Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
06-07-2017, 01:11 PM, (This post was last modified: 01-10-2019, 01:22 PM by sexstories.)
#1
Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
वतन तेरे हम लाडले

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और मस्त कहानी लेकर हाजिर हूँ दोस्तो ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है शहर आदि के नाम सिर्फ़ कहानी की रोचकता बनाए रखने के लिए दिए गये हैं दोस्तो ये कहानी आम कहानियों से थोड़ा हटकर है या यूँ कह लीजिए कि ये कहानी ना होकर एक ऐसा सेक्सी उपन्यास है जिसमे थ्रिलर,सस्पेंस, सेक्स,देशभक्ति आदि सब कुछ इस उपन्यास मे मिलेगा और इसी उम्मीद के साथ कि आपको ये कहानी ज़रूर पसंद आएगी मैं जल्द ही अपडेट देना शुरू करूँगा 
Reply
06-07-2017, 01:12 PM,
#2
RE: वतन तेरे हम लाडले
इस कहानी के कुछ अंश

मेजर राज शर्मा मैरून कलर की शेरवानी में गजब ढा रहा था। आज मेजर राज शर्मा की शादी की पहली रात थी। उसकी पत्नी रश्मि अपने कमरे में मौजूद दुल्हन बनी बैठी अपने दूल्हे का इंतज़ार कर रही थी, जबकि बाहर कमरे के सामने मेजर राज शर्मा की बहनें उसका रास्ता रोककर खड़ी थीं। कल्पना जिसकी उम्र 25 साल थी और पिंकी जो अब 21 साल की थी दोनों ही अपने भाई का रास्ता रोककर खड़ी थीं। साथ में कुछ रिश्तेदारों की लड़कियाँ भी थीं जो दूल्हे को अपनी नई नवेली दुल्हन के पास जाने से रोक रही थी। मेजर राज शर्मा ने जेब से हजार हजार के 10 नोट निकाले और पिंकी की तरफ बढ़ाए वह जानता था कि कल्पना 10 हजार में नहीं मानेगी मगर पिंकी छोटी है शायद वह मान जाएगी। मगर इससे पहले कि पिंकी वे पैसे पकड़ती और राज शर्मा को अंदर जाने का रास्ता देती कल्पना ने राज शर्मा का हाथ झटक दिया और बोली हम तो अपने प्यारे भाई से सोने का सेट लेंगे फिर अंदर जाने की अनुमति मिलेगी। यह सुनकर मेजर राज शर्मा ने अपनी माँ की तरफ देखा मगर वह भी आज अपनी बेटियों का साथ देने का इरादा रखती थीं। उन्होंने यह भी कह दिया कि तुम भाई बहन का आपस का मामला है इस मामले में कुछ नहीं बोल सकती। 

मेजर राज शर्मा ने बहुत कहा कि सोने का सेट तुम जय से लेना मेरे पास यही पैसे हैं, लेकिन ना तो कल्पना मानी और न ही पिंकी। और अंत मे मेजर राज शर्मा को हार माननी पड़ी और उसने सोने की चेन जो उसकी पत्नी रश्मि के लिए बनवाई थी थी वह कल्पना को दी और पिंकी से वादा किया कि उसे भी एक अच्छी सोने की चेन दिलवाई जाएगी। इस वादे के बाद दोनों बहनों ने राज शर्मा की जान छोड़ी और जय की तरफ भागी जय मेजर राज शर्मा का छोटा भाई था जिसकी उम्र 27 साल थी और उसकी भी आज ही शादी हुई थी। अब रास्ता रुकने की बारी उसकी थी और दोनों बहनें कल्पना व पिंकी जय का रास्ता रोके खड़ी थीं। जिसका कमरा मेजर राज शर्मा के कमरे के साथ ही था। लेकिन राज शर्मा के पास अब इतना धैर्य नहीं था कि वह देखता जय के साथ बहनों ने क्या किया उसने दरवाजा खोला और अंदर जाकर सुख का सांस लिया।


इसी कहानी के कुछ अंश








रश्मि करीब हुई तो राज शर्मा ने अपने होंठों से रश्मि के नरम और नाजुक होठों पर अपने होंठ रख दिए। रश्मि को 440 वोल्ट का झटका लगा। वह नहीं जानती थी कि जब कोई पुरूष स्त्री के होठों को चूमता है तो कैसा लगता है। आज पहली बार उसके होंठों पर राज शर्मा के होंठ लगे तो वह इस भावना से परिचित हुई। रश्मि ने भी जवाब में राज शर्मा के होठों को चूमा और फिर दोनों एक दूसरे के होंठ चूसना शुरू हो गए। रश्मि के होंठ एक गुलाब की पत्ती की तरह नरम और नाजुक और रसीले थे। राज शर्मा यह रस अपने होंठों से लगातार चूस रहा था। इसी दौरान रश्मि ने अपने दुपट्टे में लगी सेफ्टी पिन को खोलना शुरू किया और कुछ ही देर में भारी दुपट्टा उसके सिर से उतर चुका था। दुपट्टा उतरते ही रश्मि को अपना बदन बहुत हल्का महसूस होने लगा और वो और भी अधिक तीव्रता के साथ राज शर्मा की बाहों में उसके होंठों को चूसने लगी। राज शर्मा थोड़ी थोड़ी देर बाद रश्मि के ऊपरी होंठ अपने मुंह में लेता और उसे अच्छी तरह चूसता और फिर नीचे वाले होंठ को अपने मुँह में लेकर चूसता। रश्मि को यह सब बहुत अच्छा लग रहा था। उसकी जिंदगी में यह सब पहली बार हो रहा था मगर वह पूरी तरह उसकी लज़्जत का आनंद ले रही थी।

इसी कहानी के कुछ अंश


अब वह गुस्से में राज शर्मा की ओर देखने लगा तो मेजर राज शर्मा बोला तेरे इन किराए के कुत्तों से मैं तो क्या मेरे देश का बच्चा भी नहीं डरेगा हिम्मत है तो उन्हें कहो मेरे ऊपर गोली चलाने को वास्तव में राज शर्मा जो अपने देश की जासूसी संस्था रॉ का एजेंट था वह अच्छी तरह जानता था कि कोई भी सेना कभी भी दूसरी सेना के कैदी को इतनी आसानी से नहीं मारते। क्योंकि उनका उद्देश्य कैदी से ज़्यादा से ज्यादा जानकारी लेना होता है। इसलिए उन्हे कभी गवारा नहीं होता कि हाथ आए कैदी को कुछ जानकारी लिए बिना मार दिया जाय यही कारण था कि मेजर राज शर्मा बिल्कुल निडर खड़ा था। 
Reply
06-07-2017, 01:12 PM,
#3
RE: वतन तेरे हम लाडले
रात के 3 बज रहे थे और आगरा कॉलोनी से एक 2006 मॉडल कोरोला 80 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से शमा शॉपिंग सेंटर के सामने से होती हुई राज मार्ग आगरा फ्लाई ओवर पार करने के बाद राज मार्ग आगरा पर चली गई। राज मार्ग आगरा पर आते ही कार का स्पीड खतरनाक हद तक बढ़ चुका था। चालक शायद बहुत जल्दी में था रात 3 बजे हालांकि सड़क बिल्कुल सुनसान नहीं थी, कुछ हद तक यातायात मौजूद थी राज मार्ग पर मगर काले रंग की यह कोरोला कार अब 150 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से जा रही थी। ड्राइवर अत्यंत कौशल के साथ अन्य वाहनों से बचाता हुआ अपने गंतव्य की ओर दौड़ रहा था। महनास रोड जाने वाले टर्न के पास ड्राइवर ने ट्रांसमीटर पर एक कॉल प्राप्त की जिसमें उसे एक होंडा कार के बारे में जानकारी दी गई कि कुछ ही देर पहले इसी जगह से गुज़री थी। होंडा की गति 90 किलोमीटर प्रति घंटा बताई गई और उसे इस जगह से गुज़रे कोई 5 से 10 मिनट हो चुके थे। 



यह जानकारी मिलते ही चालक ने अपनी कार की स्पीड और बढ़ा दी क्योंकि वह जल्दी होंडा कार ढूंढना चाहता था। नर्सरी फ्लाई ओवर पार करने के बाद कब्रिस्तान के पास कोरोला चालक को दूर लाल लाइट दिखना शुरू हुआ जो शायद किसी कार की रोशनी ही थीं। उसको देखकर कोरोला चालक ने अपनी रफ़्तार में कमी की और अब 150 की बजाय 100 की गति के साथ इस कार के पीछे जाने लगा। कुछ ही देर में यह दूरी और कम हो गई और अब कोरोला का चालक अपनी गति 90 किमी प्रति घंटे पर ले आया। सामने जाने वाली कार होंडा ही थी जिसका पीछा करना था। और इस में मौजूद व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करना था। होंडा में कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना का कर्नल और पाकिस्तानी संगठन आईएसआई का विशेष एजेंट कर्नल इरफ़ान सिंह था जो अपने विशेष मिशन पर पिछले काफी दिनों से मुम्बई में मौजूद था। 

भारत की खुफिया एजेंसी भी काफी दिनों से कर्नल इरफ़ान की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी मगर वह अब तक यह समझने में असफल रहे थे कि आखिर कर्नल इरफ़ान भारत में किस मकसद से आया है और क्या वह अब तक अपने मिशन में सफल हो सका है या नहीं इस बारे में भारत की खुफिया एजेंसी रॉ अब तक कुछ पता नहीं कर सकी थी। मेजर राज जो कि एक होनहार जवान था जिसने भारत आर्मी में कम उम्र में ही बहुत नाम किया था मगर अब वह रॉ का भी विशेष एजेंट था। रॉ अपने विशेष कार्यों के लिए अक्सर मेजर राज का ही चयन करती थी और आज भी रात 3 बजे मेजर राज को विशेष रूप से कर्नल इरफ़ान का पीछा करने का काम दिया गया था। मेजर राज अपनी तेज ड्राइविंग के लिए पहले से ही प्रसिद्ध था और आज भी वह तूफानी गति से ड्राइविंग करते हुए अंततः होंडा को ढूंढ निकाला था। 

अब मेजर राज अगली कार से उचित दूरी रखते हुए लगातार उसके पीछे जा रहा था। रोड बिल्कुल सीधा था, होंडा राज मार्ग आगरा को छोड़कर क्लब रोड से होती हुई अब महात्मागाँधीरोड पर 70 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से जा रही थी। महात्मागाँधीरोड से नौसेना परिसर और फिर वहां से गाड़ी ने अचानक एक मोड़ लिया और सीधे मुम्बई बंदरगाह की ओर जाने लगी। यह आम मार्ग नहीं थी। यहां पुलिस और रेंजर्स द्वारा विशेष रूप से जाँच की जाती थी। मेजर राज ने देखा कि होंडा आगे आने वाली चेक पोस्ट पर कुछ देर के लिए रुकी है। यहां रेंजर्स हर आने वाली गाड़ी को विशेष तौर पर चेक करते थे। मेजर राज ने भी कार धीरे गति से चलने दी। जब मेजर राज की गाड़ी आगे खड़ी होंडा के बिल्कुल करीब पहुंच गई तो मेजर राज ने देखा रेंजर अधिकारी ने होंडा में मौजूद पिछली सीट पर बैठे व्यक्ति को सलयूट और चालक को एक कार्ड पकड़ा दिया। इसके साथ ही होंडा आगे चली गई। 

मेजर राज की कार भी रेंजरों अधिकारी ने चेकिंग के लिए रोका तो मेजर ने अपना कार्ड रेंजर अधिकारी को दिखाया। अधिकारी ने वह कार्ड बैठे अपने अधिकारी को दिया जिसने कार्ड विशेष रूप से जाँच करने के बाद मेजर राज को भी आगे जाने की अनुमति दी और अधिकारी ने मेजर राज को सलयूट मारकर कार्ड वापस कर दिया। मेजर राज ने सलयूट मारने वाले व्यक्ति से पूछा कि अगली गाड़ी में कौन था तो उसने बताया कि अगली कार में लेफ्टिनेंट कर्नल रंगीला मौजूद थे जो किसी महत्वपूर्ण काम से बंदरगाह की ओर जा रहे हैं। यह सुनते ही मेजर राज को चिंता हो गई। क्योंकि अगली गाड़ी में तो कर्नल इरफ़ान मौजूद था। और वे बहुत कौशल के साथ रेंजर्स अधिकारी को धोखा देकर एक भारतीयलेफ्टिनेंट कर्नल के हुलिए में मुम्बई बंदरगाह पहुंच चुका था और रेंजर अधिकारी उसको पहचानने में असफल रहे थे। 

यह सुनते ही मेजर राज ने अपनी कार चलाई और होंडा कार को ढूंढने लगा। कुछ ही दूर जाकर मेजर राज को होंडा मिल गई। उसकी रोशनी बंद हो चुकी थीं। मेजर राज ने अपनी कार दूर खड़ी की और पैदल ही होंडा की ओर बढ़ने लगा। मेजर राज इस समय अपनी वर्दी की बजाय सलवार कमीज पहने था। वे बहुत ही सावधानी के साथ होंडा की ओर जा रहा था क्योंकि वह जानता था कि कर्नल इरफ़ान आईएसआई का सबसे खतरनाक एजेंट है और अपन काम में माहिर है। वह आज तक अपने किसी भी मिशन में विफल वापस नहीं लौटा था। और रॉ जानती थी कि इस बार भी कर्नल इरफ़ान हो न हो किसी खतरनाक मिशन पर ही भारत में मौजूद है। मगर उस पर हाथ डालना इतना आसान नहीं था। कुछ ही देर में मेजर राज होंडा के करीब पहुंच चुका था उसको दूर से देखकर ही पता चल गया था कि कार में कर्नल मौजूद नहीं है। वह कार के पास पहुंचा तो ड्राइवर अभी कार में मौजूद था और ड्राइविंग सीट पर चाक चौबंद बैठा था। 

मेजर राज ने ड्राइवर से पूछा कि तुम यहाँ क्यों खड़े हो और यह किस की कार है? तो ड्राइवर ने बताया कि लेफ्टिनेंट कर्नल रंगीला साहब आए हैं उन्हें यहां कोई काम है। यह कह कर ड्राइवर अपनी मस्ती में कार में लगे गाने सुनने लगा और मेजर राज अत्यंत सावधानी से लेकिन बहुत ला उबाली ढंग से आगे बढ़ने लगा। 32 वर्षीय मेजर राज चारों तरफ के हालात से अच्छी तरह वाकिफ था, उसकी छठी इंद्रिय उसको आने वाले खतरे के बारे में भी बता रही थी मगर वह जाहिरा तौर पर सामान्य तरीके से चलता जा रहा था। कुछ दूर उसको भारतीयवर्दी में एक आर्मी ओफीसर नज़र आया जो एक ही पल में गायब हो गया। मेजर राज ने सोचा हो न हो यह कर्नल इरफ़ान ही होगा। जो इस समय सभी सुरक्षा को चकमा देकर भारतीयलेफ्टिनेंट कर्नल के हुलिए में अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र में मौजूद है। 

जो व्यक्ति जाता नज़र आया था और एकदम से गायब हो गया था वहीं से एक कार निकली जो अब बंदरगाह से होती हुई कैमाड़िय की ओर जा रही थी। मेजर राज ने भी फौरन वापसी की और भागता हुआ अपनी कार में जा बैठा और उसी ओर चल पड़ा जहां अन्य कार जा रही थी। कैमाड़िय घाट पहुंच कर मेजर राज को वही गाड़ी फिर से दिखी लेकिन इस समय उसमे कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था। मेजर राज तुरंत वहां से भागता हुआ साइड पर गया जहां पर बोट मौजूद होती हैं। वहां से मेजर राज को पता लगा कि रंगीला साहब, जो कि वास्तव में कर्नल इरफ़ान था, एक नाव पर सवार हो चुके हैं जो अब प्रायद्वीप जाएगी। मेजर राज भी सुरक्षा अधिकारी से नज़र बचाकर इस बड़ी सी नाव में छुप कर बैठ गया। कुछ देर बाद बोट दूसरी साइड पर पहुँच चुकी थी और कर्नल इरफ़ान अपने कुछ साथियों के साथ नाव से उतर गया। मौका देखकर मेजर राज भी नाव से नीचे उतरा। नीचे उतर कर मेजर राज ने देखा कि कर्नल इरफ़ान के लिए एक काले रंग की पजेरो खड़ी है। कर्नल इरफ़ान अपने 2 साथियों के साथ पजेरो पर सवार हुआ और कुछ साथी वापस उसी नाव की ओर जाने लगे। 

मेजर राज समझ गया था कि अब उनका रुख प्रायद्वीप से ही होगा जहां से बड़े जहाज समुद्री रास्ते से दुनिया के विभिन्न देशों के लिए रवाना होते थे। आम तौर पर समुद्री जहाज के माध्यम से बड़े स्मगलर यात्रा करते हैं और मेजर राज के मन में पहला ख्याल यही आया कि कर्नल इरफ़ान एक कीमती चीज़ की तस्करी में इन्वोल्व है, लेकिन अगले ही पल मेजर राज ने इस विचार को अपने मन से निकाल दिया कि तस्करी के लिए आईएसआई जैसी एजेंसी कभी भी काम नहीं करेगी। ऐसा काम तो छोटे-मोटे समगलरज़ के माध्यम से करवाया जा सकता है, कर्नल इरफ़ान के इस मामले में शामिल होना किसी बड़े खतरे की ओर इशारा था। काले रंग की पजेरो यहाँ से जा चुकी थी, और मेजर राज अब पैदल ही प्रायद्वीप की ओर जा रहा था। मेजर राज भागता हुआ यह सारा रास्ता तय कर रहा था। पजेरो सड़क मार्ग से जा रही थी जबकि मेजर राज शॉर्टकट उपयोग करता हुआ अपने गंतव्य की ओर जा रहा था। सुबह की हल्की हल्की रोशनी हो रही थी और अब बिना रोशनी भी काफी हद तक निगाह काम करने लगी थी। 
Reply
06-07-2017, 01:12 PM,
#4
RE: वतन तेरे हम लाडले
आधे घंटे लगातार भागने के बाद मेजर राज के फेफड़े जवाब देने लगे थे। उसका सांस धोकनी की तरह चल रहा था अब इसमें अधिक भागने की हिम्मत बाकी नहीं रही थी। मगर एक अनजाना डर उसको रुकने नहीं दे रहा था। कर्नल इरफ़ान आख़िर भारत का ऐसा कौन सा रहस्य लेकर जा रहा था यहाँ से ??? वतन मे आने वाले खतरे के बारे में सोच सोच कर मेजर राज का हौसला और बढ़ रहा था और वह बिना रुके लगातार भागता जा रहा था। अंत में मेजर राज को दूर एक जहाज दिखाई दिया। जो प्रस्थान के लिए तैयार था। लेकिन यहां से अब भी एक किलोमीटर का सफर तय करना बाकी था जो मेजर राज ने लगभग भागते हुए ही तय किया। रास्ते मे कुछ देर के लिए अपने आपको लोगों की नजरों में आने से बचाने के लिए मेजर राज कुछ चीज़ों की ओट लेकर रुक भी जाता तो वे कर्नल इरफ़ान को रंगे हाथों पकड़ सके। जब मेजर राज जहाज के बिल्कुल करीब पहुंच गया तो वहां से जहाज तक जाना मेजर राज के लिए असंभव हो गया था। 

मेजर राज ने एक बार सोचा कि वह यहाँ मौजूद सभी सुरक्षा कर्मियों को बता दे कि यह भारतीयवर्दी में लेफ्टिनेंट कर्नल रंगीला साहब नहीं बल्कि आईएसआई का एजेंट कर्नल इरफ़ान है लेकिन फिर इस विचार को भी मेजर राज ने छोड़ दिया, ऐसा न हो कि सुरक्षाकर्मी भी भेष बदलकर आए हों और वास्तव में वह भी आईएसआई के ही एजेंट हों या फिर आईएसआई ने उन्हें भारी रकम देकर खरीद लिया हो ऐसे में मेजर राज खुद खतरे में फंस सकता था। जो रास्ता जहाज के डेक की ओर जाता था वहां पर 10 के करीब बंदूकधारी मौजूद थे और ऐसे में उनसे पंगा लेने का मतलब था आ बैल मुझे मार । अगर सामान्य परिस्थितियों में 10 बंदूकधारियों से लड़ना होता तो मेजर राज एक पल भी ना सोचता, लेकिन यहाँ समस्या उनसे लड़ने की नहीं बल्कि कर्नल इरफ़ान को पकड़ने की थी जो शायद भारत से कोई कीमती रहस्य चुरा कर दुश्मन देश जा रहा था। आखिरकार मेजर राज ने दूसरा रास्ता अपनाया, जहाज के डेक की ओर जाने की बजाय मेजर राज ने चुपचाप एक साइड पर पड़ी लाइफ ट्यूब उठाई और समुद्र के पानी में उतर गया। जो कि मेजर राज बहुत अच्छा तैराक भी था मगर वो बिना आवाज पैदा किए जहाज तक पहुंचना चाहता था जिसके लिए लाइफ ट्यूब का उपयोग ही सर्वोत्तम था। ट्यूब की मदद से मेजर राज समुद्री पानी में मौजूद बनाए गए अस्थायी रास्ते के नीचे हो लिया। 

यहां पानी की गहराई तो ज्यादा नहीं होती मगर एक आम तैराक के लिए संभव नहीं होता कि वह पानी में उतर सके। लकड़ी के तख्तो की मदद से बनाए गए रास्ते का उपयोग होता है और मेजर राज इन्हीं तख्तो के नीचे नीचे जहाज पर जा रहा था। जहाज के बेहद करीब पहुंचकर मेजर राज बहुत चौकन्ना हो गया क्योंकि उसके ठीक ऊपर बंदूक धारी मौजूद थे जो आपस में कुछ बातें कर रहे थे। मेजर राज ने उनकी बातें सुनने की कोशिश की मगर ठीक से समझ नहीं पाया। यहां मेजर राज की छोटी सी गलती भी पानी में ध्वनि उत्पन्न कर ऊपर खड़े बंदूकधारियों को चौकन्ना कर सकती थी इसलिए मेजर राज बहुत सचेत हो के साथ जहाज के बिल्कुल करीब पहुंचा। जहाज अब चलने के लिए बिल्कुल तैयार खड़ा था। और उस पर सवार होना असंभव था जबकि मेजर राज वापस नहीं जा सकता था।


मेजर राज ने तुरंत ही अपने आसपास देखा तो उसे सौभाग्य से एक छोटा पाइप पानी पर तैरता हुआ मिला। समुद्री सीमा में आमतौर बहुत सा कचरा और गंदा सामान होता है, भारत में सफाई के खराब प्रबंधन की वजह से पानी न केवल बहुत अधिक भूरा होता है बल्कि इसमें बहुत सा काठ कबाड़ भी मौजूद होता है। यही बात आज मेजर राज के काम आई और उसे एक पाइप मिला। मेजर राज जहाज के बिल्कुल करीब था, जैसे ही जहाज़ चलने लगा और उसके सुरक्षा बंद तोड़े गए तो पानी में बहुत अधिक शोर पैदा हुआ जोकि सामान्य बात थी, इसी शोर का लाभ उठाते हुए मेजर राज ने एक डुबकी लगाई और पानी के नीचे जाकर जहाज के साथ एक कोने को पकड़ कर खड़ा हो गया। मेजर राज ने अपना सांस रोक रखा था। विशेष प्रशिक्षण की वजह से मेजर राज कम से कम 3 मिनट तक बा आसानी पानी में अपना सांस रोक सकता था। और इन 3 मिनट में जहाज इन बंदूकधारियों से काफी दूर आ चुका था। जब मेजर राज को अधिक सांस रोकने में कठिनाई का सामना होने लगा तो उसने पाइप का सहारा लिया। पाइप जल स्तर से कुछ ऊपर बाहर निकाल लिया और नीचे से अपना मुंह लगा लिया। जिससे मेजर राज को अब सांस लेने में आसानी हो रही थी। मगर पानी में जमे रसायन और अन्य गंदे अपशिष्ट मेजर राज के शरीर पर बहुत बुरा असर डाल रहे थे। ऐसे क्षेत्रों में अक्सर जहाज़ो का तेल भी समुद्री जल में ही छोड़ दिया जाता है जो मछलियों के जीवन के लिए जहर का काम करता है। मेजर राज के लिए इस पानी में अपनी आँखें खोल पाना भी मुश्किल हो रहा था। वह महज पाइप की मदद से साँस ले पा रहा था और इस इंतजार में था कि जहाज बंदरगाह से दूर निकल जाए ताकि वह लोगों की नजरों में आए बिना जहाज पर चढ़ सके। 
Reply
06-07-2017, 01:13 PM,
#5
RE: वतन तेरे हम लाडले
अधिक से अधिक 10 मिनट बीतने के बाद मेजर राज को एहसास हुआ कि शायद अब पानी कुछ साफ है क्योंकि अब यह चिकनाहट और गंध नहीं रही थी। मेजर राज ने आंखें खोलीं तो वास्तव में पानी थोड़ा साफ था जिसका मतलब था कि अब जहाज बंदरगाह से दूर निकल आया है। मेजर राज ने उस सहारे को देखा जिसे पकड़कर वह जहाज के साथ यात्रा कर रहा था, वहां ऐसी बहुत सी सीढ़ी थीं। यह वास्तव में लोहे की रॉड से सीढ़ी बनाई गई थीं जिनकी मदद से कोई भी जहाज की ऊपर वाली सतह तक पहुंच सकता था. ज़रूरत पड़ने पर समुद्र के बीच इन्हीं सीढ़ियों का उपयोग करके समुद्री पानी में उतरा जाता है और जहाज की बाहरी मरम्मत की जरूरत अगर हो तो वह काम भी किया जा सकता है। इन्हीं सीढ़ियों की मदद से मेजर राज ने पानी से सिर बाहर निकाला और तुरंत पीछे बंदरगाह देखा जो अब काफी दूर रह चुका था और काफी धुंधली तस्वीर नजर आ रही थी। अब कम से कम वहाँ कोई भी मेजर राज को नहीं देख सकता था। मेजर राज सीढ़ियों का उपयोग करके जहाज के ऊपर चढ़ चुका था।

आश्चर्यजनक रूप से यहां सुरक्षा के लिए कोई मौजूद नहीं था बल्कि हर तरफ खामोशी थी। 

मेजर राज झुककर चलता हुआ और अपने आप को अलग अलग चीजों से खुद को छिपाता हुआ एक केबिन में पहुँच चुका था। यहाँ से जहाज को नियंत्रित किया जाता था। अंदर पायलट भी मौजूद था और मेजर राज को तुरंत ही अंदाजा हो गया कि जहाज का रुख मस्कट ओमान और दूसरे अरब देशों की ओर था। ये बात मेजर राज के लिए आश्चर्यजनक थी क्योंकि मेजर राज के विचार के अनुसार कर्नल इरफ़ान को पाकिस्तान जाना चाहिए था मगर इस जहाज का रुख दूसरी ओर था। अब मेजर राज यह समझने की कोशिश कर रहा था कि उसे दूर एक छोटा जहाज इसी तरफ आता नजर आया। और जिस जहाज पर मेजर राज सवार था उसकी गति भी धीमी होने लगी। मेजर राज की छठी इंद्रिय ने काम किया और वो तुरंत ही फिर इन्हीं सीढ़ियों से उतर कर पानी के नीचे चला गया।

वह पाइप मेजर ने अपनी पाजामे के नेफे में फंसा लिया था पानी के नीचे जाकर मेजर ने दोबारा पाइप निकाला और इसी की मदद से सांस लेने लगा। कुछ ही देर में छोटा जहाज बड़े जहाज की दूसरी साइड पर आकर रुक गया। मेजर राज ने पानी से सिर बाहर निकाला तो उसे इस तरफ में कुछ नज़र नहीं आया, वह पानी में ही जहाज़ का सहारा लेकर दूसरी ओर गया तो उसने देखा कि कर्नल इरफ़ान एक सीढ़ी के माध्यम से बड़े जहाज से छोटे जहाज में सवार हो रहा था। मेजर राज एक बार फिर पानी के नीचे गया और तैर कर छोटे जहाज की दूसरी साइड पर पहुंच गया और वहां भी मौजूद पानी के नीचे जहाज के साथ लगी सीढ़ियों का सहारा लिया। कुछ देर के बाद जहाज़ ने चलना शुरू किया। अब की बार इस जहाज की गति पहले जहाज से अधिक थी और मेजर राज को पानी के नीचे रहना मुश्किल हो गया था। 

वह सीढ़ियों से होते हुए ऊपर जहाज पर चढ़ आया और एक लोहे से बने डिब्बे की ओट में छुप कर बैठ गया। इस जहाज का रुख पहले चालक से उल्टी तरफ था। यानी कि यह जहाज दुश्मन देश पाकिस्तान था और कर्नल इरफ़ान भारत की सुरक्षा एजीनसीज़ की आंखों में धूल झोंक कर पाकिस्तान की तरफ जा रहा था। मेजर राज के पास यह आखिरी मौका था कर्नल इरफ़ान को रोकने के लिए। उसने तुरंत ही फैसला किया कि उसे इस जहाज पर कब्जा करना होगा इसे वापस भारत ले जाना होगा जो कि यह एक असंभव काम था मगर मेजर राज को इस समय कुछ और सुझाई न दिया और वो तुरंत ही छुपता छुपाता चालक नियंत्रण कक्ष में पहुंच गया। कांच की खिड़की से उसने अंदर देखा तो जहाज का पायलट सिख था। हल्की दाढ़ी और सिर पर सिखों वाली शैली की पगड़ी मौजूद थी। यह निशानी मेजर राज के संदेह को विश्वास मे बदलने के लिए पर्याप्त थी मेजर राज जिसके कपड़े भीगे हुए थे एक ही पल मे दरवाजे तक पहुंचा और बिना आहट किए पायलट के सिर पर पहुँच गया। 

इससे पहले चालक को कुछ समझ आती मेजर राज का वार उसकी गर्दन की हड्डी पर पड़ा और पायलट को अपना सिर घूमता हुआ महसूस हुआ और फिर उसकी आँखें बंद होने लगी। मेजर राज के एक ही वार ने पायलट को बेहोश कर दिया था। जहाज में मौजूद नक्शे की मदद से मेजर राज ने अंदाज़ा लगाया कि वापस भारत की बंदरगाह पर पहुँचने के लिए उसे जहाज बाँई ओर घुमाना होगा और मेजर राज ने ऐसा ही किया। जहाज की गति तेज होने के कारण जहाज ने थोड़े हिचकोले लिए मगर मेजर राज ने तुरंत ही उसको काबू में कर लिया और जहाज की गति भी कम कर दी। जब जहाज सही डायरेक्शन में जाने लगा तो मेजर राज ने गति फिर से बढ़ा दीी। 

जहाज के नीचे मौजूद वीआईपी कमरे में कर्नल इरफ़ान ने तुरंत महसूस किया कि जहाज में जो हिचकोले आए हैं यह किसी अनजान और अनाड़ी पायलट की वजह से ऐसा हुआ है। कर्नल इरफ़ान ने तुरंत अपने साथ एक कैप्टन को लिया और कंट्रोल रूम की तरफ बढ़ने लगा। कर्नल इरफ़ान की उम्र 45 के करीब थी और लंबा 6 फुट 2 इंच था। कर्नल इरफ़ान 45 साल का होने के बावजूद शारीरिक रूप से फिट और कई जवान अधिकारियों पर भारी था। ऊपर से उसका दिमाग़ भी किसी कंप्यूटर की तरह तेज चलता था।यही कारण था कि जहाज के हल्के से हचकोलों ने उसे खतरे से आगाह कर दिया था। 

दूसरी ओर मेजर राज अपनी धुन में मगन जहाज की गति में लगातार वृद्धि किए जा रहा था। वह जल्द से जल्द जहाज़ को भारत की समुद्री सीमा में पहुंचाना चाहता था जहां से भारतीयनौसेना जल्दी इस जहाज को गिरफ्तार कर लेती और कर्नल इरफ़ान भी पकड़ा जाता मगर इससे पहले कि जहाज़ भारत की समुद्री सीमा में प्रवेश करता मेजर राज को दरवाजा खुलने की आवाज आई। मेजर राज की छठी इंद्रिय ने उसे खतरे से आगाह किया और वह बिना पीछे गये कलाबाज़ी लगाकर अपने दाहिने ओर घूम गया। एक सेकंड की देर मेजर राज को इस दुनिया से अगली दुनियाँ मे पहुंचा सकती थी। कर्नल इरफ़ान के साथ आने वाले कैप्टन ने एक भारी लोहे की रोड मेजर राज के सिर पर मारने की कोशिश की थी, लेकिन मेजर राज अपने स्पेशल प्रशिक्षण के कारण इस वार से बच गया। इससे पहले कि कैप्टन अगला वार करता मेजर राज एक ही छलांग में उसके सिर पर पहुँच चुका था और अपने लोहे जैसे हाथ से कैप्टन की गर्दन को एक ही झटके में तोड़ चुका था। 

वो केप्टन मेजर राज के लिहाज से जमीन पर गिर चुका था और उसकी अंतिम सांसें निकल चुकी थीं। मेजर राज ने बिना समय बर्बाद किए अपना अगला वार कर्नल इरफ़ान पर किया मगर वह आश्चर्यजनक रूप से फुर्तीला निकला। वो ना केवल मेजर राज के वार से बच निकला बल्कि मेजर राज के वार से बच कर उसने अपनी लंबी टांग हवा में घुमाई जो मेजर राज की कमर पर लगी और मेजर राज हवा में उछलता हुआ नियंत्रण कक्ष की दीवार पर जाकर लगा। लेकिन अगले ही पल मेजर राज ने दीवार का सहारा लेते हुए वापस छलांग लगाई और कर्नल इरफ़ान की गर्दन पर वार किया, मगर इस बार भी कर्नल इरफ़ान की फुर्ती ने उसे बचा लिया, इससे पहले कि मेजर राज का हाथ कर्नल इरफ़ान की गर्दन पर पड़े कर्नल इरफ़ान ने कमाल के कौशल के साथ मेजर राज के हाथ पर अपना वार किया और मेजर राज को अपने हाथ की हड्डी दो भागों में विभाजित होती महसूस हुई। इससे पहले कि मेजर राज अगला वार करता, कर्नल इरफ़ान ने मेजर राज का वार उसी पर आजमाया और गर्दन पर हमला किया। कर्नल इरफ़ान ने कराटे की विशिष्ट शैली में अपने हाथ की हड्डी मेजर राज की गर्दन की हड्डी पर इस तरह मारी कि मेजर ने अपने आपको हवा में उड़ता हुआ महसूस किया और शरीर हल्का होता हुआ महसूस हुआ। 

मेजर राज ने घूमकर फिर कर्नल इरफ़ान पर हमला करने की कोशिश की जो अब की बार बिल्कुल शांत खड़ा था। इससे पहले मेजर राज के हाथ कर्नल इरफ़ान की गर्दन तक पहुंचते मेजर का दिमाग़ उसका साथ छोड़ चुका था और वह अपने वजन पर ही नीचे गिरता चला गया। नीचे गिरने से पहले ही मेजर राज की आंखों के आगे अंधेरा छा गया था। और जैसे ही वह नीचे गिरा, इरफ़ान दरवाजा खोलकर बाहर जा रहा था। 



मेजर राज की चेतना बहाल हुई तो उसने अपने आप को जमीन पर पड़ा देखा। कुछ देर मेजर राज आंखें खोले बिना जमीन पर पड़ा रहा और फिर हालात को समझने की कोशिश करने लगा। जो अंतिम बात उसको याद आई वह कर्नल इरफ़ान का शांत चेहरा था। मेजर राज के हाथ उसकी गर्दन की ओर बढ़ रहे थे मगर न जाने क्यों उसकी गर्दन तक पहुंचने से पहले ही उसकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया था। 

अब मेजर राज महसूस करने लगा कि उसके आस पास कोई खड़ा है या नहीं ??? मगर उसको ऐसा कुछ भी महसूस नहीं हुआ, न किसी के कदमों की आहट थी और न ही किसी की बातें न ही किसी के सांस लेने का एहसास। अचानक ही मेजर राज को एहसास हुआ कि उसे जहाज़ के चलने की आवाज नहीं आ रही और नही पानी के जहाज के हिचकोले महसूस हो रहे हैं बल्कि जिस स्थान पर वह लेटा हुआ था

वह बहुत ही शांत और स्तब्ध जगह थी। यह जहाज तो कदापि नहीं हो सकता था। मेजर राज ने धीरे धीरे अपनी आँखें खोली तो उसने अपने आप को एक बंद कमरे में पाया। उसने अपनी गर्दन को इधर उधर घुमा कर देखा तो वह एक खाली कमरा था जिसमें मेजर राज के अलावा और कोई मौजूद नहीं था। मेजर राज ने एक छलांग में उठने की कोशिश की मगर उसकी कोशिस बुरी तरह विफल हुई। उसके हाथ और पैर एक बहुत ही मजबूत रस्सी से बंधे थे। यह शायद नाइलोन की रस्सी थी। 

मेजर राज को तुरंत समझ में आ गया कि वह कर्नल इरफ़ान के सामने बुरी तरह विफल हो चुका है। और इस समय निश्चित रूप से उसी की कैद में है। अगला विचार जो उसके मन में आया वह था कि कर्नल इरफ़ान उसे बेहोशी की हालत में दुश्मन देश पाकिस्तान ही ले आया होगा। और अब मेजर राज दुश्मन देश की कैद में है। यह एहसास होते ही मेजर राज के होश फाख्ता होने लगे और उसकी सोचने-समझने की शक्ति समाप्ति होने लगीं। मेजर राज ने हमेशा यही प्रार्थना की थी कि दुश्मन की कैद में जाने से बेहतर शहीद होना है। मगर इसके विपरीत मेजर राज अब दुश्मन की कैद में था। 

ताक़त बहाल होने पर मेजर राज ने फिर से उठने की कोशिश की और थोड़ी सी कोशिश के बाद वह अब उठ कर बैठ गया था। जबकि उसके पैर और हाथ अब भी बंधे थे जिन्हें किसी भी रूप में खोलना संभव नहीं था। नाइलोन की रस्सी उसके हाथों पर बहुत मजबूती से बंधी हुई थी जिस पर अगर वह जोर आजमाइश की कोशिश करता तो वह रस्सियाँ उसकी त्वचा के अंदर धंस जातीं। वह जानता था कि जोर आजमाइश की कोशिस से इस रस्सी से अपने आप को मुक्त कर पाना संभव नहीं। 

अब वह कमरे में स्तब्ध बैठा आसपास की समीक्षा कर रहा था। यह कमरा पूरी तरह से खाली था। कमरे में कोई प्रकाश नहीं था केवल एक साइड पर दीवार में मौजूद रोशनदान से हल्की हल्की रोशनी अंदर आ रही थी। सामने एक बड़ा सा लोहे का मजबूत दरवाजा था जो वास्तव में एक सुरक्षित कमरे में ही हो सकता है। आम घरों में या कार्यालयों में इस तरह के दरवाजे मौजूद नहीं होते। मात्र 2 मिनट की समीक्षा में ही मेजर राज को एहसास हो गया कि यहाँ से उसका बच कर निकलना संभव नहीं। 
Reply
06-07-2017, 01:13 PM,
#6
RE: वतन तेरे हम लाडले
वह अब सिर झुकाए बीते हुए लम्हों को याद कर रहा था। उसका घर से निकलकर कार में होंडा का पीछा करना वहां से फिर भागते हुए बंदरगाह तक पहुंचकर गंदे पानी में पाइप के माध्यम से साँस लेना फिर जहाज चेंज करना और वहां से इरफ़ान से आमना-सामना हुआ यह सब बातें उसके मन में एक फिल्म की तरह चल रही थीं। इसी फिल्म में अचानक ही मेजर राज को एक और चेहरा याद आया। यह चेहरा किसी और का नहीं बल्कि उसकी अपनी नई नवेली दुल्हन रश्मि का चेहरा था। रश्मि का विचार मन में आते ही एक झमाका हुआ और मेजर राज को याद आया कि अभी एक दिन पहले ही तो उसकी शादी हुई थी। 

[Image: CkFiFmEUUAARmJi.jpg]
मेजर राज मैरून कलर की शेरवानी में गजब ढा रहा था। आज मेजर राज की शादी की पहली रात थी। उसकी पत्नी रश्मि अपने कमरे में मौजूद दुल्हन बनी बैठी अपने दूल्हे का इंतज़ार कर रही थी, जबकि बाहर कमरे के सामने मेजर राज की बहनें उसका रास्ता रोककर खड़ी थीं। कल्पना जिसकी उम्र 25 साल थी और पिंकी जो अब 21 साल की थी दोनों ही अपने भाई का रास्ता रोककर खड़ी थीं। साथ में कुछ रिश्तेदारों की लड़कियाँ भी थीं जो दूल्हे को अपनी नई नवेली दुल्हन के पास जाने से रोक रही थी। मेजर राज ने जेब से हजार हजार के 10 नोट निकाले और पिंकी की तरफ बढ़ाए वह जानता था कि कल्पना 10 हजार में नहीं मानेगी मगर पिंकी छोटी है शायद वह मान जाएगी। मगर इससे पहले कि पिंकी वे पैसे पकड़ती और राज को अंदर जाने का रास्ता देती कल्पना ने राज का हाथ झटक दिया और बोली हम तो अपने प्यारे भाई से सोने का सेट लेंगे फिर अंदर जाने की अनुमति मिलेगी। यह सुनकर मेजर राज ने अपनी माँ की तरफ देखा मगर वह भी आज अपनी बेटियों का साथ देने का इरादा रखती थीं। उन्होंने यह भी कह दिया कि तुम भाई बहन का आपस का मामला है इस मामले में कुछ नहीं बोल सकती। 

मेजर राज ने बहुत कहा कि सोने का सेट तुम जय से लेना मेरे पास यही पैसे हैं, लेकिन ना तो कल्पना मानी और न ही पिंकी। और अंत मे मेजर राज को हार माननी पड़ी और उसने सोने की चेन जो उसकी पत्नी रश्मि के लिए बनवाई थी थी वह कल्पना को दी और पिंकी से वादा किया कि उसे भी एक अच्छी सोने की चेन दिलवाई जाएगी। इस वादे के बाद दोनों बहनों ने राज की जान छोड़ी और जय की तरफ भागी जय मेजर राज का छोटा भाई था जिसकी उम्र 27 साल थी और उसकी भी आज ही शादी हुई थी। अब रास्ता रुकने की बारी उसकी थी और दोनों बहनें कल्पना व पिंकी जय का रास्ता रोके खड़ी थीं। जिसका कमरा मेजर राज के कमरे के साथ ही था। लेकिन राज के पास अब इतना धैर्य नहीं था कि वह देखता जय के साथ बहनों ने क्या किया उसने दरवाजा खोला और अंदर जाकर सुख का सांस लिया। 
[Image: maxresdefault.jpg]
सामने बेड पर लाल गुलाब और सफेद फूलों की सेज बनी हुई थी। बेड के एक तरफ सरक पत्तियां बिखरी पड़ी थीं। पूरा कमरा गुलाब की खुशबू से महक रहा था। और सामने ही लाल शादी का जोड़ा पहने 20 वर्षीय रश्मि सिमटी बैठी थी। यूं तो मेजर राज और रश्मि की उम्र में 12 साल का अंतर था मगर दोनों ही इस शादी से खुश थे। रश्मि ने जब से राज को देखा था वह तो उसकी दीवानी हो गई थी, इस दीवानगी ने उम्र का यह बड़ा अंतर भी मिटा दिया था और वो केवल राज की ही होकर रह गई थी। रश्मि ने अपने नाम की लाज रखी थी। वह हर तरह की अनैतिक बातों से दूर रही और उसने अपनी इज्जत की रक्षा भी की। अपनी जवानी में उसने किसी गैर मर्द का साया तक नहीं पड़ने दिया था। रश्मि एक उदार और आधुनिक लड़की ज़रूर थी मगर उसके साथ विनम्रता हया और पाकदामनी में भी अपनी मिसाल आप थी। कभी किसी गैर मर्द को उसने अपने पास नहीं आने दिया था। गोरी रंग और भरपूर जवानी के बावजूद रश्मि ने अपनी रश्मि को बनाए रखा था और मेजर राज को भी रश्मि की पाकदामनी और हुश्न संहिता ने प्रभावित किया था। 
[Image: night-of-the-honeymoon-couple-lives-with...141518.jpg]
यही कारण था कि मेजर राज रश्मि को अपनी पत्नी बनाने के लिए खुशी खुशी तैयार हो गया था। कमरे में दाखिल होकर पहले राज ने अपनी शेरवानी उतारी। लगातार 4 घंटे से राज इस भारी शेरवानी में बड़ी मुश्किल से गुजारा कर रहा था। वह अपनी शादी के लिए पेंट कोट सिल्वाना चाहता था मगर रश्मि की फरमाइश पर उसने शेरवानी सलवाई। राज इस तरह के कपड़े पहनने का पूरी तरह आदी नहीं था। बस अपनी होने वाली पत्नी के कहने पर उसने 4 घंटे से शेरवानी शोभा ए तन कर रखी थी। शेरवानी उतार कर एक साइड पर रखने के बाद वह धीरे धीरे चलता हुआ सेज के पास पहुंचा, जहां सिमटी हुई रश्मि शर्म के मारे और भी सिमट गई थी। मेजर राज कुर्ता और पाजामा पहने अपनी पत्नी के सामने बैठ गया तो रश्मि ने घूँघट से ही आंखें उठाकर राज को देखा लाल दुपट्टे से राज का मुस्कुराता हुआ चेहरा नजर आया। राज के चेहरे पर नज़र पड़ते ही रश्मि के चेहरे पर चमक आ गई और उसने फिर से अपनी नजरें झुका लीं। राज ने भी अपनी पत्नी का यह अंदाज देखा तो सच मे उस पर प्यार आ गया, राज ने धीरज के साथ अपने दोनों हाथों से रश्मि के घूँघट को ऊपर उठाया। । । घूँघट को उठाते ही राज के मुंह से अपनी पत्नी के हुस्न में प्रशंसा के शब्द निकलना शुरू हुए जिन्हें सुनकर रश्मि के चेहरे का रंग अनार के रस की तरह लाल होने लगा। शर्म के मारे वो न तो अपनी आंखें ऊपर उठा रही थी और न ही कुछ बोल पा रही थी। 
[Image: 24-1422096094-couple4.jpg]
राज ने अपनी एक उंगली से रश्मि का चेहरा ऊपर उठाया तो भी रश्मि की आँखें झुकी रहीं। इस पर राज ने कहा अब हम इतने भी बुरे नहीं जो आप हमारी ओर देखना भी गवारा न करें। यह सुनते ही शरमाई हुई रश्मि ने अपनी आंखें खोल लीं और राज को देखने लगी। बड़ी-बड़ी आँखों में मौजूद खुशी स्पष्ट दिख रही थी। और उनमें छिपा राज को प्यार भी अब स्पष्ट हो गया था। राज आगे बढ़ा और उसकी हसीन आंखों पर एक चुंबन दे दिया। रश्मि ने राज को बिल्कुल मना नहीं किया सिर्फ अपनी आँखें बंद कर लीं राज ने अपने होंठ कुछ देर आंखों पर रखने के बाद उठाए फिर से हुश्न की इस मूरत को देखने लगा। रश्मि का चेहरा अभी भी खुशी और प्यार के मिश्रित भाव की वजह से लाल हो रहा था। और उसकी भारी भारी सांसें उसके जज़्बात को प्रतिबिंबित कर रही थीं। 
[Image: Made-with-newly-wedded-honeymoon-cousin-that-night.jpg]
इससे पहले मेजर राज पुनः हुश्न की इस प्रतिमा का चुंबन लेता, रश्मि ने अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी सुंदर और नाजुक हथेली राज के सामने फैला दी। राज ने हैरान होकर रश्मि के हाथ को देखा और फिर रश्मि की ओर सवालिया नज़रों से देखा। थोड़े से अंतराल के बाद रश्मि ने पहली बार अपने होंठ खोले। रश्मि ने बहुत प्यार भरी आवाज़ में राज को संबोधित किया और बोली हर पति अपनी पत्नी का चेहरा पहली बार देखने के बाद उसे मुँह दिखाई कुछ देता है। आप तो मेरा चुंबन भी ले चुके मगर मुंह दिखाई में कुछ नहीं दिया। यह सुनकर राज को भी अपनी गलती का एहसास हुआ और वह लज्जित होकर बोला कि बस तुम्हारी सुंदरता ने मुझे मदहोश कर दिया था और मुझे कुछ याद ही नहीं रहा। अपने हुस्न की तारीफ में यह कुछ मामूली वाक्य रश्मि के लिए बहुत बड़ा उपहार थे। उन्हें सुनकर रश्मि को लगा जैसे उसका जीवन धन्य हो गया हो और उसे जीवन में राज के साथ के सिवा और कुछ नहीं चाहिए। 

इससे पहले रश्मि कुछ बोलती, राज आगे झुका, और बेडसाइड पर पड़े आल्मीरा की दराज खोलकर एक छोटी सी डिबिया निकाली जिसमें एक सोने की चेन मौजूद थी। इस की चैन में एक छोटी लेकिन बहुत ही सुंदर लटकन भी मौजूद था जो दिल के आकार का था। मेजर राज ने वह चैन रश्मि की ओर बढ़ाई तो रश्मि ने इठलाते हुए कहा खुद पहनाएं तो उपहार के मूल्य का पता चलेगा।
[Image: phpThumb_generated_thumbnail-1458290029.jpeg]
यह सुनकर राज मुस्कुराया और अपने हाथ से चैन के हुक को खोल कर हाथ रश्मि की गर्दन से लेकर गया। रश्मि ने राज को रुकने का इशारा किया और अपना बड़ा सा दुपट्टा कंधे से हटा कर अपना भारी पर कम सोने का सेट अपने गले से उतारने लगी। सेट उतारते हुए राज बड़े ही प्यार के साथ अपनी पत्नी को देख रहा था, राज की नजर जब रश्मि के सीने पर पड़ी तो वह अपनी आंखें झपकाना ही भूल गया। रश्मि की सुराही दार लंबी गर्दन गोरा गोरा सीना, नीचे सीने के उभार और बीच में क्लीवेज़ की लाइन। रश्मि के चेहरे की नैन छवि तो प्यारी थी ही मगर आज राज उसके सीने के उलटफेर देखकर सांस लेना भूल गया था। 

रश्मि जब अपने गले से जेवर उतार चुकी तो उसने दुपट्टा और थोड़ा पीछे हटाया और राज की नजरें रश्मि के सीने पर गढ़ी हुई थीं। रश्मि ने भी इस बात को महसूस कर लिया और उसका सीना गर्व से और फूलने लगा। फिर उसने राज के सामने एक चुटकी बजाई और एक मुस्कान से बोली क्या देख रहे हैं जी ?? राज को होश आया और वह अपनी चोरी पकड़ी जाने पर थोड़ा शर्मिंदा हुआ मगर फिर बोला अपनी किस्मत को दाद दे रहा हूँ, ऐसी सुंदर और जवानी से भरपूर पत्नी का साथ खुशनसीब लोगों को ही मिलता है। यह कह कर वह आगे बढ़ा और अपने हाथ रश्मि की गर्दन के पीछे ले गया। उसने पीछे से चैन का हुक बंद किया और फिर पीछे हटकर रश्मि के गले में मौजूद मुंह दिखाई में दी हुई सोने की चैन को देखने लगा। चैन में झूलता हुआ लटकन रश्मि की क्लीवेज़ लाइन से कुछ ऊपर था, राज ने लटकन को देखा और आगे बढ़ कर अपने होंठ लटकन वाली जगह पर रखकर एक प्यार भरा चुंबन दिया। रश्मि को राज के होंठ अपने सीने पर महसूस हुए तो उसकी भी एक सिसकी निकल गई। यह पहला मौका था कि एक आदमी के होठों ने रश्मि के सीने में प्यार भरा चुंबन दिया था। 
[Image: 0.jpg]
राज ने यहीं बस नही की बल्कि आगे बढ़कर रश्मि की कमर के चारों ओर अपने हाथ डाल लिए, रश्मि भी उठी और अपने पति के पास गई। रश्मि ने कभी किसी पुरुष को अपने पास नहीं आने दिया था मगर वह अपने जीवन साथी अपने पति से किसी भी प्रकार की शर्म महसूस नहीं कर रही थी। लेकिन नाज़ुक और प्राकृतिक शर्म तो उसमें मौजूद थी ही मगर बनावटी शर्म और अपने पति से संकोच इस रश्मि की प्रकृति में शामिल नहीं था। वह जानती थी कि यौन संतुष्टि न केवल उसका अधिकार है बल्कि उसके पति का अधिकार है। और दोनों एक दूसरे के साथ सहयोग करेंगे तो पूरी संतुष्टि हासिल की जा सकती है।

[Image: khaspost-suhagraat-topics%2B%25281%2529.jpg]
Reply
06-07-2017, 01:13 PM,
#7
RE: वतन तेरे हम लाडले
रश्मि करीब हुई तो राज ने अपने होंठों से रश्मि के नरम और नाजुक होठों पर अपने होंठ रख दिए। रश्मि को 440 वोल्ट का झटका लगा। वह नहीं जानती थी कि जब कोई पुरूष स्त्री के होठों को चूमता है तो कैसा लगता है। आज पहली बार उसके होंठों पर राज के होंठ लगे तो वह इस भावना से परिचित हुई। रश्मि ने भी जवाब में राज के होठों को चूमा और फिर दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने में लग गए। रश्मि के होंठ एक गुलाब की पत्ती की तरह नरम और नाजुक और रसीले थे। राज यह रस अपने होंठों से लगातार चूस रहा था। इसी दौरान रश्मि ने अपने दुपट्टे में लगी सेफ्टी पिन को खोलना शुरू किया और कुछ ही देर में भारी दुपट्टा उसके सिर से उतर चुका था। दुपट्टा उतरते ही रश्मि को अपना बदन बहुत हल्का महसूस होने लगा और वो और भी अधिक तीव्रता के साथ राज की बाहों में उसके होंठों को चूसने लगी। राज थोड़ी थोड़ी देर बाद रश्मि के ऊपरी होंठ को अपने मुंह में लेता और उसे अच्छी तरह चूसता और फिर नीचे वाले होंठ को अपने मुँह में लेकर चूसता। रश्मि को यह सब बहुत अच्छा लग रहा था। उसकी जिंदगी में यह सब पहली बार हो रहा था मगर वह पूरी तरह उसकी लज़्जत का आनंद ले रही थी। 
[Image: 972499054648b68263ec019aca1277b5.jpg]
राज ने अपनी ज़ुबान को रश्मि के होठों पर फेरना शुरू किया तो वह समझ गई और अपने होंठों को खोल कर राज को अंदर का रास्ता दिखाया। जैसे ही रश्मि ने अपने होंठों को खोल कर राज की जीब को रास्ता दे दिया राज की ज़ुबान रश्मि के मुंह में चली गई और रश्मि की ज़ुबान के साथ खेलने लगी। रश्मि ने भी राज का पूरा साथ दिया और अपने मुंह में उसकी ज़ुबान को चूसने लगी। रश्मि के नरम और नाजुक होंठ जब राज की ज़ुबान को चूस रहे थे तो इसी दौरान राज को अपने अंडरवेअर में हलचल महसूस होने लगी। और राज के हाथ स्वतः की रश्मि की कमर से होते हुए उसको चूतड़ों तक जा पहुंचे। मांस से भरे हुए चूतड़ हाथ में पकड़ते ही राज ने उन्हें जोर से दबा दिया और रश्मि के मुंह से एक सिसकी निकली आवोच।आह्ह्ह्ह्ह । । अब दोनों एक दूसरे को आँखों में आँखें डाल कर फ्रेंच किस करने लगे और साथ ही राज के हाथ रश्मि के 32 "के चूतड़ों की मालिश करने लगे। रश्मि को भी अपनी पैन्टी में गीला पन महसूस होने लगा। 
[Image: Couple-making-love-1.jpg]
कुछ देर रश्मि के होंठों का रस चूसने के बाद अब राज ने अपने होंठों का रुख रश्मि की गर्दन की ओर कर दिया, जैसे ही रश्मि की गर्दन पर राज के होंठ लगे रश्मि तड़प उठी। उसने अपना हाथ राज की गर्दन पर रख कर उसको मजबूती के साथ थाम लिया और राज रश्मि के ऊपर झुक कर उसकी गर्दन पर ज़ुबान फेरने लग गया। राज कभी रश्मि की गर्दन पर ज़ुबान फेरता तो कभी अपने होंठों से चूसता। जब राज अपने दांतों से रश्मि की गर्दन को हल्का सा दबाता तो काम की तीव्रता की भावनाओं से रश्मि की सिसकी निकलती जिसको राज बहुत एंजाय करता है। गर्दन से होते हुए अब राज की ज़ुबान रश्मि की क्लीवेज़ लाइन को चूसने लगी। 
[Image: Couple-making-love-1.jpg]
रश्मि के ब्लाऊज़ की फिटिंग शानदार थी जो उसने स्पेशल तैयार करवाया था। वह अपने पति को अपने हुस्न से पूरी तरह से मज़ा देना चाहती थी। फिटिंग वाले ब्लाऊज़ में रश्मि के सीने के उभार बहुत ही सुंदर क्लिवेज की लाइन बना रहे थे जो किसी भी आदमी को पागल कर देने के लिए काफी थी।। राज ने अभी रश्मि को बेड पर लिटा दिया और खुद उसके साथ लेट कर रश्मि के ऊपर झुक कर उसके सीने पर प्यार कर रहा था। राज का एक हाथ रश्मि की गर्दन के नीचे से निकलता हुआ उसके कंधे पर प्यार कर रहा था और दूसरा हाथ रश्मि के बाएं पैर की थाई की मालिश कर रहा था। और रश्मि अपना सिर पीछे की ओर खींच कर हल्की हल्की सिसकियाँ ले रही थी। 

राज का हाथ अब रश्मि की थाई से होता हुआ उसके बाएं मम्मे के ऊपर आ गया था। रश्मि की सांसें तेज तेज चलने की वजह से उसके सीने के उभार यानी उसके मम्मे भी ऊपर नीचे हो रहे थे। राज ने बहुत प्यार से रश्मि का दाहिना मम्मा अपने हाथ में पकड़ा और उसे दबाने लगा। राज की ज़ुबान अभी भी रश्मि की क्लिवेज लाइन को चूसने में व्यस्त थी। कुछ देर इसी स्थिति में रश्मि को प्यार करने के बाद राज ने रश्मि को अपनी ओर करवट दिलवाई और उसकी कमर पर मौजूद ब्लाऊज़ की ज़िप पूरी खोल दी। अब मेजर राज अपने मजबूत हाथ के साथ रश्मि की कोमल और नाजुक कमर की मालिश कर रहा था। संगमरमर की तरह मुलायम कमर की मालिश करते हुए राज अपने आपको दुनिया का सबसे भाग्यशाली आदमी होने की कल्पना कर रहा था। 32 साल की उम्र में 20 साल की सुंदर गर्म जवानी का मिल जाना निश्चित रूप से सौभाग्य ही हो सकता है। और जवानी भी ऐसी जिसको आज तक किसी ने छुआ तक नहीं है। 
[Image: images?q=tbn:ANd9GcQCv2-qM9vx7pxuwW7ktee...1142xUf5Ea]
कुछ देर बाद मेजर राज ने रश्मि का ब्लाऊज़ उतारा तो नीचे गोरे शरीर पर लाल रंग का ब्रा रश्मि के मम्मों को छिपाने मे योगदान कर रहा था। रश्मि का स्कर्ट उसकी नाभि से काफी नीचे था स्कर्ट के ऊपर रश्मि का गोरा शरीर शुरू होता नजर आ रहा था जो बहुत ही पारदर्शी और हर प्रकार के दाग से मुक्त था। राज ने अपने होंठ रश्मि की नाभि पर रख दिए और उसे चूमने लगा। इस प्रक्रिया से रश्मि को एक अजीब सा स्वाद या कहें आनंद मिल रहा था जो उसने पहले कभी नहीं देखा और न ही उसके बारे में कभी सोचा था। राज ने अपने दोनों हाथों से रश्मि के मम्मे पकड़ रखे थे जो लाल ब्रा में कैद थे और वह अपनी जीभ और होंठों को रश्मि की नाभि में घुमा रहा था। रश्मि ने अपने नाजुक मेंहदी वाले हाथों से राज को सिर से पकड़ रखा था और मजे की तीव्रता से बंद, ऊच ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओय हेययीयीयैआइयीयीयियी की आवाजें निकाल रही थी। अब राज ने रश्मि की नाभि छोड़ अपनी ज़ुबान को उपर की ओर फेरना शुरू किया और धीरे धीरे रश्मि के मम्मों से होता हुआ पुनः उसकी क्लीवेज़ की लाइन में अपनी ज़ुबान फिराने लगा। रश्मि के हाथ अब राज की कमर पर थे और उसने अपने हाथों से राज की कमर मे घेरा बनाया हुआ था कुछ देर क्लीवेज़ लाइन के साथ खेलने के बाद राज एक बार फिर से अपनी ज़ुबान को नीचे लाया और नाभि से होता हुआ भी नीचे तक आ गया जहां से रश्मि का स्कर्ट शुरू होता था। 
[Image: 54037d08eec30.jpg]
राज ने रश्मि की स्कर्ट से उसका हुक खोला और देखते ही देखते उसका स्कर्ट भी उतार दिया। अभी रश्मि मात्र लाल ब्रा और लाल रंग की ही पैन्टी में राज के सामने लेटी थी। रश्मि की आंखों में अब लाल डोरे स्पष्ट नजर आ रहे थे जो उसकी सेक्स की इच्छा को स्पष्ट कर रहे थे। राज अभी रश्मि के गोरे चिट्टे पैरों पर प्यार करने लगा। रश्मि के पैर बालों से पूरी तरह मुक्त थे रश्मि ने अपने पति के साथ हनीमून मनाने की विशेष तैयारी कर रखी थी इसीलिए उसने आज ही अपनी टांगों की वेक्सिंग की थी और सारे फालतू बाल साफ कर दिए थे। नरम और मुलायम रेशमी पैरो पर राज कभी अपने हाथ फेरता तो कभी अपनी जीभ से उसकी गोरी गोरी टाँगें चाटने लगता। राज ने अब तक अपना हाथ रश्मि की पैन्टी से नहीं लगाया था। बल्कि उसने अपने हाथ और जीभ को रश्मि की पैन्टी से दूर ही रखा था। मगर फिर भी राज को रश्मि की लाल रंग की पैंटी में बीच के हिस्से में गीला पन नजर आ रहा था। 
[Image: bhabhi.jpg]
कुछ देर रश्मि के पैरों पर अपनी जीभ फेरने के बाद जब राज का लंड उसको ज्यादा ही परेशान करने लगा तो उसने रश्मि को छोड़कर पहले अपना कुर्ता उतारा और उसके बाद शेरवानी के साथ वाला पाजामा भी उतार दिया। रश्मि इस बार बिल्कुल भी नहीं शरमाई और बजाय शर्म से आँखें बंद करने के वह अपने पति के शरीर को बहुत प्यार और सेक्स भरी तीव्रता के साथ देख रही थी। राज रश्मि के सामने मात्र सफेद रंग के अंडर वेअर और सफेद रंग की बनियान में था। उसका शरीर भी बहुत सुंदर और कसरती था। बेशक राज एक सेना का जवान था जिसका आधा जीवन विभिन्न प्रकार की ट्रेनिंग और व्यायाम आदि में ही गुजरा था राज बेड पर बैठा था, रश्मि, जो लेटी हुई थी राज के शरीर को देखकर उठी और खुद ही राज के करीब हुई। लाल ब्रा और पैन्टी में रश्मि किसी कयामत से कम नहीं लग रही थी।
Reply
06-07-2017, 01:14 PM,
#8
RE: वतन तेरे हम लाडले
राज के करीब आने के बाद रश्मि ने खुद ही अपने होंठ पहले राज के होंठों पर रख दिए और उसका रस चूसने लगी, फिर होठों को छोड़ वह राज की गर्दन तक आई और उसकी गर्दन पर अपने होंठ और दांतों से प्यार करने लगी। राज को 20 वर्षीय जवान रश्मि की ये बेबाकी बहुत अच्छी लग रही थी। फिर रश्मि ने खुद ही राज की बनियान ऊपर की और उसको उतार दिया। राज का सीना बालों से पूरी तरह मुक्त था। आजकल के युवा फैशन के रूप में अपना सीना भी शेव करते हैं ऐसा ही राज ने कर रखा था। हल्का गेहूंआ रंग और कसरती शरीर के लिए रश्मि का आदर्श मानो उसके सामने था रश्मि को हमेशा से ही सॉफ सीने वाले और कसरती शरीर वाले पुरुष पसंद थे। फिल्मों में भी वह जब हीरो को देखती जिसका सीना बालों से मुक्त होता तो उसका बहुत मन करता कि उसके होने वाले पति का सीना भी ऐसा ही हो। और राज का सीना और शरीर की बनावट बिल्कुल रश्मि की पसंद के अनुसार था। रश्मि आगे झुकी और राज के सीने पर मौजूद निपल्स पर ज़ुबान फेरने लगी। स्त्रियो के निपल्स की तरह पुरुषों के निपल्स भी कभी कभी सेक्स के दौरान सख्त हो जाते हैं। इसी तरह राज के निपल्स तब सख्त थे जिन पर रश्मि अपनी जीभ तेज तेज चला रही थी। कभी रश्मि राज के निप्पल मुँह में लेकर उनको चूसने लगती तो कभी मात्र ज़ुबान फेर कर ही गुज़ारा करती। 
[Image: images%2B%252837%2529.jpg]
रश्मि ने राज को लेटने को कहा तो राज बेड पर लेट गया। वह रश्मि को पूरा मौका देना चाहता था कि वह भी अपनी मर्जी से राज के साथ अपने हनीमून को एंजाय करे। राज के लेटने के बाद रश्मि ने सिर से पांव तक राज के शरीर का जायजा लिया। कुछ देर उसने अपनी नज़रें राज के अंडर वेअर पर रोक ली जहां उसे उभार नजर आ रहा था। रश्मि जानती थी कि यह लंड का उभार है जो उसकी चूत में जाने को बेताब हो रहा है। रश्मि ने प्रशंसा भरी नज़रों से राज को मुस्कुराते हुए देखा और फिर अपनी टाँगें फैला कर राज के ऊपर बैठ गई। राज के पैरों पर बैठने के बाद रश्मि राज के ऊपर झुकी और उसके सीने पर प्यार करने लगी। सीने से होती हुई रश्मि नीचे तक आई और अंडर वेअर के ऊपर अपनी ज़ुबान फेरने लगी
[Image: Indian-bhabhi-fucking-husband-friend-front.jpg]
अंडर वेअर तक पहुंचने के बाद रश्मि ने बिना झिझक अपना हाथ राज के लंड पर रख दिया जो अब तक अंडर वेअर की कैद में था। रश्मि की ये बेबाकी राज को बहुत पसंद आ रही थी। वह भी ऐसी ही पत्नी चाहता था जो न केवल गर्म हो बल्कि अपनी गर्मी व्यक्त करना भी जानती हो। और बिस्तर में अपने पति के साथ सेक्स एंजाय करने की इच्छा भी रखती हो। राज ने हल्की आवाज़ मे रश्मि से पूछा कि मेरा हथियार कैसा लगा तुम्हें ??? [Image: bhabhi%2Bki%2Bsuhagrat%2Bki%2Bchudai%2Bo...photos.jpg]तो रश्मि ने एक शरारती मुस्कान से कहा, यह तो जब आप अपना काम करोगे तभी पता लगेगा इसके बारे में। यह सुनकर राज को रश्मि पर एकदम से प्यार आया और उसने रश्मि को अपने ऊपर गिरा लिया। और पागलपन की हद वाले प्यार से उसको प्यार करने लगा। राज अब अपने हाथ रश्मि के चूतड़ों पर भी फेर रहा था। 32 आकार के नरम और मांस से भरे हुए चूतड़ राज को बहुत पसंद आए मगर अब तक उन पर लाल रंग की पैन्टी मौजूद थी। 
[Image: indian-housewife-nangi-photo-sexy-boobs-...chudai.jpg]
इसी दौरान रश्मि जो राज के ऊपर झुकी हुई थी उसको अपनी चूत पर सख्त चीज़ लगती महसूस हुई। रश्मि ने उसका मज़ा लेने के लिए अपना वजन राज के ऊपर डाला तो रश्मि की चूत इस कठोर लंड के और करीब हो गई। और चूत लंड की रगड़ से रश्मि और राज दोनों को ही मज़ा आने लगा। कुछ देर के बाद राज ने इसी स्थिति में रश्मि की ब्रा का हुक खोल दिया और और उसे सीधा बिठा कर उसके बूब्स को ब्रा की कैद से मुक्त कर दिया। रश्मि पैन्टी पहने राज के लंड के ऊपर बैठी थी, अंडर वेअर में होने के बावजूद राज का लंड रश्मि की चूत को मज़ा दे रहा था। और रश्मि के 34 आकार के मम्मे पहली बार किसी मर्द के सामने नंगे थे। और राज वह भाग्यशाली इंसान था जो इन सुंदर सुडौल और कसे हुए मम्मों को पहली बार अवलोकन कर रहा था। राज ने अपने हाथ रश्मि की कमर से आगे लाते हुए उसके मम्मों पर रख दिए और रश्मि के मुंह से एक सिसकारी निकली। और मजे की तीव्रता से उसकी आँखें बंद हो गई। 
[Image: rajhstani-bhabhi-honeymoon-chudai-picwow-bhabhi.jpg]
राज रश्मि को अपने ऊपर से उतार उसको बेड पर लिटा कर खुद उसके ऊपर झुक कर उसके गोरे गोरे दूध जैसे बूब्स को देखने लगा। रश्मि का पूरा शरीर सभी प्रकार के दाग से मुक्त था और इसी तरह उसके मम्मों पर भी कोई निशान नहीं था। गोरे गोरे बूब्स हल्के ब्राउन रंग के 2 घेरे और उन पर एक छोटा सा हल्का ब्राउन निप्पल बहुत सुंदर लग रहा था। राज ने पहले अपने हाथों से उनके नपल्स को छुआ और फिर उन्हें अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। राज की इस प्रक्रिया ने रश्मि को पागल कर दिया था और उसने अपनी एक टांग राज के पैरों के बीच फंसा दी थी रश्मि की इस हरकत का नतीजा यह हुआ कि राज का भी एक पैर रश्मि पैरों के बीच चला गया और साथ ही साथ उसका लंड भी रश्मि की चूत के साथ गले मिलने लगा। रश्मि ने अपनी चूत को धीरे धीरे राज के लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया था और राज लगातार रश्मि के मम्मे चूसने में व्यस्त था। [Image: Top-Indian-Gujarati-Desi-Girls-Nude-Pics...tos-78.jpg]

राज ने पहले भी कुछ लड़कियों के सुंदर बूब्स को चूसा था मगर ऐसे साफ गोरे और खूबसूरत मम्मे उसे कभी नसीब नहीं हुए थे। इसीलिए वह दिल भर कर अपने मम्मों का दूध पीना चाहता था। और रश्मि भी राज के साथ पूरा सहयोग कर रही थी। यह एक हक़ीकत है कि अगर अकेला पुरुष ही महिला को प्यार करता रहे और उत्तर में महिला रिस्पोन्स न दे तो न पुरुष को सेक्स का मूल मज़ा आता है और न ही महिला को। मगर रश्मि उन महिलाओं में से नहीं थी। अपनी प्राकृतिक विनय हया और पाकदामनी होने के बावजूद वह सेक्स के तरीकों से न केवल परिचित थी बल्कि यह भी जानती थी कि सेक्स का मूल मज़ा लेने के लिए पति का पूरा पूरा साथ देना चाहिए। 
[Image: 0.jpg]
जब राज का मम्मों से दिल भरने लगा तो वह धीरे धीरे नीचे की ओर आने लगा, और अब की बार राज ने एक ही झटके में रश्मि की पैन्टी उतार दी थी। रश्मि की पैन्टी जैसे ही उतरी रश्मि ने अपनी एक टांग दूसरे पैर पर रख कर अपनी योनी को छुपाना चाहा मगर राज ने बीच में हाथ रखकर रश्मि की नरम थाई को पकड़ा और उसकी टांगों को थोड़ा खोल दिया। पैर खोलने के बाद राज बड़ी ही उत्सुकता के साथ रश्मि की छोटी योनी को देखने लगा। छोटी इसलिए कि यह वास्तव में अन टच योनी थी। जिस पर कभी किसी पुरुष ने और तो और खुद रश्मि ने भी छेड़छाड़ नहीं की थी। उसने अपनी योनी को अपने पति की अमानत समझते हुए बहुत संभाल कर रखा हुआ था। रश्मि की योनी के दोनों होंठ आपस में मिले हुए थे। उनमें बाल बराबर भी दूरी नहीं था। योनी के होंठों का रंग हल्का पीला लाल और गुलाबी था और बालों का नामोनिशान तक नहीं था। लबों के बीच हल्की हल्की चिकनाहट मौजूद थी जो राज के शरीर की गर्मी पाने के बाद प्रकट हुई थी। राज ने अपना एक हाथ धीरे धीरे रश्मि की योनी के लबों पर फेरना शुरू किया तो रश्मि की आंखें लाल होने लगीं, उसके मुंह से आह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, आह, उफ़फफफफफफफफफफफ्फ़ ऊचच्च्च्च्चक्, ओय आह आहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जैसी सिसकियाँ निकल रही थी और उसने अपने दोनों हाथों से राज का वह हाथ पकड़ लिया था जिसे वह रश्मि की योनी के लबों पर मसल रहा रहा था मगर इसके बावजूद राज ने अपने हाथ से उसकी योनी को मसलना जारी रखा जिससे रश्मि की योनी के लबों में मौजूद चिकनाहट में वृद्धि होने लगी 
[Image: Desi-Teen-Girl-Nude-and-Fucking-pussy-Pics.jpg]
कुछ ही देर बाद राज रश्मि के ऊपर झुक कर उसकी योनी की साईडों पर अपनी ज़ुबान फेर रहा था जिससे रश्मि का पूरा शरीर काँपने लगा था अब। रश्मि बुरी तरह कांप रही थी, उसका पेट तेज तेज साँसों की वजह से ऊपर नीचे हो रहा था जबकि उसके मम्मे भी लगातार ऊपर नीचे हो रहे थे। 

राज ने अपनी जीभ को धीरे धीरे रश्मि की योनी के होंठों के ऊपर किया तो रश्मि ने सख्ती से राज का हाथ पकड़ लिया और उसको ऐसा करने से मना किया। राज ने सवालिया नज़रों से रश्मि की ओर देखा तो उसने काँपती हुई आवाज़ में कहा यह जगह गंदी है। मगर राज तो योनी चाटने के लिए बेकरार था। वह तो बहुत गंदी और बालों से भरी हुई योनी को भी मज़े से चाटता था तो ऐसी साफ-सुथरी और अन छुई योनी को वह कैसे छोड़ सकता था। राज ने मुस्कुराते हुए रश्मि की ओर देखा और अपने होंठ रश्मि की योनी ऊपर रखकर एक प्यार भरा लंबा चुंबन दिया। इस चुंबन ने तो जैसे रश्मि की जान ही निकाल दी थी। 
[Image: maxresdefault.jpg]
इससे पहले कि रश्मि राज को फिर रोकती ऐसा करने से राज की ज़ुबान रश्मि की योनी के होंठों पर अपना जादू चलाने की महारत से शुरू हो गई थी। राज की गीली जीभ को अपनी योनी के लबों पर महसूस करते ही रश्मि के शरीर में एक करंट दौड़ गया। और उसकी सिसकियों से अब की बार पूरा कमरा गूंजने लगा। राज की ज़ुबान ने रश्मि इतना मज़ा किया था कि वह फिर से राज को रोक ही ना पाई ऐसा करने से और राज लगातार अपनी जीभ से रश्मि की योनी को चूसे जा रहा था। कुछ देर बाद राज ने अपनी जीभ से रश्मि की योनी के होंठों पर दबाव बढ़ाया और अपनी ज़ुबान हल्की सी योनी के होंठों के बीच प्रवेश करा दी। राज की इस हरकत ने रश्मि की रही सही सहनशक्ति को भी खत्म कर दिया था और अब उसने अपनी टांगों को सख्ती से दबा लिया था मगर पैरों के बीच राज का सिर मौजूद था जिसकी वजह से वह अपनी योनी को राज की ज़ुबान से अलग न कर पाई। अभी रश्मि अपना सिर दाँये बाएं मारने लगी थी। और उसकी चूत लगातार पहले से अधिक गीली होती जा रही थी। 
[Image: nude-Indian-bhahi-hot-kiss.jpg]
कुछ ही देर के बाद रश्मि को अपनी टांगों में चीटियाँ रेंगती महसूस होने लगी। और अपनी योनी में उसे सुई की चुभन महसूस हो रही थी। वह इस स्थिति से घबरा गई और काँपती हुई आवाज़ में राज से बोली कि यह मेरे शरीर को क्या हो रहा है? राज ने रश्मि की इस बात का कोई जवाब नहीं दिया, वह जानता था कि रश्मि जैसी कुंवारी लड़की इस रमणीय कामस्राव के आनंद से बिल्कुल ही नावाकिफ़ है और वह नहीं जानती कि अब उसकी योनी से कैसा लावा निकलने वाला है। राज बिना रुके रश्मि की योनी में अपनी जीभ चला रहा था कि अचानक ही रश्मि के शरीर ने झटके लगाना शुरू किया और साथ ही उसकी चूत से एक गर्म पानी वर्षा जल चल निकला जो थोड़ा गाढ़ा और चिकनाई से भरपूर पानी राज के मुंह पर आकर गिरा था, कुछ बूँदें उछल कर हवा में गई और राज की कमर पर आकर गिरी जबकि कुछ पानी उसके मुंह के अंदर भी गया जिसको वह बिना हिचक पी गया था। [Image: nudebhabhi.blogspot.com5_.jpg]

रश्मि का शरीर कुछ देर झटके मारता रहा और फिर उसे आराम मिल गया। रश्मि के चेहरे पर खुशी और संतुष्टि के आसार थे। लेकिन साथ ही वह हैरान भी थी कि आखिर उसकी चूत से इतना पानी निकला कैसे। उसने सुन रखा था कि सेक्स के दौरान औरत की चूत पानी छोड़ती है मगर उसका विचार था कि जैसे उसकी पैन्टी गीली हो रही थी बस इतना ही पानी होता है। उसे नहीं मालूम था कि गर्म पानी का एक वर्षाके नाले जैसा पानी चल निकलता है योनी से। 

दोस्तो दिल थाम के पढ़ते रहिए अभी रश्मि और राज का मिलन चल रहा है इसका पूरा आँखो देखा हाल आपकी सेवा में कल मिलेगा आपका दोस्त राज शर्मा
Reply
06-07-2017, 01:14 PM,
#9
RE: वतन तेरे हम लाडले
राज ने अपना मुंह पास पड़े कपड़े से साफ किया और उसके बाद नीचे लेट गया और रश्मि को अपने ऊपर आने को कहा। रश्मि फिर पहले की तरह राज के ऊपर आकर बैठ गई थी। उसकी चूत अभी भी राज के लंड के ऊपर थी मगर फर्क यह था कि पहले रश्मि ने पैन्टी पहन रखी थी जबकि अब उसकी चूत पूरी नग्न और गर्म थी। राज के लंड का एहसास मिलते ही उसकी चूत ने एक बार फिर से चिकनी होना शुरू कर दिया था। और रश्मि अब एक बार फिर राज के ऊपर झुक कर उसके शरीर पर प्यार कर रही थी। कुछ देर बाद राज ने रश्मि से फरमाइश की कि अब वह उसका अंडर वेअर उतार दे। और मुंह दिखाई के बाद अब चूत दिखाई भी प्राप्त कर ले। राज की यह बात सुनकर रश्मि खिलखिला कर हंसने लगी। और राज को कहने लगी ये चूत दिखाई क्या होती है ?? तो राज ने कहा कि जिस तरह मुंह दिखाने के लिए उपहार होता है उसी तरह आप अपनी चूत मुझे दिखाओ और उसका भी उपहार ले लो। रश्मि ने इठलाते हुए कहा कहाँ मिलेगा चूत दिखाई उपहार? राज ने कहा मेरा अंडर वेअर उतारो इसी में है तुम्हारी चूत दिखाई का उपहार। इस पर रश्मि ने अपना हाथ राज के अंडरवेअर के ऊपर से ही उसके लंड पर रख दिया और कहने लगी यह तो मेरा अधिकार है। जो मुझे मिलना ही है चाहिए। मगर पहली बार चूत दिखाई उपहार तो कुछ और होना चाहिए?

राज ने भी रश्मि की इस बेबाकी से चूत दिखाई का उपहार ऑफर कर दिया कि रश्मि जो माँगेगी उसको मिलेगा। मगर रश्मि ने बजाय कोई और उपहार मांगे बगैर कुछ कहे राज का अंडर वेअर उसके घुटनों तक नीचे उतार दिया। अंडर वेअर उतरने की देर थी राज का 8 इंच लंबा लंड एकदम से बाहर निकल आया। 8 इंच लंबा और सख़्त लंड देखकर रश्मि की आंखों में वासना और भी बढ़ गई। वासना के साथ उसकी आँखों में आश्चर्य के आसार थे। उसे अनुमान था कि पुरुषों का लंड सेक्स के दौरान काफी लंबा और कठोर हो जाता है मगर वह यह नहीं जानती थी कि वह इतना लंबा भी हो सकता है। 
[Image: desi-bhabhi-rat-me-chup-ke-se-bedroom-me...x-pics.jpg]
रश्मि गौर से राज के लंड को देखने लगी और बेझिझक उस पर अपना हाथ रखकर प्यार करने लगी। राज ने रश्मि से पूछा कैसा लगा तुम्हें मेरा लंड ?? तो रश्मि ने भी बेबाकी से जवाब दिया बहुत मस्त है। खूब मज़ा आ रहा है अब मुझे। यह कह कर रश्मि ने फिर से राज का लंड अपने दोनों हाथों मे लेकर उसको सहलाना शुरू कर दिया। रश्मि अपने हाथ को राज के लंड की टोपी से लेकर उसके आंडो तक नीचे की ओर फिराने लगी और उसके बाद फिर से अपने हाथ ऊपर टोपी तक लेकर जाती। नरम हाथों की गर्मी राज को बहुत मज़ा दे रही थी, इसी मजे के कारण लंड की टोपी पर वीर्य 2 बूँदें दिखाई दी जिन्हें रश्मि ने अपने हाथों से ही राज के लंड पर मल दिया। रह रहकर राज के लंड पर कुछ बूँदें दिखाई देती जिन्हें रश्मि अपने हाथों से राज के लंड पर चुपड देती। राज का लंड अब काफी चिकना हो चुका था। 
[Image: Teen-Girl.jpeg]
राज ने रश्मि से फरमाइश की कि वह उसके लंड मुंह में लेकर चूसे। जिसे रश्मि ने अस्वीकार कर दिया और बोली वह ऐसा गंदा काम नहीं करेगी। राज ने कहा इसमें गंदा काम वाली कौनसी बात है? मैंने भी तो तुम्हारी चूत पर जीभ फेरी है। रश्मि कहने लगी मैंने आपको मना तो किया था कि ऐसा न करें आप। राज बोला कि लेकिन तुम्हें मजा तो आया ना ऐसा करने से? 

रश्मि ने हां में सिर हिला दिया। जिस पर राज ने कहा अब तुम नहीं चाहती कि तुम्हारे पति को भी मज़ा आए ?? इस पर रश्मि कुछ देर राज को देखती रही फिर बोली में केवल इस पर अपनी ज़ुबान फिराउन्गी मगर मुँह में नहीं लूँगी और ज़ुबान भी लंड के डंडे पर फिराउन्गी टोपी पर बिल्कुल नहीं। राज ने तुरंत ही कहा जैसे तुम्हारा मन करता है वैसे ही करो। कोई ज़बरदस्ती नहीं तुम्हारे साथ। 

अभी रश्मि की ज़ुबान राज के लंड की टोपी से कुछ नीचे लगती और रगड़ खाती हुई उसके आंडो तक जाती जो बालों से वैसे ही साफ थे जैसे रश्मि की चूत बालों से मुक्त थी इस प्रक्रिया के दौरान कभी कभी रश्मि राज के लंड पर अपने होंठों से भी प्यार करती मगर उसने अब तक लंड अपने मुँह में नहीं लिया था। लेकिन राज के आंडो को वह 2 से 3 बार अपने मुंह में लेकर चूसने लगी थी। वह जानती थी कि यहां से पुरुषों की नमी नहीं निकलती। स्राव निकालने वाली जगह लंड ऊपर वाला हिस्सा है जहां वह पहले ही वीर्य की अनगिनत बूंदों को देख चुकी थी। इसलिए अब तक उसने वहां पर अपने होंठ या अपनी ज़ुबान नहीं फेरी थी।

[Image: bhabhi-with-bhaiya-ki-bedroom-me-chudai-photos.jpg]
राज ने भी रश्मि के लिए थोड़ी मेहनत की और थोड़ी देर बाद जब रश्मि की चूत पहले की तरह चिकनी हो गई तो राज ने रश्मि को बेड पर लेटने को कहा और खुद उसकी टांगों के बीच आकर बैठ गया। इस प्रक्रिया के दौरान रश्मि ने राज को कोठरी में से सफेद चादर निकालने को कहा जो रश्मि की सास ने खासकर रश्मि को दी थी और उसे समझा दिया था कि संभोग से पहले यह चादर जरूर बिछा लेने से पुरुषों के विश्वास में वृद्धि होगी। ( क्योंकि ज़्यादातर पुरुषों का यही ख्याल होता है कि अगर स्त्री की योनि से अगर खून निकला तो वह कुँवारी है अन्यथा नही सफेद चादर होने से खून के धब्बे सॉफ तौर पर दिखाई देते हैं )
[Image: desi%2Bbhabhi%2Bnangi%2Bchut%2Bki%2Blund...2Bpics.jpg]
रश्मि के कहने पर राज ने सफेद चादर रश्मि के नीचे बिछाई और अब रश्मि ने अपने पैर खोले और राज अपने 8 इंच के लंड से यह नाजुक सी चूत को फाड़ने के लिए तैयार बैठा था। रश्मि की आंखों में अब भय काफी हो रहा था। उसकी नज़रें राज के लंड पर थीं और वह यही सोच रही थी कि इतना बड़ा लंड उसकी नाजुक सी योनी में कैसे प्रवेश करेगा . रश्मि के भय और डर को देखते हुए और उसकी चूत की नजाकत को देखते हुए राज ने ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी उठाई और रश्मि की चूत को चिकना करने लगा। फिर उसने थोड़ा सा तेल अपने लंड पर डाला और उसको भी अच्छी तरह मसल मसल कर चिकना कर दिया। अब राज ने रश्मि को इशारा किया कि वह तैयार रहे, रश्मि समझ गई कि अब यह मोटा लंड उसकी चूत की नाजुक दीवारों को चीरता हुआ उसकी गहराई में जाकर टक्कर मारने वाला है। उसने अपनी आँखें बंद कर ली और समर्पण के आलम में इंतजार करने लगी कि कब उसका पति उसका कुँवारा पन समाप्त करके उसको एक लड़की से औरत और एक कली से फूल बनाता है। 
[Image: images?q=tbn:ANd9GcSMxZRC0ozkFEjBfCavVSQ...Jb3dqX_svp]
अचानक ही रश्मि को अपनी चूत के छेद पर एक मोटी और कठोर चीज का दबाव महसूस हुआ, इससे पहले कि वो आँखें खोलकर उसका पूर्वावलोकन करती रश्मि की एक जोरदार चीख निकली, उसको ऐसे लगा जैसे कोई गर्म लोहे की छड़ ने उसके शरीर को चीर कर रख दिया है। राज ने तुरंत अपना एक हाथ रश्मि के होंठों पर रख कर उसकी ज़्यादा चीख-पुकार को खत्म किया। इस एक धक्के से ही रश्मि की आंखों में आंसू आ गए थे। जब कि अभी उसका कुँवारा पन खत्म नहीं हुआ था और राज के लंड की मात्र टोपी ही उसकी चूत के लबों को चीरती हुई अंदर तक गई थी मगर उसके बावजूद रश्मि को लगा जैसे पूरे का पूरा 8 इंच लंड उसकी चूत में उतर चुका है। रश्मि की 2, 3 हल्की चीखों के बाद राज ने एक बार फिर अपने शरीर का दबाव रश्मि पर बढ़ाया और दबाव का सारा केंद्र अपने लंड पर रखा, जिसके कारण लंड रश्मि की चूत की दीवारों से रगड़ खाता हुआ कुछ और अंदर चला गया और रश्मि की चीखें फिर जोर के साथ कमरे में गूंजने लगीं। 
[Image: images?q=tbn:ANd9GcTyDpZazbkSH0cVtf8yqHI...XZjok7ce1A]
इन चीखों को पहले तो राज ने अपने हाथ से रोका मगर फिर उसके बाद रश्मि के होंठों पर अपने होंठ रख कर उसकी चीखों को अपने मुंह के अंदर ही कहीं गुम कर दिया। इस धक्के के बाद राज को अपने लंड के रास्ते में बाधा महसूस हुई थी और इस बाधा ने राज के लंड को अधिक अंदर जाने से रोक दिया था। कुछ देर राज ने अपना लंड इसी बाधा के सामने रोके कर रखा फिर जब रश्मि की चीखों में कमी हुई तो राज ने अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और शक्ति के साथ इस बाधा पे दे मारा। इस बार मेजर राज के फौलादी लंड ने अपने रास्ते में आने वाली हर बाधा को तहस-नहस कर डाला था। कमरा रश्मि की चीखों से गूंज रहा था, रश्मि की कुंवारी चूत अभी कुंवारी नहीं रही थी। उसका पर्दा फट चुका था और खून की छोटी धार उसकी चूत से निकल कर नीचे बिछी हुई सफेद चादर पर जा गिरी थी। 
[Image: images?q=tbn:ANd9GcQH-LBhsK9of3jqlenzsYF...77VqLGjdxu]
रश्मि अपनी चूत से निकलने वाले खून से बेखबर अपनी चूत में होने वाले बेतहाशा दर्द को सहन करने की नाकाम कोशिश कर रही थी जबकि मेजर राज अपनी फूल जैसी नाजुक पत्नी का दर्द कम होने का इंतजार कर रहा था ताकि वह ज़्यादा धक्के मारकर अपनी पत्नी को हनीमून के मूल मजे से परिचित करा सके। उसके लिए राज को और अधिक इंतजार नहीं करना पड़ा, रश्मि के अंदर मौजूद गर्मी और सेक्स को एंजाय करने की इच्छा ने जल्द ही उसको दर्द भुला दी थी। और अब वह थोड़ा संतोष के साथ अपने पति की आँखों में आँखें डाले इशारा कर रही थी कि अपना काम जारी रखो। रश्मि की ओर से संकेत मिलते ही राज ऊपर उठा और एक जोरदार धक्का रश्मि की चूत में मारा जिससे राज का 8 इंच लंड पूरी तरह रश्मि की चूत की गहराई में उतर गया था। 
[Image: 1468579272_564_Xxx-97-Bangladeshi-Husban...rn-Pic.jpg]
फिर रश्मि की चीखों से कमरे गुंजा मगर इस बार रश्मि ने खुद ही अपनी चीख पर काबू पा लिया था। एक चीख के बाद दूसरी चीख उसने खुद ही रोक ली थी। और राज ने भी नीचे बिछी हुई चादर पर लाल निशान देख लिया था जिससे वे पूर्ण संतुष्ट हो गया था कि रश्मि का कुँवारा पिन राज के मजबूत लंड ने ही खत्म किया है। अब उसको अपनी प्यारी सी पत्नी पर और भी अधिक प्यार आने लगा था। वह अपने लंड को रश्मि की चूत में रोक कर उसका दर्द कम होने का इंतजार कर रहा था कि अचानक ही रश्मि ने अपनी गाण्ड हिला कर खुद ही राज का लंड अपनी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। इतना मज़बूत सिग्नल मिलने पर राज ने अब खुद से रश्मि की चूत के अंदर झटके मारने शुरू कर दिए रश्मि की चूत ने बहुत मजबूती के साथ राज के लंड को जकड़ रखा था जिसकी वजह से राज का लंड बहुत मुश्किल से अंदर बाहर हो रहा था। राज ने काफ़ी समय बाद इतनी टाइट चूत में अपना लंड उतारा था। और आज उसको सही मज़ा आ रहा था चुदाई का। जबकि रश्मि भी अपने पति का पूरा साथ दे रही थी। राज जो अभी तक आराम से लंड प्रवेश करा रहा था रश्मि की गाण्ड को तेज तेज हिलाने से उसे सिग्नल मिला कि अपनी स्पीड बढ़ा दो। 
[Image: Desi-Bhabhi-adult-sex-scene-pictures-400x450.jpg]
यह संकेत मिलते ही राज ने अपनी स्पीड बढ़ा दी, कुछ ही झटकों के बाद रश्मि को अपने शरीर में पहले की तरह सुई चुभन महसूस होने लगी और देखते ही देखते उसकी चूत ने पानी से राज के लंड को पूरी तरह भिगो दिया था। राज का लंड अब बहुत आसानी से रश्मि की चूत में खुदाई कर रहा था। रश्मि की चूत के पानी ने उसकी चूत को और राज के लंड अधिक चिकना कर दिया था। राज बिना रुके धक्के लगाने में व्यस्त था। और अब राज के इन धक्कों से रश्मि की चीखें सिसकियों में बदल चुकी थीं। चिकनी चूत ने लंड को स्वतंत्र रूप से अंदर बाहर जाने की अनुमति दे दी थी और इसी का फायदा उठाते हुए राज अविराम मशीन चला रहा था अपनी पत्नी की चूत में। 
Reply
06-07-2017, 01:14 PM,
#10
RE: वतन तेरे हम लाडले
कुछ देर के बाद राज ने स्थिति चेंज करने के लिए रश्मि की चूत से अपने लंड को निकाला तो रश्मि को ऐसा लगा जैसे उसकी चूत में फंसा हुआ कोई मोटा डंडा एकदम से बाहर निकल गया हो और अब उसको अपनी चूत पहले की तरह हल्की फुल्की महसूस हो रही थी। मगर राज ने बिना समय जाया किए खुद नीचे लेटकर रश्मि को अपने ऊपर बिठा लिया और उसकी चूत को अपने लंड ऊपर सेट करके नीचे से एक जोरदार धक्का रश्मि की चूत में मारा। इस धक्के ने रश्मि के चूतड़ों को राज की नाभि के हिस्से से मिला दिया था और धुप्प की एक ध्वनि उत्पन्न हुई। फिर रश्मि को लोहे की गर्म छड़ अपनी नाजुक चूत में जाती हुई महसूस हुई और उसकी एक चीख भी निकली लेकिन अब की बार इस चीख में दर्द के साथ साथ मज़ा भी था। 
[Image: Virgin-Sex-Story-%E0%A6%B9%E0%A6%BE%E0%A...%A6%B2.png]
राज के एक ही धक्के से पूरा लंड रश्मि की चूत में घुस गया था और अब राज का हर धक्का रश्मि के चूतड़ों और राज के नाभि भाग के मिलाप का कारण बन रहा था जिसकी वजह से पूरा कमरा धुप्प धुप्प की आवाज से गूंज रहा था। राज ने रश्मि को अपने ऊपर लिटा कर अपने सीने से लगा लिया। रश्मि के मम्मे राज के सीने में छिप गए थे और राज रश्मि को चूतड़ों से पकड़ कर अपना लंड तेजी के साथ उसकी चूत में अन्दर बाहर कर रहा था। रश्मि ने अपना सिर उठा कर अपने गर्म होंठ राज होंठों से मिला दिए और चुदाई के साथ चुंबन करने का मज़ा भी लेने लगी। अब लंड काफी धाराप्रवाह के साथ रश्मि की चूत में पंप चला रहा था। और पंप के चलाने से जल्द ही फिर से पानी निकलने वाला था। रश्मि अब अपनी सुहाग रात फुल मजे से एंजाय कर रही थी। 
[Image: Japanese-hot-fuck-pussy-girls-naked-free...835%29.jpg]
हालांकि अब भी रश्मि को अपनी चूत की दीवारों के साथ राज का लंड रगड़ता हुआ ऐसा लगता था जैसे उसके शरीर के साथ कोई कीचड़ लूट रगड़ाई कर रहा हो, मगर इस चुभन और रगड़ाई का भी अपना ही अनोखा मज़ा था। कुछ देर राज के होंठ चूसने के बाद अब रश्मि उठकर बैठ गई थी, अब की बार वह खुद भी राज के लंड ऊपर उछल रही थी जिसके कारण लंड की चोट पहले से अधिक लग रही थी। पहले केवल राज नीचे से धक्के मार रहा था मगर अब रश्मि खुद भी उछल रही थी, रश्मि की चूत से जब लंड बाहर निकलता तो राज नीचे होता और रश्मि ऊपर की ओर उठती , जब लंड ने अंदर जाना होता तो राज एक जोरदार धक्का ऊपर से मारता और रश्मि भी अपने पूरे वजन के साथ राज के लंड के ऊपर आती। राज और रश्मि अब अपनी सुहाग रात पहली चुदाई को फुल एंजाय कर रहे थे। इतने में रश्मि को अपने शरीर में ही सुई की सी चुभन महसूस होने लगी। मगर अबकी बार वह जानती थी कि उसके बदले में मिलने वाला मज़ा क्या और कितना महत्व रखता है। 
[Image: javhihi.com-peachy-boobs-nozomi-yui-enjo...al-sex.jpg]
राज ने भी अब की बार पूरी गति के साथ धक्के लगाना शुरू कर दिया था और उसने रश्मि के चूतड़ों को जोर से पकड़ रखा था। कुछ देर धक्के लगाने के बाद राज ने कुछ जोरदार धक्के लगाए और इसके साथ ही अपना सारा वीर्य अपनी पत्नी रश्मि की चूत के अंदर निकाल दिया जैसे-जैसे राज के लंड से वीर्य निकल रहा था वैसे ही रश्मि की चूत भी अपना पानी छोड़ रही थी। चूत और लंड ने जब एक साथ पानी छोड़ा तो रश्मि की चूत में जैसे बाढ़ आ गई। और यह बाढ़ जोकि बहुत अधिक गर्म पानी था इससे रश्मि की चूत और गर्म जवानी को एक सुकून मिला। 

दोनों अपना अपना पानी छोड़ने के बाद काफी देर तक एक दूसरे के गले लगकर गहरी गहरी सांस लेते रहे। राज का 8 इंच लंड अब छोटा होकर 2 इंच का हो गया था जिसको रश्मि बहुत उत्सुकता के साथ देख रही थी और हैरान हो रही थी कि यह नन्हा मुन्ना सा 2 इंच लंड कुछ ही देर पहले कैसे लोहे की रॉड की तरह उसकी चूत में घुसा हुआ था। मेजर राज ने आज अपनी पत्नी को अपने लंड से कली से खुला गुलाब बना दिया था और रश्मि भी लंड के मजे से पहली बार परिचित हुई थी। दोनों अब तक एक दूसरेके शरीर गर्म कर रहे थे और समय समय पर एक दूसरे को चूम भी रहे थे। 
[Image: javhihi.com-banana-asada-s-creampied-and...up-sex.jpg]
इसी चूमा चाटी के दौरान राज के लंड ने एक बार फिर अपना सिर उठाना शुरू किया और देखते ही देखते 2 इंच की लुल्ली 8 इंच लंबा और मोटा ताजा लंड बन गया। रश्मि लंड को इस तरह लंबा होते हुए बहुत आश्चर्य से देख रही थी। रश्मि समझ गई थी कि उसके पति का अभी मन नहीं भरा और वह एक और चुदाई का राउंड लगाकर अपनी प्यास बुझाना चाहता है। जबकि रश्मि बहुत बुरी तरह थक चुकी थी और उसकी चूत आज पहली चुदाई के बाद लंड लेने के लिए तैयार नहीं थी मगर फिर भी उसने पति को मना करना उचित नहीं समझा। अच्छी पत्नी वही होती है जो पुरुषों के लंड के लिए अपनी योनी को हर समय तैयार रखे। यही रश्मि ने भी किया और बिना कोई नखरा दिखाए फिर से चुदने के लिए तैयार हो गई। 
[Image: images?q=tbn:ANd9GcQV4zZscSUNs9Ic_wzTj5W...qsmaLrepGD]
राज ने एक बार फिर अपनी पत्नी के पैर ओपन कर अपना लंड हाथ में पकड़े रश्मि की योनी मारने के लिए तैयार बैठा था कि इतने में साथ पड़े दराज में मोबाइल की घंटी बजने लगी। मेजर राज ने सब कुछ भुलाकर आगे बढ़कर मोबाइल उठाना चाहा तो रश्मि ने मना कर दिया और कहा कम से कम आज की रात तो मोबाइल को छोड़ दो। मगर मेजर राज ने कहा कि उसका अपना निजी मोबाइल बंद है, यह विशेष मोबाइल है जिस पर उसकी खुफिया एजेंसी द्वारा अति आवश्यक काम के लिए ही कॉल आती है वह कॉल रेजैक्ट नहीं कर सकता। यह कह कर उसने कॉल अटेंड की तो आगे से फोन पर उसको तुरंत ड्यूटी पर आने के लिए कहा गया। दुश्मन देश का एक एजेंट भारत के कुछ गुप्त रहस्य चुरा कर वापस अपने देश भागने की तैयारी कर रहा था और मुम्बई में उस समय मेजर राज से अधिक होनहार गुप्त एजेंट मौजूद नहीं था। इसलिए रॉ ने मेजर राज के हनीमून का विचार किए बिना ही उसे फोन करके वापस ड्यूटी पर बुलाया। 

मेजर राज जिसमें स्वदेश के प्यार की भावना कूट कूटकर भरी थी उसने भी बिना कुछ कहे अपनी गर्म और जवान पत्नी की चिकनी चूत को छोड़ा और तुरंत ही अपनी अलमारी से आम कपड़े निकालकर पत्नी के सिर पर चुंबन देकर कक्ष से निकल गया। रश्मि हैरान और फटी हुई नजरों से मेजर राज को देख रही थी कि कैसे अचानक ही हनीमून पर जब वह अपना लंड रश्मि की चूत में डालने ही वाला था, राज सब कुछ भूल कर अपना कर्तव्य निभाने निकल गया था। मेजर राज ने अपनी काले रंग की कोरोला कार स्टार्ट की ओर घर से निकल पड़ा। 

मेजर राज इन्हीं सोचों में गुम था कि अचानक उसके सिर पर ठंडे बर्फ जैसे पानी की एक बाल्टी डाल दी गई। सिर पर ठंडा पानी पड़ते ही मेजर राज अपनी सोचों की दुनिया से वापस आया तो उसने देखा वह उसी अंधेरे कमरे में जहां कर्नल इरफ़ान से आमना-सामना होने के बाद उसकी आंख खुली थी। यूं तो मेजर राज को विशेष ट्रेनिंग दी गई थी कि किसी भी तरह की स्थिति में अपने आसपास का ख्याल रखना है, लेकिन रश्मि की यादों में खो कर मेजर राज को पता ही नहीं लगा जब उसके जेल का दरवाजा खुला और एक पुरुष और एक औरत ने अंदर प्रवेश किया। मेजर राज को होश तब आया जब उसके सिर पर ठंडे पानी की बाल्टी डाल दी गई। 

मेजर राज ने होश में आते ही फिर हिलने जुलने की कोशिश की मगर फिर वह बुरी तरह नाकाम रहा। कमरे में बहुत हल्की रोशनी थी जिसमें वह आने वाले पुरुष और महिला को पहचान नहीं पा रहा था। उनकी मंद सी छवि दिख रही थी। मेजर राज ने अनुमान लगाया कि पुरुष की उम्र 30 के करीब रही होगी जबकि महिला की उम्र 25 से 26 साल होगी। मेजर राज उन्हें पहचानने की कोशिश कर रहा था कि आने वाले व्यक्ति ने महिला को वापस चलने का इशारा किया और बोला आ ही गया है भारतीयकुत्ता होश में चल अब उसके लिए खाना भिजवा दे। मेजर राज ने पुरुष को आवाज़ दी और पूछा कि तुम कौन हो ?? और मैं कहाँ हूँ इस समय ?? पुरुष ने एक बार मुड़ कर घूर कर राज को देखा और बिना कोई उत्तर दिए वापस चला गया। 
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,453,629 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,035 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,213,007 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 916,992 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,625,600 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,058,410 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,912,948 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,931,036 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,983,064 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,407 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)