vasna kahani आँचल की अय्याशियां
12-08-2018, 01:02 PM,
#21
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
होटेल से बाहर निकलकर आँचल अंकुर की कार में बैठ गयी. कार ड्राइवर उसे ब्रीच कैंडी ले गया. वहाँ शॉपिंग करने में आँचल को बहुत मज़ा आया. शॉप्स भी अच्छी थी और धक्कामुक्की बिल्कुल नही थी. आँचल ने कुछ इंपोर्टेड ब्रा ,पैंटीज और हैंडबैग्स खरीदे. आँचल ने मन ही मन यहाँ शॉपिंग करने का सुझाव देने के लिए अंकुर को धन्यवाद दिया. जब उसकी शॉपिंग खत्म हुई तो दोपहर के 1 बज गये थे. आँचल कार में बैठकर ओबेरॉय होटेल की तरफ चल दी जहाँ उसे अंकुर के साथ लंच करना था.

कॉफी शॉप में आँचल ने देखा अंकुर अभी नही पहुँचा था. आँचल वहाँ बैठकर उसका इंतज़ार करने लगी. थोड़ी ही देर में अंकुर वहां पहुँचा और आँचल को अपना इंतज़ार करते पाकर, आँचल की ओर देखकर मुस्कुराया. आँचल के पास पहुँचकर अंकुर ने उसके गाल पर किस करके विश किया. आँचल ने उसके पौरुष की गंध को महसूस किया. अंकुर को देखकर आँचल को सुनील के कजिन समीर की याद आती थी. दोनो ही लंबे चौड़े , हैंडसम और कॉन्फिडेंट थे. सबसे पहले आँचल को समीर ने ही सिड्यूस किया था. इसलिए वो उसे भूली नहीं थी. 

आँचल के बगल में ना बैठकर अंकुर उसके सामने टेबल के दूसरी तरफ बैठ गया. लंच के दौरान अंकुर उससे एक जेंटलमैन की तरह व्यवहार करते रहा और मुंबई की बातें , ख़ासकर अपनी गुज्जु कम्यूनिटी के हँसी मज़ाक के किस्से सुनाता रहा.

आँचल को महसूस हुआ कि अंकुर की पर्सनालिटी से वो अंकुर की तरफ आकर्षित हो रही है. अंकुर की हल्की फुल्की बातों पर वो खुलकर हंस रही थी. अंकुर का साथ उसे बहुत पसंद आ रहा था. 

अंकुर ने बताया कि उसके बड़े भाई गुल्मोहर ने शाम को फिल्म शूटिंग देखने का इंतज़ाम करवा दिया है. एक प्राइवेट बंगले में शूटिंग हो रही थी और आँचल को लेने 6 pm पर कार उसके होटेल आ जाएगी. फिर अंकुर ने कहा की उसको आँचल के साथ लंच करके बहुत अच्छा लगा और जब वो दोबारा मुंबई आएगी तो वो उससे ज़रूर मिलेगा.

आँचल का अंकुर के साथ अच्छा टाइम पास हो रहा था, अंकुर के जाने की बात सुनकर वो उदास हो गयी. वो बाकी दिन भी अंकुर के साथ बिताना चाह रही थी क्यूंकी सुनील तो पुणे गया था और रात को लौटने वाला था. तब तक तो वो होटेल में अकेले बोर हो जाएगी.

आँचल बोली,” मैं जुहू बीच देखना चाहती हूँ, लेकिन अकेले जाकर क्या करूँगी. अगर आप साथ चलो तो….”
अंकुर ने मना करके आँचल का दिल दुखाना ठीक नही समझा और साथ चलने की हामी भर दी. दोनो कार में बैठकर जुहू बीच की तरफ चल दिए. 

कार की बैकसीट में अंकुर आँचल से थोड़ी जगह छोड़कर बैठा था. आँचल सोचने लगी इसकी जगह कोई और होता तो अब तक मुझसे सटकर बैठकर, इधर उधर हाथ फिराने लगता. ये उसके लिए नया अनुभव था क्यूंकी अब तक तो सभी मर्द उससे चिपटने को उतावले रहते थे. वो सोचने लगी कहीं ये गे तो नही ? या फिर शर्मीला ? आख़िर ये मुझसे दूरी क्यूँ रख रहा है. कॉफ़ी शॉप में भी बगल की सीट खाली होते हुए भी सामने बैठा , यहाँ कार में भी अलग हटके बैठा है. वो अंकुर की तरफ आकर्षित थी लेकिन अंकुर एक जेंटलमैन की तरह बिहेव कर रहा था.

आँचल ने सोचा अब मुझे ही कुछ करना पड़ेगा. इस हैंडसम बंदे को सिड्यूस करती हूँ. आँचल बहाने से थोड़ा खिसक गयी अब दोनो की टाँगे सट गयी थी. फिर वो अपने हाथ से बाल पीछे को करने लगी जिससे उसकी छाती आगे को तन गयी , वो चाहती थी की ऐसा करने से उसके पतले कपड़े के ब्लाउज को फाड़कर बाहर आने को मचलती चूचियों का हिलना डुलना अंकुर को दिखे.

अंकुर ने आँचल को छूने का कोई प्रयास नही किया लेकिन आँचल ने तिरछी नज़रों से देख लिया की उसके पैंट में तंबू बनने लगा है. आँचल मन ही मन मुस्कुरायी. मादक आँचल के रूप के जादू से कोई मर्द नही बच सकता था.

आँचल ने अपने बालों से हाथ हटाकर नीचे लाते हुए अपनी बाँह अंकुर की बाँह से छुआ दी. फिर बातें करते हुए कार की खिड़की से बाहर किसी बिल्डिंग या किसी और चीज़ की ओर इशारा करते हुए अपना बदन अंकुर के और करीब झुका दे रही थी.

[आँचल को पता नही था लेकिन पहली रात को डिनर के बाद दोनो भाइयों में आँचल की खूबसूरती को लेकर बातें हुई थी.
गुल्मोहर बोला,” सुनील की बीवी इतनी खूबसूरत होगी ये तो मैंने कभी सपने में भी नही सोचा था. इस साली को तो मैं हाथ से जाने नही दूँगा. शाम को शूटिंग दिखाकर आँचल को मैं ज़रूर चोदूँगा.”
फिर उसने सुनील के साथ पुणे जाने का प्रोग्राम बहाना बनाकर कैंसिल कर दिया और अपने मैनेजर को सुनील के साथ पुणे भेज दिया और ये हिदायत भी दे दी की रात 11 बजे से पहले पुणे से लौटना नही. सुनील को पुणे में ही ज़्यादा से ज़्यादा देर तक रोकने की उनकी ये चाल थी.]

लेकिन यहाँ कार में तो उल्टा हो रहा था. अंकुर सोचने लगा ये तो खुद मेरा ही शिकार कर रही है. दोनो भाइयों में हमेशा बड़े की ही चलती थी अंकुर का नंबर गुल्मोहर के बाद ही आता था. इस बार भी गुल्मोहर ने शूटिंग के बाद आँचल को फँसाने का प्लान बनाया था . गुल्मोहर जब आँचल को चोद लेता फिर उसके बाद अंकुर को चांस मिलता. अंकुर सोचने लगा हमेशा मलाई बड़ा भाई खा जाता है मुझे बची खुची जूठन खानी पड़ती है. लेकिन इस बार मैं ऐसा नही होने दूँगा. भाड़ में गया बड़े भाई का प्लान. अभी मेरे पास अच्छा मौका है , इस बार पहले मैं मलाई खाऊंगा .

कुछ देर बाद आँचल ने अंकुर की ओर झुकते हुए एक बिल्डिंग की ओर इशारा किया और उसके बारे में पूछा. अंकुर ने आँचल के कंधों पर हाथ रख दिया और अपना चेहरा आँचल के करीब लाकर उसको बिल्डिंग के बारे में बताने लगा. बताते हुए उसने आँचल के कंधे को पकड़कर थोड़ा अपने और नज़दीक़ कर लिया और आँचल को देखकर मुस्कुराया.

आँचल खुश हो गयी . चलो आख़िर इसने कुछ तो हरकत की. शायद अब लाइन में आ रहा है. वो भी अंकुर को देखकर मुस्कुरायी. फिर नीचे उसकी पैंट में बने तंबू को देखा. हम्म्म ...… इसका भी लंड बड़ा ही लग रहा है.

अंकुर ने देख लिया आँचल बीच बीच में उसके पैंट की तरफ देख रही है. वो सोचने लगा इसका चुदाई का बहुत मन हो रहा है. अब अंकुर की हिम्मत बढ़ गयी . वो आँचल की गर्दन और कंधे सहलाने लगा. आँचल को कोई विरोध ना करते देखकर उसने दूसरा हाथ आँचल की साड़ी के पल्लू के अंदर डाल दिया. और उसकी चूचियों को सहलाने लगा. अपनी चूचियों पर अंकुर के हाथ के स्पर्श से आँचल के मुँह से हल्की सी सिसकारी निकली. 
अंकुर धीरे धीरे चूचियों पर दबाव बढ़ाकर ब्लाउज के बाहर से ही उनको मसलने लगा. आँचल अपने होठ को दाँत में दबाकर सिसकारियाँ रोकने का प्रयास करने लगी.

फिर अंकुर ने आँचल के रसीले होठों का चुंबन ले लिया और बोला,” भाभी आप बहुत ही मादक हो , बहुत ही सेक्सी…”

आँचल उत्तेजित होकर बोली,” अंकुररर..…” और उसे अपने होठों का चुंबन लेने दिया.

अंकुर ने आँचल के होठों का चुंबन लेना जारी रखा. आँचल ने अपना मुँह खोल दिया और उसकी जीभ को अंदर आने दिया. अंकुर अपनी जीभ आँचल के मुँह में घुमाने लगा और दोनो हाथों से आँचल की बड़ी और नरम चूचियों को पतले ब्लाउज के बाहर से मसलने लगा. आँचल के कड़े हो चुके निपल्स को वो महसूस कर रहा था. और उन्हे चूसने के लिए उतावला हो रहा था. सोच रहा था कल रात से ही इस औरत ने मुझ पर जादू कर दिया है.

अंकुर के किस करने और चूचियां मसलने से आँचल की चूत गीली होने लगी. थोड़ी देर बाद अंकुर ने चुंबन खत्म किया , आँचल गहरी साँसे लेने लगी. फिर अंकुर ने ब्लाउज और ब्रा को ऊपर को खींच दिया जिससे आँचल की चूचियां थोड़ी बाहर को आ गयी . और हाथों से चूचियों को पकड़कर निपल को भी बाहर निकाल लिया. ज़ोर से ऊपर खींचने से पतला ब्लाउज फट गया.

ड्राइवर ने रियर व्यू मिरर में आँचल की गोरी चूचियां और तने हुए निपल देखे. उसका ध्यान भंग हो गया और उसने कार की स्पीड कम कर दी. अब उसका इंटरेस्ट कार चलाने में कम और पीछे देखने में ज़्यादा हो गया. आँचल के मादक जिस्म को देखने का मौका वो भी छोड़ना नहीं चाहता था.

अंकुर ने अपना मुँह निपल पर लगाकर उसे चूसना शुरू कर दिया. आँचल अब ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी. और उत्तेजना में उसने अंकुर के लंड को पैंट के बाहर से पकड़ लिया. फिर वो उसकी पैंट की ज़िप खोलकर लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगी. तभी मोबाइल की घंटी बज गयी. 

अंकुर ने फोन उठाया तो दूसरी तरफ गुल्मोहर था. अंकुर ने गुजराती में उसको सब बता दिया. 

अंकुर बोला,” मैं तुमसे बात कर रहा हूँ और ये मेरा लंड ज़िप से बाहर निकालने की कोशिश कर रही है. आँचल को सिड्यूस करने के लिए बाहर घुमाने फिराने की ज़रूरत नही है, इसको मैं सीधे होटेल के कमरे में ला रहा हूँ वहीं मैं इसकी जमकर चुदाई करूँगा. तुम भी होटेल आ जाओ.” 

फिर साथ में ये बताना नही भूला,” जब तक तुम होटेल पहुचोगे मैं इसे चोद चुका होऊंगा ( इस तरह तुमसे आगे निकल जाऊंगा …).”

आँचल गुजराती नही समझती थी , उत्तेजना में उसे मतलब भी नही था कि अंकुर किससे और क्या बात कर रहा है. उसकी आँखे झूम रही थी. उसने देखा ड्राइवर मिरर से उसी को घूर रहा है. आँचल ने भी बेशर्मी से उसको घूरा और सिसकारियाँ लेती रही, अंकुर फोन पर बात करते समय भी उसके निपल मसल रहा था. आँचल उत्तेजना से कांप रही थी और उससे एक सिंपल सी पैंट की ज़िप भी नही खुल पा रही थी.

फोन बंद करने के बाद अंकुर ने अपनी ज़िप खोलकर लंड बाहर निकाल लिया . अंकुर का लंड देखकर आँचल ने सिसकारी ली. उसको एक रगड़कर चुदाई की ज़रूरत थी और अंकुर का बड़ा और मोटा लंड चुदाई के लिए बिल्कुल पर्फेक्ट था. आँचल झुकी और लंड मुँह में ले लिया. दूसरे हाथ से उसकी गोलियों को सहलाती हुई वो मज़े से लंड चूसने लगी. अंकुर आनंद से आहे भरने लगा.

आँचल के नीचे झुकने से ड्राइवर को फ्री शो दिखना बंद हो गया. उसका मूड खराब हो गया. हद है. 

आँचल अब तक लंड चूसने में एक्सपर्ट हो चुकी थी. जैसे ही उसे लगता की अब अंकुर झड़ जाएगा वो लंड चूसना बंद कर देती , कुछ पलों बाद फिर चूसने लगती और फिर बंद कर देती. इस तरह उसने लंड चुसाई लंबी खींच दी.

अंकुर मज़े से पागल हुआ जा रहा था, किसी ने मेरा लंड ऐसा नही चूसा जैसा ये साली सेक्सी कुतिया चूस रही है. आँचल के खेल से वो तड़पने लगा और बोला, “ भाभी प्लीज़ मुझे झड़ने दो, रुक मत जाओ, चूसती रहो.”
आँचल मज़े ले रही थी , देखो किसी बच्चे की तरह मेरी खुशामद कर रहा है.

आँचल को रुका हुआ देखकर अंकुर ने खुद ही अपनी गांड उठाकर आँचल के मुँह को चोदना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में उसने आँचल का मुँह अपने वीर्य से भर दिया.

“ भाभीईईईई….” कहते हुए उसने वीर्य की धार आँचल के मुँह में छोड़ दी और लंड से वीर्य निकलता रहा और आँचल के मुँह में जाता रहा.

आँचल जितना वीर्य निगल सकती थी उसने निगल लिया , फिर उसने अपना चेहरा उठाया और लंड से निकलता वीर्य उसके चेहरे , बालों और साड़ी में गिर गया.

ड्राइवर ने आँचल के खूबसूरत चेहरे को वीर्य से सना हुआ देखा , इस नज़ारे से उसका लंड पैंट फाड़कर बाहर आने को हो गया और कार उसके कंट्रोल से बाहर होकर इधर उधर होने लगी. बड़ी मुश्किल से उसने अपने ऊपर काबू पाया और कार को कंट्रोल किया.

अंकुर ने आँचल के चेहरे पर वीर्य लगा देखकर अपने रुमाल से साफ करने की कोशिश की. आँचल मदहोश थी , उसे अब अपनी चूत में एक मोटा लंड चाहिए था. अंकुर ने आँचल से कहा, की हम तुम्हारे होटेल पहुँचने वाले हैं और उसके फटे ब्लाउज और ब्रा से जैसे तैसे उसकी चूचियां ढक दी. और साड़ी के पल्लू को आगे कर दिया.

होटेल पहुँचकर अंकुर ने आँचल की कमर में हाथ डाला और रिसेप्शनिस्ट से कमरे की चाभी माँगी. होटेल के स्टाफ ने आँचल को उत्तेजित हालत में देखा. वो समझ गये की इसका पति तो पुणे गया हुआ है , आज ये जमकर चुदने वाली है.
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12-08-2018, 01:02 PM,
#22
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आँचल ने होटेल स्टाफ की ललचाई नज़रों को इग्नोर कर दिया. 
होटेल के कमरे में पहुंचकर अंकुर ने 2 बॉटल बियर का ऑर्डर दिया. 

आँचल ने अपने कपड़े उतार दिए और अंकुर को आलिंगन कर लिया. आँचल को चुदाई के लिए जल्दबाज़ी करते देखकर अंकुर ने भी अपने कपड़े निकाल फेंके और आँचल को बेड पर लिटा दिया. फिर आँचल की टाँगे फैलाकर उसकी चूत में मुँह लगा दिया.

आँचल पहले से ही गीली हो रखी थी , अपनी चूत पर अंकुर की जीभ लगने से सिसकारियाँ लेने लगी ,”ओह……अंकुर, हाँ ………….ऐसे ही चूसो …….मुझे चूसो अंकुर…………..अहह……..”

वो पहले से ही कार में बहुत उत्तेजित हो गयी थी. अंकुर के उसकी चूत चाटने से थोड़ी ही देर में उसको ओर्गास्म आ गया. अंकुर ने उसकी क्लिट को चाटते हुए आँचल का बदन अकड़ता महसूस किया. आँचल ने अपने नितंबों को थोड़ा हवा में उठाया फिर नीचे गिरा दिया. वो झड़ गयी.

चूत चाटते हुए अंकुर ने एक अंगुली आँचल की गांड के छेद में घुसा दी. आँचल को दर्द और आनंद की मिली जुली फीलिंग्स आई ,”ओइईईईई…………ओह………”

आँचल की उत्तेजना देखकर अंकुर अपने को रोक नही पाया और एक हाथ से अपने खड़े लंड को पकड़कर आँचल की चूत के होठों के बीच फँसा दिया. पहले धक्के में सुपाड़ा अंदर घुस गया. आँचल को अपनी चूत स्ट्रेच होते हुए फील हुई. उसकी सिसकारी निकल गयी,”आअरगघह….”

अंकुर ने दोनो हाथों से आँचल की पहाड़ जैसी उठी हुई गोरी गोरी चूचियां पकड़ी और चूत पर धक्के मारने लगा. लंड के अंदर घुसते ही उसे फील हुआ की आँचल की चूत ने उसके लंड को जकड़ लिया है.
“भाभी आपकी चूत तो किसी कुंवारी की तरह टाइट है.” 

“उनन्नज्……उहह……..उन्न्ञन्..” चूत की दीवारों पर लंड रगड़ने से आँचल को बहुत मज़ा मिल रहा था. “आह….चोदो मुझे……चोदोओओओ …..”

अंकुर के धक्कों के जवाब में आँचल अपनी गांड ऊपर को उछालने लगी और फिर अपनी मांसल जांघों के घेरे में अंकुर की कमर को कस लिया जैसे अब जाने ही नही देगी.

अंकुर तेज तेज चोदते हुए चूचियों को मुँह में भरकर काटने लगा , “ भाभिइइइ, सस्साली तू मस्त चीज़ है रे….”

दोनो चुदाई में इतना शोर कर रहे थे की उन्होने डोरबेल नही सुनी.

दरवाज़े के बाहर वेटर बियर लेकर खड़ा था. अंदर से आवाज़ें आने पर वो दरवाज़े पर कान लगाकर आँचल की सिसकारियाँ सुनने लगा.
तभी आँचल को ओर्गास्म आ गया,” उूउउइईईईई……म्म्माआअ….अहह….उन्न्नननगज्गघह…” और वो ज़ोर से सिसकारियाँ लेती हुई झड़ने लगी.

“सस्स्साली चूततततत्त….” मस्ती में अंकुर चिल्लाया और आँचल की चूत को अपने गाड़े वीर्य से भर दिया.

बाहर वेटर का लंड सिर्फ़ आवाज़ सुनकर ही पैंट फाड़ने लगा. वो बियर बॉटल पकड़े हुए ही आँखे बंद करके , अंदर के नज़ारे को इमेजिन करते हुए, अपनी गांड आगे पीछे करने लगा जैसे किसी को चोद रहा हो.

झड़ने के बाद अंकुर आँचल के बदन पर गिर पड़ा. थोड़ी देर तक दोनो अपनी सांसो पर काबू पाने का प्रयास करते रहे. तभी वेटर ने फिर से डोरबेल बजाई.

अंकुर ने झट से टॉवेल अपनी कमर पर लपेट लिया और आँचल ने अपने ऊपर चादर डाल ली. अंकुर ने थोड़ा सा दरवाजा खोला लेकिन वेटर जानबूझकर बियर और स्नैक्स की ट्रे लेकर अंदर आ गया. टेबल पर ट्रे रखते हुए उसने आँचल को अस्तव्यस्त हालत में बेड पर चादर से ढके हुए देखा , उसके बाल बिखरे हुए थे और चेहरे पर पसीना आ रहा था. ट्रे रखने के बाद भी वो बेशर्मी से आँचल को घूरता रहा और अपनी टिप का इंतज़ार करने लगा.

अंकुर ने एक हाथ से अपना टॉवेल पकड़े हुए ही फर्श पर पड़ी अपनी पैंट उठाई और 50 का नोट वेटर को पकड़ा दिया. जा भाई अब यहाँ से , साला घूरे ही जा रहा है. टिप मिलने के बाद वेटर भारी कदमों से ऐसे जा रहा था जैसे बाहर जाने का उसका मन ही ना हो.

वेटर के जाते ही गुल्मोहर आ गया. अंकुर और आँचल की हालत देखकर वो सब समझ गया.
और बोला,” भाभी आप बहुत खूबसूरत लग रही हो और खुश भी…”

आँचल को पता नही था की गुल्मोहर भी वहाँ आने वाला है, वो तो सिर्फ़ अंकुर के साथ मज़े का सोच के आई थी. गुल्मोहर को सामने देखकर आँचल को शरम महसूस हुई और उसका चेहरा फीका पड़ गया.

अंकुर बियर बॉटल से ग्लास में बियर डालने लगा. गुल्मोहर बेड में आँचल के पास जाकर बैठ गया और उसके गाल सहलाने लगा. आँचल के चेहरे के उड़े हुए रंग को देखकर बोला,” भाभी घबराओ मत, तुम्हें मज़ा आएगा.”

फिर उसने एक झटके में आँचल के ऊपर से चादर हटा दी और उसके नंगे बदन को ललचाई नज़रों से देखने लगा.
“भाभी आप बहुत मस्त चीज़ हो, आओ मेरे पास, डरो मत…” कहते हुए उसने आँचल को बेड से उतार दिया और पास में पड़े सोफे में बैठकर आँचल को अपनी गोद में खींच लिया.

आँचल गुल्मोहर को पसंद नही करती थी पर इस समय वो असहाय महसूस कर रही थी और कुछ नही बोली.
गुल्मोहर ने उसकी चूचियों को अपने हाथ से पकड़ा जैसे उनका वजन तौल रहा हो. और फिर उसके निपल्स को मुँह में भरकर चूसने लगा. गुल्मोहर के चूचियों को ज़ोर से मसलने से आँचल के मुँह से एक चीख निकली.
उसका रिएक्शन देखकर गुल्मोहर हंसा और बोला,” भाभी दर्द हुआ क्या ? लगता है भाई ने बहुत मसला है इन्हे..”

गुल्मोहर उसकी चूचियों और निपल को चूसते और मसलते रहा और आँचल के मुँह से आह निकलती रही. वो आँचल के नंगे बदन पर मनमर्ज़ी से हाथ फिराता रहा और उसका खड़ा होता लंड आँचल को अपने नंगे नितंबों के नीचे महसूस हुआ.

अंकुर ये सब देखते हुए ठंडी बियर पी रहा था. अपने बड़े भाई की गोद में नंगी बैठी हुई मादक आँचल की आहें सुनकर उसका लंड फिर खड़ा हो गया. 

अंकुर के टॉवेल में बने तंबू को देखकर गुल्मोहर बोला, “ भाभी वो तो छोटा भाई है, इसलिए उसका मुझसे छोटा है. अब तुम बड़े भाई का बड़ा लंड देखोगी..”. 

फिर उसने आँचल को सोफे पर बैठा दिया और फटाफट अपने कपड़े उतार दिए.
आँचल ने जैसे ही उसका बड़ा और मोटा लंड देखा वो हिप्नोटाइज हो गयी. ये तो मिस्टर सेठी से भी मोटा है. इतने मोटे लंड से मिलने वाले चुदाई के मज़े के बारे में सोचकर आँचल की चूत के होंठ फड़कने लगे और चूत रस बहने लगा.

अंकुर भी अपने भाई के लंड को देख रहा था . आँचल की टाइट चूत में इतना मोटा लंड घुसेगा कैसे , ये सोचकर उसको भी एक्साइट्मेंट होने लगी.

गुल्मोहर सोफे पर बैठ गया और आँचल को अपनी गोद में बिठा लिया. फिर आँचल की टाँगे फैलाकर उसकी चूत के होठों पर लंड रगड़ने लगा. आँचल को अपनी टांगों के बीच वो लंड ऐसा लगा जैसा वो उसका अपना लंड हो. आँचल ने अपनी अंगुलियां उसके चारो ओर लपेटकर उसकी मोटाई का अंदाज़ा लेने का प्रयास किया लेकिन वो उसकी अंगुलियों में पूरा आया ही नही. 

“उन्न्ह….” उसके मुँह से निकला. वो सोचने लगी कितना मोटा लंड है पकड़ में भी नही आ रहा.

“भाभी घबराओ नही…”, आँचल के चेहरे के भाव देखकर गुल्मोहर बोला. 

फिर आँचल की क्लिट और चूत की दरार में लंड का सुपाड़ा रगड़ने लगा. क्लिट पर लंड रगड़ने से आँचल सिसकारियाँ लेने लगी और उसकी चूत फिर से गीली होने लगी. गुल्मोहर ने आँचल के नितंबों को दोनो हाथों से पकड़ा और धीरे धीरे सुपाड़े को चूत के अंदर घुसाने लगा. 

“आहह…एयेए….आअहह….आअहह……..” आँचल को लगा जैसा उसका निचला हिस्सा किसी ने चीर दिया है.
जब लंड का तीन चौथाई हिस्सा चूत में घुस गया तो गुल्मोहर ने आँचल की गांड पकड़कर उसे अपने लंड पर उछालना शुरू किया. आँचल की टाइट चूत उसके मोटे लंड से बहुत स्ट्रेच हो गयी. आँचल को लगा जैसे कोई गर्म मोटी रोड उसकी चूत में घुस गयी हो.

“आअहह….ओइईईईईईईई….उफफफफफफफफफफफफ्फ़……..म्म्माआआआ….”

आँचल को इतना चिल्लाते देखकर गुल्मोहर को लगा वो जैसे किसी कुँवारी लड़की की सील तोड़ रहा हो.
“भाभी घबराओ नही…..मज़ा आएगा , तेरी चूत को बहुत मज़ा आएगा…….” आँचल को अपने लंड पर उछालते हुए गुल्मोहर बोला.

अब गुल्मोहर का पूरा लंड आँचल की चूत में घुस चुका था. आँचल की टाइट चूत ने उसके लंड को इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था की कामोत्तेजना से गुल्मोहर पागल हो गया. वो आँचल के बड़े बड़े नितंबों को टाइट पकड़कर उसे तेज तेज अपने लंड पर उछालने लगा.

“आहह….उरररज्ग्घह..उन्न्ननज्ग्घह….ऑहह….चोदो ….मुझे ….और चोदो ……” आँचल चुदाई के मज़े से आनंदित होती हुई बोली.

कुछ देर बाद “आ…ओह….उफफफ्फ़…”करती हुई आँचल को जबरदस्त ओर्गास्म आ गया और वो चूतरस बहाती हुई गुल्मोहर की गोद में झड़ गयी.

आँचल को झड़ते देखकर गुल्मोहर ने उसकी चूत से लंड बाहर निकाल लिया और उसको नीचे कार्पेट पर पेट के बल लिटा दिया. फिर आँचल की गांड ऊपर उठाकर पीछे से चूत में लंड घुसेड दिया.

“आआआआआ…ओइईईईईईईईई…….” एक झटके में लंड घुसने से औंधी पड़ी आँचल चिल्ला पड़ी.

गुल्मोहर ने उसकी बड़ी गांड में एक ज़ोर से थप्पड़ मारा . और नितंबों को हिलते देखकर वो तेज़ी से आँचल की चूत चोदने लगा. आँचल के हिलते नितंबों और धक्कों से आगे पीछे को हिलती बड़ी बड़ी चूचियों को देखकर अंकुर से रहा नही गया और चिल्लाती हुई आँचल के मुँह में उसने अपना लंड डाल दिया.

अब दोनो भाई मादक आँचल के नंगे बदन का मज़ा लेते हुए उसे चोदने लगी. यही सेक्सी कुतिया कल तक हमें टीज़ कर रही थी. आँचल को भी जबरदस्त चुदाई का भरपूर मज़ा मिल रहा था. उसकी टाइट चूत की बहुत दिन बाद जमकर ठुकाई हो रही थी.

एक एक करके दोनो भाइयों ने आँचल की चूत और मुँह को गाड़े वीर्य से भर दिया. और अपने मुरझाए लंड बाहर निकाल लिए. आँचल कार्पेट पर गिर पड़ी. दोनो भाई और आँचल गहरी गहरी साँसे लेने लगे. 
फिर उन तीनो ने ठंडी बियर पीकर अपने गरम हो चुके बदन को ठंडक पहुँचाई.

कुछ देर बाद गुल्मोहर ने फिर से आँचल को अपनी गोद में बिठा लिया और उसकी बाँह ऊपर करके उसकी कांख (armpit) को चाटने लगा . उसको औरतों की कांख बहुत अच्छी लगती थी. आँचल की कांख चाटते हुए उसने अपने दाँत भी गड़ा दिए.

अंकुर उनके सामने आकर बैठ गया और आँचल की चूचियों को मुँह में भरकर चूसने और काटने लगा. कुछ ही देर में उसकी गोरी गोरी चूचियों पर काटने के लाल निशान पड़ गये और अंकुर की लार से वो गीली हो गयीं.
दोनो भाइयों के अपने नंगे बदन को ऐसे मसलने से आँचल उत्तेजना से मचलने लगी और उसकी दर्द कर रही चूत फिर से गीली होने लगी. दोनो भाइयों ने उसके पूरे नंगे बदन को चूम और चाट लिया और इससे आँचल के जिस्म में आग लग गयी. 

फिर अंकुर ने आँचल को गुल्मोहर की गोद से खींचकर बेड पर लिटा दिया और उसके पेट में बैठ गया. फिर उसकी दोनो बड़ी बड़ी चूचियों को आपस में मिलाकर उनके बीच लंड घुसकर चूची-चुदाई करने लगा.
चूचियों पर लंड रगड़ने से आँचल सिसकारियाँ लेने लगी और अंकुर भी कुछ ही देर में झड़ गया और अपना सारा वीर्य चूचियों पर उडेल कर बेड से उतर गया.

अब आँचल ने गुल्मोहर को अपना तना हुआ मोटा लंड हाथ में पकड़े हुए बेड पर चढ़ते देखा. उसने आँचल की टाँगे पकड़कर घुटने मोड़ दिए लेकिन घुटने आपस में मिलाए रखे और चूत के छेद पर सुपाड़ा लगा दिया. गुल्मोहर को मालूम था की ऐसे घुटने मिलाकर चोदने से चूत और भी टाइट फील होगी.

जैसे ही सुपाड़ा अंदर घुसा, आँचल चिल्ला पड़ी,” आरररगज्गघह….उउउर्रणननन्ग्घह…”

गुल्मोहर ने दोनो घुटने मिलाकर ऊपर को मोड़कर पकड़े हुए थे और आँचल की टाइट चूत में लंड घुसाकर चुदाई शुरू कर दी. आँचल की उठी हुई गांड में गुल्मोहर की बड़ी गोलियाँ टकराने से कमरे में ठप ठप ठप………. का चुदाई संगीत गूंजने लगा.

गुल्मोहर चूत पर धक्के मारते रहा और आँचल चिल्लाती रही,”ओइईईईई….माआआ…ओह…आआहह…ओह…”
आँचल झड़ती रही और झड़ती रही और झड़ती रही , ना जाने कितनी बार ……………..

लेकिन गुल्मोहर नही झड़ा वो बेरहमी से आँचल की चूत की ठुकाई करते रहा.

अंकुर भी अपने बड़े भाई का स्टैमिना देखकर दंग रह गया. दोनो भाइयों ने पहले भी साथ में औरतें चोदी थी पर इस बार गुल्मोहर को ना जाने क्या हो गया था. आँचल जैसी मादक और खूबसूरत औरत फिर मिले ना मिले , इस ख़याल से वो रुकने का नाम ही नही ले रहा था और आँचल को चोदते ही जा रहा था.

काफ़ी देर तक चोदते रहने के बाद गुल्मोहर ने अपने वीर्य से आँचल की चूत को भर दिया और फिर लंड को बाहर निकाल लिया. फुचच की आवाज़ के साथ आँचल की टाइट चूत से उसका लंड बाहर आया. और आँचल की चूत ने राहत की सांस ली.

तभी अंकुर की नज़र घड़ी पर पड़ी. उसने भाई से कहा, “ बहुत देर हो गयी भाई, अब हमें यहाँ से निकलना चाहिए. सुनील आता ही होगा.”

गुल्मोहर बोला,” यार आज टाइम का पता ही नही चला.”

और दोनो फटाफट अपने कपड़े पहनने लगे , फिर चुपचाप कमरे से बाहर चले गये.

उन दोनो के जाने के बाद आँचल का बेड से उठने का मन ही नही हो रहा था. आज दोनो ने उसकी इतनी रगड़ कर चुदाई की थी की उसका वैसे ही सो जाने को दिल कर रहा था. लेकिन सुनील किसी भी समय आ सकता था.

आँचल बेड से उठी और दरवाजा लॉक कर दिया. फिर बाथरूम जाकर नहाने लगी और अपनी दर्द कर रही चूत को भी पानी से ठंडा करने लगी. 

नहाने के बाद उसने कमरा ठीक ठाक किया और थकान से चूर होकर नंगी ही चादर ओढ़कर लेट गयी. जबरदस्त चुदाई से मिली कामतृप्ति से खुश होकर आँचल जल्दी ही मीठी नींद में सो गयी.
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12-08-2018, 01:02 PM,
#23
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
मुंबई ट्रिप से लौटे हुए आँचल को 2 महीने बीत चुके थे. इस बीच बहुत कुछ ऐसा हुआ जो उसकी फैमिली के लिए बुरा साबित हुआ. सुनील का बिज़नेस काफ़ी खराब चलने लगा था. और ये सब मुंबई से लौटने के बाद शुरू हुआ.

मुंबई से तो वो दोनो खुशी खुशी लौटे थे. सुनील इसलिए खुश था क्यूंकी उसको अपने डिसट्रिब्युटर्स गुल्मोहर और अंकुर से बकाया 85 लाख का चेक मिला था और आँचल इसलिए खुश थी की मुंबई में दोनो भाइयों के साथ होटेल में उसने जमकर चुदाई का लुत्फ़ उठाया था, हालाँकि गुल्मोहर के मोटे लंड की रगड़ से उसकी चूत में थोड़ी सूजन आ गयी थी.

लेकिन उनकी खुशी ज़्यादा दिन नही टिकी. 85 लाख का चेक बाउन्स हो गया . आँचल का ससुर गुस्से से पागल हो गया. एक तो वो अपनी मादक बहू को चोद नही पा रहा था उससे फ्रस्टरेट हो गया था. अब उसके बेटे सुनील को डिसट्रिब्युटर्स ने बेवकूफ़ बना दिया था. उसने बेटे को डांटा की तुमसे इतना काम भी नही हो पाया.

ससुर तुरंत मुंबई गया और चेक पेमेंट ना होने पर , गुल्मोहर और अंकुर दोनो भाइयों के खिलाफ FIR करवा दी.

ऑटो इंडस्ट्री रिसेशन में चल रही थी , इससे सुनील की ऑटो पार्ट्स बनाने की फैक्ट्री में भी काम काफ़ी कम हो गया. पैसों की तंगी हुई तो सुनील ने अपना मकान गिरवी रखकर बैंक से फैक्ट्री के लिए बहुत लोन ले लिया. जैसे जैसे दिन गुज़रते गये बिज़नेस के खराब हालात के टेंशन से सुनील का कॉन्फिडेन्स और उसकी सेक्स की इच्छा दोनो ही ख़तम होते गये.

आँचल अपने परिवार की बिगड़ती आर्थिक हालत से चिंतित थी. उसके अपने खर्चे भी कम हो गये और घर में नौकर भी सब हटाने पड़े सिर्फ़ एक आया ही रह गयी. आँचल को ही खाना पकाने और घर के बाकी काम करने पड़ते थे. ऊपर से सुनील तो अब बेड में उसके साथ कुछ करता ही नही था. उसके सेक्सुअल फ़्रस्ट्रेशन बढ़ने लगे. आँचल अंगुली करके थोड़ा काम चला रहा थी लेकिन असली चुदाई के लिए उसका मन तड़प रहा था , मन को शांति तो अच्छी चुदाई से ही मिलती है.

घर के बिगड़े हालात से आँचल की सास टेंशन से बीमार पड़ गयी और उसने बिस्तर पकड़ लिया. आँचल के ऊपर बहुत बोझ पड़ गया. सास को भी देखना है, घर के सारे काम जो उसने पहले कभी किए नही थे वो भी करने पड़ रहे हैं, और अपनी सेक्सुअल फ़्रस्ट्रेशन अलग से. उसे लगा ऐसा ही ज़्यादा दिन चला तो मैं तो पागल हो जाऊँगी.

घर के दमघोंटू माहौल से निकलने के लिए आँचल ने रोज़ शाम को बैडमिंटन खेलने के लिए क्लब जाना शुरू कर दिया. आजकल सुनील शाम को जल्दी घर आ जाता था. उसके घर आने के बाद आँचल को 2 घंटे के लिए खुली हवा में सांस लेने का मौका मिल जाता था क्यूंकी आँचल के क्लब से लौटने तक माँ की देखभाल सुनील कर लेता था. आँचल का ससुर मुंबई में ही रहकर कोर्ट केस अटेंड कर रहा था इसलिए सुनील या आँचल में से किसी एक का बीमार सास के पास रहना ज़रूरी था.

आँचल को क्लब जाते हुए एक हफ़्ता हो गया था , वहाँ विकी और उसके टीन ग्रूप से (अपडेट 15) आँचल घुलमिल गयी थी. वो चार टीनएजर्स थे, विकी की GF करिश्मा और अनिल और सैफ. आँचल रोज़ उनके साथ बैडमिंटन खेलती थी और उनके साथ हँसी मज़ाक से उसका टेंशन दूर हो जाता था. मादक आँचल को अपने साथ वाइट टीशर्ट और स्कर्ट में खेलते देखकर वो टीनएजर्स भी खुश रहते थे और उसकी तारीफ करने का कोई मौका नही गँवाते थे. आँचल उनके बीच अपने को रानी की तरह महसूस करती थी क्यूंकी वो उससे 6-7 साल छोटे थे और उसके आगे पलक पावडे बिछाए रहते थे. विकी उनमे सबसे लंबा और हैंडसम था , आँचल को भी वो अच्छा लगता था लेकिन उसकी GF करिश्मा की वजह से आँचल अपने को कंट्रोल में रखती थी. आँचल को हँसमुख और सुंदर करिश्मा भी अच्छी लगती थी.

सेक्सी आँचल को करिश्मा भी बहुत पसंद करती थी. करिश्मा अभी टीनएजर थी और उसकी बॉडी अभी डेवेलप हो रही थी. चेंजिंग रूम में नहाकर कपड़े बदलते समय आँचल की बड़ी बड़ी गोरी चूचियों की तरफ वो आकर्षित रहती थी. करिश्मा ने ये भी गौर किया था की उसका BF विकी आँचल को इंप्रेस करने की कोशिश में लगा रहता है और डबल्स गेम खेलते समय आँचल की जाँघ या साइड से चूचियों को छूने का कोई मौका नही छोड़ता है. इससे कभी कभी करिश्मा को जलन भी होती थी पर हँसमुख स्वभाव की होने से वो ज़्यादा बुरा नही मानती थी. वैसे भी वो खुद ही आँचल की तरफ आकर्षण महसूस करती थी.

एक दिन बैडमिंटन खेलने के बाद आँचल ने चेंजिंग रूम मे कपड़े उतारे और शावर में नहाने लगी. वो अपनी छाती और कांख में साबुन लगा रही थी , तभी उसने करिश्मा को घूरते पाया.

थोड़ी देर नज़रअंदाज़ करने के बाद आँचल ने पूछ ही लिया,” क्या हुआ करिश्मा ? ऐसे क्या देख रही हो ?”

पकड़े जाने से करिश्मा घबरा गयी और उसने सच सच बोल दिया,” वो …वो ..मैं तुम्हारे बूब्स देख रही थी , कितने बड़े बड़े और सुडोल हैं…”

करिश्मा की फ्रैंक बात से आँचल शरमा गयी और बोली,” उम्म, थैंक्स करिश्मा. तुम भी तो बहुत सुंदर हो.”

आँचल से अपनी तारीफ सुनकर करिश्मा भी खुश हो गयी. उसने अपने कपड़े उतारे और आँचल की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए उसके बगल के शावर में नहाने लगी. आँचल ने नहाती हुए करिश्मा का गोरा क्यूट बदन देखा , उभरे हुए उरोज़ , छरहरी कमर , कसे हुए नितम्ब , लम्बी गोरी चिकनी टाँगें. वो सोचने लगी ये तो सिर्फ़ 18 साल की है , पता नही इसने विकी के साथ सेक्स का मज़ा लिया भी है या नही. दोनो एक दूसरे की तरफ देखते हुए नहा रही थीं. सेक्स के बारे में सोचने से आँचल की उत्तेजना बढ़ने लगी. उसके निपल सख़्त होकर तन गये और चूत में गीलापन बढ़ने लगा.

आँचल अपनी चूत में साबुन लगाने लगी, करिश्मा अभी भी आँचल की तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी.
फिर आँचल अपनी पीठ में साबुन लगाने लगी. 

तभी करिश्मा उसके पीछे आ गयी और बोली,” लाओ मैं तुम्हारी पीठ में साबुन लगा दूं” और आँचल के हाथ से साबुन लेकर उसकी पीठ में लगाने लगी.

आँचल इधर उधर देखने लगी की कोई देख तो नही रहा. आँचल को नर्वस देखकर करिश्मा बोली, “ जब मैं तुम्हारी पीठ में साबुन लगा लूँगी तो फिर तुम भी मेरी पीठ में साबुन लगा देना.”

करिश्मा ने पहले आँचल की पीठ के उपरी हिस्से, गर्दन और कंधों में साबुन लगाया . करिश्मा के पीठ मलने से आँचल के मुँह से हल्की सिसकारी निकल गयी. करिश्मा समझ गयी की आँचल एग्ज़ाइटेड हो रही है , वो खुद भी गरम हो रही थी. 

पहले करिश्मा गर्ल्स बोर्डिंग स्कूल में पड़ती थी . वहाँ हॉस्टिल में लड़कियों के साथ उसने बहुत मज़े किए थे. उसका पहला और एकलौता BF विकी था और उसी के साथ वो सेक्स का मज़ा ले चुकी थी.

जबसे करिश्मा ने आँचल को शावर में नहाते हुए देखा था वो तभी से उसके नंगे बदन को छूना चाहती थी. आज कई महीनो बाद ये मौका हाथ लगा था क्यूंकी बीच में आँचल ने क्लब आना छोड़ दिया था. हॉस्टिल में लड़कियों के साथ करिश्मा को अच्छा ख़ासा एक्सपीरियेन्स हो गया था. 

आँचल को हल्की हल्की सिसकारियाँ लेते देखकर करिश्मा अब पीठ में नीचे की तरफ साबुन लगाने लगी. आँचल के बड़े बड़े नितंबों में साबुन लगाते हुए वो नितंबों को पकड़कर दबा भी दे रही थी. फिर उसने एक हाथ से आँचल के बायें नितंब को पकड़ा और नितंबों के बीच की दरार में उंगलियाँ डालकर उसकी गांड के छेद और चूत में साबुन लगाने लगी.

अब आँचल अपने ऊपर काबू नही रख पाई और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी. 

“अच्छा लग रहा है ?” करिश्मा ने मासूमियत से पूछा.

करिश्मा अब पीछे से ही हाथ डालकर आँचल की क्लिट मसल रही थी और एक उंगली चूत में डालकर अंदर बाहर कर रही थी.

“उम्म्म्म…..ह…” आँचल ने जवाब दिया. 

आँचल को लगा अब ओर्गास्म आने ही वाला है , वो आँखे बंद करके मज़े लेने लगी. करिश्मा बड़े प्यार से उसे मज़े दे रही थी. तभी किसी के चलने की आवाज़ आई. 

करिश्मा आँचल की चूत से अपनी उंगली निकालकर झट से बगल के अपने शावर में चली गयी.

उस चेंजिंग रूम की इंचार्ज वहाँ आ गयी. आँचल का मज़ा खराब हो गया , उसने करिश्मा की तरफ हैरानी से देखा , क्या हुआ ? . करिश्मा ने उसको इशारे से बताया कोई आ गया है. 

आँचल ने पीछे मुड़कर इंचार्ज को देखा. ओर्गास्म ना आ पाने से उसको बहुत फ्रस्ट्रेशन फील हुआ. 
आँचल को फ़्रस्ट्रेटेड देखकर करिश्मा बोली,” जानू , कल दोपहर के बाद मेरे घर आओ. उस समय कोई नही होगा वहाँ.” 

नहाकर कपड़े बदलने के बाद करिश्मा आँचल के पास आई और उसके चेहरे को अपने दोनो हाथों में पकड़कर बोली,” जानू , सॉरी आज तुम्हारा मज़ा खराब हो गया. लेकिन कल बहुत मज़ा आएगा तुम्हें , प्रॉमिस.”

फिर उसने आँचल को अपना फोन नंबर दिया और कल दोपहर के बाद फोन करने को कहा.
आँचल जब घर पहुँची तो बहुत हॉर्नी फील कर रही थी. क्यूंकी उसका ओर्गास्म बाहर नही निकल पाया था. 

आँचल को करिश्मा का टच करना बहुत अच्छा लगा था और वो फिर से करिश्मा का साथ चाह रही थी पर कल दोपहर तक इंतज़ार करना था.

डिनर के बाद आँचल ने सुनील के लंड को मलते हुए सेक्स के लिए कहा. 

सुनील बोला,” आज नही डार्लिंग, आज मैं बहुत थका हुआ हूँ.” और वो उसकी तरफ पीठ करके करवट लेकर सो गया. धन्य हो ! शादी ही क्यूँ की थी इस आदमी ने .

आँचल थोड़ी देर सुनील को खर्राटे लेते देखकर कुढ़ती रही. फिर उठकर बाथरूम चली गयी . बाथटब में गरम पानी में लेटकर करिश्मा के बारे में सोचते हुए उसने मूठ मारी और ओर्गास्म आने से उसकी सेक्सुअल टेंशन रिलीज़ हो गयी.

अगली सुबह आँचल ने सुनील से कहा की दोपहर के बाद उसको कुछ काम से बाहर जाना है तो आया को सास की देखभाल के लिए बोल दूँगी. सुनील के जाने के बाद आँचल से इंतज़ार बर्दाश्त नही हुआ और वो करिश्मा को फोन करने लगी पर कोई फोन नही उठा रहा था. उसने दो तीन बार ट्राइ किया पर कोई फायदा नही हुआ.
आँचल बहुत फ़्रस्ट्रेटेड हो गयी, कैसी है ये करिश्मा , फोन भी नही उठा रही है.

आख़िरकार दोपहर बाद 1 pm पर आँचल ने फिर से करिश्मा को फोन किया , इस बार करिश्मा ने मीठी आवाज़ में हेलो बोला. 

आँचल बोली, यार कबसे फोन कर रही हूँ , फोन नही उठा रही हो.

करिश्मा ने उसे अपने घर का एड्रेस बताया और कहा अभी घर में कोई नही है.

आँचल ने तुरंत ऑटो पकड़ा और करिश्मा के बताए एड्रेस पर पहुँच गयी.

आँचल को अपने घर देखकर करिश्मा खुश हो गयी और उसने आँचल के होठों पर किस करके विश किया.
आँचल ने भी जवाब में करिश्मा के होठों को किस किया और अपनी जीभ उसके होठों के बीच से मुँह में घुसा दी. मादक आँचल को पूरे मूड में देखकर करिश्मा मुस्कुरायी और अपने बेडरूम में ले गयी. 

करिश्मा मन ही मन सोचने लगी आँचल को टीज़ कर करके मज़ा दूँगी , इस सेक्सी औरत को तड़पकर सिसकारियाँ लेते हुए देखने में ज़्यादा मज़ा आएगा.
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12-08-2018, 01:03 PM,
#24
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
करिश्मा आँचल को अपने बेडरूम में ले गयी और धीरे धीरे उसकी साड़ी, ब्लाउज, पेटिकोट और ब्रा उतारने लगी. कपड़े उतारते समय वो आँचल के बदन को छू रही थी जिससे आँचल सिसकारियाँ लेने लगी. फिर आँचल ने भी करिश्मा के कपड़े उतार दिए लेकिन उसको जल्दबाज़ी हो रही थी , इसलिए उसने फटाफट करिश्मा के कपड़े उतार फेंके.

अब दोनो औरतें बिल्कुल नंगी थी. एक दूसरे के बदन पर हाथ फिराते हुए दोनो होठों का चुंबन लेने लगी. आँचल इतनी ज़्यादा सेक्सुअली एग्ज़ाइटेड हो रखी थी की करिश्मा के किस करने और बदन में हाथ फिराने से उसको खड़े खड़े ही जबरदस्त ओर्गास्म आ गया और वो आहह….....ऊऊहह…......उन्न्ञंफफफ़फ़गगगघह करती हुई झड़ गयी. उसने करिश्मा को अपने आलिंगन में जकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी. करिश्मा दुबली पतली थी उससे आँचल संभाली नही गयी और उसने जैसे तैसे आँचल को बेड में लिटा दिया.

फिर करिश्मा ने आँचल की मस्त बड़ी बड़ी गोरी चूचियों को हाथों में पकड़कर दबाना शुरू किया. आँचल की चूचियों को मसलने से खुद करिश्मा के मुँह से भी सिसकारियाँ निकलने लगी. फिर उसने आँचल के बड़े निपल को मुँह में भर लिया और एक एक करके दोनो निपल्स को चूसने लगी. आँचल मदहोशी से सिसकारियाँ ले रही थी. आँचल को करिश्मा की चूत को चाटने का मन हुआ, लेकिन करिश्मा उसकी चूचियों को चूसने और मसलने में मगन थी. आँचल भरी पूरी औरत थी और करिश्मा टीनेजर थी , तो आँचल ने करिश्मा को बेड पर धक्का दिया और उसकी टाँगें खींचकर अलग कर दी. और फिर करिश्मा की चूत में मुँह लगाकर जीभ से चाटने लगी. करिश्मा अपने से बड़ी आँचल का मुक़ाबला नही कर पाई और लेटे हुए सिसकारियाँ लेने लगी. आँचल ने उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ा और गीली चूत में उंगली घुसाकर अंदर बाहर करने लगी.

करिश्मा अपने हॉस्टिल के लेस्बियन संबंधों में डॉमिनेंट पार्ट्नर रहती थी . आँचल को भी उसने तड़पाते हुए मज़े देने की सोची थी लेकिन यहाँ आँचल के सामने उसकी नही चली और उसे लगा की आँचल उसकी चूत ही खा जाएगी.
“उन्न्ञंह…ऊओह …उफफफफ्फ़… आँचल……” करिश्मा को ओर्गास्म आ गया और वो आँचल के मुँह में चूतरस बहाते हुए झड़ गयी. 

फिर आँचल ने उसको अपनी गोद में बिठा लिया और उसके बूब्स को चूसने लगी. और एक उंगली उसकी चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगी. कुछ देर बाद उसने चूत में दो उंगली डाल दी. आँचल अपनी गोद में करिश्मा को मनमर्ज़ी से चोद रही थी. और करिश्मा सिसकारियाँ ले रही थी.
करिश्मा को एक और ओर्गास्म आ गया.

“ऊओ….करिश्मा , मज़ा आ रहा है नाआआ……….” खुद भी सिसकारियाँ लेते हुए आँचल बोली.
करिश्मा को शुरू में दर्द हुआ था क्यूंकी अनाड़ी आँचल ने उत्तेजना में दो उंगलियों से उसकी टाइट चूत में दर्द करवा दिया था लेकिन आँचल की गोद में टाँगे फैलाए हुए बैठने से और आँचल द्वारा डॉमिनेट किए जाने से उसको बहुत कामतृप्ति मिली.

फिर आँचल ने उंगलियाँ करिश्मा की चूत से बाहर निकाली और उसके मुँह में डाल दी. और अपनी उंगलियाँ उससे चटवाकर साफ़ करवाई. फिर गोद में बिठाये हुए ही अपनी चूचियां उसके मुँह में डालती हुई बोली,” तू ये माँग रही थी ना, चूस मेरे मम्मों को. हाथ से देख कितने भारी हैं, चूस करिश्मा चूस…”

करिश्मा उसके मम्मों को चूसती रही और उत्तेजना से आँचल की चूत से रस बहने लगा.
फिर आँचल ने करिश्मा को गोद से उतारा और खुद बेड में लेट गयी. और बोली,” चूस मेरी चूत को …”
करिश्मा ने आँचल की चिकनी चूत के फूले हुए होठों में अपना मुँह लगा दिया और उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ने लगी. 
“आहह…ओह…” आँचल ने सिसकारी ली.
फिर करिश्मा ने आँचल की फड़कती चूत के अंदर जीभ डाल दी और उसे अंदर घुमाने लगी.
“उहह…ऑश…उन्न्नह…उननग्ज्ग……एसस्स्सस्स….ज़ोर से और ज़ोर से ….” आँचल बोली और अपने बड़े नितंबों को उछालकर करिश्मा के मुँह में झटका देने लगी.

“उईईईईईईईईई….माआआअ……” आँचल उत्तेजना में सिसकी लेती रही.
फिर करिश्मा ने आँचल के नितंब पकड़े और एक अंगुली उसकी गांड के छेद में डाल दी.
“ऊओह ……..आहह…मैं मर गयी ………..उन्न्नह………आऐईयईईईई..” आँचल मज़े और दर्द से चिल्लाई और ओर्गास्म से झड़ गयी.

आँचल को ओर्गास्म के मज़े लेते देखकर करिश्मा उत्तेजित हो गयी और अपनी टेबल से वाइब्रेटिंग डिल्डो उठा लाई. फिर डिल्डो को ऑन करके आँचल की क्लिट को छेड़ने लगी. अपनी क्लिट पर वाइब्रेशन से आँचल फिर से सिसकारियाँ लेने लगी. करिश्मा ने डिल्डो को आँचल की चूत में घुसाना शुरू किया. डिल्डो बड़ा था तो आँचल को अपनी चूत स्ट्रेच होती हुई महसूस हुई. आँचल ने पहले कभी डिल्डो यूज़ नही किया था और इस डिल्डो का सेन्सेशन उसको अच्छा लग रहा था. अब करिश्मा डिल्डो को आँचल की चूत में तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी.

“उईईईईई …..करिश्मा …….” आँचल अपने नितंबों को ऊपर उछालने लगी.
फिर करिश्मा ने डिल्डो रोक दिया ताकि मज़ा लंबा खिच सके. डिल्डो के रुकने से आँचल तड़पने लगी.
“चोद साली करिश्मा…प्लीज़…….. चोद मुझे … “ आँचल फ्रस्ट्रेशन से चिल्लाई.

आँचल को अपनी खुशामद करते देखकर करिश्मा मुस्कुरायी और मन ही मन बोली, तड़पा तड़पा के मज़े दूँगी तुझे. अब वो डॉमिनेंट पार्ट्नर बन चुकी थी और इसमे उसे मज़ा आ रहा था.

फिर उसने डिल्डो एक तरफ रख दिया और आँचल की टाँगें फैलाकर खुद उनके बीच आ गयी. अब दोनो की चूत एक के ऊपर एक थी. करिश्मा ने अपनी गीली चूत को आँचल की रस टपकाती चूत से रगड़ना शुरू किया. दोनो ही सिसकारियाँ लेने लगी. कुछ देर बाद करिश्मा ने आँचल से पेट के बल लेटने को कहा. 

करिश्मा अब आँचल के बड़े बड़े नितंबों को पकड़कर मसलने लगी और बीच बीच में उनपर थप्पड़ मारने लगी. और थप्पड़ मारने से नितंबों को हिलते हुए देखकर मज़े लेने लगी. पीछे से आँचल की चूत में भी किसी किसी समय वो उंगली करने लगी.

फिर करिश्मा ने आँचल की मांसल जांघों को मसलना शुरू किया. करिश्मा के मसलने से आँचल सिसकारियाँ लेने लगी. अब करिश्मा को भी मज़े की ज़रूरत थी.

“ बहुत मज़े कर लिए तूने…अब उठ और चूस मुझे…” आँचल से अपनी चूत चाटने को कहने लगी.

आँचल उठी और करिश्मा की चूत में जीभ लगाकर चाटने लगी. फिर चूत के अंदर जीभ डालकर करिश्मा को मज़े देने लगी. करिश्मा ने आँचल का सर पकड़कर अपनी चूत में दबा दिया और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी. थोड़ी देर बाद करिश्मा को ओर्गास्मआ गया और आँचल के सर को चूत में दबाए रखकर उसने उसका मुँह अपने चूतरस से भर दिया. कुछ पलों के बाद जब उसका ओर्गास्म ख़तम हुआ तो उसने आँचल का सर छोड़ दिया. आँचल ने चूतरस और लार से भीगा हुआ अपना मुँह ऊपर उठा लिया. 

उसके बाद करिश्मा ने अपनी कमर में डिल्डो बेल्ट से बाँध लिया. और डॉगी पोज़ में आँचल की चूत में डिल्डो डालकर चोदने लगी. सपोर्ट के लिए उसने आँचल के हिलते हुए बूब्स पकड़ लिए. आँचल थोड़ी ही देर में झड़ गयी लेकिन करिश्मा रुकी नही और उसे चोदते रही. 

“उहह….आअहह….बस करो करिश्मा…..उन्न्नह….दुख़्ता है …बससस्स…” आँचल दर्द से गुस्से में चिल्लाई. 
आँचल को दर्द से चिल्लाते देखकर करिश्मा रुक गयी. और आँचल के चेहरे को अपने हाथों में पकड़कर बोली,” आई ऍम सॉरी, आँचल. मुझे पता नही चला की तुम्हें दर्द होने लगा है.”

फिर उसने आँचल के चेहरे को सब जगह चूमकर प्यार जताया और दिखाया कि उसको कष्ट पहुंचाने का उसका कोई इरादा नही था. 
दोनो बहुत थक गयी थीं और कुछ देर तक नंगी ही बेड पर लेटी रहीं. 

फिर करिश्मा कपड़े पहनते हुए बोली , चलो अब क्लब चलते हैं.

आँचल बहुत थक गयी थी और उसकी सेक्सुअल फ़्रस्ट्रेशन भी रिलीज़ हो गयी थी. उसका क्लब जाने का मन नही था पर करिश्मा के कहने पर वो राज़ी हो गयी.

क्लब पहुचने के बाद करिश्मा अपने BF विकी और उसके फ्रेंड्स के साथ बैडमिंटन खेलने लगी. आँचल चेयर में बैठकर उनका खेल देखती रही , थकावट से उसने बैडमिंटन नही खेला. 
करिश्मा खेलने के दौरान उसकी तरफ देखकर शरारत से मुस्कुराती रही.

कुछ देर बाद आँचल ने कहा की उसे घर जाना है और करिश्मा से अपनी कार में उसे घर छोड़ देने को कहा.
विकी करिश्मा की कार चलाने लगा और बॅक सीट में आँचल करिश्मा और सैफ के बीच में बैठ गयी. दोनो ही आँचल के बदन को छूने लगे. सैफ पीछे से हाथ डालकर उसकी गर्दन और कंधों पर हाथ फिराने लगा और करिश्मा उसकी जांघों पर हाथ रखकर धीरे धीरे रगड़ने लगी. आँचल ने उन दोनो को नही रोका उसे जल्दी से घर पहुँचकर गरम पानी से नहाने की पड़ी थी , उसकी चूत भी डिल्डो की रगड़ से थोड़ी दर्द कर रही थी.

आँचल ने देखा सैफ के पैंट में तंबू बनने लगा है . तभी उसका घर आ गया और सबको मुस्कुराते हुए गुडबाय बोलकर वो कार से उतर गयी.

अपने बाथरूम में बाथटब में बैठकर गरम पानी में नहाते समय आँचल के दर्द से आँसू आ गये , करिश्मा ने बड़ी बेरहमी से डिल्डो से उसे चोदा था और गुस्सा करने पर ही वो रुकी थी. आँचल ने चूत में हाथ लगाकर सूजन को महसूस किया. 

उस रात सुनील के साथ सोते समय आँचल चुपचाप करवट लेकर सो गयी , सुनील के लिए ये आश्चर्य की बात थी.
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12-08-2018, 01:03 PM,
#25
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
आँचल क्लब से शाम को घर पहुँची तो उसका ससुर मुंबई से घर वापस आ चुका था. ससुर और सुनील में केस को लेकर बातचीत हो रही थी. तभी ससुर की नज़र वाइट टीशर्ट और शॉर्ट स्कर्ट पहने हुई आँचल पर पड़ी (आज आँचल ने बैडमिंटन खेला नही था लेकिन अपनी ड्रेस उसने चेंज नही की और उसी में घर आ गयी) , ससुर के लंड में दर्द की लहर उठी. केस के बारे में बात करना भूलकर वो सोचने लगा आख़िर कब इस चिकनी बहू को चोदने की मेरी इच्छा पूरी होगी ? हर बार मेरा प्लान गड़बड़ हो जाता है. काश उसी दिन मैंने इसे चोद दिया होता जब कुक सलीम इसे नंगी छोड़कर भाग गया था. अब देखो कैसे मेरे सामने छोटी स्कर्ट पहने बैठी है , आहा मक्खन जैसी गोरी गोरी चिकनी जांघें हैं इसकी. आँचल सुनील और ससुर के साथ छोटी वाइट स्कर्ट में अपनी टाँगें मिलाए बैठी थी . ससुर की नज़रें उसकी दूधिया जांघों पर ही थी तभी बातों बातों में आँचल ने अपनी टाँगें थोड़ी अलग करी और ससुर को उसकी वाइट पैंटी दिख गयी. आअहह………..साली सामने रसमलाई है और मैं खा नही पा रहा हूँ.

ससुर की मुंबई ट्रिप से कोई खास फायदा नही हुआ था. दोनों भाई गुल्मोहर और अंकुर के खिलाफ बाउन्स चेक का केस कोर्ट में लंबा खिच रहा था. और अब अगली डेट दो महीने बाद की थी तो ससुर वापस देल्ही आ गया. 

अब उनकी आर्थिक हालत ख़स्ता थी, बैंक से बहुत लोन ले लिया था. उसका ब्याज और किस्त देने में उनको बहुत परेशानी आ रही थी. 

सुनील ने आँचल से कहा,” अपने पापा से 25 लाख रुपये माँग लो , हमारी थोड़ी हेल्प हो जाएगी.”

आँचल ने अपने पापा को फोन किया,” पापा यहाँ हमारी कंडीशन थोड़ी खराब है , आप इधर आ जाओ, कुछ बात करनी है.”

आँचल के पेरेंट्स देल्ही में ही रहते थे , वो दोनों आँचल की ससुराल आ गये. आँचल ने उनको सारी बात बताई की कैसे फैक्ट्री के लोन की किस्त चुकाने में आफ़त आ रही है और जगह जगह डिसट्रिब्युटर्स के पास पैसा अटका पड़ा है.

आँचल के पापा बोले,” देखो बेटा , मैं तो रिटायर्ड आदमी हूँ , 25 लाख कहाँ से लाऊंगा. कुछ प्रॉपर्टी है मेरे पास जिसको बेचकर ज़्यादा से ज़्यादा 15-18 लाख मिल सकते हैं. इसमे भी दो महीने लग ही जाएँगे सौदा करने में. मैं अपनी तरफ से जितना हो सकता है उतनी मदद कर दूँगा . ठीक है बेटा ?”

आँचल बोली,” जैसा आप ठीक समझें वैसा ही कीजिए पापा.”

अब सुनील और ससुर ने डिसाइड किया की बाकी जितने भी डिसट्रिब्युटर्स हैं उन सब के पास जाते हैं और रुका हुआ पेमेंट माँग कर लाते हैं, जिससे जितना भी मिल जाए. इस टूर में उनको दो हफ्ते लग जाएँगे.

तब तक आँचल सुबह से लेकर लंच टाइम तक फैक्ट्री अटेंड करेगी. लेकिन आँचल की सास अभी भी बीमार थी . इसलिए ये डिसाइड हुआ की सास अपने भाई के घर दो हफ्ते के लिए रहेगी वहाँ उसकी देखभाल हो जाएगी . आँचल अपने पेरेंट्स के घर रहेगी और वहीं से सुबह फैक्ट्री जाएगी.

आँचल ने अपना सामान पैक किया और मम्मी पापा के साथ मायके चली गयी. मायके में नौकर रामू ने मुस्कुराते हुए आँचल का स्वागत किया. मैडम वापस आ गयी है , अब तो मज़ा आएगा चोदने में, बहुत दिन हो गये मैडम को चोदे हुए. हंसते हुए रामू को देखकर आँचल के बदन में झुरजुरी दौड़ गयी , उसको याद आया पिछली बार जबरदस्त चुदाई के बाद सर्वेंट क्वॉर्टर्स से ही ऑटो लेकर ससुराल भागना पड़ा था. 

आँचल के मम्मी पापा अपनी लाड़ली बेटी के परिवार की बिगड़ी हुई फाइनेंसियल कंडीशन से दुखी थे , वो दोनों रात में काफ़ी देर तक आँचल के बेडरूम में उससे इस बारे में बात करते रहे फिर चिंता में डूबे सोने चले गये.
अगली सुबह चाय देने आँचल की माँ भी रामू के साथ आई तो आँचल को रामू से अकेले में बात करने का मौका नही मिला. आँचल फटाफट तैयार हुई और कार ड्राइव करके फैक्ट्री पहुँच गयी. फैक्ट्री पहुँचकर उसने देखा स्टाफ और वर्कर्स के चेहरों पर चिंता की लकीरें थी. 

आँचल ने सबको मीटिंग के लिए बुलाया और बोली,” अगले दो हफ्ते तक मैं फैक्ट्री का कामकाज़ देखूँगी. चिंता मत करो किसी की भी नौकरी नही जाएगी. जो भी पैसे की परेशानी है उसका कुछ ना कुछ हल हम लोग निकाल लेंगे.”

आँचल ने फैक्ट्री मैनेजर मुकेश बंसल से कहा ,” मेरे केबिन में अकाउंट स्टेट्मेंट्स और बैंक लोन फाइल्स लेकर आओ.”

बंसल लगभग 48 साल की उमर का था , पेट बाहर को निकला हुआ , कद काठी भी साधारण ही थी. पहली बार उसका सामना सुनील की बजाय उसकी खूबसूरत बीवी से हो रहा था. आँचल को फाइल्स दिखाते हुए उसकी नज़र आँचल के खूबसूरत बदन और उसकी क्लीवेज पर पड़ जा रही थी. आँचल ने अकाउंट स्टेट्मेंट्स वगैरह देखे , बंसल को आश्चर्य हुआ ये हाउसवाइफ फटाफट सब कैसे समझ जा रही है. आँचल ने DU से कॉमर्स की डिग्री फर्स्ट क्लास में पास की थी. अपने स्कूल में भी वो मैथ्स और अकाउंटिंग में बहुत अच्छी थी. 

आँचल के केबिन में एसी काम नही कर रहा था , गर्मी से उसको पसीना आ रहा था. फैन से देल्ही की गर्मी में कुछ फायदा नही होता. बंसल झुककर आँचल को फाइल्स दिखा रहा था. उसको आँचल के पसीने की गंध आई. आँचल की कांख (armpit) के पास ब्लाउज पसीने से गीला हो गया था. बंसल उस मादक गंध से उत्तेजित होने लगा. खड़े खड़े उसने देखा पसीने की बूंदे आँचल के बूब्स की गहरी खाई में नीचे को लुढ़क रही हैं. बंसल का लंड खड़े होकर पैंट की तंग जगह में दर्द करने लगा. 

आँचल के बदन के पसीने की मादक गंध से कामांध होकर बंसल उसके और नज़दीक़ झुककर खुशबू अपनी नाक में भरने लगा. फैक्ट्री की खराब फाइनेंसियल कंडीशन को समझने में आँचल को दो घंटे लग गये. तब तक खड़े खड़े बंसल की टाँगें बैठने लगी लेकिन लंड खड़ा ही था. अब बंसल की भी हिम्मत बढ़ने लगी. फाइल उठाने के बहाने वो उसकी नंगी बाँह (स्लीवलेस ब्लाउज पहने थी) और कंधों से अपने हाथ टच करने लगा और एक बार उसने आँचल के बूब्स से भी हाथ टच कर दिया.

बूब्स पर हाथ टच होते ही आँचल ने नज़र उठाकर बंसल को देखा. 

बंसल की साँस अटक गयी, उसने तुरंत माफी माँग ली, “ ग़लती से टच हो गया, मैडम.”

आँचल ने कोई जवाब नही दिया.

आँचल को गुस्सा ना करते देखकर बंसल की जान में जान आई और उसकी हिम्मत और भी बढ़ गयी. वो फाइल्स रखने और उठाने के बहाने उसकी बाँह और कंधों से अपनी बाँह टच करते रहा . औरतें सब समझती हैं , आँचल भी समझ रही थी. ये मोटा अपनी बाँह मुझसे बहाने से रगड़ रहा है. लेकिन उसने अपनी भावनाओ को कंट्रोल में रखा और अकाउंट्स को समझने में ही सारा ध्यान लगाया. ये भी एक नयी बात थी, शायद घर की खराब हालत की वजह से , वरना उसके दिमाग़ की बजाय उस पर दिल ज़्यादा हावी रहता था. 

जब आँचल ने सारे अकाउंट्स चेक कर लिए तो उसने बंसल से चेयर पर बैठने को कहा और बोली,” स्टाफ की सैलरी के लिए बैंक से आज पैसे निकालने है. आप चेक बनाओ.”

बंसल आँचल की टेबल के सामने बैठने लगा, आँचल ने उसकी पैंट में बने तंबू को नोटिस किया. मेरी बगल में खड़ा होकर ये तंबू ही बना रहा था कमीना……..

बंसल ने देखा आँचल की नज़र उसके तंबू पर है , वो मुस्कुराया , आँचल झेंप गयी और झट से नज़रें हटा ली .

बंसल मुस्कुराते हुए सोचने लगा,” चुदासी औरत लगती है ये, मेरे छूने से इसको भी कुछ एफेक्ट तो पड़ा ही है……..”

आँचल झेंपते हुए सोचने लगी , मोटे कमीने ने लंड को ताकते हुए पकड़ लिया मुझे. 

फिर झेंप मिटाने के लिए उसने बात बदल दी और बोली,” बैंक में हमारा बैलेंस कितना है ? सैलरी देने के लिए पूरा है की नही ?”

बंसल ने बैलेंस चेक किया और बताया, “ आज सैलरी देने के लिए तो हो जाएगा , मैडम.”
फिर बंसल ने चेक बनाने शुरू किए. 

आँचल ने सभी चेक्स में साइन कर दिए. तब तक दोपहर के 1 बज गये. 

आँचल ने बंसल से कहा,” आप बैंक से पैसा लाओ और स्टाफ में सैलरी बाँट दो. अभी मैं घर जा रही हूँ और कल कुछ क्रेडिटर्स के साथ मीटिंग करूँगी. “

सुनील ने बैंक के अलावा भी और जगह से लोन लिया हुआ था और वो लोग अब पैसा लौटने को दबाव बना रहे थे. आँचल कल उनके साथ मीटिंग करने वाली थी.

फिर आँचल उठी और ऑफिस से बाहर चली गयी.

बंसल आँचल के बड़े बूब्स और फिर पीछे से उसकी मटकती हुई गांड देखते रहा. साली के नितंब कैसे हिल रहे हैं…….कभी इधर को कभी उधर को …आहह………. सुनील साहब बहुत लकी हैं जो ऐसा मस्त माल उनको मिला है.

घर पहुँचकर आँचल ने मम्मी पापा के साथ लंच किया और अपने बेडरूम में रेस्ट करने चली गयी. थोड़ी देर बाद उसके मम्मी पापा क्लब में कार्ड खेलने चले गये. अब वो शाम को ही लौटेंगे, अपने दोस्तों के साथ कार्ड खेलकर. 

आँचल थोड़ी उत्तेजना महसूस कर रही थी, बंसल ने उसे गरम कर दिया था. सोचने लगी मुंबई से आने के बाद एक बार भी ढंग से चुदाई नही हो पाई. ऊपर से घर के रोज़ नये नये टेंशन.

उसने रामू को आवाज़ दी और एक कप कॉफी लेकर आने को कहा. फिर सोचने लगी मम्मी पापा के लौटने तक आज रामू के साथ जमकर चुदाई का मज़ा लेती हूँ. ……….आहहहह……….
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12-08-2018, 01:04 PM,
#26
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
आँचल अपने बेडरूम में लेटी हुई थी . उसका नौकर रामू वहाँ आ गया और उसकी ओर ललचाई नज़रों से देखने लगा. आँचल ने देखा उसके निक्कर में लंड ने तंबू बना रखा है. आँचल जैसे ही बेड में उठने को हुई , रामू उसके ऊपर चढ़ गया और उसके गालों और होठों का चुंबन लेने लगा . आँचल ने अपने बदन पर उसके खड़े लंड की रगड़ महसूस की. आँचल को कोई विरोध ना करते देखकर रामू ने अपना निक्कर उतार दिया और गर्व से अपना बड़ा लंड आँचल के खूबसूरत चेहरे के आगे हिलाने लगा.

रामू के बड़े लंड को देखकर आँचल उत्तेजित हो गयी और तुरंत अपना मुँह नज़दीक़ लाकर लंड के सुपाड़े को चूसने लगी. दूसरे हाथ से वो रामू की गोलियों को सहलाने लगी. कुछ ही देर में आँचल लंड को पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी, रामू मज़े से आहें भरने लगा. आँचल को बड़े लंड पसंद थे , वो मज़े से रामू का लंड चूसती रही. 

थोड़ी देर बाद उसने लंड को मुँह से बाहर निकाला और रामू की गोलियाँ चूसने लगी. रामू बर्दाश्त नही कर पाया और उसने वीर्य की धार आँचल के चेहरे और बालों में छोड़ दी. तभी आँचल का फोन आ गया. आँचल का चेहरा वीर्य से भीग चुका था , रामू ने उसे फोन पकड़ा दिया. लेकिन आँचल उत्तेजना में थी , उससे बोला नही जा रहा था.

“ उन्न्ह…बोलो, कौन है ?”

“मैडम , मैं हूँ बंसल.”

तब तक रामू आँचल के बूब्स को नंगा कर चुका था और अब निपल चूस रहा था.

“उन्न्नह…आहह….बोलो, क्या बात है ?”

“मैडम यहाँ बैंक में चेक क्लियर नही हुआ और सैलरी देने के लिए बैलेंस नही है .”

रामू अब आँचल की चूत के होठों पर उंगली फिरा रहा था. फिर उसने गीली चूत के अंदर दो उंगली डाल दी और अंदर बाहर करने लगा.

“उननग्ग…उन्ह..ऊहह…मिस्टर बंसल…”

“मैडम ! मैडम आप ठीक तो हैं ना ?”

“उंगघह…….उफफफफफ्फ़….ऊओह…” आँचल फोन पकड़े हुए सिसकारियाँ लेने लगी. रामू अंगूठे से उसकी क्लिट मसल रहा था और उंगली चूत में अंदर बाहर कर रहा था.

“मैडम बोलिए मैं सैलरी का क्या करुँ ?” मायूस होकर बंसल बोला.

“आआहह…..ऊओह…………..उूउउइईईई म्माआअ…”आँचल को ओर्गास्म आ गया और ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए वो झड़ गयी और फोन उसके हाथ से चूत कर बेड में गिर गया.

जब आँचल को ओर्गास्म आ रहा था तब रामू ने उसकी चूत से अपनी उंगलियाँ निकालकर आँचल के मुँह में डाल दी. 

अपने चूतरस से भीगी हुई रामू की उंगलियाँ मुँह में जाने से आँचल को अपने ही चूतरस का स्वाद आया.
“ये क्या कर रहे हो तुम रामू ?”

रामू ने उंगलियाँ आँचल के मुँह से हटा ली और अब वो आँचल को चोदने के लिए उसके बाकी कपड़े उतारने लगा.

रामू ने ब्लू फिल्म्स में देखा था की उसमे लड़का लड़की बहुत सारे अलग अलग पोज़ बनाकर चुदाई करते हैं. वो सोचने लगा आज मैं भी अपनी सेक्सी मेमसाब के साथ अलग अलग पोज़ में चुदाई करूँगा. पिछली बार तो सर्वेंट क्वॉर्टर में जल्दी जल्दी डर डर के चुदाई करनी पड़ी थी पर इस बार कोई टेंशन नही है, शाम तक का सारा वक़्त पड़ा है चुदाई के लिए. सोचते सोचते उसका लंड झटके मारने लगा.

रामू का लंड फिर से खड़ा होते देख आँचल उत्तेजना से आहें भरने लगी. आज उसने जमकर चुदाई का मज़ा लेने का मन बनाया था. अपने मज़े में उन दोनो का ध्यान फोन से हट गया था. 

बंसल फोन में उधर की आवाज़ें सुन रहा था, मैडम चुद रही है सोचकर उसका लंड पैंट में तन गया था. वो सोचने लगा,” सुनील साहब तो बाहर गये हैं, फिर मैडम किससे चुद रही है ? ये रामू कौन है ? क्या मेरा भी नंबर आएगा सेक्सी मैडम को चोदने का ?” उसने जानबूझकर फोन डिसकनेक्ट नही किया और वो चुपचाप सब आवाज़ें सुनता रहा.

“मज़ा आया मेमसाब ?”

“ओह्ह …. रामू तुम इतने छोटे दिखते हो , पर तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है. ये सब करना तुमने कैसे सीखा ?”

रामू मुस्कुराते हुए बोला,” अरे मेमसाब , अभी तो मैंने कुछ भी नही किया , अभी देखती जाओ मैं तुम्हें कैसे कैसे चोदता हूँ और तुम्हारी तरसी हुई चूत को कैसे कैसे मज़े देता हूँ.”

“ओह्ह …रामुऊऊउ…”

“जैसे मैं छोटा हूँ लेकिन मेरा लंड बड़ा है. वैसे ही तू मेमसाब इतनी बड़ी और चिकनी है लेकिन तेरी चूत छोटी और पतली है.” आँचल की टाँगों को अपने कंधों पर रखकर उसकी चूत के होठों के बीच अपने लंड को रखते हुए रामू बोला.

“ओह्ह …रामू ….” आँचल अपनी चूत में लंड घुसने का इंतज़ार करते हुए सिसकी.

“अरे देखती क्या है, मेमसाब . लंड पकड़ और अंदर डाल. मैं तुम्हारे मुम्मो की मालिश करता हूँ.”

आँचल ने रामू का लंड पकड़ा और अपनी चूत के छेद में घुसाया , रामू उसके बूब्स को दबाने लगा. एक झटके में रामू ने सुपाड़ा अंदर घुसा दिया. 

“आअहह…उननग्ग्घह…”सुपाड़ा अंदर घुसते ही आँचल ने मज़े से सिसकारी ली.

“बहुत टाइट है तेरी चूत, घबरा मत, मैं धीरे धीरे ही लंड घुसाता हूँ.” रामू आँचल की गीली लेकिन टाइट चूत में लंड अंदर घुसाने लगा. फिर धीरे धीरे स्ट्रोक लगाते हुए उसके निपल मसलने लगा.

“उऊहह …रामू …ज़ोर से और ज़ोर से…..बहुत मज़ा आ रहा है …आहह…ऊऊहह…उईईइ..माआ…” आँचल मज़े से अपने नितंबों को ऊपर को उछालती हुई बोली.

चुदाई करवाने में आँचल को बहुत मज़ा आता था और वो कामोन्माद में मदहोश हो जाती थी. 

“मेमसाब तेरी चूत तो बहुत तरस रही है, ये ले ज़ोर से ….ये और ज़ोर से ले …” आँचल की चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारते हुए रामू बोला. उसकी गोलियाँ आँचल की गांड से टकरा रही थी.

“ हाय …उउन्न्नह…..चोदो मुझे … चोद मुझे रामू….” उत्तेजना से आँचल चिल्लाई. रामू के ताबड़तोड़ धक्के उसकी चूत को बहुत मज़ा दे रहे थे. उसने उत्तेजित होकर रामू के चेहरे , गालों पर दाँत काट दिया. और फिर उसको जबरदस्त ओर्गास्म आ गया और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए झड़ गयी.

“आहह….ऊऊहह….ऊऊीीईईईईईई..आऐईईईई…..”

आँचल को ओर्गास्म का आनंद लेते देखकर रामू ने अपना चूतरस से भीगा हुआ लंड चूत से बाहर निकाल लिया और आँचल के चेहरे पर लंड से थप्पड़ मारने लगा.

“मज़ा आया मेमसाब ?”

“उन्न…हाँ..मेरे रामू…” आँचल सिसकारियाँ लेते हुए धीमे से बोली.
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12-08-2018, 01:04 PM,
#27
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
आँचल को ओर्गास्म का आनंद लेते देखकर रामू ने अपना चूतरस से भीगा हुआ लंड चूत से बाहर निकाल लिया और आँचल के चेहरे पर लंड से थप्पड़ मारने लगा.

“मज़ा आया मेमसाब ?”

“उन्न…हाँ..मेरे रामू…” आँचल सिसकारियाँ लेते हुए धीमे से बोली.


“उठ जा , अब मैं तुझे खड़े खड़े चोदूँगा “ कहते हुए रामू ने नंगी आँचल को बेडरूम की दीवार के सहारे पीठ टिकाकर खड़ा कर दिया. फिर उसकी एक टांग ऊपर उठा ली और दूसरे हाथ से उसकी कमर को पकड़कर अपना खड़ा लंड उसकी चूत में एक झटके में घुसा दिया. 

“आहह…उनन्नग्घह…रामुऊऊउ…..” आँचल की चूत में रामू का बड़ा लंड घुसते ही आँचल ने सिसकारी ली.
रामू अब खड़े खड़े आँचल की चूत में धक्के लगाने लगा. आँचल की छाती में उसके बड़े बड़े बूब्स धक्कों के साथ ही ऊपर नीचे हिलने लगे. 

आँचल उत्तेजना से सिसकारियाँ लेती रही ,” आहह…उंगघह ….ऊओिईईईई म्म्माआअ…”

अब रामू तेज तेज धक्के लगाने लगा. आँचल की पीठ और गांड पीछे दीवार से टकराने लगे. आँचल के उछलते बूब्स को रामू अपने मुँह में भरकर चूसने लगा. 

आँचल के बूब्स पसीने और रामू की लार से पूरी तरह भीग गये. अपनी चूत पर पड़ते धक्कों से मज़े लेती हुई आँचल को ओर्गास्म आ गया और वो सिसकते हुए झड़ गयी.

“आहह…..मेरे राजाआअ…………..ऊओह……….आआहह……………”

रामू ने मेमसाब को झड़ते देखा तो उसको अपना प्रेशर भी बनता महसूस हुआ,” मेमसाब मैं तेरी चूत को भरने वाला हूँ, क्या मस्त है तेरी चूत मेमसाब….” कहते हुए उसने आँचल की चूत अपने गाड़े वीर्य से भर दी.

झड़ने के बाद रामू का मुरझाया हुआ लंड चूत से बाहर निकल आया . रामू ने आँचल की टांग नीचे रख दी और उसकी कमर से अपना हाथ हटा लिया. आँचल के पास खड़े होने की भी ताक़त नही थी, थकान से वो दीवार के सहारे फिसलती हुई नीचे फर्श पर ही लेट गयी और अपनी साँसों पर काबू पाने का प्रयास करने लगी. उसको फर्श पर लेटा देखकर रामू भी उसी के साथ ठंडे फर्श पर लेट गया.

कुछ देर बाद आँचल उठी और बेड के पास पहुँची. उसकी नज़र अपने फोन पर पड़ी , फोन उठाया तो देखा कॉल चालू थी. आँचल बोली,” हेलो ..?”

“मैडम ….मैडम हेलो , मैं बंसल बोल रहा हूँ.”

बंसल ने सब सुन लिया था की कोई रामू मैडम को चोद रहा है और मेमसाब कह रहा है. बंसल समझ गया की ये कोई नौकर होगा.
“मैडम , आप ठीक तो हैं ना ? मुझे आपकी चीखने की आवाज़ आ रही थी .”

आँचल समझ गयी , इस कमीने ने उसकी और रामू की चुदाई की आवाज़ें सब सुन ली हैं. उसको एम्बरस्सेमेंट फील हुई. 
हिचकिचाते हुए बोली,” मैं वो ….टीवी में मूवी देख रही थी, उसकी आवाज़ आ रही होगी. बोलो क्या बात है ?”

बंसल को मालूम था आँचल झूठ बोल रही है मूवी वाली बात, वो मज़े लेते हुए बोला,” मैं घबरा गया था मैडम. मैंने समझा की कोई आपका रेप कर रहा है, तभी आप चीख रही हैं.”

आँचल को गुस्सा आ गया. वो नाराज़गी से बोली,” ये क्या बकवास कर रहे हैं आप ? काम की बात बोलो…”

बंसल फिर भी मज़े लेते रहा,” सॉरी मैडम, पर मुझे लगा कोई सच में आपका रेप कर रहा है, मैं तो वाक़ई घबरा गया था मैडम.”

फिर बोला,” मैडम मैंने इसलिए आपको फोन किया था की जो चेक हमने डाला था वो अभी तक क्लियर नही हुआ है.”

आँचल झल्लाते हुए बोली,” आप इसका हल खुद ही निकालिए मिस्टर बंसल.”

बंसल बोला,” मैडम, वो तो मैंने बैंक वालों को मनाकर सैलरी के पैसे निकाल लिए हैं. पर कल तक अगर चेक क्लियर नही हुआ तो हमें पैसे भरने होंगे.”

आँचल अब ज़्यादा बात करने के मूड में नही थी,” ठीक है, कल बात करूँगी, बाइ..” कहकर उसने फोन काट दिया.

बंसल के साथ बात करके आँचल का मूड ऑफ हो गया. जो चुदाई का मज़ा वो रामू के साथ ले रही थी वो भी खराब हो गया. वो सोचने लगी , इस बंसल कमीने ने फोन पर सब सुन लिया है , अब कहीं कुछ नुकसान ना पहुँचा दे. 

तभी रामू भी बेड पर आ गया और आँचल के बूब्स को मसलने लगा.

आँचल का अब मूड नही था , “ अभी नही सताओ मुझे रामू…”

लेकिन रामू नही माना . आँचल का हाथ अपने फिर से तन चुके लंड पर रखते हुए बोला,” देखो मेरा लंड फिर से खड़ा है. अब तो मैं तेरी गांड मारूँगा मेमसाब.”

आँचल की एक ही बार गांड मारी थी , वो कुक सलीम ने ज़बरदस्ती से . उसमे आँचल को इतना दर्द हुआ था की वो अब डरती थी.

“नही रामू ….प्लीज़ , गांड में नही…” आँचल ने उसे मना किया.

लेकिन रामू ने उसे पेट के बल लिटा दिया और बोला,” डरो मत मेमसाब, मज़ा आएगा.”

फिर उसने अपनी उंगलियों पर थूक लगाकर , आँचल की गांड के छेद में उंगलियाँ घुसाई. 

आँचल चिल्लाने लगी ,”ऊऊीईईईईईईईईईईईई…………माआआआअ…”

आँचल की टाइट गांड देखकर और उसके चिल्लाने से रामू बोला,” क्या मेमसाब, ये तो बहुत टाइट है…..क्या सुनील साब ने कभी भी आपकी गांड नही मारी ?”

“नही …आ…आईईए….रामू…” आँचल आगे होने वाले दर्द को सोचकर चिल्लाई.

रामू ने देखा मेमसाब तो बहुत डरी हुई है , इसको कष्ट पहुँचाना ठीक नही होगा. उसने गांड मारने का इरादा टाल दिया और बोला,” अच्छा ठीक है. पर इस खड़े लंड का कुछ तो सोचो मेमसाब.”

फिर रामू ने आँचल के नितंब पकड़े और लंड गांड में ना डालकर उसकी चूत में पीछे से घुसा दिया. और डॉगी पोज़ में आँचल को चोदने लगा.

“उउउफफफ्फ़…” आँचल सिसकी.

रामू के पीछे से जोरदार धक्कों से आँचल का पूरा बदन हिलने लगा.

“उन्न्ह….उफफफ्फ़……रामू….उफफफ्फ़…” 

आँचल का मन अब चुदाई में नही था, उसकी चूत सूख चुकी थी. रामू के धक्कों से उसकी चूत दर्द करने लगी.
“बस करो रामू, मुझे दर्द हो रहा है. बस रामू बस….”

लेकिन रामू ने उसकी बात उनसुनी करदी और उसे पीछे से चोदता रहा. उसको अपने मज़े की पड़ी थी.

थोड़ी देर बाद उसको अपना पानी निकलता महसूस हुआ. वो आँचल की बड़ी गांड में थप्पड़ मारते हुए उसकी चूत में झड़ गया. झड़ने के बाद खुशी खुशी कपड़े पहनकर कमरे से बाहर चला गया.

आँचल थोड़ी देर तक वैसे ही बेड में लेटी रही. रामू की बेरहमी से की गयी चुदाई से उसकी चूत दुखने लगी थी. मना करने पर भी वो नही माना था और झड़कर पूरा मज़ा लेने के बाद ही वो गया था. 
आँचल कुछ देर तक बेड में मुंह छुपाये हल्के हल्के सुबकती रही.
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12-08-2018, 01:04 PM,
#28
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
आँचल अगली सुबह 8 बजे फैक्ट्री पहुँच गयी. बंसल वहाँ पहले से ही मौजूद था. वो आँचल के केबिन में विश करने आया. फिर उसको कल बैंक से पैसा निकालने में आई परेशानी के बारे में बताने लगा. बात करते हुए आँचल के बदन को ललचाई नज़रों से घूर भी रहा था. उसे मालूम था कल ये सेक्सी औरत अपने नौकर से चुदाई के मज़े ले रही थी. वो अब खुद भी मैडम को चोदना चाहता था. 

आँचल ने हल्के नीले कलर की शिफ्फॉन साड़ी और एक पतला स्लीवलेस ब्लाउज पहन रखा था , जिसके अंदर उसकी ब्लैक ब्रा दिख रही थी. उसके बड़े बूब्स उस छोटे ब्लाउज से बाहर झाँक रहे थे , उससे बंसल को आँचल की काफ़ी क्लीवेज दिख जा रही थी. आँचल को मालूम था बंसल की नज़रें कहाँ कहाँ हैं, उसे अनकंफर्टबल फील हुआ लेकिन वो चुप रही. कल फोन पर बंसल ने सब सुन लिया था , इस बात से वो वैसे भी अपसेट थी.

फिर बंसल बोला,” फैक्ट्री के कुछ बिल जैसे इलेक्ट्रिसिटी वगैरह भी देने हैं और कुछ लोन देने वाले भी परेशान कर रहे हैं. सुनील साहब पैसा लेकर कब तक आएँगे.”

आँचल ने बताया,” उनको तो अभी कम से कम 2 हफ्ते और लगेंगे वापस आने में.”

बंसल बोला,” तब तक बिना पैसे के कैसे काम चलेगा?”

फिर बंसल ने अकाउंट्स लेजर आँचल की टेबल में रख दिया और खुद आँचल की चेयर के पीछे आकर जो जो भी पेमेंट्स तुरंत करने हैं, उनके बारे में बताने लगा. बहाने से आँचल की बाँहों को छूने लगा और उंगली को फाइल में लगाकर बताने के बहाने अपने गाल उसके गाल के पास ले आया. आँचल का ध्यान उसकी हरकतों से फाइल से हट जा रहा था. फिर जब वो अपना चेहरा पीछे से उसके चेहरे के पास ले आया तो वो सोचने लगी , कमीना अपना चेहरा मुझसे चिपका रहा है.

अब बंसल ने अपना हाथ आँचल की पीठ में रख दिया और उसको अकाउंट्स समझाते रहा. कुछ देर बाद ब्लाउज के उपर नीचे की नंगी पीठ पर वो अपने हाथ फिराने लगा. आँचल सोचने लगी, आज इसकी हिम्मत कुछ ज़्यादा ही बढ़ गयी है.

आज क्रेडिटर्स के साथ आँचल की मीटिंग थी. आँचल के केबिन में एक एक करके क्रेडिटर्स को बुलाया गया. बंसल भी वहीं बैठा था. आँचल के लिए वो मीटिंग बहुत ही अपमानजनक साबित हुई. लोन देने वाले , पेमेंट ना होने से गुस्से में थे. सुनील की जगह उसकी जवान बीवी को देखकर वो उस पर हावी हो गये और उसे खूब खरी खोटी सुना दी. आँचल ने उन्हे शांत करने का प्रयास किया , लेकिन वो जानती थी की पैसों की समस्या बढ़ती ही जा रही है. मीटिंग में सबकी डांट खाने से आँचल का मूड ऑफ हो गया. सुनील होता तो थोड़ा संभाल लेता पर आँचल को इन सब चीज़ों का अनुभव नही था.

तभी बैंक से फोन आ गया कि तुरंत 5 लाख अकाउंट में जमा कराओ , जो सैलरी चेक क्लियर नही हुआ था उसके. सब जगह से पैसों की डिमांड से परेशान होकर आँचल की आँखों में आँसू आ गये.

बंसल बोला,” बैंक मैनेजर मिस्टर सेठी आजकल छुट्टी पर हैं, इसलिए कोई राहत की उम्मीद भी नही की जा सकती . बैंक में किसी भी हालत में आज ही पैसा जमा करना होगा.”

आँचल को रुआंसी देखकर अपना हाथ उसकी पीठ के पीछे से दूसरी बाँह तक डालकर बंसल बोला,” मैडम आप परेशान मत हो. मेरा एक पुराना बॉस है मिस्टर साजिद ख़ान जो पैसा उधार देता है. ये फैक्ट्री ज्वाइन करने से पहले मैं उसी के यहाँ काम करता था. शायद हमें उससे बात करनी चाहिए पैसों के लिए.”

आँचल को जैसे उम्मीद की किरण दिखाई दी, वो तुरंत राज़ी हो गयी. 

आँचल ने सुनील को फोन किया और उसे फैक्ट्री के हालात के बारे में बताया,” तुम तो चले गये और यहाँ मुझे लोन वाले खाने को आ रहे हैं. हर तरफ से पैसों की डिमांड आ रही है. दुनिया भर के बिल भरने हैं. एक कोई बंसल का पुराना बॉस है मिस्टर ख़ान, जो पैसा उधार देता है. उससे बात करूँ क्या ?”

सुनील बोला,” अभी तक हम यहाँ डिसट्रिब्युटर्स से सिर्फ़ थोड़ा बहुत ही पैसा निकलवा पाए हैं. हो सके तो तुम मिस्टर ख़ान से 20 लाख रुपये माँग लेना , अभी के लिए काम चल जाएगा.”

आँचल अपने पति से फोन पर बात कर रही थी और बंसल उसके कंधों और पीठ पर हाथ फिरा रहा था. अब उसकी हिम्मत बढ़ते जा रही थी.

आँचल अनकंफर्टबल फील कर रही थी , मोटा मुझसे मज़े ले रहा है. लेकिन वो पैसों की समस्या से परेशान थी इसलिए बंसल की हरकतों को इग्नोर करके फोन पे बात करते रही. 

बंसल के लिए अपने पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था. मादक आँचल की गोरी चिकनी पीठ पर हाथ फिराते हुए उसका मन कर रहा था यहीं केबिन में इसे चोद डालूं.

सुनील से बात करने के बाद आँचल ने बंसल से मिस्टर ख़ान से कांटेक्ट करने को कहा. बंसल ने आँचल की पीठ से मजबूरी में हाथ हटाया और अपने केबिन में जाकर ख़ान का नंबर ढूंढने लगा. 

आधे घंटे बाद बंसल बुझे मन से आँचल के केबिन में आया और बोला,” मिस्टर ख़ान के पास आज हमारे साथ मुलाकात के लिए वक़्त नही है, कल दोपहर को ही वो हमसे मिल सकता है.”

फिर बोला,” अब मिस्टर ख़ान बहुत बड़ा फिनांसर बन गया है. आजकल फिल्म फाइनान्स करने में उसका ज़्यादा इंटेरेस्ट है. वैसे फैक्ट्री के लिए भी लोन देता है. आप उससे खुद बात करो तो ज़्यादा ठीक रहेगा क्यूंकी अभी तो यहाँ की बॉस आप ही हो.”

आँचल बोली,” ठीक है. आप मिस्टर ख़ान का नंबर मुझे दे दो. मैं सीधे उनसे ही बात कर लेती हूँ.”

आँचल ने ख़ान को फोन करके रिक्वेस्ट करी की 5 लाख आज ही दे दीजिए , पेपरवर्क कल कर लेंगे. और ये भी बताया की 20 लाख और भी चाहिए.

ख़ान बड़ा फिनांसर था सबको मुँह नही लगाता था. लेकिन आँचल की मादक आवाज़ सुनकर और उसके मिन्नतें करने से वो मान गया . 

आँचल ने बंसल से कहा कि ख़ान से 5 लाख लेकर बैंक में तुरंत जमा करा दो.

लेकिन ख़ान ने कहा कि 20 लाख देने के लिए तो वो उनकी फैक्ट्री के फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स देखेगा और ब्याज़ और पैसा लौटाने की शर्तों के बारे में बात करने के लिए उससे अपने ऑफिस में मुलाकात करेगा. तभी डिसाइड करेगा कि रूपिया देना है की नही.

आँचल ने कहा,” मैं फैक्ट्री के फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स आज शाम को ही भिजवा दूँगी और पर्सनल मीटिंग के लिए जब भी आपको टाइम होगा मैं आ जाऊँगी.”

खान बोला ,” मेरे ऑफिस से कॉल आ जाएगी मीटिंग के लिए .”

तब तक दोपहर के 1 बज गये थे. आँचल फैक्ट्री से घर चली गयी. वो थोड़ा सॅटिस्फाइड फील कर रही थी की चलो सैलरी का पैसा तो बैंक में आ जाएगा. अब मुझे कैसे भी ख़ान को कन्विंस करके 20 लाख निकलवाने हैं. वो सोचने लगी ख़ान कैसा आदमी होगा ? वो फिल्म फाइनान्स करता है तो फिल्म स्टार्स से उसके कांटेक्ट होंगे. फिल्म इंडस्ट्री का ग्लैमर आँचल को आकर्षित करता था और वो सोचने लगी , थैंक गॉड मुझे फिल्म इंडस्ट्री के बड़े फिनांसर से मिलने का मौका मिल रहा है.

अपने मम्मी पापा के साथ लंच करने के बाद आँचल ने सुनील को फोन किया और ख़ान के साथ जो कुछ बातें हुई उसके बारे में बताया. सुनील ने राहत की सांस ली और बोला की जब तुम ख़ान से पैसों का इंतज़ाम कर लोगी तो मैं वापस आ जाऊंगा क्यूंकी डिसट्रिब्युटर्स तो पैसा दे नही रहे हैं. फिर आँचल को समझाने लगा की ख़ान की लोन देने की शर्तों को मान लेना क्यूंकी हमारे पास अभी कोई और चारा नही है.

उसके बाद आँचल ने बंसल को फोन किया की ख़ान के पास आज शाम को फैक्ट्री के फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स ले जाओ.

आँचल अपने बेडरूम मे आराम करने लगी. उसके मम्मी पापा रोज़ की तरह कार्ड्स खेलने क्लब चले गये. अब वो रामू के साथ घर में अकेली थी लेकिन आज उसका चुदाई का मन नही था. पैसों की समस्या से वो परेशान थी और उसको बिल्कुल भी उत्तेजना नही आ रही थी. इसीलिए जब उसको ऑफिस में बंसल पीठ पर हाथ फेरकर परेशान कर रहा था तो उसको बिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा था.

अब आँचल के दिमाग़ में एक ही बात थी की कैसे भी ख़ान से 20 लाख लोन मिल जाए तो सुनील घर वापस आ जाए और फिलहाल के लिए तो उनकी पैसों की समस्या हल हो जाए. सुनील उसे बिस्तर पर शीघ्र पतन की बीमारी की वजह से खुश नही रख पाता था लेकिन था तो वो अच्छा इंसान और आँचल का पूरा ख़याल रखता था. आँचल भी उसे पसंद करती थी और उसके बिना अकेलापन महसूस करने लगी थी. 

आँचल सोचने लगी इस बार तो मैं सुनील से बात करूँगी और उसे पक्का किसी डॉक्टर को दिखाऊंगी ताकि उसकी बीमारी का इलाज़ हो सके. आँचल एक स्वस्थ और जवान औरत थी और उसका पति उसकी शारीरिक ज़रूरतों को पूरा नही कर पा रहा था. अगर आँचल को नॉर्मल सेक्सुअल लाइफ चाहिए तो उसके पति का ठीक होना ज़रूरी था. वो अपनी शारीरिक ज़रूरतों को कब तक दूसरे मर्दों से पूरा करते रहेगी. 

अगले दिन आँचल फैक्ट्री पहुँची. उसने अपने केबिन में बंसल को बुलाया और उससे पूछा , “ख़ान से लोन मिलने के क्या चान्सेस हैं ? कैसा आदमी है वो ? इतना लोन देगा की नही ?”

बंसल ने देखा की आँचल लोन के लिए बहुत उतावली है. वो बोला,” मैडम , मिस्टर ख़ान बहुत बड़ा आदमी है . मुझे नही मालूम की वो आपको लोन देगा की नही. आजकल वो फिल्म इंडस्ट्री में बिज़ी है. हमें उसकी कॉल का इंतज़ार नही करना चाहिए क्यूंकी पता नही इसमे कितने दिन लग जाए . इससे बढ़िया ये है की हम सीधे उसके ऑफिस चलते हैं , क्या पता वहाँ उससे मुलाकात हो जाए. चान्स लेने में हर्ज़ ही क्या है ?”

आँचल को बंसल की बात ठीक लगी , ख़ान बिज़ी आदमी है , हम कब तक उसकी कॉल का वेट करेंगे सीधे ही मिलने की कोशिश करते हैं.
फिर वो दोनो ख़ान के ऑफिस चले गये.
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12-08-2018, 01:04 PM,
#29
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
आँचल और बंसल फैक्ट्री से ख़ान के ऑफिस को चले. रास्ते में बंसल आँचल से कहते रहा की फैक्ट्री के लिए ख़ान से लोन लेना बहुत ज़रूरी है. जब वो दोनो ख़ान के ऑफिस पहुँचे तो आँचल काफ़ी चिंतित दिख रही थी. 

ऑफिस में उनको एक छोटे कमरे में बैठाया गया. आँचल ने अपायंटमेंट नही लिया था इसलिए उसे इंतज़ार करने को कहा गया. बगल में एक बड़ा कमरा था जिसमे बहुत सारे लोग बैठे हुए थे. 

आँचल ने ख़ान के टॉप क्लास ऑफिस में इतने सारे लोगों को इंतज़ार करते देखा तो वो इंप्रेस हुई. सोफे में बंसल उससे सट के बैठा था और एक बाँह उसने आँचल के कंधों पर रख दी. और फिर आँचल के कंधों पर उंगलियाँ फिराने लगा. आँचल के साथ अकेले उस छोटे कमरे में बैठने से वो खुश हो रहा था.

तभी उस कमरे में एक साँवली सेक्सी लड़की आई और उनके सामने सोफे में बैठ गयी. उसने एक टाइट ब्लाउज और छोटी स्कर्ट पहनी हुई थी. आँचल ने देखा उस सेक्सी लड़की ने ब्रा नही पहनी हुई है और उसके बूब्स ब्लाउज को बाहर को धक्का दे रहे हैं.

बंसल अपना मुँह आँचल के गाल से चिपकाते हुए धीरे से बोला,” ये लड़की **** हिन्दी फिल्म में एक्टिंग कर चुकी है. सना ख़ान नाम है इसका. बहुत सेक्सी लग रही है. आपको क्या लगता है मैडम ?”

आँचल को बंसल का अपने से चिपकना अनकंफर्टबल फील हुआ लेकिन लड़की ठीक सामने बैठी थी इसलिए उसने भी धीमे से जवाब दिया,” हाँ उस मूवी में ये बारिश वाले सांग में आइटम गर्ल थी.”

बंसल आँचल से और भी चिपटते हुए बोला,” मैडम ये बहुत सेक्सी लग रही है, आपको नही लगता ?”

“उननग्ज्ग…हाँ है. लेकिन ये यहाँ क्या कर रही है ?” आँचल ने पूछा.

तभी उस लड़की ने अपनी टाँगे जोकि एक के उपर एक चढ़ा रखी थी , अलग अलग कर दी. जिससे उसकी चिकनी जांघें और ब्लैक पैंटी दिखने लगी.
बंसल की नज़रें उसकी पैंटी पर ही थी. 

वो आँचल के कान में बोला,” मैडम, देखो कितनी छोटी स्कर्ट पहन के आई है.”
फिर बोला,” ये ज़रूर ख़ान के पास उन फिल्मों में रोल माँगने आई होगी, जिनमे वो पैसा लगा रहा है.”

“इसने ब्रा भी नही पहनी है, साफ़ दिख रहा है.” फुसफुसाते हुए अब आँचल भी उत्तेजित होने लगी थी.

“हाँ मैडम , ये ब्रा तो नही पहनी है. लेकिन इसके छोटे हैं, आपके जैसे बड़े नही. ….. हेहेहे…..” बंसल कमीना मुस्कुराने लगा.

“उम्म्म….हूँ…..” आँचल थोड़ा झेंप गयी.

अब बंसल की हिम्मत बढ़ गयी. वो आँचल के कंधे से हाथ ले जाकर उस तरफ के बूब को साइड से दबाने लगा. आगे से साड़ी का पल्लू होने के कारण उस लड़की को ये सब नही दिख रहा था. 

फिर आँचल को थोड़ा और अपनी तरफ दबाते हुए बोला,” फिल्म में रोल के लिए ये लड़की ख़ान के साथ सोएगी. पक्का है. कास्टिंग काउच मैडम…”और आँचल की क्लीन शेव कांख (armpit) और बूब पर हाथ फेरते हुए मज़े लेते रहा.

बंसल के हाथ फेरने और सेक्सी बातों से आँचल अब सिसकने लगी थी. पिछले तीन दिनसे उसकी हरकतें जारी थी. आँचल के रेजिस्टेंस को इन तीन दिनों में धीरे धीरे कम करने में बंसल सफल हो गया था. 

“उम्म्म…..तुम्हारा मतलब रोल के लिए सना , ख़ान के साथ सेक्स करेगी?” बंसल के बूब्स दबाने से आँचल अब हल्की सिसकियाँ लेने लगी थी.

“हाँ मैडम, ख़ान इसे चोदेगा, बिल्कुल चोदेगा …” आँचल को सिसकियाँ लेते देख बंसल उत्तेजना से गंदे शब्द बोला. और खुश होते हुए सोचने लगा अपनी मादक बॉस का रेजिस्टेंस मैंने तोड़ ही दिया . अब ये सिसकारी लेने लगी है. धीरे धीरे गरम हो रही है. अब मैं इसे चोद पाऊँगा.

बंसल के मुँह से चोदेगा सुनकर आँचल की पैंटी गीली होने लगी.

“मैडम , उस दिन जब मैंने आपको फोन किया तो आप कौन सी मूवी देख रही थी ? उसमे भी तो चुदाई हो रही थी, मैंने समझा की आपका रेप हो रहा है….” आँचल के कान में बंसल बोला.

तभी ख़ान का सेक्रेटरी वहाँ आया और सना को बुला ले गया.
अब उस रूम में वो दोनो फिर से अकेले रह गये.

बंसल ने इसका पूरा फायदा उठाया और आँचल के बूब्स को दबाने लगा. उसके पतले ब्लाउज के बाहर से तने हुए निपल पर अंगूठा फेरते हुए बोला,” बोलो ना मैडम, वो कौन सी मूवी थी ?”

“ओह्ह …मिस्टर बंसल…..” अब आँचल थोड़ा ज़ोर से सिसकी क्यूंकी बंसल उसके निपल को चिकोट रहा था. फिर झूठ बोलते हुए बोली,” वो….उन्ह…एक ब्लू फिल्म थी……”

“मैडम पर उसमे तो मेमसाब कह रहा था कोई …” बंसल अपने पैंट में बने तंबू पर आँचल का हाथ रखते हुए बोला.

“उन्न्नह….बंसल…उहह…ये क्या कर रहे हो ? कोई देख लेगा….छोड़ दो मुझे…” आँचल सिसकी लेती हुई बोली.

बंसल आँचल के बूब्स दबा रहा था और आँचल ने पैंट के बाहर से बंसल का लंड पकड़ा हुआ था.
“अरे साली, तुम्ही ने तो मेरा लंड पकड़ रखा है और बोलती है मैं छोड़ दूं…” बंसल बोला.

आँचल के लंड पकड़ने से बंसल खुश हो रहा था की अब तो ये पट गयी है. अब चुद ही जाएगी.

तभी उस रूम में ख़ान आया , सना भी उससे चिपकी हुई थी.

बंसल और आँचल एक दूसरे से अलग होते हुए झेंपते हुए खड़े हो गये. ख़ान और सना ने सब देख लिया था लेकिन ख़ान आँचल की खूबसूरती में डूब गया और बोला,” आई ऍम सॉरी, मिसेज जोशी. मैं थोड़ा बिज़ी था इसलिए आपकी फैक्ट्री के डॉक्युमेंट्स देख नही पाया. शायद आज शाम को डिनर के टाइम , अगर आप फ्री हैं तो …”

आँचल के जवाब देने से पहले ही बंसल बीच में बोल पड़ा,” हाँ सर, ज़रूर सर, आज शाम को ठीक रहेगा.”

फिर आँचल को भी यही बोलना पड़ा,” हाँ सर, आज शाम को ठीक रहेगा.”

आँचल ने देखा , ख़ान लंबा चौड़ा , करीब 45 साल की उमर का , आकर्षक व्यक्तित्व का आदमी है. उसकी आवाज़ भी गहराई लिए हुए थी. आँचल को वो बहुत सेक्सी लगा. वो सना से ईर्ष्या करने लगी, इतने पावरफुल आदमी का इसे साथ मिल रहा है और मज़े से चुदाई भी करवाती होगी ख़ान से. 

उधर ख़ान भी आँचल से बहुत प्रभावित था. क्या खूबसूरत औरत है, गोरी , लंबी है. बड़े बड़े बूब्स, शानदार गांड है. ये मोटे बंसल के साथ क्या कर रही है. इसको तो किसी अच्छे आदमी के साथ होना चाहिए. इस मादक औरत को चोदने में तो मज़ा ही आ जाएगा.

आँचल ने जब ख़ान को अपनी तरफ एकटक देखते पाया तो वो शरमा गयी. वो जानती थी ये भी मेरे उपर फिदा हो गया है. कोई मर्द नही बचा उसके रूप के जादू से.

फिर उन्होने रात 8:30 बजे एक 5 स्तर होटेल में डिनर का टाइम फाइनल किया. ख़ान सना के साथ वहाँ से चला गया और बंसल और आँचल भी ऑफिस से बाहर आ गये.

ऑफिस से बाहर आकर कार की तरफ जाते समय बंसल ने आँचल की कमर में हाथ डालकर चलना चाहा लेकिन आँचल ने उसे एक थप्पड़ जड़ दिया. बंसल गाल सहलाते हुए सोचने लगा, अब इसे क्या हुआ.

आँचल अब अपने ऊपर काबू पा चुकी थी और उसने बंसल को उसकी जगह बता दी की बॉस कौन है.

बंसल का मूड ऑफ हो गया. कहाँ तो वो मैडम हाथ में आ गयी है सोच रहा था यहाँ कमर में हाथ डालते ही थप्पड़ पड़ गया.

आँचल कार चलाने लगी. बंसल चुपचाप बैठा था. बंसल को फैक्ट्री में उतारकर वो अपने पापा के घर चली गयी.
घर आने के बाद अपने बेडरूम में पहुँचकर उसे बंसल पर बहुत गुस्सा आया. उसकी हिम्मत कैसे हुई अपनी बॉस पर हाथ डालने की.
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12-08-2018, 01:04 PM,
#30
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
उस दिन शाम को बंसल 7:30 पर आँचल के पापा के घर पहुँच गया. वहाँ से आँचल को उसके साथ 5 स्तर होटेल जाना था जैसा की ख़ान के साथ डिसाइड हुआ था.

आँचल अपने कमरे में तैयार हो रही थी. बंसल ड्राइंग रूम में उसके मम्मी पापा के साथ बैठा था.

तभी उसकी मम्मी ने आवाज़ लगाई ,” रामू यहाँ आओ.” और फिर उससे बंसल के लिए चाय लाने को कहा.

बंसल ने मन ही मन सोचा, तो ये है मैडम का नौकर रामू जिससे उस दिन मैडम चुदवा रही थी. अगर उसका नौकर उसे चोद सकता है तो फिर मैं क्यूँ नही चोद सकता. बंसल के मन में आँचल को चोदने की इच्छा बढ़ने लगी.

बंसल चाय पी रहा था तभी वहाँ आँचल आ गयी. उसे देखकर बंसल का मुँह खुला रह गया वो कयामत लग रही थी. उसने गहरे नीले रंग की शिफ्फॉन साड़ी और एक पतला स्ट्रैप वाला ब्लाउज पहन रखा था. साड़ी उसने नाभि से थोड़ा नीचे पहनी थी. जब वो बंसल के सामने सोफे पर बैठी तो उसके बड़े बूब्स ब्लाउज से झाँकने लगे. उसने ब्रा नही पहनी थी. 

बंसल सोचने लगा, आहा…आज की शाम तो बहुत मज़ेदार होने वाली है.

कार में बैठते समय बंसल बोला,” मैडम आज आप बहुत ही खूबसूरत लग रही हैं.”

आँचल मुस्कुराते हुए “ थैंक यू “ बोली और कार चलाने लगी.

इससे बंसल की हिम्मत बढ़ गयी और उसने अपना हाथ आँचल के कंधे में रख दिया. लेकिन आँचल ने उसको घूरा तो उसने अपना हाथ हटा लिया.

वो टाइम से थोड़ा पहले होटेल पहुँच गये. वहाँ एक सोफे में बैठने के बाद बंसल ने अपने लिए व्हिस्की मंगाई. और वो दोनो ख़ान का इंतज़ार करने लगे. आँचल ने अपने लिए एप्पल जूस ऑर्डर किया. 

थोड़ा ड्रिंक करने के बाद बंसल की हिम्मत बढ़ने लगी वो आँचल से सटते हुए बोला,” मैडम आपने बताया नही उस दिन आप कौन सी ब्लू फिल्म देख रही थीं.”

आँचल ने झल्लाकर गुस्से मे जवाब दिया,” अब बस भी करो मिस्टर बंसल , हर बार वही बात…”

“ज्यादा चालाक मत बनो मैडम , मुझे सब पता है की कौन सी ब्लू फिल्म थी और कौन सा रामू …” कहते हुए बंसल ने अपने बाँह आँचल के कंधों में डाल दी और उसको अपने नज़दीक खींचा. आहा…साली ने क्या मादक परफ्यूम लगाया है.

आँचल ने उसको घूरा लेकिन बंसल पर कोई असर नही हुआ.

“मैंने सब टेप कर लिया है, तेरी चुदाई की आवाज़ें, रामू के साथ. अगर तूने मेरे को भाव नही दिया तो मैं वो टेप सुनील साब को दे दूँगा.” बंसल ने झूठ बोलते हुए कहा.

आँचल डर गयी , सुनील को पता लग गया तो ….
वो धीमे से बोली,” नही नही , प्लीज़ मिस्टर बंसल ऐसा मत करना.”

“ये ले थोड़ा व्हिस्की पी, डर मत, मैं हू ना तेरे साथ.” कहते हुए बंसल ने गिलास उसके होठों पर लगा दिया.
“प्लीज़ नही, मैं नही पीती.” आँचल ने गिलास अपने होठों से हटाया.

“अरे नखरे छोड़ और पी, नही तो …” बंसल ने धमकाते हुए गिलास फिर से उसके होठों पर लगाया. 

आँचल ने एक घूँट पिया और गंदा सा मुँह बनाया. अब बंसल ने आँचल की कमर में हाथ डाल दिया और उसको एक एक घूँट करके व्हिस्की पिलाता रहा. 

फिर बंसल अपना चेहरा आँचल के चेहरे के नज़दीक़ लाया ओए उसके चिकने गालों को काटते हुए बोला,” कभी हमें भी तो मौका दो मैडम , हम भी आपकी प्यास बुझा सकते हैं. आपका पति बाहर गया हुआ है इसलिए आपकी चूत में तड़पन आ रही होगी.”

फिर आँचल का हाथ अपने पैंट के उपर रखते हुए बोला,” ये पकड़ो और देखो की मेरा लंड तुम्हारी चूत में जाने के लिए कितना तड़प रहा है.”

फिर बंसल ने एक और व्हिस्की लाने के लिए वेटर को ऑर्डर दिया और आँचल का हाथ अपने तंबू में दबाए रखा.

आँचल ने वेटर की नज़रें अपने हाथ पर देखी तो उसको ह्युमिलिटेड फील हुआ.
बंसल और कुछ करता तभी ख़ान आ गया.

आँचल को मौका मिल गया. उसने झट से खड़े होकर ख़ान को विश किया और उसके बगल वाली सीट में बैठ गयी.

बंसल ने उसको घूरा लेकिन ख़ान के सामने अब उसकी कुछ चलने वाली नही थी.

लेकिन आँचल के लिए एक से पीछा छूटा तो दूसरा आ गया वाली बात साबित हुई. बातचीत करते हुए ख़ान ने अपनी बाँह उसके कंधों पर रख दी. और कहने लगा,” मुझे मिस्टर ख़ान मत कहो साजिद कहो और मैं तुम्हे मिसेज जोशी की बजाय आँचल कहूँगा.”

आँचल की मादकता का असर ख़ान पर होने लगा और वो बातों बातों में उसकी गर्दन और पीठ में हाथ फिराते हुए उसके बदन को छूने लगा. 

दिन में आँचल से मुलाकात के बाद ख़ान ने सना को चोदा था पर उस समय भी उसके मन में आँचल ही समाई हुई थी. सना को तो वो जब चाहे तब चोद सकता था. सना सेक्सी थी लेकिन मॉडलिंग और एक्टिंग के लिए फिगर फिट रखने के लिए वो डाइटिंग करती थी. ख़ान सोचने लगा आजकल की ये लड़कियाँ फिल्मों में तो अच्छी लगती हैं लेकिन चोदते समय हड्डी जैसी लगती हैं , लेकिन आँचल तो गदरायी हुई मांसल बदन वाली है , इसको चोदने में तो बहुत ही मज़ा आएगा.

सामने बैठ बंसल आँचल को और उसके बदन को देखने के सिवा कुछ नही कर पा रहा था. ख़ान मज़े मज़े से इसको टच कर रहा है पीठ गर्दन पर हाथ फेर रहा है. बंसल कुढ़ता रहा. जो व्हिस्की उसने आँचल को पिलाई थी अब उसका भी कुछ असर होने लगा था, तभी वो ख़ान की हरकतों का कुछ विरोध नही कर पा रही थी.
बंसल ने सबके लिए एक पैग ड्रिंक और मंगवा ली , आँचल को भी पीनी पड़ी.

उस होटेल में एक बैंड अपना म्यूज़िक दे रहा था. 
आँचल को ख़ान ने पकड़ा और डांस फ्लोर पर ले गया. आँचल को अपने से चिपकाए ख़ान उसके साथ डांस करने लगा. आँचल को महसूस हुआ ख़ान अपना खड़ा लंड उसके चिकने पेट में रगड़ रहा है. उसके हाथ आँचल की पीठ और नितंबों पर घूम रहे थे.

पहले बंसल के और अब ख़ान के अपने बदन में इतना ज़्यादा हाथ फिराने से अब आँचल भी गरम होने लगी. ख़ान तो वैसे भी हाइ सोसाइटी की औरतों के ही संपर्क में रहता था उसे मालूम था कैसे और कहाँ टच करना है. डांस करते हुए उसने अपने दोनो हाथ आँचल के उभरे हुए नितंबों में रख दिए और उन्हे मसलने लगा. उत्तेजना से आँचल को अपनी पैंटी चूतरस से गीली होती महसूस हुई.

फिर ख़ान ने अपना चेहरा झुकाया और आँचल के नरम रसीले होठों का हल्का सा चुंबन ले लिया. आँचल की सिसकारी निकल गयी. आँचल को सिसकारी लेते देखकर ख़ान ने अब अपने होंठ उसके होठों से चिपका दिए और उन्हे ज़ोर से चूसने लगा. और फिर जीभ आँचल के मुँह में घुसाकर उसे चूमने लगा.

तभी बैंड ने अपना म्यूज़िक बंद कर दिया. ख़ान आँचल को वापस टेबल पर ले आया.
बंसल ये सब देख देखकर कुढ़ रहा था और अपनी बारी के लिए मरा जा रहा था. उसने एक और पैग ड्रिंक मंगाया और आँचल की हालत देखकर ख़ान को आँख मारी.

ख़ान आँचल के पतले ब्लाउज के बाहर से उसके बूब्स को मसल रहा था और आँचल हल्की सिसकारियाँ ले रही थी.

तभी वेटर ड्रिंक लाया और सोचने लगा पहले तो इस सेक्सी औरत से सामने वाला आदमी मज़े ले रहा था और ये उसका लंड पैंट के बाहर से पकड़े हुए थी. अब ये नया आदमी इसके बूब्स खुलेआम दबा रहा है. शायद ये दोनो इस रंडी को शेयर कर रहे हैं .

तब तक बैंड ने फिर से म्यूज़िक शुरू कर दिया. इस बार बंसल उठा और आँचल को डांस फ्लोर में ले गया. उसने भी डांस के बहाने आँचल से खूब मज़े लिए . आँचल को किस किया उसके नितंबों को मसला और पीठ पर हाथ फिराया. आँचल पर व्हिस्की और उत्तेजना का पूरा असर हो चुका था. उसकी चूत से रस टपक रहा था और उसने बंसल की हरकतों का कोई विरोध नही किया. अब वो चुदाई के लिए तड़प रही थी.

बंसल उसे वापस टेबल पर लाया तो देखा ख़ान बिल का पेमेंट कर रहा है और अपने पीछे आने का इशारा कर रहा है.

होटेल की लॉबी में आने के बाद वो रिसेप्शनिस्ट के पास गये और खान ने एक रूम बुक कराया.
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