Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
08-05-2019, 12:24 PM,
#71
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मेरे मुँह से उत्तेजना के मारे ओह्ह... आह्ह्ह... निकल रहा था और अचानक मेरा पूरा शरीर काँपने लगा और मेरी चूत से पानी की नदियां बहने लगी। मैंने मजे से अपनी आँखें बंद कर ली। मोहित ने मुझ जोर से चोदते हुए अपनी पूरी उंगली मेरी गाण्ड में घुसा दी और तेजी से अंदर-बाहर करने लगा।
मेरे मुँह से ‘ओईई... आअह्ह्ह...' निकला और मैं फिर से अपने झड़ने का मजा लेने लगी। कुछ देर झड़ने के बाद मुझे होश आया, तो मोहित अभी तक वैसे ही धक्के लगा रहा था। मोहित ने अपना लण्ड मेरी चूत से निकाला, तो उसका लण्ड च की आवाज के साथ मेरी चूत से निकल गया।
मोहित ने मुझसे कहा- “धन्नो उल्टा हो जाओ मैं तुम्हें पीछे से चोदता हूँ..”
मैं उल्टा कुतिया की तरह हो गई। मोहित उल्टा होते ही मेरे चूतड़ों को अपने हाथों से मसलने लगा और अपनी जीभ निकालकर मेरी गीली चूत पे फिराने लगा। मोहित की इस हरकत से मैं फिर से गरम होने लगी। मोहित अपनी जीभ से मेरी चूत का पानी चाटते हुए अपनी एक उंगली से मेरी गाण्ड को कुरेदने लगा। मोहित की उंगली अपनी गाण्ड पर महसूस करते ही मेरे मुँह से 'इस्स्स्स ’ निकल गया। मोहित अपनी उंगली मेरी गाण्ड में डालकर जोर से अंदर-बाहर करने लगा और अपनी जीभ मेरी चूत पे फिराते हुए गाण्ड के सुराख तक ले जाने लगा।
मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो रही थी। मैं जानती थी के आज मोहित मेरी गाण्ड को फाड़कर ही दम लेगा। मेरे पूरे शरीर में उत्तेजना और डर की लहर दौड़ रही थी। मोहित ने अचानक मेरी गाण्ड से अपनी उंगली निकालकर उसमें जीभ फिराने लगा। मेरे मुँह से मजे के मारे ‘आअह्ह्ह' निकल गई। मेरी गाण्ड बहुत ज्यादा टाइट होने की वजह से मोहित की जीभ मेरी गाण्ड में अंदर नहीं जा रही थी। मोहित ने अपनी दो उंगलियों को मेरी चूत में डाल दिया और आगे-पीछे करते हुए बाहर निकाला। उसकी उंगलियां मेरे चूत के पानी से भीग चुकी थीं। मोहित ने मेरी गाण्ड को अपनी जीभ से गीला किया और अपनी दोनों उंगलियां मेरी गाण्ड में डालने लगा।
उसकी उंगलियां अभी एक इंच ही मेरी गाण्ड में घुसी थी की मेरे मुँह से दर्द के मारे- “ओह्ह... मर गई...” की चीख निकल गई।


मोहित मेरी चीख सुनकर अपनी उंगलियों को और अंदर ना करते हुए आगे-पीछे करने लगा। थोड़ी देर के बाद मोहित ने अपनी उंगलियों को जोर से अंदर-बाहर करते हुए उन्हें पूरा मेरी गाण्ड में घुसेड़ दिया।
मेरी गाण्ड में बहुत जोर का दर्द हुआ और मेरे मुँह से- “ओईइ... मैं मर गई..” निकल गया।
मोहित ने अपनी उंगलियां मेरी गाण्ड में डाले हुए ही पूछा- “कोई वैसेलीन है तुम्हारे पास?”
मैंने अपनी उंगली से ड्रेसिंग टेबल की तरफ इशारा किया। मोहित ने अपनी उंगलियां मेरी गाण्ड से निकाली और बेड से उठकर ड्रेसिंग टेबल से वैसेलीन लेकर आ गया। मोहित अपनी उंगली से वैसेलीन निकालकर मेरी गाण्ड में डालने लगा। वैसेलीन की चिकनाहट से मोहित की एक उंगली बड़े आराम से अंदर-बाहर होने लगी। मोहित ने अपनी दूसरी उंगली भी मेरी गाण्ड में डाल दी और अंदर-बाहर करने लगा। उसकी दो उंगलियां बड़े आराम से मेरी गाण्ड में अंदर-बाहर हो रही थी।
मोहित ने अब अपनी दोनों उंगलियां मेरी गाण्ड से निकाली और उन्हें वैसेलीन से बहुत ज्यादा चिकना करते हुए मेरी गाण्ड में डाल दिया और उन्हें मेरी गाण्ड में दाएं बाएं करते हुए मेरी पूरी गाण्ड को चिकना कर दिया। मोहित ने अब वैसेलीन से अपने पूरे लण्ड को चिकना कर दिया और थोड़ी वैसेलीन निकालकर अपने लण्ड के सुपाड़े और मेरी गाण्ड के ऊपर लगा दी।
मोहित ने मुझसे कहा- “थोड़ा दर्द होगा, बर्दाश्त कर लेना...” और अपने लण्ड का टोपा मेरी गाण्ड के छोटे से छेद पर रख दिया।
मेरा सारा शरीर अंजाने मजे और डर से काँपने लगा। मोहित ने मेरे चूतड़ों को अपने मजबूत हाथों से कसकर पकड़ लिया और एक जोर का धक्का मारा, और मोहित के लण्ड का मोटा सुपाड़ा मेरी नाजुक गाण्ड को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया।
मेरे मुँह से एक जोर की चीख निकली- “ओईई... माँ मर गई, आहहह... बहुत दर्द हो रहा है, मोहित प्लीज... निकालो...” उस वक़्त मुझे ऐसा महसूस हो रहा था की जैसे मेरी गाण्ड में किसी ने मिर्ची डाल दी हो।
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08-05-2019, 12:24 PM,
#72
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मोहित बिना हिले डुले अपनी उंगली से मेरी चूत को सहलाने लगा। मोहित का हाथ अपनी चूत पर महसूस होते ही मैं अपनी गाण्ड का दर्द भूल गई और मेरे मुँह से सिसकियां निकलने लगी। मोहित मुझे कुछ शांत देखते हुए मेरी चूत को अपने हाथ से सहलाते हुए मेरी गाण्ड में अपने लण्ड के टोपे को ही थोड़ा सा आगे-पीछे करने लगा। मेरी गाण्ड में फिर से दर्द होने लगा, मगर उतना नहीं जितना पहले हुआ था। मोहित ने अचानक अपने हाथों से मेरे चूतड़ों को जोर से पकड़ते हुए एक जोरदार धक्का मार दिया, उसका लण्ड मेरी गाण्ड को फाड़ता हुआ आधे से ज्यादा मेरी गाण्ड में घुस गया।
मेरी आँखों के सामने अंधेरा होने लगा और मेरे मुँह से एक भयानक चीख निकल गई- “ऊओईई माँ मेरी गाण्ड ऊह्ह...” मैं पूरा झटपटा रही थी।

मोहित ने मुझे बहुत जोर से पकड़कर रखा था। मेरी आँखों से आँसू बहने लगे। मेरी गाण्ड में बहुत जोर की जलन और दर्द हो रही थी, मुझे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे किसी ने मेरी गाण्ड में कोई गरम लोहे का टुकड़ा डाल दिया हो। मोहित मेरे ऊपर थोड़ा झुक कर मेरी चूचियों को सहलाने लगा, तो मुझे कुछ बेहतर महसूस होने लगा। मोहित ने कुछ देर तक मेरी चूचियों को सहलाने के बाद सीधा होते हुए मेरी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी। मैं बहुत जोर से उछल पड़ी। मोहित की उंगली मेरी चूत में पाते ही मुझे उसका लण्ड और उंगली मेरी गाण्ड और चूत में एक साथ महसूस होने लगे।
मोहित अपनी उंगली को बहुत जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगा। मैं अपना दर्द भूलकर फिर से गरम होने लगी और मेरे मुँह से अब हल्की सिसकियां “आहहह.. आह्ह्ह...' निकलने लगी। मोहित मुझे गरम होता हुआ देखकर अपना लण्ड मेरी गाण्ड में थोड़ा-थोड़ा अंदर-बाहर करते हुए अपनी उंगली भी मेरी चूत में अंदर-बाहर करने लगा। मेरी गाण्ड में अब दर्द के साथ मीठे मजे का अहसास भी होने लगा। मेरे मुँह से उत्तेजना के मारे आअह्ह्ह... निकलने लगी। मोहित अब मेरी गाण्ड में अपने लण्ड से जोर के धक्के लगाने लगा और अपनी उंगली को मेरी चूत से निकालकर मेरे चूतड़ों को जोर से थाम लिया। मोहित अपना पूरा लण्ड मेरी गाण्ड से निकालकर फिर जोर से अंदर घुसा देता।
उसके हर धक्के के साथ मैं पूरा कॉप जाती और मेरे मुँह से ‘ओईए ऊह्ह...' निकल जाता। मोहित के हर धक्के के साथ उसका लण्ड मेरी गाण्ड में और सरक कर अंदर हो रहा था। उसका लण्ड इतना मोटा था की वो मेरी गाण्ड में होते हुए भी हर धक्के के साथ मेरी चूत में रगड़ खा रहा था। मेरा पूरा शरीर अजीब मजे में डूब चुका था और अचानक मेरा पूरा बदन अकड़ने लगा और मैं ऊह्ह... आह्ह्ह...' करते हुए झड़ने लगी।
मेरी चूत से पानी निकलकर बेड पर गिरने लगा। मेरी आँखें मजे से बंद हो गई और मेरी गाण्ड मोहित के लण्ड पर सिकुड़ने लगी। मोहित मेरी गाण्ड सिकोड़ने को बर्दाश्त नहीं कर सका और बहुत जोर के धक्के मारते हुए अपना लण्ड मेरी गाण्ड में जड़ तक घुसाकर झड़ने लगा। उसका वीर्य मेरी गाण्ड में गिरते हुए मुझे बहुत मजा दे रहा था। कुछ देर तक झड़ने के बाद मोहित ने अपना लण्ड मेरी गाण्ड से निकाला। उसका लण्ड पच्च की आवाज के साथ बाहर निकला।
मेरी गाण्ड से वीर्य और खून साथ में निकलकर बेड पर गिरने लगा। मोहित निढाल होकर बेड पर लेट गया और मैं भी निढाल होकर वहीं गिर पड़ी। थोड़ी देर ऐसे ही बेड पर लेटे रहने के बाद, मैं उठकर बैठ गई और अपनी गाण्ड को देखने लगी। मेरी गाण्ड के छेद से अभी भी मोहित का वीर्य निकल रहा था, और मेरी गाण्ड का छेद बिल्कुल खुला हुआ था।
मोहित मुझे अपनी गाण्ड की तरफ निहारते हुए देखकर कहने लगा- “क्या देख रही हो... तुम्हारी गाण्ड अब कुँवारी नहीं रही...”
मैं उठकर बाथरूम जाने लगी, मगर मेरी गाण्ड में बहुत दर्द हो रहा था, मैं उठ नहीं पाई। मोहित ने उठकर मुझे अपनी गोद में उठा लिया और बाथरूम के टब में डाल दिया। मोहित ने टब का नल खोल दिया और टब पानी। से भरने लगा। टब का पानी मेरी गाण्ड पर पड़ते ही मेरी गाण्ड में जलन कम होने लगी, और मुझे कुछ सुकून महसूस होने लगा।
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08-05-2019, 12:24 PM,
#73
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मोहित मेरे पीछे टब में आकर बैठ गया और मेरी पीठ पर साबुन मलने लगा। मेरी पीठ पर अच्छे तरीके से साबुन मलने के बाद, मोहित उठकर मेरे सामने बैठ गया। मोहित ने मुझे टब में सीधा लेटा दिया और खुद मेरे ऊपर आकर मेरी चूचियों के ऊपर साबुन मलने लगा। मोहित का हाथ अपनी चूचियों पर महसूस होते ही मेरी । आँखें मजे से बंद होने लगी। मोहित मेरी चूचियों पर अच्छे तरीके से साबुन मलते हुए, अपना हाथ नीचे ले जाने लगा। मोहित अब मेरे पेट पर साबुन मल रहा था। वो अपना हाथ और नीचे ले जाते हुए मेरी चूत तक पहुँच गया।

मोहित ने मेरी दोनों टाँगों को पूरी तरह से फैला दिया और साबुन को मेरी चूत पर मलने लगा। वो साबुन को मेरी चूत के दाने से लगाते हुए मेरी गाण्ड तक मलने लगा। मोहित का हाथ अपनी गाण्ड पर पाते ही मेरे मुँह से ऊहह.. निकल गया। मोहित ने साबुन को साइड में रखते हुए अपने हाथ में पानी लेकर मेरी चूत पे लगा हुआ साबुन साफ करने लगा। मोहित मेरी चूत का साबुन अच्छी तरह से साफ करने के बाद, अपनी उंगली मेरी गाण्ड में डालकर उसे अंदर से साफ करने लगा। मोहित के हाथों के जादू से मैं फिर से गरम होने लगी। मैंने सीधा होते हुए, मोहित को सीधा लेटा दिया और साबुन को अपने हाथ में लेकर उसके टाँगों पर मलने लगी। मैं मोहित की टाँगों को साबुन लगाते हुए ऊपर बढ़ने लगी। मेरा हाथ जैसे ही मोहित के लण्ड तक पहुँचा, उसके मुँह से आह्ह्ह... निकल गई।
मैंने अपने हाथ से मोहित के लण्ड को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसपर साबुन मलने लगी। मोहित का लण्ड मेरे हाथ के स्पर्श से तनने लगा। मैंने मोहित के लण्ड को अच्छे तरीके से साबुन लगाने के बाद, उसके लण्ड के आसपास की झांटों पे साबुन रगड़ने लगी। मोहित की झांटों में साबुन लगने से झाग बनने लगा और उसका लण्ड पूरा तनकर मुझे सलामी देने लगा। मैं अपने हाथ से मोहित के पेट को साबुन लगाते हुए ऊपर बढ़ने लगी।

मैं अपनी दोनों टाँगें फैलाकर मोहित के ऊपर बैठ गई और अपने हाथों से उसके बालों वाले सीने पे साबुन मलने लगी। मोहित बहुत उत्तेजित हो चुका था, उसका लण्ड मेरी गाण्ड पे ठोकरें मार रहा था। मोहित ने अपने दोनों हाथ मेरी कमर में डालकर मुझे थोड़ा ऊपर उठा दिया। उसका लण्ड अब सीधा मेरी चूत पर टिक गया। मोहित ने मुझे उसी पोजीशन में अपने लण्ड पर बिठा लिया, और मेरी कमर को नीचे की तरफ दबा दिया। मोहित का साबुन की चिकनाई से भरा हुआ लण्ड मेरी चूत में जड़ तक घुस गया।

मेरे मुँह से मजे के मारे ‘आअहह' निकल गई। मैं मोहित के लण्ड पर अपने चूतड़ उछालने लगी। मोहित के लण्ड पर साबुन लगे होने के कारण जैसे ही मेरे चूतड़ उसके लण्ड पर ऊपर-नीचे होते, पच-पच की आवाज गूंज उठती। कुछ ही धक्कों के बाद मेरा बदन अकड़ने लगा और मैं उसके लण्ड पर जोर से कूदते हुए हाँफते हुए झड़ने लगी।

मोहित ने मेरे झड़ने के बाद मुझे अपने ऊपर से उठाकर सीधा लेटा दिया और मेरी टाँगों को फैलाते हुए मेरी गाण्ड पर साबुन मलने लगा। मेरी गाण्ड को पूरी तरह चिकना करने के बाद मोहित ने अपने लण्ड पर भी साबुन का झाग बनाया और मेरी टाँगों को घुटनों तक मोड़ दिया। मोहित ने अपना लण्ड मेरी गाण्ड पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा। उसका लण्ड मेरी गाण्ड को चीरता हुआ जड़ तक घुस गया।

मेरे मुँह से “ओईई... ऊह्ह...' निकल गया, मैं हैरान रह गई क्योंकी मेरी गाण्ड में उसका लण्ड एक ही झटके में घुस गया था। और मुझे कुछ खास दर्द भी नहीं हुआ था।

मोहित अपने लण्ड को बहुत जोर-जोर से मेरी गाण्ड में अंदर-बाहर करते हुए मुझे चोद रहा था। मेरे मुँह से । उत्तेजना के मारे आहह्ह.. निकल रहा था। मोहित नीचे झुकते हुए मेरी चूचियों को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा और मेरी गाण्ड को बहुत जोर से चोदने लगा। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी और अपने हाथों से मोहित के चूतड़ों को पकड़कर उसका लण्ड अपनी गाण्ड में लेने लगी। कुछ ही देर बाद मोहित का सारा बदन काँपने लगा और वो मेरी गाण्ड में बहुत जोर के धक्के लगाते हुए झड़ने लगा।

मोहित के लण्ड से गरम वीर्य की पिचकारियां मेरी गाण्ड को भरने लगी और उसके साथ मेरी चूत ने भी पानी का फुवारा छोड़ दिया। हम दोनों कुछ देर ऐसे ही निढाल पड़े रहे और फिर नहाकर फ्रेश हो गये और कमरे में आकर अपने-अपने कपड़े पहन लिए। मोहित अपने कमरे में चला गया और मैं रोहन के आने का इंतजार करने लगी। मोहित ने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया था। मेरी गाण्ड में अब भी हल्का-हल्का दर्द हो रहा था। मगर वो दर्द, जो मजा मुझे आया था उसके सामने कुछ भी नहीं था।

मैं बेड पर लेटे हुए बिंदिया और रोहन के बारे में सोच रही थी। बिंदिया बिल्कुल अनछुई थी। आज तक उसे किसी ने हाथ नहीं लगाया था। मैं यह सोच ही रही थी की दरवाजा खुलने की आवाज आई। मैं भागकर अपने दरवाजे तक आ गई और की-होल में से बाहर देखने लगी।

बिंदिया और रोहन चुपचाप कमरे की तरफ जा रहे थे। उनके कमरे में जाते ही मैं अपने कमरे से बाहर आ गई
और उनके कमरे में देखने का सुराख हूँढ़ने लगी। मुझे थोड़ी देर में ही एक खिड़की थोड़ी खुली हुई मिल गई, जहाँ से मैं रोहन और बिंदिया की पहली चुदाई देख सकती थी। मैं वहाँ पर खड़ी रहकर अंदर देखने लगी।
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08-05-2019, 12:24 PM,
#74
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
रोहन अंदर दाखिल होते ही बिंदिया से लिपट गया और उसे चूमने लगा। बिंदिया भी उसका साथ देते हुए उसके चुंबनों का जवाब देने लगी। बिंदिया को देखकर मैं हैरान रह गई, क्योंकी वो आज नई साड़ी पहनकर बिल्कुल दुलहन की तरह सजी हुई थी। रोहन बिंदिया की साड़ी को पकड़कर उतारने लगा। बिंदिया की साड़ी उतरते ही उसका गोरा जिश्म रोहन के होश उड़ाने लगा। बिंदिया के जिश्म पर सिर्फ एक पैंटी और ब्रा बची थी, बिंदिया की भारी-भारी चूचियां उसकी ब्रा को फाड़कर बाहर आने के लिए मचल रही थीं, और उसका गोरा जिम रोशनी में चमक रहा था।

रोहन बड़े गौर से अपनी होने वाली पत्नी को ऊपर से नीचे तक निहारने लगा। रोहन को ऐसे निहारते हुए देखकर बिंदिया ने शर्म के मारे अपना कंधा नीचे कर दिया और अपने हाथों से अपनी भारी-भारी चूचियों को ढकने की नाकाम कोशिश करने लगी।

रोहन आगे बढ़कर बिंदिया को बाहों में भरते हुए उसके गुलाबी होंठों को चूमने लगा और अपने हाथों से उसकी ब्रा के हुक खोल दिए। रोहन ब्रा के हुक खोलने के बाद बिंदिया के होंठों को चूमते हुए नीचे होते हुए उसके कंधे को चूमने लगा। रोहन ने सीधा होते हुए ब्रा को पकड़कर बिंदिया के जिम से अलग कर दिया। ब्रा के अलग । होते ही बिंदिया की 38” इंच साइज की गोरी चूचियां रोहन की आँखों के सामने नाचने लगी। रोहन बिंदिया की चूचियों को देखकर अपनी जीभ होंठों पर फेरने लगा।


बिंदिया ने शर्म के मारे फिर से अपने हाथ अपनी चूचियों पर रख लिए। रोहन ने आगे बढ़कर बिंदिया के हाथों को पकड़कर चूचियों से अलग किया और अपना मुँह खोलकर उसकी एक चूची के कड़े दाने को अपने मुँह में ले लिया और बहुत जोर से चूसने लगा। बिंदिया के मुँह से 'आह' निकल गई। उसने रोहन के सिर को पकड़ लिया और अपनी चूचियों पर दबाने लगी।
मैं यह सब देखकर बहुत गर्म हो चुकी थी और अपने हाथ से अपनी चूत को मसल रही थी।

रोहन ने बिंदिया की चूची को अपने मुँह से निकालते हुए उस बेड पर सीधा लेटा दिया और अपनी शर्ट और पैंट को उतारकर उसके ऊपर चढ़ गया। रोहन अपने दोनों हाथों से बिंदिया की चूचियों को मसल रहा था और उनके निपलों को अपने मुँह में भरकर चाट रहा था। बिंदिया की हालत खराब होने लगी थी, वो बहुत जोर से ओहह... करके सिसक रही थी। रोहन बिंदिया की चूचियों को छोड़ते हुए नीचे बढ़ने लगा और उसके गोरे पेट को चाटते हुए बिंदिया की पैंटी तक पहुँच गया।

रोहन बिंदिया की पैंटी के ऊपर ही अपना मुँह रखकर उसे चूमने लगा। रोहन का मुँह अपनी चूत के पास महसूस करते ही बिंदिया छटपटाने लगी। रोहन ने अपने दोनों हाथों से पैंटी को पकड़ते हुए नीचे सरका दिया। बिंदिया भी बहुत गर्म हो चुकी थी उसने अपने चूतड़ उठाकर पैंटी को उतारने में रोहन की मदद की। बिंदिया की पैंटी उतरते ही रोहन उसकी टाँगों को चौड़ा करते हुए उसकी गोरी चूत को गौर से देखने लगा। बिंदिया ने अपनी चूत के बालों को आज ही साफ किया था।

रोहन नीचे होते हुए बिंदिया की गोरी चूत के ऊपर अपना मुँह रखकर चूमने लगा और अपनी जीभ निकालकर उसके चूत के दाने पर फिराने लगा। बिंदिया अपनी चूत के दाने पर रोहन की जीभ महसूस करते ही सिहर उठी। रोहन बिंदिया की चूत के दाने को चूसते हुए नीचे बढ़ने लगा, और अपनी जीभ उसकी चूत के होंठों पर फिराते हुए अपने दोनों हाथों से उसकी चूत के होंठों को खोलकर अपनी जीभ उसके लाल छेद में फिराने लगा।

बिंदिया रोहन की जीभ को अपनी चूत के छेद में महसूस करते ही उछल पड़ी, और मजे से आह्ह करते हुए अपने चूतड़ों को रोहन की जीभ पर उछालने लगी। रोहन अपनी जीभ को कड़ा करते हुए उसे बिंदिया की चूत में अंदर तक फेरने लगा। बिंदिया की सहनशक्ति ने जवाब दे दिया और वो अपनी आँखें बंद करते हुए मजे से ओईईई... अहह... करते हुए रोहन के मुँह को अपने पानी से भिगोने लगी। रोहन बिंदिया के पानी को अपनी जीभ से चाटने लगा।

थोड़ी देर बाद बिंदिया को होश आया और वो अपनी नशीली आँखों से रोहन को देखने लगी। अब रोहन ने अपनी चड्ढी को भी उतार दिया। बिंदिया रोहन का 8 इंच लम्बा और 22" इंच मोटा लण्ड देखकर डर और उत्तेजना के मारे काँपने लगी।

रोहन ने बिंदिया का हाथ पकड़कर अपने लण्ड पर रख दिया। बिंदिया अपना हाथ रोहन के लण्ड पर रखते ही सिहर उठी। उसके सारे जिम में चींटियां रेंगने लगी और उत्तेजना में उसका हाथ रोहन के लण्ड पर आगे-पीछे होने लगा। बिंदिया को जैसे नशा चढ़ गया था। वो रोहन को सीधा लेटाते हुए उसके लण्ड को अपने दोनों हाथों से आगे-पीछे करते हुए अपनी जीभ निकालकर उसके गुलाबी छेद को चाटने लगी।
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08-05-2019, 12:24 PM,
#75
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
बिंदिया की जीभ रोहन अपने लण्ड पर महसूस करते ही सिहर उठा और उसके मुँह से आह्ह्ह... निकल गई। बिंदिया को रोहन के लण्ड से अजीब सी गंध आ रही थी, जिसे महसूस करते ही उसपर ज्यादा नशा चढ़ने लगा था। बिंदिया ने अचानक अपना मुँह खोला और रोहन का टोपा अपने मुँह में भर लिया और उसके लण्ड को । अपने होंठों से चूसते हुए अपने हाथों से उसे नीचे से पकड़कर बहुत जोर से आगे-पीछे करने लगी। रोहन के मुँह से मजे से ओह्ह... निकल गया। बिंदिया बहुत जोर से अपने हाथों से उसे आगे-पीछे कर रही थी।

तभी रोहन ने बिंदिया से कहा- “मेरा निकालने वाला है.”

बिंदिया रोहन की बात को अनसुना करते हुए उसने अपने हाथों से रोहन के लण्ड को आगे-पीछे करते हुए उसे अपने मुँह में ही डाले रही। रोहन के लण्ड से अचानक वीर्य की बारिश होने लगी और रोहन ‘अह' करते हुए बिंदिया के मुँह में पिचकारियां छोड़ने लगा। बिंदिया ने जितना हो सकता था रोहन के वीर्य को गटक लिया और बाकी वीर्य बिंदिया के होंठों से बहकर नीचे गिरने लगा।

रोहन के पूरा झड़ने के बाद बिंदिया ने उसके लण्ड को अपने मुँह से निकाला और उसके टोपे पर अपनी जीभ फिराने लगी। बिंदिया को रोहन के लण्ड का स्वाद बहुत बढ़िया लग रहा था। रोहन ने फिर से अपनी आँखें बंद कर ली और अपना हाथ बढ़ाकर बिंदिया की 38" इंच साइज की चूचियों को पकड़ लिया। बिंदिया रोहन के लण्ड को चाटते हुए अपनी जीभ नीचे ले जाते हुए उसकी गोटियों पर फिराने लगी। रोहन मजे से सिसक रहा था। रोहन ने अचानक बिंदिया को बेड पर सीधा लेटा दिया, और खुद उसके ऊपर चढ़ गया। रोहन ने बिंदिया की चूचियों को अपने दोनों हाथों से पकड़ते हुए अपना लण्ड उनके बीच डाल दिया, और बिंदिया की चूचियों को अपने लण्ड पर दबाते हुए धक्के लगाने लगा।

अपनी चूचियों पर रोहन का लण्ड महसूस करते ही बिंदिया के मुँह से आह्ह्ह... निकल गई। रोहन का लण्ड बिंदिया की चूचियों से होता हुआ उसके गुलाबी होंठों तक पहुँच रहा था। रोहन का लण्ड जैसे ही बिंदिया के होंठों तक पहुँचता, बिंदिया अपना मुँह खोलकर जीभ से उसे चाट लेती। रोहन का लण्ड अब तक पूरी तरह तन चुका था, वो बिंदिया के गुलाबी होंठों को अपने दाँतों से काटते हुए नीचे होने लगा।

रोहन ने नीचे होता हुआ बिंदिया की टाँगों को घुटनों तक मोड़ दिया, और उन्हें बिंदिया की चूचियों से थोड़ा नीचे रख दिया। रोहन ने एक तकिया उठाकर बिंदिया के चूतड़ों के नीचे रख दिया। इस पोजीशन में बिंदिया की गोरी चूत का गुलाबी छेद बिल्कुल खुलकर रोहन के सामने आ गया। बिंदिया की चूत के गुलाबी छेद से सफेद-सफेद पानी की बूंदें निकल रही थी। रोहन ने अपनी जीभ निकालकर बिंदिया के पानी को चाट लिया। रोहन की जीभ अपनी चूत पर महसूस करते ही बिंदिया के मुँह से मजे के मारे आह्ह... निकल गई। रोहन अपनी जीभ से बिंदिया की चूत के दाने से खेलने लगा।

बिंदिया के मुँह से कामुक सिसकियां निकलने लगी। बिंदिया का पूरा जिश्म तप कर अंगारे छोड़ रहा था। रोहन ने अपनी एक उंगली बिंदिया की चूत में डाल दी। बिंदिया के मुँह से ओईई निकल गया। रोहन की उंगली बिंदिया की चूत में घुसते ही उसे अहसास हो गया की बिंदिया की इतनी बड़ी दिखने वाली चूत कितनी टाइट और गरम । है। रोहन अपनी उंगली बहुत जोर से बिंदिया की चूत में अंदर-बाहर करने लगा। बिंदिया के मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी। रोहन ने बिंदिया को गरम देखकर अपने लण्ड पर ढेर सारा थूक लगाया और उसे बिंदिया की चूत पर रखकर रगड़ने लगा।

बिंदिया उत्तेजना के मारे अपने चूतड़ रोहन के लण्ड पर रगड़ने लगी। रोहन बिंदिया की आँखों में देखने लगा जैसे उससे आगे बढ़ने की इजाजत माँग रहा हो। बिंदिया ने आँखों से ही रोहन को आगे बढ़ने की इजाजत दे दी।

रोहन ने बिंदिया से कहा- “पहली बार में दर्द होगा बर्दाश्त कर लेना...”

बिंदिया ने एक तकिया उठाकर अपने मुँह पर रख लिया। रोहन ने अपना पूरा दबाव डालते हुए अपने लण्ड को बिंदिया की चूत में डालने की कोशिश करने लगा। रोहन के लण्ड को टोपा मोटा होने के कारण बिंदिया की चूत से फिसल रहा था। रोहन ने अपने हाथों से बिंदिया की चूत के होंठों को अलग करते हुए अपना लण्ड वहां पर सेट किया और एक बहुत जोर का धक्का मार दिया। रोहन का लण्ड बिंदिया की झिल्ली को तोड़ता हुआ आधा उसकी चूत में घुस गया। बिंदिया के मुँह से एक चीख निकालकर तकिये में दब गई और उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। रोहन का आधा लण्ड बिंदिया की चूत में घुस चुका था।

रोहन ने नीचे झुकते हुए बिंदिया की चूचियों को अपने हाथों से सहलाते हुए कहा- “बिंदिया बस हो गया, अब दर्द की जगह तुम्हें मजा आएगा...”

बिंदिया की चूत का दर्द अब कम हो गया था, और वो अपने चूतड़ों को हिलाने लगी। रोहन बिंदिया के चूतड़ों को अपने लण्ड पर हिलता हुआ महसूस करके सीधा हो गया, और अपने लण्ड से बिंदिया की चूत में हल्के-हल्के धक्के लगाने लगा। बिंदिया रोहन के लण्ड को अपनी चूत में रगड़ता हुआ महसूस करके मजे से सिसकने लगी, उसने ख्वाब में भी नहीं सोचा था की इस काम में इतना मजा मिलता है।

रोहन अब जोर-जोर से धक्के लगाते हुए बिंदिया को चोद रहा था। बिंदिया का पूरा शरीर अकड़ने लगा और वो अपने चूतड़ों को रोहन के लण्ड पर जोर से उछालते आह्ह्ह... आहहह... करते हुए झड़ने लगी और अपनी आँखें बंद कर ली। बिंदिया के झड़ने से रोहन के लण्ड पर उसकी चूत का कसाव कम हो गया और उसका लण्ड आराम से अंदर-बाहर होने लगा। रोहन ने मौका देखते हुए अपने लण्ड को पूरा बाहर निकालकर पूरे जोर से अंदर घुसाने लगा। चूत के गीले होने के कारण रोहन का लण्ड बिंदिया की चूत में पूरा जड़ तक घुस गया। रोहन अपने लण्ड को बहुत जोर से बिंदिया की चूत में अंदर-बाहर करने लगा।

बिंदिया के मुँह से आह्ह्ह... की सिसकारियां निकलने लगी।

मैं (धन्नो) भी अपनी दो उंगलियां अपनी चूत में डालकर अंदर-बाहर कर रही थी।

रोहन पूरे जोर के साथ बिंदिया को चोद रहा था। रोहन के हर धक्के के साथ बिंदिया का पूरा शरीर हिल रहा था। बिंदिया का शरीर हिलने से उसकी चूचियां भी उछल रही थी। रोहन ने अपने हाथों से बिंदिया की भारी-भारी चूचियों को पकड़ते हुए नीचे से धक्के लगाने लगा। रोहन का लण्ड जैसे ही बिंदिया की चूत से बाहर निकलता, बिंदिया अपने चूतड़ उछालकर उसे अपनी चूत में भर लेती। बिंदिया की चूत गीली होने के कारण पूरे कमरे में पच-पच की आवाज गूँज रही थी।
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08-05-2019, 12:25 PM,
#76
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
रोहन ने अचानक अपना हाथ बिंदिया की चूचियों से हटाते हुए, उसकी टाँगों को पकड़ लिया, और जोर से धक्के लगाते हुए आह्ह्ह... करते हुये बिंदिया की चूत को अपने वीर्य से भरने लगा। बिंदिया भी उसका गरम वीर्य अपनी चूत में महसूस करते ही उसके साथ ऊहह... करते हुए झड़ने लगी।

उन दोनों के साथ मेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया। वो दोनों निढाल होकर एक दूसरे की बाहों में पड़े रहे। मैं थोड़ी देर वहाँ खड़ी रही और फिर वापस अपने कमरे की तरफ जाने लगी।
मुझे जाते हुए करुणा के कमरे से कुछ अजीब किस्म की आवाज सुनाई देने लगी। मैं उन आवाजों को अच्छे तरीके से जानती थी, क्योंकी मैं एक लड़की थी। मगर करुणा के कमरे से यह आवाजें? मुझे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था। मैं जल्दी से जाकर करुणा के कमरे की खिड़की के पास खड़ी हो गई, और खिड़की को खोलने की कोशिश करने लगी, मगर खिड़की अंदर से बंद थी। मैंने उसे थोड़ा सा धक्का दिया, मगर वो अंदर से बंद थी। मेरे दिल की धड़कनें तेज होने लगी थी। मैं किसी भी तरीके से अंदर देखना चाहती थी। मैं कमरे के दरवाजे के पास गई और कोई छेद ढूँढ़ने की कोशिश करने लगी।

मैंने जैसे ही दरवाजे को हाथ लगाया, वो थोड़ा सा खुल गया। करुणा ने दरवाजा अंदर से बंद नहीं किया था। मैंने दरवाजा को हल्का धक्का देते हुए उसे आधा खोल दिया। अंदर का नजारा देखकर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया।

करुणा बिल्कुल नंगी बेड पर लेती हुई थी, उसकी 32" इंच साइज की छोटी-छोटी गोरी-गोरी चूचियां और उन चूचियों के छोटे-छोटे गुलाबी निपलों ट्यूबलाइट की रोशनी में चमक रहे थे। करुणा अपनी हल्के भूरे बालों वाली छोटी सी गुलाबी चूत को अपने हाथ से बहुत जोर से रगड़ रही थी और उसके मुँह से आअह्ह्ह... की सिसकियां निकल रही थी। करुणा पूरी तरह अपने काम में बिजी सी थी, उसकी आँखें बंद थी। लगता था की वो अपनी मंजिल के बिल्कुल करीब थी।

मैं दरवाजे से अंदर दाखिल हो गई, और दरवाजे को आहिस्ते से बंद करते हुए करते हुए करुणा के बेड के पास सोफे पर बैठ गई। करुणा का गोरा जिम इतने करीब से देखकर मेरे मुँह में पानी आने लगा। करुणा की चूचियां छोटी सी थी, बिल्कुल नींबू जैसी, और उसकी चूत पे हल्के भूरे बाल उगना शुरू ही हुए थे। करुणा की टाँगें फैली हुई थी, जिस वजह से करुणा की छोटी चूत मेरी आँखों के सामने थी। करुणा की चूत का दाना बहुत छोटा था

और नीचे बस एक पतली सी गुलाबी लकीर बनी हुई थी। करुणा अपने नरम हाथों से अपनी गुलाबी चूत को रगड़ रही थी।

करुणा के हाथों की रगड़ से उसकी चूत की लकीर थोड़ा खुलकर बंद हो रही थी। करुणा की चूत हल्का खुलने से उसके अंदर का गुलाबी हिस्सा दिख रहा था। करुणा का बदन अचानक काँपने लगा और वो अपने हाथों से अपनी चूत को बहुत तेजी के साथ रगड़ते हुए “ऊहह.. आह...” करते हुए झड़ने लगी। करुणा का बदन झड़ते हुए झटके खाने लगा और उसकी चूत में से सफेद पानी निकलकर उसके हाथों को गीला करने लगा।

मैं करुणा की कुँवारी चूत का पानी देखकर अपने आपको रोक ना सकी और अपनी जीभ निकालकर करुणा की गुलाबी चूत पर रख दी। करुणा को अपनी चूत पर मेरी जीभ महसूस करते ही उसे जैसे करेंट लगा हो। और वो किसी सपने से वापस आई।

करुणा अपनी आँखें खोलते हुए जल्दी से उठ बैठी और अपना नाइटगाउन उठाकर पहनने लगी। करुणा ने मुझे हैरत से देखते हुए उखड़ती हुई साँसों से कहा- “धन्नो... तुम इतनी रात को यहां क्या कर रही हो?"

मैंने मुश्कुराते हुए कहा- “तुम मेरी फिकर छोड़ो, तुम क्या कर रही थी?”

करुणा ने अपना सिर नीचे झुका लिया और उसका चेहरा शर्म के मारे लाल हो गया।

मैंने अपने हाथों से करुणा के चहरे को पकड़कर ऊपर उठाया और मुश्कुराते हुए करुणा से कहा- “तुम शर्माती क्यों हो, तुम्हारी उमर में तो हर लड़की ऐसे अपने आपको शांत करती है...” ।

मैंने करुणा का नाइटगाउन उतारकर बेड पर फेंक दिया। करुणा शर्म के मारे अपने एक हाथ से अपनी चूत और दूसरे से अपनी चूचियां छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी। मैंने अपने कपड़े उतारे और बिल्कुल नंगी होकर करुणा के सामने खड़ी हो गई और करुणा को बेड पर धक्का देकर गिरा दिया।

मैं भी बेड पर उसके साथ लेट गई, और उसे कहने लगी- “तुम मुझसे क्या छुपा रही हो, जो तुम्हारे पास है वो मेरे पास भी है...”

करुणा मेरी बात सुनकर मेरी गोल-गोल और बड़ी-बड़ी चूचियों को गौर से देखने लगी। मैंने करुणा को अपनी तरफ घूरता हुआ देखकर उसके हाथों को पकड़कर अपनी चूचियों पर रख दिया। करुणा का पूरा जिश्म कांप रहा था, और उसकी साँसें बहुत तेज चल रही थी। करुणा की साँसों के साथ उसकी छोटी-छोटी चूचियां भी ऊपर-नीचे हो रही थीं। मैंने अपने हाथ बढ़ाकर उसकी दोनों चूचियों को पकड़ लिया। उसकी चूचियां इतनी नरम थी की मेरे हाथों में जैसे कोई फोम का टुकड़ा आ गया हो।
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08-05-2019, 12:25 PM,
#77
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मेरा हाथ करुणा की चूचियों पर पड़ते ही उसके मुँह से आह्ह्ह... निकल गया। मैं करुणा की चूचियों को हल्काहल्का दबाने लगी। करुणा की आँखें बंद हो गई और वो मजे से सिसकने लगी। मैंने करुणा को गरम होता देखकर उसे सीधा लेटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़कर उसकी चूचियां दबाने लगी। मैंने उसकी चूचियां दबाते हुए अपने होंठ उसके गुलाबी होंठों पर रख दिए।

मेरे होंठ अपने होंठों पर महसूस करते ही करुणा सिहर उठी। उसके होंठों को आज तक किसी ने नहीं छुआ था। वो पागलों की तरह मेरे होंठों को चूमने लगी। मैं उसके नीचे वाले होंठ को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, उसके होंठों का पूरा रस पीने के बाद मैंने नीचे होते हुए उसकी एक चूची को अपने मुँह में भर लिया।

अपनी चूची को मेरे मुँह में महसूस करते ही उसके मुँह से “इस्स्स्स ...” की एक सिसकी निकल गई। मैंने करुणा की चूची को पूरा अपने मुँह में भर लिया और बहुत जोर से उसे चूसने लगी।

करुणा ने ओह्ह करते हुए कहा- “दीदी जरा आहिस्ते करो दर्द हो रहा है...”

मैं उसकी चूची को अपने मुँह से निकालते हुए नीचे बढ़ने लगी, मैं जैसे ही उसकी चूत के पास पहुँची, करुणा ने अपनी टाँगें सिकोड़ ली। मैंने अपनी जीभ निकाली और उसके पेट पर फिराते हुए नीचे ले जाने लगी, मेरी जीभ जैसे ही करुणा की चूत के ऊपर उगे हुए भूरे बालों पर पहुँची, उसने मजे से ओईई.. आह्ह्ह... करते हुए अपनी टाँगों को खोल दिया।

मैं उसकी गुलाबी चूत को देखकर दंग रह गई। मैं अपनी जीभ नीचे ले जाते हुए उसकी चूत के छोटे दाने पर फिराने लगी। करुणा मेरी जीभ अपनी चूत के दाने पर महसूस करते ही छटपटाने लगी। मैं अपनी जीभ को नीचे ले जाते हुए उसकी चूत की लकीर पर फिराने लगी। करुणा की चूत से सफेद-सफेद पानी की बूंदें निकल रही थी, जिन्हें मैं अपनी जीभ से चाट रही थी। करुणा की गुलाबी चूत से निकलता हुआ पानी मुझे बहुत टेस्टी लग रहा था। मैंने करुणा की चूत के होंठों को अपने हाथों से अलग किया, और अपनी जीभ से उसके चूत के होंठों में भरा हुआ पानी चाटने लगी।

करुणा अपने चूतड़ उछाल रही थी और उसके मुँह से बहुत कामुक सिसकियां निकल रही थी। मुझे करुणा की चूत की महक पागल बना रही थी। मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत से निकालते हुए अपनी नाक को उसके चूत के होंठों पर रख दिया और अपने हाथों से उसकी चूत के होंठों को फैलाते हुए अपनी साँसें खींचकर उसकी चूत की गंध का आनंद लेने लगी।
मेरी इस हरकत से करुणा का जिश्म झटके खाने लगा। मैंने उसकी दोनों टाँगों को उठाकर घुटनों तक मोड़ते हुए उन्हें करुणा के पेट पर रख दिया। इस पोजीशन में करुणा की चूत खुलकर ऊपर उठ गई। मैंने अपनी जीभ । निकालकर उसकी चूत की पतली दरार पर फिराते हुए उसकी चूत के होंठों को खोल दिया और अपनी जीभ को कड़ा करते हुए उसकी चूत के गुलाबी छेद को चाटने लगी। करुणा मजे से किसी दूसरे जहाँ में पहुँच चुकी थी। अचानक उसके चूतड़ उछलने लगे, और वो आईई अहह... करते हुए झड़ने लगी।

उसकी चूत से निकलता हुआ पानी मेरे होंठों और मुँह को भिगोने लगा। मैं अपनी जीभ से उसका निकलता हुआ पानी चाटने लगी। कुछ देर झड़ने के बाद वो शांत हो गई और उसकी चूत से पानी निकलना बंद हो गया।

मैं कुछ देर तक करुणा की चूत से निकलता हुआ पानी चाटती रही और फिर उसके साइड में जाकर लेट गई। कुछ देर बाद करुणा को होश आया और वो अपनी आँखें खोलकर मुझे देखने लगी। करुणा की आँखों में ढेर सारा नशा था, वो मुझे खा जाने वाली नजरों से देख रही थी। मैंने अपने बाजू को सीधा करते हुए करुणा का सिर उसपर रख दिया और उसे अपनी तरफ खींचते हुए बाहों में भर लिया। मेरी चूचियां करुणा की चूचियों से टकरा गई और मेरा पूरा शरीर उसकी चूचियों की रगड़ से सिहर उठा।

करुणा मुझे सीधा करते हुए मेरे ऊपर चढ़ गई और अपनी चूचियों को मेरी चूचियों से रगड़ते हुए सिसकने लगी। मैंने करुणा को बालों से पकड़ते हुए उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, और उन्हें चूमते हुए अपनी जीभ को करुणा के मुँह में डाल दिया। करुणा मेरी जीभ को अपने होंठों से चूसते हुए अपनी चूचियों को मेरी चूचियों से जोर से रगड़ने लगी। मैंने अपनी टाँगों को फैला दिया। मेरी टाँगें फैलने से करुणा मेरी दोनों टाँगों के बीच आ गई। उसकी चूत मेरी चूत के ऊपर आ गई।
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08-05-2019, 12:25 PM,
#78
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मैंने करुणा को अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी चूत को उसकी चूत पर रगड़ने लगी। करुणा फिर से गरम होने लगी, उसने मेरी जीभ को चाटते हुए अपनी जीभ को मेरे मुँह में डाल दिया जिसे मैं बड़े प्यार से चाटने लगी। करुणा मेरे मुँह से अपनी जीभ निकालते हुए नीचे होने लगी। और मेरी एक चूची को अपने कोमल हाथ से सहलाते हुए मेरी दूसरी चूची को अपने मुँह में ले लिया। करुणा मेरी चूची को बहुत जोर से चूस रही थी, जैसे मेरी चूची में से दूध निकल रहा हो उसके मुँह में जा रहा हो।

मेरे पूरे शरीर में एक अजीब किस्म की सिहरन दौड़ रही थी। करुणा ने मेरी चूची को जी भरकर चूसने के बाद मेरी दूसरी चूची को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसते हुए मेरी पहले वाली चूची को अपने हाथ से सहलाने लगी। मेरा पूरा शरीर मजे से झटपटा रहा था, मेरी चूत में आग लग चुकी थी और उसमें से पानी की बूंदें निकलकर बेड पर गिर रही थी। मैंने करुणा के सिर को पकड़कर अपनी चूची से अलग किया। उसे नीचे करते हुए उसका मुँह अपनी चूत पर रख दिया। करुणा अपना मुँह मेरी चूत पर रखकर उसे चूमने लगी। मैंने अपनी टाँगों को जितना हो सकता था फैला दिया।

मैंने सिसकते हुए करुणा से कहा- “आअह्ह्ह... अपनी उंगलियां मेरी चूत में डालो और अपनी जीभ निकालकर मेरी चूत को चूसो..”
करुणा ने अपनी एक उंगली मेरी चूत में डालते हुए अपनी जीभ से मेरी चूत के दाने को चाटने लगी।

मेरे मुँह से उत्तेजना के मारे 'आह' की सिसकियां निकल रही थीं। मैंने करुणा को कहा- “उल्टी हो जाओ और अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दो..."

करुणा ने उठकर अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी और नीचे झुकते हुए मेरी चूत में अपनी उंगली डाल दी। मैं अपनी जीभ निकालकर करुणा की चूत के गुलाबी छेद पर फिराते हुए उसे गाण्ड तक चाटने लगी। करुणा मेरी जीभ को अपनी गाण्ड पर महसूस करते ही छटपटाने लगी और अपनी उंगली को मेरी चूत में जोर से अंदर-बाहर करते हुए अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने लगी। मैं झड़ने के बिल्कुल करीब थी, मेरा बदन अकड़ने लगा और मैं आअहहह... करते हुए झड़ने लगी। मैंने झड़ते हुए अपनी जीभ को करुणा की चूत के छेद पर जोर से दबा दिया, करुणा मेरी जीभ का दबाव बर्दाश्त ना कर सकी और वो भी मेरे मुँह में पानी भरने लगी।

करुणा ने झड़ते हुए अपनी उंगली मेरी चूत से निकालकर उसे चाटने लगी और फिर से मेरी चूत में उंगली डाल दी। करुणा अपनी जीभ से मेरी चूत से निकलता हुआ पानी चाटने लगी, कुछ देर हम एक दूसरे को चाटते रहे, और फिर हम निढाल होकर एक दूसरे की बाहों में लेट गये। कुछ देर वैसे ही पड़े रहने के बाद मैंने करुणा से कहा- “तुमने कभी किसी लड़के लड़की को चुदाई करते देखा है."

करुणा ने कहा- “नहीं...”

मैंने कहा- “चलो उठो, मैं तुझे आज लाइव चुदाई दिखाती हूँ...” मैंने करुणा को अपने साथ ले जाते हुए उसे बिंदिया के कमरे की खिड़की के पास खड़ा कर दिया।

करुणा अंदर का नजारा देखकर हैरत से अपने मुँह पर हाथ रखते हुए कहा- “धन्नो, यह दीदी और रोहन क्या कर रहे हैं?”

मैं करुणा के पीछे खड़ी थी, मैंने उसे अपनी बाहों में भरते हुए कहा- “तुम चुप होकर मजा देखो...”

करुणा मेरी बात सुनकर चुप हो गई और अंदर का नजारा देखने लगी।

बिंदिया रोहन के लण्ड को अपने मुँह में लिए चूस रही थी। रोहन का लण्ड अभी तक खड़ा नहीं हुआ था। मैं । समझ गई की यह उन दोनों का तीसरा राउंड है, क्योंकी मैं करुणा के कमरे में भी एक घंटा थी। बिंदिया रोहन का सिकुड़ा हुआ आधा लण्ड अपने मुँह में लेकर चूस रही थी और रोहन बेड पर सीधा लेट हुआ सिसक रहा था। बिंदिया के थोड़ी देर चूसने से ही रोहन का लण्ड खड़ा होने लगा और बिंदिया के मुँह को पूरा भर दिया। बिंदिया का मुँह दुखने लगा था, इसीलिए उसने रोहन का लण्ड अपने मुँह से बाहर निकाल दिया, और अपनी जीभ निकालकर रोहन के लण्ड पर फिराते हुए उसके टोपे के छेद में घुसाने लगी।
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08-05-2019, 12:25 PM,
#79
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
बिंदिया की जीभ अपने लण्ड के छेद में महसूस करते ही रोहन का पूरा जिश्म काँपने लगा और उसका लण्ड ठुमका मारते हुए बिंदिया के होंठों से अलग हो गया। रोहन का लण्ड फनफनाता हुआ तंबू की तरह खड़ा था।

करुणा रोहन का खड़ा लण्ड देखकर तेज साँसें लेते हुए अपनी गाण्ड मेरी चूत से रगड़ने लगी। मैंने उसे थोड़ा झुकाते हुए, अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया और उसे सहलाने लगी। करुणा की चूत अब बहुत गरम हो चुकी थी। करुणा की चूत से थोड़ी-थोड़ी पानी की बूंदें बहकर मेरे हाथ को गीला कर रही थी।

उधर बिंदिया ने रोहन के लण्ड को पूरा खड़ा देखकर, अपनी दोनों टाँगों को फैलाकर अपनी चूत को रोहन के लण्ड के ऊपर सेट किया और रोहन के लण्ड को पकड़कर अपनी चूत पर घिसने लगी। बिंदिया के मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी और उसकी चूत से पानी की बूंदें निकालकर रोहन के लण्ड को गीला कर रही थी। बिंदिया थोड़ी देर तक अपनी चूत पर रोहन का लण्ड रगड़ने के बाद, उसे अपनी चूत के छेद पर रखते हुए अपना दबाव उसपर डालने लगी। रोहन का लण्ड सरकता हुआ पूरा बिंदिया की चूत में घुस गया।

बिंदिया की चूत में पूरा लण्ड घुसते ही उसके मुँह से 'इअयाया' निकल गया। बिंदिया अपनी चूत रोहन के लण्ड पर पागलों की तरह ऊपर-नीचे उछालने लगी और अपना हाथ रोहन के बालों से भरे सीने पर फिराने लगी।

करुणा अपनी बहन को रोहन के लण्ड पर उछलता हुआ देखकर सिहर उठी और उसका जिम काँपने लगा। मैंने नीचे झुकते हुए करुणा को थोड़ा सा ज्यादा झुका लिया। करुणा की चूत पीछे से बिल्कुल बाहर को निकल आई, मैंने अपनी जीभ को निकालकर करुणा की रस बहाती चूत पर रख दिया। करुणा मेरी जीभ को अपनी चूत पर महसूस करते ही मजे से अपनी चूत को मेरी जीभ पर उछालने लगी।

उधर रोहन बिंदिया की हिलती हुई भारी-भारी चूचियों को पकड़कर अपने हाथों से मसलने लगा। बिंदिया सिसकते हुए रोहन के लण्ड पर टोपे तक ऊपर उठती और धम्म के साथ नीचे बैठ जाती। रोहन ने बिंदिया की कमर में हाथ डालकर उसे नीचे झुका लिया, और उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा। रोहन बिंदिया की चूचियों को चूसते हुए तूफान की रफ़्तार के साथ अपना लण्ड बिंदिया की चूत में अंदर-बाहर करने लगा।

करुणा रोहन का लण्ड बिंदिया की चूत में अंदर-बाहर होते हुए बड़े गौर से देख रही थी।

बिंदिया के मुँह से अचानक बहुत तेज आहें निकलने लगी, और वो आहें भरते हुए रोहन के लण्ड पर झड़ने लगी।

बिंदिया के आहें सुनकर करुणा की चूत भी मेरी जीभ पर पानी छोड़ने लगी। मैंने करुणा की चूत से निकलता हुआ एक-एक कतरा चाट लिया और सीधा होकर अंदर करुणा की चूचियों को पकड़कर अंदर देखने लगी।
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08-05-2019, 12:25 PM,
#80
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
बिंदिया झड़ने के बाद रोहन के ऊपर ढेर हो गई। रोहन बिंदिया के गुलाबी होंठों को चूमने लगा, और अपने हाथों से उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को बहुत जोर से मीसने लगा। रोहन के हाथों से अपनी चूचियों को मसलवाते हुए बिंदिया के मुँह से ‘ओईए... ऊह्ह...' निकल रहा था। बिंदिया फिर से गरम हो गई थी और वो अपने चूतड़ रोहन के लण्ड पर उछालने लगी। रोहन ने बिंदिया के नीचे वाले होंठ को काटते हुए उसकी चूत में बहुत जोर के धक्के लगाने लगा।

बिंदिया की चूत गीली होने के कारण रोहन का लण्ड बहुत जोर से उसकी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। रोहन ने बिंदिया को अपने ऊपर से उठाते हुए उसे उल्टा लेटा दिया, और वो बिंदिया के गोरे और भारी चूतड़ों को अपने हाथों से मसलते हुए, अपना लण्ड पीछे से बिंदिया की चूत में घुसा दिया। रोहन का लण्ड अपनी चूत में पीछे से घुसते ही बिंदिया के मुँह से हल्की चीख ‘ओई माँ निकल गई। रोहन बिंदिया के चूतड़ों को अपने हाथों से पकड़ते हुए अपने लण्ड को बहुत जोर से उसकी चूत में पेलने लगा और अपने हाथों से उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मारने लगा। बिंदिया की चूत गीली होने के कारण रोहन के हर धक्के के साथ पूरे कमरे में पच पच की आवाज गूंज रही थी।

रोहन ने अपने हाथों से थप्पड़ मार मारकर बिंदिया के चूतड़ों को लाल कर दिया था। बिंदिया रोहन के हर थप्पड़ के साथ जोर से आहें भरते हुए अपने चूतड़ पीछे रोहन के अंडों पर धकेल रही थी। रोहन अचानक नीचे झुकते हुए अपनी जीभ निकालकर बिंदिया की नंगी पीठ पर फिराने लगा, और अपने हाथ से उसकी चूची को पकड़कर दबाने लगा।

बिंदिया का पूरा शरीर झटके खाने लगा और वो चीखते हुए रोहन से कहने लगी- “आअह्ह... रोहन मैं झड़ने वाली हूँ प्लीज... मेरी चूत को जोर से चोदो...”

रोहन बिंदिया की यह बात सुनते ही सपकपा गया, और वो बिंदिया के चूतड़ों को पकड़ते हुए अपने लण्ड से उसकी चूत में भयानक धक्के मारने लगा। रोहन के धक्के इतने भयानक थे की बिंदिया के मुँह से जोर की चीखें ‘ओई माँ मर गई' निकलने लगी, और वो ‘इस्स्स्स ... ओई अया' करते हुए फिर से झड़ने लगी। बिंदिया झड़ने के बाद निढाल होकर उल्टी ही बेड पर गिर पड़ी। बिंदिया के नीचे गिरने से रोहन का लण्ड पच्च की आवाज के साथ बिंदिया की चूत से निकल गया। रोहन बिंदिया के ऊपर सीधा लेट गया और अपनी जीभ निकालकर बिंदिया के कंधे को चाटने लगा।


रोहन का लण्ड बिंदिया की गाण्ड पर ठुमके मारने लगा। रोहन का लण्ड अपनी गाण्ड पर महसूस करते ही बिंदिया सिहर उठी और जल्दी से रोहन को अपने ऊपर से परे धकेलते हुए सीधा होकर लेट गई। रोहन बिंदिया के सीधा लेटते ही उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी चूचियों को अपने हाथों से मसलते हुए उन्हें अपने दातों से काटने लगा। बिंदिया के मुँह से ‘ऊह्ह... ओई..' की चीखें निकलने लगी और रोहन के दातों के निशान बिंदिया की चूचियों पर बनने लगे।

रोहन ने नीचे झुकते हुए बिंदिया की टाँगों को ऊपर उठा लिया और अपना फड़कता हुआ लण्ड उसकी चूत में पेल दिया। रोहन का लण्ड अपनी चूत में पाते ही बिंदिया के मुँह से “आहहह..' निकल गई। और उसने अपनी दोनों टाँगों को रोहन की कमर में लपेट लिया। रोहन अचानक बिंदिया की चूत में बहुत जोर के धक्के मारते हुए हाँफने लगा। रोहन हाँफते हुए बिंदिया की चूत में झड़ने लगा।

बिंदिया रोहन का गरम वीर्य अपनी चूत में गिरते ही अपने नाखून रोहन के चूतड़ों में गाड़ दिए और आह्ह्ह... । करते हुए झड़ने लगी। रोहन कुछ देर तक बिंदिया की चूत में तेज धक्के मारते हुए अपना वीर्य भरता रहा। और फिर वो निढाल होकर बिंदिया के ऊपर गिर पड़ा।
मैंने करुणा की चूचियों को दबाते हुए कहा- “चलो करुणा, खेल खतम हो गया..."
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