Indian Sex Story परिवार हो तो ऐसा
09-20-2018, 01:57 PM,
#11
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा - पार्ट--4

गतान्क से आगे........

राज बिना बालों की choot स्क्रीन पर देखते हुए मूठ मारने लगा.. गीली चूत अपनी चूत मे उंगली डाल अंदर बाहर कर रही थी.. दोनो लोग अपने आप से खेल एक दूसरे को स्क्रीन पर दिखाते रहे.. कि तभी राज के लंड मे तनाव आना शुरू हो गया उसने एक हाथ से टाइप किया.

>राज_मस्ताना> मेरा छूटने वाला है.

>गीली चूत> मेरे लिए अपने हाथ मे अपना पानी छोड़ो.

राज अपने दाएँ हाथ से मूठ मारने लगा और अपने बाएँ हाथ को लंड के सूपदे पर कर दिया.. उसका लंड वीर्य की पिचकारी पर पिचकारी उसके हाथ मे छोड़ने लगा.. कुछ वीर्य ज़मीन पर भी गिर गया.

>गीली चूत> मज़ा आ गया राज.

>राज_मस्ताना> मुझे भी.. क्या हम दोबारा इस तरह मिल फिर से कर सकते है..

>गीली चूत> अभी कुछ कह नही सकती.. तुम ऑनलाइन नज़र रखना अगर में आई तो ज़रूर करेंगे. मेसेज करना.

>राज_मस्ताना> ओके अब मुझे जाना है.

>गीली चूत> ओके मुझे भी गुड नाइट

वसुंधरा ने कंप्यूटर बंद किया और पलंग पर लेट कर अछी तरह अपनी चूत मे उंलगी करने लगी.. उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.. राज ने अपने आपको और ज़मीन को साफ किया और पलंग पर आ कर लेट गया. उसने आँखे बंद कर ली और गीली चूत और अपनी मा की बिना बालों की चूत के सपने देखते हुए सो गया.. उसे ये अंदाज़ा नही था कि दोनो एक ही थी..

अगले दिन वसुंधरा नाश्ते के टेबल पर अपने बेटे से आँख नही मिला पा रही थी.. वो आपनी शर्मिंदगी और इच्छा के भंवर के बीच फँस के रह गयी थी... वो उसकी चमकती आँखों से आखें नही मिला पा रही थी और ना ही पूछ पा रही थी कि वो आज इतना खुश क्यों है.. रह रह कर उसकी निगाह उसकी जांघों के बीच उठ जाती और सोचने लगती कि उसके बेटे का लंड वाकई मे एक मर्द का लंड है..




अगले एक हफ्ते तक राज जब भी कंप्यूटर ऑन करता तो अपने मेसेंजर बॉक्स पर नज़र रखता कि कहीं गीली चूत उसे ऑनलाइन दीख जाए.. पर वो नज़र नही आई.. फिर एक दिन जब फिर से वो और उसकी मा ही घर पर थे तो उसके फ्रेंड्स लिस्ट मे उसका नाम नज़र आया..

>राज_मस्ताना> हाई !

>गीली चूत> हाई मस्ताने

>राज_मस्ताना> मुझे तो ऐसा लगने लगा था कि तुमसे दुबारा बात नही कर पाउन्गा.

>गीली चूत> में हमेशा यहाँ नही आ सकती..थोड़ा बिज़ी रहती हूँ..

>राज_मस्ताना> कोई बात नही.

>गीली चूत> पीचली बार तुम्हे मज़ा आया था ना?

>राज_मस्ताना> हां बहोत ज़्यादा और सोच रहा था कि काश तुम्हारी वो काली पॅंटी मुझे मिल जाती .

>गीली चूत> लगता है कि तुम्हे पॅंटी बहोत पसंद है?

>राज_मस्ताना> हां, पॅंटी को अपने लंड के चारों और लपेट मूठ मारने मे मुझे मज़ा आता है.

>गीली चूत> क्या तुम उन पॅंटी को पहनते हो?

>राज_मस्ताना> नही नही.. में सिर्फ़ उसे लंड पर लपेट अपने लंड को मसलता हूँ.

>गीली चूत> ओह !

>राज_मस्ताना> क्या तुम्हे सुन कर अछा नही लगा?

>गीली चूत> नही बस मुझे अस्चर्य हो रहा था.

>राज_मस्ताना> तब ठीक है.

>गीली चूत> तो क्या आज तुम मुझे वो अपना घोड़े जैसा लंड दीखाओगे?

>राज_मस्ताना> हां क्यों नही अगर तुम भी मुझे अपनी प्यारी चूत दीखावगी तो.

>गीली चूत> हां दिखाउन्गि ना.

राज ने अपनी पॅंट नीचे खिसका दी और अपने ढीले लंड को दीखाने लगा... वहीं दूसरी ओर उस औरत ने अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ पॅंटी मे कुर्सी पर बैठ गयी.. आज उसने नीले रंग की सॅटिन की पॅंटी पहनी हुई थी जो काफ़ी छोटी थी और बड़ी मूसखिल से उसकी चूत को धक पा रही थी... वो अपने हाथ से अपनी चूत को मसल्ने लगी.. और राज ने महसूस किया कि उसका लंड हरकत करने लगा है.

>गीली चूत> क्या में तुम्हारे लिए कुछ करूँ जिससे तुम्हारा लंड खड़ा हो जाए.

>राज_मस्ताना> क्या तुम्हारे पास वो रब्बर का नकली लंड है जिसे तुम अपनी चूत मे डाल मुझे दीखा सको..

>गीली चूत> हां है मेरे पास

>राज_मस्ताना> क्या तुम उसे मेरे लिए अपनी चूत मे डाल सकती हो?

>गीली चूत> रूको में अभी लेकर आती हूँ.

राज ने देखा कि वो औरत थोड़ी देर के लिए स्क्रीन पर से गायब हो गयी.. जब वो वापस आई तो उसके हाथ मे एक चमड़ी के रंग का डिल्डो था और उसने पॅंटी उतार दी थी.. और अब वो उस नकली लंड को अपनी चूत पर घिस रही थी.

>राज_मस्ताना> अब इसे अपनी चूत मे घुसा दो.

वसुंधरा ने अपने बेटे के कहने पर वो नकली लंड अपनी चूत मे घुसा दिया और उसे अंदर बाहर करने लगी.. और राज अपने लंड को मसल्ने लगा.
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09-20-2018, 01:57 PM,
#12
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
>गीली चूत> क्या तुम्हारे पास कोई तेल या क्रीम है जिससे तुम अपने लंड को चिकना कर सको?

>राज_मस्ताना> नही मेरे पास यहाँ तो नही.. शायद मेरी मम्मी या मेरी बेहन के पास हो.

>गीली चूत> क्या दोनो मे से कोई घर पर है?

>राज_मस्ताना> सिर्फ़ मम्मी है घर पर.

>गीली चूत> तो ठीक है अपनी बेहन के कमरे मे देखो.

राज ने तुरंत अपनी पॅंट उपर चढ़ा ली और प्रीति के कमरे मे गया.. उसे कुछ क्रीम साइड टेबल पर पड़ी हुई मिली. उनमे से एक उठा कर वो वापस अपने कमरे मे आ गया और देखा कि गीली चूत अभी भी अपनी चूत से खेल रही थी.

>गीली चूत> इसे अब अपने लंड पर लगाओ और फिर मूठ मारो.

राज ने थोड़ी क्रीम अपने हाथों मे ली और फिर अपने लंड को मुट्ठी मे भर मसल्ने लगा.. क्रीम की ठंडक एक नया मज़े दे रही थी उसे..

राज_मस्ताना> उसे पूरा अपनी चूत मे डाल दो.

वसुंधरा ने उस खिलोने को आखरी जड़ तक अपनी चूत मे घुसा दिया.. और फिर राज को देखने लगी जो ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को मुठिया रहा था.

>गीली चूत> हां और ज़ोर ज़ोर से मस्लो मेरे लिए और ज़ोर ज़ोर से और अपना पानी अपने पेट पर छोड़ दो

>राज_मस्ताना> ओके

राज ने अपनी शर्ट उतार दी और दोनो हाथो से अपने लंड को मसल्ने लगा.. तभी उसके नसों मे तनाव बढ़ा और उसके लंड ने वीर्य की पिचकारी उसके पेट पर छोड़ दी.

गीली चूत ने बताया कि वो भी झड़ने वाली है... राज उसे देखता रहा.. गीली चूत ने कमेरे को ज़ूम कर अपनी छूट के उपर कर दिया था. और तभी ये कहते हुए वो कि उसे कुछ काम है वो चली गयी.. राज उसे कुछ जवाब भी नही दे पाया.

इस हादसे के कुछ दिन बाद बलदेव को कुछ काम से टूर पर जाना था इसलिए वो एक महीने के लिए चला गया.... एक हफ़्ता गुज़र चुका था.. और राज को जिंदगी का मज़ा आ रहा था.. उसकी बेहन बराबर उसका लंड चूस्ति और उसे भी शौक चढ़ गया था अपनी बेहन की चूत चूसने और चाटने का...और वहीं गीली चूत भी उसका दिल बहलाती रहती थी... एक दिन की बात है...


>राज मस्ताना> क्या तुम मुझे किसी पॅंटी को अपने लंड पर लपेट मूठ मारते देखना पसंद करोगी.. में समझूंगा कि ये तुम्हारी पॅंटी है.

>गीली चूत> इससे अछी बात और क्या हो सकती है.

>राज_मस्ताना> लेकिन आज में कुछ ख़ास चीज़ देखना चाहता हूँ.

>गीली चूत> ओह.. क्या है वो?

>राज_मस्ताना> आज क्या तुम अपनी चूत मे किसी मोटी मूली को डाल अंदर बाहर कर सकती हो?

>गीली चूत> अब अपने इस ख़ास दोस्त के लिए तो करना ही पड़ेगा.

>राज_मस्ताना> अछा आइडिया है ना?

>गीली चूत> हां.. रूको में अभी किचन मे से लेकर आती हूँ.

>राज_मस्ताना> ओके

>गीली चूत> अछा ये बताओ किसकी पॅंटी लेकर आए हो?

>राज_मस्ताना> पहले तुम जवाब दो... तुम खुले विचारों की हो ना..?

>गीली चूत> हां

>राज_मस्ताना> मेरी बेहन की है

>गीली चूत> सच मे

>राज_मस्ताना> हां.

>गीली चूत> क्या तुम्हे अपनी बेहन पसंद है?

>राज_मस्ताना> हां ठीक है.. लेकिन सेक्सी बहोत है.

>गीली चूत> जब तुम उसकी पॅंटी अपने लंड पर लपेट मूठ मारते हो तो क्या उसके बारे मे सोचते हो?

>राज_मस्ताना> हां कभी कभी.

>गीली चूत> क्या तुम तय्यार हो.

>राज_मस्ताना> और तुम?

>गीली चूत> हां.

राज स्क्रीन पर देखते हुए अपने लंड को मसल्ने लगा... गीली चूत ने एक मूली उठाई और थोड़ी देर अपनी चूत पर घिसने के बाद उसे अंदर घुसाने लगी.. उसे विश्वास नही हो रहा था कि ये औरत उसका लंड देखने के लिए अपनी चूत मे मूली तक घुसा सकती है...
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09-20-2018, 01:58 PM,
#13
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
वो देखता रहा किस तरह पूरी पूरी की मूली उसकी चूत मे घुस गयी.. फिर वो उसे बाहर खींच अंदर बाहर करने लगी.. .. उसकी तेज़ी देख राज समझ गया कि उसे लंड की चाहत हो रही है..

>राज_मस्ताना> तुम्हारी चूत मे मूली घुसती हुई कितनी अछी लग रही है..

>गीली चूत> हां लेकिन अगर तुम्हारा लंड होता तो और अच्छा लगता.

>राज_मस्ताना> काश में तुम्हारी चूत मे अपना लंड घुसा पाता.

>गीली चूत> हां में भी तुम्हारे लंड को अपनी चूत मे महसूस करना चाहती हूँ.

>राज_मस्ताना> सिर्फ़ इस ख़याल से ही मेरा लंड पानी छोड़ने की तय्यरी कर रहा है.

>गीली चूत> तो छोड़ दो राजा मेरे लिए अपना पानी छोड़ दो

>राज_मस्ताना> तुम अपनी चूत मे मूली घुसा कर चोद्ति रहो.

राज उसकी चूत पर नज़रे गढ़ाए अपने लंड को ज़ोर ज़ोर से मसल्ते रहा और फिर उसके लंड ने उसके हाथ मे पानी छोड़ दिया.. कुछ वीर्य ज़मीन पर गीर गया..

>गीली चूत> काश में तुम्हारे अमृत को तुम्हारे हाथों पर से चाट पाती.

>राज_मस्ताना> अगर तुम ऐसा कर पाओ तो मुझे बहोत खुशी होगी.

>गीली चूत> क्या पता हमारी किस्मत कभी हमे इस के लिए मौका दे दे.

>राज_मस्ताना> हां शायद किसी दिन .. लॉल

>गीली चूत> ठीक फिर मिलते है.

>राज_मस्ताना>ओ के

अगले हफ्ते के अंत मे प्रीति अपनी चचेरी बेहन स्वीटी के साथ बैठी थी.. आज स्वीटी की बेहन शमा का 21स्ट्रीट जनमदिन था. स्वीटी उसे बता रही थी कि राज कितना स्मार्ट और हॅंडसम लगता है अगर वो उसका भाई नही होता तो ज़रूर उसे पटाने के लिए वो कुछ करती.

प्रीति और स्वीटी लगभग एक ही उमर के थे.. और दोनो मे पटती भी खूब थी.. स्वीटी काफ़ी लंबी थी लगभग 5'10 की हाइट लंबी और पतली टाँगे.. उसके भूरे बाल उसके कंधों के नीचे तक आते थे.. उसकी चुचियों थोड़ी छोटी थी लेकिन निपल काफ़ी बड़े थे..

"तुमने कभी चुदाई का मज़ा लिया है?" प्रीति ने स्वीटी से पूछा.

"हां ... कई बार"

"सही मे ! कैसा लगता है." वो खुश हो गयी थी कि आख़िर कोई तो मिला जिससे वो सब कुछ पूछ सकती थी.

"मुझे तो बहोत मज़ा आता है." स्वीटी हँसी.. "सच कहूँ प्रीति तुम्हे भी अब चुदवा लेना चाहिए" स्वीटी ने कहा, " तुम इतनी सेक्सी हो कि लड़के तो तुम्हे चोदने के लिए मरे जा रहे होंगे.. तुम्हारी जितनी बड़ी चुचियों करने के लिए तो में कुछ भी कर सकती हूँ"

"स्वीटी सच कहूँ तो मेने अपने बॉय फ़्रेंड का लंड चूसा है पर चुदाई के लिए में अपने आप को तय्यार नही कर पा रही हूँ" प्रीति ने कहा.


"यार कभी कोशिश करके देखना.. बहोत मज़ा आएगा.. हां एक बात बताओ तुम्हे गौरव के बारे मे क्या सोचती हो?"

"पता नही क्यों कभी कभी मुझे ऐसा लगता है कि वो सिर्फ़ मुझे चोदना चाहता है.. पता नही क्यों में नही चाहती कि वो पहला मर्द बने जो मुझे चोदेगा." प्रीति ने जवाब दिया.

"तुम्हारी बातों से ऐसा लगता है कि तुम उसे प्यार नही करती हो?"

"हां शायद तुम सही कह रही हो.. लगता है कि अब समय आ गया है कि उसे में साफ साफ कहकर इस रिश्ते को ख़तम कर दूं." प्रीति ने कहा.

"तुम्हारे लिए यही ठीक रहेगा."

"अछा तुम अपने बारे मे बताओ.. क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?" प्रीति ने पूछा.

"नही अभी तो फिलहाल नही है.. एक बात बताउ कभी कभी में इतनी गरम हो जाती हूँ कि दिल करता है कि किसी से भी चुदवा लूँ.. मुझे तो कोई चुड़क्कड़ बॉय फ़्रेंड चाहिए जो मुझे बस चोद्ता रहे." स्वीटी ने हंसते हुए कहा.

दोनो बात कर रही थी कि तभी राज वहाँ आ गया और दोनो को हेलो कहा.

"हाई स्वीटी क्या चल रहा है?"

"सब ठीक ही चल रहा है.. तुम अपनी सूनाओ.. आज तो पार्टी की सभी लड़कियाँ लाइन मार रही होंगी तुम पर."

"लड़कियाँ तो नही हां लेकिन कुछ ख़ास औरतें है आज इस पार्टी मे" राज ने हंसते हुए कहा.

"क्या राज तुम भी ना?" प्रीति हँसने लगी.

"अछा ये बताओ तुम दोनो क्या बात कर रही थी?" राज ने पूछा.

"वही सब दो लड़कियाँ आपस मे क्या बात करेंगी.. लड़कों के बारे मे ... तुम्हे पता है स्वीटी कह रही थी कि अगर तुम उसके भाई ना होते तो ये तुमसे चुदवा लेती." प्रीति ने हंसते हुए उसे बताया.. स्वीटी ने गुस्से मे उसे चुप होने को कहा और एक हल्का सा चपत जमा दिया. प्रीति की बात सुनकर राज शर्मा गया.... वो दोनो बहनो के लिए ड्रिंक लाने उठ कर चला गया जब वो हाथों मे ड्रिंक लेकर लौटा तो देखा कि दोनो आपस मे फुसफुसा रही थी और स्वीटी हैरत भरी निगाहों से प्रीति को देख रही थी.

"हे भगवान ! अब तुम दोनो किस बात पर बात करने लग गयी.. " राज ने पूछा. उसने दोनो को ड्रिंक पकड़ाया और उनके बगल मे बैठ गया.

"देखो ना राज ये बड़ी शैतान हो गयी है.. इसने मुझसे कहा कि इसने सबसे बड़ा और मोटा लंड देखा है हक़ीकत मे और में इससे पूछ रही हूँ कि किसका देखा है तो बताती ही नही नखरे दीखा रही है.." स्वीटी ने कहा.

"सॉरी स्वीटी इस मामले में तुम्हारी कोई मदद नही कर सकूँगा.. " राज ने धीरे से कहा.

"प्रीति क्यों नखरे दीखा रही है.. बता ना किसका देखा.. में प्रॉमिस करती हूँ की अगर वो तुम्हारा बॉयफ्रेंड या दोस्त हुआ तो में बीच मे नही आयूंगी." स्वीटी ने उतावले मे कहा.

"ठीक है मुझे थोड़ी देर सोचने दो.." प्रीति ने कहा, "ठीक है अगर में तुम्हे बता दूँ तो तुम्हे एक वादा करना होगा.

"अरे तुम एक बार बताओ तो सही.. में तुम्हारी हर शर्त मानने को तय्यार हूँ." स्वीटी ने जवाब दिया.

"अगर तुम मेरी शर्त मानने को तय्यार हो तो बताना तो क्या में तुम्हे दीखा दूँगी लेकिन तुम्हे मेरे सामने उसका लंड चूसना होगा." प्रीति ने कहा.

राज की तो जैसे साँस ही अटक गयी.. ड्रिंक गले के नीचे नही उत्तर रही थी...

"हे भगवान तुम पागल तो नही हो गयी हो? ऐसे कैसे में किसी का भी लंड चूस दूँगी.. में तो सिर्फ़ ये जानना चाहती थी कि तुम कैसे इंतेज़ार कर सकोगी... में तो सिर्फ़ ये जानना चाहती हूँ कि इतना बड़ा लंड किसका है." स्वीटी ने कहा.

"वो तो जब तुम देखोगी तो पता चलेगा कि तुम सिर्फ़ देखना चाहती हो या कुछ और करना चाहती हो." प्रीति ने हंसते हुए कहा.

"तुम दोनो कोशरम नही आती मेरे सामने ही ये बाते कर रही हो." राज ने थोड़ा गुस्से मे कहा और वहाँ से जाने लगा... प्रीति ने देखा कि राज ने उठते ही पहले अपने खड़े लंड को पॅंट के अंदर अड्जस्ट किया था.. उसका लंड तन कर खड़ा था..

"तुम सीरीयस हो कर ये बात कह रही हो या फिर मेरे साथ मज़ाक कर रही हो? स्वीटी ने प्रीति से पूछा.

"लंड चूसने वाली बात को लेकर में मज़ाक कर रही थी.. वो तुम्हारी मर्ज़ी है लेकिन हां मेने दुनिया का सबसे लंबा और मोटा लंड देखा है ये बात तुम अपनी आँखों से देख कर तय कर लेना कि में मज़ाक कर रही थी या सच कह रही थी." प्रीति ने जवाब दिया.

"प्रीति अब बताओ भी ना क्यों नखरे दीखा रही हो? स्वीटी ने झल्लाते हुए कहा.

"तुम्हे विश्वास नही होगा वो राज का है."

"कौन राज?"

"अरे पगली मेरा भाई राज"

"हो ही नही सकता तुम ज़रूर झूठ बोल रही हो.. और अगर है तो तुमने कब और कहा देख लिया? स्वीटी ने पूछा.

तब प्रीति ने स्वीटी को शुरू से सब बता दिया.. उसने बताया कि किस तरह एक बार वो ग़लती से बाथरूम मे चली गयी और वो शवर के नीचे मूठ मार रहा था.. प्रीति ने ये नही बताया कि उसने राज का लंड चूसा था और उससे अपनी चूत चुस्वाई थी.

"चलो तुम्हारी ये बात तो मान ली कि तुमने राज का लंड देखा है और वो सबसे लंबा और मोटा लंड है लेकिन तुम इतने विश्वास के साथ कैसे कह सकती हो कि वो अपना लंड मुझे दीखायगा." स्वीटी ने पूछा.

क्रमशः.......
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09-20-2018, 01:58 PM,
#14
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा - पार्ट--5


गतान्क से आगे........

"अरे तुम नही जानती इन मर्दों को.. वो जिस तरह तुम्हे घूर रहा था में समझ गयी और फिर वो भी तो जवान है.. अगर तुम कहो तो में उससे बात करके देखूं." प्रीति ने कहा.

"ठीक है." स्वीटी ने कहा.

" तो फिर में उससे बात करके तुम्हे बता दूँगी.. क्या तुम्हारा बेडरूम ठीक रहेगा.?"

"तुम्हारा मतलब है आज रात को." स्वीटी ने अस्चर्य से पूछा.

"हां और नही तो क्या.. क्या पता आज की रात के बाद हमारा कब मिलना हो." प्रीति ने कहा.

स्वीटी थोड़ी देर सोचने लगी..अपनी ड्रिंक से एक बड़ा घूंठ लेते हुए बोली, "ठीक है मेरे कमरे मे लेकिन देखना कहीं कोई गड़बड़ ना हो जाए."

प्रीति अपने भाई को ढूँदने लगी.. जो हॉल मे शमा की सहेलियों के साथ खड़ा उन से बात कर रहा था.. वो राज का अकेले होने का इंतेज़ार करने लगी. और जब वो अकेला हुआ तो उसे पकड़ एक कोने मे ले गयी.

"स्वीटी तुम्हारा लंड देखना चाहती है.. क्या तुम उसे अपना लंड दीखाने को तय्यार हो?" प्रीति ने पूछा.

"उसे लंड दीखा के मुझे क्या मिलेगा?" राज ने पूछा.

"ये तो मेने नही पूछा लेकिन जहाँ तक मुझे लगता है कि अगर वो मेरी जैसी हुई तो तुम्हारा लंड देख कर वो अपने आपको नही रोक पाएगी... और नही तो कम से कम छू कर तो ज़रूर देखेगी.. वैसे भी वो पहले चुदाई का मज़ा ले चुकी है इसलिए मुझे विश्वास है कि वो अपने पर काबू नही रख पाएगी." प्रीति ने अपने भाई से कहा.

"क्या में उसे नंगी देख सकूँगा?"

"मुझे पता नही.. तुम खुद ही पूछ लेना.. " प्रीति ने जवाब दिया.

"यार क्या ये बखेड़ा लेकर आ गयी. कितनी मेहनत से उन दो लड़कियों का पटा रहा था.. और शायद आज की रात तक तो एक पट ही जाती." राज ने थोडा झल्लाते हुए कहा.

"राज क्यों गुस्सा कर रहे हो.. में तो हू ना रात के लिए.. में तुम्हारा लंड चूस दूँगी." प्रीति ने कहा.

"वो तो में भी जानता हूँ कि तुम ऐसा क्यों कह रही हो. तुम्हारी खुद की चूत मे कीड़े रेंग रहे है और तुम खुद चाहती हो कि कोई तुम्हारी चूत चाते." राज ने हंसते हुए कहा.

प्रीति सोचती रही फिर बोली, "ठीक है आज की रात तुम जो कहोगे में करूँगी.. लेकिन चुदाई नही और कुछ भी." प्रीति ने कहा.

राज के आँखों के सामने गीली चूत की बिना बालों की चूत घूमने लगी... "ठीक है तुम मेरा एक काम अगर करो तो में अपना लंड स्वीटी को दिखाने को तय्यार हूँ."

"ये हुई ना बात.. अब तुम स्वीटी के कमरे मे जाकर हमारा इंतेज़ार करो.. हम थोड़ी देर मे आते है." प्रीति ने मुस्कुराते हुए कहा.


राज स्वीटी के कमरे मे बैठा दोनो का इंतेज़ार कर रहा था.. कि तभी उसने कमरे का दरवाज़ा खुलते देखा और दोनो कमरे के अंदर आ गयी.. दोनो ने कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद किया.. और उस पलंग के पास आ गयी जिस पर राज बैठा था.

कमरे मे अंधेरा छाया था सिर्फ़ खिड़की से बाहर पार्टी की रोशनी आ रही थी...

"ओह राज मुझे तो अभी भी विश्वास नही हो रहा है कि तुम मुझे अपना लंड दीखाने वाले हो" स्वीटी धीरे से बोली और दोनो उसके बगल मे बैठ गयी.

"हां उसके पहले मेरी एक शर्त है." राज ने कहा.

"और वो शर्त क्या है?" प्रीति और स्वीटी ने साथ साथ पूछा.

"तुम दोनो को कपड़े उतार कर नंगी होना पड़ेगा." राज ने जवाब दिया.

"क्या सही मे राज? स्वीटी ने पूछा.. उसकी समझ मे नही आ रहा था कि वो हां करे या ना करे...

"अरे इतना घबरा क्यों रही हो स्वीटी? याद है तुम्हे हम साथ साथ

नहाया करते थे.. लेकिन हां तब हमारे बदन पर ये खिलोना नही था.. " प्रीति ने अपनी चुचियों को मसल्ते हुए कहा... " पर मुझे लगता है कि भाई ये देखना चाहता है कि वक्त के साथ हमारे बदन मे कितना बदलाव आ गया है.. फिर क्या फरक पड़ता है नंगा होने से हम भी तो इसका लंड देखेंगे ही."

"वो तो सब ठीक है.. लेकिन में पहले राज का लंड देखना चाहूँगी" स्वीटी ने कहा.

"ठीक है" कहकर राज खड़ा हुआ और अपनी पॅंट के बटन खोलने लगा फिर उसने पॅंट को पैरों मे गीरा दी... और साथ ही अपनी अंडरवेर को भी... उसका लंड फड़फदा कर खड़ा हो गया... स्वीटी की आँखे तो फटी की फटी रह गयी उसके लंबे और मोटे लंड को देख कर.

"हे भगवान मैने तो सोच भी नही था कि इतना बड़ा और मोटा होगा."

स्वीटी प्रीति से बोली जो बड़े प्यार से अपने प्यारे खिलोने को देख रही थी.

"क्यों मेने सच कहा था ना?"

"हां तुम सही थी.. क्या में इसे छू सकती हूँ?" उसने राज से पूछा.. इस वक्त ये भूल चुकी थी कि सामने जो शक्स खड़ा है वो उसका चाहेरा भाई है.

"हां छू सकती हो लेकिन शायद तुम ये भूल गयी कि तुम्हे मेरे लिए पहले नंगी होना है." राज ने उसे याद दिलाया.

"ओह्ह्ह हाआँ" स्वीटी ने एक गहरी साँस ली और अपने टॉप को सिर से उठा कर निकाल दिया... उसकी सेव जैसी चुचियाँ नज़र आ रही थी जिस पर उसके मोती जैसे निपल तन कर खड़े थे.

"वाह क्या बदन पाया है" राज उसके बदन को निहारते हुए बोला और स्वीटी अपने कपड़े उतारती रही... उसने अपनी स्कर्ट को पॅंटी के साथ नीचे कर उतार दिया.. उसकी झांते तराशि हुई थी.. वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी.


"प्रीति तुम्हारा क्या इरादा है" राज ने अपनी बेहन से कहा.. प्रीति जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतार नंघी हो गयी. स्वीटी और वो दोनो एक दूसरे के बदन को निहारने लगे.. स्वीटी की नज़रें तो उसकी बड़ी चुचियों पर ही गढ़ी हुई थी...

प्रीति अपनी चचेरी बेहन की कामुक नज़रों से शर्मा गयी और उसकी चूत गीली होने लगी... उसे स्वीटी का बदन भी बहोत पसंद आया था और वो सोचने लगी कि उसकी छोटी लेकिन प्यारी चुचि को चूसने से कैसा लगेगा और इस ख़याल से अपने बदन मे उठी कपन से वो चौंक पड़ी.

स्वीटी ने आगे बढ़कर अपने चचेरे भाई के लंड को अपने कोमल हाथों मे पकड़ लिया था वो उसकी लंबाई और मोटाई माप रही थी.. राज था कि उसे उकसा रहा था कि उसके हाथ का स्पर्श कितना अछा लग रहा था और वो खुद नंगी बहोत अछी लग रही थी.

"राज मुझे तो विश्वास नही हो रहा कि कोई लंड इस तरह सख़्त भी हो सकता है... ठीक किसी लोहे की सलाख की तरह.. " वो उसके लंड को अपनी मुट्ठी मे भींचते हुए बोली.. "क्या तुम्हारा लंड बहोत सारा पानी छोड़ता है? उसने पूछा.

"हाँ छोड़ता तो है." राज ने जवाब दिया.
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09-20-2018, 01:59 PM,
#15
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
"क्या तुम मुझे दीखा सकते हो?"

"हां दीखा सकता हूँ अगर तुम मेरे लंड को थोड़ा सा चूस दो तो" उसने जवाब दिया.. स्वीटी को तभी ख़याल आया कि वो किससे बात कर रही है.. वो दुविधा मे फँसी वैसे ही खड़ी रही.

"अब इतना भी क्या सोच रही है.. स्वीटी? तुमने ही मुझे बताया कि तुम चुदाई का मज़ा ले चुकी हो.. तो चूसने मे क्या हर्ज़ है " प्रीति अपनी चहेरी बेहन के नज़दीक खिसकती हुई बोली. उसने अपना हाथ स्वीटी के हाथ पर रखा जो राज के लंड को पकड़े हुए था... और फिर धीरे धीरे मसल्नेलगि. .. जब उसने देखा की स्वीटी खुद उसके लंड को मसल रही है तो उसने राज के लंड को अब नीचे से अपनी मुट्ठी मे भर लिया और अब दोनो मिल कर राज के लंड को मुठियाने लगे.

"मुझे विश्वास नही हो रहा कि तुम अपने सगे भाई का लंड मुठिया रही हो? स्वीटी ने कहा.

"क्या करूँ में भी.. ऐसा शानदार लंड रोज़ कहाँ मिलता है.. " प्रीति ने जवाब दिया और नीचे घूटनों के बल बैठ गयी... स्वीटी आँखे फाडे प्रीति को देख रही थी.. प्रीति ने अपने भाई के लंड को अपने मुँह मे ले लिया..

प्रीति के नंगे बदन की गर्मी स्वीटी को अपने पैरों के पास महसूस हो रही थी.. वो देख रही थी कि किस तरह वो अपने ही भाई का लंड चूस रही है.. और उसकी चूत गीली होने लगी.. उसका दिल लंड चूसने को मचल उठा.. वो अपनी बेहन के पास बैठ गयी.. प्रीति ने राज के लंड को बाहर निकाल दिया जिससे अब स्वीटी उस लंड को चूस सके.

प्रीति देख रही थी कि किस तरह उसके भाई का लंड स्वीटी के मुँह के अंदर बाहर हो रहा था.. उसकी निगाहें स्वीटी के बदन पर फिसलती हुई उसकी चुचियों पर पहुँची.. जहाँ उसकी छोटी चुचियाँ कड़ी दीख रही थी.. साथ ही निपल तने हुए थे.. . उत्तेजना मे उसके भी निपल तन कर खड़े हो चुके थे.. वो देखना चाहती थी कि उसके निपल ज़्यादा कड़े थे या फिर स्वीटी के. प्रीति ने हाथ बढ़कर उसकी चुचि को अपनी मुट्ठी मे भर लिया और मसल्ने लगी.. अपनी खुद की चुचियों को तो उसने कई बार मसला था लेकिन आज दूसरी लड़की की चुचि पकड़ मसल्ने मे उसे मज़ा आ रहा था...

राज अपनी दोनो बहनो की नज़रों का आनंद ले रहा था..वो देख रहा था कि एक बेहन किस तरह उसके लंड को चूस रही थी. तो दूसरी अपनी बेहन की चुचि को मसल रही थी.. उसकी उत्तेजना और बढ़ने लगी...

स्वीटी ने जब देखा कि राज के लंड से पानी रिस रहा है तो उसने अपने आपमे पूरी हिम्मत जुटाई और उसके लंड को अपने गले तक ले लिया.. राज के लंड ने पिचकारी छोड़ी और वो उस वीर्य को पीने लगी.... उससे सारा रस नही पीया गया.. कुछ उसकी होठों के किनारे से बहने लगा तो उसने लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल दिया..

प्रीति ने तुरंत राज के लंड को अपने मुँह मे लिया और बचा हुआ सारा रस पीने लगी.. "थॅंक्स स्वीटी तुम सही मे बहोत अछा लंड चूस्ति हो" राज ने पलंग पर पसरते हुए कहा.

"वो तो ठीक है राज लेकिन मुझे अभी भी विश्वास नही हो रहा कि कोई लंड इतना लंबा और मोटा हो सकता है क्या? स्वीटी ने अपने कपड़े उठाते हुए कहा, "अब हमे पार्टी मे चलना चाहिए इसके पहले कि किसी को कुछ पता चले. तीनो ने अपने कपड़े पहने और वापस पार्टी मे आ गये.

पार्टी ख़तम होने के बाद जब सब विदा लेने लगे तो स्वीटी ने अपने चचेरे भाई को खींच एक कोने मे किया और उसके होठों को चूसने लगी.. उसने अपनी जीब उसके मुँह मे डाल दी... और राज का लंड आने वाले दिनो याद मे खड़ा होने लगा.

"राज मुझे इसकी कोई परवाह नही कि तुम मेरे चचेरे भाई हो... एक ना एक दिन में तुमसे चुदवा के रहूंगी.. मुझे ये तुम्हारा घोड़े जैसा लंड बहोत पसंद आ गया है.. में चाहती हूँ कि तुम इसे मेरी चूत मे घुसा मेरी चूत के चिथड़े चिथड़े कर दो.. क्या तुम मेरी तमन्ना पूरी करोगे? " स्वीटी ने उसके होठों को चूस्टे हुए कहा.

राज तो खुद कामग्नी मे जल रहा था.. वो तो खुद किसी को चोदने के लिए तड़प रहा था.. "हां हां क्यों नही" उसने जवाब दिया.

"ओह्ह राज तुमने तो मेरा दिल ही जीत लिया" कहकर स्वीटी ने उसे चूमा और छोड़ दिया..

वसुंधरा और प्रीति दोनो राज के साथ कार मे थी और दोनो एक दूसरे से नज़रे चुरा कर राज के खड़े लंड को देख रही थी जो पॅंट मे तंबू बनाए हुए था.

आने वाले दीनो मे राज यही सोचता रहा कि उसे कब मौका मिलेगा चूत को चोदने का.. वो चूत चाहे उसकी चचेरी बेहन की ही क्यों ना हो... और आख़िर भगवान ने उसकी सुन ली.

शुक्रवार की रात थी.. राज की मम्मी को किसी काम से सहर से बाहर जाना पड़ा... प्रीति और राज घर मे अकेले थे.. राज और प्रीति दोनो खाने की टेबल पर बैठे थे.. प्रीति आज अपने पूरे यौवन पर थी.. वो आज की रात राज के लंड की एक एक बूँद पीना चाहती थी.. वो हर तरीके से उसे रिझाने मे लगी हुई थी.. लेकिन राज.... वो तो अपने ख्यालों मे खोया हुआ था.. उसके ख़यालों मे थी स्वीटी की मुलायम और गोरी चूत जिसे चोदने का उसने वादा किया था.. राज अपनी बेहन की अदाओं को नज़र अंदाज़ कर टीवी देख रहा था... प्रीति उसके बगल मे बैठ गयी और उसने अपनी टी-शर्ट और ब्रा उतार कर अपने दोनो कबूतर आज़ाद कर दिए.. उसने अपना हाथ अपने भाई के लंड पर रखा और कहा कि वो उसे चूसना चाहती है.
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09-20-2018, 01:59 PM,
#16
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
प्रीति राज के लंड को उसकी पॅंट से आज़ाद करने लगी कि तभी राज उसकी ओर घूमा और बोला, " प्रीति तुम्हे याद है जब शमा की पार्टी मे तुम मुझे स्वीटी के कमरे मे ले गयी थी.?"

"हां अछी तरह याद है और उसके बाद क्या हुआ वो भी याद है" प्रीति ने जवाब दिया.

"याद है तुमने मुझसे वादा किया था कि तुम मेरे लिए कुछ भी करोगी.. आज वो रात आ गयी है कि तुम अपना वादा निभाओ." राज ने कहा.

"अरे मेरे प्यारे भैया वो रात में कैसे भूल सकती हूँ.. ठीक है बोलो तुम मुझसे क्या चाहते हो? " प्रीति ने पूछा.

"में तुम्हारी चूत के बालों को सॉफ करना चाहता हूँ" राज ने जवाब दिया.

प्रीति थोड़ी देर सोचती रही फिर बोली, "ठीक है मुझे कोई फराक नही पड़ता.. राज तुरंत खड़ा हुआ और अपनी बेहन को बाथरूम मे चलने को. कहा....बाथरूम मे पहुँच राज ने प्रीति को एक टवल पर लीटा दिया और उसकी पॅंटी खींच उतारने लगा....

वो ये देख कर खुश हो गया कि प्रीति की चूत उत्तेजना मे गीली थी... उसने अपना शेविंग क्रीम और रेज़र निकाल लिया..

पहले तो राज ने रेज़र लिया और उसकी झान्टो को तरीके से तराशने लगा.. जब भी रेज़र की खुरदरी ब्लेड प्रीति की चूत की त्वचा को छूती तो एक अजीब सरसराहट सी होती और हर सरसराहट के साथ वो उत्तेजित होती जा रही थी...

राज ने शेविंग क्रीम उठाई और उसकी चूत के चारों और लगाने लगा... जब भी राज की उंगलियाँ उसकी चूत के आस पास छूती तो वो फिर चूहांक पड़ती.. राज ने अपनी एक उंगली उसकी चूत मे डाली तो वो उछल पड़ी.. .. फिर उसने रेज़र उठाया और उसके बालों को सॉफ करने लगा...

जब उसकी चूत एक दम सॉफ हो गयी तो वो खुश हो गया.. "हां अब लगती है ना तुम्हारी चूत की किसी चिकने सपाट मैदान की तरह.. चाहे कोई जितने मर्ज़ी घोड़े दौड़ाए.. सब सरपट सरपट भागेंगे" राज ने हंसते हुए कहा. "अब एक काम करो तुम नहा लो और अपनी चूत को रगड़ रगड़ के सॉफ कर लो जिससे सारी क्रीम धूल जाए.. क्यों कि बाद मे तुम्हारी चूत को चाटना और चूसना चाहता हूँ... और फिर तुम्हारी चूत से बहते रस को पीना चाहता हूँ."

"में नहाउंगी अगर तुम अपना हथियार साथ मे लाओ तो?

"हां क्यों नही"

प्रीति खड़ी हुई और अपनी बालों रहित चूत को देखने लगी.. उसने अपनी उंगलियाँ अपनी चूत पर फिराई तो उसे बहोत अछा लगा... प्रीति ने शवर चालू कर दिया और राज अपने कपड़े उतार उसके साथ शवर के नीचे हो गया.. अब दोनो एक दूसरे को बाहों मे लिए एक दूसरे के बदन से खेलने लगे..

राज देख रहा था कि उसकी बेहन उसके लंड को घूर रही थी और बार बार अपने होठों पर अपनी जीब फिरा रही है.. उसे याद आ गया कि किस तरह स्वीटी ने उसे चूम अपनी जीब उसके मुँह मे डाल दी थी.. आज वो अपनी छोटी बेहन के होठों का स्वाद चखना चाहता था.. उसकी जीब से ठीक उसकी तरह खेलना चाहता था... प्रीति भी शायद यही चाह रही थी.. वो अपने भाई की ओर देख मुक्सुरा रही थी.. कि राज ने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए.. और प्रीति ने कस के उसके होंठो को अपने होठों की गीरफ्त मे ले लिया.

शवर के नीचे खड़े दोनो एक दूसरे के होठों को चूस रहे थे.. जीब से जीब लड़ा खेल रहे थे.. एक अजीब ही मज़ा दोनो को आ रहा था... अपनी उखड़ी सांस को संभालने जब दोनो अलग हुए तो गहरी गहरी साँस लेने लगा.. तब प्रीति ने अपने भाई को उसकी चूत चाटने के लिए कहा... "में चाहती हूँ कि आज तुम मेरी इस बिना बालों की चूत को चूसो..."


दोनो ने पहले अपने गीले बदन को टवल से पौंचा और फिर वापस प्रीति के कमरे मे आ गये.. प्रीति अपने पलंग पर टांग फैला कर लेट गयी... राज पलंग के कीनारे उसकी प्यारी चूत को निहारता रहा फिर झुक कर उसने अपनी जीब उसकी चूत पर रख दी.. उपर से नीचे तक चाट कर वो उस नयी चूत का मज़ा लेता रहा फिर उसने चूत को थोड़ा फैलाया और अपनी जीब उसकी चूत के अंदर घुसा दी... "ओह हां आशीए ही चूसो श हां और ज़ोर ज़ोर से ऑश ऑश" प्रीति सिसकने लगी.

राज और ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत के अंदर जीब डाल चूसने लगा.... उसकी बेहन का बदन काँपा और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.. राज ने अपनी जीब उसके मुँह से निकाल ली और बड़े प्यार से उसके गोरे बदन को देखने लगा...

"प्रीति में तुम्हारी चुचियों के बीच अपने लंड को फँसा तुम्हारी चुचियों को चोदना चाहता हूँ" राज उसके बगल मे लेटकर उसे चूमते हुए होला.

"ठीक है भाई" प्रीति ने कहा.

राज ने उसके साइड तले से वही क्रीम की शीशी उठा ली जो उसने गीली चूत के समय इस्तेमाल की थी... फिर उसकी कमर पर चढ़ उसके पेट पर बैठ गया... राज का लंड प्रीति के ठीक मुँह के सामने था.. वो थोड़ा उपर को उठी और उसके लंड को खींचते हुए अपने मुँह मे ले चूसने लगी...

राज वही क्रीम उसकी चुचियो पर मल चिकना करने लगा... जब प्रीति ने उसके लंड को बाहर निकाल दिया तो उसने उसकी दोनो चुहियों को पकड़ा और अपना लंड उसकी घाटी के बीच रख दिया.. राज ने प्रीति को अपनी चुचियों को और लंड पर जकड़ने को कहा.. और जब उसने वैसा किया तो वो अपनी कमर हिला अपने लंड को आगे पीछे करने लगा...

"ओःः प्रीति तुम्हारी नाज़ुक और मुलायम चुचियाँ कितनी अछी लग रही है" राज ने कहा.

क्रमशः.......
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09-20-2018, 01:59 PM,
#17
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा - पार्ट--6

गतान्क से आगे........

"हां राज जब तुम्हारा लंड मेरी चुचि को रगड़ता हुआ अंदर बाहर होता है तो मुझे भी बहोत अछा लगता है...राज अब ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को आगे पीछे कर रहा था... राज का लंड तन्नाने लगा और उसने अपने लंड को और ज़ोर से चुचियों के बीच घिसते हुए वीर्य की पिचकारी छोड़ दी.. वीर्य ठीक प्रीति के गले पर गिरा और नीचे बह कर उसके बालों को भीगोने लगा..

राज तक कर अपनी बेहन के बगल मे लेट गया.. और प्रीति एक बार फिर बाथरूम मे चली गयी. प्रीति के बाथरूम से लौटने के बाद दोनो बैठ कर टीवी देखते रहे और एक दूसरे के बदन से खेलते रहे.. रात काफ़ी हो गयी थी..

"क्यों ना आज हम दोनो एक दूसरे से चिपक कर मम्मी पापा के पलंग पर एक दूसरे से चिपक कर सोए" प्रीति ने कहा.

"क्या तुम सही मे मेरे साथ सोना चाहती हो? राज ने मुस्कुराते हुए पूछा.

"सोना मतलब सिर्फ़ सोना" प्रीति ने उसे मम्मी के कमरे की ओर घसेटते हुए कहा.

दोनो पलंग पर चढ़ एक दूसरे के नंगे बदन को अपने बाहों मे लेट गये और सोने की कोशिश करने लगे.. लेकिन थोड़ी ही देर मे उन्हे एहसास हुआ कि बदन की गर्मी उन्हे उत्तेजित कर रही है.. दोनो की काम अग्नि बढ़ने लगी..

"प्रीति क्यों ना सोने से पहले एक बार मेरे लंड को फिर चूस दो? राज ने उसके होठों को चूस्ते हुए कहा.


"हाँ क्यों नही... लेकिन तुम्हे भी मेरी चूत चूसनी होगी" प्रीति ने जवाब दिया.

"क्यों ना हम दोनो एक साथ करें" राज ने सलाह दी... प्रीति ने हंस हंस कर उसकी बात मान ली.. और वो दोनो 69 की अवस्था मे हो गये..

पहेल राज उसके उपर लेट गया.. लेकिन जब भी वो उसकी चूत को चूस्ता तो उसका बड़ा लंड. प्रीति के गले तक चला जाता जिससे उसे तकलीफ़ होने लगी... इसलिए उसने प्रीति को अपने उपर कर लिया... राज ने उसके दोनो कुल्हों को पकड़ा और फैला दिया उसकी चूत चौड़ा गयी... और फिर पहेले वो उसकी चूत को अपनी जीब से अछी तरह चाटने लगा... फिर अपनी जीब उसने प्रीति की चूत की गहराइयों के अंदर तक घुसा दी... वहीं प्रीति उसके लंड को अपनी मुट्ठी मे पकड़ अपने मुँह को उपर नीचे कर चूस रही थी..

प्रीति उसके लंड को मसल रही थी.. चूस रही थी और आख़िर राज के लंड ने पानी छोड़ दिया.. और उसी के साथ उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया... थोड़ी देर सुसताने के बाद दोनो ने फिर एक दूसरे के बाहों मे भींचा और सोने लगे.. इस बार राज का लंड उसके चूतदो से टकरा रहा था... प्रीति ने अपनी टाँगो की थोड़ा सा उठाया और धीरे से अपने भाई से बोली, "राज इसे मेरी टाँगो के बीच दे दो' "क्या सही मे तुम ऐसा चाहती हो?" राज ने असचर्या से पूछा.

"भाई तुम भी ना? में इसे सिर्फ़ मेरी टाँगो के बीच फँसाने को कह रही हूँ जिससे मुझे तुम्हारे लंड का एहसास अपनी चूत पर हो सके.. " प्रीति ने कहा..

प्रीति की बात सुनकर राज ने अपने लंड को फैली हुई टाँगो के बीच ठीक उसकी चूत के साथ सटा दिया... प्रीति ने अपनी टाँगे मिलाई और उसके लंड को भींच लिया.. उसके गरम लंड का एहसास अपनी चूत पर पा प्रीति को मज़ा आने लगा.. और फिर थोड़ी ही देर मे दोनो अपने सपनों मे खोए सो गये...

"राज स्वीटी का फोन है तुम्हारे लिए" अगली सुबह प्रीति ने राज को आवाज़ दी.. राज ने देखा कि वो वहीं खड़ी उनकी बातें सुनने की कोशिश कर रही थी..

"हाई स्वीटी" राज ने उसके हाथ से फोन लेते हुए कहा और अपनी बेहन की ओर देख मुस्कुराने लगा.. प्रीति भी मुकुरा दी और सोचने लगी.. क्योंकि स्वीटी बहोत ही कम फोन किया करती थी..

"हाई राज" वो क्या मुझे तो आज मम्मी से पता चला कि तुम दोनो घर पर अकेले हो.. तो मेने सोचा कि क्यों ना में तुम दोनो को कंपनी दे दूं" "अरे ये तो बहोत ही अच्छी बात है.. लेकिन क्या है मम्मी तो शाम तक वापस आ जाएँगी.. हाँ अगर तुम कुछ घंटो के लिए आना चाहती हो तो बहोत अच्छा रहेगा.. " राज ने कहा.

"ये तो बहोत अछी बात है.. में बस आधे घंटे मे वहाँ पहुँच जायूंगी" कहते हुए स्वीटी ने फोन रख दिया.

"स्वीटी आ रही है हमसे मिलने के लिए" राज ने अपनी बेहन से कहा.

प्रीति सोच मे पड़ गयी... पता नही क्यों उसे स्वीटी का आना अछा नही लग रहा था...

"राज पता नही क्यों मुझे अछा नही लग रहा है.. क्या वो तुम्हारा बड़ा और मोटा लंड फिर से देखना चाहती है जो यहाँ आ रही है.." प्रीति ने उसके लंड को शॉर्ट्स के उपर से पकड़ मसल्ते हुए कहा.

"ऐसा कुछ नही है प्रीति तुम्हारे मन का वेहम है"राज ने बदले मे उसकी चुचियो को मसल्ते हुए कहा.
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09-20-2018, 01:59 PM,
#18
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
"जब तक तुम्हे उसका साथ अछा लगता है मुझे इसकी परवाह भी नही है कि वो यहाँ क्यों आ रही है." प्रीति उसे आँख मारते हुए अपने कमरे मे चली गयी.

अगले एक घंटे तक राज अपने कमरे मे नेट पर पॉर्न फिल्म्स देखता रहा और स्वीटी के बारे मे सोचता रहा.. उसे पता था कि स्वीटी पहले चुदवा चुकी है तो क्या आज उसे भी अपनी जिंदगी की पहली चुदाई का मज़ा मिलेगा...

जब दरवाज़े पर घंटी बजी तो राज ने तुरंत कंप्यूटर को बंद किया और अपने कपड़े पहने और दौड़ते हुए दरवाज़े पर पहुँच उसे खोल दिया... राज ने देखा कि उसकी चाहचेरी बेहन कमर पर एक हाथ रखे उसे मुस्कुराते हुए देख रही थी... उसके खड़े निपल का उभर उसके टॉप पर से साफ दीख रहे थे... और स्वीटी की निगाह उसकी जांघों पर उसके खड़े लंड के उभार पर टीकी हुई थी.. दोनो की जब नज़रे उठी तो एक दूसरे से झेंप कर मुस्कुराने लगे...

"हाई राज कैसे हो?" स्वीटी ने घर के अंदर आते हुए पूछा. "ठीक हूँ तुम कैसी हो?" राज ने उसके साथ घर के अंदर आते हुए जवाब दिया..

"प्रीति कहाँ है? दीखाई नही दे रही है" स्वीटी ने पूछा. "शायद अपने कमरे मे होगी." राज ने जवाब दिया. "उम्म्म ठीक है" कहकर स्वीटी ने अपने गुलाभी होंठ उसके होठों पर रख दिए और चूमने लगी.. "तुम्हे पता है राज रास्ते मे तुम्हारे लंड के ख़याल से ही मेरी चूत गरमाने लगी. और गीली हो गयी... कभी कभी तो सोचने लगती की तुम्हारा इतना मोटा लंड क्या मेरी चूत मे घुस पाएगा.. क्या तुम ट्राइ करना चाहेगो?"

राज का लंड पॅंट फाड़ कर बाहर आने को तय्यार हो गया.. उसे उम्मीद तो थी कि ये सब होगा लेकिन ये नही सोचा था कि स्वीटी आते ही उसी चुदाई की बात करेगी... "हां में कोशिश कर सकता हूँ" कहकर राज ने स्वीटी का हाथ पकड़ा और उसे अपने कमरे मे ले आया.. फिर एक दूसरे को चूमते हुए दोनो बिस्तर पर लुढ़क गये.

"आज तो बहोत ही सेक्सी ड्रेस पहनी हुई है" राज उसके महीन टॉप के उपर से उसकी चुचियों को दबाते हुए बोला..

"हाँ मुझे ये ड्रेस बहोत पसंद है.. इसे पहने के बाद मुझे ऐसा लगता है कि मेरी चुचियाँ एक दम आज़ाद है.जैसे कि मेने कुछ पहन ही नही रखा है.." स्वीटी ने जवाब दिया. "और जब राह चलते लोग मुझे दोबारा पलट कर देखते हैं तो मुझे बहोत खुशी होती है"

"दोष उनका भी नही है.. अगर में तुम्हे इतने छोटे स्कर्ट मे साइकल चलाते देखता तो मेरी नज़रें तो तुम्हारे चूतदों परसे हटती ही नही.." कहते हुए राज ने उसके टॉप के सारे बटन खोल दिए और उसने अपना हाथ अंदर डाल उसकी चुचियों को मसल्ने लगा.. उसे याद आ रहा था कि किस तरह उसकी बेहन ने पार्टी वाली रात स्वीटी की चुचियों को ठीक इसी तरह मसला था..

राज स्वीटी की चुचियों से खेल रहा था और स्वीटी अपने भाई की शॉर्ट्स के ज़िप के साथ.... उसके लंड को आज़ाद कर रही थी जिसके लिए वो यहाँ आई थी... उस रात पार्टी के बाद उसके दीमाग मे राज का मोटा लंड ही बसा हुआ था.. और जब उसे पता चला कि राज घर मे अकेला है तो मौका का फ़ायदा उठाते हुए वो यहाँ चली आई थी अपने ही भाई से चुदवाने के लिए... उसने राज के लंड को आज़ाद किया और उसे अपनी मुट्ठी मे कस लिया.. और मसल्ने लगी...

राज ने उसके चुचियों को चूमते हुए स्वीटी का टॉप उतार दिया और चुचियों के आज़ाद होते ही अपना मुँह उन पर रख उन्हे चूसने लगा...स्वीटी ने उसे अपने से अलग करते हुए नंगा होने को कहा जिससे वो उसके लंड को अछी तरह चूस सके..

राज ने अपने कपड़े उतार दिए और मदरजात नंगा हो गया... और वापस पलंग पर बैठ गया... स्वीटी उसके सामने उसकी टाँगो के बीच बैठ गयी और उसके लंड को अपनी मुट्ठी मे कस उसके सूपदे को चूसने लगी...जब वो अपनी जीब को उसके लंड के नाज़ुक स्थानो पर फिराती तो राज का बदन काँप उठता.. वो उत्तेजना मे उसके निपल को भींचने लगा... राज ने उसे खड़े हो जाने को कहा... स्वीटी राज के सामने सिर्फ़ शॉर्ट्स पहने खड़ी हो गयी.

राज ने उसकी दोनो चुचियों को अपने एक एक हाथ से पकड़ा और बारी बारी उन पर अपनी जीब फिराने लगा.... फिर नीचे खिसकते हुए उसने उसके नंगे पेट को चूमा और अपनी जीब उसकी नाभि मे घुसा गोल गोल घूमाने लगा.... फिर अपनी उंगलियाँ उसकी शॉर्ट्स मे फँसा उन्हे नीचे खिसकाने लगा...

शॉर्ट्स के नीचे खिसकते ही उसकी गुलाबी रंग की पॅंटी से धकि चूत नज़र आने लगी...उसने देखा कि उसकी पॅंटी का आयेज का हिस्सा चूत से रस से गीला हो चुका था... उसने अपनी जीब पॅंटी के किनारे पर रख चूत के बाहरी हिस्से को चाटने लगा.... फिर उसकी पॅंटी को नीचे खिसका दिया और अपनी जीब उसके तराशे हुए बालों पर चलाने लगा..कि तभी स्वीटी नीचे बैठ कर एक बार फिर उसके लंड को चूसने लगी..

फिर वो उठ कर पलंग पर लेट गयी और अपनी टाँगे फैला उसे अपने उपर खींच लिया... राज ने अपना हाथ नीचे किया और उसकी चूत को फैलाते हुए अपनी उंगली अंदर घूसा दी..

"हां राज फैला दो अछी तरह मेरी चूत को ऑश हां और चौड़ा दो इसे अपने लंड के लिए... " राज ने अपनी दो उंगली स्वीटी की चूत मे घूसा रखी थी.. फिर उसने तीसरी उंगली भी घुसा दी... और उसकी चूत को फैलाते हुए अंदर बाहर करने लगा...

"हां राज अब चोदो मुझे अपनी इस भारी लंड से... आज फाड़ दो मेरी चूत को और जम को चोदो इसे.. बहुत प्यासी है ये तुम्हारे लंड के लिए..." "हां हां स्वीटी" राज तो कब से मरा जा रहा था आज के लिए.. वो उसकी टाँगो के बीच अछी तरह आ गया और अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रख दिया... स्वीटी ने अपनी टाँगों को और अछी तरह फैला दिया..

"राज ज़रा धीरे धीरे करना वरना बहोत दर्द होगा." राज धीरे धीरेजोर लगाते हुए अपने लंड को अपनी चचेरी बेहन की चूत मे घुसाने लगा... राज अपने लंड को थोड़ा बाहर खींचता और पहले से ज़्यादा अंदर कर देता.. ऐसे ही दो चार बार करने के बाद जब उसका लंड तीन चौथाई अंदर घुस गया.. तो स्वीटी ने उसे रुक जाने को कहा, "बस राज इससे ज़्यादा में अंदर नही ले सकती..."
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09-20-2018, 01:59 PM,
#19
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
राज धीरे धीरे संभाल कर धक्के मारने लगा... ये उसका भी पहला मौका था.. इसलिए वो डर भी रहा था कि कहीं स्वीटी को तकलीफ़ ना हो... उसे विश्वास नही हो रहा था कि लंड जब चूत की दीवारों को चीरता हुआ अंदर घुसता है तो चूत की गर्माहट इतना मज़ा देगी... आज जितना उत्तेजित वो पहले कभी नही हुआ था.. वो अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा... फिर उसकी निपल को मुँह मे ले चूसने लगा और साथ ही अपने लंड को अंदर बाहर करता जा रहा था... और स्वीटी थी कि सिसकते हुए उसे उकसा रही थी..

"ओःः राज कितना अछा लग रहा है.. हां चोदो मेरी चूत को अपने मोटे और लंबे लंड से... " राज तेज़ी से धक्के लगाने लगा.. उसका लंड तनने लगा और अब उसे सहन नही हो रहा था.. वो पानी छोड़ना चाहता था.. "स्वीटी मेरा छूटने वाला है."

"हाँ राज छोड़ दो अपना पानी मेरी चूत मे भर दो इसे अपने रस से.. तुम डरो मत... मेने गोली ले रखी है कुछ नही होगा..." स्वीटी का इतना कहना था कि राज के लंड ने पानी छोड़ दिया और उसकी चूत को अपने रस से भरने लगा... "ओह्ह्ह स्वीटी कैसे तुम्हारा शुक्रिया करूँ तुम बहोत अछी हो." कहकर राज उसके बदन पर लुढ़क गया.

"तुमने भी मुझे बहोत मज़ा दिया.." कहकर स्वीटी ने उसे चूम लिया और उसे अपने से अलग कर दिया... दोनो कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे फिर स्वीटी ने कहा कि उसे प्रीति से भी मिल लेना चाहिए....

दोनो अपने कपड़े पहन प्रीति से मिलने की तय्यरी करने लगे.. और वही राज के कमरे के बाहर खड़ी प्रीति अपने कमरे की और भागी.. अंदर का नज़ारा देख वो गरमा चुकी थी.. उसकी चूत से रस बह कर चू रहा था...अपनी गीली उंगलियों को अपनी स्कर्ट से पोछती वो अपने कमरे मे पहुँची.

प्रीति को तो अब भी विश्वास नही होरहा था कि राज ने स्वीटी को अभी अभी चोदा है.. उसे तो लगा था कि उस दिन पार्टी की तरह दोनो थोड़ा एक दूसरे से खेलेंगे.. चूमा छाती करेंगे और ज़्यादा होगा तो स्वीटी उसका लंड चूस लेगी.... लेकिन जब दरवाज़े के बाहर खड़ी उसने स्वीटी को राज से कहते सुना कि अब वो अपना लंड उसकी चूत मे घुसा दे तो वो हैरान रह गयी...

स्वीटी की बात सुन प्रीति को उससे जलन होने लगी.. उसे अफ़सोस हो रहा था कि स्वीटी वो पहली लड़की बनेगी जिसे राज चोदेगा... काश वो उसकी जगह होती..

कमरे मे पहुँच प्रीति ने जल्दी से अपनी पॅंटी उठाई और पहन ली और पलंग पर बैठ स्वीटी का इंतेज़ार करने लगी... "हाई प्रीति कैसी हो?" स्वीटी दरवाज़ा खटखटा अंदर आते हुए बोली.

"में अछी हूँ.. लेकिन तुम्हारा चेहरा तो काफ़ी चमक रहा है..क्या राज के साथ मस्ती कर रही थी? उसने अपनी चहेरी बेहन को चीढ़ाते हुए पूछा.

"हां प्रीति और सच मे बहोत मज़ा आया." स्वीटी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया... "और मुझे लगता है कि आज का दिन वो अपनी जिंदगी मे कभी नही भूलेगा."

"कौन लड़का अपनी चचेरी बेहन से लंड चूसवाने की बात को भूल पाएगा.." प्रीति ने कहा... वो सोच रही थी कि क्या स्वीटी अपने ही मुँह से ये बात कबूल करेगी कि उसने राज से चुदवाया है.

"हां सही कह रही हो... लेकिन आज का दिन तुम्हारे साथ बिताए गये दिन से भी ज़्यादा यादगार रहेगा..."

"कहीं तुम ये तो नही कहना चाहती हो कि तुम भाई से चुदवा चुकी हो?" प्रीति ने अंजान बनते हुए पूछा.

"हां तुम ये कह सकती हो." स्वीटी ने हंसते हुए कहा और अपनी शॉर्ट्स के उपर से अपनी गीली चूत को रगड़ने लगी. "मुझे अभी भी विश्वास नही हो रहा कि तुम भाई से चुदवा चुकी हो." "प्रीति इसमे ना विश्वास करने वाली कौन सी बात है.. तुम ही ने तो मुझे बताया था कि उसका लंड कितना बड़ा और मोटा है." "हां मेने कहा था.. और हम दोनो ने साथ साथ उस लंड को चूसा भी था.. लेकिन मुझे यह नही मालूम था कि मेरी पीठ पीछे तुम उस लंड से चुदवा लोगि."

प्रीति की बात सुन स्वीटी सोच मे पड़ गयी.. "हां शायद में कुछ ज़्यादा जल्दबाज़ी कर गयी.. कहीं तुम तो नही सबसे पहले उससे चुदवाना चाहती थी?

"हाँ... भी नही भी... मुझे नही पता... मेरा मतलब है कि में ये भी नही तय कर पाई थी कि मेरी चूत क्या उसके मोटे और लंड को झेल भी पाएगी कि नही... पर अगर हम दोनो साथ साथ उसे चूत का मज़ा देते तो अछा रहता था.. लेकिन कोई बात नही.. जो हो गया सो हो गया." प्रीति ने उससे कहा.

"प्रीति मेरी बेहन प्लीज़ मुझे माफ़ कर देना.. अगर मुझे थोडा सा भी इशारा मिल गया होता तो शायद में इतनी जल्दी नही करती.." स्वीटी ने उसके बगल मे बैठ उसके कंधों पर हाथ रखते हुए कहा.

प्रीति स्वीटी के महीन टॉप से झलकती उसकी चुचियों को देखने लगी.. उस रात की यादें उसके जेहन मे फिर ताज़ा हो गयी... वो उसके पतले और गुलाबी होठों को देखने लगी जिन्हे स्वीटी बार बार अपनी जीब से भीगो रही थी... उसने देखा कि उसके तने हुए निपल की नोक टॉप के उपर से दीख रही है.. उसने अपना हाथ बढ़ा कर अपना हाथ उसकी चुचियों पर रख दिया.
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09-20-2018, 01:59 PM,
#20
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
प्रीति अब उसके खुले ब्लाउस से उसकी चुचियों को देखने लगी.. उसकी गर्दन से नीचे घाटी मे उसकी चुचि की दरार दीख रही थी.. वो स्वीटी एक थोडा पास खिसकी और अपनी जीब से उसकी गर्दन एक नीचले हिस्से को चाटने लगी... फिर अपने हाथ से उसके टॉप के बाकी बटन खोलने लगी... फिर उसकी नंगी चुचि को उसने अपने हाथ मे पकड़ लिया और मसल्ने लगी..

स्वीटी के बदन फिर गरमाने लगा.. और वो पीछे को लुढ़क कर प्रीति के बिस्तर पर पीठ के बल लेट गयी... स्वीटी के उपर एक नशा सा छाने लगा.. उसे विश्वास नही हो रहा था कि राज से चुदवाने के बाद अब उसकी बेहन उसे प्यार कर रही है... उसने आज तक कभी सॅमलिंग सेक्स नही किया था लेकिन आज उसे प्रीति का साथ और स्पर्श दोनो मे मज़ा आने लगा...

प्रीति ने उसके टॉप को पकड़ उतार दिया... और फिर अपने मुँह को झुका और खड़े निपल को मुँह मे ले चूसने लगी.. स्वीटी ने उत्तेजना मे अपना हाथ अपनी बेहन के सिर पर रख दिया... और अपने निपल पर दबाने लगी... फिर वो भी प्रीति के टॉप को पकड़ उतारने लगी.. वो भी प्रीति की चुचियों को चूसना चाहती थी.. मसलना चाहती थी... जैसे ही स्वीटी ने उसके टॉप को उतारा.. प्रीति ने अपना मुँह उठाया और सीधी बैठ गयी.. फिर अपने हाथ पीछे लेजाकार उसने अपनी ब्रा के हुक खोल उसे उतार दिया.. स्वीटी ने उसकी दोनो चुचियों को पकड़ लिया और मसल्ने लगी.. प्रीति भी उसकी चुचियों को मसल्ने लगी. फिर अपने आप को उसके उपर लीटा वो अपनी चुचियाँ उसकी चुचियों से रगड़ने लगी...

प्रीति उसके गुलाबी होठों को फिर से देखने लगी.. और वो अपने आपको रोक नही पाई.. उसने अपने होंठ उसके होठों पर रखे और उन्हे चूसने लगी.. फिर धीरे से उसके होठों को खोल उसने अपनी जीब उसके मुँह मे डाल दी..

स्वीटी ने भी अपनी जीब उसकी जीब से मिला दी और उन्हे चूसने लगी.. प्रीति के हाथ स्वीटी के पूरे बदन को सहलाने लगे.. स्वीटी ने भी प्रीति को अपनी बाहों मे भर भींचने लगी.. उसकी पीठ सहलाने लगी. फिर हाथों को नीचे खिसका उसकी नंगी कमर को सहलाने लगी.. फिर उसके हाथ उसकी स्कर्ट के उपर से उसके चूतड़ पर ठहर गये... प्रीति अब नीचे खिसकते हुए उसे चूम रही थी.. मसल रही थी.. पहले उसने उसकी गर्दन को चूमा फिर चुचियों की घाटी मे जीब चलाते हुए नीचे खिसकी.. फिर उसके सपाट पेट को चूमते हुए वो नीचे खिसकी उसके होठ अपनी चहेरी बेहन की शॉर्ट्स के किनारे पर रुक गये..

प्रीति फिर स्वीटी की शॉर्ट्स और उसकी गुलाबी पॅंटी को पकड़ नीचे खिसकाने लगी... अब उसका मुँह स्वीटी की चूत पर था... उसने उसकी शॉर्ट्स और पॅंटी को पैरों से अलग कर उसकी टाँगो को फैला दिया... फिर अपनी उंगलियों को उसकी गीली चूत पर फिराने लगी...

स्वीटी ने अपना पैर अपनी चचेरी बहन की टाँगो के उपर रख दिया...और उन्माद मे अपनी आँखे बंद कर ली... प्रीति अब अपनी जीब उसकी चूत के चारों और फिरा रही थी.. चाट रही थी... वो खुद काफ़ी गरम हो चुकी थी.. उसने एक हाथ नीचे किया और शॉर्ट्स के उपर से अपनी चूत को मसल्ने लगी..

वहीं राज सोच मे पड़ गया कि स्वीटी को इतना टाइम काहे मे लग गया.. वो अपने आप को कोसने लगा कि उसने स्वीटी को जाने ही क्यों दिया.. उसे पता था कि दोनो बातुनी है और एक बार बात करने बैठ गयी तो फिर उन्हे होश कहाँ.... उसने प्रीति के रूम मे जाकर दोनो से मिलने का फ़ैसला किया.. जैसे ही वो प्रीति के कमरे के बाहर पहुँचा तो कमरे से आती स्वीटी के सिसकने की आवाज़ को वो पहचान गया...

उसकी बेहन के कमरे के दरवाज़ा खुला था.. उसने उत्सुकता मे अंदर झाँक कर देखा... तो उसका अंदाज़ा सही था.. अंदर उसकी चचेरी बेहन जिसे अभी कुछ देर पहले उसने उसे चोदा था.. पलंग पर पीठ के बल लेटी थी. और उसने अपनी उंगलियों से अपनी चूत को फैला रखा था... और उसकी सग़ी बेहन उसकी टाँगों के बीच बैठी.. स्वीटी की चूत को अपनी जीब से चाट रही थी... उसकी गंद दरवाज़े की तरफ उठी हुई थी.. और उसकी कॉटन की पॅंटी से उसकी गीली चूत झलक रही थी...

इस नज़ारे को देख राज ने कुछ सोचा भी नही और अपने लंड को अपनी शॉर्ट्स के बाहर निकाल लिया और ज़ोर ज़ोर से मुठियाने लगा... वो सोचने लगा कि काश इस वक्त वो अपनी बेहन की सफ़ा चूत को चूस सकता.. जिसके बाल उसने ही सॉफ किए थे.... उसकी ये सफेद पॅंटी जो उसके ही रस भीगी हुई थी उसे मिल जाती तो वो उसे अपने लंड पर लपेट मूठ मारता...

स्वीटी सिसकते हुए झाड़ गयी और उसने अपनी टाँगे प्रीति की टाँगो से आज़ाद कर ली... और जब अपनी आँख खोल वो प्रीति को देखने लगी तो उसे दरवाज़े पर खड़ा राज दीखाई दिया.. वो अपने हाथों मे अपने मोटे लंबे लंड को पकड़ मसल रहा था... वो उसे देख मुस्कुरा डी... "ऑश प्रीति.... कितना अछा था..पता नही मुझे क्या हो गया था... लेकिन फिर भी शुक्रिया.." स्वीटी ने कहा.. तभी उसने देखा कि राज वहाँ से चला गया था..
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