bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
01-09-2019, 02:08 PM,
#41
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
ये पहली बार था जब उसकी बहन ने उसे गाली दी थी.... 
और वो भी ऐसे मौके पर जब वो कुत्ते जैसी ही हरकत कर रहा था... 
अपनी लंबी जीभ को वो उसके निप्पलों पर फेरकर उसके पूरे स्तन को मुँह में भरकर चूस रहा था वो कमीना...

सोनू : "सुनने से अच्छा होगा की सामने देख लेना .... एक बार फिर से तनवी को यहाँ बुला लो.... जैसे कल किया था, वैसे ही दोबारा कर दूँगा... देख लेना... छुपकर...स्टोर में से...... उम्म्म्ममम''

सोनिया की चूत में जबरदस्त कंपन हुआ ये सुनकर.... 

वो थरथराई और बोली : "नाआआआआआआआआ..... ऐसे नही.... चोरी छिपे क्यो..... सामने से दिखा... हिम्मत है तो..... उम्म्म्मममम''

सोनू ने झटके से अपना चेहरा उपर किया..... 
और सोनिया की आँखो में देखा.... 
उसकी आँखो मे उसे वो चेलेंज करती हुई दिखी जैसे कह रही हो की है हिम्मत तो तनवी के साथ मेरे सामने करके दिखा..

सोनू : "पर वो कैसे मानेगी.... आई मीन... एक बहन के सामने वो उसी के भाई के साथ वो सब.... उसकी नज़रों में तो ग़लत होगा ना...''
सोनिया ने उसके लॅंड को ज़ोर से दबाते हुए कहा : "पहले हमारी नज़रों में भी ग़लत था ना ये... फिर सब सही हो गया... उसके लिए भी हो जाएगा, अगर तुम हिम्मत करो तो... बोलो.... कर सकोगे क्या... मेरे सामने... उसके साथ.... एकदम न्यूड होकर... वो सब....हम्म....बोलो....अब बोलती क्यो बंद... अपनी बहन के लिए इतना नही कर सकते क्या..''

सोनिया का बदन पानी से बीगा हुआ था, पानी की बूंदे उसके कड़क मुम्मों से फिसल कर नीचे गिर रही थी, जिसकी वजह से वो और भी ज़्यादा सेक्सी लग रही थी .



एक तो वैसे ही वो इतनी सेक्सी लग रही थी, उपर से ऐसी उत्तेजक बाते करके उसने सोनू की हालत बुरी कर दी... 

वो गुर्राता हुआ बोला ''हाँ करूँगा....'' 

और उसने सोनिया की चूत के उपर अपना हाथ जमाकर ज़ोर से दबा दिया... 
बेचारी अपने पंजों पर खड़ी होकर सीसीया उठी... 

सोनू : "पर मेरी भी एक शर्त है...''

सोनिया : "मुझे हर शर्त मंजूर है...''

सोनू : "तुम्हे भी तनवी के साथ ... मेरे सामने.... एक बार... लेस्बियन सैक्स करना पड़ेगा...''

सोनिया की आँखे फट कर बाहर आने को हो गयी..

''लेस्बियन सैक्स .... मैं.... और वो भी उस तनवी के साथ...पागल है क्या...''

सोनू उसी के अंदाज में आँखे नचा कर बोला : "बोलो...कर सकती हो क्या ये.... अपने भाई के लिए इतना नही कर सकती क्या...''

सोनू ने बड़ी चालाकी से बॉल उसके पाले में फेंक दी... 
और वो अच्छी तरह से जानता था की दोनो ही सूरत में उसका ही भला होगा.

सोनिया पर भी चुदासी बुरी तरह से चढ़ चुकी थी.... 
वो कांपती हुई सी आवाज़ में बोली : "हाँ .... करूँगी मैं भी... अपने भाई के लिए .... कुछ भी करने को तैयार हूँ ... जो तुम कहोगे... वो सब ... करूँगी....''

और ये बोलते-2 वो इतनी भावुक सी हो गयी की उसने अपने वो काँपते हुए होंठ सोनू के होंठों पर रख दिए और उन्हे ज़ोर-2 से चूसने लगी... 
सोनू भी उसके गदराये हुए जिस्म को अपने हाथों से मसलता हुआ उसकी चुचियों को अपनी हथेलियों के बीच रखकर उनमे हवा भरने लगा.. 
होंठों के साथ-2 वो उसके कानो को भी चुभला रहा था, जो सोनिया का सबसे बड़ा वीक पॉइंट था.



उपर शावर चल रहा था, सोनिया ने साबुन उठा कर दोनो के जिस्मों पर रगड़ना शुरू कर दिया. 
कुछ ही देर में दोनो एक दूसरे के चिकने-2 शरीर को आपस मे रगड़कर हँसी ठीठोली करने लगे.
सोनिया ने अपना और सोनू का पूरा जिस्म साबुन से धक सा दिया, और फिर अपने मुम्मो और गांड को किसी स्पॉंज की तरह इस्तेमाल करके उसने सोनू के शरीर को सॉफ किया... 
वो उसके जिस्म से नागिन की तरह लिपट कर उपर से नीचे तक घिसाई कर रही थी...
सोनू भी उसके साबुन से ढके मुम्मो की चिकनाई को अपने हाथों से रगड़ने में लगा था.



फिर वो दोनो शावर के नीचे गये और सारा साबुन सॉफ किया...
और अंत मे जब सारा साबुन पानी मे बह गया तो सोनू उसके जिस्म को चूमता हुआ धीरे-2 नीचे आने लगा, आज वो सोनिया के बदन के हर हिस्से पर अपने होंठों की मोहर लगा देना चाहता था...

उसके मुम्मो को अच्छी तरह से चूसने के बाद वो उसने उसकी नेवल को चूसा 
उसके अंदर जीभ डाली, सोनिया से वो गुदगुदाहट बर्दाश्त नही हुई और उसने उसके सिर पर दबाव डालकर उसे दक्षिण की तरफ जाने को कहा.. 



सोनू उसके सपाट पेट को चूसता हुआ जब उसकी पुस्सी तक पहुँचा तो दोनो की साँसे काफ़ी तेज हो चुकी थी..

उसने अपनी जीभ कड़क करके उसकी चूत के उपर घुमानी शुरू कर दी.

''आआआआआआआआआआआअहह उफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सोनू ................... काट लो इसको................ अहह बड़ी जलन सी हो रही है अंदर....... घुसा दो अपनी जीभ ...... मेरी..... मेरी..... चूत में .....''

हमेशा पुस्सी बोलने वाली सोनिया भी आज बेशर्मी पर उतर आई थी.... 
चूत सुनने से जो उत्तेजना का संचार सोनू की बॉडी में हुआ था, उसे सोनिया ने अच्छे से महसूस किया...

सोनू ने उसकी चूत में 2 उंगलिया डालकर उसे फेलाया और अपनी कड़क जीभ को उसके अंदर डाल दिया... 

अब वो अपनी जीभ और उंगलियों से उसकी चूत की मसाज कर रहा था...
एक साथ 2 चीज़ों का मज़ा मिलने से सोनिया का पूरा बदन अकड़ सा गया... 
उपर से पानी बहकर उसके जिस्म की आग को शांत करने की असफल कोशिश कर रहा था... 
अपने ऑर्गॅज़म के करीब पहुचते हुए सोनिया के चेहरे के हाव भाव 100 बार बदले... 
पर सोनू ने उसकी चूत का दामन नही छोड़ा...
वो उसे चूसता ही रहा...
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01-09-2019, 02:08 PM,
#42
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
एक हाथ उसके मोम्मे पर रखकर, दूसरे से वो उसके अंदर फिंगरिंग करता चला गया.



''आआआआआआआआआआआअहह सोनू......... आआआआआआअहह करते रहो...... शाआबाअश...... उम्म्म्ममम .... यसस्सस्स..... मेरा ..... होने वाला ..... है......ओह आई एम कमिंग....... सोनू..... मेरी जान........अहह''

और अंत में जब वो झड़ी तो उसकी चूत की गरमा गरम मलाई को सोनू ने सपड़ -2 करके चाट डाला.. 
आज अपनी बहन की चूत चुसाई भरी दोपहरी में करके वो एक कदम और आगे निकल चुका था ...
सोनिया ने उसके लंड को पकड़ा और उसे पकड़कर बाहर ले आई..

रूम में आने के बाद भी दोनो एक दूसरे को चूमे जा रहे थे... 
रगडे जा रहे थे...
जैसा हनीमून के टाइम नए जोड़े में होता है, वैसा ही प्यार उमड़ रहा था दोनों के बीच. 

सोनिया बेड पर लेट गयी और सोनू को अपने उपर खींच लिया...
आज पहली बार वो सोनू के पूरे जिस्म को अपनी बॉडी के उपर लेकर एक नया एहसास ले पा रही थी..
उसके लंड को वो अपनी चूत के उपर सॉफ महसूस कर पा रही थी.

दोनो के दिल की धड़कने काफ़ी तेज हो गयी... 
सिर्फ़ इस सोच मात्र से ही की उनके लंड और चूत आपस में मिल रहे है... 
पर जैसा की दोनो में डिसाइड हुआ था, ऐसा मौका आने पर दोनो में से जिसकी सोच काम करेगी वो ये काम होने से पहले ही टोक देगा.. 
इसलिए सोनू ने ही पहल करते हुए अपने लंड को अपनी बहन की चूत से दूर कर लिया और उसे उपर करते हुए ठीक मुम्मो के बीच लाकर फँसा दिया..

उसकी बहन समझ गयी की वो क्या चाहता है... 
सोनिया ने अपने नन्हे कबूतरों के बीच उसका मोटा अजगर फँसाया और उसे एक जबरदस्त बूब मसाज देने लगी... 

अभी तक उसके हाथों और होंठों को उसने अपने लंड के इर्द गिर्द महसूस किया था, ये एक नया एहसास था सोनू के लिए भी और काफ़ी सुखद भी... 
इसलिए वो भी उसे एंजाय करने लगा... 
अपनी तरफ से भी वो आगे पीछे झटके देते हुए अपनी पहली बूब फकिंग करने लगा.

सोनिया ने जब देखा की सोनू की साँसे तेज हो रही है तो उसके लंड को पकड़ कर उपर नीचे करना शुरू कर दिया, ऐसा करते हुए उसके लंड का उपरी हिस्सा उसके होंठों से भी टकरा रहा था... 
सोनिया ने अपनी पूरी ताक़त लगा दी और दोनो हाथों से उसके लंड को मुठियाने लगी..



और जल्द ही उसकी मेहनत का परिणाम उसके सामने था... 
लंड से निकली प्रीकम की पहली बूँद जब उसके चेहरे पर पड़ी तो वो और ज़्यादा उत्तेजित हो उठी..
''आआआआआआआआआआआआआअहह.... यस्स....... भाई............... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... कम ओन्न्*नन्''

उसने अपना मुँह भी खोल दिया, ताकि उपर से जो भी गिरे, सीधा उसके मुँह के अंदर जाए..



सोनू को उसके तपते हुए मुँह की तपिश ने जला सा डाला...
उसने ये महसूस किया की लड़की जितनी ज़्यादा उत्तेजित होती है, उसके मुँह की गर्माहट उतनी ही ज़्यादा होती है.. और इस वक़्त सोनू उसी तपिश को महसूस करते हुए अपने ओर्गास्म के बहुत करीब आ पहुँचा..

और जल्द ही उसने अपने झड़ने का एलान कर डाला...

''आआआआआआआआआआआअहह दी......... यू आर सो हॉट........ आई एम कमिंग......''

सोनिया भी चिल्लाई : "ओह यस....... कम ओंन माय फेस.... भाई..............अहह.....''

अपनी बहन की बात भला वो कैसे टाल सकता था.... 
जल्द ही उसके लंबे लॅंड की पैदाइश, यानी उसका गाड़ा रस निकलकर सोनिया के चेहरे की पुताई करने लगा....



वो आँखे बंद करके उन गर्म लकीरों को अपने चेहरे पर महसूस करती रही....जैसे कोई फेस पेक लगवा रही हो.

सोनू के लंड की एक-2 बूँद को उसने अपने चेहरे पर उड़ेल लिया...

गाड़े रस से ढका चेहरा बड़ा ही सैक्सी लग रहा था.

उसके बाद सोनिया ने उसके रस से सने लंड को मुँह में लिया और उसे चूस कर अच्छी तरह से खाली कर दिया...



एक ही दिन में दूसरी बार वो अपना लंड चुसवा चुका था..

बाद में दोनो एक बार फिर से बाथरूम में गये और अच्छी तरह से सॉफ होकर ही बाहर आए. 

सोनिया का चेहरा अब बहुत चमक रहा था..

पता नही ये चमक उसके भाई के वीर्य को मलने से आई थी या उसकी बातों से.

पर जो भी था, आने वाले समय में दोनो को ऐसे काम करने थे जिसमें ये चमक और भी बढ़ने वाली थी.
रात को सोनिया ने तनवी को फोन करके उसे अगले दिन अपने घर पर आने को कहा.. 
उसे भला क्या प्राब्लम हो सकती थी, उसे तो मौका चाहिए था की किसी भी तरह वो सोनू के घर आए और उसके साथ मज़े ले..

इसलिए अगले दिन, स्कूल के बाद वो सोनू के साथ ही घर आ गयी.

सोनू हमेशा की तरह नहाने घुस गया और वो दोनो सहेलियाँ बैठकर बातें करने लगी.

कुछ देर तक नॉर्मल बातें करने के बाद सोनिया लाइन पर आ गयी

सोनिया : "वैसे जो कुछ भी सोनू तेरे साथ कर रहा है, उसमे तो एंजाय तो खूब कर रही है..''

तनवी (आँख मारते हुए) : "बहुत ज़्यादा... एन्ड मैं बता नही सकती की तेरा भाई कितना जबरदस्त है...''

उसका इशारा शायद सोनू के लंड की तरफ़ था, पर वो खुलकर उसे बोल नही पा रही थी की तेरे भाई का लंड कितना जबरदस्त है.. 
वैसे भी उसे बोलने का क्या फायदा, तनवी से ज़्यादा तो सोनिया ने उसे फील किया था...
उसे चखा था..
उसका मज़ा लिया था.
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01-09-2019, 02:08 PM,
#43
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनिया : "हम्म्म...सही कह रही है तू... पर एक बात है, मैने तेरी इतनी हैल्प की है और तूने मेरे बारे में आज तक कुछ नही सोचा...''

तनवी : "अरे मेरी जान, तू एक बार बोल तो सही, क्या करू मैं तेरे लिए.. कहे तो जान दे दू...''

उसके फिल्मी स्टाइल को देखकर सोनिया हंस दी और बोली : "अर्रे नही, जान नही चाहिए, बस जैसे मज़े तुझे मिल रहे है, वैसे ही तू मुझे दे दे..''

तनवी असमंजस में पड़ गयी और बोली : "मैं कुछ समझी नही...''

सोनिया उसके थोड़ा करीब खिसक आई और अपने हाथ की उंगली को उसके जाँघ पर घुमाना शुरू किया... 
फिर धीरे-2 वो उस उंगली को उपर ले जाने लगी... 
उसकी कमर से होते हुए वो उसके सपाट पेट तक पहुँची..
वहा उसने अपने नेल को कुछ देर तक घुमाया... 

ये सब देखकर तनवी की आँखे फैलती चली गयी...
उसकी साँसे तेज होने लगी...
ऐसी फीलिंग उसे आज तक नही हुई थी..
बदन में एक सुरसुराहट सी हो रही थी..
अजीब सा नशा चड रहा था..
पर वो कुछ कर नही पा रही थी.
और फिर जैसे ही सोनिया की उंगली ने थोड़ा उपर आकर उसकी नन्ही ब्रेस्ट को छुआ, वो फफक उठी...
और उसने कसकर उसके हाथ पकड़ लिए और कांपती हुई आवाज़ में बोली : "ये...ये ....क..क्या कर री है तू.....''

जवाब मे सोनिया ने उसके हाथ को अपनी छाती की तरफ करते हुए उसका हाथ अपनी ब्रेस्ट पर रख लिया... 
वो बेचारी अपनी फटी हुई आँखो से कभी उसे और कभी अपने हाथ पर उसके हाथ के दबाव को देखे जा रही थी.. 
ऐसा लग रहा था की उसके हाथ में कोई पानी का बड़ा सा गुब्बारा दे दिया है सोनिया ने.. 
आज तक भरी हुई ब्रेस्ट को उसने महसूस नही किया था, इसलिए उसे वो स्पर्श ठीक वैसे ही लग रहा था जैसे किसी लड़के को लगता है..
एकदम उत्तेजक.

वो चाहकर भी अपने हाथ को वापिस नही खींच पा रही थी...
और अब तक वो अच्छे से समझ भी चुकी थी की सोनिया उससे क्या चाहती है... 
जो हेल्प सोनिया ने की थी वो उसके बदले में उससे अपनी सेवा करवाना चाहती थी.. 
वैसे देखा जाए तो ये सही भी था... 
सोनिया के भाई के साथ वो तो मज़े ले रही थी 
पर सोनिया बेचारी के पास तो ऐसा कोई भी नही था जो उसे मज़े दे सके.. 
ऐसे में उसका ये सब करवाना तो बनता ही है..

पर वो ये बात नही जानती थी की सोनिया की सेवा उसका भाई भी उतनी ही कर चुका है, जितनी सोनू ने उसकी की है.

धीरे-2 तनवी के हाथो की पकड़ सोनिया की छाती पर मजबूत होती चली गयी...
सोनिया ने अपना हाथ उसके हाथ पर से हटा लिया, और उसे लेजाकर सीधा तनवी की ब्रेस्ट पर रख कर उसे सहलाने लगी...
उसके लंबे निप्पल्स को कचोटने लगी...
उन्हे मसलने लगी.

दोनो के चेहरे के एक्शप्रेशन बता रहे थे की उन्हे कितना मज़ा मिल रहा था..

और वो मज़ा तब और बाद गया जब सोनिया ने आगे बढ़कर होले से उसके होंठों को चूम लिया..



ये दोनो के लिए पहला मौका था किसी लड़की के होंठों को महसूस करने का.. 
ठन्डे और गीले
काँपते हुए
नर्म और मुलायम 
होंठों का टच दोनो को काफ़ी अच्छा लगा. 
छोटा सा चुम्मा लेकर जैसे ही सोनिया पीछे होने लगी, तनवी ने उसके सिर को पकड़कर ज़ोर से अपनी तरफ खींचा और उसके होंठों पर टूट पड़ी...

''आआआआआआआआआआआहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....... पुक्क्ककककककककककचह..... म्*म्म्मम..''

और फिर तो दोनो के अंदर जैसे कोई भूत घुस गया... 
दोनो एक दूसरे के होंठों को...
गालों को...
गर्दन पर..
और कपड़ों के उपर से एक दूसरे के बूब्स पर भी चूमने लगीं.
सोनिया ने आव देखा ना ताव और अपनी टी शर्ट उपर करते हुए उतार दी और अपनी ब्रा को नीचे करके अपनी बाईं ब्रेस्ट बाहर निकाली और तनवी के चेहरे को पकड़ कर अपनी छाती पर ऐसे चिपकाया जैसे कोई माँ अपनी बच्ची को दूध पिलाती है...



तनवी तो उसकी तेज़ी देखकर हैरान रह गयी.... 
उसके पलक झपकाने से पहले उसके मुँह में सोनिया का मोटा निप्पल था.

बचपन में अपनी माँ का दूध पीने के बाद पहली बार कोई और निप्पल उसने चूसा था... 
भले ही इसमे से दूध नही निकल रहा था पर मिठास उतनी ही थी.

''आआआआआआआआआआहह....चूस ले इसे...... उम्म्म्ममममम.... यसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स... काट इन्हे.... ज़ोर से.... दांतो से....... उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़..... मीठा दर्द होता है....इसमें.... मिटा दे .......ज़राआआआआआअ...''

तनवी के शरीर में भी हज़ारों चींटियां रेंगने लगी थी... 
उसके निप्पल भी बेर जैसे कड़क हो चुके थे... 
उन्हे भी अब अटेंशन चाहिए थी.... 
इसलिए उसने भी अपनी स्कूल शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए... 
हमेशा की तरह उस हरामन ने अंदर कुछ नही पहना हुआ था...
जैसे ही उसके काले बेर सामने आए, सोनिया ने झुककर उन्हे मुँह में दबोच लिया और चुभलाने लगी..



एक लड़की जब दूसरी के साथ इस तरह का प्यार करती है तो उसमे अलग ही मज़ा मिलता है, क्योंकि लड़कियाँ अपने और दूसरी लड़की के शरीर की बनावट और सेंसीवीटी को जानती है, किस अंग को कैसे टच करने से या दबाने से क्या होगा, ये वो अच्छे से जानती हैं.

इसलिए जब सोनिया ने तनवी के निप्पल्स को मुँह में लिया तो उसे दाँतों से काटा नही...
और ना ही उन्हे बाहर की तरफ खींचा..
बल्कि अपनी जीभ के नीचे दबा कर, अंदर की तरफ़ चूसते हुए, होंठों की नर्म मसाज देकर, उन्हे वो मज़ा दिया जो आजतक सोनू भी नही दे पाया था.

तनवी ने सोनिया के बालों को खोल दिया, और उसके घने बालों में उंगलियाँ फेराते हुए, अपनी छाती के निप्पल्स उससे एक-2 करके चुसवाने लगी.

''उम्म्म्मममममममममममममममम..... सोनी........ मेरी ज़ाआाआआआअन्न..... उफफफफफफफफफफफ क्या मज़ा आ रहा है...यार...... कसम से....... तू तो अपने भाई से भी ज़्यादा मज़ा देती है.....''



सोनिया ने उपर मुँह किया और आँखें नचाते हुए बोली : "क्यो , सोनू ऐसे नही करता क्या....''
तनवी : "वो तो मुँह में लेते ही ज़ोर-2 से दाँत चुभाता है.... अच्छा भी लगता है पर दर्द भी होता है.... तू जैसे कर रही है उसमे सिर्फ़ मज़ा मिल रहा है.... दर्द तो बिल्कुल भी नही है....''

ये सुनकर सोनिया मुस्कुरा दी और उसने उपर होते हुए उसके होंठों को चूम लिया...
और दोनो एक बार फिर से एक गहरी स्मूच में डूब गये.

सोनिया ने उसे चूमते हुए उसकी चूत पर जब हाथ रखा तो तनवी उछल पड़ी.

और बोली : "तू आख़िर करना क्या चाहती है.... साली..... आज से पहले तो ऐसा कुछ किया नही.... आज करा है तो सब कुछ करने पर उतारू है...... सोनू घर पर ही है.... वो आ गया तो....''

सोनिया ने अपनी शॉर्ट्स उतारते हुए कहा : "आ गया तो आ जाए, मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता...''
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01-09-2019, 02:08 PM,
#44
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
तनवी आश्चर्यचकित रह गयी और बोली : "अर्रे....वो तेरा भाई है.... मेरा तो कुछ नही... तुझे वो इस तरह से न्यूड देखेगा तो... आई मीन..वो..देखकर...क्या सोचेगा.... ये तो ग़लत होगा ना....''

जवाब मे वो हिसहीसाई : "कुछ ग़लत नही है..... समझी.... तेरे साथ भी तो वो ये सब करता है... मुझे कोई प्राब्लम नही थी...और वही मैं जब कर रही हूँ तो उसे क्या प्राब्लम हो सकती है...''

तनवी : "बात वो नही है... बात ये है की वो तुझे ऐसे न्यूड देखेगा तो क्या सोचेगा...''

सोनिया : "उसकी कोई टेंशन नही है... हमारे बीच ये सब चलता है.... मैने उसे कई बार न्यूड देखा है... और मैं भी उसके सामने कई बार चेंज कर लेती हूँ .... इट्स नोट ए बिग डील...''

तनवी कुछ देर तक उसे देखती रही , जैसे उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था 
और फिर उसके चेहरे पर भी एक कुटिल सी मुस्कान आ गयी और बोली : "वाउ..... कूल.... ऐसा भाई अगर सभी को मिले तो बाहर जाने की ज़रूरत ही क्या है...''

सोनिया : "मतलब ??''

तनवी : "मतलब ये की.... जब तुम दोनो आपस में इतना ओपन हो ही चुके हो तो वो भला क्यों मेरे जैसी लड़की के साथ बाहर मुँह मारता फिरता है... या फिर तू भला क्यों किसी और का इंतजार करती है... तुम्हे तो आपस में ही... हे हे..''

सोनिया ने मन में सोचा : 'यही तो मैं भी चाहती हूँ ... और मेरी प्लानिंग से चलते रहे तो जल्द ही उसका लंड मेरी चूत में होगा...'

सोनिया को इस तरह से चुप होकर सोचता हुआ देखकर तनवी बोली : "ओये... आई एम सॉरी... मैं तो बस ऐसे ही कह रही थी... तू इसका बुरा मत मान....''

अब वो बेचारी क्या जानती थी की उसने बुरा नही माना बल्कि अपनी योजना को ऐसे पूरा होता देखकर उसे खुशी हो रही है.

इसी बीच सोनिया पूरी नंगी हो चुकी थी... 
तनवी तो उसके शरीर की बनावट और शरबती अंगो को देखकर मोहित ही हो गयी... 
खासकर उसके मोटे बूब्स और उनपर लगे लाल निप्पल्स को देखकर 



वो बोली : "हाय .... क्या बूब्स है तेरे यार..... ऐसे ही तो करवाने है मुझे.....''
इतना कहकर वो उसके बूब्स पर एक बार फिर से टूट पड़ी... 
सोनिया ने उसकी स्कर्ट को खोलकर उसे भी नीचे गिरा दिया... 
अब तनवी पूरी नंगी थी 



उपर ब्रा नही थी, नीचे कच्छी नही थी..एक नंबर की चुदक्कड़ लड़की बनने के सब लक्षण थे उसमे.

दोनो के शरीर एक दूसरे से रग़ड़ खाने लगे. खासकर दोनों के बूब्स निप्पल्स 



तनवी : " अहह..... ऐसे ही करती रह... बड़ा मज़ा आ रहा है.... बेचारा तेरा भाई... उसने अगर ये सब देख लिया तो यही बोलेगा की ये क्या हो रहा है...''

उसकी बात ख़त्म ही हुई थी की पीछे से सोनू की भारी भरकम आवाज़ आई : "ये क्या हो रहा है...''

जिसे सुनकर तनवी एक झटके से पलटी...
सोनू अपने बाथिंग टावल में खड़ा था... 
तनवी की तो फट्ट कर हाथ में आ गयी... 
उसे डर था की कही सोनू को इस बात का बुरा ना लगे की वो उसकी बहन के साथ भी वही खेल ख़ेल रही है जो उसके साथ खेलती है...

पर उसे क्या पता था की ये सब उन भाई बहन की योजना का ही परिणाम था की वो इस वक़्त सोनिया के साथ नंगी थी.

और इसके बाद जो होने वाला था, उसमे तीनो को ही मज़े आने वाले थे.
तनवी तो अपने नंगे बदन को ऐसे छिपाने लगी जैसे सोनू कोई बाहर का बंदा है, वहीं दूसरी तरफ सोनिया बड़े इत्मिनान से वैसे ही लेटी रही, बिना कोई हरकत किए, तनवी की हड़बड़ाहट देखते हुए उसे हँसी भी आ रही थी.

तनवी ने अपने बदन को पिल्लो से छुपाया और सोनू को देखकर बोली : "वो...वो ...मैं....ये....सोनिया....इसने ही....मुझे..... ये सब..... आई एम् ...सॉरी सोनू.... मैं तो बस......''

उसकी ये हालत देखकर सोनिया के साथ-2 सोनू की भी हँसी छूट गयी... 
बेचारी तनवी दोनो भाई बहन के चेहरों को आँखे फाड़कर देखने रह गयी.

सोनू उसके पास आया और बोला : "इट्स ओके .... ये कोई बड़ी बात नही है.... तुम ज़्यादा टेन्षन ना लो, और जो कर रहे थे, करते रहो... आई डोंट हेव एनी प्राब्लम...''

तनवी आँखे फेला कर बोली : "आर यू श्योर सोनू.... आई मीन... मैं तुम्हारी सिस के साथ ये सब... कर सकती हूँ ...''

उसने ये बात सोनिया के नंगे शरीर की तरफ आँखे करते हुए कही, ताकि सोनू अपनी नंगी बहन का लिहाज करके कम से कम उस बात के लिए मना कर दे.

पर सोनू ने बिल्कुल उल्टा कहा 

"इट्स ओके ... ये तो अक्सर अपने होस्टल की बातें बताती रहती है, वहां उस लड़की के साथ ये किया, वो किया... एंड आई थिंक वो सब ये मिस कर रही थी, इसलिए आज तुम्हारे साथ शुरू हो गयी... बट इट्स गुड, मैं भी तो देखूँ , सोनिया ने हॉस्टिल में क्या-2 सीखा है''

ये हॉस्टिल वाली बात सोनू ने झूट कही थी, ताकि तनवी को उसकी बात का विश्वास हो जाए.. 
और वो हो भी गया... 
तनवी को अब यही लगने लगा की ये सब सोनिया हॉस्टिल में ही सीखी है, पर जो भी सीखी है, बहुत मस्त है ये.

पर अभी भी वो खुलकर ये नही बोल पा रही थी की अपनी बहन को सोनू कैसे वो सब करते हुए देखेगा और वो भी अपनी खुद की जीएफ के साथ.

सोनिया ने शायद उसके मन की बात पढ़ ली थी, वो बोली : "देख तनवी, मैने कहा था ना की सोनू जो तेरे साथ करता है, उसमे मुझे कोई प्राब्लम नही है, इन्फेक्ट मैने ही सोनू को तेरे साथ वो सब करने में हेल्प की थी, इसलिए सोनू को भी कोई प्राब्लम नही है , की मैं ये सब तेरे साथ करू...है ना भाई...?''

उसने नशीली आँखो का इशारा करके सोनू से पूछा..
सोनू ने अपने दोनो अंगूठे हवा में लहरा कर कहा : "नोट एट ऑल, बिल्कुल भी नही, बल्कि मैं तो ये शो एंजाय करने वाला हूँ ''

तनवी ने अपनी आँखे बंद की, अपने सिर को ज़ोर से झटका दिया और बुदबुदाई : "जब इन दोनो भाई बहन को ही प्राब्लम नही है तो मुझे क्या, मुझे तो मज़ा ही आ रहा था इस खेल में''

इतना कहके उसने उस पिल्लो को सोनू की तरफ उछाल दिया और उसके सामने नंगी होकर बैठ गयी.



और बोली : "ठीक है, तुम्हे अगर देखना ही है तो देखो, आज हम दोनो सहेलियां तुम्हे वो दिखाएँगे, जो शायद तुमने आज तक नही देखा होगा...''

पता तो तनवी को भी नही था की वो और सोनिया क्या करने वाले है
पर ऐसा डायलॉग मारकर वो उन दोनो को ये दिखाना चाहती थी की वो ये सब करने के लिए रेडी है.

उसकी बात सुनकर दोनो भाई बहन ने ताली बजाई, सोनू आराम से जाकर अपने बेड पर बैठ गया, टावल में उसका लंड बुरी तरह से अकड़ कर टेंट बना चुका था... 
वो उनके खेल के दोबारा शुरू होने का इंतजार करने लगा.

खेल फिर से शुरू हो गया, जहाँ पहले रुका था.

सोनिया सिर वाली तरफ से तनवी के उपर आई और उसके होंठों पर अपने मोम्मे लगा कर उसे एक बार फिर से अपना दूध पिलाने लगी 



''मममममममम सक्क्क्क इट बैबी, जोर से आआआआह्ह्ह्ह'' 

साथ ही साथ वो उसके बूब्स को भी चूस रही थी, सोनिया के हाथ पकड़कर उसने अपनी सपाट छाती पर रख दिए, ताकि उसे मसाज भी मिलती रहे, मसाज मिलेगी तभी तो बूब्स बढ़ेंगे उसके.

सोनू का बुरा हाल था, उसके बेडरूम में जैसे कोई ब्लू फिल्म चल रही थी, ऐसा मज़ा तो लैस्बियन सैक्स का सीन देखकर भी नही आता.
तनवी तो बस यही सोच रही थी की सोनू उसी को देख रहा है, आख़िर वो उसकी जी एफ है, सोनिया को वो भला क्यो देखेगा, वो तो उसकी बहन है..

पर वो नादान ये नही जानती थी की सोनू की नज़रें उससे ज़्यादा अपनी बहन का चक्षु चोदन करने में लगी थी..

तनवी बार -2 सोनू को ही देख कर सब काम कर रही थी...
सोनिया के बूब्स चूसते हुए जब उसने देखा की सोनू की नज़रें उसकी गांड की तरफ है तो वो खुश हो गयी...
आख़िर एक ही तो हिस्सा था उसके शरीर का जो उसे भी आकर्षक लगता था और देखने वालो को भी..

अपनी छोटी चुचियो को वो प्लस पॉइंट में नही गिनती थी, इसलिए अपनी गांड को वो सोनू की तरफ लहराकर उसे लुभाने लगी... 
उसकी कसी हुई गांड के नीचे झाँकति हुई उसकी कोरी चूत को देखकर एक बार के लिए तो सोनू भी मंत्रमुग्ध सा हो गया...

सोनिया का गला सूख रहा था, वो पानी की बॉटल लेने के लिए उठी, ये मौका देखकर तनवी ने अपनी चूत के पूरे जलवे सोनू के सामने फेला डाले...
वो अपनी नन्ही गांड को लहराते हुए, अपनी खुद की उंगलियों से ही अपनी चूत को मसलने लगी... 
सोनू को ऐसा लग रहा था जैसे मधु मक्खी के काटे होंठों को रगड़ रही है वो...
इतनी फुलावट वाली चूत को चूसने का उसका भी मन कर रहा था, पर इस वक़्त वो उन दोनो के रंग में भंग नही डालना चाहता था.. 
इसलिए उसे अपनी चूत मसलते हुए देखता रहा.



पानी पीकर सोनिया सीधा उसकी चूत पर ही टूट पड़ी... 
ये पहली बार था दोनो के लिए ही... 
मालिश करने की वजह से तनवी की चूत तो पहले ही पनिया रही थी... 
जैसे ही सोनिया ने अपनी जीभ उसके उपर रखी वो सीसीया उठी..

''आआआआआआआआआआआआआअहह .... उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़..... गंदी...... कही की..... ये क्या कर री है तू......''
एक लड़की का दूसरी की चूत को चाटना उसे शब्दो में तो गंदा लग रहा था, पर फीलिंग बड़ी अच्छी वाली आ रही थी उसे...
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01-09-2019, 02:09 PM,
#45
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
तनवी को ऐसा फील हो रहा था जैसे आज तक उसके आनंद की चाभी सोनिया ने अपने मुँह में छिपा कर रखी थी... जिसे उसकी चूत में डालकर उसने मज़े का ताला खोल दिया है...
और चाभी को इधर उधर घुमा कर वो उसके आनंद की परतों को खोलती चली जा रही है..

वहीं दूसरी तरफ सोनिया को ऐसा फील हुआ जैसे उसने तनवी की चूत को नही बल्कि किसी टूटी हुई गरमा गरम जलेबी को मुँह में लिया है... 
एक तो बिल्कुल गरमा गरम थी वो उपर से चाशनी जैसा मीठा रस निकल रहा था उसमें से... 
सोनिया तो अपनी जीभ को केडा करके उसकी चूत को किसी पालतू कुतिया की तरह चाटने लगी... 
अपने होंठों से उसकी गीली चूत पर पप्पीयों की झड़ी सी लगा दी... 
उसकी चूत के परों को फैला कर उसकी तितली को जब उसने ज़ोर लगा कर चूसा तो तनवी ने अपनी पूरी कमर उठा ली, जैसे तितली के बदले वो खुद उड़ने को तैयार हो.

और सोनिया तो मन ही मन ये गाना गा रही थी
''तितली दबोच ली मैने''



ऐसा सैक्स से भरा सीन देखकर सोनू की हालत पतली हो रही थी
उसने अपना हाथ टावल में डाला और लंड को मसलना शुरू कर दिया...

हवा में कुछ देर तक कमर को उठाए रखने के बाद वो धड़ाम से नीचे आ गिरी...
और साथ ही उसकी चूत का नारियल पानी भी बहकर बाहर रिसने लगा... 
वो बुरी तरह से झड़ी थी इस वक़्त...
इसलिए उसे कुछ भी होश नही था ... 
ऐसे में उसकी चूत में सोनू लंड भी पेल देता तो उसे शायद पता नही चलता... 
पर लंड के बदले सोनिया की जीभ जो थी इस वक़्त के लिए, जो उसके अंदर का सारा मीठा पानी बाहर निकालने से पहले ही चट कर जाती.... ऐसा मज़ा शायद उसे भी लाइफ में पहली बार मिला था.
और ये मज़ा अब उसे अपनी चूत पर भी महसूस करना था... 
वो पिल्लो को पीठ से लगाकर बेड पर बैठ गयी और तनवी को अपनी चूत की तरफ आने का इशारा किया.. 
झड़ने के बाद उसमे ज़रा भी ताक़त नही बची थी...
इसलिए सोनिया खुद ही उसके चेहरे पर आकर बैठ गयी... 
अपनी सहेली की चूत की तीखी खुश्बू पाकर जैसे उसे होश आया, उसने लाइफ में आज तक ये नही सोचा था की वो ऐसे किसी और लड़की की चूत को चाटेगी... 
पर मुँह पर जब चूत आकर लगी तो उसे जैसे होश ही नही रहा...
वो उसे ऐसे चूसने लगी जैसे बरसों से ये काम करती आई हो.

उसने भी सोनिया की तरह अपनी जीभ को लंड की तरह अकड़ा कर सीधा कर लिया, और उसे सोनिया की चूत में उतार दिया...

''आआआआआआआआआआआआआआआआआहह....साली सील तोड़ेगी क्या मेरी...... थोड़ा आराम से घुसा अंदर...''

अंदर ही अंदर वो ये भी बोल रही थी की 'ये सील तो मेरे भाई के लंड से ही टूटेगी, अपनी जीभ से इसे तोड़ने की कोशिश भी ना करियो...समझी.'



तनवी भी उसे इस तरह अपने भाई के सामने बोलता देखकर हैरान थी, वैसे अब उसने हैरान होना तो छोड़ ही दिया था..जिस तरह से ये दोनो भाई बहन इतनी बेशर्मी से एक दूसरे के सामने ही ये सब करने में लगे थे, उसके बाद कुछ और बचता ही नही था.

अचानक तनवी को जैसे सागर में कोई मोती मिल गया....
और वो था सोनिया की चूत का दाना.

वो दाना तनवी के दांतो के बीच आते ही सोनिया की हालत पतली हो गयी... 
उसे ऐसा लगा जैसे उसके शरीर में से किसी ने उसकी जान को दबोच लिया है.... 
वो उसे मसलने लगी...
चुभलाने लगी...
चूसने लगी.

और बदले में सोनिया की क्लिट ने भी जी भरकर उसे दूध प्रदान किया...
यानी चूत का रस, जिसे वो चूसती चली गयी... 
और तब तक चूसती रही जब तक वो दूध एक गाड़े रस में तब्दील ना हो गया...
और सोनिया की सिसकारियाँ चीख में नही बदल गयी....
और उसके शरीर को मिल रहे झटकों ने एक रौद्र ऑर्गॅज़म का रूप नही ले लिया.

वो भी पूरी ताक़त से चिल्लाती हुई, अपनी चूत को तनवी के मुँह पर रगड़ने लगी, जैसे मूली घिस्स रही हो परोंठे बनाने के लिए..
और अंत में जब उसके अंदर का पानी और एनर्जी दोनो ख़त्म हो गये तो वो कांपति हुई सी अपनी सहेली के उपर गिर पड़ी... 
और उसके साइड में लेटकर, उसके मुँह से अपना शहद चाटने लगी.



और चाटते-2 जब तनवी की नज़रें सोनू के उपर गयी तो उसे एक और झटका लगा...
वो अपने टावल को किनारे रखकर अपना लंड बाहर निकाल चुका था और उन दोनो को नंगा देखकर उसे बुरी तरह से रगड़ रहा था.

अब तनवी की समझ में ये नही आ रहा था की वो सोनिया को छोड़कर या उसके सामने ही अपने यार को कैसे खुश करे..आखिर भाई था वो उसका 
अजीब धर्म संकट मे फँस चुकी थी वो.
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01-09-2019, 02:09 PM,
#46
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
तनवी को अब ये बात इतनी बुरी भी नही लग रही थी की सोनू ने अपनी बहन के सामने ही अपना लंड निकाल रखा है... 
जब उसकी खुद की बहन ने पहल करके अपना नंगा जिस्म उसके सामने दिखा दिया था तो सोनू को भी पूरा नंगा होने में भला क्या प्राब्लम होनी थी...और वैसे भी वो दोनो ये कह ही चुके थे की ऐसे एक दूसरे को देखना उनके लिए आम बात है.

तनवी की तो चूत एक बार फिर से रिसने लगी सोनू का लंड देखकर... 
आज से पहले उसने चुदने के बारे में उतना नही सोचा था जितना अब सोच रही थी
सोनू के लंड की चमक रही नसें उसे अपने पास बुला रही थी, वो उन नसों को अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों से घिसता हुआ महसूस करना चाहती थी...
उसके कड़क लंड को अंदर लेकर अपनी वर्जीनिटी उसे सोंपना चाहती थी, पूरी तरह से तृप्त होकर वो अपनी जवानी का असली मज़ा लेना चाहती थी.

पर ये इस वक़्त मुमकिन नही था...
क्योंकि अपनी पहली चुदाई वो इस तरह से नही करवा सकती थी, जहां उसके प्रेमी की बहन भी मोजूद हो.

पर हाँ , इस वक़्त उसे अपने प्रेमी को खुश ज़रूर करना था, इसलिए ज़्यादा सोचे समझे बिना वो सोनू की तरफ सरकने लगी...जैसे कोई नागिन अपने नाग के पास रेंगकर आती है.



सोनिया ने जब ये देखा तो वो समझ गयी की अब क्या होने वाला है...
वैसे मन तो उसका भी कर रहा था की झपटकर सोनू के लंड पर टूट पड़े, उसे निगल जाए और तब तक चूसती रहे जब तक उसमे से गरमा गरम खीर निकल कर उसके मुँह में ना गिरने लगे.

पर वो भी मजबूर थी 
अभी तक जो उसने तनवी के सामने दर्शाया था, वही उनके हिसाब से काफ़ी था
उसके आगे बढ़ने का मतलब होता की अपने अवैध रिश्तों का खुद ही परदा फ़ाश कर देना जो वो कम से कम आज तो नही करना चाहती थी..
इसलिए दूर बैठकर, अपनी गीली चूत में उंगलिया डालकर,वो अपने भाई के चेहरे को देखने लगी
जो इस वक़्त उत्तेजना की वजह से बुरी तरह तप रहा था...
वो उसके मन की दशा का अनुमान आसानी से लगा सकती थी
2 जवान लड़कियों के नंगे बदन को देखकर उसके मन और लंड पर जो बीती थी, वो उसके चेहरे पर सॉफ दिख रही थी.

और इस वक़्त उसकी उत्तेजना और चेहरे के एक्शप्रेशन सिर्फ़ तनवी ही दूर कर सकती थी, इसलिए जैसे ही उसकी नज़रें तनवी से मिली, सोनिया ने पलके झुका कर उसे अपने भी के पास जाने की अनुमति दे दी... 
वो तो वैसे भी जा ही रही थी पर सोनिया की स्वीकृति के बाद तो उसमें जैसे एक नया जोश सा आ गया, वो एक ही छलाँग में उसके करीब जा पहुँची और उससे लिपट कर जोरों से उसे किस्स करने लगी.



दोनो एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे....चबा रहे थे...जिस्मों को मसल रहे थे...
जैसे डिस्टेन्स रीलेशन में रहने वाले प्रेमी - प्रेमिका होटल रूम में मिलते ही एक दूसरे पड़ते हैं,ठीक वैसे ही.. 

अगर उन्होने कपड़े भी पहने होते तो सिर्फ़ एक मिनट में वो भी नोच कर फेंके जा चुके होते, पर यहां तो उसकी भी चिंता नही थी, वो दोनो पहले से ही नंगे थे..
दोनो के गर्म जिस्म एक दूसरे से घिस्स कर एक नयी उत्तेजना का संचार कर रहे थे. जिसकी तपन दूर बैठी सोनिया तक भी पहुँच रही थी वो उन्हे देखकर बड़ी कामुकता के साथ अपनी चूत रगड़ रही थी.



तनवी ने अपनी नन्ही ब्रेस्ट को उसके मुँह की तरफ कर दिया ताकि सोनू उसे चूस्कर बड़ा कर सके... 
सोनू भी अपने काम में लग गया, उसकी छातियों को चूसता हुआ वो उसकी कसी हुई गांड को ज़ोर-2 से दबा रहा था.. शायद सोच रहा था की उसकी गांड जैसा उभार और कसाव उसकी छातियों में भी होता तो कितना मज़ा आता.. 
पर अभी के लिए उसे इसी से काम चलाना था.

तनवी के हाथ उसके लंड पर जा पहुँचे, उसे तो ऐसा लगा जैसे उसने कोई लोहे की गर्म रोड पकड़ ली हो... 
वो अपनी नाज़ुक हथेलियों से उसके लंड को उपर नीचे करने लगी... 
उसके लंड की नसों की चुभन उसकी नाज़ुक हथेलियों पर सॉफ महसूस हो रही थी.. 
ऐसा लग रहा था जैसे तनवी ने किसी कठोर पेड़ की डाली पड़की हुई है अपने हाथ में.. 
अत्यधिक उत्तेनज़ा के मारे तनवी के मुँह से लार निकल कर बाहर गिरने लगी...
और वो सीधा लंड के उपर ही टपकी. 
सोनू सुलग कर रह गया उसकी गर्म लार को महसूस करके..

''आआआआआआआआआअहह...... सककककक इट बैबी..... सक्क इट....''
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01-09-2019, 02:09 PM,
#47
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
ये एक ऐसा काम था जिसके लिए इस वक़्त कमरे में मोजूद दोनो चूतें मचल रही थी... 
पर लंड सिर्फ़ तनवी के हिस्से में लिखा था इस वक़्त.

उस नागिन ने अपना फन नीचे किया और सोनू की नागमणि एक ही झटके में निगल कर उसे पूरा का पूरा अपने अंदर समा लिया.



''आआआआआआआआआआआहह......... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...''

एक साथ दो सिसकारियाँ सुनी गयी कमरे में
एक तो सोनू की, जिसे ऐसा लगा की उसने अपना लंड किसी आग भट्टी में डाल दिया है... 
और दूसरी ... 
ना ना... 
तनवी की नही
बल्कि सोनिया की
जो दूर बैठी अपना मुँह खोलकर, अपनी चूत में उंगलियाँ पेलकर, उसे ऐसा करते हुए तब तक देखती रही 
जब तक वो सोनू के कड़क लंड को निगल नही गयी...
और जैसे ही उसने निगला, सोनिया के मुँह से भी सिसकारी निकल गयी.
जैसे वो लंड तनवी के मुँह में नही , बल्कि उसके खुद के मुँह में आया हो....
और लंड वाली फीलिंग लेने के लिए, उसने अपनी चूतरस से भीगी पाँचों उंगलियों को एक साथ चिपकाया, उसको कोन जैसी शक्ल में ढाला और अपने मुँह में लेकर चूसने लगी....
.. उउम्म्म्ममममममम..... 
कसम से, कुतिया को खुद की उंगली चूसने में भी इस वक़्त उतना ही मज़ा मिल रहा था जितना उसे अपने भाई के लंड को चूसने पर मिला था.

पर असली मज़ा तो तनवी को मिल रहा था.... 
जो उसके भाई के लंड को अपने बाप का माल समझ कर इतनी बुरी तरह से चूस रही थी जैसे आज उसे जड़ से उखाड़ कर घर ही ले जाएगी...

पर सोनू को भी शायद ऐसी उत्तेजना पसंद थी, इसलिए वो खुद भी उसे ज़ोर-2 से लंड को चूसने के लिए उकसा रहा था...
उसने तो अपने लंड को उसके गले से नीचे उतार कर उसे चौक सा कर दिया था, बेचारी ने बड़ी मुश्किल से उसे बाहर निकाला, वरना उसने वहीं उल्टी मार देनी थी.

तनवी की नज़र जब अपनी सहेली पर पड़ी तो उसने देखा की कैसी लालायित नज़रों से वो उसे देख रही है... 
तनवी का दिल पासीज सा गया.... 
उसने अपने घर पर एक बिल्ली पाली हुई थी, और जब भी वो भूखी होती थी तो ऐसी ही नज़रों से वो सबको देखती थी, तनवी को अपनी वो पुस्सी याद आ गयी सोनिया की आँखे देखकर... 
वो समझ गयी की उसे भी इस वक़्त भूख लगी है...
और वो भी लंड की भूख... 
तनवी तो मज़े से उसके भाई के लंड की डिश खा रही थी, पर दूर बैठी उसकी बेस्ट फ्रेंड किसी भूखी बिल्ली की तरह उसे ऐसा करते देख रही थी.... 
उसने मन में कुछ सोचा और फिर इशारा करके उसने सोनिया को अपनी तरफ आने को कहा.

सोनिया के साथ -2 सोनू भी चोंक गया की वो उसे क्यो बुला रही है... 
हालाँकि दोनो भाई-बहन इस वक़्त यही चाहते थे पर उन्होने सोचा नही था की तनवी खुद ये काम उनसे करवाएगी.

सोनिया उठकर करीब आई तो तनवी बोली : "आई नो की तुम्हे कैसा फील हो रहा है....तुम एक काम करो..यहाँ आओ...और इसे सक्क करो...''
वो अंदर ही अंदर खुश तो हुई पर उसने चोंकने का नाटक करते हुए कहा : "ये...ये कैसे....करू मैं ....तनवी.....ही ... ही इस माय ब्रदर.... ये ग़लत है..''

तनवी : "ओ कोम ऑन ..... कुछ ग़लत नही है, अब इतना कुछ हो ही चुका है तो ये भी सही...आई मीन यू आर नोट फक्किंग युवर ब्रदर... इट्स ओन्ली ब्लो जॉब ....''

दोनो भाई बहनो की नज़रें मिली... 
सोनू के चेहरे की खुशी छुपाए नही छुप रही थी... 
पर वो कुछ बोला नही.

सोनिया ने थोड़ा और नाटक किया : "यार....आई नो की आज जो हम भाई बहन के बीच हुआ है ये हद से ज़्यादा था बट ये तो आउट ऑफ द लाइन हो जाएगा ना...''

तनवी ने इस बार उसकी एक ना सुनी और उसका हाथ पकड़कर ज़बरदस्ती सोनू के लंड पर रख दिया 
और बोली : "मुझे कुछ नही सुनना, और वैसे भी, ये बात सिर्फ़ हम तीनो के बीच रहेगी... अब तूने मेरी इतनी हेल्प की है, ऐसे में तेरा भी तो मज़े लेना बनता ही है... तू बस आँखे बंद कर और अपने किसी भी पुराने बाय्फ्रेंड के बारे में सोचकर इसे सक्क कर ले... फिर देखियो, पता भी नही चलेगा...''

अब वो बेचारी ये नही जानती थी की उसका पुराना और नया, सिर्फ़ एक ही बाय्फ्रेंड है और वो है उसका खुद का भाई....सोनू.

सोनिया ने अपनी आँखे बंद कर ली, और अनमने मन से नीचे झुकने का नाटक करते हुए अपने रसीले होंठों को खोला... 

ये वो पल था जब दोनो भाई बहन के दिलो की धड़कने रुक सी गयी थी... 
बंद कमरे में अकेले वो सब करना उन्हे आसान लगा था पर इस तरह अपने रिश्तो की धज्जियाँ किसी और के सामने उड़ाते हुए उन दोनो का शरीर रोमांच से भरा हुआ था.
पर जैसे ही सोनू का लंड सोनिया के मुँह में गया,सब सामान्य हो गया... 
एक चिर-परिचित सी महक जैसे ही सोनिया के नथुनों से टकराई, वो नॉर्मल हो गयी और फिर उसी शिद्दत से अपने भाई के लंड को चूसने लगी जैसे कल रात को चूसा था... 
जैसे अभी कुछ देर पहले तनवी चूस रही थी...
इन्फेक्ट सोनिया तो उससे भी ज़्यादा ज़ोर से चूस रही थी.
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01-09-2019, 02:09 PM,
#48
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
तनवी ने जब ये देखा तो उसे खुशी हुई...
उसे लगा की उसने अपनी फ्रेंड का वो क़र्ज़ अब उतार दिया है जो उसने अपने भाई की सेट्टिंग उसके साथ करने के लिए उसपर किया था.

सोनिया ने तनवी को देखा और सोनू का लंड मुँह से निकाल कर तनवी की तरफ लहरा दिया...
फिर तनवी उसे चूसने लगी..



और इस तरह, दोनो सहेलिया उस खिलोने से खेलती रही... 
कभी सोनिया उसे चूसती कभी तनवी...
कभी एक लंड चूसती तो दूसरी उसकी बॉल्स... फिर वो बॉल्स उसे देकर वापिस लंड चूसने लगती 

ऐसे करते-2 उन दोनो सहेलियों की प्यासी जीभों ने सोनू के लंड को ऐसी सिचुएशन में पहुँचा दिया जिसमें सोनू के लंड ने एक ज्वालामुखी का रूप ले लिया....
और जब वो फटा तो दोनो के चेहरों पर सोनू के लंड का लावा ऐसे गिरा की उसने दोनो के चेहरे को ढक सा दिया...
एक के बाद एक निकली पिचकारियों ने दोनो सहेलियों के चेहरे पर सफेद लावे की चादर सी बिछा दी..
और फिर दोनो खिलखिलाती हुई, उस रस को एक दूसरे के चेहरे से चाट कर सॉफ करने लगी ...
और निगल कर उसे गले से नीचे उतार लिया .

और आख़िरी में, सोनिया ने एक बार फिर से लंड को अपने मुँह में लेकर, उसमे फंसी आख़िरी बूँदों को भी निचोड़ कर निगल लिया... 



और फिर सोनू की आँखो मे देखते हुए मन ही मन बोली : ''देख लेना भाई, एक दिन इसे अपने अंदर भी लूँगी...''

सोनू बेचारा अभी भी अपने सुपर ऑर्गॅज़म से उभरने की कोशिश कर रहा था...
और सोच रहा था की जब लंड की चुसाई इन्होने ऐसी की है तो चूत की चुदाई कैसी होगी इनके साथ...

बस वो आने वाले टाइम को , बंद आँखो से देखते हुए, गहरी साँसे लेने लगा.

आज वो दोनो भाई बहन एक कदम और आगे बढ़ चुके थे.

तनवी के जाने के बाद वो दोनो काफ़ी देर तक ऐसे ही बैठे रहे...
अपनी चालाकी से उन्होने कैसे तनवी को भी अपने ग्रूप में शामिल कर लिया था,उसपर दोनो को काफ़ी खुशी हो रही थी..

कुछ देर बाद उनकी मॉम भी आ गयी...
शाम को सोनू अपने दोस्त के पास चला गया और डिन्नर के वक़्त ही लौटा..
आने के बाद उसके पापा ने नॉर्मल सी स्कूल की बातें पूछी और उसे मन लगाकर पढ़ने की नसीहत भी दी...
स्कूल के अलावा घर पर भी प्रैक्टिस करने को कहा.

उसने तिरछी नज़रों से सोनिया की तरफ देखते हुए कहा : "यू डोंट वरी पापा, जब से सोनिया दी आई है, मेरी प्रैक्टिस अच्छे से चल रही है...''

पापा ने 'गुड' कहा और सोनिया को ऐसे ही अपने भाई की मदद करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया..

दोनो भाई बहन मन ही मन एक दूसरे को देखकर मुस्कुराए जा रहे थे और सोच रहे थे की इन्हे अगर पता चल जाए की वो कौन सी प्रैक्टिस की बात कर रहे है तो उनकी बुरी हालत कर देंगे.

रात को अपने बेडरूम में पहुँचकर सोनिया ने फिर से एक बार अपनी सैक्सी ड्रेस पहन ली और हमेशा की तरह वो एक बॉम्ब लग रही थी..



और बाथरूम से निकलकर वो सीधा सोनू के बेड पर ही आ गयी क्योंकि आज जो भी उनके बीच हुआ था उसके बाद तो अलग बेड पर सोना बिल्कुल 'ग़लत' था.

और आते ही वो अपनी नर्म छातियों को उसकी चेस्ट पर रखकर एक गहरी स्मूच में डूब गयी... शायद वो फेस वॉश लगाकर और ब्रश करके आई थी...इसलिए उसमें से बड़ी अच्छी वाली खुश्बू आ रही थी.
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01-09-2019, 02:09 PM,
#49
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
आज दिन में जो मेहनत उन्होने तनवी के साथ मिल कर की थी उसके बाद अभी किस्स के अलावा कुछ और करने का तो सवाल ही नही उठता था... 
हालाँकि सोनिया के हाथ किस्स करते हुए सरक कर अपने भाई के लंड तक आए भी थे पर सोनू ने उसे बड़े प्यार से परे कर दिया...
बुरी तरह से सूजा हुआ था उसका लंड इस वक़्त. ऐसे में कुछ करना मुश्किल था ...
सोनिया भी बस उपरी मन से वो चेक कर रही थी वरना कुछ करने का तो उसका भी मन नही था... 
एक दिन में जितना सेटिसफेक्शन इंसानी जिस्म को चाहिए होता है, उससे ज़्यादा मिल चुका था आज के लिए.
इसलिए कुछ एक्सट्रा करने की इच्छा ही नही रह गयी थी उनमें.
थोड़ी देर तक किस्स करते रहने के बाद सोनिया अपने भाई के कंधे पर सिर रखकर लेट गयी.

काफ़ी देर तक चुप रहने के बाद वो बोली : "सोनू...अगर आज तनवी फकिंग के लिए बोलती तो क्या तुम कर लेते...?''

ये बात उसने सोनू की तरफ देखे बिना कही थी...
इसलिए वो देख नही पाई की उसके चेहरे पर कैसे एक्शप्रेशन आए पर उसने महसूस ज़रूर कर लिया क्योंकि सोनू के दिल की धड़कन अचानक बढ़ गयी...
और क्योंकि उसका सिर सोनू के दिल के बहुत करीब था , उसे अपने कानो में धाड़-2 की आवाज़ें सॉफ सुनाई दे रही थी..

वो बोला : "आई डोंट थिंक सो.... आई थिंक ना तो वो और ना ही मैं उसके लिए अभी रेडी हैं...''

ये जवाब सुनकर वो मुस्कुरा दी...
उसने अपना खिला हुआ चेहरा उपर उठाया और बोली : "अगर तूने हाँ बोलना था तो मैने तेरी जान ले लेनी थी अभी...अच्छा हुआ जो ये समझदारी वाली बात कही...यही तो हमारे बीच भी डिसाइड हुआ था वरना हम तो कब के....''

इतना कहते हुए उसने अपने होंठ एक बार फिर से सोनू के होंठों पर रख दिए... और इस बार लिप्स को चूसने की पावर कुछ ज़्यादा ही थी...




सोनू बेचारा डर सा चुका था...
वो ये बात तो जान ही चुका था की उसकी बहन की वो कभी भी मार सकता है, पर खुद ही इस खेल के एहम नियम बनाकर वो उन्हे तोड़ने की ग़लती नही करना चाहता था... 
और वैसे भी उसे डर सिर्फ़ और सिर्फ़ एक ही बात का था की ऐसे में अगर वो प्रेग्नेंट हो गयी तो क्या होगा..
उसकी मॉम तो डॉक्टर है, उन्हे पता चलते देर नही लगेगी की उनकी बेटी ने क्या गुल खिलाया है...और पापा तो उसकी हड्डिया तोड़ डालेंगे...इसलिए ये काम वो ना तो सोनिया के साथ कर सकता था और ना ही तनवी या साक्षी के साथ..

और बात और आगे ना बड़े, इसके लिए उसे खुद ही नियंत्रण में रहना होगा...सोनिया से एक उचित दूरी बनाकर रखनी होगी...जैसी वो शुरू से ही सोचता आया था.

इसलिए वो पलटकर दूसरी तरफ मुँह करके सो गया...और सोनिया को भी अपने बेड पर जाकर सोने को कहा...

भले ही सोनिया का कुछ करने का मन नही था पर वो आज सोनू के साथ सोने के लिए ही उसके बेड पर आई थी...पर उसके एकदम से बदले व्यवहार को देखकर वो अचम्बित रह गयी...और वो भी बिना कुछ बोले अपने बेड पर जाकर लेट गयी..

उसे गुस्सा तो आ रहा था पर बेकार में लड़ाई करके वो अपना और सोनू का मूड खराब नही करना चाहती थी...

ऐसे ही सोचते-2 दोनो को कब नींद आ गयी पता हि नही चला.

सुबह सोनू की नींद अलार्म से खुली तो स्कूल जाने के लिए वो झट्ट से खड़ा हो गया... 
और हमेशा की तरह सबसे पहले उसे सोनिया का ख्याल आया और उसने उसके बेड की तरफ देखा, कल की तरह आज भी वो अपनी सुध बुध खोए, नन्हे कपड़ो से अपने जिस्म की नुमाइश करती हुई , बेसूध होकर सो रही थी..



पर सोनू ने उसकी तरफ ना देखना ही सही समझा और जल्दी से नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया...
आने के बाद भी उसने जल्दी-2 अपने कपड़े पहने और बाहर निकल गया... 
उसकी मॉम किचन में ही थी, लंच लेकर वो उन्हे बाइ बोलता हुआ बाहर निकल गया.. 
जाते-2 उसकी माँ ने बताया की आज उन्होने क्लिनिक से ऑफ लिया है और उन्होंने सोनिया के साथ शॉपिंग करने जाना है.

स्कूल पहुँचकर पहले उसकी मुलाकात साक्षी से और फिर तनवी से हुई...
पर दोनो से उसने ढंग से बात नही की...
कल रात की बात उसे परेशान कर रही थी... 
उसके मन में जो डर था, प्रेग्नेंट करने वाला, उसने उसके दिमाग़ की घंटी बजा रखी थी.

ऐसे ही दोनो को अवॉयड करते-2 आख़िरकार साक्षी ने उसे एक पीरियड के बाद पकड़ ही लिया..

साक्षी : "ओये हीरो...क्या हुआ...इतने भाव क्यों खा रहा है...ढंग से बात क्यो नही कर रहे..''

सोनू : "अर्रे, नही यार, ऐसा कुछ नही है...वो तो बस, तबीयत ठीक सी नही थी...इसलिए...''

साक्षी : " ओके ....फिर ठीक है, अच्छा सुनो, कल तुम्हे मेरे साथ एक फंक्शन में चलना है...''

सोनू : "मैं...तुम्हारे साथ...कहाँ ?''

साक्षी : "यार, वो मेरी एक फ्रेंड है, चंचल, उसके बड़े भाई की शादी है...कई बार बोल चुकी है वो आने के लिए...मैने मॉम को तो बोल दिया है की मेरी दूसरी फ्रेंड्स भी जा रही है, पर ऐसा कुछ है नही, क्योंकि मैं तुम्हारे साथ वहां जाना चाहती हूँ ...''

सोनू के दिमाग़ में हिसाब किताब शुरू हो चुका था, कैसे जाएगा, क्या पहनेगा,घर पर क्या बोलेगा ..

वो बोला : "वो तो ठीक है, बट मेरे साथ ही क्यों ..तुम अकेली भी तो जा सकती हो ना...या अपने छोटे भाई को ले जाओ साथ...और तुम अपनी फ्रेंड चंचल को क्या बोलोगी मेरे बारे में, की ये किसे साथ ले आयी''

साक्षी बड़े प्यार से उसकी तरफ देखते हुए बोली : "यार, वो क्या है ना, कल मैने उसे तेरे बारे में सब बोल दिया था...तो तब से वो..तुझसे मिलना चाहती है...समझा करो ना...मना मत करो प्लीज़...''

सोनू : "मैं मना नही कर रहा पर वो मुझसे क्यो मिलना चाहती है...?''

साक्षी : "यार, होता है हम लड़कियो के बीच ऐसा ही... एक दूसरे के बोयफ़्रेंड् से मिलकर अलग ही मज़ा आता है... और सुनो, तुम्हे भी मज़ा आएगा, बड़ी सैक्सी है चंचल...''

उसने जब आँख मारते हुए ये बात कही तो सोनू ने उसके प्रोग्राम पर मोहर सी लगा दी और बोला : "ठीक है, तुम कहती हो तो मैं चल पड़ूँगा...''

तभी पीछे से आवाज़ आई : "कहाँ चलने की बात हो रही है...?''
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01-09-2019, 02:09 PM,
#50
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
ये तनवी की आवाज़ थी, जिसने पास आते हुए ये बात सुन ली थी...दोनो सकपका से गये...

तनवी ने हंसते हुए साक्षी से कहा : "अर्रे, घबरा क्यो रहे हो...आई एम् युवर फ्रेंड...कही जा रहे हो तो मुझसे छुपाने की क्या ज़रूरत है...इसलिए बता तो सकते ही हो ना...''

सोनू बेचारा लाख इशारे करता रह गया पर साक्षी ने उसकी तरफ देखे बिना ही सारी बात उसे सुना डाली

तनवी : "वाव...ये तो बहुत अच्छी बात है...तुम्हे ज़रूर जाना चाहिए सोनू...एंजाय करोगे....''

और उसे आँख मारती हुई वो अपनी क्लास की तरफ चल दी..और साक्षी से नज़र बचाकर उसने जाते-2 एक फ़्लाइंग किस्स भी की.



बेचारा सोनू सिर पीटकर रह गया, उसे डर था की कहीं वो ये बात सोनिया को ना बोल दे क्योंकि उसे शायद इस तरह से साक्षी के साथ जाना सही ना लगे...

इसलिए जैसे ही स्कूल की छुट्टी हुई,वो तनवी को ढूँढने लगा और जल्द ही वो उसे क्लास से निकलते हुए मिल गयी...वो उसके साथ घर की तरफ चल दिया.

तनवी ने ही बात शुरू की : "मज़े है यार तेरे तो...कल तो मेरे साथ-2 सोनिया के साथ भी मज़े कर लिए...''

उसने ये बात थोड़े गुरूर के साथ कही थी, यानी वो इसके लिए अपना एहसान जता रही थी सोनू पर..

सोनू भी उसके हाथ को पकड़कर , उसे मक्खन सा लगता हुआ बोला : "थेंक्स ए लॉट, ये सब तुम्हारी वजह से ही पॉसिबल हुआ...एंड यस , कल बहुत मज़ा आया था...''

तनवी ने अपनी नन्ही छातियाँ और बाहर निकाल ली और बोली : "एनीथिंग फॉर यू माय डार्लिंग...अभी तो और भी मज़े दिलाऊंगी ..और दूँगी भी...''

ये कहते हुए उसने अपने रसीले होंठों को दांतो तले भींच दिया...उसका रस टपककर रसभरी की तरह बाहर गिर पड़ा..

सोनू कुछ देर तक उसे देखकर मुस्कुराता रहा और फिर असली बात पर आया : "अच्छा सुनो....ये जो बात आज हुई...मेरे और साक्षी के बीच, उसके बारे में प्लीज़...''

''सोनिया को ना बताना....पता है मुझे....'' तनवी ने उसकी बात बीच मे काटते हुए ये कहा, वो ज़रूरत से ज़्यादा होशियार बनने का नाटक कर रही थी..

इसलिए सोनू ने चुप रहना ही ज़रूरी समझा...
बेकार में वो सोनिया वाली बात को लंबा खींचकर अपने रिश्तों की असली सच्चाई उसे नही दिखाना चाहता था.

पर तनवी के दिमाग़ में कुछ चल रहा था, वो बोली : "पर इसके बदले तुम्हे मेरे साथ भी एक डेट पर चलना पड़ेगा..''

सोनू : "डेट पर ?''

तनवी : "हाँ , ये भी तो एक डेट ही है,जहा तुम साक्षी के साथ जा रहे हो...ऐसे ही एक दिन मेरे साथ भी चलना..ओके ..''

उसने भी मुस्कुराते हुए ओके कहकर बात वहीं ख़त्म कर दी... 
और ऐसे ही चलते-2 वो घर के करीब पहुँच गये.. और एक दूसरे को बाइ कहकर अपने-2 घर की तरफ आ गये.
घर पर लॉक था, सोनू ने अपनी चाबी से डोर खोला और अंदर आ गया... 
उसे पता था की वो दोनो शॉपिंग से जल्दी नही आने वाली, इसलिए उसने खाना गर्म किया और खाने के बाद आराम से टीवी देखा, फिर अपने रूम में जाकर सो गया और आख़िर में फिर से आकर टीवी देखने लगा.

शाम को करीब 8 बजे वो लोग वापिस आए...
दोनो के हाथ शॉपिंग बैग्स से भरे हुए थे...
उनकी मॉम डिन्नर की तय्यारी करने लगी और सोनिया उसे समान दिखाने लगी...
सोनू ने नोट किया की कुछ बेग्स उसने उसे नही दिखाए, वो समझ गया की उनमे शायद लांजरी होंगी... 
और अपनी मॉम के सामने वो उसे दिखाना नही चाहती थी.
इसलिए उसने भी उन बेग्स के बारे मे कुछ नही कहा... पर वो नही जानता था की आज रात के लिए सोनिया ने क्या प्लान किया है.
खाना खाने के बाद सोनिया अपना सारा समान लेकर उपर अपने रूम में चली गयी... 
सोनू को पता था की आज वो उसे अपने अंदरूनी कपड़े दिखाएगी, और वो देखकर सोनू अपने आप पर काबू नही रख पाएगा और फिर से वही सब शुरू हो जाएगा जो पिछले कुछ समय से चल रहा है, और वो सब इस वक़्त सोनू अवाय्ड करना चाह रहा था...ख़ासकर अपनी उस सोच के बाद जो आज उसके दिमाग़ में आई थी.

इसलिए खाना खाने के बाद वो कुछ देर तक घर के सामने वाले पार्क में टहलता रहा और करीब 1 घंटे बाद वहां से वापिस आया और वो भी तब जब उसकी मॉम ने उसे फोन करके बुलाया.

उपर जाते हुए उसका दिल जोरो से धड़क रहा था... फिर कुछ सोचकर वो अपने रूम में जाने के बजाए साइड से बने जीने से अपनी छत्त पर चला गया.

ठंडी हवा चल रही थी...चाँदनी रात थी, ऐसे में वहां खड़ा होकर उसे बहुत अच्छा लग रहा था.

कुछ देर तक ऐसे ही टहलते रहने के बाद वो एक कोने में पड़ी चेयर पर जाकर बैठ गया और अपनी आँखे बंद कर ली.

बंद आँखो से वो अपनी दोनो गर्लफ्रेंड्स साक्षी और तनवी के बारे में सोचने लगा, पर ना चाहते हुए भी सोनिया का चेहरा उसके जहन में बार-2 उभर रहा था...

उसने तुरंत अपनी आँखे खोल दी.

और आँखे खोलते ही उसे सोनिया सामने खड़ी हुई दिखाई दे गयी..
उसने एक लोंग जैकेट पहनी हुई थी. 

वो शायद काफ़ी देर से उसका इंतजार करते-2 थक गयी थी और उसके पीछे-2 उपर आ गयी.

सोनिया : "क्या हुआ सोनू....मुझे इस तरह से अवॉयड क्यों कर रहे हो...?''

सोनू : "अरे नही दी, ऐसा कुछ नही है...मैं तो बस ऐसे ही....ठंडी हवा के लिए उपर आ गया था...''

सोनिया : "आज से पहले ना तो तुम पार्क में घूमने गये और ना ही उपर इस तरह से रात के टाइम आए...इसलिए झूट बोलना बेकार है, बोलो मुझे, क्या बात है..''

वो उठकर बालकनी की तरफ चला गया...और नीचे देखने लगा, सोनिया उसके ठीक पीछे आकर खड़ी हो गयी.

सोनू : "दी...आप प्लीज़ ग़लत मत समझो...बट मुझे लग रहा था की शायद आप मुझे रूम में अपनी पर्सनल शॉपिंग...आई मीन वो बेग जो आपने अलग से..रखा था...वो दिखाएँगी...''

सोनिया झट्ट से बोली : "वो तो मैं अभी भी दिखाउंगी...इनफॅक्ट दिखा रही हूँ ...''

उसके इतना कहने की देर थी की बोखलाता हुआ सोनू एकदम से पीछे पलटा...
और वहां का नज़ारा देखकर दंग रह गया.

सोनिया ने अपनी जैकेट उतार दी थी और अंदर पहना हुआ नया ब्रा पेंटी का सेट दिखाने लगी..

सोनू की तो फट्ट कर हाथ में आ गयी...
घर की छत्त पर खड़ी होकर उसकी बहन ऑलमोस्ट नंगी होकर उसे अपना बदन दिखा रही थी... 
ऐसा तो सोनू ने अपनी वाइल्ड से वाइल्ड इमेजीनेशन में भी नही सोचा था..
पर हिम्मत थी उसकी, अपने भाई को अपना नया सेट दिखाने के लिए वो उपर तक आ गयी थी... और इस तरीके से दिखा भी रही थी 

और इससे पहले की सोनू उसे कुछ बोल पाता या उसे रोक पाता, सोनिया ने वो जैकेट अपने कंधो से सरका कर नीचे गिरा दी.

और अब वो खड़ी थी उस छत्त पर, चाँदनी रात में, अपना संगमरमर जैसा बदन लिए, सोनू के सामने.
सोनू के तो लंड में दर्द हो गया एकदम से... उसका लंड बुरी तरह से खड़ा होकर जीन्स में फँस चुका था... और होता भी क्यों नही, सीन ही ऐसा था.

सोनिया की एयर टाइट ब्रा में क़ैद उसके नन्हे कबूतर बुरी तरह से फँसे हुए थे और उनकी कसावट का परिणाम ये था की वो और भी ज़्यादा उभरकर बाहर की तरफ निकले हुए थे जो उसकी ब्रेस्ट को ज़्यादा बड़ा दिखा रहे थे... 
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