Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
07-10-2018, 12:19 PM,
#11
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
थोड़ी देर के बाद जब उसकी साँसें ठीक हुई तो पिंकी ने कहा के लक्ष्मी जा ज़रा राजा बाबा के पैर दबा दे वो थक गये है सुबह से पैर मोड़ के बाइक पे बैठे है तो लक्ष्मी पिंकी को गौर से देखने लगी तो उसने कहा के अरे जा कोई बात नही यहा हम तीनो के सिवा और कोई नही है तेरे माता और पिता भी हॉस्पिटल गये है अब 3 दिन के बाद ही आएँगे क्यॉंके मैं ने डॉक्टर से उनको अड्मिट करने के लिए कह दिया है तो लक्ष्मी की एक ठंडी इतमीनान वाली साँस निकल गयी. पिंकी ने लक्ष्मी को बोला के चल तू पैर दबा मैं किचन मे कुछ खाने का बंदोबस्त करती हू तो उसने कहा के नही दीदी आप रहने दो मैं कर देती हू और वो बाहर जाने के लिए उठी तो पिंकी ने उसका हाथ पकड़ के रोका और कहा के कोई बात नही मैं खाना बना देती हू तू पैर दबा दे मैं अभी आती हू और पिंकी कुछ खाना पकाने की तय्यरी के लिए कमरे से बाहर किचन की तरफ निकल गयी और लक्ष्मी धीरे से ऊपेर चढ़ के बेड पे आ गयी और मेरे पैरो को दबाने लगी. मैं पीठ के बल सीधा लेटा था और मेरा लंड सॉफ्ट हो चुका था और मेरे थाइ पे पड़ा सो रहा था. उसका हाथ मेरे थाइ पे लगते ही मेरा मूसल लंड ऐसे लहरा के खड़ा हो गया जैसे कोई डॅन्सर डॅन्स फ्लोर पे बैठे बैठे ऊपेर लहरा के उठ जाती है और एक ही झटके मे अकड़ गया और लोहे जैसा सख़्त हो गया. लंड के इस तरीके से उठ ने से लक्ष्मी एक दम से घबरा गयी और अपना हाथ मेरे थाइ पे

से वापस खेच लिया और मेरी आँख लग चुकी थी मैं सो चुका था.

अब कमरे मैं सिर्फ़ हम दोनो ही थे बाहर बारिश बोहोत भी तेज़ी से हो रही थी और कमरा मे और भी अंधेरा हो गया था. कमरा अंधेरा था इसी लिए शाएद लक्ष्मी को अब शरम भी नही आ रही थी. यह ह्यूमन नेचर है के आदमी अंधेरे मैं बिल्कुल भी नही शरमाता और वो काम भी कर लेता है जो दिन के उजाले मैं नही कर पता इसी लिए शाएद लक्ष्मी का शरमाना भी अब ख़तम हो गया था और वो नंगी ही बैठी मेरे नंगे पैरो को दबा रही थी. मैं सीधा पीठ के बल लेटा था और सो रहा था. वो साइड मैं बैठी मेरे पैर नीचे से ऊपेर तक दबा रही थी और मैं तो सो रहा था पर मेरा मूसल जैसा लंड जाग रहा था. मुझे उसके हाथ का स्पर्श महसूस हुआ तो मेरी आँख खुल गयी पर मैं ने ऐसा ही पोज़ किया जैसे मैं सो रहा हू. मैं देखना चाहता था के वो क्या करती है और सोने का नाटक करने लगा और गहरी साँसे ले रहा था जिस से वो समझी कि मैं थक्क गया हू और गहरी नींद सो रहा हू. मैं ने नींद मे ही अपने दोनो पैर थोड़े चौड़े कर लए. अब ऐसी पोज़िशन मे वो दोनो पैर एक साथ नही दबा सकती थी तो वो मेरे दोनो पैरो के बीच मे आ के बैठ गयी और दोनो हाथो से दोनो पैरो को एक साथ दबाने लगी. मेरा लंड किसी रॉकेट की तरह सीधा खड़ा हुआ था. उसके छोटे छोटे हाथ मेरे थाइस पे बोहोत आछे लग रहे थे. पैर दबा ते दबा ते उसका हाथ मेरे बॉल्स से टच किया तो मेरा लंड एक दम से किसी शराबी की तरह से झूम गया शाएद यह उसको अजीब लगा इसी लिए उसने अपनी उंगली से मेरे लंड के डंडे को टच किया मैं अपनी बोहोत थोड़ी सी खुली हुई आँख से सब देख रहा था पर उसको मेरी खुली आँख नज़र नही आ रही थी और वो यही समझ रही थी के मैं गहरी नींद सो रहा हू.

मेरा मूसल लंड तो धीरे धीरे हिल रहा था अब लक्ष्मी ने अपनी दो उंगलिओ से लंड के डंडे को पकड़ा वो हैरत से लंड को बोहोत करीब से घूर घूर देख रही थी और शाएद अब वो भी गरम हो गयी थी और उसने मेरे लंड को अपने एक हाथ से पकड़ लिया और धीरे से दबाया तो लंड के सुराख मे एक प्री कम का ड्रॉप निकल आया जिसे उसने अपनी उंगली से उठा लिया और देखने लगी और ज़ुबान पे रख के टेस्ट काइया तो इतने मे पिंकी अंदर आ गयी उसने लक्ष्मी को देख लिया था तो वो लक्ष्मी के करीब आगेई तो आहिस्ता से बोली के देख कैसा मस्त लंड है चूस ले इसे तो उसने कुछ नही कहा तो पिंकी ने बोला के देख राजा गहरी नींद सो रहा है उसको पता भी नही चलेगा के तू क्या कर रही है और अगर उठ भी गया तो अंधेरा होने की वजह से वो समझे गा के उसका लंड पिंकी चूस रही है तू फिकर मत कर चल चूसना शुरू कर दे अपनी मुथी मे पकड़ ले और इसको ऊपेर नीचे कर ऐसा बोलते वक़्त पिंकी ने अपनी उंगलिओ को गोल

करके ऊपेर नीचे करके लक्ष्मी को बताया और बोला के बस ऐसा करते करते इसको चूस ले और हा देख अगर उसमे से मलाई निकले ना तो गिरने नही देना पूरी की पूरी मलाई पी जाना बोहोत टेस्टी और शक्ति शालि होती है मर्दो की मलाई तेरे अंदर खूब ताक़त आएगी तो उसने कुछ कहा तो नही पर अपना सर हा मे हिला दिया. मैं यह सब सुन रहा था और सोता बन गया.

पिंकी ने लक्ष्मी से बोला के चल अब मैं जा रही हू और देख शर्मा ना बिल्कुल नही चूसना शुरू कर दे और पिंकी कमरे से बाहर निकल गयी. लक्ष्मी पलट के पिंकी को कमरे से बाहर निकलने तक देखती रही. और पिंकी के कमरे से निकल ते ही लक्ष्मी ने मेरे लंड को धीरे से पकड़ा तो मेरा लंड एक दम से कुछ ज़ियादा ही टाइट हो गया और हिलने लगा तो उसने लंड को थोड़ा ज़ोर से पकड़ा और मेरे पैरो के बीच मैं बैठे बैठे झुक गयी और पहले अपनी ज़ुबान से लंड के सुराख से निकलते प्री कम को चाटने लगी और फिर लंड के सूपदे को अपने जीभ से चाटने लगी और फिर मूह मे ले के अछी तरह से चूसने लगी आहह मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था और वो देखते ही देखते ऐसे एक्सपर्ट की तरह से चूसने लगी जैसे बचपन से ही लंड चूसने की प्रॅक्टीस हो. अब मैं भी फुल मूड मे आ गया था और धीरे से पिंकी का ऐसे नाम ले रहा था जैसे लक्ष्मी समझे के मैं समझ रहा हू के मेरा लंड पिंकी चूस रही है लक्ष्मी नही. उसके सर को पकड़ के अपनी गंद उठा उठा के उसको मूह को चोद रहा था और वो बड़े मज़े से लंड को चूस रही थी. मेरा आधा ही लंड उसके मूह मैं जा रहा था पर मैं ने उसका सर पकड़ के अपने पूरे लंड को उसके मूह मे घुसा दिया और चोदने लगा और बोला के आअहह पिंकी बड़ा मज़ा आ रहा है रे ऐसी ही चूसू पिंकी आहह और ज़ोर से चूसू पिंकी और ज़ोर से मज़ा आ रहा है बोहोत आअहह ईएससस्स. अब लक्ष्मी को यकीन हो गया था के मैं समझ रहा हू के मेरे लंड को पिंकी चूस रही है. अब लक्ष्मीने इतमीनान से मेरे लंड को मुथि मे पकड़ा हुआ था और लंड के डंडे को मूठ मार रही थी और आधे लंड चूस रही थी. आअहह पिंकी और ज़ोर से चूवस्स्सूऊ प्पीइन्न्न्न्क्क्क्य्य्य्य और एक दम से मेरे बॉल्स मे क्रीम जैसे उबलने लगी और अपनी गंद को बेड से उठा के उसके हलक तक अपना लंड घुसा दिया उसके मूह से गगगगगगगगगगघह आआआआाअगगगगगगगघह की आवाज़े निकलने लगी और मेरे लंड मे से मलाई की मोटी मोटी धारिया उसके हलक मे पिचकारियाँ मारती हुई गिरने लगी जिसे वो बड़े मज़े से पी गयी और जो थोड़ी सी क्रीम उसके होटो पे लगी थी उसको अपनी ज़ुबान से चाट लिया. मैं ने लचमी के सरर को सहलाते हुए कहा के पिंकी आज तो बोहोत मज़ा आया थॅंक्स यार पिंकी.

मैं अभी तक ऐसे पोज़ कर रहा था जैसे मैं सो रहा हू और पिंकी मेरे लंड को चूस रही है इसी लिए मैं ने उसकी बगल मे हाथ डाल के बोला के पिंकी मेरी रानी यू आर वंडरफुल और उसको अपने नंगे बदन के ऊपेर खेच के लिटा लिया और आँखें बंद किए हुए ही उसको किस करने लगा. कमरे मे तो अछा ख़ासा अंधेरा था. लक्ष्मी ने अपना मूह बंद कर रखा था क्यॉंके शाएद उसको किस कैसे करना पता ही नही था. मैं ने अपनी ज़ुबान उसके मूह मे घुसाना शुरू किया तो उसने मूह खोल दिया और उसके मूह मे अपनी जीभ डाल के किस करने लगा. मेरा लंड हम दोनो के बदन के बीच मे सॅंडविच बना हुआ था थोड़ा सा सॉफ्ट हो गया था पर जैसे ही किस शुरू हुआ और हम दोनो की जीभ ने एक दूसरे की जीभ को चूसा तो मेरा सॉफ्ट होता हुआ लंड फिर से अकड़ने लगा और देखते ही देखते मूसल जैसा बन गया. मैं ने उसको अपनी बाँहो मे पकड़ा हुआ था और किस कर रहा था और फिर उसकी छोटी छोटी चुचिओ को चूसने लगा और पिंकी के जैसी ही उसकी छोटी छोटी चुचियाँ भी पूरी की पूरी मेरे मूह मे आ गयी और मैं रस्स गुल्ले की तरह से उसकी चुचिओ को चूसने लगा. उसकी पीठ पे और उसके चूतदो पे हाथ घुमा रहा था उसके चूतड़ बोहोत चिकने और छोटे थे और उसके बदन को अपने बदन पे दबा रहा था. चूचियो को चूसना शुरू किया तो उसने ऑटोमॅटिकली अपनी पोज़िशन चेंज कर ली और अब अपनी दोनो टाँगें घुटनो से मोड ली और मेरे बदन के दोनो तरफ कर लिए और वो मेरे ऊपेर झुकी हुई थी और मेरे आँखों को गौर से देख रही थी के कही मैं जाग तो नही रहा इसी लिए मैं ने अपनी आँखें बंद कर ली थी ता कि वो यह समझे के मैं समझ रहा हू के वो पिंकी है लक्ष्मी नही. उसकी चूत बे इंतेहा गीली हो चुकी थी और उसकी रिस्ति हुई चूत का जूस मेरे नवल पे लग रहा था. वो ऑलमोस्ट मेरे लंड के दंड पे बैठी थोडा थोड़ा आगे पीछे हो के फिसल रही थी और मज़े ले रही थी. मेरे लंड के डंडे के बॅक वाले पोर्षन पे उसकी गीली चूत की पंखाड़िया थी और वो मेरे बदन पे थोडा सा उठी और मेरे आकड़े हुए मूसल लंड को अपने छोटे से हाथ मे पकड़ा और अपनी चूत के सुराख मे रगड़ने लगी तो मैं समझ गया के अब यह पूरी तरह से गर्म हो के चुदसी हो गयी है और अब बोहोत आसानी से चुदवलेगी. मैं अभी भी सोता बना था और आँखें बंद किए हुए बोला के पिंकी मुझे भी तो अपनी चूत का रस्स पिलाओ मेरी जान और उसको उसके बगल मे हाथ डाल के उसको ऊपेर खेच लिया जिस से वो ऊपेर आ गयी और अपने दोनो पैर मेरे सर के दोनो तरफ रख दिए और हाथ आगे कर के मेरे मूह मे अपनी चूत रगड़ने लगी. इस पोज़िशन मे ना वो मेरे चेहरे को देख सकती थी और ना मैं उसके चेहरे को. मैं उसके चूतदो को पकड़ के उसके चूतदो को सहला भी रहा था और अपने मूह मे उसकी

चूत घुसा भी रहा था और अपनी जीभ को गोल फोल्ड करके उसकी चूत के सुराख मे अंदर बाहर कर के जीभ से चोद रहा था उसके मूह से उन्ह !!! उन्ह !!! उन्ह !!! उन्ह !!! उन्ह !!! जैसी आवाज़ ही निकल रही थी और थोड़ी ही देर मे अपनी चूत को मेरे मूह मे बोहोत ही ज़ोर से रगड़ने लगी तो मैं ने उसकी पूरी चूत को अपने मूह मे भर लिया और दांतो से काटा तो वो पागल हो गयी और मेरे दांतो से अपनी चूत की क्लाइटॉरिस को रगड़ते हुए उसका बदन अकड़ने और काँपने लगा और आआआआअहह हहाआआआऐईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ें निकालती हुई झड़ने लगी मुझे उसकी कुँवारी चूत का कुँवारा रस्स बड़ा मीठा लगा जिसे मैं मज़े से चाट गया.

अब वो बिल्कुल भी मूव नही हो रही थी शाएद अभी तक वो अपने ऑर्गॅज़म की मस्ती मे डूबी हुई थी. थोड़ी देर मे जब मुझे लगा के उसका ऑर्गॅज़म ख़तम हो गया है तो मैं ने उसको वापस अपने ऊपेर खेच लिया और अपने बदन पे लिटा लिया और आँखें बंद किए हुए ही बोला के पिंकी तुम्हारी चूत का रस्स तो बोहोत ही मीठा है चलो अब मेरे लंड की सवारी कर के मेरे लंड को अपनी मस्त चूत का स्वाद चखाओ. लक्ष्मी अभी तक यही समझ रही थी के मैं सो रहा हू और उसको पिंकी समझ रहा हू. वो फिर से मेरे लंड के डंडे पे बैठ गयी और पहले जैसा आगे पीछे हो के लंड के डंडे पे फिसलने लगी. उसकी चूत उसके जूस और मेरे थूक से गीली हो चुकी थी और मेरे लंड मे से कंटिन्यू प्री कम भी निकल रहा था जिसकी वजह से वो आसानी से फिसल रही थी. मैं अपने पैर घुटनो से मोड़ चुका था और वो मेरे बदन के दोनो तरफ पैर मोड मेरे लंड के डंडे पे जॉकी जैसा बैठी मज़े ले रही थी. एक बार फिर उसने थोडा सा उठ के मेरे लंड के डंडे को पकड़ के उठाया और अपनी चूत की सुराख को मेरे लंड के सूपदे पे रगड़ने लगी और उसी टाइम पे मैं अपनी गंद उठा के एक झटका मारा तो लंड का चिकना हेल्मेट जैसा मोटा सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे अटक गया और उसके मूह से ऊऊईईईईईइ म्‍म्म्ममाआआअ सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स निकला और वो उछल पड़ी तो मैं ने अब सोने का नाटक ख़तम कर दिया और बोला के अरे लक्ष्मी तुम ??? तो उसने बोला के दीदी ने बोला राजा बाबा तो मैं ने कहा कोई बात नही तुम खुद ही जितना अंदर ले सकती हो ले लो तो उसने सर हिला दिया और अपने घुटनो के बल बैठ के मेरे लंड के सूपदे पे बैठने की कोशिश करने लगी बोहोत धीरे धीरे वो मेरे लंड पे बैठ रही थी और लंड का सूपड़ा ही अंदर तक घुस सका जो कि तकलीफ़ से उसका चेहरा लाल हो चुका था. मैं ने कहा और ट्राइ करो तो उसने बोला के दुख़्ता है बाबू और नही जाता तो मैं ने कहा के ट्राइ तो करो तो वो और ज़ोर से बैठने की कोशिस की तो मेरा लंड उसकी चूत के थोडा और अंदर घुसा उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स निकला और वो मेरे ऊपेर लेट गयी और बोली के

और नही होता बाबू बॅस इतना ही रहने दो दरद तो हो रहा है पर अछा लग रहा है मैं ऐसे ही लेटी रहती हू.

मैं ने बोला के ठीक है मैं ट्राइ करता हू तो उसने बोला के और नही बाबू बोहोत दुख़्ता है तो मैं ने कहा के अरे पगली दरद तो एक ही टाइम होगा फिर बाद मे तो मज़ा ही मज़ा आएगा तो उसने कुछ नही बोला तो मैं ने अब उसको नीचे लिटा दिया और मैं उसके ऊपेर आ गया और उसकी टाँगो के बीच मैं लेट के उसकी चूत को चूसने लगा उसने फॉरन ही अपनी टाँगो को मोड़ लिया और मेरा सर को टाइट पकड़ के अपनी चूत मे रगड़ना चालू किया और बोली आआअहह बाअब्ब्ब्बुउउउउउ ब्ब्ब्बूहहूऊततततत्त म्‍म्म्माआआज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआआअ ह्ह्ह्हाआअई ब्बाअब्ब्ब्बुउउउउउउउ

और अपनी गंद उठा उठा के मेरे मूह को चोदने लगी. उसकी पूरी चूत को अपने दांतो से पकड़ लिया और पान जैसा चबाया तो वो मस्ती मे पागल हो गयी और अपनी गंद उठा के मेरे मूह मे अपनी चूत बोहोत ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी और उसका बदन अकड़ने लगा और वो मेरे मूह मे एक बार फिर से झड़ने लगी. अब मैं उसके ऊपेर आ गया और मेरा लंड तो फुल मस्ती मे था और अकड़ के उठ चुका था और मेर पेट से लग चुका था. उसकी दोनो टाँगें फैला कर मैं उसके ऊपेर झुक गया तो उसने खुद ही मेरा लंड पकड़ के अपनी चूत के सुराख पे रख दिया. लंड का सूपड़ा चिकना था और इतना चूसने के बाद उसकी चूत बोहोत गीली हो चुकी थी इसी लिए एक ही झटके मे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के सुराख के अंदर जितना पहले घुसा था उतना ही घुस चुका था. मैं रुक गया और उतना ही अंदर बाहर करने लगा. उसको दरद भी हो रहा था मज़ा भी आ रहा था और चुदवाने की एग्ज़ाइट्मेंट भी थी.

मैं तो पहले ही सोच चुका था के उसकी चूत को एक ही झटके मे फाड़ना है और ऐसे कुँवारी चूतो को एक ही झटकेमे फाड़ने मे मुझे बोहोत मज़ा आता है. अब मैं ने उसको उल्टा पेट के बल लिटा दिया तो वो समझी के मैं उसकी गंद मारने वाला हू तो उसने बोला का बाबू वाहा नही तो मैं ने पूछा के कहा नही ? तो वो शरमाते शरमाते बोली के गंद मे नही बाबू तो मैं ने पूछा के फिर कहा पे डालु तो उसने बोला के सामने तो मैं ने कहा के सामने कहाँ तो उसने अपनी चूत की तरफ इशारा किया तो मैं ने कहा यह क्या है तो फिर उसने शरमाते हुए कहा के चूत बाबूजी यहा डालो तो मैं मुस्कुरा दिया और अपने लंड की तरफ इशारा कर के पूछा के यह क्या है तो उसने लंड कहा तो मैं ने कहा के हा गुड अब तुम्हे शरम नही आएगी क्यॉंके हम दोनो नंगे है और हमारे सिवा यहा और कोई नही है और बोला के देख लंड को लड़की के तीनो सुराखो मैं मज़ा आता है तो उसने कहा तीनो ?? तो मैं ने कहा हा मूह, चूत और गंद एह तीनो सुराखों मे तो उसने कहा के यह गंद मे कैसे जाएगा बाबू इतना बड़ा और इतना मोटा है और गंद का छेद तो बोहोत ही छोटा होता है. अब वो बिंदास लंड, गंद और चूत बोल रही थी. तो मैं ने कहा के क्रीम लगाने से चला जाता है तो उसने कुछ बोला नही.
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07-10-2018, 12:19 PM,
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RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --7



गतांक से आगे........................

मैं ने साइड टेबल पे से जेल्ली का ट्यूब उठा लिया. लक्ष्मी पेट के बल उल्टा लेटी थी उसकी छोटी चिकनी गंद बड़ी मस्त लग रही थी. मैं जेल्ली के ट्यूब से अपने लंड पे जेल्ली लगाने लगा तो वो देख रही थी और बोली कि मेरे कू भी लगा दो बाबू जी नही तो मुझे भी दरद हो गा तो मैं ने कहा ठीक है और अपने हाथ मे बोहोत सारी जेल्ली निकाल के उसकी चूत और गंद पे लगा दिया और उसके पैरो के बीच मे मिशनरी पोज़िशन मे अपने पैर पीछे कर के लेट गया. उल्टा लेट के उसने अपनी गंद थोड़ी ऊपेर उठा ली थी जिस से उसकी चूत मेरे लंड के टारगेट मे थी और मैं अपने लंड को उसकी चूत के सुराख मे रख के दबाना शुरू किया. जेल्ली और लून मे से कंटिन्यू निकलते प्री कम की वजह से लंड और चूत बोहोत ही चिकने और स्लिपरी हो गये थे इसी लिए लंड का सूपड़ा तो बोहोत आसानी से उसकी टाइट छोटी सी कुँवारी चूत के अंदर घुस गया क्यॉंके उसकी चूत का सुराख मेरे लंड के सूपदे तक तो अड्जस्ट हो ही गया था. मैं उसकी पीठ पे लेट गया और अपने दोनो पैरो को उसके दोनो पैरो के बीच मे रख के ऐसे दबा के अड्जस्ट किया के वो अपनी टाँगें बंद ना कर सके और अपने हाथो से उसके छोटे छोटे सख़्त कड़क चुचिओ को दबाने और मसल्ने लगा. वो उल्टी हाफ लेटी और हाफ डॉगी स्टाइल मे थी और मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे अटका हुआ था. मैं ने एक और पुश किया तो लंड थोड़ा सा और उसकी चिकनी जेल्ली से भरी चूत के अंदर घुस गया और फॉरन ही उसका बदन अकड़ गया उसको दरद हुआ था उसने आगे निकलने की कोशिश की पर मैं ने उसको ऐसे पकड़ रखा था के वो हरकत भी नही कर सकती थी और मेरे शिकंजे मे फँसी हुई थी. मैं अब लंड को ऐसे ही रखे रखे थोडा ही अंदर बहेर अंदर बाहर कर रहा था. अब मैं और बर्दाश्त नही कर सकता था और लंड को पूरा बाहर निकाल के एक ही झटके मे उसकी चूत को फाड़ने का प्लान बना चुका था और इसी प्लान के चलते अपना पूरा लंड बाहर खेचा तो पता नही उसने क्या समझा और वो पूरा बेड पे लेट गयी और फिर इस से पहले के मैं कुछ सोचता मैं ने उसके शोल्डर्स को टाइट पकड़ के एक बोहोत ही ज़ोर का झटका मारा और उसकी चूत का सुराख मेरे टारगेट से मिस कर गया एक ज़ोर से गग्ग्घहाआअक्कककचह की आवाज़ आई और मेरा जेल्ली से भरा लंड किसी मिज़ाइल की तरह बोहोत तेज़ी से पूरे का पूरा चूत से स्लिप होके उसकी गंद मे घुस्स गया और वो बड़ी ज़ोर से चिल्लाई ऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईईईई म्‍म्म्मममममममाआआआआआआआ

म्‍म्म्मममाआआररर्र्र्ररर गगगगगगगाआआआययययययईईई ब्ब्ब्बाआआब्ब्ब्ब्ब्बुउउउउउउउउउ हहाआआऐईईई

और वो रोने लगी और उसकी आँख से आँसू निकलने लगे और मेरी ग्रिप से बाहर निकलने को मचलने लगी पर मैं ने उसको छोड़ा नही और उसकी चीख सुन के पिंकी कमरे मे आ गयी उसे अंधेरे कमरे मे कुछ नज़र नही आया तो उसने लाइट जला दी और रोशनी मे देखा के लक्ष्मी मेरे नीचे उल्टा लेती है और मेरा मूसल लंड उसकी गंद को फाड़ के अंदर तक घुसा हुआ है तो वो मुस्कुराने लगी और बोली के राजा लगता है तुम्है लक्ष्मी की कुँवारी चूत से ज़ियादा उसकी कुँवारी गंद पसंद आ गई लगता है तो मैं ने कहा के मैं क्या करू मे तो चूत मे ही लंड डालने लगा था इसी ने पोज़िशन चेंज करली जिसकी वजह से चूत के सुराख को छोड़ मेरा लंड उसकी गंद मे घुस्स गया तो मैं क्या करू. उसने पुकारा दीदी दीदी मुझे बचाओ दीदी तो पिंकी उसके करीब आई तो उसने बोला के दीदी बोहोत दरद कर रहा है दीदी बाबू से बोलो ना के बाहर निकालो तो पिंकी ने बोला के फिकर ना कर अभी सब ठीक हो जाएगा और पिंकी वही खड़ी हो गयी और हमै देखती रही और थोड़ी ही देर मे मुझे महसूस हुआ के उसकी गंद के मसल्स मेरे लंड के डंडे पे कुछ रिलॅक्स हो रहे है तो मैं ने उस से पूछा अब कैसा लग रहा है तो उसने बोला के अब थोड़ा दरद कम दिख रहा है तो मैं ने लंड को थोडा बाहर निकाला और अंदर डाल के उसकी वर्जिन गंद मारने लगा. पिंकी हैरत से देखती रही के इतना लंबा और मोटा लंड उसकी इतनी छोटी सी गंद मे कैसे घुस गया पर अब जो होना था सो हो चुका था लेकिन गंद उसकी कुँवारी चूत से पहले ही फॅट चुकी थी और मेरा मूसल जैसा लंड उसकी गंद के अंदर घुसा हुआ था और मैं उसकी गंद मार रहा था. मैं ने पिंकी से इंग्लीश मे बोला के वो लक्ष्मी की चूत मे उंगली करे ता कि उसको थोडा मज़ा भी आए और यह सुनते ही पिंकी जो अभी तक नंगी थी बेड पे बैठ गयी और लक्ष्मी की चूत मे उंगली अंदर बाहर करने लगी जिस से लक्ष्मी पूरी तरह से रिलॅक्स हो गयी थी और मैं घचा घच उसकी छोटी सी फटी गंद को मार रहा था वो हहाआईईई सस्स्स्स्स्स्सस्स ऊऊऊओईईईई म्‍म्म्ममाआआअ जैसी आवाज़ें निकल रही थी और थोड़ी ही देर मैं मेरे लंड मे से कम की पिचकारियाँ निकल के उसकी गंद को भरने लगी और जब लंड उसकी गंद से बाहर निकाला तो मेरी मलाई और थोडा सा खून भी उसकी गंद से निकल के बेडशीट पे गिर गया और उसकी गंद अब पूरी तरह से खुल चुकी थी और खुल बंद भी हो रही थी.

मैं ने पिंकी से इंग्लीश मे ही कहा के अब मैं लक्ष्मी को चोदुन्गा और उसकी चूत की सील भी तोड़ डालूँगा तो वो मुस्कुराने लगी और एक आँख बंद कर के अपना अंगूठा दिखा थंप्स उप की साइन बना के बोली के गुड लक और कमरे से निकल के किचन मे चली गयी. जब लक्ष्मी का दरद कम हो

गया तो वो भी बेड से उठ के जाने लगी तो मे ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला के कहा जा रही हो तो उसने बोला के दीदी के पास जा रही हू तो मैं ने बोला के अरे ऐसे कैसे अभी तो तुम्हारी चूत मे भी तो लंड डालना है तो उसने अपने कान पकड़े और कहा के ना बाबा अब मुझे कुछ नही करवाना है तो मैं ने कहा के लक्ष्मी सच इस टाइम बोहोत धीरे से करूँगा और तुम्हेई बोहोत ही मज़ा आएगा. इस टाइम तो तुम ही अपनी जगह से हट गयी थी इसी लिए लंड चूत के बजाए तुम्हारी गंद मे घुस गया था तो मैं क्या करू. उसने फिर बोला के बाद मे कर लेना बाबू मुझे बोहोत दुख रहा है तो मैं ने कहा के अछा चल हमाम मे चल के स्नान करते है गरम पानी से धोएगी तो दरद कम हो जाएगा और हम दोनो अब बाथरूम मे आ गये. शवर से गरम और ठंडे पानी का नल्ल खोला मिक्सर को अड्जस्ट किया तो मीडियम गरम पानी आने लगा. मैं लक्ष्मी को टब मे लिटा दिया और उसकी गंद और चूत मे साबुन लगा के मालिश करने लगा जिस से गंद और चूत मे लगी हुई जेल्ली भी सॉफ हो गयी और धीरे धीरे उसकी गंद का दरद भी कम हो गया और वो एक बार फिर फ्रेश हो गयी. अब उसने पलट के मुझे शवर के नीचे किया और मेरे लंड को साबुन लगा के मालिश करने लगी और उसपे लगी जेल्ली को सॉफ करने लगी. इतनी देर मे मेरा लंड फिर से अकड़ के लोहे जैसा सख़्त हो चुका था तो लक्ष्मी ने उसको अपने हाथ मे पकड़ के अपने हाथ से दबाया और अपने मूह मे ले के थोड़ी देर चूसा और बोली के हाए बाबू यह तो इतना बड़ा और मोटा है के मेरे मूह मे भी नही आ रहा है. ओह यह तो फिर से अकड़ के गरम हो गया है तो मैं ने बोला के तुम्हारी प्यारी चूत को देख के खड़ा हो गया है और तुमहरि चिकनी चूत को सल्यूट कर रहा है तो वो शर्मा गयी और मुस्कुराने लगी.

चलो अब बेड पे चलते है और हम दोनो शवर से बाहर निकल आए टवल से एक दूसरे को ड्राइ किया. कमरे मे अब लाइट जल रही थी. मैं ने लक्ष्मी का हाथ पकड़ के बेड पे लिटा दिया तो उसने अपनी आँखो पे हाथ रख के आँखो को बंद कर लिया और बोली के बाबू लाइट तो बंद करदो हमै शरम आती है तो मैं ने बोला के अरे गंद मरवा चुकी है लंड को चूस चुकी है अभी तक शरम आती है तुझे तो वो मुस्कुराने लगी और बोली के ठीक है बाबू जैसा तुम ठीक समझो हमै तो अंधेरा ही अछा लगे है तो मैं ने कहा के ठीक है चलो तुम कहती हो तो लाइट भी बंद कर देता हू और लाइट बंद कर दिया जिस से कमरे मैं एक बार फिर से अंधेरा छा गया और हम दोनो नंगे ही बिस्तर पे एक दूसरे की तरफ करवट ले के लेट गये. मैं ने लचमी को अपनी बाँहो मे पकड़ लिया और हम दोनो एक दूसरे से लिपटे हुए थे उसको टंग सकिंग किस करने लगा अब उसको भी किस करने की अछी प्रॅक्टीस हो गयी थी और वो मेरी ज़ुबान को चूस रही थी मैं ने उसकी चूत को एक हाथ से सहलाना शुरू किया तो उसने

ऑटोमॅटिकली अपनी टाँगें खोल दी और मेरे थाइ पे रख ली जिस से उसकी चूत थोड़ी सी खुल गयी और मेरे लंड को अपनी मुथि मे पकड़ के एक बार फिर से लंड के सूपदे को अपनी चूत के पंखाड़ियों के बीच मे घुसा के ऊपेर नीचे करने लगी और अपने चूत के दाने को लंड के सूपदे से रगड़ने लगी. लंड के प्री कम और उसकी चूत के जूस से चूत चिकनी और स्लिपरी हो गयी थी. अब मैं पोज़िशन चेंज कर के पीठ के बल लेट गया और उसको एक बार फिर से अपने ऊपेर खेच लिया और उसने अपने दोनो पैर घुटनो से मोड़ के मेरे बदन के दोनो तरफ रख लिए और मैं ने भी अपने पैर घुटनो से मोड़ के खड़े कर लिए. वो मेरे लंड के डंडे पे बैठी थी और मैं ने उसको झुका लिया और उसके छोटे अमरूद के साइज़ के बूब्स को चूसने लगा जिस से वो बोहोत जल्दी ही गरमा गयी और तेज़ी से लंड पे आगे पीछे होने लगी जिस से मेरे लंड का सूपड़ा चिकनाई की वजह से उसकी चूत के छोटे से सुराख मे अटक गया. अब वो धीरे धीरे पीछे हट रही थी जिस से मेरे लंड का सूपड़ा धीरे धीरे उसकी चूत के छोटे से सुराख मे घुस रहा था और फिर फिसलते फिसलते ऑलमोस्ट उसकी चूत के सुराख के अंदर चला गया. इस से ज़ियादा वो नही ले पा रही थी तो मैं कुछ देर के बाद अपनी गंद उठा के एक धक्का मारा तो लंड का सूपड़ा पूरा और थोड़ा सा लंड का डंडा भी उसकी चूत मे घुस गया और उसकी ज़ुबान से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकली मैं अपने लंड को उसकी चूत मे रखे ही उसके बूब्स को चूसने लगा और धीरे धीरे गंद उठा के लंड को थोड़ा थोड़ा अंदर करना लगा पर अब चूत इतनी टाइट थी के लंड अंदर घुस ही नही रहा था तो मैं ने उसको नीचे लिटा दिया और साइड टेबल से जेल्ली का ट्यूब ले लिया और अब उसको पीठ के बल लिटा दिया और उसकी चूत के सुराख मे ट्यूब घुसा के ट्यूब को दबाया और खूब बोहोत सी जेल्ली उसकी चूत मे डाल दी और अपने लंड पे भी फुल जेल्ली लगा दिया.

इतनी देर तक वो अपने पैर घुटनो से मोड लेटी रही उसकी साँवली सी बिना झतो की छोटी सी चिकनी कुँवारी चूत जेल्ली लगाने से अंधेरे मैं भी चमक रही थी. जेल्ली उसकी चूत मे और अपने लंड पे लगा के ट्यूब को करीब ही रख लिया और उसके ऊपेर झुक गया और लंड के सूपदे को उसकी चूत के नीचे से ऊपेर उसकी क्लाइटॉरिस तक मसल्ने लगा तो उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और अपनी चूत के सुराख मे अड्जस्ट कर के टीका दिया तो मैं समझ गया के लक्ष्मी अब और बर्दाश्त नही कर सकती वो फुल मूड मे आ चुकी है बोहोत चुदसी हो गई है और वो अब चुदने के लिए पूरी तरह से तय्यार हो चुकी है और मेरा लंड भी कुँवारी चूत की सील तोड़ने को उतावला हो रहा था तो मैं उसके ऊपेर झुक गया और अपने पैर मिशनरी पोज़िशन मैं पीछे कर के उसके ऊपेर लेट गया, अपनी टाँगो से उसकी टाँगो को खोल के

पकड़ा रहा और लंड को धीरे धीरे उसकी चूत के अंदर धकेलने लगा तो लंड उसकी चूत मे दबाया तो लंड उसकी चूत मे थोडा और अंदर घुस गया लक्ष्मी का सारा बदन अकड़ गया था और उसकी साँस रुकी हुई थी उसने मुझे टाइट पकड़ा हुआ था और उसके मूह से उन्ह !! उन्ह !! उन्ह !! और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआअहह ब्ब्ब्बाआब्ब्बुउउउउउउ जैसी आवाज़ें निकल रही थी जैसी मज़ा भी ले रही हो और दरद भी हो रहा हो और मैं उसकी चूत मे अपने लंड का प्रेशर दे रहा था.

मेरा मूसल लंड उसकी छोटी सी टाइट चूत मे अब तकरीबन 3 इंच और अंदर घुस्स गया था और मुझे लगा के अब मेरे लंड का सूपड़ा किसी चीज़ से टकरा के रुक गया हो और लंड को अंदर जाने से रोक रहा है तो मैं समझ गया के यह उसकी कुँवारी चूत की कुँवारी सील ही है जो लंड को अंदर जाने नही दे रही है तो मैं ने पहले तो ऐसे ही अपने लंड को उतना ही उसकी चूत के अंदर बाहर किया और फिर थोड़ी देर के बाद अपना लंड उसकी चूत से बाहर खेच के निकाल लिया और जैसे ही लंड बाहर निकला उसके मूह से ऊऊऊओह जैसी आवाज़ निकली उसकी चूत खुली हुई थी तो मैं ने करीब पड़ी जेल्ली का ट्यूब उठाया और ट्यूब को उसकी चूत मे थोड़ा सा अंदर घुसाया और तकरीबन आधी ट्यूब उसकी चूत के अंदर भर दिया और अपने हिल हिल के लक्ष्मी की छोटी सी चिकनी कुँवारी चूत को सल्यूट करते हुए लंड के हेड पे भी खूब सारी क्रीम लगा दिया और फिर से वैसे ही मिज़िसनरी पोज़िशन बना लिया अपने लंड को थोड़ा उसकी चूत के सुराख के अंदर घुसा दिया और अपने पैरो को पीछे बेड के किनारे से टीका के ग्रिप बनाया और लक्ष्मी के बगल से हाथ अंदर डाल के उसको भी टाइट पकड़ लिया और उसको किस करने लगा. अब मेरे अंदर एक नया जोश आ गया था के मुझे एक और कुँवारी चूत की सील तोड़नी है जिसके लिए मेरा लंड एक दम से तय्यार है और क्या लकी है मेरा लंड के एक दिन मे 2 कुँवारी चूतो की सील तोड़ने को मिल रही है और लंड को थोडा सा अंदर बाहर करने लगा और इतनी देर मैं आधा लंड बड़ी आसानी से उसकी चिकनी चूत के अंदर बाहर हो रहा था उसकी चूत के मसल्स मेरे लंड को अड्जस्ट कर लिए थे. मेरा लंड कुँवारी चूत के सील तोड़ने के लिए मचल रहा था. थोड़ी देर ऐसे ही आधे लंड से चोदने के बाद अपनी गंद उठा के पूरे का पूरा लंड उसकी चूत से बाहर खेच के निकाल लिया और एक ही धक्का इतनी ज़ोर से मारा के उसकी चूत मे से एक घच की आवाज़ आई और उसकी छोटी सी कुँवारी चूत के सीट टूट गई और उसकी चूत फॅट गयी और मेरा मूसल जैसा मोटा और लोहे जैसा सख़्त लंड उसकी चूत को चीरता हुआ उसकी बचे दानी से टकराया और वो बोहोत ज़ोर से चीख पड़ी आआआआआमम्म्मममममममममम्मूऊऊऊऊऊऊऊऊ म्‍म्म्ममममाआआआआआआआआअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर

गगगगगगगगगाआआआआययययययययईईईईई र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रररीईईईईईईईई ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बाआआआआब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बुउउउउउउउउउउउउउउ और उसका सारा बदन पसीने से भर गया और वो मेरे बदन से बोहोत ही ज़ोर से चिपक गयी और मेरे नीचे किसी मछली की तरह से तड़पने लगी और अपना दरद कम करने के लिए उसका मूह मेरे शोल्डर पे आ गया और उसने बड़ी ज़ोर से मेरे शोल्डर पे काट लिया जिस से मेरा शोल्डर का वो पोर्षन लाल हो गया और थोड़ा सा खून भी निकल आया लैकिन मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ के उसकी कुँवारी सील को तोड़ चुका था. उसकी चीख के साथ ही मेरे मूह से भी एक हल्की सी उउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ निकल गयी और मेरे शोल्डर मे थोडा दरद होने लगा पर मुझे दरद का एहसास फॉरन ही ख़तम हो गया और मेरा ध्यान अपने मूसल लंड जो उसकी चूत मे फँसा हुआ था उसकी ओर चला गया. उसने अपने हाथो और पैरो से मुझे कस के पकड़ा हुआ था और फिर एक ही सेकेंड के अंदर उसके हाथ और पैर बेजान हो के मेरे बदन से निकाल के बेड पे गिर गये और वो ऑलमोस्ट बेहोश ही हो गयी उसकी आँखो से आँसू निकल निकल के उसके गालो पे से होते हुए नीचे गिरने लगे और बेडशीट को भिगोने लगे उसकी साँसें बोहोत ही गहरी हो गई थी और मेरे बदन के नीचे ऐसे पड़ी थी जैसे कोई डेड बॉडी हो.
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07-10-2018, 12:19 PM,
#13
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
कमरे मे एक बार फिर से रोशनी हो गयी और पिंकी लक्ष्मी की चीख सुन के अंदर आ गयी थी और हम दोनो को देख के मुस्कुरा के बोली वाउ राजा तुम्हाई एक और कुँवारी चूत मिल गयी उसकी भी सील तोड़ डाली तुम ने एक ही दिन मे दो दो कुँवारी चूतो की सील और एक गंद की सील तोड़ी है तुम ने तो मैं भी मुस्कुरा दिया. मेरा लंड एक नयी चूत की सील के टूटने से लक्ष्मी की चूत के अंदर ही अंदर जशन मना ने लगा.

मैं ने अपना लंड उसकी चूत मे ही घुसाए रखा और उसके ऊपेर लेटा रहा. थोड़ी देर के बाद उसको होश आया और मुझे ऐसी नज़रो से देखने लगी जैसे पूछ रही हो के “मैं कहाँ हू ओर मुझे क्या हुआ है ”. फिर एक ही मिनिट के अंदर उसको पता चल गया के वो कहा है और उसको क्या हुआ है और जैसे ही उसको उसकी फटी हुई चूत के अंदर मेरे मूसल लंड का एहसास हुआ तो उसको फिर से दरद हो ने लगा और वो मेरे सीने पे अपनी मुथि बंद करके मारने लगी और बोली के हटो बाबू मेरे ऊपेर से हट जाओ निकालो इसको मुझे नही चाहिए तुम्हारा लौदा मुझे बोहोत दुख़्ता है मानो जैसे किसी ने गरम छुरि से काट डाला हो बोहोत दरद हो रहा है बाबू सच भगवान के लिए दया करो बाबू मेरे ऊपेर और उसकी नज़र पिंकी के ऊपेर

पड़ी तो उसने कहा प्लीज़ दीदी बाबू से बोलो ना के निकले मुझे लग रहा है मानो मेरे बदन मे गरम लोहा घुसा हो मेरे अंदर आग लगी हुई है दीदी प्लीज़ निकालो बोलो बाबू को इस से पहले के पिंकी कुछ बोलती मैं ने कहा के लक्ष्मी अब थोड़ा और बर्दाश्त कर लो बॅस अब तो मेरा पूरे का पूरा लंड तुम्हारी चूत के अंदर जा चुका है अब तुम्हाई अब ज़िंदगी भर कभी भी तकलीफ़ नही होगी. पिंकी ने देखा के मेरा पूरे का पूरा लंड लक्ष्मी की चूत के अंदर घुसा हुआ है और लक्ष्मी की चूत पे किसी बॉटल के ढक्कन की तरह से सील्ड है. पिंकी बोली के हा लक्ष्मी अब तुझे कभी भी दरद नही होगा तू तो बड़ी बहादुर निकली रर तेरी छोटी सी चूत तो राजा का इतना बड़ा मोटा और लोहे जैसा लंड पूरा खा गयी तो लक्ष्मी बोली के दीदी बोहोत दरद कर रहा है दीदी मेरी तो जान ही निकल गयी है दीदी तो पिंकी ने बोला के चल अब कोई प्राब्लम नही है यह ले मैं तेरी बॉडी का मसाज कर देती हू और वो लक्ष्मी की चुचिओ को सहलाने लगी और फिर उसकी चुचिओ को अपने मूह मे ले के चूसने लगी और दूसरे हाथ से उसके पेट पे और नवल पे फिराने लगी जिस से लक्ष्मी का बदन कुछ रिलॅक्स हुआ और अब उसने अपने हाथ और पैर मेरी बॅक पे लपेट लिए और और मेरी पीठ को सहलाने लगी तो मैं समझ गया के अब उसको मज़ा आने लगा है तो मैं ने पूछा लचमी अब दरद कैसा है तो उसने धीरे से मुस्कुराते हुए कहा के हा अब थोडा कम है बाबू.

मेरा लंड उसकी छोटी फटी हुई चूत के अंदर ही फँसा हुआ था और मुझे महसूस हो रहा था के उसकी चूत के अन्द्रूनि मसल्स मेरे लंड के सूपदे और डंडे को निचोड़ रहे है यह एक अजीब सा मीठा मीठा एहसास था जिस से मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था. अब मैं ने धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया तो लक्ष्मी ने भी अपनी गंद उठा उठा के मेरे लंड का स्वागत किया और मज़े से चुदवाना शुरू कर दिया. पिंकी वही खड़ी थी और हमारी चुदाई को देख रही थी. उसकी चूत खून से भरी हुई थी लैकिन खून बाहर नही निकाला था क्यॉंके लंड से उसकी चूत मे टाइट घुसा हुआ था और खून को बाहर निकलने का रास्ता नही मिल रहा था इसी लिए उसकी चूत का खून मेरे लंड के डंडे पे लगा हुआ ही थोड़ा थोड़ा बाहर आ रहा था और लंड के डंडे के साथ ही उसकी चूत के अंदर जा रहा था. अब लक्ष्मी बड़ी मस्ती मे चुदवा रही थी और पिंकी मज़े से देख रही थी और देखते ही देखते पिंकी की आँखों मे फिर से वासना की आग जल उठी थी और वो फिर से गरम हो गयी थी.
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07-10-2018, 12:19 PM,
#14
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --8



गतांक से आगे........................

अब पिंकी ने लक्ष्मी के होटो को चूसना शुरू कर दिया और वो दोनो एक दूसरे की ज़ुबान को चूस्ते हुए किस करने लगे और देखते ही देखते पिंकी जो चुदवाने के बाद से अभी तक नंगी ही घूम रही थी बेड के ऊपेर चढ़ गयी और लक्ष्मी के मूह

पे अपनी चूत रख के बैठ गयी और लक्ष्मी ने पिंकी की चूत को मज़े से चाटना शुरू कर दिया. मैं लक्ष्मी की चूत मैं अपना मूसल जैसा लंड डाले धना धन चोद रहा था और वो भी अपनी गंद उठा उठा के चुदवा रही थी और पिंकी की चूत को चाट रही थी. मैं कुछ देर के लिए रुक गया तो लक्ष्मी एक दम से पिंकी की चूत से मूह बाहर निकाल के बोली के क्यों रुक गये बाबू तो मैं ने बोला के तुम्है दरद हो रहा है ना इसी लिए रुक गया तो उसने बोला के नही बाबू रूको मत अभी तो बोहोत अछा लग रहा है ऐसा मज़ा कभी नही आया प्लीज़ ऐसे ही करो ना बाबू तो मैं ने पूछा के क्या करू तो उसने बोला के प्लीज़ बाबू चोद दो हमारी चूतिया को. अब वो फुल मस्ती मे आ गयी थी और अपनी गंद उठा उठा के खूब चुदवा रही थी. मेरी लंड मेी से सुबह से क्रीम 4 – 5 टाइम निकल चुकी थी इसी लिए अब मई लंबी चुदाई के लिए रेडी हो गया था लैकिन लक्ष्मी की चूत की आग भड़कने लगी थी और वो शांत हो ना चाहती थी. लक्ष्मी बड़ी ज़ोर ज़ोर से पिंकी की चूत को चाट रही थी जिस से पिंकी के मूह से आआआअहह आआईईईइस्स्स्स्स्सीईईई हहीए कक्चूऊऊससस्स ळ्ल्ल्लाआcccछ्ह्ह्म्म्म्मीईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआअईईईईई ऊऊऊऊओफफफफफफफफ्फ़ ऊऊऊऊओ ब्ब्ब्बाआद्द्द्द्दाआआ म्‍म्म्ममममाआआज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआआअ आआ र्र्राआअह्ह्ह्ह्हाआअ हीईईईई र्र्र्र्रररीईए और अपनी चूत को लक्ष्मी के मूह पे ज़ोर ज़ोर से रगड़ते रगड़ते काँपने लगी और लक्ष्मी के मूह मे झड़ने लगी, उसकी चूत से मीठा मीठा रस निकल ने लगा जिसे लक्ष्मी ने मज़े से पी लिया और उसी टाइम इतनी देर से चुदवाति लक्ष्मी भी अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुकी थी और मेरे बदन से ज़ोर से लिपट गयी गहरी गहरी साँसें लेते हुए काँपने लगी और काँपते काँपते ही वो झड़ने लगी और जितनी देर तक वो झड़ती रही मैं अपना लंड उसकी चूत के अंदर ही रखे लेटा रहा और उसकी चूत के अन्द्रूनि मसल्स जो खुल बंद हो रहे थे उनका मज़ा लेता रहा. अभी उसका ऑर्गॅज़म चल ही रहा था के मुझे महसूस हुआ के उसकी चूत के मसल्स मेरे लंड को निचोड़ रहे है और मुझे इतना मज़ा आ रहा था के मेरे बिना चोदे ही मेरे लंड मे से गाढ़ी गाढ़ी क्रीम की मोटी मोटी गरम गरम धारियों की पिचकारियाँ निकलने लगी और उसकी चूत को भरने लगी. मैं लक्ष्मी की चूत के अंदर ही अपने लंड को रखे उसके ऊपेर गहरी साँसें लेता हुआ ढेर हो गया. कमरे मे हम तीनो की गहरी गहरी साँसों की ही आवाज़ें सुनाई दे रही थी और कमरे मे चुदाई की स्मेल फैली हुई थी. मेरा लंड अभी तक आकड़ा हुआ ही था और लक्ष्मी की चूत के अंदर ही चूत के खुल बंद होते मसल्स के मज़े ले रहा था. थोड़ी देर के अंदर ही मुझे लगा के अब मेरा लंड कुछ सॉफ्ट होने लगा है तो मैं ने अपना लंड लक्ष्मी की चूत मे से बाहर निकाल लिया और मैं उसके

ऊपेर से लुढ़क के उसके साइड मैं लेट गया. लंड के बाहर निकलते ही एक प्लॉप की आवाज़ आई और उसकी फटी हुई चूत मे से मेरी क्रीम और उसकी फटी चूत के मिला जुला खून का फव्वारा बाहर निकला और बेडशीट पे गिरने लगा और एक बड़ा सा गुलाबी पूल जैसा बन गया. लक्ष्मी को जब फील हुआ के उसकी चूत मे से कुछ चीज़ बाहर निकली है तो वो थोड़ा सा ऊपेर उठ के देखने लगी और खून देख के घबरा गयी और रोने लगी रोते रोते बोली के दीदी यह देखो क्या हो गया देखो बाबू ने क्या कर दिया दीदी तो पिंकी ने बोला के अरे पगली यह तेरी कुँवारी चूत की झिल्ली थी जो अब टूट गयी है अब तुझे कभी खून नही निकलेगा यह तो पहली टाइम ही निकलता है और इस झिल्ली के टूटने से कोई प्राब्लम नही है यह तो एक नयी बिना चुदी चूत की निशानी होती है और यह खून भी उसी का है. पिंकी हस्ते हुए बोली के अब तू बड़ी हो गयी है और किसी भी तगड़े लंड से छुड़वाने के काबिल हो गयी है तो उसने शरमाते हुए कहा के काइया दीदी तुम भी ना और फिर अपनी चूत मे से निकलते मेरी मलाई मिक्स खून को बेड शीट से पोछने लगी और उसके बाद बेडशीट को मोड़ के धोने के लिए प्लास्टिक की बास्केट मे डाल दिया.

पिंकी ने घर फोन कर के अपनी मम्मी को यहा का हाल बता दिया थे गंगू बीमार है और वो हॉस्पिटल मे अड्मिट है और यहा का भी बारिश से बुरा हाल है इसी लिए वो और 2 या 3 दिन वही रुकने का प्रोग्राम बना रही है और साथ मे बोला के प्लीज़ मम्मी राजा को भी बोलो ना मेरे साथ यहा ही रहे नही तो मैं अकेली हो जाउन्गि यहा लक्ष्मी और मैं है बॅस और फिर उसने फोन मुझे दे दिया दूसरी तरफ से आंटी ने कहा के राजा अभी तो तुम्हारे कॉलेज को छुट्टिया चल रही है और शांति भी बाहर गया हुआ है तुम और 2 दिन वही पिंकी और लक्ष्मी के साथ ही रुक जाओ पिंकी और लक्ष्मी का वाहा अकेले रहना ठीक नही तुम जैसे गबरू जवान उनके साथ हो तो मुझे भी इतमीनान रहेगा और तुम अछी तरह से उन दोनो का ख़याल रख सकोगे तो मैं ने कहा के ठीक है आंटी आप कहती है तो मैं गंगू बाई के आने तक यही रुक जाता हू तो आंटी ने मुझे थॅंक्स कहा तो मैं ने कहा के आंटी इसमे थॅंक्स की क्या बात है आपकी बात मानना तो मेरा धर्म है तो और फिर मुझे आंटी की एक इतमीनान की साँस की आवाज़ आई और फोन डिसकनेक्ट हो गया तो पिंकी ने पूछा के क्या कहा मोम ने तो मैं ने अपनी एक आँख बंद कर के शरारत से मुस्कुराते हुए कहा के कह रही थी के पिंकी का और लक्ष्मी का अछी तरह से ख़याल रखो. अब तुम्हाई तो मालूम ही है के मैं कितनी अछी तरह से तुम दोनो का ख़याल रख रहा हू और फिर हम तीनो हस्ने लगे. तीनो ने डिसाइड कर लिया के अगले 2 – 3 दिन तक हम तीनो नंगे ही रहेंगे और कोई कपड़े नही पहनेगा.

अगले 3 दीनो तक हम तीनो नंगे ही एक ही बेड पे सोते रहे. मैं बीचे मे सोता और राइट हॅंड साइड मे पिंकी और लेफ्ट साइड मे लक्ष्मी. मैं सीधा पीठ के बल लेट ता और वो दोनो करवट ले के मेरे बदन से लिपटी रहती और दोनो मेरा लंड पकड़ के सहलाती रहती या अपने मूह मे ले के चूस्ति रहती. दोनो ने मेरे लंड की गरम गरम मलाई बोहोत टाइम खाई और दोनो को खूब चोदा और दोनो की गंद भी मारी. जब मेरा लंड कुछ सॉफ्ट हो जाता तो दोनो मे से कोई भी चूस चूस के उसको फिर से मूँह मे ले के आजाता और लंड अकड़ जाता तो फिर चुदाई ही चुदाई होती. कभी लक्ष्मी को चोद्ता होता तो पिंकी अपनी चूत लक्ष्मी के मूह पे रख देती और उसके ही मूह मे झाड़ जाती और कभी पिंकी को चोद्ता होता तो लक्ष्मी पिंकी के मूह पे बैठ जाती और उसके मूह मे ही झाड़ जाती. कभी दोनो 69 की पोज़िशन मे एक दूसरे की चूतो को चाट ते और एक दूसरे के मूह मे ही झाड़ जाते इसी तरह से चोद्ते चोद्ते 3 दिन गुज़र गये फिर डॉक्टर कविता का फोन आया तो पिंकी ने पूछा आंटी कैसी है अब गंगू बाई तो उसने कहा के अब ठीक है और मैं उन्हाई आज शाम डिसचार्ज कर रही हू तो पिंकी ने कहा के आंटी अब तो बोहोत शाम हो गयी है यहाँ पहुँचते पहुँचते रात हो जाएगी आप उनको कल सुबह मे डिसचार्ज कीजिए ता के वो आराम से दिन मे घर आ सके तो डॉक्टर कविता ने कहा के ठीक है मैं उनको कल ही डिसचार्ज करूगी तो पिंकी ने थॅंक्स आंटी कहा और फोन बंद कर दिया. आज की रात हमारी मस्ती की आखरी रात थी इसी लिए हम तीनो ने बोहोत मस्ती की और खूब जी भर के चुदाई की और साथ मई शवर भी लिया. इन्न तीन दीनो की चुदाई से पिंकी और लक्ष्मी की चूते अंदर से टमाटर की तरह से लाल और चूतो के पंखाड़िया सूज कर डबल रोटी जैसे हो गये थे.

नेक्स्ट डे गंगू बाई आ गयी थी और अपने सर्वेंट क्वॉर्टर मे ही थी उसे अभी थोड़े आराम की ज़रूरत थी इसी लिए वो फार्महाउस के अंदर नही आई और अपनी क्वॉर्टर मे ही रही. लंच के बाद हम ने वापसी का प्रोग्राम बना लिया तो लक्ष्मी मुझे कंटिन्यू हर हर जगह किस करने लगी, मेरे से लिपट गयी और बे इंतेहा रोने लगी किस भी करती जा रही थी और रो ती भी जा रही थी तो मैं ने भी उसको अपने से लिपटा लिया और उसके सर को और बॅक को ठप थापा के बोला के अरे पगली रोते नही मैं आता रहुगा ना तो वो मेरे पैरो मे गिर गयी और मेरे पौ पड़ती हुई बोली पाँव लागू बाबू जी तुम बोहोत आछे हो और अब तुम ही मेरे भगवान हो तो मैं ने कहा चल ऐसे नही बोलते लचमी तू फिकर ना कर हम आते रहेंगे और मज़े करते ही रहेंगे और तेरी शादी होने तक मैं तुझे लगातार चोद्ता रहूँगा तो उसकी आँखों मई चमक आई पर हमारे जाने तक उसकी आँखो मे आँसू ही थे. शाम के तकरीबन 3 बजे तक हम लोग वापसी के

लिए निकल गये थे. शहेर पहुँचते ते पहुँचते ते रात हो गयी थी अब मौसम भी ठीक हो चुका था. ऐसी मस्त और कंटिन्यू चुदाई के कारण पिंकी सही ढंग से चल नही पा रही थी थोडा सा पैर फैला के चल रही थी तो उसकी मोम ने पूछा के पिंकी क्या हुआ है तुझे ऐसे क्यों चल रही है तो वो बोली के मोम वाहा पानी की वजह से मेरा पैर स्लिप हो के गिर गयी थी तो शाएद कुछ मस्क्युलर प्राब्लम होगा पर शाएद उसकी माताजी को उसकी बात पे यकीन नही आया क्यॉंके पिंकी पैर फैला कर चल रही थी लंगड़ा के नही पर उसकी बात सुन कर उसकी माताजी की आँखों मे फिकर की झलकी दिखाई दी पर वो कुछ बोली नही और खामोश ही रही.

पहली चुदाई के बाद मैं ने अपने एक फार्मसिस्ट दोस्त की सहायता से प्रेग्नेन्सी रोकने की टॅब्लेट्स खरीद के पिंकी को दे दी थी जिसे वो डेली इस्तेमाल करने लगी थी. पिंकी अब मुझ से कंटिन्यू चुदवाने लगी थी कभी भी मोका देख कर हम या तो कही बाहर चले जाते या उसके घर मे ही चुदाई कर लेते. कभी फारमाउस को जाना होता तो लक्ष्मी भी चुदाई मे साथ होती. मुझे लगा के आंटी को कुछ शक्क सा हो गया है के अब पिंकी मेरे साथ कुछ ज़ियादा ही टाइम गुज़ारने लगी थी. और ऐसे ही चोद्ते चुदवाते दिन गुज़रने लगे.

पिंकी की शादी............................
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07-10-2018, 12:20 PM,
#15
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
शाँतिलाल की शादी पायल से फिक्स हो चुकी थी और पिंकी की शादी भी एक दूसरे मारवाड़ी सेठ चंपकलाल के बेटे चिमनलाल के साथ फिक्स हो गेई थी. चिमनलाल को घर मैं और मिल मे सब लोग लाला कह कर पुकारते थे. लाला एक सॉफ रंग का नॉर्मल सा ही लड़का है उसका जोड़ पिंकी की खूबसूरती से मेल नही ख़ाता पर क्या करे मारवाड़ी लोगो ज़ियादातर अपनी लड़की को अपनी ही कम्यूनिटी के किसी अमीर और दौलतमंद घराने मैं शादी करना ज़ियादा पसंद करते है इसी लिए लाला के साथ पिंकी का रिश्ता कर दिया गया. लाला, चंपकलाल सेठ का एक्लोटा बेटा है उनका भी बोहोत बड़ा बिज़्नेस है वो लोग सेकुन्डराबाद के रहने वाले हेई हयदेराबाद और सेकुन्डराबाद ट्विन सिटीस है दोनो के बीच मे बस एक किलोमेटेर का एक ब्रिड्ज है जो हयदेराबाद और सेकुंडराबाद को अलग करता है.

सेठ चंपकलाल की एक मीडियम साइज़ की आयिल मिल है जिस्मै ग्राउंड नट का आयिल निकाला जाता है जिसे दोनो मिल कर चलते है दोनो बोहोत ही बिज़ी रहते है कभी कभी तो यह लोग दूसरे शहेर को भी मुंग फल्ली ( ग्राउंड नट ) की खरीदी के लिए जाते ही रहते है कभी तो दोनो बाप बेटे मिले कर जाते है कभी अकेले और सारा दिन अपनी आयिल मिल मे लगा देते है और रात मे बोहोत देर

से घर को वापस आते है और घर आ कर भी बाप बेटा बिज़्नेस के प्रॉब्लम्स और अकाउंट्स की ही बातें करते रहते है जिस मे सुनीता देवी ( सेठ चंपकलाल की बीवी ) को कोई दिलचस्पी नही होती वो गूंगे और बहरो की तरह से अपना मूह और कान बंद कर के उनके साथ खाना खाती है क्यॉंके यह दोनो बाप बेटो को उनके बिज़्नेस से फ़ुर्सत ही नही मिलती. मिल से थक कर आते है और खाना खा कर बेड पे लेट ते ही एक ही मिनिट के अंदर बड़े बड़े खर्राटे मारते हुए सो जाते है.

उनका एक बोहोत ही बड़ा बंगलो है जिस के लास्ट कॉर्नर मे 3 बेडरूम्स और बाथरूमस का एक अलग थलग पोर्षन है वही पर सुनीता देवी का बेडरूम है जहा वो रहती और सोती है. वो सेठ चंपकलाल के साथ नही सोती क्यॉंके चंपकलाल के खर्रातो के चलते उसके बराबर वाले कमरे मे भी कोई नही सो सकता इतने बड़े बड़े खर्राटे मारते है वो और उनके खर्राटे इतने भयानक होते है लगता है जैसे कोई मशीन चल रही हो इसी लिए सुनीता देवी को उनके साथ नींद नही आती और फिर सुनीता देवी रात को देर से सोने की और सुबह देर से उठने की आदत है उनके उठने तक चंपकलाल और लाला दोनो नाश्ता कर के मिल को जा चुके होते है और इन्न की मुलाकात सिर्फ़ डिन्नर टेबल पर ही होती है. चंपकलाल सेठ को सुनीता देवी के दूसरे बेडरूम मे सोने से कोई प्राब्लम नही है क्यॉंके उनको अपनी बीवी से बात करने का भी मौका ही नही मिलता तो कुछ और क्या कर सकते हैं. घर के किसी भी मामले मे डिसकस करने का टाइम ही नही होता बॅस जो कुछ डिन्नर टेबल पे जो भी घर के मामलात पे बात हो गयी सो हो गयी उसके बाद बाप बेटे को घर से कोई ताल्लुक नही होता. पैसे की कोई कमी नही थी. उनका बांग्ला भी बोहोत ही बड़ा है जहा ज़रूरत से कुछ ज़ियादा ही कमरे, नौकर चाकर, कार्स, बाइक्स सब कुछ है. इनके घर का भी पिंकी के घर जैसा है जहा आदमी कम और नौकर ज़ियादा हैं. उनके पास सब कुछ तो है पर लगता है जैसे सुकून नही है क्यॉंके उनकी ज़िंदगी सिर्फ़ आयिल मिल, प्रॉब्लम्स, अकाउंट्स, डिन्नर टेबल और बेड पर खर्राटे मार कर सोते ही गुज़र जाती है. उनका कोई ऐसा ख़ास फ्रेंड्स सर्कल भी नही है जहा वो कुछ टाइम पास कर सके या लाइफ को एंजाय कर सके बस जो भी है वो बिज़्नेस रिलेशन्स ही है जहा पर उनको बिज़्नेस से हट के और कोई बात करने की फ़ुर्सत ही नही मिलती. इन शॉर्ट वो बे इंतेहा बिज़ी रहते है जिनको अपने घर बार की तरफ आँख उठा कर भी देखने की फ़ुर्सत नही है. घर की करता धर्ता सेठ चंपकलाल की बीवी सुनीता देवी ही है. सुनीता देवी भी तकरीबन पिंकी की मोम की ही आगे ग्रूप की है वो एक अछी ख़ासी सेक्सी शकल ओ सूरत की गोरी चित्ति मीडियम हाइट और मीडियम बिल्ट की घाटेली बदन की नॉर्मल फॉर्मल सी औरत है. बड़ी बड़ी ब्राउन कलर की आँखे, छूतदो तक लटकते बाल और शाएद 36 या 38 साइज़ के बूब्स होंगे. ज़ियादा घी के इस्तेमाल

से वो कुछ ओवर वेट भी हो गयी है पर इतनी ज़ियादा नही. ड्रेस मे बॅस टिपिकल मारवाड़ी स्टाइल मे साड़ी पेहेन्ति है सारी सामने से नीचे उतरती हुई उनकी नाभि से इतनी नीचे बाँधती है के 2 – 4 इंच और नीचे उतर जाए तो उनकी झातें भी नज़र आने लगे और ऐसे स्टाइल मे उनके गोरे गोरे पेट का काफ़ी भाग नज़र आता है और रात मे सब घरेलू औरतो की तरह से नाइटी मे ही रहती है. उनको रात मे सोने से पहले अपने पैरो को दब्वाने की आदत है बिना पैर दबाए उन्है नींद नही आती और यह काम उनकी एक नौकरानी मोहिनी करती है जिसे वो मोहिनी के बजाए मुन्नी कह कर बुलाती है और मुन्नी जैसे उनकी ख़ास नौकरानी है जिस से वो अपने सारे प्राइवेट काम करवाती है.

यूँ तो शाति लाल की और पिंकी दोनो ही की शादी फिक्स थी पर सेठ कांतिलाल तो पिंकी की शादी पहले करना चाहते थे और 3 -4 महीने बाद शाँतिलाल की शादी करने का प्रोग्राम बना जिसे शाँतिलाल के ससुराल वालो ने मान लिया.

पिंकी की शादी की तय्यारी बड़े ज़ोरो से चल रही थी शादी के टाइम पे फार्महाउस से गंगू बाई और लक्ष्मी को भी यही बुलवा लिया गया था काम के लिए और रामू को वही देख भाल के लिए छोड़ दिया गया था. लक्ष्मी को थोड़ा पहले ही बुलवा लिया गया था क्यॉंके वो अभी जवान थी और काम करने मे बोहोत तेज़ है तो उसको तकरीबन शादी से एक महीना पहले ही बुलवा लिया गया था और उसको घर के एक कॉर्नर मे ही एक खाली कमरा दे दिया गया था जिस्मै से एक डोर बाहर की तरफ भी खुलता था और मैं लेट नाइट उसके कमरे मे उसी बाहर वाले डोर से अंदर आ जाता था और उसकी जम कर चुदाई करके लक्ष्मी को और उसकी चूत को खुश करके वही से वापस चला जाता था. जितने दिन लक्ष्मी वाहा रही किसी ना किसी बहाने से मैं, पिंकी और लक्ष्मी तीनो चुदाई मे बिज़ी रहते थे कभी थ्रीसम भी होता था और कभी अलग अलग चुदाई. शादी के बाद भी लक्ष्मी बोहोत दीनो तक वही रही और मैं ने तो लक्ष्मी की बे इंतेहा चुदाई की चोद चोद कर उसकी छोटी सी चूत का भोसड़ा बना दिया उसको भी टॅब्लेट्स दे दिया था ता के वो प्रेग्नेंट ना हो. पिंकी क्यॉंके दुल्हन बनने वाली थी इसीलिए वाहा उनके घर लोगो का और रिश्ते दारो का जमघट लगा रहता था एस्पेशली रातो मे सारी औरतें गाना गाती रहती और मुझे लक्ष्मी को चोदने का फिर भी मौका मिल जाता था और मैं उसकी छोटी सी चूत मे लंड डाल के मस्त चुदाई करता उसको सब से ज़ियादा मज़ा तो मेरे लंड की सवारी करने मे आता जिस से मेरा लंड उसको अपने पेट मे महसूस होता इतना डीप पेनेट्रेशन होता था और फिर उसकी गंद भी मारता रहा यह सिलसिला जब तक लक्ष्मी वाहा रही तब तक चलता रहा और जब लक्ष्मी वापस गयी तो उसकी चूत के

पंखाड़ियान सूज के मोटे हो चुके थे, चूत अंदर से लाल हो गई थी और चूत का भोसड़ा बन चुका था.

पिंकी दुल्हन बन के किसी अप्सरा से कम नही लग रही थी पिंकी की शादी बड़े धूम धाम से मनाई गयी और पिंकी अपनी ससुराल चली गयी विदाई से पहले मेरे से लिपट के सिसक सिसक के इतनी ज़ोर ज़ोर से रोई के उसके आँसू निकल पड़े और कान मे धीरे से बोली के भले ही मेरी शादी हो गयी हो पर मैं हमेशा तुम्हारी ही रहूंगी और तुम ज़िंदगी भर मेरे दिल मे बसे रहोगे तुम ही मेरे भगवान हो मेरे पति हो और सब कुछ हो मैं भी जज़्बात मे आ गया था और बोला के तुम फिकर ना करो पिंकी मे ज़िंदगी भर तुम्हारे साथ हू जब मेरी याद आए बुला लेना या मेरे पास चली आना तो उसने कहा के मेरे स्वीट राजा मैं तुम्है अपनी जान से भी ज़ियादा प्यार करती हू राजा तुम तो मेरी हर साँस के साथ जुड़े हुए हो तुम्हारी याद तो मुझे दिन रात आती है मैं तुम से सच्चा प्यार करने लगी हू तो मैं ने उसको और ज़ोर से लिपटा लिया और आहिस्ता से कान मे बोला के तुम फिकर ना करो हम अब भी वोही मस्तियाँ करेंगे जो अब तक करते आए थे और इतना बोलते हुए मेरा लंड एक दम से अकड़ गया जिसे पिंकी ने भी महसूस किया और उसने अपने बदन को मेरे लंड से चिपकाते हुए कहा के मुझे तो यही चाहिए मैं ऐसा दूसरा लंड कहा से लाउ तो मैं ने कहा के अरे क्यों फिकर करती हो यह तुम्हारा ही है जब जी चाहे ले लेना तो उसने एक लंबी साँस ली और बोली के भगवान जाने चिमनलाल का कैसा होगा तो मैं ने कहा के डॉन’ट वरी पिंकी देखते है अभी तो तुम्हारी विदाई है तुम अपनी ससुराल जाओ फिर देखते है क्या करना है और कैसे करना है लैकिन कल मुझे फोन करके बताना के सुहाग रात कैसी रही तो उसके मूह पे हल्की सी मुस्कुराहट आई और बोली के ठीक है कर दूँगी और फिर फूलो और ज्यूयलरी से लदी पिंकी एक लंबी सी कार मे बैठ के अपनी ससुराल चली गयी.

शादी के कुछ ही दीनो बाद सब दोस्त और रिश्तेदार वाघहैरा अपने अपने घरो को वापस चले गये और फिर सब वैसे ही सेट हो गया जैसे पहले हुआ करता था. पिंकी की शादी मे मैं ने किसी घर वाले की तरह ही काम किया जिस से पिंकी की ससुराल वालो को पता चल गया के मैं भी पिंकी के परिवार का ही एक इंपॉर्टेंट सदस्या हू और पिंकी की ससुराल मे भी मुझे वोही मान सम्मान मिला जो पिंकी के परिवार वाले देते हैं.

पिंकी की शादी के दूसरे ही दिन मेरे डॅड का 1 महीने के लिए अफीशियल फॉरिन टूर निकल आया तो मोम अपने मैके अपने मोम डॅड के पास चली गयी और मैं घर मे अकेला रह गया क्यॉंके मेरे कॉलेजस स्टार्ट हो गये थे और मैं कॉलेज मिस नही कर सकता था.

पिंकी का फोन शादी के दूसरे दिन नही आया लैकिन 2 दिन बाद वो खुद अचानक मेरे घर आ गयी और आते ही मेरे से लिपट के रोने लगी और बोली के मेरी ज़िंदगी तो बर्बाद हो गयी राजा मैं क्या करू तो मैं ने पूछा के क्या हुआ पिंकी ऐसे क्यों रो रही हो तो उसको एक दम से गुस्सा आ गया और बोली के यह साला लाला भेन्चोद जब कुछ कर नही सकता तो शादी क्यों की उस मदेर्चोद ने. मैं पिंकी की ज़ुबान से यह सब सुन के सकते मे आ गया और बोला के अरे यह क्या बोल रही हो तुम पिंकी तो वो और गुस्से मे आ गयी और बोली के साले के पास मेरे लिए कोई टाइम ही नही है 2 दिन के अंदर शाएद 5 या 10 मिनिट ढंग से बात की हो उसने. तो मैं ने पूछा के अछा यह तो बताओ के सुहाग रात कैसी रही तो उसने बोला के यह साले लाला की झांतें उसके लौदे से बड़ी है ऐसा लगता है भेन्चोद ने सारी उमर झातें नही शेव की और अंदर डालने से पहले ही उसका पानी निकल गया भेन के लौदे का. साले को चोदना नही आता तो गंद मरवाने के लिए शादी की थी. यूँ तो पिंकी और मैं चूत लंड गंद जैसे शब्द यूज़ कर लेते थे पर पिंकी के मूह से आज सिर्फ़ गालिया ही निकल रही थी. उसने फिर डीटेल मे बताया के सुहाग रात को वो कमरे मे बेड पे बैठी लाला का इंतेज़ार कर रही थी वो आया और अपनी शेरवानी उतार के खूटे पे लगा दिया और आके साथ मैं लेट गया और फिर मुझे भी लिटा लिया और कुछ देर तक तो किस करता रहा और फिर अपने कपड़े निकाल दिए और मेरे कपड़े भी नही निकाले भेन चोद ने ऐसे ही सारी उठा दी मेरी. इतना नही हुआ के वो रोमॅंटिक स्टाइल मे अपने और मेरे कपड़े निकाले. और फिर मेरी नज़र उसके लौदे पे पड़ी तो हैरत मे रह गयी के इतनी बड़ी बड़ी झातें है उसकी और झतो के बीच मे झातें बड़ी और लौदा छोटा दिखाई दे रहा था और फिर मेरे बूब्स को जंगली जनवरो की तरह से दबाने लगा और मूह मे ले के चूसा और मेरे निपल को काट डाला मेरी दरद से चीख निकल गयी उसने फिर मेरी चूत को अपने हाथ से मसलना शुरू किया मैं थोडा गरम होने लगी तो उसने लाइट बंद कर दी और मेरे ऊपेर चढ़ गया और अभी लंड अंदर घुसा भी नही था के उसका पानी निकल गया मदेर्चोद का सला भेन्चोद और फिर मेरे बदन से लुढ़क के साइड मे लेट गया और फिर एक ही मिनिट के अंदर वो मादर्चोद खर्राटे मारते हुए सो गया साला बॉडवा कहिका.

वो कंटिन्यू उसको गलियाँ दे रही थी. मैं ने उसको अपने से लिपटा के प्यार किया और बोला के कोई बात नही मेरी जान मैं हू ना पिंकी मैं तुम्हारी चूत की सर्विसिंग अछी तरह से करूँगा तुम फिकर ना करो और फिर एक नयी नवेली दुल्हन के कपड़े उतार के हम दोनो किस करने लगे और वो तो सुहाग रात से ही गरम थी मेरा मूसल लंड पकड़ कर दबाते हुए बोली के मुझे तो यही मूसल चाहिए मेरी चूत के अंदर राजा मुझे उस मदेर्चोद

लाला का पतला लौदा नही चाहिए और नीचे घुटनो के बल बैठ के मेरे लंड को गौर से देखती रही और फिर प्यार से सहलाने लगी और मूह मे ले के चूसने लगी तो मैं ने उसको उठाया तो वो नही उठी और बोली के नही राजा सब से पहले मुझे तुम्हारे लंड की गरम गरम मलाई खानी है तो मैं ने कहा के ठीक है खा लेना मुझे भी तो खिलाओ अपनी क्रीम तो वो नीचे से उठ गयी और हम दोनो बेड पे आ गये और मे नीचे लेट गया और वो अपने घुटने मोड़ के मेरे बदन के दोनो तरफ रख के मेरे ऊपेर 69 की पोज़िशन मे आ गयी और मेरे लंड को मस्ती से चूसने लगी और अपनी चूत को मेरे मूह मे रगड़ने लगी और अपनी गंद उठा उठा के मेरे मूह पे अपनी चूत को पटाकने लगी एक ही मिनिट के अंदर वो मेरे मूह मे अपनी चूत को रगड़ते हुए झाड़ गयी और फिर मेरी मलाइ भी उसके मूह मे गिरने लगी जिसे उसने एक ड्रॉप गिराए बिना चाट लिया. मेरा लंड अभी सॉफ्ट नही हुआ था और अब हम कोई प्रोटेक्षन भी यूज़ नही कर रहे थे वो पलट के मेरे नंगे लंड के डंडे को पकड़ के अपनी चूत के सुराख को लंड के सूपदे पे अड्जस्ट कर के एक ही झटके मे मेरे आकड़े हुए लंड पे बैठ गयी और एक ही एक ही झटके मे मेरा रॉकेट की तरह से खड़ा हुआ लंड उसकी चूत मे पच की आवाज़ के साथ चूत की गहराइयों मे घुस्स गया और मुझे अपने लंड के सूपदे पे उसकी बच्चे दानी का खुला मूह महसूस होने लगा. पिंकी अब मेरे लंड पे उछल उछल के मज़े ले रही थी जिस से उसके बूब्स डॅन्स करते बोहोत आछे लग रहे थे. मैं ने उसको झुका लिया और उसके बूब्स को चूसने लगा और अपनी गंद उठा उठा के उसकी चूत के अंदर तक अपने लंड को पेलने लगा वो मेरी ज़ुबान को चूस रही थी और कभी मेरे कान को काट ती तो कभी मेरे शोल्डर को. अब उसकी स्पीड बढ़ गयी थी वो मेरे लंड पे बड़ी ज़ोर ज़ोर से उछल रही थी और उसके बूब्स भी हिल रहे थे और फिर उसका बदन काँपने लगा और वो मेरे लंड पे ही झड़ने लगी. मेरी क्रीम निकलने से पहले ही वो झाड़ चुकी थी और उसकी चूत बोहोत ही गीली हो चुकी थी अब मैं ने पोज़िशन चेंज कर के उसको नीचे लिटा दिया और खुद उसके ऊपेर लेट के उसके शोल्डर्स को ज़ोर से पकड़ के पवरफुल शॉट्स मारने लगा और उसको पागलो की तरह से चोदने लगा जिस से उसका सारा बदन हिलने लग और वो आअहह हहाआआईईई र्र्र्र्र्राआआज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्जाआआआअ आआऐईईए सस्स्स्स्सीईई हीईए कककचहूऊददडूऊ आप्प्न्न्नीइ प्प्पीइन्न्न्क्क्क्य्य्य्य क्क्कीिई चूतततत कककूऊऊओ आअहह अब मेरे धक्को की स्पीड बोहोत बढ़ गयी थी और मेरी क्रीम अब निकलने के करीब थी और फिर अपने लंड को उसकी गीली चूत से पूरा बाहर तक निकाल के एक बोहोत ही जबरदस्त धक्का मारा तो उसके मूह से हप्प्प्प्प्प्प्प और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जैसी आवाज़ निकली और मेरे लंड मे से

गरम गरम गाढ़ी गाढ़ी क्रीम का फव्वारा निकल के उसकी चूत को भरने लगा और मेरे साथ उसकी चूत एक बार फिर से झाड़ गयी और हम दोनो गहरी गहरी साँसें लेते हुए एक दूसरे पर ढेर हो गये. पिंकी मुझे चूमते हुए बोली के राजा मुझे ऐसी चुदाई चाहिए तुम लड़की हो पूरी तरह से सॅटिस्फाइ करना जानते हो तो मैं ने कहा के फिकर ना करो पिंकी हम कोई ना कोई रास्ता ज़रूर निकालेंगे. तुम अपने घर जा के आई हो या डाइरेक्ट यही आई हो तो उसने बोला के हा मैं अपने घर गयी थी और मोम से बोल के ही यहा आई हू तो मैं ने पूछा के तुम्हारी मोम ने पूछा नही क्या के तुम्हारी सुहाग रात के बारे मे तो उसने बोला के नही कुछ पूछा तो नही शाएद बाद मे पूछती होगी. और हम इसी तरह एक दूसरे की बाँहो मे नंगे लेते रहे और एक दूसरे को किस्सिंग करते रहे थोड़ी देर के बाद एक टाइम और चुदाई के बाद पिंकी अपने घर चली गयी और मैं सो गया.
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07-10-2018, 12:21 PM,
#16
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --9



गतांक से आगे........................

शाम देर गये पिंकी फिर से मेरे पास आ गयी और आते ही मेरे से लिपट गयी और दीवानो की तरह किस करने लगी. हम ने फिर चुदाई की उसके बाद पिंकी ने बोला के राजा कोई रास्ता निकालो के मैं डेली तुम से चुदवाती रहू तो मैं ने कहा के तुम अपनी सास की कोई वीकनेस की तलाश करो और मुझे बताओ और फिर उसी वीकनेस के चलते मैं तुम्हारी सास को चोदुन्गा तो उसका मूह खुला रह गया और उसने हैरत से पूछा किआआआअ ??? कहीं तुम पागल तो नही हो गये “ सास को चोदुन्गा ” तो मैं ने कहा के नही मेरी जान तुम्हारी सास अभी जवान ही तो है इतनी बूढ़ी तो नही है शुवर मैं उनको चोद लूँगा यह तुम मुझ पर छोड़ दो और फिर जब मैं उनको 8 या 10 बार चोद चुका होन्गा तब तक तुम कुछ नही करना और उसके बाद तुम हमै चुदाई करते टाइम पे देखते हुए रंगे हाथो पकड़ लेना उसके बाद तुम्हारी सास तुमको कभी भी कुछ नही कह सकती और फिर हमारी चुदाई का रास्ता साफ हो जाएगा तो पिंकी ने मुझे प्यार से मारा और मुस्कुराते हुए बोली के बड़े शैतान हो तुम राजा तो मैं ने भी हंसते हुए कहा के तुम्है तुम्हारी ससुराल मे चोदने का पर्मनेंट लाइसेन्स भी तो मिल जाएगा ना और फिर हमारा प्लान तय्यार हो चुका था. पिंकी वो रात बोहोत देर तक मेरे साथ ही रही और हम रात देर तक चुदाई और मस्तियाँ करते रहे उसके बाद वो अपने घर जा के सो गयी और दूसरे दिन वो अपनी ससुराल चली गयी. उसके पति को इतना टाइम नही था के वो खुद आ के पिंकी को ले जाए. उसने ड्राइवर से कार भेज दी थी और पिंकी चली गयी.

पिंकी को जल्दी ही उसकी सास की एक तो वीकनेस मिल गयी. एक रात जब पिंकी सास के लिए दूध ले के गयी तो देखा के कमरे मे से आआआआहह और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स

ईईईईईहह जैसी आवाज़े आ रही है तो वो खिड़की मे से झाँकने लगी देखा तो उसकी सास नाइटी पहने हुए थी जो सामने से पूरी खुली हुई थी वो पैर फैलाए चित्त लेटी थी और उनकी नौकरानी मोहिनी उनके पैर दबा रही थी और पैर क्या दबा रही थी उनकी चूत मे उंगली डाल के उंगली से चोद रही थी और वो मस्ती मे थी और फिर थोड़ी ही देर मे वो ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआअ मम्मूऊउन्नञनिईीईईईईईईईई कहते हुए झड़ने लगी और पिंकी 2 – 3 मिनिट का वेट करके उनके कमरे मे आ गयी. कमरे मैआते ही उसको उसकी सास की चूत से निकले हुए जूस की सुगंध आई और पिंकी धीरे से मुस्कुरा दी और दूध का ग्लास उनकी साइड टेबल पे रखा तो उसकी सास उखड़ी उखड़ी सांसो से बोली के अरे बहू तुम ने क्यों तकलीफ़ की किसी नोकरानी के हाथ भिजवा दिया होता तो मैं ने किसी पतिवर्त बहू की तरह उनके पैरो को छू लिया और बोली के माजी आपकी सेवा करना तो मेरा कर्तव्या और मेरा धरम है तो उसकी सास उसको दुआ देने लगी और फिर पिंकी उनके कमरे से चली गयी पर उसको उनकी एक वीकनेस तो मिल ही गयी थी जिसे पिंकी ने फॉरन ही मुझे फोन करके बता दिया और फिर कुछ देर तक मैं और पिंकी फोन सेक्स करते रहे मैं अपने लंड का मूठ मारता रहा और वो अपनी चूत मे उंगली डाल के चूत का मसाज करती रही और फिर दोनो बिना चुदाई के झड्द गये.

मैं ने एक डीटेल प्लान बना लिया और पिंकी को बता दिया के क्या करना है और कैसे करना है और अपना प्लान पिंकी को भी अछी तरह से समझा दिया था.

अब मैं किसी ना किसी बहाने से पिंकी की ससुराल मे आने जाने लगा था. सेठ चंपकलाल और लाला तो सुबह अकेले ही नाश्ता कर के जल्दी ही अपनी मिल को चले जाते. सुनीता देवी को लेट नाइट सोने की और सुबह देर से उठने की आदत थी इसी लिए वो उनलोगो के साथ ब्रेकफास्ट नही लेती थी अकेले ही नाश्ता करती थी और मैं ऐसे टाइम पे उनके घर जाता जब सुनीता देवी उठ गयी होती थी और ऑलमोस्ट ब्रेकफास्ट के टेबल पे होती या तो ब्रेकफास्ट ले रही होती या चाय पी रही होती और वो भी मुझे अपने साथ ही चाय के लिए बिठा लेती. पिंकी भी हमारे साथ ही टेबल पे बैठी होती हम इधर उधर की बातें करते रहते. सुनीता देवी को भी कंपनी मिल जाती और वो भी इधर उधर की बातें करने लग जाती तो मैं जैसे उनका टाइम पास करने लगा था और मुझे महसूस होने लगा थके वो मुझे और मेरी कंपनी को पसंद करने लगी है. किसी दिन अगर मैं नही जाता तो वो पिंकी से पूछती के क्या बात है आज राज नही आया तो पिंकी बोलती के पता नही हो सकता है के कही बिज़ी होगा और शाएद थोड़ी देर मे आ जाए तो वो कहती के ठीक है अगर वो थोड़ी देर मे नही आया तो उसको फोन करके बोलो के लंच यही करे हमारे साथ तो मैं लंच के लिए उनके पास चला जाता अब वो मुझ से अछी ख़ासी घुल मिल गयी थी और

मेरी कमी को महसूस भी करने लगी थी और अब वो खुद ही मेरे मोबाइल पे फोन करके मेरे से बात भी करने लगी थी. कभी अगर उनको नींद नही आती तो वो मुझे लेट नाइट भी फोन कर लेती और इधर उधर की बातें करती कभी मेरे कॉलेज की बातें, कभी अपनी जवानी के कॉलेज के किस्से सुनाती कभी अपनी घर की बातें भी बता देती. मुझ से एक टाइम पूछा के राज तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड है, तो मैं ने हस्ते हुए कहा के आंटी एक नई चार चार है तो उन्हो ने पूछा के उनके साथ रोमॅन्स भी करते हो या ऐसे ही दोस्ती है तो मैं ने बोला के हा आंटी जब भी चान्स मिलता है कर लेता हू तो उन्हो ने पूछा के कैसे करते हो तो मैं ने कहा के किस कर लेता हू और … और फिर मैं उसके बाद खामोश हो गया तो उन्हो ने पूछा के हा बोलो ना और क्या ? तो मैं ने कहा फोन पर ही शरमाते हुए कहा के वो आंटी वो वो ऐसे ही कभी बदन को इधर उधर दबा देता हू तो वो हंसते हुए बोली के बॅस इतना ही करते हो या कुछ और भी तो मैं ने पूछा और क्या आंटी ? तो उन्हो ने कहा के अरे वोही जो एक जवान लड़का लड़की करते है तो मैं ने अंजान बनते हुए कहा के क्या करते है आंटी जवान लड़का लड़की तो उन्हो ने कहा के अरे वोही – अब उनके शरमाने की बारी थी बोलिए ना आंटी क्या करते है तो उन्हो ने कहा के अरे बाबा वोही जब जवान लड़का लड़की मिलते है तो कुछ ससस्स सस्स्सेक्श वाघहैरा भी तो करते है तो मैं ने शरमाते हुए कहा के क्या आंटी आप भी ना !!! बस मैं ने अपना सेंटेन्स वही अधूरा ही छोड़ दिया तो उन्हो ने खुद ही कहा के तुम जैसे जवान को कोई लड़की ऐसे ही किस करके तो छोड़ नही सकती मुझे यकीन है के तुम उसके आगे भी कुछ ना कुछ ज़रूर करते होगे… वाघहैरा वाघहैर इसी तरह से वो अब प्राइवेट बातें भी करने लगी थी. इन शॉर्ट वो मेरे से बोहोत ही फ्री हो गयी थी.

एक दिन जब डाइनिंग टेबल पे बैठी चाइ पीते पीते इधर उधर की बातें कर रहे थे तो मैं ने पिंकी को आँख के इशारे से उठ जाने को कहा तो वो चली गयी अब मैं बोला के आंटी आप इतनी क्यूट हो और मेरे ख़याल से शाएद थोड़ी सी ओवर वेट भी हो तो आप थोड़ी बोहोत एक्सर्साइज़ क्यों नही करती और मुझे यकीन है के थोड़ी सी एक्सर्साइज़ और थोडा सा बॉडी मसाज से आपका फिगर किसी नौजवान लड़की की तरह फिट हो जाएगा तो वो थोडा शर्मा गयी और बोली के अब मुझे कौन जवान कहेगा तो मैं ने बोला के अब मैं कुछ बोलूँगा तो आप मज़ाक समझेगी पर यह सच है आंटी के आप तो अभी भी बोहोत खूबसूरत हो और आपको देख के कोई नही कह सकता के आप एक बेटे की मा भी हो और यही समझेगा के आप 25 – 30 साल से ज़ियादा की नही हो. देखना अगर आप एक्सर्साइज़ नही कर सकती तो मेरे पास एक मसाज करने का स्पेशल आयिल है जिसे थोड़ी से शॅंपेन मे मिला के बदन की मालिश करने से बदन का एक्सट्रा फट एक दम से निकल जाता है. तो उन्हो ने पूछा के सच सिर्फ़ बॉडी मसाज से ही बॉडी वेट
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07-10-2018, 12:21 PM,
#17
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
कम किया जा सकता है तो मैं ने कहा के हा आंटी मेरे पास जो आयिल है वो स्पेशल आयिल है जो बॉडी के फट को निकाल देता है तो उन्हो ने कहा के अछा देखते है. शॅंपेन के नाम से मैं ने देखा के उनकी आँखो मैं एक चमक आ गयी और बोली के शॅंपेन मिला के तेल लगाना पड़ेगा पर वो मुझे कहा मिलेगी तो मैं ने कहा के आंटी आप क्यों फिकर करती हो मैं हू ना आपको इंपोर्टेड ला के दूँगा और साथ मे हंसते हुए पूछा के आंटी आपने कभी शॅंपेन टेस्ट की है तो वो थोड़ी देर खामोश रही और फिर मेरी तरफ थोड़ा सा झुक गयी और बोली के किसी से बोलेगा तो नही तो मैं ने कहा के अरे आंटी यह बात सिर्फ़ मेरे और आपके बीच ही रहेगी आप बताओ तो सही तो उन्हो ने कहा के हा पी थी लैकिन उसको बोहोत साल हो गये है जब मैं जवान थी तो मैं ने उनकी बात काट ते हुए बोले के आंटी आप तो अभी भी जवान हो अपने आपको बूढ़ा ना समझो तो वो धीरे से मुस्कुराते हुए बात को कंटिन्यू करते बोली के एक पार्टी मे फ्रेंड्स के साथ थोड़ी सी पी थी, उसका मज़ा लग गया था लैकिन उसके बाद कभी मोका नही मिला तो मैं ने बोला के कोई बात नही आंटी अब पी लेना जब मैं आपको शॅंपेन ला के दूँगा तो वो कुछ सोच मे पड़ गयी और बोली के और अगर किसी को पता चल गया के यहा शॅंपेन है तो ? मैं ने बोला के आंटी किसी को भी पता नही चलेगा मैं ऐसे ला के देदुन्गा आपको तो वो बोली के ठीक है पर मुन्नी को तो पता चल ही जाएगा के तेल मैं शराब मिलानी पड़ती है तो मैं हंसते हुए और मज़ाक करते हुए बोला के आंटी अगर आप पर्मिशन दो तो मैं ही कर्दुन्गा आपकी मालिश तो वो सीरीयस हो गयी और कुछ सोच मे पड़ गयी और फिर सोचते हुए बोली के पिंकी को पता चलेगा तो मुसीबत ही आजाएगी तो मैं ने कहा के पिंकी की आप बिल्कुल फिकर ना करो पहले तो उसको पता ही नही चलेगा और अगर चल भी गया तो भी कुछ नही होगा क्यॉंके पिंकी एक आज़ाद ख़याल की लड़की है वो कोई माइंड नही करेगी, हो सकता है के वो भी आपके साथ एक आध पेग पी ले और अगर फिर भी कुछ हुआ तो मैं उसको संभाल लूँगा वो मेरा कहा मान लेगी आप उसकी फिकर ना करो और वैसे भी यह मेरा और आपका आपसी मामला है इस मे किसी को कुछ भी पता नही चलेगा तो सुनीता देवी ने कहा सोचने दो तो मैं ने कहा कोई बात नही अगर आपको शॅंपेन नही चाहिए तो भी कोई बात नही जाने दीजिए तो उन्हो ने कहा के नही ऐसी बात नही मैं सोचती हू के कैसे प्लान करू फिर बताउन्गि तुमको तो मैं ने कहा ठीक है आंटी आप के बोलने के बाद ही मैं कुछ इंतेज़ाम करूँगा. मुझे यकीन हो गया के अब मैं सुनीता देवी की मालिश कर के उनको चोद सकता हू. मे ने बोला के कोई बात नही आंटी आप इतमीनान से सोचिए और मुझे बताइए उसके बाद ही मैं शॅंपेन का बंदोबस्त करता हू. मेरा एक फ्रेंड है वाहा से इंपोर्टेड शॅंपेन मिल जाएगी. और फिर थोड़ी देर के बाद मैं सुनीता देवी को सोचता छोड़ कर अपने घर

आ गया और फोन पर पिंकी को सारी बात बता दी और नेक्स्ट प्लान के बारे मैं भी बता दिया.

मैं इसी तरह से उनके घर आता रहा जाता रहा. पिंकी अब खुद ही हमै अकेला छोड़ के टेबल से किसी ना किसी काम का बहाना कर के उठ जाती और फिर मैं और सुनीता देवी ही टेबल पे बैठे इधर उधर की बातें करते रह जाते. एक दिन मुझे ऐसा महसूस हुआ के वो मुझ से कुछ कहना चाहती है पर कह नही पा रही है और फिर जब पिंकी उठ के चली गयी तो उन्हो ने इधर उधर देखते हुए हिच किचाते हुए कहा के सुनो राज मैं ने कुछ सोचा है तो मैने ने पूछा क्या आंटी क्या सोचा है तो उन्हो ने बोला के तुम लेट नाइट आ सकते हो क्या तो मैं ने कहा के मुझे कोई प्राब्लम नही आंटी आप रात 12 बजे बोलो मैं आपकी सेवा मे आ जाउन्गा तो वो मुस्कुरा दी और बोली के तुम्है पता है ना के मुझे सेठ साहिब के खर्राटे सोने नही देते इसी लिए मैं बंगले के दूसरी तरफ रहती हू तो वाहा पे एक डोर बाहर जाने के लिए भी है जो बंगले के बाहर कॉंपाउंड मे खुलता है और फिर कॉंपाउंड मे भी एक छोटा सा डोर है जो बाहर रोड पे खुलता है जिसको हमारी नौकरानिया कचरा वाघहैरा फेकने के लिए इस्तेमाल करती है तो मैं वो दोनो डोर्स खुले रख दूँगी और तुम पीछे से आ सकते हो तो किसी को पता नही चलेगा तो मैं ने कहा के ठीक है आंटी मैं कल आपको सब अरेंज्मेंट कर के बतादुगा तो उन्हो ने कहा के ठीक है.

मैं ने अपने दोस्त से मिलकर एक इंपोर्टेड शॅंपेन का बंदोबस्त कर लिया था और मैं ने पिंकी को उसके बारे मे बता भी दिया था. मैं ने आंटी को पहले ही बोल दिया था के आंटी मैं शॅंपेन नही पीऊंगा तो उन्हो ने हैरत से कहा क्यों तो मैं ने बोला का नही आंटी आपको तो पता है के मैं तो सिगरेट तक नही पीता और शराब तो ना कभी पहले पीया हू और ना कभी पियोंगा लैकिन आपके लिए ज़रूर ला कर दूँगा तो उन्हो ने कहा के ठीक है अगर तुम नही पीना चाहते तो मैं फोर्स नही करूगी पर तुम भी मेरी इस बात को सीक्रेट ही रखना होगा तो मैं ने आंटी से कहा के आंटी आप फिकर ना करे मैं हमारे बीच की बात कभी किसी से नही बताउन्गा और हमारी सीक्रेट हमेशा हमारी सीक्रेट ही रहेगी किसी को भी पता नही चलेगा तो उनके चेहरे पे इतमीनान आ गया था.

उसी रात तकरीबन 11 बजे आंटी का फोन आया तो मैं ने बता दिया के आंटी शॅंपेन का बंदोबस्त हो गया है तो उन्हो ने खुशी से चहेकते हुए पूछा “सच” तो मैं ने कहा हा सच आंटी बॉटल मेरे पास है बोलो तो अभी ले के आ जाउ तो उन्हो ने बोला के तुम्है कोई प्राब्लम तो नही होगी इस टाइम आने मे तो मैं ने कहा के अरे आंटी मेरी कॉलेज के तो अभी हॉलिडेज़ चल रहे है और मेरे डॅडी फॉरिन टूर पे है और मम्मी अपने मैके गये है और मैं अकेला हू तो मुझे क्या प्राब्लम होगी आप जब बोलो मैं आपकी सेवा मे आ सकता हू तो उन्हो ने कहा के ठीक है पर एक घंटे के बाद आना जब तक सब सो जाएँगे मैं डोर खुला रखूँगी तो मैं ने कहा के ठीक है आंटी मैं आ जाउन्गा और मैं बाथरूम मे घुस गया और अपने लंड की झटों को शेव कर के लंड को एक दम से चिकना बना दिया और मॅरीड आंटी की एक्सपीरियेन्स्ड चूत को चोदने के ख़याल से ही लंड खड़ा हो गया जिसे आंटी की चूत के नाम पे मूठ मारके शांत करना पड़ा. आज के दिन का यह पहला ही मूठ मारा था और मुझे यकीन था के सेकेंड टाइम तो जल्दी झदुन्गा नही और मैं आज की रात आंटी को चोद चोद के उन की चूत को डबल रोटी की तरह मोटी और टमाटर की तरह लाल कर दूँगा.

एक घंटे के बाद मैं आंटी के बंगले के पिछवाड़े मे पहुँच गया और अपनी बाइक दूसरी तरफ स्टॅंड से लगा दिया और कॉंपाउंड वॉल के छोटे डोर को धक्का दिया तो वो खुल गया प्लान के मुताबिक वो खुला हुआ ही मिला. अंदर आने के बाद उस डोर को अंदर से भेड़ दिया अब मैं बंगले के डोर पे आ गया और धीरे से धकेला तो वो भी खुल गया अंदर कमरे मे तकरीबन अंधेरा ही था बॅस एक बोहोत ही छोटे से बल्ब का टेबल लॅंप जल रहा था उसका बल्ब किसी टॉर्च के बल्ब की तरह छोटा था और लाइट भी बोहोत धीमी थी. मैं कमरे के अंदर आया तो पहले तो कुछ देर के लिए खड़ा हो गया क्यॉंके मुझे कुछ दिखाई नही दे रहा था इतने मैं आंटी की आवाज़ आई डोर लॉक कर के यहा आजओ राज्ज मैं यहा हू. मैने डोर लॉक कर दिया और पलट के देखा तो आंटी दूसरी तरफ सोफे पे पैर लंबे कर के बैठी थी. अब मुझे थोड़ा थोड़ा दिखाई देने लगा था. मैं आंटी के बेडरूम मे आज पहली बार आया था. कमरे मे रूम फ्रेशनेर की भीनी भीनी खुसबु फैल रही थी. कमरा अछा ख़ासा बड़ा था जहा डबल बेड और एक सोफा सेट भी रखा हुआ था जिसके बीच मे सेंटर टेबल भी थी और कमरे मे एक जंबो साइज़ का फ्रिड्ज भी था जिस्मै शाएद वो ठंडा पानी या जूस वाघहैरा के बॉटल रखती होंगी और अटॅच्ड बाथरूम और कमरे के दीवार मे ही इनबिल्ट अलमारियाँ बनी हुई थी और शो पीसिज के लिए भी ग्लास का डिज़ाइन किया हुआ शोकेस भी बना हुआ था. बेड की पयंती की तरफ दीवार मे लकड़ी के फ्रेम मे एक बोहोत ही बड़ा सोनी का प्लास्मा टीवी फिट था जिसके नीचे द्वड प्लेयर और कंप्लीट होम थियेटर सेट रखा हुआ था. कमरे के सारे खिड़कियाँ और डोर बंद थे और कमरे मे एर कंडीशन चल रहा था जिसकी वजह से कमरा ठंडा था.

मैं आंटी के पास आ गया और आंटी ने मेरा हाथ पकड़ के सोफे पे अपने साथ ही बिठा लिया. मेरे हाथ मे ब्राउन कलर का मोटा

सा शॉपिंग बॅग था जिसके अंदर ठंडी शॅंपेन की बॉटल थी जिसे मैं ने अपने घर के फ्रिड्ज मे रखा हुआ था. आंटी ने नाइटी पहनी हुई थी पता नही किसी लाइट कलर की थी या वाइट मुझे तो इतनी धीमी रोशनी मे सफेद ही दिखाई पड़ रही थी. मैं बॉटल बॅग से निकाल कर टेबल पर रख दिया तो आंटी ने किसी छोटे बचे की तरह से उसको उठा लिया और अंधेरे मे ही बॉटल को घूर के देखने लगी उनकी ज़ुबान से “वाउ” निकला और बोली के राज्ज यह तो सच मे इंपोर्टेड है तो मैं ने बोला के आंटी मैने बोला था ना के मेरे दोस्त के पास से ओरिजिनल मिल जाएगी तो वो मुस्कुराने लगी और सेलेब्रेशन के जैसा बॉटल को ऊपेर नीचे कर के हिलाया और बॉटल का कॉर्क खुला तो “प्लॉप” की आवाज़ आई और बॉटल से शॅंपेन झाग की शकल मे ऊपेर उड़ने लगी जिसे आंटी किसी छोटे बच्चे की तरह से बॉटल से उड़ते हुए शॅंपेन को देखने लगी उनकी आँखो मे चमक आ गयी थी. सामने टेबल पे 2 ग्लास भी रखे हुए थे तो और भुने हुए काजू और बादाम की 2 प्लेट्स भी रखी थी. मैं ने बोला के आंटी यह 2 ग्लास क्यों ? तो उन्हो ने बोला के अरे बाबा यह तुम्हारे लिए है चाहो तो शॅंपेन पिओ चाहो तो पेप्सी या सेवेन अप पिओ तो मैं ने कहा के ठीक है मैं बाद मे पी लूँगा अब आप अपनी प्यास बुझाओ पहले फिर मैं आपकी मालिश कर दूँगा तो आंटी एक ग्लास मे अपने लिए शॅंपेन निकाल के चुस्की लेते हुए बोली के वाह राज्ज यू आर ग्रेट आहह क्या मस्त टेस्ट है इसका तो मैं ने कहा के आंटी यह ओरिजिनल है सिर्फ़ आपके लिए ही है और आपको जब भी चाहिए मैं आपको ला कर दूँगा तो उन्हो ने मेरे गाल पे एक छोटा सा किस किया और थॅंक्स बोल के ग्लास उठा के एक घूँट और लिया. वो बड़े मज़े ले ले के पी रही थी पहला ग्लास तो जल्दी ही खाली हो गया लगता है आंटी बोहोत सालो से प्यासी थी. अब आंटी काजू और बादाम खाने लगी और साथ मे एक एक घूँट शॅंपेन का भी पीती रही. मेरे लिए फ्रिड्ज से पेप्सी निकाल के ग्लास मे डाला और मेरी तरफ बढ़ा दिया तो मैं ने ले लिया और पेप्सी का एक एक घूँट पीने लगा.थोड़ी ही देर मे आंटी सुरूर मे आ गयी और उनको थोडा सा नशा चढ़ने लगा तो मैं ने बोला के आंटी अब आप बेड पे लेट जाओ मैं आपकी मालिश कर देता हू नही तो आपको नशा चढ़ जाएगा तो उन्हो ने ग्लास का लास्ट घूँट अपने हलक़ मे उंड़ेला और सोफे पे से उठने लगी तो उनके पैर लड़ खड़ा गये और इस से पहले के वो फरश पे गिर जाती मैं अपनी जगह से तेज़ी से उठा और उनको अपनी बाँहो मे ले के संभाल लिया और मोके का फ़ायदा उठा ते हुए उनके बूब्स के ऊपेर हाथ रख दिया अफ इस उमर मे भी आंटी के बूब्स बड़े ही कड़क थे. उनके चुचियाँ पकड़ ली ऐसा लगता था के ज़ियादा दबाए नही गये होंगे और उनकी बॉडी के हिसाब से उतने ज़ियादा बड़े भी नही थे बॅस जैसे कोई मीडियम साइज़ का मॅंगो. उनके कड़क बूब्स मेरे हाथ मे कंप्लीट आ गये थे दोनो बूब्स को दबाया और मसल दिया बोहोत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड तो एक दम से फॅन फनाने लगा था. लगता था के अब आंटी को

फुल नशा च्चढ़ गया है और वो पूरी तरह से आउट हो चुकी थी उनकी आँखें बंद हो गयी थी. मैं उनको धीरे धीरे ला के बेड पे लिटा दिया. आंटी की नाइटी सामने से खुल गयी थी और उनकी सफेद सिल्क की पॅंटी सॉफ नज़र आ रही थी. उनकी नाइटी पे जो बटन लगा हुआ था उसको भी खोल दिया अब पूरी नाइटी सामने से खुल चुकी थी. मैं उनकी टाँगो के बीच बैठ गया और उनकी पॅंटी को उनकी गंद उठा के निकाल लिया आअहह क्या मस्त चूत थी मोटे पंखुड़ियो की बिना झतो वाली एक दम से चिकनी चूत और आंटी ने ब्रस्सिएर तो पहनी ही नही थी ऊपेर से बिल्कुल नंगी थी. उनके नंगे बूब्स को दोनो हाथो से पकड़ के दबाया और चूसा. आंटी के बूब्स बड़े मस्त थे एक दम से गोरे क्रीम कलर के गोल गोल जिन पे अंगूर जैसे पिंक कलर के निपल्स जिन्हे चूसने मे बोहोत मज़ा आ रहा था. मेरे लंड का तो बुरा हाल हो गया था. आंटी को चोदना चाहता था लैकिन सोते मे नही मैं चाहता था के आंटी को ऐसे चोदु के वो चुदाई का भरपूर मज़ा लें इसी लिए चोदने का प्रोग्राम पोस्टपोन कर दिया. उनकी पॅंटी को निकाल के अपनी जेब मैं रखा और उनके ऊपेर झुक के उनकी प्यारी चूत को किस किया आहह एक दम से गरम थी उनकी चूत. चूत को थोड़ी देर तक चाटा चूत बोहोत ही गरम थी. मेरे लंड मे से तो प्री कम की धार निकल रही थी. लंड के सूपदे को आंटी की चूत के अंदर रख के ऊपेर नीचे किया चूत मेरे प्री कम से गीली और चिकनी हो गयी थी और इस चिकनाई से मेरे लंड का टोपा उनकी चूत के सुराख मे अटक गया फिर भी आंटी की आँख नही खुली और वो मस्त गहरी गहरी साँसें लेती हुई सो रही थी. अपने लंड को उनकी चूत के सुराख से बाहर निकाला और उनकी टाँगो के बीच मे घुटनो के बल बैठ गया और बैठे ही बैठे अपने लंड का मूठ मारने लगा और सारी मलाई आंटी की चिकनी चूत पे, बूब्स पे और पेट पे गिरा दिया. सोते हुए आंटी बोहोत खूबसूरत लग रही थी और उनको देख के मूठ मारने के बावजूद मेरा लंड आकड़ा हुआ ही था. मैं ने शॅंपेन की बॉटल को बॅग मे डाला और बाहर निकलने से पहले वही से पिंकी को धीमी आवाज़ मे फोन किया और बाहर हॉल मे मिलने को बोला. आंटी के नंगे बदन पे चदडार डाल के उनके बेडरूम का डोर ऐसे ही भेड़ के मैं बाहर निकला और कमरे के बाहर अंधेरे मे खड़ा हो गया. आंटी ने पहले ही हॉल की लाइट्स बंद कर दी थी. 2 मिनिट के अंदर ही पिंकी वाहा आ गयी और मुझ से लिपट गयी और पूछा के क्या हुआ तो मैं ने उसको सारी दास्तान सुना दी और उसका हाथ अपने लंड पे रख के बताया के देखो यह अभी तक कैसे तुम्हारी चूत की आस मे खड़ा है तो तो मुझे किस करने लगी. मैं ने पूछा के लाला सो गया क्या तो उसने गाली दे के बोला के साला कब का सो चुका है भेन्चोद मैं हंस पड़ा और बोला फिकर ना करो मैं हू ना तुम्हारे साथ तुम्हे पूरी तरह से संतुष्ट

करके ही घर जाउन्गा तो उसने किस किया और बोला के तुम तो मेरे प्यारे राजा हो आइ लव यू वेरी मच.

पिंकी भी नाइटी ही पहने हुए थी. मैं ने उसको दीवार से चिपका दिया और उसकी एक टांग उठा के अपने मूसल लंड को उसकी गीली चूत मे एक ही धक्के मे पेल दिया उसने सिसकारी भरी आआआआआहह और लंड उसकी चूत की गहराइयों मे उतर गया और फिर मैने उसकी दूसरी टांग को उठाया तो उसने अपनी दोनो टांगें मेरे बॅक पे लपेट ली और उसको मैं दीवार से चिपकाए धना धन चोदने लगा. यह पहली बार था पिंकी को इस स्टाइल मे चोदने का. ऐसी पोज़िशन मे मेरे लंड का पिस्टन किसी जॅक हॅमर की तरह उसकी चूत को चोद रहा था उसके बूब्स को चूस रहा था उसके हाथ मेरी गर्दन मे लपेटे हुए थे मैं फुल जोश मे चोद रहा था क्यॉंके आंटी की चूत मारने को नही मिली थी और मन आंटी के ख़याल से ही पिंकी की चूत को बहुत ही तेज़ी से चोद रहा था. पिंकी तो शाएद 3 बार झाड़ चुकी थी चूत एक दम से उसके चूत रस्स से गीली हो चुकी थी और फिर मैने भी उसकी चूत के अंदर ही अपनी मलाई का फव्वारा छोड़ दिया. अपने लंड को उसकी नयी नाइटी से पोछा. उसके बाद बोहोत देर तक वो मुझे किस करती रही और मुझ से लिपटी रही और फिर थोड़ी देर के बाद बाहर निकल के अपने घर को वापस आगेया और बिस्तर पे लेट ते ही गहरी नींद सो गया.

टेलिफोन की बेल से मेरी आँख खुली. दूसरी तरफ आंटी थी पूछे हेलो राजा कैसे हो, अभी तक सो रहे हो क्या तो मैं ने बोला के हा आंटी बॅस अभी अभी उठा हू आपकी बेल से तो उन्हो ने कहा के दिन के 11 बज गये और तुम अभी तक सो रहे हो तो मैं ने कहा के हा आंटी रात देर हो गयी थी ना आपके पास से वापस आने तक तो उन्हो ने पूछा के राजा यहा आ जाओ यही नाश्ता कर्लेना तुम से कुछ बात करनी है तो मैं ने बोला के ठीक है आंटी मैं आधे घंटे मे आ जाउन्गा तो उन्हो ने कहा के मैं तुम्हारा वेट कर रही हू और फोन रख दिया.मैं बिस्तर से उठा और ब्रश किया नहा धो कर कपड़े चेंज किया और बाइक उठा के पिंकी के घर की तरफ चल पड़ा.

पिंकी और आंटी टेबल पे बैठे बातें कर रहे थे के मैं वाहा पहुँच गया तो आंटी ने कहा के आजओ राज नाश्ता कर्लो. मैं और आंटी नाश्ता करते रहे पिंकी सुबह ही कर चुकी थी और वो कॉफी पीने लगी. नाश्ते के बाद हम तीनो बातें करने लगे फिर थोड़ी देर के बाद पिंकी बोली के मा मैं लंच की तय्यारी के लिए किचन मे जाती हू तो आंटी ने कहा के ठीक है बेटी तुम देख लो किचन को और हम दोनो को अकेला छोड़ के पिंकी वाहा से चली गई.

मैं और आंटी जब अकेले हो गये तो आंटी ने फिर इधर उधर देखा और धीरे से बोला के थॅंक्स राजा शॅंपेन तो ला-जवाब थी लैकिन क्या हुआ था कल रात मुझे तो कुछ भी याद नही तो मैं ने कहा के आंटी आप एक दम से आउट हो गयी थी और फिर आपने क्या किया मैं क्या बताउ तो उन्हो ने पूछा क्या किया मैं ने बोलो ना राज प्लीज़ तो मैने शर्मा ने की आक्टिंग की और बोला के मुझे शरम आती है आंटी तो उन्हो ने बोला के अरे घबराओ नही बताओ ना क्यों के जब सुबह मैं उठी तो मैं नंगी थी और मेरे बदन पे कुछ भी नही था क्या तुम ने निकाला तो मैं ने बोला के नही आंटी आपने खुद ही और इतना बोल के मैं खामोश हो गया तो आंटी ने पूछा क्या हुआ था बताओ ना राज प्लीज़ तो मैं ने कहा के शरम आती है आंटी मैं क्या बताउ आपको तो फिर उन्हो ने बोला के देखो यह हमारा सीक्रेट रहेगा प्लीज़ बताओ ना तो मैं ने कहा के आंटी जब आप 3 ग्लास पी के फुल आउट हो गयी तो आपने ना आपने ना !!!! और फिर मैं खामोश हो गया तो उन्हो ने पूछा के क्या बोलो ना तो मैं ने कहा के आपने अपने कपड़े निकाल दिए और मेरा वो पकड़ लिया तो उन्हो ने पूछा वो क्या ? तो मैं ने बोला के वो आंटी मेरा और फिर मैं ने अपने हाथ की इशारे से अपने लंड की तरफ बताया तो उनका चेहरा शरम से लाल हो गया फिर पूछा के फिर क्या हुआ तो मैं ने बोला के आपने मेरी ज़िप को खोल दिया और आंटी मुझे शरम आती है तो उन्हो ने कहा के अरे मेरे से खुल के बात करो मैं एक दम से फ्री हू मेरे से शरम मत करो तो मैं ने बोला के आप बुरा तो नही मनोगी तो उन्हो ने कहा के अरे नही तुम से किसी बात का बुरा मानुगी, जो हुआ वो खुल के बताओ तो मैं ने बताया के जब आप फुल आउट हो गयी तो एक दम से फुल मूड मैं आ गयी और आप सोफे से उठ के अपने बिस्तर पे बैठ गयी और आपने अपनी नाइटी खोल दी और बिस्तर पे फेंक दी मुझे अपने करीब बुलाया और अपनी पॅंटी उतार के मेरी जेब मे रख दी और फिर मेरी पॅंट की ज़िप खोल के मेरा बाहर निकाल लिया और मूठ मारने लगी और फिर आप ने उसको मूह मे ले के चूसना शुरू कर दिया. मैं ने देखा तो आंटी का चेहरा टमाटर की तरह से लाल हो गया था. और फिर चूस्ते चूस्ते ही आपने उसको मूह से बाहर निकाला और फिर से मूठ मारने लगी और देखते ही देखते मेरी क्रीम का फव्वारा उड़ उड़ कर आपके बदन पे गिरने लगा और फिर आप बिस्तर मे लेट गई और गहरी नींद सो गयी तो मैं ने आपको चदडार उधाई और शॅंपेन की बॉटल के कही रखने की जगह समझ मे नही आई तो उसको अपने साथ घर ले गया और आपकी पॅंटी को पहेन के सो गया पर आंटी सुबह मैने देखा तो आपकी पॅंटी खराब हो चुकी थी शाएद मेरी क्रीम उस्मै निकल गयी तो उन्हो ने मुस्कुराते हुए कहा “शैतान” फिर बोली के ठीक है तुम ले के आ जाओ मैं उसको धूल वा लूँगी तो मैने ने कहा के आंटी रहने दो ना मेरे पास आपकी निशानी रहेगी तो उन्हो ने पूछा के क्या करोगे तुम अपने पास रख के तो

मैं ने हंसते हुए बोला के कभी कभी रात मे पहेन के आपको याद कर के सो जाउन्गा या कभी कल रात की याद आई तो खुद ही अपना मूठ मारके अपनी मलाई इस्मै निकाल के सो जाउन्गा तो वो भी हस्ने लगी और बोली के बड़े शैतान हो तुम चलो ठीक है रख लो और फिर आँख मार के बोली के जो मर्ज़ी आए करो.

फिर आंटी ने पूछा के अभी बॉटल मे कुछ बाकी है या सारी ख़तम हो गयी तो मैं ने बोला के नही सारी ख़तम नही हुई अभी तकरीबन आधी से कुछ कम बॉटल बाकी है तो उन्हो ने कहा के ठीक है मैं तुमको रात मे फोन करूँगी तो मैं ने कहा ठीक है आंटी मैं आपके फोन का वेट करूँगा और फिर मैं लंच तक रुका रहा और साथ मे भी लंच खाने के बाद मैं अपने घर वापस आ के सो गया.
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07-10-2018, 12:21 PM,
#18
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --10



गतांक से आगे........................

शाम मे 7 बजे के करीब फोन से मेरी आँख खुली तो मम्मी थी मैं ने कहा के मम्मी यहा सब ठीक है आप इतमीनान से रहिए मैं हॉलिडेज़ मे अपनी पढ़ाई कर रहा हू टुशण वाघहैरा को भी जा रहा हू आप फिकर ना करे तो उन्हो ने इतमीनान की साँस ली और बोली के खाने का क्या कर रहे हो तो मैं ने बोला के कभी होटेल कभी दोस्तो के साथ ही खा ले रहा हू और फिर वो बे फिकर हो गयी तो मैं ने फोन रख दिया. फोन रखा ही था के पिंकी का फोन आ गया और मैं ने टेबल पर मेरी और आंटी की जो जो बातें हुई थी सब बता दिया फिर हम कुछ देर तक फोन सेक्स करते रहे, मैं मूठ मारता रहा और पिंकी चूत मे उंगली डाल के अपनी चूत को चोद्ती रही मैं मूठ मारते मारते अपनी क्रीम को आंटी की पॅंटी मे गिरा दिया और आंटी की पॅंटी से ही अपने लंड को पोंछ के लंड साफ किया और आंटी की वाइट सिल्की पॅंटी को अपने वॉर्डरोब मे रख दिया.

रात 9 बजे मैं बाहर निकला होटेल से खाना खा के घर वापस आया तो साढ़े दस बजे के करीब आंटी का फोन आया और इधर उधर की बातें करती रही तो मैं ने बोला के आंटी आप थोड़ी सी शराब पी कर ही आउट हो जाती हो इसी लिए आज पहले मालिश करेंगे उसके बाद ही आप शॅंपेन पी लेना और मैं वापस आ जाउ तो फिर आप सो जाना तो उन्हो ने कहा के ठीक है तुम जैसे कहते हो वैसे ही करेंगे फिर उन्हो ने पूछा के क्या तुम ने सच मुझे नंगा देखा है तो मैं ने कहा के हा आंटी पर एक बात है आप बोहोत खूबसूरत हो आंटी और आपका बदन भी बोहोत ही अछा है और आपके दूध तो वंडरफुल है लगता है किसी 20 साल की कुँवारी लड़की के हो. आंटी खामोशी से सुनती रही. फिर मैं ने बोला के आपको पता नही आपने मेरे हाथ पकड़ के अपने दूध पे रख लिया और मुझे बोला के दबाओ इनको तो मैं ने दबाया सच मैं बोहोत टाइट है और फिर आपने मुझे झुका के अपने दूध को मेरे मूह मे

डाल दिया और बोला के चूसो इनको तो मैं ने कुछ देर तक चूसा मुझे बोहोत अछा लगा मज़ा भी आया आंटी तो उन्हो ने कहा के चल शैतान झूट बोलता है तो मैं ने कहा सच आंटी आपकी कसम तो उन्हो ने एक ठंडी साँस भरी और बोली के चलो आज थोड़ा जल्दी आ जाओ सब लोग सो गये है तो मैं ने कहा के ठीक है मैं अभी आधे घंटे के अंदर पहुँच जाता हू आंटी तो उन्हो ने कहा के ठीक है मैं डोर्स खुले रखूँगी तुम कल की तरह अंदर आ जाना इसके बाद फोन बंद कर दिया. मैं ने इमीडीयेट्ली पिंकी को सारे प्रोग्राम के बारे मे बता दिया और आंटी के घर जाने की तय्यरी करने लगा.

मैंन टाइम पे उनके घर आ गया. प्लान के मुताबिक सारे डोर्स मेरे लिए खुले हुए थे. मैं अंदर आ गया तो देखा आंटी एक ट्रॅन्स्परेंट नाइटी पहेने रूम मैं इधर से उधर टेहल रही है मुझे देखते ही मेरे पास आ गयी और मेरा हाथ पकड़ के सोफे पे ले गयी. मेरे हाथ मे कल की तरह बॅग था जिस्मै कल की बाकी बची हुई शॅंपेन थी जिसे देख के आंटी खिल्ल उठी और पूछा के कितनी बची है तो मैं ने बोला के शाएद दो या तीन ग्लास के करीब होगी आंटी तो उन्हो ने कहा के राज थोड़ी सी पी लेने दो ना फिर तुम मालिश कर देना तो मैं ने कहा के ठीक है लैकिन सिर्फ़ एक ही ग्लास नही तो आप फिर से आउट हो जाओगी आंटी तो उन्हो ने बोला के ठीक है और सामने टेबल पे रखे ग्लास मे शॅंपेन डाल दिया तो आंटी चुस्की लेते हुए पीने लगी एक चुस्की लेने के बाद बोली के राज यह कैसा मज़ा हो गया है इसका तो मैं ने बोला के आंटी इस मे थोड़ी सी विस्की भी मिला दिया ताके आपको और मज़ा आए तो उन्हो ने बोला के ठीक है कोई बात नही विस्की भी चलेगी बहुत सालो बाद पी रही हू ना इसी लिए जल्दी ही नशा चढ़ रहा है और फिर आंटी ने एक ही घूँट मे पूरी शराब अपने हलक मे गटक गई और होटो पे ज़ुबान फिराने लगी . आज भी कमरे मे कल की तरह धीमी रोशनी का बल्ब जल रहा था ऑलमोस्ट अंधेरा ही था.

आंटी एक ग्लास शराब पी चुकी तो मैं ने बोला के आंटी कैसा फील कर रहे हो आप तो बोली के बोहोत मस्त दिख रहा तुम्हारी विस्की ने तो कमाल ही कर दिया है सारा बदन हल्का हो गया है जैसे मैं हवा मे उड़ रही हू बोहोत ही मज़ा आ रहा है तो मैं ने बोला आंटी मसाज करने से और ज़ियादा मज़ा आएगा तो उन्हो ने बोला कि चलो फिर आ जाओ और सोफे से उठ गयी. आज आंटी को थोड़ा थोड़ा नशा चढ़ा रहा था वो झूमते और धीमे चलते हुए मेरा हाथ पकड़ के बिस्तर पे लेट गयी और अपनी आँखें बंद करते हुए बोली के देखो राज यह लाइट भी बंद करदो मुझे शरम आती है तो मैं ने बोला के कोई बात नही आंटी पहले तेल तो ले लो ना तो उन्हो ने बोला के वाहा साइड टेबल पे रखा है तो मैं ने साइड टेबल से तेल की बॉटल उठा ली और लाइट के बल्ब का स्विच जो बेड पे पिल्लो के पास ही पड़ा हुआ

था तो आंटी ने उसको ऑफ कर दिया और कमरे मैं अंधेरा छा गया. आज भी आंटी ने जो नाइटी पहनी थी वो भी सामने से खुली हुई थी और आज भी आंटी ने ब्रस्सिएर नही पहनी थी बलके सिर्फ़ सिल्क पॅंटी ही पहने हुए थी तो मैं ने बोला के अरे आंटी याद आया आपकी पॅंटी भी तो है मेरे पास तो उन्हो ने बोला के लाओ दो मुझे तो मैं ने उनकी पॅंटी को उन्हे दे दिया जिसे उन्हो ने हाथ मे ले लिया अंधेरे की वजह से दिखाई तो कुछ नही दे रहा था लैकिन आंटी की पॅंटी मेरी क्रीम से कक़ची हो रही थी. उन्हो ने पूछा के यह क्या है राजा यह तो गीली है तो मैं ने बोला के आंटी सॉरी आंटी मैं ने उसको पहेन लिया था ना रात मे और फिर इस्मै मेरी मलाई निकल गयी आंटी तो वो हंस के पॅंटी को सूंघने लगी और बोली के वाह स्मेल तो अछी है और फिर मुझे अंधेररे मे ही हल्का सा नज़र आया के आंटी ने उसको थोड़ा सा ज़ुबान से टच भी किया और मेरी मलाई का स्वाद चख लिया और फिर मुझे वापस करते हुए बोली के तुम ने बोला था ने तुमको चाहिए यह पॅंटी तो अब इसे तुम ही रख लो तो मैं ने वो पॅंटी उसके हाथ से ले के अपने पॅंट की जेब मे रख दी.. आंटी बोली के राज्ज ओके चलो अब तुम मालिश स्टार्ट करो यह कहते हुए उन्हो ने अपनी टांग थोड़ी खोल ली जिस से उनकी नाइटी हट गयी और उनकी मस्त चिकने थाइस दिखाई देने लगे. कमरे मे फुल अंधेरा छाया हुआ था आंटी ने कमरे के कर्टन्स भी गिराए हुए थे. आंटी ने बोला के प्लीज़ राज थोड़ी सी और पीला दो ना तो मैं ने बोला के ठीक है आंटी लैकिन हाफ ग्लास बस उस से ज़ियादा नही तो उन्हो ने बल्ब ओन कर दिया और मैं आधा ग्लास विस्की मिली हुई शॅंपेन ले के आगेया और आंटी ने एक ही घूँट मे ग्लास खाली कर दिया और अपने होटो पर अपनी ज़ुबान फेरते हुए थॅंक्स राज बोला और फिर लाइट बंद कर दी.

मैं आंटी के पैरो के बीच मैं बैठ गया और दोनो हाथ उनकी टांगो पे रख दिए तो आंटी की मूह से एक सिसकारी निकल गयी आअहह तो मैं ने पूछा क्या आंटी कुछ दरद वाघहैरा तो नही है तो उन्हो ने कहा के नही राज ऐसा कुछ नही है बोहोत दीनो बाद किसी मर्द का हाथ लगा है ना मेरी टांगो पे तो बोफोत अछा महसूस हुआ. चलो तुम मसाज करो तो मैं ने पहले तो आंटी के पैरो को बिना तेल लगाए हुए ही उनके थाइस तक थोड़ा सा दबाया और जब मेरा हाथ उनके थिग्स पे चला गया तो मैने ने महसूस किया के उन्हो ने अपनी टाँगें थोड़ी खोल दी और उनका बदन थोड़ा सा अकड़ गया है पर उन्हो ने कुछ बोला नही. अब मेरी आँखें थोड़ा सा अंधेरे मे देखने के काबिल हो गयी थी लैकिन फिर भी उतना सॉफ दिखाई नही दे रहा था. मैने आयिल की बॉटल से उनकी दोनो टाँगो पे नीचे से ऊपेर थाइस तक आयिल की एक लंबी धार डाल दिया और आयिल की बॉटल को ढक्कन लगा के बाज़ू मे रख दिया और उनकी दोनो टाँगो पे दोनो हाथो से तेल को फैला दिया और नीचे से ऊपेर तक मालिश करने लगा. थोड़ी देर के

बाद आंटी के बदन ने पूरा तेल चूस लिया तो फिर से खूब बोहोत सारा तेल आंटी के दोनो टाँगो पे लगा दिया और इस से पहले के तेल नीचे बिस्तर पे गिरता मैं बॉटल को बंद कर के फिर से मालिश करना स्टार्ट कर दिया इसी बीच आंटी ने अपनी टाँगें कुछ और स्प्रेड कर दी थी और जब मैं उनकी रानो ( थाइस ) की मसाज कर रहा था तो उन्हो ने अपनी टाँगें घुटनो से थोड़ी से मोड़ ली जिस की वजह से आयिल उनकी पॅंटी तक उतर रहा था तो मैने बोला के आंटी तेल आपकी पॅंटी तक उतर रहा है कही आपकी कीमती पॅंटी तेल से खराब ना हो जाए तो उन्हो ने कहा तो क्या करू तो मैं ने बोला के आंटी अभी तो कमरे मे बिल्कुल ही अंधेरा है मुझे कुछ दिखाई भी नही दे रहा है अगर आप पॅंटी और नाइटी भी निकाल दो तो यह दोनो तेल से खराब नही होगी तो उन्हो ने कुछ बोला नही बस अपनी गंद थोड़ी से बिस्तर से ऊपेर उठा के मुझे पॅंटी निकालने का सिग्नल दे दिया और मैं ने तुरंत ही उनकी पॅंटी को निकाल दिया और आंटी ने अपनी नाइटी को ऊपेर तक खेच के उठा लिया और अपने शोल्डर से बाहर करते हुए नाइटी को पूरा निकाल दिया. अब मेरे सामने आंटी पूरी नंगी पड़ी थी मुझे आंटी के मस्त बूब्स और चिकनी चूत दिखाई देने लगी आहह क्या मस्त चूत थी थोड़े से मोटे पंखदिओं वाली चिकनी चूत. अब मैं सिर्फ़ आंटी के रानो का मसाज कर रहा था और और अब मेरे अंगूठे (थंब) आंटी की चूत के करीब तक जा रहे थे और आंटी के मूह से आअहह जैसी सिसकारियाँ निकल रही थी तो मैं ने पूछा के आंटी कैसा लग रहा है आंटी तो उन्हो ने बोला के बोहोत मस्त लग रहा है राज्ज बोहोत अछा लग रहा है बोहोत मज़ा आ रहा है मुन्नी भी ऐसा मसाज नही करती तुम्हारे हाथ मे तो जादू है तो मैं खुश हो गया और अपने हाथो मे थोडा और तेल लगा के आंटी के रानो पे डाल दिया और उनकी चूत तक बिंदास मालिश करने लगा. मैं उनकी खुली टाँगो के बीच घुटनो के बल बैठा था और मेरे लंड का तो बुरा हाल था वो मेरे पॅंट मे बोहोत ज़ोर से अकड़ चुका था. मेरी बेचैनी देख के आंटी ने पूछा के क्या हुआ राज ऐसे क्या कर रहे हो तो मैं ने बोला के आंटी यह पॅंट थोड़ा टाइट है ना इसी लिए तकलीफ़ हो रही है तो उन्हो ने नशेली आवाज़ मे बोला तकलीफ़ दे रहा है तो निकाल दो ना यहाँ कों देख रहा है हमै. मुझे उनकी आवाज़ सुन के लग गया के आंटी को अब नशा चढ़ने लगा है तो मैं ने पूछा के आंटी आप कुछ फील तो नही करोगी ना तो उन्हो ने कहा मुझे भी तो आख़िर शरम आ रही थी तुम्हारे कहने पे ही तो मैं ने भी अपनी पॅंटी निकाल दी है और अब तुम भी अपने पॅंट से मुक्त हो जाओ और वैसे भी अंधेरा ही तो है तो मैं ने दिल मे सोचा के मौका अछा है और अपनी जगह से उठ कर अपने पॅंट और शर्ट को निकाल के सोफे पे फेंक दिया और फिर बिस्तर पे बैठ गया और मालिश करने लगा. अब मैं बिंदास उनकी चूत तक का मसाज उंगलिओ से कर रहा था तो उन्हो ने बोला के बोहोत दीनो बाद एक

मर्द का हाथ मेरे बदन पे बोहोत अछा लग रहा है तो मैं ने मोका देख के पूछ लिया के क्यों आंटी सेठ साहिब आपको हाथ नही लगाते है क्या तो उन्हो ने खराब मूह बनाया और बोली के उनको अपने काम और पैसे से फ़ुर्सत मिले तो अपनी बीवी की तरफ देखेंगे ना हाथ लगाना तो दूर की बात है. अब मैं उनकी चूत के पंखदिओं की मालिश करने लगा तो आंटी ने अपनी गंद बेड से थोड़ा ऊपेर उठा लिया और सस्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकली तो मैं ने पूछा आंटी यहा भी मालिश करू तो आपको बुरा तो नही लगेगा तो उन्हो ने पैरो को थोडा और स्प्रेड करते हुए कहा के अरे नही मुझे तो बोहोत ही मज़ा आ रहा है बस अब तुम ज़रा अछी तरह से मालिश करदो तो मैं ने अपनी एक उंगली उनकी चूत के अंदर डाल दी और उनकी गंद एक दम से ऊपेर उठ गयी और मूह से आआआहह राआज्जजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज निकल गया तो मैं ने पूछा क्या आंटी तो लध खड़ाती आवाज़मे बोली हहाअईए ऐसे ही करो तो मैं ने उनकी चूत की अछी तरह से मालिश शुरू करदी और आंटी ने पैर घुटनो से कंप्लीट मोड़ लिए अब मैं सिर्फ़ आंटी की चिकनी चूत की मालिश कर रहा था अंगूठे से उनकी क्लाइटॉरिस को दबा रहा था और नीचे से ऊपेर तक मालिश और अब आंटी की गंद बिस्तर से उठ रही थी और मेरी उंगली को अंदर लेना चाहती थी और फिर मैं दोनो अंगूठो से क्लाइटॉरिस को मसाज करते करते दोनो अंगूठे उनकी चूत के अंदर घुसा दिए तो आंटी की गंद एक दम से ऊपेर उठ गयी और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ आहह राअज्जजज्ज बोहोत अछा लग रहा है ऐसे ही करो प्लीज़ और मैं ऐसे ही अंगूठे से उनकी चूत की मालिश करता रहा और देखते देखते वो अपनी गंद हवा मे उछलने लगी और उनकी चूत से रस बहने लगा सारे कमरे मे उनकी चूत के जूस की खुसबू महेकने लगी और जब उनका झड़ना ख़तम हुआ तो उनकी गंद अपनी जगह पे वापस आ गयी और उनकी साँसें तेज़ी से चल रही थी. मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया. थोड़ी देर के बाद आंटी ने बोला के राज्ज तुम तो बड़ी मस्त मालिश करते हो तो मैं ने कहा आप जब बोलॉगी आंटी मैं आपकी इस से भी अछी तरह से मालिश कर दूँगा. अभी तो आपके आधे बदन की मालिश बाकी है वो भी कर दूँगा आप देखना आपको बोहोत ही मज़ा आएगा तो उन्हो ने कहा के पहले मुझे आधा ग्लास और बना के दो उसके बाद करना तो मैं उठ गया और आधा ग्लास शराब ला के आंटी को दिया जिसे उन्हो ने फिर से एक ही घूँट मे पी लिया.

मैं वापस उनकी टाँगो के बीच बैठ गया और उनकी मूडी हुई टाँगो को खेच को सीधा कर के स्प्रेड कर दिया और मैं दोनो टाँगो के बीचे मे थोड़ा और अंदर तक आगेया उनके थाइस को उठा के अपने थाइस के ऊपेर रख दिया और झुक के उनके पेट पे आयिल की धार डाल दिया और दोनो हाथ उनके पेट पे रखते ही उनका पेट अंदर को चला गया यह एक तरह का रे आक्षन था मेरे हाथो के स्पर्श का और मैं दोनो हाथ उनके पेट पे गोल गोल
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07-10-2018, 12:21 PM,
#19
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
घुमा के तेल को उनके पेट पे स्प्रेड करने लगा. अब मैं और आंटी दोनो फुल नंगे थे और मेरा लंड तो जोश से हिल हिल के आंटी की चिकनी चूत को सल्यूट कर रहा था. पेट पे धीरे धीरे हाथ घुमाते घुमाते मेरे हाथ आंटी के बूब्स को भी टच कर रहे थे और फिर मैं ने आंटी के बूब्स को अपने दोनो हाथो से ले के दबाना शुरू कर दिया तो एक बार फिर से आंटी के मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकली अब मैं सिर्फ़ आंटी के बूब्स को ही मसल रहा था और उनकी निपल्स को अंगूठे और उंगली के बीच मे पकड़ के मसल भी रहा था और ऐसी पोज़िशन मैं मुझे अपनी जगह से थोडा ऊपेर उतना पड़ रहा था जिस से आंटी की गंद थोड़ी ऊपेर उठ गयी थी और मेरा लंड आंटी की चूत के करीब आ गया था और कभी कभी तो लंड का सूपड़ा आंटी की चूत के ऊपेर ही क्लाइटॉरिस को रगड़ खा रहा था अब हम दोनो मे से कोई भी कुछ बात नही कर रहा था दोनो एक दम से खामोश थे कमरे मे सिर्फ़ हम दोनो की गहरी गहरी सांसो की आवाज़ ही आ रही थी. मेरा लंड आंटी की चूत पे लग रहा था तो आंटी ने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया और मेरे लंड के डंडे को अपने हाथ से पकड़ लिया और बोली वाउ राज्ज यह तो बोहोत ही बड़ा है मोटा और लोहे जैसा सख़्त भी है और फिर खुद ही लंड के सूपदे को चूत की पंखदिओं के बीच मे ले के रगड़ने लगी. तेल से और उनके जूस से उनकी चूत एक दम से गीली और चिकनी हो चुकी थी अब मैं उनके ऊपेर थोड़ा सा झुक गया और जैसे हमारे बीच मे एक साइलेंट अग्रीमेंट हो गया और आंटी के बूब्स को अपने मूह मे ले के चूसने लगा और आंटी मेरे लंड को अपनी चूत मे रगड़ रही थी और मेरे लंड से प्री कम भी निकल रहा था मैं बूब्स को छोड़ के आंटी को किस करने लगा आहह बोहोत मज़ा आ रहा था. अब आंटी को फुल नशा चढ़ चुका था और वो अपने आप मे नही थी. थोड़ी देर के बाद आंटी अपने मूह हटा ते हुए मेरे कान मे आहिस्ता से बोली के राज डाल दो ना अपना लंड मेरी प्यसि चूत के अंदर फाड़ डालो यह साली को यह सेठ मदेर्चोद तो जैसे चोदना ही भूल गया है. आंटी के मूह से गलियाँ सुन कर मुझे मालूम हो गया के पहले तो आंटी को शराब का नशा और फिर उनकी चूत के मालिश का नशा और अब एक मूसल लंड के सूपदे का नशा वो तो पूरी तरह से आउट हो चुकी थी और मुझे चोदने का बोल रही थी.

मैं ने अपने लंड को थोडा सा अंदर दबाया तो लंड का सूपड़ा उनकी चूत के सुराख के अंदर अटक गया और मैं आंटी के कान का लटकता हुआ हिस्सा मूह मे ले के चूसने लगा जिस से आंटी मस्ती मई पागल ही गयी और बोली के राज्ज चोद डाल अपनी आंटी की चूत को फाड़ डाल चोद दे आंटी की चूत तो मैं ने अपने लंड के सूपदे को ऐसे ही थोडा सा अंदर बाहर अंदर बाहर

करते करते एक ही झटका मार जिस से एक पकच की आवाज़ आए और ऐसा लगा जैसे चूत के अंदर की सारी हवा बाहर निकल गयी हो और लंड आंटी के चूत को चीरता हुआ चूत के गहराइयों मे उतर गया और आंटी के मूह से ऊऊऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हहाआआआआआअ सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की तेज़ आवाज़

निकल गयी उनकी आँखें बाहर को आ गयी और मेरे बदन को ज़ोर से पकड़ लिया उनकी टाँगें मेरे बॅक पे लिपट गयी थी मेरी पीठ को ज़ोर से पकड़ लिया. आंटी की चूत अंदर से भट्टी जैसी गरम थी और बोहोत टाइट भी थी क्यॉंके पता नही आंटी की चूत मे कोई लंड कितने सालो से नही घुसा होगा. लंड चूत के गहराइयों मे था और अब आंटी थोड़ा रिलॅक्स हुई तो चुदाई शुरू कर दी तो आंटी को मज़ा आने लगा आआहह रर्राआज्जजज्ज्ज आआईईइस्स्स्स्सीईए हीईए ज़्ज़्ज़्ज़ूऊरररर सस्स्सीईई हूऊऊ ययययएहह. मैं आने से पहले ही मूठ मार के उनकी पॅंटी मे अपनी मलाई निकाल चुका था इसी लिए जल्दी झड़ने वाला भी नही था. मस्त चोद रहा था आंटी की चूत अछी ख़ासी टाइट थी. आंटी बोल रही थी के चोद डाल राजा चोद डाल आज भुजा दे इस प्याससीईई चूतततत ककक्कीईइ प्प्पयय्याअसस.

उनके बगल से हाथ डाल के उनके शोल्डर्स को टाइट ग्रिप से पकड़ा हुआ था और पूरा लंड बाहर निकाल निकाल के बोहोत ज़ोर ज़ोर से पवरफुल झटको से चोद रहा था. इतनी देर मे आंटी 3 - 4 बार झाड़ चुकी थी उनकी चूत समांदेर जैसी गीली हो गयी थी. कमरे मे चुदाई की पच पच की आवाज़ ही गूँज रही थी. लंड को पूरा सूपदे तक निकाल निकाल के बोहोत ही ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था मेरे एक एक धक्के से लंड आंटी की बचे दानी से टकरा जाता था तो उनके मूह से आअहह ऊऊओिईई म्‍म्माआ और उउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जैसी आवाज़ें निकल रही थी. मैं आंटी को दीवानो की तरह से चोद रहा था. कितने दीनो की कोशिश के बाद आंटी की चूत मिली थी चोदने के लिए तो बड़ी बेदर्दी से उनकी प्यासी चूत को चोद रहा था लंड पूरा अंदर तक डाल के पूरी ताक़त से चोद रहा था आअहह छ्छूड्ड़ूऊव प्पफहाआड्द्ड़ दददाालल्ल्ल्लूऊऊ प्प्पयय्यासस्सिईइ हहाऐईइ आआआअहह ईईहह और फिर मेरी क्रीम भी अब निकलने को रेडी थी और मेरी स्पीड बढ़ गयी 100 झटके पर मिनिट की स्पीड से चोद रहा था लंड चूत के अंदर बाहर अंदर बाहर और फिर एक झटका पूरी ताक़त से मारा तो आंटी का पूरा बदन हिलने लगा और उनके मूह से चीख ही निकल गयी आआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ और लंड का सूपड़ा उनकी बचे दानी के भी अंदर घुस्स गया और मेरे लंड मे से गरम गरम मलाई का मोटा फव्वारा उड़ उड़ के उनकी चूत को भरने लगा. आंटी ने मुझे बोहोत टाइट पकड़ा हुआ था और मेरी मलाई उनकी चूत

मे गिरते ही उनकी चूत भी एक बार फिर से झड़ने लगी वो काँपने लगी और उनका ऑर्गॅज़म चलता रहा चूत झड़ती रही जूस निकलता रहा और आंटी कांपति रही. मेरी क्रीम निकलने के बावजूद मैं धक्के ही मार रहा था जो धीरे धीरे कम हो गये और मैं आंटी के बदन पे गहरी गहरी साँसें लेते हुए ढेर हो गया. हम दोनो के बदन पसीने मे शराबूर हो चुके थे हम दोनो की साँसें बोहोत ही तेज़ी से चल रही थी. थोड़ी देर ऐसे ही उनके उपर पड़े रहने के बाद मैं ने आंटी के कान मे आहिस्ता से पूछा आंटी मज़ा आया क्या ?? तो आंटी मुझे बे तहाशा चूमने लगी और फिर मेरे कान मे आहिस्ता से बोली के राज्ज्ज वाह क्या मस्त चुदाई की है तुम ने मेरी के मैं बता नही सकती. आज ज़िंदगी मे पहली बार मुझे किसी मर्द का लंड मिला है मेरी चूत की ऐसी चुदाई आज से पहले कभी नही हुई मेरी चूत का तो बुरा हाल कर दिया तुम्हारे लौदे ने बोहोत मस्त चोदा है मुझे भगवान ने कितना शानदार लौदा दिया है तुम्हे और यह कहते हुए एक बार फिर मुझे बे तहाशा चूमने लगी.

मैं थोड़ी देर उनके ऊपेर ऐसे ही पड़ा रहा उनके बूब्स मेरे सीने से चिपके हुए थे और फिर मैं आहिस्ता से रोल हो के आँखें बंद कर के उनके साइड मे लेट गया.

थोड़ी देर के बाद मैं करवट ले के आंटी के बूब्स को सहलाने लगा जिस से उनके निपल्स एक बार फिर से एरेक्ट होना शुरू हो गये और फिर मैं उनके निपल्स को मसल्ने लगा तो आंटी ने हाथ बढ़ा के मेरे लंड को पकड़ लिया जो फिर से लोहे के मूसल की तरह खड़ा हो गया था अरे बाप रे राज्ज्ज क्या मस्त लंड है यार तुम्हारा और यह तो फिर से अकड़ गया है क्या इरादा है आख़िर इसका तो मैं आंटी के छूतदो पे हाथ फिराते हुए हंस के बोला आंटी शाएद यह अब किसी दूसरे सुराख की खोज मे है तो उन्हो ने पूछा क्या मतलब तो मैं ने बोला के आंटी शाएद यह आपकी गंद मे घुसना चाहता है अब तो उन्हो ने कहा !!! क्या ?? कही तुम्हारा दिमाग़ तो नही खराब हो गया मैं लुगी इस घहोड़े (हॉर्स) जैसे लंड को अपनी गंद मे ? ना बा बा मैं तो मर ही जाउन्गि अगर यह मेरे पीछे घुस गया तो !! मैं बोला के आंटी कुछ नही होगा मैं आपको गॅरेंटी देता हू ना आप बिल्कुल भी फिकर ना करो मैं बोहोत धीरे धीरे ही अंदर डालुगा और तेल या जेल्ली लगा लूँगा तो आपको कोई तकलीफ़ नही होगी. फिर भी आंटी नही मानी पर थोड़ी देर के बाद आख़िर आंटी मान ही गयी और फिर मैने आंटी को उल्टा पेट के बल लिटा दिया और टेबल पे से जेल्ली का डिब्बा उठा लिया और खुद उनके ऊपेर आ गया. उनकी दोनो टांगो के बीचे मैं अपनी दोनो टाँगें रख के उनकी टाँगो को फैला दिया और पहले तो पीछे से एक ही धक्के मैं अपने लंड को उनकी चूत मे घुसा दिया उनके मूह

से हप्प्प्प की आवाज़ निकली और उनका बदन एक सेकेंड के लिए अकड़ गया और फिर रिलॅक्स हो गयी. थोड़ी देर तक उनकी गीली चूत को चोद्ता रहा और फिर उनके बूब्स को दबाते हुए बोला के आंटी गंद मरवाने के लिए रेडी हो तो उन्हो ने अपना सर हा मे हिला दिया तो मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया और जेल्ली के डिब्बे से चारो उंगलियाँ भर के जेल्ली निकाल के आंटी की गंद मैं लगा दिया और थोड़ी जेल्ली उनकी गंद के पिंक होल के अंदर भी उंगली घुमा के लगा दिया जिस से उनकी गंद का छेद थोड़ा रिलॅक्स हुआ और उनकी गंद जेल्ली से भर गयी और अपने लंड को जेल्ली के डिब्बे मे ही घुसा दिया जिस से बोहोत सारी जेल्ली मेरे लंड पे लग गयी. लंड कुछ ज़ियादा ही फूला हुआ लग रहा था. अपने पैरो से आंटी के पैरो को खोल दिया और अपने पैर पीछे मिशनरी पोज़िशन मे पीछे कर लिया और आंटी ऊपेर झुक गया और आंटी की नेक पे चूमने लगा और दोनो हाथ अंदर डाल के आंटी के कड़क चुचिओ को दबाने लगा और लंड के सूपदे को उनकी गंद मे घुसाते घुसाते उनके कान मे आहिस्ता से बोला के आंटी अपने बदन को रिलॅक्स रखना नही तो आपको दरद होगा तो उन्हो ने ओके कहा. ऐसी पोज़िशन मे आंटी उल्टा लेटी थी और उनकी गंद थोड़ा ऊपेर को उठी हुई थी. थोड़े से प्रेशर से मेरे मूसल लंड का सूपड़ा आंटी की गंद के छेद मे स्लिप हो गया. लंड का सूपड़ा आंटी की गंद के अंदर घुसते ही आंटी का बदन थोड़ा सा अकड़ गया फिर मैं अपने हाथ से आंटी के बदन को सहलाने लगा जिस से वो रिलॅक्स होने लगी और फिर इसी तरह से थोड़ा और घुसाया तो लंड तकरीबन 3 इंच और अंदर घुस गया. आंटी की गंद और मेरे लंड मे जेल्ली लगाने से गंद बोहोत ही चिकनी हो गयी थी और जिस्मै लंड आसानी से घुस भी रहा था. अब मैं ऐसे ही आधे लंड से आंटी की गंद मारने लगा और थोड़ा थोड़ा अंदर घुसेड भी रहा था जिस से आधा लंड तो अंदर घुस ही गया था और अब ऐसे करने से आंटी की गंद का छेद भी थोड़ा रिलॅक्स हो चुका था और फिर पूरा लंड को सूपदे तक बाहर निकाल के एक ज़ोर का झटका मारा तो पूरे का पूरा लंड आंटी की गंद मे घुस्स गया और वो हल्की आवाज़ से चिल्लाई आआआआआआआईईईईईईईई और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स मैं आंटी के ऊपेर ऐसे ही लेटा रहा थोड़ी देर के बाद उनकी गंद मारने लगा धना धन गंद मार रहा था अब औती भी मज़े से गंद मरवा रही थी और बोली के लाला के बाप ने तो कभी भी मेरी गंद नही मारी तो मैं खुश हो गया के चलो आंटी की वर्जिन चूत नही मिली तो क्या हुआ वर्जिन गंद तो मिल गयी. थोड़ी देर तक गंद मारने के बाद मैं उनकी गंद के अंदर ही झाड़ गया और आंटी भी झाड़ गयी.

फिर आंटी बोली के चलो राज्ज हमाम मे चलो साबुन से धो लेते है क्यॉंके उनकी गंद और मेरा लंड जेल्ली से लसा हुआ था. हम दोनो उठ के हमाम मे घुस गये और शवर खोल दिया तो आंटी ने मेरे लंड पे साबुन लगा दिया और मल मल के

धोने लगी जिस से एक मिनिट के अंदर ही मेरा लंड फिर से लहरा के खड़ा हो गया आंटी मेरे लंड को हैरत से देख रही थी और बोली के राज्ज यह काइया है कितना पवर है तुम्हारे लंड मई तो मई हंस दिया और कुछ बोला नही आंटी साबुन से मेरे लंड को धो ती रही जब मेरे लंड पे से साबुन निकल गया तो मैं ने आंटी की चूत पे साबुन लगाया और हम दोनो का मिला जुला कुम्म अछी तरह से सॉफ कर दिया और फिर उनको झुकने के लिए बोला तो वो झुक गयी तो मैं साबुन से उनके गंद पे लगी पूरी जेल्ली को धो दिया और. आंटी मेरे सामने डॉगी स्टाइल मे खड़ी थी और उनकी गंद मे साबुन लगा हुआ था तो मैं ने अपने लंड पे भी थोड़ा साबुन लगाया और बिना आंटी को सिग्नल दिए अपने लंड को उनकी गंद के छेद मे अड्जस्ट किया और एक ही धक्के मे पूरे का पूरा लंड उनकी गंद के अंदर पेल दिया वो एक दम से चिल्ला पड़ी हहाआआआआऐईईईईईईई निकाल्ल्लूऊऊऊ जाल्ल रहा है निक्काअलल्ल्ल्लूऊऊ बाआहीईररररर तो मैं ने पूछा क्या हुआ आंटी तो बोली के साबुन गंद के अंदर घुस गया जिस से जलन हो रही है तो फिर मैं ने भी महसूस किया के थोड़ा साबुन मेरे लंड के सुराख मे भी घुस चुका है जिस से मेरे लंड के पिशब वाले सुराख मे भी जलन हो रही है तो मैने अपना लंड उनकी गंद से बाहर निकाल लिया और फिर शवर से पानी तो गिर ही रहा था जिस की वजह से लंड पे लगा साबुन तो साफ हो गया आंटी को ऐसे झुके हुए ही अपनी तरफ पलटा दिया और उनके मूह मे अपना लंड घुसेड दिया और उनके सर को पकड़ के उनके मूह को चोदने लगा. आंटी का मूह मेरे लंड से भर गया था और मैं उनके हलक तक अपने लंड को पेल रहा था उनके मूह से गगगगगघह ग्ग्गह जैसी आवाज़े निकल रही थी और फिर ऐसे ही चोद्ते चोद्ते जब मैं झड़ने की कगार पर आ गया तो लंड को उनके हलाक के अंदर तक घुसा दिया जिस से उनकी आँखें बाहर को निकल गयी और फिर मेरे लंड मे से गरम गरम मलाई का फव्वारा निकल के डाइरेक्ट उनके हलक मे गिरने लगा जितनी देर तक मेरा कुम्म निकलता रहा मेरा लंड उनके हलक के अंदर तक ही घुसाए रखा और फिर आंटी के मूह से अपने लंड को बाहर निकाल लिया देखा तो उनका चेहरा और आँखें लाल हो गयी थी. फिर हम दोनो शवर से बाहर निकल के वापस कमरे मे आ गये और एक दूसरे को टवल से ड्राइ किया और फिर आंटी को 2 ग्लास फुल विस्की के पीला दिया तो आंटी को कुछ सुकून महसूस हुआ और आंटी बेड पे लेट गयी और 2 मिनिट के अंदर ही खर्राटे मारते हुए सो गयी. मैं धीमे पैरो से कमरा बंद कर के वापस बाहर निकल गया.
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07-10-2018, 12:22 PM,
#20
RE: Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --११



गतांक से आगे........................

रात बोहोत देर से घर वापस आया सोच रहा था के पिंकी को फोन करू इतने मे उसका खुद ही फोन आ गया तो मैं ने बता दिया के आंटी के तीनो सुराखो मे अपनी क्रीम निकाल चुका

हू तो उसने पूछा सच राजा तो मैं ने कहा हा सच मेरी जान अब बॅस थोड़े ही दीनो की बात है जब आंटी को मैं कुछ दिन तक और चोद लेता हू फिर जब वो कमरे के डोर की तरफ से उनका ध्यान हट जाए तो मैं दरवाज़ा खुला रखूँगा और तुम हम को चुदाई करते हुए रंगे हाथो पकड़ लेना उसके बाद फिर हम तीनो मिल के एक टाइम थ्रीसम करेंगे उसके बाद रास्ता सॉफ और फिर मैं तुम्है तुम्हारी ससुराल मे ही बिंदास चोदुन्गा तो वो खुश हो गयी और मुझे फोन पर ही किस करने लगी और फिर फोन सेक्स करते करते वो अपनी चूत मई उंगली डाल के अपनी चूत को चोद चोद के झाड़ गयी और फिर दोनो सो गये.

सुबह फिर मैं देर तक सोता रहा और आंटी के फोन से ही उठा. आंटी से पूछा आंटी कहा हो आप बेड पे ही हो या स्नान कर चुकी हो तो बोली के राज्ज अभी तक बेड मे ही लेटी हू यह क्या कर दिया तुम ने मुझे मेरे सारे बदन मे मीठा मीठा दरद हो रहा है ऐसा मीठा दरद और ऐसा मज़ा तो मुझे सुहाग रात के बाद भी नही आया था तो मैं हंस दिया और बोला के आंटी आप तो जवानो से ज़ियादा जवान हो तो उन्हो ने बोला के राज्ज एक बात मनोगे तो मैं ने बोला के अरे आंटी आप ऑर्डर करो बस तो बोली के राज्ज मुझे तुम्हारे साथ ज़िंदगी का वो मज़ा मिला है जो मुझे आज तक कभी नही मिला था बस तुम से इतनी रिक्वेस्ट है के तुम मेरी चुदाई की इच्छा को पूरी करते रहना तो मैं ने बोला के आंटी आप क्यों फिकर करती हो मैं डेली रात को आपके पास आ जाउन्गा तो उन्हो ने थॅंक्स बोला और हस्ते हुए बोली के सुनो वो बॉटल नही भूलना तो मैं हंस के बोला के आंटी आप फिकर ना करो मैं आपके बदन का और बॉटल का कोटा पूरा करूँगा तो उन्हो ने मुझे फोन पे ही किस किया तो मैं ने पूछा आंटी अभी तक नंगी ही लेटी हो या कपड़े पहेन लिए तो बोली के नही मुन्नी आई थी उठाने वो चली गयी है पर मैं अभी तक नंगी ही लेटी हू तो मैं ने बोला के आंटी मैं जैसा बोलू वैसे ही करते जाओ और फिर मैं ने उनको फर्स्ट टाइम फोन सेक्स करना सिखाया और फिर आंटी अपनी चूत मे उंगली डाल के चोद्ति चली गयी और थोड़ी ही देर मे झड़ने लगी जिसे मैं ने फोन पर सुना. जब उनका जूस निकलना बंद हो गया तो उन्हो ने बड़ी सेक्सी आवाज़ मे बोला के यहा आ जाओ ना मेरे राजा और लंच हमारे साथ ही कर लो तो मैं ने बोला के आंटी अभी नही क्यॉंके आपकी बॉटल तो ख़तम हो गयी है मैं शाम तक आपकी बॉटल ले का आ जाउन्गा और फिर रात को जल्दी ही आ जाउन्गा और फिर कंप्लीट रात हमारी होगी तो उन्हो ने ठंडी साँस ले के पूछा राज्ज यह रात कब आएगी तो मैं हंस पड़ा और फिर थोड़े से फोन किस के बाद फोन रख दिया और मैं फिर से सो गया.

इसी तरह से आंटी की चुदाई और शराब की इच्छा मैं पूरी करता रहा और अब मैं और आंटी बिल्कुल किसी यंग लवर्स की तरह ही रहने लगे. मैं जब कमरे मे आता तो आंटी नंगी ही मेरा वेट

करती रहती और जैसी ही मैं अंदर आ जाता तो आंटी किसी नये लवर्स और किसी कुँवारी लड़की की तरह मुझ से लिपट जाती और फिर वोही शराब के बाद आंटी की जम्म कर चुदाई और गंद भी मारता और आंटी के मूह को भी चोद्ता और 69 भी करते और अब हम एक दम से बिंदास हो के करने लगे थे जैसे किसी का भी डर ना हो और अब तो कमरे को अंदर से बंद करने का भी होश नही रहता आंटी को चुदने की इतनी जल्दी होती थी के उनको परवाह ही नही होती के कमरा अंदर से बोल्ट किया हुआ है या नही तो मैं ने एक दिन पिंकी से टाइम सेट कर लिया और बोला के मैं तुम्है तुम्हारे मोबाइल पे कॉल करूँगा तुम आन्सर नही करना और कॉल को बंद कर के उसके 5 – 7 मिनिट के अंदर ही कमरे के अंदर चली आना.

और फिर उस दिन मैं अंदर आ गया, आंटी नंगी ही कमरे मे टेहल के मेरा वेट कर रही थी और उस दिन मैं विस्की और शॅंपेन दोनो की एक एक बॉटल ले के आया था और टेबल पे रख दिया जिसे आंटी बड़ी बे चैनि से खोल के दोनो मिला के पीने लगी. इतने दीनो से पीते पीते अब आंटी 1 ग्लास मे आउट नही होती थी बलके 2 या 3 ग्लास पीने के बाद ही आउट होती थी. उस रात को कमरे के अंदर आने के बाद मैं डोर को अंदर से बोल्ट नही किया और खुला ही छोड़ दिया था और आंटी को 3 – 4 ग्लास मिक्स कर के शराब पीला दिया और शराब पीते पीते ही आंटी के पैरो के बीच मे बैठ के उनकी चूत को चूस चूस के उनका जूस निकल दिया और फिर खड़े हो के उनके मूह के अंदर अपना लंड डाल के उनका मूह को चोदने लगा.

आंटी के हाथ मे शराब का ग्लास था और वो मेरे लंड को चूस रही थी और थोड़ी थोड़ी देर मे लंड अपने मूह से बाहर निकाल के शराब के ग्लास से चुस्की भी ले रही थी. एक टाइम आंटी ने लंड को मूह से बाहर निकाला और मेरे लंड को अपने शराब की ग्लास मे डुबो दिया और बाहर निकाल के मेरे लंड पे से शराब चाटने लगी वाह क्या मज़ा आ रहा था. अब आंटी को ऐसा करना बोहोत ही अछा लग रहा था जिसकी वजह से वो अब बार बार मेरे लंड को अपने ग्लास मे डालती और जो शराब मेरे लंड पे लगती उसको चूस्ति मुझे भी बोहोत ही मज़ा आ रहा था और कभी तो मेरे लंड को अपनी मुथि मे पकड़ के मूठ भी मार देती और इसी बीच जब मैं झड़ने को आ गया तो मैं अब उनके मूह मे ही लंड को घुसेड के चोदने लगा और दीवानो की तरह से चोद रहा था और ऐसा करने से लंड उनके हलक के अंदर तक घुस्स रहा था और फिर जब मेरी क्रीम निकलने के लिए रेडी हो गयी तो अपना लंड उनके मूह से बाहर निकाल लिया और खुद ही अपने लंड का मूठ मारने लगा और फिर एक ही मिनिट के अंदर जब क्रीम निकलने लगी तब मैं ने अपने लंड को आंटी के शराब के ग्लास की दिशा मे मोड़ दिया और उनके

शराब के ग्लास मे मेरी मलाई की मोटी मोटी गरम गरम धारियाँ गिरने लगी और आंटी मुस्कुरा के कभी अपने ग्लास की तरफ देखती तो कभी मेरे चेहरे की तरफ. मेरे लंड से निकली गाढ़ी गाढ़ी मलाई ग्लास के पेन्दे मे सेट्ल हो चुकी थी जिसे आंटी ने अपनी उंगली से हिलाया और जब मेरी मलाई और शराब अछी तरह से मिक्स हो गये तो फिर बची हुई सारी शराब एक ही घूँट मे पी गयी और होटो पे ज़ुबान फेरते हुए चटखारा लेते हुए नशीली आँखो से मुझे देखते हुए बोली के वाह राजा ऐसी शराब का तो नशा और मज़ा ही कुछ और है और फिर हम दोनो हस्ने लगे.

आंटी को अब थोडा थोड़ा नशा चढ़ने लगा था और अब आंटी को चुदाई की इच्छा हो रही थी. उनकी चूत को चूस्ते चूस्ते एक बार तो वो झाड़ ही चुकी थी और अब वो गरम भी होने लगी और सोफे से उठ ते हुए बोली के चल राजा आजा और चोद डाल अपनी आंटी की प्यासी चूत को. इतनी देर मे मेरा लंड फिर से किसी रॉकेट की तरह से खड़ा हो चुका था तो आंटी मेरे लंड को पकड़ के खीचते हुए मुझे बिस्तर की तरफ ले गयी और मैं उनके साथ चलने लगा पर साथ मे टेबल से अपना मोबाइल जिसमे पिंकी के मोबाइल के नंबर को डाइयल पे रेडी रखा था. अब आंटी काफ़ी ला परवाह हो गयी थी और धीमी लाइट जलाने लगी थी. पहले तो आंटी ने मुझे बेड पे लिटा दिया और मेरे ऊपेर उल्टा 69 की पोज़िशन मे आ गयी और मेरे लंड को चूसने लगी और अपनी चूत को मेरे मूह मे रगड़ने लगी. उनकी चूत अंदर से लाल हो गयी थी और इतने दीनो से लंड की मार झेलते झेलते उनकी चूत के पंखाड़ियान भी थोड़े से सूज कर मोटे हो चुके थे. उनकी चूत मे से जूस कंटिन्यू निकल रहा था और मेरे दाँत उनकी चूत के अंदर लगने से उनको बोहोत ही मज़ा आ रहा था जिसे से वो बोहोत ही जोश मे आ गयी थी और अपनी गंद उठा उठा के मेरे मूह पे अपनी चूत को ज़ोर ज़ोर से मार रही थी और देखते ही देखते आंटी की चूत का दबाव मेरे मूह पे बढ़ने लगा और वो काँपते हुए झड़ने लगी. जब अछी तरह से झाड़ गयी तो थोड़ी देर तक मेरे लंड को चूस्ति रही और मैने भी चाट चाट कर उनकी चूत को सॉफ कर दिया और वो फिर से गरम होने लगी. मैने अब पोज़िशन चेंज कर के आंटी को नीचे लिटा दिया और आंटी अपने घुटने मोड़ के लेटी थी. मैं उनके पैरो के बीचे मे आ गया और अपने पैर पीछे कर के लंड को एक ही झटके मे उनकी चूत के अंदर घुसेड दिया जिस से लंड डाइरेक्ट चूत मे घुसते हुए उनकी बचे दानी से टकरा गया और मस्ती मे आंटी की आँख बंद होते ही मोबाइल पे जो पिंकी का नंबर रेडी था उसका कॉल बटन दबा दिया जो पिंकी को इशारा था अंदर आने का. मैं आंटी को धना धन चोद रहा था और आंटी मुझे टाइट पकड़े हुए थी उनके पैर अब मेरी बॅक पे लपेटे हुए थे और मेरी गर्दन मे हाथ डाल के मेरे से लिपटी हुई थी. आंटी चुदाई का फुल मज़ा ले रही थी और अपनी गंद उठा उठा के मस्ती

मे चुदवा रही थी और साथ मे चिल्ला भी रही थी चोद डाल राजा चोद डाल अपनी आंटी की चूत को आअहह ऊऊहह ब्ब्बाअद्द्दाआअ म्‍म्माआज़्ज़्ज़्ज़ाआ हीईएईईईई र्र्रररीई त्त्तीईर्र्रीए सीखहूवुड्न्नेयियी म्‍म्मीइ और आंटी यह कहते हुए मेरे से बड़ी ज़ोर से चिपकी हुई थी मुझे टाइट पकड़ा हुआ था और उनका बदन काँप रहा था और वो मस्ती मे चिल्ला रही थी कच्छूड्दद राअज्जजाअ आहह आऐईीइसस्सीए हहिईीईई माअरररर ज़्ज़्ज़ूओररर सस्सीई आआओउन्न्ञट्त्तिईइ क्क्कीईइ कक्चहूवततत्त ककककूऊ और उनका बदन किसी सूखे पत्ते की तरह काँपने लगा और वो मुझे बोहोत टाइट पकड़ के झड़ने लगी पिंकी अंदर आ चुकी थी और उसने वो सब कुछ देख भी लिया था और सुन भी लिया था पिंकी ने लाइट का बल्ब जला दिया और कमरे मे रोशनी फैल गयी पर आंटी की आँखें तो उनके ऑर्गॅज़म के चलते बंद ही थी इसी लिए उनको पता नही चला और फिर जैसे ही उनका ऑर्गॅज़म ख़तम हुआ और उन्हो ने आँखें खोली तो देखा कमरे मे रोशनी फैली हुई है, मेरा लंड आंटी की चूत के अंदर घुसा हुआ है और हम दोनो नंगे ही एक दूसरे से लिपटे हुए है और पिंकी बेड के साइड मे खड़ी है, उसका मूह खुला हुआ है, और वो कभी हम दोनो को और कभी टेबल पे रखी शराब की बॉटल को हैरत से आँखें फाड़ फाड़ के देख रही है, पिंकी को अपने सामने देखते ही आंटी की आँखें हैरत और डर से फैल गयी और बोली के ““अरे बहू तूमम ?? . मैं ने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाल लिया और उनके ऊपेर से उठ गया और मेरा लंड अभी भी आकड़ा हुआ था और जोश मे हिल रहा था. इतनी जल्दी चूत से बाहर निकाल ने की वजह से लंड मे से मलाई अभी भी टपक रही थी और आंटी की चूत और पेट पे गिर रही थी.

आंटी नंगी ही फॉरन बिस्तर से उठने की कोशिश करने लगी पर कुछ ऑर्गॅज़म का असर और कुछ शराब का नशा वो जल्दी उठ नही पायी और फिर जैसे ही बिस्तर से नीचे उतर गयी और नंगी ही झुक के पिंकी के पैर पकड़ लिए और बोली के बहू मेरी इज़्ज़त अब तुम्हारे हाथ मे है प्लीज़ किसी को कुछ ना बताना तो पिंकी ने आंटी को बगल से पकड़ के उठा लिया और बोली के नही मम्मी आप फिकर ना करो मैं किसी को कुछ भी नही बताउन्गि और फिर उठ ते हुए बोली के तू बड़ी अछी है तू मेरी बहू नही मेरी बेटी है तो पिंकी ने अपनी नाक बंद करली आंटी समझ गयी के पिंकी को उनके मूह से शराब की बू आ रही होगी तो वो खुद भी थोड़ा सा पीछे हट गयी और अपने कपड़े ढूँदने लगी तो पिंकी ने बोला के डॉन’ट वरी मम्मी मैं जा रही हू आप ऐसे ही सो जाओ मैं सुबह आपके पास आ जाउन्गि और आंटी को बेड पे लिटा के चदडार उधा दिया और फिर पिंकी मेरा हाथ पकड़ के नंगा ही मुझे दूसरे कमरे मे ले गयी और फॉरन ही मेरे लंड को पकड़ के दबाने लगी. वो मेरे लंड मे से टपकते क्रीम को

देख कर ही पागल हो गयी थी. पिंकी की नाइटी उतार के वही खड़े खड़े ही उसकी एक टांग उठा के उसकी गीली चूत मे अपने मूसल कोपेल दिया. लंड मेरे और आंटी की क्रीम से गीला हो कर चमक रहा था और पिंकी के गीली चूत के अंदर घुसते ही बोला के तुम्हारी सास का जूस अब तुम्हारी चूत के अंदर है तो वो मुस्कुरा के मुझे किस करने लगी. मैने पिंकी को उसकी गंद पकड़ के उठा लिया और खड़े खड़े ही उसको चोदने लगा और वो मस्ती मैं आआग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह र्र्र्राआअज्ज्ज्ज्ज आऐईएसस्स्सीई ह्ह्ह्हीईइ कक्चहूऊद्ददड़ूऊव उउउफफफफफफ्फ़ और मेरी गर्दन मे हाथ डाले मेरे लंड पे उछलती रही और थोड़ी ही देर मे उसका बदन काँपने लगा और वो झड़ने लगी और मेरी मलाई भी निकल के उसकी चूत मे गिरने लगी और जैसे ही उसको नीचे उतारा उसकी चूत से हम दोनो की क्रीम टपक टपक के फ्लोर पे गिरने लगी. उसकी आवाज़ें उसकी सास के कानो तक पहुँच रही थी. उसकी सास को पता चल गया था के मैं पिंकी को चोद रहा हू पर वो कुछ बोल ही नही सकती थी और खामोश रही. मैं थोड़ी देर के बाद अपने घर वापस आ गया.
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