Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
03-31-2019, 10:57 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
धीरज मन ही मन अपने और तान्या के रिलेशन्स के बारे में डॉली को बताने के प्लस और माइनस सोचने लगा, और फिर उसने डिसाइड किया कि अभी उसके लिए सही वक़्त नही है. 

"और क्या ऑप्षन है?" धीरज ने पूछा. "तुम और राज अभी भी एक दूसरे के सपने देखते हो, ये तुम दोनो की शादी शुदा जिंदगी के लिए सही नही है. मुझे लगता है ऐसा कर के लोंग रन में तुम राज और तान्या की शादी शुदा जिंदगी को सही तरह से चलाने में मदद करोगी.”

"हे भगवान, धीरज, तुम कहना क्या चाहते हो? " डॉली ने हताशा भरी आवाज़ में पूछा, "क्या तुमको लगता है कि इन्सेस्ट का जो पाप हम पहले से कर चुके हैं उसको जारी रखने से उनकी मॅरीड लाइफ बेहतर हो पाएगी? मुझे तो कुछ समझ में नही आ रहा.” 

धीरज उसकी बात सुनकर हँसने लगा, और उसने डॉली के कंधे को अपने हाथ से दबाते हुए अपनी उसको अपने पास खींच लिया. 

"तो फिर ठीक है," धीरज बोला. "जैसा मैने पहले भी पूछा था, और कोई ऑप्षन है क्या?"

"मुझे नही पता," डॉली बुदबुदाते हुए बोली. "मुझे सच मुच कुछ समझ में नही आ रहा, धीरज.” 

जैसे ही धीरज ने डॉली के सिर के उपर चूमा, उसको अपने छाती पर डॉली के आँसू का गीलापन महसूस हुआ.

"चलो इस मसले को हम फिर कभी तसल्ली से सुलझायेंगे," धीरज बोला. 

डॉली ने सहमति में अपनी गर्दन हिला दी, और अपने हथेलि के पिछले हिस्से से अपनी आँखों में आ रहे आँसू को पोंछ लिया.

"नो मॅटर व्हाट, एक बात हमेशा याद रखना मैं तुमको बेहद प्यार करता हूँ," धीरज बोला.

"मुझे पता है ," डॉली ने धीरज को अपनी बाँहों में भरते हुए कहा. “मैं सोच भी नही सकती किसी और का हज़्बेंड इतना ज़्यादा ... अंडरस्टॅंडिंग.... या ओपन माइंडेड होगा? जो कुछ तुमने सजेस्ट किया है... आइ लव यू सो मच, धीरज!"

"आइ लव यू, टू, मेरी जान." दोनो बीच की सॅंड पर लेते हुए, अपने विचारों में कहीं खो गये. 

हालाँकि धीरज सच्चे मन से डॉली की मदद करना चाहता था, लेकिन कहीं ना कहीं उसके मन में तान्या के साथ खुद के रीलेशन को जायज़ ठहराने की भी मंशा थी. डूली और राज क्या कुछ करने वाले थे इस से उस का कोई लेना देना नही था. लेकिन कहीं ना कहीं वो डॉली की उसके सगे भाई से चुदाई के बारे में सोचकर भी थोड़ा एग्ज़ाइटेड हो रहा था. वो मन ही मन डॉली के सपनों के साकार करने के बारे में सोच कर मुस्कुराने लगा 

डॉली समझ नही पा रही थी कि धीरज क्या सजेस्ट कर रहा है. धीरज चाहता था कि वो अपने भाई से उसकी सहमति से चुद्वाये. डॉली की ये बात सोच कर ही दोनो जांघों के बीच चूत से गरमी निकलने लगी, और वो अपने अंदर चल रहे अंतर्द्वंद पर काबू करने की कोशिश करने लगी. अगर वो धीरज की बात मान कर उसकी सहमति से राज से चुदाई करवा भी ले, लेकिन क्या राज और तान्या इस बात के लिए तय्यार होंगे?

"ये देखो वो रहे दोनो!" तान्या और राज उन दोनो को ढूंढते हुए बीच के उस सुनसान हिस्से तक आ पहुँचे, जहाँ धीरज और डॉली अगल बगल बीच की सॅंड पर लेटे पड़े थे. 

"लंच कर लिया तुम दोनो ने?" राज ने पूछा, और कनखियों से अपनी दीदी की तरफ देखने लगा, कि कहीं वो उस बहस को जारी रखना चाहती है या नही, जो धीरज के आने की वजह से बीच में ही छूट गयी थी. 

"नही, तुम दोनो ने नही किया हो तो चलो साथ ही कर लेते हैं?" धीरज ने खड़े होकर सॅंड( रेत ) को झाड़ते हुए जवाब दिया.

"साउंड्स ग्रेट! चलो!" धीरज ने तान्या का हाथ पकड़ लिया और दोनो बीच पर एक दूसरे के पीछे भागने लगे, और डॉली और राज को पीछे अकेला छोड़ दिया. 

"जाने हम दोनो को कब अकेलापन मिलेगा?" तान्या ने बीच हाउस की तरफ भागते हुए पूछा.

"कल मिलेगा," धीरज ने अपने चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान लाते हुए जवाब दिया. "कल सुबह हम दोनो जल्दी उठकर लाइटहाउस देखने जाएँगे," उसने अपनी आइब्रो चढ़ाते हुए जवाब दिया.

"म्म्म्मम. आइ कॅन'ट वेट," तान्या उसको बीच हाउस के अंदर खींचते हुए और अपना हाथ निकर के उपर से उसके लंड पर फिराते हुए बोली. तान्या ने अपनी स्विम्मिंग ड्रेस के उपर एक हल्का सा गाउन पहन रखा था, धीरज ने उसको नीचे से उठाकर अपना हाथ उस स्विम्मिंग कॉस्ट्यूम के पैंटी के उपर से तान्या की चूत पर ले जाकर चूत के उभार को सहलाने लगा. 

"कितना अच्छा होता अगर हम अभी इसी वक़्त चुदाई कर पाते," तान्या ने धीरज के कंधे के उपर से खिड़की में से देखते हुए कि राज और डॉली बीच हाउस से कितनी दूर हैं, फुसफुसाते हुए कहा. राज और डॉली बीच हाउस से करीब 100 फीट पहले समुंदर के पानी के पास रुक कर किसी बात पर बहस कर रहे थे. 

"तुम को तो पता ही है क्या करना है," तान्या ने स्माइल करते हुआ कहा, "अगर वो आते हुए दिखाई दें तो मुझे बता देना." तान्या ने धीरज का फेस विंडो की तरफ कर दिया, और स्विम्मिंग ट्रंक में से उसका लंड बाहर निकाल लिया, और नीचे फर्श पर घुटनों के बल बैठकर लंड को उसकी पूरी लंबाई तक आगे पीछे करने लगी.

"तान्या तुम भी ना...!" धीरज बस मुस्कुरा कर रह गया, जब तान्या ने उसके लंड को अपने गरम मूँह के अंदर ले लिया. धीरज ने उसके बाल पकड़ लिए, और लंड को उसके मूँह में अंदर बाहर करने लगा, तान्या के मूँह की चुदाई करते हुए वो विंडो में से बाहर अपनी बीवी और साले को देख रहा था. ये सोचकर कि वो दोनो भाई बेहन अपने इन्सेस्ट रिलेशन्स के बारे में बातें कर रहे हैं, धीरज और ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो रहा था. 

यहाँ तान्या धीरज के लंड को चूस रही थी, और उधर उसका पति राज अपनी बेहन के सामने दलील पेश कर रहा था. 

"मुझे कुछ नही पता, तुम क्या कह रही हो और क्या चाहती हो दीदी," राज बोला.

"कल रात को मेरी और धीरज की चुदाई की आवाज़ें सुन कर क्या तुम एग्ज़ाइटेड नही हो गये थे, सच सच बताओ, राज," डॉली ने सवाल पूछा.

"हां जिस तरह से आप आवाज़ें कर रहे थे, उसको सुनकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा?"

"बस चुदाई की आवाज़ों से नही राज, तुम मेरी चुदाई के बारे में सोच कर एग्ज़ाइटेड हो रहे थे!" डॉली ज़ोर से बोली, वो थोड़ा फ्रस्टरेटेड हो रही थी कि राज इस बात को मानने को तय्यार नही है कि वो दोनो भाई बेहन अभी भी अपने अपने पति पत्नी को चोदते हुए, एक दूसरे की चुदाई के बारे में फेंटसाइस करते हैं.

"वेल, शायद तुम सही कह रही हो दीदी," राज अपनी ग़लती मानते हुए बोला, उसकी आवाज़ में थोड़ा कंपन्न था, और ऐसा कहते हुए उसने अपनी एक हथेली अपनी डॉली दीदी की अध नंगी गान्ड पर रख दी. “तान्या के साथ चुदाई में वैसा मज़ा कभी नही आया जो आपके साथ आया करता था दीदी.”
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03-31-2019, 10:57 PM,
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डॉली ने जैसे ही अपने छोटे भाई राज की आँखों में आँखें डाल कर देखा, उसका खुद का चेहरा शरम से लाल हो गया. शायद धीरज सही कर रहा था, उन दोनो के बीच अभी बहुत कुछ होना बाकी है. डॉली ने अपने भाई का हाथ अपने हाथों में लेकर, उसको ज़ोर से दबा दिया.

"चलो अब चलना चाहिए," डॉली ने नीचे राज के स्विम्मिंग ट्रंक में बन रहे टेंट की तरफ देखते हुए कहा. 

"आइ मीन इट, डॉली दीदी," राज बोला जैसे ही डॉली बीच हाउस की तरफ मुड़कर आगे बढ़ने लगी.

"मुझे मालूम है राज," वो धीमे से फुसफुसाते हुए बोली.

“वो दोनो इसी तरफ आ रहे हैं!” धीरज ने तान्या की गले तक अपने लंड को पेलते हुए कहा. :”मैं बस होने ही वाला हूँ!” वो तान्या के बालों को पकड़ कर, ज़ोर ज़ोर से साँसें लेने लगा. तान्या उसके टट्टों को सहलाने लगी, और उसके होंठ लंड की पूरी लंबाई पर फिसलने लगे. तान्या अपनी जीभ को सुपाडे पर फिराने लगी, और धीरज अपने चरम पर पहुँच गया. 

"ओह्ह्ह्ह! बेहनचोद!" धीरज ज़ोर से चीख कर बोला, जैसे ही उसके लंड ने वीर्य के पानी के तेज पिचकारी तान्या के मूँह के अंदर छोड़ी. तान्या लंड को अपनी मुट्ठी में भरकर उपर नीच कर रही थी, उसको चूस रही थी और वीर्य के पानी को निगल रही थी, और दोनो ने समय रहते काम ख़तम कर लिया, धीरज ने तुरंत अपना लंड स्विम्मिंग ट्रंक के अंदर घुस लिया. 

"चलो खाना को रेस्टोरेंट से आए काफ़ी टाइम हो चुका है, इसको माइक्रोवेव में गरम कर लेते हैं," तान्या ने डॉली और राज को बीच हाउस के डोर में से अंदर दाखिल होते हुए देखकर कहा. तान्या अपना मूँह पोंछ चुकी थी और डाइरेक्ट कोक की कॅन से कोक के बड़े बड़े घूँट ले रही थी.

"ठीक है," डॉली ने बिना कुछ सोचे जवाब दिया, और अपनी भाभी के पीछे पीछे किचन की तरफ चल दी.

दोपहर में लंच के बाद, राज गोआ के चर्चस देखने के लिए अकेला चला गया, बाकी तीनों में से चर्च देखने में कोई इंट्रेस्टेड नही था, तीनों आराम करके एक एक नींद निकालने में ज़्यादा इंट्रेस्टेड थे.

शाम को डिन्नर के बाद, सभी ने एक साथ बैठकर डीवीडी पर ग्रांड मस्ती मूवी देखी. धीरज ने सब कुछ इस तरह से प्लान किया, कि अगले दिन सुबह लाइटहाउस देखने जाने के लिए बस धीरज और तान्या ही तय्यार हुए, और तान्या को अगले दिन सुबह जल्दी टाइम से लाइटहाउस देखने जाने का प्रोग्राम फाइनल कर लिया. 

बेड रूम में पहुँचने के बाद डॉली ने अपने कपड़े उतारते हुए, धीरज से सुबह को बीच में छूटी हुई बात को आगे बढ़ाते हुए धीरे से कहा, “मुझे लगता है तुम सही कह रहे थे.”

"किस बारे में?" धीरज ने बेड पर कपड़े उतारकर नंगे ही चढ़ते हुए कहा, और अपनी बीवी को नंगा होते हुए देखने लगा.

"कि अभी भी राज और मेरे बीच बहुत कुछ होना बाकी है," डॉली ने अपनी पैंटी को उतारकर दूर फेंकते हुए, और बेड के पास खड़े होते हुए कहा. डॉली अपने पति के रिक्षन का इंतेजार करने लगी. धीरज बस मुस्कुरा कर रह गया. 

"तुमको ऐसा क्यों लगता है?" धीरज ने बेड पर खिसक कर डॉली के लिए जगह बनाते हुए पूछा. डॉली कुछ भी बोलने से पहले, बेड पर उसके पास आकर बैठ गयी. 

"जो कुछ राज ने दोपहर को उसके साथ हुई बात चीत में कहा, उसको सुनकर मुझको ऐसा ही लगता है." डॉली उसके पास चिपक कर लेटते हुए और उसके शरीर पर हाथ फिराते हुए बोली. “लेकिन अभी भी मैं स्योर नही हूँ, की हमको ऐसा करना चाहिए या नही."

"मैने इस विषय पर आज दोपहर को बहुत रिसर्च की, मैने इस बारे में चर्च के एक पादरी से भी बात की," धीरज ने उसको बताया. 

"क्या चर्च के पादरी से इस बारे में बात की?" डॉली ने अविश्वास में उसकी तरफ घूरते हुए पूछा. 

"डॉन'ट वरी. मैने उनको बताया कि मैं एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हूँ, और इस टॉपिक पर रिसर्च कर रहा हूँ. पादरी ने बताया कि इन्सेस्ट इतना भी रेर नही है जितना लोग समझते हैं, लेकिन फिर भी इसको समाज में प्रोत्साहित करना ग़लत होगा. जो इन्सेस्ट करते हैं, उनको ही इसके सही या ग़लत के बारे में फ़ैसला लेने के लिए छोड़ देना चाहिए.”

"सच में उन्होने ऐसा कहा?" डॉली ने अपना सिर धीरज के कंधे पर रख दिया, और कुछ सोचने लगी. “तो तुम ने क्या सोचा, क्या मुझे और राज को.....” डॉली ने अपनी बात को बीच में अधूरा छोड़ दिया. 

"सब कुछ तुम्हारे उपर है, जैसा तुम ठीक समझो वैसा करो," धीरज ने उसको सिर के उपर किस करते हुए कहा. "ऑल आइ'म सेयिंग ईज़... कि मुझे इस बारे में कोई आपत्ति नही है."

"मुझे समझ में नही आ रहा, मैं राज से कैसे इस बारे में बात करूँगी," डॉली ने कहा, और अंजाने में ही वो धीरज के सजेशन को स्वीकार कर चुकी थी. 
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03-31-2019, 10:57 PM,
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"तान्या और मैं कल सुबह लाइट हाउस देखने जाएँगे, और पूरे दिन बाहर ही रहेंगे, धीरज बोला. “राज सुबह देर तक सोता है. तुम उसको जगाते हुए कुछ ऐसा करना कि वो ज़्यादा रेज़िस्ट ही ना कर पाए.”

"अच्छा, तुम बहुत एक्सपर्ट हो रहे हो?" डॉली ने मुस्कुराते हुए धीरज को सीधा लिटाते हुए बोला, "चलो पहले थोड़ी सी प्रॅक्टीस तुम्हारे साथ कर लेती हूँ?"

"सच में," धीरज हँसते हुए बोला, डॉली ने उसको खड़े लंड को अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया और धीरज के उपर आते हुए उसके लंड को अपनी चूत के छेद पर लगाने लगी. धीरज के समझ में नही आ रहा था कि उसकी बीवी अपने भाई से चुदने वाली है, और इसके बारे में सोचकर उसका लंड क्यों खड़ा हो रहा है.

****


धीरज सुबह 8 बजे जब अपने रूम से निकल कर आया तो उसने तान्या को नहा धोकर, अच्छे कपड़े पहनकर चलने के लिए बिल्कुल तय्यार पाया. तान्या ने पिंक टी-शर्ट और टाइट वाइट शॉर्ट्स पहन रखे थे, जो उसकी गान्ड से बिल्कुल चिपके हुए थे. धीरज को लगा उसका लंड ये देखकर ही सलामी देने लगा है, तो सारा दिन कैसे बीतेगा. तान्या धीरज से चिपक कर खड़ी हो गयी, और अपने हाथ पीछे ले जाकर उसने धीरज की गान्ड की गोलाईयों को दबा दिया. 

"बाकी सब सो रहे हैं ना?" तान्या ने अपना मूँह धीरज के लिप्स के पास लाते हुए पूछा.

"डॉली बाथरूम में नहा रही है," धीरज फुसफुसाते हुए बोला, और अपने होंठों को तान्या के होंठों के पास लाकर, उसने अपनी जीभ तान्या के होंठों के बीच घुसा दी. दोनो चिपक कर बहुत देर तक, तब तक किस करते रहे, जब तक कि बाथरूम से आ रही शवर की आवाज़ आनी बंद नही हो गयी. 

“हमको अब चलना चाहिए" धीरज ने किस को तोड़ते हुए, और थोड़ा पीछे होते हुए अपनी साँसों पर नियंत्रण करते हुए बोला.

"तुम मुझको कहीं बहुत दूर तो लेकर नही जा रहे ना," तान्या ने मुस्कुराकर उसका हाथ पकड़ते हुए बाहर आते हुए पूछा.

"आज तो तुमको जन्नत की सैर कर्वाउन्गा," धीरज हंसते हुए बोला, और बीच हाउस पर भाई बेहन को अकेला छोड़ कर दोनो प्रेमी प्रेमिका की तरह सड़क पर चल दिए.

डॉली ने बॉडी वॉश लगाकर बहुत देर तक शवर लिया, और अपने आप को पूरी तरह अंदर बाहर सब जगह सॉफ कर लिया. जब वो टवल से अपने बदन को पोंछ रही थी, तब उसकी चूत में ऐसी आग लग रही थी मानो उसने चूत में वाइब्रटर घुसा रखा हो. डॉली ने अपनी बगल में, चूंचियों के नीचे और जांघों के अन्द्रुनि हिस्से में पर्फ्यूम लगाया, उसको अभी भी विश्वास नही हो रहा था कि वो क्या करने जा रही है... और वो भी अपने पति की पर्मिशन के साथ... नही पर्मिशन नही शायद एनकरेज्मेंट के बाद....

रूम में आकर वो मिरर के सामने नंगी ही खड़ी हो गयी, और सोचने लगी अपने छोटे भाई को सिड्यूस करने के लिए उसको क्या पहनना चाहिए. डॉली ने नाइट्गाउन, टी-शर्ट सब कुछ रिजेक्ट करते हुए... फाइनली डिसाइड किया कि वो कुछ नही पहनेगी. 
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03-31-2019, 10:57 PM,
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राज के रूम का डोर थोड़ा सा खुला हुआ था. डॉली ने हल्का सा धक्का देकर उसको खोल दिया, और अंदर आकर राज को सोता हुआ देखने लगी. डॉली का दिल जोरों से धड़क रहा था, और वो किसी तरह अपनी साँसों पर काबू रखे हुए थी, और अपने आप को समझाने की कोशिश कर रही थी. डॉली के गाल सुर्ख लाल हो चुके थे, और उसकी चूत में खुजली मच रही थी, वो धीमे धीमे राज के बेड की तरफ चल पड़ी. डॉली ने एक गहरी साँस ली, और राज ने चादर ओढ़ रखी थी, उसको राज के उपर से खींच कर हटा दिया. 

डॉली को पता नही था कि राज चुदाई का सपना देख रहा है, डॉली ने केर्फुली उसको फिर से चादर ऊढा दी, और बेड पर उसके पास बैठ गयी. राज ने पाजामा पहन रखा था, और उसका लंड पाजामे में टेंट बना रहा था. डॉली सोचने लगी कि राज क्या सपना देख रहा होगा, और फिर उसने केर्फुली पाजामे के नाडे को खोल कर, उसके खड़े हुए लंड को आज़ाद कर दिया, राज ने पाजामे के नीचे कुछ नही पहन रखा था. क्या राज उसके बारे में सपना देख रहा था?

राज अपनी सग़ी बड़ी बेहन यानी डॉली दीदी की बारे में ही सपना देख रहा था. ये वो ही सेम सपना था जो वो पिछले सालों में कयि बार देख चुका था, बस वो यादें जब उसने डॉली दीदी की चूत का उद्घाटन किया था, जब पहली बार कोई लंड डॉली दीदी की चूत में अंदर घुसा था. वो यादें डीटेल में अब भी उसके जेहन में घूमती रहती थी, जब डॉली दीदी उसके खड़े हुए लंड को अपनी चूत में घुसाकर उसके उपर बैठ गयी थी, और वो दीदी की चुचियों को मसल रहा था, और फिर अपनी दीदी की मुलायम, गरमा गरम चूत में उसके लंड ने अपना लावा उगल दिया था. लेकिन इस बार सपना कुछ और ज़्यादा जीवंत था, और वो दीदी की चूत की चिकनाहट और गर्माहट को महसूस कर रहा था. 

अपने छोटे भाई के लंड को आज़ाद करने के बाद, डॉली उसको सब तरफ से चाटने लगी, और अपने थूक से उपर से नीचे तक सब तरफ से गीला करने के बाद, उसने उसके सुपाडे को अपने मूँह में ले लिया. अपने हाथ से लंड को उपर नीचे करते हुए वो लंड के सुपाडे पर अपनी जीभ फिरा रही थी, और अपने होंठों के बीच अपने भाई के खड़े हुए लंड को जकड रखा था. अपने सगे छोटे भाई के लंड को चूसते हुए, और अपने हाथों से उसके टट्टों को सहलाते हुए डॉली भी बेहद गरम हो चुकी थी. 

राज धीरे धीरे अपने चुदाई के सपने से बाहर निकाला, और जैसे ही उसने अपनी आँखें खोली, उसने देखा कोई लंबे बालों वाली लदी उसके लंड को चूस रही है. एक बार तो उसको लगा कि वो अभी भी सपना ही देख रहा है, और उसने अपनी आँखें एक बार फिर से बंद कर ली, और लंड चुसवाने का आनंद लेने लगा. 

लेकिन तभी उसके दिमाग़ में आया, कि ये तो उसके सपने का पार्ट नही था. उसने मिचमिचा कर अपनी आँखें खोली, और अपने सिर को झटका मार कर हिलाया, और आँखों के सामने से धूंधलका हटते ही उसने अपनी डॉली दीदी की आँखों में देखा. दो एक पल एक दूसरे की आँखों में ही देखते रहे, और फिर राज ज़ोर से तेज आवाज़ में बोला, “डॉली दीदी...”

"दीदी ! आप ये क्या कर रही हो?" राज ने चीख कर पूछा, और डॉली के सिर को डोर धकेलने का प्रयास किया, और बेड पर उठकर बैठने लगा. डॉली भी एक बार को अचकचा गयी, और वो तेज़ी के साथ जल्दी जल्दी अपने भाई का लंड चूसने लगी. 

डॉली ने थूक से पूरी तरह गीले हो चुके लंड पर अपना हाथ उपर नीचे चलाना जारी रखा, और अपने फिंगरटिप्स से उसकी गोलियों को छेड़ने लगी, और लंड के सुपाडे को अपने मूँह में भरकर अपनी जीभ को उसके उपर फिराने लगी. राज का हाथ डॉली के सिर से एक इंच पहले ही रुक गया, और वो लंड चुस्वाते हुए अपनी दीदी से मूठ मरवाने का आनंद लेने लगा, और वो भी अपनी गान्ड उठा उठाकर अपने लंड को दीदी के मूँह में और ज़्यादा अंदर तक घुसाने लगा. 

"ओह दीदी!" राज ज़ोर से चीखते हुए बोला. "ये आप क्या कर रही हो?" उसके सवाल में भी सिसक छुपी हुई थी, और डॉली ने उसके लंड को अपने मूँह और ज़्यादा अंदर तक ले लिया. डॉली दीदी का इस तरह उसके खड़े हुए लंड पर यकायक हमला आज पहली बार हुआ था, ऐसा उसने पहले कभी एक्सपीरियेन्स नही किया था, और राज अपनी गान्ड को उपर उछालने लगा, और ताल से ताल मिलाते हुए उसके लंड ने दीदी के मूँह में गरम गरम वीर्य की पिचकारी छोड़ दी. 

राज कुछ नही सोच पा रहा था.... वो किसी तरह साँस ले रहा था... ये सब क्या हो रहा था? उसकी साँसें तेज तेज चल रही थी. इस सब की शुरूवात एक सपने से हुई थी.... लेकिन डॉली दीदी तो सचमुच में... दीदी के मूँह में लंड.... आआहह...

डॉली दीदी उसके लंड को चूस रही थी..... हे भगवान!

डॉली अपने भाई के लंड से निकली नमकीन वीर्य की हर बूँद को चाट का अंदर सटक रही थी, और साथ साथ लंड को मुठिया भी रही थी. जब वीर्य की आख़िरी बूँद भी निकल गयी, तब डॉली ने लंड के सुपाडे को मुँह में लेकर वॅक्यूम बनाया और अपनी उंगलियों से टट्टों में क़ैद गोलियों को सहलाते हुए, लंड को दूसरे हाथ से मुठियाने लगी. राज का लंड फिर से तन कर तय्यार हो गया, डॉली लंड पर जब तक अपनी जीभ फिराती रही जब तक लंड फिर से पूरी तरह फनफनाने नही लगा.

"दीदी," राज फुसफुसाते हुए बोला, उसको कुछ भी समझ में नही आ रहा था. 

डॉली ने राज को सोचने समझने या विरोध करने का कोई समय नही दिया, और अपने होंठों को लंड से हटाकर उपर राज के पेट तक ले आई. और अपनी चूत के छेद को लंड के उपर सीध में लाते हुए, अपने भाई के लंड को अपनी चिकनी चूत में आराम से घुसा लिया. इस से पहले की राज कुछ सोच समझ पाता, उसका सपना हक़ीक़त में बदल चुका था, और उसकी दीदी उसके लंड को अपनी चूत में घुसाकर उसके उपर सवारी कर रही थी. राज ने अपने अपने हाथों को अपनी दीदी की चूंचियों की तरफ बढ़ाते हुए अपने स्वप्न को साकार करने लगा.
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03-31-2019, 10:57 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
डॉली तो सातवें आसमान में पहुँच चुकी थी! आख़िर वो अपने छोटे भाई को चढ़कर चोद रही थी ! वो राज के लंड को चूत में घुसाकर उसके उपर उछल रही थी, आख़िर इन्सेस्ट की चुदाई का मज़ा ही अलग है, और ये सब उसके पति धीरज का आइडिया था!

तभी अचानक डॉली के दिमाग़ में सब कुछ सॉफ हो गया, उसको पता चल चुका था कि वो जो कर रही है वो सही है, और अपने छोटे भाई की आँखों में आँखें डाल कर उसने देखा, डॉली ने महसूस किया कि राज को भी ये ही सही लग रहा है. डॉली अपने इस लम्हे को यादगार बनाने के लिए हर भरसक कोशिश कर रही थी.

डॉली कुछ नया करना चाहती थी... कुछ अलग... कुछ बेहतर. धीरे धीरे उसने लंड के उपर उछालने की रफ़्तार धीमे कर दी, और अपनी चूत की मसल्स से अपने भाई के लोहे की रोड की तरह खड़े लंड को निचोड़ने लगी. अपनी गान्ड को धीमे धीमे गोल गोल घुमाते हुए, वो इतना नीचे झुक आई की अब उसकी चूंचियाँ राज की छाती से दबाने लगी, और दोनो के मूँह पास आ गये. 

दोनो के होंठ मिलते इस से पहले, और एक दूसरे के मूँह में जीभ प्रवेश करती, डॉली ने कहा "आइ लव यू, राज." डॉली अपनी जीभ और होंठों का तालमेल बिठाते हुए राज के होंठों को चूस रही थी, और उसकी गान्ड भी कभी उपर कभी नीचे, और कभी गोल गोल घूमकर उनके साथ ताल से ताल मिला रही थी.

"म्म्म्ममम," राज अपनी दीदी के मूँह के अंदर ही कराह उठा, और उसके हाथ अपनी दीदी की गान्ड की गोल गोल गोलाईयों को दबोचने लगे. उसकी उंगलियाँ अपनी दीदी की मांसल गोलाईयों में गढ़ने लगी, और वो दीदी के हिप्स को अपने लंड पर उछलते हुए महसूस करने लगा. राज भी कामुक होकर दीदी के होंठों को चूमने लगा, और अपनी जीभ दीदी के मूँह में घुसाने लगा. 

डॉली धीरे धीरे इस सब का आनंद ले रही थी, और अपने भाई की जीभ को चूस रही थी, अपने निपल्स को भाई की छाती पर दबा रही थी, और अपनी चिकनी गीली चूत में लंड को घुसाकर उसको तड़पा रही थी. डॉली ने राज को बहुत सालों के बाद इस तरह किस किया था, और शायद इस तरह तो पहली बार किया था... इस पॅशन के साथ... और इस तरह पहली बार अपने संपूर्ण तन बदन को अपने भाई को भोगने के लिए सोन्प दिया था. 

इस से पहले की डॉली किस तोड़ती और राज के लंड को पूरी तरह अपनी चूत में सेट करती, दोनो बुरी तरह से हाँफ रहे थे. दोनो काम उत्तेजना के चरम पर पहुँच चुके थे, और दोनो एक दूसरे को इस तरह से मसल कर दबा रहे थे, मानो दोनो जानवर बन चुके हो. राज अपनी हथेलियों में दीदी की चूंचियों को भरकर मसल रहा था, और डॉली अपनी चूत को उपर नीचे होते हुए उसके लंड को अंदर बाहर कर रही थी. दोनो इन्सेस्ट की इस चुदाई का भरपूर मज़ा ले रहे थे.

"ओह्ह्ह्ह! ओह! राज! ओह, राज! ओह!" डॉली उसके लंड पर किसी रंडी की तरह सवारी कर रही थी, और अपनी चूत में लगी आग को अपने भाई के लंड से बुझाने का आनंद ले रही थी.

"हे भगवान! दीदी!" राज चीख कर बोला, और अपने लंड को दीदी की चूत में पेलते हुए, चूत के उपर नीचे होते हुए ताल से ताल मिलाने लगा. दीदी को चोदते हुए उनकी उछल रही चूंचियों को देखने की उसकी दिली तमन्ना पूरी हो रही थी. उसके लंड में आग लगी हुई थी, और उसकी दीदी उसके लंड की सवारी कर रही थी. राज अपना वीर्य दीदी की चूत के अंदर छोड़ना चाहता था. राज की ये दिली तमन्ना थी, ऐसा करने की वो ना जाने कितने सालों से तमन्ना लिए हुए था...भाड़ में जाए दुनियादारी... जो होगा देखा जाएगा...

"आह! अहह! ह्ह्र्र्र्ग्ग्ज्ज्ज्ग्च्च्च!" डॉली ने अपनी चूत की मसल्स को अपने भाई के लंड के उपर सिंकॉड लिया, और उसके सारे शरीर में ऑर्गॅज़म की मस्ती छा गयी. काँपते और बदन में झटके मारते हुए डॉली हाँफ रही थी, उस ओरगांस की मस्ती पर सवार होकर डॉली अपने भाई की छाती के उपर ढेर हो गयी.


जब दोनो की साँसें थोड़ी संयत हो गयी तब राज ने पूछा, "अब हम क्या करेंगे?" 

"मतलब?" डॉली ने अपनी चूत की मसल्स को अपने भाई के लंड के उपर सिकोडते हुए पूछा.

"इस वक़्त अब हम क्या करेंगे?" डॉली ने मुस्कुराते हुए और अपने छोटे भाई को उसकी थोड़ी पर चूमते हुए पूछा.

"नही, मेरा मतलब अब जब हम दोनो ने अपने पति पत्नी से बेवफ़ाई कर ही ली है." राज धीमे से बोला, उसका लंड अब भी अपनी दीदी की गरम गरम चूत में फिर से खड़ा होने लगा था.

"फर्स्ट थिंग्स, फर्स्ट." डॉली ने कहा, और अपना मूँह राज के मूँह पर दबा दिया, और अपनी चूत को राज के खड़े होते हुए लंड पर घिसने लगी. राज अपनी डॉली दीदी की इस हरकत का प्रतिरोध नही कर पाया और फिर से अपने इन्सेस्ट के सपने को साकार होते हुए देखने लगा.
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03-31-2019, 10:57 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
राज के रूम का डोर थोड़ा सा खुला हुआ था. डॉली ने हल्का सा धक्का देकर उसको खोल दिया, और अंदर आकर राज को सोता हुआ देखने लगी. डॉली का दिल जोरों से धड़क रहा था, और वो किसी तरह अपनी साँसों पर काबू रखे हुए थी, और अपने आप को समझाने की कोशिश कर रही थी. डॉली के गाल सुर्ख लाल हो चुके थे, और उसकी चूत में खुजली मच रही थी, वो धीमे धीमे राज के बेड की तरफ चल पड़ी. डॉली ने एक गहरी साँस ली, और राज ने चादर ओढ़ रखी थी, उसको राज के उपर से खींच कर हटा दिया. 

डॉली को पता नही था कि राज चुदाई का सपना देख रहा है, डॉली ने केर्फुली उसको फिर से चादर ऊढा दी, और बेड पर उसके पास बैठ गयी. राज ने पाजामा पहन रखा था, और उसका लंड पाजामे में टेंट बना रहा था. डॉली सोचने लगी कि राज क्या सपना देख रहा होगा, और फिर उसने केर्फुली पाजामे के नाडे को खोल कर, उसके खड़े हुए लंड को आज़ाद कर दिया, राज ने पाजामे के नीचे कुछ नही पहन रखा था. क्या राज उसके बारे में सपना देख रहा था?

राज अपनी सग़ी बड़ी बेहन यानी डॉली दीदी की बारे में ही सपना देख रहा था. ये वो ही सेम सपना था जो वो पिछले सालों में कयि बार देख चुका था, बस वो यादें जब उसने डॉली दीदी की चूत का उद्घाटन किया था, जब पहली बार कोई लंड डॉली दीदी की चूत में अंदर घुसा था. वो यादें डीटेल में अब भी उसके जेहन में घूमती रहती थी, जब डॉली दीदी उसके खड़े हुए लंड को अपनी चूत में घुसाकर उसके उपर बैठ गयी थी, और वो दीदी की चुचियों को मसल रहा था, और फिर अपनी दीदी की मुलायम, गरमा गरम चूत में उसके लंड ने अपना लावा उगल दिया था. लेकिन इस बार सपना कुछ और ज़्यादा जीवंत था, और वो दीदी की चूत की चिकनाहट और गर्माहट को महसूस कर रहा था. 

अपने छोटे भाई के लंड को आज़ाद करने के बाद, डॉली उसको सब तरफ से चाटने लगी, और अपने थूक से उपर से नीचे तक सब तरफ से गीला करने के बाद, उसने उसके सुपाडे को अपने मूँह में ले लिया. अपने हाथ से लंड को उपर नीचे करते हुए वो लंड के सुपाडे पर अपनी जीभ फिरा रही थी, और अपने होंठों के बीच अपने भाई के खड़े हुए लंड को जकड रखा था. अपने सगे छोटे भाई के लंड को चूसते हुए, और अपने हाथों से उसके टट्टों को सहलाते हुए डॉली भी बेहद गरम हो चुकी थी. 

राज धीरे धीरे अपने चुदाई के सपने से बाहर निकाला, और जैसे ही उसने अपनी आँखें खोली, उसने देखा कोई लंबे बालों वाली लदी उसके लंड को चूस रही है. एक बार तो उसको लगा कि वो अभी भी सपना ही देख रहा है, और उसने अपनी आँखें एक बार फिर से बंद कर ली, और लंड चुसवाने का आनंद लेने लगा. 

लेकिन तभी उसके दिमाग़ में आया, कि ये तो उसके सपने का पार्ट नही था. उसने मिचमिचा कर अपनी आँखें खोली, और अपने सिर को झटका मार कर हिलाया, और आँखों के सामने से धूंधलका हटते ही उसने अपनी डॉली दीदी की आँखों में देखा. दो एक पल एक दूसरे की आँखों में ही देखते रहे, और फिर राज ज़ोर से तेज आवाज़ में बोला, “डॉली दीदी...”

"दीदी ! आप ये क्या कर रही हो?" राज ने चीख कर पूछा, और डॉली के सिर को डोर धकेलने का प्रयास किया, और बेड पर उठकर बैठने लगा. डॉली भी एक बार को अचकचा गयी, और वो तेज़ी के साथ जल्दी जल्दी अपने भाई का लंड चूसने लगी. 

डॉली ने थूक से पूरी तरह गीले हो चुके लंड पर अपना हाथ उपर नीचे चलाना जारी रखा, और अपने फिंगरटिप्स से उसकी गोलियों को छेड़ने लगी, और लंड के सुपाडे को अपने मूँह में भरकर अपनी जीभ को उसके उपर फिराने लगी. राज का हाथ डॉली के सिर से एक इंच पहले ही रुक गया, और वो लंड चुस्वाते हुए अपनी दीदी से मूठ मरवाने का आनंद लेने लगा, और वो भी अपनी गान्ड उठा उठाकर अपने लंड को दीदी के मूँह में और ज़्यादा अंदर तक घुसाने लगा. 

"ओह दीदी!" राज ज़ोर से चीखते हुए बोला. "ये आप क्या कर रही हो?" उसके सवाल में भी सिसक छुपी हुई थी, और डॉली ने उसके लंड को अपने मूँह और ज़्यादा अंदर तक ले लिया. डॉली दीदी का इस तरह उसके खड़े हुए लंड पर यकायक हमला आज पहली बार हुआ था, ऐसा उसने पहले कभी एक्सपीरियेन्स नही किया था, और राज अपनी गान्ड को उपर उछालने लगा, और ताल से ताल मिलाते हुए उसके लंड ने दीदी के मूँह में गरम गरम वीर्य की पिचकारी छोड़ दी. 

राज कुछ नही सोच पा रहा था.... वो किसी तरह साँस ले रहा था... ये सब क्या हो रहा था? उसकी साँसें तेज तेज चल रही थी. इस सब की शुरूवात एक सपने से हुई थी.... लेकिन डॉली दीदी तो सचमुच में... दीदी के मूँह में लंड.... आआहह...

डॉली दीदी उसके लंड को चूस रही थी..... हे भगवान!

डॉली अपने भाई के लंड से निकली नमकीन वीर्य की हर बूँद को चाट का अंदर सटक रही थी, और साथ साथ लंड को मुठिया भी रही थी. जब वीर्य की आख़िरी बूँद भी निकल गयी, तब डॉली ने लंड के सुपाडे को मुँह में लेकर वॅक्यूम बनाया और अपनी उंगलियों से टट्टों में क़ैद गोलियों को सहलाते हुए, लंड को दूसरे हाथ से मुठियाने लगी. राज का लंड फिर से तन कर तय्यार हो गया, डॉली लंड पर जब तक अपनी जीभ फिराती रही जब तक लंड फिर से पूरी तरह फनफनाने नही लगा.
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03-31-2019, 10:57 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
"दीदी," राज फुसफुसाते हुए बोला, उसको कुछ भी समझ में नही आ रहा था. 

डॉली ने राज को सोचने समझने या विरोध करने का कोई समय नही दिया, और अपने होंठों को लंड से हटाकर उपर राज के पेट तक ले आई. और अपनी चूत के छेद को लंड के उपर सीध में लाते हुए, अपने भाई के लंड को अपनी चिकनी चूत में आराम से घुसा लिया. इस से पहले की राज कुछ सोच समझ पाता, उसका सपना हक़ीक़त में बदल चुका था, और उसकी दीदी उसके लंड को अपनी चूत में घुसाकर उसके उपर सवारी कर रही थी. राज ने अपने अपने हाथों को अपनी दीदी की चूंचियों की तरफ बढ़ाते हुए अपने स्वप्न को साकार करने लगा.

डॉली तो सातवें आसमान में पहुँच चुकी थी! आख़िर वो अपने छोटे भाई को चढ़कर चोद रही थी ! वो राज के लंड को चूत में घुसाकर उसके उपर उछल रही थी, आख़िर इन्सेस्ट की चुदाई का मज़ा ही अलग है, और ये सब उसके पति धीरज का आइडिया था!

तभी अचानक डॉली के दिमाग़ में सब कुछ सॉफ हो गया, उसको पता चल चुका था कि वो जो कर रही है वो सही है, और अपने छोटे भाई की आँखों में आँखें डाल कर उसने देखा, डॉली ने महसूस किया कि राज को भी ये ही सही लग रहा है. डॉली अपने इस लम्हे को यादगार बनाने के लिए हर भरसक कोशिश कर रही थी.

डॉली कुछ नया करना चाहती थी... कुछ अलग... कुछ बेहतर. धीरे धीरे उसने लंड के उपर उछालने की रफ़्तार धीमे कर दी, और अपनी चूत की मसल्स से अपने भाई के लोहे की रोड की तरह खड़े लंड को निचोड़ने लगी. अपनी गान्ड को धीमे धीमे गोल गोल घुमाते हुए, वो इतना नीचे झुक आई की अब उसकी चूंचियाँ राज की छाती से दबाने लगी, और दोनो के मूँह पास आ गये. 

दोनो के होंठ मिलते इस से पहले, और एक दूसरे के मूँह में जीभ प्रवेश करती, डॉली ने कहा "आइ लव यू, राज." डॉली अपनी जीभ और होंठों का तालमेल बिठाते हुए राज के होंठों को चूस रही थी, और उसकी गान्ड भी कभी उपर कभी नीचे, और कभी गोल गोल घूमकर उनके साथ ताल से ताल मिला रही थी.

"म्म्म्ममम," राज अपनी दीदी के मूँह के अंदर ही कराह उठा, और उसके हाथ अपनी दीदी की गान्ड की गोल गोल गोलाईयों को दबोचने लगे. उसकी उंगलियाँ अपनी दीदी की मांसल गोलाईयों में गढ़ने लगी, और वो दीदी के हिप्स को अपने लंड पर उछलते हुए महसूस करने लगा. राज भी कामुक होकर दीदी के होंठों को चूमने लगा, और अपनी जीभ दीदी के मूँह में घुसाने लगा. 

डॉली धीरे धीरे इस सब का आनंद ले रही थी, और अपने भाई की जीभ को चूस रही थी, अपने निपल्स को भाई की छाती पर दबा रही थी, और अपनी चिकनी गीली चूत में लंड को घुसाकर उसको तड़पा रही थी. डॉली ने राज को बहुत सालों के बाद इस तरह किस किया था, और शायद इस तरह तो पहली बार किया था... इस पॅशन के साथ... और इस तरह पहली बार अपने संपूर्ण तन बदन को अपने भाई को भोगने के लिए सोन्प दिया था. 

इस से पहले की डॉली किस तोड़ती और राज के लंड को पूरी तरह अपनी चूत में सेट करती, दोनो बुरी तरह से हाँफ रहे थे. दोनो काम उत्तेजना के चरम पर पहुँच चुके थे, और दोनो एक दूसरे को इस तरह से मसल कर दबा रहे थे, मानो दोनो जानवर बन चुके हो. राज अपनी हथेलियों में दीदी की चूंचियों को भरकर मसल रहा था, और डॉली अपनी चूत को उपर नीचे होते हुए उसके लंड को अंदर बाहर कर रही थी. दोनो इन्सेस्ट की इस चुदाई का भरपूर मज़ा ले रहे थे.

"ओह्ह्ह्ह! ओह! राज! ओह, राज! ओह!" डॉली उसके लंड पर किसी रंडी की तरह सवारी कर रही थी, और अपनी चूत में लगी आग को अपने भाई के लंड से बुझाने का आनंद ले रही थी.

"हे भगवान! दीदी!" राज चीख कर बोला, और अपने लंड को दीदी की चूत में पेलते हुए, चूत के उपर नीचे होते हुए ताल से ताल मिलाने लगा. दीदी को चोदते हुए उनकी उछल रही चूंचियों को देखने की उसकी दिली तमन्ना पूरी हो रही थी. उसके लंड में आग लगी हुई थी, और उसकी दीदी उसके लंड की सवारी कर रही थी. राज अपना वीर्य दीदी की चूत के अंदर छोड़ना चाहता था. राज की ये दिली तमन्ना थी, ऐसा करने की वो ना जाने कितने सालों से तमन्ना लिए हुए था...भाड़ में जाए दुनियादारी... जो होगा देखा जाएगा...

"आह! अहह! ह्ह्र्र्र्ग्ग्ज्ज्ज्ग्च्च्च!" डॉली ने अपनी चूत की मसल्स को अपने भाई के लंड के उपर सिंकॉड लिया, और उसके सारे शरीर में ऑर्गॅज़म की मस्ती छा गयी. काँपते और बदन में झटके मारते हुए डॉली हाँफ रही थी, उस ओरगांस की मस्ती पर सवार होकर डॉली अपने भाई की छाती के उपर ढेर हो गयी.


जब दोनो की साँसें थोड़ी संयत हो गयी तब राज ने पूछा, "अब हम क्या करेंगे?" 

"मतलब?" डॉली ने अपनी चूत की मसल्स को अपने भाई के लंड के उपर सिकोडते हुए पूछा.

"इस वक़्त अब हम क्या करेंगे?" डॉली ने मुस्कुराते हुए और अपने छोटे भाई को उसकी थोड़ी पर चूमते हुए पूछा.

"नही, मेरा मतलब अब जब हम दोनो ने अपने पति पत्नी से बेवफ़ाई कर ही ली है." राज धीमे से बोला, उसका लंड अब भी अपनी दीदी की गरम गरम चूत में फिर से खड़ा होने लगा था.

"फर्स्ट थिंग्स, फर्स्ट." डॉली ने कहा, और अपना मूँह राज के मूँह पर दबा दिया, और अपनी चूत को राज के खड़े होते हुए लंड पर घिसने लगी. राज अपनी डॉली दीदी की इस हरकत का प्रतिरोध नही कर पाया और फिर से अपने इन्सेस्ट के सपने को साकार होते हुए देखने लगा.
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03-31-2019, 10:58 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
राज ने डॉली को अपनी बाँहों में भर लिया, और दीदी के खड़े हो चुके निपल्स को अपनी छाती पर दबाता हुआ महसूस करने लगा, दोनो की जीभ एक दूसरे के में विचरण कर रही थी. राज ने अपने हिप्स को उपर उठाते हुए डॉली दीदी की चूत में अंदर तक घुसा दिया, और चूत की चिकनाई और गर्माहट का मज़ा लेने लगा, उसका लंड फिर से पूरी तरह खड़ा हो चुका था. डॉली दीदी के उपर होने की वजह से वो ज़ोर के झटके तो नही लगा पा रहा था, और उसका मन अब दीदी की चूत में गछा गछ लंड को पेलने का कर रहा था. 

किस करते हुए ही राज अपनी उंगलियों से डॉली दीदी की गान्ड की गोलाईयों को दबाने लगा, और दीदी को अपनी बाँहों में जकड़े हुए ही, उसने करवट लेते हुए अपने आप को दीदी के उपर कर लिया. जब डॉली करवट लेकर नीचे आ रही थी, उसने अपनी टाँगें राज की कमर के गिर्द लपेट ली, जिस से कि राज का लंड उसकी चूत से कहीं बाहर ना निकल जाए. जब डॉली की पीठ बेड पर आ गयी, तो उसने अपनी टाँगें और ज़्यादा फैला दी, और उनको स्ट्रेच करते हुए दोनो टाँगों को हवा में सीधा उपर कर दिया. राज ने अपने फन्फनाते हुए लंड से दीदी की चूत में गछा गछ लंड पेलना शुरू कर दिया. 

"ओह राज!" डॉली चीख कर बोली, और अपना मूँह डोर करते हुए हान्फते हुए, ज़ोर ज़ोर से साँस लेने लगी. डॉली की चूत में आग लगी हुई थी और उसके छोटे भाई के लंड के इस हमले ने आग की लपटों को और ज़्यादा हवा दे दी थी, जिस से वो बेहद कामुक और गरम हो गयी थी.

राज भी अब बेकाबू हो चुका था, और वो गछा गछ- गच गछ अपने लंड को दीदी की चूत में जानवरों की तरह पेले जा रहा था. उसको समझ में नही आ रहा था कि दीदी को चोदने में उसको इतना ज़्यादा मज़ा क्यों आता है. डॉली दीदी की इस पहल ने उसकी शरम और घबराहट को ख़तम कर दिया था, और वो अपने मन में अंदर दबी सभी हसरातों को पूरा कर लेना चाहता था. लेकिन इस वक़्त तो उसका लंड ही दीदी की गरमा गरम चूत के अंदर दबा हुआ था. 

डॉली को चुदाई में इतना मज़ा आज से पहले कभी नही आया था ! उसके सारे बदन में आग लगी हुई थी. और उसका छोटा भाई अपने लंड से जिस तरह से उसकी चूत पर प्रहार कर रहा था, उसने उस आग को और ज़्यादा भड़का दिया था. डॉली अपनी उंगलियों के नाख़ून राज की पीठ में चुभाने लगी, और अपनी गान्ड उछाल उछाल कर राज के झटकों का साथ देने लगी, और अपने भाई के लंड को अपनी चूत में ज़्यादा से ज़्यादा अंदर तक घुसाने का प्रयत्न करने लगी. 

"ओह राज! ओह राज! ओह अहह!" डॉली का शरीर अकड़ने लगा, उसकी चूत की मसल्स सिंकूडने लगी और सिर से पैर तक काँपने लगी, जैसे ही उसकी चूत ने अपने छोटे भाई के लंड के गिर्द अपना गरम गरम पानी छोड़ा. डॉली के रोम रोम में संतुष्टि आ गयी थी, उसको वो पल याद आ गया जब राज ने उसकी पहली बार चुदाई की थी, और उसकी चूत की झिल्ली को फाडा था. 

डॉली ने अपने पैर बेड पर रख दिए, और अपनी पीठ को उँचकाते हुए, अपने सिर को पिल्लो पर पटकने लगी जैसे ही राज ने अपने लंड का एक अंतिम ज़ोर का झटका उसकी चूत में लगाया. एक साथ झडते हुए दोनो को परम आनंद की अनुभूति हो रही थी. राज अपनी दीदी की चूत में अपने लंड से निकल रहे लावे की पिचकारी छोड़ रहा था, और उसके नीचे डॉली बेचैनी में काँप रही थी, और उसकी चूत बेसब्र होकर फडक रही थी.

कुछ मिनट तक दोनो पसीने में लथ पथ एक दूसरे से लिपटे हुए ऑर्गॅज़म के बाद भी हल्के हल्के चूत लंड के झटके मार रहे थे, और फिर दोनो निढाल होकर हान्फते हुए बेड पर लेट गये. डॉली के बदन में झडने के बाद अभी भी मस्ती की लहर के साथ झुरजुरी हो रही थी.

"ओह, दीदी," राज फुसफुसाते हुए बोला, वो अभी भी हाँफ रहा था. अपने मूँह को डॉली दीदी के मुँह के पास लाकर वो उनके होंठों को चूमने लगा, और उसके इस चूमने में वो कामुकता थी जिसकी वो हमेशा ही कल्पना करता रहा है. डॉली ने भी तत्परता से उसके किस का जवाब दिया, दोनो की जीभ आपस में लिपट गयी, और दोनो के नंगे बदन फिर से चिपक गये. 

"अब हम क्या करेंगे?" राज ने अपनी एक एल्बो पर सहारे लेकर उपर होकर डॉली दीदी की खूबसूरत चेहरे को निहारते हुए पूछा. “ अब हम इन्सेस्ट के साथ साथ अपने अपने पति पत्नी से बेवफ़ाई भी कर रहे हैं.” 
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03-31-2019, 10:58 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
"यदि धीरज को पता हो कि हम दोनो आज यहाँ क्या कर रहे हैं, क्या फिर भी ये बेवफ़ाई होगी?" डॉली ने अपने छोटे भाई राज से पूछा.

"क्या कह रही हो आप?" राज ने पूछा.

"धीरज ने कल हम दोनो की बातें सुन ली थी," डॉली ने कहा और फिर राज को वो सब बातें बताई जो डॉली और उसके पति धीरज के बीच हुई थी, और ये भी बताया कि धीरज को लगता है अभी भी डॉली और राज के बीच कुछ होना बाकी है. 

"कुछ होना बाकी है, मतलब," राज अचंभित रह गया. “इस तरह से बोलना ग़लत है, लेकिन शायद धीरज सही कह रहा था.” डॉली और राज कुछ देर उसी तरह एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे. 

"और तान्या?" राज ने पूछा. "आपके और धीरज के बीच ना सही लेकिन फिर भी ये बेवफ़ाई तो है ही ना."

"और तान्या?" राज ने पूछा. "आपके और धीरज के बीच ना सही लेकिन फिर भी ये बेवफ़ाइया तो है ही ना."

"हां, मुझे मालूम है," डॉली ने धीमे से जवाब दिया. “धीरज को लगता है कि ऐसा करने से हम दोनो कपल्स की सेक्स लाइफ इंप्रूव होगी, और ऐसा करने में ही सबका भला है.”

"क्या भला हो सकता है सबका?" राज ने कुटिल मुस्कान के साथ पूछा.

"मुझको ऐसा नही लगता, मुझे लगता है धीरज सही कह रहा है," डॉली एक लंबी साँस लेते हुए बोली. "मुझे लगता है, हम दोनो एक दूसरे के साथ चुदाई के बिना नही रह सकते, कम से कम मैं तो नही रह सकती तुमसे बिना चुदे."

"हां, वो तो मैं भी नही रह सकता." राज बोला, और ये साबित करने के लिए उसने अपनी डॉली दीदी को किस कर लिया. ना चाहते हुए भी उसका लंड फिर से खड़ा हो गया, और वो उसको फिर से अपनी दीदी की चूत में घुसा के धीमे धीमे आगे पीछे करने लगा. 

"पहले कुछ देर आराम कर लेते हैं," डॉली किस को तोड़ते हुए और हँसते हुए बोली, और उसने अपनी गान्ड को सिंकॉड लिया जिस से राज और ज़्यादा झटके ना मार सके. 

"तुम धीरज को इस बारे में क्या बताओगि?" राज मन ही मन सोच रहा था कि वो तान्या से इस बारे में कैसे बात करेगा.

"सब कुछ सच सच बता दूँगी," डॉली ने जवाब दिया. "मैं धीरज से प्यार करती हूँ राज, और उसको इस बारे में सब कुछ मालूम है, उसके कहने पर ही मैने इसको शुरू किया है, और वो वैसे भी बहुत खुले विचारों वाला व्यक्ति है."

"मुझे भी तान्या से इस बारे में बात करनी पड़ेगी, लेकिन समझ में नही आ रहा कि बात शुरू कैसे करूँगा." राज बोला, और इसके बाद दोनो के बीच कुछ देर खामोशी छा गयी, दोनो एक दूसरे के शरीर के सामीप्य का आनंद ले रहे थे, और एक दूसरे के दिल की धड़कानों को सुन रहे थे. राज को रत्ती भर भी भान नही था, कि जब वो और डॉली इस बारे मे बात कर रहे थे उस वक़्त धीरज इन सब बातों के लिए तान्या को तय्यार कर रहा था. 

जैसे ही धीरज और तान्या सेल्फ़ ड्रिवन हाइयर्ड कार में बैठ कर उस बीच हाउस से निकले थे, तान्या ने अपने शॉर्ट का बटन खोल कर उसकी ज़िप को को नीचे खींच कर खोल दिया था. 

"तुम सोच भी नही सकते मेरी चूत कितनी पनिया रही है," तान्या धीमे से बोली, 

धीरज अपनी सलहज के खुले हुए शॉर्ट की तरफ देख ही रहा था तभी तान्या ने धीरज का हाथ पकड़ लिया.

"तुम नही सुधरोगी," धीरज ने मुस्कुराते हुए अपना हाथ तान्या की पैंटी में घुसा दिया, और उसकी गीली चूत से निकल रही गरमी को महसूस करने लगा. चूत की दोनो फांकों के बीच अपनी एक उंगली घुसाते हुए, वो चूत के द्वार के उपर उभर रहे दाने को घिसने लगा.

"मुझे लगता है तुम तो चुदने के लिए पूरी तरह तय्यार हो!" धीरज हंसते हुए बोला और वो चूत के दाने के उपर अपनी उंगली हल्के हल्के गोल गोल घुमा कर घिसने लगा. 

"ओह हां!" तान्या कराहते हुए बोली, उसने अपनी टाँगों को और ज़्यादा फैला कर चौड़ा कर दिया और अपनी सीट पर थोड़ा नीचे खिसक गयी, और अपना सिर धीरज के कंधे पर रख दिया. धीरज उसकी चूत को छू कर और उसमे उंगली घुसा कर आनंद ले रहा था, तभी तान्या खिसक कर थोड़ा उपर हो गयी जिस से उसकी चूत के दाने को धीरज और अच्छे से घिस सके. 
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03-31-2019, 10:58 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
"ओह हां! ऐसे ही करो प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज... ऐसे ही करते रहो," तान्या कुछ कुछ बोले जा रही थी, और धीरज किसी तरह अपनी नज़रों को रोड पर रखते हुए, तान्या की चूत में उंगली कर उसकी चूत में लगी आग को भुजाने की कोशिश कर रहा था. एक दिन पहले जब वो चुदाई की प्लॅनिंग कर रहा था, तब उसने रास्ते में बीच से कुछ ही दूरी पर एक छोटा सा होटेल देखा था, वो उसकी तरफ ही ड्राइव कर रहा था, और मन ही मन सोच रहा था, कहीं वो तान्या की चूत में उंगली करने के चक्कर में कहीं आगे तो नही निकल आया है.

"ओहाआआआअ!" तान्या ने कस कर धीरज का हाथ पकड़ लिया, और अपनी जांघों को सिकोड कर बंद कर लिया, और धीरज की उंगली को अपनी फड़कती हुई चूत में क़ैद कर लिया. तान्या के शरीर ने एक दो झटके मारे, और फिर उसकी चूत ने ढेर सारा जूस निकाल दिया, इसके बाद तान्या ने अपना चेहरा घुमाकर धीरज की तरफ देखा.

"इतना दूर कहाँ ले जा रहे हो?" उसने अपनी अध खुली आँखों से देखते हुए उसने पूछा.

"बस कुछ ही दूर है," धीरज मुस्कुराते हुए बोला, कुछ मिनट के बाद होटेल की पार्किंग में अपनी कार पार्क करते हुए धीरज बोला, “चलो अब अपने शॉर्ट को उपर कर लो.”

"हम को चेक इन तो नही करना पड़ेगा ना?" तान्या ने पूछा.

"मैने सब इन्तेजाम पहले से कर रखा है, तुम चिंता मत करो," धीरज मुस्कुराते हुए बोला. अगले कुछ घंटों तक दोनो ने एक दूसरे की अच्छी तरह अलग अलग पोज़ में चुदाई की. धीरज ने तान्या की चूत को चाट चाट कर उसको कयि बार झडने पर मजबूर किया. तान्या ने भी धीरज के लंड को जी भर कर चूसा और फिर दोनो ने मस्त चुदाई की, जब तक कि दोनो थक नही गये. अगर दोनो के ऑर्गॅज़म वैसे नही थे जैसे कि उनके पति पत्नी वहाँ बीच हाउस पर एक्सपीरियेन्स कर रहे थे, तो उस से कम भी नही थे. धीरज और तान्या एक दूसरे को संतुष्ट कर के नंगे ही एक दूसरे से चिपके हुए, बेड पर लेटे हुए थे. 

"मुझे लगता है राज और डॉली दीदी के बीच कुछ अटपटा सा कुछ चल रहा है," तान्या ने बात शुरू करते हुए कहा, वो बहुत देर से इस बारे में सोच रही थी, तभी से जब से वो दोनो बीच हाउस से बाहर निकले थे. धीरज इसी उधेड़ बुन में था कि वो तान्या को यहीं पर सब कुछ बता दे या नहीं.

"तुम कहना क्या चाहती हो?" धीरज ने पूछा, वो ये जानना चाहता था कि तान्या को इस बारे में क्या कुछ पता है. 

तान्या ने बताया कि कैसे पहले शुरूवात में तो राज बगल वाले धीरज के रूम से आती चुदाई की आवाज़ों से परेशान हो उठता था, और कैसे उस दिन अपनी दीदी के सनस्क्रीन लोशन लगाते हुए उसका लंड खड़ा हो गया था, और कैसे वो तान्या को चोदते हुए बगल के रूम से आती हुई दीदी की चुदाई की आहह ऊहह की आवाज़ों से उत्तेजित हो रहा था. “मुझे लगता है उन दोनो के बीच कुछ तो है.” 

"तुम सही कह रही हो तान्या," धीरज ने जवाब दिया. धीरज और तान्या दोनो एक दूसरे के बेहद करीब आ चुके थे, और अब तान्या से झूठ बोलना असंभव था. “लेकिन उन दोनो के बीच बहुत कुछ है, जिसके बारे में तुमको कुछ भी पता नही है.” धीरज ने तान्या को वो सब बताया जो उसने उन दोनो को बात करते हुए सुना था, उसके बाद धीरज और डॉली के बीच हुई बातचीत के बारे में बताया, और फिर उसने बताया कि इस वक़्त बीच हाउस पर क्या हो रहा होगा.

"ओह गॉड, धीरज! राज और डॉली?" तान्या के मूँह से आवाज़ ही नही निकल रही थी. तान्या को नही पता था कि उन भाई बेहन के बीच बचपन से ही यानी उनकी शादी से पहले से चुदाई का खेल चल रहा है, वो तो सोच रही थी की राज का खूबसूरत औरत के प्रति नॅचुरल आकर्षण है. धीरज ने तान्या को इन सब बातों को डाइजेस्ट करने की लिए कुछ समय दिया, और डिस्कशन को आगे बढ़ाने से पहले कुछ देर वैसे ही शांति से बैठा रहा.

"हां, वो भी वो ही कर रहे हैं जो हम दोनो कर रहे हैं," धीरज सब कुछ सॉफ करते हुए बोला, “ बस फ़र्क सिर्फ़ इतना है कि वो दोनो सगे भाई बेहन हैं." 

"क्या तुम को ये सब ठीक लगता है?" तान्या ने पूछा, ये सब सुनकर उसका सिर अभी भी घूम रहा था. धीरज के जबाव देने से पहले ही वो फिर से बोली, “दोनो भाई बेहन ने अपनी वर्जिनिटी एक दूसरे के साथ....”

"हां, लेकिन इसमे इतना परेशान होने की कोई बात नही है, ऐसा बहुत भाई बहनों के बीच होता है, बस सब इस बात को छुपा जाते हैं. कोई नही चाहता कि समाज में उनकी बदनामी हो, कयि बार तो माँ बाप को भी पता होता है कि उनके बाचे आपस में ही सेक्स कर रहे हैं, लेकिन वो चुप रहते हैं, क्यों कि अपनी उमर में वो भी ये सब कर चुके होते हैं. और सच कहूँ तो मैने भी अपनी बेहन संध्या की उसकी शादी से पहले खूब जी भर के चुदाई की है, और इस बारे में डॉली को भी पता है, इन फॅक्ट मैने डॉली के सामने ही अपनी बेहन संध्या को चोदा है.”

"वाउ." तान्या एक गहरी साँस लेते हुए बोली, उसने अपना सिर धीरज के कंधे पर रख दिया, दोनो अभी भी बिल्कुल नंगे ही एक दूसरे से चिपके हुए थे. “अब जब ये सब तुम्हारे ही डाइरेक्षन में चल रहा है, तो फिर अब आगे क्या होने वाला है?”

"हम उन दोनो के बारे में जानते हैं, लेकिन राज और डॉली को हम दोनो के बारे में कुछ भी पता नही है," धीरज ने जवाब दिया. 

"ओके," तान्या ने ओके भी सवालिया अंदाज में बोला. "तुम्हारा कहने का क्या मतलब है?" 

"यदि आज वो ही सब कुछ हुआ होगा जो मैं सोच रहा हूँ, तो राज के दिमाग़ की बहुत से मानसिक ग्रंथिया आज खुल गयी होंगी. आज रात को हम उन दोनो को सब कुछ बता देंगे. एक साथ नही, अपने अपने रूम में अपने अपने पार्ट्नर्स को एकांत में सब कुछ बता देंगे. हम को उन दोनो को एहसास दिलाना होगा, कि जो कुछ वो कर रहे हैं वो होना कोई अजूबा नही है, ऐसा बहुत भाई बहनों के बीच होता है, और सीक्रेट उनके पास ही नही हमारे पास भी है. और फिर कल सुबह हम चारों हम आपस में डिसकस कर लेंगे कि अब आगे क्या और कैसे करना है.”

"तुम मज़ाक तो नही कर रहे हो ना?" तान्या ने अविश्वसनीय अंदाज में पूछा. 

"सच में सीरियस्ली बोल रहा हूँ," धीरज कॉन्फिडेंट्ली बोला. "आराम से टाइम लेकर इस बारे में सोच लो, मुझे नही लगता कि राज अपनी डॉली दीदी को चोदे बिना रह सकता है, और ना ही मैं तुमको चोदे बिना. हम लोग आपस में कुछ ऐसा अरेंज्मेंट करेंगे की सब को जो वो चाहते हो वो मिल जाए. 

"डॅम...क्या तुम को सचमुच लगता है कि ऐसा कुछ हो पाएगा?” तान्या ने पूछा, लेकिन मन ही मन वो खुश हो रही थी, कि अगर ऐसा कुछ हो गया तो कितना अच्छा होगा. वो अपने प्रेमी और पति से बिना गिल्टी फील किए चुदवा पाएगी. हालाँकि इस के लिए उसको अपने पति के अपनी दीदी के साथ संबंधों को स्वीकार करना पड़ेगा. वो सोच में डूब गयी.
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