Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
08-31-2018, 04:44 PM,
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
ठरकी की लाइफ में ..40




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अब आगे
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लेकिन पूजा की चूत का स्वाद बड़ा अजीब सा था....थोड़ा खट्टापन लिए हुए...चूत का ऐसा स्वाद भी होता है, ये उसे आज ही पता चला था...आज से पहले तो उसने हमेशा मीठी चूत ही चूसी थी...अपनी बीबी प्राची की...उसकी तुलना में ये छोटी बहन की चूत बिल्कुल विपरीत सी थी...खट्टापन लिए हुए..


उसे ऐसे रुकता हुआ देखकर दूर बैठी हुई रिया बोल पड़ी : "थोड़ी खट्टी सी है ना ये...है ना जीजू....''


अजय ने मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा और हाँ में सिर हिला दिया...अजय समझ चुका था की रिया ने उसकी चूत का स्वाद चख रखा है...तभी वो इतने कॉन्फिडेंस से बोल रही है ये बात...


रिया एकदम से उठकर उनके करीब आ गयी और बोली : "मैने भी दीदी को कई बार ये बात बोली है...मुझे भी इसके टेस्ट में थोड़ा बहुत खट्तापन महसूस हुआ था...और वो इसलिए की इन्हे ऐसी ही खट्टी चीज़े खाने का काफ़ी शॉंक है...जैसे गोलगप्पे...चाट पापड़ी...संतरे...नींबू...अचार...ये सब बहुत खाती है...''


पूजा ने बुरा सा मुँह बनाकर रिया को डांटा : "अब तू ऐसे मौके पर ये सब शिकायते करने यहाँ आई है....''


रिया : "नही दीदी....मैं तो एक आइडिया लेकर आई हूँ ...जिसमे जीजू को इसे सक्क करने में ज़्यादा मज़ा आएगा...''


इतना कहकर वो भागकर किचन में गयी और फ्रिज खोलकर एक छोटी सी शहद की शीशी निकाल लाई...अजय समझ गया की ये क्या करने वाली है...


वो करीब आई और उसने वो ठंडा-2 शहद पूजा की चूत के उपर उडेल दिया....एक गाड़ी सुनहरे रंग की लकीर के रूप में वो शहद धीरे-2 पूजा की गरमा गरम चूत को अपने रंग में रंगने लगा..थोड़ा शहद उसने उसकी गांड की तरफ से भी डाल दिया,जो धीरे-२ बहकर उसकी छूट तक पहुँचने लगा




अजय देख पा रहा था की रिया वो शहद उड़ेलते हुए अपनी जीभ ऐसे लपलपा रही थी जैसे वो बरसो की प्यासी हो....


शहद की पूरी शीशी उड़ेलने के बाद वो बोली : "लो जीजू....अब आपकी ये स्वीट डिश आपके लिए तैयार है...''


और ये कहकर जैसे ही वो उठकर जाने लगी, अजय ने उसकी कलाई पकड़ ली और बोला : "अब इतना काम कर दिया है तो थोड़ा और कर दो मेरे लिए....इसे अपनी दीदी की पुस्सी पर फेला भी दो...अपने अंदाज में ..''


ये बात सुनते ही रिया के होंठ थरथरा उठे...उसके पूरे शरीर के रोँये खड़े हो गये....



वो सोचने लगी की क्या इसका मतलब ये है की जीजू उसे इस सेक्स के खेल में शामिल होने के लिए बोल रहे है...


और डसरी तरफ पूजा को भी झटका लगा...वो नही चाहती थी की आज के दिन रिया उनके इस चुदाई वाले खेल में शामिल हो...वो बस यही चाहती थी की वो दूर बैठकर ये खेल सिर्फ़ देखे......जैसा की दोनो के बीच समझोता हुआ था..


लेकिन रिया के चेहरे और पूजा के दिमाग़ में चल रही बातो को जैसे अजय ने पड़ लिया था...वो बोला... : "देखो....तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ ये एक छोटा सा काम करोगी...और कुछ नही...उसके बाद वापिस अपनी जगह पर जाकर बैठ जाओगी...अच्छे बच्चो की तरह....ओके ..''


रिया के लिए ये एक सपने जैसा ही था...वो अपनी बहन की शहद से भीगी चूत को चूसने वाली थी...उसी चूत को जिसे उसके जीजू सिर्फ़ दस मिनट बाद पहली बार चोदने वाले थे...यानी उसके जीजू चाहते थे की वो अपनी बहन की चूत खुद तैयार करे,ताकि वो बाद में उसकी चुदाई सही से कर सके


पूजा ने भी कुछ नही कहा...वैसे भी उसे एक्साइट करने के लिए सही ढंग से चूत की चुसाई करना बहुत ज़रूरी था ...और ये काम रिया से अच्छी तरह कोई और कर ही नही सकता था...


अजय पूजा की टाँगो के बीच से उठकर उपर बेड की तरफ चला गया...और रिया उसकी जगह पर आकर बैठ गयी...उसने पूजा की दोनो टाँगो को दोनो दिशाओं में फेलाया और अपनी जीभ निकाल कर उसकी नोक से ढेर सारा शहद समेटा और दोनो हाथों की उंगलियों से पूजा की चूत की फांके फेला कर नीचे से उपर की तरफ लेजाते हुए उसकी चूत का अभिषेक कर दिया...एक लंबी आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह के साथ पूजा ने अपनी बगल में बैठे अजय के लंड को बुरी तरह से पकड़ा और ज़ोर से मसल डाला...


''आआआआआआआआआआआआआआआआआहह ओह...... रिय्ाआआआआआअ......''


रिया की जीभ ने वो ठंडा -2 शहद उसकी खुली हुई चूत के अंदर धकेलना शुरू कर दिया था...
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08-31-2018, 04:44 PM,
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
ये शहद वाली ट्रिक उसने काई दीनो से सोच के रखी हुई थी पूजा के लिए...लेकिन उसे करने का मौका ऐसे आएगा ये उसने सपने में भी नही सोचा था...



अजय भी अपने घुटनो के बल बैठकर अपने लंड को उसके मुँह के करीब ले आया...और पूजा उसे किसी गली की कुतिया की तरह चाटने लगी...अपनी जीभ से लपलपा कर उसने अजय के लंड को अपने ही शहद से तर-बतर कर दिया...ठीक उसी तरह जिस तरह से उसकी चूत को रिया ने कर दिया था इस वक़्त..




रिया तो बड़े ही चाव से उसकी चूत के हर भाग को शहद में लपेट कर चाट रही थी....चूत से निकलता खट्टापन अब शहद में मिलकर कुछ अलग ही स्वाद दे रहा था...जो रिया को काफ़ी पसंद आया...और उसे पता था की जीजू को भी ये स्वाद पसंद आएगा...


कुछ देर बाद वो अपने रस से भीगे होंठ वहां से उठा कर बोली : "आओ जीजू....अब ट्राइ करो...''


अजय ने एक लंभी छलाँग लगाई और बेड से नीचे उतर आया...रिया के हटते ही उसने मोर्चा संभाल लिया और जब उसकी जीभ पूजा की चूत से टकराई तो वहां के बदले स्वाद को महसूस करते ही वो पागल सा हो गया...और पहले से कही ज़्यादा तेज़ी से उसकी चूत को अपने मुँह से चोदने लगा...




करीब दस मिनट तक अच्छी तरह से चूसने के बाद उसे एहसास हो गया की कुंवारी चूत की चुसाई से बड़ा मजा इस दुनिया में और कोई नहीं है


और उसे ये भी अहसास हो गया की अब पूजा की चूत अंदर और बाहर से पूरी तरह गीली है...यही सही मौका है....उसका कुँवारापन हरने का..


वो उठा और अपने लंड पर थोड़ी सी थूक मलकर उसने पूजा की गर्म चूत पर टीका दिया..



वो उठा और अपने लंड पर थोड़ी सी थूक मलकर उसने पूजा की गर्म चूत पर टीका दिया..

ये वो मौका था जब पूजा और रिया अपनी साँसे रोके एक साथ उस पॉइंट को देख रही थी...जहाँ पर अजय के लंबे लंड और पूजा की कमसिन चूत का मिलन हो रहा था.

अजय ने धीरे-2 करके अपने लंड को उसके अंदर धकेलना शुरू किया...

पूजा : "उम्म्म्म.....जीजू.....दर्द तो नही होगा ना....''

अजय : "नही मेरी जान.....इतनी देर तक जो तेरी चूत को तैयार किया है, वो इसलिए ही ना की ये दर्द ना हो....अब सिर्फ़ मज़ा ही मज़ा मिलेगा...दर्द नही...''

लेकिन अंदर ही अंदर अजय ये बात अच्छी तरह से जानता था की उसके मूसल को अंदर लेने के लिए उसे दर्द तो सहना ही पड़ेगा...

और जैसे-2 उसका लंड पूजा के अंदर जाता जा रहा था, उसके चेहरे के एक्शप्रेशन बदलते जा रहे थे...

और धीरे-2 करते हुए अजय ने अपना आधे से ज़्यादा लंड उसकी चूत में डाल दिया....अब तक पूजा की आँखो से आंसू निकलने लग गये थे....पर वो अपने मुँह पर हाथ रखकर अपनी चीख को बाहर नही निकालने दे रही थी...



अब अजय उसकी चूत की कुँवारी झिल्ली तक पहुँच गया...वो दीवार गिरते ही पूजा की वर्जिनिटी ख़त्म हो जानी था...और उस दिवार के पार तो बस मजा ही मजा था, लेकिन उसी हिस्से में सबसे ज़्यादा दर्द भी छुपा था...

अजय ने उसके दोनो हाथो को बेड पर टीकाया और धीरे से उसके उपर झुकते हुए बोला : "बस बैबी.....थोड़ा सा और....'''

वो कुछ बोल पाती, इससे पहले ही अजय ने अपना पूरा का पूरा भार उसके उपर एक झटके मे डाल दिया ....और उसका खंबे जैसा लंड पूजा की चूत को किसी ककड़ी की तरह चीरता हुआ अंदर तक घुसता चला गया....



वो उठा और अपने लंड पर थोड़ी सी थूक मलकर उसने पूजा की गर्म चूत पर टीका दिया..

ये वो मौका था जब पूजा और रिया अपनी साँसे रोके एक साथ उस पॉइंट को देख रही थी...जहाँ पर अजय के लंबे लंड और पूजा की कमसिन चूत का मिलन हो रहा था.

अजय ने धीरे-2 करके अपने लंड को उसके अंदर धकेलना शुरू किया...

पूजा : "उम्म्म्म.....जीजू.....दर्द तो नही होगा ना....''

अजय : "नही मेरी जान.....इतनी देर तक जो तेरी चूत को तैयार किया है, वो इसलिए ही ना की ये दर्द ना हो....अब सिर्फ़ मज़ा ही मज़ा मिलेगा...दर्द नही...''

लेकिन अंदर ही अंदर अजय ये बात अच्छी तरह से जानता था की उसके मूसल को अंदर लेने के लिए उसे दर्द तो सहना ही पड़ेगा...

और जैसे-2 उसका लंड पूजा के अंदर जाता जा रहा था, उसके चेहरे के एक्शप्रेशन बदलते जा रहे थे...

और धीरे-2 करते हुए अजय ने अपना आधे से ज़्यादा लंड उसकी चूत में डाल दिया....अब तक पूजा की आँखो से आंसू निकलने लग गये थे....पर वो अपने मुँह पर हाथ रखकर अपनी चीख को बाहर नही निकालने दे रही थी...



अब अजय उसकी चूत की कुँवारी झिल्ली तक पहुँच गया...वो दीवार गिरते ही पूजा की वर्जिनिटी ख़त्म हो जानी था...और उस दिवार के पार तो बस मजा ही मजा था, लेकिन उसी हिस्से में सबसे ज़्यादा दर्द भी छुपा था...

अजय ने उसके दोनो हाथो को बेड पर टीकाया और धीरे से उसके उपर झुकते हुए बोला : "बस बैबी.....थोड़ा सा और....'''

वो कुछ बोल पाती, इससे पहले ही अजय ने अपना पूरा का पूरा भार उसके उपर एक झटके मे डाल दिया ....और उसका खंबे जैसा लंड पूजा की चूत को किसी ककड़ी की तरह चीरता हुआ अंदर तक घुसता चला गया....



और उसके साथ ही गूँजी पूजा की एक जोरदार चीख , जिसे सुनकर रिया और अजय को तो ये डर लग गया की पूरा मोहल्ला ना इकट्ठा हो जाए वहां ..

''आआआआआआआआआआआआहह ऊऊऊऊऊऊओह मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्रर्र्र्ररर गईईईईईईईईईईईईईईsssssssss ..... आआआआआआआआआहहsssssssssss जीजूsssssssss.................................. ''

रिया भागकर उसके करीब आई और बेड पर चड़कर वो पूजा के चेहरे को चूमने लगी और बोली : "बस दीदी.....बस.....हो गया.....हो गया ....''

वो तो ऐसे दिलासा दे रही थी उसे जैसे वो बरसो से चुदती आई है
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08-31-2018, 04:44 PM,
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
रिया ने उसकी चीख को कम करने के लिए अपने होंठ उसके होंठो पर रखकर उसे बुरी तरह से चूसने भी लगी.

पर इस वक़्त पूजा को कुछ समझ नही आ रहा था....अजय ने भी अपने लंड को धीरे-2 बाहर की तरफ खींचा और फिर से अंदर डाला....



ऐसा उसने करीब 8-10 बार किया....और तब तक पूजा ने भी मचलना और सिसकना बंद कर दिया था..अजय तो पुराना खिलाड़ी था इस खेल का...उसने जब अपनी बीबी की पहली बार चुदाई की थी तब भी लगभग ऐसा ही हुआ था...और अब उसी बेड पर उसने उसकी बहन की चूत को भी अपने लंड से लाल कर डाला था ...ये एक ऐसा एहसास था जिसे सिर्फ़ वही महसूस कर सकता है जिसने ऐसा कुछ किया हो..

रिया की किस्स्स का जवाब भी देना शुरू कर दिया था पूजा ने....दोनो एक दूसरे के होंठों को किसी भूखी बिल्लियों की तरह से चूस रही थी...और रिया ने जब देखा की पूजा का दर्द अब गायब हो चुका है तो वो बेमन से वापिस अपनी जगह पर जाकर बैठ गयी..

पूजा ने जाते हुए उसे थेंक्स भी कहा...और फिर अपने जीजू के साथ वो एक बार फिर से मस्ती के खेल में शामिल हो गयी.



अब तो वो अपनी टांगे दोनो दिशाओ में फेलाकर पूरे जोश से अपने जीजे के लंबे लंड को अंदर तक ले रही थी...और सिसकारियां मारकर उसे और ज़ोर से चोदने के लिए उकसा भी रही थी...




''आआआआआआआआहह जीजू........ मेरी जानssssssssss ....... और तेज़ी से करो.................. उम्म्म्ममममममममममम...... आहह जीजू.............. मजा आ रहा है ....................... उम्म्म्ममममममममम..... इसी मज़े के लिए कब से तरस रही थी..... आआआआआआआआहह ........ ऐसे ही................... हमेशा मेरे अंदर ही रहना ...................... दिन रात...................चोदो मुझे ..................मेरे प्यारे जीजू............................ सिर्फ़ मेरे जीजू.................''


दूर बैठी छुटकी रिया बुदबुदा उठी ..'तेरे ही क्यो....मेरे भी तो है...'


वो अपनी चूत को बेपर्दा करके मसल रही थी ..... और साथ ही साथ बाहर की तरफ निकले हुए क्लिट के दाने को भी रगड़कर अपनी तृष्णा शांत करने की कोशिश कर रही थी




लेकिन अजय और पूजा में से किसी का भी ध्यान उसकी तरफ नहीं था, वो दोनों तो बुरी तरह से एक दूसरे को चोदने में लगे हुए थे

अजय भी अपनी पागल सी हुई जा रही साली को इस तरह से चोदकर बावला हुए जा रहा था.....टाइट चूत को चोदने का मौका काफ़ी दिनों बाद मिला था उसे..... और वो इस मौके का भरपूर फायदा उठा रहा था....




आख़िरकार ज़ोर-2 से चिलाते हुए पूजा झड़ गयी ...


''आआआआआआआआहह ओह माय गॉड ................ जीजू ..................... आई एम कमिंग ..................''



अजय भी चिल्लाया : "मैं भी आआआआआआय्य्ाआआआआ... मेरी ज़ाआाआआनन्न....''


पूजा : "अंदर ही निकालो .......................... आज मेरे...................... अंदर ही निकााआआाआल्लो.....''


रिया तो ये सुनते ही चोंक सी गयी....क्योंकि पूजा में आने से पहले उसने या बात उससे डिसकस की थी की कोई प्रोटेक्षन भी लेगी क्या...तो पूजा बोली थी की जीजू इतने समझदार तो है ही...वो बाहर ही निकाल देंगे...या शायद वो कंडोम लगाकर करेंगे....


लेकिन यहाँ ना तो कंडोम लगाने का टाइम था और ना ही अजय ने कुछ समझदारी दिखाई....और उपर से पूजा खुद ये बात बोल रही थी की उसके रस को अंदर ही निकाले....क्या वो प्रेगञेन्ट होना चाहती है....ये बात रिया को परेशान कर रही थी.


पूजा ने भी ऐसा कुछ नही सोचा था....लेकिन इस मौके पर आकर वो एक बार अपने अंदर तक अपने जीजू के प्यार को महसूस करना चाहती थी...इसलिए उसने एक सेकेंड में ही ये सोच लिया की आज जो हो रहा है, होने दो...बाद में टेबलेट ले लेगी...


अजय ने भी एक सांड की तरह हुंकारते हुए अपने लंड का सारा पानी उसकी चूत के अंदर निकाल दिया....



''आआआआआआआआआआअहह मेरी ज़ाआाआआआअन्न् ......ये ले......................''

अजय ने अपनी प्यारी साली के लिए सहेज के रखा हुआ प्रेम रस पूरी तरह से उसकी प्यासी चूत
मे उडेल दिया , अपनी बाल्स को पूरी तरह से खाली कर दिया उसने..
पूजा की चूत ने भी अजय के लंड को किसी वेक्यूम क्लीनर की तरह चूस डाला और पूरी तरह से तृप्त होकर पस्त हो गयी






और फिर गहरी साँसे लेता हुआ उसके मुम्मों पर सिर रखकर लेट गया...उसका लंड अपने आप फिसलकर बाहर निकल आया...और पीछे से निकला दोनो के प्यार का मिला जुला लाल पानी में लिपटा रंगीन जूस...


कुछ देर तक सुसताने के बाद दोनो उठे और बाथरूम में जाकर क्लीन हो गये...रिया ने बेडशीट चेंज कर दी...और उस चादर के रंगीन हिस्से को वाश्बेसन में जाकर साबुन से धो डाला..


रिया ने जो आज देखा था उसे सोचकर उसका पूरा शरीर काँप सा रहा था....वो भी कुछ दिनों में इसी तरह से चुदेगी ...और उसका भी ऐसे ही खून निकलेगा...वो भी मज़े लेगी...वो भी चिल्लाएगी....ये सब सोचते-2 वो मुस्कुरा दी..


तब तक दोनो बाथरूम से बाहर निकल आए...और ऐसे ही नंगे जाकर बेड पर लेट गये.


रिया ने जो देखना था,देख चुकी थी...और अब उसे नींद भी आ रही थी...करीब 2 बज चुके थे...वो दूसरे कमरे में जाकर सो गयी...अजय और पूजा एक दूसरे के साथ छिपककर ऐसे ही सो गये...नंगे.


अगली सुबह एक नयी चुदाई का पेगाम लाने वाली थी...लेकिन चुदाई के साथ -2 एक ट्विस्ट भी अभी आने वाला था....ऐसा ट्विस्ट जिसका इन्होने अंदाज़ा भी नही लगाया था.
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08-31-2018, 04:44 PM,
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अजय ने उसे दीवार की तरफ मुँह करके खड़ा किया और अपने लंड को उसकी चूत पर टीका दिया...पूजा के कुल्हों पर शावर की बूंदे पड़ रही थी और चूत में अपने जीजू के लंड की दस्तक....इसी एहसास को लेने के लिए वो यहाँ आई थी.....अब तो बस उसे इंतजार था अजय के लंड का...जो कभी भी उसके अंदर दाखिल हो सकता था...

अजय ने एक ही झटके में अपना हथियार उसकी गर्म गुफा के अंदर घुसा दिया , पानी से भीगे लंड ने जब उसकी शहद में भीगी चूत के अंदर कदम रखा तो दोनों के शरीर झनझना उठे

अभी 4 -5 झटके ही लगे थे की तभी बाहर की बेल बजी.....और एक ही पल के अंदर दोनो की धड़कने बड़ गयी... अजय ने तुरंत शावर बंद कर दिया...पूजा ने एक टावल लेकर अपने शरीर को लपेट लिया....और चिंता भरे स्वर मे बोली : "इतनी सुबह-2 कौन आ गया....कहीं....दीदी तो नही...''


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अब आगे
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अजय : "अर्रे नही.....वो भला उपर कैसे चढेगी ...हाँ .....दूध वाला होगा.....8 बज गये है ना....वो रोज इसी वक़्त आता है...''

ये सुनकर पूजा ने चैन की साँस ली....ये दूध वाला ही होगा...क्योंकि उनके घर भी वही दूध देने आता था...इसी टाइम पर...8 बजे..

अजय ने एक टावल अपनी कमर पर लपेटा और बाहर निकल आया....बाहर निकलकर सबसे पहले तो उसने रिया के रूम का दरवाजा बंद किया...अपने टावल में लिपटी पूजा भी बाथरूम के दरवाजे पर खड़ी होकर अजय को देखने लगी...अजय ने की-होल से बाहर देखा और फिर उसने मुस्कुराते हुए पूजा की तरफ देखा और धीरे से बोला : "वही है...दूध वाला....''

पूजा की भी जान में जान आई....वो तो यही सोचकर वहां खड़ी थी की अगर उसके घर से कोई हुआ तो वो भागकर कहीं छुप जाएगी...लेकिन दूध वाला था इसलिए वो निश्चिंत सी हो गयी और वापिस बाथरूम में घुस गयी..और अपना टावल निकाल कर टाँग दिया और बुदबुदाई "साले दूध वाले ने डरा ही दिया ..''

और फिर वो नंगी खड़ी होकर बेसब्री से अजय के लोटने का इन्तजार करने लगी..



जितनी जल्दी उसे थी, उससे ज़्यादा अजय को थी...उसने दरवाजा खोलकर फटाफट दूध लिया और उसे किचन में रखकर लगभग भागता हुआ सा वापिस बाथरूम में घुस गया...उसने तो अंदर घुसने से पहले ही अपनी कमर में बँधा टावल निकाल दिया और नंगा ही अंदर घुस आया...


और एक बार फिर से हुस्न से लदी हुई अपनी सेक्सी साली के गले से लगकर उसे बेतहाशा चूमने लगा..




लेकिन उन्हे चूमते हुए अभी एक मिनट ही हुआ था की एक बार फिर से बाहर की बेल बज उठी...उन दोनो को एक बार फिर से अपना कार्यकर्म रोकना पड़ा...और साथ ही साथ वो दोनो ये भी सोचने लगे की अब कौन हो सकता है...


अजय बाहर जाने की सोच ही रहा था की बाहर का दरवाजा खुलने की आवाज़ आई...और साथ ही उसकी सास की आवाज़ भी सुनाई दी...जो दरवाजा धकेलकर अंदर घुसती चली आई और अजय को पुकारने लगी : "अजय......कहाँ हो तुम.....अजय...ये दरवाजा खोलकर क्यों सो रहे हो ? ''


अजय ने अपना माथा पीट लिया....दूध लेने के बाद उसने जल्दबाज़ी में बाहर का दरवाजा ही बंद नही किया...उसने घबराते हुए पूजा की तरफ देखा...उसकी भी गांड फटकर हाथ में आ चुकी थी...चेहरा एकदम पीला पड़ चुका था...अगर उसकी मॉम ने उसे इस वक़्त नंगी हालत में उसके जीजू के साथ पकड़ लिया तो क्या होगा...


उसकी सासू माँ अजय को आवाज़ लगाती हुई उसके बेडरूम तक गयी, लेकिन वहां कोई नही था...तो वो बाहर निकल आई और एक बार फिर से अजय को आवाज़ दी..."अजय, कहाँ हो तुम .... अजय "


अब तो अजय को उनका जवाब देना ही था...क्योंकि अगर वो जवाब नही देगा तो वो उसे ढूँढते हुए दूसरे बेडरूम में ज़रूर जाएगी...और वहां रिया को सोते हुए देखकर वो एक ही पल में सब समझ जाएगी...अगर रिया वहां है तो पूजा भी वहीँ होनी चाहिए..इसलिए उन्हे दूसरे कमरे में जाने से रोकना बहुत ज़रूरी था...


इस बीच उन्हे एक पल के लिए भी ऐसा मौका नही मिल पाया जिसमे पूजा भागकर बाथरूम से बाहर निकलकर जा सके...अजय के साथ उसका बाथरूम में होना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी मुसीबत थी...और कोई भी माँ शायद ये नही चाहेगी की उसकी बेटी का उसके ही दामाद के साथ ऐसा कोई रिश्ता हो...


अजय ने दिल को कड़ा करते हुए ज़ोर से उनको जवाब दिया : "हांजी....मैं यहाँ हूँ ..बाथरूम में ...नहा रहा हूँ ....''


उसके नहाने की बात सुनते ही उसकी सासू माँ रजनी के चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गयी और वो दरवाजे के पास पहुँचकर बोली : "इतनी सुबह -2 कोई नहाता है क्या....चलो खोलकर दिखाओ जल्दी...''


अजय : "आप अंदर मेरे रूम में बैठिये , मैं बस एक मिनट में आया "


अब तक रजनी भी पूरी तरह से मूड में आ चुकी थी, वैसे वो इतनी सुबह इसीलिए तो वहां आई थी, वो अब किसी भी कीमत पर अजय से चुदना चाहती थी ,उनकी नींद भी दूध वाले की वजह से खुली थी, दूध लेने के बाद ना जाने एकदम से उनके मन में ये विचार आया की चलो अजय के पास चला जाए , प्राची तो अभी सो ही रही थी, और उनके पति भी 9 बजे से पहले उठने वाले नहीं है, और उनके अनुसार तो पूजा और रिया अपनी सहेली के घर गयी हुई थी , इसलिए ये मौका वो छोड़ना नहीं चाहती थी , और अपने दामाद को सरप्राइज देने के लिए वो सुबह-२ उसके घर पहुँच गयी.


रजनी ने जब दरवाजा खोलने के लिए कहा तो अजय और पूजा की हालत और भी खराब हो गयी....


पूजा तो रोने लगी और वो रोते -२ फुसफुसाई : "जीजू, प्लीज कुछ करो, मुझे बचा लो, माँ ने मुझे आज यहाँ देख लिया तो मैं पूरी जिंदगी उन्हें मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी, प्लीज जीजू, कुछ करो न, प्लीज.... "


लेकिन अंदर ही अंदर अजय समझ चुका था की अब उसके पास कोई और चारा भी नही है....अचानक उसके दिमाग़ में एक प्लान आया....उसने तुरंत पूजा को बाथटब के अंदर जाने को कहा और आगे से शावर कर्टन लगा कर उस हिस्से को छुपा दिया...


और पूजा को ये भी समझा दिया की अब चाहे कुछ भी हो जाए...उसके और उसकी माँ के बीच कुछ भी हो...वो बाहर ना निकले...बस यही एक तरीका है पूजा को बचाने का...


पूजा की तो कुछ भी समझ मे नही आया की आखिर ये अजय चाहता क्या है....और वो ऐसा क्या करने वाला है उसकी माँ के साथ की वो उसकी बात एक ही बार में समझ जाएगी...


लेकिन अगले एक घंटे में जो भी वहां होने वाला था, उसकी ना तो पूजा ने कल्पना की थी और ना ही अजय ने सोचा था की उसकी ये योजना इस तरह से रंग लाएगी...या रंग बदलेगी ।


अजय अंदर खड़ा होकर पूजा को समझा रहा था और बाहर खड़ी उसकी सास अधीर सी होकर दरवाजा पीट रही थी..

''अब खोल भी दो ना अजय....इतना भी क्या शर्मा रहे हो...और वो भी मुझसे...''

तब तक पूजा पीछे जाकर छिप चुकी थी और कर्टन आगे कर दिया था...लेकिन अपनी माँ की ये आख़िरी बात सुनकर उसके दिमाग़ के घोड़े भी तेज गति से दौड़ने लग गये की आख़िर उसकी माँ ये क्या कह रही है...और वो भी अपने दामाद के सामने...कहीं ऐसा तो नही...की....की...

उसके दिमाग़ में बहुत बुरे-2 ख़याल आने लगे...लेकिन उसने एक ही झटके में उन्हे झटक दिया और मन में बोली 'नही नही...ऐसा भी कही होता है क्या...कहां अजय जैसा जवान मर्द और कहाँ उसकी दुगनी उम्र की माँ ...भले ही वो देखने में अभी तक काफ़ी अच्छी लगती है, लेकिन अजय के ऐसे दिन भी नही आए की वो अपनी जवान बीबी और सेक्सी सालियों के होते हुए उनकी माँ की तरफ आकर्षित हो...'

लेकिन उसकी सोच पर ऐसा पानी फिरने वाला था की वो भी नही जानती थी..

अजय ने सब कुछ सेट करने के बाद दरवाजा खोल दिया...उसने अपना भीगा हुआ बदन नीचे से टावल में लपेट लिया था...उसके दिमाग़ में जो प्लान था, उसके अनुसार तो वो अपनी सासू माँ को अपने बेडरूम में ले जाना चाहता था...ताकि जो कुछ भी उनके बीच हो वो ना तो पूजा सुन पाए और ना ही देख पाए...और उसके बाद उन्हे जल्द से जल्द वापिस रवाना भी करना था..ताकि उन्हे पूजा और रिया के वहां होने का आभास ही ना हो...लेकिन ये सब करना काफ़ी चुनोती भरा काम था...आज उसे ये सब करके अपने इन नाजायज़ रिश्तो के बीच की परदेदारी सलामत रखनी थी..

लेकिन उपर वाले को शायद अजय का ये प्लान पसंद नही आया था...

क्योकि जैसे ही अजय ने दरवाजा खोलकर बाहर निकलना चाहा, रजनी उसे धक्का देती हुई अंदर ही घुसती चली आई और बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया..

अजय ने दबी आवाजमें कहा : "ये क्या...आप...आप अंदर चलिए ना...मेरे ..मेरे ...बेडरूम में ...''

रजनी : "क्यों .यहाँ क्या प्राब्लम है....वैसे भी मैं अभी तक नहाई नही हूँ ..और अपने दामाद के साथ आज पूरी तरह से नहाना चाहती हूँ ...बोलो नहलाओगे ना मुझे..आज....''

इतना कहते-2 रजनी ने अपनी बाहें उसकी गर्दन में लपेट दी...

अजय का ध्यान बार-2 कर्टन की तरफ जा रहा था....वो ये बात तो समझ ही चुका था की पूजा ने ये सब सुन ही लिया है...और उसके दिल पर क्या बीत रही होगी ,ये सोचकर की उसके जीजू का उसकी माँ के साथ भी चक्कर है...यानी एक भांडा तो फुट ही चुका था अब तक....

फिर भी वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा था की जो भी हो, वहां से बाहर निकल कर ही हो...क्योंकि एक राज पर से तो परदा उठ ही चुका था...पूजा को पता चल चुका था की अजय और रजनी के बीच कुछ है...लेकिन वो वहाँ रहकर दूसरा परदा भी नही हटवाना चाहता था, जिसमें रजनी को ये पता चले की पूजा का भी अजय के साथ कुछ ऐसा ही संबंध है...
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08-31-2018, 04:44 PM,
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
लेकिन अजय के लाख मिन्नत करने के बाद भी रजनी अपनी जगह से हिली नही...बल्कि उसने अपने गाउन को भी उतार कर कुण्डी पर टाँग दिया...और अब वो पूरी तरह से नंगी होकर खड़ी थी....शायद उन्हे भी रात के समय अपने शरीर पर ब्रा और पेंटी की पाबंदिया पसंद नही थी..

भले ही अजय की हालत खराब थी...लेकिन ऐसी हालत में भी अपने लंड की उत्तेजना फिर से बढ़ने से वो नही रोक सका...आख़िर नज़ारा ही इतना सेक्सी था...वो आज अपनी सास को पहली बार पूरा नंगा देख रहा था...वो उपर से नीचे तक बिना कपड़ो के खड़ी थी...


एक पल के लिए तो अजय अपनी पलकें झपकाने के साथ-2 ये भी भूल गया की पूजा भी उसी बाथरूम में है....


और इसी पल मे उसके होंठ अपने आप आगे होते हुए कब रजनी के मोटे होंठों से आ टकराए, उसे भी पता नही चला...रजनी ने भी एक ही झटके मे उसका टावल खींचकर उसे अपनी तरहा नंगा कर दिया...और अपनी चूत उपर उसके खड़े हुए लंड का दबाव महसूस करते हुए वो उससे बुरी तरह लिपट गयी और अजय की किस्स का जवाब देने लगी...


दोनो एक दूसरे के जिस्म को बुरी तरह से नोच रहे थे और स्मूच कर रहे थे.

पर्दे के पीछे खड़ी पूजा को जब उनकी चुम्मियों की आवाज़ें सुनाई दी तो उसका शक़ यकीन में बदलता चला गया...एक पल के लिए तो उसकी आँखो के सामने अंधेरा सा छा गया की ये हो क्या रहा है...उसने एक कोने का हिस्सा उठाकर बाहर की तरफ झाँका तो उसके पसीने छूट गये...उसकी माँ और उसके ठरकी जीजा, दोनो एक दूसरे को नंगे होकर चूम रहे थे...ठीक उसी तरह जैसे कुछ देर पहले वो और अजय चूम रहे थे..

रजनी ने शावर ऑन कर दिया और एक ही पल में दोनो के बदन पानी में भीग गये...और ऐसे भीगे हुए बदन को मसलने में अलग ही मज़ा मिलता है...और वो मजा इस वक़्त अजय बखूबी ले रहा था

अजय ने अपनी सासू माँ के मुम्मों को पकड़ा और उन्हे निचोड़ डाला....रजनी ने भी अजय के लंड को हाथ में लेकर आगे-पीछे करना शुरू कर दिया...और धीरे-2 वो उसके सामने बैठती चली गयी...और अंत में जब वो अपने घुटने टेककर नीचे फर्श पर बैठी तो अपने दामाद के उस बेटीचोद लंड को सामने पाकर वो फूली ना समाई और एक ही झटके में उसे अपने मुँह में लेकर चूस डाला...



मन ही मन वो ये सोच रही थी की यही वो लंड है जो उसकी बेटी की चूत में ना जाने कितनी बार जा चुका है...और ना जाने कितनी बार वो इसे अपने मुँह में भी ले चुकी होगी...


लेकिन वो बेचारी ये नही जानती थी की प्राची के अलावा अब उसके इस लंड को उसकी दूसरी बेटी पूजा भी अपने मुँह में ले चुकी है...और कल रात तो उसे अपनी चूत में लेकर अपना कुंवारापन भी इसी लंड पर लूटा चुकी है...और अब उसी लंड को वो बड़े मज़े ले-लेकर चूस रही है जिसपर कल रात को उसकी बेटी पूजा की चूत का खून लगा हुआ था.

और पर्दे के पीछे से झाँक रही उनकी लाडली अपनी माँ को ऐसी काम वासना के अवतार में लिप्त होकर लंड चूसते देखकर बेहोश होते-2 बची....उसे अपनी माँ पर बेहद गुस्सा आ रहा था की क्यों वो ऐसे मौके पर आ गयी और अब उसके जीजू के साथ वो सब भी कर रही है जो उसे करना चाहिए था...लेकिन ये सब देखकर वो एक बात तो समझ ही चुकी थी की ये इनका पहली बार नही है...क्योंकि जिस कॉन्फिडेंस से उसकी माँ बाथरूम में आकर ये सब कर रही थी वो पहली बार करने से तो नही होता है...और इन सबके लिए उसे अपने जीजू पर भी काफी गुस्सा आ रहा था...आख़िर क्यों उन्होने उसकी माँ के साथ भी ऐसे संबंध बनाए ...

लेकिन फिर खुद ही उसके दिमाग़ ने उसके सवालों का जवाब देना शुरू कर दिया ...जिस अजय के भोले चेहरे और लंबे लंड की वो खुद दीवानी हो चुकी थी, उसकी दीवानी उसकी मॉम भी ना हो तो क्या हो...और वैसे भी इस उम्र में उन्हे भी वो सुख उसके पापा से नही मिल पाता होगा जो मिलना चाहिए...ऐसे में अगर उसके जीजू कुछ कर रहे है तो उसे क्यों बुरा लग रहा है...और जहाँ तक उसकी माँ की बात छुपाने वाली बात है,वो उन्होने ठीक ही किया...ऐसे अगर वो एक दूसरे की बाते किसी के भी सामने बोलने लगे तो उनकी इज़्ज़त ही क्या रह जाएगी...

ये सब बाते सोचते-2 वो अपनी माँ को भी देखे जा रही थी...जो किसी प्यासी चुड़ैल की तरह उसके जीजू के लंबे लंड को चूस रही थी...और एक हाथ से खुद की गीली हो चुकी चूत को भी मसल कर अपने उस ख़ास दाने को रगड़ रही थी जो हद से ज़्यादा ही मोटा था..

उन्हे ऐसा करते देखकर ना चाहते हुए भी पूजा के हाथ खुद ब खुद उसकी चूत पर जा टिके और वो भी अपने नन्हे से दाने को रगड़ने लगी...

अजय अब जल्द से जल्द इस किस्से को ख़त्म कर देना चाहता था...इसलिए उसने अपनी सास को खड़ा किया और उन्हे घोड़ी बना कर दीवार के सहारे खड़ा कर दिया...ठीक उसी पोज़ में जिसमे वो कुछ देर पहले तक पूजा को चोद रहा था...

और अजय का लंड एक बार फिर से चूत की सड़क पर दौड़ने की तैयारी करने लगा, ये वही लंड था जो कुछ देर पहले तक बेटी की चूत देखकर हिनहिना रहा था, और अब उसकी माँ की चूत देखकर उसका वही हाल था, कहने का मतलब ये है की लंड को तो सिर्फ़ चूत से मतलब है, वो किसकी है ये वो नहीं जानता, उसे तो बस चूत का बेंड बजाना आता है बस ।

अजय ने अपना लौड़ा रजनी की रसीली चूत पर टिका दिया, अपनी चूत पर अजय के लंड का आभास मिलते ही वो सिहर उठी...और ज़ोर से तड़प कर बोली : "आजा मेरे ठरकी दामाद....मेरे चोदू राजा....डाल दे अपनी सास के अंदर अपने मोटे लंड को....कितने दिनों से तरसा रहा है तू....आज मेरी प्यास पूरी तरह से बुझा दे.....डाल दे इसे अंदर...मेरी चूत में ....और चोद डाल अपनी सासू माँ को मेरे चिकने जमाई राजा.....''

अपनी सास की इतनी करुण पुकार सुनकर अजय का जोश दुगना हो गया...और उसने रजनी की फेली हुई गांड को अपने हाथो में पकड़ कर अपने लंड को ज़ोर से आगे की तरफ किया...जो उनकी चिकनी और गर्म चूत में ऐसे घुसता चला गया जैसे गर्म चाक़ू किसी मक्खन की टिकिया में जाता है...और ऐसा करते हुए दोनो के मुँह से गरमा गरम सिसकारियाँ निकलने लगी...

''आआआआआआअहह ..... मररर्र्र्र्र्र्ररर गयी रे.................... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स........ क्या मस्त है रे....... .तेरा लंड ....................... अहह .....अजय ...................... चोदो .... मुझे .................. ज़ोर से चोदो .............................. अहह....''


अजय ने भी झटके मारते हुए उनके गदराये हुए बदन को झींझोड़ते हुए कहा : "आआआआआअहह ओह...... माय गॉड ..................... कसम से.................... आपकी चूत इतनी मजेदार है..... बिल्कुल आपकी बेटी की चूत जैसी.......'


टब के अंदर बैठी , अपनी चूत मसलती हुई, पूजा बुदबुदाई : "साले ...ठरकी ....जीजू....अह्ह्ह्ह , ये तो बता दे...स्स्स्स्स , उम्म्म्म्म , कौन सी बेटी की चूत जैसी.....''

पूजा की चूत के होंठ भी फड़फडा से रहे थे....और वो उनकी कसमसाहट को अपने लंबे नेल वाली उंगलियों से मसल कर शांत करवा रही थी...


अजय अब पूरी मस्ती में आ चुका था...अब उसे इस बात की चिंता तो बिल्कुल भी नही रह गयी थी की पूजा को ये बात पता चल चुकी है और वो कैसे रिएक्ट करेगी...आज वो अपनी जिंदगी मे पहली बार किसी रसीली औरत की चूत मार रहा था...और ऐसा करते हुए वो पूरे मज़े लेना चाहता था...


एक बात उसने नोट करी की भले ही उसकी सास की चूत थोड़ी ढीली थी लेकिन अपनी तरफ से वो जिस तरीके से उसके हर झटके का जवाब दे रही थी, ऐसा लग रहा था की अजय उसे नही बल्कि वो उसे चोद रही है...अजय जितनी तेज गति से उसकी गांड पर झटके मारता, वो दुगने ज़ोर के साथ अपनी भरी हुई गांड पीछे की तरफ मरती , जिससे धपा - धप्प की जोरदार आवाज़ निकलती...



पूरे बाथरूम में उन दोनो की सिसकारियां और ढप्प-2 की आवाज़ें गूँज रही थी...

''ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह अजय.................... कितना मोटा और लंबा है....... सच में .................. इतना बड़ा तो आज तक किसी का भी नही गया मेरे अंदर................ उम्म्म्मममममममममममममम ..... और ज़ोर से मारो ....... मेरी चूऊतत............आअहह मेरे राजा....... मेरे प्यारे जमाई राजा ..................... मारो.............. मेरी बेटी कितनी लक्की है,जिसे तुम जैसा लम्बे लंड वाला चोदू पति मिला है इसे , आआआआआअह्ह्ह , मैं भी तुम्हारा दहेज का माल हूँ .................. चोदो मुझे .................... अहह ...... ऊओह''

अजय मुस्कुराया और मन में बोला : "दहेज में तो मुझे तुम्हारे घर की सभी चूतें मिल चुकी है...... मेरी प्यारी सासू माँ ......''

और वो उसे और ज़ोर-2 से धक्के मारकर उसकी चुदाई करने लगा...

फिसलन भरी ज़मीन और गीली टाईल वाली दीवारों की वजह से सरकते-2 वो हर झटके से आगे ही निकलती चली गयी....और धीरे-2 वो उस पर्दे के बिल्कुल करीब जा पहुँची, जिसके पीछे उसकी बेटी खड़ी होकर अपनी चूत मसल रही थी...

लेकिन इस बात का आभास ना तो अजय को हुआ और ना ही रजनी और पूजा को....सभी अपनी-2 चुदासी में डूबे हुए सम्मोहित से हो चुके थे....


और आख़िर में जब अजय के लंड ने आख़िर वाले 10-12 शॉट्स लगाए, उन्हे महसूस करते हुए तो रजनी के भी अस्तबल के घोड़े खुल गये, और वो करीब 1 महीनो के बाद झड़ी...और ऐसी झड़ी जैसी आज तक अपनी जिंदगी में नही झड़ी थी...एकदम खुलकर...एकदम मचलकर...एकदम जंगली घोड़ी की तरह हिनहिनाटी हुई सी...



''आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआयययययययययययययययययीीई ...... ऊऊऊऊऊऊऊओह अजय ............................ मैं तो गअईईईईईईईईईईईईईईई रे ........................ अहह.... मजाआ आआआआआ....गग्ग्ग''


उसका आख़िरी वाक़या ''गया'' तो उसके मुँह में ही रह गया....क्योंकि उत्तेजना में आकर वो जब झड़ने लगी तो उसके हाथ में शावर का पर्दा आ गया.... और उसने उसे पकड़कर बुरी तरह से नीचे की तरफ खींच डाला....और रजनी के जोरदार झटके से , पर्दे के प्लासिक वाले रिंग टूटते चले गये... और जब वो परदा गिरा तो अपनी आँखे बंद करके , अपनी चूत में उंगलिया मारती हुई पूजा वहां थी... एकदम नंगी...और वो भी शायद झड़ने के आख़िरी पल में थी...क्योंकि परदा के टूटने की आहट भी उसकी आँखे नही खुलवा सकी, वो तो बस बंद आँखो के पीछे अपनी चूत में अपने प्यारे जीजू के लंड को लेती हुई झड़ती चली गयी.....

'' स्स्स्स्स्स्स उम्म्म्म्म्म्म्म्म जिजुउउउउउउउउ ''

और जब उसने आँखे खोली तो उसके सामने का परदा हट चुका था... और उसके सिर्फ़ एक फुट की दूरी पर उसकी माँ रजनी, घोड़ी बनकर अपने दामाद से चुद रही थी.... और अपनी बेटी को ऐसी हालत में वहां देखकर उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बदल चुके थे.... उसका मुँह गोल सा होकर, हैरानी से खुला का खुला रह गया....आँखे फटी रह गयी....और उसे एक पल भी नही लगा ये समझते की वहां उसके आने से पहले क्या हो रहा था..

और इन सबसे अंजान अजय अभी तक अपनी आँखे मूंदे अपनी सास की चूत बजा रहा था....वो भी अपने आख़िरी पड़ाव में था.... और अगले ही पल वो पूरी गति से अपने अंदर का लावा अपनी प्यारी सास की चूत में उड़ेलने लगा...

और जब उसने अपनी आँखे खोली तो झुकी हुई सासू माँ से पहले उसकी नज़रें सहमी हुई सी खड़ी पूजा पर गयी... टूटे हुए पर्दे को नीचे गिरा देखकर वो भी एक पल में सब समझ गया... उसका परदा ऐसे फ़ाश होगा, ये तो उसने सपने में भी नही सोचा था... उसका लंड मरा हुआ चूहा बनकर बाहर फिसल कर निकल आया...

हैरान-परेशान सी रजनी सीधी हुई, उसे तो अब भी विश्वास नही हो रहा था की उसकी जवान और कुँवारी बेटी उसी बाथरूम में थी जिसमें वो अपने दामाद से चुदवा रही थी... उसे शायद ये समझ नही आ रहा . की उसे अपनी बेटी के वहां होने पर गुस्सा होना चाहिए या ऐसे रंगे हाथो चुदाई करवाते हुए पकड़े जाने के बाद शर्मिंदा होना चाहिए..

पूजा भी अपनी माँ और अजय से नज़रे नही मिला पा रही थी... उसके मन में भी शायद यही अंतर्द्वंद चल रहा था की अपनी माँ को अपने जमाई से चुदवाने की बात पर कोसे या अपने वहां होने की सफाई पेश करे...

अजय तो बिल्कुल ब्लेंक सा हो चुका था... उसने दोनो की चूतें तो मार ली पर उसकी ऐसी बुरी तरह से लगेगी, ये तो उसने सोचा भी नही था... हैरान परेशान सा खड़ा हुआ वो भी यही सोचे जा रहा था की अपनी सास को ये समझाए की पूजा वहां क्या कर रही है या पूजा को ये समझाए की उसने उसकी माँ की चूत क्यों मारी...

तीनो एक दूसरे का मुँह ताके जा रहे थे... किसी में भी शायद हिम्मत नही थी की बात की शुरूवात करे...

वो इस मुश्किल मे फँसे ही हुए थे की तभी वो हुआ जिसकी उन तीनो ने कल्पना भी नहीं की थी...

बाथरूम का दरवाजा खोलकर, नींद से भरी हुई आँखे मलती हुई , रिया अंदर दाखिल हुई... और बोली : "क्या जीजू.... आप लोग मुझे बिना बताए नहाने घुस आए.... अकेले-2 कब तक मज़े लेते रहोगे....''
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08-31-2018, 04:45 PM,
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
43


अजय तो बिल्कुल ब्लेंक सा हो चुका था...उसने दोनो की चूतें तो मार ली पर उसकी ऐसी बुरी तरह से लगेगी, ये तो उसने सोचा भी नही था...हैरान परेशान सा खड़ा हुआ वो भी यही सोचे जेया रहा था की अपनी सास को ये समझाए की पूजा वहां क्या कर रही है या पूजा को ये समझाए की उसने उसकी माँ की चूत क्यों मारी...

तीनो एक दूसरे का मुँह ताके जा रहे थे...किसी में भी शायद हिम्मत नही थी की बात की शुरूवात करे...

वो इस मुश्किल मे फँसे ही हुए थे की तभी वो हुआ जिसकी उन तीनो ने कल्पना भी नहीं की थी...

बाथरूम का दरवाजा खोलकर, नींद से भरी हुई आँखे मलती हुई , रिया अंदर दाखिल हुई...और बोली : "क्या जीजू....आप लोग मुझे बिना बताए नहाने घुस आए....अकेले-2 कब तक मज़े लेते रहोगे....''



***********
अब आगे
***********

अजय के नाजायज़ कर्मो का मटका एक पल में फूट गया...और उसके अंदर की सारी असलियत सामने आ गयी..

इस वक़्त तो उसे अगर चॉइस मिलती की इन सभी का सामना करे या धरती फटे और वो उसमे समा जाए तो शायद वो दूसरे ऑप्शन को ही चुनता...इन सभी को समझाने की ताक़त अजय में तो बिल्कुल नही थी..

अपनी नंगी बेटी के बाद रिया को भी वहां देखकर रजनी उतनी ही अचंभित हुई...उसे ये अंदाज़ा तो लग ही चुका था की जब पूजा वहां है तो रिया भी वहीं होगी...लेकिन वो भी उसके दामाद के साथ इतनी घुल मिल चुकी है जितनी की पूजा,ये वो नही जानती थी...

अपनी बेटी को देखकर वो ये भी समझ गयी थी की कल रात से ही वो यहाँ है...दोनो बहनो ने अपनी सहेली के घर जाने का बहाना बनाकर यहाँ रात बिताने का प्रोग्राम बनाया था...वो अगर इतनी सुबह ना आई होती तो इसी बाथरूम में उसकी बेटी पूजा चुद रही होती...और शायद ये खेल रात भर चला है...

यानी उसकी प्यारी बेटी...उसकी कुँवारी लाडली पूजा...अब चुद चुकी है...

लेकिन क्या रिया भी अपने जीजू के साथ...?? लेकिन इन सब बातों की सफाई लेने का ये मौका सही नही था...वो खुद भी तो चुदाई करते हुए पकड़ी गयी थी...ऐसे में वो उनपर कैसे उंगली उठा सकती है...

रिया की भी गिग्घी बंध गयी जब उसने अपनी मौसी को नंगा बाथरूम में खड़े देखा...उसके नन्हे से दिमाग़ में ये बात क्लियर ही नही हो पा रही थी की वो यहाँ कैसे आ गयी...और अगर आ भी गयी है तो इस तरह से नंगी खड़ी होकर वो क्या कर रही है...और वो भी उसी बाथरूम में जहाँ उनकी बेटी पूजा और जीजू भी नंगे खड़े है...लेकिन उसे तो पूरी बात पता नही थी...और इस वक़्त वो कुछ बोलकर अपनी और शामत नही बुलवाना चाहती थी..इसलिए वो उल्टे कदमो से भागकर वापिस उसी रूम में घुस गयी जहां उसने पूरी रात गुजारी थी.

रजनी ने भी अपना गाउन उठाया और पहन कर बाहर निकल आई...जाते हुए उसने एक बार फिर से अपनी बेटी पूजा को देखा, जो अभी तक शॉक में थी, अपने नंगे जिस्म को ढकने की भी हिम्मत नहीं थी उसमे...

रजनी भी जानती थी की अभी ना तो वो कुछ समझाने की स्थिति में है और ना कुछ पूछने की...इसलिए वो कपड़े पहन कर, बिना कुछ बोले, वहां से निकल गयी.

उसके जाने के बाद अजय ने जल्दी से टावल लपेटा और पूजा के पास गया...वो अभी तक बुत्त सी बनी वहीं खड़ी थी...शायद उसे काफ़ी बड़ा सदमा लगा था ...

अजय : "पूजा....पूजा.....होश में आओ....पूजा...''

अजय ने ज़ोर-2 से उसके नंगे बदन को पकड़ कर हिलाया...तब जाकर वो होश में आई....और एकदम से बड़बड़ाने लगी : "आई एम सॉरी मॉम ...आई एम सॉरी.....''

अजय : "पूजा...होश में आओ....तुम्हारी माँ जा चुकी है....मैं अजय हूँ ...देखो मुझे ..''

तब जाकर पूजा वापिस सच्चाई के धरातल पर आई...और सबसे पहले तो उसने अपने नंगे बदन को टावाल से ढका..और भागकर दूसरे रूम में गयी जहाँ उसके कपड़े रखे हुए थे...अजय की भी हालत बहुत बुरी थी...आगे क्या करना है ये सोचते हुए वो करीब 10 मिनट तक वहीं खड़ा रहा ..


अजय के नाजायज़ कर्मो का मटका एक पल में फूट गया...और उसके अंदर की सारी असलियत सामने आ गयी..

इस वक़्त तो उसे अगर चॉइस मिलती की इन सभी का सामना करे या धरती फटे और वो उसमे समा जाए तो शायद वो दूसरे ऑप्शन को ही चुनता...इन सभी को समझाने की ताक़त अजय में तो बिल्कुल नही थी..

अपनी नंगी बेटी के बाद रिया को भी वहां देखकर रजनी उतनी ही अचंभित हुई...उसे ये अंदाज़ा तो लग ही चुका था की जब पूजा वहां है तो रिया भी वहीं होगी...लेकिन वो भी उसके दामाद के साथ इतनी घुल मिल चुकी है जितनी की पूजा,ये वो नही जानती थी...

अपनी बेटी को देखकर वो ये भी समझ गयी थी की कल रात से ही वो यहाँ है...दोनो बहनो ने अपनी सहेली के घर जाने का बहाना बनाकर यहाँ रात बिताने का प्रोग्राम बनाया था...वो अगर इतनी सुबह ना आई होती तो इसी बाथरूम में उसकी बेटी पूजा चुद रही होती...और शायद ये खेल रात भर चला है...

यानी उसकी प्यारी बेटी...उसकी कुँवारी लाडली पूजा...अब चुद चुकी है...

लेकिन क्या रिया भी अपने जीजू के साथ...?? लेकिन इन सब बातों की सफाई लेने का ये मौका सही नही था...वो खुद भी तो चुदाई करते हुए पकड़ी गयी थी...ऐसे में वो उनपर कैसे उंगली उठा सकती है...

रिया की भी गिग्घी बंध गयी जब उसने अपनी मौसी को नंगा बाथरूम में खड़े देखा...उसके नन्हे से दिमाग़ में ये बात क्लियर ही नही हो पा रही थी की वो यहाँ कैसे आ गयी...और अगर आ भी गयी है तो इस तरह से नंगी खड़ी होकर वो क्या कर रही है...और वो भी उसी बाथरूम में जहाँ उनकी बेटी पूजा और जीजू भी नंगे खड़े है...लेकिन उसे तो पूरी बात पता नही थी...और इस वक़्त वो कुछ बोलकर अपनी और शामत नही बुलवाना चाहती थी..इसलिए वो उल्टे कदमो से भागकर वापिस उसी रूम में घुस गयी जहां उसने पूरी रात गुजारी थी.

रजनी ने भी अपना गाउन उठाया और पहन कर बाहर निकल आई...जाते हुए उसने एक बार फिर से अपनी बेटी पूजा को देखा, जो अभी तक शॉक में थी, अपने नंगे जिस्म को ढकने की भी हिम्मत नहीं थी उसमे...

रजनी भी जानती थी की अभी ना तो वो कुछ समझाने की स्थिति में है और ना कुछ पूछने की...इसलिए वो कपड़े पहन कर, बिना कुछ बोले, वहां से निकल गयी.

उसके जाने के बाद अजय ने जल्दी से टावल लपेटा और पूजा के पास गया...वो अभी तक बुत्त सी बनी वहीं खड़ी थी...शायद उसे काफ़ी बड़ा सदमा लगा था ...

अजय : "पूजा....पूजा.....होश में आओ....पूजा...''

अजय ने ज़ोर-2 से उसके नंगे बदन को पकड़ कर हिलाया...तब जाकर वो होश में आई....और एकदम से बड़बड़ाने लगी : "आई एम सॉरी मॉम ...आई एम सॉरी.....''

अजय : "पूजा...होश में आओ....तुम्हारी माँ जा चुकी है....मैं अजय हूँ ...देखो मुझे ..''

तब जाकर पूजा वापिस सच्चाई के धरातल पर आई...और सबसे पहले तो उसने अपने नंगे बदन को टावाल से ढका..और भागकर दूसरे रूम में गयी जहाँ उसके कपड़े रखे हुए थे...अजय की भी हालत बहुत बुरी थी...आगे क्या करना है ये सोचते हुए वो करीब 10 मिनट तक वहीं खड़ा रहा ..



वो भी जानती थी की पापा तो हाइ शुगर के मरीज है...उनसे वो पहले जैसा सेक्स शायद नही हो पाता होगा...इसलिए तो मॉम ने अपने दामाद की तरफ मुँह किया....बस गड़बड़ ये हो गयी की दोनो रंगे हाथो पकड़े गये..


पूजा : "पर जीजू....अब मैं मॉम से नज़रें कैसे मिला पाऊँगी ..उन्हे कैसे समझा सकूँगी की मैने ये सब क्यों किया...और अगर उन्होने दीदी को बोल दिया तो....तो क्या होगा...''


अजय : "वो मेरा काम है...मैं समझाऊंगा उन्हे...और वो मेरी बात समझ भी जायगी...तुम बस मेरे हिसाब से सब कुछ करती रहना...देखना ...सब ठीक हो जाएगा...और जहां तक प्राची की बात रही तो तुम्हारी माँ ऐसा बिल्कुल नही करेगी की प्राची को ये सब बताए...वो खुद भी तो ऐसा कर चुकी है अपने दामाद के साथ जो उन्हे नही करना चाहिए था...और प्राची को बताकर वो अपनी बेटी का घर नही तोड़ेगी...क्योकि प्राची का नेचर सब जानते है...उसे अगर ये सब पता चला तो वो मुझे एक मिनट में ही तलाक़ दे देगी...इसलिए ये सब बातें हमे प्राची से छुपा कर ही रखनी पड़ेगी....बाकी मैं संभाल लूँगा...''


इतना कहकर अजय ने अपनी बाहें पूजा के चारों तरफ करके उसे अपने गले से लगा लिया....पास ही बैठी रिया भी उस हग के अंदर घुस आई और तीनो एक दूसरे को गले लगाकर कुछ देर तक ऐसे ही बैठे रहे..


अजय : "अक्चा...अब सुनो....तुम दोनो तैयार होकर यहाँ से निकलो....मैं भी नाश्ता करने वहीँ जा रहा हूँ ....तुम ठीक दस मिनट बाद वहां आ जाना, ओके ''


पूजा : "ओक.....''


और उसने मुस्कुरा कर अपनी प्यारा सा चेहरा अजय के सामने कर दिया...अजय ने भी मौके का फायदा उठाकर एक छोटी सी पप्पी कर दी उसके होंठों पर...


पूजा ने बुरा सा मुँह बनाते हुए मुँह पीछे कर लिया....ये कहते हुए भी की ऐसी सिचुएशन में भी आपको ये सब सूझ रहा है....रिया ये देखकर मुस्कुरा उठी..


वो दोनों तुरंत तैयार होकर वहां से निकल गयी ...उसके कुछ देर बाद अजय उनके घर की तरफ निकल पड़ा...


दरवाजा उसकी सास ने ही खोला...वो अजय से नज़रें नही मिला रही थी...अजय के लिए इतना बहुत था...यानी वो खुद शर्मिंदा थी...वो अपनी तरफ से गुस्सा नही दिखा रही थी...


वो भी इस वक़्त कुछ बोलकर बात को बढ़ाना नही चाहता था...रजनी किचन में चली गयी और अजय सीधा अपनी बीबी के बेडरूम में ...


प्राची अभी-2 नहा कर निकली थी...वो उसे देखते ही लिपट गयी और बेतहाशा चूमने लगी...आज वो कुछ ज़्यादा ही एक्ससाइटिड लग रही थी..


अजय ने हमेशा की तरह उसके नर्म होंठों को धीरे से चूमा...पर प्राची ने उस छोटी सी किस्स को एक लंबे से स्मूच में बदल दिया...


वो उसके होंठों को ज़ोर-2 से सक्क कर रही थी...जैसे उसकी फ़ेवरेट आइस्क्रीम मिल गयी हो खाने के लिए...और वो उसका रस चूस्कर पूरे मज़े ले रही थी.


प्राची : "ओह ....अजय.......मेरी जान....... आई मिस्ड यु सो मच...... पता है.... कल रात को मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही थी.... एक बार तो मेरा मन किया की चुपके से दरवाजा खोलकर निकल जाऊ और सीधा तुम्हारे पास पहुँच जाऊ ...''


इतना सुनते ही अजय के माथे पर पसीना उभर आया.....वो सोचने लगा 'अगर ऐसा हो जाता तो शायद कल रात मेरी जिंदगी का आख़िरी दिन होता'


पर बेचारा कुछ बोल नही पाया...उसे ऐसे चुप सा देखकर प्राची बोली : "क्यों....क्या हुआ..... तुम्हे अच्छा नही लगता क्या.... मेरा ये सरप्राइज .... ह्म्*म्म्म ...बोलो....''


अजय : "उम्म्म ..... हाँ ....हाँ ...क्यो नही.... बहुत अक्चा लगता. ..... पर ....तुम्हारी तबीयत अभी ठीक नही है ना....डॉक्टर्स ने सीडिया चड़ने - उतरने को मना किया है ना....बस 1-2 दिन और ..... फिर मैं खुद तुम्हे उठा कर ले चलूँगा....''


प्राची : "उम्म्म्मम .... डॉक्टर्स ने सीडियां चड़ने को मना किया है.... इसपर चड़ने को तो नही ना....''


इतना कहते-2 प्राची ने अजय के लंड को पकड़ लिया...जो उसके 'सरप्राइज' वाली बात को सुनकर सिकुड चुका था...


प्राची : "अर्रे...... ये क्या हुआ इसे..... मेरी किस्स और सरप्राइज वाली बात के बाद भी इसकी ये हिम्मत की ये खड़ा नही हुआ..... रूको ...अभी बताती हूँ इसको.....''


इतना कहकर प्राची ने उसकी पेंट के बटन खोलने शुरू कर दिए..


अजय : "प्राची....नो ..... ये....ये क्या कर रही हो....तुम्हारी मॉम है बाहर. ..... पूजा और रिया भी आने वाली होंगी..... रुको ....''


पर प्राची अपनी जिद्द पर अड़ी रही....उसने अजय की बेल्ट खोल दी...और बटन और चैन भी....अजय ने घबराकर दरवाजे की तरफ देखा... प्राची उसकी दुविधा समझ गयी....वो अपनी सासू माँ से डर रहा था...


वो भागकर गयी और अपने रूम का दरवाजा बंद कर दिया...


और अपने गाउन की जीप खोलती हुई उसकी तरफ बढ़ने लगी....और बोली : "ओ मेरे भोले राजा.... ये मेरा कमरा है... और तुमने मुझसे शादी की है... इसलिए इतना डरने की ज़रूरत नही है.... मॉम इस बात को अच्छे से समझती है.... ''


बेचारा अजय कुछ ना बोल पाया...और प्राची ने अपने गाउन को खिसका कर नीचे कर दिया....उसने ब्रा नही पहनी हुई थी...उसके पके हुए अमरूद जैसी कड़क छातियाँ बाहर निकल आई



और वो एक बार फिर से उससे लिपट कर ज़ोर-2 से चूमने लगी...


अजय के हाथ भी अपने आप उसके बूब्स पर आ टिकी और वो उन्हे नींबू की तरह निचोड़कर उनमे से दूध निकालने का प्रयास करने लगा...


वो उसके कान मे फुसफुसाई : "अभी इनमे से दूध निकलने में टाइम है.... जब निकलेगा ना...तब ऐसा करना...''


अजय पर भी अब खुमार चढ़ चुका था...वो उसकी आँखों में देखता हुआ नीचे झुका और बोला : "जब दूध निकलेगा तो इन्हे निचोड़ूँगा नही....ये करूँगा...''


और इतना कहकर उसने उसके दाँये वाले मुम्मे को मुँह में भरकर ज़ोर से चूस डाला...प्राची का पूरा शरीर झनझना उठा....और वो तड़पकर बोली : "उम्म्म्ममम..... मेरे राजा ....... अभी के लिए तो मुझे तुम्हारा दूध पीना है......समझे....''


और इतना कहकर उसने अजय को अपने बेड पर धक्का दे दिया और खुद उसके पैरों के बीच जाकर बैठ गयी....अजय अपनी कोहनियो के बल आधा लेटकर उसे देखने लगा....


प्राची ने उसकी पेंट को नीचे खिसकाया और उसके लंड को पकड़कर अपने हाथ से हिलाने लगी....और फिर धीरे-2 अपना मुँह आगे किया और उसके लंड को अपने मुँह मे लेकर ठीक उसी प्रकार से चूसने लगी जैसे वो उसके होंठ चूस रही थी...




अजय की आँखे बंद होती चली गयी....और उसने सिर पीछे की तरफ गिराते हुए एक जोरदार सिसकारी मारी ..


''आआआआआअहह .....सककककक मी बैबी.......सकक्क मिईीईई''

और उसकी आवाज़ इतनी तेज थी की बाहर तक गयी....और उनके कमरे की तरफ चाय और नाश्ता लेकर आती हुई रजनी वहीँ ठिठक कर रुक गयी....उसकी आँखो के सामने एक बार फिर से अपनी सुबह वाली चुदाई और बाथरूम में नंगी खड़ी पूजा का चेहरा कौंध गया....और वो बुदबुदाती हुई वापिस किचन की तरफ चली गयी "पता नही क्या खाता है जो इतना सब करने की पावर आती है इसमे...''

और अंदर प्राची ने अजय के लंड के साथ-2 उसके कपूरे भी चूस डाले....आज वो पहले से कही ज़्यादा उत्तेजित लग रही थी....

और उसके इस उत्तेजक प्रहार की वजह से अजय सिर्फ़ 5 मिनट में ही झड़ने के बिल्कुल करीब पहुँच गया...

और तभी बाहर की बेल बजी....पूजा और रिया वापिस आ गयी थी.

रजनी ने ही दरवाजा खोला...और इस बार भी उन्होने बिना कुछ कहे...नज़रे चुराते हुए, वापिस किचन का रुख़ कर लिया...


पूजा और रिया एक दूसरे का मुँह ताकने लगी...और फिर दोनो अपनी बहन के रूम की तरफ चल दी, पर दरवाजा अंदर से बंद हुआ देखकर दोनो ने एक दूसरे के चेहरे की तरफ देखा और एक रहस्यमयी हँसी हंस दी....और तभी अंदर से अजय की दबी हुई सी सिस्कारी एक बार फिर से निकली...


''आआआआआआआअहह ....... बैबी ........ आई एम कमिंग....... ''


प्राची : "यएस्स......... कम बैबी ......... आई वॉंट यू टू कम ओन माय फेस.........''


बाहर खड़ी रिया और पूजा उन दोनो की बाते सुन पा रही थी....जिसे सुनकर पूजा की चूत में एक बार फिर से वही खुरक होने लगी जो कल रात हो रही थी....रिया के होंठ भी सूख से गये...और वो सोचने लगी की उसका नंबर कब आएगा...


लेकिन इस वक़्त तो प्राची का नंबर लगा हुआ था...जो अजय के मोटे लंड को चूस-चूस्कर उसके अंदर की मलाई निकालने में लगी थी....


और अगले ही पल अजय के लंड ने फुव्वारे का रूप धारण कर लिया और भरभराकर उसके अंदर से पिचकारियाँ निकलकर प्राची के होंठों और चेहरे पर गिराने लगा




प्राची भी अपनी जीभ निकाल कर जितना हो सकता था उसे अपने मुँह के अंदर निगल गयी, बाकी का रस अजय ने उसके चेहरे पर ऐसे फेला दिया जैसे अभी-२ शिमला मे बर्फ गिरी हो



अजय ने एक-दो गहरी साँसे ली और बोला : "तुम बाथरूम में जाकर फेस क्लीन करो...मैं बाहर जाता हूँ ....''


प्राची जल्दी से उठकर बाथरूम में चली गयी..


उसने जल्दी से अपनी पेंट उपर खींची और दरवाजा खोल दिया....और बाहर खड़ी रिया और पूजा को वहां से भागने का मौका भी नही मिल सका...तीनो की नज़रे मिली और सभी के चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गयी..


पूजा : "जीजू....आप मॉम को समझाओ...हम दीदी को रोक कर रखते है...''


इतना कहकर वो दोनो अंदर घुस गयी और अजय बाहर आ गया....जहाँ किचन मे उसकी सास खड़ी होकर सभी के लिए नाश्ता बना रही थी..


आज उसकी इम्तेहान की घड़ी थी...पूजा और रिया को समझाकर उसने आधी परीक्षा तो पास कर ली थी...अब अपनी सास को भी समझाकर उसे अव्वल आना था...
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08-31-2018, 04:45 PM,
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उसने जल्दी से अपनी पेंट उपर खींची और दरवाजा खोल दिया....और बाहर खड़ी रिया और पूजा को वहां से भागने का मौका भी नही मिल सका...तीनो की नज़रे मिली और सभी के चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गयी..


पूजा : "जीजू....आप मॉम को समझाओ...हम दीदी को रोक कर रखते है...''


इतना कहकर वो दोनो अंदर घुस गयी और अजय बाहर आ गया....जहाँ किचन मे उसकी सास खड़ी होकर सभी के लिए नाश्ता बना रही थी..


आज उसकी इम्तेहान की घड़ी थी...पूजा और रिया को समझाकर उसने आधी परीक्षा तो पास कर ली थी...अब अपनी सास को भी समझाकर उसे अव्वल आना था...


************
अब आगे
************


रोज सुबह की तरह आज भी उसके ससुर अपने दोस्तो के साथ पार्क में बैठकर ताश खेल रहे थे...इसलिए अपनी सास को 'खुल' कर समझाने का इससे अच्छा मौका नही मिल सकता था अजय को.


रजनी की पीठ थी अजय की तरफ लेकिन उसके आने का आभास हो चुका था उसे...इस घड़ी का कैसे सामना करे,उनकी भी समझ मे नही आ रहा था...लेकिन अपने और अजय के उपर उसे बेइंतहा गुस्सा आ रहा था...जिसके परिणामस्वरूप वो सही से नाश्ता भी नही बना पा रही थी..


जब से वो वापिस आई थी उसके मन में बस यही चल रहा था की वो वहां गयी ही क्यो...ना वो वहां
जाती और ना ही उसे अपनी बेटी और भांजी के सामने शर्मिंदा होना पड़ता...




लेकिन फिर कुछ और विचार भी आ जाते की अगर वो वहां जाती ही नही तो उसे ये कैसे पता चलता की अजय और उसकी बेटी पूजा के बीच भी नाजायज़ संबंध चल रहे है...और क्या पता रिया की भी मार ली हो अजय ने...आख़िर है तो ठरकी ही ना...


अजय धीरे-2 चलकर उसके पीछे आकर खड़ा हो गया...रजनी ने साडी पहनी हुई थी और उसके ब्लाउस का गला पीछे से काफ़ी गहरा था, जिसकी वजह से उसकी मांसल पीठ का काफ़ी बड़ा हिस्सा नंगा था, जिसपर हल्की-2 पसीने की बूंदे चमक रही थी...अजय का मन तो हुआ की अपनी जीभ से उसके शरीर का नमक चाट ले...लेकिन अभी के लिए तो उसे अपनी सासू माँ को मनाना था पहले..


उसने हिम्मत करते हुए अपनी बाहों का घेरा उसके पेट पर डाल कर अपना सिर उनके कंधे पर रख दिया..


रजनी एकदम से काँप सी गयी...और छिटककर दूर होने लगी पर अजय ने उसे कस कर पकड़े रखा, क्योंकि छोड़ने के बाद वो सही से समझा नहीं सकता था ...


अजय : "बस....बस.....शांत हो जाओ....कोई नही आएगा....पूजा और रिया प्राची के पास है, वो उसे संभाल लेंगी....कोई भी यहाँ नही आएगा...''


इतना कहकर अजय ने अपनी सास को अपनी तरफ खींचा और अच्छी तरह से उनसे सट कर खड़ा हो गया..


और फिर उसने बोलना शुरू किया : "मुझे पता है की आप मुझसे नाराज़ है....मुझसे ही नही पूजा से भी....लेकिन इन सभी में किसी की भी कोई ग़लती नही है...ये सब अपने आप होता चला गया....आपसे भी तो अपने आप पर सब्र नही हुआ...हम तो फिर भी जवान लोग है....जब आपके अंदर इतनी आग है तो उसके बारे में सोचो....वो भी तो आपकी ही बेटी है...''


कहकर उसने अपने हाथ उपर करके रजनी के मुम्मे पकड़ने चाहे पर उसने अजय के हाथ को पकड़कर झटक दिया और गुस्से मे फुफ्कारी : "तुम्हारे लिए तो ये सब कहना और करना काफ़ी आसान है, पर मेरे नज़रिए से भी सोचो...मैं उसकी माँ हूँ ...और अपनी बेटी से मैं अब पूरी जिंदगी नज़रें नही मिला सकूँगी...एक बेटी के सुहाग पर डाका मारकर मैं दूसरी बेटी के सामने रंगे हाथो पकड़ी गयी हूँ ...ये ज़िल्लत मुझे चैन से जीने नही देगी...मैं कभी भी पूजा से नज़रें नही मिला सकूँगी...''


अजय ने भी उसे बोलने से नही रोका, वो यही चाहता था की एक बार उनके अंदर का गुबार निकल जाएगा तभी वो उसकी बात समझ सकेंगी..



वो आगे बोली : "तुमने मेरे साथ जो किया सो किया, पूजा के साथ वो सब करने की क्या ज़रूरत थी...वो तो अभी कुँवारी है...प्राची की हालत तो ऐसी है की उसे इस बात की भनक भी लग गयी तो उसका क्या हाल होगा, ये तुम भी अच्छी तरह समझते हो...वो प्रेगञेन्ट ना होती तो मैं तुम्हारा सारा भंडा आज ही फोड़ डालती...''


वो अजय को धमकी दे रही थी...लेकिन अजय के पास भी इस धमकी का जवाब था..


वो बोला : "ये सब तो मैने आपसे ही सीखा है मेरी प्यारी सासू माँ ..आप भी तो अपने जीजे के साथ ये सब कर चुकी है....अब वही काम अगर पूजा ने मेरे साथ कर लिया तो आपको क्यो बुरा लग रहा है...''


अपने जीजाजी के साथ समंध वाली बात का खुलासा होते देखकर वो चोंक गयी...और पलटकर अजय की तरफ हैरानी से देखने लगी


अजय : "जी हाँ ...मुझे सब पता है....ये भी पता है की मौसा जी ने कैसे अपनी बीबी को नशे की गोली खिलाकर सुला दिया था और आपने उनके साथ पूरी रात कैसे रंगीन की थी...और ये काम आज से नही, ना जाने कब से चल रहा है...''


रजनी तो सकपका कर रह गयी जब अजय ने सबूत के तौर पर वो नशे वाली शीशी निकाल कर उनकी आँखो के सामने लहरा दी...बेचारी की बोलती ही बंद हो गयी.


अजय : "ये है आपकी असलियत , इसलिए मुझे इस तरह की धमकी देने की कोशिश आगे से कभी नही करना...और रही बात पूजा की तो हम ऐसा कोई काम ही नहीं करेंगे जिससे प्राची या किसी को भी हमारे रीलेशन के बारे में पता चले...ये काम तो वो बाहर रहकर भी कर सकती थी...सोचिए ज़रा, अगर उसका कोई बाय्फ्रेंड होता,जो उसे भगाकर ले जाता और उसकी चुदाई करके छोड़ देता तो क्या करती आप...या फिर उसे बाहर किसी लड़के से प्यार हो जाए और वो रोज उससे चुदवा कर घर आए, आपको तो कुछ पता ही नही चलेगा ना...ये भी ना चलता, अगर आप बिना बताए घर ना आई होती...लेकिन अब इस बात को हम सभी को संभालना होगा...पूजा को मैने समझा दिया है...आपसे ना तो वो नाराज़ है और ना ही किसी तरह की नफ़रत करती है...वो और रिया आज के बाद ऐसे बिहेव करेंगी जैसे कुछ हुआ ही ना हो..''


रजनी को जैसे विश्वास ही नही हो रहा था की अजय जो कह रहा है वो सच है या नही...


अजय ने उसकी मांसल कमर पर दबाव डालते हुए उसे अपनी तरफ खींच लिया और तब रजनी को ये एहसास हुआ की अजय का लंड इस वक़्त पूरी तरह से खड़ा हुआ है और वो उसकी चूत के उपर बुरी तरह से चुभ रहा था...


कोई और मौका होता तो वो उसके लंड को निचोड़ ही डालती...पर ऐसी सिचुएशन में भी अजय को ये सब सूझ रहा है, ऐसा ठरकीपन उसने आज तक किसी में नही देखा था.


पर ना चाहते हुए उसके अंदर भी कुछ -2 होने लगा...अभी कुछ देर पहले तक जिस अजय को वो जी भरकर कोस रही थी,अब उसी की बाहों मे कसमसा रही थी वो...शायद अजय के कहने का उसपर असर हो चुका था...वो भी तो यही चाहती थी की अपनी बेटी के सामने शर्मिंदगी भरा चेहरा लेकर ना घूमे वो..लेकिन अजय के आश्वासन के बाद उसका वो डर अब दूर हो चुका था...उसके अंदर की नारी ने उसे एक बार फिर से उकसाना शुरू कर दिया था...वही नारी जो उससे आज सुबह -2 चुदवाकर आई थी..


पूजा वाले वाकये की वजह से वो अजय की चुदाई की तारीफ भी नही कर पाई थी....सच में , ऐसी चुदाई तो उसने सिर्फ़ ब्लू फ़िल्मो में होती देखी थी...जिसमे एक कसरती जवान आदमी उसकी उम्र की औरत को शावर के नीचे बुरी तरह से चोदता है...अगर वो पूजा वाला किस्सा ना हुआ होता तो वो एक बार और चुदवा चुकी होती अजय से वही पर...और अब उसे आगे होने वाली चुदाई फिर से नज़र आने लगी थी...लेकिन इस वक़्त घर पर ये सब करना सही नही था...भले ही पूजा और रिया ने प्राची को संभाल कर रखा हुआ था अंदर, लेकिन कोई भी ,किसी भी वक़्त बाहर आ सकता था..


वो कुनकुंनाती हुई बोली : "अच्छा ठीक है...समझ गयी मैं ...अब तो छोड़ो ...कोई आ जाएगा...''


अजय ने जवाब मे उसे और कसकर पकड़ लिया और अपनी तरफ खींचते हुए अपने लंड को उनकी चूत पर जोरदार तरीके से रगड़ा और बोला : "कोई नही आएगा....अभी तो सिर्फ़ 5 मिनट ही हुए है...''


इतना कहते हुए अजय ने अपने होंठ अपनी सास के होंठों पर रख दिए और उन्हे चूस डाला...




रजनी का सुलग उठी...ऐसा लगा की उसके पेट्रोल से भीगे जिस्म पर किसी ने माचिस की तिल्ली फेंक दी हो...


''आआआअहह .... नही अजय....... अभी नही....''


अजय भी मस्ती के मूड में आ गया....और उनकी गर्दन और मुम्मो के उपर वाले हिस्से को चूमता हुआ बोला : "उम्म्म्मममम.....पहले बोलो....आप अब गुस्सा नही हो....''


''आआआआआआआअहह,.......... ऐसे करोगे....तो ....तो.....बोलना ही पड़ेगा......अहह.....नही हू गुस्सा.......ठीक है......अब तो........ छोड़ो......अहह''




वो बोलती भी जा रही थी छोड़ने के लिए और अजय के सिर को पकड़कर अपनी छाती पर ज़ोर से दबा भी रही थी....और साथ ही साथ अपनी कमर मटका कर अपनी चूत पर उसके लंड से खुजली भी करवा रही थी...


अजय : "ऐसे नही.........अपने इन होंठों से....... उसे चूमकर बोलो..... की..... अब नाराज़ नही हो.....''


वो तो वैसे भी यही चाहती थी की अजय के लंड को चूस डाले...पर ऐसे मौके पर ये मुमकिन नही था...


''नही अजय.......प्लीज़......फिर कभी...... शाम को....... रात को..........पर अभी नही.....अहह....प्लीज़......''


पर अजय ना माना.....और उसने रजनी की साडी का पल्लू नीचे गिरा दिया...और उनके एक मुममे को पकड़ कर बाहर निकाल दिया....और उसे चूसने लगा..




''आआआआआआअहह..... मत करो ऐसा......अजय..............मत करो.................. अहह...... मार डालोगे तुम तो मुझे...... ये देखो.....''


उसने अजय के हाथ को पकड़कर अपनी चूत के उपर रख दिया, जिसमे से पानी ऐसे टपक रहा था जैसे कोई नलका खोल दिया हो....उसकी साड़ी भी भीग चुकी थी उस जगह से....अजय का मन तो किया की वहीँ उसकी साड़ी उठा कर गीली चूत में लंड पेल दे...पर इतना रिस्क लेना भी सही नही था....अभी के लिए उससे लंड ज़रूर चुसवाना चाहता था वो...


अपने अधखुले ब्लाउस को संभालती हुई रजनी आख़िर कार उसकी जिद्द के आगे झुक ही गयी...और उसके सामने बैठकर उसने एक झटके में उसके लंड को बाहर निकाला और मुँह में लेकर जोरदार तरीके से चुप्पा मारा...


और फिर उसे बाहर निकाल कर चूमा और बोली : "मुच्च्छ्ह ...... मैं अब नाराज़ नही हूँ ....समझे.... खुश ना....''


फिर वो उठ खड़ी हुई...और अपने मुम्मे को भी अंदर कर दिया...अजय ने भी लंड वापिस अंदर ठूसा और एक बार फिर से अपनी सासू माँ के करीब आया और उनके बालों को पकड़कर बड़े ही रफ़ तरीके से अपनी तरफ खींचा और बोला : "आज के बाद तुम वही करोगी जो मैं कहूँगा....कभी भी....कहीं भी....''


रजनी को भी उसने पूजा की तरह अपने मोह्पाश में बाँध लिया था...बेचारी हाँ के अलावा कुछ बोल ही नही सकी...वैसे भी ऐसे जवान और तगड़े लंड का गुलाम बनकर रहना किसे पसंद नही आएगा..


उसके बाद अजय वापिस बाहर आ गया...और सीधा प्राची के बेडरूम में गया...जहा तीनों बहने बैठकर बाते कर रही थी..


अजय को वापिस आया देखकर प्राची बोली : "आप नाश्ता करो...मैं बस नाहाकर आती हूँ ..आपको ऑफीस के लिए भी तो देर हो रही होगी ना...''


इतना कहकर वो टावल उठा कर अंदर चली गयी.


उसके जाते ही रिया ने चहककर पूछा : "मान गयी क्या मौसी....समझा दिया ना उन्हे सही से....''


वो कुछ बोल पता की पूजा बोल पड़ी : "हाँ ....समझा ही दिया होगा...देख नही रही....छोटे जीजाजी कितने खुश है...''


उसका इशारा अजय के लंड की तरफ था...जो उसकी पेंट में सॉफ चमक रहा था...


दोनो के चेहरे पर शरारती मुस्कान थी...अजय ने उन्हे सारी बाते बता दी की वो अब समझ गयी है...कोई भी अब इन बातों को एक दूसरे के सामने नही करेगा...अब सब ठीक था...


उसके बाद सबने मिलकर नाश्ता किया....और अजय अपने ऑफीस के लिए निकल पड़ा.


आने वाले दिनों में वो सबको कैसे मैनेज करेगा, इसका हिसाब लगाता हुआ वो ऑफीस पहुँच गया...जहां एक और ठरक से भरा दिन उसका इंतजार कर रहा था.
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08-31-2018, 04:45 PM,
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अब आगे
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ऑफीस पहुँचते ही उसे रचना का दीदार हो गया...वो मेन गेट पर रखे अटेंडेंस रजिस्टर पर साइन कर रही थी...टेबल पर झुकी होने की वजह से उसकी बाहर की तरफ निकली हुई गांड बड़ी मोहक लग रही थी...ऐसा लग रहा था जैसे कोई चंचल हिरनी पानी पी रही हो...अजय को तो रचना भी इस वक़्त पूरी नंगी होकर उसी हिरणी की तरह झरने में झुककर पानी पीती हुई दिख रही थी



ऐसी उभरकर निकली हुई गांड को देखकर उसे छूने का मन कर गया अजय का...और वो तुरंत आगे आकर,उसकी गांड से अपने दाँये हाथ को रगड़ता हुआ उसके साइड में आकर खड़ा हो गया..

रचना ने उस एहसास को महसूस किया और अगले ही पल अजय को अपने इतने करीब देखकर वो सकपका सी गयी..और फिर उसकी आँखो में एक अजीब सी खुशी उभर आई और वो बड़े ही प्यार से मुस्कुरा कर बोली : "गुड मॉर्निंग सर....हाउ आर यू ....''

अजय उसे मुस्कुराते हुए देखता रहा और उसके विश का जवाब दिया...और साथ ही साथ वो उसके गले से झाँक रहे बूब्स को भी निहार रहा था...झुके होने की वजह से उसकी टाइट कुरती के गले से झाँक रहे उसके ब्रा में क़ैद नन्हे बूब्स बड़े ही कमाल के लग रहे थे...उन्हे दबाने और चूसने में जो मज़ा आएगा ये तो सिर्फ़ अजय ही जानता था...उसके जाने के बाद उसने भी एंट्री की और अपनी सीट पर आ गया.

कुछ ही देर में उसकी बॉस के साथ मीटिंग थी. कंपनी को एक बहुत ही बड़ा प्रॉजेक्ट मिला था..और अजय को प्रोमोट करके प्रॉजेक्ट मॅनेजर बना दिया गया था...ये अजय के लिए बहुत खुशी की बात थी...उसे अब क्यूबिकल केबिन के बदले अपना एक बड़ा सा , बंद कमरे वाला केबिन मिल गया..अजय के बॉस को उसपर बहुत भरोसा था और इस प्रॉजेक्ट को सही से निपटाने की पूरी उम्मीद भी..इसलिए उन्होने अजय को अपनी एक सेक्रेटरी रखने की भी इजाज़त दे दी.

अजय ने तुरंत रचना को अपनी सेक्रेटरी बनने की बात बोल डाली...हालाँकि वो ऑफीस को-ओर्डीनेटर थी और पूरे ऑफीस का काम देखती थी..लेकिन इतने बड़े प्रॉजेक्ट के लिए उसके बॉस ने वो बात एक ही बार में मान ली..

अजय खुशी-2 बाहर निकला और सबसे पहले उसने अनिल को अपनी प्रमोशन वाली खबर सुनाई..वो भी बहुत खुश हुआ और दोनो उसके नये केबिन में आ गये...



इतना आलीशान केबिन था वो...अटैच बाथरूम और एक बड़ा सा सोफा भी...एक कॉर्नर में उसके असिस्टेंट के लिए टेबल था, जिसपर रचना आकर बैठने वाली थी, अजय तो ये सब देखकर कुछ अलग ही सपने बुनने लगा..

वो अपने सपनो में खोया ही हुआ था की दरवाजा खटका और रचना अंदर आ गयी..

रचना ने आते ही अजय को प्रमोशन की बधाई दी और ये भी बताया की अभी-2 बॉस ने उसे बुलाकर ये कहा है की आज से वो अजय को एसिस्ट करेगी...अजय उसके चेहरे को देखकर ये जानने की कोशिश करने लगा की उसे इस बात की खुशी तो है ना...लेकिन वो उससे पहले ही बाहर निकल गयी...शायद अपना सारा समान समेटने गयी थी वो..

अनिल : "साले ..तू तो बड़ा छुपा रुस्तम निकला...अपनी प्रमोशन के लपेटे में तूने रचना को भी लपेट लिया....सही है बॉस....वैसे भी इस प्रॉजेक्ट की वजह से बॉस तुझे किसी भी काम के लिए मना नही करेगा...चाहे तू उसकी बीबी की भी चूत मार ले इस वक़्त... हा हा..''

बात तो सही थी....अजय के अलावा इस प्रॉजेक्ट को कोई और पूरा भी नही कर सकता था...उसने काफ़ी मेहनत की थी इस प्रॉजेक्ट को लाने के लिए...

अजय : "भाई, जब उपर वाला मेहरबान होता है ना तो ऐसा ही होता है...आजकल मेरी लाइफ में जो चल रहा है ना उसके सामने तो ये कुछ भी नही है...चल ये सब छोड़, तू सुना, अंजलि भाभी का क्या हाल है...''

अनिल : "यार...आजकल पता नही क्या हो गया है उसे...तुझे बहुत याद करती है...''

अजय तो ये सुनते ही एकदम से घबरा गया...लेकिन फिर संभलकर बोला : "क्यो भाई...आजकल तू उन्हे खुश नही रखता क्या जो मुझे याद करती है....''

ऐसा मज़ाक उनमे अक्सर चलता रहता था...

अनिल : "अबे , ऐसा कुछ नही है...लेकिन पिछले एक हफ्ते में अक्सर तेरा कोई ज़िक्र छेड़ देती है...मैने तो कल बोल भी दिया की इतनी ही याद आ रही है तो उसे घर बुला लो... हा हा''

वो बेवकूफ़ हंस तो रहा था..पर ये नही जानता था की ये काम तो वो कब का कर चुकी है..

अजय : "भाई...एक बात सुन ले...जिस तरह से हम मर्दों का मन करता है ना बाहर की बिरयानी खाने का, उनका भी दिल मचलता है किसी और की टंगड़ी कबाब चूसने का...ये मैं अपने पर्सनल एक्सपीरिएंस से बोल रहा हू...समझा...''

ये सुनते ही अनिल एकदम सीरियस सा हो गया...जैसे ये बात उसे ही सुनाने के लिए कही थी अजय ने...

अजय : "अरे ...तू क्यो परेशान हो गया....अपने उपर ना ले ये सब...तू बस रचना के उपर फोकस रख...''

अनिल भी रचना के पीछे हाथ धोकर पड़ा हुआ था.



अनिल : "अब क्या रचना पर फोकस रखू...उसे तो तूने अपनी सेक्रेटरी बना लिया है...अब तो वो मेरे पास आने से रही...लेकिन अपना वादा याद है ना...जब भी मिलेगी, मिल बाँटकर खाएँगे...''

अजय : "हाँ ..भाई...याद है...पहले मेरा नंबर तो लगने दे...''

और जिस हिसाब से उसकी स्टोरी रचना के साथ चल रही थी और उपर वाला उसपर मेहरबान था, वो नंबर भी जल्द ही लगने वाला था..

कुछ देर बैठकर अनिल अपनी जगह वापिस चला गया...रचना का कंप्यूटर और सारा सामान अजय के केबिन में शिफ्ट कर दिया गया, लंच के बाद रचना के साथ बैठकर उसने प्रॉजेक्ट से जुड़ी सारी बाते समझाई...और उसका बॉस होने के नाते उसे मन लगाकर काम करने की हिदायत भी दी...और साथ ही उसकी सैलेरी भी बड़ा दी ताकि उसे ये सब करने में थोड़ा मोटीवेशन भी मिले..

वो तो पहले से ही अजय की सेक्रेटरी बनने से काफ़ी खुश थी, उपर से इन इनक्रिमेंट ने तो उसे बहुत खुश कर दिया...उसकी समझ में नही आ रहा था की वो अजय को कैसे थेंक्स बोले..

शाम के समय,एक पेपेर को फोटोकॉपी करते हुए जब वो नीचे गिरे पेपर को उठाने के लिए झुकी तो अजय का लंड एक बार फिर से हिनहीना उठा.....वो तुरंत खड़ा हुआ और रचना के पीछे जाकर खड़ा हो गया...और धीरे से उसने अपने शरीर को उसके बदन से सटा दिया.

रचना एकदम सहम गयी....ऑफीस में ये कैसी हरकत कर रहे है अजय...बस यही सोचकर उसने दरवाजे की तरफ देखा...

अजय ने उसके पेट पर हाथ रखते हुए कहा : "फ़िक्र ना करो...मेरे केबिन में मुझसे बिना पूछे कोई नही आएगा...''

और इतना कहकर उसने झुककर उसकी गर्दन पर एक छोटी सी किस्स कर दी..



वो सिहर उठी. 


अजय : "तुम खुश तो हो ना...कही तुम्हे ऐसा तो नही लग रहा की मैने तुम्हे फँसा दिया है यहाँ ...बोलो...''

रचना : "नही नही...ऐसा बिल्कुल नही है....इन्फेक्ट मुझे तो इस बात की बहुत खुशी है...आप नही जानते ,मैं तो खुद आपको थेंक्स बोलने वाली थी...''

अजय उसकी गांड में अपने लंड को चुभोता हुआ बोला : "तो बोलो ना....रोका किसने है...''

रचना उसकी तरफ पलटी....उसका चेहरा शर्म से लाल हुआ पड़ा था...आँखो में गुलाबीपन था ...वो धीरे से बोली : "ऐसे नही....ढंग से बोलूँगी आपको थेंक्स ..घर जाते हुए...कार में ...''

और अजय के खड़े हुए लंड को घिसते हुए वो वापिस अपनी चेयर पर जाकर बैठ गयी..

अजय तो उसके बोलने का तात्पर्य समझकर ही उत्तेजना के पेड़ पर जा बैठा ..वो सोचने लगा की काश इस वक़्त वो उसके साथ कार में होता...या कहीं और, जहां किसी बात का डर ना होता तो वो उसे वही नंगा करके चोद डालता...

लेकिन ,जब शेर का पेट भरा होता है तो वो अपने नये शिकार के साथ थोड़ा खेलता है...यही अजय भी करना चाहता था...अपनी कॉलेज लाइफ में और कुंवारेपन में जो मज़े वो नही ले पाया था, वो अब रचना के साथ लेना चाहता था...चुदाई के लिए तो अभी उसके पास काफ़ी माल था...

रचना के लिए तो अजय एक पहले प्यार जैसा ही था...थोड़ी बहुत छेड़ छाड़ ,किस्सस, गले मिलना और रोमांस करना ही नये प्यार करने वालो के लिए बहुत है...हालाँकि अजय कई चूतें मार चुका था, लेकिन इस नये प्यार के एहसास ने उसके भी दिल की तरंगे बजा दी थी ..

और दोनों अपने-२ एहसासों में डूबे शाम का इन्तजार करने लगे 


शाम को जब छुट्टी का टाइम हुआ तो अजय अपने बॉस के पास बैठा हुआ था...वो बॉस के केबिन में बैठकर देख पा रहा था की एक-एक करके सारे एंप्लायीस घर जा रहे है...लेकिन रचना अभी तक उसके केबिन में ही रुकी हुई थी...शायद उसे अजय का इंतजार था,आज की शाम उसे थेंक्स बोले बिना वो भी नही जाना चाहती थी.

लेकिन अजय के बॉस ने एक ऐसा टॉपिक छेड़ा हुआ था की वो मीटिंग एक घंटे से पहले निपटने वाली नही थी..अजय कुछ बोल भी नहीं सकता था..आख़िरकार नयी-2 प्रमोशन जो मिली थी उसको.

और करीब 15 मिनट तक अजय का इंतजार करने के बाद रचना भी अपना बेग समेटकर केबिन से बाहर निकल आई....जाते हुए वो उनके केबिन की तरफ ही देख रही थी...और उसके चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की वो काफ़ी उदास है...

लेकिन अजय कुछ कर नही सकता था...बेचारा अपना लंड मसोसकर रह गया...कुछ ही देर में पूरा ऑफीस खाली हो गया...

करीब आधे घंटे बाद अजय के बॉस ने वो मीटिंग ख़त्म की...अजय ने अपने पेपर्स समेटे,केबिन में जाकर लॅपटॉप बेग में डाला और बुझे मन से ऑफीस से बाहर निकल आया.

बाहर का मौसम करवट ले चुका था..पूरे दिन घने बादल रहने के बाद अब बरस उठे थे...घनघोर बारिश हो रही थी...अजय ने मन में सोचा 'काश इस सेक्सी मौसम में रचना मेरे साथ होती..'

तभी पीछे से आवाज़ आई : "मेरे बारे में सोच रहे हो क्या ?''
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08-31-2018, 04:45 PM,
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
अजय ने तुरंत पलट कर देखा, वो रचना थी...जो जाने कितनी देर से , ऑफीस के बाहर एक पेड़ के नीचे रुककर अजय का इंतजार कर रही थी..बारिश की बौछारों से उसका बदन भीग भी गया था, लेकिन वो पूरी नही भीगी थी..

अजय का चेहरा उसे देखकर फिर से खिल उठा , वो तो उसके बदन से बारिश की बूँदों को फिसलते देखकर मंत्रमुग्ध सा हो गया.



''अब देखते ही रहोगे या दरवाजा भी खॉलोगे....आई एम टोटली वेट्ट ...''

वो वेट्ट कहाँ -2 से है, ये अजय भी देखना चाहता था..



''ओह्ह्ह ...हाँ .....येस्स .....आओ जल्दी....'' अजय ने इतना कहकर तुरंत गाड़ी खोल दी और रचना दूसरी तरफ से अंदर आकर बैठ गयी.

अंदर बैठते ही रचना ने अपने बेग से एक हेंड टावल निकाला और अपने सिर और बाजुओं को पोंछने लगी....और अजय उसे ऐसा करते हुए एकटक देख रहा था.

रचना तो भाँप ही चुकी थी की अजय की नज़रें उसकी तरफ ही है.

वो बोली : "ऐसे क्यों देख रहे हो मुझे...पहले कभी देखा नही क्या...''

अजय : "देखा तो है...लेकिन मुझे नही पता था की भीगने के बाद तुम और भी निखर जाती हो...बिल्कुल गुलाब की तरह...''

अजय की ये बात सुनकर वो शरमा गयी...लड़कियो को अपनी तारीफ और ऐसी बातें बहुत पसंद आती है...ये अजय बेख़ुबी जानता था.

अजय : "तुम तो नैचुरल ब्यूटी हो....पानी से धुलने के बाद तुम्हारा चेहरा इस लुक में और भी प्यारा लग रहा है...

वो कांपती आवाज़ में बोली : "अब बस भी करो सर ....और यहां से चलिए...''

अजय ने भी वहां से निकलने में भलाई समझी...क्योंकि उसके पीछे-2 उसके बॉस भी निकलने वाले थे और वो नही चाहता था की वो रचना को उसकी कार में देखे..

भारी बारिश की वजह से लोग सड़को पर नही थे...अजय भी कार बड़े आराम से चला रहा था...उसे पता था की अभी के लिए उसे और क्या-2 करना है.

उसने कार एक सुनसान सी जगह पर रोक दी....मैन हाइवे से थोड़ा अंदर लेजाकर ...चारों तरफ घने पेड़ थे, अँधेरा भी काफी था.

रचना समझ तो गयी थी की उसने कार क्यों रोकी है...फिर भी उसने पूछा : "क्या हुआ सर ....गाड़ी क्यों रोक दी...''

अजय : "देखो ना...कितनी बारिश है...एक्सीडेंट हो गया तो...तुम्हारे घर वाले तो मुझे ही पकड़ेंगे ना...''

वो हंस दी..साफ दिख रहा था की वो अब नर्वस हो रही है.

अजय : "तो....कैसे थेंक्स करना चाहती थी मुझे ''

अजय सीधा मुद्दे की बात पर आ गया.

सो सकपका सी गयी...और थोड़ा रुककर बोली : "मुझे शर्म आ रही है...''

अजय : "तो आँखे बंद कर लो...''

रचना : "मेरी आँखे बंद होने से कुछ नही होगा....आप बंद करो अपनी.''

अजय ने मुस्कुराते हुए आँखे बंद कर ली...और सोचा 'चाकू खरबूजे पे गिरे या खरबूजा चाकू पर,एक ही बात है, तू ही आजा'

फिर अजय को उसके हिलने का एहसास हुआ...और वो अपना घुटना सीट पर रखकर उसकी तरफ झुकी.

अजय को उसके परफयूम की महक बहुत करीब से महसूस हुई...वो उसे किस्स करने आई थी...अजय की आँखे बंद थी..


वो कुछ देर तक उसके भोले से चेहरे को देखती रही और बहुत ही धीमी आवाज़ में बोली : "थेंक्स अजय...थेंक्स फॉर एवरिथिंग ...''

और इतना कहकर उसने अपने लबों को अजय के होंठों से सटा दिया.



ये पहला मौका नही था जब अजय ने उसके होंठों को छुआ था...लेकिन इस वक़्त जो माहौल बना हुआ था उसका मुकाबला उस अंधेरी गली से नही किया जा सकता था जहाँ उन्होने पिछली बार किस्स की थी.

बारिश की बूंदे कार की छत पर तड़ातड़ बरस रही थी...और अंदर इतनी गर्म लड़की अजय को किस कर रही थी...अजय से और सब्र नही हुआ...उसने अपनी आँखे खोल दी...सामने रचना थी जो अपनी आँखे बंद करके अजय के होंठों को चूसने का लुत्फ़ उठा रही थी...अजय ने उसकी कमर मे हाथ डालकर उसे अपनी गोद में खींच लिया और उसकी किस्स का जवाब अपने तरीके से देने लगा.

वो भी कसमसाती हुई...आउच बोलती हुई, उसकी गोद में खींचती चली आई...ऐसा करने से अजय को दुगने मज़े का एहसास हुआ...एक तो उसकी मदमस्त गांड ठीक उसके खड़े लंड के उपर आकर टिक गयी...और उपर से उसके बूब्स भी अजय की छाती से पीसकर अपने नरम और कड़क पन के एहसास को एकसाथ छोड़ने लगे.

अजय ने अपने लंड को किसी तीर की तरह उसकी गांड में चुभोते हुए अपनी कमर हवा में उठा दी....और उसकी चुभन के एहसास से रचना भी काँप उठी...आख़िर लंड की छुवन होती ही ऐसी है...किसी भी जवान लड़की को अंदर तक गीला कर देती है...जो शायद इस वक़्त रचना के साथ भी हो चुका था...बाहर से तो उसका बदन भीग ही चुका था, अंदर से भी भीग जाने के बाद तो उसे ऐसा लगने लगा की वो पूरी गीली हो गयी है...और उसे ये 'गीलापन' बहुत अच्छा लग रहा था.

तभी एक जोरदार गर्जना के साथ बिजली चमकी ...और डरकर रचना और ज़ोर से लिपट गयी उससे...अजय को अपनी छाती पर उसके शूल चुभते हुए से महसूस हुए...वो धीरे-2 अपने हाथ उनपर ले गया...लेकिन रचना ने उन्हे पकड़कर नीचे कर दिया...उनकी किस्स अभी तक चल रही थी...दोनो एक दूसरे के होंठों को किसी पनीर के टुकड़े की तरह मज़े ले-लेकर चूस रहे थे..

अजय ने एक बार फिर से अपना हाथ उपर किया...और रचना के विरोध के बावजूद उसने रचना के बूब्स को पकड़ ही लिया..

उसे तो ऐसा लगा जैसे कोई सख़्त नारियल पकड़ लिया हो...उतने ही बड़े और लगभग उतने ही कठोर...ऐसे कड़क मुम्मे तो उसने आज तक नही पकड़े थे...शायद उसकी बॉडी का सारा खून इस वक़्त उसकी चुचियों में आकर जम चुका था...और उन्हे पत्थर बना दिया था...लेकिन अजय भी घाघ किस्म का आदमी था, उसने अपनी उंगलियों से जब उसके निप्पल को छेड़ा तो वो सारा खून एक पल में ही पिघल गया...और वो बूब्स अब किसी पानी से भरे गुब्बारे की तरह उसकी हथेली में फिसल रहा था...गीले कपड़े के साथ मुम्मे को पकड़ने में इतना मज़ा आता है ये अजय को आज ही पता चला..



अगले 5 मिनट तक अजय के हाथ उसके पूरे जिस्म पर घूमते रहे...कभी वो दोनो हाथों से उसके बूब्स दबाता...कभी हाथो को नीचे लेजाकर उसकी नाभि वाले हिस्से को मसलता...फिर पीछे लेजाकर उसकी गद्देदार गांड को मसलता.... और कभी उसकी जांघों की चर्बी को रगड़ता ...कुछ ही देर में उसने किसी कुशल और ठरकी दर्जी की तरह उसके हर अंग का सही से नाप ले लिया...



फिर जब साँस लेने के लिए दोनो के होंठ अलग हुए तो ऐसा लग रहा था जैसे तेज़ी से भागती हुई दुनिया रुक गयी है..रचना अपना पूरा भार लिए अजय की गोद में चड़कर बैठी हुई थी...उसके कपड़े अस्त-व्यस्त हो चुके थे...अंदर से भावनाए जाग उठी थी...अजय ने कुछ बोलना या करना चाहा की तभी उसका मोबाइल बाज उठा...वो प्राची का फोन था.

अजय ने फोन उठा कर कान से लगा लिया...रचना ने भी देख लिया था की उसकी वाइफ का फोन है...फिर भी वो उसकी गोद ने नही उतरी...बल्कि अपना सिर उसके कंधे पर रखकर अपने होंठों से उसकी गर्दन पर किस्स करने लगी...उसे चूसने लगी.

प्राची को अजय की चिंता हो रही थी...बारिश काफ़ी तेज थी...वो उसे संभलकर घर आने के लिए बोल रही थी..अजय तो बस हूँ हाँ करता रहा ...क्योंकि उसकी गोद में बैठी रचना बड़े ही सैक्सुअल तरीके से अपने शरीर को घिसती हुई उसे किस्स कर रही थी..

कार में इस वक़्त ऐसा माहौल बन चुका था की अगर अजय चाहता तो वो इस वक़्त कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाती...पहले आशिक़ के हाथों अपनी जवानी मसलवाने में जो मज़ा आता है वो इस वक़्त रचना उठा रही थी...

लेकिन अजय तो हमेशा से ही तड़पाकर मज़े देने में एक्सपर्ट था...उसके हिसाब से अभी के लिए इतना बहुत था...क्योंकि आगे के लिए उसके पास और भी काफ़ी धांसू आइडिया थे जिसमे वो रचना के साथ हर तरह के मज़े ले सकता था.

अजय : "प्राची परेशान हो रही है...आई थिंक अब हमे चलना चाहिए....''

बेचारी रचना का चेहरा उतर सा गया...शायद वो भी सोच रही थी की ये कैसा आदमी है जो इतने अच्छे मौके का फयदा नही उठा रहा है...बेचारी बेमन से उसकी गोद से उतरकर वापिस अपनी सीट पर चली गयी...अजय ने गाड़ी स्टार्ट की और संभलकर चलाते हुए दोनो घर की तरफ चल दिए.

थोड़ी देर बाद दोनो नॉर्मल बातें करने लगे..और ऐसे ही बाते करते-2 उनका घर आ गया...

उसका तो उतरने का भी मन नही कर रहा था...लेकिन वो भी जानती थी की अभी के लिए तो कुछ पॉसिबल नही है...और वैसे भी ये मौके तो अब हर रोज आया करेंगे..

वो एक बार फिर से उसकी तरफ झुकी और एक छोटी सी किस्स करके जल्दी से उतर गयी.

और अजय वापिस अपने घर की तरफ चल दिया.

और घर जाते हुए एक बार फिर से उसके दिमाग़ में उसकी दोनो सालियों और सासू माँ के चेहरे घूम गये...आज की रात वो किसका शिकार करेगा ये तो वो नही जानता था...लेकिन जो भी होने वाला था उसके साथ उसके लिए तो वो खुद भी तैयार नही था.
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08-31-2018, 04:45 PM,
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
46



**********
अब आगे
*********


अजय हमेशा की तरह अपने ससुराल गया पहले, दरवाजा उसकी सासू माँ ने खोला.वो देख नही पाया लेकिन वो थोड़ी मायूस सी थी..

अजय ने उनके सेक्सी शरीर को निहारा और अंदर आते हुए उसे रगड़ता हुआ प्राची के रूम की तरफ चल दिया.

पीछे से उसकी सास ने कहा : "प्राची वहां नही है...वो वापिस चली गयी ...अपने घर..''

अजय एकदम से चोंक गया...ये कैसे हो गया...वो अपनी सास की तरफ पलटा और उसने सवालो की झड़ी लगा दी.

''लेकिन क्यो....उसे तो डॉक्टर ने मना किया था अभी...ऐसे क्यो किया, इतनी उपर सीडिया कैसे चढ़ गयी वो...''

रजनी ने सब बाते आराम से सुनी और बोली : "वो डॉक्टर से बात कर चुकी है...उन्होने ही ऐसा करने को कहा था,अगर कोई प्राब्लम ना हो तो...और वैसे भी,प्राची काफ़ी दिनों से कह रही थी की उसे अब तुम्हारी बहुत याद आ रही है...वो यहाँ बोर हो रही थी...''

अजय : "मेरी याद आ रही है...हम तो रोज मिलते है...इसमे उदास होने वाली क्या बात है...''

रजनी (मंद-2 मुस्कुराते हुए) : "समझने की कोशिश करो अजय....वो तुम्हे किस तरह से मिस कर रही है...''

अपनी सास की बात सुनकर वो समझ गया की आख़िर प्राची ने ऐसा क्यो किया....उसकी चूत में खुजली हो रही होगी...और अपने मायके में रहकर वो रोज तो चुदाई नही करवा सकती ना...और शायद इसलिए रजनी के चेहरे पर मायूसी थी, क्योंकि प्राची के वापिस घर आ जाने के बाद अजय रात को उनकी चुदाई तो बिल्कुल भी नही कर पाएगा..

रजनी के साथ-2 अजय भी परेशान था, रजनी को अपनी चुदाई की चिंता थी और अजय को उनके साथ-2 पूजा और रिया की भी...काश वो पहले ही रिया की मार लेता, अब तो पूजा और रजनी की मारनी भी मुश्किल लग रही है..

लेकिन ये सब बाते बाद में सोची जा सकती थी, पहले उसे प्राची को देखना था, उसे इस वक़्त प्राची की काफ़ी चिंता हो रही थी.

वो तुरंत अपने घर की तरफ चल दिया

जाते-2 रजनी ने ये भी बता दिया था की इस वक़्त पूजा और रिया प्राची के साथ ही है.

वो सीधा उपर गया,दरवाजा पूजा ने खोला, अपनी माँ की तरह उसका चेहरा भी उतरा हुआ था.

लेकिन इस वक़्त अजय को उससे ज़्यादा अपनी वाइफ की चिंता थी...थोड़ा डांटना भी था उसे.

लेकिन उसके पास पहुँचते ही वो सब भूल गया, प्राची ने जैसे ही उसे देखा वो उसके पास आई और गले से लिपट कर ज़ोर से हग किया...प्राची को इस वक़्त अपनी बहनो की भी चिंता नही थी जो अपनी आँखे फाड़े अपनी बहन को अपने जीजू के साथ चिपके देख रही थी...ऐसा प्राची कभी नहीं करती थी,किसी के सामने उसने पहली बार अजय को इस तरह से हग किया था.

अजय (थोड़ी चिंता भरे स्वर में ) : "प्राची....ये क्या है...तुम्हे डॉक्टर ने मना किया था ना, फिर क्यों इतनी सीडियां चड़कर उपर आई....तुम्हारा हर हफ्ते चेकअप है...ऐसे बार-2 सीडिया उतरना-चड़ना तुम्हारे और बच्चे के लिए सही नही है...''


प्राची : "अजय....मैने अपनी गायनो से बात कर ली थी सुबह ....और तभी मैं आई हूँ ...उन्होने कहा है की लास्ट के 2-3 हफ्ते ही बचे है...और वो घर आकर मेरा चेकअप कर लिया करेगी...वैसे भी काफ़ी दिनों से मैं वहां रहकर बोर सी हो गयी थी....एंड ..आई वाज़ मिस्सिंग यू .....''

उसकी बात सुनकर रिया और पूजा एक साथ बोल पड़ी : "ओहो......ओहो......''

उन्हे इस तरह से छेड़ता देखकर प्राची शरमा सी गयी...और अजय के सीने में सिर घुसा कर छुप गयी..

रिया : "चलो दीदी....अब यहां हमारी कोई ज़रूरत नही है....यहाँ से निकलना ही बेहतर है....ही ही..''

और दोनो बहने हँसती हुई बाहर की तरफ जाने लगी...

तभी पीछे से प्राची ने आवाज़ लगाई और बोली : "अच्छा सुनो....तुम दोनो में से एक को तो यही रुकना पड़ेगा ना...रात को अगर मुझे कोई हैल्प चाहिए होगी तो...और सुबह अजय का टिफिन भी तो तैयार करना होगा...मम्मी कहाँ तक करेंगी ये सब....''

प्राची की बात सुनकर दोनो के चेहरे पर चमक आ गयी....और दोनो ने एक साथ चहकते हुए कहा : "ओके ...ठीक है...मैं रुकूंगी...''

दोनो को एक साथ इतने इंटरस्ट से वहां रुकने के लिए लालायित होते देखकर प्राची भी मुस्कुरा दी...पर उसके पीछे का सच उसके अलावा तीनो ही जानते थे...

अजय ने बात संभाली , ताकि प्राची को एकदम से कोई शक़ ना हो जाए

वो बोला : "रिया, तुम नही, तुम्हारा तो कल एग्जाम है ना, नये कॉलेज में इस तरह से बेफिक्री से रहोगी तो फ़ेल हो जाओगी...तुम घर जाकर पढ़ाई करो, पूजा संभाल लेगी यहाँ ...''

बेचारी बुदबुदाती हुई वहां से निकल गयी....पूजा का दिल और चूत एक साथ पुलकित हो उठे...उसे अपना काम तो बनता हुआ दिख रहा था आज की रात...लेकिन वो नही जानती थी की अजय का उसे रोकने के पीछे कोई ख़ास मकसद नही था, वो प्राची के रहते हुए ऐसा कोई रिस्क नही लेना चाहता था जिसकी वजह से कोई परेशानी हो..

और वैसे भी अपने घर आने के बाद प्राची आज की रात जम कर चुदवायेगी और उसके बाद पूजा को चोदने के लिए रस बचना ही नही था उसके अंदर...

खैर...रिया के जाने के बाद पूजा किचन में जाकर रात के खाने का इंतज़ाम करने लगी...अजय भी फ्रेश होकर प्राची के साथ आकर बैठ गया,और एक अच्छी पत्नी की तरह प्राची ने पहले से ही फ्रिज से ठंडी बियर की बॉटल्स निकाल कर टेबल पर लगा दी..वो भी जानती थी की पीने के बाद अजय उसकी जमकर चुदाई करता है..

अजय ने वही बैठकर पी और किचन में काम कर रही पूजा को भी देखता रहा..और इस बात का ध्यान भी रख रहा था की प्राची ऐसा करते हुए उसे ना पकड़ पाए..

अजय के दिमाग़ में भी कुछ-2 चल रहा था...ताकि पूजा को कम से कम वहां रुकने का कुछ तो इनाम मिले...

और जब कुछ देर के लिए अपने बेडरूम में गयी तो अजय उठकर पूजा के पास गया और बोला : "तुम्हारे यहाँ रुकने के पीछे जो मकसद है, वो आज की रात तो पूरा नही हो सकेगा...''

पूजा (मुस्कुराते हुए) : "कोई बात नही...मेरे लिए इतना ही बहुत है की मैं आपके साथ हूँ ....आज ही नही मिलोगे ना...कब तक बचोगे मुझसे...''


वो अपने होंठों को दांतो तले दबाकर इतने सेक्सी अंदाज में बोली की अजय ने एकदम से आगे होकर उसके होंठों को चूम लिया...ऐसा करने से पहले उसने देख लिया था की प्राची वापिस नही आ रही है..

पूजा तो इतने मे ही खुश हो गयी...उसका भी मन करने लगा की वो भी किस्स करे...पर वो पासिबल नही था...

अजय : "अच्छा सुनो....लाइव टेलीकास्ट देखना चाहोगी...आज की रात का...थोड़ा टाइम पास हो जाएगा तुम्हारा भी...''

ये सुनते ही पूजा की आँखे चमक उठी...वो समझ गयी की अजय किस लाइव टेलीकास्ट की बात कर रहा है..

उसने तुरंत हाँ कर दी...अजय भी वापिस अपनी सीट पर आकर बैठ गया..

पूजा को अपनी चुदाई दिखाकर वो उसे कुछ नया ज्ञान भी देना चाहता था, क्योंकि अपनी पहली चुदाई में उसने वो सब नही किया था जो एक चुदक्कड़ औरत को करना चाहिए...और ये सीखने का इससे अच्छा अवसर और कोई हो ही नही सकता था..

अब अजय और पूजा दोनो को रात के शो का इंतजार था.


खाना खाने के बाद जब कपड़े बदलकर अजय बेडरूम में लेटा हुआ था तो बाहर का काम समेट कर प्राची अंदर आई...और उसने अंदर आते ही दरवाजा बंद कर दिया और चिटकनी लगा दी.

उसने एक बड़ी ही सेक्सी नाइट ड्रेस पहनी हुई थी.

उसे ऐसा करते देखकर अजय बोला : "लगता है मेरे क़त्ल का इरादा है जनाब का...लेकिन ये दरवाजा बंद क्यो कर दिया...''

प्राची (मुस्कुराते हुए) : "ताकि, तुम्हारा जब क़त्ल हो तो पूजा ना देख पाए...''

अजय उठकर उसके पास आया और उसे अपनी बाहों में लेकर बोला : "डार्लिंग...वो अपने कमरे में ही होगी, उसकी वैसे भी इतनी हिम्मत नही है की हमारे कमरे की तरफ आए...पहले भी तो रह चुकी है वो यहाँ ऐसे...इस तरह से कमरा बंद करने से अच्छा नही लगेगा..ये लाइट बंद कर दो,सब ठीक हो जाएगा...''

अजय तो पूजा को नाइट शो का प्रोमिस कर चुका था, इसलिए उसे किसी भी सूरत में ये दरवाजा खुला रखना था, ताकि वो अंदर झाँककर उनकी चुदाई देख सके..

अजय ने चिटकनी खोल दी और लाइट बंद कर दी.

प्राची ने उसके बाद कुछ नही बोला, वैसे भी वो सैक्स के टाइम किसी भी बात पर बहस करके अपना और अजय का मूड खराब नही करती थी.

लेकिन दरवाजा बंद होने के बाद पूरे कमरे में घुपप अंधेरा छा गया...उन दोनो को कुछ भी दिखाई नही दे रहा था...इसलिए अजय ने नाइट बल्ब जला दिया...और प्राची को लेकर बेड की तरफ आ गया...जाते-2 उसने हल्का सा दरवाजा भी खोल दिया ताकि उसमें से पूजा अंदर झाँक कर देख सके....

ऐसी सिचुएशन में भी बड़ी चिंता हो रही थी अजय को अपनी साली की...ऐसा जीजा सभी को मिलना चाहिए...वैसे जीजा तो सभी को ऐसा ही मिलता है,बस सालियां ही अपने जीजे के मन की बात नही समझती.

खैर, इधर अजय के रूम का दरवाजा बंद होते ही अपने कमरे में बैठी पूजा किसी बिल्ली की तरह चौकन्नी हो गयी, उसे पता चल चुका था की अब किसी भी पल शो शुरू हो सकता है..कुछ देर रुककर वो दबे पाँव बाहर निकली, पूरे घर की लाइट्स बंद थी, सिर्फ़ अजय के बेडरूम से हल्के नाइट बल्ब की रोशनी बाहर की तरफ आ रही थी...पूजा दबे पाँव दरवाजे तक गयी और छुपकर अंदर देखने लगी.

अंदर अजय ने प्राची को बेड पर लिटा दिया था...और धीरे-2 उसने उसकी टी शर्ट को उपर करके उसके फूले हुए पेट को उजागर किया...इस बेडोल शरीर के बाद भी प्राची बहुत सेक्सी लग रही थी...उसका दूध से नहाया हुआ बदन नाइट बल्ब की रोशनी में चमक उठा...अजय ने झुककर उसके पेट पर एक हल्की सी किस्स कर दी.


अजय के गीले होंठों की चुभन से प्राची सिहर उठी..और बिस्तर पर किसी नागिन की तरह मचलने लगी..

''ओह अजय..............माय डार्लिंग.....''


अजय के किस्स को बाहर खड़ी पूजा ने भी महसूस किया...ठीक उसी जगह पर जहाँ प्राची को किस्स किया था उसने...पूजा ने अपनी टी शर्ट उठा कर अपनी उंगलियों को मुँह में डालकर थोड़ा सा गीला किया और पेट के उसी हिस्से पर लगा दी..उसे यही एहसास हुआ की उसे भी वो किस्स मिल गयी है.

वो धीरे से बुदबुदाई : "ओह जीजू.............माई डार्लिंग.....''

अजय ने प्राची की टी शर्ट को उपर तक उठा दिया और उसके मोटे ताजे बूब्स उछल कर बाहर निकल आए....उसने ब्रा नही पहनी थी.



अजय ने दोनो को जी भरकर देखा और अपने होंठों को जीभ से गीला किया...प्राची ने उसके सिर पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ खींच लिया, और अपने बूब्स को उसके मुँह में ठूस दिया..और चिल्लाई

''चूसूऊऊऊऊऊऊऊऊऊसो अजय................ उम्म्म्मममममममममम..... ज़ोर से सकक्क करो इन्हे....''

अजय ने बिना कोई देरी किए अपने दाँतों और होंठों से उसे चूसना शुरू कर दिया..
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