Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
07-10-2018, 12:22 PM,
#21
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
सुबह आंटी का फोन आया तो उन्हो ने चिंता से पूछा के अब क्या होगा राजा तो मैं ने बोला के कुछ नही होगा आंटी आप फिकर ना करो पहले तो मैं ने भी कल रात पिंकी को चोद दिया और आज उसको भी हमारे साथ बुला लेते है रात मे और हम तीनो मिल कर !!!! तो मेरी बात काट ते हुए बोली के क्या ख़याल है तुम्हारा वो आ जाएगी तो मैं ने कहा के क्यों नही आएगी अब आपको भी तो पता चल गया है ना के मैं ने उसको भी चोदा है तो वो इस बात का ख़याल रखेगी और शुवर आएगी आप फिकर ना करो मैं बात करके उसको रात मे बुला लूँगा तो उनकी चिंता ख़तम हुई. मैने फॉरन ही पिंकी को फोन कर के अपनी पूरी बात बता दिया और बोला के आज हम थ्रीसम करेंगे जब मैं आंटी के कमरे से फोन करू तो तुम आ जाना तो उसने ठीक है कहा और फिर थोड़ी देर इधर उधर की बातें कर के फोन बंद कर दिया.

उस रात मैं जल्दी ही उनके घर चला गया हमेशा की तरह से सारे डोर्स मेरे लिए खुले हुए थे. मैं कमरे के अंदर आया तो आंटी नाइटी पहने सोफे पे चिंतित बैठी थी मुझे विश किया तो मैं ने बोला के आंटी आप अभी तक चिंतित हो तो उन्हो ने अपना सर हा मे हिला दिया. मैं ने विस्की की बॉटल टेबल पे रखी तो आंटी ने फॉरन ही उसको उठा के सोफे के पीछे रख दिया तो मैं ने बोला के आंटी आप घबराओ नही कुछ नही होगा और आइ आम शुवर के पिंकी कोई माइंड नही करेगी क्यों के वो भी एक आज़ाद ख़याल की लड़की है और मैं बॉटल सोफे के पीछे से उठा के वापस टेबल पे रख दिया और पिंकी को फोन किया तो वो आ गयी.

मैं ने उसको अपने करीब बिठा लिया और आंटी के सामने ही उसको एक ज़बरदस्त फ्रेंच किस कर दिया. हम थोड़ी देर तक इधर उधर

की बातें करने लगे ता के आंटी जो टेन्स बैठी थी उनकी हालत ठीक हो सके और फिर मैं ने पिंकी से पूछा के पिंकी क्या आंटी थोड़ी सी विस्की पिए तो तुम माइंड तो नही करोगी तो पिंकी ने बोला के मैं क्यों माइंड करूँगी मम्मी इतमीनान से पी सकती है तो मैं ने बोला के ठीक है एक काम करो तुम ही एक ग्लास मे निकाल के मम्मी को पिलाओ तो वो मेरे पास से उठ के टेबल से बॉटल उठा के ग्लास मे विस्की डाल के मम्मी के होटो से लगा दिया और प्यार से बोली के मम्मी आप चिंतित ना हो मम्मी मुझे पता है के यह बाप बेटे कैसे रहते है इन्है तो जैसी किसी चीज़ की परवाह ही नही वो ना घर की ज़रूरतो का ख़याल करते है और ना ही घरवालो की ज़रूरतो का उनको तो बॅस अपना काम और पैसा ही चाहिए उनको परवाह ही नही के उनकी बीवी वासना की आग मे जलती है तो जले उनको तो बस अपने पैसे से ही मतलब है और मम्मी सच काहु तो आपके बेटे ने मुझे सही ढंग से एक किस तक नही किया मेरे जलते बदन की प्यास बुझाना तो दूर की बात है. वो कमरे मे आता है और इधर उधर हाथ लगा के मुझे गरम कर देता है और खुद खर्राटे मारते हुए सो जाता है यह तो है आपके बेटे का हाल तो मैं समझ सकती हू के आपका भी ऐसा ही कुछ हाल होगा तो आंटी ने कहा के हा बेटा क्या करू और इसी के चलते मैं राजा की जवानी पे अपना दिल हार बैठी और वो सब कुछ हो गया जो तुम ने देखा तो पिंकी ने कहा के कोई बात नही मम्मी आज हम दोनो मिल के राजा को रात भर सोने नही देंगे और इतनी देर मे पिंकी ने शराब पिलाते पिलाते ग्लास खाली कर दिया था तो आंटी ने पिंकी से बोला के तू भी तो थोड़ी सी पीले बेटा सारा बदन गरमा जाएगा तो उसने कहा के गरम क्या मम्मी मेरा बदन तो किसी भाटि की तरह जल रहा है और आंटी ने विस्की का ग्लास पिंकी के हाथ से ले लिया और एक घूँट पिंकी को भी पीला दिया जिसे पिंकी ना ना करते पी गयी और इसी तरह से आंटी ने तकरीबन आधा ग्लास पिंकी को भी पीला दिया. अब पिंकी को भी मज़ा आने लगा था और थोड़ी सी ही शराब से उसको नशा चढ़ने लगा था.

पहली बार विस्की पीने की वजह से पिंकी जल्दी ही आउट भी हो गयी थी और उसका बदन शराब की और चूत की गर्मी से जलने लगा था उसने आंटी के हाथ पकड़ के उठाया और नशे मे झूमते हुए बोली के मम्मी मुझे तो बोहोत ही गर्मी लग रही है और अपनी नाइटी के बटन खोलने लगी और देखते ही देखते उतार भी दिया. उसने पॅंटी और ब्रस्सिएर नही पहनी थी और यही हम ने प्लान भी किया हुआ था पहले से. नंगी पिंकी ने आंटी से पूछा मम्मी आपको गर्मी नही लग रही है तो उन्हो ने मुस्कुराते हुए बोला के अरे बेटा मैं तो अपने बदन की आग मे जल रही हू तो पिंकी ने बोला के तो आप भी अपने कपड़े निकाल दो ना तो आंटी ने बोला के तुम ही निकाल दो तो पिंकी ने हाथ बढ़ा के आंटी की नाइटी भी उतार दी और अंदर से आंटी भी नंगी थी औरे मेरे सामने दो दो नंगे वासना की आग मे जलते बदन

खड़े थे जिन्है देख के मेरा मूसल लंड भी लोहे हैसा सख़्त हो गया और बे इंतेहा गरम भी अब वो दो दो चूतो की गर्मी को शांत करने के लिए तय्यार था.

कमरे मे धीमी लाइट जल रही थी कमरे का महॉल बोहोत ही रोमॅंटिक हो गया था. आंटी उठ ते उठ ते 1 ग्लास भर के शराब और पी गयी थी. पिंकी ने मुझे देखा और लड़खड़ाती आवाज़ मे बोली के राजा तुम्है शरम नही आती यहा मैं और ममी दोनो नंगे खड़े है और तुम अभी तक कपड़े पहने हुए हो तो मैं ने बोला के ठीक है जैसा तुम ने आंटी के कपड़े निकाले है मेरे भी निकाल दो तो वो मेरे करीब आ गयी और मेरी टी शर्ट हाथ ऊपेर कर के निकाल दी और फिर मेरे लूस बर्म्यूडा को फ्लोर पे बैठ ते हुए नीचे खीचा और जैसे ही बर्म्यूडा नीचे हुआ मेरा लंड किसी स्प्रिंग की तरह से उसके मूह के सामने हिलने लगा तो उसने मेरे हिलते हुए मूसल को अपने हाथ से पकड़ लिया और चूमने लगी और देखते ही देखते अपने मूह मे डाल के चूसने लगी. थोड़ी देर उसको चूसने दिया उसके बाद उसको बगल से पकड़ के उठाया और बेड पे लिटा दिया मैं उसके टांगो के बीच मे बैठ गया. अपने सेम दो नंगे बदन देख के तो मैं पहले ही जोश मे आ चुका था और फिर मेरी प्यारी पिंकी की प्यारी चिकनी छोटी सी चूत को देख के तो मैं एक दम से पागल ही हो गया और झुक के उसकी चूत को चूमने और चाटने लगा और पिंकी ने मेरा सर पकड़ के अपनी चूत मे घुसेड लिया आंटी खड़े खड़े यह सब देख रही थी और अपने टाँगो को फैलाए हुए अपनी चूत को अपने ही हाथो से सहलाने लगी थी और साथ मे शराब भी पी रही थी. पिंकी की चूत को पूरे मूह मे भर के दांतो से काटा तो उसका मूह ऊऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईईईई और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ की साथ खुल गया तो आंटी ने ग्लास मे की बची हुई शराब को पिंकी के मूह मे डाल दिया जिसे वो आराम से पी गयी. मैं अपनी जगह से उठा और पिंकी के ऊपेर लेट गया और उसके चुचिओ को चूसने लगा. मेरा लंड उसकी चूत के पंखदिओं के बीच उसकी चूत के सुराख मे अटका हुआ था एक ज़ोर से धक्का मारा तो मेरा मूसल लंड उसकी चूत को चीरता हुआ पूरे का पूरा उसकी गीली और टाइट चूत के अंदर जड़ तक उतर गया फिर से उसका मूह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ के साथ खुल गया तो मैं ने आंटी से बोला के आंटी आप पिंकी के मूह पे बैठ जाओ और उसको अपनी चूत का जूस पिलाओ तो आंटी बेड के ऊपेर आ गयी और मेरी तरफ पीठ करके पिंकी के मूह के ऊपेर बैठ गयी और उसके मूह मे अपनी चूत को रगड़ने लगी और पिंकी अपनी सास की चूत को चाटने लगी जिसमे से जूस निकल रहा था. मैं ने आंटी से बोला के आंटी इधर पलट जाओ मैं आपके बूब्स को मसलना और चूसना चाहता हू तो आंटी पलट के पिंकी के मूह पे ऐसे बैठी के उनके मूह अब मेरी तरफ

हो गया. मैं पिंकी को घपा घाप चोद रहा था और साथ मे आंटी के बूब्स को अपने मूह मे ले के चूस रहा था. आंटी भी मस्ती मे अपनी चूत से अपनी बहू को चोद रही थी और देखते ही देखते आंटी का बदन काँपने लगा और वो अपनी बहू के मूह मे झड़ने लगी जिसे पिंकी जोश मे पी गयी और चाट चाट कर उनकी चूत को सॉफ कर दिया. इसी बीच मे पिंकी को धना धन चोद रहा था उसकी चूत मे से कंटिन्यू जूस निकल रहा था और फिर मेरे धक्के तेज़ होते चले गये और पिंकी का बदन काँपने लगा उसने मेरी पीठ पे अपने पैर ज़ोर से लपेट लिए और झड़ने लगी. जैसे ही पिंकी झड़ने लगी उसकी चूत बोहोत टाइट हो गयी और उसकी चूत के मसल्स मेरे मूसल को निचोड़ने लगे और मैं भी उसकी गरम चूत के अंदर ही अपना सारा गरम गरम वीर्या डाल दिया और पिंकी के बदन पे ही ढेर हो गया इस बीच आंटी की चूत से जूस निकल गया था और वो भी खल्लास हो चुकी थी और गहरी गहरी साँसें लेती हुई वो पिंकी के ऊपेर से लुढ़क के उसके साइड मे लेट गयी थी.

पिंकी ने अपनी सास से बोला के पता है मम्मी अगर यह राजा नही होता ना तो मे तो आपके बेटे लाला को कब का डाइवोर्स दे चुकी होती. यह सुन के सुनीता देवी की आँखें फटी की फटी रह गयी और बोली वो क्यों बेटा तो पिंकी ने बोला के पता है आपको आपका बेटा आज तक मेरी चूत के अंदर अपना लंड नही डाल पाया वो तो चूत के ऊपेर ही थूक के हट जाता है और मैं अपनी उंगली से ही अपने चूत की आग को शांत करती हू यहा आपको बता दू के राजा मुझे पहले से ही चोद्ता है और अगर मुझे राजा का लंड नही मिलता तो मैं शुवर आपके बेटे को डाइवोर्स दे चुकी होती थी. यह सुन के सुनीता देवी बोली के बेटा प्लीज़ ऐसा नही करना नही तो मेरे खानदान पे बदनामी का दाग लग जाएगा तुम जब चाहो राजा से चुदवा लिया करना मैं कोई माइंड नही करूगी पर डाइवोर्स की बात अब कभी मूह से नही निकालना. पिंकी ने बोला के ठीक है मम्मी आप फिकर ना करो मैं ऐसा कुछ नही करूँगी और हा मैं सच कह रही हू के लाला का लौदा थोड़ा सा उठ ता है पर अंदर घुसने से पहले ही उसका पानी निकल जाता है मैं ने उसको बोला के किसी डॉक्टर से कन्सल्ट करो तो उसने बोला के नही वो ऐसा नही कर सकता नही तो उसकी बदनामी होगी. अब मैं थोड़े ही दीनो मैं उसको भी बता दूँगी के अगर वो मेरी चूत की आग नही बुझा सकता तो मैं राजा से चुदवा के अपनी प्यासी चूत की प्यास मिताउन्गी तो उसकी सास ने बोला के ठीक है बेटा उसको उसकी वीकनेस बताओ और आइ आम शुवर के वो भी डाइवोर्स का नाम सुन के डर जाएगा और तुमको राजा से चुदवाने का पर्मिशन भी मिल जाएगा तो पिंकी ने कहा के ठीक है मम्मी आप फिकर ना करो मैं सब संभाल लूँगी तो उसकी सास के चेहरे पे इत्मेनान झलकने लगा और वो ग्लास मे विस्की निकल के एक ही घूँट मे पी गयी और बिस्तर पे गिर के नंगी ही सो गयी.
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07-10-2018, 12:22 PM,
#22
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मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --१२

लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर

हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा

गतांक से आगे........................

पिंकी की शादी को तकरीबन 2 महीने के करीब हो गये थे और इतना ही वक़्त पिंकी की सास को पटाने और चोदने मे लगा था. अब हम डेली चुदाई करने लगे. बड़े मज़े से दिन और रात गुज़र ते रहे. कभी पिंकी और उसकी सास को अलाग चोद्ता तो कभी थ्रीसम. अब हम तीनो एक दम से बे-शरम हो गये थे कभी कभी तो आंटी और पिंकी एक दूसरे की चूत भी चाटने लगी थी. आंटी को अपनी चूत चटवाने मे बोहोत ही मज़ा आता था. अब मैं बिंदास उनके घर आनने जाने लगा था और दोनो को चोदने लगा था. एक दिन पिंकी ने अपने हज़्बेंड लाला से बोल दिया के उसका लंड किसी काम का नही है और अब तुम्है डाइवोर्स दे रही हू तो वो घबरा गया और पिंकी के पैर पकड़ लिए और बोला के प्लीज़ पिंकी ऐसा ना करो तुम जो कहोगी मैं वैसे ही करूँगा तो पिंकी ने बोला के मुझे अछी तरह से चोद के मेरी प्यासी चूत की प्यास बुझा सकते हो तो लाला खामोश होगया और बोला के पिंकी तुम्है तो पता है के मेरी नुनु कमज़ोर है और मैं यह नही कर सकता तो पिंकी ने बोला के अगर मैं अपने किसी दोस्त से चुदवाउ तो तुम्है कोई प्राब्लम होगी तो उसने बोला के अगर किसी को पता चल जाएगा तो बोहोत मुस्किल हो जाएगी तो पिंकी ने बोला के नही होगी तुम उसकी फिकर ना करो तो लाला ने पूछा कोई है तुम्हारा ऐसा फ्रेंड तो पिंकी ने बोला के हा मेरा राजा है ना तो लाला ने बोला के कैसे करोगी तो पिंकी ने बोला के तुम उसकी फिकर ना करो मैं राजा को पटा लूँगी तुम्है कोई प्राब्लम तो नही है ना तो लाला ने बोला के अगर तुम राजा के साथ अपने बदन की प्यास को शांत करना चाहती हो तो मुझे कोई प्राब्लम नही है क्यॉंके वो तुम्हारे और हमारे घर का ही एक सदस्य है ठीक है तुम्है मेरी तरफ से पर्मिशन है तो पिंकी ने बोला के ठीक है लाला अब मैं तुम्है डाइवोर्स नही दूँगी पर तुम राजा को मेरे साथ सोने से रोकना नही और हा मैं तुम्हारे सामने ही उस से चुदवाना चाहुगी तो उसने बोला के अरे ऐसे कैसे तो पिंकी ने बोला के मैं उसको बोलूँगी के तुम्हारे सामने एक टाइम चोद ले ता के तुमको भी पता चले के उसका लंड कितना बड़ा मोटा और सख़्त है और वो कैसे चोद्ता है तो लाला ने बोला के तुम पहले भी राजा से चुदवा चुकी हो क्या तो पिंकी ने बोला के तो फिर तुम क्या समझते हो तुम जो मुझे रात मैं इधर उधर मसल के गरम कर के सो जाते हो तो मैं क्या करू. इसी गर्मी के चलते मैं ने राजा से चुदवा लिया है और अब मैं चाहती हू के तुम भी हमारी चुदाई देखो तो लाला राज़ी होगया. और फिर एक दिन मैं ने लाला के सामने ही पिंकी को खूब ज़ोर ज़ोर से चोदा तो लाला हैरत से मेरे लंड और मेरे चुदाई को देखने लगा और बोला के मुझे ताज्जुब है के इतना बड़ा और इतना मोटा लौदा इतनी छोटी चूत मे कैसे घुस जाता है. अब मैं पिंकी को उसके हज़्बेंड के सामने भी चोद लेता था और आंटी को भी पता

चल चुका था के मैं लाला के सामने ही पिंकी को चोद रहा हू तो उन्हो ने पूछा के लाला को कैसा लगा उसके सामने उसकी पत्नी को कोई और चोद रहा है तो पिंकी ने बोला के वो तो राजा का इतना बड़ा और मोटा लंड देख के घबरा ही गया और एक टाइम तो उसने राजा के लंड को अपने हाथ मे भी पकड़ के देखा तो आंटी हस्ने लगी और बोली के गन्दू का बेटा गन्दू है साला. इसी तरह से पिंकी की और आंटी की चुदाई करते टाइम पास होने लगा. अब वाहा सब हसी खुशी रहने लगे.

दोस्तो अब अपने दोस्त शांति लाल की तरफ चलते हैं

शाँतिलाल की शादी की तय्यारी

शांति लाल की शादी का टाइम करीब आने लगा था तय्यारिया ज़ोर ओ शोर से चल रही थी. पूजा आंटी खुद ही शादी की सारी परचेसिंग हयदेराबाद, कोलकाता और देल्ही से कर चुकी थी और अभी उनको मुंबई जाना था जहा उनका कोई भी रिश्तेदार नही था. अब तक तो उनके साथ कभी शांति होता था तो कभी वो अपनी किसी रिश्ते की कज़िन्स के साथ ही शॉपिंग करने के लिए जा रही थी. मुंबई जाने के लिए उनका और शांति का रिज़र्वेशन फर्स्ट क्लास ए/सी कॉमपार्टमेंट मे हो चुका था और होटल ओबेरोइ मे एक वीक के लिए भी एक सूयीट बुक करवा लिया गया था. इत्तेफ़ाक़ ऐसा हुआ के जिस रात उनकी ट्रेन थी उसी शाम को शांति मिल की सीढियो से नीचे गिर गया और उसके पैर मे हेरलाइन फ्रॅक्चर आ गया और उसको बॅंडेज कर दी गयी थी वो चलने फिरने के काबिल नही था और वो अपनी मम्मी के साथ मुंबई को भी नही जा सकता था. मुंबई को जाना भी ज़रूरी था. रिज़र्वेशन्स और दूसरे कंप्लीट अरेंज्मेंट्स हो चुके थे तो शांति ने बोला के राजा को ले जाओ मम्मी तो पूजा आंटी ने बोला के हा यह ठीक रहेगा और उन्हो ने मुझे बुलाया और बोला के मैं जल्दी से रेडी हो जाउ उनके साथ जाने के लिए तो मैं ने मम्मी को फोन किया तो मम्मी ने बोला के ठीक है तुम चले जाओ मैं तो अब शांति की शादी के करीब ही वापस आउन्गि तो मैं ने कहा के ठीक है मम्मी आप अपने टाइम से आओ यहा तो कोई प्राब्लम नही है.

ट्रेन रात के 10 बजे नामपल्ली रेलवे स्टेशन से निकली. हम रात का खाना तो खा चुके थे. यह फर्स्ट क्लास के कॉमपार्टमेंट मे 2 – 2 ही सीट्स थे एक ऊपेर और एक नीचे. बाहर की गर्मी से ए/सी कॉमपार्टमेंट के अंदर की ठंडक बोहोत अछी लग रही थी. पूजा आंटी नीचे की सीट पे सो गयी और मैं ऊपेर की सीट पे चला गया और थोड़ी ही देर मे सो गया. सुबह 4 बजे के आस पास ट्रेन वीटी स्टेशन पे रुक गयी और हम दोनो उतर गये. बाहर ओबेरोई की लिमज़ीन हमै पिक करने के लिए रेडी खड़ी थी. हम कार मे बैठ के होटेल चले गये. होटेल मे चेक इन किया. हमारा सूयीट 20थ फ्लोर पे था जहा से

दूर तक समंदर का नीला नीला पानी और ऊँची ऊँची बिल्डिंग्स बड़ी रोमॅंटिक लग रही थी. हमारा सूयीट 2 कमरो का था और एक छोटा सा सिट्टिंग रूम टाइप था जहा पर एक छोटी सी डाइनिंग टेबल थी और सोफा सेट विद सेंटर टेबल रखा हुआ था और एक कॉर्नर मे एक बड़ा सा फ्रिड्ज भी रखा था जिस मे मिनरल वॉटर के बॉटल्स, डिफ टाइप्स के जूसज़, कुछ बॉटल्स बियर, ब्रॅंडी, विस्की और शॅंपेन के भी रखे हुए थे. इन सब चीज़ो को जितना यूज़ करते उसका बिल बनता इस्तेमाल ना करो तो बिल नही बनता था. वाहा पे एक बड़ा सा केबल कनेक्टेड टीवी सेट भी रखा हुआ था.

दोनो कर्मरो मे अटॅच बाथरूम था. एक मास्टर बेडरूम जो थोड़ा बड़ा था जहा पे एक क्वीन साइज़ बेड था जिसपे एक दम से वाइट कलर की चदडार बिछी हुई थी और 2 पिल्लो और 4 स्क्वेर साइड पिल्लो भी थे जो प्रॉबब्ली सोने के टाइम पे पैरो के बीच मे दबाने के काम आते थे और वो मास्टर बेडरूम मे एक सोफा सेट और सेंटर टेबल और एक राइटिंग टेबल भी थी वो आंटी के लिए था और मेरे लिए दूसरा वाला थोड़ा छोटा था जहा एक डबल बेड पड़ा था और एक राइटिंग टेबल और एक चेर पड़ी हुई थी. सूयीट बड़ा ही शानदार था. दोनो बेडरूम्स के डोर्स सिट्टिंग रूम मे खुलते थे. इस से पहले भी मैं 5 स्टार होटेल्स मे ठहर चुका था लैकिन सूयीट मे यह फर्स्ट टाइम ही आया था. सूयीट मे अड्जस्ट होने होने तक सुबह के 6 बज गये थे. आंटी ने बोला के वो एक घंटा और सोना चाहती है तो मैं अपने कमरे मे आ गया और मैं भी सो गया. आँख खुली तो 8 बज चुके थे 2 घंटे की नींद से तबीयत काफ़ी फ्रेश लग रही थी. मैं बाथरूम मे चला गया और शवर ले के फ्रेश हो के बाहर आ गया इतनी देर मे आंटी भी नहा धो के फ्रेश हो चुकी थी. मैं आंटी को देखा तो देखता ही रह गया. एक तो आंटी का बोहोत ही गोरा रंग और उसके ऊपेर लाइट गुलाबी रंग की फ्लवर प्रिंटेड सारी और मॅचिंग ब्लाउस जो नवल तक नीचे उतरी हुई थी जहा से उनका पेट और बेल्ली बटन सॉफ नज़र आ रहा था. आंटी दूसरे मायनो मे गाज़ाब ढा रही थी मुझे अपनी तरफ ऐसे देखता पा कर हंस पड़ी और बोली हे राज्ज तुम तो मुझे ऐसे देख रहे हो जैसे आज पहले बार देख रहे हो तो मैं अपने ख़यालो से बाहर आ गया और मुस्कुराते हुए बोला के आंटी आप इतनी खूबसूरत हो यह मैं ने कभी भी धयान नही दिया था. आप तो बोहोत ही खूबसूरत हो और एक दम से किसी आकाश से उतरी हुई अप्सरा लग रही हो तो वो मुस्कुरा दी और बोली क्या राज अब मे इतनी खूबसूरत भी नही हू तो मैं ने बोला के नही आंटी आप सच मे बे इंतेहा खूबसूरत हो पता न्ही आज कितने लोग आपको देख के घायल हो जाए तो वो हंस के बोली चलो अब ज़ियादा ना बनाओ और नाश्ता करो. ब्रेकफास्ट अपने सूयीट पर ही मंगवा लिया था. नाश्ता कर के हम होटेल से बाहर आए और टॅक्सी कर के शॉपिंग के लिए निकल गये. शाम देर गये तक शॉपिंग करते

रहे. आंटी को मेरी चाय्स भी अछी लगी और वो मेरी पसंद के आइटम्स ही पर्चेस करती रही. शॉपिंग करते टाइम मेरे और आंटी के हाथ एक दूसरे के हाथो से टच हो रहे थे और मुंबई के रश मे हमारे बदन भी कभी कभी एक दूसरे के बदन से रगड़ खा जाते थे तो कभी जहा ज़ियादा भीड़ होती वाहा मुझे आंटी के बूब्स अपने हाथ पे लगते महसूस होते तो मेरे बदन मे एक सनसनाहट दौड़ जाती इसी तरह से शॉपिंग चलती रही.

शाम को हम वापस अपने कमरे मे आ गये और नहा धो कर फिर से फ्रेश हो गये तो मैं ने पूछा के आंटी क्या प्रोग्राम है अब तो उन्हो ने बोला के तुम जैसा बनाओगे वोही प्रोग्राम होगा तो मैं ने कहा के आंटी पिक्चर देखेगे या बीच पे फ्रेश एर तो उन्हो ने बोला के चलो आज समंदर की सैर ही करते है फिल्म कल देखेंगे तो मैं ने कहा के ठीक है आंटी आज हम डिन्नर भी बाहर ही करेंगे. थोड़ी देर मे हम होटेल से बाहर निकल गये और टहलते हुए नरीमन पॉइंट से चोपॅटी की तरफ चल दिए. सूरज समंदर के अंदर डूब रहा था हल्की हल्की हवा चल रही थी मौसम बोहोट अछा हो रहा था. हम दो घंटे तक ऐसे ही घूमते रहे. वाहा से चाट की बंदी से चाट खरीद के रेत (सांड) मे आ के बैठ गये और इधर उधर की बातें करने लगे. जब रात होने लगी तो आंटी ने बोला के चलो राज खाना खाते है तो हम दोनो फिर से वॉकिंग करते हुए ब्रबोवर्न स्टेडियम की तरफ चले गये जहा पे एक अछा रेस्टोरेंट था इस रेस्टोरेंट मे एक गोल वुडन प्लॅटफॉर्म भी बना हुआ था जहा पे शाम से ही कुछ लड़के और लड़कियाँ गाना सुनाते थे और कभी कोई लड़की डॅन्स भी कर जाती थी. आंटी को यह रेस्टोरेंट बोहोत पसंद आया. वही खाना खा के हम तकरीबन 11 बजे अपने सूयीट मे वापस आ गये. मुंबई के मौसम मे अच्छी ख़ासी ह्यूमिडिटी होती है और सारे बदन को चिप चिपा कर देती है. कमरे मे आने के बाद स्नान करना ज़रूरी था. आंटी शवर ले के आने तक टीवी देखता रहा और फिर मैं ने नीचे कॉफी शॉप से कॉफी का ऑर्डर दे दिया और अपने कमरे मे नहाने चला गया इतनी देर मे आंटी स्नान कर के बाहर आ चुकी थी और उन्हो ने शवर गाउन पहना हुआ था और अपने सर पे टवल लपेटा हुआ था और वेटर के कॉफी लाने का इंतेज़ार कर रही थी.

मैं अभी बाथरूम मे स्नान करके टब से बाहर निकल रहा था के नीचे रखे वाइट टवल पे मेरा पैर फिसल के मूड गया और मैं धप्प से नीचे गिर पड़ा, बतटब की छोटी सी दीवार मेरे थाइस के अन्द्रूनि भाग से लगी और मेरी स्किन वाहा से फॅट गयी और थोड़ा सा खून भी निकला मगर उतना ज़ियादा नही और गिरते ही दरद से मेरे मूह से एक लंबी चीख निकल गयी

और आंटी दौड़ते हुए बाथरूम तक आ गयी और दूर के बाहर से ही पुकार के पूछा के क्या हुआ राज्ज तो मैं ने बड़ी मुश्किल से बोला के मैं नीचे गिर गया हू आंटी और मेरा पैर मूड गया है उठ नही सकता. बाथरूम अंदर से बंद था. आंटी को सडन्ली याद आया के एक एमर्जेन्सी के बाथरूम के दूर फ्रेम मैं राइट साइड पे एक कील होती है जहा स्पेर के लटकी होती है तो उन्हो ने वो स्पेर चाबी दूर के फ्रेम से निकाली और बाथरूम का दूर खोल दिया. मुझे गिरा हुआ देख के आंटी जल्दी से मेरे पास आ गयी. मेरे बदन पे तो टवल भी नही था मैं नंगा ही नीचे गिरा पड़ा था लैकिन कुछ ऐसे स्टाइल मैं था के मेरी एक टाँग के ऊपेर दूसरी टांग रखी थी जिसकी वजह से मेरा लंड आंटी को इमीडीयेट्ली नज़र नही आ रहा था. आंटी मेरे करीब आ गयी और अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ाया और बोली के उठो राज्ज चलो बाहर बेड पे लेट जाओ तो मैं उठने की कोशिश किया पर उठा नही गया. आंटी बड़ी मीठी नज़रो से मेरे नंगे बदन को देख रही थी. बड़ी मुश्किल से आंटी ने पीछे से मेरे बगल मे अपने दोनो हाथ डाल के उठाया. मैं तो अपने पैरो पे खड़ा होने के काबिल नही था और सारा वेट आंटी के ऊपेर ही था जिस से मेरे नंगे शोल्डर पे आंटी के बूब्स लग रहे थे. आंटी अभी भी शवर गाउन मैं ही थी जो सामने से ऑलमोस्ट खुला हुआ ही था और बीचे मैं फोल्ड कर के एक डोरी से बँधा हुआ था. मैं ने आंटी से बोला के आंटी मुझे एक टवल देदो तो आंटी ने बोला के बाहर तो चलो बेड पे लेट जाओ अभी तुम्है छोड़ा तो तुम नीचे गिर जाओगे. मैं नंगा ही आंटी के सहारे से उठ गया और ऐसे ही बड़ी मुश्किल से घसीट ते हुए आंटी मुझे बाथरूम से बाहर ले के बेड तक ले आई और मुझे बेड पे लिटा दिया मेरी नज़र आंटी पर पड़ी तो देखा के आंटी की नज़र मेरे लंड से हट नही रही थी वो मेरे लंड को खा जाने वाली नज़रो से देख रही थी. मेरे लंड की तरफ उनको इस तरह घूरते हुए देख कर मेरे लंड मे कुछ मूव्मेंट्स शुरू हो गयी और वो थोड़ा हिलने लगा. मैं अपने लंड को अपने हाथो से छुपाते हुए बोला के आंटी वो चदडार डाल दो मेरे ऊपर तो उन्हो ने कहा के ठहरो पहले मुझे देखने तो दो के कहा चोट लगी है. मेरे पास कुछ पेन किल्लर टॅब्लेट्स और आयंटमेंट है मैं लगा दूँगी तो मैं ने बोला के आंटी मुझे शरम आती है प्लीज़ चदडार डाल दो तो उन्हो ने कहा के अरे मेरे से शरम करोगे अब तुम, तुम्हे तो मैं एक हज़ार बार नंगा देख चुकी हू तो मैं ने हंस के बोला के हा आंटी तब मे बच्चा था लैकिन अब मैं बड़ा हो गया हू बच्चा नही रहा तो उन्हो ने कहा के तो क्या हुआ तुम कितने भी बड़े हो जाओ मेरे सामने तो बच्चे ही रहोगे. अब तुम चुप चाप लेते रहो मैं अभी आती हू और आंटी जैसे ही बेड से उठी मुझे उनकी लाइट क्रीम कलर की पॅंटी और ब्रस्सिएर नज़र आ गयी और फिर आंटी के जाने के बाद मैं ने च्छददर को खेच के ओढ़ लिया और
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07-10-2018, 12:22 PM,
#23
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
लेट के आंटी का वेट करने लगा.

आंटी 5 मिनिट के बाद कमरे मे आई तो उनके हाथ मे कॉफी के 2 कप्स भी थे एक कप मुझे दिया और एक कप से वो खुद कॉफी पीने लगी और बोली के राजा गरम गरम कॉफी पिलो थोड़ा आराम आजाएगा और साथ मे एक पेन किल्लर टॅबलेट भी दे दिया. कॉफी ख़तम करके आंटी कप्स ले गयी और आते समय एक मस्क्युलर क्रीम का ट्यूब ले के आ गयी इतनी देर मे मेरा लंड चदडार के अंदर टेंट बना चुका था जिसे आंटी बड़े गौर से देखते हुए बोली के चलो अब निकालो इसे तो मैं ने बोला के आप रहने दो आंटी मैं खुद ही लगा लूँगा तो आंटी बोली के क्यों मेरे लगाने से दरद कम नही होगा क्या तो मैं ने बोला के नही आंटी ऐसी बात नही बस मुझे शरम आती है तो उन्हो ने बोला के अरे मेरे से शरम करने की ज़रूरत नही और फिर यहा और कोई भी तो नही है किसी को क्या पता चलेगा तो मैं ने कहा के आंटी मुझे शरम आती है प्लीज़ कम से कम लाइट्स तो बंद करदो ना तो उन्हो ने कहा के अछा ठीक है और फिर बेड से उठ कर लाइट बंद करदी लैकिन ग्लास के विंडो से बाहर की थोड़ी थोड़ी रोशनी फिर भी कमरे के अंदर आ रही थी तो उन्हो ने पूछा के अभी भी शरम आ रही है या यह कर्टन्स भी बंद कर दू तो मैं ने बोला के हा आंटी बंद करदो कंप्लीट अंधेरा करदो प्लीज़ तो उन्हो ने बोला के अरे अगर कंप्लीट अंधेरा हो गया तो मुझे कैसे नज़र आएगा के दवा कहा लगानी है तो मैं ने बोला के आ जाएगा आंटी आप प्लीज़ सब कुछ बंद करदो तो उन्हो ने खिड़की के पर्दे भी गिरा दिए और बाहर सिट्टिंग रूम की लाइट्स भी बंद करदी जिस से कमरे मे अब एक दम से अंधेरा च्छा गया.

आंटी बेड पे मेरे राइट साइड के थाइस के करीब आके बैठ गयी और चादर को निकाल दिया. चादर के निकलते ही मेरा लंड जोश मे हिलने लगा. आंटी ने मेरे थाइस को टटोलना शुरू किया और पूछा के बताओ दरद कहा पे है तो मैं ने उनका हाथ अपने हाथ से पकड़ा और थाइ के इन्नर पोर्षन जो के मेरे गोल्फ बॉल के साइज़ के बॉल्स के करीब था उनका हाथ वाहा रख के बताया के यहा है. आंटी ने थोड़ा हाथ को इधर उधर घुमाया और बोली के ठीक है अब तुम चुप चाप लेते रहो मैं मस्क्युलर क्रीम लगाती हू और क्रीम का ट्यूब उठा के जहा मैने बताया था तकरीबन वाहा पे रख के ट्यूब को दबाया और ढेर सारी क्रीम मेरे इन्नर थाइ पे लग गयी. अब आंटी ने उसको स्प्रेड करना शुरू कर दिया. मेरे लंड का तो बुरा हाल हो गया था इतने दीनो बाद लंड के करीब किसी औरत के हाथो का स्पर्श मेरे लंड को दीवाना बना रहा था और मेरी गंद तो अपने आप ही ऊपेर उठ ने लगी थी. मैं चुप चाप लेटा रहा लैकिन मेरी साँसें बोहोट तेज़ी से चल रही थी. क्रीम लगाते

लगाते आंटी की उंगलियाँ मेरे बॉल्स को छू रही थी. हम दोनो मे से कोई भी बात नही कर रहा था कमरे मे अजीब सा सन्नाटा और रोमॅंटिक महॉल था. अब आंटी के उंगलियाँ मेरे बॉल्स को टटोलने लगी थी और फिर एक ही मिनिट के अंदर हाथ को थोड़ा ऊपेर कर के लंड को भी सहलाने लगी तो मैं ने बोला के अरे आंटी यह आप क्या कर रही हो तो उन्हो ने बोला के चुप लेटा रह मैं जो कर रही हू मुझे करने दे बॅस तो मैं ने बोला के आपकी मर्ज़ी आंटी मैं कुछ नही बोलूँगा आप जो करना चाहो सो करो. मेरे मूसल लंड पे उनका हाथ महसूस करके मस्ती से मेरी गंद एक दम से ऊपेर उठ गयी. लंड को सहलाते सहलाते आंटी ने मेरे लंड के डंडे को पकड़ के दबाया और फिर दोनो हाथो से पकड़ लिया फिर भी लंड का सूपड़ा उनके दोनो हाथो से बाहर ही निकला हुआ था और इतना मोटा था के उनकी मुति मे नही समा रहा था और उनकी उंगलियाँ नही मिल रही थी. इतनी देर तक हम दोनो खामोश ही थे फिर जब उन्हो ने मेरे लंड को अछी तरह से अपनी मुथि मे पकड़ लिया तो एक दम से उनका मूह सीटी बजाने वाली तरह से गोल खुल गया और हैरत से निकला अरे बाप रे राजा इतना लंबा इतना मोटा यह तो बड़ा ही शानदार है, लगता है भगवान ने तुम्हारे लिए स्पेशल लिंग बना के तुम्है गिफ्ट किया है. मैं कुछ बोला नही तो फिर आंटी बोली के इतना बड़ा और लोहे जैसा सख़्त भी है इस को पाने के लिए तो कोई भी लड़की या औरत सिर्फ़ सपने मे ही सोचा करती है और दोनो हाथो से लंड को पकड़ के ऊपेर नीचे करते हुए मूठ मारने लगी.

आंटी मेरे साइड मे ही बैठी हुई थी लैकिन शाएद उनको यह पोज़िशन कंफर्टबल नही लग रही थी इसी लिए वो साइड से उठ के मेरी दोनो टाँगो के बीच मे घुटने मोड़ के बैठ गयी और दोनो हाथो से मेरे लंड को पकड़ के मूठ मारने लगी. मैं खामोश ही लेटा रहा और आंटी के हाथो का मज़ा लेता रहा और यह सोच रहा था के क्या आंटी को चोदने का मोका मिलेगा या नही. अब आंटी क्रीम व्रीम सब भूल कर मेरे लंड की सेवा कर रही थी जो किसी मूसल की तरह से मोटा और लोहे जैसा सख़्त हो के किसी मिज़ाइल की तरह से खड़ा था. कमरे मे अंधेरा, और दो जलते बदन होने की वजह से कमरे का महॉल कुछ ज़ियादा ही गरम और सेक्सी हो गया था. आ राजा यह तो इतना शानदार है के इसको किस करने का मंन कर रहा है और बिना कुछ बोले वो झुकी और झुकते झुकते अपने हाथ पीछे कर के अपने बदन से शवर गाउन निकाल के फ्लोर पे फेक दिया और झुक के मेरे लंड को सूपदे पे किस किया और चूसना भी शुरू कर दिया. ऐसा लग रहा था जैसे आंटी मेरे लंड को देख के अपने होश ही खो बैठी है. मैं ने गौर किया तो देखा के आंटी की ब्रस्सिएर और पॅंटी गायब थी शाएद वो जब कॉफी, टॅब्लेट्स और क्रीम लाने के लिए अपने कमरे मैं गयी थी तब ही उन्हो ने ब्रा और पॅंटी को निकाल दिया होगा और शाएद मेरे लंड की सवारी का

मंन भी बना लिया होगा यह सोच कर मैं दिल ही दिल मे मुस्कुराने लगा.

आंटी दोनो हाथो से मूठ मार रही थी और सूपदे को चूस भी रही थी फिर उन्हो ने दोनो हाथ हटा लिए और पूरे लंड को अपने मूह मे ले के चूसने लगी तो मैने अपने पैर आंटी के बॅक पे लपेट लिए और उनका सर पकड़ के उनके मूह को चोदने लगा. मेरा लंड बोहोत बड़ा और मोटा है इसी लिए पूरा उनके मूह मे नही घुस रहा था उनके दाँत मेरे लंड के डंडे पे लग रहे थे. ऐसे ही चूस्ते चूस्ते आंटी का मूह मेरे लंड से अड्जस्ट हो गया और अब वो पूरा मूह के अंदर ले के चूस रही थी. मेरा लंड उनके हलक तक जा रहा था. मैं ने बोला के आंटी कुछ स्वाद मुझे भी तो दो, तो वो मेरा मतलब समझ गयी और पलट के मेरे ऊपेर 69 की पोज़िशन मे आ गयी. उनकी चूत तो बे इंतेहा गीली हो चुकी थी और उनकी चूत से बड़ी मस्त खुहबू भी आ रही थी. मैं आंटी की चूत को चाट रहा था ज़ुबान नीचे से ऊपेर और ऊपेर से नीचे और फिर क्लाइटॉरिस को दांतो से पकड़ा तो आंटी काँपने लगी और मेरे मूह मे ही झाड़ गयी. आंटी की चूत का जूस बोहोत मीठा था. आंटी बड़ी मस्ती से मेरा लंड चूस रही थी आंटी के बूब्स मेरे पेट से लग रहे थे तो मैं ने उनको अपने हाथो मे पकड़ लिया आहह क्या मस्त बूब्स थे आंटी के, इतनी एज मे भी इतने कड़क और निपल्स भी एरेक्ट हो गये थे मैं उनको पकड़ के मसल्ने लगा और अपने पेट से उनकी चुचिओ को रगड़ने लगा. मैं अपने पैर घुटनो से मोड अपनी गंद उठा उठा के उनके मूह को चोद रहा था और फिर मेरी मलाई भी रेडी हो गयी थी और फिर उनके सर को पकड़ के अपने लंड को पूरे का पूरा उनके हलक तक घुसा के पकड़ लिया और मेरे लंड मे से गरम गरम मलाई का फव्वारा निकल के आंटी के पेट मे डाइरेक्ट गिरने लगा जिसे वो एक ड्रॉप गिराए बिना पी गयी.
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07-10-2018, 12:23 PM,
#24
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
मेरी मलाई निकल जाने के बावजूद आंटी मेरे लंड को चूस रही थी और मैं उनकी गंद पे हाथ रख के उनकी चूत को अपने मूह मे दबा के रखा था और चाट रहा था. मेरा लंड अभी भी फुल्ली एरेक्ट था. आंटी की चूत समंदर की तरह से गीली हो रही थी वो बिना कुछ बोले के पलट गयी और मेरे थाइस के दोनो तरफ अपने दोनो घुटने मोड़ के मेरे ऊपेर आ गयी और मेरे लंड के डंडे को एक हाथ से पकड़ के अपनी चूत के सुराख से लंड के सूपदे पे सटा दिया और एक ही झटके मे बैठ गयी चूत और लंड दोनो गीले होने की वजह से लंड एक ही धक्के मे चूत के अंदर घुस्स गया और आंटी के मूह से ऊऊऊऊऊीीईईईईईईईई म्‍म्म्ममममममाआआअ निकला और वो फॉरन ही मेरे लंड पे से उछल पड़ी और लंड बाहर निकल गया

तो मैं ने पूछा क्या हुआ आंटी तो उन्हो ने बोला के इतना बड़ा मूसल मैं ने कभी नही लिया दरद हुआ इसी लिए, तो मैं ने बोला के आंटी धीरे धीरे बैठो तो उन्हो ने फिर लंड को पकड़ा और लंड को चूत के सुराख मे अटका के धीरे धीरे बैठ ने लगी और आधा लंड चूत के अंदर लेने के बाद वो मेरे ऊपेर झुक गयी और मेरे मूह मे अपनी ज़ुबान डाल के चूसना शुरू कर दिया बड़ा मज़ा आ रहा था उनकी ज़ुबान चूसने मे. मैं हाथो से उनकी गंद को और उनकी पीठ को सहला रहा था फिर मैं उनके बूब्स को चूसने लगा और अपनी गंद उठा उठा के उनको चोदने लगा. आंटी तो मेरे लंड से मस्ती मे चुदवा रही थी आंटी अपनी तरफ से तो पूरी कोशिश कर रही थी के पूरा लंड अंदर लेने की पर उनसे हो नही रहा था तो उन्हो ने बोला के राजा मेरे ऊपेर आ जा और ज़ोर ज़ोर से धक्के मार मार के मुझे चोद तो मैं पलट के उनको नीचे लिटा दिया और अपनी टाँगो से उनकी टाँगे खोल के अपने पैर पीछे कर के उनकी चूत के सुराख मे लंड को सेट किया और एक ही पवरफुल झटका मारा तो उनके मूह से चीख निकलगई म्‍म्माआअरर्ररर गग्ग्गाआआयययययईई र्र्र्र्रररीईईई ऊऊीीईईईई हहाआआआआआआआअ और मेरा लंड पूरा अंदर घुस के उनकी बचे दानी तक पहुच गया था.

मैं एक मिनिट तक उनके ऊपेर ऐसे ही लेटा रहा और जब उनकी टाइट चूत मेरे लंड की मोटाई से अड्जस्ट हो गयी और देखा के आंटी के हाथ मेरे पीठ पे और गंद पे घूम रहे है तो फिर मैं उनकी चुदाई करने लगा. पवरफुल झटके मार रहा था और आंटी मस्ती मे चीख रही थी पफहाआद्द्दद्ड दाआअल्ल्ल्ल्ल्ल्ल ऊऊीीईईईई आऐईएसस्स्सीईए हहिईीईईईईईई राआज्जजज्जाआा ऊऊफफफफफफफफफ्फ़ म्माअरर्र्ररर ज़्ज़्ज़ूओररर ज़्ज़्ज़्ज़ूऊररररर सस्स्सीईई आअहीईए आप्प्न्नीईइ पूओररीई त्त्ताअक्क्क्काआत्त्त्त सस्सीई माआररररर र्र्राअज्ज्जाआअ आआहह. मैं फुल फोर्स से चोद रहा था तो फिर भी आंटी ने बोला के आओउउर्र्रर ज्ज्जूर्र्र सस्सीई कक्चछूड्दद तो मैं ने अपने पैर पीछे बेड के किनारे की लकड़ी से टीका दिया और हाथ से बेड के दूसरे किनारे की लकड़ी को पकड़ के बोहोत से ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा तो आंटी बोली आआआहह र्रर्राआज्जजज्ज्जाआाअ आऐईएसस्स्सीई हहिईीईई कक्चहूऊओददड़ आअहह म्‍म्माआज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआअ एयाया र्राअह्हाआ हहाअईई र्रररीईई ऊऊओह माआर प्पफहाआड्द्ड़ दददाअलल्ल्ल्ल्ल आऔउन्न्ञतट्ट्तीई ककक्कीईईईई कक्चहूऊततततत्त और मैं दीवानो की तरह से उनको चोदने लगा उनके बूब्स डॅन्स कर रहे थे अंटी की चूत बोहोत ही टाइट थी पता नही कितने सालो से नही चूड़ी थी उनकी चूत. उनके डॅन्स करते बूब्स को मैं झुक के अपने मूह मे ले के चूसने लगा. मेरी इतनी पवरफुल चुदाई से बेड भी हिलने लगा था और पच पच की आवाज़े आ रही थी आंटी तो 3 या 4 बार झाड़ भी चुकी थी और उनकी चूत जूस से भर चुकी थी और इसी लिए लंड

अब आसानी से अंदर बाहर हो रह था और आंटी मुझे ज़ोर से पकड़े हुए थी मेरे झटको से उनका पूरा बदन आगे पीछे हो रहा था और मैं भी पुर जोश मे पूरी ताक़त से चोद रहा था, आंटी की आँख से आँसू निकलने लगे और मुझे लगा जैसे अब मेरी क्रीम भी रेडी हो गयी है और मैं ने चोदने की स्पीड बढ़ा दी और आंटी बोल रही थी कक्चछूड्दद दददाअलल्ल्ल र्रर्राआज्जजज्ज्ज्ज इससस्स बबबीईककककचहाआऐययईईन्न्न्न् प्प्प्पयय्य्ाआसस्सिईईईईई आअहह ककककचहूऊतततत्त कककूऊ वो मुझ से लिपट गयी थी और मेरा फाइनल झटका इतना पवरफुल था के आंटी के मूह से एक बार फिर से चीख निकल गयी आआईईई र्र्र्र्रररीईई म्‍म्म्माअरर्र्ररर ग्गगाआईईई उूउउफफफफफफफफ्फ़ और मेरा लंड शाएद उनकी चूत को चीरता हुआ उनकी बचे दानी से होता हुआ उनके पेट के अंदर तक घुस्स गया और मेरे लंड मैं से गरम गरम मलाई का फव्वारा निकलने लगा जिस से आंटी एक बार फिर से झड़ने लगी, उनका बदन काँप रहा था और वो झाड़ रही थी. दोनो के बदन पसीने से लत पथ थे. मेरे लंड मे से भी इतनी क्रीम निकली जो शाएद पहले कभी नही निकली थी और आंटी की चूत हम दोनो के क्रीम से भर गयी.

मैं उनके ऊपेर ऐसे ही लेटा रहा दोनो गहरी गहरी साँसे ले रहे थे. आंटी मेरे कान मे बोली के थॅंक यू राजा आज तो ज़िंदगी भर की चुदाई का मज़ा आ गया ऐसी चुदाई ज़िंदगी भर कभी नही हुई थी मुझे तुम ने जवान होने का एहसास दिला दिया मस्ती मे मेरे सारे बदन मे मीठा मीठा दरद हो रहा है.आइ लव यू राजा यू आर दा बेस्ट, तुम सच मे एक मर्द हो और मेरे कान मे धीरे से बोली के राजा प्लीज़ मुझे हमेशा ऐसे ही चोद्ते रहना और मुझे ज़िंदगी भर ऐसी ही चुदाई का मज़ा देते रहना और फिर कान के लटकते हुए हिस्से को अपने मूह मेी ले के चूसने लगी मुझे फॉरन ही पिंकी याद आ गयी जब तो मेरे साथ वो बाइक पे बैठी थी तो वो भी मेरे कान को ऐसे हो चूस रही थी. पिंकी का सोचते ही उसकी पहली चुदाई याद आ गयी और मेरा लंड आंटी की मलाई से भरी चूत के अंदर ही अंदर एक बार फिर से अकड़ने लगा तो आंटी चौंक गयी और बोली के वाह राजा यह तो फिर से तय्यार हो रहा है तो मैं मुस्कुरा के बोला के आंटी इसे भी तो आपकी टाइट चूत को चोद के मज़ा आया है और यह फिर से चुदाई करना चाहता है तो आंटी बोली के मैं ने कब मना किया है आज मेरी चूत को चोद चोद के फाड़ डालो और इस चूत का भोसड़ा ही बना दे मेरे राजा. मैं आंटी की ज़ुबान से ऐसे शब्द सुन के हैरान रह गया के इतनी धार्मिक दिखाई देने वाली आंटी ऐसी लंड, चूत और चुदाई की बातें कर रही है मैं ने पूछ ही लिया के आंटी आप इतनी धार्मिक लगती हो मैं ने कभी सपने मे भी नही सोचा था के आप मेरे से चुड़वावगी और ऐसे शब्द का उपयोग करोगी तो वो

हस्ने लगी और बोली के क्यों मैं औरत नही हू, क्या मेरे अंदर एमोशन्स नही है, क्या मुझे चुद्वने का शोक नही है, क्या मेरी प्यासी चूत को अछा तगड़ा लंड नही चाहिए तो मैं ने बोला के यू आर राइट आंटी तो वो बोली के राजा तुम्है क्या मालूम के मैं कितना तड़पति हू और कितने सालो से अपनी चूत की खुजली मैं अपनी उंगली से मिटा रही हू. सेठ साहिब तो किसी काम के नही है. उनका पेट ही मेरे बदन से लगता है उनका लंड तो मेरी चूत के करीब भी नही पहुँच पाता तो तुम ही बताओ मैं क्या करू तो मैं ने उनको चूमते हुए बोला के आंटी आप एक दम से सही बोल रही हो आपको भी चुदवाने का पूरा राइट है आपको अपने एमोशन्स नही रोकने चाहिए और मैं आपको ज़िंदगी भर चोदुन्गा और आपको हमेशा खुश रखूँगा यह मेरा आपसे वादा है तो आंटी के आँखो से आँसू निकल पड़े और मुझे बड़ी ज़ोर से लिपटा लिया और रोने लगी और मुझे चूमते हुए बोले जा रही थी के आइ लव यू राजा मैं ज़िंदगी भर नही भूल सकती के तुमने मेरे बदन की आग को कैसे मस्ती से शांत किया है आइ लव यू आइ लव यू राज. वो किसी छोटी बच्ची की तरह से मेरी बाँहो मे लिपट के रो रही थी और बोहोत देर तक रोती रही और मैं ने उनको रोने दिया ता के उनके अंदर की भादास निकल जाए और मैं थोड़ी देर उनके बालो मे अपनी उंगलियाँ डाल के सहलाता रहा और उनको चूमता रहा तो थोड़ी देर मैं उनका रोना कम हुआ और मेरे कान मे धीरे से कहा आइ लव यू मेरे स्वीट राजा जी तुम ने मुझे वो खुशी दी है जिसके लिए मैं आज तक तरसती थी और हा अब मुझे आंटी मत समझना अपनी रंडी समझना और किसी रंडी की तरह से ही मेरी चुदाई करना मैं हमेशा ही तुम से चुडाने के लिए रेडी हू समझे ? तो मैं ने कहा के ठीक है आंटी आप बिल्कुल फिकर ना करो. आंटी यह तो बताओ के आपकी चूत अभी तक इतनी टाइट कैसे है तो वो मुझे प्यार करते हुए बोली के जब साल ओ साल चुदाई ना हो तो चूत तो टाइट ही होगी ना और मेरी चूत तो लंड का रास्ता देखते देखते थक्क गयी है और आज मुझे ऐसा लंड मिला है जिसकी मैं बचपन से तमन्ना करती थी आज मुझे मेरे सपनो का लंड मिला है और बरसो की प्यासी चूत ने ऐसे शानदार लंड का पानी पिया है और आज मेरी चूत की बरसो की आग बुझी है. अब और देर ना करो मेरे राजा प्लीज़ और चोद डालो अपनी पूजा रंडी को और चोद चोद के इस चूत का भोसड़ा बना दो अब मैं और सहन नही कर सकती.
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07-10-2018, 12:23 PM,
#25
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --१३


गतांक से आगे........................

आंटी के मूह से यह सुनते ही मेरे लंड मे जैसे हलचल मचने लगी और वो एक दम से आंटी की चूत के अंदर ही फुल टाइट हो गया और बिना लंड को बाहर निकाले के चोदना शुरू कर दिया. चूत पहले से ही दोनो की क्रीम से भरी हुई थी और चुदाई शुरू होते ही पच पच पच की आवाज़ें आने लगी और मैं धना धन आंटी की टाइट चूत को चोदने लगा. आंटी ने पैर मेरी पीठ पे लपेट लिए और मेरे मूह मे आनी जीभ डाल के

चूसने लगी. मैं आंटी के मस्त कड़क चुचिओ को मसल रहा था और आंटी को किस कर रहा था. थोड़ी ही देर मे आंटी के मूह से मस्ती भरी आवाज़ें निकलने लगी और बोली आआहह रराज्ज्जाआ आईसस्सीए हीईए ऊऊओिईई म्‍म्माआआ कचूओद्दड़ दददाअलल्ल्ल्ल र्रररीईए. उनके डॅन्स करती हुई चुचिओ को अपने मूह मे ले के चूसने लगा तो आंटी जैसे दीवानी हो गयी. उनके निपल्स बोहोत ही सेनसेंटिव थे बूब्स को मूह मे लेते ही आंटी वासना की आग मे जल के पागल हो जाती थी. मैं फिर से पहले वाले स्टाइल मे मिशनरी पोज़िशन मे पैर पीछे टीका के फुल स्पीड और पूरी ताक़त से आंटी की चूत को चोद रहा था और वो भी मस्ती मे चुदवा रही थी. पचक पचक की चुदाई की आवाज़ें ही कमरे मे गूँज रही थी. लंड पूरा बाहर तक निकल निकल के लोंग स्ट्रोक्स दे रहा था. ऐसे पूरा लंड बाहर निकालने से आंटी के चूत के अंदर हमारी मिक्स मलाई थोड़ी थोड़ी बाहर निकल रही थी और बेड पे गिर रही थी. मैं फुल फोर्स से चोद रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड आंटी के पेट मे घुस रहा है और आंटी भी मस्ती मे मेरे शोल्डर्स को काट रही थी. आंटी फिर से 3 – 4 बार झाड़ चुकी थी और चूत बे इंतेहा गीली हो गये थी. अब मैं भी छूटने के कगार पे था और मैं ने स्पीड बढ़ा दी और तूफ़ानी रफ़्तार से लंड आंटी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था और फिर एक इतनी ज़ोर से झटका मारा के मेरा लंड एक बार फिर से उनकी बच्चे दानी के अंदर घुस्स गया और आंटी अपनी चीख को रोकने की कोशिश करते हुए जो मेरे शोल्डर को मस्ती मे चूस रही थी अब तकलीफ़ से अपने दांतो से काट डाला फिर भी उनके मूह से निकल ही गया आआआआआहह म्‍म्म्ममाआआआआआआआअ र्र्र्र्र्ररराआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्

ज्ज्ज्ज्जाआाआअ ऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईईईई और मेरे लंड मे से गाढ़ी गाढ़ी मलाई का फव्वारा निकलना शुरू हुआ और आंटी की बच्चे दानी को भरने लगा.

मैं उनके सीने पे ही लेटा रहा. दोनो के बदन से पसीना पानी की तरह से बह रहा था. मैं थोड़ी देर के बाद उनके बदन से उठ के उनकी बगल मे लेट गया. जैसे ही लंड उनकी चूत से बाहर निकला वैसे ही उनकी चूत मे इकट्ठा हुआ दोनो का मिक्स जूस बह कर उनकी गंद पे से होता हुआ बिस्तर पे गिरने लगा और फिर हम दोनो एक दूसरे की बाँहो मे बाहें डाले लिपट के सो गया. मेरी थाइ पे लगी हुई चोट का दरद पता नही कब ख़तम हो गया था.

सुबह 10 बजे के करीब मैं और आंटी दोनो नंगे ही साथ साथ उठे. आंटी बोली के आहह राजा आज से पहले इतनी मीठी और इतनी गहरी नींद कभी नही आई. आंटी की आवाज़ सुनते ही मेरे दिमाग़ मे रात की चुदाई की फिल्म चलने लगी और देखते ही

देखते मेरा लंड अकड़ के हिलने लगा और आंटी के बदन से लंड लगा तो वो चोंक गये और हाथ नीचे लगा के देखा तो लंड मूसल बना हुआ था तो वो मुस्कुरा के अपने हाथ मे मेरा लंड पकड़ के बोली के cछ्ह्ह cछ्ह्ह्ह बेचारे को शाएद रात मे पेट भर चोदने को नही मिला आजओ मेरे प्यारे लुंडु मैं तेरी भूक मिटा देती हू और मेरे लंड को प्यार से सहलाने और दबाने लगी. हम दोनो एक दूसरे की तरफ मूह कर के करवट लेते थे तो आंटी ने अपनी एक टांग उठा के मेरे थाइ पे रख ली जिस से उनकी चूत के पंखाड़ियाँ खुल गयी और लंड के सूपदे से टच करने लगी और फिर आंटी ने लंड के डंडे को पकड़ के लंड के सूपदे को अपनी चूत मे रगड़ना चालू कर दिया और देखते ही देखते उनकी चूत भी गीली हो गयी और मेरे लंड के प्री कम से स्लिपरी भी होगयि तो मैं ने उनको अपने ऊपेर खेच लिया. आंटी मेरे ऊपेर जॉकी की तरह से बैठ गयी और मेरा लंड ऑटोमॅटिकली उनकी चूत के सुराख से सॅट गया और आंटी को पकड़ के एक ही धक्का मारा तो आधा लंड उनकी टाइट गीली चूत मे घुस गया. आंटी को झुका के उनके बूब्स को चूसने लगा. दिन के टाइम पे आंटी को नंगी देख रहा था वो बोहोत ही गोरी थी और उनके चुचियाँ भी बड़े ही मस्त और टाइट थे उनके निपल्स इतने गुलाबी थे के बाहर से आती सूरज की रोशनी मे उनके निपल्स किसी सुलगते हुए अँगारे की तरह से लग रहे थे और उनका लाइट गुलाबी रंग का अरेवला तकरीबन 1 इंच का था. आंटी के बूब्स बोहोत से सेन्सिटिव थे उन के चुचिओ को मूह मे ले चूस्ते ही वो जैसे दीवानी हो जाती थी. मैं ने एक और धक्का दिया तो लंड कुछ और अंदर घुस गया. अब दिन का समय था और हमारी शरम ख़तम हो चुकी थी. आंटी अब मेरे लंड की सवारी कर रही थी. लंड रॉकेट की तरह से सीधा उनकी चूत के अंदर जा रहा था और आंटी मेरे रॉकेट लंड पे उछल रही थी और उनके बूब्स डॅन्स कर रहे थे. अब आंटी आसाने से लंड को अपनी चूत के अंदर ले रही थी और उन्हे बोहोत ही मज़ा आ रहा था. पवरफुल चुदाई चल रही थी दोनो के बदन एक बार फिर से पसीने मे भीग चुके थे. आंटी को पलटा के एक बार फिर उनको नीचे लिटा दिया और ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया. आंटी बोहोत ही मज़े ले रही थी उनकी आँखें मस्ती मे बंद हो गयी थी, उनके पैर मेरी पीठ पे लिपटे हुए थे और अपने पैरो से और हाथो से मेरी गंद को अपनी तरफ खेच रही थी. लंड को पूरा सूपदे तक बाहर निकल निकल के बड़ी बेदर्दी से आंटी की टाइट चूत को चोद रहा था. आंटी तो 3 बार ऑलरेडी झाड़ चुकी थी और अब मेरी मलाई भी निकलने को तय्यार थी फुल स्पीड से चोद रहा था और देखते ही देखते आंटी का बदन कांनपने लगा और मैं ने भी एक पवरफुल झटका मारा और लंड को उनकी बच्चे दानी के अंदर कर के अपनी क्रीम का फव्वारा छोड़ने लगा और एक बार फिर दोनो की मलाई साथ साथ निकल गयी और उनकी चूत दोनो

की मलाई से भर गयी. लंड को आंटी के चूत के अंदर ही रखे रखे थोड़ी देर हम दोनो ऐसे ही एक दूसरे को चूमते चाट ते रहे. आंटी का बदन बेजान हो के बिस्तर पे पड़ा था लंड चूत के अंदर ही था थोड़ी देर के बाद आंटी की साँसें ठीक हुई तो बोली के राजा आज तुम्हारी मलाई का नाश्ता करा दो तो मैं फॉरन ही अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकल के 69 की पोज़िशन मे आ गया. मेरा लंड हम दोनो की मलाई से भरा हुआ था और लंड की टोपी से मलाई की बूँदें टपक रही थी जिसे आंटी ने फॉरन ही अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी और मैं भी झुक के आंटी की गुलाबी चूत को देखने लगा जो अंदर से बोहोत ही लाल हो गयी थी और चूत का सुराख इंग्लीश के “ओ” जैसा हो गया था जिस्मै से दोनो का मिला जुला जूस निकल के बिस्तर पे गिर रहा था. उनकी चूत के पंखाड़ियाँ जम कर चोदने की वजह से डबल रोटी की तरह सूज गये थे, लाल और मोटे हो गये थे और सच मे उनकी नाज़ुक चूत का भोसड़ा बन चुका था. चूत अंदर से एक दम से लाल ब्लड रेड जैसे हो गयी थी. मैं ने आंटी की चूत पे किस किया और फिर उनकी चूत के अंदर से बहती हुई मिक्स मलाई को चाटने लगा. आंटी की टाँगें मूडी हुई थी और अब वो फिर से अपनी गंद उचका उचका के मेरे मूह मे अपनी चूत को घुसा रही थी और अपने दोनो रानो से मेरे सर को दबा भी रही थी आंटी एक बार फिर से फुल मूड मे आ चुकी थी और मे उनकी चूत के खुले हुए सुराख मे अपनी ज़ुबान अंदर बाहर कर ज़ुबान से उनकी चूत को चोद रहा था. आंटी मेरे लंड को किसी आइस क्रीम की तरह से चूस रही थी और आज मुझे उनके चूसने मे इतना मज़ा आ रहा था के किसी के भी चूसने मे उतना मज़ा नही आया था और आंटी काँपते बदन के साथ मेरे मूह मे झड़ने लगी और मैं उनके मूह मे अपनी क्रीम के फव्वारे छोड़ता रहा जो आंटी के डाइरेक्ट हलक मे गिरता रहा. हम दोनो ने एक बार फिर से एक दूसरे की मलाई का टेस्ट किया.

अभी हम दोनो एक दूसरे के ऊपेर ही नंगे लेते थे के बेल की आवाज़ आई तो मैं जल्दी से आंटी के ऊपेर से उठ गया और डोर खोलने के लिए बाहर जाने लगा. बेड पे रखी चदडार को अपने बदन से लपेट ते हुए मैं डोर खोलने के लिए उठा तो आंटी भी उठ के अपनी नाइटी पहेन ने लगी. डोर खोला तो देखा के बाहर रूम सर्विस वाली एक 18 – 20 साल की लड़की, मीडियम हाइट और नाज़ुक बदन की अपनी बड़ी बड़ी काली आँखो को मतकाते होटेल यूनिफॉर्म, पिंक कलर की फ्लवर वाली शॉर्ट स्कर्ट जैसे चियर लीडर्स पेहेन्ते है ऐसे फ्रिल वाली छोटी सी स्कर्ट और वैसा ही टॉप और वाइट कलर का छोटा सा एप्रन पहने खड़ी है उसकी सिडोल नंगी टाँगें और लव्ली चिकने थाइस के साथ वो बड़ी मस्त लग रही थी. लड़की तो अछी सुंदर लग रही थी. वो लड़की खुले सवले रंग की थी पर बड़ी सेक्सी लग रही थी. उसने कहा सर

रूम सर्विस करनी है तो मैने ने उसको अंदर आने का संकेत दिया तो वो अंदर आ गयी और इत्तेफ़ाक से पहले मेरे कमरे मे ही चली आई और देखा के आंटी अपनी नाइटी की डोरी बाँध रही थी, आंटी की नाइटी इतनी पतली थी के पहेन्ने के बावजूद लगता था के आंटी नंगी ही खड़ी है और उनकी नाइटी मे से उनके मस्त बूब्स और भोसड़ा बनी फूली चूत सॉफ दिखाई दे रही थी. आंटी थोड़ा शर्मा भी रही थी पर कुछ बोल भी नही सकती थी हम ऐसी पोज़िशन मे थे के कोई अँधा भी समझ सकता था के हम ने चुदाई की है. फिर उसकी, मेरी और आंटी हम तीनो की नज़र एक साथ बिस्तर पे पड़ी तो हम तीनो ही भोचक्के रह गये क्यॉंके बिस्तर के बीच मे कल रात की चुदाई से आंटी की चूत से निकला थोड़ा सा खून और मलाई का मिला जुला धब्बा था जो अब गुलाबी कलर का होगआया था और अभी फ्रेश वाली सुबह की चुदाई का जूस जो निकला था वो अभी तक कच्चा था बेडशीट गीली हो रही थी. लड़की के मूह पे एक हल्की सी मुस्कुराहट आ गयी और वो बेड पर से चदडार उठा ने लगी. चदडार उठाई तो पता चला के चदडार के नीचे वाला फोम का मॅट्रेस भी हमारी मलाई से गीला हो गया है जिसे देख कर रूम सर्विस वाली लड़की मुस्कुराते हुए हम दोनो को देखने लगी जिसे देख कर आंटी शर्मा गयी और अपनी ट्रॅन्स्परेंट नाइटी को ठीक करते हुए अपने कमरे के बाथरूम मे चली गयी और बाथरूम का डोर अंदर से लॉक कर लिया.
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07-10-2018, 12:23 PM,
#26
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
अब तो जब तक रूम सर्विस वाली लड़की अंदर थी तो उसके वापस जाने तक मैं कही जा भी नही सकता था इसी लिए वही रुका रहा. आंटी के चले जाने के बाद मैं और वो लड़की कमरे मे रह गये तो उसने मेरी तरफ मुस्कुरा के देखा और पूछा के रात कैसी गुज़री सर ? तो मैं भी मुस्कुराते हुए बोला के चदडार देख के समझ जाओ के कैसी गुज़री तो वो हस्ने लगी और मेरी लपेटी हुई चदडार की तरफ इशारा कर के बोली के सर आप यह चादर मुझे दे दो यह भी वॉशिंग के लिए ले जाउन्गि तो मैं इधर उधर देखने लगा मेरे कपड़े उधर दूसरी तरफ सोफे पे पड़े थे तो उसने बोला के कोई बात नही सर अभी तो यहा मेडम भी नही है आप यही चादर निकल के मेरे कू दे दो तो मैं ने जैसे ही चदडार अपने बदन से निकाली मेरा लटकता हुआ लंड देख के सीटी बजाने वाले स्टाइल मे उसका मूह खुला के बोली वाउ सर अब मैं समझ गयी के मेडम की रात कैसी गुज़री होगी और मेरे लंड की तरफ इशारा कर के बोली के इसी की वजह से ही मेडम का ब्लड भी निकला होगा. सर कुछ प्रसाद हमे भी मिलेगा ? तो मैं ने पूछा के क्या ? तो उसने बोला के लगता है आप सर्विस अछी करते हो कुछ हमारा भी ख़याल कर्लो ना सर तो मैं ने बोला के अरे यह क्या बोल रही हो तुम, तो उसने बोला के सच सर आपका गीला बेड देख के तो अब मैं भी गीली हो गई हू और मेरे करीब आ के अपनी टाँगें थोड़ी सी खोल के खड़ी होगयि और मेरा हाथ अपने हाथ मे पकड़ के अपनी चूत से लगा दिया और

बोली के आप खुद ही देख लो सिर के इसका क्या हाल हो गया है और आपका यह रॉकेट देख के इसके मूह मे भी पानी आ गया है.

मैने एक मिनिट के लिए उसकी तरफ देखा. वो एक खुले सावली कलर की लैकिन एक बोहोत ही सेक्सी लड़की थी. उसके बूब्स भी उसके नीट और क्लीन यूनिफॉर्म मे से बड़े मस्त लग रहे थे. मैं ने उसके बूब्स को पकड़ लिया वाउ एक दम से कड़क थे उसके बूब्स गोल गोल 34 के साइज़ के होंगे उनको पकड़ लिया और दबाने लगा तो उसने अपने हाथ से मेरे लंड को छुआ तो वो एक ही झटके मार के अकड़ गया. अरे बाप रे सर यह तो बड़ा ही ख़तरनाक लग रहा है. मेरे लंड को पकड़ के दबाने लगी. मैं ने सोचा के आंटी अभी अभी तो बाथरूम मे गई है और मुझे पता था के आंटी एक बार शवर लेने के लिए बाथरूम मे चली जाती है तो 40 – 45 मिनिट तक वापस नही आती. मैं ने सोचा के आंटी के बाथरूम से बाहर आने मे अभी टाइम है कियों ना आज एक और नयी चूत का स्वाद ले लिया जाए और इस रूम सर्विस वाली लड़की को भी चोद डाला जाए. मैं ने उसका नाम पूछा तो उसने बोला के उसका नाम आशा है. शादी हो गयी क्या तो उसने बोला के नही सर शादी तो नही हुई पर इस से पहले भी 2 -3 बार चुदवा चुकी हू अपने पड़ोस के लड़के से पर उसके साथ मुझे उतना मज़ा नही आया. तुम्हारे मूसल से चुदवाने का मॅन भी है और डर भी लग रहा है तो मैं ने कहा डरो नही चुदवाना चाहती हो तो कोई बात नही अगर चोदने से कोई प्राब्लम नही होगी तो मैं भी रेडी हू तो उसने कहा अरे सर आप बिल्कुल फिकर ना करो कोई प्राब्लम नही होगी और झुक के अपने स्कर्ट के नीचे से पॅंटी को खेच के निकाल दिया. लड़की बड़ी बिंदास लग रही थी. मैं ने उसको अपनी बाँहो मे ले लिया और किस किया तो उसका मूह ऑटोमॅटिकली खुल गया और आँखें बंद होगयि. अपने हाथो से मेरी पीठ सहला रही थी और मैं उसके टॉप के बटन को खोल के एक हाथ से उसका एक बूब दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी चूत को सहला रहा था. सच मे उसकी चूत बोहोत ही गीली हो चुकी थी लगता था के वो झाड़ गई है. उसके टॉप के बटन्स खोल दिया और उसके नंगे बूब्स को चूसने लगा. उसने मुझे पीछे धकेल के दीवार से चिपका दिया और खुद नीचे बैठ गयी और मेरे लंड को अपने हाथो से पकड़ लिया और आगे पीछे कर के सहलाने लगी और घूर के देखते हुए बोली के सर यह तो बोहोत मस्त है पहली बार देखा है इतना बड़ा मोटा और सख़्त और फिर मेरे लंड को चूमने लगी और देखते ही देखते लंड के सूपदे को मूह मे ले के चूसने लगी और मेरे हाथ भी ऑटोमॅटिकली उसके सर पा आ गये और मैं उसके मूह को चोदने लगा. लंड उसके हलक तक घुस गया तो तो वो ग्घह ग्ग्गह करने लगी. मैं थोड़ी देर तक उसके मूह को चोद्ता रहा फिर उसको उठा के खड़ा कर दिया और पलटा के उसको दीवार से टीका दिया और नीचे बैठ के उसकी चूत को किस किया.

उसकी चूत पे थोड़े थोड़े बॉल थे उसकी गीली चूत मे से जूस की स्मेल आ रही थी. आशा ने अपनी टाँगें खोल ली और मेरा सर पकड़ के मेरे मूह मे अपनी चूत को रगड़ना चालू कर दिया. वो वासना की आग मे जल रही थी उसका जोश बढ़ता ही जा रहा था और मैं ने उसकी चूत को अपने दांतो से काटा तो वो एक ही मिनिट के अंदर उसका बदन काँपने लगा और अपने सर को दीवार पे इधर उधर पटक ते पटक ते आआहह ऊऊहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जैसी आवाज़ें निकाल ते हुए मेरे मूह मे ही झड़ने लगी. तकरीबन 2 मिनिट तक उसका ऑर्गॅज़म चलता रहा उसके बाद मैं उठ गया और उसकी टाँगें खोल के खड़े ही खड़े उसकी चूत के सुराख मे अपने लंड के सूपदे को टीका दिया और उसके चूतदो को दोनो हाथो से पकड़ के उठा लिया जिस के चलते उसने फॉरन ही अपनी टाँगें मेरी बॅक पे लपेट ली और मेरी गर्दन मे हाथ डाल के मेररे बदन से झूलने लगी. मेरा लंड उसके चूसने से गीला हो चुका था और उसकी चूत तो मेरे चाटने से और उसके जूस से बोहोत ही गीली हो चुकी थी. जैसा के मेरा स्टाइल है मैं ने एक ही ज़बरदस्त धक्का मारा तो मेरा लंड उसकी खुली चूत को फड़ता हुआ पूरा जड़ तक उसकी टाइट चूत के अंदर तक घुस्स गया मुझे लगा जैसे मेरा लंड उसकी चूत और गंद को फाड़ कर दीवार मे घुस गया हो. वो चिल्लाई ऊऊऊीीईईईईईई म्‍म्म्मममाआअ हहाअईईई और मुझ से बड़ी ज़ोर से लिपट गयी उसकी साँस जैसे रुक गयी थी और आँखो से आँसू निकल रहे थे उसका चेहरा तकलीफ़ से लाल हो गया था और उसका शरीर पसीने मे डूब गया था. मेरा लोहे जैसा मूसल लंड आशा की चूत को फाड़ता हुआ अंदर उसके बचे दानी तक घुस्स गया था. उसकी चूत भट्टी जैसी गरम थी जिस्मै मेरा लोहा लंड पिघलता हुआ महसूस होने लगा.

अब मैं आशा को धना धन चोद रहा था उसकी टाँगें मेरे बदन से लिपटी हुई थी जिसके चलते उसकी चूत भी खुल गई थी. मेरा लंड उसकी भट्टी जैसी गरम चूत की गहराइयाँ नापने लगा और वो झड़ती चली गयी. मैं तो अभी अभी आंटी को चोद चुका था इसी लिए मेरी मलाई निकलने मे अभी टाइम था और मैं इस नयी चूत को एक ही बारी मे चोद चोद के भोसड़ा बना देना चाहता था वो दरद से और मज़े से सस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआईईईईईई ऊऊऊहह स्स्स्स्स्स्सीईईईईर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र आआआआ आआऐईईईसस्स्स्सीईए हहिईीईईई सस्स्स्सिईइइर्र्ररर द्द्धहीएररररीई कककककाआररर्र्रूऊओ हहाआईए सस्स्सियइर्ररर ब्बबाआददाअ म्‍म्म्माआज़्ज़्ज़्ज़ाआ एयाया र्रेआया हहाइईइ सस्सिईइइर्र्र्ररर ऊओिइ म्‍म्माआ ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ूऊरररर सस्स्सीईई सस्स्सियइर्र्र्ररर उसकी पीठ दीवार से लगी हुई थी और मैं फ़राश पे खड़ा था और पूरी ताक़त से चोद रहा था उसकी चूत उसके 3 – 4 बार झड़ने से उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और चुदाई की

पपकचह प्प्प्पााक्ककचह की आवाज़ें आ रही थी मेरे हर झटको से उसकी आँखें मस्ती मे बंद हो जाती और उसका मूह खुल जाता और उसके बूब्स डॅन्स करने लगते. मैं उसके बूब्स को चूसने लगा आहह क्या मस्त बूब्स थे उसको एक दम से कड़क चूसने मे बोहोत मज़ा आ रहा था. उसका बदन थोड़ी थोड़ी देर मे काँपने लगता और वो झड़ने लगती. अब मेरे बॉल्स मे भी मलाई निकलने को रेडी होगयी थी तो मैं ने उसको पूछा के अब मैं झड़ने वाला हू क्या बोलती हो तुम बाहर निकालु तो उनसे मुझे किस करते हुए बोला के ऐसे शानदार लंड का अमृत मुझे अपनी चूत के अंदर ही चाहिए इसको बाहर निकाल के वेस्ट ना करो सर प्लीज़ तो मैं ने एक बोहोत ही पवरफुल शॉट मारा और उसकी बचे दानी के अंदर अपनी मलाई की पिचकारियाँ छ्होर्ने लगा. मेरी मलाई उसकी चूत के अंदर जाते ही वो एक बार फिर मेरे से टाइट लिपट के कापने लगी और झड़ने लगी, उसका बदन कांपता रहा और वो झड़ती रही उसका ऑर्गॅज़म तकरीबन 3 या 4 मिनिट तक चलता रहा.

मेरी क्रीम और उसके जूस से उसकी चूत भर चुकी थी. जैसे ही मैं ने अपने लंड बाहर निकाला उसकी चूत से हमारा मिला जुला जूस बाहर निकल के फरश पे टपकने लगा और कुछ चूत से रिस्ता हुआ उसकी मांसल जाँघो से बहता हुआ उसकी टाँगो पे से नीचे उतरने लगा. मेरे लंड पे उसकी चूत से निकला थोडा सा खून भी था और उसका जूस जो उसकी टाँगो से नीचे उतर रहा था वो भी थोड़ा सा ब्लड मिक्स था जिसे उसने हैरत से देखा और अपनी पॅंटी को नीचे से उठा के पॅंटी से अपनी टाँगो पर से रिस्ते जूस को पोछा और वोही गीली पॅंटी को पहेन लिया. वो पूरी तरह थक चुकी थी उसकी साँसें बड़ी तेज़ी से चल रही थी और अभी भी उसकी आँखें मस्ती मे बंद ही थी. ऑर्गॅज़म ख़तम हुआ उसकी आँख खुली तो मेरे बदन से लिपट गयी और थॅंक्स सिर मुझे बोहोत मज़ा आया मैं अपनी यह पॅंटी को हमेशा अपने पास एक शानदार चुदाई की यादगार के तौर पे बिना वॉशिंग के रखूँगी और मुझे चूमते हुए थॅंक्स बोली. मैं ने पूछा तुम ने ऐसे कैसे इतनी जल्दी मेरे से चुदवाने के फ़ैसला कर लिया तो उसने बोला के सर एक शादी शुदा औरत की चूत चोद के जो लौदा खून निकल दे उसके लौदे मे कुछ ना कुछ तो दम होगा ही ना सर और मैं ने सोचा के अगर आज यह मस्त लंड से चुद्वने का मोका मेरे हाथ से निकल गया तो फिर मेरी चूत को ऐसा शानदार लंड शाएद दोबारा नही मिलेगा इसी लिए सर मैं ने फटा फट डिसाइड कर लिया तो मैं ने बोला के अब यह सर सिर बोलना बंद करो और मुझे मेरे नाम से पुकारो राज तो उसने मुझे एक बार फिर किस करते हुए बोला की थॅंक यू वेरी मच मेरे राजा आंड आइ लव यू वेरी मच माइ स्वीटहार्ट माइ स्वीट लव्ली राजा आंड आइ ऑल्वेज़ लव टू बी फक्ड बाइ युवर मॅजिकल वंडरफुल स्टील लंड. वो बड़ी अछी इंग्लीश बोल रही थी.

पूछा तो उसने बताया के वो कॉनवेंट एजुकेटेड है और साइन्स मे ग्रॅजुयेशन भी किया हुआ है. फिर उसने मुझ से पूछा के आप कहा से आए हो तो मैं ने बोला के हम लोग हयदेराबाद से आए है और यह आंटी मेरे दोस्त की मा है और मेरी पड़ोसन भी है तो वो मुस्कुराने लगी और बोली के अछा तो आप अपनी फ्रेंड की मम्मी की सर्विसिंग कर रहे हो आज कल तो मई मुस्कुरा दिया पर कुछ बोला नई तो फिर वो बोली के मैं नेक्स्ट मोन्थ हयदेराबाद आने वाली हू वाहा मेरे बड़ी बहेन उषा रहती है वो मुझ से तीन साल बड़ी है शादी शुदा है पर अभी तक उसको कोई संतान नही हुई. उसके हज़्बेंड का वाहा बिज़्नेस है. मैं कल आपके बेड के मॅट्रेस के नीचे एक एन्वेलप मैं अपना हयदेराबाद का अड्रेस और फोन नंबर लिख कर रख दुगी प्लीज़ मुझे मिलना सर, मेर कू आपसे और चुद्वना है एक ही टाइम की चुदाई से मेरी तबीयत नही भरी सर, ऊपप्प्स सॉरी सर नही, मेरे स्वीट राजा. फिर उसने मेरा मोबाइल नंबर ले लिया और मेरे मोबाइल पे उसी वक़्त एक मिस्कल्ल कर के मुझे अपना नंबर दे दिया और एक भरपूर किस करते हुए मेरे लंड को अपने हाथो से दबाते हुए कमरे से बाहर चली गयी.

आशा के जाने के बाद मैं ने रूम लॉक किया देखा तो अभी तक आंटी बाथरूम मैं ही थी. मैं भी अपने बाथरूम मैं चला गया और नहा धो कर बहेर निकला तो आंटी वास्पास आ चुकी थी और शवर गाउन पहने हुए थी. फोन पर ब्रेकफास्ट का ऑर्डर कर के मेरे से पूछा के वो चली गयी तो मैं ने बोला के हा चदडार बदल के चली गयी तो आंटी ने पूछा के कुछ बोला नही उसने तो मैं ने बोला के लगता है वो सब समझ गई पर कुछ बोली नही पर वो बार बार हंस रही थी. पता नही मैं ने आंटी से क्यों नही बोला के मैं उसको चोद चुका हू.

ब्रेकफास्ट रूम मैं ही आ गया था. नाश्ता कर के हम दोनो शॉपिंग के लिए चले गये. सारा इन आंटी खुद भी बादाम का दूध पीती रही और मुझे भी पिलाती रही और खूब बोहोत सारे ड्राइ फ्रूट्स भी खरीदे और हम शाम मैं कमरे मैं आ गये. आंटी मुझे हर थोड़ी देर मैं काजू, बादाम और अखरोट खिलाती ही रहती थी और मुस्कुराते हुए बोलती के खाओ मेरे राजा और मुझे पूरी ताक़त से चोदो. अब हम दोनो कमरे के अंदर आते ही अपने अपने कपड़े उतार देते और दूसरी सुबह तक नंगे ही रहते. चलते फिरते वो मेरा लंड पकड़ के दबा देती या चूस लेती और मैं भी उनके बूब्स को दबा के चूस्ता और चूत का मसाज भी करता. आंटी अब बहेर जाने को बिल्कुल तय्यार नही थी वो चाहती थी के जब जब मोका मिले चुदवाति रहे. हम जितना टाइम कमरे मैं रहते या तो चुदाई करते या एक दूसरे से लिपट के किसी नये यंग लवर्स की तरह रोमॅन्स

करते. हम ने बाकी के दिन और रात हनिमून कपल जैसे गुज़रे.

कमरे मैं एक बिना हॅंड रेस्ट के गोल सीट की चेर थी जैसे टाइपिस्ट यूज़ करते है वो चेर पे मैं नंगा बैठ जाता और आंटी मेरे दोनो टाँगो के ऊपेर और मेरी तरफ मूह कर के मेरे खड़े हुए मूसल लंड को अपनी चूत के अंदर डाल के बैठ जाती और मैं उनकी मस्त कड़क चुचियाँ चूस्ता रहता और लंड अंदर रखे रखे ही हम कॉफी पीते और बातें करते रहते, आंटी अपनी चुचिओ को मेरे सीने से रगड़ती रहती, कभी कभी आंटी ऊपेर नीचे लंड पे उछल जाती तो कभी चूत के अंदर लंड डाले ऐसी ही बैठे बैठे मज़े लेती रहती और लंड को अपने पेट के अंदर महसूस करती और अपने कभी अपने पेट की तरफ इशारा कर के बता ती के अब तुम्हारा मूसल यहा पे महसूस हो रहा है, इसी तरह से वो मेरे लंड की सवारी करते करते मुझ से अपनी प्राइवेट बातें भी करती और अपने सीक्रेट्स बता ती रहती और आधे पौन घंटे के बाद जब हमारी मलाई निकल जाती तब आंटी मेरे लंड के ऊपेर से उठ के मेरे पैरो के बीचे मैं बैठ के लंड पे लगी हुई दोनो की मिक्स मलाई को बड़े मज़े से चाट जाती और बोलती के राजा मैं ने सुना है के मर्दो के लंड से निकली मलाई बोहोत ताकतवर होती है इसी लिए मुझे तुम्हारी गाढ़ी गाढ़ी मलाई इतने शोक से खाती हू. इतने दीनो मैं आंटी को कामा सूत्रा के सारे आसनो मैं चोद लिया घोड़ी बना के, उल्टा लिटा के पीछे से चूत मैं लंड डाल के और फिर एक दिन मौका देख के उनकी गंद भी मार दिया. जिस दिन आंटी की गंद फटी वो बोहोत चिल्लाई पर मैं ने उनकी गंद फाड़ने तक उनको छ्होरा नही और फिर गंद के अंदर ही अपनी क्रीम गिरा दी.

इतने दीनो की कंटिन्यू चुदाई से आंटी का चेहरा चाँद की तरह से चमकने लगा था और अब आंटी ने हल्का हल्का मेक अप करना भी शुरू कर दिया था जिस से वो बे इंतेहा खूबसूरत लगने लगी थी बिल्कुल ऐसे लग रहा था जैसे कोई कच्ची कली खिल के फूल बन गयी हो और मोस्ट ऑफ थे टाइम्स कोई ना कोई रोमॅंटिक सॉंग गुनगुनाते ही रहती थी जैसी उनकी सूनी ज़िंदगी मैं बहार आ गयी हो.

आशा की चुदाई के दूसरे दिन उसने मेरे मॅट्रेस के नीचे वादे की मुताबिक एक एन्वेलप मे अपनी और अपनी बहेन उषा की एक एक सेक्सी फोटो, अपना मुंबई का और हयदेराबाद का अड्रेस और सारे टेलिफोन नंबर्स और सारे डीटेल्स लिख के रख दिए थे जिसे मैं ने आंटी से छुपा कर अपने बॅग मे रख लिए.
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07-10-2018, 12:24 PM,
#27
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --14



गतांक से आगे........................

हमारा स्टे 3 दिन ज़ियादा हो गया और इन्न सारे दीनो मे शॉपिंग के साथ साथ चुदाई भी फुल चलती रही. वापिस आने के टाइम पे इत्तेफ़ाक़ से ट्रेन के ए/सी के फर्स्ट क्लास कॉमपार्टमेंट मे

हमारा कूप अलग से था जहा और कोई नही आने वाला था और सिर्फ़ हमारे लिए ही रिज़र्व था. हम ने कूप को अंदर से बंद कर लिया और हयदेराबाद आने तक नंगे ही रहे और बस चुदाई ही करते रहे. अभी हम पूना तक हीपहुँचते थे और मैं बाथरूम से बाहर निकला तो पिंकी का फोन आया और आंटी उस से खूब हंस हंस के बातें कर रही थी और अपनी सेहत का ख़याल रखने के लिए बोल रही थी और उसको मुबारक बाद दे रही थी. फोन कट करने के बाद आंटी बोहोत ख़ुसी के साथ किसी 16 साल की लड़की की तरह से मेरे नंगे बदन से लिपट गयी और बोली आज मैं बोहोत खुश हू. थॅंक्स राजा यू आर ग्रेट आइ लव यू वेरी मच राजा तो मैं ने बोला के अरे आंटी आख़िर हुआ क्या अब बोलो तो सही तो उन्हो ने बोला के एक बड़ी ज़बरदस्त खुशख़बरी है तो मैं ने पूछा के क्या ? तो उन्हो ने मेरे गले लगते हुए कान मे धीरे से बोला के पिंकी प्रेग्नेंट हो गई है तो मैं ने बोला के वाउ आंटी अब आप नानी बनने वाली हो तो वो मुझे किस करते हुए बोली के राजा मुझे पता है के यह तुम्हारी मेहेरबानी के ही कारण हुआ है थॅंक्स राजा तुम ने पिंकी को वो खुशी दी है जो उसका शोहेर भी उसको नही दे सका और अब वो तुम्हारी संतान को जनम देने वाली है राजा और मेरे होटो को चूमते हुए बोली के तुम भी तो बाप बन ने वाले हो राजा. तो मैं ने कहा के अरे आंटी यह क्या बोल रही हो आप इस मे मेरा क्यों थॅंक्स बोल रही हो और मैं ने ऐसा क्या कर दिया पिंकी के साथ तो उन्हो ने मस्ती मे मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ के दबाते हुए बोला के तुम क्या समझते हो राजा के मुझे कुछ मालूम नही है. अरे मैं तो तुम्हारे और पिंकी के बारे मे सब कुछ जानती हू और मुझे तो यह भी मालूम है के तुम ने पिंकी को सब से पहले कब और कहा चोदा था तो मेरी आँखें हैरत से खुली की खुली रह गयी तो वो बोली के मुझे गंगू बाई ने सब कुछ बता दिया था. उसने ही तो वो खून से भीगी चादरो को धोया था और गंगू बाई को तो यह भी पता लग गया है के तुम ने पिंकी को और लक्ष्मी को एक साथ चोदा और उनकी भी सील तोड़ी है वो तो लक्ष्मी की सील तोड़ने पे तुम्हारे ऊपेर बोहोत गुस्से मे थी के उसकी इतनी छोटी बेटी को तुम ने चोद डाला पर मैं ने पैसे दे दिला के बात को संभाल लिया और अब मुझे तुम्हारा यह मूसल देख के पता चला के पिंकी आख़िर तुम्हारी इतनी दीवानी क्यों है. मैं असचर्या से आंटी की बातें सुन रहा था. आंटी फिर से बोली के मुझे तो तुम्हारे और शांति के बारे मे भी मालूम है. शांति के नाम से वो कुछ उदास हो गयी. मैं ने पूछा तो बोली के मुझे मालूम है राजा मैं ने उसको बोहोत दीनो तक स्नान करते टाइम नंगा देखा है और मुझे पता है के वो भी किसी काम का नही है और उसकी हालत पिंकी के शोहेर लाला से कम नही है तो मैं ने बोला के आंटी मैं ने उसको कितनी टाइम बोला के चलो किसी डॉक्टर से बात कर लेते है तो उसने मना कर दिया और बोला के मैं मर जाउन्गा पर डॉक्टर के पास नही जाउन्गा. यह सुन के आंटी की आँख से आँसू बहने लगे तो मैं ने उनको अपनी बाँहो मे ले लिया और उनके आँसू को अपने होटो से ले कर पीने लगा और अपनी बाँहो मे ले के बोला के आंटी आप फिकर ना करो सब ठीक हो जाएगा तो उन्हो ने कहा के क्या ठीक हो जायगा और कैसे ठीक हो जाएगा राजा तो मैं ने बोला के देखते है आंटी शादी तो हो जाने दो हो सकता है के शादी के बाद पायल के साथ रहते रहते शांति ठीक हो जाए नही तो मैं उसको किसी भी तरह से मना लूँगा और किसी डॉक्टर से कन्सल्ट करलेंगे तो आंटी ने कहा के ठीक है मुझे यकीन है तुम तीनो मिल के कोई ना कोई सल्यूशन ज़रूर निकाल लोगे और नही तो राजा तुम्है फिर से मेरी मदद करनी होगी और हमारे खानदान की लाज रखनी होगी तो मैं ने बोला आंटी हो सकता है के पायल समझ जाए और वो किसी ना किसी तरह से हालात से समझोता कर ले तो आंटी ने बोला के नही राजा मुझे मालूम है कोई भी जवान लड़की सेक्स के मामले मे समझोता नही कर सकती और मुझे से बहतेर कौन जान सकता है के लड़की अपने जज़्बात पे काबू नही रख सकती उसकी चूत को तो किसी आछे मोटे तगड़े लंड का सुख चाहिए ही चाहिए और जब तक के उसकी चूत मे लंड की गरम गरम मलाई नही गिर जाती वो कभी भी सुखी नही रह सकती और पायल तो अभी बिल्कुल जवान लड़की है और सेक्सी भी है तो वो कैसे सबर कर सकती है तो मैने ने बोला आंटी छोड़ो ना अब वो सब बाद मे देखते है अभी तो हमारे पास जितना टाइम हे उसका भरपूर उपयोग तो करे तो आंटी मुस्कुरा दी और बोली के हा यह भी ठीक है फिर पता नही कितने दीनो बाद चोदने का मोका मिले तो चलो आजओ और चोद डालो एक बार फिर से अपनी चुड़क्कड़ आंटी को.

मैने उनको सीट पे लिटा के उनकी चूत को चूसा, आंटी तो जैसे पागल हो जाती थी चूत पे मूह रखते ही उनकी गंद उठ गयी और अपनी चूत को मेरे मूह से रगड़ने लगी और साथ मेी सस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आअहह उउउउउउउउउउउ जैसी मस्ती मे भरी आवाज़े भी निकालती जा रही थी. उनकी चूत को चाट चाट के झाड़ा दिया और फिर उनकी टाँगो के बीच मिशनरी पोज़िशन ले के उनकी टाइट चूत को चोदना शुरू कर दिया तो आंटी बोली के राजा आज मुझे जितना ज़ोर से चोद सकते हो चोदो और एक बार फिर से मेरी चूत को चोद चोद के फाड़ डालो तो मैं ने अपने हाथो से ट्रेन की खिड़की के लोहे के रोड को पकड़ लिया और फिर पूरी ताक़त से आंटी की चूत अपने मूसल लंड से चुदाई करता रहा पूरा लंड चूत के बाहर तक निकाल निकाल के मारता तो आंटी के मूह से हप्प्प्प्प हप्प्प ह्ह्ह्ह्न्न्न्न्न जैसी आवाज़ें निकल जाती. इतनी पवरफुल चुदाई से आंटी के आँखो से एक बार फिर से खुशी का पानी निकल के उनके गालो से होता हुआ ट्रेन की सीट पे गिरने लगा. अब आंटी की टाँगें मेरी गंद से लिपटी हुई थी और वो अपने हाथो से मुझे अपने बदन से दबा रही थी और

अपनी टाँगो से मुझे अपनी तरफ खेच रही थी और मेरे बदन से बड़ी ज़ोर से लिपटी हुई अपनी गंद उचका उचका के बड़े मज़े से चुद्वति रही और तकरीबन आधे घंटे की मस्त पवरफुल चुदाई के बाद मेरी मलाई रेडी हो गयी इतने टाइम मे आंटी तो शाएद 4 या 5 बार झाड़ चुकी थी और मेरे फाइनल झटके तो बोहोत ही पवरफुल थे जिस से आंटी का पूरा बदन अर्तक्वेक जैसा हिल रहा था और फिर मेरे लंड मे से गरम गरम मलाई की मोटी मोटी धारियाँ निकल के आंटी की चूत को भरने लगी और मेरी मलाई आंटी की चूत के अंदर गिरते ही उनका बदन एक बार फिर से बहुत ज़ोर से काँपने लगा और वो मुझ से लिपट के झड़ने लगी और बोहोत देर तक झड़ती चली गयी. मेरे लंड को आंटी की चूत के मसल्स निचोड़ निचोड़ के एक एक ड्रॉप मलाई का चूसने लगे और दोनो की मलाई निकलने के बाद हम दोनो शांत हो गये. सारी रात का सफ़र था पर हम रात भर जागते और चुदाई करते ही रहे थे. सुबह ट्रेन नामपल्ली स्टेशन पर पहुँच गयी और हमै लेने के लिए शांति कार ले कर आया था. ट्रेन से उतरने से पहले आंटी ने मुझे कसम दी के मैं किसी तरह से भी शांति और पायल की मदद करू तो मैं ने हा करदी और बोला के आंटी अगर आप की यही इक्चा है तो मैं जैसा आप कहेगी मैं वैसा ही करूँगा और उनकी शादी को टूटने नही दूँगा तो आंटी खुश हो गयी और फिर हम ट्रेन से उतर कर कार मे बैठ के घर आ गये.

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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,

मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..

मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,

बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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07-10-2018, 12:24 PM,
#28
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --15



गतांक से आगे........................

शाँतिलाल की शादी

फाइनली वो दिन भी आ गया जब शांति की शादी हो रही थी. ससुराल से गिफ्ट मे शांति को एक दम से नया फुल्ली फर्निश्ड लग्षूरीयस डबल स्टोरी बंगला जिसका बॅकयार्ड तकरीबन आधा कीलोमेटेर होगा जिस्मै एक छोटा सा गार्डेन और एक प्राइवेट स्विम्मिंग पूल भी था जो हयदेराबाद के आउट्स्कियर्ट मे पिक्कनिक स्पॉट शमीरपेट पे बनाया गया था जसकी हर चीज़ किसी वर्जिन की तरह से अनटच्ड थी और जहा उनके हनिमून का इंतेज़ाम किया गया था वो बंगला मिला और एक नयी ब्रांड न्यू शोरुम से ली हुई ज़ीरो किलोमेटेर वाली एरकॉनडिशंड फुल्ली ऑटोमॅटिक इंनोवा कार मिली और साथ मे ढेर सारे पैसे और सोना वगैहरा.

शांति शादी के मंडप मे बैठा था. गोलडेन कलर की स्पेशल मारवाड़ी शेरवानी और चूड़ी दार पाजामा और सर पे गोलडेन मोटी और स्टोन्स से चमकती पगड़ी मे शांति बोहोत स्मार्ट लग रहा था. उसका कलर भी एक दम से गोरा हो गया था. ऊपेर से तो पूरी जवानी मे लग रहा था पर पता नही उसका दिल क्या कह रहा था और उसकी नुन्नि का क्या हाल हो रहा था.

पायल उसके करीब घूँघट निकाले बैठी बे इंतेहा खूबसूरत लग रही थी. पायल का रंग तो क्या बताउ दोस्तो बॅस यूँ समझ लो के दूध मे किसी ने थोड़ी सी केसर मिला दी हो, उसके गाल किसी कश्मीरी सेब की तरह गुलाबी लग रहे थे जिस्मै मुस्कुराते समय दो जान लेवा डिंपल्स भी पड़ जाते, उसकी लाइट ब्राउन कलर की बड़ी बड़ी हिरनी जैसी आँखें थी, जब धीरे से मुस्कुराती तो उसके मोटी जैसे दाँत अपनी चमक बिखेर देते, वो लाल चमकती हुई सारी पहेने थी जिस पे मोटी और चमकदार तराशे हुए स्टोन्स लगे थे जो रोशनी मे हीरे जैसे चमक रहे थे. माँग मे गोल्ड और डाइमंड का टीका था, नाक मे हीरे की लौंग जो हर लम्हा रोशनी से चमक रही थी. हाथों मे नगो के कड़े और सोने की चूरियाँ. मेरा यकीन करे मैं ने इतनी खूबसूरत दुल्हन आज से पहले कभी नही देखी. इन शॉर्ट वो आसमान से उतरी कोई अप्सरा लग रही थी. मंडप मे बैठे कितने ही नौजवानो के लंड उसकी खूबसूरती देख के अकड़ गये होंगे या पानी छोड़ चुके होंगे पता नही और मेरे लंड का हाल तो मत पूछो बोहोत ही बुरा हाल था उसको बस बड़ी मुस्किल से काबू मे रखा हुआ था. आज दुल्हन बनी पायल नॉर्मल फॉर्मल पायल से बिल्कुल ही अलग लग रही थी जिस पे से नज़र हट ही नही रही थी.

दिन भर मारवाड के रीति रिवाज के मुताबिक रसम वाघहैरा चलते रहे उधर गेस्ट्स के लिए खाना पीना चलता रहा. रात भी बोहोत हो गयी थी.

शांति और पायल की शादी कंप्लीट हो गयी तो फिर रात तकरीबन 2 बजे के करीब शांति और पायल को उनके सजे सजाए कमरे मे ले जाने लगे तो शांति ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे से धीरे से बोला के हे राज यार अब मैं क्या करू मुझे तो बोहोत डर लग रहा है तो मैं ने बोला के यार फिकर ना कर सब ठीक हो जाएगा. कॉन्फिडेन्स के साथ जा और पहले उसको चूम चाट के अच्छी तरह से गरम कर दे उसके बाद अपने लंड को उसकी गरम और गीली चूत मे घुसा दे तो उसका चेहरा लाल हो गया और बोला के तुझे तो सब पता है ना यार तो मैं ने बोला के अरे फिकर ना कर और सुन डरे गा तो कुछ भी नही कर सके गा इसी लिए डर मत्त और एक दम से कॉन्फिडेन्स से जा कोई प्राब्लम नही होगी और ऐसा कुछ हुआ तो मुझे कॉल कर लेना मैं लास्ट मिनिट्स एमर्जेन्सी टिप्स दे दूँगा. अभी तो मैं अपने घर जा रहा हू लैकिन तू मेरे कू कभी भी कॉल करले कोई प्राब्लम नही तेरे लिए मैं सब कुछ करूँगा तो उसने बोला के सच सब कुछ करेगा तो मैं ने कहा हा यार सब कुछ करूँगा तो उसने पूछा पक्का तो मैं ने बोला के हा यार पक्का तो फिर उसने बोला के तो फिर चल ना मेरे कमरे मे हमारे साथ, तू साथ रहेगा तो मेरी हिम्मत रहेगी तो मैने बोला के अरे यार यह क्या पागलो जैसी बात कर रहा है सारा घर

मेहमानो से भरा है तेरे सारे रिलेटिव्स आए हुए है तू ऐसी बात कर रहा है. पागल ना बन और जा अपने कमरे मे और मेरे कू जब मर्ज़ी आए कॉल कर्लेना मैं जाग रहा हू तू किसी बात की फिकर ना कर.

शांति और पायल को उनके कमरे तक छोड़ने के लिए पिंकी भी आई हुई थी. पिंकी पायल का हाथ पकड़े हुए थी और शांति मेरा हाथ पकड़ा हुआ मुझ से बातें कर रहा था. जैसे ही शांति और पायल अपने कमरे मे गये, पिंकी मेरे साथ लिपट गयी और रोने लगी तो मैने बोला के अरे यह क्या कर रही हो ऐसे शुभ अवसर पर तुम रो रही हो तो उसने बोले के मेरे प्यारे प्यारे राजा यह मेरी खुशी के आँसू है मैं आज बे इंतेहा खुश हू तुम्हारा दिया हुआ तोहफा अब मेरी जान के अंदर पल रहा है मैं तुम्हारा जितना भी शुक्रिया अदा करू कम है. तुम मेरे भगवान हो मेरे राजा और मैं तुम्हारी पूजा करने लगी हू अब और आइ लव यू फ्रॉम दा बॉटम ऑफ माइ हार्ट आंड सोल मेरे राजा तुम ने मुझे मा बनने का सुख दिया है. मेरी सूनी कोख मे अपना बीज डाल दिया है जिसे मैं हमेशा अपने कलेजे से लगा कर रखूँगी तो मैं ने कहा के आइ लव यू वेरी मच पिंकी और उसको चूमने लगा फिर हम दोनो वापस नीचे आगाये और मैं अपने घर चला गया और कपड़े चेंज कर के सोने के लिए बिस्तर मे लेट गया और सोचने लगा के अब शांति और पायल क्या कर रहे होंगे. यह सोचते सोचते मेरी आँख लग गयी. आक्च्युयली मैं केयी दीनो से शादी के कामो मे बिज़ी था इसी लिए अब थकान से मुझे नींद आ गयी थी और मैं गहरी नींद सो गया.

सुबह 11 बजे के करीब डोर बेल से आँख खुली, देखा तो पिंकी खड़ी थी. मैं ने उसको अंदर बुला लिया और डोर को लॉक कर दिया. मॉर्निंग एरेक्षन से मेरा लौदा अकड़ चुका था और मेरी बॉक्सर्स शॉर्ट्स मे टेंट बना हुआ था तो पिंकी मेरे लंड को हाथ से पकड़ते हुए बोली के आहहा राजा शाएद इसे कोई चूत नही मिली मारने के लिए इसी लिए यह इतना तड़प रहा है तो मैं ने बोला के यह तुम्हारी चूत के लिए ही तो तड़प रहा है मेरी पिंकी जान. मुझे पता था के पिंकी को डॉक्टर्स ने बेड रेस्ट बताया हुआ है इसी लिए उसको चोदने का सलवाल ही नही उठ ता था. मैं बाथरूम मे जाते हुए पिंकी को बोला के मैं अभी शवर ले के आता हू तो उसने कहा के ठीक है मैं जब तक तुम्हारे लिए ब्रेकफास्ट बना देती हू. मेरे बाथरूम से बाहर आने तक ब्रेकफास्ट रेडी था. हम दोनो ने साथ ही ब्रेकफास्ट किया और कॉफी पीने लगे तो मैं ने पूछा के तुम्हारे हज़्बेंड लाला और सास का क्या हाल है तो उसने बोला के लाला का तो वोही हाल है डिन्नर के बाद 10 मिनिट के अंदर सुव्वर ( पिग ) जैसे सो जाता है और सास ठीक है तुम्है बोहोत याद करती रहती है और मुन्नी से चूत का मसाज भी रेगौलर करवाती है तो मैं ने कहा के हा मैं आउन्गा किसी दिन टाइम निकाल के और उनको चोदुन्गा. मैं सुनीता देवी को पहले ही 5 – 6 बॉटल्स का शॅंपेन और विस्की का स्टॉक दे चुका था इसी लिए अभी वोही स्टॉक यूज़ कर रही थी. ब्रेकफास्ट के बाद प्लेट्स वाघहैरा क्लीन कर के पिंकी मेरे रूम मे आ गयी और हम दोनो किस करने लगे और पिंकी तो फॉरन ही मेरे लंड को पकड़ लिया और बोला के आइ मिस उर लंड राजा. मैं कैसे रहू इसके बिना डेलिवरी तक तो अपनी चूत को कैसे संभाल पाउन्गि बिना इश्स लंड के तो मैं ने बोला के पिंकी तुम्हाई डॉक्टर ने बेड रेस्ट बोला है तो चुदाई तो मैं नही करूँगा हम कोई रिस्क नही ले सकते हा हम 69 मैं एंजाय करेंगे और फिर दोनो नंगे हो गये और 69 मे वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत. थोड़ी देर मे ही हम दोनो एक दूसरे के मूह मे खल्लास हो गये. पिंकी ने बड़े मज़े से मेरी मलाई खाई. थोड़ी देर पिंकी मेरे बेड पे ही मुझ से लिपट के लेटी रही. करवट लेते हुए मेरे लंड को अपनी चूत मे घिस्सती भी रहती और कभी कभी खुशी से रोती भी रही. तकरीबन 2 बजे के करीब वो अपने घर चली गयी.

लगभग 3 बजे के करीब पूजा आंटी का फोन आया बोल रही थी के लंच वही खाना है तो मैं ने पूछा के क्या हाल है दूल्हा और दुल्हन का आंटी, तो वो बोली के पता नही अभी तक तो नीचे नही आए है तो मैं ने बोला के आप का क्या हाल है तो धीरे से बोली के बस मेरी चूत तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही है और मुझे तुम्हारी बोहोत याद सता रही है हो सका तो आज रात आउन्गि तुम्हारे घर पे तो मैं ने बोला के ठीक है मेरी आंटी जान मैं वेट करूँगा.

मैं एक बार फिर से शवर ले के रेडी हो गया और शांति के घर चला गया. सारे मेहमान तो खाना खा चुके थे बस शांति, पायल और पिंकी ही रह गये थे. थोड़ी देर मे पता चला के शांति का कमरा खुल गया है और फिर हम चारो के लिए लंच टेबल ऊपेर ही लगा दी गयी है. हम चारो डाइनिंग टेबल पे बैठे थे. मेरे राइट साइड मे पिंकी और हमारे सामने शांति और पायल. पायल ने लाइट क्रीम कलर का मल्टिकॉलोवर्ड एम्बरॉडिओरी वाला कुर्ता पहना था. बे इंतेहा गोरी थी, उसके हॉट पहले से ही गुलाबी थे उसके ऊपेर हल्की सी नॅचुरल शेड की लिपस्टिक बोहोत ही अछी लग रही थी जी कर रहा था के बॅस ऐसे वलप्चयस लिप्स को मूह मे ले के चूस डालु. उसकी माँग सेंदुर से सजी थी. ज्यूयलरी के नाम पे बस एक नाज़ुक सी गोलडेन चैन और उसमे छोटा सा डाइमंड वाला फ्लवर लॉकेट उसके बूब्स के दरमियाँ झूल रहा था. उसके हाथो मे बोहोत ही फर्स्ट क्लास बोहोत नाज़ुक डिज़ाइन वाली मेहन्दी लगी हुई थी उसकी उंगलिओ मे डाइमंड के रिंग्स थे और नाक मे एक छोटे से

डाइमंड की नथ जो थोड़ी सी रोशनी मे भी चमक जाती थी. उसके पैरो मे गोल्ड की घुंघरू वाली चैन पड़ी थी जिस से चलते समय मधुर म्यूज़िक आती थी. पायल बे इंतेहा खूबसूरत लग रही थी. दोस्तो उसकी खूबसूरती को शब्दो मे बयान नही किया जा सकता.

शांति और पायल दोनो थके थके लग रहे थे और पायल कुछ उदास भी लग रही थी. शांति बड़े प्यार से पायल को अपने हाथो से उसकी प्लेट मे के खाना डाल डाल के खिला रहा था और इधर पिंकी जो मेरे राइट साइड मे बैठी हुई थी, लेफ्ट हॅंड से मेरे लंड को पकड़ के दबा रही थी जिस से मेरा दिमाग़ खराब हो रहा था. लंड था के फुल अकड़ चुका था मेरा मंन कर रहा था के पिंकी अब मूठ मार मार के मेरी क्रीम निकाल दे बॅस. मैं अपना ध्यान बटाने के लिए बाते करने लगा और पूछा के शांति अछी तरह से सोया या नही तो वो मुस्कुरा दिया इतने मे पिंकी बोली के अरे ऐसे कैसे सो जाता, कोई अपनी सुहाग रात मे सोता है क्या ? तो मैने हंस के पूछा क्यों तुम भी रात भर जागती रही थी क्या अपनी सुहाग रात पर तो वो मुस्कुरा दी पर कुछ बोली नही. खैर ऐसे ही जोक्स मे खाना ख़तम हो गया. पायल और पिंकी उठ के कमरे मे चले गये और टेबल पे मैं और शांति ही बैठे रह गये तो मैं ने पूछा क्या रहा शांति कैसी गुज़री रात तेरी तो वो उदास मूह बना के बोला के यार क्या बताउ वोही पुराना हाल है. कुछ भी नही हुआ यार मेरा पानी तो एक ही मिनिट के अंदर निकल गया. मैं ने बोहोत कोशिश की पर कंट्रोल नही हुआ तो मैं ने पूछा के सुना तो सही के कैसे किया तू ने तो उस ने बोला के जब हम बेड पे लेट गये तो मैं ने उसको किस किया और धीरे धीरे दोनो ने एक दूसरे के कपड़े निकाले उसके बाद मैं उसके बूब्स से खेलने लगा और फिर चूसने लगा. उसकी चूत पे हाथ लगाया, देखा तो वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और बे इंतेहा गरम हो गई थी और फिर उसने मेरी नुनु को पकड़ लिया और दबाया तो यह थोड़ी सी एरेक्ट हुई और बॅस फॉरन ही उसके हाथ मे ही मैं खल्लास हो गया तो मैं ने बोला के मैं ने तेरे कू वियाग्रा की टेबल दी थी वो खाया क्या तो उसने बोला के हा खाया था तकरीबन आधा घंटा पहले दूध के साथ. फिर क्या हुआ तो वो बोला के उस से इतना हुआ के पहले टाइम झड़ने के बाद थोड़ी देर मे फिर थोड़ा सा एरेक्षन हुआ और फिर जैसा तुम ने बोला था मैने उसको फुल प्रिपेर किया, उसके बूब्स को खूब चूसा और उसकी चूत को भी चॅटा, उसके बाद 69 की पोज़िशन मे आया और उसकी चूत को चाट चाट के फुल गीली बना दिया और वो 2 – 3 टाइम झाड़ गयी और उसने मेरी फुल्ली एरेक्ट 3 इंच की नुनु को मूह मे ले के चूसा तो मैं उसके मूह मे फॉरन ही झाड़ गया. वो सेक्स की गर्मी से छटपटा रही थी उसने मुझे इशारे से बोला के अब कुछ करो तो मैने पलट के उसकी चूत पे लंड को रखा और अपनी उंगली से उसकी
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07-10-2018, 12:24 PM,
#29
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
सूपदे को अंदर करने की कोशिश किया पर उस टाइम तक उसका पूरा एरेक्षन ख़तम हो चुका था और मैं कुछ नही कर सका तो मैं ने बोला के चल यार मेरी बात मान ले किसी डॉक्टर से बात कर लेते है तो वो गुस्से से बोला के मैं किसी डॉक्टर वोक्टोर के पास जाने वाला नही और जब तक तू मेरे साथ है मुझे कोई प्राब्लम नही है तो मैं हंस केबोला तेरी मर्ज़ी और फिर मैं खामोश हो गया.

मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --16







गतांक से आगे........................



उधर कमरे मे पायल और पिंकी बाते कर रहे थे. वो दोनो तो पहले से ही पक्के फ्रेंड्स थे, पिंकी ने पूछा बोल पायल कैसी रही तेरी सुहाग रात तो पायल पिंकी से लिपट गयी और उसके कंधे पे अपना सर रख के रोने लगी तो पिंकी घबरा गयी और पूछा अरे अरे यह क्या कर रही है पायल, क्या हुआ तेरे कू कुछ तो बोल ना, शांति ने कुछ बोला तेरे कू तो वो उस से लिपट के बोहोत देर तक रोती रही और पिंकी उसके सर को अपने हाथ से सहला के उसको तसल्ली देती रही. जब पायल का रोना थोड़ा कम हुआ तो उसने पूछा के क्या हुआ पायल बता ना तो उस ने बताया के पिंकी पहले तो तेरे भाई का लिंग बोहोत ही छोटा सा ही है और उसमे बिल्कुल भी दम नही है मैं क्या करू समझ मे नही आ रहा है मैं तेरे भाई से बोहोत प्यार करती हू पिंकी तो पिंकी ने बोला के अरे पगली इतनी सी बात पे रोती है अरे कभी एग्ज़ाइट्मेंट मे भी हो जाता है और नया नया मामला है ना थोड़े दीनो मे अड्जस्ट हो जाएगा तू क्यों फिकर करती है और फिर राजा भी तो है ना उस से बोल के कुछ ना कुछ सल्यूशन निकालेंगे चल अब रोना धोना बंद कर और नहा धो के रेडी हो जा नीचे सब लोग वेट कर रहे होंगे. और फिर पायल और शांति नहा धो के रेडी हो के नीचे आ गये और सब मेहमान और रिश्तेदार बातें करने लगे. दूसरे दिन सारे गेस्ट्स अपने अपने घरो को वापस चले गये.



उस रात तकरीबन 12 बजे के बाद पूजा आंटी का फोन आया और बोहोत ही धीमी आवाज़ से बोली के राजा मैं आ रही हू डोर खुला रखो तो मैं ने डोर खोल दिया और रूम मे अंधेरा कर के वेट करने लगा. थोड़ी ही देर मे आंटी आ गयी और मेरे से लिपट गयी और बोली के राजा तुम्हारी याद बोहोत आती है रातो मे तो मैं तड़पति हू और अपनी चूत की गर्मी को अपने हाथो से मसल मसल के शांत करती हू अब और देर ना करो और इस प्यासी चूत की प्यास बुझा दो. हम दोनो कमरे मे आ गये और एक ही मिनिट के अंदर दोनो नंगे हो गये और पहले तो 69 पोज़िशन मे आंटी की चूत को चूस चूस के खल्लास किया और जब उनकी चूत से जूस निकल रहा था तब मेरे लौदे को बड़ी ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था आज आंटी बोहोत जोश मे चूस रही थी ऐसा लग रहा था जैसे मेरे लंड के अंदर से सारी मलाई निचोड़ लेना चाहती हो और मैं उनके इस तरीके से चूसने से फॉरन ही उनके मूह मे झाड़



गया और लंड से क्रीम की पिचकारियाँ निकल निकल के उनके मूह मे गिरने लगी जिसे वो सब मज़े से पी गयी. मेरा लंड तो अभी भी फुल्ली एरेक्ट था. अब उनको नीचे चित्त लिटा के उनकी टाँगो को खोल दिया और उनके ऊपेर झुक के लंड को उनके गीली गरम चूत के सुराख मे रख के एक ही झटके मे लंड को उनकी बेचैन प्यासी चूत के अंदर घुसेड दिया और चोदना शुरू कर दिया. आंटी अपनी टाँगें मेरी बॅक से लपेटे और मेरी गर्दन मे अपनी बाँहे डाले बड़े मज़े से चुद्व रही थी. आंटी को वाइल्ड सेक्स पसंद था ववो बोल रही थी चोद्द्द्द डाल्ल राज्जाअ अओउर्र ज़्ज़ूर्ररर ज़्ज़ूर्र सीए फहाआड्द्ड़ द्दाल्ल्ल मेरि चूत्त्त क्कूव आअहह और ज़्ज़ूर्र सीईए ईईईईईईईई और मेरी बॅक पे लिपटी हुई टाँगो से मुझे अपनी अंदर खेच रही थी और मैं पूरा लंड को सूपदे तक निकाल निकाल के बोहोत ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था. मेरा लंड जब उनकी चूत के अंदर घुसता तो उनकी चूत की पंखाड़िया भी लंड के डंडे के साथ अंदर जाती और लंड के डंडे के साथ ही वापस बाहर आ जाती. दीवानो की तरह से चोद रहा था और हम दोनो के बदन पसीने से शराबूर हो चुके थे मेरी नाक से पसीना टपकने लगा तो आंटी ने अपना मूह उठा के पसीने की बूँदो को अपने मूह मे ले के चाट लिया. चुदाई बड़ी तेज़ी से चल रही थी और आंटी अब तक 4 – 5 बार झाड़ चुकी थी उनकी चूत उनके चूत रस्स से बोहोत गीली हो चुकी थी और अब मैं भी आने ही वाला था मैं ने स्पीड और बढ़ा दी और पूरी ताक़त से पागलो की तरह से चोदने लगा और फिर एक फाइनल झटका मारा तो मुझे लगा के मेरा मूसल लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ बचे दानी के अंदर घुस्स गया है और मेरे लंड से गरम गरम और गाढ़ी गाढ़ी मलाई की मोटी मोटी धारियाँ निकल निकल के उनकी बचे दानी को भरने लगी. मेरी मलाई आंटी की चूत मे गिरते ही वो एक बार फिर से झड़ने लगी और मेरे से बोहोत ज़ोर से लिपट गयी. मैं उनके बदन के ऊपेर गिर गया और थोड़ी देर तक उनके सीने पे ही पड़ा रहा दोनो के साँसें गहरी चल रही थी. थोड़ी देर के बाद आंटी उठ गयी और मुझसे लिपट के प्यार करने लगी और जाते जाते बोली के कल सुबह ब्रेकफास्ट मेरे साथ ही करना कल पायल और शांति को उनके बंगले पे भेजने का प्लान है हनी मून के लिए तुम्है और पिंकी को भी जाना होगा उनके साथ तो मैं ने बोला के ठीक है मैं सुबह आ जाउन्गा और मुझे किस करते हुए और लंड को अपनी मुट्ठी मे पकड़ के दबाते हुए आंटी चुदवा के वापस चली गयी और मैं भी बेड पे लेट के गहरी नींद सो गया.



सुबह 10 बजे के करीब फोन की बेल से आँख खुली. आंटी बड़ी धीमी आवाज़ मे बोली के अभी तक सो रहे हो क्या मेरी जान, मैं तुम्हारा इंतेज़ार कर रही हू जल्दी से आजओ मेरे राजा रात का मज़ा अभी तक मेरे बदन मे है और फिर बोली



कल रात का थॅंक्स तो मैं ने बोला के अरे आंटी जान थॅंक्स बोलने की कोई ज़रूरत नही , यू आर मोस्ट वेलकम आप किसी भी टाइम बोलो मैं आपके लिए हमेशा रेडी हू तो उन्हो ने फोन पे ही एक किस दिया और बोली के जल्दी से आ जाओ पूजा की जान और फिर फोन काट दिया.



मैं नहा धो के फ्रेश हो के उनके घर चला गया. टेबल लगी हुई थी. सब गेस्ट्स वापस जा चुके थे अब सिर्फ़ घर वाले ही रह गये थे. शांति और पायल भी नीचे आ गये थे. सब ने नाश्ता किया और फिर कॉफी पीते पीते इधर उधर की बातें करने लगे. शांति और पायल को हनिमून के लिए उनके शमीरपेट वाले बॅंगलो पे भेजने की तय्यरी चल रही थी. आंटी बोली के शांति और पायल चले जाए. लक्ष्मी साथ चली जाएगी जो खाना पका देगी और दूसरे काम कर देगी. कंतिलाल सेठ को तो इन्न बातो की परवाह नही थी. उनकी दुकान पिछले 4 – 5 दीनो से बंद थी उनको तो बस दुकान खोलने की जल्दी पड़ी थी और वो बोले के मैं तो दुकान को जा रहा हू तुम लोग डिसाइड कर्लो और अगर पिंकी भी जाना चाहे तो उसको भेज दो साथ मे तो पिंकी बोली के नही मैं नही जा सकती मुझे आजकल उल्टी कुछ ज़ियादा ही हो रही है और मेरा डॉक्टर के पास अपायंटमेंट भी है और अगर किसी को कोई ऑब्जेक्षन नही हो तो राजा को भेज दो उनके साथ तो कांतिलाल सेठ बोले के हा यह ठीक रहेगा, पूछ लो राजा से, शांति और पायल से अगर उनको कोई प्राब्लम नही है तो राजा को ले जाएँ उन दोनो को कुछ कंपनी भी मिल जाएगी. मे ने ऊपरी दिल से बोला के आंटी यह इनका हनिमून है और मैं उनकी प्राइवसी के चलते कबाब मे हड्डी नही बनना चाहता तो शांति ने बोला के अरे यार ऐसी क्या बात है तुम हमारी फॅमिली से अलग थोड़ा ही हो और अगर तुम साथ रहोगे तो कुछ कंपनी भी रहेगी फिर शांति ने पायल से पूछा तो पायल धीमी से मुस्कान के साथ आहिस्ता से बोली के राजा साथ चले तो मुझे तो कोई प्राब्लम नही है चल सकते है हमारे साथ हमे भी कंपनी मिल जयगी. जब शांति और पायल ने दोनो ने राजा के नाम को आक्सेप्ट कर लिया तो यही डिसाइड किया गया के शांति, पायल, लक्ष्मी और मैं हम चारो वाहा रहेंगे थोड़े दीनो तक और फिर यह सब डिसाइड होने के बाद इतमीनान की साँस लेते हुए कांतिलाल सेठ दुकान चले गये. शाम 5 बजे तक निकलने का प्रोग्राम बना था. मैं भी तय्यारी करने के लिए अपने घर आ गया और उधर आंटी, पिंकी और लक्ष्मी मिल के शांति और पायल का समान पॅक करने लगे.



प्रोग्राम के मुताबिक शाम के 5 बजे के आस पास हम चारो नयी चमकती इंनोवा मे बैठ के बंगलो की तरफ चल दिए. बंगलो पहुँचने तक रात के तकरीबन 7:30 – 8:00 बज गये थे. बंगलो को देखते ही हम सब के मूह से वाउ निकला. बड़ा ज़बरदस्त बंगला था जिस के ऊपेर छोटे छोटे



रंगीन बल्ब्स का डिज़ाइन बना हुआ था और सारे बल्ब रोशन थे अंधेरे मे दुल्हन बहा हुआ था बांग्ला. गेट से अंदर आने के बाद भी तकरीबन 250 मीटर के बाद बंगला शुरू होता था. 2 फ्लोर का बोहोत बड़ा मकान था जिस के कमरे भी बोहोत बड़े बड़े थे. बहुत ज़ियादा ज़मीन होने की वजह से कमरे, सीट आउट्स, किचन, बाथरूमस वाघहैरा सब ही बोहोत बड़े बड़े बनाए गये थे. एक दम से इनडिपेंडेंट यूनिट था यह. बंगलो के पीछे बोहोत दूर तक गार्डेन फैला हुआ था और एक बोहोत ही बड़ा एग शेप्ड स्विम्मिंग पूल भी था. आक्च्युयली यह बंगला मैन रोड से 1 किलोमेटेर अंदर की तरफ था जहा जाने के लिए इन के फार्महाउस जैसी एक प्राइवेट रोड बनी हुई थी. गेट के साथ ही आउटहाउस जहा एक चौकीदार शेम्यू रहता था. बूढ़ा था अकेला ही रहता था. अंदर आने के बाद बोहोत बड़ा सा सिट्टिंग पोर्षन जहा पे 3 सोफा सेट पड़े हुए थे जिनके बीच ग्लास टॉप वाली 3 सेंटर टेबल्स भी पड़ी हुई थी. बड़ा सा किचन जिस्मै सारी सुवेधाएँ मौजूद थी, फ्रिड्ज, ओवेन, माइक्रोवेव एट्सेटरा. एस्पेशली प्रेआप्रेड हनिमून रूम बोहोत ही बड़ा था और सब से लास्ट वाला जहा से बंगलो का पीछे वाला हिस्सा था जहा से स्विम्मिंग पूल और गार्डेन नज़र आता था. यह रूम बोहोत खुसबुदार फूलो से अछी तरह से सज़ा हुआ था. क्वीन साइज़ डबल बेड जिसपे गुलाबी रंग की फ्लवर वाली रेशमी चदडार बिछी हुई थी. पायल को डॅन्स का बोहोत शोक था, वो बड़ी अछी ट्रेंड डॅन्सर थी और उसको वेस्टर्न स्लो डॅन्स भी बोहोत ही पसंद था इसी लिए अंदर की तरफ बेडरूम के करीब एक अलग से बना हुआ डॅन्सिंग रूम था जहा कंप्लीट लेटेस्ट म्यूज़िक सिस्टम और लाइटिंग सिस्टम लगा हुआ था जैसा के किसी फिल्म स्टूडियो मे होता है वैसे कंप्लीट सिस्टम्स लगे हुए थे और वाहा एक फर्स्ट क्लास फुल राउंड डॅन्स फ्लोर बना हुआ था.


घर को हम एक घंटे तक घूम के देखते और एक एक चीज़ की तारीफ करते रहे. शांति और पायल का हनिमून रूम तो नीचे ही था पर मेरे लिए फर्स्ट फ्लोर पे एक रूम सेट किया हुआ था और लक्ष्मी के लिए भी ग्राउंड फ्लोर पे ही एक रूम था लैकिन शांति और पायल की प्राइवसी के चलते लक्ष्मी को भी फर्स्ट फ्लोर पे बने हुए मैड’स रूम मे से एक रूम दे दिया गया. ग्राउंड फ्लोर से फर्स्ट फ्लोर तक जाने के लिए जो स्टेरकेस बना हुआ था वाहा पे एक डोर भी लगा हुआ था जिसे बंद करने से ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर एक दम से अलग हो जाते थे. और वही स्टेरकेस पे एक डोर बेल भी लगी हुई थी जिसे बजा के फर्स्ट फ्लोर पे किसी को भी किसी ज़रूरत के लिए पुकारा जा सकता था. रात के खाने के बाद हम तीनो घूमने के लिए गार्डेन मे निकल गये और लक्ष्मी खाना खा के बर्तन वाघहैरा धो के ऊपेर अपने कमरे मे सोने के लिए चली गयी. पायल और शांति किसी लवर्स की तरह एक दूसरे के हाथो मे हाथ डाले चल रहे थे कभी कभी कोई रोमॅंटिक बात एक दूसरे के कान मे कर के मुस्कुराने लगते. काफ़ी देर
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07-10-2018, 12:25 PM,
#30
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
तक बाहर गार्डेन और स्विम्मिंग पूल के पास घूमने के बाद मैं ने बोला के तुम लोग यही गार्डेन मैं बैठ जाओ और चाँदनी रात के फुल मून को एंजाय करो और मुस्कुराते हुए बोला के और हा रोमॅन्स भी करो मैं अब तुम दोनो के बीच मे कबाब मे हड्डी नही बनना चाहता, मैं जा रहा हू सोने के लिए. यह कह कर मैं चला आया और ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर के बीच के डोर को अंदर से लॉक कर दिया ता के कोई बिना बताए के ऊपेर ना आ सके और अपने कमरे मे आ गया. अपने कमरे की लाइट खोली, देखा तो मेरे बेड पे लक्ष्मी नंगी लेटी मेरा इंतेज़ार कर रही थी. मैं पायल की खूबसूरती देख के वैसे ही पागल हो चुका था और अब लक्ष्मी को अपने बेड पे नंगी लेट देख के तो मेरा लंड एक दम से अटेन्षन मे आ गया. मैं ने पूछा के अगर शांति कमरे मे आ जाता तो क्या करती, क्या ऐसे ही नंगे लेटे रहती तो उसने मुस्कुराते हुए मुझे विंडो से बाहर देखने के लिए बोला, विंडो से बाहर देखा तो शांति और पायल एक झाड़ के नीचे खड़े एक दूसरे से लिपटे किस्सिंग कर रहे थे इसे देख के लक्ष्मी ने बोला के मैं ने देख लिया था के आप अकेले ही आ रहे हो इसी लिए मैं आपके लिए रेडी हो गयी मेरी चुदाई भी बोहोत दीनो से नही हुई ना और मेरी चूत बोहोत ही प्यासी हो गयी है इसे अपने लंड का पानी पीला कर इसकी प्यास को बुझा दो और यह बोहोत भूकि है इसे अपने लंड की मलाई खिला दो और मेरा हाथ पकड़ के बिस्तर मे खेच लिया. उसके पास से फ्रेश साबुन की खुश्बू आ रही थी. लगता था के किचन के काम कर के वो भी नहा धो के मेरे पास चुदवाने आई है ता के पसीने की स्मेल ना आए.

यह 5 – 6 महीनो मैं लक्ष्मी कुछ ज़ियादा ही जवान लगने लगी थी. उसके बूब्स भी थोड़े बड़े हो गये थे. चूत का पेडू भी कुछ उठ गया था. ळैकिन अभी भी उसकी कमसिन चूत बोहोत प्यारी लग रही थी. उसने मुझे लिटाया और पागलो की तरह से चूमने लगी और बोल रही थी के कितना तड़पाया है आपने मुझे मैं शब्दो मे बता नही सकती अब मेरे से और सहन नही होता बस अब पेल दो अपना मूसल मेरी गरम प्यासी चूत के अंदर और बड़ी तेज़ी से मेरे कपड़े निकालने लगी. थोड़ी ही देर के अंदर हम दोनो नंगे बिस्तर मे एक दूसरे से लिपटे पड़े हुए थे.
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