Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
10-30-2018, 06:24 PM,
#41
RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
ज़ेबा;सॅम को देखते हुए 
थोड़ा थका हुआ लग रहा है सॅम कहीं से मेहनत करके आया है क्या

सॅम;हड्बडाता हुआ नही तो खाला मैं एकदम ठीक हूँ

ज़ेबा;ह्म्म्म्म लग तो नही रहा ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने तेरी एनर्जी खींच ली हो और वो हँसने लगती है

सॅम;जो कुछ देर पहले ज़ेबा पे गुस्सा हो रहा था उसे अब उसकी बातों से लगने लगा था कि रांड़ जल्द ही पैर खोल देगी
दोनो कार में बैठ जाते है

सॅम;कार ड्राइव करते हुए
खाला मुझ जैसे ग़रीब की एनर्जी भला कौन खींच सकता है हमारी किसे परवाह है

ज़ेबा;बेटा तू ठीक से खाया कर ना घर में बाहर का खाने से तबीयत खराब हो जाएगी 

सॅम;नही खाला घर पे मज़ा ही नही आता

ज़ेबा;सॅम की जाँघ पे हाथ फेरते हुए में आ गई हूँ ना तुझे ऐसा मज़ा आएगा घर पे कि बाहर का खाना भूल जाएगा..खाने के साथ पिलाउन्गी भी अपने हाथों से पीएगा ना बेटा

सॅम;नेकी और पूछ पूछ खाला

ऐसी ही बातों में दोनो घर पहुँच जाते है जब ज़ेबा कार से बाहर उतरती है तब सॅम जानबूझ के ज़ेबा की मोटी मोटी कमर पे दबा के हाथ फेर देता है और धीरे से कहता है गरम है

ज़ेबा;कुछ बोल पाती इससे पहले नजमा और शबनम उसके पास आ जाते है

शबनम;अपनी अम्मी को देख के काफ़ी खुश थी दोनो माँ बेटी आपस में मिलते है और फिर नजमा भी ज़ेबा से मिलके उसे घर के अंदर ले जाती है

नजमा;;कुछ देर बाद सॅम को अपने रूम में बुलाती है
जब सॅम रूम में पहुँचता है तब नजमा 
सॅम के कान मरोड़ती हुई उसे 
नजमा;कमिने क्या कर रहा था तू ज़ेबा के साथ

सॅम;चौंकता हुआ क्यूँ कुछ भी तो नही अम्मी

नजमा;अच्छा मैने सब देखा जो हरकत तूने कार से निकालने के बाद की
अरे कुछ तो शरम कर वो तेरी खाला है अगर तूने ऐसी वैसी हरकत दुबारा की ना ज़ेबा के साथ तो देख ले सॅम

सॅम;उफफफफफ्फ़ हो अम्मी ना खुद कुछ करती हो ना मुझे दूसरों के साथ कुछ करने देती हो अगर तुम मेरा साथ दो तो मैं अपनी आँखों पे पट्टी बाँधे रखूं दिन भर पर आफसूवस्स्सस्स्सस्स
वो एकदम उदास सा चेहरा बना के बोल रहा था जिससे नजमा को हँसी आ जाती है और वो सॅम को ऐसे ही हँसते हुए मारने आगे बढ़ती है तभी सॅम की मज़बूत बाहें नजमा को घुमा देती है और नजमा की पीठ सॅम की छाती से चिपक जाती है

सॅम;का डंडा नजमा की गुफा के ठीक मुहाने पे अड़ जाता है

नजमा;अहह छोड़ कम्बख़्त 

सॅम;अपने दोनो हाथों से नजमा को पीछे से कस लेता है अम्मी एक बार दोना

नजमा;कभी नही दूँगी तू कितनी भी कोशिश कर ले सॅम वो फीरोजा थी जो तेरी बातों में अहह गयी में तुझे जान से मार दूँगी अगर मेरे अहह ऊईीईईईईईई

सॅम;के दोनो हाथ नजमा की नरम नरम चुचि पे जम से गये थे और वो उन्हे थामे हुए नही थे बल्कि मसल रहे थे
जिससे नजमा के अल्फ़ाज़ मुँह में ही अटक से गये थे

नजमा;छोड़ कमिनाते कोई आ जाएगा अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्मे मेहमान घर पे हैं

सॅम;पहले बोलो कब दोगि 

नजमा;कभी नही

सॅम;तो फिर आने दो सब को देखने दो मैं नही छोड़ने वाला 

नजमा;उनह चुचि मसल्ने से गरम हो गई थी पर उसका दिमाग़ अभी उसके काबू में था वो सॅम को धीरे से बोलती है पहले छोड़ फिर बोलती हूँ 

सॅम;खुश होके नजमा को छोड़ देता है और जैसे ही नजमा सॅम की तरफ घूमती है सॅम का मुस्कुराता हुआ चेहरा सपाट से लाल हो जाता है

एक करारा थप्पड़ उसे होश दिलाता है कि बेटा असल दुनिया में आजा

नजमा;अब पता चल गया कि कब दूँगी

सॅम;नजमा को ज़ोर से पकड़ता हुआ अम्मी देख लेना मेरी मोहब्बत आपके सर चढ़ का बोले गी एक दिन और उस दिन आप के हाथ मेरे गालों पे नही बल्कि होंठ होगे ये मेरा वादा है आपसे

नजमा;उसे घुरती चली जाती है और सॅम रूम से बाहर निकल जाता है

नजमा;दिल में सोचने लगती है आख़िर क्या करूँ में इसका कैसे समझाऊ कि में इसकी अम्मी हूँ माशुका नही जो ये चाहता है वो कभी नही होगा में ऐसा होने नही दूँगी

सॅम;जब अपने रूम में जा रहा था तभी उसे आबिद दिखाई देता है कल उसकी विदाई थी मामू के घर परेशान सा आबिद ललचाई नज़रों से सॅम को देखता है और सॅम के रूम की तरफ बढ़ता है और सॅम जानता था कि ये क्यूँ आ रहा है वो जल्दी से रूम का दरवाज़ा बंद कर देता है 

कुछ देर बाद सॅम के डोर पे दस्तक होती है वो आबिद होगा समझ के पहले डोर नही खोलता फिर लगातार दस्तक की वजह से वो गुस्से में दरवाज़ा खोलता है
सामने शबनम खड़ी थी
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10-30-2018, 06:25 PM,
#42
RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
शबनम;क्या सो गये थे क्या कब से खट खटा रही हूँ

सॅम;उसे अंदर लेता हुआ बोलो

शबनम;सुनो में ये कह रही थी कि जब तक अम्मी यहाँ हैं तुम मेरे रूम में नही आना वरना 

सॅम;शबनम को बाहों में कसते हुए मेरी जान मेरे मुँह को खून लगगया है अब मुझे रोज चाहिए तू कुछ भी कर कैसे भी कर मुझे चाहिए मतलब चाहिए
और सॅम;शबनम की कमर में हाथ डालके उसे अपने से चिपका के उसके होंठ चूसने लगता है गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प

शबनम;भी गरम थी वो भी सॅम का साथ देने लगती है

सॅम;मौके का फ़ायदा उठाते हुए शबनम की शलवार का नाडा खोल देता है और शलवार नीचे गिर जाती है

शबनम;उनह अभी नही ना कोई भी आसकता है ऊीीईईईईईईई

शबनम;की चूत की गर्मी उसके हाथों को हरकत नही दे पा रही थी वो बोल कुछ रही थी और कर कुछ और रही थी

सॅम;अपना खड़ा लंड बाहर निकाल लेता है और शबनम को घुमा के दीवार से खड़ा कर देता है अहह बस थोड़ी देर

शबनम;उनह कोई आ गया तो प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज

सॅम;थोड़ी गान्ड पीछे कर

शबनम;अपनी कमर पीछे की तरफ करती है

सॅम;अपना मुस्सल लंड शबनम की चूत में डालने ही वाला था कि बाहर से ज़ेबा की आवाज़ आती है 

ज़ेबा;अरे शबनम बेटा ज़रा यहाँ आना तो

शबनम;घबराते हुए शलवार पहन लेती है और बाहर भागने लगती है

तभी सॅम उसका हाथ पकड़ लेता है

सॅम;सुन रात में दरवाज़ा खुला रखना वरना याद रखना वो हाल करूँगा कि

शबनम;ह्म्म्म्म मममम कहती हुए वहाँ से भाग जाती है

शबनम;के जाने बाद सॅम अपने रूम से बाहर निकलता है वो महक के रूम के सामने से गुज़र रहा था तभी उसे महक की आवाज़ सुनाई दी वो शायद अपनी फ्रेंड से बात कर रही थी

महक;फोन पे
अर्रे यार तू 6 से 9 की टिकेट्स बुक करना अम्मी जाने नही देगी रात में और अब तो वो कद्दू भी आ गया है उसके होते हुए कैसे आ सकती हूँ..
वो अपनी फ्रेंड से रात में पिक्चर देखने की प्लानिंग बना रही थी

सॅम;महक के रूम में चला जाता है और महक के सामने खड़ा हो जाता है

महक;मैं तुझे बाद में कॉल करती हूँ बाइ
क्या है तू इस वक़्त यहाँ 

सॅम;किस से बात कर रही थी

महक;इतराते हुए तुझ से मतलब जा अपना काम कर कद्दू कहीं के

सॅम;को लगा ये तो साला अपनी इज़्ज़त का फालूदा बना रही है पहले खुद कहती थी और अब अपनी फ्रेंड्स के सामने भी मुझे कद्दू कह रही है

देख मोटी थोड़ी शराफ़त सीख ले कल को तुझे अपने घर जाना है समझी

महक;सॅम को घूर के देखने लगती है क्या कहा तूने अपने घर तो ये या मेरा घर नही है

सॅम;हाहाहा अर्रे जा मॉटली ये तेरा नही मेरा और आबिद का घर है तू तो किसी कबाड़ी के यहाँ जाएगी झाड़ू मारने हाहहः

महक;सॅम के पेट में एक घूँसा जड़ देती है पर उस गुस्से का सॅम पे कोई असर नही होता एक हॅटा कटा जवान पे भला चिंटी के चलने का क्या असर

पर सॅम अपना पेट पकड़ लेता है जैसे उसे बहुत ज़ोर की लगी वो दर्द से करहाने की आक्टिंग करने लगता है अहह मर गया अहह

महक;अपने छोटे छोटे मसल सॅम को दिखाती है आगे से पंगा लेगा ना तो ये मसल देखा मसल के रख दूँगी

सॅम;महक की गर्दन एक हाथ से पकड़ लेता है और दूसरे हाथ से उसकी जीन्स पॅंट पार लगा बेल्ट और उसे थोड़ा उपर उठा देता है जिससे महक के पैर उपर हवा में उठ जाते है

सॅम;हलवा है क्या जो खा लेगी मोटी भैंस अब बोल

महक;का गला थोड़ा ज़ोर से दब गया था
वो चिल्लाति है अहह छोड़ कमिनाते मार देगा क्या अहहहहहहहः

सॅम;अब बोल कौन किसको मसलेगा 

महक;सॅम प्लीज़ नीचे तो उतार बोलती हूँ
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10-30-2018, 06:25 PM,
#43
RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
जैसे ही सॅम महक को नीचे उतारता है महक अपने घुटने से सॅम के पैरों के बीच में उसका लंड पे मारने की कोशिश करती है पर उसका वॉर सॅम बच के उसे घुमा देता है और पीछे से उसे पकड़ लेता है

ये महक की बचपन की आदत थी जब उसे कोई उससे ज़्यादा मज़बूत लगने लगता तो वो अपना आखरी हथियार इस्तेमाल करती थी

सॅम;इस बात से अच्छी तरह वाकिफ़ था 
वो महक को पकड़ लेता है और उसके कान में धीरे से कहता है 
तुझे कितनी बार बोला मेने डेलिकेट डेलिकेट ऑर्गन पे नही मारने का 
और फिर सॅम कुछ ऐसा करता है जिससे महक के तन बदन में झुरझुराहट सी पैदा हो जाती है

सॅम;अपना पूरा हाथ का पंजा महक की जाँघ पे ज़ोर से मारता है जैसे कोई किसी की कमर पे थप्पड़ मारता है ना उसी तरह सॅम ने महक की चूत पे थप्पड़ मारा था

महक;ऊऊचह के लिए ये एक ऐसी चीज़ थी जिसने उसे एहसास दिलाया कि वो लड़की है
वो सॅम की आँखों में देखने लगती है जैसे पूछ रही हो ये तूने क्या किया ज़ालिम

वो थप्पड़ महक के सोए हुए क्लाइटॉरिस को गहरी नींद में से जगा देता है

महक;सॅम के पकड़ में से निकल के चुप चाप वहाँ से बाहर निकल जाती है

सॅम;अर्रे महक मैने तो मज़ाक किया था सॉरी यरर्र्र्र्ररर

महक;कोई जवाब नही देती और बाथरूम में जाके अपनी पैंटी नीचे करने के बाद अपनी चूत पे हाथ फेरती है
अहह एक अजीब सी गुदगुदी एक अजीब एहसास उसके दिल में कहीं हुआ था ये क्या हो रहा है महक तुझे वो तेरा सगा जुड़वा भाई है

और वो अपना सर झटक के बाहर निकल जाती है

रात 10पी एम;

रात का खाना सभी खा चुके थे शबनम और ज़ेबा दोनो रूम में बैठी बातें कर रही थी
इधर आबिद कल जाने की तैयारी कर रहा था महक उसकी मदद कर रही थी
महक को आबिद से एक खास लगाव था वो आबिद का चेहरा बिल्कुल लड़कियों जैसा था और महक को उसके चेहरे पे बहुत प्यार आता था ..सॅम तो महक का बचपन से जानी दुश्मन था उनके बीच कभी भाई बहेन का रिश्ता था ही नही..पर आज नज़ाने महक थोड़ी गुम्सुम सी थी पता नही उसे क्या हो गया था आबिद उसे पूछ लेता है 
पर वो एक बहाना बना के उसकी बात झटक देती है

नजमा;अपने रूम में बेड पे बैठी कुछ ऑफीस की फाइल्स देख रही थी तभी सॅम वहाँ आजाता है

सॅम;अम्मी में कुछ हेल्प करूँ

नजमा;नो

सम;अम्मी में कुछ करूँ

नजमा'उसे घुरत देख कब सुधरेगा तू सॅम जब से तू आया है देख रही हूँ तेरा बिहेवियर ऐसा ही है 
बेटा मैं तेरी अम्मी हूँ क्यूँ कर रहा है तू ऐसा मेरा साथ

सॅम;ब्कोज़ आइ लव यू सिंपल

नजमा;कुछ नही बोलती और अपनी फाइल्स में देखने लगती है

सॅम;अम्मी आपकी गर्दन पे कुछ है

नजमा;गर्दन पे हाथ फेरती हुए कहाँ क्या है

सॅम;एक मिनट रूको और सॅम नजमा के पीछे जाके उसके बाल गर्दन पे से हटा देता है और जल्दी से अपने लिप्स उसकी गर्दन पे रख के किस कर देता हैमुह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

नजमा;सॅम की चाल समझ जाती है दूर हट बेशरम

सॅम;मुस्कुराता हुआ सच कहूँ अम्मी आप बहुत खूबसूरत हो आप जैसी लेडी मैने अपनी लाइफ में नही देखा यूके में भी आप जैसी हसीन जमील लेडी नही देखी मुझे यू आर आ मास्टर पीस अम्मी

नजमा;एक औरत थी भला कौनसी औरत को अपनी तारीफ अच्छी नही लगती और सॅम ने तो मुँह भर के कर दिया था जिससे नजमा को रुखसारों पे लाल रंग आजाता है
चल हट बेशरम अपनी अम्मी को कुछ भी कहता है

सॅम;उफफफफफफफ्फ़ हो अम्मी सच में ये देखो आपकी नाक कितनी प्यारी है आपकी गर्दन एकदम सुराही की तरह आपके कान सो स्वीट आपके होंठ

जो सॅम की तारीफ से लरजने लगे थे उनमें कप कपाहट सी पैदा होने लगी थी 
लाल गुलाबी होंठ अपनी तारीफ सुनना चाहते थे पर सॅम ने उनकी तारीफ लफ़्ज़ों से ना कहते हुए अपने होंठों से कहना बेहतर समझा

नजमा;इससे पहले कुछ कर पाती सॅम उसके होंठो को चूम चुका था



नजमा;गुस्से से तिलमिला जाती है और सॅम को घूँसा मारना चाहती है पर सॅम अपने मज़बूत हाथ से नजमा के दोनो हाथों की कलाई पकड़ के पीछे मोड़ देता है

सॅम;अपनी हद से आगे बढ़ना चाहता था वो नजमा की कलाई छोड़ के उसकी कमर में हाथ डालना चाहता है नजमा रीफ्लेक्स आक्षन देखती है और एक ज़ोर दार कर्रारा थप्पड़ सॅम की सुनने की शक्ति कुछ देर के लिए जैसे ख़तम कर देता है

नजमा;चिल्ला भी नही सकती थी घर में मेहमान आई हुई थी और वो क्या करती एक ही तो हथियार था उसके पास थप्पड़
पर अब इस थप्पड़ का भी सॅम पे कुछ ज़्यादा असर नही होता था 

सॅम;अपने गाल को मल्ता हुआ नजमा के रूम से बाहर निकलने ही वाला था कि नजमा उसका हाथ पकड़ के फिर से अपनी तरफ मोड़ देती है और रूम का डोर बंद कर देती है

नजमा;पलट के सॅम के करीब जाती है
सॅम;का गाल लाल हो चुका था और चेहरे पे एक खामोशी थी शायद उसे नजमा का ये थप्पड़ चेहरे पे नही बल्कि दिल पे कहीं लगा था

नजमा;धीमी आवाज़ में क्यूँ कर रहा है तू बेटा ऐसा मेरे साथ अर्रे मैं तेरी अम्मी हूँ सॅम तुझे मेने पैदा किया है और तू इस बूढ़ी औरत को इस उमर में इस तरह पढ़ाना कर रहा है शरम नही आती तुझे ऐसा करते हुए 
अगर तू कहे तो बेटा में तेरे लिए कहीं रिश्ते की बात करूँ

सॅम;अम्मी खबर दार जो अपने खुद को बूढ़ी औरत कहा तो और एक और बात मैने अपने लिए एक खूबसूरत लड़की देख ली है और वो में आपको बता भी चुका हूँ..सम ने जान बुझ के औरत की बजाय लड़की लफ्ज़ इस्तेमाल किया ताकि नजमा पे गहरा असर पड़े उसकी बात का

नजमा;फिर से भन्ना जाती है और अपनी उंगली उसके चेहरे के सामने करते हुए
देख सॅम अब बहुत हुआ अगर तू मेरी बात नही सुनेगा तो मैं तुझे अपने मामा के वहाँ भिजवा दूँगी में तुझे सही रास्ते पे लाना चाहती हूँ और एक तू है कि वही गंदे बेहूदा रास्ते पे चला जा रहा है अगर ............
वो और कुछ बोलना चाहती थी पर सॅम की एक हरकत उस के तन बदन में चिंगारियाँ पैदा कर देती है
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10-30-2018, 06:25 PM,
#44
RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
सॅम;अपने मुँह में नजमा की वो उंगली लेलेता है जिसे वो सॅम को दिखा के धमका रही थी
उसके उंगली चूसने का अंदाज ऐसा था जैसे कोई औरत लंड मुँह में लेके चुस्ती है 

नजमा;अपनी उंगली उसके मुँह में से खींचते हुए
कमिनाते इंसान निकल जा मेरी नज़रों के सामने से तुझे डॉक्टर की ज़रूरत है

सॅम;मुझे आपकी ज़रूरत है अम्मी
और ये कहता हुआ सॅम नजमा के रूम से बाहर निकल जाता है

नजमा;कुछ हैरान कुछ परेशान सी उसे जाता देखती रह जाती है
जब भी वो सॅम को कुछ समझाना चाहती सॅम कुछ ऐसी हरकत कर देता कि नजमा कांप के रह जाती

रात 1एएम;;सभी अपने अपने रूम्स में सोचुके थे
पर सॅम को कहाँ नींद आने वाली थी उसे तो मसके का चस्का लगगया था वो मस्का जो शबनम की जाँघ पे लगा हुआ था

सॅम;सभी के रूम्स चेक करके शबनम के रूम के पास पहुँचता है 
और जैसे ही वो रूम में दाखिल होता है उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगता है

एक किंग साइज़ बेड पे एक कोने में शबनम की माँ ज़ेबा सोई हुए थी और दूसरी तरफ शबनम.
सॅम;डोर लॉक कर देता है

सॅम;शबनम के पास जाके बेड पे बैठ जाता है और हल्के से शबनम के चेहरे पे हाथ फेरता है
शबनम;शायद अभी अभी लेटी थी वो अपनी आँखे खोल देती है और अपने पास सॅम को देख घबरा जाती है

शबनम;एक दम धीमी आवाज़ में..सॅम जाओ अम्मी अभी अभी सोई है

सॅम;अपनी गर्दन नही में हिलाता है और शबनम पे झुकता है

शबनम;उसे रोकने की कोशिश करती है पर तब तक सॅम शबनम के उपर चढ़ चुका था

सॅम;अपने दोनो हाथों से शबनम की ब्रेस्ट मसल्ने लगता है

शबनम;बहुत ज़्यादा घबराई हुए थी उसे समझ नही आ रहा था कि सॅम को कैसे रोके
पर सॅम की हरकतें उसकी जाँघ के बीच में कुछ और ही हलचल मचा रही थी
शबनम;ने एक नाइटी पहनी हुए थी जिसे निकालने में सॅम को कोई परेशानी नही हुई और शबनम के भरे हुए ब्रेस्ट सॅम के सामने आ गये बस एक ब्रा का परदा था

सॅम;शबनम के लिप्स को चूमने लगता है और अपने दोनो हाथ पीछे लेजाके उसकी ब्रा का हुक खोल देता है

शबनम;चाहती थी कि सम यहाँ वो सब ना करे क्यूंकी उसे डर था कि कहीं ज़ेबा जाग गयी तो कयामत आजाएगी
पर सॅम तो शायद यही चाह रहा था कि ज़ेबा जाग जाए उसे पता था कि शबनम से ज़्यादा सेक्सी माल ज़ेबा है

शबनम;एक दम खामोश हो जाती है

सम;उसे टॉपलेस कर देता है और शबनम के गुलाबी निपल्स को चूमने लगता है

शबनम;मचल सी जाती है वो भी अब यह भूल चुकी थी कि वो कहाँ है 
शबनम;अपने हाथ नीचे बढ़ा के सॅम की पॅंट खोल देती है और बिना अंडर वेअर की वजह से सॅम का नाग झट से फॅन फैलाता हुआ शबनम के हाथ में आजाता है

शबनम;की आँखे मारे खुशी और जोश के चमक उठती है

वो जल्द से जल्द सॅम के लंड को अपनी चूत की गहराइयों में लेना चाहती थी ये भूल के कि किसी भी वक़्त ज़ेबा जाग सकती है और उन्हे रंगे हाथों पकड़ सकती है

ये चूत और लंड की आग थी ये ना जगह देखती है और ना रिश्ते

सॅम;का बुरा हॉल हो रहा था शबनम उसका आंडो के साथ साथ उसके लंड को भी मरोड़ रही थी

ये सारा खेल एकदम चुपके से बिना आवाज़ किए शुरू था साइड में ज़ेबा एक दम खामोश पड़ी थी
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10-30-2018, 06:25 PM,
#45
RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
शबनम और सॅम की साँसें फूलने लगती है

सॅम;शबनम के पैर चौड़े कर देता है और अपना लंड उसकी चूत पे घिसने लगता है

शबनम;सॅम की आँखों में देखती है उस नाइट लॅंप की रोशनी में भी सॅम आसानी से शबनम की आँखों में ये देख सकता था कि शबनम उसे क्या कह रही है
और सॅम ;बिना देर किए अपना लंड को शबनम की चूत की गहराईयो मे पेलता चला जाता है

शबनम;हल्के से अहह ऊइईई अम्मी गगगगगगगग उन्न्ह अहह

तभी ज़ेबा करवट बदलती है
सॅम और शबनम की जान हलक में आके जैसे अटक जाती है
दोनो धड़कते दिल से ज़ेबा की आँखों की तरफ देखते है 
ज़ेबा;की आँखे बंद थी ऐसे लग रहा था जैसे वो गहरी नींद में सोई हुई है

कुछ सेकेंड बाद सॅम की कमर नीचे उपर होने लगती है
शबनम;उसे देखती है और फिर दोनो के होंठ आपस में मिलते चले जाते है
और फॅक फॅक की आवाज़ के साथ सॅम अपने लंड को शबनम की चूत में डालते चला जाता है

शबनम;धीरे से अहह सॅम अहह धीरे उन्ह्ह्ह्ह्ह अम्मी उठ जाएँगी बेड के हिलने से अहहहहहहः आराम से नाआआआआआ

सॅम;कुछ नही होगा भाभी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह में क्या करूँ आपकी चूत है ही ऐसी कि उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आराम से नहियीईईईई छोड़ सकता

रात के उस अंधेरे में दो जिस्म एक जान बने हुए थे ये एक दिलकश नज़ारा था अपनी अम्मी के पास लेट के एक बेटी अपने देवर से आराम आराम से चुद रही थी

शबनम;अपने दोनो पैर सॅम की कमर से लपेट लेती है
और सॅम ;दना दन अपना लंड को शबनम की चूत में बच्चे दानी से टकराता चला जाता है अहहहहहहहहहः 

शबनम;उस मुकाम पे पहुँच चुकी थी जहाँ एक औरत से रुकना ना मुमकिन हो जाता है वो सॅम को ज़ोर से चोदने के लिए कहती है

शबनम;अहह उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अंदर तक हन्ंणणन् ऐसे ही सॅम अहह में मर जाउन्गी उह्न्ह्न्ह्न्ह्न्ह्न्ह्न्ह्न ऊउउउउउउउउ 

सॅम;के धक्के बेड को हिला रहे थे पर अब ना वो ज़ेबा को देख रहे थे और ना उन्हे उसकी परवाह था

शबनम;उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह ज़ोर से अहह सम्म्म्मममममम

सॅम;अपनी गर्दन ज़ेबा की तरफ करता है और उसे एक झटका लगता है ज़ेबा की आँखे खुले हुई थी 

सॅम;एक पल के लिए रुका और फिर शबनम के ज़ोर से कहने पे एक ज़ोर दार झटका अंदर देते हुए अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

तेरी माँ कू चोदु शबनम अहहहहहहहहहः
ये लफ़्ज सॅम ने ज़ेबा की आँखों में आँखे डालके कहे थे

ज़ेबा;के चेहरे पे एक हल्की सी मुस्कान आजाती है

शबनम;सॅम को चिपकाते हुए झड्ने लगती है उसे पता ही नही था कि ज़ेबा सब कुछ देख चुकी है
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10-30-2018, 06:25 PM,
#46
RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
सॅम;भी ज़ेबा को देखते हुए ज़ोर ज़ोर से शबनम को चोदने लगता है और फिर अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ के साथ अपना पानी शबनम की चूत में उंड़ेल देता है 

10 मिनट अपनी साँसों को संभालने के बाद सॅम उठ के अपने कपड़े पहन के वहाँ से चला जाता है

ज़ेबा;अपनी आँखे बंद कर चुकी थी

जब सॅम वहाँ से गया तो शबनम भी अपनी नाइटी पहन के लेटी ही थी के ज़ेबा ने उसके पेट पे हाथ रखा

शबनम;अंपनी अम्मी की तरफ देखती है

ज़ेबा;मज़ा आया बेटी

शबनम;चौंकते हुए अपनी अम्मी की तरफ देखती है

ज़ेबा; की आँखों में एक अजीब सी चमक थी और चेहरे पे हल्की सी मुस्कान

शबनम;अम्मी वो में वो अम्मी मुझे माफ़ कर दीजिए अम्मी वो बुरी तरह घबरा चुकी थी अच्छा भला दिमाग़ काम करना बंद करचूका था

उसे कुछ सूझ ही नही रहा था उसे पता चल चुका था कि ज़ेबा सब कुछ देख चुकी है और उसकी चोरी पकड़ी जाचूकी है 
वो अपनी अम्मी को एक नज़र देखती है और फिर सिसक सिसक के रोने लगती है

ज़ेबा;बेड पे बैठ जाती है और अपनी बेटी का सर अपनी गोद में रख लेती है
अर्रे पगली रोती क्यूँ है में तो पहले दिन ही समझ गयी थी कि तेरे और सम की बीच कुछ चल रहा है
पैदा किया है मेने तुझे तुझ से ज़्यादा धूपकले देखी हूँ 
पर में जानती हूँ मेरी बच्ची किस दौर से गुज़र रही है तूने बहुत कुछ सहा है बेटा में तेरी माँ हूँ और माँ अपने बच्चो को हमेशा खुश देखना चाहती है चल चुप होज़ा और मुझे एक बात बता

शबनम;अपना चेहरा उठा के ज़ेबा को देखती है उसके आँसू थम चुके थे और आँखों में सवालिया लहज़ा था

ज़ेबा;में ये जानना चाहती हूँ कि ये सब जो तू कर रही है ये फ्री में है या इसकी फीस भी तुझे मिलेगी

शबनम;क्या मतलब अम्मी

ज़ेबा;अर्रे बेवकूफ़ लड़की सॅम से तेरी शादी की बात कर रही हूँ 
तू इन मर्दों की जात को नही जानती जगह जगह मुँह मारने की आदत होती है इन कमिनातो को तू मेरी भोली भाली बच्ची है वो कुछ दिन तेरी लेगा और फिर नई कोई मिल जाएगी तो वहाँ चरने चला जाएगा तू फिर क्या करेगी

शबनम;अम्मी सॅम ऐसा नही है
ज़ेबा;चुप कर अब जैसा में कहती हूँ वैसा करती जा तभी तुझे सॅम मिल पाएगा वरना ज़िंदगी भर हाथ मल्ति रह जाएगी
और कल सॅम को मेरे पास भेज देना मुझे उससे कुछ बात करनी है

शबनम;और ज़ेबा उस रात बहुत देर तक बातें करती रहीं 
ज़ेबा;ने अपनी बेटी को वो घुट्टी पिलाई जो उसने अपनी माँ से सीखी थी


सुबह;8 एम;
सॅम;बाथरूम में से नहा के निकला ही था कि सामने खड़ी शबनम को देख ठिठक सा जाता है

अर्रे भाभी आप इस वक़्त
शबनम;परेशान से लहजे में वो सॅम रात को जो कुछ हुआ वो सब अम्मी ने देख लिया है और वो इस ताल्लुक से तुमसे बात करना चाहती है मुझे तो बहुत घबराहट सी होरही है पता नही वो क्या करेंगी

सम;डोंट वरी भाभी में देखता हूँ आप मेरे लिए एक अच्छी सी कॉफी बना के ले आओ

और सॅम शबनम के रूम की तरफ बढ़ जाता है जहाँ ज़ेबा बैठी उसी का इंतजार कर रही थी

सॅम;ज़ेबा के पास जाके बैठ जाता है वो सिर्फ़ टवल लपेटे हुए था 
खाला मेने सुना है आपने मुझे याद किया क्या बात है खाला जान

ज़ेबा;ह्म्म्म् म जान तो रात को किसी और को कह रहे थे आप लाट साब
सॅम;उफफफफफफफ्फ़ हो खाला आप कैसी गोलमोल बातें कर रही है मुझे कुछ समझ नही आ रहा

ज़ेबा;उसे घूरते हुए सम ज़्यादा बनने की कोशिश मत करो मेने रात जो कुछ तुम्हारे और शबनम के बीच हुआ सब देखा तुम मेरी बेटी की ज़िंदगी बर्बाद क्यूँ कर रहे हो बोलो क्या मिलेगा तुम्हे ऐसा करके

सॅम;जो कुछ हुआ हम दोनो की रज़ा मंदी से हुआ है खाला चाहें तो आप भाभी से पूछ लो

ज़ेबा;मेने जो पूछना था पूछ चुकी अब तुम ये बताओ कि तुम क्या चाहते हो

सॅम;क्या मतलब

ज़ेबा;मतलब ये कि क्या तुम शबनम से शादी करना चाहते हो क्या ये सिर्फ़ टाइम पास है तुम्हारे लिए
अगर मेरी बेटी की ज़िंदगी के साथ खेलोगे सॅम तो अच्छा नही होगा
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10-30-2018, 06:25 PM,
#47
RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
सॅम;ह्म्म्म्म म देखो खाला सब से पहली बात भाभी की इज़्ज़त मुझे भी उतनी ही अज़ीज़ है जितनी की आपको सो डोंट वरी में उन्हे बदनाम नही होने दूँगा रही बात शादी की तो वो में अपनी मर्ज़ी से नही बल्कि अपनी अम्मी की मर्ज़ी से करूँगा वो जिससे कहेंगी जहाँ कहेंगी वहीं शादी करूँगा

और एक बात आइन्दा मुझे धमकाने या डराने की कोशिश करेंगी अगर आप तो भाभी की जगह आप मेरे नीचे होंगी ये बात अच्छी तरह याद रखना

ज़ेबा;के तो जैसे हाथ पैर फूल गये थे सॅम के तेवर देख के वो बात संभालने के हिसाब से थोड़ी नॉर्मल बिहेव करने लगती है

अर्रे बेटा सॅम तू भी ना कहाँ की बात कहाँ ले गया में तो बस ये चाहती हूँ कि शबनम की ज़िंदगी बर्बाद ना हो बस और तेरे नीचे आना इस से ज़्यादा खुशी की बात
वो बोलते बोलते शरमा सी गयी

सॅम;मौका मार दे चौका
ह्म्म्म्म ममम तो फिर इस गुलाब को भी आज रात सूंघ लेगे खाला जनंनननणणन्
ज़ेबा;के लिप्स काँपने लगते है उसने रात में सॅम की चुदाई करीब से देखी थी और सच पूछिए तो उसकी चूत में रात से ही रस टपक रहा था

सॅम;ज़ेबा के एकदम करीब जाके उसके होंठों के सामने बोलता है
रात में माँ और बेटी एक बेड पे नंगी चाहिएं मुझे

ज़ेबा;सॅम की इस बात से सिहर उठती है रोंगटे कितने सालों बाद खड़े हुए थे ज़ेबा के जिस्म के..वो कुछ बोलती उसे पहले शबनम कोफ़ी लेके वहाँ आचुकी थी

और सॅम कॉफी पीक वहाँ से चला जाता है

जब शबनम ;ज़ेबा से पूछती है कि क्या बात हुई तो ज़ेबा के होंठों पे एक हवस की मुस्कान फैल जाती है जिसे शबनम शायद भाँप ली थी

आज आबिद की रवानगी थी सूरत के लिए 
उसके मामा सत्तार ख़ान का तो आना नही हुआ था अलबत्ता उन्होने अपने एक मुलाज़िम को कार लेके भेज दिया था

घर का महॉल थोड़ा गमगीन सा हो गया था ऐसा लग रहा था जैसे इस घर से कोई बेटी विदा होके अपने ससुराल जा रही थी और आबिद रो भी तो उसी अंदाज़ में रहा था
जब आबिद अपनी अम्मी नजमा से रोता हुआ चिपका तो मारे गम के नजमा की भी आँखे छलक गयी

और सभी ने आबिद को अगले 6महीनो के लिए सूरत विदा कर दिया

महक;वहीं गेट पे कार जाते देख रही थी
सॅम;सभी के अंदर जाने के बाद उसे छेड़ता है
एक दिन तू भी हमें छोड़ के चली जाएगी महक

महक;उसे पीछे पलट के देखती है पर कुछ नही कहती
सॅम;अर्रे जानवर ने आज काटा नही तेरी तबीयत तो ठीक है ना महक और सॅम उसे इधर उधर हाथ लगा के चेक करने लगता है

महक;उफफफफफफफ्फ़ हो सॅम प्लीज़ लीव मी अलोन

सॅम;थोड़ा सीरीयस होते हुए 
मुझसे अभी तक नाराज़ है पार्ट्नर

महक;चुप चाप खड़ी थी 

सॅम;उसके सामने आके खड़ा हो जाता है और उसके चेहरे को गौर से देखने लगता है
आइ एम सॉरी महक..

महक;तुझे लड़की और लड़के में कोई डिफ़रेंस दिखता है कि नही तुझे पता भी है तूने क्या हरकत की थी कल मेरे साथ

सॅम;अपने कान पकड़ता हुआ अच्छा बाबा बस देख अब तू हंस दे पट्ठे

महक;अपने जुड़वा भाई से ज़्यादा नाराज़ नही रह सकती थी 
वो उसे धमकी वाले अंदाज़ में कहती है आइन्दा ऐसी वैसी हरकत किया ना तो फिर देख मैं स्विच बंद कर दूँगी
और दोनो भाई बहन हंसते हुए अंदर चले जाते है

महक;एक बात कहूँ सॅम'

सम;हाँ बोल ना

महक;तुझ पे यक़ीन करलूँ ऐसा तो नही लगता . सच्चा तो तू है नही
और झूठा भी नही लगता

इससे पहले कि सॅम महक को पकड़ पाता वो हिरण की तरह उछलती हुए अपने रूम में घुस जाती है और डोर बंद करने से पहले सॅम को जीभ दिखा के चिड़ा जाती है

नजमा;अपने रूम में बैठी बेटे के जाने के गम में आँसू बहा रही थी

सॅम;उसके पास बैठ जाता है
अम्मी प्लीज़ आप ऐसे रोए मत ना आपकी तबीयत खराब हो जाती है ना अम्मी

नजमा;अपने आँसू पोछते हुए में कहाँ रो रही हूँ सॅम

सॅम;नजमा;के चेहरे को देखता हुआ एक बात कहूँ अम्मी आप बहुत खूबसूरत हैं और जब आप थोड़ा सा भी रोती है ना तो आपकी नाक एकदम लाल हो जाती है तो आपकी खूबसूरती पे चार चाँद लगाती है

नजमा;अपनी मुँह भर तारीफ सुनके मुस्कुरा देती है

नजमा--ह्म्म्म्म ममम मस्का मारना बंद कर्दे बेटा सॅम तेरी नियत में अच्छी तरह जानती हूँ पर तुझे खाली हाथ ही रहना पड़ेगा ज़िंदगी भर
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10-30-2018, 06:25 PM,
#48
RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
सॅम;एक दम सीरीयस हो जाता है और नजमा का चेहरा अपने दोनो हाथों में थाम लेता है
आपको मेरी मोहब्बत पे शक होगा पर में जानता हूँ मेरी मोहब्बत आसमान से भी ज़्यादा बुलंद है

नजमा;मुझ जैसी बूढ़ी औरत में तुझे क्या दिखता है ऐसा 

सॅम;;तुझे देख के जोश ए जवानी भी रख्स करती है
तू डाले पाँव पानी में तो पानी भी रख्स करता है
तुझे छूने की खावहिश में हवा रुक रुक के चलती है
और जो छूळे तुझे तो खूब जलती है

और आप खुद को बूढ़ी कहती हो

नजमा;का ये सुनके बुरा हाल हो चुका था शायद दिल के किसी कोने में एक सॉफ्ट कॉर्नर बन गया था सॅम के लिए

नजमा;ये तूने खुद लिखा है मेरे लिए

सॅम;नही अम्मी ये शेर तो एक गुमनाम शायर शम्स ख़ान की है पर जज़्बात मेरे अपने हैं.

नजमा;अपने लखते जिगर को अपने सीने से लगा देती है.

सॅम;के हाथ भी नजमा को कस लेते है और दोनो माँ बेटे एक दूसरे की बाहों में सिमट जाते है ये पहली दफ़ा नही था जब सॅम और नजमा इस हालत में थे पर कितने दिनो से सॅम की हरकतों की वजह से नजमा सॅम से दूरियाँ बनाए हुई थी

सॅम;अपने एक हाथ को नजमा की ब्रेस्ट पे रख के हल्के से दबाता है

नजमा;ऊऊचह क्या कर रहा है छोड़ तुझे मना किया था ना मैने
सॅम;अम्मी कुछ भी तो नही कर रहा हूँ और वो फिर से नजमा की ब्रेस्ट मसल देता है

नजमा;सॅम को पीछे करते हुए देख सॅम कितने मर्तबा मैं तुझे बता चुकी हूँ जो तू फीरोजा के साथ करचूका है वो में अपने साथ कभी नही होने दूँगी चल हट मुझे ऑफीस जाना है

सॅम;नजमा के चेहरे को दोनो हाथों में थामते हुए अम्मी प्लेआसेज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ देखो में आपको बताना चाहता हूँ कि में आपसे कितना प्यार करता हूँ

नजमा;अच्छा वो कैसे

सॅम;आपको फीरोजा खाला की तरह प्यार करके

नजमा;फीरोजा का नाम सुनके बिदक जाती है उसे वो सब याद आजाता है जो सॅम ने उसके सामने फीरोजा के साथ किया था 
अचानक उसका मोहब्बत वाला लहज़ा खराब सा हो गया था

सॅम ने फीरोजा का नाम लेके अपने पैरों पे कुल्हाड़ी मार दिया था वरना आज नजमा शायद उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़

सॅम;कुछ बोलने वाला था कि नजमा उठ के जाने लगती है
तभी सॅम उसका हाथ पकड़ लेता है
अम्मी सुनो ना 

नजमा;दरवाज़ा बंद कर देती है और सॅम के सामने खड़ी हो जाती है
अब बोल क्या करना चाहता है तू मेरे साथ

सॅम;को लगा लाइन क्लियर है वो नजमा के पास आके खड़ा हो जाता है और उसकी आँखों में देखते हुए बड़े रोमॅंटिक अंदाज़ में कहता है
अपनी अम्मी को बीवी की तरह से 
इससे पहले वो आगे कुछ और बोल पाता 

नजमा;अपनी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा देती है और अपने हाथ पीछे लेजाके ब्लाउस के बाद ब्रा भी खोल देती है
ले सॅम नोच ले मुझे यही चाहता है ना तू अपनी अम्मी को बिस्तर पे लेजाके करले जो करना चाहता है मैं उफफफफ्फ़ तक नही करूँगी पर याद रख इस सब में मेरी मर्ज़ी शामिल नही है मिटा ले अपनी हवस

नजमा;को लगा जैसे उस की इस बात से सॅम शर्म महसूस करके वहाँ से चला जाएगा और फिर आइन्दा कभी ऐसी हरकत नही करेगा आख़िर वो भी सॅम को थप्पड़ मार मार के परेशान हो चुकी थी.. 

सॅम;की आँखे फटी की फटी रह गई थी उसकी उम्मीद के खिलाफ अमल हुआ था 
वो ललचाई हुई नज़रों से नजमा के ब्रेस्ट को देखने लगता है

38डी के सुडोल ब्रेस्ट एकदम सफेद मखमल से एहसास वाले ये मखमले एहसास सॅम को कार में हो चुका था जब वो सब फीरोजा के यहाँ जा रही थी

वो नजमा के पास आता है और उसके बिल्कुल सामने खड़ा हो जाता है

नजमा;अभी भी सॅम को ही देख रही थी 

सॅम;सॅम के हाथ कांप रहे थे पर दिल में जोश उफ्फान पे था
वो धड़कते दिल के साथ अपना एक हाथ नजमा के राइट ब्रेस्ट पे रख के हल्के से उसका निपल मसलता है
और फिर नीचे झुक के उसे अपने मुँह में लेलेता है गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प स्शह उसने बड़े ज़ोर से काटा था

नजमा;अहह कम्बख़त दूर हट 
नजमा जो सोच भी नही सकती थी सॅम ने वो हरकत की थी

सॅम;अम्मी आपको क्या लगा आपके इस तरह मुझे खुला चॅलेंज देने से में शर्मिंदा हो जाउन्गा
अहहहहहह आप ये कैसे भूल गयी कि बेशरम को शरम नही आती
और एक बात मैं ना डास्टर पे शरम करता हूँ और ना बिस्तर पे

अभी आप कपड़े पहन लो क्योंकि मैं आपको पाना चाहता हूँ पर आपकी मर्ज़ी से और आपकी खुशी से उसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े पर मेरी मोहब्बत आपके लिए कभी कम नही होने वाली.

सॅम;ये बोलके रुका नही और बाहर की तरफ निकल गया

नजमा;जाने कितनी देर उसी तरह टॉपलेस खड़े खड़े उसकी बातें और उसके अंदाज को निहारती रही

सॅम;ऑफीस के लिए निकल चुका था आज शबनम ने ऑफीस से छुट्टी लेली थी उसे अपनी अम्मी के साथ वक़्त गुज़ारना था

ऑफीस में नजमा का रवैया सॅम के साथ एकदम नॉर्मल था जैसे सुबह कुछ हुआ ही नही

जब सॅम अपनी ऑफीस में बैठा कुछ फाइल्स चेक कर रहा था जब उसके सेल पे शिबा का कॉल आता है

सॅम;हेल्लो जी कैसी हो जानेमन

शिबा;तुम्हारे बिना जल बिन मछली हूँ सॅम आजाओना घर पे

सॅम;हाहः आज नही शिबा ऑफीस में बहुत काम है 

शिबा;फिर कब देखो ना मेरी वो रो रो के तुम्हे कितना बुला रही है

सॅम;ह्म्म्म्म म ऐसा करता हूँ में तुम्हे फोन करूँगा ओके
शिबा'ओके मैं इंतजार करूँगी बयययययी

सॅम;जैसे ही बात ख़तम करके घुमा उसे सामने नजमा घूरते हुए मिली

नजमा;किस से बातें कर रहे थे

सॅम;क्यूँ कुछ नही वो फ्रेंड था मेरा आप इस वक़्त मेरे कॅबिन में कुछ काम था

नजमा;काम वाम होते रहेंगे पहले तुम मुझे अपना सेल फोन दिखाओ मैं भी तो देखूं कौनसा फ्रेंड है 

सॅम;उफफफफफफफ्फ़ हो अम्मी आप भी ना कभी कभी बिल्कुल बीवी जैसा रिएक्ट करती है
ये कहते हुए सॅम के चेहरे पे मुस्कान आ गई थी

सॅम;एक दम सीरीयस हो जाता है और नजमा का चेहरा अपने दोनो हाथों में थाम लेता है
आपको मेरी मोहब्बत पे शक होगा पर में जानता हूँ मेरी मोहब्बत आसमान से भी ज़्यादा बुलंद है

नजमा;मुझ जैसी बूढ़ी औरत में तुझे क्या दिखता है ऐसा 

सॅम;;तुझे देख के जोश ए जवानी भी रख्स करती है
तू डाले पाँव पानी में तो पानी भी रख्स करता है
तुझे छूने की खावहिश में हवा रुक रुक के चलती है
और जो छूळे तुझे तो खूब जलती है

और आप खुद को बूढ़ी कहती हो

नजमा;का ये सुनके बुरा हाल हो चुका था शायद दिल के किसी कोने में एक सॉफ्ट कॉर्नर बन गया था सॅम के लिए

नजमा;ये तूने खुद लिखा है मेरे लिए

सॅम;नही अम्मी ये शेर तो एक गुमनाम शायर शम्स ख़ान की है पर जज़्बात मेरे अपने हैं.

नजमा;अपने लखते जिगर को अपने सीने से लगा देती है.

सॅम;के हाथ भी नजमा को कस लेते है और दोनो माँ बेटे एक दूसरे की बाहों में सिमट जाते है ये पहली दफ़ा नही था जब सॅम और नजमा इस हालत में थे पर कितने दिनो से सॅम की हरकतों की वजह से नजमा सॅम से दूरियाँ बनाए हुई थी

सॅम;अपने एक हाथ को नजमा की ब्रेस्ट पे रख के हल्के से दबाता है

नजमा;ऊऊचह क्या कर रहा है छोड़ तुझे मना किया था ना मैने
सॅम;अम्मी कुछ भी तो नही कर रहा हूँ और वो फिर से नजमा की ब्रेस्ट मसल देता है

नजमा;सॅम को पीछे करते हुए देख सॅम कितने मर्तबा मैं तुझे बता चुकी हूँ जो तू फीरोजा के साथ करचूका है वो में अपने साथ कभी नही होने दूँगी चल हट मुझे ऑफीस जाना है

सॅम;नजमा के चेहरे को दोनो हाथों में थामते हुए अम्मी प्लेआसेज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ देखो में आपको बताना चाहता हूँ कि में आपसे कितना प्यार करता हूँ

नजमा;अच्छा वो कैसे

सॅम;आपको फीरोजा खाला की तरह प्यार करके

नजमा;फीरोजा का नाम सुनके बिदक जाती है उसे वो सब याद आजाता है जो सॅम ने उसके सामने फीरोजा के साथ किया था 
अचानक उसका मोहब्बत वाला लहज़ा खराब सा हो गया था

सॅम ने फीरोजा का नाम लेके अपने पैरों पे कुल्हाड़ी मार दिया था वरना आज नजमा शायद उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़

सॅम;कुछ बोलने वाला था कि नजमा उठ के जाने लगती है
तभी सॅम उसका हाथ पकड़ लेता है
अम्मी सुनो ना 

नजमा;दरवाज़ा बंद कर देती है और सॅम के सामने खड़ी हो जाती है
अब बोल क्या करना चाहता है तू मेरे साथ

सॅम;को लगा लाइन क्लियर है वो नजमा के पास आके खड़ा हो जाता है और उसकी आँखों में देखते हुए बड़े रोमॅंटिक अंदाज़ में कहता है
अपनी अम्मी को बीवी की तरह से 
इससे पहले वो आगे कुछ और बोल पाता 

नजमा;अपनी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा देती है और अपने हाथ पीछे लेजाके ब्लाउस के बाद ब्रा भी खोल देती है
ले सॅम नोच ले मुझे यही चाहता है ना तू अपनी अम्मी को बिस्तर पे लेजाके करले जो करना चाहता है मैं उफफफफ्फ़ तक नही करूँगी पर याद रख इस सब में मेरी मर्ज़ी शामिल नही है मिटा ले अपनी हवस

नजमा;को लगा जैसे उस की इस बात से सॅम शर्म महसूस करके वहाँ से चला जाएगा और फिर आइन्दा कभी ऐसी हरकत नही करेगा आख़िर वो भी सॅम को थप्पड़ मार मार के परेशान हो चुकी थी.. 

सॅम;की आँखे फटी की फटी रह गई थी उसकी उम्मीद के खिलाफ अमल हुआ था 
वो ललचाई हुई नज़रों से नजमा के ब्रेस्ट को देखने लगता है

38डी के सुडोल ब्रेस्ट एकदम सफेद मखमल से एहसास वाले ये मखमले एहसास सॅम को कार में हो चुका था जब वो सब फीरोजा के यहाँ जा रही थी

वो नजमा के पास आता है और उसके बिल्कुल सामने खड़ा हो जाता है

नजमा;अभी भी सॅम को ही देख रही थी 

सॅम;सॅम के हाथ कांप रहे थे पर दिल में जोश उफ्फान पे था
वो धड़कते दिल के साथ अपना एक हाथ नजमा के राइट ब्रेस्ट पे रख के हल्के से उसका निपल मसलता है
और फिर नीचे झुक के उसे अपने मुँह में लेलेता है गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प स्शह उसने बड़े ज़ोर से काटा था

नजमा;अहह कम्बख़त दूर हट 
नजमा जो सोच भी नही सकती थी सॅम ने वो हरकत की थी

सॅम;अम्मी आपको क्या लगा आपके इस तरह मुझे खुला चॅलेंज देने से में शर्मिंदा हो जाउन्गा
अहहहहहह आप ये कैसे भूल गयी कि बेशरम को शरम नही आती
और एक बात मैं ना डास्टर पे शरम करता हूँ और ना बिस्तर पे

अभी आप कपड़े पहन लो क्योंकि मैं आपको पाना चाहता हूँ पर आपकी मर्ज़ी से और आपकी खुशी से उसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े पर मेरी मोहब्बत आपके लिए कभी कम नही होने वाली.

सॅम;ये बोलके रुका नही और बाहर की तरफ निकल गया

नजमा;जाने कितनी देर उसी तरह टॉपलेस खड़े खड़े उसकी बातें और उसके अंदाज को निहारती रही

सॅम;ऑफीस के लिए निकल चुका था आज शबनम ने ऑफीस से छुट्टी लेली थी उसे अपनी अम्मी के साथ वक़्त गुज़ारना था

ऑफीस में नजमा का रवैया सॅम के साथ एकदम नॉर्मल था जैसे सुबह कुछ हुआ ही नही

जब सॅम अपनी ऑफीस में बैठा कुछ फाइल्स चेक कर रहा था जब उसके सेल पे शिबा का कॉल आता है

सॅम;हेल्लो जी कैसी हो जानेमन

शिबा;तुम्हारे बिना जल बिन मछली हूँ सॅम आजाओना घर पे

सॅम;हाहः आज नही शिबा ऑफीस में बहुत काम है 

शिबा;फिर कब देखो ना मेरी वो रो रो के तुम्हे कितना बुला रही है

सॅम;ह्म्म्म्म म ऐसा करता हूँ में तुम्हे फोन करूँगा ओके
शिबा'ओके मैं इंतजार करूँगी बयययययी

सॅम;जैसे ही बात ख़तम करके घुमा उसे सामने नजमा घूरते हुए मिली

नजमा;किस से बातें कर रहे थे

सॅम;क्यूँ कुछ नही वो फ्रेंड था मेरा आप इस वक़्त मेरे कॅबिन में कुछ काम था

नजमा;काम वाम होते रहेंगे पहले तुम मुझे अपना सेल फोन दिखाओ मैं भी तो देखूं कौनसा फ्रेंड है 

सॅम;उफफफफफफफ्फ़ हो अम्मी आप भी ना कभी कभी बिल्कुल बीवी जैसा रिएक्ट करती है
ये कहते हुए सॅम के चेहरे पे मुस्कान आ गई थी
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10-30-2018, 06:25 PM,
#49
RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
नजमा;तुझे कंट्रोल करना पड़ेगा सॅम वरना तू वो यहाँ ऑफीस में सॅम को डाँट भी नही सकती थी बस बेचारी घूर के रह जाती है और पैर पटकते हुए वहाँ से बाहर निकल जाती है

तभी सॅम सोचने लगता है यार ये आइडिया मस्त है
अगर अम्मी के दिल का हाल जानना है तो क्यूँ ना उन्हीं जेल्स फील करवाया जाए अगर वो भी मुझसे मोहब्बत करती है तो वो पॉज़िटिव रिएक्ट करेंगी

ओूऊऊऊव सुपर्ब वो खुद को ही दाद देता हुआ ऑफीस की फाइल्स में खो जाता है

रात 8पी एम;
रात के खाने के बाद महक और नजमा हॉल में बैठी ऑफीस के कुछ काम देख रही थी और ज़ेबा अपने बेटी के रूम में रात की तैयारी कर रही थी

महक;अपने बेड पे लेटी कुछ पढ़ रही थी तभी सॅम धडाम से उसके पास लेट जाता है

सॅम;क्या पढ़ रही है मोटी

महक;है एक लव स्टोरी क्यूँ

सॅम;महक के पेशानी को हाथ लगाते हुए तेरी तबीयत तो खराब नही है ना

महक;बिल्कुल नही क्यूँ मैं ऐसे बुक नही पढ़ सकती क्या

सॅम;हाँ पढ़ सकती है पर ये तेरी पर्सनॅलिटी को सूट नही करती ना तुझे पता है कौन सी बुक सूट करती है 
मर्डर मिस्टरी होर्रेर क्राइम ऐसी बुक

महक;को बुरा सा लग जाता है और वो हुन्न्ञणन् कहते हुए दूसरी तरफ मुँह करके बुक पढ़ने लगती है

महक;पेट के बल लेटी हुई थी उसने जीन्स और टॉप पहना हुआ था जीन्स की वजह से उसकी कमर के बीच की दरार सॉफ दिखाई दे रही थी

सॅम;अपना हाथ उसकी उभरी हुई कमर पे रख देता है

महक;ऊऊऊऊऊ बदमाश हाथ हटा क्या हो गया है तुझे
शरम नही आती 

सॅम;शरम कैसी मैं तो तुझे बिना कपड़ों के भी देख चुका हूँ

महक;चौंकते हुए कब्ब्ब 

सॅम;अम्मी के पेट में क्यूँ तुझे याद नही हम दोनो अम्मी के पेट में छुपान छुपाई खेला करते थे

महक;खिल खिला के हँसने लगती है

तू बिल्कुल उल्ला का पट्ठा है चल जा मेरे कमरे से वरना अम्मी को आवाज़ दूँगी

सॅम;ओके बाबा नो मस्ती अच्छा एक बात बता तू ये जीन्स शर्ट्स क्यूँ पहनती है शलवार कुर्ता क्यूँ नही

महक;सीरीयस हो गयी थी तुझे इससे क्या मेरे मर्ज़ी

सम;बोल ना महक 

महक;फिर कभी तू जा अभी मुझे कुछ काम है

सॅम;ओके ऐज युवर विश
वैसे तू शलवार कमीज़ में बहुत खूबसूरत लगे गी गॅरेंटेड

रात 1एएम;
सॅम ;जब शबनम के रूम में पहुँचा तो उसे पहला शौक लगा
दोनो माँ बेटी जाग रही थी और नाइटी में बैठी बातें कर रही थी

जब उनकी नज़र सॅम पे पड़ी तो शबनम के साथ साथ ज़ेबा भी थोड़ा सा शर्मा गयी
शबनम;फ़ौरन उठ के रूम का डोर बंद कर देती है

ज़ेबा;आओ सॅम यहाँ बैठो मेरे पास
पहले सॅम को थोड़ी झिझक सी महसूस हुई फिर उसने खुद को संभाल लिया और ज़ेबा के पास जाके बैठ गया

ज़ेबा;ने हल्की गुलाबी नाइटी पहनी हुए थी और शायद अंदर कुछ नही था
जब शबनम सॅम के पीछे से आके उसके गले में बाहें डालती है तो सॅम समझ जाता है कि आज कुछ स्पेशल होने वाला है

शबनम;क्या हुआ सॅम बड़े चुप चुप से हो

सॅम;शबनम को अपनी गोद में गिराते हुए नही मेरी भाभी जान बस सोच रहा हूँ आज मौसम बड़ा बेईमान है आज मौसम

शबनम;क्या इरादा है देवर जी

सॅम;बड़ा ही नेक इरादा है बस आपकी अम्मी हाँ कर्दे

सॅम ज़ेबा को ही देख के ये सब कह रहा था

ज़ेबा;अचानक अपनी नाइटी गर्दन से निकाल के फेंक देती है
जब मेरे बेटी तुम्हारी हो गयी है बेटा तो माँ क्यूँ नही

शबनम;अपनी अम्मी की इतनी हिम्मत पे दाद दिए बिना ना रहसकी और जवाब में उसने अपनी नाइटी के साथ साथ सॅम की पॅंट की ज़िप भी खोल दे

और धक्का देके दोनो माँ बेटी ने सॅम को बेड पे लेटा दिया

सॅम;मुस्कुराता हुआ लगता है आज तुम दोनो माँ बेटी मिलके मेरा बलात्कार करने वाले हो

ज़ेबा;हाँ रात भर 

शबनम';जो सॅम की पॅंट उतार चुकी थी 
वो ज़ेबा का हाथ पकड़ के सॅम के अंडरवेर में डाल देती है

ज़ेबा;अहह कितना बड़ा और मोटा है शबनम बेटी इसका
उसे रहा नही जाता और ज़ेबा एक झटके में सॅम की अंडरवेर खींच लेती है
और कोब्रा अपना फॅन फैलाता हुआ दोनो माँ बेटी को डसने को सर उठा लेता है

ज़ेबा;चुदाई में पीएचडी करचुकी थी उसे पता था मर्द को बिना थकाये कैसे रात भर मज़े ले सकते है

शबनम;अपनी ज़ुबान सॅम के लंड पे फेरती है 

ज़ेबा;रुक जा बेटा ऐसे करेगी तो पानी छोड़ देगा सॅम और हम प्यासी ही मर जाएँगी

ज़ेबा;एक रब्बर बॅंड उठाके सॅम के टेस्ट्स पे बाँध देती है

सॅम;को थोड़ा दर्द होता है पर वो जोश में सब बर्दास्त का जाता है

ज़ेबा;आजा बेटी दोनो मिलके माल खाते है

शबनम;हाँ अम्मी 
और दोनो माँ बेटी सॅम को अपने मुँह में लेके चूसने लगते है गलपप्प्प्प गलपप्प्प्प्प अहह उऊन्ह ऊईई गलपप्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प

ज़ेबा;बीच बीच में शबनम की चूत भी मसल्ने लगती है जिससे शबनम उछल जाती थी 

शबनम;अहह ऊइईई अम्मी उनह 
गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प
दोनो माँ बेटी ऐसे बिहेव कर रही थी जैसे लेज़्बीयन हो और कोई पेशावर कोठी की रांड़ हों 
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10-30-2018, 06:26 PM,
#50
RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
असल बात तो ये थी कि कल रात जबसे ज़ेबा ने सॅम से शबनम को चुदते देखी थी उसकी चूत मचलने लगे थी उसने अपनी बेटी को भी राज़ी कर लिया था कि वो भी सॅम से चुदवाना चाहती है अपने अकेले पन का बहाना बनाके वो शबनम को ब्लॅक मेल करने में कामयाब हो गयी थी और उसका नतीजा ये था दोनो सॅम के लंड पे टूट पड़ी थी

सम;अहह आराम से शबनम अहह खाला जान ऊूुुुुुुउउ मेरे लंड में दर्द हो रहा है
और सच में जैसे जैसे सॅम का लंड आकड़ रहा था उसके टेस्ट्स पे भी दबाव बढ़ रहा था उपर से ज़ेबा ने उसपे रब्बर बॅंड बाँध रखी थी जिससे सॅम को दर्द होने लगा था

ज़ेबा;बस कुछ देर बेटा गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प

शबनम;निकल दोना रब्बर सॅम को दर्द हो रहा है ना

ज़ेबा;जैसे ही रब्बर निकलती है सॅम की तेज़ पानी की धार सीधा शबनम के हल्क में जाके गिरने लगती है 

सॅम;अहह साली मार देगी क्या हाआआआअ ऊूुुुुुुुउउ

ज़ेबा;शबनम पीजा सारा पानी एक कतरा भी नीचे गिरा ना तो तुझे सॅम से चुदने नही दूँगी आज रात में

शबनम;गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प एक एक कतरा चाटती चली जाती है गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प

जब शबनम सारा पानी चाट चुकी थी तो ज़ेबा उसे इशारे से सॅम के सर के पास जाने को कहती है और खुद सॅम के लंड को चूसने लगती है

सॅम;के पास जैसे ही शबनम आके बैठी है

ज़ेबा;गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प सॅम बेटा चाट ले अपनी भाभी की चूत गलपप्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प

शबनम;अपने दोनो पैर खोलके सॅम के मुँह पे अपनी चिकनी चूत लगा देती है अहह अम्मी गगगगगगग

सॅम;भी यही चाहता था वो शबनम की चूत को बड़े प्यार से चाटने लगता है गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प

दिलकश मंज़र था माँ लंड चूसने मे बिज़ी थी और बेटी चूत चूसाने में 

तीनो अपनी अपनी दुनिया में गुम थे 

ज़ेबा;की जबर्दास्त चुसाइ से सॅम का लंड पल भर में फिर से खड़ा होने लगा था वहीं शबनम की चूत से रिस रिस के पानी सॅम के मुँह में गिरने लगता है

गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आअहह पूरे रूम में बस यही सब गूँज रहा था

सॅम;का लंड खड़ा हो चुका था और बस उसे तलाश थी अपनी पहली चूत की

वो ज़ेबा को खींचता है
खाला जान ज़रा इधर तो आओ जी

ज़ेबा;अहह हाँ मेरे बच्चे 

सॅम;ज़ेबा की टाँगें फैला के उसपे चढ़ जाता है और अपने लंड को ज़ेबा की चूत पे घिसने लगता है अहह

ज़ेबा;अहह बेटा डाल दे ना हााअ अंदर उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

सॅम;पहले बोल चोद मुझे बेटा अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

ज़ेबा;हाँ सॅम चोद ना बेटा मुझे चोद ना अपनी खाला को हााआअ चोद डाल मुझे मेरे बेटी के सामने अहह वो दीवानी होचुकी थी और जल्द से जल्द सॅम के लंड को अपनी चूत की गहराइयो में समाना चाहती थी

सॅम;शबनम को देखता है जो अपनी चूत के दाने को मसल्ते हुए ये सब देख रही थी

सॅम;;भाभी ज़रा अपनी अम्मी के मुँह पे चूत तो लगाओ वरना ये चिल्ला चिल्ला के सब को उठा देगी 

शबनम;वैसा ही करते है और अपनी अम्मी के मुँह पे चूत टिका देती है पहले उसे थोड़ी शरम महसूस हुई पर किसी गुमनाम शायर ने खूब कहा है दस्तेर पे और बिस्तर पे कभी शरमाना नही चाहिए.

जैसे ही शबनम की चूत ज़ेबा के होंठो से टकराई सॅम का लंड ज़ेबा की चूत में घुसता चला गया अहह खाला हाआआआआअ

ज़ेबा;उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नहियीईईईईईईई स्शस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स अहह मेरिइइ घून्न्ञनणणन् घगघह उसकी चूत में तेज जलन होने लगती है क्योंकि महीनो से बंद पड़े गोदाम की आज सॉफ सफाई हो रही थी 

सॅम;;भाभी ज़रा दबा के अहह साली बहुत चिल्लाती है

ज़ेबा;अहह कमिनाते लोहे का सरिया अंदर डालेगा तो चिल्लाउन्गी नही तो क्या खुशी मनाउन्गी हााआ मेरी चूत का अहह क्या हाल कर रहा है रे ज़ालिमम्म्ममममममममम

पर आज ज़ालिम का राज था और वो अपने ज़ुल्म से माँ बेटी को फ़ना करदेना चाहता था

एक तरफ शबनम अपनी चूत ज़ेबा के मुँह पे घिसते जा रही थी और नीचे सॅम ज़ेबा के दोनो पैरों को फैलाए दना दन अपना लंड अंदर घुसाता चला जा रहा था अहहहहहहः

सॅम;;अहह बहुत नरम है खाला आपकी चूत अहह कसम से बहुत मज़ा आ रहा है हााआआ 

ज़ेबा;हाँ बेटा ऐसे ही अहह ओईईए माँ गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प

ज़ेबा;को समझ नही आ रहा था कि बेटी की चूत चूसे या सॅम के धक्कों को बर्दास्त करे पर उसका अंग अंग सिहर उठा था

शबनम;अहह अम्मी और ज़ोर से अहहहहहहहः शबनम चीखते हुए अपना पानी ज़ेबा के मुँह पे छोड़ने लगती है 
भला एक बेटी अपनी माँ की चुदाई देख और उसी माँ से चूत के चुसाइ करके कैसे जल्दी नही झडेगि अहह

ज़ेबा;का मुँह शबनम के चिप चिपे पानी से पूरे तरह भीग चुका था पर सॅम उसे नही उठने दे रहा था और ना कुछ बोलने दे रहा था 

सॅम;और शबनम दोनो मिलके ज़ेबा के मुँह पे लगा पानी चाटने लग जाते है

ज़ेबा;अहह ओइईई मुस्सल लंड है रीईईई सॅम बेटा हााआअ मेरा ये हाल हो रहा है पता नही मेरी बेटी कैसे लेती होगी अहहहहहहहहः

सम;गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प ज़ेबा के उपर पूरा लेट के गलपप्प्प्प्प्प बस खाला आपकी बेटी भी आपके जैसी है हााआअ सटा सॅट लंड ज़ेबा की चूत में चला जा रहा था और शबनम अपनी अम्मी के मुँह पे गिरा अपनी चूत का पानी चाटते जा रही थी

ये चुदाई अगले 10मिनट और इसी तरह चले और फिर सॅम के साथ साथ ज़ेबा भी झड्ने लगती है हाआआआआअ ऊइईईई

शबनम;अपनी चूत को घिस घिस के थकान महसूस कर रही थी अब उसे कुछ दमदार चाहिए था अपनी अम्मी के सामने जो उसके थकान दूर कर्दे.
शबनम;अपनी चूत को घिस घिस के थकान महसूस कर रही थी
.............

सॅम;जैसे ही उठ के रूम से अटॅच्ड बाथरूम में घुसता है उसके पीछे पीछी शबनम भी चली जाती है

सम;भाभी मुझे पेशाब करने तो दो

शबनम;करोना ना मेने कब रोका है मुझे भी ज़ोर की लगी है सोची साथ में कर्लेती हूँ

सॅम;अपने लंड को हाथ में पकड़ के मूतने की कोशिश करता है पर उसे पेशाब नही होता और उसे ज़ोर से दर्द महसूस होता है अहह वो करहाने लगता है
शायद सीमेन गाढ़ा होने से उसके पेशाब की नली में अटक गया था जिससे पेशाब बाहर नही निकल रहा था और इस वजह से सॅम को जलन और दर्द दोनो हो रहे थे

शबनम;घबरा जाती है क्या हुआ सॅम तुम ठीक तो होना

सॅम;अहह भाभी दर्द हो रहा है और पेशाब भी नही आ रहा

शबनम;नीचे बैठ के उसके लंड को इधर उधर हिलाके देखती है और फिर थोड़ा मसल्ती है पर कोई असर नही होता बल्कि सॅम का दर्द और बढ़ जाता है

सम;अहह प्लीज़ भाभी कुछ करोना मुझ से ये दर्द बर्दास्त नही होता

शबनम;बाहर रूम में बैठी ज़ेबा को आवाज़ देके बुला लेती है और उसे बताती है कि माजरा क्या है

ज़ेबा;जान गयी थी कि सॅम को पेशाब क्यूँ नही हो रहा है

वो नीची बैठ जाती है और मुँह में थोड़ा सा पानी लेके सॅम का लंड अपने मुँह में घुसा लेती है और ज़ोर से फूक मारती है जिससे पानी सॅम की पेशाब की नली में चला जाता है औरवो रुकावट हट जाती है

जैसे ही वो रुकावट हटती है तेज पेशाब की धार सीधा ज़ेबा के मुँह में गिरने लगती है स्शह श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

ज़ेबा;;और मुँह खोल देती है और सॅम का पेशाब पीती चली जाती है
पास में बैठी शबनम ये सब देख रही थी

ज़ेबा;शबनम का सर पकड़ कर सॅम का लंड उसके मुँह में डालने लगती है जैसे ही शबनम हिचकते हुए मुँह खोलती है ज़ेबा शबनम की चूत में दो फिंगर्स घुसा देती है जिससे शबनम अहह की चीख के साथ अपना मुँह खोल देती है और सॅम का मूसल उसके मुँह में भी पेशाब करने लगता है दोनो माँ बेटी सॅम के पेशाब से तर बतर होचुकी थी मुँह से गिरता हुआ वो पानी उनकी ब्रेस्ट के साथ साथ चूत भी भिगा रहा था 

सॅम;अहह चैन की सांस लेता है और सामने बैठी दोनो औरतों को देखने लगता है जो किसी रंडी की तरह मुँह खोल के बैठी थीं

सॅम;का लंड उन्दोनो के आँखों के सामने लटक रहा था

शबनम;की चूत वो चाहती थी पर उसके लिए उसे मेहनत करनी थी सॅम के लंड को फिर से टाइट करने की वो जल्दी से अपने मुँह में सॅम का लंड घुसा कर तेज़ी से चाटने लगती है और साथ में सॅम के टेस्ट्स भी मसलती है गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प उनह

ज़ेबा;खड़ी होके सॅम के मुँह से मुँह चिपका लेती है ज़ेबा के मुँह से आती पेशाब की वो मदहोश करने वाली खुसबू सॅम को और पागल बना रही थी ज़ेबा अपनी ज़ुबान सॅम को चूसा रही थी और सॅम भी बड़े प्यार से ज़ेबा का पूरा मुँह और ज़ुबान चाट रहा था गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प

नीचे से बेटी उपर से माँ दोनो चीज़ें सॅम के लंड को फ़ौरन खड़ा कर देती है

सॅम ;शबनम को दीवार से उल्टा करके खड़ा कर देता है और ज़ेबा नीचे बैठ जाती है
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