Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
01-10-2019, 01:41 PM,
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
शकीला की रोने वाली शक्ल पर फ़िरोज़ को तरस आया तो वह बोला अच्छा तुम अगर एक काम कर दो तो तुम्हें भी मिलने का अवसर मिल सकता है, इस पर शकीला बोली हां बोलो ??? 

फ़िरोज़ ने अपनी पेंट की ओर इशारा किया और बोला यह काफी परेशान कर रहा है, इस पर एक हाथ फेरो इसको आराम पहुँचाओ तो मैं तुम्हें भी मिलवा दूँगा . यह सुनकर शकीला थोड़ा और आगे बढ़ी और फ़िरोज़ की पेंट के ऊपर से ही उसके 8 इंच के लंड पर अपना हाथ रख दिया और उसको अपने हाथ से दबाने लगी। हिना भी अब एक साइड पर होकर शकीला को फ़िरोज़ का लंड दबाते हुए देख रही थी मगर उसकी कमर के चारों ओर अब तक फ़िरोज़ का हाथ था जो कमर से होता हुआ वापस उसके मम्मे पर आ रहा था। फ़िरोज़ ने शकीला को कहा, पेंट बटन और ज़िप खोल कर अन्दर हाथ डालो। 

शकीला ने बिना समय बर्बाद किए फ़िरोज़ की पेंट की जिप खोल दी और बटन भी खोलकर अंडर वेअर में हाथ डाल दिया। अंडर वेअर के अंदर ही शकीला ने फ़िरोज़ का 8 इंच लंबा और मोटा ताजा लंड पकड़ा और उसको हाथ में पकड़ते ही अंदाजा हो गया था कि यह लंड उन सबसे बड़ा है जिनसे पहले शकीला चुदाई करवा चुकी है। शाजिया यह सब देख रही थी, जब उसकी दोनों साथी एयर होस्टेस अपने अपने मम्मे दिखा चुकी थीं और अब लंड भी पकड़ कर बैठी थी तो शाजिया ने भी सोचा कि साना जावेद से मिलने का मौका दोबारा नहीं आना, जहां इतने लोगों से पहले पैसे लेकर चुदाई करवा चुकी है तो क्यों न आज साना जावेद से मिलने के लिए ही अपने मम्मे दिखा दे इस फ़िरोज़ के बच्चे को . यह सोच कर उसने अपनी शर्ट के अभी 2 बटन ही खोले थे कि केबिन में एक बीप हुई। यह किसी सवारी द्वारा बजाई गई थी तो हिना ने कहा जाओ शाजिया देखो क्या काम है पैसेंजर को? शाजिया जली-कटी आवाज़ में बोली में क्यों जाऊँ? तुम खुद चली जाओ ??? 

इस पर फ़िरोज़ ने कहा जाओ देख आओ तुम्हें भी मिलवा दूंगा साना जावेद मैम से तुम भी याद करोगी। यह सुनकर शाजिया कुछ शांत हुई वह फिर से अपने बटन बंद किए और पैसेंजर के पास चली गई। 

शकीला ने जब फ़िरोज़ के लंड को अपने हाथ में पकड़ा था उसके मुंह और चूत दोनों में ही पानी आ गया था और वो अब इस लंड को देखने के लिये बेताब थी, अंततः उससे बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने एक झटके से लंड बाहर खींच लिया। लंड बाहर निकालते ही शकीला फटी फटी आँखों से फ़िरोज़ के लंड को देखने लगी, फिर उसने मुँह ऊपर उठाया तो उसकी आंखों में एक चमक थी, उसने हिना को आवाज़ दी जिसके मम्मे फ़िरोज़ के मुंह में थे और वह आंखें बंद किए मजे ले रही थी। शकीला बोली देख हिना क्या ताजा और ठोस हथियार है चिरकूट के पास ...

हिना ने अपनी आँखें खोल कर नीचे देखा और एक बार वह भी फ़िरोज़ के लंड से अपनी नज़रें हटाना भूल गई। फ़िरोज़ को हिना के मम्मे कुछ ज़्यादा ही पसंद आ गए थे, उसने अब हिना को अपनी गोद में उठा लिया और फिर से हिना के मम्मों पर टूट पड़ा। जबकि शकीला जो फ़िरोज़ का लंड देखकर बहुत खुश थी कुछ देर तक अपने हाथ से उसे दबाती रही और उसकी हल्की हल्की मुठ मारती रही। फिर उससे रहा नहीं गया और उसने अपनी जीभ बाहर निकाल कर पहले तो फ़िरोज़ के लंड की टोपी पर फेरी जहां से उसने फ़िरोज़ का पानी चाट लिया उसके बाद शकीला ने लंड की टोपी अपने होंठों में फंसाकर उसे प्यार करना शुरू कर दिया ।

शकीला लंड चूसने में माहिर थी उसने अपने होठों को खोल कर लंड की टोपी पर इस तरह लंड को मुँह मे फंसाया था कि फ़िरोज़ के लंड में हल्की हल्की गुदगुदी सी होने लगी थी और उसे बहुत मज़ा आ रहा था, वह अपना चेहरा घुमा घुमा कर टोपी पर चारों ओर अपने होंठ घुमा रही थी और कभी कभी अपनी जीभ की नोक होठों के बीच लाकर टोपी से निकलने वाले पानी को भी चाट रही थी जबकि फ़िरोज़ की गोद में हिना अब अपने होश हवास में नहीं थी, फ़िरोज़ ने उसके निप्पल चूस चूस कर उसे बहुत मज़ा दिया था। वह अब बेसब्री से फ़िरोज़ के होंठों को अपने मुँह में लेकर चूस रही थी और अपनी जीभ भी निकालकर फ़िरोज़ के मुंह में डालने की कोशिश कर रही थी
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01-10-2019, 01:41 PM,
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शकीला लंड चूसने में माहिर थी उसने अपने होठों को खोल कर लंड की टोपी पर इस तरह लंड को मुँह मे फंसाया था कि फ़िरोज़ के लंड में हल्की हल्की गुदगुदी सी होने लगी थी और उसे बहुत मज़ा आ रहा था, वह अपना चेहरा घुमा घुमा कर टोपी पर चारों ओर अपने होंठ घुमा रही थी और कभी कभी अपनी जीभ की नोक होठों के बीच लाकर टोपी से निकलने वाले पानी को भी चाट रही थी जबकि फ़िरोज़ की गोद में हिना अब अपने होश हवास में नहीं थी, फ़िरोज़ ने उसके निप्पल चूस चूस कर उसे बहुत मज़ा दिया था। वह अब बेसब्री से फ़िरोज़ के होंठों को अपने मुँह में लेकर चूस रही थी और अपनी जीभ भी निकालकर फ़िरोज़ के मुंह में डालने की कोशिश कर रही थी

शकीला अब फ़िरोज़ का पूरा लंड अपने मुंह में लेने की कोशिश कर रही थी मगर 5 इंच से ज़्यादा लंड उसके मुंह में नहीं जा सका था। वह बहुत ही कौशल के साथ लंड को चूसने में व्यस्त थी अपने दोनों हाथों से लंड की शाफ्ट पकड़ कर वह अपने हाथों को गोल गोल घुमा रही थी और अपना मुँह आगे पीछे करके चूस भी रही थी। कुछ ही देर के बाद शाजिया भी पैसेंजर को पानी पिलाकर वापस आ चुकी थी। केबिन में आकर उसने अंदर जो दृश्य देखा तो वह भी हैरान रह गई, हिना की शर्ट भी उतर चुकी थी और वह ऊपर से पूरी नंगी थी और फ़िरोज़ की गोद में चढ़ कर उसके होंठ चूस रही थी जबकि नीचे शकीला अपना ब्रा उतार कर बैठी 8 इंच के लंड को चूस रही थी मगर उसकी शर्ट अब तक उसके शरीर पर थी। 

शाजिया की नजर जब फ़िरोज़ के लंड पर पड़ी तो वह तुरंत ही बोल उठी हाईईईईईईई अल्ल्ल्लाआआआअह इतना बड़ा लोड़ा ???? यह कह कर वह सीधी शकीला की तरफ गई और उसके हाथ से फ़िरोज़ के लंड को पकड़ कर खुद देखने लगी। उसकी आंखों में भी एक चमक आ गई थी, उसने बिना देर किए लंड अपने मुंह में ले लिया और उसको लोलीपोप की तरह चूसने लगी। फ़िरोज़ की तो जैसे लॉटरी निकल आई थी, मुफ्त में ही 3, 3 गर्म चूत उसके शरीर के साथ खेल रही थीं, शकीला अब ऊपर उठकर खड़ी हो गई थी और हिना और फ़िरोज़ के शरीर के बीच जगह बनाकर अपना मुंह डाल कर फ़िरोज़ के सीने को प्यार कर रही थी। वह अब फ़िरोज़ के छोटे मगर सख्त निपल को अपनी जीभ से तेज तेज चाट रही थी जिसका फ़िरोज़ को भी मज़ा आने लगा था। 

कुछ देर तक यही सब कुछ चलता रहा फिर शकीला ने फ़िरोज़ के कान में कहा, तुम साना जावेद से मिलवाना या मत मिलवाना, लेकिन मेरी चूत को एक बार अपने इस लोड़े से मिलवादो प्लीज़। 

फ़िरोज़ ने यह सुना तो उसको कहा अपना स्कर्ट और पैन्टी उतार दे। शकीला ने तुरंत ही पीछे हटकर अपना स्कर्ट उतारने के बाद अपनी पैन्टी भी उतार दी। उसकी चूत बहुत प्यारी थी, उसकी चूत के होंठ थोड़े खुले हुए थे क्योंकि वो अक्सर ही चुदाई करवा लेती थी मगर उसकी चूत बालों से पूरी तरह मुक्त थी। फ़िरोज़ ने अब हिना को अपनी गोद से उतार कर हिना को शकीला की चूत चाटने के लिए कहा ... हिना ने कहा मैंने पहले ऐसे कभी नहीं किया जिस पर फ़िरोज़ ने उसे कहा तुम नीचे बैठ कर उसकी चूत तो चाटो देखना बहुत मजा आएगा। 

शकीला ने हिना को कहा चल आज तुझे यह मज़ा भी मिल जाएगा, पहले तो मेरी चूत चाट फिर मैं तेरी चूत चाटुन्गी यह सुनकर हिना नीचे बैठ गई और न चाहते हुए भी शकीला की गीली चूत पर अपनी जीभ रख दी। ज़ुबान रखते ही उसे नमकीन स्वाद जीभ पर लगा तो उसने अपना मुँह हटा लिया मगर ललीता ने उसका सिर पकड़ कर फिर से अपनी चूत की ओर धकेला और बोली चाट उसको फिर देख तुझे कितने मजे आएंगे और हिना ने फिर से शकीला की चूत को चाटना शुरू कर दिया .. 

फ़िरोज़ अब शाजिया की ओर देख रहा था जो बहुत ही कौशल के साथ फ़िरोज़ का लंड चूस रही थी मगर उसके शरीर पर अभी तक कपड़े मौजूद थे। फ़िरोज़ ने शाजिया से खड़े होने के लिए कहा। शाजिया खड़ी हुई तो फ़िरोज़ ने एक ही झटके में उसकी शर्ट उतार दी। नीचे शाजिया ने लाल रंग की ब्रा पहन रखी थी और उसके मम्मे बहुत बड़े थे .38 आकार के गोल मम्मे ब्रा में फंसे थे और स्वतंत्र होने को बेचैन थे जिन्हें फ़िरोज़ ने एक ही झटके में ब्रा से मुक्त कर दिया था। ब्रा से मुक्त होते ही शाजिया के मम्मे जेली की तरह हिलने लगे जिन्हें फ़िरोज़ ने अपने हाथों से पकड़ कर रोक लिया और बिना इंतजार किए शाजिया के गहरे ब्राउन निप्पल को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया जिससे शाजिया की भी सिसकियाँ निकलना शुरू हो गई थीं, मगर उसका एक हाथ अब भी फ़िरोज़ के लंड पर था जिससे वह फ़िरोज़ के लंड की मुठ मार रही थी। कुछ देर तक शाजिया के बड़े मम्मे चूसने के बाद फ़िरोज़ ने शाजिया से कहा कि वह नीचे बैठ जाए और लंड अपने मम्मों में लेकर उसकी मुठ मारे। शाजिया तुरंत ही नीचे बैठ गई, उसने फ़िरोज़ के लंड को अपने मम्मों के बीच में रखा और फिर दोनों मम्मों को अपने हाथों से आपस में मिलाकर और उनकी लंड के आसपास पकड़ मजबूत करके उन्हें ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया। वो इस काम में माहिर थी क्योंकि जो भी उसकी चुदाई करता था वह उसके मम्मों का आकार देख कर उसके मम्मे चोदने की इच्छा जरूर करता था। और यही काम फ़िरोज़ ने भी किया था।
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01-10-2019, 01:42 PM,
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
कुछ देर तक फ़िरोज़ इसी तरह शाजिया के बूब्स को चूसता रहा, फिर उसने शाजिया से कहा कि वह हिना को नंगा कर दे और उसकी चूत को चाटे, यह सुनकर हिना खुद ही अपनी जगह से खड़ी हो गई और उसने अपनी स्कर्ट और पैन्टी उतार दी। नीचे हिना की चूत बालों से ढकी हुई थी, बाल अधिक लंबे तो नहीं थे मगर लग रहा था कि हिना ने 8 दिन से अपनी चूत की सफाई नही की। चूत के छोटे छोटे बालों में हिना की चूत का पानी चमक रहा था, शाजिया फुर्ती के साथ हिना के सामने बैठी और अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू किया। हिना के लिए यह अनुभव नया नहीं था क्योंकि उसका शौहर उसकी चूत मज़े से चाटता था। शाजिया को हिना की चूत चाटने में लगा कर फ़िरोज़ ने शकीला को अपने पास बुलाया तो नंगी शकीला तुरंत ही फ़िरोज़ के पास आ गई, फ़िरोज़ ने शकीला को मुँह दूसरी ओर करने को कहा और अपनी गाण्ड बाहर निकालने को बोला तो शकीला जल्दी से मुंह दूसरी ओर कर दीवार का सहारा लिया और अपनी टाँगें थोड़ी सी खोल कर अपनी गाण्ड बाहर निकाल दी। 

फ़िरोज़ ने अपनी उंगलियों को शकीला की चूत पर रख कर उसकी नमी की जाँच की। वह चुदाई के लिए पूरी तैयार थी, और उसकी चूत के होंठ भी खुले हुए थे। फ़िरोज़ ने अपने लंड की टोपी को शकीला की चूत के लबों के बीच रखा और हल्का सा दबाव डाला तो वह स्वतः ही शकीला की चिकनी चूत में गायब होता गया। जब सारा लंड शकीला की चूत में चला गया तो शकीला ने एक हल्की सी सिसकी लेकर गर्दन घुमा कर पीछे देखा और अपने होंठों का गोल घेरा बनाकर फ़िरोज़ ने एक हवाई चुम्मा दिया और बोली चोद दो ..... 

फ़िरोज़ ने शकीला की बात सुन कर उसकी चूत में धक्के लगाना शुरू किया तो शकीला ने हल्की हल्की सिसकियाँ लेना शुरू कर दीं फ़िरोज़ अपनी फुल स्पीड से धक्के नहीं लगा रहा था क्योंकि वह एक विमान के केबिन था उसमें से आवाज़ें बाहर नहीं जानी चाहिए थी, और शकीला भी बहुत मजे में थी 8 इंच का लंड अपनी चूत में लेकर वह इस हिसाब से सिसकियाँ ले रही थी क्योंकि उसको भी इस बात का भय था कि उसकी आवाज बाहर नहीं जानी चाहिए। 

मगर फिर भी उसकी सिसकियों की आवाज इतनी थी कि हिना और शाजिया दोनों ही अब मुड़कर शकीला की चुदाई देख रही थीं।

शकीला के छोटे मगर तने हुए मम्मे हवा में हिल रहे थे, हिना ने आगे बढ़कर थोड़ा झुक कर अपना चेहरा शकीला मम्मों के नीचे कर लिया और उसके मम्मे मुँह में लेकर चूसने लगी तो शकीला का मनोरंजन हो गया। पीछे से चूत में 8 इंच लंड उसकी चुदाई कर रहा था तो आगे से उसके मम्मे हिना अपने मुँह में लेकर उसके निप्पल चूस रही थी जबकि शाजिया अब फ़िरोज़ के पीछे आ गई थी और नीचे बैठ कर उसकी टांगों के दरमयाँ से अपना मुंह आगे ले जा कर उसके आंडों को अपनी जीभ से चाट रही थी। कुछ देर तो फ़िरोज़ ने शाजिया को यह हरकत करने दी, मगर इस तरह उसकी चोदने की गति काफी कम हो गई थी, फिर फ़िरोज़ ने शाजिया को वहाँ से निकलने के लिए कहा और फिर से शकीला की चिकनी चूत में अपने लंड के धक्के मारने शुरू कर दिए । शाजिया अब फिर से हिना की चूत को चाटने में व्यस्त हो गई थी जबकि शकीला की चूत लगातार धक्कों से अब खासे मजे में थी। वह अब बार बार अपनी चूत को टाइट कर रही थी ताकि फ़िरोज़ के लंबे और मोटे लंड की अधिकतम रगड़ उसकी चूत की दीवारों में लग सके और वह जल्द से जल्द अपना पानी छोड़ सके। 

कुछ देर और चुदाई के बाद शकीला ने फ़िरोज़ को कहा ठोक के चोद मुझे, पूरा जोर लगा, बस छूटने ही वाली हूँ। 

यह सुनकर फ़िरोज़ ने अपनी गति तेज कर दी और शकीला ने अपनी चूत को टाइट कर लिया, जिससे न केवल शकीला को चुदाई का आनंद लिया बल्कि फ़िरोज़ को भी चूत टाइट होने के कारण खूब मज़ा आया और उसने 10, 15 धक्के फुल स्पीड में लगाए तो शकीला की चूत ने अपने प्यार का रस फ़िरोज़ के लंड में बहाना शुरू कर दिया। उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था जिससे फ़िरोज़ का सारा लंड भीग गया था। जब शकीला के शरीर ने झटके लेना बंद कर दिए तो फ़िरोज़ ने अपना लंड शकीला की चूत से बाहर निकाला जो शकीला की चूत के पानी से भरा था, 

फ़िरोज़ ने शाजिया को अपने पास बुलाया और उससे कहा कि वह उसका लंड चूस कर साफ कर दे। शाजिया ने कुछ ही देर में फ़िरोज़ के लंड को चूस कर उसका लंड बिल्कुल साफ कर दिया। अब फ़िरोज़ ने हिना को अपने पास बुलाया तो वो डरते डरते फ़िरोज़ के पास आ गई। उसके शौहर का लंड मुश्किल से 6 इंच का था और उसकी मोटाई भी इतनी ज़्यादा नहीं थी। हालाँकि उसका शौहर उसे जब भी मिलता जरूर चोदता था मगर समस्या यह थी कि हिना की अपने पति से चुदाई 3, 4 दिन बाद ही होती थी, लेकिन 3 4 दिन के बाद उसका पति उसे 2 दिन तक खूब चोदता था। मगर आज फ़िरोज़ का लंड देखकर हिना की चूत में दर्द शुरू हो गया था और वह डर रही थी कि इतना बड़ा और मोटा लंड उसकी चूत की बुरी हालत कर देगा। 


मगर फ़िरोज़ ने उसे हौसला दिया और बोला डरो नहीं कुछ नहीं होगा, बल्कि तुम्हें आज की चुदाई हमेशा याद रहेगी। यह कह कर फ़िरोज़ ने हिना को अपनी गोद में उठा लिया और उसकी चूत पर हाथ फेरने के बाद उसे थोड़ा ऊपर उठाया और अपने एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर उसकी चूत में फिट किया और फिर एकदम से हिना का वजन जो अपने हाथ से संभाला हुआ था उसे नीचे गिरा दिया। हिना अपने ही बोझ से नीचे गई तो सारे का सारा लंड हिना की चूत में एक ही झटके में गया, हिना की चीख केबिन से बाहर बैठी साना जावेद तक जरूर जाती अगर फ़िरोज़ समय पर उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर उसकी चीख को दबा न देता

फिर फ़िरोज़ ने बिना इंतजार किए हिना की चूत में भी धक्के लगाना शुरू कर दिए। हिना की आंखों में आंसू थे, उसे अपनी चूत में बहुत दर्द हो रहा था मगर फ़िरोज़ ने इस बात का ख्याल नहीं किया और लगातार उसे चूतड़ों से पकड़ कर थोड़ा उठाए रखा और नीचे से अपने लंड के धक्के उसकी प्यारी सी बालों वाली चूत में लगाना जारी रखे। कुछ ही धक्कों के बाद फ़िरोज़ थक गया था क्योंकि गोद में उठाकर चुदाई इतना आसान काम नहीं। फिर फ़िरोज़ ने हिना को अपनी गोद से नीचे उतारा और उसकी एक टांग उठाकर अपने हाथ पर रख ली और दूसरे हाथ से उसको सहारा दिया। फिर उसने अपना लंड हिना की चूत में फिट कर एक जोरदार धक्का मारा और सारा लंड हिना की चूत में चला गया, इस बार भी हिना की चीख निकली मगर वह पहले से बहुत हल्की थी और फिर फ़िरोज़ उसकी चीख को दबाना नहीं भूला था। फ़िरोज़ ने फिर से हिना की चूत में धक्के लगाना शुरू किया और साथ ही उसके होंठ भी चूसता रहा। थोड़ी देर की चुदाई के बाद अब हिना को मज़ा आने लगा था और वह भी खुश होकर फ़िरोज़ के होंठ चूस रही थी। साथ ही साथ वह होठों को छोड़कर आह ह ह ह ह ..... आह ह ह ह ह .... उफ़ एफ एफ एफ एफ एफ एफ ..... ........ की सिसकियाँ निकाल रही थी। 
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01-10-2019, 01:42 PM,
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
कुछ देर चुदाई के बाद फ़िरोज़ ने हिना से पूछा कि मज़ा आ रहा है तो हिना ने कहा, हां बहुत मज़ा आ रहा है ....तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है, ऐसा मज़ा तो पहले कभी नहीं आया मुझे .... और तेज तेज चोदो मुझे, मेरी चूत को कुछ कुछ हो रहा है, तेज तेज चुदाई करो, सारी प्यास बुझा दो आज मेरी ... आह ह ह ह ह ..... उफ़ एफ एफ एफ एफ .... क्या लंड है तुम्हारा .... आह ह ह ह ह ह .... यह सुनकर फ़िरोज़ ने अपने धक्कों की गति और बढ़ा दी और 3 मिनट तक लगातार बिना रुके हिना की चूत में अपने लंड से चुदाई करता रहा। फिर उसने हिना की चूत से लंड निकाला, उसकी टांग थक चुकी थी, अब फ़िरोज़ ने हिना को नीचे लेटने को कहा तो हिना नीचे फर्श पर लेट गई, फ़िरोज़ उसके ऊपर आ गया और उसकी टाँगें उठा कर लंड उसकी चूत में घुसा कर के धक्के लगाना शुरू कर दिए। उसकी पहले की तरह ही सिसकियाँ निकलना शुरू हो गई थी। जबकि दूसरी ओर शकीला भी फर्श पर लेट गई थी और शाजिया उसके ऊपर 69 की स्थिति में लेटी हुई थी और दोनों एक दूसरे की चूत चाट चाट कर मजे ले रही थीं।कुछ देर और चुदाई के बाद हिना को लगा कि अब वह छूटने वाली है तो उसने खुद भी अपनी गाण्ड को ऊपर नीचे हिलाना शुरू कर दिया और फ़िरोज़ को भी चुदाई में तेजी लाने को कहा। फ़िरोज़ ने फुल स्पीड से धक्के लगाने शुरू कर दिए और कुछ धक्कों के बाद हिना की चूत ने बहुत सारा पानी छोड़ दिया जिससे एक बार फिर फ़िरोज़ लंड भीग गया था। 

हिना को फारिग होते देख शाजिया फुर्ती से शकीला की चूत को छोड़कर फ़िरोज़ के पास आ गई थी क्योंकि वह जानती थी अब उसकी बारी है। जब फ़िरोज़ ने लंड बाहर निकाला तो शाजिया ने बिना कुछ कहे फ़िरोज़ का लंड अपने मुंह में ले लिया और जल्दी जल्दी उसके लंड पर लगी सारी मलाई को चाट कर साफ कर दिया। फिर वह खड़ी हुई और अपनी आंखों में लंड की तड़प लिए फ़िरोज़ से बोला, कैसे चोदना चाहते हैं मुझे ??? 


फ़िरोज़ ने शाजिया को देखा और बोला तुम्हारी तो मैं गाण्ड मारनी है ... यह सुनकर शाजिया ने कहा गाण्ड भी मार लेना मगर पहले मेरी चूत का कुछ करो। फ़िरोज़ ने कहा चूत का भी हो जाएगा मगर पहले तुम्हारी गाण्ड। यह सुनकर शाजिया ने कहा, चलो जैसे तुम्हारी इच्छा, लेकिन जरा आराम से। में गाण्ड तो मरवा चुकी हूँ पहले भी मगर इतना बड़ा लंड मेरी गाण्ड में पहले कभी नहीं गया इसलिए जरा ध्यान से करना। फ़िरोज़ ने कहा, तुम चिंता मत करो, ऐसे गाण्ड मारूँगा कि तुम बाद में जब भी गाण्ड मरवाओगी तुम्हें मेरे लंड की याद जरूर आएगी। यह कर कर फ़िरोज़ ने शाजिया को दूसरी ओर मुँह करने को कहा। 

शाजिया भी शकीला की तरह दीवार की तरफ मुँह करके खड़ी हो गई और अपनी गाण्ड बाहर निकाल ली, फ़िरोज़ ने शाजिया की गाण्ड पर थोड़ा थूक लगाया और उसके बाद अपने लंड की टोपी उसकी गाण्ड के छेद पर रख कर दबाव डाला मगर लंड ने अंदर जाने से इनकार कर दिया। जबकि शाजिया की फिर भी हल्की सी चीख निकली हालांकि अभी लंड अंदर नहीं गया था। हिना ने पहले कभी गाण्ड नहीं मरवाई थी, वह बहुत ध्यान से शाजिया को देख रही थी जिसकी गांड में अब फ़िरोज़ का लंड जाने वाला था, फिर फ़िरोज़ ने एक जोरदार धक्का शाजिया की गाण्ड में लगाया तो उसकी एक दिलख़राश चीख निकली मगर उसने अपना मुंह नहीं खुलने दिया और चीख उसके मुँह में ही रह गई जबकि फ़िरोज़ के लंड की मोटी टोपी उसकी गाण्ड के छेद में जा चुकी थी। फिर फ़िरोज़ ने एक और धक्का लगाया तो आधा लंड शाजिया की गाण्ड को फाड़ता हुआ उसमें घुस चुका था। शाजिया ने कहा आराम से करो यार ... बहुत मोटा लंड है तुम्हारा ... फ़िरोज़ ने कहा मादर चोद मुझे गालियां दे रही थी तू तेरी तो ऐसी गाण्ड मारूँगा तुझे नानी याद आ जाएगी

यह कर कर फ़िरोज़ ने लंड बाहर निकाला मगर टोपी को अंदर ही रहने दिया और एक और पूर्ण शक्ति के साथ धक्का लगाया तो फ़िरोज़ 8 इंच लंड शाजिया की गाण्ड के अंदर खो चुका था। फिर फ़िरोज़ ने धीरे धीरे शाजिया की गाण्ड में लंड अंदर बाहर करना शुरू किया, लेकिन शाजिया अब तक हल्की हल्की चीखें मार रही थी। दर्द से उसका बुरा हाल हो रहा था जबकि फ़िरोज़ को भी कुछ खास मज़ा नहीं आ रहा था। क्योना उसकी गाण्ड पूरी सुखी थी, न तो उस में तेल लगाया था और न ही उसके लंड पर चिकनाहट थी।


थोड़ी देर तक धीरे धीरे धक्के लगाने के बाद फ़िरोज़ ने अपना पूरा लंड उसकी गाण्ड से निकाल लिया और शकीला को लंड चूसने को कहा। शकीला तुरंत आगे बढ़ी और फ़िरोज़ के लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। जब लंड अच्छी तरह शकीला के थूक से गीला हो गया तो उसने अब फिर से शाजिया की ओर मुंह किया मगर इस बार उसने लंड गाण्ड में डालने की बजाय शाजिया की चूत पर रखा और एक ही धक्के में लंड उसकी चूत में घुस गया . गाण्ड मरवाने के कारण शाजिया चूत भी कुछ हद तक सूख चुकी थी मगर कुछ ही धक्कों ने शाजिया की चूत को चिकना कर दिया था। और उसका चिकना पानी अब फ़िरोज़ के लंड भी चिकना कर रहा था। 5 मिनट तक फ़िरोज़ शाजिया की चूत में तूफानी धक्के मारता रहा फिर उसने अपना लंड शाजिया की चूत से बाहर निकाल लिया और उसकी चूत पर हाथ फेर कर उसकी चूत से अपने हाथ और उंगलियों को भी चिकना कर लिया और फिर वही हाथ शाजिया की गाण्ड पर फेरने लगा। फिर अपनी एक गीली उंगली उसने शाजिया की गाण्ड में डाल दी और अपना लंड फिर से शाजिया की चूत में डाल दिया . 


अब शाजिया की गाण्ड में फ़िरोज़ की उंगली थी जबकि उसकी चूत में फ़िरोज़ का लंड था जिसकी वजह से उसकी चूत में एक तूफान मचा था और वह सिसकियाँ ले लेकर फ़िरोज़ के लंड महसूस कर रही थी। मगर यह काम भी फ़िरोज़ ने थोड़ी ही देर ही किया और दुबारा लंड शाजिया की गाण्ड पर रखा और एक ही धक्के में आधा लंड शाजिया की गाण्ड में उतार दिया फिर एक और जोरदार धक्का लगा और फ़िरोज़ का पूरा लंड शाजिया की गाण्ड में उतर गया। 

शाजिया की गाण्ड को फ़िरोज़ पहले ही चिकना कर चुका था अब उसका लंड भी शाजिया की चूत के पानी से चिकना था तो अब उसकी गाण्ड मारने का भी फ़िरोज़ को मज़ा आ रहा था और अब की बार फ़िरोज़ की गति भी काफी तेज थी। फ़िरोज़ के धक्कों से शाजिया को अपनी गाण्ड में उठते दर्द से बुरा हो रहा था। वह लगातार फ़िरोज़ को कह रही थी कि धीरे चोदो मेरी गाण्ड को मगर फ़िरोज़ उसकी एक नहीं सुन रहा था। वह शाजिया के बड़े चूतड़ों को अपने हाथ से पकड़ कर लगातार उसकी गाण्ड में धक्के लगा रहा था, जबकि शाजिया अपनी चूत में उंगली फेर कर मजे लेने की कोशिश कर रही थी। 5 मिनट तक फ़िरोज़ लगातार शाजिया की गाण्ड में धक्के मारता रहा। उसकी गाण्ड सूज चुकी थी और उसमें काफी दर्द भी हो रहा था मगर फ़िरोज़ था कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। 

फिर फ़िरोज़ को महसूस हुआ कि उसका लंड अब पानी छोड़ने वाला है तो उसने अपने धक्कों की गति को और भी तेज कर दिया। जबकि शाजिया को भी अपनी चूत में खुजली होती महसूस हो रही थी। कुछ देर के और धक्कों के बाद शाजिया की चूत ने भी पानी छोड़ दिया मगर लंड उसकी गाण्ड में लगातार तूफानी धक्के लगा रहा था। शाजिया को चूत का पानी निकाल कर आराम तो मिला मगर उसे लग रहा था कि जैसे फ़िरोज़ ने उसकी गाण्ड मारी है वह 2 दिन सही तरह से चल भी नहीं सकेगी। 
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01-10-2019, 01:42 PM,
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
शकीला समझ गई थी कि फ़िरोज़ अब अपने चरम पर है और उसका लंड किसी भी समय पानी छोड़ सकता है।उसने फ़िरोज़ को कहा उसकी गाण्ड में मत फारिग होना , लंड मुझे दे दो, यह सुनकर फ़िरोज़ ने तुरंत ही अपना लंड उसकी गाण्ड से निकाल लिया और अपना रुख शकीला की ओर कर लिया जिस उत्साह से उसने फ़िरोज़ के लंड अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी, साथ ही वह अपने हाथ से फ़िरोज़ के लंड की मुठ मार रही थी। 


शाजिया की गान्ड से लंड निकला तो उसको ऐसे लगा जैसे कोई बड़ा लोहे का रॉड उसकी गाण्ड में था जो निकल तो गया बाहर मगर अब उस लोहे के डंडे की वजह से उसकी गाण्ड में मिर्च लगी हुई थीं। वह मान गई थी कि फ़िरोज़ चुदाई करने का विशेषज्ञ है उसे मजा तो आया था मगर दर्द भी हुआ था और वह जानती थी कि अगर वह प्यार से फ़िरोज़ से चुदवाती तो वह उसकी चूत को भी बहुत मज़ा देता और फिर उसकी गाण्ड मारते हुए भी उसको मजा देता।शकीला के गर्म गर्म मुंह में फ़िरोज़ का लंड वीर्य छोड़ना शुरू कर चुका था। फ़िरोज़ ने 2 झटके तो शकीला के मुँह में ही लगाए जिससे शकीला का मुंह फ़िरोज़ के गाढ़े वीर्य से भर गया था, फिर उसने लंड मुंह से निकाला और उसका रुख हिना के मम्मों की ओर कर दिया। बाकी वीर्य फ़िरोज़ ने हिना के मम्मों पर छोड़ दिया जिसको बाद में शाजिया और शकीला ने अपनी जीभ से चाट लिया

अब हिना और शकीला फिर से अपने कपड़े पहन चुकी थीं और शीशे में देख कर उन्होंने अपना हुलिया भी ठीक कर लिया था जबकि शाजिया अब तक अपनी गाण्ड में होने वाले दर्द की वजह से हिलने का नाम नहीं ले रही थी . शाजिया ने फ़िरोज़ को प्यार किया और बोली आज तो बहुत मज़ा आया तुम्हारी चुदाई से, फिर उसने हिना को देखा और बोली क्यों हिना कैसा लगा इसके लंड से चुदाई करवा कर ??? 

हिना मुस्कुराई और बोली ऐसा मज़ा तो हनीमून पर भी नहीं आया था जैसा आज इसने चोद चोद कर दिया है। फिर फ़िरोज़ ने भी अपने कपड़े पहन लिए।और शाजिया को भी कहा कि अभी तुरंत कपड़े पहनें, में साना जावेद मैम को बुलाने जा रहा हूँ, उनके साथ सेल्फी लो फिर विमान भी लेंड़ करने वाला है। 

यह कह कर फ़िरोज़ बाहर चला गया और साना जावेद से गुजारिश की कि एक एयर होस्टेस उसकी जानने वाली है वह आपके साथ सेल्फी लेना चाहती है। तो साना जावेद ने कहा कि इसमे ऐसी कौन सी परेशानी है चलो। यह कह कर साना जावेद फ़िरोज़ के साथ उसी केबिन में चली गई जहां अब शाजिया भी अपने कपड़े पहन चुकी थी और हिना और शकीला के साथ सेल्फी के लिए अपना हुलिया भी ठीक कर चुकी थी मगर उससे अब भी गाण्ड के दर्द की वजह से हिला नहीं जा रहा था। फ़िरोज़ ने हिना से मिलावाते हुए साना जावेद को बताया कि यह उसकी दूर की रिश्तेदार है।जबकि शाजिया और शकीला उसकी दोस्त हैं। तीनों ने मिलकर साना जावेद के साथ एक एक सेल्फी ली जो साना जावेद ने हिना के मोबाइल से खुद अपने हाथ से बनाई। फिर स्पेशल हिना ने साना जावेद के साथ एक सेल्फी बनाई मगर इस बार मोबाइल हिना के हाथ में था और साना जावेद लंबी होने के कारण थोड़ा झुककर खड़ी थी और उसने अपने हाथ हिना के कंधों पर रखे हुए थे और अपना चेहरा हिना के चेहरे के साथ जोड़ा हुआ था। यह देखकर शाजिया और शकीला ने भी इसी तरह सेल्फी लेने की इच्छा जताई मगर फ़िरोज़ ने मना कर दिया और साना जावेद को कहा आप तैयारी करें जहाज लेंड करने वाला है। यह सुनकर साना जावेद वापस चली गई 

साना जावेद के वापस जाने के बाद शाजिया और शकीला ने मूड कर हिना की तरफ देखा और फिर फ़िरोज़ को कहा यह क्या बदतमीजी है ?? हम भी ऐसे ही सेल्फी लेना चाहती थी ... फ़िरोज़ ने हिना को एक प्यार भरी किसकी और बोला वास्तव में तो तुमने ही अपना शरीर मुझे दिखाया था ये दोनों तो बाद में आई थीं मजबूरन, इसलिए तुम्हारे लिए मैंने साना जावेद जी से कहा था कि केवल हिना के साथ ही अकेले मे सेल्फी बनवानी है, बाकी दोनों के साथ सबके साथ सेल्फी होगी। यह कह कर फ़िरोज़ वापस अपनी सीट पर बैठ गया, जबकि शाजिया और शकीला हिना को घूरने लगी, मगर उसको उनके घूरने की परवाह नहीं थी, फ़िरोज़ ने सबसे मजेदार मज़ा भी हिना को दिया था चुदाई के दौरान और फिर स्वयं भी हिना के साथ ही अच्छी अच्छी सेल्फी ली थी। 

जहाज भारत की धरती पर लेंड कर चुका था, जहाज से उतरने से पहले फ़िरोज़ साना जावेद के पास गया और बोला कि आपकी वह सीडी मेरे पास ही है। यहीं एयरपोर्ट से ही गायब हो जाउन्गा क्योंकि अगर आपके साथ जाऊंगा तो खतरा है कि कोई इंडियनएजेंट बंदा मुझे पहचान न ले। इसलिए एयर पोर्ट पर एक आदमी को पैसे दे चुका हूँ जो मुझे चोर रास्ते से बाहर निकलवा देगा, मैं बाद में मिलूंगा। यह कह कर वह साना जावेद से अलग हो गया और आम सवारियों के साथ जहाज से उतरा और एयरपोर्ट की बिल्डिंग में घुस हो गया, आगे वह कहाँ गया साना जावेद को कुछ पता नहीं लगा। जबकि हिना एयरपोर्ट पर उतरते ही अपनी दूसरी एयर होस्टेस साथी ज़ुबैदा को ढूंढ रही थी जो एक फ़्लाईट से पाकिस्तान जाने वाली थी, थोड़े ही प्रयास के बाद हिना को ज़ुबैदा मिल गई। ज़ुबैदा ने हिना को देखते ही कहा कि अरे तुम्हें पता है आज साना जावेद जी इंडिया आ रही हैं तो उन्हीं को ढूंढ रही हूँ, पहले हम पाकिस्तान के शॉपिंग मॉल में मिले थे ना तो मैंने उनसे हाथ भी मिलाया था, ज़ुबैदा फिर वही बातें कर रही थी जबकि हिना मोबाइल से अपनी और साना जावेद की तस्वीर निकाल चुकी थी, वह फोटो निकालकर हिना ने तुरंत ज़ुबैदा को दिखाई और बोली- यह देख तू हाथ मिलाकर खुश हो रही है साना जावेद जी काफ़ी समय फ्लाइट में मेरे साथ रही हैं, और हम ने एक साथ बैठकर बहुत सी बातें भी कीं और उन्होंने मेरे साथ उतरने से पहले फोटो भी बनवाई है और मुझे लाहौर में अपने पास आने का निमंत्रण भी दिया है, अब वापस पाकिस्तान जाकर में साना जावेद जी के घर जाकर उनसे मिलूंगी मेरी, उनकी तो दोस्ती हो गई है।


हिना ने भी ज़ुबैदा को जलाने के लिए जो कुछ मुंह में आया बक किया था। और ज़ुबैदा को तो जैसे शॉक ही लग गया था अब वह हिना के पीछे थी और उसकी मन्नतें कर रही थी कि देखो जब तुम साना जावेद जी से मिलने जाओ तो मुझे मत भूलना मुझे भी साष लेकर जाना, मगर हिना के अभी नखरे खत्म नहीं हो रहे थे उसने कहा, देखो, मैं वादा नही करती, लेकिन साना जावेद जी से पूछ लूँगी कि मेरे साथ एक दोस्त भी है जो आप से मिलना चाहती है, अगर उन्होने अनुमति दी तो तुम्हें ले जाउन्गी मगर मुझे ज्यादा उम्मीद नहीं कि वो अनुमति देंगी। 

इस पर ज़ुबैदा अपना सा मुंह लेकर रह गई जबकि हिना अब इठलाती हुई एयरपोर्ट में रेस्ट रूम मे रेस्ट करने चली गई। कुछ ही देर के बाद जब शकीला और शाजिया ज़ुबैदा से मिलीं तो उन्होंने भी अपनी तस्वीरें ज़ुबैदा को दिखाईं जिस पर ज़ुबैदा को और भी दुख हुआ कि वह उनके साथ क्यों नहीं थी। ज़ुबैदा को जला कर शकीला, शाजिया और हिना तीनों के कलेजे ठंडे हो गए थे जबकि इन तीनों की चूत को फ़िरोज़ पहले ही ठंडा कर चुका था
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01-10-2019, 01:42 PM,
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
कर्नल इरफ़ान साना जावेद को लेकर काफी परेशान था। कुछ देर पहले ही उसे पता चला था कि साना जावेद की फिल्म को घाटी में हाईकोर्ट ने बेन कर दिया है। साना जावेद की फिल्म पूरे भारत में दिखाई जाएगी छोड़कर घाटी के। वास्तव में कर्नल इरफ़ान का प्लान था कि उसने एक प्रसिद्ध फिल्म हाउस फुल भारत में प्रदर्शनी के लिए चुना था पूरे देश में यही फिल्म चलनी थी मगर घाटी के सिनेमाघरों में हाउस फुल से स्टार्ट लेकर बीच में फिल्म परिवर्तित कर देनी थी और वही फिल्म चलानी थी जो भारत के खिलाफ और घाटी मे स्वतंत्रता आंदोलन को हवा देने के लिए गुप्त रूप से बनाई गई थी। इस काम के लिए घाटी के सिनेमाघरों के मालिकों को भारी रकम देकर मना लिया गया था, लेकिन अचानक हाईकोर्ट ने घाटी में फिल्म पर प्रतिबंध लगाकर कर्नल इरफ़ान को परेशान कर दिया था, वह हैरान था कि आखिर यह कैसे हो गया कि पूरे भारत मे फिल्म के प्रदर्शन पर रोक नहीं है अगर है तो बस घाटी में। किसी और फिल्म के लिये अधिक सार्वजनिक सिनेमाघरों में लाना भी संभव नहीं था, साना जावेद एक प्रसिद्ध और सेक्सी एक्ट्रेस थी जिसको देखने के लिए ज़रूर ज़्यादा जनता ने सिनेमाघरों का रुख करना था, मगर ऐन वक्त पर फिल्म पर प्रतिबंध से अब कर्नल इरफ़ान काफी परेशान था। वह घाटी से साना जावेद को रिसीव करने गया था ताकि इस विषय पर वह उससे बात कर सके शायद कोई काम की बात लगती है, कहीं साना जावेद से वह फिल्म कोई और नहीं ले उड़ा हो और वह भारतीय अधिकारियों तक पहुंच गई हो तभी उन्होंने घाटी में साना जावेद की फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया था।

कर्नल इरफ़ान बड़ी उत्सुकता से एयरपोर्ट पर साना जावेद का इंतजार कर रहा था, यहां हर तरफ भारतीय मीडिया पत्रकार भी पहुंचे हुए थे जिन्होंने साना से उसकी फिल्म के बारे में बात करनी थी, और वर्तमान में साना जावेद इन्हीं में घिरी हुई थी, वह कैमरे के सामने अपने प्रशंसकों को हाउस फुल के बारे में बता रही थी और उसने विशेष रूप से घाटी के लोगों का नाम लेकर कहा कि वह इस फिल्म को देखने आएँ क्योंकि साना जावेद खुद भी फिल्म के प्रदर्शन पर घाटी जाकर ही सिनेमा घर मैं इस फिल्म को देखेगी। यह कह कर साना जावेद ने संवाददाताओं से क्षमा माँगी और अपनी सुरक्षा के साथ वहाँ से आगे चल पड़ी, जबकि रिपोर्टर उसे यह बात बताना चाहता था कि उसकी फिल्म घाटी मे बेन कर दी गई है। कुछ ही देर के प्रयास के बाद कर्नल इरफ़ान साना जावेद तक पहुँच चुका था, साना जावेद के सुरक्षाकर्मियों ने कर्नल को रोकने की कोशिश की क्योंकि वो आम पहनावा पहने था, लेकिन साना जावेद ने उसे पहचान कर सुरक्षाकर्मी को कहा कि उन्हें आने दें। कर्नल इरफ़ान साना जावेद के पास आया और उसे खींच कर अपनी कार की ओर ले गया। इस दौरान उसने साना जावेद के साथ आने वालों पर एक नज़र डाली और वहाँ फ़िरोज़ को ना पाकर थोड़ा परेशान हुआ, क्योंकि कर्नल इरफ़ान को साना जावेद के साथ आने वाले एक व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी थी। उनमें साना जावेद का वास्तविक कर्मचारी फ़िरोज़ भी होना चाहिए था जो उस समय उसके साथ नहीं था। 

कर्नल इरफ़ान ने साना जावेद को अपनी लैंड क्रूजर में बिठाया और ड्राइवर ने गाड़ी एक अज्ञात स्थान की ओर बढ़ा दी। कार में बैठते ही कर्नल इरफ़ान ने पहले तो साना जावेद की खैरियत पता की, फिर साना जावेद से पूछा कि उसकी फिल्म घाटी मे क्यों बेन हुई है ??? इस पर साना जावेद ने हंसते हुए कहा क्या हुआ कर्नल ??? किसने कहा बैन है? कल वहाँ फिल्म चलेगी और वहीं जाकर फिल्म देखूंगी ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग सिनेमा घर जाएं।इस पर कर्नल इरफ़ान ने दांत पीसते हुए कहा कि अभी 4 घंटे पहले ही घाटी की हाईकोर्ट ने आदेश देकर उसकी फिल्म को बैन कर दिया है। इस पर साना जावेद को भी आश्चर्य हुआ और कहा कि लेकिन ऐसा क्यों हुआ ??? 

कर्नल इरफ़ान ने उसका जवाब देने के बजाय उससे पूछा कि तुमने किसी को फिल्म दिखाई तो नहीं ??? इससे पहले साना जावेद उसके सवाल का जवाब देती, कर्नल इरफ़ान ने अगला सवाल किया, तुम्हारे साथ फ़िरोज़ नजर नहीं आया ??? वह कहां है? साना जावेद ने कहा वह तो एयरपोर्ट से ही चोर रास्ते से निकल गया। कर्नल इरफ़ान ने आश्चर्य से साना जावेद की तरफ देखा और बोला क्या मतलब ??? वह क्यों चोर रास्ते से निकल गया?उसको ऐसी क्या जरूरत पड़ गई ?? इस पर साना जावेद ने कहा मैं नहीं जानती, उसने मुझे यही बताया था कि योजना के अनुसार वह एयर पोर्ट से ही गायब हो जाएगा क्योंकि यहां भारतीय एजेंसियां उसको जानती हैं, तो उसके पहचाने जाने का खतरा है ??? 

इस पर कर्नल इरफ़ान पहले से भी हैरान हो गया और बोला अरे बाबा तुम्हारे कर्मचारी का भारतीय एजेंसियों या हमारी योजना से क्या संबंध है ?? अब साना जावेद ने परेशान होकर कहा कर्नल साहब असली फ़िरोज़ को तो आपने अंडर ग्राउंड करवा दिया था ना, फिर कैप्टन फ़िरोज़ के भेष में मेरे साथ फ्लाइट में ही भारत आया है और एयरपोर्ट से वह गायब हो गया है। फिर साना जावेद ने होटल महाराजा में केप्टन से होने वाली मुलाकात से लेकर भारतीय एयरपोर्ट आने तक पूरी कहानी बता दी सिर्फ़ चुदाई को छोड़कर जो कैप्टन ने उसकी की थी।पूरी कहानी सुनकर कर्नल इरफ़ान अपना सिर पकड़ कर बैठ गया। उसका बस नहीं चल रहा था कि वह साना जावेद को यहीं पर चीर फाड़ कर दुख दे। मगर वह जानता था कि इसमें साना जावेद का दोष नहीं, जो एजेंट कर्नल के हाथ नहीं आ सका और जगह जगह उसको चकमा देता रहा वह भला साना जावेद को कैसे नहीं फंसा सकता था। मगर कर्नल की समझ में अब तक यह बात नहीं आई थी कि आखिर मेजर राज को इस फिल्म के बारे में कैसे शक हो गया कि वह साना जावेद तक गया और उसने विशेषकर इस फिल्म के बारे में पूछा ??? यह बात अब तक उसकी समझ से बाहर थी कर्नल इरफ़ान ने कई सोचा मगर उसे बिल्कुल भी समझ नहीं आया कि आखिर यह बात मेजर राज को कहां से मालूम हुई कि साना जावेद की फिल्म के माध्यम से घाटी मे विद्रोह को हवा दी जाएगी। 

अब साना जावेद भी परेशान थी, कर्नल इरफ़ान उसको बता चुका था कि वह व्यक्ति जो कैप्टन फ़िरोज़ बनकर आया वही वास्तव में मेजर राज था जो इंडियन एजेंसी रॉ का विशेष एजेंट था, तब से साना जावेद भी परेशान बैठी थी कि उसकी छोटी सी गलती की वजह से उसके देश को इतना बड़ा नुकसान हो रहा है। मगर फिर कर्नल इरफ़ान ने कुछ सोचकर एक फोन किया और किसी को फोन पर कहा, कल का कार्यक्रम था जो उसके लिए अब और इंतजार नहीं कर सकता, वह काम अभी और इसी समय होना चाहिए। ठीक 30 मिनट बाद में टीवी पर समाचार सुनना चाहता हूँ कि घाटी में उनके नेता के अंतिम विश्राम पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया। यह कह कर कर्नल इरफ़ान ने फोन बंद कर दिया और दांत पीसता हुआ बोला, तो मेजर राज तू अंततह भारत वापस पहुंच गया, लेकिन अब मैं तुझे नहीं छोड़ूँगा। मुझसे उलझने का अंजाम अब तुझे पता लगेगा। तेरी सात पीढ़ियाँ तौबा करेंगी कि आगे कभी किसी पाकिस्तानी से पंगा नहीं लेना। 
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01-10-2019, 01:42 PM,
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
मेजर राज एयरपोर्ट से निकलने से पहले अपना मेकअप साफ कर चुका था और अब वह मेजर राज के ही रूप में था। पाकिस्तान से प्रस्थान के समय उसने मेजर मिनी को अपने भारत आने की सूचना दे दी थी और मेजर मिनी ने एयरपोर्ट पर पूरे स्टाफ को सूचित कर दिया था कि हमारा एक एजेंट साना जावेद के साथ उसके कर्मचारी के हुलिए में आ रहा है, जिसकी वजह से एयरपोर्ट कर्मचारियों ने खुद ही मेजर राज को फ़िरोज़ के हुलिए में पहचान कर कुछ देर एयरपोर्ट पर ही सुरक्षित जगह दी, और फिर जब वह अपना मेकअप साफ करके मेजर राज के रूप में वापस आ चुका था तो एयरपोर्ट प्रशासन ने मेजर राज को बाहर निकलने में सहायता प्रदान की थी। एयरपोर्ट से निकलने के बाद पहले मेजर राज अपने आर्मी कैंप रिपोर्ट करने गया, जहां उसका हार्दिक स्वागत किया गया। उसके सभी दोस्त जो आर्मी में ही थे वहां उसके स्वागत के लिए मौजूद थे, सब इस बात से खुश थे कि उनका एक एजेंट पाकिस्तान की पूरी सेना और आईएसआई का सिर दर्द बनकर सही सलामत वापस आ चुका है, न केवल वापस आ चुका है बल्कि उनके प्लान के बारे में बहुत सारी सामग्री भी ले आया। जो अब भारत अपने बचाव के लिए इस्तेमाल कर सकता है और पाकिस्तान की इस खतरनाक परियोजना को नाकाम कर सकता है। मेजर मिनी भी यहीं मौजूद थी उसने भी बड़ी गर्मजोशी से मेजर राज का स्वागत किया और उसे सफल मिशन पर बहुत बहुत बधाई दी। मेजर राज ने अपने पास की आवश्यक सामग्री को आर्मी कैंप में अपने अधिकारियों के हवाले किया और फिर उनसे घर जाने की अनुमति माँगी ताकि वह अपनी माँ को अपना चेहरा दिखाकर उनकी उनकी राज़ी खुशी जान सके और उसके साथ उसकी पत्नी को भी मिल सके जिसे वो हनीमून पर ही अकेला छोड़कर कर्नल इरफ़ान की खोज में चला गया था। 

आर्मी कैंप में मेजर राज के सभी मित्रों ने उसको उपहार दिए जिसमें ज्यादातर फूलों के गुलदस्ते थे और फिर मेजर को घर जाने के लिए कहा ताकि वह अपनी मां और अपनी पत्नी को मिल सके। अभी मेजर राज कार में बैठा ही था कि अंदर से मेजर मिनी भागती हुई आई और मेजर राज को कहा कि मुझे खेद है तुम अब अपनी माँ और रश्मि से नहीं मिल सकते, एक बुरी खबर है, जल्दी अंदर आओ ... 

मेजर राज मिनी की बात सुनकर परेशान हो गया और जल्दी से अंदर गया जहां सभी आर्मी अधिकारी एक निजी टीवी चैनल की रिपोर्टिंग देख रहे थे जो घाटी में नेता के अंतिम विश्राम की जगह पर हमले की खबर प्रसारित कर रहे थे। यह देखकर मेजर राज को एक बड़ा झटका लगा था और वह बेबसी से अपने दांत पीस रहा था। वह समझ गया था कि इस सब के पीछे कर्नल इरफ़ान का हाथ होगा। समीरा ने गोवा में उसको यह तो बताया था कि नेता से संबंधित किसी इमारत पर हमला किया जाएगा योजना के अनुसार मगर मेजर राज ने गलती यह की वह खुद ही यह समझ लिया कि यह हमला नेता के मजार पर होगा, मगर कर्नल इरफ़ान ने कुछ और ही सोच रखा था, अंतिम विश्राम की जगह घाटी में भी थी इसलिए वहां पर लोगों की नेता और भारत को नफरत दिखाने के लिए वहीं पर उनकी अंतिम विश्राम जगह को निशाना बनाया था। 

भारत की सारी सीक्रेट सर्विसेज इस बड़ी त्रासदी के बाद हरकत में आ गई थीं, यहां तक कि चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ भी इस त्रासदी को अपनी एजेंसी की विफलता से उपमा दे रहा था। मेजर राज की अपनी सारी खुशी धूल में मिल गई थी और अब वह अपनी मां और पत्नी से मिलने की बजाय कर्नल इरफ़ान और विश्वासघाती लोकाटी से 2, 2 हाथ की ठान ली थी। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने कश्मीर में मेजर राज को जल्दी तलब किया था और वह अब एक विशेष विमान से कश्मीर जा रहा था, जाने से पहले मेजर ने मिनी से समीरा के बारे में पूछा तो उसने बताया मेरी जानकारी के अनुसार वह कल रात हवेली से निकल गई थी और उसके साथ फग़ान लोकाटी का बेटा शाह मीर लोकाटी भी था, और फग़ान के अपने लोग समीरा को अपनी सुरक्षा में कहीं पहुंचा चुके हैं, अब वह कहाँ है इस बारे में कुछ पता नहीं, सुरक्षित भी है या नहीं, मैं नहीं जानती। मेजर राज ने एक बार फिर अपने आप को कोसा क्योंकि उसने अमजद से वादा किया था कि वह उसकी बहन को सही सलामत वापस आज़ादकश्मीर पहुंचा देगा, मगर अब मेजर राज को अपने ऊपर गुस्सा आ रहा था जिसने समीरा जैसी मासूम लड़की को इन भेड़ियों के बीच फंसा दिया था। मेजर राज नहीं जानता था कि समीरा अपना काम करने में सफल हुई है या नहीं, बल्कि अब उसे यह डर था कि कहीं उसकी असलियत सामने न आ गई हो तभी फग़ान ने समीरा को कहीं छुपा दिया हो ताकि वह हवेली और घाटी की अगली परियोजनाओं के बारे में भारतीय सेना को अधिक सूचना न दे सके। 

बोझिल दिल के साथ मेजर राज विमान में सवार हो गया था और कुछ ही देर बाद वह कश्मीर पहुंच चुका था जहां चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल जसवंत सिंग मौजूद थे। और बेचैनी से टहलते हुए मेजर राज का इंतजार कर रहे थे। मेजर राज केपहुँचने पर पहले जनरल साहब ने मेजर राज को अपना मिशन सफल और बहादुरी से करने पर बधाई दी, लेकिन मेजर के लिए यह बधाई किसी काम की नहीं थी क्योंकि दुश्मन ने उसके प्यारे वतन की एक महान स्मारक को नुकसान पहुंचाया था और इस समय वो दुश्मन को नेस्तनाबूद कर देना चाहता था। जनरल साहब भी यह बात जानते थे कि एक सिपाही कैसे अपने देश के लिए तड़पता है अगर उसके वतन पर कोई आंच आए। 


जनरल साहब मेजर राज की क्षमताओं से खूब परिचित थे, उन्होंने मेजर राज से सलाह ली कि आगे क्या करना चाहिए, जबकि वह खुद भी प्लान कर चुके थे मगर मेजर राज की राय लेना भी जरूरी था। मेजर राज ने कहा कि सर हमें पहले तो प्रधानमंत्री श्री मोदी साहब को साथ लेकर घाटी जाकर नेता की अंतिम विश्राम जगह पर जाकर तिरंगा परचम लहराया जाए और वहीं इसी समारोह में विश्वासघाती लोकाटी भी बुलाना होगा ताकि घाटी की जनता अपनी आंखों से देख ले कि उनका मुख्यमंत्री अपने हाथों से भारतीय झंडा लहरा रहा है, उसके बाद इस गद्दार को अंतिम चेतावनी दी जाएगी, अगर वो बाज़ आ गया तो ठीक नहीं तो लोकाटी के कल होने वाले समारोह में बड़ी स्क्रीन पर उसकी करतूत सबको दिखा दी जाएँगी और उसका खेल खत्म हो जाएगा। जनरल साहब ने मेजर राज की राय से सहमति जताई, वह भी यही प्लान कर बैठे थे। तभी उन्होंने तत्काल प्रधानमंत्री को फोन किया और घाटी चलने को कहा, पहले तो प्रधानमंत्री जी ने टालमटोल से काम लिया क्योंकि वह जानता था कि घाटी में दुश्मन सक्रिय है और वहां जान का खतरा है, लेकिन जब चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने प्रधानमंत्री को सारी सच्चाई बताई तो प्रधानमंत्री ने साथ चलने की हामी भर ली। 

चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने विशेष रूप से प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा का बंदोबस्त किया था, क्योंकि प्रधानमंत्री किसी भी देश का सबसे अहम व्यक्ति होता है, और अगर उसे कोई नुकसान पहुंचता है तो पूरी जनता का मनोबल टूट जाता है। मेजर राज ने खुद प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा का जिम्मा लिया और कुछ देर बाद विशेष उड़ान से आर्मी स्टाफ अपने बहादुर जवानों के साथ प्रधानमंत्री को लिए नेता के अंतिम निवास पर मौजूद थे और पूरा मीडिया भारतीय सेना और प्रधानमंत्री की तारीफों पुल बांध रहा था कि उन्होंने किस बहादुरी से जनता को एकजुट करने के लिए घाटी जाकर तिरंगा झंडा लहरा दिया था। सेनाध्यक्ष भी मीडिया की इस रिपोर्टिंग से खुश थे, और मेजर राज भी जबकि मीडिया मेजर राज को नहीं जानता था और इस पूरे प्रकरण में मेजर राज का नाम तक नहीं आया था जिसने अपनी बहादुरी से दुश्मन के खतरनाक इरादों को न केवल भांप लिया था बल्कि उनका तोड़ भी हासिल कर लिया था और इस नायक का नाम किसी मीडिया चैनल पर नहीं था, लेकिन वह खुश था कि उनकी रिपोर्टिंग से पूरा राष्ट्र एक हो गया है और जब पूरा देश एकजुट हो जाय तो बड़े से बड़ा दुश्मन भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता। 

चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के कारण अकबर लोकाटी को भी इस समारोह में शिरकत करनी पड़ी थी और वह प्रधानमंत्री के साथ तिरंगा फ़ाहराने पर मजबूर था और पूरा देश इस घटना को देख रहा था। कुछ देर बाद समारोह समाप्त हो गया और पहले चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने राष्ट्र को संबोधित किया, फिर लोकाटी ने कुछ शब्द बोले और उसे मजबूरन हिन्दुस्तान जिंदाबाद का नारा लगाना पड़ा और अंत में प्रधानमंत्री ने भाषण दिया जिसमें उन्होंने दुश्मन के नापाक इरादों को धूल में मिलाने का निश्चय किया और भारतीय सुरक्षा बलों को आदेश दिया कि उन्हें जहां कहीं भी इस हमले में शामिल लोग मिले उनको गिरफ्तार करने या फिर जान से मार देने की पूरी आजादी है, हमें हर हाल में इस आतंकवादी घटना में शामिल लोगों को उनके अंजाम तक पहुंचाना है। लोकाटी पर यह भाषण बिजली बनकर गिरा मगर वह अंदर ही अंदर खुश था कि इस बारे में अभी किसी को कुछ पता नहीं

कुछ देर बाद प्रधानमंत्री को कड़ी सुरक्षा के घेरे में वापस पहुंचा दिया गया, और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ भी वापस चले गए, लेकिन मेजर राज ने घाटी में ही रुकने का निश्चय किया। रात मेजर राज ने वहीं पर एक आर्मी कैंप में गुज़ारी और सुबह होते ही अपनी खाकी वर्दी में वे लोकाटी की हवेली चला गया जहां लोकाटी कर्नल इरफ़ान से फोन पर बात कर रहा था और आगे की योजना पूरी कर रहा था, उनके परियोजना के अनुसार अब आज शाम के जलसे में लोकाटी को एक भावुक भाषण देना था जिसमें घाटी की जनता पर होने वाले अत्याचार का उल्लेख किया जाना था और फिर उसके बाद वहाँ एक बड़ी स्क्रीन पर साना जावेद की इस मूवी को चलाया जाना था जो मेजर राज ने साना जावेद के कमरे में देखी थी। उस फिल्म को चलाकर वहां की जनता का लहू गर्म किया जाएगा, क्योंकि उस सभा में घाटी सबसे असरदार लोग शामिल होंगे जिन्हें पहले से ही नए देश में बड़े पदों के लिए रिश्वत दे दी गई थी उनकी उपस्थिति में ही विद्रोह की घोषणा की जाएगी और तभी सीमा से पाकिस्तानी सेना घाटी में प्रवेश हो जाएंगी और घाटी पर कब्जा कर लेंगे। 
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01-10-2019, 01:43 PM,
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
अभी यह योजना जारी थी कि किसी ने लोकाटी को आकर मेजर राज के बारे में सूचना दी। लोकाटी मेजर राज को जानता तक नहीं था, वह हैरान था कि मेजर राज कौन है और वह उससे मिलने क्यों आया है। फिर उसने सोचा शायद कल वाली घटना से संबंधित बात करने आया हो, लोकाटी ने उसे अंदर बुलाने के लिए कहा। मेजर जो उसकी हवेली के बाहर इंतजार था उसे एक आदमी ने अंदर आने के लिए कहा तो मेजर राज अकेले बिना किसी डर के लोकाटी के सामने जा खड़ा हुआ। लोकाटी ने मेजर की अनदेखी करते हुए उसे बैठने का इशारा किया और फोन पर बातें जारी रखी, लेकिन वह बात इस तरह कर रहा था कि मेजर राज को समझ न लगे कि वह क्या कह रहा है। 

कुछ देर बाद फोन से फ्री होकर लोकाटी ने मेजर राज की ओर देखा और बोला हां मेजर बोलो कैसे आना हुआ, मेजर राज सिर झुकाए बैठा था, उसने अपनी टोपी उतारी और सिर ऊपर उठाकर लोकाटी को देखा जो बैठा मुस्कुरा रहा था। लोकाटी ने मेजर राज को देखा तो उसके चेहरे की मुस्कान पहले तो गायब हुई, फिर वहाँ आश्चर्य के आसार दिखने लगे और फिर डर के स्पष्ट लक्षण लोकाटी के चेहरे पर आए। फिर लोकाटी काँपती हुई आवाज़ में बोला, त .. । । त। । । तुम तो। । । । । टी ... टैन ... .राफिया के दोस्त हो न। । । एन ना ....... इस पर मेजर राज ने व्यंग्यात्मक मुस्कान दी और बोला नहीं, मैं इस पवित्र मातृभूमि का पुत्र हूं, जो दुश्मन को गर्दन से पकड़ कर कुचल देने की क्षमता रखता है। और मैं यहाँ तुम्हें वॉर्न करने आया हूँ कि अपनी हरकतों से बाज आ जाओ वरना आज का दिन तुम्हारे जीवन का अंतिम दिन होगा। 

मेजर राज के मुंह से यह शब्द सुनकर लोकाटी बहुत गुस्से की हालत में चिल्लाया और अपने कर्मचारियों को आदेश दिया कि मेजर राज को उठाकर बाहर फेंक दो . मगर वह यह नहीं जानता था कि एक आर्मी ऑफिसर को हाथ लगाने की हिम्मत किसी में नहीं होती, इसलिए उसकी आवाज पर कोई भी आगे नहीं बढ़ा तो मेजर राज खुद अपनी जगह से खड़ा हुआ और लोकाटी को कहा कि सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि वह अंजलि जो तुम्हारे साथ भारत आई और जिसने तुमसे सारे रहस्य उगलवा कर तुम्हारी वीडियो भी बनाई वह भी इसी देश की बेटी है और उसने वह वीडियो मुझे दे दी हैं जो मैं यहाँ की जनता को दिखा दूंगा अगर आपने कर्नल इरफ़ान के साथ अपने संबंधों को अभी और इसी समय ख़त्म ना किया तो। अंजलि का नाम सुनकर लोकाटी को एक और धक्का लगा, वो तो वैसे ही कल से मारिया जो उसके विचार में अंजलि थी उसको ढूंढ रहा था और फग़ान ने उसे बताया था कि वह शाम में एक जीप में एक कर्मचारी के साथ खरीदारी करने गई थी और अभी तक वापस नहीं आई। मगर फग़ान ने अपने बेटे शाह मीर के बारे में कुछ नहीं बताया था, क्योंकि वह नहीं चाहता था इस बारे में किसी को पता लगे। और तब भी फग़ान और फैजल दोनों में से कोई यहां नहीं था कि उन्हें मारिया की असलियत पता लगती जो उसे पाकिस्तानी एजेंट समझ रहे थे और अपने पिता को मारने के लिए भी तैयार थे। यह सब सुनकर लोकाटी एक पल के लिए परेशान हुआ, मगर फिर उसने सोचा कि अगर वास्तव में ऐसा होता तो अब तक तो उसको गिरफ्तार कर लिया जाता , क्योंकि कल रात जो घटना हुई उस पर अगर आर्मी के पास लोकाटी के खिलाफ कोई सबूत होता तो वह उसे वहीं पर मौत के घाट उतार देते देशद्रोह के आरोप में। मगर ऐसा न किए जाने का मतलब था कि मेजर राज उसको ब्लैकमेल करने के लिए तुक्कों से काम ले रहा है, वास्तव में उसके पास कोई सबूत नहीं है। 

यह सोच कर लोकाटी ने मेजर राज से कहा, तुम से जो होता है तुम कर लो, लेकिन याद रखना आज शाम के बाद से घाटी भारतीय सेना का कब्रिस्तान साबित होगी, इसलिए बेहतर है कि शाम होने से पहले पहले खुद ही घाटी छोड़ जाओ। यह कह कर लोकाटी ने हिकारत से मेजर राज को देखा और अपने कमरे में जाने के लिए उठ खड़ा हुआ। पीछे से मेजर राज ने जोर कहा कि तुम्हारे इन नापाक इरादों को हुन्डुस्तानी सेना का एक जवान अपना खून देकर विफल कर देगा। यह कह कर मेजर राज उसकी हवेली से वापस निकल आया और अपनी जीप में बैठकर वापस आर्मी कैंप चला गया। जबकि लोकाटी अपने कमरे में बैठ कर सोचने लगा कि उसे क्या करना चाहिए। वह जान गया था कि उसके प्लान के बारे में भारत की सेना को पता लग चुका है, ऐसे में उसकी जान को खतरा था, उसने सभी प्रमुखों को अपनी हवेली में बुला लिया और उन्हें बड़ी-बड़ी लालच देकर पाकिस्तान से संबद्ध समर्थन पर आमादा कर लिया था। वैसे भी लोकाटी का मानना था कि जब साना जावेद की फिल्म इतनी जनता को स्क्रीन पर दिखाई जाएगी तो मेजर राज कितने ही सबूत क्यों न पेश कर ले जनता इतनी भावुक हो चुकी होगी कि वह मेजर की किसी बात को नहीं सुनेगी और लोकाटी की लीडरशिप में भारत से जुदाई के लिए आंदोलन शुरू करके पाकिस्तान में विलय का समर्थन करेंगे। सभी अधिकारियों को इस बात पर मनाने के बाद अब लोकाटी ने फैसला किया कि अपनी हवेली में बैठने की बजाय सभा स्थल चले जाना चाहिए, क्योंकि हवेली में उस पर छिपकर हमला किया जा सकता है मगर सभा स्थल में मीडिया के कैमरे होंगे वहां भारत की आर्मी लोकाटी पर हमला करने के बारे में सोचेगी नहीं। 

लोकाटी ने इस बारे में कर्नल इरफ़ान से भी बात की, तो उसने भी लोकाटी बात से सहमत होते हुए उसे सभा स्थल जाने की हिदायत की और उसे बताया कि उसे डरने की जरूरत नहीं वहाँ सादे कपड़ों में उसके लोग होंगे जो उसकी रक्षा करेंगे और मेजर राज से वह बेफिक्र रहे वेवो कभी भी उसकी कोई वीडियो या कोई सबूत जनता के सामने पेश नहीं कर सकेगा उसकी व्यवस्था हो चुकी है। 

कर्नल इरफ़ान से सांत्वना मिलने के बाद और विशेष रूप से यह शब्द सुनने के बाद कि मेजर राज की व्यवस्था हो चुकी है लोकाटी संतुष्ट हो गया था। फिर उसने अपने दोनों बेटों को अपने साथ लिया और उन्हें सभा स्थल चलने की हिदायत करते हुए अपने कमरे से साना जावेद की सीडी उठा लाया जो उसे कर्नल इरफ़ान ने एक रात पहले ही प्रदान की थी। वह सीडी अपने साथ लेकर लोकाटी ने अपने एक कर्मचारी को निर्देश दिया कि वह सभा में लाइव प्रदर्शन तैयार करे जहां प्रोजेक्टर के माध्यम से बड़े परदे पर साना जावेद की फिल्म दिखाई जाएगी और जब फिल्म में भारत के सेनाध्यक्ष और युवाओं को घाटी की सड़कों पर घसीटा जाएगा तो हम अलग होने की घोषणा कर देंगे। यह निर्देश करके लोकाटी सभा स्थल पहुंच गया और मंच पर जाकर जनता का लहू गरमाने लगा। जनता भी अपने नेता को अपने सामने देखकर खुश हो गई, और जो लोग अभी तक घरों में बैठे थे कि सम्मेलन स्थल में लोकाटी अंतिम समय में आएगा वह भी घरों से निकलना शुरू हो गए। देखते ही देखते सभा स्थल जनता से खचाखच भर चुका था हर तरफ सिर ही सिर थे और कहीं पैर रखने की जगह नहीं थी। यह दृश्य देखकर लोकाटी काफी संतुष्ट था, वह रहकर रह कर छोटे भाषण दे रहा था जिसमें वह घाटी के वित्तीय संसाधनों में अन्य प्रांतों के कब्जे के बारे में जहर उगल रहा था और जनता भी यह सब सुनकर भावुक हो रही थी कि आखिर उनके हक पर कैसे कोई डाका डाल सकता है। 

दूसरी ओर मेजर राज अपना सारा प्लान तैयार कर चुका था वह खुद भी एक सुरक्षित जगह पर सादे कपड़ों में लोकाटी केजलसे में ही था, उसे आज हर मामले में अपने प्लान को कामयाब बनाना था और मातृभूमि की रक्षा की खाई हुई कसम को पूरा करना था। जैसे-जैसे सभा का नियमित प्रारंभ समय करीब आ रहा था मेजर राज के दिल धड़कनें तेज हो रही थीं, जबकि मेजर राज ने चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को सीमा से संभावित दुश्मन सेना के हमले से आगाह कर दिया था जिसके लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने अपने बलों को तैयार रहने का आदेश दिया था ताकि किसी भी संभावित हमले के मामले में दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। जबकि दूसरी ओर पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कर्नल इरफ़ान के संकेतों के इंतजार में था कि जैसे ही सीमा पार से कर्नल हमले का संकेत दे तो वह अपनी सेना को भारत पर हमला करने का आदेश जारी कर दे। 

यहाँ विभिन्न अधिकारियों द्वारा भाषण जारी था, उनमें से ज्यादातर तो घाटी के विकास और जनता के कल्याण के बारे में थे जबकि कुछ लोग बीच-बीच में भारत के खिलाफ भी जहर उगल रहे थे जिससे वहां मौजूद लोगों का खून खोलने लगा था और उन्हें ऐसा लग रहा था कि उनके अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है और आज इस उत्पीड़न से मुक्ति का दिन है। उनमें से ज्यादातर बातें तो झूठ पर आधारित थे, लेकिन कुछ बातें सच्ची भी थीं, जहां भारत सरकार दोषी थी, वह कुछ मामलों में वास्तव मे घाटी मे वह अधिकार नहीं दिए थे जिसके वह हकदार थे लेकिन उसका यह अर्थ कदापि नहीं था कि घाटी के लोग राज द्रोह की घोषणा करके पाकिस्तान से जा मिलें जहां पहले ही स्वतंत्रता के बीसियों आंदोलन चल रहे थे और उनको दबाने में पाकिस्तान सरकार बुरी तरह विफल रही थी

आखिरकार वह समय भी आ गया जिसका मेजर राज को उत्सुकता से इंतजार था। ये लोकाटी का भाषण था। मेजर राज नेस्टेज पर अपना एक आदमी बैठा रखा था ताकि अगर लोकाटी कुछ गलत घोषणा करना चाहे तो उसका आदमी फिर उसे अंतिम चेतावनी दे सके। लोकाटी ने भाषण का शुभारंभ किया जिसमें भारत से प्यार कूट कूटकर दिख रहा था, लोकाटी ने 1947 की घटनाओं की शुरूआत की जब घाटी की जनता ने भारत मे विलय का फैसला किया था और एक नए देश के रूप में दुनिया के नक्शे पर भारत उभरा तो इसमें घाटी के प्रमुखों और जनता का नाम रोशन शब्दों के साथ लिखा गया था, फिर विभिन्न अवसरों पर जब जब घाटी के लोगों ने भारत के लिए कुर्बानियां दी इनका उल्लेख था। जिससे ऊपरी तौर पर लग रहा था कि शायद लोकाटी अपना इरादा छोड़ चुका है और अब वह ऐसा कोई घोषणा नहीं करेगा जिससे विद्रोह सिर उठा सके। मगर कहीं न कहीं मेजर राज को विश्वास था कि लोकाटी अपनी असलियत जरूर दिखाएगा, और अंत में वही हुआ जिसका डर था, लोकाटी ने धीरे धीरे अपनी औकात दिखानी शुरू कर दी। उसने अब घाटी के लोगो के साथ होने वाली ज्यादतियों का जिक्र शुरू कर दिया। भारत सरकार ने कैसे घाटी के अधिकारों पर डाका डाला उसके बारे में झूठी कहानियां बना कर बयान करना शुरू कर दी जिससे घाटी की मासूम जनता लोकाटी की बातों में आकर भावनात्मक नारे लगाने लग गई थी। अब मेजर राज को लग रहा था कि किसी भी समय लोकाटी विद्रोह की घोषणा कर सकता है और तब स्थिति को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। 
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01-10-2019, 01:43 PM,
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
धीरे धीरे लोकाटी के भाषण में भारत के लिए घृणा बढ़ती जा रही थी, फिर लोकाटी ने कहा कि मैं आपको आज घाटी की एक बहादुर बेटी की कहानी सुनाना चाहता हूँ, और फिर इसी कहानी पर बनने वाली एक फिल्म भी आपको यहाँ दिखाई जाएगी, उसके बाद आप खुद तय करेंगे कि आप भारत के साथ रहना चाहते हैं या फिर स्वतंत्रता प्राप्त करना चाहते हैं ??? यह कह कर लोकाटी ने कहानी सुनाना शुरू की। यह वही कहानी थी जिस पर साना जावेद की फिल्म बनाई गई थी जैसे जैसे लोकाटी कहानी सुनाता जा रहा था जनता का जोश और जुनून बढ़ता जा रहा था। जब लोकाटी कहानी के उस हिस्से में पहुंचा जहां साना जावेद जिसका कहानी में नाम जन्नत था उसको सरे आम सड़क पर अपमानित किया गया उसकी इज़्ज़त की चादर उतारी गई और उसकी इज़्ज़त को तार तार किया गया तो जनता का उत्साह बढ़ गया था और मेजर राज को ऐसा लगने लगा कि अब हालात नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे।


मेजर राज के साथ चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ भी अपने केम्प में बैठकर लाइव सुन रहे थे उन्होंने मेजर राज को अभी कार्रवाई करने से रोक रखा था। यहां तक कि लोकाटी ने अपनी कहानी पूरी कर ली। कहानी के अंत में लोकाटी की आंखों में आंसू थे, अपने नेता को रोता देख कर सामने खड़ी जनता और भी अधिक भावुक हो गई थी। और अब भारत विरोधी नारे लगने शुरू हो गए थे, लोकाटी कुछ देर के लिए अपना भाषण रोक चुका था और उसने घोषणा की थी कि अब कुछ ही देर में इसी कहानी पर आधारित फिल्म भी आपको दिखाई जाएगी। 

इस घोषणा के तुरंत बाद मेजर राज ने मंच पर मौजूद अपने खास आदमी को संदेश पहुंचाया कि लोकाटी से कहो कि अगर वह फिल्म चलाई या भारत से विद्रोह का एलान किया तो अभी और इसी समय वह फिल्म चल जाएगी जिसको समीरा के साथ और कर्नल इरफ़ान के साथ के समय में बनाई है। मेजर राज के खास आदमी ने तत्काल यह संदेश लोकाटी को पहुंचाया तो लोकाटी ने मंच से हट कर एक जोरदार ठहाका लगाया और बोला उसको कहो जो करना है कर ले, उसके हाथ में अब कुछ नहीं रहा, यहाँ लाखों की जनता मेरे साथ है और उसको संभालना आसान काम नहीं। मेरे एक आदेश पर यह जनता मेजर राज की धज्जियां उड़ा देंगी। यह कह कर लोकाटी ने मुंह दूसरी तरफ कर लिया और अपने सामने खड़ी जनता को देखकर अपना हाथ हवा में लहराने लगा। वह फिल्म चलाने से पहले जनता की भावनाओं को और भी उभारना चाहता था इसीलिए अब वो अपने अधिकारों के लिए नारे लगवा रहा था। 

तभी मेजर राज ने बौखला कर फैसला कर लिया कि वह लोकाटी की फिल्म यहीं पर चलाएगा उसने लोकाटी के एक खास आदमी को आदेश दिया कि जैसे ही इशारा करे तुम वही सीडी चला देना जो मैंने तुम्हें दी है। यह वही आदमी था जिसको लोकाटी ने साना जावेद की फिल्म चलाने की तैयारी करने को कहा था, किसी तरह मेजर राज को इसके बारे में पता हो गया और मेजर राज ने उसको लोकाटी की असलियत बता कर उसे इस बात पर तैयार कर लिया था कि साना जावेद की फिल्म की बजाय वह उसकी दी हुई सीडी को चलाएगा। और वह व्यक्ति भी राजी हो गया था क्योंकि घाटी की जनता के मन में अपने नेताओं के लिए जितना भी आदर सम्मान और भय हो, मगर वतन के लिए प्यार बहरहाल उनके दिलों में मौजूद था बस समस्या यह थी कि वह अपने नेताओं की कही हुई बातों पर विश्वास कर लेते थे, लेकिन आज जब लोकाटी के इस खास आदमी ने लोकाटी की असलियत देखी तो वह दिल से मेजर राज के साथ हो गया था और उसके एक आदेश पर अपनी जान की बाजी लगाने पर भी तैयार था। 

मेजर राज ने उस आदमी को भी विशेष रूप से सुरक्षा दिलवाई थी। उसके चारों ओर बुलेटप्रूफ ग्लास और स्क्रीन काफी ऊंचाई पर बनवाई गई थी उसके सामने भी शीशा लगवा दिया गया था ताकि फिल्म के दौरान कोई भी फायरिंग करके स्क्रीन को खराब न कर सके और न ही उस व्यक्ति को कोई नुकसान पहुंचा सके। बिजली का भी विशेष रूप से प्रावधान किया गया था कि अगर बिजली चली भी जाए तो फिल्म न रुकने पाए। यह सब व्यवस्था वास्तव में मेजर राज के कहने पर की गई थी मगर उनके इंतजामात को करवाने वाला वही व्यक्ति था जिसे लोकाटी की फिल्म चलाने को कहा था और उसने यह सारी व्यवस्था लोकाटी की अनुमति से यह कह कर की थी कि जब यह फिल्म चलाते ही भारत सरकार हमारी बिजली भी बंद कर सकती है इसलिये हमें अलग से बिजली की व्यवस्था करना चाहिए, उसके साथ स्क्रीन को भी सुरक्षा के साथ लगाना होगा ताकि उसको भी कोई नुकसान न पहुंचा सके। उसके साथ ही उसकी अपनी सुरक्षा भी ज़रूरी थी ताकि वो शुरू से अंत तक फिल्म को चला सके, और लोकाटी ने खुद यह व्यवस्था अच्छी तरह से करवाने के आदेश दे दिए थे। और यही अब मेजर राज काम आ रही थी . 

इससे पहले कि मेजर राज लोकाटी की सीडी चलाने का संकेत करता उसको अपने मोबाइल पर एक कॉल आया यह कॉल एक अज्ञात नंबर से थी। मेजर राज ने कॉल रिसीव की तो आगे से आवाज आई, क्यों दामाद जी, हमारी बनाई हुई योजना पर मिट्टी डालने का इरादा है क्या आपका ???

मेजर राज को कुछ समझ नहीं आया उसने गरजदार आवाज़ में पूछा क्या मतलब है तुम्हारा? कौन बोल रहे हो ??? 

उधर से एक जोरदार ठहाका लगाया गया और फिर कर्नल इरफ़ान की गरजदार आवाज सुनाई दी, राफिया के मोबाइल से मुझे आपने ही कॉल की थी न और ससुर जी कह कर बुलाया था, आज अपने ससुर को ही भूल गए क्या ??? मेजर को राफिया का नाम सुनकर समझ आ गई थी कि यह कर्नल इरफ़ान की आवाज़ है। 

मेजर राज ने कर्नल इरफ़ान को कहा कर्नल तुम्हारा खेल खत्म हो गया है, अब कुछ ही देर में लोकाटी की असलियत दुनिया के सामने आ जाएगी और फिर घाटी की देशभक्त जनता लोकाटी को यहीं जमीन में दफन कर देगी, न तो तुम्हारी डरपोक सेना में इतनी हिम्मत होगी कि हमारे क्षेत्र पर हमला कर सकें और न ही तुम्हें यहाँ कोई अपना समर्थक मिलेगा, तुम कुत्ते की मौत मारे जाओगे और मैं तुम्हें अपने हाथों से मारूँगा।

उत्तर में कर्नल इरफ़ान ने एक जोरदार लगाया लगाया और बोला, जो जैसा करता है उसके साथ वैसा ही होता है। आपने भी मेरी बेटी को बंदी बनाकर मुझसे अपने साथियों को रिहा करवाया था न तो सुनो, ध्यान से सुनो, तुम्हारी प्यारी सी सुंदर सी, जवान पत्नी इस समय मेरी कब्जे में है, अगर आपने लोकाटी की फिल्म चलाई या मेरे रास्ते में आने की कोशिश की तो तुम्हारी पत्नी और बच्चे दोनों का ही सफाया हो जाएगा अभी और इसी समय। 
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01-10-2019, 01:43 PM,
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
यह सुनकर मेजर के पांव तले जमीन ही न रही, उसे लगा जैसे वह अब अपनी जगह पर गिर जाएगा उसने काँपती हुई आवाज़ में कहा, कहा ....... बच्चा ..... कौन सा बच्चा .... ??? 

कर्नल इरफ़ान फिर व्यंग्य का ठहाका लगाया और बोला वही बच्चा जो तुम्हारी जवान पत्नी के पेट में पल रहा है, लो अपनी पत्नी से बात करो ... यह कह कर कर्नल इरफ़ान ने फोन रश्मि के कान से लगा दिया जिसके हाथ पांव कर्नल इरफ़ान बाँध चुका था और वह एक अज्ञात जगह पर कैद थी। मेजर राज को रश्मि की आवाज सुनाई दी: हाय राज ??? 

रश्मि की आवाज सुनकर मेजर के होश खता हो गए, वह वास्तव में कर्नल इरफ़ान जैसे बेरहम और ज़ालिम आदमी के कब्ज़े में थी, लाचार मेजर राज की आंखों से आंसू बहने शुरू हो गए, वह बहुत बहादुर और मज़बूत जिस्म का मालिक था मगर इस समय वह बिल्कुल कमजोर बच्चे की तरह था जिसके हाथ में कुछ भी नहीं था, उसने हकलाती हुई आवाज में कहा, रश्मि तुम कहाँ हो ???

मगर आगे रश्मि की गूँजदार और शांत आवाज सुनाई दी: राज आपने सारा जीवन मेरे साथ रहने का वादा किया था, और मेरी सुरक्षा का मुझे आश्वासन दिया था, और मुझे तुम पर पूरा विश्वास है कि तुम कभी वादा खिलाफी नहीं कर सकते। लेकिन याद रखना एक वादा आपने इस पवित्र भूमि से भी किया था कि अपनी जान पर खेलकर इस देश की एक एक इंच की रक्षा करेंगे। राज आज मैं रहूं या न रहूं, लेकिन तुम्हे मेरी तरह इस मातृभूमि पर, हमारे देश पर कोई आंच नहीं आनी चाहिए .... रश्मि की इतनी शांत और भावनाओं से भरपूर आवाज सुनकर मेजर राज रो पड़ा था, उसकी आँखों से न केवल आंसू बह थे बल्कि वह बच्चे की तरह बिलबिला कर रो रहा था। उसके भ्रम व गुमान में भी नहीं था कि उसकी वजह से कभी उसकी पत्नी पर इतना बुरा समय आ जाएगा। वह अब भूल चुका था कि वह किस मिशन पर है और लोकाटी जल्द ही कितनी खतरनाक घोषणा करने वाला था, उसके मन में अगर कुछ था तो उसकी पत्नी ........ और उसका बच्चा ... जो अभी इस दुनिया में आया भी नहीं था। 

मेजर राज ने रोते हुए कहा रश्मि हमारा बच्चा ...... ???? 

रश्मि हल्की आवाज में मुस्कुराई और बोली हां हमारे बच्चे को भी अपने पापा पर गर्व होगा और आप को भी अपने बच्चे और अपनी पत्नी पर गर्व होना चाहिए कि वह अपने देश की खातिर अपनी जान का त्याग करने के लिए तैयार हैं,

मेजर राज फिर रोने लगा, नहीं रश्मि नहीं, ऐसा नहीं हो सकता मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। कभी नहीं होने दूंगा। इससे पहले कि रश्मि कुछ और कि पाती, कर्नल इरफ़ान ने उसके कान से फोन निकाल लिया और बोला चल हट, बड़ी आई जान की कुर्बानी देने वाली क्या समझती है तेरी ये बातें भारत को टूटने से बचा लेंगी ? यह कह कर उसने रश्मि के पेट में एक लात मारी जिससे रश्मि की एक दिलख़राश चीख निकली जो मेजर राज के कानों को चीरती हुई खत्म हो गई। मेजर राज समझ गया था कि कर्नल इरफ़ान ने रश्मि पर वार किया है, वह चिल्लाता हुआ कर्नल इरफ़ान से बोला कि खबरदार जो रश्मि को एक खराश तक भी पहुंचाई नहीं तो मैं तेरी बोटी बोटी कर दूंगा। 

मगर कर्नल इरफ़ान पर इस धमकी का कोई असर नहीं हुआ, वह जानता था कि उस समय मेजर राज कुछ नहीं कर सकता। अब मेजर राज को भी अपनी धमकी खोखली महसूस हो रही थी, वह जानता था कि उसके हाथ में कुछ नहीं रहा, खेल खत्म हो चुका है, अब उसे अपनी गलती का तीव्रता से महसूस हो रहा था, जब समीरा ने मेजर राज को इस बात पर उकसाया था कि कर्नल इरफ़ान को राफिया के बारे में बताकर अमजद और उसके साथियों को रिहा करवाए तो एक पल के लिए मेजर राज ने सोचा था कि यह सही नहीं है, अपनी आपस की लड़ाई में किसी की बेटी, किसी की इज्जत से खेलना और उसका लाभ उठाना ठीक नहीं। मगर फिर उसने सोचा कि वह कौन सा वास्तव में राफिया को नुकसान पहुंचाना चाहता है, बस एक धमकी ही देनी है और कर्नल इरफ़ान बेटी के प्यार में उसकी बात मान जाएगा। यही मेजर राज की गलती थी कि उसने एक पिता की भावनाओं का ख्याल नहीं किया, दरअसल उसने राफिया को कुछ नहीं कहा, लेकिन कर्नल इरफ़ान एक बेटी का बाप था, बेटी का सुनकर उसे कैसा महसूस हुआ होगा? वह किस पीड़ा से गुजरा होगा, मेजर राज ने यह सोचा ही नहीं था, और अब उसे इस गलती का अहसास तीव्रता से महसूस हो रहा था। 

वह अब फोन पर कर्नल इरफ़ान की मिन्नतें कर रहा था कि भगवान के लिए मेरी पत्नी और बच्चे को छोड़ दो, इनका कोई दोष नहीं, मेरे बच्चा तो अभी इस दुनिया में आया भी नहीं ....


इस पर कर्नल इरफ़ान ने अत्यंत दुख भरे स्वर में कहा, मेरी बेटी राफिया का क्या दोष था ??? तब तुम्हें विचार नहीं आया कि एक पिता के दिल पर क्या गुज़रेगी ??? 

मेजर राज ने कहा तुम अपनी बेटी से पूछ लो अगर मैंने उसको बाल बराबर भी नुकसान पहुंचाया हो, मैं तो तुम्हें फोन करने के बाद उसका फोन लेकर वहां से चला आया था और वह पूरी तरह आज़ाद थी तुम्हारी बेटी को कोई खतरा नहीं था। ..... प्लीज़ मेरी पत्नी को छोड़ दो .... 

मगर कर्नल इरफ़ान कहां सुनने वाला था, उसके दिल में न केवल राफिया का बदला था बल्कि भारत को दो फाड़ करने का मिशन भी था, आखिरकार कर्नल इरफ़ान ने कहा मैं तुम्हारी पत्नी को छोड़ दूँगा, मगर तुम वहाँ से वापस आजाो, और खबरदार, जो तुमने लोकाटी की कोई सीडी वहाँ चलाई। साना जावेद की फिल्म वाली सीडी चलने दो, लोकाटी को विद्रोह की घोषणा करने दो मैं तुमसे वादा करता हूँ, एक आर्मी कर्नल तुम्हें अपना वादा दे रहा है कि मैं तुम्हारी पत्नी को छोड़ दूंगा और फिर विद्रोह को कुचलने के लिए तुम पूरा जोर लगा लेना, फिर युद्ध के मैदान में ही हम दोनों आमने सामने आएंगे, और मेरा तुमसे वादा है तुम्हे तुम्हारी धरती पर ही अपने पैरों से कुचल कर मारूँगा और तुम्हारी पत्नी सारा जीवन शहीद की विधवा बनकर खुशी खुशी जिंदगी बिता लेगी । 

मेजर राज ने फिर कहा, मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ता हूँ, मैं लोकाटी भी कुछ नहीं कहूंगा, मैं उसकी सीडी नहीं चलाउन्गा मगर भगवान के लिए मेरी पत्नी को छोड़ दो। इस पर कर्नल इरफ़ान ने ठहाका लगाया और बोला पहले पहले विद्रोह शुरू तो हो लेने दो फिर तुम्हारी इस सुंदर और जवान पत्नी को छोड़ दूंगा। अभी कर्नल इरफ़ान ने इतना ही कहा था कि मेजर राज के कानों में लोकाटी की आवाज गूंजी, वह एक बार फिर मंच पर खड़ा हो गया था और उसने घोषणा कर दी थी कि अब हम आपको वह फिल्म दिखाएंगे जो कहानी मैंने आपको अभी सुनाई है, अगर हमारी इस बेटी के सिर से उतरती चादर देखकर भी आपका सम्मान नहीं जागता तो लानत भेजूँगा आपकी मर्दानगी को और यहीं इस सभा में अपने आपको गोली मार कर उड़ा दूंगा, कि मैं ऐसे बेगैरत राष्ट्र का नेता नहीं बन सकता जिसकी अपनी बेटी की इज्जत लुटती देखकर भी जमीर ना जागे। और अगर इस फिल्म को देखने के बाद आपका जमीर जाग उठे, आप मेरी एक आवाज पर अपनी जान देने के लिए तैयार हो जाओ, तो मैं वादा करता हूँ कि इस देश की हर बेटी की इज्जत की रक्षा के लिए आपके कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहूंगा, अपने खून की आखिरी बूंद तक आपकी बेटियों की इज्जत की रक्षा की खातिर देने के लिए तैयार रहूंगा, भारत की क्रूर सेना के अत्याचार और आपकी बेटियों की इज्जत के बीच में लोहे की दीवार बनकर खड़ा हो जाउन्गा, भारत की सेना पहले मेरी लाश पर से गुज़रेगी तो आपकी बेटियों की इज्जत पर हाथ डालेगी, लेकिन मुझे यकीन है कि मेरे मरने के बाद भी मेरी जगह लेने मेरी प्रजा के बहुत लोग मौजूद होंगे, और स्वतंत्रता की इस लड़ाई को तब तक लड़ेंगे जब तक राष्ट्र का हर आदमी मारा ना जाए, या फिर स्वतंत्रता हासिल न कर लें ... 

लोकाटी का इतना कटौती दार भाषण सुनकर वहां मौजूद लोगों की भावनाओं अपने चरम पर पहुँच व्हुकी थी और अब पूरी सभा स्थल में भारत की सेना के खिलाफ नारेबाजी हो रही थी और हर कोई प्रतिज्ञा कर रहा था कि वह अपनी बेटियों की इज्जत की रक्षा की खातिर अपनी गर्दनें कटवाने के लिए तैयार हैं। उधर कर्नल इरफ़ान भी मेजर राज के फोन के माध्यम से यह सारा भाषण सुन रहा था और ठहाके लगा रहा था, उसे विश्वास था कि इस भाषण के बाद कोई भी स्वस्थ युवा बिना कुछ सोचे समझे विद्रोह की घोषणा कर देगा और उसके लिए अपनी जान भी कुर्बान कर देगा। उसने फिर फोन मेजर राज को कहा कि देखो उन भावनाओं को .... क्या तुम उनकी भावनाओं को अपनी गोलियों से रोक सकते हो? तुम उनके सम्मान को समाप्त कर सकते हैं ???? नहीं मेजर नहीं ... तुम हार चुके हो, तुम कुछ नहीं कर सकते, तो भलाई इसी में है कि चुपचाप वहां से वापस आ जाओ और अपनी पत्नी और अपने बच्चे के साथ अपना बाकी जीवन आराम से गुजारो , 

मेजर राज कोई फैसला नहीं कर पा रहा था, तो उसकी नज़र एक साइड पर बुलेटप्रूफ शीशे पर पड़ी जहां लोकाटी का खास आदमी था जिसने फिल्म चलानी थी उसे मेजर राज के इशारे का इंतजार कर रहा था ... तब मेजर राज को होश आया कि वह यहाँ क्यों आया था और उसका मकसद क्या था, उसके मन में एक ओर आर्मी ज्वाइन करते समय खाई गई कसम थीं कि वह अपने देश की खातिर अपना तन मन धन बलिदान कर देगा, तो दूसरी तरफ अपनी प्यार करने वाली पत्नी के साथ बिताए गए वो कुछ क्षण थे जिनके परिणामस्वरूप उसकी पत्नी पेट से थी और उसके बच्चे की मां बनने वाली थी मेजर को फैसला करना मुश्किल हो रहा था, वह अपनी निर्दोष पत्नी और बच्चे का कैसे त्याग कर सकता है ???

मगर फिर लोकाटी आवाज उसके में गूंजी कि फिल्म ड्राइव ............. जैसे ही यह बात मेजर राज के कानों में गूँजी , मेजर राज की नज़रों के सामने वह मासूम बच्चे आने लगे, वह निर्दोष जानें आने लगे, वह मासूम बेटियाँ और इस देश की औरतें आने लगीं जोकि इस विद्रोह के परिणामस्वरूप पाकिस्तानी सैनिकों से हलाक होने वाली थीं ... 

एक ओर मेजर राज के सामने अपनी पत्नी के पेट में पलने वाला मासूम बच्चा, और अपनी पाक दामन और निर्दोष पत्नी थी जिसने अब जीवन की खुशियां देखी ही नहीं थी, तो दूसरी ओर अपने लोगों की वह अनगिनत बच्चियां थीं जो पाकिस्तानी सेना के उत्पीड़न का निशाना बनने जा रही थीं, उनके दूसरे देश के मुसलमान सैनिक जो अत्याचार करने वाले थे निर्दोष और मासूम मुसलमानों के साथ उनको उसका पता ही नहीं था , 
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