Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
08-31-2018, 04:38 PM,
#81
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
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अब आगे
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आज अजय की छुट्टी थी...ईद की...इसलिए वो काफ़ी देर तक सोता रहा..

और आज ही प्राची का वीकली चेकअप भी था...ईद की छुट्टी होने के बावजूद उसकी गायनो ने सिर्फ़ 12 बजे तक ही अपना क्लिनिक खोल कर रखा हुआ था..अजय काफ़ी गहरी नींद में था..इसलिए उसने अपनी माँ रजनी को फोन कर दिया और उनके साथ क्लिनिक के लिए निकल गयी.

जाते हुए रजनी ने अपनी बेटी पूजा को उठा दिया..और उसको अपने जीजू के नाश्ते की ज़िम्मेदारी पर लगा गयी.

वैसे तो पूजा को काफ़ी गहरी नींद आ रही थी...एक तो वो रात को काफ़ी देर तक रिया के साथ मज़े लेने के बाद सोई थी..करीब 3 बजे, उपर से छुट्टी वाले दिन उठना उसे बहुत बड़ा टॉर्चर लगता था..पर अपने जीजू का नाम सुनकर उसकी सारी नींद हवा हो गयी...और वो तुरंत बाथरूम में घुसकर नहा धोकर तैयार हो गयी.

उसने एक स्कर्ट और उसके उपर शर्ट पहनी...और जान बूझकर उसने आज अंदर ब्रा नही पहनी..

ऐसा तो तब होता था जब उसकी चुचियाँ नींबू जितनी थी...अब तो नारियल जितनी बड़ी और कठोर हो चुकी है...ब्रा ना पहनकर उसके तन - बदन में अलग ही तरह का रोमांच भर रहा था.

रिया को वो गहरी नींद में छोड़कर जल्दी-2 अपने प्यारे जीजू के पास पहुँच गयी.

वहां पहुँचकर देखा तो अजय नींद में बेसुध होकर सो रहा था..पूजा उसकी बगल में बैठ गयी..और बड़े ही प्यार से उसे निहारने लगी..सोते हुए कितना मासूम सा लग रहा था वो...पर उठकर कैसी-2 शरारते करता है ये बदमाश...यही सोचती हुई पूजा मुस्कुरा दी..वो सोते हुए भी इतना टेंप्टिंग सा लग रहा था की ना चाहते हुए भी पूजा अजय के उपर झुकती चलती गयी और उसने होल से अपने गीले लबों से उसके गालों को चूम लिया..

ऐसा करते हुए उसके गीले बाल फिसलकर नीचे आ गये और एक परदा सा बनकर उसके बालों ने उन दोनो के चेहरों को छुपा लिया...एक तो पहले से ही कमरे में अंधेरा था..उपर से ऐसा रोमॅंटिक सा अंधकार होते ही पूजा की जवानी ने एक जोरदार अंगड़ाई ली और उसने आवेश में आकर अपने होंठों को थोड़ा साइड में लाकर अजय के होंठों पर रख दिया और उसे चूसने लगी...पहले धीरे-2 और फिर ज़ोर से...

अपने होंठों के उपर हुए ऐसे हमले से अजय की नींद भी खुल गयी...और अधखुली आँखों से उसने देखना चाहा पर कुछ दिखा नही...फिर वो भी उस चुंबन का रिप्लाइ करने लगा..ज़ोर-2 से...जैसा वो अक्सर किया करता था...रोज सुबह.

यानी...वो ये समझ रहा था की ये किस्स उसकी बीबी प्राची कर रही है...जैसा की वो रोज मॉर्निंग में करती है...उसे उठाने के लिए..नहा धोकर..पूजा करके..वो सीधा आकर उसे चूमती और उठाती थी..

और यही काम जब आज उसकी साली कर रही थी तो उसे पता भी नही चला...पर जैसे ही अजय के हाथ खिसककर उसके मुम्मो पर आए और उसने उन्हे दबाया तो एक जोरदार चीख मारती हुई पूजा दूर जाकर खड़ी हो गयी..

''आआआआआअहह.....जीजू................. ये क्या करते हो.....''

जीजू!!!!! ये सुनते ही अजय उछलकर बैठ गया...और दूर खड़ी होकर शरमा रही पूजा को आँखे फाड़-फाड़कर देखने लगा...और समझने की कोशिश करने लगा की ये सब हो क्या रहा है...ये सच है या वो अभी तक कोई सपना देख रहा है...उसने अपने हाथ पर चुटकी काटी..जिसे देखकर दूर खड़ी पूजा ज़ोर-2 से हँसने लगी.

''ये सपना नही है जीजू....मैं सच में आपके सामने हूँ ....''

अजय के तो सारे के सारे दाँत दिखाई देने लग गये...इतनी हसीन सुबह तो उसकी आज तक नही हुई थी...जिसमे उसकी कुँवारी साली ने उसे ठीक वैसे ही उठाया था जैसे उसकी बीबी उसे रोज उठाया करती है..

अजय : "पर....पर तुम यहा कैसे....और प्राची कहा है...''

पूजा ने उसे सारी बात बताई....जिसे सुनने के बाद अजय की बाँछे खिलती चली गयी....यानी अगले 1-2 घंटे तक वो अपनी साली के साथ अकेला है...

उसके चेहरे पर आ रही शरारती मुस्कान को देखकर पूजा भी समझ गयी की अजय के ठरकी दिमाग़ में क्या चल रहा है...

''नो....नो....नो ......डोंट ईवन थिंक अबाउट देट ....मैं तो बस....आपको जगाने के बाद नाश्ता करवाकर वापिस जा रही हूँ ...''

इतना कहकर वो अपने दाँतो से होंठों को दबाकर जैसे ही वापिस जाने के लिए मुड़ी , अजय ने लपक कर उसकी कलाई पकड़ी और एक झटका देकर उसे अपनी तरफ खींच लिया...और वो स्लो मोशन में एक चकरी खाती हुई सीधा उसकी गोद में आकर गिर गयी...उसके चेहरे पर उसके गीले बालों ने बड़े ही सेक्सी अंदाज से कब्जा कर लिया....जिनके पीछे से वो अपनी गोल-मटोल आँखे दिखाती हुई बोली : "प्लीज़ जीजू ...छोड़ो ना.....क्या कर रहे हो....''

अजय : "वही...जो मैं रोज सुबह करता हूँ प्राची के साथ...अब वो तो है नही तो अपनी आधी घरवाली के साथ एटलीस्ट वो तो कर ही सकता हू ना...''

''क....क्या .....क्या कर सकते हो....'' उसने हकलाते हुए पूछा...उसके दिल की धड़कन अजय को सॉफ सुनाई दे रही थी..


अजय : "वही.... जो तुम मेरे साथ अभी कर रही थी....मुझे सोते हुए जो किस्स तुमने की थी...उसका रिप्लाइ तो लेती जाओ...''

पूजा की साँसे तेज हो गयी ये सुनकर...अजय उसके साथ वो करना चाहता था जो वो अपनी बीबी के साथ करता था...यानी वो उसकी बीबी की तरह है...यानी अजय उसे प्राची की तरह ही समझता है...

ये सोचकर एक अजीब सा अभिमान आ गया उसके अंदर...

और वो धीरे से बोली : "पर सिर्फ़ उतना ही ना...कुछ ज़्यादा तो नही....''

वो शायद चुदने तक के बारे में सोचने लग गयी थी...
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08-31-2018, 04:38 PM,
#82
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
अजय समझ गया की वो क्या सोच रही है, वो बोला : "वो तो बाद की बात है...अभी के लिए तो बस इतना ही....''

और इतना कहते-2 अजय ने अपना चेहरा आगे किया और बाकी का काम पूजा ने कर दिया...बड़ी ही अधीरता के साथ उसने अजय के सिर के पीछे हाथ रखकर अपने होंठ उसके साथ सटा दिए और फिर दोनो एक गहरी फ्रेंच किस्स में डूब गये...



और किस्स करते -2 वो कब बिस्तर पर चड गयी और अपने दोनो बूब्स कब उसकी छाती से रगड़ने लगी, उसे भी पता नही चला...

दोनो एक दूसरे को कुत्ते की तरह चाट रहे थे...चूस रहे थे...

अजय का एक हाथ उसके बूब्स पर घूमने लगा...और उसने शर्ट के उपर से ही उसके उभरे हुए निप्पल को दबा दिया...

वो मचल उठी..पर इस बार उसने अजय को नही रोका...और चूमने में लगी रही..

अजय तो उसके मुम्मो पर हाथ लगाते ही समझ चुका था की उसने ब्रा नही पहनी हुई है...कुछ देर तक उपर से ही हाथ घुमाते रहने के बाद उसकी उंगलिया हरकत में आई और उसने सामने का एक बटन खोल दिया...और फिर उस गेप में अपना हाथ खिसका कर जैसे ही उसके उभारों के नंगेपन को उसने स्पर्श किया, एक मस्ती भरी किलकारी मारती हुई पूजा ने मचलकर उसके खड़े हुए लंड को अपने हाथ में ले लिया..

''आआआआआआआआआआअहह.....सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... उम्म्म्ममममम ममममममम......जीजू....''

एक तो सुबह के वक़्त वैसे ही आदमी का लंड खड़ा रहता है...उपर से ऐसी सेक्सी साली का ये रूप देखकर तो उसका घोड़ा अस्तबल से बाहर आने के लिए हिनहिनाने लगा...और उसने उचकते हुए अपने खड़े हुए लंड को और उपर करते हुए उसके हाथ में भर दिया..

और फिर अजय ने उसके बाकी के बचे हुए बटन भी खोल डाले...पूजा नशे की हालत में आ चुकी थी...ठीक वैसे ही जैसे उस दिन पार्क में हो गयी थी उसकी हालत...उसका कोई ज़ोर नही चल पा रहा था अपने शरीर पर और भावनाओ पर...ना तो वो अपनी उत्तेजना को शांत रख पा रही थी और ना ही अजय को आगे बढ़ने से रोक पा रही थी..

अजय का एक हाथ पूरा अंदर घुस गया...और उसने मुट्ठी भरकर उसकी दाँयी चुचि को ज़ोर से दबा दिया..खड़े हुए निप्पल के साथ-2 उसका पूरा मुम्मा निचोड़ डाला अजय ने...

'उम्म्म्मममममममममम....धीईरए जीजू..................आआआआआआआआआअह दर्द होता है.................''



और ऐसा करते ही अजय ने एक चीज़ नोट की...जैसे ही उसने उसके मुम्मे को दबाया, उसके होंठों की कसावट नर्मी में बदल गयी....और वो पहले से ज़्यादा मुलायम होकर और भी ज़्यादा रसीले भी हो गये...यानी उसके होंठों में अंदर से और मीठापन बाहर की तरफ बरसने लगा...जिसे अजय ने तुरंत पी डाला...

और अब अजय रुका नही....उसने दूसरे हाथ की मदद से बाकी के बचे हुए बटन भी खोल डाले और शर्ट के दोनो पाट खोलकर उसकी नंगी छाती को अपनी आँखो के सामने सज़ा लिया...

पूजा का तो वैसे ही अपने उपर कोई बस नही चल रहा था...उससे भी मना नही किया गया.

उसने तो शर्म के मारे अपनी आँखे ही बंद कर ली...


और जब धीरे-2 उसने आँखे खोलकर देखा तो अजय को मंत्रमुग्ध सा अपनी छातियों की तरफ देखते हुए पाया...अजय आँखो ही आँखो में उसकी सुंदरता की तारीफ कर रहा था...और करता भी क्यो नही...इतनी सुंदर और सुडोल छातियाँ उसने आज तक नही देखी थी...



पार्क मे उनके साथ खेलना अलग बात थी...पर आज यहाँ, अपने ही रूम में , दिन की रोशनी में उन्हे देखकर उसका लंड स्टील जैसा हो गया...और उसने अपने लरजते हुए होंठ धीरे-2 आगे करते हुए उसके निप्पल से लगा दिए...

पूजा ने भी धड़कते दिल से उसके सिर को पकड़कर अपनी छाती से लगा लिया..और छत की तरफ मुँह करते हुए जोरदार सिसकारी मार दी..

''आआआआआआआआआआआहह ............येससस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जीजू................ सकककक मिईईईईईईईईईई''



और अजय ने भी अपना पूरा का पूरा मुँह खोलकर जितना हो सकता था,उतना मुम्मा अपने मुँह में भर लिया...और ज़ोर-2 से चूसने लगा...प्राची से तो छोटे ही थे उसके मुम्मे....इसलिए उसे बड़ी आसानी से अपने मुँह में भर पा रहा था वो...एक के बाद दूसरा ...और फिर से पहला...ये करते-2 वो करीब 10 मिनट तक उन्हे चूसता रहा...और अपनी थूक और दाँतों से उसे गीला और लाल सुर्ख कर दिया..


पूजा भी अजय से अपने बूब्स चुसवाते हुए ऐसे मुस्कुरा रही थी जैसे माँ पहली बार अपने बच्चे को दूध पिलाते हुए खुश होती है...उसे इतने मज़े से बूब्स चूसता हुआ देखकर वो उसके बालों में उंगलियाँ घुमाती हुई बोली : "आपको बहुत पसंद है ये...''

उसका इशारा अपने मुम्मों की तरफ था 

अजय ने हाँ में सर हिलाया 

पूजा ने धड़कते दिल से अपनी शर्ट को धीरे-२ अपने बदन से अलग किया और उतार कर फेंक दिया 
अब वो टॉपलेस होकर बैठी थी उसके सामने 



पूजा : "और.... सकिंग करना भी ...''

अजय ने उसे चूसते -2 उसकी आँखो में देखा और बोला...''सिर्फ़ यहीं की सकिंग नही....यहाँ की भी पसंद है ....''

इतना कहते-2 उसने अपना एक हाथ उसकी गीली चूत पर लगा दिया....और अजय का हाथ वहां लगते ही पूजा का पूरा शरीर झनझना उठा....उसे कल रात की सारी बातें याद आने लगी, जिसमे वो आँखे बंद करवाके रिया से अपनी चूत चुसवा रही थी,और अपने जीजू को इमेजिन कर रही थी , वो सब सोचकर एक बार फिर से उसकी साँसे तेज होने लगी...दिल की धड़कनें जोर -२ से चलने लगी 

वो कहना तो चाहती थी की .... नही......ऐसा मत बोलो ...ये ग़लत है...

पर उसके मुँह से निकला.....

''तो चूसो ना जीजू.....देर किस बात की है...''
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08-31-2018, 04:38 PM,
#83
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अब आगे
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अगर सुबह -2 नाश्ते में ,कुँवारी साली की चूत चूसने को मिल जाए तो जिंदगी का अपना ही मज़ा है...शायद ही कोई ऐसे मौके को हाथ से जाने देगा...और हमारे अजय जैसा ठरकी तो बिल्कुल भी नही...

अजय के हाथ हरकत में आए और साँप की तरह रेंगते हुए उसकी स्कर्ट के अंदर घुस गये...उपर ब्रा नही थी और अब नीचे पेंटी भी नदारद थी...आख़िर क्या सोचकर आई थी पूजा आज उसके रूम में ...अजय तो यही सोचता हुआ अपनी उंगलियों से उसकी चूत को रगड़ने लगा..जिस तरह से नहाने के बाद उसके बाल गीले थे,ठीक उसी तरह ताज़ा नहाकर आई पूजा की जांघों में अभी तक पानी की नमीं थी...शायद चूत में भी थी पर वो नमीं उसकी चूत से निकल रहे रस के साथ मिलकर कहीं खो चुकी थी..और अब उसकी टाँगो के बीच एक ज्वालामुखी सा उबल रहा था, जिसपर अपना हाथ रखकर अजय अपनी उंगलियों की सिकाइं करने लगा.



उसकी आँखो में देखते हुए उसने धीरे से उसके कानों में कहा..: "बोलो अब....चुसू क्या इसे...''

उसने अपनी उंगलियों से उसकी चूत के होंठों को मसल दिया..और साथ ही मसला गया उसकी चूत का वो दाना,जो कब से अपना मुँह बाहर निकाल कर अपने आप को मसलवाने के लिए मरा जा रहा था.

पूजा की आँखो में गुलाबी डोरे तैर गये...उसने काँपते हुए होंठों से कहा : "अब लिख कर दूँ क्या....क्यो सता रहे हो जीजू....जिस दिन के लिए आप इतने दिनों से कोशिश कर रहे थे...वो आज आ गया है...कर लो...जो भी करना है ...''

उसकी ऐसी बात सुनकर अजय का लंड बुरी तरह से झटके खाने लगा....आज पूजा ने उसके सामने आत्मसमर्पण कर दिया था...वो आख़िर उसकी ठरक के रंग मे रंग ही गयी थी...और खुद ही आज उसने अपने आप को पूरी तरह से अपने जीजू को समर्पित कर दिया था...यही तो अजय चाहता था...की वो खुद उसके सामने ये सब बोले..

अब पूजा पूरी तरह से उसकी थी...वो उसे चोद भी सकता था...पर अभी के लिए वो अच्छी तरह से जानता था की जो टाइम उसके पास है, वो क्विक फक के लिए तो बहुत है, पर पहली चुदाई के लिए नही...पहली चुदाई हमेशा आराम से और मज़े लेकर की जाती है, जल्दबाज़ी में वो कोई मुसीबत मोल नही लेना चाहता था...जिस तरह से उसने आज तक फूँक-फूँककर कदम रखा है, आज भी वो उसी सोच के साथ आगे बड़ना चाहता था.

उसे ये भी पता था की पूजा आसानी से तो उसका मोटा लंड नही ले पाएगी अपनी नन्ही सी कुँवारी चूत में , इसके लिए उसे काफ़ी समय और एकांत की आवशयक्ता थी, कम से कम 2-3 घंटे...और उसकी बीबी और सास अगले 1 घंटे में वापिस आ सकते थे, क्योंकि वो क्लिनिक ज़्यादा दूर नही था.

इसलिए उसने अभी के लिए सिर्फ़ चूसम चुसाई तक ही रहना उचित समझा.

उसने पूजा की स्कर्ट को उतार फेंका..और उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया.



पूजा अब शर्माती हुई सी उसके बेड पर नंगी बैठी थी 

अजय ने उसे धीरे-2 चूमते हुए अपने गहनों पर लिटा दिया और वैसे ही चूमते हुए वो उसके गालों और मुम्मों को बुरी तरह से चूसने लगा , पूजा भी अब अपनी बाहें पूरी तरह से फैलाकर अपने जिस्म पर अपने जीजे के प्यार को महसूस कर रही थी, वो भी बिना किसी शर्म के 



फिर वो चूमता हुआ नीचे तक गया और अपनी जीभ से उसने उसकी चूत को कुरेदा ...

पूजा तो मस्ती में दोहरी होकर चीख मारने लगी

'''आआआआआआआआहह जीजू...............सक्क मिि नाउ......अब चूसो.......यहाँ भी.......जैसे उपर चूस रहे थे......आआआआआआहह ....ऊऊऊऊऊहह जीजू.......''

और फिर उसने खुद ही अपने जीजू के सिर को पकड़कर पूरी ताक़त से अपनी टाँगो के बीच दबा लिया...और अपनी दोनो टाँगो को केँची की तरह उसकी गर्दन में फँसा दिया...ऐसा शक्ति प्रदर्शन तो आज तक अजय के साथ किसी ने नही किया था...वो अपनी पूरी ताक़त लगाकर अजय के सिर को अपनी चूत के अंदर दबा रही थी...

अजय भी उसकी रसमलाई जैसी चूत को मुँह में लेकर ऐसे चूसने लगा जैसे जिंदगी में पहली चूत को चूस रहा हो..

अजय का लंड भी पूरी तरह से खड़ा हो गया था...
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08-31-2018, 04:38 PM,
#84
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
उसने एंगल चेंज करते हुए अपने लंड को उसके मुँह की तरफ घुमाया और उसे अपने उपर लिटाकर 69 की पोज़िशन में कर लिया...



अब दोनो एक दूसरे के अंगों को जोरों से चूसने मे लगे हुए थे.

ख़ासकर पूजा, वो तो अपनी नयी आइस्क्रीम को मज़े ले-लेकर चाट भी रही थी और उसका रस चूस भी रही थी...थूक और झाग उसके होंठों से बहकर चादर तक को गीला कर चुकी थी, पर वो बिना उसकी चिंता किए अपनी जवानी का मज़ा लूटने में लगी थी..या ये कहलो की चूसने में लगी थी 

और नीचे की तरफ अजय को तो जैसे कोई खजाना मिल गया हो...पूजा की चूत की खुश्बू उसे पागल सा कर रही थी...वो अपनी जीभ से उसे चोदने में लगा हुआ था...अंदर का सारा रस निकालकर वो उसे पी भी रहा था क्योंकि उसका स्वाद था ही ऐसा...और वैसे भी कुँवारी चूत के रस का स्वाद अलग ही होता है..

पूजा अभी तक ये नही समझ पा रही थी की उसके कहने के बावजूद अजय उसकी चूत में अपना लंड क्यो नही डाल रहा है...पर अजय के मन में क्या चल रहा है ये भला वो कैसे जानती...पर अभी तो उसे अपनी चूत चुसवाने में भी बहुत मज़ा मिल रहा था...

सुबह का समय था,इसलिए अजय के लंड ने पहले जवाब दे दिया...

जैसे ही वो झड़ने को हुआ, वो उठ खड़ा हुआ और उसने पूजा को अपने सामने बिठा कर उसके मुंह में अपना लंड दे दिया, वो अपना रस उसके मुंह में जाते हुए देखना चाहता था 

और जल्द ही उसके सेक्सी चेहरे को देखते हुए वो भरभराकर अपना माल पूजा के मुँह में छोड़ता हुआ झड़ने लगा...

पूजा के लिए तो ये किसी झटके से कम नही था...क्योंकि वो तो चुदाई का सपना देख रही थी...पर अजय के ऐसे झड़ जाने से वो समझ गयी की अभी के लिए तो शायद उसकी चुदाई नही हो पाएगी...

पर अजय के वीर्या का स्वाद उसे बहुत पसंद आया, वो किसी नमकीन दलिये जैसा स्वाद था...और दलिया तो वैसे ही उसे पसंद था, इसलिए अपनी पसंद का स्वाद महसूस होते ही वो गटागट उसे पी गयी..

अजय ने भी अपने लंड की आखिरी बूँद तक उसके चेहरे और होंठों के ऊपर फैला-फैलाकर पूरी तरह से उसे अपने रंग में रंग लिया 



झड़ने के बाद अजय थोड़ा सुस्त सा हो गया...पर पूजा फिर भी अपनी लाल चूत पर अपनी उँगलियाँ रगड़ती रही, अजय समझ गया की उसके अंदर का गुबार तो अभी निकलना बाकी था..

और ये शायद पहला मौका था जब अजय बिना अपने पार्ट्नर को झाड़े खुद झड़ चुका था...कुँवारी लड़कियों की ताल से ताल मिलाकर चलना आसान काम नही होता..

पर वो सब बातें किनारे करते हुए उसने जल्दी से पूजा को अपनी तरफ घुमाया और उसे सीधा अपने चेहरे के उपर बैठने के लिए कहा..ऐसा करने से वो अपने हाथ उपर करके उसके उरोजों से भी खेल सकता था...और झड़ते हुए वो उसके सेक्सी चेहरे के एक्शप्रेशन भी देख सकता था..

पूजा को भला क्या आपत्ति हो सकती थी...वो तो ऐसे नये-2 आसान सीखने के लिए अब कुछ भी करने को तैयार थी..अपनी चौड़ी गांद को मटकाते हुए वो जैसे ही नीचे की तरफ झुकी, अजय ने अपनी पेनी जीभ से उसकी चूत के चीरे को चीर दिया..

''आआआआआआआआआआआआाअगगगगगगगगगघह......उम्म्म्मममममममममम..... जीजू................... वाउ...........''

उसे भी शायद ये आसान पसंद आ रहा था...उसने अपने जीजू के बालों को किसी लगाम की तरह पकड़ा और अपनी चूत का घोड़ा दौड़ा दिया अजय के चेहरे पर...उसकी लपलपाति जीभ के हाइवे पर...



अजय तो बस अपनी खुरदूरी जीभ को बाहर निकाले नीचे पड़ा रहा, और पूजा अपनी चूत को उसपर आगे - पीछे रगड़ती हुई असली की घुड़सवारी कर रही थी...अपनी आँखे बंद किए वो अजय के होंठ...दाँत और जीभ को महसूस करती हुई झड़ने के करीब पहुँच गयी...और जब वो झड़ी तो ऐसा महसूस हुआ जैसे उसके अंदर से उसकी आत्मा निकल कर बाहर जा रही है उसके रस के रूप में ..

''आआआआआआआआआआहह जीजू............... उफफफफफफफफफफ्फ़ वॉट अ फीलिंग ........ इट्स वंडरफुल जीजू........... यू आर वंडरफुल....... उम्म्म्मममममममममम........ आई एम कमिंग.... जीजू ....आई एम कमिंग ....

अजय का मुँह तो पहले से ही खुला हुआ था...इसलिए जो भी उसकी चूत में से बरसा,वो सब अपने आप ही सही जगह पर पहुँच गया...यानी अजय के मुँह से होता हुआ उसके पेट में ...
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08-31-2018, 04:39 PM,
#85
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
अब आया था अजय को साली की चूत के नाश्ते का असली स्वाद..

और फिर कुछ देर तक अपने सीने को सामने की तरफ ताने हुए वो मुरझाई हुई कली की तरह अजय की बगल में गिर गयी...उसके अंदर की सारी एनर्जी ख़त्म हो चुकी थी...ऐसे में अगर उसकी माँ और प्राची भी कमरे में आ जाते तो उसमे भागने की भी हिम्मत नही थी..

पर अभी उनके लौटने में 20 मिनट का समय था...इसलिए अजय निश्चिंत होकर लेटा रहा...और उसने बड़े ही प्यार से अपनी प्यारी साली को अपनी बाहों में लेकर अपने सीने पर उसका सिर रखकर उसे अपने से चिपका लिया...

पूजा : "जीजू.....आज जो भी हुआ है हमारे बीच, इसकी वजह से आपके और दीदी के रीलेशन में तो कोई प्राब्लम नही आएगी ना...''

अजय (मुस्कुराते हुए) : "नही मेरी जान....कोई प्राब्लम नही आएगी...वो अपनी जगह है मेरी लाइफ में ,और मैं उससे हमेशा ऐसे ही प्यार करता रहूँगा...''

पूजा (शरारत भरे स्वर मे) : "और मेरे साथ...?''

अजय : "तेरे साथ भी मेरी जान....तू नही जानती,तेरे जीजू का दिल और लंड दोनो बहुत बड़े है...सबको मेरा प्यार मिलेगा... हा हा हा....''

उसकी बात पर पूजा भी मुस्कुरा दी...वो अजय से चुदाई की बात भी पूछना चाहती थी, पर उसकी हिम्मत नही हो रही थी, अजय समझ गया की उसके मन में क्या चल रहा है, इसलिए उसने खुद ही बोल दिया

"देखो पूजा, हमारा ये रीलेशन हमे बहुत संभालकर आगे बढ़ाना होगा, इसलिए आज मैने ज़्यादा कुछ नही किया, उसके लिए हमे प्रॉपर तैयारी करके ही मिलना होगा, और वो टाइम जल्द ही आएगा, क्योंकि मुझे भी तुम्हे पूरी तरह से फील करना है...''

इतना कहते-2 उसने उसकी चूत को अपने हाथ से छू लिया...और वो कसमसाती हुई सी अजय से और बुरी तरह से लिपट गयी..

अजय : "तुम्हे बस मेरे हिसाब से चलना होगा...और जो भी मैं कहूँ या करू, बिना किसी सवाल जवाब के उसे मानना होगा...समझी...''

जवाब मे पूजा ने हाँ में सिर हिला दिया...क्योंकि वो जानती थी की उसके जीजू जो भी करेंगे,उसमे उसे मज़ा मिलने की पूरी गारंटी है..


अजय ने टाइम देखा और पूजा को जल्दी से कपड़े पहनने के लिए बोल दिया...और खुद टावल लेकर बाथरूम में चल दिया...

पूजा ने कपड़े पहने और कमरे की हालत ठीक करी...स्प्रे डालकर उसने सेक्स की खुश्बू को दबा दिया...और फिर वो किचन में जाकर नाश्ता बनाने लगी अपने प्यारे जीजू के लिए..

और जब तक अजय बाहर निकला, नाश्ता बन चुका था..पूजा ने बड़े ही प्यार से उसे अपने सामने बिठा कर नाश्ता करवाया...और खुद भी किया..

जैसे ही नाश्ता निपटा, बाहर की बेल बजी,अजय ने दरवाजा खोला तो सामने उसकी सास खड़ी थी..पर वो अकेली थी..प्राची उनके साथ नही थी.

अजय घबरा गया, पूछने पर उन्होने बताया की सब ठीक है, पर डॉक्टर ने उसे एक हफ्ते का बेड रेस्ट बताया है...और ज़्यादा सीडिया चड़ने के लिए भी मना किया है, इसलिए वो प्राची को अपने घर छोड़कर आई है, क्योंकि अजय का घर तो 3र्ड फ्लोर पर था, और इतनी सीडिया चड़ने के लिए डॉक्टर ने मना किया है...प्राची का मायका तो ग्राउंड फ्लोर पर था...भले ही उन्होने उपर दूसरा फ्लोर बना रखा था, पर उनके सारे बेडरूम नीचे ही थे..इसलिए सासू माँ ने एक हफ्ते के लिए प्राची को वहीँ रुकने के लिए बोल दिया..

अजय को भला क्या प्राब्लम हो सकती थी...बल्कि उसके लिए तो अच्छा ही था...

अब वो अकेला था अपने घर में ..एक हफ्ते के लिए...और इस एक हफ्ते में वो क्या-2 कर सकता था वहां पर ये तो आने वाले दिन ही बता सकते थे...और उन्हें सोचकर अभी के लिए तो अजय मंद-2 मुस्कुरा रहा था...

और उसकी आँखो में देखती हुई उसकी सास भी अपनी खुशी दबाने में असमर्थ थी...वो भी धीरे-२ मुस्कुरा रही थी, और दूसरी तरफ वो सब सुनकर पूजा भी खुली आँखो से कुछ सपने देखने लगी थी..

अब शिकार भी तैयार थे और शिकारी भी...

बस देखना ये था की किसका शिकार पहले और कैसे करेगा अजय.
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08-31-2018, 04:39 PM,
#86
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
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अब आगे
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अजय काफ़ी देर तक अपनी बीबी प्राची के साथ बैठा रहा...फिर वो नाश्ता करके ऑफीस के लिए निकल गया..रास्ते मे उसने रिया को भी ड्राप किया , पर उस दिन दोनो के बीच कुछ ख़ास नही हुआ.

ऑफीस में भी उसका सारा ध्यान अपनी सालियों और सास की तरफ ही लगा रहा...पर जब वो अपने फ्रेंड अनिल से मिला तो उसे अंजलि भाभी का ध्यान आया...उन्हे तो वो भूलकर ही बैठ गया था...उस दिन सोनी ने अगर अपने घर ना बुलाया होता तो वो उनकी बजा चुका होता अब तक...उस दिन के बाद तो उन्होने कोई मैसेज या कॉल भी नही की थी...उसने जल्दी से अपना फोन निकाला और उन्हे एक प्यारा सा गुड मॉर्निंग का मेसेज सेंड कर दिया व्हाट्सएप पर...लेकिन एक घंटे तक भी उनका कोई जवाब नही आया,वो समझ गया की वो ज़रूर उससे नाराज़ है.

और जब वो लंच करके हटा ही था तो अंजलि का रिप्लाइ आ गया...और एक बार फिर से उनके बीच चेटिंग शुरू हो गयी

अंजलि : "आ गयी मेरी याद...''

अजय : "मुझे पता है की आप गुस्सा हो मुझसे..लेकिंग मेरा यकीन मानो,उस दिन मुझे बहुत ज़रूरी काम था,वरना ऐसा गोल्डन ऑफर मैं कभी नही ठुकराता...''

अंजलि : "और वो गोलडेन ऑफर सिर्फ़ एक बार के लिए ही था...अब तुम भूल जाओ..''

अजय समझ गया की अब वो भाव खा रही है..इसलिए उन्हे प्यार और चापलूसी से मनाना होगा..

अजय : "ऐसा ज़ुल्म ना करो मुझपर भाभी...उस दिन से हर रात आपके सपने देखकर ही सोता हू ..और आपके बारे में ही सोचता हुआ उठता हूँ ...''

अंजलि : "झूठा ...अपनी बीबी के होते हुए तुम भला मेरे सपने क्यो देखने लगे...''

अजय : "अब क्या बताऊ भाभी,आप जैसा तो कोई हो ही नही सकता...और वैसे भी मेरी वाइफ आजकल अपनी मदर के घर रह रही है...''

इतना कहकर उसने वो सारा वाक़या अंजलि को बता दिया.

अंजलि : "ओहो....फिर तो तुम रातों के राजा बने हुए हो आजकल...''

अजय : "तभी तो कह रहा हू..मेरे साथ ऐसा ज़ुल्म ना करो...आप ही आकर बन जाओ मेरी रातों की रानी...''

अंजलि कुछ देर तक चुप रही और फिर उसने रिप्लाइ किया : "अनिल अगर बाहर गया हुआ होता तो शायद मैं चुपचाप वहां पहुँच जाती...पर अभी ये पॉसिबल नही है...''



अजय : "कोई बात नही...पर उसके सो जाने के बाद तो पॉसिबल है ना..''

अंजलि : "क्या मतलब ??''

अजय : "आज लाइव चैट करेंगे...रात को...लॅपटॉप पर...''

ये लिखते हुए उसके हाथ काँप रहे थे...और उसका लंड बुरी तरह से अकड़ चुका था..उसकी पेंट में ...

अंजलि ने ओके लिखकर बात ख़त्म कर दी..और अजय अपने लंड को अपनी पेंट में अड्जस्ट करता हुआ सिसकारी मारने लगा.

और उसे ऐसे खुलेआम अपने लंड से छेड़खानी करते देखकर उसका फ्रेंड अनिल उसके पास आया और बोला : "क्या बात है...आज दिन में ही खड़ा हो गया तेरा शेर...''

अजय ने उसे देखा और एक रहस्यमयी हँसी हंसता हुआ सोचने लगा 'साले ...अगर तुझे बता दूँ की तेरी बीबी की वजह से ही ये लंड खड़ा हुआ है तो तेरी तो फट कर हाथ में आ जाएगी...''

और अजय ने उसे ये कहकर टाल दिया की ऑफीस में जो नयी लड़की ने ज्वाइन किया है,उसकी वजह से आजकल लंड हमेशा टाइट रहता है..

और उसकी इस बात पर तो अनिल ने भी हामी भर दी.

अनिल : "साले ...मुझे पता था,तू उसके बारे में ज़रूर बोलेगा...आख़िर तेरे ही इलाक़े की तो रहने वाली है ...''

अजय तो ये सुनकर चोंक गया : "मेरे इलाक़े की..कैसे..?? कहाँ रहती है...''

अनिल : "जनक पूरी...''

ओहो...वो तो मेरे घर,यानी विकासपुरी के बिल्कुल करीब है...और ये बात अनिल को इसलिए पता थी क्योंकि वो लड़की उसी के डिपार्टमेंट में काम करती थी.

अजय ने तो बिना कुछ सोचे समझे उस लड़की के बारे में बोल दिया था..पर ऐसा भी नही था की अजय ने उसे कभी नोटीस नही किया था पिछले 4 दिनों में...

किया तो था पर आजकल जिस तरह के मज़े अजय को अपनी पर्सनल लाइफ से मिल रहे थे,ऐसे मे वो ऑफीस में आई इस लड़की की तरफ वो ध्यान नही दे पा रहा था,जो उसे देना चाहिए था..लेकिन उसने नोट किया था की वो जहाँ से भी निकलती थी,हर कोई उसे ही देखता रह जाता था

लेकिन अब तो वो भी उसी के बारे में सोचने लगा..वो उसके बारे में सोच ही रहा था की वो लड़की सामने की टेबल पर रखी फोटोकॉपी मशीन पर आई और कुछ डॉक्युमेंट्स की कॉपी निकालने लगी..उसने अजय और अनिल को देखा और एक स्माइल पास कर दी...उसकी हँसी देखकर तो अजय के लंड का तीखापन और बड़ गया.

उसने ग्रीन टी शर्ट और ट्राउज़र पहनी हुई थी ,जिसमे उसका भरा हुआ जिस्म और मोटे मुम्मे सॉफ झलक रहे थे था..हद से ज़्यादा गोरी थी वो..और उसकी गाण्ड सबसे मस्त थी..एकदम गोल मटोल और भरंवा.



उसने फुसफुसाते हुए अनिल से कहा : "अनिल....जल्दी से इसको यहाँ बुला...मेरा प्रॉपर इंट्रो करवा..और ये भी बता की मैं कहाँ रहता हूँ ...''



अनिल ने भी उसी टोन में फुसफुसाते हुए कहा : "ओ मेरे चीते...मुझे पता है की तू ये सब किसलिए बोल रहा है...पर एक प्रोमिस कर..की जब भी ये तुझसे फँस जाएगी तो मेरे बारे में भी ज़रूर सोचियो..''

अजय ने हामी भर दी..

अनिल ने तुरंत उस लड़की को वहां बुलाया : "रचना...कम हियर...''

वो वहां आई तो अनिल ने कहा : "रचना, इनसे मिलो, ये है मिस्टर.अजय..हमारे आई टी डिपार्टमेंट के हेड...''

रचने ने एक प्यारी सी हँसी के साथ अपना नाज़ुक सा हाथ आगे बड़ा दिया और बोली : "हाय मिस्टर.अजय...आई एम रचना..''

अजय ने जब उसका हाथ पकड़ा तो छोड़ने का मन ही नही करा..इतना मुलायम हाथ तो सिर्फ़ रिया का ही था...भले ही रचना का जिस्म भरा हुआ सा था,पर उसकी ऐज 25 से ज़्यादा नही थी..कुंवारी थी वो भी.

अजय तो खुली आँखो से उसके साथ के सपने देखने लग गया..

अनिल ने खाँसी करके उसे हाथ छोड़ने का इशारा किया,तब जाकर उसने हाथ छोड़ा,वरना वो ठरकी तो उसे सपने में ही चोदने की तैयारी भी कर चुका था.

अनिल : "और एक बात रचना,अनिल भी वहीँ रहता है,तुम्हारे घर के पास...विकास पूरी..''

ये सुनते ही वो एकदम से खुश हो गयी और बोली : "ओह रियली...वाउ...चलो कोई तो मिला,मेरी साइड का...कभी लिफ्ट की ज़रूरत पड़ी तो आई होप आप माइंड नही करेंगे...''
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08-31-2018, 04:39 PM,
#87
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
अजय का दिल तो बल्लियों उछलने लगा...उसे भला क्या ऐतराज हो सकता था...प्राची तो प्रेगञेन्ट होने के बाद ऑफीस आ-जा नही रही थी,इसलिए उसे गुडगाँव से अपने घर तक अकेले जाना पड़ता था..ऐसे में अगर इस हसीना का साथ मिल जाए तो मज़ा ही आ जायेगा

सुबह के टाइम रिया और शाम को रचना ...अजय को तो अपनी किस्मत पर गर्व सा हो रहा था अब ...कहाँ पहले वो इन सब के लिए तरसता रहता था..और अब एक के बाद एक लड़की उसकी जिंदगी में आती जा रही है..

प्राची से शादी के बाद उसके घर की तीन चूतें और फिर अनिल की बीबी अंजलि, पूजा की फ्रेंड सोनी और अब ये रचना...उपर वाले ने एक के बाद एक छप्पड़ फाड़कर उसकी झोली भर दी थी..उसकी किस्मत या ये कहलो लंड का तारा आजकल बुलंदियों पर था.

और फिर वो अपनी सीट पर चली गयी...अनिल ने भी उसको आल द बेस्ट कहा और अपने काम में लग गया.

भले ही इस रचना का नंबर आने में अभी टाइम था,लेकिन जो माल अब तैयार बैठा हुआ था,उससे तो पहले निपटना ज़रूरी था..और संभलकर भी...क्योंकि इस मौके पर आकर अजय कोई ग़लती नही करना चाहता था.

आज की रात तो उसे अपनी प्यारी भाभी के साथ लाइव चैटिंग करनी थी..जिसमे वो पता नहीं क्या-२ दिखाएगी

इसलिए वो चाहता था की आज का दिन जल्द से जल्द ख़त्म हो जाए,ताकि वो घर जाकर अंजलि को अपना ठरकीपन दिखा सके..

किसी तरह शाम हुई और अजय अपने घर की तरफ चल दिया.

पर अंजली से बात करने और अभी के बीच करीब 5 घंटे का समय था..और इन 5 घंटो में कुछ ऐसा होने वाला था जिसकी वजह से अजय के ठरकीपन में चार चाँद लगने वाले थे.


अजय सीधा अपने ससुराल गया आज,क्योंकि उसकी बीबी तो वहीँ पर थी.

दरवाजा पूजा ने खोला, और अपने जीजू को देखते ही उसके चेहरे पर जो खुशी की लहर दौड़ी,वो देखते ही बनती थी..अजय ने जब देखा की उसके पीछे कोई नही है तो उसने मौके का फायदा उठाते हुए झट से उसे अपनी बाहों में लिया और उसके होंठों पर एक गीली सी पप्पी कर दी..



पूजा को तो संभलने का भी मौका नही मिला..वो भी अपने जीजू की इस हरकत को देखकर हैरान रह गयी की कैसे इनमे इतनी हिम्मत आ जाती है जो ये रिस्क वाले काम आसानी से कर लेते है..अगर पीछे से किसी ने देख लिया होता तो दोनों की शामत आ जानी थी.

लेकिन जो भी हुआ,उसे महसूस करके पूजा को बहुत अच्छा लगा..खुशी भरा चेहरा शर्म से लाल हो उठा..उसने भी उस क्विक किस्स में उनका साथ दिया और उन्हें चूमने दिया, और फिर उसने अपनी शरारती आँखे नचाते हुए अपने वही पुराने चिर-परिचित अंदाज में धीरे से कहा ''ठरकी जीजू...''

अजय कुछ बोल पाता तभी पीछे से उसकी सासू माँ रजनी की आवाज़ आई : "ओहो...अजय ,तुम आ गये..आओ अंदर..प्राची काफ़ी देर से तुम्हारा ही इंतजार कर रही है..''

अजय ने नोट किया था की जब से उसकी सास के साथ चक्कर चलना शुरू हुआ है, उन्होने उसे बेटा बुलाना भी बंद कर दिया है..अब वो सीधा उसके नाम से बुलाती थी.

अजय अंदर आया और अपनी सास को आँख मारता हुआ अंदर के कमरे में चला गया,जहा उसकी बीबी प्राची लेटी हुई थी.साथ में रिया भी बैठी थी

अजय को देखते ही वो भी खुशी से चहक पड़ी और भागकर अजय से लिपट गयी..रिया तो ये देखकर शरमा ही गयी और उन्हें प्राइवेसी देते हुए चुपचाप उठकर बाहर निकल गयी

अजय : "अर्रे स्वीटहार्ट ..तुम तो ऐसे मिल रही हो जैसे मैं महीने बाद मिल रहा हूँ तुमसे..सुबह ही तो मिलता हुआ गया था..''

वो बड़े ही लाड भरे अंदाज में बोली : "उम्म्म....तुम नही समझोगे...पता है, मॉर्निंग से कितना मिस कर रही हूँ ...मॉर्निंग में तो बताने का मौका ही नही मिला,की कल की रात तुम्हारे बिना कैसे बीती...उम्म्म्म मुझे नही पता...आज की रात तुम मेरे पास ही रुकोगे...मेरा बहुत मन कर रहा है...''


उसने जिस अंदाज में ''मन कर रहा है'' कहा और फिर अपना हाथ अजय के सीने पर रखकर धीरे-2 घिसने लगी,अजय समझ गया की उसकी चूत में इस वक़्त आग लगी हुई है..पर आज की रात का तो उसे खुद सुबह से इंतजार था..आज की रात तो वो किसी भी कीमत पर उसके पास नही रुक सकता था..पर ऐसी हालत में वो प्राची को भी नाराज़ न्ही करना चाहता था..वो बेचारा धर्म संकट मे फँस कर रह गया.

वो सोच रहा था और प्राची के हाथ फिसलकर उसके लंड तक आ गये..दरवाजा खुला हुआ था,ऐसे में अजय की हालत खराब होने लगी...एक तो सुबह से अंजलि भाभी के बारे मे सोचते हुए उसका लंड बैठने का नाम ही नही ले रहा था..और अब उसकी बीबी प्राची ने उसपर हाथ रखकर उसे और भी ज़्यादा उत्तेजित कर दिया था..

प्राची ने जब उसके उफनते हुए लंड को देखा तो उसके होंठों पर सेक्सी वाली स्माइल आ गयी..वो बोली : "ओले मेला बैबी...ये तो मुझे मेरे से भी ज़्यादा मिस कर रहा है...''

अब भला अजय उसे क्या समझाता की ये क्या मिस कर रहा है..प्राची ने उसे कुछ और समझने का मौका ही नही दिया..उसने अजय के लंड को पकड़े हुए ही अपने होंठ उपर की तरफ किए और अजय के साथ एक गहरी फ्रेंच किस्स में डूब गयी..



वो किस्स थी ही इतनी एरॉटिक की अजय भी अपनी सुध-बुध खोकर उसमें डूब गया और दोनो अपनी-2 आँखे बंद किए हुए एक दूसरे को चूसने मे मशगूल हो गये..और उन्हे ये भी नहीं पता चला की कब रजनी यानी अजय की सास पानी का ग्लास लेकर अंदर आई और उन्हे ऐसे चूमते हुए देखकर वो दरवाजे पर ही रुक गयी..

उसे बड़ी शर्म सी आ रही थी..ये पहला मौका था जब उसने अपनी बेटी और दामाद को ऐसा कुछ करते हुए देखा था..वो भी अजय को किस्स कर चुकी थी..उसका लंड चूस चुकी थी...पर आख़िर था तो वो उसकी बेटी का ही पति ना..प्राची का ही पहला हक़ है उसपर..और ये सब करना तो उनका हक़ है..वो ही कबाब मे हड्डी बनकर अंदर आ चुकी थी..

पर उनकी किस्स करने की कला को देखकर वो अपनी नज़रें वहां से हटा ही नही सकी..मंत्रमुग्ध सी होकर उन्हे देखती रही..कितने प्यार के साथ दोनो एक दूसरे को चूम रहे थे...ख़ासकर उसकी बेटी प्राची...वो ठीक वैसे ही किस्स कर रही थी जैसे वो खुद किया करती है..यानी गले में बाहें डालकर और अपनी छातियाँ उसकी छाती से रगड़ते हुए..ऐसे में दोनो को जो आनंद मिलता है वो अपने शब्दों में बयान करना संभव नही होता..

अजय को जैसे एहसास हो गया की वहां कोई खड़ा है, उसने तुरंत आँखे खोल कर दरवाजे की तरफ देखा,प्राची की पीठ तो अपनी माँ की तरफ थी, इसलिए वो अगर आँखे खोल भी लेती तो अपनी माँ को ना देख पाती, पर अजय ने उन्हे देखने के बावजूद भी अपनी किस नही तोड़ी और और बुरी तरह से प्राची के होंठों को चूसने मे मशगूल हो गया...और साथ ही साथ उसके हाथ भी उपर की तरफ आकर प्राची के मोटे मुम्मों का मर्दन करने लगे..



प्राची तो सुबह से ही विरह की आग में सुलग रही थी, अपने सेंसेटिव पार्ट्स पर हाथ लगते ही वो और भी ज़्यादा कामुक करीके से अजय को चूमने लगी..

''ओह अजय..... उम्म्म्मममम...पुच्छ्ह .....आआअहह ज़ोर से दबाओ ....कल से तुम्हे मिस कर रहे है ...ये आआआआअहह..... येसस्स......ऐसे ही .......आआआआअहह ...ऑश माय बैबी,........''

रजनी की हालत भी खराब हो रही थी...उसके होंठों पर खुश्की सी आ चुकी थी...जिनपर अपनी जीभ फेरते हुए वो अजय को इशारा करती हुई उसे इशारे से बोली की इन्हे भी चूस लो ... अजय ने आँख मारकर अपने हाथ से इशारा करते हुए बाद मे उन्हे भी चूसने की बात कही..

जवाब मे अजय की सास ने दूर खड़े-2 ही अपना एक मुम्मा ज़ोर से दबा कर उसकी सख्ती अजय को दिखाई की इन्हे मत भूल जाना...जैसे प्राची के दबा रहे हो ,इनकी भी सेवा करना..अजय ने होले से सिर हिला कर हाँ बोल दिया...

रजनी का मन तो बहुत कर रहा था की वहीं खड़ी होकर उनका प्रेम मिलन देखे,पर वो अभी के लिए पासिबल नहीं था..उसकी बेटी अभी इतनी भी नही खुली थी की उसके सामने ही सब कुछ कर ले..इसलिए वो अजय को एक फ्लाइयिंग किस्स करती हुई बाहर निकल गयी...और जाते हुए दरवाजा भी बंद कर दिया..

दूसरी तरफ अजय समझ चुका था की अगर अभी प्राची को तृप्त कर दिया जाए तो रात को वो आसानी से अपने घर पर जाकर सो सकता है,जिससे उसे अंजलि से बाते करने में आसानी रहेगी..इसलिए उसने जान बूझकर प्राची के मुम्मो के साथ-2 उसके निप्पल्स पर भी हमला कर दिया...उन्हे अपनी उंगलियों मे भींचकर उन्हे ज़ोर -2 से दबाने लगा..

प्राची तो चीख पड़ी....

''आआआआआअहह ओह...अजय......मई डार्लिंग......क्यो तड़पा रहे हो.....रात का इंतजार भी नही करोगे क्या.....उम्म्म्ममममम....''

अजय ने ना में सिर हिलाया...प्राची को बस इसी बात की चिंता हो रही थी की वो इस वक़्त अपने मायके में है...और अजय अभी-2 ऑफीस से आया है...ऐसे मे अगर वो दरवाजा बंद करके तुरंत चुदाई में जुट गये तो घर में मोजूद सभी लोग क्या सोचेंगे...उसकी माँ ,बहनें ..पापा...सब घर पर ही थे...पर चूत में जो आग लगी हुई थी,उसे भी बुझाना ज़रूरी था...अगर वो अपने घर पर होती तो अभी तक वो नंगी होकर बुरी तरह से चुदवा रही होती..

उसने तो सोचा था की अभी के लिए अजय के साथ थोड़ा बहुत चूमा चाटी कर लेगी..और रात में प्रॉपर चुदाई करवाएगी...वैसे भी प्रेगञेन्ट होने के बाद उसकी चुदवाने की इच्छा दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही थी ..वो तो डॉक्टर ने ज़्यादा सेक्स करने से मना किया हुआ था,वरना जिस तरह की फीलिंग प्राची को आजकल होती थी,उसके अनुसार तो वो रोज दो बार चुदने के लिए तैयार थी..

पर अब तो प्राची को रात का भी इंतजार नही हो रहा था...अजय ने उसके निप्पल्स को दबाकर उसे पूरी तरह से उत्तेजित कर दिया था...उसने आनन-फानन में अजय की बेल्ट खोली, उसकी पेंट को नीचे खिसकाया और उसके उफनते हुए नाग को हाथ में लेकर ज़ोर से सिसकारी मारी

''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....आआआआआह्ह ...अब तू नहीं बचेगा साले .....मुझमे जो आग लगी है,उसे अब तू अभी के अभी बुझाएगा...''

सेक्स का भूत जब बुरी तरह सर पर चढ़ता तो ऐसे ही तू तड़ाक और गालियों के साथ बात करती थी प्राची

अजय तो चाहता भी यही था की रात का लफ़ड़ा ही ख़त्म हो जाए,उसकी चाल काम कर गयी थी...वैसे भी चोदने के लिए तो उसका लंड हमेशा तैयार रहता था.

प्राची ने उसके लंड को हाथ में पकड़ा और खुद एक चेयर पर बैठ गयी.... प्रेग्नेंट होने की वजह से ज़मीन पर बैठने में थोड़ा मुश्किल होती थी उसे...और फिर अजय के लंड को अपने चेहरे के सामने रखकर वो उसे बड़े प्यार से देखती रही..और फिर एकदम से उसपर टूट पड़ी, जैसे कोई लोमड़ी अपने शिकार पर झपटती है ठीक वैसे ही..



उसके गीले मुँह के अंदर जाते ही अजय की सिसकारी निकल गयी..वो अपने पंजों पर खड़ा होकर उसके हमलों से बचने लगा..उसके तीखे दांतो और लपलपाति जीभ के हुनर से उसके लंड की कसावट में चार चाँद लग गये...और वो पूरी तरह से फूल कर उसके मुँह में अंदर बाहर होने लगा.
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08-31-2018, 04:39 PM,
#88
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
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अब आगे
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अजय ने उसके सिर पर हाथ रखकर अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया...लंड चुसवाने में उसे जो मज़ा मिलता था,उसकी तुलना वो किसी और चीज़ से कर ही नही सकता था..और आज तो प्राची कुछ ज़्यादा ही ज़ोर शोर के साथ उसका लौड़ा चूस रही थी..ऐसे में वो ये भी भूल चुका था की वो इस वक़्त कहाँ है और क्या वक़्त हुआ है...उसे तो बस अब किसी भी हालत में प्राची की चूत बजानी थी.




कुछ देर तक लंड चूसने के बाद वो फिर से उपर आई और उसे स्मूच करने लगी...इस बीच दोनो के हाथ एक दूसरे के जिस्मो पर चल रहे थे...अजय ने उसकी शर्ट उतार फेंकी...ब्रा को भी नोच कर हवा में उछाल दिया...उसने भी अजय के कपडे उतार कर ज़मीन पर फेंक दिए ..



पेंट तो पहले से उतरी हुई थी..इसलिए अजय एक पल मे ही नंगा होकर खड़ा था..उसने प्राची को बेड पर लिटाया और उसके पायजामे को पकड़ कर खींच दिया...प्रेग्नेंट होने के बाद उसका हल्का सा पेट उभर आया था और मुम्मे तो पहले से भी ज़्यादा बड़े हो चुके थे...



इस वक़्त उसके शरीर रूपी पेड़ की हर डाल पूरी तरह से निखार पर थी...उसकी मोटी-2 जांघों को पकड़ कर उसने अपने लंड को उसकी चूत के उपर रखा और धीरे से धक्का दिया...डॉक्टर ने उन्हे सेक्स के समय जो हिदायत बरतने को कही थी,अजय उसी के मुताबिक धीरे-2 झटके दे रहा था...प्राची को इस तरह का स्लो सेक्स पसंद नही था,पर इस वक़्त तो यही हो सकता था,इसलिए जो भी मिल रहा था वो उसी का मज़ा लेती हुई उससे चुदवाने लगी..



''आआआआअहह ओफफफ्फ़ ओफफ्फ़ अहह ऑश अजय....उम्म्म्ममम....ऐसे ...ऐसे ही....अआआअहह मेरे राजा....मज़ा आ रहा है....अहह ......इस लंड के बिना तो एक दिन भी नहीं रहा जाता......अहह ओह्ह्ह माय गॉड .......''


और सिर्फ़ दो मिनिट लगे उसे झड़ने में ...ज़्यादा उत्तेजना का यही परिणाम होता है, अभी तो उसकी चूत की खुजली मिटी भी नही थी और वो झड़ गयी....पर जो भी था, इस तरह से चुदने में उसे मज़ा बहुत आया था..

अब अजय की बारी थी,वो बेड पर जाकर लेट गया और उसने प्राची को अपने आगे लिटा लिया...ऐसे मे वो उसके बूब्स को दबाता हुआ आराम से उसे चोद सकता था...प्राची ने भी उसके लंड को अंदर लेकर थिरकना शुरू कर दिया..



अजेय के हाथों को लेकर प्राची ने चूसना शुरू किया...उसकी उंगलियो को वो किसी लंड की तरह चूस रही थी...और ऐसा करते हुए उसकी आँखे बंद थी...शायद वो अपने अंदर एक और ओर्गास्म का निर्माण कर रही थी..अजय भी उसकी मंशा समझ गया और अपने अंगूठे से वो उसकी चूत के बाहर झाँक रहे मटर के दाने को मसालने लग गया और दूसरे हाथ से वो उसके निप्पल्स को कटोचने लगा...

एक साथ दो स्पॉट्स पर हमला होते ही उसके अंदर एक नयी तरंग ने जन्म ले लिया...जो धीरे-2 तेज होने लगी...और साथ ही तेज होने लगे उसके झटके भी...

''आआआआहह अजय..........क्या करते हो......आआआआहह.......यही तो ख़ासियत है तुम्हारे अंदर....आआआअहह येसस्स्स्स्स्स्स्सस्स.....ऐसे ही करो...मज़ा आ रहा है.................उम्म्म्ममममममममम......मेरे राजा.......आआआआआआआहह....''

और उसकी सेक्सी बातों को सुनकर अजय के लंड ने भी रिस्पोंड देना शुरू कर दिया...उसने प्राची को घोड़ी बना कर अपना लंड अंदर दाल दिया और उसी तेजी के साथ उसे चोदने लगा



वो भी झड़ने के करीब पहुँच गया...इसलिए उसने प्राची के दानों को और ज़ोर से दबाना और मसलना शुरू कर दिया...ताकि वो भी साथ ही झड़ जाए..

और हुआ भी ऐसा ही....जैसे ही अजय के लंड ने गर्म क्रीम की बौछार उसकी चूत के अंदर छोड़ी, उस गर्मी को महसूस करती हुई प्राची एक बार फिर से झड़ गयी...और इस बार तो झड़ते हुए उसका शरीर ऐसे काँप रहा था जैसे उसकी आत्मा निकल कर बाहर जा रही है...ये उसकी जिंदगी का सबसे उत्तेजक ओर्गास्म था..



अजय का लंड फिसलकर बाहर निकल आया और पीछे-2 निकला ढेर सारा सफेद रस...

जो हवा में लटका हुआ अपनी चुदाई की ख़ुशी बयान कर रहा था


और वो दोनो एक दूसरे को चूमते हुए गहरी साँसे लेने लगे...

वो अंदर गहरी साँसे ले रहे थे और दरवाजे के बाहर वो दोनो बहने धीमी हँसी हँसती हुई एक दूसरे के हाथों को ज़ोर से दबा रही थी...ताकि उनकी हँसी ज़ोर से ना निकल जाए..

रजनी तो बाहर निकल कर अपने पति के साथ मार्केट से सब्जी लेने चली गयी थी, और जाते हुए दोनो बहनो को अंदर ना जाने की हिदायत दे गयी थी...उन दोनो ने भी सोचा की ऐसा क्या हो रहा है जो उनकी माँ ने अंदर जाने से मना कर दिया है...इसलिए दोनो चुपके से दरवाजे के बाहर खड़ी होकर छुपकर वो सब देख रही थी,दरवाजा तो खुला ही हुआ था,सिर्फ़ हल्की सी लाइन थी,जिसमे से उन दोनो ने अपनी बहन और जीजू के इस प्रेम प्रसंग को देख लिया था...एक दिन पहले जिस जीजू के बारे में सोचकर दोनो बहनो ने एक दूसरे की चूत चूसी थी उसी को साक्षात चुदाई करते हुए देखकर उन पर क्या बीत रही थी,ये बताने की ज़रूरत न्ही थी...

अंदर का तूफान ख़त्म हो चुका था और बाहर एक नये तूफान ने जन्म ले लिया था.

आज की रात कई तूफान देखने थे इस और साथ वाले घर की दीवारों ने..



ऐसी जबरदस्त चुदाई ने तो प्राची को एकदम पस्त सा कर दिया था,पर हमारे चीते में अभी बहुत जोश बाकी था..उसे तो अब हर जगह रजनी भाभी ही दिखाई दे रही थी,वो जल्द से जल्द अपने घर जाकर उनसे लाइव चैट करना चाहता था..बहुत कुछ दिखाना था उन्हे और उनका बहुत कुछ देखना भी था..

प्राची को उसने बोल दिया की वो अपने घर जाकर ही सोयेगा ,अपने बिस्तर पर जो नींद आती है वो अलग ही होती है..प्राची ने भी ज़्यादा ज़ोर नही दिया अब,क्योंकि जिस काम के लिए वो अजय को अपने पास रोक रही थी वो तो हो ही चुका था अब..उसकी चूत 2 बार झड़ी थी ..अब वो चैन से सो सकेगी.
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08-31-2018, 04:40 PM,
#89
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
पूजा और रिया ने जब देखा की अजय और प्राची ने कपडे पहन लिए है तो वो दोनो भी चुपचाप वहां से भाग निकली और किचन मे जाकर काम करने लगी..

जाते हुए मुड़कर जब अजय ने बेड पर लेटी हुई प्राची को बाय बोला, तो उसके चेहरे पर आई संतुष्टि भरी मुस्कराहट देखकर उसे खुद ही अपने लंड पर गर्व होने लगा




अजय जब बाहर निकला तो उसने देखा की दरवाजा तो खुला ही रह गया था...और उसके शैतानी दिमाग़ में ये ख़याल आया की काश उसकी सास या सालियो ने वो चुदाई देख ली हो,ताकि उससे प्रेरित होकर वो भी चुदने के लिए जल्द ही उसके पास आ जाए...पर उसे क्या पता था की उसे सच में देख लिया था उसकी सालियो ने..और अब उसी चुदाई के बारे में बाते करते हुए वो दोनो किचन मे काम कर रही थी..

रिया : "यार दीदी.....तुमने देखा ना...जीजू कैसे पर्फॉर्म कर रहे थे...ही इस लाइक हीमैन ..कितने पावरफुल स्ट्रोक्स थे उनके...उफफफफफ्फ़....मुझे तो ऐसा फील हो रहा था जैसे ...जैसे...''

पूजा ने उसकी बात पूरी की : "जैसे वो सब झटके तुझे मिल रहे हो...है ना...''

रिया का चेहरा लाल हो उठा ये सुनकर...और उसने गुनगुनाती हँसी के साथ अपनी बहन को गले लगा लिया...और अपनी गर्म साँसे उसकी गर्दन पर छोड़ती हुई फुसफुसाई : "उम्म्म्म दीदी....आप भी ना...पर...सच मे...ऐसा हो जाए तो...मज़ा आ जाएगा..''



पूजा तो अब खुद यही चाहती थी की उसके प्यारे जीजू जल्द से जल्द उसकी चूत का उद्घाटन कर दे...जब उसका ये हाल है तो रिया की हालत वो अच्छी तरह से समझ सकती थी..हालाँकि पूजा अपने जीजू से सकिंग के मज़े ले चुकी थी,रिया तो उससे भी महरूम थी अब तक..इसलिए उसने मन ही मन निष्चय कर लिया की वो किसी भी कीमत पर रिया को वो मज़े तो दिलवा ही देगी,जो उसने खुद लिए थे..

पूजा : "सुन...अगर तू मेरे हिसाब से चलेगी तो ...मैं तेरी ये बेचैनी कुछ कम करा सकती हूँ ...''

रिया की आँखे चमक उठी...आज पहली बार पूजा ने उसकी हेल्प करने की बात की थी...उसी जीजू के साथ जिनसे बचने के लिए वो उसे ना जाने कितने लंबे-2 उपदेश दिया करती थी...पर पहले और अब मे काफ़ी फ़र्क आ चुका था..जिस तरह कल रात उन दोनो ने नंगे होकर एक दूसरे को प्यार से मज़े दिए थे, जीजू के बारे मे सोच-सोचकर अपनी-2 चूत एक दूसरे से चुस्वाई थी...और अभी कुछ देर पहले एक साथ उन्होने अपने उसी जीजू को जिस अंदाज में चोदते हुए देखा था,उसके बाद तो दोनो के मन और चूत में अपने जीजू के नाम के हथोड़े बज रहे थे..अब वो उसी जीजू से बचने के नही बल्कि उनसे कैसे मज़े मिलेंगे,इसकी तरकीबे बताने वाली थी..


रिया : "दीदी..आप बस मेरा ये काम करवा दो...मैं आपकी हर बात मानने के लिए तैयार हूँ ...''

वो बात कर ही रही थी की रिया की ये बात सुनते हुए अजय ने किचन मे प्रवेश किया और बोला : "क्या बात मनवा रही हो तुम मेरी प्यारी साली से पूजा...कही तुम मेरी प्यारी साली रिया को ब्लॅकमेल तो नही कर रही ना...''

एकदम से अपने सपनों के राजकुमार को अपने सामने देखकर रिया की तो साँसे उपर की उपर और नीचे की नीचे रह गयी...और उपर से उसके जीजू जिस अंदाज से उसे प्यारी-2 बोल रहे थे,उसे तो ऐसा लग रहा था की आज ही उसे दुनिया भर का प्यार मिल गया है..

और अजय तो पूजा से कुछ ज़्यादा ही खुल चुका था,इसलिए वो अब इस तरह की बाते खुल कर उसके साथ कर रहा था...क्योंकि उसे भी पता था की अब ये मछली कही नही जाने वाली और ना ही वो रिया को उसके खिलाफ भड़काएगी अब...

पर अजय ने तो आधी बात ही सुनी थी...अगर उसे पता होता की अभी कुछ देर पहले किचन मे क्या बात चल रही थी तो शायद वो अभी के अभी अपना लंड निकाल कर सामने लटका देता..और उस प्यारी साली की इच्छा वहीं पूरी हो जाती..

पूजा भी अपने जीजू की बात सुनकर मुस्कुरा दी..उसे पता था की अगर उसने अभी वो बात उन्हे बता दी तो अजय और रिया को वो मज़ा नही मिलेगा जिसके बारे में वो अपने दिमाग़ में प्लानिंग कर चुकी थी.

इसलिए उसने इधर-उधर की बाते करते हुए बात टाल दी..

पूजा : "अरे कुछ नही , ये तो हमारे बीच कुछ ना कुछ चलता रहता है...आप सूनाओ..आते ही रूम में घुस गये..दीदी की इतनी याद आ रही थी क्या...''

इतना कहकर दोनो बहने एक दूसरे को देखकर मंद-2 मुस्कुराने लगी..

अजय को शक़ सा तो हुआ की कहीं उन दोनो ने उसे और प्राची को देख तो नही लिया..पर वो विचार झटकते हुए उसने कहा : "हाँ ...आ तो रही थी...इनफॅक्ट तुम्हारी दीदी को ज़्यादा आ रही थी..इसलिए मिलते-मिलाते इतनी देर लग गयी..''

रिया और पूजा ने मन ही मन कहा 'हाँ ...हमे पता है..किस चीज़ को मिल और मिला रहे थे आप अंदर..'

पर वो दोनो कुछ बोली नही और एक बार फिर से उसी तरह एक दूसरे की आँखो में देखकर मुस्कुराती रही..

और तभी बाहर की बेल दोबारा बजी..अजय की सास और ससुर वापिस आ गए थे..

प्राची भी कपड़े पहनकर बाहर आ गयी और फिर सबने मिलकर चाय पी...8 बज गये थे...चाय पीकर जब अजय जाने लगा तो प्राची ने डिन्नर के बारे में पूछा,तो उसने थके होने का बहाना करके मना कर दिया..पर फिर भी प्राची ने ज़बरदस्ती करते हुए कहा की वो डिनर करके ही सोए..और उसने ये कह दिया की वो पूजा के हाथ कुछ ही देर में खाना भिजवा देगी..

अजय ने भी पूजा का नाम सुनकर और नखरे बाजी नही की और अपने घर आ गया.



आने के बाद उसने सबसे पहले रजनी भाभी को मैसेज किया और उन्हे रात में होने वाली चेटिंग के बारे में भी पूछा..

उधर से मेसेज आया की शायद थोड़ी देर हो जाएगी,क्योंकि उनके घर कुछ मेहमान आए हुए है..और अभी तो शराब का दौर चल रहा है..डिन्नर करते-2 काफ़ी लेट हो जाएगा..वो तो शायद आज की रात मना करना चाहती थी,पर अजय इतना उतावला था की उसने उनकी बात नही मानी..और लेट नाइट में भी चेटिंग करने की बात मान ली.

फिर अजय ने कपड़े उतारे और नहाने घुस गया...चुदाई के बाद गर्म पानी से नहाने का अपना ही मज़ा है..पूरे शरीर में साबुन लगाकर वो बस अपनी किस्मत और मिलने वाली चूतों के बारे में ही सोचता रहा..

नहा धोकर उसने सिर्फ़ एक बॉक्सर पहना और उपर एक टी शर्ट..आज की रात वो फ्री होकर सोना चाहता था...वैसे भी जो अंदाज़े उसने लगा रखे थे,उसके हिसाब से तो रजनी के सामने ये सब भी उतर जाना था आज की रात..

पर इस बीच जो होने वाला था,उसका अंदाज़ा उसे भी नही था.

अजय के जाने के बाद पूजा और रिया में ख़ुसर फुसर शुरू हो गयी..कुछ ही देर में डिनर तैयार हो जाना था और पूजा ने डिसाइड कर लिया था की वो खाना लेकर रिया को भेजेगी..और वहां जाकर वो क्या-2 और किस हद तक कर सकती है,ये भी उसने समझा दिया था..वैसे भी वो नही चाहती थी की पहली बार में ही वो अपनी चूत मरवा बैठे..और वैसे भी रिया से पहले तो उसका नंबर था...उसका हक़ था..

वैसे तो रिया को खुद ही सेक्स से जुड़ी बाते बहुत पसंद थी और वो जल्द से जल्द अपनी लाइफ का पहला सेक्स एक्सपीरियन्स लेना चाहती थी..पर आज जब मौका उसके सामने चलकर खुद आया था, तो उसके हाथ पाँव फूल से गये..उसे घबराहट सी होने लगी..डर लगने लगा की कहीं कोई गड़बड़ ना हो जाए...अंदर ही अंदर उसे भी आत्मग्लानि सी हो रही थी की वो अपनी ही बहन का घर बर्बाद कर रही है..पर पूजा ने जब उसे समझाया की ये सब करने से किसी को कुछ नुकसान नही होगा और ना ही उनके अलावा किसी को पता चलेगा,तब जाकर उसे थोड़ा बहुत साहस मिला..और अपनी बहन पूजा के कहे अनुसार उसने कपड़े भी पहन लिए..अब तो बस इंतजार था जल्द से जल्द वहां जाने का.
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08-31-2018, 04:40 PM,
#90
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
9:30 बज चुके थे...रजनी ने खुद अपने हाथों से अपने प्यारे दामाद के लिए खाना पैक किया..मन तो उसका भी कर रहा था की वो खुद जाकर वो बॉक्स अपने दामाद को दे आए...और शायद इसी बहाने उसका भी कुछ भला हो जाए..पर अपने पति और प्राची को भी उसने अभी खाना खिलाना था,इसलिए वो कुछ ना बोली..बस ये सोचकर रह गयी की अभी तो 10 दिन का टाइम बाकी है,इनमे वो कोई ना कोई मौका ज़रूर तलाश लेगी.

डिनर का डब्बा जब तैयार हो गया तो उसने पूजा को आवाज़ लगाकर उसे जीजू के पास जाने को कहा,पर उसने ये कहकर की उसे कॉलेज का कुछ काम निपटाना है,रिया को भेजने के लिए बोल दिया..रजनी को कुछ शक़ नही हुआ की उन दोनो के बीच क्या खिचड़ी पक रही है..रिया ने बॉक्स लिया और धड़कते दिल से अपने जीजू के घर की तरफ चल दी.

हालाँकि अजय साथ वाली बिल्डिंग में ही रहता था,..पर वहाँ तक चलकर जाते हुए उसे वो रास्ता मीलों लंबा लग रहा था...हर कदम के साथ कई विचार उसके मन में आ रहे थे...पर उन विचारों को रोंदते हुए उसे अपने जीजू की चुदाई भी याद आ रही थी...और उसकी नन्ही और कुँवारी चूत सिर्फ़ यही सोचकर पसीने-2 हुई जा रही थी की जब उसपर अजय की उंगलियाँ टकराएँगी तो क्या होगा..



बेल बजाने के बाद उसने एक गहरी सांस ली और अपने चेहरे पर मुस्कान ले आई..क्योंकि वो जानती थी की ऐसे टेंशन लेने से वो मज़े नही मिलने वाले ,जो वो लेने आई थी.

अजय को पता था की पूजा आई होगी,उसका डिनर लेकर..और वो अपने खड़े हुए लंड को मसलता हुआ बाहर तक आया और दरवाजा खोले ही उसने कहा : "आइए...पूजा डार्लिंग...आइए..''

पर जब उसने रिया को सामने खड़ा देखा तो उसके होश उड़ गये..और वो भी मुस्कुराती हुई अंदर आ गयी.

अजय को दो बातों पर विश्वास नही हो रहा था...एक तो पूजा के बदले रिया कैसे आ गयी...क्योंकि पूजा तो हमेशा रिया को बचाकर रखती थी..और अपने पास आए मौके को उसने रिया को दे दिया,इस बात की हैरानी हो रही थी अजय को...और दूसरी बात हैरान करने वाली थी रिया के कपड़े..

वैसे तो घर से निकलते समय रिया ने लोंग निक्कर और जीप वाली जैकेट पहनी हुई थी..जो वो अक्सर रात को पहन कर सोती थी..पर पूजा के कहने पर उसने वो जैकेट दरवाजे के बाहर ही उतार कर रख दी थी..और अपनी लोंग निक्कर की बेल्ट वाली जगह से गोल-2 करके उपर लपेटकर उसे अल्ट्रा शॉर्टस में कनवर्ट कर लिया था..और शायद वो कुछ ज़्यादा ही शॉर्ट हो गयी थी...उसकी जाँघो का गोरा माँस किसी को भी लुभाने के लिए प्रयाप्त था..

और उपर का जिपर उतारने के बाद जो उसने पूजा के कहने पर पहना था,वो एक छोटी सी शमीज़ टाइप का टॉप था..बिल्कुल पतला कपड़ा..कंधे पर पतली डोरियां थी....वैसे भी उसकी चुचियाँ बिल्कुल छोटी-2 थी..सिर्फ़ हल्का उभार सा था उनपर..लेकिन इस तरह का टॉप पहनने के बाद जो सैक्सीपन उनमें आ रहा था..वो सिर्फ़ अजय को ही दिखा,क्योंकि उस महीन कपडे के नीचे उसके काले जामुन जैसे निप्पल साफ़ दिख रहे थे

इंफेक्ट , पूजा के कहने पर जब रिया ने ऐसे कपडे पहने थे और अपने बैडरूम के शीशे में में उसने जब खुद को उन सेक्सी कपड़ो में देखा था तो खुद की निखर रही जवानी पर उसे भी गुमान सा हो गया था, और पूजा ने जब अपने मोबाइल से उस छुटकी के सेक्सी पोज़ में पिक्स ली तो वो भी पूरे उत्साह के साथ अपने नन्हे बूब्स और सेक्सी टांगो को उभार-२ कर दिखाने लगी


पहले फ्रंट से अपनी सेक्सी साली को ऐसे कपड़े में और फिर अंदर जाते हुए उसकी मटक रही गोल फ़ुटबाल जैसी गांड को उस शॉर्ट स्कर्ट में देखकर तो अजय का लंड ऐसा खड़ा हुआ की हाथ से छुपाने के बाद भी वो छुपने का नाम नही ले रहा था...अब उसे अंदर अंडरवीयर ना पहनने का अफ़सोस हो रहा था.

अंदर जाकर रिया ने डिनर वाला डब्बा टेबल पर रख दिया और मुस्कुराती हुए अजय की तरफ पलटी और बोली : "क्या बात है जीजू...पूजा दीदी को तो आप डार्लिंग बोलते हो...और प्राची दीदी तो है ही आपकी डार्लिंग...तो मुझमें क्या कमी रह गयी जो आज तक आपने मुझे डार्लिंग नही कहा..''

बेचारा अजय सकपका कर रह गया...एक तो पहले से ही वो अपने खड़े हुए लंड को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रहा था..और उपर से रिया का ये बोल्ड सवाल सुनकर उसके बॉक्सर की परेशानी और बड़ गयी...उसने बड़ी ही मुश्किल से अपने लंड को उपर की तरफ करते हुए अपने लास्टिक वाले हिस्से से लंड के सुपाड़े को दबा दिया...और उपर की तरफ टी शर्ट को फेला कर उसे छुपाया..



और फिर खिसियानी हँसी हंसता हुआ वो अंदर आया और बोला : "अरे . नही...ऐसा कुछ नही है रिया...वो तो बस ऐसे ही...मैं तो अक्सर उसे छेड़ने के लिए ऐसा बोलता रहता हूँ ..और मेरे इस तरह के छेड़ने से वो चिढ़ती भी है...इसलिए बोलने में भी मज़ा आता है...और अभी प्राची ने बोला था की पूजा आएगी,सो यही सोचकर मैने डार्लिंग बोला की पूजा ही होगी...और मेरे डार्लिंग कहने पर हमेशा की तरह चिड़ जाएगी ''

अजय ने चालाकी से बात बदल दी

रिया : "रहने दो जीजू...डार्लिंग बोलने से भला किसी को क्या प्राब्लम हो सकती है...इंफेक्ट उन्हे तो अच्छा ही लगना चाहिए..आई एम स्योर ,अगर पूजा दीदी आई होती तो आज उन्हे ये सुनकर अच्छा ही लगता...''

वैसे भी,पहले और अब में आ चुके फ़र्क के बाद तो अगर अजय पूजा को कुतिया या रंडी भी बोल दे तो उसपर भी वो मुस्कुरा कर ही जवाब देगी..

अजय समझ चुका था की इस वक़्त वो रिया पर भी लाइन मार सकता है...और उसपर तो उसे विश्वास ही था की वो मना ही नही करेगी..

इसलिए वो बोला : "तो ठीक है...आज से मैं तुम्हे भी डार्लिंग बोलूँगा..रिया डार्लिंग..माय बैबी डार्लिंग..माय सेक्सी डार्लिंग..''

अजय के मुँह से अपने लिए डार्लिंग और सेक्सी शब्द सुनकर रिया की चूत तक के रोँये खड़े हो गये..उसके होंठ फड़फडा कर रह गये...और उनमें से सिर्फ़ इतना ही निकला...''ए...एक ...बार और बोलो....बोलो ना जीजू...''

अजय समझ गया की लोंड़िया गर्म हो रही है...एक तो रात का वक़्त,उपर से उसके ऐसे सेक्सी कपड़े...और सामने से वो खुद ही ऐसे लाइन दे तो हमारे ठरकी महाराज कहाँ रुकने वाले थे...ऐसे मौके तो वो हाथ बढ़ाकर पकड़ता था..

वो धीरे-2 चलता हुआ उसके करीब पहुँचा...और उसकी आँखो मे देखता हुआ फुसफुसाया : "माय डार्लिंग...रिया...माय सेक्सी डार्लिंग रिया.....माय बैबी डार्लिंग...रिया..''

रिया की भी साँसे तेज हो गयी...उसके जीजू ठीक उसके सामने खड़े थे...इतने करीब थे वो की उनका पेट वाला हिस्सा आपस मे टकरा रहा था..रिया को तो वो पेट ही लग रहा था..जबकि वो अजय का पेट नही बल्कि उभरा हुआ लंड था..जिसे उसने बड़ी मुश्किल से अपने बॉक्सर में बाँध कर रखा हुआ था..

अजय ने अपने हाथों की उंगलिओ से उसकी बाहों की चिकनी त्वचा को छुआ..और धीरे-2 उसकी नर्म बाजुओं की घिसाई करने लगा..

रिया तो किसी फेयरीटेल जैसी दुनिया में खो सी चुकी थी...एक तो पहले से ही उसे अपने जीजू से बहुत प्यार था..उपर से वो कब उसकी ख्वाबो की दुनिया के राजकुमार बन चुके थे,उसे भी पता नही चला था..और अब जिस अंदाज से वो उसे डार्लिंग और सेक्सी और ना जाने क्या-2 कह रहे थे उसके बाद तो उसका खुद पर से नियंत्रण ही खोता जा रहा था..उसकी आँखे बंद होती चली गयी...और उसने खुद को अजय की बाहों में लुडक जाने दिया..

और अजय ने उसके नाज़ुक शरीर को अपनी कठोर बाजुओं में लेकर मसल डाला..और दोनो एक गहरे आलिंगन में खो गये.

रिया तो अपने सपनो की दुनिया में थी..पर अजय तो यथार्थ में था..वो बस यही सोचे जा रहा था की ये अचानक रिया को क्या हो गया..भले ही आज से पहले भी वो काफ़ी हद तक खुल चुके थे..पर एकदम से इसे क्या हो गया..ऐसे कपड़े पहनकर वो उसके घर आई..और एक ही बार सिर्फ़ डार्लिंग और सेक्सी कहने पर ऐसे पिघलकर उसकी बाहों में आ गयी जैसे इसी काम के लिए वो उसके घर आई थी..

और तभी उसके दिमाग़ मे कुछ खटका..कही ये पूजा की प्लानिंग तो नही है..क्योंकि प्राची के कहे अनुसार तो पूजा को ही वहां आना था अभी..और ऐसे में रिया आ गयी..और वो भी ऐसे कपड़ो में ..

लेकिन जो भी था.. उसे तो इस हाथ आए मौके को पूरी तरह से इस्तेमाल करना था..इस उम्र की लड़कियो में सेक्स के प्रति क्या भावनाएं होती है ये वो अच्छी तरह से जानता था...और क्या-2 करके उन भावनाओ को भड़काया जा सकता है ये उसे किसी से सीखने की ज़रूरत नही थी..उसने रिया के नाज़ुक शरीर को अपनी बुझाओ में और ज़ोर से दबाया और अपने हाथ उसके नर्म कुल्हों पर रखकर उन्हे भी ज़ोर से दबा दिया..रिया की गांड एकदम परफेक्ट थी,उसे जितना दबाता वो उतनी ही तेजी उभरकर वापिस बाहर आ जाती, एकदम कसी हुई गांड थी उसकी

रिया ने भी अपने सीने पर लगे नुकीले निप्पल पूरी ताक़त से तीर की तरह अजय की छाती में घुसा दिए...और उसकी हथेलियों के मर्दन को अपनी गांड पर महसूस करते हुए वो धीरे से सिसकार उठी..

''ओह्ह्ह्ह्ह जीजू.....मेरे प्यारे जीजू......माय लव........माय लाइफ.......आई लव यूउssssssssssssssssssss जीजू .....''

और अपने प्यार का इज़हार करने के साथ ही उसने अपने होंठ अजय की तरफ बड़ा दिए...और दोनो एक गहरी और कभी ना टूटने वाली गीली सी स्मूच में डूब गये...
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