bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
01-09-2019, 02:11 PM,
#61
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
साक्षी ने सोनू की पेंट की जीप खोलकर एक ही झटके में उसके लॅंड को कान पकड़ कर बाहर खींच लिया... 



उत्तेजना इतनी अधिक बढ़ चुकी थी उसमे की उसे साँस लेने में भी मुश्किल हो रही थी...

सोनू का लंड बाहर निकलते ही वो उसपर टूट पड़ी...
और सोनू एक हाथ कार के स्टेयरिंग पर और दूसरा उसके सिर पर रखकर,आँखे बंद करके एक जोरदार सिसकारी मारते हुए अपना लंड चुसवाने लगा...



ये वही लंड था जो कुछ देर पहले चाँदनी की गांड में जाकर हाहाकार मचा रहा था
और अब उसी लंड को साक्षी चूस रही थी...
सोनू को अपने लंड पर अभिमान सा हो रहा था इस वक़्त, उसी की बदौलत वो ये सब मज़े ले पा रहा था..
कुछ देर तक उसके लंड को चूसने के बाद वो फिर से उपर आई और अपनी छातियों को एक बार फिर से सोनू के हवाले कर दिया..
सोनू ने उसके निप्पल्स को एक-2 करके जब चूसा तो उसने सोनू के सिर को पकड़ कर ज़ोर से अंदर दबा लिया और उछलकर उसकी गोद में आ गयी...
उसकी साड़ी बुरी तरह से अस्त-व्यस्त सी हो चुकी थी पर उसे शायद अब उसकी चिंता नही रह गयी थी
उसने साड़ी को पकड़ कर पेटीकोट समेत उपर खींच लिया और अपनी चूत को सीधा उसके खड़े लंड पर रखकर दबा दिया...

ये तो अच्छा था की उसने इस वक़्त पेंटी पहनी हुई थी वरना सोनू तो क्या उसके फरिश्ते भी आज उसके लंड को साक्षी की चूत में जाने से नही रोक सकते थे...

साक्षी के चेहरे पर उत्तेजना के भाव सॉफ देखे जा सकते थे
वो इस वक़्त चुदने के लिए बुरी तरह से फड़फड़ा रही थी...
हालाँकि वो भी अभी तक कुँवारी थी पर ना जाने आज क्यो वो सब कुछ करने पर आमादा थी...
उसकी गोद में बैठी हुई साक्षी आगे-पीछे होकर अपनी चूत पर उसके लंड की रगड़ का आनंद ले रही थी..

''ओह... बैबी....... निकालो मेरी पेंटी को ........आई एम डायिंग तो टटेक यू इनसाइड....आआआआआआआआअहह डू इट नाउ......''

एक ही दिन में चुदाई का दूसरा ऑफर मिलने से सोनू की हालत पतली हो गयी....
चाँदनी को तो उसने ये कहकर की, वो किसी स्पेशल के लिए ये सब बचाकर रख रहा है, टरका दिया था.
पर अब साक्षी को वो भला क्या बोले...
वो तो इस वक़्त खुद को वही स्पेशल वन समझ कर उसके उपर आ चढ़ी थी.

पर एक बार फिर से सोनू ने वही कहा : "नही डियर...अभी नही...इट्स नोट द राईट टाइम....आंड नोट ए सेफ प्लेस...''

और कोई होता तो ऐसी हालत में ऐसा एक्सक्यूज़ देने की जुर्रत भी ना करता
एक प्रेमी प्रेमिका के लिए इससे अच्छा मौका तो कोई और हो ही नही सकता था...
आस पास कोई भी नही था...
बाहर से भी अंदर का कुछ देखा नही जा सकता था...
पर फिर भी सोनू के अंतर्मन से जो आवाज़ आ रही थी वो सुनकर उसने साक्षी को भी अपने लंड से मिलने वाली पहली चुदाई से वंचित कर दिया...
और सबसे बड़ी बात ये थी की अभी भी वो खुद नही जानता था की वो ये सब क्यो कर रहा है...
तनवी के लिए या सोनिया के लिए...
पर साक्षी को मना करके वो उसे उन संभावित नामो की सूची से निकाल चुका था जिसके साथ वो पहली चुदाई करना चाहता था.

साक्षी को भी उसकी बात सही लगी की ये जगह सही नही है...
वैसे भी ये उसकी पहली चुदाई थी
ऐसे एक छोटी सी कार में बैठकर वो इस यादगार लम्हे को जल्दी में जीना नही चाहती थी... 
पर उत्तेजना का ज्वार ही ऐसा चड़ा हुआ था उसपर की वो ऐसा करते हुए कुछ सोच ही नही पाई..

पर एक बात तो थी
अपनी चूत पर पहली बार एक लंड की दस्तक महसूस करके उसकी चूत के दरवाजे खुद ही बोल रहे थे की अब तो रहा नही जाता ...
आने दो इस बांके लंड को अंदर...
टूट जाने दो हमें 
और 
ले लो मज़ा जिंदगी की उस हसीन सौगात का 
जिसे लोग चुदाई कहते है.
साक्षी ने अपने प्यारे सोनू के चेहरे को पकड़ कर एक बार फिर से अपने होंठों से लगा लिया और उसके लिप्स को किसी बंगाली रसगुल्ले की तरहा चूसने लगी...
आज सच में उसे सोनू पर बहुत प्यार आ रहा था.

वो जान चुकी थी की अभी के लिए चुदाई तो पॉसिबल नही है 
पर इस वक़्त चुदाई से कम कुछ भी करने मे उसका दिल नही मान रहा था...
इसलिए वो वही करती रही जो अभी तक कर रही थी...
यानी अपनी पेंटी से ढकी चूत को उसके नंगे लंड पर रगड़ कर मज़ा.

ऐसा करते हुए वो ज़ोर-2 से सिसकारियाँ भी मार रही थी...
आज से पहले सोनू ने किसी भी लड़की को इतना अधिक उत्तेजित नही देखा था...

सोनू के लंड का निचला हिस्सा इस वक़्त उसकी चूत की फांकों के बीच बुरी तरह से फँसा हुआ था 
और वो साक्षी के अनार दाने की मसाज करके उसे उसकी लाइफ के सबसे शक्तिशाली ऑर्गॅज़म के करीब ला रहा था...

साथ ही साथ वो उसके कश्मीरी सेब पर लगे दाने को भी अपने दाँतों से चबा रहा था...
उसकी गोरी -2 छातियों को अपने दाँत और जीभ से चूसकर उसपर टैटू बना रहा था.

और जल्द ही सोनू की इन सभी कलाकारीयों को अपनी चूत और छातियों पर महसूस करके वो बुरी तरह से चिल्लाती हुई झड़ने लगी...
''आआआआआआआआआआआआआआअहह मेरी ज़ाआाआआआन् .....फ़आआआआअक्कककककककक...... अहह..... आई एम कमिंग........ आयी एम् कमिंग डार्लिंग.......''

और सोनू ने सॉफ महसूस किया की उसकी पेंट का अगला हिस्सा बुरी तरह से गीला कर दिया है उसने...

वो गहरी साँसे लेती हुई उसके उपर ओंधी होकर गिर पड़ी.....
और बाद में सोनू ने उसे बड़े प्यार से दूसरी सीट पर बिठा दिया..

सोनू ने एक टावल लेकर उसे गीला किया और अपनी पेंट सॉफ की...
वो अभी भी साथ वाली सीट पर आधी नंगी होकर सोनू को बड़े प्यार से देख रही थी...
सोनू नही झड़ा था 
क्योंकि एक घंटे पहले ही वो चाँदनी की गांड में झड़कर आया था
अगली बार उसका माल निकलने में काफ़ी टाइम लगने वाला था...
और अभी के लिए इतना टाइम नही था उनके पास..
इसलिए उसने साक्षी के, लंड चूसकर झड़ने के, प्रोपोसल को भी अभी के लिए मना कर दिया 

अपने-2 कपड़े ठीक करके वो घर की तरफ चल दिए..
साक्षी को उसके घर उतारने से पहले भी उसने काफ़ी देर तक उसे स्मूच किया...और बाद में अपने घर आ गया.

बाहर पहुँचकर उसने सोनिया को कॉल करके बोल दिया की वो आ चुका है
बाकी सब सो चुके थे, इसलिए वही दरवाजा खोलने के लिए आई...
और उसके कपड़े देखकर वो एक बार फिर से उसकी हिम्मत का कायल हो गया...
उसने वही नन्ही सी निक्कर पहनी हुई थी जो आज तक उसने सिर्फ़ अपने बेडरूम में ही पहनी थी...
और साथ में एक छोटी सी टी शर्ट, जिसमें उसके निप्पल्स सॉफ चमक रहे थे, यानी उसने अंदर ब्रा भी नही पहनी थी...

सोनू के चेहरे पर एक बार फिर से शैतानी मुस्कान आ गयी...
आज की रात वो कुछ ख़ास करने के मूड में आ चुका था.
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01-09-2019, 02:11 PM,
#62
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
अपने रूम में पहुँचते ही सोनिया ने बड़ी बेबाकी से अपनी टी-शर्ट को अपने जिस्म से उतार कर एक तरफ फेंक दिया...
और अब वो सोनू के सामने टॉपलेस होकर खड़ी थी..
एक के बाद एक, अलग-2 साइज़ के बूब्स देखकर सोनू तो आज पागल सा हुआ जा रहा था....

रात का 1 बज रहा था, इसलिए नीचे से मॉम-डेड के आने का ख़तरा नही था
दरवाजा भी बंद था, ऐसे में सोनिया अपने हिसाब से कपड़े पहन कर घूम रही थी.

उसने जब सोनू की फटी हुई आँखो को देखा तो वो बोली : "ऐसे क्या देख रहे हो तुम...मैं तो पहले भी ऐसे ही लेटी हुई थी अपने बेड पर...वो तो नीचे जाते हुए ये टी शर्ट पहनी वरना मुझे तो ऐसे ही सोने का शोंक है...इनफॅक्ट नीचे भी मैं कुछ पहनना पसंद नही करती सोते हुए..''

ये कहकर उसने सोनू को एक आँख मारी, जैसे सोनू से पूछ रही हो की अपनी वो निक्कर भी उतार दे या नही...

पर उससे पहले सोनू को अपने कपड़े उतारने थे
अपना कोट-पेंट और शर्ट उतारकर जब वो सिर्फ़ अंडरवेर में रह गया और मुँह हाथ धोकर वापिस रूम में आया तो सोनिया को अपने बिस्तर पर बड़े कामुक पोज़ में नंगी लेटे पाया...सोनू ने नीचे देखा तो सोनिया की वो छोटी सी निक्कर भी ज़मीन पर पड़ी थी...
और अपनी बाहें फैला कर वो सोनू को अपने पास बुला रही थी...

वो तो वैसे भी उसके पास जाने वाला था, पर इस तरह के सेंसुअल तरीके का बुलावा उसे बहुत पसंद आया..

वो जैसे ही बेड पर चड़ने लगा तो सोनिया ने उसे टोक दिया और बोली : "रूको...ये भी उतारो...नो क्लोथ एलाउड टुनाइट..''

अब तो उसका लंड पूरा खड़ा हो गया...अंडरवीयर उतारते हुए भी उसके खूँटे की तरह खड़े लॅंड ने बड़ी परेशानी की..

बेड पर लेटते ही सोनिया उसके कंधे पर सिर रखकर उससे लिपट गयी..
दोनो पूर्ण रूप से नंगे थे और ऐसे में सोनिया ने जब अपना सिर उसके कंधे पर रखा, अपनी बाहें उसके सीने पर रखकर दबाया, अपने बूब्स उसकी छातियों पर रखकर ज़ोर से दबाए और अपनी टांगे उसके लंड के इर्द गिर्द घुमाते हुए उसे जकड़ा तो सोनू किसी दूसरी ही दुनिया में पहुँच गया...

दोनो के होंठ एक दूसरे से जा चिपके और सोनू अपनी बहन के होंठो का अमृत आँखे बंद करके पीने लगा..

कुछ देर तक चूसने के बाद सोनिया ने उसके सिर को पकड़ कर अपनी छाती की तरफ धकेल दिया...
वो समझ गया की उसके निप्पल्स में खुजली हो रही है जिसे सोनू को अपने होंठों और दांतो से बुझानी होगी...

वो बुरी तरह से उन्हे चूसता हुआ उनपर टूट पड़ा..

''आआआआआआआआआहह बैबी.....उम्म्म्ममममममम....... मज़ा आ गया....''

फिर वो बोली : "आज लगता है कुछ ख़ास हुआ है वहां पर....बताओ मुझे....सब कुछ.....बोलो...आआआआहह''

सोनू ने अपना सिर उपर उठाया... 
एक पल के लिए तो उसे लगा की तनवी की तरह साक्षी ने भी उसकी बहन को सब बता दिया है...
पर ऐसा तो हो नही सकता था...दोनो एक दूसरे को जानती भी नही थी...

पर आज जो भी हुआ था, उसे अपनी बहन से छुपाने का भी कोई फायदा नही था...
वो सोनिया के साथ ऐसी पारदर्शिता के साथ रहना चाहता था जिसकी वजह से उसे कभी भी झूट ना बोलना पड़े..

इसलिए उसने धीरे-2 करके उसे सारी बात बता दी...
सोनिया भी मंद-2 मुस्कुराते हुए अपने भाई के कारनामे सुनती रही...
हालाँकि उसे ये सुनकर आश्चर्य हुआ की आज सोनू ने साक्षी की फ्रेंड चाँदनी की गांड मारी, जो की उसकी लाइफ का पहला छेद था जिसमें उसने अपना लंड घुसाया था, पर ये सुनकर की उसने लगातार चाँदनी और साक्षी की चूत मारने से मना कर दिया वो अंदर से काफ़ी खुश हुई...

फिर वो उसके होंठो को चूमती हुई बोली : ''मेरा शोना बैबी.... तो तुम्हे क्या लगता है, अपनी लाइफ में ये पहली बार तुम किसके साथ करना चाहोगे...कौन है वो स्पेशल वन''

उसकी आँखो में एक आस सी थी.... 
शायद अपना नाम सुनने की.

सोनू ने उसकी प्यासी आँखो में देखा... 
एक के बाद एक उसके सामने सभी के चेहरे घूम गये....
तनवी का...
साक्षी का...
चाँदनी का और सोनिया का... 
और बार -2 सिर्फ़ और सिर्फ़ सोनिया का ही चेहरा सभी से आगे आकर खड़ा हो रहा था... 
और इस तरह से उसे खुद ही इस सवाल का जवाब मिल गया...

हाँ ..
वो सोनिया ही थी....
जो उसके अंदर इस कदर समा चुकी थी की वो अपनी लाइफ की पहली चुदाई उसी के साथ करना चाहता था... 
उसे अब इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ रहा था की ये उसकी खुद की सग़ी बहन है... 
इन संबंधो की शुरूवात करते हुए भी उन्होने दुनिया भर की कसमें खायी थी...
नियम बनाए थे...
क्या ग़लत है और क्या सही है ये सब पहले से निर्धारित कर लिया था...
और उसी के अनुसार आज तक उनके संबंध हर कसोटी को पार करके बढ़ते चले आ रहे थे...
और आज आलम ये था की सिर्फ़ चुदाई को छोड़कर उन्होने एक दूसरे के जिस्मों के साथ प्यार करने के हर तरीके को इस्तेमाल कर लिया था..
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01-09-2019, 02:11 PM,
#63
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनू ने उसकी गुलाबी आँखो मे देखते हुए कहा : "तुम्हारे साथ दी...तुम्हारे साथ...''

उसके इतना कहने की देर थी की सोनिया उसके होंठों पर टूट पड़ी...
अपने नंगे जिस्म को उसके शरीर से रगड़ती हुई, अपनी टूटी हुई सांसो से उसने पूछा : "और....और ये...ये ग़लत तो नही होगा ना...''

सोनू जानता था की उसकी बहन उसे छेड़ने के लिए ऐसा ज़रूर पूछेगी...
पर वो अब जान चुका था की इस बात को बार-2 कहकर वो अपनी लाइफ की सबसे बड़ी भूल कर रहा था...

वो बोला : "नही दी... मुझे नही पता की ये क्या चीज़ है जो मुझसे ये सब करवा रही है..मैं आज तक यही सोचता था की शायद ये सैक्स की भूख है हम दोनो के बीच जो हमे हर बार इस तरह से एक दूसरे की तरफ आकर्षित कर रही है और इसलिए मैं फकिंग को छोड़कर सब कुछ करने के लिए तैयार था...और हमने वो सब किया भी...पर आज जो मेरे साथ हुआ, उसके बाद मुझे पता चला की सैक्स तो मैं उनके साथ भी कर सकता था, उनके साथ करने मे कुछ ग़लत भी नही होता...पर मेरे अंदर से जो आवाज़ आई उसे सुनकर मुझे पता चला की शायद मुझे तुमसे प्यार हो गया है...हाँ दी, आई लव यू ...और ये शायद ग़लत होगा की एक भाई अपनी बहन से इस तरह का प्यार करे, पर अब ये मेरे बस की बात नही रह गयी है...आई एम् हेल्पलेस...और शायद यही हाल तुम्हारा भी है...मैने हर कोशिश करके देख ली है, पर अब मुझसे रहा नही गया और आज मैं आपसे अपने दिल की बात कह रहा हूँ दी, ये ग़लत नही है...और मैं अपनी लाइफ का पहला प्यार आपको देना चाहता हूँ ....''

सोनिया अपनी गर्म साँसों के बीच अपने भाई का ये कबूलनामा सुनती रही...
और फिर उसकी आँखे भीग आई...
शायद यही वो भी सुनना चाहती थी...
यही वो भी कहना चाहती थी.... 
और इसलिए अब इस प्यार को अपनी मंज़िल पर पहुँचाना ज़रूरी था.

दोनो का एक होने का समय आ चुका था.

वो भी भर्रायी हुई आवाज़ में बोल पड़ी : "हाँ भाई....आई लव यू टू....और ये बिल्कुल भी ग़लत नही होगा....हम सब कुछ करेंगे और बाकी सभी बातों का भी ध्यान रखेंगे...पर अब और रुका नही जाएगा ....''

इतना कहते हुए वो बेड पर लेट गयी और सोनू को उपर आने के लिए कहा...

ये वो पल था जब उन दोनो के बीच बची एक मात्र धागे जितनी पतली दीवार भी टूटने वाली थी....
दोनो ने एक दूसरे की आँखो में देखा
हर तरफ प्यार ही प्यार था...
और आज की पूरी रात वो इस प्यार को एक दूसरे पर लूटा देना चाहते थे...

सोनिया ने बड़े प्यार से सोनू के लंड को अपने मुँह में लिया और उसे अच्छे से चूमा, चूसा और इतना गीला और कड़क कर दिया की वो उसकी चूत में आसानी से घुस सके..
सोनू ने अपने कड़क लंड को पकड़ कर सोनिया की चूत के परों को फेला कर उसपर लगा दिया....
छूट की पंखुड़िया इतनी नर्म और गीली थी की उन्होंने सोनू के लंड के टोपे को तितली के परों की तरह पूरी तहर से धक लिया. 

और फिर सोनू ने उसके मोम्मे पकड़कर धीरे से धक्का लगाया.....
लंड थोड़ा सा अंदर चला गया...

सोनिया कराह उठी
सोनू : "देखो दी...अगर तकलीफ़ हो तो बता देना, मैं वहीं रुक जाऊंगा''

उसने हामी भरी, इस वक़्त तो वो अपनी लाइफ की सबसे ब्यूटिफुल मूमेंट जी रही थी, दर्द होने का तो सवाल ही नही उठता था...

सोनू ने अपनी बहन की टांगे दोनो तरफ फेलाइ और एक करारा शॉट मार दिया... 
ये वो शॉट था जिसने सोनू के लंड को सोनिया की चूत की बौंड्री के उस पार पहुँचा दिया... 
एक तीखा दर्द सोनिया को अपनी चूत पर महसूस हुआ, जो शायद उसकी चूत की झिल्ली के फ़टने की वजह से हुआ था.... 
हल्की गरमाहट अंदर से बाहर की तरफ निकलने लगी
जिन बातों को दोनो भाई ग़लत बोलकर नरंदाज करते आ रहे थे वही सब आज कितना सही लग रहा था ये उनसे ज़्यादा कोई और जान ही नहीं सकता था...
सोनू के झटकों की वजह से सोनिया के मुँह से सिसकारिके साथ-2 दर्द भी उभर रहा था..

''उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआआअहह...... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... धीरे कर....... ध्ीएरए.....''

सोनू को लगा की शायद सोनिया को ज़्यादा ही तकलीफ़ हो रही है, इसलिए उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया...

वो किसी ज़ख्मी नागिन की तरहा फुफ्कार उठी..

''वापिस डाल उसे....वापिस डाल जल्दी..... डोंट टेक इट बेक सोनू..... जस्ट फक्क मी......''

सोनू तो एक पल के लिए डर ही गया....
पर सोनिया अब इस मोड़ पर आकर वापिस नही जाना चाहती थी...
वो चाहती थी की ये जो दर्द है एक ही बार में मज़े में बदल जाए..
ये जो झिझक है एक ही बार में निकल जाए...
ये जो ग़लत है एक ही बार में सही हो जाए...
क्या पता फिर उन दोनो में ये सब करने की हिम्मत कभी आ पाए या नही.

इसलिए जो होना है वो आज ही हो जाने दो...

सोनू ने एक बार फिर से जोरदार धक्के के साथ अपना लंड सोनिया की चूत में पेल दिया... 
और इसी झटके ने एक ही बार में उन दोनो भाई बहन के रिश्तों को लीन लिया... 
दोनो एक हो गये.. 
अंदर तक...
सोनू का लंड पूरा का पूरा अंदर घुस चुका था...

वो बेड पर पड़ी हुई कसमसा रही थी 
दर्द से और मज़े से छटपटा रही थी 
पर अब सोनू उसकी कोई भी बात सुनने को राज़ी नही था..

वो उसकी चूत में अपने लंड को जोरदार तरीके से पेलने में लगा था
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01-09-2019, 02:11 PM,
#64
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
अचानक सोनू ने अपना लंड उसकी चूत से एक बार फिर से निकाल लिया... 
सोनिया की तो ऐसी हालत हो गयी जैसे उसके अंदर से उसकी जान निकाल ली हो किसी ने...
वो छटपटा उठी...
और वो सोनू को फिर से लंड अंदर डालने को बोल पाती, इससे पहले ही सोनू ने अपनी बलशाली बाजुओं का प्रयोग करते हुए उसकी गांड को हवा में लहराया और उसकी चूत को उपर तक लाकर अपने मुँह से लगा लिया...
सोनिया का सर अभी तक बेड पर ही लगा हुआ था...
और उसकी चूत सोनू के मुँह में ऐसी फंसी हुई थी जैसे बाज ने कोई गिलहरी दबोच ली हो...

अपनी चूत में लंड के बदले सोनू की गर्म जीभ का एहसास पाकर वो जल बिन मछली की तरह छटपटा उठी और उसी की तरह अपना पूरा बदन लहराते हुए इस अजीबोगरीब पोज़ में अपनी चूत की चुसवायी अपने भाई से करवाने लगी...
भले ही लंड के मुक़ाबले जीभ की लंबाई उतनी नही थी पर मज़ा उसमें भी वही मिल रहा था.... 

और उसी मज़े को महसूस करते-2 सोनिया ने एक जोरदार धक्का देकर अपनी भाई को बेड पर चित्त कर दिया...
अब उसके उपर चड़ने की बारी सोनिया की थी... 
उसने सोनू के चेहरे को दबोचकर अपने बूब्स के नीचे दबा लिया और उसके लंड को अपनी चूत पर लाकर धीरे-2 पीछे खिसकने लगी...

''उम्म्म्ममममममममममममम..... ओफफफ्फ़ सोनू....... माई लव......... मज़ा आ रहा है....... इट्स सो गुड..... ये हमने पहले क्यो नही किया...... काश.....ये हमारी नज़र में ....पहले ही सही होता....अहह.... कितना मज़ा मिस किया हमने....... ..पर ...अब ...और नही.....अब तो मुझे...ये मज़ा....रोज चाहिए....रोज....जब तक....मैं यहां हूँ ....तब तक.....रोज.....अह फकक मी नाउ.....फक्क मी यू बास्टर्ड .....''

और अपनी बहन का हुक्म मानकर सोनू ने उसकी गांड को दोनो हाथों में भरकर अपने लंड को उसकी चूत के हाइवे पर पूरा उतार दिया और फूल स्पीड पर उसे चोदने लगा.....
चोदने का ये सिलसिला करीब आधे घंटे तक चलता रहा.. 
कभी सोनू उपर आता तो कभी सोनिया...

कभी वो उसे घोड़ी बना देता और कभी उसकी चूत को चूस लेता....
ऐसा करते -2 जब उनसे सहन करना मुश्किल हो गया तो आख़िर में जाकर सोनू के ऑर्गॅज़म ने उसके लंड पर दस्तक दे ही दी...
और अपनी समझदारी का परिचय देते हुए सोनू ने एंड मूमेंट पर अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और उसकी चूत के दरवाजे पर जोरदार तरीके से अपने रस की बौछार कर दी..
लंड से निकली पिचकारियों ने उसकी गुफा को ऐसे ढक दिया जैसे अभी-2 वहां स्नोफॉल हुआ हो.... 
कुछ पिचकारियाँ उपर तक जाकर उसके स्तनों के पर्वत को भी भिगो गयी...
और अंत में आकर जब उसने आख़िरी बूँद को भी लंड से निचोड़कर अपनी बहन के नाम कुर्बान कर दिया तो वो साइड में लुढक गया...


और वही दूसरी तरफ सोनिया अपने उपर सफेद रस की चादर लिए एक अलग ही खुशी में सराबोर होकर मुस्कुराए जा रही थी..
अपनी लाइफ की इस पहली खुशी को वो हमेशा के लिए समेत कर रख लेना चाहती थी....
उसने अपनी नर्म उंगलियों से उस रस को पूरे शरीर पर रगड़ -2 कर क्रीम की तरह मल लिया..
उसे अपनी उंगलियों से समेट कर चूसा भी...
और उसके बाद बाथरूम में जाकर वो गर्म पानी से नहाई भी...
वापिस आकर वो ऐसे ही आकर सोनू से लिपट कर सो गयी.

सोनू उसके नंगे जिस्म को सहलाता हुआ अपनी लाइफ में आने वाले रंगीन दिनों के सपने देखने लग...
क्योंकि अब वो झिझक हट चुकी थी जो उसे दूसरो को चोदने से रोक रही थी
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01-09-2019, 02:11 PM,
#65
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
अग्ले दिन संडे था और मोम्-डेड दोनो ही देर तक सोते थे इसलिए इन दोनो को भी जल्दी उठकर कपड़े पहन्ने का डर नही था ।

सोनु तो आराम से घोड़े बेचकर सो रहा था 
उसकी लाइफ रियल में ही नही बल्कि सपनों में भी बदल चुकी थी 
पहले उसे सपने आया करते थे कि वो किसी लड़की को नहाते हुए देख रहा है, पर आजकल सपनों मे वो लड़की उसके साथ नहा रही होती थी । 

पहले वो किसी को किस्स करने के सपने देखा करता था और अब उसे सपने में ही बुरी तरह से स्मूच किया जाता था और पहले वो लड़कियों के बारे मे सोच कर सपने में भी मुट्ठ मारा करता था और अब उसके लंड को सपनों में भी चूसा जाता था । 
और सभी सपनों में एक ही समानता थी कि अब वाले सभी काम सिर्फ उसकी बहन ही कर रही होती थी । 
सपनों में भी उसने पूरा कब्जा जमाया हुआ था ।

आज भी सपने में सोनिय उसका लंड चूस रही थी
एक मीठा सा एह्सास उसके पूरे शरीर में दौड़ रहा था कि उसके घोड़े को वो प्यार कर रही है । 

लेकिन ये एह्सास सपने से कुछ ज्यादा ही था , क्योंकि अपने लंड पर गीला एह्सास मिलते ही उसने आँखे खोल दी और अपनी आशा के अनुरूप उसकी बहन सोनिया घोड़ी बनकर उसका लंड चूस रही थी ।
दोस्तो, ये एक ऐसी फीलिंग थी जिसका कोई और मुकाबला नही है
सुभह उठकर जब आपके लंड पर नर्म और गर्म होंठों का शिकन्जा मिल जाये तो पूरा दिन ठंडक से भरा निकलता है ।

मैने मुस्कुराते हुए उसके रेश्मी बालो को सहलाया और प्यार से उसे गुड मोर्निग बोला 
वो भी मेरे लिसड़े हुए लंड को मुन्ह से निकालकर, अपना पप्पी फेस बनाकर बोली : ''गुड मोर्निग सेक्सी, मुझे लगा जब तक तुम सो रहे हो मै ब्रुश कर लेती हूँ ''

इतना कहकर उसने मुस्कुराते हुए एक बार फिर से मेरे कड़क लंड को मुन्ह में भर लिया फिर लंड के सुपाडे को अपने मोती जैसे दान्तो पर घिस्स कर वो ब्रुश करने का नाटक करने लगी । 
मुझे ये देखकर काफी अच्छा लगा कि वो गन्दे समझे जाने वाले काम कितने मजे लेकर कर रही है । 

लड़कियों कि ऐसी बातो पर ही तो हम लड़कों को इतना प्यार आता है
मैने सोनिया दी को उपर खींचकर उन्हे चूमना चाहा पर वो अपने फेवरेट टॉय को छोड़ने के लिए राजी हि नही हुइ ।

वो अपनी कड़क चुचियो से मेरी जाँघों को ड्रिल कर रही थी और मेरे लंड को मुंह में लेकर बुरी तरह से चूस रही थी, ऐसे लग रहा था जैसे वो मेरे लंड से निकले माल से ही नाश्ता करने का मूड बना चुकी थी ।

और जब वो ऐसा नाश्ता कर सकती है तो मुझे भी वैसा नाश्ता करने मे भला क्या प्रोब्लम होनी थी ।
मुझे भी उनकी चूत की प्यास एक्दम से जग गयी और मैने सोनिया के नंगे बदन को अपने उपर घड़ी की सुइ की तरह घुमाते हुए उसकी चूत को अपने मुंह पर लाकर रोक लिया, 69 की पोजीशन में ।



चूत को अपने चेहरे के उपर लाकर मुझे ये एह्सास हुआ कि वो कितनी बुरी तरह से रिस रही है
ऐसा लग रहा थ जैसे मेरे चेहरे के उपर कोइ शहद का छत्ता लाकर रख दिय हो, जिसमें से बून्द-२ करके शहद बाहर निकल रहा था । और जब शहद दीखता है तो मुन्ह में पानी आ ही जाता है
मैने अपनी जीभ निकाली और टूट पड़ा उस शहद की दुकान पर.



वो कहते है न पहली धार कि शराब का कोइ मुकाबला नही है, झूट होता है वो सब
मेरे अनुसार तो सुभह -२ चूसी गयी चूत के रस का कोई मुकाबला नही है.

ऐसा रसीलापन निकलकर बाहर आता है कि मुंह पूरा भर जाये पर चूत का रिसना बन्द न हो ।

मैने 69 कि पोजीशन में अच्छी तरह से दीदी को दबोच कर उन्हे चूसना शुरु कर दिया
वो भी मेरे खड़े हुए लंड को मुंह में ले रही थी ।
रात को इसी चूत के अन्दर मैने लंड को पेला था , और उसी वजह से आज सोनिया दी की चूत की शक्ल बदली - 2 सी लग रही थी


मेरी जीभ भी कुछ ज्यादा अन्दर तक जा रही थी , जो मुझे काफी सुखद एह्सास दे रही थी. 


सोनिया की क्लीट तक मै अब अच्छे से पहुँच पा रहा था
उसे मुंह में डालकर दान्तो से जब मैने चुभलाया तो वो जल बिन मछली कि तरह तड़प उठी..... पर मैने उनकी चूत के दाने को मुन्ह से नही निकलने दिया ।
चूत मारने के बाद के फायदे काफी अच्छे दिखायी दे रहे थे ।
फेले हुए छेद में मेरी जीभ बिना रोक टोक के अन्दर बाहर हो रही थी ।
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01-09-2019, 02:11 PM,
#66
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
अचानक दीदी कि चूत में से एक फेमिलिअर सुगन्ध और स्वाद निकलने लगा और मै समझ गया कि वो अपनी दौड़ के अन्तिम पड़ाव पर है
वो मेरे लंड को भी उतनी ही तेजी से चूस रही थी जितनी तेजी से वो अपने ओर्गस्म के करीब पहुँच रही थी
वो झड़ते वक़्त मुझे पीछे नही छोड़ना चाहती थी

और हुआ भी वैसा ही, जैसे ही एक गर्म पानी कि बौछार मेरे चेहरे पर आकर टकराई, मेरे लंड ने ढेर सारी गोलियां स्टेनगन की तरह निकालनी शुरु कर दी
एक के बाद एक कई गोलियां दीदी ने अपने मुन्ह में समेट ली और एक ही सांस में उसे गटक कर अन्दर ले गयी



मै भी भला कहा पीछे रहने वाला था, मैने भी उनके शहद कि एक्-२ बून्द को चूस लिया ।
इतने कीमती रसायन को मै कैसे व्यर्थ जाने देता ।

और फिर वो निधाल सी होकर वपिस मेरी तरफ पलट कर आयी और हम दोनो ने अपने गीले मुन्ह एक दूसरे के हवाले करके रही सही चिकनाई को भी सफाचट कर दिया ।

फिर वो अपनी चहकती हुइ आवाज में बोली : "चल न भाई, आज साथ में नहाते है , मजा आयेगा ।''

मैं : "तुम मरवाओगी एक दिन्, ये जो भी हुआ है न हमारे बीच्, सिर्फ हमारे लिये ही सही है, दुनिया और मोम्-डेड कि नजर में वो अभी भी गलत ही है और हमेशा रहेगा, इसलिए ऐसी कोइ भी हरकत करने से पहले हमेशा सोच लेना कि पकड़े गये तो इन सब से भी हाथ धोना पडेगा ।''

वो प्यार से मेरी नाक को मरोड़ते हुए बोली : "ओ मेरे डरपोक लवर, कभी -२ रिस्क लेने में जो मजा आता है, उसका कोइ मुकाबला नही होता, चल न, मेरी शुरु से ही फेंटेसी है कि मै शावर में नहाते हुए फकिंग करवाऊ ।''

उसकी बात सुनकर, सोनिया के नंगे बदन को देखते हुए, मेरे अभी -२ झड़े लंड ने एक करारा झटका मारा



साली पहले नही बोल सकती थी कि शावर में करवाने का मन है, सीधा वही जाकर झड़ लेता, अब इतनी थोड़ी सी देर में दोबारा खड़ा करने में कितनी परेशानी होगी, इस बात को भला ये लड़कियां क्या जाने ।


पर फिर भी, अपने पुराने रिकॉर्ड देखते हुए और अपने लंड पर भरोसा करते हुए मैने उसकी बात मान ली और हम दोनो भाई बहन उठकर एकसाथ बाथरूम में घुस गये ।

इस बात से अन्जान कि नीचे ठीक उसी वक्त मोम की नींद खुल चुकी है

और आने वाले खतरे से बेखबर सोनिया शॉवर के नीचे जाकर खड़ी हो गयी और गर्म पानी बूँद - 2 करके उसके नंगे बदन से फिसलकर नीचे गिरने लगा



वो दोनो बेफिक्री से अपनी जवानी का मजा लेने में लगे थे

सोनु ने अपने दोनो हाथो से उसके कड़क बूब्स को मसलना शुरु कर दिया ।
सोनिया ने लंड को पकड़ कर फिर से उमेठना शुरु कर दिया क्योंकि अंदर आने के बाद तो उसी की पर्फोर्मन्स पर सब निर्भर था और जब ज्यादा अकड़न मह्सूस नही हुइ तो वो नीचे बैठ गयी और लंड को एक बार फिर से मुंह में लेकर चूसना शुरु कर दिया ।



सोनु भी आँखे बन्द करके अपनी लंड चुसवाई का मजा लेने लगा ।

दोनो के चेहरो पर एक अलग ही खुशी थी पर ये खुशी कितनी देर रहने वाली थी,इसका इन दोनो को अन्दाजा नही था।


लंड चुस्वाने का सबसे बड़ा फायदा यही है की वो तत्काल सर्विस की तरह जल्दी रिजल्ट दे जाता है
मेरे लंड ने भी यही किया, सोनिया दी ने जब चपर-२ करके मेरे लंड को पूरा अंदर तक लेकर चूसा तो मेरे लंड का आकार देखते ही देखते पूरा निखर आया
अपने लंड की ऐसी क्विक सर्विस मैंने आज तक नहीं देखि थी
और वैसे भी जब ऐसी लंड चूसने वाली बहन हो तो उसे खड़े होने में ज्यादा टाइम नहीं लगता है
पर अंदर डालने से पहले मैं भी उसकी चूत को रंवा कर देना चाहता था ताकि मेरे लंड को भी अंदर घुसने में तकलीफ न हो...

मैं नीचे बैठ गया और उसकी चूत की फांके फैला कर उसमे अपनी जीभ घुसा दी
वो मचल उठी..
पर मैने उसे छोड़ा नही बल्कि अपने दाँत उसकी चूत के होंठों पर गाड़ कर उसे और ज़ोर से दबोच लिया...
और एक हाथ से उसकी चूची को दबाते हुए मैने दूसरे हाथ की 2 उंगलियाँ उसकी चूत में उतार दी...

उपर शावर चल रहा था, जिसका पानी उसके बदन को नहलाते हुए मुझपर पड़ रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी मीठे झरने का पानी पी रहा था...
उपर के पानी के साथ मिलकर , सोनिया दी की चूत का पानी एक अलग ही मिठास उत्पान कर रहा था, मैने चपर -2 करके उस मिठास को निगलना शुरू कर दिया..
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01-09-2019, 02:11 PM,
#67
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
वो चीखती हुई सी आवाज़ में बोली : "आआआआआआआआआहह सोनुउऊुुउउ..... मार डालोगे तुम मुझे...... उफफफफफफफफफ्फ़..... फककककक.........''

मैने अपना चूत के रस में लिसडा मुँह बाहर निकाला और बोला : "यसस्स.....फकिंग भी करूँगा....बस एक मिनट ओर...''

इतना कहकर मैं फिर से अपनी प्यारी सिस की चूत चूसने लगा...



इस बीच नीचे मोम ने अपने लिए चाय बना ली, पहले तो उन्होने सोचा था की उपर जाकर बच्चो को उठा दे, पर फिर सोचा की चाय पी लेती हूँ , बाद में जाकर उठा दूँगी, वैसे भी वो अपने आप उठ ही जाते है, चाय पीने तक नही उठे तो वो उपर जाकर उठा देगी..

पर उस बेचारी को भला क्या पता था की अभी उपर क्या चल रहा है...
और उसकी चाय पीने तक तो उसकी बेटी उपर चुद जाएगी...

इस बात से बेख़बर सोनू अपनी बहन की चूत चाटने के बाद उठ खड़ा हुआ और एक बार फिर से सोनिया के होंठों को चूसने लगा...

सोनिया ने उसका साथ देते हुए अपने हाथ उसके लंड पर भी चलाने शुरू कर दिए...
कड़क माल अंदर जाने में जो मज़ा है उसका वो भरपूर फायदा उठा लेना चाहती थी..



और जब वो लंड पूरा खड़ा हो गया तो उसने बड़ी ही नज़ाकत के साथ अपनी एक टाँग उठा कर अपने भाई की कमर पर रख दी...

सोनू भी थोड़ा आगे खिसक आया और उसने सोनिया की गांड पर अपने हाथ लगाकर उसे सहारा दिया ताकि लण्ड उसकी चूत में आसानी से घुस सके...
और प्रॉपर एंगल बनाते हुए, उसके रसीले होंठो को शावर के नीचे चूसते हुए, अपनी लाइफ की पहली बाथरूम वाली चुदाई की शुरूवात करते हुए सोनू ने अपना लंड उसकी चूत में डालकर एक जोरदार झटका मारा और वो फर्र-2 करता हुआ अंदर घुसता चला गया.



इतना गर्म और गीला एहसास उन्हे आज तक नही मिला था..

पानी की बौछार में सैक्स करने में जो आनद उन्हे इस वक़्त मिल रहा था उसका दुनिया की किसी भी चीज़ से कोई मुकाबला नही था..

दोनो एक दूसरे के होंठ चूस भी रहे थे और एक लय बनाकर चुदाई भी कर रहे थे.

अचानक सोनू ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और सोनिया को घुमा कर उसकी पीठ से चिपक कर खड़ा हो गया..

स्मूथ चल रही चुदाई में ऐसी रुकावट भला किसे पसंद होती है, सोनिया को भी ये पसंद नही आई...
पर तब आई जब वो इसका मतलब समझी...
सोनू ने उसे हल्का सा झुकाते हुए पीछे की तरफ से उसकी चूत का छेद ढूंड निकाला, और उसमे अपना लंड पेल दिया..

हालाँकि इस एंगल में लंड को अंदर जाने में थोड़ी तकलीफ़ हो रही थी, पर मज़ा भी उतना ही मिल रहा था..
और एक बार फिर से अपने प्यारे भाई के रसीले लंड को अपनी पनियाती चूत में लेकर वो कराह उठी...
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01-09-2019, 02:20 PM,
#68
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
''ओह बैबी...... यू आर सूओssssssss गुड ..... ऐसा लग रहा है जैसे बरसो से करते आ रहे हो...उम्म्म.....आई एम लविंग इट........ फक्क मी नाउ..... फक्क मी हॉर्डरररररर ...''

इतना कहते हुए वो थोड़ा और झुक गयी...

और सोनू ने अपनी घोड़ी बनी बहन की चूत की रोड पर अपना घोड़ा दौड़ाते हुए जोरदार तरीके से उसे चोदना शुरू कर दिया...



दोनो एक ऐसे रास्ते पर भागते जा रहे थे जिसके हर पल में मज़ा बिखरा हुआ था, हर झटके से सोनिया की चूत में एक सनसनाहट पैदा होती और वो उसके शरीर के हर अंग को झझकोर कर चली जाती...
वो अपने रसीले होंठों को आपस में दबा कर हर झटके का मज़ा ले रही थी...

इसी बीच उनकी मोम की चाय ख़त्म हो गयी.

उन्होने कप सींक में रखा और सोनू को उठाने के लिए उपर चल दी...
वो बड़बड़ाती भी जा रही थी की 'जब से ये सोनिया आई है, सोनू ने तो टाइम से उठना ही बंद कर दिया है...छुट्टी उसकी है या सोनू की... बेकार में इसे भी अपने जैसा बनाती जा रही है ..'

सोनू इस बात से बेखबर सोनिया की चूत में पम्पिंग करता हुआ उसके उन्नत हो चुके मुम्मों को मसलने में लगा हुआ था


उधर सोनिया की चूत की सरसराहट जब कुछ ज़्यादा ही बढ़ गयी तो उसने पलटकर अपने भाई को ज़ोर से पकड़ लिया... शायद उसके दिमाग़ में एक नया आसन आया था जिसके बारे सोमें चकर वो अक्सर झड़ जाया करती थी...

उसने सोनू को नीचे ज़मीन पर बिठा दिया और खुद उसकी गोद में बैठते हुए उसके लंड को चूत में लेकर हड़प कर गयी...जैसे उसके बाप का माल हो...

वैसे था भी वो उसके बाप का माल ही..

और अपने बाप के माल को, यानी अपने भाई के लंड को अपनी चूत में लेकर, कुलबुलाती हुई सी, उसके लंड पर अपनी चूत को मूली की तरह घिसने लगी..

ऐसा लग रहा था जैसे इस दुनिया के दो 'तारे ज़मीन पर' उतार आए है जो उपर से बरस रहे पानी मे अपनी जवानी की आग को ठंडा करने में लगे है..



''ओह दी......यू आर सोओ हॉट....... कहाँ से ला रही हो ऐसी पोज़िशन्स......उम्म्म्ममममम सच में ......मज़ा आ रहा है...... ऐसा तो मैने सोचा भी नही था.....''

वो भी उखड़ती सांसो के बीच बोली : "उम्म्म......यु आर ऑल्सो गुड सोनू.....आई केन फील यु कॉम्लीटली इनसाइड मीई......अहह चोदो मुझे....सोनू....ऐसे ही चोदो ...फक्क मी लाइक दिस''

और जब एक लड़की आपके उपर चड़कर चोदने के लिए बोलती है...
और उपर से वो आपकी खुद की बहन हो...
तो दोस्तो ऐसा जोश आता है जिसका कोई मुकाबला ही नही होता.

और वही जोश इस वक़्त सोनू में भी भर गया...

वो उसके मोम्मे मसलता हुआ ज़ोर-2 से अपने लंड को उसकी चूत रूपी अंतरिक्ष में भेजने लगा..

और उसी वक़्त दरवाजे पर उनकी मोम ने नोक कर दिया..

वो दोनो तो अंदर चुदाई में बिजी थे, उन्हे भला क्या सुनाई देना था..

जब कोई जवाब ना मिला तो उन्होने सोनू को आवाज़ लगाते हुए ज़ोर-2 से दरवाजा खटकाया..



''सोनूsssssssss ओ सोनऊउउउ , दरवाजा खोलो ''

और ये उन्हे सुनाई दे गया...

अपनी मोम की आवाज़ सुनकर दोनो जड़ से बनकर रह गये...
अपनी माँ का सोनू को इतना खोफ़ था की उसका कड़क लंड भीगी बिल्ली बनकर , सिकुड़कर, एक पल में बाहर निकल आया...

तब तक एक बार फिर से उनकी माँ की आवाज़ आई

''सोनू.........उठ जा.....स्कूल का टाइम हो रहा है....आज छुट्टी करनी है क्या...''

दोनो जल्दी से उठे और शावर बंद किया...
दोनो मे से किसी को समझ नही आ रहा था की क्या करे और क्या नही..
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01-09-2019, 02:20 PM,
#69
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनू का तो पता नही पर सोनिया का चुदक़्कड़पन अपनी मोंम की आवाज़ सुनकर भी शांत नही हुआ..
वो सोनू को चूमने में लगी रही..
अपने बूब्स को उसके चेहरे पर रगड़कर उसे चुदाई करते रहने के लिए उकसाती रही..
वो सोनू के लंड को अपनी चूत से निकलने ही नही देना चाहती थी...
आख़िरकार उसके अंदर जो ऑर्गॅज़म बन रहा था, वो उसका पूरा मज़ा लेना चाहती थी.

और वहीं दूसरी तरफ सोनू की हालत खराब थी, एक तो मॉम के आने से पकड़े जाने का डर बन चुका था और दूसरी तरफ सोनिया उसे छोड़ने को ही तैयार नही थी..

वो फुसफुसाया : "छोड़ो मुझे दी, मॉम आ गयी है...आप मुझे बाहर जाने दो, आप नहाते रहो...वरना सब गड़बड़ हो जाएगा...प्लीज़ दी...छोड़ दो मुझे...''

वो भी किसी नागिन की तरहा हिसहीसाई : "नहीsssssss .....पहले ये कंप्लीट करो....मैं बस झड़ने ही वाली हूँ ...आई कांट लीव यू लाइक दिस ....फिनिश इट ''

सोनू तो अवाक सा रह गया उसकी हिम्मत देखकर...
उसे मोंम का भी डर नही था...
वो कोई छोटा मोटा काम नही बल्कि चुदाई कर रहे थे...
और वो भी भाई-बहन होकर..
उसके बावजूद सोनिया दी ऐसी डिमांड कर रही थी.

और सोनू ये बात भी जानता था की सोनिया ने अगर ठान लिया है तो वो करके ही छोड़ेगी...
ऐसे में उसके साथ बहस करके वो टाइम वेस्ट नही करना चाहता था..
इसलिए उसके झटको को वो झेलते हुए उसे चोदता ही रहा.

इसी बीच एक बार फिर से मोंम की आवाज़ आई : "सोनू.........ओपन द डोर......सोनिया कहाँ हो तुम...''

मैने सोनिया की तरफ याचना भरा फेस बनाकर कहा की कम से कम जवाब तो दे दो...

वो बोली : "ओक...पर तुम चुप रहना एन्ड ये फकिंग बंद मत करना...''

इतना कहते हुए वो उठ गयी और बाथरूम के दरवाजे पर आकर फिर से घोड़ी बन गयी...
और पीछे मुँह करके उसने मुझे फिर से लंड अंदर डालने का हुक्म दिया..
मैने बिना कोई बहस किए अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और एक बार फिर से चूत चुदाई करने लगा..



सोनिया : "हांजी मॉम ....मैं नहा रही हूँ ....बोलो...''

मों : "ओहहोओ .....आज इतनी जल्दी उठकर नहा रही हो.... कहीं जाना है क्या...''

सोनिया ये सुनकर अटपटा सी गयी और बोली : "वो....ना....नही मोंम ...बस ऐसे ही.....उम्म्म....'



सोनिया दी ने जो आख़िर में सिसकी ली वो शायद बाहर माँ ने भी सुनी पर उसे अनदेखा करती हुई वो बोली : "अच्छा ...ठीक है...सोनू कहा है...उसे स्कूल के लिए देर हो रही है...''

सोनू भला कहाँ मिलता, वो तो इस वक़्त अपनी बहन की चूत मारने में बीज़ी था..

सोनिया : "मोंम ...आज तो वो सुबह जल्दी स्कूल चला गया....बोल रहा था की फुटबॉल प्रेक्टिस है आज....''

उसका ये सफेद झूट सुनकर मेरी भी आँखे फटी रह गयी.... और मैं रुक गया
पर मेरे रुकने से वो फिर से मुझे धक्का देकर फिर से चूत मारने को कहने लगी..
और सच कहूँ दोस्तो, उस वक़्त सोनिया दी का ऐसा करना मुझमें एक अलग ही तरह का रोमांच भर गया...एक थ्रिलिंग भरा एहसास था वो...

मोंम : "ओह्ह ....ठीक है....वो चला गया तो क्या हुआ...तू दरवाजा तो खोल...कुछ बात करनी है...''

सोनिया दी ने लड़खड़ाती हुई सी आवाज़ में कहा : "ओह....नो...नो मोंम ....आप...अभी यहाँ से जाओ.....मैं आती हूँ नीचे....कुछ देर मे....''

मोंम भी जिद्दी थी , वो बोली : "नही....मैने कहा ना...मुझे कुछ बात करनी है....खोलो अभी के अभी...''

सच में बड़ा ही रोमांचक दृशय था...
सोनिया दी बाथरूम के दरवाजे पर घोड़ी बनकर मुझसे चुदवा रही थी और थोड़ी ही दूर, दरवाजे के पीछे हमारी मोंम दरवाजा खड़का रही थी...
मेरे धक्के मारने की स्पीड थोड़ी और तेज हो गयी....
पूरे कमरे में सोनिया दीदी की हल्की सिसकारियाँ गूँज रही थी....
मैं तो दम साधे बस झटके मार रहा था.



मॉम के भी कान खड़े हो गये, सोनिया दी की हल्की सिसकारियाँ सुनकर

वो बोली : "तुम नहा रही हो या कुछ और कर रही हो....?''

सोनिया दी के लार टपका रहे होंठों से बड़ी मुश्किल से निकला : "हाँ मॉम ...नहा ली हूँ बस....कपड़े निकाल रही हूँ ....''

उधर मोंम के चेहरे पर एक रहस्यमयी सी मुस्कान आ गयी...
वो धीरे से बोली : "ओके ... ओके ...टेक योर टाइम....ये सब तो नेचुरल है इस ऐज में ...कर लो आराम से...''

ओ तेरी....
इसका मतलब मोंम ने समझा था की सोनिया दी मास्टरबेट कर रही है...

हा हा

मेरी तो हँसी निकल गयी...
पर दबी हुई सी...
क्योंकि मोंम को ज़रा सा भी एहसास हो गया की मैं अंदर ही हूँ तो सब गड़बड़ हो जाएगा...

पर मैने ये एहसास नही होने दिया और मैं अपने काम में लगा रहा.

और सोनिया भी शरमाने की एक्टिंग सी करती हुई बोली : "क्या मोंम ....आप भी ना....अहह''

और उसने एक बार फिर से सिसकारी मारकर खुद ही ये जता दिया की मोम का अंदाजा सही है.

इसी बीच सोनिया दी ने मेरे लंड को बाहर निकाल कर अपनी गांड का रास्ता दिखा दिया...
पहले भी उनकी गांड में मेरा लंड जा चुका था इसलिए दोबारा डालने में ज़्यादा तकलीफ़ नही हुई...
और गांड भीगी होने की वजह से वो ज़्यादा ही चिकनी हुई पड़ी थी
लंड को उसकी टनल मे घुसने में ज़्यादा तकलीफ़ नही हुई...
मेरा लंड सरसराता हुआ अंदर घुसता चला गया..
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01-09-2019, 02:20 PM,
#70
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनिया दी ने अपनी खाली हुई चूत में 4 उंगलियाँ एक साथ ठूस कर उसे भी मसलना चालू रखा और अपनी गांड में मिल रही अंदरूनी सिकाई को महसूस करके वो सिसकारी मारने लगी..

मोंम वो सिसकारी सुनकर समझ गयी की वो झड़ने के करीब है...
माँ बेटी के बीच का ये प्यार भरा एंगल तो मैने आज ही नोट किया था..
ऐसा लग रहा था की मोंम और सोनिया दी पहले भी इस तरह से ओपन्ली बाते कर लेती थी..

मैं भी झड़ने के करीब पहुँच गया था...

मैं थोड़ा आगे झुका और सोनिया के कान को अपने मुँह मे भरकर धीरे से कहा : "दी.....आई एम् एबाउट टू कम.....''

वो भी फुसफुसाई : "उम्म्म्मम......कम इनसाइड मी सोनू....कम इनसाइड मिईीईईई''



उनके कहने का तरीका ही इतना सैक्सी था की मैं अपने आप को और रोक ही नही पाया...
और ताबड़तोड़ तरीके से उनकी गांड में झड़ता चला गया...

''ओफफफफफफफ्फ़..........फकककककककककक''

और मेरे लंड का शहद अपनी गांड में समेट कर वो ज़ोर से कसमसाई

''आआआआआआआआहह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... फकककककककक''



और ये शायद उसने मोंम को सुनाने के लिए ही बोला था....

मेरे पास अब आराम करने का समय नही था....
मैने जल्दी से अपना लंड बाहर निकाला...
पास पड़े टावल को पानी में भिगो कर अपने लंड और सोनिया दी की बह रही गांड के छेद को सॉफ किया...
टावल से उनकी चूत को भी अच्छी तरह से सॉफ करके मैने उन्हे दे दिया, जिसे उन्होने अपनी बॉडी पर लपेट लिया...

मैं पहले ही सोच चुका था की मुझे क्या करना है...
मैं भागता हुआ सा एक पुरानी अलमारी के अंदर घुसा और उसे अंदर से बंद कर लिया..

कमरे और बाथरूम की हालत सही करके सोनिया दी ने दरवाजा खोल दिया...
मोंम मुस्कुराती हुई सी अंदर आ गयी...
उनको देखकर सॉफ पता चल रहा था की वो आज कुछ ख़ास बातचीत करने के मूड में है...

वैसे भी मॉम के हिसाब से तो मैं घर पर था ही नही
स्कूल जा चुका था
इसलिए वो दोनो खुलकर बाते करने वाले थे...

और मैने ये सब अलमारी के अंदर छुपकर सुनने का निश्चय कर लिया, मुझे भी आख़िर जानना था की दोनो माँ-बेटी किस हद्द तक फ्रेंक है..

मॉम : "सो....कैसा रहा....''

माँ ने आँखे नचाते हुए जब ये पूछा तो सोनिया दी ने शरमाते हुए अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया...
अलमारी की दरार से मैं उन्हे देख पा रहा था...



दोनो के चेहरे के एक्शप्रेशन ऐसे थे जैसे दो पुरानी सहेलियाँ कुछ नमकीन बातें कर रही है..

सोनिया : "मोंम ...आप भी ना...बस भी करो...''

मोंम : "ओके ... मैने तो पहले भी कई बार तुम्हे ये बताया है की इट्स नॅचुरल....मैं भी अपनी हॉस्टिल लाइफ में मास्टरबेट करती थी...इन्फेक्ट ये करना ज़रूरी है...हमारी बॉडी के हार्मोंस के लिए...''

माँ द्वारा दी जा रही ये शिक्षा मुझे आश्चर्यचकित कर गयी...
पापा ने तो कभी मुझे ऐसा नही बोला की बेटा मुट्ठ मारा करो, ये तुम्हारी सेहत के लिए सही है...
मेरे तो मन में आया की काश मैं भी लड़की होता, माँ मुझे भी ऐसी अच्छी वाली बातें सिखाती.

फिर माँ ने वो किया जिसकी मुझे तो क्या, शायद सोनिया को भी उम्मीद नही थी..

मोंम ने थोड़ा आगे आकर सोनिया दी की ब्रेस्ट को पकड़ लिया...
और उसे दबाकर , नीचे हाथ लगाकर उसे परखने लगी...
जैसे मार्केट से कोई फ्रूट लेने आई हो.

सोनिया : "मोंमsssss ....ये क्या कर रहे हो...''

मॉम : ''मैं कई दिनों से नोट कर रही हूँ की ये पहले से ज़्यादा बड़े हो गये हैं...और थोड़े भारी भी...''

मैं मुस्कुरा दिया...
आख़िर मेरा ही तो कमाल था ये जिसका गुणगान इस वक़्त माँ कर रही थी.

सोनिया : "सो वॉट मोंम ... आजकल छोटी ब्रेस्ट वाली लड़कियो को कोई देखता भी नही है...इसलिए डेली इनकी मसाज करती हूँ मैं ...इनफॅक्ट अभी वही करने वाली थी की आप आ गये...''

मोंम : "और इससे पहले तुमने कहाँ की मसाज करी थी...''

मोंम की बात सुनकर , इस बार शरमाने के बदले वो भी बड़ी बेशर्मी से उनके हाथ को अपनी चूत पर रखती हुई बोली : "यहाँ की....खुश...यही सुनना चाहती थी ना आप...''

मोंम : "हा हा....तुम अभी भी वैसी ही हो, ज़रा सी बात पर चिढ़ जाती हो....''

सोनिया : "नही मोंम ...मैं चिढ़ नही रही..वो बस...इतने दिनों के बाद आपसे इस तरह की बात हो रही है तो थोड़ा ऑकवर्ड सा लग रहा है...अब मैं बड़ी हो गयी हूँ ...''

मोंम ने उसे अपनी छाती से लगाते हुए कहा : "माँ के लिए बच्चे हमेशा छोटे ही रहते हैं... वैसे, ज़रा मैं भी तो देखु की मेरी बेटी कितनी बड़ी हो गयी है...''

इतना कहते हुए उन्होने सोनिया दी का टावल खींच कर निकाल दिया...
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