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RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
विक्रम ने घर में आते ही अपने कमरे का रुख किया और वो अंदर चला गया. इधर मयूरी ने रसोई का काम ख़त्म किया और अपने कपड़े बदले. उसने आप एक छोटी सी स्कर्ट पहनी और ऊपर में एक काले रंग का टॉप जो बहुत ही ज्यादा ढीला था. टॉप के नीचे उसने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी पर उसकी बड़ी-बड़ी और गोल-गोल चूचियों के उभारों को आराम से देखा जा सकता था. मयूरी की चूचियां इतनी बड़ी थीं कि वो इन ढीले कपड़ों में कहाँ छुपने वाली थी.
फिर मयूरी हॉल में आयी और टीवी के सामने एक कामुक मुद्रा में खड़ी हो गयी. उसने विक्रम को आवाज़ लगायी- भैया?
विक्रम- हाँ…
मयूरी- जरा बाहर आना…
विक्रम- क्या हुआ?
मयूरी- एक जरूरी बात करनी है… प्लीज जल्दी बाहर आओ…
विक्रम (बाहर आते हुए)- क्या हुआ मयूरी?
मयूरी- इधर सोफे पर बैठ जाओ, एक जरूरी बात करनी है.
विक्रम रजत के साथ सोफे पर थोड़ी दूरी बनाकर बैठ गया. अब दोनों भाइयों के दिल में धक्-धक् हो रही थी कि मयूरी पता नहीं क्या बोलने वाली है. क्योंकि कल से लेकर आजतक इस घर में काफी कुछ हो चुका था.
विक्रम- हाँ बोलो…
मयूरी- देखो… तुम दोनो को मैं एक सरप्राइज देने वाली हूँ.
विक्रम- क्या सरप्राइज?
मयूरी अब दोनों भाइयों के सामने राज का पर्दा खोलने वाली थी- तुम दोनों को अभी तक लग रहा होगा कि तुमने मेरी चूचियों के साथ खेल लिया, मेरी चूत का स्वाद चख लिया तो अपना लौड़ा मेरी चूत में डाल के मेरी इस कंवारी चूत मजा ले लोगे?
विक्रम और रजत एक साथ- कककक… क्या????
विक्रम और रजत… दोनों भाइयों की आँखें फ़टी की फ़टी रह गयी. उनको अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ कि उनकी बहन ये क्या कह रही है. दोनों अभी तक ये समझ रहे थे कि ये खूबसूरत और हसीं वाकया सिर्फ उनके साथ ही हुआ है पर यहाँ तो बात कुछ और थी. उस से भी ज्यादा, उनकी अपनी बहन दोनों भाइयों के सामने ऐसे खुले में चूत, चूचियां और लौड़ा जैसे शब्दों का उपयोग कर रही थी वो भी बेधड़क.
दोनों एक दूसरे को देखते रह गए और कुछ पल तक बातों को समझने का प्रयास करते रहे.
फिर उनकी इस ख़ामोशी को मयूरी ने तोड़ते हुए बात को साफ़ किया- हाँ… तुम दोनों ज्यादा आश्चर्यचकित मत होओ… मैंने तुम दोनों को अपनी इस प्यारे से शरीर के दर्शन भी कराये हैं और बहुत हद तक मजा भी दिया है.
विक्रम और रजत एक साथ- कककक… क्या????
मयूरी- हाँ… तुम दोनों बिल्कुल सही सोच रहे हो. भैया, कल शाम को तुम्हें बहुत मजा आया ना जब तुम मेरी चूत को जोर-जोर से चाट रहे थे और अपना लंड तुमने मेरे मुँह में पेल दिया?
विक्रम हकलाते हुए- मम… मैं… मैं… वो… वो…
मयूरी- कोई बात नहीं, मुझे भी बहुत मजा आया… और तुम रजत, तुम्हें तो मेरी गांड का छेद बहुत प्यारा लगता है न? आज सुबह ही तुमने पहले अपनी उँगलियों से फिर अपनी जीभ से… बहुत मजा लिया?
ऐसा कहते हुए मयूरी ने अपना टॉप निकाल फेंका और उसको हवा में लहराते हुए रजत के मुँह पर फेंक दिया.
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RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
फिर वो आगे बोली- रजत, जब तुम मेरी चूचियों को जोर-जोर से उमेठ रहे थे तो सच कह रही हूँ कि मुझे भी बहुत मजा आया… तुम्हारे लंड से निकले हुए पानी के एक-एक बून्द का स्वाद मुझे तृप्त कर रहा था.
रजत और विक्रम अब भी बात को समझ नहीं पा रहे थे. वो कभी मयूरी को देखते तो कभी एक-दूसरे को.
मयूरी ने फिर आगे बात की- मैं यह साफ़ कर देना चाहती हूँ कि अभी तक मेरा तुम दोनों के साथ जो भी हुआ, उसके लिए मैं एकदम शर्मिंदा नहीं हूँ, बल्कि मुझे इस बात का बहुत ख़ुशी है कि मेरी इस जवानी को कोई बाहर वाला लूटे, इससे पहले मेरे अपने भाई इस का मजा लें और मुझे भी मजा दें. पर मैंने इस विषय में बहुत सोचा, और फिर इस निर्णय पर आयी कि मैंने तुम दोनों से हमेशा एक जैसा प्यार किया है. तुम दोनों मुझे अपनी जान से भी ज्यादा प्यारे हो… मैंने हर साल राखी भी तुम दोनों की कलाई पर एक-साथ बाँधी है…
विक्रम और रजत मूक बने बस मयूरी की बात को सुन रहे थे और समझने की कोशिश कर रहे थी कि वो आखिर चाहती क्या है?
मयूरी ने अपनी बात पूरी की- तो बहुत विचार-विमर्श के बाद मैंने यह निर्णय लिया है कि तुम दोनों अगर चाहो तो मेरी चूत का आधा ही नहीं, बल्कि पूरा मजा ले सकते हो… अपना लंड इसमें डालकर मेरी चूत को निहाल कर सकते हो और अपनी इस बहन का जीवन तृप्त कर सकते हो. पर एक शर्त होगी!
विक्रम और रजत फिर एक साथ थोड़ी ख़ुशी और थोड़े आश्चर्य के साथ- क्या शर्त?
मयूरी- अगर तुम दोनों मेरी इस चूत का आगे कभी भी मजा लेना चाहते हो तो…
विक्रम और रजत ने उसकी बात को बीच में काटते हुए उत्साह से पूछा- तो?
मयूरी थोड़ा मुस्कुराती हुई- अरे धैर्य रखो… बता रही हूँ… बता रही हूँ… मैं देख रही हूँ कि तुम दोनों भाई अपनी बहन को चोदने के लिए उतावले हुए जा रहे हो.
विक्रम और रजत एक दूसरे की तरफ देखते हुए झेंप से जाते हैं.
मयूरी आगे बोली- तो, अगर तुम दोनों मेरे इस जिस्म का पूरा मजा लेना चाहते हो, मेरी इन गोल-गोल भारी-भारी चूचियों को पकड़कर मसल देना चाहते हो, मेरी गांड के छेद पर फिर से अपनी जबान को फेरना चाहते हो, मेरी चूत को अगर चोदना चाहते हो तो तुम दोनों को ये एक साथ करना पड़ेगा.
विक्रम गुस्से से- मतलब?
मयूरी- मतलब कि मैं तुम दोनों पर एक-साथ अपनी जवानी लुटाना चाहती हूँ.
विक्रम- यह नहीं हो सकता?
मयूरी- क्यूँ नहीं हो सकता?
विक्रम- इसने मेरी गर्लफ्रेंड के साथ…
मयूरी- अरे भैया… तुम पागल हो क्या? रजत भी तो यही बोल सकता है? पर तुम दोनों समझ क्यूँ नहीं रहे कि सपना ने तुम दोनों का चूतिया बनाया है वो भी एक साथ… रजत ने जो भी किया उसकी मर्जी से ही किया न? उसके साथ को जबरदस्ती तो नहीं की न?
विक्रम- वो जो भी है? पर मैं इस धोखेबाज के साथ कुछ शेयर नहीं कर सकता.
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RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
अंदर जाते ही रजत ने बातचीत की पहल की:
रजत- भैया… मुझे सच में नहीं पता था कि आपका सपना के साथ कुछ चक्कर चल रहा है? और जिस दिन मुझे पता चला उसी दिन से मैंने उस से बातचीत करना बंद कर दिया. कसम से…
विक्रम- मैं अब समझ गया छोटे… ये मेरी ग़लतफहमी थी… मयूरी सच कह रही है, सपना ने हम दोनों का चूतिया काटा है… पर मैं यह बात समझ नहीं पाया… मुझे माफ़ कर दे…
और ऐसा कहते हुए विक्रम रजत के गले लग गया… फिर रजत ने कुछ महसूस किया और बोला शरारती अंदाज में- भैया… आपका लंड तो अभी से खड़ा है?
विक्रम झट से उसके लंड को पकड़ते हुए- और ये क्या है? तेरा खड़ा नहीं है क्या?
रजत हँसते हुए- पर भैया… अपने अपनी छोटी बहन की चूचियां दबायी… चूत चाटी और उसको अपना लंड भी चुसाया? छी… छी… आपको शर्म नहीं आयी?
विक्रम- और तूने…? अपनी बड़ी बहन की चूचियों को मसला? उसकी चूत तो चाटी ही, उसकी गांड भी चाटी? और अब तेरा ये लंड उसकी चूत फाड़ने को बेताब है?
रजत- हाँ भैया… जिसकी बहन इतनी धमाकेदार माल हो, वो अपनी बहन को चोदे बिना कैसे रह सकता है? पता नहीं अब तक कैसे मैंने अपने आपको कण्ट्रोल में रखा… जब भी इसकी भारी-भारी चूचियों और बड़े-बड़े गांड को देखता तो तो बस मुठ मार के रह जाता था. पर आज ईश्वर ने ये मौका दिया है… चलो… दोनों भाई पक्का बहनचोद बन जाते हैं… और उसकी चूत के चीथड़े उड़ाते हैं.
विक्रम- हाँ मेरे भाई… सपना ने अपनी चूत मारने नहीं दी, पर इसकी तो मैं छोडूंगा नहीं… चल!
दोनों भाई कमरे से बाहर आये और मयूरी के पास पहुंचे. बाहर आते ही दोनों ने मयूरी की ब्रा को निकाल फेंका और उसकी एक एक चूची को अपने हाथ में भर लिया.
फिर विक्रम बोला- मयूरी, तू यही चाहती है ना कि हम दोनों भाई एक साथ तुझे चोदें… तो तेरी ये ख्वाहिश हम जरूर पूरी करेंगे… हमने अपनी पुरानी बातों पर सुलह कर ली है… और अब तुझे एक-साथ अपने दोनों भाइयों का लंड का मजा मिलेगा… अब तो तू खुश है न?
मयूरी को पक्का पता था कि यही होने वाला है. इतनी अच्छी चूत चटाई और लंड चुसाई के बाद मयूरी के शरीर का भोग करने से तो स्वयं भगवान् भी मना नहीं कर सकते थे, ये तो फिर भी दो सामान्य इंसान थे.
विक्रम की बात सुन लेने के बाद ख़ुशी से अपने दोनों भाइयों का लंड अपने एक-एक हाथ में भरते हुए मयूरी बोली- हाँ मेरे भाइयो… मुझे पता था… तुम दोनों मेरी जवानी की प्यास को ऐसे तड़पने के लिए नहीं छोड़ोगे… मुझे पता था कि तुम मेरी राखी का कर्ज जरूर उतारोगे. आओ मेरे बहनचोद भाइयो… चोद दो अपनी बहन को… और इतना चोदो कि मैं तृप्त हो जाऊँ… मेरी जवानी की प्यास बुझ जाये.
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