vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
11-01-2018, 12:16 PM,
#21
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
अमर ने वरुण की बाह पकड़ी और सीधा क्लास मे से बाहर ले गया. पूरे वक़्त वरुण का हाथ उसके गाल पर ही था. वो सदमे की हालत मे अमर के साथ क्लास मे से बाहर चला गया. ये बात जब अमर ने मुझे बताई तो मुझे इस बात की ज़्यादा खुशी नही हुई कि वरुण ने इतना कासके थप्पड़ खाया, मगर मुझे इस बात का ज़्यादा सुकून था कि कम्से कम पायल जैसी दोस्त तो हैं मेरी. पायल ने मुझे ब्रेक अप के बाद बोहोत संभाला हैं. मैं सारी ज़िंदगी उसका कर्ज़दार रहुगा. शराब पीने की आदत मुझे उसीकि वजह से नही लगी. अपने आपको मैने पायल की वजह से होश मे रखा हैं. अब वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं और मैं ये बात जानता हू कि पायल मुझे कभी धोका नही देगी. उसकी फ़ितरत मे नही हैं ये! मैं और पायल पहले भी अच्छे दोस्त थे, मगर मैं अब पायल के बोहोत करीब आ गया था. मैं अब उसे ज़्यादा अच्छे से,ऐज आ पर्सन आंड आस आ गर्ल समझने लगा था. आइ आम वेरी लकी टू हॅव आ फरन्ड लाइक पायल.
मैने पायल को कॉल बॅक किया. 2-3 रिंग्स जाने के बाद;
मे: हेलो!! गुड मॉर्निंग मेडम. आज सुबह सुबह याद कर लिया हम को? क्या काम हैं?
पायल: क्यू? मैं क्या तुझे तभी याद करती हूँ जब मुझे कुछ काम हो तुझसे?
मे: अब ये सवाल था या स्टेट्मेंट मुझे समझ नही आया.
मैने उसे छेड़ते हुए कहा.
पायल: हा हा! वेरी फन्नी! बकवास ना कर सुबह सुबह. 
मे: ओके ओके... भड़क मत. बोल!
पायल: अर्रे..मैने इसलिए कॉल किया की आज सनडे हैं. क्या प्लान हैं तेरा? कही जा रहा हैं क्या?
मे: उम्म्म्म...! नोट एग्ज़ॅक्ट्ली.. आक्च्युयली अभी जस्ट कुछ वक़्त पहले घर के सभी लोग देल्ही चले गये. अगले 1 हफ्ते तक मैं अकेला ही हूँ. आक्च्युयली मैं अभी वोही प्लान कर रहा था कि क्या किया जाए. 
पायल: ओह्ह्ह! तो क्या प्लान किया तूने?
मे: अभी तक तो कुछ आइडिया नही आया. मगर तू ये सब क्यू पूछ रही?
पायल ने कुछ सोचते हुए कहा;
पायल: उम्म्म्म...वो.. वो..मैं सोच रही थी कि तेरा कोई प्लान नही होगा आज तो मूवी चलते हैं ना हम?
पायल का सवाल मुझे ज़रा अजीब लगा. पिछले डेढ़ साल से वो मेरी दोस्त हैं, कभी उसने मुझे मूवी के लिए नही पूछा. आइ मीन, हम लोग गये हैं मूवी देखने इससे पहले भी,मगर इस तरह से नही. हमेशा दोस्तो के साथ ग्रूप मे. मैं शुवर नही था तो मैने पायल से कहा;
मे: 'हम' मतलब कौन कौन? 
पायल: हम से मेरा मतलब हैं कि तू और मैं.
मे: ऐज इन बोथ ऑफ अस ओन्ली?
मैं ज़रा चौुक्ते हुए कहा.
पायल: क्यू? कुछ प्राब्लम हैं तुझे उसमे?
पायल ने ज़रा चिढ़ाते हुए कहा.
मे: नही! ऐसी कोई बात नही.
पायल: फिर? 
मे: वो तूने इसके पहले कभी पूछी नही ना इससे पहले इसलिए अजीब लगा. 
पायल: हाँ तो ऐसी बोहोत सी चीज़े हैं जो मैने आज तक नही की हैं,मगर इसका मतलब ये तो नही की मैं कभी करूगी ही नही.
मे: यार पायल तू इतना क्यू भड़क रही? मैने तो कॅष्यूयली ही कह दिया. मेरा कोई प्लान नही हैं आज का तो हम जा सकते हैं मूवी देखने. कौनसी मूवी देखनी हैं?
पायल: उम्म्म... पता नही!
मे: वाह! तुझे मूवी देखनी हैं, मगर ये नही पता की कौनसी.
पायल: आइ मीन मैने डिसाइड नही किया हैं अभी तक. तेरे दिमाग़ मे कोई मूवी हैं क्या?
अभी इस वक़्त तो ऐसी कोई ख़ास मूवी नही लगी थी वैसे. सिर्फ़ बरफी के बारे मे मैने काफ़ी सुन रखा था. मैने पायल से कहा;
मे: ऑनेस्ट्ली मुझे मूवी जाना ही नही हैं. मगर तू कह रही हैं तो मैने बरफी की काफ़ी तारीफ सुनी हैं. तूने देख ली क्या?
पायल: नही नही. मैने कहा देखुगी? नही देखी. तो फिर बरफी चले?
मे: आइ सपोज़ जा सकते हैं. एक सेकेंड रुक. 
मैने पायल को होल्ड पे रख कर फट से इंटरनेट पर शॉवतिमिंग्स चेक किए और पायल से कहा;
मे: 12:30 का एक शो हैं फेम मे. चलना हैं?
पायल: डन!
उसने ये मुस्कुराते हुए कहा. उसकी आवाज़ मे मुस्कान सॉफ झलक रही थी. 
मे: ओके देन. तू सीधी फेम पर ही आजा 12 तक. 
पायल: नही.. 
मे: अर्रे?? अब क्या हुआ? 
पायल: आइ मीन. मैं नही आ सकती. मेरी बाइक....उम्म्म...वो..वो..पंक्चर हैं.
मे: इतना क्या सोच रही? पंक्चर वर्ड भी नही आता क्या?
मैने उसे छेड़ते हुए कहा.
पायल: हाँ.. मूह बंद कर. तू एक काम कर. 11:40 तक मुझे पिक अप कर मेरे घर के पास के कॉर्नोर से. 
मे: अच्छा ठीक हैं मेडम. और कुछ करना हैं आपके लिए?
पायल: फिलहाल इतना तो कर. 11:40. शार्प! लेट किया तो जान ले लुगी तेरी.
मे: हाँ बाबा. स्या देन!
इतना कह कर मैने फोन रख दिया.
मैने टाइम देखा. 10:14 अम! मुझे ज़ोरो की भूक लगी थी. मैं नीचे किचन मे गया और देखा कि कुछ खाने के लिए हैं भी या नही?! पूरा किचेन छान मारा मगर लगता हैं मम्मी आज ब्रेकफास्ट बना ही नही पाई पॅकिंग करने की हरी मे. मैने फ्रिड्ज खोलके देखा. 1 ब्रेक का पॅकेट और कुछ एग्स थे. मैने फाटसे ओमलेट बना कर ब्रेकफास्ट का प्रोग्राम ख़त्म किया. सब कुछ होते होते ऑलमोस्ट 11 बज गये थे. मैं अपने रूम मे गया और एक ब्लू जीन्स और मेटॅलिका का एक ब्लॅक टीशर्ट पहन लिया. और मिरर मे एक लास्ट लुक लिया;
"ह्म्म्मि...शेविंग करने की ज़रूरत हैं अब."
मिरर मे देखते हुए मैने दाढ़ी खुरेचते हुए कहा;
'पायल ही तो हैं. इतना क्या टेन्षन. इट्स नोट लाइक शी'स गॉना बी ऑल सेक्सी!'
मैने हस्ते हुए अपने आप से ही कहा और टेबल पर से बाइक की कीस,मोबाइल और हेल्मेट उठा कर निकल गया. बाहर के डोर तक आया. ऑलमोस्ट दरवाजा बंद ही करने वाला था तो मुझे फिर से कुछ याद आया और भागते हुए रूम मे गया. दाए-बाए देखा, बेड के कॉर्नोर मे मेरा वॉलेट पड़ा था. वॉलेट उठाकर मैं बाहर निकल गया. पार्किंग मे से बाइक निकाली,हेल्मेट पहना और व्रूम-व्रूम....ऑफ टू पायल'स प्लेस. 
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11-01-2018, 12:16 PM,
#22
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
सनडे था तो लोग शॉपिंग करने के लिए निकलते हैं तो काफ़ी ट्रॅफिक होता हैं. स्पेशली मैं रोड्स पर जहाँ काफ़ी शॉपिंग शॉप्स न्ड माल्स हो. यूष्यूयली मुझे बड़ी चिढ़ मचती हैं ट्रॅफिक की वजह से कॉज़ लोग चूतिया जैसे चलते हैं वेहिकल्स. बट आज मेरा मूड अच्छा था. बहुत फ्री लग रहा था मुझे. ऑनेस्ट्ली, मेरा मूवी देखने का कोई मूड नही था और वो भी पायल के साथ तो बिल्कुल भी नही. कभी कभी करना पड़ता हैं दोस्तो के लिए. और वैसे भी पायल के साथ मूवी जाना क्या और मेरे कोई दूसरे दोस्त के साथ जाना क्या एक ही बात हैं. कभी कभी तो लगता हैं कि पायल दूसरे लड़को से ज़्यादा मर्दाना हैं. लड़कियो जैसा कुछ हैं ही नही. और जैसा उसने थप्पड़ वरुण को मारा और वरुण की गान्ड फट गयी, उसपे से मुझे तो गॅरेंटी हो गयी कि पायल 95% लौंडा ही हैं. सो, हाउ बॅड कॅन इट बी?
मैं ये सब सोचते सोचते बाइक चला रहा था. कुछ ही देर मे मैं पायल ने बताए हुए कॉर्नोर पे पहुँच गया. मैने बाइक साइड मे ले ली और रोड के लेफ्ट साइड से खड़ा हो गया.. हेल्मेट निकाला और टाइम देखा. 11:37;
" जल्दी पहुच गया!'
मैने टाइम देखते हुए कहा अपने आप से. मोबाइल निकाला और पायल को कॉल किया. 3 रिंग जाने के बाद पायल ने कॉल उठाई.
मे: हेलो!!
पायल: हेलो! आ गया तू?
मे: हाँ पोहोच गया मैं. व्हेयर आर यू?
पायल: बॅस 2 मिनट मे आई. ऑलमोस्ट देअर. तू कहाँ खड़ा हैं?
मे: कॉर्नोर पे ही हू मैं,जहाँ तूने बताई थी.
पायल: ओके ओके! आइ विल बी देअर् इन आ मिनट.
मे: ! जल्दी आ
इतना कह कर मैने कॉल कट कर दिया. अभी मैं बाइक पे बैठा था, हेल्मेट पेट्रोल टांक पर रखा और मैं आस पास का नज़ारा देखने लगा. रश थी थोड़ी सी. कुछ लोग सब्जी खरीद रहे थे, ऑटो-रिक्शा, पैदल चलने वाले लोग, 1 रेस्टौरेंट के सामने कुछ लौंदो का एक ग्रूप गप्पे लड़ा रहा था, ज़ोर ज़ोर से हस रहे! मैं बाए से दाए अपनी मुन्डी घुमाने लगा और तभी मेरी नज़र एक बड़ी ही सुंदर चीज़ पर पड़ी. एक बड़ी ही गोरी चित्ति लड़की पर. उसने पिंक कलर का कुर्ता और नीचे वाइट कलर की सलवार पहनी थी. गोरी होने के वजह से उसपे वो बोहोत ही जाच रहा था. बड़े ही घने बाल थे उसके, धीमी धीमी हवा चल रही थी तो हवा मे उड़ रहे थे, रेशम की डोर की तराहा. मैं उससे कुछ 15 फिट की दूरी पर खड़ा था तो ठीक से तो दिख नही रही थी मुझे मगर उसकी ओर देख कर पता चल रहा था की लौंडी का जिस्म पूरी तरह से कसा हुआ हैं और हरा-भरा हैं. मैने सोचा;
"साली, जिसे भी मिलेगी उसकी तो जन्नत होगी."
इतना कह कर मैने एक फाइनल लुक डाला उस लड़की की ओर और देखा कि बंदी अपने हाथ से किसी को इशारा कर रही हैं;
" लो...! लगता हैं आशिक़ आ गया इसका जो हाथ दिखा रही हैं. ज़रा मैं भी तो देखु कि आख़िर कौन इसका मज़ा चख रहा हैं."
मैने आस पास देखा. कोई दिखा नही. मॅग्ज़िमम बच्चे और लॅडीस ही दिख रही थी. ऐसा कोई नही जिससे ये गुलाब की कली पट सके. मेरे पीछे रिक्क्षा स्टॅंड था. 3-4 रिक्क्षा खड़े थे. मुझे लगा कि रिक्शे वाले को बुला रही हैं. मैने उस लड़की की ओर देखा. अभी तो वो और भी ज़ोर ज़ोर से अपना हाथ हिला रही थी और इशारा कर रही थी. उसके हाथ मे की चूड़िया भी चमक रही थी. मगर शायद रिक्कशे वाले का ध्यान नही था. मैं पीछे मुड़ा;
मे: श..हेलो भैया.. ओये!! रिक्कशे!
मेरी आवाज़ सुन कर 1 ऑटो वाला मेरी ओर देखने लगा. 
मे: हेलो.. भैया..
उसने अपनी मुन्डी को एक झट्क देख कर मुझसे पूछने का इशारा किया.
मे: वो.. उधर राइट साइड मे वो लड़की खड़ी हैं वो काफ़ी देर से इशारा कर रही हैं ऑटो के लिए.
ऑटो वाला भी उस लड़की की ओर देखने लगा. वो अब भी अपना हाथ हवा मे हिला कर इशारा कर रही थी. ऑटो वाला ऑटो मे बैठा,स्टार्ट किया और मेरे पास आकर रुका और बोला;
'थॅंक यू साब!'
मैने उसको सलाम करते एक स्माइल दे दी और वो ऑटो वाला आगे निकल गया और यू-टर्न लेने लगा. मैने वक़्त देखा. 11:44;
' ये पायल कहाँ मर गयी?'
मैं फिर से रास्ते पर देखने लगा कि कही दिखाई दे रही हैं या नही!. मेरी नज़र उस ऑटो पर पड़ी. वो अभी तक टर्न पर ही खड़ा था. बड़ी मुश्किल हो रही थी उसे ट्रफ़िक की वजह से ऑटो टर्न करने मे. 2-3 मिनट बाद किसी तरह बेचारा थोड़ा आगे बढ़ा और फिर अटक गया. वो लड़की अब भी अपना हाथ हिला रही थी और अब भी मेरी ही ओर देख रही थी वो.. मैने अपने आप से कहा;
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11-01-2018, 12:16 PM,
#23
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
'बड़ी गड़बड़ हैं इसे तो. ऑटो आ रहा फिर भी आइटम का हाथ नही नीचे हो रहा. वैसे इतना भी बुरा नही दिख रहा मैं. कॉज़ बड़ी देर से वो मेरी ओर ही देख रही है.'
मैने मिरर मे देखते हुए कहा. उतने मे ही मेरा फोन बज उठा. मैने फोन देखा, 'पायल कॉलिंग'! मैने पिक अप किया;
मे: अबे कहाँ हैं तू? कब से वेट कर रहा हू मैं. जल्दी आ ना!
पायल: अबे उल्लू की दुम्म. अँधा हैं क्या तू. कब से हाथ दिखा रही हूँ तुझे,बेवकूफ़. 
मे: हुहह? हाथ दिखा रही? कहाँ से? 
मैने फिर से इधर उधर देखा. पायल कही नज़र नही आ रही थी. बस वो लड़की दिख रही थी और ऑटो वाला उस तक पहुँच गया था. वो लड़की फुटपाथ से नीचे उतर कर ऑटो वाले से कुछ कहने लगी.
मे: पायल तू कहीं भी नही दिख रही.. 
कोई जवाब नही आया... मुझे कुछ आवाज़ आ रही थी.
मे: हेलो?? पायल.. कॅन यू हियर मी?
स्टिल नो आन्सर. मेरी नज़र उस ऑटो वाले की तरफ गयी. अजीब बात हैं! वो लड़की ऑटो मे बैठी ही नही और वो ऑटो वाला अब दोबारा रोड के लेफ्ट साइड की तरफ आने लगा. 
मे: हेलो.. पायल?
पायल: क्या उल्लू हैं तू सम्राट. तुझे मैं इतनी सॉफ सॉफ दिख नही रही.
मे: पायल. दिमाग़ मत खा. यहा पूरे रोड पर अपने आगे सिर्फ़ और सिर्फ़ एक लड़की हैं जो कि रोड के राइट साइड पे खड़ी हैं और..........
इतना कह के तो जैसे मुझे साप सूंघ गया हो. मैने उस लड़की की ओर देखा. वो उसका दाया हाथ अपनी कमर पे रख कर किसी से फोन पे बात कर रही थी. अब मेरा लाइट लगा. और मेरे मूह से निकल गया;
"ओह्ह फक!!"
पायल: क्या??? साले अंधे 10 मिनट से हाथ हिला रही मैं. आ जल्दी. जान ले लुगी तेरी मैं..
मेरी तो ज़बान जैसे चिपक गयी हो. किसी तरह लड़खड़ाते हुए मैने कहा.
मे: ह...हाअ....हा! आ..आता.. र..रुक वही पे.
इतना कह कर मैने अपना फोन जेब मे रख दिया और बाइक स्टार्ट की और उतने मे वो ऑटो वाला भी मेरे पास आ गया और बड़े ही प्यार से बोला;
" अब्बे लौडे.. दिखता नही क्या साले तुझे बुला रही थी. चूतिया!"
अब मैं उसे कहता भी तो क्या. मैने ' सॉरी' कह कर आगे बढ़ना ही ठीक समझा. मैने यू-तुर्न लिया और उस लड़की के सामने जाके गाड़ी खड़ी कर दी. 
पायल: व्हाट दा हेल सम्राट!!!
मेरे कान तो बंद हो चुके थे जैसे, इतनी कशिश से मैं पायल की ओर देख रहा था. कौन हैं ये लड़की? क्या ये वोही पायल हैं जिसके गले मे हाथ डाल कर मैं कॉलेज मे घूमता हूँ. वोही पायल जो पिछले एक साल से मेरी दोस्त हैं मगर कभी एहसास ही नही हुआ कि वो लड़की हैं. और आज?? आज उसके जिस्म का हर इंच चीख चीख कर कह रहा था की, 'देख साले. मैं लड़की हू'. मैं अपने ही ख़यालो मे खोया था और तभी मुझे एक ज़ोरदार पंच मेरे लेफ्ट आर्म पे महसूस हुआ.
मे: ऊऔच!! पागल हो गयी क्या?
पायल: पागल मैं नही, तू हो गया हैं. तबसे इशारा कर रही हू. अँधा भी तुझसे ज़्यादा देख सकता हैं.
पायल मुझे गालियाँ मार रही थी और मैं उसके चेहरे की ओर देख रहा था. जैसे जैसे वो बोल रही थी उसकी आखे वैसे भाव दर्शा रही थी. वो बड़ी बड़ी और गहरी आखे, जो कभी दिखी ही नही मुझे. उसके लंबे और घने बाल जो आल तक महसूस नही किए मैने. बोलते हुए वो अपनी गर्दन को एक झट्क देती तो उसकी एक लट उसके कोमल और प्यारे चेहरे पर लटक जाती. उसके गुलाबी होंठ. जिनको कोई छू ले रस निकल आए ऐसा लग रहा था. और ख़ास बात तो ये थी कि ना उसने लिप ग्लॉस लगाई थी और ना ही लिपस्टिक. नॅचुरल,पिंक और जुवैसी लिप्स थे. 
अचानक मुझे पायल की चुटकी का आवाज़ आया. वो मेरे सामने चुटकी बजाते हुए कहने लगी;
पायल: हेलो??! भूत देख लिया क्या तूने?? कुछ बकेगा अब?
मैं अपनी सुध मे से बाहर निकला और;
मे: हुउः? हाँ.. सॉरी. मुझे दिखी नही तू
पायल: व्हाट डू यू मीन बाइ दिखी नही मैं तुझे? 
मे: कहा ना सॉरी. आंड इट्स नोट माइ फॉल्ट.
पायल: तो? मेरे पापा की ग़लती हैं?
मे: नही.. तेरी हैं. तू...
पायल: हाँ क्या मैं?
मे: तू अजीब दिख रही हैं.. यू... यू...
पायल: सम्राट! भरे रास्ते पर मारूगी तुझे पकड़ पकड़ के. अजीब मतलब?
मे: वो.. वो..
पायल: अभी मरा तू मेरे हाथो..
मे: अर्रे! तू बोहोत गियर्ली दिख रही है..
अब मुझे पता नही था कि आगे पायल क्या रिक्षन देगी इस कॉमेंट का.. पायल ने जैसे ही मेरी बात सुनी वो... हंस पड़ी और मुझसे कहने लगी;
पायल: तू भी ना! पागल हैं. गियर्ली दिख रही मतलब? हेल्ल्लो??!! आइ आम आ गर्ल इन केस यू हॅव नेवेर नोटीस्ड. चल अब. लेट हो रहे.
इतना कह कर वो मेरी बाइक मे बैठ गयी. पहले वो जैसे हमेशा बैठ ती हैं. उसने अपनी दोनो टांगे मेरी बाइक के एक एक साइड पे डाली और जैसे हम लोग बैठ ते हैं वैसे बैठ गयी और मैने बाइक स्टार्ट कर दी. जो ही मैने बाइक स्टार्ट की पायल ने कहा;
पायल: अर्रे! रुक रुक.
मैने सवालिया नज़रों से उसकी ओर देखा. वो बाइक पर से उतरी और मेरी ओर एक नज़र डाली और एक पैर मेरी बाइक के फ्ट्रेस्ट पर रख कर बाइक पर चढ़ि और बैठ गयी. अजीब बात ये थी कि वो आज जैसे लड़कियो की तरह बैठती हैं उस तरह बैठी और मेरे कंधे पर एक हाथ रख कर बोली;
पायल: लेट्स गो!
मुझे तो घंटा समझ नही आ रहा था कि आख़िर हो क्या रहा हैं ये सब और इस लड़की को हो क्या गया हैं. मगर मैने बाइक स्टार्ट कर दी और हम रोड से लग गये. रोड थोड़ा खाली होने के बाद मैने पायल से कहा की;
मे: वो तो मुझे पता हैं कि तू लड़की हैं. मगर जब से मैं तुझे जानता हूँ तूने ऐसे उट-पटांग कपड़े कभी नही पहने आज तक.
पायल: उट-पटांग क्यू? सभी लड़किया ऐसे ही तो कपड़े पहनती हैं.
मे: हां! पहनती तो हैं.. बट...
मेरी बात काट कर पायल बोली;
पायल: बट?? क्या कहना चाहता तू? मैं अच्छी नही दिख रही क्या इन्न कपड़ो मे?
अब ये सवाल ऐसा था जिसका क्या जवाब दूं मुझे तुझसे नही आ रहा था. क्योकि अभी कुछ वक़्त पहले ही मैने जब इसे दूर से देखा तो मैं खुद लाइन मार रहा था कि क्या हॉट लड़की हैं. मैने डिप्लोमॅटिक आन्सर देना ही सही समझा;
मे: नही! ऐसा कुछ नही. अच्छी तो दिख रही हैं तू वैसे.
पायल: हाँ तो? क्या कमी हैं?
मे: वो आक्च्युयली मैने तुझे ठीक से देखा नही ना. पहले तो पहचाना ही नही तुझे और जब पहचाना तो हम निकल गये. सो...
पायल: अच्छा! 
पायल के घर से फेम कुछ 10 मिनट की दूरी पे ही था. रास्ता भी खाली था तो हम जल्दी ही पहुँच गये. मैने पायल को फेम के गेट पर ही उतार दिया और वॉलेट मे से अपनी टिकेट के पैसे दे दिए और बाइक पार्क करने के लिए निकल ही रहा था कि;
पायल: ओये हेलो?? एक ही टिकेट के पैसे? तुझे नही देखनी मूवी?
मे: मैने तुझे मेरे ही टिकेट के लिए पैसे दिए हैं मेडम. 
पायल: और मैं?
मे: क्या तू? 
पायल: अबे? मेरी टिकेट के तो पैसे दे?
पायल की बात सुन के तो मुझे बड़ा ही अजीब लगा. 
मे: हुहह? मैने क्यो दूं? 
पायल: ओह्ह्होओ!! क्योकि मैने पर्स नही लिया. ड्रेस मे कहाँ रखती पैसे? 
मे: वाह!! ये तो बड़ा अच्छा हैं. मैने कहा तो तुझे ड्रेस पहन ने के लिए?
पायल: हाँ तो मैने पूछा भी नही था. दे अब पैसे चुप से!
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11-01-2018, 12:16 PM,
#24
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
मैने हार मानते हुए पायल को वॉलेट मे से पैसे निकाल कर दे दिए और पार्किंग मे चला गया. बाइक पार्क की,हेल्मेट साइड मे लॉक किया और मैं पार्किंग मे की सीढ़िया चढ़ते हुए बॉक्सॉफिस की ओर चल पड़ा. बड़ी भीड़ थी आज. सब कपल ही दिख रहे थे मोस्ट्ली. कॉलेज के बच्चे ज़्यादा तर. सनडे के दिन तो जैसे सारी दुनिया ही मूवी देखने निकलती हो! मैं टिकेट काउंटर के पास आ गया और पायल को ढूँढने लगा. लंबी लाइन थी, तो मैं लाइन के एंड तक गया मगर पायल कही दिखी ही नही. मैने 2 बार पूरी लाइन छान मारी, मगर उसका कोई आता पता नही था. फाइनली मैने सोचा कि उसे कॉल करता हूँ कि आख़िर हैं कहाँ वो? उतने मे ही मुझे पायल सामने से आती दिखाई दी और मैने पहली बार उसको अच्छी तरह से देखा. और वाकई मे, देखता ही रह गया. उसके गोरे गोरे जिस्म पे पिंक कलर का सूट बोहोत ही जच रहा था. मैने इतने लंबे वक़्त मे कभी पायल के जिस्म को नोटीस नही किया था की किस कातिलाना तरीके से उसकी कमर एक बड़ा ही मादक मोड़ लेती हैं जब वो चलती हैं तब. आज तक मैने उसको सिर्फ़ स्वीट शर्ट मे ही देखा था. इतने मोटे कपड़े मे उसके जिस्म का अंदाज़ा कोई भी नही लगा सकता था. हमेशा एक सिंपल सी पोनी टेल बांड कर आने वाली पायल की ज़ूलफ़े आज हवा मे ऐसे लहरा रही थी जैसे किसी सागर मे उठने वाली लहरे हो. काले घने और लंबे बाल थे उसके. उसका कुर्ता डिज़ाइनर था. थोड़ा सा लो कट. मगर अगर वो लो कट ना भी होता तो कोई अँधा भी पायल के सीने के उभार को नज़र-अंदाज़ ना कर पाता. उसके गोरी स्किन, उस पिंक कुर्ते को इस कदर चिपक गयी थी कि जैसे कोई अंतर ही ना हो. हर एक कदम के साथ पायल के बोहोत ही मादक बूब्स उपर-नीचे हो रहे थे. मुझमे एक अजीब सी तड़प महसूस कर रहा था मैं कि उन्न उभारो के बीचे अपना चेहरा दबा दूं और उनकी खुश्बू और मुलायम एहसास मे खो जाउ. 
पायल: ये ले टिकेट्स!
उसने एक बड़ी ही मनमोहक स्माइल के साथ कहा. 
मे: बट मैने पूरी लाइन छान मारी. तू कही नही दिखी. ब्लॅक मे लेकर आई हैं क्या?
मैने उसे छेड़ते हुए कहा.
पायल: शूट अप! ब्लॅक मे नही. मैने पहले ही घर पे टिकेट्स ऑनलाइन निकाल ली थी तो कियोस्क मशीन पे प्रिंट्स लेने गयी थी
मे: वाह! ऑनलाइन? क्या बात हैं पायल मेडम.
उसने बड़े ही प्यारे अंदाज़ मे अपना चेहरा उपर करते हुए मुझे एक स्माइल दी और कहा;
पायल: चले अब?? लेट हो जाएगे वरना
मे: हाँ हाँ! चलो. बस ज़रा वॉश रूम होकर आउ. हेल्मेट मे बालो की वाट लग गयी.
पायल: ओफफफूह! क्या नाटक हैं तेरे? अच्छे ही तो हैं बाल. 
मे: अर्रे मेरे लिए नही., अब कोई देखेगा कि इतनी सुंदर और हॉट लड़की के साथ कोई मुझ जैसा पागल चल रहा हैं तो कैसा लगेगा?
पायल की आखो मे और उसके चेहरे पर शर्माहट सॉफ नज़र आ रही थी. 
पायल: मस्का मार रहा हैं!!?
मे: क्या ज़माना आ गया. कोई सच कहे तो लोगो को मस्का मारना लगता हैं. कलयुग हैं भाई!
पायल: बाते बनाना तो कोई तुझसे सीखे सम्राट. ठीक हैं चल जल्दी. मैं भी वॉशरूम हो आती हूँ
और हम दोनो वॉशरूम की ओर निकल पड़े. मैं आस पास का नज़ारा देखते हुए पीछे चल रहा था और पायल मल्टिपलेक्स के स्टोर्स मे से नज़रें घुमाते हुए मेरे आगे आगे चल रही थी. तभी मेरी नज़र पायल की बेहद ही मुलायम, टाइट और देखते ही पता चल जाए ऐसी मांसल गान्ड पर पड़ी और मानो वही अटक गयी. उसने वाइट कलर का सलवार पहनी थी जो कि उसकी मादक टाँगो से सटा के चिपका हुआ था. उस सलवार मे से भी पायल की टाँगो का शेप ईज़िली पता किया जा सकता था जो की बड़ा ही आकर्षक था. जैसे जैसे पायल अपने कदम आगे आगे बढ़ा रही थी वैसे वैसे उसकी गान्ड एक मधुर लय मे नाच रही हो जैसे ऐसे उपर नीचे हो रही थी. बिल्कुल बब्ब्ली गान्ड थी उसकी जो मैने आज तक उसकी थिक जीन्स मे कभी नोटीस नही थी. मैने पायल के जिस्म को पीछे से निहार रहा था. उसके कमर तक लटकते काले बाल, और जहाँ वो ख़त्म होते थे वहाँ से उसकी कातिलाना कमर का जानलेवा मोड़ शुरू होता था जो सीधा जाके उसकी पूरी तरह से भारी गान्ड से जाके मिलता था. मेरी नज़रें उसकी गान्ड से ज़रा नीचे हुई और एहसास हुआ मुझे कि कितनी गोल और मादक थिंग्स हैं पायल के. मैं ज़रा और पायल के पास आ गया और उसके ठीक पीछे चलने लगा और उसकी गान्ड के उभार को छूने के लिए जैसा मेरा हाथ तड़प रहा था. इतने मे वॉशरूम भी आ गया. पायल ने मेरी ओर देखते हुए कहा;
पायल: जल्दी आ!!
मैने कुछ जैसे सुना ही नही, बॅस 'हां' मे मुन्डी हिला दी और वॉशरूम मे चला गया. यरिनल के सामने जाके खड़ा हो गया और अपनी ज़िप खोली. और तब मुझे इस बात का एहसास हुआ कि मेरा लंड पत्थर जैसा सख़्त हो गया था. अब यहाँ मैं जीन्स तो निकल सकता नही था. बड़ी मुश्किल से मैने अपनी कमर को ज़रा सा पीछे लिया, अपना हाथ ज़िप के अंदर डाला और पत्थर जैसा लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगा. 1-2 बार ट्राइ किया मगर कही ना कही जीन्स से टकरा ही रहा था. मेरी हालत खराब हो रही थी. मैने सोचा की आखे बंद करके कुछ और सोचता हूँ शायद काम बन जाए. मैने अपनी आखे बंद की और;
"भैन्चोद!!!"
मेरी मूह से ज़ोर से निकल गया और आस पास वाले मुझे घूर्ने लगे. मैने शरम से नीचे देखा. जो ही मैने आखे बंद की फिर से मेरे आखो के सामने पायल की रसीली गान्ड आ गयी और हालत और बत्तर हो गयी. अब मुझे गुस्सा आने लगा था. फ्रस्ट्रेशन मे मैं अपना लंड पकड़ा और ज़ोर से जीन्स मे से बाहर खीचा और इस दौरान वो हो गया जिसका मुझे अंदाज़ा भी नही था. लंड खड़ा होने की वजह से खीचते टाइम मुड़ा नही और ज़िप से घिसता हुआ बाहर निकला.. मैने बड़ी मुश्किल से मेरे मूह से निकलती हुई चीख को दबाया. शुक्र हैं कि मेरा लंड कटा हुआ नही और आगे की स्किन थी,मगर फिर भी जीन्स की मेटल की ज़िप ने एक जख्म दे ही दिया मेरे लंड को. खून तो नही निकला मगर घाव ज़रूर हो गया था. ये बड़ी मुसीबत थी अब क्योकि मैं घर भी नही जा सकता था पायल को छोड़ कर. किसी तरह मैने मुतना ख़त्म किया और इस बार जीन्स का बटन खोल कर बड़े ही प्यार से लंड को अंदर डाला. अब मैं बड़ी तक़लीफ़ मे था. आपमे से किसी का लंड कटा हो इस तरह तो आप समझ सकते हैं मैं किस तक़लीफ़ की बात कर रहा हूँ तो. वॉशबेसिन के पास जाकर मैने हाथ वॉश किया और टाय्लेट से बाहर निकला. सामने ही पायल खड़ी थी;
पायल: सो गया था क्या? कब से वेट कर रही हू.
मेरे दिल मे आया की तेरी गान्ड की वजह से मेरे लंड की हालत खराब हो गयी. मगर मैने चुप रहने मे ही भलाई समझी और कुछ ना कहते हुए आगे बढ़ गया. हमारा शो स्क्रीन 2 पर था और ऑलरेडी हम 3 मिनट लेट हो गये थे.
मे: सीट नंबर क्या हैं पायल?
पायल: उम्म्म्म....पी14,पी15
मे: ये तो 3र्ड लास्ट रो की कॉर्नोर सीट्स हैं.
पायल: अब जो अवेलबल थी वो ही मैने बुक की. कॉर्नोर हो या सेंटर, हमे क्या?
मे: हाँ वो तो हैं.
जल्दी से हम जाके हमारी सीट्स पे बैठ गये..

क्रेडिट्स ऑलरेडी स्टार्ट हो चुके थे जब हम सेट्ल हो गये. एक दम कॉर्नोर की सीट्स थी और दोस्तो आप लोग तो जानते ही हैं कि कॉर्नोर सीट्स वैसे भी बदनाम होती हैं, स्पेशली जब 1 जवान कपल दिख जाए तो. और अब इसे संजोग ही कहा जा सकता हैं कि उस दिन,उस शो मे हमारी रो और आगे वाली रो मे ढेर सारे जवान कपल्स बैठे थे. मूवी स्टार्ट हो गयी. मैं अस्यूम करता हूँ कि आप लोगो ने मूवी तो देखी ही होगी. बड़ी अच्छी मूवी हैं. एक्सलेंट आक्टिंग! सीट्स भी काफ़ी कंफर्टबल थी. आइ लव दट अबाउट फेम! कंफर्टबल सीट्स, बढ़िया साउंड सिस्टम और सेंट्रल एसी भी.. 

हँसते खेलते हम मूवी देखने लगे. पायल मूवी देखने मे पूरी तरह से बिजी थी. मैं भी सीधा आगे की तरफ मूवी ही देख रहा था कि तभी मेरी नज़र एक ख़ास नज़ारे पर पड़ी. हमारी आयेज की रो मे, लेफ्ट साइड की सीट पर 1 कपल बैठे थे. हमारी ही एज के लग रहे थे. शायद 1-2 साल बड़े हो. शकल तो मैं ठीक से नही देख पा रहा था मगर जो मैं देखना चाहता था वो मुझे बड़ी अच्छे से दिख रहा था. लड़की ने एक टीशर्ट पहना था ब्लॅक कलर का. कुछ डिज़ाइन भी था उसपे और उसने कमर से नीचे का हिस्सा धक रखा था, वो लड़किया जो स्कार्फ पहनती हैं ना हमेशा, उससे! शायद एसी मे उसे ठंड लग रही हो इसलिए ढका होगा.लाइट कलर का स्कार्फ था उसका. मेरी नज़र उन दोनो पर नही जाती, मैं तो बॅस अपनी नज़रें घुमा रहा था आस पास मूवी देखते हुए. आदत हैं मेरी वो! मेरी नज़र उन दोनो पर अटक इसलिए गयी कि जैसे ही मैने एक नज़र घमाई मुझे कुछ अजीब लगा उन्हे देख कर. अब अगर आप मूवी देखते हो तो आपकी नज़र स्क्रीन पर होनी चाहिए ना कि उपर की सीलिंग पर. उस लड़की की गर्दन उपर की ओर मूडी थी और धीमे धीमे हिल रही थी. ध्यान से देखने पर समझ आता था कि लड़की की गर्दन हिल रही हैं,वारना ना तुझसे आए किसी को. और दूसरी अजीब बात ये लगी मुझे कि उसका स्कार्फ हिल रहा था. जैसे उसके नीचे कुछ हो. एक उभार दिख रहा था मुझे उस स्कार्फ मे. ऐसा उभार जो नॉर्मली हमारा लंड खड़ा हो जाने पर दिखाई पड़ता हैं पॅंट मे से. एक सेकेंड के लिए थी मुझे लगा कि बंदी को कही लंड तो नही, आस इन शीमेल!! तो मैं ज़रा और गौर से उन्हे देखने लगा. एक नज़र मैने पायल की ओर भी डाली. वो मूवी देख रही थी बड़े ध्यान से. 

मेरी नज़रें दोबारा उस कपल पे जड़ गयी. इस बार स्कार्फ मे हलचल कुछ ज़्यादा ही बढ़ गयी थी. मुझे बड़ा अजीब लग रहा था कि आख़िर माजरा क्या हैं भाई?! मैं अपनी सीट पर थोड़ा सा और पीछे सरक कर बैठ गया ताकि मैं ठीक से देख सकूँ. मेरी हलचल से पायल की नज़र मुझपे पड़ी. उसने उसके आइ-ब्राउस उपर चढ़ाते हुए मुझे सवालिया नज़रों से देखा और मैने एक स्माइल देते हुए उसे थंब्स अप दिखा दिया.. मानो कंफर्टबल होके मैं मूवी देखना चाहता हूँ. कुछ देर मे फिर से पायल मूवी मे खो गयी और मेरी आखे ऑटोमॅटिकली उधर मूड गयी. अब मुझे ठीक से दिख रहा था. लड़की ने ब्लॅक टॉप पहने होने की वजह से ज़रा दिक्कत हो रही थी, मगर ज़रा गौर से देखा मैने और;
'ओहूओ!!!'
मैं अपने आप से ही कह गया. अब माजरा समझ आया. शायद मुझे समझ आता भी नही, मगर मैने इस बात पर गौर किया की उस लड़की की कमर इतनी तो मोटी नही जितना वाइड वो स्कार्फ फैला था. और तभी मुझे एहसास हुआ की उसके बाय्फ्रेंड का हाथ स्कार्फ के नीचे था. अब ये तो कहने की ज़रूरत ही नही हैं कि वो उसका हाथ स्कार्फ के नीचे डाल के क्या कर रहा होगा? और वो लड़की स्क्रीन पर देखना छोड़ कर उपर क्यू देख रही थी. एक बड़ी ही स्टेडी स्पीड से लड़के का हाथ हिल रहा था. मैं बड़े इंटेरेस्ट से देख रहा था और तब मुझे एहसास हुआ कि,'ओफफ्फ़..शिट'! मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा हो रहा था. पहले तो मुझे कोई प्राब्लम नही थी लंड खड़ा होने से मगर जब मेरी जीन्स की ज़िप मेरे लंड को छूने लगी तब मुझे दर्द होने लगा, जो कि एक बोहोत बड़ी मुसीबत थी.
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11-01-2018, 12:16 PM,
#25
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
अब मेरे लिए बैठ पाना बड़ा मुश्किल हो रहा था. मैं अजीब तरह से हिलने लगा था अब. थोड़ा सा उपर उठ कर मैं अपनी सीट पर सीधे बैठ गया. मगर उससे हालत और भी खराब हो गयी. अब जीन्स और तंन गयी थी और मेरा लंड अब बुरी तरह से दब रहा था. ज़ख़्म की वजह से दर्द बढ़ता जा रहा था. मुझे फुल एसी मे भी पसीने छूटने लगे थे और मैं तड़प रहा था. सीधे बैठ पाना तो दूर, बैठना ही मुझे पासिबल नही लग रहा था. मैने सोचा कि आखे बंद कर लेता हूँ, कुछ और सोचता हूँ. इसलिए मैं दोबारा सीट पे पीछे की तरफ आराम से लेट गया और अब मेरी कमर ज़रा उपर की तरफ हो गयी थी. मैने आखे बंद कर ली थी. कुछ देर आखे बंद करने के बाद मुझे एहसास हुआ कि बात बनी नही, बल्कि अब मेरी कमर और उपर हो जाने की वजह से अब ये और भी क्लियर्ली पता चल रहा था कि मेरा खड़ा हो गया हैं. मुझे घंटा समझ नही आ रहा था कि मैं करू तो क्या करू? और कहते हैं ना, कि जब देनेवाला देता हैं तो छप्पर फाड़ के देता हैं. उसी तरह मुसीबत मेरे सर पर एक के बाद एक आने लगी. यहाँ मैं लंड को शांत कराने की कोशिश करने लगा और वहाँ इस बात की तरफ मेरा बिल्कुल ख़याल नही था कि पायल मेरी हर मूव्मेंट को देख रही हैं और ये बात छुपाने से अब कोई फ़ायदा नही था कि मेरा लंड अपनी पूरी जवानी मे खड़ा था और पायल ये बात अब जान चुकी थी. मैं शरम से पानी पानी होने लगा था. दिल तो कर रहा था कि उधर से उठ कर मैं वहाँ से निकल जाउ. यह सोच कर मैं अपनी जगह से उठा भी ज़रा सा. मगर इससे पहले की मैं उठ पाउ,पायल ने अपना हाथ मेरे कंधे पर रख कर मुझे बैठने का इशारा किया. मैं फटी आखो से उसकी ओर देख रहा था कि पता नही अब ये क्या तमाशा करेगी? मेरा दिल अब बोहोत ही ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था. पागलो की तरह मैं पसीने से तरबतर हो रहा था. पायल का हाथ अब भी मेरे कंधे पर था, तो मैने बैठ जाना ही ठीक समझा. मगर अब भी बात बनी नही थी. लंड अब भी खड़ा था, टेंट दिख रहा था और दर्द अब भी था लंड मे. 


मैं पायल की ओर देखने लगा कि आख़िर ये करना क्या चाहती हैं? उतने मे ही पायल ने अपना दुपट्टा निकाल कर मुझे दिया. ऑनेस्ट्ली मुझे तो समझ नही आया कि आख़िर मैं करू तो क्या करू? दुपट्टा देने का क्या मतलब हो सकता हैं? मैं उल्लू की तरह पायल की ओर देखने लगा, उसने मेरा लेफ्ट हॅंड उठाया और दुपट्टा उसमे थमा ते हुए अपनी आखो से नीचे की ओर इशारा करते हुए मुझे ये कहने लगी कि मैं उसका दुपट्टा मेरी लॅप मे रख दूं. पहले तो मुझे ये बिकुल बेतुका लगा की आख़िर एक दुपट्टा कैसे मेरे काम आ सकता हैं और मेरे लंड का दर्द कैसे कम होगा इससे? फिर भी मैने दुपट्टा अपनी लॅप मे रख दिया,ठीक लंड के उपर जो कि अब भी खड़ा था. पायल ने मेरी ओर देखते हुए एक स्वीट सी स्माइल दी और अपनी आखे झपकाते हुए मुझे इशारा किया कि,'इट्स ओके!'. मुझे कुछ तुझसे नही आ रहा था. मगर सिर्फ़ 1 मिनट मे ही मुझे ये एहसास हुआ कि मेरा लंड बैठ गया हैं. आख़िर कैसे? और तब मुझे ये याद आया कि लंड तब खड़ा होता हैं जब आपके दिमाग़ मे हॉर्मोन्स रिलीज़ होते हैं, मगर जब पायल ने मुझे उसका दुपट्टा दिया एक प्यारी सी स्माइल के साथ, वो मेरे दिल को छू गया और अपने आप ही मेरा दिमाग़ डाईवर्ट होकर हॉर्मोने रिलीस होना बंद हो गया. जैसे मानो कोई मूठ मार रहा हो और अचानक कोई आपके सामने एक 90 साल की बुढ़िया का फोटो पेश कर दे. क्या मार पाओगे फिर भी आप मूठ? नही ना!! पायल की वो हरकत, एक फोटो जैसा ही काम कर गयी और ऑटोमॅटिकली मेरा लंड बैठ गया. 


कुछ ही वक़्त मे इंटर्वल भी हो गया. सब लाइट्स ऑन हो गयी. मैने शर्मिंदा नज़रों से पायल की ओर देखा. मगर मैं ये देख कर हैरान हो गया कि पायल मेरी ओर एक शांत नज़र से देख रही थी. ना वो नाराज़ थी,ना वो डिस्गसटेड थी. मानो कुछ हुआ ही ना हो.
पायल: मस्त हैं ना मूवी?!
मे: हाँ.. अच्छी तो हैं..
पायल: बस तू इधर उधर ना देख, स्क्रीन की तरफ देख. 
ये सुन कर मैं चौक गया. क्या पायल जानती थी कि मैं आगे की रो मे चल रहा शो देख रहा था. उतना कह कर पायल एक धीमी सी स्माइल देने लगी और बोली;
पायल: भूक लगी हैं यार! कुछ खिला ना!
मैं अपने ख़यालो से बाहर आ गया और;
मे: हाँ हाँ! बोल क्या खाएगी. चल बाहर जाते हैं. कुछ लेकर आते हैं.
पायल: नही.. तू ही लेकर आजा. मैं बैठती हूँ यहाँ.
मैने ज़्यादा बहस ना करते हुए वहाँ से उतना ठीक समझा. मैं बाहर गया और सीधा टाय्लेट मे घुस गया. लाविटोरी मे घुस कर मैने टाय्लेट पेपर लिया, ध्यान से लंड बाहर निकाला और लंड को उसमे लपेट दिया ताकि दोबारा ज़िप से टच ना हो. लंड का अगला हिस्सा लाल हो गया था. मैने मुतना ख़त्म किया, हाथ धोए और बाहर स्नॅक्स बार के पास से 1 पॉपकॉर्न, 2 कोक और एक सॅंडविच लेकर अंदर आया. जब मैं सीट्स के पास पहुँचा तो पायल वहाँ नही थी. मैने आस पास देखा मगर कही दिखाई नही दे रही थी वो. मैने स्नॅक्स नीचे रखे और फोन निकाला. उसे कॉल करने ही वाला था की उतने मे ही;
पायल: क्या क्या लाया?
मैने पीछे मूड कर देखा तो पायल आगे की रो मे बैठी थी. मैने उसे कहा;
मे: अर्रे? कहाँ बैठी हैं? हमारी सीट्स यहाँ हैं.
पायल: हाँ हाँ.. पता हैं मुझे..
इतना कह कर वो किसी से बात करने लगी. मैं एक सीढ़ी नीचे उतरा और देख कर हैरान हो गया कि पायल उसी लड़की से बात कर रही थी जिसको देख कर मेरे लंड मे हलचल मच गयी थी. मैं हैरानी से देखने लगा और पायल जिस सीट पर बैठी थी उसके साइड मे जाकर खड़ा हो गया.. उतने मे ही;
पायल: रोहिणी!! दिस ईज़ सम्राट. 
वो लड़की बैठे बैठे ही पीछे की ओर मूडी और शेक हॅंड करने के लिए उसने हाथ आगे बढ़ाई. मैं अब भी हैरान था, मुझे कुछ समझ नही आ रहा था और मैं वही पे बूत जैसा खड़ा था. पायल ने मेरे पेट मे उसकी कोहनी मारते हुए दबे होंठो से कहा,
पायल: अबे उल्लू! शेक हॅंड तो कर.
मैने हड़बड़ाते हुए अपना हाथ आगे किया और उससे शेक हॅंड किया;
पायल: सम्राट! ये रोहिणी हैं. हम दोनो जूनियर कॉलेज मे थे. शी'स वाज़ इन बाइयालजी डिपार्टमेंट और मैं कंप्यूटर मे थी. मगर हम फिज़िक्स के लिए एक ही ट्यूशन क्लास जाते थे. 
मे: हाई रोहिणी!
मैने एक स्माइल देते हुए कहा.
रोहिणी: हाई सम्राट!
इतना कहके वो पायल की ओर देखने लगी और एक अजीब स्माइल के साथ पायल से कहने लगी;
रोहिणी: वाह पायल!! तेरा बाय्फ्रेंड भी हो गया. और तू तो पहचान मे भी नही आ रही हैं. काफ़ी चेंज हो गयी हैं. लगता हैं बड़ा स्पेशल मिला हैं तुझे..
मेरी ओर देखते हुए वो कहने लगी. मुझे हँसी आ गयी,' बेचारी, मुझे पायल का बाय्फ्रेंड समझ रही है.'..मैं कुछ कहूँ उससे पहले ही पायल बोल पड़ी;
पायल: हां! अब सब को ही किसी की ज़रूरत होती हैं ना! 
पायल ने मेरा हाथ अपने हाथो मे लेते हुए कहा;
पायल: इनफॅक्ट आज हमारी 2न्ड एनिवर्सरि हैं. 
पायल ने मुझे एक स्माइल देते हुए कहा और मैं वहाँ पागल की तरह खड़ा था जो सदमे मे हो. घंटा समझ नही आ रहा था. 
रोहिणी: लकी गर्ल पायल!
रोहिणी ने मुझे उपर से नीचे देखते हुए कहा.
रोहिणी: ओह्ह.. बाइ दा वे, दिस ईज़ अक्षय. माइ लव!
अक्षय का तो जैसे बटन तबा दिया हो ऱोहिनि ने. जैसे ही रोहिणी ने ये कहा, अक्षय ने अपना लेफ्ट हॅंड आगे बढ़ाते हुए मुझसे शेक हॅंड किया. मैने उससे हाथ मिलाया और तभी मुझे याद आया कि अभी कुछ देर पहले यही हाथ रोहिणी की चूत से खेल रहा था. मेरा मूह अपने आप ही टेढ़ा हो गया, और पायल को ये बात ध्यान मे आ गयी. उसने एक हसी छोड़ते हुए मेरा हाथ वापिस अपने हाथो मे ले लिया और बोली;
पायल: हाँ..लकी तो हूँ ही मैं! वी शुड मीट अगेन रोहिणी..
रोहिणी: हाँ हाँ.. क्यू नही यार! लाइक डबल डेट. क्यू सम्राट?!
अब मैं कहता भी क्या? ऑप्षन ही नही था और कुछ 'हाँ' कहने के इलावा. सो बैल की तरह अपनी गर्दन हाँ मे हिलाते हुए मैने चुप रहना ही समझा. कुछ देर पायल और रोहिणी की बाते चली. मैं और अक्षय बस एक दूसरे को कभी कभार एक नज़र से देख लेते. बातो बातो मे ही मेरा ख़याल रोहिणी की तरफ गया और मैने देखा कि उसने स्कर्ट पहना हैं. मैने अपने आप से ही कहा;
' पर्फेक्ट ड्रेस हैं मूवी के लिए! ईज़ी आक्सेस..'
इंटर्वल ख़त्म हो गया और लाइट बंद होने लगी. हम ने रोहिणी और उसके 'अक्षय' को टाटा-बाइ बाइ कहा और अपनी सीट पर जाके बैठ गये. 
पायल: व्हाट आ कोयिन्सिडेन्स ना?
मे: हां वो सब तो ठीक हैं पायल, बट व्हाट दा हेल जस्ट हप्पनेड? मैं? तेरा बाय्फ्रेंड?
पायल ने मेरे होंठो पे अपनी उंगली रखते हुए;
पायल: षूऊऊऊऊऊऊ!!!! समझाती हूँ बाद मे. अब दे. क्या लाया खाने के लिए?
मैने ज़्यादा दिमाग़ ना लगाते हुए पायल के हाथ मे पॉपकॉर्न और संड्वीच दिया. आस एक्सपेक्टेड, पायल ने पॉपकॉर्न चूज़ की. मूवी दोबारा स्टार्ट हो गयी. मूवी मे एक स्वीट सा किस्सिंग सीन भी हैं रणबीर और इल्लियाना के बीच मे. हम मूवी देख रहे थे, मगर अजीब बात ये लगी कि रोहिणी पलट कर हमारी ओर देख रही थी. मैने भी एक पोलाइट स्माइल देते हुए आगे स्क्रीन की तरफ देखना ही सही समझा. मुझे सब कुछ अजीब लग रहा था. वोही लड़की जिसकी चूत मे मैं उसके बाय्फ्रेंड का हाथ जाते देख रहा था, पायल की फरन्ड निकली. उसी बाय्फ्रेंड का मैने वोही हॅंड शेक किया जो कुछ वक़्त पहले रोहिणी की चूत मे था. मैने ये सब बाते अपने दिमाग़ से निकालते हुए मूवी पर कॉन्सेंट्रेट किया. मैं नही चाहता था कि लंड महाराज दोबारा से खड़े हो जाए. मूवी के एंड मे रणबीर मर जाता हैं, थोड़ा सेनटी हो जाते हैं तब सब.खैर!! मूवी ख़त्म हो गयी. कॉपी हैं आक्च्युयली एक फ्रेंच मूवी की बट एक्सलेंट वर्क बाइ प्रियंका चोपड़ा. 

मूवी ख़त्म होने के बाद हम बाहर जाने के लिए निकलने लगे. वन्स अगेन. रोहिणी आंड 'अक्षय' हमारे सामने आ गये. दोनो लड़किया दोबारा से आगे चलने लगी और बाते करने लगी. मैं और अक्षय पीछे बॉडीगार्ड की तरह चलने लगे. ना मैं उससे बात कर रहा था ना वो मुझसे. फाइनली, हम थियेटर से बाहर निकले. उतने मे ही रोहिणी ने पायल से कहा;
रोहिणी: पायल! तेरे पास मेरा नंबर हैं या नही?
पायल: हाँ.. पुराना वाला हैं. चेंज की क्या?
रोहिणी: हाँ.. न्यू नंबर सेव कर ले ना.. 87********.. सेव किया??
अजीब बात ये थी कि उसने ये मेरी तरफ देखते हुए कहा.
पायल: अर्रे! यही तो नंबर हैं मेरे पास.
रोहिणी: ओह्ह्ह! कोई बात नही. कन्फर्म तो हो गया नंबर. सो कॉल मी! लेट्स मीट सम्टाइम..ओके?
पायल: हाँ हाँ.. शुवर यार!
रोहिणी: अर्रे? सम्राट तुम तो कुछ कहते ही नही. मिलना नही हैं क्या हम से?
रोहिणी ने एक स्माइल देते हुए पूछी;
मे: ऐसी कोई बात नही. पायल मिलेगी तो आ जाउन्गा ना मिलने..
रोहिणी: ओह्ह्ह...सच आ स्वीटी! जोरू का गुलाम ही मिला हैं तुझे तो पायल.
रोहिणी ने ज़ोर्से हँसते हुए कहा और पायल ने उसके हाथ पर एक हल्का पंच करते हुए कहा;
पायल: शट अप यार! तू भी ना.. सुंधरेगी नही.
मैने अकेशन को ठीक समझते हुए एक स्माइल दे दी दोनो लड़कियो को और मेरी कॉपी करते हुए अक्षय भी हँस पड़ा. फाइनली, हम सबने एक दूसरे को बाइ बाइ कहा. अक्षय ने के बार फिर से शेक हॅंड करते हुए मुझे"बाइ" कहा और हम अपनी अपनी राह पर चल पड़े. थोड़ा आगे जाते ही मैने पायल से कहा;
मे: हुफफफ्फ़!! मुझे तो लगा कि गूंगा हैं बेचारा. इनस्पाइर होने के लिए 'बरफी' देखने आया हो.
पायल मेरी तरफ हँसते हुए देखने लगी.
मे: ओके!! तो अब आप बताना चाहेगी कि आख़िर ये माजरा क्या हैं तो? और मैं अचानक आपका बाय्फ्रेंड कैसे बन गया?
पायल: हाँ हाँ..शांति रख. बताती हू. पहले तू बता, हम किस एरिया मे हैं अभी इस वक़्त?
मे: किस एरिया मे मतलब? फेम के पास.
पायल: अर्रे हाँ, उल्लू. बट एरिया कौनसा हैं?
मे: ये तो एमजी रोड हैं.
पायल: तेरा घर यहाँ से पास मे ही हैं ना?
मे: हन.. कुछ 2-3 किमी दूर होगा. क्यू?
पायल: घर नही दिखाएगा मुझे अपना?? 
मे: उसमे दिखाने जैसा क्या हैं?
पायल: अर्रे? तू मेरे घर आया हैं ना? अब मेरी बारी. चल चुप चाप.
अब मैं पायल से कहाँ बहस करता? मैने उसे एग्ज़िट गेट के पास खड़े रहने को कहा और बाइक लेने चला गया. बाइक निकाली और पायल के सामने जाकर खड़ा हो गया. वो बाइक पर दोनो टांगे एक साइड डाल कर लड़कियो की तरह बैठ गयी और हम निकल पड़े.
हम मेरे घर की ओर निकल पड़े. 2-3 किमी डिस्टेन्स कवर करने को टाइम ही कितना लगता हैं? ट्रॅफिक मे भी हम जल्दी ही पहुँच गये. मैने बाइक मेरे घर से कुछ दूरी पर रोक दी.
पायल: सम्राट? क्या हुआ? बाइक ऐसे बीचे मे ही क्यो रोक दी?
मे: रुक ज़रा 2 मिनट यही पे.
मैं बाइक से उतरा और पैदल ही मेरी घर की दिशा मे आगे गया और मैने आवाज़ लगाई;
मे: वॉचमन!!!
कुछ देर बाद घर के पीछे से हमारा वॉचमन आया,सदा! वो मुझे सलाम करते हुए बोला;
'जी भैया?? बुलाया आपने?'
मे: हाँ!
मैने अपने वॉलेट मे से उसे 200 रुपये दिए और ;
मे: ये लो 200 रुपये और 1 कोल्ड-ड्रिंक की बॉटल 1 लीटर की ,चिप्स और कुछ नाश्ता लेकर आना आते आते.
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11-01-2018, 12:17 PM,
#26
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
सदा पैसे लेकर निकल पड़ा. पायल दूर से ये सब देख रही थी. जब तक सदा आगे नही चला गया तब तक मैं वही खड़ा रहा और जो ही वो चला गया मैं बाइक के पास गया और बाइक स्टार्ट करके पायल को बैठने का इशारा किया. पायल बाइक पर बैठते हुए बोली;
पायल: वाह!! खातिरदारी होने वाली हैं लगता हैं आज.
मे: ह्म्‍म्म्म... 
मैने 'हाँ' मे सिर हिलाया और हम घर की ओर निकल पड़े. असल बात तो ये थी कि मैं नही चाहता था कि वॉचमन मुझे किसी लड़की को घर मे लाते हुए देख ले,इसलिए मैने उसे बाहर सामान लाने भेज दिया. मैने बाइक पार्क करदी, हेल्मेट लिया और पार्किंग से घर की एंट्री तक हम दोनो चलने लगे. पायल बड़ी खुश लग रही थी जैसे डिज़्नी वर्ल्ड आ गयी हो. वैसे देखा जाए तो पायल हमेशा ही खुश रहती थी, एक स्वीट सी स्माइल तो हमेशा रहती थी उसके चेहरे पर. मैने घर का दरवाजा खोला और;
मे: वेलकम मिस पायल.
पायल घर मे घुसते हुए चारो तरफ देखने लगी उसकी बड़ी बड़ी आखो से. गोल घूमते घूमते सारे घर का मुआयना कर रही थी वो. 
पायल: ओह्ह्ह... फाइनली मेरे मरने से पहले मैने श्री सम्राट की गुफा देख ली. तो ये हैं तेरा घर...
उसने मुझे छेड़ते हुए कहा. 
मे: हाँ. यही हैं मेरा ग़रीब-खाना. 
इतना कह कर मैं लिविंग रूम मे के सोफे पर बैठने ही वाला था कि;
पायल: अर्रे?? घर का टूर तो करा. ईडियट!
मैं बैठने से पहले ही खड़ा हो गया. मैने पायल को एक लुक देते हुए कहा;
मे: पधारिये मेडम!
पायल हँसते हुए आगे चल पड़ी. मैं उसे घर का टूर कराने लगा.
मे: लिविंग रूम तो तू देख ही चुके हैं. यहा साइड मे डाइनिंग रूम हैं. (थोड़ा आयेज जाकर) दिस ईज़ किचन. वहाँ राइट मे मम्मी पापा का बेडरूम हैं. ( बाद मे हम सीढ़ियो के पास आ गये और उपर चढ़ने लगे.पॅसेजवे मे खड़े होकर) ये हैं मेरा रूम, वहाँ पीछे हमारा बाथरूम.
पायल: हमारा?
मे: हाँ.. मैं और मेरी बेहन. 
पायल: ओह्ह हाँ.. आइ गेस आकांक्षा नाम हैं ना उसका?
मे: ह्म्‍म्म्म...
मैं पीछे हाथ बाँध कर खड़ा था और पायल हर एक चीज़ को डीटेल मे देख रही थी, घूम रही थी. घूमते घूमते वो आकांक्षा के दरवाजे के पास गयी और ऐसे ही कॅष्यूयली उसने डोर नॉब को घुमाने का ट्राइ किया..
मे: लॉक होगा.. रहने दे.
और उतने मे ही आकांक्षा की रूम का डोर खुल गया. मैं तो चौंक ही गया कि खुला कैसे रख दिया इसने डोर. 
पायल:ओह्ह..सॉरी!
पायल ने डोर बंद करते हुए कहा. और मेरे रूम की तरफ इशारा करते हुए बोली;
पायल: आंड दिस मस्ट बी दा ग्रेट सम्राट'स किंग्डम. राइट?
मैने एक स्माइल देते हुए उसे 'हा' कहा. 
मे: सो? टूर ओवर नाउ. चलो.
पायल: अर्रे? ऐसे कैसे? तूने तेरी रूम तो दिखाई ही नही.
मैं ऑनेस्ट्ली दिखाना भी नही चाहता था उसे मेरी रूम. आइ मीन इट्स आ गाइ रूम.
मे: मेरी रूम देख कर क्या करेगी तू? 
पायल: देखनी हैं मुझे. दिखा चुप चाप!
उसने मुझे डाट ते हुए कहा. मैने हार मान कर मेरी रूम का डोर अनलॉक किया और हम मेरी रूम मे घुस गये. मैने लाइट्स ऑन की;
पायल: लाइट्स डिम हैं क्या?
मे: नही.. मुझे कम लाइट ही पसंद हैं. वहाँ टेबल पर स्टडी लॅंप हैं. मुझे बोहोत रोशनी नही पसंद.
पायल: अच्छाअ!!?
पायल मेरे रूम मे घूमने लगी. आस पास देखने लगी. मेरी रूम मे दीवारो पर कुछ पंटिंग्स लगी थी. पायल एक पैंटिंग के सामने जाकर खड़ी हो गयी. एक शाम का नज़ारा था उस पैंटिंग मे. 
पायल:वाउ!! बड़ी सुंदर हैं ये तो. कहाँ से खरीदा तूने ये? 
मे: कही से नही. मैने बनाई हैं.
पायल चौक्ते हुए पीछे मूडी और;
पायल: शट अप! तूने बनाई हैं ये?? 
मे: इतना क्यू सर्प्राइज़ हो रही? क्यू? मैं आर्टिस्ट नही हो सकता..
पायल: हाँ. हो तो सकता हैं.. बहुत ही सुंदर पैंटिंग हैं ये.. बाकी सब भी तूने ही बनाई हैं ?
पायल ने पेंटिंग्स की ओर मुड़ते हुए कहा.
मे: ह्म्‍म्म्म!
पायल: बाप रे! मुझे तो पता ही नही था कि मेरा दोस्त इतना बड़ा कलाकार हैं..
पायल ने मेरे पास आते हुए कहा.
मे: दोस्त या बाय्फ्रेंड?
मैने पायल को टॉंट मारते हुए कहा. वो समझ गयी. 
पायल: हाँ हाँ याद हैं. टॉंट मारने की ज़रूरत नही.
मैं कुछ कहूँ उससे पहले ही डोर-बेल बज गयी.
मे: सदा होगा. रुक तू. मैं देख कर आता हू.
इतना कह कर मैं नीचे चला गया और दरवाजा ओपन किया. सदा ने फिर सलाम करते हुए मेरे हाथ मे बिल और समान से भरी कॅरी बॅग दे दी और कुछ बचे हुए पैसे. मैने समान लेते हुए उससे कहा;
मे: छुट्टे रख लो!
वो एक बार फिर सलाम करके चला गया. मैं डोर बंद किया और जो ही पीछे मुड़ा;
'ओह्ह्ह...फक!!!'
मेरी धड़कन ही रुक गयी हो मानो. पीछे मुड़ते ही पायल खड़ी थी. उसे अचानक देख कर मैं घबरा गया. मगर मेरी फट गयी ये देख कर पायल ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी,पेट पकड़ कर..
मे: क्या हँस रही? चुप बैठ.. कहा था ना वहीं रुक..
हसी के मारे पायल कुछ नही कह पा रही थी. मैं आगे बढ़ गया.
पायल: अर्रे ओये!! सॉरी बाबा.. आइ आम सॉरी...
मे: हसना बंद कर पहले
उतना कह कर मैं किचन मे चला गया. मेरे पीछे पीछे पायल भी आ रही थी. मैं कोल्ड-ड्रिंक निकाले, 2 ग्लासस मे 4 आइस-क्यूब्स डाले, कोल्ड-ड्रिंक के ग्लास भरे और चिप्स एक बोल मे डाले और पायल से कहा;
मे: चलो!! लिविंग रूम मे जाके बैठ ते हैं.
पायल ने हां मे मुन्डी हिलाते हुए चिप्स का बोल लिया और हम लिविंग रूम मे आ गये.
पायल: कब तक आएगे तेरे घर वाले?
मे: नेक्स्ट मंडे तक आ जाने चाहिए. 
पायल: ऐश हैं तेरी तो! अकेला लड़का, घर मे कोई नही.
मे: हाँ.. वो सब तो हैं. मगर तू जिस वजह से मुझे छेड़ रही हैं ना, वो वजह नही हैं. सो, शट अप!!
पायल: मैं कहाँ छेड़ रही हूँ तुझे? और कौनसी वजह? ज़रा मुझे भी तो पता चले.
पायल ने आखे मटकाते हुए कहा. मैं कन्फ्यूज़ हो गया था. पायल और मैं अच्छे दोस्त थे, मगर हम कभी इतने ओपन्ली नही बात करते थे हर टॉपिक के बारे मे. स्पेशली रिलेटेड टू अडल्ट टॉपिक्स!
मे: जाने दे, जाने दे!
पायल: अर्रे?? अब बता ना फट्टू.
मे: ओये?? फट्टू किसको बोली? चुप कर!
पायल: हाँ तो बता कि क्या कहना चाहता था तू??
मेरी भी हट गयी. मैने सोचा जब इसको सुनना ही हैं तो मैं क्यू टेन्षन लूँ? मैने भी कह दिया;
मे: लड़की! लड़की नही हैं.
पायल: हाँ तो मैं क्या बंदर दिखती हूँ क्या तुझे?
पायल ने मेरे आर्म पर पंच करते हुए कहा. 
मे: हाँ! तू लड़की ही हैं. मगर तेरी बात कुछ और हैं. 
पायल: क्या मतलब??
मे: च!!! जाने दे अब. पहले बता की ये 'बाय्फ्रेंड' का सीन क्या हैं?
पायल: हाँ हाँ बाबा! बताना ही पड़ेगा लगता है अब.
मैने उपर-नीचे अपनी मुन्डी हिलाते हुए पायल को एक लुक दिया.
पायल: ओके!! जैसा कि मैने तुझे बताया कि रोहिणी और मैं जूनियर कॉलेज मे साथ थे. 
मे: हाँ.. तो??
पायल: वेल!! वो पूरा सच नही था...
पायल ने ज़रा हिचकिचाते हुए कहा.
मे: मतलब? तूने झूठ बोला मुझसे??
पायल: नही नही.. मैने कोई झूठ नही कहा. रोहिणी और मैं सिर्फ़ जूनियर कॉलेज मे ही नही बल्कि 6थ स्ट्ड से एक ही स्कूल मे थे. डिविषन्स डिफ़्फरेंट थी मगर हम एक दूसरी को अच्छे से जानते थे.
मे: हाँ. तो??
पायल: तू चुप चाप सुनेगा या दूं एक रख के?? 
पायल ने मुझे थप्पड़ मारने का इशारा करते हुए कहा.
मे: ओके..सॉरी! प्ल्ज़ कंटिन्यू
पायल: तूने कभी ये बात नोटीस की हैं क्या कि तुम सब अपने अपने स्कूल फ्रेंड्स से मिलते हो मगर मैं कभी नही मिलती किसी से भी?
मैने पायल की बात पर थोड़ा गौर किया और तब मैने नोटीस किया कि आज तक ना पायल ने हमे कभी ये कहा कि वो उसके किसी दोस्त को मिलने जा रही हैं और ना कभी कोई उससे मिलने आया.. मानो किसी दूसरे शहर से आई हो पायल और किसी को नही जानती, सिवाय मेरे और कुछ कॉलेज फरन्डस के.
मे: ह्म्‍म्म.. नाउ दट यू मेन्षंड इट. अब मुझे भी वो बात ज़रा अजीब लग रही हैं. क्यू नही मिलती तू?
मैने ये सवाल पूछते ही पायल ज़रा सी सहम गयी. उसने उसके हाथ मे का ग्लास टेबल पर रखा, दोनो पैर उपर कर लिए और सोफे पर पालती मार के बैठ गयी और मेरी ओर एक गहरी नज़र से देखे हुए बोली;
पायल: मैं अभी जो तुझसे कहने जा रही हूँ सम्राट, वो कॉलेज मे कोई भी नही जानता. और मैं तुझ पर विश्वास करती हूँ इसलिए आज तुझे बताने जा रही हूँ.
लिविंग रूम मे की हवा गरम हो रही थी, दबाव महसूस कर रहा था मैं और पायल की आखो मे सॉफ दिख रहा था कि कुछ तो बोहोत बड़ा राज़ वो अंदर छुपाके बैठी हैं. कुछ ऐसा जो उसे बोहोत दर्द देता हैं. मौके की नज़ाकत को समझते हुए मैने भी अपना ग्लास टेबल पर रखा और सोफे की एड्ज पर बैठ ते हुए मैने पायल का हाथ अपने हाथ मे लिया और उसकी आखो मे देखते हुए एक स्माइल के साथ कहा;
मे: यू कॅन ऑल्वेज़ ट्रस्ट मी पायल!
पायल ने एक गहरी सास ली, मानो कोई पत्थर दिल से हटा रही हो और बोली;
पायल: मैं जब 8थ मे थी, तब.......
मैने पायल के हाथ पर पकड़ और मज़बूत कर दी, जैसे उसे कह रहा हूँ कि;
'आइ आम हियर फॉर यू!'
पायल: तब....तब मेरा रेप हुआ था सम्राट!

पायल के वो शब्द मेरे कान मे जैसे काटो की तरह चुभे.. मुझे उसकी बात सुन कर इतना शॉक लगा कि मैं सोफा पर से उठ खड़ा हुआ. अंजाने मे ही मेरे मूह से निकल पड़ा;
'रेप??!!'
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11-01-2018, 12:17 PM,
#27
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
मेरी आवाज़ मे कंपन पायल और मैं दोनो सॉफ महसूस कर रहे थे. मैं सपने मे भी नही सोच सकता था कि मेरी दोस्त, इतने बड़े हादसे की शिकार हो सकती हैं. मैं पायल के सामने ज़मीन पर घुटनो के बल बैठ गया और उसके हाथो को अपने हाथ मे कस्स के जाकड़ लिया मैने.. मेरी इस हरकत को देख कर पायल मेरी आखो मे देखने लगी और एक मद्धम सी स्माइल के साथ उसने मुझसे कहा;
पायल: आगे नही सुनना!??
मैं नही चाहता था कि पायल को पुराने जख्म कुरेदने पर दर्द हो इसलिए मैने चुप रहना ही सही समझा. पायल ने मेरे हाथो को अब खुदके हाथ मे लेकर वो भी सोफे से नीचे उतर कर ज़मीन पर मेरे साथ बैठ गयी और बोली;
पायल: मैं चाहती हूँ कि तुम पूरी सच्चाई जानलो सम्राट.

और मेरे कुछ कहने से पहले ही पायल ने अपनी कहानी बताना शुरू की;

पायल: जैसा कि मैने कहा कि मैं 8थ स्ट्ड मे थी,तबकि बात हैं ये. मैं पहले ऐसी नही थी सम्राट जैसी तुमने मुझे आज तक देखा हैं. मैं बचपन से ही ऐसी थी जैसे आज तुम मुझे देख रहे हो.
मैं पायल की बात को सुन रहा था मगर तुझसे नही पा रहा था.
पायल: एक लड़की! आज सुबह तुमने ही कहा था सम्राट कि मैं आज बिल्कुल एक लड़की दिख रही हूँ. मैं हमेशा से ऐसी ही थी. लंबे लंबे बाल, लड़कियो जैसे कपड़े पहना करती थी मैं और तुम मानो या ना मानो, नज़ाकत भी लड़कियो जैसी ही थी मुझमे. 
अब मैं पायल की बातो को गौर से सुनने लगा था. हम दोनो के हाथ अब भी एक दूसरे से बँधे हुए थे.
मे: फिर क्या हुआ?
पायल: जैसा कि मैने कहा की 8थ स्ट्ड की बात हैं. मेरी स्कूल मे मेरी सभी लड़कियो से दोस्ती थी, सिवाय कुछ 3-4 आरोगेंट लड़कियो के. बिचस!!
मे: ओहू! आगे?
पायल: उन बिचस मे से एक लड़की थी जो मुझसे बेहद नफ़रत करती थी. मुझे ये आज तक नही पता चला कि आख़िर उसकी प्राब्लम क्या थी मुझसे. दीपिका नाम था उसका. दीपिका और उसकी 3 और सहेलिया थी जो हमेशा नाक चढ़ा कर रहा करती थी. एक दिन की बात हैं. रिसेस के वक़्त हम सभी लड़किया खेल रही थी ग्राउंड पे. मैं भी खेल रही थी. तभी अचानक साधना नाम की लड़की जो दीपिका की ही सहेली थी,मेरे पास आई और मुझसे बोली;
साधना: पायल! तेरी मम्मी आई हैं. चल जल्दी. क्लासरूम मे वेट कर रही हैं तेरा.
पायल:मम्मी का नाम सुन कर मैं जल्दी से ग्राउंड पर से निकल पड़ी. रिसेस मे क्लास मे कोई नही रहता कभी भी. मैं क्लास मे पहुँची तो मुझे वहाँ कोई नही दिखा. मैने पीछे मूड कर देखा तो साधना भी गायब थी. मुझे लगा कि ये ज़रूर उस कामिनी दीपिका की शरारत होगी. 
मैं ध्यान से पायल की बाते सुन रहा था.
पायल: मैं वहाँ से निकल पड़ी. हमारा क्लासरूम 2न्ड फ्लोर पर हैं. मैं जल्दी से वापिस ग्राउंड पर जाना चाहती थी और उस कामिनी को सबक सीखाना चाहती थी. मैं तेज़ कदमो से आगे आगे बढ़ रही थी और चलते चलते मैं स्टेरकेस के पास पहुँची और इससे पहले मैं कुछ और जान पाउ की आख़िर हो क्या रहा हैं मैने आपना पैर फिसलते हुए महसूस किया. ज्यों मैं स्लिप हुई मैं सीधा 4 स्टेर्स नीचे गिरी और नीचे लुढ़कति ही चली गयी. 
मे: ओह्ह बाप्रे! कहाँ लगी तुझे?
मेरे इस सवाल का पायल ने कोई जवाब नही दिया तो मैने दोबारा पूछा कि;
मे: कहाँ लगी तुझे बताएगी??
पायल ज़मीन की ओर देख रही थी और तभी मुझे एक सिसकी सुनाई पड़ी.
मे: अर्रे?? पायल?? पायल! रो क्यूँ रही तू??
मैने पायल का चेहरा उपर उठाते हुए कहा उससे. पायल की आखे भर आई थी.
मे: क्या हुआ बता मुझे? रो क्यूँ रही है? बोल!!
पायल: जब मुझे होश आया तो मैने देखा कि दीपिका और उसकी फरन्डस उपर खड़ी होकर हँस रही हैं मुझे देख कर. मगर उस वक़्त मुझे बहुत दर्द हो रहा था. पहले मुझे एहसास हुआ कि मेरे पैर मे चोट आई हैं..मैने अपनी स्कर्ट ज़रा सी उपर की ताकि देख सकूँ की चोट कहाँ आई हैं. मगर मुझे कुछ दिखाई नही पड़ा. मैं रो रही थी. बहुत दर्द हो रहा था और डर ये था कि मैं नही समझ पा रही थी कि कहाँ दर्द हो रहा हैं. मैने उठने की कोशिश की और गिर पड़ी. गिरने की वजह से मेरी स्कर्ट और ज़रा उपर चढ़ गयी और उस वक़्त.......
मे: क्या पायल???! क्या हुआ था?
अब पायल की आखो से आसू निकलने लगे. वो सिसकाते हुए बड़ी हिम्मत से बोली;
पायल: सस्सस्स.....म..मैने जब अपनी नंगी टाँग को देखा...तो... तो...
मे: हाँ पायल..तो?
पायल: मुझे मेरी टाँगो पर खून दिखा... और वो खून मेरे पैर मे से नही निकल रहा था सम्राट! दर्द से जान जा रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने निव घुसा दिया हो मेरे अंदर.. ....
पायल की बात सुन कर मेरी आखे फटने लगी.. मेरे मूह से अचानक निकल गया;
मे: तो...तो..क.क्या??
इतना कह कर मैने पायल की कमर की ओर देखा और वो समझ गयी कि मैं क्या कह रहा हूँ.
पायल: हाँ सम्राट!! सही समझा तूने. एक लड़की को जो सबसे इंपॉर्टेंट होती हैं,वो चीज़ मुझसे उस दिन छीन ली गयी. मैं वहाँ दर्द से रो रही थी और दीपिका और उसकी फरन्डस उपर हँस रही थी. मैं अपनी स्कर्ट भी नीचे नही कर पाई और उनके सामने सब कुछ खुला था. मैं ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी..'हेल्प!! हेल्प!!', मेरी आवाज़ सुन कर पीयान आई और उसने मुझे उठाकर फर्स्ट-एड रूम मे ले गयी.
मैने पायल के हाथ को और जाकड़ लिया. पायल रोते हुए भी मुस्कुराते हुए बोली;
पायल: स्कूल वालो ने मेरी मम्मी को कॉल किया और मम्मी मुझे घर ले गयी.. 
मैं सवालिया नज़रों से देख रहा था पायल. असल मे मैं समझ नही पा रहा था कि इसमे रेप जैसा क्या हैं और वो बात पायल समझ गयी थी. 
पायल: मैं 4 दिन बाद जब स्कूल आई तो सब लोग मुझे अजीब तरीके से देख रहे थे. मैं समझ नही पा रही थी. मैं क्लास मे आई और बेंच पर बैठी,तो मेरी साइड मे की लड़की उठ कर दूसरे बेंच पर जा बैठी. पूरा दिन सब मुझे घूर रहे थे. मैं अपनी बेस्ट फरन्ड,निशा के पास गयी और मैने उससे पूछा;
पायल: 'निशा? ये सब मुझे ऐसा क्यू देख रहे हैं??'. मगर निशा कुछ नही बोली. मैने गुस्से मे आके उसकी बाह पकड़ी और दोबारा पूछा तब वो खुद रोते हुए बोली;
निशा: क्योकि तेरा रेप हुआ हैं पायल!
पायल: क्या???
पायल किसी अंजान चीज़ को घूरते हुए आगे कहने लगी कि;
पायल: जब मैने निशा से पूछी तब पता चला कि दीपिका और उसकी फरन्डस ने सारे स्कूल मे ये बात फैला दी कि मेरा रेप हुआ हैं. इतना भद्दा मज़ाक बन गयी थी मैं सम्राट.
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11-01-2018, 12:17 PM,
#28
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
अब पायल फुट फुट कर रो रही थी. मैने उसे कासके गले लगा लिया और उसके बालो पर से हाथ फेरने लगा..
मे: शूओ!! ना.. रोते नही पायल!! प्लीज़.. रो मत...
पायल झट्के दे देकर रो रही थी. जैसे आज भी उसका जख्म ताज़ा हो.
पायल: आज भी दर्द होता हैं सम्राट.. जान जाती हैं मेरी. उस लड़की ने मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी. सब मुझसे दूर रहने लगे. कोई बात नही करता था मुझसे. बात फैलते फैलते दूसरे स्कूल्स मे भी फैल गयी. 
पायल मुझसे झट्के से अलग होते हुए बोली;
पायल: अब तू ही बता सम्राट!! कौन लड़का एक रेप हुई लड़की से प्यार करेगा? कौन मुझसे दोस्ती करता? अर्रे प्यार तो दूर, लड़के मुझसे बात तक नही करते थे सम्राट.. जीते जी मर गयी हूँ मैं.
मैने पायल के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा;
मे: ऐसा नही हैं पायल..
और तब पायल की आखे गुस्से से लाल हो गयी और वो मेरी ओर देखते हुए बोली;
पायल: ऐसा नही तो आज तक मेरा कोई बाय्फ्रेंड क्यूँ नही हैं सम्राट? कोई क्यू नही चाहता कि मुझसे प्यार करे? ये जिस्म भी किसी काम का नही सम्राट,क्योकि रूह मर गयी हैं मेरी..जवाब दे मेरी बात का...!
उसका सवाल मेरी आत्मा को छलनी-छलनी कर गया. कोई जवाब नही दे पा रहा था मैं उसका. ज़बान एक बार फिर से बेजान हो गयी थी...

मुझे समझ नही आ रहा था कि आख़िर मैं कहूँ तो क्या कहूँ? उसके सवाल का मेरे पास कोई भी जवाब नही था. ना चाहते हुए भी मुझे पायल की बात सही लग रही थी. मैं जबसे उसे जानता हूँ तबसे आज तक मैने उसके मूह से कभी भी बाय्फ्रेंड का नाम तक नही सुना था. कहता भी तो क्या कहता.. मेरे होंठो पर मौजूद चुप्पी को पायल समझ गयी और बोली;
पायल: हुहह.. थॉट सो! कोई जवाब नही ना? आज खुद तू भी मुझे पहचान नही पाया था जब तूने मुझे सुबह कॉर्नर पर देखा और जिस तरह से तू मुझे देख रहा था मैं भी सॉफ समझ रही थी कि आज मैं ना सिर्फ़ अलग दिख रही हूँ बल्कि तुझे पसंद भी आ गयी मैं.
मैं पायल की बात से सुध मे आया 
मे: पायल! ऐसा नही हैं. तुझे मैं पहले से ही पसंद करता हूँ. इट्स जस्ट दट यू वर लुकिंग अलॉट डिफ़्फरेंट दॅन यूषुयल. तुझमे लाइक करने जैसा क्या नही हैं? तू स्वीट हैं, दिल की सॉफ हैं, प्यारी प्यारी बाते करती हैं और जैसा कि तू समझ ही गयी हैं कि आज तू एक दम खूबसूरत और हॉट दिख रही हैं. किसी और लड़के को एक लड़की मे और क्या चाहिए?
पायल ने सारकॅसटिक हसी छोड़ते हुए मुझसे कहा;
पायल: सच कहा तूने सम्राट. 'किसी' और लड़के को इससे ज़्यादा क्या चाहिए? मैं ही बेवकूफ़ थी जो समझ नही पाई.
पायल ऐसा अचानक से क्यू कहने लगी वो तो मुझे समझ नही आया, मगर वो अब और भी ज़्यादा सीरीयस हो गयी हैं ये बात मैं अच्छे से समझ गया था.
मे: देख पायल! तुझमे कोई कमी नही हैं. ये बात मैं सच्चे दिल से कह रहा हूँ. तुझसे अच्छी लड़की किसी को नही मिल सकती और मैं वादा करता हूँ कि तुझे हर वो खुशी मिलेगी जो एक लड़की चाहती हैं, इरेस्पेक्टिव टू युवर पास्ट!
मैने ये सब एक ही साँस मे पायल की आखो मे देखते हुए कह दिया.
पायल: अच्छा ठीक हैं. जब मैं इतनी ही अच्छी हूँ, सुंदर हूँ, हॉट हूँ, स्वीट हूँ तो आख़िर मुझमे ऐसी क्या कमी हैं? बता!!
मे: अर्रे? मैने कहा ना तुझमे कोई कमी नही हैं... मानती क्यूँ नही?
पायल: जब मुझमे कोई कमी नही हैं तो आख़िर तू क्यू नही समझता ये बात?
पायल की बात सुन कर मेरे जिस्म पर जैसे काटे आ गये. मुझे वरुण की वो बात याद आ गयी जो उसने पायल से कही थी कि वो मुझे पसंद करती हैं. तब मुझे लगा था कि वो ज़रूर वरुण का बेतूका वेहम था. मगर...क्या सच मे?? 
मे: म...म्माि...मैं??
पायल: हाँ.. तू!! बता मुझे कि तुझे मुझमे क्या कमी दिखाई देती हैं ऐसी कि तूने मुझे कभी उस नज़र से देखा ही नही?? हुहह? नेहा से तेरा ब्रेक अप होने को अभी ऑलमोस्ट 6 मंत्स हो गये हैं. इन्न 6 मंत्स मे तुझे ये एहसास कभी नही हुआ कि शायद मैं तुझे पसंद करती हूँ? बोल.......
पायल की आखो के आसू अब सूख गये थे मगर अब भी मैं महसूस कर सकता था कि वो तक़लीफ़ मे हैं. कुछ वक़्त मैं कुछ कह ही नही पाया.
पायल: बोल!!!
मे: ऐसा नही हैं पायल. आइ लाइक यू. हमेशा से ही पसंद किया हैं मैने तुझे..बट.
पायल: बट व्हाट??
पायल का गुस्सा मैं महसूस कर पा रहा था.
पायल: व्हाट?? आम आइ नोट गुड एनफ फॉर यू? 
मे: क्या? तू ये सब क्या बके जा रही हैं? देख पायल, इट्स नोट अबाउट यू.. तू जैसी हैं, बेस्ट हैं. 
पायल: फिर?? ऐसा क्यू सम्राट? क्यू ये बात वरुण जैसे बेवकूफ़ को समझ आ गयी मगर आज तक तेरे समझ मे नही आई दट आइ लाइक यू मोर दॅन आ फ्रेंड!
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11-01-2018, 12:18 PM,
#29
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
अब मामला हाथ से बाहर जाता दिखाई पड़ रहा था मुझे. गुत्थी और उलझती ही जाने लगी. मैने पायल की आखो मे देखते हुए कहा;
मे: फॉर दा लास्ट टाइम पायल! तू जो कह रही हैं वो सब सच नही हैं. बिल्कुल भी नही. और मैं समझ नही पाया कि तू मुझे पसंद करती हैं इसका मतलब ये नही कि कोई और नही करेगा और ना ही ये कि मैं तुझे पसंद नही करता हूँ. आइ लाइक यू. बट आइ डोंट लव यू.
पायल अब एक झट्के मे अपनी जगह से उठ कर खड़ी हो गयी और मेरी ओर घूर्ने लगी. उसकी वो बड़ी बड़ी आखे, भीगी हुई थी. उसके गुलाबी होंठ ज़रा से खुले हुए थे. कुछ अजीब था उन होंठो मे. उन्हे देख कर मेरे होंठ सुख रहे थे. जैसे....जैसे पानी का झरना हो उन होंठो मे जिसे मैं सदियो से ढूँढ रहा हूँ. पायल खड़ी होकर कुछ कह रही थी मगर मैं तो कुछ सुन भी नही रहा था. बस उसकी ओर देखे जा रहा था. मैं सोफे पर बैठा था और पायल ठीक मेरे आगे खड़ी थी. मैं चाह कर भी सिर्फ़ उसके चेहरे की ओर नही देख रहा था, बल्कि मेरी नज़र धीरे धीरे नीचे जाने लगी थी. उसकी क्यूट सी चिन से नीचे होते हुए मोरनी जैसी उसकी नेक और फिर उसके वो बड़े ही मादक बूब्स जो ठीक मेरी आइ-लेवेल पर थे....
पायल: ...........सुना तूने??
मे: हुहह?? क्या?
पायल: आइ आम लीविंग..बाइ!
इतना सुनने के बाद मैं होश मे आया और सोफा पर से खड़ा हो गया. पायल वहाँ से जाने के लिए मूडी और जैसे ही वो मूडी, ऑटमेटिकली मेरा हाथ आगे बढ़ गया और मैने पायल की कलाई पकड़ ली. आहह! उसकी मखमल जैसी कलाई मेरे मज़बूत हाथों मे थी और पायल चाह कर भी आगे नही बढ़ पाई. 
पायल: अया..! पतच.. सम्राट. लेट मी गो! 
मैने पायल की बात का कोई जवाब नही दिया. मैं मानो एक अजीब से नशे मे था. मेरे हाथ पर मेरा खुद का काबू नही था. वो अपने आप ही चल रहे थे. मैं सिर्फ़ महसूस कर रहा था जो हो रहा हैं वो,कंट्रोल नही. और इससे पहले मैं कुछ और समझ पाता, मेरे हाथ ने पायल का हाथ को खीच लिया और;
‘धाप्प’
पायल का सीना मेरे सीने से टकरा गया. मैं महसूर कर पा रहा था पायल की गरम साँसे मेरे सीने पर. अब भी उसका हाथ मेरे हाथ मे ही था. वो मेरे आखों मे देख रही थी और मैं उसकी आखो मे कुछ ढूँढ रहा था. क्या ढूँढ रहा था? ये बात मैं नही जानता. वो अपनी कलाई छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, मगर मेरे हाथ से निकाल नही सकती थी वो अपना हाथ. कुछ 40-50 सेकेंड्स तक उसकी वो कोशिश जारी रही और बाद मे वो शांत हो गयी. मुझे जैसे इसीका इंतेज़ार था कि कब वो अपनी इन नाकाम कोशिशो को बंद करे और;
मे: सो? यू लाइक मी?
मैने पायल की गहरी काली आखों मे झाँकते हुए उससे पूछा और जैसा कि मैने एक्सपेक्ट किया था पायल के होंठ कुछ ना कह पाए. पायल की साँसे अब तेज़ होने लगी थी.. उसका सीना मेरे सीने से भीड़ा हुआ था और मैं महसूस कर रहा था उसके बेहद सॉफ्ट बूब्स को अपने मज़बूत और विशाल चेस्ट पर. किसी तरह से पायल लड़खड़ाते हुए बोली;
पायल: स...सस्स..सम्र..सम्राट.. 
मे: अब बोल कुछ? 
चुप्पी! ना वो कुछ कह रही थी और ना मैं कुछ सुनना चाहता था. और शायद इसी वजह से मैं ज़रा आगे झुक गया और मेरे प्यासे होंठो ने उसके कोमल, रसीले,गीले और गुलाबी होंठो पर दस्तक दे दी........

पायल के होंठ मेरे होंठो से मिल गये. एक धीमी सी हलचल महसूस कर रहा था मैं. उसके वो रसीले होंठ. मैं पायल के उभारो को सा महसूस कर रहा था. धीमे धीमे उसकी साँस तेज़ होती जा रही थी और हर साँस के साथ उसके बूब्स मेरे चेस्ट मे और गहरे गढ़ते जा रहे थे. उसके होंठो का कंपन मैं सॉफ महसूस कर रहा था. ऐसा कंपन जो किसी गरम लोहे पर ठंडे पानी की बूंदे डालने पर पैदा होता हैं. पायल का दिमाग़ चाह रहा था कि अपने होंठो को अलग कर ले, मगर आज उसका जिस्म उसके काबू मे नही था और इसकी गवाही उसके होंठो ने थोड़ा सा और खुल के दे दी. मैने अपने होंठो को और ज़ोर से उसके होंठो पर दबा दिया और हम अब एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे. अब लिविंग रूम मे होंठो के भीड़ने की आवाज़े घूमने लगी थी. जो हल्का सा विरोध मुझे पहले पायल की ओर से देखनेको मिला था वो अब पूरी तरह से गायब हो गया था और अब वो मेरे आगोश आ गयी थी. ये बात मैं भी जानता था और वो भी जानती थी. गहरी चुस्कियो के साथ मैं पायल के होंठो का रस पीते जा रहा था और बदले मे वो एक कभी ना रुकने वाले झरने की तरह मुझे अपना रस पिला रही थी. हम दोनो नही चाहते थे कि वो किस कभी ख़त्म हो, हमारे होंठ कभी भी अलग हो. यहाँ तक की साँस लेने के लिए भी हम ने रुकना सही नही समझा. पायल अब पूरे जोश मे मेरे होंठो को चूस रही थी. और उस वजह से उसके होंठ अब पूरी तरह से खुल चुके थे. मौका देख कर मैने अपनी जीभ उसके मूह मे डाल दी. मेरे इस सडन मूव से पायल ज़रा सा चौक गयी और उसकी आखे खुल गयी. जैसे ही उसके आखे खुली,पता नही उसे क्या हुआ और उसने अपने होंठ मुझसे अलग कर लिए. मुझे लगा कि मैने लाइन क्रॉस कर दी. मेरा दिल अब ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा.
मैने पायल की ओर देख कर मानो सवालिया नज़रों से ही आखो-आखो मे पूछा कि,'व्हाट हॅपंड?'

और बदले मे वो मुझे अपनी बड़ी बड़ी आखे और फाड़ कर देखने लगी. मुझे लगने लगा था कि आख़िर मैने ऐसा क्या कर दिया जो पायल इस तरह से रिक्ट कर रही हैं. मैने सोचा की शायद सॉरी कह दूं तो ये मुझे माफ़ कर देगी. रूम मे बिल्कुल सन्नाटा सा फैल गया था. 
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11-01-2018, 12:19 PM,
#30
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
अब मामला हाथ से बाहर जाता दिखाई पड़ रहा था मुझे. गुत्थी और उलझती ही जाने लगी. मैने पायल की आखो मे देखते हुए कहा;
मे: फॉर दा लास्ट टाइम पायल! तू जो कह रही हैं वो सब सच नही हैं. बिल्कुल भी नही. और मैं समझ नही पाया कि तू मुझे पसंद करती हैं इसका मतलब ये नही कि कोई और नही करेगा और ना ही ये कि मैं तुझे पसंद नही करता हूँ. आइ लाइक यू. बट आइ डोंट लव यू.
पायल अब एक झट्के मे अपनी जगह से उठ कर खड़ी हो गयी और मेरी ओर घूर्ने लगी. उसकी वो बड़ी बड़ी आखे, भीगी हुई थी. उसके गुलाबी होंठ ज़रा से खुले हुए थे. कुछ अजीब था उन होंठो मे. उन्हे देख कर मेरे होंठ सुख रहे थे. जैसे....जैसे पानी का झरना हो उन होंठो मे जिसे मैं सदियो से ढूँढ रहा हूँ. पायल खड़ी होकर कुछ कह रही थी मगर मैं तो कुछ सुन भी नही रहा था. बस उसकी ओर देखे जा रहा था. मैं सोफे पर बैठा था और पायल ठीक मेरे आगे खड़ी थी. मैं चाह कर भी सिर्फ़ उसके चेहरे की ओर नही देख रहा था, बल्कि मेरी नज़र धीरे धीरे नीचे जाने लगी थी. उसकी क्यूट सी चिन से नीचे होते हुए मोरनी जैसी उसकी नेक और फिर उसके वो बड़े ही मादक बूब्स जो ठीक मेरी आइ-लेवेल पर थे....
पायल: ...........सुना तूने??
मे: हुहह?? क्या?
पायल: आइ आम लीविंग..बाइ!
इतना सुनने के बाद मैं होश मे आया और सोफा पर से खड़ा हो गया. पायल वहाँ से जाने के लिए मूडी और जैसे ही वो मूडी, ऑटमेटिकली मेरा हाथ आगे बढ़ गया और मैने पायल की कलाई पकड़ ली. आहह! उसकी मखमल जैसी कलाई मेरे मज़बूत हाथों मे थी और पायल चाह कर भी आगे नही बढ़ पाई. 
पायल: अया..! पतच.. सम्राट. लेट मी गो! 
मैने पायल की बात का कोई जवाब नही दिया. मैं मानो एक अजीब से नशे मे था. मेरे हाथ पर मेरा खुद का काबू नही था. वो अपने आप ही चल रहे थे. मैं सिर्फ़ महसूस कर रहा था जो हो रहा हैं वो,कंट्रोल नही. और इससे पहले मैं कुछ और समझ पाता, मेरे हाथ ने पायल का हाथ को खीच लिया और;
‘धाप्प’
पायल का सीना मेरे सीने से टकरा गया. मैं महसूर कर पा रहा था पायल की गरम साँसे मेरे सीने पर. अब भी उसका हाथ मेरे हाथ मे ही था. वो मेरे आखों मे देख रही थी और मैं उसकी आखो मे कुछ ढूँढ रहा था. क्या ढूँढ रहा था? ये बात मैं नही जानता. वो अपनी कलाई छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, मगर मेरे हाथ से निकाल नही सकती थी वो अपना हाथ. कुछ 40-50 सेकेंड्स तक उसकी वो कोशिश जारी रही और बाद मे वो शांत हो गयी. मुझे जैसे इसीका इंतेज़ार था कि कब वो अपनी इन नाकाम कोशिशो को बंद करे और;
मे: सो? यू लाइक मी?
मैने पायल की गहरी काली आखों मे झाँकते हुए उससे पूछा और जैसा कि मैने एक्सपेक्ट किया था पायल के होंठ कुछ ना कह पाए. पायल की साँसे अब तेज़ होने लगी थी.. उसका सीना मेरे सीने से भीड़ा हुआ था और मैं महसूस कर रहा था उसके बेहद सॉफ्ट बूब्स को अपने मज़बूत और विशाल चेस्ट पर. किसी तरह से पायल लड़खड़ाते हुए बोली;
पायल: स...सस्स..सम्र..सम्राट.. 
मे: अब बोल कुछ? 
चुप्पी! ना वो कुछ कह रही थी और ना मैं कुछ सुनना चाहता था. और शायद इसी वजह से मैं ज़रा आगे झुक गया और मेरे प्यासे होंठो ने उसके कोमल, रसीले,गीले और गुलाबी होंठो पर दस्तक दे दी........

पायल के होंठ मेरे होंठो से मिल गये. एक धीमी सी हलचल महसूस कर रहा था मैं. उसके वो रसीले होंठ. मैं पायल के उभारो को सा महसूस कर रहा था. धीमे धीमे उसकी साँस तेज़ होती जा रही थी और हर साँस के साथ उसके बूब्स मेरे चेस्ट मे और गहरे गढ़ते जा रहे थे. उसके होंठो का कंपन मैं सॉफ महसूस कर रहा था. ऐसा कंपन जो किसी गरम लोहे पर ठंडे पानी की बूंदे डालने पर पैदा होता हैं. पायल का दिमाग़ चाह रहा था कि अपने होंठो को अलग कर ले, मगर आज उसका जिस्म उसके काबू मे नही था और इसकी गवाही उसके होंठो ने थोड़ा सा और खुल के दे दी. मैने अपने होंठो को और ज़ोर से उसके होंठो पर दबा दिया और हम अब एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे. अब लिविंग रूम मे होंठो के भीड़ने की आवाज़े घूमने लगी थी. जो हल्का सा विरोध मुझे पहले पायल की ओर से देखनेको मिला था वो अब पूरी तरह से गायब हो गया था और अब वो मेरे आगोश आ गयी थी. ये बात मैं भी जानता था और वो भी जानती थी. गहरी चुस्कियो के साथ मैं पायल के होंठो का रस पीते जा रहा था और बदले मे वो एक कभी ना रुकने वाले झरने की तरह मुझे अपना रस पिला रही थी. हम दोनो नही चाहते थे कि वो किस कभी ख़त्म हो, हमारे होंठ कभी भी अलग हो. यहाँ तक की साँस लेने के लिए भी हम ने रुकना सही नही समझा. पायल अब पूरे जोश मे मेरे होंठो को चूस रही थी. और उस वजह से उसके होंठ अब पूरी तरह से खुल चुके थे. मौका देख कर मैने अपनी जीभ उसके मूह मे डाल दी. मेरे इस सडन मूव से पायल ज़रा सा चौक गयी और उसकी आखे खुल गयी. जैसे ही उसके आखे खुली,पता नही उसे क्या हुआ और उसने अपने होंठ मुझसे अलग कर लिए. मुझे लगा कि मैने लाइन क्रॉस कर दी. मेरा दिल अब ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा.
मैने पायल की ओर देख कर मानो सवालिया नज़रों से ही आखो-आखो मे पूछा कि,'व्हाट हॅपंड?'

और बदले मे वो मुझे अपनी बड़ी बड़ी आखे और फाड़ कर देखने लगी. मुझे लगने लगा था कि आख़िर मैने ऐसा क्या कर दिया जो पायल इस तरह से रिक्ट कर रही हैं. मैने सोचा की शायद सॉरी कह दूं तो ये मुझे माफ़ कर देगी. रूम मे बिल्कुल सन्नाटा सा फैल गया था. 
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