Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
07-10-2018, 12:17 PM,
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मारवाड़ की मस्त मलाई

मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --1

लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर

हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा


मेरा नाम नसीम राजा है और लोग मुझे राजा या राज भी कहते है. अब मेरी उमर 24 साल की है. मैं एक मारवाड़ी सेठ कांति लाल के घर के पड़ोस मे रहता हू और मेरा उनके घर हमेशा का आना जाना लगा रहता है. मैं अपने घर मे कम और उनके घर मे ज़ियादा रहता हू और अब तो मैं मारवाड़ी लॅंग्वेज भी अछी तरह से समझ और बोल सकता हू. लकिन मैं जो आपको कहानी सुनाने जा रहा हू वो कुछ साल पहले की है.

सेठ कांतिलाल का एक बेटा है, शांति लाल, तकरीबन मेरी ही उमर का है और हम एक ही कॉलेज मे पढ़ते हैं और आपस मे आछे ख़ासे दोस्त भी हैं. हम एग्ज़ॅम्स के नज़दीक कंबाइंड स्टडीस भी करते हैं और जब कंबाइंड स्टडीस करते है तो मेरी रात उनके ही घर मैं गुज़रती है. हम दोनो साइन्स के स्टूडेंट्स हैं. कभी कभी तो हम एक ही बाइक पर कॉलेज चले जाते है. मे कॉलेज की क्रिकेट टीम का मेंबर हू और जब प्रॅक्टीस सेशन होता है तो मुझे घर वापस लोटने मे देरी हो जाती है और उस टाइम पे शाँतिलाल मेरा वेट करता रहता है और हम साथ ही वापस जाते हैं.

सेठ कांति लाल की एक बेटी भी है जिसका उसका नाम पूनम है. घर वाले और जानने वाले उसको प्यार से पिंकी कह कर पुकारते है. वो हम से उमर मे तकरीबन 2 साल छोटी है. पूनम एक बोहोत ही सुंदर, थोड़ी सी दुबली पतली और बोहोत ही नाज़ुक लड़की है. थोड़ी बोहोत चंचल भी है और मा बाप की लाडली बेटी है इसी लिए थोड़ी सी ज़िद्दी भी है. वो जब किसी बात की ज़िद्द करने लगती है तो उसके पूरा होने तक खामोश नही बैठ ती. ऐसा भी नही है कि हर बात मे ज़िद्द ही करने बैठ जाए, कभी कभी समझाने पर मान भी जाती है.

बड़ी होने के बाद वो ज़िद्द ख़तम हो चुकी थी लैकिन फिर भी कभी कभी वो पुरानी ज़िद्द वापस आ ही जाती थी. वो इंटरनेट की दीवानी है रात रात भर इंटरनेट पर अपने फ्रेंड्स के साथ चाटिंग करती रहती है और पता नही क्या क्या देख लेती होगी

क्यॉंके उसका कमरा अलग है और वो जब भी इंटरनेट यूज़ करती है तो मोस्ट्ली अपना कमरा अंदर से लॉक कर लेती है. शाँतिलाल का और पिंकी का बेडरूम फर्स्ट फ्लोर पे है पर अलग अलग है विद अटॅच्ड बाथरूम. दोनो के कमरो के बीचे मे एक बोहोत बड़ा सा हॉल है जहा 2 बड़े सोफा सेट रखे हुए है जब दोनो मे से किसी के पास कोई फ्रेंड्स आ जाते है तो वो हॉल उसे मे ले आता है.

ऑन दा होल पूनम एक बोहोत ही अछी और फ्रेंड्ली लड़की है. हमेशा मुस्कुराती रहती है और जब मुस्कुराती है तो उसके गालो मे दो छोटे से डिंपल पड़ते है. वो पढ़ाई मे उतनी तेज़ नही है कभी कभी किसी ना किसी सब्जेक्ट मे फैल भी हो जाती है. हाइट होगी तकरीबन 5’ रंग इतना गोरा है के उसके हाथो पे खून की नीले रंग की रगें ( वेन्स ) सॉफ दिखाई देती है. लाइट ब्राउन कलर की उसकी बड़ी बड़ी आँखें और लाइट ब्राउन कलर के ही उसके रेशम जैसे बाल उसकी कमर तक झूलते बोहोत आछे लगते हैं. उसका फिगर होगा कोई 28-24-30. पिंकी एक बे इंतेहा खूबसूरत लड़की है. पिंकी से भी मेरी अछी ख़ासी दोस्ती है. हम एक दूसरे के साथ जोकिंग भी करते है और खेलते भी हैं और बिंदास एक दूसरे के बदन पे इधर उधर हाथ भी लगा लेते है और कभी एक दूसरे के गाल पे या चूतड़ पे चुटकी भी काट लेते है. रोमॅंटिक और डबल मीनिंग वाले सेक्सी जोक्स भी शेर कर लेते हैं और कभी कभी तो उसको अपनी बाँहो मे भी भर लेता हू और जब उसका बदन मेरे लंड से लगने लगता है तो वो अपने बदन को मेरे बदन से और ज़ियादा चिपका लेती है ताकि मेरे लंड को अछी तरह से फील कर सके और फिर मुझे अजीब नज़रो से देखती हुई मुस्कुरा देती. और एस्पेशली हम जब होली खेलते है तो मे उसके बूब्स को भी अछी तरह से मसल देता हू जिस्मै मुझे बोहोत ही मज़ा आता है उसके छोटे कड़क बूब्स एक दम से मस्त है और होली खेलते समय जब वो हंसते हुए झुक जाती तो मे उसको पीछे से पकड़ लेता जिसकी वजह से मेरा लंड अकड़ जाता और उसकी गंद मे लगता रहता और मैं उसके बूब्स को मसलता रहता और वो भी मेरे इतने करीब हो के रंग लगाती है के उसके बूब्स मेरे बदन से टच करते रहते है और कभी तो मेरा लंड उसके बदन से भी लग जाता है और कभी वो ऐसे हाथ फिराती है के मेरे लंड से उसका हाथ भी टच होता है और ऐसे टाइम पे वो बड़ी ज़ोर से खिल खिला कर हंस देती . मतलब के हम दोनो एक दूसरे के साथ बोहोत ही फ्री रहते हैं और इस बात को सब घर वाले भी जानते हैं वो सब भी यही सोचते है के हम एक आछे दोस्त और साथी है और फ्रेंड्स जैसा ही रहते है. वो मुझे राजा कह कर पुकरती है तो मैं शरारत से कहता हू के अरे कभी तो “मेरे राजा” कह के बुला लिया करो ना मेरी जान तो वो अपनी ज़ुबान बाहर निकाल के मुझे चिढ़ाती हुई मुस्कुराती और बोलती के जब तुम मेरे राजा बनॉगे तब पुकारूँगी तो मैं भी हंस देता और

कहता के चलो ठीक है देखते है वो दिन कब आता है तो वो भी हंस देती इसी तरह से हसी मज़ाक मे मस्ती मे दिन गुज़रते रहे और मैं जैसे उनके घर के एक सदस्य ही बन गया था उनके घर मे ही खाना भी खा लेता था और कभी कभी तो शाँतिलाल या पिंकी के कमरे मे सो भी जाता था.

पूनम की माताजी जिनका नाम पूजा है सब लोग उनको सेठानी मा या माताजी कह कर बुलाते है पर मैं उन्हे आंटी कह कर बुलाता हू और वो भी मुझे राजा ही कह कर पुकारती है लैकिन सेठ कांतिलाल और उनका बेटा शाँतिलाल मुझे राजू, राजा या राज ही कह कर बुलाते है. पूजा माताजी की एज होगी कोई 36-37 साल की लैकिन वो किसी 20 साल की लड़की से ज़ियादा नही लगती और वो भी एक बोहोत ही सुंदर औरत हैं. हाइट होगी कोई 5’ 5” के करीब. दुबली पतली, गोरे रंग की. बड़ी बड़ी आँखें, फिगर होगा कोई 36-32-36. वो हमेशा सारी ही पेहेन्ति है और बटक्स पे सारी उनकी थोड़ी टाइट होती है जिस से चलते समय उनके चूतड़ बड़े सेक्सी स्टाइल मे हिलते हैं और रात मे नाइटी पेहेन्ति है. कभी नाइटी पतली हो तो उनकी ब्रस्सिएर और पॅंटी भी दिखाई देती है और अगर कभी ब्रस्सिएर नही पहनी हो तो उनके गोरे गोरे बूब्स और गुलाबी निपल भी सॉफ दिखाई देते है ऐसा मुझे देखने का दो तीन टाइम मोका मिला जब मैं रात को किसी काम से उनके घर गया था. उनके बूब्स भी टाइट ही लगते है शाएद ब्रस्सिएर टाइट पेहेन्ति हैं या उन्हे ज़ियादा दबाया और चूसा नही गया होगा इसी लिए टाइट होंगे. आँखों पे गोलडेन फ्रेम की नाज़ुक ऐनक उनके चेहरे पे बोहोत ही अछी लगती है. हमेशा ही अछी ड्रेसिंग मे रहती है ऐसा लगता है जैसे कही बाहर जाने के लिए रेडी हुई हो. मैं उनकी बोहोत इज़्ज़त करता हूँ और वो भी मुझे बोहोत ही चाहती है एक फॅमिली मेंबर की तरह से ट्रीट करती है और हमेशा मुझे कुछ ना कुछ गिफ्ट्स भी देती ही रहती हैं.

सेठ कांति लाल तकरीबन 60 साल के बोहोत ही पैसे वाले बिज़्नेस मॅन हैं. मार्केट मे उनका बोहोत नाम है. वो सावले रंग के और आछे ख़ासे मोटे इंसान हैं उनकी तोंद भी बोहोत बड़ी है. चलना फिरना मुश्किल है. नीचे फ्लोर पे बैठ जाएँ तो उतना मुश्किल होता है इसी लिए वो हमेशा चेअर पे ही बैठे रहते हैं. टिपिकल सफेद कलर की धोती और कुर्ते मे रहते हैं. मोटे शीशे का चश्मा उनकी मोटी नाक पे हमेशा ही टिका रहता है. बिज़्नेस बोहोत ही अछा चलता है उनके और उनकी वाइफ मे कोई अंतर नही दिखाई देता. कहाँ वो खूबसूरत, दुबली पतली, नाज़ुक और अभी भी जवान लगने वाली पूजा सेठानी और कहा यह मोटे भ्हद्दे सेठ कांटी लाल. लगता है सेठानी मा के घर वालो ने पैसा देख के सेठ कांति लाल से उनकी शादी कर दी है.

साइट कांति लाल जी की एक तो गोल्ड ज्यूयलरी की दुकान है दूसरी रेडी मेड गारमेंट्स की होल सेल की दुकान है. ज्यूयलरी की शॉप मैं वो खुद बैठ ते है और रेडी मेड गारमेंट्स की दुकान मे उनका बेटा शांति लाल कॉलेज का टाइम ख़तम होने के बाद शाम के टाइम बैठ ता है तब तक उनका एक मॅनेजर है वोही दुकान की देख भाल करता है.

रेडीमेड गारमेंट्स का होल्सेल बिज़्नेस होने की वजह से परचेसिंग भी कुछ ज़ियादा ही होती है और हर थोड़े दीनो बाद माल ख़तम हो है और फिर तुरंत ही परचेसिंग के लिए जाना पड़ता है. परचेसिंग के लिए पहले तो वो खुद ही चले जाते थे पर अब वो खुद तो नही जा पा ते इसी लिए अपने बेटे शांति लाल को भेजते है और कभी कभी मैं भी उसके साथ पूना, बोम्बे, देल्ही, चेन्नई या कोलकाता चला जाता हू और ऐसे ही आने जाने से थोड़े ही महीनो मे मुझे भी परचेसिंग का काफ़ी एक्सपीरियेन्स हो गया है और इतना कॉन्फिडेन्स आ गया है के अगर कभी शांति लाल भी किसी वजह से ना जा सके तो वो मुझे अकेले ही भेज देते है और मैं बॉम्बे, पूना, देल्ही, चेन्नई या कोलकाता जा कर उनके लिए परचेसिंग कर के आता हू. जब सेठ कांतिलाल और सेठानी पूजा किसी शहेर को जाते है तो 5 स्टार होटेल मे ही ठहर ते हैं और उतने दीनो तक होटेल की ही रेंट एक कार विद ड्राइवर ले लेते है. अपने ऊपेर वो अछा ख़ासा पैसा खरच करते है अपने लिए परचेसिंग भी भारी कीमत की करते हैं. मैं ने देखा के पूजा माताजी की कोई भी सारी 12 या 15 हज़ार रुपीज़ से कम की नही होती. इसी लिए तो इतनी शानदार नज़र आती है वो अपनी ड्रेसिंग मे.

उनका घर भी बोहोत ही बड़ा है. घर मे लोगो से ज़ियादा कमरे है जो अक्सर खाली ही पड़े रहते है. कभी किसी तेओहार के टाइम पे या शादी के टाइम पे कोई उनका गेस्ट या और कोई रिलेटिव आजाता है तो वो रूम्स इस्तेमाल मे आते है नही तो बंद ही पड़े रहते हैं. क्लीनिंग के लिए कुछ नोकरानिया रखी है जो डेली एंप्टी रूम्स की सफाई करती है और फिर बंद कर देती हैं. थोड़े कमरे एज ए स्टोर रूम भी इस्तेमाल मे आते है.

आक्च्युयली कयी साल पहले सेठ कांतिलाल मारवाड जो के राजस्थान का ही एक शहेर है वाहा रहते थे और मारवाड़ी कम्यूनिटी के थे अब हयदेराबाद मे रहने लगे थे. आप सब को पता ही होगा के मारवाड़ी लड़कियाँ और औरतें कितनी खूबसूरत होती है एक दम से मक्खन मलाई जैसी. हयदेराबाद शिफ्ट होने से पहले सेठ कांति लाल हयदेराबाद से करीब एक दूसरे टाउन सिड्डिपेट मे रहते थे जो के हयदेराबाद

से तकरीबन 80 – 85 किलोमेटेर की दूरी पर है. वाहा उनका बोहोत ही बड़ा अंगूर ( ग्रेप्स ) का बाग है जिस्मै एक बोहोत ही बड़ा घर भी है. उनके सिड्डिपेट का घर सिड्डिपेट टाउन से तकरीबन 8 – 10 किलोमेटेर दूर टाउन के आउटस्कर्ट्स मे है और वही पर उनकी ही प्रॉपर्टी मे एक प्राइवेट तालाब भी है जहा उनके फॅमिली मेंबर्ज़ के सिवा और कोई नही आता जाता जिस्मै कभी कभी वो सब स्विम्मिंग भी करते है. मेन रोड से फार्महाउस के अंदर आने तक एक प्राइवेट कच्ची सड़क जैसी बनी हुई है और इस रास्ते के दोनो तरफ ग्रीन ग्रीन अंगूर की बेले मंडवो पे फैली हुई बोहोत अछी लगती है. साल मे एक टाइम वो अंगूर तोड़ने के लिए किसी भी फ्रूट वाले को कांट्रॅक्ट पे दे देते है. मेन रोड पे फार्महाउस का मेन गेट है जहा से घर तकरीबन आधे पौना किलोमेटेर की दूरी पर है इसी लिए मेन गेट से घर नज़र भी नही आता. देखने वाले यही समझते है के यह बस एक अंगूर का बाग है.

वो या उनके फॅमिली मेंबर्ज़ अक्सर वाहा टाइम पास करने या सम्मर हॉलिडेज़ मे छुट्टियाँ गुज़ारने चले जाते हैं. वो घर एक फार्महाउस के जैसा यूज़ मे आता है. देख भाल करने के लिए एक कपल हज़्बेंड और वाइफ गंगू बाई और उसके हज़्बेंड रामू को रखा है जो वाहा एक पोर्षन मे रहते भी है उनको दो रूम्स, किचन और बाथरूम का एक घर मेन गेट के करीब ही बना के दिया हुआ है जहा वो रहते है और घर की देख भाल और सफाई वाघहैरा भी करते हैं. उनकी एक बेटी लक्ष्मी है (उनको लक्ष्मी बोलना तो नही आता इसी लिए उसको लॅक्मी कह कर पुकारते है ) लक्ष्मी पिंकी से शाएद 2 या 3 साल की छोटी होगी पर देखने मे एक ही उमर के लगते है दोनो. लक्ष्मी एक साँवली सी लड़की है बदन भी मेहनत करने से अछा सख़्त घाटीला हो गया है. नयी नयी जवानी आने लगी है और उसके बूब्स भी थोड़े थोड़े आने लगे हैं. वो मीडियम बिल्ट की लड़की है. अभी वो छोटी ही है लैकिन शकल से बोहोत ही सेक्सी लगती है बड़ी बड़ी काली आँखें मटका के जब बात करती है तो लंड पॅंट के अंदर ही फड़कने लगता है, काले बाल हाइट भी होगी यही कोई 4’ 8 – 9” पिंकी से भी कम हाइट और मेरे से तो बोहोत ही कम और मेरे सामने खड़ी हो जाए तो मेरे सीने और पेट के बीच मे उसका सर लगता होगा वो मोस्ट्ली हाफ स्कर्ट और हाफ स्लीव्ड ब्लाउस टाइप पेहेन्ति थी और अगर कभी वाइट कलर का पतला ब्लाउस पहेन लेती तो उसको छोटे छोटे बूब्स और निपल्स नज़र आते थे. उनके पास अंदर टाउन तक आने जाने के लिए एक बंदी ( बैल गाड़ी या बुलक कार्ट ) है जिसे दो बैल ( बुल्ल्स ) चलते है. वीक मे एक या दो टाइम वेजिटेबल्स या खाने पीने का समान लाने के लिए शहेर चले जाते है या फिर कभी हॉस्पिटल वाघहैरा जाना हो तो भी दिन मे चले जाते है और शाम तक वापस आ जाते है. ऐसा कम ही होता है के तीनो

एक साथ ही चले जाएँ, तीनो मे से कोई ना कोई घर मे मौजूद रहता ही है. घर को कभी खाली नही छोड़ते.

घर मे डेली यूज़ की सारी चीज़ीं मौजूद हैं. टीवी, फ्रिड्ज और वॉशिंग मशीन जैसी हर चीज़ है. तीन कमरो मे तो एर कंडीशन भी लगे हुए है. ज़बरदस्त डबल बेड्स भी है. एमर्जेन्सी यूज़ मे आने वाले कपड़े, बेडशीट्स और टवल्ज़ वाघहैरा सब हैं.

मैं और शाँतिलाल बचपन से ही एक दूसरे के साथ हैं और हम एक दूसरे के साथ अपनी सीक्रेट्स भी शेर करते हैं. मेरे फादर गवर्नमेंट सर्वेंट है और हम अप्पर मीडियम क्लास के फॅमिली वाले लोग हैं. ऊपेर वाले ने मुझे पैसे की धन दौलत तो नही दी पर जिस्मानी धन दौलत बुहोट दी है. मेरी हाइट 5’ 8” है गोरा रंग, एक्सर्साइज़्ड मस्क्युलर बॉडी, ब्रॉड शोल्डर्स और मेरे सारे जिस्म पर बाल है और चेस्ट पे भी बोहोत बाल है. और लंड का तो क्या पूछना एक दम से मस्त फुल्ली एरेक्ट लंड 8” लंबा मूसल जैसा मोटा और लोहे जैसा सख़्त एक दम से शानदार जिसका सूपड़ा एक दम से चिकना और उसपे बड़ा सा सुराख किसी लड़की के हाथ लग जाए तो मेरे लंड को सीधे पकड़ के अपनी चूत मैं डाल ले. और वही शाँतिलाल आक्ची सूरत का हॅंडसम लड़का है पर दुबला पतला कमज़ोर टाइप का है जिसके अंदर सेल्फ़ कॉन्फिडेन्स भी नही है और मोस्ट्ली वो मेरे डिसिशन पर ही निर्भर रहता है.

हम हमेशा स्कूल को साथ ही जाते और जब कभी पिशाब करने का टाइम आता तो भी हम एक दूसरे के करीब ही ठहर के पिशाब करते और एक दूसरे की नुनु देखते और देखते के किसके पिशाब की धार कितनी दूर तक जाती है जिस्मै हमेशा मेरी पिशाब की धार ही भोत दूर तक जाती थी. . मेरी नुन्नि शाँतिलाल की नुन्नि से बोहोत ही बड़ी थी और वो हमेशा मुझ से बोलता था के अबे राजू ( यहा यह बता दू के सब लोग मुझे राजा, राज्ज या राजू कह कर बुलाते थे ) तेरी नुन्नि इतनी बड़ी कैसे है और मेरी इतनी छोटी कैसे तो मैं कहता मुझे क्या मालूम शाएद इस लिए के मैं चिकन और मीट ख़ाता हू और तू सिर्फ़ वेजिटेबल्स और दाल ही ख़ाता है तो वो कहता हा हो सकता है. कभी कभी बोलता के राजू मुझे भी कभी चिकन खिला यार तो मैं बोलता के तेरी माताजी मुझे मारेगी तो वो खामोश हो जाता पर चिकन खाने का वो मंन बना चुका था. कभी कभी हम एक दूसरे की नुन्नि को अपने हाथो मे पकड़ के दबाते भी थे इसी तरह से हमारे दिन गुज़रते गये और हम छ्होटे से बड़े होते गये.

जब हम 6थ या 7थ क्लास मे थे तब तक मेरी नुन्नि बोहोत ही बड़ी और मोटी हो चुकी थी और दिन भर मे कम से कम 25 – 30 टाइम एरेक्ट भी हो जाती थी और अब वो किसी बड़े आदमी के लोड्‍े या लंड से कम नही थी हम दोनो अभी भी एक दूसरे के सामने ही अपने लोड्‍े निकाल के पिशाब करते थे और एक दूसरे के लोड्‍े देखते रहते थे. शांति लाल की नुन्नि अभी भी उतनी ही छोटी थी जितनी बचपन मे थी या शाएद थोड़ी सी बड़ी होगआई होगी पर लगती थी जैसे उतनी ही है. होगी शायद कोई 3 इंच की और उसकी नुन्नि के हेड के ऊपेर का अन वांटेड स्किन भी लटका रहता था जिस्मै से पिशाब की धार निकलती थी और उसके पैरो के पास ही गिरती थी लैकिन मेरे लोड का अनवॉंटेड स्किन कटा हुआ था और लंड का सूपड़ा गोल किसी बाइक के हेल्मेट या मशरूम जैसा था और और लंड किसी मूसल की तरह मोटा और लोहे जैसा सख़्त हो गया था . लंड के सूपदे के ऊपेर मोटा सुराख भी था जिस्मै से पिशाब की मोटी सी धार निकलती थी जिसे देख के शाँतिलाल कहता अबे राजू तेरा लोड्‍ा मुझे दे दे और मेरा तू लेले तो मैं मुस्कुरा के मज़ाक से कहता यह समझ के मेरा लौदा आज से तेरा ही है जब चाहे ले ले तो वो भी मुस्कुरा के कहता देख लेलुँगा तो मैं कहता कोई बात नही यार तेरे से बढ़ के है क्या, ले ले जब मर्ज़ी आए. जब पिशाब करने के लिए एक दूसरे के करीब खड़े होते तो शाँतिलाल मेरा लौदा पकड़ लेता और उसके हाथ लगते ही मेरा लोड्‍ा एक दम से खड़ा हो जाता जिसे शाँतिलाल दबा देता और पिशाब ख़तम होने के बाद भी मेरे लौदे को हिला हिला के लास्ट ड्रॉप्स भी नीचे गिरा देता फिर हम अपने अपने लौदो को अपने पॅंट या चड्डी के अंदर रख लेते.

शान्ती लाल की एक पड़ोसन थी उसका नाम पायल था वो भी मारवाड़ी ही थी और वो शाँतिलाल को लाइन मारती थी. पायल भी एक बोहोत ही खूबसूरत और सेक्सी लड़की थी गोरा रंग और मीडियम बिल्ट बॉडी जो बोहोत मोटी भी नही बोहोत दुबली पतली भी नही वो एक दम से मारवाड की मलाई लगती थी. पायल उसको बचपन से लाइन मारती थी और शांति लाल से बोहोत मोहब्बत करती थी और शाँतिलाल भी उसको बोहोत चाहता था. वो भी शाँतिलाल के घर आती जाती रहती थी और पिंकी से भी उसकी गहरी दोस्ती थी. जवान हो जाने के बाद पायल कुछ ज़ियादा ही खूबसूरत और ज़ियादा ही सेक्सी हो गयी थी. तकरीबन 5’ 3-4” की हाइट होगी और उसके बूब्स भी बड़े मस्त छोटे अमरूद जैसे थे और कभी बिना ब्रस्सिएर के शर्ट या टॉप पेहेन्ति तो उस मे से उसके पिंक कलर के निपल्स दिखाई देते थे जिसे देखते ही मेरा लंड तो एक दम से खड़ा हो ही जाता था पर शाँतिलाल का शाएद खड़ा नही होता था. मोस्ट्ली स्कर्ट और टॉप पेहेन्ति थी या कभी बर्म्यूडा टाइप की चड्डी और टॉप भी पेहेन्ति थी. पायल के पिताजी का भी बिज़्नेस था और वो भी बोहोत पैसे वाले थे. शाँतिलाल के पिताजी से पायल के पिताजी की फ्रेंडशिप भी थी पर आजकल दोनो बिज़्नेस मे बिज़ी थे इसी लिए कभी कभार ही उनकी मुलाकात हो पाती थी.

पायल और शाँतिलाल एक दूसरे से प्यार करने लगे जिसकी मुझे जानकारी थी. शाँतिलाल मेरे से कोई बात नही छुपाता था और अपने प्यार के किस्से सुनाता रहता था. दोनो कभी अकेले मे मिलते तो पायल ही शाँतिलाल को पकड़ के किस करती और उसके हाथ अपने हाथो से पकड़ के अपने बूब्स पे रख लेती और खुद ही नीचे हाथ डाल के उसके छोटे से लौदे को अपने हाथो से पकड़ के मसल भी देती थी और पायल का हाथ उसकी नूनी पे लगते ही उसके लोदे से पानी निकल आता था और उसका पॅंट गीला हो जाता था. पायल एक बोहोत ही सेक्सी लड़की थी वो भी इंटरनेट की दीवानी थी और वो भी रात रात भर चाटिंग करती और सेक्सी फोटोस भी देखती और सेक्सी वीडियो क्लिप्स भी देख देख के कुछ ज़ियादा ही सेक्सी हो गयी थी. वो जब शाँतिलाल से मिलती तो वो उसको अपनी बाँहो मे भर लेती आनी ज़ुबान उसके मूह के अंदर डाल के उसको फ्रेंच किस किया करती और शाँतिलाल अपनी तरफ से कोई पहेल नही करता और मुझ से बोलता के यार राजू क्या करू मेरा लंड साला उठ ता ही नही और पायल है के मेरे लौदे को ही पकड़े रहती है तो मैं मज़ाक करता के चल तू पायल से प्यार कर और मैं उसके हाथ मे अपना लंड दे देता हू तो वो मुझे अजीब सी नज़रो से देखता रहता जिसका मैं मतलब नही समझ पाता था. पता नही वो क्या सोचता था. खैर ऐसे ही मस्ती मे दिन गुज़रते रहे.

क्रमशः...........................
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07-10-2018, 12:17 PM,
#2
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
गतांक से आगे........................

सेठ कांती लाल के घर मे एक वाइट कलर की नयी एर कंडीशंड इंनोवा कार थी और दूसरी रेड कलर की मारुति एस्टीम जो थोड़ी पुरानी थी. मैं और शाँतिलाल दोनो ही कार चलाना जानते थे और अक्सर आउटिंग के लिए लोंग ड्राइव पे चले जाते थे और लेट नाइट ही वापस आते. एक टाइम ऐसा हुआ के हम आउटिंग के लिए शहेर से दूर चले गये और वापसी मे देर हो गयी और उस दिन अच्छी ख़ासी ठंड पड़ रही थी. कार के ग्लासस बंद थे फिर भी हमे ठंडी लग रही थी. ऐसी ठंड मे मेरा लंड एक दम से अकड़ गया और पॅंट मे मुझे अड्जस्ट नही हो रहा था उस टाइम मैं कार चला रहा था और शाँतिलाल मेरे बाज़ू मे बैठा हुआ था. मैं बार बार अपने लंड को अपने पॅंट मे अड्जस्ट करने की कोशिश कर रहा था तो उसने पूछा के क्या हुआ तो मैं ने बोला के यह साला मेरा लंड पॅंट के अंदर अकड़ गया है और तकलीफ़ दे रहा है तो उसने कहा ऐसी क्या बात है ले मैं खोल देता हू और उसने अपने हाथो से मेरे पॅंट की ज़िप खोल दी और मेरे आकड़े हुए लंड को बाहर निकाल दिया. उसका हाथ लगते ही मेरा लंड कुछ और ज़ोर से अकड़ने लगा वो लोहे जैसा सख़्त हो चुका था और आज फ़र्स्ट टाइम मेरे लंड पे शाँतिलाल का हाथ लगने से मुझे मज़ा आया था. मेरे मूसल जैसे लंड को देख के उसके मूह से वाउ निकल गया और बोला के यार राजू तेरा लौदा तो बड़ा मस्त है और अगर यह मोटा लोहे जैसा लंड पिंकी की चूतमे घुस जाए तो वो तो मर ही जाएगी

तो मैं ने बोला के यार कैसी बाते करता है तू अपनी बहेन के बारे मे और पिंकी को मैं क्यों चोदने लगा तो वो मुस्कुरा के बोला के मैं देख रहा हू आजकल पिंकी तुझे बोहोत मीठी नज़रो से देख रही है. (अब मैं उसे क्या बता सकता हू के मैं ने पिंकी को क्या करते देखा है और मैं और पिंकी क्या कुछ नही कर चुके है अब तक) मैं ने बोला के चल यार ऐसी बातें नही करते तो फिर वो बोला के खैर पिंकी को छोड़ तू जिस लड़की को चोदेगा वो बही लकी होगी यार जब यह मुझे ही इतना मस्त लगता है तो लड़कियाँ तो तेरे लंड पे मर मिटेंगी तो मैं ने बोला के तेरा लौदा कैसा है उसे भी निकाल तो सही बाहर तो उसने भी अपनी पॅंट की ज़िप खोल दी और अपनी छोटी सी नूनी बाहर निकाल दी तो मैं ने उसको अपने हाथ से पकड़ा और अपनी उंगलिओ से पकड़ के दबाया तो दो या तीन ही टाइम आगे पीछे किया के उसकी ज़ुबान से एक उूुुुुुउऊहह की आवाज़ निकली और उसकी बिना एरेक्ट हुई छोटी सी नूनी मे से पतला पानी निकल आया और वो गहरी गहरी साँसें लेता हुआ अपनी सीट पे ढेर हो गया. थोड़ी देर के बाद उसने कहा के यार मेरा पानी इतनी जल्दी निकल जाता है मैं क्या करू तो मैं ने कहा के चल किसी डॉक्टर से कन्सल्ट करते है तो उसने बोला के नही बाबा मैं डॉक्टर के पास नही जाउन्गा नही तो सारे खानदान मैं मेरी बदनामी हो जाएगी कोई और उपाए सोच तो मैं ने बोला के ठीक है देखते है बाद मे.

जब उसका पानी निकल रहा था तब उसने अपना हाथ मेरे लंड पे से हटा लिया था और पानी निकलने के बाद जब उसकी साँस थोड़ी ठीक हुई तो उसने फिर से मेरे लंड को अपने हाथ मे पकड़ लिया और प्यार से दबाया तो मेरे लंड के सुराख मैं से एक बड़ा सा प्री कम का चमकदार ड्रॉप निकल आया जिसे शाँतिलाला ने अपनी उंगली पे ले के चाट लिया और बोला के वाह यार यह तो बोहोत ही मीठा है और फिर से मेरे लंड को अपने हाथ मे पकड़ लिया और लंड के डंडे को ऊपेर नीचे कर के मूठ मारने लगा. मूठ मारते मारते बोला के यार तेरा लंड तो बोहोत ही शानदार है इसे देख के तो मेरे मूह मे भी पानी आता है काश के ऐसा लौदा मेरा होता तो मैं ने फिर कहा के अरे यार यह तेरा ही तो है जब चाहे ले लेना कोई फिकर मत कर और अपना हाथ उसके हाथ पे रख के मैं ने इशारा किया के मूठ मार तो वो फिर से मूठ मारने लगा. मेरा मूसल जैसा लंड बोहोत बड़ा और मोटा था और अब लोहे जैसा सख़्त भी हो चुका था और उसके हाथ मे पूरा नही समा रहा था पर वो मस्ती मे मूठ मारने लगा और फिर मेरे देखते ही देखते वो अपनी सीट से झुका और मेरे लंड को अपने मूह मे ले के चूसने लगा मैं एक दम से असचर्या मे पड़ गया और बोला के अरे अरे यार यह क्या कर रहा है रे तू मैं यह कहता ही रहा और वो मेरा लंड अपने मूह मे ले के मज़े से किसी लॉली पोप की तरह से चूसने लगा. थोड़ी देर मे मुझे बोहोत ही मज़ा आने लगा. यह फर्स्ट टाइम था जब उसने मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया था. वो

चूस रहा था और मुझे बे इंतेहा मज़ा आ रहा था मेरी आँखें मस्ती मैं बंद होने लगी थी मेरा दिमाग़ सातवे आसमान पे था तो मैं ने कार को रोड के एक साइड मे कर के रोक दिया और अपने टाँगो को फैला दिया ता कि उसको चूसने मे आसानी हो. शाँतिलाल ने मेरे लंड के डंडे को अपने हाथ से पकड़ के मूठ मार रहा था और आधा लंड उसके मूह मे था कभी कभी पूरा लंड अपने मूह मे ले लेता तो लंड का सूपड़ा उसके थ्रोट तक चला जाता तब मुझे बोहोत ही मज़ा आता और वो मेरे लंड को किसी लॉली पोप की तरह से चूस्ता रहा और फिर शाएद 5 मिनिट के अंदर ही मुझे लगा जैसे मेरा बदन सुन्न होने लगा है और मेरे बॉल्स मे से कोई चीज़ निकलने को मचल रही है और फिर देखते ही देखते मेरे लंड मे से गाढ़ी गाढ़ी गरम गरम क्रीम का फव्वारा उड़ उड़ के उसके मूह मे गिरने लगा जिसे उसने बड़े मज़े से खा लिया और एक एक ड्रॉप निकलने तक चूस्ता ही रहा. मेरी भी साँसें तेज़ी से चलने लगी थी आँखें बंद हो गयी थी. थोड़ी देर के बाद जब मेरी आँख खुली तो मैं ने शाँतिलाल की तरफ देखा तो वो मुस्कुरा दिया और बोला के देख यार कुछ बोलना नही मुझे तेरी मलाई खा के बड़ा मज़ा आया आज पहली बार मैं ने तेरी मलाई खाई है बड़ी मस्त और टेस्टी थी तेरी मलाई. मेरे लौदे मे से तो पतला पानी जैसा ही निकलता है और तेरे लंड मे से गाढ़ी गाढ़ी गरम गरम मलाई आज मुझे इसका स्वाद मालूम हुआ और हंसते हुए बोला के अब तो मैं तेरी मलाई ख़ाता ही रहूँगा मुझे मना नही करना ओके. फिर उसने मेरे लंड को बड़े प्यार से दबाया और पॅंट के अंदर डाल के ज़िप को बंद कर दिया. मेरे लिए यह पहली बार था के किसी मेल ने मेरे लंड को अपने मूह मे ले के चूस चूस के मेरी क्रीम निकाली हो मुझे तब लगा के किसी मेल से लंड चुसवाने का भी एक अलग ही मज़ा है. सच मे मुझे शांति से लंड चुसवाने मे बोहोत मज़ा आया.

हम घर वापस आ गये थे और इस वाक़ये के बाद भी बोहोत टाइम शाँतिलाल ने मेरे लंड को चूसा और कभी तो मूठ मार मार के जब मेरी मलाई निकलने वाली होती तब मेरे लंड के सूपदे पे मूह लगा देता और सारी क्रीम खा जाता और कभी कभी तो मूठ मार मार के देखता रहता के मेरे लंड के सुराख से मलाई कैसे हवा मे ऊपेर उड़ती है और जब मलाई हवा मे उड़ के मेरे बदन पे गिर जाती तो वो मेरे बदन से मलाई को मज़े ले ले के चाट लेता. मैं भी उसके नूनी को अपनी उंगलिओ से पकड़ लेता और एज यूज्वाल उसकी नूनी मे एरेक्षन आने से पहले एक ही मिनिट के अंदर उसका पतला पानी निकल जाता था और वो मुझ से पूछता के यार ऐसे होगा तो मैं शादी कैसे करूँगा और मैं पायल को कैसे चोद पाउन्गा तो मैं ने फिर से बोला के चल यार किसी डॉक्टर से बात करते है तो फिर से उसने

बोला के नही यार मैं मर जाउन्गा पर डॉक्टर के पास ऐसे नही जाउन्गा तो मैं ने बोला के फिर तू ही बता क्या करेगा और शादी कैसे करेगा. शादी से मना भी तो नही कर सकता शादी तो तुझे करनी ही है तो वो कुछ सोच मे पड़ जाता फिर बोलता के चल बाद मे देखते है क्या होता है पर मे समझ नही सका के उसके दिमाग़ मे क्या चल रहा है और शाएद वो ऐसे ही सोचते सोचते इन्फीरियारिटी कॉंप्लेक्स मे घिरता चला गया.

एक शाम मैं कॉलेज से वापस आ कर मैं क्रिकेट खेलने के लिए घर से बाहर निकला ही था के शाँतिलाल ने मुझे बुलाया और बोला के चल राजू जल्दी से कार मे बैठ हमै अभी फार्महाउस जाना है वाहा कोई एलेक्ट्रिसिटी का प्राब्लम हो गया है. जल्दी बैठ रात तक वापस आ जाएँगे तो मैं ने कहा के अरे यार मैं ने चड्डी पहनी हुई है ज़रा रुक पॅंट पहेन के आता हू तो वो बोला के अरे यार चल चड्डी मे कोई प्राब्लम है क्या तेरे कू चल बैठ तो मैं ने अपनी मम्मी को फोन कर दिया के मैं जा रहा हू और लेट नाइट वापस आउन्गा. मेरी मम्मी को पता था के मैं शाँतिलाल के घर ज़ियादा और अपने घर मे कम ही रहता हू और वो मुझे कभी मना भी नही करती थी. मम्मी से बोलने के बाद हम मारुति एस्टीम मे बैठ कर सिड्डिपेट फार्महाउस की तरफ चल दिए. सिड्डिपेट तक पहुँचते पहुँचते रात हो गयी थी. घर मे एलेक्ट्रिसिटी नही थी और सर्वेंट’स क्वॉर्टर मे कॅंडल जल रही थी जिस से धीमी रोशनी आ रही थी. गंगू बाई ने बताया के मीटर मे कोई खराबी होने के कारण बिजली चली गयी जिस से फ्रिड्ज मई रखी सारी चीज़ें खराब होने लगी हैं.

शाँतिलाल एलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के लाइनमेन को जानता था और उस से दोस्ती भी थी उसको फोन किया और वो थोड़ी ही देर मे फार्महाउस आ गया और उसने प्राब्लम को देखा और अपने दूसरे लाइन मॅन को बुलाया और लाइट ठीक करने मे लग गया. एलेक्ट्रिसिटी के आते आते रात के 11 बज गये. शाँतिलाल बोला के चल राजू आज रात यही रुक जाते है तो मैं ने कहा के अरे ऐसे कैसे रुक जाते है चल वापस चलते है मैं तो अपने कपड़े भी नही लाया तो उसने बोला अरे यार कपड़ो की क्यों फिकर करता है इधर अलमारी मे बोहोत कपड़े पड़े है जो मर्ज़ी आए पहेन लेना नही तो ऐसे ही सो जाना क्या प्राब्लम है तेरे कू और बोला के यार देख अभी रात बोहोत हो गयी है और बिजली भी चमक रही है हो सकता है के रास्ते मे बारिश हो जाए इसी लिए हम सुबह ही निकल चलते है तो मैं ने कहा चल ठीक है और दोनो ने घर फोन कर दिया के हम रात यही फार्महाउस पे रुक रहे है और कल सुबह वापस आएँगे. हम ने खाना भी नही खाया था. गंगू बाई ने बोला के बाबूजी मैं कुछ पका देती हू आप लोग यही खाना खा लीजिए और फ्रिड्ज को खोल के देखा तो पता चला के बिजली नही होने के कारण वाहा जो कुछ भी रखा था वो सब कुछ खराब हो चुका था और उसको फेक देना पड़ा. गंगू बाई

ने बोला के कोई फिकर ना करो बाबू मेरे पास खाना पका है अगर आप लोग खाओ तो ले के आती हू और थोड़ी ही देर मे वो खाने के लिए कुछ सब्ज़ी, दाल और चावल ले के आ गयी जिसे हम ने खाया.

मैं और शाँतिलाल एक रूम मे आ गये और एर कंडीशन खोल दिया. दिन भर की भाग दौड़ के बाद कुछ गर्मी लग रही थी. गंगू बाई ने बेड साफ कर के दूसरी बेड शीट बिछा दी थी और हम दोनो एक ही डबल बेड पे लेट गये और सोने की तय्यारी करने लगे. शाँतिलाल को फिर से अपने छोटे लौदे की चिंता सताने लगी और बोला के यार मैं पायल को कैसे चोदुन्गा अपने इस छोटे से लंड से तो मैं ने फिर डॉक्टर से कॉन्सल्टेशन करने का सुझाव दिया जिसे उस ने फिर से रिजेक्ट कर दिया. हम दोनो पास पास ही लेते थे और शाँतिलाल ने मेरे थाइस पे हाथ लगाया और एक दम से मेरे बदन मे एलेक्ट्रिसिटी दौड़ गयी और लंड एक ही सेकेंड के अंदर अकड़ गया जिसे उसने फॉरन ही अपनी मुथि मे पकड़ लिया और बड़े प्यार से दबाने लगा. अब हम दोनो ने अपने अपने कपड़े निकाल दिए और नंगे ही लेट गये फिर मैं ने भी अपना हाथ उसके लौदे पे रखा और अपनी दो उंगलिओ से पकड़ा और एक दो ही झटको मे उसका पानी निकल गया और एक बार फिर से शाँतिलाल निराश हो गया. उसने मेरे लंड को पकड़ के मूठ मारना शुरू कर दिया और फिर देखते ही देखते मेरे लंड को अपने मूह मे भर के चूसना भी शुरू कर्दिआ. तकरीबन 10 मिनिट्स तक चूसने के बाद मेरे लंड मे से निकालने वाली मलाई को वो खा गया और हम दोनो सो गये

मैं बोहोत ही गहरी नींद मे था तो मुझे महसूस हुआ के मेरे लंड से कोई खेल रहा है बड़ी मुश्किल से आँख खुली तो देखा के शाँतिलाल मेरे लंड से खेल रहा है और मेरा लंड है के फुल्ली एरेक्ट हो चुका है. मैं भी देखना चाहता था के वो क्या करता है और मैं ने ऐसा पोज़ किया जैसे मे गहरी नींद सो रहा हू. वो अपनी जगह से उठा और साइड मे रखी हुई ड्रेसिंग टेबल से हेर गेल का डिब्बा उठा लाया और पहले अपनी गंद पे गेल लगाया और फिर मेरे लंड पे खूब बोहोत सारा गेल लगा दिया मैं चुप चाप पड़ा रहा और इंतेज़ार करने लगा के देखते है अब आगे क्या करता है और फिर वो मेरे बदन के दोनो तरफ अपनी दोनो टाँगें रख के मेरे लंड पे बैठने लगा मैं फिर भी चुप पड़ा रहा. मेरा लंड का सूपड़ा बोहोत मोटा था और उसकी गंद मैं नही घुस रहा था और फिर जब उसने थोडा और प्रेशर डाला तो लंड का सूपड़ा उसकी गंद के छेद मे घुस्स गया और फॉरन ही मैं ने अपनी आँख खोल दी और पूछा अरे शांति यह क्या कर रहा है तू. तो उसने बोला के यार प्लीज़ एक टाइम मुझे अपनी गंद मैं तेरा लंड लेने दे ना प्लीज़ बॅस एक टाइम. मैं ने बोला के नही यार तू मेरा दोस्त है

मैं तेरे साथ ऐसे कैसे कर सकता हू तो उसने बोला के यार प्लीज़ कोई बात नही यहा कोई नही है बॅस यह बात या तो तू जानता है या मैं किसी को भी खबर नही होगी प्लीज़ यार तो मैं ने कहा के देख मेरा लंड बोहोत मोटा और बड़ा है तेरी गान्ड मे नही घुस पाएगा और अगर ज़बरदस्ती घुसाया तो तेरी गंद फॅट जाएगी तो तुझे बोहोत दरद होगा तो उसने कहा के कोई बात नही यार ऐसे शानदार लंड से गंद फॅट भी जाए तो कोई बात नही पर आज मना मत कर और इसको मुझे अपनी गंद मे लेने दे प्लीज़. दोस्तो मैं गे तो नही हू पर उस टाइम पे मुझे शांति पे दया आ गयी और बोला के ठीक है तू ही ट्राइ कर और जितना अपनी गंद मे ले सकता है लेले. उसने कहा ठीक है और अब वो फिर से कुछ और गेल लगा के ट्राइ करने लगा. थोड़ा थोड़ा कर के पूरा सूपड़ा अंदर घुस ही चुका था और शाँतिलाल का सारा बदन अकड़ गया था और एरकॉनडिशन के चलते हुए भी उसको तकलीफ़ से पसीना आने लगा था. फिर मैं ने बोला के ठीक है चल तू नीचे लेट जा मैं ही ट्राइ करता हू तेरी गंद मारने की और वो नीचे उल्टा पेट के बल लेट गया और अपनी गंद को थोडा उठा दिया. मैं अब उसकी टॅंगो को फैला के उसकी टॅंगो के बीच आ गया और थोड़ा और हेर गेल उसकी गंद मैं लगाई और अपने लंड पर भी लगाया और अपने घुटने मोड़ के उसके बदन पे झुक गया और उसका शोल्डर पकड़ के उसकी फैली हुई टाँगो को अपनी टाँगो से थोड़ा और फैला दिया और उसकी गंद मैं अपना लंड डालने की कोशिश करने लगा. एक दो टाइम तो लंड उसकी गंद के छेद से स्लिप हो गया पर एक टाइम एक झटका सही जगह पे लगा और उसकी गंद के सुराख मैं मेरे लंड का मोटा सा सूपड़ा अटक गया जिस से उसकी हल्की सी चीख निकल गयी आआऐईईईई और उसको दरद हुआ तो उसने बोला के आराम से डाल यार. मैं कुछ देर के लिए ऐसे ही रुक गया फिर धीरे धीरे लंड के सूपदे को ही आगे पीछे करने लगा थोड़ी ही देर मैं उसकी गंद का सुराख मेरे लंड के सूपदे को अड्जस्ट कर पाया तो मैं ने एक ज़ोर दार धक्का मारा तो शाँतिलाल के मूह से निकला म्‍म्म्ममाआआआररर्र्र्र्ररर द्द्द्द्द्द्द्द्द्दाआआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआआअ और मेरा लंबा मोटा खूँटे जैसा लंड एक ही झटके मे उसकी गंद के अंदर पूरा घुस चुका था और उसी के साथ शाँतिलाल का बदन अकड़ गया और मेरे लंड को उसकी गंद के टाइट मसल्स से पकड़ लिया. उसकी गंद मैं अपना लंड अंदर डाले ही उसके ऊपेर लेटा रहा थोड़ी देर के बाद लंड अंदर बाहर करते करते उसकी गंद मारने लगा. यह मेरा पहली बार था किसी की भी गंद मारने का. अब तो मुझे भी शांति की टाइट गंद मरने मैं मज़ा आने लगा और मे तेज़ी से उसकी गंद मारने लगा तो उसने कहा के देख राजू मेरे लौदे मे कुछ हो रहा है तो मैं ने अपने हाथ से उसके लौदे को पकड़ के देखा तो तो थोड़ा सा अकड़ गया था. यह पहली बार था के उसका लौदे मैं थोड़ा सा एरेक्षन आया था तब मुझे बोहोत

पहले पढ़ा हुआ एक आर्टिकल याद आया जिसमे लिखा था के कुछ लोग ऐसे भी होते है जिनकी गंद मारने से उनके लौदे मैं थोड़ा सा एरेक्षन आ जाता है और मैं सोचने लगा के शायद शाँतिलाल भी उसी केटेगरी का मर्द होगा. शाँतिलाल के छोटे लौदे मे भी थोड़ा सा एरेक्षन आया था पर अभी भी उतना नही था के किसी की चूत मे घुस सके और वैसे भी उसका लौदा 3 इंच का ही तो था और एक बार फिर मेरा हाथ उसके लौदे पे लगते ही उसका पानी निकल गया. मैं धना धन उसकी गंद मार रहा था और वो भी अब मज़ा लेने लगा था क्यॉंके उसके लौदे मैं से भी पानी निकल चुका था. थोड़ी देर तक उसकी गंद मारने के बाद अब मैं भी झड़ने के करीब आगेया और उसको बोला के मैं अब झड़ने वाला हू तो उसने बोला के राजू प्लीज़ मेरी गंद मे ही डाल दे अपनी सारी मलाई और फिर एक मिनिट के अंदर ही मेरे लंड मे से मेरी क्रीम की गाढ़ी गाढ़ी धारियाँ निकलने लगी और उसकी गंद भरने लगी. क्रीम निकलने के बाद मैं उसके बॅक पे लेट गया और लंड अभी भी उसकी गंद के अंदर ही था. थोड़ी देर के बाद जब मेरा लंड थोड़ा नरम पड़ा तो मैं ने खेच के बाहर निकाल लिया तो उसकी फटी गंद मे से खून निकल के बेड शीट पे गिर गया. मेरे लंड ने शाँतिलाल की वर्जिन गंद को फाड़ डाला था. ब्लड देख के वो मुस्कुराते हुए बोला के वाउ राजू तू ने मेरे गंद की चर्री ले ली और मेरी गंद की सील भी तोड़ डाली और हम दोनो हंस पड़े.
Reply
07-10-2018, 12:17 PM,
#3
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
सुबह हम दोनो उठ के बेडशीट को फोल्ड कर के वॉशिंग मशीन मे धोने के लिए डाल दिया और वापस हयदेराबाद की तरफ चल पड़े. बाद मे हमै पता चला के गंगू बाई ने वो खून देखा और समझ गयी कि दो मे से किसी की गंद फटी है लैकिन किसकी फटी है उसको नही पता. अब जब कभी भी शाँतिलाल को मोका मिलता है वो मुझ से अपनी गंद मरवाने की ज़िद्द करने लगता है और मैं कभी कभी उसकी गंद भी मार देता हू कभी उसके मूह मे ही लंड डाल के चूसने के लिए दे देता हू जिसे वो किसी टेस्टी लॉलीपोप की तरह से चूस्ता और लंड मे से निकाल सारी मलाई मज़े ले ले के खा जाता.

प्यारी पिंकी :

अब मैं आपको इस से पहले का एक किस्सा सुनाता हू ; (( यह किस्सा आज से तकरीबन 5 साल पहले का है जब मेरी और शाँतिलाल की उमर तकरीबन 16 साल की थी, पिंकी की 13 या 14 साल होगी. ))

अब मैं आपको वो किस्सा सुनता हू जब मैं ने पहली बार पिंकी और पायल के छोटे छोटे नंगे बूब्स को दबा के मसला था. यूँ तो पिंकी के बूब्स को हाथ लगाता ही रहता था लैकिन शर्ट के ऊपेर से ही लैकिन आज वो फर्स्ट टाइम था जब रियल मे उसके नंगे बूब्स को अपने हाथो मे ले के खूब दबाया.

होली का त्योहार आ गया था. मैं तो हमेशा से ही होली का वेट किया करता था क्यॉंके मुझे पिंकी और पायल के साथ होली खेलने मे बोहोत ही मज़ा आता था. पिंकी और पायल तकरीबन एक ही उमर की थी और अपने दोस्तो के पास होली खेलने से पहले मेरे साथ खेलना पसंद करते थे. एक दूसरे के बदन को खूब रगड़ रगड़ के, इधर उधर दबा दबा के, चिल्ला के हंसते, खेलते रंग लगाया करते थे बड़ा ही मज़ा आता था मुझे तो क्यॉंके दोनो के बूब्स भी दबाने का मोका मिल जाता था और उनको अपने आकड़े हुए लंड का स्पर्श भी दिलाता रहता था. हम लोग होली तकरीबन एक या डेढ़ घंटा खेलते थे उसके बाद वो दोनो के फ्रेंड्स आ जाते या यह दोनो अपने फ्रेंड्स के पास चले जाते थे.

इस टाइम हमेशा की तरहा मैं वाइट कुर्ता पाजामा ( यहा यह बता दू के हम लोग होली खेलने की शुरुआत वाइट कपड़ो से ही करते थे और शाम तक यह कपड़े इतने रंगीन हो जाते के इनका असली रंग कही से भी नही मालूम होता था ) हा तो वाइट कुर्ता पाजामा पहेन के मैं शांति के घर आ गया. वो लोग बस ब्रेकफास्ट करके बैठे ही थे. मुझे देख के सब ही मुस्कुरा दिए क्यॉंके मैं सब से पहले रेडी हो के आ गया था और शांति के घर अभी तक कोई भी रेडी नही हुआ था पिंकी की मम्मी बोली के चल बेटा पिंकी देख राजा तुझ से पहले ही रेडी हो के आ गया चल अब तू भी जल्दी से रेडी हो जा. अभी उनका सेंटेन्स ख़तम भी नही हुआ था के पायल भी वाइट सलवार कमीज़ पहेन के रेडी हो के आगयी और सब को नमस्ते बोला. मैं और पायल भी टेबल पे बैठ गये और सब के साथ चाइ पीने लगे.

इतनी देर मे पिंकी रेडी होने के लिए ऊपेर जा चुकी थी. चाइ ख़तम होने के बाद मे हमेशा की तरह पिंकी की माताजी के पास गया और अपने हाथ से थोड़ा सा गुलाल उनके लेफ्ट गाल के नीचे लगा दिया वो मुस्कुरा दी. दोस्तो आपको बता दू के उनकी मुस्कुराहट भी बड़ी कातिलाना होती थी. उनके बदन पे हाथ लगते ही मेरे जिस्म मैं एक दम से जैसे करेंट दौड़ गया यह फर्स्ट टाइम था के ऐसे हुआ था फिर पायल ने भी दूसरे गाल के नीचे रंग लगाया और बॅस वही से होली का खेल शुरू हो गया.

पायल नेजैसे ही माताजी के गाल पे रंग लगा के मूडी उसने अपने हाथ मे गुलाल भरा और मेरे मूह पे मल दिया और हंसते हुए ऊपेर भाग गयी. मे उसके पीछे भागा लैकिन तब तक वो ऊपेर जा चुकी थी और इस से पहले के वो किसी कमरे मे घुस के अपने आपको कमरे के अंदर बंद कर लेती मैं ने उसको पकड़ लिया

और उसकी मूह पे गुलाल मलने लगा इतनी देर मे उसने कुछ और रंग मेरे सीने पे मल दिया और जो मेरे कुर्ते को पकड़ के ज़ोर से खेचा तो मेरा कुर्ता सामने से थोड़ा सा फॅट गया और वो हँसने लगी इस बीचे वो अपने आपको मेरी ग्रिप से आज़ाद कराने के लिए मचल रही थी और इसी बीच वो नीचे गिर गयी और मैं उसके ऊपेर चढ़ के बैठ गया. वो फिर मेरे नीचे से निकलने के लिए मचलने लगी और इसी घमासान मैं पायल चित हो गयी और अपनी पीठ के बल लेट गयी और उसकी शर्ट उसके पेट से थोड़ा ऊपेर तक उठ चुकी थी और उसका नंगा पेट दिखाई देने लगा. उफ्फ क्या बताउ उसका कलर एक दम से क्रीम मक्खन मलाई जैसा गोरा और चिकना. मैं उसकी दोनो टाँगो के ऊपेर च्चढ़ के बैठ गया और एक मिनिट के लिए उसके मलाई जैसे गोरे पेट को देखने लगा और फिर करीब रखे रंग के डिब्बे से रंग निकाला और उसके पेट पे रगड़ने लगा और फिर मेरा हाथ उसके शर्ट के अंदर स्लिप हो गया और मैं ने उसके बूब्स को पकड़ लिया वाउ उसने ब्रस्सिएर भी नही पहनी थी उसके बूब्स छोटे पर बड़े ही सख़्त थे और मैं उसके बूब्स को दोनो हाथो से मसल्ने लगा वो कंटिन्यू हँसे जा रही थी और अपने आपको मेरी ग्रिप से छुड़ाने के लिए मचल रही थी. वह क्या मस्त छोटे छोटे बूब्स थे उसके गोल्फ के बॉल जैसे जो मेरे हाथो मे समा गये थे बोहोत ही मज़ा आ रहा था अब वो मुझे अपने हाथ से मेरे सीने पे मार रही थी जब मैं अछी तरह से उसके बूब्स को दबा दबा के मसल चुका तो उसके हाथो को पकड़ लिया.

अब पोज़िशन ऐसी थी के पायल मेरे नीचे चित पीठ के बल लेटी थी और मई उसके थाइस पे अपने पैर दोनो तरफ मोड़ के बैठा था और उसके बूब्स को पकड़ते ही मेरा लंड अकड़ के लोहे जैसा सख़्त हो चुका था. मैं झुक के उसके दोनो हाथो को पकड़ के फ्लोर पे दबा दिया और ऐसी पोज़िशन मई मई भी कुछ झुक चुका था जिस से मेरा फुल्ली एरेक्ट लंड जो मेरे पाजामा के तीन मेटीरियल मे बिल्कुल नंगा जैसा ही लग रहा था और उसकी तीन मेटीरियल की सलवार के ऊपेर से उसकी चूत भी नंगी ही लग रही थी उस पे मेरे लंड लगने लगा ऐसा महसूस हो रहा था के मेरा लंड डाइरेक्ट उसकी चूत मे लग रहा हो मेरे लंड के सूपद पे उसके मलाई जैसी चूत की गर्मी महसूस हो रही थी. पायल मचल रही थी और मैं उसके बदन पे झुका हुआ अपना लंड उसकी चूत पे रगड़ रहा था और फिर ऐसे ही 6 – 7 धक्के मारा जैसे मई उसको चोद रहा हू इतनी देर मैं उसने मेरे लंड को अपनी चूत के ऊपेर फील किया और मैं ने महसूस किया के पायल का मचलना एक दम से रुक गया और वो एक दम से खामोश हो गयी और उसकी आँखे बंद हो गई और साँस तेज़ी से चलने लगी मैं एक बार फिर से उसके हाथ को छोड़ के उसके बूब्स को मसल्ने लगा अब उसके हाथ आज़ाद हो चुके थे पर उसका मचलना अब ख़तम हो चुका था और उसने अपने पैर फैलाए और मेरी बॅक

को अपने हाथो से पकड़ के मेरे नीचे बिना मूव्मेंट के लेटी रही. मुझे लगा के अगर मैं अपने लंड पे थोड़ा और प्रेशर डालु तो वो पायल की चूत मैं ही घुस जाता था. मैं ने फील किया के कही मामला सीरीयस ना हो जाए और मेरा लंड उसकी चूत मैं ना घुस्स जाए इतने मैं ही एक बार फिर मैं ने उसकी शर्ट के अंदर हाथ डाल दिया और उसके बूब्स को मसल दिया और अपने लंड को उसकी चूत पे बोहोत ज़ोर से दबा दिया और हम दोनो के तीन मेटीरियल के पाजामा की वजह से मुझे लगा के मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के पंखाड़ियों को चीरता हुआ उसकी चूत के सुराख मैं अटक गया हो और उसके मूह से एक लंबी सिसकारी ऊऊऊऊऊऊईईईईईईईह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह म्‍म्म्ममाआआआआ निकली और उसके बदन मे थोड़ा सा तनाव आया और उसने ऑटोमॅटिकली अपनी टाँगो को थोड़ा और खोल लिया और फिर लंड को वही रखके एक और झटका मारा तो मुझे लगा के मेरे लोहे जैसा लंड कही उसकी चूत के सुराख मैं चला गया थोडा और लंड को दबाया और झुक के उसके होटो पे एक ज़बरदस्त किस जड़ दिया जिस से पायल की आँखे बंद हो गयी थी उसके माथे पे पसीने की बूँदें झलकने लगी थी, उसका चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया था और उसकी साँसें तेज़ी से चलने लगी थी शाएद वो मस्ती मैं आ गयी थी या हो सकता है के वो झाड़ ही गई हो.

यह पहले मोका था के मेरा लंड किसी चूत से टकराया था मैं भी अभी वर्जिन ही था और शाएद उसके लिए भी पहला ही मोका था के किसी का लंड उसकी चूत से लगा था इसी लिए दोनो ही फुल मूड मे आ गये थे और इस से पहले के सच मे पायल को चोदना शुरू कर्दु पिंकी का डोर खुलने की आवाज़ आई तो इस से पहले के पिंकी हमे इस पोज़िशन मे देख लेती मैं पायल के ऊपेर से उठ गया. मेरा लंड अभी भी तना हुआ था और मुझे अपना पाजामा कुछ गीला सा महसूस हुआ शाएद मेरे लंड का प्रेकुं निकला होगा या पायल की चूत का रस होगा. मैं पायल के ऊपेर से उठा और रंग ले के पिंकी की तरफ भागने लगा लैकिन पायल कुछ देर वही पर ऐसे ही लेटी रही उसकी साँसें अभी भी तेज़ी से चल रही थी उसको अपने आपको संभाल ने मे और हमारे पास आने मे तकरीबन 4 – 5 मिनिट लग गये और जब करीब आ गयी तो मेरी तरफ अजीब नज़रो से देखने लगी उसकी साँसें अभी भी तेज़ चल रही थी इतनी देर मे पिंकी और मे एक दूसरे को रंग लगाने लगाने और मस्ती करने लगे. पिंकी झुकी हुई थी और मैं उसके पीछे था और उसके मूह पे रंग लगाने की कोशिश कर रहा था वो सामने को झुकी हुई थी और बचने की कोशिश कर रही थी उसके पीछे से मेरा आकड़ा हुआ लंड उसकी गंद पे लग रहा था. मेरे लंड पे उसकी गरम गंद बड़ी अछी लग रही थी और जब उसने अपने दोनो हाथो से अपना चेहरा छुपा लिया तो मैं उसकी शर्ट के अंदर हाथ डाल के

उसके छोटे छोटे निपल वाले बूब्स को मसल्ने लगा जिस से वो हँसने लगी और बोली शैतान यह क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे और इतनी देर मे पायल भी वाहा आ गयी और अब तक उसकी हालत ठीक हो चुकी थी उसने सामने से पिंकी को पकड़ लिया और उसके हाथो को ऊपेर उठाया और उसके मूह पे रंग लगा दिया लैकिन मैं ने अपने हाथ उसके शर्ट के अंदर से बाहर नही निकले और ऐसे ही उसके छोटे छोटे बूब्स को मसलता ही रहा और अपना तना हुआ लंड उसकी गंद मे लगाता ही रहा. और फिर जब उसने मूड के मुझे रंग लगाने की कोशिश की तो मैं ने उसके दोनो हाथ पकड़ लिए और उसके हाथो को नीचे कर के दोनो के बदन के बीच ले के आगया और अपने आकड़े हुए लंड पे उसका हाथ रख दिया जिसे उसने महसूस तो किया पर पकड़ा नही. मैं ने उसको अपनी ओर खेच लिया जिस से मेरा लंड उसके नवल एरिया मे लगने लगा पता नही उसने फील किया या नही फिर वो मुझे रंग लगाने लगी और इसी तरह से हम खेलने लगे और जैसे ही वो मेरी ग्रिप से निकली वो दौड़ती हुई नीचे भाग गयी.

क्रमशः...............................
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07-10-2018, 12:17 PM,
#4
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --3


गतांक से आगे........................

पायल ने मेरी तरफ़ देखा और पूछा हे राज यह किया कर दिया तुम ने मेरा तो दिमाग़ ही खराब कर दिया तुमने तो मैं ने पूछा मैं ने क्या किया है तो उसने बोला के बड़े खराब हो तुम तो मैं ने पूछा सच बताना कैसा लगा तुम्है तो उसका चेहरा एक बार फिर से लाल हो गया और कुछ बोल नही पायी इसी बीच नीचे से पिंकी ने पुकारा तो मैं ने पायल को एक बार फिर से अपने बदन से लिपटा लिया और अपने तने हुए लंड को उसकी चूत पे रगड़ दिया और उसको अपनी बाँहो मे कस के पकड़ लिया और एक भरपूर किस किया एक दो टाइम ज़ुबान को भी चूसा और उसकी टाँगो के बीच हाथ डाल के उसकी चूत को अपनी मुट्ठी मे पकड़ के दबा दिया तो मुझे उसकी चूत गीली लगी तो मैं समझ गया के उसका चूत रस निकल चुका है और फिर हम दोनो नीचे उतर गये.

कुछ देर के बाद वो दोनो अपनी अपनी फ्रेंड्स के घर चले गये और मैं अपना रंगीन चेहरा ले के अपने घर को आ गया और नहा धो के कपड़े चेंज कर के सोने को लेटा तो मुझे अभी भी अपने हाथ पे पायल के दोनो के बूब्स का स्पर्श और अपने लंड पे उसकी की गरम चूत महसूस होने लगी जिससे मेरा लंड फिर एक बार बड़ी ज़ोर से अकड़ गया और मैं पायल की छोटी सी मस्त मलाई जैसी चूत के नाम की मूठ मार के सो गया.

यह तो हो गयी उस समय की बात जब हम छोटे ही थे हम बचपन से जवानी मे कदम रख रहे थे और हम सब वर्जिन थे चुदाई का ख़याल भी हमारे मंन मे नही आया था और आज मुझे ज़िंदगी मे फर्स्ट टाइम पायल की ही चूत अपने लंड पे महसूस हुई थी और मैं उसकी छोटी सी गरम चूत के टाइट सुराख को अभी तक अपने लंड के हेड पे फील कर रहा था.

पायल के पिताजी ने एक और बोहोत ही बड़ा नया घर बनवा लिया था जो पुराने घर से तकरीबन 1 किलोमीटर की दूरी पे था और वो लोग नये घर मे शिफ्ट हो गये थे इसी लिए अब पायल से ज़ियादा मुलाकात नही हो रही थी लैकिन शांति उस से मिलने जाता ही रहता था और वो भी शांति मिलने के लिए आती ही रहती थी पर मेरी मुलाकात उस से इतनी ज़ियादा नही होती जितनी पहले कभी होती थी.

अब मैं आपको तकरीबन एक साल आगे की कहानी सुनाता हू.

वो गर्मियो की एक दोपेहेर थी बे इंतेहा गर्मी पड़ रही थी लोग घर से बाहर कम ही निकल रहे थे मैं शाँतिलाल के घर गया था सब अपने अपने कमरो मे आराम कर रहे थे और नोकरानिया पसीने मैं डूबी अपने अपने काम मे लगी हुई थी. मैने ऊपेर के फ्लोर पे जा के देखा तो शाँतिलाल का कमरा बंद पड़ा था मैं पलट का वापस जाने के लिए मुड़ा ही था के मुझे पिंकी के कमरे मे से किसी के कराहने की आवाज़ आ रही थी ऊऊऊऊओह ऊवूऊवूयूवूऊवयाच्च हूऊऊऊऊओ उउउउउउउउन्न्न्न्न्न्न्न्न्न तो मैं समझा के शाएद पिंकी नीचे गिर पड़ी होगी और मार लग गयी होगी यही सोचते सोचते मैं उसके कमरे का हॅंडल पकड़ के दबाया तो वो खुल गया अंदर देखा तो मेरा लंड एक ही झटके मे 90 डिग्री का आंगल बनाते हुए खड़ा हो गया और मैं देखता ही रह गया पिंकी सिर्फ़ टॉप ही पहने हुए थी और वो भी उसके छोटे छोटे बूब्स तक उठा हुआ था और उसकी टाँगें घुटनो से मूडी हुई थी उसके चूतड़ बेड से तकरीबन 6 इंच ऊपेर उठे हुए थे और उसका हाथ उसकी चूत पे था, उसकी आँखें बंद थी और उसका हाथ बड़ी तेज़ी से चल रहा था वो बड़ी तेज़ी से अपने हाथ से अपनी चूत का मसाज कर रही थी और लगता था के उसका ऑर्गॅज़म चल रहा है और मेरे कमरा खोलने से भी उसको पता नही चला के मैं कमरे के अंदर हू और उसको देख रहा हू. मेरे देखते ही देखते उसका बदन किसी कमान की तरह से अकड़ के मूड गया और उसके मूह से एक बोहोत ही गहरी सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआहह ऊऊऊऊओह उन्न्ञननननणणनह जैसी आवाज़ निकली और एक दम से जैसे उसका बदन बेजान हो गया और वो बेड पे गिर सी पड़ी और अपनी उंगली को अपने मूह मे ले के चूसने लगी और ऐसे ही गहरी गहरी साँसे लेती हुई सो गयी. मैं स्लोली वापस पलट गया और उसका कमरा बंद करके नीचे उतर गया.

मेरा दिमाग़ खराब हो चुका था बदन गरम हो चुका था जी तो कर रहा था के अभी पिंकी के ऊपेर चढ़ जाउ और एक ही झटके मे उसकी चूत मे अपना लंड घुसा के उसकी चूत को चोद के फाड़ डालु पर अपने आप को कंट्रोल कर के नीचे उतर गया पर मेरा लंड बोहोत देर तक खड़ा ही रहा. शाम को मैं फिर से उसके घर गया तो शाँतिलाल फिर भी नही था पिंकी से पूछा के कहा है तो उसने बोला के नही मालूम तो मैं ने पिंकी से कहा के मैं दोपेहेर मे ऊपेर आया था शाँतिलाल अपने कमरे मे नही था और तुम्हारे कमरे से तुम्हारे दर्द से कराहने की आवाज़ें आ रही थी क्या हुआ था तुम्है क्या तुम नीचे गिर गई थी और तुम्हे गिरने से चोट तो नही लग गई थी तो उसका चेहरा पहले तो एक दम से सफेद हो गया और फिर फॉरन ही टमाटर की तरह लाल हो गया और पूछा के क्या तुम मेरे कमरे मे आए थे तो मैं बिना कुछ बोले के मुस्कुरा दिया तो वो परेशान हो गयी और बोली के प्लीज़ राजा बोलो ना तुम्है मेरी कसम तो मैं ने कहा के पहले बोलो मेरे राजा तो मैं बताउन्गा तो उसने कहा अछा बाबा मेरे राजा प्लीज़ अब तो बता दो के क्या तुम मेरे कमरे मे आए थे तो मैं धीरे से मुस्कुरा दिया और बोला के हा झाँक के देखा था बस और तुम्है देखा के तुम बेड पे हो नीचे नही गिरी हो और आँख मारते हुए बोला के तुम तो अपने काम मे बिज़ी हो तो मुझे इतमीनान हो गया और मैं नीचे उतर गया तो वो सोच मे पड़ गयी फिर पूछा के और क्या देखा तो मैं ने तो मैने शरारत से मुस्कुरा के पूछा जूस का टेस्ट कैसा था तो वो एक दम से घबरा गयी उसका चेहरा एक दम से पीला पड़ गया पर कुछ बोली नही तो मैं ने पूछा क्यों क्या ख़याल है बता दू शान्ती को या मा को तो वो बोली के प्लीज़ राजा ऐसा मत करो तो मैं ने बोला के ठीक है नही बताउन्गा पर मेरी एक शर्त है तो उसने पूछा के क्या ? तो मैं ने बोला के तुम्है मेरे सामने एक बार फिर से वैसा ही करना होगा जैसे तुम कर रही थी पर इस टाइम बदन पे कोई कपड़ा नही होगा तो उसका चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया और बोली के नही मैं ऐसा नही कर सकती तो मैं ने बोला के अकेले मे तो कर सकती हो और मेरे सामने नही यह क्या बात हुई तो उसने बोला के मुझे शरम आती है तो मैं ने बोला के जब तुम मेरे बदन से चिपकती हो और मेरा लंड तुम्हारी गंद से या चूत से लगता है जब तो शरम नही आती, अपनी चूत मे उंगली डाल के मसाज करती हो तो शरम नही आती और अब शरम आने लगी तो मेरे मूह से लंड और चूत जैसे शब्द फर्स्ट टाइम सुनते ही वो फिर शर्मा गयी और बोली के तुम बोहोत खराब हो राजा और अपने दोनो हाथो से अपना चेहरा च्छूपा लिया तो मैं ने बोला के सुनो पिंकी आइ आम सीरीयस तो उसने बोला के ठीक है बाबा मान लिया तुम्हारी बात को बॅस अब तो खुश लैकिन मेरी भी एक शर्त है तो मैं ने कहा वो क्या तो उसने कहा के पहले बोलो के तुम मेरी शर्त मानते हो तो मैं ने कहा के अरे बाबा शर्त है क्या आख़िर जो मैं बिना जाने ही मान लू तो उसके कहा के तुम्है भी मुझे अपना वो दिखाना होगा जो तुम अब तक अपनी पॅंट मे से ही मेरे बदन को रगड़ते हो तो मैं ने कहा वो क्या है जो मैं रगड़ता हू तो वो कुछ नही बोली तो फिर मैं ने पूछा के बताओ ना तो उसने कहा के राजा बच्चे

ना बनो तुम्हाई मालूम है मैं क्या कह रही हू तो मैं ने फिर से कहा के नही तुम्है बताना ही पड़ेगा और उसके बाद मैं भी एक शर्त लूँगा तुम से तो उसने बोला के क्या शर्त तो मे ने बोवा के नही पहले तुम उसका नाम बताओ जो मेरे पॅंट मे छुपा हुआ है तो उसने शरमाते हुए मेरे लंड की तरफ उंगली से इशारा करते हुए बोहोत ही धीरे से कहा लौदा तो मैं ने का हा दट’स गुड फिर वो बोली के अब तुम क्या शर्त लगाने वाले हो तो मैं ने बोला के देखो मैं तुम्है अपना लौदा दिखाउन्गा ज़रूर लैकिन तुम्है ही उसको मेरे पॅंट मे से बाहर निकलना होगा और उसको अपने हाथ मे लेके मूह से प्यार करना होगा तो उसने कहा धात बड़े खराब हो तुम और फिर कुछ सोचती रही थोड़ी देर के बाद बोली के चलो ठीक है मुझे तुम्हारी शर्त मंज़ूर है पर अभी नही तो मैं ने बोला के चलो ठीक है और ऐसा मौका देखते है के घर मे माताजी और शांति ना हो और अगर कभी ऐसा हो और मैं यहा नही हू तो तुम मुझे फोन कर के बुला लेना तो उसने कहा ओके. हमारे बीच ऐसी शर्त लग चुकी थी. शर्त क्या एक कॉंप्रमाइज़ समझो के पिंकी यह सब करेगी और मैं किसी को यह नही बताउन्गा के पिंकी अपने कमरे मैं क्या क्या करती रहती है.

कुछ ही दीनो मैं वो दिन भी आ गया. मेरे घर का नेट खराब था और मुझे कुछ नेट पे कुछ चेक करना था तो मैं शांति के घर चला आया तो देखा के शांति और माताजी कही जाने के लिए रेडी है. मैं ने कहा कहा जा रहे हो मुझे कुछ इंटरनेट चेक करना है और मेरे घर का नेट नही चल रहा है तो सेठानी ने बताया के वो मंदिर जा रहे है और मंदिर मे बोहोत दीनो के बाद उनके कोई बड़े महात्मा बाहर से आए हुए थे और उनका कुछ कीर्तन चल रहा था जिसमे वो दोनो जा रहे थे और वापस आने तक शाम या रात भी हो सकती है. शांति ने बोला के तुम मेरे कमरे मे चले जाओ और नेट उसे कर लो मुझे आने मे काफ़ी देरी हो जाएगी क्यॉंके मंदिर घर से काफ़ी दूर है और रश टाइम मे तो जल्दी वापस आना बोहोत मुश्किल है. मैं ने पिंकी का पूछा तो पता चल के वो नही जा रही है उसको कुछ काम है तो मैं दिल ही दिल मे खुश हो गया के चलो आज कुछ हो सकता है. जाते जाते माताजी ने कहा के राजा पिंकी भी अपने कमरे मैं है तुम लंच यही पिंकी के साथ कर लेना वो अकेली है तो मैं ने बोला के आप फिकर ना करे माताजी मैं यही लंच करलूंगा और पिंकी को भी करवा दूँगा. उन्हे क्या मालूम के मैं पिंकी को कोनसा लंच करवाने वाला था. उसके बाद वो दोनो कार मैं बैठ के चले गये और मे ऊपेर आ गया.

शांति के कमरे मे आया तो देखा के वाहा सफाई वाली कमरा सॉफ कर रही थी तो मैं पिंकी के रूम मे चला गया. उसके

कमरे का एरकॉनडिशन खुला हुआ था और वो इंटरनेट पे कुछ सरफिंग कर रही थी तो मैं ने पूछा के क्या देख रही हो तो वो मुस्कुरदी पर कुछ बोली नही तो मैं समझ गया के कुछ सेक्सी पिक्चर्स देख रही होगी. मैं ने बोला के मुझे नेट पे कुछ कम है और शांति के कमरे की सफाई चल रही है तो उसने बोला के यहा आ जाओ और मेरा सिस्टम यूज़ कर लो तो मैं उसके सिस्टम पे ही बैठ गया और मैल चेक करने लगा. देखा तो किसी ने मैल मे मुझे सेक्स वीडियो क्लिप भेजी थी जिसे डाउनलोड किया और प्ले करने से पहले पिंकी को बोला तुम देखोगी क्या यह वीडियो क्लिप तो उसने बोला के हा देखुगी और तब तक फाइल डाउनलोड हो चुकी थी प्ले किया तो देखा एक आफ्रिकन अपना इतना बड़ा लंड अपने हाथ मे पकड़े खड़ा है और एक गोरी य्रोपियन लड़की घुटनो के बल बैठी उसका लंड चूस रही है और लंड भी इतना बड़ा के सिर्फ़ उसके लंड का हेड ही उस लड़की के मूह मे घुस रहा था और वो चूस रही थी. थोड़ी ही देर मे उसने लड़की को सोफे पे लिटाया और उसकी टाँगें अपने बॅक पे लपेट के उसकी चूत के होल मे अपना लंड रगड़ने लगा और देखते ही देखते एक झटका मारा तो लड़की चिल्लाई और उसका आधा लंड उसकी चूत मे घुस चुका था पिंकी हैरत से वीडियो क्लिप देख रही थी और मेरा लंड तो मेरे शॉर्ट्स मे एक दम से टाइट हो गया था. वो आफ्रिकन अपने आधे ही लंड से उस लड़की को चोदने लगा और धक्के मारते मारते अपना पूरा लंड उसकी चूत मे घुसा दिया और धना धन चोदने लगा. लड़की अपने दोनो पैर उसके बॅक पे लपेटी हुई थी और उस्स्को अपने हाथो से कस्स के पकड़ा हुआ था. लंड उसकी टाइट चूत मे अंदर बाहर हो रहा था और आफ्रिकन के डंडे पे लड़की के झड़ने से उसका चूत का जूस उसके लौदे पे नीचे बहने लगा और देखते ही देखते उसने अपना लंड उसकी चूत मे से बाहर निकल लिया और उस लड़की के मूह के ऊपेर अपने लंड से निकलती पिचकारिया छोड़ने लगा उसकी कुछ क्रीम तो उसके मूह पे गिरी कुछ आँख पे और थोड़ी उसके मूह के अंदर और वीडियो क्लिप ख़तम हो गयी.

यह देख के पिंकी की साँसें तेज़ी से चलने लगी तो मैं ने पूछा सच बताना पिंकी कभी ट्रिपल एक्स फिल्म देखी है तो उसने बोला का ट्रिपल एक्स फिल्म तो नही पर सेक्स फोटोज देखे है तो मैं ने बोला के चलो अब अपना प्रॉमिस पूरा करो तो उसने बोला कोनसा प्रॉमिस तो मैं ने बोला के भूल गयी मैं तुम्हाई अपनी चूत का मसाज करते देखना चाहता हू वो खामोश हो गयी और पूछा के राजा आर यू सीरीयस तो मैं ने कहा के येस आइ आम डेड सीरीयस मुझे देखना है के लड़कियाँ अपने आप से कैसे एंजाय करती है तो उसने कहा ठीक है तो मैं बोला के एक मिनिट तुम्हारी सफाई वाली शांति के कमरे मे है कही वो यहा आ ना जाए तो उसने बोला के नही वो मेरे कमरे की सफाई कर के जा चुकी है वो अब यहा नही आएगी तो मैने ने कहा ठीक है फिर चलो स्टार्ट हो जाओ तो उसने कहा के अरे आटीस्ट कमरा तो अंदर
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07-10-2018, 12:18 PM,
#5
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
से बोल्ट करदो तो मैं ने कमरा अंदर से लॉक कर दिया और पिंकी के पास आ गया जो अभी तक ऐसे ही बैठी थी तो मे ने कहा के चलो यार अब स्टार्ट हो जाओ तो उसने बोला के राजा तुम ही निकाल दो ना मेरा टॉप मुझे शरम आती है तो मैं ने बोला ठीक है लैकिन तुम्है भी अपने हाथो से मेरे कपड़े निकालने होंगे तो उसने हा करदी फिर मैं ने उसके हाथ ऊपेर कर के उसका टॉप निकाल दिया और एक दम से मेरा लंड फिर से एक ही झटके मे खड़ा हो गया पिंकी ने कोई ब्रस्सिएर नही पहनी थी और जैसे ही टॉप निकाला उसके छोटे छोटे मिल्की दूध जैसे वाइट बूब्स जिसपे लाइट गुलाबी कलर के निपल जो अभी पूरी तरह से बूब्स के बाहर निकले भी नही थे मेरे सामने नाचने लगे तो उसने फॉरन ही अपने हाथो से अपने बूब्स को छुपा लिया यह एक नॅचुरल रिक्षन था फिर मैं ने ही उसके स्कर्ट का हुक भी खोल दिया और खेच के उतार दिया और मैं देखते का देखता रह गया वाउ पिंकी की मस्त 14 साला बिना झान्टो वाली चिकनी कुँवारी चूत मेरे सामने थी एक दम से मक्खन जैसी चूत मारवाड की मलाई की तरह चिकनी लग रही थी उसकी चूत की पतली पतली पंखाड़िया एक दूसरे से मिले हुए थे एक लकीर की तरह से लग रही थी उसकी मस्त चूत. स्कर्ट के उतार ते ही उसने अपने हाथ बूब्स पे से हटा के अपनी चूत को धक्क लिया तो मे हँसने लगा और बोला के अब क्या छुपाना है चलो निकालो हाथ और मेरा पॅंट खोलो. मेरा पॅंट मैं से ही मेरा आकड़ा हुआ लंड पॅंट की टेंट बना रहा था. पिंकी ने शरमाते शरमाते अपना हाथ मेरे पॅंट की ज़िप पे रखा और धीरे से नीचे कर के खोल दिया. मैं ने अंदर अंडरवेर नही पहना हुआ था तो ज़िप के खुलते ही मेरा टाइगर लंड जैसे पिंजरे से आज़ाद हो गया और स्प्रिंग की तरह से उछल के उसके मूह के सामने लहराने लगा तो वो एक दम से डर के पीछे हट गई तो मैं हंस दिया और बोला के क्यों डर गई क्या मेरे शेर से तो वो बोली के अरे बाप रे इतना मोटा आंड इतना बड़ा मुझे तो इसे देख के ही डर लग रहा है तो मैं ने कहा के डरने की कोई बात नही लो इसे हाथ मे पकड़ के देख लो यह दोस्तो का दोस्त है तो उसने अपने हाथ मैं मेरा मोटा खूते जैसा लंड पकड़ लिया और दबा के बोली के यह तो लोहे जैसा सख़्त भी है और गरम भी और फिर प्यार भरी नज़रो से देखते हुए पूरे लंड पे अपने छोटे हाथ फेरने लगी तो मैं ने कहा के चलो अब स्टार्ट हो जाओ.

मेरे मूसल लंड को देख के और हाथ मे पकड़ के वो कुछ गरम भी हो गयी थी उसने रियल लाइफ मैं यह पहली बार ही किसी का लंड इतने करीब से देखा और अपने हाथो से पकड़ा था. पिंकी अब बेड पे लेट गयी और अपनी टाँगें मोड़ के अपना हाथ अपनी चूत पे फेरने लगी और थोड़ी ही देर मे उसकी आँखें मस्ती मे बंद हो चुकी थी. शाएद वो यह भी भूल गई थी के मैं कमरे मे हू. कुछ देर तक तो धीरे धीरे ही वो चूत का

मसाज करती रही और फिर एक दम से मूड मे आ गई और उसका हाथ तेज़ी से चलने लगा उंगली चूत के सुराख मे डाल के अंदर बाहर करने लगी और मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऊऊऊऊऊहह आआआआआईईईई हहाआआआआआआऐईईईईईईईईईई जैसी आवाज़े निकालने लगी और देखते ही देखते उसका बदन काँपते हुए अकड़ने लगा और उसके चूतड़ बेड से ऊपेर उठ गये और बड़ी ज़ोर से आआआआआआआाागगगगगगगगगगगघह की आवाज़ निकली और उसका बदन बेड पे गिर गया उसने अपनी टाँगें अब फैला ली थी हाथ अभी भी चूत के सुराख मे ही था और उसकी साँसें बोहोत ही तेज़ और गहरी चल रही थी और उसने अपनी उंगली चूत के अंदर से बाहर निकाल ली और अपने मूह मे ले के चूसने लगी. कुछ देर तक तो जोश से उसकी आँखें बंद ही रही फिर जब उसका ऑर्गॅज़म ख़तम हो गया तो उसने आँखें खोली और मेरी तरफ अपनी नशीली आँखो से देखा. मेरा लंड तो ऐसे सीन को देखते ही जोश मे हिलने लगा था और एरेक्षन इतना पवरफुल था के मैं खड़ा हुआ था और मेरा लंड मेरे पेट से चिपका हुआ था.

क्रमशः ............................
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07-10-2018, 12:18 PM,
#6
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --4

गतांक से आगे........................

मैं ने उसको अपनी आँख से अपने लंड की तरफ इशारा क्या तो वो मेरे लंड को देखने लगी और उठ के बेड के किनारे पे बैठ गई तो मैं उसके और करीब आ गया तो उसने मेरे लंड को अपने छोटे हाथो से पकड़ लिया और दबाने लगी. उसके दबाते ही मेरे लंड के सुराख मे से एक बड़ा सा प्री कम का ड्रॉप बाहर निकल आया जिसे उसने मेरे लंड के सुपाडे पे ही माल दिया और फिर मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी और फिर थोड़ी देर ऐसे ही आगे पीछे करती रही फिर किस करने लगी. यह पर्फेक्ट पोज़िशन थी वो बेड के किनारे बैठी थी और मैं नीचे फ्लोर पे खड़ा था. ऐसी पोज़िशन मे मेरा लंड डाइरेक्ट उसके मूह के लेवेल मे था इसी लिए किसी प्राब्लम के बगैर ही वो मेरे लंड से खेल रही थी और अब उसने लंड के सूपदे को अपने होटो से किस किया तो मेरा हाथ ऑटोमॅटिकली उसके सर पे चला गया और उसको अपनी तरफ खेचा तो उसका मूह भी खुद ही खुल गया और लंड का सूपड़ा उसके मूह मैं चला गया जिसे वो चूसने लगी. लंड का हेड भी काफ़ी मोटा था उसके मूह मे मुश्किल से ही गया था पर अब उसने अपना मूह कुछ और ज़ियादा खोल लिया था और अब मेरा आधा लंड उसके मूह मे था जिसे वो चूस रही थी. मैं ने हाथ बढ़ा के उसके बूब्स को पकड़ लिया आआहह क्या बताउ दोस्तो क्या मस्त और कड़क बूब्स थे उसके लगता था जैसे कोई छोटे छोटे संतरे ( ऑरेंज) हो. उसका बूब पकड़ते ही उसके मूह से एक गगगगगगघह जैसी मस्ती की आवाज़ निकली और मे उसके बूब्स को दबाने लगा और निपल्स को पिंच करने लगा तो वो मस्ती मे आ के मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. मेरा हाथ उसके सर पे था और मे अपनी गंद आगे पीछे कर

के उसके मूह को चोद रहा था. मैं भी फुल मस्ती मे आ गया था और अब मेरा लंड उसके हलक (थ्रोट) तक जा रहा था जिस से मुझे और भी मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर तक ऐसे ही वो मेरे लंड को चूस्ति रही फिर मेरे बॉल्स मे हलचल मचना शुरू हो गयी और देखते ही देखते मेरा बदन अकड़ने लगा और मैं ने उसके सर को बड़ी ज़ोर से अपनी ओर खेचा और अपना लंड उसके हलक तक घुसा दिया और मेरे बॉल्स मे से क्रीम निकल के लंड के डंडे मे से ट्रॅवेल करती हुई उसके मूह के अंदर स्प्रे करने लगी. उसके मूह से आआआाागगगगगगगगगघह और हमम्म्मममममममममम जैसी आवाज़े निकल रही थी और मूह से लंड निकालने को बेताब थी लैकिन मैं ने उसके सर को छोड़ा नही कस के पकड़ा रहा और अपनी पूरी क्रीम उसके मूह मे ही निकाल दी जिसे वो ज़बरदस्ती पी गयी.

उसके मूह से लंड बाहर निकाला और उसकी तरफ देखा तो उसका चेहरा लाल हो गया था आँखें बाहर को निकल आई थी उसने बोला के राजा बोहोत खराब हो तुम इतनी अंदर तक घुसा दिया था के मुझे साँस लेने मे तकलीफ़ हो रही थी तो मैं ने कहा के अछा मुझे नही मालूम के मैने इतनी अंदर तक लंड को तुम्हारे मूह मे घुसेड दिया था. खैर चलो अब तो हो गया ना तो उसने बोला के और इतनी बोहोत क्रीम निकली है के अब तो मेरा पेट भी भर गया और अब मुझे लंच खाने की भी ज़रूरत नही और फिर हम दोनो हँस पड़े. मैं ने कहा के हे पिंकी अपनी चूत का टेस्ट नही कराओगे ? तो उसने आँखें फाड़ के हैरत से पूछा कियायाया ??? तो मैं ने बोला के मुझे भी तो टेस्ट करने दो अपनी यह मस्त मारवाड की मलाई का तो वो बोली कैसे करोगे तो मैं ने उसको बेड से उठा लिया और उसको नीचे खड़ा कर दिया और उसकी जीभ सकिंग किस किया और उसने भी फॉरन ही रेस्पॉन्स दिया और मेरी ज़ुबान को चूसने लगी और अब वो मस्ती मे आ गयी और मेरे लंड को जो अभी तक आकड़ा हुआ था और उसके पेट से लग रहा था तो उसने मेरे लंड को अपने हाथ मे ले के अपने बदन पे रगड़ने लगी. फिर मैं उसके बूब्स को चूसने लगा तो उसने फॉरन ही अपना हाथ से मेरे सर को पकड़ लिया और अपने बूब्स पे दबाने लगी. उसके बूब्स इतने छोटे थे के मेरे मूह मे कंप्लीट बूब आ गया जिसे मैं आम ( माँगो ) की तरह से चूस रहा था और मेरे लंड के सुराख से निकलता हुआ प्री कम उसके बदन पे लग रहा था.

अब मैं नीचे बैठ ने लगा और उसके पेट पे किस किया जहा मुझे मेरे प्री कम का टेस्ट मिला और ऐसे ही नीचे बैठ ता गया और उसकी छोटी सी नाभि मैं अपनी ज़ुबान को फोल्ड कर के घुमाया और उसके बाद नवल पे किस किया तो उसकी टाँगें ऑटोमॅटिकली खुल गयी और मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत मे घुसा लिया. उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और अब वो अपनी चूत को मेरे मूह पे दीवानो की तरह ज़ोरों से रगड़ रही थी

और देखते ही देखते उसने अपनी दोनो टाँगें उठा के मेरे शोल्डर पे रख दी और जैसे मेरे शोल्डर पे बैठ गयी और मेरा सर पकड़ के अपनी गंद आगे पीछे कर के मेरे मूह को गीली चूत से चोदने लगी. पोज़िशन ऐसी थी के मैं तो बैठा हुआ था और वो कुछ ऐसे खड़ी थी के मेरे शोल्डर पे से अपनी टाँगें डाल के फ्लोर पे खड़ी थी. उसकी चिकनी चूत मे से बोहोत ही टेस्टी जूस निकल रहा था ऐसा लग रहा था के मैं मारवाड की मलाई खा रहा हू. वो मेरे मूह पे अपनी चूत रगड़ती रही मैं ने अपना मूह थोड़ा सा खोल दिया था जिसकी वजह से मेरे दाँत उसके क्लाइटॉरिस पे लग रहे थे और जब मैं उसकी पूरी चूत को अपने पूरे दांतो के बीचे ले के काटा तो उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआ हह उउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ आआआआऐईईईई जैसी आवाज़ें निकल रही थी और उसका बदन काँपने लगा और मेरे सर को बड़ी ज़ोर से अपनी चूत मे दबा के पकड़ लिया और मेरे मूह मे अपनी कुँवारी चूत का कुँवारा रस छोड़ने लगी उसका ऑर्गॅज़म चल रहा था आँखें बंद थी और ज़ोर ज़ोर से साँस ले रही थी और देखते ही देखते उसका बदन काँपने लगा और एक दम से ढीला पड़ गया. मैने उसको उठा के बेड पे लिटा दिया. उसकी आँखें बंद हो गयी थी और गहरी गहरी साँसें लेती हुई वो किसी बेजान (लाइफलेस डॉल) गुड़िया की तरह से बेड पे पड़ी सो गयी. पिंकी बेड पे नंगी लेटी बोहोत ही खूबसूरत लग रही थी उसके बाल पिल्लो पे बिखरे पड़े थे और टाँगें खुली हुई थी चूत चूसने से और जूस निकलने से चमकदार हो गयी थी और काटने से उसकी चूत लाल हो गयी थी उसकी पिंक कलर की क्लाइटॉरिस चूत के पंखाड़ियों से बाहर झाँक रही थी और उसके पंखाड़िया भी सूज के थोड़े से मोटे भी हो गये थे.

मैं फिर इंटरनेट पे अपनी मेल्स चेक करने लगा. थोड़ी ही देर मे पिंकी उठ के बैठ गयी और मेरे तरफ देखने लगी और बोली के राजा यह कैसा मज़ा था मुझे आज से पहले ऐसा मज़ा कभी नही मिला तुम ने तो मुझे जन्नत का मज़ा दिया तो मैं धीरे से मुस्कुरा के बोला के अभी तुम ने देखा ही क्या है इस से भी ज़ियादा मज़ा दूँगा तुमको तुम कुछ बड़ी तो हो जाओ तो उसने बोला के हे राज देखो मैं बड़ी हो गयी हू तुम मुझे छोटी ना समझो तो मैं ने कहा ठीक है बाबा तुम अब बड़ी हो गई हो लंड चूसने के और चूत को चुसवाने के काबिल हो गयी हो तो वो हस्ने लगी और अपने कपड़े पहेन्ने लगी. मैं तो चेर पे नंगा ही बैठ था वो मेरे नज़दीक आ गयी और मेरे हाफ एरेक्ट लंड को अपने हाथ से पकड़ के बोली के यह तो एक दम से मॉन्स्टर है मेरे राजा तो मैं ने पूछा तुम्है पसंद है तो उसने मुस्कुराते हुए मेरे लंड से खेलते हुए कहा के हा आज से यह ही मेरा राजा है तो मैं ने बोला के तो फिर एक बार और प्यार तो कर्लो अपने राजा को तो वो मेरे दोनो पैरो के बीचे

मैं चेर के सामने बैठ गयी और मेरा मूसल लंड जो अब उसका राजा हो चुका था उसको प्यार से सहलाने लगी जिस से मेरा लंड एक ही मिनिट के अंदर लहरा के खड़ा हो गया जिसे उसने घापक से अपने मूह मे ले लिया और लॉली पोप की तरह चूसने लगी. एक टाइम चूसने से ही लगता था के उसे अछी ख़ासी प्रॅक्टीस हो गयी है और लगता था के वो लंड चूसने मे पर्फेक्ट हो गयी है. मैं भी नीचे हाथ डाल के उसको बूब्स को मसल्ने लगा. उसका मूह मुझे अपने लंड पे बोहोत अछा लग रहा था बोहोत ही मज़ा आ रहा था मैं अपनी चेर पर आंड थोड़ी आगे कर के कुछ और रिलॅक्स हो के बैठ गया जिस से उसको लंड चूसने मैं आ सांई हो रही थी. एक हाथ से मेरे लंड के डंडे को पकड़ा हुआ था मूठ मार रही थी और आधा लंड उसके मूह मे था. उसका गरम मूह मेरे लंड पे बोहोत अछा लग रहा था और फिर थोड़ी ही देर मे अपनी चेर से खड़ा हो गया और उसके सर को पकड़ के उसका मूह चोदने लगा उसके हाथ मेरी गंद पे थे और वो मस्त चूस रही थी और फिर थोड़ी ही देर मे मेरे लंड मे से गरम गरम गाढ़ी गाढ़ी मलाई उड़ उड़ के उसके मूह को भरने लगी जिसे उसने एक ड्रॉप गिराए बिना निगल लिया.

मैं ने भी कपड़े पहेन लिए और हम दोनो नीचे आ गये लंच के लिए. उसके बाद जब भी और जैसे भी मोका मिलता एक दूसरे की मलाई निकाल देते. कभी वो सिर्फ़ मेरे लंड को चूस के मलाई निगल लेती तो कभी मैं उसकी चूत को चाट चाट के उसकी मलाई निकाल के खा जाता कभी मोका मिलता तो दोनो एक दूसरे का माल निकाल देते और फिर हम ने 69 पोज़िशन भी ट्राइ किया बड़ा मज़ा आता था लैकिन अभी तक पिंकी को चोदा नही था. चोदना तो चाहता था लैकिन अभी फिलहाल नही के कही कोई प्राब्लम ना हो और वो भी मुझ से चुदना चाहती थी दोनो रेडी थे लैकिन चोदने के लिए सही मोके का वेट कर रहे थे जो के मिला लैकिन कुछ महीनो के बाद.
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07-10-2018, 12:18 PM,
#7
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
अब गर्मियों का मौसम ख़तम हो गया था और बारिश का सीज़न स्टार्ट हो गया था मौसम बोहोत ही अछा चल रहा था कभी कभी तो सारा दिन बरसात की हल्की हल्की फुहार पड़ती रहती धूप तो कभी कभार ही निकलती थी. एक दम से मस्त मौसम ऐसे मौसम मे ब्लंकेट से बाहर निकलने का मॅन नही करता था. उस दिन अछी ख़ासी ठंड पड़ रही थी. मुझे सुबह के 6 बजे ही पिंकी का फोन आया वो बोली के राजा तुम जल्दी से यहा आ जाओ तुम्हारे साथ मुझे ब्रेकफास्ट लेना है हम कही बाहर जाएँगे तुम्हारी बाइक पे देखो तो मौसम कितना प्यारा हो रहा है तो मैं अपने गरम बिस्तर से बाहर निकला और ब्रश करके गरम पानी से शवर ले के उसके घर आ गया. पिंकी की माताजी जाग रही थी उन्हो ने पूछा के अरे राजा आज इतनी जल्दी तो

मैं ने कहा के आंटीजी पिंकी का फोन आया था के बाहर कामत होटेल मे जा के मेरे साथ ब्रेकफास्ट करने का बोला तो वो मुस्कुरा दी और बोली के पगली है यह लड़की भी तुम्है खमखा इतनी सवेरे उठा दिया तो मैं मुस्कुरा के बोला के नही आंटी ऐसी कोई बात नही थोड़ी मेरी भी आउटिंग हो जाएगी वैसे भी आजकल कॉलेज को छुट्टियाँ चल रही है तो उन्हो ने पिंकी को पुकारा और बोली के देख राजा आ गया है. पिंकी ने सिंपल सलवार कमीज़ पहनी हुई थी तो मैं ने कहा अरे इतनी ठंड मैं ऐसे ही जाओगी कम से कम स्वेटर तो पहेन लो तो उसने बोला के तुम भी तो बर्म्यूडा और टी शर्ट मे हो और तुम ने भी तो कोई जॅकेट नही पहना है तो मैं ने बोला के मुझे आज ठंड का मज़ा लेना है तो उसने बोला के हा मैं भी आज ठंड का मज़ा लेना चाहती हू. बाइक की लोंग ड्राइव पे ठंड का मज़ा लूँगी आज तुम्हारे साथ तो उसकी माताजी बोली के पिंकी बेटा कुछ गरम पहेन ले नही तो ठंड मे बीमार हो जाएगी तो उसने हंसते हुए कहा के मोम मैं बोहोत दीनो से बीमार नही पड़ी हू ना अछा है एक टाइम बीमार तो हो जाने दो तो हम दोनो हंस दिए तो मैं ने बोला के ठीक है मैं भी अपनी जॅकेट ले लेता हू और तुम भी अपना स्वेटर या जॅकेट ले लो ठंड ज़ियादा महसूस हुई तो यूज़ कर लेंगे तो उसने कहा ठीक है और ऊपेर जा के अपना लंबा लेदर जॅकेट पहेन के आ गयी.

पिंकी बोली मोम आज मेरा पिक्निक का मूड है हो सकता है के ब्रेकफास्ट के बाद हम दोनो शमिरपेट तक जा के आएँगे. शमिरपेट, हयदेराबाद से तकरीबन 30-35 किलोमीटर पे एक पिक्निक स्पॉट है जहा रोड से थोड़ा नीचे उतार पे एक नदी बहती है और कुछ नदी के किनारे गार्डेन जैसा बना हुआ है वाहा है और रोड पे कुछ रोड साइड ढाबे ( एक टाइप के छोटे होटेल्स ) है जहा पिक्निक पे आने वाले अपनी पसंद के खाने खास तोर से पकवा के खाते है वाहा तक जा के आएगे तो उसकी माताजी बोली के ठीक है चली जाओ पर जल्दी वापस आ जाना तो पिंकी बोली के मोम मेरे साथ राजा है ना तुम क्यों डरती हो और अब मैं उतनी छोटी बच्ची भी तो नही हू मैं भी बड़ी हो गयी हू तो माताजी ने मज़ाक से हंसते हुए बोला के हा अभी अभी तो 15 वा साल लगा है तुझे और तू ऐसे समझ रही है जैसे 25 वा साल लगा हो तो पिंकी ने बोला के “मोम तुम ही तो कहा करती हो के पिंकी अब तुम बड़ी हो गयी हो ऐसे ना करो और वैसे ना करो तो आप ही बताओ के मैं बड़ी हो गयी हू या नही तो उसकी माताजी ने हस्ते हुए कहा के अछा बाबा तू अब बड़ी हो गयी है पर अपना ध्यान रखना तो पिंकी बोली के मोम आप भी ना” बेकार मे फिकर करती हो और हा मैं अपना ध्यान रखूँगी और हम लोग जल्दी ही आ जाएँगे तो उसकी माताजी ने कहा ठीक है बेटा जा और आछे से ठंड के मज़े ले के आ तो हम ने मम्मी को थॅंक्स बोला और बाहर निकल गये.

मेरे पास निकल और रेड कलर के कॉंबिनेशन की यामेहा स्पोर्ट्स बाइक है जिसकी पेट्रोल टॅंक पे और बॉडी पे येल्लो कलर के फ्लेम्स बने हुए है जिसे देखने से ऐसा लगता है जैसे बाइक जल रही हो. मेरी बाइक की सीट पीछे से थोड़ी उठी हुई है और सामने से झुकी हुई पीछे बैठने वाला चलाने वाले से कुछ ऊँचा हो के बैठ ता है ( स्लॅनटिंग पोज़िशन ). मुझे अपनी बाइक बोहोत ही पसंद है और मैं ने उसे बड़े चाव से संभाल के रखा है हमेशा चमकती रहती है. घर से बाहर निकलते ही हम दोनो मेरे घर की तरफ चल पड़े क्यॉंके मेरी बाइक घर पे ही थी. मेरे घर के गॅरेज मे जैसे ही उसने मेरी बाइक को देखा तो हंस के बोली के वाउ लगता है तुम्हारी बाइक कुछ ज़ियादा ही गरम दिख रही है तो मैं ने अपनी एक आँख बंद कर के बोला हा मेरे जैसी गरम है मेरी बाइक भी तो पिंकी ने बोला के अछा दिखाओ तो कितने गरम हो तुम तो मैं ने कहा अभी दिखाता हू और उसको पकड़ के अपनी ओर घुमाया और एक ज़बरदस्त किस कर दिया और एक ही मिनिट के अंदर हम टंग सकिंग किस कर रहे थे और मेरा लंड तो फॉरन ही बर्म्यूडा मे खड़ा हो गया जिसे पिंकी ने महसूस किया और जितनी देर किस चलता रहा उसने मेरे बर्म्यूडा के पाएंचे मे से हाथ अंदर डाल के मेरे आकड़े हुए लोहे जैसे मूसल लंड को पकड़ के दबाने लगी और मैं बे हद गरम हो चुका था मैं ने किस ख़तम करके पूछा के हा बोलो गर्मी है ना मेरे अंदर तो उसने उखड़ी उखड़ी सांसो से कहा हा बाबा तुम्हारे अंदर बोहोत गर्मी है और इतनी थोड़ी सी देर मे ही उसकी साँसें तेज़ी से चलने लगी थी और उसके छोटे छोटे बूब्स उसकी शर्ट के अंदर किसी समंदर की लहर की तरह ऊपेर नीचे हो रहे थे जिसे मैं ने पकड़ के दबाया. अभी मैं सोच ही रहा था के उसकी शर्ट ऊपेर उठा के उसके बूब्स को चूसूं तो सडन्ली मुझे किसी के आने की आहट महसूस हुई देखा तो पापा अपनी कार की तरफ आ रहे थे हमै देख के बोले के इतनी सुबह सुबह कहा जा रहे हो तो मैं ने बोला हम कामत होटेल मे ब्रेकफास्ट के लिए जा रहे है इतने मे ही पिंकी ने बोला के अंकल हम ब्रेकफास्ट के बाद शमिरपेट भी जाएँगे थोड़ी देर घूम के वापस आएँगे तो उन्हो ने कहा हे ठीक है और बोला के मैं भी 2 दिन के लिए बाहर टूर पे जा रहा हू और वो अपनी कार मे बैठ के चले गये मैं ऊपेर गया और अपना बर्म्यूडा उतार के जीन्स पहेन लिया और अपना लोंग लेदर जॅकेट और लेदर ग्लव्स पहेन के आगेया और हम बाइक पे बैठ के होटेल की तरफ चल पड़े.

अभी हम बाइक पे बाहर निकले ही थे के हल्की हल्की बारिश शुरू हो गयी तो मैं ने कहा के अछा हुआ के तुम ने जॅकेट पहेन ली नही तो बारिश मे तुम्हारी शर्ट गीली हो जाती और होटेल के सारे लोग तुम्हारी बूब्स को ही देखते रहते तो उसने मेरे बॅक पे घूसे

मारने शुरू कर दिए और बोली के बड़े शैतान हो तुम. फिर बोली के राजा सच मे आज मेरा मूड बारिश मे भीगने का हो रहा है तो मैं ने कहा के ठीक है ब्रेकफास्ट कर के जब हम शहेर से बाहर निकलेंगे ना तब तुम अपना जॅकेट उतार देना और भीग जाना तो उसने कहा के गुड आइडिया. कामत होटेल एक चैन ऑफ होटेल्स है जहा साउत इंडियन इडली, वाडा, डोसा वाघहैरा मिलता है. सड़क परबारिश की वजह से और स्कूल को छुट्टी होने की वजह से रश नही था और एक दम से सुबह का भी तो टाइम था इसी लिए हम जल्दी ही होटेल पहुँच गये और ऑर्डर दे दिया. ब्रेकफास्ट और कॉफी पी के हम लोग बाहर निकले और दोनो ने लेदर ग्लव्स और फुल्ली कवर्ड और फुल्ली प्रोटेक्टिव हेल्मेट पहेन लिए जिस से चेहरा पूरा छुप जाता है और कोई पहचान भी नही पाता के कोन बाइक चला रहा है और कोन पीछे बैठा है और ठंडी हवा भी नही लगती. अभी तक सूरज नही निकला था और हर तरफ बदल छाए हुए था और फॉग था जिस वजह से सॉफ दिखाई भी नही दे रहा था. सड़क बारिश के पानी से कच्ची थी और हम दोनो धीरे धीरे मौसम का मज़ा लेते हुए शहेर से बाहर निकल आए.

हल्की हल्की बारिश कंटिन्यू थी और कुछ ठंड भी अछी ख़ासी पड़ रही थी. ब्रेकफास्ट के बाद गरमा गरम कॉफी पीने से जो बदन मे गर्मी आई थी वो भी ख़तम हो गयी थी. यह तो अछा हुआ के मैं बर्म्यूडा चेंज करके जीन्स पहेल लिया था. पिंकी मेरे से चिपक के बैठी थी उसके छोटे छोटे बूब्स मुझे अपने जॅकेट के ऊपेर से ही महसूस हो रहे थे. वैसे तो पिंकी मेरे साथ मेरी बाइक के बोहोत टाइम बैठ चुकी है और चिपक के भी बैठ चुकी है पर आज कुछ ज़ियादा ही चिपक के बैठी थी और कंटिन्यू मेरी बॅक पे अपने बूब्स को मसल भी रही थी.

हयदेराबाद और सेकुन्डराबाद ट्विन सिटीस है. अब हम सेकुंडराबाद के औत्स्किर्ट मे मिलिटरी के बॅरक्स है उनको भी क्रॉस कर के आगे निकल आए जहा से सिटी लिमिट्स ख़तम हो गयी थी है और अब हम शमिरपेट से तकरीबन 10 – 12 किलोमीटेर ही दूर थे. अब रोड एक दम से क्लियर थी कोई सिटी की ट्रॅफिक नही थी बस कभी कभी कोई इक्का दुक्का ट्रक या बस गुज़र जाती थी.

पिंकी अपने हाथ मेरे जॅकेट और टी शर्ट के अंदर से होते हुए मेरे सीने के मुलायम और सॉफ्ट बालो से खेल रही थी. उसको लगा के लेदर ग्लव्स की वजह से उसको मेरे बदन का स्पर्श अछी तरह नही मिल रहा है तो उसने ग्लव्स को निकाला और जॅकेट की जेब मे डाल लिया और अपने हाथो से मेरे सीने को मसल्ने लगी जिस से मेरे बदन मे बिजली दौड़ने लगी. आज पिंकी कुछ ज़ियादा ही रोमॅंटिक हो गयी थी और मेरे कान को अपने होटो से और कभी दांतो से काट रही थी. मुझे उसकी गरम गरम साँसें अपने

गर्दन (नेक) पे महसूस होने लगी और मेरा लंड मेरी जीन्स के अंदर मचलने लगा. वो तो अछा हुआ के मैं ने अंडरवेर नही पहना था नही तो जीन्स के अंदर अकड़ते अकड़ते मेरे लंड का तो बुरा हाल हो जाता. पिंकी बाइक पे कुछ ऐसे स्टाइल मे बैठी थी के देखने वालो को पता ही नही चलता था के उसके हाथ कहा है. वो अपने हाथ मेरे सीने पे और पेट पे घुमा रही थी और फिर अपने हाथो को एक दम से मेरे आकड़े हुए फुल्ली एरेक्ट लंड पे रख दिया और मेरे मूह से लंबी साँस निकल गयी तो उसने मेरे कान मे कहा क्या हुआ मेरे राजा तो मैं ने कहा के कुछ नही तो उसने कहा क्यों अछा नही लग रहा क्या तो मैं ने बोला के नही ऐसी बात नही बोहोत अछा लग रहा है तो उसने लंड को थोडा और दबा दिया. मुझे उसके हाथो का स्पर्श बोहोत अछा लग रहा था और मेरा लंड उसका हाथ लगने से कुछ ज़ियादा अकड़ने लगा तो उसने कहा क्यों पॅंट टाइट हो गयी क्या तो मैं ने कहा हा तो उसने कहा कोई बात नही यह लो और उसने पॅंट की ज़िप खोल दी और हाथ अंदर डाल के लंड को बाहर निकाल दिया और बोली के अब तो ठीक है ना तो मैं ने कहा पागल हो गयी हो तुम कोई देख लेगा यह क्या कर रही हो तो उसने बोला के पहली बात तो यह के रोड पे कोई ट्राफ्फिक नही है और दूसरी बात यह के जॅकेट लंबा होने की वजह से किसी हो भी पता नही चले गा के जॅकेट के अंदर क्या हो रहा है तो मैने नीचे झाँक के देखा तो वाकई मे किसी को कुछ भी नही दिख सकता था उसने जॅकेट को ऊपेर तक खेंच लिया था और लंड के डंडे को अपने हाथो से पकड़ के दबा रही थी. मेरा लंबा और मोटा लंड उसके छोटे हाथ मे आधा ही आ रहा था और मेरे कान की लोलकी को चूस्ते हुए लंड का मूठ मारने लगी. मेरे कान मे आहिस्ता से बोली के राजा यह शानदार लंड मुझे कब दे रहे हो तो मैं ने हंसते हुए कहा के अरे जब तुम्हारा दिल चाहे लेलो यह तुम्हारा ही तो है तो उसने कहा सच कह रहे हो राजा मैं जब कहुगी तुम मुझे देदोगे तो मैं ने कहा के हा बाबा सच कह रहा हू जब तुम्हारा जी चाहे ले लो यह अब तुम्हारा ही है तो वो फिर से मेरे कान का नीचे लटकते हुए पोर्षन को अपने होटो से चूस्ते हुए बोली अगर मुझे आज ही चाहिए तो क्या दे दोगे तो मैं ने कहा हा क्यों नही तो उसने कहा के ठीक है मुझे यह आज ही चाहिए तो मैं ने कहा के ठीक है बाबा ले लेना ज़रा शमिरपेट के ब्रिड्ज के नीचे तो पहुँच जाने दो तो उसने एक लंबी आअहह भर के कहा हहाई इतना लंबा इंतेज़ार मैं कैसे करू तो मैं ने कहा के पिंकी तुम तो सच मे पागल ही हो गयी हो अरे बाबा अभी थोड़ी ही देर मे हम वाहा होगे ना थोड़ा तो सबर करो तो उसने एक ठंडी साँस लेते हुए कहा के ठीक है ऐसे तगड़े लंड के लिए मैं थोड़ा और इंतेज़ार कर सकती हू. मोटर बाइक अपनी रफ़्तार से चली जा रही थी ठंडी हवा मे बड़ा मज़ा आरहा था. हम ने

अपने हेल्मेट पहले ही निकाल लिए थे और मौसम का मज़ा ले रहे थे.

एक तो ठंडी हवा और उसपर से पिंकी के छोटे छोटे हाथो के स्पर्श से मेरा लंड आज कुछ ज़ियादा ही अकड़ गया था और मुझे बे इंतेहा मज़ा आ रहा था. जब कभी सामने वाली सड़क दूर तक खाली नज़र आती तो वो मेरे लंड को जॅकेट से बाहर निकाल देती तो बारिश की बूँदो से लंड गीला हो जाता और ठंड लगने से कुछ और अकड़ जाता और जब कोई कार, बस या लॉरी दिखाई देती तो पिंकी मेरे लंड को जॅकेट के अंदर छुपा के पकड़ लेती. वो मेरे लंड से ऐसे ही खेलती रही और अब हम शमिरपेट के करीब पहुँच चुके थे. आक्च्युयली इतनी सुबह सुबह कोई पिक्निक के लिए आता भी नही था लोग जॅनरली यहा 11 या 12 बजे के बाद से ही आना शुरू होते है और आज तो बारिश भी हो रही थी तो इसी लिए यहा हम दोनो के सिवा और कोई भी नही था.

क्रमशः................................
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07-10-2018, 12:18 PM,
#8
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --5



गतांक से आगे........................

मोटेक्ष आ गये जिसपे से ट्रॅफिक पास होती थी और ब्रिड्ज के नीचे नदी बहती थी. यहा बड़े बड़े पोर बाइक को सड़क से नीचे उतार के ब्रिड्ज के नीचे खड़ा कर दिया और हम उस ब्रिड्ज के पास और कुछ झाड़ियाँ थी और ब्रिड्ज से थोड़ी दूर पे बोहोत बड़ा सा गार्डेन था जहा जनरली फॅमिलीस पिक्निक के लिए आते थे. हम ने पठारॉं ( स्टोन्स ) के बीच ऐसी जगह चूज़ की जहा इत्तेफ़ाक से अगर कोई आ भी जाता तो हमै नही देख सकता था. हम अभी भी जॅकेट पहने हुए थे क्यॉंके ब्रिड्ज के नीचे ठंडी हवा चल रही थी. जैसे ही हम वाहा पहुँचे बाइक को स्टॅंड लगाया पिंकी मुझ से दीवानो की तरह लिपट गयी और किस करने लगी टंग सकिंग किस कर रही थी और मेरे लंड को अपने हाथो ज़ोर ज़ोर से मसल रही थी और देखते ही देखते उसने मुझे दो बड़े पठारो के बीच मे पुश किया और फॉरन ही नीचे बैठ के मेरे लंड को अपने मूह मे ले लिया और लंड के डंडे को अपने हाथो से पकड़ के लंड को चूसने लगी. उसका गरम गर्म मूह मेरे लंड पे बोहोत अछा लग रहा था और मैं ने उसके सर को पकड़ लिया और उसके मूह को चोदने लगा. पिंकी मेरे लंड से तकरीबन 1 घंटे से खेल रही थी इसी लिए मे भी फुल मूड मे आ गया था और 5 मिनिट के अंदर ही मेरे लंड मे से गरम गरम और गाढ़ी गाढ़ी मलाई निकल के पिंकी के मूह मे पिचकारी की तरह गिरने लगी जिसे उसने बड़े मज़े से खा लिया और लास्ट ड्रॉप के निकलने तक चूस्ति ही रही और फिर मुझे थोड़ा और पीछे पुश किया और मुझे एक छोटे से पत्थर पे बिठा दिया तो मैं ने उसका हाथ पकड़ के खेचा और डाइरेक्ट उसकी सलवार के ऊपेर से ही उसकी चूत पे किस किया तो उसकी टाँगें खुद ही खुल गयी और हाथ से मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत मैं घुसा दिया. मैं सलवार के ऊपेर से ही उसकी चूत को

काट रहा था और उसकी जॅकेट और शर्ट के अंदर हाथ डाल के उसके बूब्स को पकड़ लिया वाउ उसने ब्रस्सिएर भी नही पहनी थी. उसके छोटे छोटे बूब्स मेरे पूरे हाथ मैं समा गये जिन्है मैं मसल्ने लगा और फिर हाथ नीचे ला के सलवार के स्ट्रिंग को टटोलने लगा तो पता चला के उसकी सलवार मे नाडा नही बल्कि एलास्टिक है जिसे मैं ने नीचे खेचा और उसकी नंगी चूत पे मूह रख दिया. क्या बताउ दोस्तो उसकी चूत वासना की आग मे किसी भट्टी की तरह जल रही थी और बे इंतेहा गरम हो चुकी थी. उसकी चूत किसी मक्खन की तरह चिकनी और किसी भट्टी की तरह गरम हो गयी थी और मेरी ज़ुबान लगते ही वो समंदर की तरह गीली हो गयी थी. उसकी चूत के पंखाड़िया एक दूसरे से मिले हुए थे और चूत एक लकीर की तरह दिख रही थी उसकी चूत के पंखाड़ियों को खोल के अंदर ज़ुबान डाल दिया और उसकी क्लाइटॉरिस से खेलने लगा वो मस्ती मे पागल हो गयी और मेरे सर को पकड़े अपनी चूत मेरे मूह मे पागलो की तरह रगड़ने लगी और एक ही मिनिट के अंदर मेरे मूह मे अपनी चूत ज़ोर से दबा दी और उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और वो मस्ती मे काँपने लगी और काँपते हुए आआआआआअहह और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकली और अपनी चूत को मेरे मूह पे रगड़ते हुए मेरे मूह मे झरने लगी और मैं उसकी छोटी सी मक्खन जैसे कुँवारी चूत का कुँवारा मीठे मीठा जूस पीता रहा उसके हाथ मेरे सर को पकड़े हुए थे और उसका बदन किसी कमान की तरह अकड़ गया था उसका ऑर्गॅज़म चलता ही रहा और जब उसका ऑर्गॅज़म ख़तम हुआ तो उसका बदन ढीला पड़ गया और मैं ने उसको नीचे लिटा दिया. थोड़ी देर के बाद उसकी आँख खुली और मेरी तरफ देख के मुस्कुराई और मेरी गोदी मे अपना सर रख दिया और मेरे थाइस पे अपना हाथ बड़े प्यार से फैरने लगी.

हम जब होटेल से निकले तो एक थर्मस मे कॉफी फिल करवा ली थी और कुछ समोसे और स्नॅक्स का समान भी ले लिया था. थर्मस से कॉफी निकाल के हम पीने लगे. ठंडी हवा मे गरमा गरम कॉफी बोहोत अछी लग रही थी. हम दोनो एक दूसरे की कप से कॉफी पी रहे थे पिंकी मुझे हर थोड़ी देर मे किस कर रही थी मस्ती का महॉल था. गरमा गरम कॉफी पीने से हमारे बदन मे भी थोड़ी सी गर्मी आ गयी थी उतने मे ही

उसके फोन की घंटी बजी दूसरी तरफ से उसकी मम्मी बोल रही थी बेटा कहा हो तुम लोग तो उसने बोला के मम्मी हम बॅस अभी अभी शमिरपेट पहुँचे है तो उसने कहा के देखो यहा तो धुवा धार बारिश हो रही है मौसम बोहोत ही खराब है और सड़को पे काफ़ी पानी जमा हो गया है तुम लोग ऐसा करो के वाहा से फार्महाउस चले जाओ शाम तक बारिश कम हो गयी तो मैं बात दूँगी वापस आजाना नही तो एक रात वही रुक जाना तो उसने कहा ठीक है मम्मी फिर उसने फोन बंद किया उसकी आँखें चमकने लगी और खुशी से नाचने लगी जैसे बिन

माँगे ही भगवान ने उसके मन की बात सुन ली हो वो दीवानो की तरह मुझ से लिपट गयी और बोली के चलो राजा अब हम फार्महाउस चलेंगे तो मैं ने कहा के कही तुम पागल तो नही हो गयी हो तो उसने कहा के मम्मी का फोन था बता रही थी के हयदेराबाद मे धुवा धार बारिश हो रही है और मौसम बोहोत ही खराब है सड़को पे बे इंतेहा पानी जमा है और उन्हो ने ही कहा है के वापस आने के बजाए फार्महाउस चले जाओ.

पिंकी ने कहा के चलो अब वही चलते है और आज तुम अपना वादा पूरा करोगे तो मैं ने कहा कोनसा वादा तो उसने कहा के चलो वही बता ती हू और हम एक बार फिर से ऊपेर रोड पे आ गये और फार्महाउस की ओर चल पड़े. अभी हम 20 – 25 किलोमीटर ही आए होंगे के एक बार फिर से बारिश होने लगी. रास्ता भर पिंकी मेरे लंड को पकड़ी रही और खेलती रही कभी मूठ मारती कभी अपनी मुट्ठी मे पकड़ के ज़ोर से दबा देती. सड़क खाली पड़ी थी तो पिंकी ने बोला के राजा अब मैं बाइक चलाती हू तो मैं ने कहा के पागल हो गयी हो क्या यह तुम्हारी स्कूटी नही है जो बिना गियर के चलती हो यह हेवी वेहिकल है बेबी तो वो ज़िद्द करने लगी तो मैने ने कहा के अछा वेट करो जब फार्महाउस 15-20 किलोमीटर रह जाए तब ले लेना तो वो मान गयी.

अब फार्महाउस की कच्ची सड़क स्टार्ट होने से 10-15 किलोमीटर दूर थे के उसने कहा के अब मैं चलाती हू बाइक तो मैं ने सड़क के किनारे रोक के उसको सीट पे बिठा दिया और मैं पीछे बैठ गया. थोड़ी सी मुश्किल ज़रूर हुई पर वो बाइक चलाने लगी और जब देखा के उसको बाइक चलाने मई प्राब्लम नही हो रही है तो मैं ने अपना हाथ उसके शर्ट के अंदर डाल के उसके छोटे छोटे बूब्स को मसलना शुरू कर दिया उसके मूह से ऊऊऊऊहह निकला आहह क्या मस्त बदन था उसका एक दम से मक्खन की तरह चिकना. उसके बूब्स मेरे दोनो हाथो मे अछी तरह से समा गये थे और मैं उन्हे दबा रहा था बड़ा मज़ा आ रहा था और फिर हाथ नीचे कर के उसकी सलवार के एलास्टिक के अंदर हाथ डाल के उसकी चिकनी चूत पे हाथ लगाया तो उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकल गयी. उसकी चूत बोहोत ही गरम हो गयी थी. मेरा हाथ लगते ही उसने अपनी टाँगें थोड़ी खोल दी थी और अब मैं उसकी चूत की मसाज कर रहा था कभी कभी उसकी चूत के पंखाड़ियों के बीच उंगली डाल के उसकी क्लाइटॉरिस को मसल देता उसकी चूत बे इंतेहा गीली हो चुकी थी और उसको बाइक चलाने मे मुश्किल हो रही थी तो इसी लिए मैं ने अपने हाथ चूत पे से निकाल के उसके बूब्स पे रख दिए और दबाने लगा.

थोड़ी ही देर मे फार्महाउस की टर्निंग आ गयी जहा से फार्महाउस तकरीबन 5 किलोमीटर था और इस रोड पे कोई भी ट्रॅफिक
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07-10-2018, 12:18 PM,
#9
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
नही रहती थी क्यॉंके यह एक प्राइवेट टाइप की रोड थी. अभी हम टर्न लिए ही थे के सामने से बैल गाड़ी आती नज़र आई जिसपे गंगू बाई और उसका पति था. पिंकी ने बाइक रोक ली और पूछा तो पता चला के गंगू बाई बीमार है और वो सिड्डिपेट हॉस्पिटल जा रहे है तो उसने फॉरन डॉक्टर कविता को जो उसकी मोम की कॉलेज फेलो भी रह चुकी है और दोनो की अछी ख़ासी गहरी दोस्ती भी है और पिंकी की मोम जब कभी फार्महाउस आती है तो वो कविता को या तो अपने पास फार्महाउस ही बुला लेती है या खुद उसके घर चली जाती है. पिंकी ने डॉक्टर. कविता को फोन किया जिनका वाहा पे नर्सिंग होम था और बोला के मैं पिंकी बोल रही हू आंटी तो उसने पूछा हाई पिंकी कैसी हो तुम और तुम्हारी मोम कैसी है तो उसने कहा के हा आंटी ठीक है. मैं पिक्निक के लिए निकली थी पर बारिश की वजह से घर वापस नही जा सकी और यही फार्महाउस मे रुकी हुई हू. हमारी काम वाली गंगू बाई बीमार है वो आपके पास आ रही है प्लीज़ उसको अड्मिट कर लीजिए और 2 – 3 दिन तक अपने नर्सिंग होमे मे ही रखिए मैं आपको पेमेंट भिजवा दूँगी तो उसने हंसते हुए कहा के अरे पेमेंट की ऐसी क्या जल्दी पड़ी है मैं जब तुम्हारे घर आउन्गि तो तुम्हारी मोम से ले लूँगी तुम पेमेंट की फिकर ना करो और अड्मिट की ज़रूरत होगी तो ही करूँगी तो पिंकी बोली के नही आंटी मुझे पता है वो बोहोत कमज़ोर हो गयी है और ऐसे बारिश मे उसकी तबीयत और खराब हो जाएगी आप प्लीज़ उसको 2 – 3 दिन के लिए अड्मिट कर ही लीजिए ताकि उसको कुछ रेस्ट मिल जाए तो डॉक्टर कविता बोली के ठीक है बाबा तुम कहती हो तो मैं उसको अड्मिट कर लेती हू और उसने गंगू बाई से कहा के तुम लोग कविता नर्सिंग होम चली जाओ मेरी बात हो गयी है और वो तुमको 2- 3 दिन एक लिए अड्मिट कर लेंगी तो उसने कहा के बीबी घर मे लक्ष्मी अकेली है हम शाम तक लौट आएँगे तो पिंकी बोली के लक्ष्मी की फिकर करने की ज़रूरत नही मैं हू मैं यहा रह जाउन्गि तुम्हारे आने तक तुम फिकर ना करो और अपना ध्यान रखो. गंगू बाई बोली ठीक है बीबी आपका उपकार है हम पे और वो चले गये. यहा से सड़क खराब हो गयी थी इसी लिए बाइक मैं चलाने लगा और 10 मिनिट के अंदर ही हम फार्महाउस के गेट पे पहुँच गये वाहा देखा तो लक्ष्मी नज़र नही आई हम ने सोचा के शाएद बाथरूम मे होगी और हम आगे चल पड़े. सर्वेंट क्वॉर्टर से से घर तकरीबन आधा किलोमेटेर होगा हम बाइक पार्क करके अंदर घर मे चले गये.

घर के अंदर आते ही हम ने अपने ओवरकोट्स और हेल्मेट उतार दी और फ्री हो गये एक दम से पिंकी मुझ से लिपट गयी और बोली के मेरे राजा मुझे उठा के अंदर ले चलो मैं नीचे झुका और पिंकी को किसी गुड़िया की तरह उठा लिया और बेडरूम

मे आ गया और उसको वाहा रखे एक टेबल पे बिठा दिया और इधर उधर देखने लगा. कमरा बोहोत दीनो से बंद था तो विंडो को कुछ देर के लिए खोल दिया जिस से ठंडी हवा अंदर आ गयी और कमरा जो अछा ख़ासा गरम था एक ही मिनिट के अंदर फिर से ठंडा हो गया. हम ने कुछ देर के लिए खिड़की खुली रखी ताकि फ्रेश एर अंदर आ जाए.

मेरा पॅंट और उसकी सलवार भीग चुके थे. मैं ने तो अपनी पॅंट उतार दी अंदर बर्म्यूडा था तो वोही पहेने रहा लैकिन पिंकी की सलवार तो पूरी तरह से भीग चुकी थी उसने अलमारी से उसकी मम्मी का नाइट गाउन निकाला और अपनी सलवार उतार के वो नाइट गाउन पहेन लिया. पिंकी ने ब्रस्सिएर और पॅंटी नही पहनी थी और यह वाइट और हल्के सा ट्रॅन्स्परेंट गाउन मे से उसका मक्खन मलाई जैसा दूधिया बदन छलकने लगा उसके छोटे छोटे बूब्स और चिकनी चूत नज़र आने लगी लैकिन इस गाउन मे उसको ठंडी लग रही थी इसी लिए खिड़की को बंद कर दिया अब कमरा फिर से गरम हो गया था.

पिंकी ट्रॅन्स्परेंट गाउन पहने बाल बिखराए मेरी तरफ नशेली आँखों से देखती बेड पे लेटी बे इंतेहा खूबसूरत लग रही थी. उसने मुझे अपने पास बैठने को कहा तो मैं बेड के किनारे पे बैठ गया उसने डाइरेक्ट मेरे बर्म्यूडा मे हाथ डाल के मेरे अकड़ते हुए लंड को पकड़ लिया और बोली कि मेरे राजा आज यह मुझे चाहिए तो मैं ने कहा के पागल ना बनो पिंकी अभी तुम छोटी हो और कही कुछ हो गया तो मुसीबत ही आ जाएगी तो उसने मुझे गुस्से से देखते हुए कहा के क्या कहा मैं छोटी हू तो मैं ने कहा के हा यार अभी तुम चुदाई के लिए तुम्हारी चूत छोटी है और यह देखो मेरा मूसल तुम्हारी चूत तो फॅट ही जाएगी तो उसने कहा के मुझे कुछ नही मालूम फॅट जाए या कुछ भी हो जाए मुझे तुम्हारा लंड आज और अभी मेरी चूत के अंदर लेना है. अब हम दोनो लंड और चूत जैसे शब्दो का इस्तेमाल बिंदास करने लगे थे एक दूसरे के साथ. मैं ने कहा सोच लो पिंकी तुम्हारी छोटी सी कुँवारी चूत मे मेरा इतना बड़ा मोटा और लोहे जैसा सख़्त लंड घुसे गा तो तुम्है बोहोत दरद होगा तो उसने कहा कोई बात नही एक ही टाइम तो होगा ना मुझे आज अपनी सील तुम्हारे शानदार लंड से ही तुड़वानी है तो मैं ने कहा के ओके जैसी तुम्हारी मर्ज़ी और अब मैं पिंकी की चूत फाड़ने की तय्यारी मे लग गया और झुक के पिंकी के सेक्सी लिप्स को चूमने लगा. वो तो बोहोत ही गरम हो चुकी थी और मुझे अपने ऊपेर खेच लिया मुझे टाइट पकड़ लिया तो मैं ने कहा के अरे बाबा डोर तो बंद कर देता हू तो उसने बोला के कोई ज़रूरत नही यहा कोई नही है डॉन’ट वरी कम ऑन.

पिंकी का गाउन तो ऑलमोस्ट खुला हुआ ही था जिसे उसने अपने बदन से अलग कर दिया और उसने मेरी टी शर्ट निकाल दी और बर्म्यूडा को

भी खेच के निकाल दिया. अब हम दोनो नंगे थे. मेरा मूसल जैसा और लोहे जैसा सख़्त लंड तो अकड़ के मेरे पेट से चिपक गया था जैसे मेरे पेट मे कोई मॅगनेट हो. मेरे लंड को उसने पकड़ा और दबाने लगी और मुझे खींच के अपने साथ लिटा लिया और हम एक दूसरे की तरफ मूह करके लेते थे और टंग सकिंग किस करने लगे साथ मैं उसके बिना निपल वाली चुचिओ को भी मसल रहा था उसने मेरी टांग पे अपनी टांग डाली और मेरे लंड के डंडे को पकड़ के लंड का सूपड़ा अपनी चूत पर घिसने लगी. लंड मे से निकलते प्री कम से उसकी चूत चिकनी हो गयी थी. पिंकी की चूत मे जैसे चीटिया रेंग रही थी और उसका बॅस नही चल रहा था के किसी तरह से मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर घुसा ले बोहोत ही सेक्सी हो गयी थी और वासना की आग मे जलने लगी थी. मैं ने उसको अपने ऊपेर खेच लिया और उसके चुचिओ को चूसने लगा. उसका बूब पूरे का पूरा मेरे मूह मे आ गया था और मैं उसके बूब्को किसी रस्स गुल्ले की तरह से चूस रहा था और ऐसी पोज़िशन मे मेरा लंड उसकी गंद से लग रहा था. थोड़ी देर मे वो नीचे स्लिप हो गयी और मेरे दोनो पैरो के बीच लेट के मेरे लंड के डंडे को पकड़ के दबाने लगी जिस से मेरे लंड के हेल्मेट जैसे सूपदे पे एक बड़ा सा प्री कम का क्रिस्टल क्लियर ड्रॉप आ गया जिसे उसने अपनी ज़ुबान से चाट लिया और बोली वाह क्या मीठा पानी है राजा तुम्हारे लंड का और मेरे लंड पे अपना मूह लगा दिया और लंड को चूसने लगी आहह मेरा लंड उसके मूह मे बोहोत मज़ा दे रहा था वो लॉली पोप की तरह बड़े जोश मे लंड चूस रही थी. लंड का सूपड़ा उसके हलक को लग रहा था वो आग्घह गग्ग्घह कर रही थी पर लंड को कंटिन्यू चूसे जा रही थी. मैं ने उसके सर को पकड़ा हुआ था और उसके मूह को चोद रहा था इतने मे मैं ने उसको पकड़ के अपने ऊपेर खेच लिया और पलटा दिया जिस से हम 69 की पोज़िशन मे आ गये थे. उसकी मक्खन मलाई जैसी चूत अंदर से पिंक कलर की थी जिस्मै से बड़ी मस्त कुँवारी चूत की सुगंध आ रही थी. मैं ने उसकी चूत को किस किया. उसके दोनो पैर मेरे बदन के दोनो तरफ मुड़े हुए थे जिस से उसकी चूत थोड़ी सी खुल गयी थी पिंक कलर की छोटी सी क्लाइटॉरिस मस्ती मे खुल बंद हो रही थी और वो मेरे लंड को चूस रही थी और मैं उसकी चूत को. उसकी चूत पे मेरी ज़ुबान लगते ही उसकी चूत मे से मीठा मीठा जूस निकलने लगा जिसे मैं मज़े से पीने लगा. उसकी चूत को अपने दांतो से चबाया तो वो पागलो की तरह मचलने लगी और अपनी गंद उठा उठा के अपनी चूत से मेरे मूह को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगी और एक ही मिनिट के अंदर उसका बदन अकड़ने लगा और वो मेरे मूह मे झड़ने लगी. उसका ऑर्गॅज़म 2 मिनिट तक चलता रहा और फिर मेरे बदन पे ढेर हो गयी.

अब मैं उसको फिर से पलटा के अपने बदन पे लिटा लिया और एक बार फिर से उसके छोटे बूब्स को पूरे का पूरा अपने मूह मे ले के चूसने लगा जिस से वो थोड़ी ही देर मे फिर से गरम हो गयी और मेरा लंड को मेरे पेट पे पड़ा हुआ था उसके डंडे के ऊपेर बैठ गयी ऑरा आगे पीछे होने लगी. उसकी चूत मेरे थूक से और उसके जूस से बोहोत ही गीली हो चुकी थी. अब मैं भी बोहोत ही जोश मैं आ गया था और अब मैं पिंकी की चूत फाड़ने के लिए एक दम से रेडी हो गया था. पिंकी से पूछा के काइया तुम रेडी हो तो उसने कहा के हा मई रेडी हू तो मई ने उसको नीचे लिटा दिया और उसके पैरो के बीच मे अपने दोनो पैर पीछे लंबे करके उसके ऊपेर लेट गया. मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के पंखाड़ियो के बीचे मे टीका हुआ था. लंड मे से कंटिन्यू प्री कम निकल रहा था जिसकी वजह से पिंकी की गीली चूत और स्लिपरी हो गई थी. मैं ने अपनी गंद उठा के लंड को उसकी चूत मैं घुसा दिया तो चूत गीली होने की वजह से और प्री कम की चिकनाई की वजह से मेरा लोहे जैसा सख़्त लंड उसकी क्लाइटॉरिस से रगड़ ख़ाता हुआ उसकी छोटी चूत से बाहर निकल गया और ऐसे ही दो तीन ठीक से ट्राइ किया तब जा के सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे अटक गया और उसने मुझे कस के पकड़ लिया और उसके मूह से ऊऊऊऊऊऊईईईईईईई की आवाज़ निकली. थोडा और प्रेशर डाला तो लंड का चिकना सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मैं जा के फँस गया और पिंकी ने फॉरन ही मेरे बदन को बड़ी ज़ोर से पकड़ लिया और अपनी टाँगें मेरी बॅक पे लपेट ली उसकी सांस तेज़ी से चल रही थी चेहरे पे पसीने की बूँदें छलकने लगी और उसका चेहरा लाल हो गया था तो मैं रुक गया तो उसने बोला के राजा और ना तड़पाव अब फाड़ डालो मेरी चूत को. मेरी चूत को तुम्हारे लंड ने दीवाना बना दिया है. मैं अपने लंड के चिकने सूपदे को अंदर बाहर करने लगा जिस से उसका बदन कुछ रिलॅक्स हुआ और उसने अपनी गंद उठा के लंड को चूत के अंदर लेने की कोशिश शुरू कर दी तो मैं ने पूरा लंड बाहर खेच लिया और ज़ोर से झटका मारा तो लंड थोड़ा और उसकी टाइट चूत के अंदर घुस गया और वो चिल्लाई आआआऐईईईईईईईइ म्‍म्म्ममममममाआआआआआआअ. मेरा लंड उसकी चूत मैं फँसा हुआ था और उसके चूत के मसल्स ने मेरे लंड को टाइट पकड़ा हुआ था वो मुझ से एक बार फिर से लिपट गयी उसकी साँसें बोहोत ही तेज़ चल रही थी अब मैं सिर्फ़ आधा ही लंड अंदर बाहर करने लगा. मेरे लंड के साथ ही उसकी चूत की अन्द्रूनि चाँदी लंड के डंडे से चिपक के बाहर आती और लंड के साथ ही अंदर वापस चली जाती. मैं उसके बूब्स को चूसने लगा जिस से वो और जोश मैं आ गयी. मैं चाहता था के एक ही झटके मे उसकी चूत को फाड़ डालु. ऐसे ही आधे लंड के अंदर बाहर करने से वो फिर से मूड मे आ गयी थी और उसकी चूत गीली होना शुरू हो गयी थी. मैं अपने हाथ उसकी बगल के अंदर से डाल के उसके

शोल्डर्स को टाइट पकड़ लिया और अपनी गंद उठा उठा के चोद रहा था और वो मज़े से अपनी गंद उचका उचका के आधे लंड ही से चुदाई के मज़े ले रही थी और मैं ने उसको कोई इंडिकेशन नही दिया के मैं क्या करने वाला हू और इसी बीच लंड को पूरा बाहर खेच के एक बड़ी ज़ोर से पूरी ताक़त के साथ झटका मारा तो एक खच की आवाज़ आई और मेरा लंड उसकी छोटी सी नयी चूत की सील को तोड़ता हुआ उसकी बच्चे दानी से जा टकराया वो उछल पड़ी और उसके मूह से हहाआआआआऐययईईईईईईई म्‍म्म्माआआअरर्र्र्र्र्र्ररर द्द्द्द्द्द्द्द्दददााआाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआआआआअ ज़्ज़ाआआाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीइीईईईईईईईइइम्म्म्ममममम ऊऊऊऊऊओफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हहाआआआआईईई और मुझ से बोहोत ही ज़ोर से लिपट गयी और उसके आँख से आँसू निकल के उसके प्यारे प्यारे गालो पे बहने लगे और नीचे बेड पे गिरने लगे और उसने अपने हाथो से और टाँगो से मेरे बदन को टाइट कस के पकड़ लिया उसकी आँखें बंद हो गयी थी तकलीफ़ से उसका चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया था उसके पूरे चेहरे पे पसीने की बूँदें किसी मोती की तरह चमक रही थी. मेरा लंड उसकी चूत की सील को तोड़ने का जशन मना रहा था और उसकी चूत के अंदर ही अंदर अपनी कामयाबी पे खुशी से फूल गया था. मैं उसके ऊपेर ऐसे ही बिना चोदे लेटा रहा लंड उसकी फटी हुई चूत के सुराख मे ऐसे फँसा हुआ था जैसे बॉटल पे ढक्कन लगा होता है और फिर जब थोड़ी देर के बाद उसके होश ठिकाने आए तो वो थोड़ा सा रिलॅक्स हो गयी और मेरी तरफ अजीब नज़रो से देखते हुए उखड़ी उखड़ी हुई ज़ुबान से बोली राजा तुम्हारा लंड तो बोहोत ही बड़ा और मोटा है मेरी चूत दरद कर रही है तो मैं ने कहा के फिकर ना करो अभी सब ठीक हो जाएगा यह दर्द तो बॅस एक ही टाइम का है अब कभी भी चुदवाने मे तुम्है दरद नही होगा और बॅस मज़ा ही मज़ा आएगा. वो धीरे से मुस्कुरा के आहिस्ता से मेरे गाल पे मार के बोली “चल झूठे” मुस्कुराई तो ज़रूर पर अभी भी उसके चेहरे से तकलीफ़ की झलक दिखाई दे रही थी.
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07-10-2018, 12:19 PM,
#10
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --6


गतांक से आगे........................

अब मैं फिर उसके बूब्स को मूह मे ले के चूसने लगा जिस से उसके बदन मे चुदाई की गर्मी चढ़ने लगी और अपनी गंद उठा उठा के चुदाई मे साथ देने लगी. उसके टाँगें मेरी बॅक पे थी और मेरे पैर पीछे सीधे और मैं उसको अपनी गंद उठा उठा के लंड को आधा बाहर निकाल निकाल के चोद रहा था प्प्पाआककचह प्पाआककचह की आवाज़ कमरे मे गूँज रही थी उसकी चूत से निकला हुआ खून अभी तक चूत के बाहर नही निकल पाया था ऐसा लग रहा था के मेरा मोटा लंड उसकी चूत के सुराख का ढक्कन बना हो हाई जो खून को बाहर निकलने नही दे रहा है मैं 3 -4 झटके आधा लंड बाहर निकाल के धीरे से मारता तो 2 झटके लंड को सूपदे तक बाहर निकाल के

ज़ोर से मारता और हर धक्के के साथ उसके मूह से हप्प्प्प हप्प्प्प जैसी आवाज़ें निकल रही थी. चुदाई ज़ोरो पे थी दोनो के बदन पसीने से भीग चुके थे पता नही वो कितने टाइम अंदर ही अंदर झाड़ चुकी थी पर मेरे बॉल्स मैं हलचल मचना शुरू हो गयी थी और अब मैं उसकी चूत मे धना धन लंड पेल रहा था और अब मुझे लगा जैसे मेरा लंड फॅट जाएगा और मैं ने एक और इतनी ज़ोर से झटका मारा के वो फिर से चिल्लाई ऊऊऊऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आआआअम्म्म्मममममममममममाआआआआआआआआआआअ और मेरे लंड मे से गरम गरम गाढ़ी गाढ़ी मलाई की मोटी मोटी पिचकारियाँ निकल निकल के उसकी चूत को भरने लगी मेरा जोश इतना ज़ियादा था कि मैं झड़ने के बावजूद उसे दीवानो की तरह चोदे जा रहा था और फिर धीरे धीरे मेरे धक्के रुक गये और मैं उसके बदन पे ढेर हो गया हमारी साँसें तेज़ चल रही थी मेरा लंड उसकी गीली चूत के अंदर ही अंदर फूल रहा था. थोड़ी देर के बाद मैं ने अपना लंड उसकी फटी चूत से बाहर निकाला तो एक प्लॉप की आवाज़ के साथ बाहर आ गया और उसकी चूत का सुराख इंग्लीश के अक्षर ( ओ ) की तारह से खुला हुआ था और उसकी चूत से ढेर सारा खून निकल के बेडशीट पे गिरने लगा और इतने मे ही पीछे से आवाज़ आई आआएयूऊ ददडिययद्ड्द्डिईईईईई कककखूऊऊन्न्‍णणन् देखा तो लक्ष्मी अपने भीगे कपड़ो मे खड़ी थी उसका मूह खुला हुआ था और वो हैरत से टक टॅकी बाँधे हमे देख रही थी उसका बदन बारिश मे भीगने से पूरा गीला हो चुका था उसके कपड़े उसके बदन से चिपके हुए थे उसने हाफ स्कर्ट टाइप का लहनगा पहा था और क्रीम कलर का ब्लाउस टाइप शर्ट ( टिपिकल गाओ वालो की तरह ). उसके ब्लाउस मे से उसके बूब्स दिखाई दे रहे थे. पिंकी उसकी आवाज़ से चोंक के उठ गयी और उसे देख के एक दम से घबरा गयी और अपनी टांगो के बीच देखा तो ढेर सारा खून निकल चुका था और कुछ उसकी चूत मे से निकल रहा था खून देख के उसके होटो पे एक अजीब सी मुस्कुराहट और आँखों मे चमक आ गयी क्यॉंके अब पिंकी छोटी बच्ची नही रही थी अब वो चुदवा के अपनी सील तुड़वा के जवान हो चुकी थी. पिंकी बे इंतेहा खुश दिखाई दे रही थी और उसने मुझे थॅंक्स कहा तो मैं भी मुस्कुरा दिया और बोला के सच मैं पिंकी तुम्हारी चूत तो बोहोत ही टाइट थी मुझे भी चोदने मे मज़ा आया हमारी बातें लक्ष्मी गौर से सुन रही थी और वो हैरत मे खड़ी हमे देख रही थी.

पिंकी ने मुझ से इंग्लीश मे कहा के लक्ष्मी ने देख लिया है अब वो ज़रूर बता देगी इसी लिए अब तुम उसको भी चोद डालो और उसकी कच्ची चूत की सील को तोड़ डालो तो मैं ने कहा के पागल हो गयी

हो क्या ऐसे मोटे लंड से उसको चोदुन्गा तो वो तो मर ही जाएगी तो उसने कहा के नही ऐसा नही होगा तुम आहिस्ता आहिस्ता से घुसाना कुछ नही होगा मैं हू ना हम दोनो मिलके ट्राइ करते है तो मैं ने कहा देख लो कही मुसीबत ना खड़ी हो जाए तो उसने कहा के फिकर ना करो अब लक्ष्मी उतनी छोटी नही है वो तुम्हारे लंड को संभाल ही लेगी तुम चोदो तो सही फिर देखते है क्या होता है तो मैं ने कहा के ठीक है अगर तुम ऐसा ही चाहती हो तो ट्राइ कर लेते है और मैं बाथरूम मे अपना लंड धोने के लिए चला गया.

पिंकी ने लक्ष्मी को अपने करीब बुलाया वो हमारे नंगे बदन को देख रही थी और एस्पेशली उसकी नज़र मेरे लंड पे से तो हट ही नही रही थी हर थोड़ी देर मे लंड को देख लेती थी. लक्ष्मी डरते डरते पिंकी के करीब आई तो पिंकी ने उसको अपनी बाँहो मे ले लिया और बोला के लक्ष्मी तुम तो पूरी भीग चुकी हो चलो तुम्हारे कपड़े उतार देते है तो वो शर्मा के बोली ना नही दीदी रहने दो मैं बाद मे बदल लूँगी तो पिंकी बोली के अरे ठंड लग जाएगी तो बीमार हो जाओगी और साथ मे उसके ब्लाउस के बटन खोलने लगी. लक्ष्मी मना ही करती रह गयी और पिंकी उसके बटन खोलती ही रही और सारे बटन खुल जाने के बाद उसने ब्लाउस भी निकाल दिया तो लक्ष्मी ने अपने दोनो हाथ अपने उभरते हुए चुचिओ पे रख लिए और ऐसा मोका देख के पिंकी ने उसके स्कर्ट का हुक खोल दिया तो वो भी नीचे गिर पड़ा और लक्ष्मी एक दम से नंगी खड़ी रह गई और एक हाथ से अपनी चूत छुपाने लगी तो पिंकी बोली के अरे रहने दे ना चल अंदर बाथरूम मे चल हम दोनो साथ साथ स्नान करते है और वो दोनो हमाम मे घुस गये. और शवर से पानी गिरने की आवाज़ आने लगी. पिंकी ने लक्ष्मी से कहा के मेरा खून सॉफ कर दे तो उसने शरमाते हुए अपना हाथ उसके थाइस पे रखा और फिर शरमाते शरमाते उसकी चूत को भी पानी से धो दिया तो पिंकी ने कहा के साबुन भी तो लगा दे और फिर दोनो एक दूसरे को साबुन लगाने लगे और दोनो नहा के बाहर निकल आए. पिंकी और लक्ष्मी दोनो नंगे ही बाहर निकल आए पर लक्ष्मी अभी तक शरम से दोहरी हुई जा रही थी एक हाथ से दोनो चुचिओ को और दूसरे हाथ से अपनी चूत को ढक रखा था.

दोनो के बहेर आने तक मैं ने खून से भरी बेडशीट को उठा के वॉशिंग बास्केट मैं डाल दिया और अलमारी से एक दूसरी बेडशीट निकाल के बेड पे बिछा दिया था. मैं नंगा ही बेड पे लेटा था. लक्ष्मी ने बोला के दीदी मेरे कपड़े !!! तो पिंकी बोली के रहने दे लक्ष्मी अब यहा मैं और राजा भी तो नंगे ही है तू कपड़े पहेन के क्या करेगी तो उसने कहा के दीदी मुझे शरम आती है तो पिंकी बोली के अछा ठीक है और पिंकी ने खिड़की के

मोटे वाले पर्दे गिरा दिए और कमरा अंदर से ऑलमोस्ट अंधेरा ही हो गया था . पिंकी और मैं अब इंग्लीश मे ही बाते कर रहे थे और जब लक्ष्मी से बात करना होता तो हिन्दी मैं ही करते. पिंकी ने बोला के कैसे स्टार्ट करे तो मैं ने कहा के मुझे नींद आ रही है मैं थोड़ी देर के लिए सो जाता हू और तुम उसके बूब्स को चूसो और उसकी चूत पे मसाज करो और पासिबल हुआ तो उसकी चूत को भी किस करो और उसको इतना सिड्यूस करो और इतना गरम करो के वो खुद ही चुदने के लिए तैयार हो जाए तो उसने कहा ठीक है.

लक्ष्मी होगी तकरीबन 4’ 4” या शाएद 4’ 6” के करीब छोटे हाइट की थी उसका रंग सलोना था शाएद 14 साल की ही होगी, मीडियम बिल्ट था बड़ी बड़ी काली आँखें और बड़े बड़े बाल. मेहनत करते करते उसका बदन घाटीला था. लक्ष्मी के बूब्स गोल थे और गोल्फ बॉल जितने साइज़ के थे और चूत पे अभी तक झातें भी नही आई थी बॅस हल्का हल्का सा रुवा दिख रहा था चूत का पेडू थोडा ऊपेर को उठा हुआ था और उसकी चूत के पंखाड़िया थोड़े से मोटे थे उसकी थोड़ी सी फूली हुई चूत बोहोत ही मस्त लग रही थी एक दम से चिकनी. पिंकी और लक्ष्मी दोनो खड़े हुए थे. पिंकी उसके बूब्स को सहलाने लगी और फिर मसल्ने लगी और उसको सिड्यूस करने लगी. लक्ष्मी की समझ मे नही आ रहा था के करे तो वो क्या करे. थोड़ी देर मसल नेके बाद पिंकी उसके बूब्स को अपने मूह मे ले के चूसने लगी जिस से उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकली और उसने एक दम से पिंकी का सर पकड़ लिया और अपने सीने मे घुसा लिया. मैं लेटा रहा और थोड़ी ही देर मे सो गया. उधर पिंकी लक्ष्मी के बूब्स को चूस रही थी और उसके नंगे बदन पे हाथ फेर रही थी कभी उसके चूतदो तो कभी उसकी चिकनी चूत को सहला रही थी. लक्ष्मी की साँसें तेज़ चल रही थी वो एक दम से खामोश थी और फिर पिंकी बेड के किनारे पे बैठ गयी और लक्ष्मी का हाथ पकड़ के अपने सामने खड़ा कर लिया और बैठ ते बैठ ते उसके पेट पे किस किया.

अब पोज़िशन ऐसी थी के पिंकी बेड के किनारे पे बैठी थी और लक्ष्मी उसके सामने खड़ी थी ऐसी पोज़िशन मे उसकी मस्त साँवली सी छोटी सी चिकनी चूत पिंकी के मूह के सामने थी. पिंकी ने उसकी चिकनी चूत पे हाथ फेरा तो उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकल गयी और फिर पिंकी ने उसकी चूत पे किस किया तो लचमी की टाँगें ऑटोमॅटिकली खुल गयी तो पिंकी ने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया ज़ुबान नीचे से ऊपेर और उसकी क्लाइटॉरिस को दन्तो से काट डाला तो लक्ष्मी बोली के हहाअययईए ददडिईयययद्द्द्दडिईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऊऊऊऊ कककचीईई यययययईएहह ककक़क्कीईईईयाअ कककाअरर्ररर र्रर्राआहहिईीई हूऊऊ आआअहह ददडिययड्ड्डिईईई ययययएहह क्क्क्क्कीईईआआअ ह्ह्हूऊओआआआ म्‍म्मईएरररीए कककुउउउ.

लक्ष्मी अब फुल मूड मे आ गयी थी पिंकी उसकी चिकनी कुँवारी चूत को किसी आइस क्रीम की तरह चाट रही थी और उसने पिंकी का सर पकड़ लिया उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और अपनी चूत पिंकी के मूह मे रगड़ने लगी उसके चूत का दाना पिंकी के दांतो से रगड़ रहा था और एक ही मिनिट के अंदर उसकी आँखें बंद हो गयी और उसका बदन बोहोत ज़ोर से अकड़ गया और वो काँपने लगी और काँपते काँपते आआआआहह द्द्द्द्ददडिईईईईईईयययद्द्द्द्द्द्द्द्ददडिईईईईईईई मम्मूउज़्ज्ज्झहीई कककुउऊउक्ककचह हहूऊ रर्राआहहाा हहाआऐययईईईईई द्ददडिईईईयययद्द्द्दडिईईईई और पिंकी के मूह मे अपनी ऊट रगड़ते रगर्ते बोली ददडिईईयययद्ड्द्डिईईईईई म्‍म्मीईररर्राआा प्प्प्प्प्पीईस्स्स्सीस्स्साआअब्ब्ब्ब्ब न्न्नीईक्क्क्काअल्ल्ल र्रर्राआहह ह्ह्ह्ह्ह्हाआअ ह्ह्हाआईईई आआहह द्द्द्द्दीईईद्द्द्दीईइ और वो पिंकी के मूह मे झड़ने लगी और पिंकी ने लक्ष्मी की कुँवारी चूत से निकला हुआ पहला पहला कुँवारा मीठा मीठा रस्स बड़े मज़े से पी लिया. पिंकी को उसका पहला कुँवारा जूस इतना पसंद आया के लक्ष्मी के झड़ने के बाद भी वो उसकी चूत को अपनी आँखें बंद किए हुए बड़े मज़े ले ले के चाट ती ही रही. लक्ष्मी गहरी गहरी साँसें ले रही थी और उसके बदन मे जैसे जान ही नही रही थी और वो धीरे से नीचे फ़राश पे ही बैठ गयी.
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