09-20-2018, 01:56 PM,
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sexstories
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RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
"देखो प्रीति सवाल ये नही है कि मुझे अछा लगता है कि नही... बस हमारे बीच ये सही नही है." राज ने अपनी बात पर ज़ोर देते हुए कहा.
"लेकिन में इसे दूसरे ढंग से सोचती हूँ, " प्रीति ने जवाब दिया, "ना तो में तुमसे शादी करने वाली हूँ ना ही तुम्हारे बच्चे पैदा करना चाहती हूँ... मेने तुम्हारे जैसा मोटा और लंबा लंड नही देखा और जब तक कि मुझे तुम्हारे जैसा दूसरा लंड नही मिल जाता में तुम्हे अपने हाथ से जाने नही दूँगी.."
"लेकिन फिर भी में यही कहूँगा कि मुझे नही लगता कि हमारे बीच दुबारा ये सब होगा." राज ने कहा.
"तुम्हे लगता है.. अरे तुम्हे खुद को पता नही कि होगा कि नही.." प्रीति ने उसे चिढ़ाते हुए अपनी दो उंगलियाँ अपने मुँह मे ली और उन्हे चूसने लगी.. "अगर में ये कहूँ कि में तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूँ तो?
राज उठ कर जाना चाहता था कि प्रीति की बात सुनकर रुक गया, और प्रीति हँसने लगी, "देखा इसी बात पर रुक गये ना?"
"क्या कहा तुमने.. तुम मेरा लंड चूसना चाहती हो?" राज ने पूछा.
"हां और क्या.. अरे इस घोड़े जैसे लंड को कौन चूसना नही चाहेगा..हां लेकिन तुम्हे मेरे लिए भी कुछ करना होगा."
"हुम्म"
"हां सीधी सी बात है.. में तुम्हारा लंड चूस चूस कर तुम्हारा पानी छुड़ा दूँगी और बदले में तुम मेरी चूत चूस कर मुझे झाड़ा देना." प्रीति ने कहा.
राज सोचने लगा... उसने कभी जिंदगी मे कभी किसी लड़की की चूत नही चूसी थी और अगर वो ठीक ढंग से अपनी बेहन की चूत चूस उसे खुश ना कर पाया तो वो उस पर हँसेगी.. इसलिए उसने उससे सच कहना ही उचित समझा, "ऐसा है प्रीति मेने पहले कभी ये किया नही है.. मेने सिर्फ़ कीताबों मे पढ़ा और देखा है... लेकिन मे कोशिश करना चाहता हूँ." राज ने कहा.
"वैसे आज तक मेरी चूत भी किसी ने नही चूसी है.. इसलिए क्यों ना हम दोनो ये नया अनुभव साथ साथ ले.. कुछ सीखने को ही मिलेगा." प्रीति बोली.
"ठीक है... कहाँ करना चाहोगी?" राज ने पूछा.
"मेरे कमरे मे" प्रीति ने जवाब दिया. और उठ कर अपने कमरे मे जाने लगी.. राज भी उसके पीछे पीछे चल दिया... उसका लंड जीन्स के अंदर बुरी तरह मचल रहा था.
जब दोनो प्रीति के कमरे मे पहुँचे तो प्रीति ने उसे कपड़े उतारने को कहा... राज ने जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतारे और बिस्तर पर लेट गया... उसे डर था कि कहीं उसकी बेहन का इरादा ना बदल जाए...
प्रीति ने अपने भाई एक विशाल लंड को देखा और उछल कर बिस्तर पर उसकी टाँगो के बीच आ गयी... उसने उसके लंड को अपने हाथों मे लिया फिर अपनी जीब उसके सूपदे पर फिराने लगी.. लंड उसके कोमल हाथों मे फड़फदा रहा था.. वो अपनी जीब उसके चारों ओर फिराने लगी...
राज के मुँह से सिसकारियाँ फुट रही थी.. उसने नज़रे नीचे कर देखा कि उसकी बेहन अपने मुँह को खोल उसके लंड को अंदर ले रही है...पहले उसने उसके सूपदे को मुँह मे भर चूसा फिर पूरे लंड को अंदर ले चूसने लगी... राज के बदन मे उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी..
प्रीति अपना पूरा मुँह खोल उसके लंड को अंदर तक लेने की कोशिश कर रही थी. लेकिन राज का लंड इतना मोटा और लंबा था कि उसके मुँह मे आधा लंड ही समा पाया.. उसने बाकी बचे लंड को अपनी मुट्ठी मे भींच लिया और अपने मुँह को उपर नीचे कर चूसने लगी.. अपने थूक से लंड को चिकना कर वो उसे चूस रही थी.. राज सिसक रहा था
"ओःःः हाआँ चूवसो मेरी बेहन श कितना अच्छा लग रहा है... आज तक
किसी ने मेरा लंड नही चूसा ऑश.. तुम्हारा मुँह कितना कोमल है.."
"हे भगवान राज! मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा कि तुम्हारा लंड इतना मोटा और लंबा है.. मेरे तो मुँह भी नही आ रहा " प्रीति ने राज से कहा, "और मुझे नही लगता कि कोई लड़की इतने विशाल लंड को पूरा अपने मुँह मे ले सकेगी." कहकर वो एक बार फिर उसके लंड को चूसने लगी.
राज के लंड की नसें तनने लगी थी.. वो पूरे उबाल पर था.. उसने उसके सिर को पकड़ा और अपने लंड को और अंदर थेल्ते हुए अपने वीर्य की पिचकारी उसके मुँह मे छोड़ दी..
जब राज का वीर्य उसके गले से टकराया तो प्रीति चौंक पड़ी.. उसका पूरा मुँह उसके वीर्य से भर गया... थोड़ा वीर्य उसके होठों के किनारे से छूकर उसकी तोड़ी को भीगोने लगा... राज ने अपना लंड उसके मुँह से निकाला तो दूसरी पिचकारी उसके चेहरे पर छूटी... तीसरी उसके गालों पर..
राज भी एक बार तो घबरा गया... "तुम ठीक तो हो?" उसने पूछा.
"हां वैसे तो ठीक हूँ... मुझे नही मालूम था कि तुम्हारा लंड इस कदर पानी छोड़ेगा... बस थोड़ा चौक गयी थी.." उसने कहा, "ठीक है अब मुझे बाथरूम जाकर इसे सॉफ करने दो फिर तुम मेरी चूत चूसना" वो बाथरूम मे भाग गयी.. उसने अपने आपको सॉफ किया और वापस अपने कमरे मे आ गयी.
कमरे मे आते हुए उसने अपनी जीन्स उतारी और साथ ही पॅंटी को भी उतार दिया.. वो उछल कर बिस्तर पर लेट गयी और अपनी टाँगो को पूरी तरह फैला दिया..
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