चूत ने जैसे ही पानी के कतरे बाहर फैंकने सुरू किए तो वो कतरे सीधे मेरी नाक, गाल, ऑर होंठो पर लगे जिसके कारण मैने उसकी चूत चूसना बंद करदी. जब उसने मेरी तरफ पलट कर देखा तो मेरे चेहरे पर अपनी चूत के चूदे हुए पानी के कतरे देख कर खिलखिला कर हँसने लगी. 


उसको अपनी इस हालत मे हस्ता हुआ देख कर मैं भी हँसने लगा. फिर मैने उसको सीधा लेटा दिया ऑर उसकी टांगे थोड़ी चौड़ी करके उन्हे अपनी जाँघो पर इस तरह टीकाया कि मेरा मुँह आसानी से उसके उरोज तक आ सके ओर मैं दोबारा उसके उरोज को मुँह मे भर कर चूसने लगा. वो अभी भी हल्के-हल्के मुस्कुरा रही थी. क्यूकी मेरे चेहरे पर उसकी चूत का पानी लगा हुआ था जो मैने साफ नही किया था. मेरे इस तरह के आसन से मेरा लंड उसकी चूत की लकीर मे उपर नीचे हो रहा था. मैने अपना चेहरा उसके दोनो उरोज पर ले जाकर उन्हे बारी बारी चूस कर अपना चेहरा उसके चेहरे के सामने किया ओर उसे इशारो से समझाया कि वो अपने योनि रस को अपनी जीब से चाट कर सॉफ करे. उसने मेरा इशारा समझ लिया ऑर अपनी जीभ से मेरे पूरे चेहरे को चाट-चाट कर पूरा सॉफ कर दिया. मुझे लगा था कि वो सॉफ मना कर देगी पर उसने बड़े प्यार से अपनी जीभ को मेरे चेहरे पर फिरा कर पूरा का पूरा सॉफ कर दिया. मुझ से अब बर्दाश्त नही हो रहा था तो मैने उसे लेटा कर उसकी टाँगो को थोड़ा सा ऑर चौड़ा कर के अपने लंड को उसकी चूत की लंबी लकीर पर उपर से नीचे तक रगड़ने लगा. जब मेरा लंड उसके भग्नासे टकराता तो मुझे बड़ा मज़ा आता. उसके मुँह से हाँफती हुई सिसकिया निकल रही थी. आआआआहह...........
सस्स्स्स्शह........
उउउफ्फ................ आआआआहह.........
उूुुुउउ.........
आआआआहह......
ईईईईइश्स्स्स..........
ऑर अपना चेहरा आँखे बंद किए हुए कभी इधर तो कभी उधर घुमा रही थी उसने अपने दोनो हाथो से बिस्तर की चादर को कस कर अपनी मुट्ठी मे पकड़ रखा था. उसकी चूत से दोबारा पानी रिसना सुरू हो गया था मैने अपने लंड के सुपाडे को उसकी चूत से बहते हुए पानी मे भिगोया ओर ठीक उसकी चूत के छोटे से गुलाबी छेद पर रखा ऑर हल्का सा अंदर की तरफ दबा दिया. उसकी चूत आज बोहोत टाइट थी ये शायद 1 महीने तक चुदाई ना करने के कारण हुआ था. जिस वजह से लंड का सुपाडा अंदर जाने मे तकलीफ़ हम दोनो को ही महसूस हो रही थी. मेरे लंड के दवाब के कारण उसने अपने होंठ बुरी तरह भीच कर बंद कर लिए थे ऑर बिस्तर को अपनी मुट्ठी मे ऑर ज़ोर से जाकड़ लिया. मैने अपने लंड को छेद पर टिकाए हुए ही एक ज़ोर दार धक्का उसकी चूत पर दिया इस धक्के से मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर समा गया. ऑर उसकी एक जोरदार चीख उसके मुँह से निकल गयी. आआआआआऐययईईईईईईईई..........माआआआआ............. म्‍म्म्मममाआररर गयी.......
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09-17-2018, 02:11 PM,
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
मैने उसके दोनो हाथ पकड़े ओर उसके उपर वैसा ही लेट गया ऑर अपने होंठो से उसके होंठो को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. थोड़ी देर अपने लंड को बिना हिलाए डुलाए ऐसे ही उसके होंठो को ज़ोर ज़ोर से चूस्ता रहा जब मुझे लगा कि उसका दर्द ख़तम हो गया है तो मैने उसके होंठो को चूस्ते हुए ही अपने लंड को उसकी चूत मे आगे पीछे चलाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर इस तरह आगे पीछे लंड चलाने से उसे भी मज़ा आने लगा ऑर उसने मेरा साथ नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर देना सुरू कर दिया.

वो पूरी तरह मज़े मे आ चुकी थी ऑर अपनी गान्ड उठा-उठा कर लंड को ज़्यादा से ज़्यादा अपनी चूत मे अंदर लेने की कोसिस कर रही थी. उसका ऐसे गान्ड को उठा उठा कर हिलाने से मैने समझ गया कि ये पूरी तरह से मस्त हो चुकी है. इस लिए मैने भी तेज़ी के साथ अपने लंड को उसकी चूत मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. 

मैने जब उसके चेहरे की तरफ देखा तो उसके मुँह से अभी भी हल्की-हल्की सिसकारियाँ निकल रही थी. फिर मैं अपना चेहरा उसके उरोज पर ले आया ऑर अपनी जीभ से उसके दोनो उरोजो को चाटना सुरू कर दिया. उसके मुँह से लगातार सिसकारियो की आवाज़े निकल रही थी.

आआआअहह.........
ष्ह............
आआआआऐययईईईईईईई.........
ओह...... ईीइसस्स्शह.......


मैं कुछ देर तक तो उसे वैसे ही चोद्ता रहा फिर मैने उसे पलट कर अपने उपर लिटा लिया. इतनी देर से चुदाई करते रहने के कारण हम दोनो की साँसे बोहोत जोरो से चल रही थी. फिर वो मेरे उपर चढ़ कर अपनी चूत मे लंड को लेकर अपनी चूत को गोल-गोल घुमा कर अपनी चूत मे घुसाने लगी. जैसे ही वो अपनी गान्ड को इतना उपर उठाती जिससे मेरे लंड का सुपाडा उसकी चूत मे रुक जाता. जिसे वो अपनी चूत मे बुरी तरह से कस कर जाकड़ लेती थी उसके ऐसा करने से मेरा पूरा सरीर बुरी तरह से कंप-कंपा ने लगा. फिर उसने तेज़ी के साथ मेरे लंड पर अपनी चूत को आगे पीछे करना चालू कर दिया. उसके मुँह से हल्की हल्की सिसकियाँ अब भी निकल रही थी. उसके आगे पीछे होने से उसके मस्त-मस्त उरोज भी ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे हिल रहे थे जिसे मैं थोड़ी देर तक बड़ी गोर से देखता रहा फिर अपने दोनो हाथ आगे बढ़ा कर पकड़ लिया. ओर उन्हे ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा. उसके आगे-पीछे होने की गति मे अचानक गजब की तेज़ी आने लगी ऑर उसका पूरा सरीर अकड़ने लग गया


इधर नीच से मैने भी तेज़ी के साथ धक्के लगाने लगा था कुछ ही देर मे उसकी चूत ने पानी के कतरे छोड़ने सुरू कर दिए जिन्हे मैं अपने लंड पर सॉफ-सॉफ महसूस कर रहा था. उसकी चूत से निकले गरम-गरम पानी गिरने से मेरा सबर भी ख़तम होने लगा, ओर 8-10 धक्के लगाने के बाद मेरे लंड ने भी पानी छोड़ना सुरू कर दिया जो सीधा उसकी चूत की गहराई मे जा कर गिरने लगे. वो निढाल हो कर मेरे उपर ही गिर कर लेट गयी हम दोनो ही की साँसे उखड़ी-उखड़ी चल रही थी जब हमारी साँसे ठीक हुई तो मैने अपने होंठो से उसके होंठो कस कर चूमना सुरू कर दिया इसके जवाब मे उसने भी मेरे होंठो को चूसना सुरू कर दिया. जब हमारा चूमने का सिलसिला ख़तम हुआ तो वो मेरे सरीर से उठ कर सीधी खड़ी हो गई. उसके सीधा खड़े होने से उसकी चूत से सारा पानी टपक-टपक कर मेरी झान्टो ऑर लंड पर गिरने लगा जिसे मैने अपने एक हाथ से अपने लंड पर मलना सुरू कर दिया उसकी चूत से गिरते हुए पानी मे मोटे-मोटे कतरे से थे जिन्हे मसल्ने मे बड़ा मज़ा आ रहा था पर गीला पन ज़्यादा था वो जैसे ही उठ कर खड़ी हुई अचानक से वो बुरी तरह से बेचैन होने लगी जहाँ कुछ ही देर पहले वो बोहोत खुस थी वही उसके चेहरे पर एक बेचैनी सी एक दर्द की सी लकीर सॉफ महसूस हो रही थी और देखते ही देखते वो मेरे उपर गिर पड़ी.
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09-17-2018, 02:11 PM,
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
बोलते बोलते उस बूढ़े की आँखो मे आँसू आ गये. पर उसकी कहानी सुनने के बाद कब मेरी योनि ने रिसना शुरू कर दिया मुझे पता ही नही चला….. वो बूढ़ा जिस तरह से रो रहा था एक तो बूढ़ा उपर से वो जिस तरह से रो रहा था मैं भी अंदर से पूरी तरह एमोशनल हो गयी. वो मेरे बगल मे ही मुझसे चिपक कर बैठा हुआ था. उसने एक नज़र मेरी तरफ देखा और फिर से फुट फुट कर रोने लग गया. मैं बुरी तरह से अंदर से एमोशन होती जा रही थी. उसकी आँखो के आँसू मेरे उपर जैसे किसी जलते हुए अँगारे की तरह गिर रहे थे.

वो जिस तरह से अपनी सेक्स की कहानी सुना रहा था उसके बोलने का अंदाज मुझे बोहोत अच्छा लग रहा था. मैं इसे और आगे तक बढ़ा कर ले जाना चाहती थी पर वो जिस तरह से रो रहा था उस सब ने तो जैसे मुझे अंदर ही अंदर परेशान कर दिया. मुझे समझहह नही आ रहा था कि मैं किस तरह से उसे समझा बूढ़ा कर शांत कर सकु. 

“देखो तुम ने जिस तरह से अपने आप को पीछले 5 सालो से रोक रखा है वो तुम्हरा तुम्हारी पत्नी के लिए त्याग है. बोहोत कम लोग होते है जो इस तरह का त्याग अपनी पत्नी के लिए करते है. आप प्ल्ज़ रोना बंद कर दीजिए और अपने आँसू सॉफ कर लीजिए” मैने उसे शांत करवाते हुए कहा. 

उसने मेरी बात मान कर अपनी धोती जो वो पहने हुआ था उसे उठा कर अपना चेहरा पोंछ कर सॉफ करने लग गया. उसने अपनी धोती जिस तरह से उपर उठा कर अपने आँसू सॉफ किए. उसकी धोती उपर हो जाने की वजह से उसका लिंग पूरी तरह से खुल कर मेरी आँखो के सामने आ गया. उसका लिंग देख कर मैं हैरान रह गयी. उसका लिंग देख कर मेरी हँसी निकलते निकलते रह गयी. उसका लिंग मुश्किल से 3”इंच के आस-पास होगा वो भी पूरी तरह से तना होने के बाद. 

उसने अपनी आँख से आँसू सॉफ कर के अपनी धोती को वापस नीचे कर लिया. पर उसने अपनी धोती को इस तरह से नीचे किया था कि उसका लिंग उसकी धोती से पूरी तरह से बाहर निकला हुआ था. पर वो अब भी हल्के हल्के सिसक सिसक कर रो रहा था. 

“देखो तुम बेकार मैं इस तरह से रो कर अपना दिल छोटा मत करो जो हो गया वो हो गया. अब तुम्हारी बीवी तुम्हारे रोने से वापस तो नही आएगी पर हां जो कुछ भी तुमने अपनी बीवी के लिए किया है. वो तुम्हारा तुम्हारी बीवी के प्रति प्यार है.” मैने उसके छोटे से लिंग से ध्यान हटा कर वापस उसको शांत करने की कोसिस की. 

“तुम यकीन नही करोगी कि मेरी बीवी कितनी खूबसूरत थी अगर कोई उसे एक बार देख ले तो बस पागल ही हो जाए” बूढ़े ने मेरे आगे अपनी बीवी की तारीफ करना शुरू किया जिसे सुन कर हर औरत के जैसे मुझे भी उसकी बीवी से जलन होने लगी. मुझे ज़रा भी अच्छा नही लग रहा था कि वो मेरे सामने अपनी बीवी की तारीफ करे. एक तो अपनी कहानी सुना कर मेरा पूरा माइंड डिस्टर्ब कर दिया उपर से मुझे जला और रहा था.

“क्या तुम्हारी बीवी मुझसे भी सुंदर थी..” मैने अपने मन मे हो रही जलन के कारण उस से सवाल कर दिया. 

“वो भी बिल्कुल तुम्हारे जितनी ही खूबसूरत थी.” बूढ़े ने एक बार फिर से अपनी धोती उपर उठा कर अपनी आँख से बहते हुए आँसू सॉफ किए. “तुमने मुझे मेरी मरी हुई बीवी की याद ताज़ा करवा दी. मेरी आँखो की आगे उसके साथ गुज़रा हुआ एक-एक पल मेरी आँखो के आगे सॉफ दिख रहा है.” बूढ़ा बोहोत ही एमोशनल हो कर बोल रहा था. 

“आज तुम को देखा तो मुझसे रहा नही गया.. अपनी बीवी की मौत के बाद से अपनी जो भी इच्छाए थी वो सब मैने दफ़न कर दी थी पर तुम्हे देख कर वो सब की सब फिर से जिंदा हो गयी. उसके बोलने का अंदाज उसके देखे का अंदाज और यहाँ तक कि जिस तरह से तुम बैठी हुई हो बिल्कुल तुम्हारे जैसा था” बूढ़े ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा. 

मुझे कुछ समझ नही आ रहा था की वो आख़िर अपनी बीवी के बारे मे मुझे बता रहा था या मुझे जला रहा था. बूढ़ा अब पूरी तरह से शांत हो गया था. मुझे लगा था कि वो अब शांत ही रहेगा पर उसने तो जैसे मेरे उपर बम फोड़ दिया.. 

“क्या तुम थोड़ी देर के लिए मेरी पत्नी नही बन सकती हो. तुम्हे थोड़ी देर के लिए अपनी पत्नी के रूप मे पा कर मैं धन्य हो जाउन्गा.” 

मुझे उस से ज़रा भी इस तरह की उम्मीद नही थी इस लिए मैने उसे ज़ोर से डाँट कर भगा दिया.. वो मुझे गुस्से मे देख कर डर के कारण दूसरी सीट पर बैठ गया.. अब कोई दिक्कत नही थी. मैने भी सोचा कि अब थोड़ी देर आराम कर लिया जाए यही सोच कर मैं विंडो से सर टिका कर आँखे बंद कर बाहर से आती ठंडी हवा को महसूस करने लगी
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09-17-2018, 02:12 PM,
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
बाहर हल्का हल्का अंधेरा सा होने लग गया था. और आसमान मे बादल होने की वजह से बाहर से आती ठंडी हवा मुझे एक अजीब ही तरह का सकून आनंद महसूस करवा रही थी. मैं उस ठंडी हवा को अभी पूरी तरह से महसूस भी नही कर पाई थी कि बाहर से पानी की बूंदे सीधे मेरे उपर आ कर गिरना शुरू हो गयी. बारिश इतनी तेज़ी के साथ शुरू हुई कि कुछ भी सोचती समझती इस से पहले ही मेरे आधे कपड़े गीले से हो गये.

वो बुड्ढ़ा मेरे सामने ही दूसरी सीट पर बैठा हुआ था. मैने पानी से बचने के लिए बस मे दूसरी सीट पर बैठने के लिए सोचा पर पूरी बस मे हर तरफ से पानी की बूंदे अंदर आ रही थी. एक दो सीट पर कुछ लोग बैठे हुए थे जिनमे से 2 तो पति पत्नी थे और बाकी 1 आदमी कंडक्टर के साथ बैठा हुआ था. बस मे बूढ़े और मैं पीछे की तरफ थे और जिस सीट पर बैठा हुआ था वो सीट बस मे सेफ थी जहाँ पर पानी की बूंदे नही आ रही थी. मरती क्या ना करती मुझे अपने कपड़े भीगने से बचाने के लिए उस बूढ़े वाली सीट पर बैठना पड़ेगा यही सोच कर मैं उस बूढ़े की सीट पर जा कर बैठ गयी. सीट पीछे होने की वजह से और बारिश होने की वजह से अंधेरा हो गया था.

बूढ़ा मुझे अपने पास देख कर बोहोत खुस हो गया. उसे लगा कि मैं उसकी बातो से एमोशनल या उत्तेजित हो कर उसके पास आ कर बैठी हू. इस लिए वो भी मेरे पास मे मुझसे एक दम चिपक कर बैठ गया. थोड़ी देर तक हम दोनो एक दम खामोश ही बैठे रहे. पर थोड़ी ही देर मे उस बूढ़े ने अपना नाटक शुरू कर दिया. 

उसने अपनी धोती जो वो पहने हुए था को उतारना शुरू कर दिया.

“ये क्या कर रहे हो ?” मैने उसको इस तरह की हरकत करते हुए देख कर कहा.

“वो तुम्हारे कपड़े पूरी तरह से गीले हो चुके थे और तुम्हारे गीले कपड़ो की वजह से मेरी धोती भी गीली हो गयी. इस लिए उसे उतार रहा हू. गीले कपड़े पहनने से दाद खाज खुजली हो जाती है. मैं तो कहता हू कि तुम भी अपने कपड़े उतार दो थोड़ी देर अगर ऐसे ही गीले कपड़े पहन कर बैठी रही तो तुम्हे सर्दी हो जाएगी.” बूढ़े ने अपनी धोती पूरी तरह से उतारने के साथ कहा. उसके इस तरह अपनी धोती खोलने से मैं थोड़ा घबरा गयी. मैने आगे की तरफ इधर उधर नज़र दौड़ा कर देखा कि किसी ने देखा तो नही पर किसी का भी ध्यान हमारी तरफ नही था. 

अब वो सीट पर पूरी तरह से नंगा था उसका 3” का लिंग जो पता ही नही चल रहा था कि खड़ा हुआ है या बैठा हुआ है पर वो अपना हाथ फिरा रहा था. मैने उसकी किसी भी हरकत पर कोई गौर नही किया वरना बिना बात के बात आगे बढ़ जाती इस लिए मैं चुप-चाप दूसरी तरफ मुँह कर लिया और अपनी आँख बंद कर ली. थोड़ी ही देर मैं मुझे अपनी थाइस पर कुछ महसूस सा हुआ. मैने पूरी तरह से महसूस किया तो वो बूढ़ा मेरी थाइस सहला रहा था. एक मन तो किया कि एक तमाचा खीच कर बूढ़े को लगा दूं. पर पता नही कहाँ से मन मे ये ख़याल आया कि देखते है कि ये किस लेवल तक जाता है और अगर ये ज़्यादा हद से बाहर जाएगा तो उसे ठीक करने का रास्ता है मेरे पास. इस लिए मैं सोने का नाटक करते हुए थोड़ा नीचे की तरफ हो गयी ताकि आगे की सीट से अगर कोई हमारी तरफ देखे तो उसे हम बिल्कुल भी नही दिखाई दे. 
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