08-31-2018, 04:43 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
अजय उसे कल रात की टचिंग और वो छोटा सा चुंबन याद दिला रहा था...और शायद रचना को उसकी बात समझ आ गयी..क्योंकि अजय की बात सुनकर उसने शरमाते हुए अपनी नज़रें झुका ली..और कुछ बोली नही..
अजय : "अब अगर तुम सही ढंग से थेंक्स बोलना ही चाहती हो तो मुझे कोई प्राब्लम नही है...पर यहाँ ऑफीस में थोड़ा अजीब लगेगा...है ना...''
रचना ने अपनी चंचल आँखे उपर उठाई और बोली : "सर आप देखने में इतने शरारती नही हो....जितने असल मे हो...''
अजय भी जवाब मे धीरे से मुस्कुरा दिया : "आई नो....मेरे सभी दोस्त भी यही बोलते है....और वैसे भी तुमने मेरी असली वाली शरारते अभी देखी कहाँ है...उन्हे देखकर शायद तुम मुझसे डरकर भागने लगो....''
रचना भी उसके रंग में रंगकर उसका साथ देने लगी, और बोली : "डरना तो मैने आज तक किसी से सीखा ही नही...और वैसे भी शरारतें हमेशा मस्ती भरी होती है, जिसमें किसी का भी नुकसान नही होता बल्कि मज़ा ही आता है...''
अजय (उसके बूब्स को घूरते हुए) : "लगता है तुम इस तरह के काफ़ी मज़े ले चुकी हो...''
रचना : "लिए तो नही है...पर अब मन करने लगा है....कल रात से...''
दोनो एक दूसरे की आँखो में आँखे डाल कर ऐसे बाते कर रहे थे जैसे ऑफीस में नही बल्कि किसी लवर पॉइंट पर बैठे हो....अजय ने हाथ आगे करते हुए अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया तो वो काँप सी गयी...अजय उसके शरीर को छूकर देखना चाह रहा था की वो क्या फील करती है...और जैसा उसने सोचा था ठीक वैसा ही हुआ...उसके रोँये तक खड़े हो गये...जिन्हे अजय सॉफ-2 देख पा रा था...और शायद अंदर के रोँये भी खड़े हो चुके थे उसके...जिन्हे वो बस महसूस कर पाया...देख नही पाया..
अजय : "मेरे साथ फ्रेंडशिप करोगी तो ऐसे बहुत से एक्सपीरियेन्स करवा दूँगा जिन्हे तुम आज तक बस सोच ही सकी हो....''
रचना ने कुछ नही कहा ...बस अपना दोस्ती भरा हाथ आगे करके मुस्कुरा दी..
उसके नर्म हाथ को सहलाते हुए अजय को अब सिर्फ़ एक ही फ़िक्र सता रही थी की ऐसी उम्र में वो कहीं उसके सच्चे प्यार के चक्कर में ना पड़ जाए...क्योंकि वो अच्छी तरह से जानता था की अगर वो उसके साथ मज़े लेने पर आया तो बात काफ़ी आगे तक बड़ जाएगी...और ऐसे में कही वो उसके साथ शादी के सपने ना देखने लग जाए...वैसे तो उसमे कोई बुराई नही थी...देखने में काफ़ी सेक्सी थी..बल्कि प्राची से भी ज़्यादा अच्छी लग रही थी वो उसे...लेकिन शादी तो वो ऑलरेडी कर ही चुका था...और ऑफीस में भी सभी को पता था की वो शादी शुदा है...ऐसे में अगर बीच में जाकर रचना को उसके शादीशुदा होने के बारे में पता चल गया तो उसका खेल तो अधूरा ही रह जाएगा...और उसकी नजरों में वो झूठा कहलायेगा सो अलग , वैसे भी अभी तक दोनो के बीच ऐसी कोई भी बात नही हुई थी जिसमे अजय ने खुद को शादीशुदा बताया हो....और जिस तरह से वो उसके साथ बिहेव कर रही थी,साफ़ पता चल रहा था की वो उसकी तरफ बुरी तरह से अट्रैक्टेड है , उसकी नज़रों में प्यार की झलक साफ़ देखी जा सकती थी.
इसलिए अजय ने सीधा और सच्चा रास्ता ही अपनाना सही समझा...और बोला : "लेकिन इस दोस्ती से पहले मैं तुम्हे एक बात क्लियर करना चाहता हू...''
रचना : "यही ना की तुम शादीशुदा हो....''
उसकी ये बात सुनते ही अजय की आँखे फैल गयी....उसे तो पहले से ही पता था..
अजय : "यानी...तुम्हे पता था की मैं ....''
रचना : "यस मिसटर अजय.....मुझे तो ऑफीस ज्वाइन करने के 5 दिन बाद ही पता चल गया था की आप शादीशुदा हो...मैने अपने डिपार्टमेंट में काम करने वाली रोज़ी से पता करवा लिया था...''
अजय : "ओहो......''
और फिर कुछ देर चुप रहकर वो एकदम से बोला : "लेकिन तुमने रोज़ी से स्पेशली ये क्यो पूछा....यानी तुम...शुरू से ही....मुझे....''
वो जान बूझकर पूरी बात नही बोल रहा था...और रचना के चेहरे का एक्सप्रेशन देख रहा था..
रचना शर्मा सी गयी...जैसे उसकी चोरी पकड़ी गयी हो....वो धीरे से बोली : "अब पूरे ऑफीस में सिर्फ़ आप ही इतने हेंडसोमे हो...मेरी टक्कर के....इसलिए....''
इतना कहकर वो मुस्कुरा दी...अजय के साथ साथ उसने बड़ी चालाकी से अपनी भी तारीफ कर ली थी
वैसे सही कहा था उसने....उसके पूरे ऑफीस में ना तो कोई ढंग की लड़की थी और ना ही उसके जैसा स्मार्ट लड़का...रचना के आने के बाद ऑफीस में रोनक सी आ गयी थी...हर कोई उसे घूरकर देखता रहता था...पर लड़कियो को भी हर किसी की नज़रें पसंद नही आती...उन्हे भी स्मार्ट और गुड लुकिंग मर्द पसंद आते है..और ऑफीस में ऐसा मर्द सिर्फ़ अजय ही है..और शायद इसलिए उसने अजय के बारे में ये सब जानकारी निकलवाई होगी...
पर उसकी बातों से ऐसा लग नही रहा था की अजय के शादीशुदा होने से उसे कोई आपत्ति है..
फिर भी अजय ने कन्फर्म करने के लिए पूछ ही लिया
अजय : "यानी...तुम्हे हमारी इस दोस्ती के बीच मेरी शादी कोई रुकावट नही लग रही ....''
रचना : "नही...बिल्कुल नही....इनफॅक्ट मुझे तो ये फ्रेंडशिप ऐसे लग रही है जैसे फ्रेंड्स विद् बेनेफिट...''
अजय भी उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया...
सही कहा था उसने, दोनों को ही इस फ्रेंडशिप से अपने-२ हिस्से के बेनिफिट चाहिए थे, अजय को कुंवारी चूत और रचना को पहली चुदाई का एहसास
यानी लोंड़िया पूरी तरह से हर तरह का एक्सपीरियेन्स लेने के लिए तैयार थी...लेकिन वो ऐसा किस हद तक करना चाहती है..और क्यों करना चाहती है...ये सब पूछने के लिए अजय ने शाम का इंतजार करना उचित समझा...उसे वापिस घर ड्रॉप करते हुए वो बाकी की बातें क्लियर कर लेना चाहता था..
अजय ने उसे शाम को ड्रॉप करने की बात कही जो उसने मुस्कुराते हुए मान ली...और ये भी कहा की और भी बहुत सी बाते है जो घर जाते हुए करनी है...अभी ऑफीस का काम कर लेते है..
उसने अजय की बात मान ली और उसे बाय बोलकर अपनी डेस्क पर चली गयी....
अजय का सीना और लॅंड दोनो फूल कर कुप्पा हो गये...एक और लड़की की चूत की खुश्बू उसे आ चुकी थी अब...
|
|
08-31-2018, 04:43 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
जिस घड़ी का उसे बेसब्री से इंतजार था वो बस आने ही वाली थी...
वो आकर अपनी चेयर पर बैठा और फिर से बियर पीने लगा, करीब 5 मिनट बाद उसके मोबाइल पर पूजा की कॉल आ गयी.वो पास की ही मार्केट में बने एक रेस्टोरेंट में बैठ कर कुछ स्नेक्स खा रहे थे..
पूजा : "जीजू....मुझसे तो अब ये आधा घंटा भी बर्दाश्त नही हो रहा....''
अजय मुस्कुरा दिया और बोला : "तो सीधा यहीं आ जाती ना....ऐसे जाने की ज़रूरत क्या थी...''
पूजा : "यही तो आपका प्लान था जीजू...और अच्छा हुआ हमने ऐसा प्लान बनाया, क्योंकि जब तक मैं और रिया यहाँ से निकल नही गये,मम्मी और प्राची दीदी बाल्कनी पर ही खड़े होकर हमें देख रहे थे...मुझे तो बड़ा अजीब सा लग रहा था की वो ऐसे क्यो देख रहे है...कही उन्हे शक़ तो नही हो गया...और उपर से रिया की बच्ची ने भी नीचे आने मे इतना टाइम लगा दिया...''
ये बात सुनकर उसकी बगल में बैठी रिया खिलखिलाकर हंस दी....
पूजा : "और जब ये नीचे आई तो मैं तो इसके लाल चेहरे को देखकर ही समझ गयी थी की आपने इसे ऐसे ही नही आने दिया होगा...''
अब अजय बोला : "तो क्या करता मैं ....जैसे तुमसे ये टाइम नही कट रहा,मेरा भी तो यही हाल है...सुबह से एक -2 मिनट काटना मुश्किल हो रहा है...बस अब तो तुम आ जाओ...फिर देखना...''
अजय अपने लंड को सहला कर उसे ये बात बोल रहा था...और अजय की ये बात सुनकर पूजा की साँसे भी तेज हो उठी...वो हकलाती हुई सी आवाज़ मे बोली : "क...क्या...क्या करोगे आज मेरे साथ....''
अजय ने अपनी केप्री घुटनो से नीचे खिसका दी...और अपना लंड बाहर निकाल कर उपर से नीचे तक रगड़ डाला.. और बोला : "तुम आओ तो सही...ऐसे फोन पर बताने का क्या फायदा ...और वैसे भी तुम्हारी सब बाते वो रिया भी तो सुन रही होगी ना...''
पूजा : "नही....मुझे अभी सुनना है....प्लीज़ बताओ ना....और इसकी तो फ़िक्र छोड़ ही दो आप....इसके होने या ना होने से अब मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता...''
अजय समझ गया की उन दोनों बहनो के बीच की सब दीवारे अब गिर चुकी है...इसलिए पूजा ऐसा बोल रही है...और पूजा अपनी होने वाली चुदाई की बाते सुनने के लिए जब खुद ही इतनी लालायित हो रही थी तो वो कौन था जो ऐसे चुपचाप बैठता...वैसे भी अगले 20 मिनट तो उन्हे टाइम पास करना ही था ना...
अजय : "चलो , जब तुम नही मानती तो मैं कौन होता हूँ ...लेकिन मेरी भी एक शर्त है...मैं आज के बाद तुम्हे जो भी कहूँगा,तुम बिना किसी आर्गुमेंट के वो बात मान लिया करोगी...और ये शर्त अभी से लागू होगी...''
पूजा को भला इसमे क्या आपत्ति हो सकती थी...उसने अपने जीजू की ये बात झट से मान ली..
अजय : "अच्छा , पहले बताओ...इस वक़्त मेरे हाथ में क्या है...''
पूजा : "आपके हाथ में ....ये मुझे कैसे पता...शायद.....बियर का ग्लास....''
उसे रिया ने बता दिया था की जीजू उपर बैठकर बियर पी रहे है...और ये भी बताया था की उनके बियर से भीगे होंठों को किस्स करके बड़ा मज़ा आया...उसे बियर की महक भी बहुत पसंद आई..
"नही....कुछ और है...जिसके लिए तुम मेरे पास आ रही हो...'' अजय अपने लंड पर हाथ फेरता हुआ बड़ी शान से बोला...
अब तो पूजा एक झटके में समझ गयी....और शरमाते हुए बोली : "ओहोओओओओ....अच्छा ....तो आप उसकी बात कर रहे है...ही ही...आप उसे इस वक़्त हाथ में लेकर बैठे हो...''
अजय : "हाँ ....अब समझ गयी ना...तो बताओ....क्या है ये...''
पूजा की हालत खराब हो रही थी...
एक भीड़भाड़ वाले रेस्टोरेंट में बैठकर उसकी चूत के पसीने निकल गये अपने जीजू की ये बात सुनकर..
और सामने बैठी रिया तो उसके चेहरे को देखकर यही समझने की कोशिश कर रही थी की दोनो के बीच क्या बात हो रही है..
पूजा : "नई जीजू....मैं नही जानती....मुझे शर्म आती है...''
अजय : "अभी तुमने कहा ना की मेरी किसी भी बात के लिए मना नही करोगी...बोलो....क्या नाम है इसका...''
पूजा भी समझ गयी की अजय ने उसे अपने खेल मे फँसा लिया है...इसलिए अब उसके मुताबिक ही बेशर्म बनकर ये खेल उसे खेलना होगा...और ऐसा करते हुए उसके बदन मे अजीब सी तरंगे उठ रही थी...वो कांपती हुई सी आवाज़ में बोली : "ल..ल....लंड ....''
लंड पूजा ने बोला,लेकिंग मुँह रिया का खुला रह गया...अब तो रिया का सारा ध्यान उनकी बातों पर ही लग गया..
अजय : "शाबाश.....अब ये सोचो...की ये तुम्हारे बिल्कुल सामने है....लेकिन एकदम मुरझाया हुआ सा....सोया हुआ सा....और तुम्हे इसे खड़ा करना है...समझी....बोलो....कैसे करोगी ये...''
पूजा की तो आँखे बंद हो गयी ये सुनकर ....और उसकी नज़रों में अजय का लंड दिखाई देने लग गया...वो उसके सामने बैठी हुई अपनी उंगलियो से उसे सहला रही थी...
पूजा : "मैं .....इसको....अपने मुँह में ...मुँह में लेकर....प्यार करूँगी....''
अजय : "ओह...पूजा.....तुम्हे तो अभी बहुत कुछ सीखना पड़ेगा मेरी जान....''
पूजा : "क्यो ....मैने कुछ ग़लत कहा क्या....??''
अजय : "और नही तो क्या....तुम्हे बोलना चाहिए था की मैं आपके लंड को अपने मुँह में लेकर ऐसे चूसूंगी की ये एक मिनट में खड़ा होकर मेरी चुदाई के लिए तैयार हो जाएगा....''
पूजा ये बात सुनकर शरमा गयी....और बोली : "इस्श्ह्ह्ह्ह्ह्ssssssssss .....जीजू...आप भी ना....कितने गंदे हो....''
अजय : "लंड वाले हमेशा गंदे ही होते है...''
पूजा उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दी..
अजय : "अच्छा ..अब बोलो ना....''
पूजा ने देखा की उसके सामने बैठी रिया कान लगाकर उनकी बाते सुन रही है...वो शरमाते हुए बोली : "नही जीजू.... ऐसे नही....ये मैं आपको करके दिखौँउंगी ...''
अजय भी समझ गया की ऐसे ज़बरदस्ती करना भी ठीक नही है....वैसे भी ये अभी तक चुदी नही है...एक बार चुद जाए तो ये रही सही शर्म भी ख़त्म ही जाएगी.. इसलिए उसने बात बदल दी...और कुछ और बाते करने लगा... लेकिन वो अब भी सेक्स से जुड़ी बाते ही कर रहा था...ताकि पूजा की चूत की गर्मी बनी रहे..
और ऐसे करते-2 करीब 20 मिनट बीत गये....अजय ने उसे वहां से निकलने के लिए कहा...क्योंकि 10 मिनट तो उन्हे वापिस आने में भी लगते...अब करीब 10 बजने वाले थे...पूरे मोहल्ले में अंधेरा था...सब लोग अपने-2 घरों में सो रहे थे या सोने की तैयारी कर रहे थे..ऐसे में पूजा और रिया को वापिस आने में कोई मुश्किल नही होनी थी.
वो दोनो चुपचाप चलती हुई आई और जल्दी से अजय के घर की सीडिया चड गयी...उनका प्लान काम कर गया था..किसी ने भी उन्हे अंदर जाते हुए नही देखा था.
अजय ने तो पहले से ही दरवाजा खोल कर रखा हुआ था...वो दोनो जब अंदर आई तो अजय ने दरवाजा बंद कर दिया...और जैसे ही वो पलटा,पूजा उससे पागलो की तरह लिपट गयी...और उसे बुरी तरहा से चूमने लगी.
उनके पीछे खड़ी रिया तो ऐसे उत्तेजित सीन को देखकर वहीँ जम कर रह गयी...
आज की रात इस घर में एक तूफान आने वाला था.
|
|
08-31-2018, 04:44 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
अजय का लंड पूजा के चेहरे से किसी डंडे की तरह टकराया..जिसे पकड़कर उसने बड़े प्यार से देखा लेकिन जैसे ही वो उसे चूसने के लिए आगे हुई, अजय ने उसे रोक दिया, बेचारी के मुंह का पानी अंदर ही रह गया..
अजय : "ऐसे नहीं ... पहले रिक्वेस्ट करो, इसे चूसने की परमिशन मांगो ''.
पूजा भी अजय की ये बात सुनकर सोचने लगी की ये क्या हो गया है जीजू को, ऐसे मौके पर आकर ये कैसी हरकत कर रहे है, जब वो चूसने के लिए तैयार है ही तो इस तरह की मिन्नतें करवाकर उन्हें क्या मिलेगा.
पर वो बेचारी नहीं जानती थी की आज की रात के लिए अजय ने क्या-२ सोच कर रखा हुआ था, और ये भी उसी सोच का हिस्सा था, अजय जानता था की ये पूजा की पहली चुदाई है, इसलिए उसकी चुदाई की हर मूमेंट को वो यादगार बना देना चाहता था, ताकि वो उसे उम्र भर याद रखे, इसलिए कदम-२ पर उसने इस तरह के छोटे-२ खेल सोच कर रखे हुए थे.
पूजा ने भी बहस करना सही नहीं समझी , वो उसके मोटे लंड को देखते हुए प्यार भरे स्वर में बोली : "प्लीज , लेट मी सक इट, चूसने दो मुझे ''
अजय (मुस्कुराते हुए) : "यस, सक्क इट , चूसो इसे, मेरे लंड को,मेरी बॉल्स को, चाटो , खा जाओ इन्हे ....."
पूजा ने महसूस किया की ये सब सुनकर उसके शरीर में अजीब-२ सी तरंगे उठने लगी है, वो पहले से ज्यादा उत्तेजित महसूस करने लगी, अजय के लंड को चूसने की अभिलाषा और जोर से उभरने लगी, अब वो समझ गयी थी की जीजू ने ये सब किसलिए किया , वो मन ही मन उन्हें थेंक्स बोलते हुए आगे बड़ी और टूट पड़ी अजय की टांगो के बीच ...
कुछ देर तक उसकी बॉल्स को अच्छी तरह चूसने के बाद एक ही बार में उसके मोटे लंड को अपने मुँह के अंदर निगल गयी.
पूजा ने इस पल का ना जाने कितने दिनों से इंतजार किया था...जब से अजय ने ये प्रोग्राम बनाया था,पूजा के दिमाग़ में बस यही चल रहा था की जब जीजू मिलेंगे तो कैसे चुसेगी...कैसे मसलेगी उनके लंड को.
क्योंकि एक बात तो वो समझ ही चुकी थी की उसके जीजू को लंड चुसवाना बहुत पसंद है.
अब इस पगली को कौन समझाए की ये काम तो हर मर्द की पहली पसंद है.
पूजा ने पिछले 2 दिनों से इकट्ठी की हुई लार को चाशनी की तरह अपने जीजू के लंड पर लपेट कर उसे नहला दिया और ज़ोर -2 से अजय का मीठा लंड चूसने लगी.
ये सब देखकर रिया का क्या हाल हो रहा था ये बताने की ज़रूरत नही थी.
वो तो अपनी चूत को अपनी जाँघो के बीच दबाकर अपनी संतरे की फांको को आपस में बुरी तरह से मसल रही थी.. और साथ ही साथ अपनी उंगली खुद ही चूस्कर अपने दिल को तसल्ली दे रही थी की वो भी किस्स कर रही है...और दूसरे हाथ से अपनी छातियों को लाल करने में लगी हुई थी.
अजय तो नीचे मुँह करके पूजा की झूल रही छातियाँ देखकर पागल हुए जा रहा था...उसकी इन्ही तनी हुई कुँवारी छातियो ने ही उसकी तरफ आकर्षित किया था उसे हमेशा से...और अब वही छातियाँ उसके सामने थी...और वो भी पूरी नंगी.
अजय के मुँह मे पानी भर आया...और उसे मालूम था की इस पानी को कहाँ उड़ेलना है...उसने पूजा की बगल में हाथ डालकर उसे किसी बच्चे की तरह उठाकर बेड पर पटक दिया और उसके मुम्मो पर टूट पड़ा...ऐसा लग रहा था जैसे वो दो मीठे स्पॉंज केक खा रहा था जिनपर लगी चेरी को वो मुँह में लेजाकर चुभलाता और अपने दांतो से उसे उखाड़ने की कोशिश भी करता.
पूजा के दोनो हाथो को उसने बेड पर दबोच रखा था..ताकि वो उसे रोक ना पाए...बेचारी उसके नीचे दबकर सिर्फ़ छटपटाने के अलावा कुछ नही कर पा रही थी.उसके अंदर उठ रही तरंगे उसके जिस्म को उपर की तरफ उचका रही थी..और वो अपने कूल्हे उठाकर अपनी भीनभिनाती चूत को अजय के खड़े हुए लंड से टच करवाने की नाकाम कोशिश कर रही थी.
लेकिन अजय बड़ी ही चालाकी से अपने लंड को उसकी चूत से दूर रखकर उसकी बेकरारी को बड़ा रहा था.
अजय उसके बूब्स को चूसता - 2 नीचे की तरफ बढ़ने लगा...उसकी नाभि पर पहुँचकर उसने अपनी जीभ उसके अंदर डाल दी...और उसकी नाभि को अपनी जीभ से चोदने लगा..
ये देखकर दूर बैठी रिया ने भी अपनी टी शर्ट उठाकर अपनी नाभि की गहराई देखी की क्या वो भी जीभ से चोदने लायक है या नही...वो उतनी गहरी नही थी जितनी पूजा की थी...कारण था पूजा का गदराया हुआ जिस्म, जिसकी वजह से उसकी नाभि उसके पेट में थोड़ा अंदर जा धँसी थी...और इस वक़्त अजय उसी नाभि को अच्छी तरह से चाटकर उसे पूरी तरह से उत्तेजित कर रहा था.
थोड़ी देर बाद उसने फिर से दक्षिण का रुख़ किया और उसकी जीभ की जीप पूजा की चूत के द्वार पर जाकर रुक गयी...
अजय ने उपर मुँह करके उसके चेहरे को देखा...वो साँस रोके उसके अगले कदम की प्रतीक्षा कर रही थी.
अजय ने उसकी जीन्स के बटन खोले और उसकी पेंटी समेत उसे नीचे की तरफ खींच दिया..
जैसे-2 उसकी पेंट उतरती गयी,उसकी कमाल की चूत उभरकर अजय के सामने आती चली गयी.
कमाल की इसलिए की एक तो वो कुँवारी थी...और उपर से उसकी जिस अंदाज में ट्रिमिंग की गयी थी,उसे देखकर अजय अचंभित रह गया..चूत के चारों तरफ हल्के-2 बाल छोड़कर एक डिज़ाइन सा बना दिया गया था..और बाकी हर जगह से वो एकदम सफाचट थी...और ये सब इतने महीन तरीके से किया गया था की वो खुद तो ये कर ही नही सकती थी..अजय समझ गया की उसकी चूत की कलाकारी में रिया का हाथ है.
उसने रिया की तरफ देखा तो वो अपनी चूत मसलते हुए अजय को देखकर मुस्कुरा उठी...और अपने बूब्स को प्रेस करके एक सिसकारी भी मारी...अजय समझ गया की पूजा की चूत के बाल इसी चुहिया ने कुतरे है..
अब अजय के सामने एकदम रसीली और जूस से भरी हुई चूत पड़ी थी...उसने अपनी जीभ को तैयार किया और टूट पड़ा उसकी चूत की नदी में .
सेलाब तो कब से उमड़ रहा था उसकी चूत में ....अब अजय की जीभ ने चप्पू चलाकर उस नदी में सैलाब लेकर आना था....और वो ये काम करना बेख़ुबी जानता था.
|
|
|