vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
11-01-2018, 12:19 PM,
#31
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
वो मुझे देख रही थी और मैं उसे और मैने जो ही सॉरी कहने के लिए अपनी ज़बान हिलाई;
पायल: आइ आम सॉरी सम्राट!
और इतना कह कर पायल की आखो से आसू निकला और उसकी उपर नीचे होती हुई छाती पर गिर गया. मैने सोचा ये तो पासा उल्टा ही पड़ गया. कहाँ तो मैं पायल को सॉरी कहने वाला था और ये मुझसे माफी माँग रही है. मुझे पहले तो कुछ समझ नही आ रहा था कि आख़िर ये क्यू मुझसे माफी माँग रही हैं?
मे: अर्रे? क्या हुआ पायल ? सॉरी क्यू कह रही हैं? और तू रो क्यूँ रही हैं?
पायल: क...कू..कुछ नही हुआ सम्राट. प्लीज़, फर्गिव मी!
मे: तू बताएगी आख़िर हुआ क्या हैं तो?
मैने पायल के कंधो को पकड़ कर उसे सहारा देखार सोफे पर बिठाया और उसके सामने नीचे,घुटनो के बल बैठ गया. पायल अब रोने लगी थी. मैने उसके आँसुओ पोछते हुए उससे कहा;
मे: तू प्लीज़ बताएगी कुछ? और रोना बंद कर सबसे पहले!
किसी तरह कुछ वक़्त बाद पायल का रोना बंद हुआ, मगर उसकी आवाज़ मे अब भी भारीपन था और आखे नम थी.
पायल: सम्राट! तुम पहले प्रॉमिस करो कि तुम मुझसे नाराज़ नही होगे.
मे: इसमे नाराज़ होने वाली क्या बात हैं?
पायल: पहले प्रॉमिस करो सम्राट!
मे: हुफ़फ्फ़! हाँ ओक.. आइ प्रॉमिस.. अब बता जल्दी से.
पायल ने एक गहरी सास लेते हुए कहा;
पायल: सा..सस्स..
मे: हाँ बोलेगी अब?
मुझे अब चीढ़ महसूस होने लगी थी तो मैं उसपे चिल्ला पड़ा,और पायल थोड़ा और सहम गयी.
पायल: सम्राट! त....तुम पहले लड़के हो जिसने मुझे आज तक छुआ हैं?
पायल की बात सुन कर मुझे समझ नही आ रहा था कि मैं अब हँस पडु इसकी बेवकूफी पे या इतना अच्छा जो किस्सिंग चल रहा था हमारा, वो इसने बिगाड़ दिया उस वजह से मैं चढ़ु उसपे? मैने कुछ ना कहना ही सही समझा और सिर्फ़ 'ह्म्म्म्म ' कर दिया.
पायल: ह्म्म्म क्या सम्राट?! ये भी कोई रियेक्शन हैं?
अब मुझे धीरे धीरे गुस्सा आने लगा था. आप लोग तो समझ सकते हो दोस्तो कि एक तो महीनो कुछ मिले नही और जब मिला तो लड़की ऐसे आइटम करने लगेगी तो किसी की सटकेगी ना? वैसा ही कुछ मेरे साथ हुआ और मैं अपना आपा खो बैठा.
मे: कैसा रियेक्शन मतलब? आख़िर तू चाहती क्या हैं मुझसे पायल? क्या कहूँ मैं बता दे?
मेरे चिल्लाने से पायल फिर से सहम गयी. मैं आज तक पायल पर कभी नही चिढ़ा. गुस्सा होना तो दूर की बात हैं, मैने कभी उससे ऊँची आवाज़ मे बात भी नही की, मगर आज बात अलग थी. मुझे भी नही समझ आ रहा था कि इतना गुस्सा मुझे किस बात पर आ रहा हैं? मैं बॅस इतना जानता था कि मुझे बहुत गुस्सा आ रहा हैं.
मे: बोल ना! क्या कहूँ मैं तुझे?
इतना कह कर मैने पायल के कंधो को जाकड़ लिया. मेरे मज़बूत हाथ उसके मुलायम स्किन मे जैसे गढ़ गये हो. पायल को दर्द होने लगा था मेरी पकड़ की वजह से. वो मेरी ओर अजीब तरह से देखने लगी और उसकी उस नज़र से मुझे समझ आया कि मैं क्या कर रहा हूँ? मैं फटी आखो से पायल को देखने लगा और वो मुझे. मेरे हाथ अपने आप ही पायल के कंधो से नीचे उतर गये और मैं अपनी जगह से खड़ा हो गया और पायल से कुछ फीट दूर खड़ा हो गया. रूम मे अब एक मनहूस सन्नाटा सा फैला हुआ था. मैं नीचे ज़मीन को घूर रहा था और पायल मुझे देख रही थी सवालिया नज़रों से. हम दोनो मे से कोई भी कुछ नही कह रहा था. कुछ कहने को बचा ही नही था. पायल ने अपना दोस्त समझ कर मुझे कुछ बताया और मैने एक हैवान की तरह उसके नाज़ुक से शरीर को झकझोर दिया. मैं एक अपराधी की तरह महसूस कर रहा था. मेरी नज़र पायल की नज़रों से नही मिल रही थी और बिना उसकी ओर देखे ही मैने पायल से कहा;
मे: मुझे लगता हैं कि तूने अब जाना चाहिए. मैं ऑटो बुलाता हूँ.
इतना कह कर मैं आगे निकल गया, बिना ये सुने की पायल कुछ कहना चाहती हैं या कह रही हैं. मैं जितना तेज़ी से हो सके उतना तेज़ी से घर से बाहर निकल आया. एक गहरी सास ली और ऑटो लाने के लिए कुछ आगे चल पड़ा. मेरे मन मे ढेर सारे सवाल आने लगे. आख़िर या अभी क्या हुआ? मैं कभी अपना आपा नही खोता हूँ? आज कैसे खो दिया? वो भी पायल की एक मामूली बात पर! क्या मैं फ्रस्टरेटेड हूँ? इतने सारे सवाल मगर एक भी जवाब नही. कुछ ही दूरी पर जाके मुझे एक ऑटो वाला मिल गया. मैने उसे पूछा कि उस अड्रेस पर जाएगा या नही? और इतना पूछ कर मैं ऑटो मे बैठ कर वापिस घर आया. ऑटो से उतर कर मैने ड्राइवर से कहा;
मे: 2 मिनट भैया! आता हूँ
इतना कह कर मैं घर मे जाने के लिए मूढ़ गया. जो ही मैने घर का डोर खोला, पायल ठीक सामने खड़ी थी. मैने उसकी तरफ ना देखते हुए ही कहा;
मे: ऑटो आ गया.
और बाहर जाने के लिए मूढ़ गया तो पायल ने कहा;
पायल: मगर सम्राट??.....
उसकी बात पूरी ना करते हुए मैने बीच मे ही उसे कहा;
मे: अभी जा पायल! ऑटो वेट कर रहा है.
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11-01-2018, 12:19 PM,
#32
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
पायल अपनी नम आखो से मुझे देखने लगी. जितना उसके लिए ये सब अजीब था, मेरे लिए भी था. मगर मैं अभी सिर्फ़ पायल को घर मे से निकालना चाहता था. बॅस! मैने उसके लिए दरवाजा खोला और उसके पीछे पीछे ऑटो तक चलने लगा. हम दोनो चुप थे. बॅस ऑटो के एंजिन की और कही किसी गाड़ी के हॉर्न की आवाज़ आ जाती. पायल ऑटो मे बैठ गयी और मैने ऑटो वाले को एक 100 का नोट दिया और जाने के लिए कहा. पायल की नज़रें नीचे झुकी हुई थी. ऑटो स्टार्ट हुआ और मैं 2 कदम पीछे हो गया और ऑटो चल पड़ा. मैं अब भी ऑटो को ही देख रहा था. पता नही क्यू? बॅस देख रहा था! और तभी पायल ने अपना सिर ऑटो से बाहर निकाल कर मेरी ओर देखा और बाइ करने लगी. उसकी आखो मे मायूसी और तक़लीफ़ मैं सॉफ देख पा रहा था मगर एक नपुंसक की तरह मैं कुछ कर नही पा रहा था. घिन आने लगी थी मुझे अपने आप पर. मैने ज़मीन को घूर्ने लगा, जैसे अभी वो फट जाए और मैं अंदर चला जाउ. कुछ ही देर मे ऑटो नज़र से ओझल हो गया और मैं हताश होकर घर मे आ गया. 

घर का डोर डबल लॉक किया. दिमाग़ मे ढेर सारे सवाल घूम रहे थे. मगर आज मुझमे ना ताक़त थी और ना ही होसला उन सवालो से भीड़ने का. मैं बस किसी तरह सब कुछ भूलना चाहता था. भाग भाग कर जाता भी कहाँ? आज तो मेरे ज़मीर ने मुझे धूतकार दिया था. उसके सामने कैसे मैं सफाई दे सकता था? नही दे सकता! पायल, मेरी सबसे अच्छी दोस्त को आज मैने तक़लीफ़ दी हैं. उसके जैसी दोस्त मैने खो दी अब.मैं स्टेर्स चढ़ कर अपनी रूम मे आया किसी तरह. एक घुटन सी होने लगी थी मुझको. ऐसा लग रहा था जैसे कोई मेरा गला दबा रहा हो मगर सिर्फ़ उतनी ही ढील दे रहा था कि मैं साँस ले सकूँ और तक़लीफ़ झेल सकूँ.. मुझे कुछ तुझसे मे नही आ रहा था और ना ही दिमाग़ काम कर रहा था. उतने मे ही मेरी नज़र टवल पर पड़ी. 
'नहा लेता हूँ!'


अपने आप से ही कहते हुए मैने टवल उठाया और एक एक कपड़ा उतारना स्टार्ट किया. टी-शर्ट के नीचे तो कुछ पहना था ही, जल्दी से जीन्स और अंडरवर एक ही झट्के मे निकाल दी. घर मे कोई नही था और मैं नुड़ीसम का फॅन भी हूँ. मगर इस वक़्त मेरे दिमाग़ मे वो सब नही चल रहा था. मैं नंगा ही बाथरूम की ओर चल पड़ा. बाथरूम का दरवाज़ा खोला, बंद करना ज़रूरी ना समझते हुए मैने टवल टाँग दिया और शवर स्टार्ट कर दिया. सुना था ठंडे पानी से नहाने पर फ्रेश हो जाते हैं. और वाकई मे, अच्छा महसूस हो रहा था. ठंडा ठंडा पानी मेरे नंगे जिस्म पर से बह रहा था किसी झरने के पानी की तरह. मैं पानी की हर बूँद तक महसूस कर सकता था. पानी जैसे जैसे मेरे जिस्म से नीचे बहता जा रहा था वैसे वैसे मुझे थोड़ी राहत मिल रही थी. मेरा दिमाग़ जैसे किसी कंप्यूटर की तरह रिसटार्ट हो गया हो. मैं अपने रिक्षन के बारे मे सोचने लगा. हो सकता हैं कि इतने दिनो बाद किसी लड़की का जिस्म छूने को मिला तो मैं कुछ ज़्यादा एग्ज़ाइट हो गया. और उसमे भी पायल की उस हरकत से मैं आपा खो बैठा. मैं जानता था कि मैने ग़लत किया, मगर आटीस्ट मुझे पता तो चल गया कि वजह क्या थी मेरे ऐसे बिहेवियर की. 


मैने ज़्यादा सोचना ठीक नही समझा और वो बात दिमाग़ मे से निकाल देने की कोशिश करने लगा कि तभी;
'टिंग तोंग!!!!टिंग..टिंग..टिंग...टोननगज्गग!!!'
मुझे डोरबेल की आवाज़ आने लगी. अभी मेरा नहाना ठीक से नही हुआ था मगर जो भी डोर पे था, रुकने का नाम नही ले रहा था. मैने शवर बंद किया और सोचा कि चलो पहले देख लेता हूँ कौन हैं तो.. मैने टवल लिया और तभी याद आया कि मैने कपड़े तो लिए ही नही हैं. बाहर लगातार बेल बजे जा रही थी. मैने ज़ोर से आवाज़ लगाई;
'आया!!!'

मैने फट से टवल लिया और कमर से बाँध लिया. और दौड़ते हुए रूम मे गया, एक टीशर्ट उठाई और पहनते पहनते मैं स्टेर्स उतारने लगा. मैं टवल के नीचे बिल्कुल नंगा था. जल्दी जल्दी मैं स्टेर्स उतरने लगा.
' हाअ हां! आयाअ...वेट!'

कंटिन्स बेल्स से मैं परेशान हो रहा था. फाइनली मैं दरवाजे तक पहुँच ही गया. एक बार फिर से मैं टवल ठीक से बाँध लिया ताकि कही छूट ना जाए. और दरवाजे की कड़ी खोल दी. जैसे ही मैने दरवाजा खोला, मैं हक्का बक्का रह गया और मेरे मूह से निकल गया;
'तुम?'......................................
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11-01-2018, 12:19 PM,
#33
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
उसके आगे मैं कुछ कह पाता उतने मे ही मुझे अपने होंठो पर एक ज़बरदस्त किस महसूस हुआ. उसके मुलायम होंठ मेरे होंठो से लड़ रहे थे. मुझे तो संभलने का वक़्त भी नही मिला. इससे पहले कि मैं कुछ कह पाता उसकी उंगलिया मेरे गीले बालो मे साप की तरह रेंग रही थी, धीरे धीरे मेरे बालो को वो खीच रही थी. उसकी छाती मे होने वाले उतार चढ़ाव मैं सॉफ महसूस कर पा रहा था. मेरी टीशर्ट गीली होने के वजह से मेरे निपल्स उसके निपल्स से टकरा रहे थे. अब मैं भी बड़े जोश मे उसके होंठो को रस्स पीने लगा. मैने अपने हाथ उसकी कातिलाना कमर पर ले गया और एक झट्के से उसे अपनी ओर खीच लिया जिससे टवल के अंदर का मेरा लंड अब उसके सपाट पेट पर टकरा रहा था. 

मेरे उस झट्के से ही उसके होंठ जो मेरे होंठो से खेल रहे थे कह पड़े,'उम्म्मह....' मगर फिर भी हमारे होंठ एक दूजे से अलग ना हुए और तभी उसने अपने होंठ खोल दिए और मैने इशारा समझते हुए उसके होंठो के बीच अपनी जीभ डालके फ्रेंच किस करना स्टार्ट कर दिया. उसका ये पहला किस था ये बात सॉफ थी, मगर उसके जिस्म का जादू सॉफ बता रहा था कि आज इस लड़की को प्यास हैं. हम दोनो की आखे बंद थी और हम उस एक किस मे एक दूसरे को पीते जा रहे थे. मैने उसकी पतली कमर को कस्के अपने मज़बूत हाथो से पकड़ कर उसे हल्का सा उठा कर 180 के आंगल से घुमा दिया. अब मेरी पीठ मेन डोर की ओर थी और वो घर की तरफ. मैने एक पैर से दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया और दरवाजा बंद हो गया. इस सब के दौरान भी हमारा किस नही टूटा. लिविंग रूम मे अब धीमी सी सिसकिया गूँज रही थी. उसके रसीले होंठो से,'सस्स्सीई'' की आवाज़े निकलने लगी. मैने अपनी जीभ से उसके मीठे मूह की सैर कर ली और दोबारा अपने होंठो को उसके होंठो पर टिका दिया.


हम दोनो एक दूसरे को नही छोड़ रहे थे और चाहते भी नही थे. जिस्म मे जब आग लगती हैं तब वो सिर्फ़ और सिर्फ़ एक ही तरीके से बुझती हैं, वासना के तांडव से! मैं अपने हाथ उसकी पीठ पर घुमा रहा था. उसके ड्रेस मे से भी मैं उसकी ब्रा की स्ट्रीप महसूस कर रहा था. मैने उसे अपनी ओर खीचा और उसके बूब्स मेरे छाती मे गढ़ गये.
'आअहह...उम्म्म्म'


करीबन 4-5 मिनट तक हम एक दूसरे के होंठो को चूस्ते रहे और जब साँस लेना असंभव हो गया तब मजबूरी मे मैने उसके होंठो से अपने आप को अलग किया और उसके फूल जैसे कोमल चेहरे पर एक नज़र डाली. उसकी साँसे तेज़ हो चुकी थी. मैने अपनी उंगलियो से उसके होंठो को छुआ तो उसके मूह से सिसकी निकल गयी.. उसकी गरम साँस मेरी हाथ पर महसूस होते ही मुझमे जैसे गर्मी सी आ गयी हो और मैने उसके होंठो को इस तरह हल्के से मसला जैसे मैं उनका रस्स निचोड़ना चाहता हूँ. उसने अपने नीचले होंठ को हल्के से काट कर आखे खोली और मेरी ओर देखने लगी.. हम दोनो के जिस्म एक दूसरे से पूरी तरह से चिपके हुए थे, सिर्फ़ हमारे चेहरे कुछ सेंटीमीटर की दूरी पर थे.. उसकी उभरे हुए विशाल बूब्स मेरी चेस्ट पर दस्तक दे रहे थे हर साँस के साथ. मेरा हाथ धीरे धीरे उसके चेहरे से नीचे होते हुए उसके कंधो पर गया और मैने उसके कुर्ते को थोड़ा सा नीचे खीचते हुए उसके कंधे पर हल्का सा चूमने लगा उसकी मोर जैसी गरदन की ओर बढ़ते हुए. उस वक़्त भी मेरे दिमाग़ मे कयि सारे सवाल घूम रहे थे मगर मेरी उन सवालो को पूछने की बिल्कुल भी इच्छा नही थी.. मैं बस उस पल को जीना चाहता था.. उस वक़्त दुनिया मे और कुछ इंपॉर्टेंट नही था मेरे लिए.. बस मैं और पायल!

पायल मेरी ओर देख रही थी और वो समझ चुकी थी कि मेरे दिमाग़ मे कयि सवाल हैं.. उसने एक प्यारी सी स्माइल के साथ मेरी ओर देखते हुए मेरे चेहरे को अपने हाथो से छूते हुए कहा;
पायल: कन्फ्यूज़्ड??!

मुझे कुछ कहने की ज़रूरत ही नही थी. मेरी शक़्ल पे सॉफ सॉफ लिखा हुआ था कि मैं कन्फ्यूज़्ड हूँ.

पायल: समझ सकती हूँ. मैं खुद भी कन्फ्यूज़्ड थी जब तक मैने डोर बेल नही बजाई और तुमने दरवाजा नही खोला.. मैं समझ नही पा रही थी आख़िर मैं क्या कर रही हूँ? क्यू कर रही हूँ? और अगर करती हूँ तो इसका मतलब क्या हैं?

मे: मगर मुझे लगा कि तुम घर चली गयी. और.. और पायल ये सब क्या हैं?

पायल: हाँ.. जब मैं यहाँ से निकली तब मैं घर ही जा रही थी.. मगर मैं चाहती नही थी जाना. सम्राट! जो कुछ हमारे बीच हुआ पहले वो अचानक हुआ...

मैने उसकी बात काट ते हुए कहा;
मे: ग़लत हुआ...

पायल ने मेरे होंठो पर उंगली रखते हुआ कहा;
पायल: स्शह...! ग़लत नही हुआ सम्राट.. अचानक हुआ इसलिए मैं सहम गयी.. अगर ग़लत होता तो मैं आती ही नही वापिस बॅग लेकर?

मे: हुहह? बाग? कौनसा बॅग? 

पायल:वही जो दरवाजे के बाहर रह गया. तुमने दरवाजा ही बंद कर दिया और मैं उस वक़्त कुछ और नही चाहती थी..
इतना कह कर पायल मुझसे अलग हो गयी और उसने ज़रा सा दरवाजा खोलकर अपना बॅग अंदर ले ली.. वोही बॅग था जो वो कॉलेज मे लेकर आती हैं. मैं उसकी ओर देखने लगा कि आख़िर माजरा क्या हैं? पायल ने अपना बॅग सोफा के पास ही रख दिया और वापिस मेरे ठीक सामने आके खड़ी हो गयी..

पायल: मैं घर पंहुची ज़रूर मगर दिल से मैं इधर ही थी सम्राट. मुझे पता नही क्यू ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे कुछ होना चाहिए मगर हुआ नही. कुछ कहना चाहिए था मगर कहा नही. अजीब सी बेचैनी सी होने लगी थी सम्राट मुझे. मैं घर पहुँची और सीधा अपने रूम मे चली गयी और पता नही मगर मुझे क्या सूझा और मैने अपने बॅग मे कुछ कपड़े उठा लिए और मम्मी से कहा कि आज एक फरन्ड के घर ही रात को रहने वाली हूँ. मम्मी भी उस फरन्ड को जानती हैं तो उन्होने भी कुछ कहा नही. और मैं सीधा ऑटो पकड़ कर यहाँ चली आई..

मैं ध्यान से पायल की बाते सुन रहा था.
मे: मगर क्यूँ??

पायल: क्योकि मुझे वो सही लगा सम्राट. मैने अपनी पूरी ज़िंदगी मे किसी पर इतना भरोसा नही किया जितना मैं तुमपे करती हूँ सम्राट.. पहली बार किसी पे विश्वास करना सही लगा तो तुम पर, किसी के सामने अपना दिल खोलना सही लगा तो तुम्हारे सामने....
और शरमाते हुए पायल अपनी आखे झुकाते हुए बोली;
पायल: किसी को अपने आप को छूने देना सही लगा तो तुम्हे सम्राट.
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11-01-2018, 12:19 PM,
#34
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
उसकी बात सुन कर मेरा दिल भर आया और मैने पायल को एक बार फिर से कस्के अपनी बाहों मे जाकड़ लिया और उसके होंठो पर अपने होंठ टिका दिए.. पायल ने भी मेरे गले मे अपनी बाहो को डाल कर मुझे किस करना शुरू कर दी..

मुझे अब मेरे लंड मे हलचल सॉफ महसूस हो रही थी और मैने सिर्फ़ टवल पहन रखा था. पायल के गरम और भरे हुए जिस्म के आगे मैं अपने आपको कंट्रोल नही कर सकता था. इंपॉसिबल! हम अब एक दूसरे को फ्रेंच किस कर रहे थे और मेरा लंड धीरे धीर पूरी जवानी मे आने लगा. मैने पायल की कमर को कस्के पकड़ा और उसे ज़मीन पर से उठा लिया,जैसे किसी बच्चे को उठाते हैं. अब पायल के पैर हवा मे थे और मैने उसकी कमर से अपने हाथ नीचे ले जाते हुए उसकी मांसल गान्ड से होते हुए, उसकी भरी हुई जाँघो को दबोचते हुए उसके पैरो को खुद की कमर के इर्द-गिर्द ले आया और पायल ने अपने आप ही उसके पैरो को मेरी कमर से जैसे लॉक कर्दिआ हो. अब पायल के जिस्म का पूरा भार मेरी कमर पे था.

उसकी मुलायम, नशीली,रसीली गान्ड मेरे हाथो पर टिकी हुई थी. वो मुझसे कुछ इंची उपर उठ गयी थी और इतने पॅशनेट्ली किस कर रही थी कि कोई देख कर कहेगा नही कि किसी को पहली बार किस कर रही हैं. मैने उसके होंठो से नीचे उसकी चिन को चूमते हुए नीचे नीचे जाते हुए उसकी नेक पर चुम्मो की बौछार कर दी. पायल के जिस्म की खुश्बू से मैं जैसे पागल हो रहा था. जॅसमिन जैसी खुसबू थी उसके जिस्म मे. अब मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था और मैं ये भी समझ गया था कि अब पायल खुद भी नही चाहती कि इस वासना के खेल को रोका जाए.. किसी भी कीमत पर!


पायल अपने कोमल हाथ मेरे सिर मे मे घुमा रही थी.अजीब सा खुमार छा रहा था हम दोनो को. मैं पायल की नेक से नीचे आते हुए उसके सीने को चूमने लगा. उसके बूब्स की गर्माहट मैं अपने होंठो पर सॉफ महसूर कर रहा था. थोड़ा सा डीप नेक होने की वजह से उसके कुर्ते मे से थोड़ी सी क्लीवेज दिखाई पड़ रही थी. मैने उसकी क्लीवेज मे अपनी नाक घुसाते हुए एक ज़ोर की साँस ली, जैसे उस अप्रेट्म एहसास को अपने अंदर तक महसूस करना चाहता था, समेटना चाहता था. पायल अब काफ़ी गरम हो चुकी थी ये बात मैं सॉफ महसूस कर पा रहा था क्योकि उसके बूब्स इतनी बूरी तरह फुल गये थे कि उसका कुर्ता उसके बूब्स चिपक सा गया था. उसके दिल की तेज़ धड़कन मैं सुन पा रहा था. अब मैं उसकी क्लीवेज को चूमने लगा. पायल की आहे रूम मे गूँज रही थी.. मेरे हर स्पर्श के साथ वो अपने पैरो को मेरी कमर से और जाकड़ लेती थी और जितना वो जकड़ती उतना मैं उसकी गान्ड को अपने हाथो से दबोचता जा रहा था. मैं एक हाथ पायल के कंधो पर ले गया और उसके कुर्ते को नीचे खीचने की कोशिश करने लगा. पहले मैने हल्के से खीचा तो थोड़ा सा नीचे आया. उसकी गोरे गोरे कंधे मेरे सामने नंगे होने लगे. मैं उसके बूब्स को उपर से ही चूम रहा था और एक हाथ से उसका कुर्ता उतारने की कोशिश कर रहा था मगर पता नही वो कहाँ अटक रहा था कि मैं उस लेवेल के बाद कुर्ते को नीचे खीच ही नही पा रहा था. मैने थोड़ा ज़ोर लगाया तो पायल ने मेरे सिर पे हल्के से एक टपली मारते हुए कहा;

पायल: अब?? फाड़ेगा क्या लल्लू??

मैं जैसे किसी छोटे बच्चे की तरह पायल की ओर देखने लगा. वो समझ गयी कि मैं कुर्ता खोल नही पा रहा हूँ और तहे दिल से चाहता हूँ कि वो कम्बख़त कुर्ता मेरे और उसके बीच मे से हट जाए. 

पायल: रूको! गिम्मी युवर हॅंड्ज़!

इतना कह कर पायल ने मेरे सिर से अपने हाथ हटा दिए, मेरी चेस्ट पर अपने हाथ टिका दी और उसने उसके पैरो को मेरी कमर से इस तरह से जाकड़ लिया कि अब उसे मेरे हाथो के सहारे की ज़रूरत नही थी. मगर मुझसे अपना हाथ उसकी स्मूद गान्ड पर से हटाए नही जा रहा था तो मैने अब भी उसकी मुलायम और मखमली गान्ड को जाकड़ रहा था.. मेरी इस हरकत को देख कर पायल मेरी ओर देखते हुए बोली;

पायल: अर्रे?? दे ना हाथ. 2 सेकेंड के लिए ही चाहिए सिर्फ़..

उसकी आखो मे एक शरारत सी थी, एक स्पार्कल होता हैं ना जैसे.. वैसे भी पायल की आखें बहुत प्यारी थी. मैने मजबूरन अपने हाथो को उस स्वर्ग से हटा कर पायल के छोटे छोटे,प्यारे हाथो मे दे दिया. पायल ने मेरे हाथ को पकड़ते हुए खुद के पीठ की पीछे लेकर गयी. उसने अपने हाथो को पीछे करने की वजह से उसका सीना और आगे हो गया और उसके बूब्स मेरी छाती पर बिल्कुल चिपक से गये जो क़ि एक बयान ना कर पाने वाला एहसास था. 

पायल: देखा?? कुछ लिया तो कुछ दिया भी ना..

मैने एक स्माइल करते हुए हाँ मे मंडी हिला दी. अब मेरे हाथ पायल के हाथो मे थे और वो धीरे धीरे हम दोनो के हाथ उसके कुर्ते की पीछे एक लेस पर ले गयी और बोली;
पायल: इसको खोलना पड़ता सर अगर कुर्ता निकालना हो तो..

मे: पतच! कितना कॉंप्लेक्स हैं ?

और वो दिखावटी गुस्सा करते हुए बोली;
पायल: ठीक हैं... मत खोल.. तेरी मर्ज़ी.. मुझे क्या??

मैं हार मानते हुए उसके कुर्ते की लेस को खोलने लगा.. नाट भी इतनी कॉंप्लिकेटेड थी कि खोलते खोलते मुझे नानी याद आ गयी,मगर फाइनली मिशन सक्सेस्फुल!! मैने नाट खोल ही दी आख़िर. जैसे ही नाट खुल गयी मैं अब दोनो हाथो से पायल के दोनो कंधो से उसके कुर्ते को नीचे खीचने लगा. 

पायल: ना ना ना!! नीचे नही.. उपर!!

मुझे किसी बंदर की तरह महसूस होने लगा था जिसे झाट कुछ आता ना हो.. मैं अपने हाथो को पायल की कमर पर ले गया और उसके कुर्ते के नीचले हिस्से को उपर उठाने लगा. जैसा जैसा कुर्ता उपर होता गया वैसे वैसे पायल का गोरा, महकता हुआ, फ़्लावलवेस्स जिस्म मेरे सामने नंगा होने लगा.. पहले उसका सपाट पेट, फिर उसकी लाइट पिंक कलर की ब्रा. उसके उस मुलायम जिस्म पर वो ब्रा इतनी जच रही थी कि क्या कहूँ. ऐसा लग रहा था कि किसी फूल पर पिंक कलर की आइवी चढ़ि हो. उसका गरम जिस्म मुझसे लिपटा हुआ था. पायल ने अपने हाथो को उपर करते हुए मुझे इजाज़त दे दी कि मैं उसका कुर्ता पूरी तरह से निकाल दूं और मैने वैसा ही किया. 


उसके मुलायम बूब्स मेरे सामने अब बस एक ब्रा मे थे. मैं उसका कुर्ता उपर खीचता जा रहा था और कुछ देख कर मैं ज़रा सा सर्प्राइज़ हो गया. पायल ने अपने हाथ पूरी तरह से उपर कर रखे थे तो उसके अंडरआर्म्स मेरे सामने थी जो कि बिल्कुल ही स्मूद, सॉफ्ट और गोरी गोरी थी. मैं अंडरआर्म्स का फॅन हूँ.. इट्स माइ फेटिश.. मुझे स्मूद और लिक्केबल आर्म्पाइट्स बोहोत पसंद हैं और मैं इन्स्टेंट्ली टर्न ऑन हो जाता हूँ. और पायल के आर्म्पाइट्स बिल्कुल वैसे ही थे जैसे कि मुझे पसंद हैं और उस वजह से मैं अपने आप को रोक नही पाया. जैसे ही मैने पायल का कुर्ता उसके जिस्म से अलग कर दिया, इससे पहले कि वो हाथ नीचे करे , मैं उसके आर्म्पाइट्स को चूमने लगा. दट वाज़ सडन आंड अनएक्सपेक्टेड फॉर पायल तो वो कह पड़ी;
पायल:क्या कर रहा हैं?? हः..हाहाहा..गुड़गुली हो रही.. सा..सम्राट...

मैने स्माइल करते हुए पायल से कहा;
मे: मुझे तो लगा ही नही था कि तू ज़िंदगी मे कभी शेव करती होगी. मगर तूने तो मुझे जैसे चॉक्लेट आइस-क्रीम ही दे दी..
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11-01-2018, 12:20 PM,
#35
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
अपनी तारीफ़ सुन कर पायल खुश हो गयी और बोली;
पायल: ओह्ह्ह.. तभी मैं सोचूँ कि जब जब मैं हाथ उठाती तेरी नज़रें मेरे अंडरआर्म्स पर क्यू टिक जाती थी..

मे: यूपप! मगर हर बार मैं देखता था तो बालो का जंगल दिखता था. आज ये प्लेन रोड कैसे क्या?
मैने पायल को छेड़ते हुए कहा

पायल: वेल.. सच कहूँ तो तेरे लिए ही की हैं. मैने आक्च्युयली कयि बार तेरा घूर्ना नोटीस किया तो मुझे लगा शायद अगर मैं स्मूद न्ड शेव्ड रहूं तो तुझे पसंद आएगा.

मे: बाप रे!! यू आर दा बेस्ट बेबी..

इतना कह कर मैं अब पायल के आर्म्पाइट्स को सिर्फ़ चूम और चाट भी रहा था. उसके जिस्म की मस्की खुश्बू आ रही थी मुझे जो और भी दीवाना करने लगी थी मुझे. मैं उसे चूमता रहा और वो मेरे बालो मे अपनी उंगलिया घुमाती रही. मैं चूमते चूमते उसके बूब्स को अब धीरे धीरे ब्रा पर से दबाने लगा और तभी पायल ने कुछ ऐसा कहा जो हर लड़का सारी ज़िंदगी सुनना चाहता हैं;

पायल: निकालेगा नही??

मैं खुश हो गया और उसकी पीठ पर हाथ ले जाकर मैने एक बार मे ही उसकी ब्रा की क्लिप खोल दी..

पायल: काफ़ी प्रेक्टिस हैं शायद तुझे..

जैसे ही मैने उसकी ब्रा की क्लिप खोली, उसकी ब्रा जैसे पानी की तरह पायल के बूब्स से नीचे घसरती हुई ज़मीन पर गिर गयी और पायल के बोहोत ही सुंदर, भरे हुए, भारी और पर्फेक्ट्ली शेप्ड बूब्स मेरे सामने नंगे हो गये..

उसके बूब्स देख कर मैं स्तब्ध रह गया. दोस्तो! मैने उस दिन के पहले भी बूब्स देखे थे, चूसे थे. मगर पायल के बूब्स मे तो जैसे नशा सा था. ऐसा लग रहा था जैसे की उपरवाले ने एक छन्नी-हतोड़े से बनाया हो खुद उन्हे. जहाँ पायल का कॉलर बोन ख़त्म होता वहाँ से उसके उभार शुरू होते थे. उसकी गोरी मखमली स्किन, जिसे देख कर ही मूह मे पानी आ जाए.

बयान कर पाना असंभव हैं पायल के उन पानी भरे गुब्बारो जैसे बूब्स को. मैं एक भूके बच्चे की तरह पायल के सीने पर टूट पड़ा. उसके निपल्स लाइट ब्राउन रंग के थे और उन्हे देख कर ही पता चल रहा था कि पायल कितनी गरम हो चुकी थी. उसके निपल्स किसी पेन्सिल एरेसर की तरह एक दम कड़े हो गये थे. उन सुंदर निपल्स को देख कर मुझसे रहा ना गया और मैने पायल का लेफ्ट निपल को हल्के से जीभ से छेड़ना शुरू किया. जैसे ही मेरी गीली ज़बान ने पायल के कड़े निपल्स को छुई पायल के मूह से एक लॅंबी सी सिसकारी निकल गयी;


पायल: सस्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईई.............

मैं उसकी निपल्स से अपनी जीभ से खेल रहा था. जीभ को टेढ़ा मेधा घुमा कर मैने उसके निपल को बुरी तरह से मोड़ रहा था और उसका एफेक्ट मुझे महसूस होने लगा था. पायल उसके टाँगो से मेरी कमर को जकड़ती जा रही थी.. उसके सलवार की उपर से भी जैसे मैं उसकी चूत मे होने वाली खलबली को महसूस कर पा रहा था. मेरा लंड आप पूरी तरह से कड़क हो चुका था किसी पत्थर की तरह और टवल के बीच मे से बाहर निकाल चुका था. अंडर कुछ नही पहना था तो साँप जैसा लंड अब पायल की गान्ड को ज़रा सा छूने लगा था और ये बात पायल ने भी नोटीस की थी. मगर वो कुछ कह पाई उससे पहले ही मैने उसके राइट निपल को उंगलियो के बीच मसलना शुरू कर दिया और अब मैं उसका लेफ्ट निपल चूसने लगा था..

पायल: आआहह....उम्म्म्ममम...सस्स्स्स्स्सिईईईईई...सस्स्स्स्साआमराआटततटतत्त.......अया..

ऐसी आवाज़े अब रूम मे गूंजने लगी थी ज़ोर से..पायल पागलो की तरह मेरे सिर मे अपनी उंगलिया घुमा रही थी. उसकी गान्ड अब धीरे धीरे उपर नीचे होने लगी थी. जो ही लड़की की चूत भीगने लगती हैं तो उसकी कमर आगे पीछे होने लगती हैं और वो ही पायल के साथ भी हो रहा था. उसकी गान्ड जैसे ही नीचे जाती मेरा लंबा लंड उसकी मुलायम गान्ड को घिस जाता और वो एहसास मेरे अंदर तक मुझे हिला देता. ज्यों उसकी गान्ड मेरे लंड को छूती थी मैं उसके बूब्स को और ज़ोर से चूस्ता. मैं पायल के बूब्स पर लेफ्ट राइट लेफ्ट करने लगा. कभी राइट निपल को चूस्ता तो कभी लेफ्ट को मसल्ने लगता. मेरा एक हाथ अब भी पायल की नंगी पीठ पर था जो मैने धीरे धीरे नीचे ले जाना शुरू किया और मेरा हाथ उसकी सलवार के पास रुक गया. मैने एक उंगली उसकी सलवार के नीचे डाली और उसे टीज़ करते हुए उसकी पैंटी की रिम पर उंगली को साइड टू साइड घुमाने लगा. मैने जितना पायल को टीज़ कर रहा था वो और भी आउट ऑफ कंट्रोल होती जा रही थी. उसकी साँसे अब भारी हो गयी थी. मैने उसके बूब्स चूस्ते हुए सॉफ महसूस कर रहा था उसके दिल की धड़कन, उसके लंग्ज़ का साँस लेना और तेज़ी से बाहर छोड़ना.उसके होंठो अब सिर्फ़ सिसकिया निकल रही थी. उसकी आखे बंद थी और नाक से गरम साँसे निकल रही थी.
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11-01-2018, 12:20 PM,
#36
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
अब मैने अपना हाथ उसकी सलवार के अंदर डाल दिया और पैंटी के उपर से उसकी नशीली गान्ड को मसल्ने लगा. पायल की कमर वैसे भी हिल रही थी तो मुझे सिर्फ़ अपने हाथ जमाकर उसकी गान्ड के 2 पर्फेक्ट और स्मूद आंड सॉफ्ट गोलो को मसलना था. मैं एक उंगली पायल की गान्ड के बीच की क्रॅक मे उपर नीचे करने लगा. मेरे लंड की वजह से उसकी पैंटी उसकी गान्ड की क्रॅक मे घुस गयी थी. मैने उसकी पैंटी को साइड मे करने पैंटी के नीचे उंगली डाली और फाइनली मैने उस जन्नत को छुआ. अगर किसी ने रसगुल्ले को अपने हाथो मे दबाया हो तो वो समझ जाएगा कि मुझे कैसा महसूस हो रहा था तभी. इतनी सॉफ्ट गान्ड थी उसकी कि मुझे लगा कि बॅस अब रस निकलना शुरू होगा उसमे से. अब मेरी एक उंगली धीरे धीरे पायल की नंगी गान्ड को सहला रही थी और उसके गान्ड के होल के आस पास नाच रही थी. मैने अपना हाथ थोड़ा और अंदर घुसाते हुए अपनी उंगली को अंदर की ओर आगे बढ़ाया और ;
मे: आआहह..


मेरी उंगली जैसे ही उसकी गरम, पानी छोड़ती हुई, मखमली चूत पर गयी मेरे ही मूह से निकल गया वो. उसकी चूत इतनी भीगी हुई थी कि ऐसा लग रहा था अगर उसे निचोड़ू तो 1 बॉटल पानी निकल जाए और फिर भी इतनी गरम थी. मैं अपनी उंगली उसकी चूत पर उपर नीचे घुमानी शुरू की और मेरी हर हलचल से पायल पागल सी होती जा रही थी. वो ज़ोर ज़ोर से;

पायल: आअहह... ऊवू.ह..म्म्मा आआ..... आअहह...ईीीइसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....उम्म्म्म.. आ आ..
करने लगी. एक जवान लड़की पर कैसा नशा चढ़ता हैं जब उसके जिस्म की भूक पूरी करने वाला उसे मिल जाए उसका नज़ारा था वो. कितनी अजीब बात हैं कि चूत जो इतनी भीग जाती हैं कि किसी भी मर्द की प्यास बुझा दे, मगर खुद फिर भी कितनी प्यासी होती हैं!! अब हम दोनो से रहा नही जा रहा था. पायल ने मेरी टीशर्ट को एक झटके मे निकाल कर पता नही कहाँ फेक दी और अब वो मेरी पीठ पर अपने हाथ घुमा रही थी, अपने नाइल्स से खरॉच रही थी. मैं लड़कियो की इस हरकत को कभी नही समझ पाया कि वो मर्द की पीठ पर अपने नाइल्स क्यू चुभाती हैं, मगर ये इशारा हैं कि वो चाहती हैं कि उसकी प्यास बुझाए और आज वोही होने वाला था, अंधी हवस का नंगा खेल! 


मेरे लंड मे से अब पानी निकलने लगा था. लंड का अगला हिस्सा प्रेकुं से भीग गया था.लंड पर फॉरेस्किन होने का ये एक फ़ायदा हैं कि आपका लंड प्रेकुं से एक दम स्मूद न्ड शाइनी हो जाता हैं जिससे चुदाई मे आसानी हो. सरकम्साइज़्ड हो तो ड्राइ रहता हैं. मैने आप मेरे दोनो हाथ पायल की पैंटी के अंदर डाल दिए और उसकी चूत और गान्ड से खेलने लगा. पायल अब भी मेरी कमर पर लटकी थी. मैने उसकी गान्ड को कस्के पकड़ लिया और मैं आगे चलने लगा और पायल से कहा;
मे: उपर चले??


और पायल ने बंद आखो से ही कहा;
पायल: प्लीज़!!!!

और इतना कह कर उसने अपने पैरो की पकड़ ढीली करदी और उतरने की कोशिश करने लगी तो मैने उसकी गान्ड को भीचते हुए कहा;
मे: ना! ऐसी ही रह.. मैं तुझे उपर ले जाता हूँ.

और हम उसी पोज़िशन मे उपर की ओर बढ़ने लगे. रेग्युलर एक्सरसाइज करने का पूरा फ़ायदा मैने उस दिन उठा लिया और पायल के जिस्म का भार उठाते हुए उसे मैं बेडरूम मे ले जाने के लिए सीढ़िया चढ़ने लगा. मेरी ताक़त को देख कर पायल कह पड़ी;
पायल: लगता हैं आज शामत हैं मेरी!

तो मैने उसे छेड़ते हुए कहा; 
मे: तू कहे तो छोड़ दूं??

पायल मेरे पीठ पर ज़ोर से अपने नाख़ून चुभाते हुए बोली; 
पायल: नोच लुगी तुझे ऐसा किया तो! 
और इतना कह कर हम दोनो एक दूजे को किस करने लगे. एक एक सीढ़ी मैं चढ़ रहा था और मेरा लंड उसकी गान्ड पर दस्तक देता जा रहा था.

पायल: किसी को बड़ी जल्दी हैं लगता है.

मे: हाँ.. एक जगह से बोहोत पानी निकल रहा हैं तो लीकेज बंद करना होगा.

मैने पायल की चूत पर अपनी उंगली को दबाते हुए कहा..और जैसे ही मैने ऐसा किया पायल की अया निकल गयी. आख़िर कार हम मेरे बेडरूम मे पहुँच गये और मैने पायल को अपने बेड पर हल्के से पटक दिया.. 

पायल : ओउचह... ऐसा भी क्या.........

और पायल आगे कुछ कह पाती उसके पहले ही उसकी नज़र टवल के बीच मे से झाँकते हुए मेरे लंड पर पड़ी और वो निशब्द हो गयी. मैं समझ गया कि ज़िंदगी मे पहली बार पायल ने असली लंड देखा हैं. वो एक टक मेरे लंड को घूरे जा रही थी जैसे भूत देख लिया हो. 

मे: उम्म्म... पायल?

सपने से जागी हो ऐसे पायल बोली;
पायल: हुहह?! सीसी..क्या??

मे: क्या हुआ? ऐसा क्या घूर रही हैं?
मैं समझ गया कि इसको मेरा लंड देख कर अजीब लग रहा हैं.

पायल: क..कू..कुछ नही..इट्स जस्ट..
इतना कह कर पायल ने अपना मूह दूसरी तरफ फेर लिया. 

मैं हल्का सा हँसते हुए बेड के पास नीचे घुटनो के बल बैठ गया और पायल के चेहरे को अपनी ओर घुमाया तो देखा कि उसकी आखे बंद थी.

मे: अर्रे?? अब आखें क्यूँ बंद करली? खोल आखें..

कुछ सेकेंड्स वो कुछ नही बोली तो मैने दोबारा उसे आवाज़ लगाई तब वो बोली;
पायल: नही! ऐसे ही ठीक हैं..

मे: कम ऑन पायल! मैं समझ सकता हूँ कि तुझे अजीब लग रहा होगा थोड़ा.
और उसने बिना कुछ कहे सिर्फ़ मुन्डी उपर नीचे कर दी. मैने दिल ही दिल मे सोचा, ये तो मुसीबत हो गयी. बट मेरे दिमाग़ मे कुछ आया.
मे: अच्छा ठीक हैं.. बंद रख आखें एक मिनट.. 
और इतना कह के मैं खड़ा हो गया और अपना टवल निकाल कर फेक दिया. अब मैं पायल के सामने बिल्कुल नंगा था. मेरा खड़ा लंड अब एक डंडे की तरह झूल रहा था उपर नीचे,उपर नीचे.. मैने पायल के एक दम करीब पहुँच गया और उसके चेहरे को चिन से पकड़ कर उपर उठाया जिससे उसकी आखें सिर्फ़ मेरी आखो मे ही देखे और कहा;
मे: आखें खोल पायल..

पायल: नही ना..!!

मे: ओह्ह...कम ऑन पायल.. प्लीज़!!?
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11-01-2018, 12:20 PM,
#37
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
इतना कह कर मैने उसके चेहरे पर प्यार से हाथ घुमाया तो धीरे धीरे पायल ने आखें खोली और मेरी ओर देखने लगी. 
मे: क्या हुआ?? 

वो कुछ नही बोली तो मैने पूछा;

मे: हफ... बताएगी कुछ?

वो सहमी सी आवाज़ मे बोली;
पायल: वो... वो... 

मे: हाँ?

पायल: वो..,त..ते...तेरा दिख गया तो.....

मे: वो क्या??

पायल: तू जानता हैं मैं क्या कह रही हूँ?

मे: ओह्ह्ह... मेरा लंड??

लंड का नाम सुन कर पायल ने फिर आखे बंद करली.

मे: पायल..आखें खोल..ऐसे से कैसे चलेगा?? पहले कभी देखा नही क्या लंड?

पायल:हाँ... देखा हैं.. मगर...

मे: मगर क्या?

पायल: ऐसा नही??

अब भी उसने आखें नही खोली थी.. मैने उससे कहा;
मे: पायल? तू जानती हैं ना कि हम क्या करने वाले हैं और वो कैसे होता हैं?

पायल: हां.. बट..

मे: तो मेरी बात मान.. मैं समझ सकता हूँ मगर क्या तू मुझ पर ट्रस्ट करती हैं?

इस सवाल को सुन कर पायल की आखें झट से खुल गयी;
पायल: अगर ना करती तो यहाँ ना होती सम्राट.

मे: आइ नो.. सो.. प्लीज़.!
इतना कह कर मैं झुक गया और उसके होंठो पर एक लंबा किस जड़ दिया और उसके फूल जैसे चेहरे को अपने हाथ मे लिया और कहा;
मे: अब मैं जैसा कहता हूँ वैसा कर.. ओके??

उसने हाँ भरते हुए मुझे एक स्माइल दी. मैं दोबारा से खड़ा हो गया . पायल अब भी नीचे नही मेरी आखो मे देख रही थी.

मे: तेरा हाथ दे मुझे..


उसने अपने राइट हॅंड धीरे से मेरे हाथ मे दी. मैने उसकी बेचैनी महसूस कर रहा था कॉज़ उसका हाथ काँप रहा था ज़रा सा. मैने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और सीधा अपने लंड पर ले गया. लंड को छूते ही पायल के मूह से निकल गया;
पायल: सस्स.आआहह... 
और वो अपना हाथ ज़रा सा पीछे ले गयी तो मैने उसे कहा;
मे: ट्रस्ट मी!!
और फिर से उसके हाथ को लंड पर ले गया. पायल के चेहरे के एक्सप्रेशन सॉफ बता रहे थे कि वो डरी हुई हैं मगर चाहती हैं कि मैं जो कह रहा हूँ वो करे. उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रखी तो मैने धीरे धीरे उसकी उंगलियो से अपने लंड के इर्द गिर्द मुट्ठी बनाई.. 

मे: पकड़ इसे.. फील कर..

पायल के काँपते हुए हाथ मेरे लंड को और कड़क कर रहे थे. उसने मेरे लंड को हाथ मे हल्के से पकड़ ली.

मे: कस के पकड़.. ऐसा पकड़ जैसे प्यार है तुझे उससे.. ऐसा पकड़ कि तू कभी नही छोड़ना चाहती इसे..

पायल ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली और मैने अपना हाथ हटा लिया. 

मे: अब मैं चाहता हूँ कि तू अपनी आखो से उसे देखे.. 
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11-01-2018, 12:20 PM,
#38
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
थोड़ी आनाकानी करने के बाद पायल ने आख़िर कार नीचे देखा मगर इस बार आखे बंद नही की, बल्कि उसकी मूह से एक सिसकी निकल गयी. वो मेरे लंड को घूर रही थी.

मे: कैसा लगा?

अब ये बोहोत गर्व का मोमेंट था मेरे लिए क्योकि पायल के मूह से निकल गया;
पायल: इतना बड़ा!!

मैने एक स्माइल के साथ पायल के सिर मे हाथ डालते हुए उसके बालो मे उंगलिया घुमाते हुए उससे कहा; 
मे: अब अपना हाथ आगे पीछे कर.. फील कर मेरे लंड को पायल.

पायल के गोरे गोरे हाथ मे मेरा काले साप जैसा लंड बड़ा कॉंट्रास्ट लग रहा था. जैसे ही उसका मुलायम हाथ मेरे लंड से टच हुआ मेरे जिस्म मे जैसे कोई एलेक्ट्रिक शॉक सा आ गया. इतने लंबे अरसे के बाद मेरे हाथ के अलावा किसी और का हाथ आंड थॅंक्फुली एक लड़की के हाथ ने मेरे लंड को टच किया था तो सूपर एग्ज़ाइट होना तो जायज़ ही था. सो जैसे ही पायल ने मेरे लंड को टच किया मेरे भी मूह से एक ‘अया’ निकल गयी और साथ ही साथ मैने पायल के बालो को ज़रा सा कस्के जाकड़ लिया अपने हाथ से. अब पायल ने मेरे लंड को अपनी मूठ मे जाकड़ लिया था और जैसे मैने उसे करने को कहा वो अपने हाथ को आगे पीछे हिलाने लगी. मैने अब तीसरे आसमान पर था;
मे: आआहह... फास्टर....

प्रेकुं की वजह से मेरे लंड का अगला हिस्सा थोड़ा सा स्मूद हो चुका था मगर उतना नही कि बिल्कुल स्मूद्ली पायल अपनी मूठ मेरे लंड पर आगे पीछे कर सके और उस वजह से मेरे लंड की स्किन ज़रा खिंचने लगी थी जिससे मुझे थोड़ी जलन सी महसूस होने लगी थी. मैं यह बात पायल को बताना नही चाहता था मगर उसने मेरे चेहरे की ओर देख कर समझ ली कि कुछ तो गड़बड़ हैं. 4-5 मूठ मारने के बाद आख़िर पायल ने पूछ ही लिया कि;
पायल: क्या हुआ? आम आइ नोट डूयिंग इट राइट?

मे: हुहह??!! ना.. नही नही.. ऐसा नही.. इट्स जस्ट...

पायल: क्या सम्राट?

आज पायल पहली बार इस सिचुयेशन मे थी और मैं उसे किसी भी तरह से हर्ट या परेशान नही करना चाहता था. इसीलिए मैने ज़रा झिझकते हुए कहा कि;
मे: वो... वो आक्च्युयली थोड़ा स्लिपरी होता हैं तो बेटर होता हैं.

और ये बात सॉफ थी कि पायल की समझ मे झाट भी नही आया था कि मैं आख़िर कह क्या रहा हूँ.
पायल: स्लिपरी??

पायल अब भी मेरी मूठ मार ही रही थी तो मैने बिना कुछ कहे ही नीचे देखते हुए अपने लंड की ओर इशारा किया और तुरंत ही पायल समझ गयी कि मैं क्या कहना चाहता हूँ.
पायल: सो?? अब क्या करे?

मैं यहाँ तक आने के बाद पायल को बिना चोदे बिल्कुल नही रह सकता था. अचानक मुझे याद आया कि मेरे ड्रॉयर मे एक बेबी आयिल की बॉटल पड़ी हैं.

मे: एक सेकेंड!!

इतना कह कर मैं ड्रॉयर की तरफ जाने के लिए आगे बढ़ा,मगर तब भी पायल मेरे लंड को पकड़ के रखी थी अपनी मूठ मे..

मे: उम्म... पायल वो डिट्चबल नही हैं... 2 मिनट छोड़ेगी?

पायल ने एक शाइ मुस्कान के साथ मेरे लंड को छोड़ दिया और बेड पर ज़रा पीछे की ओर सरक के बैठ गयी. मैं जल्दी से अपने ड्रॉयर की ओर गया और बॉटल ढूँडने लगा. फाइनली मुझे बॉटल मिल ही गयी बट;
मे: बहिनचोद!!

पीछे से पायल बोली;
पायल: व्हाट??

मे: क.क.क.कुउच नही... बॉटल तो खाली हैं.. 
इतना कह कर मैने ड्रॉयर बंद कर दिया.. इस सब के दौरान मेरा लंड ज़रा सा सिकुड गया था. मैं वैसे ही पायल के सामने जाकर दोबारा खड़ा हो गया. पायल अभी ज़मीन की ओर देख रही थी. 

मे: मैं बाथरूम मे से रेग्युलर आयिल लेकर आता हूँ. 

इतना कह कर मैं ज्यों पीछे मूढ़ने लगा तभी पायल बोली;
पायल: ससस्स..समर्ट??!

मैं रुक गया और उसकी ओर देखने लगा. वो अब भी नीचे ही देख रही थी और बोली;
पायल: मैने कुछ पॉर्न मूवीस देखी हैं.....

इतना कह कर वो मेरी ओर देखने लगी और अब मेरी समझ मे झाट कुछ आ नही रहा था तो मैं भी पायल की ओर सवालिया नज़रों से देखने लगा, क्योकि मुझे ज़रा सा भी आइडिया नही था कि आगे क्या होने वाला हैं. तभी पायल मेरी ओर देखते हुए बेड पर से नीचे उतर गयी और अपने घुटनो के बल बैठ गयी. मैने किसी अबोध बालक की तरह उसकी हरकतों को देख रहा था. पायल ने अपने हाथो से मेरी दोनो टाँगो को पकड़ कर अपनी ओर खीचा और तब मुझे रीयलाइज़ हुआ कि आख़िर ये कर क्या रही हैं. मैं तो हक्का-बक्का रह गया. मैं पायल की नर्वुसनेस को महसूस कर पा रहा था क्योकि उसके हाथ मेरी टाँगो पर काँप रहे थे. नाउ, गाइस आइ हॅव बिन इन आ रियेशन. आ लोंग वन.. जैसा कि आप सब जानते हैं. नेहा को जब मैने पहली बार चोदा था, उस वक़्त वो इस कदर अनकंफर्टबल थी कि ऐसा लग रहा था जैसे कि ना ही मुझे जानती हैं और ना ही वो मेरे साथ कुछ करना चाहती हैं. मगर पायल ना ही मेरी गर्लफ्रेंड थी और ना ही मेरे और उसके बीच आज तक कुछ हुआ था इस तरह का, मगर फिर भी ज़रा सी नर्वुसनेस के अलावा उसके दिल मे कुछ नही था.

मैने दोबारा अपने हाथो से पायल के बालो को जकड़ते हुए उसकी ओर देखा और उससे कहा;
मे: पायल?? तू श्योर हैं?

पायल ने मेरी ओर देखते हुए कहा;
पायल: सच कहूँ तो नो.. आइ आम नोट श्योर.. बट अगर मैं ये किसी के साथ करना कहती हूँ तो इट्स बेटर बी यू दॅन सम रॅंडम गाइ. 
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11-01-2018, 12:20 PM,
#39
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
उसकी बात सुन कर मेरा दिल भर आया. यही पायल जो कुछ दिन पहले सिर्फ़ मेरी दोस्त हुआ करती थी आज अपने दिल के इतने पहलुओ को मेरे सामने खोल रही हैं कि मैं खुद भी सर्प्राइज़्ड था. पायल ने एक गहरी साँस ली और मुझसे कहा;
पायल: ये.. ये..यह सब कुछ मेरे लिए नया हैं सम्राट.. सो बी पेशेंट..

मैने उसके सिर को सहलाते हुए कहा;
मे: इट वुड बी फाइन...

ये सुन कर पायल का कॉन्फिडेन्स थोड़ा सा बढ़ गया और उसने मेरी एक आखरी बार देखते हुए अपनी नज़रें मेरी लंड की ओर मोड़ दी. धीरे धीरे अपने राइट हॅंड को वो मेरी मांडी पर से उपर ले जाते हुए मेरे लंड की ओर ले गयी और हल्के से मेरे आँड को छूते हुए उसने मेरे लंड को अपने कोमल हाथो से पकड़ लिया. अभी तक मेरा लंड काफ़ी सॉफ्ट हो चुका था. पायल ने मुझे छेड़ते हुए कहा;
पायल: बड़ा ही डरपोक है यह तो. 2 मिनट मे ठंडा पड़ गया

मैं हँस पड़ा. मेरे दिल की धड़कान अब तेज़ होने लगी थी. पायल ने मेरे लंड को पीछे खीचते हुए मेरे लंड के हेड को बाहर निकाला और 1-2 बार उसने वैसा ही किया. वो एक टक मेरे लंड को घुरे जा रही थी और धीरे धीरे मूठ मारे जा रही थी. मैं बेसब्री से इंतेज़ार कर रहा था और तभी पायल मेरे लंड पे थोड़ा सा थूकि. दट वाज़ टोटली अनएक्सपेक्टेड. मेरा तो जैसे दिल ही टूट गया. पायल मेरे लंड पर 2-3 बार थूकती गयी और मेरी मूठ मारने लगी. हाँ! उसका गरम थूक मेरे लंड पर गिरते ही मेरे लंड मे दोबारा से जान आने लगी. मुझे लंड हार्ड होता महसूस होने लगा था.. मगर मैने तो कुछ और ही एक्सपेक्ट किया था और ये कुछ और ही हो गया. ऐसा नही था कि मुझे मज़ा नही आ रहा था. एक जवान,सुंदर और कसे हुए जिस्म वाली गोरी,प्यारी और खुशबूदार लड़की अगर आपके लंड को हियाए तो किसे ना मज़ा आए? मैने जो मिल रहा उतने मे ही खुश रहना ठीक समझा ये सोचते हुए कि शायद बाद में कुछ मिलेगा और मेबी.........

“ओह....फफफ्फ़...कुक्कक....!”
मेरे मूह से अच्चानक ही निकल गया. मैं सोचने मे इतना बिज़ी हो गया था कि मैने समझ ही नही पाया कि कब पायल ने मेरे लंड को हिलाना बंद किया और कब उसने अपने गरम,गीले मूह मे मेरे लंड को ले लिया!..मुझे कुछ सेकेंड्स तक तो कुछ भी नही सूझा. इतनी सडन्ली हो गया सब क़ी मैं कुछ समझ ही नही पाया और दा नेक्स्ट थिंग दट आइ फेल्ट वाज़ हर टंग प्लेयिंग वित माइ लंड’स हेड. मैं इतनी बुरी तरह से एग्ज़ाइट हो गया कि मैने अंजाने मे ही पायल के बालो को और कस्के जाकड़ लिया और ऑलमोस्ट उसे खीचने लगा. अब मैं नही जानता कि पायल को ये सिग्नल कैसे समझा मगर उसने अपने होंठो से एक टाइट ‘ओ’ बनाते हुए मेरे लंड को एक वाक्कुम क्लीनर की तरह सक करना स्टार्ट कर दिया.मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे मैं किसी बिना ब्रेक की गाड़ी मे बैठा हूँ. मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था,मेरी साँस जैसे उखड रही थी. अब दोस्तो! ये मेरी लाइफ का पहला आक्चुयल ब्लोवजोब था. श्योर नेहा ने भी ट्राइ किया था मेरा मूह मे लेने का, मगर वो ऐसे मूह मे लेती थी जैसे कोई बोहोत ही खट्टा अचार हो. जैसे ही मूह मे लेगी, कुछ सेकेंड्स मे ही बाहर निकाल देगी. और मैं घंटो तक उसकी चूत मे जीभ घुसाकर बैठूं तो भी उसे कोई प्राब्लम नही होता. सेल्फिश बिच!! वेल मूविंग ऑन... पायल अब धीरे धीरे मेरे लंड को उसके मूह के और अंदर तक खीच रही थी. और इतने पर्फेक्ट आंड स्टेडी स्पीड से खीच रही थी कि मैने मैं अपने लंड के हर एक इंच पर उसके होंठो को महसूस कर पा रहा था. मुझे तो सीरियस्ली डाउट आ रहा था कि क्या सच मे ये पायल का पहला ब्लोवजोब था? मगर मैं उस वक़्त कुछ नही कहना चाहता था. मुझे ऐसा एहसास होने लगा था कि मैं जैसे स्वर्ग मे हूँ और स्वर्ग तो कोई भी नही छोड़ना चाहता हैं.. क्यू, हैं ना???


मेरा सिर अपने आप ही पीछे की ओर झुक गया और मैं उपर देखने लगा. अब पायल अपना सिर और तेज़ी से आगे पीछे कर रही थी. उसके खुले बाल मेरी थाइस को अब टच कर रहे थे. उसके नरम गरम होंठ मेरे लंड को ऐसे चूस रहे थे जैसे छोटे बच्चे लॉलीपोप को चूस्ते हैं. मुझे अपने आँड टाइट होते हुए महसूस होने लगे. पायल बिल्कुल एक प्रोफेशनल की तरह मेरा लंड चूस रही थी. उसके मुलायम हाथ मेरे लंड पर आगे पीछे सरक रहे थे, और उसके हाथ के ठीक पीछे ही उसके होंठ थे. मेरा दिमाग़ अब काम करना बंद कर चुका था और अंजाने मे ही मेरे मूह से लंबी लंबी सिसकिया निकलने लगी थी, मैं आहे भरने लगा था, सीना बाहर की ओर निकल गया और कमर अंगड़ाई लेने लगी. मैं अपना लंड पायल के मूह की गहराई मे धकल्ने लगा. धीरे धीरे मेरी कमर भी आगे पीछे होने लगी और मैं पायल के मूह को चोदने लगा.

उधर पायल अपनी आखे बंद करके जैसे मेरे लंड का पूरे दिल से लुफ्त उठा रही थी. एक सिस्टमॅटिक मशीन की तरह उसके हाथ और मूह काम कर रहे थे. कभी बीच मे ही वो अपनी जीभ से मेरे लंड के हेड से खेलने लगती, तो कभी अपने दांतो से हल्का सा काटने लगती. मेरा लंड उसकी गरमा-गरम थूक मे पूरी तरह से भीग गया था.. मुझे अब पता चलने लगा था कि कुछ ही देर की बात हैं कि मैं अपना गरम, सफेद और ढेर सारा कम उसकी मूह मे छोड़ने वाला हूँ. अब मैं नही जानता था कि क्या मैं उसके मूह मे छोड़ू या उसके मूह से लंड निकाल लूँ. पहले ब्लवजोब मे तो कोई भी लड़की कम नही पीती ये बात मैं समझ पा रहा था और उसके मूह से लंड निकाल लेना मैने सही समझा लेकिन भेन्चोद दिमाग़ साथ दे तो मैं कुछ करू ना! यहाँ तो दिमाग़ सुन्न पड़ गया था और पूरी कोशिश करने के बावजूब भी मैं कुछ नही कह सका और पायल मेरा लंड चूस्ती गयी, मैं कमर हिलाता गया, मेरा लंड पायल के होंठो के बीच आगे पीछे होता रहा और इससे पहले कि मैं कुछ कहता, करता, समझ पाता;
“एयेए..अया...आआआअहह...ऊऊओह...फफफफफफफफफ्फ़...ककककुउक्.कककक’
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11-01-2018, 12:20 PM,
#40
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
मैने एक के बाद के अपने कम की कई सारी पिचकारियाँ पायल के मूह मे ही छोड़ दी और जब मैं वो छोड़ रहा था तब भी पायल ने मेरा लंड अपने मूह से नही निकाला, बल्कि वो और भी तेज़ी से, ज़्यादा प्रेशर से मेरा लंड चूस रही थी.. मेरे आँड मे इतना प्रेशर था कि मुझे ऐसा लगने लगा कि अगर ये अभी इसी वक़्त खाली नही हुए तो फुट जाएगे, तो मैं और भी ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को पायल के मूह मे घुसाने और निकालने लगा. कम की हर एक बूँद महसूस कर पा रहा था मैं, जैसे जैसे मैं पिचकारी छोड़ रहा था और हर एक बूँद के साथ मेरा अपने पैरो पर खड़ा रहना मुश्किल हो रहा था. मेरे पैर डगमगाने लगे, घुटने मूड गये. बड़ी ही मुश्किल से मैं किसी तरह अपने पैरो पर खड़ा था मगर मैं समझ गया था कि और अपने पैरो पर खड़ा नही रह पाउन्गा.

कभी आप ही ट्राइ करके देखो, कि एक बार गिराने के बाद मे भी अगर आप हिलाते रहे तो पहली बात तो ये कि लंड इतना सेन्सिटिव हो जाता हैं कि आप हिला नही पाते और अगर किसी तरह से हिलाओ भी तो आपका खड़ा रहना तो क्या बैठना भी मुश्किल हो जाता. कुछ ऐसा ही तभी हुआ. मैने अपना सारा जूस पायल के मूह मे छोड़ दिया और फिर भी वो चूस रही थी तो मेरे पैर जवाब दे गये और इससे पहले कि मैं प्रॉपर्ली अपना लंड पायल के मूह से निकाल सकूँ, मैं ज़मीन पर गिर पड़ा. पायल अब भी अपने घुटनो के बल बैठी थी और मैं उसीके सामने गिर पड़ा. साँस तेज़, दिल सीने से बाहर आने को मचल रहा था और लंड धीरे धीरे सॉफ्ट होने लगा.. और हो भी क्यू ना? एक तो लाइफ का सबसे इनटेन्स ऑर्गॅज़म हुआ था. कुछ सेकेंड्स तक तो मैं सारी दुनिया भुला चुका था.. बाद मे मुझे कुछ दिखने लगा कि पायल आधी नंगी मेरे सामने अपने घुटनो के बल बैठी हैं और एक स्माइल के साथ मेरी ओर देख रही थी, किसी तरह मैने अपनी साँस को काबू करते हुए उसे कहा;
मे: आइ आम सॉरी.. 

पायल: अरे?? सॉरी क्यू?

मे: वो.. वो..म्म्म ..मैं टाइम पर बाहर निकाल नही पाया और...

पायल अपनी एक आइब्रो उपर चढ़ाते हुए मेरी ओर देखने लगी;

मे: उम्म्म्म... और सब तेरे मूह मे ही छोड़ दिया मैने..आइ मीन.. इट वाज़ युवर 1स्ट टाइम तो तुम्हे कैसे समझता कि आइ आम अबाउट टू कम. मेरी ग़लती हो गयी.. सॉरी..

पायल: तू बार बार सॉरी क्यू कह रहा? मैने कुछ कहा तुझे जो कुछ हुआ उसके बारे मे?

मैने कोई जवाब नही दिया. तो पायल थोड़ी आगे झुक गयी. उसके बूब्स अब मेरे लंड से कुछ इंच दूर ही झूल रहे थे और उसके हार्ड निपल्स मेरे लंड की ओर ही पॉइंट कर रहे थे.

पायल: और जैसा कि मैने कहा कि मैने भी पॉर्न मूवीस देखी हैं..सो..
इतना कह के वो एक शरारत भरी नज़र से मुझे देखने लगी. मैं तुरंत समझ गया कि पायल अच्छी तरह से जानती थी कि मेरा कम निकलने वाला हैं और ना सिर्फ़ जानती थी बल्कि वो चाहती थी कि मैं उसके मूह मे छोड़ू अपना कम. वाह! मैने पायल का हाथ पकड़ कर उसे अपनी ओर खीचा और वो मेरे सीने पर आ गयी.. उसकी सूपरसफ्ट बूब्स मेरे हेरी,हार्ड चेस्ट पर थे. इतने सॉफ्ट, वॉर्म और कंफर्टिंग शायद दुनिया मे लड़की के बूब्स के अलावा कोई और चीज़ होगी इस बात की मुझे गॅरेंटी हो गयी थी. पायल के होंठ मेरे चेहरे के एक दम सामने थे. मैने उसके काले घने बालो को अपने हाथ से हटा कर उसके कोमल चेहरे की ओर देखते हुए उसकी नाक पर एक किस किया और नीचे सरकते हुए उसके होंठो का रस पीने लगा. क्या बताऊं, गाइस तभी मुझे पता लगा कि अपना कम का टेस्ट सॉल्टी होता हैं ज़रा सा क्योकि जब मैने पायल को किस किया मैं उसके होंठो पर कम का टेस्ट महसूस कर पा रहा था. 


मैं उसके होंठो को चूस्ते हुए अपने हाथो को उसकी कमर पर ले गया और उसके जिस्म को धीरे धीरे उपर सरकाता गया.होंठो से नीचे सरकते हुए उसकी गर्दन को चूमता हुआ मैं उसके उन कसे हुए बूब्स को चूसने लगा. जितना हो सके उतना उसका बूब मैने अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगा, काटने लगा, उसके निपल्स को बाइट करने लगा, जीभ से चाटने लगा. किसी तरह से अपना मन मार कर मैं बूब्स से नीचे आया और उसके स्मूद और फ्लॅट पेट को जीभ से चाटने लगा. उसकी नेवेल मे जीभ घुसा कर मैं उसे गुदगुदी करने लगा. उसकी हँसी की आवाज़ आते ही मैं पायल के जिस्म को ऑर उपर उठाया जब तक उसकी दोनो मांदिया मेरी गर्दन के इर्द गिर्द तक नही पहुँच गयी. पायल मेरी ओर देख कर मंद मंद मुस्कुरा रही थी.

मे: लगता हैं अब मेरी बारी हैं फेवर रिटर्न करने की..
इतना कह कर मैं अपना लेफ्ट हॅंड पायल की गान्ड पर ले गया और उसकी सलवार के नाडे को खीचने लगा. पायल मेरा इशारा समझ गयी.

पायल: वेल यू बेटर..
मैने पायल की सलवार को उसके नाडे को पकड़ कर खीचा और नीचे की ओर करने लगा. अब तक मेरा राइट हॅंड उसकी गान्ड के दूसरी तरफ से नाडे को खीचने लगा था.. धीरे धीरे पायल की सलवार नीचे आने लगी थी. पायल ने अपने जिस्म को थोड़ा उपर उठाते हुए मुझे पर्मिशन दे दी कि मैं उसे पूरी तरह से नंगी कर दूं. मैने बड़ी ही सफाई से पायल की सलवार को नीचे अपनी ओर खीचते हुए उसकी मुलायम गान्ड को आज़ाद किया. पायल ठीक मेरे लंड के थोड़ा आगे बैठी थी. जहाँ से झाट स्टार्ट होते हैं, पेल्विस पर. मेरा सेमी हार्ड लंड उसकी गान्ड की गर्मी को महसूस कर पा रहा था. फाइनली उसकी सलवार उसके घुटनो तक आ गयी.

मे: प्लीज़!!
पायल ने मुस्कुराते हुए अपनी दोनो टांगे उपर उठाते हुए मेरे सीने पर रख दी और सीधे करते हुए मेरे चेहरे के लेफ्ट साइड पर रख दी. अब उसके जिस्म का पूरा भार मेरे पेल्विस पर था. उसकी मुलायम गान्ड तो जैसे पानी की बनी थी, इतनी मुलायम और भरी हुई फिर भी इतनी सॉफ्ट कि बताना मुश्किल हैं.मैने उसकी सलवार को नीचे खीचते हुए घुटनो के नीचे आते हुए, उसके खूबसूरत पैरो मे से निकाल दी और दूर कहीं फेक दी.

मे: अब तुझे इसकी ज़रूरत नही हैं.
अब पायल सिर्फ़ पॅंटीस मे मेरे उपर बैठी थी. उसकी हॉट पिंक कलर की पैंटी उसके गोरे बदन पर उठ कर दिख रही थी. 
मे: उम्म्म... कॉटन..माइ फॅवुरेट..
मेरे हाथ किसी साँप की तरह पायल की नंगी मांदी पर रेंग रहे थे. उसके जिस्म का हर इंच हवस जगाने वाला था. लड़कियो की भरी हुई, गोल मांदिया मुझे बड़ी पसंद हैं और पायल की वैसे ही थी. मैने कस्के पायल की दोनो मान्दियो को पकड़ा और उसे कहा;
मे: जन्नत मे जाने के लिए रेडी?
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