bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
01-09-2019, 02:09 PM,
#51
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनू का तो मन ललचा सा गया, बड़ी मुश्किल से उसने अपनी उंगलियों को उन उरोजों पर जाने से रोका हुआ था.

पर शायद ये पाबंदी सोनिया के लिए नही थी...
वो धीरे-2 आगे आई और सोनू से सट कर खड़ी हो गयी...
इतने करीब की उसकी नयी ब्रा की नोक सोनू की छाती मे गड़ कर रह गयी...
सोनिया ने उसके हाथों को पकड़ कर अपनी नंगी कमर पर रख लिया...
और उन्हे वहां घिस्स कर उपर नीचे करने लगी.

सोनू की तो पहले ही फटी हुई थी, ऐसे में जब उसकी बहन ने जैकेट उतारी तो उसका बुरा हाल हो गया... 
हालाँकि उसके ब्रा में क़ैद बूब्स उसे ललचा रहे थे, पर उसका ध्यान उनसे ज़्यादा आस पास के घरों की छत्त पर था की कहीं उन्हे वहां खड़ा हुआ कोई देख ना ले.

और साथ ही उसकी नजर अपनी छत्त पर बने दरवाजे पर भी थी की कहीं नीचे से कोई उपर ना आ जाए, वैसे तो सब सो ही चुके थे, 10:30 बज रहे थे, पर फिर भी उसका डर अपनी जगह जायज़ था.

सोनिया उसकी नज़रों को देखकर समझ गयी की उसे क्या डर सता रहा है, इसलिए वो अपनी बड़ी सी गांड मटकाती हुई दरवाजे तक गयी और उसपर कुण्डी लगाकर बंद कर दिया.

अब सोनू को थोड़ी राहत महसूस हुई... 
पर वो राहत ज़्यादा देर तक नही ठहर पाई क्योंकि बड़ी ही सैक्सी चाल चलते हुए सोनिया उसके करीब फिर से पहुँची और इस बार उसने सोनू के हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर नही बल्कि सीधा अपनी छातियों पर रख दिए और उनपर दबाव डालकर ज़ोर से दबा दिया...

और अपने बूब्स पर प्रेशर पाकर खुद ही सिसकार उठी..

''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... अहह.... सोनू...... ये देखो... ये ली है मैने आज....मार्केट से.... कैसी लगी.... फील करो ना अच्छे से....उम्म्म्म''

बेचारा एक बार फिर से अपने मन में एक जंग लड़ता रह गया..
और हारता चला गया..

ये नारी शरीर का मोह होता ही ऐसा है...
मर्द चाहे कितना भी कंट्रोल करता रह जाए 
एक बार जब शरीर का सम्मोहन काम करना शुरू करता है तो सामने वाले की जिद्दी तपस्या धरी की धरी रह जाती है.

और यही हुआ सोनू के साथ भी, आज सुबह तक जो कुछ भी ना करने की कसमें खा रहा था, सोनिया के बूब्स पकड़ते ही कमजोर सा होकर लार टपकाने लगा.

सोनिया तो उसकी आँखू की चमक देखकर ही समझ गयी थी की अब ये कुछ नही बोलने वाला, इसलिए उसने अपने हाथ उसके हाथों पर से हटा लिए और अपने नन्हे कबूतर पूरी तरह से उसके सुपुर्द कर दिए.

फिर तो सोनू ने जो उनको निचोड़ा, उसकी ब्रा के कपड़े को अच्छे से परखा , वो सिर्फ़ सोनिया ही जान पाई. 

और तड़पकर , सिसकारी मारने के अलावा वो कुछ कर ही नही सकती थी...आख़िर मज़ा तो उसे भी मिल रहा था...

''आआआआआआआआआआआआआआआअहह..... सालेsssss........ क्यों बेकार में नाटक कर रहा था कल रात से...... उम्म्म्मममममममममममम.... जब पता है की इतना मज़ा मिलता है तुझे भी..... तो क्यों रुका हुआ था...आआआआआआहह''

सोनू बोला : "अहह जैसे मज़ा सिर्फ़ मुझे ही मिलता है........ तुम्हे नही......''

सोनिया उसके और करीब खिसक आई और उसके गले में बाहें डालकर बोली : "मेरी तो बात मत पूछ भाई....बड़ा मीठा सा दर्द होता है...हर जगह ..... यहां .....यहां ....और यहां भी......''

इतना कहकर उसने अपने भाई के हाथ को पकड़ कर बारी-2 से अपनी दोनो चुचियों पर रखा और फिर नीचे खिसका कर अपनी चूत पर..

और सोनिया की चूत पर हाथ लगाते ही सोनू काँप सा गया.... 
इतनी गर्मी और तपन उसने वहां से निकलती हुई आज तक महसूस नही की थी..

और उसके होंठ काँप से गये ये बोलते हुए 

"मैं हूँ ना दी, मैं तुम्हारे हर दर्द को मिटा दूँगा...चूस लूँगा उसे...अपने इन होंठों से....''

इतना कहने की देर थी की सोनिया ने उसे पागलों की तरह अपनी तरफ खींच लिया और उसपर अपने होंठ लगा कर जोरों से चूसने लगी....
शायद ही ऐसी किस्स उसने अभी तक सोनिया या अपनी दूसरी गर्लफ्रेंड्स से की होंगी... 
और मज़े की बात ये थी की इस वक़्त उत्तेजना के मारे सोनिया के होंठ हलवे की तरह नर्म हो चुके थे, उनमे से मीठा पानी भी निकल रहा था... जो अक्सर उत्तेजना के शिखर पर पहुँचने के बाद लड़कियों के होंठों चूत से निकलता है.

सोनिया ने खुद ही अपनी ब्रा का स्ट्रेप नीचे खिसकाते हुए उसके सिर को पकड़ कर नीचे किया और बोली : "तो ये ले भाई.... मिटा दे सारा दर्द.....आहहssssssss ''

उसकी बात पूरी होने से पहले ही सोनू ने उसके निप्पल्स और बूब्स को चबाना और चुभलाना शुरू कर दिया

पहले एक को और फिर दूसरे को...
हालाँकि इस वक़्त उन्हे इस बात का डर भी था की वो खुल्ली छत्त पर खड़े हैं... 
एक रोमांच भी था ओपन में एक दूसरे के साथ इस तरह प्यार करने का पर डर भी था..
इसलिए सोनिया अपना थन उसके मुँह में फँसाए-2 उसे घसीटकर एक कोने में ले गयी जहां से उन्हे कोई और देख ही नही सकता था...सिर्फ़ उपर चमक रहे चाँद के सिवा..
और वहाँ पहुँचकर तो सोनिया पूरी तरह से जंगली रूप में आ गयी.... 
उसने अपनी ब्रा निकाल कर नीचे फेंक दी... 
वही ब्रा जो आज ही खरीब कर लाई थी पर इस वक़्त उसे उस ब्रा से ज़्यादा अपने निप्पल चुसवाने में मज़ा आ रहा था और वो ब्रा उसमें बाधा उत्पन कर रही थी, इसलिए उसे फेंक देना ही सही लगा उसे.
और इस तरह सोनिया अपनी छत्त पर, टॉपलेस होकर अपने भाई से अपने बूब्स चुस्वा रही थी... 
एक के बाद दूसरा और फिर से पहला चूस्कर सोनू ने उसकी छाती के दर्द को काफ़ी हद तक कम कर दिया...
और अब बारी थी असली दर्द मिटाने की...
यानी छूट का दर्द...
दर्द से ज़्यादा उसे खुजली कहना सही होगा क्योंकि चूत की खुजली ही वो दर्द होता है जो लड़कियों से ऐसा काम करवाती है...
और वही खुजली इस वक़्त सोनिया पर हुक्म चलाकर उसे अपने भाई से चूत चुसवाने पर मजबूर कर रही थी.

सोनिया ने उसके कंधों पर ज़ोर डालकर उसे नीचे धक्का देना शुरू कर दिया...
सोनू ने बड़ी मुश्किल से उसके निप्पल्स को मुँह से निकाला और अपनी गीली जीभ से उसके सपाट पेट को चाट्ता हुआ, उसे अपने दाँतों से काटकर अपने मुँह मे लेने की असफल कोशिश करता हुआ नीचे आने लगा.... 
और जैसे ही उसकी लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर आकर रुकी एक चिरपरिचित सी महक उसके नथुनों से आ टकराई... 

पर आज इस महक में खुश्बू से ज़्यादा नशा था
वो नशा जिसे करने के लिए सोनू मरा जा रहा था....
उसने उसी जंगलिपन से उसकी पेंटी में उंगली फँसाकर नीचे किया जैसे वो उसके बूब्स चाट रहा था.

और जैसे ही उसकी बहन की चूत का ताजमहल उसकी नज़रों के सामने आया, वो एकटक सा होकर उसकी सुंदरता को निहारता रह गया, उसने सुन रखा था की ताजमहल की सुंदरता पूरे चाँद की रौशनी में ज्यादा दिखती है, और आज तो चाँद अपने पूरे शबाब पर था, सुबह से न्यूज़ में आ रहा था की चाँद आज धरती के सबसे करीब रहेगा, और उस बड़े चाँद की रौशनी में सच में वो नन्हा ताजमहल लश्कारे मार रहा था 



उसने अपनी कुत्ते जैसी जीभ निकाल कर उसपर रख दी और उसे ज़ोर-2 से चाटने लगा..

''आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआहह मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गाइिईईईईईईईईईईईईईईई....... धीईरए कर पागल......आआआआआआआआआआआआआआआअहह''

वो अपने घुटने ज़मीन पर लगाकर उसकी चूत चाट रहा था....
और उसके अंदर जीभ घुसाने के लिए सोनू ने उसकी टाँग उठाकर अपने कन्धे पर रख ली... 
सोनिया ने उसका सिर पकड़ लिया ताकि पीछे ना गिर जाए
और अब सोनू अपनी एक टाँग पर खड़ी नंगी बहन की चूत के अंदर अपनी 3 इंच की लंबी जीभ डालकर उसे बुरी तरह चाट रहा था....
खा रहा था....
स्मूच कर रहा था.... 
और उसके हर मूव पर सोनिया का पूरा शरीर लहरे खा रहा था.
''उम्म्म्ममममममममममममम.... खा जा इसे....... उम्म्म्ममममममममममम..... अंदर तक....... अहह .......सक माय क्लिट...ज़ोर से .....हाँ ....येसस्स....येस्स......आह मै तो गयी ...अह मै तो गयी रे......''

और ये कहते -2 उसना अपना सारा प्यार अपनी चूत के रास्ते उसके मुँह पर उडेल दिया.
चूत से निकला ताज़ा रस उसके पूरे चेहरे पर फैल गया... 
ऐसा लग रहा था जैसे संतरे का रस मुँह पर फेंक दिया हो किसी ने उसके...

और झड़ने के बाद आई कमज़ोरी की वजह से वो सूखे पत्ते की तरह लहरा कर नीचे गिरने लगी... 
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01-09-2019, 02:09 PM,
#52
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनू अपने कपड़ों की परवाह किए बिना ज़मीन पर लेट गया और अपनी बहन को अपने उपर लिटा लिया...

गहरी साँसे लेती हुई सोनिया को अपने भाई की ये बात बहुत अच्छी लगी....
उसने अपनी आँखे उपर करके सोनू को देखा और एक बार फिर से दोनो एक गहरी स्मूच में डूब गये... 
और इस बार किस्स से ज़्यादा वो उसके चेहरे पर लगा रस सॉफ करने में लगी थी, जो उसकी वजह से बाहर फेला था...

सोनू भी उसके नंगे बदन को अपने उपर लिटाकर उसके कठोर कूल्हे मसल रहा था...

कुछ देर बाद उसके चेहरे को पहले जैसा चमकाकर वो बोली : "भाई , नीचे चले क्या...अपने बेड पर...''

उसकी आँखो की चमक देखकर सॉफ अंदाज़ा लगाया जा सकता था की वो अंदर से कुछ ख़ास करने के लिए और अपने भाई को खुश करने के लिए कितनी बुरी तरह से तड़प रही है...

और ऐसे मे सोनू भला कौन होता था रोकने वाला...
उसने तुरंत सिर हिला कर अपनी हामी भर दी.

अब आने वाले पलों में उसके साथ क्या होने वाला था ये तो सिर्फ़ और सिर्फ़ सोनिया ही जानती थी.
सोनिया ने अपने सारे कपड़े अपने हाथों में समेट लिए, पर उन्हे पहना नही..

और सोनू से बोली : "तू एक काम कर, पहले नीचे जा , देख सब ठीक है ना...''

सोनू कुछ समझ नही पाया...
पर फिर भी धीरे से दरवाजे की कुण्डी खोलकर दबे पाँव नीचे उतर आया...
पूरे घर में शांति थी, नीचे झाँककर उसने चेक कर लिया की मॉम डेड का रूम भी बंद है...वो आराम से सो रहे थे.

वो वापिस उपर आया और सोनिया को इशारे से नीचे आने के लिए कहा.

उसने अभी तक कपड़े नही पहने थे.

और सोनू की तो आश्चर्य की सीमा नही रही जब वो ऐसे ही भागती हुई सी नीचे उतर गयी...
अपने सारे कपड़े हाथों में लेकर वो नंगी हिरनी की तरह भागकर अपने कमरे में घुस गयी.

सोनू तो उसकी इस हरकत को देखकर हैरान रह गया..क्या हिम्मत थी उसमें.

पर उसके हिलते चूतड़ और उछलते मोम्मे देखकर उसे मज़ा बहुत आया था.

और परिणाम ये हुआ की उसका लंड जो पहले से ही बड़ी मुश्किल से अड्जस्ट हो पाया था शॉर्ट्स में , वो अब बग़ावत पर उतर आया था.. ऐसी नर्म मुलायम गांड को चांदनी रात में मचलते देखकर भला किसका मन नही डोलेगा.

इसलिए नीचे जाते-2 सोनू ने भी अपने लंड को शॉर्ट्स से बाहर निकाल लिया और उसे मसलता हुआ सा नीचे उतर कर अपने रूम में आ गया... 
शायद अपनी बहन को देखकर उसमें भी थोड़ी हिम्मत आ गयी थी.

अंदर आते ही उसकी आँखे और लंड फिर से फैल गये..

सोनिया कमरे में नंगी खड़ी हुई थी 
अपने हाथ में पकड़े कपड़ों को उसने ज़मीन पर फेंक दिया था और उन्हे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे अभी-2 जबरदस्त चुदाई हुई है वहां पर...
उसकी पेंटी-ब्रा एक कोने में थे...
जेकेट एक तरफ पड़ी थी...
और नंगी सोनिया एक तरफ खड़ी हुई थी.
सोनू के हाथ में उसके लंड को देखकर वो मुस्कुरा दी और उसके करीब आई
सोनिया : "ओले ओले...मेले भाई को यहाँ प्राब्लम हो रही है...कोई बात नही...ये नर्स आ गयी है अब...सब ठीक कर दूँगी मैं ...''

इतना कहकर उसने अपनी लंबी उंगलियों का इस्तेमाल करके उसकी गोटियों समेत उसके पूरे लंड को अपने कब्ज़े में ले लिया... 
ऐसा लगा जैसे गालगोटिया कबाब पूरा पक कर तैयार था ...
और सोनिया ने देर की भी नही उसे खाने में ..
एक ही झटके में नीचे बैठी और उसकी शॉर्ट्स को नीचे करके उसके सुलग रहे गन्ने को मुँह में लेकर उसे चूसने लगी..



कभी दाँये से चूसती और कभी बाँये से...
कभी लंड को किसी बंदूक जैसे सोनू की तरफ तान कर उसकी बॉल्स को मुँह में भर लेती...

सोनिया अपने भाई को हर वो मज़ा देने में लगी थी जो उसके भाई ने अभी कुछ देर पहले उसे दिया था, छत्त पर.

और सोनू वो सब फील करके अलग ही दुनिया में पहुँच चुका था... 
उसे ऐसा फील हो रहा था जैसे वो हवा में उड़ रहा है और जन्नत की हूर उसकी बॉल्स को चाट रही है... 
ऐसी मस्ती से भरी फीलिंग उसे आज तक नही मिली थी.

सोनिया ने उसकी शॉर्ट्स को पूरा निकाल दिया...
और फिर खड़ी होकर उसकी टी शर्ट को भी..

अब वो भी सोनिया की तरह पूरा नंगा था.

आदम और हव्वा की तरह दोनो एक दूसरे को खा जाने वाली नज़रों से देख रहे थे... 
और फिर जैसे उनमें पागलपन सा आ गया और दोनो एक दूसरे को बुरी तरह से चूमने चाटने लगे..

सोनू तो उसके दोनो मुम्मों पर बुरी तरह से टूट पड़ा...
उन्हे एक बार फिर से मुँह में लेकर उसकी उत्तेजना और भी भड़क गयी..
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01-09-2019, 02:10 PM,
#53
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
दोनो एक दूसरे को चूमते-2 बेड पर जा गिरे... 
वहां भी वो धक्का मुक्की जारी रही...
दोनो बुरी तरह से हाँफ रहे थे..
एक दूसरे को चूम रहे थे...
मसल रहे थे.

और अचानक सोनू का फंनफनाता हुआ लंड सोनिया की चूत से जा टकराया... 
और एक पल के लिए जैसे पूरी दुनिया रुक सी गयी... 
दोनो की नज़रें एक दूसरे से टकराई.

और सोनिया ने बहकति हुई सी...
लड़खड़ाती हुई सी आवाज़ मे कहा : "अहह सोनू....म्*म्म्मममममममम.... वॉट ए फीलिंग.......भाईईईईईईई ..........उम्म्म्मममममममममम''

इतना कहकर उसने अचानक सोनू के लंड के चारों तरफ अपनी जांघों को कस कर शिकंजा बना लिया...

सोनू को तो लगा की वो उसे अपनी चूत में ले रही है, पर उसने सिर्फ उसे चूत के पास दबाया, और कुछ नही. 

और अब आलम ये था की सोनू का अकड़ा हुआ लंड उसकी संगमरमरी टाँगो के बीच फँसा हुआ, चूत से बुरी तरह लिपटा हुआ पड़ा था..

उसका लंड गले मिल रहा था अपनी बहन की चूत से 

सोनू की तो आवाज़ ही नही निकल रही थी... 
सोनिया की चूत से निकल रही भाप से उसका लंड झुलस सा रहा था...
पर उसकी चूत का मखमली स्पर्श उसे एक नये आनंद की अनुभूति भी करवा रहा था...
वो सोचने लगा की सिर्फ़ उसकी चूत के टच से उसके लंड का ये हाल है तो वो अगर चूत में घुस गया तो कैसा फील होगा....
ये सोचते हुए उसके दिमाग़ ने काम ही करना बंद कर दिया.

बेचारा चाह कर भी कुछ बोल नही पाया...

पर सोनिया के दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था... 
उसने जाँघो को धोड़ा ढीला छोड़ा और फिर अपनी कसी हुई चूत की फांको को उसके लंड पर रगड़ने लगी...
उपर से नीचे तक उसके लंड की मालिश करने लगी अपनी चूत से निकले देसी घी से.



और कुछ ही देर में जगह बनाते हुए सोनू के लंड का बाहरी हिस्सा उसकी चूत की अंदरूनी दरार में फंसकर घिसाई करवा रहा था...

ये एक ऐसी फीलिंग थी जिसका कोई और मुकाबला ही नही था..
कुछ ही देर में सोनू का लंड इतना अंदर धँस चुका था की उसे लंड की दीवारों पर अंदर से कुछ चुभता हुआ सा महसूस हुआ...
और वो थी सोनिया की कड़क क्लिट.

अपनी क्लिट के दाने पर गर्म लंड की घिसाई महसूस करते ही उसके अंदर भी एक नये ऑर्गॅज़म का निर्माण हो गया...
और वो दुगनी तेज़ी से उसके लंड पर अपनी चूत को रेती की तरह घिसने लगी...



आज सोनिया ने समझदारी से काम लेकर अपने रिश्तों को पूरी तरह से बदलने से रोक लिया था... 
हालाँकि अंदर से सोनू शायद ये सोच चुका था की आज तो कुछ होकर रहेगा पर सोनिया ने ये तरीका निकालकर कम से कम अभी के लिए तो चुदाई को टाल ही दिया था.
पर आज ये जो भी हो रहा था, वो भी चुदाई से कम नही था...
दोनो को सीधा अपने लंड और चूत पर दबाव महसूस हो रहा था.

सोनू ने उसके कुल्हों पर हाथ रखकर उसे अपने लंड पर उपर नीचे करना शुरू कर दिया...
सोनिया भी अपना मुम्मा उसके मुँह में फँसाकर, अपने भाई के लंड के बाहरी हिस्से का आनंद लेती हुई, सिसकारियाँ मारते हुए घिसाई करती रही...

और अंत में वो पल भी आ ही गया जब सोनू से और सहन नही हुआ और उसने अपनी बहन की गर्म चूत के नाम अपनी जवानी का एक और फुव्वारा लिख दिया....
और वो फड़फड़ाते हुए, सोनिया की गर्म चूत के नीचे दबा हुआ, आग उगलने लगा..



एक के बाद एक कई पिचकारियाँ निकलकर उसके खुद के पेट पर आ गिरी...

और इसी बीच उसके लावे की गर्म हवा को महसूस करके उसकी चूत भी अपने चरम पर पहुँच गयी और उसमे से भी शहद से मीठा पानी निकल कर लंड पर लग गया...

ये एक ऐसा पल था जब दोनो की साँसे उखड़ी हुई थी, पर अंदर से दोनो को एक नये और संपूर्ण आनंद की प्राप्ति हुई थी...
सोनिया हाँफती हुई सी साइड में लुढक गयी और सोनू के लंड को अपने हाथ में लेकर उसके लंड के बचे हुए माल को दबा-दबाकर निकालने लगी...

और जब प्लेट पूरी सज गयी तो वो उसपर झुकी और अपनी गर्म जीभ से वो सारा माल किसी कुतिया की तरह चाटने लगी...
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01-09-2019, 02:10 PM,
#54
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनू उसके बालों में हाथ फेरता हुआ उसे अपने लंड तक ले गया और अपने मुरझाए हुए लंड को भी उसके मुँह में डालकर, उसे अच्छी तरह से सॉफ करवाकर, उसे वापिस अपनी तरफ खींच लिया... 

और एक बार फिर से दोनो भाई बहन एक गहरी स्मूच में डूब गये.

आज सोनिया उसी के बिस्तर पर सोई...
नंगी.
सोनू से लिपट कर 



जो शायद आज के बाद रोज़ होने वाला था... 

सोनू भी उसके गुलाभी होंठों को मुँह में लेकर तब तक चूसता रहा जब तक उसे नींद नही आ गयी...
सोते हुए भी दोनो के होंठ एक दूसरे में ही फँसे हुए थे...

आज की रात एक और कारनामा लिख गयी थी दोनो के रिश्तों में ...
आने वाले समय में और पता नही क्या-2 होने वाला था.
अगले दिन जब सोनू की नींद खुली तो सोनिया उसकी बाहों में नंगी पड़ी थी..

ये एक ऐसी फीलिंग थी जिसके लिए उसने ना जाने कैसे-2 सपने देखे थे... वो अक्सर सोचता था की जब उसकी शादी होगी तो अपनी बीबी की रोज मारा करेगा...दोनो नंगे सोया करेंगे... रात को जब भी नींद खुले , फिर से शुरू जो जाया करेगा... और मॉर्निंग में भी कभी वो अपनी बीबी को किस्स करके उठाएगा और कभी उसकी बीबी उसका लंड चूसकर उठाएगी..और एक बार फिर से मॉर्निंग सेशन किया करेंगे, पर ये तो शायद 8-10 साल के बाद होने वाला था..

और कल रात से जो हो रहा था,वो बिल्कुल वही था जो उसने अपने आने वाले वक़्त के लिए सोच रखा था...
फ़र्क सिर्फ़ इतना था की ये उसकी बहन थी और चुदाई के अलावा वो सब हो रहा था जो उसकी फेंटेसी थी.

बिस्तर से उठने के बाद सोनिया का नंगा बदन उपर से नीचे तक निहारते हुए सोनू का मॉर्निंग इरैक्शन अपनी चरम सीमा पर जा पहुंचा.

साली, ये लड़कियाँ नंगी होकर इतनी सैक्सी लगती है...फिर चाहे वो अपनी खुद की बहन ही क्यो ना हो.

**** नंगी सोनिया..

सोनू ने टाइम देखा, 7 बजने वाले थे...
मम्मी पापा अभी सो रहे होंगे...
इसलिए उसने अभी सोनिया को उठाना सही नही समझा...
फ्रेश होकर, स्कूल के लिए तैयार होकर उसने सोनिया को उठाया..ताकि मम्मी उसे ऐसे नंगा सोते हुए ना देख सके.

सोनिया ने एक मादक सी अंगड़ाई लेते हुए अपनी आँखे खोली, सोनू को अपनी तरफ खींच कर उसे गुड मॉर्निंग क़िस्सी दी और फिर ऐसे ही नंगी भागती हुई वो बाथरूम में घुस गयी.

सोनू भी नाश्ता करके स्कूल आ गया.. 
आज तनवी से कुछ ख़ास बात नही हुई, सिर्फ़ साक्षी ही उसके आगे-पीछे मंडराती रही, आख़िर शाम को उसके साथ शादी के फंक्शन में भी तो जाना था.

स्कूल से जाते हुए साक्षी ने उसे सब समझा दिया... 
कार इंतजाम सोनू ने कर लिया,सोनू ने अपनी मोम को पहले ही बोल दिया था की उसके एक फ्रेंड के भाई की शादी है, इसलिए गाड़ी ले जाने में उसे कोई दिक्कत नही थी..

सोनू ने ब्लॅक कलर का सूट पहना, अपनी मोम की स्विफ्ट उठाई और चल दिया साक्षी के घर की तरफ... 

पिंक कलर की सैक्सी सी साड़ी में वो कमाल लग रही थी
साक्षी को पिक करके वो दोनो शादी में पहुँच गये..
वो दोनो सीधा शादी के वेन्यू में ही पहुँच गये..
शादी एक फार्म हाउस में थी... 
काफ़ी शानदार थी वो.. 
साक्षी और सोनू तो दूल्हे वालों की तरफ से आए थे और बारात अभी पहुँची नही थी.

दोनो अंदर जाकर बैठ गये, साक्षी किसी लवर की तरह उससे चिपक कर बैठी थी...
सोनू को उसके बदन से आ रही पर्फ्यूम की महक परेशान कर रही थी...उपर से उसने जो साड़ी पहनी हुई थी, उसमें से दिख रही उसकी क्लिवेज भी कमाल की थी... 
माहौल में थोड़ी ठंडक थी, पर लगभग सभी लड़कियाँ और औरतों ने साड़ी ही पहन रखी थी... 
उनके ठिठुर रहे बदन को देखकर सोनू मन ही मन हंस भी रहा था की फेशन करने की होड़ में ठंड की कोई परवाह ही नही है इन्हे..

कुछ ही देर में बारात आ गयी... मिलनी वगेरह करवाने के बाद दूल्हा और परिवार के लोग अंदर आ गये...साक्षी की दोस्त चाँदनी ने जब उन्हे देखा तो भागती हुई सी उनकी तरफ आ गयी..

और उसे अपनी तरफ भागता हुआ आता देखकर और उसकी उछल रही छातियों को देखकर सोनू को ऐसा लग रहा था जैसे बेवॉच का कोई सीन देख रहा है..

दूल्हे की बहन थी वो, इसलिए कुछ अलग ही तरीके से सजी हुई थी... भारी भरकम लहँगा पहना था उसने...और उपर थी उसकी सेक्सी चोली, जो की बेकलेस थी... 
सॉफ पता चल रहा था की उसने अंदर ब्रा नही पहनी हुई..
और उपर से उसके मुममे इतने बड़े थे की ऐसा लग रहा था जैसे दो स्माल साइज़ की फूटबाल्स लेके घूम रही है वो.
पास आकर साक्षी ने उसका परिचय सोनू से करवाया...
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01-09-2019, 02:10 PM,
#55
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
चाँदनी ने उसे उपर से नीचे तक निहारा और बोली : "वाव...साक्षी...ही इस टू हॉट...''

इतना कहकर वो बिना किसी वॉर्निंग के सोनू से लिपट गयी...
सोनू का हाथ अपने आप उसकी लचीली कमर पर आ लगा...
एकदम ठंडी और चिकनी थी वो.

गले लगने के बाद वो साक्षी से बोली : "यार...इसे छोड़ने का मन ही नही कर रहा ... ठंड काफ़ी है ना...''

उसकी बात सुनकर सोनू और साक्षी दोनो हंस दिए... 
पर सोनू उसके गले लगने के तरीके से ही समझ चुका था की वो चालू माल है.वो जान बूझकर अपनी छातियाँ उसके सीने से रगड़ रही थी.

कुछ देर उनके साथ बैठने के बाद वो स्टेज पर चली गयी.

साक्षी : "तो मिस्टर, कैसी लगी मेरी सहेली...?''

सोनू : "सही है...''

साक्षी : "सिर्फ़ सही....तुम्हे पता भी है, उसे देखकर मैं कितनी जेलस फील करती थी...वो मुझसे सुंदर थी, उसके बूब्स मेरे से ज़्यादा बड़े थे...और है भी.. उसके पीछे हमेशा लड़कों की लाइन लगी रहती थी...और वो तुम्हे सिर्फ़ सही लगी...कम ओंन सोनू...बताओ मुझे....मुझे बिल्कुल भी बुरा नही लगेगा...''

सोनू शरमाते हुए : "या....आई मीन...जो तुम कह रही हो वो सब ठीक है...एंड ...शी इस हॉट...''

साक्षी उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दी...
और बोली : "मैं ये सब इसलिए कह रही हूँ ताकि तुम्हे ये बता सकू की मैं और गर्लफ्रेंड्स की तरह नही हूँ जो तुमपर अपना अधिकार समझ कर सिर्फ़ अपने लिए ही रखू...हमारी रिलेशन्षिप ओपन होनी चाहिए...अगर तुम्हे कोई और भी पसंद आती है तो तुम उसके साथ कुछ भी करो, मुझे कोई प्राब्लम नही होगी...''

साक्षी ने 'सब कुछ' पर कुछ ज़्यादा ही ज़ोर डाला था.. 
सोनू की तो नसों मे गर्म खून दौड़ गया ये सुनकर, पहले तो उसे विश्वास ही नही हुआ..पर फिर उसने ये आज़माने की सोची और बोला : "ओके ...ईट मीन्स अगर मैं तुम्हारी इस फ्रेंड के साथ...कुछ करू, तो तुम्हे बुरा नही लगेगा...''

साक्षी मुस्कुराइ और बोली : "तुम एक नंबर के हरामी हो...मुझे पता था तुम चाँदनी के बारे में ही बोलॉगे सबसे पहले...''

सोनू : "अब तुमने ऑफर ही इतना बढ़िया दिया की जो सामने आया मैने उसी के बारे में बोल दिया...''

साक्षी : "आई नो...वैसे वो भी तुम्हे लाइक करती है, मैने उसे तुम्हारी पीक भेजी थी, तभी तो उसने तुम्हे यहां बुलाने के लिए इतना ज़ोर दिया और अभी कुछ देर पहले उसे गले लगाकर तुम समझ ही गये होगे की उसके अंदर क्या चल रहा था..''

सोनू समझ गया की आज उसके साथ कुछ स्पेशल होने वाला है..

साक्षी : "पर इसका मतलब ये नही है की तुम मुझे भूल ही जाओगे...तुम चाहे किसी के साथ भी कुछ भी करो, बट मेरे साथ तुम्हे डबल ड्यूटी लगानी पड़ेगी...समझे मिस्टर सैक्सी..''

इतना कहते हुए उसने भरी महफ़िल में धीरे से उसके होंठों पर किस कर दिया...
वो तो शुक्र था की वो एक कोने में बैठे थे, किसी ने देखा नही, वरना ऐसे शादी के माहौल में ये सब करना कितना ग़लत समझा जाता..

किस्स करने के बाद वो बोली : "तुम यहीं रूको, मैं तुम्हारे लिए कुछ करती हूँ .''

इतना कहते हुए वो स्टेज की तरफ चली गयी...और सोनू ने देखा की वो चाँदनी के कानों मे कुछ कह रही है...दोनो में कुछ बातें हुई और फिर उसने देखा की चाँदनी अकेली ही उसकी तरफ आ रही है.

सोनू का दिल धड़क गया...वो पास आई और बोली : "मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए, मुझे अर्जेंट्ली 'लू' जाना है...प्लीज़ चलो मेरे साथ...''

सोनू का बुरा सा मुँह बन गया ''लू'' वर्ड सुनकर... 
लू तो साक्षी भी जा सकती थी उसके साथ..उसने स्टेज पर खड़ी साक्षी की तरफ देखा, जो इस वक़्त चाँदनी की मोम से बाते कर रही थी...उसने दूर से ही इशारा करके उसे चाँदनी के साथ जाने के लिए कहा...वो समझ गया की उन दोनो का ही प्लान है ये.

वो चुपचाप चाँदनी के साथ चल दिया..

रिज़ॉर्ट में ही फैमिली वालों ने अपने लिए रूम्स बुक किए हुए थे, चाँदनी के पास एक रूम की चाभी थी, वो सोनू को लेकर टेंट के पिछले हिस्से में बने 4 स्टार होटल जैसे रिज़ॉर्ट में ले गयी... 
उसकी चाल देखकर ही सोनू उसकी भारी भरकम गांड का अंदाज़ा लगाने की कोशिश कर रहा था...
उसके मन में सवाल उठ रहे थे की क्या वो आज इन्हे मसल पाएगा...

अंदर जाते ही चाँदनी ने दरवाजा बंद कर दिया..
बहुत ही शानदार कमरा था..
वो भागती हुई सी बाथरूम में घुस गयी और सोनू सोफे पर जाकर बैठ गया..
उसने साइड में रखा फ्रिज खोलकर देखा तो उसमें पानी, कोल्ड ड्रिंक और बियर की बॉटल्स थी...

तभी चाँदनी बाहर आ गयी...उसके चेहरे के एक्स्प्रेशन को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कोई शेरनी अपने शिकार को देखती है..
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01-09-2019, 02:10 PM,
#56
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनू उठ खड़ा हुआ तो वो उसके करीब आई और उसके कंधों पर हाथ रखकर बोली : "थोड़ी देर बैठो तो ज़रा...इतनी जल्दी क्या है...''
सोनू मुस्कुराता हुआ वापिस सोफे पर बैठ गया...
चाँदनी की नाभि अब ठीक उसके चेहरे के सामने थी...गोरे चिट्टे पेट पर अंदर की तरफ धँसी हुई नाभि बड़ी ही सेक्सी लग रही थी..
सोनू तो उसे देखकर मंत्रमुग्ध सा हो गया..

चाँदी ने उसे जब अपना पेट घूरते देखा तो बोली : "पसंद आई ये तुम्हे...''

सोनू : "उम्म....क...क्या...?''

चाँदनी थोड़ा और करीब आई और बोली : "ये...मेरी नेवल...पसंद आई क्या तुम्हे...?''

सोनू : "ह्ममम ...हाँ ....''

उसके इतना कहने की देर थी की उसने सोनू का सर पकड़ा और अपना पेट उसपर रखकर ज़ोर से दबा दिया...

और खुद ही सीसीया उठी

''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स......अहह....''

सोनू तो जैसे किसी जन्नत में पहुँच गया... इतनी मुलायम, इतनी सेक्सी....इतनी उत्तेजक नाभि उसने आज से पहले नही देखी थी...ऐसा लग रहा था जैसे अंदर से कोई अरोमा निकल कर उसकी नाक में समा रहा है.

उसने अपनी जीभ निकाल ली और सडप -2 करके वो उसके पेट की मलाई खाने लगा...

सोनू की गीली जीभ का स्पर्श पाकर वो और भी ज़्यादा उत्तेजक हो गयी...
और जब सोनू ने अपनी जीभ उसकी नाभि में डाली तो वो उसके सिर को पकड़ कर ऐसे आगे पीछे करने लगी जैसे उसकी जीभ से अपना पेट चुदवा रही हो..

और साथ-2 गर्म साँसों से उसके मुँह से भी म्यूसिक निकल रहा था...

''उम्म्म्ममममममम....उफफफ्फ़ सोनू.......यू आर किलिंग मिईीईईई....आआआआआआअहह''
और करीब 5 मिनट तक उसके पेट की मलाई को चाटने के बाद जब वो साँस लेने के लिए अलग हुआ तो उसका चेहरा लाल हो चुका था...
उसने चाँदनी को देखा, वो भी उत्तेजना के मारे थर -2 काँप रही थी...
सॉफ पता चल रहा था की उसके अंदर एक तूफान जन्म ले चुका है...

और आज की रात ये तूफान वो करवाने वाला था सोनू से, जो उसने आज तक नही किया था.
चाँदनी का पूरा शरीर सागर की लहरो जैसे उपर नीचे हो रहा था...ख़ासकर उसकी छातियाँ..

सोनू की नज़रें जब उसकी उठती गिरती छातियों पर गयी तो वो तड़प भरी आवाज़ में बोली : "अब क्या देख रहे हो तुम....''

अब तो सोनू भी उसका खेल समझ चुका था... 

वो उसकी शराबी आँखो में देखता हुआ बोला : "तुम्हारे बूब्स....''

वो फिर से कांपती हुई आवाज़ में बोली : "पसंद आए क्या ये तुम्हे ...?''

सोनू : "हां ....बहुत....''

जैसा चाँदनी ने पिछली बार किया था, वैसा ही उसने इस बार भी किया...

वो आगे आई और सोनू के चेहरे को अपनी छातियों में दबा कर भींच लिया...

नर्म तकिये जैसा एहसास हुआ सोनू को... 
पॉलीफिल फ़ैसी नर्म छातियों ने उसके चेहरे को दबाकर एक अलग ही दुनिया में पहुँचा दिया.

सोनू के हाथ उसकी नंगी पीठ पर घूम रहे थे...और तभी उसके हाथ में उसकी चोली की डोरी आ गयी.

चाँदनी उसके कान में फुसफुसाई : "खींच दो इसे...''

सोनू तो पहले भी यही करने वाला था
चाँदनी के कहने की देर थी और उसने डोरी को खींच दिया... 
एक ही गाँठ लगी हुई थी पीछे, जिसने उसकी चोली को बाँधकर उसके जोबन को संभाला हुआ था..

और डोरी खुलते ही उसकी चोली ढलक कर नीचे गिरने को हो गयी...पर उसके हिम पर्वत ज्यों के त्यों खड़े रहे.

फिर उसने धीरे-2 अपनी चोली खुद ही निकाल दी...और फिर जो सोनू ने देखा, शायद ही किसी ब्लू फिल्म में भी देखने को मिले...

इतने गोरे-चिट्टे और बड़े मुममे ठीक उसकी आँखो के सामने थे...

और उनपर लगे हुए लाल रंग के अनार दाने तो कमाल के थे...
कुल मिलाकर उसकी छातियाँ किसी धमाल से कम नही थी...
चाँदनी ने उसके हाथ पकड़कर अपनी छातियों पर रख दिए और कसमसाकर बोली : "कैसे लगे ये....ह्म्म्म .....बोलो ना....''

अब ये भी कोई पूछने वाली बात थी
वो खुद जानती थी की उसके जैसे बूब्स शायद ही किसी और लड़की के होंगे
पर शायद वो ऐसा पूछकर अपनी तारीफ सुनना चाहती थी.
और सोनू ने तारीफ की भी...

और वो भी दिल खोलकर..दोनो हाथों से

उसने अपने हाथ उनपर रखे और हाथ के अंगूठों से उसके अनार दानों को कुरेदने लगा.. 
वो तो पहले ही अपने पूरे आकार में आ चुके थे, पर सोनू के इस सेंसुअल टच से वो और ज्यादा निखर कर बाहर आ गये.
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01-09-2019, 02:10 PM,
#57
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
चाँदनी उसकी कलाकारी को देखकर कसमसाने के सिवा कुछ और कर ही नहीं पाई.

उसने अपने पंजों को उसने नर्म मुलायम छातियों पर दबाया और उन्हे ज़ोर-2 से दबाने लगा....
ऐसा लग रहा था जैसे पानी से भरे रबड़ के गुब्बारे को भींच रहा है वो...
सोनू जितनी ज़ोर से उन्हे भींचता, चाँदनी को उतना ही मज़ा मिलता...
और वो उतनी ही ज़ोर से चिल्लाती...

''आआआआआआआआआआहह.......उऊऊऊ फकककर.......अहह......खा जाओ इन्हे.....सोनू.....अहह........बाइट मीssssईsssssss........... सक इट......... फील इट ....आआआआआआआहह''

फिर तो सोनू टूट ही पड़ा अपने दाँत लेकर उनपर.... 
अपने दांतो के नीचे जब उसने उसके पफ़्फ़ी से निप्पल्स को दबोचा तो वो अपने पंजों पर खड़ी होकर उसके मुँह से उन्हे निकालने की कोशिश करने लगी... 
पर सोनू पर तो जैसे उन अंगूर के दानो का नशा चढ़ चुका था..
उन्हे दाँतों से दबाने के बाद उसे ऐसा एहसास हुआ जैसे शराब की बूंदे निकल कर उसके मुँह में आ गयी है... 
बस, फिर तो चाँदनी की लाख कोशिशों के बाद भी उन्हे छोड़ने पर राज़ी नही हुआ वो..
और आख़िर में जब उन्हे छोड़ा तो उसकी साँसे फूल चुकी थी...
शायद चूसने के चक्कर में साँस लेना भी भूल गया था सोनू.

चाँदनी ने उसके चेहरे को उपर किया और उसके होंठों पर होंठ लगाकर उसे ऑक्सिजन देने लगी...

दोनो एक दूसरे के होंठों को बुरी तरह चूस रहे थे.... 
चाँदनी के बूब्स से भी सॉफ्ट थे उसके होंठ... 
और एकदम स्ट्रॉबेरी जैसे मीठे... 
वो काफ़ी देर तक उन्हे चूसता रहा और अपने हाथों से उसकी कड़क और मोटी गांड को भी दबा रहा था वो...

चाँदनी ने किस्स तोड़ी और उसकी आँखो में देखते हुए बोली : "ये भी पसंद है तुम्हे...?''

वो अपनी गांड की बात कर रही थी, जिसे सोनू बुरी तरह से मसलने में लगा था...

सोनू बेचारा हकला कर रह गया उसे जवाब देते हुए : "ह ...हन....हन....हाँ... ''
शायद उसे पता था की वो आगे क्या करेगी...
और वही हुआ...
जैसा उसने सोचा था...

वो पलटकर अपनी गांड उसकी तरफ घुमा कर खड़ी हो गयी और उसे पीछे करते हुए उसने सोनू के चेहरे से छुवा दिया और अपने हाथ पीछे करते हुए चाँदनी ने उसके चेहरे को पकड़कर ज़ोर से अपनी गांड में दबा कर भींच लिया..

सोनू के लिए ये एहसास थोड़ा अलग था...
उसकी गांड थोड़ी सख़्त थी, पर मुलायम भी थी... 
उसके बूब्स का एहसास पिल्लो जैसा था तो गांड का एहसास रज़ाई जैसा लगा उसे...
थोड़ी और बड़ी...
थोड़ी और सख़्त..
पर नर्म और गर्म उतनी ही.

वो अपना चेहरा उसपर रगड़ ही रहा था की उसके चेहरे और गांड के बीच का परदा नीचे गिर गया...

चाँदनी ने अपने लहंगे का नाडा खोल दिया था, और वो भारी लहँगा एकदम से नीचे आ गिरा...
सोनू के होंठ उसके नर्म चूतड़ों पर आ लगे...
उसने एक ट्रांसपेरेंट थोंग पहना हुआ था...
आगे की तरफ एक पेच था और पीछे की डोरी गांड की गहराई में धँसी हुई थी.

वो घूम कर उसकी तरफ खड़ी हो गयी, और अपने बूब्स को उछाल कर सोनू को दिखाने लगी
इस वक़्त वो सिर्फ़ एक छोटी सी पारदर्शी कच्छी में खड़ी थी उसके सामने... 
और दूसरी तरफ सोनू अभी तक सूट बूट में बैठा हुआ था ..

चाँदनी ने उसके हाथ पकड़ कर अपनी थोंग के दोनो तरफ लगाए और उसका साथ देते हुए उसने वो एकमात्र कपड़ा भी अपने जिस्म से अलग कर दिया... 
धीरे-2 वो रेशमी पेंटी उसकी मखमली टाँगों से फिसलकर नीचे जा गिरी..
और अब वो उसके सामने पूरी की पूरी नंगी खड़ी थी..

हालाँकि उसकी कमसिन बहन सोनिया के सामने वो कुछ भी नही थी, पर नंगी होने के बाद हर लड़की खूबसूरत ही लगती है..

इसलिए सोनू भी इस वक़्त उस चाँदनी के बदन की दमकती रोशनी में खो सा चुका था... 

और जब वो उसकी तरफ पलटी तो एक पल के लिए वो साँस लेना भी भूल गया उसके नंगे बदन को देखकर..

अभी कुछ देर पहले ही वो उससे पहली बार मिला था और अब वो उसके सामने इस तरह से नंगी खड़ी थी
इसका मतलब सॉफ था
वो अपने भाई की शादी पर मिले इस मौके को पूरी तरह से एंजाय करना चाहती थी.
सोनू की नज़रें एक बार फिर उसके बूब्स और सपाट पेट से होती हुई नीचे आने लगी...
और अब उसने पहली बार उसकी नंगी चूत को देखा... 
जो एकदम सफाचट थी... 
शादी उसके भाई की थी पर तैयारी उसने कर रखी थी चुदने की.
उसकी चूत के चेहरे पर चमक रही बूंदे देखकर सोनू के मुँह में पानी आ गया..

वो फिर बोली : "ये पसंद आई तुम्हे....''

सोनू ने मुस्कुराते हुए एक बार फिर से हाँ कर दी...

बस, फिर क्या था..
चाँदनी ने उसे बेड पर धक्का दिया और कूदकर उसके उपर चढ़ गयी... 
और सीधा आकर वो उसके मुँह पर बैठ गयी....
और अपनी चूत के नर्म होंठों को उसके होंठों पर रगड़ते हुए बोली : "देन....सक मीssss ......चूसो मुझे.....चाटो ......ज़ोर से....आहह....''
सोनू तो अब इस कला में पूरी तरह से पारंगत हो चुका था...
इसलिए एक और नयी चूत को मुँह में लेकर जब उसने उसे चुभलाना शुरू किया तो वो ऐसे मचलने लगी जैसे उसकी चूत में किसी ने बिजली की नंगी तार डालकर बटन ओंन कर दिया हो...

उसके मचल रहे जिस्म और मुँह से निकलती आवाज़ों को सुनकर सॉफ पता चल रहा था की उसके अंदर उसकी लाइफ के बड़े ओर्गास्म का निर्माण हो रहा है....

''आआआआआआआआआआहह उउ सकर.....आआआआआहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...... यू आर सोओ गुडssssss ..... सोनू....... ज़ोर से चाटो ...इसे..... साक्षी सही कहती है, तुम्हारे लिप्स में जादू है.....अहह...... ऐसे ही सक करो.....मुझे.....अहह... ज़ोर से...........''

और इतना कहते-2 अचानक उसका पूरा शरीर काँपने सा लगा... 
जैसे उसके अंदर कोई सूनामी आ गयी हो... 
और वो सूनामी उसकी चूत के रास्ते बाहर निकल आई. 

''आआआआआआआआआआहह सोनू......................आई एम कमिंग...आई एम कमिंग...''

एक जोरदार आवाज़ के साथ उसकी पुसी से ढेर सारा रज्ज निकल कर सोनू के चेहरे को भिगो गया....

और वो थर -2 कांपती हुई सी साइड में गिरकर गहरी साँसे लेने लगी..

अब आलम ये था की 
सोनू अभी तक पूरे कपड़ों में 
बेड पर लेटा हुआ था 
और उसका लंड पूरा खड़ा था...
जबकि चाँदनी... 
पूरी नंगी होकर...........
झड़कर..............................
अपने मज़े लेकर......................
एक तरफ लुढक चुकी थी.
और बड़ी ही प्यार भरी नजरों से उसे देख रही थी
पर इसका मतलब ये नही था की उसे सोनू की चिंता नही थी. 
अभी भी उसके पास काफ़ी टाइम था....

अपनी साँसों को काबू में करने के बाद वो साँप की तरह सरक कर उसके करीब आई और उससे लिपट कर उसके चेहरे पर लगे अपनी ही चूत के रस को अपनी जीभ से सॉफ करके निगलने लगी...

और सोनू के चेहरे को अच्छी तरह चमकाने के बाद चाँदनी ने तिरछी नज़र से उसके लंड की तरफ देखा...

सोनू उसी के अंदाज में बोला : "पसंद है क्या वो तुम्हे....ह्म्म्म्मम बोलो''

जवाब में चाँदनी मुस्कुरा दी.... 
एक बार फिर से वो खेल शुरू होने वाला था.
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01-09-2019, 02:10 PM,
#58
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
चाँदनी के हाथ किसी नाग के फन की तरह सरककर उसके लंड पर आकर जम गये, और उसने उसकी पेंट के उपर से ही लंड को अपने कब्ज़े में ले लिया..
हालाँकि वो काफ़ी बड़ा था पर फिर भी उसकी पकड़ में काफ़ी ताक़त थी जिसकी वजह से सोनू लेटा-2 मचलने लगा..

चाँदनी ने उसके गालों को अपने दाँतों से काट लिया और उसके कानों में जीभ डालकर धीरे से बोली : "दर्द हो रहा है...?''

सोनू ने हाँ में गर्दन हिलाई...

चाँदनी : "अभी इस दर्द को मज़े में बदल देती हूँ ...''

इतना कहकर वो उसकी छाती, पेट और कमर को चूमती-2 नीचे आई और अपने होंठों से उसने पेंट के उपर से ही उसके लंड को किस्स कर दिया...

सोनू सीसीया उठा.

चाँदनी ने उसकी बेल्ट खोलकर उसकी पेंट को नीचे खिसका दिया, ब्लेक कलर के बॉक्सर में उसका लंड हाहाकार मचा रहा था..

चाँदनी ने ख़तरनाक तरीके से अपने दाँत कटकटाए और उसके बॉक्सर को खींचकर निकाल दिया...
उपर के कपड़ों को सोनू ने खुद निकाल फेंका...
अब सोनू का नंगा बदन चाँदनी के नंगे बदन की चाँदनी में पूरा नहा रहा था.

सोनू को पता था की उसके लंड को देखकर चाँदनी डिसअपोइंट नही होगी
और हुआ भी वैसा ही...

चाँदनी की आँखे चमक उठी..और वो बोली : "वाव...इट्स सो बिग सोनू...आई लव इट...''

इतना कहकर उसने एक जोरदार चुम्मा उसके लंड पर जड़ दिया...
उसके गीले होंठों को लंड पर महसूस करते ही सोनू कराह उठा.

''उम्म्म्मममममम......मार ही डालगी तुम तो मुझे...''

चाँदनी ने शरारत भरी नज़रों से उसे देखा और बोली : "ऐसे लंड रोज थोड़े ही मिलते है...इसे तो मैं कच्चा खा जाउंगी आज...''

और इतना कहते हुए उसने सोनू की आँखों में देखते -2 उसके लंड को अंदर निगलना शुरू कर दिया... 
भले ही छोटा सा मुँह था उसका पर स्किल्स कमाल के थे उसमें...
एक-2 इंच करके वो सोनू के 7 इंची लंड को पूरा निगल गयी..




चाँदनी ने उसके लंड को बाहर निकाला और बोली : "उम्म्म्ममममममममम.... सोनू....आई लव द हाइजेनिक स्मेल...... यू आर टूऊऊऊ गुड......''

सोनू की तो आदत थी, रोज नहाते वक़्त वो अपने लंड को अच्छे से शावर जेल से रगड़ता था, इसलिए उसमें से इस तरह की खुश्बू का आना तो स्वाभाविक ही था..

उसने मुस्कुराते हुए अपनी बॉल्स को उसके मुँह में ठूस दिया...
और चाँदनी ने उन्हे भी ठीक वैसे ही चूसा, जैसे वो उसके लंड को चूस रही थी.



एक बात तो मानने वाली थी, लंड वो कमाल का चूस रही थी.
सोनू क्या हर लड़का खुश हो जाता है जब उसकी गर्लफ्रेंड लंड को कुलफी की तरह अंदर निगलते हुए चूसती है... 
सोनू तो अपनी गांड हवा में उठाकर अपनी लंड चुस्वाई का मज़ा ले रहा था.


उसके लंड को अच्छे से गीला करके चाँदनी उछलकर उसके उपर आ गयी....

इससे पहले की सोनू कुछ समझ पाता, चाँदनी ने उसके लंड को पकड़ा और अपनी चूत के मुहाने पर रख दिया...
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01-09-2019, 02:10 PM,
#59
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनू का पूरा शरीर झनझना उठा इस ख़याल से की वो अपनी चूत मरवाने की तैयारी कर रही है उससे... 
और ये ख़याल आते ही ना जाने क्या हुआ सोनू को की उसने अपने लंड को पकड़ कर साइड में कर लिया...

चाँदनी के चेहरे पर हैरानी के भाव आ गये..

वो बोली : "हे...क्या हुआ....सब ठीक है ना...''

पर सोनू के दिमाग़ मे कुछ और ही चल रहा था... 
वो चाँदनी से नज़रें ही नही मिला रहा था.

चाँदनी : "क्या हुआ तुम्हे अचानक...लास्ट मूमेंट पर आकर ऐसा मत करो प्लीज़....डू इट नाउ ... आई एम बर्निंग फ्रॉम इनसाइड...''

उसके बदन की आग उसके चेहरे पर सॉफ झलक रही थी...
सोनू : "आई...आई एम सॉरी चाँदनी...बट ...बट मैं ये नही कर सकता....''

चाँदनी का मुँह खुला रह गया ये सुनकर
वो बोली : "यू मीन्स फकिंग...ओह्ह गॉड ... व्हाई.... ऐसा क्यों ..?? ''

सोनू : "वो..वो मैं.. आई एम् स्टिल वर्जिन .... एन्ड ये फर्स्ट टाइम...मैं किसी ख़ास के लिए बचा कर रखना चाहता हूँ''

हालाँकि इस वक़्त सोनू को भी पता नही था की वो ख़ास कौन है उसके हिसाब से... 
सोनिया, साक्षी या तनवी...
पर कम से कम वो पहली ही बार में चाँदनी को अपने लंड की पहली बौछार से नहलाना नही चाहता था.

चाँदनी भी शायद उसकी बात समझ गयी थी...
वो पप्पी फेस बना कर बोली : "ओले ओले.... शो स्वीट ...योर स्पेशल वन इस वेरी लक्की ...वरना ऐसी हालत में आकर तो कोई भी लड़का ना रुके...''

बात तो सही थी, पर सोनू उत्तेजना में बहकर इस वक़्त ये ग़लती नही करना चाहता था.

चाँदनी ने उसके होंठों को चूमा और बोली : "ओके , ठीक है, मान ली तुम्हारी बात...पर आज के लिए मेरा तो दिल ना तोड़ो...''

सोनू : "पुस्सी फकिंग के अलावा कुछ भी करवा लो..बंदा हाजिर है...''

उसके कॉन्फिडेंस को देखकर वो बोली : "ओके देन, वॉट अबाउट ऐस्स फकिंग..''

ऐस्स फकिंग यानी गांड मराई.... 
ये सुनते ही सोनू की आँखे फिर से फैल गयी...

चाँदनी : "देखो डार्लिंग...ऐसे तो मैं तुम्हे आज छोड़ने वाली नही हूँ ...सो जस्ट फक्क माय ऐस्स एंड ऐसा करने से तुम्हारी पुस्सी फकिंग करने की वर्जिनिटी भी सलामत रहेगी और मेरी प्यास भी बुझ जाएगी...''

सोनू सोचने लगा की बात तो वो सही कह रही थी... 
इस बारे में तो उसने आज तक सोचा ही नही था.

उसके लंड में फिर से तनाव आता देखकर वो बोली : " मतलब मैं हाँ समझू ...''

सोनू मुस्कुराया और उसने हाँ में सिर हिलाया 
फिर बोला : "चलो ठीक है, मान ली तुम्हारी बात भी...मैं तैयार हूँ .पर ये अभी पूरा तैयार नही हुआ है...'

उसने लंड की तरफ इशारा किया..

चाँदनी अपने मोटे मुममे उसकी छाती पर रगड़ते हुए बोली : "अर्रे, इसे तो मैं एक मिनट में तैयार कर दूँगी...''

इतना कहते हुए उसने फिर से सोनू के लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया...



और जल्द ही वो फिर से फुफकारते हुए तैयार हो गया...

चाँदनी बेड पर ओंधी होकर घोड़ी बन गयी और सोनु से बोली : "चल , आजा मेरे शेर...आज अपने लंड का कमाल दिखा अंदर डाल कर...''

अब तक तो सोनू भी जान चुका था की चाँदनी अच्छे से खेली खाई लड़की है, अपनी चूत के साथ-2 गांड भी मरवा चुकी है वो पहले से...

सोनू उठा और अपने लंड पर ढेर सारी थूक मलकर उसने उसे चाँदनी की गांड के छेद पर रख दिया और ज़ोर से धक्का मारा..

चाँदनी चिल्ला पड़ी और बोली : "आआआआआआहह धीरे मेरे शेर...धीरे.... ये गोल छेद है, पुस्सी की तरह फैला हुआ नही...ये थोड़ा टाइट होता है...और मज़ा भी दुगना मिलता है....''

सोनू उसके द्वारा समझाई हुई परिभाषा समझ गया और अगली बार उसने ज़ोर से धक्का देने की बजाए धीरे-2 अपने लंड को उसकी गांड में उतारा... 

सोनू का लोड्*ा इंच ब इंच अंदर जाने लगा...
और हर इंच के साथ चाँदनी की हालत पतली होती जा रही थी...
शायद अपनी गांड में पहली बार इतना मोटा बंबू ले रही थी वो..



''उम्म्म्ममममममममममममममममममम...... ओह्ह्ह बैबी....... वॉट ए कॉक...... इट्स टू बिग एंड थिक्क...... ओह ययाआआआआआआअ........ पूरा डाल दो अंदर..... फाड़ दो मेरी गांड को....आआआआआआआअहह ओह्ह गॉड .... इट्स फीलिंग टू गुड..''
वो खुद ही अपनी फेली हुई गांड को आगे पीछे करने लगी... 
सोनू तो घुटनो पर खड़ा हुआ बस उसके नंगे बदन की थिरकन को देखता रह गया...

ये पहला एहसास था उसकी लाइफ का, जब उसका लंड इस तरह से किसी लड़की के अंग में फँसा हुआ था... 
हालाँकि उसने शुरूवात उल्टी की थी
लोग पहले चूत मारते है और फिर बाद में गांड, सोनू ने अपनी लाइफ में चुदाई की शुरूवात गांड से की थी, आगे चलकर वो क्या-2 करने वाला था इसका शायद उसे भी अंदाज़ा नही था.

पर ये लंड को अंदर डालने की फीलिंग उसे बहुत अच्छी लग रही थी, इसलिए उसने चाँदनी के गांड के दोनो पाटों को अपने हाथों में पकड़ा और अपना लंड पूरा अंदर धकेलते हुए ज़ोर-2 से उसकी गांड पेलने लगा..

''ओह्ह्ह याआआआआ... यसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऐसे ही करो.....अहह यु आर सो गुड.... आई लव इट..... ऐसी फीलिंग ....आज तक नही हुई ''
वो साथ ही साथ अपनी चूत की पंखुड़ियों को भी बुरी तरह से अपने हाथ से मसल रही थी... 
लंड की फीलिंग पीछे से लेकर वो उंगलियों से चूत रगड़ कर झड़ने के करीब पहुँच रही थी...

सोनू का लंड भी कभी भी पिचकारी मार सकता था... 

चाँदनी चिल्लाई : "बाहर मत निकाल लेना....अंदर ही निकालो अपना माल...अहह...... अंदर हि निकालो....''
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01-09-2019, 02:10 PM,
#60
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
अब ये बात तो सोनू भी जानता था की माल गांड के छेद में जाने से वो प्रेगञेन्ट नही होगी....
इसलिए उसने खुद ही अपने सारे घोड़े खुल्ले छोड़ दिए और उन्हे दौड़ाता हुआ उत्तेजना की चरम सीमा को लाँघकर , ऑर्गॅज़म का बाँध तोड़कर, उसकी नन्ही सी गांद के छेद में झड़ने लगा...

सोनू के लंड से निकले लावे की गर्मी में झुलसकर चाँदनी भी जल उठी, और जोरदार आवाज़ें निकालती हुई वो भी झड़ने लगी..

''आआआआआआआआआआहह ओह माई गॉड ......... ओह माय गॉड ...... यू फकिंग बीस्ट..... यू आर सोओ गुड ...... अहह वॉट ए फकिंग.......''

पूरी तरह से शांत होने के बाद पक्क की आवाज़ के साथ जब सोनू ने अपना लंड बाहर निकाला तो उसके लंड के साथ-2 ढेर सारा सफेद और गाड़ा पानी भी बाहर निकल आया....
सोनू और चाँदनी एक दूसरे से लिपटकर गहरी साँसे लेने लगे...

चाँदनी ने उसके चेहरे को बड़े प्यार से सहलाते हुए कहा : "तुम ऐस्स फकिंग इतनी जबरदस्त करते हो तो पुस्सी की फकिंग करते हुए तो तुम धमाल मचा दोगे...प्रोमिस मी, जब भी तुम अपनी लव बर्ड की पुस्सी फकिंग कर लोगे उसके बाद एक बार मेरे साथ वो ज़रूर करोगे...''

सोनू ने मुस्कुराते हुए उसे प्रोमिस कहा और एक बार फिर से वो दोनो एक गहरी स्मूच में डूब गये..

तभी सोनू का मोबाइल बज उठा...वो साक्षी का फोन था, शायद वो बाहर बैठी हुई बोर हो रही थी...

सोनू ने फोन उठाकर जल्द से बाहर आने की बात कही और जल्दी-2 कपड़े पहन कर तैयार हो गया... 
साक्षी को टाइम लगने वाला था, उसे लहँगा चोली पहनने में टाइम लगना था...
इसलिए वो उसे बाय कहकर बाहर आ गया...

साक्षी से नज़र मिलाते हुए उसके चेहरे पर एक बड़ी सी स्माइल थी. 

पर ना तो साक्षी ने उससे कुछ पूछा और ना ही सोनू ने उसे बताना सही समझा...

पर साक्षी के हाव भाव से सॉफ पता चल रहा था की अब उसके अंदर कुछ करने की कुलबुलाहट शुरू हो चुकी है... 
और ये कुलबुलाहट वो सोनू से आज की रात ही शांत करवाने के चक्कर में थी.

कुछ देर जब सोनू और साक्षी खाना खा रहे थे तो चाँदनी वहां आ गयी और सीधा आकर साक्षी के गले से लग गयी..

और उसके कान में बोली : "थॅंक्स ए लॉट स्वीटी, आज तुम्हारी वजह से मुझे इतना मज़ा मिला... एन्ड यू आर वेरी लक्की , ही इस सेविंग हिज़ वर्जिनिटी फॉर यू , अच्छे से एंजाय करना...''

शायद वो सोच रही थी की वो लक्की लड़की साक्षी ही है..

चाँदनी की बात सुनकर साक्षी भी मुस्कुरा दी, शायद ये सुनकर की सोनू ने अंदर जाकर उसकी चूत नही मारी, उसे कुछ ज़्यादा ही खुशी हो रही थी.

वो काफ़ी देर तक उनसे बाते करती रही, रह-रहकर वो सोनू को भी देखे जा रही थी और उसे इशारों-2 में छेड़ भी रही थी..

सोनू एक बात तो जान ही चुका था की उसकी चुदाई की लिस्ट में चाँदनी ने अपना नाम लिखवा लिया है.

डिन्नर करने के बाद वो दोनो बाहर आ गये, गाड़ी उन्होने रिज़ॉर्ट की बैक साइड में बनी पार्किंग में खड़ी की थी, जो शायद एक खाली खेत था.

वहां उस वक़्त काफ़ी अंधेरा था, गाड़ी के पास पहुँचते ही साक्षी ने सोनू को कस कर पकड़ लिया और उसे एक जोरदार स्मूच दे डाली...

सोनू भी एकदम से मिले इस उपहार को पाकर हैरान रह गया लेकिन बाद में वो उसका साथ देने लगा.
करीब 2 मिनट बाद जब किस्स टूटी तो सोनू ने पूछा : "ये किसलिए था ??''

साक्षी ने मुस्कुराते हुए बड़े प्यार से कहा : "बस...ऐसे ही....आज बहुत प्यार आ रहा है तुमपर...''

प्यार तो उसे भी आ रहा था उसपर...
सोनू ने आस पास देखा, घुपप अंधेरा था और काफ़ी सुनसानियत थी वहां पर.. 
वो दोनो कार में जाकर बैठ गये और अंदर से लॉक कर लिया और एक बार फिर से एक दूसरे को पकड़ कर बुरी तरह से चूमने लगे.. 
ऐसा लग रहा था जैसे वो दोनो एक दूसरे को खा ही जाएँगे.



सोनू ने साक्षी की साड़ी का पल्लू खोलकर उसने नीचे गिरा दिया और उसके बूब्स पर टूट पड़ा...
ब्लाउस के उपर से ही उन्हे दबा-दबाकर उनके मुलायमपन का भरपूर मज़ा ले रहा था वो..

साक्षी ने खुद ही अपने ब्लाउस के हुक्स खोल कर अपनी जवानी के दरवाजे खोल दिए...
अंदर एक सेक्सी सी ब्रा पहनी हुई थी उसने जिसे नीचे करने में सोनू को एक पल भी नही लगा और जैसे ही उसके बेर से सजे कश्मीरी सेब सामने आए वो एक गहरी साँस लेकर उनपर टूट पड़ा और अपने पैने दांतों से कुतर -2 कर उसके सेबों को खाने लगा...

''आआआआआआआआआआआआअहह ओह माय हीरो....सक्क इट हार्ड.....''

वो लगभग उसी अंदाज में अपने मोम्मे चुस्वा रही थी जैसे चाँदनी ने चुस्वाए थे अभी कुछ देर पहले...

अब तक सोनू को इस बात का अच्छे से पता चल चुका था की हर बूब को चूसने मे अलग मज़ा मिलता है...
कोई मीठा होता है, जैसे उसकी बहन सोनिया का है...
कोई हल्का खट्टापन लिए हुए जैसा की चाँदनी का था...
कोई तो मिक्स फ्रूट जूस जैसे स्वाद देते है जैसे की तनवी के है 
और अब ये साक्षी के बूब्स जो इस वक़्त बियर जैसा स्वाद दे रहे थे उसे...
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