Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
05-31-2019, 12:07 PM,
#41
RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
ससुर जी फिर से भाभी की रसीली मदहोश कर देने वाली चुचियों को सहलाकर पीने लगे….चुचियों के निपल्स को चूस चूस कर उन्होने गुलाबी कर दिया था….भाभी की चूत में फिर से एक आग से लग गई थी…उनकी चूत में खलबली शुरू हो चुकी थी…ऑर ससुर जी बहू के शरीर का अंग अंग चाटने में लगे थे….भाभी की शादी को दो साल हो चुके थे ऑर उनके पति उन्हें रोज रात में मस्ती से चोदते थे…पर जो आनंद आज भाभी को मिल रहा था…वो तो आज तक नहीं मिला था….भाभी तो आज मानो निहाल ही हो गई थी….ससुर जी का एक मुस्टंड लंड भाभी की चूत पर लगातार ठोकर मार मार कर भाभी की उत्तेजना को चरम पर पहुचा रहा था….ससुर जी धीरे धीरे बहू की जांघों को चाटने लगे …बहू के शरीर में चीटियाँ चल रही थी…वे सेक्स के इस समुंदर में मस्ती के गोते खा रही थी….आख़िर वो पल आ ही गया जिसका ससुर ऑर बहू दोनो को इंतजार था…

ससुर जी का लंड अब चूत में जाने की लिए मचल रहा था…ऑर भाभी डर तो बहुत रही थी…पर उसने भी अब इसके लिए अंदर ही अंदर अपने को तैयार कर लिया था….ये तो वो भी जान रही थी….कि जो लंड उसके मुँह में नहीं आया,,,,ऑर दोनो हाथों से पकड़ना पड़ा वो लंड उसकी चूत में कैसे जा सकता है पर ये तो दोस्तो आप जानते ही है जब चूत में खुजली मचती है तो वो कुछ भी करने तो तैयार हो जाती है….यहाँ तक कि मूली, गाजर, बेगन तक को चूत में घुसा बैठती है….फिर ये तो मसटंडा लंड था….इसे मुस्टंड लंड की चाहत किस औरत को नहीं होगी….

भाभी की चूत बार बार खुल ऑर बंद हो रही थी….जैसे प्यासी मछली होठों को फड़फड़ाती है…यही हाल अब भाभी की चूत का भी हो चुका था….उसकी चूत भी मुँह खोल कर लंड के इंतजार में लार टपका रही थी…..

अब ससुर जी बैठ गये ऑर बहू की टॅंगो के बीच आ गये….उन्होने भाभी की दोनो टाँगों को ऊपर उठा कर अपने कंधों पर रखा लिया जिससे बहू की चुत कुछ ऑर खुल गयी थी… दो पंखुड़ियो के बीच गुलाब की तरह से महकता छेद देखकर ससुर का लंड अब नियन्त्रण से बाहर हो रहा था….

भाभी…पिताजी…आपका ये तो बहुत ही मोटा ऑर लंबा है….इस नाज़ुक सी जगह में कैसे जाएगा….में तो मर ही जाउन्गी…प्लीज़ पिताजी ये ना करो….मुझ पर तरस खाओ….मेरी ये नाज़ुक सी चूत ऐसे सहेन नहीं कर पाएगी….

ससुर…डरो नहीं बेटी…कुछ नही होगा…ये नाज़ुक सी चूत ही इस पूरे लंड को खा जाएगी….ऑर तुम्हे पता भी नहीं चलेगा……

भाभी…पर कैसे…..

ससुर बस देखती जाओ….बेटी….आज ये लंड इसे असली जीना सीखा देगा…बस उसके बाद ये ऑर मोटा लंबा लंड माँगेगी….

भाभी --- इससे बड़ा…..मोटा….लंबा लंड ऑर क्या होगा पिताजी….ये तो घोड़े के लंड को भी पीछे छोड़ रहा है….अगर एक बार आप इसे गधि की चूत में डाल दो तो वो भी चिल्ला पड़ेगी….

ससुर जी ने ढेर सार तेल बहू की गर्म चूत में उडेल दिया ऑर काफ़ी सारा अपने लंड पर भी लगा लिया….फिर दोनो हाथों से बहू की चूत के द्वार के दोनो पल्लो को खोलकर फैलाया….ऑर उस भयंकर लंड के शुर्ख लाल मोटे सुपाडे को बहू की चूत के छेद पर रख दिया….लंड का स्पर्श अपनी चूत के छेद पर पाकर बहू शिहर उठी , .गरम गर्म सुपाडा….गर्म चूत पर लगते ही बहू की आआअहह निकल गाइिईई


भाभी….आआअहह पिताजी…..प्लीज़ रहने भी दीजिए…..ये इतना भारी घोड़े के लंड से भी भारी लंड हमारी चूत में नहीं जाएगा….प्लीज़ पिताजी….हमें अब छोड़ दीजिए….ये हमारी चूत को फाड़ डालेगा….हम किसी को मुँह दिखाने के काबिल भी नहीं रहेंगे….प्लीज़ पिताजी…वैसे भी हम आपकी बेटी के समान हैं…हम अपने पति को क्या कहेंगे….ये तो हमारी चूत को बुरी तरह से फाड़ देगा……

ससुर….बेटी क्यूँ डर रही हो….कुछ नहीं होगा ऑर फिर किसी को पता कैसे चलेगा….बेटी…चूत ऑर लंड का संबंध ही ऐसा है….ये एक दूसरे को मज़ा देते है….दर्द नहीं….फिर याद करो तुम्हारी जेठानी ललिता ने तुमसे क्या कहा था….कि जब मर्द चुदाई के मूड में होता है तो वो चूत का साइज़ नहीं, बस लंड को चूत में घुसाने की जल्दी में रहता है….ऑर फिर तुम ही कह रही थी…कि तुम्हारा पति तो तुम्हारी चूत को कभी भी नहीं चाट्ता है….फिर वो कैसे देख पाएगा….कि तुम्हारी चूत का क्या हाल है…..

भाभी…पर पिताजी…हम इस लंड को कैसे झेल पाएगे….ये तो हमारी जान ही ले लेगा…..हमारी चूत को कहीं का नहीं छोड़ेगा….

ससुर…क्यूँ डरती हो बहू….कुछ नहीं होगा….ये लंड तुम्हे जो मज़ा देगा उसकी तो तुमने कल्पना भी नहीं की होगी….बस एक बार अंदर जाने दो बस फिर देखना…तुम खुद कहोगी…कि पिताजी…डाल दो पूरा….आआअहह ओर ज़ोर से….

भाभी…क्या सच में पिताजी….

ससुर…हाँ बेटी…बस एक बार थोड़ा दर्द तो होगा ही….जैसे तुम्हे सुहागरात में हुआ होगा….पर उसके बाद कितना मज़ा आया होगा…वो तो तुम्हे आज तक याद होगा….

भाभी…हाँ पिताजी वो चुदाई तो आज तक याद है…अब तो ये भी याद नहीं कि दर्द भी हुआ था…कि नहीं….

ससुर…हां बेटी यही तो में समझा रहा हूँ….उस मज़े के सामने सब दर्द भूल जाते है…जैसे तुम भूल गई…ऑर हां वो पहली चुदाई तुम्हारी….आज तक याद होगी…वो मज़ा….

भाभी…हाँ पिताजी वो पही चुदाई का मज़ा तो आज भी नहीं भूली हुँ….

ससुर…तो फिर बेटी ये भी आज तुम्हारी…पिताजी के साथ पहली सुहागरात है…जो मज़ा आज आएगा वो भी तुम जिंदगी भर नहीं भूलोगि….

भाभी…सच पिताजी….

ससुर… हाँ बेटी…बस शुरू में थोड़ा सा दर्द होगा…बस उसे झेल लेना उसके बाद तो बस मज़ा ही मज़ा…..वो भी पहली सुहागरात जैसा….

भाभी….मन तो अब मेरा भी कर रहा है…ऑर चूत पानी भी छोड़ रही है…पर अब भी यही डर है कि चूत में जाएगा कैसे….

ससुर…बस देखती जाओ बेटी…ऑर ये कहकर ससुर ने अपने लंड पर थोड़ा सा दबाव बनाया….आआआहहुउऊउउइसस्स्स्सिईईई के साथ भाभी सिसक उठी…पर लंड का सुपाडा अंदर नहीं गया…ससुरा हाथी का लंड ऑर बिल्ली की चूत में…भला इतनी आसानी से कैसे जाएगा….

ससुर….समझ गये कि सीधे तो पर तो ये लंड अंदर नहीं जाएगा…चाहे तेल ऑर भी लगा लूँ….थोड़ी देर तक तो बहू को काबू में करके ज़बरदस्ती ही चोदना पड़ेगा….उसके बाद ही कुछ हो पाएगा….नहीं तो बेटा….बस बाहर ही झाड़ ले इसका पानी…..अब ससुर ने अपनी नई प्लान के अनुसर भाभी को अपनी बाहों में दबा लिया ऑर बहू की गान्ड के नीचे एक मिटा सा पिल्लो लगाया….ऑर फिर से लंड के सुपाडे को चूत के छेद पर एडजस्ट कर एक झटका मार ही दिया….लंड का सुपाडा तो बहू की चूत को फाड़ता हुआ अंदर दाखिल हो गया पर बहू की चीख चीख कर बुरी हालत हो गई….दोस्तों आप सभी जानते है कि जब मर्द पर चुदाई का भूत सवार होता है तो वो सब भूल कर लंड को अंदर डाल ही देता है…फिर अंजाम चाहे जो भी हूँ….ऑर हुआ भी यही……
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05-31-2019, 12:07 PM,
#42
RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
ससुर ने बहू को कस कर बाहों में भिंचे रक्खा ऑर एक के बाद एक कई जोरदार धक्के उस वक़्त तक लगाते रहे जब तक उनका पूरा लंड बच्चेदानि को अंदर धकेलकर बहू की चूत में समा नहीं गया….पूरा का पूरा लंड बहू की चूत में….पर लंड को अंदर करने में साँसे ससुर जी की फूल गयी…ऑर बहू की हालत तो इतनी खराब कि उसे साँस लेना मुश्किल… हो गया .बहू छटपटाती रही….हाथ पैर मारती रही…पर ससुर ने पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल कर ही दम लिया….बहू की साँसे उखड़ रही थी…चूत का दर्द उसके बर्दास्त से बाहर था…पर अब क्या हो सकता था….लंड तो चूत को फाड़ कर अंदर दाखिल हो चुका था…कितना भी भयंकर दर्द क्यूँ ना हो….अब तो झेलना ही था……ससुर भी शांत से होकर बहू के उपर पड़ गये .


दोनो की गरम तेज साँसे आपस में टकरा रही थी….ऑर दो शरीरों की गर्माहट से दर्द की बर्फ पीघलने लगी थी….ससुर बहू के शरीर की मालिश कर रहा था ऑर भाभी की चुचियों से खेलना शुरू कर दिया था….पर उनका लंड तो बहू की चूत में ऐसा फँस गया था…कि अभी अंदर बाहर करने के लिए शायद जगह ही नहीं थी….बहू की चूत ने उसे ऐसा भींच लिया था…कि जैसे ससुर ने बहू को बाहों में जकड लिया था…..कुछ देर यूँ ही गुजर गई..बहू की बंद आँखों से आँसू बह रहे थे…ये देखकर ससुर ने बहू के गालों को चूम लिया…ऑर एक बार फिर से होंठ चूमने शुरू कर दिए….ऑर थोड़ी देर के बाद बहू की साँसे कुछ नॉर्मल हुई तो….ससुर ने उसके गालों पर बह रहे आँसुओं को चाटते हुए पूछा….बेटी अब कैसा महसूस कर रही हो…..

पर भाभी ने कोई जबाब नहीं दिया…बस आपनी उखड़ी हुई साँसों को नॉर्मल करने का प्रयास करती रही……शायद वो भारी-भरकम लंड को पाने की इच्छा के नतीजे के बारे में सोच रही थी…वो ये तो अब तक जान ही चुकी थी कि उसकी चूत को पूरी तरह से फाड़ कर ससुर जी का पूरा लंड उसकी चूत में समा चुका है ऑर अपनी चूत के अंतिम छोर पर बच्चेदानि के मुँह पर ससुरजी के लंड के सुपाडे की गर्माहट….अब उसे शायद अच्छी भी लग रही थी…..

ससुर जी का लंड बहू की चूत में गहराई तक पूरा फँसा था….ऑर वे अब बहू को मस्त होकर चूम ऑर चाट रहे थे ऑर आदत के अनुसार बहू की चुचियों को मसल मस्ल कर पी भी रहे थे….दो शरीर की गर्मी…ससुर जी का चूमना चाटना…ऑर चुचियों का पीना ऑर सबसे ज़्यादा ससुर के लंड के सुपाडे की गरमाई से बहू की चूत भी पिघलने लगी थी…उसने फिर से पानी छोड़ना शुरू कर दिया था….भाभी एक बार फिर चुदाई का आनंद लेने के लिए तैयार हो चुकी थी….पर ससुर जी अब जल्दी में नहीं थे…उनके लंड ने अब तो बहू की चूत पर फ़तेह हासिल कर ली थी….अब उन्हें कोई डर नहीं था…कुछ ही देर बाद बहू की आआआअहह भरी सिसकारी फिर निकलने लगी थी…ससुर जी के भारी भरकम लंड ने बहू की चूत को अपने अनुसार खोल कर अब अपनी जगह बना ली थी….

ससुर …ने एक बार फिर से बहू के होंठो को चूम कर पूछा…बेटी अब कैसी हो…

भाभी…आपकी बला से पिताजी…आप ने तो मार ही डाला…मेरी तो चूत भी फाड़ डाली…है…भला अब क्या होगा….

ससुर…कुछ नहीं होगा..बेटी…किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा….बस आज की रात चुदाई का वो आनंद लो कि जीवन भर याद रहे….

भाभी…तो क्या अब इस लंड को मेरी चूत में यूँ ही डाले रहोगे…या कुछ करोगे भी अब …फाड़ तो डाली ही…..

ससुर ने फिर से बहू के होंठ चूमकर मुस्कुरा दिए….आख़िर अब तो बहू ने इशारा कर दिया था….कि वो तैयार है….ऑर ससुर ने अपने लंड को चूत के अंदर ही थोड़ा थोड़ा हिलाना शुरू कर दिया…..वो तो बेचारा पहले ही झटके खा रहा था…

लंड के चूत में आगे पीछे होने से बहू को कुछ देर फिर परेशानी तो हुई पर जल्दी ही वो मज़े में डूबने लगी…उसकी चूत से फिर पानी बहने लगा था…ससुर जी भी अब मस्त होकर चुदाई में लग गये थे….कमरे में आआआअहहुउऊुुुउउईईईई आआआआअहह उूुुउउईईई आआआएईीइसस्स्स्स्सिईईई म्म्म्मम उूउउम्म्म्ममममम की सिसकियाँ गूज़्ने लगी थी…भाभी के हाथ अब ससुर जी की कमर के ऊपर आ चुके थे…ऑर वे ससुर जी की कमर ऑर चुतड़ों की मालिश कर रहे थे…वाह री चूत…इतना दर्द सह कर फिर से भाभी को चूतड़ हिलाने के लिए मजबूर कर रही थी…अब भाभी के चूतड़ भी उपर नीचे होकर ससुर जी के उस भांकार लंड को जो बच्चेदानि के मुँह पर ठोकर मार रहा था…को पूरा चूत में समाने का प्रयास कर रही थी….

लगभत 20 मिनट तक चुदाई का वो आलम रहा कि चूत लंड को ऑर लंड चूत को झटके पे झटके दे रहे थे….कि बहू के शरीर में ज्वालामुखी फूटने लगा था…उनकी साँसे तेज ऑर तेज…आँखे ज़ोर से भिन्च गयी….भाभी के हाथों का कसाव ससुर की कमर पर बढ़ गया था…ऑर शरीर अकड़ चुका था…कि एक तूफान के साथ जबारजस्ट भूकंप आया ऑर भाभी चेतना शुन्य हो गई….स्वर्ग में….उसकी चूत से पानी के फव्वारे छूट गये…जो ससुर जी के लंड पर बोछार करने लगे….आख़िर इतनी गर्मी को ससुर जी भी कब तक बर्दास्त कर सकते थे…उनके लंड ने दो चार ज़ोर दार झटके दिए ऑर बहू की चूत में ज़ोर दार पिचकारी छोड़ दी…उनका गरम गरम वीर्य सीधे बहू की बच्चेदानि में घुस गया ऑर बहू ससुर जी से ऑर ज़ोर से लिपट गई…दोनो ससुर बहू ना जाने कितनी देर तक यूँ ही लिपटे रहे…..


उस रात में ससुर बहू ने चार बार कई स्टाइल मे चुदाई की…ऑर ये चुदाई का सिलसिला सुबह होने तक चला….आख़िर दोनो सुबह को थक कर सो गये…

दोनो ससुर बहू लभाग 10 बजे सोकर उठे….बहू का पूरा शरीर अकड़ रहा था…ऑर चूत का भी बुरा हाल था….वे नंगे ही उठकर बाथरूम में गये….बहू से ठीक प्रकार से चला तो नहीं जा रहा था…उसकी चूत फट कर सूज गयी थी….बहू ने ससुर जी का लटकत हुआ लंड गौर से देखा ऑर सोचने लगी कि ये लंड उसकी चूत में कैसे समाया होगा….लंड अब खड़ा तो नहीं था…पर घोड़े के लंबे मोटे लंड की तरह से ससुर जी के घुटनो तक लटक रहा था….ऑर चलते हुए…इधर उधर लग रहा था….भाभी की फटी ऑर सूजी हुई चूत फिर से गीली हो गयी…वो खुद हैरान थी कि क्या वास्तव में ही उसकी चूत ने इस लंड को ही रात में पाँच बार अपनी चूत में घुस्वाया है….मगर शक की कोई गुंजाइश नहीं थी…अब तो भाभी ससुर जी से पूरी तरह से खुल गयी थी…..

भाभी…पिताजी…देखो तो आपने हमारी चूत का क्या हाल कर दिया है….

ससुर…देखुतो बेटी…ऑर ससुर बहू के परों के बीच बैठ गये…ऑर बहू की चूत को देखने लगे….पर एक बात है बेटी….कि तुम्हारी चूत बड़ी सुंदर ऑर मज़ेदार है….मज़ा आ गया चुदाई का……फिर हाथ से बहू की चूत को टटोलते हुए….अरे ये तो अभी भी गीली हो रही है….

भाभी…ये आपका जो लंड है….ये इसी का कमाल है….

ससुर ने बहू की टाँगो के बीच मुँह देकर एक बार बहू की चूत पर जीभ फेर दी…जिससे बहू की मीठी…..उूउउम्म्म्मममाआअहह की सिसकारी निकल गयी….

भाभी…आप बड़े ही खराब है पिताजी…क्या पूरी रात में हमारी चूत का भोसड़ा बनाकर भी आपका मन नहीं भरा है….

ससुर…सच तो ये है बेटी….कि भला इतनी सुंदर फूली हुई चूत से कभी मन भरता है….अब तक ससुर जी के लंड में कुछ हरकत हो चुकी थी….देखो ना इसे ये मान ही नहीं रहा….फिर से इस गुलाबी छेद में जाने की ज़िद करने लगा है……

भाभी…भी तो शायद यही चाह रही थी…मुस्कुरा कर बोली…तो मना किसने किया है पिताजी…आज आप इसकी पूरी प्यास भुझा ही दो…..

इस पर ससुर जी ने भाभी को बाहों में भर लिया….ओर बहू को लेजा कर बेड पर लिटा दिया…ऑर बहू के ऊपर आ गये….

ससुर बहू की ये चुदाई मस्ती के आलम में लगभग एक घंटा तक चली…बहू ने इस बीच कई बार पानी छोड़ा…..ऑर ससुर जी ने बहू की चूत के अंतिम छोर पर बच्चे दानी के मुँह पर ठोकर मारते हुए….उसे भी मुँह खोलने के लिए मजबूर कर दिया…ऑर अपने लंड की पिचकारी की धार सीधी ही बच्चेदानि में छोड़ दी….क्या चुदाई थी…आआआअहह……उूुुुुुउउम्म्म्ममम…….उूुउउईईईईईआआऐईएईईइ….ईईईईईीीइसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल ऊऊहह की धूम पूरे कमरे में गूँज रही थी…ऑर लगभग एक अवर के बाद दोनो शांत हुए….
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05-31-2019, 12:08 PM,
#43
RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
उसके बाद दोनो ने एक दूसरे को नहलाया ऑर कपड़े बदले….

फिर भाभी ने किचन में जाकर किचन संभाल लिया….ऑर ससुर जी अख़बार की में हेडलाइन पढ़ने लगे…..

तभी…भाभी के पति ऑर सासू माँ वापिस लौट आए….उन्होने आने में जल्दी इसलिए की थी….कि जब वे लोग गये थे तो भाभी की तबीयत खराब थी…..घर पहुँचते ही सासू माँ ने किचन में जाकर बहू से पूछा….अब कैसी तबीयत है बेटी….

भाभी…जी अब तो बिल्कुल ठीक हो गयी है…बस थोड़ी..थोड़ी..दुखन है….

सासू माँ …हाँ बेटी इतने दर्द के बाद दुखन तो होगी ही….जाओ तुम आराम करो…में किचन देख लूँगी….ऑर भाभी अपने रूम में आ गयी…जहाँ पर उसके पति थे…..

पति…अब कैसी तबीयत है..तुम्हारी….

भाभी…अब तो ठीक है बस थोड़ी चलने में दुखन होती है…आपके जाने के बाद पिताजी ने बड़ी सेवा की तो ये दर्द ठीक हो सका….

पति…ठीक है…तुम आराम करो….में डॉक्टेर से दवा ले आता हूँ….

भाभी…पर अब तो ज़रूरत नहीं है…

पति…में दुखन बता कर दवाई ले आता हूँ…ऑर वे बाहर निकल गये…बहू अपने प्लांग पर लेट गई….ऑर धीरे से मुस्कुरा दी…..

उस महीने भाभी को म्सी (पीरियड) नहीं हुआ…जब इसकी जानकारी…सासू माँ ऑर उसके पति को चली तो वे खुशी से फूले नहीं समाए… ऑर घर में सभी खुश हुए…बस उसके बाद भाभी का पूरा ध्यान रखा जाने लगा….पर ये किसको पता था…कि जो बच्चा उसके …गर्भ में पल रहा है….वो उसके ससुर जी की निशानी है………कुछ महीनो बाद भाभी ने एक बेटे को जन्म दिया….पूरे गाओं में मिठाइयाँ बांटी गयी…..ऑर उसका नामकारण शशांक शेखर के रूप में हुआ….जो आज शास बन चुका है…….

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भाभी….मुस्कुराते हुए अपने वर्तमान में लौट आई…उसे क्या मालूम था…कि उसके बेटे का लंड भी उसके ससुर की तरह से ही होगा…..जिसकी आज जवान लड़कियाँ दीवानी हो रही है….संतोष ऑर कुसुम उसके लंड को पाने के लिए…इतनी प्लानिंग कर रही है….सोचते सोचते भाभी की चूत भी गीली हो गयी……..शायद आज पहली बार भाभी ने अपने बेटे के लंड के बारे में सोचा था…ना जाने क्यूँ भाभी के मन में….शास के लंड को एक बार देखने की इच्छा बढ़ गयी थी….कि आख़िर उसका लंड ऐसा कितना बड़ा है जो संतोष दीदी उसके लंड की इतनी तारीफ कर रही थी….कहीं…उसका लंड इस छोटी सी उम्र में अपने दादा के लंड जैसा भयंकर लंड तो नहीं बन चुका है…..ये सोचते सोचते भाभी की चूत बिल्कुल गीली हो गई थी…जिसको उन्होने बाथरूम में जाकर शांत किया…….


भाभी ने बाथरूम में अपनी चूत को कुछ हद तक शांत तो कर लिया था…पर उसके दिमाग़ में रह रह कर अपने ससुर का लंड (जो अब इस दुनियाँ में नहीं थे) आ रहा था…ऑर उनके लंड से शास के लंड की तुलना कर रही थी….पर अभी तक शास का लंड नहीं देखा था….यही कसक उसकी उलझन बन गयी थी…उसके मन में शास के लंड को देखने की चाह लगातार बढ़ती ही जा रही थी…बार बार सोचती…छी…वो तेरा बेटा है…उसके बारे में ऐसी ग़लत बात सोचना भी पाप है…अपने मन को समझाती….पर कुछ ही देर में मानो शास का लंड उसके सामने झूलने लगता…जिसमे उसके ससुर का लंड उनके घुटनो तक झूल रहा था….फिर अपने पे लानत भेजती…कि वो कितनी गिर गयी है जो अपने ही बेटे के बारे में ऐसा सोच रही है….पर वाह रे मन …जितना शास के लंड को दिमाग़ से निकालने की कोशिस करती…वो उतना ही ज़्यादा उसके जेहन में ऑर अंदर तक चला जाता था….चूत का पानी निकालने के बावजूद उसकी चूत फिर से पानी छोड़ने लगती थी…..


दोपहर को जब उसके पति ऑर शास खेत में काम करके वापस लोटे…तब तक भाभी ने खाना तैयार कर दिया था…

भाभी…आज खेत में बहुत देर कर दी…

पति….हाँ कुछ काम ज़्यादा था…अगर शास साथ ना होता तो मुझ से तो आज शाम तक भी काम निपट नहीं पाता….

भाभी…चलो आप जल्दी से नहा लो….में शास को नहला देती हूँ…कपड़ो ऑर शरीर पर काफ़ी मिट्टी लगी है…फिर खाना खा लेंगे….

पति…ठीक है…शास को जल्दी से नहला दो…में भी जल्दी से नहा कर आता हूँ…भूख भी काफ़ी लगी है….

भाभी…शास बेटा चलो आज तुम्हे में नहला देती हूँ…शरीर पर काफ़ी मिट्टी लगी है….फिर देर भी काफ़ी हो चुकी है…भूख लगी होगी….

शास…आप खाना लगाओ…में जल्दी से खुद नहा कर आता हूँ…..

भाभी…खाना तैयार है…तुम्हारे शरीर पर मिट्टी काफ़ी लगी है…चलो में ही नहला देती हूँ…..ऑर शास का हाथ पकड़ कर बाथरूम में ले गयी….भाभी ने जल्दी जल्दी…शास के बाकी कपड़े उतार दिए….बस अब उसके शरीर पर एक अंडरवेर ही रह गया था….भाभी ने शास को सामने पटरी पर बैठ जाने को कहा….

शास आपनी मम्मी के सामने पटरी पर बैठ गया…ऑर भाभी उसके शरीर पर पानी डालने लगी थी…

भाभी…शास आज तुम्हारी संतोष बुआ आई थी…उनके घर में उसकी फुफेरी बेहन ऑर वो ही है बाकी सब कहीं बाहर गये है…रात में तुम्हे अपने यहाँ सोने के लिए कह रही थी….क्या कहूँ….

शास…संतोष बुआ का नाम सुनते ही उसके चेहरे के भाव बदलने लगे…ऑर वो खूबसूरत लड़की जो उसने सुबह देखी थी…दिमाग़ में घूम गई…ऑर शास के लंड ने तुरंत हरकत की….ठीक हैं मम्मी में सो जाउन्गा…..

भाभी…बड़ी जल्दी तैयार हो गया…क्या बात है शास….

शास…कुछ नहीं मम्मी…आपने कहा इसलिए…पर शास कुछ झेप सा गया…..

भाभी…नहीं यदि तुम कहो तो में मना कर दूँगी….

शास…क्यों मना करती हो मम्मी…जब उनके घर कोई नहीं है तो…हमें हेल्प तो करनी ही चाहिए ना….

भाभी…हाँ.. ये तो हैं…पर भाभी शास के लंड में होने वाली हरकत को नज़रे छिपाकर देख रही थी….जैसे ही भाभी ने शास के ऊपर ऑर पानी डाला तो शास का लंड गीली कपड़े से सॉफ नज़र आ रहा था…भाभी को लगा कि शास का लंड उसके ससुर के लंड से बिल्कुल भी कम नहीं है…जब उसका लंड इस उम्र में इतना बड़ा ऑर मोटा है तो अपनी जवानी के दिनो में तो ये ऑर काफ़ी बड़ा हो जाएगा…..उसके मुँह से आआआअहह निकल गये……ऑर चूत पानी छोड़ने लगी थी…
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05-31-2019, 12:21 PM,
#44
RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
शास…क्या हुआ मम्मी…

भाभी…कुछ नहीं बेटे…बस हाथ में कभी कभी दर्द हो जाता है…बस उसी वजह से….भाभी ने साबुन उठाया ऑर शास के पूरे शरीर पर साबुन लगाने लगी…जब वो आगे को होकर शास की कमर पर साबुन लगा रही थी…तो उसकी चुचि का निप्पल शास के मुँह से टच हो गया…शास को ये संतोष बुआ के चुचि के निप्पल की तरह से लगा ऑर उसके लंड ने एक ऑर सलामी दे दी….जिससे वो ऊपर को उभर आया…..ऑर ओर सॉफ दिखाई देने लगा….

भाभी ने शास के सिर…मुँह ऑर छाती पर भी साबुन लगाया….इसी दौरान उनका हाथ शास के लंड को टच कर गया…भाभी के शरीर में शिहरन सी दौड़ गयी…ऑर शास के लंड ने फिर से एक सलामी मार दी…वो खुद भी घबरा रहा था…कि कहीं मम्मी ने देख तो नही लिया पर लंड क्या उसके काबू में था…

भाभी शास के सारे शरीर पर साबुन लगाने के बाद उसे मलने लगी थी….भाभी के हाथों के स्पर्श ऑर संतोष बुआ के घर पर आई लड़की की कल्पना से शास के शरीर में भी कुछ होने लगा था…आख़िर वो अब जवान होने की ओर कदम बढ़ा रहा था…अचानक भाभी का हाथ शास के पेट से फिसल कर सीधा शास के खड़े हो रहे लंड पर जा टकराया…..

आआहह….अचानक शास के मुँह से निकला…

भाभी…क्या हुआ बेटे….ऑर अबकी बार भाभी ने शास के लंड पर धीरे से हाथ रख कर कहा…ये क्या पाल रखा है बेटे ऑर आपनी मम्मी के सामने ही ऐसे क्यूँ खड़ा कर रखा है…..

शास…वो…..वउूओ….वववूऊ…मम्मी….ऑर शर्म से शास ने सिर नीचे कर लिया…..

भाभी…में जानती हूँ बेटे…तुम्हारी उम्र में ऐसा अक्सर हो जाता है…आदमी का अपनी इस बात पर भाभी ने फिर से शास के लंड को छू दिया…नियंत्रण नहीं रहता है….पर ये तो कुछ ज़्यादा ही बड़ा लग रहा है….भाभी अनजाने में ही बोलती चली गयी….

शास…झेंप गया पर शर्म के कारण ….. मम्मी…..बस इतना ही बोल पाया….

भाभी….हाँ बेटा…में सच कह रही हूँ…पर तुम ऐसे ठीक तरह से सॉफ भी रखते हो या नहीं….भाभी का दिमाग़ बस अब एक कंप्यूटर की तरह से चल रहा था….ससुर की डेथ के बाद से उसे इतना भारी-भरकम लंड नसीब नहीं हुआ था….

शास…जी मम्मी…..

भाभी…क्या जी मम्मी…इसकी सफाई भी करते हो या नहीं…

शास…करता हूँ मम्मी…ऑर सिर नीचे ही झुकाए रहा….उसे अपने इस खड़े हुए लंड को देखकर जो अंडरवेर के कपड़े से सॉफ नज़र आ रहा था..को देखकर खुद शर्म आ रही थी…पर उस पर अब उसका नियंत्रण बिल्कुल भी नहीं था…वो ये तो जानता ही था…कि उसकी मम्मी आज की जवान लड़कियों से ज़्यादा सुंदर ऑर गठीले बदन की औरत है…कई बार उसने मम्मी की ठोस भारी भारी चुचियाँ देखी थी…उसका लंड उस समय भी खड़ा हुआ था…पर खुद पर जलालट भेजते हुए उसने उसे काबू में कर लिया था….पर आज जब उसकी मम्मी ने उसके लंड को छू दिया तो अब तो उसके नियंत्रण से पूरी तरह से आज़ाद था…..

भाभी…शास क्या में देख लूं कि तुम कैसी सफाई रखते हो..

शास….एक दम घबराकर….नहीं मम्मी…में सॉफ रखता हूँ..भला आप कैसे देख सकती है…आख़िर आप मेरी मम्मी है….

भाभी…तो क्या हुआ…मेने तो तुम्हे जनम दिया है ऑर अभी तक तुम्हे नंगा ही देखा है…फिर मुझ से कैसी शरम…

शास…नहीं मम्मी मुझे शरम आती है….

भाभी…ओह तो तुम अब बड़े हो गये इसलिए अपनी माँ से शरम करते हो…

शास…नहीं मम्मी ये बात नहीं…कही मम्मी के सामने भी कोई नंगा हो सकता है….

भाभी…अभी कुछ सालों पहले तो तुम नंगे ही घूमते थे…

शास…तब की बात ऑर थी…पर अब में….

भाभी…हा हा में भी तो वही कह रही थी कि अब तुम जवान हो चुके हो ऑर तुम्हारा ये बेड़ा हो चुका है…हैं ना यही बात….
भाभी…अरे बेटे मम्मी से शर्म ऑर भुआ से शर्म नहीं…उनके साथ….

शास…चौंक कर….क्या मम्मी आप भी….शास अब सोच रहा था. कि क्या मम्मी को पता चल गया है या फिर बेहम के आधार पर ही कह रही है…..

भाभी…हाँ बेटे में तो तुम्हारी मम्मी हूँ बुआ के साथ कुछ करने में शर्म नहीं आती क्या…..

शास…मेने क्या किया है,,,,मम्मी….

भाभी….वो जो तुमने खेत में किया था….वो सब….

शास…आपको किसने बताया मम्मी….सब झूठ है….मेने तो कुछ भी नहीं किया….

भाभी…तो फिर ठीक है…जब वो झूठ बोलती हैं तो में तुम्हे रात में उनके घर नहीं जाने दूँगी…तुम्हारे पापा से मना कर दूँगी….

शास…नहीं मम्मी…प्लीज़…पापा से मत कहना…

भाभी…नहीं..नहीं..में तो नहीं भेजूँगी…वो फिर कुछ झूठ बोलने लगी तो फिर क्या होगा….

शास…कुछ नीरस होकर…वो मम्मी…प्लीज़ आज जाने देना ना…में आप से कुछ नहीं छुपाउंगा…..सब सच सच बता दूँगा….

भाभी…..इसको भी नहीं छुपाएगा….मम्मी ने शास के लंड को हाथ में पकड़ कर कहा…. आज ना जाने भाभी को क्या हो गया था…वो तो बस आज सारी मर्यादाए…..भूल चुकी थी…सुबह से ही उसकी चूत में आग लगी थी…दिन भर पानी छोड़ छोड़ कर उसकी चूत का बुरा हाल था….भाभी ने शास के लंबे…मोटे लंड को आराम से पकड़े रखते हुए कहा…..

शास…भला मम्मी…में आप को कैसे दिखाऊ…आप के सामने मुझे शर्म आती है….

भाभी…पर शास…अब कैसी शरम…अब तो में सब कुछ जान ही चुकी हूँ…फिर तुम्हारा ये तो मेरे हाथ में अभी भी है…ऑर तुम्हे…मम्मी के सामने इसे बल्ली की तरह से खड़ा करते हुए तो शर्म आई नहीं थी….

शास…वो तो अपने आप ही खड़ा हो गया था… मेने थोड़ा ही खड़ा किया था….

भाभी…तो ये अब अपने आप ही अपनी मम्मी को देखकर खड़ा होने लगता है…

शास…ये बात नहीं…मम्मी…बस ये तो….

भाभी…बस ये तो…ये क्या हुआ…सच सच कहो ना कि मम्मी को देखार खड़ा हो जाता है…

शास…नहीं मम्मी आपको देखकर नहीं…

भाभी…तो क्या तुम्हारी मम्मी इतनी बुरी है….शास…..

शास…नहीं..नहीं..मम्मी आप तो लाखों में एक हो…ये सारी लड़कियाँ तुम्हारे सामने तो कुछ भी नहीं….पर आप तो मेरी मम्मी हो ना…आपके बारे में में ऐसा कैसे सोच सकता हूँ….

भाभी…फिर ये मुझे देखकर क्यूँ खड़ा हो जाता है….

शास…कैसे बताऊ मम्मी आप नाराज़ हो ज्जाएँगी…..

भाभी…नहीं हूँगी नाराज़…बताओ….क्या बात है….

शास…वो मम्मी…आअप्प्प्प आअप्प्प आअप्प्प्प

भाभी…क्या आप आप लगा रखी है……

शास…मम्मी वो आप बहुत …………सेक्सी है ना…..

भाभी…क्या…??????? तुम्हे में सेक्सी लगती हूँ…

शास…हाँ मम्मी…आप बहुत सेक्सी हैं…मेने कहा था ना कि आप नाराज़ हो जाएँगी…..

भाभी…नहीं नहीं में नाराज़ तो नहीं हूँ…पर मुझ में सेक्सी क्या है….में तो वैसे ही बूढ़ी हो चुकी हूँ…..

शास…ये क्या कह रही हो मम्मी…आप जवान लड़कियों से ज़्यादा सेक्सी हैं…अगर एक तरफ एक सुन्दर जवान लड़की हो और दूसरी तरफ आप हो ….तो कोई भी आपको ही पसंद करेगा….आपकी फिगर….की तो बात ही कुछ ऑर है….

भाभी…क्या बोलता जा रहा है…ऐसा क्या है मुझ में……

शास…सच सच बताऊ मम्मी आपकी चुचियाँ ऑर आपके चुतड़ों (चूतड़) ऑर आपका भरा भरा बदन किसी को भी…उत्तेजित कर सकता है…किसी का भी ये खड़ा हो सकता है….फिर मेरी क्या ग़लती है….मम्मी….

भाभी…किसी का भी ये….ये क्या….

शास…यही मम्मी जो आपके हाथ में उछल रहा है….

भाभी…क्या इसका कोई नाम नहीं है…जो ये ये कर रहा है….

शास…नाम तो है…पर मुझे शर्म आती है…..

भाभी…एक तरफ तो अपनी मम्मी को सेक्सी…भारी भारी चुचियों ऑर चूतड़ वाली बता रहा है ऑर दूसरी तरफ़ तुम्हे शर्म भी आ रही है….ऑर इसको खड़ा भी कर रखा है……

शास…मम्मी वो आपकी सुंदरता, आपका गठीला भरा हुआ बदन..आपकी मस्त चुचियों ऑर मस्त चुतड़ों को देखकर किसका खड़ा नहीं होगा….आपके गदराए बदन को देखकर तो बूढ़े का भी खड़ा हो जाए…उसका भी झटके खाने लगे….

भाभी…अच्छा..अच्छा..बस मस्का लगाना छोड़…अगर में तुम्हे इतनी सुंदर दिखती थी…तो पहले कभी क्यूँ नहीं कहा…..

शास…डर लगता था…मम्मी इसलिए नहीं कह सका….
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05-31-2019, 12:21 PM,
#45
RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
भाभी…तो क्या आज सारा डर ख़तम हो गया है जो ये सब कह रहा है….आपनी मम्मी को देखकर खड़ा कर रखा है….इस साँप को….

शास…आप कितनी अच्छी है…ये में बता नहीं सकता…में झूठ नहीं बोल रहा हूँ…ना जाने आपकी वो कैसी होगी…उसको देखने की बड़ी इच्छा होती है…

भाभी…तुम्हे क्या लगता है…वो कैसी होगी…

शास…मम्मी बुरा मत मानना…में तो हमेशा आपकी उसकी कल्पना करके ही इसे सहला कर पानी निकालता हूँ…कि वो गद्देदार…फूली हुई रसीली ऑर मस्त होगी….

भाभी…अच्छा…तो ये बात है…आज पता चला कि तुम अपनी मम्मी की उसको याद करके ….अपने इसे हिलाकर पानी भी निकालते हो….

………भाभी सोच रही थी कि इस बेचारे को क्या मालूम कि इसके इस भारी मोटे लंबे लंड को देख कर इसकी मम्मी की चूत आज सुबह से कितना पानी छोड़ चुकी है…ऑर अब भी चूत से पानी की धार बह रही है……

शास….क्या कहूँ मम्मी आपसे तो कह नहीं सकता था…

भाभी….क्या नहीं कह सकता था….सच सच बताओ…..

शास…यही कि मम्मी आप बड़ी सुंदर हो आपको देख कर मेरे इसमें कुछ होने लगता है….ये तो आपका दीवाना हो चुका है…ऑर ना जाने क्या क्या… बस अपने लंड को हिलाकर ही पानी निकाल लेता था….आख़िर शास की ज़ुबान पर पहली बार लंड का नाम आ ही गया था…..

भाभी….अच्छा…तो इसे लंड कहते है…भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा….इसका नाम लेने में कितनी देर लगा दी….

शास….आप तो इसका नाम पहले से ही जानती हो ना…..

भाभी…भला में पहले से ही कैसे जानती हूँ…मेने तो इसे आज पहली बार देखा है…..भाभी ने अंजान बनते हुए….कहा…

शास….मम्मी क्यों मेरा बेवकूफ़ बना रही हो आप पापा के साथ तो रोज ही करती होंगी…फिर आपको इसका नाम नहीं मालूम…..

भाभी…तुम्हारे पापा के पास तो ये जंगली साँप जिसे तुम लंड कह रहे हो है ही नहीं….वो तो इसका चौथाई है…बहुत ही छोटा है…फिर उसे लंड कैसे कह सकते है…लंड तो मेने आज ही देखा है…… …लंड तो मेने आज ही देखा है……..ऑर अभी देखा भी कहाँ है शिरफ़ महसूस ही किया है….ये तो अभी भी अंडरवेर के अंदर ही है….इसे बाहर निकालो तो में भी तो देखु कि मेरे बेटे के लंड का साइज़ क्या है…..

शास…मम्मी आप खुद ही निकल लो ना….मुझे अभी भी शर्म आ रही है….

भाभी ने सोचा कि इसके साथ घुमा फिरा कर बात करने से अब कोई लाभ नहीं होगा…ये शरमाता रहेगा….ऑर मेरी चूत फिर से प्यासी ही रह जाएगी….आज भाभी की चूत में जो खुजली मची हुई थी…वो भाभी को परेशान कर रही थी…ससुर जी के लंड के बाद में उनकी चूत को लंड मिला ही कहाँ….उनके पति का लंड तो बहुत छोटा है….उससे तो बस काम चलाया जा सकता है….चूत की प्यास नहीं बुझाई जा सकती है….

भाभी….ऑर तुम वो जो कुँवारी लड़कियों के सामने निकल कर खड़े हो जाते हो तब शर्म नहीं आती है….ना जाने अभी कितनी लड़कियों की चूत तुमने फाड़ डाली होंगी अपने इस मोटे लंड से….भाभी अब खुलकर चूत ऑर लंड जैसे शब्दों का पर्योग करने पर उतर आई थी…

शास…आपको पसंद है मम्मी मेरा लंड…..शास ने शरमाते हुए ही कहा…

भाभी-- इसे बाहर तो निकाल तभी तो कुछ कहूँ….

ऑर शास ने शरमाते हुए अपनी लंड को अंडरवेअर से बाहर निकाल दिया…..

भाभी के मुँह से आआअहह निकल गयी…वो आश्चर्य से शास के लंड को निहारती रह गयी..…ये तो उसके ससुर के लंड को भी मात दे रहा था…कितना लंबा,मोटा और जवान भारी लंड….वाउ….क्या लंड है….भाभी की चूत की खुजली बढ़ गयी….ऑर उनकी चूत खुलने बंद होने लगी….भाभी को गर्व हो रहा था….कि उसके बेटे का लंड किसी भी चूत को फाड़ सकता है…आआहह….क्या लंड पाया है मेरे बेटे ने…..

भाभी….बेटे तुम्हारा लंड तो बहुत ही भयंकर है ये तो किसी भी चूत को फाड़ कर ही अंदर जा सकता है….क्या खिलता-पिलाता है ऐसे……बिना चूत को फाड़ के तो अंदर जा ही नहीं सकता है…तुम्हारा ये साँप….बड़ा ही फूँकार रहा है….ना जाने किसको डसने का इरादा है इसका…..आज

शास….अभी तो आप ही है मम्मी इसके सामने….शास भी अब मुस्कुराते हुए बोला…वो भी अब अपनी मम्मी की खुली खुली बातें सुनकर खुलने लगा था…

भाभी…ना..बेटे ना….मुझे तो इससे बचाना…में तो इतना भारी शायद ही झेल पाऊ…..ऑर हंस दी….शास के लंड का गुलाबी सुपाडा साफ करते हुए बोली….

शास…आप ही तो कह रही थी मम्मी कि पापा का लंड तो बहुत छोटा है…क्या आप की इच्छा नहीं है…इसको लेने की….शास के लंड में सुरसुराहट हो रही थी…मम्मी की नाज़ुक उंगलियो के स्पर्श से लंड का सुपाडा ऑर फूल गया था….

ऑर भाभी बड़े ही प्यार से उसे सॉफ कर रही थी….

भाभी…इतने प्यारे लंड को पाने की इच्छा किस औरत को नहीं होगी…पर बेटे एक तो में तुम्हारी मम्मी हूँ…भला में इसे कैसे ले सकती हूँ…दूसरे ये तो मेरी छूट को फाड़ ही डालेगा…फिर क्या होगा…..

शास….मम्मी साँप कितना ही बड़ा मोटा ऑर लंबा क्यों ही ना हो…वो छोटे से छेद में भी अपनी जगह बना ही लेता है…ऑर चूत फैल कर उसे अपने अंदर समा ही लेती है….

भाभी को अपने ससुर की बातें याद आ गयी…शायद यही शब्द तो उन्होने भी पहली बार कहे थे…..
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05-31-2019, 12:21 PM,
#46
RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
शास…क्या सोच रही हो मम्मी…में तुम्हारा बेटा हुआ तो क्या हुआ…हूँ तो एक मर्द ही ना ऑर आप एक औरत है…एक मर्द ऑर एक औरत का रिस्ता ऑर कुछ नहीं होता….बस चुदाई का ही होता है…लंड को आपके जैसी चूत ऑर छूट को मेरे इस लंड जैसा लंड ही तो चाहिए….फिर आपकी सेवा करना तो मेरा धर्म भी है ना मम्मी…..

भाभी…बस बेटे….अब ये सब बातें छोड़….बाकी बातें बाद में करेंगे…तेरे पापा नहा कर आने वाले है…तुम भी जल्दी कपड़े पहन कर आ जाओ…साथ साथ खाना खाते है….ये कह कर भाभी…शास के लंड को छोड़ कर किचन की ओर चली गयी…पर शास के दिल में तो एक आग जलाकर चली गयी थी…जो चिंगारी शास के मन में काफ़ी दिनो से भड़क रही थी…उसको तो आज भाभी ने शोला बना दिया था….खैर शास ने अपने लंड पर कई दफ़ा ठंडा पानी डाला ऑर टवल से शरीर पोछ कर कपड़े पहन लिए…ऑर धीरे धीरे उसका लंड तो शांत हो गया पर अंदर की चिंगारी सुलग चुकी थी……

तभी शास के पापा भी स्नान करके वापिस आ गये थे…फिर तीनो ने एक साथ बैठ कर खाना खाया….इस बीच शास चोरी चोरी से अपनी मम्मी को निहारता रहा …उसने महसूस किया कि उसकी ममी उन सभी लड़कियों से ज़्यादा सेक्सी है जिनकी आज तक शास ने चुदाई की है…..

खाना खाने के बाद शास के पापा घेर में चले गये….उन्हें दोपेहर में आराम करने की आदत थी…ऑर शास अपनी मम्मी से लिपट गया….मम्मी आप वाकई ही बहुत सुन्दर ऑर सेक्सी हैं…

भाभी…अब छोड़ शास…मुझे घर का बहुत काम करना है….

शास…सुबेह से तो काम ही कर रही है…अब थोड़ी देर आराम कर लो…बाद में काम निपटा लेना….

भाभी…नहीं बेटे में हमेशा काम निपटा कर ही आराम करती हूँ…पहले काम निपटा लेने दे…बाद में ही आराम करूँगी….

शास….मम्मी को बाहों में भींच कर…पर आज तो आराम कर लो…थक गई होंगी….बाद में काम कर लेना…ऑर धीरे से मम्मी की चुचियों पर हाथों का दबाव बना दिया…..

भाभी…क्या इरादा है तुम्हारा…मुझे कुछ ठीक नज़र नहीं आ रहा है…जाओ तुम आराम कर लो…मुझे काम करने दो….

शास…भला आप काम करो ऑर में आराम करूँ…ये कैसे हो सकता है…मम्मी…चलो में आपका हाथ बँटा देता हूँ…

भाभी…रहने दे में अपना काम अपने आप कर लूँगी….तू जा ऑर लेट जा…

शास….मम्मी प्लीज़…आज आप भी आराम कर लो ना काम बाद में कर लेना…या फिर में भी आपका काम निपटवाता हूँ…..

भाभी…शास…मुझे आज तुम्हारी नियत कुछ ठीक नहीं लग रही है…आख़िर क्या बात है….रोज तो तुम्हें मम्मी की चिंता नहीं होती थी…

शास…चिंता तो रोज ही होती थी…पर आपसे खुलकर तो बात आज ही हुई है ना…पहले तो में डरता था…कि कहीं मम्मी बुरा ना मान जाए…ऑर ना जाने क्या क्या…..बस चुप छाप सह रहा था…

भाभी…ठीक है शास…पर एक बात ध्यान रखना…तुम कोई उल्टी सीधी हरकत नहीं करना… इसी शर्त पर में तुम्हारे साथ आराम करने के लिए चलती हूँ…

शास…ठीक है मम्मी…में आपकी मर्ज़ी की विरूध कोई काम नहीं करूँगा….

आप आप लोगो को क्या बताऊ दोस्तो….अंदर ही अंदर भाभी भी सुलग रही थी…पर वो सीधे सीधे कुछ नहीं कहना चाहती थी…उसे भी लंड का मज़ा लिए हुए मुद्दत गुजर गई थी…वो खुद चुदाई के लिए तैयार थी…बस अपनी तरफ से शुरुआत नहीं करना चाहती थी…..

भाभी शास के साथ बेडरूम में आ गयी…..ऑर दोनो बेड पर बैठ गये….

भाभी…मेरा कितना काम बाकी है…पर ना जाने तुझे आज क्या सूझी है…सारा काम छुड़वा दिया….

शास…मम्मी रोज तो काम ही काम करती हो कभी तो आराम भी कर लिया करो…चलो आप लेट जाओ…में आपके पैर दबा देता हूँ….

भाभी…रहने दे रहने दे…पहले ऊपर से दबा दिया…अब क्या नीचे से दबाने का इरादा है…..कुछ ही देर पहले शास ने उनकी चुचियों पर दबाव जो बनाया था…उसको दोहराते हुए बोली…..

शास….मम्मी….क्या करूँ आप है ही इतनी सुंदर….आपको देख कर तो किसी का भी दिल डोल सकता है…..आपका ये गठीला ऑर मांसल बदन….भारी भारी चुचियाँ ऑर गोलमटोल भारी उछलते हुए चूतड़….किसी देवता को भी मदहोश कर सकते है…..फिर में तो आपकी सुंदरता का ना जाने कब से दीवाना हूँ….

भाभी…बस रहने दे रहने दे चने के झाड़ पर मत चढ़ा…मुझे मालूम है में कितनी सुंदर हूँ…ज़्यादा मक्खन मत लगा…

शास…नहीं मम्मी में सच कह रहा हूँ…यक़ीन मानो…

भाभी….ठीक है..ठीक है…अब आराम कर ले…मुझे उठकर काम भी करना है…..

शास…मम्मी क्या में आपके पैर दबा दूं…

भाभी…क्यूँ…मेरे पैरों में दर्द थोड़े ही है….

शास…..इस बहाने मम्मी आपकी भारी भारी…मांसल जांघे दबाने को मिल जाएगी…इनको दबाने ऑर चूमने की हसरत ना जाने कब से है….

भाभी…अच्छा तो ये कहो ना…कि मेरे पैर नहीं ….जांघे दबाने ऑर चूमने का इरादा है…

शास….हाँ मम्मी यदि आपकी इजाज़त मिल जाए तो…

भाभी…नहीं बेटे ये ठीक नहीं होगा…ये पाप है…में तुम्हारी मम्मी हूँ…ऐसा सोचना भी पाप ही होगा….

शास…. मेने आपकी पहले भी बताया है मम्मी की हम मर्द ऑर औरत भी है…ऑर हमारी कुछ सेक्षुयल इच्छा भी होती है…ऑर मर्द ऑर औरत दोनो एक दूसरे के इसीलिए पूरक है….

भाभी…पर मेरी तो ऐसी कोई इच्छा नहीं है… में शादीशुदा हूँ ऑर इसके लिए तुम्हारे पापा है…

शास…मम्मी आपने ही बताया था…कि पापा का बहुत छोटा है…ऑर हर औरत की इच्छा होती है कि उसे बड़ा..मोटा…ऑर लंबा ताकतवर लंड मिले….क्या आपकी इच्छा नहीं होती मम्मी…

भाभी….बेटे ये तो अपना अपना नसीब होता है…कि किसको क्या मिला…
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05-31-2019, 12:22 PM,
#47
RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
शास…क्यूँ अपने आप को झूठी दिलाषा दे रही हू मम्मी…में जानता हूँ कि पापा का छोटा लंड होने के करें आप शायद ही संतुष्ट होती होगी…

भाभी…इसमें में क्या कर सकती हूँ….उदास होकर….

शास….मम्मी में आपका हूँ…आपने मुझे पैदा किया है…मेरी हर चीज़ पर आपका अधिकार है….ऑर फिर में एक मर्द हूँ…ऑर आप एक औरत….मुझे आपकी ऑर आपको मेरी इच्छा पूरी करने का हक़ है….इसमें बुरा ही क्या है….

भाभी…हमारा रिश्ता बहुत ही नाज़ुक है बेटे अगर किसी को पता चल गया तो…ना जाने क्या हो जाएगा…..बस बातों तक ही ठीक है…इससे आगे नहीं बढ़ना चाहिए….में जानती हूँ कि तुम्हारा लंड वाकई बलिश्त है…ऐसे लंड को पाने की चाहत हर औरत की होती है…वो किसी भी औरत को पूर्ण संतुष्ट कर सकता है….पर हम जिस समाज में रहते है…वो इसकी इजाज़त नहीं देता है….

शास….मम्मी क्या समाज आपकी या मेरी ज़रूरतो को पूरा करता है…हम उस समाज की चिंता क्यूँ करे….जो हमें आपनी इच्छाओ को दमन करने को मजबूर करता है….ऑर फिर मम्मी किसी को पता भी कैसे चलेगा…..ये बात तो मेरे ऑर आपके बीच ही रहेगी…ऑर कोई तो घर में है नहीं…..जो हमारे संबंधो को जान सके…..

भाभी…पर बेटे फिर भी…

शास…फिर भी कुछ नहीं मम्मी…आप अपनी इच्छाओं को मत मारो…ओर मेरी इच्छा भी दबाने को मत मजबूर करो…प्लीज़…मम्मी…यक़ीन मानो मम्मी में आपको कहीं भी शर्मिंदा नहीं होने दूँगा….पूरी जिंदगी…आपका सेवक बन कर रहूँगा….ये कह कर शास ने अपनी मम्मी को फिर से बाहों में भर लिया….ऑर अपने गरम तपते हुए होंठ भाभी के रसीले…गुलाबी …नाज़ुक से होंठों पर रख दिए ऑर बेतहाशा चूमने लगा…..

शास…मम्मी के होंठ बेतहाशा चूस रहा था…ऑर बाहों में भिंचे हुए ही मम्मी को बेड पर गिरा दिया….अब शास मम्मी की भारी चुचियों को अपनी छाती पर महसूस कर रहा था….शास ने मम्मी के नीचे से अपने हाथ निकाले ऑर मम्मी की चुचियों पर रख दिए……एक पल के लिए जैसे ही शास रुका ….

भाभी…ये क्या कर रहा है बेटे…ये सब ठीक नहीं है…पर खुद को छुड़ाने का कोई भी प्रयास भाभी ने नहीं किया….

शास…कुछ नहीं मम्मी…आपकी सेवा कर रहा हूँ…जो चुदाई का सुख आपको पापा अपने छोटे से लंड से नहीं दे सके….वो सुख में आपको देना चाहता हूँ…….

भाभी…नहीं बेटे…नहीं…ये नहीं हो सकता…आख़िर में तुम्हारी मम्मी हूँ…तुम्हारे इस महा लंड को अपनी चूत में कैसे ले सकती हूँ…भाभी ने लंड चूत जैसे शब्दों का प्रयोग भी किया ऑर अपने को छुड़ाने का फिर भी कोई पर्यास नहीं किया……जिससे शास का लंड ऑर भड़क उठा था…

शास…मम्मी आपकी सेवा करना ऑर आपको हर प्रकार का सुख देना मेरा प्रेम कर्तव्य है….ये कहते हुए शास ने फिर से मम्मी के होंठ अपने मुँह में भर लिए….ऑर मस्ती मे चूस्ता रहा….इसी बीच मम्मी की जीब शास के मुँह में दाखिल हुई….मानो शास को मलाई की कुलफी मिल गयी हो….वो चूस्ता रहा…ऑर मम्मी की चुचियों को मसल मस्ल कर दबाता रहा…..फिर शास ने मम्मी के गालों ऑर कान पर भी चूमना ऑर चाटना शुरू कर दिया…भाभी भी मदहोश होने लगी…उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे उसके ससुर आज फिर उसे चोदने जा रहे हों…यही सोचकर भाभी की चूत मस्त होकर खुलने ऑर बंद होने लगी थी…ऑर उनकी चूत से गढ़ा…लिसलिसा पानी निकलने लगा था….

भाभी…अभी भी रुक जा बेटे नहीं तो फिर बहुत देर हो जाएगी….शायद फिर में अपने आप को ना रोक पाऊ….ऑर ये अनर्थ हो जाएगा….

शास…आप अपने आप को क्यूँ रोक रही है….मम्मी…कोई अनर्थ नहीं होगा….जिस लंड के लिए आप आज तक तडपी है…वो आज से तुम्हारा है…वो छोटा सा लंड आपको क्या मज़ा देता होगा….आज वो सारी प्यास पूरी कर लो मम्मी…आख़िर में आपका बेटा ही तो हूँ कोई गैर नहीं…आपकी ही संतान…जब आपने ये पेड़ लगाया है तो इसके फल खाने का अधिकार भी है तुम्हारा….आआहह मम्मी….आप कितनी सुंदर है…आपकी ये चुचियाँ ऑर ये कसा हुआ मुलायम बदन…आपकी रसीले होंठ….मदहोश हो जाने दो अपने बेटे को…आप भी आज मदहोश हो जाओ…..आज आपकी सुहागरात के बाद वास्तव में तो पहली चुदाई है….इतने प्यारे बदन को एक मस्त…मोटा…लंबा…ऑर जोरदार लंड ही चाहिए…जो आज आपकी सेवा में तैयार है….मम्मी….

ये कहते कहते हुए शास ने भाभी के ब्लाउस के हुक खाल दिए थे…..ऑर ब्लाउस को बाहों से बाहर करते हुए….आआहह क्या चुचियाँ है मम्मी…इनको उम्र भर भी चूस्ता रहूं तो भी मन नहीं भरेगा…..

भाभी….अपने आप को अभी भी छुड़ाने का कोई भी प्रयास नहीं कर रही थी…फिर भी शास को लगातार यही कह रही थी….आआआअहह उूुुउउम्म्म्ममममाआईईईई सस्स्स्स्सिईईईई…..बेटे रुक जा….रुक जा….ये मुझे क्या कर दिया तुमने बेटे….ये पाप है…तुम अपनी मम्मी को बेश्या की तरह से इस्तेमाल कर रहे हो…इस लंड पर तुम्हारी बीवी का हक़ है इसे उसी के लिए संभाल कर रखो बेटे….

शास….हां मम्मी…आज से दुनिया के सामने तुम मेरी मम्मी ही हो पर वैसे आज से तुम मेरी बेवी भी हो….में तुम्हे….एक बेवी की ही तरह से चोदुन्गा मम्मी….ऑर शास ने भाभी की ब्रा का भी हुक खोलकर उसे भी भाभी के शरीर से अलग कर दिया…..गोरी चिट्टी भारी चुचियों को देखा कर चुचियों को चूसने का दीवाना शास उन पर टूट पड़ा….उन्हें…दबा दबा कर मसल मसल कर मदहोशी की हालत में चूसने लगा था…..पूरे रूम में मम्मी ऑर शास की सिसकारिया…गूज़्ने लगी थी….

उूुउउम्म्म्ममाआआऐयईईईइससस्सिईईई. वो मम्मी की चुचियाँ भी पी रहा था ऑर एक अनुभवी चोदु की तरह से उसके हाथ मम्मी के शरीर के हर भाग को टटोल रहे थे….अब शास मम्मी के पेट ऑर नाभि को भी छू लेता था…..कुछ ही पलों में शास के कलाकार हाथो ने भाभी के पेटिकोट का नाडा खोल दिया ऑर उसे थोड़ा नीचे खिसका दिया था….भाभी इतनी उत्तेजित हो चुकी थी कि उसे आभास भी नहीं हुआ कि उसकी चूत कब कपड़ों से बाहर होकर खुली हवा में पानी टपका रही थी……

शास ने धीरे धीरे मम्मी पर पूरा नियंत्रण कर लिया था…..भाभी उत्तेजना में सब कुछ भूल चुकी थी…अब उसने पूरी तरह से अपने को शास के हवाले कर दिया था…शास के हवाले तो वो पहले ही कर चुकी थी…पर अभी तक जो शब्दों से दिखावटी रुकावट डालने का दिखावा कर रही थी….अब उसको भी छोड़ कर चुदाई के हर भाग का आनंद लेने लगी थी…उनकी आँखें बंद हो चुकी थी…चूत लगातार….लंड पाने के लिए लार छोड़ रही थी…अनुभवी चोदु शास अब समझ चुका था….कि अब उसकी मम्मी पूरी तरह से चुदाई के लिए तैयार हो चुकी है….इसी बीच शास ने मम्मी के पैरों (टाँगों) को उपर नीचे करके मम्मी की धोती ऑर पेटिकोट शरीर से पूरी तरह से अलग कर दिया था….

शास…मम्मी तुम्हारा पूरा का पूरा शरीर ही इतना सुंदर ऑर रसीला है…जी करता है अंग अंग को चूस लूँ…ऑर चूस्ता ही रहूं…..हर समय..हर पेल उस समय तक….जब तक ये दुनिया रहे……

भाभी….आआआहह…त्त्त्तूऊ किसने रोका है बेटे….पी जाओ….चूस लो…पर मेरी भी प्यास भुजा दो….में भी बरसों की प्यासी हूँ बेटे….आज जी भर कर रस निकाल ले इस शरीर का…आज जी भर के चोद ले अपनी मम्मी को…आज जी भर के चोद डाल उस चूत को जिससे तू पैदा हुआ था…फाड़ डाल उसे….ऑर ना जाने क्या क्या…बड़बड़ाती रही भाभी…


आख़िर धीरे धीरे शास वहाँ पर पहुचने लगा था…जहाँ पर चुदाई का आखरी पड़ाव होता है…उसके होंठ भाभी के पूरे शरीर को चूम चाट रहे थे….ऑर अब शास भाभी की दोनो भारी मांसल जांघों को चूमने लगा था……ऑर भाभी की मादक सिसकियाँ बढ़ती ही जा रही थी…उनका शरीर इस तरह से कपकपा रहा था…जैसे आज उनकी पहली सुहागरात हो….लाखों हज़ारों बिजलियाँ उनके शरीर में दौड़ दौड़ कर तरंग पैदा कर रही थी…

शास….भाभी की चुचियों को मसल रहा था….उन्हें सहला रहा था…ऑर जाँघो को चाट रहा था….पर कुछ ही देर बाद शास….ने पोज़िशन बदल ली ओर 69 की मुद्रा में आ गया….भाभी की कल्पना फिर ससुर पर जा टिकी….वही पोज़िशन….वही भयंकर मोटा लंबा लंड उसके होंठों को छू रहा था…ऑर भाभी की जीब फिर से लंड के सुपाडे को चाटने लगी….लंड का सुपाडा इतना मोटा हो चुका था कि भाभी के मुँह में तो जा नहीं सकता था…..

उधर शास ने अब अपनी मम्मी की टाँगो तो चोडा किया….ऑर भाभी की चूत पर अपना मुँह रख दिया…..आआआआअहह के साथ भाभी की सिसकारी निकल गयी….शास की गरम गरम साँसे…चूत पर टकराकर उसे पिघला रही थी…ऑर चूत में जमा पानी पिघल कर टपकने लगा था….

शास मम्मी की चूत को मज़े ले लेकर चूसने चाटने लगा था…वो तो पहले से ही चूत का मज़ा लेने का आदि था….भला वो उस चूत का पानी पीए बगैर कैसे छोड़ सकता था….जो उसकी तम्माना रही हो….जो उसकी जननी हो….हल्की गंध से भरा हुआ पानी….शास की मस्ती को ऑर बढ़ा रहा था….मम्मी की चूत के पानी की गंध से शास ऑर ज़्यादा मदहोश होता जा रहा था….
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05-31-2019, 12:22 PM,
#48
RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
शास ने अपनी जीब से मम्मी की चूत के क्लिट को चाट चाट कर खड़ा कर दिया था….ऑर मम्मी की सिसकारिया ऑर तेज हो चली थी….तभी शास ने अपनी जीब को मम्मी की चूत के अंदर पेल दिया….ऑर मम्मी की कामुक आआआहह…आआऐईईईइससस्स्स्स्स्सिईईईई…उूुउउम्म्म्ममाआअहह किस सिसकारी निकल गयी……

शास…मम्मी तुम्हारी चूत का पानी तो बहुत ही मजेदार है….

भाभी…आआअहह…बेटे आज तो तुमने…मुझे लगता है निचोड़ने की ही ठान ली है……आआहह…जीब को ऑर अंदर डाल दो…..आआआहह शास आज जी भर कर पी लो माँ की चूत का पानी…..फिर ना कहना….कि प्यासा ही रह गया….आआहह उूऊउईईईई सस्स्स्सिउउुउउम्म्म्म आआआअहह बेटे लगता है में तो जा रही हूँ….आआआअहह ज़रा ऑर अंदर…..जल्दी से आआआआअ उूुुउउम्म्म्म ऑर मम्मी का शरीर अकड़ने लगा था….उनकी आखें ऑर ज़ोर से बंद हो चली थी…..मम्मी के हाथ शास के चुतड़ों पर कस गये थी….ऑर लंड भाभी के गालों को सहलाने लगा था…..उूुुुुुुउउम्म्म्ममममममाआआआहह की धुन के साथ…….आआआहह लो बेटे….मैं…..तूऊ गगग्गगाआऐईईईईईई के साथ भाभी के चुतड़ों ने कई उछाल लिए ऑर पूरा शरीर नीचूड़ने लगा…भाभी…..उस सागर में गोते लगा रही थी…जिसकी कल्पना से ही चूत पानी छोड़ देती है…….

कुछ देर तक शरीर के अकडे रहने के बाद….एक लंबी शांति…..भाभी का शरीर ढीला पड़ने लगा….

भाभी की चूत में आए ज्वार भाटा ने शास के पूरे मुँह को भिगो दिया था…पर मम्मी की चूत के पानी के प्यासे शास ने सारे पानी को गटा-गट पी लिया…ऑर चूत को उस वक्त तक चाट्ता रहा जब तक उसमें से अंतिम बूँद भी बाहर ना आ गयी ……

शास ने अपनी मम्मी की चूत से निकले पानी की अंतिम बूँद तक चाट चाट कर सॉफ कर दी थी….ऑर उसका महा लंड मम्मी के गालों ऑर गर्दन की लगातार मालिश कर रहा हा….मानो वो मम्मी का चुम्मा ले रहा हो….अब भाभी के हाथों की शास के चुतड़ों पर पकड़ ढीली पड़ चुकी थी….

शास….मम्मी आप भी इस लंड को चुस्कर थोड़ा आनंद लो नाअ….

भाभी…भला ये तुम्हारा लंड है या घोड़े का मेरे मुँह में कहाँ आता है…..बस इसके सुपाडे को चाट भर सकती हूँ…..

शास…तो चाट ही लो ना मम्मी….शास के लंड का गुलाबी सुपाडा….मम्मी के गालों ऑर गर्दन पर झटके मार मार कर ऑर फूल कर कुप्पा हो गया था….भाभी ने जीब निकाली ऑर शास के लंड के सुपाडे को चाटने लगी….शास के लंड से निकलता प्रिगुं…भाभी को बड़ा ही मधुर टेस्ट दे रहा था…..

शास कुछ देर तक ओर मम्मी की चूत को चाट्ता रहा….मम्मी की चूत का दाने में फिर से फड़कन शुरू होने लगी थी….ऑर मम्मी ने शास के लंड को दोनो हाथों में पकड़ कर लंड के सुपाडे के छेद को चाटने लगी थी…ओर जीब को सुपाडे के बारीक छेद में डालने की कोशिस करने लगी….

शास…मम्मी भला कहीं आपकी जीब इस छेद में भी जा सकती है….

भाभी…बेटे कोशिस कर रही हूँ…कि इस छेद के माल का टेस्ट भी ले लूँ आज……

शास…फिर तो मम्मी आपको जीब के साथ साथ अपने नाज़ुक हाथों से भी ऐसे सहलाना पड़ेगा….तभी इसमें से कुछ निकल सकता है….

भाभी की चूत में अब अंदर तक खुजली मचने लगी थी….अब उनकी इच्छा लंड को चूत में लेने की होने लगी थी…पर डर भी लग रहा था…कहीं उनकी चूत एक बार फिर ना फट जाए….पहली बार तब उनकी चूत से खून निकला था….जब वे शादी करके आई थी…ऑर उनके पति ने उसे पहली बार चोदा था….दूसरी बार तब उसकी चूत से खून निकला था…जब ससुर जी ने पहली बार चोदा था…ऑर उसकी चूत बुरी तरह से फट गयी थी….ऑर आज फिर वही कहानी दोहराई जाएगी अगर शास ने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया तो…चूत फटे बिना बिल्कुल नहीं रहेगी….इस चूत में बरसों से मोटा लंड नहीं गया था…इसलिए…..शायद ही शास के लंड को झेल पाए…..

शास…क्या सोच रही हो मम्मी…..

भाभी…कुछ नहीं बेटे….बस यूँ ही….

शास…बताओ ना मम्मी…क्या बात है….

भाभी…कुछ नहीं…सोच रही हूँ…तुम्हारा ये लंड तो मेरी चूत को फाड़ डालेगा….तुम्हारे पापा के लंड का साइज़ छोटा होने के कारण मेरी चूत का साइज़ भी छोटा है….अगर ये लंड मेरी चूत में जाने की कोशिस करेगा…तो वो निश्चित ही फट जाएगी…ऑर रात में तुम्हारे पापा ने चुदाई का मन बनाया तो में क्या करूँगी….

शास….हाँ ये बात तो है….फिर क्या करें मम्मी…मेरे लंड का तो बुरा हाल है….अगर ये अब चूत में जाकर खाली नही हुआ तो फट जाएगा…..

भाभी..बेटे मेरी चूत का भी अब बुरा हाल है…वो भी इस लंड के लिए मचल रही है…अंदर खुजली भी बहुत मची है…पर रात का डर है…ऑर फिर तो ये कई दिन बाद ही ठीक हो पाएगी……

शास…फिर क्या करूँ मम्मी…आपने तो अपने बेटे को मझदार में लाकर छोड़ दिया है….

भाभी…तुम मेरी मजबूरी समझा सकते हो…में ही अब क्या करूँ…हा जब तक में कोई तरीका निकालू…तब तक तो….

शास…अच्छा मम्मी में आपकी चुचियों में अपने लंड को दबा कर लंड को मसलता हूँ हो सकता है…इसका माल निकल जाए….ऑर कुछ शांति मिले….

भाभी….पर मेरी चूत का क्या होगा उसमें भी तो खुजली मची है….

शास….मम्मी आपकी चूत को में एक बार फिर चाट कर पानी निकाल दूँगा….बाकी बाद में जैसे आप सोचेंगी…वैसा ही होगा….

भाभी…मौस होकर…ठीक है बेटे…ऑर कोई तरीका भी तो नहीं है….

ऑर शास ने अपने लंड को भाभी की चुचियों के बीच फँसा दिया….ऑर दोनो चुचियों को लंड पर दबाकर झटके मारने लगा……कुछ देर तक मेहनत के बाद शास के लंड ने पानी छोड़ दिया….जो सीधे मम्मी के होंठों ओर मुँह पर गिरा….जिससे मम्मी का पूरा चेहरा….शास के लंड से निकले वीर्य से सन गया….ऑर भाभी…जितना उनसे हो सका…जीब बाहर निकाल कर चाटने लगी थी….

भाभी ने चेहरा अपनी जीब ऑर कुछ पोंछ कर साफ किया…..फिर शास की ऑर मुस्कुरा कर अब कैसा फील कर रहे हो बेटे…..

शास….बहुत अच्छा तो नहीं…पर लंड की अकड़न कुछ कम ज़रूर हो गयी…

भाभी….पर अब तो तुम्हारा माल निकल गया है….

शास….वो तुम्हारी चूत में थोड़े ही निकला है….

भाभी…मेरी चूत में निकालने से कुछ ऑर होता….

शास…हाँ मम्मी…बिल्कुल….ये लंड पहले बड़ी शान से तुम्हारी चूत का पानी पीता…फिर उसके साथ दो हाथ करता तब जाकर कहीं पानी छोड़ता तो मज़ा कुछ ऑर ही होता….ये तो बस लंड का पानी भर निकला है…इसकी संतुष्टि कहाँ हुई है……ये तो अभी भी तुम्हारी चूत के लिए तड़प रहा है….

भाभी….ऐसा मेरी चूत में क्या है…जो ये इतना परेशान है….

शास….मम्मी आपकी चूत में जो है…वो तुम क्या जानो….तुम्हारी चूत का पानी…समुंदर के पानी की तरह खारा पर टेस्टी है…ऑर लंड के लिए तो वो ताक़त का ड्रिंक्स है….उस पानी को पीकर अगर लंड का डूपिंग टेस्ट करो तो ये भी डूपिंग मामले में फँस जाए…..ऑर मुस्कुरा दिया…..

भाभी ….हंसकर अच्छा तो मेरी चूत का पानी तुम्हारे लंड के लिए एनर्जी फुड है….लेकिन अभी तो इसने मेरी चूत का पानी पिया नहीं फिर ये क्यूँ इतना बहादुर है….जो मेरी चूत को फाड़ने की उत्सुकता दिखा रहा है….

शास….एक बार चूत का पानी पिलाकर देखो इसे फिर तो ये फूलकर दुगना हो जाएगा…..

भाभी…फिर रहने दे शास…तुम्हारा लंड तो अभी भी किसी भी चूत को फाड़ सकता है…फिर इसके लिए चूत कहाँ से आएगी…तब तो ये गधि की चूत को भी फाड़ डालेगा…..ऑर दोनो ही मुस्कुरा दिए……

भाभी…अच्छा चल ज़रा एक किस दे दे….फिर में अपना काम निपटाती हूँ…तुम्हारे पापा भी आते ही होंगे……

शास ….ने भाभी के होंठ चूम लिए….

भाभी…आररी यहाँ नहीं बुद्धू….नीचे के होंठो पर….

ऑर शास ने मुस्कुरा कर भाभी की चूत में मुँह दे दिया ऑर ज़ोर ज़ोर से चूमने ऑर चाटने लगा….कुछ देर के बाद भाभी की चूत से एक बार फिर पानी का फ़ौवारा छूट पड़ा….ऑर शास पूरे पानी को पी गया….

भाभ…खड़ी होते हुए….क्यूँ बेटे मेरी चूत का पानी पीकर जब तुम्हारे लंड को एनर्जी मिलती है…तो तुम्हे भी तो मिली होगी…तुमने तो दो बार काफ़ी पानी पी लिया…है….अब कैसा महसूस कर रहे हू…क्या डूपिंग टेस्ट में फैल हो जाओगे……

शास….मम्मी वेकई तुम्हारी चूत के पानी का कमाल है….बड़ा ही टेस्टी ऑर शक्ति दायक है….अच्छा लग रहा है….कहते हुए शास भी कपड़े पहनने लगा था……

भाभी…इसी लिए तो तुम्हे दो बार पानी पिलाया है…कि रात में तुम्हे थकान ना हो…..आज तो दो…दो जवान लड़कियों चुदाई जो करनी है….तुम्हे…ऑर भाभी मुस्कुरा दी….

शास…क्या कह रही हो मम्मी…में कुछ समझा नहीं….

भाभी…अच्छा तो क्या मुझे बेवकूफ़ समझता है….रात की चुदाई के लिए संतोष ओर कुसुम जो तुम्हारा इंतजार कर रही है…पर ध्यान रखना…दोनो ही कुँवारी है…कहीं उनकी चूत को फाड़ कर हाथ में दे आओ….थोड़ा आराम से ध्यान रखते हुए ही चुदाई करना …ऑर हाँ…सारा माल वहीं मत उडेल आना…कुछ माल तो अपनी मम्मी के लिए भी बचा कर ले आना…..एक बार फिर दोनो हस्ते हुए कमरे से बाहर निकल आए………


शास….मम्मी आपको कैसे पता चला कि आज रात में वहाँ पर चुदाई प्रोग्राम होना है…..

भाभी….संतोष ऑर कुसुम आज सुबेह आई थी…ऑर तुम्हारे लंड के बारे में बात खुल गई…तभी तो मुझे पता चला कि तुम्हारा लंड नहीं मस्टंड है….

शास….क्या वो आपसे ऐसी बाते कर रही थी…मम्मी…

भाभी..तो क्या हुआ….जब तुम मर्द लोग औरतों के बारे में …उनकी चूत ऑर चुचियों के बारे में बात कर सकते हो तो क्या हम औरते मर्द के लंड के बारे में बात नहीं कर सकते हैं क्या….

शास…ये बात नहीं मम्मी…मेरा मतलब था…कि चुदाई की बातें….

भाभी…हाँ क्यों नहीं…अगर बातें नहीं करते तो मुझे कैसे पता चलता कि तुम्हारा लंड……इतना भयंकर है…..

शास…क्या मम्मी औरतों को बड़े लंड से डर नहीं लगता है…..

भाभी….नहीं बेटे….हर औरत की यही इच्छा होती है कि उसे मोटा..लंबा..ऑर मजबूत लंड मिले….

शास….उन्हें चूत के फटने का डर नहीं लगता है….

भाभी…नहीं बेटे…जब तक चूत को फाड़ने वाला लंड ना मिले तो चुदाई का मज़ा ही कहाँ है….

शास….पर दर्द तो बहुत होता है….ना…ऑर कई तो बेहोश हो जाती है….

भाभी….उसी दर्द के लिए तो चूत तड़पति रहती है….छोटी चूत वाली औरत अक्सर बेहोश हो जाती है पर मज़ा भी उतना ही आता है….ये दर्द बेहोशी तो कुछ देर की पर मज़ा तो उम्र भर का आता है….

क्या तुमने किसी को चुदाई में बेहोश भी किया है क्या बेटे….

शास…में तो ऐसे ही कह रहा था…

भाभी…में जानती हूँ….ज़रूर तुम्हारे साथ ऐसा हुआ होगा…पर वो औरत अब तुम्हे जिंदगी भर नहीं भूल पाएगी….
एक बात ऑर बेटे जो भी औरत तुम्हारे लंड को एक बार देखा लेगी…वो तो तुम्हारी दीवानी हो जाएगी….

शास…फिर तुम क्यूँ डर गयी मम्मी….

भाभी…में डरी कहाँ हूँ…ये तो मेरे बेटे का प्यारा लंड है कभी भी ले लूँगी….पर अगर आज चूत को फडवा डालती तो तुम्हारे पापा को निश्चित ही पता चल जाता…..फिर तो बहुत ग़लत हो जाता…..

शास…पर मम्मी मेरे लंड में तो तुम्हारी चूत में जाने के लिए…कुछ कुछ हो रहा है…वास्तव में तुम्हारी चूत बहुत ही लव्ली है…..

भाभी…..सभी चूत तो एक जैसी ही होती है…..

शास….नहीं मम्मी सभी चूत एक जैसी नहीं होती…तुम्हारी चूत…ज़्यादा…उभरी हुई ऑर रसीली है…..सभी की चूत ऐसी नहीं होती है….

भाभी…हमें तो सभी चूत एक जैसी ही लगती है…..

शास…..मम्मी सभी मर्दों के पास लंड होता है…क्या सभी का लंड एक जैसा ही होता है…..

भाभी…नहीं सभी का लंड एक जैसा नहीं होता है….लंड तो छोटे..बड़े…मोटे…लंबे…छोटे …पतले होते है……

शास….तो बस इसी तरह से सभी चूत एक जैसी नहीं होती है….इसकी पहचान तो लंड को होती है…तुम्हारी चूत तो एक दम से पाव रोटी की तरह से फूली हुई ऑर रसीली है… मजेदार है….इसे देख कर तो कोई भी मर मिटने के लिए तैयार हो जाए….

भाभी…अच्छा…अच्छा…बस अब रहने दे…किसी दिन चोद लेना…पर हाँ आज अपने लंड का सारा माल वहीं पर ना उडेल आना….याद रखना कि तुम्हारी मम्मी को भी तुम्हारे लंड का इंतजार है…..

शास…में ऑर मेरे लंड दोनो ही आपकी अमानत है…कहो तो आज जाऊ ही नहीं….

भाभी….नहीं चले तो जाओ पर उनकी चूत में ज़्यादा इंटेरेस्ट मत लेना….चाहे तो चुदाई भी मत करना…….

शास…मम्मी अब ये कैसे हो सकता है….भला वो दोनो अगर इस लंड को परेशान करने लगी तो इसको खाली तो करना ही पड़ेगा…नहीं तो ये फट नहीं जाएगा……फिर आपकी चूत का क्या होगा….

भाभी…ठीक है…ठीक है….कर लेना पर काम करना…ये ध्यान रखना कि तुम्हारी मम्मी आज ना जाने क्या क्या सोच कर सो नहीं पाएगी…..तुम्हारी मम्मी को तुम्हारे लंड का इंतजार रहेगा…..

ऑर इसी तरह की बातों में…दिन ढलने लगा था….ऑर भाभी ने शास को मलाई ऑर देशी घी डालकर दूध पिला दिया था…जिससे उसके बेटे को थकान महसूस ना हो…..
Reply
05-31-2019, 12:22 PM,
#49
RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
शास…मम्मी अब ये कैसे हो सकता है….भला वो दोनो अगर इस लंड को परेशान करने लगी तो इसको खाली तो करना ही पड़ेगा…नहीं तो ये फट नहीं जाएगा……फिर आपकी चूत का क्या होगा….

भाभी…ठीक है…ठीक है….कर लेना पर काम करना…ये ध्यान रखना कि तुम्हारी मम्मी आज ना जाने क्या क्या सोच कर सो नहीं पाएगी…..तुम्हारी मम्मी को तुम्हारे लंड का इंतजार रहेगा…..

ऑर इसी तरह की बातों में…दिन ढलने लगा था….ऑर भाभी ने शास को मलाई ऑर देशी घी डालकर दूध पिला दिया था…जिससे उसके बेटे को थकान महसूस ना हो…..



ab aage......................

आख़िर दिन ढल गया ऑर शास….अपने पापा की एज़ाज्त् से संतोष बुआ के घर चला गया….जहाँ पर दो खूबसूरत परी उसका इंतजार कर रही थी….ऑर शास का लंड उन तितलियों की चूत का पानी पीने के लिए पूरी तरह से तयार था…….


शाम ढलने के बाद थोड़ा थोड़ा ही अंधेरा हुआ था….ऑर शास ने संतोष बुआ के घर का दरवाज़ खटखटाया……

कौन…अंदर से आवाज़ आई…..

में हूँ शास बुआ…दरवाज़ खोलो….

संतोष….दरवाजा खोलते हुए…आज तुमने कितनी देर लगा दी शास कब से तुम्हारा इंतजार कर रही है…..

शास…वो पापा कुछ देर से आए…फिर खाना खाकर आने में कुछ देर हो गयी….पर इतनी भी देर नहीं हुई है बुआ….

संतोष….तुम क्या जानो शास कि इंतजार का एक एक पाल कितनी मुश्किल से कटता है…..

शास…इसमें इंतजार की क्या बात है….

बुआ…तुम्हें नहीं होगी….हमें तो इंतजार था ना….

शास…पर क्यूँ बुआ…क्या ज़्यादा देर हो गयी है….

बुआ….नहीं तुम्हे तो ज़्यादा देर नहीं हुई है….पर हमारे लिए तो देर है…हम तो आज सुबह से इंतजार मे है…

शास…आश्चर्य से…सुबह से….

बुआ…हाँ सुबह से…भाभी ने तुम्हे बताया नहीं कि हम सुबह तुम्हारे घर तुम्हे बुलाने ही तो गये थे…..

शास….हाँ ये तो मालूम है…कि आप सुबह मुझे बुलाने गयी थी….पर रात को सोने के लिए ही ना….

बुआ….बुध्धु…कहीं का…

शास….क्या हुआ बुआ…जो हमे बुध्धु बता रही हैं…

बुआ…अरे तो ऑर क्या कहूँ…जब तुम समझने की कोशिस ही नहीं कर रहे हो…

शास…क्या कोशिस नहीं कर रहा हूँ बुआ….आपने रात में सोने के लिए बुलाया था…सो में सोने के लिए आ गया हूँ…शास ने पूरी तरह से अंजान बनते हुए कहा…..

बुआ…बेवकूफ़….अरे शास कहीं रात सोने के लिए होती है…

शास…फिर अंजान बनते हुए…क्या….रात सोने के लिए नहीं तो ऑर किस बात के लिए होती है….में तो रोज रात में आराम से सोता हूँ….

बुआ…शास…जब मर्द के पास औरत या लड़कियाँ हो तो वो भला कहीं सोता है…क्यों कुसुम में ठीक कह रही हूँ ना….

कुसुम…हां दीदी …ना वो खुद सोता है ऑर ना लड़कियों को सोने देता है….

शास…में तो समझा नहीं बुआ आप क्या कह रही हैं…मुझे तो बड़ी नींद आ रही है…अब ये बताओ…कि कहाँ सोना है…

बुआ…शास तुम इतने बुध्धु तो हो नहीं….जितना जता रहे हो…सुबह तो कुसुम को घूर घूर कर देख रहे थे….

कुसुम…हाँ दीदी…मुझे तो बड़ी शरम आ रही थी…इन्होने तो पलक भी नहीं झपकी…बस एक टक मुझे ही देख रहे थे….

शास…तो देखने से क्या हुआ…देखते तो हम सभी को हैं…तो क्या सोना छोड़ दे…..

बुआ…कुसुम का मतलब है…सेक्सी निगाहों से….

शास…वो कैसी होती हैं बुआ…ये तो मुझे मालूम नहीं…हां ये मुझे अच्छी लग रही थी…इस लिए देख लिया था…

बुआ…इसका तुम्हे क्या अच्छा लगा…अब ज़रा ये बताओ तो ज़रा…

शास…बस अच्छी लगी देखने में…ऑर क्या

कुसुम…दीदी ये हमारा उल्लू बना रहा है….में तो सुबह ही जान गयी थी…कि ये बहुत ही तेज है…

शास…क्या किसी को देखना पाप है…इसमें मेने क्या बुरा किया…

बुआ…पर किसी लड़की को इस तरह से देखने का मतलब कुछ ऑर होता है…

शास…क्या मतलब…

बुआ…याद है एक दिन हम दोनो खेत में गये थे…ऑर वहाँ पर खूब मज़े लिए थे…सुंदर लड़की को देखने का मतलब वही होता है….

शास…आपको अभी तक याद है…वो बात बुआ…में तो भूल ही गया था…

कुसुम…इतना सब होने के बाद भी भूल गये…क्या तुम्हे संतोष की याद नहीं आई…या फिर से वही मज़ा लेने को मन नहीं किया….

शास…बुआ आपने इसे भी बता दिया था क्या…
Reply
05-31-2019, 12:23 PM,
#50
RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
बुआ…हाँ शास…मेने इसको भी बता दिया था… कि मेरा शास बहुत ही अच्छा है…ऑर बुआ को खूब मज़े दिए हैं….ऑर हंस दी…

शास….मुस्कुराते हुए…चुप हो गया….

कुसुम… बुआ का बड़ा ध्यान रखते हो शास….

शास…हाँ वो मेरी बुआ है…ये जो भी कहेंगी…वो मानना तो मेरा फ़र्ज़ है….फिर उस खेल में तो मुझे भी मज़ा आया था…शास ने फिर मासूमियत से कहा…जैसे उसके बाद वो सब भूल गया हो….

कुसुम…में भी तो तुम्हारी बुआ ही लगती हूँ…मेरा कहना मानना भी तो तुम्हारा फर्ज़ है….या नहीं….

शास… तो मेने कब मना किया है…बताओ क्या करना है….
ऑर तीनो एक साथ हंस पड़े….फिर कुछ सोच कर कुसुम खुद ही अपने ऊपर झेप गयी……ऑर सिर झुका लिया…..

संतोष…हाइ शास तुम्हे कभी फिर हमारी याद नहीं आई….

शास…भला बुआ आप कैसी बात करती हैं…भला आपने जो मज़ा मुझे मेरी जिंदगी का पहला मज़ा दिया था उसे में कैसे भूल सकता हूँ….

संतोष…फिर कभी तुमने हमसे मिलने की कोशिस क्यूँ नहीं की…क्या फिर मज़ा लेने की इच्छा नहीं हुई थी….

शास….नहीं बुआ आप मुझे बहुत याद आती रही…पर समय ही नहीं मिला…भला क्या कभी में आप को भी भूल सकता हूँ….

संतोष….क्यूँ मुझे क्यूँ नहीं भूल सकते हो क्या कोई खास बात है मुझ मे….

शास…हाँ बुआ….एक तो आप मुझे बहुत प्यार करती हो…दूसरे आप तो मेरी स्वर्ग में सैर कराने वाली गुरु हो…आपने ही तो वो स्वर्ग का द्वार दिखाया था…फिर में आपको कैसे भूल सकता हूँ…यक़ीन मानो बुआ….में आपको इस जीवन में कभी भी नहीं भूल सकता हूँ…..

संतोष…सच कह रहे हो शास….तुम भी मुझे इतना ही प्यार करते हो जितना में तुम्हे करती हूँ….

शास…उसे भी ज़्यादा बुआ…मेरा यक़ीन करो….

ऑर इस पर संतोष ने आगे बढ़कर शास को अपनी बाहों में भर लिया…ऑर उसके गुलाबी सुंदर होंठ चूम लिए….बुआ की गठीलि भारी ठोस चुचियाँ शास की छाती में चुभ रही थी…जिससे शास के लंड ने एक ज़ोर दार सलामी मार ही दी…ऑर बुआ की उभरी हुई चूत पर पहली थपकी दे दी…….बुआ ने शास को बाहों में लिए हुए ही…उसके गालों ऑर होंठो पर कई किस कर दिए…शास की छाती पर बुआ की चुचियों का दबाव ऑर गर्माहट से शास के लंड ने दूसरी जोरदार सलामी देकर एक ऑर थाप बुआ की चूत पर मार दी….

संतोष….शास तुम्हारा वो तो मेरी उस पर थपकी मार रहा है….क्या इरादा है…लगता है तुम्हारा वो तो बड़ा ही उतावला हो रहा है….

शास…ये तो तुम्हारे प्यार का कमाल है बुआ…वो स्वर्ग का रास्ता ढूँढ रहा होगा…..

संतोष…अच्छा…बड़े बदमाश हो गये हो…तुम्हारा वो गले लगते ही स्वर्ग का रास्ता ढूढ़ने लगता है….

शास…आपने जो स्वर्ग का रास्ता दिखाया है वो बड़ा ही मजेदार है बुआ…भला उसके लिए कोन देर करेगा….

संतोष…लगता हैइसे उस दिन के बाद स्वर्ग का मज़ा नहीं मिला है…

शास….हाँ बुआ ऑर किसी ने हमें वो रास्ता दिखाने की कोशिस ही नहीं की है….

कुसुम…अरे शास…उस स्वर्ग के रास्ते को देखने के लिए लड़कियों को पटाया जाता है…खुद कोई नहीं दिखाता है….

शास…पर संतोष बुआ ने तो खुद ही दिखा दिया था…

कुसुम…वो तुम्हे बहुत प्यार करती है ना….इसलिए….

शास…. आप भी तो मेरी बुआ ही है…क्या आप भी मुझे प्यार करती है….

कुसुम…हाँ क्यूँ नहीं. में भी तुम्हे उतना ही प्यार करती हूँ जितना…संतोष दीदी करती है….

शास…तब तो आप भी हमें अपना वो स्वर्ग का रास्ता ज़रूर दिखाएगी….

इस पर संतोष हंस पड़ी ऑर कुसुम थोड़ा झेप्ते हुए मुस्कुरा दी….

संतोष…हाँ..हां..क्यूँ नहीं…शास…जब ये तुम्हे मेरे जितना प्यार करती है तो क्यूँ नहीं दिखाएगी…अपना वो स्वर्ग का रास्ता….क्यूँ कुसुम..दिखायेगी ना….
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