bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
01-09-2019, 02:22 PM,
#81
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
मोंम की बात सुनकर सोनिया मुस्कुरा दी..

वो बोली : "मोंम ...आप सीधा क्यो नही बोलती की काश सोनू होता यहां ...''

मोंम के चेहरे के एक्सप्रेशन और ख़तरनाक हो गये..

वो बोली : "उम्म्म्म........ काश.....ऐसा हो पाता...... तो क्या ग़लत है और क्या सही...उसकी परवाह किए बिना...अभी के अभी.....यही...बाथरूम में ..... उसके लंड को अपनी चूत में घुस्वा लेती मैं....''

उफफफ्फ़.....
कितने सैक्सी तरीके से उन्होने ये बात कही थी....
काश सोनिया के पास कोई रिकॉर्डर होता तो वो बात रिकॉर्ड कर लेती और बाद में सोनू को सुनाती की देख ले भाई, तेरी माँ को मैने कैसे तेरे लंड के लिए तैयार कर दिया है...

सोनिया ने जितना सोचा था, उससे कही ज़्यादा रंडीपन भरा हुआ था उसकी माँ में.

सोनिया : "उसकी तो आप फ़िक्र ही ना करो मोंम .... आप देखना...जल्द ही सोनू का लंड यहां पर होगा...''

उसने मोंम की चूत में अपनी 3 उंगलियाँ एक साथ घुसा कर उनकी क्लिट को रगड़ डाला..

वो तड़पकर सोनिया से लिपट गयी.....
और उसके कान को मुँह मे लेकर चुभलाने लगी और बोली : "वो तो जब होगा...तब होगा.....अभी क्या करू..... प्लीज़ कुछ कर दे.....सोनिया...कुछ कर दे....''

बेचारी सीधा ये भी नही बोल पा रही थी की मेरी चूत चूस ले बेटी...

पर सोनिया के पास उससे भी बढ़िया एक उपाय था...

उसने अपना बेग उठाया और अंदर वाली जीप खोलकर उसने कुछ निकाला...

मोंम देख तो नही पाई पर कुछ लंबा-2 सा दिखा ज़रूर और उसे देखकर कुछ समझ भी नही पाई..

सोनिया ने वो लंबा-2 सा ले जाकर अपनी मोंम की चूत पर लगा दिया...

वो उसका डिल्डो था..

वही डिल्डो जो उसके हॉस्टिल में उसका सच्चा साथी था....
जिसे अपनी चूत से मसलकर उसने कई राते रंगीन की थी.

वही डिल्डो जिसे अपनी सहेली तनवी के साथ उसने कई बार शेयर किया था...
और सोनू ने भी उसे 1-2 बार उसे अपनी चूत में लेते हुए देखा था.

और आज वो उसी डिल्डो को मार्केट भी ले आई थी...
शायद वो जानती थी की मोंम के साथ आज ऐसी स्थिति बन सकती है.

छूट पर लंड जैसी कठोरता का एहसास मिलते ही मोंम तड़प उठी...
और इससे पहले की वो कुछ समझ पाती, सोनिया ने उसका स्विच ओंन कर दिया और वो वाइब्रेट होने लगा....

उन्होने तो सपने में भी नही सोचा था की सोनिया अपनी पॉकेट में डिल्डो लेकर घूमती है...
पर अच्छा हुआ जो ये उसके पास था...
वरना इस तड़पन में वो लड़की भला क्या कर लेती..
ज़्यादा से ज़्यादा फिंगरिंग करके या सकिंग करके शांत कर देती...
पर ये डिल्डो जब अंदर जाएगा और वो भी तिरकते हुए तो चूत रानी की तो बल्ले-2 हो जानी है...

आवेश में भरकर मोंम ने सोनिया को एक गहरी स्मूच दे डाली और बोली : "वाउsssssss ...... अब मज़ा आएगा..... इसका इनाम मैं तुझे घर जाकर दूँगी....पर अभी के लिए....ये घुसा दे.....मेरे अंदर....पूरा अंदर...''

सोनिया : "यससस्स मोंम ..... तभी तो ये लाई थी मैं अपने साथ.... पर आप इसे प्लास्टिक का ना समझ कर सोनू का असली लंड समझो..तभी आपको भी ज़्यादा मज़ा आएगा....''

मोंम ने तड़पकर कहा : "ये बार-2 सोनू का नाम लेकर तू मुझे ज़्यादा मत तरसा...वरना यही मॉल में किसी को पकड़ कर उसका ले लूँगी अंदर...सोनू का समझकर...समझी...''

मोंम का पागलपन देखकर सोनिया को पक्का विश्वास हो गया की अब वो जाल में पूरी तरह से फँस चुकी है....
इसलिए उसने भी उन्हे ज़्यादा तरसाना सही नही समझा...

पर उससे पहले वो एक काम और करना चाहती थी....
उसने मोंम के सारे कपड़े निकालने शुरू कर दिए...
हालाँकि उन्होने मना किया पर सोनिया नही मानी और कुछ ही देर में उन्हे पूरी नंगी कर दिया...
और बाद में उसने खुद भी अपने कपड़े उतार दिए...

एक छोटे से बाथरूम में कितना कुछ हो रहा था और किसी को कुछ पता भी नही था...

अब दोनो माँ बेटियां वहां पूरी नंगी होकर खड़ी थी....
एक दूसरे के नंगे शरीर को निचोड़ती हुई..



सोनिया की नज़रें उनके रसीले बदन पर थी और मोंम की नज़रें कोमोड के उपर पड़े डिल्डो पर....

सोनिया ने उसे हाथ मे पकड़ा और उसपर थूक लगा कर उसे चिकना बना दिया...

अब वो लंड शक्ल का डिल्डो अच्छे से चमक रहा था



मोंम : "उम्म्म्ममममम....जल्दी डाल इसे.....मुझसे और बर्दाश्त नही हो रहा ....''

एक औरत जब ये शब्द बोलती है की ''जल्दी डाल'' तो इसका मतलब है वो सैक्स को अच्छे से एंजाय करने वालो में से है....
मोंम का भी यही हाल था इसलिए सोनिया उन्हे ज़्यादा तरसाना नही चाहती थी...

उसने उसे ओंन किया और उस थिरकते हुए टॉय लंड को अपनी माँ की चूत में घुसेड़ दिया...

पूरा का पूरा

''आआआआआआआआआआआआआआआआआअहह उम्म्म्मममममममममममममम....... एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.......''




और ये आवाज़ इतनी तेज थी की बाहर खड़ी एक लड़की को भी सुनाई दे गयी, जो कुछ देर पहले ही बाथरूम में आई थी और शीशे के सामने खड़ी होकर अपने बूब्स को सही कर रही थी..

चीख सुनते ही वो समझ गयी की बाथरूम केबिन में कुछ चल रहा है....
वो भी पहुँची हुई चीज़ थी...
वो साथ वाले टाय्लेट में घुसी और कोमोड पर खड़ी होकर अंदर का नज़ारा देखने लगी...

वहां जो उसने देखा वो देखकर वो खुद अपनी चूत में उंगली किए बिना नही रह सकी...

अपनी ही उम्र की लड़की को , अपनी माँ के साथ नंगी होकर वो सब करते देखकर, वो भी गर्म हो गयी...

इन सबसे अंजान दोनो अपने काम में लगी हुई थी.

सोनिया ने आज ही अपने डिल्डो में नई बेटरी डाली थी और उसी का कमाल था की वो मशीन की तरह अंदर बाहर हो रहा था....
मोंम की आँखे बंद थी और उन बंद आँखो के पीछे वो अपने बेटे से चुदाई करवा रही थी...

पूरी दुनिया से अंजान इस वक़्त वो गर्म माँ अपनी ही दुनिया में खोई हुई सिसकारिया मारती हुई, सोनू के बारे में सोच रही थी...जो उसे, उसी के बेड पर, पागलो की तरह चोद रहा था..



और जैसे ही उसे वो एहसास अंदर तक महसूस हुआ
उसकी चूत की कलई खुल गयी
और अंदर से नर्म-गर्म पानी निकल कर सोनिया के डिल्डो का अभिषेक करने लगा..

''आआआआआआआआआआआआआआआअहह ओह बैबी...... ......माय सोनिया........ अहह......''

और उन्होने उन्माद में भरकर सोनिया के गुलाबी बूब्बे को मुँह में लेकर ज़ोर से काट लिया...

वो भी तड़प उठी...

''आआआआआआआआअहह.... धीरे मोंम ......धीरेए..... अभी तो बहुत काम आने है ये...''

मोंम भी अपने ऑर्गॅज़म से उभर चुकी थी ...
वो मुस्कुराते हुए बोली : "हाँ ..हाँ ....अपने भाई से चुसवाएगी ना इन्हे.... उसी के लिए संभाल कर रख रही है ना....''

सोनिया अब उन्हे क्या बोलती
सोनू के लिए संभाल कर रखी इस अमानत को वो कब का उसके हवाले कर चुकी थी....
अब तो उसे खुद भी याद नही था की पिछले 15 दिनों में सोनू ने कितनी बार उसके बूब्स को चूसा है...

पर, वो कुछ बोल पाती, इससे पहले ही साथ वाली टाय्लेट में , कोमोड के उपर चड़कर उनका तमाशा देख रही वो लड़की बोल पड़ी : "वो भाई के लिए संभाल रही है और आप अपने उसी बेटे के लिए.... भई, कमाल की फ़ेमिली है आपकी...काश मैं भी इसका हिस्सा बन पाती...''

दोनो माँ बेटी ने चोंकते हुए उसकी तरफ देखा....
और एक अंजान लड़की को अपना शो इतनी बेशरमी से देखते हुए वो हैराना रह गयी...
उन्होने तो सोचा भी नही था की इस मस्ती भरे पल का कोई गवाह बन जाएगा..
और वो भी एक अंजान सी लड़की..

दोनो के चेहरो पर शर्म और भय सॉफ दिख रहा था...
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01-09-2019, 02:22 PM,
#82
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनिया ने बात को संभालते हुए अपना पक्ष रखा

"अरे , वो तो हम दोनो..ऐसे ही बोल रहे थे.....ऐसा बोलने से मॉम काफ़ी एक्सआईटीड हो जाती है ना...इसलिए....''

उस लड़की के चेहरे के एक्सप्रेशन्स बता रहे थे की वो उनकी बात का मतलब समझ रही है...
वो मंद -2 मुस्कुराते हुए बोली : "चलो, मान लिया...जो तुमने कहा..पर ये सब यहाँ करने की क्या ज़रूरत थी... तुम दोनो ये सब घर पर भी तो कर सकते हो ना....''

इस बार मॉम बोली : "बेटा, वो...पता नही क्या हुआ मुझे.....एकदम कुछ करने का मन सा हुआ और हम दोनो ने ये भी नही सोचा की यहां ये सब करना सही नही है....इसलिए...''

लड़की : "ओव्व्व्व सो क्यूट, और किसने कहा की सही नही है.... ऐसे पब्लिक प्लेस में करने में जो मज़ा है वो कही और कहा.... मेरी तो फेंटेसी है की मेरा बी एफ मुझे ऐसी ही किसी जगह पर लाकर फक्क करे....''

इतना कहते हुए वो अपने ही रंगीन सपनो में खो सी गयी...
जैसे उसका बाय्फ्रेंड उसे उसी तरह, टाय्लेट में चोद रहा हो.



सोनिया समझ गयी की इससे डरने वाली कोई बात नही है...

वो भी उन्ही की तरह, सैक्स की मारी एक कमसिन चूत है, जो उनका खेल देखकर गर्म हो चुकी है...

सोनिया के दिमाग़ में कुछ आया और वो बोली : "अगर तुम बुरा ना मानो तो तुम भी हमारे साथ जॉइन कर सकती हो....''

उसका ये कहना था की उस लड़की के चेहरे पर चमक सी आ गयी...

मॉम तो झड़ ही चुकी थी पर उसके बावजूद उनकी चूत में दोबारा एक कसक सी उठ गयी..

सोनिया को तो वैसे भी कोई कटीली और जवान जीभ चाहिए थी जो उसकी चूत की तंग गलियों में घुसकर वहां की मसाज कर सके...
हालाँकि उसकी मॉम भी ये काम अच्छे से कर सकती थी पर इस वक़्त उसे कुछ और ही सूझ रहा था..

वो लड़की भी काफ़ी उत्तेजित हो गयी
वो तुरंत उतरकर उनके केबिन में आ गयी...
अब उस छोटे से केबिन में तीनो खड़े थे...
सोनिया ने उसके कपड़ो की तरफ इशारा करते हुए कहा

''तुम्हे नही लगता की तुम्हे अब ये उतार देना चाहिए ...''

वो लड़की मुस्कुराइ और उसने अपनी जेकेट की जिप्प खोलनी शुरू कर दी... 

ज़िप्पर के नीचे उसने सिर्फ़ ब्रा पहनी हुई थी...
जो इस बात का प्रमाड था की वो भी कम नही है...
नीचे उसने लोंग स्कर्ट पहनी हुई थी, जिसके अंदर पेंटी नही थी...
यानी नीचे से खुल्ली हवा उसकी चूत को ठंडक पहुँचा रही थी...
एक ही मिनट में वो भी उन्ही की तरह पूरी नंगी होकर खड़ी थी...
और सच में, उस लड़की के कपड़े उतारकर सोनिया ने अच्छा ही किया था
क्या कमाल का जिस्म था उसका...
एकदम कड़क स्तन थे, सामने की तरफ तने हुए...



हल्का गेहुंआ रंग, सपाट पेट और निकली हुई गांड ...



जैसे कोई मॉडल हो...
और सामने की तरफ पाव रोटी जैसी फूली हुई, सील बंद चूत, एकदम सफाचत सी...




कुल मिलाकर वो नंगी होकर कहर ढा रही थी



सोनिया से रहा नही गया और उसने उसके घुंघराले बालो को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसके होंठो पर टूट पड़ी...

जैसी वो दिखने में थी, वैसा ही उसका स्वाद भी था...
एकदम मीठा....
रसीला.....
शहद की तरह.



मॉम ने भी उसे पीछे से पकड़ कर उसके नन्हे कबूतर निचोड़ने शुरू कर दिए...
मॉम की भभक मर रही चूत उसकी गांड की अच्छे से सिकाई भी कर रही थी...
और उसमे से अभी तक रिस रहा मीठा तेल उसकी चूतड़ो की तेल मालिश कर रहा था...

मॉम ने उसके बूब्स कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से रगड़ दिए

''आआआआआआआहह.....आंटी.....थोड़ा धीरे करो ना......दर्द होता है.....''

मॉम : "ये वो खेल है , जिसमें जितना रॅफ तरीके से पेश आया जाए, उतना ही मज़ा मिलता है...अभी दर्द होगा पर धीरे-2 मज़ा भी मिलेगा...''

इतना कहते हुए उन्होने अपनी बीच वाली उंगली बिना किसी चेतावनी के उसकी चूत में घुसेड दी...

और ठीक उसी वक़्त सोनिया ने नीचे झुकते हुए उसके दाँये बूब को मुँह में लेकर ज़ोर से चुभला दिया...

एक साथ दोनो तरफ से हुए हमले से उसकी हालत बुरी हो गयी और अपने पंजो पर खड़ी होकर वो ज़ोर से चिल्लाई

''आआआआआआआआआआआआआहह........ तुम दोनो माँ बेटी तो मुझे मार ही डालगी.....साली कुतियां......''

उसने बड़ी बेशर्मी से उन दोनो को कुतियों की उपाधि दे डाली...

और जब एक उपाधि मिल जाए तो उसपर सार्थक होना ही पड़ता है....
इसलिए वो और बुरी तहर से अपना कुतियापन दिखाती हुई, उसके उपर टूट पड़ी...

वो लड़की को ऐसा लग रहा था जैसे वो दोनो बरसो से प्यासी है....
पर उनके नर्म नाज़ुक जिस्मो के बीच अपने आप को सेंडविच बनाकर पेश करने में मज़ा तो उसे भी आ रहा था...

उसने सोनिया के होंठों को अच्छी तरह से चूसा, उसके सिर को पकड़ कर अपने बूब्स पर बारी-2 से घुमाया...
और मॉम की उंगली की करामात महसूस करके होले - 2 डांस भी किया...
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01-09-2019, 02:22 PM,
#83
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
फिर उसके लरज रहे होंठो मे भी एक प्यास उजागर हुई और उसने अपना मुँह नीचे करके सोनिया के निप्पल को मुँह में लेकर चूस लिया...

''आआआआआआआआआआआहह ....ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... तुम्हारे लिप्स बता रहे है की तुम एक अच्छी सक्कर हो.....''

उस लड़की ने अपना मुँह उपर उठाया और बोली : "वो तो मैं हूँ ही...मेरा बी एफ भी यही बोलता है...''

सोनिया : "साली, आज तेरा बी एफ भी तेरे साथ होता तो कितना मज़ा आता...''

उसकी बात सुनकर उस लड़की के साथ-2 मॉम भी हंस दी...

और बोली : "शायद ये भी एक दिन हो सके...''

तीनो उस दिन को इमेजीन करने लगे..

पर आज के लिए जो हाथ में था, पहले उसका तो स्वाद ले लेना चाहिए था ...

मॉम ने अपनी उंगलियो की थिरकन थोड़ी तेज कर दी और सोनिया उसे चूमती हुई, उसके बूब्स को काटती हुई धीरे-2 नीचे जाने लगी...
और खुद ही उसने अपनी माँ की उंगलिया उसकी चूत से निकाली, उन उंगलियो को अपने मुँह में लेकर चूसा और फिर अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा दी....



इतनी कसी हुई चूत तो तनवी की भी नही थी....
उसने उसकी चूत की तितली के दोनो पर खोले और उसके बीच अपनी जीभ घुसा दी...
सोनिया को ऐसा लगा जैसे वो जीभ दो पाटों के बीच फँस गयी है...
इतनी टाइटनेस थी उसकी चूत के मसल्स में...

सोनिया ने उसकी चूत संभाली और मॉम ने उसके बूब्स...
एक बार फिर से लंबी और गर्म सिसकारियो का खेल शुरू हो गया...
और जल्द ही वो सिसकारिया तेज होने लगी....
इतनी देर से उसके जिस्म में जिस ऑर्गॅज़म का निर्माण हो रहा था वो अपने चरम पर आ चुका था....
और जल्द ही उसकी चूत का फुव्वारा फुट गया और उसमे से गरमा गर्म जूस निकलकर सोनिया के मुँह में जाने लगा...

''आआआआआआआआआआआआआआआहह.... ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... इतनी ज़्यादा सॅटिस्फाइ मैं आजतक नही हुई....आआआआआआआआआआआहह...आई इम लविंग इट....''

उसने सोनिया को उपर खींचा और उसके मुँह से मुँह लगाकर अपनी चूत से निकला प्यार आपस में ही बाँट लिया...
मॉम भी बीच में आ गयी और अब एक साथ 3 जोड़े नर्म होंठ आपस में छीना झपटी करते हुए स्मूच करने में लगे थे..

अब सोनिया की बारी थी...
उसने उस लड़की को पंजो पर बिठा दिया और अपनी एक टाँग उठा कर कोमोड पर रखी और दूसरी उसके कंधे पर... और साथ ही अपनी लश्कारे मार रही चूत को उसके मुँह के पास लाकर लटका दिया...

बाकी का काम उस लड़की ने बेख़ुबी किया
अपनी लंबी जीभ से उसने जब सोनिया की टपक रही चूत की मलाई चाटनी शुरू की तो सोनिया ने अपना सिर झटका मारकर पीछे किया, मॉम ना होती तो वो गिर ही जाती...
पर मॉम ने अपनी लाडली बेटी के नंगे जिस्म को बड़े ही सलीके से अपनी नर्म छाती से चिपका कर उसकी छातियो की मालिश करनी शुरू कर दी...

नीचे से नर्म जीभ की कसमसाहट और उपर से मॉम के प्यार भरे हाथो की मालिश...
सोनिया का मन तो कर रहा था की उसी पोज़िशन में सो जाए...
दुनिया जाए भाड़ में.

सोनिया ने उस लड़की के घुंघराले बालो को पकड़ कर अपनी चूत के उपर ज़ोर-2 से घिसना शुरू कर दिया....
उस लड़की ने सिर्फ़ अपनी जीभ निकाली हुई थी, बाकी का काम सोनिया उससे करवा रही थी...
उसके सिर को पकड़ कर उपर नीचे करते हुए वो अपनी चूत की पुताई उसकी जीभ से करवा रही थी..



मॉम की चूत भी पनिया गयी ये सब देखकर और वो भी खिसककर आगे आ गयी...
और उसने भी अपनी नंगी चूत का खुल्ला दरबार उसके सामने पेश कर दिया...

पहले बेटी लगी हुई थी और अब माँ भी आ गयी थी...
पर वो लड़की शायद इससे और भी ज़्यादा एक्ससाईटिड हो गयी थी...
उसने बारी-2 से दोनो की चूत को चूसा, उनके अंदर अपनी जीभ डालकर वो खजाना खोजने की कोशिश की जिसे निकालने के बाद वो झड़ सकती थी...
पर दोनो अपने-2 तरीके से उस खजाने को ज़्यादा से ज़्यादा देर तक अपने अंदर समेट कर रखना चाहती थी...

पर जब उत्तेजना ज़्यादा बढ़ जाए तो ऐसा करना संभव नही होता
उस लड़की की करामाती जीभ के सामने जल्द ही दोनो ने अपने हथियार डाल दिए और एक के बाद एक दोनो माँ -बेटियां उसके नंगे बदन को देखते हुए, मन ही मन , सोनू के बारे में सोचते हुए, झड़ने लगी...

''आआआआआआआआआआआआहह ओह्ह्ह्ह माय गोड .........आई एम कमिंग.....''

मॉम भी चिल्लाई : "ओफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़.... लगातार दूसरी बार झाड़ रही हूँ मैं ..... तूने तो मेरी जान ही निकाल दी.....आआआआआआआआआहह.... मज़ा आ गया.....''



वैसे, आज के दिन ये तीसरी बार झड़ी थी .....
मॉम की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी..

उन दोनो माँ बेटी की चूत से निकला गन्ने का रस पीकर उस लड़की के चेहरे पर एक अलग ही चमक आ चुकी थी...

वो अपने चेहरे से उस रस को सॉफ करती हुई बोली : "तुम दोनो के जूस का टेस्ट एक दम सेम है... कोई सिर्फ़ इसे चखकर ही बता सकता है की तुम माँ बेटी हो...''

सभी खिलखिलाकर हंस दी...


टाइम काफ़ी हो चुका था, और उनकी किस्मत अच्छी थी की उसके बाद अभी तक कोई और बाथरूम में नही आया था, वरना कुछ भी हो सकता था...

उन तीनो ने अपने-2 कपड़े पहने और फिर बाहर निकल आई...
कुछ ही देर में सब आपस में काफ़ी घुल मिल चुकी थी...
सोनिया ने मॉम को पटा कर उस लड़की को अपने घर चलने को राज़ी कर लिया...
वो उसे अपने भाई से मिलवाना चाहती थी...
ताकि उसे पता चल सके की वो उसका कितना ध्यान रखती है...
पहले अपनी सहेली को, फिर मॉम को और अब इस लड़की को उसके लिए अरेंज करवा रही है...

और वो लड़की भी उस भाई से मिलने के लिए उत्सुक थी जिसकी वजह से वो दोनो माँ बेटियाँ पब्लिक प्लेस पर ही, उसके बारे में सोचते हुए शुरू हो गयी थी...

पर जाने से पहले , सोनिया ने उसे अच्छे से समझा दिया था की भाई के सामने वो ऐसा कुछ भी उजागर ना करे की उसे पता चल सके की उसकी माँ और बहन, उसी के बारे में सोचकर , मॉल के बाथरूम में , एक दूसरे की मूठ मार रही थी...

यानी कुल मिलाकर उस लड़की को सिर्फ़ घर पर लेजाकर मिलवाना ही था सोनू से...
बाकी बाद में देखी जाएगी..

पर उन्हे नही मालूम था की वो क्या करने जा रहे है...

दुनिया कितनी छोटी होती है..

क्योंकि, घर जाकर जब उन्होने बेल बजाई और सोनू ने दरवाजा खोला तो सोनू उस लड़की को देखकर और वो लड़की सोनू को देखकर एकदम से सकते में आ गये...

सोनू के मुँह से सिर्फ़ ये निकला : "साक्षी....तुम....और यहाँ ..मेरे घर में ....मॉम,सोनिया, ये तुम्हे कहां मिल गयी.....''

सोनिया तो साक्षी के बारे में अच्छे से जानती थी, अपने भाई की स्कूल वाली जी एफ के बारे में उसने काफ़ी सुन रखा था..

और साक्षी की तो हालत खराब थी....
उसने तो सोचा भी नही था की उसका बी एफ ही वो लड़का है जिसके बारे में सोचकर उसकी माँ और बहन बाथरूम में वो मस्तियाँ कर रहे थे...
और उसने भी तो अपना रंडीपन दिखाते हुए उनका भरपूर साथ दिया था...
उसकी समझ में नही आ रहा था की ये क्या हो रहा है..
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01-09-2019, 02:23 PM,
#84
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
मॉम तो किसी से भी नज़रे नही मिला पा रही थी...
उनके चेहरे का रंग उड़ चुका था...
इसलिए सोनू के सवालों का जवाब दिए बिना वो लगभग भागती हुई सी अंदर चली गयी.

सोनू भी हैरान था की ये मॉम को क्या हो गया..

वैसे फटी तो उसकी भी पड़ी थी
ये सोचकर की मॉम को अगर ये पता चल गया की स्कूल में उसकी कोई जी ऍफ़ है तो उसकी शामत आ जानी थी..

तनवी के संबंध तो सोनिया के साथ उसकी दोस्ती की वजह से छुप गये थे..
पर साक्षी के यहां आने का क्या रीज़न देगा वो..
यही सोचकर सोनू घबरा रहा था.

इसी बीच सोनिया ने आँखो का इशारा करके साक्षी को कुछ समझा सा दिया और सोनू से बोली

''ये हमारे साथ नही आई, बल्कि खुद ही हमारा घर ढूँढती हुई यहां घूम रही थी... ये तो अच्छा हुआ की हम मिल गये और इसे सीधा यहा ले आए...साक्षी शायद स्कूल के बारे में तुमसे कुछ पूछना चाह रही थी....इसे उपर ले जाओ...मैं तुम दोनो के लिए कुछ स्नैक्स लाती हूँ ...''

इतना कहकर वो भी अंदर चली गयी...
सोनू और साक्षी एक दूसरे को अजीब सी नज़रो से देख रहे थे.



सोनू को सबसे ज़्यादा चिंता मॉम की वजह से हो रही थी...
इसलिए वो उनकी आँखो से बचने के लिए उसे लेकर सीधा उपर आ गया...
अपने रूम में.

सोनिया जब किचन में पहुँची तो मॉम ने घबराई हुई सी आवाज़ में पूछा : "क्या बोला तूने सोनू से...वो लड़की सोनू को कुछ बोलेगी तो नही ना...मुझे तो बहुत डर सा लग रहा है...''

सोनिया : "नही माँ , आप उसकी चिंता मत करो...मैने साक्षी को समझा दिया है...और सोनू को ये बोला है की वो शायद स्कूल के किसी काम से आई है...वो दोनो अभी उपर है...आप नॉर्मल रहो बस...साक्षी को मैं बाद में एक बार फिर समझा दूँगी..''

मॉम : "मुझे तो बहुत शर्म आ रही है ये सोचकर की वो लड़की, जिसके साथ हम दोनो ने इतने ओपन होकर वो सब किया, वो सोनू की क्लास में पड़ती है....हे भगवान, मेरी मत्ती मारी गयी थी शायद, जो मैने ये काम कर दिया वहां पर...''

मॉम का चेहरा रोने वाला हो गया...
जैसे पूरी जिंदगी की कमाई हुई इज़्ज़त किसी ने सरेआम लूट ली हो.

सोनिया : "मॉम, आप बेकार की चिंता मत करो...मैने कहा ना की मैने उसे समझा दिया है, और वो लड़की भी समझदार थी, इसलिए कुछ नही बोली...अब उन दोनो को कुछ देर के लिए अकेला छोड़ दो और आप भी ज़्यादा मत सोचो...''

इतना कहकर उसने उन दोनो के लिए स्नैक्स बनाने लगी. 

सोनू के रूम में जाकर साक्षी सीधा उसके बेड पर बैठ गयी...
पर अभी भी उसके जहन में सोनिया और उसकी माँ के साथ की हुई बाथरूम वाली चूत चुसाई का सीन घूम रहा था...

उसने भी शायद ऐसा नही सोचा था की अपने ही बी एफ की मॉम और बहन के साथ वो सैक्स करेगी...

पर एक बात तो पक्की थी,जैसे वो सोनू का लंड लेने के लिए तड़प रही है, उसकी माँ और बहन भी वैसे ही तड़प रही है...

पर इन बातो से उसे कोई फ़र्क नही पड़ रहा था...
उसने सोनू से कौन सा शादी करनी थी जो उसके लिए इतनी पोस्सेसिव बने...
वैसे भी वो काफ़ी ओपन माइंडेड थी...
उसने तो कई बार ये भी सोचा था की जब कभी उसकी शादी हुई तो वो अपने पति को पूरी छूट देकर रखेगी, वो कुछ भी करे, उससे उसे कोई फ़र्क नही पड़ने वाला था...
इसलिए भी शायद उसे इस बात का ज़्यादा शॉक नही लगा था...

पर एक्साईटमेंट ज़रूर हुई थी उसे ये सोचकर की एक लड़की अपने भाई के साथ और एक माँ अपने बेटे के साथ सैक्स करने के लिए कुलबुला रहे है...

और वो जानती थी की जिस तरह से वो दोनो तड़प रहे थे, उसके अनुसार तो जल्द ही वो अपनी चूतें चुदवाने में कामयाब हो जाएँगे..

हालाँकि साक्षी को ये नही पता था की सोनू पहले से ही अपनी बहन सोनिया की चूत मार चुका है...
और अब सिर्फ़ माँ ही बची है.

पर वो माँ भी कब तक खैर मनाएगी...
आजकल जो उनके घर में चल रहा था, उसके अनुसार तो उसकी माँ भी एक हफ्ते में सोनू का लंड अंदर डलवा लेगी..

पर बातों अंजान साक्षी की चूत में, आज बातों को सोचकर खुजली होने लगी....
स्कूल में जिस अंदाज से सोनू ने उसकी चूत बंद क्लास में चूसी थी और उसने भी जब सोनू के लंड का पानी पिया था तो तभी से ये कसक उसकी चूत में दबी हुई सी पड़ी थी....
और आज ये फिर से उजागर होकर बाहर आ गयी थी...
अब जल्द ही उसे ऐसा मौका निकालना होगा ताकि वो सोनू का लंड ले सके..

साक्षी को इस तरह से गहरी सोच में डूबा हुआ देखकर सोनू उसके करीब आया और बोला : "ओ हेलो, ये क्या सोच रही हो...और पहले ये बताओ की आज तुम्हे मेरी याद कैसे आ गयी...हम स्कूल में तो मिल ही रहे थे ना कल...''

साक्षी उठी और उसने दरवाजे की कुण्डी अंदर से बंद कर दी ताकि कोई अंदर ना आ जाए..

अब वो सोच चुकी थी की जल्द ही उसके लंड को अपनी चूत में लेकर रहेगी, और ये काम वो उसकी मॉम और बहन से पहले करना चाहती थी..
हालाँकि वो ये भी जानती थी की आज , अभी वो सब मुमकिन नही हो सकता पर उसे कम से कम ये तो दर्शा देना ही चाहती थी की वो उसके लंड के लिए कितना तरस रही है..

सोनू ने जब देखा की वो बिना कुछ बोले दरवाजा बंद कर आई है तो वो भी समझ गया की उसके मन में क्या चल रहा है...
पर नीचे मॉम थी और सोनिया तो कभी भी उपर आ सकती थी, इसलिए उसे डर भी लग रहा था की उसके रूम में रहते हुए दरवाजा बंद करने का मतलब उसके घर वाले अच्छे से समझ जाएँगे..

साक्षी ने सैक्सी अंदाज में उसकी तरफ देखा और अपनी कमर मटकाती हुई उसके करीब आई और बोली : "कल तक का वेट करने का मन नही था मेरा...सोचा तुम्हारे घर चलकर तुम्हे थोड़ा सर्प्राइज़ कर दूँ ...''

इतना कहते हुए वो उसके करीब आई और अपनी बाहें सोनू के गले में डालकर उसकी गोद में बैठ गयी..

सोनू का सरकारी लंड तो हमेशा तैयार रहता था...
अभी कुछ देर पहले ही उसने तनवी की सील तोड़ी थी और अब ये एक और कुँवारी चूत उसके उसी लंड के उपर आकर बैठ गयी थी....

वो बोला : "ऐसा सर्प्राइज़ तो मुझे भी बहुत पसंद है...पर जानेमन, नीचे मॉम और सिस्टर है, उन्हे पता चल गया ना की यहाँ क्या चल रहा है तो सब गड़बड़ हो जानी है...''

साक्षी ने मन में सोचा 'अगर तुम्हे ये पता चल जाए की उन दोनो ने मॉल के बाथरूम में ,उसके साथ मिलकर क्या किया है तो तुम्हे और भी बड़ा सर्प्राइज़ मिल जाएगा...''

पर वो कुछ नही बोली...
क्योंकि वो जानती थी की इस बात को सोनू से शेयर करके वो उस घर में दोबारा आने का रास्ता हमेशा के लिए बंद कर देगी..
और वो ये हरगिज़ नही चाहती थी....
उसे तो सोनू के इसी बिस्तर पर नंगा होकर चुदना था एक दिन...
पूरी ब्लू फिल्म बनानी थी उसके साथ...
पर अभी के लिए उस फिल्म का ट्रेलर तो बनता ही था.

इसलिए उसने बिना कोई भूमिका बाँधे , अपने प्यासे होंठ उसके होंठो पर रख दिए...
ये वही होंठ थे जो कुछ देर पहले तक उसकी बहन और माँ की चूत चूस रहे थे....
एक पल के लिए तो सोनू भी ठिठक सा गया, क्योंकि एक चिर-परिचित सी स्मेल उसकी नाक से आ टकराई...
पर फिर उसे अपना भ्र्म मानकर वो उसकी किस्स का जवाब देने लगा..

एक गर्म लड़की को, लेस्बियन सैक्स के बाद अगर अपने बी एफ का साथ मिल जाए तो उसे ऐसा लगता है जैसे अंडा खाने के बाद एकदम से चिकन मिल गया हो...

और वो अपने इस चिकन को अच्छे से चूस लेना चाहती थी...
इसलिए अपनी छातिया उसके सीने से रगड़ती हुई वो उसे ज़ोर -2 से स्मूच करती रही...



अब तो सोनू अपनी माँ और बहन का डर भी भूल चुका था....
वैसे भी एक जवान लड़की जब किसी की गोद में बैठकर खुद ही पहल करे तो दुनिया की परवाह किसे रहती है....
ऐसी सिचुएशन में तो वो पकड़ा भी जाए तो उसे कोई परवाह नही थी...

सोनू के हाथ अपने आप उसके बूब्स पर आ गये और उसने उन्हे नींबू की तरहा निचोड़ डाला....
अपने अंगूठे के बीच उसके निप्पल को लेकर ज़ोर से रगड़ दिया उसने...

''आआआआआआआआअहह......यूउऊऊऊ डॉगी.......उम्म्म्ममममममममम....''

और एक बार फिर से अपने लार टपका रहे होंठो को उसने सोनू के मुँह में ठूस दिया.

सोनू के हाथ उसकी जेकेट की चैन पर आए और उसने एक ही झटके में उसका ज़िप्पर खोल दिया....
अंदर तो उसने सिर्फ़ ब्रा ही पहनी हुई थी....
साक्षी को इस अंदाज में अपने घर आया देखकर सोनू की आँखो में उसके नाम की शराब तैरने लगी...
उसके हाथ उसकी ब्रा में क़ैद मुम्मो को निचोड़ने लगे...
उसके स्पंज जैसी बॉल्स को ज़ोर-2 से दबा कर वो उसे और अपने आप को उत्तेजित कर रहा था....

सोनू ने उसके बूब्स को ब्रा से बाहर निकाल लिया...
और उसके निप्पल्स को दबाने लगा...
हर लड़की की तरह साक्षी की बॉडी उत्तेजित करने वाला ये वो बटन था जिसे दबाने से वो बिफर सी गयी...

''आआआआआआआआययययययीीईईईईईईईईईई......... सोनुउऊुुुुुुुुुुुुुुउउ...... उम्म्म्मममममममममम..... सुक्कककककककककक इट........... चूऊऊऊ इसे........ अहह....... चूऊवसओओओओ ना इसे.....''

और उसने सोनू के सिर को पकड़ कर ज़बरदस्ती अपने सीने पर दबा लिया.....
वो तो खुद ही ऐसा करना चाह रहा था पर लड़की की तरफ से जब खुद पर ज़बरदस्ती की जाए तो उसका मज़ा भी अलग ही है...
इसलिए उसने खुद को ढीला छोड़ दिया और साक्षी के कहे अनुसार अपने शरीर को घुमाने लगा...उसके बूब्स चूसने लगा



साक्षी ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी गरम कड़ाही जैसी चूत पर रख कर दबा दिया...
और सुलगती हुई आवाज़ निकाल कर उसकी गोद में कूदियां मारने लगी...

''आआआआआआहह सोनू........ आई एम् बर्निंग ....... कुछ कर दे यार....... कुछ कर दे ना..... ''

अपनी हॉट गर्लफ्रेंड के मुँह से ये बाते सुनकर तो सोनू का लंड और मर्दानगी एक ही बार में जाग गयी.....
एक घंटा पहले एक सील तोड़ चुके लंड को उसने फिर से एक और सील तोड़ने को राज़ी कर लिया...

और बोला : "यससस्स मेरी जान......आज तो कुछ करना ही पड़ेगा.......''

इतना कहकर उसने साक्षी को बेड पर पटका और अपना लंड निकाल कर खड़ा हो गया...


साक्षी उसके ख़ूँख़ार लंड को देख ही रही थी की अचानक दरवाजे पर नोक-नोक हुई...
ये सोनिया थी जो उनके लिए स्नेक्स लेकर आई थी.

एक ही पल में उसके खड़े लंड पर धोखा हो गया

सोनू ने मन ही मन अपनी बहन को जी भरकर गालियां दे डाली....
और अपने कपड़े सही करके दरवाजा खोलने चल दिया...
साक्षी भी अपने कपड़े सही करके बैठ गयी..

अंदर का नज़ारा देखकर सोनिया सब समझ गयी की वहां क्या चल रहा था..

वो मुस्कुराते हुए अंदर आई और बोली : "सॉरी टू इन्ट्रप्ट यू गायस ...पर ये भी ज़रूरी है...''

और फिर सोनू के कान में धीरे से उसने कहा : "बाइ द वे, मॉम अभी घर ही है...और तुम्हारी जी एफ की आवाज़ सीडियों तक आ रही थी...मॉम अगर सीडियों तक भी आ जाती तो उन्हे सब पता चल जाना था की यहाँ क्या हो रहा है...सो बी केयरफुल''

इतना कहकर वो मुस्कुराते हुए वापिस नीचे चली गयी..

साक्षी भी समझ गयी थी की शायद भावनाओ में बहकर वो कुछ ज़्यादा ही आगे निकल गये थे...

सोनू : "हे साक्षी...आई होप यु अंडरस्टॅंड दिस ....मॉम भी नीचे ही है....और उनके रहते....''

साक्षी : "या या...इट्स ओके ....वो तो बस थोड़ा लालच सा आ गया था...इसलिए....''

इतना कहते हुए उसने अपना लाल सुर्ख चेहरा नीचे कर लिया..

सोनू उसके करीब बैठा और उसे कोल्ड ड्रिंक दी...और सॅंड्विचस भी...

साक्षी : "अच्छा सुनो....तुम रात को बाहर नही निकल सकते क्या....हम लोग नाइट आउट का प्लान बनाते है ना...''

उसकी आँखो का गुलाबीपन देखकर ही पता चल रहा था की उसकी चुदाई की इच्छा कैसे कुलबुला रही है...
और वो गुलाबीपन सॉफ बता रहा था की वो कुँवारापन अब ज़्यादा देर तक रहने वाला नही है उसके पास..

साक्षी की ये बात सुनकर सोनू के दिमाग़ में एक विचार कोंधा...
ऐसा कुछ जिसके बारे में उसने कुछ दिन पहले एक एरॉटिक स्टोरी में पड़ा था...

और वो बोला : "नाइट आउट की एक शर्त है....''

साक्षी : "मंजूर है...''

सोनू : "अर्रे, पहले सुन तो लो...''

साक्षी : "बोला ना, सब मंजूर है...जो भी करना हो बता देना...आई एम् ऱेडी ''

उसकी ऐसी बेबाकी भरी बातें सुनकर तो सोनू का मन यही किया की उसकी चूत से पहले उसकी गांड मार ले...
जब सब मंजूर है तो गांड मरवाने से भी भला क्या प्राब्लम हो सकती है उसे...''

पर वो सिर्फ़ मुस्कुरा दिया...
और बोला : "ठीक है फिर....जल्द ही ये प्रोग्राम बनाते है...और मेरी क्या शर्त है, ये भी उसी दिन पता चल जाएगी...पर उससे पहले एक किस्स तो बनती ही है...''

सोनू ने सिर्फ़ इतना ही कहा था और साक्षी ने खुल्ले दरवाजे की परवाह किए बिना उसके होंठो को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया...



सोनू ने बड़ी मुश्किल से अपने होंठ उस जंगली बिल्ली के चुंगल से निकलवाए और बोला : "अर्रे...सुन तो लिया करो....मुझे किस्स कहां पर चाहिए...''

इतना कहकर उसने अपने खड़े हुए लंड की तरफ इशारा किया, जो उसकी शॉर्ट्स में तंबू बनाकर खड़ा था...

साक्षी की प्यास फिर से भड़क उठी....

वो बोली : "ऐसे तो तुम मुझे यहाँ से जाने ही नही दोगे...वैसे एक नज़र उसे देखकर मेरा भी मन कर रहा था उसे सक्क करने का....''

इतना कहकर वो उसकी टाँगो के बीच आकर बैठ गयी....
और शॉर्ट्स को नीचे करके उसके खंबे जैसे लंड को बाहर निकाल लिया...
एक नज़र भरके उसे देखा और फिर उसपर मुँह मारकर उसे जोरो से चूसने लगी...



''आआआआआआआआआअहह यएसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स......''

एकदम नर्म होंठ थे उसके, पर चूसने का तरीका उतना ही ख़तरनाक...
पर वो उसके घुंघराले बालो में उंगलिया फिराने के सिवा कुछ और कर ही नही पाया...

एक दो चुप्पे मरवाकर सोनू ने खुद ही उसे रोक दिया, दरवाजा खुला था और कोई भी, कभी भी उपर आ सकता था...

साक्षी भी समझ गयी और उसने भी उसके खिलोने से और खेलने की जिद्द नही की...
पर एक बात वो सोनू को समझा ही चुकी थी की आज के बाद, उसके साथ की सारी मुलाकातें ऐसी ही होने वाली थी...
और सबसे ख़तरनाक तो वो नाइट आउट होने वाला था, जिसका प्रोमिस सोनू ने किया था...

पर वो पगली ये नही जानती थी की सोनू के शैतानी दिमाग़ में क्या चल रहा है...

वो उस रात में, अपने दिल की उन दबी हुई इच्छाओं को भी पूरा कर लेना चाहता था, जिसके बारे में वो कई दिनों से फ़ेंटेसाइज़ कर रहा था..

और वो क्या कर रहा था, ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा.
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01-09-2019, 02:23 PM,
#85
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
साक्षी के जाने के बाद जब सोनू नीचे आया तो सब नॉर्मल सा था...
मॉम किचन में खाना बना रही थी और सोनिया टीवी देख रही थी.

सोनू उसके करीब जाकर बैठ गया..

सोनिया के चेहरे पर अर्थपूर्ण मुस्कान थी, सोनू के मन में भी कुलबुलाहट सी हो रही थी..

वो बोला : "दी, मॉम को कुछ शक तो नही हुआ ना...?''

सोनिया ने मन में सोचा, कहां तो माँ अपनी पोल् खुलने के डर से अपना मुँह छुपा रही है और कहां ये सोनू को अपनी पड़ी है..

सोनिया : "नही रे...वो तो शायद उन्होने पहली बार उसको देखा था, इसलिए ऐसा बिहेव कर रही थी...''

सोनू कुछ देर चुप रहा , फिर बोला : "ओके ...और आप दोनो की शॉपिंग कैसी रही...मज़ा किया ना...''

सोनू के मुँह से मज़ा शब्द सुनते ही उसकी आँखो के सामने बाथरूम वाली मूवी दोबारा चलने लगी...
जिसमें वो और मॉम, पूरी नंगी होकर अपनी चूतें साक्षी से चुस्वा रही थी...

सोनिया : "या या.... आज बहुत दिनों के बाद ऐसा मज़ा मिला है.... मॉम भी बहुत खुश थी....''

सोनू मुस्कुरा दिया...

सोनिया ने मंद-2 मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा और बोली : "मुझे पता है की तेरे माइंड में क्या चल रहा है...यही ना की मैने मॉम से तेरे बारे में कुछ बात की या नही....'''

सोनू का चेहरा लाल हो गया....
वो बोला : "अर्रे, नही दी...ऐसा कुछ नही है....''

सोनिया ने धीरे से कहा : "वैसे...एक प्लान है मेरे माइंड में ...''

सोनू की आँखो की चमक बढ़ सी गयी

सोनिया : "पर इसके लिए तुझे आज रात का इंतजार करना पड़ेगा...''

सोनिया तो जैसे पहेलियां बुझा रही थी...

सोनू : "मतलब...सॉफ-2 बोलो ना दी....क्या प्लान है...''

सोनिया : "प्लान सिंपल है....तुम्हे सिर्फ़ सोने का नाटक करना है...बाकी मैं संभाल लूँगी...''

सोनू के दिमाग़ के घोड़े दौड़ने लगे...
आने वाली संभावनाओ को सोचकर.

सोनिया ने उसे छेड़ने के अंदाज में कहा : "और इसमें कुछ ग़लत भी नही होगा...क्योंकि तू तो नींद में होगा ना...''

सोनू ने आँखे गोल करके अपनी बहन को देखा और उसकी टी शर्ट में से झाँक रहे मोम्मे की गोलाई देखकर उसकी नज़रें वहीं जम कर रह गयी..

सोनिया ने जान बूझकर अपनी टी शर्ट को खींच कर नीचे किया था, ताकि उसकी क्लिवेज उसे दिखाकर वो उसे ये भी याद दिला सके की मैं भी इस खेल का हिस्सा हूँ , सिर्फ़ मॉम , साक्षी और तनवी में ही ना उलझे रहना..

सोनिया ने अपनी डेयरिंग दिखाते हुए कुछ करने की सोची...
मॉम तो किचन में थी जो ठीक सोफे के पीछे थी, सोनिया ने अपने आप को पूरा सोफे की ओट में छुपा लिया और अपनी टी शर्ट को उपर करके अपनी ब्रा के कप को नीचे कर दिया...
एक ही पल में सोनू की आँखो के सामने अपनी बहन के गोरे-2 मोम्मे छलांगे भर रहे थे...
सोनू की हवा फिर से टाइट हो गयी
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01-09-2019, 02:23 PM,
#86
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
मॉम ठीक उनके पीछे थी और सोनिया की ये हरकत उन्हे फंस्वा सकती थी
पर फिर उसे ऐसा करता देखकर मुझमे एक अलग ही रोमांच आ रहा था...

और शायद ये बात सोनिया दी को भी पता चल चुकी थी, इसलिए मेरी आँखो की चमक देखते हुए उन्होने मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी छाती पर लगा लिया...

एकदम गरमा गर्म गुर्दे कपूरे जैसे बूब्स थे उसके...
मैने ज़ोर से पकड़ कर उन्हे दबा दिया...

''आआआआआआआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स''

तभी मॉम की आवाज़ आई : "सोनी बेटा...मैं ज़रा क्लिनिक तक जा रही हूँ ...शाम तक वापिस आ जाउंगी ..कुछ अपायंट्मेंट्स है, मैं बस नहाकर निकल रही हूँ ...तुम दोनो के लिए लंच बना दिया है...खा लेना...''

वो तो अच्छा हुआ की उन्होने सीधा वहां आकर ये बात नही कही थी...
क्योंकि उनकी आवाज़ सुनते ही मैने अपना हाथ हटा लिया और सोनिया ने अपनी टी शर्ट नीचे कर ली वरना पकड़े जाते.

मॉम जैसे ही अपने कपड़े लेकर बाथरूम में गयी, सोनिया लपककर मेरी गोद में आकर बैठ गयी और मेरे होंठो पर अपने होंठ रखकर, गर्म साँस लेते हुए मुझे स्मूच करने लगी...

''आआआआआआअहह सोनू........ मेरी ज़ाआाआआअन्न......आज तो तू गया ........ मॉम के जाने का भी वेट नही हो रहा अब तो....''

उसने मेरे हाथ को फिर से अपनी टी शर्ट में घुसा लिया और अपने बूब्स को मसलवाने लगी...

शायद कुछ अजीब तरह की खुजली होने लगी थी मेरी बहन की छातियों में आजकल , जो मेरे सहलाने से ही दूर होती थी...

मैने उसके निप्पल्स को अपनी उंगलियो में समेट कर उन्हे कुचल दिया....

सोनिया तो पागल ही हो गयी...
जैसे मैने उसकी उत्तेजना को भड़काने वाला को बटन दबा दिया हो.

उसने एक ही झटके में अपनी टी शर्ट उतार फेंकी ....
मेरी तो हालत खराब हो गयी ये देखकर की मॉम के घर में होते हुए वो मेरे सामने, और वो भी ड्रॉयिंग रूम में , सिर्फ़ ब्रा में बैठी है..

सोनिया मेरी गोद से उतरी और मेरे सामने आकर उसने वो ब्रा भी उतार दी....

सामने से खुलने वाली ब्रा के हुक्स जब खुले और उसका नंगा यौवन मेरी आँखो के सामने आया तो एक पल के लिए तो मैं भी भूल गया की माँ घर पर ही है...



जैसे ही उसके गोरे-2 बूब्स मेरे सामने आए मैने लपककर उन्हे पकड़ लिया और ज़ोर-2 से चूस्कर उसकी मदर डेरी का कच्चा दूध पीने लगा..

''आआआआआआआआआअहह यसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स... भाईईईईईईईईईईईईईई..... चूस ले इन्हे.......... पी जा....... सुबह से खुजली हो रही है......अहह........फककककककककककक...''

मेरे सिर को सहलाते-2 उसका हाथ मेरे लंड तक आ गया और एक ही झटके में उसने शॉर्ट्स को गिरा कर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया...

एक बार फिर से मेरा ध्यान मॉम की तरफ चला गया...

सोनिया : "घबराओ मत...मॉम को अभी 10 मिनट और लगेंगे....नहाकर वो साड़ी पहनेगी, तभी बाहर निकलेगी...''

मैं : "पर दी....ये सब यहां ....थोड़ा वेट करते है ना.....मॉम के जाने का......प्लीज़....''

वेट तो मुझसे भी नही हो रहा था पर कहना तो मेरा फ़र्ज़ था ना..

सोनिया ने हिसहीसाती हुई आवाज़ में कहा : "वेट गया भाड़ में ....मुझे ये अभी के अभी लेना है बस....''

इतना कहते हुए उन्होने अपना चेहरा आगे किया और अपनी जीभ से मेरे लंड के छेद को कुतरने लगी...
उसमे से निकल रहा प्रीकम निकाल कर उन्होने निगल लिया...



और जैसे ही वो प्रीकम की बूँद उनके मुँह में गयी, वो बावली सी होकर मेरे लंड को ज़ोर-2 से चूसने लगी...

मेरे हाथ अपने आप सोनिया दी के रेशमी बालो में घूमने लगे...
उसपर दबाव डालकर मैं अपना लंड अंदर तक लेने के लिए उकसाने लगा...

कुछ देर तक चूसने के बाद वो खड़ी हुई और अपनी शॉर्ट्स उतार कर साइड में फेंक दी...

अब वो सिर्फ़ एक नन्ही सी कच्छी में खड़ी थी...

अपनी कमर मटकाते हुए सोनिया दी ने जब अपनी वो एकमात्र कच्छी भी उतारी तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैं कोई एरॉटिक मूवी देख रहा हूँ , जिसकी हेरोइन अपने हीरो को लुभाने के लिए अपना शरीर दिखा रही है...

पर यहाँ हीरो मैं था और हेरोइन मेरी बहन सोनिया...

कच्छी को भी उतार कर वो मेरी तरफ सैक्सी अंदाज में आने लगी..



पास आकर दी ने मेरी शॉर्टस को नीचे खींचा और उसे अंडरवीयर समेत निकाल फेंका..

मैने अपनी टी शर्ट भी उतार दी....
अब तो मुझे भी उत्तेजना ने घेर लिया था...

मेरा लंड अब किसी भी कीमत पर सोनिया दी की चूत में दाखिल होना चाहता था...

उससे पहले वो उसे फिर से गीला कर देना चाहती थी, मुंह में लेकर
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01-09-2019, 02:23 PM,
#87
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
फिर वो मेरी गोद में आकर बैठी...
अपनी चूत को मेरे गीले पर फिट किया और लंड को अंदर लेते हुए, चरमराती चूत के बल, नीचे फिसलने लगी...

''आआआआआआआआआआआआहह...... ओह यसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... बैबी......... उम्म्म्मममममममममममम..... ये है वो फीलिंग.....जो सुबह से मिस कर रही थी मैं ...... अहह....''

मैने भी सोनिया दी की फेली हुई गांड पर अपने हाथ रखे और अपने लंड को उनकी चूत की टनल में दौड़ाने लगा...

सोनिया दी ने अपने आप को मेरे उपर बिछा सा दिया...
लॅंड को अपनी चूत में घुसाकर वो अपनी मोटी गांड को उपर नीचे करके खुद ही अपनी चूत मरवा रही थी...

और मैं आराम से, राजा बाबू बनकर, सोनिया दी की चूत की तंग गलियो में, अपने लंड को आता जाता महसूस करके, सिसकारिया मार रहा था..

''ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...... मज़ा आ रहा है दी....... बहुत टाइट है तुम्हारी चूत ...... अहह............ कसम से....... ये काम तो मैं पूरी लाइफ कर सकता हूँ .....''

सिर्फ़ 2-3 बार चुदी चूत टाइट ही होगी ना...
पर फिर भी सोनिया की चूत की तारीफ करने का फायदा ही हुआ
वो और लगन से मेरे लंड को अपनी चूत पर खीरे की तरह घिसने लगी...

पर वो भी जानती थी और मैं भी की ये चुदाई पूरी होनी पॉसिबल नही है...
और वैसे भी, जल्दबाज़ी की चुदाई में वो मज़ा नही मिलता जो आराम से चोदने में मिलता है...

सोनिया दी ने अपना चेहरा ऊपर उठाया और बड़े प्यार से मेरे होंठो को चूसा और बोली : "उम्म्म्म.....मन तो नही कर रहा छोड़ने का, पर छोड़ना पड़ेगा अभी के लिए....पर ज़्यादा देर तक नही बचोगे तुम....आज मुझे जी भरकर चुदवाऊँगी तुमसे...समझे...''



उफफफफफफफफफफ्फ़....
ऐसी बात जब लड़की खुद बोले तो लाइफ का अपना ही मज़ा होता है...

उसके बाद वो जल्दी मे मेरे लंड के घोड़े से उतरी और अपने कपड़े उठा कर, नंगी ही उपर भागती चली गयी...

और पीछे मुड़कर बोली : "मॉम के जाते ही उपर आ जाना... और अंदर आने से पहले अपने स्टुपिड कपड़े उतार देना....समझे...लव यू ...''

इतना कहकर वो नंगी हिरनी अपनी गांड की चर्बी को उछालती हुई उपर भाग गयी..

मैने भी अपने सारे कपड़े पहने और मॉम के आने से पहले एक अच्छे बच्चे की तरह टीवी देखने का नाटक करने लगा..

करीब 5 मिनट के बाद मॉम तैयार होकर बाहर निकली तो मैं उनके रसीले बदन और सैक्सी साड़ी को देखकर पलके झपकाना भी भूल गया..



हालाँकि, आज से पहले भी वो इसी तरह तैयार होकर क्लिनिक जाती थी, पर जब से सोनिया दी ने उनके बारे में , मेरे दिमाग़ में गंदे बीज बोए थे, उसके बाद उन्हे देखने के नज़रिए में अंतर आ चुका था...
अब मैं उन्हे एक सैक्स ऑब्जेक्ट की नज़र से देखता था...
उन्होने किस कलर की ब्रा पहनी होगी
किस डिसाइन की पेंटी होगी...
नंगी होने के बाद वो कैसी दिखेगी
ये सब सोचने लगा था अब मैं.

खैर, मुझे इस तरह से अपनी तरफ देखकर शायद मॉम के दिल में भी कुछ-2 होने लगा था...
पर अभी तक हमारे बीच कुछ हुआ नही था इसलिए उन्होने भी अपनी भावनाओ पर काबू किया और बोली : "मैं जा रही हू, तुम दोनो खाना खा लेना....और ये सोनिया कहां गयी...?''

मैं : "वो शायद थक गयी थी...अपने रूम में सो रही है...''

पर अपनी बात पर मन ही मन मैं हंस भी दिया..
क्योंकि मॉम अगर इस वक़्त उपर चली जाए तो शर्तिया बात है, अपनी टांगे फेला कर, नंगी लेटी हुई सोनिया दी, मेरा ही इंतजार कर रही होगी...



पर मॉम को वैसे भी देर हो रही थी...
इसलिए ओके बोलकर वो बाहर निकल गयी.

उन्हे बाय बोलकर, और उनकी गाड़ी को दूर तक जाता देखने के बाद मैने जल्दी से दरवाजा बंद किया...
और लगभग भागता हुआ सा उपर आ गया...
पर मेरे से आगे मेरा लंड था, जो तीर की तरह मेरी शॉर्ट्स में तंबू बनाकर मेरे शरीर से 1 फुट आगे निकला हुआ था...
दरवाजा खुला ही हुआ था...
पर सोनिया दी की बात मुझे अच्छे से याद थी
इसलिए मैने अंदर जाने से पहले अपने सारे कपड़े निकाल कर वहीं छोड़ दिए.

और जब दरवाजा धकेल कर अंदर आया तो मेरी साँसे उपर की उपर और नीचे की नीचे रह गयी..

सोनिया दी
मेरे बेड पर
पूरी नंगी होकर
घोड़ी बनकर तैय्यार थी...
उनकी रसीली गांड मेरी तरफ थी...
उस गांड के नीचे चमक रही उनकी नाश्पति की शेप वाली चूत को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया...



वो अपने सिर को पीछे करके , सिसकारी मारती हुई बोली

''अब आ भी जाओ ना.....कितना तरसाओगे......जस्ट कम एन्ड फक मी भाई......फक्क मी हार्ड....''

मुझसे भी और सब्र नही हुआ और अपनी बहन की बेसब्री को देखकर तो बिल्कुल भी नही....
मन तो कर रहा था की उस रसीली गांड पर मुँह लगाकर सारा आम रस पी जाऊं पर इस वक़्त चुदाई सिर पर चढ़ चुकी थी...
इसलिए मैं अपने लंड पर थूक लगाकर सीधा बेड पर आया और अपना लंड उस घोड़ी बनी सोनिया की चूत में फँसाकर मैने एक करारा शॉट मारा और मेरा लंड एक बार फिर से घोड़े की तरह हिनहिनता हुआ अंदर घुसता चला गया...

''आआआआआआआआआआआआआआआआआअहह ओह माय गॉड ...................... इट्स टूऊ गुड.....''



मेरे हाथ सोनिया की मुलायम गांड को दबा रहे थे...
उसे सहला रहे थे.

और सोनिया दी के खुले मुँह से लार निकल कर नीचे गिर रही थी....
उनकी आँखे बंद थी और वो अपनी चूत में मेरे लॅंड को पाकर किसी दूसरी ही दुनिया में पहुँच चुकी थी..
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01-09-2019, 02:23 PM,
#88
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
करीब 5 मिनट तक उनकी चूत को पीछे से मारकर मैने उन्हे घुमा कर बेड पर लिटा दिया और अपना मुँह सीधा उनकी ब्रेस्ट पर लगा कर उनके निप्पल को चूसने लगा..
अपनी जीभ से सहलाने लगा...
अपने दांतो में उस अंगूर के दाने को फँसाकर उसका रस निकालने लगा..



दोनो बुब्बे अच्छे से चूसने के बाद मैं खड़ा हुआ और अपने लंड को हाथ में लेकर उसे डंडे की तरह पकड़ कर उसकी चूत पर मारने लगा...

बेचारी सोनिया दी की चिकनी चूत पर वो भारी लंड सच में किसी डंडे की तरह ही पड़ रहा था...
पर दर्द के बदले अभी भी उनके मुँह से सिर्फ़ सिसकारियाँ ही निकल रही थी..

''आआआआआआआअहह........... मेरे मास्टर बन गये हो तुम....और मैं तुम्हारी स्लेव.... मारो मुझे अपने इस डंडे से....सज़ा दो..... तड़पाओ मुझे.....तरसाओ मुझे....पर चोदना भी ज़रूर......उम्म्म्मममममम..... इस डंडे को अंदर लेने में ज़्यादा मज़ा मिलता है....''

मैं मुस्कुरा दिया और धीरे से अपने उस डंडे को उसकी चूत की दरार में फँसा कर रग़ाड़ दिया...

''आआआआआआआआहह मार ही डालो ना...इससे अच्छा तो.....अहह......डालो भी सोनू......मेरी चूत में अपना ये लंड ......अंदर तक.....घुसा दो.....ना ...प्लीईईईईस....''



मुझे भी अब ज़्यादा तरसाना सही नही लगा...
वैसे भी नीचे की गयी आधी चुदाई के बाद उस चुदाई को आगे कंटिन्यू करना भी ज़रूरी था...

इसलिए मैं अपने लंड को चूत पर लगा कर नीचे आने लगा..
और फिर धीरे-2 मैने अपने आप को सोनिया दी के जिस्म पर बिछा सा दिया...

मेरा लंड अब इतना चिकना हुआ पड़ा था की उसे चूत का दरवाजा सिर्फ़ दिखाने मात्र से ही , वो उसमें फिसलता चला गया...

''आआआआआआआआआआआहह उम्म्म्मममममममम.... हर बार .... बार-2, जब भी......ये ....अंदर जाता है....... एक अलग ही मज़ा ......आता है.......''

सोनिया दी की बात तो बिल्कुल सही थी.....

चूत की दीवारो में जो खुरदुरापन था, उसपर जब चिकना लंड रगड़ता हुआ अंदर जाता था तो उसकी फीलिंग का कोई मुकाबला नही था..

मैं आँखे बंद करके और सोनिया दी मुँह खोलकर इस चुदाई का मज़ा ले रहे थे...

हम दोनो का शरीर लगभग एक ही मोशन में आगे पीछे होकर उस लंड और चूत के मिलन को महसूस कर रहा था...



मेरे होंठ अपना काम करने में लगे थे और लंड अपना..

होंठो से उसके होंठो को चूसता हुआ मैं धीरे -2 अपनी स्पीड बड़ा रहा था...

और जब पूरी स्पीड पकड़ ली मेरी चुदाई की ट्रेन ने तो मैं उठकर बैठ गया और सोनिया दी की टांगे पकड़ कर उन्हे मरोड़ कर उनकी छाती से लगा दिया और जोरों से अपना लंड उनकी चूत में पेलने लगा...

एक तो कसी हुई छूट और उपर से टांगे फेला कर चुदाई...
सोनिया दी की तो हालत पतली हो गयी...
ऐसा लग रहा था जैसे उनके शरीर को लंड की आरी से चीरा जा रहा है...
पर ऐसे चिरने में जो मज़ा मिल रहा था वो उनकी आहें बयान कर रही थी..

''आआआआआआआआआआआआअहह सोनू....................... उम्म्म्ममममममममम......... मज़ा आ गया....... सााअले...... तेरे लंड को अंदर लेकर सच में मैं दूसरी दुनिया में पहुँच जाती हूँ .....अहह...... ऐसे ही चोद मुझे.....ज़ोर से....चोद .......अपनी बहन को.......रंडी बहन को.........अहह...''



मैं भी जोश में आ गया....

''आआआआआआआआअहह.....हाआँ तू है रंडी....साली कुतिया ........ मेरी पर्सनल कुतिया ......मेरी रंडी बहन..... मेरे लंड की प्यासी बहन...... अहह...साली........... भेन की लोड़ी ........अहह.....ये ले.....अपने भाई का माल.......अपनी चूत में ......ये ले.....आआआआआहह ये लएए...''

और इतना कहकर मैने उसकी आग उगलती चूत में अपने लंड का पानी छिड़कना शुरू कर दिया....
एक के बाद एक कई पिचकारियां मारकर मैने उसकी चूत की आग को अपने लंड के पानी से बुझा दिया...

सोनिया दी के चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की एक घंटे तक चली इस चुदाई को उन्होने कितना एंजाय किया है...

उसके बाद उठकर हम दोनो बाथरूम में चले गये...
एक साथ नहाने...

नहाते हुए मैने साबुन से अच्छी तरह अपनी बहन के हर अंग को रगड़ा....
एक तो साबुन चिकना और उपर से उसका बदन भी...
ऐसा लग रहा था जैसे मैं संगमरमर से बनी कोई मूरत पर हाथ लगा रहा हूँ.
जहा भी हाथ लगता, मेरे हाथ फिसल कर दूसरे कोने तक अपने आप चले जाते..

मैं सोनिया दी के सीने से चिपक कर उनके बूब्स को अपने हाथो में लेकर मसल रहा था...
वो भी अपनी आँखे बंद करके एक लय बनाकर अपने शरीर को मुझसे रगड़ रही थी.मेरे लंड को साफ़ कर रही थी




मैने धीरे से पूछा : "दी...सच बताना....आप शुरू-2 में, मुझे लेकर पोस्सेसिव थी, उसके पीछे क्या राज था...? ''

सोनिया ने आँखे नही खोली बल्कि बंद आँखे करे ही मुस्कुराती रही...

और बोली : "मुझे पता है, तूने भी ये बात नोट की होगी की पहले तो मैं तुझे अपने सिवा किसी और की तरफ देखने भी नही देती थी...पर आजकल खुद ही तेरी हैल्प करके तेरे लिए जुगाड़ तैयार कर रही हूँ ...है ना....''

मैं : "हाँ दी... इंफेक्ट मुझे भी अच्छा लगता था की आप मेरे लिए पोस्सेसिव है...और ये तो और भी अच्छा लग रहा है की आप मेरी हैल्प कर रही है....पहले तनवी ...और अब मोंम को भी...''

मैं शरमा भी रहा था...
पर ये बात मैं क्लियर कर लेना चाहता था...क्योंकि ये मुझे काफी दिनों से खटक रहा था, इसलिए...

सोनिया : "हाँ ....अच्छा तो लगना ही है .....फ्री में मिल रही चूत किसे अच्छी नही लगती...''

फिर वो बोली : "वैसे सच कहूँ तो मुझे भी पता नही चला की ये बदलाव कब और कैसे आता चला गया मुझमे... शायद पहले मैं पूरी सॅटिस्फाइ हो जाना चाहती थी तुमसे...और जब एक बार वो हो गया तो मुझे लगा की ये मज़ा मैं अपने तक ही नही रख सकती...दूसरो को भी इस लव्ली कॉक का स्वाद मिलना चाहिए...इसलिए वो हैल्प की मैने...और आगे भी करती रहूंगी...''

मुझे उसकी ये दिल से निकली बात बहुत पसंद आई...

अब मैं और अच्छे से उनके जिस्म को अपने बदन से रगड़ रहा था..
चूम रहा था....
स्मूच कर रहा था...

मेरा लंड उनकी चूत के निचले हिस्से में फंसकर दूसरी तरफ से निकल चुका था, हम दोनों अपनी कमर मटका कर उसके स्पर्श का आनंद ले रहे थे
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01-09-2019, 02:23 PM,
#89
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
पर आज के लिए जितना होना था वो हो चुका था...
इसलिए अपने दोबारा खड़े हो चुके लंड को मैने बड़ी मुश्किल से बिठाकर चुप करवाया...

क्योंकि , अभी तो बहुत कुछ होना बाकी था....
शाम को भी...और रात को भी.

नहा धोकर हम दोनो बाहर निकल आए और सोनिया दी मेरे बेड पर आकर मेरे साथ ऐसे ही लेट गयी...नंगी...गीली.

उपर फेन चल रहा था जो हमारे जिस्मों पर पड़ी पानी की बूँदो को सुखा रहा था...
ऐसे एक दूसरे के साथ नंगे लेटकर बहुत मज़ा आ रहा था..



सोनिया ने मेरी छाती पर आ रहे हल्के बालों को अपनी उंगलियो से सहलाते हुए कहा : "भाई...सच में ... जब से ये सब हमारे बीच स्टार्ट हुआ है, उसके बाद लाइफ एक्साईटिड हो गयी है...''

वो मेरी जाँघो के चारो तरफ अपनी चूत को रगड़ कर ये बात बोल रही थी...
यानी वो कहना चाह रही थी की उसकी चूत की खुजली को मैने अच्छे से शांत किया है..

हमारी हालत उस नवविवाहित जोड़े की तरह थी जिसे शादी के बाद रोज चुदाई करने को मिलती है...
रात - दिन दोनो को जब भी मौका मिले वो चुदाई कर लेते है...
ठीक वैसा ही हमारे साथ भी हो रहा था..
फ़र्क सिर्फ़ इतना था की हमारी शादी नही हुई थी...
उपर से हम भाई बहन थे..
पर मज़ा वही मिल रहा था जो उन्हे मिलता होगा.

मैं भी सोच रहा था की मेरी लाइफ ने बहुत कुछ देख लिया है पिछले 1-2 महीने में...
कहां तो मैं अपना हाथ जगन्नाथ करता फिरता था और अब चारो तरफ चूतें ही चूतें बिखरी पड़ी है...
और बाकी लाइन में लगी हुई है....
पर जो भी था, सोनिया के सामने सब फीके थे...
जो प्यार और सैक्स का स्वाद मुझे सोनिया से मिला था वैसा किसी और से मिल ही नही सकता था..

इसलिए अपनी प्यारी बहन को खुश रखना मेरा फ़र्ज था.

पर आजकल तो वो मुझे खुश करने में लगी हुई थी....
पहले तनवी को मेरे लिए तैयार किया और अब मोंम को भी कर रही है..

मोंम का ख्याल आते ही मुझे सोनिया दी की बात याद आ गयी जो उसने चुदाई से पहले कही थी की मुझे सिर्फ़ सोते रहना है, बाकी का काम वो कर लेगी..

मैने उसका मतलब पूछा तो उन्होने मुस्कुराते हुए अपना चेहरा मेरी छाती से उठाया और बड़े प्यार से मुझे देखते हुए, अपनी छातियो को मेरे सीने से रगड़ते हुए बोली : "ट्रस्ट मी ब्रदर...मेरे दिमाग़ में जो प्लान है, अगर सब कुछ वैसा ही चला तो तुम्हे बहुत मज़ा मिलेगा... और जैसा की मैने पहले भी कहा था की तुम सोने की एक्टिंग करते रहना और कुछ भी नही करना...तुम्हारे साथ कुछ भी हो, तुम्हारी वो नकली नींद नही खुलनी चाहिए...समझे..''

मैं समझ तो गया था की वो क्या करना चाहती है
पर डर भी रहा था की मोंम के सामने अगर हमारी चालाकी पकड़ी गयी तो वो हमारा क्या हाल करेगी...

पर सोनिया दी को अपने प्लान पर हद से ज़्यादा भरोसा था, इसलिए मैने भी उनकी हां में हां मिला कर उनका साथ देने का वादा कर दिया.

शाम होने तक हम दोनो ऐसे ही एक दूसरे की बाहो में नंगे लेटे रहे और मोंम के आने से पहले हम दोनो तैयार होकर नीचे आ गये..
मेरे एक दोस्त का लगातार फोन आ रहा था, इसलिए मैं तो उससे मिलने के लिए निकल गया और करीब 2 घंटे बाद ही वापिस लौटा..
तब तक मॉम और डेड घर आ चुके थे...
मॉम ने नाईटी पहनी हुई थी , जिसमे उनका भरंवा शरीर काफ़ी सैक्सी लग रहा था...
सोनिया ने एक छोटी सी निक्कर और टी शर्ट पहनी हुई थी...
पापा अपनी चेयर पर बैठकर पेग बना रहे थे.

मैं भी फ्रेश होकर सोनिया दी के साथ आकर बैठ गया...
सोनिया ने धीमी आवाज़ में बात करके एक बार फिर से अपनी योजना मुझे समझा दी...

मॉम ने सभी के लिए डिन्नर लगा दिया......
पापा ने तो पी रखी थी इसलिए खाना खाते ही वो गहरी नींद मे सो गये..
मैं भी थके होने का बहाना करके अपने रूम में आ गया और ये मैने इसलिए किया क्योंकि ऐसा करने के लिए मुझे सोनिया दी ने ही कहा था.

अब मेरे उपर जाने के बाद सोनिया और मॉम किचन समेटने लगे..

अचानक सोनिया ने मॉम को पीछे से पकड़ कर उन्हे अपनी बाहो में जकड़ लिया.

मॉम : "अर्रे, ये क्या कर रही है पगली...काम करने दे...''

सोनिया ने मॉम की गर्दन पर एक गीली सी पप्पी दे दी...
मॉम की आँखे बंद हो गयी और उनके मुँह से एक सिसकारी निकल गयी

''सस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... क्या कर री है..... छोड़ ना.... काम करने दे...''

सोनिया : "आपको प्यार करने का मन कर रहा है....''

इतना कहकर उसने अपने हाथ उपर किए और अपनी मॉम की मोटी ब्रेस्ट को पकड़ कर उन्हें ज़ोर से दबा दिया...

कोई और मौका होता तो मॉम की चीख पूरे मोहल्ले को सुनाई दे जाती...
पर मॉम ने बड़ी मुश्किल से अपनी आवाज़ को दबाया...और कांपती हुई आवाज़ में बोली : "छ्चोड़ ना सोनी....ऐसा मत कर...सुबह ही तो प्यार किया था...अब फिर से तुझपर क्या भूत चढ़ गया है...''

मॉम की बात को अनदेखा करके सोनिया अपने काम में लगी रही...
और फिर वही हुआ जो हमेशा औरतो के साथ होता है जब इनके बूब्स को इतने एरॉटिक तरीके से दबाया जाए...
मॉम भी एक्साईटिड हो गयी...
वो अपने पंजो पर खड़ी होकर , अपनी छाती को और उभार कर, अपना भार सोनिया पर छोड़कर और आँखे बंद करके किसी दूसरी ही दुनिया में पहुँच गयी...
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01-09-2019, 02:24 PM,
#90
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनिया ने मॉम की गांड वाले हिस्से पर घिस्से लगाने शुरू कर दिए...
जैसे कोई मर्द पीछे से गांड मारता है, ठीक वैसे ही...
और मॉम भी उसका साथ देने लगी..
अपनी उभरी हुई गांड को उसने अपनी बेटी की चूत से लगा कर ज़ोर से घिसना शुरू कर दिया...
उनके ऐसा करने से सोनिया की भी हालत बुरी होने लगी, अपनी माँ की भरी हुई गांड का एहसास जब उसे अपनी चूत पर मिला तो वो भी पनिया गयी...

मॉम : "उम्म्म्म.......... बैबी........ तू फिर से शुरू हो रही है..... ये मॉल नही है, जहाँ तूने बेरोक-टोक सब कुछ कर लिया था....तेरे पापा और भाई घर पर ही है...कोई भी आ गया तो....आआआअहह...मुश्किल हो जाएगी.....''

वो ये बोल भी रही थी और साथ ही साथ अपनी बेटी के हाथो से अपनी छातियो को भी ज़ोर से दबवा रही थी...

सोनिया ने मॉम के कान को मुँह में भर लिया और उसे चुभलाते हुए कहा : "आआआआअहह मॉम ..... वहां तो वो लड़की (साक्षी) का डर था...पर यहां किसी का नही है.....उम्म्म्ममममम... पापा तो पी कर सो रहे है, उन्हे कोई फ़र्क नही पड़ता.....''

मॉम ने एक गहरी सिसकारी मारी और बोली : "आआआआअहह......और....वो.........सोनू......उम्म्म्म....उसका क्या ??''

सोनिया ने मॉम की गर्दन पर ड्रॅक्यूला की तरह अपने दाँत गाड़ दिए और हिसहीसाई : "सोनू.....उम्म्म्मम......काश वो आ जाए अभी.....मज़ा आ जाएगा....''

मॉम ने उसे प्यार भरी चपत लगाई और मुस्कुराते हुए बोली : "धत्त ...पागल कही की.....''

पर अंदर ही अंदर वो इस बात को सोचकर और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गयी थी की काश सोनू उन्हे ऐसा करते हुए देख ले और बीच में कूद कर सारा कंट्रोल अपने हाथ में ले ले....
फिर तो पूरी रात चुदाई ही चुदाई होगी..

सोनिया : "हे हे...मैं तो मज़ाक कर रही थी....और वैसे भी, उसकी नींद भी पापा से कम नही है...वो तो बिना पीए ही घोड़े बेचकर सोता है...रूम में अगर स्पीकर भी चला दिया तो वो उठने वाला नही है...''

इतना कहकर उसने मॉम को अपनी तरफ घुमाया और उनके होंठो पर बुरी तरह से टूट पड़ी....



मॉम तो बरसो से प्यासी थी, उन्हे तो कच्ची जवानी का जितना भी पानी मिल जाए, कम था...
इसलिए उन्होने भी अपने मोटे-2 होंठो से अपनी बेटी के संतरे की फाँक जैसे रसीले होंठ चूसने शुरू कर दिए...

सोनिया ने मॉम के गाउन के स्ट्रेप्स को नीचे गिरा कर उनका गाउन नीचे खींच दिया...
और वो टॉपलेस होकर खड़ी थी अपनी बेटी के सामने..



सोनिया ने अपना मुँह उनके बूब पर लगाकर उन्हे चूसना शुरू कर दिया.

मॉम ने भी कराहते हुए अपने बूब को हाथ में पकड़ा और उसकी नोक बनाकर अपनी बेटी के मुँह से लगा दिया...
ठीक वैसे ही जैसे वो उसे बचपन में दूध पिलाया करती थी..

पर सोनिया को सिर्फ़ दूध ही नही पीना था, मलाई भी खानी थी...

इसलिए उसने फ्रिज खोलकर दूध के पतीले में से उपर की मलाई उतारी और उस परत को अपनी मॉम के निप्पल के चारो तरफ फेला कर उसे ढक दिया...
और अपना मुँह उसपर लगाकर उस मलाई को चाटकार खाने लगी...
ठंडे दूध की 3-4 लकीरे मॉम के शरीर को चूत तक ठंडा करती चली गयी..
.और अपनी छाती पर ठंडी मलाई को महसूस करके तो वो और भी ज़्यादा कसमसा गयी....

उसके हसबैंड ने भी एक बार ऐसे ही फ्रिज में से मलाई निकाल कर उसके बूब्स पर रखकर खाई थी...



और अब वही काम उनकी बेटी ने भी कर दिया था...
जैसा बाप, वैसी बेटी..

पर ये वक़्त उन पुरानी बातो को याद करने का नही था बल्कि अभी मिल रहे मज़े को महसूस करने का था...

मॉम तो अपनी चूची की मलाई चटवाकर इतनी उत्तेजित हो गयी की उसने फ्रिज में से और मलाई निकाल ली और अपनी छाती पर लगाकर सोनिया के सामने रख दी..
बाकी का काम सोनिया ने कर दिया...
एक बार फिर से मॉम की छाती पर लगी ठंडी-2 मलाई पर अपनी गर्म जीभ चलाकर उसे चाटने लगी...



एक दम किसी कुतिया की तरह..

मॉम की नंगी छातियां मलाई लगने की वजह से चमक रही थी..

पर सोनिया जो करना चाहती थी उसके लिए थोड़ा और आगे बढ़ने की ज़रूरत थी...
इसलिए उसने मॉम का गाउन पकड़ा और उसे उठाकर उनके शरीर से निकाल दिया...
एक ही पल में मॉम पूरी नंगी होकर खड़ी थी...
सोते हुए तो वो वैसे भी ब्रा-पेंटी पहनती नही थी...
इसलिए अपनी बेटी के सामने अब वो पूरी नंगी होकर खड़ी थी.



मॉम का पूरा शरीर हिचकोले लेते हुए सुलग रहा था...

वो बोली : "उम्म्म........ये क्या कर रही है....कम से कम अंदर तो चल....यहां ये सब सही से नही हो पाएगा...''

और यही तो सोनिया भी चाहती थी...
पर उससे पहले उसे भी तो अपने कपड़े उतारने थे..

उसने भी जल्द से जल्द अपने सारे कपड़े निकाल दिए और मॉम की तरह वो भी अब किचन में नंगी होकर खड़ी थी.



वैसे सोनिया को मज़ा तो इस वक़्त इतना आ रहा था की वो चाहती तो सारा खेल वो यही किचन में खेल सकते थे...
पर उस प्लान का भी तो ध्यान रखना था जिसके लिए वो ये सब कर रही थी..

वो बोली : "ओके ...अब चलो...''

सोनिया ने मॉम का हाथ पकड़ा और उन्हे उपर की तरफ ले जाने लगी..

मॉम ने चोंकते हुए कहा : "ये कहां जा रही है....''

उन्होने सोचा था की वो शायद मॉम के बेडरूम में जाएँगे जहां उसके पापा दारू पीकर भांड होकर सो रहे थे...
इसलिए पकड़े जाने का कोई ख़तरा ही नही था..

सोनिया : "उपर मॉम ...मेरे रूम में ...एंड ट्रस्ट मी मॉम...सोनू के उठने का सवाल ही नही है...''

वो मॉम के चूतड़ सहलाती हुई उन्हे किस्स भी कर रही थी , जैसे उन्हे वशीभूत करने का यही तरीका हो



इतना कहकर उसने मॉम का हाथ पकड़ा और उन्हे खींचकर उपर ले आई..

सीढ़ियों पर चढ़ रही नंगी मॉम का सीना धाड़ -2 कर रहा था...
जैसे पूरी नंगी होकर वो अपने बेटे से चुदने जा रही हो.

कमरे में घुपप अंधेरा था...

मैं तो कब से , बेसब्री से, उनके उपर आने का वेट कर रहा था...

और जब अंधेरे में उन दोनो को नंगे अंदर आते देखा तो मेरे लंड का बुरा हाल हो गया...
मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा था की सोनिया अपने साथ मॉम को नंगा करके उपर लाएगी..
उसने ये सब कैसे किया होगा, ये सब बाद में उससे ज़रूर पूछूँगा..
पर अभी के लिए तो मुझे वो काम करना था जो सोनिया ने मुझे दिया था..

यानी गहरी नींद में सोने का नाटक.

पर मुझे नही पता था की ये गहरी नींद वाला नाटक मेरे लिए कितना कठिन होने वाला था.
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