Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
04-08-2019, 12:29 PM,
#61
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
गीता ने फिर से उसे अपने ऊपेर खेंच लिया….और उसके होंठो को चूमते हुए बोली, साहिल अब जल्दी कर में कब से मरी जा रही हूँ….” साहिल एक बार फिर उसकी जाँघो के बीच में आ गया था….गीता ने अपने हाथों को नीचे ले जाते हुए, उसकी निक्कर को पकड़ कर नीचे खेंच दिया….और फिर साहिल ने खुद ही, अपनी निक्केर को अपनी टाँगो से निकाल दिया…”आप ने कमीज़ फिर से क्यों पहन ली” साहिल ने गीता की चुचियों के और घुरते हुए कहा…

गीता: और क्या पूरी नंगी हो जाती….अगर अचानक से कोई आ गया तो , कपड़े पहनने में टाइम लेगेगा….और फिर किसी को हम पर शक हो गया तो…तुझे ये पसंद है ना ये ले, जी भर कर खेल इनसे….

ये कहते हुए, गीता ने अपनी कमीज़ को ऊपेर उठा कर अपनी चुचियों को बाहर निकाल दिया…36 साइज़ के मोटी-2 चुचियों को देख, साहिल का लंड अब पूरी तरहा तन गया था…जो अब सीधा गीता की चूत की फांको के ठीक ऊपेर था…..

गीता ने फिर से उसे बाहों में भरते हुए, उसके सर को अपनी चुचियों पर दबा दिया…”आह साहिल चूस ईससी अहह” साहिल भी पागलो के तरह गीता की चुचियों पर टूट पड़ा….और उसकी एक चुचि को मुँह में भर कर उसके अंगूर के दाने के साइज़ के निप्पल को अपनी ज़ुबान से दबा -2 कर चूसने लगा…. गीता ने उसके सर को फिर से सहलाना शुरू कर दिया…..

गीता: आह चुस्स्स्स ले आह साहिल खा जा मेरे मम्मो को अहह उंह सीईईईई आह हाईए मा ओह हां चुस्स्स्स्स साहिल और ज़ोर ज़ोर सी से चूस.

गीता की आवाज़ में अब मदहोशी सॉफ झलक रही थी….उसका पूरा बदन उतेजना के कारण काँप रहा था…उसके गाल लाल होकर दिखने लगे…फिर गीता को अपनी चूत की फांको पर साहिल के लंड का गरम सुपडा रगड़ ख़ाता हुआ महसूस हुआ. गीता एक दम से सिसक उठी….उसने साहिल के सर को दोनो हाथों से पकड़ कर ऊपेर उठाया….उसका निपल खींचता हुआ साहिल के मुँह से पक की आवाज़ से बाहर आ गया….

गीता: (मस्ती में सिसकते हुए) हाई कितने जालिम हो तुम….

गीता की आँखें अब वासना के नशे में डूबती हुई बंद हुई जा रही थी..उसने अपनी नशीली अध खुली आँखों से एक बार साहिल की तरफ देखा, फिर उसके होंठो से अपने होंठ सटा दिए….साहिल ने भी गीता के नीचे वाले होंठ को अपने होंठो में दबा-2 कर चूसना शुरू कर दिया….”उंह अहह उंघह” गीता घुटि आवाज़ में सिसक रही थी….

उसने अपना एक हाथ नीचे लेजाकार साहिल के लंड पर रखा, और उसे अपनी मुट्ठी में भर लिया….साहिल के बदन में तेज सरसराहट दौड़ गई…गीता ने अपने होंठो को साहिल के होंठो से अलग किया….और अपनी टाँगो को फेला कर घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठा लिया….साहिल तो जैसे इस पल का इंतजार में था….वो अपने घुटनो के बॅल गीता की जाँघो के बीच में आ गया…जैसे ही उसकी नज़र गीता की फूली हुई चूत पर पड़ी. उसका लंड फिर से झटके खाने लगा. जो उस वक़्त गीता के हाथ में था….गीता साहिल के लंड की फुलति नसों को अपने हाथ में सॉफ महसूस कर रही थी…..

उसने साहिल के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर दबाया….तो साहिल के लंड का सुपडा उसकी चूत की फांको को फेलाता हुआ, छेद पर जा लगा… गीता की कुँवारी चूत की फाँकें साहिल के लंड के सुपाडे के चारो तरफ फेलते हुए कस गई…..अपनी चूत के छेद पर साहिल के लंड का गरम सुपडा महसूस करते ही, उसके बदन में मानो हज़ारो वॉट की बिजली कोंध गई हो…..उसका पूरा बदन थरथरा गया….

गीता की चूत उसकी चूत से निकल रहे कामरस से एक दम गीली हो चुकी थी…गीता ने अपनी आँखो को बड़ी मुस्किल से खोल कर साहिल की तरफ देखा. और फिर काँपती आवाज़ में बोली…

गीता: साहिल धीरे-2 अंदर करना….में ये सब पहली बार कर रही हूँ… इस लिए मुझे दर्द होगा….पर तुम चिंता मत करना चाहे मुझे कितना भी दर्द हो…तुम अपना लंड मेरी फुद्दि में घुसा दो…अब करो भी….

साहिल ने धीरे-2 अपने लंड के सुपाडे को गीता की चूत के छेद पर दबाना शुरू किया….जैसे ही उसके लंड का सुपडा, गीता की गीली चूत के छेद में घुसा, गीता एक दम सिसक उठी….साहिल के लंड का सुपडा गीता की चूत की सील पर जाकर अटक गया…..साहिल भी इस रुकावट को सॉफ महसूस कर पा रहा था….

गीता की चूत की झिल्ली, साहिल के लंड के सुपडा से बुरी तरह अंदर को खिच गई…..जिसके कारण गीता के बदन में दर्द के तेज लहर दौड़ गई…उसके चेहरे पर उसके दर्द का सॉफ पता चल रहा था…..

साहिल: क्या हुआ मौसी ? दर्द हो रहा है क्या ?

गीता: आहह हां साहिल…दर्द हो रहा है…..

साहिल: बाहर निकाल लूँ…..

गीता: नही साहिल बाहर मत निकालना….ये दर्द तो हर लड़की को जिंदगी में एक ना एक बार तो सहन करना ही पड़ता है….साहिल ज़ोर से घस्सा मार….और फाड़ दे मेरी फुद्दि….

साहिल: अगर तुम्हे दर्द हुआ तो ?

गीता: में सह लूँगी……तू मार ना घस्सा…

साहिल ने अपनी पूरी ताक़त अपनी गान्ड में जमा की, और अपने आप को अगला शाट मारने के लिए तैयार करने लगा…गीता ने अपने दोनो हाथों से साहिल के बाजुओं को कस के पकड़ लिया….और अपनी टाँगों को पूरा फैला लिया..

गीता: साहिल…साहिल फाड़ दो अब…..

साहिल ने कुछ पल्लो के लिए गीता के चेहरे की तरफ देखा…जो अपनी आँखें बंद किए हुए लेटी हुई थी….उसने अपने होंठो को दांतो में दबा रखा था. जैसे वो अपने आप को उस दर्द के लिए तैयार कर रही हो….उसके माथे पर पसीने के बूंदे उभर आई थी…..साहिल ने एक गहरी साँस ली, और फिर अपनी पूरी ताक़त के साथ एक ज़ोर दार धक्का मारा….
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04-08-2019, 12:29 PM,
#62
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
साहिल के लंड का सुपडा गीता की चूत की झिल्ली को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया…साहिल का आधे से ज़्यादा लंड एक ही बार-मे अंदर जा चुका था…” हाए मम्मी मर गई हाईए अहह साहिल बहुत दर्द हो रहा है….” गीता छटपटाते हुए, अपने सर को इधर उधर पटक रही थी…उसे अपनी चूत में दर्द की तेज लहर दौड़ती हुई महसूस हो रही थी….

गीता के इस तरह से दर्द के कारण बिलबिलाने से साहिल भी घबरा गया. उसने गीता की ओर देखा, उसकी बंद आँखो से आँसू बह कर उसके गालो पर आ रहे थे…..”मौसी में बाहर निकाल लेता हूँ” साहिल ने गीता की ओर देखते हुए कहा….

गीता: (अपनी आँखो को खोलते हुए) नही -2 साहिल बाहर मत निकालना…पूरा अंदर कर दो….मेरी फिकर मत करो…..

साहिल: पर मौसी…

गीता: मेने कहा ना मेरे परवाह मत करो….तुम अपना लंड पूरा मेरे फुद्दि में डालो…..

साहिल ने अपने लंड की तरफ देखा…जो गीता की टाइट चूत के छेद में घुस कर फँसा हुआ था….और फिर उसने एक बार फिर से पूरी ताक़त के साथ, झटका मारा….इस बार उसके लंड का सुपडा उसकी चूत की दीवारो को फेलाता हुआ पूरा का पूरा अंदर जा घुसा…

गीता: अह्ह्ह्ह साहिल……..(गीता ने अपने हाथों से साहिल के बाजुओ को इतनी कस के पकड़ा कि, उसके नाख़ून, साहिल के बाजुओ में गढ़ने लगे….साहिल को अपने लंड के गिर्द गीता की टाइट चूत की दीवारे कसी हुई महसूस हो रही थी…उसके लंड में तेज गुदगुदी सी होने लगी….पायल की चूत उसे गीता की चूत के मुक़ाबले बहुत ढीली महसूस हो रही थी…)

दोनो थोड़ी देर वैसे ही लेटे रहे….साहिल अब डक्के लगाने को उतावला हो रहा था….पर गीता ने उसकी कमर में अपनी टाँगो को लप्पेट रखा था… जिस की वजह से साहिल हिल बही नही पा रहा था….कुछ लम्हे दोनो यूँ ही लेटे रहे….फिर धीरे-2 गीता का दर्द कुछ कम होने लगा….और उसे अपनी चूत में अजीब सी सरसराहट होने लगी….अब उसे मज़ा आने लगा था…और उसने अपनी टाँगो को जो कि उसने साहिल की कमर पर कस रखी थी…को ढीला कर दिया….जैसे ही साहिल की कमर पर गीता की टाँगों की पकड़ ढीली हुई…

साहिल ने अपना आधे से ज़्यादा लंड एक ही बार में गीता की चूत से बाहर खींचा….और फिर से एक झटके के साथ, गीता की चूत में पेल दिया…धक्का इतना जबरदस्त था कि, गीता का पूरा बदन हिल गया…”आह शीईइ साहिल उंह धीरे मेरे जान आह” गीता ने फिर से अपने पैरो को साहिल के चुतड़ों के ऊपेर रख कर उसे अपनी तरफ दबा लिया…

जब उसे अपनी चूत की दीवार पर साहिल के लंड के सुपाडे की रगड़ महसूस हुई, तो वो एक दम से मस्त हो गई….फिर थोड़ी देर रुकने के बाद, गीता ने साहिल को धीरे से कहा….”साहिल अब धीरे से बाहर निकालो…मुझे कुछ देखना है…” ये कहते हुए, उसने फिर से अपने पैरो के पकड़ ढीली की, और साहिल ने घुटनो के बाल बैठते हुए, धीरे-2 अपने लंड को बाहर निकालना शुरू किया….फिर से वही मज़े की लहर गीता के रोम-2 में दौड़ गई. उसे साहिल के लंड का सुपाडा अपनी चूत के दीवारो पर रगड़ ख़ाता हुआ सॉफ महसूस हो रहा था….

गीता: ओह्ह साहिल मेरे फुद्दि आह आह बहुत मज़ा आ रहा है..ओह्ह उम्ह्ह.

साहिल ने जैसे ही अपना लंड गीता की चूत से बाहर निकाला. तो उसके आँखे फटी की फटी रह गई…उसका लंड खून और गीता के चूत से निकल रहे कामरस से सना हुआ था…जैसे ही, साहिल ने अपना लंड बाहर निकाला. गीता ने अपने पास रखे पुराने कपड़े को अपनी चूत पर दबा दिया…ताकि उसमे से खून निकल कर, बेड शीट पर ना गिरे…..

फिर उसने अपनी चूत को उस कपड़े से रगड़ कर सॉफ किया…और फिर साहिल की तरफ देखा….जो हैरत से उसकी तरफ देख रहा था….

गीता: क्या हुआ ऐसे क्या देख रहे हो ?

साहिल: मौसी इसमे से खून निकल रहा है…

गीता: हाँ जानती हूँ….पहली बार करने से निकलता है..अब में ठीक हूँ…तू घबरा मत….

फिर गीता उठ कर बैठी, और साहिल के लंड को हाथ में लेकर उसे कपड़े से अच्छे से सॉफ क्या…फिर उस कपड़े को साइड में रखते हुए, बेड पर लेट गई…गीता ने अपनी बाहों को खोल कर साहिल को आने का इशारा क्या…साहिल उसके ऊपेर झुक गया….गीता ने उसे अपनी बाहों में कस लिया…और उसके आँखो में झाँकते हुए बोली….”आइ लव यू साहिल” और फिर दोनो के होंठ फिर से आपस में घुथम गुत्था हो गए…..फिर से वही उम्ह्ह आहह उन्घ्ह की आवाज़े उनके मुँह से आने लगी…

साहिल का लंड अब उसकी चूत की फांको पर रगड़ खा रहा था…साहिल भी मस्ती में उसके होंठो को चूस्ता हुआ, उसके निपल्स को अपनी उंगलियों से भिचते हुए उसकी चुचियों को दबा रहा था….गीता की चूत में कुलबुली सी होने लगी…..वो नीचे से अपनी गान्ड को हिलाते हुए, साहिल के लंड को अपनी चूत के छेद पर सेट करने की कॉसिश कर रही थी….

थोड़ी देर के बाद अचानक से साहिल के लंड का सुपडा गीता की चूत के छेद पर अपने आप जा लगा….गीता का पूरा बदन एक दम से थरथरा गया. उसने अपने होंठो को साहिल के होंठो से अलग किया, और फिर साहिल की आँखो में देखते हुए मुस्कुराने लगी….फिर उसने अपने आँखे शरमा कर बंद कर ली, उसके होंठो पर मुस्कान फेली हुई थी…
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04-08-2019, 12:30 PM,
#63
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
साहिल ने भी बिना देर किए, धीरे-2 अपने लंड के सुपाडे को गीता की चूत के छेद पर दबाना शुरू कर दिया….”उंह साहिल सीईईईई अहह बहुत माजा आ रहा है…..तुम्हे नही आ रहा….”

साहिल: हां मौसी मुझे भी बहुत मॅजा आ रहा है…..

साहिल के लंड का सुपडा गीता की चूत के छेद और दीवारो को फेलाता रगड़ ख़ाता हुआ, अंदर बढ़ने लगा….गीता के बदन में मस्ती के लहरे उमड़ रही थी….उसका पूरा बदन उतेजना के कारण काँप रहा था…उसकी चूत की दीवारे साहिल के लंड को अपने अंदर कस कर निचोड़ रही थी…ऐसे सरसराहट साहिल ने अपने लंड में पायल की चूत मारते हुए भी महसूस नही की थी…

धीरे-2 साहिल का पूरा लंड गीता की चूत में समा गया….गीता ने सिसकते हुए, साहिल को अपने बाहों में कस लिया….और उसकी टी-शर्ट ऊपेर उठा कर उसकी पीठ को अपने हाथो से सहलाने लगी….”आह साहिल करो ना उंह आ सीईईई आह साहिल मुझे बहुत मज़ा आ रहा है….”

साहिल ने गीता के फेस को अपनी तरफ घुमाया, और फिर अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया…गीता ने अपने होंठो को खोल दिया….और साहिल ने थोड़ी देर गीता के होंठो को चूसा, और फिर अपने होंठो को हटाते हुए, उसकी जाँघो के बीच में घुटनो के बल बैठते हुए, अपनी पोज़िशन सेट की, और अपने लंड को धीरे-2 आगे पीछे करने लगा….

साहिल के लंड के सुपाडे को गीता अपनी चूत की दीवारो पर महसूस करके एक दम मस्त हो गई….और अपनी आँखें बंद किए हुए अपनी पहली चुदाई का मज़ा लेने लगी…”अह्ह्ह्ह साहिल हाईए मेरे फुद्दि आह मार और ज़ोर से मार आह फाड़ दे अह्ह्ह्ह ऑश”

धीरे-2 साहिल अपने धक्कों की रफतार को बढ़ाने लगा….पूरे रूम में गीता की सिसकारियो और बेड के हिलने से चर-2 की आवाज़ गूंजने लगी.. गीता पूरी तरह मस्त हो चुकी थी….गीता की चूत उसके काम रस से भीग चुकी थी….जिससे साहिल का लंड चिकना होकर गीता की चूत के अंदर बाहर होने लगा था….गीता भी अपनी गान्ड को धीरे-2 ऊपेर की ओर उछाल कर चुदवा रही थी….

गीता: हाई ओईए अहह मार मेरी फुद्दि अह्ह्ह्ह साहिल बहुत मज़ा आ रहा है.आह चोद मुझे अह्ह्ह्ह और तेज कर सही…देख में झड़ने वाली हूँ आह उहह उहह उंघह ह साहिल में गाईए अहह….

साहिल के जबरदस्त धक्को ने कुछ ही मिनिट में गीता की चूत को पानी -2 कर दिया था….झड़ते हुए, उसका पूरा बदन रह-2 कर झटके खा रहा था…साहिल अभी भी लगतार अपने लंड को बाहर निकाल-2 कर गीता की चूत में पेल रहा था….गीता झड़ने के बाद एक दम मस्त हो गई थी…उसकी चूत से इतना पानी निकाला था कि, साहिल का लंड पूरा गीला हो गया…

अब गीता अपनी आँखें बंद किए हुए लेटी थी…और लंबी -2 साँसे ले रही थी…गीता ने अपनी आँखें खोल कर साहिल की तरफ देखा…जो पसीने से तरबतर हो चुका था..और अभी भी तेज़ी से धक्के लगा रहा था…..अब रूम में सिर्फ़ बेड के चर्मार्ने से चू-2 की आवाज़ आ रही थी….जैसे -2 साहिल झटके मारता, बेड हिलता हुआ चू-2 की आवाज़ करता..

धक्के मारते हुए, जब साहिल ने गीता की आँखो में देखा….बेड की आवाज़ अब तेज होने लगी…पता नही क्यों पर गीता बेड के हिलने की आवाज़ सुन कर शरमा गई, और अपने फेस को साइड में घुमा कर मुस्कराने लगी…

साहिल: (अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए) क्या हुआ…?

गीता: (मुस्कुराते हुए) कुछ नही…..

साहिल: फिर मेरी तरफ देखो ना…

गीता: नही मुझे शरम आती है…..

साहिल ने अपने दोनो हाथों से गीता के चेहरे को अपनी तरफ घुमाया. पर गीता ने पहले ही अपनी आँखे बंद कर ली, उसके चेहरे पर शर्मीली मुस्कान फेली हुई थी….साहिल ने गीता के होंठो को अपने होंठो में लेकर चुसते हुए, अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी…और फिर कुछ ही पलो में उसके लंड में तेज सुरसुरी हुई….उसका लंड गीता की चूत में झटके खाने लगा…..और फिर वो गीता के ऊपेर निढाल हो कर गिर पड़ा…..

गीता ने उसकी पीठ को सहलाते हुए, अपने होंठो को उसके होंठो से सटाये रखा. दोनो काफ़ी देर एक दूसरे के होंठो को चूस्ते रहे….साहिल का लंड भी सिकुड कर गीता की चूत से बाहर आ गया….जब गीता की नज़र घड़ी पर पड़ी तो, उसने साहिल को अपने ऊपेर से हटने के लिए कहा….साहिल उसके ऊपेर से उठ कर बैठ गया….फिर गीता ने साहिल से कहा कि, वो ये कपड़ा जिससे उसने अपनी चूत से निकला खून सॉफ किया था…पीछे खेतो में फेंक दो.

उसके बाद गीता ने अपनी कमीज़ नीचे की, और अपनी सलवार को हाथ में लेकर पायल के रूम में चली गई…वहाँ जाकर उसने अपने कपड़े ठीक से पहने….साहिल भी कपड़े पहन कर छत पर वो कपड़े का टुकड़ा लेकर चला गया….और पीछे खेतों में फेंक दिया….

क्रमशः..............................................
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04-08-2019, 12:30 PM,
#64
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
छोटी सी जान चूतो का तूफान--19



दूसरी तरफ नेहा और कमला दोनो एक दूसरी की चूत को उंगलयों से ठंडा कर चुकी थी…..नेहा जैसे ही अपने घर जाने के लिए निकलने लगी. तो उसे मेन डोर पर मोहित मिल गया…वो अभी ग्राउंड से खेल कर वापिस आया था. नेहा ने उसकी तरफ देख कर एक कातिल मुस्कान फेंकी, और फिर उसके पास से गुज्जर्ते हुए बोली….

नेहा: अब तुम साहिल को मिलने घर नही आते क्या बात है….?

मोहित; वो आंटी जी. वो मेरा साहिल से स्कूल में झगड़ा हो गया था.. इस लिए हम एक दूसरे से बात नही करते….

नेहा: अच्छा साहिल से झगड़ा हो गया था…

मोहित: जी आंटी….

नेहा: तो फिर मुझे मिलने के लिए तो आ सकते थे ना. तुम मुझे बताते तो में तुम्हे में सुलहा करवा देती…अपनी आंटी के बात मनोगे ना…

मोहित: जी आंटी…

नेहा: अच्छा सुन मेरे घर पर भी बहुत सारे कपड़े धुलने वाले हो गए है…क्या में तुम्हारे ट्यूबिवेल पर जाकर उन्हे धो सकती हूँ…

मोहित: जी आंटी क्यों नही….

नेहा: तू चलेगा कल हमारे साथ….

मोहित: पर आंटी कल तो स्कूल जाना है ना….

नेहा: हूँ में तो भूल ही गई…चल कोई बात नही…उसके बाद नेहा घर आ गई….और घर के कामो में लग गई….चुदाई के बाद गीता तो ऐसे घोड़े बेच कर सोई थी कि, वो शाम को 6 बजे नेहा के जगाने से उठी..रात को सब खाना खा पी कर सो गए…अगले दिन साहिल और गीता को स्कूल जाना था….उनके स्कूल जाने के बाद कुलवंत भी 10 बजे काम पर चला गया.

अब साहिल और गीता को स्कूल से 3 बजे वापिस आना था….इस लिए नेहा घर के काम निपटा कर कमला के घर जाने के सोच ही रही थी, कि उसके डोर पर नॉक हुआ……

जब नेहा ने जाकर गेट खोला तो, सामने कमला ही खड़ी थी…दोनो एक दूसरे के तरफ देख कर मुस्कुराया….फिर कमला के अंदर आने के बाद नेहा ने गेट बंद किया….

नेहा: में अभी तुम्हारे घर ही आने वाली थी….(रूम की तरफ जाते हुए)

कमला: यार अच्छा हुआ नही आई….मेरा ख़सम अभी घर पर ही है… और मोहित भी….

नेहा: क्यों मोहित स्कूल नही गया आज क्या हुआ ?

कमला: पता नही सुबह कह रहा था कि, तबीयत ठीक नही है….पर तब से देख रही हूँ…वो तो अच्छा भला है….

कमला की बात सुन कर नेहा के होंठो पर मुस्कान फेल गई…नेहा को यूँ मुस्कुराते हुए देख कमला से रहा नही गया….”क्या हुआ इतना क्यों खुस हो रही है” मोहित इसीलिए स्कूल नही गया था, क्योंकि कल नेहा ने उससे कहा था कि, वो उसके खेतो में कपड़े धोने जाएगे….फिर नेहा ने सारी बात कमला को बताई…और फिर दोनो हँसने लगी….

कमला: रंडी क्या कर दिया तूने मेरे बेटे को…देख मज़े लेने की बात तक तो ठीक है….पर हम दोनो अपने बेटो की पढ़ाई या उनकी जिंदगी किसी तरह से खराब नही होने देंगे…आगे से ध्यान रखना..

नेहा: चल यार ग़लती हो गई….वैसे भी एक दिन स्कूल नही जाएगा तो कुछ नही होगा….याद रख तुझे साहिल के साथ भी मस्ती करनी है..

कमला: अच्छा अब फिर क्या करना है…

नेहा: क्या करना है मतलब….

कमला: मतलब ये कि, अब तुम भी अकेली हो….कहे तो भेजू उसको…

नेहा: पर यार अगर घर पर कोई आ गया तो,

कमला: यार अब इतने डरेगे तो कैसे चलेगा….कुछ तो हिम्मत करनी पड़ेगी तुझे….वैसे भी मोहित की अभी इतनी उम्र नही है कि, वो बिना डरे अपने दिल के बात तुझे जता सके….

नेहा: अच्छा जितना वो भोला लगता है, उतना वो है नही…

कमला: चल अच्छा है…फिर तेरा काम कुछ आसान हो जाएगा….

नेहा: अच्छा चल बता अब क्या करूँ….मुझे डर है कि कोई घर पर ना आ जाए….वरना खम्खा सवाल करेंगे कि, में घर में अकेली मोहित के साथ क्या कर रही थी….

कमला: (थोड़ी देर सोचते हुए) अच्छा तू थोड़ी देर इंतजार कर. मोहित के पापा जाने ही वाले है….जैसे ही वो जाते है…में तुम्हे आकर बताउन्गि. तू अपने घर के पीछे बने भैंसो वाले कमरे में इंतजार करना. में उसे किसी तरफ बहाने से भेजती हूँ….अगर कोई आया भी तो, वो पीछे वाली दीवार फाँद कर हमारे घर वापिस आ सकता है….

नेहा: यार ये सब तो ठीक है..पर मुझे सच में डर लग रहा है…

कमला: कुछ नही होता मेरे जान…तू घबरा मत…

अभी दोनो बाते कर ही रही थी कि, मोहित नेहा के घर का डोर नॉक करता है….जब नेहा बाहर जाकर गेट खोलती है. तो सामने मोहित को खड़ा देखती है….”आंटी जी मा इधर है क्या”

नेहा: हां बेटा वो अंदर है…

मोहित: आंटी जी मा को घर भेज दो….पापा को कोई काम से जाना है खेतो मे… उनका खाना पॅक करना है…

नेहा: अच्छा अभी भेजती हूँ….

ये कह कर जैसे ही नेहा वापिस मुड़ने लगी, तो वो कुछ सोच कर रुक गई….उसने फिर से मोहित को आवाज़ डी….”मोहित बेटा सुनो तो ज़रा…”

मोहित: जी आंटी जी….

नेहा: वो मुझे पीछे स्टोर रूम में कुछ समान ठीक करवाना है… बहुत भारी समान है….तुम मेरे मदद कर दोगे थोड़ी देर आकर…

मोहित: जी आंटी….में थोड़ी देर में आता हूँ….
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04-08-2019, 12:30 PM,
#65
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
मोहित के जाने के बाद, नेहा रूम में आई. और सारी बात कमला को बता डी. कमला ने मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा…फिर उसकी चूत को सलवार के ऊपेर से मसलते हुए बोली….”अभी तो इतने नखरे कर रही थी..कि डर लग रहा है…और अभी खुद ही सारा प्रोग्राम सेट कर लिया तूने”

नेहा: आहह हट गस्ति…..चल जा अब तेरा ख़सम तेरा इंतजार कर रहा है…

कमला: लगता है…आज तो तू मोहित का लंड अपनी फुद्दि में लेकर ही रेहगी….हा हहा….

नेहा: अच्छा अब तू जाएगी भी…टाइम देख…

कमला: (घड़ी की ओर देखते हुए) अभी 10:30 हुए है…अभी 4 घंटे है तेरे पास…दिल खोल कर आज अपनी फुद्दि मरवा लेना….

फिर कमला हँसते हुए, अपने घर चली गई…..कमला ने अपने पति को खाना दिया….थोड़ी देर बाद कमला का पति, खेतो के लिए चला गया. कमला उठ कर अपने घर के पीछे आ गई….जहाँ पर उन्हो ने भी भैंसो को बांधने के लिए छप्पर बनाए हुए थे….दोनो घर के बीच में कोई 6 फुट उँची दीवार थी…वहाँ जा कर उसने हालत का जायज़ा लिया. और फिर से आगे की तरफ आ गई…

उसने देखा मोहित अपने कमरे में बैठा हुआ, कुछ सोच रहा था… वो थोड़ा सा परेशान भी लग रहा था….कमला मोहित के पास गई. और उसकी ओर मुस्कुराते हुए देख कर बोली…..” क्या क्या सोच रहे हो ?” मोहित कमला की आवाज़ सुन कर अपने ख्यालो से बाहर आया….

मोहित: कुछ भी नही मा…..बस ऐसे ही….

कमला: अच्छा वो नेहा बोल रही थी…उसे कुछ भारी समान ठीक से रखना है…अगर अब तेरी तबीयत ठीक है, तो जा अपनी आंटी की मदद कर दे जाकर….

मोहित: अच्छा जाता हूँ….

ये कह कर मोहित उठ कर बाहर चला गया….फिर उसने नेहा के घर के सामने जाकर गेट को खटखटाया…थोड़ी देर बाद नेहा ने गेट खोला. और सामने मोहित को खड़ा देख कर अपने होंठो पर कातिल मुस्कान लाते हुए बोली…” अंदर आ जाओ” जैसे ही मोहित अंदर आया….नेहा ने बाहर गली में चारो तरफ देखा…गरमी की वजह से बाहर कोई नही था….नेहा हर बात का ऐसे ध्यान रख रही थी…जैसे कोई चोरी करने जा रही हो…

वो भी अंदर से घबराई हुई थी….फिर उसने गेट बंद किया. और पलट कर अंदर जाने लगी…तो मोहित अभी भी वही खड़ा था…उसने फिर से मोहित को देख कर मुस्कराया…और फिर अंदर की तरफ जाने लगी…मोहित भी उसके पीछे चलते हुए बरामदे में आ गया….

नेहा: कुछ लोगे तुम चाइ ठंडा…

मोहित: जी. जी नही में अभी नाश्ता करके आया हूँ….

नेहा: (अपने रूम में गई, और पिछले स्टोर रूम की चाभी लेकर आ गई. और मोहित को देते हुए बोली) ये लो तुम जाकर पीछे का स्टोर रूम खोलो. में कपड़े बदल कर पुराने कपड़े पहन कर आती हूँ….वहाँ तो बहुत धूल जमी होगी…..मोहित ने नेहा से चाभी ली, और पीछे चला गया…उसने वहाँ जाकर स्टोर रूम का डोर खोला, स्टोर रूम समान से एक दम भरा हुआ था.

एक तरफ अनाज रखने के लिए बड़े-2 ड्रम रखे हुए थे…एक तरफ कुछ पुरानी अलमारियाँ, और एक तरफ वही चारपाई और बिस्तर पड़े हुए थे. जिस पर कुछ एक महीने पहले पायल की चुदाई हुई थी…चारपाई पर एक के ऊपेर एक बिस्तर बिछे हुए थे…जिससे एक बहुत ही नरम बिस्तर तैयार था.

मोहित अंदर आकर चारपाई पर बैठ गया….और नेहा के आने का इंतजार करने लगा…थोड़ी देर बाद नेहा स्टोर रूम में आ गई…..उसने एक पुराना सा वाइट कलर का सलवार कमीज़ पहना हुआ था…जैसे ही नेहा स्टोर रूम में अंदर आई….मोहित की नज़र सबसे पहले, नेहा की कमीज़ में फँसी हुई चुचियों पर पड़ी…जो कमीज़ तंग होने के कारण अलग ही नज़र आ रही था…..

और उस वाइट कलर की कमीज़ में सॉफ पता चल रहा था. कि नेहा ने नीचे ब्रा नही पहनी थी….नेहा अपने साथ कुछ पुराने कपड़े लेकर आई थी..सफाई के लिए…उसने एक कपड़ा मोहित की तरफ बढ़ाते हुए कहा….

नेहा: मोहित ये लो….और इन ड्रम्स को सॉफ कर दो….में तब तक वो अलमारी सॉफ कर देती हूँ…..

मोहित चारपाई से उठा, और नेहा के हाथ से कपड़ा लेकर, आनाज़ के ड्रम्स को सॉफ करने लगा….नेहा ने एक बार उसकी तरफ देखा. और फिर मुस्करा कर पुरानी अलमारी को सॉफ करने लगी….हालाँकि स्टोर रूम का पंखा चल रहा था. पर स्टोर रूम काफ़ी दिनो से बंद था…इसीलिए अंदर हुमस बहुत ज़्यादा थी….पर बाहर अब बादल घिरने लगे थे…और धूप बादलो की वजह से छुप गई थी…दोनो कुछ ही देर में पूरे पसीने से भीग गए….

पसीना पोंछते हुए मोहित की नज़र अचानक से नेहा पर पड़दी….उस समय नेहा आलामरी को सॉफ कर रही थी…उसकी पीठ मोहित की तरफ थी. उसका पतला सा वाइट कमीज़ पसीने से भीग कर उसकी पीठ से चिपका हुआ था….और उसकी पीठ सॉफ नज़र आ रही थी….मोहित के लंड में ये देख कर ही हलचल होने लगी…
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04-08-2019, 12:30 PM,
#66
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
नेहा को इस बात का अंदेशा हो गया था कि, मोहित अब उसकी तरफ ही देख रहा है…ये सोचते ही, उसके होंठो पर मुस्कान फेल गई…उसकी कमीज़ आगे से भी पसीने से गीली होकर उसके मम्मो पर चिपक गई थी. और उसके मम्मे वाइट कमीज़ में सॉफ झलक रहे थे….यहाँ तक कि उसके गोरी-2 चुचियों के काले रंग के बड़े-2 निपल सॉफ दिख रहे थे….नेहा ने अपने दुपट्टे को अपने गाले के साथ सटा रखा था…

जब उसे अहसास हुआ कि, अब मोहित को भी उसका पिछला हिस्सा सॉफ नज़र आ रहा होगा…ये सोचते ही, उसके बदन में अजीब सी सुरसुरी दौड़ गई…उसने पलट कर मोहित की तरफ देखा…जैसे ही दोनो के नज़रे आपस में टकराई….मोहित एक दम से हड़बड़ा गया…और फिर से आगे को देखते हुए, ड्रम्स को सॉफ करने लगा….

मोहित की ये हड़बड़ाहट देख कर नेहा की हँसी छूटने ही वाली थी. पर उसने अपने आप को किसी तरह संभाला…और अपने मन में सोचते हुए बोलने लगी..”बच्चे अभी तो कुछ देखा ही नही तूने अब आगे-2 देख तेरा क्या हाल होता है” ये सोचते हुए, उसने अपने दुपट्टे को अपनी चुचियों पर ठीक किया, और मोहित के पास जाकर बोली….

नेहा: थक गए क्या…?

मोहित: हां नही तो…वो बस गरमी कुछ ज़्यादा है…..(सर झुकाए हुए)

नेहा: हां वो तो है…कमला ने बताया था कि, तुम्हारी तबीयत ठीक नही है…इसीलिए तुम आज स्कूल नही गए….अगर ज़्यादा थकान हो तो रहने दो..

मोहित: नही आंटी में ठीक हूँ…वो बस सुबह थोड़ा तबीयत ठीक नही थी..अब ठीक है….

नेहा: अर्रे देखो तो तुम्हे कितना पसीना आ रहा है…

ये कहते हुए, नेहा ने अपना अगला वार किया….और उसने अपने दुपट्टे को उतारते हुए अपने हाथो में लेकर मोहित के चेहरे को सॉफ करना शुरू कर दिया….”देखो कितना पसीना आया है…लाओ में सॉफ कर देती हूँ…” जैसे ही नेहा ने अपने दुपट्टे को उतारा….मोहित की साँसे उसके हलक में अटक गई. नेहा की 38 साइज़ की चुचियाँ उसके पसीने से भीगी हुई, कमीज़ में सॉफ दिखाई दे रही थी….उसके काले रंग के मोटे-2 निपल जो कि एक दम तने हुए थे…जैसे मोहित को कह रहे हो…हमे अपने मुँह में भर कर चूसो. निचोड़ दो हमे….

और निपल के चारो तरफ डार्क ब्राउन कलर के सर्कल जो कि 3 इंच के गोलाई में फेले हुए थे…उन्हे देख कर तो, मोहित का लंड लोहे के रोड के तरह अकड़ गया…नेहा मोहित के चेहरे पर पसीने पोंछते हुए, उसकी आँखो की तरफ देख रही थी…और अपने मन ही मन मुस्करा रही थी…

नेहा की चुचियों और निपल्स को देख कर मोहित को लग रहा था कि, वो वही पर झाड़ जाएगा….नेहा ने उसके माथे से पसीना सॉफ किया….और फिर उस दुपट्टे को चारपाई पर फेंक दिया…और फिर से अलमारी की तरफ जाकर सफाई करने लगी….मोहित का तो जैसे बुरा हाल हो गया…जैसे ही नेहा ने उसकी तरफ पीठ की, मोहित ने अपने लंड को पेंट के ऊपेर से पकड़ कर मसला. और फिर से काम में लग गया…

थोड़ी देर और काम करने के बाद….मोहित ने फिर से फेस घुमा कर नेहा की तरफ देखा…..इस बार जो मोहित ने देखा…वो उसकी बर्दस्त से बाहर था. नेहा अपने एक हाथ को अलमारी से टिकाए हुए, झुक कर अलमारी के नीचे वाले हिस्से को सॉफ कर रही थी….उसने अपनी कमीज़ के पल्ले को पीछे से उठा कर अपनी सलवार के जबरन में फँसा रखा था….और उसकी सलवार उसकी गान्ड से पसीने की वजह से एक दम चिपकी हुई थी….

नेहा की बड़ी-2 और मोटे गान्ड सॉफ नज़र आ रही थी….नेहा ने इसके अलावा भी और कुछ कर रखा था…मोहित पर बिजली गिराने को….ऐसे झुक कर अलमारी सॉफ करने के कारण उसकी गान्ड पीछे से बाहर की तरफ निकली हुई थी..मोहित का दिल तो कर रहा था..

वो अभी जाकर नेहा की सलवार उतार कर उसकी गान्ड में अपने लंड घुसेड दे….पर उसकी हिम्मत नही हो रही थी… अलमारी सॉफ करते हुए, अचानक से नेहा ने अपनी दोनो टाँगो को थोड़ा सा फेला दिया. फिर मोहित को वो चीज़ नज़र आई. जो नेहा ने पहले से प्लान कर रखी हुई थी….

जिस तरह से नेहा अपनी टाँगो को फैलाया था…उससे उसकी सलवार उसकी गान्ड से खिंच गई….जो उसकी गान्ड और चूत वाली जगह से फटी हुई थी…. अब उस फटी हुई सलवार के छेद से मोहित को जैसे ही, उसके गान्ड की दरार नज़र आई. तो उससे साँस लेना भी मुस्किल हो गया….

लंड अपनी औकात से कुछ ज़्यादा ही फूलने लगा….और फिर उससे नेहा की झांतो से भरी हुई चूत की फांको के बीच की लकीर नज़र आई. पर मोहित उसे देख कर आँहे भरते हुए, अपने लंड को मसल कर रह गया….नेहा झुक कर कनखियो से पीछे ही देख रही थी….और मंद-2 मुस्करा रही थी…ये सब सहन करना अब मोहित के लिए मुस्किल होता जा रहा था….

फिर अचानक से नेहा सीधी हुई, और मोहित की तरफ देखने लगी.. मोहित का हाथ अभी भी उसके पेंट के ऊपेर से उसके लंड पर था…वो अपने ख्यालो में खोया हुआ अपने लंड को मसल रहा था…फिर नेहा ने ऐसे आवज़ की, जैसे वो खांस रही हो….ख्यालो की दुनिया से बाहर आते हुए, मोहित एक दम से घबरा गया….नेहा ने अपने होंठो को दांतो में दबा कर मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा….

नेहा: ये क्या कर रहे थे…. (अपने निचले होंठो को अपने दांतो से दबाते हुए)

मोहित: (एक दम हड़बड़ाते हुए) का क कुछ नही…..

नेहा: अच्छा कुछ नही…फिर अपने हथियार को क्यों दबा रहे थे…सच सच बताओ क्या सोच रहे थे…..

मोहित: (नेहा की बात सुन कर मोहित एक दम से घबरा जाता है….) नही कुछ नही वो बस वो…..

नेहा: वो वो क्या बता ना ?

मोहित: वो मुझे यहाँ पर खुजली हो रही थी….

नेहा: झूठ…

मोहित: जी…

नेहा: अच्छा सिर्फ़ खुजली हो रही थी….

मोहित: जी आंटी में सच कह रहा हूँ….

नेहा: (मोहित के पास आते हुए) अच्छा तो फिर इसे खड़ा क्यों कर रखा है. सच सच बताओ नही तो में कमला को बता दूँगी…..

ये कहते हुए, नेहा ने उसकी पेंट के ऊपेर से उसके लंड पर थपकी लगा डी. और फिर कपड़े को नीचे फेंक चारपाई की तरफ बढ़ी….और फिर मोहित की तरफ घूमते हुए, चारपाई पर पीठ के बल लेट गई…फिर उसने अपनी चारपाई के नीचे लटकती टाँगो को घुटनो से फोल्ड कर ऊपेर उठा कर अपने पैरो को चारपाई के किनारे पर टिका कर अपनी टाँगो को पूरा खोल लिया….
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04-08-2019, 12:30 PM,
#67
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
मोहित का लंड जो अभी-2 डर के कारण बैठ गया था….सामने का नज़ारा देख कर फिर खड़ा होने लगा…जिस तरह से नेहा अपनी टाँगो को फोल्ड करके चारपाई पर लेट कर फेलाए हुए थी….उससे उसकी चूत सॉफ दिखाई दे रही थी….और अब तो उसकी चूत की फांके फेली होने के कारण उसकी चूत का गुलाबी रसदार छेद भी सॉफ दिखाई दे रहा था…..

नेहा: बोल ना क्या सोच रहा है. या फिर कमला को बता दूं….

एक तो मोहित का बुरा हाल था….ऊपेर से वो अपनी टाँगो को खोल कर अपनी खुली हुई झांतो भरी चूत को मोहित को दिखाते हुए ये सब पूछ रही थी.

मोहित: वो आंटी वो में….

नेहा: हां-2 बोल ना….

मोहित: आंटी आप गुस्सा करेंगे….

नेहा: अगर नही बताएगा तो फिर तेरी मा गुस्सा करेगी…चल में नही करती.

मोहित: आंटी वो आपकी वो दिखाई दे रही है….इसीलिए मेरा खड़ा….

इससे आगे मोहित सेना बोला पाया…और ना ही उसकी हिम्मत हो रही थी.. नेहा चारपाई पर लेटे हुए ऊपेर छत की ओर देख रही थी…मोहित की बतो को सुन कर नेहा ने किसी तरह अपनी हँसी को रोका….”क्या देख कर खड़ा हो गया तेरा…मेरा क्या दिख रहा है…..” नेहा ने अपने नज़रे मोहित की ओर डालते हुए पूछा….

मोहित: वो वो आपकी सलवार….

मोहित की तो जैसे गान्ड फॅट रही थी….ये सब बोलने में….वो इतना ही बोल कर चुप हो गया….”क्या हुआ मेरी सलवार को अर्रे सलवार देख कर भी खड़ा होता है क्या….सच-2 बता….” अब मोहित की गान्ड ऐसे फॅट रही थी… जैसे वो कोई चोरी करके पोलीस के सामने खड़ा हुआ हो….” नही आंटी आपकी सलवार नही वो देख कर”

नेहा: (अपने फेस को दूसरी तरफ कर मुस्कुराते हुए) क्या देख कर सॉफ -2 बोल में तुझसे गुस्सा नही होउंगी….

मोहित: वो आंटी आप की फुद्दि दिखाई दे….

नेहा: (जान बूझ कर चोन्कने का नाटक करते हुए उठ कर बैठ जाती है) हाए हाए क्या कह रहे हो….तुझे कैसे दिखाई दी मेरी फुद्दि….

मोहित: वो वो आपकी सलवार फटी है….

नेहा: (फिर से चोन्कने का नाटक करते हुए) कहा ओह्ह हाई ओई….में भी ना ज़रा भी ध्यान नही दिया….सारी ग़लती मेरी है… और मेने बेकार में तुझे डांटा….चल इधर आ घबरा मत…

मोहित नेहा की तरफ बढ़ा, जैसे ही मोहित नेहा के करीब पहुँचा….नेहा ने उसका हाथ पकड़ कर अपने बदन से चिपका लिया….अब नेहा चारपाई पर नीचे पैर लटका कर बैठी थी….जैसे कि पहले भी बता चुका हूँ कि, चारपाई पर बहुत से सारे बिस्तर एक के ऊपेर एक बिछे हुए थे…इस लिए नेहा काफ़ी ऊपेर बैठी थी….

जैसे ही नेहा ने मोहित को अपने गले से लगाया, नेहा की 38 साइज़ की चुचियाँ मोहित की छाती में धँस गई…वो उसको अपनी बाहों में लिए हुए, अपनी चुचियों को उसकी छाती में रगड़ने लगी…मोहित तो जैसे सवर्ग में पहुँच गया था…फिर बाहर अचानक बदल गर्जने लगे….और तेज बारिश शुरू हो गई..ठंडी-2 हवा स्टोर रूम में आने लगी…

बादलो के गर्जने की आवाज़ सुन कर नेहा ने मोहित को अपने से अलग करते हुए, बाहर की ओर देखा तो, बाहर बारिश जोरो पर थी…अब इतनी तेज बारिश में उसके घर पर किसी के आने का सवाल भी नही था…नेहा अब थोड़ा रिलॅक्स फील कर रही थी…फिर उसने मोहित के सर पर हाथ फेरते हुए बोला…

नेहा: तू घबरा मत कमला को नही बताउन्गि….पर तू ना अब बहुत शरारती हो गया है….अपनी आंटी की फुददी को ऐसे छुप कर देख रहा था. और अपना लंड भी खड़ा कर लिया….

मोहित नेहा के मुँह से ऐसे लंड और चूत जैसे शबाद सुन कर एक दम चोंक गया…वो आँखे फाडे नेहा को देखने लगा…..नेहा ने फिर से वही कातिल मुस्कान के साथ उसकी तरफ देखा और बोली “अच्छा सच-2 बता तुझे मेरी वो अच्छी लगती है….” नेहा के इस सवाल ने मानो जैसे मोहित पर बॉम्ब फोड़ दिया हो….वो एक दम सुन्न हो गया….और अपना मुँह खोल कर नेहा की ओर देखने लगा…

नेहा: बता ना…तुम्हे अच्छी लगती है वो…

मोहित: (घबराते हुए) हां आंटी…..

नेहा: (अपना मुँह बनाते हुए) अच्छा सिर्फ़ वही अच्छी लगती है तुझे में अच्छी नही लगती….

मोहित नेहा की ये बात सुन कर थोड़ा खामोश हो गया….फिर उसको कुछ ना बोलता देख कर, नेहा फिर से बोली…..”अच्छा तुझे अपनी आंटी की वो देखने में मज़ा आता है ना ?” मोहित तो जैसे सुन्न हो चुका था…उसका तो वो हाल हो रहा था कि, काटो तो खून ना निकले…..पर फिर भी उसने हिम्मत करके, उसने हां में सर हिला दिया…

नेहा: (अपने होंठो को दांतो में दबाते हुए) अच्छा तो फिर इतना क्यों घबरा रहा है…मेने कुछ कहा क्या तुमसे….?

मोहित: नही आंटी जी…

नेहा: तो फिर घबरा मत….अच्छा चल छोड़ ये सब तुझे मेरी वो देखने में अच्छा लगता है ना..बोल फिर से देखे गा…

मोहित: नही हां आंटी…..

नेहा: देखेगा….? (नेहा की साँसे भी अब तेज होने लगी थी…भले ही वो ऊपेर से मोहित पर हावी होने की कॉसिश कर रही थी….पर अंदर से उसका भी मोहित जैसा हाल हो रहा था….

मोहित: हां आंटी….

नेहा फिर एक बार उसकी तरफ वासना भरी मुस्कान से देखा, और फिर से वैसे ही लेट गई…उसने लेटते हुए अपनी टाँगो को मोड़ कर फिर से पैरो को चारपाई के किनारों, पर टीकाकार अपनी जाँघो को फेला लिया….एक बार फिर से नेहा की चूत का रस से भीगा हुआ छेद और उसकी काली झांते मोहित की आँखो के सामने आ गई….

मोहित का लंड ये देख कर पेंट में झटके खाने लगा…मोहित अपनी आँखो खोले काफ़ी हद तक नेहा की चूत की ओर देख रहा था….और नेहा मुस्कुराते हुए, मोहित के चेहरे को देख रही थी….दोनो का अब बुरा हाल था…ये सोच कर ही नेहा की चूत पानी छोड़ने लगी थी, उसके बेटे की उम्र का लड़का उसकी चूत को ऐसे देख रहा है…

और उसे भी खुद पर हैरानी हो रही थी कि, वो अपनी चूत की आग को लेकर इतनी बेबस कैसे हो गई कि, वो अपने बेटे के दोस्त को इस तरह अपनी चूत के दर्शन करवा कर ही गरम हो रही है…

नेहा भी अब एक दम चुदासी हो गई थी….उसकी चूत के फांके फड़फदा रही थी….मोहित नेहा के बिकुल करीब खड़ा ये सब देख रहा था….नेहा की चूत से कामरस निकल कर बहता हुआ उसकी गान्ड के छेद की तरफ जा रहा था….जिसे देख मोहित और जोश में आने लगा….

नेहा को भी मोहित की हालत का अंदाज़ा हो गया..उसने लेटे हुए अपनी आँखें बंद किए हुए, मोहित से कहा….”सिर्फ़ देखने का ही मन है ना….छूने का दिल तो नही कर रहा”

मोहित: (एक दम चोन्कते हुए) नही आंटी हां आंटी….

नेहा: नही या हां ?

मोहित: हां आंटी….

नेहा: तो छू ले ना….मेने कब मना किया है….

नेहा की बात सुन कर मोहित का दिल जोरो से धड़कने लगा….वो धीरे-2 नेहा की टाँगो के बीच में पहुँच गया….और अपने काँपते हुए हाथ को उसकी चूत की तरफ बढ़ा दिया….नेहा ने एक बार अपनी आँखे खोल कर मोहित की ओर देखा, और फिर से अपनी आँखो को बंद करके उस लम्हे का इंतजार करने लगी. जब मोहित उसकी चूत को छुएगा….

क्रमशः................................
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04-08-2019, 12:30 PM,
#68
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
छोटी सी जान चूतो का तूफान--20

जब मोहित नेहा की टाँगों के दरमियान बेहद करीब आ गया….नेहा के दिल की धड़कने तेज हो गई….उसने अपनी आँखो को थोड़ा सा खोल कर देखा, तो मोहित उसकी चूत की तरफ ही देखा रहा था….और अपने हाथ को धीरे-2 नेहा की चूत की ओर बढ़ा रहा था….

नेहा ने फिर से अपनी आँखें बंद कर ली, मोहित धीरे-2 अपने हाथ को नेहा की चूत के पास ले गया, और अपनी तीन उंगलियो को नेहा की झांतो से भरी चूत की फांको पर लगा दिया……”सीईइ ओह्ह्ह मोहित अहह” नेहा मोहित की उंगलियो को अपनी चूत पर महसूस करते ही सिसक उठी….मोहित कुछ पॅलो के लिए रुका औरकी ओर देखा….नेहा अपनी आँखे बंद किए हुए, अपने होंठो को दांतो से चबा रही थी…

ये सेक्सी नज़ारा देख मोहित का लंड और झटके खाने लगा…उसने अपनी उंगलियो को धीरे-2 नेहा की चूत की फांको पर रगड़ना शुरू कर दिया. अपनी चूत पर नेहा मोहित की उंगलियो की रगड़ महसूस करके एक दम मस्त हो गई…और वो अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर झटके देने लगी…ये देख मोहित का हॉंसला भी बढ़ने लगा…..और वो भी पूरे जोश में आकर अपनी उंगलियो को नेहा की चूत पर रगड़ने लगा….नेहा मस्ती में सिसकारियाँ भरने लगी…”आहह सीईइ मोहित आह सीईईईई उंह क्या क्या कर रहे अह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मोहित……

नेहा सिसकते हुए मदहोश होती जा रही थी….वो मोहित का बिल्कुल भी विद्रोह नही कर रही थी….और अब उसने अपनी टाँगो को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठा लिया था…मोहित की उंगलियाँ भी, नेहा की चूत से निकल रहे पानी से सन गई….अब मोहित के बेचैनी बढ़ती जा रही थी…और अब उसे बर्दास्त करना मुस्किल होता जा रहा था….

जोश में आकर उसने अपनी दो उंगलियाँ नेहा की चूत के छेद में घुसा डी. नेहा एक दम से सिसक उठी….”उंह सीईईईईई मोहितत्त हाई….” नेहा का बदन झटके खाने लगा…तभी अचानक बाहर से, कमला की आवाज़ आई, जो अपने घर से दीवार के पास एक टेबल पर चढ़ कर लगा रही थी…

कमला की आवाज़ सुन कर नेहा और मोहित दोनो हड़बड़ा गए….मोहित एक दम से पीछे हट गया…नेहा भी जल्दी से उठ कर बाहर आई, तो वो दीवार के दूसरी तरफ से नेहा को बुला रही थी….सारा मूड खराब कर दिया गस्ति ने. नेहा ने मन ही मन कमला को कोसा, और फिर दीवार के पास बोली. “ क्या बात है क्यों चिल्ला रही है…”

बाहर अभी भी हल्की बारिश हो रही थी….”अर्रे वो में कहने आई थी कि, तुम्हारी ये जलावन की लकड़ियाँ बाहर भीग रही है…इन्हे तो उठा ले…” फिर कमला ने नेहा को आँख मारी, और टेबल से नीचे उतर गई… उसके जाते ही नेहा रूम में आई…मोहित वही चारपाई पर खड़ा था…”मोहित बेटा वो ज़रा बाहर से लकड़ियाँ उठा कर सामने भैंसो वाले कमरे में रख दो..”

मोहित: मा क्या कह रही थी…

नेहा: कुछ नही तू जा लकड़िया रख दे…वैसे भी आज तूने मेरे साथ बहुत कुछ कर लिया….आज के लिए इतना ही काफ़ी है….

मोहित उदास से चेहरा लेकर बाहर चला गया….और बाहर से लकड़ियाँ उठा कर भैंसो वाले कमरे में रखने लगा…उधर नेहा स्टोर रूम में मोहित की हालत पर मंद ही मंद मुस्करा रही थी…पर अब उसकी चूत में खुजली और बढ़ चुकी थी…और उसकी चूत लंड लेने के फुदक रही थी…वो अपनी सलवार के छेद में से अपनी उंगलियाँ डाल कर अपनी चूत पर फेरने लगी…जैसे ही उसने अपनी चूत पर अपनी उंगलियाँ फेरी…

उसकी उंगलिया उसके कामरस से भीग गई…तभी उसे बाहर से मोहित के कदमो की आहट अंदर की ओर आते हुए, महसूस हुई. उसने जलदी से अपनी सलवार से अपनी उंगलियाँ निकाली. और मोहित अंदर आ गया…अंदर आने के बाद वो सर झुका कर खड़ा हो गया..

नेहा एक बार फिर से मोहित के हालत देख कर मंद-2 मुस्कुराने लगी…और फिर उसकी तरफ पीठ करके चारपाई की ओर पलटी….और चारपाई पर बिस्तरो के ऊपेर रखे तकये को मोहित को देते हुए खुद ऊपेर पड़े बिस्तरो को झाड़ने लगी….मोहित अपने एक हाथ वो तकिया पकड़े खड़ा था…और वो मन ही मन अपनी मा को भी कोस रहा था…..

नेहा की चूत में आग अब इस कदर बढ़ चुकी थी कि, वो लंड लेने के लिए मचल रही थी…..वो एक बार तो मोहित को खुलेआम अपनी चूत दिखा कर, मोका बना चुकी थी….पर दोबारा से पहल करने से शरमा रही थी.. उसके दिल में बार-2 यही आ रहा था कि, कही मोहित उसे घटिया और गिरी हुई औरत ना समझ ले….

पर फिर भी चूत की आग इतनी भाड़क चुकी थी….कि उसका दिल कर रहा था कि, मोहित खुद उसे पकड़ कर चोद दे….ये सोचते हुए, वो बिस्तरॉ पर झुक कर साफाई करने लगी…एक बार फिर से पीछे से उसकी गान्ड ऊपेर होकर बाहर आ गई….नेहा ये सब ऐसे कर रही थी…जैसे वो अंज़ान हो…वो सफाई करते हुए कुछ ज़्यादा ही झुक रही थी….

एक बार फिर से उसकी फटी हुई सलवार से उसकी गान्ड और चूत की फांके नज़र आने लगी….मोहित का बुरा हाल हो गया…और वो अपने दूसरे हाथ से अपने लंड को मसलने लगा….नेहा ने अपनी तिरछी नज़रो से मोहित की ओर देखा. और फिर मुस्कुराते हुए, बिना उसकी ओर देखे बोली..”लाओ मोहित वो तकिया दे दो….” मोहित तकिया लेकर नेहा के ठीक पीछे आ गया….

औट तकिया को नेहा की तरफ बढ़ा दिया….नेहा ने बिना पीछे पलटे अपना हाथ पीछे लेजाकार तकिये को लेकर चारपाई पर रख दिया…और अपनी गान्ड को पीछे से और बाहर निकाल लिया….नेहा की बड़ी गान्ड देख कर मोहित अब अपना आपा खो बैठा….नेहा मुस्कुराते हुए, जान बुझ कर चद्दर झाड़ने में कुछ ज़्यादा ही टाइम लगा रही थी….

ये सब करते हुए, नेहा का दिल ज़ोर से धक-2 कर रहा था….”ह सीईइ आह मोहित आह यी ईए क्याअ हइई ओई राबा ह अहह” हुआ ये कि, मोहित ने अपना लंड निकाला. जो पहले से ही लोहे की रोड के तरह तना हुआ था….मोहित ने आव देखा ना ताव, और अपने लंड को नेहा की चूत के छेद पर टिकाते हुए, ज़ोर दार झटका मारा…लंड का सुपडा नेहा की चूत के छेद को फेलाता हुआ पूरा अंदर जा घुसा….

जब तक नेहा संभाल पाती, मोहित ने दो तीन बार अपने लंड को नेहा की चूत के अंदर बाहर कर दिया था….नेहा के पूरे बदन करेंट सा दौड़ गया….और वो चारपाई पर लुढ़कते हुए पेट के बल लेट गई…मोहित भी उसके ऊपेर आ गिरा….मोहित का लंड अभी भी उसकी चूत में ही था…
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04-08-2019, 12:31 PM,
#69
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
नेहा: हाई ओई मार सुटेया…कमीने ने….आह…..

मोहित: सा सा सॉरी आंटी जी….वो मुझसे कंट्रोल नही हुआ….

नेहा: हाई मार दित्ता…तू बड़ा गंदा है मोहित….अब उठ मेरे ऊपेर से..जल्दी कर…..

मोहित नेहा की गान्ड के थोड़ा सा नीचे होकर घुटनो के बल बैठ गया. और अपने लंड को धीरे-2 खेंचते हुए, बाहर निकालने लगा…जैसे-2 मोहित के लंड का सुपाड़ा नेहा की चूत केए दीवारो से रगड़ खा कर बाहर आ रहा था. नेहा के पूरे बदन में मस्ती के लेहरे दौड़ने लगी….”सीईइ मोहित आह” मोहित ने अपने लंड को बाहर निकाला…..और फिर चारपाई पर एक साइड में बैठ गया…

नेहा तो मोहित के लंड के तीन धक्को से ही मदहोश हो गई थी…उसने पलट कर पीठ के बल लेटते हुए, मोहित की तरफ अपनी मदहोशी से भरी आँखो से देखा और कहा…”मोहित तुम बहुत गंदे हो…अपनी आंटी के साथ ऐसे करते है….”

मोहित: आंटी वो वो में वो….

नेहा: (बॅनवाटी गुस्सा दिखाते हुए) अच्छा पता है मुझे….बड़ा आया कंट्रोल नही हुआ आंटी….अब में किसी को मुँह दिखाने लायक नही रही…..

मोहित: सा सा सॉरी आंटी….मुझसे ग़लती हो गई….

नेहा: अब दूध के दाँत टूटे नही…और जनाब चले है फुद्दि मारने … वो भी अपनी आंटी की…..शरम नही आती तुझे….

मोहित: वो आंटी में वो….

नेहा: एक तो तू ना घबराता बहुत है…मेने कुछ कहा क्या ? अच्छा सुन ये बात किसी को नही बताओगे….में तुम्हे वो दूँगी….

मोहित: का क्या आंटी….

नेहा: बहन्चोद जो अभी मेरी मार रहा था….

नेहा की ये बात सुनते ही, मोहित की ज़ुबान किसी प्यासे कुत्ते की तरह बाहर आकर लटकने लगी….उसे अपने कानो पर यकीन नही हो रहा था….नेहा ने फिर से उसकी तरफ देखते हुए कहा….”बोल क्या इरादा है….”

मोहित: आंटी आप जैसे कहोगे में करूँगा…

नेहा ने फिर से आपने होंठो पर मुस्कान लाते हुए कहा…”अच्छा जी तो फिर ये ले…” ये कहते हुए, नेहा एक दम से उठ कर बैठ गई…और अपनी कमीज़ को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर उठाते हुए, अपने गाले से निकाल दिया….उसके 38 साइज़ की बड़ी-2 चुचियाँ उछल कर मोहित के चेहरे के सामने आ गई…मोहित आँखें फाडे कभी नेहा की चुचियों को तो कभी नेहा के चेहरे की ओर देखता…..

नेहा ने मुस्कुराते हुए देखा और बोली….”क्या हुआ तुझे ये अच्छी नही लगती.. या सिर्फ़ फुद्दि ही देखने का शॉंक है” मोहित तो जैसे सपनो के दुनिया में खोया हुआ था….उसे अपनी किस्मत पर यकीन नही हो रहा था…कि, उसकी मा की उम्र की ही एक मस्त और गदराई हुई औरत उसके सामने ऐसे नंगी बैठी हुई थी….नेहा ने मोहित को कपड़े से पकड़ कर हिलाते हुए कहा. “क्या हुआ कहाँ खो गए”

मोहित: कुछ नही…..

नेहा को मोहित के भोले पन पर प्यार आने लगा था…तभी उसकी नज़र अचानक उसके लंड पर पड़ी…जो उसकी चूत के कामरस से भीगा हुआ, चमक रहा था….नेहा का दिल जोरो से धड़कने लगा….उसने मोहित को कंधो से पकड़ कर अपनी ओर खेंचा, और फिर चारपाई पर सीधे लेटते हुए, उसे अपने ऊपेर लेटा लिया….

मोहित का चेहरा नेहा की बड़ी-2 गुदाज़ चुचियों पर दब गया….नेहा अब बिल्कुल भी इंतजार नही करना चाहती थी….उसने अपने हाथों को नीचे लेजाकार मोहित की पेंट को खोल कर नीचे सरका दिया…जैसे ही मोहित की पेंट उसके घुटनो तक आई, फिर उसने अपनी टाँगो को खोल कर मोहित की टाँगो पर चढ़ाते हुए, टाँगो की मदद से उसकी पेंट को टाँगो से निकाल दिया…और फिर मोहित के सर को पकड़ कर उसके होंठो को अपनी चुचि पर रगड़ते हुए बोली.

नेहा: (मदहोशी से काँपति आवाज़ में) ओह्ह मोहित पुत्तर चूस ले अपनी आंटी के मॅम ओह्ह्ह चुस्स ना….

मोहित तो जैसे इस पल का इंतजार कर रहा था….उसने अपने मुँह को खोला, और नेहा की लेफ्ट चुचि के मोटे काले रंग के निपल को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया…”उंह सीईईई अहह हाईए ओई आह हां चूस मोहित आह चुस्स्स्स्स ना और ज़ोर से चुस्स्स अहह” मोहित भी अब पूरे जोश में बिना किसी डर के , नेहा के मम्मे को जितना हो सकता था. मुँह में भर कर चूसने लगा….

नेहा के बदन में मस्ती की लहरे दौड़ने लगी….उसने अपनी जाँघो को पूरा फेला लिया, और अपना एक हाथ नीचे लेजाकार, मोहित के लंड को पकड़ कर, अपनी चूत के छेद पर लगा दिया…..”आह हाईए माअर दे” जैसे ही मोहित के लंड का सुपाडा नेहा की चूत के छेद पर लगा….मोहित से रहा नही गया….और उसने ज़ोर से अपनी कमर को आगे की तरफ धकेला…मोहित का पूरा लंड एक ही बार, में नेहा की चूत की गहराईयो में उतर गया..
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04-08-2019, 12:31 PM,
#70
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
नेहा अपनी चूत की दीवारो को मोहित के लंड पर कस्ति हुई महसूस करके सिहर उठी….उसकी कमर ने एक तेज झटका खाया, और उसकी चूत ने कुछ और बूंदे पानी की छोड़ डी….मोहित भी अपने लंड को नेहा के गरम पानी से बहती हुई चूत के अंदर महसूस करके, एक दम मस्त हो गया…

नेहा ने अपनी टाँगो को घुटनो से मोड़ कर पूरा ऊपेर उठा लिया, और मोहित की कमर के ऊपेर लपेट लिया….नेहा एक दम मदहोश हो चुकी थी…उसने मोहित के सर को पकड़ कर ऊपेर उठाया….और फिर अपने होंठो को मोहित के होंठो पर लगा कर पागलो की तरह किस करने लगी….मोहित भी उसका पूरा साथ दे रहा था…वो भी पूरे जोश के साथ नेहा के होंठो को चूस रहा था…और अपने दोनो हाथों से नेहा की बड़ी-2 चुचियों को मसल रहा था…

बीच-2 में दोनो साँस लेने के लिए एक दूसरे के होंठो से होंठ अलग करते, और फिर एक दूसरे के होंठो पर टूट पड़ते….नेहा अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी. और वो अपनी गान्ड को धीरे-2 ऊपेर मोहित के लंड पर दबाने लगी थी….ये देख मोहित से भी नही रहा गया….उसने अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर उठाते हुए, अपने आधे से ज़्यादा लंड को बाहर निकाला….और फिर तेज़ी से अंदर पेल दिया…लंड की रगड़ ने चूत की दीवारो में तेज सरसराहट पैदा की….और नेहा ने मचलते हुए, अपनी बाहों को पीठ पर कस लिया…

और तेज़ी से उसकी पीठ सहलाते हुए, अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर उछलते हुए, मोहित के लंड पर पटाकने लगी…मोहित भी अब अपना लंड बाहर निकाल-2 कर नेहा की चूत में पेल रहा था….नेहा मस्ती में सिसकारिया भरते हुए, आहह ओह्ह्ह हाईए मर गेयैयी हान्न मार मेरी फुद्दि ओह्ह्ह निकाल दे अपना पानी आहह चोद मुझे मार ले अपनी आंटी की फुद्दि आह मार ले बेटा…चिल्ला रही थी….

नेहा की बातें सुन कर मोहित और जोश में आकर अपने लंड को पूरी रफ़्तार से नेहा की चूत के अंदर बाहर करने लगा….पूरे रूम में ठप-2 अह्ह्ह ओह्ह हाए हाआँ और ज़ोर नाल हाई मेरी फुददी अह्ह्ह…ऐसी आवाज़े गूँज रही थी. नेहा तो अब पूरी तरह मस्त हो चुकी थी….और अपनी आँखें बंद किए हुए, अपनी गान्ड को उछाल कर मोहित का लंड अपनी चूत की गहराईयो में लेने की कॉसिश कर रही थी…

मोहित कभी नेहा के होंठो को चूस्ता, तो कभी दोनो चुचियों को मुँह में भर कर चूसने लगता…कभी अपने हाथों से नेहा के दोनो निपल्स को निचोड़ देता…नेहा भी मोहित के इस खेल कर मज़ा लेते हुए, अपनी टाँगो को पूरा खोल कर मज़ा ले रही थी….

जब वो नेहा के होंठो को चूस्ता तो, नेहा अपने होंठो को खोल देती, और मोहित जी भर कर नेहा के होंठो को चूस्ता और फिर नेहा के मम्मो को मुँह में भर कर चूसने लगता……नेहा अपनी मस्त और गरम कर देने वाली सिसकारियाँ मोहित का हॉंसला बढ़ा रही थी…..

नेहा: हां सबास मेरे शेर चोद मुझे आह चोद मुझे मार ले अपनी आंटी की फुद्दि आहह चोद और ज़ोर से फाड़ दे आह हां ऐसी ही और ज़ोर से घस्ससे मार. आअह चीर दे मेरी फुद्दि अपने लंड नाल….

नेहा अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी….मोहित के जबरदस्त धक्के उसे चरम की ओर लेजा रहे थे…और वो भी अपनी गान्ड को ऊपेर की और उछालते हुए झड़ने की ओर बढ़ रही थी…मोहित और जोश के साथ शाट लगाने लगा….उसकी जांघे, नेहा के चुतड़ों से टकरा कर थप-2 की आवाज़ करने लगी…और मोहित का लंड नेहा की गीली चूत में फॅच-2 की आवाज़ से अंदर बाहर होने लगा…..

नेहा: हाई ओह्ह्ह्ह मोहित हाआँ और ज़ोर दे मार फुद्दि अपनी आंटी दी…. कर दे पानी-2 अपनी आंटी की फुद्दि को अह्ह्ह्ह ले में गई आह मेरी फुद्दि आह में झड़ने वाली हूँ…..

मोहित: आंटी मेरा भी होने वाला है आह

नेहा: कर जल्दी आह चोद अपनी आंटी को अह्ह्ह्ह सीईईई मेरी अह्ह्ह्ह उहघ उंघह अहह में गेयैयी……….

फिर वो लम्हे आए…जिसका इंतजार नेहा कई महीनो से कर रही थी….नेहा की चूत में तो जैसे पानी का सैलाब आ गया….और उसका पूरा बदन काँपने लगा…झड़ते हुए उसके होंठो पर एक तीखी कामुक मुस्कान फेल गई..उसने अपनी टाँगो को नीचे हाथ डालते हुए घुटनो से पकड़ कर और ऊपेर उठा लिया…उसकी कमर झटके खाने लगी….और फिर मोहित भी झड़ने लगा…पर यहाँ में आप को बात दूँ कि, अभी साहिल और मोहित दोनो इस एज में नही थे कि, उनके लंड से वीर्य निकले….

मोहित पस्त होकर नेहा के ऊपेर लेट गया…..दोनो गहरी साँसे लेते हुए थोड़ी देर लेटे रहे….फिर मोहित नेहा के ऊपेर से उठ कर साइड में हुआ, अपने पेंट पहनने लगा…नेहा ने भी अपने कपड़े पहने, और फिर दोनो बाहर आ गए…”मोहित देखो आज जो कुछ भी हुआ..उसके बारे में किसी को पता नही चलना चाहिए…वरना में आगे से तुम्हे कुछ भी करने नही दूँगी’

मोहित: नही आंटी में कसम ख़ाता हूँ कि में किसी को कुछ नही बताउन्गा.

उसके बाद मोहित अपने घर चला गया…अभी 1 ही बजा था..मोहित के जाने के कुछ देर बाद कमला नेहा के घर पर आ गई…और फिर जो हुआ नेहा ने सब कुछ कमला को बता दिया….कमला बेचारी अपनी चूत मसल कर रह गई…और फिर दोनो हँसी मज़ाक करने लगी…

कमला: नेहा अब तो तेरा काम बन गया…अब मेरे बारे में कुछ सोच..

नेहा: हां -2 सोचते है….लगता है तेरी फुद्दि भी पानी छोड़ रही है साहिल के बारे में सोच-2 कर हहा हा..

कमला: चुप कर गस्ति…खुद तो मेरे बेटे का लंड ले लिया अपनी फुद्दि में और अब मेरा मज़ाक उड़ा रही है…

नेहा: अर्रे यार नाराज़ क्यों हो रही है..करते है ना कुछ….
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