05-31-2019, 12:03 PM,
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sexstories
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RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
शास... कंचन की जीब को मस्ती में पी रहा था....और उसकी एक उंगली...कंचन की चूत में घूम रही थी...कंचन की शिसकिया काफ़ी तेज हो गये थी....शास धीरे धीरे उंगली से कंचन की चूत को फैलाने की कोशिस भी कर रहा था....और कंचन मस्ती में डूबती जा रही थी....कुछ देर के बाद शास ने कंचन की जीब को छोड़ कर उसकी एक चुचि को मुँह में भर लिया था....पर उसकी एक उंगली अभी भी अपने काम में व्यस्त थी.....कंचन की शिसकिया बढ़ती जा रही थी...उसकी चूत पानी से सराबोर थी....इसी बीच शास की उंगली....कंचन की चूत की झिल्ली को टच हो गयी तो कंचन की चीख nikal गयी...उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउईईईईईईईईईईई.....
पर कंचन को एक अजीब से अहसास ने हिला दिया...कंचन ने शास को बाहों में जकड लिया और शास का मुँह कंचन की चुचि में फँस गया था.....
शास ने कुछ देर के बाद कंचन को गद्दे पर लिटा दिया और कंचन की चूत पर अपना मुँह रख दिया...और एक हाथ से कंचन की चुचियों को बारी बारी से मसल रहा था.....कंचन की चूत शास की गरम साँसों से और ज़्यादा पानी छोड़ने लगी थी....तभी शास की जीब को कंचन ने अपनी चूत के अंदर जाते हुए महसूस किया....कंचन आपना होश खोती जा रही थी...उसे लग रहा थे कि आज शायद इस आनंद में वो बेहोश हो जाएगी.....उसकी आँखे बंद थी...और सिसकियाँ गूँज रही थी...पर अब शास की जीब कंचन की चूत में काफ़ी अंदर तक घूम रही थी....शास को कंचन की चूत का स्वाद मुस्कान की चुत के पानी के स्वाद से मिलता जुलता ही नज़र आ रहा था...पर कंचन की चूत के पानी में हल्का सा भी कसैला पन नहीं था...बिल्कुल कच्चे नारियल के पानी का सा स्वाद.....लेकिन तभी कंचन ने शास के बालों को ज़ोर से पकड़ कर शास के मुँह को अपनी चूत से और सटा दिया था...शास ने धीरे से अपने मुँह को इस तरह से एडजस्ट किया कि उसकी नाक हल्का फूलका शांस तो ले सके क्योंकि कंचन ने तो पूरी ताक़त से शास के मुँह को चूत से सटा दिया था....तभी एक भूचाल सा आया और शास का खुला हुआ मुँह
उस अमृत जल से भर गया....जिसको मदन जल कहते है...जिसको शास गटगट पी गया पर कंचन की पकड़ अभी तक ढीली नहीं हुई थी...
धीरे धीरे कंचन की पकड़ ढीली पड़ती गयी और शास के लंड की अकड़न और बढ़ गयी....झटके खाता हुआ शास का लंड गधे के लंड के तरह शास की नाभि से टकरा रहा था...अब शास ने अपना मुँह कंचन की चूत से हटाया और मन ही मन सोचने लगा कि क्या कंचन की चूत इस लंड को झेल भी पाएगी या नहीं....तभी उसकी नज़र भाभी की वेसलीन की शीशी पर पड़ी और शास ने हाथ बढ़ाकर वेसलीन की शीशी उठा ली....और उसमें से ढेर सारी वॅस्लिन लेकर कंचन की चूत में डालने लगा.......
कंचन....शास क्या कर रहे हो ये.....
शास...कुछ नहीं कंचन तुम्हारी चूत को चिकनी कर रहा हूँ जिससे ये लंड आसानी से घुस जाए नहीं तो तुम्हे ज़्यादा दर्द होगा.....
कंचन....परवाह नहीं शास...बस आज मुझे चोद डालो जो भी होगा देखा जाएगा......
शास....ठीक है कंचन अब ज़रा इसे मुँह के चूस कर गीला कर दो....
कंचन...शास मैं कई घंटों से तड़प रही हूँ इस लंड के लिए....अब बस और नहीं....बस जैसे भी हो अब जल्दी से इसे अंदर डाल दो....
शास...लंड तो मेरा भी परेशान है...पर तुम्हारी मुलायम और कुँवारी चूत को देखकर डर रहा है....कहीं फट ना जाए...फिर क्या होगा....
कंचन...कुछ नहीं होगा...बस आज फाड़ डालो...में सह लूँगी....
अब शास से भी नहीं रुका जा रहा था.....उसका लंड भी अब अकड़ अकड़ कर दर्द कर रहा था....उसका लंड भी कंचन की कुँवारी....नाज़ुक सी चूत में जाने के लिए बेकरार था.....पर शास को मुस्कान की याद अभी भी बाकी थी...उसने मुस्कान की हालत देखी थी....शायद इसी लिए....सुरुआत करने में विलंब कर रहा था....
आख़िर शास ने अपना लंड कंचन की चूत के मुँह पर रख ही दिया.....लंड का गरम सुपाडा चूत पर महसूस कर कंचन शिहर उठी....इसकी हल्की सी सिसकारी निकल गई....
शास...कंचन...तय्यार हो.......
कंचन...अब तय्यारी कैसी कब से इस पल का एंतजार कर रही हूँ...अब तो बस जल्दी से अंदर डाल दो.....
शास ने धीरे से अपने लंड का दबाव कंचन की चूत पर बढ़ाया...पर शास का लंड कंचन की टाइट वर्जिन चूत में नहीं जा रहा था...शास मन ही मन सोच रहा था कि सीधी उंगली से घी नहीं निकलने वाला है.....फिर मुस्कान की याद आते ही डर भी रहा था...
उधर कंचन....की चूत का पानी छोड़ छोड़ कर बुरा हाल था....आख़िर शास ने कंचन के दोनो चुतड़ों को मजबूती से पकड़ कर....अपने लंड को ठीक से एडजस्ट कर एक ज़ोर का झटका दे ही दिया..............
आआआआआअहह...उउउउउउउउउउउउउउईईइसीईई....की आवाज़ के साथ कंचन चिल्ला उठी...और शास के लंड का सुपाडा कंचन की चूत में दाखिल हो चुका था.....कंचन अपने चूतड़ इधर उधर करने लगी...पर शास ने उसके चूतड़ मजबूती से पकड़े हुए थे और इसी पल एक और ज़ोर का झटका दे दिया.....
उउउउउउउउईईईईईएम्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआ.............कंचन की एक जोरदार चीख nikal गई.....और शास के लंड का एक चौथाई हिस्सा चूत में दाखिल हो चुका था....कंचन शास के लंड को बाहर nikalने की कोशिस करने लगी.....उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे....दर्द से उसका चेहरा बिगड़ने लगा था....उसकी चीख सुनकर भाीभि और अन्य सभी जाग गई थी....
भाभी....शास.... क्या हुआ....
शास....कुछ नहीं भाभी...पहले तो ये कंचन मान नहीं रही थी अब चिल्ला रही है....पर कंचन कुछ भी बोल नहीं पाई..उसका गला मानो किसी ने बंद कर दिया हो...घुटि घुटि दर्द की अह्ह्ह और आँखो से पानी बह रहा था....शास का 1 चौथाई लंड कंचन की चूत को फाड़ कर उसमें दाखिल हो चुका था......
भाभी...शास ज़रा धीरे धीरे डालो ना....तुम्हें तो मालूम है कि कंचन की चूत अभी छोटी और वर्जिन है...क्या वो तुम्हारे इस गधे जैसे लंड को आराम से झेल पाएगी...इस लंड ने तो हमारी चुदि चुदाई चूत की भी हालत खराब कर दी है...फिर इस बेचारी.....की हिम्मत है क़ि इसने इस लंड को लेने की हिम्मत तो दिखाई.......
शास...भाभी मैं तो आराम से ही डाल रहा हूँ पर .......कंचन की चूत ही इतनी टाइट है कि इसमें लंड जा ही नहीं रहा है.......
भाभी...देवर जी...मौके की नज़ाकत को समझ कर चोदो....
शास...ठीक है भाभी........
अब शास ने कंचन की चुचियों को हाथों से मसलना शुरू कर दिया था....और लंड को शांत छोड़ दिया था....काफ़ी देर तक शास कंचन की नाज़ुक चुचियों से खेलता रहा...चुचियों के निप्पल चूस्ता रहा और उसके हाथ कंचन के सरीर के हर भाग को सहला रहे थे.....लगभग 10 मिनट तक ऐसे ही करता रहा और उसका लंड कंचन की चूत में झटके खाता रहा.....
धीरे धीरे कंचन की चूत का दर्द अब कुछ कम हुआ....मगर अभी भी उसकी साने तेज तेज चल रही थी........
शास....अब कैसा महसूस कर रही हो कंचन....
कंचन....अब दर्द कुछ कम है....पर तुमने तो मेरी चूत को फाड़ ही डाला है......अब बाहर nikal लो शास.....मुझसे अब और नहीं झेला जाएगा......मुझे नहीं पता था कि इतना भयानक दर्द होगा.....
शास....घबराओ नहीं कंचन....कुछ नहीं होगा.........अब जब इतना झेल लिया है तो अब तो थोड़ा ही बचा है......तभी कंचन ने हाथ बढ़ा कर देखा...और शास के लंड पर हाथ फेर कर देखा,....अरे अभी तो सारा ही बाहर ही है....फिर अंदर क्या है....
शास....हंस कर...अरे नहीं....बस थोड़ा ही बचा है...और फिर पहली बार बस गेट से अंदर जाने पर ही दर्द होता है और फिर ये गेटवे ऑफ इंडिया को पार कर चुका है....कंचन के चेहरे पर हल्की से मुस्कान फैल गई.....
शास के लंड पर कंचन के हाथ का स्पर्श होते ही उसने एक ज़ोर का ठुमका मारा...और अंदर जाने के लिए मचल उठा....कंचन भी अब कुछ नॉर्मल हो चुकी थी....और फिर कंचन की बेहद टाइट चूत में फँसा शास का लंड कुछ ज़्यादा ही बेचैन हो गया मानो कंचन की चूत उसके लिए चुनोती बन गई हो....शास..बार बार आगे की प्लानिंग के बारे में सोच रहा था....ऑर रिजल्ट एक ही आता था....चुदाई तो अब करनी ही है....जो भी होगा अब देखा जाएगा.........उधर कंचन भी अब कुछ ऐसा ही सोच रही थी शायद????....अब शास ने अपने लंड को थोड़ा अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था,...मगर बहुत धीरे धीरे और लंड अब चूत में अपनी जगह बनाने में लगा था.....लगभत 10 मिनट ऐसा ही करने के बाद कंचन लगभग नॉर्मल हो चुकी थी...उसकी चूत फिर से पानी छोड़ने लगी थी....कुछ ही देर पहले का भयानक दर्द अब वो भूलने लगी थी,,,,
मगर अभी तक कंचन की चूत की झिल्ली नहीं टूटी थी....अभी असली दर्द तो शायद बाकी था इस बात का एहशास शास और कंचन दोनो को ही था....मगर कंचन अब पूरे मज़े का आनंद ले रही थी....आख़िर अब शास की शहन शक्ति जबाब दे चुकी थी....उसका लंड अब कंचन की चूत की गहराई नापने के लिए आतुर हो चुका था....आख़िर शास ने लंड को बाहर खिचा ऑर इससे पहले कि कंचन कुछ समझ पाती शास ने एक ज़ोर का धक्का मार ही दिया......जिससे शास का लंड कंचन की चूत की झिल्ली तो तोड़ते हुए लगभग आधा अंदर पहुँच गया....और कंचन....ज़ोर से चीख उठी.....उसके चेहरे पर भयानक दर्द था...उसका सिर इधर उधर घूम रहा था ऑर शास को पीछे धकेलने की कोशिस कर रही थी.....उसकी चूत से खून की धार बह निकली थी...मगर शास अब रुकने वाला नहीं था....उसने बिना कोई देर किए दूसरा जबरदस्त धक्का लगा ही दिया और शास का लंड कंचन की चूत को चीरता हुआ...3 चौथाई उसकी चूत में फँस गया...
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