Kamukta Story परिवार की लाड़ली
04-20-2019, 02:26 PM,
#61
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
खैर, मयूरी की सिसकारियों की आवाज़ अब और तेज़ हो गयी और उसकी तेज़ आहों और सिसकारियों की आवाज़ से शीतल को और जोश मिल रहा था उसे अपनी बेटी की चूत चाटने में. यह उसके लिए पहली बार था जब वो किसी औरत का चूत चाट रही थी, लंड तो वो कई बार चूस चुकी थी अपने पति का … पर यह अहसास थोड़ा अलग था और इसी वजह से उसको कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था.

उत्तेजना के कारण मयूरी अपनी माँ का मुँह अपने हाथ से अपनी चूत पर जोर जोर से दबा दे रही थी जिससे शीतल को कभी कभी साँस लेने में थोड़ी दिक्कत भी हो रही थी पर इस समय वो दोनों कुछ भी कर गुजरने को बिल्कुल तैयार थे. थोड़ी देर मयूरी की रसीली चूत को चाटने के बाद, अब तक मयूरी की चूत ने 3-4 बार पानी छोड़ दिया था और उसकी माँ ने उसकी चूत के पानी का एक-एक बून्द अपनी होंठों और जबान से चाट-चाट कर साफ किया.

अब शीतल ने अपनी बीच की उंगली मयूरी के चूत में डाल दी और मयूरी की चूत पहले से ही गीली होने की वजह से वो आराम से सरसराते हुए अंदर चली गयी. हालाँकि शीतल को उसकी चूत के टाइट होने का अहसास तब भी होता है.
मयूरी अचानक से चिहुंक सी गयी और इसी बीच शीतल अपने हाथ को आगे-पीछे करके मयूरी की चूत को चोदने लगी.

शीतल ने जोश में अब अपने हाथ को मयूरी की चूत में अंदर-बाहर करने की रफ़्तार को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया, मयूरी की सिसकारियां अब बहुत ही ज्यादा तेज़ हो गयी- आ… ह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह… माँ…
शीतल पूरे जोश में जोर से चिल्ला कर- मजा आ रहा है बेटी?
मयूरी- हाँ… माँ… बहुत मजा आ रहा है… आह… ह… और जोर से… करो माँ… आह… ऐसे ही… आ… बहुत मजा आ रहा है माँ… आ… ह…

शीतल अपनी बेटी को बहुत देर तक अपने हाथों से चोदती रही… फिर जबउसकी चूत से ढेर सारा पानी बाहर निकला, तब उसकी चूत का निकला हुआ पानी वो उसी के मुँह में डाल कर बोली- ले बेटा… अपनी चूत का पानी का स्वाद चख… बहुत मस्त है… मैंने इतनी देर में बहुत सारा पिया है ये स्वादिष्ट पानी!

मयूरी ने भी पूरे जोश में अपनी माँ के आदेश का पालन किया और वो सारा पानी चाट गयी.

अपनी माँ के द्वारा अपनी चूत-चटाई और उंगली से चुदाई के बाद मयूरी को अब अपनी योजना बहुत हद तक तो सफल होते हुए नज़र आ रही थी. पर वो इसके पहले की अपनी माँ के साथ अपने बेटों से चुदवाने की बात करे, वो पूरी तरह आश्वस्त हो जाना चाहती थी. इसलिए उसने इस माँ-बेटी के बीच का अनूठा प्यार को और आगे बढ़ाने की बात सोची.
उसने अपना अगली चल चली- माँ…
शीतल- हाँ बेटा?
मयूरी- अ… वो.. क्या मैं… मैं भी आपकी चूत…
शीतल- हाँ बेटा… बिल्कुल… मुझे बहुत ख़ुशी हुई यह बात जानकर कि तुम मेरा चूत चाटना चाहती हो.
मयूरी- तो आप अपने कपड़े उतार दो ना…
शीतल- जरूर…

और शीतल ने अपनी नाइटी उतार फेंकी और उसके साथ ही साथ उसने अपनी काले रंग की ब्रा और पैंटी भी फटाफट से उतार दी जैसे उसको अपनी बेटी से चूत चटवाने की कुछ ज्यादा ही जल्दी हो.
अब वो अपनी नंगी जवान बेटी के सामने खुद भी बिल्कुल नंगी थी.
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04-20-2019, 02:26 PM,
#62
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
मयूरी ने अपनी नंगी माँ को बड़े गौर से देखा और उसके शरीर का निरीक्षण करने लगी. शीतल की उम्र के मुताबिक उसका शरीर बहुत ही ज्यादा जवान और हसीं था. चूचियां बिना ब्रा के भी बड़ी और खड़ी थीं, कमर एकदम पतली और गांड मयूरी की तरह ही बड़ी-बड़ी थी. शीतल बहुत गोरी थी और बिना कपड़ों के वो किसी हीरोइन से कम नहीं लगती थी. शायद यही वजह थी कि अशोक आज भी उसके प्यार में पागल था.

मयूरी ने अपनी नंगी माँ को अपनी तरफ जोर से खींचा और अपने होंठ उसके होंठों से जोड़ दिए. फिर दोनों माँ-बेटी में चुम्बन का एक लम्बा दौर चला… दोनों औरतें जैसे एक-दूसरे को या तो खा जाना चाह रही थीं या एक-दूसरे में जैसे समा जाना चाहती थी.
शीतल ने अपने चुम्बन का अनुभव दिखाया और अपनी जबान मयूरी के मुँह एक अंदर डाल कर कलाबाजियां करने में लग गयी.

दोनों ही औरतें एक दूसरी को चूमने के साथ साथ अपने एक एक हाथ से एक दूसरी की एक एक चूची को मसलने और एक हाथ से एक दूसरे की मुलायम गांड का जायजा लेने में भी उतना ही व्यस्त थी जितना उनके होंठ और जबान चुंबन के उस प्रगाढ़ दौर में व्यस्त थे.

फिर थोड़ी देर और इसी अवस्था में एक दूसरे को प्रेम करने के बाद दोनों औरतों ने 69 की अवस्था अपनायी और एक दूसरे के मुँह से चूत का अभिवादन करने का कार्य शुरू हुआ. दोनों औरतों ने एक साथ एक दूसरी की चूत को चाटना और अपनी-अपनी जबान से एक दूसरी की चूत को चोदना शुरू कर दिया. ज्यादा उत्तेजना की वजह से दोनों ही कभी कभी बीच बीच में अपना मुँह एक दूसरी की चूत में जोर से दबा रही थी.
कमरे में दोनों औरतों की सिसकारियां और आँहें गूंज रही थी.

दोनों का प्रेमालाप करीब बीस मिनट तक ऐसे ही चलता रहा और इतनी देर में दोनों ही माँ-बेटी कई बार झड़ गयी. इतनी देर में दोनों ने एक दूसरी के शरीर के लगभग हर अंग को चाट और चूम लिया था, दोनों ने एक दूसरी की गांड का भी स्वाद ले लिया था और दोनों माँ बेटी के बीच कायम हुए इस नए रिश्ते से काफी खुश लग रही थी.

परन्तु इतनी देर तक लगातार प्रेमलाप के बाद दोनों पसीने-पसीने हो गयी थी और बहुत ही जोर जोर से हांफ रही थी. दोनों की सांस चढ़ी हुई थी और दोनों ही काफी थक चुकी थी.


अब दोनों माँ बेटी थोड़ा आराम करने के मूड से बिस्तर पर लेट गयी और एक दूसरे को बड़े प्यार से देखने लगी. अभी भी दोनों का एक एक पैर एक दूसरे में गुंथा हुआ था और हाथ एक दूसरी की चूचियों को धीरे-धीरे सहला रहे थे.
थोड़ी देर आराम करने के बाद जब दोनों की सांसें थोड़ी धीमी हुई तो मयूरी ने बातचीत शुरू की- माँ!
शीतल- हाँ?
मयूरी- थैंक्स माँ… मुझे बहुत मजा आया… आपके साथ ये करके!
शीतल- मुझे भी बहुत मजा आया बेटा… किसी लड़की या औरत के साथ मेरा भी ये सेक्स का पहले अनुभव था… पर तुम बहुत कमाल की हो… पता है, तुम जिस भी आदमी को पत्नी के रूप में मिलोगी, तुम्हारा ये शरीर पाकर वो आदमी धन्य हो जायेगा.

मयूरी- थैंक्स माँ… पर पता नहीं वो दिन कब आएगा जब मुझे कोई आदमी अपने लंड से चोदेगा… आप तो बहुत भाग्यशाली हो माँ जो आपको पापा का लंड रोज़ मिलता है… मैंने आप दोनों को चुदाई करते हुए कई बार देखा है.
शीतल (आश्चर्य से)- क्या…? सच में?
मयूरी- हाँ माँ… कई बार तो पापा आपकी गांड भी मारते है… और आप बड़े मजे से अपनी गांड में उनका लंड लेकर उछल-उछल कर चुदवाती हो… सब देखा है मैंने…

शीतल (हँसते हुए)- तो तेरा मन उस समय क्या करने का होता है?
मयूरी- मेरा तो मन करता है कि मैं झट से जाकर पापा का लंड अपने मुँह में लेकर पहले तो जोर-जोर से चूस लूँ… फिर अपनी चूत में डालकर खूब चुदुँ.
शीतल (हैरानी से)- मतलब तुझे अपने बाप से के लंड से चुदने का मन करता है?
मयूरी- मेरा तो मन किसी भी मर्द के लंड से चुदने का करता है माँ… फिर चाहे वो कोई भी हो अपना बाप या कोई और मर्द… और वैसे भी, दुनिया के हर लड़की का पहला प्यार उसका बाप होता है… जैसे दुनिया के हर लड़के का पहला प्यार उसकी माँ होती है.
शीतल- हे भगवन… ये तू क्या कह रही है?
मयूरी- सच तो कह रही हूँ माँ…
शीतल- अच्छा? तुझे कैसे पता?

मयूरी- मैंने आपके दोनों बेटों को आपस में बात करते सुना है.
शीतल (उत्सुकता से)- क्या सुना है?
मयूरी- रहने दो… आप यकीन नहीं करोगी!
शीतल- अरे तुम बोलो तो… मैं पक्का यकीन करुँगी.
मयूरी- दोनों भाई आपको एक साथ चोदना चाहते हैं.
शीतल- क्या?
मयूरी- हाँ… जैसे मैंने आपको पापा से चुदते हुए देखा है वैसे उन दोनों ने भी कई बार देखा है और उन्होंने आपको पापा से गांड मरवाते हुए भी देखा है.
शीतल- अच्छा?
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04-20-2019, 02:26 PM,
#63
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
मयूरी- हाँ… और इसीलिए दोनों आपको एक साथ चोदना चाहते हैं… एक आपकी गांड में और एक आपकी चूत में लंड डालकर आपको चोदना चाहते हैं.
शीतल- क्या बात कर रही है?
मयूरी- और नहीं तो क्या? और तो और… वो दोनों… खैर छोड़ो.
शीतल- अरे और क्या?
मयूरी- छोड़ो न…
शीतल (उत्सुकता से)- अरे बता ना… और क्या?
मयूरी- दोनों आपकी पैंटी और ब्रा को हाथ में लेकर अक्सर मुठ मारा करते है… वो भी एक साथ!

शीतल- क्या… तू सच कह रही है?
मयूरी- और नहीं तो क्या? आपके दोनों बेटे आपके सब से बड़े आशिक़ हैं.
शीतल- मुझे यकीन नहीं होता… मुझे तो आजतक ऐसा नहीं लगा?
मयूरी- मैंने तो पहले ही कहा था कि आप यकीन नहीं करोगी.

शीतल- अरे वो बात नहीं है… पर उन दोनों ने तेरे सामने मेरे बारे में ऐसी बातें की?
मयूरी- हाँ… जब मैं सो जाती हूँ तो वो ऐसी बातें करते है… पर कई बार मैं सो रही होती हूँ और उनको ग़लतफहमी हो जाती है कि मैं सो चुकी हूँ और वो अपनी सीक्रेट बातें करने लगते हैं… मैं तो बस चुपचाप सुनकर मजे लेती हूँ… इसमें उनकी कोई गलती थोड़ी है… आप हो ही इतनी खूबसूरत… एकदम मॉल जैसी… आप तीन जवान बच्चों की माँ हो पर लगती हो पच्चीस साल की लड़की जैसी.
शीतल- अच्छा…
मयूरी- अच्छा माँ?
शीतल- हाँ?
मयूरी- एक बात पूछूं?
शीतल- हाँ पूछो.
मयूरी- आप बुरा तो नहीं मानोगी?
शीतल- अरे… तेरे साथ नंगी पड़ी हूँ… अभी तेरी चूत चाटी है… किस बात से डर रही है? बता न… कुछ बुरा नहीं मानूंगी.

मयूरी- आप इतने साल से पापा से चुद रही हो? आपका किसी और मर्द के साथ कोई चुदाई वाला रिश्ता रहा है क्या?
शीतल- मतलब?
मयूरी- मतलब क्या अपने किसी और आदमी का लंड अपने चूत में लिया है कभी?
शीतल- नहीं… कभी किसी और मर्द से तो नहीं चुदवाया… पर…
मयूरी- पर क्या माँ?

शीतल- तुम्हें बता देती हूँ… कभी कभी मन करता है कि किसी और लंड का स्वाद लिया जाये… मतलब किसी और को जी भर के चूमूँ, उसे प्यार करूँ, उसका लंड चूसूँ! उससे अपनी चूत चटवा कर खूब मजे लूँ… फिर बहुत देर तक अलग अलग अवस्था में चुदवा कर मजे लूँ… ऐसा नहीं है कि तेरे पापा ठीक से नहीं चोदते… वो अब भी किसी बांके जवान लड़के की तरह मस्त चोदू आदमी हैं. और मुझे हर बार संतुष्ट भी करते हैं. पर एक ही लंड से चुदवाकर थोड़ी बोर हो गई हूँ बस… पर इस उम्र में अगर किसी और मर्द के साथ ऐसा करती हूँ तो बदनामी का बहुत ज्यादा डर रहता है. और साथ साथ में अब परिवार की इज्जत की भी बात होती है.
मयूरी- हुम्म्म… मैं समझ सकती हूँ.
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04-20-2019, 02:26 PM,
#64
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
फिर थोड़ी देर तक कमरे में बिल्कुल सन्नाटा सा छाया रहा, दोनों औरतें कुछ सोचने लगी कि अचानक मयूरी को जैसे कुछ आईडिया सूझा
मयूरी- माँ… एक आईडिया है…
शीतल- कैसा आईडिया?
मयूरी- आईडिया ऐसा है कि आप अगर चाहो तो आपको नया लंड भी मिलेगा और किसी को कुछ पता भी नहीं चलेगा.
शीतल मुस्कुराते हुए- अच्छा? बता चल… क्या आईडिया आया है तेरे दिमाग में?
मयूरी- देखो… आपकी बात सही है… अगर आप घर के बाहर किसी भी मर्द से चक्कर चलाते हो तो बदनामी तो होगी.
शीतल- बिल्कुल सही… यही मैंने भी कहा… तो इसमें आईडिया कहाँ है?
मयूरी- अरे पूरी बात तो सुनो?
शीतल- अच्छा बताओ…

मयूरी- पर अगर आपको घर में लंड मिल जाये तो बहार किसी को क्या पता चलेगा?
शीतल- मतलब?
मयूरी- माँ… आप बहुत भोली हो… देखो… अगर आपको विक्रम भैया और रजत में कोई या दोनों चोदते हैं तो?
शीतल- तू पागल है क्या? वो मेरे अपने बेटे हैं… उनको अपने कोख से पैदा किया है मैंने… अपने इन चूचियों से दूध पिलाकर बड़ा किया है मैंने…
मयूरी- माँ… आप एक बार पूरी बात तो सुनो… मैं मानती हूँ ये सारी बात … पर इन सब चीज़ों से क्या फर्क पड़ता है… ये सब तो दुनिया को दिखाने वाली बात होती है बस… और आपने उन दोनों को इसी चूत से पैदा किया है… अब उन दोनों को इसी चूत को मजे देकर सेवा करने की बारी है… इन चूचियों का दूध पीकर बड़े हुए हैं दोनों… बड़े होकर फिर से अगर इन चूचियों से अगर दूध पिएंगे तो क्या नया हो जायेगा.
शीतल थोड़ा हकलाते हुए- त… तू… तुम…

शीतल के ऐसे हकलाने से मयूरी को अपनी बातों का प्रभाव दिखना शुरू हो गया, उसको यकीन होने लगा कि माँ अब अपने बेटों से चुदने को तैयार हो रही है, बस थोड़ा और जोर देने की जरूरत है. उसने अपनी 
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04-20-2019, 02:26 PM,
#65
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
मयूरी- माँ… बात को समझो… वो दोनों भी आपको चोदना चाहते हैं… घर की बात घर में रहेगी बस… पापा तो दिन भर बाहर रहते हैं… किसी को कुछ पता नहीं चलेगा कभी… और अगर पापा को पता चल भी गया किसी तरह से तो वो क्या कर सकते हैं… किसी को बाहर बता तो सकते नहीं… वैसे उनको कभी पता ही नहीं चलेगा… कुछ नहीं होगा माँ!
शीतल- नहीं मयूरी… तेरे पापा को अगर पता चल गया तो गज़ब हो जायेगा.
मयूरी- माँ… अगर उनको पता चल गया तो मैं वादा करती हूँ… कि मैं उनको समझा दूंगी.

शीतल- कैसे… तू कैसे उनको समझा पायेगी बेटा कि उनकी पत्नी अपने खुद के दो बेटों से एक साथ चुदती है?
मयूरी मुस्कुराते हुए- माँ… मैं आपको कम लगती हूँ क्या? मैं जवान हूँ और खूबसूरत हूँ… पापा चाहे जो भी हों… हैं तो एक मर्द ही न… अपनी चूचियां जब उनके आँखों के सामने खोल दूंगी ना तो जीभ बाहर निकलकर कुत्ते की तरह मेरी हर बात मानेंगे… अगर अपनी पैंटी खोलकर अपनी जांघें उनकी नाक के करीब रख दूँ ना… तो जो कहूं वो करेंगे… पापा हैं तो क्या… हैं तो एक मर्द ही न…
शीतल मुस्कुराती हुई- मतलब तू अपने पापा को अपनी चूचियों और चूत से मना लेगी?
मयूरी- हाँ… बिल्कुल!

शीतल- तो एक काम कर… तू अपने पापा को पटाने की कोशिश कर और मैं अपने बेटों को…
मयूरी- क्या बात कर रही हो माँ… मतलब आप अपने पति को मेरे हवाले कर रही हो? आपको जलन नहीं हो रही?
शीतल- जलन कैसी… तू कितने दिन तक मेरे पति को चोद पायेगी… दो या तीन साल… फिर तो तेरी शादी हो जाएगी… तू जाएगी अपने पति के घर… और मेरा पति फिर से सिर्फ मेरा… और बदले में मुझे दो-दो नए लंड मिलेंगे… जीवन भर के लिए.
मयूरी- बात तो एकदम पते की है माँ… क्या सोच है आपकी…

और दोनों नंगी माँ-बेटी जोर से खिलखिला कर हंसने लगी.

फिर शीतल ने अपना अगला सवाल किया- अच्छा एक बात बता?
मयूरी- हाँ.. माँ?
शीतल- मुझे अपने बेटों को पटाने के लिए, उनका लंड अपनी चूत में डलवाने के लिए करना क्या होगा?
मयूरी- आपको कुछ नहीं करना माँ… वो दोनों तो पटे-पटाये हुए हैं… वो दोनों तो पहले से ही आपके लिए पागल हैं… आपको बस उनको अपने इस कामुक शरीर से आमंत्रण देना है कि वो आएं और इसका भोग करें.
शीतल- और ये कैसे होगा?
मयूरी- आप ना बस उनको अपनी इन प्यारी-प्यारी चूचियों के दर्शन कराओ, अपनी इस गांड के दर्शन कराओ और अपने शरीर को उनके शरीर से सटाओ और उनको अहसास कराओ कि आप भी अपना ये शरीर उनके हवाले करना चाहती हैं… और आप तो माँ हैं… आपके लिए ये कोई बड़ी बात नहीं है… माँ का प्यार दिखने के बहाने महबूबा बन जाओ बस…

और दोनों फिर खिलखिलाकर हंस पड़ी.

अगले एक घंटे में दोनों ने फिर से एक दूसरी के साथ कई बार लेस्बियन सेक्स किया और फिर कपड़े पहन कर तैयार हो गयी क्योंकि विक्रम के घर आने का वक्त हो चला था.
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04-20-2019, 02:26 PM,
#66
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
मयूरी ने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि शीतल को अभी पता ना चले कि वो अपने दोनों भाइयों से पहले से ही चुद रही है और दोनों भाइयों को पता ना चले कि उसका अपनी माँ के साथ लेस्बियन सेक्स का रिश्ता स्थापित हो चुका है और वो उनकी माँ को अपने बेटों से चुदवाने के लिए तैयार कर रही है. मयूरी चाहती थी कि शीतल को पूरी तरह से यह लगे कि उसने अपने बेटों के लंड का शिकार खुद किया है और विक्रम और रजत को यह लगे कि वो अपनी माँ की चूत तक खुद अपने बलबूते पर पहुंचे हैं. वो अपने आपको इन सारी बातों से अलग रखना चाहती थी. पर सत्य तो यही था कि वो खुद ही इस पूरी कहानी की रचयिता थी.

खैर, शीतल अब अपने बेटों को रिझाने की तैयारी में लग गयी. वो अच्छे से तैयार हुई, उसने लो-कट ब्लाउज बैकलेस पहना जिसमें आगे से उसकी चूचियां आधी से भी ज्यादा नज़र आ रही थी और पीछे से उसका पीठ पूरा ही नजर आ रहा था.
उसने अच्छे से मेक-अप किया और एक बढ़िया सी गुलाबी रंग की साड़ी पहनी. शीतल पर गुलाबी रंग बहुत ही ज्यादा फबता था.

इन सब चीज़ों में लगभग दोपहर के डेढ़ बज चुका था. थोड़ी देर बाद विक्रम घर आ गया अपनी कोचिंग क्लास कर के … उसने दरवाजे की घंटी बजायी और मयूरी ने शीतल को दरवाजा खोलने को कहा और उसने बताया कि वो अपने कमरे में जा रही है, तो इस वक्त खुल कर अपने बड़े बेटे पर लाइन मार सकती है.

शीतल ने दरवाजा खोला और बड़े ही कामुक अंदाज में मुस्कुराते हुए उसने विक्रम का स्वागत किया।
शीतल- आ गया मेरा लाडला!
विक्रम- हाँ माँ…
और विक्रम हैरानी से अपनी माँ को देखता रह गया.

शीतल विक्रम को मुँह खोल कर उसको ताड़ते हुए देखती तो है पर जताती नहीं है.
शीतल- आओ अंदर आओ मेरे लाल…
विक्रम- जी माँ…

विक्रम खाने की टेबल पर बैठ गया. शीतल विक्रम के एकदम पास गयी, अपना सीना उसके इतने करीब लेकर गयी कि विक्रम को उसकी मखमली चूचियों का आराम से दर्शन हो सकें और वो उसको खाने को पूछने लगी- भूख लगी है मेरे बेटे को? कुछ खायेगा?

विक्रम तो एकटक बस शीतल की चूचियां देखने में व्यस्त था; अपनी नजरें शीतल की चूचियों पर से बिना हटाए वो बोला- ह… हाँ माँ…

शीतल ने अपने होंठों को अपने दांतों से बड़े ही कामुकता भरे अंदाज़ में काटते हुए पूछा- क्या खायेगा मेरा बेटा?
विक्रम कुछ समझ नहीं पाया और वो थोड़ा घबरा गया, हड़बड़ाते हुए बोला- माँ… जो चाहो वो खिला दो…
शीतल- मैं तो तुम्हें अपना सब कुछ खिला दूँ मेरे लाल…

और ऐसा कहते हुए उसने विक्रम की चेहरा अपने सीने से लगा लिया. विक्रम का चेहरा इस समय अपनी माँ की चूचियों के बीच था. वो शीतल की चूचियों का कोमलता का अहसास तो कर पा रहा था पर कुछ प्रतिक्रिया नहीं कर पा रहा था. वो चाह तो रहा था कि इस समय उठे और अपनी माँ की चूचियों को पकड़ कर अपने मुँह में भर ले… उनको जोर से उमेठ दे और अपनी माँ की रसीले लाल-लाल होंठों का सारा रस पी जाये.
पर वो ऐसा कुछ भी करने की हालात में नहीं था. वो अभी भी यही समझ रहा था कि यह उसकी माँ का उसके प्रति स्नेह है, हवस नहीं.
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04-20-2019, 02:26 PM,
#67
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
खैर, इसी तरह शीतल अगले कुछ देर तक विक्रम को कभी अपनी चूचियां तो कभी अपनी गांड का दर्शन और स्पर्श कराती रही. फिर खाना खाकर विक्रम अपने कमरे में चला गया.
थोड़ी देर बाद रजत घर आया तो उसको भी अपने माँ का उतना ही प्यार मिला जितना विक्रम को मिला था. पर इससे ज्यादा आज कुछ माँ-बेटों में हो नहीं पाया.

शाम को शीतल ने मयूरी से अकेले में सब कुछ बताया और पूछा- मयूरी, सब ठीक से हो तो रहा है न? कुछ गड़बड़ तो नहीं होगी?
मयूरी- नहीं मेरी प्यारी माँ… आप एकदम सही जा रही हो… आज तो दोनों के होश उड़ गए थे… मैंने अपने कमरे से छुप कर देखा था सब कुछ. आज रात में देखना है कि ये क्या बात करते हैं. मैं कल बताउंगी आपको… फिर आगे उस हिसाब से जारी रखेंगे.
शीतल- ठीक कह रही है तू.
मयूरी- चिंता ना करो माँ… तुम्हें अपने दोनों बेटों के लंड जरूर मिलेंगे… वो भी बहुत जल्द…

शीतल मुस्कुराती हुई- और तेरा बता… अपने बाप से चुदवाने का क्या प्रोग्राम है?
मयूरी- हाँ… मैं भी वही करुँगी जो आप कर रही हो… पहले थोड़ा ललचाऊँगी और फिर धीरे-धीरे अपना दीवाना बनाऊँगी… मुझे पहले अपने पापा को पटाना है… तो थोड़ा वक्त लगेगा… पहले उनके मन में अपने लिए हवस उत्पन्न करनी है… फिर मैं उनको चोदूँगी… इसमें थोड़ा टाइम तो लगेगा ही… पर आपको अपने बेटों के लंड जल्दी मिल जायेंगे.

शीतल- एक काम करते हैं… आज रात में मैं तेरे कमरे में जाकर थोड़ी देर तक अपने बेटों की रिझाऊंगी और उसी वक्त तुम मेरे कमरे में जाकर अपने पापा को अपने हुस्न का जादू दिखाओ… क्या कहती हो?
मयूरी- आईडिया बुरा नहीं है.
और दोनों एक साथ जोर से खिलखिला कर हंस पड़ी.

शीतल फिर रात का खाना बनाने में जुट गयी, मयूरी अपने कमरे में जाकर कमरे का तापमान चेक करने लगी. मयूरी एक बात तो समझ चुकी थी कि आज उसको अपने हुस्न का रंग अपने सगे पिता पर चलाना था. इसलिए उसने थोड़े भड़कीले कपड़े पहने. सबसे पहले तो उसने अपना पैंटी और ब्रा उतारी और एक ढीला सा टॉप और स्कर्ट पहन लिया जिसमें उसका जिस्म बहुत ही ज्यादा कामुक दिख रहा था. चलने पर उसकी चूचियां मस्त हिल रही थी और किसी का भी ध्यान आकर्षित करने की क्षमता रखती थी. पैंटी ना पहनने की वजह से जब भी स्कर्ट ऊपर होती, उसकी चूत दिखने लग जाती.
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04-20-2019, 02:26 PM,
#68
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
फिर उसने अपने दोनों भाइयों को अपने पास बुलाकर बातचीत शुरू की- एक बात पूछूं?
विक्रम और रजत एक साथ- हाँ पूछ…
मयूरी- आज माँ कुछ ज्यादा हॉट नहीं लग रही है?
विक्रम- हाँ यार… और मुझे तो कुछ अलग ही लग रही थी. पर मुझे बड़ा मजा आया एक बात से…
रजत- किस बात से भाई?

विक्रम- माँ ने मुझे अपने सीने से लगा लिया था आज और मैं उनको चूचियों में जैसे खो गया था. मेरा तो मन कर रहा था कि पकड़ के मसल दूँ उनकी चूचियों को…
रजत- क्या बात है भाई… आज तो माँ मुझे भी ऐसे ही कुछ प्यार दिखा रही थी.
मयूरी- तुम लोगों को इस से कुछ समझ आता है क्या?
विक्रम- क्या?
मयूरी- मुझे लगता है कि माँ को नए लंड की तलाश है… और वो बाहर लंड ढूँढना नहीं चाहती… बदनामी की वजह से जैसे मैंने तुम लोगों को अपनी चूत चोदने का मौका दिया… इसी कारण से…
विक्रम- क्या बात कर रही हो… ऐसा थोड़ी ना है?

रजत (खुश होते हुए)- हाँ… पर भाई… अगर ऐसा हुआ तो?
मयूरी- फिर तो मजे आ जायेंगे… तुम दोनों घर में खुलकर कभी अपनी माँ को चोदो और कभी अपनी बहन को…
विक्रम- हाँ… और फिर हम माँ की एक बार चुदाई करने के बाद उनको ये भी बता सकते हैं कि हम तीनों भाई-बहन एक-दूसरे की खूब चुदाई करते हैं.
रजत- बिल्कुल सही… और फिर हम खुले में घर में चुदाई कर सकते हैं.
मयूरी- हाँ… फिर हमें रात को चुपके-चुपके चुदाई करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी.

विक्रम थोड़ा उदास होते हुए- पर अगर हम गलत सोच रहे हों तो.. मन लो ऐसा नहीं हुआ तो?
मयूरी कुछ सोचते हुए- वैसे तुम लोगों का मन नहीं करता कि तुम दोनों मम्मी की चूत की चुदाई करो? एक साथ!
रजत- मैं सच्ची बताऊँ, मेरा तो बहुत मन करता है कि मैं माँ का दूध जोर से दबा दूँ और भाई पीछे से मम्मी को पकड़ कर उसकी चूत में उंगली डाल कर मजे ले. फिर दोनों भाई एक साथ अपनी मां की चुदाई करें.
विक्रम- हाँ.. मेरा भी बहुत मन करता है माँ की चुदाई करने का… पर ये पता नहीं संभव होगा या नहीं.

मयूरी- तुम लोग मायूस मत हो… ईश्वर ने चाहा तो शायद माँ तुम दोनों का लंड एक साथ चूसे… और क्या पता मां भी ऐसा ही चाहती हो?
विक्रम- क्या सच में… म… मतलब ऐसा हो सकता है क्या?
मयूरी- हाँ.. क्यूँ नहीं… मतलब जैसे मेरे मन में तुम दोनों से चुदने की इक्षा हो सकती है वैसे उनके मन में भी हो सकती है.
रजत- तो ये पता कैसे चलेगा?
मयूरी- तुम दोनों को कोशिश करनी होगी… लेकिन मैं उसके पहले तुम दोनों को जैसे जैसे बताऊँगी वैसे-वैसे ही करना होगा.
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04-20-2019, 02:27 PM,
#69
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
रजत- क्या करना होगा?
मयूरी- तुम दोनों ना, थोड़ा माँ के करीब जाओ. उनको यहाँ-वहाँ छूकर अपने मन की बात का अहसास भी कराओ और उनके मन को भी पढ़ने की कोशिश करो. ऐसा करने से तुम्हें यह पता भी चल जायेगा कि वो क्या चाहती हैं. और अगर उचित संकेत मिला तो तुम फिर अपना अगला कदम रखोगे.
विक्रम- कौन सा अगला कदम?
मयूरी- अरे… तुम लोग बहुत भोले हो… माँ एक औरत है… तो वो तुम्हारे सामने अचानक से नंगी होकर तो नहीं आ जाएगी और कहेगी कि मुझे अपने लंड से चोद दो?
विक्रम- हाँ… ये बात तो है… फिर?

मयूरी- तुम पहले अपनी हरकतों से उसको ये बताओ कि तुम भी यही चाहते हो. थोड़ा रिझाओ उनको अपनी मर्दानगी से…
विक्रम- मतलब कैसे?
मयूरी- ओफ्फोह… अरे तुम लोग भी न… अच्छा सुनो… तुम ना किसी तरह उनको अपने खड़े लंड के दर्शन कराओ उनको… जिससे उनकी तुमसे चुदाने की तमन्ना और भड़के…
विक्रम (जैसे समझते हुए)- ओ… हाँ… मैं समझ गया…
मयूरी (दोनों को अपने सीने से लगते हुए)- मेरे प्यारे भाई… जल्दी ही तुम अपनी माँ की चूत का भी स्वाद ले रहे होंगे…

और फिर दोनों भाई थोड़ी देर तक मयूरी की चूचियों और चूत से खेले. फिर मयूरी अपने कमरे से बाहर निकली और रसोई में जाकर अपनी माँ को, जो खाना पकने में व्यस्त है, पीछे से गले लगाया और अपनी भारी चूचियां उसकी पीठ में जोर से दबा दी और उसकी चूचियों को अपने हाथों से मसल दिया.

शीतल- आह… क्या हुआ मेरी जान… क्या इरादा है?
मयूरी- माँ… तुम्हारे दोनों बेटे तुम्हें चोदने के लिए मरे जा रहे हैं… अभी मैं जब बाथरूम में थी तो उनको बात करते हुए सुना… आज दिन में तो आपने दोनों पर खूब कहर ढाया.
शीतल (मुस्कुराते हुए)- क्या वाकयी?
मयूरी- हाँ मेरी प्यारी माँ… हाँ… अब तुम थोड़ी देर में उनके पास जाओ और उनके थोड़ा और नजदीक जाने की कोशिश करो… मैं अपने मिशन पर जा रही हूँ… पापा के पास… अपने हुस्न का जादू चलाने…
शीतल मुस्कुराते हुए- ठीक है… मैं भी थोड़ी देर में उनके पास जाकर थोड़ा अपने अंगो का थोड़ा और प्रदर्शन करती हूँ.

ऐसा कहते हुए शीतल अपने बेटों के कमरे की तरफ चली गयी और उसी क्षण मयूरी अपने पिता के कमरे की तरफ बढ़ गयी.
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04-20-2019, 02:27 PM,
#70
RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
शीतल जब बच्चों के कमरे में गयी तो वो पढ़ाई कर रहे थे. विक्रम और रजत दोनों ने अपनी माँ को ध्यान से देखा. आखिर आज जो अनोखा प्यार शीतल ने अपने बेटों पर बरसाया था, उसका असर तो था ही, साथ ही साथ मयूरी ने भी इनको अपनी माँ की चुदाई के लिए उकसाया हुआ था. दोनों हवस भरी निगाहों से अपनी माँ को देख रहे थे.

शीतल विक्रम के पास गयी और उसके सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए पूछने लगी- पढ़ाई कर रहा है मेरा बेटा?
विक्रम- हाँ माँ…
शीतल- मैं थोड़ी देर तुम दोनों के साथ बैठ सकती हूँ?
विक्रम- हाँ माँ… क्यूँ नहीं?
शीतल- ओके…

और ऐसा कहते हुए शीतल विक्रम के बिस्तर पर बैठ गयी. बैठते हुए उसने अपनी नाइटी को नीचे से उठाकर अपनी जाँघों तक ऊपर कर दिया जिससे उसकी दोनों गोरी-गोरी मांसल टाँगें नंगी हो गयी. उसने नाइटी को पीछे से अपनी गांड तक उठा कर कुछ इस तरह पीछे कर दिया कि अगर कोई चाहे तो नाइटी का कपड़ा अगर पीछे से उठा दे तो उसके बैठे होने के वावजूद उसकी गांड को नंगी किया जा सकता था. आगे से तो उसकी जांघें पूरी तरह दिख ही रही थी.
वो जानबूझकर ही ऐसा किया ताकि अपने जवान बेटों का ध्यान आकर्षित कर पाए.

विक्रम और रजत भी इन सब चीजों के लिए बिल्कुल तैयार थे. उनका अनुमान अब अपनी माँ से सेक्स की इच्छा को लेकर और ज्यादा दृढ़ हो रहा था.

बैठते हुए शीतल ने रजत को अपने पास बुलाया- रजत, इधर आओ बेटा… अपनी माँ के पास बैठो थोड़ी देर…
रजत- हाँ माँ… अभी आया!
और ऐसा कहकर रजत विक्रम के बिस्तर की ओर आकर माँ की बगल में बैठ गया जबकि विक्रम अपनी अगली चाल चलना चाह रहा था.

विक्रम- माँ…
शीतल- हाँ बेटा?
विक्रम- क्या मैं आपकी गोद में अपना सर रखकर थोड़ी देर सो सकता हूँ?
शीतल- क्यूँ नहीं बेटा… जरूर!

और विक्रम ने अब अपनी माँ की नंगी गोद में अपना सर कुछ इस तरह रखा कि उसका चेहरा अपनी माँ की चूत की तरफ हो और शीतल ने उसको बड़े प्यार से ये सब करने भी दिया. साथ ही शीतल अपना एक हाथ उसके सर पर रखकर उसके बालों को सहलाने लगी. रजत अपनी माँ की बगल में बैठा था इसलिए उसने अपना सर अपनी माँ के सीने पर रख लिया.

विक्रम का चेहरा अपनी माँ की चूत से बस दो इंच के फैसले पर था. वो अपनी माँ की चूत की गंध को महसूस कर पा रहा था. थोड़ी देर तक ऐसे ही पड़े रहने के बाद उसने अपना चेहरा थोड़ा और अंदर डालने की कोशिश की और शीतल ने इसमें उसका पूरा साथ देते हुए अपनी टाँगें खोलकर उसकी पूरी सहायता की.
विक्रम के होंठ अब अपने माँ की चूत पर थे. उसने अपने होंठों से बिना अपने चेहरे हो हिलाये डुलाये अपनी माँ की चूत को चूम लिया.
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