Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दुबई में
03-01-2019, 11:16 AM,
#31
RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
विनोद ने उस रात मुझे इतना ज़्यादा और जोश से चोदा था. कि इतनी बार और इतने जोश से तो में अपनी असल सुहाग रात में यासिर से भी नही चुदि थी.

विनोद के लंड से पूरी रात चुद चुद कर मेरी फुद्दि ने कितनी बार अपना पानी चोदा इस का मुझे खुद भी अंदाज़ नही रही था.

फिर रात के आख़िरी पहर हम दोनो तक कर एक दूसरी की बाहों में ऐसे सोए जैसे विनोद ही मेरा शौहर हो और में उस की बीवी.

अगली सुबह के तकरीबन 10 बजे जब मेरी आँख खुली.तो मुझे अंदाज़ा हुआ कि रात भर की चुदाई के बाद में तो विनोद की बाहों में आराम से ऐसे सोती रही,जैसे शादी के बाद में अपने शौहर के साथ हनीमून पर आई हुई हूँ.

इस वजह से आँख खुलते ही अपने नंगे वजूद को विनोद की बाहों में पा कर में एक दम हडबडा कर बिस्तर से उठ खड़ी हुई.

“उफफफफफफफफफ्फ़ जज़्बात की रो में बहक कर कल रात मुझ से ये क्या गुनाह सर्ज़ाद हो गया है,विनोद से चुदवाने के बाद यासिर तो क्या में खुद अपने आप को अपना मुँह दिखाने के काबिल नही रही” रात भर विनोद के मोटे लंड से अपनी प्यासी चूत की प्यास बुझवाने के बाद अब दूसरी सुबह मेरी आँख खुली . तो कल के वाकिये के मुतलक सोचते हुए मुझे अपने किए पर अब पछतावा महसूस होने लगा था.

इसी बात को सोचते और परेशान होते हुए एक दम जम्प मार कर बिस्तर से उठी. तो बिस्तर से निकलने के दौरान ही दर्द की एक लहर मुझे अपने जिस्म में फैलती हुई महसूस हुई. 

और इस के साथ साथ रात भर की चुदाई के दौरान विनोद का लंड का छोड़ा हुआ वीर्य भी मुझे अपनी चूत से बह कर अपनी टाँगों पर गिरता हुआ महसूस होने लगा.

“हाईईईईईईईईईईईई मुझे इतनी तकलीफ़ तो अपनी सुहाग रात के बाद दूसरी सुबह नही महसूस हुई थी,जितनी आज विनोद के मोटे लंड से चुदवाने के बाद महसूस हो रही है” अपनी टाँगों के दरमियाँ से फूटने वाली दर्द ही हल्की हल्की टीसो को महसूस करते हुए मेरे दिल में ख्याल आया.तो शरम और नदमत के मारे में एक दम काँप कर रह गई.

“ हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई कल रात में इस तरह गुनाह में डूबी थी, के मुझे कुछ होश ही नहा रहा कि में किधर हूँ और क्या कर रही हूँ” बेड से उठते ही मैने सोचा.और इस के साथ ही मैने रात भर की चुदाई के बाद अभी तक महती नींद के मज़े लेते हुए विनोद की तरफ नज़र दोड़ाई. तो रात भर मेरी चूत में आग लगाने वाला विनोद का लंड को अब उस की टाँगों में किसी मुरझाए हुए फूल की तरह झूलते हुए देख कर मुझे एक दम शरम सी आ गई.

अभी में बेड के पास खड़े हो कर बिस्तर पर बदस्तूर लेटे विनोद के उस मोटे लंड का दीदार करने में मसरूफ़ थी. कि इतने में विनोद की आँख भी खुद बा खुद खुल गई.

अपनी आँख खुलते ही विनोद ने जब मुझे बिस्तर से उठ कर कमरे के फरश पर खड़े हो कर अपनी तरफ देखते पाया तो एक दम बोला “तुम इतनी जल्दी उठ गईं,ख़ैरियत तो है सायरा”

इस के बाजवूद कि में रात भर विनोद के साथ हम बिस्तरी करते हुए विनोद के लंड से खूब मज़ा लिया था.

मगर हमारे दरमियाँ जो कुछ भी हुआ था. वो सब रात की तन्हाइ में हुआ था.

इसीलिए विनोद ने अब अपनी आँखो को खोल कर जब दिन की रोशनी में मेरे नंगे वजूद का जायज़ा लेते हुए मुझ से ये बात पूछी. तो ना जाने क्यों मुझे विनोद से शरम सी महसूस हुई. 

मेरा दिल धक धक करने लगा. और चाहने के बावजूद में अपनी नज़रें झुकाते हुए खामोश खड़ी रही.

“उधर क्यों खड़ी हो मेरी जान,इधर मेरे पास आ कर लेटो,अभी तो मैने दिन के उजाले में तुम्हें प्यार करना है सायराआआआ” विनोद ने जब मुझे यूँ नज़रें झुका कर खामोश खड़े देखा. तो अपने नीम मुर्दा मोटे लंड को हाथ में मसल्ते हुए एक बार फिर मुझ से मुखातिब हुआ.

“इस से पहले कि यासिर और सपना उठ जाएँ, मुझे जल्दी से नीचे जा कर अपने कपड़े पहन लेना चाहिए” विनोद की टाँगों में आहिस्ता आहिस्ता दुबारा अंगड़ाई लेते विनोद के लंबे लंड को देखते हुए मैने जवाब दिया और मूड कर कमरे से बाहर जाने लगी.

“फिकर कब मिलो गी मेरी जान” मुझे कमरे से यूँ एक दम निकलते देख कर विनोद ने पीछे से आवाज़ दी.

“शायद अब कभी नही” विनोद की बात सुनते ही मैने बिना पीछे देखे उसे जवाब दिया.

“रात को तो तुम ने मुझ से बहुत शौक से अपनी फुद्दि मरवाई थी,अब दुबारा मिलने से क्यों मना कर रही हो फिर” मेरे इनकार को सुन कर विनोद ने फिर पूछा.

“रात मैने सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने शौहर यासिर की प्रमोशन की खातिर तुम से चुदवाया था,आज के बाद से मुझे ऐसी कोई मजबूरी नही हो गी,इसीलिए में आइन्दा कभी तुम से इस तरह का ताल्लुक रखना पसंद नही करूँगी विनोद” मैने बिना मुड़े विनोद की बात का एक बार फिर जवाब दिया. और इतनी देर में चलती हुई दरवाज़े तक आ गई.

“अच्छा तुम ऐसे जाना चाहती हो,तो में तुम्हें नही रोकूँगा, वैसे तुम यासिर को बता देना कि में आज उस की प्रमोशन की फाइल पर साइन कर दूँगा मेरी जान” विनोद ने मुझे कमरे से बाहर निकलता देख कर पीछे से फिर बोला.

“नहियीईईईई जब तक में ना कहूँ,तुम यासिर को प्रमोशन नही दो गे विनोद” विनोद की बात सुन कर कमरे से बाहर जाते मेरे कदम एक दम थम गये. और ना जाने क्यों अचानक ही ये बात मेरे मुँह से निकल गई.

“अच्छाा जैसे तुम चाहो मेरी जान” विनोद ने बिस्तर पर लेटे लेटे मेरी बात के जवाब में कहा. और में एक दम से कमरे से बाहर चली आई.

“उफफफफफफ्फ़ अगर यासिर और सपना जाग रहे हुए तो में अपने शौहर और अपनी सहेली का इस नंगी हालत में केसे सामना कर पाउन्गी” धड़कते दिल के साथ दबे पावं में आहिस्ता आहिस्ता चलती हुई नीचे घर के निचले फ्लोर पर बने हुए टीवी लाउन्ज में एंटर हुई तो टीवी लाउन्ज को बिल्कुल खाली पाया.

“हाईईईईईईईईई शूकर टीवी लाउन्ज इस वक्त खाली पड़ा है,लगता है हमारे बाद यासिर और सपना भी किसी कमरे में जा कर एक साथ ही सो गये हैं” में डरते डरते ज्यों ही टीवी रूम में गई. तो टीवी रूम में अपने शौहर और सहेली सपना को ना पा कर मुझे कुछ होसला मिला. और मैने तेज़ी के साथ इधर उधर बिखरे हुए अपने कपड़े उठा कर उन्हे जल्दी से पहन लिया.

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03-01-2019, 11:16 AM,
#32
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अभी में अपने कपड़े पहन कर फारिग ही हुई थी. कि कुछ देर बाद यासिर टीवी लाउन्ज में एंटर हुआ. 

“तुम इधर हो और में तुम्हें सारे घर में ढूंड रहा हूँ,चलो अब घर चलें सायरा” रात को पीने वाली शराब और सपना के शबाब का नशा मुकलमल तौर पर उतर जाने के बाद आज सुबह कमरे में दाखिल होते ही यासिर ने मुझे देख कर बहुत ही पुरसकून लहजे में एक दम ये अल्फ़ाज़ कहे .तो मेरा दिल धक धक करने लगा और मेरे जिस्म से पसीने छूटने लगे थे.

“हाईईईईईईईईई मेरी चूत तो मेरे पास अपने शौहर की अमानत थी,और अब जब विनोद से रात भर चुदवाने के बाद, में इस अमानत में खयानत कर चुकी हूँ,तो अब में किस मुँह से अपने शौहर यासिर का सामना कर पाउन्गि भला” यासिर की इतने पूरसकून लहजे में की गई ये बात सुन कर में इतनी बोखला गई. कि कल रात को अपने शौहर की मुझ से की जाने वाली बे वफ़ाई पर यासिर से नाराज़ होने की बजाय. विनोद के साथ बीते हुए अपने लेम्हात को याद करते ही मुझे पहले से ज़्यादा अपने आप से शरम महसूस हुई. जिस की वजह से मुझे अपने शौहर यासिर की नज़रों का सामना करने में मुश्किल पेश आने लगी थी. 

“चलो इधर खड़ी क्या सोच रही हो यार, आज घर जाने का इरादा नही है क्या” मुझे यूँ कमरे में चुप चाप एक बुत बने खड़े देख कर यासिर बोला और फिर मेरे जवाब का इंतज़ियार किए बिना कमरे से बाहर निकल गया.

“उफफफफफफफफफ्फ़ शूकर है यासिर ने मेरे जिस्म की बिगड़ी हालत और चेहरे का उड़ा हुआ रंग नही देखा,वरना विनोद के साथ की गई मेरी चोरी अभी पकड़ी जानी थी” यासिर से कल रात को सपना की चुदाई करने के बारे में पूछने की बजाय मैने यासिर को यूँ एक दम कमरे से निकलते देख कर सुख का साँस लिया. और फिर में भी अपने कपड़ों को ठीक करती बाहर खड़ी अपनी कार की तरफ चल पड़ी.

अपने घर को जाते वक्त हम दोनो मियाँ बीवी ने आपस में मज़ीद कोई बात ना की. जिस की वजह से हमारी कार में एक पुरइसरार किस्म की खामोशी छाई हुई थी.

“कल में एक निहायत ही शरीफ बीवी की हैसियत से अपने शौहर के साथ अपने घर से विनोद और सपना के घर आई थी,और आज जब में अपने घर वापिस जा रही हूँ,तो एक रंडी औरत की हैसियत इकतियार कर चुकी हूँ,जिसे अपने ही शौहर के हिंदू बॉस ने पूरी रात इतने मज़े दार तरीके से चोदा है,कि उस हिंदू लंड का गरम पानी मुझे अभी तक अपनी चूत से बैठा हुआ महसूस हो रहा है” अपने घर की वापसी के पूरे सफ़र के दौरान मेरे जेहन में इसी तरह के ख्यालात आते रहे. और में कल वाले वाकिये पर अपने आप को मुर्दे इल्ज़ाम ठहराते हुए अपने आप से ही शरमांदा होती रही. कि जैसे इस सारे वाकिये में सिर्फ़ में ही कसूरवार थी.

फिर थोड़ी देर में ही हमारी अपार्टमेंट बिल्डिंग आ गई और हम दोनो मियाँ बीवी कार से निकल कर अपने अपार्टमेंट में चले आए.

“मुझे अपने बेड रूम में जा कर जल्दी से पहले शावर लेना चाहिए,और फिर उस के बाद में अपने और यासिर के लिए नाश्ता तैयार करूँगी” अपार्टमेंट में दाखिल होते ही मैने सोचा और अपने बेड रूम की तरफ बढ़ने लगी.

“क्या विनोद ने मेरी प्रमोशन की फाइल पर साइन कर दिया हैं सायरा” में ज्यों ही आहिस्ता आहिस्ता चलती हुई अपने बेडरूम की तरफ जाने लगी. तो यासिर ने पीछे से मुझ से पूछा.

“उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ रात भर सपना की चूत के मज़े लेने के दौरान यासिर मुझे तो भूल ही चुका था,अब होश में आने के बाद भी अपनी कल वाली हरकत पर शर्मिंदा होने या मुझ से मेरी ख़ैरियत पूछने की बजाय,मेरे शौहर को सिर्फ़ अपनी फाइल की फिकर लगी हुई है” ये बात सोचते हुए मुझे कल वाले वाकिये पर कुछ देर पहले जो एक गिल्टी महसूस हो रही थी. शर्मिंदगी कि वो सारी केफियत यासिर की बात सुनते ही से ना सिर्फ़ एक दम मेरे दिमाग़ से उतर गई.

बल्कि अपने शौहर यासिर से उस की प्रमोशन वाली फाइल की बात सुन कर मेरे तन बदन में एक आग सी लाग गई.

जिस की वजह से गुस्से के मारे मेरे दिमाग़ का पारा एक दम हाइ होने लगा था.

मगर इस के बावजूद मैने खामोश रहने में बेहतरी महसूस की.

“यार बताओ ना,विनोद साइन करने पर राज़ी हुआ या नही” मेरी खामोशी देख कर यासिर ने फिर अपनी बात पर इसरार किया. 

“हां विनोद ने कल रात तुम्हारी प्रमोशन की फाइल पर साइन कर दिए है यासिर,अभी देखना पसंद करो गे” यासिर को सिर्फ़ अपनी प्रमोशन के मुतलक फ़िकरमंद होते देख कर बेडरूम में जाते हुए मैने जवाब दिया. और जल्दी से अपने बेड रूम में दाखिल हो गई.

अभी में बेडरूम में पहुँच कर अपने बेड पर बैठी ही थी. कि यासिर एक दम दौड़ता हुआ मेरे पीछे कमरे में दाखिल हुआ और जल्दी से बोला “प्लीज़ मुझे जल्दी से फाइल दिखाओ जहाँ विनोद ने अपने साइन किए हैं सायरा”

“तुम वो फाइल देखना चाहते हो ना,जिधर तुम्हारे बॉस विनोद ने अपने साइन किए हैं,तो ये देख लो यासिर” यासिर की बात सुन कर में बहुत गुस्से से अपने बेड से उठी और एक दम अपने जिस्म पर पहनी हुई फ्रॉक,ब्रेज़ियर और अपनी छोटी सी पेंटी को उतार कर अपने शौहर यासिर के सामने बिल्कुल नंगी हालत में खड़ी हो गई.

कपड़े उतारते ही मेरी नज़र अपने कमरे में लगे शीशे के ज़रिए अपने नंगे जिस्म पर पड़ी. तो कमरे के शीशे में से अपना जिस्म देख कर में तो खुद भी हैरान रह गई.

क्योंकि रात भर विनोद की मस्त चुदाई के दौरान पड़ने वाले निशान के असरात अभी तक मेरे जिस्म पर बाकी थे.

मेरे मम्मो पर विनोद के दाँतों के काटने के निशान जो बहुत साफ नज़र आ रहे थे. 

जब कि मेरे मम्मो के लंबे निपल्स भी विनोद की भरपूर सकिंग की वजह से पूरे सूजे हुए थे.

इस के साथ साथ नीचे मेरी रानों पर जगह जगह पर विनोद के दाँतों से काटने के निशान पड़े होने के अलावा विनोद की जबर्जस्त चुदाइ की बदोलत मेरी सूजी हुई फुद्दि का उभार भी बहुत नुमाया हो रहा था.

और सब से भर कर विनोद के लंड का थिक जूस जो कि मेरी चूत से बाहर निकल आया था. वो भी मेरी चूत और रानों पर जमा हुआ सामने नज़र आ रहा था.

“ये क्या हरकत है सायरा, में ने तुम से वो फाइल देखने का कहा है,जिधर विनोद ने मेरी जॉब प्रमोशन के साइन किए हैं, और तुम अपने कपड़े उतार कर मेरे सामने नंगी हो गई हो” यासिर ने मुझे अपने सामने कमरे में यूँ नंगा खड़े देखा. तो वो भी थोड़ा गुस्से में मुझ से मुखातिब हुआ.

“तुम को वो फाइल ही तो दिखा रही हूँ, ये देखो मेरी चूत,ये ही तो वो जगह है, जहाँ विनोद ने अपने लंड की सफेद इंक के साथ रात भर दिल खोल कर तुम्हारी तरक्की के दस्तख़त किए हैं,और इस के साथ साथ विनोद ने अपने दाँतों की मोहर (स्टंप) भी मेरी चुचियों और रानों पर लगा कर तुम्हारी जॉब पक्की कर दी है यासिर” अपने शौहर की बात सुन कर में रात भर की चुदाई की वजह से सूजी हुई अपनी फुद्दि और अपने निशान जदा मम्मो की तरफ इशारा किया. तो मेरी ये बात सुन कर यासिर के मुँह का रंग ही उड़ गया.

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03-01-2019, 11:16 AM,
#33
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“क्या बकवास कर रही हो तुम, तुम रात भर एक गैर मर्द के साथ रंग रेलिया मनाती रही हो,और वो मर्द भी जो कि एक हिंदू है,शरम आनी चाहिए तुम्हें सायरा” मेरी बात को सुन कर यासिर अब एक गरत मंद शौहर की आक्टिंग करते हुए एक दम गुस्से में मुझ से बोला. 

“ ये बात तुम को उस वक्त याद नही आई, जिस वक्त तुम खुद मुझे तैयार करवा कर विनोद के पास इसी कम के लिए ले गये थे,और फिर अपनी जवान बीवी को अकेला एक गैर मर्द के साथ छोड़ कर तुम खुद शराब के नशे में धुत हो कर उसी हिंदू आदमी की बीवी की चूत के मज़े लेते रहे हो, और अब मुझे हिंदू मर्द के साथ सोने के ताने देते हुए तुम्हें खुद शरम आनी चाहिए यासिर” अपने शौहर की बात सुन कर मुझे भी एक दम गुस्सा आया. और मैने शादी के बाद पहली बार इस तरह की ज़ुबान इस्तीमल करते हुए, इस लहजे में अपने शौहर को तुर्की बा तुर्की जवाब दिया.

मुझे इस तरह के लहजे में पहली दफ़ा इस तरह के इलफ़्ज़ अपनी ज़ुबान से अदा करते हुए देख कर यासिर बहुत हैरानी से मेरा मुँह देखने लगा. 

इसी दौरान मैने महसूस किया कि यू मेरी बात सुन कर हैरान होते हुए यासिर चोरी चोरी मेरे नंगे जिस्म का जायज़ा लेने में भी मसरूफ़ था.

ज्यूँ ज्यूँ यासिर की नज़रें विनोद के लंड से रात भर चुदे हुए मेरे नंगे और गरम वजूद का जायज़ा लेती रही .


त्यु त्यु मुझे ऐसा लगा कि मेरे नंगे वजूद का दीदार करते हुए ना सिर्फ़ यासिर का गुस्सा एक दम कम होता चला गया था. 

बल्कि इस के साथ साथ मुझे यूँ महसूस होने लगा था. कि विनोद के हाथों पमाल हुए मेरे नंगे वजूद को देखते और मेरे मुँह से पहली बार इस तरह के अदा करे नंगे अल्फ़ाज़ को सुनते हुए मेरे शौहर यासिर का लंड उस की पॅंट में खड़ा होने लगा था.

“हाईईईईईईईईईईई में तो समझी थी, एक गैर मर्द से चुदे हुए मेरे इस नंगे वजूद को देख कर,एक गैरत मंद शौहर की हैसियत से यासिर तो फॉरन मुझे गोली मार देगा , मगर लगता है कि यहाँ तो मामला ही कुछ और है, क्योंकि विनोद से मेरी चुदाई का सुन कर,मुझे मारने या मुझ पर गुस्सा करने की बजाय, ऐसे लगता है कि यासिर तो एक दम गरम होने लगा है” यासिर की अपने जिस्म पर बहकती नज़रों और उस की पॅंट में मची हलचल को देख कर मेरे जेहन में ये ख्याल आया. और में अपने शौहर के इस रवैये पर खुद भी हैरान रह गई.

अभी में अपनी तवकको के बिपरीत यासिर के यूँ एक दम गरम हो जाने पर हैरान हो रही थी.कि इतने में मेरे नंगे जिस्म को देखते हुए यासिर एक दम आगे बढ़ कर मेरे नज़दीक आ गया.

“हाईईईईईईईईईईई यासिर मेरी बे वफ़ाई पर मुझे कोई सज़ा देने के मूड में है शायद” यासिर को यूँ अपने नंगे वजूद को देखते हुए एक दम गरम होता देखने के बावजूद भी, गुस्से से यासिर को जवाब देने पर मुझे अपने शौहर से अभी तक एक ख़ौफ़ महसूस हो रहा था.

इसी लिए यासिर को अपने इतने नज़दीक पा कर डर के मारे मैने अपनी आँखे एक दम बंद कर लीं.

इधर यासिर के डर की वजह से भीगी बिल्ली बनते मैने अपनी आँखे मीच लीं. 

तो दूसरी तरफ मुझ पर हाथ उठाने की बजाय मेरे करीब आते ही यासिर ने अपना मुँह आगे कर के मेरे बड़े और गुदाज मम्मे के उपर ऐन उसी जगह पर अपने गरम होंठ पेवश्त कर दिए. 

जहाँ रात को मेरी चुदाई के दौरान विनोद ने मेरे मम्मे के नरम गोश्त को अपने दाँतों से काट कर अपने प्यार की मोहर लगाई थी.

मेरी गोश्त भरी छाती पर अपने गरम मुँह को रख कर यासिर किसी भूके बच्चे की तरह मेरे दोनो मम्मे के उन्ही हिस्सो को उसी तरह अपने दाँतों से काटने लगा. 

जिस तरह चुदाई के दौरान जोश और मस्ती में पागल हो कर विनोद ने रात को मेरे मम्मो को काटा था.

“हाईईईईईईईईईईईई मेरा अंदाज़ा तो वाकई ही सही निकला, एक गैर मर्द से चुदे हुए अपनी बीवी के वजूद को देख कर यासिर तो सच में गरम होने लगा है” यासिर की गरम ज़ुबान को अपने मोटे मम्मो के उपर विनोद की बनाई हुई हिकीस वाली जगह पर महसूस करते ही मेरे ज़हन में ये ख्याल आया. 

तो मेरा ख़ौफ़ ख़तम होने के साथ साथ,थोड़ी देर पहले यासिर पर आने वाला मेरा गुस्सा भी एक दम ठंडा पड़ने लगा. और इस के साथ ही मेरी चूत भी फिर से गरम होने लगी थी.

“देखो तुम्हारे दोस्त विनोद ने तुम्हारी प्रमोशन के बदले किस तरह बे दरदी से तुम्हारी बीवी के फूल जैसे बदन को नोच नोच कर तुम्हारी बीवी के जिस्म की क्या हालत की है यासिर ” अपने शौहर को यूँ गरम हो कर मेरे मम्मो पर अपनी ज़ुबान फेरते हुए देख कर मैने यासिर को अपने जिस्म से अलग किया. 

और एक बार फिर अपने नंगे जिस्म के अंग अंग को अपने शौहर यासिर की नज़रों के सामने करते हुए यासिर से कहा.


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03-01-2019, 11:16 AM,
#34
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अपने शौहर यासिर को अपने नंगे जिस्म को दिखाते हुए मैने भी अपना मुँह नीचे कर कर अपने जिस्म का एक भरपूर जायज़ा लिया. 

तो मुझे पता चला कि रात भर की चुदाई के दौरान विनोद ने अपने लंड का गरम वीर्य मेरे चेहरे, मम्मो और चूत समेत जहाँ जहाँ गिराया है. 

वहाँ वहाँ वो वीर्य उस जगह सूख कर अब गोंद जैसा बन गया था. जिस की वजह उस जगह से मेरे जिस्म की स्किन भी अकड सी चुकी थी.

इधर यासिर को अपने आप से परे कर के मैने अपने वजूद का अच्छी तरह से सर्वे किया. 

तो दूसरी तरफ मुझ से अलग होते ही यासिर ने भी एक बार फिर मेरे चुदे हुए नंगे जिस्म का अपनी भूकि नज़रों से बगौर जायज़ा लिया. 

मेरे जिस्म को देखते देखते यासिर को ना जाने किया सूझी. कि उस ने मुझे अपने हाथ से धक्का दे कर मुझे एक दम पीछे पड़े बेड पर गिरा दिया.

मुझे बिस्तर पर इस तरह गिराते ही यासिर खुद भी एक दम नंगा हुआ. और फिर बिस्तर पर पड़े मेरे जिस्म के उपर आ कर विनोद के काटने और चूसने की वजह से मेरे नाज़ुक जिस्म पर बनने वाले लाल रंग के निशानात (स्पॉट्स) को अपनी ज़ुबान से चाटने और चूमने लगा.

“उफफफफफफफ्फ़ मेरे नंगे बदन को यूँ पागलों की तरह चूमते हुए यासिर को ये ऐएहसास भी नही हो रहा, कि वो मेरे सीने ऑर मम्मो पर अपनी गरम ज़ुबान फेरने के दौरान, मेरे मम्मो और जिस्म पर छोड़ी हुई विनोद के लंड की मनी को भी साथ में ही चाट रहा है” अपने जिस्म पर यासिर की गरम ज़ुबान को चलता हुए महसूस कर के मैने सोचा.

तो अपने अपने शौहर यासिर को अपने जिस्म पर लगे हुए विनोद के दाँतों के निशानो को चूमने और चाटने के दौरान ही मेरे जिस्म पर छोड़े हुए विनोद के लंड के सूखे वीर्य को भी बे ख्याली में साथ ही साथ अपनी गरम ज़ुबान और अपने प्यासे होंठों से चुसते और चाटते देख कर मेरी फुद्दि बे तहाशा गरम होने लगी थी. 

“हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ऐसे लगता है कि जैसे तुम्हें विनोद से मेरी चूत मरवाने वाली हरकत पसंद आई है यासिर” अपने शौहर को ला इलमी (विदाउट नॉलेज) में पागलों की तरह विनोद के लंड की सुखी हुई मनी को चाट्ता देख कर मेरी चूत में लगी आग के शोले एक दम ऐसे भड़के. और मैने सिसकते हुए यासिर से ये बात भिल आख़िर पूछ ही ली.

“ओह हाईईईईईईईई” यासिर ने मेरी बात का डाइरेक्ट जवाब देने की बजाय सिसकियाँ लेते हुए अपने होंठों और मुँह का सफ़र मेरे जिस्म के सारे हिस्सों पर जारी रखा. 

“हाईईईईईईईईईईईईईईईई तुम्हें सपना की चूत चोद कर ज़्यादा मज़ा आया था,या विनोद के लंड से चुदे हुए अपनी जवान बीवी के जिस्म को देख कर ज़्यादा मज़ा आया है, जवाब दो मुझे वरना में अभी उठ कर कपड़े पहन लूँ गी यासिर” अपने शौहर को सीधी तरह अपनी बात का जवाब देते हुए ना देख कर मैने थोड़ा गुस्से में यासिर से पूछा. और यासिर को दी हुई अपनी धमकी को अमली जमा पहनाने के लिए पास पड़ी अपनी फ्रॉक की तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया.

“ओह तुम्हारे गरम जिस्म पर किसी और मर्द के होंठों और दाँतों से बने हुए इन निशानात को देख कर मुझे जो मज़ा आ रहा है,उस मज़े के सामने सपना की चूत के मज़े भी कोई वॅल्यू नही है सायराआआआअ” यासिर ने मेरी धमकी को सुन कर एक दम से जवाब दिया. और फिर पागलों की तरह मेरे मम्मो और पेट पर अपनी ज़ुबान को घुमाने लगा था.

“शौहर तो अपनी बीवियों की इज़्ज़त की हिफ़ाज़त के लिए या खुद मर जाते हैं,या किसी और मर्द को मार देते हैं,और तुम ने खुद मुझे अपनी मेर्ज़ी से एक गैर मर्द के हवाले कर दिया,तुम ने ऐसा क्यों किया यासिर” अपने शौहर की बात सुन कर मैने फिर सवाल किया. तो इस के साथ ही मुझे अपनी चूत में लगी हुई जवानी की आग अपनी इंतिहा को पहुँचती हुई महसूस होने लगी थी. 

“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ शादी के बाद मैने वाइफ स्वपिंग पर बेस एक इंडियन मूवी अजनबी देखी थी, उस मूवी को देखने के बाद मुझे नेट पर राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर वाइफ स्वपिंग और वाइफ शेरिंग स्टोरीस पढ़ने और इसी तरह की क्षकशकश मूवीस देखने की ऐसी लत (आदत) पड़ी, कि में भी तुम्हारे इस गरम जिस्म को किसी दूसरे मर्द के साथ शेयर करने का सोच सोच कर गरम होने लगा था, और याद है तुम्हारे दुबई आने वाले दिन विनोद ने जब तुम्हारे हुश्न की तारीफ की थी, तो एक गैर मर्द के मुँह से अपनी जवान गरम बीवी की तारीफ सुन कर मेरा लंड इतना गरम हुआ था, कि घर जाते ही मैने पागलों की तरह तुम्हें चोद दिया था, फिर विनोद ने जब तुम से रात गुजारने के बदले खुलम खुल्ला मुझे मेरी प्रमोशन की ऑफर दी,तो अपनी इस जिन्सी हवस की तकमील के लिए में तुम्हें विनोद से चुदवाने के लिए खुद तैयार कर के उस के पास ले गया सायराआआअ” मेरे नंगे जिस्म से अपने बॉस विनोद के लंड के गरम वीर्य को चाटते हुए यासिर ने ये सारी बात मुझ से कह दी.
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यासिर ने मुझ से सारी बात कहते हुए अपनी गरम ज़ुबान को पागलों की तरह मेरे कसे हुए पेट और मेरी गहरी नाफ़ (नेवेल) के उपर फेरते तेज़ी के साथ फेरते हुए अपने जिस्म को मेरे जिस्म के उपर से सरकाते हुए आहिस्ता आहिस्ता अपने मुँह को मेरे जिस्म के नीचे हिस्से की तरफ बढ़ाने लगा.

यासिर ने अपने गरम होंठो को मेरे जिस्म पर घुमाते हुए मेरी टाँगों के ऐन दरमियाँ बिस्तर पर लेट कर नीचे से अपने गरम और प्यासे होंठों को मेरी लंबी और गुदाज रानों के उपर रख दिया. और फिर अपनी नोकिली ज़ुबान को मेरी गोश्त से भरपूर रानों के उपर तेज़ी के साथ फिराने लगा.

“ओह तुम ने अपनी जिन्सी हवस पूरी करते करते मेरी मासूम सी तंग चूत को विनोद के मोटे अनकट लंड से फडवा कर रख दिया है यासिर” अपने शौहर को गरम जोशी से मेरी गुदाज रानों पर अपनी ज़ुबान चलाते देख कर में सिसकार उठी.

“उफफफफफफ्फ़ क्या विनोद का लंड मुझ से बड़ा और मोटा है सायराआआआअ” यासिर ने मेरी बात सुन कर एक दम बेताबी से पूछा.

“खुद ही देख लो कि विनोद का लौडा तुम्हारे लंड के मुक़ाबले में कितना लंबा और मोटा है यासिर” यासिर की बात सुन कर मैने जवाब दिया. और इस के साथ ही बिस्तर पर लेटे लेटे मैने अपनी टाँगे पूरी छोड़ी कर दी.

मेरी टांगे छोड़ी होते ही मेरी चूत के दोनो लब (लिप्स) भी खुद बा खुद ऐसे फैल गये कि जिस की वजह से रात भर विनोद से चुदि हुई मेरी चूत का मुँह मेरे शौहर यासिर की नज़रों के सामने पूरे का पूरा खुल गया. 

“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ विनोद ने तो वाकई ही तुम्हारी चूत के छोटे से सुराख को तो गार (माइन) का मुँह ही बना दिया है सायराआआआआ” मेरी टाँगों के दरमियाँ लेटे हुए मेरे शौहर यासिर को नीचे से मेरी फुद्दि का पूरा दीदार हुआ. तो विनोद के मोटे लंड से चुदि हुई मेरी फुद्दि के सुराख को देखते हुए यासिर को जैसे एक शॉक सा लगा और वो एक दम बोला. 

“मेरी चूत की इस हालत की वजह सिर्फ़ विनोद के लंड का मोटा और लंबा होना ही नही, बल्कि असल में विनोद के अनकट लंड का टोपा ही इतना छोड़ा है, कि जिस ने तुम्हारी शरीफ बीवी की तंग चूत के मुँह को पूरा फाड़ कर रख दिया है यासिर” यासिर की बात का जवाब देते हुए मैने अपने शौहर की तरफ देखा.

यासिर की नज़रें बा दस्तूर मेरी उस चूत पर जमी हुई थी. जिस का मुँह विनोद के मोटे लंड ने इतना चोडा कर दिया था. 
कि मेरी टाँगों के दरमियाँ लेटे यासिर को यक़ीनन मेरी चूत का अन्द्रुनि गुलाबी हिसा भी नीचे से पूरे का पूरा नज़र आ रहा था.

अपने शौहर को यूँ अपनी खुली टाँगों के दरमियाँ झुक कर इंतेहाही हवस भरी नज़रों से रात भर किसी और मर्द से चुदि हुई अपनी फुद्दि का मुआयना (इनसेपेक्षन) करते देख कर मेरी फुद्दि भी बे तहाशा गरम हो कर अपना पानी छोड़ने लगी थी.

इधर जैसे ही विनोद के लौडे से खुली हुई मेरी चूत ने गरम हो कर अपना पानी खारिज करना शुरू किया. 

तो मेरी चूत के पानी के साथ साथ रात भर से मेरी बच्चा दानी में जमा विनोद के लंड का जूस भी मेरी चूत से बाहर निकल कर मेरी चूत के होंठों और मेरी गुदाज रानो को भी भिगोने लगा था.

ज्यों ही विनोद के मोटे लंड का गरम मेड ने मेरी फुद्दि के लिप्स को गीला किया. तो मेरे दिल और दिमाग़ में एक अजीब सी ख्वाहिश ने एक दम जनम ले लिया.

मेरे दिमाग़ में पेदा होने वाली ये ख्वाहिश इतनी शदीद थी. कि जिस की वजह से मेरे सोचने समझने की सलाहियत एक दम मंद पड़ गई.

मैने अपनी चूत से आधा इंच दूर माजूद यासिर के सर पर गरम जोशी से अचानक ही हाथ फेरा. और मस्ती में सिसकते हुए एक दम बोली “ विनोद्द्द्द्द्द के लंड से चुदि हुई मेरी चूऊऊओट को भी चातूऊऊऊऊ यासीर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर” 

“में और तुम्हारी चूत चाटू,तुम्हारा दिमाग़ तो खराब नही हो गया सायराआआ” मेरी बात सुन कर यासिर ने एक दम मेरी चूत और फिर मेरे मुँह की तरफ देखा. और एक दम थोड़ा गुस्से से मुझे कहने लगा.

“दिमाग़ मेरा नही तुम्हारा खराब हो चुका है,इसी लिए सिर्फ़ एक मामूली सी प्रमोशन को हासिल करने के लिए, अपनी इंतहाई शरीफ बीवी को एक गैर मर्द से चुदवाने पर राज़ी हो गये तुम, जब मैने विनोद से चुद कर तुम्हारी ख्वाहिश पूरी कर दी है,तो बदले में तुम मेरी चूत चाट कर मेरी भी ख्वाहिश को पूरा करो यासिर” मैने यासिर की बात को सुन कर उसी लहजे में अपने शौहर को जवाब दिया.

“मैने तो तुम्हारी सॉफ चूत को कभी नही चाटा,अब रात भर विनोद के लंड से चुदि हुई इस चूत को केसे चाट सकता हूँ,जिस में से विनोद के लंड का पानी अभी भी बह बह कर बाहर निकल रहा है सायराआआअ” मेरी बात के जवाब में यासिर ने फिर इनकार करते हुए कहा.

“तुम ने वाकई ही आज तक मेरी चूत नही चाटी, मगर आज तुम्हें मेरी चूत से बहते विनोद के लंड और मेरी चूत के पानी का ये मिक्स्चर, एक कॉकटेल जूस समझ कर पीना ही हो गा यासिर” मैने एक बार फिर उँची आवाज़ में अपने शौहर से कहा.

“और अगर में नही पिया तो” मेरी बात सुन कर यासिर ने फिर पूछा. 

“अगर तुम विनोद के लंड के पानी से भरी हुई मेरी चूत चाटने से इनकार करो गे, तो में विनोद से कह कर तुम्हारी प्रमोशन रुकवा दूँगी, इसीलिए अब अच्छे बच्चे की तरह आगे बढ़ कर मेरी फुद्दि को चाट खाओ यासीर्ररर” मैने गुस्से भरी नज़रों से यासिर की तरफ देखते हुए कहा. 

“अच्छााआ में कोशिश करता हूँ सायराअ” मेरी गुस्से से भरी धमकी को सुन कर यासिर ने जवाब दिया.
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03-01-2019, 11:16 AM,
#36
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इस के साथ ही यासिर आहिस्ता आहिस्ता अपना मुँह मेरी चूत के पास लाया. और फिर झिझकते झिझकते हुए अपनी ज़ुबान को मेरी रात भर की चुदि हुई फुद्दि के उपर रख कर मेरी चूत के होंठों को ज़िंदगी में पहली बार हल्के से चूम लिया.

“अब खुश हो ना” मेरी चूत को अपनी ज़ुबान की नौक से हल्का से चूमते ही यासिर ने एक दम अपना मुँह पीछे कर के ज़मीन पर थूक दिया.

“आज ऐसे जान नही छूटे गी तुम्हारी, अगर तुम नही चाहते कि तुम्हारी मुस्लिम बीवी एक हिंदू मर्द के बच्चे की माँ बने, तो तुम को मेरी चूत में से विनोद के लंड के सारे रस को चूस चूस कर अपनी ज़ुबान से सॉफ करने पड़े गा यासिर” मैने जब अपने शौहर यासिर को मेरी चूत चूमते ही एक दम अपने मुँह अपनी चूत से हटाते देखा. तो मैने अपने शौहर यासिर से ये सारी बात एक ही साँस में कह डाली.

“में और विनोद के लंड के पानी को अपनी ज़ुबान से चाटू,ऐसा में मरते दम तक नही करूँगा सायराआआअ” मेरी बात सुन कर यासिर ने एक दम गुस्से में मुझे जवाब दिया.

“मरने की बात छोड़ो,तुम तो मेरे सारे जिस्म पर फेले हुए विनोद के लंड के नमकीन पानी को, अभी कुछ देर पहले जीते जी ही अपनी इसी गरम ज़ुबान से चाट चाट कर अपने हलक में उडेल चुके हो यासिर, अब ये ज़िद छोड़ू और अपने दोस्त के लंड से भरी हुई अपनी बीवी की चूत को अपनी ज़ुबान से अच्छी तरह सॉफ कर के, मुझे अपनी मोहब्बत का सबूत दो मेरी जान” यासिर के इनकार को सुनते हुए मैने इस बार बहुत प्यार भरे अंदाज़ में यासिर से अपनी बात कही.

“नही........ ना ही विनोद तुम्हारे जिस्म पर फारिग हुआ है,और ना ही मैने विनोद की मनी को तुम्हारे जिस्म से चाटा है,तुम यक़ीनन मज़ाक कर रही हो मुझ से सायराआ” यासिर ने मेरी बात सुन कर बे यकीनी की हालत में मुझ से एक दम पूछा.

“में ना तो मज़ाक कर रही हूँ, और ना ही में तुम्हें आज अपनी ये फुद्दि सॉफ किए बिना इधर से उठने दूंगी, तुम ने मुझे विनोद से चुदवा कर अपना शौक पूरा किया है,अब मेरी चुदि हुई ये चूत चाट कर मेरी ख्वाहिश भी पूरी करो, इसीलिए अब जल्दी से आगे बढ़ कर मेरी चूत पर अपने मुँह टिका दो यासीर्र्र्ररर” विनोद के लंड के पानी से पूरी तरह फुल चूत को अपने शौहर की ज़ुबान से सॉफ करवाने के इस ख्याल ने मुझे अब इतना गरम कर दिया था. कि में अब यासिर के इनकार को बर्दाश्त नही कर सकती थी.



इसी लिए मैने गुस्से में यासिर की तरफ देखते हुए अपने शौहर को एक बार फिर अपनी उंगली से अपनी चूत की तरफ इशारा करते हुए यासिर अपनी चूत चाटने का हुकम दे डाला.

“ओह ठीक है जैसा तुम हुकम दो गी ,अब में वैसा ही करूँगा मेरी जान” कुछ देर टिकटकी बाँध कर मेरी चूत को देखने के बाद यासिर ने कहा. और फिर एक दम अपने मुँह को आगे बढ़ा कर पानी छोड़ती मेरी चूत के मुँह पर रख दिया.

“ओह हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़” जैसे ही मेरे अपने शौहर यासिर ने ज़िंदगी में पहली बार आज अपने मुँह को मेरी चूत के होंठों से चिस्पान किया. तो मज़े की शिद्दत से में एक दम सिसक उठी.

“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ जब मेरी शरीफ और पाक बीवी मेरी प्रमोशन की खातिर अपनी चूत को एक गैर हिंदू मर्द के हवाले कर के मुझ से अपनी सच्ची मुहब्बत का सबूत दे सकती है, तो मुझे भी फिर अपनी बीवी की चुदि हुई चूत में से किसी गैर मर्द के लंड का पानी चाटने में को मसला नही मेरी जान”



मेरी चूत में पहली बार अपनी ज़ुबान डालने और उस में से बहते हुए विनोद के लंड के सफेद सफेद वीर्य को अपनी ज़ुबान से यूँ पहली बार चखते हुए यासिर ने कहा. 

“विनोद के लंड के पानी से बने हुए मुतन्गन (मेथी और नम्कीम राइस की बनी हुई मिक्स डिश) का केसा ज़ायक़ा है यासिर” ज्यों ही यासिर ने मेरी चूत में से बहते विनोद के लंड के वीर्य को बेताबी से अपनी ज़ुबान से चाटा. तो में ने एक दम जोश में आ कर अपने शौहर से पूछा.

“हमम्म्ममममममममम उफफफफफफफफफफफ्फ़ ना जाने क्यों में तुम से इतनी बहस करता रहा हूँ, तुम्हारी चूत के पानी और विनोद के लंड के वीर्य का स्वाद तो वाकई ही बहुत मज़े दार है सायराआआआअ” मेरी बात सुन कर मस्ती में यासिर ने मेरी चूत में अपनी नोकेलि ज़ुबान घुसाइ . और सिस्करते हुए मुझे जवाब दिया.



“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ तो चातूऊऊऊऊऊऊ मेरी चूत को, और सॉफ कर दो मेरी फुद्दि को अपने दोस्त विनोद के लंड के पानी से यासीर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर” अपने शौहर यासिर को यूँ पहली बार मज़े से अपनी रात भर चुदि हुई चूत को चाटते देख कर में भी मज़े और स्वाद से मचल उठी. और सिसकते हुए अपने शौहर से फरमाइश की.

“हां में आज तुम्हारी चूत को चाट चाट कर इस में माजूद विनोद के लंड के वीर्य को ज़रूर खा जाऊं गा सायराआआआअ” मेरी बात सुन कर यासिर ने एक दम जोश में मेरी चूत की लबों को अपनी उंगलियों से खोला.


और मेरी चूत के अंदर अपनी नुकीली ज़ुबान दाखिल कर के मेरी फुद्दि के अन्द्रुनी तह में मौजूद विनोद के लंड के वीर्य को अपनी ज़ुबान से चाट चाट कर मेरी चूत से बाहर निकालने लगा था.

“उफफफफफफफफफफ्फ़ मेरी वो ही चूत जिसे रात भर विनोद अपने लंड से चोद चोद कर ठंडा करता है,उसी चूत में छोड़े हुए विनोद के थिक जूस को चाट चाट कर अब मेरा अपना शौहर मज़े से सॉफ करने में मशगूल है” अपने शौहर को यूँ दीवानगी के आलम में मेरी चूत के अंदर और उपर मौजूद विनोद के लंड के पानी को अपनी ज़ुबान से चाटते देख कर मेरी चूत एक बार फिर से गरमा हो गई थी. 

और इसी गरमी और मदहोशी के आलम में स्वाद से बे हाल होते हुए मेरी आँखे बंद होती गईं.
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03-01-2019, 11:16 AM,
#37
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वही यासिर जो अभी कुछ देर पहले मेरी चूत को चाटने से इनकार पर इनकार किए जा रहा था. उसी मेरे शौहर यासिर को अब विनोद से चुदि हुई मेरी चूत इतनी पसंद आ गई थी. कि यासिर अब मेरी चूत को दीवाना वार चाटने में मशगूल हो गया था.

अब यासिर कभी मेरी चूत के सुरख वाली जगह में अपनी ज़ुबान डालता और कभी वो मेरी क्लाइटॉरिस यानी मेरी चूत के देने को ज़ुबान से रगड़ता.

में तो ज़ोर ज़ोर से आहें भर रही थी और अपने हाथ उस के बालों में फेर रही थी. मेरे मूँह से बहुत बड़ी सिसकारी निकली ऑर में तड़प कर रह गई.

“ओह मेरी चूत को तुम्हारे लंड की तलब हो रही है,चोदो उसी तरह चोदो जैसे रात भर विनोद मुझे चोदता रहा है यासीर्र्र्र्र्र्ररर” थोड़ी देर अपने शौहर से अपनी चूत को चटवाने के बाद मेरी चूत में अपने शोहार का लंड लेने की उमंग जागी. तो मैने मज़े से सिसकते हुए यासिर से कहा.

“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ विनोद से चुदि हुई अपनी बीवी की इस चूत को चोदने के लिए मेरा अपना लंड भी बहुत मचल रहा है मेरी जान” 



यासिर ने मेरी चूत को अपनी ज़ुबान से चूमते और चाटते हुए मेरी टाँगों के दरमियाँ में अपना सर उठा कर मेरी आँखों में आँखे डाल कर कहा.

और इस के साथ ही यासिर मेरी चूत पर से अपने मुँह को हटा कर अपने जिस्म को सरकाते हुए विनोद के लंड और मेरी चूत के पानी से भरे हुए अपने मुँह को मेरे मुँह के ऐन उपर ले आया.

“लो अपनी चूत और विनोद के लंड के मिक्स जूस का स्वाद तुम भी चख लो सायराआआआ” यासिर ने अपने गीले होंठों को मेरे होंठों पर रखा. 

और अपने मुँह में भरे हुए मेरे और विनोद के नमकीन वीर्य को थूक से मिक्स करने बाद मेरे मुँह में मुतिकल करने लगा था.

“हाईईईईईईईईईईईई मुझे एक गैर मर्द के लंड का पानी खुद ही पिला कर बड़ी मेहरबानी कर रहे हो मुझ पर, मेरे सरताज”मैने हवस भरी नज़रों से यासिर की तरफ देखते हुए ये बात कही.और इस के साथ ही यासिर के मुँह में जमा विनोद के लंड की मनी का इस्तिक़्बाल करने के लिए अपने पूरा मुँह खोल दिया. 

मेरा मुँह खुलते ही विनोद के लंड का थिक जूस यासिर के मुँह के रास्ते मेरे मुँह में दाखिल हुआ. 

तो में अपने शौहर की आँखो में देखते हुए निहायत ही बे शरमाई के साथ विनोद के वीर्य को अपने हलक़ में निगलने लगी.

“जब मैने खुद ही तुम्हें अपने हिंदू दोस्त से चुदवा दिया है,तो अब उस के लंड का पानी भी खुद तुम्हें पिलाने में हर्ज ही क्या है” यासिर ने मेरी आँखों में आँखे डाल कर ये बात कहते हुए रात भर की चुदि हुई मेरी चूत के मुँह पर अपने लंड की टोपी को रख कर एक धक्का मारा. 


तो यासिर का सख़्त तना हुआ लंड विनोद के लंड से पूरी खुली और उस के लंड के गाढ़े वीर्य से भेरपूर भरी हुए मेरी गीली चूत की दीवारो में बा आसानी से स्लिप हो कर तेज़ी के साथ अंदर घुसता चला गया.

यासिर का लंड ज्यों ही मेरी चूत में घुसा . तो रात भर विनोद के लंड से चुदि हुई चूत में अब अपने शौहर का लंड लेते वक्त भी दर्द का एक मेहता से अहसास मेरे सारे जिस्म में फैलता चला गया. 

और एक दम गुलाम अली का गाये हुए इस गाने के बोल मेरे ज़हन में गूँज गये.इस गाने के असल बोल तो कुछ यूँ थे कि,

“पहली वारी आज उणा अँखियाँ ने तकिया
एहो जिया तकिया के हाई मार साथिया”

मगर जैसे ही यासिर का लंड मेरी सूजी हुई चूत के मुँह से स्लिप हो कर मेरी फुद्दि में गया. तो मेरे जेहन में इस गाने के बोल कुछ इस तरह से गूंजने लगे.

“पहली वारी आज इक अनकट लंड ने फकिया

एहो जिया फकिया के हाई मार साथिया”

“उफफफफफफफफफफ्फ़ आहिस्ताअ से डालो अपना लंड,विनोद ने रात भर तुम्हारी बीवी की पाकीज़ा चूत को चोद चोद कर तुम्हारी बीवी की फुद्दि का फुद्दा बना दिया है,वैसे सच सच बताओ,तुम्हें केसा लग रहा है,आज किसी गैर मर्द से चुदि हुई अपनी जवान बीवी की चूत में पहली बार अपना लंड डाल कर यासिर” विनोद के लंड से फटी और रात भर की चुदाइ की वजह से सूजी हुई मेरी चूत के होंठों को खोलता हुआ यासिर का लंड ज्यों ही मेरी चूत में जड़ तक घुसा .तो दर्द के मारे मैने चीखते और मज़े के साथ सिसकते हुए अपने शौहर से पूछा

“आज से पहले तक तो में जब भी तुम्हारी चूत में अपना लंड डालता था, तो तुम्हारी चूत की टाइटनेस की वजह से मुझे ऐसे महसूस होता था, जैसे में किसी कंवारी चूत में अपना लंड डाल रहा हूँ, मगर विनोद ने तो एक ही रात में तुम्हारी चूत को अपने लंड से ऐसे खोल के रखा दिया है, कि मुझे तो तुम्हारी चूत में लंड डालने का पता ही नही चल रहा सियाराआआआ” विनोद के लंड से फटी और उस के लंड के गाढ़े वीर्य से पूरी तरह भरी हुई मेरी फुद्दि में आज अपना लंड डालते वक्त यासिर ने मुझ से कहा.

“हाईईइ जब तुम खुद ही अपनी शरीफ बीवी को एक रंडी बना कर अपने दोस्त को पेश करो गे, तो वो तो तुम्हारी बीवी को एक रंडी की तरह ही चोदेगा ना,अब ये बात याद रखो कि कल तक तो ये चूत सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारी ही थी,मगर रात को तुम्हारे दोस्त से चुदने के बाद अब ये चूत विनोद की भी हो चुकी है मेरी जान” यासिर की बात सुन कर मैने भी नीचे से मचलते हुए अपने शौहर की बात का जवाब दिया. और अपनी एक टाँग यासिर के कंधे पर रख कर अपनी चूत को नीचे से उपर उठाते हुए अपनी फुद्दि को अपने शौहर यासिर के लंड पर तेज़ी के साथ मारने लगी.


जिस की वजह से रात भर की चुदाई के दौरान मेरी चूत में जमा शुदा विनोद के लंड का वीर्य मेरे शौहर यासिर के लंड के ज़रिए मेरी बच्चे दानी में मज़ीद आगे को जाने लगा था.

“उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ में तो ये ही चाहता था कि मेरे साथ साथ कोई और मर्द भी मेरी बीवी की इस गरम चूत का मालिक बने” मेरी बात को सुन कर यासिर को एक दम जोश आया. और वो भरपूर झटकों के साथ अपने लंड को मेरी चूत के अंदर मारने लगा था.

अब कमरे में यासिर पूरे ज़ोर के साथ मेरी चूत को चोदने में मसरूफ़ था. 


और यासिर के लंड के ज़ोर दार और गहरे झटके की बदोलत मेरे बड़े बड़े गुदाज मम्मे मेरी छाती पर इधर उधर उच्छल रहे थे.

“ओह चोदो मुझे और विनोद के लंड से निकलने वाले गरम पानी से भरी हुई मेरी फुद्दि में अपने लंड का पानी भी उडेल दो यासीर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर” यासिर के लंड की “थूप थूप” को सुनते हुए मैने अपनी चूत के दाने को अपने हाथ से रगड़ते हुए अपने शौहर से कहा. 

“हाईईईईईईईईईईईईईई लो विनोद के लंड के पानी के साथ ही मेरे लंड के पानी को भी अपनी चूत में जज़ब कर लो मेरी जान” मेरी बात सुनते ही यासिर को एक दम झटका लगा. और उस के लंड से गरम पानी की एक तेज धार निकल कर मेरी पहले से फुल चूत की गहराई में गिरने लगी. 

अपने लंड का गरम पानी मेरी चूत में छोड़ते ही यासिर ने अपने मुँह को नीचे ला कर एक बार फिर मेरे तने हुए निपल को अपने मुँह में भरा. और मेरे मोटे मम्मो के निप्पालों को जोश के साथ सक करने लगा.

मेरे मेरे शौहर ने मेरे लंबे निपल को अपने मुँह में भर कर उसे एक दम अपने दाँतों से काटा. तो दर्द के मारे मेरे मुँह से एक सिसकी बुलंद हो गई “उफफफफफफफफफ्फ़ ना करूऊओ ऐसेईी यासीर्र्ररर”

“क्यों दर्द होता है क्या” यासिर ने मेरे मना करने के बावजूद मेरे लंबे निपल पर अपने दाँत गढ़ाते हुए पूछा.

“हान्ंणणन् मेरे निपल्स को तो विनोद ने रात भर काट काट कर इने पहले से ज़्यादा लंबा कर दिया है,अब रही सही कसर तुम निकालने लगे हो यासीर्र्र्र्र्र्र्र्ररर” अपने शौहर की बात के जवाब में बे शर्मी से मैने कहा.

मेरी बात सुनते ही यासिर ने मेरे मम्मे से अपना मुँह हटा कर मेरी आँखों में देखा. 

और “आइ लव यू सो मच सायराआा” कहते हुए यासिर फिर से मेरी मम्मो को चूमने लगा. 

“ओह विनोद के इतने मोटे लंड का शानदार तोहफा मुझे देने पर “आइ लव यू टू यासिर” अपने शौहर को गरम जोशी से अपनी जिस्म पर गरम ज़ुबान घुमाते हुए देख कर में ने भी गरम जोशी के साथ अपने शौहर के गले में अपनी बाहें डालीं. और फिर यासिर को एक दम पसीने से अपने भीगे बदन से चिपका लिया.

“उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ अगर मेरे शौहर ने खुद ही मुझे एक गैर मर्द के लंड का चस्का लगा दिया है, तो मैने भी तो अपने शौहर को उस के दोस्त के लंड से चुदि हुई अपनी चूत चॅटा कर,अपने शौहर को एक कुक्कोल्ड बनने पर मजबूर कर दिया है” यासिर के जिस्म को अपनी बाहों में जकड़ते हुए मैने ये सोचा. और दिल ही दिल में खुश होते हुए अपनी आँखे बंद कर के नींद की वादी में खोती चली गई.

यासिर और में उस दिन रात भर की चुदाई की वजह से इतने थक चुके थे. कि हम दोनो ने वो सारा दिन तकरीबन सो कर ही गुज़ारा.

दूसरे दिन यासिर के ऑफीस जाने से पहले सुबह सुबह हमें पाकिस्तान से यासिर की अम्मी का फोन आया. के यासिर के अब्बू को हैरत अटैक हुआ है और उन की हालत बहुत सीरीयस है.

ये फोन सुनते ही यासिर ने विनोद को फोन कर के ऑफीस से दो वीक की छुट्टी ली. और फिर विनोद और सपना से मिले बिना उसी दिन हम दोनो मियाँ बीवी इकट्ठे ही पाकिस्तान के सिटी पेशावर चले आए.

पाकिस्तान पहुँच कर हमे पता चला. कि यासिर के अब्बू को डॉक्टर ने हार्ट सर्जरी करने का कहा है.
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03-01-2019, 11:17 AM,
#38
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हार्ट सर्जरी के बाद यासिर के अब्बू की जान तो बच गई. मगर उन की देख भाल के लिए हमे उन के पास ही रहना पड़ गया.

पाकिस्तान की इस विज़िट के दौरान इधर उधर के कामों में काफ़ी मसरूफ़ रहने के बावजूद भी यासिर और मेने हर रात ही चुदाई की.

अगर चे यासिर मेरी फुद्दि को चोदते वक्त अपनी तरफ से मुझे अपने लंड का स्वाद देने की पूरी कोशिश करता रहा. 

मगर यासिर की लाख कोशिश के बावजूद ना जाने क्यों मुझे अपने शौहर के लंड से वो ही मज़ा मिल सका था. 

जो मज़ा और स्वाद मुझे विनोद के मोटे,लंबे और मज़बूत अनकट लंड से एक बार चुद्ने के बाद हासिल हुआ था.

यासिर मेरी फुद्दि में अपना लंड डाल कर मुझे ज़ोर दार धक्के तो मारता था.मगर यासिर का लंड अपनी चूत में होने के बावजूद भी मुझे अपनी चूत खाली खाली सी महसूस होती रही.

“उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मैने तो सोचा था, कि में विनोद से एक बार चूत मरवाने के बाद में आइन्दा कभी विनोद के बारे सोचना भी गुनाह समझूंगी, मगर मेरी चूत के दाने पर लगने वाली विनोद के अनकट लंड की चमड़ी की रगड़ ने मेरी चूत को एक अजीब सा चस्का लगा दिया है, कि यासिर से चुदने के बावजूद अब मेरी चूत की तसल्ली नही हो पाती, जिस की वजह से अब यासिर से अपनी चूत चुदवाते वक्त ना चाहते हुए भी मुझे अपनी आँखे बंद कर के विनोद के लंड का अपनी चूत में तसव्वुर करते हुए अपनी चूत की आग को ठंडा करना पड़ता है” अपने शौहर से चुदते वक्त अब मेरे जेहन में ये ख्याल हर रात आने लगा था.

जिस की वजह से मेरी फुद्दि यासिर के लंड को विनोद का लंड समझ कर खुद ब खुद ही एक दम मेरे शौहर के लौडे पर अपना पानी छोड़ने लग जाती थी.

विनोद के अनकट लंड ने एक ही दफ़ा में मेरी चूत को अपना दीवाना बना लिया था. कि अब हक़ीकत में मेरे शौहर यासिर का लंड अब मेरी प्यासी फुद्दि की प्यास बुझाने से कसीर था.

मगर मैने जान बूझ कर अपने शौहर यासिर से इस बात का ज़िक्र करना मुनासिब ना समझा.

उधर दूसरी तरफ कुछ यासिर भी शायद कुछ इसी तरह की सूरते हाल से दोचार हो रहा था.

क्योंकि दुबई में विनोद के लौडे से चुदि हुई मेरी चूत को एक बार चाटने के बाद मेरे शौहर यासिर को चूत चाटने का ऐसा नशा लगा था. कि अब वो मेरे कहे बगैर हर रात मुझे चोदने से पहले मेरी चूत को चाट चाट कर मेरी फुददी को अच्छी तरह से अपने लंड के लिए तैयार तो करता था. 

मगर मेरी खुशक चूत को चाट चाट कर भी यासिर को मेरी चूत शायद हो मज़ा नही दे रही थी. 

जो मज़ा विनोद के लंड से भरी हुई मेरी फुद्दि को खाने के दौरान यासिर को मिला था. और यासिर ने मेरी चूत को चाटने के दौरान ही इस बात का इज़हार भी एक रात कर ही दिया. “दुबई से आने के बाद बिना नागा हर रोज़ तुम्हारी फुद्दि खाने के बावजूद ना जाने क्यों मुझे वो स्वाद नही आ रहा, जो स्वाद मुझे पहली दफ़ा तुम्हारी चूत को चाटने के दौरान हासिल हुआ था सायरा”.

“वो इसीलिए के पहली दफ़ा जब तुम ने मेरी चूत को चाटा था,तो मेरी चूत के पानी में तुम्हारे दोस्त के गहरे गरम वीर्य का नमकीन ज़ायक़ा भी शामिल था,इसी लिए तुम्हें उस दिन मेरी चूत को चाटने में ज़्यादा मज़ा मिला था,यासिर” मैने अपनी चूत को चाटने में मसरूफ़ अपने शौहर यासिर के बालों में अपने हाथ घुमाते हुए कहा.

“हाआआं कह तो तुम सही रही हो, उस दिन वाकई ही विनोद के लंड के पानी ने तुम्हारी फुद्दि के जूस को मज़ीद ज़ायक़े दार बना दिया था, हाईईईईईईईईईई विनोद के लंड से तर तुम्हारी चूत का वो स्वाद मुझे अभी तक अपनी ज़ुबान पर महसूस होता है सायराआआआआ” यासिर ने गरम गोशी से अपनी ज़ुबान को मेरी चूत की गहराई में फेरते हुए मुझ से कहा. तो में मज़े के मारे सिसक कर रह गई.

“उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ जिस तरह विनोद के लंड के वीर्य को तुम अपनी ज़ुबान पर महसूस करते हो,उसी तरह तुम से चुदवाते वक्त मुझे विनोद का लंड अपनी चूत की तह में घुमाता हुआ महसूस होता है यासीर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर” यासिर की बात सुन कर मेरी चूत बे इंतहा गरम हुई. और अपने शौहर की बात का जवाब देते हुए में यासिर के मुँह में ही फारिग हो गई.

हमें पाकिस्तान आई हुए अब 10 दिन ही हुए थे.और इन 10 दिनो में मेरा ज़्यादा तार वक्त हॉस्पिटल और अपनी शॉपिंग में ही गुज़र गया.

एक दिन मेरी तबीयत खराब होने की वजह से यासिर मुझे घर पर ही छोड़ कर अकेले ही हॉस्पिटल चले गये.

मेरे घर पर अकेली होने की वजह से यासिर की अम्मी ने मोका देख कर मुझ से पूछा “ यासिर से तुम्हारी शादी को अब दो साल हो चुके हैं,तो तुम अभी तक माँ क्यों नही बन सकी हो सायरा”

“शायद मेरी किस्मत में अभी माँ बनना नही लिखा अम्मी” अपनी सास की बात सुन कर मैने उन्हे जवाब दिया.

“तुम जानती हो कि यासिर मेरा एक्लोता बेटा है, और मुझे अपने बेटे के बच्चे को अपनी गोद में खिलाने की बहुत ख्वाहिश है,इसीलिए अगर तुम ने अगले एक दो महीने में मुझे कोई खुश खबरी ना दी, तो फिर मुझे अपने खानदान का वारिस हासिल करने के लिए तुम्हें तलाक़ दिलवा कर,अपने बेटे के लिए एक नई बीवी का बंदोबस्त करना पड़े गा सायरा” मेरी बात सुन कर मेरी सास ने मुझे बच्चा ना होने की सूरत में जब खुलम खुल्ला यासिर की दूसरी शादी की धमकी दे दी. 

बेशक यासिर ने अपनी प्रमोशन और अपनी जिन्सी हवस को पूरा करने के लिए मेरे पाकीज़ा वजूद को एक गैर मर्द से चुदवा दिया था. 

मगर इस के बावजूद में अपने शौहर की दूसरी शादी या अपनी तलाक़ का तसव्वुर करना भी गुनाह समझती थी.

इसी लिए तलाक़ याफ़्ता होने का लेबल अपने उपर लग जाने के ख़ौफ़ से ही मेरे दिल को एक दम कुछ होने लगा था.

फिर उस रात जब यासिर हॉस्पिटल से वापिस घर लोटा. तो रात को सोते वक्त मैने यासिर से हम दोनो के मेडिकल टेस्ट करवाने की बात की. मगर यासिर को उस वक्त उस की अम्मी की दी हुई धमकी के बारे में नही बताया था.

अगरचे यासिर मेरा और खास तौर पर अपना मेडिकल टेस्ट नही करवाना चाहता था.

लेकिन मेरे इसरार पर यासिर राज़ी हो ही गया. और फिर दूसरे दिन हम दोनो ने एक लेडी डॉक्टर के पास जा कर अपना अपना टेस्ट करवा लिया.
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03-01-2019, 11:17 AM,
#39
RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
“सायरा बीबी आप के सारे टेस्ट तो नॉर्मल हैं,और आप माँ बनने के काबिल हैं,मगर आप के हज़्बेंड के सीमेन में बच्चा पेदा करने वाली सालिहत (स्प्रेंस) नही है, जिस की वजह से आप के शौहर कभी बाप नही बन सकते” लेडी डॉक्टर ने हम दोनो मियाँ बीवी की मेडिकल रिपोर्ट्स देते हुए जब ये बात हम को बताई. तो लेडी डॉक्टर की इस बात सुन कर मेरे और यासिर के होश ही उड़ गये.

“आज घर जाते ही अपनी अम्मी को अपनी और मेरी रिपोर्ट्स दिखा देना यासिर” लेडी डॉक्टर से रिपोर्ट ले कर ज्यों ही हम दोनो अपने घर के लिए निकले. तो कार में बैठते ही मैने अपने शौहर से कहा.

“केसी बात करती हो तुम,याद रखो चाहे कुछ भी हो,तुम ने घर में और खास तौर पर मेरी अम्मी से मेरी इस रिपोर्ट का ज़िक्र कभी नही करना है सायरा” यासिर ने बहुत ही अफ़सोसजर्दा अंदाज़ में मुझे जवाब दिया.

“ठीक है जैसे तुम्हारी मर्ज़ी यासिर” अपने शौहर को परेशान हालत में देख कर मैने ना चाहते हुए भी अपनी सास से यासिर की मेडिकल रिपोर्ट का ज़िक्र ना करने का वादा कर लिया.

अगले दो दिन में और यासिर दोनो इस बात पर बहुत ही गमगीन रहे. लेकिन में और यासिर ने अपने घर वालों से इस टेस्ट के बारे में कोई बात तक ना की.

इसी दौरान में साथ ही साथ हम लोग अपनी दुबई वापसी की तैयारी में भी मशगूल रहे.

हमें अभी दुबई वापसी में एक आध दिन बाकी था. कि दुबई से अचानक विनोद ने यासिर को फोन किया.

यासिर ने ज्यों ही अपने मोबाइल पर आने वाली विनोद की कॉल का आन्सर किया. तो यासिर की आवाज़ सुनते ही विनोद दूसरी तरफ से एक दम बोला “यार एक बहुत ही बॅड न्यूज़ है, सपना का एक ट्रेलर के साथ आक्सिडेंट हुआ है, जिस में सपना की डेत हो गई है, अब पोलीस की ज़रूरी करवाई निपटा कर में कल अपनी बीवी की डेड बॉडी को ले कर देल्ही जा रहा हूँ यासिर ” 

“हाईईईईईईईईई ये तो वाकई ही बहुत दिल हिला देने वाली खबर दी है तुम ने विनोद” यासिर ने ये बात कहते हुए विनोद से सपना की मौत का अफ़सोस किया. और फिर फोन मुझे पकड़ा दिया.

यासिर की तरह मैने भी विनोद से सपना की इस तरह अचानक डेत पर दुख का इज़हार किया. और फिर चन्द मिनट की बात चीत के बाद विनोद ने फोन बंद कर दिया.

“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ आज विनोद से इतने दिनो बाद बात हुई भी, तो वो भी गम के इस मोके पर” विनोद से आज पहली बार यूँ अचानक बात होने के बाद मैने सोचा.और फिर सपना के साथ गुज़ारे हुए अच्छे दिनो की यादों ने मुझे मज़ीद गमगीन कर दिया.

बदहाल वो कहते हैं ना होनी को कौन टाल सकता है भला. इसीलिए में और यासिर ने जेसे तेसे अपनी दुबई वापसी की तैयारी मुकम्मल की. और हम दोनो फिर पाकिस्तान से वापिस दुबई चले आए.

उधर विनोद भी इंडिया में एक हफ़्ता रहा और सपना का क्रिया करम करने के बाद दुबारा दुबई चला आया.

विनोद की दुबई वापसी के बाद यासिर अकेला ही विनोद के घर गया. और विनोद से मिल कर उस से सपना की मौत का अफ़सोस किया.

इस दौरान एक हफ़्ता मज़ीद गुज़र गया और मेरी और यासिर की ज़िंदगी फिर से अपनी पूरानी डगर पर चलने लगी थी.

इस अरसे में अगर छे कि विनोद के लंड की तलब ने मेरी गरम चूत को एक लम्हे के लिए भी सकून ना लेने दिया. 

मगर इस के बावजूद में अपने आप से किए गये इस वादे पर अभी तक कायम थी. कि कुछ भी हो जाए में अब कभी विनोद को अपने नज़दीक आने का मोका नही दूंगी.

अब इस दौरान मुझे विनोद से अपनी फुद्दि मरवाए हुए अब एक महीने पूरा हो चुका था. यासिर की घर वापसी के बाद एक दिन जब में अपने शौहर को खाना देने लगी.

तो अचानक मुझे एक दम एक चक्कर सा आया. और में पास पड़े सोफे पर बे सुध हो कर गिर पड़ी.

“क्या हुआ सायरा” मुझे यूँ एक दम सोफे पर गिरते देख कर यासिर डाइनिंग टेबल से उठ कर एक दम मेरे पास आया. और मुझे अपनी बाहों में संभालते हुए मुझ से पूछने लगा.

“पता नही अचानक चक्कर सा आ गया है मुझे ” यासिर की बात का जवाब देते हुए मैने कहा.

“तुम्हारी ये हालत कब से है सायरा” मेरी बात सुन कर यासिर एक दम परेशान होते हुए मुझ से दुबारा पूछने लगा.

“दो तीं दिन से मेरी तबीयत अजीब सी हो रही है, और कभी कभी उल्टी करने को दिल करता है यासिर” अपने शौहर की बात सुन कर मैने उसे जवाब दिया.

“तुम ने पहले क्यों नही बताया,चलो अभी डॉक्टर के पास चलते हैं मेरी जान” मेरी बात सुन कर यासिर एक दम फिकर मंद हो गया. और मुझ से फॉरन बोला.

“नहियीईईईईई डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नही, में ठीक हूँ यासिर” यासिर को जवाब देते हुए मैने कहा.

अगरचे में डॉक्टर के पास जाने पर रज़ामंद नही थी. मगर मेरे इनकार के बावजूद मेरा शौहर जबर दस्ती मुझे घर के पास एक इंडियन लेडी डॉक्टर के क्लिनिक में चेक अप के लिए ले ही गया.

“परेशानी वाली कोई बात नही,ऐसी हालत में ऐसे चक्कर आना तो एक नॉर्मल सी बात है डियर” मेरा चेकप करने के बाद लेडी डॉक्टर ने मुझे कहा.

“मेरी बीवी इन चक्करों की वजह से इधर उधर गिरती रहती है, और आप कहती हैं कि ये एक नॉर्मल सी बात है डॉक्टर” लेडी डॉक्टर की बात सुन कर यासिर को थोड़ा गुस्सा आया. और वो थोड़े तेज और सख़्त लहजे में बोला.

“वेल औरतों को प्रेगनेंट होने के बाद ऐसे चक्कर आते हैं , आप को परेशान होने की बजाय खुश होना चाहिए, क्योंकि आप की बीवी माँ बनने वाली है डियर”यासिर के गुस्सैले लहजे में बात करने पर लेडी डॉक्टर ने जब मुस्कुराते हुए ये बात कही. तो इस खबर को सुनते ही हम दोनो मियाँ बीवी के पाँव के नीचे से ज़मीन ही निकल गई.
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03-01-2019, 11:17 AM,
#40
RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
“क्य्ाआआआआआआ” लेडी डॉक्टर की ये बात सुन कर यासिर के मुँह से ये अल्फ़ाज़ निकले.

मगर उस वक्त तक लेडी डॉक्टर यासिर की ये बात सुने बगैर ही कमरे से बाहर निकल चुकी थी. 

लेडी डॉक्टर के बाहर जाते ही यासिर ने मेरी तरफ देखा. और फिर यासिर और में हैरत जदा अंदाज़ में अपना अपना मुँह खोले एक दूसरे की तरफ देखने लगे.

“चलो घर चल कर बात करते है सायरा” थोड़ी देर परेशानी के आलम में मेरा मुँह देखने के बाद यासिर बोला. तो में भी खामोशी से उठ कर यासिर के साथ क्लीनिक से बाहर निकल आई.

घर में वापिस आते ही यासिर टीवी लाउन्ज काए सोफे पर बैठा. और मेरी तरफ देखते हुए एक दम बोला “पाकिस्तानी डॉक्टर ने तो टेस्ट देखने के बाद ये कहा था, कि में कभी बाप नही बन सकता, तो फिर तुम प्रेगनेंट केसे हो गई सायराआ”

“पाकिस्तानी डॉक्टर ने तुम्हारे बाप ना बनने की बात की थी, मगर ये कभी नही कहा था, कि में कभी माँ नही बन सकती यासिर” अपने शौहर को बेताबी से ये सवाल पूछते हुए देख कर में भी यासिर के पास ही सोफे पर बैठते हुए बोली.

“ये ही तो में जाने की कोशिश कर रहा हूँ, कि जब मुझ में बच्चा पेदा करने वाले स्पर्म्ज़ नही हैं, तो फिर तुम माँ केसे बन सकती हो सायरा” मेरी बात को ना समझते हुए यासिर ने गुस्से में मुझे देखते हुए कहा.

“बात ये है कि तुम से शादी से पहले भी और शादी के बाद भी,हर 20 से 22 दिन बाद मेरे पीरियड्स बाक़ादगी से स्टार्ट होते रहे हैं,मगर विनोद से चुदाई के बाद ये पहला महीना है, जब मुझे पीरियड्स नही हुए,और पाकिस्तानी डॉक्टर की रिपोर्ट के मुताभिक अगर तुम वाकई ही बाप नही बन सकते, तो फिर इस का मतलब ये है कि मेरी कोख में जनम लेने वाला ये बच्चा तुम्हारा नही, बल्कि यक़ीनन तुम्हारे दोस्त विनोद का है मेरी जान” यासिर के पहलू में बैठ कर मैने बहुत आराम और सकून से जब ये बात अपने शौहर से कही . 

तो एक इंडियन हिंदू मर्द के बच्चे को अपनी पाकिस्तानी मुस्लिम कोख में पालने के तस्व्वुर से ही मेरी चूत एक दम से गरम होने लगी.

“ओह नूऊऊऊ मेरी बीवी और एक हिंदू मर्द के बच्चे की माँ बने ये नही हो सकता, तुम्हें कल ही डॉक्टर के पास जा कर इस बच्चे को गिराना हो गा सायराआआआअ” यासिर ने मेरी बात सुनते ही मेरी तरफ देखा. और एक रवेति शौहर की तरह मुझे हुकम देते हुए बोला.

“ हिंदू मर्द से अपनी बीवी की चूत चुदवाने में कोई मसला नही तुम्हें,मगर उसी मर्द के बच्चे को मेरी कोख में जनम लेने वाली बात सुन कर तुम्हें प्राब्लम होने लगी, में जानती हूँ कि तुम्हें ये खबर सुन कर एक शॉक पहुँचा है, इसीलिए मेरी मानो और आज की रात ठंडे दिल और दिमाग़ से इस मामले के बारे में अच्छी तरह सोचो यासिर” इस के बावजूद के मेरे माँ बनने की ये खबर यासिर की तरह मुझ पर भी एक बिजली बन कर गिरी थी. 

मगर फिर भी अपने शौहर के मुँह से बच्चा गिराने की बात सुन कर मुझे ना जाने क्यों अच्छा नही लगा. 

इसी लिए में यासिर को समझाने वाले अंदाज़ में ये बात कहती हुई अपने बेड रूम की तरफ चल पड़ी.

मेरे इस रवैये और लबो लहजे को देख कर यासिर को पता चल गया. कि वो मुझ से अबॉर्षन वाला कम जबर्जस्ती नही करवा सकता. 

इसीलिए यासिर ने उस वक्त खामोश रहने में ही भलाई समझी.और चुप चाप सोफे पर बैठ कर मुझे अपने बेड रूम की तरफ जाते हुए देखता रहा.

अगले दिन यासिर के ऑफीस जाने के बाद में अपनी बेड पर लेटी इस बात के मुतलक सोचने लगी. कि मुझे अपने पेट में परवरिश पाते हुए विनोद के बच्चे के बारे में अब आगे क्या करना चाहिए.

कल जिस वक्त से मुझे इस बात का ईलम हुआ था. कि मेरी चूत में विनोद का लंड के छोड़े हुए बीज ने एक बच्चे की शकल इकतियार करना शुरू कर दी है. 

तो उस वक्त से मेरी चूत में एक हल चल सी मची हुई थी. अब अपने बेड पर लेट कर जब मैने दुबारा इस बात पर गौर करना शुरू किया. तो इस बारे में सोचते सोचते मेरी प्रेगनेंट चूत को अब एक बार फिर विनोद के अनकट लंड की तलब महसूस होने लगी थी.

अपनी इसी सोच में मगन हो कर में अपनी चूत से खेलते हुए आहिस्ता आहिस्ता शलवार के उपर से अपनी उंगली भी अपनी चूत के अंदर डालने लगी थी.

“उफफफफफफफफफफफ्फ़ विनोद के लंड की तरह विनोद के लंड का पानी भी कितना ताकतवर है, कि जो काम यासिर का लंड पूरे दो साल में नही कर पाया, वोही काम विनोद के सख़्त लंड के गाढ़े वीर्य ने एक ही रात में कर दिखाया है, दिल करता है ऐसे असल मर्द को बार बार अपनी चूत पेश की जाईययययययी” अपनी चूत को आहिस्ता आहिस्ता सहलाती हुए में ये बातें सोचने में मसगूल थी. 

अभी मुझे अपनी चूत से छेड़ छाड़ का ये खेल शुरू किए हुए चन्द मिनट्स ही गुज़रे थे. कि इतने में मुझे अपने घर का मेन दरवाज़ा खुलने की आवाज़ सुनाई दी.

“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ लगता है यासिर आज जल्दी घर आ गये हैं” घर का दरवाज़ा खुलने की आवाज़ सुनते ही में एक दम होश में आई. और बिस्तर से उठ कर अपने कपड़ों को ठीक करते हुए बाहर की तरफ जाने लगी.

अपने कमरे से बाहर निकल कर मैने देखा कि वाकई ही यासिर आज घर वापिस आ गये थे.

यासिर के आते ही मैने किचन में जा कर खाना गरम किया और फिर हम दोनो मियाँ बीवी इकट्ठे एक साथ लंच करने लगे.

खाने से फारिग होने के बाद यासिर टीवी लाउन्ज में आया. तो में भी उस के साथ ही टीवी लाउन्ज में आ कर सोफे पर बैठ गई.

अभी हम दोनो मियाँ बीवी टीवी लाउन्ज के सोफे पर बैठे ही थे. कि इतने में घर के दरवाज़े की बेल बज उठी.

“इस वक्त कौन हो सकता है” यासिर ने मेरी तरफ देखते हुए कहा और खुद घर के दरवाज़े की तरफ चल पड़ा.
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