Kamukta Story परिवार की लाड़ली
04-20-2019, 02:24 PM,
#51
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
मयूरी- आह… भैया… मुझे बहुत मजा आ रहा है… पेलो… पेल दो अपना लौड़ा… मेरी चूत में… आह…
मयूरी की ऐसी बातों से विक्रम का हौसला बढ़ गया और उसने एक और जोरदार झटका अपने लंड का उसकी चूत पर लगाया. इस बार उसका पूरा लंड मयूरी की चूत के अंदर चला गया.

मयूरी दर्द और आनन्द के मिले-जुले स्वर में बोली- आह… माँ… बहुत मजा आ रहा है भैया… है… आ… हां… आ…

अब विक्रम ने चुदाई की गति बहुत तेज़ कर दी और कमरे में मयूरी और उसके बेहेनचोद भाई विक्रम की चुदाई की आवाजें गूँजने लगी.

इधर रजत अब मयूरी की चूचियों को छोड़कर उठकर उसकी चूत के पास आकर बड़े गौर से अपने भाई-बेहेन की चुदाई का दृश्य एकदम समीप से देखने लगा.
विक्रम अभी होश में नहीं था… वो अपनी बेहेन की धुआंधार चुदाई में पूरी तरह व्यस्त था. विक्रम लगातार जोर-जोर से धक्के लगाए जा रहा था. घर के हॉल में मयूरी की सिसकारियां और विक्रम की जांघों का मयूरी की जांघों के बार-बार आपस में टकराने की थप-थप की आवाजें आ रही थी.

करीब 15 मिनट की जोरदार बेहेन की चुदाई के बाद अब विक्रम का लंड पानी छोड़ने वाला था… वो जोर से बोला- मयूरी बहना … मैं आने वाला हूँ… क्या करूँ?
मयूरी- प्लीज भैया… अपने लंड का पानी आज मेरी चूत में ही छोड़ना… मैं इस चुदाई का पूरा सुख लेना चाहती हूँ… आ… ह…
विक्रम- फिर ये लो… आ… आह…

और ऐसा कहते हुए हो एक झटके के साथ अपना वीर्य पहली बार अपनी छोटी बेहेन की चूत में छोड़ दिया. मयूरी को अपने अंदर विक्रम का गरमागर्म वीर्य महसूस हुआ… वो इस आनन्द का अनुभव अपनी आँखें बंद करके करने लगी और उसका बड़ा भाई अपनी बेहेन के नंगे बदन पर ही एक कटे हुए वृक्ष की तरह गिर गया.

अब तक विक्रम और मयूरी दोनों ही इस घनघोर चुदाई के कारण थक चुके थे. दोनों की साँसें बहुत ही ज्यादा तेज़ हो चुकी थी और दोनों एक दूसरे की धड़कने को आराम से सुन और महसूस कर सकते थे… मयूरी अभी एकदम तृप्त महसूस कर रही थी.

इन दोनों को थोड़ी देर आराम करने के बाद विक्रम मयूरी के रसीले होंठों को चूसने लगा… रजत ने मयूरी की पास ही पड़ी पैंटी से उसकी चूत को साफ़ किया. मयूरी ने देखा कि उसकी चूत के आस-पास थोड़ा बहुत खून लगा हुआ था और कुछ खून विक्रम के लंड पर भी लगा हुआ था. पर ये सब देख कर भी वो एकदम सामान्य थी, बल्कि वो खुश थी…

मयूरी उठी और बाथरूम की तरफ बढ़ने लगी. चुदाई के बाद से उसको पेशाब भी आ रहा था और वो अपना चूत में लगा खून और विक्रम के लंड से निकला हुआ माल भी साफ़ करना चाहती थी. वो जानती थी कि थोड़ी ही देर में उसका छोटा भाई रजत भी उसकी चूत में चटनी कूटने वाला था, पर इस बात के लिए वो भी बहुत ज्यादा उत्साहित थी. वो अपने छोटे भाई को बड़ा होते हुए देखना चाहती थी. वो चाहती थी लो जब उसका छोटा भाई अपनी बेहेन की चूत की ताबड़तोड़ चुदाई करे तो वो एक-एक पल का पूरा आनन्द ले. इसीलिए वो पहले ही अपनी चूत की सफाई कर लेना चाहती थी.
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04-20-2019, 02:25 PM,
#52
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
थोड़ी देर में जब मयूरी बाथरूम से वापिस आयी तो विक्रम भी पेशाब करने और अपने लंड को साफ़ करने बाथरूम गया और थोड़ी देर में नग्न ही वापिस भी आ गया.

मयूरी आते ही रजत के ऊपर चढ़कर बैठ गयी जो इस वक्त सोफे पर लेटकर मयूरी को अपनी ओर आते हुए देखकर आराम से अपने लंड को सहला रहा था. इतना ज्यादा थक जाने के बावजूद भी शायद वो इस वक्त आराम करने के मूड में नहीं थी. मयूरी रजत के सीने पर चढ़ी हुई थी और रजत ने अपने हाथ मयूरी के मस्त गोल-गोल बड़ी-बड़ी चूचियों को सहलाने और थोड़ी ही देर बाद उनको जोर-जोर से बड़ी ही बेदर्दी से मसलने में व्यस्त हो गया. रजत मयूरी के चूचियों से बहुत ही ज्यादा आकर्षित हो जाता था, शायद वो उनको बहुत ही ज्यादा पसंद थी, और उसका ये आकर्षण एकदम जायज था, मयूरी की जैसी चूचियाँ थी, उनकी तरफ किसी का भी तेज़ आकर्षण बहुत ही सामान्य था.

थोड़ी देर मयूरी की मस्त चूचियों से खेलने के बाद रजत ने मयूरी को सोफे पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ गया. अब वो मयूरी के ऊपर से उसकी चूचियों से खेल रहा था.

इतनी देर में विक्रम भी बाथरूम से आ गया और मयूरी की मस्त चूचियों से खेलने लगा. दोनों भाई अपनी बेहेन की चूचियों का साथ में मजा ले रहे थे और मयूरी अपने दोनों भाइयों को अपने से इतना प्यार करते हुए देखकर आनन्दित हुई जा रही थी.

थोड़ी देर ऐसे ही खेलने के बाद विक्रम ने रजत से कहा- छोटे … तो तू तैयार है अपनी बड़ी बेहेन को चोदने के लिए?
रजत- हाँ भैया… बिल्कुल…
विक्रम- तो मैं इसकी चूत को थोड़ा गीला कर देता हूँ, जिससे तुम दोनों को परेशानी काम और मजा ज्यादा आये.

और ऐसा बोलकर विक्रम ने मयूरी की चूत का रुख किया, वो उसकी चूत (जिसकी सील उसने थोड़ी देर पहले ही तोड़ी थी) को अपनी जीभ से चाटने लगा. उसके ऐसा करने से उसकी छोटी बेहेन की चूत दो कारणों से गीली होने लगी – एक तो उसके चूत के अंदर से थोड़ा थोड़ा पानी निकल रहा था और दूसरा विक्रम के मुँह से थूक निकलकर उसकी छोटी बेहेन की चूत गीली कर रहा था.

थोड़ी देर तक ऐसे ही करने के बाद जब बड़ा भाई आश्वस्त हो गया कि उसकी बेहेन की चूत एकदम गीली हो गयी है तो वो रजत का लंड अपने हाथ में लेकर बोला- मेरे भाई, अब तुम ये अपना लौड़ा अपनी बेहेन की इस खूबसूरत और गहरी मगर टाइट चूत में पेल सकते हो. ये एकदम तैयार है… मगर मेरे हिसाब से तुम्हें अपना लंड भी थोड़ा गीला कर लेना चाहिए.
रजत थोड़ी शैतानी से मुस्कुराते हुए- तो तुम कर दो गीला!
विक्रम आश्चर्य के साथ- मतलब?
रजत- अरे… जैसे तुमने दीदी की चूत को गीली किया, वैसे ही मेरा लंड अपने मुँह में लेकर इसको भी गीला कर दो…
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04-20-2019, 02:25 PM,
#53
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
रजत के ऐसा कहने से मयूरी और रजत दोनों धीरे-धीरे मुस्कुराने लगते हैं. पर थोड़ी देर में दोनों की मुस्कुराहट आश्चर्य के मारे मुँह खुला का खुला रह जाता है क्यूँकि विक्रम ने कुछ अप्रत्याशित से कर दिया था- अगर ऐसी बात है तो ठीक है… मैं तुम दोनों के लिए कुछ भी कर सकता हूँ.
और ऐसा कहते ही विक्रम अपने छोटे भाई का मोटा सा लंड अपने मुँह में गपाक से डालकर उसको चूसने लगा.
विक्रम- म… ग… प… क… म…

रजत और मयूरी को विश्वास नहीं हुआ विक्रम ऐसा कर रहा है. मयूरी मन में ही सोचने लगी ‘देखो, जो भाई सुबह तक एक दूसरे से बात तक नहीं कर रहे थे वो अभी एक दूसरे का लंड चूसने को भी तैयार हैं…’
रजत अपने लंड को अपने भाई के मुँह में महसूस कर के बहुत ही ज्यादा आनन्द ले रहा था. उसको तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उसके साथ ऐसा हो रहा है. कल से लेकर आज तक उसकी बड़ी बहन ने उसका लंड कई बार चूसा था और आज देखो, उसका अपना बड़ा भाई उसका लंड कितने मजे से चूस रहा है.

थोड़ी देर तक विक्रम अपने छोटे भाई के लंड को चूसने के बाद जब आश्वस्त हो गया कि उसका लंड काफी गीला हो गया तो उसके लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल कर बोला- भाई… अब ये तेरा लंड हमारी बहन मयूरी की चूत की चुदाई के लिए बिल्कुल तैयार है… चल शुरू हो जा… और चोद दे इसकी चूत को… पूरा कर दे इसका अरमान अपने दोनों भाइयों से चुदाने का…
रजत- बिल्कुल मेरे भाई…

और ऐसा कहकर रजत ने अपना लंड मयूरी की चूत पर सेट किया और एक जोरदार झटका मारा, मयूरी को हल्का सा दर्द हुआ पर उस से भी ज्यादा आनन्द मिला और वो उस पल के आनन्द में खो गयी- आह… आ… आए… आई… आह…

उसकी ऐसे आवाज़ निकलने से रजत और उत्साहित हो गया और उसने एक और झटका मारा. अब रजत का पूरा लंड मयूरी के चूत के अंदर था और रजत ने झटके मारने शुरू कर दिए थे. वह अब ताबड़तोड़ झटके मारें लगा. मयूरी की चूत बड़ी ही टाइट थी और उसका एहसास रजत को भी हो रहा था पर वो इस समय बस चुदाई में लगा रहना चाहता था.

विक्रम ने अपना लंड मयूरी के मुँह में डालकर उसके मुँह की चुदाई करने लगा. अब मयूरी के मुँह से निकलने वाली आवाज़ें उसके मुँह में ही जैसे दबी जा रही थी. मयूरी इस समय जैसे स्वर्ग में थी. उसके अपने दोनों भाई उसकी जबरदस्त चुदाई में लगे हुए थे. आज ही उसकी चूत की सील उसके अपने बड़े भाई ने तोड़ी थी और अब छोटा भाई उसकी चूत में जैसे चटनी कूट रहा था. साथ ही उसका बड़ा भाई उसके मुँह को चोद रहा था. उसको इस से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए था इस वक्त.

लगभग 12-15 मिनट की लगातार चुदाई के बाद उसके दोनों भाई झड़ गए. रजत ने मयूरी की चूत में ही अपना पूरा वीर्य छोड़ दिया और विक्रम में उसके मुँह में… मयूरी विक्रम के लंड से निकले एक-एक बून्द को चाट-चाट कर साफ़ किया और अपने हलक से नीचे अमृत की तरह उतार लिया, साथ ही अपने छोटे भाई के लंड से निकले वीर्य की गर्मी और आनन्द को भी अपने चूत में महसूस कर रही थी.
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04-20-2019, 02:25 PM,
#54
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
तीनों जब इस घनघोर चुदाई के बाद थक गए तो एक साथ ही सोफे पर एक दूसरे पर गिर गए लेकिन थोड़ी ही देर में तीनों इस चुदाई के खेल के लिए फिर से तैयार हो गए.
एक और बार चुदाई के दौर से गुजरने के बाद तीनों भाई बहन नहाने के लिए बाथरूम में गए और एक साथ ही नहाने लगे. नहाते समय रजत विक्रम का लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और तीनों फिर से नहाते-नहाते ही चुदाई करने लगे.

इस तरीके से अगले दो दिन में तीनों भाई बहिन के बीच चुदाई का सिलसिला चलता रहा. तीनों ने अपना कॉलेज और कोचिंग छोड़कर तब तक घर में रहने का निर्णय लेते हैं जब तक उनके माता-पिता वापिस नहीं आ गए और इस दौरान घर में बस चुदाई ही चुदाई चलती रही.

दो दिन बाद शीतल और अशोक वापिस आये. इसके बाद भी इन भाई बहन के बीच चुदाई बंद नहीं हुई. कारण था इन तीनों का घर में एक ही कमरा होना.
रात को तीनों को चुदाई करने का पूरा मौका मिलता और तीनों इस मौके को कभी जाने नहीं देते, बस दुःख यह था कि तीनों खुलकर उस दिन जैसा चुदाई नहीं कर पा रहे थे. उनके माता-पिता को भनक तक नहीं थी कि उनके बच्चे आपस में भी चुदाई कर रहे हैं.

एक रात को तीनों के इस ख़ामोशी भरे चुदाई के बाद बातचीत शुरू हुई.

रजत मायूसी से- ऐसे तो अब मजा ही नहीं आ रहा यार…
मयूरी- ऐसे कैसे?
रजत- अरे.. मतलब अपनी ही बहन को अपने ही घर में चोदो मगर खुल के अपने मुँह से आवाज़ तक नहीं निकाल सकते?
मयूरी- रजत, तुम अपनी बहन को अपने घर में चोद रहे हो, किसी रंडी को नहीं…

विक्रम- छोटे, जब तुम अपनी बीवी को चोदना ना, तो जोर-जोर से चोदना और खूब आवाज़ निकालना…
रजत- अच्छा?
विक्रम- हाँ और क्या…
रजत- भैया, तुम भी आ जाना मेरे कमरे में… फिर दोनों भाई जैसे दीदी को चोदते हैं एक साथ, वैसे ही मेरी बीवी को भी चोदेंगे.
विक्रम- आईडिया बुरा नहीं है.
मयूरी- पर ये तब हो पायेगा जब तुम्हारी बीवी इस बात के लिए मानेगी… और हर लड़की तुम्हारी अपनी बहन मयूरी नहीं है… की तुम दोनों का लंड एक साथ लेने को तैयार हो जाएगी.
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04-20-2019, 02:25 PM,
#55
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
रजत- हाँ… ये बात तो है… पर तुमको एक साथ चोदने में बड़ा मजा आता है दीदी… आई लव यू…
मयूरी- आई लव टू मेरे भाइयो… पर तुम्हारी एक बात सही है.
विक्रम- क्या… कौन सी बात?
मयूरी- ऐसे ख़ामोशी से चुदाई करने में मजा तो नहीं आता…
विक्रम- हाँ… ये बात तो है. पर क्या कर सकते हैं… घर में मम्मी पापा होते हैं. कम से कम मम्मी तो घर में जरूर होती है… दिन में भी!

मयूरी सोचने लगी कि अगर अपनी चुदाई में माँ को भी शामिल कर लिया जाये तो यह समस्या ख़त्म हो सकती है. और फिर वो अगर ये करने में कामयाब हो जाती है तो वो पापा को भी चोद सकती है क्यूँकि इसके बाद माँ मयूरी को अपने बाप से चुदने के लिए मना नहीं कर पायेगी क्योंकि वो खुद अपने दो जवान बेटों से चुद रही होगी. लेकिन ये इतना आसान नहीं होगा. वो सीधे तो अपने बेटों से चुदने को शायद कभी तैयार ना हो… पर मयूरी को फिर याद आती है अपनी सहेली हिना… वो हीना जिसके अपनी माँ साथ साथ सेक्सुअल सम्बन्ध थे. मतलब दो औरतों के बीच भी आकर्षण की वजह से सेक्स सम्बन्ध संभव है. और मयूरी तो बला की खूबसूरत है… तो उसने अपने हुस्न को हथियार बना कर अपनी माँ का ही शिकार करने का मन बनाया.

फिर वो हल्के से मुस्कुरायी और अपने भाइयों से बोली- अभी तुम दोनों सो जाओ… कल जल्दी जागना है.
और फिर तीनों सो गये.

पर मयूरी अपने अगले मिशन पर लग जाती है.

अगली सुबह अशोक अपने दफ्तर चला गया और दोनों लड़के पढ़ाई करने कॉलेज और कोचिंग. घर में अगले 3 घंटे के लिए मयूरी और उसकी खूबसूरत माँ अकेली थी थे और कोई डिस्टर्ब करने वाला नहीं था.
मयूरी उठी और उसने अपनी माँ को सर से पैर तक अच्छे से ताड़ा. शीतल एक घरेलू काम-काजी महिला थी पर अन्य औरतों की तरह उम्र का असर उसके शरीर पर ज्यादा हुआ नहीं था. वो देखने में एकदम छरहरी और खूबसूरत थी. कमर अभी भी पतली जैसे किसी 30 साल की महिला की होती है, बाल घने और लम्बे, होंठ पतले और रसभरे, चूचियां तनी हुई, गांड ऐसी की पीछे से कोई भी मर्द देखे तो बस देखता ही रह जाये.

मयूरी ने अंदाजा लगाया कि अगर शीतल किसी भी चौराहे से गुजरे तो उस चौराहे के सारे मर्दों की नज़र उसके शरीर से हट नहीं पायेगी. शायद यही वजह है कि अशोक अब भी शीतल से बहुत प्यार करते हैं और लगभग रोज़ ही शीतल की जबरदस्त चुदाई करते हैं.

विक्रम और रजत ने भी बताया था कि वो दोनों ही अपनी मॉम के नाम की मुठ अकसर ही मारते हैं.

शीतल ने अभी एक नाइटी पहनी हुई थी और इस वस्त्र में उसके चूचियों और गांड के उभार साफ़ झलक रहे थे. शीतल के अंगों का का इतना विस्तारपूर्वक दर्शन करने के बाद अब तो मयूरी की चूत में भी कुछ-कुछ होने लगा था. मयूरी ने अपने शॉर्ट्स के अंदर हाथ डाल के अपनी चूत में एक उंगली डाली और थोड़ी देर हल्के हल्के मजे लेने के बाद वो अपनी इस प्यारी माँ की तरफ बढ़ी.
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04-20-2019, 02:25 PM,
#56
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
शीतल अपने कमरे में जहाँ वो अशोक के साथ सोती थी और रोज़ अलग-अलग अंदाज़ में चुदवाती थी, वहाँ का बिस्तर ठीक कर रही थी. मयूरी पीछे से जाकर अपने माँ को गले लगाती है जैसे बच्चे अपनी माँ में लाड़-प्यार से चिपक जाते हैं. पर आज मयूरी के मन में वैसा प्यार नहीं बल्कि हवस और वासना ने जगह ले रखी थी.

शीतल अब भी बिस्तर ठीक कर रही थी, मयूरी शीतल से पीछे से चिपकते हुए उसके गर्दन वाले भाग पर प्यार भरा चुम्बन देते हुए बोली बच्चों की तरह ठुमकते हुए- माँ…
शीतल- हाँ बेटा, उठ गया मेरा बच्चा?
मयूरी- हाँ माँ… पर…
शीतल- हाँ.. बोलो बेटा…
मयूरी- माँ… आज मेरे बदन में बहुत दर्द हो रहा है.
शीतल चिंतित होते हुए- क्या हुआ बेटा… सब ठीक है ना?
मयूरी- हाँ माँ.. बस थोड़ा बदन दुःख रहा है.
शीतल- मालिश कर दूँ तेरे बदन की?
मयूरी- हाँ माँ… प्लीज कर दो… बहुत दुःख रहा है.
शीतल- ठीक है… तुम कपड़े उतारो और लेट जाओ… मैं तेल लेकर आती हूँ.
मयूरी खुशी से- ओके मेरी प्यारी माँ…

और शीतल रसोई की तरफ बढ़ गयी.

इतनी देर में मयूरी ने अपना टॉप और शॉर्ट्स निकाल दिया. फिर उसके मन में कुछ ख्याल आया और उसने अपनी ब्रा और पैंटी भी निकाल दी और पास में पड़ा एक तौलिया लपेट लिया.
उसको पता है कि तौलिये में उसका शरीर और भी मादक और कामुक लगता है. उसकी ये विशाल चूचियां और ये बड़े-बड़े चूतड़ आधे से भी ज्यादा बाहर दिख रहे होते हैं. उसकी गोरी गोरी मांसल जांघें जैसे चमक रही होती हैं और इन सब चीजों पर से इंसान तो क्या फ़रिश्तों की भी नज़र नहीं हट सकती.

इतनी देर में शीतल रसोई से एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर कमरे में दाखिल हुई. शीतल मयूरी को ऐसे देख अवाक्-सी रह गयी. ऐसा नहीं है की उसने मयूरी को पहले कभी नंगी नहीं देखा था पर अभी पता नहीं क्यूँ वो बहुत ही कामुक लग रही थी और शीतल को इतनी हसीं लड़की को देखकर अपने शरीर में एक अलग तरह का गनगनाहट महसूस हुई, उसका मुँह खुला का खुला ही रह गया.

मयूरी, उसकी अपनी बेटी आज उसको कुछ अलग ही तरह की खूबसूरत लग रही थी. वो उसके शरीर में कुछ नयी भावनाओं और तरंगों को जागते हुए महसूस कर पा रही थी.

इतनी देर एकटक देखने के बाद मयूरी ने अपने सवाल से शीतल की तन्द्रा तोड़ी- माँ… मैं लेट जाऊँ?
शीतल जैसे नींद से जागते हुए- ह.. हाँ… तुम लेट जाओ…
मयूरी अपनी माँ के इस व्यव्हार को अच्छे से नोटिस करती है और वो समझ गयी कि उसकी चाल एकदम सही दिशा में है.
पर वो बिना कुछ व्यक्त किये चुपचाप बिस्तर पर सीधा लेट गयी जिससे उसका चेहरा, चूचियां और चूत ऊपर की दिशा में हों और शीतल को दिखाई दें.
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04-20-2019, 02:25 PM,
#57
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
शीतल मयूरी में आज पता नहीं क्यूँ … पर अपनी वो छोटी सी, प्यारी-सी बेटी नहीं देख पा रही थी, बल्कि वो एक खूसबूरत नायब औरत देख रही थी जो उसकी काम-इच्छाओं को जागृत कर रही थी. उसके चेहरे के भाव बदल रहे थे और वो इन भावों को दिखाना नहीं चाहती थी इसलिए उसने मयूरी को कहा- तुम उल्टी लेट जाओ.. पहले तुम्हारे पीठ की मालिश कर दूँ.
मयूरी- ठीक है माँ!
और मयूरी उल्टी होकर लेट गयी.

पर अब बात और भी बिगड़ने वाली थी क्योंकि पीठ की मालिश करने के लिए तौलिये को उतारना जरूरी था. शीतल पता नहीं क्यूँ … पर आज थोड़ा घबरा रही थी मयूरी से ये कहने में कि अपना तौलिया उतार दे.
पर थोड़ी देर सोचने के बाद उसने हकलाते हुए धीरे से कहा- अ… अपना ये… ये… तौलिया… उतार दे.

मयूरी उसके भावों के बदलाव को अच्छे से नोटिस कर रही थी पर कुछ बिना व्यक्त किये हुए उसने अपना तौलिया उतार कर बगल में रख दिया. अब शीतल के सामने मयूरी एकदम आदमजात नंगी लेटी हुई थी. शीतल मयूरी की इस नायब शरीर का निरीक्षण करने में लग गयी कि ईश्वर ने कितनी फुर्सत से बनाया होगा. मयूरी की पीठ का आकार बहुत की प्रभावशाली था और उसकी गांड तो बस… कमाल की थी.

अपने भावनाओं को काबू करने की कोशिश करते हुए शीतल अपने हाथ में थोड़ा से तेल लेकर मयूरी के पीठ पर लगाकर मालिश करना शुरू किया. पर आज इस मालिश में शीतल को एक अलग ही प्रकार का आनन्द आ रहा था. एक तो वो समझ नहीं पा रही थी कि किसी स्त्री के प्रति उसका ये आकषण इतना तेज़ क्यूँ है… और वो भी अपने खुद की बेटी के ऊपर… पर जो भी हो, आज उसको मयूरी के पीठ की मालिश करने में एक अलग ही मजा आ रहा था.

इधर शीतल भी इसका सम्पूर्ण आनन्द ले रही थी.

थोड़ी देर पीठ की मालिश करने के बाद शीतल का हाथ अपने आप ही मयूरी के गांड की गोलाइयों पर चला गया और वो बड़े प्यार से उनका मालिश करने में लग गयी. उसे पता ही नहीं चला कि कब वो पीठ की मालिश करते करते मयूरी के गांड की तरफ मुड़ गयी और वो अपने धुन में उसकी गांड की मखमल जैसी सतह हो बड़े प्यार से मालिश करते-करते उसकी गांड की छेद में भी अपना हाथ डालने लगी. शीतल ने मयूरी के गांड के छेद वाले जगह की गर्मी को महसूस किया और इस से उसकी काम वासना और भी बढ़ रही थी.

इसी बीच उसने मयूरी की जांघों को भी मसलना शुरू कर दिया था. शीतल को एक बात का पूरा फायदा मिल रहा था कि मयूरी अभी उसके चेहरे का भाव नहीं देख पा रही थी और इस वजह से वो एकदम बिंदास होकर ये करने का आनन्द लेने में व्यस्त थी.
एक बार अनायास ही उसके एक उंगली मयूरी के गांड की छेद में डाल दी, इससे मयूरी चिहुंक सी पड़ी और शीतल को जैसे अपने पकड़े जाने का एहसास हुआ. उसने अपने भाव छुपाते हुए बात को बदलने के मन से मयूरी को तुरंत ही पलट जाने को कहा.

मयूरी तुरंत ही पलट गयी और अब शीतल के सामने जो नज़ारा था, वो उसको बहुत ही ज्यादा उत्तेजित कर रहा था. अब वो मयूरी की दो विशाल चूचियों का बिकुल सामने से दर्शन कर पा रही थी, साथ ही साथ वो उसकी चूत और उसके आस-पास के क्षेत्र जैसे गोरी-गोरी जांघों को बिल्कुल सामने से देख पा रही थी. पर अपने स्थिति पर काबू करते हुए उसने अपने हाथ में तेल लेकर मयूरी के पेट पर लगाया और मालिश करने में लग गयी.

पर पेट पर वो कितनी देर तक मालिश करती, थोड़ी ही देर में उसको मयूरी की उन विशाल चूचियों का रुख करना पड़ा. जब शीतल ने मयूरी की चूचियों की मालिश शुरू की तो उसको बहुत ही ज्यादा आनन्द आ रहा था. पर इस बात से मयूरी भी अप्रभावित नहीं रह पायी और उसके मुँह से भी आनन्द के स्वर में आहें निकलने लगी.
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04-20-2019, 02:25 PM,
#58
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
मयूरी- आह… आह..
शीतल- क्या हुआ…
मयूरी- कुछ नहीं माँ… बहुत मजा आ रहा है.

शीतल चुप रही और मयूरी की चूचियों को मसलती रही. फिर थोड़ी देर में मयूरी ने बातचीत शुरू किया।
मयूरी- माँ…
शीतल- ह.. हाँ… बेटा…
मयूरी- बहुत दिन से एक बात कहना चाह रही थी आपसे!
शीतल- हाँ.. बोलो?

और इसी बीच शीतल से उत्तेजना की वजह से मयूरी की चूचियों पर थोड़ा ज्यादा दबाव पड़ गया और मयूरी को दर्द और आनन्द दोनों का ज्यादा एहसास हुआ, पर उसके मुँह से आहों की रूप में ये एहसास बाहर निकल गया.
मयूरी- आ.. आह… माँ..
शीतल- सॉरी बेटा… ज्यादा जोर से दबा दिया क्या मैंने?
मयूरी- नहीं माँ… बहुत अच्छा लग रहा है… ऐसे ही करो न… आह!
शीतल- ठीक है बेटा… तो तुम क्या कह रही थी?
मयूरी- माँ… आप गुस्सा तो नहीं करोगे ना…
शीतल- नहीं बेटा… आप बिना डरे अपनी बात बताओ?
मयूरी- माँ… कुछ दिनों से मेरे मन में…
शीतल- बोलो बेटा?
मयूरी- वो… मैं …
शीतल- अरे कोई बात नहीं बेटा… आप बताओ… क्या बात है… डरने की कोई जरूरत नहीं है.

मयूरी- वो कुछ दिनों से मुझे सेक्स करने का बहुत ज्यादा मन होता है…
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04-20-2019, 02:25 PM,
#59
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
शीतल- क्या?
मयूरी- हां माँ.. कभी-कभी तो मन करता है की किसी से भी जाकर सेक्स कर लूँ.
शीतल समझाते हुए- अच्छा…? पर इसमें घबराने या शरमाने की कोई बात नहीं है बेटा… ये सब बिल्कुल सामान्य है… इस उम्र में होता है.
मयूरी- पर मैं ये सब नहीं करना चाहती माँ… क्योंकि इससे मेरी और घर की बदनामी हो सकती है.
शीतल- बिल्कुल सही… एक छोटी से गलती का परिणाम बहुत ज्यादा बुरा हो सकता है.
मयूरी- पर मैं करू क्या माँ… मुझे चुदाई की बहुत तीव्र ईक्षा होती है कभी-कभी!

शीतल अभी भी मयूरी की विशाल और माखन जैसी मुलायम चूचियों की मालिश कर रही है- मैं समझ सकती हूँ… पर तुम्हें अपने मन पर काबू करना होगा… एक बार तुम्हारी पढ़ाई ख़त्म हो जाये फिर तुम्हारी किसी नौजवान लड़के से शादी करा देंगे… फिर जी भर के सेक्स करना… रोज़-रोज़ चुदवाना अपने पति से.
मयूरी- पर माँ… उसमें बहुत वक्त है अभी… मेरे से अब बर्दाश्त नहीं होता.

शीतल कुछ सोचते हुए- अच्छा… अगर तुमसे एकदम बर्दाश्त नहीं हो रहा तो तुम एक काम कर सकती हो!
मयूरी (ख़ुशी से)- क्या माँ?
शीतल- तुम हस्त-मैथुन कर सकती हो…

मयूरी- माँ… मुझे पता है कि हस्त-मैथुन क्या होता है… पर मैंने किया नहीं है कभी… और मुझे थोड़ा अजीब लगता है अपने हाथ से ये सब करने में…
शीतल- अरे… इसमें अजीब क्या है? सब लड़कियाँ करती हैं.
मयूरी- मतलब आप भी करती हो?
शीतल हंसती हुई- नहीं पगली… मेरे लिए तो तेरे पापा है ना… रोज़ खूब चोदते है… तो अब जरूरत ही नहीं पड़ती… लेकिन कभी कभी जब तुम्हारे पापा बाहर जाते है कुछ दिनों के लिए तब मैं अकेले में करती हूँ.

मयूरी- ओ… पर माँ… मुझे तो ये अजीब लगता है बिल्कुल… मतलब अपने हाथ से… कैसे?
शीतल- अरे… आसान है… जब सेक्स का बहुत मन कर रहा हो तो अपनी एक या दो उंगली अपनी चूत में डाल लो… फिर उसको अंदर-बाहर करते रहो… बहुत मजा आता है.
मयूरी- आप मुझे सिखा सकती हो प्लीज?
शीतल- मैं तुम्हें… कैसे??
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04-20-2019, 02:25 PM,
#60
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
फिर शीतल कुछ सोचते हुए बोली- अच्छा ठीक है… अपनी टाँगे चौड़ी कर के फैलाओ… और मुझे अपनी चूत दिखाओ.
मयूरी- ठीक है!
और मयूरी ने अपनी टाँगें फैला दी, नंगी तो वो पहले से ही थी.

शीतल थोड़ा नीचे सरक गयी जिससे वो मयूरी की चूत को अच्छे से देख पाए. फिर वो अपना एक हाथ उसके गुलाबी सी चूत पर फेरती है. मयूरी के मुँह से सिसकारियां निकलने लगती है.
मयूरी- आ… आह… माँ…
शीतल- क्यूँ … मजा आ रहा है?
मयूरी- हाँ माँ… बहुत अच्छा लग रहा है.

शीतल अपनी जवान बेटी की इस खूबसूरत चूत को देखकर अपने अंदर की चुदास की पनप को और तीव्र होता हुआ महसूस कर रही होती है. उसको समझ नहीं आता कि किसी औरत के जिस्म को देखकर उसको ऐसा क्यूँ महसूस हो रहा है. ऐसी भावना उसके मन में पहली बार जन्म ले रही थी इसलिए उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था.

वो बड़े गौर से मयूरी की चूत का निरीक्षण करती है और अपना हाथ उस पर बड़े प्यार से फेरते हुए बोली- मयूरी…
मयूरी- ह.. हाँ… माँ… आह…
शीतल- तुम्हारी चूत तो बहुत खूबसूरत है… एकदम गुलाबी… टाइट… रसीली…
मयूरी- तुम्हें अच्छी लगी माँ?
शीतल- हाँ बेटा… जी करता है कि इसको चूम लूँ.
मयूरी- आह… माँ… तो आपको रोका किसने है… चूम लो… चाट लो… जो करना है वो करो… मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.
शीतल- सच बेटी?
मयूरी- हाँ माँ… आप जो चाहो वो कर सकती हो.

और ऐसा कहते हुए मयूरी ने अपने हाथ अपनी माँ शीतल की गर्दन पर रखे और वो उसके चेहरे को अपनी चूत पर झुका कर दबा दिया. शीतल को तो जैसे इस वक्त यही चाहिए था, वो अपने होंठों से मयूरी की चूत को प्यार करने लगी. पहले तो उसने उसकी चूत की कली को चूमा, फिर अपनी जबान से उसको चाटने लगी. फिर थोड़ी ही देर में वो अपनी जबान मयूरी की चूत के अंदर डालकर कुछ कलाबाजियां दिखाने लगी.

मयूरी के लिए ये नया नहीं था, वो पहले भी कई बार अपनी चूत अपने दोनों भाइयों से चटवा चुकी थी पर एक औरत के होंठों और जबान की बात ही अलग होती है और विशेष रूप से अपनी सगी माँ आपकी चूत चाट रही हो तो उसकी बात ही थोड़ी अलग होती है. उसको अभी कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था अपनी चूत चटवाने में.
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