vasna kahani आँचल की अय्याशियां
12-08-2018, 01:04 PM,
#31
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
रूम बुक करने के बाद ख़ान ने रिसेप्शन से चाबी ली और वो तीनो लिफ्ट में आ गये. लिफ्ट में उस समय उन तीनो के अलावा और कोई नही था. बंसल ने लिफ्ट में आँचल के ब्लाउज के बाहर से ही उसके बूब्स को अपने मुँह में भर लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.

“उफ़फ्फ़…उम्म्म…मिस्टर बंसल…” आँचल सिसकी.

“बंसल ज़रा ठहर जाओ. क्या जल्दी है ? कोई देख लेगा.” ख़ान ने बंसल के उतावलेपन को देखते हुए थोड़ा नाराज़गी से कहा.

रूम मे अंदर जाने के बाद दोनो ने मादक आँचल के कपड़े उतारने में ज़रा भी देर नही की और जल्दी ही वो दोनो भी अपने कपड़े उतारकर नंगे हो गये.

ख़ान ने आँचल की चूत में हाथ लगाया, चूत को बहुत गीली देखकर उसे आश्चर्य हुआ. आँचल की चूत उभरी हुई थी और उसकी चूत के होंठ फूले और खुले हुए थे. ख़ान ने उसके तने हुए क्लिट को अपनी उंगलियों से छुआ.

“ओह्ह ….प्लीज़ चोदो ….चोदो मुझे…” आँचल ज़ोर से सिसकी.

आँचल को गीली और चुदाई के लिए तैयार देखकर ख़ान ने फोरप्ले में टाइम वेस्ट नही किया. वो सोफे में बैठ गया और आँचल को अपनी गोद में मुँह आगे को करके बिता दिया. आँचल की पीठ उसकी छाती की तरफ थी. फिर उसने आँचल की दोनो टाँगे आपस में मिलाकर ऊपर को उठा दी. और अपने खड़े लंड को आँचल की तड़पती चूत में डाल दिया. आँचल को घुटनो से पकड़कर उसने थोड़ा ऊपर को उठाया और अपना लंड चूत के अंदर घुसाया.

“आहह…उहह……” आँचल चिल्लाई , ख़ान के मोटे लंड ने उसकी टाइट चूत की दीवारों को पूरा स्ट्रेच कर दिया. 

“उफफफ्फ़…..चोदो ज़ोर से चोदो …मिस्टर ख़ान……” आँचल सिसकी. ड्रिंक के असर से अब उसकी शरम हया बिल्कुल खत्म हो चुकी थी.

फिर उसने आँख खोली तो देखा बंसल उसे चुदते देखकर लार टपका रहा है और अपने लंड में मूठ मार रहा है.
बंसल को अपनी चुदाई देखकर , मूठ मारते देख आँचल बहुत ही उत्तेजित हो गयी और उसे एक के बाद एक जबरदस्त ओर्गास्म आ गये. और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए कई बार झड़ गयी.
“आहह……ओह्ह …..ऊऊहह….उूउउन्न्नगगगगगग…..ऊऊहह………..” 

आँचल को ओर्गास्म के आनंद में डूबकर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते देखकर ख़ान थोड़ी देर रुक गया. जब उसका ओर्गास्म खत्म हो गया तो फिर ख़ान ने तेज तेज स्ट्रोक लगाने चालू किए. चूत में पड़ते तेज धक्कों से आँचल के बड़े बूब्स ऊपर नीचे हिलने लगे. आँचल फिर से सिसकारियाँ लेने लगी. आँचल की जबरदस्त चुदाई देखकर और उसकी सिसकारियों को सुनकर बंसल उत्तेजना से भर उठा और मूठ मारते हुए उसने अपना सारा वीर्य आँचल के बूब्स में गिरा दिया.

तभी आँचल को दूसरी बार ओर्गास्म आ गया और सिसकारियाँ लेते हुए वो एक बार और झड़ गयी.
“आहह…..आअहह….ऊओह…………आअहह…”

आँचल की सिसकारियों से ख़ान ने उत्तेजित होकर उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया. और झड़ने के बाद ख़ान ने आँचल की टाँगों को नीचे उतार दिया.

फिर ख़ान ने अपना मुरझाया हुआ लंड आँचल की चूत से बाहर निकाल लिया और गाड़ा वीर्य आँचल की चूत से निकलकर उसकी जांघों में बहने लगा.

ख़ान ने आँचल को गोद में उठाया और बेड में लिटा दिया,” साली की चूत बहुत टाइट और मस्त है.”

“साजिद भाई , जब आप इसे चोद रहे थे , तो ये मुझे किसी हीरोइन से कम नही लग रही थी. इसके साथ तो आपको कोई पॉर्न मूवी बनानी चाहिए.” बंसल ने कहा.

फिर आँचल की जांघों और चूत से वीर्य को उसके बूब्स और चेहरे में मलते हुए बोला,”देखो साली क्या मादक चीज़ लगती है, इसके अंग अंग से मादकता छलकती है. अगर अभी कैमरा होता तो ज़रूर इसका फोटो लेता.”
[उन दिनों कैमरा वाले मोबाइल फोन नही थे.]

“हाँ बंसल , इसे तो ज़रूर पॉर्न मूवी में लेना चाहिए , पर फिर कभी. अभी तो इसकी चूत का सारा रस निकालना है.” ख़ान बोला.

फिर उसने अपना मुरझाया हुआ लंड आँचल के मुँह में लगाया और बोला, “ चूस इसे.”

आँचल ने तुरंत अपना मुँह खोलकर उस मुरझाए हुए लंड को अंदर ले लिया. लंड चूसने में वो अब माहिर हो चुकी थी. कुछ ही देर में चूस चूसकर उसने ख़ान का लंड फिर से खड़ा कर दिया. और लंड चूसते हुए वो ख़ान की गोलियों को हाथ से सहलाने लगी.

“आहह…ओह्ह ….साली क्या चूसती है…आअहह…” मज़े लेते हुए ख़ान सिसका.

ख़ान को मज़े से सिसकारियाँ लेते हुए देखकर आँचल रोमांचित हुई और फिर वो उसको गोलियों को चूसने लगी.

“क्या तेरे पति ने तुझे ऐसा मस्त चूसना सिखाया है ?” ख़ान ने पूछा.

आँचल ने फिर से ख़ान के लंड को मुँह में लेते हुए धीरे से कुछ अस्पष्ट सा जवाब दिया जिसे कोई सुन नही पाया. उसे लंड चूसना और बड़े लंड से चुदवाना अच्छा लगता था. और वो मज़े से ख़ान का लंड चूसते रही.
आँचल को मज़े से ख़ान का लंड चूसते देखकर बंसल का झड़ा हुआ लंड भी तनने लगा. वो आँचल की चुदाई करने को मरा जा रहा था पर ख़ान के सामने उसकी कोई औकात नही थी.

ख़ान भी दोबारा झड़ने के करीब था. उसने आँचल के मुँहसे अपना लंड हटा लिया और आँचल की गांड के नीचे एक तकिया रख दिया. फिर उसकी टाँगें उठाकर अपने कंधों पर रख ली. 
और एक हाथ से लंड पकड़कर आँचल की चूत के होठों पर रगड़ते हुए बोला,” चोदूँ तुझे ?”

आँचल चूत से रस बहाते हुए बोली,” हाँ साजिद , ज़ोर से चोदना, बहुत मज़ा आएगा.”

उसकी बात सुनकर ख़ान ज़ोर से हंसा और अपने लंड से चूत के होठों पर थप्पड़ मारने लगा.

और उसे तड़पाने लगा. आँचल ने लंड अंदर लेने के लिए अपनी गांड ऊपर को उठाई. ख़ान उसे तड़पाते रहा.

“साजिद…उन्हउन्ह …..तड़पाओ नही प्लीज़…….चोदो ना मुझे…..ज़ोर से चोदो …प्लीज़ साजिद…” आँचल फ्रस्ट्रेशन से चिल्लाई. ख़ान अपना लंड उसकी चूत के होठों पर रगड़ता रहा पर अंदर नही डाला.

“देख बंसल , कैसे लंड अंदर लेने को गांड उठा रही है .” ख़ान उसे तड़पाते हुए बोला.

बंसल भी अपना खड़ा लंड हाथ में पकड़कर आँचल के मुँह के पास आ गया. आँचल ने देखा बंसल अपना छोटा लेकिन मोटा लंड उसके मुँह के पास ले आया है. वो उत्तेजना से तड़प रही थी उसने अपना मुँह खोल दिया. और छप छप करके मोटे बंसल का लंड चूसने लगी. और ख़ान का लंड लेने को अपनी गांड भी ऊपर को उछालती रही.

बंसल अब आँचल को अपना लंड चूसते देख बहुत खुश था. साली को पटाते पटाते आफ़त आ गयी. थप्पड़ भी खाना पड़ा. लेकिन आख़िर में जीत तो मेरी हुई. आख़िर जाल में तो फँस ही गयी ये साली. ये सब सोचते हुए वो आँचल के खूबसूरत चेहरे और बालों पर हाथ फिराने लगा.

बंसल को मज़े लेते देख ख़ान ने एक ज़ोर का झटका मारा और लंड आँचल की चूत में घुसा दिया.

“आहह…..उम्म्म…ओइईईई…माआअ…” आँचल का पूरा बदन झटके से हिल गया और बंसल का छोटा लंड उसके मुँह से फिसल कर बाहर आ गया.

फिर ख़ान उसे जोरदार धक्कों से चोदने लगा.
“हाँ साजिद … ओह्ह माआ…..चोदो मुझे…ऐसे ही ज़ोर से चोदो….” जोरदार चुदाई से खुश होकर आँचल सिसकारियाँ लेने लगी.

बंसल का सब मज़ा खराब हो गया. उसने फिर से आँचल के मुँह में अपना लंड डालने की कोशिश की लेकिन ख़ान आँचल को इतनी ज़ोर से चोद रहा था की उसका पूरा बदन ऊपर नीचे हिल जा रहा था. इससे बंसल का लंड आँचल के मुँह में जा ही नही पा रहा था. बंसल ने मन मसोस कर सोचा थोड़ा इंतज़ार और सही , कभी ना कभी तो मेरी बारी भी आएगी.

“ये ले साली , ये ले और ले.” ख़ान ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाता रहा और आँचल का पूरा बदन हिलते हुए उसके बड़े बूब्स भी उसकी छाती में हर धक्के के साथ आगे पीछे को हिलने लगे.

“उहह…माआ…बहुत मज़ा आ रहा है…..चोदो और ज़ोर से …उईईई…माआ…” जबरदस्त चुदाई के मज़े लेती हुई आँचल झड़ने लगी.

बंसल अपने लंड में मूठ मारते हुए आँचल की जबरदस्त चुदाई देख रहा था. उसके लिए ये सब सपने जैसा था की कैसे उसकी बॉस इतना मज़े से चुदवा रही है , वो पूरी तरह से कामोन्माद में डूबी हुई थी और मज़े ले रही थी. अपनी बॉस को इतने मज़े में चुदवाते देखकर कुछ देर के लिए वो मंत्रमुग्ध सा हो गया. फिर उसने मूठ मारना बंद कर दिया , एक बार और झड़ गया तो फिर चुदाई के मज़े नही ले पाऊँगा.

अब ख़ान आँचल को हवा में उठा कर चोदने लगा. सिर्फ़ आँचल का सर और थोड़ी सी पीठ का हिस्सा बेड को छू रहे थे. ख़ान तेज़ी से धक्के लगाने लगा.

“आहह…ओह्ह …उईईईईईईईईई…” आँचल चूत पर पड़ते धक्कों की मार से सिसकी.

ख़ान पसीने से लथपथ हो चुका था, मांसल गदरायी हुई आँचल को उठाकर चोदने से उसकी बहुत ताक़त लग रही थी. उसने आँचल की टाँगे छोड़ दी और उसे बेड पर गिरा दिया. ख़ान का खड़ा लंड आँचल की चूत से बाहर निकल आया. थकान से चूर होकर ख़ान आँचल के बगल में गहरी साँसे लेते हुए गिर पड़ा.
Reply
12-08-2018, 01:05 PM,
#32
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
ख़ान के आँचल के बगल में लेटने के बाद बंसल को मौका मिल गया. उसने आँचल को बेड के किनारे तक खींचा और उसकी टाँगे उठाकर अपना छोटा लेकिन मोटा लंड आँचल की चूत के फूले हुए होठों के अंदर डाल दिया और उसे चोदने लगा. 

आँचल ख़ान की जबरदस्त चुदाई से थक चुकी थी. वो मदहोशी में बंसल को अपनी चुदाई करते देखती रही. बंसल के छोटे लंड से चुदाई में उसे कुछ मज़ा नही आ रहा था. लेकिन बंसल आँचल को चोदने में बहुत खुश था और कुछ ही देर में झड़ गया. अपने लंड से वीर्य की कुछ बूंदे आँचल की चूत में गिराकर वो मोटा आँचल के ऊपर ही ढेर हो गया. आँचल मोटे के वजन से दब गयी. उसने धक्का देकर बंसल को अपने ऊपर से हटा दिया.

ख़ान अपना लंड धीरे धीरे हिलाते हुए मज़े से ये सब देख रहा था. बंसल के झड़ने के बाद वो उठने लगा.
ख़ान को फिर से अपने ऊपर आते देख आँचल बोली,” बस …अब और नही…..मेरी फट जाएगी…”

ख़ान ने आँचल के विरोध को नज़रअंदाज़ कर दिया और बेड में बैठकर आँचल को अपनी तरफ खींचा. उसने आँचल को पेट के बल लिटाकर उसके नितंबों को अपनी गोद में रख लिया.

आँचल को अपनी जांघों में ख़ान का तना लंड रगड़ ख़ाता महसूस हुआ, उसकी समझ में नही आया ख़ान करना क्या चाहता है ?

तभी ख़ान ने उसके एक नितंब पर ज़ोर का थप्पड़ मारा , फिर कुछ पल रुककर दूसरे नितंब पर थप्पड़ मारा. ऐसे करके वो बारी बारी से दोनो नितंबों पर थप्पड़ मारने लगा.

“आअहह….ओह…ओइईईईईईईईईई………मुझे क्यूँ मार रहे हो ? ….ओइईई…” आँचल ज़ोर से चिल्लाई.
उसके नितंबों में थप्पड़ मारने से लाल निशान पड़ गये थे.

“आँचल जी , आपको इसलिए मार रहा हूँ की अगर आपने मेरा ब्याज़ लेट दिया या लोन टाइम पर वापस नही किया तो मैं आपको आपके पति के सामने ऐसे ही मारूँगा. समझी आँचलजी…” ख़ान ने जवाब दिया.

दर्द से आँचल की आँखो में आँसू आ गये. ख़ान थप्पड़ मारते हुए बीच बीच में उसकी क्लिट को अपनी उंगलियों से मसलने लगा.

आँचल दर्द से चिल्लाती रही. उसने देखा की बंसल उसे मार खाते हुए देख रहा है. इससे अचानक उसको उत्तेजना आने लगी और उसकी चूत गीली होने लगी. और उसकी चीखें अब सिसकारियों में बदल गयी. बंसल को अपनी तरफ देखते हुए पाकर आँचल को ह्युमिलिटेड फील हुआ लेकिन वो एक अजीब से रोमांच भरे आनंद में नितंबों पर थप्पड़ खाते हुए अपना बदन हिलाने लगी.

“साली को इसमे भी मज़ा आ रहा है. लगता है इसके पति ने इसे बहुत तडपाया है.” बंसल की तरफ देखते हुए ख़ान बोला.

“आ…..आहह…..चोदो मुझे साजिद…..प्लीज़ चोदो….” आँचल सिसकी. अब उत्तेजना से उसकी चूत गीली होकर लंड के लिए तड़प रही थी.

ख़ान ने थप्पड़ मारना बंद कर दिया और आँचल को अपनी गोद में बिठा लिया. फिर आँचल के बूब्स को ज़ोर से पकड़कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और अपना लंड उसकी तड़पती चूत में डाल दिया.

“आहह…….” ख़ान के मोटे लंड से अपनी चूत के स्ट्रेच होते ही आँचल सिसकी.

अब ख़ान ने आँचल के नितंबों को टाइट से पकड़ा और आँचल को अपने लंड पर उछालने लगा. इस पोज़ में लंड आँचल की चूत में बहुत गहराई तक घुस जा रहा था.

“आहह…………..उन्न्ञनह….ऊऊहह……” आँचल दर्द भरी सिसकारियाँ लेने लगी. उसके नितंब थप्पड़ मारे जाने से दर्द कर रहे थे और ख़ान उनको टाइट पकड़कर उसे लंड पर उछालकर चोद रहा था.

चोदते हुए ख़ान आँचल के बूब्स को दाँतों से काटने लगा. 

“उहह…..साले ….आअहह……चोद मुझे……..” आँचल उत्तेजना में सिसकते हुए ख़ान को गालियाँ देने लगी. फिर उसको एक के बाद एक कई ओर्गास्म आ गये और वो ख़ान की गोद में उछलते हुए झड़ गयी.

अब आँचल में बिल्कुल भी ताक़त नही बची थी और वो ख़ान की छाती में सर टिकाकर पस्त पड़ गयी. जितने मज़े उसने लेने थे वो ले चुकी थी अब वो चाहती थी कि ख़ान झड़ जाए और उसकी चूत की बेरहम रगड़ाई बंद हो.

लेकिन ख़ान लगातार उसे चोदता रहा. आँचल को अब चूत में दर्द होने लगा था. वो चिल्लाई,” आह …बस करो…..ख़ान अब और नही…प्लीज़…..बस करो…” और वो निढाल होकर ख़ान के ऊपर लुढ़क गयी.

ख़ान को रोकने के लिए वो बोली,” अब मैं चूसूंगी …”

आँचल के निढाल पड़ जाने से ख़ान को अब उसे गोद में उछालना मुश्किल हो गया. उसने आँचल को सामने लिटा दिया और उसकी छाती के दोनो तरफ पैर रखकर आँचल के मुँह में अपना लंड घुसा दिया.आँचल थक चुकी थी लेकिन ख़ान को झड़ाने के लिए उसने तेज़ी से लंड चूसना शुरू कर दिया. वरना वो फिर उसकी दर्द करती चूत चोदने लग जाएगा. थोड़ी ही देर में आँचल ने चूस चूसकर ख़ान का पानी निकाल दिया.

ख़ान ने आँचल का सर पकड़े रखा और पूरा वीर्य उसके मुँह के अंदर ही निकाल दिया. मुँह में वीर्य भर जाने से आँचल को अपना दम घुटता महसूस हुआ. वीर्य उसके होठों से बाहर निकलकर बहने लगा. और वो अपनी सांसो पर काबू पाने का प्रयास करने लगी.

फिर ख़ान बेड से उठा और फर्श से आँचल की साड़ी उठाकर , उस साड़ी से अपने लंड और बदन को पोछकर कपड़े पहनने लगा. 

उसके बाद बंसल से बोला,” इस गरम कुतिया को घर तक पहुँचा देना.” और रूम से बाहर चला गया.

बंसल आँचल को बेड से उठाने लगा. आँचल इतना थक चुकी थी की उससे हिला भी नही जा रहा था. 
वो बोली,” नही , मैं इस हालत में घर नही जा सकती. थोड़ी देर ठहर जाओ बंसलजी …” और फिर पीछे को बेड पर लुढ़क गयी और कुछ ही देर में उसे नींद आ गयी.

बंसल ने देखा, आँचल बिल्कुल नंगी बेड पर पड़ी है. उसकी चूत, जांघों, चेहरे सब जगह वीर्य लगा हुआ था. मादक आँचल को ऐसे नंगी हाथ पैर फैलाए बेड पर पड़ी देखकर बंसल का मन हुआ इस चिकनी को फिर से चोद डाले, अभी तो ये विरोध कर पाने की हालत में भी नही है.

लेकिन दो बार झड़ जाने से इस उमर में उसका लंड भी जवाब दे गया था. वो अपने कपड़े पहनकर, वहीं पर सोफे में बैठकर आँचल के नंगे बदन को देखता रहा. थोड़ी देर बाद उसने आँचल को नींद से जगाया और बेड में बिठाया. 

फिर आँचल की तुड़ी मुड़ी साड़ी और कपड़े लाकर उसे दिए. आँचल ने कपड़े पहने और बंसल कार चलाकर उसे घर पहुँचा आया.
Reply
12-08-2018, 01:05 PM,
#33
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
चुदाई के आनंद से तृप्त होकर आँचल रात में खूब मज़े से सोई. नींद में उसको ख़ान और उसके साथ चुदाई के सपने आए. उसने सपने में सना को भी देखा और सना और ख़ान के साथ थ्रीसम चुदाई के मज़े लिए.

सुबह जब आँचल की मम्मी उसको चाय देने आई तो उसने देखा आँचल नींद में कामुक सिसकारियाँ ले रही है. मम्मी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी. उसने सोचा आँचल नींद में अपने पति सुनील को याद कर रही है , जिसे टूर पर गये हुए एक हफ्ते से ज़्यादा हो गया था. 

मम्मी ने आँचल को हिलाया,” उठो आँचल.”

आँचल ने आँखे खोली , सामने मम्मी खड़ी थी. आँचल सपने में ख़ान और सना से थ्रीसम के मज़े ले रही थी , मम्मी ने उठा के मज़ा खराब कर दिया. 
आँचल ने मुँह बनाया.

मम्मी समझ गयी , मैंने इसका सपना तोड़कर मज़ा खराब कर दिया है.
वो बोली,” आँचल तुम सुनील को फोन करके वापस क्यूँ नही बुला लेती ? ऐसा लग रहा है की तुम सुनील को मिस कर रही हो. तुम्हारा अकेले रहना ठीक नही है ख़ासकर की जब तुम्हारी शादी को ज़्यादा टाइम नही हुआ है.”

आँचल मम्मी को देखकर मुस्कुरायी और सोचने लगी, आप क्या जानो सच्चाई क्या है. मैं सुनील के नही किसी और के सपने देख रही हूँ.

आँचल ने अंगड़ाई लेते हुए सोचा, थैंक गॉड , आज सनडे है. आँचल को आराम की ज़रूरत थी. जबरदस्त चुदाई से उसकी चूत और बदन दर्द कर रहा था. 

आँचल ने बाथरूम में बाथटब में बैठकर देर तक गरम पानी से नहाया.
उसके बाद आँचल ने सुनील को फोन किया,” सुनील अच्छी खबर है की हमें ख़ान से 20 लाख का लोन मिल गया है. शायद वो कल मुझे चेक दे देगा.”

सुनील ने राहत की सांस ली और बोला,” आँचल तुमने ख़ान से लोन निकलवा लिया. ये तो बहुत अच्छा हुआ. जब चेक मिल जाए तो मुझे फोन कर देना. मैं वापस आ जाऊंगा.”

आँचल ने पूरा दिन टीवी देखने, सोने, खाने पीने और अपने मम्मी पापा के साथ बात करने में बिताया. आज उसका मूड बहुत अच्छा था. उसको सेक्सुअल सैटिस्फैक्शन भी पूरा मिला था और लोन मिलने से पैसे की परेशानी भी दूर हो जाने वाली थी. 

दोपहर बाद रामू उसके बेडरूम में आया तो आँचल ने उसे लौटा दिया. आज उसका रामू के साथ चुदाई का मन नही था. वो अपनी टाँगों के बीच तकिया डालकर , ख़ान और सना के बारे में सपने देखते हुए सोती रही.

अगली सुबह आँचल अच्छे मूड से फैक्ट्री पहुँची. अपने केबिन में चाय पीते हुए वो सना के बारे में सोचने लगी. सना सिर्फ़ एक फिल्म में हीरोइन बनी थी. उसके बाद की कुछ फिल्म्स में वो साइड हीरोइन बनी थी और अब उसको सिर्फ़ आइटम सॉंग्स ही मिल रहे थे. फिल्मों से ज़्यादा वो अपनी पर्सनल लाइफ से चर्चा में रहती थी. सुरू में एक बड़े हीरो के साथ रंगरेलियों के लिए और अब ख़ान जैसे बड़े फिनांसर और इंडस्ट्री के पैसे वाले लोगों के साथ रात बिताने के लिए वो चर्चा में रहती थी.

आँचल को सना और उसकी स्टाइल सेक्सी लगती थी. ख़ान से चुदते हुए सना कैसी लगेगी,इस ख्याल से आँचल को उत्तेजना आने लगी और उसकी चूत गीली हो गयी.
आँचल अपने केबिन में बैठकर यही सब सपने देखकर उत्तेजित हो रही थी की तभी बंसल उसके केबिन में आया.

“मैडम ये आपकी गोल्ड चैन , रात को मैं आपको पहनाना भूल गया था.”

आँचल एकदम से झेंप कर शरमा गयी. उसे याद आया की बंसल ने रात में कपड़े पहनने में उसकी मदद की थी. अब उसे उस बात को याद करके बहुत शरम आई.

आँचल को शरमाकर लाल होते देखकर बंसल बोला,” मैडम, कैसा लगा आपको ख़ान ? बहुत बड़ा है ना ?”

“उंगग….हाँ …” ख़ान के बड़े लंड और उससे अपनी चूत की रगड़ाई को याद करते हुए आँचल ने जवाब दिया.

“मैडम, उसने बहुत सी औरतों को चोदा है. कई एक्ट्रेस को भी.” बंसल आँचल के करीब बैठते हुए बोला और आँचल के चेहरे को अपने हाथों से सहलाने लगा.
आँचल ने बंसल की हरकतों को नज़रअंदाज़ कर दिया और कोई विरोध नही किया. वो जानती थी भले ही बंसल उसका मैनेजर है लेकिन अब वो उसे पहले जैसे डांट नही सकती.
बल्कि अभी अपने केबिन में बैठकर वो ख़ान और सना के ही बारे में सोचकर उत्तेजित हो रही थी. वो बंसल से ख़ान के कारनामो के बारे में और जानना चाहती थी.

“उनन्नज्ज्ग…..…बंसल जी सच कह रहे हो आप ? बहुत सी हीरोइन्स के साथ…?” आँचल ने झिझकते हुए पूछा.

आँचल के गोरे गाल पर चिकोटी काटते हुए बंसल बोला,” हाँ मैडम, उस दिन आपके सामने तो ख़ान उस एक्ट्रेस सना के साथ था.”

“तो क्या उसने…….उसने सना को चोदा है…..उनन्नज्ग….क्या वो….” आँचल अब बंसल की चुदाई की बातों सुनकर और ज़्यादा उत्तेजित होने लगी.

“हाँ मैडम, सना को तो ख़ान ने उसी समय चोद दिया होगा.” बंसल ने और आग भड़काई. वो सब समझ रहा था की ये सेक्सी आँचल भी सना के नाम से उतनी ही उत्तेजित हो जाती है जितना वो खुद हो जाता था.

“आहह……..ओह…” बंसल के मुँह से सना की चुदाई की बात सुनकर आँचल ने सिसकारी ली.

अब बंसल ने आँचल के खूबसूरत चेहरे को अपने दोनो हाथों में पकड़ा और उसके रसीले होठों को चूसते हुए अपनी जीभ आँचल के मुँह में डाल दी. आँचल को कोई विरोध ना करते देखकर उसने आँचल के होंठ दाँत से काट दिए और जीभ उसके मुँह में घुमाकर उसे चूसने लगा. फिर आँचल के चेहरे , उसके गुलाबी गालों को जीभ से चाटने लगा.

“ओह्ह …. बंसल जी …” आँचल सिसकी. बंसल उसे पागलों की तरह चूम रहा था , आँचल को सांस लेने में परेशानी हुई. 

बंसल ने अपनी लार से आँचल का पूरा मुँह गीला कर दिया. उत्तेजना से आँचल भी बंसल की गर्दन आगे को खींचकर उसके होठों पर चुंबन लेने लगी. और अपनी जीभ उसके मुँह में डालकर घुमाने लगी. 

बंसल आँचल को अपने को चूमते देखकर बहुत खुश हुआ , उसको विश्वास ही नही हो रहा था की आँचल जैसी मादक औरत उसे चूम रही है.


आँचल बंसल का चुंबन ले रही थी. फिर उसने अपने होठों को बंसल के होठों से अलग किया और सिसकारी ली,” ओह्ह …. बंसल जी…”

आँचल को उत्तेजित देखकर बंसल ने सोचा , आज इसे अकेले चोदने का अच्छा मौका है. वो फटाफट जाकर केबिन का दरवाज़ा लॉक कर आया. फिर आँचल को चेयर से उठाकर उसने टेबल पर बैठा दिया. आँचल ने बंसल के पैंट की ज़िप खोल दी और अंडरवियर के बाहर से उसके लंड पर हाथ फेरने लगी. 

बंसल आँचल का ब्लाउज उतारने लगा और उसकी ब्रा के स्ट्रैप्स निकालकर आँचल के बूब्स को फ्री कर दिया. आँचल के गोरे गोरे बड़े बूब्स को देखकर लार टपकाते हुए बंसल उनपर टूट पड़ा. आँचल के बूब्स को चूसने , मसलने और काटने लगा. आँचल अब ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी.

बंसल ने ज़ोर से उसके बूब्स मसलते हुए कहा,” तेरे मुममे तो बहुत चिकने और बड़े बड़े हैं. मज़ा आ रहा है इन्हे मसलने और चूसने में.”

“ओइइ……….ओह….उननगज्गग……आआहह….” आँचल अपने बूब्स मसले जाने से ज़ोर से सिसकी. 

आँचल की सिसकारियों से बंसल बहुत कामोत्तेजित हो गया , उसे लगा जल्दी से इसे नही चोदा तो पैंट में ही झड़ जाऊंगा. उसे मालूम था ज़्यादा देर तक वो ठहर नही पाएगा. उसने अपने सपने में भी कभी ऐसी सेक्सी औरत को चोदने की कल्पना नही की थी. ये उसकी खुशकिस्मती थी की आँचल जैसे खूबसूरत औरत से उसकी मुलाकात हो गयी. 

बंसल ने आँचल को टेबल से उतारा और जल्दी जल्दी उसकी साड़ी और पेटिकोट उतारने लगा. उत्तेजना और जल्दी मचाने से उसकी सांस फूल रही थी. आँचल को नंगी करके बंसल ने उसकी चूत पर हाथ फेरा और दो उंगलियाँ चूत में घुसा दी.

आँचल की चूत रस से इतनी गीली हो रखी थी की बंसल की उंगलियाँ भीग गयी. बंसल ने आँचल को दुबारा टेबल में बैठने का इशारा किया. और अपना पैंट उतारने लगा. उसके खड़े लंड से प्रीकम निकल रहा था. 

फिर उसने आँचल को टेबल पर लिटा दिया और उसकी टाँगे अलग करके गीली चूत में अपना लंड घुसा दिया. 
“उंग़ग्ग….ओह्ह ….” चूत में लंड घुसते ही आँचल सिसकी.

मोटा बंसल धक्के मारकर चूत में लंड अंदर बाहर करने लगा. टेबल के ऊपर ग्लास (काँच) था, उससे आँचल को अपनी नंगी पीठ और नितंबों पर ठंडी लग रही थी. लेकिन उसकी गरम चूत में बंसल का लंड रगड़कर और गर्मी पैदा कर रहा था. बंसल के धक्कों से ग्लास के ऊपर उसका पूरा बदन हिल रहा था. 

“आहह…ओह…बंसल जी…” चुदाई के मज़े लेते हुए आँचल सिसकी.

लेकिन बंसल ज़्यादा देर नही रुक पाया और आँचल की चूत में कुछ बूँद वीर्य गिराकर उसने अपना मुरझाया हुआ लंड चूत से बाहर निकाल लिया और फटाफट पैंट पहन लिया. टेबल पर आँचल सिसकारियाँ ले रही थी. उसको अभी ओर्गास्म नही आया था. उसका आधे में मज़ा खराब हो गया. 

बंसल को कपड़े पहनते देख वो बोली,” उंग़ग्ग…….बंसल जी चोदो ना……चोदो प्लीज़…” और फ्रस्ट्रेशन में अपनी गांड ऊपर को उछालने लगी.

बंसल ने एक हाथ से आँचल का बांया नितंब टाइट पकड़ा और दूसरे हाथ की दो उंगलियाँ उसकी तड़पती चूत में डालकर बोला,” साली मैं ख़ान तो नही हूँ, जो इतनी देर तक तुझे चोदते रहा, वो भी उस सना को दोपहर में चोदने के बाद.”

फिर वो अंगूठे से आँचल की क्लिट को मसलते हुए उसकी चूत में उंगलियाँ अंदर बाहर करने लगा. और उसको ओर्गास्म दिलाने की कोशिश करने लगा.

“हाँ हाँ ….उईईईईई…ऐसे ही करते रहो……ओह्ह …मज़ा आ रहा है……” बंसल की उंगलियों से चुदाई के जवाब में अपनी गांड ऊपर को उछालते हुए आँचल सिसकी.

कुछ ही देर में आँचल को ओर्गास्म आ गया और वो सिसकारियाँ लेते हुए झड़ गयी. 
बंसल ने अपनी उंगलियाँ चूत से निकालकर आँचल के मुँह में डाल दी और उससे चाटकर साफ करवाई.

फिर आँचल टेबल से उतर गयी और अपने कपड़े उठाकर केबिन से लगे हुए बाथरूम में चली गयी.

बाथरूम से आकर उसने बंसल को फोन पर बात करते हुए देखा.
बंसल ख़ान से फोन पर बात कर रहा था,” हाँ , और उस सना को भी बुला लेना. मैं तो बोलता हूँ की दोनो को ही साथ साथ चोदो ख़ान भाई. और साथ में कैमरा भी ऑन रखो.”

आँचल को बाथरूम से बाहर आते देखकर बंसल फोन पर बोला,” हम कल दोपहर में आ जाएँगे.” और फिर फोन बंद कर दिया.

आँचल ने बंसल की बात नही सुनी थी. उसे नही मालूम था की ख़ान और बंसल ने कैमरा लगाकर सना और आँचल को साथ साथ चोदने का प्लान बनाया है.

आँचल ने बंसल से पूछा,” किससे बात हो रही थी ?”

बंसल बोला,” ख़ान के कल दोपहर को अपने ऑफिस बुलाया है. वहाँ लोन पेपर्स पर साइन करने होंगे और लोन का चेक मिल जाएगा.”

फिर बंसल आँचल की कमर में हाथ डालते हुए बोला,” मैडम, आपकी सारी प्यास कल ख़ान भाई बुझायेँगे. बस आप कल ब्रा या पैंटी मत पहनना.”

आँचल ख़ान के साथ एक और चुदाई का मज़ा लेने के ख्याल से उत्तेजित हो गयी. उसने सोचा कल तो ऐसे तैयार होकर जाऊँगी की बिल्कुल कयामत ढा दूँगी.
Reply
12-08-2018, 01:05 PM,
#34
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
ऑफिस से लौटते समय आँचल ब्यूटी पार्लर गयी. वहाँ उसने वैक्सिंग और फेशियल करवाया. और अपनी कांख भी शेव करवाई. कल ख़ान को वो अपनी खूबसूरती से और भी इंप्रेस करना चाहती थी.

रात में अपने बेडरूम में लेटे हुए उसने सुनील को फोन किया और उसे बताया की कल साजिद ने उसे लोन डॉक्युमेंट्स साइन करने के लिए अपने ऑफिस बुलाया है. एक्साइट्मेंट में उसने ख़ान की तारीफ भी कर दी की वो कितना हैंडसम और आकर्षक़ पर्सनालिटी वाला है और कितने लोग उससे अपायंटमेंट लेने के लिए उसके ऑफिस में घंटो वेट करते हैं.

सुनील लोन मिलने की बात से खुश हुआ. लेकिन उसने महसूस किया की आँचल ख़ान से बहुत प्रभावित लग रही है और उसकी बड़ी तारीफ किए जा रही है. अपनी बीवी को दूसरे आदमी की तारीफ करते देखकर सुनील को ख़ान से जलन हुई. सुनील ने ये भी गौर किया की पहले तो आँचल मिस्टर ख़ान कहती थी , आज साजिद कह रही है. उसे अच्छा नही लगा , लेकिन उसने आँचल के उत्साह को देखते हुए उससे इस बारे में कुछ नही कहा. सुनील ने कहा की लोन का चेक मिलते ही मुझे फोन कर देना फिर मैं वापस आने की तैयारी करूँगा.

रात में आँचल को ठीक से नींद नही आई. वो ख़ान के ख़यालो में ही डूबी रही. ख़ान जैसे फिल्म इंडस्ट्री के बड़े आदमी से वो बहुत प्रभावित हो गयी थी. आँचल ख़ान की तरफ आकर्षित थी. ख़ान पैसेवला था, अच्छी पर्सनालिटी थी, रोबदार आवाज़ थी और सबसे बड़ी बात आँचल को उसने जी भरकर कामतृप्त किया था. आँचल की चूत ख़ान का लंड एक बार फिर लेने के लिए तड़प रही थी. ख़ान के मजबूत हाथों का अपने बूब्स पर स्पर्श, उसके चूत पर पड़ते जोरदार धक्के और आँचल के नितंबों पर उसका थप्पड़ मारना , ये सब आँचल को याद आता रहा. वो कब रात खत्म हो और सुबह आए इसका इंतज़ार करने लगी.

सुबह उठकर आँचल ने बाथटब में सुगंधित साबुन से नहाया और फिर तौलिए से बदन पोछकर बेडरूम में आई. फिर उसने गुलाबी ब्लाउज के साथ जीन्स पहनी. उसने ब्रा नही पहनी थी. गुलाबी ब्लाउज में उसके निपल साफ़ साफ़ दिख रहे थे. आँचल ने मिरर में अपने को देखा , उसे लगा ये कुछ ज़्यादा हो गया. उसके मम्मी पापा क्या सोचेंगे , ऑफिस को ऐसे जा रही है.

उसने ब्लाउज उतारकर एक लेसी ब्रा पहाँ ली जो उसके बड़े बूब्स को आधा ढक रही थी. फिर उसने एक गुलाबी लो नेक वाली टीशर्ट पहाँ ली जिससे उसकी अच्छे से क्लीवेज दिख रही थी. इन सब में उसे देर हो गयी और वो फटाफट कार चलाकर ऑफिस पहुँच गयी. ऑफिस के रुटीन काम में आज उसका बिल्कुल मन नही लग रहा था. वो बार बार टाइम देख रही थी. 

बंसल आँचल के केबिन में आया. आँचल को टीशर्ट और जीन्स में देखकर बोला,” मैडम आज तो आप बहुत ही खिली खिली लग रही हो , बहुत ही खूबसूरत.”

फिर उसका ध्यान आँचल के बूब्स पर गया और उसने देखा की मना करने के बावजूद आँचल ने ब्रा पहनी है.
“मैडम , मैने आपको कहा था ना की ख़ान भाई आपको बिना ब्रा के देखकर खुश हो जाएँगे, फिर क्यों आप अपने इतने मस्त मुममे बाँधकर रखती हैं.”
फिर वो आँचल के पास आकर एक हाथ से उसका खूबसूरत चेहरा सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसका एक बूब दबाने लगा.

आँचल बंसल की बात का कोई जवाब देती उससे पहले ही उसके फोन की घंटी बजने लगी. उसके ससुर का फोन था. सुनील ने उसे बता दिया था की आँचल ने ख़ान से लोन निकलवा लिया है. ससुर ने आँचल को बधाई देने के लिए फोन किया था.

“थैंक यू ससुरजी , लेकिन चेक अभी मिला नही है, आज मिलने वाला है.” आँचल ने शरमाते हुए जवाब दिया. बंसल अब उसकी चेयर के पीछे खड़ा था और उसके बूब्स दबाते हुए उसकी गर्दन को चूम रहा था.

ससुर ने आँचल की शारीरिक ज़रूरतों की तरफ इशारा किया,” और तू तो पति के बिना तड़प रही होगी.”

“”ओह्ह …हाँ, सुनील कह रहा था की वो एक दो दिन में वापस आ जाएगा.” ससुर की बात में छिपे मतलब को नज़रअंदाज़ करते हुए आँचल ने जवाब दिया. 

“अरे मेरी जान, मैं कल आ रहा हूँ, तेरी प्यास बुझाने. सुनील तो दो दिन बाद आएगा . मुझे तेरी बहुत याद आ रही है.” ठरकी ससुर बोला.

“उम्म्म्म…….हाँ ससुरजी ठीक है, तो कल मिलेंगे.” आँचल ने जवाब दिया. अब बंसल ने उसकी टीशर्ट उतार दी थी और ब्रा को उतारने की कोशिश कर रहा था.

ससुर : “बोल सच बोल, तुझे भी मेरी याद आ रही है ?”

“उम्म्म्म…..हाँ ससुरजी….मैं फोन रख रही हूँ …ओह्ह …” आँचल के मुँह से सिसकी निकल गयी. क्यूंकी बंसल ने अब उसकी ब्रा भी उतारकर , उसके बड़े बूब्स को नंगा कर दिया था और उसके निपल्स को मसलने में लगा हुआ था.

ससुर : “ क्या……क्या ? फोन मत रख , अभी तो तेरे से बहुत बातें करनी है, और कल आते ही मैं तुझे दिखाऊँगा की औरत को असली मर्द कैसे चोदता है.”

“ओह…..क्या…आआअहह….?” आँचल ने सिसकी ली , बंसल अब उसके आगे आकर उसके निपल को मुँह में भरकर चूस रहा था. 

ससुर : “ देख मैं ठीक बोलता था, तू कितनी तड़प रही है. तेरी तड़पन सुनकर तो मेरा लंड खड़ा हो गया है, मेरी जान” . ससुर सोच रहा था की उसकी बहू कल उसके साथ चुदाई को लेकर एक्साइट हो रही है और तभी फोन पर सिसकारियाँ ले रही है.

ससुर की बातों से आँचल भी समझ गयी की ससुर उसकी सिसकारियों को अपने लिए समझ रहा है. बंसल की हरकतों और ससुर की ठरकी बातों से उत्तेजित होकर आँचल की चूत गीली हो गयी. उसने फोन पर ज़ोर से सिसकारी ली.
…आआअहह……………..ऊऊहह……उन्न्नननगगगगगगग……………..

बंसल भी फोन पर ससुर की बातें सुन रहा था. आँचल के बूब्स को चूसते हुए उसने सुना की ससुर भी आँचल के पीछे पड़ा है और उसे चोदना चाहता है.

आँचल को फोन पर ज़ोर से सिसकारी लेते देखकर ससुर बोला,” साली , तू तो बड़ी मस्त चीज़ है रे…मेरा लंड तो तेरी सिसकारी सुनकर तड़प रहा है, तेरी चूत में घुसने के लिए. पर पहले तो मैं तेरे से चुसवाऊँगा …..चूसेगी ना मेरा लंड ?”

“हाँ……उउउऊऊहह…..उम्म्म्मम….” आँचल ने फोन पर सिसकारी ली. 

ससुर की लंड चूसने की बात से अब वो पूरी उत्तेजित हो चुकी थी. उसने फोन बंद कर दिया. और बंसल के पैंट की ज़िप खोलकर उसका लंड बाहर निकाल लिया. और लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.

बंसल आँचल की हरकत से आश्चर्यचकित रह गया. फिर मादक आँचल को अपना लंड चूसते देखकर वो मज़े से सातवे आसमान में उड़ने लगा.

आँचल ने बंसल के लंड को चूसते हुए उसकी गोलियों को हाथ से सहलाया. बंसल जल्दी ही झड़ गया और उसने आँचल के मुँह में वीर्य गिरा दिया. आँचल सब वीर्य निगल गयी. 

होश में आने के बाद आँचल को अपनी हरकत पर खुद भी आश्चर्य हुआ लेकिन उत्तेजित होकर वो अपने ऊपर काबू नही रख पाती थी. उत्तेजित होने पर उसे कैसे भी हो, लंड चाहिए होता था. 

झड़ने के बाद खुश होकर बंसल ने अपना पैंट ऊपर किया. आँचल ने भी अपनी टीशर्ट पहन ली लेकिन अबकी बार ब्रा नही पहनी.
ख़ान उसके बड़े बूब्स को बिना ब्रा के टीशर्ट में बाउन्स करते देखेगा और उसके निपल भी टीशर्ट में बाहर को तने हुए दिख रहे थे , ये सोचकर आँचल रोमांचित हो गयी. 

आँचल बंसल से बोली,” अब चलते हैं. बंसल जी मैं अब और इंतज़ार नही कर सकती.”
Reply
12-08-2018, 01:05 PM,
#35
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
बंसल और आँचल कार में ख़ान के ऑफिस के लिए चले. रास्ते भर बंसल ,सना और आँचल की एक साथ चुदाई के ख़याल से एक्साइटेड होता रहा. 

आँचल को सना के बारे में पता नही था , वो ख़ान के साथ चुदाई को लेकर एक्साइटेड हो रही थी. 

दोनो अपने अपने ख़यालो में मगन चुपचाप बैठे रहे. जब वो ख़ान के ऑफिस पहुँचे तो उन्हे 1 घंटा वेटिंग रूम में इंतज़ार करना पड़ा क्यूंकी ख़ान ऑफिस नही पहुँचा था. 

जब ख़ान ऑफिस आया तो उसको पता चला की आँचल पिछले 1 घंटे से उसका वेट कर रही है. ख़ान खुद वेटिंग रूम में उनको विश करने आया और दोनो को अपने केबिन में ले गया. 

आँचल ने देखा ख़ान का केबिन बहुत बड़ा है और उसके बगल में उसका प्राइवेट रेस्टरूम भी है. आँचल बड़े मन से बन ठन के आई थी लेकिन ख़ान ने उसके लुक्स पर कोई कॉंप्लिमेंट नही दिया और सीधे काम पर लग गया. आँचल को बड़ी निराशा हुई. ख़ान ने अपने केबिन में सेक्रेटरी को बुलाया और उससे लोन डॉक्युमेंट्स लाने को कहा. डॉक्युमेंट्स आने पर ख़ान ने उनको पढ़ने लगा. आँचल ने देखा की ख़ान उसके ऊपर बिल्कुल ध्यान ही नही दे रहा. इग्नोर फील करने से आँचल के आँसू आ गये. फिर ख़ान ने आँचल से डॉक्युमेंट्स पर साइन करने को कहा. आँचल सर झुकाकर चुपचाप साइन करने लगी. 

इस काम में 20 मिनिट लग गये. उसके बाद आँचल बाथरूम जाने के लिए उठ गयी. ख़ान उसको अपने बगल वाले कमरे में ले गया वहाँ बाथरूम था. बाथरूम में ठन्डे पानी से मुँह धोकर आँचल ने अपने को सम्हालने की कोशिश की लेकिन उसके आँसू बहने लगे और उसको रोना आ गया. वो ख़ान को इंप्रेस करने के लिए अच्छे मूड से आई थी और ख़ान आज उसको बिल्कुल मुँह नही लगा रहा था और उससे एक दूरी बनाए हुए था. सिर्फ़ एक बिज़नेस क्लाइंट की तरह उसे ट्रीट कर रहा था. 

“ओह शीट ….ये मुझे क्या हो रहा है, मैं इतनी इमोशनल क्यूँ हो रही हूँ…” मिरर में अपने चेहरे को देखती हुई आँचल अपने को शांत करने का प्रयास करने लगी. 10 मिनिट बाद वो थोड़ा शांत हुई तो बाथरूम से बाहर आकर उसने देखा, ख़ान के प्राइवेट रूम में एक बड़ा बेड है. बेड के ऊपर सीलिंग में मिरर लगे हुए थे और एक तरफ की कमरे की दीवार पर भी सब जगह मिरर लगे हुए थे. आँचल एक पल वहाँ पर रुककर सोचने लगी , इस बड़े बेड में ख़ान ने ना जाने कितनी औरतों को चोदा होगा. 

फिर आँचल ख़ान के केबिन में आ गयी. ख़ान किसी से फोन पर बात करने में बिज़ी था. आँचल को देखकर उसने सामने सोफे पर बैठने का इशारा किया. ऑफिस केबिन में उस समय ख़ान अकेला था. फोन पर बात करते हुए ख़ान आँचल को देखकर मुस्कुरा देता , आँचल भी जवाब में मुस्कुरा देती. आँचल ख़ान के चेहरे , उसकी चौड़ी छाती , आकर्षक़ पर्सनॅलिटी को देखती रही , मन ही मन सोचती रही कितना हैंडसम दिखता है ख़ान. वो पूरी तरह से ख़ान की तरफ आकर्षित थी , इसीलिए जब ख़ान ने उसकी तरफ ध्यान नही दिया था और उसके लुक्स, उसकी खूबसूरती के लिए दो शब्द भी नही कहे , तो उसे रोना आ गया था. लेकिन अब ख़ान उसकी तरफ ध्यान दे रहा था वरना उसकी तरफ देखकर मुस्कुराता क्यूँ ? 

फोन पर बात खत्म करके ख़ान उठा और आँचल से सटकर सोफे में बैठ गया. उसने बताया की बंसल लोन डॉक्युमेंट्स को फॉरमॅलिटीस पूरा करने के लिए नोटरी के पास ले गया है और 1 घंटे में वापस आ जाएगा. 
फिर बोला,” आँचल आज तुम बहुत सेक्सी लग रही हो. होटेल की उस रात , तुम्हारे साथ बिताए समय के बाद से मैं तुम्हारे ही बारे में सोचते रहा हूँ.”

ख़ान से अपनी तारीफ सुनकर आँचल का चेहरा खिल उठा और उसने अपनी जांघें ख़ान से और सटा दी. 

अपनी बाँह को आँचल के कंधे पर डालकर आँचल को अपनी ओर खींचते हुए ख़ान बोला,” मुझे बहुत लंबे समय से इतना आनंद नही मिला जितना तुमसे मिला. आँचल वास्तव में तुम बहुत सेक्सी हो , बहुत…”, ख़ान का इशारा उस रात की चुदाई की तरफ था. 

“साजिद, ऐसा तो आप उन सभी लड़कियों से कहते होगे, जो हमेशा आपको घेरे रहती हैं” आँचल मुस्कुराते हुए बोली. वो ख़ान से अपनी और तारीफ सुनने के मूड में थी. उसने एक हाथ ख़ान की जाँघ पर रख दिया. 

ख़ान ने आँचल का हाथ अपनी जाँघ से हटाकर पैंट के बाहर से लंड पर रखते हुए कहा,” आँचल मेरी आँखो में देखो. आँखे झूठ नही बोलती. तुम्हे पता चल जाएगा की मैं सच कह रहा हूँ.”

आँचल ने ख़ान की आँखो में देखा. हैंडसम ख़ान की आँखो में अपने लिए तारीफ के भाव देखकर आँचल को एक्साइट्मेंट हुई. उसने एक हाथ बढ़ाकर ख़ान के चेहरे को प्यार से सहलाया. 

और बोली,” ओह साजिद, यू मेक मी फील सो गुड.” वो अपना चेहरा उसके चेहरे के नज़दीक़ लाई . आँचल ख़ान को किस करना चाह रही थी, लेकिन औरत होने की वजह से पहल करने में वो झिझक रही थी.

ख़ान ने देखा आँचल फिर से उसके साथ चुदाई के लिए तैयार है. आँचल ने एक हाथ उसके लंड के ऊपर रखा हुआ था और वो अपना चेहरा उसके नज़दीक़ ले आई थी. ख़ान भी अपना चेहरा उसके नज़दीक़ लाया, उसने देखा , किस को एक्सपेक्ट करते हुए आँचल ने अपने होंठ खोल दिए हैं. ख़ान ने आँचल के रसीले होठों को चूमते हुए चुंबन ले लिया. 

“ओह साजिद…” होठों का चुंबन लेते ही आँचल सिसकी. अब उसने पहल करते हुए ख़ान के मुँह में जीभ घुसा दी और अंदर जीभ घुमाने लगी. 

ख़ान को आँचल की पहल से थोड़ा आश्चर्य हुआ. वो आँचल की जीभ का अपने मुँह में आनंद लेते रहा. और अपने हाथों से आँचल के बूब्स दबाने लगा. ख़ान अपने हाथों से आँचल के निपल दबाने लगा, आँचल चुंबन लेते हुए उत्तेजना से सिसकने लगी. और फिर उसने ख़ान के मुँह से जीभ निकाल ली. 

आँचल की चूत से रस बहने लगा , वो ख़ान से चुदाई को उतावली हो रही थी. फिर आँचल ख़ान का चुंबन लेने को आगे आई तो ख़ान ने अपना चेहरा पीछे हटा लिया और बगल के रेस्ट रूम में चलने को कहा. आँचल सोफे से उठी और रूम में जाने लगी. तभी ख़ान का फोन आ गया. 

ख़ान फोन पर बात करने लगा तभी केबिन का दरवाज़ा खुला और सना अंदर आ गयी. अंदर आते ही सना ख़ान से लिपट गयी और उसका चुंबन ले लिया . आँचल ने रेस्टरूम से सना को ख़ान का चुंबन लेते देखा. उसको जलन हुई पर साथ ही साथ एक्साइट्मेंट भी हुई. चुंबन लेते समय ख़ान सना के नितंबों को मसल रहा था.

चुंबन के बाद सना खुश होकर बोली,” थैंक यू साजिद, मुझे “मैं तेरी बनूँगी” फिल्म में रोल मिल गया है. थैंक यू माय डार्लिंग.”

तभी सना की नज़र दूसरे रूम में आँचल पर पड़ी , उसने ख़ान की ओर सवालिया निगाहों से देखा.
ख़ान आँचल के पास आया और उसकी कमर में हाथ डालकर मुस्कुराते हुए बोला,” सना , ये है आँचल. मेरी नयी फिल्म की हीरोइन. “ फिर आँचल को आँख मारते हुए उसका हाथ दबाया और अपने झूठ का साथ देने का इशारा किया. 

सना का चेहरा एकदम से उतर गया , वो आँचल को ऊपर से नीचे तक देखते हुए घूरने लगी , ये मेरी कॉम्पिटिटर कहाँ से आ गयी.

“लेकिन साजिद वो रोल तो तुमने मुझे देने का वादा किया था.” आँचल से जलन महसूस करते हुए नाराज़गी से सना बोली.

ख़ान ने आँचल की कमर से हाथ हटाया और सना को अपनी बाहों में लेते हुए बोला,” तुमको वो रोल ज़रूर मिलेगा डार्लिंग. देखो फिल्म में दो हीरोइन्स हैं. एक तुम स्लिम सेक्सी लड़की का रोल करोगी और आँचल मादक सेक्सी औरत का. फिल्म की स्क्रिप्ट सिर्फ़ तुम दोनो सेक्सी औरतों के इर्द गिर्द घूमेगी. “ 

फिर ख़ान ने सना के होठों को चूम लिया और उसके बूब्स दबाने लगा.

“तुम दुबली पतली हो तो मॉडर्न लड़की का रोल करोगी , आँचल गदरायी हुई बड़े बूब्स वाली है , ये मादक काम की देवी जैसी लगेगी, तुम दोनो को फिल्म में एक साथ देखकर दर्शक तो पागल हो जाएँगे. “ ख़ान खुद भी उत्तेजित होते हुए बोला. 

सना अब खुश थी , ख़ान के चेहरे को अपने हाथों में लेकर आँचल की ओर देखते हुए बोली, “हाँ डियर , अब मैं तुम्हारी बात समझ गयी हूँ. आँचल लगती तो बिल्कुल मादक है.”

ख़ान और सना से अपनी मादकता की बात सुनकर आँचल खुश हुई पर थोड़ी कन्फ्यूज़ सी हुई की ये दोनो मेरी इतनी तारीफ क्यूँ कर रहे हैं. लेकिन फिल्म एक्ट्रेस से कॉम्पलिमेंट मिलने से उसे एक्साइट्मेंट भी हो रही थी.

ख़ान मन ही मन खुश हो रहा था , आजकल इन सेक्सी औरतों को पटाना कितना आसान है. वो जानता था की ऐसी कोई फिल्म बनाने का उसका कोई प्लान नही है. वो तो सना को सिर्फ़ बहला रहा था ताकि वो खुश हो जाए. जब तक उसका दिल करेगा वो सना को चोदेगा, उससे अपना मन बहलाएगा, फिर उसे छोड़ देगा और उसकी जगह कोई नयी एक्ट्रेस ले लेगी. 

इन दोनो सेक्सी औरतों को साथ साथ चोदने के लिए ख़ान पूरी तरह तैयार था और सना को पकड़े हुए ही उसने अपना दूसरा हाथ आँचल की कमर में डाला और दोनो को अपने बेड की तरफ ले गया.
Reply
12-08-2018, 01:05 PM,
#36
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
जब ख़ान , सना और आँचल को अपने रेस्टरूम में ले गया तो आँचल समझ गयी की आज ख़ान का थ्रीसम का प्लान है. आँचल का , फिल्म एक्ट्रेस सना को ख़ान से चुदते हुए देखने का सपना आज पूरा होने वाला था , इस ख़याल से उसकी चूत गीली हो गयी.

रेस्टरूम में ख़ान बेड पर बैठ गया और सना को अपनी गोद में बिठा लिया. फिर उसके होठों को चूमते हुए उसकी चूचियों को मसलने लगा. 

आँचल ने देखा सना सिसकारी लेने लगी है और ख़ान की शर्ट के बटन खोलने की कोशिश कर रही है. ख़ान ने सना के मुँह में जीभ डाल दी और उसके मुंह को चूमने लगा.

आँचल अकेले खड़ी होकर ख़ान और सना को एक दूसरे का चुंबन लेते देख रही थी. ख़ान ने सना का ब्लाउज खोल दिया और सना की चूचियों के निपल को उंगलियों से दबाने लगा. फिर सना के होठों का चुंबन खत्म करके उसने अपना मुँह सना की चूचियों पर लगा दिया. सना ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए अधमुंदी आँखो से आँचल को देख रही थी. आँचल ने देखा सना की तनी हुई चूचियों को ख़ान ने चूस चूसकर अपनी लार से गीला कर दिया. ख़ान दोनो चूचियों को बारी बारी से चूसने और काटने लगा. सना आनंद और दर्द से मचलते हुए सिसकारियाँ लेने लगी. उन दोनो की कामक्रीड़ा देखकर आँचल की साँसे भारी हो गयी, उसकी चूचियां तन गयी और चूत से रस बहने लगा.

ख़ान ने आँचल को अकेली खड़े देखा. उसने आँचल को पास बुलाया,” यहाँ आओ, ज़रा सना के बदन पर हाथ तो फिराओ. देखो ये कितनी सेक्सी है.”

आँचल पास आई और सना के चेहरे को हाथों से सहलाने लगी. फिर झुककर, उसने सिसकारियाँ लेती सना के रसीले होठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगी. दोनो एक दूसरे के मुँह में जीभ घुमाने लगी. 

आँचल को सना के होठों का चुंबन अच्छा लगा और वो उसे चूमती रही. ख़ान झुकी हुई आँचल की चूचियों को दबाने लगा. फिर ख़ान ने आँचल को खींचकर सना से अलग कर दिया क्यूंकी वो आँचल की टीशर्ट को उतारकर उसकी बड़ी बड़ी चूचियों से मज़े लेना चाह रहा था. उसने आँचल के सर के ऊपर से खींचकर टीशर्ट निकाल दी. आँचल ने ब्रा नही पहनी थी. उसकी बड़ी गोरी चूचियां आज़ाद हो गयी.

सना ने आँचल की चूचियों को देखा तो उसने हाथ लगाकर उनका वज़न तौलने की कोशिश की . फिर ख़ान की गोद से उतरकर दोनो हाथों से आँचल की चूचियों को दबाने लगी और अपने मुँह में भरकर चूसने लगी. आँचल आँखे बंद करके सिसकारियाँ लेने लगी. अब सना की सेक्सी गांड ख़ान की तरफ थी. ख़ान ने सना की स्कर्ट और फिर पैंटी उतार दी. अब सना पूरी नंगी हो गयी थी.

सना के चूचियों को चूसने से आँचल अब जोर जोर से सिसकारियाँ लेने लगी. ख़ान उठकर आँचल के पीछे आ गया और उसका जीन्स खोलकर उसकी गीली हो चुकी पैंटी भी उतार दी. और आँचल को उठाकर बेड पर लिटा दिया. 

आँचल की टाँगों को सना ने अलग कर दिया और आँचल की चूत में अपना मुँह लगा दिया. आँचल की तनी हुई क्लिट को सना जीभ से छेड़ने लगी और आँचल की गीली चूत में दो उंगलियाँ डालकर अंदर बाहर करने लगी.

“उनह……आअहह…..ओह्ह …” आँचल सिसकने लगी.

फिर सना ने आँचल की चूत से अपनी उंगलियाँ बाहर निकाल ली जो चूतरस से पूरी भीग चुकी थी और अब उसने आँचल की चूत में अपनी जीभ घुसा दी और उसका चूतरस चाटने लगी. अपनी नाज़ुक चूत में सना की रफ जीभ के घूमने से आँचल बहुत उत्तेजित हो गयी और अपनी गांड को सना के मुँह पर उछालने लगी. कुछ ही देर में आँचल को जबरदस्त ओर्गास्म आ गया और उसने सना का सर पकड़कर अपनी चूत में दबा दिया. सना को अपना दम घुटता सा महसूस हुआ.

“आअहह………….ओह………उफफफफफफफफफफफफफ्फ़…………ओइईईईईईईईई” करते हुए आँचल झड़ गयी और उसकी चूत से निकले रस ने सना का मुँह भिगो दिया. अब जाकर आँचल ने सना के सर से अपनी पकड़ ढीली की.

तब तक ख़ान अपने कपड़े उतारकर लंड को हाथ में लिए हिला रहा था और उन दोनो की काम लीला देखकर मज़े ले रहा था. आँचल को ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेकर झड़ते देखकर ख़ान से अब रुका नही गया. उसने सना को बाल पकड़कर आँचल की चूत से हटा दिया और आँचल की दोनो टाँगे पकड़कर फैला दी. 

ख़ान ने अपने मोटे और बड़े लंड को आँचल की फूली हुई चूत के छेद पर लगाया और एक ज़ोर का धक्का लगाकर लंड अंदर घुसा दिया.

“आहह…उन्न्ह…ओइईई…म्म्माआअ…” अपनी गीली , पर टाइट चूत में ख़ान का मोटा लंड घुसते ही आँचल चिल्लाई.

ख़ान के मोटे लंड से अपनी चूत की दीवारों को स्ट्रेच होते महसूस कर आँचल कामोन्माद में डूब गयी. ख़ान उसकी चूत में तेज तेज शॉट मारने लगा , उन धक्कों से आँचल का बदन और उसकी बड़ी चूचियां ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी. ख़ान आँचल की मांसल जांघों को पकड़े हुए उसकी चूत की ठुकाई करते रहा.

सना आँचल की चुदाई देखकर कामवासना से बेहाल हो गयी , वो अपनी चूत में खुद ही उंगली करके अपना ओर्गास्म लाने की कोशिश करने लगी. फिर सना आँचल के खूबसूरत चेहरे पर बैठ गयी और अपनी गीली चूत को आँचल के मुँह पर रगड़ने लगी. आँचल ने सना की बिना बालों वाली चूत में जीभ घुसाकर उसे चाटना शुरू किया. अपने हाथों से उसने सना की पतली जांघों को पकड़ लिया और अपने सर को थोड़ा उठाकर सना की चूत चाटने लगी.

आँचल ने सना की चूत को इतना मज़ा दिया की जल्दी ही सना को ओर्गास्म आ गया 
“ऊऊओ…ओह…..आआअहह….” सिसकारियाँ लेते हुए सना झड़ गयी और उसकी चूत ने रस बहाते हुए आँचल का मुँह भिगो दिया. जबरदस्त ओर्गास्म से सना अपने को सम्हाल नही पाई और सिसकते हुए बेड पर आँचल के बगल में गिर गयी. आँचल ने अपने ऊपर से सना की टाँगे हटाकर साइड में कर दी.

इधर ख़ान आँचल को पेले जा रहा था , अपने को झड़ते हुए महसूस करके ख़ान ने आँचल की चूत में धक्के तेज कर दिए.

मोटे लंड के धक्कों की मार से आँचल ज़ोर से सिसकने लगी …..ऊओह…….ओइईईई…..आआहह…

तभी ख़ान ने आँचल की चूत को अपने गाड़े वीर्य से भर दिया. और अपना लंड आँचल की चूत से निकाल लिया. जबरदस्त चुदाई से थककर ख़ान भी आँचल के बगल में लेट गया.

वो तीनो बेड पर लेटे हुए अपनी सांसो पर काबू पाने का प्रयास करने लगे. आँचल बेड पर नंगी अपनी टाँगे फैलाए लेटी हुई थी. उसकी चूत से वीर्य और चूतरस निकलकर चादर पर गिर रहा था. अभी तक की चुदाई का आँचल ने जी भरकर आनंद लिया. ख़ान और सना के साथ चुदाई से उसे भरपूर कामतृप्ति मिल गयी.

थोड़ी देर आराम करने के बाद आँचल ने देखा सना उठ बैठी है. फिर सना आँचल के ऊपर आ गयी. अब दोनो एक दूसरे के बदन को चूमने लगी और हाथ फिराने लगी. फिर आँचल ने अपने ऊपर झुकी हुई सना की चूचियों को मुँह में भर लिया और उन्हे चूसने लगी. सना ने आँचल की चूत में तीन उँगलियाँ डाल दी और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी. दोनो ही औरतें सिसकारियाँ लेने लगी.

आँचल और सना को सिसकारियाँ लेते देखकर ख़ान अपना लंड हिलाने लगा. फिर उसने आँचल के मुँह में अपना लंड घुसा दिया. आँचल ख़ान का लंड चूसने लगी और उसकी गोलियों को सहलाने लगी. आँचल अब लंड चूसने में माहिर हो चुकी थी. उसके लंड चूसने से जल्दी ही ख़ान सिसकने लगा.
“उउउ…ओह्ह …आँचल…..हाँ हाँ ऐसे ही चूसो ….. चूसती रहो….”

आँचल ख़ान का लंड भी चूस रही थी और अपनी गांड भी बीच बीच में ऊपर को उछाल रही थी क्यूंकी सना उसकी चूत को उंगलियों से तेज तेज चोद रही थी.

तभी ख़ान को लगा की वो अब झड़ने वाला है. उसने जल्दी से आँचल के मुँह से अपना लंड निकाल लिया. अब वो सना को चोदना चाह रहा था.

ख़ान ने सना को बेड में उल्टा लिटा दिया और उसकी गांड हवा में उठाकर अपना लंड सना की चूत में घुसा दिया. 

“आअहह….उफफफ्फ़…ओह” ख़ान का मोटा लंड अपनी चूत में घुसते ही सना सिसकी.
ख़ान अब सना की चूत में धक्के मारने लगा. दुबली पतली सना उसके धक्कों से पूरी तरह से हिल जा रही थी.

“आअहह….ओह…उननगज्गग…..आआआआ…..ओइईईई….” सना चिल्लाने लगी.
ख़ान सना को अब पीछे से तेज़ी से चोदने लगा.

आँचल लेटे हुए ही सना को डॉगी पोज़ में ज़ोर ज़ोर से चिल्लाकर चुदते हुए देखने लगी. चुदते हुए सना को अलग अलग तरह का मुँह बनाते देखकर आँचल रोमांचित हो गयी. और अपनी फूली हुई क्लिट को उंगलियों से मसलने लगी. कुछ ही देर में सना की चुदाई देखकर अपनी क्लिट को मसलते हुए आँचल झड़ गयी. 

ख़ान ने सना को चोदना जारी रखा. दुबली पतली सना के नितंब आँचल की तरह भरे हुए सुडौल नही थे. ख़ान उत्तेजना मे सना को चोदते हुए सना के नितंबों पर थप्पड़ मारने लगा. सना उत्तेजना और दर्द से चिल्लाती रही.

कुछ देर बाद ख़ान ने सना की चूत से अपना लंड निकाल लिया और सना को उठाकर उसके सेक्सी मुँह में डाल दिया. सना के मुँह में लंड घुसाकर ख़ान उसका सर टाइट पकड़कर उसे रफ तरीके से चोदने लगा. और जल्दी ही उसने सना का मुँह अपने वीर्य से भर दिया. 

जब ख़ान ने सना के मुँह से अपना लंड बाहर निकाला तो आँचल ने देखा की सना के मुँह के किनारे से वीर्य बाहर निकल रहा है. आँचल ने सना के मुँह का चुंबन ले लिया और दोनो औरतें मज़े से ख़ान के वीर्य को निगल गयी. 

थोड़ी देर बाद ख़ान बेड से उठा. सना और आँचल के नितंबों पर हल्के से एक एक थप्पड़ लगाकर ख़ान ने उन्हे उठने को कहा. ख़ान को एक बिज़नेस मीटिंग के लिए देर हो रही थी. आँचल और सना दोनो बेड से उठ खड़ी हुई और चादर से अपने चेहरे और नंगे बदन से वीर्य और चूत रस पोछने लगी. फिर दोनो ने फटाफट अपने कपड़े पहन लिए. 

आँचल चुदाई के आनंद लेते हुए बंसल को भूल ही गयी और कामतृप्त होकर खुशी खुशी अपने मम्मी पापा के घर कार चलाकर चली गयी. घर जाकर आँचल बाथटब में बैठकर , मस्त चुदाई को याद करके गुनगुनाते हुई नहाने लगी.

फिर उसको अपने ससुर का ध्यान आया , कल उसका ससुर वापस आने वाला था. फोन पे उसके ससुर ने उससे जो कामुक बातें कही थी , उन्हे यादकर आँचल सोचने लगी, इस बार तो उसका ससुर मौके को हाथ से जाने नही देगा और उसे चोदकर ही मानेगा क्यूंकी अभी ससुराल में सास भी नही है और सुनील भी नही है.

आँचल अपने ससुर से संबंध बनाने में , सुनील और सास की वजह से, डरती थी , इसीलिए उसने अभी तक अपने आप को ससुर से बचाकर रखा था. लेकिन ससुर उसे चोदेगा इस ख़याल से उसकी चूत गीली भी हो जाती थी. अब जब कल ससुर वापस आएगा तो फिर क्या होगा , यही सोचते हुए वो बाथटब से उठ गयी.
Reply
12-08-2018, 01:06 PM,
#37
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
ख़ान और सना के साथ थ्रीसम के बाद रात में आँचल को सेक्सी सपने आए. सपने में उसने देखा ख़ान उसे और सना को चोद रहा है. लेकिन फिर सपना बदल गया और आँचल ने देखा उसका ससुर उसे और सना दोनो को चोद रहा है. आँचल जब सुबह उठी तो उसे रात का सपना याद आया. आज उसका ससुर आने वाला था. ससुर से मुलाकात को लेकर आँचल को डर के साथ एक्साइट्मेंट भी हुआ. आँचल को पूरा यकीन था सुनील के लौटकर आने से पहले घर में उसे अकेला पाकर ससुरजी चोदने में बिल्कुल भी देर नही करेंगे. ससुर से चुदवाने के ख़याल से उसकी चूत गीली हो गयी, लेकिन उसका दिमाग़ कह रहा था ये ग़लत है.

“क्या करूँ ?” आँचल सोच में डूब गयी.

आँचल एक खूबसूरत और जवान औरत थी. एक बार जब उसने खुलकर सेक्स के मज़े ले लिए , जब उसे पता लगा की असली चुदाई क्या होती है तो अब वो अपने को चुदाई का मज़ा लेने से रोक नही पाती थी. उसकी कामइच्छाएँ उसके दिमाग़ पर भारी पड़ जाती थी. अगर शादी के कुछ महीने बाद समीर और किमी ने आँचल को सिड्यूस करके जबरदस्त चुदाई के मज़े नही दिलवाए होते तो शायद वो आज एक पतिव्रता औरत होती और सुनील के साथ जैसे तैसे गुजारा कर लेती. शायद वो अपनी कामइच्छाओं को दबा लेती या फिर मूठ मारकर काम चला लेती. लेकिन समीर और किमी के साथ उस घटना के बाद उसको पता चल गया की अगर मर्द अच्छे से चोदे तो औरत को बहुत मज़ा दे सकता है. बड़े लंड से अपनी टाइट चूत के स्ट्रेच होने की फीलिंग ही कुछ और थी. अब आँचल को जब भी चुदाई का मौका मिलता था तो वो अपने को रोक नही पाती थी और चुदवा लेती थी.

आँचल को एक दो बार ससुर ने पैंट के बाहर से अपना लंड पकड़वाया था , ससुरजी का भी तो बड़ा लंड था, आँचल को ससुर के साथ हुई वो घटना याद आई , उसको उत्तेजना आई. फिर आँचल सोचने लगी, एक बार ससुरजी ने उसे चोद दिया तो वो बार बार उसे चोदेंगे. कभी ना कभी उसकी सास या पति सुनील उन्हे पकड़ ही लेगा. फिर क्या होगा ? घर में बाप बेटे के बीच झगड़ा हो जाएगा , वो अपने मम्मी पापा को क्या मुँह दिखाएगी. बाहर तो कभी कभार चुदवाने में पकड़े जाने के चांस कम हैं पर घर में ससुर के साथ तो वो ज़रूर पकड़ी जाएगी. नहाते समय आँचल के मन में यही सब विचार आ रहे थे. कुल मिलाकर वो उलझन में थी , ससुर से चुदाई में उसे कोई ऐतराज़ नही था पर दिमाग़ कह रहा था की इसमे बहुत रिस्क है , ससुर से बच के रहो.

नहाकर फैक्ट्री जाने के लिए तैयार होकर आँचल अपने मम्मी पापा के साथ नाश्ता करने लगी. वो परोठा खा रही थी तभी उसके ससुर का फोन आ गया.

“आज तुम अपना बैग पैक करके रखना. फैक्ट्री से हम साथ साथ तुम्हारे पापा के घर जाएँगे और तुम हमारे साथ अपने घर वापस आओगी. आज की रात तो बहुत रंगीन होगी, तेरी बाँहों में…” ससुर मस्ती में बोला.

ससुर का प्लान सुनकर आँचल को डर लगा , पर उसे उत्तेजना भी हुई, वो केवल “उनन्ं…जी …” ही बोल पाई.

“बस तुम जल्दी से फैक्ट्री आ जाओ, तुम्हें देखने और चूमने का दिल कर रहा है.” ठरकी ससुर ने कहा.

“ज्ज्ज…जी..” आँचल ने धीरे से कहा.

“ये क्या जी… जी लगा रखा है . जल्दी आओ मेरा लंड बहुत तड़प रहा है.” उत्तेजित होते हुए ससुर ने कहा.

“उम्म्म…हाँ, बस अभी आ रही हूँ…” आँचल ने धीरे से जवाब दिया.

“क्यूँ तुझे भी तड़पन हो रही है ? बोलो ना…” ससुर मस्ती में था.

“ज्ज…जी हाँ …” आँचल धीरे से बोली. टेबल पर सामने परोठे खाते हुए उसके मम्मी पापा उसको ही देख रहे थे. आँचल का मुँह शरम से लाल हो गया , उसने सोचा ससुरजी तो फोन रखेंगे नही, ऐसी ही कामुक बातें बोलते रहेंगे. आँचल ने फोन काट दिया.

आँचल की मम्मी ने पूछा , तो आँचल ने बताया की वो दोपहर में फैक्ट्री से लौटते वक़्त ससुरजी के साथ आएगी और फिर अपना सामान पैक करके वापस ससुराल चली जाएगी.

आँचल के पापा बोले, बेटा ये तो अच्छी बात है . तुम बहुत दिनों से मायके में हो. आज अपने घर चली जाओगी.

अब आँचल से परोठा निगला ही नही जा रहा था. वो सोचने लगी , ससुरजी तो कह रहे थे , तेरी बाँहों में आज की रात बहुत रंगीन होगी. आज तो मैं किसी हाल में नही बच सकती. धीरे धीरे उसने नाश्ता खत्म किया और कार लेकर फैक्ट्री आ गयी.

फैक्ट्री पहुँचकर आँचल ने देखा उसका ऑफिस अंदर से बंद था. नॉक किया तो बंसल ने दरवाज़ा खोला और आँचल के अंदर आने के बाद फिर से लॉक कर दिया.

आँचल ने देखा टेबल पर बहुत सारी नोटो की गड्डियां पड़ी हुई हैं और बंसल उनको गिन रहा है.

आँचल ने पूछा तो बंसल ने बताया की ससुरजी अभी कहीं बाहर गये हैं एक दो घंटे में वापस आ जाएँगे.

फिर बंसल रुपये गिनना छोड़कर आँचल की कमर में हाथ डालकर उसको अपनी तरफ खींचते हुए बोला,”कल ख़ान और सना के साथ बहुत मज़े किए तुमने ? ”

ब्लाउज के नीचे नंगी कमर पर बंसल के हाथ घूमने लगे. आँचल ने बंसल को धक्का देकर हटाने की कोशिश की लेकिन बंसल ने उसकी कमर और टाइट पकड़ ली और सोफे पर आँचल को खींच लिया.

“ये क्या कर रहे हो तुम बंसल ? छोड़ो मुझे …” आँचल ने रूखेपन से बंसल को झिड़कते हुए कहा.

“छोडूं या चोदूँ ..” बंसल ज़ोर से हंसते हुए बोला.

फिर एक हाथ से आँचल के खूबसूरत चेहरे को ज़ोर से दबाते हुए बोला,” भूल गयी क्या ? मेरे पास टेप है. तेरी चुदाई का सबूत, तेरे नौकर के साथ….”

फिर उसने और भी ज़ोर से आँचल के गालों को अपने हाथ से पकड़कर दबाया , आँचल दर्द से कसमसाई.

“मेरे साथ अच्छे से पेश आओ मैडम. नही तो मैं वो टेप तुम्हारे ससुर को दे दूँगा. समझी ?”

“ओइईई…….बंसल , प्लीज़ ….दर्द हो रही है ……..मेरा चेहरा तो छोड़ दो ” दर्द से चिल्लाते हुए आँचल बोली.
“प्लीज़ …बंसल जी…ओके ओके , मैं अच्छा व्यवहार करूँगी तुम्हारे साथ…..”

आँचल को दर्द से कसमसाते देखकर बंसल ने उसका चेहरा छोड़ दिया. फिर उसके कंधे में हाथ डालकर उसको अपने पास खींचते हुए बोला,” अब बताओ आँचल जी , मज़ा किया कल तुमने ?”

“हाँ..” आँचल ने धीरे से कहा.

बंसल फुसफुसाया,” बस हाँ ? ये क्या जवाब है आँचल जी ? ज़रा खुलकर बताओ , क्या क्या मस्ती की तुमने ख़ान और सना के साथ ?

“हाँ , बहुत मज़ा आया..” आँचल भी फुसफुसाते हुए बोली.

“क्या तुम दोनो को चोदा ख़ान ने ?” बंसल फिर फुसफुसाया. बंसल ने अब पीछे से आँचल का ब्लाउज खोल दिया था और फिर लेस वाली ब्रा भी उतार दी. ब्लाउज और ब्रा को एक तरफ फेंक दिया. आँचल चुपचाप बैठी रही. बंसल उसको टेप का डर दिखाकर ब्लैकमेल कर रहा था.


मादक आँचल को ऊपर से नंगा करके बंसल उसकी गोरी गोरी बड़ी चूचियों का हाथ लगाकर वजन तौलने लगा. फिर उसने ज़ोर से चूची का निपल उंगलियों से दबा दिया.

“ओइईई……आआहह..” आँचल दर्द से चिल्लाई.

“बोलो आँचल जी , सारी की सारी कहानी बताओ . चुप मत रहो , नही तो ..” कहते हुए बंसल ने फिर से उसके निपल को ज़ोर से दबाकर दर्द कर दी.

“अच्छा अच्छा ….प्लीज़ ऐसे दर्द मत करो. सब कुछ बताती हूँ प्लीज़…” बेचारी आँचल अपनी चुदाई का किस्सा बंसल को बताने लगी.

बंसल उसकी बात सुनते हुए उसकी चूचियों और निपल को मुँह में भरकर चूसने लगा.

आँचल अपना किस्सा सुना रही थी और बंसल उसकी चूचियों को मसल रहा था , चूस रहा था. अब आँचल भी उत्तेजित होने लगी और किस्सा सुनाते हुए बीच बीच में सिसकारियाँ लेने लगी. बंसल समझ गया , साली गरम कुतिया उत्तेजित होने लगी है.

उसने आँचल को सोफे से खड़ा कर दिया और बोला,” फटाफट साड़ी पेटीकोट उतार दो.”

“कोई आ जाएगा बंसल जी..” आँचल उत्तेजना से काँपती आवाज़ में बोली , लेकिन कपड़े उतारने लगी.

“दरवाजा बंद है. घबराओ नही.” बंसल भी फटाफट अपने कपड़े उतारते हुए बोला.

नंगी आँचल को डेस्क के पास ले जाकर बंसल ने झुका दिया और एक हाथ से उसकी पीठ को नीचे दबाते हुए पीछे से उसकी चूत में उंगली घुसा दी.

“सना की चूत चाटने में तुझे बहुत मज़ा आया लगता है …”

आँचल की चूत गीली देखकर बंसल खुश हो गया. सोचने लगा , ये साली गरम कुतिया हमेशा चुदाई को तैयार रहती है. साली बहुत कामुक है.

बंसल ने अपना छोटा लेकिन मोटा लंड पीछे से आँचल की चूत में पेल दिया. और धक्के मारने लगा.

“आह ओह्ह …ऊऊ……” आँचल सिसकने लगी.

आँचल की बड़ी चूचियां डेस्क के उपर लगे ठंडे ग्लास में दबी हुई थी और उसकी बड़ी गांड ऊपर को उठी हुई थी.
बंसल आँचल को धीरे धीरे चोदने लगा और आँचल से अपना किस्सा जारी रखने को कहा.

आँचल चुदते हुए किस्सा सुनाने लगी. तभी उसको लगा की ओर्गास्म आने वाला है.

“आअहह…..बंसल जी……..ओइईईईईईई………..”

बंसल धीरे धीरे इसलिए चोद रहा था ताकि चुदाई का मज़ा देर तक आए .

जब वो दोनो ही झड़ने को हुए तो किसी ने ज़ोर से दरवाजा खटखटा दिया.

“दरवाजा खोलो बंसल ”, मिस्टर जोशी (आँचल का ससुर ) तेज आवाज़ में बोला.

बंसल का लंड तुरंत मुरझाकर आँचल की चूत से बाहर आ गया. वो फटाफट अपने कपड़े पहनने लगा.

आँचल डेस्क पर झुकी हुई चुदाई की मदहोशी में थी लेकिन ससुरजी की कड़क आवाज़ सुनकर उसका ओर्गास्म गायब हो गया . वो सीधी खड़ी हो गयी और फटाफट पेटीकोट पहनने लगी.

बंसल ने तो फटाफट पैंट कमीज़ पहन ली पर आँचल को तो साड़ी ब्लाउज पहनना था. उसने बिना ब्रा के ही ब्लाउज पहन लिया और बंसल की मदद से साड़ी बाँध ली.

बंसल ने फर्श पर पड़ी ब्रा को अपनी जेब में छुपा लिया और टेबल से बहुत सारे नोट फर्श पर गिरा कर बिखेर दिए.
फिर वो दरवाजा खोलने लगा और आँचल से कहा फर्श पर पड़े नोट उठाने का नाटक करे.
Reply
12-08-2018, 01:06 PM,
#38
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
जब बंसल ने ऑफिस का दरवाज़ा खोला तो मिस्टर जोशी (ससुर) अंदर आए. बंसल बिना पूछे तुरंत सफाई देने लगा की बहुत सारा पैसा टेबल से गिरकर बिखर गया है , हम उसी को उठा रहे थे.

ससुर ने देखा आँचल झुकी हुई है और फर्श से नोट उठा रही है. उसने ब्रा नही पहनी थी जिससे उसकी बड़ी चूचियां साफ दिख रही थी क्यूंकी झुके होने से साड़ी का पल्लू हटा हुआ था. ससुर ने ऊपर से झाँका तो उसको निपल भी दिखाई दिए.

ससुर दरवाज़ा खोलने में हुई देरी से नाराज़ था और बंसल से जवाब तलब करना चाह रहा था लेकिन मादक आँचल की चूचियों को देखकर उसका गुस्सा काफूर हो गया. वो आँचल के पास गया और उसके स्लीवलेस ब्लाउज के थोड़ा नीचे उसकी बाँह पकड़कर उसे उठाने लगा. ससुर की अंगुलियां आँचल की कांख को टच कर रही थी. और उसकी नज़र आँचल की बिना ब्रा की चूचियों पर थी. आँचल को उठाने के बहाने ससुर ने उसकी कांख पर अंगुलियां फेरते हुए , कांख से आ रही खुशबू को अपनी नाक में भर लिया. …आहह…..क्या मादक गंध है…मैं कितना तड़प रहा हूँ , इस सेक्सी बहू को चोदने के लिए.

आँचल ने देखा उसका ससुर उसे कांख के पास बाँह पकड़कर उठा रहा है. आँचल उठी और एक नर्वस स्माइल के साथ ससुर को विश किया. वो अभी भी घबराई हुई थी. चुदाई की मदहोशी में उसे ओर्गास्म आने ही वाला था की ससुर ने दरवाज़ा भड़भड़ा दिया था. उसकी साँसे अभी भी भारी थी और बदन कांप रहा था.

ससुर ने देखा बहू गहरी साँसे ले रही है और उसकी बड़ी चूचियां सांसो के साथ ऊपर नीचे हो रही हैं, आँचल का चेहरा भी चुदाई के आनंद से थोड़ा लाल हो रखा था. ससुर ने सोचा बहू मुझे देख के उत्तेजित हो रही है. शायद ये भी मेरे लिए उतना ही तड़प रही है, जितना मैं इसके लिए.

तब तक बंसल ने गिराए हुए सारे नोट उठा लिए थे.
बंसल बोला, “ सर , मैं इन रूपयों को बैंक में जमा कर दूं.”

ससुर बोला,” हाँ बंसल जी , ये पैसा बैंक में जमा कर दो और मेरे सेक्रेटरी से कहना , कोई मुझे डिस्टर्ब ना करे.”

बंसल के जाने के बाद ससुर आँचल को देखकर मुस्कुराया.
“बहुत दिन हो गये तुम्हें देखे. बहुत सुंदर लग रही हो.”

फिर ससुर आँचल का हाथ पकड़कर उसी सोफे पर बैठ गया जहाँ थोड़ी देर पहले बंसल ने आँचल को नंगा किया था. सोफे पर बैठकर ससुर ने आँचल को अपने पास बैठा लिया और उसके कंधे पर अपनी बाँह रख दी. फिर वो आँचल की खूबसूरती की तारीफ करने लगा और आँचल के गालों को सहलाते हुए कहने लगा की ख़ान से लोन निकलवाकर तुमने बहुत अच्छा काम किया.

आँचल ससुर की बाँहों में घबराहट और उत्तेजना से काँपने लगी. उसकी चुदाई अधूरी रह जाने से ओर्गास्म निकल नही पाया था. ससुर के बदन को सहलाने से उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी. वो चुदकर अपने ओर्गास्म को बाहर निकालने को तड़प रही थी.

ससुर उसके गालों को सहलाकर उसकी तारीफ करता रहा. आँचल के बदन को काँपते देखकर वो बोला,”डरो नही मेरी जान. मैं तुम्हें बहुत कुछ सिखाऊंगा. कैसे मज़ा मिलता है और कैसे मज़ा देते हैं. डरती क्यूँ हो, आज की रात तुम्हारी अब तक की सबसे रंगीन रात होगी.”

फिर ससुर ने आँचल के होठों पर चुंबन ले लिया.

“ओह्ह …ससुरजी…” आँचल सिसकी.

ससुर आँचल के रसीले होंठो को चूसने लगा. आँचल ने अपने होंठ अलग कर दिए और ससुर की जीभ को अपने मुँह के अंदर आने दिया , आँचल के मुँह की मिठास पाकर ससुर खुश हो गया. आँचल ने अपने को पूरी तरह से ससुर के हवाले कर दिया. उत्तेजना से उसकी चूत से रस बहने लगा. आँचल ने अपने ससुर को लंबे समय तक टीज़ किया था , वो जानती थी उसका ससुर उसको चोदने का कोई मौका नही छोड़ेगा.

ससुर आँचल को चूमता रहा. आँचल आँखे बंद किए ससुर की बाँहो में सिसकते रही. ससुर का लंड पैंट में खड़ा हो गया था. उसने आँचल के होठों से अपने होंठ हटा लिए और बोला,” देखो मेरा लंड कितना तड़प रहा है , तुम्हारी चूत में जाने के लिए.”

आँचल ने ससुर के पैंट में बने हुए तंबू को देखा. वो वासना से तड़प उठी.
सेक्सी आँचल को खुले हुए कंपकंपाते होठों से अपने लंड के उभार को देखते हुए पाकर ससुर सुध बुध खो बैठा. उसने आँचल को घर में रात भर आराम से चोदने का प्लान बनाया था. पर आँचल को उत्तेजना से काँपते हुए चुदने को तैयार देखकर वो कंट्रोल खो बैठा. उसने अपना लंड पैंट से बाहर निकाल लिया.

आँचल ने देखा ससुरजी का लंड बहुत बड़ा और मोटा है. लाल रंग का मोटा सुपाड़ा था. आँचल ने लंड को हाथ से पकड़ लिया और सुपाड़े को चाट लिया.

“ओह….” आँचल की जीभ का स्पर्श अपने सुपाड़े पर लगते ही ससुर सिसका.

आँचल सुपाड़े को चाटने लगी और गोलियों को हाथ से सहलाने लगी. मादक आँचल को अपने लंड को चाटते देखकर ससुर सिसकारियाँ लेने लगा. अपनी बहू से लंड चुसवाने की उसकी बहुत इच्छा थी . वो काबू नही कर पाया और उसकी गोलियाँ टाइट होने लगी. फिर उसने आँचल के बाल पकड़ लिए और उसके होठों में वीर्य की धार छोड़ दी.

आँचल ने अपने होठों पर जीभ फिराकर ससुर का वीर्य चखा. वो ससुर के इतनी जल्दी झड़ने से हैरान थी. अभी तो उसने लंड को मुँह में भी नही लिया था और ये झड़ गया. जैसा बेटा वैसा बाप , वो सोचने लगी. उसका ओर्गास्म अभी निकल नही पाया था.

ससुर ने देखा आँचल अपने होठों से उसका वीर्य चाट रही है और उसके मुरझाए हुए लंड को मुँह में लेने की कोशिश कर रही है. बहू बहुत उत्तेजना में है. ससुर भी आँचल की उत्तेजना देखकर फिर से उत्तेजित होने लगा.

अपने मुँह में ससुर के मुरझाए हुए लंड को फिर से बढ़ते देखकर आँचल को हैरानी हुई क्यूंकी उसके पति सुनील का एक बार झड़कर फिर खड़ा नही होता था . वो लंड चूसकर और बड़ा करने लगी. ससुर का लंड तनकर फिर से बहुत बड़ा हो गया. आँचल बहुत खुश हो गयी. ससुर में अभी बहुत जान है. बेटे का जैसा बुद्धू नही है.

तभी किसी ने दरवाजा नॉक कर दिया. ससुर जल्दी से खड़ा होकर , झुंझलाते हुए बोला,” कौन है ? मैंने कहा था ना की डिस्टर्ब मत करना.”

बाहर से उसका सेक्रेटरी बोला,”सर, एक क्रेडिटर आया है, आपसे अर्जेंट्ली मिलना चाहता है.”

ससुर बोला,” ठीक है , 10 मिनिट बाद भेज दो उसको.”

फिर आँचल को देखकर मजबूरी जताने लगा,” ओह्ह मेरी जान, थोड़ा सबर करो. आज रात को पूरा मज़ा दूँगा.”

फिर उसने आँचल के चेहरे पर लगा वीर्य टॉवल से पोंछ दिया और उसके कपड़े ठीक करने में मदद करने लगा. आँचल की प्यास एक बार फिर अधूरी रह गयी.

जब क्रेडिटर अंदर आया तो आँचल ने देखा की ये वही आदमी ने जिसने पहले दिन मीटिंग में अपने पैसों के लिए , बंसल के सामने उसे डांट पिला दी थी और बहुत खरी खोटी सुना दी थी, जिससे आँचल की आँखों में आँसू आ गये थे. आज वही आदमी उसके ससुर के सामने भीगी बिल्ली बना बैठा था और यस सर, यस सर …… कर रहा था. ससुरजी की पावर से आँचल इंप्रेस हो गयी. ये आदमी मेरे सामने शेर बन रहा था आज चूहा बन गया है. आँचल सोचने लगी , ससुरजी के सामने बंसल भी चूहा बन जाता है. ससुरजी सुनील के जैसे नही है जो सभी मायनो में चूहा है. छोटा लंड है, एक बार झड़ के फिर खड़ा नही होता. इतनी खूबसूरत बीवी होकर भी उसकी चुदाई की इच्छा ही नही होती है.

अपने ससुर की पावरफुल पर्सनॅलिटी को बाहर के लोगो के सामने आँचल ने आज देखा. वाह… ससुर जी के सामने तो सब चूहे बन जाते हैं. आँचल ने एक्साइटेड फील किया. अंजाने में वो साड़ी के अंदर एक पैर के ऊपर रखे हुए दूसरे पैर को हिलाने लगी, जिससे उसकी तनी हुई क्लिट रगड़ खाने लगी. आँचल सामने बैठी अपने ससुर को देख रही थी , और ससुर के साथ चुदाई की कल्पना करते हुए, अपनी ऊपर वाली टांग हिलाते रही और क्लिट रगड़कर मूठ मारती रही. वो इतनी उत्तेजित थी की उन दोनो आदमियों के सामने ही कुछ ही देर में उसको रुका हुआ ओर्गास्म आ गया और गर्मी बाहर निकलने से उसका चेहरा सुर्ख लाल हो गया. अपने होठों को दांतो से काटकर उसने सिसकारी निकलने से रोका. उसकी आँखे मदहोशी में डूबी हुई थी. उन दोनो आदमियों को पता ही नही चला की उनके सामने बैठे बैठे टाँगे रगड़कर आँचल को ओर्गास्म आ गया है.

अपने पैसे वापस मिलने की बात से संतुष्ट होकर जब क्रेडिटर गया तब तक 2 pm हो चुका था.

आँचल अपने ससुर के साथ कार चलाकर अपने मायके से सामान लाने चली गयी. आँचल का ससुर रास्ते भर उसके गालों, उसके कंधों को सहलाता रहा. आँचल कार चलाने पर ध्यान दे रही थी, पर ससुर का स्पर्श उसे उत्तेजित कर दे रहा था.

जब वो दोनो आँचल के मायके पहुँचे तो वहाँ लंच टेबल पर मेहमान आए हुए थे. आँचल ने देखा उसकी कज़िन रिया अपने मम्मी पापा के साथ आई हुई है. रिया ने आँचल को देखते ही खुश होकर उसे अपने आलिंगन में भर लिया और दोनो ने एक दूसरे के गालों को चूमकर विश किया.

मिस्टर जोशी को आँचल के मम्मी पापा ने रिया के मम्मी पापा से मिलवाया. और रिया को आँचल अपने बेडरूम में ले गयी.

रिया ने आँचल को बताया की उसकी शादी तय हो गयी है और वो शादी के लिए शॉपिंग करने देल्ही आई है. आँचल ने जब उसकी शादी की खबर सुनी तो रिया को बाँहों में भर लिया और उसके दोनो गालों को चूमकर पप्पी दे दी. रिया आँचल से एक साल छोटी थी और अपने मम्मी पापा के साथ चंडीगढ़ में रहती थी. एक ही औलाद होने से वो अपने मम्मी पापा के खूब मुँह लगी थी. आँचल से उसकी खूब बनती थी.

जब रिया को पता चला की उसके जीजाजी सुनील बाहर गये हैं तो उसने आँचल से कहा की मैं तुम्हारे ही साथ रहूंगी और तुम मुझे देल्ही में शॉपिंग करवा देना.

आँचल रिया की बात से खुश हो गयी की वो 2 दिन उसके साथ रहेगी. हम दोनो खूब जमकर शॉपिंग करेंगे. आँचल ने खुशी खुशी अपना सामान पैक किया और दोनो लंच के लिए टेबल पर आ गयी.

लंच करते वक़्त रिया ने अपनी मम्मी से कहा की आप लोग यहाँ रुक रहे हो , लेकिन मैं आँचल के घर जा रही हूँ और वहीं रहूंगी. वो मुझे शॉपिंग करवा देगी. रिया की कोई बात उसके मम्मी पापा टालते नही थे , वो तुरंत राज़ी हो गये.

आँचल के साथ रिया के रहने की बात सुनकर ससुर का मुँह एकदम से लटक गया, बहू को चोदने का ये सुनहरा मौंका भी गया हाथ से. लेकिन वो क्या कर सकता था. चुपचाप लंच करते रहा. उसने एक नज़र आँचल की ओर डाली. आँचल ने ससुर का लटका हुआ चेहरा देखा. वो समझ गयी ससुर उसको चोदने का मौका निकल जाने से निराश हो गये है. उसने ससुर को टीज़ करने के लिए उसकी तरफ देखकर बड़ी सी मुस्कान बिखेर दी………साली मादक आँचल.
Reply
12-08-2018, 01:06 PM,
#39
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
शाम को आँचल अपने ससुर और रिया के साथ अपनी ससुराल आई. वहाँ पहुँचकर उसने देखा की उसकी सास भी आ गयी है. सास अब बेड पर अपने रूम में ही पड़ी रहती थी. बीमारी की वजह से वो ज़्यादा चलने फिरने में सक्षम नही थी. आँचल ने देखा की उसकी सास ने एक बड़ी उमर के आदमी को कुक रखा हुआ है और अपने रोज़ के काम में सहायता के लिए और अपनी देखभाल के लिए एक नौकरानी रखी हुई है. नौकरानी जिसका नाम सुनीता था, एक जवान लड़की थी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियां थी.

आँचल के बेडरूम में आने के बाद रिया मुस्कुराते हुए बोली,” आँचल डार्लिंग, ध्यान रखना. ये तुम्हारी नौकरानी सुनीता तो बहुत सेक्सी लग रही है. उस पर नज़र रखना कहीं जीजाजी को फंसा ना ले.”

फिर थोड़ा सीरीयस होकर बोली,” घर में ऐसी सेक्सी नौकरानी नही रखनी चाहिए. यू नो , ये लड़कियाँ थोड़े बहुत पैसों के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं , घर के मर्दों को फंसा सकती हैं.”

आँचल मन ही मन हँसी , तेरे जीजाजी का जब लंड खड़ा होगा तभी तो कोई लड़की उसे फँसायेगी.

वो बोली,” अरे यार रिया, नौकरानी को छोड़ो. अपनी सगाई और अपने मंगेतर के बारे में मुझे डिटेल में बता.”

“मेरा मंगेतर डॉक्टर है. रवि नाम है उसका. बहुत हैंडसम है यार. लंबा चौड़ा है. तू देखेगी ना उसको , तो तू भी उस पर मर मिटेगी. इतना खूबसूरत है वो.” रिया गर्व से बोली.

रिया को खुश देखकर आँचल ने भी खुशी महसूस की. और उसे बधाई दी की तुझे इतना हैंडसम पति मिलने वाला है.

आँचल सोचने लगी की जब मेरी शादी हुई थी तब तो रिया वर्जिन थी लेकिन अब मालूम नही. उसने पूछा,”क्या रिया, तुमने रवि के साथ कुछ किया तो नही है अभी तक ?”

रिया बिना शरमाये बोली,” आँचल डार्लिंग, वो इतना खूबसूरत है की मैं तो उसे रोक ही नही सकी.”

फिर रिया डिटेल में बताने लगी की कैसे सगाई के अगले ही दिन रवि ने अपने दोस्त के घर में उसे सिड्यूस कर लिया था और फिर दोस्त के बेडरूम में उसे चोदा था. रिया ने ये भी डिटेल में बताया की रवि ने उस रात जमकर उसकी चुदाई की थी.

रिया बिंदास होकर अपने कौमार्यभंग होने का किस्सा सुनाती रही, आँचल भी उसकी बातों से गरम हो गयी.

रिया उत्तेजित होते हुए बोली,” मुझे इतना मज़ा आया ना आँचल, की मुझे तो लत ही लग गयी . अब जब भी हम मिलते हैं तो चुदाई कर लेते हैं. मुझसे तो शादी का भी इंतज़ार नही हो रहा, जल्दी से शादी हो तो फिर हम जब चाहे और जितना चाहे चुदाई कर सकते हैं. सच में, बहुत मज़ा आता है.”

फिर उसने अपनी बात जारी रखी,” मैं देल्ही आने से पहले तीन दिन से रवि से नही मिल पाई और अब दो दिन यहाँ रुकना है. गॉड, उसके बिना तो मैं रह ही नही पाती हूँ.”

आँचल रिया की बिंदास बातों से शरमा गयी. ये रिया तो बहुत ही बोल्ड हो गयी है. शादी से पहले ही खुल्लमखुल्ला चुदाई कर रही है.

रिया बोली,” अरे यार तू बता, तुझे जीजाजी के साथ कैसे मज़ा आता है. तू तो बहुत तड़प रही होगी, वो इतने दिन से बाहर जो गये हुए हैं.”

फिर हंसने लगी,” जीजाजी को सोचकर तू मूठ मार रही होगी , है ना बेचारी आँचल.”

आँचल मुस्कुरा कर रह गयी. रिया उसके बहुत क्लोज़ थी फिर भी उसने अपनी दुख भरी कहानी रिया को नही बताई की सुनील तो शुरू होने तक झड़ जाता है. शायद वो सुनील की बेइज़्ज़ती नही करना चाहती थी. ये राज़ , ये दुःख उसने अपने सीने में ही दबाये रखा किसी को नही बताया. रिया को भी नही जो उसकी पक्की सहेली थी.

कुछ देर आँचल के बेडरूम में आराम करने के बाद वो दोनो शॉपिंग के लिए चली गयी. रिया ने जमकर शॉपिंग की. घर लौटने में उन्हे बहुत देर हो गयी.

उधर ससुर का मूड ऑफ हो गया था जिस रात को वो आँचल के साथ रंगीन बनाने की सोच रहा था , वो रात उसे अकेले काटनी पड़ रही थी. आँचल तो मिली नही अब उसने अपना ध्यान नौकरानी सुनीता की तरफ लगाया.

शॉपिंग करने के बाद रात में घर लौटकर आँचल और रिया देर तक बेडरूम में बाते करते रहे. रात 12:30 pm के आस पास आँचल की नींद खुली तो उसने देखा , बेडरूम में वो अकेली है और रिया बेड पर नही है. आँचल थोड़ी हैरान हुई , वो उठी और अपना बाथरूम चेक किया , रिया वहाँ भी नही थी. आँचल बेडरूम से बाहर आई तो देखा रिया लिविंग रूम के दरवाज़े से अंदर झाँक रही है. रिया की पीठ आँचल की तरफ थी. उसकी नाइटी ऊपर उठी हुई थी और वो थोड़ा दीवार पे झुकी हुई थी. उसके हाथ के हिलने से आँचल समझ गयी की रिया मूठ मार रही है. रिया के मुँह से हल्की सी सिसकारियाँ भी निकल रही थी.

आँचल दबे पाँव रिया के पीछे पहुँची तो उसे लिविंग रूम से किसी लड़की के ज़ोर से सिसकारियाँ लेने की आवाज़ आई. रिया ने आँचल को अपनी पीछे खड़ी देखा तो हड़बड़ा कर नाइटी ठीक कर ली. आँचल ने देखा रिया की आँखे उत्तेजना से लाल हो रखी थी.

अब आँचल ने भी रूम के अंदर झाँका की रिया क्या देखकर मूठ मार रही थी. वहाँ फर्श पर सुनीता नंगी लेटी हुई थी और आँचल का ससुर भी पूरा नंगा था और सुनीता की जमकर चुदाई कर रहा था. सुनीता मज़े से सिसकारियाँ ले रही थी और अपने बदन पर पड़ रहे ज़ोर के धक्कों से उसकी बड़ी चूचियां ज़ोर से आगे पीछे को हिल रही थी. ससुर इतने जबरदस्त तरीके से सुनीता को चोद रहा था की वो नज़ारा देखकर आँचल की चूत भी गीली हो गयी.

आँचल का मुँह हैरानी से खुला हुआ देखकर रिया उसके कान में फुसफुसाई,” देख तेरा ससुर कैसे जोरो से सुनीता को चोद रहा है…”

सुनीता की जबरदस्त चुदाई देखकर दोनो की चूत रस बहाने लगी. तभी ससुर ने अपना लंड सुनीता की चूत से निकाल लिया और सोफे पर बैठ गया . फिर सुनीता को अपनी गोद में बिठाकर चोदने लगा. ससुर का लंड देखकर रिया का मुँह खुला रह गया.

“हाय आँचल , देख कितना बड़ा लंड है तेरे ससुर का , सचमुच खंभा है …” रिया अब खुलेआम आँचल के सामने ही मूठ मारते हुए बोली.

रिया को अपनी क्लिट मसलते देखकर आँचल भी अपनी नाइटी के अंदर हाथ डालकर चूत में उंगली करने लगी. ससुर और सुनीता की चुदाई का लाइव शो देखते हुए दोनो हल्की हल्की सिसकारियाँ लेने लगी. फिर रिया से कंट्रोल नही हुआ और वो आँचल को चूमने लगी. रिया को ज़ोर से सिसकारियाँ लेते देखकर आँचल डर गयी की कहीं उसका ससुर ना देख ले. आँचल रिया का हाथ पकड़कर उसे अपने बेडरूम में खींच ले गयी और दरवाजा बंद कर दिया.

रूम मे आने के बाद दोनो एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगी. रिया आँचल की बड़ी चूचियों को दबाने और मसलने लगी. दोनो ने अपनी नाइटी उतार फेंकी और पैंटी उतारकर दोनो नंगी हो गयी. कुछ देर खड़े खड़े एक दूसरे के नंगे बदन को सहलाने के बाद बेड में 69 की पोज़ में आ गयी और एक दूसरे की चूत चाटने लगी. दोनो तब तक चूत चाटते रही जब तक ओर्गास्म नही आ गया. फिर वो दोनो झड़ गयी और एक दूसरे की बाँहो में नंगी ही सो गयी.

जब सुबह उनकी आँख खुली तो एक दूसरे की बाँहो में नंगे सोए देखकर दोनो शरमा गयी. फिर रिया ने चुप्पी तोड़ी और बोली की उसको आँचल की चूत का टेस्ट अच्छा लगा और आँचल से चूत चटवाने में भी उसे बहुत मज़ा आया. आँचल हंस पड़ी और नंगी रिया को बेड पे आलिंगन कर लिया. वो दोनो फिर से शुरू हो गयी और एक दूसरे को चूमने और बदन पर हाथ फिराने लगी.

तभी कुक ने उसके रूम के दरवाज़े पर नॉक किया. आँचल जल्दी से बाथरूम में चली गयी और रिया ने नाइटी पहन ली और दरवाज़ा खोला. कुक उनके लिए बेड टी लाया था.

फिर आँचल नहाने के बाद किचन में चली गयी. आज सुनील वापस आने वाला था तो वो उसका पसंदीदा खाना बनवाना चाहती थी. रिया आँचल के बेडरूम से लगे बाथरूम में नहाने चली गयी.

कुछ देर बाद सुनील आ गया और आँचल को सरप्राइज देने के लिए चुपचाप बेडरूम में गया. बेडरूम में आँचल नही थी लेकिन बाथरूम से शावर की आवाज़ आ रही थी. सुनील ने समझा , आँचल नहा रही है वो बाथरूम में घुस गया.

जैसे ही उसने बाथरूम का दरवाज़ा खोला , उसने देखा अंदर कोई लड़की नंगी नहा रही है. रिया सुनील को देखते ही ज़ोर से चीखी और अपने हाथों से अपनी चूचियां ढकने की कोशिश करने लगी. फिर एक हाथ से चूत को ढकने लगी. फिर वो नंगे बदन में लपेटने के लिए तौलिया की तरफ लपकी.

तभी उसका पैर फिसल गया और वो धड़ाम से बाथरूम के फर्श में गिर गयी.

आँचल के बेडरूम से चीखने की आवाज़ सुनकर आँचल और उसका ससुर दोनो दौड़कर आए. उन्होने बेडरूम के अंदर आकर देखा , घबराया हुआ सुनील पूरी नंगी रिया को बाथरूम के फर्श से उठा रहा है.
Reply
12-08-2018, 01:06 PM,
#40
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
जब आँचल और उसका ससुर बाथरूम में गये तो उन्होने देखा पूरी नंगी रिया फर्श पर गिरी है और सुनील उसको उठाने की कोशिश कर रहा है. रिया के बदन में साबुन लगा होने से सुनील के हाथों से वो फिसल जा रही थी. तब ससुर ने आगे बढ़कर रिया की काँखों के नीचे हाथ डालकर उसे उठाया और सुनील ने उसकी टाँगे पकड़ ली. रिया हल्के हल्के सुबक रही थी. दोनो ने उसे उठाया और बेड पर लिटा दिया. शायद गिरने से उसके पैर में मोच आ गयी थी.

फिर आँचल ने सुनील और ससुर को अपने बेडरूम से फटाफट बाहर निकाल दिया और रिया के ऊपर चादर डालकर उसका नंगा बदन ढक दिया. और फिर उसके टखने में आई मोच को देखने लगी.

दोनो आदमियों के रूम से बाहर जाने के बाद , रिया एंबॅरसमेंट से ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. आँचल ने उसे दिलासा दी और कहा,”तुझे एंबॅरस होने की ज़रूरत नही. अपने घर के ही तो लोग हैं. कोई बाहर वालों ने तुझे नंगी थोड़ी देखा. और इसमे तेरी ग़लती भी क्या है.”

फिर आँचल ने रिया के टखने में आयोडेक्स मल दिया. उसके बाद एक गीले कपड़े से रिया का बदन साफ करके आँचल ने उसे कपड़े पहना दिए.

आँचल बोली,” तू बेड में लेटी रह , मैं तेरे लिए गरम चाय लाती हूँ.”

आँचल के किचन में जाने के बाद रिया सोचने लगी , मेरे साथ ये क्या हुआ. सुनील और उसके बाप के अपने को नंगा देख लेने से उसको बहुत एंबॅरसमेंट हुई थी. दोनो कैसे उसके नंगे बदन को घूर रहे थे , बेशर्मों की तरह खुलेआम. रिया की चूत में थोड़ी सनसनाहट हुई. जीजाजी की आँखो में वासना को रिया ने देखा था. उसकी टाँगे पकड़कर जब वो रूम में ला रहा था तो उसकी नज़रें रिया की चूत पर ही थी. और ससुर तो रिया के पीछे था. उसने जानबूझकर बाँहों से उठाने के बहाने अपनी उँगलियाँ रिया की चूचियों के ऊपर लगा रखी थी. कल रात कैसे जोरों से चोद रहा था सुनीता को, पक्का ठरकी है. मुझे पूरा यकीन है ससुर ने जानबूझकर ही मेरी चूचियों को सहलाया होगा , रिया सोचने लगी.

रिया को पता नही था की कल रात ससुर ने क्या देख लिया था.

सुनीता को चोदने के बाद जब ससुर अपने बेडरूम में जाने के लिए लिविंग रूम से बाहर आया तो दरवाज़े पर उसको एक पैंटी पड़ी मिली. उसने तुरंत झुककर वो पैंटी उठा ली . पैंटी गीली हो रखी थी. ससुर ने उसको सूँघा और चूतरस की खुशबू सूँघी और फिर उस पैंटी को अपने कुर्ते की जेब में डाल लिया. वो समझ गया आँचल और रिया मे से किसी एक लड़की ने उसे सुनीता को चोदते हुए देख लिया होगा और उत्तेजना से उसकी पैंटी गीली हो गयी होगी. लेकिन वो थी कौन और अपनी पैंटी यहाँ क्यूँ छोड़ गयी ? इसका जवाब ससुर के पास नही था. उसने ठान लिया , मैं पता लगाऊंगा की वो कौन थी जो दरवाज़े पर खड़ी होकर मेरी संगीता के साथ चुदाई के मज़े ले रही थी.

हुआ ये था की जब रिया मूठ मार रही थी तो उसने पहले तो पैंटी के अंदर उंगलियाँ डालकर चूत रगडी फिर नाइटी ऊपर करके पैंटी उतार दी थी. जब आँचल उसे ज़बरदस्ती हाथ खींचकर अपने बेडरूम में वापस ले गयी तो वो पैंटी वही पड़ी रह गयी .

आँचल किचन में नाश्ता तैयार करवा रही थी और सुनील वहीं उससे बाते करने लगा.

ससुर चुपचाप आँचल के बेडरूम में घुस गया. उसे देखकर रिया शरमा गयी. ससुर ने बहाना बनाया की उसकी जेब से रूम में कुछ गिर गया था. फिर वो बाथरूम में जाकर आँचल के उतारे हुए कपड़ों में उसकी पैंटी ढूंढने लगा. और आँचल की पैंटी से अपनी जेब में पड़ी पैंटी को मिलाया तो पता चला अलग साइज़ की है. वो समझ गया कल रात दरवाज़े पर रिया आई थी. अपने जासूसी कारनामे की सफलता से ससुर खुश हो गया और मुस्कुराते हुए वापस बाथरूम से बेडरूम में आ गया.

वासना भरी आँखों से रिया को देखते हुए सोचने लगा,” तो ये थी जो कल मेरी चुदाई देखकर उत्तेजित हो गयी थी.”

बेड के पास जाकर रिया के गालों को सहलाते हुए बोला,” बेटा , अब कैसा लग रहा है, दर्द तो नही है अभी ? ”

“उननह……..हाँ थोड़ा दर्द है…..” रिया धीमी आवाज़ में बोली. उसे ससुर से डर भी लग रहा था , लेकिन उसके गाल सहलाने से एक्साइट्मेंट भी हो रही थी.

“आज का दिन तुम आराम करो.” दोनो हाथों में रिया के चेहरे को पकड़कर सहलाते हुए ससुर बोला.

“उउउन्न्ं……जी…….जी हाँ …..” ससुर की आँखो में हवस देखकर रिया ने जवाब दिया.

इससे पहले की ससुर और कुछ करता, रूम में सुनील और आँचल आ गये. उनके साथ नौकर भी था जो रिया के लिए नाश्ते की ट्रे लेकर आया था.

ससुर बेड से तुरंत उठ खड़ा हुआ और सफाई देने लगा,” मैं रिया से आज आराम करने को कह रहा था और अपनी वापसी एक दिन के लिए आगे बढ़ा दो , ये कह रहा था.”

सुनील भी तुरंत अपने पापा की हाँ में हाँ मिलने लगा. आँचल सुनील की एक्साइट्मेंट देखकर थोड़ा चौंकी लेकिन वो भी राज़ी हो गयी की रिया एक दिन और रुक जाएगी.

आँचल को मालूम नही था लेकिन सुनील रिया को नंगी देखकर एक्साइटेड था , इसलिए एक दिन और रुकने की बात पर खुश हो गया था. चुलबुली और खूबसूरत रिया का साथ उसे भी अच्छा लग रहा था.

आँचल ने रिया के मम्मी पापा को फोन कर दिया की उसके पैर में मोच आ गयी है और वो आज शाम की बजाय कल शाम की ट्रेन से वापस जाएगी.

रिया अपने मंगेतर रवि को मिस कर रही थी लेकिन सोचने लगी , आँचल और जीजाजी के साथ एक दिन और गपशप कर लूँगी. वो ज़्यादा देर तक बेड में शांत नही रह सकी और आँचल से शॉपिंग करने और बाहर घूमने की ज़िद करने लगी.

आँचल मना करने लगी की नही तुम आराम करो . लेकिन सुनील बोला जब बाहर खाने पीने, शॉपिंग को कह रही है तो चलते है ना.

आँचल सोच में पड़ गयी ये सुनील आज बड़े मूड में है. क्या बात ?

वो तीनो शॉपिंग करने और लंच करने के लिए बाहर चले गये. आँचल ने सुनील में आया बदलाव देखा. वो खूब खुश और जोशीला दिख रहा था. और उन दोनो को अपनी मजाकिया बातों से खूब हंसा रहा था.

रिया अपने जीजाजी से बहुत इंप्रेस हो गयी और उसके चुटकुलों पर खुलकर हँसी. आँचल ने देखा रिया जीजा की बातों पर खूब हंस रही है, भले ही चुटकुले हँसने लायक ना हो तब भी. दोनो एक दूसरे की पीठ पर चपत लगा दे रहे हैं और एक दूसरे को टच करने का कोई मौका नही छोड़ रहे. रिया ने तो पहली बार देखा था उसने सोचा जीजाजी ऐसे ही मस्तमौला हैं. लेकिन आँचल को तो हक़ीकत पता थी. सुनील को इस नये रूप में एंजाय करते देखकर वो भी खुश हुई और तीनो मज़े करते रहे.

रिया के सामने ही सुनील कभी मज़ाक में आँचल के गाल पकड़ लेता कभी उसके नितंबों को मसल देता. आँचल अपने पति में आए इस बदलाव से हैरान तो थी लेकिन अंदर से बहुत खुश थी. यही तो वो चाहती थी की सुनील उसके ऊपर ध्यान दे , हंसकर बाते करे लेकिन वो तो सुबह फैक्ट्री चला जाता था और शाम को वापस आकर डिनर करके सो जाता था.

फिर उन्होने कोई मूवी देखने का निश्चय किया. सुनील उन्हे जान बूझकर जिस थियेटर में हॉलीवुड की अडल्ट मूवी ‘बेसिक इंस्टिंक्ट’ लगी थी वहाँ ले गया. ये मूवी हॉलीवुड हीरोइन शेरोन स्टोन के सेक्स सीन्स की वजह से बहुत फेमस हुई थी. सिनेमा हॉल में आँचल सुनील और रिया के बीच वाली सीट में बैठी थी. थोड़ी ही देर में फिल्म में सेक्स सीन्स चालू हो गये. सुनील ने आँचल का हाथ अपने लंड के ऊपर रख दिया और खुद उसकी चूचियां दबाने लगा.

आँचल सुनील की हरकतों से रोमांचित हो गयी और पैंट के बाहर से उसके तने हुए लंड को ज़ोर से दबाने लगी. थोड़ी देर में उनकी चुम्मा चाटी भी शुरू हो गयी.

अब रिया को दो मूवी देखने को मिल रही थी. फिल्म में चल रहे सेक्स सीन्स को देखकर वो एक्साइटेड हो रही थी. लेकिन ज़्यादा मज़ा उसे आँचल और जीजाजी की चुम्मा चाटी में आ रहा था. आँचल के मुँह से निकलती हल्की सिसकारियों को सुनकर रिया की चूत गीली होने लगी.

रिया ने गौर से देखा की आँचल ने हाथ से जीजाजी के लंड को पकड़ा हुआ है. वो सोचने लगी , जीजाजी का लंड कितना बड़ा होगा ?
ओह, मैं रवि को कितना मिस कर रही हूँ , काश वो अभी यहाँ होता. अब रिया चुदाई के लिए तड़पने लगी. रात में पहले ससुर और सुनीता की चुदाई ने उसे उत्तेजित किया. फिर आँचल के साथ रात में चूत चटाई की और अब ये सिनेमा हॉल में फिर से सीन देखने को मिल रहा है. रिया को एक आदमी की ज़रूरत महसूस होने लगी . उत्तेजना से उसकी चूत रस बहाने लगी, आदमी कोई भी हो उससे अभी रिया को कोई मतलब नही था. मतलब सिर्फ़ लंड से चूत की चुदाई करने का था , चाहे वो लंड किसी का भी हो.

तभी फिल्म में इंटरवल हो गया. सुनील अपने लंड को पैंट में एडजस्ट करके पॉपकॉर्न लेने चला गया. आँचल के बाल बिखर गये थे और पसीने और लार से उसका चेहरा गीला हो गया था. आँचल एक रुमाल से अपना चेहरा पोछने लगी और अपनी सांसो पर काबू पाने का प्रयास करने लगी. बगल में रिया और बाकी लोगो के बैठे होने की होश उसे अब आ रही थी.

रिया ने हल्के से आँचल की चूचियां दबाई,” दीदी, आज रात क्या करने वाली हो ? बहुत तड़प रही हो.”

आँचल झेंपकर शरमा गयी, “कुछ नही रिया, आज तो तुम भी तो हो.”

“ ना बाबा ना , मैं कबाब में हड्डी नही बनने वाली. मुझे तो तुम लोग अपनी मम्मी के घर छोड़ देना.” रिया हंसते हुए बोली.
फिर आँचल को चिढ़ाते हुए बोली,” आज रात तो जीजाजी तुम्हे सोने नही देंगे.”
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,449,216 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 538,513 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,211,160 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 915,610 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,623,071 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,055,673 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,909,416 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,918,300 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,978,082 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 279,997 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)