08-05-2018, 12:17 PM,
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sexstories
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RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
अंकित :- बोला ना यार नही आता.. (एक टोन में...)
विकी :- कोई नही...तू मेरे से कॉपी कर ले..नही तो जब वो महरानी तेरा आन्सर चेक करने आएगी तो
ज़ीरो लगा देगी.
अंकित :- कोई नही लगाने दे...कम से कम तुझे तो नही बोलेगी कि तूने कॉपी किया है मेरे से....
विकी :- कोई नही यार...तूने मेरे लिए बहुत कुछ किया है..तो में क्या तेरे लिए इतना भी नही कर सकता..
अंकित विकी की बात को सुन के खुश हो जाता है..आज 10 दिन बाद उसके चेहरे पे एक स्माइल आई थी..
अंकित :- नही यार...आज ऐसे ही रहने दे...(मुस्कुराते हुए)
तभी अंकिता आ जाती है....सबसे पहले वो विकी की नोटबुक उठाती है...
अंकिता :- सही है एक दम लेकिन फिर से कॉपी करा है तुमने..कब सुधरोगे तुम...आज भी 0 लगा दूँगी
तुम्हारा में..
ये बोल के वापिस जाने लगती है...वो अंकित का नही देखती..क्यूँ कि उसे पूरा भरोसा था कि उसने तो करा
ही होगा...
लेकिन अंकित ऐसा बिल्कुल नही था कि अपने दोस्त का नुकसान होने दे..
अंकित :- एक्सक्यूस मी मॅम....
अंकिता रुकी और मूडी..
अंकिता :- ह्म्म...
अंकित :- विकी ने कॉपी नही किया है मॅम...
अंकिता :- देखो तुम उसे बचाने की कॉसिश नही कर सकते...
अंकित :- में किसी को नही बचा रहा....मुझे ये प्रोग्राम नही आता..और ना ही मेने करा है...
(उसने बिल्कुल सॉफ सॉफ बता दिया)
अंकिता उसे घूर्ने लगी....फिर
अंकिता :- सॉरी विकी...
विकी :- इट्स ओके मॅम..
अंकित वापिस अपनी सीट पे बैठ गया...अंकिता अटेंडेन्स लेके चली गयी....विकी ने अंकित को कॅंटीन
चलने के लिए बोला लेकिन उसने मना कर दिया...विकी ने भी फोर्स नही किया..क्यूँ कि वो जानता था कुछ
दिन से अंकित का बिहेवियर ठीक नही है...विकी चला गया...
कुछ देर बाद.....अंकित को क्लास की किसी ने लड़की ने आवाज़ दी..
अंकित बोलना तो नही चाहता था..लेकिन फिर जब उसने सुना कि कोई मिलने आया है उससे तो उसने अपनी मुन्डी
उपर करी..देखा सामने एक लड़का खड़ा था..
अंकित :- हाँ...(उसने बस इतना ही कहा)
आपको अंकिता मॅम ने बुलाया है नीचे लब में.....(वो लड़का बोल के निकल गया)
अंकित का जाने का मन नही था...फिर भी बेमन से खड़ा हुआ..और चल पड़ा बॅग उठा के कंप्यूटर
लॅब में.....
लॅब में पहुच के....गेट पे खड़ा हो जाता है...अंकिता देख के..
अंकिता :- कम इन...(वो गेट के सामने कंप्यूटर पे बैठ के कुछ कर रही थी)
अंकित वहाँ जाके खड़ा हो जाता है...
अंकिता :- बैठो..
अंकित बगल वॅली कुर्सी पे बैठ जाता है..
अंकिता :- क्या प्राब्लम है..में काफ़ी दिन से देख रही हूँ..तुम्हारा ध्यान पढ़ाई पर है नही..इंट्नल्स
आ रहे हैं...तुम्हे पढ़ाई करनी है कि नही?(झूठे गुस्से से)
अंकित :- कर लूँगा मॅम.. (बेमन से बात कर रहा था)
अंकिता :- कर लूँगा का क्या मतलब...तुम एक अच्छे स्टूडेंट हो और ऐसे लापरवाही करोगे तो तुम्हारा
नुकसान होगा....देखो कोई बात हो तो बताओ...तुम मुझे बता सकते हो...क्यूँ की में हर स्टूडेंट को
अपने फ़्रेंड की तारह ही ट्रीट करती हूँ..
अंकित :- कोई प्राब्लम नही है मॅम...और आप स्टूडेंट को स्टूडेंट की तरह ही ट्रीट करो..फ़्रेंड मत
बनाओ...क्यूँ कि आज के टाइम में फ़्रेंड कब धोका दे दे पता नही चलता...(बोलते हुए खड़ा हो जाता
है....) अब में जा सकता हूँ....(बड़े रूखे स्वर में बात कर रहा था)
अंकित को बहुत अजीब लगा क्यूँ कि पहले उसने उससे कभी ऐसे बात नही की...लेकिन वो बिल्कुल गुस्सा नही हुई और
ना ही बुरा लगा उसे पता है जिस आग से अंकित से गुजर रहा है उसमे ऐसा होता ही रहता है...
अंकिता :- (मुस्कुराते हुए.... ) ह्म्म कोई बात नही ... अभी नही बताना चाहते तो कोई बात नही..एक काम
करो...(वो पेपर पे कुछ लिख के अंकित को दे देती है) ये लो..
अंकित :- क्या?
अंकिता :- ये मेरा नंबर..जब भी कोई दिक्कत हो..पढ़ाई में क्या दूसरे तरीके से तुम बेजीझक कॉल
कर लेना..किसी भी टाइम..में तुम्हारी हेल्प ज़रूर करूँगी..
अंकित लेना तो नही चाहता था लेकिन फिर उसने थोड़ा दिमाग़ चलाया और वो काग़ज़ ले लिया...
और पर्मिशन लेके निकल गया लॅब से बाहर...
अंकिता उसे देख के हल्का सा मुस्कुरा दी और फिर अपने काम में लग गयी....
अंकित ने बाहर जाके...उस काग़ज़ का अपने हाथों से क्रश करके...वहीं लॅब के साइड में ही फैंक
दिया..उसे इस वक़्त बहुत गुस्सा था...
नंबर देके सहानुभूती दिखा रही है..बाद में फोन भी नही उठाएगी और उठा लिया तो बहाने
लगा देगी...सब का यही हाल है..इस बार में पगल नही बनूंगा लेकिन..नही चाहिए नंबर...
(गुस्से में तो उसका दिमाग़ खराब हो चुका है....उसके मन की ख्वाइश खुद चल के आई थी और
उसने ठुकरा दिया था)
वो अगली क्लास में नही गया..सीधा घर की तरफ ही निकल गया.....
घर पहुच के सीधे पलंग पे जा पसरा....फोन को साइलेंट मोड पे डाला और सो गया...
शाम के 5 बजे.....उसकी आँख खुली.....उसने फोन पे टाइम देखने के लिए उठाया तो देखा कि
8 मिस कॉल थी...
अंकित ने नंबर चेक किया...नंबर अननोन था...
अंकित :- अबे कौन है ये..जो इतनी बार फोन कर डाला...मिला के देखूं..नही नही..खुद मिला लेगा..में
क्यूँ बेकार में फोन मिला के.. बेलेन्स ख़त्म करूँ....
फिर फोन को साइलेंट मोड से हटा के साइड में रख देता है और अंगदाइयाँ लेने लगता है...
तभी,,,,,,,,,,,,,,,,,
कहानी जारी है ............................
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