bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
01-09-2019, 02:07 PM,
#31
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
तनवी को भी शायद सोनिया से ऐसे बर्ताव की उम्मीद नही थी.... 
एक पल के लिए तो वो भी चुप सी हो गयी.... 
पर तब तक सोनिया संभल चुकी थी.... 
उसे ये एहसास हुआ की वो क्या बोल गयी है.

सोनिया : "अरी पागल.... मेरे कहने का मतलब ये है की ना तो तुझे इस बात की नॉलेज है और ना ही सोनू को.... कुछ गड़बड़ हो गयी तो दोनो फँस जाओगे.... इसलिए मैने ये कहा... बाकी तुम दोनो देख लेना.''

बेचारी तनवी ओके के सिवाए कुछ और ना बोल पाई

सोनिया ने बात घुमाते हुए कहा 

"अच्छा , बता ना... कैसी तैयारी कर रही है....''

ये सुनकर तनवी का ध्यान एक बार फिर से अपनी तरफ आ गया... 
वो चहकते हुए बोली : "मैने ना... एक न्यू सेट लिया है... ब्रा-पेंटी का.... बड़ा ही सैक्सी है.... और हर जगह के हेयर भी रिमूव कर लिए है.... ही ही...''

सोनिया : "वाव..... नोट बेड .... नोट बेड .... यानी, आज तू पूरी तैयारी करके आ रही है....''

वैसे कहना तो वो ये चाहती थी की ब्रा के लायक तेरी चुचियां है भी नही, फिर ली किसलिए...पर बोली नही..

तनवी (शरमाते हुए) : "हाँ अभी तक तो यही सोचा है.... बाकी तेरे भोंदू भाई के उपर है.... वो कितना आगे तक ले जाता है.... मैं तो कुछ भी करने को रेडी हूँ आज ''

सोनिया : "यार... तू कितनी लक्की है..... काश ये सब मैं भी देख पाती....''

तनवी : "हा हा... बेशरम है तू एक नंबर की.... तेरा भाई है वो.... मेरा और कोई बीएफ होता तो शायद मैं तुझे साथ में बिठा लेती... पर अपने भाई को वो सब करता देखकर तुम तुझे इन्फेक्ट तुम दोनों को कितना ओकवर्ड लगेगा... ये तो सोच ज़रा...''

सोनिया ने मन में सोचा 'वो तो मैं देख ही लूँगी... सोनू ने मुझे प्रोमिस किया है.... वो अपने प्रोमिस से कभी पीछे नही हटता''

सोनिया : "चल ठीक है फिर.... घर पर बोल कर आना की रात को लेट हो जाएगी... हमने एक साथ स्टडी करनी है.... ओके ''

तनवी : "हाँ , वो तो मैने बोल दिया है.... मम्मी को पता है की आजकल तू आई हुई है... इसलिए उन्होने एक ही बार में परमिशन दे दी... हे हे''

सोनिया : "ओके देन, शाम को मिलते है.... बाइ''

और उसने फोन रख दिया...

फोन रखने के बाद उसने एक बार फिर से अपने नंगे बदन को शीशे के आगे खड़े होकर निहारा... 
और धीरे से बुदबुदाई 'पता नही तनवी में उसे क्या मिलेगा.... असली माल तो मेरे पास है....''

ये कहते हुए उसने अपनी नन्ही और अल्हड़ ब्रेस्ट को पकड़कर निचोड़ डाला....





और अपने हिप्स की मोटाई को दबाकर महसूस करने लगी.
फिर उसने कपड़े पहन लिए... 
एक नॉर्मल सी टी शर्ट और टाइट जीन्स पहनी.

दोपहर को जब सोनू स्कूल से वापिस आया तो उसके चेहरे की चमक देखकर वो समझ गयी की आज भी साक्षी के साथ उसने कुछ किया है.... पर उसने ज़्यादा पूछा नही उसके बारे में , क्योंकि दोनो को अभी शाम के लिए ज़्यादा एक्साइटमेंट थी.

खाना खाने के बाद सोनिया ने जब उससे पूछा की क्या प्लान है शाम का तो सोनू उसे लेकर उपर आ गया... 
और अपने रूम के साथ बने स्टोर रूम का दरवाजा खोलने लगा.

सोनिया चिल्लाई : "अर्रे सोनू, इसे मत खोलना, इसमें तो चूहे भरे पड़े है...''

सोनू : "दी, ऐसा कुछ नही है.... यहाँ सब क्लियर है... वो बचपन में मोंम हमे डराया करती थी, ताकि हम लोग इसमें ना घुस पाए... ट्रस्ट मी, कोई चूहा नही है यहाँ ...''

सोनू ने दरवाजा खोला और अंदर आ गया.... 
छोटे से स्टोर में सब कबाड़ भरा पड़ा था... 
सोनू एक टेबल पर चढ़ गया, उपर की दीवार में एक छोटा सा रोशनदान था, जहाँ से सोनू ने उस दिन तनवी और सोनिया की बातें सुनी थी छुप कर..
सोनू ने अपना हाथ बढ़ाकर सोनिया को भी उस स्टूल के उपर खींच लिया.

बिल्कुल पर्फेक्ट जगह थी वो....
उपर के छोटे से जाली वाले रोशनदान से दूसरे कमरे का सब कुछ दिख रहा था...
सोनिया ये देखकर बहुत खुश हुई, उसे अपने भाई का ये प्लान काफी पसंद आया, वहां से वो उन दोनों की रासलीला साफ़ देख सकेगी 

सोनिया की हाईट थोड़ी कम थी, इसलिए उसे उचक कर देखना पड़ रहा था...
सोनू ने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे सहारा दिया और थोड़ा उचका दिया. 
ऐसा करते हुए वो उसके लंड वाले हिस्से से टकरा गयी... और एकदम सोनिया के दिमाग़ की बत्ती जल उठी.
इस मौके का फायदा उठाने के लिए.

वो बोली : "मुझे तो यहाँ से कुछ दिखाई ही नही दे रहा .... थोड़ा और उपर उठाओ ना...''

सोनू चाहता तो नीचे उतार कर स्टूल के उपर कोई ऐसी चीज़ रख सकता था, जिसके बाद वो आराम से दूसरी तरफ देख पाती... पर वो भी समझ गया की सोनिया के दिमाग़ में शरारत चल रही है.

उसने सोनिया की कोमल कमर में हाथ रखकर थोड़ा उचकाया, और जान बूझकर उसने उसकी उभरी हुई गांड को अपने लंड के उपर लाकर रोक दिया.

उफफफफफफफ्फ़ क्या फीलिंग थी..... ऐसा लग रहा था किसी टाइट से पिल्लो के अंदर लंड फँस गया है उसका.

और सोनिया भी उस पल और उसके लंड को पूरा फील कर रही थी

वो बोली : "बड़े चालू होते जा रहे हो तुम आजकल.... ये सब ना अपनी उस गर्लफ्रेंड के साथ करना....''

सोनू ने उसके कान में कहा : "मेरी गर्लफ्रेंड तो तुम हो....''
ये सुनते ही सोनिया के पुर शरीर मे एक बिजली सी दौड़ गयी... 
उसने पीछे की तरफ होते हुए अपने आप को सोनू के उपर छोड़ दिया...



और बोली : "सच्ची ???''

उसने इस ठंडी आवाज़ में ये कहा की सोनू तो डर सा गया की कहीं उसने उसे ग़लत ना समझ लिया हो.... 
वो बोला : "आई मीन दी, तुम तो शुरू से मेरे साथ रही हो... मेरी हर बात जानती हो.... मेरी बेस्ट फ्रेंड हो ना तुम..... और बेस्ट फ्रेंड गर्लफ्रेंड से कम थोड़े ही होती है....''

सोनिया उसकी तरफ घूम गयी और अपनी नुकीली छातिया उसकी छाती में दबाकर बोली : "अच्छा जी... आजकल बड़ी बातें करना सीख गया है....''
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01-09-2019, 02:07 PM,
#32
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनू चाहता तो वही के वही उसे चूम लेता, 
पर उसकी हिम्मत ही नही हुई...
हालाँकि सोनिया इसके लिए बिल्कुल तैयार थी.... पर ये सोनू नही जानता था.

सोनू नीचे उतार आया और बोला : "रूको, मैं उसे थोड़ा उँचा कर देता हूँ ....''

इतना कहकर उसने न्यूसपेपर्स का एक बंडल उठा कर टेबल पर रख दिया....अब सोनिया को दूसरी तरफ का सॉफ दिखाई दे रहा था..

उसके बाद दोनो नीचे आ गये.

सोनिया उसे बार-2 छेड़ती रही की आज तो तेरे मज़े होने वाले है... वगेरह..वगेरह...

शाम को ठीक 6 बजे तनवी आ गयी.

अब असली खेल शुरू होने वाला था.
दरवाजा सोनिया ने ही खोला था...

और सच में ,वो आज ऐसे बन कर आई थी, जैसे किसी डेट पर आई हो... 
उसके चेहरे की खुशी सब बयान कर रही थी की वो आज कितनी खुश है... 
सोनू के साथ हुए पिछली बार के एनकाउंटर के बाद तो उसे पूरा विश्वास था की आज बात बहुत आगे तक जाएगी...

तन्वी ने एक ब्लेक कलर की सिंगल ड्रेस पहनी हुई थी, जो उसकी जाँघो तक आ रही थी... 
भले ही उसकी चुचियाँ काफ़ी छोटी थी, पर उसने पुशअप ब्रा की मदद से जितना हो सकता था, उन्हे उपर की तरफ उभारा हुआ था.. जिसकी वजह से लाइफ में पहली बार सोनिया ने उसकी क्लिवेज देखी...

सच में वो काफ़ी सेक्सी बन कर आई थी.



उसने एक पाउट बना कर एक सेक्सी सा पोज़ मारा और सोनिया से पूछा : "कैसी लग रही हूँ मैं जानेमन...''

सोनिया को अंदर से तो इस वक़्त काफ़ी जलन सी हो रही थी, पर फिर भी मुस्कुरा कर उसने कह दिया : "वाव.... सेक्सी....''

ये सुनकर वो मुस्कुरा दी.. और बोली : "थॅंक्स.... और कहाँ है वो हीरो....''

सोनू के बारे में पूछते हुए उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक आ गई.. 
सोनिया देखा की उसकी नन्ही ब्रेस्ट के उपर लगे निप्पल सॉफ चमकने लगे थे... 
यानी वो काफ़ी एक्साईटिड थी इस वक़्त...

सोनिया ने इशारा करके कहा की उपर है.... 
तन्वी लगभग भागती हुई सी उपर की तरफ चल दी..

और जाते-2 उसे थेंक्स भी कहा... उसकी अंडरस्टॅंडिंग और सपोर्ट के लिए..
उधर दरवाजा बंद करके वो अंदर घुसी, इधर सोनिया लंबी छलांगे मारती हुई स्टोर रूम तक गयी और बड़े ही आराम से दरवाजा खोलकर अंदर आ गयी... और पहले से तैयार रखे अपने मंच पर जा चढ़ी..

अंदर झाँककर जब उसने देखा तो उसके होंठ काँप गये... 
वो दोनो एक गहरी हग में डूबे हुए थे.... 
शायद अंदर आते ही तनवी से सब्र नही हुआ और उसने सोनू को गले से लगा लिया... 

सोनू भी उसे इतने सेक्सी कपड़ो में पहली बार देखकर काफ़ी खुश हुआ... 
भले ही उसकी ब्रेस्ट काफ़ी छोटी थी, पर उसका निचला हिस्सा काफ़ी सेक्सी था.... 
उसके हिप्स और चर्बी चढ़ी जाँघे काफ़ी मस्त लग रही थी...

दोनो एक दूसरे को अपनी बाहों में दबा कर एक दूसरे का रस निचोड़ने में लगे थे...

और जल्द ही उन दोनो ने एक दूसरे को चूमना शुरू कर दिया..

उनकी किस्सिंग करने का तरीका एकदम जंगली था... 
जैसे लाइफ में पहली और आख़िरी बार किस्स करने को मिल रही है..



किस्स करते-2 वो बड़बड़ा भी रही थी..

''ओह सोनू....... उम्म्म्ममममम अहह ..... उफफफफफफ्फ़''

रोशनदान से ये सब देख रही सोनिया की बाजू पर ऐसा लगा की कोई चिंटी है... 
उसने जब मसला तो कुछ नही था... 
और फिर धीरे-2 उसके पूरे शरीर में ऐसा महसूस होने लगा की चिंटियाँ रेंग रही है... 
बाद में वो समझी की ये उत्तेजना का असर है, अपने भाई को ऐसे किसी लड़की के साथ किस्स करते देखकर उसके शरीर पर चिंटियाँ रेंग रही थी...

सोनू के हाथ उसके शरीर पर घूमने लगे... वो उसकी ड्रेस को खींचकर उपर करने लगा..

तनवी तो कब से इस पल के लिए तड़प सी रही थी.... 
उसने भी सोनू का साथ दिया और कुछ ही देर में तनवी जन्मजात नंगी उसके सामने खड़ी थी..

लड़की चाहे पतली हो या मोटी, नंगी होने के बाद उसकी सुंदरता का कोई मुकाबला ही नही होता...

यही तनवी के साथ भी था...

उसे अपने सामने नंगा देखकर एक पल के लिए तो सोनू भी आँखे झपकाना भूल गया..



वो अपनी कमर पर हाथ रखकर, बड़ी बेशर्मी से कंप्यूटर टेबल के साथ खड़ी थी....
तनवी बोली : "क्यो.... कैसी लगी....''

सोनू अपने लंड को मसलता हुआ बोला : "हॉट एंड सेक्सी.....''

और एकदम से झपटकर उसके करीब आया और उसे दबोच लिया.... और एक बार फिर से दोनो के बीच स्मूचीन्ग वाला खेल शुरू हो गया..

''अहह सोनू....... उम्म्म्ममममममममम सक्क मी..... सक माय टिट्स....''

सोनू ने उसे सोनिया के बेड पर लिटा दिया... 
क्योंकि उसका बेड तो दीवार के बिल्कुल नीचे था, वहां लिटाता तो झरोखे से सोनिया को कुछ ना दिख पाता...

सोनिया उसके दिमाग़ की दाद देती हुई उन दोनो का खेल देखने लगी..

सोनू ने उसे बेड पर लिटाकर उसकी उभर रही नन्ही छाती को अपने हाथों से मसला... 
उसके निप्पल्स को अपनी उंगलियों से कचोटा... 
और उन्हे खींचकर बाहर की तरफ उमेठ दिया.
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01-09-2019, 02:07 PM,
#33
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
वो चिल्ला पड़ी : "अहह ....धीरे..... मेरे राजा.... धीरे...... करो इन्हे..... मुँह से खीँचो.... काटो...... बड़ा कर दो..... प्लीस....''

सोनू ने मुस्कुराते हुए उसके निप्पल्स को मुँह में लिया और एक-2 करके उन्हे चूसने लगा..

सोनिया ने अपना टॉप निकाल कर नीचे खिसका दिया... ऐसा गर्म सीन देखने के बाद भला उससे कैसे सब्र होता...

और अपनी भरी हुई छातियाँ निकाल कर वो खुद ही उन्हे दबाने लगी...

और मन ही मन बुदबुदाई : "साले ..... सोनू..... उन्हे क्या चूस रहा है.... ये देख.... ये है असली माल..... इन्हे चूस साले ..... इन्हे चूस...''



पर सोनू तो इस वक़्त तनवी की बेरी से बेर तोड़ने में व्यस्त था....
वो बड़े आराम से उसके नन्हे स्तनों को मुँह में लेता और अपनी जीभ से चूस्कर उसे पूरा गीला करता और फिर उपर करते हुए छोड़ देता.... 

तनवी को ऐसा फील ही रहा था जैसे वो उसके बूब्स को बड़ा करने की कोई एक्सरसाइस करवा रहा है..

ये करवाते हुए उसे बड़ी गुदगुदी सी हो रही थी.... 
और मज़ा भी आ रहा था...

*


कुछ ही देर में सोनू के हाथ उसकी चूत पर भी आ पहुँचे...

और फिर धीरे-2 उसे उपर से नीचे तक चूमना शुरू किया..

सोनू के चुंबन उसके जल रहे शरीर में और आग लगा रहे थे..

उसकी हर किस्स को अपनी बॉडी पर महसूस करके उसके शरीर से लहरें निकलनी शुरू हो गयी...

वो अपने बूब्स से लेकर गांड तक को हवा में लहराकर अपनी बेचैनी प्रकट करने लगी..

सोनिया भी झरोखे से ये सब देखकर उसे अपने उपर होता हुआ महसूस कर रही थी...

वो अपने निप्पल्स को ज़ोर-2 से दबा रही थी... 
जैसे उसका भाई तनवी के नही उसके निप्पल्स उमेठ रहा हो...

सोनिया अपनी उंगलियों को थूक से गीला करके अपने निप्पल को दबोच रही थी.... 
जैसे उसका भाई अपनी लार से उन्हे भिगो रहा हो...

और दूसरी तरफ जब तनवी के बूब्स और सपाट पेट को चूसने के बाद वो उसकी चूत तक पहुँचा तो वहां का नज़ारा देखकर उसके तो होश उड़ गये..

चूत को पहली बार इतने करीब से, नंगी उसने आज देखा था... 
और वो भी इतनी खूबसूरत... 
इतनी अल्हड़ चूत .. 
एकदम चिकनी और कसी हुई... 
जिसमें एक उंगल तक ना घुस सके... 
ऐसी थी वो.



उसे देखकर सोनू से सब्र नही हुआ और उसने नीचे झुककर उसे चूम लिया...

तनवी ने उसके सिर को पकड़कर वहीं दबाए रखा और अपनी टाँगो से उसने उसके शरीर को भी जकड़ लिया...

''आआआआआआआआआआआआए....... उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़... सोनू.......................... उम्म्म्ममममममममममम सकक्क इट..........''

सोनू ने अपनी जीभ निकाली और उसके उपर चलानी शुरू कर दी.... 
पर अंदर डालने के लिए ज़रा भी स्पेस नही था...

वो सोचने लगा की इसमे तो मेरी जीभ तक नही जा पा रही है....
मेरा लंड कैसे जाएगा.
पर अभी के लिए तनवी ने उसका काम आसान कर दिया... 
उसने सोनू को बेड पर लिटाया और खुद उसके उपर आ गयी.... 
और कुछ देर तक उसे चूमने के बाद वो धीरे -2 करके अपनी चूत को उपर लाने लगी...

और अंत में आकर उसने अपनी चूत को उसके मुँह पर लाकर रख दिया...

ये एंगल सही था...

सोनू ने उसकी लटकी हुई चूत में अपनी जीभ को किसी अकड़े हुए लंड की तरह घुसा दिया....

हल्की सिसकारी के साथ तनवी ने अपनी उंगली के अलावा बाहरी दुनिया की कोई चीज़ पहली बार महसूस की..



वो कुलबुला उठी... 
और मचलते हुए उसने अपना पूरा भार उसके चेहरे पर छोड़ दिया...

सोनू की गीली जीभ उसकी चूत के जितना अंदर जा सकती थी चली गयी...

उसकी चूत की चिकनाई और सोनू के मुँह से निकल रही चिकनाई ने काम आसान कर दिया...

अब वो आराम से उसकी जीभ पर अपनी चूत को ज़ोर-2 से मार कर उसे चुदवा रही थी...

और मज़े ले रही थी.



और अंदर सोनिया का बुरा हाल था...

उसने अपनी शॉर्ट्स उतार कर नीचे गिरा दी... और अपनी पेंटी में हाथ डालकर अपनी चूत मसलने लगी..

''अहह साले .... उसकी चूस रहा है.... अहह मेरी.... मेरी.... कौन चूसेगा..... भाई है तू मेरा..... तुझपर .....मेरा ...हक है.... पहला..... पहले..... मेरी चूस..... उसकी छोड़ दे.... मेरी में जीभ डाल....अहह वो ग़लत है..... पहले मेरी चूसनी थी...... वो ग़लत है....''

पर सोनू को भला उसकी सिसकारियाँ इस वक़्त कैसे सुनाई देती...

भले ही से ये एहसास था की उसकी बहन सब देख रही है... 
पर इस वक़्त वो दिन दुनिया से बेख़बर होकर अपनी लाइफ की पहली चूत चुसाई में बिज़ी था..

पर जल्द ही उसपर ब्रेक लगने वाला था...

बाहर उनकी मोंम की कार आकर रुक चुकी थी.
अब तो तनवी से ज़रा भी सब्र नही हो रहा था.... 
उसे किसी भी कीमत पर सोनू का लंड चूसना था... 
उसका गला तर हो रहा था ये सोचकर ही की उसमें अब सोनू का लंड जाएगा... 

वो उठ कर बेड से नीचे आ गयी.... और सोनू के सामने आकर बैठ गयी...

सोनू की नज़रें एक पल के लिए तनवी की तरफ गयी और फिर जब उसने अपना सिर उसके लंड की तरफ झुका दिया तो उसने उपर की तरफ देखा, जहां से उसकी बहन उन्हे वो सब करते हुए देख रही थी... तनवी ने ऊपर से ही उसके लैंड पर एक किस्स की और फिर उसकी जीप खोलकर अपना हाथ अंदर डाल दिया...

एक पल के लिए तो दोनों लड़कियों का दिल धड़कना ही भूल गया... 

तनवी का इसलिए की उसने सोनू का धधकता हुआ लंड अपने हाथ में पकड़ लिया था... 
और सोनिया का इसलिए की उस एहसास को उसने खुद महसूस किया था... 
और ये भी सोचा की काश वो पकड़ पाती सोनू के लंड को इस वक़्त...

पर अभी के लिए वो कम से कम उसे देख तो सकेगी... 
पहली बार... 
अपने भाई के लंड को.... 
भले ही दूर से..
पर देख तो सकेगी.

पर अभी के लिए शायद उपर वाले को ये भी मंजूर नही था... 
कार से निकलकर उनकी मॉम दरवाजे पर पहुँच गयी और उन्होने बेल बजाई.

एक ही पल में अफ़रा तफ़री सी मच गयी.... 
सोनू ने हड़बड़ाते हुए उसके हाथ को बाहर निकाला और जीप बंद की....

सोनिया तो इतना डर गयी की बेल की आवाज़ सुनते ही उसका शरीर काँप सा गया... और उसका बेलेन्स बिगड़ गया जिसकी वजह से वो धड़ाम से नीचे आ गिरी.

अपने कपड़े पहनती तनवी ने जब साथ वाले स्टोर से वो आवाज़ सुनी तो उसने सोनू की तरफ देखा

वो बोला : "कुछ नही... शायद बिल्ली होगी.... चूहे काफ़ी है ना स्टोर में , इसलिए बिल्ली वहां अक्सर घुस जाती है... तुम जल्दी से कपड़े पहनो.... मोंम आ चुकी है...''
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01-09-2019, 02:07 PM,
#34
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
उधर गिरने के बाद, एक पैर से लड़खड़ाती हुई सोनिया किसी तरह से नीचे पहुँची और दरवाजा खोला... उसके चेहरे के उड़े हुए रंग देखकर उसकी माँ परेशान हो गयी.

''हे बेबी.... क्या हुआ..... सब ठीक तो है ना....''

दर्द की वजह से सोनिया से खड़ा नही हुआ जा रहा था... वो सोफे पर बैठ गयी और अपना पैर पकड़ कर सुबकने लगी...

उसकी मोंम को काफ़ी चिंता हो गयी... सोनिया ने बताया की बेल सुनकर वो जब नीचे आ रही थी तो सीडियो पर पैर टेडा हो गया... और शायद मोच आ गयी है..

मों : "ओह्ह्ह माय बैबी.... आराम से आना चाहिए था ना... और वो कहां है... सोनू...''

वो शायद उसे डाँटने के लिए तैयार हो रही थी... और उसी वक़्त अपना हुलिया ठीक करके सोनू और तनवी नीचे आ गये..
सोनिया ने बात संभाली : "अरे नही माँ , सोनू की इसमे कोई ग़लती नही है... वो तो खुद ही नीचे आ रहा था... मैने ही कहा की मैं जाकर खोलती हूँ .... हम सब उपर बैठकर पड़ रहे थे...''

सोनिया की मोंम ने तनवी को देखा... 
जैसे कुछ समझने की कोशिश कर रही हो.... 
उसी की वजह से पहले भी सोनिया को काफ़ी डांट पड़ती थी...
जिसकी वजह से बाद में सोनिया को होस्टल जाना पड़ा था...

पर वो इस वक़्त कुछ नही बोली... 
और सोनिया के लिए अंदर से दवाई लाने चली गयी...
पर उनके हाव भाव से सॉफ पता चल रहा था की उन्हे इस वक़्त सोनू और तनवी पर काफ़ी गुस्सा आ रहा था.

सोनिया ने तुरंत तनवी को घर जाने को कहा, ताकि उसकी माँ का मूड और खराब ना हो... 
पर जाते-2 भी तनवी की हिम्मत तो देखो, उसने करीब आकर झट्ट से एक किस्स सोनू के होंठों पर की और उन्हे बाइ बोलती हुई बाहर निकल गयी...

सोनिया ने जब घूरकर सोनू को देखा तो उसने झेंपते हुए अपना सिर घुमा लिया...

पर अगले ही पल वो उसके करीब आया और उसके पैरों को पकड़कर अपनी गोद में रखा और धीरे-2 उन्हे दबाने लगा.. चिंता के भाव साफ़ नजर आ रहे थे 

इसी बीच सोनिया की माँ आईओडेक्स ले आई और सोनू को कहा की वो अपनी बहन के पैरों पर उसे लगाए...

उसे भला क्या प्राब्लम हो सकती थी, उसने बॉम लगानी शुरू कर दी.. 
हल्की मोच थी, इसका आश्वासन करके उनकी माँ कपड़े चेंज करने अपने रूम में चली गयी...

सोनू अपनी बहन के पैरों मे मरहम लगाने लगा...
हर बार हाथ लगने से वो ऐसे कराह उठती जैसे उसकी चूत में लंड जा रहा हो.. 
सोनू मन ही मन ये सोचकर मुस्कुरा रहा था की जब असली में इसकी चुदाई होगी तो कितना चिल्लाएगी ये...

उसे मुस्कुराता हुआ देखकर वो बोली : "बड़ी हँसी आ रही है.... तनवी की कोई बात याद करके हंस रहा है ना...''

उसने मुस्कुराते हुए सोनिया को देखा और बोला : "अब इतना भी कुछ ख़ास नही है... नॉर्मल सी थी.... तुमने भी देखा ना...''

सोनिया बुदबुदाई : "हाँ ....सब देखा.... आज अगर मोंम ना आई होती तो पता नही तुम दोनो क्या कर र्बैठते... ''

सोनू : "अब इतना भी पागल नही हूँ मैं की पहली ही बार में फक... आई मीन... सब कुछ कर लू...''

सोनिया आँखे नचाते हुए बोली : "पर जो किया था, वो भी कम नही था.... कैसे उसे अपने फेस के उपर बिठा कर चपड़ -2 करके चाट रहा था....छी:....कितने गंदे हो तुम''

उसने उसके पैरों को उमेठते हुए कहा : "अच्छा जी.... यानी ये सब तुम्हे गंदा लगता है.... वहाँ की सकिंग करवाना ...या करना..... ह्म्म्म ...''

सोनू ने ये कहकर एकदम से उसे चुप सा करा दिया.... 
अब भला वो क्या बोलती की वो सब उसे क्यो बुरा लग रहा था.... 
उसके खुद के साथ हुआ होता तो अच्छा लगता ना, तनवी के साथ क्यों किया सोनू ने, बस इस बात का गुस्सा था उसे...पर वो बोलती भी कैसे, उनकी मीटिंग उसी ने तो अर्रेंज कराई थी 

वो चुप सी हो गयी`.... 
तब तक उनकी मॉम वापिस आ गयी , उन्होने हॉट वॉटर बॉटल से उसकी सिकाई करनी शुरू कर दी..और तब तक करती रही जब तक उसे आराम नही आ गया...

डिन्नर के बाद उनकी मॉम ने आईओडेक्स सोनू को देते हुए कहा की सोने से पहले एक बार और मालिश कर देना अपनी बहन की...

सोनू ने आईओडेक्स ली और सोनिया का हाथ पकड़कर उपर जाते हुए धीर से बोला : "चलो दी.... आपकी मालिश कर दूँ ....''

दोनो के चेहरे पर अर्थपूर्ण मुस्कान थी.

वो अभी भी लंगड़ा कर चल रही थी... 
इसलिए सोनू ने उसे अपनी बाजू का सहारा दिया, ताकि वो आसानी से उपर जा सके.. 
हालाँकि उसकी माँ ने कहा था की उपर चड़ने में तकलीफ़ है तो नीचे ही सो जा, पर आज की रात वो भला कैसे नीचे सो जाती... 
आज तो उसे सोनू से काफ़ी बातों का जवाब लेना था.

रूम में आने के बाद दोनो ने अपने-२ कपडे चेंज किये, सोनिया ने टी शर्ट और एक कॉटन की स्कर्ट पेहेन ली, सोनू ने सेंडो के साथ शॉर्ट्स 
उन्होंने कुछ देर इधर- उधर की बात की... 
अपने-2 मोबाइल्स देखे... 
और जब 11 बजे उनकी माँ ने उपर आकर सोनिया का हाल चल एक बार और पूछा...
और सोनू से कहा भी की अब उसे बॉम लगा दे...
फिर गुड नाइट बोलकर वो नीचे चली गयी.
सोनू ने बॉम निकाली और सोनिया के पास आकर बैठ गया

उसके पैर को अपनी गोद में रखकर वो उसपर बॉम लगाकर मालिश करने लगा..

सोनिया के चिकने पैरों की बनावट देखकर सोनू को कुछ-2 हो रहा था... 
सोनिया भी अपने भाई के लंड की गर्माहट अपने तलवों पर महसूस कर पा रही थी.. 
उसके दिमाग़ में इस वक़्त वही सब घूम रहा था जो कुछ घंटो पहले इसी बेड पर चल रहा था.... 
वो सोच रही थी की क्या उसमें इतनी हिम्मत आ पाएगी कभी की वो सोनू के साथ वो सब कर सके.... 
उन्हे करते हुए देखना और सोचना अलग बात थी... 
पर उसे करने के लिए जो हिम्मत चाहिए थी, वो पता नही उसमे कभी आ पाएगी या नही... 
अपने रीति रिवाजों की बेड़ियां तोड़कर वो इन रिश्तों के बंधन से मुक्त हो पाएगी या नही... 
अपने भाई के 'ये ग़लत है' तर्क का वो जवाब तो बड़ी आसानी से दे देती थी... 
पर वो 'ग़लत' काम वो खुद कर पाएगी या नही..... 
अनेकों उलझने थी उसके मन में .. 
पर अब उन उलझनों को सुलझाने का वक़्त आ चुका था... 
वो ऐसे ही बैठकर या रोशनदान से छुपकर तमाशा देखना नही चाहती थी... 
उसे ही अपनी तरफ से पहल करनी होगी... 
समाज की इन बेड़ियों को उसे ही उतारकर फेंकना होगा.. 
अपने भाई को भी उसे ही समझना होगा..... 
उसे अपनी जैसी मानसिकता में ढालना होगा... 
ताकि वो उनके नये रिश्ते को 'ये ग़लत है' ना कह सके.

सोनिया के मन में चल रही बातों से बेख़बर सोनू अपनी ही धुन में उसकी मांसल टांगो को निहारने में लगा था... 
पहले और अब में उसके अंदर काफ़ी बदलाव आ चुके थे... 
अपनी बहन को देखने के नज़रिए में , उसके साथ कुछ करने की सोच में और अपने हर सैक्स एडवेंचर में उसके बारे में सोचने की आदत में काफ़ी बदलाव आए थे...

पर इन सब बातों का पता अब तक सोनिया को नही था... 
वरना इतनी देर से जो अंतर्द्वंद उसके मन में चल रहा था, वो कब का ख़त्म हो जाता.... 
और सोनिया अभी के अभी वो सब कर देती जिसके लिए उसका मन उसे उकसा रहा था... 
ललचा रहा था.

पर उसे कुछ तो करना ही था... और इसके लिए आज से अच्छा मौका उसे मिल ही नही सकता था...

वो सोनू से बोली : "यार.... मेरे घुटने में भी लगी थी.... थोड़ा यहाँ भी मालिश कर दे...''

वो तो कब से इसी फिराक़ में था की थोड़ा उपर हाथ लगाए... 
सोनिया के कहने की देर थी और उसने अपने हाथ उपर खिसकाने शुरू कर दिए... 
और वो साला ऐसा हरामी निकला की अपने हाथ सीधे घुटनो पर नही रखे..बल्कि उसकी पिंडलियों को सहलाता हुआ, उन्हे दबाता हुआ, धीरे - २ उपर तक गया...



उसकी कड़क पिंदलियों की मछलियाँ महसूस करके उसके मन में गुदगुदी सी हो रही थी.. 
और जब घुटने पर हाथ रखा तो सोनिया के मुँह से एक बार फिर से वही सिसकारी निकल गयी जैसे नीचे निकली थी... पर इस बार सिसकारी में दर्द का एहसास कम था, मादकता का ज़्यादा.

''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... उम्म्म्मममममममममम...''

और वो इसलिए क्योंकि उसके घुटने पर कोई चोट लगी ही नही थी... 
सोनू की उंगलियों को इतने उपर महसूस करके उसका शरीर काँपने सा लगा.
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01-09-2019, 02:07 PM,
#35
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनू ने उसकी टाँग को उठाकर अपनी जाँघ पर रख लिया... दोनो की नंगी टांगे आपस में घर्षण सा करने लगी... 
सोनू जिस अंदाज में उसके घुटनों की मालिश कर रहा था, ऐसा लग रहा था की दोनो किसी ट्रेन में बैठे है...
और दोनो के शरीर एक ही मोशन में आगे पीछे हो रहे थे.
सोनिया की आँखे बंद थी.... 
सोनू ने थोड़ी हिम्मत अपनी तरफ से भी दिखाई और अपनी लंबी उंगलियों को फेलाकर उसने उसकी जाँघ को भी सहलाना शुरू कर दिया..

''आआआआआआआअहह ऐसे ही करो...सोनू..... धीरे-2 ...''

यानी की उसे भी कोई आपत्ति नही थी की वो उसकी जांघे सहला रहा है...
जैसे-2 सोनू की उंगलियाँ उपर जा रही थी, एक अजीब सी तपिश का एहसास हो रहा था उसे... 
कमरे में इतनी गर्मी तो नही थी... पर वहां हाथ रखकर उसे गर्मी लग रही थी... 
शायद इसलिए लड़कियों को हॉट कहा जाता है क्योंकि उनमे से इतनी गर्मी जो निकलती है.

धीरे-2 सोनू का हाथ उसकी स्कर्ट के अंदर जाने लगा... 
आज पता नही उसके अंदर ये हिम्मत कहा से आ रही थी, पर जो भी हो रहा था उससे सोनिया को बहुत मज़ा आ रहा था... उसकी तो मन की मुराद जैसे पूरी हो रही थी...

सोनू ने जब देखा की सोनिया ने तो अपनी आँखे बंद कर रखी है तो उसने उसकी स्कर्ट को पकड़ कर बिल्कुल उपर कर दिया... ये सोचकर की जब इतना हो ही चुका है तो सोनिया की पेंटी भी देख ली जाए...

पर ऐसा करने के बाद उसे लाइफ का सबसे बड़ा झटका लगा... 
सोनिया ने पेंटी पहनी ही नही थी.. 
जैसे की उसकी आदत थी, सोते समय वो अंडरगार्मेंट्स उतार देती थी, आज भी ऐसा ही हुआ...

और सोनू के सामने थी सोनिया की नंगी चूत.



अपनी बहन की कच्ची चूत को देखकर वो हक्का बक्का सा रह गया... 
सोनिया को भी ये एहसास हो चुका था की उसकी कुँवारी चूत से परदा उठ चुका है...
इसलिए उसने मुस्कुराते हुए अपनी आँखे खोल दी.

सोनिया : "क्या हुआ सोनू.... रुक क्यों गया .... करता रह ना, इतना मज़ा आ रहा था....''

जब गहरी साँसे लेते हुए सोनिया ने ये बात बोली तो सोनू समझ गया की वो जान चुकी है की सोनू ने उसकी सबसे कीमती चीज़ देख ली है.... 
इससे पहले की उसके मन में एक बार फिर से सिद्धांतो की लड़ाई शुरू हो, सोनू ने तुरंत अपने हाथों की थिरकन उसकी चिकनी जाँघ पर फिर से शुरू कर दी.

सोनिया ने आँखे फिर से बंद कर ली... 
उसकी बंद आँखो के पीछे फिर से वही झरोखे वाला सीन दिखने लगा.... 
जिसमें सोनू उसकी फ्रेंड तनवी की चूत सहला रहा था.... 
फ़र्क सिर्फ़ ये था की इस वक़्त सोनिया को तनवी के बदले खुद का चेहरा दिखाई दे रहा था...

बिस्तर भी वही था.... सोनू भी वही था.... इसलिए तनवी भी वो खुद ही बन गयी.

उसने सोनू के हाथ को पकड़कर अपनी जाँघ पर और ज़ोर से दबा दिया..... और फुसफुसाई : "कैसा लग रहा है ....''


सोनू : "ह्म्*म्म्म..... ठीक..... तुम्हे....?''

सोनिया ने जवाब मे उसके हाथ को थोड़ा और उपर खिसका दिया..... 
और एक मादक सी अंगड़ाई लेती हुई वो पीछे की तरफ लूड़क गयी.... 
अब वो अपने बिस्तर पर लेटी हुई, अपनी नंगी चूत के दर्शन कराती हुई, सोनू के सामने पड़ी थी... 
जैसे कह रही हो की 'आ जा मेरे भाई... कर ले अपने मन की इच्छा पूरी.... जो भी करना है... कर ले.... 'ये ग़लत नही है'....''
पर उसके मन की बाते भला वो कैसे सुनता.... 
हालाँकि वो समझ तो चुका था की सोनिया उसे खुला निमंत्रण दे रही है की उसकी चूत को पकड़ कर मसल दे, पर ऐसा करने में उसके हाथ काँप रहे थे.... 
तनवी के साथ हालाँकि उसने पहली बार किया था, पर वो काम उसने आसानी से कर दिया था.... 
सोनिया की चूत पर हाथ लगाने में उसे झिझक सी हो रही थी..

पर उसकी इस झिझक को सोनिया ने ही ख़त्म कर दिया.... 
उसने सोनू का हाथ पकड़ा और अपनी धधक रही चूत पर रख कर ज़ोर से दबा दिया....

दोनो भाई-बहन के मुँह से एकसाथ सिसकारी निकली. 

सोनिया को तो ऐसा लगा की उसकी चूत से लावा निकल कर बाहर आ जाएगा.... 
और सोनू को उस लावे की गर्मी के एहसास ने झुलसा कर रख दिया....
सोनिया ने अपनी स्कर्ट को पूरा उपर खींच लिया... और अपनी छूट के उपर हाथ रखकर उसे मसलने लगी.... सोनू ने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी....

''आआआआआआआआआआहह ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....''

ये ठंडी सिसकारी इस बात का संकेत था की सोनिया को अपनी चूत में भाई की उंगली का एहसास बहुत अच्छा लगा है.... 
बस फिर क्या था, भाई ने एक और उंगल डाल दी अंदर.... 
ऐसा लग रहा था की उस छोटी सी चूत में वो दोनो उंगलियाँ जाकर फँस गयी है.... 
पर अंदर से निकल रहे लुब्रीकेट ने वो घिसाई का काम आसान कर दिया... 
और जल्द ही वो उसकी चूत में तेज़ी से उंगलियाँ अंदर बाहर करने लगा..... 
सोनिया ने उपर वाले हिस्से को संभाल रखा था और सोनू ने अंदर वाले को.



और जल्द ही वो लावा बाहर निकल आया जो काफ़ी देर से उसके अंदर उबल रहा था 

सोनिया के लिए ये एहसास ही बहुत था की आज लाइफ मे पहली बार उसकी चूत को किसी ने टच किया है... 
और वो उसका खुद का सगा भाई है... 
इसी बात ने उसके अंदर एक जबरदस्त ऑर्गॅज़म को बनाकर बाहर धकेल दिया.... 
और सोनू के हाथ उसकी चूत से निकले नारियल पानी से सन गये.

''आआआआआआआआअहह ओफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सोनू....... उम्म्म्मममममममममममम.....''

उसने उपर उठते हुए सोनू को अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ लिया.... 
बड़ा अजीब सा एंगल बना हुआ था.... 
वो उसकी गोद में अधलेटी हुई सी उसके सीने से लगी हुई गहरी साँसे ले रही थी... 
सोनू का हाथ अभी तक उसकी चूत पर ही था..... 
और दूसरा हाथ उसकी पीठ सहला रहा था.

रोज रात को एक दूसरे के साथ मास्टरबेट करने वाले दोनो भाई बहन एक दूसरे से लिपटे हुए थे.... 
वो एक कदम और आगे बढ़ चुके थे.

सोनू सोच ही रहा था की कैसे अपना हाथ निकालकर वहां से उठे और अपने बेड पर जाए की तभी उसे एहसास हुआ की सोनिया का हाथ उसकी जाँघो से होता हुआ उसके लंड के ठीक उपर आकर रुक गया...

सोनू ने एकदम से अपनी गले लगी बहन को थोड़ा पीछे किया और उसके चेहरे को फटी आँखो से देखने लगा... 
पर उसके मुँह से कुछ निकला ही नही...

सोनिया उसके खड़े हुए लंड को अपने हाथ में पकड़ कर धीरे से बोली : "अब मेरी बारी....''
सोनिया ने जैसे ही उसके लंड पर कब्जा किया, सोनू जैसे नींद से जागा...

उसने सोनिया के हाथ पर हाथ रखकर उसे वहीं रोक दिया.

दोनो की नज़रे मिली

सोनू बोला : "नही दी.... ये मत करो...''

सोनिया ने उसकी भाषा का प्रयोग करते हुए कटाक्ष किया : "क्यो ?? ये ग़लत है, इसलिए !!''

सोनू : "उम्म..... हाँ .....''

सोनिया का चेहरा तमतमा गया.... 
सोनू को पता था की जब भी उसकी बहन इस रूप में आती थी तो उसे रोकना मुश्किल हो जाता था.

वो बोली : "अभी कुछ देर पहले जो तूने किया.... यहाँ ...मेरी पुस्सी में हाथ डाला...वो ग़लत नही था.... अब मेरी बारी आई तो फिर से अपने घिसे पिटे सीधांतो पर आ गया...''

सोनू जानता था की उसके तर्को का जवाब वो नही दे पाएगा. 

पर फिर भी उसने कोशिश की.. 
और बोलना शुरू किया : "दी, आज शाम को जो मेरे और तनवी के बीच चल रहा था,वो यहाँ भी हो, ये मैं नही चाहता......एक बात तो मैं समझ ही चुका हूँ की इस खेल में उतरने के बाद मेरा खुद पर कंट्रोल नही रहता... मेरा क्या शायद किसी का भी नही रहता... तनवी को भी अपने पर कंट्रोल नही था.... और शायद आप भी नही रख पाएँगी.... ये से....सैक्स का खेल है ही ऐसा मजेदार...और इसलिए मैं डर रहा हूँ की अपनी बहन के साथ शुरू हुए इस नये रिश्ते में बहकर मैं ऐसा कुछ ग़लत काम ना कर दूँ जो मुझे नही करना चाहिए...''
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01-09-2019, 02:07 PM,
#36
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
उसकी बहन अपने भाई की इन बड़ी -2 बातों को बड़े ध्यान से सुन रही थी...

सोनू : "बस उसी अंजाम को रोकने के लिए मैं अभी के लिए और आगे नही बड़ना चाहता, ये ग़लत है, ये तो आप भी जानती हो और मैं भी...पर उन बातों से हम आगे निकल चुके है...पर इतना भी आगे नही निकलना चाहिए की दुनिया की नज़रों में हम वो काम कर दे, जिसे ग़लत कहा जाता है...'' 

सोनिया उसे बड़े ध्यान से सुनती रही... 
सोनू को लगा की वो उसकी बात समझ गयी है...
पर उसके हाथ की पकड़ अभी भी उसके लंड पर ज्यो की त्यो थी... 
और जब तक वो ढीली नही पड़ेगी , सोनिया ढीली नही पड़ेगी.

सोनिया : "तुम्हारे कहने का मतलब ये है की अगर ये सब ऐसे ही चलता रहा तो हम दोनो वो सब कर बैठेंगे जो हमे नही करना चाहिए... यानी सैक्स''

सोनू ने हाँ में सिर हिलाया

सोनिया के चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान आ गयी और वो थोड़ा आगे आती हुई बोली : "पर बाकी सब तो कर ही सकते है ना... वो करने से क्या प्राब्लम है...''

सोनू : "बट दी.... यही तो मैने अभी कहा आपसे... वो सब करते-2 कण्ट्रोल ही नहीं रह पाता , पता ही नही चलता की क्या होने वाला है...''

सोनिया : "उसकी फ़िक्र तुम ना करो.... जब नौबत वहां तक आएगी तो मैं खुद ही मना कर दूँगी... मैं भी अपनी वर्जीनिटी अभी नही खोना चाहती.... अभी मेरी उम्र ही क्या है...''
सोनू : "पर दी....''

सोनिया : "पर-वर कुछ नही... मैने कहा ना, मैं खुद रोक दूँगी... और तुम भी तो हो, थोड़ा कंट्रोल तो तुम्हे भी होगा खुद पर... एन्ड आई प्रॉमिस, जब मैं खुद बहक गयी तो तुम्हारे कहने पर मैं वहीं रुक जाउंगी ... फिर तुम अपने सारे आदर्श..सारे उसूल मुझे सुना देना...वो ग़लत काम मैं नही करूँगी...''

सोनू ने अपने हाथ की पकड़ अपनी बहन के हाथ पर ढीली कर दी... 
यानी वो उसकी बात से सहमत हो गया था.

वैसे भी, इस वक़्त वो अच्छी तरह से जानता था की सोनिया से ज़्यादा वो खुद ये सब करने के लिए उतावला है... 
कौन सा मर्द नही चाहेगा की उसे किसी लड़की की चूत में उंगली डालने का अवसर मिले...उसे चूमने का...उसकी पुस्सी को चूसने का, अपना लंड उसे चुसवाने का...उसके मोम्मे दबाने और चबाने का.... फिर चाहे वो उसकी खुद की बहन ही क्यो ना हो.

सोनू भी ये सब करने को तैयार था, पर अंदर ही अंदर वो अब इस बात से खुश भी था की उसने अपने रिश्तों को एक सीमा में बाँध दिया है, उस सीमा को पार करना अब दोनो के लिए मना था, वो सीमा यानी चुदाई के अलावा वो दोनो कुछ भी करने के लिए आज़ाद थे.

साक्षी और तनवी के बाद, अपनी प्यारी बहन के साथ ऐसा कुछ करने की सोचकर ही उसके लंड ने झटके मारने शुरू कर दिए...

सोनू ने सिर हिला कर सोनिया के साथ हुए अपने इस अग्रीमेंट पर मोहर लगा दी.

सोनिया का चेहरा दमक उठा...
और उसने सबसे पहला काम वो किया, जिसके लिए वो बरसों से तड़प रही थी.

वो लपककर अपने भाई की गोद में आ चढ़ी और उसके गले में बाहें डालकर उसे बेतहाशा चूमने लगी.... 
पहले उसके गालों पर...
फिर माथे और आँखों पर... 
और फिर एक गहरी साँस लेकर उसने अपने शरबती होंठ सोनू के होंठों पर रख दिए.



''उम्म्म्मममममममममममम.....पुचsssssssss.......''

वो चुंबन इतना गहरा और नशे से भरा था की सोनू भी अपने होश खो बैठा.

सोनू तो पहले भी साक्षी और तनवी के होंठों को चूस चुका था...
उनके कुंवारे होंठों का शहद चख चुका था...
पर सोनिया का ये पहला मौका था...
वो अपनी पूरी ताक़त से अपने भाई के होंठों को चूस रही थी....
उसे अपना रस पीला रही थी और उसका निकाल रही थी.... 
ऐसा करते हुए वो बड़ी बेरहमी से अपनी नोक वाली छातियाँ सोनू के सीने पर रग़ड़ रही थी.... 
उनमे हो रही खुजली को वो उसके चौड़े सीने से घिस कर मिटा रही थी.
और फिर सोनिया ने खुद ही सोनू के हाथ को पकड़ा और धीरे-2 उपर करते हुए उसे अपनी छाती पर रख कर ज़ोर से दबा दिया.... 
सोनू को ऐसा लगा जैसे उसका हाथ किसी ऊन के गोले पर रख दिया है...
जिसपर एक बादाम का दाना लगा है...
वो उसकी टी शर्ट के उपर से ही उसके निप्पल को दबाने लगा. 
सोनिया ने अपनी टी शर्ट उतार फेंकी और अपनी अल्हड छातियाँ अपने भाई के सपुर्द कर दी, सोनू उन्हें बड़े प्यार से दबाने लगा 

जैसे-2 वो उसके बूब्स को दबा रहा था, सोनिया की आँखे उपर की तरफ होती चली गयी....
जैसे कोई मिर्गी का दौरा पड़ रहा हो...
पर वो कोई दौरा नही पड़ रहा था, अत्यधिक उत्तेजना की वजह से उसके अंदर एक जोरदार ऑर्गॅज़म का निर्माण हो चुका था....
और जैसे-2 सोनू उसके बूब्स को दबा रहा था, वो हवा सीधा उसके ऑर्गॅज़म में जाकर उसे और ज़्यादा फूला रही थी... 

सोनिया के कच्चे टिकोरे जैसे ही उसकी नजरों के सामने आये वो उन्हें मुंह में लेकर चूसने लगा 

और जैसे ही सोनू ने उसके निप्पल को मुँह मे लेकर चूसा , वो भरभराकर झड़ने लगी....



''आआआआआआआआआआआआआआआआआहह सोनू............................. उम्म्म्ममममममममममम.......''

अपनी लाइफ के सबसे पहले सैक्स एनकाउंटर में वो अपने भाई से सिर्फ मुम्मा चुस्वा कर ही झड़ गयी.

और वो भी बिना कुछ किए.

सोनू उसके नुकीले निप्पल्स को अभी भी चूस रहा था.... 
अपने मुँह मे लेकर वो उन्हे चबा रहा था.



सिर्फ़ 10 मिनट के अंदर ही दूसरी बार सोनू ने उसे झाड़ दिया था.... 
पहले उसकी पुस्सी में फिंगरिंग करके और दूसरी बार उसे बेतहाशा मज़ा देके.

सोनू का लंड अभी भी बुर्ज खलीफा की तरह डटा खड़ा था.
अपने गीले-2 होठों से अपने भाई को चूमते हुए सोनिया नीचे तक आई और उसने सोनू के लंड को दाँतों से पकड़ लिया..

''आआआआआआआआआआअहह दी........ धीरे......''

सोनिया खिलखिलाई : "ओले ओले.... मेले भाई को दर्द हो रहा है... देखूँ तो ज़रा....''

इतना कहकर उसने सोनू की शॉर्ट्स को पकड़कर नीचे खींच दिया... और किसी स्प्रिंग लगे खुंटे की तरह सोनू का लंड लहरा कर उसके सामने डांस करने लगा..



अपनी आँखो के सामने नाच रहे भाई के लॅंड को देखकर वो सम्मोहित सी हो गयी.... कितना प्यारा था वो... कितना चिकना... 
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01-09-2019, 02:08 PM,
#37
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
उसे पता नही क्या हुआ, सोनिया का चेहरा अपने आप उसके लंड की तरफ खींचता चला गया.... 
और उसने अपनी जीभ से चाट कर,उसे मुँह में भर लिया...

अपने भाई के लंड की कलाई पर उसने अपने होंठों का छल्ला राखी बना कर कस दिया...


''उहह........ दीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई.......... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स''

बेचारे सोनू के पास शब्द ही नही थे सोनिया के इस प्रहार के लिए... 
वो उसके लंड को ऐसे चूस रही थी, जैसे बचपन में उसकी आइस्क्रीम को चूसती थी... 
अब फ़र्क ये आ चुका था की उस ओरेंज बार के बदले सोनिया के मुँह में सोनू का लंड था.

वो सोनिया के बिस्तर पर लेट गया.... सोनिया ने उसकी शॉर्ट्स पूरी उतार दी.... और अपनी टी शर्ट और स्कर्ट भी....

अब एक बिस्तर पर दो जवान जिस्म पूरे नंगे थे....



सोनू तो उसे पहले भी एक बार छुपकर नंगा देख चुका था... 
पर इस तरह , इतने करीब से, अपनी बाहों में भरकर देखना उस बार से अलग था...
वो उसे इस तरह से अपने जिस्म को निहारते देखकर मुस्कुरा उठी और बोली : "रूको....आराम से दिखाती हूँ.''

इतना कहकर वो बेड से उतारकर सामने आ गयी 
और नंगी ही इधर से उधर घूमकर अपने नंगे जिस्म की नुमाइश अपने भाई के सामने करने लगी. 



सोनू को तो ऐसा लग रहा था की वो टीवी के सामने बैठकर फॅशन टीवी देख रहा है... 
और उसके सामने नंगी पुँगी मॉडल अपना जलवा दिखा रही है.

सोनू के चेहरे पर अपने लिए तारीफ के भाव देखकर वो फिर से उछल कर बेड पर आ गयी और उसने एक बार फिर से उसके लंड को मुँह में भर लिया.

और इस बार वो पूरी तेज़ी के साथ उसे मुँह में लेकर चूसने लगी... 
उसकी गति इतनी तेज थी की सोनू को दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था... 
ऐसा फील हो रहा था उसे जैसे लंड को किसी सकिंग मशीन में डाल दिया हो....



उसने मन में सोच लिया की आज से उसकी बहन का नाम होगा 'सकिंग मचाइन'

और जल्द ही उसकी सकिंग का परिणाम सामने आ गया.

सोनू के लंड ने सफेद रस निकालना शुरू कर दिया.

उसकी धार को उसने सीधा लंड चूसती सोनिया की छातियों पर गिराया.... 



''आआआआआआआआआआआआआआअहह दी........ आई एम कमिंग......'
सोनिया ने बड़े प्यार से अपने दोनो मुम्मो को अपने भाई के रस से भिगो कर उन्हे बंगाली रसगुल्ला बना दिया.

और फिर बचे हुए रस को मुँह मे लेकर वो बाकी की चाशनी खुद ही चूस गयी और अपने को रसभरी बना लिया.



उसके चेहरे और शरीर पर पुते सफेद रस को देखकर सोनू का मन बेचैन सा हो गया...

आज अगर उनके बीच वो समझोता ना हुआ होता तो वही के वही चोद डालता अपनी बहन को...

पर आज जो भी हुआ था, वो भी कम नही था...

पहली बार के लिए ये भी बहुत था..

जब आगाज़ ऐसा है तो अंजाम क्या होगा..

यही सोचकर वो गहरी साँसे लेता हुआ सोनिया से लिपट कर लेटा रहा.

बस यही सोचता हुआ की जो हो रहा है वो ग़लत तो नही है ना.
अगले दिन जब सोनू स्कूल गया तो उसे अपनी लाइफ का सबसे बड़ा सरर्प्राइज़ मिला... तनवी उसी के स्कूल में थी. 

तनवी ने अपने पापा की एप्रोच लगाकर उसी के स्कूल में ट्रान्स्फर ले लिया था... 
सोनू जानता था की उसके पापा उनके एरिया के निगम पार्शद थे, उनके अंडर में वहां के सारे स्कूल आते थे और सोनू को ये सोचने की ज़्यादा ज़रूरत नही थी की वो वहां किसलिए आई है... वो ज़्यादा से ज़्यादा टाइम उसके साथ बिताना चाहती थी...

पर सोनू के लिए तनवी का आना एक मुसीबत जैसा था... 
क्योंकि स्कूल में उसके साथ साक्षी भी थी...उसके सामने वो तनवी को कैसे हेंडल कर पाएगा..

पर एक बात तो उसे अपने फेवर में लग रही थी की तनवी उसके पीछे पड़ी है,ना की वो तनवी के पीछे... 
इसलिए कम से कम वो तनवी को तो बता ही सकता है की उसका साक्षी के साथ चक्कर है...
साक्षी को तनवी के बारे में बताने का मतलब था की अपने हाथ में आए लड्डू को फेंक देना..जो वो हरगीस नही चाहता था..

तनवी ने जब सोनू को देखा तो वो सीधा उसके पास आ गयी 



और हाथ मिलाकर उसे बताने लगी की कैसे उसने अपने पापा को पटा कर वहां एडमिशन ले लिया है. 
हालाँकि उसका सेक्शन अलग था, पर सोनू जानता था की वो उससे मिलने का कोई ना कोई जुगाड़ निकाल ही लेगी पर सबसे पहले उसे साक्षी के बारे में बताना ज़रूरी था.

सोनू : "चलो,ये तो अच्छी बात है की तुम भी अब यहीं आ गयी... बट एक बात मैं तुम्हे बताना चाहता हूँ !! ''

पर वो बोल पता इससे पहले ही तनवी बोल पड़ी : "अपनी सेट्टिंग साक्षी के बारे में ना... मुझे पता है.... डोंट वरी...''

सोनू अवाक सा होकर उसे देखकता रह गया... यानी सोनिया ने उसे सब बता दिया था.

तनवी : "एंड डोंट वरी सोनू, मैं तुम्हारे और साक्षी के बीच नही आने वाली....बस मेरा थोड़ा एक्सट्रा ख्याल रख लेना..''

इतना कहते हुए उसने सोनू को किसी चालू लड़की की तरह आँख मार दी..
और अपना हाथ भी जो अभी तक सोनू के हाथ में था, उसे थोडा दबा सा दिया.
तभी पीछे से साक्षी आ गयी... 
सोनू का हाथ अभी तक तनवी के हाथ में था...
उसने हड़बड़ाते हुए अपना हाथ छुड़ाया...
पर साक्षी तब तक वो देख चुकी थी...
और उसके चेहरे के एक्शप्रेशन सब बयान कर रहे थे...



पर वो कुछ बोल पाती उससे पहले ही तनवी बोल पड़ी : "हाई साक्षी....कैसी हो... अभी सोनू तुम्हारे बारे में ही बता रहा था... तुम दोनो के बारे में मुझे सब पता है... मैं इसकी सिस्टर सोनिया की बेस्ट फ्रेंड तनवी हूँ ... एंड तुम दोनो इस बात की फ़िक्र ना करो, मैं ये बात किसी को नही बताउंगी ... इनफेक्ट कभी मेरी कोई हेल्प चाहिए हो तो बता देना.... ओके बाइ... मैं चलती हूँ ....मेरा पहला दिन है आज...और मैं अपनी क्लास मिस नही करना चाहती''

इतना कहकर वो भागती हुई अपनी क्लास में चली गयी...
सोनू ने भी आराम से उसे सब समझाया.. 
शुक्र था की वो सोनू की बात समझ गयी.

पर तब तक साक्षी के दिमाग़ में एक प्लान आ चुका था.... 
जिस अंदाज से तनवी ने उन्हे किसी भी तरह की हेल्प करने की पेशकश की थी, साक्षी का दिमाग़ उसी बात को लेकर घूम रहा था... 
इसलिए अगले पीरियड से पहले वो तनवी से मिलकर आई और उसने अपने प्लान के बारे में उसे बताया... 
और उससे हेल्प करने की बात कही...
वो बाते करते हुए दोनो के चेहरों पर शैतानी मुस्कुराहट थी.

स्कूल का हाफ टाइम होने पर साक्षी ने सोनू से कहा की अगला पीरियड बंक कर देना...
कुछ काम है तुमसे.

सोनू ने सोचा की शायद वो उससे कोई बात करना चाहती है... 
इसलिए उसने भी बिना सोचे समझे हाँ कर दी..

अगले पीरियड के टाइम वो उसका हाथ पकड़ कर उपर ले जाने लगी तो सोनू ने उसे टोका... यानी स्कूल के टॉप फ्लोर पर. 
पर वो उसे लगभग घसिट्टी हुई उपर वाले फ्लोर पर ले गयी... 
उस फ्लोर में कोई क्लास नही लगती थी..
सोनू ये तो समझ चुका था की वो क्या करना चाहती है, पर उसे डर था की कोई ना कोई वहां आकर उन्हे देख लेगा..
पर उपर पहुँचने के बाद उसने जब तनवी को वहां देखा तो उसका चेहरा फिर से चकित हो उठा.

साक्षी : "डोंट वरी.... कोई नही आएगा... और कोई आया तो साक्षी बाहर ही है, हमें बता देगी...''

इतना शरारत भरा आइडिया साक्षी का ही हो सकता था... 
उसे वैसे भी इस तरह के एडवेंचर करने में काफ़ी मज़े आते थे... 
तनवी को अपनी तरफ मिला कर वो उससे चोकीदारी करवाना चाहती थी... 
पर जो भी था, अब तक सोनू का लंड बुरी तरह से खड़ा हो चुका था.
क्लास में घुसते ही दोनो एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे...
चूसने लगे... 
एक दूसरे को चूमते हुए दोनोके चेहरे पर एक प्यार भरी मुस्कान थी 



सोनू उसके हर अंग को दबा दबा कर उसके शरीर का नाप लेने में लगा था...
साक्षी भी बिफरी हुई बकरी की तरह उसके हर हमले से काँप सी जाती और उससे और बुरी तहर से लिपट कर चूमने लगती...
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01-09-2019, 02:08 PM,
#38
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
ये सारा नज़ारा बाहर खड़ी तनवी बड़े चाव से देख रही थी.... 
उसका खुद का हाथ अपनी छाती पर था...
अपनी अविकसित छातियों को मसल-2 कर वो उनकी रासलीला देख रही थी.

वो सब देखते हुए उसे कल की बाते याद आ रही थी जब यही सोनू उसके नन्हे-2 निप्पलों को मुँह में लेकर किसी बच्चे की तरह उसका दूध पी रहा था... 
वो पल याद आते ही उसके तन बदन में एक कसक सी उठी, जो एक सिसकारी के रूप में बाहर निकल आई.

साक्षी को तो नही, पर सोनू को वो सिसकारी सुनाई दे गयी....
और जब उसने उसकी तरफ देखा तो दोनो की नज़र मिलते ही एक अजीब सी फीलिंग आई दोनो के मन में .... 
पर उस फीलिंग को अभी बयान करना पोस्सिबल नही था.

और ना जाने क्यो, इस वक़्त साक्षी से ज़्यादा सोनू का ध्यान तनवी की तरफ था... 
हालाँकि कल ही उसके साथ उसने काफ़ी मज़े लिए थे, पर एक अधूरी सी प्यास जो रह गयी थी, वो उसके मन में अभी तक अटकी सी पड़ी थी.

इसी बीच साक्षी ने सोनू के लंड को पकड़ कर ज़ोर से मसल दिया और उसके सामने बैठ कर उसकी जीप खोलने लगी... 
उसे इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ रहा था की बाहर खड़ी तनवी उन्हे देख रही होगी, उसे तो बस इस वक़्त किसी भी कीमत पर सोनू का लंड चूसना था...जिसके लिए वो ना जाने कब से तड़प रही थी...

जैसे ही वो लंड बाहर आया, साक्षी के साथ-2 तनवी के मुँह में भी पानी भर गया.... 
कल तो वो सोनू के लंड को सिर्फ़ पकड़ ही पाई थी, ना तो उसे देखा था और ना ही उसे चूमा या चूसा था... 
अब उसे सच में साक्षी से ईर्ष्या सी हो रही थी.... 
वो सोनू के लंड को पूरा बाहर निकाल चुकी थी और उसपर गीली-2 पप्पियाँ देने में लगी थी.... 
जब उसका लंड पूरा खड़ा हो गया तो उसे वो अपने चेहरे पर किसी डंडे की तरह मारने लगी.... 
पर जैसे ही उसने अपना मुँह बड़ा करके उसे अंदर लेना चाहा, तनवी चीख पड़ी : "कोई आ रहा है..... जल्दी बंद करो....''

साक्षी और सोनू के तो होश ही उड़ गये... 
दोनो ने आनन-फानन में अपने कपड़े ठीक किए और बाहर निकल आए... 
तब तक तनवी वहां से निकल कर सीडियां उतर चुकी थी.

बाहर कोई आया ही नही था....
ये सब तनवी की जलन का परिणाम था, जो लंड उसके मुँह में नही जा पाया वो भला साक्षी के मुँह में जाता हुआ कैसे देख सकती थी.

पर एक बात तो उसने सोच ही ली थी की आज किसी भी कीमत पर वो उसके लंड को चूस कर रहेगी. 

स्कूल के बाद तनवी और सोनू एक साथ ही निकले... 
दोनो का घर एक तरफ ही था. आज उन्होंने रिक्शा नहीं किया, पेडल ही चल दिए. 

रास्ते मे सोनू ने उससे पूछा : "वहां कोई नही आया था ना..."

तनवी चुप रही

सोनू : "बोलो, कोई नही था ना....''

तनवी : "नही...''

सोनू : "फिर क्यो बोला तुमने... मैने कहा था ना की हमारे बीच जो भी है वो अलग है, साक्षी से तो तुम्हे कोई प्राब्लम थी ही नही, फिर ऐसा क्यों किया''
वो चलते-2 रुक गयी और सोनू को देखकर बोली : "वो सिर्फ़ इसलिए की जो काम मैं नही कर पाई, वो करने जा रही थी... एक बार मैं कर लू, फिर वो चाहे जितनी बार भी करे, मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता...''

सोनू : "कौन सा काम....''

तनवी ने आस पास देखा, कोई भी नही था... वो उसके और करीब आई और सीधा उसके लंड को पकड़ कर बोली : "ये वाला...सकिंग का...''

सोनू डर सा गया.... 
कैसी डेयरिंग थी इस लड़की में ... 
कल से आज तक इसके रंग कैसे बदल से गये थे... 
सरेआम उसके लंड को पकड़ कर बोल रही थी की उसे चूसना है.

और इससे पहले वो उसे कुछ बोल पता, तनवी ने उसका हाथ पकड़ा और उसे लेकर सड़क के साइड में बने एक चर्च की तरफ ले जाने लगी.
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01-09-2019, 02:08 PM,
#39
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
ये काफ़ी पुराना सा चर्च था...सोनू अक्सर शाम को उसके सामने बने मैदान में अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने जाया करता था.

सोनू बोलता रह गया पर तनवी ने उसकी एक ना सुनी और उसे लगभग घसीटती हुई सी चर्च के पीछे की तरफ ले आई.... 
ये एक सुनसान सा इलाक़ा था... 
सिर्फ़ चर्च के उपर बनी खिड़कियो से ही वहां देखा जा सकता था... 
पर इस वक़्त चर्च में कोई नही था, इसलिए वहां से किसी के देखने का सवाल ही नही था.

सोनू समझ गया की जबसे तनवी ने उन्हे क्लास मे देखा था, तभी से उसके अंदर खुरक हो रही है.

अब शायद वो अपना वो काम करके रहेगी, जिसके लिए उसे साक्षी से जलन हो रही थी.
सुबह बारिश हुई थी , उसकी वजह से मौसम बड़ा ख़ुशगवार था...गीली मिट्टी से सोंधी-2 खुश्बू आ रही थी... चर्च के चारो तरफ काफ़ी हरियाली थी..और वो दोनो इस सैक्सी से माहौल में अकेले थे.. 

स्कूल ड्रेस में वैसे भी लड़किया काफ़ी सैक्सी लगती है, उसने वाइट शर्ट और स्कर्ट पहनी हुई थी, और जैसा की आजकल की लड़कियो को शॉंक चड़ा होता है, उसने स्कर्ट को उपर तक खींचकर अपने घुटनो से उपर चड़ा रखा था, ताकि उसकी मांसल जाँघो का नज़ारा भी दिखाई दे.. 



सोनू की नज़रें उसके उसी माँस पर थी... 

तनवी ने तो बिना देरी किए अपना बेग साइड में रखा और सोनू से लिपट गयी... 

इसलिए जैसे ही तनवी उससे लिपटी, सोनू ने नीचे झुककर उसकी जाँघ को पकड़ा और उपर करते हुए उसे अपनी कमर पर अटका सा दिया और अंदर हाथ डालकर उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से ही ज़ोर-2 से भींचने लगा...

तनवी ने अपने होंठ सोनू के होंठों पर रख दिए और उन्हे चूसने लगी... ऐसा लग रहा था जैसे वो उसे कच्चा चबा जाएगी..

सोनू ने उसके मुँह से अपने होंठ चुड़वाए और उसकी गर्दन पर ले आया... 
ऐसा लग रहा था जैसे कोई फिल्मी पोज़ है... 
सोनू उसकी गर्दन को चूमता हुआ नीचे आने लाग.. 

और धीरे-2 उसने तनवी की शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए... जैसे-2 वो उन्हे खोलता गया, उसका नंगा सीना सामने आता गया... उसने अंदर कुछ नही पहना हुआ था... ना तो ब्रा और ना ही कोई शमीज़... ऐसी लड़कियाँ ही आगे चलकर बहुत बड़ी चुदक़्कड़ बनती है...सोनू ने मुस्कुराते हुए उसे देखा और फिर धीरे से नीचे झुककर उसने उसका अंगूरी दाना अपने मुँह में भर लिया...
उसके निप्पल्स लगभग एक इंच बहार निकल चुके थे, एकदम लाल सुर्ख दानो को जब उसने मुंह में भरकर चूस तो तनवी की आँखे बंद होती चली गयी 



वो सिसक उठी और उसने सोनू के सिर को पकड़ कर और ज़ोर से अपनी छातियों में दबा लिया..

''आआआआआआआआआआआआआआआहह बैबी....... और ज़ोर से सक्क करो..''

सोनू ने उसकी शर्ट को कंधे से सरका कर नीचे कर दिया, पर पूरा नही उतारा.. 

उसकी बूबिया चूसते हुए सोनू का एक हाथ उसकी पेंटी में घुस चुका था... 
और वो उसकी अनचुदी चूत में अपनी उंगली डालकर उसकी उत्तेजना को और भड़का रहा था... 
जैसे आग में घी काम करता है ठीक वैसे ही उसकी चूत में सोनू की उंगली ने काम किया... 
वो एकदम से भड़क सी गयी और सोनू को बुरी तरह से चुमते -चाटते, उसे धक्का देते हुए बेंच पर बिठा दिया.

ऐसे खुल्ले में इतना अच्छा ट्रीटमेंट मिलने से सोनू आज अपने आप को किसी राजा की तरह फील कर रहा था..

तनवी ने उसकी बेल्ट खोली, हुक और जीप खोलकर पेंट को नीचे किया और उसके लंड को अपने सामने ले आई...

ये वही लंड था जो कल उसके हाथ में था पर उसे देख नही पाई थी, आज देख लिया था पर काफ़ी दूर से... 
अब वो किसी भी कीमत पर इंतजार नही करना चाहती थी..

उसने अपना मुँह गोल किया और नीचे झुककर बिना किसी भूमिका के उसे मुँह के अंदर लेकर चूसने लगी..

''आआआआआआआआआआआआहह तनवववववीीईईईईईई''

सोनू के मुँह से सिर्फ़ यही निकला.. 
सोनू का एक हाथ उसके सिर पर था... 
वो उसे कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था ताकि अपनी उत्तेजना मे बहकर वो उसके लंड को कोई नुकसान ना पहुँचा दे, पर वो अपनी ही धुन में , बावली सी होकर उसके लंड को चूसे जा रही थी.



सोनू से बैठना मुश्किल सा हो गया, वो बेंच से खड़ा होकर अपना लैंड चुस्वाने लगा, पेंट उसके पैरों में आ गिरी और शर्ट को उसने और ऊपर चढ़ा लिया।
तनवी उसके पैरों में बैठी उसका लंड चूस रही थी 



तनवी के मुँह से लार निकल-2 कर उसी की छाती पर गिर रही थी... 
जिन निप्पलों को सोनू ने अभी कुछ देर पहले चूस-चूस्कर सूजा सा दिया था, उनपर गर्म लार किसी दवाई का काम कर रही थी... 
वो अपनी छातियों को एक हाथ से मसलते हुए उस मलाई को अपने बूब्स पर मलने लगी..

बीच-2 में वो उसकी बॉल्स को भी चूस रही थी... 
उसने गोर किया की सोनू के लंड के साथ-2 उसकी बॉल्स भी काफ़ी बड़ी थी...
और बॉल्स पर जीभ या होंठ लगते ही वो और ज़्यादा उत्तेजित हो जाता था... 
और एक अच्छी गर्लफ्रेंड अगर ये समझ जाए की उसके बाय्फ्रेंड को क्या-2 करने से मज़ा मिलता है , और वो उन्हे बार-2 करती रहे तो सवाल ही नही उठता की वो उसे छोड़कर कभी चला जाए..

यही इस वक़्त तनवी कर रही थी.. 
वो हर 10 सेकेंड के बाद अपने मुँह से सोनू का लंड बाहर निकालती, अपने हाथ से उसकी गोटियां सहलाती और फिर दाँतों से...होंठों से....जीभ से उन्हे चुभलाती.

सोनू को उसकी ये सेंसुअल मसाज में काफ़ी मज़ा आ रहा था...
उसके कड़क निप्पल्स को देखते हुए वो उसके मुँह में अपने लंड को डालकर जोरों से हिला भी रहा था...

और जल्द ही उसके लॅंड ने जवाब से दिया... 
अब इतने ख़तरनाक तरीके से अगर कोई लंड को चूसेगा तो सोनू को झड़ना ही था... 
और जैसे ही उसके लंड से पिचकारियाँ निकलनी शुरू हुई, तनवी ने उसके लंड को पकड़ कर पहली धार अपने मुँह के अंदर, बाकी की अपनी छाती पर ले डाली...
और आख़िर में एक बार फिर से उसके मुरझा रहे लंड को मुँह में लेकर उसकी नलकियों में बचा हुआ सारा रस निचोड़ कर पी गयी.
सोनू की तो हालत भराब हो चुकी थी... 
और वहीं दूसरी तरफ तनवी की हालत देखते ही बनती थी...
सोनू के गाड़े और सफेद रस से भीगा उसका चेहरा और छातियाँ बड़े सैक्सी लग रहे थे.
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01-09-2019, 02:08 PM,
#40
RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
तनवी को उसका स्वाद भी बहुत पसंद आया था, वो उस रस को अपनी छाती से इकट्ठा करके अपने मुँह में ले गयी और देखते ही देखते उसने वो सारा मेस्स एकदम क्लीन सा कर दिया... 
बाद में सोनू ने उसे रुमाल दिया, पानी की बोतल दी, जिससे उसने अपना हुलिया दुरुस्त किया.

आज वो बहुत खुश थी..जो वो चाहती थी, वो उसे मिल चुका था.

जाने से पहले उसने अपनी छातियों को अच्छे से मालिश करवाई और सोनू को काफ़ी स्मूचेस दी... 
फिर सोनू उसे घर छोड़ता हुआ अपने घर आ गया.

पर उसे पता नही था की घर पहुँचते ही तनवी ने आज का सारा किस्सा सोनिया को फोन करके सुना दिया था..

अब सोनिया के दिलो दिमाग़ में जो चल रहा था उसका आज बहुत बड़ा असर पड़ने वाला था उनके भाई बहन के रिश्ते पर..
सोनू जब घर पहुँचा तो सोनिया उसे गेट पर ही उसका इंतजार करते हुए मिल गयी... 
उसके चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की वो कितनी देर से उसका इंतजार कर रही है... 
अब वो भला क्या जानती थी की आज स्कूल से घर का रास्ता इतना लंबा कैसे हो गया था..

दोनो जब अंदर आए तो सोनिया का मोबाइल फोन बज उठा.

वो तनवी की कॉल थी.

सोनिया : "हाय ...कैसी है...आज इस वक़्त कैसे याद आ गयी तुझे..''

तनवी : "वो तुझे बताने के लिए कॉल किया था की मेरा एडमिशन सोनू के स्कूल में हो गया है..''

सोनिया ने जब ये सुना तो उसका पूरा शरीर झनझना उठा... 
ये सोचकर की अब उसके भाई का क्या होगा.. 
उसका दिमाग़ तो सोचते हुए इतनी आगे तक पहुँच गया की वो दोनो स्कूल के बाद बंद क्लास में चुदाई कर रहे है...

वो अपनी बड़ी-2 आँखो से सोनू को देख रही थी... जो फ्रिज से पानी निकाल कर पी रहा था... इस बात से अंजान की उसकी बहन तनवी से बात कर रही है.

तनवी तो पहले से ही उसके भाई के बारे में बात करके उसके साथ खुल चुकी थी... 
इसलिए अपनी आदत के अनुसार एक बार फिर से शुरू हो गयी और स्कूल में साक्षी के साथ क्लास वाला किस्सा और बाद में चर्च के पीछे वाला वाक्या भी उसे नमक मिर्च लगाकर सुना डाला..

सोनिया को तो विश्वास ही नही हो रहा था की उसके भाई में इतनी हिम्मत आ चुकी है की वो स्कूल में भी ऐसी हरकत करने की हिम्मत रखता है..
पर अंदर ही अंदर उसे ये सब सुनकर मज़ा भी आ रहा था और उसकी उत्तेजना भी बढ़ती जा रही थी..

वैसे वो उसकी उत्तेजना कल रात के बाद और भी बढ़ चुकी थी... 
एक बार जिस बहन ने अपने भाई के लंड को चख लिया हो, उसे फिर और कुछ पसंद ही कहाँ आता है... 
वही हाल सोनिया का भी था... 
इसलिए वो उसके स्कूल से लोटने का इंतजार कर रही थी ताकि वो कुछ मौज मस्ती कर सके उसके साथ... 
और अब तनवी की बातों ने उसके अंदर की आग को और भी भड़का दिया था.. 
उसके मन में बस यही चल र्हा था की जब दूसरों के साथ इतना ओपन हो सकता है तो मेरे साथ तो डबल ओपन होना चाहिए...
आख़िर बहन हूँ मैं उसकी...
मेरे भाई पर पहला हक मेरा है ना की उन भूतनियों का.... 
वैसे भी वो तनवी को तो अपने सामने कुछ नही समझती थी... 
ना तो उसके पास चुचि थी और ना ही उसके जैसा हुस्न... 
पर साक्षी के बारे में वो ऐसा नही बोल सकती थी, वो उसे पूरी तरह से टक्कर दे सकती थी... 
हर बात में... 
हर डिपार्टमेंट में.

पर अभी के लिए तो सोनू को कुछ दिखाने का टाइम था...जिसके लिए सो सुबह से मचल रही थी. 

सोनू हमेशा स्कूल से आने के बाद नहाने चला जाता था, ये वो अच्छी तरह से जानती थी, और अंदर जाते हुए वो अक्सर टावल लेना भी भूल जाता था..
आज भी ऐसा ही हुआ, वो बाथरूम में गया और नहाने में मग्न हो गया. 

कुछ देर बाद जब उसे ये रीयलाइज़ हुआ की टावाल नही है तो उसने सोनिया को आवाज़ दी... 
और उसकी प्यारी बहन टावल लेकर हाजिर हो गयी...
सोनू ने जैसे ही टावल उसके हाथ से लेना चाहा,सोनिया उसे धक्का देती हुई अंदर घुस आई.

और उसे देखकर सोनू की आँखे फटी की फटी रह गयी....

वो एकदम नंगी थी.



कल रात को उसे नंगा देखने के बाद उसकी हिम्मत में इतना इज़ाफा हो चुका था की वो खुद ही अपने कपड़े उतारकर उसके साथ बाथरूम में घुस आई थी.
सोनू तो उसके गोरे जिस्म को उपर से नीचे तक आँखे फाड़े देख रहा रहा था.. 
रात के अंधेरे में और अब देखने मे कितना फ़र्क था, ये वो अब जान पा रहा था... 
उसका एक-2 अंग अपनी सुंदरता बिखेरता हुआ उसके सामने था.. 
और सबसे बड़ी बात ये थी की वो बड़ी अकड़ के साथ उसे वो सब इतरा कर दिखा भी रही थी.

वो कुछ बोल पता , इससे पहले ही सोनिया बोल पड़ी : "सुना है आज बड़ी मौज मस्ती करी तुमने स्कूल में ...हम्म''

वो अपने मुम्मो पर शावर का पानी डालते हुए बोली.

पर वो तो भोंदू सा बनकर उसके मोम्मे देखने में बिज़ी था.

सोनिया थोड़ा आगे आई और उसके खड़े हुए लंड को हाथ में पकड़कर मरोड़ दिया

''आआआआईयईईईई...... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... क्या कर री हो दी.....''

वो अपनी नाराज़गी दिखा रही थी... 
वो नाराज़गी जो उसमें तनवी की बाते सुनने के बाद आई थी.

वो बोली : "बोल ना... क्या-2 करा आज स्कूल में...''

सोनू ने सिसकारी मारते हुए कहा : "दी..तुमने अभी तनवी से बात की है ना...''

उसने हाँ में सिर हिला दिया... 

सोनू तो पहले ही समझ गया था..
अब उसे तनवी पर गुस्सा आ रहा था... 
वो जानता था की तनवी ने जो बोला होगा, उसे सुनकर उसकी बहन में थोड़ी जेलीसी वाली भावना ज़रूर आएगी... 
पर अंदर ही अंदर उसे अपनी बहन की ये फीलिंग अच्छी भी लग रही थी.

सोनू : "जब आपको सब पता चल ही गया है तो मुझसे क्यो पूछ रही हो...''

ये कहते हुए उसने अपना सिर नीचे किया और उसके मोम्मे को मुँह में भरकर ज़ोर से चूस डाला...

वो चिल्लाई : "आअहह....... पर फिर भी..... तेरे मुँह से..... आह सुनना अच्छा लगता है....... उफफफफफफफफफ्फ़... धीरे कर कुत्ते....''
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