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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मोहित ने मेरी जीभ को चाटते हुए अपने हाथ से मेरी ब्रा को खींचकर बेड पर उछाल दिया। मेरी नंगी चूचियां जैसे ही मोहित के सीने से टकराईं हम दोनों के जिस्मों में उत्तेजना की लहर दौड़ गई। मोहित ने मेरे होंठों को छोड़कर मेरी छातियों को अपने हाथों में भरते हुए अपने मुँह की तरफ ले जाने लगा। मैंने मोहित के हाथ अपने हाथों में डालते हुए उसके हाथ बेड पर फैला दिए।
मैं जैसे ही अपनी चूचियों को मोहित के मुँह के पास ले गई, वो किसी भूखे शेर की तरह अपना मुँह खोलकर मेरी चूचियों पर लपका, तो मैंने अपनी चूचियों को ऊपर उठा लिया। मोहित मेरी तरफ भूखी नजरों से देखने लगा। मुझे मोहित पर तरस आ गया और मैंने उसके हाथों को आजाद कर दिया। मोहित अपने हाथ आजाद होते ही मेरी कमर को पकड़कर अपने ऊपर झुका लिया और मेरी चूचियों को एक-एक करके चूसने और चाटने लगा।
मेरे मुँह से उत्तेजना के मारे ‘आअह्ह... ऊह्ह... निकलने लगा। मैं रोहन के मुँह से अपनी चूचियां निकालकर नीच होते हुए अपनी चूचियों को उसके पेट पर रगड़ने लगी। मैंने मोहित के पैंट की बेल्ट खोलकर उसे नीचे सरका दिया। मोहित की चड्ढी का उभार देखकर मेरी साँसे ऊपर-नीचे होने लगी। मैं अपनी चूचियों को नीचे ले जाते हुए मोहित की चड्ढी के उभर पर रगड़ने लगी।
मोहित के मुँह से सिसकी निकल गई।
अचानक दरवाजा खटकने की आवाज आई।
मोहित बौखलाकर मुझे अपने ऊपर से उठाते हुए अपने कपड़े पहनने लगा। मोहित जल्दी से कपड़े पहनकर दरवाजे की तरफ बढ़ा। मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था। मैं अपने कपड़े उठाकर बाथरूम में घुस गई। मोहित ने जैसे ही दरवाजा खोला सामने करुणा खड़ी थी।
करुणा ने अंदर दाखिल होते हुए मोहित से पूछा- “दरवाजा क्यों बंद किया था...”
मैं तब तक अपने कपड़े पहनकर बाहर आ चुकी थी। मैंने बात को संभालते हुए कहा- “मैंने गलती से दरवाजा लाक किया था..."
करुणा ने मुझे देखते ही हैरान होते हुए पूछा- “धन्नो तुम उधर क्या कर रही थी?”
मैंने मुश्कुराते हुए कहा- “मैं मोहित से बातें कर रही थी, तभी मेरी आँख में कुछ घुस गया तो मैं बाथरूम में अपना मुँह धोने गई थी...”
करुणा मेरी बात सुनकर चुप हो गई और हमारे साथ बैठकर बातें करने लगी। मैं कुछ देर उनसे बातें करने के बाद वहाँ से उठकर बाहर आई।
आँटी ने मुझे देखते ही अपने कमरे में बुलाया। मैं आँटी के कमरे में चली गई। आँटी ने मुझसे कहा- “धन्नो मोहित के आने की वजह से हम आज रात कोई रिस्क नहीं लेंगे, वैसे भी मैं बहुत थकी हुई हैं। इसलिये मैं आराम करना चाहती हूँ.”
मैंने आँटी की बात गौर से सुनने के बाद उससे कहा- “आँटी, मैं पढ़ाई करने के बाद सो जाऊँगी...”
आँटी ने मेरे गाल की चुटकी काटते हुए कहा- “धन्नो, तुम बहुत समझदार हो गई हो...”
मैं आँटी के कमरे से निकलकर बिंदिया के कमरे में चली गई। बिंदिया फोन पर किसी से बात कर रही थी। बिंदिया कह रही थी- “नहीं, शादी से पहले कुछ नहीं कर सकती...”
मैं समझ गई की वो रोहन से बात कर रही है।
बिंदिया ने कुछ देर बाद फिर से कहा- “आज रात नहीं प्लीज... ऐसा मत करो, मेरी बात तो सुनो..." और फोन कट गया। बिंदिया ने मायूस होते हए फोन को रख दिया।
बिंदिया के फोन रखते ही मैं अंदर दाखिल हुई और जाकर बेड पर बैठ गई। कुछ देर के बाद बिंदिया ने मुझसे कहा- “धन्नो अच्छा हुआ की तुम आ गई मैं तुमसे बात करना चाहती हूँ..”
मैंने कहा- “बोल बिंदिया क्या बात है?”
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
बिंदिया ने जाकर दरवाजा बंद किया और मेरे साथ बैठते हुए कहा- “धन्नो तुम ही मेरी सबसे ज्यादा करीब हो इसीलिए मैं तुमसे सलाह ले रही हूँ। रोहन कुछ दिनों से मुझे अपने साथ सेक्स करने को कह रहा है, मगर मैं उसे टाल देती हूँ। मगर आज रोहन रात को यहाँ पर आने को बोल रहा है, मैं बहुत कन्फ्यू ज हूँ तुम्हीं बताओ मैं क्या करूं?”
मैंने बिंदिया की पूरी बात सुनने के बाद उससे कहा- “बिंदिया, तुम्हें रोहन पर कितना भरोसा है?”
बिंदिया ने जल्दी से कहा- “अपनी जान से ज्यादा...”
मैंने मुश्कुराते हुए कहा- “फिर डरती क्यों हो? रोहन तुम्हें कभी भी धोखा नहीं देगा, अगर वो कुछ तुमसे माँग रहा है तो, तुम क्यों डर रही हो? तुम भी जवान हो, वो भी हसीन है। फिर जो होता है होने दो..”
बिंदिया मेरे मुँह से ऐसी बातें सुनकर शर्म के मारे लाल हो गई और मुझे बैंक्स कहते हुए कहा- “धन्नो तुमने मेरी सारी मुश्किल को एक मिनट में हल कर दिया...”
बिंदिया ने फोन उठाया और रोहन को फोन लगाते हुए कहा- “रात को 12:00 बजे मुझे मिस काल देना, मैं दरवाजा खोल देंगी...”
कुछ देर तक हम आपस में बातें करते रहे और फिर मैं उठकर अपने कमरे में जाने लगी। बिंदिया ने मुझसे कहा- “धन्नो मैं करुणा के साथ किताबें लेने जा रही हूँ। तुम्हें कुछ चाहिए तो बता दो...”
मैंने कहा- “मुझे कुछ नहीं चाहिए। तुम कब जा रही हो और तुम्हें कितनी देर लगेगी?”
बिंदिया ने कहा- “दो ढाई घंटे लग जाएंगे, तुम क्यों पूछ रही हो?”
मैंने कहा- “ऐसे ही पूछ रही थी, तुम जाओ मैं यहीं पर हूँ..”
बिंदिया थोड़ी देर बाद करुणा के साथ घर से चली गई और मैं अपने कमरे में आ गई। सोनाली आँटी अचानक मेरे कमरे में दाखिल होते हुए बोली- “धन्नो मैं पूनम के घर जा रही हूँ, दो घंटों में आ जाऊँगी। घर का खयाल रखना..."
मैंने आँटी से कहा- “आप जाओ मैं यहीं पर हूँ..” पूनम हमारे पड़ोस में रहने वाली आँटी का नाम है, जो सोनाली आँटी की अच्छी सहेली है।
आँटी के जाने के बाद मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और जल्दी से मोहित के कमरे में घुस गई। कमरे में मोहित नहीं था, मगर पानी की आवाज आ रही थी। मैं समझ गई की मोहित नहा रहा है। मैं बाथरूम की तरफ जाने लगी, बाथरूम के पास पहुँचकर मैं खुशी के मारे उछल पड़ी, क्योंकी बाथरूम का आधा दरवाजा खुला हुआ था।
मैंने अपनी टाप और स्कर्ट उतार दी और ब्रा और पैंटी में ही बाथरूम का दरवाजा खोलकर अंदर दाखिल हो गई। मोहित सिर्फ अंडरवेर में शावर के नीचे अपनी धुन में नहा रहा था। उसने मुझे नहीं देखा। मैं उसके पीछे जाकर उससे लिपट गई। मोहित मेरी नरम चूचियों का अहसास अपनी पीठ पर महसूस करते ही चौंक गया और सीधा होकर मेरी तरफ देखते हुए कहने लगा- “धन्नो तुम यहाँ से जाओ, कोई आ जाएगा...”
मैं आगे बढ़ते हुए उससे लिपट गई, उसका गीला जिम मैं अपनी चूचियों पर महसूस करते ही सिहर उठी। मैंने उसके कंधे को चूमते हुए कहा- “यहाँ पर कोई नहीं आएगा, तुम चिंता मत करो। सभी बाहर गये हैं यहाँ पर सिर्फ हम दोनों हैं."
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
कुछ देर बाद मैंने अपनी आँखें खोली और मोहित को बालों से पकड़कर ऊपर उठाते हुए उसके मेरे पानी से भीगे होंठों को अपने मुँह में भरकर चूसने लगी। कुछ देर तक मैं उसके होंठ चूसती रही और फिर नीचे होते हुए अपनी जीभ निकालकर उसके सारे जिश्म को चाटते हुए नीचे होने लगी। मैं अब मोहित के अंडरवेर तक आ गई थी। मैं अपनी जीभ मोहित के अंडरवेर के ऊपर से ही उसके खड़े लण्ड पे फिराने लगी।
मोहित मेरी जीभ का स्पर्श अपने लण्ड पर पाते ही आह्हह... करते हुए अपनी आँखें बंद कर लिया। मोहित का लण्ड अब बहुत जोर से अंडरवेर में उछालने लगा। मैंने अपने हाथों से मोहित का अंडरवेर नीचे सरका दिया। मोहित का लण्ड अंडरवेर उतरते ही स्प्रिंग की तरह उछलता हुआ बाहर आ गया। उसका लण्ड देखकर मेरे मुँह में पानी आने लगा। मोहित का लण्ड बहुत मोटा और लंबा था, वो मंदिर के घंटे की तरह मेरे सामने लहरा रहा था।
मैंने अपना हाथ बढ़कर उसे पकड़ लिया और अपने हाथ से उसे आगे-पीछे करने लगी, मेरा हाथ पड़ते ही मोहित उछल पड़ा और जोर से सिसकने लगा। मैं अपनी जीभ निकालकर उसके सुपाड़े पर फिराने लगी और अपना पूरा मुँह खोलकर उसका सुपाड़ा अंदर करने लगी। मोहित ने मजे से सिसकारते हुए मेरे सिर को पकड़ लिया और अपने चूतड़ों को हिलाकर अपने लण्ड के टोपे को अंदर-बाहर करने लगा।
मैं अपने होंठों से उसे चूसने लगी। तभी मोहित जोर से हाँफते हुए मेरे सिर को पकड़कर अपने लण्ड पर दबाने लगा। इससे पहले की मैं कुछ समझ पाती, मोहित का वीर्य मेरे मुँह को भरने लगा। मैंने आज तक किसी का वीर्य पिया नहीं था। मैं अपने मुँह से मोहित का लण्ड निकालने की कोशिश करने लगी, मगर वो मेरे सिर को जोर से पकड़े हुए था।
मैं मजबूर होकर उसके वीर्य को गटकने लगी, उसके वीर्य का स्वाद अजीब था। कुछ देर बाद मोहित ने अपनी पकड़ ढीली की। मैं अपने मुँह से उसका लण्ड निकलकर खांसने लगी, क्योंकी उसके वीर्य की कुछ बूंदें मेरे गले में जाकर लगी थी। मैंने कुछ देर खांसने के बाद मोहित की तरफ देखा। उसका लण्ड सिकुड़कर ढीला हो चुका था। मैं अपने घुटनों के बल बैठकर उसके लण्ड को फिर से चाटने लगी, मेरे पास टाइम कम था, इसीलिए मैं उसे जल्दी तैयार करने चाहती थी। कुछ ही देर में मोहित का लण्ड फिर से तनने लगा।
मोहित ने शावर बंद करते हुए मुझे अपनी गोद में उठा लिया और बाथरूम से निकालकर मुझे बेड पर पटक दिया। मेरा पूरा शरीर हवस की आग में तप रहा था। मोहित मेरी तरफ गौर से देखते हुए मेरे ऊपर चढ़ गया
और मेरे नरम होंठों को चूमने लगा। मोहित ने मेरे होंठों को चूसते हुए अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी। मैं उसकी जीभ को पकड़कर चाटने लगी।
मोहित ने अपने हाथों से मेरी चूचियों को पकड़ लिया और उन्हें मसलने लगा। मैं भी अपना हाथ नीचे लेजाकर उसके तने हुए लण्ड को अपनी मुट्ठी में ले लिया और उसे आगे-पीछे करने लगी। मेरा हाथ मोहित अपने लण्ड पर महसूस होते ही झटपटाने लगा और मेरे होंठों को छोड़कर अपनी जीभ से मेरे कंधे को चाटने लगा।
मोहित मेरे कंधे पे अपनी जीभ फिराते हुए अचानक उसे मेरे कान में डाल दिया। मोहित की जीभ को अपने कान में महसूस करते ही मैं उछल पड़ी, मुझे अजीब किस्म का मजा आ रहा था और मेरा पूरा शरीर सिहर उठा। मोहित अब और नीचे जाते हुए मेरी चूचियों के ऊपर अपनी जीभ फिराते हुए अपनी उंगलियों से मेरी चूचियों के तने हुए दाने को मसलने लगा। मेरे मुँह से मजे के मारे सिसकियां निकलने लगी, मैं मोहित के सिर को पकड़ते हुए उसका मुँह अपनी चूचियों के दाने पर रख दिया। मोहित मेरी चूचियों को एक-एक करके चूसने और काटने लगा।
मेरे मुँह से मजे के मारे हल्की चीखें निकल रही थी और मेरी चूत ना जाने कितना पानी बहा चुकी थी। मैंने मोहित को बालों से पकड़ते हुए बेड पर गिरा दिया, तो वो मुझे सवालिया नजरों से देखने लगा। मैं उसके खंबे जैसे खड़े लण्ड को अपने हाथों से पकड़कर सहलाने लगी। मोहित का लण्ड बहुत ज्यादा गरम था। मैं अपनी जीभ निकालकर उसके गुलाबी टोपे पर फिराने लगी।
मोहित के लण्ड पर मेरी जीभ पड़ते ही उसके मुँह से मजे के मारे आह्ह... निकल गई। मैंने अपनी जीभ से । मोहित के लण्ड को ऊपर से नीचे तक चाटते हुए गीला कर दिया। मैं खुद उसके ऊपर आ गई और उसके लण्ड के टोपे को अपनी चूत पर सेट करते हुए नीचे उसके लण्ड पर बैठने लगी। मोहित के लण्ड का टोपा बहुत मोटा था, मगर मेरी चूत के भी ज्यादा गीली होने के कारण से उसका टोपा मेरी चूत में घुस गया। मोहित के लण्ड । का सुपाड़ा मेरे चूत में घुसते ही मेरे मुँह से 'ओईई' निकल गया। मैं अपना पूरा वजन लण्ड पर डालते हुए धप्प के साथ उसपर बैठ गई।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मोहित का लण्ड मेरी चूत में अपनी जगह बनाता हुआ जड़ तक घुस गया। मेरे मुँह से उठे दर्द के कारण ‘ऊन्ह निकल गया। मेरे साथ मोहित के मुँह से भी ‘आअहहह' निकल गई। मोहित ने मेरी कमर में अपना हाथ डालते हुए मुझे नीचे झुका लिया और मेरे होंठों को चूमते हुए नीचे से अपने चूतड़ हिलाने लगा। मोहित का लण्ड मेरी चूत में उछल कूद मचाने लगा और मैं अपनी चूत में मीठे मजे के अहसास के साथ अपनी चूत को सिकोड़कर उसका जवाब देने लगी।
मेरे चूत सिकोड़ने से मोहित का लण्ड और ज्यादा फूलने लगा। मोहित मेरे होंठों को चूसते हुए हल्का-हल्का ऐंठ रहा था। मैं अब अपने चूतड़ उठाकर मोहित के लण्ड पर हल्के धक्के लगाने लगी। मोहित का लण्ड मेरी चूत की दीवारों से बहुत जोर की रगड़ खा रहा था। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी। मैं मोहित के मुँह से अपने होंठ उठाते हुए सीधी हो गई और मोहित के लण्ड के टोपे तक अपनी चूत उठाकर जोर से नीचे बैठ जाती। ऐसा करने से मेरे सारे शरीर में उत्तेजना के मारे सिहरन होने लगी। 5-6 बार ही मैंने ऐसा किया था की मेरा पूरा शरीर काँपने लगा और उत्तेजना के मारे मेरी आँखें बंद हो गई।
मैं मोहित के लण्ड पे जोर से ऊपर-नीचे होने लगी और कुछ ही देर में हाँफते हुए मोहित के लण्ड पर जोर के धक्के लगाते हुए आह्ह्ह करते हुए झड़ने लगी। मैंने झड़ते हुए अपनी चूत को फिर से मोहित के लण्ड पर सिकोड़ दिया। मोहित के लण्ड ने मेरी चूत में जोर का ठुमका लगाकर उसे जवाब दिया। मैं निढाल होकर उसके ऊपर लेट गई। मोहित मेरे होंठों को चूसने लगा और मेरी जीभ से अपनी जीभ को रगड़ने लगा।
मैं फिर से गरम होने लगी और अपने चूतड़ों को मोहित के लण्ड पर उछालने लगी। मोहित ने मुझे अपने ऊपर से उठाते हुए बेड पर सीधा सुला दिया। मोहित ने मेरी टाँगों को घुटनों तक मोड़ दिया, इस पोजीशन में मेरी चूत उठकर मोहित के सामने आ गई। मोहित ने अपना लण्ड मेरी चूत पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा। उसका लण्ड मेरी गीली चूत में सरकता हुया गायब हो गया। मोहित का लण्ड अंदर घुसते ही मेरे मुँह से आह्ह्ह निकल गई। मोहित अपने लण्ड से मेरी चूत में धक्के मारने लगा।
मैं भी तब तक गरम हो चुकी थी। मैं भी नीचे से अपने चूतड़ उछालने लगी। मोहित का लण्ड मेरी चूत को गहराइयों तक रगड़ता हुआ मेरे पेट तक महसूस हो रहा था। मोहित अब अपना पूरा लण्ड निकालकर जोर से अंदर डाल देता। मोहित के धक्के इतने भयानक थे की उसके हर धक्के के साथ मेरा पूरा शरीर काँप उठता।
मेरे मुँह से उत्तेजना के मारे गालियां निकलने लगी- “मोहित तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा और शानदार है, तुम्हारा लण्ड मेरी चूत में गहराइयों तक महसूस हो रहा है। मैं तुम्हें पहले दिन से लाइन दे रही थी, मगर तुम बिल्कुल बुद्धू थे, मेरा इशारा नहीं समझ रहे थे। तुम्हारा गठीला बदन देखकर मेरी चूत में खुजली होने लगी थी, जो आज जाकर तुम्हारे लण्ड ने मिटाई। मैं तुम्हारे लण्ड की गुलाम हो गई हूँ, ऐसा जवान और सख़्त लण्ड मैंने आज तक नहीं चखा...”
मोहित मेरे मुँह से गालियां सुनकर और उत्तेजित होते हुए जोर के धक्के मारने लगा।
मैंने अपनी टाँगों को मोहित की कमर में डाल दिया और कहने लगी- “हाँ ऐसे ही धक्के लगाते रहो ओहह... तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा है...”
मोहित भी बहुत गरम हो चुका था। वो मेरी बातों का जवाब देते हुए बोला- “ले रंडी मेरा पूरा लण्ड अपनी चूत में, मैं तुम्हें पहले दिन ही अपने कमरे में सफाई करते हुए पहचान गया था की तुम मेरे लण्ड से जरूर चुदवाओगी..."
मोहित अब बहुत जोर के धक्के देते हुए काँपने लगा और ऊह्ह... करते हुए मेरी चूत को अपने वीर्य से भरने । लगा। मोहित का गरम वीर्य अपनी चूत में महसूस करते ही मैं भी 'आअहह' करते हुए झड़ने लगी। मोहित का लण्ड न जाने कितनी देर तक मेरी चूत को भरता रहा और फिर मेरे ऊपर निढाल होकर लेट गया।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
कुछ देर बाद मैंने मोहित को अपने ऊपर से हटाया और उसको चुंबन देते हुए बाथरूम में चली गई। बाथरूम में मैंने शावर ओन किया और नहाने लगी। मोहित भी बाथरूम में आ गया और मेरे साथ शावर के नीचे खड़ा हो गया। मोहित मेरे पीछे खड़ा था, उसने अपने हाथ बढ़ाकर मेरी चूचियों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाते हुए मेरे कंधे को चूमने लगा।
मैंने मोहित से अपने आपको छुड़ाते हुए कहा- “छोड़ो अभी आँटी आने वाली होंगी.”
मोहित मेरी बात को अनसुना करते हुए मेरे कंधे को चूमते हुए मेरी पीठ को चूमने लगा। मेरे मुँह से आह्ह्ह... निकल गई। मोहित मेरी पीठ को चूमते हुए नीचे मेरे चूतड़ों तक पहुँच गया। मोहित ने मेरे चूतड़ों को अपने हाथों से मसलते हुए मुझे दीवार के सहारे थोड़ा झुका दिया। मोहित मेरे चूतड़ों को अपने मुँह में लेकर जोर से चूस और काट रहा था, मेरे मुँह से आह्ह्ह... ओहह... निकल रहा था।
मोहित ने अपनी जीभ निकाली और मेरे चूतड़ों को चाटते हुए मेरी गाण्ड के छेद में फिराने लगा। मैं उसकी जीभ को अपनी गाण्ड में महसूस करते ही उछल पड़ी। मेरे पूरे शरीर में करेंट दौड़ने लगा। मोहित मेरी गाण्ड को अच्छी तरह से चाट रहा था। मुझे अपने पूरे शरीर में अजीब किस्म का अनोखा मजा आ रहा था, जिसके कारण मेरी आँखें मजे से बंद होने लगी। मोहित अब मेरी गाण्ड के साथ मेरी चूत को भी चाट रहा था।
अचानक मोहित सीधा हुआ और अपना लण्ड मेरी गाण्ड पर रगड़ने लगा। मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी, क्योंकी मुझपर हवस का नशा चढ़ा हुआ था। मोहित ने अपने लण्ड पर थूक लगाई और मुझे ज्यादा झुकाते हुये अपना लण्ड मेरी गाण्ड पर सेट करते हुए धक्का लगाया। मोहित का लण्ड मेरी गाण्ड में जाने के बजाए नीचे स्लिप हो
गया।
मैंने मोहित से कहा- “आँटी किसी वक़्त भी आ सकती हैं, और तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा है प्लीज... मेरी गाण्ड को कुछ मत करो..."
मोहित ने मेरी बात मान ली और अपना लण्ड मेरी चूत पर रखकर एक धक्का दिया। उसका लण्ड मेरी चूत की गहराइयों में गुम हो गया। मेरे मुँह से मजे से आअह्ह्ह... निकल गया। मोहित मेरी चूत में बहुत जोर के धक्के लगा रहा था। मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा और मैं ‘इस्स्स... करते हुए झड़ने लगी। मोहित मुझे झड़ता हुआ । देखकर बहुत जोर के धक्के लगाने लगा, जिस वजह से मजे के मारे मेरी आँखें बंद हो गई। थोड़ी देर बाद मैंने अपनी आँखें खोली। मोहित वैसे ही मेरी चूत में धक्के लगा रहा था। मेरी चूत में अब जलन होने लगी थी।
मैंने मोहित से कहा- “मुझे चूत में जलन हो रही है, अपना लण्ड निकालो। मैं तुम्हें ऐसे ही झड़ा देती हूँ...”
मोहित मेरी बात मानते हुए अपने लण्ड को मेरी चूत से निकाल दिया, मैं सीधा होकर घुटनों के बल बैठ गई और अपनी चूत के रस से गीले लण्ड को अपनी जीभ से चाटने लगी। मोहित के लण्ड पर मेरी जीभ पड़ते ही उसके मुँह से आह्ह्ह... निकल गई। मुझे उसके लण्ड से अजीब किस्म की गंध आ रही थी। मैंने अपना पूरा मुँह खोलकर मोहित का लण्ड अपने मुँह में भर लिया और अपने होंठों से उसे चूसने लगी। मोहित का लण्ड चूसते हुए मैं अपने हाथों से उसकी गोटियां सहला रही थी, मगर मोहित झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। मेरा मुँह अब दुखने लगा था।
मैं मोहित के लण्ड को अपने मुँह से निकालकर उसे अपने दोनों हाथों से बड़ी जोर से आगे-पीछे करने लगी। मोहित के मुँह से अब जोर की सिसकियां निकलने लगी, और थोड़ी ही देर में उसके लण्ड से पिचकारियां निकलने लगी। मैंने अपना मुँह खोल दिया। मोहित के लण्ड से निकलने वाली पिचकारियों से मेरे पूरा मुँह गीला हो गया और कुछ वीर्य मेरे मुँह के अंदर भी भर गया। मैं अपने मुँह में पड़ा हुआ वीर्य गटकने लगी और अपना मुँह खोलकर मोहित के लण्ड को साफ कर दिया। उसके बाद मोहित और मैंने मिलकर नाहया और अपने कपड़े पहनकर बातें करने लगे।
मोहित ने बातें करते हुए मुझसे पूछा- “धन्नो तुम तो अभी कुँवारी हो या फिर तुम किसी से चुदवा चुकी हो?”
मैंने हँसते हुए कहा- “तुम आम खाओ पेड़ क्यों गिनते हो? वैसे तुम कितनी लड़कियों को चोद चुके हो?”
मेरी बात सुनकर मोहित बौखला गया।
मैंने उससे कहा- “डरते क्यों हो? मैं किसी को नहीं बताऊँगी...”
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मोहित ने कहा- “मैंने गाँव में एक लड़की को चोदा था, जिसस का नाम रूपा था...” मोहित ने थोड़ी देर रुक कर कहा- “मैं एक लड़की से प्यार भी करता हूँ, वो भी मुझसे प्यार करती है, मगर हम दोनों के बीच अभी तक कोई सेक्स नहीं हुआ है."
मैंने मोहित से पूछा- “उसका नाम क्या है?”
मोहित ने कुछ देर खामोश रहकर कहा- “रिया नाम है उसका...”
तभी दरवाजा खुलने की आवाज आई और आँटी अंदर दाखिल हो गई, आँटी सीधा अपने कमरे में चली गई।
मैंने मोहित से कहा- “मैं जा रही हूँ, थोड़ा सा काम है...” और सीधे आँटी के कमरे में आ गई। आँटी के कमरे में घुसते ही मैं हैरत में पड़ गई। आँटी अपने कपड़े साड़ी निकालकर, पैंटी और ब्लाउज़ में खड़ी थी।
आँटी ने मुझे देखकर कहा- “धन्नो तुमको कोई काम है?”
मैंने अपना कंधा ना में हिलाया।
आँटी ने कहा- “तुम बैठो मैं नहाकर आती हूँ.."
मुझे दाल में कुछ काला लग रहा था, क्योंकी आँटी के कंधे पर लाल निशान थे और वो अपनी टाँगों को फैलाकर चल रही थी। मैं चुदवा-चुदवाकर जान चुकी थी की जब कोई तगड़ा लण्ड चूत में जाता है तो चलने में थोड़ी तकलीफ होती है। मैंने आँटी का राज पता करने की ठानी और बैठकर आँटी का इंतजार करने लगी। आँटी कुछ देर बाद बाथरूम से बाहर निकली। वो अब भी ब्लाउज़ और पैंटी में थी। आँटी ने अलमारी से कपड़े निकाले और पहनने लगी।
तभी मैंने आँटी से पूछा- “आँटी आपके कंधे पर यह लाल निशान कहां से आया?”
आँटी मेरी बात सुनकर थोड़ा हड़बड़ा गई, मगर फिर बात को संभालते हुए कहा- “धन्नो रास्ते में किसी जहरीले मच्छर ने काट दिया था...”
तभी दरवाजे की आवाज आई और बिंदिया और करुणा आ गई। मैं वहाँ से उठकर बिंदिया के कमरे में आ गई।
बिंदिया ने कहा- “मैं बहुत थक गई हूँ, नहाने जा रही हूँ..”
करुणा ने कहा- “चलो मेरे कमरे में चलते हैं..."
हम दोनों करुणा कमरे में आकर कुछ देर तक बातें करते रहे, ऐसे ही कब रात हो गई पता ही नहीं चला। आँटी ने खाना लगाया और हम सबने मिलकर खाना खाया और अपने-अपने कमरे में सोने चले गये।
मैं अपने कमरे में आकर बैठी ही थी की आँटी मेरे कमरे में दाखिल हुई और दरवाजा बंद करते हुए कहा- “धन्नो आकाश किसी काम के सिलसले में देहली गया हुआ है, तुम सो जाओ वो आज भी नहीं आएगा...” आँटी इतना कहकर वहाँ से चली गई।
मेरा शक आँटी पर बढ़ता ही जा रहा था। वो एक दिन भी चुदाई के बगैर नहीं रह सकती थी। मैं बेड पर लेटते हुए 12:00 बजे का इंतजार करने लगी, क्योंकी रोहन आने वाला था। मैं रोहन और बिंदिया का पहला सेक्स देखने का सोचकर गर्म होने लगी। थोड़ी ही देर बाद मेरे कमरे का दरवाजा खटकने की आवाज आई। मैंने जल्दी से जाकर दरवाजा खोला, तो मेरा मुँह फटा का फटा रह गया। सामने मोहित सिर्फ एक अंडरवेर में खड़ा था।
दरवाजा खुलते ही मोहित अंदर आ गया और दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया। मोहित दरवाजा बंद करते ही मुझसे लिपट गया और मुझे बेतहाशा चूमने लगा। मैं पहले से गर्म थी। मैं भी उसका साथ देने लगी। कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे को चूमते रहे और फिर मोहित मुझे बेड तक ले आया और मुझे बेड पर गिरा दिया।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मैं नाइटगाउन पहने हुए थी। मैंने अपना नाइटगाउन उतारकर बेड पर फेंक दिया। मोहित मुझे एक ब्लैक ब्रा और छोटी सी कच्छी में देखकर अपनी जीभ निकालकर अपने होंठों पर फिराने लगा। मेरा गोरा बदन ट्यूबलाइट की रोशनी में चमक रहा था। मोहित मेरे पास बेड के करीब आया, और मेरे गुलाबी होंठों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। मैंने अपनी जीभ निकालकर उसके मुँह में डाल दी, जिसे मोहित बड़े प्यार से चाटने लगा।
मोहित कुछ देर तक मेरे होंठों को चाटने के बाद अपने हाथों से मेरी ब्रा के हुक खोल दिए, ब्रा के हुक खुलते ही मेरी दोनों गोरी-गोरी चूचियां मोहित की आँखों के सामने थीं। मोहित मुझे बेड पर लेटाते हुए मेरे ऊपर आ गया और मेरी चूचियों को अपने हाथों से मसलते हुए उनके गुलाबी निपल चाटने लगा। मेरे मुँह से मजे के मारे सिसकियां निकलने लगी। मोहित मेरी चूचियों को चूसने के साथ काट भी रहा था, उसके काटने से मेरे मुँह से ओह... आह्ह.. निकल रहा था।
मोहित अब मेरी चूचियों को छोड़कर नीचे जाने लगा, वो मेरी कच्छी को उतारता हुआ मेरे पैर तक आ गया और मेरी कच्छी को पैरों से उतार दिया।
मोहित ने मेरी कच्छी उतारने के बाद मेरे एक पैर को थोड़ा ऊपर उठाते हुए उसकी उंगलियों से अपनी जीभ फिराने लगा। मैं उसकी जीभ को अपनी उंगलियों पर महसूस करते ही उछल पड़ी। मोहित मेरे पैर की उंगलियों को जुदा करते हुए उनके बीच अपनी जीभ फिराने लगा। मेरे पूरे शरीर में अजीब किस्म की गुदगुदी होने लगी और मेरा पूरा शरीर अजीब मजे में डूब गया।
मेरे मुँह से सिसकियां निकलने लगी- “मोहित आहहह... क्या कर रहे हो?”
मोहित मेरी सभी उंगलियों के बीच जीभ फिराने के बाद मेरे पैर को चूमता हुआ मेरी गोरी टाँगों से अपनी जीभ फिराने लगा। मोहित नीच से मेरी टाँगों पे अपनी जीभ फिराते हुए ऊपर आने लगा। मेरे पूरे शरीर में वासना की लहर दौड़ने लगी। मोहित ऊपर होते हुए मेरी दोनों टांगों को मेरे पेट तक मोड़ दिया और एक तकिया मेरी कमर के नीचे रख दिया। इस पोजीशन में मेरी चूत और गाण्ड दोनों मोहित के सामने थी। मोहित अपनी जीभ से मेरे चूतड़ों को चाटते हुए मेरी चूत और गाण्ड पर भी अपनी जीभ फिराने लगा।
मैं मजे से हवा में उड़ने लगी, ऐसा मजा आज तक मुझे कभी नहीं आया था। मोहित अपनी जीभ को मेरी चूत के दाने तक चाटते हुए नीचे होता हुआ मेरे गाण्ड के छेद में घुसा देता। मोहित की जीभ मैं अपनी गाण्ड में महसूस करते ही उछल पड़ती और मेरे मुँह से जोर की आहहह... निकल जाती। मोहित ने कुछ देर तक ऐसे ही करने के बाद अपने अंडरवेर को उतारा और अपना फनफनाता हुआ लण्ड मेरी चूत पर रगड़ने लगा।
मेरी चूत मोहित का मोटा लण्ड महसूस करते ही पानी की बूंदें निकालने लगी जो मोहित के लण्ड को गीला करने लगी। मोहित अपने लण्ड को अपने हाथों में पकड़कर मेरी चूत पर ऊपर से नीचे फिराते हुए मेरी गाण्ड तक रगड़ने लगा। मेरी साँसें उसके लण्ड को अपनी गाण्ड पर महसूस करते ही ऊपर-नीचे होने लगी।
मैंने मोहित से कहा- “और कितना तड़पाओगे, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता। अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दो...”
मोहित ने मेरे मुँह से यह सब सुनकर अपने लण्ड को मेरी चूत पर रखकर एक जोर का धक्का मारा और उसका मोटा लण्ड मेरी चूत को चीरता हुआ जड़ तक घुस गया। मेरे मुँह से मीठे मजे के ‘आअह्ह्ह' निकल गई। मोहित मेरी चूत में अपना लण्ड बड़े जोर से अंदर-बाहर करते हुए अपनी एक उंगली से मेरी गाण्ड को सहलाने लगा।
उसका हाथ अपनी गाण्ड पर महसूस होते ही मेरे पूरे शरीर में एक करेंट जैसा अहसास हो रहा था। मोहित पूरी ताकत से मेरी चूत को चोद रहा था।
मोहित का लण्ड मेरी चूत में बहुत जोर की रगड़ खा रहा था, जिसके कारण मेरे मुँह से इह्ह... ओहह... निकल रहा था। मोहित ने मुझे ऐसे ही चोदते हुए अपनी उंगली को अपने मुँह में डालकर गीला किया और अपनी गीली उंगली को मेरी गाण्ड पर फेरते हुए उसे अंदर डाल दिया।
मोहित की उंगली गाण्ड में घुसते ही मैं उछाल पड़ी। मैंने आज तक अपनी गाण्ड में कुछ भी नहीं डाला था। मोहित मेरी गाण्ड में अपनी उंगली को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करते हुए अपने लण्ड से मुझे चोदने लगा। मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा और मेरी चूत मोहित के लण्ड को अपनी गिरफ्त में लेते हुए उसपर खुलने और बंद होने लगी। मोहित मेरी चूत के सिकुड़ने से समझ गया की मैं झड़ने वाली हैं। इसीलिए वो अपना लण्ड पूरा बाहर तक निकालकर अंदर घुसाने लगा।
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