Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
08-05-2019, 12:01 PM,
#51
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
आँटी और आकाश इतनी देर से हमारा खेल देखकर बहुत उत्तेजित हो चुके थे, इसीलिए आकाश ने अपना खड़ा लण्ड आँटी के मुँह में डाल दिया था, जो आँटी बड़े प्यार से चूस रही थी।
खान ने अपनी उंगलियों से मेरी चूत के होंठों को खोलकर अपने लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत के सुराख में रखा और मेरी तरफ देखने लगा। खान ने कहा- “थोड़ा दर्द होगा बर्दाश्त कर लेना...”
मैंने उसकी आँखों में देखते हुए वासना में डूबे हुए उससे कहा- “जो करना है जल्दी से करो... मैं अब बर्दाश्त नहीं कर सकती...”
खान ने मेरी जांघों को कसकर पकड़ते हुए अपने लण्ड पर जोर का दबाव डाला। खान के लण्ड का टोपा मेरी चूत में घुस गया। मेरे मुँह से एक चीख निकल गई ‘ओईईई’ उसके लण्ड का सुपाड़ा बहुत मोटा था। उसने मेरी चूत को इतना फैला दिया की मुझे महसूस हो रहा था किसी ने मेरी चूत को अपने दोनों हाथों से पकड़कर फाड़ दिया हो। मैंने अपने हाथों से अपना मुँह बंद कर दिया और अगले लम्हे का इंतजार करने लगी।
खान ने एक जोर का धक्का मारा और उसका लण्ड मेरी चूत को फैलाता और अपनी जगह बनाता हुआ जड़ तक घुस गया। मेरे मुँह से एक बहुत बड़ी चीख निकली जो मेरे हाथों में दब गई। मेरी आँखों से आँसू निकल आए। खान ने अपना लण्ड मेरी चूत की जड़ तक डाले हुये ही मेरे ऊपर आ गया और अपने हाथों से मेरी चूचियां मसलता हुआ अपने होंठ मेरे होंठों पर रखकर चूसने लगा।

मुझे अब चूत में कुछ सुकून महसूस हुआ और मेरा सारा जिश्म फिर से गरम होने लगा। मैंने अपने चूतड़ उछालकर खान को सिगनल दिया। खान मेरे ऊपर से उठते हुए अपने लण्ड को बाहर खींचा और फिर से जड़ तक घुसा दिया। उसका लण्ड मेरी चूत की गहराइयों में महसूस हो रहा था। उसके लण्ड की रगड़ मेरे सारे जिश्म में उत्तेजना पैदा कर रही थी और मेरे मुँह से अजीब तरह की आवाजें निकलने लगी। उसका लण्ड इतना मोटा था की उसके लण्ड बाहर खींचने से उसके लण्ड के साथ मेरा पानी भी बाहर निकलने लगा।
मेरे मुँह से 'आअह्ह्ह' निकली और मैंने अपनी आँखें बंद कर ली।
खान मुझे झड़ता हुआ देखकर अपने लण्ड को जोर से अंदर-बाहर करने लगा। मैंने कुछ देर बाद अपनी आँखें खोली, तो खान का लण्ड मेरी चूत के आखिरी हिस्से तक रगड़ रहा था। मैं फिर से गर्म होने लगी और चूतड़ उछाल-उछालकर खान से ताल पे ताल मिलाने लगी। खान अपना लण्ड जब बाहर खींचकर अंदर डालता तो मैं अपने चूतड़ उछालती और दोनों की जड़ें मिल जाती।
कुछ देर बाद खान मुझको तूफान की रफ्तार के साथ चोदने लगा। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी। खान इतने जोर के धक्के लगा रहा था की मेरा सारा जिम खान के हर धक्के के साथ पूरा कांप रहा था। खान ऐसे ही धक्के लगाते हुए मेरी चूत में अपना वीर्य गिराने लगा।
उसके गर्म वीर्य के अहसास से मेरी चूत ने भी अपना मुँह खोल दिया और मैं “आहहह.. ओहह...' करते हुए झड़ने लगी। मैंने मजे से अपनी आँखें बंद कर ली। खान न जाने कितनी देर तक मेरी चूत को अपने वीर्य से भरता रहा और फिर निढाल होकर मेरे ऊपर गिर पड़ा।
आकाश और सोनाली आँटी इतनी देर से हमारी चुदाई देखकर बहुत गर्म हो चुके थे। आकाश ने सोनाली के मुँह से अपना लण्ड निकाला और उसे उल्टा लेटाकर अपना लण्ड पीछे से उसकी चूत में डाल दिया। लण्ड घुसते ही। आँटी ने मुँह 'अहह' निकल गई। आकाश अपने लण्ड से बहुत जोर के धक्के लगाने लगा, वो अपना पूरा लण्ड सुपाड़े तक निकालकर अंदर पेल रहा था।
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08-05-2019, 12:02 PM,
#52
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
सोनाली आँटी के मुँह से अब मजे से गालियां निकलने लगी- “ओह्ह... अहह... हाँ ऐसे ही मुझे चोदते रहो, आकाश तुमने मुझे रंडी बना दिया। मेरे साथ मेरी भांजी भी रंडी बन गई, मगर धन्नो की चूत में मुझसे ज्यादा आग है। मैंने शादी से पहले किसी से नहीं चुदवाया था, मगर यह तो मुझसे बड़ी छिनाल निकली, शादी से पहले ही हर लण्ड का मजा ले लिया...”
आँटी के मुँह से ये सब सुनकर मैं हैरत में पड़ गई, मैं सोच रही थी आँटी को क्या हो गया है जो ऐसी गालियां निकाल रही हैं? आकाश ने भी आँटी की चूत को जोर से चोदते हुए उसके चूतड़ पर थप्पड़ मार रहा था। आँटी की गाण्ड आकाश के थप्पड़ों से बिल्कुल लाल हो गई थी।
आकाश ने आँटी को थप्पड़ मारते हुए कहा- “साली छिनाल, तुम धन्नो को छिनाल कह रही हो, तुम खुद कितनी बड़ी रंडी हो तुम्हें पता है? जय के कहने पर मुझसे चुदवाया और मेरे लण्ड की दीवानी हो गई और तुमने धन्नो को मुझसे चुदवाया और मेरे कहने पर यहाँ दो लण्डों का मजा ले रही है। तुम अपने घर में अगर दूसरे मर्दो को बुलाकर चुदवायेगी तो उसे देखकर तुम्हारी भांजी तो जरूर गर्म होगी.”

आँटी झड़ने के बिल्कुल करीब थी, वो अपनी साँसों को संभालते हुए आकाश के लण्ड पर अपने चूतड़ों से धक्के लगाने लगी और कहने लगी- “आकाश तुम्हारे लण्ड को चखकर मुझ पता चला की बड़े और मोटे लण्ड से चुदवाने में कितना मजा आता है...”
खान इतनी देर से यह सब देखकर फिर से गरम होने लगा और वो उठकर आँटी के मुँह के करीब आ गया। आँटी खान के लटकते हुए लण्ड को अपनी जीभ निकालकर चाटने लगी। खान ने मजे से अपनी आँखें बंद कर ली। आँटी पूरे जोश के साथ खान का लण्ड चाट रही थी। अचानक आँटी का बदन अकड़ने लगा और वो हाँफते हुए ओहह... करते हुए झड़ने लगी। खान ने आँटी का सिर पकड़कर अपना लण्ड उसके मुँह में ढूंस दिया और उसे आगे-पीछे करने लगा। आँटी के मुँह से गैंगू की आवाजें निकालने लगी, उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। कुछ देर लण्ड आगे-पीछे करने के बाद खान ने अपना लण्ड आँटी के मुँह से निकाला। खान का लण्ड अब बिल्कुल तन चुका और आँटी की थूक से चमक रहा था।
खान ने आकाश को कहा- “तुम लेट जाओ और इस अपने ऊपर ले लो..”
आकाश नीचे लेट गया और आँटी अपनी दोनों टाँगें फैलाकर आकाश के लण्ड पे बैठ गई। आकाश नीचे से धक्के लगाने लगा और आँटी भी अपने चूतड़ उछालने लगी।
खान कुछ देर ऐसे ही दोनों को देखता रहा और फिर आँटी के पीछे जाकर बैठ गया और उसकी गाण्ड को अपने हाथों से सहलाने लगा।
मैं समझ गई की खान आँटी की गाण्ड मारना चाहता है। मेरे पूरे शरीर में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी। मैं सोच रही थी की इतना मोटा लण्ड आँटी की गाण्ड की क्या हालत करेगा? अब खान अपनी जीभ निकालकर आँटी की गाण्ड पर फिराने लगा। खान ने मुझे अपने पास बुलाया और अपने लण्ड को चाटने को कहा। मैं अपनी जीभ निकालकर खान के लण्ड को ऊपर से नीचे तक चाटने लगी।
आकाश ने धक्के लगाने बंद कर दिये थे। आँटी भी खान की जीभ अपनी गाण्ड पर महसूस करके बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी। और उसके मुँह से अह्ह... की आवाजें निकल रही थी। आकाश ने आँटी की कमर को पकड़कर उसे नीचे झुका लिया था। इस पोजीशन में आँटी की गाण्ड खुलकर खान के सामने आ गई थी। आकाश सोनाली की चूचियों को अपने मुँह में लेकर चाट रहा था।
खान अपनी जीभ को आँटी की पूरी गाण्ड पर फिराते हुए उसकी गाण्ड के छेद पर आकर रुक गया। आँटी अपनी गाण्ड के छेद पर खान का लण्ड महसूस करते ही अपनी गाण्ड को सिकोड़कर फिर खोलने लगी। आकाश ने अपनी जीभ को कड़ा किया और जैसे ही आँटी ने अपनी गाण्ड को खोला खान ने उसे अंदर तक डाल दिया। आँटी के मुँह से मजे से एक चीख निकल गई- “ओईई.. अहह..”
खान ने थोड़ी देर तक उसकी गाण्ड को अपनी जीभ से चाटने के बाद अपनी दो उंगलियां उसकी गाण्ड में डाल दी और अंदर-बाहर करने लगा। कुछ देर बाद उसने अपनी तीसरी उंगली भी उसकी गाण्ड में डाल दी, ऑटी के मुँह से ओह्ह... की हल्की चीख निकल गई। खान जोर से अपनी तीनों उंगलियां आँटी की गाण्ड में अंदर-बाहर करने लगा।
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08-05-2019, 12:20 PM,
#53
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
अब मैं भी बहुत गर्म हो चुकी थी और खान के लण्ड का टोपा मैंने अपने मुँह में ले लिया था जिसे मैं चूस रही थी। अचानक खान ने आँटी की गाण्ड में से अपनी उंगलियां निकाली और अपना लण्ड मेरे मुँह से निकालकर तीनों उंगलियां मेरे मुँह में डाल दी। मुझे पहले कुछ अजीब सा लगा मगर फिर मुझे उंगलियों में से आँटी के गाण्ड की महक अच्छी लगने लगी, और मैं खान की तीनों उंगलियों को चाटने लगी। खान ने अपनी तीनों उंगलियों को गीला करके फिर से आँटी की गाण्ड में डालकर उसे चिकना करने लगा।
खान ने मुझसे कहा- “अपनी जीभ से मेरे लण्ड को पूरा गीला करो..”

मैंने अपनी जीभ निकालकर खान के लण्ड को टोपे से लेकर जड़ तक गीला कर दिया। खान अपना लण्ड मुझसे दूर करते हुए आँटी की गाण्ड पर रगड़ने लगा। आँटी के मुँह से उत्तेजना के मारे सिसकियां निकल रही थी। खान ने अपने मुँह से थूक निकालकर आँटी की गाण्ड और अपने सुपाड़े को गीला किया। खान ने अपना लण्ड आँटी की गाण्ड के छेद पर रख दिया और एक जोर का धक्का मार दिया।

खान के लण्ड का टोपा बहुत मोटा था वो फिसलकर गाण्ड की जगह ऊपर चला गया। खान ने आँटी से कहाअपनी गाण्ड को थोड़ा सा खोलो, उसे सिकोड़कर मत रखो...”

खान ने फिर से आँटी के दोनों चूतड़ों को पकड़कर एक धक्का लगाया और खान के लण्ड का टोपा आँटी की गाण्ड में फंस गया।

आँटी के मुँह से चीख निकल गई- “ओह्ह... खान तुम्हारा बहुत मोटा है, प्लीज... निकालो मुझे दर्द हो रहा है...”

मैं यह सब देखकर उत्तेजना के मारे बहुत गर्म हो रही थी और अपनी उंगली से अपनी चूत को सहला रही थी।

खान ने आँटी की ना सुनते हुए एक और जोर का धक्का लगाया। खान का लण्ड आँटी की गाण्ड को फाड़ता हुआ आधा अंदर घुस गया। आँटी के मुँह से एक भयानक चीख निकली- “ओईईई माँ... मर गई, मेरी गाण्ड फट गई..." और वो झटपटाने लगी।

खान ने उसे बहुत जोर से पकड़ रखा था, इसीलिए वो ज्यादा हिल नहीं पा रही थी। आँटी की गाण्ड से थोड़ा सा खून भी निकल रहा था, उसके लण्ड ने आँटी की गाण्ड को सच में फाड़ दिया था। कुछ देर बाद खान ने धक्के लगाने शुरू कर दिये। आँटी के मुँह से अब चीखों और सिसकियों की मिली-जुली आवाजें निकल रही थी।

आकाश भी नीचे से धक्के लगाने लगा, कुछ ही देर में आँटी फिर से गर्म हो गई और वो अपने चूतड़ उछालने लगी। आँटी को अपने दोनों छेदों में दोनों लण्डों की रगड़ पागल बना रही थी। वो हाँफते हुए आह्ह.. करते हुए झड़ने लगी। खान ने आँटी को झड़ते हुए देखकर अपने धक्कों की रफ़्तार तेज कर दी और एक जोर का धक्का मारकर पूरा लण्ड आँटी की गाण्ड की जड़ तक घुसा दिया।

आँटी के मुँह से फिर से एक बड़ी चीख निकल गई और वो झटपटाने लगी। खान अब झड़ने के बिल्कुल करीब था, वो आँटी की परवाह ना करते हुए बहुत जोर से अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगा। कुछ ही धक्कों के बाद वो हाँफता हुआ आँटी की गाण्ड में पिचकारियां छोड़ने लगा।

आकाश भी बहुत देर से अपने आपको रोककर रखा हुआ था, वो भी आह्ह्ह... के साथ आँटी की चूत में झड़ने लगा। आँटी अपने दोनों छेदों में वीर्य का अहसास होते ही अपना दर्द भूलकर झड़ने लगी। मैं भी अपनी उंगली की रफ़्तार तेज करते हुए झड़ने लगी। कुछ देर तक हम ऐसे ही निढाल पड़े रहे। कुछ देर बाद हम उठे और अपने कपड़े पहन लिए।

मैंने आँटी से कहा- “बहुत देर हो गई है अब चलना चाहिये...”

आँटी भी बाथरूम में जाकर फ्रेश होकर आ गई। वो थोड़ा लंगड़ा कर चल रही थी। मैं भी फ्रेश होने बाथरूम में चली गई। मेरी चूत में भी बहुत जलन हो रही थी। मैंने अपनी चूत को अच्छे तरीके से साफ किया और बाहरआ गई। आकाश ने हमें कार तक छोड़ दिया और हम कार में घर आ गये। घर आकर हम अपने-अपने कमरे में चले गये। मैं बहुत थकी हुई थी कुछ ही देर में मुझे नींद आ गई।

सुबह मुझे आँटी ने आकर जगाया। आँटी बोली- “बेटा कालेज नहीं जाना है क्या? जल्दी से उठकर फ्रेश हो जाओ...”

मैं उठकर बाथरूम में चली गई। मुझे पूरे शरीर में सुस्ती महसूस हो रही थी। मुझे चूत में अब भी थोड़ा जलन और दर्द महसूस हो रहा था। मैंने अपने कपड़े उतारे और अपनी चूत को देखने लगी। मेरी चूत फूलकर डबल रोटी की तरह दिख रही थी। मेरी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे। मैंने अपने हाथ से उन्हें सहलाया और कमोड पर जाकर बैठ गई। मुझे बहुत जोर की पेशाब लगी थी। मेरी चूत से सीटी की आवाज के साथ पेशाब की धार निकलने लगी।

पेशाब करने के बाद मुझे कुछ अच्छा महसूस हो रहा था। मैंने कमोड से उठकर शावर ओन किया और ठंडे पानी से अपने जिश्म को धोने लगी। मैं साबुन उठाकर सारे जिश्म पर मलने लगी। मैंने अपनी चूत पर भी साबुन लगाया और उसे रगड़-रगड़कर साफ करने लगी। मैंने अपनी चूत में उंगली डालकर उसे अंदर से साफ किया। मेरी चूचियों पे लाल निशान पड़ चुके थे, क्योंकी रात को आकाश और खान ने मेरी चूचियों को बहुत जोर से चूसा और मसला था।

मैं फ्रेश होकर बाहर निकल आई, बिंदिया और करुणा पहले से तैयार होकर नाश्ते की टेबल पर बैठी थी। हम सभी ने मिलकर नाश्ता किया। नाश्ता करने के बाद बिंदिया और मैं कालेज के लिए निकल गये।

कालेज में पहुँचकर मैं अपने क्लास में चली गई। क्लास में दाखिल होते ही कृष्णा ने मुझे देखा और इशारे से मुझे अपने पास बैठने को कहा। मैं कृष्णा के साथ जाकर बैठ गई। मेरे बैठते ही कृष्णा ने मेरी कमर में हाथ डाल दिया और मुझसे हेलो कहा। मैंने मुश्कुराकर कर उसके हेलो का जवाब दिया।

कृष्णा ने अपना हाथ मेरी कमर से सरकाते हुए मेरी गाण्ड तक ले गया और उसे सहलाने लगा। उसके हाथ कि हरकत से मेरी आँखें बंद होने लगी और मुझे अजीब सा नशा चढ़ने लगा। मैं उसकी हरकत से सिहर उठी। मैंने अपने आपको संभाला, मैं जानती थी की क्लास में हमें कोई भी देख सकता है। मैंने अपना हाथ बढ़ाकर कृष्णा के हाथ को पकड़कर दूर झटक दिया।
क्लास खतम होने के बाद हमारा फ्री पीरियड था। मैंने सोचा की अभी फ्री पीरियड है, तो मुझे करुणा के स्कूल जाकर उस लड़के को देखना चाहिए जो डेली करुणा को तंग करता है।
कृष्णा ने फ्री पीरियड देखकर कहा- “चलो बाहर घूमकर आते हैं...”

मैं समझ गई की कृष्णा मुझे फिर से वहीं लेजाकर चोदना चाहता है। मैं आकाश और खान के बड़े लण्डों से चुदवाकर बहुत खुश थी। इसीलिए मैंने कृष्णा को टालते हुए कहा- “आज नहीं, मेरी तबीयत खराब है...”

कृष्णा ने मुझे गौर से देखते हुए कहा- “चलो ठीक है। अगर तुम्हारा मूड नहीं है तो मैं करिश्मा के साथ घूमने चला जाता हूँ..”
कृष्णा के जाते ही मैंने सुख का साँस लिया। मैं क्लास से बाहर निकली ही थी के मेरी नजर रोहन पर पड़ी। रोहन अपनी बाइक निकाल रहा था।
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08-05-2019, 12:21 PM,
#54
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मैं जल्दी से भागते हुए रोहन के पास पहुँची। रोहन ने अचानक अपने सामने मुझे देखते हुए हैरानी से कहाधन्नो क्या बात है, तुम इतना हाँफ क्यों रही हो?”

मैंने अपनी साँसों को ठीक करते हुए कहा- “रोहन तुम कहाँ जा रहे हो?”

रोहन ने कहा- “मुझे थोड़ा काम है, मगर तुम क्यों पूछ रही हो?”

मैंने रोहन को करुणा वाली सारी बात बता दी।

रोहन ने मेरी पूरी बात सुनने के बाद मुझे से कहा- “चलो बाइक पर बैठो मैं तुम्हारे साथ चलता हूँ...”

मैं रोहन के साथ उसकी बाइक पर अपनी दोनों टाँगें फैलाकर बैठ गई। रोहन ने बाइक स्टार्ट की, बाइक एक झटके के साथ आगे बढ़ने लगी। मैंने अपने हाथ बढ़कर रोहन की कमर को पकड़ लिया। मेरे नरम हाथ का स्पर्श पाते ही रोहन सिहर उठा। मुझे उसका मजबूत जिश्म पागल बना रहा था। मैं थोड़ा सा आगे सरक कर उसके साथ चिपक कर बैठ गई। मुझे अपनी नरम चूचियों पर उसका मजबूत जिम महसूस हो रहा था। मेरे सारे जिम में सिहरन दौड़ने लगी। मैं रोहन को जोर से पकड़ते हुए उसकी पीठ पर अपनी नरम चूचियां दबाने लगी।

और अपने सिर को उसकी पीठ पर रख दिया। रोहन मेरी नरम चूचियों का स्पर्श पाते ही बोखला गया और गाड़ी अनबैलेंस होने लगी।

मैंने रोहन से अंजान बनते हुए पूछा- “क्या हुआ..”


रोहन ने अपने आपको संभालते हुए शरारत से अपनी पीठ मेरी चूचियों पर दबाते हुए कहा- “नहीं.. कुछ नहीं...”

मैं समझ गई रोहन की मेरी चूचियों का भरपूर मजा ले रहा है। मैंने आगे बढ़ते हुए अपनी चूचियां उसकी ठोस पीठ से रगड़ते हुए अपने हाथ से उसकी कमर को सहलाने लगी। मुझे उसके मर्दाना जिम की गंध पागल बना रही थी। मैंने अपने हाथ से उसकी कमर को सहलाते हुए आगे लेजाकर उसकी शर्ट के ऊपर से उसके पेट को सहलाने लगी। रोहन का उत्तेजना के मारे बुरा हाल था। अचानक बाइक एक खड्ढे से गुजरी और मेरा हाथ अनबैलेंस होकर रोहन के पेट से नीचे होता हुआ उसके पैंट के ऊपर आकर रुक गया।

मुझे उसके पैंट के ऊपर से ही उसके लण्ड का अहसाह होने लगा। क्योंकी रोहन की पैंट में उसका लण्ड खड़ा होकर तंबू बना हुआ था। मैंने जानबूझ कर अपना हाथ थोड़ी देर वहाँ से नहीं हटाया और अपने हाथ को दबाव देकर उसके लण्ड को टटोलने लगी। मुझे पैंट के ऊपर से ही उसका लण्ड पागल बना रहा था। मेरी साँसें फूल रही थी। मैंने कुछ देर बाद अपना हाथ रोहन की पैंट के ऊपर से हटाया। करुणा के स्कूल के नजदीक पहुँचकर मैं रोहन से कुछ दूर होकर बैठ गई।

हम करुणा के स्कूल में दाखिल हो गये और बाइक को सड़क से उतारकर उसे साइड लगाया। हम बिल्कुल सही वक़्त पर पहुँचे थे, करुणा के स्कूल का इंटरवल चल रहा था। हम दोनों करुणा को ढूँढ़ने लगे। थोड़ी ही देर में हमें करुणा मिल गई। वो पार्क में अपनी सहेलियों के साथ बैठकर बातें कर रही थी। हमें देखकर वो हैरान होते हुए बोली- “दीदी तुम और रोहन यहाँ कैसे?”

मैंने करुणा से कहा- “हम तुम्हारी मुशीबत दूर करने आए हैं, बताओ वो कौन सा लड़का है जो तुम्हें तंग करता है?”

करुणा हमें अपने साथ दूसरे पार्क में ले गई। वहाँ पर दो लड़के बैठे थे। करुणा ने एक पतले जिश्म वाले लड़के की तरफ इशारा किया। मैं उस लड़के की बाडी देखकर अचरज में आ गई, वो पतला सा लड़का और काम देखो।

रोहन ने उस लड़के को अपने पास बुलाया और कहा- “तुम इसे तंग क्यों करते हो?”

वो लड़का अकड़कर बोला- “तुम कौन होते हो मुझसे पूछने वाले?”

रोहन ने उसे लड़के को गरेबान से पकड़ते हुए खींचकर एक जोरदार थप्पड़ उसके गाल पर मारा, तो उस लड़के के मुँह पर रोहन की पाँचों उंगलियों के निशान छप गये। उस लड़के के साथ जो दूसरा लड़का बैठा था वो वहाँ से भाग गया।

थप्पड़ खाते ही उस लड़के की होश ठिकाने आ गई और वो गिड़गिड़ा कर माफी माँगने लगा।

रोहन ने उसे वार्निग देते हुए कहा- “आगे से अगर कोई शिकायत मिली तो मैं तुम्हें छठी का दूध याद दिला दूंगा..." रोहन ने जैसे ही उसका गरेबान छोड़ा, वो वहाँ से भाग गया।
करुणा ने रोहन और मुझको शुक्रिया कहा।
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08-05-2019, 12:21 PM,
#55
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
हमने उससे बाई कहा और वहाँ से अपनी बाइक पर बैठकर निकल गये। स्कूल से दूर जाते ही रोहन ने बाइक को कालेज की बजाए दूसरी तरफ मोड़ दिया। हम अब एक सुनसान रास्ते से जा रहे थे। मैं समझ गई की रोहन गरम हो चुका है और पूरा मजा लेना चाहता है। मैं पहल करते हुए उसके साथ चिपक कर बैठ गई और अपना हाथ उसके पेट पर फिराने लगी। रोहन ने बाइक को एक सुनसान जगह पर रोक दिया। वहाँ पर सिर्फ घने पेड़ थे और दूर-दूर तक किसी आदमी का नाम-ओ-निशान नहीं था। रोहन गाड़ी रोक कर नीचे उतरा और मेरे नीचे उतरने से पहले ही मुझे अपनी गोद में उठाकर एक पैर के नीचे तक ले गया। मुझे उसकी मजबूत बाहों में बहुत मजा आ रहा था।
रोहन ने मुझे पेड़ के नीचे पत्तों पर सुलाया और खुद मेरे ऊपर आकर मेरे तपते होंठों पर अपने होंठ रख लिए। मेरे सारे जिम में सिहरन दौड़ने लगी। मैं भी उसके होंठों को चूसने लगी। रोहन कुछ देर तक मेरे होंठों का रस पीता रहा और फिर उसने अपनी पैंट की बेल्ट खोलकर अपनी पैंट नीचे सरका दी। रोहन के अंडरवेर में खड़ा लण्ड देखकर मेरी आँखें हवस से चमक उठी। अंडरवेर में कैद रोहन का लण्ड बहुत तगड़ा दिख रहा था। रोहन ने मेरी कमीज को उतारा और ब्रा में कैद मेरी चूचियों को गौर से देखने लगा।
मेरी साँसें बहुत तेजी के साथ ऊपर-नीचे हो रही थी। रोहन ने ब्रा के ऊपर से ही मेरी साँसों के साथ हिलती हुई चूचियों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा। मुझे अपने चूचियों पर सख़्त मर्दाना हाथ पाते ही मजे से मेरे मुँह से आअह्ह्ह.. निकल गई और मेरी आँखें बंद होने लगी।
रोहन ने मेरी चूचियों को सहलाते हुए अपने होंठ फिर से मेरे होंठों पर रख दिए। मैं रोहन के सिर में हाथ डालकर उसके होंठों को बेतहाशा चाटने लगी और अपनी जीभ रोहन के मुँह में डाल दी, जिसे रोहन बड़े मजे से चाटने लगा। कुछ देर बाद रोहन ने मेरी ब्रा के हुक भी खोल दिए और मुझे सीध लेटाकर मेरी गोरी चूचियों को गौर से देखने लगा। रोहन ने नीचे झुककर अपने हाथों से मेरी चूचियों को सहलाते हुए एक चूची का गुलाबी निपल अपने मुँह में ले लिया।

मैं उत्तेजना के मारे काँपने लगी। रोहन का लण्ड मेरी चूत के पास ठुमके मार रहा था। मैं अपना हाथ बढ़ाकर रोहन की शर्ट को उतारने लगी, रोहन ने मेरी चूची को अपने मुँह से निकालकर शर्ट को निकल दिया। मैं रोहन का गोरा बदन देखकर हैरान रह गई। उसके पूरे बदन पर घने बाल थे। मैंने अपनी बाहें रोहन के गले में डालकर अपने ऊपर गिरा लिया और उसके होंठों को चूसते हुए उसके घने बालों वाले सीने को अपनी छातियों पर महसूस करना लगी।

मेरा पूरा बदन टूट रहा था, मैं रोहन को बहुत जोर से अपनी चूचियों पर दबाए हुए थी। रोहन ने अपने हाथों से मेरी बाहों को पकड़कर जमीन पर रख दिया और नीचे होते हुए मेरी चूचियों को चूसने लगा। रोहन इतनी जोर से मेरी चूचियों को चूस रहा था की जैसे उनमें से कुछ निकलकर उसके मुँह में जा रहा हो। उसके इस तरह चूचियां चूसने से मेरे सारे शरीर में गुदगुदी हो रही थी और मेरी चूत ना जाने कितना पानी बहा चुकी थी। रोहन अब मेरी चूचियों को चाटने के साथ उसके दाने को हल्का-हल्का काटने लगा।
उसके काटने से मैं पूरा उछल जाती और मेरे मुँह से “आहह्ह.. ओहह... निकलने लगी।


रोहन अब नीचे होता हुआ मेरे पेट को चूसता हुआ मेरी सलवार का नाड़ा खोलने लगा। नाड़ा खोलते वक़्त उसका हाथ मेरी चूत पर पड़ते ही मैं सिहर उठी। नाड़ा खोलकर रोहन ने मेरी सलवार उतार दी, मैंने चूतड़ उठाकर अपनी सलवार उतारने में रोहन की मदद की। रोहन मेरी सलवार उतरते ही छोटी से चड्ढी में कैद मेरी चूत को देखने लगा और नीचे झुककर अपना मुँह कच्छी के ऊपर से ही चूत पर रख दिया। मेरी कच्छी मेरे पानी से भीगी हुई थी, रोहन उसे अपनी नाक से हूँघने लगा और जीभ निकालकर कच्छी पर फिराने लगा।

कच्छी गीली होने के कारण रोहन की जीभ मुझे अपनी चूत पर महसूस होने लगी। मैं मजे से छटपटाने लगी। रोहन मेरी कच्छी के दोनों तरफ अपनी उंगलियां फँसाकर नीचे उतारने लगा। मैंने फिर से अपने चूतड़ उठा लिए। कच्छी उतारने के बाद रोहन मेरी गोरी हल्के बालों वाली चूत पर टूट पड़ा। रोहन मेरी चूत को बेतहाशा चूमते हुए अपनी जीभ से उसके दाने को चाटने लगा।

मैं मजे से अपना चूतड़ उछाल-उछालकर- “अह्ह... ओहह...” करने लगी।

रोहन ने मेरी टाँगों को थोड़ा चौड़ा किया और अपनी जीभ नीचे लेजाकर मेरी चूत के पतले होंठों के बीच फिराने लगा। मैं यह बर्दाश्त नहीं कर सकी और इसके साथ ही मेरी चूत से पानी की नदियां बहने लगी। रोहन कुछ देर तक मेरी चूत के पानी को चूसता रहा और फिर उठकर मेरे होंठों को चूसने लगा। रोहन के मुँह में अब भी मेरी चूत का नमकीन पानी बाकी था, जिसे हम दोनों मिलकर चाटने लगे। मैं अपना हाथ नीचे लेजाकर उसके लण्ड को अंडरवेर के ऊपर से ही पकड़कर सहलाने लगी। उसका लण्ड बहुत बड़ा और मोटा था, मेरे छूते ही वो और सख्त होने लगा। मेरी साँसें तेज होने लगी और मैं फिर से गरम हो गई।
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08-05-2019, 12:21 PM,
#56
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
रोहन ने अपना अंडरवेर उतार दिया। रोहन का लण्ड देखकर मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई और रोहन को नीचे लेटाते हुए, उसके खंबे की तरह खड़े लण्ड को अपने हाथों से सहलाने लगी। मैंने उसके लण्ड को सहलाते हुए अपने होंठ उसके लण्ड पर रख दिए और उसके सुपाड़े को चूमने लगी। उसके लण्ड से कुछ वीर्य की बूंदें निकलने लगी। मैं अपनी जीभ निकालकर उसे चाटने लगी। मेरी जीभ का अहसास रोहन के लण्ड पर पाते ही उसके मुँह से अह्ह.. निकल गई।

मैंने अपनी जीभ से उसके पूरे लण्ड को चाटा और अपना मुँह खोलकर उसे अपने मुँह में ले लिया और अपने होंठों से चूसने लगी। उसके लण्ड का सुपाड़ा ही मैं अपने मुँह में ले पा रही थी। मैं अब बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी और मेरी चूत बहुत ज्यादा पानी बहा रही थी। मैंने रोहन के लण्ड को अपनी जीभ से चाटकर गीला कर दिया और अपनी टाँगें फैलाकर उसके ऊपर आ गई। मैंने रोहन के लण्ड को अपनी चूत पर सेट किया और अपने वजन के साथ नीचे बैठने लगी।

रोहन का लण्ड सरकता हुआ मेरी चूत के जड़ तक घुस गया। मेरे मुँह से मजे से ओह्ह.. निकल गई। रोहन का लण्ड मेरी चूत की गहराइयों तक भरा हुआ था। मैं अपने चूतड़ उछाल-उछालकर उसके लण्ड को अंदर-बाहर करने लगी। रोहन भी नीचे से धक्के लगाने लगा। रोहन का लण्ड अंदर बहुत जोर के ठुमके लगाने लगा। मैं उसकी रगड़ से मजे के मारे अह्ह... कर रही थी और अपनी चूत को सिकोड़कर उसका जवाब दे रही थी।

कुछ देर ऐसे धक्के लगाने के बाद मेरी साँसें फूलने लगी और मैं जोर से धक्के लगाते हुए अपनी चूत को रोहन के लण्ड पर जोर से सिकोड़ने लगी। 10-15 धक्कों के बाद अह्ह... करते हुए मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। झड़ते वक़्त मेरी चूत ने रोहन के लण्ड को जोर से भींच लिया। रोहन कितनी देर से अपने आप पर काबू रखा हुआ था, वो भी ओह... करते हुए मेरी चूत में वीर्य भरने लगा। मैं कुछ देर झड़ने के बाद रोहन के ऊपर निढाल होकर लेट गई।

रोहन भी अपनी आँखें बंद किए हुए पड़ा रहा। कुछ देर बाद रोहन ने अपनी आँखें खोली और वो मेरे गुलाबी होंठों को चूमने लगा। रोहन ने मुझे चूमते हुए पूछा- “धन्नो... मैं तो समझ रहा था की तुम कुँवारी हो, मगर तुम तो। पहले से किसी से चुदवा चुकी हो। कौन है वो खुशनशीब जिसने तुम्हारी कुँवारी चूत का उदघाटन किया है?”

मैंने शर्म से अपना सिर रोहन के कंधे में छुपाते हुए हल्की आवाज में ‘कृष्णा' कहा।

साला, हरामी..." रोहन के मुँह से गाली निकल गई।

रोहन ने मुझे बालों से पकड़कर मेरे होंठ अपने होंठों पर रख लिए और उन्हें बेतहाशा चूसने लगा। रोहन मेरे गुलाबी होंठों का दीवाना हो गया था। वो मेरे नीचे वाले होंठ को पूरा अपने मुँह में भरकर चाटने लगा। रोहन का लण्ड मेरी चूत में फिर से तनकर खड़ा होने लगा। मैं भी फिर से गरम होने लगी और अपनी चूत को रोहन के लण्ड पर सिकोड़ने और खोलने लगी। रोहन का लण्ड भी पूरा तनकर मेरी चूत में ठुमके मारते हुए उछल कूद मचाने लगा।

मेरे सारे जिम में फिर से चींटियां रेंगने लगी और मेरे चूतड़ रोहन के लण्ड पर अपने आप उछलने लगे। रोहन मेरे नीचे वाले होंठ को अपने दाँतों से हल्का काटते हुए नीचे से धक्के लगाने लगा।

रोहन के काटने से मैं उछल पड़ती और मेरे चूतड़ रोहन के लण्ड के टोपे तक आ जाते और मैं धप्प के साथ नीचे बैठ जाती, उसका लण्ड मेरी चूत में जड़ तक घुस जाता, और उसकी गोटियां मेरी गाण्ड से टकरा जातीं। मेरी चूत गीली होने के कारण जैसे ही मेरे चूतड़ नीचे होते धप्प-धप्प की आवाज गूंज उठती। रोहन ने मेरी कमर को मजबूती से अपनी बाहों में जकड़ लिया और नीचे से जोर के धक्के लगाने लगा।

रोहन के धक्कों की रफ़्तार बहुत तेज थी, मैं मजे से हवा में उड़ने लगी। मैंने अपनी जीभ रोहन के मुँह में डाल दी, जिससे रोहन बड़े जोर से चूसने लगा। रोहन मेरी जीभ चाटते हुए अपने हाथों से मेरी गाण्ड पर थप्पड़ मारने लगा और साथ में मेरी चूत में धक्के मारते हुए मुझे चोदने लगा।

रोहन के थप्पड़ों से मुझे अजीब किस्म का मजा मिल रहा था। मेरा जिश्म अकड़ने लगा, मुझे रोहन के थप्पड़ अपनी गाण्ड पर पड़ते हुए ज्यादा उत्तेजित कर रहे थे। अचानक मेरा शरीर पूरा काँपने लगा। मैंने अपनी जीभ रोहन के मुँह से निकालकर उसके होंठों को काटते हुए ऊपर उठी और बहुत जोर से रोहन के लण्ड पर अपने चूतड़ ऊपर-नीचे करने लगी। मेरी साँसें बहुत जोर से ऊपर-नीचे हो रही थी। मेरी साँसों के साथ मेरी चूचियां भी बहुत जोर-जोर से हिल रही थीं। रोहन ने मेरी हिलती हुई चूचियों को अपने हाथों में पकड़ लिया और उन्हें बहुत जोर से दबाने लगा।

मेरे मुँह से उत्तेजना के मारे बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी। अचानक मेरे सबर का बाँध टूट गया और मैं ‘आअहहह.. ओहह...' करते हुए झड़ने लगी।

रोहन ने मुझे झड़ता हुआ देखकर मेरी कमर को अपनी मजबूत बाहों में जकड़ लिया और तूफान की रफ़्तार के साथ नीचे से धक्के लगाने लगा। मैंने मजे से अपनी आँखें बंद कर ली और अपनी चूत को सिकोड़कर झड़ने का मजा लेने लगी। कुछ देर झड़ने के बाद मैं निढाल होकर रोहन के ऊपर लेट गई।
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08-05-2019, 12:21 PM,
#57
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
रोहन ने मेरी एक चूची का दाना अपने मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगा। कुछ देर तक चूची को चाटने के बाद रोहन ने मुझे अपने ऊपर से उठाया और मुझे उल्टा घुटनों के बल लेटा दिया। रोहन मेरे पीछे आ गया और अपने हाथों से मेरी गाण्ड को मसलने लगा। कुछ देर तक मसलने के बाद रोहन मेरे चूतड़ को अपने मुँह में भरकर चाटने लगा।

मेरे पूरे शरीर में फिर से उत्तेजना होने लगी। अचानक रोहन ने मेरी गाण्ड को अपने दातों से काट दिया, तो मेरे मुँह से ओईई निकल गया। रोहन ने मेरी गाण्ड को छोड़ते हुए अपना खड़ा लण्ड पीछे से मेरी चूत में डाल दिया और मेरे चूतड़ों को पकड़कर जोर के धक्के मारने लगा। मैं फिर से गरम होने लगी और अपने चूतड़ों को रोहन के लण्ड पर दबाने लगी। रोहन ने मुझे चोदते हुए अचानक मेरे चूतड़ों पर फिर से थप्पड़ मारने लगा।

मुझे फिर से अजीब मजे का अहसास होने लगा, मेरी आँखें मजे से बंद हो गई और मेरे मुँह से सिसकियां निकलने लगी। अचानक रोहन ने अपने थप्पड़ों और धक्कों की रफ़्तार तेज कर दी, मेरे मुँह से भी जोर की ओह्ह... की आवाजें निकलने लगी। रोहन का लण्ड मेरी चूत में फूलने लगा। मैं समझ गई की वो झड़ने वाला है। मैंने अपनी चूत को सिकोड़कर उसके लण्ड पर दबा दिया। रोहन के मुँह से एक जोर की आह्ह्ह की सिसकी निकली और वो मेरी चूत में जोर के धक्के मारते हुए अपने वीर्य से मेरी चूत को भरने लगा। रोहन के गर्म वीर्य के अहसास से मेरे मुँह से भी ओह... की आवाज के साथ मेरी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया। रोहन कुछ देर तक मेरी चूत को भरता रहा और फिर मेरी चूत से अपना लण्ड निकालकर नीचे निढाल होकर सो गया।

मैं जल्दी से उठकर अपने कपड़े पहनने लगी, और कहा- “रोहन उठो बहुत देर हो गई है, हमें कालेज जाना है...”

रोहन ने उठकर अपने कपड़े पहने और हम दोनों बाइक पर बैठकर कालेज जाने लगे। रास्ते में रोहन ने मुझसे कहा- “आज जो कुछ हुआ है तुम्हारी मर्जी से हुआ है। इस बारे में बिंदिया को कुछ भी पता नहीं चलना चाहिये..."

मैंने रोहन को तसल्ली देते हुए कहा- “मैं हमारे बारे में किसी को कुछ नहीं बताऊँगी, मगर तुम जब चाहो मुझे चोद सकते हो। मुझे तुम्हारा तगड़ा लण्ड बहुत अच्छा लगा है...”

रोहन मेरी बातें सुनकर हैरान रह गया। उसने कहा- “धन्नो, तुम तो अभी से इतनी गरम और चुदासी बन गई हो, आगे चलकर न जाने क्या करोगी?”

हम कालेज पहुँच गये, हमें बहुत लेट हो गई थी। मैं जल्दी से अपने क्लास में दाखिल हुई और कृष्णा के साइड में जाकर बैठ गई।

कृष्णा ने मुझे देखकर पूछा- “धन्नो इतनी देर किधर गायब हो गई थी?”

मैंने उससे कहा- “मुझे अपनी कजिन के स्कूल में काम था, मैं रोहन के साथ वहाँ गई थी..”

क्लास खतम होते ही हमारी छुट्टी हो गई। मैं उठकर बाहर आ गई और रोहन और बिंदिया का इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद रोहन और बिंदिया आ गये। हम तीनों बाइक पर बैठकर घर जाने लगे।

रास्ते में बिंदिया ने कहा- “धन्नो तुम और रोहन ने करुणा की हेल्प करके बहुत अच्छा किया...”

मैंने हैरान होते हुए पूछा- “तुम्हें कैसे पता बिंदिया?”

रोहन ने बीच में बोलते हुए कहा- “बिंदिया को मैंने बताया था...”

हम घर पहुँच गये। रोहन हमें छोड़कर चला गया। हम जैसे ही अंदर दाखिल हुए अंदर एक लड़का बैठा था और
आँटी और करुणा उससे बातें कर रही थी। हमें देखकर आँटी ने मुश्कुराते हुए हमारा परिचय उस लड़के से कराया- “यह मेरी भांजी धन्नो और यह मेरी बेटी बिंदिया है..” ।

फिर आँटी ने कहा- “बिंदिया और धन्नो यह मेरी चचेरी मौसी का बेटा है और इसका नाम मोहित है, यह यहाँ पर पढ़ने आया है और यह हमारे साथ रहेगा..."
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08-05-2019, 12:21 PM,
#58
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मैंने और बिंदिया ने उसे हाय कहा और हम दोनों अपने कमरे में फ्रेश होने चली गई। फ्रेश होने के बाद मैं खाना खाने के लिए बाहर निकली। आँटी खाना लगा रही थी, और बिंदिया वहाँ पहले से मौजूद थी। बिंदिया मोहित से बातें कर रही थी। मैं भी जाकर उन सबके साथ बैठ गई। मैं मोहित को गौर से देखने लगी। उसकी उंचाई कोई 59" इंच, उसका चेहरा गोरा और उसका जिश्म भी बिल्कुल कसा हुआ था।

मोहित ने मुझे घूरता हुआ देखकर कहा- “धन्नो क्या देख रही हो, मुझे तुमने पहचाना नहीं, जब तुम छोटी थी तो हम साथ में खेलते थे। मैं तुम्हें छिपकली बुलाता था और तुम मुझसे नाराज होकर मुझे पत्थर मारती थी...”

मैंने उससे कहा- “तुम उसी मास्टर के बेटे हो, जो हमें गाँव में पढ़ाता था..”

मोहित ने कहा- “हाँ। लगता है की तुम्हें याद आ गया। मेरा बाप अब इस दुनियां में नहीं रहा...” फिर मोहित ने मुझे गौर से देखते हुए कहा- “मैं तो समझता था की तुम अब भी छोटी ही होगी, मगर तुम तो बिल्कुल जवान हो चुकी हो..” ।

मैं उसकी बात सुनकर शर्मा गई, मन ही मन सोचने लगी- “बच्चू तुमने अभी तक मेरी जवानी देखी कहां है?”

सोनाली आँटी ने खाना लगा दिया और हम सब मिलकर खाना खाने लगे। खाना खाने के बाद आँटी ने मुझसे कहा- “धन्नो तुम्हारे वाले कमरे के साथ जो दूसरा कमरा है उसमें मोहित रहेगा। मैंने वो कमरा खोल दिया है। तुम मोहित के साथ जाकर उसके कमरे की सफाई और सेटिंग में मदद करो...”

मैंने मोहित से कहा- “तुम कमरे में चलो, मैं कपड़े चेंज करके आती हूँ..”

मैंने सोच लिया की मोहित को अपनी जवानी का थोड़ा सा जलवा दिखाऊँगी। मैंने अलमारी में से अपने पुराने कपड़े निकाले, जिसका गला बहुत बड़ा था और वो थोड़े ढीले थे। मैंने अपनी चूचियों को थोड़ा ब्रा के ऊपर सेट कर दिया और वो कपड़े पहनकर मोहित के कमरे में चली गई। मैं अपने हाथ में झाडू लेकर गई थी। जैसे ही मैं झाड़ रखने के लिए नीचे झुकी, मोहित को ब्रा में कैद मेरी आधी चूचियों का दीदार हो गया। मैं झाडू रखकर सीधी हुई, मोहित अब तक मेरे गले की तरफ ही देख रहा था।

मैंने मोहित से कहा- “क्या करना है?"

मोहित जैसे नींद से बाहर आ गया और हड़बड़ाते हुए अपने कमरे का सामान इधर-उधर सेट करने लगा। मैंने मोहित के साथ मिलकर सारे कमरे की सेटिंग ठीक की। जब भी मुझे मौका मिलता तो मैं अपनी चूचियों का दीदार उसे करा देती। मोहित बेचारा बार-बार अपनी पैंट के ऊपर हाथ डालकर अपने लण्ड को सही करता।

मैंने मोहित से कहा- “तुम कुर्सी पे जाकर बैठ जाओ, तो मैं झाडू मारकर तुम्हारा कमरा साफ कर दें...”

मोहित जाकर चुपचाप कुर्सी पर बैठ गया, मैं झुककर झाडू देने लगी। जब मैं कुर्सी के पास झाडू देने लगी तो मैंने जानबूझ कर अपना मुँह मोहित की तरफ कर दिया। मोहित इतनी नजदीक से मेरी चूचियों को देखकर बौखला गया और उसके माथे से पशीना बहने लगा।

मैंने मोहित से मजाक करते हुए कहा- “पंखा तो चल रहा है, फिर तुम्हें पशीना क्यों आ रहा है?”

मोहित बौखलाहट में कुछ बोल नहीं पाया। मैं अब वहाँ पर उल्टी होकर झाडू लगा रही थी, इस पोजीशन में मोहित मेरे चूतड़ बिल्कुल पास से देख सकता था।

मोहित इतने पास से मेरे भरे हुए चूतड़ देखकर अपनी थूक गटकने लगा। मैं पूरे कमरे में झाडू देकर वहाँ से चली गई। मैं अपने कमरे में आकर फिर से फ्रेश होने चली गई। मैं फ्रेश होकर जैसे ही बाहर निकली बिंदिया वहाँ पर बैठी मेरा इंतजार कर रही थी।

मुझे देखकर बिंदिया ने मुझे गौर से देखते हुए कहा- “वाह धन्नो... आपने तो मोहित का सारा कमरा चकाचक कर दिया। क्या बात है मोहित पर बड़ी महरबान हो रही हो?”
मैंने बिंदिया से मुश्कुराते हुए कहा- “तुम क्यों जल रही हो, मोहित हैंडसम है और फिर मेरे बचपन का दोस्त है...”

बिंदिया ने हैरत से मुँह खोलते हुए कहा- “वाह री धन्नो... मैं भला कौन होती हैं जलने वाली, मगर बात यहाँ तक पहुँच गई और मुझे पता ही नहीं चला..."

मैंने बिंदिया से कहा- “ऐसी कोई बात नहीं है, मैं मजाक कर रही थी..”

कुछ देर तक हम दोनों बातें करते रहे और फिर बिंदिया अपने कमरे में चली गई। मैं दरवाजा बंद करके सोने की कोशिश करने लगी, मेरे जेहन में मोहित घूम रहा था। कुछ ही देर बाद मैं नींद की आगोश में चली गई। मैंने सपने में देखा की सभी घरवाले किसी शादी में गये हैं। मैं वोही वाली पुरानी कमीज पहनकर मोहित के सामने बैठी हूँ। अचानक मोहित उठकर बाथरूम चला जाता है, जब वो वापस आता है तो वो सिर्फ एक बड़ा अंडरवेर पहना होता है।
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08-05-2019, 12:21 PM,
#59
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मोहित के अंडरवेर का उभार देखकर मेरी साँसें ऊपर-नीचे होने लगती हैं। मोहित मेरे सामने आकर खड़ा हो जाता है और मेरे हाथ खींचकर अपने अंडरवेर के उभार पर रख देता है। मेरे हाथ उसके उभार पर पड़ते ही मेरे सारे शरीर में झुरझुरी फैल जाती है। मोहित मेरे सिर को पकड़कर मेरे होंठों पर अपने होंठ रख देता है और उन्हें बेतहाशा चूसने लगता है।

मेरा हाथ अपने आप मोहित के अंडरवेर पर ऊपर-नीचे होने लगता है। मोहित ने अपनी जीभ निकालकर मेरे मुँह में डाल दी। मैं उसकी जीभ को चाटने लगी। मेरे सारे शरीर में सिहरन दौड़ रही थी। मोहित ने अचानक अपने होंठ मेरे होंठों से हटाते हुए, मुझे घुटनों के बल जमीन पर बिठा दिया। मेरा हाथ अब भी मोहित के अंडरवेर के ऊपर था। मोहित ने मेरा हाथ अपने अंडरवेर से हटाया और अपना अंडरवेर उतार दिया। मोहित का अंडरवेर उतरते ही मेरा सिर चकराने लगा, उसका 10” इंच लंबा और 3 इंच मोटा लण्ड मेरी आँखों के सामने झूम रहा
था।

मोहित का लण्ड देखकर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया। मोहित ने मेरा हाथ पकड़कर अपने नंगे लण्ड पर रख दिया। मेरा हाथ मोहित के लण्ड पर पड़ते ही मेरा पूरा शरीर कांपने लगा। मोहित का लण्ड बहुत गर्म था, मैं तेज-तेज साँसें लेते हुए उसके लण्ड को सहलाने लगी। मोहित मेरे सिर को पकड़कर अपने लण्ड के पास ले आया। मोहित के लण्ड की गंध मुझे पागल बना रही थी। मेरा मुँह अपने आप खुल गया और मैं जीभ । निकालकर मोहित के लण्ड पर फेरने लगी। मोहित ने मेरे सिर को पकड़कर अपने लण्ड का टोपा मेरे मुँह में रखा और अंदर दबाव डालने लगा। मैंने जितना हो सकता था उतना अपने मुँह को खोल लिया। मोहित के लण्ड का टोपा मेरे मुँह में फँस गया।

मोहित ने अचानक मेरे सिर को जोर से पकड़ते हुए एक जोर का धक्का मार दिया। मोहित का लण्ड मेरे गले तक अंदर घुस गया और मेरे सामने अंधेरा छाने लगा। मेरे आँखों से आँसू बहने लगे, तभी मैं अचानक नींद से जाग गई। मैंने जल्दी से उठकर पानी पिया और सपने के बारे में सोचकर हँसने लगी। मैं सोच रही थी की। मोहित का लण्ड ना जाने कितना बड़ा होगा? मेरे पूरे शरीर में हवस भर गई थी। और मोहित के बारे में सोचतेसोचते मुझे कब नींद आ गई पता ही नहीं चला।

शाम को मैं उठकर फ्रेश होने चली गई। मेरा पूरा शरीर मोहित के बारे में सोचते-सोचते तप गया था। मैंने शावर ओन किया और अपने गरम जिश्म पे ठंडा पानी डालकर उसे ठंडा करने की कोशिश करने लगी। मगर मेरा जिम ठंड पानी पाते ही और ज्यादा गरम होने लगा। मैंने अपनी चूत को सहलाते हुए अपनी दो उंगलियां चूत में डाल दी और उन्हें आगे-पीछे करने लगी। मेरा सारा शरीर अकड़ने लगा और मैं ‘आअह्ह्ह करते हुए झड़ने लगी। मैं झड़ने के बाद कुछ अच्छा महसूस करने लगी।

मैं नहाकर बाथरूम से बाहर निकली और अपने आपको तैयार करके मोहित के कमरे में जाने लगी। मैं जैसे ही मोहित के कमरे में दाखिल हुई, मुझे वो नजर नहीं आया। मैं इधर-उधर देखने लगी, तभी मुझे बाथरूम से पानी गिरने की आवाज सुनाई दी। मैं समझ गई की मोहित नहा रहा है।

मैं वहीं बैठकर उसका इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद मोहित बाथरूम से बाहर निकला, मैं उसे देखकर बेहोश होते-होते बची। मोहित सिर्फ एक तौलिया बाँधे हुए बाथरूम से निकला था। उसका जिश्म गोरा और गठीला बिल्कुल किसी बाडी बिल्डर की तरह था। मोहित मुझे देखकर बौखला गया और अपने हाथ से अपने आपको ढकने की नाकाम कोशिश करने लगा।
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08-05-2019, 12:22 PM,
#60
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मैंने मोहित से कहा- “इतना शर्माते क्यों हो? तुमने तौलिया तो बाँध रखा है...” मैं उस मोके का पूरा मजा लेना चाहती थी। मैं उठकर मोहित के पास गई और अपने हाथ उसके बालों वाले मजबूज सीने पे फिराने लगी।
मोहित मेरे नरम हाथ का स्पर्श अपने नंगे सीने पर पाते ही काँपने लगा और काँपते हुए कहने लगा- “ध-न्नो मुझे गुदगुदी हो रही है..." मोहित अपना हाथ मजबूती से तौलिया पे रखे हुए था।
मैंने उसके सीने से हाथ हटाते हुए कहा- “इतना डरते क्यों हो, मैं तुझे खा थोड़े जाऊँगी...” मैं जानबूझ कर उसके सामने झुकते हुए अपने सैंडल को ठीक करने लगी। इस पोजीशन में मोहित को मेरी आधी चूचियों का दीदार हो गया। मैंने उठते हुए नोट किया की मोहित मेरी चूचियों को घूरकर देख रहा था और उसके तौलिये में उसका लण्ड खड़ा होकर बड़ा उभार बना चुका था।
मैंने मोहित से नजरें मिलाते हुए कहा- “क्या देख रहे हो?”
मोहित फिर से बौखला गया और कोई जवाब नहीं दिया। मैं बेड पर जाकर बैठ गई और मोहित भागकर बाथरूम में चला गया। थोड़ी देर बाद मोहित बाथरूम से कपड़े पहनकर निकला और जाकर सोफे पर बैठ गया। मैं बेड से उठकर उसके साथ जाकर बैठ गई। मैंने आज स्कर्ट और टाप पहनकर रखा था, स्कर्ट मेरी आधी टाँगों को ही ढक रही थी। मैंने मोहित से बातें करते हुए अपनी एक टांग को दूसरी टांग पर रख दिया। मेरी स्कर्ट और ऊपर खींच गई और मेरी गोरी टाँगें और ज्यादा ऊपर तक नंगी हो गई। मोहित चोर निगाहों से मेरी चिकनी टाँगों को देख रहा था।
मेरे दिमाग में एक आइडिया आया और मैंने मोहित से कहा- “मैं तुम्हारा बाथरूम इश्तेमाल कर सकती हैं क्या?”
मोहित मुश्कुराते हुए बोला- “इसमें पूछने वाली क्या बात है?”
मैं बाथरूम में चली गई, वहाँ पर मोहित का एक अंडरवेर पड़ा था जो बहुत बड़ा दिख रहा था। मैंने अंडरवेर को हाथ लगाया। मुझे अपने हाथ पर कुछ चिपचिपा महसूस हुआ। मैंने अंडरवेर को उठा लिया और उसे गौर से
देखने लगी। अंडरवेर पर गोल धब्बे का निशान था, जैसे चाय गिरने से कपड़े पे होता है। मैंने अंडरवेर को अपनी नाक पर रखा, मुझे उसकी गंध से सारे बदन में सिहरन दौड़ने लगी। वो गंध मोहित के वीर्य की थी। मैं इसको अच्छे तरीके से पहचानती थी।
मैं अपनी जीभ निकालकर उस दाग पर फिराने लगी, मुझे अपनी जीभ पर अजीब किस्म का जायका महसूस हो रहा था। मैं कुछ देर तक उसे चाटती रही और फिर बाथरूम से निकलकर दरवाजे तक आ गई। मैं वहाँ पर गिरने का नाटक करते हुए नीचे बैठ गई और रोने लगी।
मेरे रोने की आवाज सुनकर मोहित भागता हुआ मेरे पास पहुँचा। मोहित मुझे रोता हुआ देखकर घबड़ा गया और पूछने लगा- “क्या हुआ धन्नो, तुम रो क्यों रही हो?”
मैंने नाटक करते हुए कहा- “मेरे पैर में मोच आ गई है, मैं उठ नहीं पा रही हूँ...”
मोहित ने कहा- “मैं आँटी को बुलाकर लाता हूँ...”
मैंने दिल ही दिल में सोचा- “यह तो बिल्कुल बुद्धू है...” मैंने मोहित से कहा- “आँटी को क्यों परेशान करते हो, तुम उठाकर बेड पर रख दो, कुछ देर में दर्द कम हो जायगा...”
मोहित ने अपना एक हाथ मेरी कमर में डाला और दूसरा मेरे चूतड़ों के नीचे और मुझे अपनी गोद में उठा लिया। मैं अपने जिश्म पर सख़्त मर्दाना स्पर्श पाकर सिहर गई और अपनी चूचियों को मोहित के सख़्त सीने में दबा दिया।
मेरी नरम चूचियों का अहसास अपने जिश्म पर पाकर मोहित के मुँह से 'आह' निकल गई। मोहित मुझे उठाकर बेड पर लेटाने लगा। मैंने जानबूझ कर उसे पकड़ते हुए अपने ऊपर गिरा दिया। मोहित सीधा मेरे ऊपर बेड पर गिरा और मेरी चूचियां उसके सीने में दब गई, और उसके होंठ मेरे होंठों से आकर टकरा गए। मेरे मुँह से मजे के मारे ‘आह्ह्ह' निकल गई और मैंने अपने होंठ मोहित के होंठों पर रख दिए और उसे चूमने लगी।
मोहित भी बहुत गरम हो चुका था वो भी मेरे गुलाबी होंठों का रस पीने लगा। मोहित कुछ देर तक मेरे होंठों का रस पीने के बाद अचानक होश में आया और मेरे ऊपर से हटकर दूर खड़ा हो गया। मेरे सारे अरमानों पर किसी ने पानी डाल दिया। मोहित मुझे सारी कहने लगा और शर्म से अपना कंधा झुका लिया।
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