vasna kahani आँचल की अय्याशियां
12-08-2018, 01:11 PM,
#51
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
सुनील और आँचल नाश्ता करने डाइनिंग रूम में आ गये. आँचल ने नाइटगाउन पहना हुआ था. 

वहाँ रवि और रिया बैठे हुए इंतज़ार कर रहे थे. रवि अपने कज़िन के घर से सुबह जल्दी ही आ गया था. रवि, रिया ने सुनील , आँचल को गुडमॉर्निंग विश की. फिर आँचल सबको नाश्ता सर्व करने लगी. 

अपने बेडरूम के दरवाज़े पर ससुर की हरकत से आँचल अभी भी पूरी तरह से उबर नही पाई थी. सेक्सुअल एक्साइट्मेंट से उसका चेहरा अभी भी लाल हो रखा था. पतले नाइटगाउन के अंदर उसने सिर्फ़ पैंटी पहन रखी थी. उसकी बड़ी चूचियाँ ब्रा ना होने से नाश्ता सर्व करते समय हिल डुल रही थीं. आँचल की मांसल जांघों का शेप भी उस पतले नाइटगाउन में साफ दिख रहा था. 

रिया ने देखा , नाश्ता सर्व करने के लिए किचन से डाइनिंग टेबल तक घूम रही आँचल को उसका मंगेतर रवि ललचाई नज़रों से घूर रहा है. रिया को जलन महसूस हुई और रवि पे बहुत गुस्सा आया. रिया ध्यान से देख रही थी, आँचल रवि को नाश्ता सर्व करते समय मुस्कुरा रही है और देखो तो रवि से कितना चिपक के खड़ी है . रवि की प्लेट में नाश्ता डालते समय जानबूझकर झुक रही है और उसको नाइटगाउन से अपना क्लीवेज दिखा रही है. नाइटगाउन भी कैसा पहन के आई है , फीते वाला, खुला खुला , टाँगें भी दिखा रही है. रिया को आँचल पर भी गुस्सा आया.

सुनील की नज़रें भी अपनी मादक बीवी पर ही थी. जो रिया ने देखा वो सुनील ने भी देखा. रवि भी मेरी बीवी को बहुत घूर रहा है. ये देखकर उसके मुरझाए लंड में हरकत हुई. दूसरे मर्द जब उसकी बीवी को घूरते हैं तो सुनील को एक्साइट्मेंट होती है . लेकिन पहले ऐसा नही था. ये तबसे शुरू हुआ जबसे चुदाई करते समय आँचल ने दूसरे लोगों द्वारा अपने बदन से छेड़खानी के किस्से सुनील को सुनाने शुरू किए. तभी से सुनील ने महसूस किया की ऐसी बातों से उसे बड़ी उत्तेजना आती है. अब उसे दूसरे मर्दों से जलन नही होती थी. ये बात आँचल भी जान गयी थी और बढ़ा चढ़ाकर छेड़खानी के किस्से सुनील को सुनाती थी. पर सुनील के मन में क्या है, वो अपनी बीवी को दूसरे मर्दों के साथ किस हद तक देखना स्वीकार करेगा , ये किसी को मालूम नही. आँचल यही सोचती है की सुनील ऐसी बातों से एक्साइट होता है , मगर सिर्फ़ बातें. सुनील के सामने किसी मर्द के साथ कुछ करने की तो वो सोच भी नही सकती. लेकिन उसे मालूम नही था की कुछ देर पहले बेडरूम के दरवाज़े पर ससुर का लंड पकड़े हुए सुनील ने उसे देख लिया है और ये देखकर सुनील को ज़रा भी ईर्ष्या या जलन नही हुई थी बल्कि उसे तो एक अजीब सा रोमांच हुआ था. जो क्यूँ हुआ था वो तो सुनील भी नही जानता. पर उसकी बॉडी अपनेआप ऐसे रेस्पॉन्ड कर रही थी. अपनी खूबसूरत बीवी को दूसरों के सामने शोऑफ तो वो पहले से ही करता था पर वो अलग बात थी. अब कुछ अलग ही हो रहा था. 

यहाँ नाश्ते के दौरान भी यही हो रहा था. रवि आँचल को घूर रहा था और आँचल उसको देखकर मुस्करा रही थी. ये देखकर रिया गुस्सा हो रही थी लेकिन सुनील को इसमें मज़ा आ रहा था.

नाश्ते की टेबल पर ससुर भी अपने ख्यालों में डूबा हुआ था. आज बहू ने मेरा लंड पकड़ लिया था , मुझसे चुदने को तैयार थी , अगर सुनील वहाँ पर नही होता तो आज चुद ही जाती. एक और मौका हाथ से निकल गया. हर बार मछली हाथ से फिसल जाती है. पता नही अब कब मौका मिलेगा. ये खूबसूरत जवान छोकरी रिया कुछ ही दिन पहले हमारे घर आई और ये भी मुझसे चुद गयी और आँचल को एक साल से ज़्यादा हो गया हमारे घर आए बहू बनकर और अभी तक मुझे निराशा ही हाथ लगी है.

नाश्ते की टेबल पर आँचल की सास नही थी क्यूंकी वो पड़ोस में सतसंग में गयी थी. 

इस तरह नाश्ता करते समय बातें कम ही हुई , सब अपने अपने ख्यालों में डूबे हुए थे.

रिया बोली, “मैं नहाने जा रही हूँ फिर तैयार भी होना है ” और टेबल से उठकर चली गयी.

सुनील भी अपने बेडरूम में चला गया. वो दोनो जल्दी नाश्ता करके उठ गये.

अब टेबल पर आँचल के साथ रवि और ससुर रह गये. आँचल दूसरों को सर्व कर रही थी इसलिए उसका नाश्ता अभी बचा हुआ था. लेकिन रवि और ससुर जानबूझकर धीरे धीरे नाश्ता कर रहे थे. सुनील और रिया के जाने के बाद, नाश्ता करते हुए दोनो आदमी अब खुलेआम आँचल पर नजरें गड़ाए हुए थे. 

आँचल ने ससुर और रवि की ललचाई नज़रों को महसूस किया और सर झुकाकर चुपचाप नाश्ता करने लगी. जब भी नज़रें उठाती तो पाती , वो दोनो उसको ही देख रहे हैं.

तभी रिया ने रवि को आवाज़ दी ,” कितना टाइम लगा रहे हो नाश्ता करने में ? यहाँ आओ जल्दी.”

रिया समझ गयी थी की रवि जानबूझकर धीरे धीरे नाश्ता कर रहा है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा देर तक आँचल के साथ बैठने का मौका मिले. इसलिए उसने रवि को डाँट कर बुला लिया और अपने बेडरूम में बैठने को कहा. ताकि रवि को आँचल को ताकने का मौका ना मिले.

रवि का मन नही हो रहा था वहाँ से जाने का. लेकिन रिया के डाँटने से उसने बचा हुआ नाश्ता फटाफट खत्म किया और वहाँ से उठ गया. लेकिन जाते जाते आँचल के गले लगकर थैंक्स कह गया, “ भाभीजी , बढ़िया नाश्ता कराने के लिए , थैंक्स.”

थैंक्स का तो बहाना था , इसके बहाने रवि ने आँचल के गालों से अपने गाल रगड़ दिए और उसकी पीठ पर हाथ फेर दिया.

उसके बाद वो रिया के पास उसके बेडरूम चला गया.

मिस्टर आलोक जोशी (ससुर) अभी भी खाने में ही थे. 

“बहू , मेरी प्लेट में थोड़ी सब्ज़ी और डाल दो.”

आँचल उठी और ससुर के पास जाकर उसकी प्लेट पर सब्ज़ी डालने लगी.

सब्ज़ी का डोंगा पकड़े हुए आँचल ने अपनी पैंटी के ऊपर हाथ महसूस किया. 

ससुर ने आँचल के नाइटगाउन के अंदर हाथ डाल दिया था और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को पकड़ लिया. फिर पैंटी को थोड़ा खिसकाकर आँचल की चूत में अपनी मोटी उंगली डाल दी.

आँचल ससुर की हरकत से एकदम चौंक गयी .

“उउउऊहह…...” उसके मुँह से हल्की सिसकी निकल गयी.

अब ससुर आँचल की चूत में उंगली करने लगा और अंगूठे से उसकी क्लिट को रगड़ने लगा. 

आँचल सब्ज़ी का डोंगा हाथ में पकड़े वहीं पर खड़ी रही और उसने ससुर को रोकने का कोई प्रयास नही किया.

“ओह्ह ……….ससुरजी……..” आँचल धीरे से सिसकी. उसके पाँव वहीं पर ज़म गये. 

ससुर तेज़ी से उसकी चूत में उंगली घुमाने लगा.

“उनन्नज्ज्ग…………...बस कीजिए……...कोई आ जाएगा……... ओह्ह ….” आँचल की सिसकारियाँ बढ़ गयीं.

उसने सब्ज़ी का डोंगा टेबल पर रख दिया. उसकी टाँगें उत्तेजना से काँपने लगी. सपोर्ट के लिए उसने टेबल को पकड़ लिया.

लेकिन ससुर रुका ही नही. वो एक्सपीरियेन्स्ड आदमी था. एक्सपर्ट तरीके से आँचल की चूत और क्लिट को छेड़ते रहा. शायद सब्ज़ी माँगने का भी उसका बहाना था. उसने पहले ही सोच लिया होगा की आँचल सब्ज़ी डालने मेरे पास आएगी तो………...

ससुर उंगली करते रहा और टेबल पर हाथ टेककर आँचल सिसकते रही. 

उन दोनो को पता ही नही चला की बुड्ढा रसोइया रामलाल किचन के दरवाज़े पे आ खड़ा हुआ है और वहीं से उन दोनो को देख रहा है. अच्छा तो ये ससुर बहूरानी मेमसाब के अंगुली कर रहा है टेबल के नीचे से , और बहूरानी मस्त हुई जा रही है. 

रामलाल पहले एक बार आँचल को चोद चुका था. आँचल की कामुक सिसकारियों से उसका लंड खड़ा होने लगा. एक बार और मिल जाए मेमसाब चोदने को. कितनी कामुक है मेमसाब. ससुर भी पगला गया है इसके चक्कर में.

तभी बेडरूम से सुनील ने आवाज़ दी,” आँचल, मेरी शर्ट नही मिल रही है. कहाँ रख दी तुमने ?”

ससुर ने तुरंत आँचल की चूत से अपनी मोटी उंगली निकाल ली, उंगली चूतरस से भीगी हुई थी. आँचल सुनील के पास बेडरूम जाने लगी लेकिन ससुर ने उसे पकड़ लिया और अपनी गोद में बिठा दिया. आँचल को अपने नितंबों पर ससुर का खंभे जैसा लंड चुभा , जो पैजामे के अंदर फनफना रहा था. फिर ससुर ने चूतरस से भीगी अंगुली आँचल के मुँह में डाल दी और उससे चाटकर साफ करने को कहा. आँचल को ससुर की उंगली से अपना ही चूतरस चाटना पड़ा. 

ससुर के चूत में ऊँगली करने से उसको ओर्गास्म आने ही वाला था लेकिन सुनील ने डिस्टर्ब कर दिया. अब अपने नितंबों के नीचे दबे हुए ससुर के बड़े लंड से उसकी उत्तेजना और बढ़ गयी. उसने ससुर की उंगली को चाटकर साफ कर दिया. और लंड के जैसे ही वो मोटी उंगली चूस डाली. और ससुर की गोद में बैठे हुए ही उसके फनफनाते लंड के ऊपर अपने नितंबों को हिला हिलाकर रगड़ दिया.

आँचल की मचलती जवानी ससुर के लिए गरम लावा जैसी साबित हुई. अपने लंड पर आँचल के बड़े बड़े सुडौल लेकिन मुलायम नितंबों की रगड़ से उसके लंड ने पानी छोड़ दिया. छल- छलाकर निकले वीर्य ने ससुर का पैजामा खराब कर दिया. ससुर को भी हैरानी हुई , इतना वीर्य तो मेरा कभी नही निकला. ये मादक बहू ने बाहर से ही नितंबों को रगड़कर मेरा इतना माल निकाल दिया की गोलियाँ सिकुड गयी , तो फिर जब मैं इसको चोदूँगा सोचो तब कितना निकलेगा. 

तभी सुनील ने फिर से आँचल को आवाज़ दी, लेकिन इस बार वो आवाज़ उनके नज़दीक़ से आई थी. 

आँचल जल्दी से ससुर की गोद से उठी और अपने बेडरूम में चली गयी. ससुर चेयर पे बैठा हुआ झड़ते हुए गहरी साँसे ले रहा था. उसके लंड से अभी भी वीर्य की बूंदे निकल रही थी.

बेडरूम में पहुँचकर आँचल बोली,” इतना क्यूँ चिल्ला रहे हो सुनील. आ तो रही हूँ. नाश्ता कर रही थी.”

ससुर की गोद में आँचल को मज़ा आ रहा था. और सुनील के डिस्टर्ब करने से उसका ओर्गास्म भी अधूरा रह गया था. इसलिए वो थोड़ी चिड़चिड़ा गयी थी.

“यहाँ तो आओ…..” बाथरूम से सुनील ने आवाज़ दी.

जैसे ही आँचल बाथरूम में घुसी , सुनील ने उसको पीछे से पकड़ लिया . बिना संभलने का मौका दिए सुनील ने आँचल को वॉश बेसिन पर झुका दिया. फिर पीछे से उसका गाउन ऊपर उठाकर पैंटी नीचे कर दी और आँचल की टाँगें थोड़ी फैलाकर अपना तना हुआ लंड उसकी गीली चूत में घुसा दिया. 

आँचल जब तक कुछ समझ पाती की क्या हो रहा है तब तक उसकी चूत में पीछे से सुनील का लंड घुस चुका था.

आँचल ने सपोर्ट के लिए वॉश बेसिन को पकड़ा हुआ था और सुनील उसकी चूत पर दनादन धक्के मारे जा रहा था.

वॉश बेसिन पर झुकी हुई आँचल सुनील के उतावलेपन से हैरान थी. आज तक सुनील ने उसे ऐसे झुकाकर पीछे से नही चोदा था और बाथरूम में तो कभी भी नही चोदा था. 

[लेकिन एक बात पर आँचल ने गौर नहीं किया की सुनील ने जब दुबारा उसे आवाज़ दी थी तो वो आवाज़ नज़दीक से आयी थी . क्या उस बात पर और सुनील के उत्तेजित होकर आँचल को बाथरूम में चोदने के बीच कुछ सम्बन्ध था. कहीं सुनील ने......]

फिर सुनील ने आँचल की कमर को पकड़ा और आँचल को वॉश बेसिन पर थोड़ा और ज़्यादा झुका दिया. ऐसे ही झुकाकर आँचल की चूत में धक्के मारने लगा.

“ओह्ह ……....धीरे ……सुनील धीरे…… …उफफफ्फ़………....प्लीज़ सुनील धीरे धीरे से करो………….प्लीज़……....उफफफ्फ़…….”, आँचल ज़ोर से चिल्लाई.

असल में आँचल को सुनील के लंड से तकलीफ़ नही हो रही थी. सुनील का पतला लंड करीब 4.5 इंच का था. सुनील ने उसे वॉश बेसिन पर झुकाया हुआ था. उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ ठंडे मार्बल से दब कर दर्द कर रही थीं. तब वो चिल्लाई थी.

लेकिन सुनील ने उसकी बात अनसुनी कर दी. उसने आँचल को नीचे झुकाकर दबाए रखा और पीछे से और ज़ोर से धक्के मारने लगा. अब आँचल का पेट और जांघों का जोड़ वाला भाग भी वॉश बेसिन से टकराने लगा.

“आऐईयईईईई…....ओह……....नही करो…. ..सुनील…..…प्लीज़……..” आँचल दर्द से चिल्लाई.

सुनील ने आँचल की चूत में अपना वीर्य निकाल दिया और उसके बदन के ऊपर ही झुक गया. फिर सीधा हुआ तो देखा , झुकी हुई आँचल धीमे धीमे रो रही है. 

सुनील ने आँचल को सीधा किया और उसे बेडरूम में ले गया और बेड पे लिटा दिया. खुद बाथरूम में नहाने चला गया.

आँचल बेड में लेटी हुई धीमे धीमे रोती रही. उसकी चूचियों पर मार्बल से रगड़ने के लाल निशान पड गये थे. और पेट के निचले हिस्से पर भी स्लैब पर टकराने से खरोंच के निशान थे. सुनील ने बेरहमी दिखाई थी और रगड़ खाने से तकलीफ़ हो रही है बताने के बावजूद उसने अनसुना कर दिया था. आँचल ने हर्ट फील किया और उसे रोना आ गया. सोचने लगी , ये मर्द ऐसे ही होते हैं , चोदते समय ऐसे बेरहम हो जाते हैं , जैसे औरत के जिस्म में जान ही न हो . उसके दर्द की बिलकुल परवाह ही नहीं करते .
Reply
12-08-2018, 01:11 PM,
#52
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
आँचल के जाने के बाद ससुर ने देखा उसके पैजामे में उसके वीर्य और आँचल के चूतरस का धब्बा लगा हुआ है. उसने जल्दी से एक अख़बार उठाया और उससे अपने पैजामे को ढकते हुए नहाने के लिए बाथरूम जाने लगा. बाथरूम जाते समय उसने देखा रिया और रवि में किसी बात को लेकर बहस हो रही है. कोई और समय होता तो बुड्ढा कान लगाकर सुनता की इनकी बहस क्यूँ हो रही है. लेकिन अभी वो जल्दी में था क्यूंकी धब्बा छुपाने के लिए उसने पैजामे के आगे अख़बार लगाया हुआ था. 

बाथरूम में नहाते समय ससुर बहुत खुश था. आख़िरकार आँचल को पटाने में मैं सफल हो ही गया हूँ. कैसे उसने मेरा लंड पकड़ा था और मेरी गोद में बैठकर मेरे लंड पर अपने नितंबों को रगड़कर मेरा पानी निकाल दिया था . ये सब लक्षण बता रहे हैं की अब आँचल मुझसे चुदवाने को बिल्कुल तैयार है. अब मैं आँचल को सिखाऊँगा की चुदाई के मज़े कैसे लिए जाते हैं. ऐसे ख़यालों से खुश होते हुए ससुर ने रगड़ रगड़कर नहाया और फिर सुनील के साथ ऑफिस जाने के लिए तैयार हो गया.

ऑफिस जाने से पहले ससुर ने रिया को गले लगाया और गुडबाय विश की , क्यूंकी शाम को रिया चंडीगढ़ चले जाने वाली थी. रिया ने गले लगकर ससुर को पकड़े रखा , ससुर समझ गया रिया अलग होना नही चाह रही है. उसने रिया के साथ दो रात चुदाई के जमकर मज़े लिए थे और रिया ने भी ससुर के साथ बहुत मज़े किए थे. आज रिया अपने घर जा रही है लेकिन कभी चंडीगढ़ जाने का मौका लगा तो इस जवान छोकरी को फिर से ज़रूर चोदूँगा. ये तो वैसे भी मुझसे बिल्कुल पटी हुई है, गले लगकर भी हट नही रही और चिपक रही है. 

सुनील भी रिया के जाने से उदास था , उसने भी रिया को गले लगाकर गुडबाय विश की. फिर वो पापा के साथ ऑफिस चला गया.

आँचल बाथरूम में नहा रही थी. नहाने के बाद वो लिविंग रूम में आई तो देखा रिया रवि से ज़ोर ज़ोर से बहस कर रही है.

आँचल उन दोनों की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोली,” क्या बहस हो रही है तुम दोनों की ? मुझे भी तो बताओ .”

रवि बोला,” देखिए ना भाभी. रिया ज़िद कर रही है और आज मेरे साथ चंडीगढ़ नही जाना चाहती है. आप समझाइये ना इसे…”

आँचल ने सवालिया निगाहों से रिया को देखा,” क्यूँ रिया ? ऐसा क्यूँ ? रवि चंडीगढ़ से तुम्हें लेने ही तो आया है .”

“ आज मेरी तबीयत ठीक नही है. मैं कार से चंडीगढ़ नही जाना चाहती हूँ. मैं इससे कह तो रही हूँ की कल ट्रेन से आ जाऊँगी लेकिन ये ज़िद कर रहा है की आज ही कार से चलो. तुम समझाओ ना इसे की कल मैं शताब्दी से आ जाऊँगी.” रिया ने आँचल की बाँह पकड़कर उसे अपनी बात समझाई और उससे अपनी साइड लेने को कहा. 

अब आँचल को समझ नही आया की वो किसकी साइड ले. 

असल में रिया तबीयत का सिर्फ़ बहाना बना रही थी. वो एक एक दो दो दिन करके अपनी वापसी टाल रही थी. उसको रात में ससुर के साथ चुदाई का चस्का लग गया था. 

रवि बोला,” देखो भाभी, इसकी कोई तबीयत खराब नही है ये सिर्फ़ फालतू में ज़िद कर रही है. कल ये अकेली कैसे आएगी ?”

“आँचल इसको बोलो मैं अकेली आ सकती हूँ. बल्कि मैंने मम्मी को फोन करके बता भी दिया है की कल शताब्दी से आऊँगी.” रिया ने आँचल के चेहरे को पकड़कर कहा.

रिया की ज़िद देखकर आँचल मान गयी,” रवि तुम आज अकेले ही जाओ और रिया को मेरे पास एक दिन और रहने दो. वैसे भी अगर अभी से तुम उसकी बात नही मानोगे तो शादी के बाद तो बिल्कुल ही नही मानोगे.”

आँचल को अपनी साइड लेती देखकर रिया खुश हो गयी.

“देखो रवि , मेरी बात मान लो और अपनी भाभी की भी. मैं कल ही आऊँगी. और अगर तुम्हें मेरे अकेले आने की इतनी ही चिंता है तो आँचल भी मेरे साथ आ जाएगी. कुछ दिन चंडीगढ़ घूम फिर लेगी. आँचल के लिए भी थोड़ा चेंज हो जाएगा.”

रिया के सुझाव से आँचल को थोड़ा आश्चर्य हुआ. लेकिन रवि खुश हो गया की आँचल भी चंडीगढ़ आएगी. और वो रिया को साथ ले जाने की ज़िद छोड़कर इस बात के लिए तुरंत तैयार हो गया. 

“हाँ ये ठीक रहेगा. भाभी को चंडीगढ़ घुमा फिरा देंगे.”

आँचल को थोड़ा आनाकानी करते हुए देखकर रिया बोली,” तुम क्यूँ चिंता करती हो. जीजाजी को मैं मना लूँगी की वो तुम्हें मेरे साथ चंडीगढ़ भेज दें. बस अब ये बात पक्की हो गयी. अब कोई आनाकानी नही. कल आँचल और मैं चंडीगढ़ जा रहे हैं. बस अब कोई बहस नही.”

रिया की बात पर आँचल मुस्कुराने लगी और सोचने लगी, ठीक ही तो है मैं भी चंडीगढ़ घूम आऊँगी.

फिर रवि बोला,” भाभी मुझे कुछ शॉपिंग करनी है. रिया की तो तबीयत ठीक नही है. आप आओगी मेरे साथ ? थोड़ी हेल्प कर दोगी मेरी.”

आँचल बोली,” ठीक है, मैं चलूंगी तुम्हारे साथ.”

“शिट …...”, रिया का मूड ऑफ हो गया, लेकिन तबीयत खराब होने का बहाना तो उसी ने बनाया था इसलिए वो अब कुछ नही कर सकती थी.

“मैं अभी तैयार होकर आती हूँ…..” कहकर आँचल अपने बेडरूम में चली गयी.

थोड़ी देर बाद आँचल तैयार होकर आई तो रवि देखता ही रह गया.

आँचल ने वाइट कॉटन स्लीवलेस शर्ट और वाइट ट्राउज़र्स पहने हुए थे. कपड़े का मैटेरियल सॉफ्ट था इसलिए उसकी लेसी ब्रा दिख रही थी . ट्राउज़र्स के अंदर पैंटी लाइन भी दिख रही थी और ट्राउज़र्स में उसके बड़े नितंबों की मादक शेप दिख रही थी.

रवि ने आँचल को ऊपर से नीचे तक देखा , क्या सेक्सी औरत है यार. वाइट शर्ट और ट्राउज़र्स में क्या फिगर दिख रहा है. दिल कर रहा है अभी यहीं पर पकड़कर इसके नितंबों को मसल डालूं और चोद दूं.

रिया ने भी मॉडर्न लुक में आँचल को देखा और उसे ईर्ष्या हुई. मेरे रवि के साथ ऐसी सेक्सी बन के जा रही है . ये पागल तो आँचल को देखकर अभी से लार टपका रहा है. ओह गॉड ! मैंने तबीयत खराब का बहाना क्यूँ बनाया.

आँचल ने भी रिया की जलन को फील किया , उसके होठों पर मुस्कुराहट आ गयी. 

“ बाय रिया. तुम्हारी तबीयत ठीक नही है तुम आराम करो , ओके ?”

फिर रवि को अंगुली से अपने पीछे आने का इशारा करके आँचल लिविंग रूम से बाहर आ गयी.

आँचल कार चला रही थी रवि भी उसके साथ बैठा था. रवि की नज़रें सामने ना होकर कार चलाती हुई आँचल पर ही थी. आँचल की गोरी बाँहें, उसकी कांख और उसके परफ्यूम की खुशबू में रवि मदहोश हो रहा था. उसकी शर्ट के बटन्स के बीच से किसी किसी समय उसकी लेसी ब्रा भी दिख रही थी. रवि का लंड पैंट में तनकर दर्द करने लगा.

आँचल सब समझ रही थी की बेचारा रवि तो उसके रूप के जादू से मर ही गया है. लेकिन उसे अच्छा लग रहा था की ये मेरी तरफ इतना आकर्षित हो रखा है. वो रवि को टीज़ करने के लिए अपनी छाती आगे को धकेल देती जिससे उसकी बड़ी चूचियाँ और तन जाती.

आँचल रवि को साउथ एक्सटेंशन मार्केट ले गयी वहाँ से रवि ने अपने लिए कुछ शर्ट और पैंट ली. आँचल ने अपने लिए कुछ नही खरीदा. शॉप्स के आगे चलते समय रवि जानबूझकर आँचल की बाँहों और बदन को बहाने से टच कर दे रहा था. कभी उसकी बाँह पकड़ लेता, चलो इस शॉप में चलते हैं. 

आँचल मुस्कुराती रही , ले ले तू भी मज़े , क्या याद करेगा…...

फिर रवि बोला, “भाभी, रिया के लिए कुछ सेक्सी लिंजरी लेनी है, कोई शॉप बताओ.”

आँचल उसको ख़ान मार्केट में एक लिंजरी शॉप में ले गयी. इंपोर्टेड लिंजरी की वजह से वो थोड़ी महँगी शॉप थी , कस्टमर भी कम ही थे वहाँ. 

रवि ने सेल्सगर्ल को रिया की नाप बताई और आइटम्स दिखाने को कहा.

“ बड़े बदमाश हो रवि. अभी शादी भी नही हुई और अभी से रिया की नाप सब मालूम है…..” आँचल ने रवि से चुटकी ली. सेल्सगर्ल भी हंसने लगी. रवि झेंप गया.

सेल्सगर्ल ने बहुत से डिज़ाइन लाकर सामने रख दिए. रवि सभी आइटम्स को खोलकर आँचल को दिखाने लगा, ये ठीक रहेगी या ये वाली.

सेल्सगर्ल के सामने हल्की फुल्की मस्ती चलती रही. रवि अब खुलकर आँचल की बाँह और बदन को टच कर दे रहा था. आँचल ने रवि को नही रोका और मुस्कुरा कर मज़े लेती रही. 

रवि लिंजरी के अलग अलग डिज़ाइन्स को आँचल के ऊपर लगाकर देख रहा था, कैसी लगेगी.

आँचल भी रवि की मस्ती समझ रही थी, वो भी खुलकर बताने लगी.

ये वाली कुछ ज़्यादा ही सेक्सी है,………….इस वाली में रिया के बूब्स बड़े लगेंगे, …….ये वाली तो ट्रांसपेरेंट है , इसमें तो रिया के बूब्स साफ दिखेंगे.

रवि ने रिया के लिए लिंजरी के तीन डिज़ाइन पसंद किए. फिर रवि ने आँचल की चूचियों की तरफ इशारा करते हुए , सेल्सगर्ल से रिया के लिए आँचल की जैसी ही ब्रा दिखाने को कहा. 

रवि की इस हरकत से आँचल शरमा गयी.

सेल्सगर्ल ने आँचल से कहा, “आप चेंजिंग रूम में आओ , मैं ठीक से देखती हूँ कैसा डिज़ाइन है.”

आँचल सेल्सगर्ल के साथ चेंजिंग रूम चली गयी. सेल्सगर्ल ने बिना दरवाज़ा बंद किए ही आँचल की शर्ट के बटन खोलने शुरू किए. 

आँचल को मालूम नही था की रवि भी उनके पीछे वहाँ आ गया है. जैसे ही उसकी नज़र रवि पर पड़ी , उसने रवि को वहाँ से भगा दिया,” तुम क्यूँ आए यहाँ …..” और चेंजिंग रूम का दरवाज़ा बंद कर दिया.
Reply
12-08-2018, 01:11 PM,
#53
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
चेंजिंग रूम का दरवाज़ा बंद करने के बाद सेल्सगर्ल ने आँचल की शर्ट के बटन खोल दिए और शर्ट उतार दी. उस सेल्सगर्ल ने जब ब्रा में क़ैद आँचल की बड़ी चूचियाँ देखी तो उन्हे छूने को उसका जी मचल उठा. आँचल ने देखा ये लड़की तो मेरी चूचियों को देखे जा रही है. उसकी आँखो में आँचल को तारीफ और प्रशंसा के भाव दिखे. उसके ऐसे देखने से आँचल को भी कुछ कुछ होने लगा.

सेल्सगर्ल ने आँचल से कहा,” मैडम, मैं आपकी ब्रा उतार लूँ ? साहब को ऐसी ही मैचिंग ब्रा चाहिए.”

आँचल सोचने लगी , ब्रा का डिज़ाइन तो ऐसे ही दिख रहा है , फिर ये उतारने को क्यूँ बोल रही है ? ज़रूर ये ब्रा उतारने के बहाने मेरी चूचियों को छूना चाह रही है.

अब आँचल भी एक्साइट होने लगी, “ठीक है, उतार के देख लो…….”

आँचल के मान जाने से सेल्सगर्ल खुश हो गयी , वो समझ गयी आँचल भी गरम हो रही है , वरना ब्रा उतारने में ना नुकुर करती.

सेल्सगर्ल ने आँचल के पीछे जाकर ब्रा का हुक खोला फिर उसके मांसल कंधों पर हाथ फिराते हुए ब्रा के स्ट्रॅप्स को कंधों से नीचे उतारा. फिर पीछे से ही हाथ आगे ले जाकर आँचल की चूचियों को हाथ से मसलते हुए ब्रा को उतार दिया. सिर्फ़ एक ब्रा उतारने में देर लगाते हुए आँचल के बदन को सहलाते हुए सेल्सगर्ल ने उसकी उत्तेजना बढ़ा दी. चूचियों पर सेल्सगर्ल का हाथ लगने से आँचल ने सिसकारी ली.

अब सेल्सगर्ल आगे आ गयी और आँचल की आँखो में झाँका. आँचल के होंठ खुले हुए थे , उस पर मदहोशी छाने लगी थी. सेल्सगर्ल आँचल की नंगी चूचियों पर अपने हाथ फिराने लगी. उसके मुँह से भी सिसकारी निकल गयी.

उत्तेजना से आँचल से बोला भी नही जा रहा था. गहरी साँसे लेते हुए उसने कहा,” तुम्हें अच्छे लगे मेरे बूब्स ….?”

“हाँ मैडम, आपके बूब्स परफेक्ट हैं, सो ब्यूटीफुल …………..उन्न्ह…….” उत्तेजना से सेल्सगर्ल का गला भी भर्रा गया. वो अब दोनों हाथों में भरकर आँचल की चूचियों को मसलने लगी.

आँचल सिसकारियाँ लेने लगी, उसकी चूचियों पर निपल कड़े होकर तन गये. उसकी इच्छा हुई की सेल्सगर्ल निपल को मुँह में भरकर चूसे. लेकिन वो लड़की सिर्फ़ हाथों से ही चूचियों को सहला रही थी , दबा रही थी. 

अब आँचल से सहन नही हुआ उसने सेल्सगर्ल का सर पकड़ा और अपनी चूचियों पर उसका मुँह दबा दिया, “ ऊओ…….. ओह्ह ……प्लीज़ चूसो इन्हें ………..प्लीज़……………ऊहह…...”

सेल्सगर्ल ने सोचा, ये औरत तो बहुत कामुक है , इतनी जल्दी एक्साइटेड हो गयी. उसने अपने मुँह में आँचल की चूचियों को भर लिया और एक बच्चे की तरह चूसने लगी. फिर निपल के चारों और हल्के भूरे रंग के ऐरोला को जीभ से चाटने लगी. उत्तेजना में भरकर उस सेल्सगर्ल ने आँचल की गोरी चूचियों पर दाँत गड़ा दिए.

“ऊओ………ओह्ह ……….आआहह………...उफफफ्फ़……….उनन्नगज्गघह…..” आँचल सिसकारियाँ लेने लगी. उसकी चूत से रस बहने लगा और उसकी वाइट पैंटी रस से गीली हो गयी.

सेल्सगर्ल उसकी चूचियों को चूसती और चाटती रही. 

तभी किसी ने ज़ोर से दरवाज़ा खटखटा दिया.

“ एक ब्रा को चेक करने में इतना टाइम क्यूँ लग रहा है ? जल्दी करो …….क्या बात है ?” बाहर से रवि की आवाज़ आई.

रवि की आवाज़ सुनते ही सेल्सगर्ल घबरा गयी और तुरंत , सिसकती हुई आँचल से अलग हो गयी. लेकिन आँचल तो मदहोश थी अब उसे ओर्गास्म निकालना ही था. एक बार वो गरम हो गयी तो फिर उसको ओर्गास्म चाहिए ही चाहिए.

रवि की बात को नज़रअंदाज़ करके आँचल ने अपना ट्राउज़र उतार दिया और फिर अपनी गीली हो चुकी पैंटी भी उतार दी. 

सेल्सगर्ल सोचने लगी, बाहर इसका साथी कह रहा है जल्दी करो. और ये जल्दी करना छोड़कर अपने बाकी कपड़े भी उतार रही है.

लेकिन आँचल को तो फुल मस्ती चढ़ चुकी थी उसने सेल्सगर्ल का सर पकड़ा और उसका मुँह अपनी तड़पती हुई चूत में लगा दिया , “ ईट मी…..ओह गॉड ………...ईट मी प्लीज़…….”

आँचल के चूतरस की खुशबू सेल्सगर्ल की नाक में आई. अब उसने भी घबराना छोड़कर आँचल की चूत में जीभ घुसा दी और उसे चाटना शुरू कर दिया. फिर आँचल फर्श पर लेट गयी और टाँगें मोड़ ली. सेल्सगर्ल भी फर्श पर लेटकर उसकी चूत चाटने लगी. आँचल सेल्सगर्ल के बालों में हाथ फिराने लगी. 

वो सेल्सगर्ल लेस्बियन थी और दूसरी औरतों को कामसुख देने में माहिर हो चुकी थी. उस लिंजरी स्टोर में काम करते हुए बहुत सारी औरतों से उसके संबंध बन चुके थे, इसलिए वहाँ काम करना उसे अच्छा लगता था. बड़े ही एक्सपर्ट तरीके से उसने आँचल की चूत को चाटा और चूत में उंगली की , जिससे जल्दी ही आँचल को ओर्गास्म आ गया.

“आअहह……...ओह………………ओइईई……………....” ज़ोर से सिसकते हुए आँचल झड़ गयी.

आँचल की तेज़ सिसकारियों को दबाने के लिए सेल्सगर्ल ने उसके मुँह पर हाथ रख दिया. लेकिन कामोन्माद में आँचल ने उसकी उंगलियों पर दाँत गड़ा दिए. दर्द से सेल्सगर्ल ने अपना हाथ पीछे खींच लिया.

सिसकारियाँ कम होने के बाद आँचल को होश आया तो पाया की बाहर से रवि दरवाज़ा खटखटा रहा है.

“ कितना टाइम लोगे आप लोग ? हो क्या रहा है यहाँ ?” बाहर से रवि परेशान था.

आँचल ने सेल्सगर्ल की मदद से फटाफट कपड़े पहने और चेंजिंग रूम का दरवाज़ा खोलकर बाहर आ गयी.

“क्या हुआ ? इतनी देर क्यूँ लगा दी ? और वो चिल्लाने की आवाज़ क्या थी ?” आँचल के बाहर आते ही रवि ने सवालों की झड़ी लगा दी. 

कोई जवाब देने की बजाय आँचल मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गयी.

अब रवि ने सेल्सगर्ल को रोककर वही सवाल पूछ दिए. सेल्सगर्ल ने बताया की मैडम चेंजिंग रूम में फिसल के गिर गयी तभी चिल्लाई थी. 

“लेकिन इतनी देर क्यूँ लगा दी ?” रवि को चिल्लाने का जवाब तो मिल गया , तो फिर उसने देर लगाने के लिए सेल्सगर्ल से पूछा.

जवाब में मुस्कुराते हुए सेल्सगर्ल भी आगे बढ़ गयी. 

रवि को कुछ समझ नही आया . फिर काउंटर में बिल पे करके और अपना खरीदा हुआ समान लेकर वो शॉप से बाहर आ गया. बाहर आँचल उसका इंतज़ार कर रही थी. रवि को आता देखकर वो कार की तरफ जाने लगी. उसके पीछे चलते हुए रवि ने गौर किया , पहले तो पैंटी लाइन दिख रही थी लेकिन अब नही दिख रही. पैंटी कहाँ गयी ? लेकिन सपने में भी वो नही सोच सकता था की चेंजिंग रूम में हुआ क्या था.

कार में बैठते हुए आँचल सोचने लगी , क्या मस्त चूत चूसी उस सेल्सगर्ल ने. बहुत ही मस्त मज़ा दिलाया. तभी उसको ध्यान आया जल्दबाज़ी में पैंटी पहनना तो वो भूल ही गयी.

“एक मिनट हाँ. मैं अभी आती हूँ.” रवि को कार में छोड़कर आँचल फिर से शॉप में चली गयी.

चेंजिंग रूम के फर्श में पड़ी हुई गीली पैंटी को उसने अपनी पॉकेट में डाल लिया. फिर उस सेल्सगर्ल के पास गयी और अपना नंबर देते हुए बोली, “मुझे फोन करना , ठीक है ?” , फिर सेल्सगर्ल के होठों पर चुंबन लेकर ‘बाय’ बोलकर शॉप से बाहर आ गयी.

अपने होठों पर जीभ फिराकर आँचल के होठों के गीलेपन का स्वाद लेती हुई वो सेल्सगर्ल सोचने लगी, क्या मस्त औरत है, गजब की मादक और कामुक है. फोन करके दुबारा ज़रूर मिलूंगी इससे.

कार में रवि ने देखा आँचल के चेहरे पर मुस्कान है. चेहरा भी दमक रहा है , लगता है अच्छे मूड में है. यही मौका है , इससे चान्स लेता हूँ.

कार चलाती हुई आँचल के कंधों पर रवि ने हाथ रख दिया. आँचल ने एक नज़र रवि को देखा लेकिन कुछ बोली नही.

आँचल के कुछ ना बोलने से रवि की हिम्मत बढ़ गयी और वो कंधे पर अपनी उंगलियाँ फिराने लगा.आँचल चुपचाप कार चलाती रही.

रवि खुश हो गया. आज तो किस्मत साथ दे रही है. आँचल के कंधों पर हाथ फिराने से उसका लंड खड़ा हो गया. आँचल ने देखा रवि के पैंट में तंबू बन गया है. रवि को टीज़ करने के लिए आँचल ने उसकी तरफ देखते हुए अपने होठों पर जीभ फिरा दी.

आज तो आँचल बड़ी लाइन दे रही है , फुल मूड में लगती है. रवि और भी एक्साइटेड हो गया.

तभी एक खाली पड़े पार्क के पास आँचल ने कार रोक दी और रवि को देखकर मुस्कुराने लगी.

“यू वांट टू फक मी रवि…..? ” रवि के बालों में उंगलियाँ फिराते हुए धीमी आवाज़ में आँचल बोली.

रवि को अपने कानो में विश्वास ही नही हुआ. क्या उसने जो सुना वो सच में आँचल ने कहा या ये सिर्फ़ उसका वहम है ? आँचल खुद अपने मुँह से कह रही है की तुम मुझे चोदना चाहते हो.

एक्साइट्मेंट से रवि की आवाज़ ही बंद हो गयी. वो अपना सर हिलाकर हाँ कहने लगा.

आँचल ने देखा ये तो पूरा सम्मोहित हो गया है , इसकी तो आवाज़ ही नही निकल रही. 

अब आँचल ने जो किया उससे तो रवि बिल्कुल ही अवाक रह गया.

आँचल ने हाथ बढ़ाकर रवि की पैंट की ज़िप खोल दी और अंदर हाथ डालकर उसका तना हुआ लंड बाहर निकाल लिया. 

फिर उसने रवि के लंड को खुला छोड़ दिया और मुस्कुराने लगी. आँचल ने देखा रवि का लंड भी सुनील का जैसा ही छोटा और पतला है. उसको निराशा हुई. सोचने लगी, हैंडसम मर्द होने से इस बात की गारंटी नही होती की उसका लंड भी बड़ा होगा. सुनील भी तो लंबा चौड़ा अच्छा दिखता है , ऐसे ही रवि भी कितना हैंडसम दिखता है. रिया तो हर समय तारीफ करती है. लेकिन दोनों के ही लंड कितने छोटे हैं.

फिर आँचल ने अपनी शर्ट के बटन खोल दिए . रवि ने देखा आँचल की बड़ी चूचियाँ ब्रा से बाहर आने को मचल रही हैं. रवि के होंठ सूख गये. अपनी जीभ को होठों पर फिराकर उसने होंठ गीले किए.

फिर आँचल ने अपनी ब्रा भी खोल दी और उसकी बड़ी गोरी चूचियाँ रवि के सामने नंगी हो गयीं.

रवि के मुँह से सिसकारी निकल गयी. आँचल ने देखा , रवि का पानी निकल गया है. आँचल की चूचियों को नंगी देखकर ही रवि झड़ गया , उसके लंड से निकली वीर्य की धार उसकी शर्ट और पैंट पर जा गिरी. झड़ने के बाद उसका लंड सिकुड़कर और छोटा हो गया. बिना कुछ किए झड़ने से रवि शरमा गया. और झेंपते हुए उसने अपने सिकुड़े हुए छोटे लंड को पैंट के अंदर डालकर ज़िप लगा दी.

मादक आँचल को रवि झेल नही पाया , जबकि उसकी बड़ी इच्छा थी आँचल को चोदने की. जब औरत खुद पहल करने लगती है तो अच्छे अच्छे मर्दों के लंड सिकुड जाते हैं और इरेक्शन गायब हो जाता है. ये रवि के लिए पहला मौका था जब किसी औरत ने उसके सामने पहल की थी वरना तो सब ना नुकुर वाली ही होती हैं. शायद इसीलिए वो बर्दाश्त नही कर पाया और तुरंत ही झड़ गया.

सिर्फ़ चूचियाँ देखकर ही झड़ जाने से आँचल को बहुत निराशा हुई. 

रवि को अपने छोटे लंड को पैंट के अंदर डालते हुए देखकर आँचल बोली,” रवि, यू आर स्टिल ए बॉय, यू नीड टू ग्रो अप….”

आँचल की बात सुनकर तो रवि ऐसा झेंप गया की आँचल से आँख मिलाने की उसकी हिम्मत ही नही हुई. शरम से उसका चेहरा लाल हो गया . उसने अपनी नज़रें झुका ली. 

आँचल ने अपनी शर्ट के बटन बंद कर दिए. ब्रा अभी भी उसकी गोद में ही पड़ी थी. फिर आँचल ने कार घर की तरफ दौड़ा दी. शरम से रवि चुपचाप बैठा रहा. इस सेक्सी कुतिया ने मेरी बड़ी बेइज़्ज़ती कर दी. साली को चोदने का कितना मन था मेरा. और जब चोदने का वक़्त आया तो बिना छुए ही मेरा पानी निकल गया. शिट …….कितनी बड़ी बेइज़्ज़ती हुई मेरी…….... ‘यू आर स्टिल ए बॉय' कहती है मुझसे. एक ना एक दिन मैं इस मादक बिच को दिखाऊँगा की मैं बच्चा नही हूँ.

निराशा और हताशा से भरे इन ख़यालों में रवि डूबा हुआ था. तभी उसके कानो में आँचल की आवाज़ पड़ी.

“ रवि, तुम्हारी शर्ट और पैंट गंदे हो गये हैं. तुम ऑटो लेकर अपने कमरे में जाओ और कपड़े चेंज करके फिर हमारे घर आ जाना.” आँचल ने रास्ते में कार रोक दी.

बिना आँचल से नज़रें मिलाए रवि चुपचाप कार से उतर गया. रवि के कार से उतरने के बाद आँचल ने फिर से कार घर की तरफ दौड़ा दी. लेकिन कार स्टार्ट करते हुए उसकी हँसी रवि ने सुन ली. रवि और भी ज़्यादा झेंप गया. आज तो बहुत ही बेइज़्ज़ती हो गयी ………….

जब आँचल घर पहुँची तो उसको अकेली देखकर रिया ने पूछा, रवि कहाँ गया ?

आँचल ने जवाब दिया की अभी रवि अपने कमरे में गया है. एक घंटे बाद यहाँ आ जाएगा.

रिया ज़ोर देने लगी की तुम कल मेरे साथ ज़रूर चंडीगढ़ आओगी. आँचल नखरे दिखाती रही. लेकिन रिया नही मानी. फिर उसकी ज़िद देखकर आँचल बोली, ठीक है दो तीन दिन के लिए आ जाऊँगी.

शाम को सुनील और ससुरजी भी फैक्ट्री से घर आ गये. पर रवि नही आया. 

“आँचल तुम तो कह रही थी की रवि एक घंटे में आ जाएगा. पर उसका तो अभी तक कोई पता नही है. फोन भी नही लग रहा.” रिया कुछ परेशान सी हुई.

फिर काफ़ी ट्राइ करने के बाद रवि का फोन लगा तो वो बोला,” रिया, मैं कार से आज चंडीगढ़ जा रहा हूँ . अब तुमसे वहीं मिलूँगा.”

असल बात ये थी की वो आँचल से नज़रें नही मिला पा रहा था, इसलिए उनके घर आया ही नही. एक तो वो बिना कुछ किए झड़ गया, ऊपर से आँचल के अपने ऊपर हंसने से उसे और ज़्यादा झेंप हो गयी थी.

रात में उन्होने थोड़ी जल्दी डिनर किया फिर आँचल और रिया चंडीगढ़ जाने के लिए सामान पैक करने लगीं . क्यूंकी उन्हें सुबह की ट्रेन पकड़नी थी.

सुनील ने आँचल से कहा की एक दो दिन बाद मैं तुम्हे लेने चंडीगढ़ आ जाऊँगा.

उनका प्लान सुनकर ससुर चुपचाप ही रहा. मन ही मन सोचने लगा , आँचल को लेने चंडीगढ़ मैं चला जाऊँगा. सुनील को किसी बहाने से यहीं रोक दूँगा.

अगली सुबह आँचल और रिया ट्रेन से चंडीगढ़ के लिए निकल गयीं.
Reply
12-08-2018, 01:11 PM,
#54
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
चंडीगढ़ जाने के लिए आँचल और रिया सुबह 7:30 पर न्यू देल्ही रेलवे स्टेशन पहुँच गयीं. कालका शताब्दी एक्सप्रेस 11 am पर चंडीगढ़ पहुँचा देती है. करीब 3:30 घंटे का सफ़र था. ट्रेन में उन दोनों को बिठाकर सुनील वापस चला गया.

थोड़ी देर में ही रिया को नींद आ गयी. आँचल अकेले बैठे हुए बोर हो गयी. सोचने लगी, अभी तो सोकर उठी है, फिर इसे इतनी नींद क्यूँ आ रही है ? लेकिन आँचल को इस बात की भनक भी नही थी की रिया रात में ससुर के साथ रंगरेलियाँ मना रही थी इसलिए उसे अब नींद आ रही थी. लगातार तीन रातों तक रिया ने आँचल के ससुर के साथ चुदाई का आनंद लिया था. ससुर ने चुदाई का इतना मज़ा दिलाया था की रिया उसकी दीवानी हो गयी थी और अपने जवान मंगेतर रवि को भूल ही गयी थी. इसलिए वो अपने घर चंडीगढ़ जाने का प्रोग्राम टालती रही लेकिन आँचल के घर कब तक रहती , जाना तो था ही. ससुर के साथ चुदाई की मीठी यादें लिए वो आज चंडीगढ़ जा रही थी. 

आँचल ने देखा ये तो गहरी नींद सो रही है. उसने रिया को रास्ते भर सोने दिया और खुद अकेली बोर होते रही.

जब चंडीगढ़ स्टेशन आने वाला था तो आँचल ने रिया को उठा दिया,” रिया उठ अब. कितना सोएगी. 3 घंटे से ज़्यादा हो गया तुझे सोए हुए.”

रिया ससुर के मीठे सपनो में खोई थी , आँचल के हिलाने से वो एक झटके से उठी. 

आँचल बोली,” चंडीगढ़ आने वाला है और तू रास्ते भर सोई रही . रात भर कहाँ थी ?”

रिया ससुर के साथ रात में अपनी चुदाई याद करके झेंप गयी और आँचल को एक मासूम सी स्माइल दे दी. फिर अपने बाल और कपड़े ठीक करने लगी.

चंडीगढ़ स्टेशन पर रिया के मम्मी पापा उन्हें लेने आए थे. कार में बैठकर वो सब रिया के घर पहुँच गये.

फ्रेश होने के बाद रिया और आँचल लंच करने आ गयीं.लंच करते समय रिया की मम्मी कविता पांडे ने रिया की शादी की तैयारियों की बात छेड़ दी. शादी को अभी तीन महीने बचे थे. क्या क्या तैयारियाँ हो चुकी हैं और क्या काम बाकी हैं ये सब बातें हुई. शादी के लिए गहने बनवा लिए थे और कपड़ों की खरीददारी भी हो चुकी थी. फिर फैशन की चर्चा चली.

कविता कहने लगी,” आँचल , चंडीगढ़ में तो तुम्हारी देल्ही से भी ज़्यादा फैशन है. पंजाबन सरदारनियों ने माहौल खराब कर रखा है. ऐसे ऐसे छोटे कपड़े पहनती हैं की पूछो मत.”

आँचल मुस्कुराने लगी , चाची दूसरों की बुराई कर रही है, अपनी लड़की का फैशन नही दिखता इसे.

मम्मी की बातों से रिया बोर हो गयी. कविता थोड़ा पुराने ख्यालों की थी. रिया को भी टोका टाकी करती थी पर एकलौती संतान होने से रिया पापा के बहुत मुंह लगी थी वो उसकी सारी डिमांड पूरी करते थे.

बातों के दौरान आँचल ने महसूस किया की रिया शादी की तैयारियों की बातचीत में उतना उत्साह नही दिखा रही है जितना कोई भी लड़की दिखाती है. क्या बात , ये उतनी एक्साइटेड नही लग रही शादी को लेकर …… ?

शाम को रवि रिया के घर आने वाला था और रिया और आँचल के साथ बाहर घूमने का प्रोग्राम था.

आँचल ने एक टाइट टीशर्ट और जीन्स पहन ली. रवि ने देखा आँचल की चूचियाँ टीशर्ट को फाड़कर बाहर आने तो बेताब हैं. फिर रवि की कार में तीनो बैठ गये और चंडीगढ़ के नज़ारे देखने निकल पड़े. रवि चंडीगढ़ के बारे में आँचल को बताते रहा और कार में झटके खाने से हिलती उसकी चूचियों को देखते रहा. 

थोड़ी देर ऐसे ही घूमने के बाद रवि उनको लोकल क्लब ले गया. रिया उस क्लब में आते रहती थी , उसने आँचल को अपनी फ्रेंड्स से मिलवाया. फिर वो स्विमिंग पूल के पास पड़ी बेंचों में बैठ गये. रिया और आँचल दोनों को मालूम था की रवि बार बार आँचल की चूचियों पर नज़र मार रहा है. 

रवि बोला,” भाभी थोड़ी स्विमिंग हो जाए.”

आँचल ने मना कर दिया ,”मुझे स्विमिंग नही आती. तुम लोग एंजाय करो.”

रवि निराश हो गया , साली हाँ बोल देती तो बिकिनी में इसका चिकना बदन तो देखने को मिलता.

फिर रवि रिया के साथ क्लब के लॉकर रूम में चला गया और वहाँ से ड्रेस चेंज करके रवि और रिया पूल में तैरने लगे. 

आँचल बेंच में अकेली बैठी उन दोनों को और लोगों के साथ तैरते और मौज़ करते देखने लगी. रवि कितना हैंडसम दिखता है. लंबा चौड़ा , गठीला बदन है. रिया सच ही कहती है वास्तव में रवि अच्छा दिखता है. फिर आँचल की नज़र रवि के नेकर पर पड़ी. इतने लंबे चौड़े आदमी का इतना छोटा सिकुड़ा सा लंड होगा कौन सोच सकता है. बिना मुझे छुए ही इसका पानी निकल गया.

आँचल को रवि बहुत हैंडसम लगता था और वो उसके साथ चुदाई को तैयार थी . बल्कि सुनील भी समझ गया था की आँचल रवि की तरफ थोड़ी आकर्षित है. लेकिन रवि के छोटे लंड का ध्यान आते ही आँचल का मन उखड़ गया, बिल्कुल सुनील जैसा छोटा और पतला है.

थोड़ी देर ऐसे ही सोचते हुए आँचल बोर हो गयी, मुझे भी स्विमिंग आती तो मैं भी इनके साथ मज़े करती. पूल में रवि खुलेआम रिया के साथ मस्ती कर रहा था. आँचल का भी दिल मचलने लगा. 

कुछ देर बाद रवि और रिया पूल से बाहर आ गये . लॉकर रूम से ड्रेस चेंज करके वो तीनो क्लब से बाहर आ गये. 

अब उन्हें एक फ्रेंड के घर पार्टी में जाना था.

रिया बोली,” आँचल घर में अकेली क्या करेगी, बोर होगी, इसे भी पार्टी में लिए चलते हैं.”

पार्टी में रवि और रिया के फ्रेंड्स से उन्होने आँचल को मिलवाया. पार्टी में जमकर पीना पिलाना चल रहा था. तेज म्यूज़िक में जोड़े डांस कर रहे थे. 

रवि , रिया और आँचल के साथ बैठ गया. फिर सबके लिए बियर ले आया. आँचल ने पहले तो मना किया , फिर ज़ोर देने पर बियर ले ली. बियर पीने के बाद रवि रिया के साथ डांस करने लगा. आँचल बियर पीते हुए उन दोनों की मस्ती देखती रही. आज उसकी किस्मत में अकेले बैठना ही लिखा था , सुबह से ही वो बोर हो गयी थी. अपना बियर का गिलास खत्म करके आँचल ने एक और गिलास पी लिया. अब उसका दिमाग़ घूमने लगा, पार्टी में उसको ज़्यादा मज़ा नही आ रहा था, कोई भी उसके पहचान का नही था, सभी अजनबी लोग थे. और जो अपने थे वो उसको अकेला छोड़कर डांस कर रहे थे. आँचल सोचने लगी, काश कोई मेरा भी पार्ट्नर होता तो मैं भी मज़े करती.

फिर उसको पेशाब लग गयी. उसने बाथरूम का पता किया और अंदर चली गयी. जैसे ही उसने दरवाज़ा खोला तो वहाँ एक लंबा चौड़ा सरदार पेशाब कर रहा था. आँचल की नज़र उसके लंड पर पड़ी, ओह माय गॉड, कितना बड़ा लंड है. कुछ पल तक वो वहीं पर खड़ी रह गयी. वो आदमी पेशाब कर चुका था और लंड हिलाकर बची हुई बूँदे निकाल रहा था.

फिर आँचल को होश आया और उसने दरवाज़ा बंद कर दिया,” आई ऍम सॉरी …....” और बाहर आ गयी.

तभी सरदार ने दरवाज़ा खोल दिया और बाहर आ गया.

आँचल की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोला,” आई ऍम रियली सॉरी मैडम. नाउ यू कैन गो.”

उसके मुस्कुराने से आँचल का चेहरा शरम से लाल हो गया. फिर वो बाथरूम के अंदर आ गयी और दरवाज़ा लॉक कर दिया. 

आँचल पेशाब करने के लिए बैठ गयी . लेकिन उसके दिमाग़ में वही दृश्य घूम रहा था. माय गॉड, कितना बड़ा लंड था इसका और बेशरम कहीं का, बिना लॉक किए पेशाब कर रहा था. 

आँचल को अपनी पैंटी गीली होती महसूस हुई . उसने वॉश बेसिन में मुँह धोया और अपने मन को शांत करने की कोशिश की. जब उसने थोड़ा ठीक महसूस किया तो वो बाथरूम से बाहर आ गयी.

आँचल ने देखा रवि और रिया साथ में बैठे हुए हैं. आँचल भी रिया के बगल में बैठ गयी. कुछ देर बाद रवि रिया के बदन में हाथ फिराने लगा. आँचल के सामने ही वो रिया के होठों को चूमने लगा. आँचल को कुछ अजीब सा लगा लेकिन वो चुपचाप बैठी रही. रिया की पीठ आँचल की तरफ थी और रवि उसके होठों को चूम रहा था. बीच बीच में आंचल उनकी तरफ नज़रें घुमा लेती. अब वो भी गरम होने लगी. उसने देखा रवि चूम रिया को रहा है पर देख मुझे रहा है. रवि के हाथ रिया की पीठ पर और उसके बालों पर घूम रहे थे. शायद रिया के बहाने वो आँचल की आग भड़काना चाहता था.

आँचल ने रवि से नज़रें हटाकर सामने डांस करते जोड़ों पर टिका दी. वहाँ पर भी अब वही चल रहा था. पीने के बाद अब पार्टी में खुलेआम मस्ती हो रही थी. डांस करते वक़्त कोई अपने पार्ट्नर की चूची दबा रहा था, कोई नितंबों को मसल रहा था कोई चुंबन में मगन था.

अब आँचल के बगल में बैठी रिया सिसकारियाँ लेने लगी थी. रवि टीशर्ट के बाहर से उसकी चूचियाँ दबा रहा था . फिर उसने टीशर्ट के अंदर ही हाथ डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से रिया की चूचियाँ मसलने लगा. रिया और ज़ोर से सिसकने लगी. आँचल ने एक नज़र उनकी तरफ देखा , रवि सीधा उसको ही देख रहा था. आँचल की चूत से रस बहने लगा. अब उसने अपनी नज़रें नही फिराई , उसने भी सीधे रवि से आँखें मिलाई. 

रवि ने देखा , अब सीधे मुझे ही देख रही है, लगता है साली टीज़िंग बिच को गर्मी चढ़ने लगी है. वो खुश हो गया. देल्ही में मेरी मज़ाक बनाई थी. अब कैसे देख रही है मुझे. जैसे ‘प्लीज़ चोद दो मुझे , कह रही हो’ , नशीली आँखें हो रखी हैं इसकी. अगर कुछ देर के लिए रिया से छुटकारा मिल जाए तो , यहीं किसी बेडरूम में ले जाकर इस गरम सेक्सी कुतिया को जी भरकर चोद डालूँगा और इसका घमंड चूर चूर कर दूँगा. आएगी साली तू मेरे लंड के नीचे. ‘स्टिल ए बॉय ‘ कहा था ना तूने मुझसे.

तभी रवि ने देखा , आँचल ने उससे अपनी नज़रें हटा ली और उसकी आँखें फैलकर और बड़ी हो गयी हैं. रवि ने रिया को चूमना बंद कर दिया और पीछे मुड़कर देखने लगा की आँचल ने ऐसा क्या देख लिया.
Reply
12-08-2018, 01:12 PM,
#55
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
चंडीगढ़ जाने के लिए आँचल और रिया सुबह 7:30 पर न्यू देल्ही रेलवे स्टेशन पहुँच गयीं. कालका शताब्दी एक्सप्रेस 11 am पर चंडीगढ़ पहुँचा देती है. करीब 3:30 घंटे का सफ़र था. ट्रेन में उन दोनों को बिठाकर सुनील वापस चला गया.

थोड़ी देर में ही रिया को नींद आ गयी. आँचल अकेले बैठे हुए बोर हो गयी. सोचने लगी, अभी तो सोकर उठी है, फिर इसे इतनी नींद क्यूँ आ रही है ? लेकिन आँचल को इस बात की भनक भी नही थी की रिया रात में ससुर के साथ रंगरेलियाँ मना रही थी इसलिए उसे अब नींद आ रही थी. लगातार तीन रातों तक रिया ने आँचल के ससुर के साथ चुदाई का आनंद लिया था. ससुर ने चुदाई का इतना मज़ा दिलाया था की रिया उसकी दीवानी हो गयी थी और अपने जवान मंगेतर रवि को भूल ही गयी थी. इसलिए वो अपने घर चंडीगढ़ जाने का प्रोग्राम टालती रही लेकिन आँचल के घर कब तक रहती , जाना तो था ही. ससुर के साथ चुदाई की मीठी यादें लिए वो आज चंडीगढ़ जा रही थी. 

आँचल ने देखा ये तो गहरी नींद सो रही है. उसने रिया को रास्ते भर सोने दिया और खुद अकेली बोर होते रही.

जब चंडीगढ़ स्टेशन आने वाला था तो आँचल ने रिया को उठा दिया,” रिया उठ अब. कितना सोएगी. 3 घंटे से ज़्यादा हो गया तुझे सोए हुए.”

रिया ससुर के मीठे सपनो में खोई थी , आँचल के हिलाने से वो एक झटके से उठी. 

आँचल बोली,” चंडीगढ़ आने वाला है और तू रास्ते भर सोई रही . रात भर कहाँ थी ?”

रिया ससुर के साथ रात में अपनी चुदाई याद करके झेंप गयी और आँचल को एक मासूम सी स्माइल दे दी. फिर अपने बाल और कपड़े ठीक करने लगी.

चंडीगढ़ स्टेशन पर रिया के मम्मी पापा उन्हें लेने आए थे. कार में बैठकर वो सब रिया के घर पहुँच गये.

फ्रेश होने के बाद रिया और आँचल लंच करने आ गयीं.लंच करते समय रिया की मम्मी कविता पांडे ने रिया की शादी की तैयारियों की बात छेड़ दी. शादी को अभी तीन महीने बचे थे. क्या क्या तैयारियाँ हो चुकी हैं और क्या काम बाकी हैं ये सब बातें हुई. शादी के लिए गहने बनवा लिए थे और कपड़ों की खरीददारी भी हो चुकी थी. फिर फैशन की चर्चा चली.

कविता कहने लगी,” आँचल , चंडीगढ़ में तो तुम्हारी देल्ही से भी ज़्यादा फैशन है. पंजाबन सरदारनियों ने माहौल खराब कर रखा है. ऐसे ऐसे छोटे कपड़े पहनती हैं की पूछो मत.”

आँचल मुस्कुराने लगी , चाची दूसरों की बुराई कर रही है, अपनी लड़की का फैशन नही दिखता इसे.

मम्मी की बातों से रिया बोर हो गयी. कविता थोड़ा पुराने ख्यालों की थी. रिया को भी टोका टाकी करती थी पर एकलौती संतान होने से रिया पापा के बहुत मुंह लगी थी वो उसकी सारी डिमांड पूरी करते थे.

बातों के दौरान आँचल ने महसूस किया की रिया शादी की तैयारियों की बातचीत में उतना उत्साह नही दिखा रही है जितना कोई भी लड़की दिखाती है. क्या बात , ये उतनी एक्साइटेड नही लग रही शादी को लेकर …… ?

शाम को रवि रिया के घर आने वाला था और रिया और आँचल के साथ बाहर घूमने का प्रोग्राम था.

आँचल ने एक टाइट टीशर्ट और जीन्स पहन ली. रवि ने देखा आँचल की चूचियाँ टीशर्ट को फाड़कर बाहर आने तो बेताब हैं. फिर रवि की कार में तीनो बैठ गये और चंडीगढ़ के नज़ारे देखने निकल पड़े. रवि चंडीगढ़ के बारे में आँचल को बताते रहा और कार में झटके खाने से हिलती उसकी चूचियों को देखते रहा. 

थोड़ी देर ऐसे ही घूमने के बाद रवि उनको लोकल क्लब ले गया. रिया उस क्लब में आते रहती थी , उसने आँचल को अपनी फ्रेंड्स से मिलवाया. फिर वो स्विमिंग पूल के पास पड़ी बेंचों में बैठ गये. रिया और आँचल दोनों को मालूम था की रवि बार बार आँचल की चूचियों पर नज़र मार रहा है. 

रवि बोला,” भाभी थोड़ी स्विमिंग हो जाए.”

आँचल ने मना कर दिया ,”मुझे स्विमिंग नही आती. तुम लोग एंजाय करो.”

रवि निराश हो गया , साली हाँ बोल देती तो बिकिनी में इसका चिकना बदन तो देखने को मिलता.

फिर रवि रिया के साथ क्लब के लॉकर रूम में चला गया और वहाँ से ड्रेस चेंज करके रवि और रिया पूल में तैरने लगे. 

आँचल बेंच में अकेली बैठी उन दोनों को और लोगों के साथ तैरते और मौज़ करते देखने लगी. रवि कितना हैंडसम दिखता है. लंबा चौड़ा , गठीला बदन है. रिया सच ही कहती है वास्तव में रवि अच्छा दिखता है. फिर आँचल की नज़र रवि के नेकर पर पड़ी. इतने लंबे चौड़े आदमी का इतना छोटा सिकुड़ा सा लंड होगा कौन सोच सकता है. बिना मुझे छुए ही इसका पानी निकल गया.

आँचल को रवि बहुत हैंडसम लगता था और वो उसके साथ चुदाई को तैयार थी . बल्कि सुनील भी समझ गया था की आँचल रवि की तरफ थोड़ी आकर्षित है. लेकिन रवि के छोटे लंड का ध्यान आते ही आँचल का मन उखड़ गया, बिल्कुल सुनील जैसा छोटा और पतला है.

थोड़ी देर ऐसे ही सोचते हुए आँचल बोर हो गयी, मुझे भी स्विमिंग आती तो मैं भी इनके साथ मज़े करती. पूल में रवि खुलेआम रिया के साथ मस्ती कर रहा था. आँचल का भी दिल मचलने लगा. 

कुछ देर बाद रवि और रिया पूल से बाहर आ गये . लॉकर रूम से ड्रेस चेंज करके वो तीनो क्लब से बाहर आ गये. 

अब उन्हें एक फ्रेंड के घर पार्टी में जाना था.

रिया बोली,” आँचल घर में अकेली क्या करेगी, बोर होगी, इसे भी पार्टी में लिए चलते हैं.”

पार्टी में रवि और रिया के फ्रेंड्स से उन्होने आँचल को मिलवाया. पार्टी में जमकर पीना पिलाना चल रहा था. तेज म्यूज़िक में जोड़े डांस कर रहे थे. 

रवि , रिया और आँचल के साथ बैठ गया. फिर सबके लिए बियर ले आया. आँचल ने पहले तो मना किया , फिर ज़ोर देने पर बियर ले ली. बियर पीने के बाद रवि रिया के साथ डांस करने लगा. आँचल बियर पीते हुए उन दोनों की मस्ती देखती रही. आज उसकी किस्मत में अकेले बैठना ही लिखा था , सुबह से ही वो बोर हो गयी थी. अपना बियर का गिलास खत्म करके आँचल ने एक और गिलास पी लिया. अब उसका दिमाग़ घूमने लगा, पार्टी में उसको ज़्यादा मज़ा नही आ रहा था, कोई भी उसके पहचान का नही था, सभी अजनबी लोग थे. और जो अपने थे वो उसको अकेला छोड़कर डांस कर रहे थे. आँचल सोचने लगी, काश कोई मेरा भी पार्ट्नर होता तो मैं भी मज़े करती.

फिर उसको पेशाब लग गयी. उसने बाथरूम का पता किया और अंदर चली गयी. जैसे ही उसने दरवाज़ा खोला तो वहाँ एक लंबा चौड़ा सरदार पेशाब कर रहा था. आँचल की नज़र उसके लंड पर पड़ी, ओह माय गॉड, कितना बड़ा लंड है. कुछ पल तक वो वहीं पर खड़ी रह गयी. वो आदमी पेशाब कर चुका था और लंड हिलाकर बची हुई बूँदे निकाल रहा था.

फिर आँचल को होश आया और उसने दरवाज़ा बंद कर दिया,” आई ऍम सॉरी …....” और बाहर आ गयी.

तभी सरदार ने दरवाज़ा खोल दिया और बाहर आ गया.

आँचल की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोला,” आई ऍम रियली सॉरी मैडम. नाउ यू कैन गो.”

उसके मुस्कुराने से आँचल का चेहरा शरम से लाल हो गया. फिर वो बाथरूम के अंदर आ गयी और दरवाज़ा लॉक कर दिया. 

आँचल पेशाब करने के लिए बैठ गयी . लेकिन उसके दिमाग़ में वही दृश्य घूम रहा था. माय गॉड, कितना बड़ा लंड था इसका और बेशरम कहीं का, बिना लॉक किए पेशाब कर रहा था. 

आँचल को अपनी पैंटी गीली होती महसूस हुई . उसने वॉश बेसिन में मुँह धोया और अपने मन को शांत करने की कोशिश की. जब उसने थोड़ा ठीक महसूस किया तो वो बाथरूम से बाहर आ गयी.

आँचल ने देखा रवि और रिया साथ में बैठे हुए हैं. आँचल भी रिया के बगल में बैठ गयी. कुछ देर बाद रवि रिया के बदन में हाथ फिराने लगा. आँचल के सामने ही वो रिया के होठों को चूमने लगा. आँचल को कुछ अजीब सा लगा लेकिन वो चुपचाप बैठी रही. रिया की पीठ आँचल की तरफ थी और रवि उसके होठों को चूम रहा था. बीच बीच में आंचल उनकी तरफ नज़रें घुमा लेती. अब वो भी गरम होने लगी. उसने देखा रवि चूम रिया को रहा है पर देख मुझे रहा है. रवि के हाथ रिया की पीठ पर और उसके बालों पर घूम रहे थे. शायद रिया के बहाने वो आँचल की आग भड़काना चाहता था.

आँचल ने रवि से नज़रें हटाकर सामने डांस करते जोड़ों पर टिका दी. वहाँ पर भी अब वही चल रहा था. पीने के बाद अब पार्टी में खुलेआम मस्ती हो रही थी. डांस करते वक़्त कोई अपने पार्ट्नर की चूची दबा रहा था, कोई नितंबों को मसल रहा था कोई चुंबन में मगन था.

अब आँचल के बगल में बैठी रिया सिसकारियाँ लेने लगी थी. रवि टीशर्ट के बाहर से उसकी चूचियाँ दबा रहा था . फिर उसने टीशर्ट के अंदर ही हाथ डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से रिया की चूचियाँ मसलने लगा. रिया और ज़ोर से सिसकने लगी. आँचल ने एक नज़र उनकी तरफ देखा , रवि सीधा उसको ही देख रहा था. आँचल की चूत से रस बहने लगा. अब उसने अपनी नज़रें नही फिराई , उसने भी सीधे रवि से आँखें मिलाई. 

रवि ने देखा , अब सीधे मुझे ही देख रही है, लगता है साली टीज़िंग बिच को गर्मी चढ़ने लगी है. वो खुश हो गया. देल्ही में मेरी मज़ाक बनाई थी. अब कैसे देख रही है मुझे. जैसे ‘प्लीज़ चोद दो मुझे , कह रही हो’ , नशीली आँखें हो रखी हैं इसकी. अगर कुछ देर के लिए रिया से छुटकारा मिल जाए तो , यहीं किसी बेडरूम में ले जाकर इस गरम सेक्सी कुतिया को जी भरकर चोद डालूँगा और इसका घमंड चूर चूर कर दूँगा. आएगी साली तू मेरे लंड के नीचे. ‘स्टिल ए बॉय ‘ कहा था ना तूने मुझसे.

तभी रवि ने देखा , आँचल ने उससे अपनी नज़रें हटा ली और उसकी आँखें फैलकर और बड़ी हो गयी हैं. रवि ने रिया को चूमना बंद कर दिया और पीछे मुड़कर देखने लगा की आँचल ने ऐसा क्या देख लिया.
Reply
12-08-2018, 01:12 PM,
#56
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
रिया और रवि के प्रेमालाप से आँचल गरम होने लगी थी . रवि रिया की चूचियाँ मसलते हुए आँचल को ही देख रहा था, आँचल भी अब रवि की आँखों में आँखे डाल के देखने लगी. तभी उसने देखा वही सरदार जो उसे बाथरूम में मिला था, उसकी ही तरफ आ रहा था. आँचल को देखकर वो मुस्कुराया. आँचल के दिल की धड़कने बढ़ गयी , अब ये मेरे पास क्यूँ आ रहा है ? उफ़फ्फ़…..कितना बड़ा लंड था इसका………..आँचल के होंठ सूख गये.

आँचल के पास आकर वो सरदार रवि की तरफ मुड़ गया , फिर उसने रवि और रिया से हाथ मिलाया . आँचल सोचने लगी , ये तो रवि रिया का कोई फ्रेंड लगता है. तब आँचल का ध्यान उस सरदार के पीछे आ रही लड़की पर गया, उस लड़की ने भी रवि रिया से हाय हैलो की.

रवि ने आँचल का परिचय करवाया. ये रिया की कज़िन हैं आँचल भाभी. देल्ही से आई हैं दो तीन दिन के लिए चंडीगढ़ घूमने. 

फिर आँचल से बोला, भाभी ये हमारे दोस्त हैं जसविंदर सिंह ( जस्सी ) और हरप्रीत . अभी हाल ही में इनकी सगाई हुई है ये पार्टी उसी खुशी में है. 

जस्सी ने आँचल से हाथ मिलाया ,” हैलो, वेलकम टू माय हाउस……”

जस्सी से हाथ मिलाने से आँचल के बदन में सिहरन दौड़ गयी. आँचल के नरम हाथ को जस्सी ने मजबूती से पकड़ रखा था. उसको देखते ही आँचल के मन में बाथरूम का वही दृश्य घूमने लगता था. उत्तेजना से आँचल की चूत के फूले हुए होंठ एक पल के लिए खुले , फिर बंद हो गये.

जस्सी लंबा चौड़ा, गोरा , बहुत स्मार्ट दिख रहा था. आकर्षक पर्सनालिटी थी उसकी. 

फिर जस्सी ने अपनी मंगेतर हरप्रीत से आँचल को इंट्रोड्यूस करवाया. 

लेकिन आँचल ने कुछ भी नोटिस नही किया , हरप्रीत की तरफ उसका ध्यान ही नही गया . जस्सी ने उसका कोमल हाथ अभी भी अपने हाथ में पकड़ा हुआ था. आँचल की आवाज़ ही बंद हो गयी. कुछ पल के लिए उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया. उसकी काम इच्छायें ज़ोर मारने लगीं. रवि ,रिया ,हरप्रीत की अपने पास मौजूदगी के एहसास को भी वो भूल गयी. 

कुछ पल बाद उसे होश आया और उसने जस्सी से अपना हाथ छुड़ा लिया जो अभी तक जस्सी ने पकड़ा हुआ था. फिर उसे ध्यान आया की जस्सी ने उसे हरप्रीत से इंट्रोड्यूस करवाया तो उसने हरप्रीत को हैलो भी नही बोला. क्यूंकी उसका मुँह सूख गया था तो आवाज़ ही नही निकली. अब आँचल अपने को संयत करने का प्रयास करने लगी.

आँचल ने देखा हरप्रीत भी सेक्सी लग रही है. गोरी चिट्टी सरदारनी, जस्सी के ही जैसा लंबा कद, चूचियाँ भी बड़ी बड़ी थीं, लंबी टाँगें. जस्सी की बाँह पकड़ कर वो आँचल को देखकर मुस्कुरा रही थी. आँचल के दिल में ईर्ष्या की एक लहर सी उठी. फिर वो चारों आपस में अपने दोस्तों की बातें करने लगे. आँचल को फिर से अकेलापन महसूस हुआ . 

रवि ने ये बात नोटिस की. आँचल चुपचाप बैठी थी. उन लोगों की बातें वैसे भी आँचल को समझ नही आ रही थी. रवि ने देखा आँचल बोर हो रही है , यही मौका है. उसने आँचल से डांस के लिए कहा. और बिना उसके जवाब का इंतज़ार किए उसकी बाँह पकड़ कर चेयर से उठा दिया. रिया गप मारने में मशगूल थी. उसने उन दोनो की तरफ ध्यान नही दिया.

पंजाबी पॉप गानो में डांस चल रहा था. रवि आँचल को दूसरी तरफ ले गया ताकि रिया देख ना पाए. फिर उसने डीजे से थोड़े स्लो गाने बजाने को कहा. अब आँचल को अपने से चिपकाकर वो डांस करने लगा. स्लो म्यूज़िक की धुन में डांस करते हुए रवि आँचल की पीठ पर हाथ फिराने लगा. फिर उसके हाथ आँचल के नितंबों तक पहुँच गये. आँचल की टाइट टीशर्ट में चूचियाँ रवि की छाती से दबने लगी. 

रवि के कंधों पर आँचल ने अपना सर रख दिया. उसके पौरुष की गंध आँचल ने महसूस की. अपने बदन में घूमते रवि के हाथों से उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी. अपने पेट पर रवि के खड़े लंड की चुभन भी उसने महसूस की. रवि ने अपना मुँह आँचल के बालों में छुपा लिया और उसके बालों से आती खुशबू को अपनी नाक में भरने लगा.

आँचल की बड़ी मुलायम चूचियों का स्पर्श अपनी छाती में महसूस करते हुए रवि धीरे से फुसफुसाया,” ओह भाभी , आप कितनी सेक्सी हो…………. आई रियली वांट यू.”

आँचल कुछ नही बोली , वो इस बात को समझ रही थी की रवि उसे चोदने को कितना बेताब है.

“प्लीज़ भाभी. मुझसे अकेले में मिलो.एक चान्स तो दो. फिर मैं दिखाऊँगा की मैं आपसे कितना प्यार करता हूँ.”

आँचल को मन ही मन हँसी आई,” क्या दिखाएगा मुझे अकेले में ? अपनी लुल्ली…….”

रवि के हैंडसम होने से आँचल भी शुरू में उसकी तरफ आकर्षित हुई थी लेकिन जबसे उसने रवि का छोटा लंड देखा था तो उसे बड़ी निराशा हुई थी. और अब उसका मन रवि से हट चुका था.

“प्लीज़ भाभी कल दोपहर को मुझसे अकेले में मिलो. प्लीज़…….मिलोगी ना ?”

रवि कितनी खुशामद कर रहा है सोचकर आँचल का मन पसीज गया. इसका दिल रख लेती हूँ.

आँचल कुछ नही बोली लेकिन उसने रवि को अपने से और चिपका लिया और उसकी पीठ पर हाथ फिराने लगी.

रवि ने इसे आँचल की हाँ समझा , वो बहुत खुश हो गया ,” ओह भाभी , थैंक यू वेरी मच. मुझे शुरू से इस बात का इल्म था की आप भी मुझे चाहती हो. कल दोपहर को हम दोनो लंच के लिए बाहर जाएँगे. मैं आपको फोन में बता दूँगा टाइम और जगह के बारे में. आप बहुत सेक्सी हो भाभी , आप देखना मैं आपको कितना प्यार करूँगा.”

रवि अपनी ही धुन में मन ही मन खुश होते रहा और चिकनी चुपड़ी बातें करते रहा. अब तो साली चुद ही जाएगी मुझसे. सब अकड़ निकालूँगा तेरी तो मैं. मेरे लंड के लिए तडपेगी तू. 

आँचल रवि की बातें सुनती रही पर बोली कुछ नहीं. अच्छा तो ये जनाब सोचते हैं की मैं भी इन पर मर मिटी हूँ. बहुत बड़ी तोप है इसके पास…....आँचल मुस्कुराने लगी. अभी बताती हूँ , मैं क्या चीज़ हूँ. आँचल ने रवि को टीज़ करने की सोची.

आँचल ने अपना हाथ नीचे ले जाकर रवि के पैंट की ज़िप खोल दी.

“भाभी…..ओ माय गॉड …...भाभी …..इधर नही………” आँचल की हरकत से रवि अवाक रह गया. स्लो डांस करते हुए इधर उधर देखने लगा, कोई हमें तो नही देख रहा.

आँचल ने तब तक उसकी पैंट के अंदर हाथ डाल दिया था. फिर उसने रवि के अंडरगार्मेंट के अंदर हाथ डालकर उसका लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी. आँचल के नरम हाथों का स्पर्श रवि की बर्दाश्त के बाहर हो गया और आँचल के हाथ में ही उसका पानी निकल गया. आँचल ने रवि के अंडरगार्मेंट और पैंट से अपना हाथ पोंछ दिया और उसके पैंट की ज़िप लगा दी.

फिर रवि के कान में फुसफुसाई,” रवि डार्लिंग , तुम थोड़ा अपने ऊपर काबू रखना सीखो. ऐसे ही हाथ लगाने तक झड़ जाओगे तो मुझे अपना प्यार कैसे दिखा पाओगे.”

मुस्कुराते हुए आँचल रवि से अलग हो गयी और पलटकर रिया की तरफ चली गयी. 

रवि झड़ने के बाद हाँफते हुए अकेला रह गया, झेंपते हुए सोचने लगा, साला आज फिर बेइज़्ज़ती हो गयी. क्या है यार ये ….जब भी मैं इसके करीब जाता हूँ मेरा पानी निकल जाता है………..फक.

आँचल ने देखा , रिया और हरप्रीत हंस हंस के बातें कर रही हैं लेकिन जस्सी वहाँ नही था. उसे थोड़ी निराशा हुई. उनके साथ ही आँचल भी बैठ गयी.

रिया ने आँचल को अकेले देखकर पूछा,” रवि कहाँ है ?”

आँचल मुस्कुराने लगी और बोली,” रवि को टॉयलेट जाना पड़ा.”

रिया को कुछ समझ नही आया , रवि टॉयलेट गया तो आँचल हंस क्यूँ रही है ?

तभी रवि आ गया और रिया से बोला , चलो अब चलते हैं.

जल्दी झड़ने से वो झेंप गया था इसलिए पार्टी से जल्दी निकलना चाह रहा था.

हरप्रीत तुरंत बोली,” ऐसे कैसे चले जाओगे. बिना डिनर किए मैं तुम लोगों को जाने नही दूँगी.”

फिर हरप्रीत ने रिया का हाथ पकड़ लिया और बाहर गार्डेन में ले गयी , वहाँ डिनर की व्यवस्था थी.

डिनर करते समय जस्सी भी उनके पास आ गया . और उनकी इधर उधर की बातें होने लगी.

फिर वो रवि से बोला, “चलो घूमने चलते हैं पहाड़ों में. टिंबर ट्रेल आओगे तुम दोनो , हरप्रीत और मेरे साथ ?”

रिया हिचकिचाई और बोली,” आँचल मेरे घर आई है और इसको छोड़कर मैं कैसे घूमने जा सकती हूँ ?”

रवि तुरंत बोल पड़ा,” भाभी को भी साथ ले चलेंगे. क्यूँ भाभी ?”

आँचल ने जवाब दिया,” मैं सुनील से कहूँगी की वो एक दिन पहले चंडीगढ़ आ जाए फिर हम सब साथ चलेंगे.”

जस्सी बोला,” ठीक है फिर. मैं तीन रूम्स बुक करवा दूँगा.परसों चलेंगे.”

टिंबर ट्रेल चंडीगढ़ से लगभग 35 km की दूरी पर हिमाचल प्रदेश में एक छोटा सा हिल स्टेशन है.

डिनर के बाद रवि , रिया और आँचल को घर तक पहुँचा आया. 

सोने के लिए , आँचल को रिया अपने बेडरूम में ले गयी. दोनो ने अपने कपड़े बदलकर नाइटी पहन ली और पार्टी के बारे में बातें करने लगीं.
Reply
12-08-2018, 01:12 PM,
#57
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
आँचल और रिया दोनों बेड में लेट कर पार्टी की बातें करने लगीं. आँचल ने रिया से जस्सी और हरप्रीत के बारे में पूछा.

रिया ने बताया , “जस्सी लोकल पॉलिटीशियन का बेटा है और फैशन फोटोग्राफी करता है. उसकी मंगेतर हरप्रीत एक बिजनेसमैन की बेटी है , दोनों ही पैसेवाले लोग हैं. “

“जस्सी के बारे में थोड़ा और बताओ ना.”

” जस्सी के बारे में मैं ज़्यादा नही जानती , वो रवि का फ्रेंड है. स्कूलिंग के बाद वो लंदन चला गया था. लेकिन मैं हरप्रीत को अच्छे से जानती हूँ क्यूंकी वो कॉलेज में मेरे साथ थी. अभी दो दिन पहले तो सगाई हुई है उसकी. ”

सगाई की बात सुनकर आँचल मुस्कुराने लगी,” इसका मतलब हरप्रीत अभी जस्सी से चुदी नही है.”

आँचल की बात से रिया थोड़ी चौंकी , फिर हंसने लगी. मुँह बनाते हुए उसने आँचल को एक मुक्का मारा,” यू ठरकी गर्ल !!! …….जब पार्टी में हरप्रीत से मेरी बातें हुई थी तो मैंने उससे यही पूछा था. “

“बताओ ना , क्या कहा उसने …?”

“ तुम्हारा गेस सही है. अभी नही चुदी है. जस्सी बहुत पीछे पड़ा था उसके लेकिन हरप्रीत ने अभी दी नही उसको. शादी के बाद ही दूँगी बोला है.”

ऐसा कहकर रिया ज़ोर से हंस पड़ी , साथ में आँचल भी हंसने लगी.

फिर रिया आँचल की ओर देखते हुए बोली,” बहुत तड़प आ रही है तुमको, लगता है अभी से जीजाजी को मिस कर रही हो.”

रिया ने प्यार से आँचल के चेहरे को अपने हाथों में पकड़ा और उसके रसीले होठों का चुंबन ले लिया. आँचल ने भी रिया को चूम लिया. अब बातें करना छोड़कर दोनों की चुम्मा चाटी शुरू हो गयी.

रिया ने आँचल के गुलाबी गालों को चाट चाटकर उसका चेहरा अपनी लार से गीला कर दिया. आँचल की उत्तेजना बहुत बढ़ गयी , उसकी चूत से रस बहने लगा. उत्तेजित होकर आँचल रिया की नाइटी खोलने की कोशिश करने लगी. 

फिर आँचल ने रिया की नाइटी खोल दी , उसने ब्रा नही पहनी थी. आँचल ने देखा रिया की चूचियों पर और नीचे जांघों के अंदरूनी भाग पर कुछ लाल रंग के निशान बने हुए हैं. आँचल तुरंत समझ गयी चुदाई के समय काटने के निशान हैं.

“रिया , ऐसे प्यार करता है रवि तुम्हें ? तुम्हारे बदन में हर जगह निशान बना दिए हैं.”

रिया पहले थोड़ा हिचकिचाई , फिर बोली,” नही……….... रवि नही…..”

“तो फिर कौन …?”

रिया फिर से हिचकिचाई और धीरे से बोली,” तुम्हारे ससुरजी……..”

रिया की बात सुनकर आश्चर्य से आँचल की आँखें फैल गयीं.

“क्या …? मेरे ससुरजी…..?” आँचल हैरान होते हुए बोली.

“तुम्हें याद है दीदी , उस रात को लिविंग रूम के दरवाज़े से हमने देखा था की कैसे तुम्हारे ससुरजी सुनीता को चोद रहे हैं. कितनी जबरदस्त चुदाई की थी उन्होने. उननग्ज्ग…………..मैं भी उनके बड़े लंड को अपने अंदर फील करना चाहती थी , इसलिए अगली रात को मैंने उन्हे चोदने दिया………………..उन्न्ह…….दीदी…………….उनम्म्म………... आई ऍम सॉरी दीदी , अगर तुम्हें बुरा लगा तो……….” रिया धीमी आवाज़ में बोली. ससुरजी के साथ बिताई रातों को याद करके उसकी चूत से रस बहने लगा और उसकी कच्छी गीली हो गयी.

“तुमने…………..उनम्म्ममम………..तुमने ससुरजी को चोदने दिया………...उनम्म्म……....” उत्तेजना से काँपती आवाज़ में आँचल बोली.

“ओह्ह दीदी, तुम्हारे ससुरजी बहुत माहिर खिलाड़ी हैं………………..उम्म्म्म……………उनका लंड तो खंबा है दीदी………………..ओह्ह दीदी…………….उनके साथ चुदाई में इतना मज़ा आया , मैं बता नही सकती………………………उनम्म्ममम……..”

रिया ने देखा ससुर की बातों से आँचल उत्तेजित हो रही है , और बिल्कुल भी नाराज़ नही है तो वो भी बिना हिचकिचाहट के जो हुआ खुलकर बताने लगी.

फिर रिया ने आँचल की नाइटी उतार दी , आँचल ने भी ब्रा नही पहनी थी. आँचल की गोरी बड़ी चूचियों को खुली हवा में साँस लेते देख रिया उन पर टूट पड़ी. दोनों हाथों में पकड़कर वो आँचल की चूचियों को चूसने और काटने लगी.

फिर रिया ने आँचल की पैंटी को उतारना चाहा तो पाया की पैंटी तो पूरी गीली हो रखी है. आँचल की पैंटी उतारते हुए रिया ससुरजी के साथ बिताई तीन रातों का किस्सा सुनाने लगी. आँचल की फूली हुई चूत को जीभ लगाकर चाटने लगी. आँचल की तनी हुई क्लिट को रिया अपनी जीभ से छेड़ने लगी. चूत चटवाने में आँचल को बहुत मज़ा आता था , आनंद से उसकी आँखें बंद हो गयी.

“ओह्ह ……………...आआहह………………………………..उम्म्म्मममम……………..” आँचल सिसकारियाँ लेने लगी.

“ आँचल , तुम्हारा ससुर तो पक्का चुदक्कड़ है . मुझे अपनी गोद में बिठाकर इतना चोदा ना उसने …”

“आआहह…………...उफफफफफ्फ़…………..उनन्नज्ग………….” आँचल सिसकते रही.

“आँचल दीदी, तुम्हारे ससुर का लंड इतना बड़ा था और मेरी छोटी सी चूत का क्या बुरा हाल किया उसने, पूरी फैला दी…………………....इतना मज़ा मुझे कभी नही आया……………… ………. तीन रातों तक ससुरजी ने मुझे कितनी बार सोफे में चोदा. ना जाने कितनी बार झड़ी मैं………………उफफफ्फ़…………”

रिया ससुरजी के साथ चुदाई का किस्सा सुनाते रही और आँचल की चूत और चूचियों को चूसते रही. 

चुदाई की बातों से आँचल बहुत गरम हो गयी, रिया के चूत चाटने से सिसकारियाँ लेते हुए आँचल को ओर्गास्म आ गया और चूत से रस बहाते हुए वो झड़ने लगी.

“आआहह……………....ओइईईईई……………..माआअ………………ओह………………आआअहह……….”

फिर रिया पीठ के बल लेट गयी और आँचल से बोली,” तुमने बहुत मज़े ले लिए , अब मज़ा लेने की बारी मेरी है.”

रिया की रस टपकाती चूत पर आँचल ने मुँह लगा दिया. अब आँचल रिया की चूत चाटने लगी और रिया मज़े लेते हुए ससुर के किस्से सुनाते रही. रिया और ससुर की चुदाई के किस्से सुनते हुए आँचल ने रिया को भी ओर्गास्म दिला दिया. 

झड़ने के बाद संतुष्ट होकर आँचल और रिया एक दूसरे की बाँहों में नंगी ही सो गयीं.

सुबह जब नींद खुली तो रिया बोली ,” आँचल सच बताना , ससुरजी ने तुम्हें चोदा है या नही ?”

“नही…..”

“मुझे तो विश्वास ही नही होता. इतना चोदू आदमी है वो. मुझे दूसरे ही दिन चोद दिया उसने. और तुम्हें तो वहाँ एक साल से भी ज़्यादा हो गया है. तुम अब तक बची कैसे हो उससे ?”

ऐसा कहते हुए रिया ने आँचल के होंठ चूस लिए , फिर से उन दोनों की चुम्मा चाटी शुरू हो गयी. 

फिर आँचल की चूत में उंगली करते हुए रिया बोली,” क्या तुम्हारे ससुर ने अभी तक अपने मोटे लंड को यहाँ नही घुसाया है……………?”

“उम्मन्णन…………….नही रिया………उफफफ्फ़………..” सिसकारियाँ लेते हुए आँचल बोली.

अब रिया आँचल की चूत में तेज़ी से तीन उंगलियाँ चलाने लगी.

“क्या तुम चाहती हो की वो अपने खंबे जैसे लंड से तुम्हें चोदे …………?”

“हाँ ……………..उफफफ्फ़……………….... हाँ मुझे उनका खंभा चाहिए…………….उफ़फ्फ़…………..ओह……………....आआहह………..” और ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए आँचल झड़ गयी.

उत्तेजना में आँचल बेशर्म हो गयी, “ रिया , मुझे बड़े लंड अच्छे लगते हैं. जब मैं वापस देल्ही जाऊँगी ना , तो ससुरजी को सिड्यूस करके उनका खंभा लूँगी.”

झड़ने के बाद थोड़ी देर तक दोनों लड़कियाँ बेड पर लेटी रहीं. फिर कपड़े पहनकर नाश्ता करने चली गयीं.
Reply
12-08-2018, 01:12 PM,
#58
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
आँचल रिया और उसके मम्मी पापा के साथ नाश्ता करने लगी. नाश्ता चल ही रहा था की रिया का फोन आ गया . फोन रवि का था. रवि को मालूम था की आज रिया को शादी की तैयारियों के सिलसिले में काफ़ी काम है , तो वो बिज़ी रहने वाली है. 

फोन पे रवि बोला,” रिया आज तो तुम्हारी दौड़भाग है , घर पे आँचल भाभी अकेली बोर हो जाएगी. मैं सोच रहा हूँ भाभी को लंच पर ले जाऊँ . ठीक रहेगा क्या ?”

रिया : “हाँ , ठीक है , एक मिनट रूको मैं पूछती हूँ आँचल से.”

रवि : “ ऐसा करो फोन आँचल भाभी को दे दो , मैं खुद ही उनसे बात कर लेता हूँ.”

रिया को पता नही था की रवि ने पार्टी में पहले ही आँचल से लंच करने को बोल दिया है. रिया को कोई शक़ नही हुआ की रवि उसको बेवक़ूफ़ बना रहा है, उसने फोन आँचल को दे दिया.

आँचल : “हैलो”

आँचल की आवाज़ सुनते ही रवि खुश हो गया,”ओह माय डार्लिंग, आई वांट यू. आई वांट टू किस यू , आई वांट टू लव यू माय डार्लिंग. “
फिर बोला,” तुमने लंच के लिए प्रॉमिस किया है , आज हम अकेले में मिलेंगे. मैं 1 pm के आस पास आऊँगा तुम्हें लेने तुम तैयार रहना. आई कैंट वेट टू लव यू माय डार्लिंग….”

रवि का उतावलापन देखकर आँचल मुस्कुरायी ,”ठीक है मैं तैयार रहूंगी.” 

और फिर आँचल ने फोन काट दिया. रिया सामने बैठी है , पता नही क्या क्या बोल रहा है. 

रिया : “ बड़ा मुस्कुरा रही हो आँचल , क्या बोल रहा है रवि ?”

आँचल : “ कुछ नही. दोपहर में लंच के लिए तैयार रहना बोल रहा है.” 

रिया सोचने लगी , इसमे मुस्कुराने वाली क्या बात है ? फिर ज़्यादा ध्यान ना देते हुए अपना नाश्ता खत्म करने में लग गयी. 

आँचल भी नाश्ता करते हुए सोचने लगी, ये रवि भी ना पूरा पागल है , पीछे ही पड़ गया है. लेकिन आँचल को इसकी आदत थी , मर्द उसकी तरफ आकर्षित तो रहते ही थे. वो भी टीज़ करने का मज़ा लेती थी. 

तभी रिया ने आँचल से कहा,” किस सोच में डूबी हुई हो ? जीजाजी को फोन करके बुलाओ , कल हम सबको घूमने जाना है हिल स्टेशन पे.”

“अरे हाँ , मैं तो भूल ही गयी थी , अभी फोन करती हूँ .”

नाश्ता करके आँचल रिया के बेडरूम में चली गयी , साथ में रिया भी आ गयी.

आँचल ने सुनील को फोन लगाया. जैसे ही रिंग गयी रिया ने उसके हाथ से फोन छीन लिया, पहले मैं बात करूँगी.

“हैलो “, उधर से ससुर की आवाज़ आई.

“हैलो अंकल , मैं रिया बोल रही हूँ……”

आँचल सोचने लगी , अंकल ? ये ससुरजी ने फोन क्यूँ उठाया ?

“अरे…..रिया बेटी , बोलो कैसी हो ? मैं तुम्हें याद आ रहा हूँ की नही ?”

“हाँ ………मुझे आप बहुत याद आ रहे हो….”

आँचल को हैरानी हुई की रिया उसके ससुर से बिना झिझक के खुलकर बात कर रही है.

“मुझे भी तू बहुत याद आ रही है रिया. फिर से देल्ही कब आएगी तू ? “

“क्यूँ ? क्या करोगे आप ?” हंसते हुए रिया बोली.

“मेरा लंड तुझे चोदने को तड़प रहा है और तू बोलती है क्या करोगे आप. चोद के मज़ा दूँगा तुझे और क्या करूँगा.”

ससुर की बात सुनकर रिया ज़ोर से खिलखिलाने लगी. 

आँचल रिया का मुँह देखती रह गयी. ऐसे बात कर रही है , जैसे ससुरजी ना हों , इसका कोई हमउम्र दोस्त हो.

फिर रिया बोली,” उम्म्म्म……..मुझे भी बहुत तड़पन हो रही है . और आँचल दीदी को भी……… मैंने उसको सब बता दिया है की कैसे आपके खंभे जैसे लंड ने मुझे चोद चोदकर मज़ा दिया.”

रिया को ससुरजी से अपना नाम लेते देखकर आँचल को घबराहट होने लगी , लेकिन साथ ही साथ उसको एक्साइट्मेंट भी हो रही थी. हे भगवान ! कैसी लड़की है ये, मेरे ससुरजी से फोन पे खुलकर गंदी बातें बोल रही है. बिल्कुल शरम है ही नही.

रिया के मुँह से आँचल का नाम सुनकर ससुर उत्तेजित हो गया और बोला,” अरे रिया बेटी , समझाओ अपनी आँचल दीदी को. मैं तो उसे चोदने के लिए कब से तड़प रहा हूँ. पर वो मौका ही नही देती है.”

“अच्छा !! ये बात है ? लो कर लो अपनी प्यारी बहू रानी से बात.”

फिर आँचल को फोन देते हुए मुस्कुराकर बोली,” लो दीदी , अपने ससुरजी से बात करो.”

फोन पकड़ते हुए आँचल का दिल घबरा रहा था.

“हैलो………” , काँपती आवाज़ में जैसे तैसे आँचल बोली.

“आँचल रानी, रिया ने तुझे सब बता दिया है. बस अब मेरे लंड को और मत तड़पा. पूछ रिया से , मैंने उसे कितना मज़ा दिया. मैं तुझे उससे भी ज़्यादा मज़ा दूँगा. “

“उम्म्म्मम…………....ससुरजी.”

“बस अब रहा नही जाता. मेरी आँचल रानी . अब तो मुझे तुझे रगड़ रगड़ के चोदना है………...”

“उम्म्म्म……….ससुरजी.” ससुर की कामुक बातों से आँचल और भी घबरा गयी , वो फोन पे कुछ बोल ही नही पाई. लेकिन उसकी चूत में हलचल होने लगी.

“अरे कुछ तो बोलो ……..क्या उम्म्म उम्म्म कर रही है. मुझसे इतना शरमाती क्यूँ है ? क्या तुझमे मेरे लिए तड़प नही है ? क्या तू नही चाहती की जैसा मज़ा रिया को मिला वैसा ही मज़ा तुझे भी मिले ?”

”उम्म्म……...ससुरजी……………....मैं भी चाहती हूँ पर कोई मौका ही नही मिलता. घर पे सब लोग रहते हैं. सासूजी से डरती हूँ.”

असलियत ये थी की ससुर भी सासूजी से डरता था. बल्कि एक बार तो सासूजी ने आँचल के बेडरूम से ससुर को भगाया भी था.

रिया भी आँचल और ससुर की बात के मज़े ले रही थी. अब इन दोनों की बातों से वो एक्साइटेड होने लगी. फोन पर बात करती हुई आँचल के गुलाबी गालों पर उसने अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगी.

“मेरी आँचल रानी , बस अब तू चंडीगढ़ से जल्दी वापस आ जा. घर पे तू डरती है , मैं किसी होटेल में ले जाकर तुझे इत्मीनान से चोदूँगा. तू घबराना मत किसी को पता नही चलेगा.”

“ओह्ह …………..ससुरजी.” ससुर का प्लान सुनकर आँचल के मुँह से सिसकारी निकल गयी.

रिया भी सब सुन रही थी , उसने आँचल से फोन छीन लिया,” मुझे भी ससुरजी. मुझे भी चुदना है आँचल दीदी के साथ साथ……….”

“अरे हाँ बेटी हाँ. मैं तुम दोनों को मज़ा दूँगा.”

फिर रिया ने आँचल को फोन दे दिया , लेकिन आँचल ने फोन काट दिया. ससुर की गंदी बातों से दोनों लड़कियों का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था , उनके गाल और भी ज़्यादा सुर्ख लाल हो चुके थे. 

तभी रिया को ध्यान आया,” अरे दीदी , जीजाजी से तो बात हुई ही नही. जिस बात के लिए फोन किया वही नही हुई.”

फिर दोनों लड़कियाँ ज़ोर से हंस पड़ी.

आँचल बोली,” ससुरजी की बातों से ध्यान ही नही रहा.”

आँचल ने फिर से सुनील को फोन मिलाया.

फिर से ससुर जी ने फोन उठाया.

“हैलो, ससुरजी , सुनील कहाँ है ? फोन सुनील को देना प्लीज़…….”

“सुनील अभी ऑफिस में नही है. यहीं फैक्ट्री में होगा कहीं. फोन उसका टेबल पर ही रखा था. तुम्हारी कॉल देखकर मैंने उठा लिया. मुझे बताओ क्या बात है ? मैं उसे बता दूँगा.”

“हमने हिल स्टेशन घूमने का प्रोग्राम बनाया है . कल जाना है टिंबर ट्रेल. अगर कल सुबह सुनील आ जाए तो साथ चलेंगे.”

“अरे आँचल रानी , यही तो मौका है. मैं आ जाता हूँ. तुम दोनों के साथ पहाड़ों में मस्ती करने में बहुत मज़ा आएगा.”

“नहीं ससुरजी………..वहाँ तो हमारे साथ और भी लोग आ रहे हैं. प्लीज़ आप सुनील को ही भेज दीजिए. हो सके तो आज रात को ही भेज दीजिए. मैं अपनी प्यास आपके साथ देल्ही में आकर ही बुझाऊँगी.”

ससुर की बात सुनकर रिया ने आँचल से फोन छीन लिया. 

“हाँ हाँ ससुरजी, आप ही आइए. बहुत मज़ा आएगा. प्लीज़ आप कल आ जाइए . मैं रवि को कोई बहाना बना दूँगी. प्लीज़ आप आ जाइए, मैं यहाँ आपके लिए तड़प रही हूँ.”

रिया की बात सुनकर ससुर खुश हो गया, की ये जवान लड़की मेरे लिए कितना तड़प रही है. इस उमर में भी मुझमें इतना दम है की अपने जवान मंगेतर की बजाय मेरे लिए तड़प रही है. 

लेकिन ससुर अनुभवी था, उसे मालूम था की चंडीगढ़ जाकर रिया के मम्मी पापा के घर रहना और वहाँ से जवान लोगों के साथ घूमने जाना , ठीक नही रहेगा. चुदाई के काम चुपचाप ही होने चाहिए . चंडीगढ़ जाने में बहुत रिस्क है. यहीं देल्ही में ही ठीक रहेगा.

ससुर ने रिया से कहा, आँचल को फोन दे.

फिर आँचल से बोला,” ठीक है बहू , मैं सुनील को ही भेज दूँगा. लेकिन जब तू देल्ही वापस लौटेगी ना तो मैं तुझे सिखाऊँगा की रगड़ के चुदाई के मज़े कैसे लिए जाते हैं. सीखेगी ना ?”

“उम्म्म………. हाँ ससुरजी…….” 

फोन पे बात खत्म होने के बाद आँचल ने रिया को डांटा,” तू कितनी बदतमीज़ है. मेरे ससुरजी के साथ फोन पे कितनी गंदी बातें कर रही थी. शरम नही तुझे ज़रा भी ?”

आँचल की डांट सुनकर रिया खी खी करके हंसने लगी ,” वो तुझे अपने मोटे लंड से चोदेगा तो तू भी उसके लंड की दीवानी हो जाएगी . और फिर मेरी ही जैसी बेशरम बन जाएगी.”

रिया और भी कुछ बोलने वाली थी की , तभी उसकी मम्मी ने आवाज़ दी,” रिया क्या कर रही हो ? जल्दी आओ , हमें देर हो रही है.”

फिर रिया अपनी मम्मी के साथ चली गयी और घर पे आँचल अकेली रह गयी.

रिया और ससुरजी की कामुक बातों से आँचल उत्तेजना महसूस कर रही थी. अब देल्ही जाकर तो ससुरजी मुझे छोड़ेंगे नही. आँचल को नीचे गीलापन महसूस हुआ. फिर वो नहाने चली गयी.
Reply
12-08-2018, 01:13 PM,
#59
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
नहाने के बाद आँचल रवि के साथ लंच पर जाने को तैयार होने लगी. उसने हाफ कप वाली लेसी वाइट ब्रा पहनी , जिसमे उसकी चूचियों का ऊपरी भाग खुला था. ब्रा के ऊपर कम लंबाई की वाइट स्लीवलेस शर्ट पहन ली. वाइट शर्ट के साथ वाइट ट्राउज़र्स पहन लिया. फिर अपने बदन में परफ्यूम डालकर आँचल अपने को मिरर में देखने लगी. 

उसने शर्ट के ऊपरी दो बटन खुले छोड़ दिए जिससे चूचियों के बीच की घाटी दिख रही थी. टाइट फिटिंग वाले ट्राउज़र्स में उसके बड़े बड़े नितंब और भी उभरे हुए लग रहे थे. आँचल ने शर्ट ट्राउज़र्स के बाहर ही रहने दी. शर्ट के छोटी होने से नितंबों की शेप साफ दिख रही थी और बाँह उठाने पर शर्ट भी ऊपर को उठ जा रही थी. मिरर में अपना मादक रूप देखकर आँचल संतुष्ट हो गयी और लिविंग रूम में सोफे पर बैठकर रवि का इंतज़ार करने लगी.

आँचल रवि के साथ लंच पर जाने को लेकर एक्साइटेड थी , मूड भी उसका आज अच्छा था. उसे मालूम था की क्यों रवि उससे अकेले में मिलना चाह रहा है. कपड़े भी उसने ऐसे पहने थे जिसमे वो बहुत सेक्सी लग रही थी. वो जानती थी रवि उसको देखते ही मदहोश हो जाएगा. और यही आँचल चाहती भी थी , मर्दों से अपनी तारीफ सुनना उसे बहुत अच्छा लगता था. 

फिर वो सोचने लगी , रवि अकेले में उसका फायदा उठाने की ज़रूर कोशिश करेगा. हैंडसम तो वो था ही लेकिन तभी आँचल को उसके छोटे लंड का ख़याल आया और दो बार तो वो आँचल के छूने से ही झड़ गया था. रवि साथ में घूमने फिरने के लिए तो ठीक है पर वो मर्द नही जो मुझे चुदाई का मज़ा दे सके. इन ख्यालों के बीच आँचल को ख़ान की याद आई. चुदाई का वैसा मज़ा मिले बहुत दिन हो गये हैं. 

घर में बोर होने से तो अच्छा है रवि के साथ टाइम बिताऊँ, आज भी रवि को टीज़ करने का ही मूड था आँचल का. उसे मालूम था की रवि मौके का फायदा उठाकर उसे चोदने की कोशिश ज़रूर करेगा पर आँचल ने जो होगा देखा जाएगा सोच कर ज़्यादा ध्यान नही दिया. 

कुछ देर बाद बेल बजी तो आँचल ने , रवि आ गया सोचकर , दरवाज़ा खोला . लेकिन दरवाज़े पर हरप्रीत खड़ी थी. हरप्रीत ने आँचल को देखा , ये तो वही लड़की है जो रिया रवि के साथ मेरी पार्टी में आई थी.

आँचल को दरवाज़ा खोलते देख हरप्रीत को हैरानी हुई क्यूंकी उसने सोचा रिया , उसकी मम्मी या फिर कोई नौकर दरवाज़ा खोलेगा. 

आँचल भी रवि को एक्सपेक्ट कर रही थी , हरप्रीत को दरवाज़े पर देखकर उसे हैरानी हुई फिर उसने हरप्रीत को अंदर बुलाकर लिविंग रूम में सोफे पर बिठाया.

हरप्रीत बोली,” मैं रिया को अपनी शादी का कार्ड और मिठाई देने आई हूँ. रिया कहाँ है ?”

आँचल ने बताया,” रिया अपनी मम्मी के साथ बाहर गयी है और अब शाम को ही आएगी. आज उनको बहुत काम है. अभी घर में मैं अकेली हूँ.”

हरप्रीत ने बताया की अगले महीने शादी की डेट फिक्स हुई है. रिया मेरी क्लोज़ फ्रेंड है और मैं पास में ही रहती हूँ इसलिए मैंने सोचा की पहला कार्ड रिया को ही देती हूँ.

आँचल ने नौकर को आवाज़ दी और चाय बनाने को कहा. 

हरप्रीत ने चाय के लिए मना किया तो आँचल ने शरबत बनाने को कहा. 

आँचल ने देखा , हरप्रीत खूबसूरत लग रही है. लंबा कद, गोरा रंग, बड़ी चूचियाँ और चौड़े नितंब. कुल मिलकर सेक्सी दिखती है. हरप्रीत ने भी वाइट शर्ट और वाइट ट्राउज़र्स में बनी ठनी आँचल को देखा , रिया की कजिन बहुत मादक लगती है. 

शरबत पीते हुए थोड़ी देर तक दोनों रिया के बारे में बातें करती रही .

फिर हरप्रीत बोली,”आँचल आज तुम अकेली हो तो बोर हो रही होगी , आज हमारे साथ लंच करो. जस्सी को मैं फोन कर देती हूँ की आँचल भी आ रही है. ”

आँचल हिचकिचाई और बोली,” आई ऍम सॉरी , लेकिन आज रवि मुझे लंच के लिए ले जा रहा है. मैं उसी का वेट कर रही हूँ. वो आता ही होगा.”

लेकिन हरप्रीत नही मानी और अड़ गयी की आँचल उसके ही साथ लंच करेगी.

“देखो आँचल तुम रिया की कज़िन हो और रिया मेरी क्लोज़ फ्रेंड है. इस नाते तुम मेरी भी कज़िन ही हुई. तुम्हे मेरी बात माननी पड़ेगी . रवि को भी ले आना और हम चारों साथ में लंच करेंगे. बस अब मैं तुम्हारी ना नही सुनूँगी. “

आँचल को हरप्रीत की बात माननी पड़ी. 

आँचल ने हरप्रीत से उसका और जस्सी का नंबर ले लिया और बोली,”जब रवि आएगा तो मैं उससे कहूँगी की वो जस्सी को फोन करे और फिर हम लंच के लिए आ जाएँगे.”

फिर हरप्रीत चली गयी और आँचल रवि का वेट करने लगी.

आँचल को जस्सी का ख्याल आया , जस्सी से फिर से मुलाकात होने वाली है. आँचल को फिर से बाथरूम का वो सीन याद आया जब उसने जस्सी का बड़ा लंड देखा था. वो याद आते ही आँचल शरमा गयी और उसके गालों की लालिमा बढ़ गयी.

तभी रवि आ पहुँचा. रवि ने देखा , आँचल वाइट ड्रेस में बहुत सेक्सी लग रही है. पतली शर्ट में आँचल की ब्रा दिख रही थी. बड़ी चूचियों का गोल शेप देखकर रवि के पैंट में हलचल हुई. आज तो कहर ढा रही है आँचल, इसे चोदने को मैं तड़प रहा हूँ, आज मैं ये मौका हाथ से जाने नही दूँगा, कितनी खूबसूरत लग रही है , चोदने में बहुत मज़ा आएगा.

लेकिन रवि की खुशी ज़्यादा देर तक नही रही. 

आँचल ने उसे सब बताया की हरप्रीत आई थी और तुम जस्सी को फोन करो लंच के लिए.

ये सुनकर रवि का चेहरा उतर गया. उसने आँचल से कहा की तुम हरप्रीत को मना कर दो.

आँचल कहने लगी , हरप्रीत बहुत ज़िद्दी है , बुरा मान जाएगी.

रवि ने आँचल पर ज़ोर डाला की जस्सी और हरप्रीत को लंच के लिए मना कर दे. पर आँचल ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.

जब रवि ने देखा की आँचल भी जस्सी और हरप्रीत के साथ लंच को लेकर उत्साहित है और हरप्रीत को मना नही कर रही है तो उसने अंतिम प्रयास किया. 

“देखो आँचल , मैं तुमसे अकेले मैं कुछ बात करना चाहता हूँ , इसलिए तुम उनके साथ लंच कैंसिल कर दो.”

“बोलो जो बोलना चाहते हो, मैं सुन रही हूँ. उसके बाद हम लंच पर चलेंगे.” 

रवि का ये प्रयास भी असफल हो गया. 

“मैं कार में ही बात करूँगा.” 

आँचल के कार में बैठने के बाद , रवि कार चलाने लगा.

रवि को चुप देखकर आँचल बोली,” तुम कुछ कहना चाह रहे थे रवि…….”

रवि ने आँचल की तरफ देखा और फिर सामने देखकर कार चलाने लगा. रवि का मूड ऑफ हो गया था, चोदने का एक और मौका हाथ से निकल गया. 

रवि के चुप्पी साध लेने से आँचल को भी अनकंफर्टेबल फील हुआ. मुँह फुला लिया है इसने तो. बात भी नही कर रहा है अब.

आँचल ने रवि से कहा ,” क्या बात है रवि ? तुम कुछ बोल नही रहे. गाड़ी रोको और बताओ क्या बात है ?”

आँचल की बात सुनकर रवि ने एक जगह देखकर कार साइड में कर दी और एक पेड़ के नीचे ले जाकर रोक दी.

रवि आँचल की ओर मुड़ा और हकलाते हुए कहने लगा,” भाभी……….. वो बात ये है की……... आप बहुत खूबसूरत हो……...”

रवि की बात सुनकर आँचल मुस्कुरा दी. 

आँचल के मुस्कुराने से रवि की थोड़ी हिम्मत बढ़ी,” भाभी, मैं चाहता था की आज आप के साथ अकेले में कुछ वक़्त मिले ताकि मैं कुछ बात कर सकूँ.”

आँचल मुस्कुरायी,” रवि, देखो हम अभी यहाँ अकेले ही तो हैं. मुझे बताओ तुम क्या बात करना चाहते हो ?”

रवि को बात वात कुछ नही करनी थी सिर्फ़ आँचल को चोदने के लिए पटाना था.

“भाभी आप बहुत खूबसूरत लग रही हो , बिल्कुल बिपाशा बसु जैसी दिखती हो.”

“क्या मैं काली बिल्ली लगती हूँ? ” आँचल ने दिखावटी गुस्से में कहा.

“अरे नही नही भाभी. आप तो बहुत गोरी हो. मेरे कहने का मतलब है आपका चेहरा बिपाशा बसु का जैसा सेक्सी दिखता है.”

“क्या सिर्फ़ मेरा चेहरा ही सेक्सी दिखता है ……” आँचल ने फिर से दिखावटी गुस्से से कहा.

“अरे नही नही भाभी , सिर्फ़ चेहरा नही, आपका पूरा फिगर ही सेक्सी है…..” रवि जल्दी से बोला. 

फिर आँचल की चूचियों पर नज़रें गड़ाते हुए बोला,” भाभी आपके साथ मैं बहुत अनकंफर्टेबल फील करता हूँ ..” 

आँचल ने रवि की नज़रों को अपनी चूचियों पर पाया,” ऐसा क्यूँ रवि ? मेरे साथ अनकंफर्टेबल क्यूँ फील करते हो तुम ?”

रवि की हिम्मत बढ़ते ही जा रही थी,” भाभी आपको देखने से मेरा खड़ा हो जाता है…..”

रवि की बात से आँचल शरमा गयी, और उसकी नज़रें नीची होकर रवि के पैंट पर पड़ी जहाँ कुछ उभार सा बना हुआ था.

“रवि , क्या सच में मैं तुम्हें इतनी सेक्सी लगती हूँ ? ”
Reply
12-08-2018, 01:13 PM,
#60
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
“रवि , क्या सच में मैं तुम्हें इतनी सेक्सी लगती हूँ ? ”

“हाँ भाभी , आप बहुत सेक्सी हो.” 

फिर रवि ने अपने पैंट की ज़िप खोली और तना हुआ लंड बाहर निकाल लिया.

“देखो , ये पैंट में मुझे कितना तंग कर रहा है.”

आँचल ने देखा रवि अपने छोटे और पतले से लंड को हिलाकर उसे दिखा रहा है. रवि के लंड को देखकर आँचल को सुनील के लंड का ध्यान आया , वैसा ही इसका भी है.

आँचल को अपने लंड को देखते हुए पाकर रवि बोला,” भाभी इसे चूसो. मैं आपके सेक्सी मुँह को अपना लंड चूसते हुए देखना चाहता हूँ.”

आँचल ने कुछ नही किया तो रवि उसका कंधा पकड़कर आँचल का मुँह अपने लंड की तरफ दबाने लगा. 

आँचल ने अपने को छुड़ाने की कोशिश की पर रवि की मजबूत पकड़ से अपने को छुड़ा नही पाई. इससे आँचल को गुस्सा आ गया और कोई चारा ना देख , उसने रवि के गाल पर एक तमाचा जड़ दिया. तमाचा पड़ते ही रवि हक्का बक्का रह गया और उसने आँचल को छोड़ दिया.

आँचल ने देखा थप्पड़ खाने से रवि हर्ट फील कर रहा है , उसका लंड सिकुड़कर और भी छोटा हो गया.

आँचल गुस्से में बोली,” रवि तमीज़ से रहो. तुम मुझे भाभी कहते हो और मेरी कज़िन से एंगेज्ड हो , फिर भी मुझे अपना लंड दिखा रहे हो और चूसने को कह रहे हो. तुम भूल रहे हो की मैं शादीशुदा औरत हूँ. मैंने तुम्हें पहले थप्पड़ नही मारा , उसी का नतीज़ा है की तुम कंट्रोल से बाहर हो गये हो. अब तमीज़ से पेश आना मेरे साथ….”

आँचल की बात सुनकर रवि सन्न रह गया. इस सेक्सी औरत को चोदने की उसकी इच्छा पर पूरी तरह से पानी फिर गया. अपनी हरकत पर आँचल को गुस्सा होते देखकर रवि की आँखो में आँसू आ गये. 

अब रवि माफी माँगने लगा,” प्लीज़ भाभी , आई ऍम वेरी सॉरी . प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो. मैं बहक गया था अपने ऊपर काबू नही रख पाया. प्लीज़ भाभी……..”

रवि के माफी माँगने से आँचल का गुस्सा शांत हो गया. रवि की आँखो में आँसू देखकर आँचल को बुरा लगा. उसका दिल पिघल गया और वो रवि के नज़दीक़ आई और उसके गालों से आँसू पोछने लगी.

“ चलो जो हुआ उसे भूल जाओ रवि. आई ऍम सॉरी टू. मैंने भी कल रात ग़लत किया था (पार्टी में रवि की ज़िप खोली थी) . 
चलो जो बीत गया वो बीत गया. पुरानी बातों को भूलकर अब हम दोस्त हैं…” कहकर आँचल ने अपना हाथ रवि की तरफ बढ़ा दिया.

रवि ने देखा आँचल अपना हाथ आगे बढ़ा रही है दोस्ती के लिए. लेकिन रवि ने उससे हाथ नही मिलाया और रोने लगा.

“आई ऍम रियली सॉरी भाभी. मैं कंट्रोल नही कर पाया. आप हो ही इतनी सेक्सी. मैं क्या करता. आपके मममे कितने बड़े हैं बिल्कुल गोरे गोरे. आपका चेहरा इतना खूबसूरत है , आपके होंठ इतने रसीले हैं. आपकी बड़ी गांड देखकर मेरा मन मचल जाता है. मैं कैसे कंट्रोल करूँ…….”

जैसे एक रोते हुए बच्चे को चुप कराते हैं वैसे ही आँचल रवि के चेहरे को सहलाते हुए उसे चुप कराने की कोशिश करने लगी.

रवि सुबकते हुए आँचल के रूप का वर्णन करता रहा. की आपका ये ऐसा है , आप ऐसी हो , फलाना फलाना , ना जाने क्या क्या …..आँचल कुछ नही बोली बस उसका चेहरा सहलाते रही. वो रवि को थप्पड़ मारने से सॉरी फील कर रही थी.

अब रवि ने अपना सर आँचल के कंधे में रख दिया और अपना मुंह आँचल के ब्लाउज में रगड़ने लगा. 

आँचल ने देखा रवि उसकी चूची से अपना मुंह रगड़ रहा है. आँचल ने उसका सर अपने कंधे से दूर हटाया. 

लेकिन रवि ने फिर से अपना चेहरा आँचल की चूची से सटा दिया ,” प्लीज़ भाभी, एक बार अपने मममे दिखा दो. प्लीज़ सिर्फ़ एक बार. आई प्रॉमिस की सिर्फ़ देखूँगा और कुछ नही करूँगा. 
प्लीज़ अपने बड़े मममे दिखा दो …”

आँचल ने देखा दो छोटे लड़के कार से कुछ दूर खड़े हैं और अपनी साइकिल रोककर कार के अंदर के नज़ारे का मज़ा ले रहे हैं और हंस रहे हैं .

आँचल समझ गयी की रवि सिर्फ़ रोने का नाटक कर रहा है और बहाने से उससे चिपक रहा है. अबकी बार आँचल ने पहले से भी तेज थप्पड़ रवि के गाल पर मारा.

थप्पड़ खाने से रवि ने आँचल को छोड़ दिया और अपनी सीट पर सीधा बैठकर अपना गाल सहलाने लगा.

“रवि , तुम बदतमीज़ी मत करो , मैं रिया को बताऊँगी…” आँचल गुस्से से बोली.

अपनी सभी चालों को असफल होता हुआ देख रवि ने हर्ट फील किया. वो समझ गया ये सेक्सी बिच मुझे कोई मौका देने वाली नही है. उसने कार स्टार्ट की और सामने की तरफ देखकर चुपचाप कार चलाने लगा. आँचल द्वारा ठुकरा दिए जाने से उसे अपनी बेइज़्ज़ती महसूस हुई और गुस्सा आ रहा था. मैं इसकी खूबसूरती पर फिदा हूँ और इसने मुझे ठुकरा दिया , …….साली सेक्सी कुतिया . मन ही मन रवि आँचल को गालियाँ देने लगा. आँचल को चोदने की उसकी आकांक्षा पर अब पानी फिर चुका था.

आँचल भी अपनी सीट पर चुपचाप बैठी थी. वो भी ह्युमिलिएटेड फील कर रही थी. ये रवि बहुत बदतमीज़ है. कहने को डॉक्टर है पर बिल्कुल मैनर्स नही हैं. बिल्कुल गवारों जैसी हरकत करता है. रवि के साथ वो अच्छे मूड से आई थी और उसे मालूम भी था की रवि उसे चोदना चाहता है. शायद वो रवि को एक मौका दे भी देती. लेकिन रवि के बिहेवियर से उसका मूड ऑफ हो गया और अब वो खुद भी हर्ट महसूस कर रही थी.

जल्दबाज़ी और उतावलापन दिखाकर रवि ने आँचल को पटाने का मौका गंवा दिया.

रेस्टोरेंट पहुचने तक दोनो में से कोई कुछ नही बोला , दोनो ही एक दूसरे से नाराज़ थे. 

पार्किंग में कार लगाकर रवि कार से बाहर आ गया. वो हमेशा आँचल के लिए भी दरवाज़ा खोलता था पर इस बार गुस्से से उसने नही खोला और अपनी तरफ ही खड़ा रहा. आँचल ने कार का दरवाज़ा खोला और रवि की तरफ देखा. रवि ने अपनी नज़रें फेर ली और रेस्टोरेंट की तरफ बढ़ गया. आँचल भी उसके पीछे चलने लगी.

रेस्टोरेंट में हरप्रीत और जस्सी ने हाथ हिलाकर उनको अपनी टेबल पर बुलाया. जस्सी ने उठकर रवि से हाथ मिलाया और आँचल के गाल पे हाथ फिराया.

आँचल रवि के साथ बैठी थी और सामने जस्सी और हरप्रीत बैठे थे. जस्सी ने वेटर से बियर मँगवाई. आँचल ने बियर के लिए मना किया पर जस्सी नही माना और आँचल को एक ग्लास बियर पकड़ाकर ‘चियर्स’ बोला.

फिर बातों के दौरान जस्सी ने पूछा की आँचल के हज़्बैंड भी चंडीगढ़ आ रहे हैं क्या टिंबर ट्रेल घूमने ?

“मुझे नही पता , अभी कुछ फिक्स नही है. जब चंडीगढ़ पहुचेंगे तभी पता चलेगा.” आँचल ने जवाब दिया.

तब जस्सी ने बताया की घूमने का प्रोग्राम कैंसिल हो गया है. क्यूंकी रूम बुक नही हो पाए. फिर कभी जाएँगे जब आप दुबारा चंडीगढ़ आओगी तब.

पहाड़ों में घूमने का प्रोग्राम कैंसिल होने से आँचल को निराशा हुई. लेकिन वो चेहरे पर मुस्कान लाते हुए बोली,” कोई बात नही , जब दुबारा चंडीगढ़ आऊँगी तो फिर चलेंगे.”

उनकी बातें होती रही लेकिन रवि और आँचल एक दूसरे से नही बोले. हरप्रीत अपनी शादी को लेकर उत्साहित थी और शादी की तैयारियों के बारे में बड़े उत्साह से बता रही थी. बियर खत्म होने पर जस्सी ने और मंगवा ली. 

कुछ देर बाद आँचल और हरप्रीत बाथरूम चली गयीं. अब रवि और जस्सी अकेले रह गये.

जस्सी मुस्कुराते हुए बोला,” तेरे तो मज़े है रवि . अपनी भाभी को खूब घुमा रहा है. कुछ किया की नही ? “

“ना कुछ नही यार.”

“तेरी भाभी तो बहुत सेक्सी माल है. कल रात पार्टी में डांस करते वक़्त तू उसपे बहुत हाथ फेर रहा था. मैंने सब देख लिया था तेरी हरकतें. बता ना क्या क्या किया तूने उसके साथ …”

“मेरे दोस्त , तू ग़लत समझ रहा है. भाभी उस टाइप की नही है. ज़्यादा मुँह नही लगाती है वो.”

जस्सी को विश्वास नही हुआ,” ऐसी है क्या ? या तू मुझे बताना नही चाह रहा है ?”

“अरे नही यार. मैं सच कह रहा हूँ. उसको पटाने की मैंने कोशिश की थी. लेकिन उसने मुझे थप्पड़ मार दिया और तमीज़ से रहने की हिदायत भी दे डाली.” अपने गाल सहलाते हुए रवि बोला.

थप्पड़ की बात सुनकर जस्सी हंसने लगा. 

रवि को जस्सी पर गुस्सा आ गया,” देख भाई , सब औरतें एक सी नही होती. कुछ औरतें मज़े लेती हैं लेकिन चुदवाती नही , आँचल भी ऐसी ही लगती है. सिर्फ़ टीज़ करती है. समझे…..”

जस्सी अभी भी हंस रहा था,” तू उसे पटा नही पाया , इसका मतलब ये नही की वो सती सावित्री है.”

जस्सी की बात से रवि को अपनी इन्सल्ट महसूस हुई. वो गुस्से में बोला,” मैं एक लाख रुपये की शर्त लगाता हूँ की तू आँचल को नही चोद सकता.”

रवि की बात सुनकर जस्सी की हँसी बंद हो गयी ,” क्या तू सीरीयस है ? सच में एक लाख की शर्त लगा रहा है या मज़ाक कर रहा है ?” 

रवि भी सीरीयस होकर गुस्से में बोला,” एक लाख रुपये नकद. अगर तू आँचल को चोद देगा. लेकिन कोई ज़बरदस्ती नही, कोई नशा नही, कोई रेप नही. वो खुद राज़ी होनी चाहिए. और तेरे पास सिर्फ़ आज शाम या कल का वक़्त है क्यूंकी परसों वो वापस देल्ही जा रही है. अगर तब तक तू नही चोद पाया तो एक लाख नकद मुझे देगा.”

जस्सी चुपचाप रहा.

रवि उसे चिढ़ाने लगा,” बस फट गयी क्या ? अब क्यूँ मैदान छोड़कर भाग रहे हो ?”

जस्सी ने रवि को देखा , फिर एक गहरी सांस लेकर बोला,” देख रवि, एक लाख नकद कोई मामूली रकम नही है. सीरीयस है क्या तू ? कहीं तेरी हर्ट ईगो तो नही बोल रही है , नशा हो गया शायद तुझको…”

“ अरे तू मेरी हर्ट ईगो या बियर को भूल जा. बस मुझे ये बता की शर्त लगा रहा है या फट गयी तेरी ?”

जस्सी कुछ देर सोचता रहा , पार्टी में तो रवि आँचल से मज़े ले रहा था. लेकिन अब कह रहा है की आँचल ने थप्पड़ मार दिया. क्या सच में आँचल सिर्फ़ टीज़ करती है ? 

थोड़ी देर तक सोचने के बाद , जस्सी बोला,” देखो रवि, तुम्हारी भाभी और मैं एक दूसरे को ज़्यादा नही जानते, फिर भी मैं तुम्हारी शर्त स्वीकार करता हूँ. लेकिन टाइम नही है क्यूंकी परसों तो वो जा रही है. अगर तू मेरी हेल्प करे तो ना सिर्फ़ मैं बल्कि तू भी उसे चोद पाएगा. बोल मंज़ूर है ?”

आँचल को चोदने के ख्याल से रवि के मुँह में पानी आ गया और गुस्सा भूलकर वो तुरंत तैयार हो गया,” ठीक है जस्सी. मैं हेल्प करने को तैयार हूँ. पर याद रखना , कोई रेप नही , कोई नशा नही. ठीक है ? और एक लाख नकद तैयार रखना.”

जस्सी मुस्कुराया और दोनो ने हाथ मिलाकर शर्त मंज़ूर की.

जस्सी बोला,” अब मैं तुझे अपना प्लान बताता हूँ, तू वैसे ही करना जैसे मैं कहूं.”

तभी आँचल और हरप्रीत बाथरूम से वापस आ गयी और जस्सी की बात अधूरी रह गयी.
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,468,947 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,812 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,219,087 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 921,794 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,635,002 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,065,607 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,925,130 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,972,115 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,998,982 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,826 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)