Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
12-24-2018, 01:21 AM,
#51
RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
माल से ही लगा एक गार्डन था जिसमे प्रेमी युगलो का जमावड़ा हुआ करता था,खुसबू और सोनल यहां अक्सर अपने दोस्तो जिनमे नितिन भी शामिल था उनके साथ आया करते थे,वो उसे खिंचते हुए ले जाती गई ,बड़ा गार्डन था,और दोपहर का वक़्त जिसमे वो गार्डन बंद हुआ करता था,बस ट्रिक ये था की उसके केयरटेकर को कुछ पैसे देने होते थे,और खुसबू को ये पता था उसने उसे 100 का एक नोट दिया और उसने उसे एक छोटे से गेट से अंदर घुसने को कहा ,वहां आकर कुछ जोड़े तो सेक्स भी कर लिया करते थे,लेकिन उन्हें इतने एकांत की जरूरत नही थी ,अजय को भी सब समझ आ रहा था लेकिन वो भी उसके साथ चलने में कोई भी एतराज नही जताया कयोकि उसे भी खुसबू से बात करनी थी वो भी हर चीज क्लियर करना चाहता था,
“आराम से करना थोड़ा देख कर कोई देख ना ले “
केयरटेकर की गंदी सी हँसी निकली जिसमे उसके रंगे हुए दांत दिखने लगे,वो एक 40-45 साल का मोटा से आदमी था जिसकी सूरत से ही कमीनेपन झलक रहा था, दोनो ही उसका मतलब समझ चुके थे,खुसबू को इससे कोई फर्क नही पड़ा लेकिन अजय का दिमाग सरक गया,अजय ने एक झापड़ खीचकर उसके गालो में लगा दिया ,आवाज इतनी शानदार थी की आसपास में आते जाते लोग भी रुककर उन्हें देखने लगे ,और ताकत इतनी लगाई थी वो वहां से दूर जा गिरा ,उसके मुह से खून आ रहा था,और पास ही उसका एक दांत गिरा पड़ा था,वो बौखलाई आंखों से अजय को देख रहा था,आजतक ना जाने कितने लोगो को उसने ये कमेंट किया था ये पहला शख्स था जिसने इसका विरोध ही नही किया बल्कि उसे इतने जोरो का चांटा भी रसीद कर दिया...अक्सर लोग उसकी बात सुनकर हँसकर टाल दिया करते थे क्योकि सबको पता था की वो वंहा क्या करने जा रहे है…
खुसबू के मुह से एक हँसी निकल गई और वो अजय का हाथ पकड़कर सीधे छोटे गेट से अंदर चली गई ,वो शख्स बस ठगा सा उन्हें देखता रहा …………..

इधर 

विजय को आरती का इशारा तो मिल गया था पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि आगे क्या करें, उसने सोनल को इशारा किया जो अभी लहंगा देखने में व्यस्त थी,

विजय बाहर आय साथ में सोनल भी,

“यार तुम लोग को इतना अच्छा मौका मिला है और तुम यहाँ बैठे हो,”

“हा यार बट सुमन के साथ रहना भी तो जरूरी हैं ना,”

“हा वो तो हैं, लेकिन आस पास कोई गार्डन नहीं है क्या,”

सोनल कुछ सोचती है,

“अरे यहां बाजू में तो एक गार्डन हैं जो शाम में खुलता है लेकिन अगर गार्ड को पैसा दो तो वो दोपहर में भी खोल देता है,”

“परफेक्ट”

“लेकिन यार सब लोगों को क्या बोलूंगी “

“अरे कुछ मत बोल ,भाई की शादी है और अपनी होने वाली बहु के लिए अच्छे से कपड़े सलेक्ट कर”

सोनल उसे अजीब निगाहों से देखती हैं, दोनो फिर से आकर बैठ जाते हैं, कुछ ही देर में आरती उठती हैं और कुछ बहाना बनाकर निकल जाती हैं, फिर विजय उठकर निकल जाता हैं, सोनल उसे धयन से देखने लगती हैं वो उसे आंख मारकर निकल जाता हैं, सोनल को जैसे कुछ समझ आया और उसकी आंखें चौड़ी हो गई,वो उसे रोकना चाहती थी पर कैसे???

इधर विजय और आरती भी गार्डन पहुच चुके थे,

वहां वो गार्ड अभी अभी मार खाकर अपने जख्मो पर दवाई लगाए बैठा था,खून तो रुक चुका था लेकिन दर्द नही गया था,

“बॉस अंदर जाना है “

विजय ने कुछ नोट आगे बढ़ते हुए कहा ,जिससे वो गार्ड थोड़ा झल्ला गया,

“अभी बंद शाम को आना “

“अरे ये रखो ना “

उसने वो नोट उसके पॉकेट में डाल दिए

“बोला ना बंद है समझ नही आता “

गार्ड ने चिल्लाने की गुस्ताखी कर दी,विजय ने अंदर नजर डाली,गार्डन ऐसे तो बड़ा था लेकिन उसे कुछ कपल वहां दिख गए ,

“वो अंदर जो लोग है वो कैसे चले गए “

“चलो बहस मत करो जाओ यहां से ,साले पता नही कहा से चले आते है”

विजय का माथा खनका और एक जोर का तमाचा उसने खिंच दिया,

चटाक ….

ये तमाचा उसे दूसरे गाल पर पड़ा था,गार्ड फिर से जमीन पर था और उसका एक दांत भी बाहर निकल गया ,वो बेचारा रोनी सूरत बनाये विजय को देखने लगा ,आरती जंहा हस पड़ी वही विजय भी मुस्कुरा दिया ,उसका गुस्सा थोड़ा कम हो चुका था,

उसने हाथ आगे बढ़ाकर उसे खड़ा किया और उसके जेब में पैसा रखे ,

“चल गेट खोल “

“दादा गिरी है क्या “

वो रोनी सूरत बनाये कह रहा था,विजय ने अपने जीन्स के पीछे रखी पिस्तौल निकली और उसके माथे में टिका दिया 

“हा दादागिरी है”

गार्ड की हालत सांप सूंघने जैसी थी और उस बेचारे के मुह से कोई भी शब्द नही फुट रहे थे,आखिर उसने छोटी गेट की तरफ इशारा किया ,दोनो वहां से गार्डन के अंदर चले गए …

गार्ड अपनी कुर्सी पर बैठा बस यही सोच रहा था की आज किसका मुह देखकर उठा था….



“बोलो क्या बोलना चाहती हो”
अजय एक पेड़ के नीचे बैठ गया ,एक मस्त हवा ठंडी सी खुशबूदार हवा के झोंके ने उसे सहलाया,जिसमे बगीचे के फूलो की खुसबू भी साथ थी,बड़े दिनों बाद उसे इसतरह से सुकून से बैठने का मौका मिल रहा था,बगीचे के एक किनारे में वो बैठा हुआ खुसबू को देखने लगा जो की एक सादे सफेद सलवार सूट में थी ,उसकी सादगी उसे निधि की याद दिला गई लेकिन उसके व्यवहार में निधि जितनी चंचलता नही थी,वो बहुत गंभीर स्वभाव की थी,अजय के लिए ये परफेक्ट मेच था लेकिन वो रिस्ते के कारण पूछे हट रहा था,
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12-24-2018, 01:22 AM,
#52
RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
आज पहली बार उसने खुसबू की खूबसूरती को निहारा ,कसा हुआ शरीर,और जरूरत के हिसाब से ही भराव ,न कम ना ज्यादा,मासूम सा उज्वल चहरा,गुलाबी होठ,घने बाल जो उसके कमर को छूते थे,उसके बल उसके नितंबो कटाव में ठहरकर विश्राम कर रहे थे,बहुत ही नाजुक मुलायम त्वचा की मलिका थी खुसबू ,उसके शरीर से एक सौंधी सी खुसबू आ रही थी,अजय मानो उसकी ख़ूबसूती में डूबने लगा था,वो अपने को मुश्किल से सम्हाला लेकिन तब तक खुसबू को भी इसका आभास हो गया था की उसके दिल में क्या चल रहा है,वो हल्के से मुस्कुरा कर अजय को देखने लगी,अजय ने अपनी नजर नीचे कर ली ,वो उसके बाजू में जा बैठी ,
“मैं आपसे बहुत प्यार करती हु ,”
वो उसके कंधे पर अपना सर रख लेती है,और उसकी भुजा को अपने हाथो से पकड़ लेती है ,अजय उसे हटाता नही ,
“तुम मेरा जवाब जानती हो खुसबू तुम मेरी बहन हो “
“कब से ?????”
“हमेशा से ….बस हमे पता नही था”
“लेकिन जब मुझे आपको प्यार हुआ था तब तो मुझे ये नही पता था की आप मेरे भाई हो ,अब मैं क्या करू,मेरी क्या गलती है की जिंदगी में पहली बार जिसे दिलो जान से चाहा वो मेरा भाई निकल गया…”
खुसबू के आंखों से आंसू की एक बून्द निकल कर उसके गालो तक पहुच गई ,अजय उसके चहरे को नही देख रहा था लेकिन उसके भरे हुए गले का पता उसे चल गया था,
“लेकिन अब तो पता है ना ,जानबूझकर हम ये नही कर सकते …”
थोड़ी देर तक वहां शांति रही 
“अच्छा एक बात पुछु “
“हम्म्म्म “
“अगर भाई बहन होने से प्यार नही कर सकते तो नितिन और सोनल क्या करेंगे,वो कैसे शादी करेंगे एक दूसरे से ,वो भी तो तब से प्यार करते है जबसे उन्हें पता ही नही था की वो एक दूसरे के भाई बहन है ,अब आप क्या करोगे …”
खुसबू की बात सुनकर अजय उससे अलग होकर उसे देखने लगा ,उसे एक बड़ा शॉक सा लगा ,वो उसकी आंखों में देखता रहा ,उसे समझ ही नही आ रहा था की वो इसका क्या जवाब दे ….
“हा ये सच है…”
अजय अपने सर को पकड़ कर बैठ गया 
“खुसबू तुम समझ नही रही हो इस परिवार को साथ लाने के लिए मैंने कितने दिनों का इंतजार किया है,ये एक फैसला सब कुछ बिगड़ देगा ,अगर किसी एक पक्ष की भी इसमें असहमति हुई तो बवाल हो जाएगा ,मैं नही चाहता की फिर से वही हो जो हमारे मा बाप के साथ हुआ था…….”
खुसबू मुस्कुराते हुए फिर से उसके बाजुओ को पकड़ कर उसके कंधे में अपना सर रख देती है,
“मैं सब समझ रही हु ,दादा जी भी यही चाहते थे और मैं भी लेकिन जो हो गया उसका तो कुछ नही किया जा सकता ,विजय भैया ,नितिन और सोनल तो मान गए है,और किसी भी बच्चे को इसमें कोई परेशानी नही होगी,वो तो हमारे बारे में भी जानते है और हमारे पक्ष में खड़े है ,और रही मेरे घर में किसी के नही मानने की बात तो मैं और नितिन भइया सबको मना लेंगे और रही आपके घर में किसी के नही मानने की बात तो आपकी बात कौन नही मानेगा वहां…”
अजय अब भी सोच में पड़ा था,
“लेकिन …”
खुसबू उसके होठो में अपनी उंगली रख देती है,
“मुझे पता है की आपको सोनल और नितिन के रिश्ते से कोई भी एतराज नही है,और मैं ये भी जानती हु की आप मुझसे बहुत ही प्यार करते है ,बस कहते नही ,लेकिन मैं लड़की हु आपकी आंखों को भी पढ़ सकती हु “
अजय खुसबू को देखने लगता है खुसबू के होठो में एक मुस्कान थी ,अजय अब भी कुछ नही कहता लेकिन खुसबू जैसे सब समझ जाती है और उसके गालो में किस कर लेती है ,अजय थोड़े गुस्से से उसे देखता है…
“सॉरी “वो हल्के से हस कर कहती है ……

इधर 
विजय आरती को झुरमुट के पीछे ले जाता है और जैसे की दोनो ही बहुत देर से प्यासे थे वो बस चालू हो जाते है ,एक दूसरे को बेहद ही जोर से दबाने लगते है,एक दूसरे के कपड़े निकल के जैसे फेक ही देते है,दोनो आदमजात नंगे किसी की भी परवाह किये बिना बस हवस की आग बुझाने में लग जाते है,
जब आरती नंगी होती है तो विजय उसे पीछे करता है और उसके जिस्म को ध्यान से देखता है,
“वाह”विजय के मुह से निकल जाता है,
“ऐसा क्या वाह कर रहा है जिसे की कभी देखा ही नही ,मैं अब इतनी भी हसीन नही रही “
“कौन चुतिया ये कहता है की तुम हसीन नही हो ,मामी जी ईईईईई”
वो उसे अपने नंगे जिस्म से लगा लेता है,उसका लिंग जो तन कर किसी लोहे की रॉड की तरह लग रहा था,आरती की पेट में चुभता है,
“सच में कमाल का जिस्म है आपका ,बिल्कुल सटीक ,जंहा जरूरत हो वहां इतना मांस है की मन करता है नोच के खा जाऊ”वो अपने लिंग को फिर से उसके पेट में गड़ा देता है,
“आउच ...तो खा जा ना कमीने “
वो विजय के चहरे को खीचकर उसे अपने होठो के पास लाती है और उसके होठो को चूसने लगती है,दोनो ही एक दूसरे के होठो को खिंचने खाने लग जाते है ,दोनो ही मस्ती में थे और एक दूसरे के जिस्म को भरपर रूप से मसल रहे थे,विजय उसकी मखमली त्वचा का दीवाना हो गया था,वो उसके नितंबो को अपने हाथ से पकड़कर उसे उठा लेता है ,अब उसका लिंग उसकी योनि की दीवार पर था,लिंग में योनि का पानी लगने लगता है,विजय था तो बड़ा पहुचा हुआ खिलाड़ी वो योनि से कुछ देर ही अपने लिंग को रगड़ता है,उसके हाथ आरती के नितंबो को पकड़े थे वही आरती के हाथ विजय के गले से लिपटे थे,वो अपने लिंग को अपनी कमर हिलाकर ही अरजेस्ट करता है और खच से जैसे कोई चाकू गोभ दिया गया हो ,
“आआहह जानवर है क्या “
आरती के आंसू निकल आते है वही विजय की हँसी उसका पूरा लिंग आरती के योनि में धस गया था,थोड़ी देर में ही वो उसे खड़े खड़े अपने हाथो को ऊपर नीचे कर संभोग करने लगता है,
आरती की आंखे बंद हो गई थी,राकेश इसके सामने बच्चा ही था,वो विजय के ताकत की दीवानी हुई जा रही थी ,वो ऐसे चिल्लाने लगी जैसे की कोई नई नई दुल्हन हो ,विजय को भी उसके योनि के कसाव का आभास हो रहा था,
वो उसे नीचे घास में लिटा देता है,
“लगता है किसी ने इसे ढीला नही किया है,बहुत कसाव है इसमें ,मजा आ गया मामी जी “वो फिर से अपने कमर को जोरो से चलाने लगता है,आरती पागलो जैसे चिल्ला रही थी,मानो किसी कुवारी लड़की की सील टूट रही हो,विजय भी जानवरो की तरह उसे चोद रहा था,उसके गालो शरीर को काट रहा था,वो अपने पूरे सबाब में था,

इधर 
आरती की चीख सुने गार्डन में गूंज रही थी,यहां तक गार्ड को भी ये आवाजे सुनाई दे रही थी लेकिन उसमे इतनी हिम्मत नही थी की वो उसे मना करे ,वो तो और भी डर गया था की कोई राह चलने वाला इसे सुन ना ले ,उसके मुह से खून बह रहा था जो अभी अभी बंद हुआ था ,रुमाल से उसने अपना मुह ढक रखा था,वो फिर से मार खाना नही चाहता था,वो तो भला हो की गाड़ियों के शोर में वो आवाज आने जाने वालो तक नही पहुच रहे थे ,लेकिन अगर कोई थोड़े भी ध्यान से सुनता तो उन्हें ये समझ आ जाता की कुछ तो हो रहा है,कभी कभी ये तेज हो जाते फिर कम हो जाते …
“ये साले मादरचोद आज मेरी नॉकरी और मेरी जान लेकर रहेंगे “
गार्ड अपने में भी भुनभुनाया 
इधर 
ये आवाज अजय और खुसबू तक भी पहुच रहे थे ,जो की गार्ड की अपेक्षाकृत और भी ज्यादा और क्लियर था,गार्डन के शांत माहौल में आरती की चीख कभी कभी फैल जाती थी ,दोनो को पता था की क्या हो रहा है ,दोनो ही असहज हो रहे थे ,आखिर थोड़ी ही देर में अजय से ये ना सहा गया ,
“सालो को इतनी भी तमीज नही है की पब्लिक प्लेस में कैसे रहना चाहिए “वो खड़ा होने ही वाला था की खुसबू ने उसे रोक लिया 
“छिड़िये ना वो यहां इंजॉय करने ही तो आये है “
“तो ऐसे इंजॉय करेंगे अपने घर में करे ना ये सब “
वो गुस्से से लाल होने लगा था 
“बेचारों के पास घर नही होगा इसीलिए तो आये होंगे “
अजय फिर गुस्से से उसे देखता है 
“तुम्हे बहुत पता है “
“हा मैं भी तो यहां आती थी सोनल और नितिन के साथ “
अजय का दिमाग ही घूम गया ,उसके दिमाग में नितिन और सोनल की सेक्स की बात आई और वो ...
“मादरचोद “
अजय खुसबू के गले को अपने हाथो से पकड़ कर उसे उठा देता है वो दोनो ही बैठे थे लेकिन खुसबू फिर भी थोड़ी ऊपर हो गई ,उसका चहरा लाल हो गया ,और आंखों में आंसू आ गए ,वो कुछ बोलना चाहती ही लेकिन बात उसके गले से नही निकल रही थी वो बस गु गु कर रही थी ,अजय को जब उसकी हालात का अंदाजा हुआ वो उस झट से छोड़ दिया ,ना जाने उसे इतना गुस्सा कैसे आ गया था ,खुसबू खांसने लगी 
“क्यो क्या आपकी बहन सेक्स नही कर सकती जिससे वो प्यार करती है “
खुसबू गुस्से में भर गई थी,उसने व्यंग मारा था …
“मैं प्यार के खिलाफ नही हु ,ना ही शाररिक संबंधों के लेकिन उसका भी कोई समय और जगह होती है ,कोई प्यार में हो तो बात अलग है लेकिन इस तरह नही ,मेरी बहन ऐसा नही कर सकती और अगर तुम भी कहो तो मैं ये नही मान सकता ….”
अजय का गुस्सा थोड़ा कम हो गया था,लेकिन फिर भी ना जाने क्यो उसके सीने में एक अजीब सी जलन थी ,
“मुझे भी अपने भाई पर पूरा भरोसा है वो सोनल से प्यार करता है हवस के लिए उसके साथ यहां नही आता था,मैं तो बस आपको परखने के लिए बोल दिया ,और हम पूरे क्लास यहां आते थे ,कॉलेज बंक करके …”
खुसबू ने अपनी सफाई दी जिसकी कोई जरूरत तो नही थी लेकिन फिर भी खुसबू को बोले बिना नही रहा गया,उसने अजय का गुस्सा और ताकत का अभी अभी अंदाजा किया था ,इससे उसके मन में अजय के लिए एक अनजाना सा डर बैठ गया ,,लेकिन साथ ही एक खुसी थी,वो ये सोच कर ही मचल गई की जब अजय उससे प्यार करेगा तो वो उसे इसी तरह से पकड़ेगा,वो उसपर अपनी ताकत लगाएगा……...ये एक अहसास ही खुसबू को रोमांचित कर गई ,वो थोड़ी और अजय की दीवानी बन गई ….
ये लड़कियों के साथ हमेशा ही होता है ,वो ताकत की मुरीद रहती है ,वो हमेशा ही चाहती है की उनका प्रेमी उन्हें बेहद प्यार करे,और आराम से प्यार करे रोमांटिक हो , लेकिन एक स्थिति में वो उसे अपना मालिक बनाना चाहती है ,वो अपने को सौप देना चाहती है ,लेकिन इसे वो अपने प्रेमी पर छोड़ देती है की वो उसे पूरा ले ले ,उसपर अपना अधिकार जमाये …
तभी एक आवाज फिर से आयी .
“ओह जोर से जोर से जोर से “
अजय से अब नही रहा गया 
“चलो यहां से उन्हें ही करने दो जो करना है “
वो खुसबू का हाथ पकड़े खड़ा हुआ ,खुसबू की आंखों में अजय को देखकर पानी आ गया उसे लगा जैसे की वो उसे अपना बनाने ले जा रहा हो ,वो अब उसका हो,अजय ने पहली बार उसपर इतना अधिकार जताया था वो उसके हाथो को खीचकर उसे उठा रहा था ,और फिर उसे खीचकर अपने साथ बाहर ले जा रहा था,खुसबू तो उसी नशे में खोई हुई ,जाते जाते खुसबू ने उस झुरमुट के तरफ देखा जिधर से आवाज आ रही थी,कुछ भी दिखाई नही दे रहा था लेकिन उसने उन कपड़ो को जरूर देख लिया जो की उन झाड़ियों से बाहर को फेके गए थे,जाने क्यो उसे लगा की इन्हें कही देखा है,अचानक उसे कुछ याद आया उसकी आंखे चौड़ी हुई लेकिन फिर उसे अपने ही ख्याल पर हँसी आई ,ऐसा थोड़ी ना होगा ,वो हल्के से हँसी और गार्डन से बाहर की ओर चल दी ,गार्ड ने उन्हें जाते देखा वो खड़ा हो गया ,उसे समझ आ गया की ये तो वो नही है जो चिल्ला रहे है,अजय ने एक बार गार्ड को देखा लेकिन उसने कुछ भी नही कहा ,गार्ड अपनी खड़ा होकर उसे सलाम करता है,अजय कुछ रिएक्शन दिए बिना ही वहां से चला जाता है……...
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12-24-2018, 01:23 AM,
#53
RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
किशन की शादी को कुछ ही दिन बचे थे,सभी लोग पूरे जोश से इसकी तैयारी में लगे थे,खुसबू अब अक्सर ही इनके हवेली में आया करती थी,कभी कभी रात भी सोनल के साथ ही बिताया करती थी,अजय के करीब जाने का कोई भी मौका वो नही छोड़ती,अजय के दिल में उसके लिए प्यार तो था लेकिन वो अब भी बहुत असमंजस में था,वो सोनल और नितिन के रिस्ते को लेकर भी बहुत असमंजस की स्थिति में पड़ा हुआ था ,आखिर उसने सोनल से बात करने का फैसला किया…..
रात होने को थी और अजय ने सोनल को अपने कमरे में बुलाया था,खुसबू उसे बता चुकी थी की उसने अजय को सब सच सच बता दिया है,
सोनल के मन में भी थोड़ा डर जरूर था,
“आओ सोनल “
अजय अभी एक्सरसाइज कर रहा था,सोनल आकर उसके पास ही खड़ी हो गई,उसने उसके बदन पर एक नजर डाली ,बालो से भरा उसका चौड़ा सीना पसीने से चमक रहा था,भुजाए अभी अभी भार उठाने की वजह से फड़क रही थी,नशों में खून तेजी से दौड़ रहा था,जिससे उसकी नशे फूल सी गई थी,चौड़ा मस्तक तेज से दमक रहा था,सोनल उसे मोहित सी देख रही थी,अजय बस एक छोटी सी निकर डाले हुआ था,उसका पूरा गठीला जिस्म सोनल के सामने था,
‘वाओ “ उसके मुह से निकला 
अजय भी उसकी तरह देखकर मुकुराय ,वो पास ही खड़ी थी ,तभी निधि भी कमरे में आ गई वो अपनी आदत के अनुसार एक झीनी सी नाइटी में थी अंदर कुछ भी नही पहनने के कारण उसके मदमस्त भरे पूरे जिस्म का हर भाग उस पारदर्शी नाइटी से झांक रहा था,
सोनल उसे देखकर और भी हैरान रह गई 
“ये क्या पहन कर घूम रही है ,इतनी बड़ी हो गई है पर अकल बिल्कुल नही आयी है “
सोनल ने निधि को डांटा 
“मैं कौन सा बाहर घूम रही हु और मैं तो रोज यही पहनती हु ,आप भी तो अपने रूम में यही पहन के रहती हो ,”
वो अपनी चिरपरिचित मासूमियत से बोली .अजय के चहरे में एक मुस्कान आ गया ,
“अरे तो भी भइया के सामने ???”
वो हल्के से बोली 
“अच्छा आप विजय भइया के साथ ऐसे ही सोती हो तो …”
निधि झँझला गई ,सोनल को भी होश आया की ये क्या बोल गई ,अजय ने उसे एक भरी निगाह से देखा लेकिन वो उसे क्या बोलता,वो खुद भी तो निधि के साथ जिस्म के रिस्ते में उतर गया था….
निधि आगे बढ़कर अजय के गले से लग गई,उसकी पूरी नाइटी अजय के पसीने से गीली हो गई थी,लेकिन वो उसे नही छोड़ रही थी ,सोनल बस उसे देखे जा रही थी,वो दोनो के लिए तो ये नार्मल बात थी लेकिन सोनल जो उसे देख रही थी उसे इसमें एक मादकता दिखी ,दो जिस्म लगभग नंगे एक दूसरे से लिपटे थे ,निधि ने अपने होठो को अजय के होठो के पास किया और अजय ने उसे अपने होठो में भर लिया,थोड़ी देर तक वो एक दूसरे को यू ही चूमते रहे ,सोनल को आभास हुआ की वो भी विजय के साथ यही करती है,आज उसे लगा की शायद भाई बहन के रिस्ते में वो बहुत आगे निकल गए जितना नही निकलना चाहिए था,ये अहसास उसे भी अभी हुआ,खुद को अहसास कभी भी नही होता लेकिन दूसरे को देखने से लगता था की ये तो कुछ ज्यादा हो रहा है,अजय ने उसके चहरे के भाव पड़े और उसे अपनी ओर बुलाया,वो काँपती हुई अजय के पास आई ,आज उसे इन क्रियाओं में भाई बहन का प्यार नही दो देह का मिलान दिख रहा था,
अजय ने उसे उसके कमर से पकड़ा और उसे अपनी ओर खिंच लिया,वो उससे सट गई,उसकी सांसे एक अनजाने डर से तेज हो गई थी,अजय ने अपनी गर्दन नीचे किया और उसके होठो को भी अपने होठो से लगा लिया ,सोनल के लिए ये थोड़ा मुश्किल था,वो अभी प्यार की उस संवेदना में नही थी जंहा से उसे ये सब अच्छा लगता लेकिन वो अजय को ना भी नही कह पा रही थी,दोनो के होठ मिले निधि उनसे थोड़ी अलग हुई और बिस्तर में जाकर लेट गई ,यहां अजय का हाथ सोनल की कमर में गया और वो उसे और भी करीब खिंच लिया,अजय को ना जाने क्यो सोनल पर बहुत प्यार आ रहा था,उसे नितिन की वजह से ऐसा लग रहा था की वो उससे अलग हो रही है ,अजय को सोनल के लिए ऐसे ख्याल कभी भी नही आये थे,वो सोनल की आंखों में देखता है,
सोनल भी डरी हुई सी उसके आंखों में देखने लगी,लेकिन जैसे ही उनकी आंखे मिली उसका सारा डर जाता रहा,अजय की आंखों में उसके लिए अथाह प्यार था,सोनल को अपनी गलती का अहसास हुआ ,उसका भाई उसे बेहद प्यार करता था,उसके मन में कोई भी पाप उसके लिए आ ही नही सकते थे,सोनल की आंखे नम हो गई थी ,अजय उसकी आंखों के पानी को अपने होठो से पी गया ,
“i love you भइया,मुझे माफ कर दो “सोनल रोती हुई अजय से लिपट गई ,अजय को समझ नही आया की आखिर वो ऐसा क्यो बोल रही है,
वो उसके बालो को सहलाने लगा,
“क्या हुआ मेरी जान “
“कुछ नही भइया आज पहली बात मेरे दिल में आपके लिए गलत ख्याल आया “अजय फिर से कंफ्यूज हो गया था,सोनल उसके छाती के बालो में अपने हाथ फेरने लगी 
“सोनल मैंने तुम्हे कुछ बात करने बुलाया था,”
“जी भइया “
“तुम बैठो मैं नहाकर आता हु “
वो बाथरूम में घुसा साथ ही निधि भी दौड़कर उसके साथ घुस गई,सोनल को ये देखकर हँसी आ गई ,वो अपनी आंसुओ को पोछते हुए बिस्तर में बैठ गई,कुछ देर बाद अजय और निधि बाहर आये,निधि एक नए नाइटी में थी शायद वो उसे पहले से बाथरूम में रख रखा था,अजय भी एक टॉवेल में बाहर आया और एक निकर उठाकर उसे पहनने लगा,ये सब वो अपनी दोनो जवान बहनों के सामने कर रहा था,लेकिन ना तो उसके मन में कोई बात आयी ना ही उन दोनो के दिमाग में ,
वो फिर से बिस्तर में बैठा,
“सोनल मैं तुमसे बहुत प्यार करता हु और मुझे तुम्हारे और नितिन के बारे में पता चला ,मुझे इससे कोई भी परेशानी नही है लेकिन क्या तुम दोनो किसको लेकर स्योर हो ..”
“भइया इसका क्या मतलब हुआ हम एक दूसरे से प्यार करते है ,और एक दूसरे से शादी भी करना चाहते है,”
“लेकिन तुम दोनो भाई बहन हो ये जानते हुए भी “इस बार अजय थोड़ा गंभीर था,और सोनल भी ,सोनल के आंखों में कुछ आंसू आ गए थे,उसने अपना मन दृढ़ किया जैसे वो कुछ निश्चय कर ली हो ,अजय निधि और सोनल के बीच में लेटा था वही निधि उससे लिपटी हुई लेटी थी जबकि सोनल उसके दूसरी ओर बैठी थी,वो उसके और पास गई उसके सीने में अपनी हथेलि रखी ,और उसे सहलाने लगी
“भइया हम सगे भाई बहन तो नही है ना,और अपने ही तो कहा था की मैं जिससे भी कहु आप उससे मेरी शादी करोगे,मुझे आपपर पूरा भरोसा है भइया की आप मेरा साथ दोगो,और अगर आप ये सोच रहे हो की ………….
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12-24-2018, 01:24 AM,
#54
RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
सोनल थोड़ी देर को चुप हो गई ,अजय अब भी उसके चहरे को देख रहा था वही निधि को जैसे कुछ मतलब ही नही था वो बस आंखे बन्द किए सोई थी,
“कि भाई बहन है तो हमारे बीच सेक्स कैसे होगा,तो भइया दिल में अगर प्यार हो तो जिस्म का मिलान पाप नही होता,”
वो एक ही सांस में बोल गई,”
सोनल इतना बोलकर उसके सीने में अपने सर को टिका दिया 
“मैं जानती हु भइया,समाज की मुझे कोई भी चिंता नही है ,आप सबसे लड़ जाओगे मेरे लिए “वो सुबकने लगी अजय ने उसे उठाया और अपने ऊपर खिंच कर उसे गले से लगा लिया ,वो अब भी सुबक रही थी ,अजय उसके बालो को सहला रहा था,
“नही मेरी जान मुझे समाज की नही तुम्हारी चिंता है,और चिंता है इन दो परिवारों को जो इतने सालो की दुश्मनी के बाद आज जाकर मिले है,
“मैं जानती हु भइया ,लेकिन अगर आप साथ हो गए तो कोई भी कुछ नही कहेगा,मुझे लगता है सभी मान जाएंगे”
“ह्म्म्म,तो तेरी भी शादी किशन के साथ ही कर दे “
सोनल का सुबकना अचानक ही बन्द हो गया,वो उठी अजय के चहरे में एक मुस्कान थी ,उसे देखकर उसके होठो में मुस्कान और चहरे में शर्म आयी वो उसे एक मुक्का अजय की छाती में लगाई ,और फिर से उससे लिपट गई,
“भइया एक चीज बोलू ,”
“हम्म “
“आप बुरा मत मानना लेकिन मेरे और विजय के बीच भी सेक्स हो गया,हम पता नही कैसे ये कर बैठे,आज जब आपको और निधि को यू किस करते देखा तो लगा की हमने शायद बहुत बड़ी गलती कर दी ,भाई बहन के प्यार का ये मतलब तो नही की जिस्म की आग बुझाई जाए,”सोनल फिर से रो रही थी और वो अब उठकर बैठ गई थी,वो अजय के चहरे को देख रही थी वो बोलते रही ..
“भइया आपकी कसम की हमारा ये इरादा बिल्कुल भी नही था,हम तो बस एक दूसरे को प्यार करते है जैसे की आप और निधि ,लेकिन ना जाने ऐसा क्या हुआ की हमे समझ ही नही आया की क्या हुआ और हमारे जिस्म मिल गए …”
अब अजय क्या बोलता वो खुद भी शॉक था,उसे भी समझ नही आ रहा था की जो वो निधि के साथ प्यार बोलकर करता है क्या वो गलत है या सही ,इसी गलत सही के फेर में सालो तक वो निधि से अलग रहने की कोसीसे करता रहा था,लेकिन वक्त के सामने किसीकी चलती है जो अजय की चलती ,वो चुप ही था ,उसे समझ नही आ रहा था की क्या कहे गुस्सा हो जाय या और कुछ ,हा उसके दिल में एक अजीब सा दर्द जरूर था,जो की एक बेचैनी थी या कोई तमन्ना या की कोई सपना क्या था …..??????
“अरे पागल उसे सेक्स नही प्यार करते है समझी आप भी ना दीदी,और ये मैं और भैया रोज ही करते है…. “
निधि मचलते हुए कह गई ,वो अजय के बांहो में मचली ,उसके आंख अब भी बन्द ही थे….लेकिन ये सुनकर सोनल का रोना बिल्कुल ही बन्द हो गया,अब वो और अजय दोनो ही शॉक थे ,दोनो कभी एक दूजे को देखते तो कभी निधि को ,शायद ये निधि को भी समझ आ गया था वो ऐसे कूदकर उठी जैसे कभी सोई ही नही हो ,
“सच्ची तो कह रही हु”उसने फिर से कहा ,और दोनो को देखने लगी,अजय बिल्कुल ही नर्वस हो गया था,लेकिन सोनल के होठो में एक मुस्कान आ गई 
“ओह भइया ऐसी बात है तभी आप खुसबू से दूर भगते हो ,अपनी सगी बहन के साथ तो सबकुछ कर सकते हो और मामा की लड़की आपकी बहन हो गई उससे दूर रहना चाहते हो “सोनल के चहरे में अभी भी मुस्कान थी 
“मेरे भैया को कुछ भी मत बोलो दीदी ,उन्होंने जो भी किया मेरे कहने पर किया और जो भी ये गलत हो तो वही सही मैं अपने भइया का साथ कभी नही छोड़ने वाली और दुनिया के नियमो की तो मा की …. “निशि इतना बोलकर ही रुक गई 
अजय अब भी कुछ नही बोल पा रहा था,
“सोनल मुझे माफ कर दे ,लेकिन पता ही नही चला की ये कब हो गया,और तुझे पता है की मैं अपनी बहनों से कितना प्यार करता हु मैं उनके बारे में बुरा सोच भी नही सकता ….”
अजय की आंखों में भी पानी आ गया था ,वो जानता था की जिस परिस्थिति में ये सब हुआ था वो गलत नही थे लेकिन समाज की बनाई रिवाजो के सामने उसे अपने द्वारा किया काम गलत लगने लगा था,
सोनल उसके माथे में अपना हाथ फेरती है,
“मैं समझ सकती हु भइया ,प्यार की क्यो सिमा नही होती सीमा तो रिश्तों की होती है,जब प्यार रिश्तों के आगे निकल जाय तो वो मर्यादा का बंधन लांघ सकती है,मेरे और विजय के साथ भी यही हुआ जो आपके साथ हुआ ,अब ये गलत है या सही मुझे नही पता लेकिन जो है वो बस है….”
अजय ने बड़े प्यार से सोनल को देखा ,
“तो निधि आज हम दोनो मिलकर भइया से प्यार करेंगे “सोनल की बात से निधि खुस हो गई लेकिन अजय को जैसे ही ये बात समझ आयी 
“नही पागल हो क्या “
“भइया हम तो प्यार करने की बात कर रहे है आप तो गलत समझ लिए “
सोनल ने मुस्कुराकर शरारत से कहा और दोनो बहन अजय के ऊपर कूद गए ,अजय भी हँसता हुआ उनसे खेलने लगा,लेकिन आज कोई भी सेक्स के मूड में नही था वो बस मस्ती कर रहे थे…………..

पूरा घर सजा था,चारो ओर खुशियो की बारिस हो रही थी,किशन की शादी की रस्मे शुरू हो चुकी थी ,किशन की बारात ठाकुरो के हवेली से निकल कर ततिवारियो के हवेली में जानी थी,गाजे बाजे से बारात निकली ,पूरा परिवार झूम रहा था,
बारात का स्वागत और हँसी ठिठोली में समय बीत रहा था,शादी की रस्मे जोरो पर थी ,अजय ने एक नजर खुसबू को देखा,सचमे ऐसा लग रहा था जैसेकि स्वर्ग से कोई अप्सरा उतर आयी हो ,घाघरे चोली में लिपटी हुई वो हुस्न की मलिका सुमन के साथ जब बाहर निकली तो अजय बस उसे ही देखता रह गया,खुसबू की नजर जब अजय पर पड़ी तो वो भी शर्मा गई ,आज पहली बार था जब अजय खुसबू को इतने प्यार से देख रहा था,
मेहमानों में कुछ खास लोग भी आने शुरू हो गए थे,मुख्यमंत्रि जी डॉ चुतिया के साथ बाते कर रहे थे,विपक्ष के नेता भी साथ ही थे,तभी अजय उनको जॉइन करता है ,
“बधाई हो अजय अब तो तुम भी राजनीति के दंगल में आ गए “
अजय के चहरे में एक कुटिल सी मुस्कान आयी उसे इन सीनियर नेताओ से बहुत कुछ सीखना था ,वो जंहा बाहर एक दूसरे को काटने में लगे होते है वही जब दूसरे वो फुरसत में एक दूसरे से मिलते है तो हँसी ठिठोली में समय बिताते है,इन्हें देखकर कौन कह सकता था की जो दो लोग सामने खड़े थे वो एक दूसरे के राजनीतिक रूप से कट्टर दुश्मन थे ,और अब इनके दुश्मनों में एक नाम अजय का भी था,
“बस आप लोगो की कृपा है अंकल ,आप लोग अगर समाज के लिए कुछ बुनियादी काम करते तो शायद हम जैसे लोगो को राजनीति में आने की जरूरत ही नही पड़ती “
अजय की बात सुनकर डॉ हँसने लगा ,
“मंत्री साहब अब इससे बच कर रहिए गा,कम समय में ही बहुत कुछ सिख लिया इसने “
सभी हँसने लगे .
“अरे भई राजनीति तो इसके खून में है,राजाओं के वंसज है ,और इसके दादा जी, वाह कमाल के राजनेता थे ,ऐसे सच कहा डॉ इसने तो हम दोनो पार्टीयो को डरा ही दिया है ,लेकिन बेटा राजनीति में सिर्फ चुनाव जितना ही काफी नही होता बल्कि सत्ता में आकर ही समझ आएगा की असली मुश्किलें कहा है “
मुख्यमंत्रि बंसल साहब मुस्कुराते हुए बोले ,
“अंकल आप कुर्सी खाली तो कीजिये फिर आप तो है ना हमे मार्गदर्शन देने के लिए ,हम भी सत्ता चला ही लेंगे …”
अजय ने ये बात हस्ते हुए कही और सभी फिर से हँस पड़े 
“अब ये पक्का राजनेता बन गया है “
बंसल साहब ने टिप्पणी की ,
तभी बाकी के बुजुर्गों ने दोनो नेताओ को अपने पास बुला लिया ,अब डॉ और अजय ही रह गए थे,
“यार अजय इस बार लगता है की तुम्हारी पार्टी कुछ सीटे तो जीत ही जाएगी लेकिन तुम्हे गठबंधन करना पड़ेगा ,क्यो ना तुम बंसल की पार्टी से ही गठबंधन कर लो ,और साथ ही चुनाव लडो”
“नही डॉ साहब गठबंधन का मतलब होगा की हमे उनके सामने झुकना पड़ेगा ,चुनाव तो हम अकेले ही लड़ेंगे कम से कम हमे हमारी ताकत का अंदाजा तो लग ही जाएगा ,और चुनाव आयोग को पार्टी की रूपरेखा भी भेज दी है कुछ ही दिनों में चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम भी डिसाइड हो जाएगा ,2-4 सीट ही मिले लेकिन अपने दम पर मिले तभी काम की है ,उसके बाद देखेंगे अगर गठबंधन का मौका मिला तो दोनो पार्टीयो में जो हमारे एजेंडे पर काम करने को तैयार होगा उसका ही साथ देंगे “
डॉ अजय की समझ से बहुत खुस दिख रहे थे,
“लेकिन अगर तुम बंसल की पार्टी से अभी गठबंधन करोगे तो 10 से 12 सीटे तुम्हे मिल सकती है “
“लेकिन बंसल अंकल इतनी सीटे हमे क्यो देंगे ,मेरे ख्याल से 4-5 सीट देने को ही तैयार होंगे “
“बंसल अक्लमंद आदमी है वो अगर 10 सीट भी तुम्हे दे देगा तो उसका कोई नुकसान नही होगा ,तुम्हारे इलाके से तो उसका जितना अभी लगभग नामुमकिन है ,4 सीटे तो तुम्हे आराम से केशरगढ़ क्षेत्र से मिल ही जाएंगी ,लेकिन बाकियों ने मुकाबला तो बंसल और तुम्हारे बीच का ही होगा ,इससे उसकी 20-25 सीटो पर बुरा असर पड़ सकता है ,यहाँ सिर्फ जितना ही इम्पोर्टेन्ट नही होता ,बहुमत भी तो चाहिए और अगर उन सीटो में तुम्हारे झगड़े से अगर दूसरी पार्टी को फायदा पहुचा तो सीधे से बंसल के बहुमत को नुकसान होगा ,ऐसे भी 10 सालो से ये मुख्यमंत्रि है इसका इसबार जितना बड़ा ही मुश्किल लग रहा है ,जनता भी इससे पक चुकी है ऐसे में कोई नई पार्टी जिसके समर्थक उसके ही लोग हो ,बंसल के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती है ,वो तो चाहेगा की तुम उसके साथ आकर चुनाव लड़ो ,और निधि या धनुष को कोई मंत्रालय भी दे dega …….
अजय सोच में पड़ गया लेकिन उसने बहुत ही जल्दी फैसला भी कर लिया ,
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12-24-2018, 01:24 AM,
#55
RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
“नही डॉ कम सीट ही मिले लेकिन चुनाव तो अकेले ही लड़ेंगे ,उसके बाद अगर सरकार को गठबंधन की जरूरत पड़ी तो डील कर लेंगे ,4 सीट के साथ भी मैं अपने भाई बहन को मंत्री बना सकता हु ,क्योकि आखरी बहुमत तो हमारे होने से ही होगा ,मुझे ये असंका है की इस बार बहुतमत किसी को नही मिलेगा ,और हम गेम चेंजर हो जाएंगे “
डॉ अजय की बात सुनकर हँसने लगता है ,
“ठीक है ठीक है लेकिन जेम चेंजर बनने के लिए कम से कम 10 सीटे होनी चाहिए ,मेहनत शुरू कर दो 20 सीटे चुन लो जिनमे तुम्हारे जितने की संभावना सबसे ज्यादा हो ,जंहा तुम्हारा रुतबा हो या तुम्हारा व्यपार फैला हो ,इनमें से 10 भी तुम्हारे हाथ लगे तो तुम जेम चेंजर हो जाओगे ,फिर तुम्हारे बिना कोई भी सरकार नही बना पायेगा …”
अजय डॉ एक दूसरे की बातो से सहमत होते है,तभी कोई डॉ को बुलाने आ जाता है …………….

सभी शादी की रश्मो में बिजी हो गए थे,अजय अकेले में छत में जाकर बैठा था,पंडित जी के मंत्रोच्चार की ध्वनियाँ वातावरण में गूंज रही थी,तभी उसे किसी के पायल की आवाज आयी,वो चौका क्योकि वो खुद सबसे छिपकर छत में जाकर बैठा था,और ऊपर से नीचे गार्डन में हो रहे फंक्शन को देख रहा था,वो पलटा 
“अरे तुम यहां ??”
“आप भी तो यहां है “खुसबू मुस्कुराई साथ में अजय भी 
“मेरा पीछा कर रही हो “
“वही समझ लीजिये “
अजय ने फिर से उसे ऊपर से नीचे तक देखा ,जिससे खुसबू के दिल की धड़कन बढ़ गई वो शर्म से नजर नीचे किये अजय के पास आकर खड़ी हो गई ,अजय ने उसका हाथ पकड़ा और पास ही बिठा लिया ,दोनो ही अब छत की बाउंड्री से पीठ सटाए बैठे थे,अजय के हाथ के स्पर्श ने खुसबू के शरीर में एक झुनझुनी सी दौड़ा दी ,
“ह्म्म्म अब बोलो क्यो पीछा कर रही हो मेरा “
“आप यहां अकेले क्यो बैठे है “
“पहला प्रश्न तो मैंने पूछा था ना “
“तो पहला उत्तर भी आप ही दे दो “खुसबू हल्के से हँसी,उसकी ये हँसी अजय के दिल के गहराइयों तक पहुच गई ,वो दिल से खुसबू को पसंद करता था,बस कुछ दीवारे थी जो सोनल से मिलने के बाद बहुत ही कमजोर हो चुकी थी ,
अजय ने खुसबू के हाथो को हल्के से सहलाया ,और फिर उसे अपनी ओर जोर से खिंचा ,खुसबू को इसकी अपेक्षा ही नही थी,वो सीधे अजय के ऊपर जाकर गिर गई,
“आउच क्या कर रहे है आप “
अजय ने उसे अपने बांहो के घेरे में भर लिया 
“कुछ नही बस तुम पर हक जताने की कोसिस “
खुसबू के तो आनंद की सिमा ही नही थी ,जिसे वो इतने दिनों से चाहती थी ,और जो उसे मिलना लगभग नामुमकिन लग रहा था आज वो हो रहा है,अजय उसपर हक जताना चाहता है,
खुसबू की खुसी का बयान उसकी आंखों ने किया,वो बहने लगे,वो अपने सर को अजय की छाती में गड़ा कर सुबकने लगी ,अजय का हाथ उसके सर पर गया और वो उसे सहलाने लगा ,खुसबू ने अपनी बांहो फैलाई और अजय को जकड़ लिया,
अजय उसके गालो में अपनी उंगलिया फिराने लगा 
“ए देखो मुझे “
खुसबू ने अपना सर ना में हिलाया 
“अरे देखो तो सही “
फिर से ना में सर हिलाया 
“क्यो ,क्या हुआ ?”
“ऊऊऊ न हु “
“बताओगी क्या हुआ “अजय अपने होठो को उसके कानो के पास ले जाकर हल्के से फूक मारी,खुसबू मचल गई वो सुबकते हुए भी हल्के से हँस पड़ी ,
“मत कीजिये ना “खुसबू मचलते हुए बोली 
“अच्छा तो मैं जाता हु “
अजय उसे अपने से हटाने लगा ,
खुसबू ने सर उठाकर उसे देखा ,उसकी आंखे अब भी गीली थी 
“रुक जाइये मत जाइये ……”वो उसे छोड़ने को तैयार नही थी 
“अच्छा कर लीजिये जो करना है “इतना बोलकर वो फिर से अजय को जकड़ ली 
“अच्छा क्या करू “
“जो अपना दिल चाहे …”खुसबू की आवाज थोड़ी धीरे थी ,वो तो बस अपने को अजय के सामने सौपना चाहती थी,वो अपना सर तक उसके सीने से हटाने को राजी नही थी ,होती भी कैसे जिसे इतने शिद्दत से चाहा था वो आज मिला था,
“अच्छा कुछ भी कर लू “अजय उसके कानो के पास जाकर कहता है 
“ह्म्म्म मैं तो आपकी ही हु,बहुत पहले से मैंने खुद को आपको सौप चुकी हु ,आप ही मुझे अपनाने से इनकार कर रहे थे …”वो अजय के सीने में खुद को और भी जोरो से दबाती है,
“मैं आपकी हु और जीवन भर आपकी ही बनकर रहना चाहती हु ,मुझे अपना लीजिये “
खुसबू अब लगभग रोने लगी थी ,अजय उसका चहरा ऊपर उठता है जो वो उठाने नही दे रही थी वो अपना सर उसके सीने से अलग नही होने दे रही थी,जब उसका चहरा अजय के चहरे के पास आता है वो अजय उसके होठो में प्यार से एक किस कर लेता है 
“मुझे माफ कर दो खुसबू ,मुझे समझ ही नही आ रहा था की आखिर मैं क्या करू,आई लव यु खुसबू ….”
खुसबू अपने आँखों में पानी लिए अजय को प्यार से देखती है वो उसे बहुत कुछ कहना चाहती थी ,अपना दिल उसके सामने चिर कर रख देना चाहती थी लेकिन कैसे ,मजबूरी में बस उसके होठ कांप रहे थे,और आंखों से आंसू बह रहे थे
……………………
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12-24-2018, 01:24 AM,
#56
RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
“कुछ बोलो ना”अजय अब भी उसके बालो को सहला रहा था,
“उ हु ,मैं कुछ भी नही बोलूंगी बस ऐसे ही रहो ,सारी जिंदगी बस अब ऐसे ही बीत जाय,और मुझे कुछ भी नही चाहिए “
अजय ने उसे प्यार से देखा लेकिन उसका चहरा अजय के सीने में गड़ा हुआ था,वो उसके सर पर ही एक किस करता है,
“अच्छा चलो अब देर हो रही है सभी हमे ही ढूंढ रहे होंगे “
खुसबू फिर से ना में सर हिला देती है ,वो बिना कुछ बोले यू ही एक दूजे के चिपके हुए ना जाने कितने देर तक बैठे रहे,समय थम चुका था,बस धड़कने थी कोई जिस्म कही नही था,फ़क़त कुछ सांसे थी,और था वो अहसास एक दूजे के होने का,एक दूजे में खो जाने का …….
तभी किसी के पायलों की आवाज आने लगी दोनो अपनी दुनिया से बाहर निकले ,ही थे की सोनल ने दूर से उन्हें देख लिया,वो जल्दी से अलग हुए …
“ओहो ओहो अब चिपके ही रहो मुझे देख के अलग क्यो हो रहे हो “
खुसबू बुरी तरह से शर्मा गई थी वही अजय भी थोड़ा नर्वस हो रहा था,दोनो ही खड़े हो गए 
“हम इन्हें कहा कहा ढूंढ रहे है और ये है की यहां प्रेम की पींगे हांक रहे है,ओहो क्यो मेरी खुसबू रानी “
सोनल जाकर खुसबू को छेड़ने लगी खुसबू घबराकर वहां से भागी,लेकिन खुसबू ने उसे पकड़ लिया और उसके चहरे पर एक किस कर दिया ,अजय ये सब देखकर सोनल के लिए प्यार से भर गया वो अपनी बांहे फैलाकर सोनल को उसमे आने का निमंत्रण देता है और सोनल दौड़ते हुए उसके सीने से लग गई ,खुसबू तो दौड़ कर बाहर चली गई ,और सोनल अजय के बांहो में थी,
“क्यो भइया आखिर हमे भाभी मिल ही गई “
“हम्म मेरी जान ,”
“तो लव यु वगेरह बोला की नही “
“जब दिल में ही प्यार हो तो क्या बोलना “
“अरे भइया बोलना भी जरूरी होता है बस प्यार करना ही नही बल्कि उसे जताना भी जरूरी होता है “
“ठीक है मेरी मा वो भी कर देंगे लेकिन अब नीचे चल सब ढूंढ रहे होंगे “
“हा भइया जल्दी चलिए “
नए नए प्यार का नशा ,वो खुमार वो खुसबू ,कुछ अलग ही फिलिंग होती थी ,अजय खुसबू के प्यार की खुसबू में खोया हुआ था ,और ये बात हवा में बह रही खुसबू जैसे चारो ओर फैलाने लगी थी,लगभग सभी बच्चों तक ये बात पहुच गयी और सभी इससे बहुत खुस थे ,दोनो ही एक दुसरो को रह रह कर देखते और खुसबू इससे शर्मा जाती और सोनल उसे छेड़ने का कोई भी मौका नही छोड़ रही थी,सुमन की बिदाई का समय आ गया था ,रोने वाला कोई था ही नही ,क्योकि सभी इस रिश्ते से बेहद खुस थे ,लेकिन उसकी मां की आंखों में आंसू आ ही गया ,
ठाकुरो की हवेली में किशन का कमरा फूलो से सजाया गया था,ऐसे तो किशन ने अब तक ना जाने कितनी लड़कियों के साथ सेक्स किया था लेकिन आज उसका दिल जोरो से धड़क रहा था,ये बात भी स्वाभाविक थी क्योकि सुमन उसका प्यार था,और ये पहली बार था …..
तो धक धक करते जिया के साथ वो छत में टहल रहा था,उसकी इतनी हिम्मत नही हो रही ही की वो अपने कमरे में जाय
तभी उसे किसी के आने की आहट हुई अजय उसके पास आया था ,
उसे देखते ही वो उसके पास चला गया ,अजय ने अपने चहरे में एक मुस्कुराहट लाते हुए उससे आंखों से ही पूछ लिया की क्या हुआ ,
“पता नही भैया बहुत घबराहट हो रही है”
अजय की मुस्कान चौड़ी हो गई 
“ये तेरे साथ पहली बार तो नही है “
“नही भइया वो बात नही है पर ना जाने क्यो बहुत ही घबराहट हो रही है,ऐसा लग रहा है जैसे की ये पहली बात हो ,पहले कभी ऐसे दिल नही धड़का था,सांसो ने तो जैसे आंदोलन कर रखा है,समझ नही आ रहा की ये क्या हो रहा है “
अजय उसके कंधे पर प्यार से अपना हाथ रखकर कहता है,
“अरे पगले तेरा ये हाल है ओ जरा सोच की उसका क्या हाल होगा,ये स्वाभाविक है होता है ,और अगर तू ऐसे डरेगा तो उसे कैसे समझयेगा ,अब तेरी शादी हो चुकी है मतलब की वो अब तेरी जिम्मेदारी है ,उसका सुख दुख अब सब तुझसे ही होगा ,अब चल गहरी सांसे ले और नीचे चल ,सब ठीक होगा “
अजय के पास होने के अहसास से ही किशन के दिल में हिम्मत आ गई वो 2-4 गहरी सांसे लेकर 
“चलो भइया किला फतह करते है “
अजय की हँसी छूट गई 
“किला मुझे नही तुझे फतह करनी है ,चल अब नीचे “
किशन कमरे में आया तो चौक गया ,सभी औरते वही जमावड़ा डाले बैठी थी,उसका पूरा जोश ही ठंडा होने लगा ,सभी उसे देखते ही मजाक उड़ाने लगी वो बेचारा पसीने से भीग चुका था,लेकिन सभी उसकी हालत देखकर उसपर थोड़ा तरस खाकर वहां से जाने लगे लेकिन रानी और निधि अब भी वही थी ,किशन ने दोनो को सवालिया निशान से देखा ,
“ऐसे कैसे चले जाएंगे भइया,हमारे रश्म के पैसे कहा है “
रानी के चहरे पर मुस्कान थी उसे पता था की किशन ने ऐसा कभी सोचा भी नही होगा,वो सच में घबरा गया …
“ये ये कैसा रस्म है मुझे तो किसी ने कुछ बताया है नही “
“ओहो देखा भाभीजी आपका पाला किस बुद्धू से पड़ गया ,अरे मेरे प्यारे भइया जी आज जब तक आप हमे हमारे मुह मांगे पैसे नही दे देते हम इस कमरे से नही जाएंगे “
किशन थोड़ी देर सोचा लेकिन उसके चहरे में एक मुस्कान आ गई 
“अरे मेरी बहनों तुम्हारे लिए पैसा क्या मैं अपनी जान भी दे दु “
“अभी के लिये तो पैसे ही काफी है ,भइया जल्दी दो मुझे बहुत नींद आ रही है “इस बार निधि के अपने मासूमियत वाले अंदाज में कहा ,
“तो अपनी भाभी के साथ सो जा ना ,ऐसे भी तुम्हारे यंहा रहने से मुझे कोई परेशानी नही है “
“अच्छा तो मैं तो यंही सो रही हु गुड नाइट “निधि बिस्तर में मुह गड़ाकर सो गई ,
“अरे ये क्या कर रही है ,तुझे कहा था ना की जब तक भाई पैसे ना दे यही रहना और तू यहां सोने लगी आज इनकी सुहागरात है पगली ,और अब ये कमरा भाभी जी का है हमारा नही “रानी निधि को हिलाते हुए बोली ,किशन उसके पास आकर बैठ गया ,वो सुमन के बाजू में ही बैठी थी ,सुमन अभी दुल्हन के जोड़े में सिकुचाई हुई पैर मोड़कर बैठी हुई थी उसे देखकर लगता ही नही था की ये इस घर में इतने दिनों से रह रही थी,किशन रानी के बाजू में बैठ गया ,निधि अपनी आंखे खोले उन्हें देख रही थी ,किशन ने रानी के बालो को अपने हाथो से सहलाया ….और उसे गौर से देखने लगा ,पता नही क्यो लेकिन रानी की आंखों में उसका स्पर्श पड़ते ही आंसू आ गए ,वो अपने भाई की खुसी से बहुत ही खुश थी पर उसे व्यक्त नही कर पा रही थी ,कभी किशन एक आवारा सा लड़का हुआ करता था इस लड़की के प्यार ने उसे क्या से क्या बना दिया,
“मेरे पास जो भी है वो तेरा ही तो है पगली ,क्या चाहिए तुम दोनो को अगर तुम्हारे भाई के बस का रहा तो जरूर दूंगा ,लेकिन ये मत कहना की ये कमरा अब तुम्हारा नही रहा,या मैं तुम्हारा नही रहा तुम्हे यंहा रहना है तो यही रहो ,और मैं तो जीवन भर तुमलोगो का रहूंगा,मुझे मेरी बहनों से दुनिया की कोई भी ताकत अलग नही कर सकती “
रानी के मुह से कोई बोल ही नही निकल रहे थे ,वो बस आंसू लिए अपने भाई को देख रही थी वो किशन से लिपट गई ….
“लव यू भाई,मुझे तुमसे कुछ भी नही चाहिए और मुझे पता है मेरा भाई मुझसे कितना प्यार करता है मैं आज बहुत खुश हु भाई ,मेरे भाई को उसका प्यार मिल गया …”
वो दोनो थोड़ी देर तक एक दूसरे से चिपके रहे ,तभी निधि बोल पड़ी
“भइया मुझे तो चाहिए “
“तू बोल तो सही मेरी प्यारी गुड़िया को क्या चाहिये “किशन उसके बालो में हाथ फेरने लगा 
“जल्दी से एक प्यारा सा भतीजा ….और इसमें देरी नही होनी चाहिए “रानी और निधि हँसने लगे वही सुमन बेचारी थोड़ी सकुचा गई ,वो जरूर घूंघट के नीचे मुस्कुराई होगी …
“अरे बहन अब इन्हें छोड़ देते है नही तो भतीजा आने में देरी हो जाएगी “रानी और निधि फिर से हँसे और किशन और सुमन को किस करके कमरे से निकल गए……..
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12-24-2018, 01:24 AM,
#57
RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
आज वस्ल की रात थी ,और किशन के साथ सुमन की दिल की धड़कने भी बढ़ी हुई थी ,किशन बड़ी मुश्किल से उसके पास जाकर बैठा था,सुमन अब भी घूंघट में ही बैठी मुस्कुरा रही थी ,वो कभी अपने पैरो को एक दूसरे पर मसलती कभी किशन के पहल का इंतजार करती ……..
“सुमन …..”
“हम्म्म्म “
“अरे कुछ तो बोलो “
कुछ देर तक कोई भी आवाज नही आयी ,किशन उसके पास जाकर उसका घूंघट उठा लेता है ,सुमन बड़ी मुश्किल से ही सही लेकिन अपनी नजर नीचे ही गड़ाए रखती है,
“सुमन …..”
“हम्म “
“ऐसे कैसे चलेगा,मुझे भी बहुत डर लग रहा है “
सुमन हल्के से हस्ती है ,वो हँसी हल्की ही थी लेकिन किशन के कानो तक पहुच ही गई 
“अरे तुम्हे मजाक लग रहा है ,ये देखो “
वो सुमन के हाथो को पकड़कर उसे अपने दिल के पास लाकर रख देता है जो की तेजी से धड़क रहा था,सुमन उसे नजर उठाकर देखने पर मजबूर हो जाती है ,जो लड़का कभी उसका रेप करने वाला था जो ना जाने कितनी लड़कियों के साथ सेक्स कर चुका था आज वो एक लड़की के सामने बैठा ये कह रहा है ,पहले तो सुमन को यकीन नही हुआ था लेकिन उसके धड़कते दिल ने उसे सच बता दिया था,
दोनो की नजर मिली और सुमन ने तुरंत ही अपनी नजर झुका ली ,सुमन की नजर का प्रेम देखकर किशन को कुछ राहत मिली और साथ ही थोड़ी हिम्मत भी मिली वो उसके और पास गया …
“सुनो ना “
“ह्म्म्म “
“तुम बहुत ही खूबसूरत लग रही हो मन करता है की ………..”
सुमन ने कुछ भी नही कहा बस उसके बांहो को जो की सुमन के बाजू में था हल्के से मरती है ,
“अरे मैं तो किस की बात कर रहा हु “
सुमन कुछ भी नही कह पाती …
“अच्छा लगता है तुम्हारा मन नही है मैं जाता हु “
किशन को भी पता था की वो उसे रोकेगी लेकिन उसने अपने आवाज में एक झूठा गुस्सा लाया ,एक हल्का सा गुस्सा ,
सुमन तुरंत ही उसकी प्रतिक्रिया देती है और जैसे ही किशन पलटने को होता है वो उसका हाथ पकड़कर रोक लेती है ,
“मत जाओ “सुमन उसे देखते हुए बोलती है ,इससे किशन के चहरे में एक मुस्कान आ जाती है लेकिन सुमन शर्मा जाती है,और फिर से अपनी नजर नीचे कर लेती है ,
“तुम तो कुछ बोल ही नही रही हो “
“क्या बोलू “
“मेरी बात का जवाब दोगी “वो हा में सर हिलती है …
“हम तो इतने दिनों से साथ है ना फिर आज इतना क्यो शर्मा रही हो “
वो फिर से नजर उठाकर उसे देखती है लेकिन फिर से नजर झुका लेती है,
“क्योकि अब आप मेरे पति हो “
“अच्छा तो अपने पति के पैर तो तुमने छुवे ही नही “किशन के चहरे में एक मुस्कुराहट तैर जाती है वही सुमन जैसे कुछ भूल गई हो वो हड़बड़ाई और तुरंत किशन के पैर ढूंढने लगी किशन जोरो से हँसा और इसी हलचल में उसने सुमन को अपने ऊपर गिरा लिया ,अब किशन बिस्तर में पड़ा था वही सुमन उसके ऊपर पड़ी थी ,सुमन का घूंघट पूरी तरह से निकल चुका था ,हलचल में बाल भी थोड़े बिखर गए थे,लेकिन फिर भी सलीके से सवांरे गए थे ,एक आउच के साथ वो किशन की बांहो में थी ,किशन ने आराम से एक तकिया अपने सर में रख लिया और स्तिथि का भान होने पर सुमन बिल्कुल शर्मा कर पहले तो छूटने की कोसिस करने लगी लेकिन किशन की बांहो ने उसे मजबूती से कस रखा था ,वो हारकर अपना सर उसके सीने से लगा के लेट गई उसका विरोध कम होने पर किशन ने उसके मुखड़े को उठाकर देखा ,वो कठपुतली सी उठ गई ,सजी सवारी सवाली सलोनी सी सुमन ,एक तेज से भरा हुआ रूप जो की उसकी परिस्थितियों से और भी उज्वल हो गया था,वो आंखे बंद किये हुए किशन को अपना सब सौपने को तैयार थी ,ऐसे तो किशन ने बहुत ही हूर परिया देखी थी लेकिन सुमन के प्यार के आगे सब ही फीके थे ,वो अपने सर को उठाकर उसके होठो पर एक चुम्मन लेता है जिससे सुमन फिर से हरकत में आती है और अपना सर उसकी छाती में गड़ा देती है ,
“सुमन मेरी जान ,कितनी मुद्दत से तुम्हे पाना चाहा था और आज मिली तो यू बेरुखी दिखा रही हो “
सुमन बस हँस कर रह गई ,किशन उसके बालो को सहलाता रहा ,वो भी एक सुकून में खो गया था जंहा करने को कुछ भी नही था,जो भी था वो होने को था,वो जब हो जाय परवाह किसे थी,अब तो सुमन उसकी थी और वो उसका ……
वो उसके बालो को सहलाता रहा ,सुमन भी आंखे बंद किये अपने पति के अहसास को अपने अंदर भरती रही ,लेकिन ना वो ही आगे बढ़ रहा था ना ही सुमन …
आधे घंटे यू ही बीत गए ,किशन का हाथ भी अब उसके सर पर ही रखा था लेकिन कोई भी हलचल नही कर रहा था,सुमन को लगा जैसे की किशन सो ही गया हो ,वो उठाकर उसे देखने लगी सचमे किशन आंखे बंद किये हुए लेटा था,उसे उसे देखकर हँसी आयी और वो उठाकर उसके होठो के पास जाकर रुकी वो देखना चाहती थी की वो सोया है या नही ,कोई भी हलचल नही होने पर वो उसके होठो पर एक प्यारी सी किस करती है ,और उठाकर फिर से उसे देखती है वो अब भी आंखे बंद किये हुए सोया था ,वो फिर से उसके होठो के पास पहुचती है और जैसे ही वो उसके होठो पर किस करती है किशन अपने हाथो को उसके सर पर लाकर रख देता है और अपने होठो को खोलता हुआ उसके होठो को चूसना शुरू कर देता है ,इससे सुमन पहले तो चौक जाती है लेकिन जैसे ही उसे ये आभास होता है की किशन पहले से जग रहा था वो अपने हाथो से उसे मारती है लेकिन अब उसका सर किशन के कब्जे में था ,वो उसके होठो को बेपनाह चूमे जा रहा था ,आखिर सुमन भी अपने लाज के पहरे को कब तक सम्हाल पाती ,वो भी अपने होठो को खोलकर उसका स्वागत करती है और दोनो के जीभ आपस में टकरा जाते है ,एक पल को जैसे सब रुक जाता है लेकिन अगले ही पल दोनो ही दुनिया की हर फिक्र को छोडकर अपने महबूब की बांहो में समा जाते है ,दोनो ही एक दूसरे के होठो की गहराइयों को नाप रहे थे और एक दूसरे के सर को पकड़े हुए उसे अपनी ओर खिंचने की कोशिस कर रहे थे,ये तब तक चला जब तक की उनकी सांसे इतनी नही भर गई की वो अलग होने पर मजबूर ना हो जाय ,जैसे ही वो अलग हुए सुमन जल्दी से उसे छोड़ कर फिर से शर्माती हुई दूसरे तरफ मुह कर सो गई ,और किशन उसके पीछे से उसे जकड़ लिया ,वासना की कोई भी लहर अभी दोनो के मन में नही उठी थी ,ना ही मन में ना ही शरीर में ,वो बस एक दूसरे को अहसास करना चाहते थे ,किशन उससे जितना सट सकता था सट गया ,और उसके गले को चूमने लगा ,उसके होठो में जो भी आता वो उसे ही बड़ी शिद्दत से चूमता चूसता जा रहा था वो उसके गले से बालो तक पूरा सर से लेकर उसके माथे से होता हुआ उसके गालो तक ,उसकी आंखों को नाक को होठो को गालो को गले से आगे के हिस्से से होता हुआ उसके छातियों के उस हिस्से को जो की उसके ब्लाउज़ के बाहर से झांक रहे थे ,उसने उसकी साड़ी के पल्लू को दूर फेक दिया सुमन ऊपर बस ब्लाउज़ में थी जिससे किशन को उसके उन्नत स्तनों की झलकियां मिल रही थी ,किशन ने अपने जीभ को उस दोनो स्तनों की खाई में घुसाने की कोशिस की लेकिन नाकाम ही रहा लेकिन जितना उसके जीभ और होठो के दायरे में आया वो उसे पूरी शिद्दत से चूसा चाटा और चूमा ,सुमन किशन के सर को पकडकर उसे कभी रोकती तो कभी अपने पास धकेलती ,उसकी सांसे भी तेज हो गई थी वही किशन की उत्तेजना भी बढ़ गई थी ,सुमन अब अपने पीठ के बल आ चुकी थी और किशन उसके ऊपर लगभग चढ़ ही गया था,वो अपने हाथो को ऊपर कर उसके स्तनों पर दबाव बनाया जो की सुमन के सहन के बाहर था ,
“आह जान “
वो उसके सर को पकड़कर उसे अपने ऊपर खिंची और उसके होठो पर अपने होठो को मिला दिया ,दोनो फिर हवस के एक झोंके से बाहर आकर प्यार के सागर में डूबने लगे ,पहले तो वो जोरो से चूसने लगे थे लेकिन फिर वो आराम से और इत्मीनान से एक दूसरे के होठो में खोने लगे,किशन ने आगे बढ़ने की सोची और अपना हाथ उसके पेट से ले जाकर उसके साड़ी के अंदर घुसने की कोसीसे करने लगा ,सुमन ने उसका हाथ रोका और उसके कानो ने धीरे से कहा 
“आज नही ना “
किशन को कभी किसी समझदार आदमी की वो बात याद आ गई जिसने कहा था की सुहागरात की पहली रात सिर्फ प्यार नो सेक्स ….

किशन मुस्कुराता हुआ अपना हाथ वहां से हटा लिया और फिर से उसके होठो में घुस गया ,सुमन अपने पति के द्वारा अपने लिए किये सम्मान और आदर को देख कर उसके प्रति प्यार से और भी भर गई और उसे जिंदगी भर पूरा प्यार देने का वचन मन में लेती हुई ,उसके होठो में अपने होठो को समर्पित कर दिया ………..
“तो बताओ ना भाभी जी की क्या क्या हुआ “रानी और निधि ने सुबह से ही सुमन को पकड़ लिया था,
“कुछ भी नही “
“ऐसा कैसे हो सकता है ,की किशन भाई कुछ भी ना करे “
सोनल कमरे में आते हुए बोली 
“सच्ची दीदी कुछ नही हुआ बस किस “
“अरे वाह मेरे भाई को एक ही रात में सुधार दिया तुमने “सोनल हँस पड़ी साथ में बाकी सभी …
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12-24-2018, 01:24 AM,
#58
RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
इधर 
अजय और नितिन बैठे बाते कर रहे थे,साथ ही विजय धनुष और अभिषेक भी थे 
“भइया हमे बहुत ही सोच समझकर काम करना पड़ेगा “
“हम्म अभिषेक तूम कालेज के अध्यक्ष हो कितने लड़के है हमारे साथ “
जब से इन भाइयो ने अभिषेक को उल्टा लटकाया था वो बेचारा भीगी बिल्ली की तरह रहता था और साथ ही उनकी हर बात माना करता था,अजय को पता था की इसे बस में रखना बहुत जरूरी है क्योकि उसके अंदर प्रतिभा थी जिसका उपयोग जिसका उपयोग अजय को अपनी पार्टी के लिए करना था ,
“भइया लगभग सभी “
“लगभग का क्या मतलब होता है “विजय की दमदार आवाज से अभी थोड़ा घबराया ,अजय ने उसे शांत रहने को कहा ,
“भइया कुछ लोग पहले से पुरानी पार्टी के मेम्बर है ,और वो कुछ ना कुछ पदों में भी है उन्हें तोडना मुश्किल है “
“हम्म कोई बात नही दूसरी पार्टीयो में भी तो कोई होना ही चाहिए ,अभी अगर हम उन्हें अपने साथ लाने की कोशिस करेंगे तो वो नाजायज मांगे करेंगे उससे अच्छा है की उन्हें हम ऐसे हराये की वो हारकर हमारे साथ आने पर मजबूर हो जाय ,इस साल पहला इलेक्शन विधानसभा का होगा,फिर लोकसभा अगले साल से शुरू होने वाला है ,उसके बाद पंचायत चुनाव और निगमो के चुनाव होंगे ,हमे अपना बेस इतना मजबूत रखना है की पहले 2 इलेक्शन में भले ही हमे कम सीटे मिले लेकिन स्थानीय चुनाव तक हमारा परचम लहराए,एक एक गांव के एक एक बूथ तक हमारी पहुच होनी चाहिए ,हर जगह से जितने भी लोग है सभी को इकट्ठे करो ,सभी कार्यकर्ता को से जो भी वोट ला सकता है अपनी शक्ति दिखाने को कहो हम सबसे पर्सनली मिलेंगे,जो भी योग्य होगा उसे सीट दी जाएगी ,और पद भी ,निर्वाचन आयोग में पार्टी की मान्यता के लिए दरखास्त दे दी आई है ,कुछ ही दिनों में हमे हमारा नाम और चुनाव चिन्ह भी मिल जाएगा ,हमे तुरंत शक्ति प्रदर्शन के लिए रेलिया निकालनी शुरू करनी होगी ,बहुत काम है दोस्तो भीड़ जाओ पूरे प्रदेश में फैल जाओ और चुन चुन कर उम्मीदवार लाओ जो अपने इलाको का नेतृत्व करे ,,,,
उसी शाम फिर से एक मीटिंग होती है जिसमे करीब 100 लोग शामिल थे अधिकतर लोग युवा ही थे ,ठाकुर-तिवारी परिवार के सभी बच्चे वहां मौजूद थे और अजय के नेतृत्व में सभी को उनकी जिम्मेदारी बांटी जा रही थी ,सबसे ज्यादा काम अजय , निधि धनुष के पास था ,बाकियों को बस अपने ही क्षेत्रो में जाने का काम दिया गया था ,जिसका जैसा समर्थ था वैसा काम उन्हें मिल गया था ,निधि को पार्टी का प्रेजिडेंट बनाया गया,वही धनुष को मुख्यमंत्रि का उमीदवार घोषित कर दिया गया ,अभिषेक पार्टी का महासचिव था ,साथ ही हर इलाके में गांव और ब्लाक लेवल तक और शहरों में जिला से वार्डो तक के प्रतिनिधियो की लिस्ट भी जारी कर दी ,ये काम कई दिनों का था लेकिन अजय ने होशियारी दिखाई थी और पहले से ही लिस्ट तैयार रखी थी ,जैसे सालो से वो उसी काम में भिड़ा हुआ हो ,एक एक प्रतिनिधि हैरत में था की अजय उन्हें पर्सनली जानता है,उनके इलाको की समस्याओं को जानता है ,
असल में अजय ने इसकी प्लानिंग सालो में ही की थी ,वो पूरे इलाके में घूमता रहता था और कई लोगो से मिलता जो की सामाजिक और राजनीतिक रूप से एक्टिव थे ,वो अलग अलग पार्टी के या स्वतंत्र काम करने वाले थे ,अजय सभी को लिस्टेड करता रहता था और उनके काम पर नजर भी रखता था ,उसने अपनी पार्टी का इतना बड़ा खांचा बना दिया था की विरोधी पार्टीयो के पसीने आने वाले थे ,जो उन्हें बच्चा समझ कर मजाक में ले रहे थे ……...
ये बात दूसरे दिन के अखबारों की हेडलाइन होने वाली थी ,अखबार से बहुत से लोग भी वँहा शामिल थे और उन्हें खूब पिलाया गया ,और खूब खातिरदारी की गई ,ये सभी काम विजय और नितिन के सुपुर्द था ,अजय विजय और नितिन पर्दे के पीछे से काम करने वालो में थे,धनुष और निधि के चहरा सामने होना था,और किशन राकेश और बाकियों को इससे दूर ही रखा गया था ,ज्यादा से ज्यादा अपने क्षेत्र में कुछ प्रचार के लिए उनका उपयोग होता ….
अब बस देर थी पार्टी के नाम के आने की और चुनाव चिन्ह के मिलने की …….
वही हवेली पहुचने के बाद सबको इंतजार था सुमन के गुड न्यूज़ की जो शायद आज रात होने वाला था ,......

जिन हसीन पलो का इंतजार किशन और सुमन को था वो आ ही गया था ,सुमन ने दुनिया से लड़कर अपना कौमार्य अपने पति के लिये बचाया था वही किशन भी अपने हवसी और चंचल स्वभाव को त्यागकर बस सुमन का ही हो गया था,दोनो के लिए ये रात बहुत ही खास थी ,उनकी सुहागरात तो मन चुकी थी लेकिन अब भी सुमन का जिस्म पूरी तरह से किशन का नही हुआ था,समर्पण की एक इंतहान अभी भी बाकी था,
सुमन भी जानती थी की आज कुछ हो सकता है और वो इस बात से थोड़ी डरी डरी सी थी ,
वो काम में व्यस्त थी,चम्पा के साथ घर के काम कर रही थी ,ऐसे यही काम वो रोज किया करती थी ,सीता मौसी अपनी पोती को साड़ी में देखकर गदगद हो रही थी वही चम्पा अपनी बहु और अपनी सौतेली बेटी के ऊपर पूरा प्यार लुटा रही थी ,ये बात तो सुमन को भी पता थी ,लेकिन सुमन अब इस बारे में सोचना नही चाहती थी ,लेकिन मन है …….
मन तो मन ही है ,वो बातो को घुमा फिरा कर सामने ले ही आता है ,सुमन बार बार ये बात भुलाने की कोसीसे करती थी की वो और किशन एक ही खून है ,खून के रिस्ते से वो भाई बहन ही है ,लेकिन फिर भी वो दिल के किसी कोने में इस बात को भूल नही पा रही थी ,
‘क्या मुझे किशन जी को ये बता देना चाहिए ‘
उसके मन ने खुद से ही ये सवाल किया 
‘नही नही पागल हो गई हो क्या ,अगर ऐसा हुआ तो अनर्थ हो जाएगा,घर में बवाल हो सकता है,उस समय चम्पा मा की क्या मजबूरियां थी इसपर किसी का भी ध्यान नही जाएगा ,किशन शायद खुद भी डिप्रेशन में आ जाए ‘
उसने मन ही मन इस बात को ना खोलने की सोची लेकिन वो अपने भाई से ही कैसे जिस्म का रिस्ता बना सकती थी……..????
वो बड़ी उधेबुन में बैठी रही ,काम खत्म होने पर चम्पा ने उसे कमरे में जाने को कहा वो हा बोलकर वहां से तो निकल गई लेकिन कमरे में जा ना सकी,वो छत में जाकर बैठ गई वो अपने इसी खयालो में पागल हुए जा रही थी ,उसे समझ नही आ रहा था की आखिर वो करे तो क्या करे ….
वो रोये जा रही थी ,
रानी ने उसे गुमसुम देखा था,जब वो छत में जा रही थी तो उसके चाल से ही उसे समझ आ गया था की कुछ गड़बड़ है वो उसका पीछा करने लगी ,आखिर वो सुमन के जाने के थोड़ी देर के बाद धीरे धीरे ऊपर जाने लगी ,उसने जब सुमन को रोते हुए पाया तो उसे समझ ही ना आया की आखिर ऐसा क्या हो गया की वो ऐसे रो रही है ,क्या मा ने कुछ कहा,नही वो इसे क्यो कुछ कहेगी ,तो भाई ने ? हा ये हो सकता है ,
थोड़ी देर हु ही उसे देखती रही फिर जाकर सुमन के पास ही खड़ी हो गई ,उसे देखकर सुमन हड़बड़ाई और उठी ,वो अपने आंसू पोछने लगी ,
“क्या हुआ भाभी “
“कुछ भी तो नही “
“तो बिना कारण के आप रो रही है ??”
“वो वो मा की याद आ गई “
रानी के चहरे में हँसी आ गई 
“भाभी आप को जब झूट बोलना नही आता तो क्यो बोलती हो ,बताओ ना क्या हो गया “
सुमन चुप थी उसे समझ ही नही आ रहा था की आखिर वो उसे क्या जवाब दे ,रानी उसके पास जाकर उसकी बांहे पकड़ती है ,
“आज जो होने वाला है उसके लिए रो रही हो क्या “
सुमन को याद आया की आज क्या होने वाला है ,
“नही नही ….नही तो “
रानी फिर से मुस्कुराई 
“या मेरा भाई आपको पसंद नही है ,जबरदस्ती शादी तो नही की ना आपने,...हर मर्द की तमन्ना होती है की वो सुहागरात में अपनी पत्नी को अपना बना ले लेकिन आपने वो करने नही दिया ,आज आप यहां बैठी हो ,जबकि भाई वहां बेसब्री से इंतजार कर रहा है, मुझे तो लगता है की तुम्हारे दिल में कभी भाई के लिए प्यार था ही नही “
रानी एक ही सांस में सब कुछ बोल जाती है वही सुमन बस उसे देखते रह जाती है,उसके मुह से कोई भी बात निकल ही नही रही थी,उसे समझ ही नही आता की रानी को कैसे समझाए 
“ऐसा नही है रानी “वो बड़ी ही मुश्किल से ये बोल पाई 
“तो कैसा है ,अगर ये सच नही है तो बताओ की क्या सच है,”
रानी इस बार ने थोड़ी जोर से कहा ,और बदले में सुमन भी जोरो से रोने लगी ,वो वँहा से जाने लगी लेकिन रानी ने उसका हाथ जकड़ लिया 
“तुम ऐसे नही जा सकती “
“नही रानी मुझे छोड़ दो सच इतना कड़वा है की तुम उसे सह नही पाओगी इसे मुझतक ही रहने दो ,वो मेरा इंतजार कर रहे होंगे मुझे जाने दो “
रानी के चहरे में फिर से एक मुस्कुराहट आ गई लेकिन ये मुस्कुराहट भी बहुत कड़वी थी 
“नही भाभी “
इस बार उसकी आवाज नरम थी ,उसने जानबूझ कर ये सोच कर ही उसे कड़वे वचन कहे थे की वो टूटकर सच बता दे लेकिन रानी को भी इसका आभास हो गया था की सुमन इतनी जल्दी नही टूटने वाली 
“भाभी जी ,अगर आपके दिल में भाई के लिए प्यार नही हो तो शायद आप कभी खुस नही रह पाएंगी और ना ही भाई खुस रह पायेगा ,आपके हाथो में दो जिंदगियां है “
“मैं उनसे बेपनाह प्यार करती हु रानी ,मेरी जान भी उनकी एक हँसी के सामने कुर्बान है “
रानी उसका हाथ छोड़ देती है और सुमन भी जल्दी से वहां से निकल जाती है ,लेकिन रानी के दिमाग में ये बात घर कर गई के आखिर ऐसा कौन सा सच है जो सुमन उससे छुपा रही है ,खैर उसे जो जानना था उसे समझ आ गया था की सुमन की ओर से कोई भी देरी नही है वो तो अपने को किशन के नाम ही कर बैठी है………
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12-24-2018, 01:24 AM,
#59
RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
इधर
किशन अपने कमरे में अधीर इधर उधर घूम रहा था ,तभी उसे सुमन की आहट मिली उसका दिल धक कर रह गया ,सुमन की सांसे फूली हुई थी वो छत से दौड़ाते हुए सीधे वहां आयी थी ,दोनो की नजर मिली ,सुमन अभी भी उसी खयालो में थी लेकिन उसे अब अपनी गृहस्थी सम्हालना था और इन सब बातो का कोई अर्थ अब नही रह गया था ,सोचने के लिए बहुत देर हो चुकी थी ,वो अपने होठो में मुस्कुराहट लाती है ,किशन उसे देखकर मुस्कुराता है ,वो उससे बिना कुछ कहे ही अपने कपड़े पकड़कर बाथरूम में घुस जाती है वो फ्रेश होकर एक नाइटी पहन लेती है जिसे किशन की बहनों ने उसके लिए शादी के तोहफे के रूप में लिया था ,वो सफेद रंग की झीनी सी नाइटी थी ,जो काफी हद तक पारदर्शी थी ,उसके जांघ उसमे साफ दिख रहे थे,ऐसी ही नाइटी इस घर की सभी लडकिया पहनती थी लेकिन सुमन के लिए ये पहली बार था,वो सवाली सी थी ,निधि या सोनल की तरह उसके जांघो का भराव भी उतना नही था लेकिन फिर भी उसके आत्मविस्वास में कोई कमी नही आयी ,वो एक बार फिर से अपने को दर्पण में देखती है ,थोड़ा घूम घूम कर उसके कूल्हों का वजन अभी उतना ज्यादा नही था लेकिन फिर भी वो साफ साफ भरे हुए देख रहे थे,वो खुद ही शर्मा जाती है,उसके स्तनों की बीच की घाटी साफ और उत्तेजक प्रतीत हो रही थी ,लेकिन अब भी उसे लगा की कुछ कमी है उसे अपने मांग के सिंदूर की याद आयी ,चहरा धोने से उसके मांग का सिंदूर थोड़ा सा फीका पड़ गया था,वो बाहर आयी ,किशन अपना मुह फाडे उसे निहार रहा था ,लेकिन सुमन ने उसकी ओर देखा भी नही वो अपने ड्रेसिंग के पास पहुची और अपनी मांग में गढ़ा सिंदूर लगाया,नए दुल्हन जैसे उसके हाथ अब भी चूड़ियों से सजे हुए थे ,उसने अपने बालो को पूरा खोला और कंघी से थोड़ा सीधा किया ,वो उसे खुला ही रहने दी ,अपने माथे की पुरानी बिंदिया निकल कर उसने नई बिंदिया लगाई ,अब फिर से उसने अपने को देखा लेकिन वो इतनी हसीन लग रही थी की वो खुद को भी नही देख पा रही थी ,वो शर्म से मरी जा रही थी ,उसे समझ ही नही आ रहा था की वो किशन के पास कैसे जाए ,
उसकी हालत और सुंदरता देख किशन को अपने किश्मत पर गुमान हुआ वो उठा और सुमन के पास गया ,सुमन अब भी सर नीचे किये खड़ी थी ,उसने उसे पीछे से जकड़ लिया ,दोनो के ही अंग अंग में एक झुनझुनाहट सी दौड़ गई ,दोनो ही सिहर गए …
किशन ने उसके गले पर अपने होठो को टिकाया ,उसके कोमल होठ के स्पर्श से ही सुमन का बदन अकड़ गया ,
“आह “वो धीरे से आह लेने लगी ,इतने देर के मानसिक तनाव से उस एक स्पर्श ने मुक्ति दिला दी वो समझ गई की यही उसकी नियति है और किशन को प्यार देना और उससे प्यार पाना ही उसके लिए सौभाग्य की बात है,उसने अपने को पूरी तरह से किशन के लिये समर्पित करने की कसम खाई और पलट कर किशन के होठो में अपने होठों को मिला लिया ,ये किशन के लिए आश्चर्यजनक था क्योंकि अभी तक वो इतना शर्मा चुकी थी की किशन उससे पहल की उम्मीद ही नही कर रहा था ,लेकिन वो खुश था बहुत खुस ,दोनो के होठ मिले और सिलसिला शुरू हो गया,किशन ने उसे ले जाकर बिस्तर में पटक दिया और उसके ऊपर आकर उसके होठों की गहराइयों में अपने जीभ को ले गया ,दोनो ही मस्ती में डूबे हुए थे ,दोनो ही दुनिया के अहसास को भूल कर बस एक दूजे में खोये हुए थे,जब दोनो ही थक गए तो एक दूसरे को देख कर मुस्कुराए 
“तो आज क्या प्लान है “किशन ने सुमन के कानो में कहा और जवाब में सुमन ने उसे अपनी ओर खिंच लिया और उसके होठो को फिर से चूमने लगी ,किशन के लिए इतना इशारा ही काफी था,वो धीरे से अपने हाथो को उसके जांघो पर सहलाता है और सुमन के होठो से सिसकारियां निकलने लगती है ,उसके लिए ये सब पहला अहसास था,उसके योनि से धार छूटनी शुरू हो चुकी थी ,किशन ने देर नही करते हुए अपने कपड़े निकाल फेके लेकिन सुमन अब भी वैसे ही थी किशन का लिंग सुनम के पेंटी को भेदता हुआ सीधे उसके योनि पर वार कर रहा था,जो अब सुमन के लिए भी सहना मुश्किल ही रहा था ,वो बेचैनी में छटपटाई और आखिर में खुद ही अपने हाथो को नीचे कर किशन के लिंग को पकड़कर अपने योनि में जोरो से रगड़ने लगी ,किशन उसके इस व्यव्हार से हक्का बक्का रह गया ,वो जोरो जोरो से सिसकिया लेते हुई झड़ गई ,वो हफते हुए थोड़ी शान्त हुई तो उसकी नजर किशन पर गई,उसे अपने किये की याद आयी और वो बुरी तरह से शर्मा कर अपने मुह को छुपाने लगी लेकिन इससे पहले ही किशन उसके ऊपर कब्ज़ा जमा चुका था और इस बार वो सुमन के हर एक अंग को चुम रहा था ,उसके होठ सुनम के एक एक अंगों को नाप रहे थे और गीला कर रहे थे ,सुमन फिर से गर्म होने लगी थी ,वो किशन के बालो को पकड़े हुए बस आहे ले रही थी ,किशन उसके कपड़ो को अभी तक नही निकाला था वो उसके जांघो तक आ गया और ऊपर जाने लगा ,वो उसके पेंटी के किनारे पर था ,दोनो जांघो के बीच कसे हुए पेंटी को ही चाट रहा था ,और उसे इधर सुमन उसके बालो को और भी जोरो से कसे जा रही थी ,अंत में फिर से उससे नही रहा गया और वो किशन के सर को अपने योनि में दबाने लगी ,किशन के चहरे में एक मुस्कान आ गई और वो जोर लगा कर उठ खड़ा हुआ ,सुमन उसे अजीब से खा जाने वाली निगाह से देख रही थी ,किशन उसके ऊपर आकर उसकी पेंटी को निकालने लगा ,उसे पता था की सुमन वर्जिन है और यही सही मौका है जब वो बेहद गर्म है वो उसे झरने नही देना चाहता था ,किशन ने अपनी एक उंगली उसके योनि के अंदर डाली वो अंदर से बेहद गर्म थी लेकिन गीली भी थी ,सुमन ने एक जोरो की आह ली और किशन के बालो को पकड़कर झूल गई ,किशन ने अपने होठो को उसके होठो से मिलाया और उसके योनि में अपने उंगली को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा ,वो पास से ही एक क्रीम पकड़ लाया और उसे अपनी उंगली में लगा कर उसे अपने लिंग के लिए तैयार करने लगा ,वो फिर थोड़ी थोड़ी देर में ही रुक जाता जिससे सुमन का ओर्गास्म ना हो ,सुमन बेहद ही चिढ़ गई थी जिससे किशन को हँसी आ रही थी ,वो अब तैयार थी वो फिर से उसके होठो को चूसने लगा और अपने लिंग की ऊपरी चमड़ी को पीछे कर उसके योनि में रगड़ने लगा ,सुमन बस सिसकिया ले रही थी ,क्रीम का प्रभाव ,योनि का गीलापन और सुमन के तन में फैली सेक्स की गर्मी ने किशन का काम आसान कर दिया था ,वो पहली बार में अपना आधा लिंग उसके अंदर डाल दिया ,सुमन जोरो से चीखी लेकिन उसकी चीख किशन के होठो में ही घुट गई ,थोड़ी देर के किस ने उसे फिर से राहत दी और किशन धीरे धीरे धक्के मरता हुआ सुमन के योनि में अपना स्थान बनाने लगा ,थोड़ी ही देर में किशन का लिंग पूरी तरह से सुमन के योनि के अंदर था ,एक ही झटके के साथ सुमन फिर से अपने चरम सुख पर पहुच गई और ढेर हो गई ,किशन भी हालात को समझता हुआ रुक गया और उसे अपने ऊपर लेकर उसे सुस्ताने का मौका देने लगा ,सुमन के घने बाल पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुके थे ,उसका सिंदूर फैल गया था और वो बेहद ही सेक्सी लग रही थी ,उसकी कुछ चूड़ियां टूट गई थी जिसे किशन ने बाजू में ही फेक दिया था ,किशन का लिंग अब भी उसके अंदर था,सुमन इन एक मदहोश आंखों से उसे देखा ,वो इतने मजे से गुजरी थी की पूरी दुनिया ही भूल गई थी ,किशन पर उसे इतना प्यार आ रहा था की उसका दिल किया की अभी उसके लिये अपनी जान दे दे ,वो झुककर उसके होठो पर अपने होठो को रखती है और चूसने लगती है ,दोनो की आंखे अभी आधी खुली और आधी बंद थी ,दोनो ही मदहोशी के आलम में गुम थे,सुमन ने अपने कमर को थोड़ा हिलाया उसे अपने भरे होने का अहसास हुआ ,वो किशन के लिए और भी प्यार से भर गई ,किशन का लिंग उसकी योनि में मजबूती से समाया हुआ था और सुमन की योनि भी उसे मजबूती से कसे हुए थी ,वो इतनी गीली थी लिंग आराम से अंदर बाहर हो रही था,लेकिन अब किसी को कोई भी जल्द बाजी नही थी ,सुमन आराम से कभी कभी अपने कमर को हिला कर उसे अपने अंदर खिंचती या बाहर निकलती वही कभी कभी किशन धक्के देता लेकिन वो अभी एक दूजे के होठो का रस पान कर रहे थे,वो एक दूसरे के शरीर से खेल रहे थे,अब सेक्स गौण हो गया था और अहसास ही सब कुछ रह गया था,पता नही कितने देर तक ये ही चलता रहा ,किशन का वीर्य कब निकल कर सुमन को भर गया उन्हें पता ही नही चला ,लिंग अब भी नही मुरझाया था और अब भी वो खेल जाती था ,वीर्य योनि से निकलकर बिस्तर को गीला कर रहा था ,लेकिन परवाह किसे थी वो ऐसे ही घंटो तक एक दूसरे के बांहो में पड़े रहे और नीद के आगोश में समा गए …
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12-24-2018, 01:25 AM,
#60
RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
इधर 
अजय और नितिन बैठे बाते कर रहे थे,साथ ही विजय धनुष और अभिषेक भी थे 
“भइया हमे बहुत ही सोच समझकर काम करना पड़ेगा “
“हम्म अभिषेक तूम कालेज के अध्यक्ष हो कितने लड़के है हमारे साथ “
जब से इन भाइयो ने अभिषेक को उल्टा लटकाया था वो बेचारा भीगी बिल्ली की तरह रहता था और साथ ही उनकी हर बात माना करता था,अजय को पता था की इसे बस में रखना बहुत जरूरी है क्योकि उसके अंदर प्रतिभा थी जिसका उपयोग जिसका उपयोग अजय को अपनी पार्टी के लिए करना था ,
“भइया लगभग सभी “
“लगभग का क्या मतलब होता है “विजय की दमदार आवाज से अभी थोड़ा घबराया ,अजय ने उसे शांत रहने को कहा ,
“भइया कुछ लोग पहले से पुरानी पार्टी के मेम्बर है ,और वो कुछ ना कुछ पदों में भी है उन्हें तोडना मुश्किल है “
“हम्म कोई बात नही दूसरी पार्टीयो में भी तो कोई होना ही चाहिए ,अभी अगर हम उन्हें अपने साथ लाने की कोशिस करेंगे तो वो नाजायज मांगे करेंगे उससे अच्छा है की उन्हें हम ऐसे हराये की वो हारकर हमारे साथ आने पर मजबूर हो जाय ,इस साल पहला इलेक्शन विधानसभा का होगा,फिर लोकसभा अगले साल से शुरू होने वाला है ,उसके बाद पंचायत चुनाव और निगमो के चुनाव होंगे ,हमे अपना बेस इतना मजबूत रखना है की पहले 2 इलेक्शन में भले ही हमे कम सीटे मिले लेकिन स्थानीय चुनाव तक हमारा परचम लहराए,एक एक गांव के एक एक बूथ तक हमारी पहुच होनी चाहिए ,हर जगह से जितने भी लोग है सभी को इकट्ठे करो ,सभी कार्यकर्ता को से जो भी वोट ला सकता है अपनी शक्ति दिखाने को कहो हम सबसे पर्सनली मिलेंगे,जो भी योग्य होगा उसे सीट दी जाएगी ,और पद भी ,निर्वाचन आयोग में पार्टी की मान्यता के लिए दरखास्त दे दी आई है ,कुछ ही दिनों में हमे हमारा नाम और चुनाव चिन्ह भी मिल जाएगा ,हमे तुरंत शक्ति प्रदर्शन के लिए रेलिया निकालनी शुरू करनी होगी ,बहुत काम है दोस्तो भीड़ जाओ पूरे प्रदेश में फैल जाओ और चुन चुन कर उम्मीदवार लाओ जो अपने इलाको का नेतृत्व करे ,,,,
उसी शाम फिर से एक मीटिंग होती है जिसमे करीब 100 लोग शामिल थे अधिकतर लोग युवा ही थे ,ठाकुर-तिवारी परिवार के सभी बच्चे वहां मौजूद थे और अजय के नेतृत्व में सभी को उनकी जिम्मेदारी बांटी जा रही थी ,सबसे ज्यादा काम अजय , निधि धनुष के पास था ,बाकियों को बस अपने ही क्षेत्रो में जाने का काम दिया गया था ,जिसका जैसा समर्थ था वैसा काम उन्हें मिल गया था ,निधि को पार्टी का प्रेजिडेंट बनाया गया,वही धनुष को मुख्यमंत्रि का उमीदवार घोषित कर दिया गया ,अभिषेक पार्टी का महासचिव था ,साथ ही हर इलाके में गांव और ब्लाक लेवल तक और शहरों में जिला से वार्डो तक के प्रतिनिधियो की लिस्ट भी जारी कर दी ,ये काम कई दिनों का था लेकिन अजय ने होशियारी दिखाई थी और पहले से ही लिस्ट तैयार रखी थी ,जैसे सालो से वो उसी काम में भिड़ा हुआ हो ,एक एक प्रतिनिधि हैरत में था की अजय उन्हें पर्सनली जानता है,उनके इलाको की समस्याओं को जानता है ,
असल में अजय ने इसकी प्लानिंग सालो में ही की थी ,वो पूरे इलाके में घूमता रहता था और कई लोगो से मिलता जो की सामाजिक और राजनीतिक रूप से एक्टिव थे ,वो अलग अलग पार्टी के या स्वतंत्र काम करने वाले थे ,अजय सभी को लिस्टेड करता रहता था और उनके काम पर नजर भी रखता था ,उसने अपनी पार्टी का इतना बड़ा खांचा बना दिया था की विरोधी पार्टीयो के पसीने आने वाले थे ,जो उन्हें बच्चा समझ कर मजाक में ले रहे थे ……...
ये बात दूसरे दिन के अखबारों की हेडलाइन होने वाली थी ,अखबार से बहुत से लोग भी वँहा शामिल थे और उन्हें खूब पिलाया गया ,और खूब खातिरदारी की गई ,ये सभी काम विजय और नितिन के सुपुर्द था ,अजय विजय और नितिन पर्दे के पीछे से काम करने वालो में थे,धनुष और निधि के चहरा सामने होना था,और किशन राकेश और बाकियों को इससे दूर ही रखा गया था ,ज्यादा से ज्यादा अपने क्षेत्र में कुछ प्रचार के लिए उनका उपयोग होता ….
अब बस देर थी पार्टी के नाम के आने की और चुनाव चिन्ह के मिलने की …….
वही हवेली पहुचने के बाद सबको इंतजार था सुमन के गुड न्यूज़ की जो शायद आज रात होने वाला था ,......

जिन हसीन पलो का इंतजार किशन और सुमन को था वो आ ही गया था ,सुमन ने दुनिया से लड़कर अपना कौमार्य अपने पति के लिये बचाया था वही किशन भी अपने हवसी और चंचल स्वभाव को त्यागकर बस सुमन का ही हो गया था,दोनो के लिए ये रात बहुत ही खास थी ,उनकी सुहागरात तो मन चुकी थी लेकिन अब भी सुमन का जिस्म पूरी तरह से किशन का नही हुआ था,समर्पण की एक इंतहान अभी भी बाकी था,
सुमन भी जानती थी की आज कुछ हो सकता है और वो इस बात से थोड़ी डरी डरी सी थी ,
वो काम में व्यस्त थी,चम्पा के साथ घर के काम कर रही थी ,ऐसे यही काम वो रोज किया करती थी ,सीता मौसी अपनी पोती को साड़ी में देखकर गदगद हो रही थी वही चम्पा अपनी बहु और अपनी सौतेली बेटी के ऊपर पूरा प्यार लुटा रही थी ,ये बात तो सुमन को भी पता थी ,लेकिन सुमन अब इस बारे में सोचना नही चाहती थी ,लेकिन मन है …….
मन तो मन ही है ,वो बातो को घुमा फिरा कर सामने ले ही आता है ,सुमन बार बार ये बात भुलाने की कोसीसे करती थी की वो और किशन एक ही खून है ,खून के रिस्ते से वो भाई बहन ही है ,लेकिन फिर भी वो दिल के किसी कोने में इस बात को भूल नही पा रही थी ,
‘क्या मुझे किशन जी को ये बता देना चाहिए ‘
उसके मन ने खुद से ही ये सवाल किया 
‘नही नही पागल हो गई हो क्या ,अगर ऐसा हुआ तो अनर्थ हो जाएगा,घर में बवाल हो सकता है,उस समय चम्पा मा की क्या मजबूरियां थी इसपर किसी का भी ध्यान नही जाएगा ,किशन शायद खुद भी डिप्रेशन में आ जाए ‘
उसने मन ही मन इस बात को ना खोलने की सोची लेकिन वो अपने भाई से ही कैसे जिस्म का रिस्ता बना सकती थी……..????
वो बड़ी उधेबुन में बैठी रही ,काम खत्म होने पर चम्पा ने उसे कमरे में जाने को कहा वो हा बोलकर वहां से तो निकल गई लेकिन कमरे में जा ना सकी,वो छत में जाकर बैठ गई वो अपने इसी खयालो में पागल हुए जा रही थी ,उसे समझ नही आ रहा था की आखिर वो करे तो क्या करे ….
वो रोये जा रही थी ,
रानी ने उसे गुमसुम देखा था,जब वो छत में जा रही थी तो उसके चाल से ही उसे समझ आ गया था की कुछ गड़बड़ है वो उसका पीछा करने लगी ,आखिर वो सुमन के जाने के थोड़ी देर के बाद धीरे धीरे ऊपर जाने लगी ,उसने जब सुमन को रोते हुए पाया तो उसे समझ ही ना आया की आखिर ऐसा क्या हो गया की वो ऐसे रो रही है ,क्या मा ने कुछ कहा,नही वो इसे क्यो कुछ कहेगी ,तो भाई ने ? हा ये हो सकता है ,
थोड़ी देर हु ही उसे देखती रही फिर जाकर सुमन के पास ही खड़ी हो गई ,उसे देखकर सुमन हड़बड़ाई और उठी ,वो अपने आंसू पोछने लगी ,
“क्या हुआ भाभी “
“कुछ भी तो नही “
“तो बिना कारण के आप रो रही है ??”
“वो वो मा की याद आ गई “
रानी के चहरे में हँसी आ गई 
“भाभी आप को जब झूट बोलना नही आता तो क्यो बोलती हो ,बताओ ना क्या हो गया “
सुमन चुप थी उसे समझ ही नही आ रहा था की आखिर वो उसे क्या जवाब दे ,रानी उसके पास जाकर उसकी बांहे पकड़ती है ,
“आज जो होने वाला है उसके लिए रो रही हो क्या “
सुमन को याद आया की आज क्या होने वाला है ,
“नही नही ….नही तो “
रानी फिर से मुस्कुराई 
“या मेरा भाई आपको पसंद नही है ,जबरदस्ती शादी तो नही की ना आपने,...हर मर्द की तमन्ना होती है की वो सुहागरात में अपनी पत्नी को अपना बना ले लेकिन आपने वो करने नही दिया ,आज आप यहां बैठी हो ,जबकि भाई वहां बेसब्री से इंतजार कर रहा है, मुझे तो लगता है की तुम्हारे दिल में कभी भाई के लिए प्यार था ही नही “
रानी एक ही सांस में सब कुछ बोल जाती है वही सुमन बस उसे देखते रह जाती है,उसके मुह से कोई भी बात निकल ही नही रही थी,उसे समझ ही नही आता की रानी को कैसे समझाए 
“ऐसा नही है रानी “वो बड़ी ही मुश्किल से ये बोल पाई 
“तो कैसा है ,अगर ये सच नही है तो बताओ की क्या सच है,”
रानी इस बार ने थोड़ी जोर से कहा ,और बदले में सुमन भी जोरो से रोने लगी ,वो वँहा से जाने लगी लेकिन रानी ने उसका हाथ जकड़ लिया 
“तुम ऐसे नही जा सकती “
“नही रानी मुझे छोड़ दो सच इतना कड़वा है की तुम उसे सह नही पाओगी इसे मुझतक ही रहने दो ,वो मेरा इंतजार कर रहे होंगे मुझे जाने दो “
रानी के चहरे में फिर से एक मुस्कुराहट आ गई लेकिन ये मुस्कुराहट भी बहुत कड़वी थी 
“नही भाभी “
इस बार उसकी आवाज नरम थी ,उसने जानबूझ कर ये सोच कर ही उसे कड़वे वचन कहे थे की वो टूटकर सच बता दे लेकिन रानी को भी इसका आभास हो गया था की सुमन इतनी जल्दी नही टूटने वाली 
“भाभी जी ,अगर आपके दिल में भाई के लिए प्यार नही हो तो शायद आप कभी खुस नही रह पाएंगी और ना ही भाई खुस रह पायेगा ,आपके हाथो में दो जिंदगियां है “
“मैं उनसे बेपनाह प्यार करती हु रानी ,मेरी जान भी उनकी एक हँसी के सामने कुर्बान है “
रानी उसका हाथ छोड़ देती है और सुमन भी जल्दी से वहां से निकल जाती है ,लेकिन रानी के दिमाग में ये बात घर कर गई के आखिर ऐसा कौन सा सच है जो सुमन उससे छुपा रही है ,खैर उसे जो जानना था उसे समझ आ गया था की सुमन की ओर से कोई भी देरी नही है वो तो अपने को किशन के नाम ही कर बैठी है………
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