vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
11-01-2018, 12:29 PM,
#91
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
मे: भेंचूओद्द्द्द्दद्ड………….!!!

कभी कभी ना मैं बहुत ही चूतियापा करता हूँ और कलपद होता हैं. कलपद मतलब खड़े लंड पे डंडा. अब क्या करे? मैं बेड पे ही लेट के गेम खेलने लगा मोबाइल पे.5 मिनट ही हुए होगे कि डोर बेल बजी. मैं ऐसा भागते गया नीचे तक..
मे: मेरी पायल आ गयी…. मेरी पायल आ गयी…… मेरी पायल आ गयी…
कहते कहते मैं नाचता हुआ डोर तक गया;
मे: मुझे पता था यू विल नेवेर डिसपायंट मी.. आ गयी तू फाइनली..कब्से वेट कर रहा हूँ मैं टर्ररर……

डोर खोलते ही मेरी ज़बान दाँतों के नीचे दब गयी..सुन्न हो गया था मेरा दिमाग़ सामने जो खड़ा था उसे देख कर..कभी कभी ऐसा होता हैं ना कि जो हम देखते हैं वो हमारी समझ मे नही आता कॉज़ दिमाग़ तक कनेक्षन ही नही हो पाता..वैसा ही मुझे होने लगा था उस वक़्त.

‘आइ वांटेड टू सर्प्राइज़ यू..’

डर,डर,गुस्सा,सर्प्राइज़,रिग्रेट ऐसे ढेर सारे एमोशन्स एक ही पल मे मेरे अंदर समा गये.
‘समर??’

दुनिया मे एक इंसान हैं जो मुझे ‘समर’ कहके पुकारती हैं.

मे: नेहा??

नेहा: फेवववव..थॅंक गॉड! मुझे तो लगने लगा था कि नाम याद हैं या नही तुम्हे? पहचानोगे भी या नही..
मुझे समझ नही आ रहा था कि क्या कहूँ?
नेहा: कॅन आइ कम इन..

मैं अपनी धुन मे से बाहर निकला.

मे: या..उम्म्म..श्योर..आ जा

नेहा अंदर आ गयी घर के. मेरे पास से जब वो गुज़री तो मुझे मेरे फॅवुरेट पर्फ्यूम की स्मेल आई. आइ मीन जो नेहा लगाती थी. आइ लाइक्ड दट पर्फ्यूम आ लॉट..

मे: बैठो तुम. मैं पानी लेकर आता हूँ.

मैं पलटने ही वाला था कि उतने मे नेहा ने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया.

नेहा: समर! आइ आम फाइन.. जस्ट….

मैं समझ गया. मैने हाथ से इशारा करते हुए सोफा की ओर चलने लगा. नेहा मेरे पीछे पीछे आने लगी. हम सोफे पर बैठ गये.
मे: आर यू श्योर तुम्हे कुछ नही चाहिए? आइ कॅन मेक सम कॉफी इफ़ यू लाइक.

नेहा: मैं कॉफी नही पीती सम्राट.

मे: ओह्ह्ह!! हाँ..याआद आया.सॉरी.

नेहा:इतना वक़्त गुज़र गया हैं क्या कि तुम्हे ये याद नही दट आइ डॉन’ट ड्रिंक कॉफी..

मे: नही..याद हैं मुझे. इट्स जस्ट आ रीफ्लेक्स. कोई घर मे आता हैं तो उसे चाइ पानी तो पूछते ही हैं ना?

नेहा: चाइ तो पूछी ही नही तुमने?
नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा! उसकी स्माइल ही उसका बेस्ट फीचर था. यू नो, किसी किसी को गॉर्जियस दिखने के लिए कोशिश नही करनी पड़ती. जस्ट स्माइल ही काफ़ी होती हैं उनकी. नेहा उन लोगो मे से थी. उसकी स्माइल से ही सामने वाले के दिल मे जगह बन जाती हैं उसके लिए. क्यूट सा डिम्पल पड़ता हैं उसके राइट चिक पर जब वो हँसती हैं. और उसका पेटेंट स्टाइल हैं. जब वो स्माइल करती हैं अपनी लटो को वो साइड मे करती हैं कान के पीछे करते हुए. सच आ सिंपल जेस्चर बट एट सो ब्यूटिफुल. सिंपल सा लॅवंडर कलर का टॉप पहना था उसने और ब्लॅक जीन्स. राइट हॅंड मे टाइटन रॅगा की घड़ी पर मेरी नज़र गयी.. मैं सवालिया नज़रों से घड़ी को देखने लगा. मुझे लगा नेहा अब ये नही पहनती होगी. मैने गिफ्ट की थी उसके लास्ट बर्थ’डे पर. सोचा था वरुण उसे कभी पहनने नही देगा वो. मेबी ग़लत सोचा. हम दोनो काफ़ी देर चुप रहे. कोई कुछ नही बोला. वो मुझे देख रही थी, मैं उसे.आख़िर कार नेहा ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा;
नेहा: सो?? हाउ आर यू?

मे: हुहह??
मेरा ध्यान नेहा के सवाल पर नही था. बॅस कुछ यादे आ गयी थी.
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11-01-2018, 12:29 PM,
#92
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
नेहा: कैसे हो?

मे: मैं…मैं ठीक हूँ..हाउ अबाउट यू?

नेहा: उम्म्म…फाइन आइ गेस! 

मे: गेस?? 

नेहा: हाँ..तबीयत थोड़ी खराब हो गयी थी बीच मे. इसीलिए आज आई.

मे: मतलब?

नेहा: मतलब कि मैं काफ़ी पहले ही आने वाली थी मिलने तुमसे.

मे: ओह्ह..ओके..

नेहा: ह्म्म्म ..उम्म्म..कैसा चल रहा हैं? कॉलेज आंड ऑल?

मे: ठीक चल रहा हैं.. अभी 2 वीक बाद एग्ज़ॅम्स हैं. सो…बिज़ी शेड्यूल हैं अभी…

नेहा: हां..हमारी भी रहेगी नेक्स्ट मंथ मे. 

मे: ह्म्म्म्म …

नेहा: तुम किसी को एक्सपेक्ट कर रहे थे?

मे: मैं? नही तो…ऐसा क्यू पूछ रही हो?

नेहा: वेल, तुम जब दरवाज़ा खोलने आ रहे थे, तुम कुछ कहते आ रहे थे..

मे: ओह्ह्ह..वो.. वो..आक्च्युयली न्यू सॉंग हैं.. बढ़िया हैं..

नेहा: रियली?? कौनसा??

मे: उम्म…इट’स एड्वर्ड माया’स सॉंग.. तुम नही सुनती ना उसके सॉंग्स? सो तुम्हे नही पता होगा..

नेहा: ओह्ह..आइ सी! पता नही था मुझे की एड्वर्ड माया हिन्दी मे भी सॉंग्स लिखता हैं..

ये क्या पकड़ लिया इसने मुझे. मैं नही चाहता था कि नेहा को मेरे और पायल के बारे मे कुछ पता चले..अब क्या बहाना बनाऊ?

मे: वो..नही..इंग्लीश मे ही होते हैं सॉंग्स उसके..

नेहा: बट तुम तो हिन्दी मे गा रहे थे…

मे: ह्म्म्म्म ..राइट! हिन्दी मे गा रहा था..सही हैं.. वू…ट्रॅन्स्लेशन.!!! हां..ट्रॅनस्लेट करके गा रहा था…..

नेहा बीच मे ही हँसने लग गयी..इट्स बिन लोंग टाइम सिन्स नेहा की हँसी मेरे घर मे गूँजी हैं. लास्ट टाइम कब वो हँसी थी मुझे याद भी नही आ रहा था. क्या सच मे इतना वक़्त गुज़र गया हैं या इतनी दूरी आ गयी हैं हमारे बीच मे?? 
नेहा: सच आ बॅड लिएर सम्राट.

मे: कॅन आइ अस्क यू सम्तिंग नेहा?

नेहा: पूछो ना..

मे: व्हाई,…उम्म्म…व्हाई आर यू हियर?

नेहा: क्या मतलब?

मैं सोफे पर से खड़ा हो गया. मुझे नही समझ आ रहा था कि नेहा कब तक मेरी ज़िंदगी मे ऐसे ही आती रहेगी. बार बार..लगातार.. जब भी मैं उसे भुलाने की कोशिश करता हूँ, वो मेरी ज़िंदगी पे नॉक कर देती हैं. मैं ये सब ज़्यादा नही झेल सकता.

मे: मतलब ये कि तुम यहाँ मेरे घर क्या कर रही हो? क्या चाहती हो तुम? क्यू?? क्यूँ आई हो यहाँ पे??

नेहा अब सहम सी गयी थी.. वो नीचे देखने लगी ज़मीन पर. मैं आज ये सब वन्स आंड फॉर ऑल ख़त्म करना चाहता था. मैं नेहा के ठीक सामने जाके घुटनो के बल बैठ गया ज़मीन पर ही.
मे: लुक अट मी नेहा!

उसने अपना चेहरा उठाया और उसकी आखे थोड़ी लाल होनी स्टार्ट हो गयी. नफ़रत हैं मुझे उसकी आखे इस तरफ देखने से. आँसू सूट ही नही होते उस लड़की को ऐसा मुझे लगता है. आंड आइ वाज़ प्रिपेर्ड टू कीप हर स्माइलिंग फॉर दा रेस्ट ऑफ हर लाइफ.. 
मे: मैने कुछ पूछा तुमसे नेहा? आख़िर तुम यहाँ क्यू आई हो?

नेहा: क्योकि ज़रूरत हैं मुझे तुम्हारी..इसीलिए..

नेहा का ऐसा जवाब मैने एक्सपेक्ट नही किया था..सपने मे भी नही सोचा था कि कभी भी ज़िंदगी मे नेहा के मूह से ये शब्द निकलेगे मेरे लिए..आइ वाज़ शॉक्ड..
मे: ज़रूरत? मेरी? क्या हुआ? वरुण ने फिर कुछ किया??

नेहा: नही समर.. तुम अब भी नही समझ रहे कि मैं क्या कहना चाहती हूँ? तुम तब भी नही समझे और वोही रीज़न हैं कि आज हम यहाँ हैं. कभी तो समझने की कोशिश करो कि मैं क्या कहना चाहती हूँ..
और इतना कहके उसकी आखो से आँसू टपक गया एक और सीधा मेरी कलाई पर गिरा.

मे: नेहा! क्या कह रही हो ये सब? न्ड स्टॉप क्राइयिंग

नेहा: नही.. आज रोने दो.. तुम क्यू नही समझते जब मैं कहती हूँ कि ज़रूरत हैं मुझे तुम्हारी. क्यू नही समझते कि मेरी लाइफ बहुत डिस्टर्ब हो गयी हैं जबसे हमारे बीच मे वो सब हुआ? क्यू नही समझ सकते तुम की थे मोस्ट इंपॉर्टेंट पार्ट ऑफ माइ लाइफ दट होल्ड्स माइ लाइफ टुगेदर ईज़ मिस्सिंग नाउ?? हुहह??

मैं कुछ नही बोल पाया. क्या कहता? यही सब सवाल मेरे दिल मे आते थे नेहा के लिए और उनका जवाब मुझे नही मिला कभी..तो आज क्या खाक कुछ कहता मैं उसे?

नेहा: बोलो!! ऐसी मैं हर किसी से तो नही कहती फिरती कि मुझे ज़रूरत हैं तुम्हारी? अगर तुमसे कह रही हूँ. तब भी और आज भी.. तो कुछ तो होगा ही ना? या तुम्हे मेरे सेंटिमेंट्स कभी समझे ही नही जब हम रीलेशन मे थे? बताओ..कभी नही फील हुई तुम्हे ऐसी ज़रूरत जो मैं फील कर रही हूँ? वो ख़ालीपन जो मुझे खाते रहता हैं दिन रात? रोज़…हर रोज़…एक ही बात मेरे दिमाग़ मे घूमती रहती हैं. एक ही सवाल…क्यू नही समझ पाए तुम? बोलो..अब क्यू चुप हो??
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11-01-2018, 12:29 PM,
#93
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
मुझसे रहा नही गया और मैं फुट पड़ा..
मे: सेंटिमेंट्स?? तुम्हारी ज़रूरत? फीलिंग्स?? तुम्हे पता हैं जब तुमने मुझसे ब्रेक अप किया और चूज़ किया वरुण को ओवर मे…डू यू वाना नो हाउ आइ स्पेंट माइ डेज़?? 
इतना कहके मैं नेहा की कलाई कस कर पकड़ ली और उसे सीधा अपने बेडरूम मे ले गया.

नेहा: कहाँ ले जेया रहे हो?? बेडरूम मे क्यूँ?? सम्राट!!!!
बेडरूम मे जाते ही मैने लाइट्स ऑन कर दी और नेहा को बेड पे बैठा दिया..
मे: सिट!!
मैने बॅग मे से कपबोर्ड की कीस निकाली और सॉक ड्राइवर के पीछे से एक बॉक्स निकाला. एक सीक्रेट कॅपा था उस कपबोर्ड मे. छोटा ही बॉक्स था. 6*6 इंचस का. मैने वो बॉक्स निकाला और नेहा के सामने बैठ गया. 
मे: ये देखो!!!

नेहा बॉक्स को घुरे जा रही थी. मैने बॉक्स ओपन किया और उसमे ढेर सारी चीज़े थी. नॉर्मल इंसान के लिए कचरा मगर मेरे लिए वो प्राइसलेस थी. ज्यों ही मैने बॉक्स खोला नेहा बॉक्स मे रखी चीज़ो को देखने लगी..

मे: पता हैं ये सब क्या हैं?? ये..ये देखो.. ये टिकेट हैं..याद हैं कुछ? जब हम पहली बार मूवी देखने गये थे.. आजसे 4 न्ड हाफ यियर्ज़ पहले..ये उस दिन निकाली हुई टिकेट्स हैं. मैं आज तक संभाल कर रखी हैं.
नेहा के हाथ मे मैने वो टिकेट्स थमा दी..

मे: और..ये..इसे देखो! ये जानती हो क्या हैं? ये बिल हैं रेस्टोरेंट का जब मैं तुम्हे पहली बार डिन्नर पर ले गया था. मूवी देखने के 1 वीक बाद. ..और ये तुम्हारे कुर्ते की पिन अटक गयी थी जब मैं तुम्हे जॅकेट पहना रहा था और वो अटक कर टूट गयी और ज़मीन पर गिर गयी थी. मैने उठाके अपने पास रखी. 
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11-01-2018, 12:29 PM,
#94
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
मैने वो सब भी नेहा के हाथ मे रख दिया और अपना मोबाइल लेकर आया बेड पर से. उस बॉक्स मे एक मेमोरी कार्ड भी रखा था. माइक्रो एसडी. मैने वो अपने मोबाइल मे इनसर्ट किया..

मे: ये पता हैं क्या हैं?? तुम्हे याद हैं मैने जब नया फोन लिया था और मुझे ठीक से यूज़ नही करना आता था. उस फोन मे कंपनी से ही कुछ अप्स आए थे. उनमे से एक अप था ‘ऑटो कॉल रेकॉर्डर’. मैं ये बात नही जानता था कि फोन मे ये फीचर आक्टिव किया हैं और मेरी सारी कॉल्स रेकॉर्ड होती हैं फोन मे मेरे. और एक दिन मुझे ये फोल्डर दिख गया फोन मे.. इस कार्ड मे वो कॉल भी रेकॉर्डेड हैं जब मैने पहली बार तुम्हे आइ लव यू कहा था नेहा. सुनोगी?? बोलो..

नेहा की आखो से अब आसू बहने लगे थे. मैने क्लिक किया और वो कॉल स्टार्ट हो गया.
कॉन्वर्सेशन:::
मे: हे..हाई..
नेहा: हाई..
मे: सम्राट हियर..
नेहा: अर्रे आइ नो बाबा..हर बार तुम कॉल करते हो तो ज़रूरी नही हैं ये कहना कि,’सम्राट हियर’,,हहे
मे: हाँ..हहेहे..
नेहा: सो? वस्सूप?
मे: वो…ऐसे ही कॉल किया..बिज़ी हो?
नेहा: हाँ.थोड़ी बिज़ी हूँ.. कुछ काम था क्या??
मे: नही..ऐसे ही किया कॉल..
नेहा: ओके देन..बाद मे बात करते हैं..बाइ..
मे: बाइ… नही..वेट.हेलो..नेहा..वेट.. यू देयर..?? हेलो? शिट बे चूतिया साले..बोल देता ना..
नेहा: उम्म्म..हेलो?? सम्राट?? हूँ मैं यही..
मे: ओह्ह्ह.. सॉरी.. उम्म्म..आक्च्युयली ऐसे ही नही कॉल किया था..कुछ…उम्म्म्म..कुछ कहना था तुमसे.
नेहा: हाँ बोलो ना. इंपॉर्टेंट हैं तो कह दो..इतनी बिज़ी नही मैं.
मे: अवेसम…वो…आक्च्युयली..
नेहा: हाँ? बोल ना जल्दी..लल्लू.
मे: आइ हॅड ग्रेट टाइम ईटिंग आ मूवी वित यू लास्ट वीक..
नेहा: हुहह?? मूवी? ईटिंग?? ये कब किया हम ने?
मे: शिट… आइ मीन डिन्नर..डिन्नर..किया था ना हम ने साथ मे…भूल गयी?
नेहा: नही नही.. बट उस बातको तो 2 वीक्स हो रहे हैं..
मे: हां..मैं कन्फ्यूज़ हो गया था मूवी और डिन्नर मे..सॉरी.
नेहा: हाहाहा… आइ हॅड आ ग्रेट टाइम टू
मे: ओह्ह..थॅंक यू! तुम एमबीबीएस करना चाहती हो ना??
नेहा: अब ये क्या पप्पू सवाल हैं सम्राट? आब्वियस्ली..तुम नही जानते?
मे: हाँ जानता हूँ ना.. बॅस यूही पूछ रहा था. उम्म्म…सो तुम्हे ये भी पता होगा ना कि दिल अगर बोहोत ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा तो उसका एफेक्ट क्या होता तो..
नेहा: हाँ..मतलब बीपी हाइ हैं..सिंपल..क्यू? कुछ हुआ क्या अंकल को?
मे: नही नही..एवेरी1 ईज़ फाइन..आइ आम फाइन..यू आर फाइन..ऑल ईज़ फाइन.. 
नेहा: तो?? क्या कहना चाहते हो तुम?
मे: मैं ये कह रहा हूँ कि इसका मतलब दिल नॉर्मल रेट पे ही बीट करना चाहिए..हेल्ती रहता इंसान..राइट?
नेहा: हाँ..वो तो हैं..
मे: गुड..कॉज़ इन लास्ट 1 मंत मेरा बीपी बोहोट हाइ हैं और वो तब ही नॉर्मल रहा जब जब मैं तुम्हारे साथ मे था!
नेहा: व्हाट??? क्या कह रहे हो तुम?
मे: मैं नही कह रहा..आइ आम जस्ट फॉलोयिंग मेडिकल गाइड्लाइन्स.. कीप हार्ट हेल्ती न्ड स्टफ.
नेहा: आर यू हाइ ऑर सम्तिंग?? सम्राट??
मे: नही नही,.मैं एक दम लो हूँ.
नेहा: तो?? क्या चल रहा हैं?
मे: ओके!! फाइन..देखो मैं ये तुम्हारे सामने ही ये कहना चाहता था मगर रिस्क हैं ना.
नेहा: क्या रिस्क? 
मे: मैं जो कहूँगा वो सुनने के बाद या तो तुम मुझे कुछ फेक के मारोगी या रोना स्टार्ट कर दोगि आंड यू विल हेट मी फॉरेवर..
नेहा: क्या कहाँ हैं ऐसा तुम्हे?
मैं एक गहरी साँस लेता हूँ और;
मे: दट आइ आम स्टार्टिंग टू फॉल फॉर यू.
नेहा कुछ नही बोली.. और यहाँ मेरी गान्ड फटके 2 टुकड़े हो गयी..
मे: हेलो?? नेहा?? हेलो!!! यू देयर??
स्टिल नतिंग..शिट यारर…क्यू बोला तूने उसे ऐसा..
नेहा: हेलो!!? ईज़ दिस युवर प्रपोज़ल??
मे: ओह्ह्ह..हे..नेहा..थॅंक गॉड..क्या?
नेहा: आइ सेड, कि ये तुम्हारा तरीका हैं किसी लड़की को प्रपोज़ करने का? ऐसे फोन पे?हार्ट अटॅक की बाते करके..
मे: नही नही.आइ आम सॉरी..मैने कुछ कहना ही नही चाहिए था..आइ आम सॉरी…
नेहा: किसने कहा कि कुछ कहना नही चाहिए था? मगर कहने का तरीका होता हैं ना मिस्टर.सम्राट??
मे: मतलब??
नेहा: क्या तुम्हे लगता हैं कि मैं सबसे ज़्यादा सुंदर हूँ? 
मे: हाँ.सबसे ज़्यादा.
नेहा: सबसे ज़्यादा समझदार..
मे: हाँ..डेफनेट्ली.
नेहा: तुमसे भी ज़्यादा??
मे: हाँ..मुझसे…हे..वेट व्हाट??
नेहा: हाँ बोलो बोलो…हहेहहे…
मे: क्या कहना चाहती हो?
नेहा: मैं ये कह रही हू कि अगर इतनी सुंदर,सुशील,शांत लड़की को पटाना हैं तो कुछ तो पापड बेलने पड़ेंगे ना..ढप्पू!!
मेरा दिल तो जैसे रुक ही गया..ईज़ दिस रियली हॅपनिंग??सीरियस्ली?? जिस लड़की से मैं प्यार करने लगा हूँ क्या वो भी सेम फील करती हैं मेरे बारे मे??
मे: रियली?? ओके…कहाँ हो तुम?
नेहा: अभी तो कॉलेज से निकल रही हूँ.. सीधा घर जाउन्गी. 
मे: ओह्ह..सीधा घर?
नेहा: हाँ..बॅस एक जगह रुकना हैं..
मे: कहाँ? 
नेहा: कोई आने वाला हैं मिलने मुझसे आइकान प्लाज़ा के सामने अगले 20 मिनट मे.
मे: उसके बाद??
नेहा: और तुम खुद को स्मार्ट समझते हो सम्राट..वाह!!
मे: ओह्ह्ह… ऐसा.ओके..20 मिनट आइकान प्लाज़ा.. राइट..
नेहा: हहे.. राइट! आइ विल सी यू देन..
मे: यस..आंड नेहा?
नेहा: हाँ?
मे: जो कहने के लिए कॉल किया था, वो तो कहा ही नही..
नेहा: ह्म्‍म्म???
मे: आइ लव यू!! सी यू इन 20 मिनट …बाइ
नेहा: बाइ!!
फोन डिसकनेक्ट होने के बाद का सन्नाटा नेहा और मेरे बीच के टेन्षन को सॉफ दिखा रहा था. रूम बेजान सा हो गया था. नेहा अब भी फोन की तरफ देख रही थी और मैं उस दिन को जिस दिन मैने ये कॉल किया था.....
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11-01-2018, 12:29 PM,
#95
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
हम दोनो मे से कोई कुछ नही कह रहा था. काफ़ी देर तक,कुछ नही. नेहा फोन की तरफ देख रही थी और मैं उसकी तरफ. फाइनली,मैने ही चुप्पी तोड़ते हुए कहा;

मे: ब्रेक अप के बाद ऐसे गुज़ारे मैने अपने दिन और रात. जब भी लगने लगता था कि हमारे बीच जो कुछ था वो सब बॅस टाइमपास था तो मैं इसे सुनता था ताकि खुदको भरोसा दिला सकूँ कि अपनी लाइफ के 4 साल जो मैने एक लड़की को जी-जान से प्यार करने मे लगा दिए वो सब नाटक नही था. इट वाज़ रियल!

नेहा के चेहरे पर कोई हरक़त नही थी. वो जैसी की वैसी बैठी हुई थी और ना कुछ कह रही थी आंड आइ वास्न’ट श्योर कि वो कुछ सुन भी रही थी या नही. मैने नेहा का हाथ पकड़ते हुए उसे कहा;
मे: मैं नही जानता कि जो हुआ उस सबके बाद तुमने अपना आप को कैसे संभाल लिया इतनी जल्दी? मेबी यू वर लकी जो तुम्हारे साथ वरुण था.मेरे साथ कोई नही था, और अब भी कोई नही हैं. मैने तुम्हे ये बात उसी दिन कह दी थी कि नो मॅटर व्हाट, आइ विल नेवेर स्टॉप लविंग यू. तुम पहली लड़की हो जिसे मैने प्यार किया, पहली लड़की जिसके साथ मैने अपनी पूरी ज़िंदगी बिताने का सपना देखा. मगर अब मैं ये बात समझ गया हूँ कि सपने हमेशा सच नही होते. और इस तरह तुम मेरी ज़िंदगी बार बार आती रहोगी तो मैं मूव ऑन नही कर पाउन्गा. आंड आइ रियली वान्ट टू मूव ऑन फ्रॉम यू.. फ्रॉम अस!

नेहा की आखों से आसू बहने लगे और मेरे हाथ को भिगोने लगे.. मैं समझ गया था कि अब ये कुछ नही कहेगी. कहने को कुछ था ही नही.

मे: नेहा, आइ थिंक यू शुड लीव………….

मैं कुछ कहता उससे पहले ही नेहा नीचे झुकी और हुए मेरी बाहो मे जैसे गिर सी गयी.क्या हो रहा हैं ये मैं समझ पाता,इतने मे ही नेहा के होंठ मेरे होंठो से एक हो गये. वो इतने झट्के से मेरी ओर आई कि मेरा बॅलेन्स चला गया और मैं ज़मीन पर गिर पड़ा मगर उसके होंठ मुझसे अलग नही हुए. वो मेरे उपर ही आ गिरी और मुझे पागलो की तरह किस करने लगी. उससे कुछ फ़र्क़ नही पड़ता अगर मैं उसे किस करता या ना करता. आइ कुड फील ऑल शी वांटेड टू किस मी. जब कोई लड़की किसी लड़के को उसके बालो से खीचती हैं और अपने होंठो को उसके होंठो पर इतने पॅशनेट्ली चिपका देती हैं कि दोनो की साँसे अटकने लगे,इसका मतलब ये हैं कि वो पूरे दिलसे चाहती हैं कि वो लड़का उसे किस करे. बॅस! 

उस वक़्त नेहा वो लड़की थी और मैं वो लड़का. अरसे के बाद नेहा को मैने अपने इतना करीब पाया. अरसे के बाद उसके होंठ मेरे होंठो से आ मिले.अरसे के बाद मैने महसूस किया कि वो लड़की जिसे मैने दिलसे प्यार किया आज भी मेरी हैं और चाहती हैं कि मैं उसे अपना लूं. 

देयर आर सम पीपल इन युवर लाइफ दट जस्ट कॅन’ट बी रीप्लेस्ड. जिसके साथ आप जो फील करते हो वैसा आप किसी और के साथ कभी भी फील नही कर सकते. जो कॉन्फोर्ट, जो वॉर्म्त आपको वो इंसान दे सकता हैं वैसी और कोई नही दे सकता. पर्फेक्ट लगता हैं वो इंसान की बाहो मे आपको, दुनिया निराली लगने लगती हैं,हसीन लगने लगती हैं,अपनी सी लगने लगती हैं. वो इंसान मेरे लिए नेहा थी. हमेशा से ही. जब मैने उसे पहली बार महसूस किया था,पहली बार पहचाना था, पहली बार उसकी हँसी सुनी थी,पहली बार उसके आँसू पोछे थे, पहली बार उसका हाथ थामा था, पहली बार उसकी आखो मे देखा था,पहली बार…..जब उसे मैने किस किया था. अट दट वेरी मोमेंट, अट दा वेरी सेकेंड आइ न्यू दट दिस ईज़ दा गर्ल आइ वाना स्पेंड दा रेस्ट ऑफ माइ लाइफ वित आंड दा आफ्टर लाइफ टू इफ़ देयर ईज़ एनी. मैं नही जानता था कि नेहा मेरे बारे मे वैसा फील करती हैं या नही या नेहा कभी भी रेडी थी या मुझे ऐसा दिखाती थी कि मेरे साथ अपनी सारी ज़िंदगी बिता ले. आइ स्नॅप्ड बॅक आउट ऑफ माइ वर्ल्ड आंड रीयलाइज़्ड दट दिस ईज़ दा मोमेंट व्हेन आइ कॅन विन तट सेम पर्सन बॅक वित हूम आइ सी लाइयिंग एवेरी नाइट आंड वेकिंग अप नेक्स्ट टू एवेरी मॉर्निंग फॉर दा रेस्ट ऑफ माइ लाइफ. एवेरी डॅम सेकेंड ऑफ इट!!!


अंजाने मे ही मैने नेहा की कमर को जाकड़ लिया और उसे किस करने लगा.अगर आपने सीरियस्ली किसी को इतना होपलेस्ली प्यार किया होतो आप समझ सकते हैं कि उस पलके,उन होंठो के लिए,उस जिस्म के लिए मैं कब्से और कितना तडपा हूँ. हम पागलो की तरह एक दूसरे को किस करने लगे. नेहा की आखो से अब भी पानी आ रहा था मगर हम दोनो को ही उस बात की परवाह नही थी उस वक़्त. नेहा के हाथ मेरी पीठ पर साप जैसे रेंग रहे थे और मेरे हाथ उसकी कमर को जाकड़ रहे थे और अपनी ओर खीचे रहे थे. किस करते करते नेहा मोन करने लगी और अपनी कमर को आगे पीछे हिलाने लगी.धीरे धीरे.

नेहा: उम्म्म….उम्म्म्म…आआआआसस्स्स्स्स्सस्स….उम्म्म…सस्स्साआआम्ररररर….क़िस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स मीई…
नेहा की आवाज़ और उसकी सिसकिया सुनके मैं और ज़ोर से अपने होंठो को उसके होंठो से मिलाकर किस करने लगा. उसका लोवर लिप मेरे अप्पर लिप मे ऐसे फिट हो गया जैसे किसी बोल्ट मे स्क्रू. नेहा को किस करना बहुत पसंद था. किस करने से वो बोहोत जल्दी गरम हो जाती थी और अभी भी वैसा ही हुआ. अब उसका दाया हाथ मेरे बालो से खेल रहा था, उन्हे हल्का हल्का खीच रहा था खुदकी ओर और उसका दूसरा हाथ मेरी पीठ पर से अब मेरी छाती पर आ गया था. वो मेरी टी शर्ट के उपर से ही मेरी छाती को मसल रही थी,टी-शर्ट को खीच रही थी. जैसे वो चाहती हो कि मैं अभी टीशर्ट निकाल फेकू अपनी. यहाँ मेरे हाथ भी पीछे नही थे. मैने उसकी कमर से उसे जाकड़ रखा था और मैं अब और उसे कपड़ो मे नही देख सकता था.. मैने अपना हाथ उसके टॉप मे डाल दिया और नेहा का गरम जिस्म मेरे हाथो के नीचे जलने लगा जैसे. उसकी पीठ पे हाथ लगाते ही नेहा की सिसकी निकल गयी. मैं धीरे धीरे अपना हाथ नेहा की पीठ पर घुमाने लगा..उसकी ब्रा की स्ट्रॅप तक लेकर गया और उसे हल्का सा खीचते हुए छोड़ दिया..
नेहा: ओउच!!! समरररर…व्हाट दा हेल? दुख़्ता हैं ना..

मे: सो निकाल दे!!

मैने नेहा को उकसाते हुए कहा… मैं जानता था नेहा कभी इतनी जल्दी नही मानेगी इसलिए मैने उसे छेड़ते हुए कहा;
मे: वो बीच बीच मे आ रहा हैं स्ट्रॅप..सो अगर तुझे मेरे ऐसा करने से कुछ प्राब्लम हैं;
इतना कह के मैने फिर एक बार स्ट्रॅप खीचा और छोड़ दिया;
मे: तो निकाल दे.

नेहा ने मेरी छाती पर मारते हुए कहा;
नेहा: ज़्यादा स्मार्ट बन रहे हो??
इतना कह कर नेहा ने उसके टॉप मे हाथ डाला और पता नही कहाँ से ब्रा का स्ट्रॅप उसने खोला और अगले ही पल नेहा की ब्रा उसके टॉप से बाहर आते हुए दिखी.. उसने ब्रा मेरे सामने हिलाते हुए कहा;
नेहा: प्राब्लम सॉल्व्ड!

मैं तो हक्का बक्का ही रह गया.. लड़किया ये कैसे करती हैं क्या पता मगर मुझे वो बोहोत ही ज़्यादा सेक्सी लगता हैं जब वो ऐसा करती हैं. 
मे: दट वाज़ सूऊओ सेक्सी नेहा!

अब तो मुझे रोक पाना इंपॉसिबल था.. मैं नेहा को पॅशनेट्ली किस करने लगा. कभी मेरी जीभ उसके होंठो से खेलती तो कभी उसकी जीभ मेरे होंठो से. हम दोनो पागलो की तरह एक दूसरे को किस करने लगे. नेहा के बूब्स अब बिना ब्रा के थे और मैं उसके हार्ड निपल्स सॉफ महसूस कर पा रहा था टॉप के नीचे. मैने उसके टॉप मे से हाथ निकाला और उसके लेफ्ट बूब को हल्का सा दबाते हुए किस करने लगा. जो ही मैने नेहा के ब्रेस्ट को दबाया वो मेरी बाहो मे और पिघल गयी और बोहोत ज़ोर ज़ोर से साँस लेने लगी.. उसकी चढ़ती उतरती छाती मुझे दीवाना कर रही थी और अब हम दोनो नही रुक सकते थे. नेहा ने मेरी टीशर्ट को एक झटके मे निकाल फेका और इससे पहले मेरी टी-शर्ट ज़मीन पे गिरती यहाँ मैने नेहा का टॉप निकाल के फेक दिया.. आआअहह!! कितना सुंदर नज़ारा था वो.. नेहा की बूब्स इतने प्यारे थे. बहुत ही लाइट ब्राउन कलर मिक्स्ड वित आ लिट्ल पिंक शेड के उसके निपल्स मेरे आखो के सामने थे..ऑरेंज के साइज़ के उसके बूब्स, मखमल का उसका जिस्म पागल कर रहा था मुझे. अब तो कुछ भी हो जाता तो मैं नही रुकने वाला था. मैने अपने आप को थोड़ा झुकाया और सीधा नेहा का राइट बूब अपने मूह मे घुसा लिया..जितना मैं ले सकता था उतना.. हवस चढ़ गयी थी मुझ पर और मैं आज उसे किसी भी हालत मे पूरी करना चाहता था. जैसे ही मैने नेहा के निपल को अपनी जीभ से छुआ नेहा उछल पड़ी और एक हल्की सी सिसकी निकालते हुए उसने अपनी छाती मेरे चेहरे से भिड़ा थी.. नेहा के गरम,रसीले बूब्स को मैं पागलो की तरह चूमने लगा, सक करने लगा और वो मेरी पीठ पर नोचने लगी. जब भी नेहा बोहोत गरम हो जाती हैं वो ऐसा ही करती हैं और वो सिग्नल होता हैं इस बात का की अब नेहा की चूत मुझे बुला रही हैं.. 

मैने नेहा को 1 पल के लिए भी अपने आप से अलग ना करते हुए ज़मीन से उठाया और बेड पर लिटा दिया. हम किस करने लगे दोबारा और नेहा के हाथ अब मेरे बेल्ट को खोलने लगे.. बेल्ट खुला, ज़िप नीचे और मैने अंदर से कुछ नही पहना था तो मेरा लंड स्प्रिंग की तरह उछल पड़ा..वहाँ मैं नेहा की जीन्स उतारने की कोशिश करने लगा मगर उसका बेल्ट नही खुल रहा था मुझसे एग्ज़ाइट्मेंट मे.. नेहा समझ गयी;
नेहा: हहहे.. मैं कहीं नही जा रही सम्राट तुझे छोड़के.. आराम से कर.. 

मे: इट्स स्टक आइ थिंक..

नेहा ने हँसते हुए मुझे किस की और पता नही कैसे मगर ईज़िली अपना बेल्ट खोली और अपनी कमर को उपर उठाते हुए जीन्स थोड़ी नीचे की और मुझसे बोली;
नेहा: ऑल युवर्ज़!!

नेहा की ये बात सुनके तो जैसे मुझे करेंट सा लगा और मैने बिना कुछ सोचे समझे किसी जानवर की तरह उसकी जीन्स और ब्लू पॅंटीस एक साथ निकाल दी.. अब हम दोनो के जिस्म नंगे थे,एक दूसरे को छू रहे थे,महसूस कर रहे थे. हमारे होंठ भिड़े थे एक दूसरे से, नेहा का कोमल सा हाथ मेरे लंड को सहला रहा था और मेरे हाथ नेहा के निपल्स से खेल रहे थे. वासना की सारी हदें हम आज पार करने वाले थे. मैं नेहा के लिए जितना तडपा था नेहा भी मेरे लिए उतनी ही तडपी ये बात मैं सॉफ देख रहा था. मुझे अब भी यकीन नही हो रहा था कि ये सच मे हो रहा हैं. हम दोनो के जिस्म अभी एक होने वाले हैं. नेहा का जिस्म एक बार फिर मेरे लिए तड़प रहा हैं और मैं उसे चोदने वाला हूँ. नेहा मेरे लंड से खेल रही थी, उसे सहला रही थी.. वो नही रुकना चाहती थी अब और ना ही मैं. मैने नेहा की टाँगो को फैलाते हुए अपना लंड उसकी चूत के पास जा कर रोक दिया और नेहा से कहा;
मे: आइ आम गोयिंग टू फक यू लाइक नेवेर बिफोर नेहा!

और मेरे लंड को अपनी चूत के इतने करीब महसूस करते हुए नेहा सिसकियाँ भरते हुए बोली;
नेहा: सस्स्स्सस्स…आआआः…प्लेआआअसस्स्स्स्स्सीईए!!

बॅस यही मैं सुनना चाहता था. नेहा ने अपनी दोनो टांगे पूरी फैलाते हुए मेरे कंधो पर रख दी और अपनी छूट को मेरे लिए पूरी तरह से खोल दी. मैने 2-3 बार अपने लंड को नेहा की चूत पे रगड़ा. प्यार था मुझे नेहा की चूत से. गुलाबी रंग की उसकी चूत जो अभी इस कदर गीली थी कि उसका गीलापन बहने लगा था. 1 सेकेंड मे मेरा लंड उसके रस से भीग गया और मेरा लंड एक दम चिकना हो गया. मैने नेहा की आखो मे देखा.. पूरे लस्ट दिख रही थी उन आखो मे. नेहा अपने बूब्स खुद मसल्ने लगी थी और अब उसकी कमर भी हिल रही थी थोड़ी थोड़ी..मुझसे और बर्दास्त नही हुआ और मैने एक ही झट्के मे अपना लंड नेहा की चूत मे घुसा दिया…

नेहा: आआआआआआआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईई…..आआआसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स…सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईई
….आआओउूउ..
नेहा की चीख निकल गयी. सॉफ पता चल रहा था कि नेहा मेरे बाद किसी और के साथ सोई ही नही.. उसकी चूत किसी नरम ब्लंकेट की तरफ मेरे लंड को अपने अंदर समा गयी. मैं धीरे धीरे झट्के मारने लगा और ‘आह ऊवू’ की आव्आआज़ रूम मे गूंजने लगी. हम दोनो एक दूसरे को चूमने लगे, नोचने लगे. ऐसा लग रहा था कि आज हम दोनो की पहली चुदाई हो,इतनी पॅशन से मैं नेहा को चोद रहा था और वो मुझसे चुदवा रही थी. उस पल की गर्मी मे मैं ज़्यादा देर नही टिक सका और मैने ठीक नेहा की चूत के उपर अपना कम छोड़ दिया. हम दोनो हाफ़ रहे थे और मुस्कुरा रहे थे. एक दूसरे को किस करते हुए हम एक दूसरे की बाहो मे समा गये..
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11-01-2018, 12:29 PM,
#96
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
नेहा मेरी बाहों मे समा कर सो गयी. मैं उसे सोते हुए देख रहा था. उसके चेहरे पर एक हल्की सी हँसी थी. जब वो सोती हैं तो अपने राइट हॅंड से अपना एक साइड का चेहरा कवर करती हैं मानो शर्मा रही हैं नींद मे भी. उसके बालो की लट उसके चेहरे को पर्फेक्ट्ली फ्रेम करती हैं और जाके उसकी कलाई से मिल जाती हैं. नेहा को सोते हुए देखना मेरी ज़िंदगी की कुछ चीज़ो मे से एक हैं जिनसे मैं बोहोत सुकून महसूस करता हूँ. उसकी छोटी सी नाक जैसे कोई बटन हो जिसे दबाओ तो अभी ये सोती हुई गुड़िया उठ कर चलने फिरने लगेगी. उसके गुलाबी होंठ हल्के से खुले होते हैं जब वो सोती हैं. ये बात वो कभी नही मानती मगर जब वो सोती हैं तो बिल्कुल हल्के से खर्राटे लेती हैं. मगर उनकी ख़ास बात ये हैं कि उन ख़र्राटों से मुझे तक़लीफ़ नही होती कभी,बल्कि क्यूट लगता हैं वो आवाज़! जब वो सोती हैं तो ऐसा लगता है कि अगर उसे नींद मे से जगा दो, या छू लो तो बिखर जाएगी. इतनी नाज़ुक और इतनी कोमल लगती हैं.

नेहा को देखते वक़्त मेरे दिमाग़ मे बोहोत सारे सवाल आ रहे थे. आज जो कुछ हमारे बीच मे हुआ, इसका क्या मतलब हैं? डज़ दिस मीन वी आरे बॅक अगेन ऑर नोट? या बॅस कुछ वक़्त के लिए सब पहले जैसा हो जाएगा और बाद मे मुझे ये बात सताएगी कि मैने नेहा के साथ दोबारा एक नयी शुरूवात करके कोई ग़लती तो नही कर दी ना? मैं समझ नही पा रहा था कि जब नेहा नींद मे से जागेगी तो मैं क्या रिक्षन दूं? और पायल!!!? उसके बारे मे तो मैं भूल ही गया था. पायल के साथ मैने अभी तक चीज़े क्लियर नही की थी और मैं ये भी नही जानता था कि मैं क्या करना चाहता हूँ उसके साथ?

पायल मेरी बोहोत अच्छी दोस्त हैं और पायल के साथ सेक्स भी दुनिया की सबसे खूबसूरत बातो मे से एक लगती हैं मुझे. मगर अगर मैं नेहा के साथ कुछ करता हूँ तो वो पायल के साथ नाइंसाफी हो जाएगी ऐसा लगने लगा मुझे. मैं जानता था कि वो मुझसे प्यार नही करती और ना मैं उससे.बट मैं ये भी नही जानता था कि क्या नेहा मुझसे सच मे प्यार करती हैं या आज जो कुछ हुआ वो सब बॅस एक एमोशनल टॉरमेंट मे आकर लिया हुआ स्टेप था. पूरानी यादे दिल मे से बाहर आ गयी आज फिर एक बार और हम आज सेक्स कर बैठे? 


ऐसी बाते मेरे दिलो-दिमाग़ मे तूफान खड़ी कर रही थी और उतने मे ही डोरबेल बजी.. मैं हल्के से बेड पर से उठा और अपने कपड़े उठा के वैसे ही रूम मे से निकल गया.सीढ़ियो से उतरते वक़्त एक बार फिर बेल बजी..मैं उतरते उतरते ही कहा;
मैं: कमिंग!!...

डोर के पास पहुँचते पहुँचते मैने सारे कपड़े पहन लिए थे. जैसे ही डोर खोला दिन मे का दूसरा शॉक बैठ गया;
‘हेल्ल्लो!!!’

सामने पायल खड़ी थी. मुझे तो कुछ समझ मे नही आ रहा था कि क्या कहूँ या क्या करूँ? मुझे ऐसा बूत जैसा खड़ा देख कर पायल बोली’
पायल: अब्बे ओये! भूत देख लिया क्या? साइड मे हो अंदर आने दे. गंदी गर्मी हैं बाहर तो..

मैं अंजाने मे ही साइड मे हो गया और पायल घर मे आ गयी. बॅग को सोफा पर फेक के वो धम्म्म्म से बैठ गयी. मैं अब भी दरवाजे के पास मे ही खड़ा था.

पायल: सम्राट!!?? आएगा अंदर? अपना ही घर समझ..मेक युवरसेल्फ कंफर्टबल प्लीज़.. हीही
वो मुझे छेड़ते हुए बोली..

मैं दरवाजा बंद करके सोफा पर बैठ गया और बोला;
मे: उम्म्म्म…पायल?? तू यहाँ? अभी?

पायल: यप!!! 

मे: कैसे?

पायल: कैसे मतलब? मुझे दया आ गयी किसी पे.

मे: दया? किसपे?

पायल: एसीपी प्रड्युमन पे!! अब्बे घोचु..
इतना कहके पायल मुझसे सट के बैठ गयी और अपना हाथ मेरी जाँघ पर रखके बोली;
पायल: जो यहाँ से उपर की साइड रहता हैं ना!! उसपे..

मे: ओह्ह्ह..वो! अच्छा.. बट तू तो नही आने वाली थी ना?

पायल: एक लप्पड़ खाएगा..अभी बोली ना कि दया आ गयी मुझे..सोचा चलो एक बार मिलके आती हूँ. बड़े दिनो से नही मिली..

मे: ग्रेट!

पायल: क्या हुआ?? तू ठीक तो हैं? नाराज़ हैं क्या तू मुझसे मैं आई नही तो पहले. कॉज़ अगर तू हैं नाराज़ तो मेरे पास तुझे मनाने का बोहोत अच्छा तरीका हैं..
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11-01-2018, 12:29 PM,
#97
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
पायल का हाथ अब धीरे धीरे उपर की ओर सरकने लगा..मैं समझ गया था कि क्या हो रहा हैं तो और पायल आज मूड मे हैं बोहोत. मैं अपने आप मे ही ये सब सोचने लगा तो कुछ देर बाद पायल बोली;
पायल: अर्रे तू सच मे नाराज़ हैं क्या? मैं नही आ पाई इतने दिन. आइ आम सॉरी बट मेरा हॅपी बर्थ’डे आ गया था बीच मे.

मे: बर्थ’डे?? अभी?
मैने सोचा इसका बर्थ’डे तो अगस्त मे आता हैं. अभी कैसे आ गया?

पायल: पतच्छ.. अर्रे… हॅपी वाला बर्थ’डे! समझ ना.

मे: ओह्ह्ह.. वो.. हाँ..समझा समझा..

पायल: सो? अब भी नाराज़ हैं? 

मे: अर्रे नही.. मैं नाराज़ नही हूँ..डोंट वरी…

पायल: तो? आज शांत क्यूँ हैं इतना??क्या हुआ?

अब मैं इसे कैसे बताऊ कि नेहा है बेडरूम मे और हमने अभी अभी सेक्स किया हैं. 
मे: नही तो.. शांत नही मैं. आइ आम ओके..

पायल: अच्छा!!? तो चलो बेडरूम मे.. तुझे सूपर ओके करती हूँ.. 

और इस बार नेहा ने सीधा अपना हाथ मेरे लंड पे लेकर गयी..
पायल: उम्म्म…

मैं कुछ कहता उससे पहले ही मुझे बेडरूम का डोर खुलने की आवाज़ आई और उस आवाज़ के साथ ही;
नेहा: समर???!!

मेरे तो सारे होश छूट गये.. अब क्या करूँ??

जैसे ही मैने नेहा की आवाज़ सुनी मैं पूरी तरह से बहाल हो गया.. अब मैं क्या करूगा? पायल और नेहा दोनो एक साथ आ गये.. आइ नो गाइस थिंक कि 2 लड़कियाँ जो तुम्हारे साथ एक ही समय पर सो रही हैं अगर आमने सामने आ जाए तो एवेंच्युयली इट विल टर्न इंटो ए 3सम..ट्रस्ट मी गाइस! ऐसे वक़्त पे खड़ा हो जाना भी मुश्किल हैं. और मैं इतना बड़ा स्टड नही कि नेहा और पायल को 3सम के लिए कन्विन्स करूँ.. नेहा ने बॅस अपना टॉप और पैंटी पहनी थी जब वो दरवाजे से बाहर आई और आते से ही उसकी नज़र पायल पे गयी और पायल की उसपे;
पायल: नेहा!!????

नेहा: पायल???

इतना कह के नेहा रूम मे वापिस भाग गयी.. मुझे तो लगा कि अब तो गया काम से मैं… ये सब कैसे हो गया बहन्चोद!! पायल मुझे देखने लगी और मेरे पास कहने को कुछ नही था.
पायल: ये सब क्या हो रहा हैं सम्राट?

अब मैं पायल से कहता भी तो क्या? जो हुआ वो मैं खुद ही समझने की कोशिश कर रहा था और उसे कहने के लिए मेरे पास कुछ नही था..
पायल: अर्रे बोल ना? नेहा यहाँ क्या कर रही हैं? और उसने पॅंट क्यू नही पहनी हैं?

मैं अपने आपसे कहने लगा कि मैं पायल से झूठ नही कह सकता..वो मेरी दोस्त हैं और उसने मुझे काफ़ी बुरे वक़्त मे साथ दिया हैं. ऐज आ फरन्ड, आइ ओवे हर दा ट्रूथ. मैने डिसाइड किया कि मैं उसे सॉफ सॉफ बता दूं.

मे: पायल… मैं नही जानता कि तुम्हे क्या और कैसे बताऊ मगर मैं कोशिश करूगा कि जो भी तुमसे कहूँ सच कहूँ..
पायल सोफे पर बैठ गयी. मुझे पता नही था कि मैं क्या कहना चाहता हूँ मगर इस बार मैं नही चाहता था कि कोई झूठ कहा जाए.. ना ही पायल से और ना ही नेहा से..मैने नेहा को भी आवाज़ लगाई;
मे: नहााअ…..

नेहा कुछ ही पल मे कपड़े पहन कर नीचे आने लगी. पायल और वो एक दूसरे को देखने लगी. और मेरा दिल जेट की स्पीड से भागने लगा;
मे: नेहा! बैठो प्लीज़. हमे कुछ बाते करनी हैं. सॉफ सॉफ!

नेहा ज़रा सहमी सहमी सी मेरे सामने पायल के साइड मे आकर बैठी.मैं भी एक चेयर लेकर उनके सामने बैठ गया और एक गहरी साँस लेकर बोला;

मे: पायल, नेहा.. मैं तुम दोनो से झूठ नही बोल सकता.. कॉज़ आइ लव यू बोथ.. 

मेरी ये बात सुन कर दोनो ही मुझे अजीब तरीके से देखने लगी…मैने कंटिन्यू करते हुए कहा;
मे: हाँ! मुझे पता हैं तुम दोनो को सुनने मे अजीब लग रहा हैं जो मैं कह रहा हू, मगर ये सच हैं.. आइ लव यू बोथ..
इतना कहके मैने अपनी चेयर और आगे खिसकाई और पायल के ठीक सामने रख दी..

मे: पायल! मैं जबसे तुम्हे जानता हूँ, ईवन बिफोर वी बिकेम बेस्ट फरन्डस.. मुझे पता था कि तुम दुनिया के सबसे अच्छे लोगो मे से एक हो. और जब हम दोस्त बने तब तुम मेरी दुनिया की सबसे अच्छे लोगो मे से एक बन गयी.. तुम सच मे एक बोहोत ही अच्छी दोस्त हो. मैं जब मेरे लोवेस्ट पॉइंट पर था उस वक़्त तुमने ना सिर्फ़ मेरा साथ दिया, बल्कि मुझे सहारा दिया.. इतना ही नही, तुमने मेरी फ्र्न्डशिप के खातिर वरुण से भी अपनी दोस्ती तोड़ दी.. मेरे लिए. मैं ज़िंदगी भर नही भूलुगा कि मैं कितना लकी हूँ कि मुझे तुम मिली. हर कदम तुम मेरे साथ चली.. नेहा के जाने के बाद अगर तुम नही होती तो मैं बिखर जाता पूरी तरह से. उसके लिए मैं कभी ऐसा कुछ नही कर सकता जिससे मैं तुम्हारा क़र्ज़ अदा कर सकूँ. 
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11-01-2018, 12:30 PM,
#98
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
पायल मेरी आखो मे देखने लगी और नेहा हम दोनो को..
मे: हमारे बीच मे जो हुआ वो मैं हमेशा हर दम मेरे दिल मे रखुगा.. तुम कितनी सुंदर और स्पेशल हो ये बात मैं कभी नही जान पाता अगर वो सब नही होता.

मैं आगे कहता उससे पहले ही नेहा बोली;
नेहा: क..क्या हुआ?? 

मैने एक बार और गहरी साँस लेते हुए कहा;
मे: वोही जो अभी हमारे बीच हुआ नेहा..

मेरे इस जवाब पे नेहा और पायल दोनो ही एक साथ बोल पड़ी;
नेहा+पायल: व्हाट???!!!

मे: हाँ! नेहा..पायल आंड आइ हॅड सेक्स. और पायल.. नेहा पॅंट के बिना इसीलिए निकली मेरी रूम से कॉज़ वी हॅड सेक्स जस्ट नाउ.

मेरी ये बात उन दोनो पर बॉम्ब जैसी गिरी जैसे.. वो दोनो सोफे पर एक दम पीछे सरक के बैठ गयी जैसे शॉक लगा हो. उन दोनो मे से कोई कुछ नही कह रहा था..

मे: मैं जानता हूँ कि ये सिचुयेशन अवकार्ड हैं हम 3नो के लिए..मगर..

पायल: तीनो के लिए?? सम्राट तेरे लिए कहाँ से ऑक्वर्ड हैं ये बता मुझे? तू उन दो लड़कियो से एक साथ बात कर रहा हैं जिनके साथ तूने सेक्स किया हैं. और उनमे से एक लड़की होने के नाते मैं जानती हूँ कि तू सेक्स करता हैं तो कैसे करता हैं..ये सिचुयेशन तेरे लिए कैसे ऑक्वर्ड हो सकती हैं?? बता मुझे!!!

मे: पायल..मैं जानता हूँ तू….

नेहा: क्या समर? तुम कुछ नही जानते कि हम क्या फील कर रही हैं अभी इस वक़्त.. मैने समझा था कि तुम मुझे कभी धोका नही दोगे ज़िंदगी मे.. और ये सब क्या सुन रही हू मैं?

मे: मैने धोका नही दिया नेहा..इट वाज़ आफ्टर यू…

पायल: आफ्टर यू डंप्ड हिम नेहा.. उसके बाद मैं आई.. 

नेहा: पायल..वी ब्रोक अप..मैने किसी को डंप नही की.. हमारा ब्रेक अप हुआ था…

पायल: नेहा..मैं सब जानती हू..क्योकि मैं वहाँ थी जब सब कुछ हुआ.. और हाँ.. तुमने डंप ही किया था सम्राट को..और आज तुम यहाँ नही होती अगर वरुण ने तुम्हे तुम्हारी औकात ना बताई होती नेहा! तुम जानती थी कि तुम सम्राट के पास रोते हुए आई तो वो तुरंत पिघल जाएगा और तुम्हे अपना लेगा..

पायल की बात सुनके मैं सकपका गया.. मैने तो पायल को नही बताया था कि क्या हुआ था? तो इसे कैसे पता;

नेहा: मैं कहीं नही रोते रोते गयी पायल..माइंड युवर टोन..

पायल: आइ डॉन’ट हॅव टू.. वरुण ने लात मार दी तो तुम वही आ गयी जहाँ से गयी थी.. और तुम सम्राट? तुम्हे दिखाई नही देता कि ये क्या कर रही हैं तुम्हारे साथ? 

नेहा: मैने कुछ नही किया सम्राट के साथ? तुम ही कब्से उसके पीछे पड़ी थी जो मेरे उसे छोड़ते ही तुमने पकड़ लिया..

मुझे टेन्षन महसूस हो रहा था दोनो मे और मैं नही चाहता था कि पंगे हो उनमे.

मे: शट अप तुम दोनो.! पायल तुम्हे कैसे पता कि क्या हुआ था उस दिन?

पायल: क्योकि मैं वहाँ थी यू ईडियट!! मैं जब आई तो सीधा कॉलेज आई तुम्हारे पास.. मगर वहाँ तो तुम ये मेडम से चिपके थे.. 

मे: पायल.. वैसा कुछ नही हुआ. वरुण ने…

पायल मुझे रोकते हुए बोली;
पायल: वरुण ने इसे चाँटा मारा और तुम चले हीरो बनने..आइ वाज़ देयर. आइ नो

मे: मगर तुमने तो कहा था कि तुम परसो ही आई. और ये बात 4 दिन पुरानी हैं.

नेहा: झूठ कहा था इसने तुमसे,,और क्या?? तुम बेवकूफ़ के बेवकूफ़ ही हो सम्राट.. कभी नही समझोगे कि कौन इस्तेमाल कर रहा हैं तुम्हे?

पायल: इस्तेमाल? और मैने किया? अर्रे नेहा… तुमने किसी टॅंपान की तरह निकाल फेका उसे जब तुम्हे ऐसा लगा कि वरुण तुम्हारे लिए ज़्यादा सेफ हैं.. और कुछ नही किया तुमने..

बात हाथ से निकल रही थी..
मे: बॅस करो तुम दोनो.. मैने सच सच इसलिए नही कहने की शुरुआत की थी ताकि तुम दोनो आपस मे भीड़ जाओ. मैं चाहता हूँ बात क्लियर हो बीच मे कि और..

नेहा: और हम दोनो मे से तुम किसे चूज़ करते हो ये हमे पता चले? यही ना??

मे: नही नेहा ..ऐसा नही हैं कुछ..


पायल: तो इसका मतलब हम दोनो ही तुम्हारे लिए कोई मायने नही रखती? हमे यूज़ किया तुमने? आंड दट ऑल्सो फॉर सेक्स??

मे: क्या बकवास हैं पायल ये?

नेहा: सच ही कह रही हैं ये… अब मैं समझी कि जब मैं आई तो तुम किसका वेट कर रहे थे.. पायल का.. और आ गयी मैं.. मगर सेक्स तो तुम्हे करना ही था.. पायल नही आई तो मुझे ही कहानी सुना दी और अपना काम कर लिया तुमने..
अब पानी सिर के उपर चला गया था;

मे: चुप बिल्कुल! कब से सुने जा रहा हूँ मैं बकवास तुम दोनो की.. खबरदार जो और कुछ कहा तो.. बड़ी आई दोनो सेक्स के लिए यूज़ किया कहने वाली.. दोनो मे से किसी का रेप किया मैने?? नही ना? तुमसे कहा पायल मैने कि प्यार करता हूँ तुमसे मैं और देन यू अग्रीड टू फक मी?? बोल!! झूठ कह कभी?

नेहा: मतलब मुझसे झूठ कहा?
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11-01-2018, 12:30 PM,
#99
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
मुझे अब गुस्सा आ गया.. 
मे: यू शट दा फक अप नेहा! सच कहा पायल ने.. जब लगा तब यूज़ किया जब नही तब वरुण. तुमने यूज़ किया हैं मुझे.. और वो स्टोरी नही थी जो सुनाई.. वो सच था जो मैने तुम्हे बताया. प्यार करता था तुमसे अब तक मैं.. बट अब नही.. बिल्कुल नही.बोहोत हुआ. थक गया मैं अब इस सब बवकास से तुम्हारी.. रिस्ते बचाने के चक्कर मे मैं अपने आपको खोता जा रहा हूँ. मैने तुम दोनो को अपने बोहोत करीब ही माना हैं हमेशा, मगर अनफॉर्चुनेट्ली यू डॉन’ट फक्किंग सी दट,डू यू?
दोनो के मूह अब बंद थे..

मे: मैं नही चाहता कि बात आगे बढ़े अब.. क्योकि मैं अब बात ही नही करना चाहता तुम दोनो से.. प्लीज़ लीव माइ हाउस…

वो दोनो वही बैठी थी सुन्न्न होकर.. इसलिए मैं चिल्लाया;
मे: नॉवववववव!!!!!!लीव…

वो दोनो सहम गयी और चोर की तरह उठ कर दरवाजे की ओर जाने लगी. मैने दरवाजा खोला और उन्हे बाहर जाने का रास्ता दिया. वो दोनो चली गयी और मैने दरवाजे से टिक कर ही बैठ गया. कुछ अच्छा करने जाओ तो इसकी प्रमानेंट गॅरेंटी नही होती कि आउटपुट अच्छा ही होगा.. ये एग्जाम्पल हैं इस बात का दोस्तो..
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11-01-2018, 12:30 PM,
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
मैं दरवाजे से चिपक कर वही ज़मीन पर बैठ गया और जो भूचाल अभी अभी हुआ उसके बारे मे सोचने लगा मैं. अब करे तो क्या करे? सच कहना ज़रूरी लग रहा था. और सच ना कहता तो भी झूठ नही बोल सकता था मैं वहाँ क्योकि दोनो अब आमने सामने आ गयी थी. क्या ग़लत कर दिया सच कह के मैने उनसे मुझे समझ नही आ रहा था. लड़कियो का ना हमेशा का चूतियापा होता हैं. दे से दे वाना नो दा ट्रूथ बट ट्रूथ ईज़ दट दे डॉन’ट गिव आ फक अबाउट दा ट्रूथ. ऑल दे वॉंट अस टू से ईज़ व्हाट दे वॉंट टू हियर. उनके लिए वोही सच होता हैं जो उनको सुनना हैं. अब मुझे नही पता था कि मैं क्या करूगा? नेहा और पायल को मैं ये आखरी बार देख रहा था या आगे भी कभी वो मेरी लाइफ मे आएगी. आइ डॉन’ट नो. मैं अपने ही ख़यालो मे खोया हुआ था उतने मे मुझे पीछे से धक्का लगा. कोई तो डोर ओपन करने की कोशिश कर रहा था. मैने मोबाइल मे टाइम देखा. मैं समझ गया और खड़ा होकर अपनी रूम की ओर जाने लगा.मेरे उठते ही डोर फ्री हो गया और एक सेकेंड मे ही खुल गया;

आकांक्षा: डोर क्यू लॉक करके बैठा हैं घर मे? कब से खोलने का ट्राइ कर रही हू मैं..

अभी मैं आकांक्षा से झगड़ा करने के बिल्कुल मूड मे नही था. मैने चलते चलते ही;

मे: ह्म्म्म्म ..

आकांक्षा:ह्म्म्म्म ??ये ह्म्म्म्म क्या कर रहा? लॉक क्यू किया था डोर?

मे: आकांक्षा! दिमाग़ मत खा.. मैने लॉक नही किया था डोर. मैं वहाँ बैठा था.

आकांक्षा: बैठा था? ज़मीन पर? पागल हो गया क्या? सोफा हैं घर मे इतना बड़ा और तू ज़मीन पर बैठा था?

मे: तुझे क्या लेना देना? दरवाजा खुल गया..नाउ गेट लॉस्ट..

मैने स्टेर्स चढ़ते चढ़ते कहा उसे और अपने रूम मे चला गया और डोर लॉक कर लिया. मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या किया जाए अब? दिमाग़ ही नही चल रहा था मेरा. मैं बेड पर लेट गया और कुछ ही देर मे मुझे नींद आ गयी. सेक्स के बाद मुझे वैसे भी नींद आती हैं अच्छी और अभी तो दिमाग़ वैसे भी थका हारा था सो मैं सो गया..
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……….(मीनवाइल, आकांक्षा की स्टोरी)……….
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स्कूल मे निशा और मेरे बीच जो कुछ हुआ वो सब हम दोनो के दिमाग़ मे किसी मूवी की तरह प्ले हो रहा था. मैं सॉफ देख पा रही थी निशा के चेहरे पर कि वो कैसा फील कर रही हैं क्योकि मैं भी वोही फील कर रही थी. टाँगो के बीच का गीलापन अब भी मौजूद था. अजीब सी सरसराहट हो रही थी मुझे. मुझे खुद ही ऐसा लग रहा था कि मेरे निपल्स को कोई टच करे.. फीलिंग बोहोत स्ट्रॉंग होती जा रही थी. ना मैं जानती थी कि क्या करना हैं ना निशा! हम दोनो एक ही बेंच पर बैठ ती थी तो हमने एक दूसरे का हाथ . के पकड़ रखा था. उस कंडीशन मे एक दूसरे को कस के पकड़के रखना ही हमे कॉन्फोर्टिंग लग रहा था. हमारी टांगे एक दूसरे से भीड़ी हुई थी और धीरे धीरे अपने आप मे ही रगड़ रही थी हम. किसी तरह से हमने स्कूल अटेंड की उस दिन और घर चली गयी. निशा और मेरे बीच ज़्यादा बात नही हुई उस दिन. ऐसा लग रहा था कि कुछ अजीब सी भूक हैं जो हम सबके सामने नही बुझा सकते. बस मे भी हमने एक दूसरे से बात नही की बिल्कुल भी. बॅस कभी कभार एक दूसरे को देख लेते थे और जाने अंजाने मे ही मेरे होंठ सूखने लगते और साँसे तेज़ होने लगती. और मैं जानती थी कि निशा भी यही महसूस कर रही हैं.


मैं घर पहुँचते से ही अपनी रूम मे जाने लगी तो बीच मे ही मेरा भाई दिख गया मुझे. वो अभी जस्ट नहा कर बाथरूम से बाहर निकला था और उसने बॅस एक टवल और वेस्ट पहनी थी. मेरे भाई ने अभी कुछ मंत्स से ही जिम जाना स्टार्ट किया हैं. मगर मैं उसकी बॉडी पर असर देख पा रही थी. उसकी चेस्ट फुल हो रही थी, बाइसेप्स टोन हो रहे थे और शोल्डर्स तो…
मे: इसस्सस्स…………

जैसे ही मेरे मूह से सिसकी निकली..मैं पागलो की तरह अपनी रूम की ओर भागने लगी और रूम मे जाकर अपने रूम का डोर लॉक करके उसी जगह पर नीचे बैठ गयी..

मे: ये सब क्या हो रहा हैं मुझे? मुझे मेरा भाई फूटी आख नही सुहाता मगर आज उसे देख कर मैं ये क्या कर बैठी? और ये बार बार मेरे निपल्स क्यू हार्ड होने लगे हैं और ये चिपचिपा पन क्या हैं मेरी पैंटी मे? ये सब क्या हो रहा हैं??
मैं डोर से लग कर वही पे बैठ कर ये गुत्थी सुलझाने की कोशिश कर रही थी मगर ये किसी तरह से सुलझाने की ताक़ मे नही थी ऐसा लगने लगा मुझे…..
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बुज़्ज़्ज़्ज़..!!! बुज़्ज़्ज़्ज़..!!! बुज़्ज़्ज़्ज़..!!! बुज़्ज़्ज़्ज़..!!! बुज़्ज़्ज़्ज़..!!! बुज़्ज़्ज़्ज़..!!! बुज़्ज़्ज़्ज़..!!! बुज़्ज़्ज़्ज़..!!! बुज़्ज़्ज़्ज़..!!! बुज़्ज़्ज़्ज़..!!!
नींद मे से मैं उठा..मोबाइल देखा.. ‘जिम:5:30’..
मे: जिम जाने का वक़्त हो गया… 
मैं कुछ देर बेड पर वैसे ही पड़ा रहा. उठने का मन तो नही कर रहा था मगर ऐसे घर मे पड़े रह कर भी तो कुछ नही मिलने वाला. मैं मन मार के उठ गया बेड पर से और जिम जाने के लिए रेडी होकर निकल गया. जिम के रास्ते पर भी मेरे दिमाग़ मे वोही सब घूम रहा था जो कुछ पहले हुआ था. सोच मे डूबकर मैं जिम पहुँचा.. सबको हाई हेलो करते हुए मैं लॉकर रूम मे चेंज करने लगा. उतने मे ही पीछे से रजत ने आवाज़ लगाई;
रजत: सम्राट??

मे: हाँ भाई! बोलो..वस्सूप??

रजत: कहाँ रहता तू आज कल? दिखता नही जिम मे? 

मे: अर्रे वो सर तोड़ा काम मे था मैं तो नही आ पाया कुछ दिन जिम..

रजत: काम था या काम थी?

मे: अर्रे क्या सर!! आप भी खीच रहे.. वैसा कुछ नही.

रजत: ह्म्म्म्..अच्छा सुन! उस दिन तू किसको ठोक दिया? वॉचमन बता रहा था कि जिम मे किसी का आक्सिडेंट हो गया?

मे: ठोक दिया?? अर्रे नही सर..वो लड़की आ रही थी एक, उसको दिखा नही मैं तो उसने आगे का ब्रेक लगाई न्ड स्लीप हो गयी.. क्या वॉचमन भी यहाँ का..आक्सिडेंट हो गया बोलता.. साला रे!

रजत: कौन लड़की? अपने जिम मे की?

मे: हाँ..वो एक बार हम बात कर रहे थे और अपने देखा था मुझे उसके साथ.. याद आया?? उसका नाम कुछ तो स से हैं..

रजत: हाँ..वो सारिका नाम हैं उसका. वो गिरी क्या? वॉचमन बोला कि तेरा और किसी लड़की का आक्सिडेंट हो गया और तू आया भी नही जिम तो मुझे लगा सीरीयस हैं कुछ.. लगा नही ना?
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