Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दुबई में
03-01-2019, 11:17 AM,
#41
RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
“ओह तुम और इस वक्त यहाँ,आओ अंदर आ जाओ,देखो तो कौन आया है हमारे घर सायरा” यासिर ने हमारे अपारटेमेंट का दरवाज़ा खोलते ही कहा.

तो इस के साथ ही मुझे अपने शौहर के पीछे पीछे मेरे शौहर का दोस्त विनोद अपने घर में दाखिल होता हुआ नज़र आ गया.

“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ विनॉद्द्द्द्द्दद्ड और इस वक्त हमारे घर में, हाईईईईईईईईईईईईईई अब में क्या करूँ” विनोद के साथ चुदाई करने के बाद से आज पहली बार मेरा विनोद से आमना सामना हो रहा था. इसीलिए विनोद को यूँ अचानक अपने सामने देख कर में एक दम परेशान हो कर सोचने पर मजबूर हो गई.

रात के अंधेरे में एक गैर मर्द से जिन्सी ताल्लुक़ात कायम करना एक अलग बात है. 

लेकिन फिर दिन की रोशनी में उसी मर्द का सामना करना एक बहुत ही अलगा मामला है.

इसी लिए विनोद से अपनी गरम चूत फड्वाने के एक महीने के बाद विनोद को यूँ अचानक अपने सामने मौजूद पा कर मेरे तो होश ही उड़ गये. 

“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ कहते हैं कि जेसे ही शैतान को याद करो, तो शैतान एक दम आप के सामने किसी ना किसी सूरत में हाज़िर हो जाता है, बिल्कुल उसी तरह में अभी थोड़ी देर पहले ही विनोद को याद कर के अपनी चूत में उंगली कर रही थी, और फिर कुछ ही देर बाद विनोद एक दम मेरे सामने भी आ गया है” विनोद को यूँ अपने सामने देख कर मेरे दिल में ख्याल आया. 

विनोद को इतने दिनो बाद आज एक दम अपने घर में देख कर मेरे दिल ही हालत उस वक्त बिल्कुल उस टीन एज लड़की जेसी हो रही थी.

जो ज़िंदगी में पहली बार जब अपने महबूब का दीदार करती है. तो अपने महबूब को देखते ही अपने होश-ओ-हवास खो बैठती है.

बिल्कुल कुछ ऐसी ही हालत से गुज़रये हुए में भी अपनी साँस रोके खामोशी से विनोद को अपने घर के टीवी लाउन्ज में आते देखती रही.

“नमस्ते सायरा जी,आप केसी हैं” मुझे गुम सूम हालत में खड़े होने के बावजूद विनोद ने मेरे सामने आते ही अपने दोनो हाथ जोड़ कर मुझे खालिस इंडियन स्टाइल में सलाम किया. 

“जीिइईईई में ठीक हूँ,आप केसे हैं” विनोद की आवाज़ अपने कानो में पड़ते ही मुझे एक दम होश आया. और अपने धड़कते दिल के साथ हिचकिचाते हुए मैने विनोद की बात का जवाब दिया.

“में भी बस ठीक ही हूँ,आज आप के घर के पास से गुज़र रहा था,तो सोचा आप लोगो को हेलो हाई करता चलूं” मेरी तरफ महनी खेज नज़रों से देखते हुए विनोद ने मुझ से ये बात कही. और फिर बहुत नॉर्मल अंदाज़ में खामोशी से सोफे पर बैठ गया.

“जल्दी से विनोद के लिए कुछ चाय पानी का बंदोबस्त करो सायरा” विनोद के साथ ही सोफे पर बैठे हुए यासिर ने मुझ से कहा.तो में इस मोके को गनीमत जानते हुए धड़कते दिल के सोफे से उठ कर तेज़ी के साथ किचन की तरफ चल पड़ी.

“उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मेरी फुद्दि तो विनोद को याद करते हुए पहले ही से गरम हो रही थी,और अब अपने यार को यूँ अपने सामने पा कर मेरी चूत में तो एक आग सी जल उठी है” किचन में पहुँच कर ये बात सोचते हुए मैने अपनी भिखरी सांसो को संभाला. और फिर जल्दी जल्दी विनोद और यासिर के लिए चाय बनाने में मसगूल हो गई.

कुछ देर बाद चाय ले कर जब में टीवी लाउन्ज में वापिस दाखिल हुई. तो यासिर की बे तकलुफ अंदाज़ में विनोद से की जाने वाली खुश गपियाँ देख कर में हैरानी से अपने शौहर को देखते हुए ये सोचने लगी कि “लगता है मेरी चूत चोद कर मुझे हमला (प्रेगनेंट) करने के बावजूद भी, मेरे शौहर यासिर को आज विनोद के यूँ हमारे घर अचानक आ कर मुझ से मिलने का अमल बुरा नही लगा है शायद”.

इस के साथ ही मैने अपने शौहर यासिर और उस के दोस्त विनोद को चाय पेश की. तो इस दौरान सोफे पर बैठे विनोद ने मेरे हाथ से चाय का कप थामते हुए एक लम्हे के लिए मेरे सारे जिस्म का एक भेरपूर जायज़ा लिया. और फिर मेरे हाथ से चाय का कप ले कर यासिर के साथ दुबारा खुश गपियों में मसरूफ़ हो गया.

यासिर और विनोद को चाय पेश करने के बाद मैने अपना चाय का कप लिया और मूड कर अपने बेड रूम में जाने लगी. तो यासिर ने मुझे पीछे से आवाज़ दी “तुम किधर जा रही ही, इधर हमारे साथ ही बैठ कर चाय पिओ ना सायरा”.

“उफफफफफफफफफफ्फ़ एक तो यासिर की समझ नही आती, कल तो मुझे अपने पेट में जनम लेने वाले विनोद के इस बच्चे को फॉरन ज़ाया करने की बात कर रहा था, और दूसरी तरफ अब खुद ही मुझे उसी विनोद के साथ बैठ कर चाइ पीने पर मजबूर कर रहा है, जिस का बच्चा मेरे पेट में पल रहा है” अपने शौहर की आवाज़ सुन कर कमरे में जाते मेरे कदम एक दम रुक गये. और में ना चाहते हुए भी टीवी लाउन्ज के दूसरे कोने में रखे हुए एक सोफे पर बैठ कर चाय पीने में यासिर और विनोद का साथ देने लगी.

विनोद और यासिर की आपस में होने वाली सारी बात चीत के दौरान मैने कोई हिस्सा नही लिया. बल्कि एक खामोश तमाशाई की हैसियात में सोफे पर बैठ कर चाय पीने के दौरान अपने शौहर और उस के दोस्त की बातों को सुनने में ही मसरूफ़ रही. 

मगर इस दौरान मैने नोट किया कि बातों और चाय पीने के दौरान ही मेरे शौहर यासिर की आँखों के ऐन सामने विनोद बार बार मेरी तरफ देखते हुए मेरे बदन के अंग अंग को अपनी नज़रों से चोदने में मसरूफ़ था.

जब कि यासिर के बोलने के अंदाज़ और जिस्म की हरकत-ओ-सकनात को देखते हुए मुझे किसी तौर पर भी ये शक नही हो रहा था. कि मेरे शौहर यासिर को विनोद की ये हरकत बुरी लग रही है.

“ उफफफफफफफफफ्फ़ अपनी जवान बीवी के वजूद पर पड़ती हुई अपने दोस्त की गरम निगाहों का मतलब अच्छी तरह समझने के बावजूद भी यासिर बिल्कुल अंजान बना हुए विनोद को मेरे जिस्म का तोवाफ़ करने का मोका फ़ेरहाम करने में मसरूफ़ है” विनोद की नज़रों को अपने जिस्म पर चुभते हुए महसूस कर के मज़े से महज़ूज़ होते हुए मैने सोचा. 

थोड़ी देर बातों बातों में यासिर ने विनोद से रस्मान पूछा “सपना की मौत के बाद, अगर तुम को हमारी किसी भी हेल्प या चीज़ की ज़रूरत हो तो बिना तकल्लूफ हम को बताना विनोद”

“में खुद तुम से इसी सिलसिले में एक बात करना चाहता था, मगर मुझे समझ नही आ रही थी, कि कहाँ से इस बात को स्टार्ट करूँ, मगर तुम ने मेरी मुश्किल आसान बना दी है, असल में आज में एक बहुत ज़रूरी रिक्वेस्ट ले कर तुम्हारे पास आया हूँ, और एक अच्छे दोस्त की हैसियत से मुझे उम्मीद है तुम हमेशा की तरह इस बार भी मुझे इनकार नही करो गे यासिर” मेरे शौहर की बात सुन कर विनोद बोला. तो अपने शौहर यासिर की तरह में भी अपनी चाय की चुस्की लगाते हुए एक दम विनोद की तरफ मुतवजू हो गई.

“हां हां बताओ मुझ से जो हो सकेगा वो में तुम्हारे लिए करने को तैयार हूँ विनोद” विनोद की बात सुनते ही यासिर एक बार फिर बोला.

“यासिर तुम जानते हो कि सपना की मौत के बाद में अकेला रह गया हूँ, इसीलिए में सोच रहा हूँ कि दुबारा से शादी कर लूँ” यासिर की बात के जवाब में विनोद बोला. तो विनोद की दूसरी शादी की बात कर सुन ना जाने क्यों मुझे अपना दिल एक दम डूबता हुआ महसूस हुआ.

“ओह ये तो बहुत अच्छी बात है,क्या दूसरी शादी के लिए इंडिया में कोई लड़की देख रखी है तुम ने विनोद” विनोद की ये बात सुन कर यासिर एक दम खुशी से बोलते हुए कहने लगा.

“इंडिया में नही बल्कि इधर दुबई में ही एक लड़की को में पसंद कर चुका हूँ, और इसी लिए में तुम्हारे पास आया हूँ यासिर” विनोद ने मेरे शौहर की बात का जवाब दिया.
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03-01-2019, 11:17 AM,
#42
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“इंडिया में नही बल्कि इधर दुबई में ही एक लड़की को में पसंद कर चुका हूँ, और इसी लिए में तुम्हारे पास आया हूँ यासिर” विनोद ने मेरे शौहर की बात का जवाब दिया.

“अच्छा में समझ गया तुम चाहते हो कि हम तुम्हारे साथ जा कर उस लड़की के घर वालों से तुम्हारे रिश्ते की बात करें, ठीक है तो फिर किसी दिन लड़की के घर वालों से मिल कर तुम्हारे रिश्ते की बात पक्की कर लेते हैं यार” विनोद की बात ख़तम होते ही यासिर खुशी से मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देख कर कहने लगा.

“यार अपनी दूसरी शादी के लिए मुझे किसी और से बात करने को कोई ज़रूरत नही, बल्कि मुझे तो सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारी हां की ज़रूरत है, और इसी लिए रिश्ते की बात करने और तुम्हारी इजाज़त लेने में तुम्हारे पास आया हूँ यासिर” यासिर की बात ख़तम होते ही विनोद ने जब ये बात कही. तो यासिर के साथ मुझे भी विनोद की इस बात बात पल्ले नही पड़ी. 

इसीलिए विनोद की बात ख़तम होते ही में और यासिर एक दूसरे का मुँह देखने के बाद एक दम विनोद की तरफ देखने लगे.

“शादी तुम ने करनी है, मगर इजाज़त माँगने और रिश्ते की हां लेने के लिए तुम मेरे पास आए हो, में कुछ समझा नही विनोद” मेरी तरह यासिर को भी विनोद की इन अजीब बातों की कुछ समझ नही आ रही थी. इसीलिए अब की बार यासिर ने तज्सोस भरे लहजे में विनोद से बोलते हुए कहा.

“ चलो में खुल कर समझाता हूँ तुम्हें,असल में बात ये है कि मैने ज़िंदगी में बहुत सी औरतों के साथ चुदाई की है, मगर जो मज़ा मुझे तुम्हारी बीवी सायरा के साथ एक रात में मिला है, वो मज़ा सपना समेत मुझे आज तक किसी दूसरी औरत से ने नही मिला, सायरा के साथ गुज़ारी गई वो रात मुझे अभी तक नही भूली,इसी लिए सपना की मौत के बाद, अब मैने ये सोचा है, कि किसी और औरत को अपनी ज़िंदगी का साथी बनाने की बजाय, क्यों ना में सायरा से दूसरी शादी कर के तुम्हारी बीवी को में अपनी पत्नी बना लूँ, और इसी लिए सायरा का रिश्ता माँगने में तुम्हारे पास आया हूँ यासिर” विनोद ने इतनी बड़ी बात बहुत आराम और धीमे लहजे में यासिर से एक दम कह तो डाली. 

मगर मैने महसूस किया कि ये बात अपने मुँह से निकालते ही विनोद के चेहरे पर एक अजीब सी शैतानी मुस्कराहट फैलती चली गई थी.

इधर विनोद ने मेरे और यासिर की तरफ देखते हुए बहुत बहुत खुले और नंगे अल्फ़ाज़ में ये बात कही. 

तो विनोद से चुदवाने के बावजूद अपने शौहर के सामने विनोद की ज़ुबान से निकलने वाली ये गंदी बात सुन कर मुझे बहुत शरम महसूस होने लगी. 

“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ आम तौर पर तो लोग गैर शादी शुदा लड़कियों का रिश्ता माँगने उन लड़कियों के माँ बाप के पास जाते ही हैं, मगर आज पहली बार कोई मर्द एक शादी शुदा औरत का रिश्ता माँगने उसी औरत के ज़िंदा शौहर के पास चला आया है, इसे कहते हैं कि आँखों का लाड़ला, खेलने को माँगे चाँद रे” विनोद को यूँ मेरे सामने मेरे शौहर यासिर से मेरा रिश्ता माँगते हुए देख कर मेरे दिल में इस ख्याल ने जनम लिया. 

विनोद की इस अनोखी ख्वाहिश पर यासिर की तरह मुझे भी हद से ज़्यादा हैरत महसूस हुई. और इसी लिए यासिर के साथ साथ मेरा अपना मुँह भी हैरत के मारे खुला का खुला ही रह गया.

मगर इस के साथ ही मुझे यूँ महसूस हुआ कि मुझे अपनी बीवी बनाने की बात विनोद के मुँह से सुनते ही मेरी चूत में लगी आग के शोले एक दम बुलंद हो चुके थे. और मेरी चूत का पानी मेरी फुद्दि से निकल कर मेरी गुदाज रानों को गीला करने लगा था.

“तुम्हारा दिमाग़ तो खराब नही हो गया विनोद, सायरा तो मेरी बीवी है और मेरे जीते जी तुम इस से शादी केसे कर सकते हूऊऊऊऊओ” विनोद की बात सुनते ही यासिर के गुस्से का पारा एक दम आसमान से बातें करने लगा. और वो चीखते हुए विनोद से बोला.
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03-01-2019, 11:18 AM,
#43
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“यार आराम से मेरी बात सुनो ,शादी ना होने के बावजूद भी तुम और सपना और में और सायरा आपस में मियाँ बीवी वाला रिश्ता कायम तो कर ही चुके थे ना, अब जब कि सपना इस दुनिया में नही रही, तो क्यों ना में सायरा से शादी कर के तुम्हारी बीवी को अपनी भी बीवी बना लूँ, इस तरह सायरा तुम्हारे साथ साथ मेरी भी बीवी बन कर मेरे घर में रहे गी, और हम दोनो मिल कर एक साथ सायरा की जवानी के मज़े लूटेंगे ” यासिर को गुस्से में आते देख कर विनोद ने मेरे शौहर को समझते हुए मेरी तरफ प्यार भरी निगाहों से देखा. 

“हाईईईईईईईईईईईईईईईई कषह मेरे बस में होता तो में अभी विनोद को अपना शौहर मान कर उस के मोटे लंड से एक बार फिर अपनी सुहाग रात मना लेती” विनोद को यूँ गरम निगाहों से अपनी तरफ देखते हुए मैने सोचा.

इस बात को अच्छी तरह जानते हुए भी कि विनोद की बात पर अमल होना एक नमुकिन अमल है.

मगर इस के बावजूद मेरे दिल को विनोद की बीवी बनने वाली ये बात एक दम से अच्छी लगने लगी थी. 

जिस की वजह से मेरी चूत में लगी हुई जवानी की आग पहले से ज़्यादा तेज़ी से भड़कने लगी थी.

“तुम से अपनी प्रमोशन हासिल करने के लिए मैने तुम्हें अपनी बीवी के साथ एक रात गुजारने की इजाज़त दी थी, मगर तुम तो मुझे ब्लॅकमेल कर के मेरी बीवी के साथ अपनी पूरी ज़िंदगी बसर करने का सोचने लगे हो, मगर अच्छी तरह सुन लो कि ये बात नामुमकिन है, इसीलिए बेहतर है कि तुम इसी वक्त इधर से चले जाओ विनोद” विनोद की बात सुन कर यासिर ने गुस्से में कहा.

“ठीक है में चला जाता हूँ, मगर जाने से पहले एक बात ज़रूर बताना चाहता हूँ,कि मैने अपने घर के हर रूम में ख़ुफ़िया केमरे लगा रखे हैं, जिन में हर वक्त रेकॉर्डिंग होती रहती है, अगर में चाहता तो अपनी और सायरा की चुदाई की वीडियो के ज़रिए भी में तुम दोनो को ब्लॅकमेल कर के अपना काम निकलवा सकता था,मगर में ऐसा इसीलिए नही करूँगा , कि जो मज़ा रज़ामंदी से कोई चीज़ हासिल करने में है,वो ज़ोर जबर्जस्ती में नही, इसीलिए अगर तुम मेरी बात नही मान रहे तो कोई बात नही,में चला जाता हूँ , मगर जाने से पहले तुम्हें अपनी और सायरा की चुदाई की ऑरोजिनल सीडी भी दे कर जा रहा हूँ,ताकि तुम को ये डर ना रहे कि में आइन्दा तुम्हें कभी ब्लॅकमेल करने की कोशिश करूँगा ” विनोद ने ये बातें कहते हुए अपनी पॅंट की पॉकेट से एक सीडी निकाल कर सामने की टॅबेल पर रखी. और फिर एक दम से उठ कर हमारे घर से बाहर निकल गया.

“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ अभी तो में तुम्हारे पेट में विनोद के बच्चे वाली बात से ही सम्भल नही पाया था, और अब विनोद एक नई मुसीबत खड़ी कर गया है मेरे लिए” विनोद के जाने के बाद यासिर एक दम अपने सर को दोनो हाथों से थामते हुए मुझ से बोला.

“बड़ा शौक था ना तुम्हें अपनी बीवी को किसी और मर्द से शेर करने का,अब जब अपनी बीवी की चूत को एक गैर मर्द के लंड से चुदवा लिया है, तो अब इस तरह की बातें तो होंगी ही ना मेरी जान” यासिर की बात सुन कर मैने मुस्कुराते हुए अपने शौहर को जवाब दिया. और खुद चाय के बर्तन उठा कर किचन में चली गई.

उस शाम विनोद के जाने के बाद यासिर को तो एक अजीब सी चुप ही लग गई. और वो सारा वक्त टीवी देखने के दौरान गुम सूम अपनी किसी सोच में ही मगन रहा.

जब कि में पूरी शाम विनोद की कही गई बात और अपने पेट में पलने वाले उस के बच्चे के अहसास की बदोलत अपनी चूत में लगी आग की तपिश को महसूस कर के गरम होती रही.

उस रात सोने से पहले यासिर ने गर्मी की वजह से अपनी कमीज़ उतार दी. तो में भी अपनी पतली सी शलवार कमीज़ में मलबूस हो कर सोने के लिए यासिर के पहलू में लेट गई.

“ विनोद को में अच्छी तरह जानता हूँ,वो अक्सर नशे में धुत हो कर ऐसी बकवास करता रहता है, इसीलिए तुम उस की बातों की परवाह ना करो, बल्कि तुम बताओ तुम ने अपने पेट में पलने वाले विनोद के बच्चे के बारे में क्या फ़ैसला किया है सायरा” मेरे बेड पर लेटते ही यासिर एक दम कल वाली बात को याद करते हुए मुझ से पूछने लगा.

“अभी तो कोई फ़ैसला नही किया, अभी में सोच रही हूँ यासिर” अपने शौहर को यूँ बेताबी से मुझ से विनोद के बच्चे को गिराने का पूछने पर मैने बहुत आराम से जवाब दिया. 

“बेहतर यही है कि मेरी बात मानते हुए तुम अपने पेट में पालने वाले इस बच्चे से निजात हासिल कर लो, क्योंकि में नही चाहता कि मेरी बीवी किसी गैर मर्द के बच्चे की माँ बने सायरा” यासिर ने अपनी बात पर ज़ोर देते हुए मुझ से कल वाली बात दोबारा से कह दी.

“विनोद से चुद्ने में खुद तो नही गई थी ना, जब तुम खुद अपने होश-ओ-हवास में अपनी जवान बीवी को खुद एक हिंदू मर्द से चुदवाने के लिए ले गये थे, तो उस वक्त तुम्हें खुद ही इस बात का अंदाज़ा होना चाहिए था, कि एक रात की चुदाई का ये अंजाम भी निकल सकता है यासिर” यासिर के कहे हुए ये अल्फ़ाज़ सुन कर मेरे जिस्म में एक आग सी लगी और मैने गुस्से में अपने शौहर को जवाब दिया.

“ तुम्हारी बातों से तो अंदाज़ा होता है कि जेसे तुम ने ये पक्का इरादा कर लिया है, कि तुम अपने पेट में पलने वाले विनोद के इस बच्चे को जनम ज़रूर दो गी सायरा” मेरी बात सुन कर यासिर ने मुझ से पूछा.

“अगर मेरा जवाब सुनना चाहते हो तो सुनो, हां मैने ये फ़ैसला कर लिया है कि में किसी सूरत अबॉर्षन नही करवाउन्गी यासिर” मैने अपने शौहर की बात का दो टुक अल्फ़ाज़ में जवाब दिया.

“तुम क्यों अपनी ज़िद पर अड़ी हुई हो यार, ज़रा सोचो कि जब तुम अपनी कोख से एक इंडियन मर्द के बच्चे को जनम दो गी, तो ये दुनिया तुम्हें क्या कहेगी सायरा” मेरी बात सुनते हुए यासिर ने गुस्से में मुझ से कहा.

“यासिर तुम अच्छी तरह जानते हो कि तुम कभी बाप नही बन सकते, अब अगर विनोद की वजह से में प्रेगनेंट हो गई हूँ, तो में ये बच्चा अब अपनी खुशी से नही, बल्कि तुम्हारी माँ को तुम्हारी जायदाद का एक वारिस देने की खातिर पेदा करना चाहती हूँ, रही दुनिया वालों की बात, तो इंडियन और पाकिस्तानी लोगो के रंग और रूप तो वैसे भी तकरीबन एक ही जैसे होते हैं, इसीलिए बाहर के लोगो को केसे पता चले गा, कि मेरी कोख से जनम लेने वाले इस बच्चे का बाप विनोद नामी एक इंडियन मर्द है, या यासिर नामी मेरा अपना पाकिस्तानी शौहर” मैने यासिर से ये बात कहते हुए अपने शौहर को उस की अम्मी की कही हुई सारी बात भी तफ़सील से बता दी.और साथ ही साथ यासिर की अम्मी की दी हुई तलाक़ वाली धमकी का भी बता दिया.

“तुम ठीक ही कह रही हो, अपनी इस जिन्सी ख्वाहिश को पूरी करने से पहले, मुझे इस बात का अंजाम सोचना चाहिए था, और अगर तुम ने मेरी खातिर इतना बड़ा कदम उठा लिया है,तो में भी अब किसी सूरत मे तुम्हें अपने आप से जुदा नही होने दूँगा,चाहे इस के लिए मुझे किसी और के बच्चे का बाप ही क्यों ना कहलाना पड़े सायरा” मेरे मुँह से अपनी अम्मी की सारी बात की तफ़सील सुन कर यासिर ने मुझे हॉंसला देते हुए कहा.

“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ यासीर्र्ररर तुम कितने अच्छे हो मेरी जान” अपने शौहर को यूँ मेरी बात मानते हुए देख कर मेरे दिल खुशी से बाग बाग हो गया.

और मैने एक दम अपने पास लेते हुए अपने शौहर के मुँह में मुँह डालते हुए यासिर के लिप्स को अपनी ज़ुबान से चूसना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर हम दोनो मियाँ बीवी एक दूसरे के होंठों को चूमते और चाटते रहे. और फिर किस वक्त हमे नींद ने घैर लिया. इस का हमे खुद भी पता ना चला.

कहते हैं कि जो बात या वाकिया आप को दिन के वक्त पेश आता है. कभी कभी वो ही बात रात को एक ख्वाब की शकल में आप के दिमाग़ में आ जाती है.

कुछ ऐसी ही बात उस रात मेरे साथ भी हुई. कि उस रात में यासिर के साथ एक बिस्तर पर सोते हुए मुझे नींद में एक ख्वाब नज़र आया.

मैने इस ख्वाब में देखा कि में एक दुल्हन बनी अपनी सुहाग की सेज पर बैठी हूँ. और विनोद दूल्हा के रूप में मेरे पास आ कर मेरा घूँघट उठाता है.

इधर मेरे ख्वाब में विनोद ने मेरा घूँघट उठाया. तो दूसरी तरफ “ओह हाइईईईईईईईई” करते हुए एक दम मेरी आँख खुल गई.

आँखे खुलते ही मुझे यूँ महसूस हुआ कि नींद के आलम में मेरा हाथ इस वक्त मेरी चूत पर है. और ये ख्वाब देखते हुए में अपनी चूत से खेलने में मसरूफ़ हूँ.

ज्यों ही मेरी आँख खुली तो इस के साथ ही मेरी मुँह से निकलती हुई सिसकियों ने मेरे शौहर यासिर को भी नींद से जगा दिया.

“क्या हुआ तुम्हें,सब ठीक है ना सायरा” मेरे पहलू में लेटे यासिर ने अपनी आँखे खोलते ही मुझ से पूछा.

“ओह मेरी फुद्दि में इस वक्त आग लगी हुई है, और मुझे तुम्हारे लंड की शदीद तलब हो रही है, चोदो मुझे यासीर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर” यासिर की बात सुनते ही मैने एक दम अपने और यासिर के कपड़े उतारे .और फिर दूसरे ही लम्हे बिस्तर पर लेटे हुए अपने शौहर के नंगे जिस्म पर चढ़ गई.
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03-01-2019, 11:18 AM,
#44
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ज्यों ही मेरा नंगा वजूद अपने शौहर यासिर के उपर आया. तो यासिर ने नीचे से मेरे चौड़े कुल्हों को अपने हाथों में जकडते हुए मेरी चूत के होंठों को अपने लंड के लिए खोल दिया.

यासिर के हाथों अपनी चूत का मुँह खुलते ही मैने अपने आप को आहिस्ता आहिस्ता नीचे ले जाते हुए अपनी चूत को अपने अपने शौहर यासिर के तने हुए लंड के ऐन उपर लगा कर यासिर के लंड को अपनी पानी छोड़ती गरम फुद्दि में दाखिल होने की इजाज़त दे दी.



यासिर का लंड ज्यों ही मेरी चूत के लबों से स्लिप हो कर मेरी गरम फुद्दि के अंदर आया. तो मज़े से बे हाल होते हुए मेरे होंठों से एक हल्की सी चीख निकल पड़ी.

“ओह मेरी चूत में एक आज लगी हुई है,मुझे चोद चोद कर मेरी चूत की आग को ठंडा करो मेरी जान” यासिर के लंड को अपनी चूत में जज़ब करते ही में मज़े से सिसकारती हुई अपने शौहर के लंड पर तेज़ी के साथ उछलते हुए यासिर से चुदवाने लगी थी.

उफफफफफ्फ़ क्या मज़ा था.कि में अपने शौहर के लंड के उपर बैठ कर तेज़ी से उपेर नीचे हो रही थी. 



जब कि यासिर मेरे हाथों को अपने हाथों में थाम कर नीचे से मेरी चूत में ज़ोर दार धक्के लगाते हुए मेरी प्यासी चूत को अपने लंड से चोदने में मसरूफ़ हो गया था.

“ओह तुम्हारे लंड को अपने अंदर लेने के बावजूद मुझे नज़ाने क्यों मुझे अपनी चूत खाली खाली सी महसूस हो रही है यासिर” अपने शौहर के लंड पर पानी पानी होती हुई अपनी प्यासी चूत घुमाते हुए एक दम मेरे मुँह से ये बात निकल गई.

“शादी के बाद से आज तक तुम ने कभी मुझ से ऐसी बात नही की, और ना ही मैने इस से पहले कभी इस बारे में कभी गौर किया है, मगर आज तुम्हारी चूत मुझे भी पहले से कुछ खुली खुली सी महसूस हो रही है सायरा” मेरी बात सुन कर यासिर ने एक लम्हे के लिए नीचे से अपने मुँह उपर करते हुए मेरी तरफ देखा और फिर मुझ से बोला.

“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ तो कुछ ऐसा करूऊऊऊऊओ ना मेरी जान, जिस से मेरी चूत को तुम्हारे लंड की सख्ती अपने अंदर महसूसस्स्स्स्स्स्सस्स हो यासीर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर” यासिर का जवाब सुन कर में बे चेनी से सिस्कार्ते हुए बोली.

“अच्छाआआआअ अगर तुम्हारी चूत को मेरे लंड का अपने अंदर मौजूदगी का अहसास नही हो रहा तो फिर तो एक ही हल है मेरी जान” ये कहते हुए यासिर ने मेरी चूत के फूले हुए होंठों के दोनो तरफ अपने हाथों को रखते हुए मेरी चूत के होंठों को अपने तने हुए लंड के इरद गिर्द कसा.



और फिर अपनी गान्ड को बिस्तर से उपर उठाते हुए अपने खड़े हुए लंड को तेज़ी के साथ मेरी चूत के अंदर मारने लगा.

“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ आब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब थोर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रररा सा अहससस्स्स्सस्स हो रहा है कि मेरी चूत में कोई चीज़ गई है यासीर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर” अपनी चूत के फूले हुए लिप्स के दोनो तरफ यासिर के हाथों के दबाव की वजह से अपने शौहर के लंड के अहसास को फील करते हुए मैने यासिर से कहा. और अपनी चूत को अपनी पूरी ताक़त के साथ यासिर के लंड पर फेरने लगी थी.

ज्यों ही मज़े से बे हाल हो कर मैने यासिर के लंड पर अपनी गरम चूत मारी. तो मेरी चूत की गर्मी की वजह से यासिर के लंड का सबर ख़तम हो गया और यासिर ने एक दम अपने लंड का पानी मेरी गरम चूत में छोड़ दिया.

“अभी तो मेरी चूत की आग हल्की भी नही हुई थी, कि तुम एक दम फारिग भी हो गये यासिर” यासिर के यूँ अचानक अपने लंड का पानी छोड़ना मुझे अच्छा नही लगा. और मैने गुस्से में झुंझलाते हुए अपने शौहर से कहा.

“उफफफफफफफफफ्फ़ तुम्हारी चूत की गर्मी ने मुझे इतना पागल कर दिया था, कि में अपने आप पर काबू नही रख सका मेरी जान” मेरी बात सुन कर यासिर ने जवाब दिया.

“ओह मगर अब में क्या करूँ, मेरी चूत तो अभी तक गरम है मेरी जान” अपनी चूत को यासिर के ढीले पड़ते लंड पर रगड़ते हुए में चली.

“तुम अपनी चूत को मेरे मुँह पर रखो, में तुम्हारी चूत को अपनी ज़ुबान से चाट कर तुम्हारी चूत को ठंडा कर देता हूँ सायरा” मुझे अपनी चूत की गर्मी से बे हाल होते देख कर यासिर ने मेरी चूत को चाटने की खुद ही मुझे ऑफर दी. 

अपने शौहर के मुँह से ये बात सुनते ही मेरी चूत और मचल उठी. और मैने एक लेम्हा ज़ाया किए बिना यासिर के लंड के पानी से भरी अपनी चूत अपने शौहर के मुँह पर रख दी.

“उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ चातूऊऊऊऊऊ मेरी चूत और अपने ही लंड के पानी का स्वाद चख लो मेरी चूत से यासिर” मैने अपने शौहर के मुँह पर बैठ कर अपनी चूत के मुँह को अपने दोनो हाथों से खोला. और फिर अपनी चूत को अपने शौहर के खुले मुँह पर तेज़ी के साथ मारने लगी.

“ये तो बताओ आज ये अचानक तुम्हें नींद में क्या हुआ कि तुम्हारी चूत इतनी गरम हो गई है सायरा”अपने ही लंड से ताज़ा ताज़ा चुदि हुई मेरी चूत में नीचे से अपनी नुकीली ज़ुबान घुमाते हुए यासिर ने मुझ से सवाल किया.

“ओह मैने अभी अभी एक अजीब से ख्वाब देखा है, कि मेरी शादी विनोद से हो चुकी है और में दुल्हन बन कर सुहाग की सेज पर बैठी हुई हूँ, तो ख्वाब में अपने आप को विनोद की दुल्हन बने देख कर मेरी चूत में आग लग गई है यैइसरर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर”



मज़े से बे हाल होते हुए मैने अपने एक मम्मे के निपल को अपने हाथ से मसल्ते हुए यासिर की बात सुन कर मैने जवाब दिया. और फिर यासिर के गरम होंठों पर अपनी नरम चूत को रगड़ने लगी.

“ओह अच्छााआअ ऐसे लगता है कि तुम्हें विनोद की बीवी बनने का आइडिया अच्छा लगा है मेरी जान” यासिर अपने मुँह पर फिरती हुई मेरी चूत के होंठों पर अपनी ज़ुबान घुमाते हुए एक दम मुझ से ये सवाल पूछ बैठा.

“हान्ंनननननननननणणन् ना सिर्फ़ मुझे उसका ये ख्याल अच्छा लगा है, बल्कि में हक़ीकत में भी अब विनोद की बीवी बनना चाहती हूँ, इसीलिए तुम कल सुबह विनोद को बता दो गे तुम्हें अपनी बीवी के लिए उस का रिश्ता कबूल है यासीर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर”



ये बात कहते हुए मैने अपने मोटे मम्मे को अपने हाथ से दबाते हुए यासिर के मुँह पर अपनी चूत का दबाब बढ़ाया. तो मेरी गरम चूत से यासिर के लंड की मनी निकल कर मेरे शौहर के खुले मुँह में गिरने लगी थी.

“उम्म्म्ममममम जब शादी के बिना ही तुम्हें विनोद का लंड चुदाई के लिए दस्तियाब हो सकता है,तो फिर शादी के झंझट में पड़ने की ज़रूरत ही क्या है मेरी जान” मेरी बात सुन कर यासिर ने फुद्दि चाटते हुए मुझ से पूछा.

“जैसे तुम्हारी फॅंटेसी थी कि तुम मुझे किसी और मर्द से चुदवाओ,इसी तरह अब मेरी भी ये फॅंटेसी है कि में विनोद की बीवी बन कर उस के लंड से मज़े लूँ, क्योंकि जैसे पेप्सी की कमर्षिल में कहते है ना कि ये दिल माँगे मोर, इसी तरह एक बार विनोद से चुदने के बाद मेरी चूत भी अब विनोद का लंड माँगे मोर, वैसे भी विनोद से शादी कर के में एक तीर से तीन शिकार करूँगी यासिर” 



अपने शौहर की बात का जवाब देते हुए में यासिर के सर को अपने दोनो हाथों में थामा. और अपनी गरम चूत को एक बार फिर यासिर के होंठों पर फेरा.

“तीन शिकार वो केसे” यासिर ने नीचे से मेरी चूत के फूले हुए लिप्स में अपनी ज़ुबान फिराते हुए पूछा.

“पहला शिकार तो ये कि में विनोद के बच्चे की माँ बन कर तुम्हारी अम्मी को पोता दूं गी, दूसरा शिकार ये कि विनोद के लंड से चुद कर मेरी चूत को वो मज़ा और स्वाद मिले गा, जो अब तुम मुझे अपने लंड से देने से कसीर हो चुके हो, और तीसरा शिकार ये कि विनोद के लंड से चुदि हुई मेरी चूत से हर रोज़ तुम्हे ताज़ी मनी खाने को मिलेगी यासिर”

“तो इस का मतलब है कि विनोद से शादी के बाद तुम मुझे छोड़ दो गी सायरा” मेरी बात सुन कर यासिर ने इक दम मेरी चूत से अपन मुँह हटाया और अफ्सुर्दा हो कर बोला.

“नहियीईईईईई में तुम्हें हरगिज़ नही छोड़ूँगी यासिर,विनोद की तरह तुम भी मेरे शौहर की हैसयत् में मेरे साथ ही रहोगे मेरी जान” अपने शौहर को यूँ गुम्सुम होते देख कर मैने एक दम जवाब दिया.

“फॅंटेसी तक तो ये बात ठीक है, मगर हक़ीकत में दो शौहर एक साथ, ये केसे मुमकिन है सायरा” मेरी बात को ना समझते हुए यासिर ने फिर पूछा.

“ मुझे ये बात कहनी तो नही चाहिए, मगर बात ये है कि जब हमारे मुसलमान मर्द एक साथ चार बीवियाँ अपने निकाह में रख सकते हैं,तो फिर में एक ही वक्त में दो मर्दो की बीवी बन कर क्यों नही रह सकती” मैने यासिर की बात का जवाब दिया.

“तो तुम विनोद से निकाह करो गी, वो तो हिंदू है और हिंदू मर्द से एक मुसलाम औरत का निकाह जायज़ नही सायरा” मेरी बात के जवाब में यासिर बोला.

“में विनोद से निकाह नही बल्कि हिंदू मज़हब के मुताबिक मंदिर में विनोद के साथ फेरे ले कर शादी करूँगी यासिर” यासिर की बात के जवाब देते हुए मैने कहा.तो ये बात कहते हुए मेरी चूत में एक दम एक अजीब सी गर्मी की लहर सी उठ गई और मैने यासिर के खुले होंठों पर तेज़ी के साथ अपनी चूत घुमाई .

“मुसलमान होते हुए तुम मंदिर में साथ फेरे लो गी, ये तो गुनाह है,इस से बेहतर है विनोद को मुसलमान कर के उस से निकाह पढ़वा लो मेरी जान” यासिर ने मुझे समझाते हुए कहा और अपनी ज़ुबान का सफ़र मेरी चूत की सड़क पर जारी रखा.
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03-01-2019, 11:18 AM,
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“एक शौहर के होते हुए दूसरी शादी तो वैसे भी गुनाह ही है, और अगर गुनाह ही करना है तो इस बात से क्या फरक पड़ता है कि में अपनी दूसरी शादी मुस्जिद में करूँ या मंदिर में यासिर” यासिर की बात सुन कर मैने एक शैतानी मुस्कुराहट के साथ अपने शौहर को जवाब दिया.

“इस का मतलब है कि तुम ने विनोद की बीवी बनने का पक्का इरादा कर लिया है सायरा” मुझे यूँ शौक से विनोद के साथ अपनी शादी की डीटेल्स डिसकस करते देख कर यासिर भी अब बहुत इश्तियाक से मुझ से बात करता हुआ पूछने लगा था.

“हां में अब हर सूरत में विनोद की बीवी बन कर अपने पेट में पालने वाले इस बच्चे को उस का असली बाप दूं गी, वैसे सच सच बताऊ कि तुम्हें भी मेरा विनोद की बीवी बन कर उस के बच्चे पेदा करने के ख्याल से मज़ा आ रहा है हैना यासिर” में अपने शौहर यासिर के मुँह पर अपनी चूत रगड़ते हुए सिसकारी.

“हाआआआआआअँ मेरी जनाआआआआआआं हाआंन्नााआअँ, कल तुम्हारी नाराज़गी के डर से मैने विनोद पर गुस्सा किया था, मगर हक़ीकत में विनोद की तुम से शादी करने वाली बात सुन कर मेरा लंड फुल तन गया था, विनोद के लंड से चुदि हुई तुम्हारी चूत को एक बार चाटने के बाद अब मेरी ज़ुबान हर रोज़ उसी स्वाद को चखने के लिए बे चैन रहती है, और अब विनोद से तुम्हारी शादी के बाद मुझे अगर डेली तुम्हारी रस भरी चूत खाने को मिल जाए तो मेरे तो मज़े ही हो जाएँगे मेरी जान” मेरी बात सुनते ही यासिर ने मज़े और जोश में एक बार फिर मेरी चूत में अपनी ज़ुबान तेज़ी के साथ डालते हुए जवाब दिया.

“तो ठीक है तुम कल ही विनोद से बात कर के मेरे लिए विनोद का रिश्ता कबूल कर लो मेरी जान” मैने अपने शौहर यासिर को अपना फ़ैसला सुनाने हुए फिर अपनी चूत को एक बार फिर यासिर के मुँह पर फिराया . 



तो इस के साथ ही सबर का दामन मेरे हाथ से छूट गया और मैने एक दम अपनी प्रेगेनेंट चूत का गरम पानी अपने शौहर के मुँह में उडेल दिया.

दूसरी सुबह जब तक में अपनी नींद से जागी तो उस वक्त तक यासिर अपने ऑफीस जा चुका था.

नींद से उठने के बाद में नहा धो कर फारिग हुई और नाश्ते के बाद अपने घर के काम में मसरूफ़ हो गई.

दोपहर को यासिर ने अपने ऑफीस के लंच टाइम से कुछ देर पहले मुझे फोन किया. 

“तुम रात को अपनी चूत की गरमी की वजह से ऐसी बहकी बहकी बातें कर रही थी, या तुम वाकई ही विनोद से शादी वाली बात पर सीरीयस हो सायरा” मैने ज्यों ही अपना मोबाइल फोन पिक किया तो मेरी आवाज़ सुनते ही यासिर ने मुझ से दुबारा पूछा.

“मैने रात को जो भी बात की थी वो पूरे होश-ओ-हवास में की थी, तुम आज ही विनोद से बात कर के मेरी और विनोद की शादी की तैयारी करो ,क्योंकि अब मेरी चूत विनोद के लंड से ज़्यादा दूरी बर्दास्त नही कर सकती मेरी जान” यासिर की बात सुन कर मैने दो टुक अंदाज़ में अपने शौहर से अपने दिल की बात की दी.

“अच्छा में लंच पर विनोद से ये बात करता हूँ मेरी जान” यासिर ने मुझे जवाब दिया.

“रिश्ते की हां करने के साथ ही विनोद से कहना कि वो मुझ से अब शादी के दिन तक मिलने की कोशिश ना करे,क्योंकि में उस से मुलाकात अब सिर्फ़ अपनी सुहाग रात को ही करूँगी ” अपने शौहर के मुँह से विनोद के साथ मेरा रिश्ता करने वाली बात सुन कर मेरी चूत में एक दम आग सी भड़क उठी. और फोन पर यासिर से बात चीत के दौरान में आहिस्ता आहिस्ता अपनी चूत में एक उंगली डाल कर अपनी चुत को चोदने में मसरूफ़ रही.

“ठीक है में विनोद के साथ ये सारी बात कर के तुम्हें थोड़ी देर में दुबारा फोन करता हूँ मेरी जान” यासिर ने ये कह कर फोन बंद किया. तो में अपने शौहर के दुबारा फोन आने के इंतजार में सोफे पर बैठ कर टीवी देखने में मसरूफ़ हो गई.

एक घंटे बाद जब दोबारा मेरे फोन पर यासिर का फोन आया. तो मैने बेताबी से फोन उठा लिया.

“सायराआ विनोद तुम से खुद बात करना चाहता है” मैने ज्यों ही अपने फोन आन्सर किया तो यासिर ने मुझ से कहा.

“ठीक है मेरी बात करवा दो” यासिर की बात सुन कर मैने कहा और विनोद के फोन पर आने का इंतिज़ार करने लगी.

“हाईईईईईईईईईई सायरा में विनोद बात कर रहा हूँ, मेरी यासिर से बात हो गई, उफफफफफफफफफ्फ़ मुझे यकीन ही नही हो रहा कि तुम ने मेरी बीवी बनना कबूल कर लिया है” यासिर के फोन मिलाते ही विनोद ने जोश के साथ अपने दोस्त के हाथ से फोन खैंच लिया. और खुशी से चिल्लाते हुए मुझे अपने और यासिर के दरमियाँ होने वाली बात की तफ़सील बता दी.

“यासिर ने जो कुछ तुम्हें बताया है वो सच है, और वाकई ही सपना की मौत के बाद में दूसरी बीवी की हैसियत से तुम्हारी ज़िंदगी में शामिल होना चाहती हूँ विनोद” विनोद को खुशी से पागल होते सुन कर मैने भी उसी जोश और खुशी भरे लहजे में विनोद की बात का जवाब दिया.

“तो फिर ठीक है मेरी मंदिर के पंडित जी से बात हो चुकी है, और वो कुछ ज़्यादा पैसे ले कर तुम्हारी और मेरी जाली शादी करवाने पर राज़ी हो गये हैं, पंडित जी के कहने के मुताबिक शादी का शुभ महुरत नेक्स्ट संडे को बनता है,इसीलिए हम नेक्स्ट संडे को अपनी शादी का दिन पक्का कर लेते हैं,और में आज ही शादी का ल़हेंगा खरीद कर यासिर के हाथ तुम्हें भेज देता हूँ मेरी जान” मेरी बात सुन कर विनोद ने खुशी से झूमते हुए मुझे जवाब दिया.

“नही तुम मेरे लिए नया लहंगा मत ख़रीदो विनोद, क्योंकि तुम्हारे साथ अपनी शादी वाले दिन में वो ही लहंगा पहनुगी,जो मैने यासिर से अपनी शादी के दिन पहना था” विनोद की आवाज़ सुन कर मेरे दिल की धड़कनें एक दम तेज हो गईं. और इस के साथ ही विनोद के मुँह से अपनी शादी अगले वीक तय होने वाली बात सुन कर मेरी चूत में एक दम चीटियाँ सी रेंगने लगी थी.

“अच्छा जेसे तुम्हारी मर्ज़ी, मगर लहँगे के नीचे पहनने वाले तुम्हारे अंडर गारमेंट्स में खुद अपनी पसंद से खरिदुन्गा और तुम्हें अपनी शादी वाले दिन वो ही पहनना पड़े गा सायराआआअ” मेरी बात सुन कर विनोद ने कहा. तो में भी अपने होने वाले नये शौहर की फरमाइश सुन कर फोन पर ही खिल खिला कर हंस पड़ी.

“ठीक है तो मेरे लिए 36ड्ड का ब्रेज़र और मीडियम साइज़ की पैंटी खरीद लेना मेरे होने वाले सरताज” विनोद को अपने मोटे मम्मे और चुतड़ों का साइज़ बताने के बाद मैने फॉरन ही फोन बंद कर दिया.

शाम को घर आने के बाद यासिर ने मुझे बताया कि विनोद की ख्वाहिश है कि शादी के बाद यासिर और में विनोद के घर में शिफ्ट हो जाएँ. इसीलिए यासिर ने अपने अपार्टमेंट को खाली करने का नोटीस दे दिया है.

फिर अगले ही दिन विनोद के साथ मेरी शादी की तैयारियाँ शुरू हो गईं.

मैने यासिर से शादी के वक्त पहना हुआ अपना लहंगा और चोली अलमारी से निकाली. और एक टेलर के पास ले जा कर अपनी चोली का गला पहले से ज़्यादा डीप करवा कर चोली की फिटिंग को भी सही करवा लिया था.

इस दौरान यासिर मेरा और अपना समान थोड़ा थोड़ा कर के विनोद के घर शिफ्ट करने लगा था. 

विनोद के घर समान शिफ्ट करने के दौरान यासिर ने अपने सारे कपड़े और ज़ाति इस्तेमाल की सारी चीज़ें एक अलग बेडरूम में सेट कीं.

मगर मेरे इस्तेमाल की सारी चीज़ें, कपड़े और मेकप का सारा समान वगेरा यासिर ने विनोद के कमरे की अलमारी में रख दीं थी.

में एक एक दिन गिन कर उस दिन का इंतज़ार करने लगी थी. जब विनोद से मेरी शादी का मुहूरत था.

इस दौरान विनोद ने मेरे मना करने के बावजूद मुझे एक दो दफ़ा फोन कर के मुझ से बात करने की कोशिश भी की. 

मगर मेने अपने लिए विनोद की प्यास बढ़ाने के लिए जान बूझ कर विनोद से बात नही की थी.

अपनी शादी से एक दिन पहले मैने ब्यूटी पार्लर जा कर अपनी सुडोल और गुदाज टाँगों की वॅक्सिंग करवा ली थी. 



और साथ ही साथ अपने हाथों और पैरों पर मेहन्दी भी लगवा ली.

फिर आख़िर कार वो दिन आ ही पहुँचा जिस दिन के इंतिज़ार में पिछले एक हफ्ते से मेरी चूत अपना पानी छोड़ छोड़ कर पागल हो रही थी.

शादी से एक दिन पहले तक हमारे घर का सारा समान विनोद के घर में शिफ्ट हो गया. तो में और यासिर एक रात के लिए घर के करीब ही एक होटेल में चले आए.

उस रात में और यासिर काफ़ी लेट सोए जिस की वजह से दूसरे दिन हम लोग दोपहर को ही उठ पाए थे.

दूसरे दिन दोपहर का खाना खा कर यासिर तो विनोद के घर अपना और मेरा समान सेट करने निकल गया. जब कि में नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई.
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03-01-2019, 11:18 AM,
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दूसरे दिन दोपहर का खाना खा कर यासिर तो विनोद के घर अपना और मेरा समान सेट करने निकल गया. जब कि में नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई.

बाथरूम में जा कर मैने अपनी चूत पर हेर रिमूविंग क्रीम लगा कर अपनी चूत को अच्छी तरह से सॉफ कर के अपनी फुद्दि को अपने नये शौहर विनोद के लंड के लिए तैयार किया.

बाथरूम से बाहर निकल कर मैने अपनी टाँगों, रानों,पेट मम्मे और जिस्म के हर हिस्से पर अच्छी तरह एक खुबूदार लोशन लगा कर कमरे में लगे हुए शीशे में से अपने जिस्म का जायज़ा लिया.

अपनी चूत की शेव करने के बाद जिस क़दर मेहनत से मैने अपने जिस्म के हर हिस्से पर लोशन लगा कर विनोद के लिए सजाने की मेहनत की थी.

उस वजह से मेरे जिस्म का हर हिसा कमरे की लाइट में अपनी पूरी आबो ताब से चमक रहा था.

“उफफफफफफफ्फ़ इतनी मेहनत से संवारे हुए मेरे इस खूबसूरत जिस्म को देख कर विनोद के तो होश ही उड़ जाएँगे” अपने गरम जवान जिस्म को शीशे में देखते हुए मैने सोचा. और फिर अपने जानू विनोद के लिए खुद को तैयार करने में मसरूफ़ हो गई.



मैने अपने सूट केस से विनोद की खरीदी हुई रेड कलर की पैंटी और उसी कलर का ब्रेज़र निकाल कर अपने गोरे और भरे हुए जिस्म पर पहन लिया.

विनोद का दिया हुआ ये सुर्ख रंग का पुश अप ब्रेजियर लो कट था. 


जिस में से मेरे आधे मम्मे बिल्कुल नंगे नज़र आ रहे थे.

विनोद की दी हुई ब्रेज़ियर और पैंटी पहन लेने के बाद मैने अपना लहंगा और चोली भी उठा कर पहन ली.

लहँगे को अपने जिस्म के गिर्द बाँधने के बाद मैने अपनी चोली की हुक को बंद कर के शीशे के सामने अपने वजूद का दोबारा जायज़ा लिया. 

तो दर्जी से अपनी चोली का गला खुला करवाने की वजह से मुझे अपने मोटे मम्मे अपनी चोली से बाहर झलकते हुए सॉफ नज़र आ रहे थे.

“उफफफफफफफफफ्फ़ मेरी इन सफेद चुचियों को यूँ चोली में से बाहर छलकता देख कर विनोद के साथ साथ मंदिर के पुजारी का लंड भी किसी लम्हे बैठेगा नहियीईईईईईई” अपनी छलकती चुचियों को देखते हुए मैने सोचा. तो अपने ही मम्मो का ये गरम नज़ारा देख कर मेरी अपनी ही चूत एक दम अपना पानी छोड़ने लगी थी.

मैने अपनी लहंगा और चोली पहन कर अपना मेक अप किया. और फिर कानों में एअर रिंग्स,हाथों में सोने की चूड़ियाँ और 
माथे पर सोने का टीका पहन कर मैने पूरी दुल्हन के रूप में तैयार हो कर आखरी बार अपने आप को शीशे में देखा.


“उफफफफफफफफफ्फ़ मेरा जिस्म और इस लिबास पर आज तक सिर्फ़ और सिर्फ़ यासिर का ही हक था, मगर मेरे जिस्म की प्यास ने मुझे एक ऐसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है, जिस का मेने कभी तसव्वुर भी नही किया था,और आज इस लहंगे को दुबारा से पहन कर में आज विनोद की दुल्हन बनुन्गी, और अपने इस गोरे खूबसूरत जिस्म को एक बार फिर विनोद के हवाले कर के उस के अनकट लंड की रगड़ से वो लुफ्त हाँसिल करूँगी , जो कि पिछले एक महीने पहले विनोद ने मुझे दिया था” ये बात सोचते हुए मेने दीवार पर लगी हुई घड़ी की तरफ नज़र दौड़ाई तो मुझे अंदाज़ा हुआ कि विनोद से मेरी शादी का वक्त बहुत ही नज़दीक आ पहुँचा है.

अभी में वॉल क्लॉक को देखने में ही मसरूफ़ थी कि दरवाज़े पर एक हल्की सी दस्तक हुई और मुझे बाहर से अपने शौहर यासिर की आवाज़ सुनाई दी “सायरा दरवाज़ा खोलो प्लीज़”. 

होटेल के कमरे पर यासिर की दस्तक सुनते ही मैने फॉरन ही अपने शौहर के लिए कमरे का दरवाज़ा खोल दिया.

“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ देखो तो सही क्या रूप चढ़ा है मेरी जवान बीवी के खूबसूरत वजूद पर, हाईईईईई जितना तुम विनोद का लिए आज सजी हो, इतने प्यार से तो तुम मेरे लिए भी तैयार नही हुई थी” मैने अपनी पूरी सूज बूझ के साथ तैयार हो कर ज्यों ही अपने रूम का दरवाज़ा खोला. 


तो मेरी जवानी का ये हसीन रूप देख कर टीवी लाउंज में मेरा इंतिज़ार करते हुए मेरे अपने शौहर यासिर की आँखे फटी की फटी रह गईं. और वो बे इकतियार बोल पड़ा.

“उफ़फ्फ़ फफफफफ्फ़ विनोद के लंड ने शादी से पहले ही मेरी चूत को वो मज़ा दिया है, कि मुझे अपने होने वाले शौहर के लिए इस तरह तैयार होना ही पड़ा है मेरी जान” यासिर की बात को सुन कर मैने मुस्कुराते हुए जवाब दिया.

“अच्छा चलो विनोद मंदिर पहुँच कर हमारा इंतजार कर रहा है मेरी जान” मेरी बात सुन कर यासिर ने मेरे गाल पर हल्का से किस किया मुझे साथ ले कर बाहर की तरफ चल पड़ा.

आधे घंटे की ड्राइविंग के बाद यासिर ने दुबई के एक एरिया बड-दुबई में बने हुए एक हिंदू मंदिर के सामने आ कर अपनी कार पार्क की. 

जहाँ विनोद ने टेंपल के एक पुजारी से अपनी और मेरी शादी की बात कर कर शादी का सारा अर्रेंजमेंट किया हुआ था.

में और यासिर अपनी कार से उतरे एक साथ चलते हुए मंदिर के में हाल की तरफ बढ़ने लगे थे.



में अपने शौहर यासिर के साथ दुल्हन के रूप में ज़िंदगी में पहली बार बड दुबई के इस मंदिर में दाखिल हुई. 

शादी हाल में दाखिल होते ही मेरी नज़र हाल में मौजूद शादी के मेहमानों पर पड़ी. तो इतने सारे लोग वहाँ मौजूद देख कर मुझे बहुत हैरत हुई.

“विनोद ने तो कहा था कि वो पंडित के अलावा किसी और से हमारी शादी का ज़िक्र नही करे गा, तो फिर ये इतने सारे लोग यहाँ क्या कर रहे है यासिर” शादी हाल में बैठे हुए मेहमानों को देख कर में एक दम घबरा गई.

“अरे यार आज इस जगह पर पहले यहाँ एक और शादी भी हुई है,जिसे अटेंड करने ये सब लोग इंडिया से ख़ास तौर पर इधर आए हैं ,और अभी ये लोग अपने होटेल वापिस जा रहे है, इसीलिए तुम्हें परेशान होने की ज़रूरत नही मेरी जान” मुझे परेशान होते देख कर जब यासिर ने मुझे ये बात बताई. तो अपने शौहर की ये बात सुन कर मेरी जान में जान आई.

हाल में बैठे लोगो से अपनी तवज्जो हटा कर मैने दूसरे कोने की तरह अपनी नज़र दौड़ाई.

तो हाल के दूसरे कोने में बने हुए शादी के मंडप पर मुझे विनोद दूल्हा के रूप में अपना मुन्तिजर खड़ा नज़र आया.

“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ में तो में आज तो विनोद भी फिर से शादी के सूट और पगड़ी बाँध कर एक दूल्हे के रूप मे मेरा इंतिज़ार कर रहा है” अपने होने वाले शौहर विनोद को शादी के कुर्ते पाजामे, शेरवानी और इंडियन स्टाइल की पगड़ी पहने देख कर मेरी चूत एक दम से पानी अपनी होने लगी थी.

अपने होने वाले शौहर विनोद को देख कर मैने अपनी शादी के लिए सजाई गई स्टेज का जायज़ा लिया.



तो अपनी शादी के लिए बनाए गये शादी के मंडप की सजावट देख कर में तो हैरान ही रह गई.

अभी में हाल के दरवाज़े पर खड़ी ये सब देखने में मसरूफ़ थी. कि यासिर की हल्की सी सेरगोशी मेरे कान में पड़ी “चलो सायरा विनोद तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है”.

अपने शौहर यासिर की आवाज़ सुनते ही मुझे एक दम होश आया. और फिर यासिर के साथ हाल में मौजूद लोगो के दरमियाँ में से गुज़रते हुए में हाल के दूसरे कोने में बने शादी के मंडप की तरफ की तरफ बढ़ती चली गई. जहाँ अपने हाथ में फूलों की माला लिए मेरे होने वाला शौहर विनोद मेरी मुन्तिजर था.

स्टेज के नज़दीक पहुँच कर मेरे शौहर यासिर ने मेरा हाथ स्टेज पर खड़े विनोद के हाथ में दिया.



तो में शरमाते हुए विनोद का हाथ पकड़ कर स्टेज के उपर चढ़ गई.
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03-01-2019, 11:18 AM,
#47
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अपनी शादी के लिए सजाई गई स्टेज पर चढ़ते ही यासिर ने स्टेज पर एक कोने में रखी हुई दूसरी फुलो की माला मेरे हाथ में पकड़ा दी.



“आप दोनो अब अपने होने वाले जीवन साथी के गले में ये माला डाल दो” फुलो की माला मेरे हाथ में आते ही पास खड़े पंडित जी ने हम दोनो से कहा. 



तो मैने अपनी माला विनोद के गले में और विनोद ने अपने हाथ में पकड़ी हुई फूलों की माला मेरे गले में डाल दी.

“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ आज मेरी जान मेरे लिए इतनी सज धज कर आई है, कि दिल करता है अभी सब के सामने तुम्हारी चूत में अपना लंड डाल कर तुम्हारी फुद्दि का फुद्दा बना दूं”मेरे गले में अपने नाम की माला डालते हुए विनोद ने आहिस्ता से मेरे कान में सरगोशी की. तो में चूत से पानी निकाल कर मेरी गुदाज रानों को भिगोने लगा था.

“अब आप दोनो एक दूसरे के साथ अग्नि के साथ फेरे लोगे” में और विनोद ज्यों ही एक दूसरे के गले में फूलों की माला डाल कर फारिग हुए. तो पंडित जी ने कहा और इस के साथ ही उस ने दो कपड़ों की गिरह बना कर उस कपड़े का एक सिरा विनोद और कपड़े का दूसरा सिरा मेरे कंधे पर रख कर हमे अपनी शादी के साथ फेरे लगाने का कह दिया.



मैने पंडित जी की बात पर अमल करते हुए हिंदू मज़हब के मुताबिक विनोद के पीछे पीछे चलते अग्नि के साथ फेरे लगा कर विनोद का हमेशा साथ निभाने की कसम खाई.

जिस दौरान मंदिर के पंडित सब हिंदू मज़हब के मुताबिक अपनी पूजा पाठ में मसरूफ़ रहे.



अग्नि के साथ फेरो से फारिग होने के बाद विनोद ने मेरी उंगली और मैने विनोद की उंगली में शादी की उंगूठी पहनाई. 



फिर विनोद ने मेरी माँग में संदूर डालने के बाद मेरे गले में अपने नाम का मंगलसूत्र पहना कर हिंदू रस्मो रिवाज के मुताबिक मुझे अपनी पत्नी बना लिया.



“उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ विनोद के अनकट हिंदू लौडे ने मेरी पाकीज़ा मुस्लिम चूत पर जो रगड़ लगाई थी, उस रगड़ ने मुझे इतना पागल कर दिया है, कि एक शादी शुदा पाकिस्तानी मुस्लिम औरत होते हुए भी में आज एक इंडियन हिंदू मर्द से अपनी दूसरी शादी कर के विनोद की दूसरी बीवी चुकी हूँ” शादी की सारी रस्मों से फारिग होते ही मेरे दिल में ये ख्याल आया.

वैसे तो एक पाकिस्तानी मुसलमान की हैसियत से हिंदू शादी की ये सारी रस्मो रिवाज तो मैं इंडियन चेनल स्टार प्लस और कई इंडियन मूवीस में हज़ारों बार देख चुकी थी. 

मगर एक मुसलमन औरत होते हुए आज खुद इन रस्मों से गुज़र कर अपने आप को एक हिंदू मर्द विनोद की बीवी बनते हुए देख और सोच कर मेरी चूत में एक अजीब सी गरमी चढ़ चुकी थी. 

जो गर्मी मुझे यासिर से अपना असल निकाह पढ़वाते हुए भी नही चढ़ि थी. और में अच्छी तरह जानती थी कि मेरी इस गर्मी का इलाज अब सिर्फ़ और सिर्फ़ विनोद के अनकट लंड में ही छुपा हुआ था.



हिंदू मज़हब के मुताबिक की गई शादी की इन सारी रस्मों से गुज़र कर विनोद की बीवी बनते हुए मेरे पहले शौहर यासिर समेत हाल में मौजूद सब लोगो ने हमे शादी की मुबारकबाद दी. 

तो मेरी चूत में लगी हुआ जवानी और जिन्सी हवस की आग एक दम अपनी बुलंदी पर जा पहुँची. 



और अपनी इस चूत की गरमी से बे हाल होते हुए में सब लोगो के सामने ही विनोद की चौड़ी जवान और मज़बूत छाती के साथ चिपकती चली गई.

क्योंकि मुझे ये ख्याल आया था. कि आज जब सारी दुनिया के सामने में विनोद के हाथों से उस के नाम का मंगल सूत्र पहन कर और उस के हाथों से अपनी माँग में सिंदूर लगवा कर विनोद की पत्नी ऑर दुल्हन बन ही चुकी हूँ तो अब शरम केसी.

“चलो अब तुम्हारी पिया घर रुखसती का वक़्त आन पहुँचा है सायरा” अपने जज़्बात के हाथों मजबूर हो कर में ज्यों ही विनोद के साथ लिपटी. तो मेरे पहले शौहर यासिर ने मेरे कान में हल्की आवाज़ में कहा. 

अपनी बात ख़तम करते ही यासिर ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे शादी के मंडप से उतार कर सामने रखी हुई एक डॉली में बैठा दिया.

ज्यों ही में डोली में बैठी तो दूसरे लोगो के साथ साथ मेरा पहला शौहर यासिर भी मेरी डोली को कंधा देते हुए मुझे विनोद की शादी के लिए सजाई गई कार में छोड़ने चला आया.

“उफफफफफफफफफफ्फ़ आज से दो साल पहले में इसी यासिर की दुल्हन बन कर उस के घर आई थी, और आज अपने उसी शौहर के सामने में एक और मर्द की बीवी बन के ना सिर्फ़ अपने नये शौहर के घर विदा हो रही हूँ, बल्कि मेरी दूसरी शादी की डोली आज मेरा पहला शौहर खुद भी उठा कर मुझे एक दूसरे मर्द के साथ रुखसत कर रहा है” अपने असली शौहर यासिर को यूँ इतने प्यार से मेरी डोली उठाते देख कर मेरी चूत फिर से अपना पानी छोड़ने लगी.

यासिर ने मुझे विनोद के साथ कार की पिछली सीट पर बिठाया .और खुद विनोद की कार ड्राइव करते हुए विनोद के घर की तरफ चल पड़ा.

“हाईईईईईईईईईईईईईई ये में क्या देख रही हूँ, आज से दो साल पहले में इसी यासिर के साथ कार की पिछली सीट पर बैठ कर अपने ससुराल गई थी ,और आज में एक नये शौहर के साथ कार की बॅक सीट पर बैठी हूँ, जब कि मेरा आलसी शौहर कार चलाते हुए मुझे मेरे नये घर की तरफ ले जा रहा है” अपने आप को विनोद के साथ कार की बॅक सीट पर बैठे और यासिर को एक शॉफर की तरह कार चलाते देख कर मैने सोचा तो मेरी चूत विनोद के मोटे ताज़े सख़्त लंड के लिए मचलने लगी.

में अब अपनी नज़रें झुकाए एक नई नवेली दुल्ह्न की हैसियत में विनोद के पहलू में बैठी थी. आने वाले पल के इंतिज़ार में अपनी चूत का पानी छोड़े जा रही थी.

जब कि मेरे साथ बैठा मेरा नया खाविंद विनोद बहुत हवस भरी निगाहों के साथ दुल्हन बने हुए मेरे गरम वजूद को अपनी नज़रों से चोदने में मसरूफ़ था.

थोड़ी देर के सफ़र के बाद हम विनोद के घर आन पहुँचे. 



तो विनोद ने एक दम उतर कर मेरी साइड वाला दरवाज़ा खोला और मुझे बहुत प्यार से अपनी सजी हुई कार से बाहर निकाला.
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03-01-2019, 11:18 AM,
#48
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विनोद की सजी सजाई कार से बाहर आते ही मेरी नज़र विनोद के घर पर पड़ी.

“उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ अपनी शादी की खुशी में ना सिर्फ़ विनोद ने अपनी कार को डेकोरेट किया हुआ है, बल्कि उस के साथ साथ मेरे नये शौहर ने घर के सामने और उपर लाइट्स लगा कर अपने घर को भी अच्छी तरह सज़ा रखा है”शादी की खुशी में विनोद के घर के उपर और बाहर चमकती हुई रंग-बि-रंगी लाइट्स को रोशन देख कर मैने अपने दिल में खुश होते हुए सोचा. 

“आओ तुम्हारा नया घर आ गया मेरी जान” में अभी अपनी सोच में गुम थी. कि विनोद की आवाज़ मुझे अपने कान में सुनाई दी.

अपने नये शौहर की ये बात सुनते ही में एक दम से होश में आई.



और फिर विनोद के हाथ में हाथ डाल कर उस के साथ साथ चलते हुए अपने नये घर के मेन दरवाज़े की तरफ चल पड़ी.

विनोद के घर के दरवाज़े की तरफ जाते हुए मुझे अहसास हुआ कि मेरी शादी के ल़हेंगे पर होने वाले काम की बदोलत मेरा लहंगा इतना भारी हुआ है.कि अब विनोद के साथ चलते वक्त मुझे अपना ये लहंगा अपनी कमर से फिसल फिसल कर नीचे जाता हुआ महसूस हो रहा था. जिस की वजह से मुझे इस वक्त चलने में बहुत प्राब्लम हो रही थी.

विनोद ने जब मुझे फूँक फूँक कर अपने कदम उठाते देखा. तो उस ने फॉरन मेरी परेशानी देखते हुए एक दम प्यार से मेरी कमर में हाथ डाल कर मुझे अपने साथ चिपकाया और बोला ““चलो में तुम्हारी हेल्प करता हूँ मेरी जान”

“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ लगता है कि विनोद मेरे जिस्म के नसीब-ओ-फ़र्ज़ को पढ़ लेने के साथ साथ मेरे दिल की बातें भी पढ़ लेता है” विनोद ने जब मुझे पकड़ कर एक दम अपने साथ लिया. तो विनोद की इस हरकत के बारे में सोचते हुए शरम के मारे अपने ही आप में सिमट कर रह गई.

विनोद के घर के दरवाज़े के सामने आ कर यासिर ने चाभी से दरवाज़े का लॉक खोला.तो में फॉरन एक दम अपना पावं बढ़ा कर घर के अंदर दाखिल होने लगी. 

” ज़रा एक मिनट रूको,क्योंकि और रस्मो के साथ साथ हमारे यहाँ एक और रसम भी है, जिस को पूरा करने के लिए, तुम चावलो से भरे इस लोटे को अपने पावं से उलटो, और फिर महावर की इस थाली में अपने पावं को भिगो कर अपने नये घर में अपने कदम दाखिल करो मेरी जान”. मैने नई नवली दुल्हन की हैसियत से ज्यों ही विनोद के घर में दाखिल होने के लिए अपना पावं उठाया. तो मेरे नये शौहर विनोद की आवाज़ एक दम मेरे कनों से टकराई.

विनोद की ये बात सुनते ही घर के अंदर जाते ही मेरे कदम एक दम थम से गये. और फिर विनोद की हिदायत पर अमल करते हुए मैने घर के मेन दरवाज़े पर पड़े हुए लोटे को पावं से ठोकर मार कर गिराया. 



साथ ही विनोद की मदद से सामने पड़ी थाली में एक एक कर के अपने पैरों को भिगोने के बाद में अब अपने माथे पर विनोद के नाम का संदूर और अपने गले में विनोद के नाम का मंगल सूत्र पहन कर छम छम कर के अपने पीछे अपने कदमों के निशान बनाती विनोद की हिंदू पत्नी की हैसियत से उस के सुहाग रात वाले बेडरूम में दाखिल हो गई.

विनोद के बेड रूम में आते ही मैने अपने कमरे का जायज़ा लिया.

तो देखा कि विनोद ने अपनी और मेरी सुहाग की सेज को बहुत शानदार तरीके से सज़ा रखा था.

कमरे की सारी वॉल्स पर गुलाब ही गुलाब की लाडियाँ लटकी हुई थी. 

इस के साथ साथ कमरे के एक कोने में रखे हुए बेड पर भी गुलाब के फूलों की पत्तियाँ ही पत्तियाँ बिखरी पड़ी थी.

जिन की भीनी-भीनी खुश्बू से पूरा कमरा महक रहा था.

“लो मेरी जान अपने नये बेड पर की गई सजावट को अच्छी तरह देख लो, क्योंकि आज रात को जो खेल मैने इस बिस्तर पर तुम्हारे साथ खेलना है, इस की वजह से सुबह तक इस बिस्तर की वो हालत नही रहे गी जो अभी इस वक्त है सायरा” मुझे अपने साथ अपने कमरे में ला कर विनोद ने मेरे साथ साथ अपनी सुहाग की सेज का जायज़ा लेते हुए यासिर के सामने ये अल्फ़ाज़ कहे . 

तो विनोद की बात को सुन कर शरम और खुशी के मिले जुले अहसास से मेरे गाल सुर्ख हो गये. और अपनी जिन्सी हवस के हाथों मजबूर हो कर मैने अपने शौहर यासिर के सामने ही विनोद के गले में अपनी बाहें डाल दीं.

“रात काफ़ी हो रही है,इसीलिए तुम लोग आराम करो, में भी साथ वाले कमरे में जा कर सोने के लिए लेट जाता हूँ” मुझे यूँ खुद सुपुर्दगी से अपने नये शौहर विनोद के गले में बाहें डालते देख कर यासिर शायद समझ गया कि अब शादी वाला असल काम स्टार्ट होने वाला है. 

इसी लिए वो विनोद और मुझे कमरे में अकेला छोड़ कर अपने कमरे में जाने के लिए बाहर निकल गया.

“ओह तुम नही जानती कि तुम्हें अपनी पत्नी बना कर मुझे कितनी खुशी हुई है,मगर अपनी सुहाग रात का आगाज़ करने से पहले में किचन से पानी की बॉटल ले आना चाहता हूँ,इसीलिए तुम बिस्तर पर बैठो में अभी किचन से हो कर आता हूँ मेरी जान” यासिर के बाहर निकलते ही विनोद ने मेरे मुँह में मुँह डाल कर मुझे आज एक महीने बाद एक भरपूर किस की. और मुझे छोड़ कर कमरे के साथ बने किचन की तरफ चला गया.

“हाईईईईईईईईईई आज की रात एक बार फिर मेरी चूत को विनोद के अनकट लंड का वो ही मज़ा हासिल होने वाला है, जिस मज़े की तलब ने मेरी चूत में एक आग बरपा कर रखी है, उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ देखूं तो सही,मेरी चूत तो इस लम्हे के इन्तिजार में केसे पानी पानी हो रही है” विनोद के किचन में जाते ही मेने गले में पड़े अपने दुपट्टे को उतारा. 

और इस के साथ ही अपनी चोली के खुले गले अपने मोटे और भारी मॅमन को चलकाटी हुई में फुलो की पत्तियों से सजे हुए अपने सुहाग के बिस्तर पर बैठ गई.



“उफफफफफफ्फ़ अपनी टाँग चोली में कसे हुए अपने इन मम्मो को शान से उठा हुआ देख कर ऐसे लगता है कि मेरे मम्मो को भी ईलम है कि आज उन पर किसी किसी गैर का हाथ लगने वाला है, जब कि मम्मो के साथ साथ मेरी चूत भी दूसरे लंड की खुशी मे खुश है” बिस्तर पर बैठे बैठे मुझे पहले तो ये ख्याल आया.

और इस के साथ ही में अपने असल शौहर यासिर के बारे में सोचाने लगी थी. 

जो आज एक बार फिर अपनी जवान और गरम बीवी को एक मर्द के साथ रात बसर करने के लिए छोड़ कर खुद साथ वाले कमरे में आराम करने चला गया था.

यासिर के बारे में सोचते सोचते मेरे ज़हन में एक आइडिया आया.

तो अपने दिमाग़ में आने वाले इस ख्याल को सोचते ही मेरी पहले से गरम और पानी पानी छोड़ती चूत में जिन्सी हवस की एक ऐसी लहर उठी जिस ने मेरे जवान और गरम वजूद में एक नई आग भड़का दी.

“ज़रा जल्दी से इधर मेरे पास आना यासिर” अपने दिमाग़ के कोने में आने वाले इस ख्याल से गरम होते हुए मेरे मुँह से बे इकतियार ये अल्फ़ाज़ खुद ब खुद निकल पड़े.

“हां जान क्या बात है” मेरी आवाज़ को सुनते ही यासिर एक दम ऐसे दौड़ता हुए आया,जेसे वो साथ वाले कमरे में नही बल्कि दरवाज़े के साथ ही खड़ा मेरी आवाज़ का मुंतजार था.

“ विनोद ज़रा किचन में गया है,उस के आने तक तुम मुझे प्यार करूऊओ यासीर्र्र्र्ररर” कमरे में आ कर यासिर ज्यों ही मेरे करीब हुआ. तो मैने बिस्तर से एक दम उठ कर अपने असली शौहर के मुँह में मुँह डालते हुए कहा.

“ओह क्या कर रही हो तुम,विनोद अभी किचन से वापिस आ जाएगा सायराआआआआआआ” अपने होंठों से मेरे होंठ मिलाते ही यासिर ने एक दम कमरे के दरवाज़े की तरफ देखा और फिर साथ ही मुझे अपनी बाहों में कसने लगा.

लगता था मेरे साथ साथ मेरे शौहर यासिर के दिमाग़ पर भी जवानी की गर्मी का नशा चढ़ कर बोल रहा था. 

इसी लिए ज्यों ही मैने यासिर के होंठों में अपने गरम होंठ पैवस्त किए . 

तो यासिर ने एक लम्हा ज़ाया किए बिना अपनी ज़ुबान को मेरे मुँह में डालते हुए साथ ही साथ अपने एक हाथ को नीचे ला कर मेरे लहंगे के उपर से मेरी गरम चूत को अपने हाथ से मसलने लगा था.
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03-01-2019, 11:19 AM,
#49
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“यासिर में तुम्हारी बहुत ही शूकर गुज़ार हूँ कि तुम ने विनोद से मेरे रिश्ते की बात से ले कर,शादी की सारी रस्मो और फिर मेरी डोली को कंधा देने से ले कर विनोद और मेरी शादी वाली कार का ड्राइवर बनने तक अपने दोस्त के साथ अपनी ही बीवी की शादी की सारी रस्मो में खुद शिरकत कर के मुझे बहुत खुशी पहुँचाई है, इसी लिए अब मेरी दिली ख्वाहिश है कि तुम विनोद के साथ मेरी मनाई जाने वाली सुहाग रात में भी शिरकत करो मेरी जान” यासिर ने जेसे ही लहंगे के उपर से मेरी चूत को अपने हाथ से छेड़ा. तो में एक दम सिसकते हुए अपने होंठों को यासिर के मुँह से हटा कर अपने शौहर यासिर के एक कान पर अपने गरम होंठ पेवस्त किए. और यासिर के कान की लो को अपने दाँतों से हल्का से काटते हुए यासिर से धीमी आवाज़ में कहा.

“ओह आज विनोद के साथ तुम्हारी सुहाग रात है और तुम चाहती हो कि में तुम्हारे साथ इस कमरे में मौजूद रह कर तुम्हारे नये शौहर के रंग में भंग डालूं,दिमाग़ ठीक है तुम्हारा सायरा” मेरी बात को सुन कर यासिर ने हैरत भरे लहजे में बोला.

“ये बात ठीक है कि मैने सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी फेंटसी को पूरा करने की खातिर ही,तुम से ज़िद कर के विनोद से हिंदू महज़ब के मुताबिक शादी की है, मगर इस सब के बावजूद में,तुम और विनोद ये बात अच्छी तरह जानते हैं कि ये सब दिखावे की एक जहली शादी है, जब कि हक़ीकत में तो में अभी तक तुम्हारे ही निकाह में हूँ, जिस की वजह से तुम ही मेरे असल शौहर भी हो, और अब मेरे असली शौहर की हैसियत से मुझे सच सच बताना क्या तुम मुझे विनोद से चुदवाते हुए देखना चाहते हो यासिर” मैने यासिर के कान के अंदर अपनी ज़ुबान फिराते हुए और उस की पॅंट में खड़े हुए लंड को एक बार फिर अपने हाथ से मसल्ते हुए पूछा.

“ओह आईसीईईईईईईईईईईई बातेन्ंनननननणणन् नाआआआआअ करो सायराआआआआ” मेरे अल्फ़ाज़ की गर्मी और ज़ुबान और हाथ की मस्ती के अहसास से मचलते हुए यासिर ने सिसकार्टे हुए मेरी तरफ देखा और बोला.

“जवाब दो यासिर क्या तुम अपनी मुसलमान बीवी को उस के दूसरे हिंदू शौहर से अपनी चूत चटवाते और फिर विनोद का अनकट लंड मुझे अपनी फुद्दि में लेते देखना पसंद करो गे” यासिर के लंड को अपने हाथ में दबोचते हुए मैने फिर पूछा.

“क्या तुम ऐसा चाहती हूऊऊऊओ सायराआआआअ” मैने ज्यों ही यासिर के खड़े हुए लंड को अपने हाथ में पकड़ कर मसला. तो मज़े की शिद्दत से यासिर एक दम चिल्ला उठा.

“उफफफफफफफफफ्फ़ तुम ने मुझे विनोद से शादी की इजाज़त दे कर मेरी ख्वाहिश तो पूरी कर दी है,अब में चाहती हूँ कि विनोद के मोटे अनकट लंड से मुझे चुद्ते हुए देख कर तुम भी अपनी दिल की हसरत पूरा कर लो मेरी जानंनननननणणन्” यासिर की पॅंट की ज़िप खोलते हुए अपने शौहर के लंड को पॅंट से बाहर निकाल कर उस पर अपने हाथ से मूठ लगाते हुए कहा.

“ओह तुम अच्छी तरह जानती हो कि तुम्हें किसी और मर्द से चुदवाने की इसी ख्वाहिश ही की वजह से मैने इस से पहले भी विनोद को तुम्हारे साथ एक रात बसर करने का मोका फ़ेरहाम किया है, और सच पूछो तो तुम्हारे मुँह से तुम्हारा ये आइडिया सुन कर मेरे तन बदन में एक आग सी लग गई है, और में अब वाकई ही अपनी आँखों से विनोद के लंड को तुम्हारी चूत में दाखिल होते हुए देखना चाहता हूँ, मगर क्या तुम ने विनोद से इस बारे में बात की है, क्या उसे मेरे सामने तुम्हें चोदने में कोई परेशानी तो नही होगी ना” अपने लौडे को मेरे हाथ में मचलते हुए देख कर यासिर ने सिसकते हुए पूछा.

“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ मैने तो पहले ही तुम्हें कहा था, कि सायरा से मेरी शादी के बाद हम दोनो मिल कर सायरा के गरम जिस्म को एंजाय करेंगे ,इसीलिए तुम मेरी फिकर मत करूऊऊऊऊऊ यार,क्योंकि मुझे तुम्हारी नज़रों के सामने तुम्हारी बीवी सायरा की गरम चूत की प्यास बुझाने में कोई शरम महसूस नही हो गी यासिर” यासिर की बात मुकमल होते ही विनोद एक दम कमरे में वापिस दाखिल हुआ तो उस ने यासिर और मेरी सारी बात सुन ली थी. 




इसीलिए विनोद ने फॉरन ही यासिर की बात का जवाब देते हुए पीछे से आ कर चोली में कसे हुए मेरे मोटे और बड़े मम्मो को अपने हाथों में दबोचा. 

और यासिर की नज़रों के सामने ही चोली के बाहर छलकते मेरे मम्मो को अपने हाथों में ले कर मेरी जवान चुचियों को प्यार से मसल्ने लगा था. 

विनोद को यूँ एक दम कमरे में आते देख कर यासिर एक दम घबडा सा गया. और मुझ से एक दम अलग हो कर पॅंट में से निकले हुए अपने लंड को छुपाने की कोशिश करने लगा.

“उफफफफफफफफफ्फ़ आज चूँकि विनोद के साथ मेरी सुहाग रात है,इसीलिए आज की रात मेरी चूत पर सिर्फ़ और सिर्फ़ विनोद के लंड का ही हक है,इसीलिए तुम सकून से इस सोफे पर बैठ कर मेरे और विनोद के जिन्सी खेल को देख कर एंजाय करो. और घबराने या शरमाने की बजाय अपने लंड की मूठ लगा कर दूसरे मर्द के साथ अपनी बीवी की चुदाई को एंजाय करो यासिर” 


ये बात कहते हुए में एक दम विनोद की तरफ अपने मुँह करते हुए मूडी और फिर अपने नये शौहर विनोद के जिस्म के साथ चिपकते हुए अपने हिंदू शौहर के मुँह में अपनी मुसलमान ज़ुबान को डाल दिया.

मेरी बात सुनते ही मेरा असल शौहर यासिर एक फर्माबरदार बच्चे की तरह मेरी बात पर अमल करते हुए कमरे के एक कोने पर पड़े हुए सोफे पर जा बैठा.

और अपनी साँस रोके अपनी जवान ,गरम और प्यासी बीवी की एक दूसरे मर्द के साथ की जानी वाली रंग रलियों को हवस भरी नज़रों से देखने में मसरूफ़ हो गया.

उधर यासिर सोफे पर बैठा और दूसरी तरफ मेरी बाहें अपने गले में पड़ते ही विनोद मुझे अपने जिस्म के साथ पुरजोश अंदाज़ में लिपटाते हुए कहने लगा. “ओह सायराआआआआआअ इस लम्हे के इंतिज़ार में तो में पीछे कई हफ्तों से मूठ मार मार कर पागल हुआ जा रहा था,चलूऊऊओ अब में तुम्हें अपने हाथ से नंगा कर के अपनी सुहाग रात का आगाज़ करता हूँ मेरी जानंननननननणणन्”



मैने विनोद की सख़्त जवान छाती के साथ अपने मोटे गुदाज मम्मे टकराते हुए ज्यों ही उस की ज़ुबान से ज़ुबान लड़ाना शुरू की. तो विनोद ने मेरे बाहरी चुतड़ों पर अपने दोनो हाथ रख कर मुझे अपनी तरफ खैंचते हुए कहा. 

“उफफफफफफफफफफफ्फ़ तुम अच्छी तरह जानते हो कि हिंदू और मुसलाम होने की बिना पर, मेरी और तुम्हारी ये शादी कोई रवायती शादी नही है ,इसी लिए आज की अपनी इस सुहाग रात को भी एक रवायती सुहाग रात नही बनाना चाहती में” अपनी गरम और नुकीली ज़ुबान को विनोद के खुले मुँह में तेज़ी से घुमा कर में एक दम विनोद की बाहों की क़ैद से अलग होते हुए मैने अपने नी शौहर विनोद से कहा.

“अच्छाआआआआ तो तुम फिर ऐसा क्या अलग करना चाहती हो आज, जो आज से पहले किसी ने अपनी सुहाग रात में नही किया मेरी जान” मेरी बात सुन कर विनोद को समझ नही आया और वो एक दम मेरे मुँह की तरफ देखते हुए मुझ से पूछने लगा.

“आअँ और रवायती सुहाग रात में तो दूल्हा ही हमेशा पहल कर कर अपनी दुल्हन को अपने हाथ से नंगा करता है, जब कि आज की रात एक दुल्हन की हैसियत से में तुम्हें अपने हाथों से नंगा करना पसंद करूँगी मेरी जानंननननणणन्” 



विनोद से ये बात कहते हुए मैने अपने नये शौहर की पॅंट की बेल्ट खोल कर उस की पॅंट में खड़े हुए मोटे लौडे पर अपना हाथ फेरने लगी.

अपने हिंदू शौहर के लंड को पॅंट के उपर से मसल्ते हुए मैने विनोद को एक दम धक्का दिया. तो विनोद एक दम पीछे पड़े सोफे पर बैठे मेरे पहले शौहर यासिर के पहलू में जा गिरा.
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03-01-2019, 11:19 AM,
#50
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विनोद के सोफे में बैठते ही मैने जल्दी से विनोद की शर्त के बटन खोल कर अपने नये शौहर की कसी हुई जवान और सख़्त छाती के उपर अपने गरम होंठ रख कर विनोद की छाती के निपल को अपने दाँतों से काटने लगी थी.

“ओह किय्ाआआआआआ मसत्थत्टटटटतत्त और गरम बीवी नसीब हुई हाईईईईईईईईईईईईई मुझे यययययययययी” मैने ज्यों ही विनोद की मज़बूत छाती पर मौजूद उस के छोटे से निपल को अपने दाँतों में दबा का काटा. तो दर्द और मज़े की शिद्दत से विनोद एक दम सिसकते हुए बोल पड़ा.

थोड़ी देर विनोद की चौड़ी छाती पर अपनी गरम ज़ुबान फेरने के बाद मैने अपने मुँह को नीचे किया. और फिर आहिस्ता आहिस्ता मेरी ज़ुबान विनोद की धुनि के ऐन उपर आ गई.

विनोद की गहरी धुनि को देखते ही मुझे जोश आया. और मैने एक दम तेज़ी से अपनी ज़ुबान को अपने नये शौहर विनोद की नाफ़ के अंदर ज़ुबान डालते हुए विनोद की धुनि को अपनी ज़ुबान से चाटने लगी.

“उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ इतना मज़े को मुझे सपना ने पूरी ज़िंदगी मैने दिया था, जितना मज़ा तुम मुझे इस एक ही लम्हे में दे रही हो मेरी जानणन्न्” मेरी ज़ुबान के धुनि के अंदर जाते ही लज़्जत के मारे विनोद एक दम सिस्कार्ते हुए कहने लगा.

“विनोद्द्द्द्द्द्द्द को तो मज़ा आ ही रहा है, मगर तुम्हें विनोद से किए जाने वाले मेरे प्यार का ये अंदाज़ केसा लगा रहा है यासिर” विनोद के पेट और नाभि के अंदर अपने नुकीली ज़ुबान को फेरने के दौरान मैने सोफे पर साथ बैठे हुए अपने पहले शौहर यासिर से सवाल किया.

“उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ तुम्हारी ज़ुबान तो विनोद के जिस्म पर घूम रही है, मगर उस का असर मुझे अपने जिस्म पर महसूस हो रहा है मेरी जान,और अपनी बीवी को उस के दूसरे शौहर के साथ ये मस्तियाँ करते देख कर जोश के मारे मेरा लंड तो जैसे फटने लगा है मेरी जान” मेरी बात के जवाब में यासिर ने जब ये कहा तो मस्ती के मारे में एक दम अपने मुँह को विनोद के उस लंड के ऐन उपर ले आई. जिस लंड से एक ही रात चुद कर में तो उस लंड की अब एक पुजारन बन चुकी थी.

अपने हिंदू शौहर की पॅंट में खड़े हुए मोटे अनकट लंड पर अपने जवान और गरम हाथ फेरते हुए मैने विनोद से कहा “ज़रा एक बार फिर उठ कर खड़े होना मेरे सरताज”.

“उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या बात है,जब में खड़ा था तो मुझे खुद ही सोफे पर गिरा दिया, अब सोफे पर बैठ कर तुम्हारी जवानी के मज़े लेने का सोच रहा हूँ, तो मुझे एक बार खड़ा करने का इरादा कर लिया है तुम ने सायराआआआआअ” मेरी बात सुन कर विनोद ने मुझ से पूछते हुए सोफे से उठ कर मेरे सामने खड़ा हो गया.

“वो इसीलिए कि तुम्हारी दुल्हन के रूप में सजी सन्वरि होने की वजह से में तुम्हारी बीवी की हैसियत से तुम्हारे कदमों में बैठ कर अपने शौहर के उस लंड की पूजा करना चाहती हूँ, जिस लंड को एक बार अपनी चूत में लेने के बाद में तुम्हारे लंड की दासी बन गई हूँ मेरे महाराज” विनोद की बात का जवाब देते हुए में बोली. 



और फिर विनोद के अनकट लंड को उस की पॅंट में से बाहर निकलते ही बेसबरी के साथ अपना मुँह खोल कर विनोद के सख़्त और जवान लंड की मोटी टोपी को अपनी प्यासी ज़ुबान के साथ एक दम हल्का सा चूम लिया.

“उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मेरी बीवी की क्याआआअ गरम ज़ुबान है हाईईईईईईईईईईईईई” ज्यों ही मेरी नुकीली ज़ुबान ने अपने शौहर के अनकट लौडे को हलक से टच किया. तो मेरी प्यासी ज़ुबान की गर्मी को महसूस करते ही विनोद एक दम मचलते हुए कहने लगा.



इधर में अपने नये शौहर के लंड को उस की पॅंट से बाहर निकाल कर उस की टोपी के स्वाद से लुफ्तओअंदोज हो रही थी. 

तो इस दौरान मेरी नज़र सोफे पर बैठे अपने पहले शौहर यासिर की तरफ भी गई. 



मैने देखा कि यासिर अपनी आँखे फाड़ फाड़ कर मुझे विनोद के मोटे और बड़े लंड की चुसाइ लगाते देख रहा था. 



“विनोद के काले, मोटे, अनकट लंबे लंड को पहली बार अपनी नज़रों के सामने देख कर ऐसा लग रहा था कि मेरे शौहर यासिर की तो जैसे बोलती ही बंद हो गई हो” अपने शौहर यासिर के चेहरे पर फैली हैरत को देखते हुए मैने सोचा.

“ऐसे लगता है कि मेरी तरह यासिर ने भी इतना बड़ा,मोटा और सख़्त लंड शायद पहले कभी नही देखा, इसी लिए आज अपनी बीवी को यूँ अपनी नज़रों के सामने एक दूसरे मर्द के सख़्त,मोटे और बड़े लंड को चूस्ता हुआ देख कर यासिर को यकीन नही हो रहा कि उस की बीवी जिस लंड को चूस रही है, क्या वाकई ही वो किसी इंसान का लंड है या किसी गधे का “



इसीलिए विनोद के लंड को आज पहली बार इस तरह अपनी नज़रों के सामने देख कर यासिर की आँखे फटी की फटी रह गई.



“उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ विनोद्द्द्द्द्द के लंड का ये मोटा टोपा तो तुम्हारे मुँह में नही जा पा रहा, मुझे तो ये समझ नही आ रही कि तुम ने इस मोटे लंड को अपनी इस छोटी सी चूत में केसे लिया हो गा, हाईईईईईईईईई विनोद का ये लंड तो मेरी बीवी की कमसिन चूत्त्त्त्त्त्त्त्त्त को पूराआआआ खूऊऊऊल कर रख देगा एयाया सायराआआआ” मुझे मज़े ले ले कर यूँ अपने हिंदू शौहर के अनकट लंड के मोटे टोपे को चुसते देख कर सोफे पर मज़े से अपने लंड को मसल्ते हुए यासिर ने कहा. तो अपने शौहर यासिर की इस बात को सुन कर विनोद के साथ मेरे मुँह से भी एक सिसकी फुट पड़ी.

यासिर के मुँह से निकलने वाली इस बात को सुन कर मुझे एक दम जोश आया. और मैने विनोद की पॅंट को पूरा उतारते हुए सोफे पर बैठे अपने पहले शौहर यासिर से कहा “तुम भी अपनी पॅंट उतार कर इधर मेरे करीब आओ मेरी जान”.

यासिर ने मेरी बात सुन कर विनोद की तरफ देखा और फिर झिझकते हुए वो भी अपनी पॅंट उतार कर मेरे करीब आ खड़ा हुआ.



“अच्छी तरह देख लो मेरी जान,ये वो ही लंड है जिस से चुदवाने के लिए तुम खुद मुझे तैयार कर के विनोद के घर ले गये थे, और अगर तुम्हारा ये ख्याल है कि इस मोटे, लंबे,सख़्त अनकट हिंदू लंड से एक बार चुदवाने के बाद, तुम्हारी पाकिस्तानी बीवी की मुस्लिम चूत तुम्हारे क्यूट लंड से कभी दोबारा खुश रह सकती है,तो ये तुम्हारी खुश फ़हमी है यासिर” 



ये कहते हुए मैने विनोद के लंड को एक बार फिर अपने मुँह में भरा.और यासिर की नज़रों के सामने मज़े ले ले कर विनोद के मोटे लंड पर अपनी गरम और प्यासी ज़ुबान घुमाने लगी.

“ओह तुम सही कह रही हो,गधे जैसे इस लंड को एक बार अपने अंदर लेने के बाद तुम क्या,कोई भी औरत कभी इस लंड के बिना नही रह सकती,मुझे खुशी है कि अंजाने में ही सही, मगर मैने अपनी जवान गरम बीवी की प्यासी चूत की प्यास बुझाने के लिए इतने मोटे और लंबे लंड का खुद ही बंदोबस्त कर दिया है सायराआआअ” मेरी बात सुनते हुए यासिर ने नाराज़ या शर्मिंदा होने की बजाय मेरी बात का समर्थन किया.



और फिर मेरे पीछे से मेरे सर को अपने हाथों में पकड़ते हुए मेरा मुँह विनोद के लंड की तरफ मोड़ा और मुझे अपने नये शौहर विनोद के तने हुए अनकट लौडे का मज़े से चूसने में मदद फहराम करने लगा था. 

मुझे यासिर का अपनी ही बीवी को एक गैर मर्द के लंड की तरफ रगीब करने का ये अंदाज़ इतना अच्छा लगा. कि मैने मज़े से बे हाल होते हुए विनोद के लंड को दीवाना वार सक कारण शुरू कर दिया.

विनोद के लंड को सक करने के दौरान में विनोद के लंड की टोपी को लंड की स्किन में से बाहर निकाल कर चूस रही थी.

जिस की वजह से विनोद के मोटे लंड का टोपा मेरे होंठों पर लगी सुर्ख लिपस्टिक से पूरी तरह लाल हो गया था.

थोड़ी देर अपनी गरम जोशी से विनोद के लंड को सक करने के बाद मैने यासिर से कहा.“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ में जितनी देर में विनोद के इस मोटे लंड को सक करती हूँ,तुम उतनी देर में मेरी चूत को चाट कर मेरी फुद्दि को विनोद के लंड ले लिए अच्छी तरह से तैयार करो मेरी जान”

विनोद के मोटे लंड को अपने मुँह में भरते हुए मैने अपने पहले शौहर यासिर से फरमाइश की.
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