Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
04-08-2019, 12:31 PM,
#71
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
दोपहर को साहिल और गीता घर आ गए…..कपड़े बदलने और फ्रेश होने के बाद, दोनो ने खाना खाया, और टीवी देखने लगे…..नेहा का दिल बार-2 अपनी और मोहित की चुदाई के बारे में कमला को बताने के लिए मचल रहा था…हालाकी वो पहले ही जो कुछ हुआ, बता चुकी थी….पर फिर भी उसका मन थोड़ी देर पहली हुई चुदाई को बताने के बारे में मचल रहा था.

अभी वो कमला के घर जाने ही वाली थी…..कि, कुलवंत घर पर आ गया. कुलवंत को रात को फिर से मंडी जाना था..इसीलिए नेहा ने उसे खाना दिया. और कुलवंत खाना खा कर सो गया….एक बार फिर से गीता की प्लॅनिंग धरी की धरी रह गई…साहिल भी कुलवंत के घर होने पर उदास था. जब कुलवंत सो गया तो, वो गीता और साहिल के पास गई…

जो उस समय पायल वाले रूम में बैठे टीवी देख रहे थे….नेहा ने साहिल और गीता से कहा कि, वो कमला के घर जा रही है….जब साहिल के पापा उठ जाए, तो वो उन्हे वहाँ से बुला ले…ये कह कर जैसे ही नेहा बाहर जाने को हुई, तो बाहर से कमला की बेटी सिमरन आ गई….

सिमरन: आंटी जी गीता है…

नेहा: हां अंदर है जाओ मिल लो…

और फिर नेहा कमला के घर चली गई….जब कमला के घर गई, तो उसे पता चला कि, मोहित खेलने के लिए ग्राउंड में गया हुआ है…दोनो आपस में बातें करने लगी….नेहा और मोहित की चुदाई का किस्सा तो वो सुबह ही सुन चुकी थी..पर नेहा फिर से उसे और मसाले के साथ सुनाने लगी.

नेहा और मोहित की चुदाई का किस्सा सुनते हुए, कमला की चूत की फांके फुदकने लगी….और उसकी चूत पानी छोड़ कर उसकी पेंटी को भिगोने लगी.. कमला ने उस समय ब्लाउस और पेटिकॉट पहना हुआ था…वो अपने पेटिकॉट को अपनी चूत के ऊपेर दबाते हुए, अपनी चूत में आई नमी को सॉफ करते हुए बोली…

कमला: हाए नी गस्ति….तूने तो लंड ले लिया अपनी चूत में….अब मुझे क्यों सुना कर तडपा रही है….कुछ कर ना…..नही तो में लंड को तरसते हुए मर जाउन्गि….

नेहा: हंसते हुए….यार अब तू ही बता क्या करू…वो गीता घर पर है साहिल के साथ….तेरे घर पर भी तो सब है…पता नही कब कोई आ जाए. बनाते हैं कोई प्रोग्राम…

उसके बाद नेहा अपने घर वापिस आ गई….साहिल छत पर आकर पतंग उड़ाने लगा….कमला अपने घर पर अकेली थी..सिमरन गीता के साथ बातों में मसगूल थी….मोहित ग्राउंड में खेलने गया था…और उसका पति, खेतो में था…इसीलिए वो चुदासी सी बैठी थी…..शाम के 5 बज चुके थे.. इसीलिए वो भैंसो को चारा डालने और दूध दुहने के लिए, पीछे बने भैंसो के बाडे में चली गई…

जब वो पीछे की तरफ गई, तो उसकी नज़र छत पर पतंग उड़ा रहे साहिल पर पड़ी…जो उनके घर की साइड वाली दीवार के पास खड़ा था…उसे देखते ही….कमला की चूत पनिया गई…अचानक पता नही उसके दिमाग़ में क्या आया…..वो खांसने लगी….जिससे साहिल का ध्यान नीचे कमला की तरफ गया….

कमला चोर नज़रो से उसकी तरफ ऊपेर देख रही थी…उसने उस समय सिर्फ़ पेटिकॉट और ब्लाउस पहना हुआ था…उसने जान बुझ कर अपनी जाँघो को खुजाना शुरू कर दिया…..जैसे उसे बहुत तेज खारिश हो रही हो….और वो साहिल को सुनाने के लिए आहह -2 करने लगी….

साहिल नीचे कमला को देख रहा था…”हाई मर गई…पता नही क्या लड़ गया है….हाई कितनी खुजली हो रही है…..” ये कहते हुए, उसने एक ही झटके में अपने पेटिकॉट को ऊपेर उठा लिया…कमला की पीठ साहिल की तरफ थी….उसने अपने पेटिकॉट को कमर पर चढ़ा कर अपनी दोनो टाँगो को फेला लिया…..और अपना एक हाथ नीचे लेजाते हुए, तेज़ी से अपनी चूत को मसलते हुए सिसियाने लगी….

कमला: हाई क्या लड़ गया हाई फुद्दि में बहुत जलन हो रही है…

ये सब करते हुए, कमला झुक कर अपनी गान्ड को पीछे से बाहर निकाल कर अपनी ऊट को देखने की कॉसिश कर रही थी…ऊपेर खड़े साहिल का बुरा हाल हो गया….कमला की बड़ी गान्ड देख साहिल पतंग उड़ाना भूल गया. उसे अब कमला की गान्ड के साथ-2 उसकी चूत के झांते भी दिखाई दे रही थी….

जिस तरह से कमला झुकी हुई थी…वो अपने पीछे छत पर खड़े साहिल को सॉफ देख पा रही थी….और जिस हसरत भरी नज़रो से साहिल कमला की चौड़ी गान्ड को देख रहा था..वो देख कर कमला के होंठो पर तीखी मुस्कान फेल गई….कमला ने भी अपना पहला तीर चला दिया था. और उसके हिसाब से उसका तीर सही निशाने पर लगा था…..

कमला थोड़ी देर झुक कर अपनी चूत को मसलते हुए, कीड़े के काटे जाने का नाटक करते हुए सिसियाति रही….फिर वो सीधी हुई, और अपना पेटिकॉट नीचे किया..फिर भैंसो को चारा डालने लगी….साहिल अभी भी कमला की ही तरफ देख रहा था….फिर अचानक से कमला ने ऊपेर छत की ओर देखा… जैसे ही दोनो के नज़रे मिली, साहिल एक दम से घबरा गया..

उसके चेहरे का रंग उड़ गया…..पर अगले ही पल उसकी घबराहट ऐसी गायब हुई, जैसे गधे के सर से सींग गायब होते है….क्योंकि कि कमला उसकी तरफ देख कर नाराज़ नही हुई, बल्कि अपने होंठो पर वही कातिल मुस्कान लाते हुए देखा था…और फिर जान बुझ कर मुस्कुराते हुए शरमाने का नाटक किया….साहिल ने अपनी पतंग जल्दी-2 में नीचे उतारी….और फिर उसी दीवार के पास जाकर खड़ा हो गया…जहाँ से कमला के घर के पीछे का हिस्सा सॉफ दिखता था….वो जान बुझ कर उड़ रही पतंगो को देखने लगा…और बीच-2 में वो कमला की ओर देखता….जैसे ही दोनो की नज़रे मिलती. कमला मुस्करा कर उसकी तरफ देखती…कमला दूध दुहने के लिए बैठ गई…

और भैंस के थनो को अपने हाथों से मसलते हुए, साहिल की ओर देखने लगती….जैसे ही साहिल उसकी ओर देखता, तो कमला जान बुझ कर भैंस के थनो को खिचते हुए, अपनी ब्लाउस के ऊपेर से अपनी चुचि को भी दबा देती. अब साहिल तो सेक्स के खेल कई बार खेल चुका था….वो मोहित की तरह अनाड़ी नही था….वो भी कमला को बेझीजक देखने लगा….कमला दूध दुहते हुए उसकी ओर देख कर मुस्कुराती रही….

ये सिलसिला तब टूटा जब नेहा ने नीचे से साहिल को आवाज़ डी. मजबूरन साहिल को नीचे जाना पड़ा….दिन इस तरह ढल गया….एक तरफ दो तरसते लंड और दूसरी तरफ तीन प्यासी चूते….पर किसी के हाथ कुछ नही लग रहा था. दिन इसी तरह गुज़रते गए….कुछ नही हुआ….हां बीच-2 में कमला साहिल को और नेहा मोहित को अपने हुश्न के दीदार करवा देती….

या फिर कभी गीता को मोका मिलता तो, वो साहिल को बाहों में जाकड़ कर चूमा चाटी कर लेती….4 दिन भी बीत गई….गीता की मा नीलम भाभी पूनम और पायल सब वापिस आ गई थी…उधर नेहा और कमला की चूतो के अंदर ऐसी आग लगी थी कि, दोनो दिन भर मोके ढूढ़ने में लगी रहती. नेहा एक दिन सुबह 11 बजे कमला के घर गई. दोनो ने एक दूसरे की चूत की आग को ठंडा करने के नाकाम कॉसिश की.
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04-08-2019, 12:31 PM,
#72
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कमला: यार कब तक ऐसे ही हम दोनो तड़पते रहेंगे…

नेहा: यार पता नही…..

कमला: तूने तो एक बार चुदवा भी लिया मोहित सी. पर में… तुम बहुत मतलबी हो….

नेहा: तो में क्या करू….सूकर है कि तूने नही चुदवाया अभी तक….तुझे नही पता मेरा क्या हाल हो रहा है. उस दिन के बाद….इतने सालो बाद लंड ने चूत की प्यास बुझाई नही और भड़का डी…इससे पहले तो सबर कर लेती थी…पर जब से मोहित का लंड फुद्दि में लिया है…एक पल चैन नही..

कमला: यार कुछ कर ना…

नेहा: यार मेरे कुछ समझ में नही आ रहा….तू ही कुछ सोच…

कमला: वैसे मेरे दिमाग़ में कुछ है…पर लगता नही बात बनेगी..

नेहा: तू बोल तो सही….

कमला: अच्छा सुन तुझे तो पता है कि, कुछ ही दिनो में बच्चो के स्कूल में गर्मियों के दिनो में छुट्टियाँ हो जाएँगी….

नेहा: हां पता है…..

कमला: तो में सोच रही थी कि, में अपनी मा के पास चली जाउ. साथ में मोहित को लेकर, और अगर तू कर पाई तो. किसी तरह साहिल को अपने साथ लेकर मेरे मायके चल…

नेहा: उससे क्या होगा….पागल है तू…बेगाने घर में…अगर तेरे मायके में किसी को पता चला तो….

कमला: अर्रे कोई होगा तो पता चलेगा ना….

नेहा: में समझी नही…

कमला: देख मेरे मायके में सिर्फ़ मेरे मा और बाबा है….छोटा भाई है वो फौज में है….वो अपनी पत्नी को साथ लेकर वही रहता है…बाबा तो सहर में किसी बड़े ऑफीसर के पास है…और सहर में रहते है..2-3 दिन बाद एक बार आते है…और फिर चले जाते है….

नेहा: तो क्या तुम्हारी मा इस उम्र में अकेली रहती है….

कमला: हां कहने को कह सकती हो….वैसे हमारे घर के पास के सभी घर हमारे रिश्तेदारो के ही है…सब मिल कर देख भाल कर लेते है उनकी.

नेहा: पर तुम्हारी मा को पता चल गया तो…..

कमला: वो कुछ नही कहेगी….

नेहा: क्या में कुछ समझी नही ?

कमला ने उसकी ओर मुस्कुराते हुए देखा….
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04-08-2019, 12:31 PM,
#73
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छोटी सी जान चूतो का तूफान--21

कमला: यार अब तुझे कैसे बताऊ…दरअसल सिमरन और मोहित के जनम के बाद इनका आक्सिडेंट हो गया था….ट्रॅक्टर का पिछला पहिया इनकी कमर और रानो के ऊपेर से गुजर गया…बीच की सभी हड्डियाँ टूट गई….और इनके लंड की नसो पर बहुत असर पड़ा….

वो असर आज तक भी है….इसके कारण मेरे पति नमार्द बन गए….तब में मुस्किल 23-24 साल की थी…भरी जवानी मे मेरा जीवन विधवा समान हो गया था…तुम तो जानती हो जवानी में चूत के आग कैसे भड़कती है…किसी तरह दिन गुजर रहे थे…बीच-2 में मैं अपने मायके जाती तो. मा मेरी उदासी का कारण पूछती…जब मेने उन्हे सब बताया तो वो भी बहुत परेशान हो गई….पर फिर उन्होने ने कहा कि भगवान का सूकर है कि, मेरा अब भरा पूरा परिवार है….

भगवान ने दो सुंदर बच्चे दिए है…पर फिर इन बातो की तसल्ली से जिस्म की आग वासना तो नही बुझती….में और परेशान रहने लगी….एक दिन मेरे चचेरे भाई के बड़े लड़के के साथ नैन मटक्का हो गया…और मेरे अपने भतीजे के साथ ही संबंध हो गए….

वासना की आग में मैं इस क़दर डूब गई कि, मुझे कुछ पता ही नही चला…में एक महीने तक अपने मयके में रही…और उस दौरान मेरे भातीजे ने मुझे जी भर कर चोदा…में बेहद खुस थी….क्योंकि में बीच-2 में अपने मायके जा सकती थी….जब में घर वापिस आई तो, एक महीने बाद मेरे मासिक आना बंद हो गए…..

मुझे पता लगा कि, में फिर से पेट से हूँ….में बहुत घबरा गई. मुझे समझ में नही आ रहा था कि, में क्या करू…..अगर इनको पता चलता तो, मेरा बसा बसाया घर उजड़ जाता…आख़िर कार मेने ये बात अपने मायके जाकर अपनी मा को बताई….मा मुझ पर बहुत गुस्सा हुई….कि अगर मेरे पति को पता चला कि, में पेट से हूँ तो में क्या जवाब देती…क्योंकि वो तो अब सेक्स कर ही नही सकते थे…..

पर मा शायद मेरे हालत और मजबूरी समझ गई…अगले दिन ही वो मुझे सहर ले गई…और मेरा अबॉर्षन करवा दिया….उसके बाद मेरी नसबंदी भी करवा डी….मा ने मुझसे कहा कि, वो समझ सकती है कि मुझ पर क्या गुजर रही होगी…आख़िर अभी मेरी उम्र ही क्या थी…बाहर किसी को शक ना हो…इसीलिए जब में अगली बार मायके गई तो, मा ने मुझसे सॉफ कह दिया कि. जो भी करना है घर में करे…

उसके बाद मेरा और भतीजे का रिश्ता तीन साल तक रहा….जब भी में चुदास महसूस करती, तो दो महीनो बाद मायके चली जाती…मा मुझे खुस देख कर खुस थी… उसके बाद मा मेरे साथ बिल्कुल खुल गई…कल ही मेरी मा से बात हुई है…मेने अपने और तेरे बारे में बताया था….और साहिल और मोहित के बारे में भी… मा ने भी कहा कि हम दोनो छुट्टियों में वहाँ आ जाए….अब तू बता..

नेहा: यार तू तो मोहित को लेकर चली जाएगी….पर में तेरे मायके कैसे जा सकती हूँ….

कमला: उसका तरीका भी मा ने बताया…मा बोल रही थी कि, तुम अपने घर पर ये बोल कर आना कि उनके गाओं में एक बहुत पुराने वैद है… जो बहुत अच्छी दवाई देते है…क्यो कि सूनी गोद वहाँ से दवाई खाने से भर गई है….तू एक बार कॉसिश कर और अपने पति से बात कर…ये बहाना अच्छा है..

नेहा: हां अच्छा तो है…पर ?

कमला: अब पर वर छोड़ यार….वहाँ पर सिर्फ़ मा होंगी…वो भी हमारी मदद करेंगी…जी भर कर चुदाई के खेल का मज़ा लेंगे….

नेहा: हुउम्म वैसे तू जितना दिखती है…उससे कही ज़्यादा कमीनी है…

कमला: हा हहा क्यों मेने ऐसा क्या कहा…?

नेहा: अच्छा अपने भतीजे का लंड ले लिया…और किस किस का लिया….?

कमला: यार वही तो बताया…तब से मेरी फुद्दि सुलग रही है लंड के लिए.

इधर नेहा और कमला अपनी प्लॅनिंग कर रहे थे….उधर आज पायल कई दिनो बाद चुदवाने के लिए तड़प रही थी….उसने जल्दी से वंश को सुलाया. और फिर बाहर जाकर मेन गेट बंद किया…फिर नेहा के रूम में गई…. जहाँ साहिल बैठा टीवी देख रहा था….

पायल ने टीवी बंद किया. और टीवी के सामने खड़े होकर साहिल की तरफ मुस्कुराते हुए देख कर बोली….”बच्चू दो दिन बाहर क्या गई…तू तो मुझे भूल ही गया….”

साहिल: नही चाची वो मा थी ना घर पर….

पायल: अब तो नही है ना….

साहिल ने पायल की आँखो में देखा….जिसमे वासना के लाल डोरे तैर रहे थे…ये देख साहिल एक दम से बेड से उठा…और पायल से चिपक गया… साहिल मुस्किल से उसके कंधो तक आ रहा था….

पायल: झूठ बोल रहा है तू….

साहिल: नही चाची…मुझे सच में आपकी बहुत याद आई….

पायल: (साहिल के सर को सहलाते हुए) हाए मेरा शोना…मुझे इतना मिस किया..

साहिल: हां चाची….

पायल: साहिल मुझे पायल बोल ना…तू तो मेरा ख़सम है ना…मुझे अच्छा लगेगा..

साहिल: पायल मुझे तुम्हारी बहुत याद आई…..

पायल: मुझे भी तुम्हारी बहुत याद आई…तुम तो मेरी जान हो…

ये कहते हुए, पायल ने साहिल के फेस को अपने हाथो से पकड़ा, और अपने गुलाबी होंठो को साहिल के होंठो पर लगा दिया…..साहिल भी जैसे इस पल के लिए तरस रहा था..पिछले कुछ दिनो से वो गीता के साथ भी कुछ नही कर पाया था…उसने पायल के होंठो को अपने होंठो में दबा-2 कर चूसना शुरू कर दिया…जब होंठो से दिल भरा तो, उसने पायल की दोनो चुचियों को अपने हाथो से पकड़ लिया..और कमीज़ के ऊपेर से ही दबाने लगा….
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04-08-2019, 12:31 PM,
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पायल भी गरम हो चुकी थी….उसकी साँसे अब तेज चलने लगी…साहिल की ये हरकत उसे और गरम करने लगी…साहिल अब पहले वाला साहिल नही रहा था…वो अब धीरे-2 इस खेल में माहिर होने लगा था…जिस तरह से वो पायल की चुचियों को मसल रहा था…उससे उसकी उतेजना सॉफ झलक रही थी. वो साहिल के हाथ की सखती को अपनी चुचियों पर महसूस कर सकती थी..ऐसे सख्ती, जो एक भरपूर मर्द के हाथो में होती है….

उसने साहिल को अपने से अलग किया…रूम के डोर पर लगे पर्दे को आगे कर दिया. फिर बेड की तरफ आते हुए, अपनी कमीज़ के पल्ले के अंदर हाथ डालते हुए, सलवार का नाडा खोला, और बेड पर लेटते हुए अपनी सलवार को घुटनो तक उतार दिया….

पायल: आजा सबाश पता नही तुम्हारी मम्मी कब आ टपके….

जैसे ही पायल ने अपनी पेंटी और सलवार को उतार कर घुटनो तक किया, और अपनी टाँगो को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठा लिया….साहिल ने भी जल्दी से अपनी पेंट खोल कर नीचे सरका दी….और अपने तने हुए लंड को हाथ में पकड़ कर पायल की खुली हुई टाँगो के दरमियाँ आ गया….पायल ने अपने दोनो हाथों को नीचे ले जाकर अपनी चूत की फांको को खोल कर उसने अपनी चूत का गुलाबी छेद दिखाया….

साहिल के लंड ने एक झटका खाया, और अगले पल उसने अपने लंड के सुपाडे को पायल की चूत के छेद पर भिड़ा दिया….जैसे ही साहिल के लंड का सुपाडा पायल की चूत के छेद पर लगा….पायल ने अपने हाथों को अपनी चूत की फांकों से हटा लिया….और साहिल की ओर देखते हुए मुस्कुराते हुए बोली….

पायल: चल साहिल अब डाल दे अपनी घरवाली की फुद्दि में लंड…

ये सुनते ही, साहिल ने अपनी कमर को ज़ोर से आगे की तरफ हिलाया…साहिल के लंड का सुपाडा पायल की चूत की दीवारो को फेलाता हुआ अंदर जा घुसा.. पायल के मुँह से मस्ती भरी सिसकारी निकल गई..उसने साहिल के कंधो को ज़ोर से पकड़ा, और उसकी आँखो में अपनी अध खुली आँखो से देखते हुए बोली…

पायल: साहिल चोद ना अपनी बीवी की फुद्दि को….

साहिल अपनी चाची की ऐसी बातों पर शरमाते हुए मुस्कुराने लगा…और फिर उसने अपने लंड को पायल की चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.. पायल की आँखे मस्ती में बंद होने लगी….वो अपने होंठो को दांतो से काटते हुए, मस्ती में सिसकारियाँ भरने लगी…

पायल: आहह साहिल फाड़ डाल अपनी बीवी की फुद्दि आहह और ज़ोर सी आहह सीईईईई साहिल मेरी फुद्दि आह चोद ना और ज़ोर से मार…..

पायल इतनी चुदासी थी कि, उसे उस समय लग रहा था कि, काश साहिल उम्र मे कुछ और बड़ा होता और उसका लंड भी किसी मर्द की तरह बड़ा होता. तो वो और मज़ा ले सकती थी…पर अब जितना था, वो उससे ही तसल्ली कर रही थी. पायल अपनी चूत को अंदर की ओर दबा रही थी….ताकि साहिल का लंड उसकी चूत की दीवारो से रगड़ खा-2 कर अंदर जाए….

साहिल भी मस्ती के सागर में डूबता हुआ, तेज़ी से अपने लंड को चाची की चूत के अंदर बाहर कर रहा था…उसने देखा कि, चाची अब एक दम मस्त हो कर चुदवा रही थी….तभी उसे कुछ याद आया, और उसने धक्के लगाने बंद कर दिए….पायल ने अपनी आँखें खोल कर साहिल की तरफ देखा…

पायल: क्या हुआ साहिल….

साहिल: वो चाची घोड़ी बनो ना…..

साहिल की बात सुन कर पायल के होंठो पर मुस्कान आ गई…ये पहली दफ़ा था. जब साहिल ने उसे चोदते हुए, इस तरह से कोई फरमाइश की थी.. अब तक पायल साहिल अपनी मर्ज़ी से जैसे चाहिए चुदति आ रही थी…..साहिल की बात सुन कर पायल एक दम से खुस हो गई….और साहिल की ओर देखते हुए बोली.

पायल: मुझे कुतिया बना कर मेरी फुद्दि मारेगा….

साहिल: हां चाची…..

पायल: अच्छा चल अपना लंड मेरी फुद्दि से बाहर निकाल….

साहिल ने अपना लंड पायल की चूत से बाहर निकाल….पायल बेड से उठ कर खड़ी हुई, और अपनी सलवार और पैंटी को अपनी टाँगो से निकाल कर बेड पर रख दिया….साहिल ने भी अपनी पेंट उतार डी…पायल बेड पर चढ़ गई, और बिल्कुल कुतिया की तरह अपनी कोहनियों को बेड पर टिका कर पीछे से अपनी गान्ड ऊपेर उठा डी…फिर उसने अपनी कमर को अंदर की तरफ बेंड किया…जिससे पायल की गान्ड ऊपेर की ओर उठ गई….और उसकी चूत बिल्कुल किसी कुत्ति की तरह ही दोनो टाँगो के बाहर आ गई….

साहिल ने बेड पर चढ़ते हुए, अपने लंड के सुपाडे को पायल की चूत के छेद पर टिकाया, और अपने दोनो हाथों से पायल की मोटी गोलमटोल गान्ड को पकड़ कर ज़ोर दार झटका मारा….पायल की चूत उसके कामरस से एक दम गीली हो चुकी थी…साहिल का लंड फिसलता हुआ, अंदर जा घुसा….पायल का बदन मस्ती से सिहर उठा…उसने अपने फेस को पीछे घुमा कर साहिल की ओर देखा..

पायल: आहह साहिल हाआँ ऐसे ही ज़ोर-2 से घस्से मार….फाड़ दे अपनी चाची की फुद्दि…..

साहिल भी अपनी चाची की बातें सुन कर जोश में आ गया….और अपना पूरा लंड निकाल-2 कर अपनी चाची की फुद्दि में पेलने लगा…पायल एक दम मस्त हो गई….और अपनी गान्ड को पीछे की ओर धकेलने लगी….

पायल:उंह अहह ओह्ह्ह साहिल उंह सीईईई सीयी अहह अह्ह्ह्ह मार और ज़ोर से मार मेरी फुद्दि ह हाई ओई…

साहिल अब पूरी ताक़त से अपने लंड को पायल की चूत के अंदर बाहर कर रहा था….पायल की सिसकारियाँ पूरे रूम में गूँज रही थी…पायल की चूत में अब तूफान सा उठने लगा था….उसने अपनी गान्ड को और तेज़ी से पीछे धकेलना शुरू कर दिया…..

पायल: आह साहिल देख मेरी फुद्दि पानी छोड़ने वाली है….देख अब मेरी फुद्दि आहह ओह तेरे लंड पर ह सीईईई पानी छोड़ने वाली है अहह हाई ओईई सीईईईई आह अहह में गेयैयी आहह आहह अहह….

पायल और साहिल दोनो एक साथ झड़ने लगे…पायल धीरे-2 बेड पर पेट के बल लेट गई…थोड़ी देर में ही साहिल का लंड सिकुड कर बाहर आ गया. वो पायल के ऊपेर कुछ देर ऐसे ही लेटा रहा….फिर उसने पायल की चिन को पकड़ कर उसके फेस को पीछे की तरफ घुमाया….
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04-08-2019, 12:31 PM,
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पायल ने अपने फेस को पीछे की ओर घूमाते हुए अपनी नशीली आँखे खोल कर साहिल की ओर देखा…और साहिल ने अपने होंठो को पायल के होंठो पर रख दिया…..पायल ने भी अपने होंठो को खोल कर साहिल से चुसवाना शुरू कर दिया…दोनो काफ़ी देर तक ऐसे ही लेटे हुए, किस करते रहे….फिर जब पायल को समय का ख्याल आया तो उसने साहिल को अपने ऊपेर से हटने को कहा. फिर साहिल और पायल दोनो ने अपने कपड़े पहने….और पायल ने बाहर जाकर गेट की कुण्डी खोल दी…और वापिस आकर घर के कामो में लग गई…

उस दिन के बाद सब कुछ नॉर्मल चलता रहा…..दो दिन बाद साहिल के स्कूल में छुट्टियाँ होने वाली थी….उस दिन साहिल रात को खाना खा कर सो गया. जब नेहा काम निपटा कर अपने रूम में आई तो, उसने देखा कि साहिल सो चुका था…और कुलवंत सींग बेड पर लेटा हुआ लो वॉलाय्यूम में टीवी देख रहा था. नेहा ने अंदर आते ही, डोर बंद किया….और कुलवंत के पास जाकर बेड पर लेट गई…थोड़ी देर बाद नेहा ने कुलवंत से बात करनी शुरू की….

नेहा: जी सुनिए ना….

कुलवंत: हाँ बोलो क्या बात है….

नेहा: जी वो कमला कह रही थी कि, उसके मायके के गाओं में एक बहुत ही पुराना वैद रहता है…उसके हाथो में भगवान की कृपा है….वहाँ से दवाई खा कर कई औरतों की सूनी गोद भर गई…अगर आप कहे तो में भी वहाँ से एक बार दवाई करवा कर देख लूँ….

कुलवंत: नेहा कैसे बातें कर रही हो….हम खुस है ना अपनी जिंदगी से. और वैसे भी हम कहाँ-2 नही भटके…

नेहा: जब इतना भटके है तो, वहाँ जाकर दवाई खाने में हरज ही क्या है. हो सकता है, भगवन् की किरपा से मेरी गोद भी हरी जो जाए….

कुलवंत: देख लो….मुझे नही लगता, अब हम अपने बच्चे के माता पिता बन सकते है…

नेहा: कॉसिश करने में क्या जाता है…

कुलवंत: ह्म्म पर तुम अकेले मुझे ठीक नही लगता कही अकेले भेजना तुमको….

नेहा: में अकेली कहाँ जा रहा हूँ…दो दिन बाद साहिल के स्कूल में गर्मियो की छुट्टिया शुरू हो जाएँगी….में उसे साथ लेकर जाउन्गि. वैसे भी कमला और उसका बेटा भी तो जा रहा है….

कुलवंत: ठीक है चली जाना…कितने दिनो के लिए जाना है….

नेहा: जी कम से कम 10 दिन तक वहाँ रुकना पड़ेगा…पर कमला बोल रही थी कि, में उसके साथ ही वापिस आउ. एक महीने के बाद….

कुलवंत: ठीक जैसे तुम ठीक समझो….

नेहा कुलवंत की हां सुन कर बेहद खुस थी….पर उसने अपने ख़ुसी कुलवंत के सामने जाहिर नही होने दे…अगले दिन जब नेहा ने पायल को बताया कि, वो साहिल को लेकर कमला के साथ उसके गाओं में जा रही है. तो पायल एक दम से उदास हो गई…कल से साहिल की छुट्टियाँ शुरू होने वाली थी….जैसे ही साहिल स्कूल से घर वापिस आया, तो वो बेहद खुस था.

खुस हो भी क्यो ना…आप लोग अपने बचपन के वो दिन याद करे. जब हमे स्कूल से एक महीने के लिए सम्मर वकेशन मिलती थी….कितने खुस होते थे हम सब…है ना…..बस साहिल भी बेहद खुस था…खाना खाया और फिर पूरे घर में उधम मचाने लगा….नेहा ने अपना काम निपटाया, और अपने रूम में जाकर कल कमला के मायके जाने की तैयारी करने लगी…

साहिल छत पर जाकर पतंग उड़ाने लगा….मोका देख कर पायल नेहा से नज़र बचा कर छत पर चली गई…और साहिल के सामने जाकर खड़ी हो गई…साहिल ने एक बार चाची की तरफ देखा और बोला….”क्या मा आंटी के घर गई है”

पायल: नही नीचे है कल जाने की तैयारी कर रही है…..

साहिल: कहाँ जाने की तैयारी कर रही है मा ?

पायल: क्यों तुम्हे नही पता…तुम भी तो साथ जा रहे हो…(अपना मुँह बनाते हुए)

साहिल: नही चाची मुझे सच में नही पता…

पायल: वो कमला के साथ उसके मायके जा रही है….तुझे साथ लेकर….

साहिल: अच्छा पर क्यों ?

पायल: वो वहाँ से उन्होने ने दवाई लानी है अपनी…

साहिल पायल की बात सुन कर चुप हो गया….वो कुछ बोल नही रहा था….

पायल: साहिल तुम अपनी मम्मी को मना कर दो, कि तुम्हे उनके साथ नही जाना….

साहिल: पर अगर मा गुस्सा हुई तो…

पायल: देख साहिल सोच तुम्हारी मम्मी एक महीने के लिए जा रही है. अगर तुम्हारा दिल वहाँ नही लगा तो. और अगर तू यहाँ रहा तो हम दोनो घर पर अकेले होंगे…फिर में तुम्हे रोज अपनी फुद्दि दूँगी….

साहिल पायल की बात सुन कर खुस हो गया….और अपने पतंग उतारते हुए बोला, में अभी मम्मी को मना कर देता हूँ…में नही जाना कही पर भी..
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04-08-2019, 12:32 PM,
#76
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
साहिल को भड़का कर पायल मन ही मन मुस्कुरा रही थी….साहिल ने अपनी पतंग नीचे उतारी. और फिर नीचे आकर सीधा अपने रूम में चला गया….जब वो रूम में पहुँचा तो, उसने देखा कमला भी वहाँ बेड पर बैठी थी….कमला ने एक बार साहिल की ओर मुस्कुराते हुए देखा…और फिर उसे अपने पास आकर बैठने को कहा….

साहिल: नमस्ते आंटी जी…

कमला: नमस्ते बेटा आओ मेरे पास बैठो….

साहिल कमला के पास जाकर बैठ गया….उसने अपनी मा की तरफ देखा. जो उसके कपड़ो को बॅग में डाल रही थी….”मा मेरे कपड़े बॅग में क्यों डाल रही हो….” उसने अपनी मा की ओर देखते हुए कहा…नेहा ने उसकी तरफ देखा फिर कमला की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोली….

नेहा: वो हम दोनो तेरी आंटी के मायके जा रहे है…मुझे वहाँ से दवाई लेनी है….

साहिल: पर मुझे नही जाना कही….आप चली जाओ….

नेहा: बेटा में अकेली कैसे जाउन्गि…तुम्हारे पापा ने कहा…है

साहिल: पर में वहाँ पर क्या करूँगा…..मुझे नही जाना…

इससे पहले कि नेहा आगे कुछ बोलती…कमला बोल उठी….”नेहा तुम बॅग में कपड़े डालो में साहिल को समझाती हूँ….” और फिर कमला ने एक बार साहिल की तरफ देखा….और उसकी जाँघ पर अपने हाथ बिल्कुल उसके लंड के पास रख कर बोली….”बेटा देखो तुम्हारी मा अकेली नही जा सकती…” कमला ने धीरे से साहिल के जाँघ को सहलाया. और अपनी उंगलियो को हल्का सा साहिल के लंड पर रगड़ दिया…
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04-08-2019, 12:32 PM,
#77
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
छोटी सी जान चूतो का तूफान--22

साहिल के बदन में झुरजुरी दौड़ गई…..फिर उसने साहिल की ओर कातिलाना मुस्कान से देखते हुए कहा…..”साहिल चलो ना हमारे साथ….तुम्हे वहाँ पर बहुत मज़ा आएगा….ये कहते हुए उसने अपने नीचले होंठो को बड़ी ही कामुकता के साथ अपने दांतो से दबाया….साहिल चाची की कही हुई बातों को एक पल में भूल गया….अब ये तो मर्द और अलहॅड लड़को की फितरत होती है कि. हर बार अगर कोई नयी चूत मिले तो जीभ तो बाहर आकर लटक ही जाती है. वही हाल साहिल का था….

साहिल: पर….

कमला: (उसकी जाँघ को हल्का सा सहलाते हुए) चल ना…में कह रही हूँ ना. अपनी आंटी के बात नही मानेगा…बोल चलेगा ना….?

साहिल ने हां में सर हिला दिया….कमला थोड़ी देर बैठी रही फिर वो अपने घर चली गई….साहिल अपने रूम से निकल कर बाहर आया तो, उसने देखा के चाची अभी भी छत पर थी….साहिल छत पर चला गया….उसने जान बुझ कर अपने चेहरे को लटका लिया…

पायल: क्या हुआ साहिल…?

साहिल: वो मा नही मान रही है..कह रही थी कि पापा ने कहा है.. मुझे जाना पड़ेगा मा के साथ….

पायल साहिल की बात सुन कर उदास हो गई….पर अब वो कुछ कर भी तो नही सकती थी…आख़िर नेहा साहिल की मा जो थी….अगले दिन सुबह नेहा और साहिल तैयार हुए तो, मोहित उनके घर आया..मोहित भी तैयार हो चुका था… उसने अंदर आकर एक बार नेहा को देखा…..जो येल्लो और ग्रीन कलर के मॅचिंग सलवार सूट पहने हुए एक दम तैयार थी….

नेहा की खूबसूरती देख मोहित का मुँह खुला का खुला रह गया… नेहा एक दम किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह सजी हुई थी…”क्या हुआ मोहित” नेहा ने मुस्कुराते हुए मोहित को कहा….

मोहित: वो आंटी बाहर ऑटो आ गया है….मा जल्दी बुला रही है…

नेहा: हां तुम चलो हम आते है….

उसके बाद नेहा ने अपने बॅग उठाए. और बाहर की तरफ जाते हुए साहिल को आवाज़ देकर कहा…”साहिल बेटा चल जल्दी कर ऑटो आ गया है” फिर नेहा गेट से बाहर चली गई…..उस समय घर पर पायल ही थी….दोनो भाई काम पर गए हुए थी….जैसे ही नेहा बाहर गई….पायल ने साहिल को अपने रूम में बुला लिया….

जैसे ही साहिल अपनी चाची के रूम में आया. पायल ने उसे अपनी बाहों में भरते हुए, अपने से चिपका लिया…”ओह्ह साहिल में कैसे रहूंगी इतने दिन तुम्हारे बिना….मत जाओ ना…”

साहिल: चाची अब में क्या करू….

पायल: चल कोई बात नही…

फिर पायल ने अपनी ब्रा में से अपना पर्स निकाला, और 500 के 2 नोट निकाल कर साहिल को देते हुए बोली….”ये रख ले…जब भी कोई चीज़ लेने का दिल करे. ले लेना…” साहिल ने पैसे लिए. और अपनी पेंट के जेब में रख लिए…फिर पायल की आँखो में देखने लगा….पायल ने झुकते हुए अपने होंठो को साहिल के होंठो पर रख दिया…दोनो एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे…फिर पायल ने अपने होंठो को साहिल के होंठो से अलग किया…और साहिल से बोली..

पायल: अपना ख्याल रखना…और जल्दी वापिस आना….

साहिल: जी चाची….

फिर साहिल बाहर चला गया…पायल भी बाहर आ गई….मोहित और साहिल दोनो बॅग्स को ऑटो में रख रहे थे….तभी कमला बाहर आई. वो भी नेहा की तरह आज खूब सजिसवरि लग रही थी….पायल को देखते ही कमला बोली….”अच्छा हुआ तू यही मिल गई…में अभी तेरे पास ही आने वाली थी….”

पायल: हां बोलिए ना दीदी क्या बात है ?

कमला: अच्छा पीछे से तू ज़रा सिमरन का ख्याल रखना…. वैसे तो सिमरन के बापू घर पर ही है….पर उनका कोई पता नही रहता..कब आते है कब जाते है….

नेहा: आप बेफिकर होकर जाए….

फिर चारो ऑटो में बैठे. और बस स्टॅंड के लिए निकल पड़े…बस स्टॅंड पर उन्होने कमला के मयके जाने के लिए बस पकड़ी , और करीब 2 घंटे के सफ़र के बाद चारो कमला के मयके में पहुँच गई….

कमला की मा सरोज अपनी बेटी और अपने नाती को देख कर बहुत खुस हुई… उसने बड़े खुले दिल और ख़ुसी से सब का स्वागत किया…चारो को घर के अंदर लेजा कर सोफे पर बैठाया…और खुद किचन में जाकर चाइ और नाश्ता लेकर बाहर आ गई….सब कोई चाइ और नाश्ता देने के बाद कमला नेहा और सरोज आपस में इधर उधर की बाते करने लगे….

सरोज: (थोड़ी देर बातें करने के बाद) अच्छा बातें तो होती रहेंगी.. में तुम को कमरे दिखा देती हूँ….आप सब लोग आराम करो..सफ़र से थक कर आए होगे….शाम को बातें करेंगे…

उसके बाद सरोज साहिल और नेहा को ऊपेर वाले पोर्षन में ले गई… ऊपेर की मंज़िल पर दो रूम थे…जिसमे से एक रूम उसने पहले से सॉफ करके रखा था….नेहा और साहिल को वो रूम दिया गया…और उसके बाद मोहित और कमला को नीचे एक रूम में आराम करने को कहा….

शाम को सबसे पहले कमला की आँख खुली…सरोज के घर में कुल 5 कमरे थे….तीन नीचे और दो ऊपेर…ऊपेर एक स्टोर रूम भी था. किचन और एक बाथरूम नीचे था…और एक बाथरूम ऊपेर था… कमला उठ कर जब रूम से बाहर आई तो, उसने देखा सरोज रात के खाने के लिए सब्जियाँ काट रही थी…कमला को देखते हुए बोली…”उठ गई बेटा. रूको ज़रा सी सब्जियाँ काट लाउ…फिर चाइ बनाती हूँ…”

कमला: मा चाइ में बना देती हूँ…आप कितना काम करेंगे…

सरोज: अच्छा चल पहले मेरे साथ ये सब्जियाँ कटवा दे…फिर बाद में चाइ बनाते है….

कमला अपनी मा सरोज के सामने बैठ कर सब्जियाँ काटने लगी….” मा जो मेने काम बोला था आप को वो हो गया ना…”

सरोज: हां बेटा दवाई और तेल दोनो ही तैयार है….पर एक बार फिर सोच ले.

कमला: मा बहुत सोच समझ कर आपसे फोन पर कहा था…वैसे भी आप ने ही तो कहा था कि, मामा जी ने उस तैल और दवाई को इस्तेमाल किया था. और उनका हथियार उससे काफ़ी मोटा और लंबा हो गया था…

सरोज: अर्रे तब तेरा मामा 18 साल का था….पर अभी तो, ये लड़का (साहिल) की उम्र तो कुछ भी नही है…अगर कुछ उल्टा सीधा हो गया तो…फिर उसकी मा भी तो है साथ में…

कमला: इसीलिए तो आप से कहा था…अब उसका लंड भला मेरी जैसे औरत की फुद्दि को क्या मज़ा दे पाएगा…जिसने अपनी फुद्दि से दो-2 संताने बाहर निकाली हो….मुझे तो एक तगड़ा वाला लंड चाहिए…
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04-08-2019, 12:32 PM,
#78
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
(दोस्त में आप को यहाँ पर बता दूं कि, सरोज के पिता जो अब नही है…एक बहुत बड़े वैद्य थे…उनके पास आयुर्वेध का बहुत सा ग्यान था….उनका नाम देश के बड़े-2 वैद्यो में होता था..और उन्होने ने अपनी मेहनत और लगन से बेस्कीमती जड़ीबूट्यों से एक ऐसी दवा और तेल तैयार किया था… जिसके कुछ हफ़्तो के पर्योग से ही किसी का लंड मोटा और लंबा हो सकता था…

पर उस टेल में एक ख़ास किसम के बिछु के जहर का इस्तेमाल किया गया था. और जो दवाई बनाई गई थी….वो उस जहर के असर को कम करने के लिए बनाई गई थी…अपने पिता से ही सरोज ने वो सब राज हासिल किए थे)

कमला: अच्छा मा ये तो बताओ कि मामा का लंड उस तैल और दवाई के इस्तेमाल से कितना बड़ा हो गया था….

सरोज: (शरमाते हुए)धात कैसी बातें करती है…वो भी मेरे भाई और अपने मामा के बारे में छी छी…

कमला: (हंसते हुए) अर्रे मा साइज़ बताने में क्या हो जाएगा…

सरोज: तो मेने कॉन सा देखा था उसका हथियार…

कमला: मा बताओ ना…

सरोज: शरमाते हुए) उसका हठयार पूरे 8 इंच लंबा हो गया था…और 4 इंच मोटा भी…

कमला: सी हाए मा इतना बड़ा मुन्सल हो गया था मामा का…पर तुम्हे कैसे पता चला….

सरोज: तेरे मामी ने मुझे बताया था जब नयी-2 बिहा कर आई थी..तब एक दिन वो मुझसे मज़ाक में बोली कि, क्या खिला कर आप इनको बड़ा किए हो…जब मेने पूछा तो उसने मुझे बताया….

कमला एक पल के लिए कही खो सी गई….सरोज ने उसे कंधे से पकड़ कर हिलाया….”क्या हुआ क्या सोच रही है”

कमला: हां कुछ नही….

सरोज: पर एक बार फिर से सोच ले..वो तो नन्ही सी जान कही कुछ गड़ बाड़ ना हो जाय….

कमला: मा तुम चिंता मत कर बाकी सब मुझे पर छोड़ दो…

उसके बाद सरोज चाइ बनाने के लिए किचन में चली गई….कमला ने पहले अपने रूम में जाकर मोहित को उठया. और फिर ऊपेर रूम में जाकर साहिल और नेहा को उठाया….सब लोग फ्रेश होकर नीचे हाल में आ गए. चाइ पीने लगे….चाइ पीने के बाद नेहा और कमला बाहर सोफे पर बैठे बातें करने लगी….मोहित और साहिल ऊपेर छत पर जाकर पतंगबाज़ी देखने लगे….

नेहा: यार यहाँ तक तो आ गई…पर आगे कैसे होगा…

कमला: क्यों क्या हुआ…?

नेहा: यार मेरे कहने का मतलब है कि, अब साहिल मेरे साथ है, और मोहित तेरे साथ…अगर दोनो को कुछ पता चला कि, हम दोनो अपने बेटो को शेर कर रहे है तो…

कमला: तू घबरा मत…मा सब संभाल लेगी….

नेहा: यार में तो कब से तरस रही हूँ…समझ में नही आ रहा क्या करू…

कमला: यार तू फिकर ना कर आज ही तो आए है…अभी पूरा एक महीना बाकी है…तेरी फुद्दि में अभी खुजली शुरू हो गई है क्या…

नेहा: तू ऐसा ही समझ ले…

इतने में सरोज किचन में से अपने माथे से पसीना पोंछते हुए बाहर आती है..और उनके पास बैठते हुए बोलती है….”तुम दोनो के मज़े का पूरा इंतज़ाम कर रखा है मेने…जब मेरे पास आ ही गई हो. सिर्फ़ मज़े करो. फिकर ना करो…”

सरोज: कल में कल तुम्हे (कमला को) साहिल को खेतो में ले चलूंगी…किसी बहाने से…वहाँ पर भी अपनी एक कोठरी है ना….और फिर नेहा और मोहित को घर में खूब टाइम मिल जाएगा…और उधर दूसरी और तुम दोनो को भी….

कमला: मा तू सच में कमाल है…

सरोज: अच्छा अब छोड़ो मुझे खाना बनाना है…चलो तुम दोनो भी मेरी मदद कर दो….

नेहा: हां मंजी क्यों नही..

उसके बाद तीनो ने मिल कर रात के लिए खाना बनाया…धीरे -2 रात गहरी होने लगी…सब ने एक साथ मिल कर खाना खाया…और फिर नेहा कमला और सरोज ने मिल कर बर्तन सॉफ किए….

सरोज: आज तो खाना कुछ ज़्यादा ही खा लया….

कमला: हां मा मेरे पेट भी भरा हुआ है..

सरोज: चलो सब मिल कर थोड़ा घूम आते है…खाना हजम भी हो जाएगा…चलो चलते है…

इतने में तीनो बाहर आए. और कमला ने साहिल और मोहित से कहा..चलो बाहर थोडा टहल कर आते है….

मोहित: नही में नही जाउन्गा…आप हो आओ…मेरा मूड नही है…

कमला ने सरोज की तरफ देखा फिर नेहा की तरफ….”हां तुम हो आओ में भी बहुत थकि हुई हूँ” नेहा ने कमला की ओर मुस्कुराते हुए देख कर कहा. पर अब सिर्फ़ साहिल बचा था…नेहा मन ही मन ये दुआ कर रही थी, कि साहिल किसी तरह चला जाए…कमला भी नेहा के दिल की बात समझ गई. वो साहिल के पास गई…और अपनी एक बाजू साहिल के कंधे पर डाल कर घूमते हुए अपनी तरफ खेंचा….

जिससे साहिल का फेस कमला की कमीज़ के ऊपेर से उसके चुचियों पर रगड़ खा गया….”तू तो चले गा ना हमारे साथ…..” कमला ने उसके गाल को अपनी लेफ्ट चुचि पर दबाते हुए कहा….

साहिल: हां आंटी में भी चलूँगा…

कमला: (अपनी मा सरोज की ओर मुस्कुराते हुए देखते हुए) चलिए मा.

सरोज: हां हां चलो…

उसके बाद तीनो घर से निकल कर बाहर आ गई…जाते हुए सरोज ने मोहित को आवाज़ लगाई और बोली….”बेटा गेट के अंदर से कुण्डी लगा ले”

मोहित: जी नानी….

और मोहित ने जाकर गेट की कुण्डी लगा डी…..
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04-08-2019, 12:33 PM,
#79
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
जैसे ही वो कुण्डी लगा कर वापिस आया तो उसने देखा नेहा वहाँ पर नही थी. उसे ऊपेर रूम के लाइट जलती हुई नज़र आई….वो धीरे-2 ऊपेर बढ़ने लगा….रूम के डोर के पास पहुँच कर उसने डोर नॉक क्या, तो अंदर से नेहा की आवाज़ आई….

नेहा: कॉन है…

मोहित: जी जी में हूँ आंटी..

नेहा: (अंदर से) ज़रा रूको में कपड़े बदल रही हूँ…

मोहित वही खड़ा हो गया…ये सोच कर के अंदर नेहा आंटी कपड़े बदल रही है…उसके लंड में तनाव आने लगा…थोड़ी देर बाद डोर खुलने की आवाज़ से मोहित चोंका. और फिर डोर खुला तो सामने का नज़ारा देख कर मोहित की आँखे खुली की खुली रह गई…..
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04-08-2019, 12:33 PM,
#80
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
छोटी सी जान चूतो का तूफान--23

सामने नेहा लाइट पिंक की सिल्क नाइटी में खड़ी थी….जो उसके जिस्म पर काफ़ी कसी हुई लग रही थी…उसकी ब्रा के शेप नाइटी में सॉफ नज़र आ रही थी.. नेहा का रंग ट्यूब लाइट की रोशनी में और चमक रहा था…और उसने अपने होंठो पर लाइट पिंक कलर के शिन्निंग लिप कलर लगा रखा था…उसके होंठ ऐसे चमक रहे थे….जैसे गुलाब पर पड़ी ऑन्स के बूंदे चमक रही हो..

नेहा के लंबे काले बाल खुले हुए थे…बड़ी-2 काले आँखे जिसमे काजल लगा कर वो और भी सेक्सी लग रही थी….अपने आप को यूँ घूरता देख नेहा ने मोहित की और कातिलाना मुस्कान के साथ कहा…”क्या देख रहे हो ?”

मोहित: (एक दम से हड़बड़ाते हुए)का का कुछ नही आंटी वो वो..

नेहा: (नेहा ने फिर से एक बार उसकी तरफ मुस्कुराते हुए देखा और फिर अपने होंठो को दांतो से काटते हुए कहा) क्या वो वो सीधे -2 नही बोल सकते क्या. या फिर मुझसे डर लगता है….

ये कह कर नेहा पलटी, और सामने पड़े ड्रेसिंग टेबल के तरफ जाने लगी… तभी उसके मुँह से मस्ती भरी आह निकल गई…और उसकी काली-2 मोटी आँखे बंद हो गई…मोहित ने पीछे से उसको अपनी बाहों में भर लिया था. और अपने होंठो को नेहा के गर्दन पर टिका दिया था….नेहा को मोहित से इतनी हिम्मत के उमीद ना थी…पर वो मोहित की इस हरकत से एक दम मस्त हो गई….उसने मोहित के हाथों को पकड़ कर जो कि उस समय, नेहा के पेट पर कसे हुए थे….

उनके ऊपेर अपने हाथ रखते हुए, उसके हाथो को अपनी चुचियों के तरफ बढ़ाने लगी….मोहित को भी समझते देर ना लगी…और उसने अपने हाथो में नेहा के बड़ी-2 चुचियों को भर लिया….और धीरे-2 मसलने लगा…

नेहा: ओह्ह्ह मोहित….और ज़ोर से दबाओ मेरे मम्मो को आह शियीयीयी ओरजोर सी अह्ह्ह्ह उन्घ्ह हां मसल दे मेरे मम्मो कब्ब कब से इससस्स पल का इंतज्जार्र कर रही थीई में हाईए …..

मोहित भी उसकी चुचियों को अपनी हथेली में भर-2 कर ज़ोर-2 से दबाने लगा. और उसकी नेक पर होंठो को रगड़ते हुए, उसे अपनी तरफ घुमाने लगा. जैसे ही दोनो आमने सामने हुए, नेहा ने उसके सर को अपनी बाहों में भर कर अपनी गर्दन पर दबा दिया….मोहित पागलो के तरह उसकी सुरहीदार लंबी गर्दन पर अपने होंठो को रगड़ने लगा…

दोनो एक दूसरे से चिपके हुए खड़े थे….अब मोहित के हाथ नेहा की पीठ पर कसे हुए थे….और वो नेहा की कमर को अपनी हाथों से सहला रहा था. नेहा की सिसकियाँ पूरे रूम में गूँज रही थी….धीरे-2 मोहित के हाथ नेहा की पीठ से सरकते हुए, उसके मोटे-2 चुतड़ों के तरफ बढ़ने लगे….

मोहित ने अपने दोनो हाथों से नेहा के मोटे-2 चुतड़ों को दबाते हुए मसलना शुरू कर दिया……नेहा एक दम मस्त हो गई…..उसने मोहित के सर को दोनो हाथों से पकड़ कर पीछे किया….और फिर अपनी नसीली आँखों से मोहित की ओर देखते हुए, अपने गुलाबी रसीले होंठो को जो कि पिंक कलर के लिप कलर से शाइन कर रहे थे…मोहित के होंठो पर लगा दिया…पर अगले ही पल मोहित ने अपने होंठो को नेहा के होंठो से अलग कर लिया…

नेहा: (मदहोसी और काँपति हुई आवाज़ में) क्या हुआ ?

मोहित: आंटी वो आपका लिपस्टिक….

नेहा: (मोहित के होंठो पर उंगली रखते हुए) श्िीीईई मुझे नेहा बुलाओ ना.. आंटी नही…

मोहित: (काँपती हुई आवाज़ में) ना नेहा वो आपकी लिपस्टिक खराब हो जाएगी…

नेहा: (बड़ी ही मादक अदा के साथ अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए) कोई बात नही तुम चूस सकते हो….

और नेहा ने फिर से अपने होंठो को मोहित होंठो की तरफ बढ़ा दिया…. मोहित भी नेहा के रसीले होंठो पर टूट पड़ा….और उसके दोनो होंठो को अपने होंठो में दबा-2 कर चूसने लगा…..पीछे वो नेहा की गान्ड को अपने हाथों से दोनो तरफ फेलाते हुए मसल रहा था..धीरे-2 मोहित ने नेहा की नाइटी को ऊपेर करना शुरू कर दिया…..

पर नेहा ने मोहित के हाथों को पकड़ कर अपने होंठो को मोहित के होंठो से अलग किया. और मुस्कुराते हुए बोली….”अभी नही कमला और साहिल कभी भी आ सकते है….इसीलिए बस ऐसे मज़े ले लो….”

मोहित ने नेहा के बात समझते हुए हां में सर हिला दिया. और फिर से दोनो किस करने में मसगूल हो गए…

दूसरी तरफ कमला सरोज और साहिल गाओं की सड़क पर चलते हुए खेतो के तरफ आ चुके थे….रात काफ़ी हो चुकी थी..इसीलिए बाहर खेतो में कोई नज़र नही आ रहा था….सरोज उन दोनो से थोड़ा आगे चल रही थी…आगे जाकर कच्चे रास्ते के किनारे पड़े एक पत्थर पर जाकर बैठ गई….

सरोज: हाए में तो थक गई….अब और चला नही जाता….तुम आगे घूम आओ. में यहाँ तुम लोगो का इंतजार करती हूँ….कमला बिना कुछ बोले आगे बढ़ने लगी….साहिल भी उसके साथ चलने लगा…अंधेरा होने के कारण पीछे बैठी सरोज अब उन्हे दिखाई देना बंद हो गई थी….साहिल भी अब बोर होने लगा था….

साहिल: आंटी अब वापिस चलिए ना…मुझे नींद आ रही है….में बहुत थक गया हूँ….

कमला: (चाँद के हलकी रोशनी में साहिल की ओर देखते हुए) अच्छा चलते है…थक तो में भी गई हूँ….पर थोड़ा ठहर मुझे बहुत तेज मूत आ रहा है…पहले मूत लूँ…फिर चलते है….

ये कहते हुए, कमला ने साहिल के सामने ही अपनी कमीज़ के पल्ले के नीचे हाथ डालते हुए, अपने नाडे को खोलना शुरू कर दिया….साहिल ये सब अपनी फटी हुई आँखो से देख कर एक दम सुन हो गया…कमला ने अपने होंठो पर कातिल मुस्काना लाते हुए साहिल की ओर देखा और बोली….”तुम बड़े शैतान हो…उस दिन मुझे छुप कर देख रहे थे….और अब देखो कैसे मुझे घूर रहे हो…”
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